Yogyatra 4
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Transcript of Yogyatra 4
मोगमातरा -४
ऩजमशरी क सतसॊग भ परधानभॊतरी शरी अटर बफहायी वाजऩमी क उदगाय 5
ऩयभ ऩजम सॊत शरी आसायाभजी फाऩ क कऩा-परसाद स ऩरयपराववत रदमो क उदगाय 6
याषड उनका कणी ह 7
सतसॊग-शरवण स भय रदम की सपाई हो गमी 7
ऩजम फाऩ जीवन को सखभम फनान का भागग फता यह ह 7
धयती तो फाऩजी जस सॊतो क कायण टटकी ह 8
हभ सफको बकत फनन की ताकत मभर 8
सही ऊजाग फाऩजी स मभरती ह 9
भ तो फाऩजी का एक साभानम कामगकताग हॊ 9
भ कभनसीफ हॊ जो इतन सभम तक गरवाणी स वॊचित यहा 9
इतनी भधय वाणी इतना अदबत ऻान 10
ऐस सॊतो का तो जजतना आदय ककमा जाम कभ ह 10
आऩकी कऩा स मोग की अणशकतकत ऩदा हो यही ह 11
भझ ननरवमगसनी फना टदमा 12
फाऩजी क सतसॊग स ववशव बय क रोग राबाजनवत 12
ऻानरऩी गॊगाजी सवमॊ फहकय महाॉ आ गमी 13
गरजी की तसवीय न पराण फिा मरम 13
सदगर मशषम का साथ कबी नहीॊ छोड़त 14
गरकऩा स अॊधाऩन दय हआ 14
औय डकत घफयाकय बाग गम 15
भॊतर दवाया भतदह भ पराण-सॊिाय 15
सदगरदव की कऩा स नतरजमोनत वाऩस मभरी 17
फड़दादा की मभटटी व जर स जीवनदान 17
ऩजम फाऩ न प का कऩा-परसाद 17
एक छोटी थरी फनी अमऩातर 18
फटी न भनौती भानी औय गरकऩा हई 18
औय गरदव की कऩा फयसी 19
कसट-शरवण स बकतकत का सागय टहरोय रन रगा 20
गरदव न बजा अमऩातर 20
सवपन भ टदम हए वयदान स ऩतरपरानि 21
शरी आसायाभामण क ऩाठ स जीवनदान 21
गरवाणी ऩय ववशवास स अवणीम राब 22
औय सोना मभर गमा 23
सवपर क दो टकड़ो स दो सॊतान 23
साइककर स गरधाभ जान ऩय खयाफ टाॉग ठीक हो गमी 24
अदबत यही भौनभॊटदय की साधना 25
असाधम योग स भकतकत 25
ऩजम फाऩ का दशगन-सतसॊग ही जीवन का सचिा यतन ह 26
कसट का िभतकाय 27
भझ ऩय फयसी सॊत की कऩा 27
गरदव की कऩा स सॊतानपरानि 28
गरकऩा स जीवनदान 28
ऩजम फाऩ जस सॊत दननमा को सवगग भ फदर सकत ह 29
फाऩजी का साजननधम गॊगा क ऩावन परवाह जसा ह 29
सायसवतम भॊतर स हए अदबत राब 31
बौनतक मग क अॊधकाय भ ऻान की जमोनत ऩजम फाऩ 32
गरकऩा ऐसी हई कक अॉधय तो कमा दय बी नहीॊ हई 32
भजसरभ भटहरा को पराणदान 33
हरयनाभ की पमारी न छड़ामी शयाफ की फोतर 34
ऩय गाॉव की कामाऩरट 34
नतरबफॊद का िभतकाय 35
ऩजमशरी की तसवीय स मभरी परयणा 36
भॊतर स राब 36
काभ करोध ऩय ववजम ऩामी 37
अनम अनबव 38
जरा हआ कागज 38
नदी की धाया भड़ गमी 39
सकषभ शयीय स िोय का ऩीछा ककमा 40
भॊगरी फाधा-ननवायण भॊतर 40
सखऩवगक परसवकायक भॊतर 40
शकतकतशारी व गोय ऩतर की परानि क मरए 41
सदगर-भटहभा 41
रडी भाटटगन क सहाग की या कयन अपगाननसतान भ परकट मशवजी 43
भहाभतमॊजम भॊतर 45
परसतावना
बरहमवतता भहाऩरषो की उऩजसतचथ भातर स असॊखम जीवो को दषट-अदषट साॊसारयक-अधमाजतभक सहामता पराि होती ह | परात सभयणीम ऩयभ ऩजम सदगरदव सॊत शरी आसायाभजी फाऩ की परतम अथवा अपरतम परयणा स जो रोग राबाजनवत हए ह उनक ऩरयपराववत रदमो क उदगाय एवॊ ऩतरो को मरवऩफदध ककमा जाम तो एक-दो नहीॊ कई गरॊथ तमाय हो सकत ह |
इस ऩजसतका मोगमातरा-४ भ बकतो क अनबवो की फचगमा स िन हए थोड-स ऩषऩ ह |
बायतवषग क मोगववऻान औय बरहमवतताओॊ की अरौककक शकतकत का वणगन कवर कऩोरकजपऩत फात नहीॊ ह | म हजाय-दो हजाय रोगो का नहीॊ फजपक फाऩजी क राखो-राखो साधको का अनबव ह | इन ववमबनन परकाय क अरौककक अधमाजतभक अनबवो को ऩढन स हभाय रदम भ अधमाजतभकता का सॊिाय होता ह | बायतीम सॊसकनत व बायत की साधना-ऩदधनत की सचिाई औय भहानता की भहक मभरती ह | नशवय जगत क सखाबास
की ऩोर खरती ह | शाशवत सख की औय उनभख होन का उतसाह हभभ उबयता ह | इन
आधमाजतभक अनबवो को ऩढकय शरदधा क साथ अधमाजतभक भागग भ जो परववतत होती ह उस मटद साधक जागत यख तो वह शीघर ही साधना की ऊॉ िाइमो कक छ सकता ह |
हजायो रोगो क फीि अऩन सनही-मभतरो क सभ जो अनबव कह ह उनकी परभाणणतता भ सॊदह कयना उचित नहीॊ ह | उनक अनबव उनहीॊ की बाषा भ
-शरी अणखर बायतीम मोग वदानत सवा समभनत
अभदावाद
ऩजमशरी क सतसॊग भ परधानभॊतरी शरी अटर बफहायी वाजऩमी क उदगाय
ऩजम फाऩजी क बकतीयस भ डफ हए शरोता बाई-फहनो भ महाॉ ऩय ऩजम फाऩजी का अमबनॊदन कयन आमा हॉ उनका आशीविन सनन आमा हॉ बाषण दन मा फकफक कयन नहीॊ आमा हॉ | फकफक तो हभ कयत यहत ह | फाऩजी का जसा परविन ह कथा-अभत ह उस तक ऩहॉिन क मरम फड़ा ऩरयशरभ कयना ऩड़ता ह | भन ऩहर उनक दशगन ऩानीऩत भ ककम थ | वहीॊ ऩय यात को ऩानीऩत भ ऩणम-परविन सभाि होत ही फाऩजी कटीय भ जा यह थ तफ उनहोन भझ फरामा | भ बी उनक दशगन औय आशीवागद क मरम रारानमत था | सॊत-भहातभाओॊ क दशगन तबी होत ह उनका साजननधम तबी मभरता ह जफ कोई ऩणम जागत होता ह | इस जनभ भ कोई ऩणम ककमा हो इसका भय ऩास कोई टहसाफ तो नहीॊ ह ककनत जरय मह ऩवगजनभ क ऩणमो का ही पर ह जो फाऩजी क दशगन हए |
उस टदन फाऩजी न जो कहा वह अबी तक भय रदम-ऩटर ऩय अॊककत ह | दशबय की ऩरयकरभा कयत हए जन-जन क भन भ अचछ सॊसकाय जगाना मह एक ऐसा ऩयभ याषडीम कतगरवम ह जजसन हभाय दश को आज तक जीववत यखा ह औय इसक फर ऩय हभ उजजवर बववषम का सऩना दख यह ह उस सऩन को साकाय कयन की शकतकत-बकतकत एकतर कय यह ह | ऩजम फाऩजी साय दश भ भरभण कयक जागयण का शॊख नाद कय यह ह सवगधभग-सभबाव की मशा द यह ह सॊसकाय द यह ह तथा अचछ औय फय भ बद कयना मसखा यह ह | हभायी जो परािीन धयोहय थी औय हभ जजस रगबग बरान का ऩाऩ कय फठ थ फाऩजी हभायी आॉखो भ ऻान का अॊजन रगाकय उसको कपय स हभाय साभन यख यह ह | फाऩजी न कहा कक ईशवय की कऩा स कण-कण भ रवमाि एक भहान शकतकत क परबाव स जो कछ घटटत होता ह उसकी छानफीन औय उस ऩय अनसॊधान कयना िाटहए |
शदध अनतकयण स ननकरी हई पराथगना को परब असवीकाय नहीॊ कयत मह हभाया ववशवास होना िाटहए | मटद असवीकाय हो तो परब को दोष दन क फजाम मह सोिना िाटहए कक कमा हभाय अॊतकयण भ उतनी शवदध ह जजतनी होनी िाटहए शवदध का काभ याजनीनत नहीॊ कय सकती अशवदध का काभ बर कय सकती ह | ऩजम फाऩजी न कहा कक जीवन क रवमाऩाय भ स थोड़ा सभम ननकारकय सतसॊग भ आना िाटहए | ऩजम फाऩजी उजजन भ थ तफ भयी जान की फहत इचछा थी रककन कहत ह न कक दान-दान ऩय खान वार की भोहय होती ह वस ही सॊत-दशगन क मरए बी कोई भहतग होता ह | आज मह भहतग आ गमा ह | मह भया करतर ह | ऩजम फाऩजी न िनाव जीतन का तयीका बी फता टदमा ह |
आज दश की दशा ठीक नहीॊ ह | फाऩजी का परविन सनकय फड़ा फर मभरा ह | हार भ
हए रोकसबा अचधवशन क कायण थोड़ी-फहत ननयाशा ऩदा हई थी ककनत यात को रखनऊ भ ऩणम-परविन सनत ही वह ननयाशा बी आज दय हो गमी | फाऩजी न भानव-जीवन क ियभ रकषम भकतकत-शकतकत की परानि क मरम ऩरषाथग ितषटम बकतकत क मरम समऩणग की बावना तथा ऻान बकतकत औय कभग तीनो का उपरख ककमा ह | बकतकत भ अहॊकाय का कोई सथान नहीॊ ह | ऻान अमबभान ऩदा कयता ह | बकतकत भ ऩणग सभऩगण होता ह | १३ टदन क शासनकार क फाद भन कहा भया जो कछ ह तया ह | मह तो फाऩजी की कऩा ह कक शरोता को वकता फना टदमा औय वकता को नीि स ऊऩय िढ़ा टदमा | जहाॉ तक उऩय िढ़ामा ह वहाॉ तक उऩय फना यहॉ इसकी चिनता बी फाऩजी को कयनी ऩडगी | याजनीनत की याह फडी यऩटीरी ह | जफ नता चगयता ह तो मह नहीॊ कहता कक भ चगय गमा फजपक कहता हहय हय गॊग | फाऩजी क परविन सनकय फड़ा आननद आमा | भ रोकसबा का सदसम होन क नात अऩनी ओय स एवॊ रखनऊ की जनता कक ओय स फाऩजी क ियणो भ ववनमर होकय नभन कयना िाहता हॉ | उनका आशीवागद हभ मभरता यह उनक आशीवागद स परयणा ऩाकय फर पराि कयक हभ कतगरवम क ऩथ ऩय ननयनतय िरत हए ऩयभ वबव को पराि कय मही परब स पराथगना ह |
-शरी अटरबफहायी वाजऩमी परधानभॊतरी बायत सयकाय
ऩयभ ऩजम सॊत शरी आसायाभजी फाऩ क कऩा-परसाद स ऩरयपराववत रदमो क उदगाय
ऩ फाऩ याषडसख क सॊवधगक ऩजम फाऩ दवाया टदमा जानवारा ननतकता का सॊदश दश क
कोन-कोन भ जजतना अचधक परसारयत होगा जजतना अचधक फढ़गा उतनी ही भातरा भ याषडसख का सॊवधगन होगा याषड की परगनत होगी | जीवन क हय तर भ इस परकाय क सॊदश की जरयत ह |
-शरी रारकषण आडवाणी उऩपरधानभॊतरी एवॊ कनरीम गरहभनतरी बायत सयकाय
याषड उनका कणी ह
बायत क बतऩवग परधानभॊतरी शरी िनरशखय टदपरी क सवणग जमॊती ऩाकग भ २५ जराई १९९९ को फाऩजी की अभतवाणी का यसासवादन कयन क ऩशचात फोर आज ऩजम फाऩ की टदरवम वाणी का राब रकय भ धनम हो गमा | सॊतो की वाणी न हय मग भ नमा सॊदश टदमा ह नमी परयणा जगामी ह | करह ववरोह औय दवष स गरसत वतगभान वातावयण भ फाऩ जजस तयह सतम करणा औय सॊवदनशीरता क सॊदश का परसाय कय यह ह इसक मरम याषड उनका कणी ह |
-शरी िनरशखय बतऩव परधानभॊतरी बायत सयकाय
सतसॊग-शरवण स भय रदम की सपाई हो गमी
ऩजमशरी क दशगन कयन व आशीवागद रन हत आम हए उततय परदश क ततकारीन याजमऩार शरी सयजबान न कहा सभशानबभी स आन क फाद हभ रोग शयीय की शवदध क मरम सनान कय रत ह | ऐस ही ववदशो भ जान क कायण भझ ऩय दवषत ऩयभाण रग गम थ
ऩयॊत वहाॊ स रौटन क फाद मह भया ऩयभ सौबागम ह कक भहायाजशरी क दशगन व ऩावन सतसॊग कयन स भय चितत की सपाई हो गमी | ववदशो भ यह यह अनको बायतवासी ऩजम फाऩ क परविनो को परतम मा ऩयो रऩ स सन यह ह | भया मह सौबागम ह कक भझ महाॊ भहायाजशरी को सनन का सअवसय पराि हआ ह |
-शरी सयजबान
ततकारीन याजमऩार उततय परदश
ऩजम फाऩ जीवन को सखभम फनान का भागग फता यह ह
गजयात क ततकारीन भखमभॊतरी शरी कशबाई ऩटर ११ भई को ऩजम फाऩ क दशगन कयन अभदावाद आशरभ ऩहॉि | सतसॊग सनन क फाद उनहोन बावऩणग वाणी भ कहा भ तो ऩजम फाऩ क दशगन कयन क मरम आमा था ककनत फड़ सौबागम स दशगन क साथ ही सतसॊग का राब बी मभरा | जीवन भ अधमाजतभकता क साथ सहजता कस राम तथा भनषम सखी एवॊ ननयोगी जीवन ककस परकाय बफताम इस गहन ववषम को ककतनी सयरता
स ऩजम फाऩ न हभ सभझामा ह ईशवय-परदतत इस भनषम-जनभ को सखभम फनन का भागग ऩजम फाऩ हभ फता यह ह | बायतीम सॊसकनत भ ननटहत सतम की ओय िरन की परयणा हभ द यह ह | एक वजशवक कामग ईशवयीम कामग जजस सवमॊ बगवान को कयना ह वह कामग आज ऩजम फाऩजी कय यह ह | फाऩ को भय शत-शत परणाभ |
-शरी कशबाई ऩटर
ततकारीन भखमभॊतरी गजयात याजम
धयती तो फाऩजी जस सॊतो क कायण टटकी ह
भझ सतसॊग भ आन का भौका ऩहरी फाय मभरा ह औय ऩजम फाऩजी स एक अदबत फात भझ औय आऩ सफको सनन को मभरी ह वह ह परभ की फात | इस सवषट का जो भर ततव ह वह ह परभ | मह परभ नाभ का ततव मटद न हो तो सवषट नषट हो जामगी | रककन सॊसाय भ कोई परभ कयना नहीॊ जानता मा तो बगवान पमाय कयना जानत ह मा सॊत पमाय कयना जानत ह | जजसको सॊसायी रोग अऩनी बाषा भ परभ कहत ह उसभ तो कहीॊ-न-कहीॊ सवाथग जडा होता ह रककन बगवान सॊत औय गर का परभ ऐसा होता ह जजसको हभ सिभि परभ की ऩरयबाषा भ फाॊध सकत ह | भ मह कह सकती हॉ कक साध-सॊतो को दश की सीभाम नहीॊ फाॊधतीॊ | जस नटदमो की धायाएॉ दश औय जानत औय सॊपरदाम की सीभाओॊ भ नहीॊ फॊधता | कमरमग भ रदम की ननषकऩटता ननसवाथग परभ तमाग औय तऩसमा का म होन रगा ह कपय बी धयती टटकी ह तो फाऩ इसमरए कक आऩ जस सॊत बायतबमभ ऩय ववियण कयत ह | फाऩ की कथा भ ही भन मह ववशषता दखी ह कक गयीफ औय अभीय दोनो को अभत क घॊट एक जस ऩीन को मभरत ह | महाॊ कोई बदबाव नहीॊ ह |
-सशरी उभा बायती भखमभॊतरी भधम परदश
हभ सफको बकत फनन की ताकत मभर
भ तो ऩजम फाऩजी क शरीियणो भ परणाभ कयन आमा हॊ | बकतकत स फड़ी कोई ताकत नहीॊ होती औय बकत हय कोई फन सकता ह | हभ सफको बकत फनन की ताकत मभर | भ सभझता हॊ कक सॊतो क आशीवागद ही हभ सफकी ऩॊजी होती ह |
-नयनर भोदी भखमभॊतरी गजयात याजम
सही ऊजाग फाऩजी स मभरती ह
गजयात सयकाय न भझ ऊजागभॊतरी का ऩद सौऩा ह ऩय सही आजतभक ऊजाग भझ ऩजम फाऩजी स मभरती ह |
-शरी कौमशकबाई ऩटर
ततकारीन ऊजागभॊतरी वतगभान भ याजसव व नागरयक आऩनतग भॊतरी गजयात याजम
भ तो फाऩजी का एक साभानम कामगकताग हॊ
टदपरी भ आमोजजत ऩजमशरी क सतसॊग-कामगकरभ क दौयान टदपरी क ततकारीन भखमभॊतरी शरी साटहफ मसॊह वभाग सतसॊग-शरवण हत आभ बकतो क फीि आ फठ | सतसॊग-शरवण क ऩशचात उनहोन ऩजम फाऩ को भाथा टककय परणाभ ककमा भापमाऩगण क साथ सवागत कयक उनका आशीवागद पराि ककमा | एक सॊत क परनत रोगो की शरदधा तडऩ सतसॊग-परभ
उनका परभऩणग रवमवहाय अनशासन व बायतीमता को दखकय भखमभॊतरीशरी गदगद हो उठ |
उनहोन फाय-फाय टदपरी ऩधायन क मरम ऩजम फाऩ स पराथगना की औय कहा आज भ ऩजम फाऩजी क दशगन व सतसॊग-शरवण कयक ऩावन हो गमा हॉ | भ भहसस कयता हॉ कक ऩयभ सॊतो क जफ दशगन होत ह औय उनक ऩावन शयीय स जो तयॊग ननकरती ह व जजसको बी छ जाती ह उसकी फहत-सी कमभमाॉ दय हो जाती ह | भ िाहता हॊ कक भयी सबी कमभमाॉ दय हो जाम | भ तो ऩजम फाऩजी का एक साभानम सा कामगकताग हॊ | ऩजम फाऩजी की कऩा हभशा भझ ऩय फनी यह एसी भयी काभना ह | भया ऩयभ सौबागम ह की भझ आऩक दशगन का आऩक आशीवागद पराि कयन का अवसय मभरा |
-शरी साटहफ मसॊह वभाग कनरीम शरभ भॊतरी बायत सयकाय
भ कभनसीफ हॊ जो इतन सभम तक गरवाणी स वॊचित यहा
ऩयभ ऩजम गरदव क शरीियणो भ सादय परणाभ भन अबी तक भहायाजशरी का नाभ बय सना था | आज दशगन कयन का अवसय मभरा ह रककन भ अऩन आऩ को कभनसीफ
भानता हॊ कमोकक दय स आन क कायण इतन सभम तक गरदव की वाणी सनन स वॊचित यहा | अफ भयी कोमशश यहगी कक भ भहायाजशरी की अभत वाणी सनन का हय अवसय मथासभम ऩा सकॊ | भ ईशवय स मही पराथगना कयता हॊ कक व हभ ऐसा भौका द कक हभ गर की वाणी सनकय अऩन आऩको सधाय सक | गरजी क शरीियणो भ सादय सभवऩगत होत हए भधम परदश की जनता की ओय स पराथगना कयता हॊ कक गरदव आऩ इस भधम परदश भ फाय-फाय ऩधाय औय हभ रोगो को आशीवागद दत यह ताकक ऩयभाथग क उस कामग भ जो आऩन ऩय दश भ ही नहीॊ दश क फाहय बी परामा ह भधम परदश क रोगो को बी जड़न का जमादा-स-जमादा अवसय मभर |
-शरी टदजगवजम मसॊह
ततकारीन भखमभॊतरी भधम परदश
इतनी भधय वाणी इतना अदबत ऻान
भ अऩनी ओय स तथा महाॊ उऩजसथत सबी भहानबावो की ओय स ऩयभ शरदधम सॊतमशयोभणण फाऩजी का हाटदगक सवागत कयता हॊ | भन कई फाय टी वी ऩय आऩको दखा-सना ह औय टदपरी भ एक फाय आऩका परविन बी सना ह | इतनी भधय वाणी इतना अदबत ऻान अगय आऩ क परविन ऩय गहयाई स वविाय कयक अभर ककमा जाम तो इॊसान को ज ॊदगी भ सही यासता मभर सकता ह | व रोग धनबागी ह जो इस मग भ ऐस भहाऩरष क दशगन व सतसॊग स अऩन जीवन-सभन णखरात ह |
-शरी बजनरार
ततकारीन भखम भॊतरी हरयमाणा
ऐस सॊतो का तो जजतना आदय ककमा जाम कभ ह
ककसी न भझ स कहा था धमान की कसट रगाकय सोमग तो सवपन भ गरदव क दशगन होग भन उसी यात धमान की कसट रगामी औय सनत-सनत सो गमा | उस वकत याबतर क फायह-साढ़ फायह फज होग | वकत का ऩता नहीॊ िरा | ऐसा रगा भानो ककसी न भझ उठा टदमा | भ गहयी नीॊद स उठा एवॊ गरजी की रऩ वार फ़ोटो की तयफ़ टकटकी रगाकय एक-दो मभनट तक दखता यहा | इतन भ आशचमग टऩ अऩन-आऩ िर ऩड़ी औय कवर मह तीन वाकम सनन को मभर आतभा ितनम ह | शयीय जड़ ह | शयीय ऩय अमबभान भत कयो | टऩ सवत फॊद हो गमी औय ऩय कभय भ मह आवाज गॊज उठी |
दसय कभय भ भयी ऩतनी की बी आॊख खर गमी औय उसन तो महाॊ तक भहसस ककमा जस कोई िर यहा ह व गरजी क मसवाम औय कोई हो ही नहीॊ सकत | भन कभय की राइट जरामी औय दौड़ता हआ ऩतनी क ऩास गमा | भन ऩछासना वह फोरी हाॊ | उस सभम सफह क ठीक िाय फज थ | सनान कयक भ धमान भ फठा तो डढ़ घणट तक फठा यहा | इतना रॊफा धमान तो भया कबी नहीॊ रगा | इस घटना क फाद तो ऐसा रगता ह कक गरजी साात बरहमसवरऩ ह | उनको जो जजस रऩ भ दखता ह वस ही टदखत ह |
भया मभतर ऩाशचातम वविायधाया वारा ह | उसन गरजी का परविन सना औय फोरा भझ तो म एक फहत अचछ रकियय रगत ह | भन कहा आज जरय इस ऩय गरजी कछ कहग |
मह सयत आशरभ भ भनामी जा यही जनभाषटभी क सभम की फात ह | हभ कथा भ फठ |
गरजी न कथा क फीि भ कहाकछ रोगो को भ रकियय टदखता हॊ कछ को परोफ़सय टदखता हॊ कछ को गर टदखता हॊ कछ को बगवान टदखता हॊजो भय ऩय जसी शरदधा यखता ह उस भ वसा ही टदखता हॊ औय वसा ही वह भझ ऩाता ह | भय मभतर का मसय शभग स झक गमा | कपय बी वह नाजसतक तो था ही | उसन हभाय ननवास ऩय भजाक भ गरजी क मरए कछ कहा तफ भन कहा | मह ठीक नहीॊ ह | अफ की फाय भान जा नहीॊ तो गरजी सजा दग तझ | १५ मभनट भ ही उसक घय स फ़ोन आ गमा कक फचि की तबफमत फहत खयाफ ह | उस असऩतार भ दाणखर कयना ऩड़ यहा ह | तफ भय मभतर की सयत दखन रामक थी | वह फोरागरती हो गमी | अफ भ गरजी क मरए कछ न कहॊगा भझ िाह ववशवास हो मा न हो | अखफायो भ गरजी की ननॊदा मरखनवार अऻानी रोग नहीॊ जानत कक जो भहाऩरष बायतीम सॊसकनत को एक नमा रऩ द यह ह कई सॊतो की वाणणमो को ऩनजीववत कय यह ह रोगो क शयाफ-कफाफ छड़वा यह ह जजनस सभाज का कपमाण हो यहा ह उनक ही फाय भ हभ हपकी फात मरख यह ह | मह हभाय दश क मरए फहत ही शभगनाक फात ह | ऐस सॊतो का तो जजतना आदय ककमा जाम वह कभ ह | गरजी क फाय भ कछ बी फखान कयन क मरए भय ऩास शबद नहीॊ ह |
-डा सतवीय मसॊह छाफड़ा फीफीईएभ आकाशवाणी इनदौय
आऩकी कऩा स मोग की अणशकतकत ऩदा हो यही ह
अनक परकाय की ववकनतमाॉ भानव क भन ऩय साभाजजक जीवन ऩय सॊसकाय औय सॊसकनत ऩय आकरभण कय यही ह | वसतत इस सभम सॊसकनत औय ववकनत क फीि एक भहासॊघषग िर यहा ह जो ककसी सयहद क मरए नहीॊ फजपक सॊसकायो क मरए रड़ा जा यहा ह | इस
भ सॊसकनत को जजतान का फभ ह मोगशकतकत | ह गरदव आऩकी कऩा स इस मोग की टदरवम अणशकतकत राखो रोगो भ ऩदा हो यही हमह सॊसकनत क सननक फन यह ह | गरदव भ आऩस पराथगना कयता हॊ कक शासन क अॊदय बी धभग औय वयागम क सॊसकाय उतऩनन हो | आऩ स आशीवागद पराि कयन क मरए भ आऩक ियणो भ आमा हॊ |
-शरी अशोकबाई बटट
काननभॊतरी गजयात याजम
भझ ननरवमगसनी फना टदमा
भ वऩछर कई वषो स तमफाक का रवमसनी था औय इस दगगण को छोड़न क मरए भन ककतन ही परमतन ककम ऩय भ ननषपर यहा | जनवयी ९५ भ ऩजम फाऩ जफ परकाशा आशरभ (भहा) ऩधाय तो भ बी उनक दशगनाथग वहाॊ ऩहॊिा औय उनस अनयोध ककमा फाऩ ववगत ३२ वषो स तमफाक का सवन कय यहा हॉ | अनक परमतनो क फाद बी इस दगगण स भ भकत ना हो सका | अफ आऩ ही कछ कऩा कीजजए | फाऩजी न कहा राओ तमफाक की कतडबफी औय तीन फाय थककय कहो कक आज स भ तमफाक नहीॊ खाऊॊ गा | भन ऩजम फाऩ क ननदशानसाय मही ककमा औय भहान आशचमग उसी टदन स भया तमफाक खान का रवमसन छट गमा | ऩजम फाऩ की ऐसी कऩा दजषत हमी कक वषग ऩया होन ऩय बी भझ कबी तमफाक खान की तरफ तक नहीॊ रगी | भ ककन शबदो भ ऩजम फाऩ का आबाय रवमकत करॊ भय ऩास शबद ही नहीॊ ह | भझ आनॊद ह कक इन याषड सॊत न फयफाद व नषट होत हए भय जीवन को फिा कय भझ ननरवमसगनी फना टदमा |
-शरी रखन बटवार
जज धमरमा भहायाषड
फाऩजी क सतसॊग स ववशव बय क रोग राबाजनवत
बायतबमभ सदव स ही कवष-भननमो तथा सॊत-भहातभाओॊ की बमभ यही ह जजनहोन ववशव को शाॊनत एवॊ आधमातभ का सॊदश टदमा ह | आज क मग भ ऩजम सॊत शरी आसायाभजी अऩनी अभत वाणी दवाया टदरवम आधमाजतभक सॊदश द यह ह जजसस न कवर बायत वयन ववशव बय भ रोग राबाजनवत हो यह ह |
-शरी सयजीत मसॊह फयनारा याजमऩार आनर परदश
ऻानरऩी गॊगाजी सवमॊ फहकय महाॉ आ गमी
उततयाॊिर याजम का सौबागम ह कक इस दवबभी भ दवता सवरऩ ऩजम फाऩजी का आशरभ फन यहा ह | आऩ ऐसा आशरभ फनाम जसा कहीॊ बी न हो | मह हभ रोगो का सौबागम ह कक अफ ऩजम फाऩजी की ऻानरऩी गॊगाजी सवमॊ फहकय महाॊ आ गमी ह | अफ गॊगा जाकय दशगन कयन व सनान कयन की उतनी आवशमकता नहीॊ ह जजतनी सॊत शरी आसायाभजी फाऩ क ियणो भ फठकय उनक आशीवागद रन की ह |
-शरी ननतमानॊद सवाभीजी ततकारीन भखमभॊतरी उततयाॊिर
गरजी की तसवीय न पराण फिा मरम
कछ ही टदनो ऩहर भया दसया फटा एभ ए ऩास कयक नौकयी क मरम फहत जगह घभा फहत जगह आवदन-ऩतर बजा ककनत उस नौकयी नहीॊ मभरी | कपय उसन फाऩजी स दीा री | भन आशरभ का कछ साभान कसट सतसाटहतम राकय उसको दत हए कहा शहय भ जहाॉ भॊटदय ह जहाॉ भर रगत ह तथा जहाॉ हनभानजी का परमसदध दकषणभखी भॊटदय ह वहाॊ सटार रगाओ | फट न सटार रगाना शर ककमा | ऐस ही एक सटार ऩय जरगाॊव क एक परमसदध रवमाऩायी अगरवारजी आम फाऩजी की कछ कसट खयीदीॊ औय ईशवय की ओय नाभक ऩसतक बी साथ भ र गम ऩसतक ऩढ़ी औय कसट सनी | दसय टदन व कपय आम औय कछ सतसाटहतम खयीद कय र गम व ऩान क थोक ववकरता ह | उनको ऩान खान की आदत ह | ऩसतक ऩढ़कय उनह रगा भ ऩान छोड़ दॉ | उनकी दकान ऩय एक आदभी आमा | ऩाॊिसौ रऩमो का साभान खयीदा औय उनका पोन नमफय र गमा | एक घॊट क फाद उसन दकान ऩय पोन ककमा सठ अगरवारजी भझ आऩका खन कयन का काभ सौऩा गमा था | कापी ऩस (सऩायी) बी टदम गम थ औय भ तमाय बी हो गमा था ऩय जफ भ आऩकी दकान ऩय ऩहॊिा तो ऩयभ ऩजम सॊत शरी आसायाभजी फाऩ क चितर ऩय भयी नजय ऩड़ी | भझ ऐसा रगा भानो साात फाऩ फठ हो औय भझ नक इनसान फनन की परयणा द यह हो गरजी की तसवीय न (तसवीय क रऩ भ साात गरदव न आकय) आऩक पराण फिा मरम | अदबत िभतकाय ह भमफई की ऩाटी न उसको ऩस बी टदम थ औय वह आमा बी था खन कयन क इयाद स ऩयनत जाको याख साॊइमाॉ चितर क दवाय बी अऩनी कऩा फयसान वार ऐस गरदव क परतम दशगन कयन क मरम वह महाॉ बी आमा ह
|
-फारकषण अगरवार
जरगाॊव भहायाषड
सदगर मशषम का साथ कबी नहीॊ छोड़त
एक यात भ दकान स सकटय दवाया अऩन घय जा यहा था | सकटय की कतडककी भ कापी रऩम यख हए थ | जमो ही घय क ऩास ऩहॊिा तो गरी भ तीन फदभाश मभर | उनहोन भझ घय मरमा औय वऩसतौर टदखामी | सकटय रकवाकय भय मसय ऩय तभॊि का फट भाय टदमा औय धकक भाय कय भझ एक तयप चगया टदमा | उनहोन सोिा होगा कक भ अकरा हॊ ऩय मशषम जफ सदगर स भॊतर रता ह शरदधा-ववशवास यखकय उसका जऩ कयता ह तफ सदगर उसका साथ नहीॊ छोड़त | भन सोिा कतडककी भ फहत रऩम ह औय म फदभाश तो सकटय र जा यह ह | भन गरदव स पराथगना की | इतन भ व तीनो फदभाश सकटय छोड़कय थरा र बाग | घय जाकय खोरा होगा तो सबजी औय खारी टटकफ़न दखकय मसय कटा ऩता नहीॊ ऩय फड़ा भजा आमा होगा | भय ऩस फि गमउनका सबजी का खिग फि गमा |
-गोकरिनर गोमर
आगया
गरकऩा स अॊधाऩन दय हआ
भझ गरकोभा हो गमा था | रगबग ऩतीस सार स मह तकरीफ़ थी | कयीफ छ सार तक तो भ अॊधा यहा | कोरकाता िननई आटद सफ जगहो ऩय गमा शॊकय नतरारम भ बी गमा ककनत वहाॊ बी ननयाशा हाथ रगी | कोरकाता क सफस फड़ नतर-ववशषऻ क ऩास गमा | उसन बी भना कय टदमा औय कहा | धयती ऩय ऐसा कोई इनसान नहीॊ जो तमह ठीक कय सक | रककन सयत आशरभ भ भझ गरदव स भॊतर मभरा | वह भॊतर भन खफ शरदधा-ववशवासऩवगक जऩा कमोकक सात बरहमसवरऩ गरदव स वह भॊतर मभरा था | कयीफ छ-सात भहीन ही जऩ हआ था कक भझ थोड़ा-थोड़ा टदखामी दन रगा | डॉकटय कहत थ कक तभको भराॊनत हो गमी ह ऩय भझ तो अफ बी अचछी तयह टदखता ह | एक फाय एक अनम बॊमकय दघगटना स बी गरदव न भझ फिामा था | ऐस गरदव का कण हभ जनभो-जनभो तक नहीॊ िका सकत |
-शॊकयरार भहशवयी
कोरकाता
औय डकत घफयाकय बाग गम
१४ जराई ९९ को कयीफ साढ़ तीन फज भय भकान भ छ डकत घस आम औय उस सभम दबागगम स फाहय का दयवाजा खरा हआ था | दो डकत फाहय भारनत िार यखकय खड़ थ | एक डकत न धकका दकय भयी भाॉ का भॉह फॊद कय टदमा औय अरभायी की िाफी भाॉगन रगा | इस घटना क दौयान भ दकान ऩय था | भयी ऩतनी को बी डकत धभकान रग औय आवाज न कयन को कहा | भयी ऩतनी न ऩजम फाऩजी क चितर क साभन हाथ जोड़कय पराथगना की अफ आऩ ही या कयो इतना ही कहा तो आशचमग आशचमग ऩयभ आशचमग व सफ डकत घफयाकय बागन रग | उनकी हड़फड़ाहट दखकय ऐसा रग यहा था भानो उनह कछ टदखामी नहीॊ द यहा था | व बाग गम | भया ऩरयवाय गरदव का कणी ह |
फाऩजी क आशीवागद स सफ सकशर ह | हभन १५ नवमफय ९८ को वायाणसी भ भॊतरदीा री थी |
-भनोहयरार तरयजा ४ झररार नगय मशवाजी नगय वायाणसी
भॊतर दवाया भतदह भ पराण-सॊिाय
भ शरी मोग वदानत सवा समभनत आभट स जीऩ दवाया यवाना हआ था | ११ जराई १९९४ को भधमानह फायह फज हभायी जीऩ ककसी तकनीकी तरटट क कायण ननमॊतरण स फाहय होकय तीन ऩजपटमाॉ खा गमी | भया ऩया शयीय जीऩ क नीि दफ गमा | ककसी तयह भझ फाहय ननकारा गमा | एक तो दफरा ऩतरा शयीय औय ऊऩय स ऩयी जीऩ का वजन ऊऩय आ जान क कायण भय शयीय क परतमक टहसस भ असहय ददग होन रगा | भझ ऩहर तो कसरयमाजी असऩतार भ दाणखर कयामा गमा | जमो-जमो उऩिाय ककमा गमा कषट फढ़ता ही गमा कमोकक िोट फाहय नहीॊ शयीय क बीतयी टहससो भ रगी थी औय बीतय तक डॉकटयो का कोई उऩिाय काभ नहीॊ कय यहा था | जीऩ क नीि दफन स भया सीना व ऩट ववशष परबाववत हए थ औय हाथ-ऩय भ काॉि क टकड़ घस गम थ | ददग क भाय भझ साॉस रन भ बी तकरीप हो यही थी | ऑकसीजन टदम जान क फाद बी दभ घट यहा था औय भतम की घकतडमाॉ नजदीक टदखामी ऩड़न रगीॊ | भ भयणासनन जसथनत भ ऩहॉि गमा | भया भतम-
परभाणऩतर फनान की तमारयमाॉ कक जान रगीॊ व भझ घय र जान को कहा गमा | इसक ऩवग भया मभतर ऩजम फाऩ स फ़ोन ऩय भयी जसथनत क समफनध भ फात कय िका था |
पराणीभातर क ऩयभ टहतषी दमार सवबाव क सॊत ऩजम फाऩ न उस एक गि भॊतर परदान कयत हए कहा था कक ऩानी भ ननहायत हए इस भॊतर का एक सौ आठ फाय (एक भारा) जऩ कयक वह ऩानी भनोज को एवॊ दघगटना भ घामर अनम रोगो को बी वऩरा दना |
जस ही वह अमबभॊबतरत जर भय भॉह भ डारा गमा भय शयीय भ हरिर होन क साथ ही वभन हआ | इस अदबत िभतकाय स ववजसभत होकय डॉकटयो न भझ तयॊत ही ववशष भशीनो क नीि र जाकय मरटामा | गहन चिककतसकीम ऩयीण क फाद डॉकटयो को ऩता िरा कक जीऩ क नीि दफन स भया ऩया खन कारा ऩड़ गमा था तथा नाड़ी-िारन (ऩपस) रदमगनत व यकत परवाह बी फॊद हो िक थ | भय शयीय का समऩणग यकत फदर टदमा गमा तथा आऩयशन बी हआ | उसक ७२ घॊट फाद भझ होश आमा | फहोशी भ भझ कवर इतना ही माद था की भय बीतय ऩजम फाऩ दवाया परदतत गरभॊतर का जऩ िर यहा ह | होश भ आन ऩय डॉकटयो न ऩछा तभ आऩयशन क सभम फाऩफाऩ ऩकाय यह थ | म फाऩ कौन ह भन फतामा व भय गरदव परात सभयणीम ऩयभ ऩजम सॊत शरी असायाभजी फाऩ ह | डॉकटयो न ऩन भझस परशन ककमा कमा तभ कोई रवमामाभ कयत हो भन कहा भ अऩन गरदव दवाया मसखामी गमी ववचध स आसन व पराणामाभ कयता हॉ | व फोर
इसीमरम तमहाय इस दफर-ऩतर शयीय न मह सफ सहन कय मरमा औय तभ भयकय बी ऩन जजनदा हो उठ दसया कोई होता तो तयॊत घटनासथर ऩय ही उसकी हडकतडमाॉ फाहय ननकर जातीॊ औय वह भय जाता | भय शयीय भ आठ-आठ नमरमाॉ रगी हई थीॊ | ककसीस खन िढ़ यहा था तो ककसी स कबतरभ ऑकसीजन टदमा जा यहा था | मदयवऩ भय शयीय क कछ टहससो भ अबी-बी काॉि क टकड़ भौजद ह रककन गरकऩा स आज भ ऩणग सवसथ
होकय अऩना रवमवसाम व गरसवा दोनो कामग कय यह हॉ | भया जीवन तो गरदव का ही टदमा हआ ह | इन भॊतरदषटा भहवषग न उस टदन भय मभतर को भॊतर न टदमा होता तो भया ऩनजीवन तो समबव नहीॊ था | ऩजम फाऩ भानव-दह भ टदखत हए बी अनत असाधायण भहाऩरष ह | टमरफ़ोन ऩय टदम हए उनक एक भॊतर स ही भय भत शयीय भ ऩन पराणो का सॊिाय हो गमा तो जजन ऩय फाऩ की परतम दवषट ऩड़ती होगी व रोग ककतन बागमशारी होत होग ऐस दमार जीवनदाता सदगर क शरीियणो भ कोटट-कोटट दॊडवत परणाभ
-भनोज कभाय सोनी जमोनत टरसग रकषभी फाजाय आभट याजसथान
सदगरदव की कऩा स नतरजमोनत वाऩस मभरी
भयी दाटहनी आॉख स कभ टदखामी दता था तथा उसभ तकरीफ़ बी थी | धमानमोग मशववय टदपरी भ ऩजम गरदव भवा फाॉट यह थ तफ एक भवा भयी दाटहनी आॉख ऩय आ रगा | आॉख स ऩानी ननकरन रगा | ऩय आशचमग दसय ही टदन स आॉख की तकरीप मभट गमी औय अचछी तयह टदखामी दन रगा |
-याजकरी दवी असनाऩय रारगॊज अजाया जज परताऩगढ़ उततय परदश
फड़दादा की मभटटी व जर स जीवनदान
अगसत ९८ भ भझ भररयमा हआ | उसक फाद ऩीमरमा हो गमा | भय फड़ बाई न आशरभ स परकामशत आयोगमननचध ऩसतक भ स ऩीमरमा का भॊतर ऩढ़कय ऩीमरमा तो उताय टदमा ऩयॊत कछ ही टदनो फाद अॊगरजी दवाओॊ क रयएन स दोनो ककडननमाॉ पर (ननजषकरम) हो गई | भया हाटग (रदम) औय रीवय (मकत) बी पर होन रग | डॉकटयो न तो कह टदमा मह रड़का फि नहीॊ सकता | कपय भझ गोटदमा स नागऩय हॉजसऩटर भ र जामा गमा रककन वहाॉ बी डॉकटयो न जवाफ द टदमा कक अफ कछ नहीॊ हो सकता | भय बाई भझ वहीॊ छोड़कय सयत आशरभ आम वदयजी स मभर औय फड़दादा की ऩरयकरभा कयक पराथगना की तथा वहाॉ की मभटटी औय जर मरमा | ८ तायीख को डॉकटय भयी ककडनी फदरन वार थ |
जफ भय बाई फड़दादा को पराथगना कय यह थ तबी स भझ आयाभ मभरना शर हो गमा था | बाई न ७ तायीख को आकय भझ फड़दादा कक मभटटी रगाई औय जर वऩरामा तो भयी दोनो ककडनीमाॉ सवसथ हो गमी | भझ जीवनदान मभर गमा | अफ भ बफपकर सवसथ हॉ |
-परवीण ऩटर
गोटदमा भहायाषड
ऩजम फाऩ न प का कऩा-परसाद
कछ वषग ऩवग ऩजम फाऩ याजकोट आशरभ भ ऩधाय थ | भझ उन टदनो ननकट स दशगन कयन का सौबागम मभरा | उस सभम भझ छाती भ एनजामना ऩकतटोरयस क कायण ददग यहता था | सतसॊग ऩया होन क फाद कछ रोग ऩजम फाऩ क ऩास एक-एक कयक जा यह थ | भ कछ पर-पर नहीॊ रामा था इसमरए शरदधा क पर मरम फठा था | ऩजम फाऩ
कऩा-परसाद प क यह थ कक इतन भ एक िीक भयी छाती ऩय आ रगा औय छाती का वह ददग हभशा क मरए मभट गमा |
-अयववॊदबाई वसावड़ा याजकोट
एक छोटी थरी फनी अमऩातर
सन १९९२ भ यतराभ (भपर) क ऩास सराना क आटदवासी ववसताय भ बॊडाय का आमोजन था | बॊडाय भ सवाएॉ दन फहत-स साधक आम हए थ | आशरभवासी बाई बी ऩहॉि थ | एक टदन का ही आमोजन था औय सतसॊग-कामगकरभ बी था | उस बॊडाय भ गयीफो क मरए बोजन क अरावा फतगन कऩड़ अनाज औय दकषणा (ऩस) फाॉटन की बी रवमवसथा की गमी थी | भय टहसस ऩस फाॉटन की सवा थी | भन ऩाॉि रऩमोवार सौ-सौ नोटो क ऩिीस फॊडर चगनकय थरी भ यख थ | भझ आदश टदमा गमा था आठ सवाधायी ननमकत कय रो | व रोग ऩाॉि रऩम क नोट फाॉटत जामग | भन आठ सवमॊसवको को ऩहरी फाय आठ फॊडर द टदम | कपय ऩॊरह-फीस मभनट क फाद भन दसयी फाय आठो को एक-एक फॊडर टदमा | कपय तीसयी फाय आठो को एक-एक फॊडर टदमा | कर २४ फॊडर गम | अफ दसयी ऩॊकतकत बोजन क मरए बफठामी गमी | भन आठो सवमॊसवको को ऩहरी की बाॉनत तीन फाय एक-एक फॊडर फाॉटन क मरए टदमा | कर ४८ फॊडर गम | बॊडाया ऩया होन क फाद भन सोिा िरो अफ टहसाफ कय र | भ चगनन फठा | भय ऩास ६ फॊडर फि थ | मह कस
भ दॊग यह गमा भन ऩस फाॉटनवारो स ऩछा तो उनहोन फतामा कक कर ४८ फॊडर फाॉट गम थ | भ आशरभ आमा तो रवमवसथाऩक न कहा भन तो आऩको २५ फॊडर टदम थ |
सफको आशचमग हो यहा था कक फॉट ४८ फॊडर औय रकय िर थ २५ फॊडर | २५ भ स ४८ फॉट औय ६ फि गम गरदव का आशीवागद दणखम कक एक छोटी-सी थरी अम ऩातर फन गमी
-ईशवयबाई नामक
अभदावाद आशरभ
फटी न भनौती भानी औय गरकऩा हई
भयी फटी को शादी ककम आठ सार हो गम थ | ऩहरी फाय जफ वह गबगवती हई तफ फचिा ऩट भ ही भय गमा | दसयी फाय फचिी जनभी ऩय छ भहीन भ वह बी िर फसी |
कपय भयी ऩतनी न फटी स कहा अगय त सॊकपऩ कय कक जफ तीसयी फाय परसती होगी तफ तभ फारक की जीब ऩय फाऩजी क फतान क भताबफक bdquoॐ‟ मरखोगी तो तया फारक जीववत यहगा ऐसा भझ ववशवास ह कमोकक ॐकाय भॊतर भ ऩयभानॊदसवरऩ परब ववयाजभान ह | भयी फटी न इस परकाय भनौती भानी औय सभम ऩाकय वह गबगवती हई | सोनोगराफ़ी कयवामी गमी तो डॉकटयो न फतामा गबग भ फचिी ह औय उसक टदभाग भ ऩानी बया हआ ह | वह जजॊदा नहीॊ यह सकगी | गबगऩात कयवा दो | भयी फटी न अऩनी भाॉ स सराह की | उसकी भाॉ न कहा गबगऩात का भहाऩाऩ नहीॊ कयवाना ह | जो होगा दखा जामगा |
गरदव कऩा कयग | जफ परसती हई तो बफपकर पराकनतक ढ़ॊग स हई औय उस फचिी की जीब ऩय शहद एवॊ मभशरी स ॐ मरखा गमा | आज वह बफपकर ठीक ह | जफ उसकी डॉकटयी जाॉि कयवामी गमी तो डॉकटय आशचमग भ ऩड़ गम सोनोगराफ़ी भ जो फीभारयमाॉ टदख यही थीॊ व कहाॉ िरी गमीॊ टदभाग का ऩानी कहाॉ िरा गमा टहनदजा हॉजसऩटरवार मह करयशभा दखकय दॊग यह गम अफ घय भ जफ कोई दसयी कोई कसट िरती ह तो वह फचिी इशाया कयक कहती ह ॐवारी कसट िराओ | वऩछरी ऩनभ को हभ भॊफई स टाटा सभो भ आ यह थ | फाढ़ क ऩानी क कायण यासता फॊद था | हभ सोि भ ऩड़ गम कक ऩनभ का ननमभ टटगा | हभन गरदव का सभयण ककमा | इतन भ हभाय डराइवय न हभस ऩछा जान दॉ हभन बी गरदव का सभयण कयक कहा जान दो औय हरय हरय ॐ कीतगन की कसट रगा दो | गाड़ी आग िरी | इतना ऩानी कक हभ जहाॉ फठ थ वहाॉ तक ऩानी आ गमा | कपय बी हभ गरदव क ऩास सकशर ऩहॉि गम औय उनक दशगन ककम|
-भयायीरार अगरवार
साॊताकरज भॊफई
औय गरदव की कऩा फयसी
जफस सयत आशरभ की सथाऩना हई तफस भ गरदव क दशगन कयत आ यहा हॉ उनकी अभतवाणी सनता आ यहा हॉ | भझ ऩजमशरी स भॊतरदीा बी मभरी ह | परायबधवश एक टदन भय साथ एक बमॊकय दघगटना घटी | डॉकटय कहत थ आऩका एक हाथ अफ काभ नहीॊ कयगा | भ अऩना भानमसक जऩ भनोफर स कयता यहा | अफ हाथ बफपकर ठीक ह | उसस भ ७० ककगरा वजन उठा सकता हॉ | भयी सभसमा थी कक शादी होन क फाद भझ कोई सॊतान नहीॊ थी | डॉकटय कहत थ कक सॊतान नहीॊ हो सकती | हभ रोगो न गरकऩा एवॊ गरभॊतर का सहाया मरमा धमानमोग मशववय भ आम औय गरदव की कऩा फयसी | अफ
हभायी तीन सॊतान ह दो ऩबतरमाॉ औय एक ऩतर | गरदव न ही फड़ी फटी का नाभ गोऩी औय फट का नाभ हरयककशन यखा ह | जम हो सदगरदव की
-हॉसभख काॊनतरार भोदी ५७ अऩना घय सोसामटी सॊदय योड़ सयत
कसट-शरवण स बकतकत का सागय टहरोय रन रगा
भ हय सार गमभगमो भ कबी फरीनाथ तो कबी कदायनाथ तो कबी गॊगोतरी आटद तीथो भ जाता यहता था | रवषकश भ एक दकान क ऩास खड़ यहन ऩय भझ ऩजम गरदव की अभतवाणी की कसट भो का भागग भौत की भौत तीन फात आटद दखन-सनन को मभरीॊ तो भन म कसट खयीद रीॊ | घय ऩहॉिकय कसट सनन क फाद रदम भ बकतकत का सागय टहरोय रन रगा | भझ ऐसा रगा भानो कोई भझ फरा यहा हो | दकान जात सभम ऐसा आबास हआ कक कोई ऩवग आनवारा ह औय भझ अभदावाद जाना होगा उसी टदन अभदावाद आशरभ स भय ऩतर का जवाफ आमा कक टदनाॊक १२ को गरऩनभ का ऩवग ह |
आऩ गरदव क दशगन कय सकत ह | हभ सऩरयवाय आशरभ ऩहॉि | दशगन कयक धनम हए |
दीा ऩाकय कताथग हए | अफ तो हय भहीन जफ तक गरदव क दशगन नहीॊ कयता तफ तक भझ ऐसा रगता ह कक भन कछ खो टदमा ह | दीा क फाद साधन-बजन फढ़ यहा ह बकतकत फढ़ यही ह | ऩहर सॊसाय भ सपरता-ववपरता की जो िोट रगती थी अफ उनका परबाव कभ हआ ह | ववषम-ववकायो का परबाव कभ हआ ह | जान जीव तफ जागा हरय ऩद रचि ववषम ववरास ववयागा भय जीवन भ सॊत तरसीदासजी क इन विनो का समोदम हो यहा ह |
-मशवकभाय तरसमान
गोयखऩय उततय परदश
गरदव न बजा अमऩातर
हभ परिायमातरा क दौयान गरकऩा का जो अदबत अनबव हआ वह अवणगनीम ह | मातरा की शरआत स ऩहर टदनाॊक ८-११-९९ को हभ ऩजम गरदव क आशीवागद रन गम |
गरदव न कामगकरभ क ववषम भ ऩछा औय कहा ऩॊिड़ आशरभ (यतराभ) भ बॊडाया था |
उसभ फहत साभान फि गमा ह | गाड़ी बजकय भॉगवा रना गयीफो भ फाॉटना | हभ झाफआ जजर क आस-ऩास क गयीफ आटदवासी इराको भ जानवार थ | वहाॉ स यतराभ क
मरए गाड़ी बजी | चगनकय साभान बया गमा | दो टदन िर उतना साभान था | एक टदन भ दो बॊडाय होत थ | अत िाय बॊडाय का साभान था | सफन खपर हाथो फतगन कऩड़ साकतड़माॉ धोती आटद साभान छ टदनो तक फाॉटा कपय बी साभान फिा यहा | सफको आशचमग हआ हभ रोग साभान कपय स चगनन रग ऩयॊत गरदव की रीरा क ववषम भ कमा कह
कवर दो टदन िर उतना साभान छ टदनो तक खपर हाथो फाॉटा कपय बी अॊत भ तीन
फोय फतगन फि गम भानो गरदव न अमऩातर बजा हो एक टदन शाभ को बॊडाया ऩया हआ तफ दखा कक एक ऩतीरा िावर फि गमा ह | कयीफ १००-१२५ रोग खा सक उतन िावर थ | हभन सोिा िावर गाॉव भ फाॊट दत ह | ऩयॊत गरदव की रीरा दखो एक गाॉव क फदर ऩाॉि गाॉवो भ फाॉट कपय बी िावर फि यह | आणखय याबतर भ ९ फज क फाद सवाधारयमो न थककय गरदव स पराथगना की कक गरदव अफ जॊगर का ववसताय ह हभ ऩय कऩा कयो | औय िावर खतभ हए | कपय सवाधायी ननवास ऩय ऩहॉि |
-सॊत शरी आसायाभजी बकतभॊडर
कतायगाभ सयत
सवपन भ टदम हए वयदान स ऩतरपरानि
भय गरहसथ जीवन भ एक-एक कयक तीन कनमाएॉ जनभी | ऩतरपरानि क मरए भयी धभगऩतनी न गरदव स आशीवागद पराि ककमा था | िौथी परसनत होन क ऩहर जफ उसन वरसाड़ भ सोनोगराफ़ी कयवामी तो रयऩोटग भ रड़की फतामा गमा | मह सनकय हभ ननयाश हो गम |
एक यात ऩतनी को सवपन भ गरदव न दशगन टदम औय कहा फटी चिॊता भत कय |
घफयाना भत धीयज यख | रड़का ही होगा | हभन सयत आशरभ भ फड़दादा की ऩरयकरभा कयक भनौती भानी थी वह बी फ़रीबत हई औय गरदव का बरहमवाकम बी सतम साबफत हआ जफ परसनत होन ऩय रड़का हआ | सबी गरदव की जम-जमकाय कयन रग |
-सनीर कभाय याधशमाभ िौयमसमा दीऩकवाड़ी ककपरा ऩायड़ी जज वरसाड़
शरी आसायाभामण क ऩाठ स जीवनदान
भया दस वषीम ऩतर एक यात अिानक फीभाय हो गमा | साॉस बी भजशकर स र यहा था |
जफ उस हॉजसऩटर भ बती ककमा तफ डॉकटय फोर | फचिा गॊबीय हारत भ ह | ऑऩयशन कयना ऩड़गा | भ फचि को हॉजसऩटर भ ही छोड़कय ऩस रन क मरए घय गमा औय घय
भ सबी को कहा ldquoआऩ रोग शरी आसायाभामण का ऩाठ शर कयो |rdquo ऩाठ होन रगा |
थोड़ी दय फाद भ हॉजसऩटर ऩहॉिा | वहाॉ दखा तो फचिा हॉस-खर यहा था | मह दख भयी औय घयवारो की खशी का टठकाना न यहा मह सफ फाऩजी की असीभ कऩा गर-गोववनद की कऩा औय शरी आसायाभामण-ऩाठ का पर ह |
-सनीर िाॊडक
अभयावती भहायाषड
गरवाणी ऩय ववशवास स अवणीम राब
शादी होन ऩय एक ऩतरी क फाद सात सार तक कोई सॊतान नहीॊ हई | हभाय भन भ ऩतरपरानि की इचछा थी | १९९९ क मशववय भ हभ सॊतानपरानि का आशीवागद रनवारो की ऩॊकतकत भ फठ | फाऩजी आशीवागद दन क मरए साधको क फीि आम तो कछ साधक नासभझी स कछ ऐस परशन कय फठ जो उनह नहीॊ कयन िाटहए थ | गरदव नायाज होकय मह कहकय िर गम कक तभको सॊतवाणी ऩय ववशवास नहीॊ ह तो तभ रोग महाॉ कमो आम तमह डॉकटय क ऩास जाना िाटहए था | कपय गरदव हभाय ऩास नहीॊ आम | सबी पराथगना कयत यह ऩय गरदव रवमासऩीठ स फोर दफाया तीन मशववय बयना | भ भन भ सोि यहा था कक कछ साधको क कायण भझ आशीवागद नहीॊ मभर ऩामा ऩयॊत वजरादवऩ कठोयाणण भदनन कसभादवऩ फाहय स वजर स बी कठोय टदखन वार सदगर बीतय स पर स बी कोभर होत ह | तयॊत गरदव ववनोद कयत हए फोर दखो म रोग सॊतानपरानि का आशीवागद रन आम ह | कस ठनठनऩार-स फठ ह अफ जाओ झरा-झनझना रकय घय जाओ | भन औय भयी ऩतनी न आऩस भ वविाय ककमा दमार गरदव न आणखय आशीवागद द ही टदमा | अफ गरदव न कहा ह कक झरा-झनझना र जाओ | तो भन गरविन भानकय यरव सटशन स एक झनझना खयीद मरमा औय गवामरमय आकय गरदव क चितर क ऩास यख टदमा | भझ वहाॉ स आन क १५ टदन फाद डॉकटय दवाया भारभ हआ कक ऩतनी गबगवती ह | भन गरदव को भन-ही-भन परणाभ ककमा | इस फीि डॉकटयो न सराह दी कक रड़का ह मा रड़की इसकी जाॉि कया रो | भन फड़ ववशवास स कहा कक रड़का ही होगा | अगय रड़की बी हई तो भझ कोई आऩवतत नहीॊ ह | भझ गबगऩात का ऩाऩ अऩन मसय ऩय नहीॊ रना ह | नौ भाह तक भयी ऩतनी बी सवसथ यही | हरयदवाय मशववय भ बी हभ रोग गम | सभम आन ऩय गरदव दवाया फताम गम इराज क भताबफक गाम क गोफय का यस ऩतनी को टदमा औय टदनाॊक २७ अकतफय १९९९ को एक सवसथ फारक का जनभ हआ |
-याजनर कभाय वाजऩमी अिगना वाजऩमी फरवॊत नगय ढाढीऩय भयाया गवामरमय
औय सोना मभर गमा
हभाय सॊमकत ऩरयवाय भ साठ तोरा सोना िोयी हो गमा था | सतसॊगी होन क कायण हभ द ख तो नहीॊ हआ कपय बी थोडी-फहत चिनता अवशम हई | आशरभ क एक साधक न हभस कहा | आऩ रोग शरी आसायाभामण क १०८ ऩाठ कयो औय सॊकपऩ कयो कक हभाया सोना हभ जरय मभरगा | मभनाऩाय टदपरी भ गरदव का आगभन हआ | हभ शाभ को गरदव क दशगन कयन गम | हभन कछ कहा नहीॊ कमोकक गरदव अॊतमागभी ह | उनहोन हभको परसाद टदमा | उसी यात घय ऩय पोन आमा कक आऩका सोना मभर गमा ह | िोय रखनऊ भ ऩकड़ा गमा ह | हभ आशचमग हआ शरी आसायाभामण क १०८ ऩाठ ऩय बी नहीॊ हए थ औय सोना मभर गमा |
-रीना फटानी यानीफाग टदपरी
सवपर क दो टकड़ो स दो सॊतान
भन सन १९९१ भ िटीिॊड मशववय अभदावाद भ ऩजम फाऩजी स भॊतरदीा री थी | भयी शादी क १० वषग तक भख कोई सॊतान नहीॊ हई | फहत इराज कयवाम रककन सबी डॉकटयो न फतामा कक फारक होन की कोई सॊबावना नहीॊ ह | तफ भन ऩजम फाऩजी क ऩनभ दशगन का वरत मरमा औय फाॉसवाड़ा भ ऩनभ दशगन क मरए गमा | ऩजम फाऩजी सफको परसाद द यह थ | भन भन भ सोिा | कमा भ इतना ऩाऩी हॉ कक फाऩजी भयी तयप दखत तक नहीॊ इतन भ ऩजम फाऩजी कक दवषट भझ ऩय ऩड़ी औय उनहोन भझ दो मभनट तक दखा | कपय उनहोन एक सवपर रकय भझ ऩय प का जो भय दाम कॊ ध ऩय रगकय दो टकड़ो भ फॉट गमा | घय जाकय भन उस सवपर क दोनो बाग अऩनी ऩतनी को णखरा टदम | ऩजमशरी का कऩाऩणग परसाद खान स भयी ऩतनी गबगवती हो गमी | ननयीण कयान ऩय ऩता िरा कक उसको दो मसय वारा फारक उतऩनन होगा | डॉकटयो न फतामा उसका मसजरयमन कयना ऩड़गा अनमथा आऩकी ऩतनी क फिन की समबावना नहीॊ ह | मसजरयमन भ रगबग फीस हजाय रऩमो का खिग आमगा | भन ऩजम फाऩजी स पराथगना की ह फाऩजी आऩन ही पर टदमा था | अफ आऩ ही इस सॊकट का ननवायण कीजजम | कपय
भन फड़ फादशाह क साभन बी पराथगना की जफ भ असऩतार ऩहॉिॉ तो भयी ऩतनी की परसती सकशर हो जाम | उसक फाद जफ भ असऩतार ऩहॉिा तो भयी ऩतनी एक ऩतर औय एक ऩतरी को जनभ द िकी थी | ऩजमशरी क दवाया टदम गम पर स भझ एक की जगह दो सॊतानो की परानि हई |
-भकशबाई सोरॊकी शायदा भॊटदय सकर क ऩीछ
फावन िार वड़ोदया
साइककर स गरधाभ जान ऩय खयाफ टाॉग ठीक हो गमी
भयी फाॉमी टाॉग घटन स उऩय ऩतरी हो गमी थी | ऑर इणणडमा भकतडकर इनसटीटमट
टदपरी भ भ छ टदन तक यहा | वहाॉ जाॉि क फाद फतरामा गमा कक तमहायी यीढ़ की हडडी क ऩास कछ नस भय गमी ह जजसस मह टाॉग ऩतरी हो गमी ह | मह ठीक तो हो ही नहीॊ सकती | हभ तमह ववटामभन ई क कपसर द यह ह | तभ इनह खात यहना | इसस टाॊग औय जमादा ऩतरी नहीॊ होगी | भन एक सार तक कपसर खाम | उसक फाद २२ जन
१९९७ को भजफ़फ़यनगय भ भन गरजी स भॊतरदीा री औय दवाई खाना फॊद कय दी | जफ एक साधक बाई याहर गिा न कहा कक सहायनऩय स साइककर दवाया उततयामण मशववय अभदावाद जान का कामगकरभ फन यहा ह तफ भन टाॉग क फाय भ सोि बफना साइककर मातरा भ बाग रन क मरए अऩनी सहभनत द दी | जफ भय घय ऩय ऩता िरा कक भन साइककर स गरधाभ अभदावाद जान का वविाय फनामा ह अत तभ ११५० ककभी तक साइककर नहीॊ िरा ऩाओग | रककन भन कहा भ साइककर स ही गरधाभ जाऊॉ गा िाह ककतनी बी दयी कमो न हो औय हभ आठ साधक बाई सहायनऩय स २६ टदसमफय ९७ को साइककरो स यवाना हए | भागग भ िढ़ाई ऩय भझ जफ बी कोइ टदककत होती तो ऐसा रगता जस भयी साइककर को कोई ऩीछ स धकर यहा ह | भ भड़कय ऩीछ दखता तो कोई टदखामी नहीॊ ऩड़ता | ९ जनवयी को जफ हभ अभदावाद गरआशरभ भ ऩहॉि औय भन सफह अऩनी टाॉग दखी तो भ दॊग यह गम जो टाॉग ऩतरी हो गमी थी औय डॉकटयो न उस ठीक होन स भना कय टदमा था वह टाॉग बफपकर ठीक हो गमी थी | इस कऩा को दखकय भ िककत यह गमा भय साथी बी दॊग यह गम मह सफ गरकऩा क परसाद का िभतकाय था | भय आठो साथी भयी ऩतनी तथा ऑर इणणडमा भकतडकर इनसटीटमट टदपरी दवाया जाॉि क परभाणऩतर इस फात क साी ह |
-ननयॊकाय अगरवार
ववषणऩयी
अदबत यही भौनभॊटदय की साधना
ऩयभ ऩजम सदगरदव की कऩा स भझ टदनाॊक १८ स २४ भई १९९९ तक अभदावाद आशरभ क भौनभॊटदय भ साधना कयन का सअवसय मभरा | भौनभॊटदय भ साधना क ऩाॉिव टदन मानी २२ भई की याबतर को रगबग २ फज नीॊद भ ही भझ एक झटका रगा | रट यहन कक जसथनत भ ही भझ भहसस हआ कक कोई अदशम शकतकत भझ ऊऩय फहत ऊऩय उड़म र जा यही ह | ऊऩय उड़त हए जफ भन नीि झाॉककय दखा तो अऩन शयीय को उसी भौनभॊटदय भ चितत रटा हआ फखफय सोता हआ ऩामा | ऊऩय जहाॉ भझ र जामा गमा वहाॉ अरग ही छटा थी अजीफ औय अवणीम आकाश को बी बदकय भझ ऐस सथान ऩय ऩहॉिामा गमा था जहाॉ िायो तयप कोहया-ही-कोहया था जस शीश की छत ऩय ओस परी हो इतन भ दखता हॉ कक एक सबा रगी ह बफना शयीय की कवर आकनतमो की | जस यखाओॊ स भनषमरऩी आकनतमाॉ फनी हो | मह सफ कमा िर यहा था सभझ स ऩय था |
कछ ऩर क फाद व आकनतमाॉ सऩषट होन रगी | दवी-दवताओॊ क ऩॊज क भधम शीषग भ एक उचि आसन ऩय साात फाऩजी शॊकय बगवान फन हए करास ऩवगत ऩय ववयाजभान थ औय दवी-दवता कताय भ हाथ फाॉध खड़ थ | भ भक-सा होकय अऩरक नतरो स उनह दखता ही यहा कपय भॊतरभगध हो उनक ियणो भ चगय ऩड़ा | परात क ४ फज थ | अहा भन औय शयीय हपका-फ़पका रग यहा था मही जसथनत २४ भई की भधमयाबतर भ बी दोहयामी गमी | दसय टदन सफह ऩता िरा कक आज तो फाहय ननकरन का टदन ह मानी यवववाय २५ भई की सफह | फाहय ननकरन ऩय बावबया रदम गदगद कॊ ठ औय आखो भ आॉस मो रग यहा था कक जस ननजधाभ स फघय ककमा जा यहा हॉ | धनम ह वह बमभ
भौनभॊटदय भ साधना की वह रवमवसथा जहाॊ स ऩयभ आनॊद क सागय भ डफन की कॊ जी मभरती ह जी कयता ह बगवान ऐसा अवसय कपय स राम जजसस कक उसी भौनभॊटदय भ ऩन आॊतरयक आनॊद का यसऩान कय ऩाऊॉ |
-इनरनायामण शाह
१०३ यतनदीऩ-२ ननयारा नगय कानऩय
असाधम योग स भकतकत
सन १९९४ भ भयी ऩतरी टहयर को शयद ऩणणगभा क टदन फखाय आमा | डॉकटयो को
टदखामा तो ककसीन भररयमा कहकय दवाइमाॉ दी तो ककसीन टामपामड कहकय इराज शर ककमा तो ककसीन टामपामड औय भररयमा दोनो कहा | दवाई की एक खयाक रन स शयीय नीरा ऩड़ गमा औय सज गमा | शयीय भ खन की कभी स उस छ फोतर खन िढ़ामा गमा | इॊजन दन स ऩय शयीय को रकवा भाय गमा | ऩीठ क ऩीछ शमावरण जसा हो गमा | ऩीठ औय ऩय का एकस-य मरमा गमा | ऩय ऩय वजन फाॉधकय यखा गमा | डॉकटयो न उस वाम का फखाय तथा यकत का क सय फतामा औय कहा कक उसक रदम तो वापव िौड़ा हो गमा ह | अफ हभ टहमभत हाय गम | अफ ऩजमशरी क मसवाम औय कोई सहाया नहीॊ था | उस सभम टहयर न कहा भमभी भझ ऩजम फाऩ क ऩास र िरो | वहाॉ ठीक हो जाऊगी | ऩाॉि टदन तक टहयर ऩजमशरी की यट रगाती यही | हभ उस अभदावाद आशरभ भ फाऩ क ऩास र गम | फाऩ न कहा इस कछ नहीॊ हआ ह | उनहोन भझ औय टहयर को भॊतर टदमा एवॊ फड़दादा की परदकषणा कयन को कहा | हभन परदकषणा की औय टहयर ऩनरह टदन भ िरन-कफ़यन रगी | हभ फाऩ की इस करणा-कऩा का कण कस िकाम अबी तो हभ आशरभ भ ऩजमशरी क शरीियणो भ सऩरयवाय यहकय धनम हो यह ह |
-परपपर रवमास
बावनगय
वतगभान भ अभदावाद आशरभ भ सऩरयवाय सभवऩगत
ऩजम फाऩ का दशगन-सतसॊग ही जीवन का सचिा यतन ह
भझ िाय सार स ऩतर कक काभना थी औय भय भन भ हआ कक भयी मह काभना जरय ऩयी होगी | अभदावाद भ धमानमोग मशववय क दौयान ऐसा वविाय आमा कक फाऩ भझ अऩन ियणो भ फरामग | भन भ दढ़ शरदधा थी | इतन रोगो क फीि भ स फाऩ न तजऩणग दवषट भझ ऩय डारी सॊतय का परसाद टदमा औय भया बागम खर गमा | फचि क जनभ स ऩहर डॉकटयो न ऑऩयशन को कहा था रककन फाऩ क फतान क भताबफक भय घयवारो न भझ गाम क गोफय का यस वऩरामा औय शीघर ही फारक का जनभ हो गमा | सचिी शरदधा-बकतकत हो तो कमा असॊबव ह ऩजम फाऩ का दशगन-सतसॊग ही जीवन का सचिा यतन ह |
सचिी शरदधा-बकतकत स ऐसा यतन ऩानवार हभ सबी धनबागी ह |
-यखा ऩयभाय भीया योड़ भॊफई
कसट का िभतकाय
रवमाऩाय उधायी भ िर जान स भ हताश हो गमा था एवॊ अऩनी जजॊदगी स तॊग आकय आतभहतमा कयन की फात सोिन रगा था | भझ साध-भहातभाओॊ व सभाज क रोगो स घणा-सी हो गमी थी धभग व सभाज स भया ववशवास उठ िका था | एक टदन भयी सारी फाऩजी क सतसॊग कक दो कसट ववचध का ववधान एवॊ आणखय कफ तक र आमी औय उसन भझ सनन क मरए कहा | उसक कई परमास क फाद बी भन व कसट नहीॊ सनीॊ एवॊ भन-ही-भन उनह ढ़ोग कहकय कसटो क कतडबफ भ दार टदमा | भन इतना ऩयशान था कक यात को नीॊद आना फॊद हो गमा था | एक यात कफ़पभी गाना सनन का भन हआ | अॉधया होन की वजह स कसट ऩहिान न सका औय गरती स फाऩजी क सतसॊग की कसट हाथ भ आ गमी | भन उसीको सनना शर ककमा | कपय कमा था भयी आशा फॉधन रगी | भन शाॉत होन रगा | धीय-धीय सायी ऩीड़ाएॉ दय होती िरी गमीॊ | भय जीवन भ योशनी-ही-योशनी हो गमी | कपय तो भन ऩजम फाऩजी क सतसॊग की कई कसट सनीॊ औय सफको सनामीॊ |
तदनॊतय भन गाजजमाफाद भ फाऩजी स दीा बी गरहण की | रवमाऩाय की उधायी बी िकता हो गमी | फाऩजी की कऩा स अफ भझ कोई द ख नहीॊ ह | ह गरदव फस एक आऩ ही भय होकय यह औय भ आऩका ही होकय यहॉ |
-ओभपरकाश फजाज
टदपरी योड़ सहायनऩय उततय परदश
भझ ऩय फयसी सॊत की कऩा
सन १९९५ क जन भाह भ भ अऩन रड़क औय बतीज क साथ हरयदवाय धमानमोग मशववय भ बाग रन गमा | एक टदन जफ भ हय की ऩौड़ी ऩय सनान कयन गमा तो ऩानी क तज फहाव क कायण ऩय कपसरन स भया रड़का औय बतीजा दोनो अऩना सॊतरन खो फठ औय गॊगा भ फह गम | ऐसी सॊकट की घड़ी भ भ अऩना होश खो फठा | कमा करॉ भ पट-पटकय योन रगा औय फाऩजी स पराथगना कयन रगा कक ह नाथ ह गरदव या कीजजम भय फचिो को फिा रीजजम | अफ आऩका ही सहाया ह | ऩजमशरी न भय सचि रदम स ननकरी ऩकाय सन री औय उसी सभम भया रड़का भझ टदखामी टदमा | भन झऩटकय उसको फाहय खीॊि मरमा रककन भया बतीजा तो ऩता नहीॊ कहाॉ फह गमा भ ननयॊतय यो यहा था औय भन भ फाय-फाय वविाय उठ यहा था कक फाऩजी भया रड़का फह जाता तो कोई फात नहीॊ थी रककन अऩन बाई की अभानत क बफना भ घय कमा भॉह
रकय जाऊॉ गा फाऩजी आऩही इस बकत की राज फिाओ | तबी गॊगाजी की एक तज रहय उस फचि को बी फाहय छोड़ गमी | भन रऩककय उस ऩकड़ मरमा | आज बी उस हादस को सभयण कयता हॉ तो अऩन-आऩको सॉबार नहीॊ ऩाता हॉ औय भयी आॉखो स ननयॊतय परभ की अशरधाया फहन रगती ह | धनम हआ भ ऐस गरदव को ऩाकय ऐस सदगरदव क शरीियणो भ भय फाय-फाय शत-शत परणाभ
-सभारखाॉ ऩानीऩत हरयमाणा
गरदव की कऩा स सॊतानपरानि
भयी शादी को ऩाॉि सार हो गम थ कपय बी कोई सॊतान नहीॊ हई | रोग हभ फहत तान भायत थ | तबी भन-ही-भन ननणगम र मरमा कक ऩजम फाऩ क आशरभ भ जाना ह | जनवयी १९९९ भ परथभ फाय उततयामण मशववय बया औय भॊतरदीा री | अफ गरदव कक कऩा स भझ एक सॊदय फारक पराि हआ ह | ऩजम फाऩजी की इतनी कऩा-करणा दखकय रदम बय आता ह | भ ऩजम फाऩजी स पराथगना कयती हॉ कक मह फारक उनह सभवऩगत कय सकॊ औय मह उनक मोगम फनसक ऐसी सदफवदध हभ द |
-ननभगरा क तड़वी काॊनतबाई हीयाबाई तडवी याभजी भॊटदय क ऩास कायरी फाग वड़ोदया
गरकऩा स जीवनदान
टदनाॊक १५-१-९६ की घटना ह | भन धात क ताय ऩय सखन क मरए कऩड़ परा यख थ |
फारयश होन क कायण उस ताय भ कयॊट आ गमा था | भया छोटा ऩतर ववशार जो कक ११ वीॊ का भ ऩढ़ता ह आकय उस ताय स छ गमा औय बफजरी का कयॊट रगत ही वह फहोश हो गमा शव क सभान हो गमा | हभन उस तयॊत फड़ असऩतार भ दाणखर कयवामा | डॉकटय न फचि की हारत गॊबीय फतामी | ऐसी ऩरयजसथनत दखकय भयी आॉखो स अशरधायाएॉ फह ननकरी | भ ननजानॊद की भसती भ भसत यहन वार ऩजम सदगरदव को भन-ही-भन माद ककमा औय पराथगना कक ह गरदव अफ तो इस फचि का जीवन आऩक ही हाथो भ ह | ह भय परब आऩ जो िाह सो कय सकत ह | औय आणखय भयी पराथगना सपर हई | फचि भ एक नवीन ितना का सॊिाय हआ एवॊ धीय-धीय फचि क सवासम भ
सधाय होन रगा | कछ ही टदनो भ वह ऩणगत सवसथ हो गमा | डॉकटय न तो उऩिाय ककमा रककन जो जीवनदान उस पमाय परब की कऩा स सदगरदव की कऩा स मभरा उसका वणगन कयन क मरए भय ऩास शबद नहीॊ ह | फस ईशवय स भ मही पराथगना कयता हॉ कक ऐस बरहमननषठ सॊत-भहाऩरषो क परनत हभायी शरदधा भ ववदध होती यह | -
डॉ वाम ऩी कारया शाभरदास कॉरज बावनगय गजयात
ऩजम फाऩ जस सॊत दननमा को सवगग भ फदर सकत ह
भई १९९८ क अॊनतभ टदनो भ ऩजमशरी क इॊदौय परवास क दौयान ईयान क ववखमात कफ़जजमशमन शरी फफाक अगरानी बायत भ अधमाजतभक अनबवो की परानि आम हए थ |
ऩजमशरी क दशगन ऩाकय जफ उनहोन अधमाजतभक अनबवो को परीबत होत दखा तो व ऩॊिड़ आशरभ भ आमोजजत धमानमोग मशववय भ बी ऩहॉि गम | शरी अगरानी जो दो टदन रककय वाऩस रौटन वार थ व ऩय गमायह टदन तक ऩॊिड़ आशरभ भ रक यह | उनहोन ववधाथी मशववय भ सायसवतम भॊतर की दीा री एवॊ ववमशषट धमानमोग साधना मशववय (४ -१० जन १९९८) का बी राब मरमा | मशववय क दौयान शरी अगरानी न ऩजमशरी स भॊतरदीा बी र री | ऩजमशरी क साजननधम भ सॊपराि अनबनतमो क फाय भ बतरम सभािाय ऩतर ितना को दी हई बटवाताग भ शरी अगरानी कहत ह मटद ऩजम फाऩ जस सॊत हय दश भ हो जाम तो मह दननमा सवगग फन सकती ह | ऐस शाॊनत स फठ ऩाना हभाय मरए कटठन ह रककन जफ ऩजम फाऩजी जस भहाऩरषो क शरीियणो भ फठकय सतसॊग सनत ह तो ऐसा आनॊद आता ह कक सभम का कछ ऩता ही नहीॊ िरता | सिभि ऩजम फाऩ कोई साधायण सॊत नहीॊ ह |
-शरी फफाक अगरानी ववशवववखमात कफ़जजमशमन ईयान
फाऩजी का साजननधम गॊगा क ऩावन परवाह जसा ह
कर-कर कयती इस बागीयथी की धवर धाया क ककनाय ऩय ऩजम फाऩजी क साजननधम भ फठकय भ फड़ा ही आपहाटदत औय परभटदत हॉ आनॊटदत हॉ योभाॊचित हॊ | गॊगा बायत की सषमना नाड़ी ह | गॊगा बायत की सॊजीवनी ह | शरी ववषणजी क ियणो स ननकरकय बरहमाजी क कभॊड़र औय जटाधय क भाथ ऩय शोबामभान गॊगा बतरमोगमसवदधकायक ह |
ववषणजी क ियणो स ननकरी गॊगा बकतकत मोग की परतीनत कयाती ह औय मशवजी क भसतक ऩय जसथत गॊगा ऻान मोग की उचितय बमभका ऩय आरढ़ होन की खफय दती ह |
भझ ऐसा रग यहा ह कक आज फाऩजी क परविनो को सनकय भ गॊगा भ गोता रगा यहा हॉ कमोकक उनका परविन उनका सजननधम गॊगा क ऩावन परवाह जसा ह | व अरभसत फ़कीय ह | व फड़ सयर औय सहज ह | व जजतन ही ऊऩय स सयर ह उतन ही अॊतय भ गढ़ ह | उनभ टहभारम जसी उचिता ऩववतरता शरषठता ह औय सागयतर जसी गॊबीयता ह |
व याषड की अभपम धयोहय ह | उनह दखकय कवष-ऩयमऩया को फोध होता ह | गौतभ कणाद
जमभनी कवऩर दाद भीया कफीय यदास आटद सफ कबी-कबी उनभ टदखत ह |
य बाई कोई सतगर सॊत कहाव
जो ननन अरख रखाव धयती उखाड़ आकाश उखाड़
अधय भड़मा धाव |
शनम मशखय क ऩाय मशरा ऩय आसन अिर जभाव |
य बाई कोई सतगर सॊत कहाव
एक ऐस ऩावन साजननधम भ हभ फठ ह जो फड़ा दरगब औय सहज मोगसवरऩ ह | ऐस भहाऩरषो क मरए ऩॊकतकतमाॉ माद आ यही ह तभ िरो तो िर धयती िर अॊफय िर दननमा ऐस भहाऩरष िरत ह तो उनक मरए समग िॊर ताय गरह नतर आटद सफ अनकर हो जात ह | ऐस इजनरमातीत गणातीत बावातीत शबदातीत औय सफ अवसथाओॊ स ऩय ककनहीॊ भहाऩरषो क शरीियणो भ जफ फठत ह तो बागवत कहता ह
साधनाॊ दशगनॊ रोक सवगमसवदधकयॊ ऩयभ |
साध क दशगन भातर स वविाय ववबनत ववदवता शकतकत सहजता ननववगषमता परसननता मसवदधमाॉ औय आतभानॊद की परानि होती ह | दश क भहान सॊत महाॉ सहज ही आत ह बायत क सबी शॊकयािामग बी मशववय भ आत ह | अत भय भन भ बी वविाय आमा कक जहाॉ सफ जात ह वहाॉ जाना िाटहए कमोकक मही वह ठोय-टठकाना ह जहाॉ भन का अमबभान मभटामा जा सकता ह | ऐस भहाऩरषो क दशगन स कवर आनॊद औय भसती ही नहीॊ मभरती फजपक वह सफ कछ मभर जाता ह जो अमबरावषत ह आकाॊकषत ह रकषत ह | महाॉ भ करणा क
कभगठता क वववक-वयागम क ऻान क दशगन कय यहा हॉ | वयागम औय बकतकत क यण ऩोषण औय सॊवधगन क मरए मह सिकवषमो का उततभ ऻान भाना जाता ह | आज गॊगा कपय स
साकाय टदख यही ह तो व फाऩजी क वविाय औय वाणी भ टदख यही ह | अरभसतता सहजता उचिता शरषठता ऩववतरतता तीथग-सी शचिता मशश-सी सयरता तरणो-सा जोश वदधो-सा गाॊबीमग औय कवषमो जसा ऻानाफोध भझ जहाॉ हो यहा ह वह मह ऩॊडार ह | इस आनॊदनगय कहॉ मा परभनगय करणा का सागय कहॉ मा वविायो का सभनदय रककन इतना जरय कहॉगा कक भय भन का कोन-कोना आपहाटदत हो यहा ह | आऩ रोग फड़बागी ह जो ऐस भहाऩरष क शरीियणो भ फठ ह जहाॉ बागम का टदरवम रवमकतकतततव का ननभागण होता ह | जीवन की कतकतमता जहाॉ पराि हो सकती ह वह मही दय ह |
मभर तभ मभरी भॊजजर मभरा भकसद औय भददा बी |
न मभर तभ तो यह गमा भददा भकसद औय भॊजजर बी ||
आऩका मह बावयाजम औय परभयाजम दखकय भ िककत बी हॉ औय आनॊद का अनबव बी कय यहा हॉ | आऩक परनत भया ववशवास औय अटट ननषठा फढ़ इस हत भया नभन सवीकाय कय | भझ ऐसा रगता ह कक फाऩजी समग ह औय नायामण सवाभी एक ऐस दीऩ ह जो न फझ सकत ह न जराम जात ह |
-सवाभी अवधशानॊदजी हरयदवाय
सायसवतम भॊतर स हए अदबत राब
भन १९९८ भ ववधाथी उतथान मशववय सोनीऩत भ ऩजम गरदव स सायसवतम भॊतर की दीा री | दीा क फाद ननममभत भॊतरजऩ कयन स भ इतना कशागर फवदधवारा एवॊ सवावरॊफी हो गमा कक भन एक भहीन भ ही टमशन छोड़ दी औय सवमॊ खफ भहनत कयन रगा | भ सकर बी ऩदर आन-जान रगा जजसस भन सकर फस का ककयामा फिा मरमा |
भॊतर जाऩ क परबाव स भझ ९ वीॊ १० वीॊ ११ वीॊ की ऩयीाओॊ भ परथभ सथान पराि हआ |
१२ वीॊ की ऩयीा क सभम भया सवासम खयाफ होन क कायण भ जऩ ठीक स नहीॊ कय सका कपय बी ७९ परनतशत अॊको स ऩास हआ | उसक फाद इॊजजननमरयॊग की ऩरया भ बी उततीणग यहा |
-करदीऩ कभाय डी-२३४ वसट ववनोद नगय टदपरी
भ टदसमफय १९९९ भ छततीसगढ़ क बाटाऩाया भ ऩजम गरदव स सायसवतम भॊतर की दीा
री | ततऩशचात भ ननममभत रऩ स जऩ-धमान- पराणामाभ कयता था जजसस भझ फहत राब हआ | ऩजम फऩजी की कऩा औय सायसवतम भॊतर जाऩ क परबाव स भझ १२ वीॊ की फोड़ग की ऩरया भ ८४६ परनतशत अॊक मभर |
-ववयनर कभाय कौमशक
डोगयगाॉव जज याजनाॊदगाॉव (छग)
बौनतक मग क अॊधकाय भ ऻान की जमोनत ऩजम फाऩ
भादक ननमॊतरण बमयो बायत सयकाय क भहाननदशक शरी एिऩी कभाय ९ भई को अभदावाद आशरभ भ सतसॊग-कामगकरभ क दौयान ऩजम फाऩ स आशीवागद रन ऩहॉि | फड़ी ववनमरता एवॊ शरदधा क साथ उनहोन ऩजम फाऩ क परनत अऩन उदगाय भ कहा जजस रवमकतकत क ऩास वववक नहीॊ ह वह अऩन रकषम तक नहीॊ ऩहॉि सकता ह औय वववक को पराि कयन का साधन ऩजम आसायाभजी फाऩ जस भहान सॊतो का सतसॊग ह | ऩजम फाऩ स भया परथभ ऩरयिम टीवी क भाधमभ स हआ | ततऩशचात भझ आशरभ दवाय परकामशत कवष परसाद भामसक पराि हआ | उस सभम भझ रगा कक एक ओय जहाॉ इस बौनतक मग क अॊधकाय भ भानव बटक यहा ह वहीॊ दसयी ओय शाॊनत की भॊद-भॊद सगॊचधत वाम बी िर यही ह | मह ऩजम फाऩ क सतसॊग का ही परबाव ह | ऩजमशरी क दशगन कयन का जो सौबागम भझ पराि हआ ह इसस भ अऩन को कतकतम भानता हॉ | ऩजम फाऩ क शरीभख स जो अभत वषाग होती ह तथा इनक सतसॊग स कयोड़ो रदमो भ जो जमोनत जगती ह व इसी परकाय स जगती यह औय आन वार रॊफ सभम तक ऩजमशरी हभ सफ का भागगदशगन कयत यह मही भयी काभना ह | ऩजम फाऩ क शरीियणो भ भय परणाभ
-शरी एिऩी कभाय भहाननदशक भादक ननमॊतरण बमयो बायत सयकाय
गरकऩा ऐसी हई कक अॉधय तो कमा दय बी नहीॊ हई
ऩयभ कऩार फाऩजी क शरीियणो भ भय कोटट-कोटट वॊदन भ एक इसभाइरी खवाजा हॉ तथा अऩन धभग भ अकतडग हॉ | िाय वषग ऩवग कछ रोगो दवाया एक सननमोजजत मोजना फनाकय भझ जफयदसती भडगय कस का आयोऩी फना टदमा गमा था | इसस भझ कहीॊ शाॊनत नहीॊ मभर यही थी | २८ पयवयी १९९७ को भझ नागऩय भ आमोजजत फाऩजी क सतसॊग भ जान की परयणा मभरी औय ४ भािग १९९७ को भन फाऩजी स भॊतरदीा री | भ उनस भन-
ही-भन ववनती की कक ह गरदव भझ फिा रो | गरकऩा ऐसी हई कक ७ जनवयी १९९८ को भझ अदारत न ऩाक-साप फयी कय टदमा फाकी छ आयोवऩमो को सजा हई | धनम ह ऐस भय सदगर उनक शरीियणो भ भय कोटट-कोटट वनदन
-यहभान खान ननशान छाफड़ी (बफछआ) जज नछनदवाड़ा (भपर)
भजसरभ भटहरा को पराणदान
२७ मसतमफय २००० को जमऩय भ भय ननवास ऩय ऩजम फाऩ का आतभ-साातकाय टदवस
भनामा गमा जजसभ भय ऩड़ोस की भजसरभ भटहरा नाथी फहन क ऩनत शरी भाॉग खाॉ न बी ऩजम फाऩ की आयती की औय ियणाभत मरमा | ३-४ टदन फाद ही व भजसरभ दॊऩनत खवाजा साटहफ क उसग भ अजभय िर गम | टदनाॊक ४ अकटफय २००० को अजभय क उसग भ असाभाजजक ततवो न परसाद भ जहय फाॉट टदमा जजसस उसग भर भ आम कई दशगनाथी असवसथ हो गम औय कई भय बी गम | भय ऩड़ोस की नाथी फहन न बी वह परसाद खामा औय थोड़ी दय भ ही वह फहोश हो गमी | अजभय भ उसका उऩिाय ककमा गमा ककॊ त उस होश न आमा | दसय टदन ही उसका ऩनत उस अऩन घय र आमा | कॉरोनी क सबी ननवासी उसकी हारत दखकय कह यह थ कक अफ इसका फिना भजशकर ह | भ बी उस दखन गमा | वह फहोश ऩड़ी थी | भ जोय-जोय स हरय ॐ हरय ॐ का उचिायण ककमा तो वह थोड़ा टहरन रगी | भझ परयणा हई औय भ ऩन घय गमा | ऩजम फाऩ स पराथगना की | ३-४ घॊट फाद ही वह भटहरा ऐस उठकय खड़ी हो गमी भानो सोकय उठी हो | उस भटहरा न फतामा कक भय िािा ससय ऩीय ह औय उनहोन भय ऩनत क भॉह स फोरकय फतामा कक तभन २७ मसतमफय २००० को जजनक सतसॊग भ ऩानी वऩमा था उनहीॊ सपद दाढ़ीवार फाफा न तमह फिामा ह कसी करणा ह गरदव की
-जएर ऩयोटहत
८७ सपतान नगय जमऩय (याज)
उस भटहरा का ऩता ह -शरीभती नाथी
ऩतनी शरी भाॉग खाॉ १०० सपतान नगय गजगय की धड़ी नम साॊगानय योड़
जमऩय (याज)
हरयनाभ की पमारी न छड़ामी शयाफ की फोतर
सौबागमवश गत २६ टदसमफय १९९८ को ऩजमशरी क १६ मशषमो की एक टोरी टदपरी स हभाय गाॉव भ हरयनाभ का परिाय-परसाय कयन ऩहॉिी | भ फिऩन स ही भटदयाऩान धमरऩान व मशकाय कयन का शौकीन था | ऩजम फाऩ क मशषमो दवाया हभाय गाॉव भ जगह-जगह ऩय तीन टदन तक रगाताय हरयनाभ का कीतगन कयन स भझ बी हरयनाभ का यॊग रगता जा यहा था | उनक जान क एक टदन क ऩशचात शाभ क सभम योज की बाॊनत भन शयाफ की फोतर ननकारी | जस ही फोतर खोरन क मरए ढककन घभामा तो उस ढककन क घभन स भझ हरय ॐ हरय ॐ की धवनन सनामी दी | इस परकाय भन दो-तीन फाय ढककन घभामा औय हय फाय भझ हरय ॐ की धवनन सनामी दी | कछ दय फाद भ उठा तथा ऩजमशरी क एक मशषम क घय गमा | उनहोन थोड़ी दय भझ ऩजमशरी की अभतवाणी सनामी | अभतवाणी सनन क फाद भया रदम ऩकायन रगा कक इन दरवमगसनो को तमाग दॉ | भन तयॊत फोतर उठामी तथा जोय-स दय खत भ प क दी | ऐस सभथग व ऩयभ कऩार सदगरदव को भ रदम स परणाभ कयता हॉ जजनकी कऩा स मह अनोखी घटना भय जीवन भ घटी जजसस भया जीवन ऩरयवनतगत हआ |
-भोहन मसॊह बफषट
मबखमासन अपभोड़ा (उपर)
ऩय गाॉव की कामाऩरट
ऩजमशरी स टदनाॊक २७६९१ को दीा रन क फाद भन रवमवसनभकतकत क परिाय-परसाय का रकषम फना मरमा | भ एक फाय कौशरऩय (जज शाजाऩय) ऩहॉिा | वहाॉ क रोगो क रवमवसनी औय रड़ाई-झगड़ मकत जीवन को दखकय भन कहा आऩ रोग भनषम-जीवन सही अथग ही नहीॊ सभझत ह | एक फाय आऩ रोग ऩजम फाऩजी क दशगन कय र तो आऩको सही जीवन जीन की कॊ जी मभर जामगी | गाॉव वारो न भयी फात भान री औय दस रवमकतकत भय गाॉव ताजऩय आम | भन एक साधक को उनक साथ जनभाषटभी भहोतसव भ सयत बजा | ऩजम फाऩजी की उन ऩय कऩा फयसी औय सफको गरदीा मभर गमी | जफ व रोग अऩन गाॉव ऩहॉि तो सबी गाॉववामसमो को फड़ा कौतहर था कक ऩजम फाऩजी कस ह फाऩजी की रीराएॉ सनकय गाॉव क अनम रोगो भ बी ऩजम फाऩजी क परनत शरदधा जगी | उन दीकषत साधको न सबी गाॉववारो को सववधानसाय ऩजम फाऩजी क अरग-अरग आशरभो भ
बजकय दीा टदरवा दी | गाॉव क सबी रवमकतकत अऩन ऩय ऩरयवाय सटहत दीकषत हो िक ह | परतमक गरवाय को ऩय गाॉव भ एक सभम बोजन फनता ह | सबी रोग गरवाय का वरत यखत ह | कौशरऩय गाॉव क परबाव स आस-ऩास क गाॉववार एवॊ उनक रयशतदायो सटहत १००० रवमकतकतमो शयाफ छोड़कय दीा र री ह | गाॉव क इनतहास भ तीन-तीन ऩीढ़ी स कोई भॊटदय नहीॊ था | गाॉववारो न ५ राख रऩम रगाकय दो भॊटदय फनवाम ह | ऩया गाॉव रवमवसनभकत एवॊ बगवतबकत फन गमा ह मह ऩजम फाऩजी की कऩा नहीॊ तो औय कमा ह सफक तायणहाय ऩजम फाऩजी क शरीियणो भ कोटट-कोटट परणाभ
-शमाभ परजाऩनत (सऩयवाइजय नतरहन सॊघ) ताजऩय उजजन (भपर)
नतरबफ ॊद का िभतकाय
भया सौबागम ह कक भझ सॊतकऩा नतरबफॊद (आई डरॉपस) का िभतकाय दखन को मभरा |
एक सॊत फाफा मशवयाभदास उमर ८० वषग गीता कटटय तऩोवन झाड़ी सिसयोवय हरयदवाय भ यहत ह | उनकी दाटहनी आॉख क सपद भोनतम का ऑऩयशन शाॉनतकॊ ज हरयदवाय आमोजजत कमऩ भ हआ | कस बफगड़ गमा औय कार भोनतमा फन गमा | ददग यहन रगा औय योशनी घटन रगी | दोफाया बभाननद नतर चिककतसारम भ ऑऩयशन हआ | एबसपमट गरकोभा फतात हए कहा कक ऑऩयशन स मसयददग ठीक हो जामगा ऩय योशनी जाती यहगी | ऩयॊत अफ व फाफा सॊत शरी आसायाभजी आशरभ दवाय ननमभगत सॊतकऩा नतरबफॊद सफह-शाभ डार यह ह | भन उनक नतरो का ऩयीण ककमा | उनकी दाटहनी आॉख भ उॉगरी चगनन रामक योशनी वाऩस आ गमी ह | कार भोनतम का परशय नॉभगर ह | कोननगमा भ सजन नहीॊ ह | व कापी सॊतषट ह | व फतात ह आॉख ऩहर रार यहती थी ऩयॊत अफ नहीॊ ह | आशरभ क नतरबफॊद स कपऩनातीत राब हआ | फामीॊ आॉख भ बी उनह सपद भोनतमा फतामा गमा था औय सॊशम था कक शामद कारा भोनतमा बी ह | ऩय आज फामीॊ आॉख बी ठीक ह औय दोनो आॉखो का परशय बी नॉभगर ह | सपद भोनतमा नहीॊ ह औय योशनी कापी अचछी ह |
मह सॊतकऩा नतरफॊद का ववरण परबाव दखकय भ बी अऩन भयीजो को इसका उऩमोग कयन की सराह दॉगा |
-डॉ अननत कभाय अगरवार (नतरयोग ववशषऻ)
एभफीफीएस एभएस (नतर) डीओएभएस (आई) सीताऩय सहायनऩय (उपर)
ऩजमशरी की तसवीय स मभरी परयणा
सवगसभथग ऩयभ ऩजम शरी फाऩजी क ियणकभरो भ भया कोटट-कोटट नभन १९८४ क बकॊ ऩ स समऩणग उततय बफहाय भ कापी नकसान हआ था जजसकी िऩट भ हभाया घय बी था | ऩरयजसथनतवश भझ नौवी का भ ऩढ़ामी छोड़ दनी ऩड़ी | ककसी मभतर की सराह स भ नौकयी ढॉढ़न क मरए टदपरी गमा रककन वहाॉ बी ननयाशा ही हाथ रगी | भ दो टदन स बखा तो था ही ऊऩय स नौकयी की चिॊता | अत आतभहतमा का वविाय कयक यरव सटशन की ओय िर ऩड़ा | यानीफाग फाजाय भ एक दकान ऩय ऩजमशरी का सतसाटहतम
कसट आटद यखा हआ था एवॊ ऩजमशरी की फड़ आकाय की तसवीय बी टॉगी थी | ऩजमशरी की हॉसभख एवॊ आशीवागद की भरावारी उस तसवीय ऩय भयी नजय ऩड़ी तो १० मभनट तक भ वहीॊ सड़क ऩय स ही खड़-खड़ उस दखता यहा | उस वकत न जान भझ कमा मभर गमा भ काभ बर भजदयी का ही कयता हॉ रककन तफस रकय आज तक भय चितत भ फड़ी परसननता फनी हई ह | न जान भयी जजनदगी की कमा दशा होती अगय ऩजम फाऩजी की मवाधन सया ईशवय की ओय ननजशचनत जीवन ऩसतक औय कवष परसाद ऩबतरका हाथ न रगती ऩजमशरी की तसवीय स मभरी परयणा एवॊ उनक सतसाटहतम न भयी डफती नमा को भानो भझदाय स फिा मरमा | धनबागी ह साटहतम की सवा कयन वार जजनहोन भझ आतभहतमा क ऩाऩ स फिामा |
-भहश शाह
नायामणऩय दभया जज सीताभढ़ी (बफहाय)
भॊतर स राब
भयी भाॉ की हारत अिानक ऩागर जसी हो गमी थी भानो कोई बत-परत-डाककनी मा आसयी ततव उनभ घस गमा | भ फहत चिॊनतत हो गमा एवॊ एक साचधका फहन को पोन ककमा | उनहोन बत-परत बगान का भॊतर फतामा जजसका वणगन आशरभ स परकामशत आयोगमननचध ऩसतक भ बी ह | वह भॊतर इस परकाय ह
ॐ नभो बगवत रर बयवाम बतपरत म कर कर हॊ पट सवाहा |
इस भॊतर का ऩानी भ ननहायकय १०८ फाय जऩ ककमा औय वही ऩानी भाॉ को वऩरा टदमा |
तयॊत ही भाॉ शाॊनत स सो गमीॊ | दसय टदन बी इस भॊतर की ऩाॉि भारा कयक भाॉ को वह जर वऩरामा तो भाॉ बफपकर ठीक हो गमीॊ | ह भय साधक बाई-फहनो बत-परत बगान क
मरए अरा फाॉधॉ फरा फाॉधॉ ऐसा कयक झाड़-फ़ॉ क कयनवारो क िककय भ ऩड़न की जरयत नहीॊ ह | इसक मरए तो ऩजम फाऩजी का भॊतर ही तायणहाय ह | ऩजम फाऩजी क शरीियणो भ कोटट-कोटट परणाभ
-िॊऩकबाई एन ऩटर (अभरयका)
काभ करोध ऩय ववजम ऩामी
एक टदन भॊफई भर भ टटकट िककॊ ग कयत हए भ वातानकमरत फोगी भ ऩहॉिा | दखा तो भखभर की गददी ऩय टाट का आसन बफछाकय सवाभी शरी रीराशाहजी भहायाज सभाचधसथ ह | भझ आशचमग हआ कक जजन परथभ शरणी की वातानकमरत फोचगमो भ याजा-भहायाजा मातरा कयत ह ऐसी फोगी औय तीसयी शरणी की फोगी क फीि इन सॊत को कोई बद नहीॊ रगता | ऐसी फोचगमो भ बी व सभाचधसथ होत ह मह दखकय मसय झक जाता ह | भन ऩजम भहायाजशरी को परणाभ कयक कहा आऩ जस सॊतो क मरए तो सफ एक सभान ह |
हय हार भ एकयस यहकय आऩ भकतकत का आनॊद र सकत ह | रककन हभाय जस गरहसथो को कमा कयना िाटहए ताकक हभ बी आऩ जसी सभता फनाम यखकय जीवन जी सक
ऩजम भहायाजजी न कहा काभ औय करोध को त छोड़ द तो त बी जीवनभकत हो सकता ह | जहाॉ याभ तहॉ नहीॊ काभ जहाॉ काभ तहॉ नहीॊ याभ | औय करोध तो बाई बसभासय ह | वह तभाभ ऩणम को जराकय बसभ कय दता ह अॊतकयण को भमरन कय दता ह | भन कहा परब अगय आऩकी कऩा होगी तो भ काभ-करोध को छोड़ ऩाऊॉ गा | ऩजम भहायाजजी न कहा बाई कऩा ऐस थोड़ ही की जाती ह सॊतकऩा क साथ तया ऩरषाथग औय दढ़ता बी िाटहए | ऩहर त परनतऻा कय कक त जीवनऩमगनत काभ औय करोध स दय यहगा तो भ तझ आशीवागद दॉ | भन कहा भहायाजजी भ जीवनबय क मरए परनतऻा तो करॉ रककन उसका ऩारन न कय ऩाऊॉ तो झठा भाना जाऊॉ गा | ऩजम भहायाजजी न कहा अचछा ऩहर त भय सभ आठ टदन क मरए परनतऻा कय | कपय परनतऻा को एक-एक टदन फढ़त जाना | इस परकाय त उन फराओॊ स फि सकगा | ह कफर भन हाथ जोड़कय कफर ककमा | ऩजम भहायाजजी न आशीवागद दकय दो-िाय पर परसाद भ टदम | ऩजम भहायाजजी न भयी जो दो कभजोरयमाॉ थीॊ उन ऩय ही सीधा हभरा ककमा था | भझ आशचमग हआ कक अनम कोई बी दगगण छोड़न का न कहकय इन दो दगगणो क मरए ही उनहोन परनतऻा कमो कयवामी फाद भ भ इस याज स अवगत हआ |
दसय टदन भ ऩसनजय टरन भ कानऩय स आग जा यहा था | सफह क कयीफ नौ फज थ |
तीसयी शरणी की फोगी भ जाकय भन माबतरमो क टटकट जाॉिन का कामग शर ककमा | सफस
ऩहर फथग ऩय सोम हए एक मातरी क ऩास जाकय भन एक मातरी क ऩास जाकय भन टटकट टदखान को कहा तो वह गससा होकय भझ कहन रगा अॊधा ह दखता नहीॊ कक भ सो गमा हॉ भझ नीॊद स जगान का तझ कमा अचधकाय ह मह कोई यीत ह टटकट क फाय भ ऩछन की ऐसी ही अकर ह तयी ऐसा कछ-का-कछ वह फोरता ही गमा फोरता ही गमा | भ बी करोधाववषट होन रगा ककॊ त ऩजम भहायाजजी क सभ री हई परनतऻा भझ माद थी अत करोध को ऐस ऩी गमा भानो ववष की ऩकतड़मा भन उस कहा भहाशम आऩ ठीक ही कहत ह कक भझ फोरन की अकर नहीॊ ह बान नहीॊ ह | दखो भय म फार धऩ भ सपद हो गम ह | आऩभ फोरन की अकर अचधक ह नमरता ह तो कऩा कयक मसखाओॊ कक टटकट क मरए भझ ककस परकाय आऩस ऩछना िाटहए | भ रािाय हॉ कक डमटी क कायण भझ टटकट िक कयना ऩड़ यहा ह इसमरए भ आऩको कषट द यहा हॉ|
औय कफ़य भन खफ परभ स हाथ जोड़कय ववनती की बमा कऩा कयक कषट क मरए भझ भा कयो | भझ अऩना टटकट टदखामग भयी नमरता दखकय वह रजजजत हो गमा एवॊ तयॊत उठ फठा | जपदी-जपदी नीि उतयकय भझस भा भाॉगत हए कहन रगा भझ भाप कयना | भ नीॊद भ था | भन आऩको ऩहिाना नहीॊ था | अफ आऩ अऩन भॉह स भझ कह कक आऩन भझ भाफ़ ककमा मह दखकय भझ आनॊद औय सॊतोष हआ | भ सोिन रगा कक सॊतो की आऻा भानन भ ककतनी शकतकत औय टहत ननटहत ह सॊतो की करणा कसा िभतकारयक ऩरयणाभ राती ह वह रवमकतकत क पराकनतक सवबाव को बी जड़-भर स फदर सकती ह | अनमथा भझभ करोध को ननमॊतरण भ यखन की कोई शकतकत नहीॊ थी | भ ऩणगतमा असहाम था कपय बी भझ भहायाजजी की कऩा न ही सभथग फनामा | ऐस सॊतो क शरीियणो भ कोटट-कोटट नभसकाय
-शरी यीजभर
रयटामडग टीटी आई कानऩय
अनम अनबव
जरा हआ कागज
ऩवग रऩ भ एक फाय ऩयभहॊस ववशदधानॊदजी स आनॊदभमी भाॉ की ननकटता ऩानवार सपरमसदध ऩॊकतडत गोऩीनाथ कववयाज न ननवदन ककमा तयणीकानत ठाकय को अरौककक मसवदध पराि हई ह | व बफना दख मा बफना छए ही कागज भ मरखी हई फात ऩढ़ रत ह |
गरदव फोर तभ एक कागज ऩय कछ मरखो औय उसभ आग रगाकय जरा दो |
कववयाजजी न कागज ऩय कछ मरखा औय ऩयी तयह कागज जराकय हवा भ उड़ा टदमा |
उसक फाद गरदव न अऩन तककम क नीि स वही कागज ननकारकय कववयाजजी क आग यख टदमा | मह दखकय उनह फड़ा आशचमग हआ कक मह कागज वही था एवॊ जो उनहोन मरखा था वह बी उस ऩय उनहीॊ क सरख भ मरखा था औय साथ ही उसका उततय बी मरखा हआ दखा | जड़ता ऩशता औय ईशवयता का भर हभाया शयीय ह | जड़ शयीय को भ-भया भानन की ववतत जजतनी मभटती ह ऩाशवी वासनाओॊ की गराभी उतनी हटती ह औय हभाया ईशवयीम अॊश जजतना अचधक ववकमसत होता ह उतना ही मोग-साभमग ईशवयीम साभमग परकट होता ह | बायत क ऐस कई बकतो सॊतो औय मोचगमो क जीवन भ ईशवयीम साभमग दखा गमा ह अनबव ककमा गमा ह उसक ववषम भ सना गमा ह | धनम ह बायतबमभ भ यहनवार बायतीम सॊसकनत भ शरदधा-ववशवास यखनवार अऩन ईशवयीम अॊश को जगान की सवा-साधना कयनवार सवाभी ववशदधानॊदजी वषो की एकाॊत साधना औय वषो-वषो की गरसवा स अऩना दहाधमास औय ऩाशवी वासनाएॉ मभटाकय अऩन ईशवयीम
अॊश को ववकमसत कयनवार बायत क अनक भहाऩरषो भ स थ | उनक जीवन की औय बी अरौककक घटनाओॊ का वणगन आता ह | ऐस सतऩरषो क जीवन-िरयतर औय उनक जीवन भ घटटत घटनाएॉ ऩढ़न-सनन स हभ रोग बी अऩनी जड़ता एवॊ ऩशता स ऊऩय उठकय ईशवयीम अॊश को उबायन भ उतसाटहत होत ह | फहत ऊॉ िा काभ ह फड़ी शरदधा फड़ी सभझ फड़ा धमग िाटहए ईशवयीम साभमग को ऩणग रऩ स ववकमसत कयन भ | अफ आओ
िर आदय शॊकयािामग की ओय
नदी की धाया भड़ गमी
आदय शॊकयािामग की भाता ववमशषटा दवी अऩन करदवता कशव की ऩजा कयन जाती थीॊ | व ऩहर नदी भ सनान कयतीॊ औय कफ़य भॊटदय भ जाकय ऩजन कयतीॊ | एक टदन व परातकार ही ऩजन-साभगरी रकय भॊटदय की ओय गमीॊ ककॊ त सामॊकार तक घय नहीॊ रौटीॊ | शॊकयािामग की आम अबी सात-आठ वषग क भधम भ ही थी | व ईशवय क ऩयभ बकत औय ननषठावान थ | सामॊकार तक भाता क वाऩस न रौटन ऩय आिामग को फड़ी चिनता हई औय व उनह खोजन क मरए ननकर ऩड़ | भॊटदय क ननकट ऩहॉिकय उनहोन भाता को भागग भ ही भजचछगत ऩड़ दखा | उनहोन फहत दय तक भाता का उऩिाय ककमा तफ व होश भ आ सकीॊ |
नदी अचधक दय थी | वहाॉ तक ऩहॉिन भ भाता को फड़ा कषट होता था | आिामग न बगवान स भन-ही-भन पराथगना की कक परबो ककसी परकाय नदी की धाया को भोड़ दो जजसस कक
भाता ननकट ही सनान कय सक | व इस परकाय की पराथगना ननतम कयन रग | एक टदन उनहोन दखा कक नदी की धाया ककनाय की धयती को काटती-काटती भड़न रगी ह तथा कछ टदनो भ ही वह आिामग शॊकय क घय क ऩास फहन रगी | इस घटना न आिामग का अरौककक शकतकतसमऩनन होना परमसदध कय टदमा |
सकषभ शयीय स िोय का ऩीछा ककमा
हरयहय फाफा की फड़ी परमसवदध थी | एक फाय व हयऩारऩय सटशन ऩय थ | वहाॉ क सटशन भासटय न उनको एक िोय सऩदग ककमा | िोय न फाफा स कहा भहायाज भझ इतनी छटटी द दीजजम कक भ अऩन फार-फचिो का परफॊध कय आऊॉ | फाफा गाड़ी आन ऩय रौट आना | िोय िरा गमा | सटशन भासटय को ऩता िरा तो वह फाफा ऩय गभग हआ औय फोरा उसक फदर तमह जर की हवा खानी होगी | तभन जान-फझकय उस बगा टदमा ह | फाफा घफयाओ भत गाड़ी आन स ऩहर ही वह रौट आमगा | िोय की नीमत ठीक नहीॊ थी | वह जॊगर क भागग स अऻात सथान को बाग जाना िाहता था ककॊ त उस हय सभम मही परतीत होता यहा कक हरयहय फाफा डॊडा पटकायत हए उसक ऩीछ-ऩीछ िर आ यह ह | इसीमरए वह गाड़ी आन स ऩहर ही रौट आमा |
भॊगरी फाधा-ननवायण भॊतर
अॊ याॊ अॊ
इस भॊतर को १०८ फाय जऩन स करोध दय होता ह | जनभकनडरी भ भॊगरी मोग होन स जजनक वववाह न हो यह हो व २७ भॊगरवाय इस भॊतर का १०८ फाय जऩ कयत हए वरत यखकय हनभानजी ऩय मसॊदय का िोरा िढ़ाम | इसस भॊगर-फाधा का म होता ह |
सखऩवगक परसवकायक भॊतर
ऩहरा उऩाम
एॊ हीॊ बगवनत बगभामरनन िर िर भराभम भराभम ऩषऩॊ ववकासम ववकासम सवाहा |
इस भॊतर दवाया अमबभॊबतरत दध गमबगणी सतरी को वऩराम तो सखऩवगक परसव होगा |
दसया उऩाम
गमबगणी सतरी सवमॊ परसव क सभम जमबरा-जमबरा जऩ कय |
तीसया उऩाम
दशी गाम क गोफय का १२ स १५ मभरी यस ॐ नभो नायामणाम भॊतर का २१ फाय जऩ कयक ऩीन स बी परसव-फाधाएॉ दय होगी औय बफना ऑऩयशन क परसव होगा |
परसनत क सभम अभॊगर की आशॊका हो तो ननमन भॊतर का जऩ कय
सवगभॊगर भाॊगपम मशव सवागथग साचधक |
शयणम तरममफक गौयी नायामणी नभोSसतत ||
(दगागसिशती)
शकतकतशारी व गोय ऩतर की परानि क मरए
सगबागवसथा भ ढाक (ऩराश खाखया) का एक कोभर ऩतता घोटकय गौ-दगध क साथ योज सवन कयन स फारक शकतकतशारी औय गोया होता ह | भाता-वऩता बर कार-करट हो कपय बी फारक गोया होगा |
सदगर-भटहभा
गर बफन बव ननचध तय न कोई |
जौ फयॊचि सॊकय सभ होई ||
-सॊत तरसीदासजी
हरयहय आटदक जगत भ ऩजमदव जो कोम |
सदगर की ऩजा ककम सफकी ऩजा होम ||
-ननशचरदासजी भहायाज
सहजो कायज सॊसाय को गर बफन होत नाॉही |
हरय तो गर बफन कमा मभर सभझ र भन भाॉही ||
-सॊत कफीयजी सॊत
सयनन जो जन ऩय सो जन उधयनहाय | सॊत की ननॊदा नानका फहरय फहरय अवताय ||
-गर नानक दवजी
गरसवा सफ बागमो की जनभबमभ ह औय वह शोकाकर रोगो को बरहमभम कय दती ह |
गररऩी समग अववदयारऩी याबतर का नाश कयता ह औय ऻानाऻान रऩी मसतायो का रोऩ कयक फवदधभानो को आतभफोध का सटदन टदखाता ह |
-सॊत ऻानशवय भहायाज
सतम क कॊ टकभम भागग भ आऩको गर क मसवाम औय कोई भागगदशगन नहीॊ द सकता |
- सवाभी मशवानॊद सयसवती
ककतन ही याजा-भहायाजा हो गम औय होग सामजम भकतकत कोई नहीॊ द सकता | सचि याजा-भहायाज तो सॊत ही ह | जो उनकी शयण जाता ह वही सचिा सख औय सामजम भकतकत ऩाता ह |
-सभथग शरी याभदास सवाभी
भनषम िाह ककतना बी जऩ-तऩ कय मभ-ननमभो का ऩारन कय ऩयॊत जफ तक सदगर की कऩादवषट नहीॊ मभरती तफ तक सफ रवमथग ह |
-सवाभी याभतीथग
परटो कहत ह कक सकयात जस गर ऩाकय भ धनम हआ |
इभसगन न अऩन गर थोयो स जो पराि ककमा उसक भटहभागान भ व बावववबोय हो जात थ |
शरी याभकषण ऩयभहॊस ऩणगता का अनबव कयानवार अऩन सदगरदव की परशॊसा कयत नहीॊ अघात थ |
ऩजमऩाद सवाभी शरी रीराशाहजी भहायाज बी अऩन सदगरदव की माद भ सनह क आॉस
फहाकय गदगद कॊ ठ हो जात थ |
ऩजम फाऩजी बी अऩन सदगरदव की माद भ कस हो जात ह मह तो दखत ही फनता ह |
अफ हभ उनकी माद भ कस होत ह मह परशन ह | फटहभगख ननगय रोग कछ बी कह साधक को अऩन सदगर स कमा मभरता ह इस तो साधक ही जानत ह |
रडी भाटटगन क सहाग की या कयन अपगाननसतान भ परकट मशवजी
साध सॊग सॊसाय भ दरगब भनषम शयीय |
सतसॊग सववत ततव ह बतरववध ताऩ की ऩीय ||
भानव-दह मभरना दरगब ह औय मभर बी जाम तो आचधदववक आचधबौनतक औय आधमाजतभक म तीन ताऩ भनषम को तऩात यहत ह | ककॊ त भनषम-दह भ बी ऩववतरता हो सचिाई हो शदधता हो औय साध-सॊग मभर जाम तो म बतरववध ताऩ मभट जात ह |
सन १८७९ की फात ह | बायत भ बबरटटश शासन था उनहीॊ टदनो अॊगरजो न अपगाननसतान ऩय आकरभण कय टदमा | इस मदध का सॊिारन आगय भारवा बबरटटश छावनी क रजफ़टनट कनगर भाटटगन को सौऩा गमा था | कनगर भाटटगन सभम-सभम ऩय मदध-तर स अऩनी ऩतनी को कशरता क सभािाय बजता यहता था | मदध रॊफा िरा औय अफ तो सॊदश आन बी फॊद हो गम | रडी भाटटगन को चिॊता सतान रगी कक कहीॊ कछ अनथग न हो गमा हो अपगानी सननको न भय ऩनत को भाय न डारा हो | कदाचित ऩनत मदध भ शहीद हो गम तो भ जीकय कमा करॉ गी -मह सोिकय वह अनक शॊका-कशॊकाओॊ स नघयी यहती थी |
चिनतातय फनी वह एक टदन घोड़ ऩय फठकय घभन जा यही थी | भागग भ ककसी भॊटदय स आती हई शॊख व भॊतर धवनन न उस आकवषगत ककमा | वह एक ऩड़ स अऩना घोड़ा फाॉधकय भॊटदय भ गमी | फजनाथ भहादव क इस भॊटदय भ मशवऩजन भ ननभगन ऩॊकतडतो स उसन ऩछा आऩ रोग कमा कय यह ह एक वरदध बराहमण न कहा हभ बगवान मशव का ऩजन कय यह ह | रडी भाटटगन मशवऩजन की कमा भहतता ह बराहमण फटी बगवान मशव तो औढयदानी ह बोरनाथ ह | अऩन बकतो क सॊकट-ननवायण कयन भ व तननक बी दय नहीॊ कयत ह | बकत उनक दयफाय भ जो बी भनोकाभना रकय क आता ह उस व शीघर ऩयी कयत ह ककॊ त फटी तभ फहत चिजनतत औय उदास नजय आ यही हो कमा फात ह रडी भाटटगन भय ऩनतदव मदध भ गम ह औय ववगत कई टदनो स उनका कोई
सभािाय नहीॊ आमा ह | व मदध भ पॉ स गम ह मा भाय गम ह कछ ऩता नहीॊ िर यहा | भ उनकी ओय स फहत चिजनतत हॉ | इतना कहत हए रडी भाटटगन की आॉख नभ हो गमीॊ |
बराहमण तभ चिनता भत कयो फटी मशवजी का ऩजन कयो उनस पराथगना कयो रघररी कयवाओ | बगवान मशव तमहाय ऩनत का यण अवशम कयग |
ऩॊकतडतो की सराह ऩय उसन वहाॉ गमायह टदन का ॐ नभ मशवाम भॊतर स रघररी अनषठान परायॊब ककमा तथा परनतटदन बगवान मशव स अऩन ऩनत की या क मरए पराथगना कयन रगी कक ह बगवान मशव ह फजनाथ भहादव मटद भय ऩनत मदध स सकशर रौट आम तो भ आऩका मशखयफॊद भॊटदय फनवाऊॉ गी | रघररी की ऩणागहनत क टदन बागता हआ एक सॊदशवाहक मशवभॊटदय भ आमा औय रडी भाटटगन को एक मरपापा टदमा | उसन घफयात-घफयात वह मरपापा खोरा औय ऩढ़न रगी |
ऩतर भ उसक ऩनत न मरखा था हभ मदध भ यत थ औय तभ तक सॊदश बी बजत यह रककन आक ऩठानी सना न घय मरमा | बबरटटश सना कट भयती औय भ बी भय जाता |
ऐसी ववकट ऩरयजसथनत भ हभ नघय गम थ कक पराण फिाकय बागना बी अतमाचधक कटठन था | इतन भ भन दखा कक मदधबमभ भ बायत क कोई एक मोगी जजनकी फड़ी रमफी जटाएॉ ह हाथ भ तीन नोकवारा एक हचथमाय (बतरशर) इतनी तीवर गनत स घभ यहा था कक ऩठान सननक उनह दखकय बागन रग | उनकी कऩा स घय स हभ ननकरकय ऩठानो ऩय वाय कयन का भौका मभर गमा औय हभायी हाय की घकतड़माॉ अिानक जीत भ फदर गमीॊ | मह सफ बायत क उन फाघामफयधायी एवॊ तीन नोकवारा हचथमाय धायण ककम हए
(बतरशरधायी) मोगी क कायण ही समबव हआ | उनक भहातजसवी रवमकतकततव क परबाव स दखत-ही-दखत अपगाननसतान की ऩठानी सना बाग खड़ी हई औय व ऩयभ मोगी भझ
टहमभत दत हए कहन रग | घफयाओॊ नहीॊ | भ बगवान मशव हॉ तथा तमहायी ऩतनी की ऩजा स परसनन होकय तमहायी या कयन आमा हॉ उसक सहाग की या कयन आमा हॉ |
ऩतर ऩढ़त हए रडी भाटटगन की आॉखो स अववयत अशरधाया फहती जा यही थी उसका रदम अहोबाव स बय गमा औय वह बगवान मशव की परनतभा क समभख मसय यखकय पराथगना कयत-कयत यो ऩड़ी | कछ सिाह फाद उसका ऩनत कनगर भाटटगन आगय छावनी रौटा | ऩतनी न उस सायी फात सनात हए कहा आऩक सॊदश क अबाव भ भ चिजनतत हो उठी थी रककन बराहमणो की सराह स मशवऩजा भ रग गमी औय आऩकी या क मरए बगवान मशव स पराथगना कयन रगी | उन द खबॊजक भहादव न भयी पराथगना सनी औय आऩको सकशर रौटा टदमा | अफ तो ऩनत-ऩतनी दोनो ही ननममभत रऩ स फजनाथ भहादव क भॊटदय भ ऩजा-अिगना कयन रग | अऩनी ऩतनी की इचछा ऩय कनगर भाटटगन भ सन १८८३
भ ऩॊरह हजाय रऩम दकय फजनाथ भहादव भॊटदय का जीणोदवाय कयवामा जजसका मशरारख आज बी आगय भारवा क इस भॊटदय भ रगा ह | ऩय बायतबय भ अॊगरजो दवाय ननमभगत मह एकभातर टहनद भॊटदय ह |
मयोऩ जान स ऩवग रडी भाटटगन न ऩकतड़तो स कहा हभ अऩन घय भ बी बगवान मशव का भॊटदय फनामग तथा इन द ख-ननवायक दव की आजीवन ऩजा कयत यहग |
बगवान मशव भ बगवान कषण भ भाॉ अमफा भ आतभवतता सदगर भ सतता तो एक ही ह | आवशमकता ह अटर ववशवास की | एकररवम न गरभनत ग भ ववशवास कय वह पराि कय मरमा जो अजगन को कटठन रगा | आरणण उऩभनम रव परहराद आटद अनम सकड़ो उदायहण हभाय साभन परतम ह | आज बी इस परकाय का सहमोग हजायो बकतो को साधको को बगवान व आतभवतता सदगरओॊ क दवाया ननयनतय पराि होता यहता ह | आवशमकता ह तो फस कवर ववशवास की |
भहाभतमॊजम भॊतर
ॐ हौ जॉ स |
ॐ बबगव सव |
ॐ तरममफकॊ मजाभह सगॊचध ॊ ऩवषटवधगनभ |
उवागरकमभव फनधनानभतमोभगीम भाभतात |
सव भव ब ॐ |
स जॉ हौ ॐ |
बगवान मशव का मह भहाभतमॊजम जऩन स अकार भतम तो टरती ही ह आयोगमता की बी परानि होती ह | सनान कयत सभम शयीय ऩय रोट स ऩानी डारत वकत इस भॊतर का जऩ कयन स सवासम-राब होता ह | दध भ ननहायत हए इस भॊतर का जाऩ ककमा जाम औय कपय वह दध ऩी मरमा जम तो मौवन की सया भ बी सहामता मभरती ह | आजकर की तज यफ़तायवारी जजनदगी भ कहाॉ आतॊक उऩरव दघगटना हो जाम कहना भजशकर ह | घय स ननकरत सभम एक फाय मह भॊतर जऩनवारा इन उऩदरवो स सयकषत यहता ह औय सयकषत घय रौटता ह | (इस भॊतरानषठान क ववचध-ववधान की ववसतत जानकायी क मरए आशरभ दवाया परकामशत आयोगमननचध ऩसतक ऩढ़ |) शरीभदबागवत क आठव सकॊ ध भ तीसय अधमाम क शलोक १ स ३३ तक भ वणणगत गजनरभो सतोतर का ऩाठ कयन स तभाभ
ववधन दय होत ह |
याषड उनका कणी ह 7
सतसॊग-शरवण स भय रदम की सपाई हो गमी 7
ऩजम फाऩ जीवन को सखभम फनान का भागग फता यह ह 7
धयती तो फाऩजी जस सॊतो क कायण टटकी ह 8
हभ सफको बकत फनन की ताकत मभर 8
सही ऊजाग फाऩजी स मभरती ह 9
भ तो फाऩजी का एक साभानम कामगकताग हॊ 9
भ कभनसीफ हॊ जो इतन सभम तक गरवाणी स वॊचित यहा 9
इतनी भधय वाणी इतना अदबत ऻान 10
ऐस सॊतो का तो जजतना आदय ककमा जाम कभ ह 10
आऩकी कऩा स मोग की अणशकतकत ऩदा हो यही ह 11
भझ ननरवमगसनी फना टदमा 12
फाऩजी क सतसॊग स ववशव बय क रोग राबाजनवत 12
ऻानरऩी गॊगाजी सवमॊ फहकय महाॉ आ गमी 13
गरजी की तसवीय न पराण फिा मरम 13
सदगर मशषम का साथ कबी नहीॊ छोड़त 14
गरकऩा स अॊधाऩन दय हआ 14
औय डकत घफयाकय बाग गम 15
भॊतर दवाया भतदह भ पराण-सॊिाय 15
सदगरदव की कऩा स नतरजमोनत वाऩस मभरी 17
फड़दादा की मभटटी व जर स जीवनदान 17
ऩजम फाऩ न प का कऩा-परसाद 17
एक छोटी थरी फनी अमऩातर 18
फटी न भनौती भानी औय गरकऩा हई 18
औय गरदव की कऩा फयसी 19
कसट-शरवण स बकतकत का सागय टहरोय रन रगा 20
गरदव न बजा अमऩातर 20
सवपन भ टदम हए वयदान स ऩतरपरानि 21
शरी आसायाभामण क ऩाठ स जीवनदान 21
गरवाणी ऩय ववशवास स अवणीम राब 22
औय सोना मभर गमा 23
सवपर क दो टकड़ो स दो सॊतान 23
साइककर स गरधाभ जान ऩय खयाफ टाॉग ठीक हो गमी 24
अदबत यही भौनभॊटदय की साधना 25
असाधम योग स भकतकत 25
ऩजम फाऩ का दशगन-सतसॊग ही जीवन का सचिा यतन ह 26
कसट का िभतकाय 27
भझ ऩय फयसी सॊत की कऩा 27
गरदव की कऩा स सॊतानपरानि 28
गरकऩा स जीवनदान 28
ऩजम फाऩ जस सॊत दननमा को सवगग भ फदर सकत ह 29
फाऩजी का साजननधम गॊगा क ऩावन परवाह जसा ह 29
सायसवतम भॊतर स हए अदबत राब 31
बौनतक मग क अॊधकाय भ ऻान की जमोनत ऩजम फाऩ 32
गरकऩा ऐसी हई कक अॉधय तो कमा दय बी नहीॊ हई 32
भजसरभ भटहरा को पराणदान 33
हरयनाभ की पमारी न छड़ामी शयाफ की फोतर 34
ऩय गाॉव की कामाऩरट 34
नतरबफॊद का िभतकाय 35
ऩजमशरी की तसवीय स मभरी परयणा 36
भॊतर स राब 36
काभ करोध ऩय ववजम ऩामी 37
अनम अनबव 38
जरा हआ कागज 38
नदी की धाया भड़ गमी 39
सकषभ शयीय स िोय का ऩीछा ककमा 40
भॊगरी फाधा-ननवायण भॊतर 40
सखऩवगक परसवकायक भॊतर 40
शकतकतशारी व गोय ऩतर की परानि क मरए 41
सदगर-भटहभा 41
रडी भाटटगन क सहाग की या कयन अपगाननसतान भ परकट मशवजी 43
भहाभतमॊजम भॊतर 45
परसतावना
बरहमवतता भहाऩरषो की उऩजसतचथ भातर स असॊखम जीवो को दषट-अदषट साॊसारयक-अधमाजतभक सहामता पराि होती ह | परात सभयणीम ऩयभ ऩजम सदगरदव सॊत शरी आसायाभजी फाऩ की परतम अथवा अपरतम परयणा स जो रोग राबाजनवत हए ह उनक ऩरयपराववत रदमो क उदगाय एवॊ ऩतरो को मरवऩफदध ककमा जाम तो एक-दो नहीॊ कई गरॊथ तमाय हो सकत ह |
इस ऩजसतका मोगमातरा-४ भ बकतो क अनबवो की फचगमा स िन हए थोड-स ऩषऩ ह |
बायतवषग क मोगववऻान औय बरहमवतताओॊ की अरौककक शकतकत का वणगन कवर कऩोरकजपऩत फात नहीॊ ह | म हजाय-दो हजाय रोगो का नहीॊ फजपक फाऩजी क राखो-राखो साधको का अनबव ह | इन ववमबनन परकाय क अरौककक अधमाजतभक अनबवो को ऩढन स हभाय रदम भ अधमाजतभकता का सॊिाय होता ह | बायतीम सॊसकनत व बायत की साधना-ऩदधनत की सचिाई औय भहानता की भहक मभरती ह | नशवय जगत क सखाबास
की ऩोर खरती ह | शाशवत सख की औय उनभख होन का उतसाह हभभ उबयता ह | इन
आधमाजतभक अनबवो को ऩढकय शरदधा क साथ अधमाजतभक भागग भ जो परववतत होती ह उस मटद साधक जागत यख तो वह शीघर ही साधना की ऊॉ िाइमो कक छ सकता ह |
हजायो रोगो क फीि अऩन सनही-मभतरो क सभ जो अनबव कह ह उनकी परभाणणतता भ सॊदह कयना उचित नहीॊ ह | उनक अनबव उनहीॊ की बाषा भ
-शरी अणखर बायतीम मोग वदानत सवा समभनत
अभदावाद
ऩजमशरी क सतसॊग भ परधानभॊतरी शरी अटर बफहायी वाजऩमी क उदगाय
ऩजम फाऩजी क बकतीयस भ डफ हए शरोता बाई-फहनो भ महाॉ ऩय ऩजम फाऩजी का अमबनॊदन कयन आमा हॉ उनका आशीविन सनन आमा हॉ बाषण दन मा फकफक कयन नहीॊ आमा हॉ | फकफक तो हभ कयत यहत ह | फाऩजी का जसा परविन ह कथा-अभत ह उस तक ऩहॉिन क मरम फड़ा ऩरयशरभ कयना ऩड़ता ह | भन ऩहर उनक दशगन ऩानीऩत भ ककम थ | वहीॊ ऩय यात को ऩानीऩत भ ऩणम-परविन सभाि होत ही फाऩजी कटीय भ जा यह थ तफ उनहोन भझ फरामा | भ बी उनक दशगन औय आशीवागद क मरम रारानमत था | सॊत-भहातभाओॊ क दशगन तबी होत ह उनका साजननधम तबी मभरता ह जफ कोई ऩणम जागत होता ह | इस जनभ भ कोई ऩणम ककमा हो इसका भय ऩास कोई टहसाफ तो नहीॊ ह ककनत जरय मह ऩवगजनभ क ऩणमो का ही पर ह जो फाऩजी क दशगन हए |
उस टदन फाऩजी न जो कहा वह अबी तक भय रदम-ऩटर ऩय अॊककत ह | दशबय की ऩरयकरभा कयत हए जन-जन क भन भ अचछ सॊसकाय जगाना मह एक ऐसा ऩयभ याषडीम कतगरवम ह जजसन हभाय दश को आज तक जीववत यखा ह औय इसक फर ऩय हभ उजजवर बववषम का सऩना दख यह ह उस सऩन को साकाय कयन की शकतकत-बकतकत एकतर कय यह ह | ऩजम फाऩजी साय दश भ भरभण कयक जागयण का शॊख नाद कय यह ह सवगधभग-सभबाव की मशा द यह ह सॊसकाय द यह ह तथा अचछ औय फय भ बद कयना मसखा यह ह | हभायी जो परािीन धयोहय थी औय हभ जजस रगबग बरान का ऩाऩ कय फठ थ फाऩजी हभायी आॉखो भ ऻान का अॊजन रगाकय उसको कपय स हभाय साभन यख यह ह | फाऩजी न कहा कक ईशवय की कऩा स कण-कण भ रवमाि एक भहान शकतकत क परबाव स जो कछ घटटत होता ह उसकी छानफीन औय उस ऩय अनसॊधान कयना िाटहए |
शदध अनतकयण स ननकरी हई पराथगना को परब असवीकाय नहीॊ कयत मह हभाया ववशवास होना िाटहए | मटद असवीकाय हो तो परब को दोष दन क फजाम मह सोिना िाटहए कक कमा हभाय अॊतकयण भ उतनी शवदध ह जजतनी होनी िाटहए शवदध का काभ याजनीनत नहीॊ कय सकती अशवदध का काभ बर कय सकती ह | ऩजम फाऩजी न कहा कक जीवन क रवमाऩाय भ स थोड़ा सभम ननकारकय सतसॊग भ आना िाटहए | ऩजम फाऩजी उजजन भ थ तफ भयी जान की फहत इचछा थी रककन कहत ह न कक दान-दान ऩय खान वार की भोहय होती ह वस ही सॊत-दशगन क मरए बी कोई भहतग होता ह | आज मह भहतग आ गमा ह | मह भया करतर ह | ऩजम फाऩजी न िनाव जीतन का तयीका बी फता टदमा ह |
आज दश की दशा ठीक नहीॊ ह | फाऩजी का परविन सनकय फड़ा फर मभरा ह | हार भ
हए रोकसबा अचधवशन क कायण थोड़ी-फहत ननयाशा ऩदा हई थी ककनत यात को रखनऊ भ ऩणम-परविन सनत ही वह ननयाशा बी आज दय हो गमी | फाऩजी न भानव-जीवन क ियभ रकषम भकतकत-शकतकत की परानि क मरम ऩरषाथग ितषटम बकतकत क मरम समऩणग की बावना तथा ऻान बकतकत औय कभग तीनो का उपरख ककमा ह | बकतकत भ अहॊकाय का कोई सथान नहीॊ ह | ऻान अमबभान ऩदा कयता ह | बकतकत भ ऩणग सभऩगण होता ह | १३ टदन क शासनकार क फाद भन कहा भया जो कछ ह तया ह | मह तो फाऩजी की कऩा ह कक शरोता को वकता फना टदमा औय वकता को नीि स ऊऩय िढ़ा टदमा | जहाॉ तक उऩय िढ़ामा ह वहाॉ तक उऩय फना यहॉ इसकी चिनता बी फाऩजी को कयनी ऩडगी | याजनीनत की याह फडी यऩटीरी ह | जफ नता चगयता ह तो मह नहीॊ कहता कक भ चगय गमा फजपक कहता हहय हय गॊग | फाऩजी क परविन सनकय फड़ा आननद आमा | भ रोकसबा का सदसम होन क नात अऩनी ओय स एवॊ रखनऊ की जनता कक ओय स फाऩजी क ियणो भ ववनमर होकय नभन कयना िाहता हॉ | उनका आशीवागद हभ मभरता यह उनक आशीवागद स परयणा ऩाकय फर पराि कयक हभ कतगरवम क ऩथ ऩय ननयनतय िरत हए ऩयभ वबव को पराि कय मही परब स पराथगना ह |
-शरी अटरबफहायी वाजऩमी परधानभॊतरी बायत सयकाय
ऩयभ ऩजम सॊत शरी आसायाभजी फाऩ क कऩा-परसाद स ऩरयपराववत रदमो क उदगाय
ऩ फाऩ याषडसख क सॊवधगक ऩजम फाऩ दवाया टदमा जानवारा ननतकता का सॊदश दश क
कोन-कोन भ जजतना अचधक परसारयत होगा जजतना अचधक फढ़गा उतनी ही भातरा भ याषडसख का सॊवधगन होगा याषड की परगनत होगी | जीवन क हय तर भ इस परकाय क सॊदश की जरयत ह |
-शरी रारकषण आडवाणी उऩपरधानभॊतरी एवॊ कनरीम गरहभनतरी बायत सयकाय
याषड उनका कणी ह
बायत क बतऩवग परधानभॊतरी शरी िनरशखय टदपरी क सवणग जमॊती ऩाकग भ २५ जराई १९९९ को फाऩजी की अभतवाणी का यसासवादन कयन क ऩशचात फोर आज ऩजम फाऩ की टदरवम वाणी का राब रकय भ धनम हो गमा | सॊतो की वाणी न हय मग भ नमा सॊदश टदमा ह नमी परयणा जगामी ह | करह ववरोह औय दवष स गरसत वतगभान वातावयण भ फाऩ जजस तयह सतम करणा औय सॊवदनशीरता क सॊदश का परसाय कय यह ह इसक मरम याषड उनका कणी ह |
-शरी िनरशखय बतऩव परधानभॊतरी बायत सयकाय
सतसॊग-शरवण स भय रदम की सपाई हो गमी
ऩजमशरी क दशगन कयन व आशीवागद रन हत आम हए उततय परदश क ततकारीन याजमऩार शरी सयजबान न कहा सभशानबभी स आन क फाद हभ रोग शयीय की शवदध क मरम सनान कय रत ह | ऐस ही ववदशो भ जान क कायण भझ ऩय दवषत ऩयभाण रग गम थ
ऩयॊत वहाॊ स रौटन क फाद मह भया ऩयभ सौबागम ह कक भहायाजशरी क दशगन व ऩावन सतसॊग कयन स भय चितत की सपाई हो गमी | ववदशो भ यह यह अनको बायतवासी ऩजम फाऩ क परविनो को परतम मा ऩयो रऩ स सन यह ह | भया मह सौबागम ह कक भझ महाॊ भहायाजशरी को सनन का सअवसय पराि हआ ह |
-शरी सयजबान
ततकारीन याजमऩार उततय परदश
ऩजम फाऩ जीवन को सखभम फनान का भागग फता यह ह
गजयात क ततकारीन भखमभॊतरी शरी कशबाई ऩटर ११ भई को ऩजम फाऩ क दशगन कयन अभदावाद आशरभ ऩहॉि | सतसॊग सनन क फाद उनहोन बावऩणग वाणी भ कहा भ तो ऩजम फाऩ क दशगन कयन क मरम आमा था ककनत फड़ सौबागम स दशगन क साथ ही सतसॊग का राब बी मभरा | जीवन भ अधमाजतभकता क साथ सहजता कस राम तथा भनषम सखी एवॊ ननयोगी जीवन ककस परकाय बफताम इस गहन ववषम को ककतनी सयरता
स ऩजम फाऩ न हभ सभझामा ह ईशवय-परदतत इस भनषम-जनभ को सखभम फनन का भागग ऩजम फाऩ हभ फता यह ह | बायतीम सॊसकनत भ ननटहत सतम की ओय िरन की परयणा हभ द यह ह | एक वजशवक कामग ईशवयीम कामग जजस सवमॊ बगवान को कयना ह वह कामग आज ऩजम फाऩजी कय यह ह | फाऩ को भय शत-शत परणाभ |
-शरी कशबाई ऩटर
ततकारीन भखमभॊतरी गजयात याजम
धयती तो फाऩजी जस सॊतो क कायण टटकी ह
भझ सतसॊग भ आन का भौका ऩहरी फाय मभरा ह औय ऩजम फाऩजी स एक अदबत फात भझ औय आऩ सफको सनन को मभरी ह वह ह परभ की फात | इस सवषट का जो भर ततव ह वह ह परभ | मह परभ नाभ का ततव मटद न हो तो सवषट नषट हो जामगी | रककन सॊसाय भ कोई परभ कयना नहीॊ जानता मा तो बगवान पमाय कयना जानत ह मा सॊत पमाय कयना जानत ह | जजसको सॊसायी रोग अऩनी बाषा भ परभ कहत ह उसभ तो कहीॊ-न-कहीॊ सवाथग जडा होता ह रककन बगवान सॊत औय गर का परभ ऐसा होता ह जजसको हभ सिभि परभ की ऩरयबाषा भ फाॊध सकत ह | भ मह कह सकती हॉ कक साध-सॊतो को दश की सीभाम नहीॊ फाॊधतीॊ | जस नटदमो की धायाएॉ दश औय जानत औय सॊपरदाम की सीभाओॊ भ नहीॊ फॊधता | कमरमग भ रदम की ननषकऩटता ननसवाथग परभ तमाग औय तऩसमा का म होन रगा ह कपय बी धयती टटकी ह तो फाऩ इसमरए कक आऩ जस सॊत बायतबमभ ऩय ववियण कयत ह | फाऩ की कथा भ ही भन मह ववशषता दखी ह कक गयीफ औय अभीय दोनो को अभत क घॊट एक जस ऩीन को मभरत ह | महाॊ कोई बदबाव नहीॊ ह |
-सशरी उभा बायती भखमभॊतरी भधम परदश
हभ सफको बकत फनन की ताकत मभर
भ तो ऩजम फाऩजी क शरीियणो भ परणाभ कयन आमा हॊ | बकतकत स फड़ी कोई ताकत नहीॊ होती औय बकत हय कोई फन सकता ह | हभ सफको बकत फनन की ताकत मभर | भ सभझता हॊ कक सॊतो क आशीवागद ही हभ सफकी ऩॊजी होती ह |
-नयनर भोदी भखमभॊतरी गजयात याजम
सही ऊजाग फाऩजी स मभरती ह
गजयात सयकाय न भझ ऊजागभॊतरी का ऩद सौऩा ह ऩय सही आजतभक ऊजाग भझ ऩजम फाऩजी स मभरती ह |
-शरी कौमशकबाई ऩटर
ततकारीन ऊजागभॊतरी वतगभान भ याजसव व नागरयक आऩनतग भॊतरी गजयात याजम
भ तो फाऩजी का एक साभानम कामगकताग हॊ
टदपरी भ आमोजजत ऩजमशरी क सतसॊग-कामगकरभ क दौयान टदपरी क ततकारीन भखमभॊतरी शरी साटहफ मसॊह वभाग सतसॊग-शरवण हत आभ बकतो क फीि आ फठ | सतसॊग-शरवण क ऩशचात उनहोन ऩजम फाऩ को भाथा टककय परणाभ ककमा भापमाऩगण क साथ सवागत कयक उनका आशीवागद पराि ककमा | एक सॊत क परनत रोगो की शरदधा तडऩ सतसॊग-परभ
उनका परभऩणग रवमवहाय अनशासन व बायतीमता को दखकय भखमभॊतरीशरी गदगद हो उठ |
उनहोन फाय-फाय टदपरी ऩधायन क मरम ऩजम फाऩ स पराथगना की औय कहा आज भ ऩजम फाऩजी क दशगन व सतसॊग-शरवण कयक ऩावन हो गमा हॉ | भ भहसस कयता हॉ कक ऩयभ सॊतो क जफ दशगन होत ह औय उनक ऩावन शयीय स जो तयॊग ननकरती ह व जजसको बी छ जाती ह उसकी फहत-सी कमभमाॉ दय हो जाती ह | भ िाहता हॊ कक भयी सबी कमभमाॉ दय हो जाम | भ तो ऩजम फाऩजी का एक साभानम सा कामगकताग हॊ | ऩजम फाऩजी की कऩा हभशा भझ ऩय फनी यह एसी भयी काभना ह | भया ऩयभ सौबागम ह की भझ आऩक दशगन का आऩक आशीवागद पराि कयन का अवसय मभरा |
-शरी साटहफ मसॊह वभाग कनरीम शरभ भॊतरी बायत सयकाय
भ कभनसीफ हॊ जो इतन सभम तक गरवाणी स वॊचित यहा
ऩयभ ऩजम गरदव क शरीियणो भ सादय परणाभ भन अबी तक भहायाजशरी का नाभ बय सना था | आज दशगन कयन का अवसय मभरा ह रककन भ अऩन आऩ को कभनसीफ
भानता हॊ कमोकक दय स आन क कायण इतन सभम तक गरदव की वाणी सनन स वॊचित यहा | अफ भयी कोमशश यहगी कक भ भहायाजशरी की अभत वाणी सनन का हय अवसय मथासभम ऩा सकॊ | भ ईशवय स मही पराथगना कयता हॊ कक व हभ ऐसा भौका द कक हभ गर की वाणी सनकय अऩन आऩको सधाय सक | गरजी क शरीियणो भ सादय सभवऩगत होत हए भधम परदश की जनता की ओय स पराथगना कयता हॊ कक गरदव आऩ इस भधम परदश भ फाय-फाय ऩधाय औय हभ रोगो को आशीवागद दत यह ताकक ऩयभाथग क उस कामग भ जो आऩन ऩय दश भ ही नहीॊ दश क फाहय बी परामा ह भधम परदश क रोगो को बी जड़न का जमादा-स-जमादा अवसय मभर |
-शरी टदजगवजम मसॊह
ततकारीन भखमभॊतरी भधम परदश
इतनी भधय वाणी इतना अदबत ऻान
भ अऩनी ओय स तथा महाॊ उऩजसथत सबी भहानबावो की ओय स ऩयभ शरदधम सॊतमशयोभणण फाऩजी का हाटदगक सवागत कयता हॊ | भन कई फाय टी वी ऩय आऩको दखा-सना ह औय टदपरी भ एक फाय आऩका परविन बी सना ह | इतनी भधय वाणी इतना अदबत ऻान अगय आऩ क परविन ऩय गहयाई स वविाय कयक अभर ककमा जाम तो इॊसान को ज ॊदगी भ सही यासता मभर सकता ह | व रोग धनबागी ह जो इस मग भ ऐस भहाऩरष क दशगन व सतसॊग स अऩन जीवन-सभन णखरात ह |
-शरी बजनरार
ततकारीन भखम भॊतरी हरयमाणा
ऐस सॊतो का तो जजतना आदय ककमा जाम कभ ह
ककसी न भझ स कहा था धमान की कसट रगाकय सोमग तो सवपन भ गरदव क दशगन होग भन उसी यात धमान की कसट रगामी औय सनत-सनत सो गमा | उस वकत याबतर क फायह-साढ़ फायह फज होग | वकत का ऩता नहीॊ िरा | ऐसा रगा भानो ककसी न भझ उठा टदमा | भ गहयी नीॊद स उठा एवॊ गरजी की रऩ वार फ़ोटो की तयफ़ टकटकी रगाकय एक-दो मभनट तक दखता यहा | इतन भ आशचमग टऩ अऩन-आऩ िर ऩड़ी औय कवर मह तीन वाकम सनन को मभर आतभा ितनम ह | शयीय जड़ ह | शयीय ऩय अमबभान भत कयो | टऩ सवत फॊद हो गमी औय ऩय कभय भ मह आवाज गॊज उठी |
दसय कभय भ भयी ऩतनी की बी आॊख खर गमी औय उसन तो महाॊ तक भहसस ककमा जस कोई िर यहा ह व गरजी क मसवाम औय कोई हो ही नहीॊ सकत | भन कभय की राइट जरामी औय दौड़ता हआ ऩतनी क ऩास गमा | भन ऩछासना वह फोरी हाॊ | उस सभम सफह क ठीक िाय फज थ | सनान कयक भ धमान भ फठा तो डढ़ घणट तक फठा यहा | इतना रॊफा धमान तो भया कबी नहीॊ रगा | इस घटना क फाद तो ऐसा रगता ह कक गरजी साात बरहमसवरऩ ह | उनको जो जजस रऩ भ दखता ह वस ही टदखत ह |
भया मभतर ऩाशचातम वविायधाया वारा ह | उसन गरजी का परविन सना औय फोरा भझ तो म एक फहत अचछ रकियय रगत ह | भन कहा आज जरय इस ऩय गरजी कछ कहग |
मह सयत आशरभ भ भनामी जा यही जनभाषटभी क सभम की फात ह | हभ कथा भ फठ |
गरजी न कथा क फीि भ कहाकछ रोगो को भ रकियय टदखता हॊ कछ को परोफ़सय टदखता हॊ कछ को गर टदखता हॊ कछ को बगवान टदखता हॊजो भय ऩय जसी शरदधा यखता ह उस भ वसा ही टदखता हॊ औय वसा ही वह भझ ऩाता ह | भय मभतर का मसय शभग स झक गमा | कपय बी वह नाजसतक तो था ही | उसन हभाय ननवास ऩय भजाक भ गरजी क मरए कछ कहा तफ भन कहा | मह ठीक नहीॊ ह | अफ की फाय भान जा नहीॊ तो गरजी सजा दग तझ | १५ मभनट भ ही उसक घय स फ़ोन आ गमा कक फचि की तबफमत फहत खयाफ ह | उस असऩतार भ दाणखर कयना ऩड़ यहा ह | तफ भय मभतर की सयत दखन रामक थी | वह फोरागरती हो गमी | अफ भ गरजी क मरए कछ न कहॊगा भझ िाह ववशवास हो मा न हो | अखफायो भ गरजी की ननॊदा मरखनवार अऻानी रोग नहीॊ जानत कक जो भहाऩरष बायतीम सॊसकनत को एक नमा रऩ द यह ह कई सॊतो की वाणणमो को ऩनजीववत कय यह ह रोगो क शयाफ-कफाफ छड़वा यह ह जजनस सभाज का कपमाण हो यहा ह उनक ही फाय भ हभ हपकी फात मरख यह ह | मह हभाय दश क मरए फहत ही शभगनाक फात ह | ऐस सॊतो का तो जजतना आदय ककमा जाम वह कभ ह | गरजी क फाय भ कछ बी फखान कयन क मरए भय ऩास शबद नहीॊ ह |
-डा सतवीय मसॊह छाफड़ा फीफीईएभ आकाशवाणी इनदौय
आऩकी कऩा स मोग की अणशकतकत ऩदा हो यही ह
अनक परकाय की ववकनतमाॉ भानव क भन ऩय साभाजजक जीवन ऩय सॊसकाय औय सॊसकनत ऩय आकरभण कय यही ह | वसतत इस सभम सॊसकनत औय ववकनत क फीि एक भहासॊघषग िर यहा ह जो ककसी सयहद क मरए नहीॊ फजपक सॊसकायो क मरए रड़ा जा यहा ह | इस
भ सॊसकनत को जजतान का फभ ह मोगशकतकत | ह गरदव आऩकी कऩा स इस मोग की टदरवम अणशकतकत राखो रोगो भ ऩदा हो यही हमह सॊसकनत क सननक फन यह ह | गरदव भ आऩस पराथगना कयता हॊ कक शासन क अॊदय बी धभग औय वयागम क सॊसकाय उतऩनन हो | आऩ स आशीवागद पराि कयन क मरए भ आऩक ियणो भ आमा हॊ |
-शरी अशोकबाई बटट
काननभॊतरी गजयात याजम
भझ ननरवमगसनी फना टदमा
भ वऩछर कई वषो स तमफाक का रवमसनी था औय इस दगगण को छोड़न क मरए भन ककतन ही परमतन ककम ऩय भ ननषपर यहा | जनवयी ९५ भ ऩजम फाऩ जफ परकाशा आशरभ (भहा) ऩधाय तो भ बी उनक दशगनाथग वहाॊ ऩहॊिा औय उनस अनयोध ककमा फाऩ ववगत ३२ वषो स तमफाक का सवन कय यहा हॉ | अनक परमतनो क फाद बी इस दगगण स भ भकत ना हो सका | अफ आऩ ही कछ कऩा कीजजए | फाऩजी न कहा राओ तमफाक की कतडबफी औय तीन फाय थककय कहो कक आज स भ तमफाक नहीॊ खाऊॊ गा | भन ऩजम फाऩ क ननदशानसाय मही ककमा औय भहान आशचमग उसी टदन स भया तमफाक खान का रवमसन छट गमा | ऩजम फाऩ की ऐसी कऩा दजषत हमी कक वषग ऩया होन ऩय बी भझ कबी तमफाक खान की तरफ तक नहीॊ रगी | भ ककन शबदो भ ऩजम फाऩ का आबाय रवमकत करॊ भय ऩास शबद ही नहीॊ ह | भझ आनॊद ह कक इन याषड सॊत न फयफाद व नषट होत हए भय जीवन को फिा कय भझ ननरवमसगनी फना टदमा |
-शरी रखन बटवार
जज धमरमा भहायाषड
फाऩजी क सतसॊग स ववशव बय क रोग राबाजनवत
बायतबमभ सदव स ही कवष-भननमो तथा सॊत-भहातभाओॊ की बमभ यही ह जजनहोन ववशव को शाॊनत एवॊ आधमातभ का सॊदश टदमा ह | आज क मग भ ऩजम सॊत शरी आसायाभजी अऩनी अभत वाणी दवाया टदरवम आधमाजतभक सॊदश द यह ह जजसस न कवर बायत वयन ववशव बय भ रोग राबाजनवत हो यह ह |
-शरी सयजीत मसॊह फयनारा याजमऩार आनर परदश
ऻानरऩी गॊगाजी सवमॊ फहकय महाॉ आ गमी
उततयाॊिर याजम का सौबागम ह कक इस दवबभी भ दवता सवरऩ ऩजम फाऩजी का आशरभ फन यहा ह | आऩ ऐसा आशरभ फनाम जसा कहीॊ बी न हो | मह हभ रोगो का सौबागम ह कक अफ ऩजम फाऩजी की ऻानरऩी गॊगाजी सवमॊ फहकय महाॊ आ गमी ह | अफ गॊगा जाकय दशगन कयन व सनान कयन की उतनी आवशमकता नहीॊ ह जजतनी सॊत शरी आसायाभजी फाऩ क ियणो भ फठकय उनक आशीवागद रन की ह |
-शरी ननतमानॊद सवाभीजी ततकारीन भखमभॊतरी उततयाॊिर
गरजी की तसवीय न पराण फिा मरम
कछ ही टदनो ऩहर भया दसया फटा एभ ए ऩास कयक नौकयी क मरम फहत जगह घभा फहत जगह आवदन-ऩतर बजा ककनत उस नौकयी नहीॊ मभरी | कपय उसन फाऩजी स दीा री | भन आशरभ का कछ साभान कसट सतसाटहतम राकय उसको दत हए कहा शहय भ जहाॉ भॊटदय ह जहाॉ भर रगत ह तथा जहाॉ हनभानजी का परमसदध दकषणभखी भॊटदय ह वहाॊ सटार रगाओ | फट न सटार रगाना शर ककमा | ऐस ही एक सटार ऩय जरगाॊव क एक परमसदध रवमाऩायी अगरवारजी आम फाऩजी की कछ कसट खयीदीॊ औय ईशवय की ओय नाभक ऩसतक बी साथ भ र गम ऩसतक ऩढ़ी औय कसट सनी | दसय टदन व कपय आम औय कछ सतसाटहतम खयीद कय र गम व ऩान क थोक ववकरता ह | उनको ऩान खान की आदत ह | ऩसतक ऩढ़कय उनह रगा भ ऩान छोड़ दॉ | उनकी दकान ऩय एक आदभी आमा | ऩाॊिसौ रऩमो का साभान खयीदा औय उनका पोन नमफय र गमा | एक घॊट क फाद उसन दकान ऩय पोन ककमा सठ अगरवारजी भझ आऩका खन कयन का काभ सौऩा गमा था | कापी ऩस (सऩायी) बी टदम गम थ औय भ तमाय बी हो गमा था ऩय जफ भ आऩकी दकान ऩय ऩहॊिा तो ऩयभ ऩजम सॊत शरी आसायाभजी फाऩ क चितर ऩय भयी नजय ऩड़ी | भझ ऐसा रगा भानो साात फाऩ फठ हो औय भझ नक इनसान फनन की परयणा द यह हो गरजी की तसवीय न (तसवीय क रऩ भ साात गरदव न आकय) आऩक पराण फिा मरम | अदबत िभतकाय ह भमफई की ऩाटी न उसको ऩस बी टदम थ औय वह आमा बी था खन कयन क इयाद स ऩयनत जाको याख साॊइमाॉ चितर क दवाय बी अऩनी कऩा फयसान वार ऐस गरदव क परतम दशगन कयन क मरम वह महाॉ बी आमा ह
|
-फारकषण अगरवार
जरगाॊव भहायाषड
सदगर मशषम का साथ कबी नहीॊ छोड़त
एक यात भ दकान स सकटय दवाया अऩन घय जा यहा था | सकटय की कतडककी भ कापी रऩम यख हए थ | जमो ही घय क ऩास ऩहॊिा तो गरी भ तीन फदभाश मभर | उनहोन भझ घय मरमा औय वऩसतौर टदखामी | सकटय रकवाकय भय मसय ऩय तभॊि का फट भाय टदमा औय धकक भाय कय भझ एक तयप चगया टदमा | उनहोन सोिा होगा कक भ अकरा हॊ ऩय मशषम जफ सदगर स भॊतर रता ह शरदधा-ववशवास यखकय उसका जऩ कयता ह तफ सदगर उसका साथ नहीॊ छोड़त | भन सोिा कतडककी भ फहत रऩम ह औय म फदभाश तो सकटय र जा यह ह | भन गरदव स पराथगना की | इतन भ व तीनो फदभाश सकटय छोड़कय थरा र बाग | घय जाकय खोरा होगा तो सबजी औय खारी टटकफ़न दखकय मसय कटा ऩता नहीॊ ऩय फड़ा भजा आमा होगा | भय ऩस फि गमउनका सबजी का खिग फि गमा |
-गोकरिनर गोमर
आगया
गरकऩा स अॊधाऩन दय हआ
भझ गरकोभा हो गमा था | रगबग ऩतीस सार स मह तकरीफ़ थी | कयीफ छ सार तक तो भ अॊधा यहा | कोरकाता िननई आटद सफ जगहो ऩय गमा शॊकय नतरारम भ बी गमा ककनत वहाॊ बी ननयाशा हाथ रगी | कोरकाता क सफस फड़ नतर-ववशषऻ क ऩास गमा | उसन बी भना कय टदमा औय कहा | धयती ऩय ऐसा कोई इनसान नहीॊ जो तमह ठीक कय सक | रककन सयत आशरभ भ भझ गरदव स भॊतर मभरा | वह भॊतर भन खफ शरदधा-ववशवासऩवगक जऩा कमोकक सात बरहमसवरऩ गरदव स वह भॊतर मभरा था | कयीफ छ-सात भहीन ही जऩ हआ था कक भझ थोड़ा-थोड़ा टदखामी दन रगा | डॉकटय कहत थ कक तभको भराॊनत हो गमी ह ऩय भझ तो अफ बी अचछी तयह टदखता ह | एक फाय एक अनम बॊमकय दघगटना स बी गरदव न भझ फिामा था | ऐस गरदव का कण हभ जनभो-जनभो तक नहीॊ िका सकत |
-शॊकयरार भहशवयी
कोरकाता
औय डकत घफयाकय बाग गम
१४ जराई ९९ को कयीफ साढ़ तीन फज भय भकान भ छ डकत घस आम औय उस सभम दबागगम स फाहय का दयवाजा खरा हआ था | दो डकत फाहय भारनत िार यखकय खड़ थ | एक डकत न धकका दकय भयी भाॉ का भॉह फॊद कय टदमा औय अरभायी की िाफी भाॉगन रगा | इस घटना क दौयान भ दकान ऩय था | भयी ऩतनी को बी डकत धभकान रग औय आवाज न कयन को कहा | भयी ऩतनी न ऩजम फाऩजी क चितर क साभन हाथ जोड़कय पराथगना की अफ आऩ ही या कयो इतना ही कहा तो आशचमग आशचमग ऩयभ आशचमग व सफ डकत घफयाकय बागन रग | उनकी हड़फड़ाहट दखकय ऐसा रग यहा था भानो उनह कछ टदखामी नहीॊ द यहा था | व बाग गम | भया ऩरयवाय गरदव का कणी ह |
फाऩजी क आशीवागद स सफ सकशर ह | हभन १५ नवमफय ९८ को वायाणसी भ भॊतरदीा री थी |
-भनोहयरार तरयजा ४ झररार नगय मशवाजी नगय वायाणसी
भॊतर दवाया भतदह भ पराण-सॊिाय
भ शरी मोग वदानत सवा समभनत आभट स जीऩ दवाया यवाना हआ था | ११ जराई १९९४ को भधमानह फायह फज हभायी जीऩ ककसी तकनीकी तरटट क कायण ननमॊतरण स फाहय होकय तीन ऩजपटमाॉ खा गमी | भया ऩया शयीय जीऩ क नीि दफ गमा | ककसी तयह भझ फाहय ननकारा गमा | एक तो दफरा ऩतरा शयीय औय ऊऩय स ऩयी जीऩ का वजन ऊऩय आ जान क कायण भय शयीय क परतमक टहसस भ असहय ददग होन रगा | भझ ऩहर तो कसरयमाजी असऩतार भ दाणखर कयामा गमा | जमो-जमो उऩिाय ककमा गमा कषट फढ़ता ही गमा कमोकक िोट फाहय नहीॊ शयीय क बीतयी टहससो भ रगी थी औय बीतय तक डॉकटयो का कोई उऩिाय काभ नहीॊ कय यहा था | जीऩ क नीि दफन स भया सीना व ऩट ववशष परबाववत हए थ औय हाथ-ऩय भ काॉि क टकड़ घस गम थ | ददग क भाय भझ साॉस रन भ बी तकरीप हो यही थी | ऑकसीजन टदम जान क फाद बी दभ घट यहा था औय भतम की घकतडमाॉ नजदीक टदखामी ऩड़न रगीॊ | भ भयणासनन जसथनत भ ऩहॉि गमा | भया भतम-
परभाणऩतर फनान की तमारयमाॉ कक जान रगीॊ व भझ घय र जान को कहा गमा | इसक ऩवग भया मभतर ऩजम फाऩ स फ़ोन ऩय भयी जसथनत क समफनध भ फात कय िका था |
पराणीभातर क ऩयभ टहतषी दमार सवबाव क सॊत ऩजम फाऩ न उस एक गि भॊतर परदान कयत हए कहा था कक ऩानी भ ननहायत हए इस भॊतर का एक सौ आठ फाय (एक भारा) जऩ कयक वह ऩानी भनोज को एवॊ दघगटना भ घामर अनम रोगो को बी वऩरा दना |
जस ही वह अमबभॊबतरत जर भय भॉह भ डारा गमा भय शयीय भ हरिर होन क साथ ही वभन हआ | इस अदबत िभतकाय स ववजसभत होकय डॉकटयो न भझ तयॊत ही ववशष भशीनो क नीि र जाकय मरटामा | गहन चिककतसकीम ऩयीण क फाद डॉकटयो को ऩता िरा कक जीऩ क नीि दफन स भया ऩया खन कारा ऩड़ गमा था तथा नाड़ी-िारन (ऩपस) रदमगनत व यकत परवाह बी फॊद हो िक थ | भय शयीय का समऩणग यकत फदर टदमा गमा तथा आऩयशन बी हआ | उसक ७२ घॊट फाद भझ होश आमा | फहोशी भ भझ कवर इतना ही माद था की भय बीतय ऩजम फाऩ दवाया परदतत गरभॊतर का जऩ िर यहा ह | होश भ आन ऩय डॉकटयो न ऩछा तभ आऩयशन क सभम फाऩफाऩ ऩकाय यह थ | म फाऩ कौन ह भन फतामा व भय गरदव परात सभयणीम ऩयभ ऩजम सॊत शरी असायाभजी फाऩ ह | डॉकटयो न ऩन भझस परशन ककमा कमा तभ कोई रवमामाभ कयत हो भन कहा भ अऩन गरदव दवाया मसखामी गमी ववचध स आसन व पराणामाभ कयता हॉ | व फोर
इसीमरम तमहाय इस दफर-ऩतर शयीय न मह सफ सहन कय मरमा औय तभ भयकय बी ऩन जजनदा हो उठ दसया कोई होता तो तयॊत घटनासथर ऩय ही उसकी हडकतडमाॉ फाहय ननकर जातीॊ औय वह भय जाता | भय शयीय भ आठ-आठ नमरमाॉ रगी हई थीॊ | ककसीस खन िढ़ यहा था तो ककसी स कबतरभ ऑकसीजन टदमा जा यहा था | मदयवऩ भय शयीय क कछ टहससो भ अबी-बी काॉि क टकड़ भौजद ह रककन गरकऩा स आज भ ऩणग सवसथ
होकय अऩना रवमवसाम व गरसवा दोनो कामग कय यह हॉ | भया जीवन तो गरदव का ही टदमा हआ ह | इन भॊतरदषटा भहवषग न उस टदन भय मभतर को भॊतर न टदमा होता तो भया ऩनजीवन तो समबव नहीॊ था | ऩजम फाऩ भानव-दह भ टदखत हए बी अनत असाधायण भहाऩरष ह | टमरफ़ोन ऩय टदम हए उनक एक भॊतर स ही भय भत शयीय भ ऩन पराणो का सॊिाय हो गमा तो जजन ऩय फाऩ की परतम दवषट ऩड़ती होगी व रोग ककतन बागमशारी होत होग ऐस दमार जीवनदाता सदगर क शरीियणो भ कोटट-कोटट दॊडवत परणाभ
-भनोज कभाय सोनी जमोनत टरसग रकषभी फाजाय आभट याजसथान
सदगरदव की कऩा स नतरजमोनत वाऩस मभरी
भयी दाटहनी आॉख स कभ टदखामी दता था तथा उसभ तकरीफ़ बी थी | धमानमोग मशववय टदपरी भ ऩजम गरदव भवा फाॉट यह थ तफ एक भवा भयी दाटहनी आॉख ऩय आ रगा | आॉख स ऩानी ननकरन रगा | ऩय आशचमग दसय ही टदन स आॉख की तकरीप मभट गमी औय अचछी तयह टदखामी दन रगा |
-याजकरी दवी असनाऩय रारगॊज अजाया जज परताऩगढ़ उततय परदश
फड़दादा की मभटटी व जर स जीवनदान
अगसत ९८ भ भझ भररयमा हआ | उसक फाद ऩीमरमा हो गमा | भय फड़ बाई न आशरभ स परकामशत आयोगमननचध ऩसतक भ स ऩीमरमा का भॊतर ऩढ़कय ऩीमरमा तो उताय टदमा ऩयॊत कछ ही टदनो फाद अॊगरजी दवाओॊ क रयएन स दोनो ककडननमाॉ पर (ननजषकरम) हो गई | भया हाटग (रदम) औय रीवय (मकत) बी पर होन रग | डॉकटयो न तो कह टदमा मह रड़का फि नहीॊ सकता | कपय भझ गोटदमा स नागऩय हॉजसऩटर भ र जामा गमा रककन वहाॉ बी डॉकटयो न जवाफ द टदमा कक अफ कछ नहीॊ हो सकता | भय बाई भझ वहीॊ छोड़कय सयत आशरभ आम वदयजी स मभर औय फड़दादा की ऩरयकरभा कयक पराथगना की तथा वहाॉ की मभटटी औय जर मरमा | ८ तायीख को डॉकटय भयी ककडनी फदरन वार थ |
जफ भय बाई फड़दादा को पराथगना कय यह थ तबी स भझ आयाभ मभरना शर हो गमा था | बाई न ७ तायीख को आकय भझ फड़दादा कक मभटटी रगाई औय जर वऩरामा तो भयी दोनो ककडनीमाॉ सवसथ हो गमी | भझ जीवनदान मभर गमा | अफ भ बफपकर सवसथ हॉ |
-परवीण ऩटर
गोटदमा भहायाषड
ऩजम फाऩ न प का कऩा-परसाद
कछ वषग ऩवग ऩजम फाऩ याजकोट आशरभ भ ऩधाय थ | भझ उन टदनो ननकट स दशगन कयन का सौबागम मभरा | उस सभम भझ छाती भ एनजामना ऩकतटोरयस क कायण ददग यहता था | सतसॊग ऩया होन क फाद कछ रोग ऩजम फाऩ क ऩास एक-एक कयक जा यह थ | भ कछ पर-पर नहीॊ रामा था इसमरए शरदधा क पर मरम फठा था | ऩजम फाऩ
कऩा-परसाद प क यह थ कक इतन भ एक िीक भयी छाती ऩय आ रगा औय छाती का वह ददग हभशा क मरए मभट गमा |
-अयववॊदबाई वसावड़ा याजकोट
एक छोटी थरी फनी अमऩातर
सन १९९२ भ यतराभ (भपर) क ऩास सराना क आटदवासी ववसताय भ बॊडाय का आमोजन था | बॊडाय भ सवाएॉ दन फहत-स साधक आम हए थ | आशरभवासी बाई बी ऩहॉि थ | एक टदन का ही आमोजन था औय सतसॊग-कामगकरभ बी था | उस बॊडाय भ गयीफो क मरए बोजन क अरावा फतगन कऩड़ अनाज औय दकषणा (ऩस) फाॉटन की बी रवमवसथा की गमी थी | भय टहसस ऩस फाॉटन की सवा थी | भन ऩाॉि रऩमोवार सौ-सौ नोटो क ऩिीस फॊडर चगनकय थरी भ यख थ | भझ आदश टदमा गमा था आठ सवाधायी ननमकत कय रो | व रोग ऩाॉि रऩम क नोट फाॉटत जामग | भन आठ सवमॊसवको को ऩहरी फाय आठ फॊडर द टदम | कपय ऩॊरह-फीस मभनट क फाद भन दसयी फाय आठो को एक-एक फॊडर टदमा | कपय तीसयी फाय आठो को एक-एक फॊडर टदमा | कर २४ फॊडर गम | अफ दसयी ऩॊकतकत बोजन क मरए बफठामी गमी | भन आठो सवमॊसवको को ऩहरी की बाॉनत तीन फाय एक-एक फॊडर फाॉटन क मरए टदमा | कर ४८ फॊडर गम | बॊडाया ऩया होन क फाद भन सोिा िरो अफ टहसाफ कय र | भ चगनन फठा | भय ऩास ६ फॊडर फि थ | मह कस
भ दॊग यह गमा भन ऩस फाॉटनवारो स ऩछा तो उनहोन फतामा कक कर ४८ फॊडर फाॉट गम थ | भ आशरभ आमा तो रवमवसथाऩक न कहा भन तो आऩको २५ फॊडर टदम थ |
सफको आशचमग हो यहा था कक फॉट ४८ फॊडर औय रकय िर थ २५ फॊडर | २५ भ स ४८ फॉट औय ६ फि गम गरदव का आशीवागद दणखम कक एक छोटी-सी थरी अम ऩातर फन गमी
-ईशवयबाई नामक
अभदावाद आशरभ
फटी न भनौती भानी औय गरकऩा हई
भयी फटी को शादी ककम आठ सार हो गम थ | ऩहरी फाय जफ वह गबगवती हई तफ फचिा ऩट भ ही भय गमा | दसयी फाय फचिी जनभी ऩय छ भहीन भ वह बी िर फसी |
कपय भयी ऩतनी न फटी स कहा अगय त सॊकपऩ कय कक जफ तीसयी फाय परसती होगी तफ तभ फारक की जीब ऩय फाऩजी क फतान क भताबफक bdquoॐ‟ मरखोगी तो तया फारक जीववत यहगा ऐसा भझ ववशवास ह कमोकक ॐकाय भॊतर भ ऩयभानॊदसवरऩ परब ववयाजभान ह | भयी फटी न इस परकाय भनौती भानी औय सभम ऩाकय वह गबगवती हई | सोनोगराफ़ी कयवामी गमी तो डॉकटयो न फतामा गबग भ फचिी ह औय उसक टदभाग भ ऩानी बया हआ ह | वह जजॊदा नहीॊ यह सकगी | गबगऩात कयवा दो | भयी फटी न अऩनी भाॉ स सराह की | उसकी भाॉ न कहा गबगऩात का भहाऩाऩ नहीॊ कयवाना ह | जो होगा दखा जामगा |
गरदव कऩा कयग | जफ परसती हई तो बफपकर पराकनतक ढ़ॊग स हई औय उस फचिी की जीब ऩय शहद एवॊ मभशरी स ॐ मरखा गमा | आज वह बफपकर ठीक ह | जफ उसकी डॉकटयी जाॉि कयवामी गमी तो डॉकटय आशचमग भ ऩड़ गम सोनोगराफ़ी भ जो फीभारयमाॉ टदख यही थीॊ व कहाॉ िरी गमीॊ टदभाग का ऩानी कहाॉ िरा गमा टहनदजा हॉजसऩटरवार मह करयशभा दखकय दॊग यह गम अफ घय भ जफ कोई दसयी कोई कसट िरती ह तो वह फचिी इशाया कयक कहती ह ॐवारी कसट िराओ | वऩछरी ऩनभ को हभ भॊफई स टाटा सभो भ आ यह थ | फाढ़ क ऩानी क कायण यासता फॊद था | हभ सोि भ ऩड़ गम कक ऩनभ का ननमभ टटगा | हभन गरदव का सभयण ककमा | इतन भ हभाय डराइवय न हभस ऩछा जान दॉ हभन बी गरदव का सभयण कयक कहा जान दो औय हरय हरय ॐ कीतगन की कसट रगा दो | गाड़ी आग िरी | इतना ऩानी कक हभ जहाॉ फठ थ वहाॉ तक ऩानी आ गमा | कपय बी हभ गरदव क ऩास सकशर ऩहॉि गम औय उनक दशगन ककम|
-भयायीरार अगरवार
साॊताकरज भॊफई
औय गरदव की कऩा फयसी
जफस सयत आशरभ की सथाऩना हई तफस भ गरदव क दशगन कयत आ यहा हॉ उनकी अभतवाणी सनता आ यहा हॉ | भझ ऩजमशरी स भॊतरदीा बी मभरी ह | परायबधवश एक टदन भय साथ एक बमॊकय दघगटना घटी | डॉकटय कहत थ आऩका एक हाथ अफ काभ नहीॊ कयगा | भ अऩना भानमसक जऩ भनोफर स कयता यहा | अफ हाथ बफपकर ठीक ह | उसस भ ७० ककगरा वजन उठा सकता हॉ | भयी सभसमा थी कक शादी होन क फाद भझ कोई सॊतान नहीॊ थी | डॉकटय कहत थ कक सॊतान नहीॊ हो सकती | हभ रोगो न गरकऩा एवॊ गरभॊतर का सहाया मरमा धमानमोग मशववय भ आम औय गरदव की कऩा फयसी | अफ
हभायी तीन सॊतान ह दो ऩबतरमाॉ औय एक ऩतर | गरदव न ही फड़ी फटी का नाभ गोऩी औय फट का नाभ हरयककशन यखा ह | जम हो सदगरदव की
-हॉसभख काॊनतरार भोदी ५७ अऩना घय सोसामटी सॊदय योड़ सयत
कसट-शरवण स बकतकत का सागय टहरोय रन रगा
भ हय सार गमभगमो भ कबी फरीनाथ तो कबी कदायनाथ तो कबी गॊगोतरी आटद तीथो भ जाता यहता था | रवषकश भ एक दकान क ऩास खड़ यहन ऩय भझ ऩजम गरदव की अभतवाणी की कसट भो का भागग भौत की भौत तीन फात आटद दखन-सनन को मभरीॊ तो भन म कसट खयीद रीॊ | घय ऩहॉिकय कसट सनन क फाद रदम भ बकतकत का सागय टहरोय रन रगा | भझ ऐसा रगा भानो कोई भझ फरा यहा हो | दकान जात सभम ऐसा आबास हआ कक कोई ऩवग आनवारा ह औय भझ अभदावाद जाना होगा उसी टदन अभदावाद आशरभ स भय ऩतर का जवाफ आमा कक टदनाॊक १२ को गरऩनभ का ऩवग ह |
आऩ गरदव क दशगन कय सकत ह | हभ सऩरयवाय आशरभ ऩहॉि | दशगन कयक धनम हए |
दीा ऩाकय कताथग हए | अफ तो हय भहीन जफ तक गरदव क दशगन नहीॊ कयता तफ तक भझ ऐसा रगता ह कक भन कछ खो टदमा ह | दीा क फाद साधन-बजन फढ़ यहा ह बकतकत फढ़ यही ह | ऩहर सॊसाय भ सपरता-ववपरता की जो िोट रगती थी अफ उनका परबाव कभ हआ ह | ववषम-ववकायो का परबाव कभ हआ ह | जान जीव तफ जागा हरय ऩद रचि ववषम ववरास ववयागा भय जीवन भ सॊत तरसीदासजी क इन विनो का समोदम हो यहा ह |
-मशवकभाय तरसमान
गोयखऩय उततय परदश
गरदव न बजा अमऩातर
हभ परिायमातरा क दौयान गरकऩा का जो अदबत अनबव हआ वह अवणगनीम ह | मातरा की शरआत स ऩहर टदनाॊक ८-११-९९ को हभ ऩजम गरदव क आशीवागद रन गम |
गरदव न कामगकरभ क ववषम भ ऩछा औय कहा ऩॊिड़ आशरभ (यतराभ) भ बॊडाया था |
उसभ फहत साभान फि गमा ह | गाड़ी बजकय भॉगवा रना गयीफो भ फाॉटना | हभ झाफआ जजर क आस-ऩास क गयीफ आटदवासी इराको भ जानवार थ | वहाॉ स यतराभ क
मरए गाड़ी बजी | चगनकय साभान बया गमा | दो टदन िर उतना साभान था | एक टदन भ दो बॊडाय होत थ | अत िाय बॊडाय का साभान था | सफन खपर हाथो फतगन कऩड़ साकतड़माॉ धोती आटद साभान छ टदनो तक फाॉटा कपय बी साभान फिा यहा | सफको आशचमग हआ हभ रोग साभान कपय स चगनन रग ऩयॊत गरदव की रीरा क ववषम भ कमा कह
कवर दो टदन िर उतना साभान छ टदनो तक खपर हाथो फाॉटा कपय बी अॊत भ तीन
फोय फतगन फि गम भानो गरदव न अमऩातर बजा हो एक टदन शाभ को बॊडाया ऩया हआ तफ दखा कक एक ऩतीरा िावर फि गमा ह | कयीफ १००-१२५ रोग खा सक उतन िावर थ | हभन सोिा िावर गाॉव भ फाॊट दत ह | ऩयॊत गरदव की रीरा दखो एक गाॉव क फदर ऩाॉि गाॉवो भ फाॉट कपय बी िावर फि यह | आणखय याबतर भ ९ फज क फाद सवाधारयमो न थककय गरदव स पराथगना की कक गरदव अफ जॊगर का ववसताय ह हभ ऩय कऩा कयो | औय िावर खतभ हए | कपय सवाधायी ननवास ऩय ऩहॉि |
-सॊत शरी आसायाभजी बकतभॊडर
कतायगाभ सयत
सवपन भ टदम हए वयदान स ऩतरपरानि
भय गरहसथ जीवन भ एक-एक कयक तीन कनमाएॉ जनभी | ऩतरपरानि क मरए भयी धभगऩतनी न गरदव स आशीवागद पराि ककमा था | िौथी परसनत होन क ऩहर जफ उसन वरसाड़ भ सोनोगराफ़ी कयवामी तो रयऩोटग भ रड़की फतामा गमा | मह सनकय हभ ननयाश हो गम |
एक यात ऩतनी को सवपन भ गरदव न दशगन टदम औय कहा फटी चिॊता भत कय |
घफयाना भत धीयज यख | रड़का ही होगा | हभन सयत आशरभ भ फड़दादा की ऩरयकरभा कयक भनौती भानी थी वह बी फ़रीबत हई औय गरदव का बरहमवाकम बी सतम साबफत हआ जफ परसनत होन ऩय रड़का हआ | सबी गरदव की जम-जमकाय कयन रग |
-सनीर कभाय याधशमाभ िौयमसमा दीऩकवाड़ी ककपरा ऩायड़ी जज वरसाड़
शरी आसायाभामण क ऩाठ स जीवनदान
भया दस वषीम ऩतर एक यात अिानक फीभाय हो गमा | साॉस बी भजशकर स र यहा था |
जफ उस हॉजसऩटर भ बती ककमा तफ डॉकटय फोर | फचिा गॊबीय हारत भ ह | ऑऩयशन कयना ऩड़गा | भ फचि को हॉजसऩटर भ ही छोड़कय ऩस रन क मरए घय गमा औय घय
भ सबी को कहा ldquoआऩ रोग शरी आसायाभामण का ऩाठ शर कयो |rdquo ऩाठ होन रगा |
थोड़ी दय फाद भ हॉजसऩटर ऩहॉिा | वहाॉ दखा तो फचिा हॉस-खर यहा था | मह दख भयी औय घयवारो की खशी का टठकाना न यहा मह सफ फाऩजी की असीभ कऩा गर-गोववनद की कऩा औय शरी आसायाभामण-ऩाठ का पर ह |
-सनीर िाॊडक
अभयावती भहायाषड
गरवाणी ऩय ववशवास स अवणीम राब
शादी होन ऩय एक ऩतरी क फाद सात सार तक कोई सॊतान नहीॊ हई | हभाय भन भ ऩतरपरानि की इचछा थी | १९९९ क मशववय भ हभ सॊतानपरानि का आशीवागद रनवारो की ऩॊकतकत भ फठ | फाऩजी आशीवागद दन क मरए साधको क फीि आम तो कछ साधक नासभझी स कछ ऐस परशन कय फठ जो उनह नहीॊ कयन िाटहए थ | गरदव नायाज होकय मह कहकय िर गम कक तभको सॊतवाणी ऩय ववशवास नहीॊ ह तो तभ रोग महाॉ कमो आम तमह डॉकटय क ऩास जाना िाटहए था | कपय गरदव हभाय ऩास नहीॊ आम | सबी पराथगना कयत यह ऩय गरदव रवमासऩीठ स फोर दफाया तीन मशववय बयना | भ भन भ सोि यहा था कक कछ साधको क कायण भझ आशीवागद नहीॊ मभर ऩामा ऩयॊत वजरादवऩ कठोयाणण भदनन कसभादवऩ फाहय स वजर स बी कठोय टदखन वार सदगर बीतय स पर स बी कोभर होत ह | तयॊत गरदव ववनोद कयत हए फोर दखो म रोग सॊतानपरानि का आशीवागद रन आम ह | कस ठनठनऩार-स फठ ह अफ जाओ झरा-झनझना रकय घय जाओ | भन औय भयी ऩतनी न आऩस भ वविाय ककमा दमार गरदव न आणखय आशीवागद द ही टदमा | अफ गरदव न कहा ह कक झरा-झनझना र जाओ | तो भन गरविन भानकय यरव सटशन स एक झनझना खयीद मरमा औय गवामरमय आकय गरदव क चितर क ऩास यख टदमा | भझ वहाॉ स आन क १५ टदन फाद डॉकटय दवाया भारभ हआ कक ऩतनी गबगवती ह | भन गरदव को भन-ही-भन परणाभ ककमा | इस फीि डॉकटयो न सराह दी कक रड़का ह मा रड़की इसकी जाॉि कया रो | भन फड़ ववशवास स कहा कक रड़का ही होगा | अगय रड़की बी हई तो भझ कोई आऩवतत नहीॊ ह | भझ गबगऩात का ऩाऩ अऩन मसय ऩय नहीॊ रना ह | नौ भाह तक भयी ऩतनी बी सवसथ यही | हरयदवाय मशववय भ बी हभ रोग गम | सभम आन ऩय गरदव दवाया फताम गम इराज क भताबफक गाम क गोफय का यस ऩतनी को टदमा औय टदनाॊक २७ अकतफय १९९९ को एक सवसथ फारक का जनभ हआ |
-याजनर कभाय वाजऩमी अिगना वाजऩमी फरवॊत नगय ढाढीऩय भयाया गवामरमय
औय सोना मभर गमा
हभाय सॊमकत ऩरयवाय भ साठ तोरा सोना िोयी हो गमा था | सतसॊगी होन क कायण हभ द ख तो नहीॊ हआ कपय बी थोडी-फहत चिनता अवशम हई | आशरभ क एक साधक न हभस कहा | आऩ रोग शरी आसायाभामण क १०८ ऩाठ कयो औय सॊकपऩ कयो कक हभाया सोना हभ जरय मभरगा | मभनाऩाय टदपरी भ गरदव का आगभन हआ | हभ शाभ को गरदव क दशगन कयन गम | हभन कछ कहा नहीॊ कमोकक गरदव अॊतमागभी ह | उनहोन हभको परसाद टदमा | उसी यात घय ऩय पोन आमा कक आऩका सोना मभर गमा ह | िोय रखनऊ भ ऩकड़ा गमा ह | हभ आशचमग हआ शरी आसायाभामण क १०८ ऩाठ ऩय बी नहीॊ हए थ औय सोना मभर गमा |
-रीना फटानी यानीफाग टदपरी
सवपर क दो टकड़ो स दो सॊतान
भन सन १९९१ भ िटीिॊड मशववय अभदावाद भ ऩजम फाऩजी स भॊतरदीा री थी | भयी शादी क १० वषग तक भख कोई सॊतान नहीॊ हई | फहत इराज कयवाम रककन सबी डॉकटयो न फतामा कक फारक होन की कोई सॊबावना नहीॊ ह | तफ भन ऩजम फाऩजी क ऩनभ दशगन का वरत मरमा औय फाॉसवाड़ा भ ऩनभ दशगन क मरए गमा | ऩजम फाऩजी सफको परसाद द यह थ | भन भन भ सोिा | कमा भ इतना ऩाऩी हॉ कक फाऩजी भयी तयप दखत तक नहीॊ इतन भ ऩजम फाऩजी कक दवषट भझ ऩय ऩड़ी औय उनहोन भझ दो मभनट तक दखा | कपय उनहोन एक सवपर रकय भझ ऩय प का जो भय दाम कॊ ध ऩय रगकय दो टकड़ो भ फॉट गमा | घय जाकय भन उस सवपर क दोनो बाग अऩनी ऩतनी को णखरा टदम | ऩजमशरी का कऩाऩणग परसाद खान स भयी ऩतनी गबगवती हो गमी | ननयीण कयान ऩय ऩता िरा कक उसको दो मसय वारा फारक उतऩनन होगा | डॉकटयो न फतामा उसका मसजरयमन कयना ऩड़गा अनमथा आऩकी ऩतनी क फिन की समबावना नहीॊ ह | मसजरयमन भ रगबग फीस हजाय रऩमो का खिग आमगा | भन ऩजम फाऩजी स पराथगना की ह फाऩजी आऩन ही पर टदमा था | अफ आऩ ही इस सॊकट का ननवायण कीजजम | कपय
भन फड़ फादशाह क साभन बी पराथगना की जफ भ असऩतार ऩहॉिॉ तो भयी ऩतनी की परसती सकशर हो जाम | उसक फाद जफ भ असऩतार ऩहॉिा तो भयी ऩतनी एक ऩतर औय एक ऩतरी को जनभ द िकी थी | ऩजमशरी क दवाया टदम गम पर स भझ एक की जगह दो सॊतानो की परानि हई |
-भकशबाई सोरॊकी शायदा भॊटदय सकर क ऩीछ
फावन िार वड़ोदया
साइककर स गरधाभ जान ऩय खयाफ टाॉग ठीक हो गमी
भयी फाॉमी टाॉग घटन स उऩय ऩतरी हो गमी थी | ऑर इणणडमा भकतडकर इनसटीटमट
टदपरी भ भ छ टदन तक यहा | वहाॉ जाॉि क फाद फतरामा गमा कक तमहायी यीढ़ की हडडी क ऩास कछ नस भय गमी ह जजसस मह टाॉग ऩतरी हो गमी ह | मह ठीक तो हो ही नहीॊ सकती | हभ तमह ववटामभन ई क कपसर द यह ह | तभ इनह खात यहना | इसस टाॊग औय जमादा ऩतरी नहीॊ होगी | भन एक सार तक कपसर खाम | उसक फाद २२ जन
१९९७ को भजफ़फ़यनगय भ भन गरजी स भॊतरदीा री औय दवाई खाना फॊद कय दी | जफ एक साधक बाई याहर गिा न कहा कक सहायनऩय स साइककर दवाया उततयामण मशववय अभदावाद जान का कामगकरभ फन यहा ह तफ भन टाॉग क फाय भ सोि बफना साइककर मातरा भ बाग रन क मरए अऩनी सहभनत द दी | जफ भय घय ऩय ऩता िरा कक भन साइककर स गरधाभ अभदावाद जान का वविाय फनामा ह अत तभ ११५० ककभी तक साइककर नहीॊ िरा ऩाओग | रककन भन कहा भ साइककर स ही गरधाभ जाऊॉ गा िाह ककतनी बी दयी कमो न हो औय हभ आठ साधक बाई सहायनऩय स २६ टदसमफय ९७ को साइककरो स यवाना हए | भागग भ िढ़ाई ऩय भझ जफ बी कोइ टदककत होती तो ऐसा रगता जस भयी साइककर को कोई ऩीछ स धकर यहा ह | भ भड़कय ऩीछ दखता तो कोई टदखामी नहीॊ ऩड़ता | ९ जनवयी को जफ हभ अभदावाद गरआशरभ भ ऩहॉि औय भन सफह अऩनी टाॉग दखी तो भ दॊग यह गम जो टाॉग ऩतरी हो गमी थी औय डॉकटयो न उस ठीक होन स भना कय टदमा था वह टाॉग बफपकर ठीक हो गमी थी | इस कऩा को दखकय भ िककत यह गमा भय साथी बी दॊग यह गम मह सफ गरकऩा क परसाद का िभतकाय था | भय आठो साथी भयी ऩतनी तथा ऑर इणणडमा भकतडकर इनसटीटमट टदपरी दवाया जाॉि क परभाणऩतर इस फात क साी ह |
-ननयॊकाय अगरवार
ववषणऩयी
अदबत यही भौनभॊटदय की साधना
ऩयभ ऩजम सदगरदव की कऩा स भझ टदनाॊक १८ स २४ भई १९९९ तक अभदावाद आशरभ क भौनभॊटदय भ साधना कयन का सअवसय मभरा | भौनभॊटदय भ साधना क ऩाॉिव टदन मानी २२ भई की याबतर को रगबग २ फज नीॊद भ ही भझ एक झटका रगा | रट यहन कक जसथनत भ ही भझ भहसस हआ कक कोई अदशम शकतकत भझ ऊऩय फहत ऊऩय उड़म र जा यही ह | ऊऩय उड़त हए जफ भन नीि झाॉककय दखा तो अऩन शयीय को उसी भौनभॊटदय भ चितत रटा हआ फखफय सोता हआ ऩामा | ऊऩय जहाॉ भझ र जामा गमा वहाॉ अरग ही छटा थी अजीफ औय अवणीम आकाश को बी बदकय भझ ऐस सथान ऩय ऩहॉिामा गमा था जहाॉ िायो तयप कोहया-ही-कोहया था जस शीश की छत ऩय ओस परी हो इतन भ दखता हॉ कक एक सबा रगी ह बफना शयीय की कवर आकनतमो की | जस यखाओॊ स भनषमरऩी आकनतमाॉ फनी हो | मह सफ कमा िर यहा था सभझ स ऩय था |
कछ ऩर क फाद व आकनतमाॉ सऩषट होन रगी | दवी-दवताओॊ क ऩॊज क भधम शीषग भ एक उचि आसन ऩय साात फाऩजी शॊकय बगवान फन हए करास ऩवगत ऩय ववयाजभान थ औय दवी-दवता कताय भ हाथ फाॉध खड़ थ | भ भक-सा होकय अऩरक नतरो स उनह दखता ही यहा कपय भॊतरभगध हो उनक ियणो भ चगय ऩड़ा | परात क ४ फज थ | अहा भन औय शयीय हपका-फ़पका रग यहा था मही जसथनत २४ भई की भधमयाबतर भ बी दोहयामी गमी | दसय टदन सफह ऩता िरा कक आज तो फाहय ननकरन का टदन ह मानी यवववाय २५ भई की सफह | फाहय ननकरन ऩय बावबया रदम गदगद कॊ ठ औय आखो भ आॉस मो रग यहा था कक जस ननजधाभ स फघय ककमा जा यहा हॉ | धनम ह वह बमभ
भौनभॊटदय भ साधना की वह रवमवसथा जहाॊ स ऩयभ आनॊद क सागय भ डफन की कॊ जी मभरती ह जी कयता ह बगवान ऐसा अवसय कपय स राम जजसस कक उसी भौनभॊटदय भ ऩन आॊतरयक आनॊद का यसऩान कय ऩाऊॉ |
-इनरनायामण शाह
१०३ यतनदीऩ-२ ननयारा नगय कानऩय
असाधम योग स भकतकत
सन १९९४ भ भयी ऩतरी टहयर को शयद ऩणणगभा क टदन फखाय आमा | डॉकटयो को
टदखामा तो ककसीन भररयमा कहकय दवाइमाॉ दी तो ककसीन टामपामड कहकय इराज शर ककमा तो ककसीन टामपामड औय भररयमा दोनो कहा | दवाई की एक खयाक रन स शयीय नीरा ऩड़ गमा औय सज गमा | शयीय भ खन की कभी स उस छ फोतर खन िढ़ामा गमा | इॊजन दन स ऩय शयीय को रकवा भाय गमा | ऩीठ क ऩीछ शमावरण जसा हो गमा | ऩीठ औय ऩय का एकस-य मरमा गमा | ऩय ऩय वजन फाॉधकय यखा गमा | डॉकटयो न उस वाम का फखाय तथा यकत का क सय फतामा औय कहा कक उसक रदम तो वापव िौड़ा हो गमा ह | अफ हभ टहमभत हाय गम | अफ ऩजमशरी क मसवाम औय कोई सहाया नहीॊ था | उस सभम टहयर न कहा भमभी भझ ऩजम फाऩ क ऩास र िरो | वहाॉ ठीक हो जाऊगी | ऩाॉि टदन तक टहयर ऩजमशरी की यट रगाती यही | हभ उस अभदावाद आशरभ भ फाऩ क ऩास र गम | फाऩ न कहा इस कछ नहीॊ हआ ह | उनहोन भझ औय टहयर को भॊतर टदमा एवॊ फड़दादा की परदकषणा कयन को कहा | हभन परदकषणा की औय टहयर ऩनरह टदन भ िरन-कफ़यन रगी | हभ फाऩ की इस करणा-कऩा का कण कस िकाम अबी तो हभ आशरभ भ ऩजमशरी क शरीियणो भ सऩरयवाय यहकय धनम हो यह ह |
-परपपर रवमास
बावनगय
वतगभान भ अभदावाद आशरभ भ सऩरयवाय सभवऩगत
ऩजम फाऩ का दशगन-सतसॊग ही जीवन का सचिा यतन ह
भझ िाय सार स ऩतर कक काभना थी औय भय भन भ हआ कक भयी मह काभना जरय ऩयी होगी | अभदावाद भ धमानमोग मशववय क दौयान ऐसा वविाय आमा कक फाऩ भझ अऩन ियणो भ फरामग | भन भ दढ़ शरदधा थी | इतन रोगो क फीि भ स फाऩ न तजऩणग दवषट भझ ऩय डारी सॊतय का परसाद टदमा औय भया बागम खर गमा | फचि क जनभ स ऩहर डॉकटयो न ऑऩयशन को कहा था रककन फाऩ क फतान क भताबफक भय घयवारो न भझ गाम क गोफय का यस वऩरामा औय शीघर ही फारक का जनभ हो गमा | सचिी शरदधा-बकतकत हो तो कमा असॊबव ह ऩजम फाऩ का दशगन-सतसॊग ही जीवन का सचिा यतन ह |
सचिी शरदधा-बकतकत स ऐसा यतन ऩानवार हभ सबी धनबागी ह |
-यखा ऩयभाय भीया योड़ भॊफई
कसट का िभतकाय
रवमाऩाय उधायी भ िर जान स भ हताश हो गमा था एवॊ अऩनी जजॊदगी स तॊग आकय आतभहतमा कयन की फात सोिन रगा था | भझ साध-भहातभाओॊ व सभाज क रोगो स घणा-सी हो गमी थी धभग व सभाज स भया ववशवास उठ िका था | एक टदन भयी सारी फाऩजी क सतसॊग कक दो कसट ववचध का ववधान एवॊ आणखय कफ तक र आमी औय उसन भझ सनन क मरए कहा | उसक कई परमास क फाद बी भन व कसट नहीॊ सनीॊ एवॊ भन-ही-भन उनह ढ़ोग कहकय कसटो क कतडबफ भ दार टदमा | भन इतना ऩयशान था कक यात को नीॊद आना फॊद हो गमा था | एक यात कफ़पभी गाना सनन का भन हआ | अॉधया होन की वजह स कसट ऩहिान न सका औय गरती स फाऩजी क सतसॊग की कसट हाथ भ आ गमी | भन उसीको सनना शर ककमा | कपय कमा था भयी आशा फॉधन रगी | भन शाॉत होन रगा | धीय-धीय सायी ऩीड़ाएॉ दय होती िरी गमीॊ | भय जीवन भ योशनी-ही-योशनी हो गमी | कपय तो भन ऩजम फाऩजी क सतसॊग की कई कसट सनीॊ औय सफको सनामीॊ |
तदनॊतय भन गाजजमाफाद भ फाऩजी स दीा बी गरहण की | रवमाऩाय की उधायी बी िकता हो गमी | फाऩजी की कऩा स अफ भझ कोई द ख नहीॊ ह | ह गरदव फस एक आऩ ही भय होकय यह औय भ आऩका ही होकय यहॉ |
-ओभपरकाश फजाज
टदपरी योड़ सहायनऩय उततय परदश
भझ ऩय फयसी सॊत की कऩा
सन १९९५ क जन भाह भ भ अऩन रड़क औय बतीज क साथ हरयदवाय धमानमोग मशववय भ बाग रन गमा | एक टदन जफ भ हय की ऩौड़ी ऩय सनान कयन गमा तो ऩानी क तज फहाव क कायण ऩय कपसरन स भया रड़का औय बतीजा दोनो अऩना सॊतरन खो फठ औय गॊगा भ फह गम | ऐसी सॊकट की घड़ी भ भ अऩना होश खो फठा | कमा करॉ भ पट-पटकय योन रगा औय फाऩजी स पराथगना कयन रगा कक ह नाथ ह गरदव या कीजजम भय फचिो को फिा रीजजम | अफ आऩका ही सहाया ह | ऩजमशरी न भय सचि रदम स ननकरी ऩकाय सन री औय उसी सभम भया रड़का भझ टदखामी टदमा | भन झऩटकय उसको फाहय खीॊि मरमा रककन भया बतीजा तो ऩता नहीॊ कहाॉ फह गमा भ ननयॊतय यो यहा था औय भन भ फाय-फाय वविाय उठ यहा था कक फाऩजी भया रड़का फह जाता तो कोई फात नहीॊ थी रककन अऩन बाई की अभानत क बफना भ घय कमा भॉह
रकय जाऊॉ गा फाऩजी आऩही इस बकत की राज फिाओ | तबी गॊगाजी की एक तज रहय उस फचि को बी फाहय छोड़ गमी | भन रऩककय उस ऩकड़ मरमा | आज बी उस हादस को सभयण कयता हॉ तो अऩन-आऩको सॉबार नहीॊ ऩाता हॉ औय भयी आॉखो स ननयॊतय परभ की अशरधाया फहन रगती ह | धनम हआ भ ऐस गरदव को ऩाकय ऐस सदगरदव क शरीियणो भ भय फाय-फाय शत-शत परणाभ
-सभारखाॉ ऩानीऩत हरयमाणा
गरदव की कऩा स सॊतानपरानि
भयी शादी को ऩाॉि सार हो गम थ कपय बी कोई सॊतान नहीॊ हई | रोग हभ फहत तान भायत थ | तबी भन-ही-भन ननणगम र मरमा कक ऩजम फाऩ क आशरभ भ जाना ह | जनवयी १९९९ भ परथभ फाय उततयामण मशववय बया औय भॊतरदीा री | अफ गरदव कक कऩा स भझ एक सॊदय फारक पराि हआ ह | ऩजम फाऩजी की इतनी कऩा-करणा दखकय रदम बय आता ह | भ ऩजम फाऩजी स पराथगना कयती हॉ कक मह फारक उनह सभवऩगत कय सकॊ औय मह उनक मोगम फनसक ऐसी सदफवदध हभ द |
-ननभगरा क तड़वी काॊनतबाई हीयाबाई तडवी याभजी भॊटदय क ऩास कायरी फाग वड़ोदया
गरकऩा स जीवनदान
टदनाॊक १५-१-९६ की घटना ह | भन धात क ताय ऩय सखन क मरए कऩड़ परा यख थ |
फारयश होन क कायण उस ताय भ कयॊट आ गमा था | भया छोटा ऩतर ववशार जो कक ११ वीॊ का भ ऩढ़ता ह आकय उस ताय स छ गमा औय बफजरी का कयॊट रगत ही वह फहोश हो गमा शव क सभान हो गमा | हभन उस तयॊत फड़ असऩतार भ दाणखर कयवामा | डॉकटय न फचि की हारत गॊबीय फतामी | ऐसी ऩरयजसथनत दखकय भयी आॉखो स अशरधायाएॉ फह ननकरी | भ ननजानॊद की भसती भ भसत यहन वार ऩजम सदगरदव को भन-ही-भन माद ककमा औय पराथगना कक ह गरदव अफ तो इस फचि का जीवन आऩक ही हाथो भ ह | ह भय परब आऩ जो िाह सो कय सकत ह | औय आणखय भयी पराथगना सपर हई | फचि भ एक नवीन ितना का सॊिाय हआ एवॊ धीय-धीय फचि क सवासम भ
सधाय होन रगा | कछ ही टदनो भ वह ऩणगत सवसथ हो गमा | डॉकटय न तो उऩिाय ककमा रककन जो जीवनदान उस पमाय परब की कऩा स सदगरदव की कऩा स मभरा उसका वणगन कयन क मरए भय ऩास शबद नहीॊ ह | फस ईशवय स भ मही पराथगना कयता हॉ कक ऐस बरहमननषठ सॊत-भहाऩरषो क परनत हभायी शरदधा भ ववदध होती यह | -
डॉ वाम ऩी कारया शाभरदास कॉरज बावनगय गजयात
ऩजम फाऩ जस सॊत दननमा को सवगग भ फदर सकत ह
भई १९९८ क अॊनतभ टदनो भ ऩजमशरी क इॊदौय परवास क दौयान ईयान क ववखमात कफ़जजमशमन शरी फफाक अगरानी बायत भ अधमाजतभक अनबवो की परानि आम हए थ |
ऩजमशरी क दशगन ऩाकय जफ उनहोन अधमाजतभक अनबवो को परीबत होत दखा तो व ऩॊिड़ आशरभ भ आमोजजत धमानमोग मशववय भ बी ऩहॉि गम | शरी अगरानी जो दो टदन रककय वाऩस रौटन वार थ व ऩय गमायह टदन तक ऩॊिड़ आशरभ भ रक यह | उनहोन ववधाथी मशववय भ सायसवतम भॊतर की दीा री एवॊ ववमशषट धमानमोग साधना मशववय (४ -१० जन १९९८) का बी राब मरमा | मशववय क दौयान शरी अगरानी न ऩजमशरी स भॊतरदीा बी र री | ऩजमशरी क साजननधम भ सॊपराि अनबनतमो क फाय भ बतरम सभािाय ऩतर ितना को दी हई बटवाताग भ शरी अगरानी कहत ह मटद ऩजम फाऩ जस सॊत हय दश भ हो जाम तो मह दननमा सवगग फन सकती ह | ऐस शाॊनत स फठ ऩाना हभाय मरए कटठन ह रककन जफ ऩजम फाऩजी जस भहाऩरषो क शरीियणो भ फठकय सतसॊग सनत ह तो ऐसा आनॊद आता ह कक सभम का कछ ऩता ही नहीॊ िरता | सिभि ऩजम फाऩ कोई साधायण सॊत नहीॊ ह |
-शरी फफाक अगरानी ववशवववखमात कफ़जजमशमन ईयान
फाऩजी का साजननधम गॊगा क ऩावन परवाह जसा ह
कर-कर कयती इस बागीयथी की धवर धाया क ककनाय ऩय ऩजम फाऩजी क साजननधम भ फठकय भ फड़ा ही आपहाटदत औय परभटदत हॉ आनॊटदत हॉ योभाॊचित हॊ | गॊगा बायत की सषमना नाड़ी ह | गॊगा बायत की सॊजीवनी ह | शरी ववषणजी क ियणो स ननकरकय बरहमाजी क कभॊड़र औय जटाधय क भाथ ऩय शोबामभान गॊगा बतरमोगमसवदधकायक ह |
ववषणजी क ियणो स ननकरी गॊगा बकतकत मोग की परतीनत कयाती ह औय मशवजी क भसतक ऩय जसथत गॊगा ऻान मोग की उचितय बमभका ऩय आरढ़ होन की खफय दती ह |
भझ ऐसा रग यहा ह कक आज फाऩजी क परविनो को सनकय भ गॊगा भ गोता रगा यहा हॉ कमोकक उनका परविन उनका सजननधम गॊगा क ऩावन परवाह जसा ह | व अरभसत फ़कीय ह | व फड़ सयर औय सहज ह | व जजतन ही ऊऩय स सयर ह उतन ही अॊतय भ गढ़ ह | उनभ टहभारम जसी उचिता ऩववतरता शरषठता ह औय सागयतर जसी गॊबीयता ह |
व याषड की अभपम धयोहय ह | उनह दखकय कवष-ऩयमऩया को फोध होता ह | गौतभ कणाद
जमभनी कवऩर दाद भीया कफीय यदास आटद सफ कबी-कबी उनभ टदखत ह |
य बाई कोई सतगर सॊत कहाव
जो ननन अरख रखाव धयती उखाड़ आकाश उखाड़
अधय भड़मा धाव |
शनम मशखय क ऩाय मशरा ऩय आसन अिर जभाव |
य बाई कोई सतगर सॊत कहाव
एक ऐस ऩावन साजननधम भ हभ फठ ह जो फड़ा दरगब औय सहज मोगसवरऩ ह | ऐस भहाऩरषो क मरए ऩॊकतकतमाॉ माद आ यही ह तभ िरो तो िर धयती िर अॊफय िर दननमा ऐस भहाऩरष िरत ह तो उनक मरए समग िॊर ताय गरह नतर आटद सफ अनकर हो जात ह | ऐस इजनरमातीत गणातीत बावातीत शबदातीत औय सफ अवसथाओॊ स ऩय ककनहीॊ भहाऩरषो क शरीियणो भ जफ फठत ह तो बागवत कहता ह
साधनाॊ दशगनॊ रोक सवगमसवदधकयॊ ऩयभ |
साध क दशगन भातर स वविाय ववबनत ववदवता शकतकत सहजता ननववगषमता परसननता मसवदधमाॉ औय आतभानॊद की परानि होती ह | दश क भहान सॊत महाॉ सहज ही आत ह बायत क सबी शॊकयािामग बी मशववय भ आत ह | अत भय भन भ बी वविाय आमा कक जहाॉ सफ जात ह वहाॉ जाना िाटहए कमोकक मही वह ठोय-टठकाना ह जहाॉ भन का अमबभान मभटामा जा सकता ह | ऐस भहाऩरषो क दशगन स कवर आनॊद औय भसती ही नहीॊ मभरती फजपक वह सफ कछ मभर जाता ह जो अमबरावषत ह आकाॊकषत ह रकषत ह | महाॉ भ करणा क
कभगठता क वववक-वयागम क ऻान क दशगन कय यहा हॉ | वयागम औय बकतकत क यण ऩोषण औय सॊवधगन क मरए मह सिकवषमो का उततभ ऻान भाना जाता ह | आज गॊगा कपय स
साकाय टदख यही ह तो व फाऩजी क वविाय औय वाणी भ टदख यही ह | अरभसतता सहजता उचिता शरषठता ऩववतरतता तीथग-सी शचिता मशश-सी सयरता तरणो-सा जोश वदधो-सा गाॊबीमग औय कवषमो जसा ऻानाफोध भझ जहाॉ हो यहा ह वह मह ऩॊडार ह | इस आनॊदनगय कहॉ मा परभनगय करणा का सागय कहॉ मा वविायो का सभनदय रककन इतना जरय कहॉगा कक भय भन का कोन-कोना आपहाटदत हो यहा ह | आऩ रोग फड़बागी ह जो ऐस भहाऩरष क शरीियणो भ फठ ह जहाॉ बागम का टदरवम रवमकतकतततव का ननभागण होता ह | जीवन की कतकतमता जहाॉ पराि हो सकती ह वह मही दय ह |
मभर तभ मभरी भॊजजर मभरा भकसद औय भददा बी |
न मभर तभ तो यह गमा भददा भकसद औय भॊजजर बी ||
आऩका मह बावयाजम औय परभयाजम दखकय भ िककत बी हॉ औय आनॊद का अनबव बी कय यहा हॉ | आऩक परनत भया ववशवास औय अटट ननषठा फढ़ इस हत भया नभन सवीकाय कय | भझ ऐसा रगता ह कक फाऩजी समग ह औय नायामण सवाभी एक ऐस दीऩ ह जो न फझ सकत ह न जराम जात ह |
-सवाभी अवधशानॊदजी हरयदवाय
सायसवतम भॊतर स हए अदबत राब
भन १९९८ भ ववधाथी उतथान मशववय सोनीऩत भ ऩजम गरदव स सायसवतम भॊतर की दीा री | दीा क फाद ननममभत भॊतरजऩ कयन स भ इतना कशागर फवदधवारा एवॊ सवावरॊफी हो गमा कक भन एक भहीन भ ही टमशन छोड़ दी औय सवमॊ खफ भहनत कयन रगा | भ सकर बी ऩदर आन-जान रगा जजसस भन सकर फस का ककयामा फिा मरमा |
भॊतर जाऩ क परबाव स भझ ९ वीॊ १० वीॊ ११ वीॊ की ऩयीाओॊ भ परथभ सथान पराि हआ |
१२ वीॊ की ऩयीा क सभम भया सवासम खयाफ होन क कायण भ जऩ ठीक स नहीॊ कय सका कपय बी ७९ परनतशत अॊको स ऩास हआ | उसक फाद इॊजजननमरयॊग की ऩरया भ बी उततीणग यहा |
-करदीऩ कभाय डी-२३४ वसट ववनोद नगय टदपरी
भ टदसमफय १९९९ भ छततीसगढ़ क बाटाऩाया भ ऩजम गरदव स सायसवतम भॊतर की दीा
री | ततऩशचात भ ननममभत रऩ स जऩ-धमान- पराणामाभ कयता था जजसस भझ फहत राब हआ | ऩजम फऩजी की कऩा औय सायसवतम भॊतर जाऩ क परबाव स भझ १२ वीॊ की फोड़ग की ऩरया भ ८४६ परनतशत अॊक मभर |
-ववयनर कभाय कौमशक
डोगयगाॉव जज याजनाॊदगाॉव (छग)
बौनतक मग क अॊधकाय भ ऻान की जमोनत ऩजम फाऩ
भादक ननमॊतरण बमयो बायत सयकाय क भहाननदशक शरी एिऩी कभाय ९ भई को अभदावाद आशरभ भ सतसॊग-कामगकरभ क दौयान ऩजम फाऩ स आशीवागद रन ऩहॉि | फड़ी ववनमरता एवॊ शरदधा क साथ उनहोन ऩजम फाऩ क परनत अऩन उदगाय भ कहा जजस रवमकतकत क ऩास वववक नहीॊ ह वह अऩन रकषम तक नहीॊ ऩहॉि सकता ह औय वववक को पराि कयन का साधन ऩजम आसायाभजी फाऩ जस भहान सॊतो का सतसॊग ह | ऩजम फाऩ स भया परथभ ऩरयिम टीवी क भाधमभ स हआ | ततऩशचात भझ आशरभ दवाय परकामशत कवष परसाद भामसक पराि हआ | उस सभम भझ रगा कक एक ओय जहाॉ इस बौनतक मग क अॊधकाय भ भानव बटक यहा ह वहीॊ दसयी ओय शाॊनत की भॊद-भॊद सगॊचधत वाम बी िर यही ह | मह ऩजम फाऩ क सतसॊग का ही परबाव ह | ऩजमशरी क दशगन कयन का जो सौबागम भझ पराि हआ ह इसस भ अऩन को कतकतम भानता हॉ | ऩजम फाऩ क शरीभख स जो अभत वषाग होती ह तथा इनक सतसॊग स कयोड़ो रदमो भ जो जमोनत जगती ह व इसी परकाय स जगती यह औय आन वार रॊफ सभम तक ऩजमशरी हभ सफ का भागगदशगन कयत यह मही भयी काभना ह | ऩजम फाऩ क शरीियणो भ भय परणाभ
-शरी एिऩी कभाय भहाननदशक भादक ननमॊतरण बमयो बायत सयकाय
गरकऩा ऐसी हई कक अॉधय तो कमा दय बी नहीॊ हई
ऩयभ कऩार फाऩजी क शरीियणो भ भय कोटट-कोटट वॊदन भ एक इसभाइरी खवाजा हॉ तथा अऩन धभग भ अकतडग हॉ | िाय वषग ऩवग कछ रोगो दवाया एक सननमोजजत मोजना फनाकय भझ जफयदसती भडगय कस का आयोऩी फना टदमा गमा था | इसस भझ कहीॊ शाॊनत नहीॊ मभर यही थी | २८ पयवयी १९९७ को भझ नागऩय भ आमोजजत फाऩजी क सतसॊग भ जान की परयणा मभरी औय ४ भािग १९९७ को भन फाऩजी स भॊतरदीा री | भ उनस भन-
ही-भन ववनती की कक ह गरदव भझ फिा रो | गरकऩा ऐसी हई कक ७ जनवयी १९९८ को भझ अदारत न ऩाक-साप फयी कय टदमा फाकी छ आयोवऩमो को सजा हई | धनम ह ऐस भय सदगर उनक शरीियणो भ भय कोटट-कोटट वनदन
-यहभान खान ननशान छाफड़ी (बफछआ) जज नछनदवाड़ा (भपर)
भजसरभ भटहरा को पराणदान
२७ मसतमफय २००० को जमऩय भ भय ननवास ऩय ऩजम फाऩ का आतभ-साातकाय टदवस
भनामा गमा जजसभ भय ऩड़ोस की भजसरभ भटहरा नाथी फहन क ऩनत शरी भाॉग खाॉ न बी ऩजम फाऩ की आयती की औय ियणाभत मरमा | ३-४ टदन फाद ही व भजसरभ दॊऩनत खवाजा साटहफ क उसग भ अजभय िर गम | टदनाॊक ४ अकटफय २००० को अजभय क उसग भ असाभाजजक ततवो न परसाद भ जहय फाॉट टदमा जजसस उसग भर भ आम कई दशगनाथी असवसथ हो गम औय कई भय बी गम | भय ऩड़ोस की नाथी फहन न बी वह परसाद खामा औय थोड़ी दय भ ही वह फहोश हो गमी | अजभय भ उसका उऩिाय ककमा गमा ककॊ त उस होश न आमा | दसय टदन ही उसका ऩनत उस अऩन घय र आमा | कॉरोनी क सबी ननवासी उसकी हारत दखकय कह यह थ कक अफ इसका फिना भजशकर ह | भ बी उस दखन गमा | वह फहोश ऩड़ी थी | भ जोय-जोय स हरय ॐ हरय ॐ का उचिायण ककमा तो वह थोड़ा टहरन रगी | भझ परयणा हई औय भ ऩन घय गमा | ऩजम फाऩ स पराथगना की | ३-४ घॊट फाद ही वह भटहरा ऐस उठकय खड़ी हो गमी भानो सोकय उठी हो | उस भटहरा न फतामा कक भय िािा ससय ऩीय ह औय उनहोन भय ऩनत क भॉह स फोरकय फतामा कक तभन २७ मसतमफय २००० को जजनक सतसॊग भ ऩानी वऩमा था उनहीॊ सपद दाढ़ीवार फाफा न तमह फिामा ह कसी करणा ह गरदव की
-जएर ऩयोटहत
८७ सपतान नगय जमऩय (याज)
उस भटहरा का ऩता ह -शरीभती नाथी
ऩतनी शरी भाॉग खाॉ १०० सपतान नगय गजगय की धड़ी नम साॊगानय योड़
जमऩय (याज)
हरयनाभ की पमारी न छड़ामी शयाफ की फोतर
सौबागमवश गत २६ टदसमफय १९९८ को ऩजमशरी क १६ मशषमो की एक टोरी टदपरी स हभाय गाॉव भ हरयनाभ का परिाय-परसाय कयन ऩहॉिी | भ फिऩन स ही भटदयाऩान धमरऩान व मशकाय कयन का शौकीन था | ऩजम फाऩ क मशषमो दवाया हभाय गाॉव भ जगह-जगह ऩय तीन टदन तक रगाताय हरयनाभ का कीतगन कयन स भझ बी हरयनाभ का यॊग रगता जा यहा था | उनक जान क एक टदन क ऩशचात शाभ क सभम योज की बाॊनत भन शयाफ की फोतर ननकारी | जस ही फोतर खोरन क मरए ढककन घभामा तो उस ढककन क घभन स भझ हरय ॐ हरय ॐ की धवनन सनामी दी | इस परकाय भन दो-तीन फाय ढककन घभामा औय हय फाय भझ हरय ॐ की धवनन सनामी दी | कछ दय फाद भ उठा तथा ऩजमशरी क एक मशषम क घय गमा | उनहोन थोड़ी दय भझ ऩजमशरी की अभतवाणी सनामी | अभतवाणी सनन क फाद भया रदम ऩकायन रगा कक इन दरवमगसनो को तमाग दॉ | भन तयॊत फोतर उठामी तथा जोय-स दय खत भ प क दी | ऐस सभथग व ऩयभ कऩार सदगरदव को भ रदम स परणाभ कयता हॉ जजनकी कऩा स मह अनोखी घटना भय जीवन भ घटी जजसस भया जीवन ऩरयवनतगत हआ |
-भोहन मसॊह बफषट
मबखमासन अपभोड़ा (उपर)
ऩय गाॉव की कामाऩरट
ऩजमशरी स टदनाॊक २७६९१ को दीा रन क फाद भन रवमवसनभकतकत क परिाय-परसाय का रकषम फना मरमा | भ एक फाय कौशरऩय (जज शाजाऩय) ऩहॉिा | वहाॉ क रोगो क रवमवसनी औय रड़ाई-झगड़ मकत जीवन को दखकय भन कहा आऩ रोग भनषम-जीवन सही अथग ही नहीॊ सभझत ह | एक फाय आऩ रोग ऩजम फाऩजी क दशगन कय र तो आऩको सही जीवन जीन की कॊ जी मभर जामगी | गाॉव वारो न भयी फात भान री औय दस रवमकतकत भय गाॉव ताजऩय आम | भन एक साधक को उनक साथ जनभाषटभी भहोतसव भ सयत बजा | ऩजम फाऩजी की उन ऩय कऩा फयसी औय सफको गरदीा मभर गमी | जफ व रोग अऩन गाॉव ऩहॉि तो सबी गाॉववामसमो को फड़ा कौतहर था कक ऩजम फाऩजी कस ह फाऩजी की रीराएॉ सनकय गाॉव क अनम रोगो भ बी ऩजम फाऩजी क परनत शरदधा जगी | उन दीकषत साधको न सबी गाॉववारो को सववधानसाय ऩजम फाऩजी क अरग-अरग आशरभो भ
बजकय दीा टदरवा दी | गाॉव क सबी रवमकतकत अऩन ऩय ऩरयवाय सटहत दीकषत हो िक ह | परतमक गरवाय को ऩय गाॉव भ एक सभम बोजन फनता ह | सबी रोग गरवाय का वरत यखत ह | कौशरऩय गाॉव क परबाव स आस-ऩास क गाॉववार एवॊ उनक रयशतदायो सटहत १००० रवमकतकतमो शयाफ छोड़कय दीा र री ह | गाॉव क इनतहास भ तीन-तीन ऩीढ़ी स कोई भॊटदय नहीॊ था | गाॉववारो न ५ राख रऩम रगाकय दो भॊटदय फनवाम ह | ऩया गाॉव रवमवसनभकत एवॊ बगवतबकत फन गमा ह मह ऩजम फाऩजी की कऩा नहीॊ तो औय कमा ह सफक तायणहाय ऩजम फाऩजी क शरीियणो भ कोटट-कोटट परणाभ
-शमाभ परजाऩनत (सऩयवाइजय नतरहन सॊघ) ताजऩय उजजन (भपर)
नतरबफ ॊद का िभतकाय
भया सौबागम ह कक भझ सॊतकऩा नतरबफॊद (आई डरॉपस) का िभतकाय दखन को मभरा |
एक सॊत फाफा मशवयाभदास उमर ८० वषग गीता कटटय तऩोवन झाड़ी सिसयोवय हरयदवाय भ यहत ह | उनकी दाटहनी आॉख क सपद भोनतम का ऑऩयशन शाॉनतकॊ ज हरयदवाय आमोजजत कमऩ भ हआ | कस बफगड़ गमा औय कार भोनतमा फन गमा | ददग यहन रगा औय योशनी घटन रगी | दोफाया बभाननद नतर चिककतसारम भ ऑऩयशन हआ | एबसपमट गरकोभा फतात हए कहा कक ऑऩयशन स मसयददग ठीक हो जामगा ऩय योशनी जाती यहगी | ऩयॊत अफ व फाफा सॊत शरी आसायाभजी आशरभ दवाय ननमभगत सॊतकऩा नतरबफॊद सफह-शाभ डार यह ह | भन उनक नतरो का ऩयीण ककमा | उनकी दाटहनी आॉख भ उॉगरी चगनन रामक योशनी वाऩस आ गमी ह | कार भोनतम का परशय नॉभगर ह | कोननगमा भ सजन नहीॊ ह | व कापी सॊतषट ह | व फतात ह आॉख ऩहर रार यहती थी ऩयॊत अफ नहीॊ ह | आशरभ क नतरबफॊद स कपऩनातीत राब हआ | फामीॊ आॉख भ बी उनह सपद भोनतमा फतामा गमा था औय सॊशम था कक शामद कारा भोनतमा बी ह | ऩय आज फामीॊ आॉख बी ठीक ह औय दोनो आॉखो का परशय बी नॉभगर ह | सपद भोनतमा नहीॊ ह औय योशनी कापी अचछी ह |
मह सॊतकऩा नतरफॊद का ववरण परबाव दखकय भ बी अऩन भयीजो को इसका उऩमोग कयन की सराह दॉगा |
-डॉ अननत कभाय अगरवार (नतरयोग ववशषऻ)
एभफीफीएस एभएस (नतर) डीओएभएस (आई) सीताऩय सहायनऩय (उपर)
ऩजमशरी की तसवीय स मभरी परयणा
सवगसभथग ऩयभ ऩजम शरी फाऩजी क ियणकभरो भ भया कोटट-कोटट नभन १९८४ क बकॊ ऩ स समऩणग उततय बफहाय भ कापी नकसान हआ था जजसकी िऩट भ हभाया घय बी था | ऩरयजसथनतवश भझ नौवी का भ ऩढ़ामी छोड़ दनी ऩड़ी | ककसी मभतर की सराह स भ नौकयी ढॉढ़न क मरए टदपरी गमा रककन वहाॉ बी ननयाशा ही हाथ रगी | भ दो टदन स बखा तो था ही ऊऩय स नौकयी की चिॊता | अत आतभहतमा का वविाय कयक यरव सटशन की ओय िर ऩड़ा | यानीफाग फाजाय भ एक दकान ऩय ऩजमशरी का सतसाटहतम
कसट आटद यखा हआ था एवॊ ऩजमशरी की फड़ आकाय की तसवीय बी टॉगी थी | ऩजमशरी की हॉसभख एवॊ आशीवागद की भरावारी उस तसवीय ऩय भयी नजय ऩड़ी तो १० मभनट तक भ वहीॊ सड़क ऩय स ही खड़-खड़ उस दखता यहा | उस वकत न जान भझ कमा मभर गमा भ काभ बर भजदयी का ही कयता हॉ रककन तफस रकय आज तक भय चितत भ फड़ी परसननता फनी हई ह | न जान भयी जजनदगी की कमा दशा होती अगय ऩजम फाऩजी की मवाधन सया ईशवय की ओय ननजशचनत जीवन ऩसतक औय कवष परसाद ऩबतरका हाथ न रगती ऩजमशरी की तसवीय स मभरी परयणा एवॊ उनक सतसाटहतम न भयी डफती नमा को भानो भझदाय स फिा मरमा | धनबागी ह साटहतम की सवा कयन वार जजनहोन भझ आतभहतमा क ऩाऩ स फिामा |
-भहश शाह
नायामणऩय दभया जज सीताभढ़ी (बफहाय)
भॊतर स राब
भयी भाॉ की हारत अिानक ऩागर जसी हो गमी थी भानो कोई बत-परत-डाककनी मा आसयी ततव उनभ घस गमा | भ फहत चिॊनतत हो गमा एवॊ एक साचधका फहन को पोन ककमा | उनहोन बत-परत बगान का भॊतर फतामा जजसका वणगन आशरभ स परकामशत आयोगमननचध ऩसतक भ बी ह | वह भॊतर इस परकाय ह
ॐ नभो बगवत रर बयवाम बतपरत म कर कर हॊ पट सवाहा |
इस भॊतर का ऩानी भ ननहायकय १०८ फाय जऩ ककमा औय वही ऩानी भाॉ को वऩरा टदमा |
तयॊत ही भाॉ शाॊनत स सो गमीॊ | दसय टदन बी इस भॊतर की ऩाॉि भारा कयक भाॉ को वह जर वऩरामा तो भाॉ बफपकर ठीक हो गमीॊ | ह भय साधक बाई-फहनो बत-परत बगान क
मरए अरा फाॉधॉ फरा फाॉधॉ ऐसा कयक झाड़-फ़ॉ क कयनवारो क िककय भ ऩड़न की जरयत नहीॊ ह | इसक मरए तो ऩजम फाऩजी का भॊतर ही तायणहाय ह | ऩजम फाऩजी क शरीियणो भ कोटट-कोटट परणाभ
-िॊऩकबाई एन ऩटर (अभरयका)
काभ करोध ऩय ववजम ऩामी
एक टदन भॊफई भर भ टटकट िककॊ ग कयत हए भ वातानकमरत फोगी भ ऩहॉिा | दखा तो भखभर की गददी ऩय टाट का आसन बफछाकय सवाभी शरी रीराशाहजी भहायाज सभाचधसथ ह | भझ आशचमग हआ कक जजन परथभ शरणी की वातानकमरत फोचगमो भ याजा-भहायाजा मातरा कयत ह ऐसी फोगी औय तीसयी शरणी की फोगी क फीि इन सॊत को कोई बद नहीॊ रगता | ऐसी फोचगमो भ बी व सभाचधसथ होत ह मह दखकय मसय झक जाता ह | भन ऩजम भहायाजशरी को परणाभ कयक कहा आऩ जस सॊतो क मरए तो सफ एक सभान ह |
हय हार भ एकयस यहकय आऩ भकतकत का आनॊद र सकत ह | रककन हभाय जस गरहसथो को कमा कयना िाटहए ताकक हभ बी आऩ जसी सभता फनाम यखकय जीवन जी सक
ऩजम भहायाजजी न कहा काभ औय करोध को त छोड़ द तो त बी जीवनभकत हो सकता ह | जहाॉ याभ तहॉ नहीॊ काभ जहाॉ काभ तहॉ नहीॊ याभ | औय करोध तो बाई बसभासय ह | वह तभाभ ऩणम को जराकय बसभ कय दता ह अॊतकयण को भमरन कय दता ह | भन कहा परब अगय आऩकी कऩा होगी तो भ काभ-करोध को छोड़ ऩाऊॉ गा | ऩजम भहायाजजी न कहा बाई कऩा ऐस थोड़ ही की जाती ह सॊतकऩा क साथ तया ऩरषाथग औय दढ़ता बी िाटहए | ऩहर त परनतऻा कय कक त जीवनऩमगनत काभ औय करोध स दय यहगा तो भ तझ आशीवागद दॉ | भन कहा भहायाजजी भ जीवनबय क मरए परनतऻा तो करॉ रककन उसका ऩारन न कय ऩाऊॉ तो झठा भाना जाऊॉ गा | ऩजम भहायाजजी न कहा अचछा ऩहर त भय सभ आठ टदन क मरए परनतऻा कय | कपय परनतऻा को एक-एक टदन फढ़त जाना | इस परकाय त उन फराओॊ स फि सकगा | ह कफर भन हाथ जोड़कय कफर ककमा | ऩजम भहायाजजी न आशीवागद दकय दो-िाय पर परसाद भ टदम | ऩजम भहायाजजी न भयी जो दो कभजोरयमाॉ थीॊ उन ऩय ही सीधा हभरा ककमा था | भझ आशचमग हआ कक अनम कोई बी दगगण छोड़न का न कहकय इन दो दगगणो क मरए ही उनहोन परनतऻा कमो कयवामी फाद भ भ इस याज स अवगत हआ |
दसय टदन भ ऩसनजय टरन भ कानऩय स आग जा यहा था | सफह क कयीफ नौ फज थ |
तीसयी शरणी की फोगी भ जाकय भन माबतरमो क टटकट जाॉिन का कामग शर ककमा | सफस
ऩहर फथग ऩय सोम हए एक मातरी क ऩास जाकय भन एक मातरी क ऩास जाकय भन टटकट टदखान को कहा तो वह गससा होकय भझ कहन रगा अॊधा ह दखता नहीॊ कक भ सो गमा हॉ भझ नीॊद स जगान का तझ कमा अचधकाय ह मह कोई यीत ह टटकट क फाय भ ऩछन की ऐसी ही अकर ह तयी ऐसा कछ-का-कछ वह फोरता ही गमा फोरता ही गमा | भ बी करोधाववषट होन रगा ककॊ त ऩजम भहायाजजी क सभ री हई परनतऻा भझ माद थी अत करोध को ऐस ऩी गमा भानो ववष की ऩकतड़मा भन उस कहा भहाशम आऩ ठीक ही कहत ह कक भझ फोरन की अकर नहीॊ ह बान नहीॊ ह | दखो भय म फार धऩ भ सपद हो गम ह | आऩभ फोरन की अकर अचधक ह नमरता ह तो कऩा कयक मसखाओॊ कक टटकट क मरए भझ ककस परकाय आऩस ऩछना िाटहए | भ रािाय हॉ कक डमटी क कायण भझ टटकट िक कयना ऩड़ यहा ह इसमरए भ आऩको कषट द यहा हॉ|
औय कफ़य भन खफ परभ स हाथ जोड़कय ववनती की बमा कऩा कयक कषट क मरए भझ भा कयो | भझ अऩना टटकट टदखामग भयी नमरता दखकय वह रजजजत हो गमा एवॊ तयॊत उठ फठा | जपदी-जपदी नीि उतयकय भझस भा भाॉगत हए कहन रगा भझ भाप कयना | भ नीॊद भ था | भन आऩको ऩहिाना नहीॊ था | अफ आऩ अऩन भॉह स भझ कह कक आऩन भझ भाफ़ ककमा मह दखकय भझ आनॊद औय सॊतोष हआ | भ सोिन रगा कक सॊतो की आऻा भानन भ ककतनी शकतकत औय टहत ननटहत ह सॊतो की करणा कसा िभतकारयक ऩरयणाभ राती ह वह रवमकतकत क पराकनतक सवबाव को बी जड़-भर स फदर सकती ह | अनमथा भझभ करोध को ननमॊतरण भ यखन की कोई शकतकत नहीॊ थी | भ ऩणगतमा असहाम था कपय बी भझ भहायाजजी की कऩा न ही सभथग फनामा | ऐस सॊतो क शरीियणो भ कोटट-कोटट नभसकाय
-शरी यीजभर
रयटामडग टीटी आई कानऩय
अनम अनबव
जरा हआ कागज
ऩवग रऩ भ एक फाय ऩयभहॊस ववशदधानॊदजी स आनॊदभमी भाॉ की ननकटता ऩानवार सपरमसदध ऩॊकतडत गोऩीनाथ कववयाज न ननवदन ककमा तयणीकानत ठाकय को अरौककक मसवदध पराि हई ह | व बफना दख मा बफना छए ही कागज भ मरखी हई फात ऩढ़ रत ह |
गरदव फोर तभ एक कागज ऩय कछ मरखो औय उसभ आग रगाकय जरा दो |
कववयाजजी न कागज ऩय कछ मरखा औय ऩयी तयह कागज जराकय हवा भ उड़ा टदमा |
उसक फाद गरदव न अऩन तककम क नीि स वही कागज ननकारकय कववयाजजी क आग यख टदमा | मह दखकय उनह फड़ा आशचमग हआ कक मह कागज वही था एवॊ जो उनहोन मरखा था वह बी उस ऩय उनहीॊ क सरख भ मरखा था औय साथ ही उसका उततय बी मरखा हआ दखा | जड़ता ऩशता औय ईशवयता का भर हभाया शयीय ह | जड़ शयीय को भ-भया भानन की ववतत जजतनी मभटती ह ऩाशवी वासनाओॊ की गराभी उतनी हटती ह औय हभाया ईशवयीम अॊश जजतना अचधक ववकमसत होता ह उतना ही मोग-साभमग ईशवयीम साभमग परकट होता ह | बायत क ऐस कई बकतो सॊतो औय मोचगमो क जीवन भ ईशवयीम साभमग दखा गमा ह अनबव ककमा गमा ह उसक ववषम भ सना गमा ह | धनम ह बायतबमभ भ यहनवार बायतीम सॊसकनत भ शरदधा-ववशवास यखनवार अऩन ईशवयीम अॊश को जगान की सवा-साधना कयनवार सवाभी ववशदधानॊदजी वषो की एकाॊत साधना औय वषो-वषो की गरसवा स अऩना दहाधमास औय ऩाशवी वासनाएॉ मभटाकय अऩन ईशवयीम
अॊश को ववकमसत कयनवार बायत क अनक भहाऩरषो भ स थ | उनक जीवन की औय बी अरौककक घटनाओॊ का वणगन आता ह | ऐस सतऩरषो क जीवन-िरयतर औय उनक जीवन भ घटटत घटनाएॉ ऩढ़न-सनन स हभ रोग बी अऩनी जड़ता एवॊ ऩशता स ऊऩय उठकय ईशवयीम अॊश को उबायन भ उतसाटहत होत ह | फहत ऊॉ िा काभ ह फड़ी शरदधा फड़ी सभझ फड़ा धमग िाटहए ईशवयीम साभमग को ऩणग रऩ स ववकमसत कयन भ | अफ आओ
िर आदय शॊकयािामग की ओय
नदी की धाया भड़ गमी
आदय शॊकयािामग की भाता ववमशषटा दवी अऩन करदवता कशव की ऩजा कयन जाती थीॊ | व ऩहर नदी भ सनान कयतीॊ औय कफ़य भॊटदय भ जाकय ऩजन कयतीॊ | एक टदन व परातकार ही ऩजन-साभगरी रकय भॊटदय की ओय गमीॊ ककॊ त सामॊकार तक घय नहीॊ रौटीॊ | शॊकयािामग की आम अबी सात-आठ वषग क भधम भ ही थी | व ईशवय क ऩयभ बकत औय ननषठावान थ | सामॊकार तक भाता क वाऩस न रौटन ऩय आिामग को फड़ी चिनता हई औय व उनह खोजन क मरए ननकर ऩड़ | भॊटदय क ननकट ऩहॉिकय उनहोन भाता को भागग भ ही भजचछगत ऩड़ दखा | उनहोन फहत दय तक भाता का उऩिाय ककमा तफ व होश भ आ सकीॊ |
नदी अचधक दय थी | वहाॉ तक ऩहॉिन भ भाता को फड़ा कषट होता था | आिामग न बगवान स भन-ही-भन पराथगना की कक परबो ककसी परकाय नदी की धाया को भोड़ दो जजसस कक
भाता ननकट ही सनान कय सक | व इस परकाय की पराथगना ननतम कयन रग | एक टदन उनहोन दखा कक नदी की धाया ककनाय की धयती को काटती-काटती भड़न रगी ह तथा कछ टदनो भ ही वह आिामग शॊकय क घय क ऩास फहन रगी | इस घटना न आिामग का अरौककक शकतकतसमऩनन होना परमसदध कय टदमा |
सकषभ शयीय स िोय का ऩीछा ककमा
हरयहय फाफा की फड़ी परमसवदध थी | एक फाय व हयऩारऩय सटशन ऩय थ | वहाॉ क सटशन भासटय न उनको एक िोय सऩदग ककमा | िोय न फाफा स कहा भहायाज भझ इतनी छटटी द दीजजम कक भ अऩन फार-फचिो का परफॊध कय आऊॉ | फाफा गाड़ी आन ऩय रौट आना | िोय िरा गमा | सटशन भासटय को ऩता िरा तो वह फाफा ऩय गभग हआ औय फोरा उसक फदर तमह जर की हवा खानी होगी | तभन जान-फझकय उस बगा टदमा ह | फाफा घफयाओ भत गाड़ी आन स ऩहर ही वह रौट आमगा | िोय की नीमत ठीक नहीॊ थी | वह जॊगर क भागग स अऻात सथान को बाग जाना िाहता था ककॊ त उस हय सभम मही परतीत होता यहा कक हरयहय फाफा डॊडा पटकायत हए उसक ऩीछ-ऩीछ िर आ यह ह | इसीमरए वह गाड़ी आन स ऩहर ही रौट आमा |
भॊगरी फाधा-ननवायण भॊतर
अॊ याॊ अॊ
इस भॊतर को १०८ फाय जऩन स करोध दय होता ह | जनभकनडरी भ भॊगरी मोग होन स जजनक वववाह न हो यह हो व २७ भॊगरवाय इस भॊतर का १०८ फाय जऩ कयत हए वरत यखकय हनभानजी ऩय मसॊदय का िोरा िढ़ाम | इसस भॊगर-फाधा का म होता ह |
सखऩवगक परसवकायक भॊतर
ऩहरा उऩाम
एॊ हीॊ बगवनत बगभामरनन िर िर भराभम भराभम ऩषऩॊ ववकासम ववकासम सवाहा |
इस भॊतर दवाया अमबभॊबतरत दध गमबगणी सतरी को वऩराम तो सखऩवगक परसव होगा |
दसया उऩाम
गमबगणी सतरी सवमॊ परसव क सभम जमबरा-जमबरा जऩ कय |
तीसया उऩाम
दशी गाम क गोफय का १२ स १५ मभरी यस ॐ नभो नायामणाम भॊतर का २१ फाय जऩ कयक ऩीन स बी परसव-फाधाएॉ दय होगी औय बफना ऑऩयशन क परसव होगा |
परसनत क सभम अभॊगर की आशॊका हो तो ननमन भॊतर का जऩ कय
सवगभॊगर भाॊगपम मशव सवागथग साचधक |
शयणम तरममफक गौयी नायामणी नभोSसतत ||
(दगागसिशती)
शकतकतशारी व गोय ऩतर की परानि क मरए
सगबागवसथा भ ढाक (ऩराश खाखया) का एक कोभर ऩतता घोटकय गौ-दगध क साथ योज सवन कयन स फारक शकतकतशारी औय गोया होता ह | भाता-वऩता बर कार-करट हो कपय बी फारक गोया होगा |
सदगर-भटहभा
गर बफन बव ननचध तय न कोई |
जौ फयॊचि सॊकय सभ होई ||
-सॊत तरसीदासजी
हरयहय आटदक जगत भ ऩजमदव जो कोम |
सदगर की ऩजा ककम सफकी ऩजा होम ||
-ननशचरदासजी भहायाज
सहजो कायज सॊसाय को गर बफन होत नाॉही |
हरय तो गर बफन कमा मभर सभझ र भन भाॉही ||
-सॊत कफीयजी सॊत
सयनन जो जन ऩय सो जन उधयनहाय | सॊत की ननॊदा नानका फहरय फहरय अवताय ||
-गर नानक दवजी
गरसवा सफ बागमो की जनभबमभ ह औय वह शोकाकर रोगो को बरहमभम कय दती ह |
गररऩी समग अववदयारऩी याबतर का नाश कयता ह औय ऻानाऻान रऩी मसतायो का रोऩ कयक फवदधभानो को आतभफोध का सटदन टदखाता ह |
-सॊत ऻानशवय भहायाज
सतम क कॊ टकभम भागग भ आऩको गर क मसवाम औय कोई भागगदशगन नहीॊ द सकता |
- सवाभी मशवानॊद सयसवती
ककतन ही याजा-भहायाजा हो गम औय होग सामजम भकतकत कोई नहीॊ द सकता | सचि याजा-भहायाज तो सॊत ही ह | जो उनकी शयण जाता ह वही सचिा सख औय सामजम भकतकत ऩाता ह |
-सभथग शरी याभदास सवाभी
भनषम िाह ककतना बी जऩ-तऩ कय मभ-ननमभो का ऩारन कय ऩयॊत जफ तक सदगर की कऩादवषट नहीॊ मभरती तफ तक सफ रवमथग ह |
-सवाभी याभतीथग
परटो कहत ह कक सकयात जस गर ऩाकय भ धनम हआ |
इभसगन न अऩन गर थोयो स जो पराि ककमा उसक भटहभागान भ व बावववबोय हो जात थ |
शरी याभकषण ऩयभहॊस ऩणगता का अनबव कयानवार अऩन सदगरदव की परशॊसा कयत नहीॊ अघात थ |
ऩजमऩाद सवाभी शरी रीराशाहजी भहायाज बी अऩन सदगरदव की माद भ सनह क आॉस
फहाकय गदगद कॊ ठ हो जात थ |
ऩजम फाऩजी बी अऩन सदगरदव की माद भ कस हो जात ह मह तो दखत ही फनता ह |
अफ हभ उनकी माद भ कस होत ह मह परशन ह | फटहभगख ननगय रोग कछ बी कह साधक को अऩन सदगर स कमा मभरता ह इस तो साधक ही जानत ह |
रडी भाटटगन क सहाग की या कयन अपगाननसतान भ परकट मशवजी
साध सॊग सॊसाय भ दरगब भनषम शयीय |
सतसॊग सववत ततव ह बतरववध ताऩ की ऩीय ||
भानव-दह मभरना दरगब ह औय मभर बी जाम तो आचधदववक आचधबौनतक औय आधमाजतभक म तीन ताऩ भनषम को तऩात यहत ह | ककॊ त भनषम-दह भ बी ऩववतरता हो सचिाई हो शदधता हो औय साध-सॊग मभर जाम तो म बतरववध ताऩ मभट जात ह |
सन १८७९ की फात ह | बायत भ बबरटटश शासन था उनहीॊ टदनो अॊगरजो न अपगाननसतान ऩय आकरभण कय टदमा | इस मदध का सॊिारन आगय भारवा बबरटटश छावनी क रजफ़टनट कनगर भाटटगन को सौऩा गमा था | कनगर भाटटगन सभम-सभम ऩय मदध-तर स अऩनी ऩतनी को कशरता क सभािाय बजता यहता था | मदध रॊफा िरा औय अफ तो सॊदश आन बी फॊद हो गम | रडी भाटटगन को चिॊता सतान रगी कक कहीॊ कछ अनथग न हो गमा हो अपगानी सननको न भय ऩनत को भाय न डारा हो | कदाचित ऩनत मदध भ शहीद हो गम तो भ जीकय कमा करॉ गी -मह सोिकय वह अनक शॊका-कशॊकाओॊ स नघयी यहती थी |
चिनतातय फनी वह एक टदन घोड़ ऩय फठकय घभन जा यही थी | भागग भ ककसी भॊटदय स आती हई शॊख व भॊतर धवनन न उस आकवषगत ककमा | वह एक ऩड़ स अऩना घोड़ा फाॉधकय भॊटदय भ गमी | फजनाथ भहादव क इस भॊटदय भ मशवऩजन भ ननभगन ऩॊकतडतो स उसन ऩछा आऩ रोग कमा कय यह ह एक वरदध बराहमण न कहा हभ बगवान मशव का ऩजन कय यह ह | रडी भाटटगन मशवऩजन की कमा भहतता ह बराहमण फटी बगवान मशव तो औढयदानी ह बोरनाथ ह | अऩन बकतो क सॊकट-ननवायण कयन भ व तननक बी दय नहीॊ कयत ह | बकत उनक दयफाय भ जो बी भनोकाभना रकय क आता ह उस व शीघर ऩयी कयत ह ककॊ त फटी तभ फहत चिजनतत औय उदास नजय आ यही हो कमा फात ह रडी भाटटगन भय ऩनतदव मदध भ गम ह औय ववगत कई टदनो स उनका कोई
सभािाय नहीॊ आमा ह | व मदध भ पॉ स गम ह मा भाय गम ह कछ ऩता नहीॊ िर यहा | भ उनकी ओय स फहत चिजनतत हॉ | इतना कहत हए रडी भाटटगन की आॉख नभ हो गमीॊ |
बराहमण तभ चिनता भत कयो फटी मशवजी का ऩजन कयो उनस पराथगना कयो रघररी कयवाओ | बगवान मशव तमहाय ऩनत का यण अवशम कयग |
ऩॊकतडतो की सराह ऩय उसन वहाॉ गमायह टदन का ॐ नभ मशवाम भॊतर स रघररी अनषठान परायॊब ककमा तथा परनतटदन बगवान मशव स अऩन ऩनत की या क मरए पराथगना कयन रगी कक ह बगवान मशव ह फजनाथ भहादव मटद भय ऩनत मदध स सकशर रौट आम तो भ आऩका मशखयफॊद भॊटदय फनवाऊॉ गी | रघररी की ऩणागहनत क टदन बागता हआ एक सॊदशवाहक मशवभॊटदय भ आमा औय रडी भाटटगन को एक मरपापा टदमा | उसन घफयात-घफयात वह मरपापा खोरा औय ऩढ़न रगी |
ऩतर भ उसक ऩनत न मरखा था हभ मदध भ यत थ औय तभ तक सॊदश बी बजत यह रककन आक ऩठानी सना न घय मरमा | बबरटटश सना कट भयती औय भ बी भय जाता |
ऐसी ववकट ऩरयजसथनत भ हभ नघय गम थ कक पराण फिाकय बागना बी अतमाचधक कटठन था | इतन भ भन दखा कक मदधबमभ भ बायत क कोई एक मोगी जजनकी फड़ी रमफी जटाएॉ ह हाथ भ तीन नोकवारा एक हचथमाय (बतरशर) इतनी तीवर गनत स घभ यहा था कक ऩठान सननक उनह दखकय बागन रग | उनकी कऩा स घय स हभ ननकरकय ऩठानो ऩय वाय कयन का भौका मभर गमा औय हभायी हाय की घकतड़माॉ अिानक जीत भ फदर गमीॊ | मह सफ बायत क उन फाघामफयधायी एवॊ तीन नोकवारा हचथमाय धायण ककम हए
(बतरशरधायी) मोगी क कायण ही समबव हआ | उनक भहातजसवी रवमकतकततव क परबाव स दखत-ही-दखत अपगाननसतान की ऩठानी सना बाग खड़ी हई औय व ऩयभ मोगी भझ
टहमभत दत हए कहन रग | घफयाओॊ नहीॊ | भ बगवान मशव हॉ तथा तमहायी ऩतनी की ऩजा स परसनन होकय तमहायी या कयन आमा हॉ उसक सहाग की या कयन आमा हॉ |
ऩतर ऩढ़त हए रडी भाटटगन की आॉखो स अववयत अशरधाया फहती जा यही थी उसका रदम अहोबाव स बय गमा औय वह बगवान मशव की परनतभा क समभख मसय यखकय पराथगना कयत-कयत यो ऩड़ी | कछ सिाह फाद उसका ऩनत कनगर भाटटगन आगय छावनी रौटा | ऩतनी न उस सायी फात सनात हए कहा आऩक सॊदश क अबाव भ भ चिजनतत हो उठी थी रककन बराहमणो की सराह स मशवऩजा भ रग गमी औय आऩकी या क मरए बगवान मशव स पराथगना कयन रगी | उन द खबॊजक भहादव न भयी पराथगना सनी औय आऩको सकशर रौटा टदमा | अफ तो ऩनत-ऩतनी दोनो ही ननममभत रऩ स फजनाथ भहादव क भॊटदय भ ऩजा-अिगना कयन रग | अऩनी ऩतनी की इचछा ऩय कनगर भाटटगन भ सन १८८३
भ ऩॊरह हजाय रऩम दकय फजनाथ भहादव भॊटदय का जीणोदवाय कयवामा जजसका मशरारख आज बी आगय भारवा क इस भॊटदय भ रगा ह | ऩय बायतबय भ अॊगरजो दवाय ननमभगत मह एकभातर टहनद भॊटदय ह |
मयोऩ जान स ऩवग रडी भाटटगन न ऩकतड़तो स कहा हभ अऩन घय भ बी बगवान मशव का भॊटदय फनामग तथा इन द ख-ननवायक दव की आजीवन ऩजा कयत यहग |
बगवान मशव भ बगवान कषण भ भाॉ अमफा भ आतभवतता सदगर भ सतता तो एक ही ह | आवशमकता ह अटर ववशवास की | एकररवम न गरभनत ग भ ववशवास कय वह पराि कय मरमा जो अजगन को कटठन रगा | आरणण उऩभनम रव परहराद आटद अनम सकड़ो उदायहण हभाय साभन परतम ह | आज बी इस परकाय का सहमोग हजायो बकतो को साधको को बगवान व आतभवतता सदगरओॊ क दवाया ननयनतय पराि होता यहता ह | आवशमकता ह तो फस कवर ववशवास की |
भहाभतमॊजम भॊतर
ॐ हौ जॉ स |
ॐ बबगव सव |
ॐ तरममफकॊ मजाभह सगॊचध ॊ ऩवषटवधगनभ |
उवागरकमभव फनधनानभतमोभगीम भाभतात |
सव भव ब ॐ |
स जॉ हौ ॐ |
बगवान मशव का मह भहाभतमॊजम जऩन स अकार भतम तो टरती ही ह आयोगमता की बी परानि होती ह | सनान कयत सभम शयीय ऩय रोट स ऩानी डारत वकत इस भॊतर का जऩ कयन स सवासम-राब होता ह | दध भ ननहायत हए इस भॊतर का जाऩ ककमा जाम औय कपय वह दध ऩी मरमा जम तो मौवन की सया भ बी सहामता मभरती ह | आजकर की तज यफ़तायवारी जजनदगी भ कहाॉ आतॊक उऩरव दघगटना हो जाम कहना भजशकर ह | घय स ननकरत सभम एक फाय मह भॊतर जऩनवारा इन उऩदरवो स सयकषत यहता ह औय सयकषत घय रौटता ह | (इस भॊतरानषठान क ववचध-ववधान की ववसतत जानकायी क मरए आशरभ दवाया परकामशत आयोगमननचध ऩसतक ऩढ़ |) शरीभदबागवत क आठव सकॊ ध भ तीसय अधमाम क शलोक १ स ३३ तक भ वणणगत गजनरभो सतोतर का ऩाठ कयन स तभाभ
ववधन दय होत ह |
साइककर स गरधाभ जान ऩय खयाफ टाॉग ठीक हो गमी 24
अदबत यही भौनभॊटदय की साधना 25
असाधम योग स भकतकत 25
ऩजम फाऩ का दशगन-सतसॊग ही जीवन का सचिा यतन ह 26
कसट का िभतकाय 27
भझ ऩय फयसी सॊत की कऩा 27
गरदव की कऩा स सॊतानपरानि 28
गरकऩा स जीवनदान 28
ऩजम फाऩ जस सॊत दननमा को सवगग भ फदर सकत ह 29
फाऩजी का साजननधम गॊगा क ऩावन परवाह जसा ह 29
सायसवतम भॊतर स हए अदबत राब 31
बौनतक मग क अॊधकाय भ ऻान की जमोनत ऩजम फाऩ 32
गरकऩा ऐसी हई कक अॉधय तो कमा दय बी नहीॊ हई 32
भजसरभ भटहरा को पराणदान 33
हरयनाभ की पमारी न छड़ामी शयाफ की फोतर 34
ऩय गाॉव की कामाऩरट 34
नतरबफॊद का िभतकाय 35
ऩजमशरी की तसवीय स मभरी परयणा 36
भॊतर स राब 36
काभ करोध ऩय ववजम ऩामी 37
अनम अनबव 38
जरा हआ कागज 38
नदी की धाया भड़ गमी 39
सकषभ शयीय स िोय का ऩीछा ककमा 40
भॊगरी फाधा-ननवायण भॊतर 40
सखऩवगक परसवकायक भॊतर 40
शकतकतशारी व गोय ऩतर की परानि क मरए 41
सदगर-भटहभा 41
रडी भाटटगन क सहाग की या कयन अपगाननसतान भ परकट मशवजी 43
भहाभतमॊजम भॊतर 45
परसतावना
बरहमवतता भहाऩरषो की उऩजसतचथ भातर स असॊखम जीवो को दषट-अदषट साॊसारयक-अधमाजतभक सहामता पराि होती ह | परात सभयणीम ऩयभ ऩजम सदगरदव सॊत शरी आसायाभजी फाऩ की परतम अथवा अपरतम परयणा स जो रोग राबाजनवत हए ह उनक ऩरयपराववत रदमो क उदगाय एवॊ ऩतरो को मरवऩफदध ककमा जाम तो एक-दो नहीॊ कई गरॊथ तमाय हो सकत ह |
इस ऩजसतका मोगमातरा-४ भ बकतो क अनबवो की फचगमा स िन हए थोड-स ऩषऩ ह |
बायतवषग क मोगववऻान औय बरहमवतताओॊ की अरौककक शकतकत का वणगन कवर कऩोरकजपऩत फात नहीॊ ह | म हजाय-दो हजाय रोगो का नहीॊ फजपक फाऩजी क राखो-राखो साधको का अनबव ह | इन ववमबनन परकाय क अरौककक अधमाजतभक अनबवो को ऩढन स हभाय रदम भ अधमाजतभकता का सॊिाय होता ह | बायतीम सॊसकनत व बायत की साधना-ऩदधनत की सचिाई औय भहानता की भहक मभरती ह | नशवय जगत क सखाबास
की ऩोर खरती ह | शाशवत सख की औय उनभख होन का उतसाह हभभ उबयता ह | इन
आधमाजतभक अनबवो को ऩढकय शरदधा क साथ अधमाजतभक भागग भ जो परववतत होती ह उस मटद साधक जागत यख तो वह शीघर ही साधना की ऊॉ िाइमो कक छ सकता ह |
हजायो रोगो क फीि अऩन सनही-मभतरो क सभ जो अनबव कह ह उनकी परभाणणतता भ सॊदह कयना उचित नहीॊ ह | उनक अनबव उनहीॊ की बाषा भ
-शरी अणखर बायतीम मोग वदानत सवा समभनत
अभदावाद
ऩजमशरी क सतसॊग भ परधानभॊतरी शरी अटर बफहायी वाजऩमी क उदगाय
ऩजम फाऩजी क बकतीयस भ डफ हए शरोता बाई-फहनो भ महाॉ ऩय ऩजम फाऩजी का अमबनॊदन कयन आमा हॉ उनका आशीविन सनन आमा हॉ बाषण दन मा फकफक कयन नहीॊ आमा हॉ | फकफक तो हभ कयत यहत ह | फाऩजी का जसा परविन ह कथा-अभत ह उस तक ऩहॉिन क मरम फड़ा ऩरयशरभ कयना ऩड़ता ह | भन ऩहर उनक दशगन ऩानीऩत भ ककम थ | वहीॊ ऩय यात को ऩानीऩत भ ऩणम-परविन सभाि होत ही फाऩजी कटीय भ जा यह थ तफ उनहोन भझ फरामा | भ बी उनक दशगन औय आशीवागद क मरम रारानमत था | सॊत-भहातभाओॊ क दशगन तबी होत ह उनका साजननधम तबी मभरता ह जफ कोई ऩणम जागत होता ह | इस जनभ भ कोई ऩणम ककमा हो इसका भय ऩास कोई टहसाफ तो नहीॊ ह ककनत जरय मह ऩवगजनभ क ऩणमो का ही पर ह जो फाऩजी क दशगन हए |
उस टदन फाऩजी न जो कहा वह अबी तक भय रदम-ऩटर ऩय अॊककत ह | दशबय की ऩरयकरभा कयत हए जन-जन क भन भ अचछ सॊसकाय जगाना मह एक ऐसा ऩयभ याषडीम कतगरवम ह जजसन हभाय दश को आज तक जीववत यखा ह औय इसक फर ऩय हभ उजजवर बववषम का सऩना दख यह ह उस सऩन को साकाय कयन की शकतकत-बकतकत एकतर कय यह ह | ऩजम फाऩजी साय दश भ भरभण कयक जागयण का शॊख नाद कय यह ह सवगधभग-सभबाव की मशा द यह ह सॊसकाय द यह ह तथा अचछ औय फय भ बद कयना मसखा यह ह | हभायी जो परािीन धयोहय थी औय हभ जजस रगबग बरान का ऩाऩ कय फठ थ फाऩजी हभायी आॉखो भ ऻान का अॊजन रगाकय उसको कपय स हभाय साभन यख यह ह | फाऩजी न कहा कक ईशवय की कऩा स कण-कण भ रवमाि एक भहान शकतकत क परबाव स जो कछ घटटत होता ह उसकी छानफीन औय उस ऩय अनसॊधान कयना िाटहए |
शदध अनतकयण स ननकरी हई पराथगना को परब असवीकाय नहीॊ कयत मह हभाया ववशवास होना िाटहए | मटद असवीकाय हो तो परब को दोष दन क फजाम मह सोिना िाटहए कक कमा हभाय अॊतकयण भ उतनी शवदध ह जजतनी होनी िाटहए शवदध का काभ याजनीनत नहीॊ कय सकती अशवदध का काभ बर कय सकती ह | ऩजम फाऩजी न कहा कक जीवन क रवमाऩाय भ स थोड़ा सभम ननकारकय सतसॊग भ आना िाटहए | ऩजम फाऩजी उजजन भ थ तफ भयी जान की फहत इचछा थी रककन कहत ह न कक दान-दान ऩय खान वार की भोहय होती ह वस ही सॊत-दशगन क मरए बी कोई भहतग होता ह | आज मह भहतग आ गमा ह | मह भया करतर ह | ऩजम फाऩजी न िनाव जीतन का तयीका बी फता टदमा ह |
आज दश की दशा ठीक नहीॊ ह | फाऩजी का परविन सनकय फड़ा फर मभरा ह | हार भ
हए रोकसबा अचधवशन क कायण थोड़ी-फहत ननयाशा ऩदा हई थी ककनत यात को रखनऊ भ ऩणम-परविन सनत ही वह ननयाशा बी आज दय हो गमी | फाऩजी न भानव-जीवन क ियभ रकषम भकतकत-शकतकत की परानि क मरम ऩरषाथग ितषटम बकतकत क मरम समऩणग की बावना तथा ऻान बकतकत औय कभग तीनो का उपरख ककमा ह | बकतकत भ अहॊकाय का कोई सथान नहीॊ ह | ऻान अमबभान ऩदा कयता ह | बकतकत भ ऩणग सभऩगण होता ह | १३ टदन क शासनकार क फाद भन कहा भया जो कछ ह तया ह | मह तो फाऩजी की कऩा ह कक शरोता को वकता फना टदमा औय वकता को नीि स ऊऩय िढ़ा टदमा | जहाॉ तक उऩय िढ़ामा ह वहाॉ तक उऩय फना यहॉ इसकी चिनता बी फाऩजी को कयनी ऩडगी | याजनीनत की याह फडी यऩटीरी ह | जफ नता चगयता ह तो मह नहीॊ कहता कक भ चगय गमा फजपक कहता हहय हय गॊग | फाऩजी क परविन सनकय फड़ा आननद आमा | भ रोकसबा का सदसम होन क नात अऩनी ओय स एवॊ रखनऊ की जनता कक ओय स फाऩजी क ियणो भ ववनमर होकय नभन कयना िाहता हॉ | उनका आशीवागद हभ मभरता यह उनक आशीवागद स परयणा ऩाकय फर पराि कयक हभ कतगरवम क ऩथ ऩय ननयनतय िरत हए ऩयभ वबव को पराि कय मही परब स पराथगना ह |
-शरी अटरबफहायी वाजऩमी परधानभॊतरी बायत सयकाय
ऩयभ ऩजम सॊत शरी आसायाभजी फाऩ क कऩा-परसाद स ऩरयपराववत रदमो क उदगाय
ऩ फाऩ याषडसख क सॊवधगक ऩजम फाऩ दवाया टदमा जानवारा ननतकता का सॊदश दश क
कोन-कोन भ जजतना अचधक परसारयत होगा जजतना अचधक फढ़गा उतनी ही भातरा भ याषडसख का सॊवधगन होगा याषड की परगनत होगी | जीवन क हय तर भ इस परकाय क सॊदश की जरयत ह |
-शरी रारकषण आडवाणी उऩपरधानभॊतरी एवॊ कनरीम गरहभनतरी बायत सयकाय
याषड उनका कणी ह
बायत क बतऩवग परधानभॊतरी शरी िनरशखय टदपरी क सवणग जमॊती ऩाकग भ २५ जराई १९९९ को फाऩजी की अभतवाणी का यसासवादन कयन क ऩशचात फोर आज ऩजम फाऩ की टदरवम वाणी का राब रकय भ धनम हो गमा | सॊतो की वाणी न हय मग भ नमा सॊदश टदमा ह नमी परयणा जगामी ह | करह ववरोह औय दवष स गरसत वतगभान वातावयण भ फाऩ जजस तयह सतम करणा औय सॊवदनशीरता क सॊदश का परसाय कय यह ह इसक मरम याषड उनका कणी ह |
-शरी िनरशखय बतऩव परधानभॊतरी बायत सयकाय
सतसॊग-शरवण स भय रदम की सपाई हो गमी
ऩजमशरी क दशगन कयन व आशीवागद रन हत आम हए उततय परदश क ततकारीन याजमऩार शरी सयजबान न कहा सभशानबभी स आन क फाद हभ रोग शयीय की शवदध क मरम सनान कय रत ह | ऐस ही ववदशो भ जान क कायण भझ ऩय दवषत ऩयभाण रग गम थ
ऩयॊत वहाॊ स रौटन क फाद मह भया ऩयभ सौबागम ह कक भहायाजशरी क दशगन व ऩावन सतसॊग कयन स भय चितत की सपाई हो गमी | ववदशो भ यह यह अनको बायतवासी ऩजम फाऩ क परविनो को परतम मा ऩयो रऩ स सन यह ह | भया मह सौबागम ह कक भझ महाॊ भहायाजशरी को सनन का सअवसय पराि हआ ह |
-शरी सयजबान
ततकारीन याजमऩार उततय परदश
ऩजम फाऩ जीवन को सखभम फनान का भागग फता यह ह
गजयात क ततकारीन भखमभॊतरी शरी कशबाई ऩटर ११ भई को ऩजम फाऩ क दशगन कयन अभदावाद आशरभ ऩहॉि | सतसॊग सनन क फाद उनहोन बावऩणग वाणी भ कहा भ तो ऩजम फाऩ क दशगन कयन क मरम आमा था ककनत फड़ सौबागम स दशगन क साथ ही सतसॊग का राब बी मभरा | जीवन भ अधमाजतभकता क साथ सहजता कस राम तथा भनषम सखी एवॊ ननयोगी जीवन ककस परकाय बफताम इस गहन ववषम को ककतनी सयरता
स ऩजम फाऩ न हभ सभझामा ह ईशवय-परदतत इस भनषम-जनभ को सखभम फनन का भागग ऩजम फाऩ हभ फता यह ह | बायतीम सॊसकनत भ ननटहत सतम की ओय िरन की परयणा हभ द यह ह | एक वजशवक कामग ईशवयीम कामग जजस सवमॊ बगवान को कयना ह वह कामग आज ऩजम फाऩजी कय यह ह | फाऩ को भय शत-शत परणाभ |
-शरी कशबाई ऩटर
ततकारीन भखमभॊतरी गजयात याजम
धयती तो फाऩजी जस सॊतो क कायण टटकी ह
भझ सतसॊग भ आन का भौका ऩहरी फाय मभरा ह औय ऩजम फाऩजी स एक अदबत फात भझ औय आऩ सफको सनन को मभरी ह वह ह परभ की फात | इस सवषट का जो भर ततव ह वह ह परभ | मह परभ नाभ का ततव मटद न हो तो सवषट नषट हो जामगी | रककन सॊसाय भ कोई परभ कयना नहीॊ जानता मा तो बगवान पमाय कयना जानत ह मा सॊत पमाय कयना जानत ह | जजसको सॊसायी रोग अऩनी बाषा भ परभ कहत ह उसभ तो कहीॊ-न-कहीॊ सवाथग जडा होता ह रककन बगवान सॊत औय गर का परभ ऐसा होता ह जजसको हभ सिभि परभ की ऩरयबाषा भ फाॊध सकत ह | भ मह कह सकती हॉ कक साध-सॊतो को दश की सीभाम नहीॊ फाॊधतीॊ | जस नटदमो की धायाएॉ दश औय जानत औय सॊपरदाम की सीभाओॊ भ नहीॊ फॊधता | कमरमग भ रदम की ननषकऩटता ननसवाथग परभ तमाग औय तऩसमा का म होन रगा ह कपय बी धयती टटकी ह तो फाऩ इसमरए कक आऩ जस सॊत बायतबमभ ऩय ववियण कयत ह | फाऩ की कथा भ ही भन मह ववशषता दखी ह कक गयीफ औय अभीय दोनो को अभत क घॊट एक जस ऩीन को मभरत ह | महाॊ कोई बदबाव नहीॊ ह |
-सशरी उभा बायती भखमभॊतरी भधम परदश
हभ सफको बकत फनन की ताकत मभर
भ तो ऩजम फाऩजी क शरीियणो भ परणाभ कयन आमा हॊ | बकतकत स फड़ी कोई ताकत नहीॊ होती औय बकत हय कोई फन सकता ह | हभ सफको बकत फनन की ताकत मभर | भ सभझता हॊ कक सॊतो क आशीवागद ही हभ सफकी ऩॊजी होती ह |
-नयनर भोदी भखमभॊतरी गजयात याजम
सही ऊजाग फाऩजी स मभरती ह
गजयात सयकाय न भझ ऊजागभॊतरी का ऩद सौऩा ह ऩय सही आजतभक ऊजाग भझ ऩजम फाऩजी स मभरती ह |
-शरी कौमशकबाई ऩटर
ततकारीन ऊजागभॊतरी वतगभान भ याजसव व नागरयक आऩनतग भॊतरी गजयात याजम
भ तो फाऩजी का एक साभानम कामगकताग हॊ
टदपरी भ आमोजजत ऩजमशरी क सतसॊग-कामगकरभ क दौयान टदपरी क ततकारीन भखमभॊतरी शरी साटहफ मसॊह वभाग सतसॊग-शरवण हत आभ बकतो क फीि आ फठ | सतसॊग-शरवण क ऩशचात उनहोन ऩजम फाऩ को भाथा टककय परणाभ ककमा भापमाऩगण क साथ सवागत कयक उनका आशीवागद पराि ककमा | एक सॊत क परनत रोगो की शरदधा तडऩ सतसॊग-परभ
उनका परभऩणग रवमवहाय अनशासन व बायतीमता को दखकय भखमभॊतरीशरी गदगद हो उठ |
उनहोन फाय-फाय टदपरी ऩधायन क मरम ऩजम फाऩ स पराथगना की औय कहा आज भ ऩजम फाऩजी क दशगन व सतसॊग-शरवण कयक ऩावन हो गमा हॉ | भ भहसस कयता हॉ कक ऩयभ सॊतो क जफ दशगन होत ह औय उनक ऩावन शयीय स जो तयॊग ननकरती ह व जजसको बी छ जाती ह उसकी फहत-सी कमभमाॉ दय हो जाती ह | भ िाहता हॊ कक भयी सबी कमभमाॉ दय हो जाम | भ तो ऩजम फाऩजी का एक साभानम सा कामगकताग हॊ | ऩजम फाऩजी की कऩा हभशा भझ ऩय फनी यह एसी भयी काभना ह | भया ऩयभ सौबागम ह की भझ आऩक दशगन का आऩक आशीवागद पराि कयन का अवसय मभरा |
-शरी साटहफ मसॊह वभाग कनरीम शरभ भॊतरी बायत सयकाय
भ कभनसीफ हॊ जो इतन सभम तक गरवाणी स वॊचित यहा
ऩयभ ऩजम गरदव क शरीियणो भ सादय परणाभ भन अबी तक भहायाजशरी का नाभ बय सना था | आज दशगन कयन का अवसय मभरा ह रककन भ अऩन आऩ को कभनसीफ
भानता हॊ कमोकक दय स आन क कायण इतन सभम तक गरदव की वाणी सनन स वॊचित यहा | अफ भयी कोमशश यहगी कक भ भहायाजशरी की अभत वाणी सनन का हय अवसय मथासभम ऩा सकॊ | भ ईशवय स मही पराथगना कयता हॊ कक व हभ ऐसा भौका द कक हभ गर की वाणी सनकय अऩन आऩको सधाय सक | गरजी क शरीियणो भ सादय सभवऩगत होत हए भधम परदश की जनता की ओय स पराथगना कयता हॊ कक गरदव आऩ इस भधम परदश भ फाय-फाय ऩधाय औय हभ रोगो को आशीवागद दत यह ताकक ऩयभाथग क उस कामग भ जो आऩन ऩय दश भ ही नहीॊ दश क फाहय बी परामा ह भधम परदश क रोगो को बी जड़न का जमादा-स-जमादा अवसय मभर |
-शरी टदजगवजम मसॊह
ततकारीन भखमभॊतरी भधम परदश
इतनी भधय वाणी इतना अदबत ऻान
भ अऩनी ओय स तथा महाॊ उऩजसथत सबी भहानबावो की ओय स ऩयभ शरदधम सॊतमशयोभणण फाऩजी का हाटदगक सवागत कयता हॊ | भन कई फाय टी वी ऩय आऩको दखा-सना ह औय टदपरी भ एक फाय आऩका परविन बी सना ह | इतनी भधय वाणी इतना अदबत ऻान अगय आऩ क परविन ऩय गहयाई स वविाय कयक अभर ककमा जाम तो इॊसान को ज ॊदगी भ सही यासता मभर सकता ह | व रोग धनबागी ह जो इस मग भ ऐस भहाऩरष क दशगन व सतसॊग स अऩन जीवन-सभन णखरात ह |
-शरी बजनरार
ततकारीन भखम भॊतरी हरयमाणा
ऐस सॊतो का तो जजतना आदय ककमा जाम कभ ह
ककसी न भझ स कहा था धमान की कसट रगाकय सोमग तो सवपन भ गरदव क दशगन होग भन उसी यात धमान की कसट रगामी औय सनत-सनत सो गमा | उस वकत याबतर क फायह-साढ़ फायह फज होग | वकत का ऩता नहीॊ िरा | ऐसा रगा भानो ककसी न भझ उठा टदमा | भ गहयी नीॊद स उठा एवॊ गरजी की रऩ वार फ़ोटो की तयफ़ टकटकी रगाकय एक-दो मभनट तक दखता यहा | इतन भ आशचमग टऩ अऩन-आऩ िर ऩड़ी औय कवर मह तीन वाकम सनन को मभर आतभा ितनम ह | शयीय जड़ ह | शयीय ऩय अमबभान भत कयो | टऩ सवत फॊद हो गमी औय ऩय कभय भ मह आवाज गॊज उठी |
दसय कभय भ भयी ऩतनी की बी आॊख खर गमी औय उसन तो महाॊ तक भहसस ककमा जस कोई िर यहा ह व गरजी क मसवाम औय कोई हो ही नहीॊ सकत | भन कभय की राइट जरामी औय दौड़ता हआ ऩतनी क ऩास गमा | भन ऩछासना वह फोरी हाॊ | उस सभम सफह क ठीक िाय फज थ | सनान कयक भ धमान भ फठा तो डढ़ घणट तक फठा यहा | इतना रॊफा धमान तो भया कबी नहीॊ रगा | इस घटना क फाद तो ऐसा रगता ह कक गरजी साात बरहमसवरऩ ह | उनको जो जजस रऩ भ दखता ह वस ही टदखत ह |
भया मभतर ऩाशचातम वविायधाया वारा ह | उसन गरजी का परविन सना औय फोरा भझ तो म एक फहत अचछ रकियय रगत ह | भन कहा आज जरय इस ऩय गरजी कछ कहग |
मह सयत आशरभ भ भनामी जा यही जनभाषटभी क सभम की फात ह | हभ कथा भ फठ |
गरजी न कथा क फीि भ कहाकछ रोगो को भ रकियय टदखता हॊ कछ को परोफ़सय टदखता हॊ कछ को गर टदखता हॊ कछ को बगवान टदखता हॊजो भय ऩय जसी शरदधा यखता ह उस भ वसा ही टदखता हॊ औय वसा ही वह भझ ऩाता ह | भय मभतर का मसय शभग स झक गमा | कपय बी वह नाजसतक तो था ही | उसन हभाय ननवास ऩय भजाक भ गरजी क मरए कछ कहा तफ भन कहा | मह ठीक नहीॊ ह | अफ की फाय भान जा नहीॊ तो गरजी सजा दग तझ | १५ मभनट भ ही उसक घय स फ़ोन आ गमा कक फचि की तबफमत फहत खयाफ ह | उस असऩतार भ दाणखर कयना ऩड़ यहा ह | तफ भय मभतर की सयत दखन रामक थी | वह फोरागरती हो गमी | अफ भ गरजी क मरए कछ न कहॊगा भझ िाह ववशवास हो मा न हो | अखफायो भ गरजी की ननॊदा मरखनवार अऻानी रोग नहीॊ जानत कक जो भहाऩरष बायतीम सॊसकनत को एक नमा रऩ द यह ह कई सॊतो की वाणणमो को ऩनजीववत कय यह ह रोगो क शयाफ-कफाफ छड़वा यह ह जजनस सभाज का कपमाण हो यहा ह उनक ही फाय भ हभ हपकी फात मरख यह ह | मह हभाय दश क मरए फहत ही शभगनाक फात ह | ऐस सॊतो का तो जजतना आदय ककमा जाम वह कभ ह | गरजी क फाय भ कछ बी फखान कयन क मरए भय ऩास शबद नहीॊ ह |
-डा सतवीय मसॊह छाफड़ा फीफीईएभ आकाशवाणी इनदौय
आऩकी कऩा स मोग की अणशकतकत ऩदा हो यही ह
अनक परकाय की ववकनतमाॉ भानव क भन ऩय साभाजजक जीवन ऩय सॊसकाय औय सॊसकनत ऩय आकरभण कय यही ह | वसतत इस सभम सॊसकनत औय ववकनत क फीि एक भहासॊघषग िर यहा ह जो ककसी सयहद क मरए नहीॊ फजपक सॊसकायो क मरए रड़ा जा यहा ह | इस
भ सॊसकनत को जजतान का फभ ह मोगशकतकत | ह गरदव आऩकी कऩा स इस मोग की टदरवम अणशकतकत राखो रोगो भ ऩदा हो यही हमह सॊसकनत क सननक फन यह ह | गरदव भ आऩस पराथगना कयता हॊ कक शासन क अॊदय बी धभग औय वयागम क सॊसकाय उतऩनन हो | आऩ स आशीवागद पराि कयन क मरए भ आऩक ियणो भ आमा हॊ |
-शरी अशोकबाई बटट
काननभॊतरी गजयात याजम
भझ ननरवमगसनी फना टदमा
भ वऩछर कई वषो स तमफाक का रवमसनी था औय इस दगगण को छोड़न क मरए भन ककतन ही परमतन ककम ऩय भ ननषपर यहा | जनवयी ९५ भ ऩजम फाऩ जफ परकाशा आशरभ (भहा) ऩधाय तो भ बी उनक दशगनाथग वहाॊ ऩहॊिा औय उनस अनयोध ककमा फाऩ ववगत ३२ वषो स तमफाक का सवन कय यहा हॉ | अनक परमतनो क फाद बी इस दगगण स भ भकत ना हो सका | अफ आऩ ही कछ कऩा कीजजए | फाऩजी न कहा राओ तमफाक की कतडबफी औय तीन फाय थककय कहो कक आज स भ तमफाक नहीॊ खाऊॊ गा | भन ऩजम फाऩ क ननदशानसाय मही ककमा औय भहान आशचमग उसी टदन स भया तमफाक खान का रवमसन छट गमा | ऩजम फाऩ की ऐसी कऩा दजषत हमी कक वषग ऩया होन ऩय बी भझ कबी तमफाक खान की तरफ तक नहीॊ रगी | भ ककन शबदो भ ऩजम फाऩ का आबाय रवमकत करॊ भय ऩास शबद ही नहीॊ ह | भझ आनॊद ह कक इन याषड सॊत न फयफाद व नषट होत हए भय जीवन को फिा कय भझ ननरवमसगनी फना टदमा |
-शरी रखन बटवार
जज धमरमा भहायाषड
फाऩजी क सतसॊग स ववशव बय क रोग राबाजनवत
बायतबमभ सदव स ही कवष-भननमो तथा सॊत-भहातभाओॊ की बमभ यही ह जजनहोन ववशव को शाॊनत एवॊ आधमातभ का सॊदश टदमा ह | आज क मग भ ऩजम सॊत शरी आसायाभजी अऩनी अभत वाणी दवाया टदरवम आधमाजतभक सॊदश द यह ह जजसस न कवर बायत वयन ववशव बय भ रोग राबाजनवत हो यह ह |
-शरी सयजीत मसॊह फयनारा याजमऩार आनर परदश
ऻानरऩी गॊगाजी सवमॊ फहकय महाॉ आ गमी
उततयाॊिर याजम का सौबागम ह कक इस दवबभी भ दवता सवरऩ ऩजम फाऩजी का आशरभ फन यहा ह | आऩ ऐसा आशरभ फनाम जसा कहीॊ बी न हो | मह हभ रोगो का सौबागम ह कक अफ ऩजम फाऩजी की ऻानरऩी गॊगाजी सवमॊ फहकय महाॊ आ गमी ह | अफ गॊगा जाकय दशगन कयन व सनान कयन की उतनी आवशमकता नहीॊ ह जजतनी सॊत शरी आसायाभजी फाऩ क ियणो भ फठकय उनक आशीवागद रन की ह |
-शरी ननतमानॊद सवाभीजी ततकारीन भखमभॊतरी उततयाॊिर
गरजी की तसवीय न पराण फिा मरम
कछ ही टदनो ऩहर भया दसया फटा एभ ए ऩास कयक नौकयी क मरम फहत जगह घभा फहत जगह आवदन-ऩतर बजा ककनत उस नौकयी नहीॊ मभरी | कपय उसन फाऩजी स दीा री | भन आशरभ का कछ साभान कसट सतसाटहतम राकय उसको दत हए कहा शहय भ जहाॉ भॊटदय ह जहाॉ भर रगत ह तथा जहाॉ हनभानजी का परमसदध दकषणभखी भॊटदय ह वहाॊ सटार रगाओ | फट न सटार रगाना शर ककमा | ऐस ही एक सटार ऩय जरगाॊव क एक परमसदध रवमाऩायी अगरवारजी आम फाऩजी की कछ कसट खयीदीॊ औय ईशवय की ओय नाभक ऩसतक बी साथ भ र गम ऩसतक ऩढ़ी औय कसट सनी | दसय टदन व कपय आम औय कछ सतसाटहतम खयीद कय र गम व ऩान क थोक ववकरता ह | उनको ऩान खान की आदत ह | ऩसतक ऩढ़कय उनह रगा भ ऩान छोड़ दॉ | उनकी दकान ऩय एक आदभी आमा | ऩाॊिसौ रऩमो का साभान खयीदा औय उनका पोन नमफय र गमा | एक घॊट क फाद उसन दकान ऩय पोन ककमा सठ अगरवारजी भझ आऩका खन कयन का काभ सौऩा गमा था | कापी ऩस (सऩायी) बी टदम गम थ औय भ तमाय बी हो गमा था ऩय जफ भ आऩकी दकान ऩय ऩहॊिा तो ऩयभ ऩजम सॊत शरी आसायाभजी फाऩ क चितर ऩय भयी नजय ऩड़ी | भझ ऐसा रगा भानो साात फाऩ फठ हो औय भझ नक इनसान फनन की परयणा द यह हो गरजी की तसवीय न (तसवीय क रऩ भ साात गरदव न आकय) आऩक पराण फिा मरम | अदबत िभतकाय ह भमफई की ऩाटी न उसको ऩस बी टदम थ औय वह आमा बी था खन कयन क इयाद स ऩयनत जाको याख साॊइमाॉ चितर क दवाय बी अऩनी कऩा फयसान वार ऐस गरदव क परतम दशगन कयन क मरम वह महाॉ बी आमा ह
|
-फारकषण अगरवार
जरगाॊव भहायाषड
सदगर मशषम का साथ कबी नहीॊ छोड़त
एक यात भ दकान स सकटय दवाया अऩन घय जा यहा था | सकटय की कतडककी भ कापी रऩम यख हए थ | जमो ही घय क ऩास ऩहॊिा तो गरी भ तीन फदभाश मभर | उनहोन भझ घय मरमा औय वऩसतौर टदखामी | सकटय रकवाकय भय मसय ऩय तभॊि का फट भाय टदमा औय धकक भाय कय भझ एक तयप चगया टदमा | उनहोन सोिा होगा कक भ अकरा हॊ ऩय मशषम जफ सदगर स भॊतर रता ह शरदधा-ववशवास यखकय उसका जऩ कयता ह तफ सदगर उसका साथ नहीॊ छोड़त | भन सोिा कतडककी भ फहत रऩम ह औय म फदभाश तो सकटय र जा यह ह | भन गरदव स पराथगना की | इतन भ व तीनो फदभाश सकटय छोड़कय थरा र बाग | घय जाकय खोरा होगा तो सबजी औय खारी टटकफ़न दखकय मसय कटा ऩता नहीॊ ऩय फड़ा भजा आमा होगा | भय ऩस फि गमउनका सबजी का खिग फि गमा |
-गोकरिनर गोमर
आगया
गरकऩा स अॊधाऩन दय हआ
भझ गरकोभा हो गमा था | रगबग ऩतीस सार स मह तकरीफ़ थी | कयीफ छ सार तक तो भ अॊधा यहा | कोरकाता िननई आटद सफ जगहो ऩय गमा शॊकय नतरारम भ बी गमा ककनत वहाॊ बी ननयाशा हाथ रगी | कोरकाता क सफस फड़ नतर-ववशषऻ क ऩास गमा | उसन बी भना कय टदमा औय कहा | धयती ऩय ऐसा कोई इनसान नहीॊ जो तमह ठीक कय सक | रककन सयत आशरभ भ भझ गरदव स भॊतर मभरा | वह भॊतर भन खफ शरदधा-ववशवासऩवगक जऩा कमोकक सात बरहमसवरऩ गरदव स वह भॊतर मभरा था | कयीफ छ-सात भहीन ही जऩ हआ था कक भझ थोड़ा-थोड़ा टदखामी दन रगा | डॉकटय कहत थ कक तभको भराॊनत हो गमी ह ऩय भझ तो अफ बी अचछी तयह टदखता ह | एक फाय एक अनम बॊमकय दघगटना स बी गरदव न भझ फिामा था | ऐस गरदव का कण हभ जनभो-जनभो तक नहीॊ िका सकत |
-शॊकयरार भहशवयी
कोरकाता
औय डकत घफयाकय बाग गम
१४ जराई ९९ को कयीफ साढ़ तीन फज भय भकान भ छ डकत घस आम औय उस सभम दबागगम स फाहय का दयवाजा खरा हआ था | दो डकत फाहय भारनत िार यखकय खड़ थ | एक डकत न धकका दकय भयी भाॉ का भॉह फॊद कय टदमा औय अरभायी की िाफी भाॉगन रगा | इस घटना क दौयान भ दकान ऩय था | भयी ऩतनी को बी डकत धभकान रग औय आवाज न कयन को कहा | भयी ऩतनी न ऩजम फाऩजी क चितर क साभन हाथ जोड़कय पराथगना की अफ आऩ ही या कयो इतना ही कहा तो आशचमग आशचमग ऩयभ आशचमग व सफ डकत घफयाकय बागन रग | उनकी हड़फड़ाहट दखकय ऐसा रग यहा था भानो उनह कछ टदखामी नहीॊ द यहा था | व बाग गम | भया ऩरयवाय गरदव का कणी ह |
फाऩजी क आशीवागद स सफ सकशर ह | हभन १५ नवमफय ९८ को वायाणसी भ भॊतरदीा री थी |
-भनोहयरार तरयजा ४ झररार नगय मशवाजी नगय वायाणसी
भॊतर दवाया भतदह भ पराण-सॊिाय
भ शरी मोग वदानत सवा समभनत आभट स जीऩ दवाया यवाना हआ था | ११ जराई १९९४ को भधमानह फायह फज हभायी जीऩ ककसी तकनीकी तरटट क कायण ननमॊतरण स फाहय होकय तीन ऩजपटमाॉ खा गमी | भया ऩया शयीय जीऩ क नीि दफ गमा | ककसी तयह भझ फाहय ननकारा गमा | एक तो दफरा ऩतरा शयीय औय ऊऩय स ऩयी जीऩ का वजन ऊऩय आ जान क कायण भय शयीय क परतमक टहसस भ असहय ददग होन रगा | भझ ऩहर तो कसरयमाजी असऩतार भ दाणखर कयामा गमा | जमो-जमो उऩिाय ककमा गमा कषट फढ़ता ही गमा कमोकक िोट फाहय नहीॊ शयीय क बीतयी टहससो भ रगी थी औय बीतय तक डॉकटयो का कोई उऩिाय काभ नहीॊ कय यहा था | जीऩ क नीि दफन स भया सीना व ऩट ववशष परबाववत हए थ औय हाथ-ऩय भ काॉि क टकड़ घस गम थ | ददग क भाय भझ साॉस रन भ बी तकरीप हो यही थी | ऑकसीजन टदम जान क फाद बी दभ घट यहा था औय भतम की घकतडमाॉ नजदीक टदखामी ऩड़न रगीॊ | भ भयणासनन जसथनत भ ऩहॉि गमा | भया भतम-
परभाणऩतर फनान की तमारयमाॉ कक जान रगीॊ व भझ घय र जान को कहा गमा | इसक ऩवग भया मभतर ऩजम फाऩ स फ़ोन ऩय भयी जसथनत क समफनध भ फात कय िका था |
पराणीभातर क ऩयभ टहतषी दमार सवबाव क सॊत ऩजम फाऩ न उस एक गि भॊतर परदान कयत हए कहा था कक ऩानी भ ननहायत हए इस भॊतर का एक सौ आठ फाय (एक भारा) जऩ कयक वह ऩानी भनोज को एवॊ दघगटना भ घामर अनम रोगो को बी वऩरा दना |
जस ही वह अमबभॊबतरत जर भय भॉह भ डारा गमा भय शयीय भ हरिर होन क साथ ही वभन हआ | इस अदबत िभतकाय स ववजसभत होकय डॉकटयो न भझ तयॊत ही ववशष भशीनो क नीि र जाकय मरटामा | गहन चिककतसकीम ऩयीण क फाद डॉकटयो को ऩता िरा कक जीऩ क नीि दफन स भया ऩया खन कारा ऩड़ गमा था तथा नाड़ी-िारन (ऩपस) रदमगनत व यकत परवाह बी फॊद हो िक थ | भय शयीय का समऩणग यकत फदर टदमा गमा तथा आऩयशन बी हआ | उसक ७२ घॊट फाद भझ होश आमा | फहोशी भ भझ कवर इतना ही माद था की भय बीतय ऩजम फाऩ दवाया परदतत गरभॊतर का जऩ िर यहा ह | होश भ आन ऩय डॉकटयो न ऩछा तभ आऩयशन क सभम फाऩफाऩ ऩकाय यह थ | म फाऩ कौन ह भन फतामा व भय गरदव परात सभयणीम ऩयभ ऩजम सॊत शरी असायाभजी फाऩ ह | डॉकटयो न ऩन भझस परशन ककमा कमा तभ कोई रवमामाभ कयत हो भन कहा भ अऩन गरदव दवाया मसखामी गमी ववचध स आसन व पराणामाभ कयता हॉ | व फोर
इसीमरम तमहाय इस दफर-ऩतर शयीय न मह सफ सहन कय मरमा औय तभ भयकय बी ऩन जजनदा हो उठ दसया कोई होता तो तयॊत घटनासथर ऩय ही उसकी हडकतडमाॉ फाहय ननकर जातीॊ औय वह भय जाता | भय शयीय भ आठ-आठ नमरमाॉ रगी हई थीॊ | ककसीस खन िढ़ यहा था तो ककसी स कबतरभ ऑकसीजन टदमा जा यहा था | मदयवऩ भय शयीय क कछ टहससो भ अबी-बी काॉि क टकड़ भौजद ह रककन गरकऩा स आज भ ऩणग सवसथ
होकय अऩना रवमवसाम व गरसवा दोनो कामग कय यह हॉ | भया जीवन तो गरदव का ही टदमा हआ ह | इन भॊतरदषटा भहवषग न उस टदन भय मभतर को भॊतर न टदमा होता तो भया ऩनजीवन तो समबव नहीॊ था | ऩजम फाऩ भानव-दह भ टदखत हए बी अनत असाधायण भहाऩरष ह | टमरफ़ोन ऩय टदम हए उनक एक भॊतर स ही भय भत शयीय भ ऩन पराणो का सॊिाय हो गमा तो जजन ऩय फाऩ की परतम दवषट ऩड़ती होगी व रोग ककतन बागमशारी होत होग ऐस दमार जीवनदाता सदगर क शरीियणो भ कोटट-कोटट दॊडवत परणाभ
-भनोज कभाय सोनी जमोनत टरसग रकषभी फाजाय आभट याजसथान
सदगरदव की कऩा स नतरजमोनत वाऩस मभरी
भयी दाटहनी आॉख स कभ टदखामी दता था तथा उसभ तकरीफ़ बी थी | धमानमोग मशववय टदपरी भ ऩजम गरदव भवा फाॉट यह थ तफ एक भवा भयी दाटहनी आॉख ऩय आ रगा | आॉख स ऩानी ननकरन रगा | ऩय आशचमग दसय ही टदन स आॉख की तकरीप मभट गमी औय अचछी तयह टदखामी दन रगा |
-याजकरी दवी असनाऩय रारगॊज अजाया जज परताऩगढ़ उततय परदश
फड़दादा की मभटटी व जर स जीवनदान
अगसत ९८ भ भझ भररयमा हआ | उसक फाद ऩीमरमा हो गमा | भय फड़ बाई न आशरभ स परकामशत आयोगमननचध ऩसतक भ स ऩीमरमा का भॊतर ऩढ़कय ऩीमरमा तो उताय टदमा ऩयॊत कछ ही टदनो फाद अॊगरजी दवाओॊ क रयएन स दोनो ककडननमाॉ पर (ननजषकरम) हो गई | भया हाटग (रदम) औय रीवय (मकत) बी पर होन रग | डॉकटयो न तो कह टदमा मह रड़का फि नहीॊ सकता | कपय भझ गोटदमा स नागऩय हॉजसऩटर भ र जामा गमा रककन वहाॉ बी डॉकटयो न जवाफ द टदमा कक अफ कछ नहीॊ हो सकता | भय बाई भझ वहीॊ छोड़कय सयत आशरभ आम वदयजी स मभर औय फड़दादा की ऩरयकरभा कयक पराथगना की तथा वहाॉ की मभटटी औय जर मरमा | ८ तायीख को डॉकटय भयी ककडनी फदरन वार थ |
जफ भय बाई फड़दादा को पराथगना कय यह थ तबी स भझ आयाभ मभरना शर हो गमा था | बाई न ७ तायीख को आकय भझ फड़दादा कक मभटटी रगाई औय जर वऩरामा तो भयी दोनो ककडनीमाॉ सवसथ हो गमी | भझ जीवनदान मभर गमा | अफ भ बफपकर सवसथ हॉ |
-परवीण ऩटर
गोटदमा भहायाषड
ऩजम फाऩ न प का कऩा-परसाद
कछ वषग ऩवग ऩजम फाऩ याजकोट आशरभ भ ऩधाय थ | भझ उन टदनो ननकट स दशगन कयन का सौबागम मभरा | उस सभम भझ छाती भ एनजामना ऩकतटोरयस क कायण ददग यहता था | सतसॊग ऩया होन क फाद कछ रोग ऩजम फाऩ क ऩास एक-एक कयक जा यह थ | भ कछ पर-पर नहीॊ रामा था इसमरए शरदधा क पर मरम फठा था | ऩजम फाऩ
कऩा-परसाद प क यह थ कक इतन भ एक िीक भयी छाती ऩय आ रगा औय छाती का वह ददग हभशा क मरए मभट गमा |
-अयववॊदबाई वसावड़ा याजकोट
एक छोटी थरी फनी अमऩातर
सन १९९२ भ यतराभ (भपर) क ऩास सराना क आटदवासी ववसताय भ बॊडाय का आमोजन था | बॊडाय भ सवाएॉ दन फहत-स साधक आम हए थ | आशरभवासी बाई बी ऩहॉि थ | एक टदन का ही आमोजन था औय सतसॊग-कामगकरभ बी था | उस बॊडाय भ गयीफो क मरए बोजन क अरावा फतगन कऩड़ अनाज औय दकषणा (ऩस) फाॉटन की बी रवमवसथा की गमी थी | भय टहसस ऩस फाॉटन की सवा थी | भन ऩाॉि रऩमोवार सौ-सौ नोटो क ऩिीस फॊडर चगनकय थरी भ यख थ | भझ आदश टदमा गमा था आठ सवाधायी ननमकत कय रो | व रोग ऩाॉि रऩम क नोट फाॉटत जामग | भन आठ सवमॊसवको को ऩहरी फाय आठ फॊडर द टदम | कपय ऩॊरह-फीस मभनट क फाद भन दसयी फाय आठो को एक-एक फॊडर टदमा | कपय तीसयी फाय आठो को एक-एक फॊडर टदमा | कर २४ फॊडर गम | अफ दसयी ऩॊकतकत बोजन क मरए बफठामी गमी | भन आठो सवमॊसवको को ऩहरी की बाॉनत तीन फाय एक-एक फॊडर फाॉटन क मरए टदमा | कर ४८ फॊडर गम | बॊडाया ऩया होन क फाद भन सोिा िरो अफ टहसाफ कय र | भ चगनन फठा | भय ऩास ६ फॊडर फि थ | मह कस
भ दॊग यह गमा भन ऩस फाॉटनवारो स ऩछा तो उनहोन फतामा कक कर ४८ फॊडर फाॉट गम थ | भ आशरभ आमा तो रवमवसथाऩक न कहा भन तो आऩको २५ फॊडर टदम थ |
सफको आशचमग हो यहा था कक फॉट ४८ फॊडर औय रकय िर थ २५ फॊडर | २५ भ स ४८ फॉट औय ६ फि गम गरदव का आशीवागद दणखम कक एक छोटी-सी थरी अम ऩातर फन गमी
-ईशवयबाई नामक
अभदावाद आशरभ
फटी न भनौती भानी औय गरकऩा हई
भयी फटी को शादी ककम आठ सार हो गम थ | ऩहरी फाय जफ वह गबगवती हई तफ फचिा ऩट भ ही भय गमा | दसयी फाय फचिी जनभी ऩय छ भहीन भ वह बी िर फसी |
कपय भयी ऩतनी न फटी स कहा अगय त सॊकपऩ कय कक जफ तीसयी फाय परसती होगी तफ तभ फारक की जीब ऩय फाऩजी क फतान क भताबफक bdquoॐ‟ मरखोगी तो तया फारक जीववत यहगा ऐसा भझ ववशवास ह कमोकक ॐकाय भॊतर भ ऩयभानॊदसवरऩ परब ववयाजभान ह | भयी फटी न इस परकाय भनौती भानी औय सभम ऩाकय वह गबगवती हई | सोनोगराफ़ी कयवामी गमी तो डॉकटयो न फतामा गबग भ फचिी ह औय उसक टदभाग भ ऩानी बया हआ ह | वह जजॊदा नहीॊ यह सकगी | गबगऩात कयवा दो | भयी फटी न अऩनी भाॉ स सराह की | उसकी भाॉ न कहा गबगऩात का भहाऩाऩ नहीॊ कयवाना ह | जो होगा दखा जामगा |
गरदव कऩा कयग | जफ परसती हई तो बफपकर पराकनतक ढ़ॊग स हई औय उस फचिी की जीब ऩय शहद एवॊ मभशरी स ॐ मरखा गमा | आज वह बफपकर ठीक ह | जफ उसकी डॉकटयी जाॉि कयवामी गमी तो डॉकटय आशचमग भ ऩड़ गम सोनोगराफ़ी भ जो फीभारयमाॉ टदख यही थीॊ व कहाॉ िरी गमीॊ टदभाग का ऩानी कहाॉ िरा गमा टहनदजा हॉजसऩटरवार मह करयशभा दखकय दॊग यह गम अफ घय भ जफ कोई दसयी कोई कसट िरती ह तो वह फचिी इशाया कयक कहती ह ॐवारी कसट िराओ | वऩछरी ऩनभ को हभ भॊफई स टाटा सभो भ आ यह थ | फाढ़ क ऩानी क कायण यासता फॊद था | हभ सोि भ ऩड़ गम कक ऩनभ का ननमभ टटगा | हभन गरदव का सभयण ककमा | इतन भ हभाय डराइवय न हभस ऩछा जान दॉ हभन बी गरदव का सभयण कयक कहा जान दो औय हरय हरय ॐ कीतगन की कसट रगा दो | गाड़ी आग िरी | इतना ऩानी कक हभ जहाॉ फठ थ वहाॉ तक ऩानी आ गमा | कपय बी हभ गरदव क ऩास सकशर ऩहॉि गम औय उनक दशगन ककम|
-भयायीरार अगरवार
साॊताकरज भॊफई
औय गरदव की कऩा फयसी
जफस सयत आशरभ की सथाऩना हई तफस भ गरदव क दशगन कयत आ यहा हॉ उनकी अभतवाणी सनता आ यहा हॉ | भझ ऩजमशरी स भॊतरदीा बी मभरी ह | परायबधवश एक टदन भय साथ एक बमॊकय दघगटना घटी | डॉकटय कहत थ आऩका एक हाथ अफ काभ नहीॊ कयगा | भ अऩना भानमसक जऩ भनोफर स कयता यहा | अफ हाथ बफपकर ठीक ह | उसस भ ७० ककगरा वजन उठा सकता हॉ | भयी सभसमा थी कक शादी होन क फाद भझ कोई सॊतान नहीॊ थी | डॉकटय कहत थ कक सॊतान नहीॊ हो सकती | हभ रोगो न गरकऩा एवॊ गरभॊतर का सहाया मरमा धमानमोग मशववय भ आम औय गरदव की कऩा फयसी | अफ
हभायी तीन सॊतान ह दो ऩबतरमाॉ औय एक ऩतर | गरदव न ही फड़ी फटी का नाभ गोऩी औय फट का नाभ हरयककशन यखा ह | जम हो सदगरदव की
-हॉसभख काॊनतरार भोदी ५७ अऩना घय सोसामटी सॊदय योड़ सयत
कसट-शरवण स बकतकत का सागय टहरोय रन रगा
भ हय सार गमभगमो भ कबी फरीनाथ तो कबी कदायनाथ तो कबी गॊगोतरी आटद तीथो भ जाता यहता था | रवषकश भ एक दकान क ऩास खड़ यहन ऩय भझ ऩजम गरदव की अभतवाणी की कसट भो का भागग भौत की भौत तीन फात आटद दखन-सनन को मभरीॊ तो भन म कसट खयीद रीॊ | घय ऩहॉिकय कसट सनन क फाद रदम भ बकतकत का सागय टहरोय रन रगा | भझ ऐसा रगा भानो कोई भझ फरा यहा हो | दकान जात सभम ऐसा आबास हआ कक कोई ऩवग आनवारा ह औय भझ अभदावाद जाना होगा उसी टदन अभदावाद आशरभ स भय ऩतर का जवाफ आमा कक टदनाॊक १२ को गरऩनभ का ऩवग ह |
आऩ गरदव क दशगन कय सकत ह | हभ सऩरयवाय आशरभ ऩहॉि | दशगन कयक धनम हए |
दीा ऩाकय कताथग हए | अफ तो हय भहीन जफ तक गरदव क दशगन नहीॊ कयता तफ तक भझ ऐसा रगता ह कक भन कछ खो टदमा ह | दीा क फाद साधन-बजन फढ़ यहा ह बकतकत फढ़ यही ह | ऩहर सॊसाय भ सपरता-ववपरता की जो िोट रगती थी अफ उनका परबाव कभ हआ ह | ववषम-ववकायो का परबाव कभ हआ ह | जान जीव तफ जागा हरय ऩद रचि ववषम ववरास ववयागा भय जीवन भ सॊत तरसीदासजी क इन विनो का समोदम हो यहा ह |
-मशवकभाय तरसमान
गोयखऩय उततय परदश
गरदव न बजा अमऩातर
हभ परिायमातरा क दौयान गरकऩा का जो अदबत अनबव हआ वह अवणगनीम ह | मातरा की शरआत स ऩहर टदनाॊक ८-११-९९ को हभ ऩजम गरदव क आशीवागद रन गम |
गरदव न कामगकरभ क ववषम भ ऩछा औय कहा ऩॊिड़ आशरभ (यतराभ) भ बॊडाया था |
उसभ फहत साभान फि गमा ह | गाड़ी बजकय भॉगवा रना गयीफो भ फाॉटना | हभ झाफआ जजर क आस-ऩास क गयीफ आटदवासी इराको भ जानवार थ | वहाॉ स यतराभ क
मरए गाड़ी बजी | चगनकय साभान बया गमा | दो टदन िर उतना साभान था | एक टदन भ दो बॊडाय होत थ | अत िाय बॊडाय का साभान था | सफन खपर हाथो फतगन कऩड़ साकतड़माॉ धोती आटद साभान छ टदनो तक फाॉटा कपय बी साभान फिा यहा | सफको आशचमग हआ हभ रोग साभान कपय स चगनन रग ऩयॊत गरदव की रीरा क ववषम भ कमा कह
कवर दो टदन िर उतना साभान छ टदनो तक खपर हाथो फाॉटा कपय बी अॊत भ तीन
फोय फतगन फि गम भानो गरदव न अमऩातर बजा हो एक टदन शाभ को बॊडाया ऩया हआ तफ दखा कक एक ऩतीरा िावर फि गमा ह | कयीफ १००-१२५ रोग खा सक उतन िावर थ | हभन सोिा िावर गाॉव भ फाॊट दत ह | ऩयॊत गरदव की रीरा दखो एक गाॉव क फदर ऩाॉि गाॉवो भ फाॉट कपय बी िावर फि यह | आणखय याबतर भ ९ फज क फाद सवाधारयमो न थककय गरदव स पराथगना की कक गरदव अफ जॊगर का ववसताय ह हभ ऩय कऩा कयो | औय िावर खतभ हए | कपय सवाधायी ननवास ऩय ऩहॉि |
-सॊत शरी आसायाभजी बकतभॊडर
कतायगाभ सयत
सवपन भ टदम हए वयदान स ऩतरपरानि
भय गरहसथ जीवन भ एक-एक कयक तीन कनमाएॉ जनभी | ऩतरपरानि क मरए भयी धभगऩतनी न गरदव स आशीवागद पराि ककमा था | िौथी परसनत होन क ऩहर जफ उसन वरसाड़ भ सोनोगराफ़ी कयवामी तो रयऩोटग भ रड़की फतामा गमा | मह सनकय हभ ननयाश हो गम |
एक यात ऩतनी को सवपन भ गरदव न दशगन टदम औय कहा फटी चिॊता भत कय |
घफयाना भत धीयज यख | रड़का ही होगा | हभन सयत आशरभ भ फड़दादा की ऩरयकरभा कयक भनौती भानी थी वह बी फ़रीबत हई औय गरदव का बरहमवाकम बी सतम साबफत हआ जफ परसनत होन ऩय रड़का हआ | सबी गरदव की जम-जमकाय कयन रग |
-सनीर कभाय याधशमाभ िौयमसमा दीऩकवाड़ी ककपरा ऩायड़ी जज वरसाड़
शरी आसायाभामण क ऩाठ स जीवनदान
भया दस वषीम ऩतर एक यात अिानक फीभाय हो गमा | साॉस बी भजशकर स र यहा था |
जफ उस हॉजसऩटर भ बती ककमा तफ डॉकटय फोर | फचिा गॊबीय हारत भ ह | ऑऩयशन कयना ऩड़गा | भ फचि को हॉजसऩटर भ ही छोड़कय ऩस रन क मरए घय गमा औय घय
भ सबी को कहा ldquoआऩ रोग शरी आसायाभामण का ऩाठ शर कयो |rdquo ऩाठ होन रगा |
थोड़ी दय फाद भ हॉजसऩटर ऩहॉिा | वहाॉ दखा तो फचिा हॉस-खर यहा था | मह दख भयी औय घयवारो की खशी का टठकाना न यहा मह सफ फाऩजी की असीभ कऩा गर-गोववनद की कऩा औय शरी आसायाभामण-ऩाठ का पर ह |
-सनीर िाॊडक
अभयावती भहायाषड
गरवाणी ऩय ववशवास स अवणीम राब
शादी होन ऩय एक ऩतरी क फाद सात सार तक कोई सॊतान नहीॊ हई | हभाय भन भ ऩतरपरानि की इचछा थी | १९९९ क मशववय भ हभ सॊतानपरानि का आशीवागद रनवारो की ऩॊकतकत भ फठ | फाऩजी आशीवागद दन क मरए साधको क फीि आम तो कछ साधक नासभझी स कछ ऐस परशन कय फठ जो उनह नहीॊ कयन िाटहए थ | गरदव नायाज होकय मह कहकय िर गम कक तभको सॊतवाणी ऩय ववशवास नहीॊ ह तो तभ रोग महाॉ कमो आम तमह डॉकटय क ऩास जाना िाटहए था | कपय गरदव हभाय ऩास नहीॊ आम | सबी पराथगना कयत यह ऩय गरदव रवमासऩीठ स फोर दफाया तीन मशववय बयना | भ भन भ सोि यहा था कक कछ साधको क कायण भझ आशीवागद नहीॊ मभर ऩामा ऩयॊत वजरादवऩ कठोयाणण भदनन कसभादवऩ फाहय स वजर स बी कठोय टदखन वार सदगर बीतय स पर स बी कोभर होत ह | तयॊत गरदव ववनोद कयत हए फोर दखो म रोग सॊतानपरानि का आशीवागद रन आम ह | कस ठनठनऩार-स फठ ह अफ जाओ झरा-झनझना रकय घय जाओ | भन औय भयी ऩतनी न आऩस भ वविाय ककमा दमार गरदव न आणखय आशीवागद द ही टदमा | अफ गरदव न कहा ह कक झरा-झनझना र जाओ | तो भन गरविन भानकय यरव सटशन स एक झनझना खयीद मरमा औय गवामरमय आकय गरदव क चितर क ऩास यख टदमा | भझ वहाॉ स आन क १५ टदन फाद डॉकटय दवाया भारभ हआ कक ऩतनी गबगवती ह | भन गरदव को भन-ही-भन परणाभ ककमा | इस फीि डॉकटयो न सराह दी कक रड़का ह मा रड़की इसकी जाॉि कया रो | भन फड़ ववशवास स कहा कक रड़का ही होगा | अगय रड़की बी हई तो भझ कोई आऩवतत नहीॊ ह | भझ गबगऩात का ऩाऩ अऩन मसय ऩय नहीॊ रना ह | नौ भाह तक भयी ऩतनी बी सवसथ यही | हरयदवाय मशववय भ बी हभ रोग गम | सभम आन ऩय गरदव दवाया फताम गम इराज क भताबफक गाम क गोफय का यस ऩतनी को टदमा औय टदनाॊक २७ अकतफय १९९९ को एक सवसथ फारक का जनभ हआ |
-याजनर कभाय वाजऩमी अिगना वाजऩमी फरवॊत नगय ढाढीऩय भयाया गवामरमय
औय सोना मभर गमा
हभाय सॊमकत ऩरयवाय भ साठ तोरा सोना िोयी हो गमा था | सतसॊगी होन क कायण हभ द ख तो नहीॊ हआ कपय बी थोडी-फहत चिनता अवशम हई | आशरभ क एक साधक न हभस कहा | आऩ रोग शरी आसायाभामण क १०८ ऩाठ कयो औय सॊकपऩ कयो कक हभाया सोना हभ जरय मभरगा | मभनाऩाय टदपरी भ गरदव का आगभन हआ | हभ शाभ को गरदव क दशगन कयन गम | हभन कछ कहा नहीॊ कमोकक गरदव अॊतमागभी ह | उनहोन हभको परसाद टदमा | उसी यात घय ऩय पोन आमा कक आऩका सोना मभर गमा ह | िोय रखनऊ भ ऩकड़ा गमा ह | हभ आशचमग हआ शरी आसायाभामण क १०८ ऩाठ ऩय बी नहीॊ हए थ औय सोना मभर गमा |
-रीना फटानी यानीफाग टदपरी
सवपर क दो टकड़ो स दो सॊतान
भन सन १९९१ भ िटीिॊड मशववय अभदावाद भ ऩजम फाऩजी स भॊतरदीा री थी | भयी शादी क १० वषग तक भख कोई सॊतान नहीॊ हई | फहत इराज कयवाम रककन सबी डॉकटयो न फतामा कक फारक होन की कोई सॊबावना नहीॊ ह | तफ भन ऩजम फाऩजी क ऩनभ दशगन का वरत मरमा औय फाॉसवाड़ा भ ऩनभ दशगन क मरए गमा | ऩजम फाऩजी सफको परसाद द यह थ | भन भन भ सोिा | कमा भ इतना ऩाऩी हॉ कक फाऩजी भयी तयप दखत तक नहीॊ इतन भ ऩजम फाऩजी कक दवषट भझ ऩय ऩड़ी औय उनहोन भझ दो मभनट तक दखा | कपय उनहोन एक सवपर रकय भझ ऩय प का जो भय दाम कॊ ध ऩय रगकय दो टकड़ो भ फॉट गमा | घय जाकय भन उस सवपर क दोनो बाग अऩनी ऩतनी को णखरा टदम | ऩजमशरी का कऩाऩणग परसाद खान स भयी ऩतनी गबगवती हो गमी | ननयीण कयान ऩय ऩता िरा कक उसको दो मसय वारा फारक उतऩनन होगा | डॉकटयो न फतामा उसका मसजरयमन कयना ऩड़गा अनमथा आऩकी ऩतनी क फिन की समबावना नहीॊ ह | मसजरयमन भ रगबग फीस हजाय रऩमो का खिग आमगा | भन ऩजम फाऩजी स पराथगना की ह फाऩजी आऩन ही पर टदमा था | अफ आऩ ही इस सॊकट का ननवायण कीजजम | कपय
भन फड़ फादशाह क साभन बी पराथगना की जफ भ असऩतार ऩहॉिॉ तो भयी ऩतनी की परसती सकशर हो जाम | उसक फाद जफ भ असऩतार ऩहॉिा तो भयी ऩतनी एक ऩतर औय एक ऩतरी को जनभ द िकी थी | ऩजमशरी क दवाया टदम गम पर स भझ एक की जगह दो सॊतानो की परानि हई |
-भकशबाई सोरॊकी शायदा भॊटदय सकर क ऩीछ
फावन िार वड़ोदया
साइककर स गरधाभ जान ऩय खयाफ टाॉग ठीक हो गमी
भयी फाॉमी टाॉग घटन स उऩय ऩतरी हो गमी थी | ऑर इणणडमा भकतडकर इनसटीटमट
टदपरी भ भ छ टदन तक यहा | वहाॉ जाॉि क फाद फतरामा गमा कक तमहायी यीढ़ की हडडी क ऩास कछ नस भय गमी ह जजसस मह टाॉग ऩतरी हो गमी ह | मह ठीक तो हो ही नहीॊ सकती | हभ तमह ववटामभन ई क कपसर द यह ह | तभ इनह खात यहना | इसस टाॊग औय जमादा ऩतरी नहीॊ होगी | भन एक सार तक कपसर खाम | उसक फाद २२ जन
१९९७ को भजफ़फ़यनगय भ भन गरजी स भॊतरदीा री औय दवाई खाना फॊद कय दी | जफ एक साधक बाई याहर गिा न कहा कक सहायनऩय स साइककर दवाया उततयामण मशववय अभदावाद जान का कामगकरभ फन यहा ह तफ भन टाॉग क फाय भ सोि बफना साइककर मातरा भ बाग रन क मरए अऩनी सहभनत द दी | जफ भय घय ऩय ऩता िरा कक भन साइककर स गरधाभ अभदावाद जान का वविाय फनामा ह अत तभ ११५० ककभी तक साइककर नहीॊ िरा ऩाओग | रककन भन कहा भ साइककर स ही गरधाभ जाऊॉ गा िाह ककतनी बी दयी कमो न हो औय हभ आठ साधक बाई सहायनऩय स २६ टदसमफय ९७ को साइककरो स यवाना हए | भागग भ िढ़ाई ऩय भझ जफ बी कोइ टदककत होती तो ऐसा रगता जस भयी साइककर को कोई ऩीछ स धकर यहा ह | भ भड़कय ऩीछ दखता तो कोई टदखामी नहीॊ ऩड़ता | ९ जनवयी को जफ हभ अभदावाद गरआशरभ भ ऩहॉि औय भन सफह अऩनी टाॉग दखी तो भ दॊग यह गम जो टाॉग ऩतरी हो गमी थी औय डॉकटयो न उस ठीक होन स भना कय टदमा था वह टाॉग बफपकर ठीक हो गमी थी | इस कऩा को दखकय भ िककत यह गमा भय साथी बी दॊग यह गम मह सफ गरकऩा क परसाद का िभतकाय था | भय आठो साथी भयी ऩतनी तथा ऑर इणणडमा भकतडकर इनसटीटमट टदपरी दवाया जाॉि क परभाणऩतर इस फात क साी ह |
-ननयॊकाय अगरवार
ववषणऩयी
अदबत यही भौनभॊटदय की साधना
ऩयभ ऩजम सदगरदव की कऩा स भझ टदनाॊक १८ स २४ भई १९९९ तक अभदावाद आशरभ क भौनभॊटदय भ साधना कयन का सअवसय मभरा | भौनभॊटदय भ साधना क ऩाॉिव टदन मानी २२ भई की याबतर को रगबग २ फज नीॊद भ ही भझ एक झटका रगा | रट यहन कक जसथनत भ ही भझ भहसस हआ कक कोई अदशम शकतकत भझ ऊऩय फहत ऊऩय उड़म र जा यही ह | ऊऩय उड़त हए जफ भन नीि झाॉककय दखा तो अऩन शयीय को उसी भौनभॊटदय भ चितत रटा हआ फखफय सोता हआ ऩामा | ऊऩय जहाॉ भझ र जामा गमा वहाॉ अरग ही छटा थी अजीफ औय अवणीम आकाश को बी बदकय भझ ऐस सथान ऩय ऩहॉिामा गमा था जहाॉ िायो तयप कोहया-ही-कोहया था जस शीश की छत ऩय ओस परी हो इतन भ दखता हॉ कक एक सबा रगी ह बफना शयीय की कवर आकनतमो की | जस यखाओॊ स भनषमरऩी आकनतमाॉ फनी हो | मह सफ कमा िर यहा था सभझ स ऩय था |
कछ ऩर क फाद व आकनतमाॉ सऩषट होन रगी | दवी-दवताओॊ क ऩॊज क भधम शीषग भ एक उचि आसन ऩय साात फाऩजी शॊकय बगवान फन हए करास ऩवगत ऩय ववयाजभान थ औय दवी-दवता कताय भ हाथ फाॉध खड़ थ | भ भक-सा होकय अऩरक नतरो स उनह दखता ही यहा कपय भॊतरभगध हो उनक ियणो भ चगय ऩड़ा | परात क ४ फज थ | अहा भन औय शयीय हपका-फ़पका रग यहा था मही जसथनत २४ भई की भधमयाबतर भ बी दोहयामी गमी | दसय टदन सफह ऩता िरा कक आज तो फाहय ननकरन का टदन ह मानी यवववाय २५ भई की सफह | फाहय ननकरन ऩय बावबया रदम गदगद कॊ ठ औय आखो भ आॉस मो रग यहा था कक जस ननजधाभ स फघय ककमा जा यहा हॉ | धनम ह वह बमभ
भौनभॊटदय भ साधना की वह रवमवसथा जहाॊ स ऩयभ आनॊद क सागय भ डफन की कॊ जी मभरती ह जी कयता ह बगवान ऐसा अवसय कपय स राम जजसस कक उसी भौनभॊटदय भ ऩन आॊतरयक आनॊद का यसऩान कय ऩाऊॉ |
-इनरनायामण शाह
१०३ यतनदीऩ-२ ननयारा नगय कानऩय
असाधम योग स भकतकत
सन १९९४ भ भयी ऩतरी टहयर को शयद ऩणणगभा क टदन फखाय आमा | डॉकटयो को
टदखामा तो ककसीन भररयमा कहकय दवाइमाॉ दी तो ककसीन टामपामड कहकय इराज शर ककमा तो ककसीन टामपामड औय भररयमा दोनो कहा | दवाई की एक खयाक रन स शयीय नीरा ऩड़ गमा औय सज गमा | शयीय भ खन की कभी स उस छ फोतर खन िढ़ामा गमा | इॊजन दन स ऩय शयीय को रकवा भाय गमा | ऩीठ क ऩीछ शमावरण जसा हो गमा | ऩीठ औय ऩय का एकस-य मरमा गमा | ऩय ऩय वजन फाॉधकय यखा गमा | डॉकटयो न उस वाम का फखाय तथा यकत का क सय फतामा औय कहा कक उसक रदम तो वापव िौड़ा हो गमा ह | अफ हभ टहमभत हाय गम | अफ ऩजमशरी क मसवाम औय कोई सहाया नहीॊ था | उस सभम टहयर न कहा भमभी भझ ऩजम फाऩ क ऩास र िरो | वहाॉ ठीक हो जाऊगी | ऩाॉि टदन तक टहयर ऩजमशरी की यट रगाती यही | हभ उस अभदावाद आशरभ भ फाऩ क ऩास र गम | फाऩ न कहा इस कछ नहीॊ हआ ह | उनहोन भझ औय टहयर को भॊतर टदमा एवॊ फड़दादा की परदकषणा कयन को कहा | हभन परदकषणा की औय टहयर ऩनरह टदन भ िरन-कफ़यन रगी | हभ फाऩ की इस करणा-कऩा का कण कस िकाम अबी तो हभ आशरभ भ ऩजमशरी क शरीियणो भ सऩरयवाय यहकय धनम हो यह ह |
-परपपर रवमास
बावनगय
वतगभान भ अभदावाद आशरभ भ सऩरयवाय सभवऩगत
ऩजम फाऩ का दशगन-सतसॊग ही जीवन का सचिा यतन ह
भझ िाय सार स ऩतर कक काभना थी औय भय भन भ हआ कक भयी मह काभना जरय ऩयी होगी | अभदावाद भ धमानमोग मशववय क दौयान ऐसा वविाय आमा कक फाऩ भझ अऩन ियणो भ फरामग | भन भ दढ़ शरदधा थी | इतन रोगो क फीि भ स फाऩ न तजऩणग दवषट भझ ऩय डारी सॊतय का परसाद टदमा औय भया बागम खर गमा | फचि क जनभ स ऩहर डॉकटयो न ऑऩयशन को कहा था रककन फाऩ क फतान क भताबफक भय घयवारो न भझ गाम क गोफय का यस वऩरामा औय शीघर ही फारक का जनभ हो गमा | सचिी शरदधा-बकतकत हो तो कमा असॊबव ह ऩजम फाऩ का दशगन-सतसॊग ही जीवन का सचिा यतन ह |
सचिी शरदधा-बकतकत स ऐसा यतन ऩानवार हभ सबी धनबागी ह |
-यखा ऩयभाय भीया योड़ भॊफई
कसट का िभतकाय
रवमाऩाय उधायी भ िर जान स भ हताश हो गमा था एवॊ अऩनी जजॊदगी स तॊग आकय आतभहतमा कयन की फात सोिन रगा था | भझ साध-भहातभाओॊ व सभाज क रोगो स घणा-सी हो गमी थी धभग व सभाज स भया ववशवास उठ िका था | एक टदन भयी सारी फाऩजी क सतसॊग कक दो कसट ववचध का ववधान एवॊ आणखय कफ तक र आमी औय उसन भझ सनन क मरए कहा | उसक कई परमास क फाद बी भन व कसट नहीॊ सनीॊ एवॊ भन-ही-भन उनह ढ़ोग कहकय कसटो क कतडबफ भ दार टदमा | भन इतना ऩयशान था कक यात को नीॊद आना फॊद हो गमा था | एक यात कफ़पभी गाना सनन का भन हआ | अॉधया होन की वजह स कसट ऩहिान न सका औय गरती स फाऩजी क सतसॊग की कसट हाथ भ आ गमी | भन उसीको सनना शर ककमा | कपय कमा था भयी आशा फॉधन रगी | भन शाॉत होन रगा | धीय-धीय सायी ऩीड़ाएॉ दय होती िरी गमीॊ | भय जीवन भ योशनी-ही-योशनी हो गमी | कपय तो भन ऩजम फाऩजी क सतसॊग की कई कसट सनीॊ औय सफको सनामीॊ |
तदनॊतय भन गाजजमाफाद भ फाऩजी स दीा बी गरहण की | रवमाऩाय की उधायी बी िकता हो गमी | फाऩजी की कऩा स अफ भझ कोई द ख नहीॊ ह | ह गरदव फस एक आऩ ही भय होकय यह औय भ आऩका ही होकय यहॉ |
-ओभपरकाश फजाज
टदपरी योड़ सहायनऩय उततय परदश
भझ ऩय फयसी सॊत की कऩा
सन १९९५ क जन भाह भ भ अऩन रड़क औय बतीज क साथ हरयदवाय धमानमोग मशववय भ बाग रन गमा | एक टदन जफ भ हय की ऩौड़ी ऩय सनान कयन गमा तो ऩानी क तज फहाव क कायण ऩय कपसरन स भया रड़का औय बतीजा दोनो अऩना सॊतरन खो फठ औय गॊगा भ फह गम | ऐसी सॊकट की घड़ी भ भ अऩना होश खो फठा | कमा करॉ भ पट-पटकय योन रगा औय फाऩजी स पराथगना कयन रगा कक ह नाथ ह गरदव या कीजजम भय फचिो को फिा रीजजम | अफ आऩका ही सहाया ह | ऩजमशरी न भय सचि रदम स ननकरी ऩकाय सन री औय उसी सभम भया रड़का भझ टदखामी टदमा | भन झऩटकय उसको फाहय खीॊि मरमा रककन भया बतीजा तो ऩता नहीॊ कहाॉ फह गमा भ ननयॊतय यो यहा था औय भन भ फाय-फाय वविाय उठ यहा था कक फाऩजी भया रड़का फह जाता तो कोई फात नहीॊ थी रककन अऩन बाई की अभानत क बफना भ घय कमा भॉह
रकय जाऊॉ गा फाऩजी आऩही इस बकत की राज फिाओ | तबी गॊगाजी की एक तज रहय उस फचि को बी फाहय छोड़ गमी | भन रऩककय उस ऩकड़ मरमा | आज बी उस हादस को सभयण कयता हॉ तो अऩन-आऩको सॉबार नहीॊ ऩाता हॉ औय भयी आॉखो स ननयॊतय परभ की अशरधाया फहन रगती ह | धनम हआ भ ऐस गरदव को ऩाकय ऐस सदगरदव क शरीियणो भ भय फाय-फाय शत-शत परणाभ
-सभारखाॉ ऩानीऩत हरयमाणा
गरदव की कऩा स सॊतानपरानि
भयी शादी को ऩाॉि सार हो गम थ कपय बी कोई सॊतान नहीॊ हई | रोग हभ फहत तान भायत थ | तबी भन-ही-भन ननणगम र मरमा कक ऩजम फाऩ क आशरभ भ जाना ह | जनवयी १९९९ भ परथभ फाय उततयामण मशववय बया औय भॊतरदीा री | अफ गरदव कक कऩा स भझ एक सॊदय फारक पराि हआ ह | ऩजम फाऩजी की इतनी कऩा-करणा दखकय रदम बय आता ह | भ ऩजम फाऩजी स पराथगना कयती हॉ कक मह फारक उनह सभवऩगत कय सकॊ औय मह उनक मोगम फनसक ऐसी सदफवदध हभ द |
-ननभगरा क तड़वी काॊनतबाई हीयाबाई तडवी याभजी भॊटदय क ऩास कायरी फाग वड़ोदया
गरकऩा स जीवनदान
टदनाॊक १५-१-९६ की घटना ह | भन धात क ताय ऩय सखन क मरए कऩड़ परा यख थ |
फारयश होन क कायण उस ताय भ कयॊट आ गमा था | भया छोटा ऩतर ववशार जो कक ११ वीॊ का भ ऩढ़ता ह आकय उस ताय स छ गमा औय बफजरी का कयॊट रगत ही वह फहोश हो गमा शव क सभान हो गमा | हभन उस तयॊत फड़ असऩतार भ दाणखर कयवामा | डॉकटय न फचि की हारत गॊबीय फतामी | ऐसी ऩरयजसथनत दखकय भयी आॉखो स अशरधायाएॉ फह ननकरी | भ ननजानॊद की भसती भ भसत यहन वार ऩजम सदगरदव को भन-ही-भन माद ककमा औय पराथगना कक ह गरदव अफ तो इस फचि का जीवन आऩक ही हाथो भ ह | ह भय परब आऩ जो िाह सो कय सकत ह | औय आणखय भयी पराथगना सपर हई | फचि भ एक नवीन ितना का सॊिाय हआ एवॊ धीय-धीय फचि क सवासम भ
सधाय होन रगा | कछ ही टदनो भ वह ऩणगत सवसथ हो गमा | डॉकटय न तो उऩिाय ककमा रककन जो जीवनदान उस पमाय परब की कऩा स सदगरदव की कऩा स मभरा उसका वणगन कयन क मरए भय ऩास शबद नहीॊ ह | फस ईशवय स भ मही पराथगना कयता हॉ कक ऐस बरहमननषठ सॊत-भहाऩरषो क परनत हभायी शरदधा भ ववदध होती यह | -
डॉ वाम ऩी कारया शाभरदास कॉरज बावनगय गजयात
ऩजम फाऩ जस सॊत दननमा को सवगग भ फदर सकत ह
भई १९९८ क अॊनतभ टदनो भ ऩजमशरी क इॊदौय परवास क दौयान ईयान क ववखमात कफ़जजमशमन शरी फफाक अगरानी बायत भ अधमाजतभक अनबवो की परानि आम हए थ |
ऩजमशरी क दशगन ऩाकय जफ उनहोन अधमाजतभक अनबवो को परीबत होत दखा तो व ऩॊिड़ आशरभ भ आमोजजत धमानमोग मशववय भ बी ऩहॉि गम | शरी अगरानी जो दो टदन रककय वाऩस रौटन वार थ व ऩय गमायह टदन तक ऩॊिड़ आशरभ भ रक यह | उनहोन ववधाथी मशववय भ सायसवतम भॊतर की दीा री एवॊ ववमशषट धमानमोग साधना मशववय (४ -१० जन १९९८) का बी राब मरमा | मशववय क दौयान शरी अगरानी न ऩजमशरी स भॊतरदीा बी र री | ऩजमशरी क साजननधम भ सॊपराि अनबनतमो क फाय भ बतरम सभािाय ऩतर ितना को दी हई बटवाताग भ शरी अगरानी कहत ह मटद ऩजम फाऩ जस सॊत हय दश भ हो जाम तो मह दननमा सवगग फन सकती ह | ऐस शाॊनत स फठ ऩाना हभाय मरए कटठन ह रककन जफ ऩजम फाऩजी जस भहाऩरषो क शरीियणो भ फठकय सतसॊग सनत ह तो ऐसा आनॊद आता ह कक सभम का कछ ऩता ही नहीॊ िरता | सिभि ऩजम फाऩ कोई साधायण सॊत नहीॊ ह |
-शरी फफाक अगरानी ववशवववखमात कफ़जजमशमन ईयान
फाऩजी का साजननधम गॊगा क ऩावन परवाह जसा ह
कर-कर कयती इस बागीयथी की धवर धाया क ककनाय ऩय ऩजम फाऩजी क साजननधम भ फठकय भ फड़ा ही आपहाटदत औय परभटदत हॉ आनॊटदत हॉ योभाॊचित हॊ | गॊगा बायत की सषमना नाड़ी ह | गॊगा बायत की सॊजीवनी ह | शरी ववषणजी क ियणो स ननकरकय बरहमाजी क कभॊड़र औय जटाधय क भाथ ऩय शोबामभान गॊगा बतरमोगमसवदधकायक ह |
ववषणजी क ियणो स ननकरी गॊगा बकतकत मोग की परतीनत कयाती ह औय मशवजी क भसतक ऩय जसथत गॊगा ऻान मोग की उचितय बमभका ऩय आरढ़ होन की खफय दती ह |
भझ ऐसा रग यहा ह कक आज फाऩजी क परविनो को सनकय भ गॊगा भ गोता रगा यहा हॉ कमोकक उनका परविन उनका सजननधम गॊगा क ऩावन परवाह जसा ह | व अरभसत फ़कीय ह | व फड़ सयर औय सहज ह | व जजतन ही ऊऩय स सयर ह उतन ही अॊतय भ गढ़ ह | उनभ टहभारम जसी उचिता ऩववतरता शरषठता ह औय सागयतर जसी गॊबीयता ह |
व याषड की अभपम धयोहय ह | उनह दखकय कवष-ऩयमऩया को फोध होता ह | गौतभ कणाद
जमभनी कवऩर दाद भीया कफीय यदास आटद सफ कबी-कबी उनभ टदखत ह |
य बाई कोई सतगर सॊत कहाव
जो ननन अरख रखाव धयती उखाड़ आकाश उखाड़
अधय भड़मा धाव |
शनम मशखय क ऩाय मशरा ऩय आसन अिर जभाव |
य बाई कोई सतगर सॊत कहाव
एक ऐस ऩावन साजननधम भ हभ फठ ह जो फड़ा दरगब औय सहज मोगसवरऩ ह | ऐस भहाऩरषो क मरए ऩॊकतकतमाॉ माद आ यही ह तभ िरो तो िर धयती िर अॊफय िर दननमा ऐस भहाऩरष िरत ह तो उनक मरए समग िॊर ताय गरह नतर आटद सफ अनकर हो जात ह | ऐस इजनरमातीत गणातीत बावातीत शबदातीत औय सफ अवसथाओॊ स ऩय ककनहीॊ भहाऩरषो क शरीियणो भ जफ फठत ह तो बागवत कहता ह
साधनाॊ दशगनॊ रोक सवगमसवदधकयॊ ऩयभ |
साध क दशगन भातर स वविाय ववबनत ववदवता शकतकत सहजता ननववगषमता परसननता मसवदधमाॉ औय आतभानॊद की परानि होती ह | दश क भहान सॊत महाॉ सहज ही आत ह बायत क सबी शॊकयािामग बी मशववय भ आत ह | अत भय भन भ बी वविाय आमा कक जहाॉ सफ जात ह वहाॉ जाना िाटहए कमोकक मही वह ठोय-टठकाना ह जहाॉ भन का अमबभान मभटामा जा सकता ह | ऐस भहाऩरषो क दशगन स कवर आनॊद औय भसती ही नहीॊ मभरती फजपक वह सफ कछ मभर जाता ह जो अमबरावषत ह आकाॊकषत ह रकषत ह | महाॉ भ करणा क
कभगठता क वववक-वयागम क ऻान क दशगन कय यहा हॉ | वयागम औय बकतकत क यण ऩोषण औय सॊवधगन क मरए मह सिकवषमो का उततभ ऻान भाना जाता ह | आज गॊगा कपय स
साकाय टदख यही ह तो व फाऩजी क वविाय औय वाणी भ टदख यही ह | अरभसतता सहजता उचिता शरषठता ऩववतरतता तीथग-सी शचिता मशश-सी सयरता तरणो-सा जोश वदधो-सा गाॊबीमग औय कवषमो जसा ऻानाफोध भझ जहाॉ हो यहा ह वह मह ऩॊडार ह | इस आनॊदनगय कहॉ मा परभनगय करणा का सागय कहॉ मा वविायो का सभनदय रककन इतना जरय कहॉगा कक भय भन का कोन-कोना आपहाटदत हो यहा ह | आऩ रोग फड़बागी ह जो ऐस भहाऩरष क शरीियणो भ फठ ह जहाॉ बागम का टदरवम रवमकतकतततव का ननभागण होता ह | जीवन की कतकतमता जहाॉ पराि हो सकती ह वह मही दय ह |
मभर तभ मभरी भॊजजर मभरा भकसद औय भददा बी |
न मभर तभ तो यह गमा भददा भकसद औय भॊजजर बी ||
आऩका मह बावयाजम औय परभयाजम दखकय भ िककत बी हॉ औय आनॊद का अनबव बी कय यहा हॉ | आऩक परनत भया ववशवास औय अटट ननषठा फढ़ इस हत भया नभन सवीकाय कय | भझ ऐसा रगता ह कक फाऩजी समग ह औय नायामण सवाभी एक ऐस दीऩ ह जो न फझ सकत ह न जराम जात ह |
-सवाभी अवधशानॊदजी हरयदवाय
सायसवतम भॊतर स हए अदबत राब
भन १९९८ भ ववधाथी उतथान मशववय सोनीऩत भ ऩजम गरदव स सायसवतम भॊतर की दीा री | दीा क फाद ननममभत भॊतरजऩ कयन स भ इतना कशागर फवदधवारा एवॊ सवावरॊफी हो गमा कक भन एक भहीन भ ही टमशन छोड़ दी औय सवमॊ खफ भहनत कयन रगा | भ सकर बी ऩदर आन-जान रगा जजसस भन सकर फस का ककयामा फिा मरमा |
भॊतर जाऩ क परबाव स भझ ९ वीॊ १० वीॊ ११ वीॊ की ऩयीाओॊ भ परथभ सथान पराि हआ |
१२ वीॊ की ऩयीा क सभम भया सवासम खयाफ होन क कायण भ जऩ ठीक स नहीॊ कय सका कपय बी ७९ परनतशत अॊको स ऩास हआ | उसक फाद इॊजजननमरयॊग की ऩरया भ बी उततीणग यहा |
-करदीऩ कभाय डी-२३४ वसट ववनोद नगय टदपरी
भ टदसमफय १९९९ भ छततीसगढ़ क बाटाऩाया भ ऩजम गरदव स सायसवतम भॊतर की दीा
री | ततऩशचात भ ननममभत रऩ स जऩ-धमान- पराणामाभ कयता था जजसस भझ फहत राब हआ | ऩजम फऩजी की कऩा औय सायसवतम भॊतर जाऩ क परबाव स भझ १२ वीॊ की फोड़ग की ऩरया भ ८४६ परनतशत अॊक मभर |
-ववयनर कभाय कौमशक
डोगयगाॉव जज याजनाॊदगाॉव (छग)
बौनतक मग क अॊधकाय भ ऻान की जमोनत ऩजम फाऩ
भादक ननमॊतरण बमयो बायत सयकाय क भहाननदशक शरी एिऩी कभाय ९ भई को अभदावाद आशरभ भ सतसॊग-कामगकरभ क दौयान ऩजम फाऩ स आशीवागद रन ऩहॉि | फड़ी ववनमरता एवॊ शरदधा क साथ उनहोन ऩजम फाऩ क परनत अऩन उदगाय भ कहा जजस रवमकतकत क ऩास वववक नहीॊ ह वह अऩन रकषम तक नहीॊ ऩहॉि सकता ह औय वववक को पराि कयन का साधन ऩजम आसायाभजी फाऩ जस भहान सॊतो का सतसॊग ह | ऩजम फाऩ स भया परथभ ऩरयिम टीवी क भाधमभ स हआ | ततऩशचात भझ आशरभ दवाय परकामशत कवष परसाद भामसक पराि हआ | उस सभम भझ रगा कक एक ओय जहाॉ इस बौनतक मग क अॊधकाय भ भानव बटक यहा ह वहीॊ दसयी ओय शाॊनत की भॊद-भॊद सगॊचधत वाम बी िर यही ह | मह ऩजम फाऩ क सतसॊग का ही परबाव ह | ऩजमशरी क दशगन कयन का जो सौबागम भझ पराि हआ ह इसस भ अऩन को कतकतम भानता हॉ | ऩजम फाऩ क शरीभख स जो अभत वषाग होती ह तथा इनक सतसॊग स कयोड़ो रदमो भ जो जमोनत जगती ह व इसी परकाय स जगती यह औय आन वार रॊफ सभम तक ऩजमशरी हभ सफ का भागगदशगन कयत यह मही भयी काभना ह | ऩजम फाऩ क शरीियणो भ भय परणाभ
-शरी एिऩी कभाय भहाननदशक भादक ननमॊतरण बमयो बायत सयकाय
गरकऩा ऐसी हई कक अॉधय तो कमा दय बी नहीॊ हई
ऩयभ कऩार फाऩजी क शरीियणो भ भय कोटट-कोटट वॊदन भ एक इसभाइरी खवाजा हॉ तथा अऩन धभग भ अकतडग हॉ | िाय वषग ऩवग कछ रोगो दवाया एक सननमोजजत मोजना फनाकय भझ जफयदसती भडगय कस का आयोऩी फना टदमा गमा था | इसस भझ कहीॊ शाॊनत नहीॊ मभर यही थी | २८ पयवयी १९९७ को भझ नागऩय भ आमोजजत फाऩजी क सतसॊग भ जान की परयणा मभरी औय ४ भािग १९९७ को भन फाऩजी स भॊतरदीा री | भ उनस भन-
ही-भन ववनती की कक ह गरदव भझ फिा रो | गरकऩा ऐसी हई कक ७ जनवयी १९९८ को भझ अदारत न ऩाक-साप फयी कय टदमा फाकी छ आयोवऩमो को सजा हई | धनम ह ऐस भय सदगर उनक शरीियणो भ भय कोटट-कोटट वनदन
-यहभान खान ननशान छाफड़ी (बफछआ) जज नछनदवाड़ा (भपर)
भजसरभ भटहरा को पराणदान
२७ मसतमफय २००० को जमऩय भ भय ननवास ऩय ऩजम फाऩ का आतभ-साातकाय टदवस
भनामा गमा जजसभ भय ऩड़ोस की भजसरभ भटहरा नाथी फहन क ऩनत शरी भाॉग खाॉ न बी ऩजम फाऩ की आयती की औय ियणाभत मरमा | ३-४ टदन फाद ही व भजसरभ दॊऩनत खवाजा साटहफ क उसग भ अजभय िर गम | टदनाॊक ४ अकटफय २००० को अजभय क उसग भ असाभाजजक ततवो न परसाद भ जहय फाॉट टदमा जजसस उसग भर भ आम कई दशगनाथी असवसथ हो गम औय कई भय बी गम | भय ऩड़ोस की नाथी फहन न बी वह परसाद खामा औय थोड़ी दय भ ही वह फहोश हो गमी | अजभय भ उसका उऩिाय ककमा गमा ककॊ त उस होश न आमा | दसय टदन ही उसका ऩनत उस अऩन घय र आमा | कॉरोनी क सबी ननवासी उसकी हारत दखकय कह यह थ कक अफ इसका फिना भजशकर ह | भ बी उस दखन गमा | वह फहोश ऩड़ी थी | भ जोय-जोय स हरय ॐ हरय ॐ का उचिायण ककमा तो वह थोड़ा टहरन रगी | भझ परयणा हई औय भ ऩन घय गमा | ऩजम फाऩ स पराथगना की | ३-४ घॊट फाद ही वह भटहरा ऐस उठकय खड़ी हो गमी भानो सोकय उठी हो | उस भटहरा न फतामा कक भय िािा ससय ऩीय ह औय उनहोन भय ऩनत क भॉह स फोरकय फतामा कक तभन २७ मसतमफय २००० को जजनक सतसॊग भ ऩानी वऩमा था उनहीॊ सपद दाढ़ीवार फाफा न तमह फिामा ह कसी करणा ह गरदव की
-जएर ऩयोटहत
८७ सपतान नगय जमऩय (याज)
उस भटहरा का ऩता ह -शरीभती नाथी
ऩतनी शरी भाॉग खाॉ १०० सपतान नगय गजगय की धड़ी नम साॊगानय योड़
जमऩय (याज)
हरयनाभ की पमारी न छड़ामी शयाफ की फोतर
सौबागमवश गत २६ टदसमफय १९९८ को ऩजमशरी क १६ मशषमो की एक टोरी टदपरी स हभाय गाॉव भ हरयनाभ का परिाय-परसाय कयन ऩहॉिी | भ फिऩन स ही भटदयाऩान धमरऩान व मशकाय कयन का शौकीन था | ऩजम फाऩ क मशषमो दवाया हभाय गाॉव भ जगह-जगह ऩय तीन टदन तक रगाताय हरयनाभ का कीतगन कयन स भझ बी हरयनाभ का यॊग रगता जा यहा था | उनक जान क एक टदन क ऩशचात शाभ क सभम योज की बाॊनत भन शयाफ की फोतर ननकारी | जस ही फोतर खोरन क मरए ढककन घभामा तो उस ढककन क घभन स भझ हरय ॐ हरय ॐ की धवनन सनामी दी | इस परकाय भन दो-तीन फाय ढककन घभामा औय हय फाय भझ हरय ॐ की धवनन सनामी दी | कछ दय फाद भ उठा तथा ऩजमशरी क एक मशषम क घय गमा | उनहोन थोड़ी दय भझ ऩजमशरी की अभतवाणी सनामी | अभतवाणी सनन क फाद भया रदम ऩकायन रगा कक इन दरवमगसनो को तमाग दॉ | भन तयॊत फोतर उठामी तथा जोय-स दय खत भ प क दी | ऐस सभथग व ऩयभ कऩार सदगरदव को भ रदम स परणाभ कयता हॉ जजनकी कऩा स मह अनोखी घटना भय जीवन भ घटी जजसस भया जीवन ऩरयवनतगत हआ |
-भोहन मसॊह बफषट
मबखमासन अपभोड़ा (उपर)
ऩय गाॉव की कामाऩरट
ऩजमशरी स टदनाॊक २७६९१ को दीा रन क फाद भन रवमवसनभकतकत क परिाय-परसाय का रकषम फना मरमा | भ एक फाय कौशरऩय (जज शाजाऩय) ऩहॉिा | वहाॉ क रोगो क रवमवसनी औय रड़ाई-झगड़ मकत जीवन को दखकय भन कहा आऩ रोग भनषम-जीवन सही अथग ही नहीॊ सभझत ह | एक फाय आऩ रोग ऩजम फाऩजी क दशगन कय र तो आऩको सही जीवन जीन की कॊ जी मभर जामगी | गाॉव वारो न भयी फात भान री औय दस रवमकतकत भय गाॉव ताजऩय आम | भन एक साधक को उनक साथ जनभाषटभी भहोतसव भ सयत बजा | ऩजम फाऩजी की उन ऩय कऩा फयसी औय सफको गरदीा मभर गमी | जफ व रोग अऩन गाॉव ऩहॉि तो सबी गाॉववामसमो को फड़ा कौतहर था कक ऩजम फाऩजी कस ह फाऩजी की रीराएॉ सनकय गाॉव क अनम रोगो भ बी ऩजम फाऩजी क परनत शरदधा जगी | उन दीकषत साधको न सबी गाॉववारो को सववधानसाय ऩजम फाऩजी क अरग-अरग आशरभो भ
बजकय दीा टदरवा दी | गाॉव क सबी रवमकतकत अऩन ऩय ऩरयवाय सटहत दीकषत हो िक ह | परतमक गरवाय को ऩय गाॉव भ एक सभम बोजन फनता ह | सबी रोग गरवाय का वरत यखत ह | कौशरऩय गाॉव क परबाव स आस-ऩास क गाॉववार एवॊ उनक रयशतदायो सटहत १००० रवमकतकतमो शयाफ छोड़कय दीा र री ह | गाॉव क इनतहास भ तीन-तीन ऩीढ़ी स कोई भॊटदय नहीॊ था | गाॉववारो न ५ राख रऩम रगाकय दो भॊटदय फनवाम ह | ऩया गाॉव रवमवसनभकत एवॊ बगवतबकत फन गमा ह मह ऩजम फाऩजी की कऩा नहीॊ तो औय कमा ह सफक तायणहाय ऩजम फाऩजी क शरीियणो भ कोटट-कोटट परणाभ
-शमाभ परजाऩनत (सऩयवाइजय नतरहन सॊघ) ताजऩय उजजन (भपर)
नतरबफ ॊद का िभतकाय
भया सौबागम ह कक भझ सॊतकऩा नतरबफॊद (आई डरॉपस) का िभतकाय दखन को मभरा |
एक सॊत फाफा मशवयाभदास उमर ८० वषग गीता कटटय तऩोवन झाड़ी सिसयोवय हरयदवाय भ यहत ह | उनकी दाटहनी आॉख क सपद भोनतम का ऑऩयशन शाॉनतकॊ ज हरयदवाय आमोजजत कमऩ भ हआ | कस बफगड़ गमा औय कार भोनतमा फन गमा | ददग यहन रगा औय योशनी घटन रगी | दोफाया बभाननद नतर चिककतसारम भ ऑऩयशन हआ | एबसपमट गरकोभा फतात हए कहा कक ऑऩयशन स मसयददग ठीक हो जामगा ऩय योशनी जाती यहगी | ऩयॊत अफ व फाफा सॊत शरी आसायाभजी आशरभ दवाय ननमभगत सॊतकऩा नतरबफॊद सफह-शाभ डार यह ह | भन उनक नतरो का ऩयीण ककमा | उनकी दाटहनी आॉख भ उॉगरी चगनन रामक योशनी वाऩस आ गमी ह | कार भोनतम का परशय नॉभगर ह | कोननगमा भ सजन नहीॊ ह | व कापी सॊतषट ह | व फतात ह आॉख ऩहर रार यहती थी ऩयॊत अफ नहीॊ ह | आशरभ क नतरबफॊद स कपऩनातीत राब हआ | फामीॊ आॉख भ बी उनह सपद भोनतमा फतामा गमा था औय सॊशम था कक शामद कारा भोनतमा बी ह | ऩय आज फामीॊ आॉख बी ठीक ह औय दोनो आॉखो का परशय बी नॉभगर ह | सपद भोनतमा नहीॊ ह औय योशनी कापी अचछी ह |
मह सॊतकऩा नतरफॊद का ववरण परबाव दखकय भ बी अऩन भयीजो को इसका उऩमोग कयन की सराह दॉगा |
-डॉ अननत कभाय अगरवार (नतरयोग ववशषऻ)
एभफीफीएस एभएस (नतर) डीओएभएस (आई) सीताऩय सहायनऩय (उपर)
ऩजमशरी की तसवीय स मभरी परयणा
सवगसभथग ऩयभ ऩजम शरी फाऩजी क ियणकभरो भ भया कोटट-कोटट नभन १९८४ क बकॊ ऩ स समऩणग उततय बफहाय भ कापी नकसान हआ था जजसकी िऩट भ हभाया घय बी था | ऩरयजसथनतवश भझ नौवी का भ ऩढ़ामी छोड़ दनी ऩड़ी | ककसी मभतर की सराह स भ नौकयी ढॉढ़न क मरए टदपरी गमा रककन वहाॉ बी ननयाशा ही हाथ रगी | भ दो टदन स बखा तो था ही ऊऩय स नौकयी की चिॊता | अत आतभहतमा का वविाय कयक यरव सटशन की ओय िर ऩड़ा | यानीफाग फाजाय भ एक दकान ऩय ऩजमशरी का सतसाटहतम
कसट आटद यखा हआ था एवॊ ऩजमशरी की फड़ आकाय की तसवीय बी टॉगी थी | ऩजमशरी की हॉसभख एवॊ आशीवागद की भरावारी उस तसवीय ऩय भयी नजय ऩड़ी तो १० मभनट तक भ वहीॊ सड़क ऩय स ही खड़-खड़ उस दखता यहा | उस वकत न जान भझ कमा मभर गमा भ काभ बर भजदयी का ही कयता हॉ रककन तफस रकय आज तक भय चितत भ फड़ी परसननता फनी हई ह | न जान भयी जजनदगी की कमा दशा होती अगय ऩजम फाऩजी की मवाधन सया ईशवय की ओय ननजशचनत जीवन ऩसतक औय कवष परसाद ऩबतरका हाथ न रगती ऩजमशरी की तसवीय स मभरी परयणा एवॊ उनक सतसाटहतम न भयी डफती नमा को भानो भझदाय स फिा मरमा | धनबागी ह साटहतम की सवा कयन वार जजनहोन भझ आतभहतमा क ऩाऩ स फिामा |
-भहश शाह
नायामणऩय दभया जज सीताभढ़ी (बफहाय)
भॊतर स राब
भयी भाॉ की हारत अिानक ऩागर जसी हो गमी थी भानो कोई बत-परत-डाककनी मा आसयी ततव उनभ घस गमा | भ फहत चिॊनतत हो गमा एवॊ एक साचधका फहन को पोन ककमा | उनहोन बत-परत बगान का भॊतर फतामा जजसका वणगन आशरभ स परकामशत आयोगमननचध ऩसतक भ बी ह | वह भॊतर इस परकाय ह
ॐ नभो बगवत रर बयवाम बतपरत म कर कर हॊ पट सवाहा |
इस भॊतर का ऩानी भ ननहायकय १०८ फाय जऩ ककमा औय वही ऩानी भाॉ को वऩरा टदमा |
तयॊत ही भाॉ शाॊनत स सो गमीॊ | दसय टदन बी इस भॊतर की ऩाॉि भारा कयक भाॉ को वह जर वऩरामा तो भाॉ बफपकर ठीक हो गमीॊ | ह भय साधक बाई-फहनो बत-परत बगान क
मरए अरा फाॉधॉ फरा फाॉधॉ ऐसा कयक झाड़-फ़ॉ क कयनवारो क िककय भ ऩड़न की जरयत नहीॊ ह | इसक मरए तो ऩजम फाऩजी का भॊतर ही तायणहाय ह | ऩजम फाऩजी क शरीियणो भ कोटट-कोटट परणाभ
-िॊऩकबाई एन ऩटर (अभरयका)
काभ करोध ऩय ववजम ऩामी
एक टदन भॊफई भर भ टटकट िककॊ ग कयत हए भ वातानकमरत फोगी भ ऩहॉिा | दखा तो भखभर की गददी ऩय टाट का आसन बफछाकय सवाभी शरी रीराशाहजी भहायाज सभाचधसथ ह | भझ आशचमग हआ कक जजन परथभ शरणी की वातानकमरत फोचगमो भ याजा-भहायाजा मातरा कयत ह ऐसी फोगी औय तीसयी शरणी की फोगी क फीि इन सॊत को कोई बद नहीॊ रगता | ऐसी फोचगमो भ बी व सभाचधसथ होत ह मह दखकय मसय झक जाता ह | भन ऩजम भहायाजशरी को परणाभ कयक कहा आऩ जस सॊतो क मरए तो सफ एक सभान ह |
हय हार भ एकयस यहकय आऩ भकतकत का आनॊद र सकत ह | रककन हभाय जस गरहसथो को कमा कयना िाटहए ताकक हभ बी आऩ जसी सभता फनाम यखकय जीवन जी सक
ऩजम भहायाजजी न कहा काभ औय करोध को त छोड़ द तो त बी जीवनभकत हो सकता ह | जहाॉ याभ तहॉ नहीॊ काभ जहाॉ काभ तहॉ नहीॊ याभ | औय करोध तो बाई बसभासय ह | वह तभाभ ऩणम को जराकय बसभ कय दता ह अॊतकयण को भमरन कय दता ह | भन कहा परब अगय आऩकी कऩा होगी तो भ काभ-करोध को छोड़ ऩाऊॉ गा | ऩजम भहायाजजी न कहा बाई कऩा ऐस थोड़ ही की जाती ह सॊतकऩा क साथ तया ऩरषाथग औय दढ़ता बी िाटहए | ऩहर त परनतऻा कय कक त जीवनऩमगनत काभ औय करोध स दय यहगा तो भ तझ आशीवागद दॉ | भन कहा भहायाजजी भ जीवनबय क मरए परनतऻा तो करॉ रककन उसका ऩारन न कय ऩाऊॉ तो झठा भाना जाऊॉ गा | ऩजम भहायाजजी न कहा अचछा ऩहर त भय सभ आठ टदन क मरए परनतऻा कय | कपय परनतऻा को एक-एक टदन फढ़त जाना | इस परकाय त उन फराओॊ स फि सकगा | ह कफर भन हाथ जोड़कय कफर ककमा | ऩजम भहायाजजी न आशीवागद दकय दो-िाय पर परसाद भ टदम | ऩजम भहायाजजी न भयी जो दो कभजोरयमाॉ थीॊ उन ऩय ही सीधा हभरा ककमा था | भझ आशचमग हआ कक अनम कोई बी दगगण छोड़न का न कहकय इन दो दगगणो क मरए ही उनहोन परनतऻा कमो कयवामी फाद भ भ इस याज स अवगत हआ |
दसय टदन भ ऩसनजय टरन भ कानऩय स आग जा यहा था | सफह क कयीफ नौ फज थ |
तीसयी शरणी की फोगी भ जाकय भन माबतरमो क टटकट जाॉिन का कामग शर ककमा | सफस
ऩहर फथग ऩय सोम हए एक मातरी क ऩास जाकय भन एक मातरी क ऩास जाकय भन टटकट टदखान को कहा तो वह गससा होकय भझ कहन रगा अॊधा ह दखता नहीॊ कक भ सो गमा हॉ भझ नीॊद स जगान का तझ कमा अचधकाय ह मह कोई यीत ह टटकट क फाय भ ऩछन की ऐसी ही अकर ह तयी ऐसा कछ-का-कछ वह फोरता ही गमा फोरता ही गमा | भ बी करोधाववषट होन रगा ककॊ त ऩजम भहायाजजी क सभ री हई परनतऻा भझ माद थी अत करोध को ऐस ऩी गमा भानो ववष की ऩकतड़मा भन उस कहा भहाशम आऩ ठीक ही कहत ह कक भझ फोरन की अकर नहीॊ ह बान नहीॊ ह | दखो भय म फार धऩ भ सपद हो गम ह | आऩभ फोरन की अकर अचधक ह नमरता ह तो कऩा कयक मसखाओॊ कक टटकट क मरए भझ ककस परकाय आऩस ऩछना िाटहए | भ रािाय हॉ कक डमटी क कायण भझ टटकट िक कयना ऩड़ यहा ह इसमरए भ आऩको कषट द यहा हॉ|
औय कफ़य भन खफ परभ स हाथ जोड़कय ववनती की बमा कऩा कयक कषट क मरए भझ भा कयो | भझ अऩना टटकट टदखामग भयी नमरता दखकय वह रजजजत हो गमा एवॊ तयॊत उठ फठा | जपदी-जपदी नीि उतयकय भझस भा भाॉगत हए कहन रगा भझ भाप कयना | भ नीॊद भ था | भन आऩको ऩहिाना नहीॊ था | अफ आऩ अऩन भॉह स भझ कह कक आऩन भझ भाफ़ ककमा मह दखकय भझ आनॊद औय सॊतोष हआ | भ सोिन रगा कक सॊतो की आऻा भानन भ ककतनी शकतकत औय टहत ननटहत ह सॊतो की करणा कसा िभतकारयक ऩरयणाभ राती ह वह रवमकतकत क पराकनतक सवबाव को बी जड़-भर स फदर सकती ह | अनमथा भझभ करोध को ननमॊतरण भ यखन की कोई शकतकत नहीॊ थी | भ ऩणगतमा असहाम था कपय बी भझ भहायाजजी की कऩा न ही सभथग फनामा | ऐस सॊतो क शरीियणो भ कोटट-कोटट नभसकाय
-शरी यीजभर
रयटामडग टीटी आई कानऩय
अनम अनबव
जरा हआ कागज
ऩवग रऩ भ एक फाय ऩयभहॊस ववशदधानॊदजी स आनॊदभमी भाॉ की ननकटता ऩानवार सपरमसदध ऩॊकतडत गोऩीनाथ कववयाज न ननवदन ककमा तयणीकानत ठाकय को अरौककक मसवदध पराि हई ह | व बफना दख मा बफना छए ही कागज भ मरखी हई फात ऩढ़ रत ह |
गरदव फोर तभ एक कागज ऩय कछ मरखो औय उसभ आग रगाकय जरा दो |
कववयाजजी न कागज ऩय कछ मरखा औय ऩयी तयह कागज जराकय हवा भ उड़ा टदमा |
उसक फाद गरदव न अऩन तककम क नीि स वही कागज ननकारकय कववयाजजी क आग यख टदमा | मह दखकय उनह फड़ा आशचमग हआ कक मह कागज वही था एवॊ जो उनहोन मरखा था वह बी उस ऩय उनहीॊ क सरख भ मरखा था औय साथ ही उसका उततय बी मरखा हआ दखा | जड़ता ऩशता औय ईशवयता का भर हभाया शयीय ह | जड़ शयीय को भ-भया भानन की ववतत जजतनी मभटती ह ऩाशवी वासनाओॊ की गराभी उतनी हटती ह औय हभाया ईशवयीम अॊश जजतना अचधक ववकमसत होता ह उतना ही मोग-साभमग ईशवयीम साभमग परकट होता ह | बायत क ऐस कई बकतो सॊतो औय मोचगमो क जीवन भ ईशवयीम साभमग दखा गमा ह अनबव ककमा गमा ह उसक ववषम भ सना गमा ह | धनम ह बायतबमभ भ यहनवार बायतीम सॊसकनत भ शरदधा-ववशवास यखनवार अऩन ईशवयीम अॊश को जगान की सवा-साधना कयनवार सवाभी ववशदधानॊदजी वषो की एकाॊत साधना औय वषो-वषो की गरसवा स अऩना दहाधमास औय ऩाशवी वासनाएॉ मभटाकय अऩन ईशवयीम
अॊश को ववकमसत कयनवार बायत क अनक भहाऩरषो भ स थ | उनक जीवन की औय बी अरौककक घटनाओॊ का वणगन आता ह | ऐस सतऩरषो क जीवन-िरयतर औय उनक जीवन भ घटटत घटनाएॉ ऩढ़न-सनन स हभ रोग बी अऩनी जड़ता एवॊ ऩशता स ऊऩय उठकय ईशवयीम अॊश को उबायन भ उतसाटहत होत ह | फहत ऊॉ िा काभ ह फड़ी शरदधा फड़ी सभझ फड़ा धमग िाटहए ईशवयीम साभमग को ऩणग रऩ स ववकमसत कयन भ | अफ आओ
िर आदय शॊकयािामग की ओय
नदी की धाया भड़ गमी
आदय शॊकयािामग की भाता ववमशषटा दवी अऩन करदवता कशव की ऩजा कयन जाती थीॊ | व ऩहर नदी भ सनान कयतीॊ औय कफ़य भॊटदय भ जाकय ऩजन कयतीॊ | एक टदन व परातकार ही ऩजन-साभगरी रकय भॊटदय की ओय गमीॊ ककॊ त सामॊकार तक घय नहीॊ रौटीॊ | शॊकयािामग की आम अबी सात-आठ वषग क भधम भ ही थी | व ईशवय क ऩयभ बकत औय ननषठावान थ | सामॊकार तक भाता क वाऩस न रौटन ऩय आिामग को फड़ी चिनता हई औय व उनह खोजन क मरए ननकर ऩड़ | भॊटदय क ननकट ऩहॉिकय उनहोन भाता को भागग भ ही भजचछगत ऩड़ दखा | उनहोन फहत दय तक भाता का उऩिाय ककमा तफ व होश भ आ सकीॊ |
नदी अचधक दय थी | वहाॉ तक ऩहॉिन भ भाता को फड़ा कषट होता था | आिामग न बगवान स भन-ही-भन पराथगना की कक परबो ककसी परकाय नदी की धाया को भोड़ दो जजसस कक
भाता ननकट ही सनान कय सक | व इस परकाय की पराथगना ननतम कयन रग | एक टदन उनहोन दखा कक नदी की धाया ककनाय की धयती को काटती-काटती भड़न रगी ह तथा कछ टदनो भ ही वह आिामग शॊकय क घय क ऩास फहन रगी | इस घटना न आिामग का अरौककक शकतकतसमऩनन होना परमसदध कय टदमा |
सकषभ शयीय स िोय का ऩीछा ककमा
हरयहय फाफा की फड़ी परमसवदध थी | एक फाय व हयऩारऩय सटशन ऩय थ | वहाॉ क सटशन भासटय न उनको एक िोय सऩदग ककमा | िोय न फाफा स कहा भहायाज भझ इतनी छटटी द दीजजम कक भ अऩन फार-फचिो का परफॊध कय आऊॉ | फाफा गाड़ी आन ऩय रौट आना | िोय िरा गमा | सटशन भासटय को ऩता िरा तो वह फाफा ऩय गभग हआ औय फोरा उसक फदर तमह जर की हवा खानी होगी | तभन जान-फझकय उस बगा टदमा ह | फाफा घफयाओ भत गाड़ी आन स ऩहर ही वह रौट आमगा | िोय की नीमत ठीक नहीॊ थी | वह जॊगर क भागग स अऻात सथान को बाग जाना िाहता था ककॊ त उस हय सभम मही परतीत होता यहा कक हरयहय फाफा डॊडा पटकायत हए उसक ऩीछ-ऩीछ िर आ यह ह | इसीमरए वह गाड़ी आन स ऩहर ही रौट आमा |
भॊगरी फाधा-ननवायण भॊतर
अॊ याॊ अॊ
इस भॊतर को १०८ फाय जऩन स करोध दय होता ह | जनभकनडरी भ भॊगरी मोग होन स जजनक वववाह न हो यह हो व २७ भॊगरवाय इस भॊतर का १०८ फाय जऩ कयत हए वरत यखकय हनभानजी ऩय मसॊदय का िोरा िढ़ाम | इसस भॊगर-फाधा का म होता ह |
सखऩवगक परसवकायक भॊतर
ऩहरा उऩाम
एॊ हीॊ बगवनत बगभामरनन िर िर भराभम भराभम ऩषऩॊ ववकासम ववकासम सवाहा |
इस भॊतर दवाया अमबभॊबतरत दध गमबगणी सतरी को वऩराम तो सखऩवगक परसव होगा |
दसया उऩाम
गमबगणी सतरी सवमॊ परसव क सभम जमबरा-जमबरा जऩ कय |
तीसया उऩाम
दशी गाम क गोफय का १२ स १५ मभरी यस ॐ नभो नायामणाम भॊतर का २१ फाय जऩ कयक ऩीन स बी परसव-फाधाएॉ दय होगी औय बफना ऑऩयशन क परसव होगा |
परसनत क सभम अभॊगर की आशॊका हो तो ननमन भॊतर का जऩ कय
सवगभॊगर भाॊगपम मशव सवागथग साचधक |
शयणम तरममफक गौयी नायामणी नभोSसतत ||
(दगागसिशती)
शकतकतशारी व गोय ऩतर की परानि क मरए
सगबागवसथा भ ढाक (ऩराश खाखया) का एक कोभर ऩतता घोटकय गौ-दगध क साथ योज सवन कयन स फारक शकतकतशारी औय गोया होता ह | भाता-वऩता बर कार-करट हो कपय बी फारक गोया होगा |
सदगर-भटहभा
गर बफन बव ननचध तय न कोई |
जौ फयॊचि सॊकय सभ होई ||
-सॊत तरसीदासजी
हरयहय आटदक जगत भ ऩजमदव जो कोम |
सदगर की ऩजा ककम सफकी ऩजा होम ||
-ननशचरदासजी भहायाज
सहजो कायज सॊसाय को गर बफन होत नाॉही |
हरय तो गर बफन कमा मभर सभझ र भन भाॉही ||
-सॊत कफीयजी सॊत
सयनन जो जन ऩय सो जन उधयनहाय | सॊत की ननॊदा नानका फहरय फहरय अवताय ||
-गर नानक दवजी
गरसवा सफ बागमो की जनभबमभ ह औय वह शोकाकर रोगो को बरहमभम कय दती ह |
गररऩी समग अववदयारऩी याबतर का नाश कयता ह औय ऻानाऻान रऩी मसतायो का रोऩ कयक फवदधभानो को आतभफोध का सटदन टदखाता ह |
-सॊत ऻानशवय भहायाज
सतम क कॊ टकभम भागग भ आऩको गर क मसवाम औय कोई भागगदशगन नहीॊ द सकता |
- सवाभी मशवानॊद सयसवती
ककतन ही याजा-भहायाजा हो गम औय होग सामजम भकतकत कोई नहीॊ द सकता | सचि याजा-भहायाज तो सॊत ही ह | जो उनकी शयण जाता ह वही सचिा सख औय सामजम भकतकत ऩाता ह |
-सभथग शरी याभदास सवाभी
भनषम िाह ककतना बी जऩ-तऩ कय मभ-ननमभो का ऩारन कय ऩयॊत जफ तक सदगर की कऩादवषट नहीॊ मभरती तफ तक सफ रवमथग ह |
-सवाभी याभतीथग
परटो कहत ह कक सकयात जस गर ऩाकय भ धनम हआ |
इभसगन न अऩन गर थोयो स जो पराि ककमा उसक भटहभागान भ व बावववबोय हो जात थ |
शरी याभकषण ऩयभहॊस ऩणगता का अनबव कयानवार अऩन सदगरदव की परशॊसा कयत नहीॊ अघात थ |
ऩजमऩाद सवाभी शरी रीराशाहजी भहायाज बी अऩन सदगरदव की माद भ सनह क आॉस
फहाकय गदगद कॊ ठ हो जात थ |
ऩजम फाऩजी बी अऩन सदगरदव की माद भ कस हो जात ह मह तो दखत ही फनता ह |
अफ हभ उनकी माद भ कस होत ह मह परशन ह | फटहभगख ननगय रोग कछ बी कह साधक को अऩन सदगर स कमा मभरता ह इस तो साधक ही जानत ह |
रडी भाटटगन क सहाग की या कयन अपगाननसतान भ परकट मशवजी
साध सॊग सॊसाय भ दरगब भनषम शयीय |
सतसॊग सववत ततव ह बतरववध ताऩ की ऩीय ||
भानव-दह मभरना दरगब ह औय मभर बी जाम तो आचधदववक आचधबौनतक औय आधमाजतभक म तीन ताऩ भनषम को तऩात यहत ह | ककॊ त भनषम-दह भ बी ऩववतरता हो सचिाई हो शदधता हो औय साध-सॊग मभर जाम तो म बतरववध ताऩ मभट जात ह |
सन १८७९ की फात ह | बायत भ बबरटटश शासन था उनहीॊ टदनो अॊगरजो न अपगाननसतान ऩय आकरभण कय टदमा | इस मदध का सॊिारन आगय भारवा बबरटटश छावनी क रजफ़टनट कनगर भाटटगन को सौऩा गमा था | कनगर भाटटगन सभम-सभम ऩय मदध-तर स अऩनी ऩतनी को कशरता क सभािाय बजता यहता था | मदध रॊफा िरा औय अफ तो सॊदश आन बी फॊद हो गम | रडी भाटटगन को चिॊता सतान रगी कक कहीॊ कछ अनथग न हो गमा हो अपगानी सननको न भय ऩनत को भाय न डारा हो | कदाचित ऩनत मदध भ शहीद हो गम तो भ जीकय कमा करॉ गी -मह सोिकय वह अनक शॊका-कशॊकाओॊ स नघयी यहती थी |
चिनतातय फनी वह एक टदन घोड़ ऩय फठकय घभन जा यही थी | भागग भ ककसी भॊटदय स आती हई शॊख व भॊतर धवनन न उस आकवषगत ककमा | वह एक ऩड़ स अऩना घोड़ा फाॉधकय भॊटदय भ गमी | फजनाथ भहादव क इस भॊटदय भ मशवऩजन भ ननभगन ऩॊकतडतो स उसन ऩछा आऩ रोग कमा कय यह ह एक वरदध बराहमण न कहा हभ बगवान मशव का ऩजन कय यह ह | रडी भाटटगन मशवऩजन की कमा भहतता ह बराहमण फटी बगवान मशव तो औढयदानी ह बोरनाथ ह | अऩन बकतो क सॊकट-ननवायण कयन भ व तननक बी दय नहीॊ कयत ह | बकत उनक दयफाय भ जो बी भनोकाभना रकय क आता ह उस व शीघर ऩयी कयत ह ककॊ त फटी तभ फहत चिजनतत औय उदास नजय आ यही हो कमा फात ह रडी भाटटगन भय ऩनतदव मदध भ गम ह औय ववगत कई टदनो स उनका कोई
सभािाय नहीॊ आमा ह | व मदध भ पॉ स गम ह मा भाय गम ह कछ ऩता नहीॊ िर यहा | भ उनकी ओय स फहत चिजनतत हॉ | इतना कहत हए रडी भाटटगन की आॉख नभ हो गमीॊ |
बराहमण तभ चिनता भत कयो फटी मशवजी का ऩजन कयो उनस पराथगना कयो रघररी कयवाओ | बगवान मशव तमहाय ऩनत का यण अवशम कयग |
ऩॊकतडतो की सराह ऩय उसन वहाॉ गमायह टदन का ॐ नभ मशवाम भॊतर स रघररी अनषठान परायॊब ककमा तथा परनतटदन बगवान मशव स अऩन ऩनत की या क मरए पराथगना कयन रगी कक ह बगवान मशव ह फजनाथ भहादव मटद भय ऩनत मदध स सकशर रौट आम तो भ आऩका मशखयफॊद भॊटदय फनवाऊॉ गी | रघररी की ऩणागहनत क टदन बागता हआ एक सॊदशवाहक मशवभॊटदय भ आमा औय रडी भाटटगन को एक मरपापा टदमा | उसन घफयात-घफयात वह मरपापा खोरा औय ऩढ़न रगी |
ऩतर भ उसक ऩनत न मरखा था हभ मदध भ यत थ औय तभ तक सॊदश बी बजत यह रककन आक ऩठानी सना न घय मरमा | बबरटटश सना कट भयती औय भ बी भय जाता |
ऐसी ववकट ऩरयजसथनत भ हभ नघय गम थ कक पराण फिाकय बागना बी अतमाचधक कटठन था | इतन भ भन दखा कक मदधबमभ भ बायत क कोई एक मोगी जजनकी फड़ी रमफी जटाएॉ ह हाथ भ तीन नोकवारा एक हचथमाय (बतरशर) इतनी तीवर गनत स घभ यहा था कक ऩठान सननक उनह दखकय बागन रग | उनकी कऩा स घय स हभ ननकरकय ऩठानो ऩय वाय कयन का भौका मभर गमा औय हभायी हाय की घकतड़माॉ अिानक जीत भ फदर गमीॊ | मह सफ बायत क उन फाघामफयधायी एवॊ तीन नोकवारा हचथमाय धायण ककम हए
(बतरशरधायी) मोगी क कायण ही समबव हआ | उनक भहातजसवी रवमकतकततव क परबाव स दखत-ही-दखत अपगाननसतान की ऩठानी सना बाग खड़ी हई औय व ऩयभ मोगी भझ
टहमभत दत हए कहन रग | घफयाओॊ नहीॊ | भ बगवान मशव हॉ तथा तमहायी ऩतनी की ऩजा स परसनन होकय तमहायी या कयन आमा हॉ उसक सहाग की या कयन आमा हॉ |
ऩतर ऩढ़त हए रडी भाटटगन की आॉखो स अववयत अशरधाया फहती जा यही थी उसका रदम अहोबाव स बय गमा औय वह बगवान मशव की परनतभा क समभख मसय यखकय पराथगना कयत-कयत यो ऩड़ी | कछ सिाह फाद उसका ऩनत कनगर भाटटगन आगय छावनी रौटा | ऩतनी न उस सायी फात सनात हए कहा आऩक सॊदश क अबाव भ भ चिजनतत हो उठी थी रककन बराहमणो की सराह स मशवऩजा भ रग गमी औय आऩकी या क मरए बगवान मशव स पराथगना कयन रगी | उन द खबॊजक भहादव न भयी पराथगना सनी औय आऩको सकशर रौटा टदमा | अफ तो ऩनत-ऩतनी दोनो ही ननममभत रऩ स फजनाथ भहादव क भॊटदय भ ऩजा-अिगना कयन रग | अऩनी ऩतनी की इचछा ऩय कनगर भाटटगन भ सन १८८३
भ ऩॊरह हजाय रऩम दकय फजनाथ भहादव भॊटदय का जीणोदवाय कयवामा जजसका मशरारख आज बी आगय भारवा क इस भॊटदय भ रगा ह | ऩय बायतबय भ अॊगरजो दवाय ननमभगत मह एकभातर टहनद भॊटदय ह |
मयोऩ जान स ऩवग रडी भाटटगन न ऩकतड़तो स कहा हभ अऩन घय भ बी बगवान मशव का भॊटदय फनामग तथा इन द ख-ननवायक दव की आजीवन ऩजा कयत यहग |
बगवान मशव भ बगवान कषण भ भाॉ अमफा भ आतभवतता सदगर भ सतता तो एक ही ह | आवशमकता ह अटर ववशवास की | एकररवम न गरभनत ग भ ववशवास कय वह पराि कय मरमा जो अजगन को कटठन रगा | आरणण उऩभनम रव परहराद आटद अनम सकड़ो उदायहण हभाय साभन परतम ह | आज बी इस परकाय का सहमोग हजायो बकतो को साधको को बगवान व आतभवतता सदगरओॊ क दवाया ननयनतय पराि होता यहता ह | आवशमकता ह तो फस कवर ववशवास की |
भहाभतमॊजम भॊतर
ॐ हौ जॉ स |
ॐ बबगव सव |
ॐ तरममफकॊ मजाभह सगॊचध ॊ ऩवषटवधगनभ |
उवागरकमभव फनधनानभतमोभगीम भाभतात |
सव भव ब ॐ |
स जॉ हौ ॐ |
बगवान मशव का मह भहाभतमॊजम जऩन स अकार भतम तो टरती ही ह आयोगमता की बी परानि होती ह | सनान कयत सभम शयीय ऩय रोट स ऩानी डारत वकत इस भॊतर का जऩ कयन स सवासम-राब होता ह | दध भ ननहायत हए इस भॊतर का जाऩ ककमा जाम औय कपय वह दध ऩी मरमा जम तो मौवन की सया भ बी सहामता मभरती ह | आजकर की तज यफ़तायवारी जजनदगी भ कहाॉ आतॊक उऩरव दघगटना हो जाम कहना भजशकर ह | घय स ननकरत सभम एक फाय मह भॊतर जऩनवारा इन उऩदरवो स सयकषत यहता ह औय सयकषत घय रौटता ह | (इस भॊतरानषठान क ववचध-ववधान की ववसतत जानकायी क मरए आशरभ दवाया परकामशत आयोगमननचध ऩसतक ऩढ़ |) शरीभदबागवत क आठव सकॊ ध भ तीसय अधमाम क शलोक १ स ३३ तक भ वणणगत गजनरभो सतोतर का ऩाठ कयन स तभाभ
ववधन दय होत ह |
परसतावना
बरहमवतता भहाऩरषो की उऩजसतचथ भातर स असॊखम जीवो को दषट-अदषट साॊसारयक-अधमाजतभक सहामता पराि होती ह | परात सभयणीम ऩयभ ऩजम सदगरदव सॊत शरी आसायाभजी फाऩ की परतम अथवा अपरतम परयणा स जो रोग राबाजनवत हए ह उनक ऩरयपराववत रदमो क उदगाय एवॊ ऩतरो को मरवऩफदध ककमा जाम तो एक-दो नहीॊ कई गरॊथ तमाय हो सकत ह |
इस ऩजसतका मोगमातरा-४ भ बकतो क अनबवो की फचगमा स िन हए थोड-स ऩषऩ ह |
बायतवषग क मोगववऻान औय बरहमवतताओॊ की अरौककक शकतकत का वणगन कवर कऩोरकजपऩत फात नहीॊ ह | म हजाय-दो हजाय रोगो का नहीॊ फजपक फाऩजी क राखो-राखो साधको का अनबव ह | इन ववमबनन परकाय क अरौककक अधमाजतभक अनबवो को ऩढन स हभाय रदम भ अधमाजतभकता का सॊिाय होता ह | बायतीम सॊसकनत व बायत की साधना-ऩदधनत की सचिाई औय भहानता की भहक मभरती ह | नशवय जगत क सखाबास
की ऩोर खरती ह | शाशवत सख की औय उनभख होन का उतसाह हभभ उबयता ह | इन
आधमाजतभक अनबवो को ऩढकय शरदधा क साथ अधमाजतभक भागग भ जो परववतत होती ह उस मटद साधक जागत यख तो वह शीघर ही साधना की ऊॉ िाइमो कक छ सकता ह |
हजायो रोगो क फीि अऩन सनही-मभतरो क सभ जो अनबव कह ह उनकी परभाणणतता भ सॊदह कयना उचित नहीॊ ह | उनक अनबव उनहीॊ की बाषा भ
-शरी अणखर बायतीम मोग वदानत सवा समभनत
अभदावाद
ऩजमशरी क सतसॊग भ परधानभॊतरी शरी अटर बफहायी वाजऩमी क उदगाय
ऩजम फाऩजी क बकतीयस भ डफ हए शरोता बाई-फहनो भ महाॉ ऩय ऩजम फाऩजी का अमबनॊदन कयन आमा हॉ उनका आशीविन सनन आमा हॉ बाषण दन मा फकफक कयन नहीॊ आमा हॉ | फकफक तो हभ कयत यहत ह | फाऩजी का जसा परविन ह कथा-अभत ह उस तक ऩहॉिन क मरम फड़ा ऩरयशरभ कयना ऩड़ता ह | भन ऩहर उनक दशगन ऩानीऩत भ ककम थ | वहीॊ ऩय यात को ऩानीऩत भ ऩणम-परविन सभाि होत ही फाऩजी कटीय भ जा यह थ तफ उनहोन भझ फरामा | भ बी उनक दशगन औय आशीवागद क मरम रारानमत था | सॊत-भहातभाओॊ क दशगन तबी होत ह उनका साजननधम तबी मभरता ह जफ कोई ऩणम जागत होता ह | इस जनभ भ कोई ऩणम ककमा हो इसका भय ऩास कोई टहसाफ तो नहीॊ ह ककनत जरय मह ऩवगजनभ क ऩणमो का ही पर ह जो फाऩजी क दशगन हए |
उस टदन फाऩजी न जो कहा वह अबी तक भय रदम-ऩटर ऩय अॊककत ह | दशबय की ऩरयकरभा कयत हए जन-जन क भन भ अचछ सॊसकाय जगाना मह एक ऐसा ऩयभ याषडीम कतगरवम ह जजसन हभाय दश को आज तक जीववत यखा ह औय इसक फर ऩय हभ उजजवर बववषम का सऩना दख यह ह उस सऩन को साकाय कयन की शकतकत-बकतकत एकतर कय यह ह | ऩजम फाऩजी साय दश भ भरभण कयक जागयण का शॊख नाद कय यह ह सवगधभग-सभबाव की मशा द यह ह सॊसकाय द यह ह तथा अचछ औय फय भ बद कयना मसखा यह ह | हभायी जो परािीन धयोहय थी औय हभ जजस रगबग बरान का ऩाऩ कय फठ थ फाऩजी हभायी आॉखो भ ऻान का अॊजन रगाकय उसको कपय स हभाय साभन यख यह ह | फाऩजी न कहा कक ईशवय की कऩा स कण-कण भ रवमाि एक भहान शकतकत क परबाव स जो कछ घटटत होता ह उसकी छानफीन औय उस ऩय अनसॊधान कयना िाटहए |
शदध अनतकयण स ननकरी हई पराथगना को परब असवीकाय नहीॊ कयत मह हभाया ववशवास होना िाटहए | मटद असवीकाय हो तो परब को दोष दन क फजाम मह सोिना िाटहए कक कमा हभाय अॊतकयण भ उतनी शवदध ह जजतनी होनी िाटहए शवदध का काभ याजनीनत नहीॊ कय सकती अशवदध का काभ बर कय सकती ह | ऩजम फाऩजी न कहा कक जीवन क रवमाऩाय भ स थोड़ा सभम ननकारकय सतसॊग भ आना िाटहए | ऩजम फाऩजी उजजन भ थ तफ भयी जान की फहत इचछा थी रककन कहत ह न कक दान-दान ऩय खान वार की भोहय होती ह वस ही सॊत-दशगन क मरए बी कोई भहतग होता ह | आज मह भहतग आ गमा ह | मह भया करतर ह | ऩजम फाऩजी न िनाव जीतन का तयीका बी फता टदमा ह |
आज दश की दशा ठीक नहीॊ ह | फाऩजी का परविन सनकय फड़ा फर मभरा ह | हार भ
हए रोकसबा अचधवशन क कायण थोड़ी-फहत ननयाशा ऩदा हई थी ककनत यात को रखनऊ भ ऩणम-परविन सनत ही वह ननयाशा बी आज दय हो गमी | फाऩजी न भानव-जीवन क ियभ रकषम भकतकत-शकतकत की परानि क मरम ऩरषाथग ितषटम बकतकत क मरम समऩणग की बावना तथा ऻान बकतकत औय कभग तीनो का उपरख ककमा ह | बकतकत भ अहॊकाय का कोई सथान नहीॊ ह | ऻान अमबभान ऩदा कयता ह | बकतकत भ ऩणग सभऩगण होता ह | १३ टदन क शासनकार क फाद भन कहा भया जो कछ ह तया ह | मह तो फाऩजी की कऩा ह कक शरोता को वकता फना टदमा औय वकता को नीि स ऊऩय िढ़ा टदमा | जहाॉ तक उऩय िढ़ामा ह वहाॉ तक उऩय फना यहॉ इसकी चिनता बी फाऩजी को कयनी ऩडगी | याजनीनत की याह फडी यऩटीरी ह | जफ नता चगयता ह तो मह नहीॊ कहता कक भ चगय गमा फजपक कहता हहय हय गॊग | फाऩजी क परविन सनकय फड़ा आननद आमा | भ रोकसबा का सदसम होन क नात अऩनी ओय स एवॊ रखनऊ की जनता कक ओय स फाऩजी क ियणो भ ववनमर होकय नभन कयना िाहता हॉ | उनका आशीवागद हभ मभरता यह उनक आशीवागद स परयणा ऩाकय फर पराि कयक हभ कतगरवम क ऩथ ऩय ननयनतय िरत हए ऩयभ वबव को पराि कय मही परब स पराथगना ह |
-शरी अटरबफहायी वाजऩमी परधानभॊतरी बायत सयकाय
ऩयभ ऩजम सॊत शरी आसायाभजी फाऩ क कऩा-परसाद स ऩरयपराववत रदमो क उदगाय
ऩ फाऩ याषडसख क सॊवधगक ऩजम फाऩ दवाया टदमा जानवारा ननतकता का सॊदश दश क
कोन-कोन भ जजतना अचधक परसारयत होगा जजतना अचधक फढ़गा उतनी ही भातरा भ याषडसख का सॊवधगन होगा याषड की परगनत होगी | जीवन क हय तर भ इस परकाय क सॊदश की जरयत ह |
-शरी रारकषण आडवाणी उऩपरधानभॊतरी एवॊ कनरीम गरहभनतरी बायत सयकाय
याषड उनका कणी ह
बायत क बतऩवग परधानभॊतरी शरी िनरशखय टदपरी क सवणग जमॊती ऩाकग भ २५ जराई १९९९ को फाऩजी की अभतवाणी का यसासवादन कयन क ऩशचात फोर आज ऩजम फाऩ की टदरवम वाणी का राब रकय भ धनम हो गमा | सॊतो की वाणी न हय मग भ नमा सॊदश टदमा ह नमी परयणा जगामी ह | करह ववरोह औय दवष स गरसत वतगभान वातावयण भ फाऩ जजस तयह सतम करणा औय सॊवदनशीरता क सॊदश का परसाय कय यह ह इसक मरम याषड उनका कणी ह |
-शरी िनरशखय बतऩव परधानभॊतरी बायत सयकाय
सतसॊग-शरवण स भय रदम की सपाई हो गमी
ऩजमशरी क दशगन कयन व आशीवागद रन हत आम हए उततय परदश क ततकारीन याजमऩार शरी सयजबान न कहा सभशानबभी स आन क फाद हभ रोग शयीय की शवदध क मरम सनान कय रत ह | ऐस ही ववदशो भ जान क कायण भझ ऩय दवषत ऩयभाण रग गम थ
ऩयॊत वहाॊ स रौटन क फाद मह भया ऩयभ सौबागम ह कक भहायाजशरी क दशगन व ऩावन सतसॊग कयन स भय चितत की सपाई हो गमी | ववदशो भ यह यह अनको बायतवासी ऩजम फाऩ क परविनो को परतम मा ऩयो रऩ स सन यह ह | भया मह सौबागम ह कक भझ महाॊ भहायाजशरी को सनन का सअवसय पराि हआ ह |
-शरी सयजबान
ततकारीन याजमऩार उततय परदश
ऩजम फाऩ जीवन को सखभम फनान का भागग फता यह ह
गजयात क ततकारीन भखमभॊतरी शरी कशबाई ऩटर ११ भई को ऩजम फाऩ क दशगन कयन अभदावाद आशरभ ऩहॉि | सतसॊग सनन क फाद उनहोन बावऩणग वाणी भ कहा भ तो ऩजम फाऩ क दशगन कयन क मरम आमा था ककनत फड़ सौबागम स दशगन क साथ ही सतसॊग का राब बी मभरा | जीवन भ अधमाजतभकता क साथ सहजता कस राम तथा भनषम सखी एवॊ ननयोगी जीवन ककस परकाय बफताम इस गहन ववषम को ककतनी सयरता
स ऩजम फाऩ न हभ सभझामा ह ईशवय-परदतत इस भनषम-जनभ को सखभम फनन का भागग ऩजम फाऩ हभ फता यह ह | बायतीम सॊसकनत भ ननटहत सतम की ओय िरन की परयणा हभ द यह ह | एक वजशवक कामग ईशवयीम कामग जजस सवमॊ बगवान को कयना ह वह कामग आज ऩजम फाऩजी कय यह ह | फाऩ को भय शत-शत परणाभ |
-शरी कशबाई ऩटर
ततकारीन भखमभॊतरी गजयात याजम
धयती तो फाऩजी जस सॊतो क कायण टटकी ह
भझ सतसॊग भ आन का भौका ऩहरी फाय मभरा ह औय ऩजम फाऩजी स एक अदबत फात भझ औय आऩ सफको सनन को मभरी ह वह ह परभ की फात | इस सवषट का जो भर ततव ह वह ह परभ | मह परभ नाभ का ततव मटद न हो तो सवषट नषट हो जामगी | रककन सॊसाय भ कोई परभ कयना नहीॊ जानता मा तो बगवान पमाय कयना जानत ह मा सॊत पमाय कयना जानत ह | जजसको सॊसायी रोग अऩनी बाषा भ परभ कहत ह उसभ तो कहीॊ-न-कहीॊ सवाथग जडा होता ह रककन बगवान सॊत औय गर का परभ ऐसा होता ह जजसको हभ सिभि परभ की ऩरयबाषा भ फाॊध सकत ह | भ मह कह सकती हॉ कक साध-सॊतो को दश की सीभाम नहीॊ फाॊधतीॊ | जस नटदमो की धायाएॉ दश औय जानत औय सॊपरदाम की सीभाओॊ भ नहीॊ फॊधता | कमरमग भ रदम की ननषकऩटता ननसवाथग परभ तमाग औय तऩसमा का म होन रगा ह कपय बी धयती टटकी ह तो फाऩ इसमरए कक आऩ जस सॊत बायतबमभ ऩय ववियण कयत ह | फाऩ की कथा भ ही भन मह ववशषता दखी ह कक गयीफ औय अभीय दोनो को अभत क घॊट एक जस ऩीन को मभरत ह | महाॊ कोई बदबाव नहीॊ ह |
-सशरी उभा बायती भखमभॊतरी भधम परदश
हभ सफको बकत फनन की ताकत मभर
भ तो ऩजम फाऩजी क शरीियणो भ परणाभ कयन आमा हॊ | बकतकत स फड़ी कोई ताकत नहीॊ होती औय बकत हय कोई फन सकता ह | हभ सफको बकत फनन की ताकत मभर | भ सभझता हॊ कक सॊतो क आशीवागद ही हभ सफकी ऩॊजी होती ह |
-नयनर भोदी भखमभॊतरी गजयात याजम
सही ऊजाग फाऩजी स मभरती ह
गजयात सयकाय न भझ ऊजागभॊतरी का ऩद सौऩा ह ऩय सही आजतभक ऊजाग भझ ऩजम फाऩजी स मभरती ह |
-शरी कौमशकबाई ऩटर
ततकारीन ऊजागभॊतरी वतगभान भ याजसव व नागरयक आऩनतग भॊतरी गजयात याजम
भ तो फाऩजी का एक साभानम कामगकताग हॊ
टदपरी भ आमोजजत ऩजमशरी क सतसॊग-कामगकरभ क दौयान टदपरी क ततकारीन भखमभॊतरी शरी साटहफ मसॊह वभाग सतसॊग-शरवण हत आभ बकतो क फीि आ फठ | सतसॊग-शरवण क ऩशचात उनहोन ऩजम फाऩ को भाथा टककय परणाभ ककमा भापमाऩगण क साथ सवागत कयक उनका आशीवागद पराि ककमा | एक सॊत क परनत रोगो की शरदधा तडऩ सतसॊग-परभ
उनका परभऩणग रवमवहाय अनशासन व बायतीमता को दखकय भखमभॊतरीशरी गदगद हो उठ |
उनहोन फाय-फाय टदपरी ऩधायन क मरम ऩजम फाऩ स पराथगना की औय कहा आज भ ऩजम फाऩजी क दशगन व सतसॊग-शरवण कयक ऩावन हो गमा हॉ | भ भहसस कयता हॉ कक ऩयभ सॊतो क जफ दशगन होत ह औय उनक ऩावन शयीय स जो तयॊग ननकरती ह व जजसको बी छ जाती ह उसकी फहत-सी कमभमाॉ दय हो जाती ह | भ िाहता हॊ कक भयी सबी कमभमाॉ दय हो जाम | भ तो ऩजम फाऩजी का एक साभानम सा कामगकताग हॊ | ऩजम फाऩजी की कऩा हभशा भझ ऩय फनी यह एसी भयी काभना ह | भया ऩयभ सौबागम ह की भझ आऩक दशगन का आऩक आशीवागद पराि कयन का अवसय मभरा |
-शरी साटहफ मसॊह वभाग कनरीम शरभ भॊतरी बायत सयकाय
भ कभनसीफ हॊ जो इतन सभम तक गरवाणी स वॊचित यहा
ऩयभ ऩजम गरदव क शरीियणो भ सादय परणाभ भन अबी तक भहायाजशरी का नाभ बय सना था | आज दशगन कयन का अवसय मभरा ह रककन भ अऩन आऩ को कभनसीफ
भानता हॊ कमोकक दय स आन क कायण इतन सभम तक गरदव की वाणी सनन स वॊचित यहा | अफ भयी कोमशश यहगी कक भ भहायाजशरी की अभत वाणी सनन का हय अवसय मथासभम ऩा सकॊ | भ ईशवय स मही पराथगना कयता हॊ कक व हभ ऐसा भौका द कक हभ गर की वाणी सनकय अऩन आऩको सधाय सक | गरजी क शरीियणो भ सादय सभवऩगत होत हए भधम परदश की जनता की ओय स पराथगना कयता हॊ कक गरदव आऩ इस भधम परदश भ फाय-फाय ऩधाय औय हभ रोगो को आशीवागद दत यह ताकक ऩयभाथग क उस कामग भ जो आऩन ऩय दश भ ही नहीॊ दश क फाहय बी परामा ह भधम परदश क रोगो को बी जड़न का जमादा-स-जमादा अवसय मभर |
-शरी टदजगवजम मसॊह
ततकारीन भखमभॊतरी भधम परदश
इतनी भधय वाणी इतना अदबत ऻान
भ अऩनी ओय स तथा महाॊ उऩजसथत सबी भहानबावो की ओय स ऩयभ शरदधम सॊतमशयोभणण फाऩजी का हाटदगक सवागत कयता हॊ | भन कई फाय टी वी ऩय आऩको दखा-सना ह औय टदपरी भ एक फाय आऩका परविन बी सना ह | इतनी भधय वाणी इतना अदबत ऻान अगय आऩ क परविन ऩय गहयाई स वविाय कयक अभर ककमा जाम तो इॊसान को ज ॊदगी भ सही यासता मभर सकता ह | व रोग धनबागी ह जो इस मग भ ऐस भहाऩरष क दशगन व सतसॊग स अऩन जीवन-सभन णखरात ह |
-शरी बजनरार
ततकारीन भखम भॊतरी हरयमाणा
ऐस सॊतो का तो जजतना आदय ककमा जाम कभ ह
ककसी न भझ स कहा था धमान की कसट रगाकय सोमग तो सवपन भ गरदव क दशगन होग भन उसी यात धमान की कसट रगामी औय सनत-सनत सो गमा | उस वकत याबतर क फायह-साढ़ फायह फज होग | वकत का ऩता नहीॊ िरा | ऐसा रगा भानो ककसी न भझ उठा टदमा | भ गहयी नीॊद स उठा एवॊ गरजी की रऩ वार फ़ोटो की तयफ़ टकटकी रगाकय एक-दो मभनट तक दखता यहा | इतन भ आशचमग टऩ अऩन-आऩ िर ऩड़ी औय कवर मह तीन वाकम सनन को मभर आतभा ितनम ह | शयीय जड़ ह | शयीय ऩय अमबभान भत कयो | टऩ सवत फॊद हो गमी औय ऩय कभय भ मह आवाज गॊज उठी |
दसय कभय भ भयी ऩतनी की बी आॊख खर गमी औय उसन तो महाॊ तक भहसस ककमा जस कोई िर यहा ह व गरजी क मसवाम औय कोई हो ही नहीॊ सकत | भन कभय की राइट जरामी औय दौड़ता हआ ऩतनी क ऩास गमा | भन ऩछासना वह फोरी हाॊ | उस सभम सफह क ठीक िाय फज थ | सनान कयक भ धमान भ फठा तो डढ़ घणट तक फठा यहा | इतना रॊफा धमान तो भया कबी नहीॊ रगा | इस घटना क फाद तो ऐसा रगता ह कक गरजी साात बरहमसवरऩ ह | उनको जो जजस रऩ भ दखता ह वस ही टदखत ह |
भया मभतर ऩाशचातम वविायधाया वारा ह | उसन गरजी का परविन सना औय फोरा भझ तो म एक फहत अचछ रकियय रगत ह | भन कहा आज जरय इस ऩय गरजी कछ कहग |
मह सयत आशरभ भ भनामी जा यही जनभाषटभी क सभम की फात ह | हभ कथा भ फठ |
गरजी न कथा क फीि भ कहाकछ रोगो को भ रकियय टदखता हॊ कछ को परोफ़सय टदखता हॊ कछ को गर टदखता हॊ कछ को बगवान टदखता हॊजो भय ऩय जसी शरदधा यखता ह उस भ वसा ही टदखता हॊ औय वसा ही वह भझ ऩाता ह | भय मभतर का मसय शभग स झक गमा | कपय बी वह नाजसतक तो था ही | उसन हभाय ननवास ऩय भजाक भ गरजी क मरए कछ कहा तफ भन कहा | मह ठीक नहीॊ ह | अफ की फाय भान जा नहीॊ तो गरजी सजा दग तझ | १५ मभनट भ ही उसक घय स फ़ोन आ गमा कक फचि की तबफमत फहत खयाफ ह | उस असऩतार भ दाणखर कयना ऩड़ यहा ह | तफ भय मभतर की सयत दखन रामक थी | वह फोरागरती हो गमी | अफ भ गरजी क मरए कछ न कहॊगा भझ िाह ववशवास हो मा न हो | अखफायो भ गरजी की ननॊदा मरखनवार अऻानी रोग नहीॊ जानत कक जो भहाऩरष बायतीम सॊसकनत को एक नमा रऩ द यह ह कई सॊतो की वाणणमो को ऩनजीववत कय यह ह रोगो क शयाफ-कफाफ छड़वा यह ह जजनस सभाज का कपमाण हो यहा ह उनक ही फाय भ हभ हपकी फात मरख यह ह | मह हभाय दश क मरए फहत ही शभगनाक फात ह | ऐस सॊतो का तो जजतना आदय ककमा जाम वह कभ ह | गरजी क फाय भ कछ बी फखान कयन क मरए भय ऩास शबद नहीॊ ह |
-डा सतवीय मसॊह छाफड़ा फीफीईएभ आकाशवाणी इनदौय
आऩकी कऩा स मोग की अणशकतकत ऩदा हो यही ह
अनक परकाय की ववकनतमाॉ भानव क भन ऩय साभाजजक जीवन ऩय सॊसकाय औय सॊसकनत ऩय आकरभण कय यही ह | वसतत इस सभम सॊसकनत औय ववकनत क फीि एक भहासॊघषग िर यहा ह जो ककसी सयहद क मरए नहीॊ फजपक सॊसकायो क मरए रड़ा जा यहा ह | इस
भ सॊसकनत को जजतान का फभ ह मोगशकतकत | ह गरदव आऩकी कऩा स इस मोग की टदरवम अणशकतकत राखो रोगो भ ऩदा हो यही हमह सॊसकनत क सननक फन यह ह | गरदव भ आऩस पराथगना कयता हॊ कक शासन क अॊदय बी धभग औय वयागम क सॊसकाय उतऩनन हो | आऩ स आशीवागद पराि कयन क मरए भ आऩक ियणो भ आमा हॊ |
-शरी अशोकबाई बटट
काननभॊतरी गजयात याजम
भझ ननरवमगसनी फना टदमा
भ वऩछर कई वषो स तमफाक का रवमसनी था औय इस दगगण को छोड़न क मरए भन ककतन ही परमतन ककम ऩय भ ननषपर यहा | जनवयी ९५ भ ऩजम फाऩ जफ परकाशा आशरभ (भहा) ऩधाय तो भ बी उनक दशगनाथग वहाॊ ऩहॊिा औय उनस अनयोध ककमा फाऩ ववगत ३२ वषो स तमफाक का सवन कय यहा हॉ | अनक परमतनो क फाद बी इस दगगण स भ भकत ना हो सका | अफ आऩ ही कछ कऩा कीजजए | फाऩजी न कहा राओ तमफाक की कतडबफी औय तीन फाय थककय कहो कक आज स भ तमफाक नहीॊ खाऊॊ गा | भन ऩजम फाऩ क ननदशानसाय मही ककमा औय भहान आशचमग उसी टदन स भया तमफाक खान का रवमसन छट गमा | ऩजम फाऩ की ऐसी कऩा दजषत हमी कक वषग ऩया होन ऩय बी भझ कबी तमफाक खान की तरफ तक नहीॊ रगी | भ ककन शबदो भ ऩजम फाऩ का आबाय रवमकत करॊ भय ऩास शबद ही नहीॊ ह | भझ आनॊद ह कक इन याषड सॊत न फयफाद व नषट होत हए भय जीवन को फिा कय भझ ननरवमसगनी फना टदमा |
-शरी रखन बटवार
जज धमरमा भहायाषड
फाऩजी क सतसॊग स ववशव बय क रोग राबाजनवत
बायतबमभ सदव स ही कवष-भननमो तथा सॊत-भहातभाओॊ की बमभ यही ह जजनहोन ववशव को शाॊनत एवॊ आधमातभ का सॊदश टदमा ह | आज क मग भ ऩजम सॊत शरी आसायाभजी अऩनी अभत वाणी दवाया टदरवम आधमाजतभक सॊदश द यह ह जजसस न कवर बायत वयन ववशव बय भ रोग राबाजनवत हो यह ह |
-शरी सयजीत मसॊह फयनारा याजमऩार आनर परदश
ऻानरऩी गॊगाजी सवमॊ फहकय महाॉ आ गमी
उततयाॊिर याजम का सौबागम ह कक इस दवबभी भ दवता सवरऩ ऩजम फाऩजी का आशरभ फन यहा ह | आऩ ऐसा आशरभ फनाम जसा कहीॊ बी न हो | मह हभ रोगो का सौबागम ह कक अफ ऩजम फाऩजी की ऻानरऩी गॊगाजी सवमॊ फहकय महाॊ आ गमी ह | अफ गॊगा जाकय दशगन कयन व सनान कयन की उतनी आवशमकता नहीॊ ह जजतनी सॊत शरी आसायाभजी फाऩ क ियणो भ फठकय उनक आशीवागद रन की ह |
-शरी ननतमानॊद सवाभीजी ततकारीन भखमभॊतरी उततयाॊिर
गरजी की तसवीय न पराण फिा मरम
कछ ही टदनो ऩहर भया दसया फटा एभ ए ऩास कयक नौकयी क मरम फहत जगह घभा फहत जगह आवदन-ऩतर बजा ककनत उस नौकयी नहीॊ मभरी | कपय उसन फाऩजी स दीा री | भन आशरभ का कछ साभान कसट सतसाटहतम राकय उसको दत हए कहा शहय भ जहाॉ भॊटदय ह जहाॉ भर रगत ह तथा जहाॉ हनभानजी का परमसदध दकषणभखी भॊटदय ह वहाॊ सटार रगाओ | फट न सटार रगाना शर ककमा | ऐस ही एक सटार ऩय जरगाॊव क एक परमसदध रवमाऩायी अगरवारजी आम फाऩजी की कछ कसट खयीदीॊ औय ईशवय की ओय नाभक ऩसतक बी साथ भ र गम ऩसतक ऩढ़ी औय कसट सनी | दसय टदन व कपय आम औय कछ सतसाटहतम खयीद कय र गम व ऩान क थोक ववकरता ह | उनको ऩान खान की आदत ह | ऩसतक ऩढ़कय उनह रगा भ ऩान छोड़ दॉ | उनकी दकान ऩय एक आदभी आमा | ऩाॊिसौ रऩमो का साभान खयीदा औय उनका पोन नमफय र गमा | एक घॊट क फाद उसन दकान ऩय पोन ककमा सठ अगरवारजी भझ आऩका खन कयन का काभ सौऩा गमा था | कापी ऩस (सऩायी) बी टदम गम थ औय भ तमाय बी हो गमा था ऩय जफ भ आऩकी दकान ऩय ऩहॊिा तो ऩयभ ऩजम सॊत शरी आसायाभजी फाऩ क चितर ऩय भयी नजय ऩड़ी | भझ ऐसा रगा भानो साात फाऩ फठ हो औय भझ नक इनसान फनन की परयणा द यह हो गरजी की तसवीय न (तसवीय क रऩ भ साात गरदव न आकय) आऩक पराण फिा मरम | अदबत िभतकाय ह भमफई की ऩाटी न उसको ऩस बी टदम थ औय वह आमा बी था खन कयन क इयाद स ऩयनत जाको याख साॊइमाॉ चितर क दवाय बी अऩनी कऩा फयसान वार ऐस गरदव क परतम दशगन कयन क मरम वह महाॉ बी आमा ह
|
-फारकषण अगरवार
जरगाॊव भहायाषड
सदगर मशषम का साथ कबी नहीॊ छोड़त
एक यात भ दकान स सकटय दवाया अऩन घय जा यहा था | सकटय की कतडककी भ कापी रऩम यख हए थ | जमो ही घय क ऩास ऩहॊिा तो गरी भ तीन फदभाश मभर | उनहोन भझ घय मरमा औय वऩसतौर टदखामी | सकटय रकवाकय भय मसय ऩय तभॊि का फट भाय टदमा औय धकक भाय कय भझ एक तयप चगया टदमा | उनहोन सोिा होगा कक भ अकरा हॊ ऩय मशषम जफ सदगर स भॊतर रता ह शरदधा-ववशवास यखकय उसका जऩ कयता ह तफ सदगर उसका साथ नहीॊ छोड़त | भन सोिा कतडककी भ फहत रऩम ह औय म फदभाश तो सकटय र जा यह ह | भन गरदव स पराथगना की | इतन भ व तीनो फदभाश सकटय छोड़कय थरा र बाग | घय जाकय खोरा होगा तो सबजी औय खारी टटकफ़न दखकय मसय कटा ऩता नहीॊ ऩय फड़ा भजा आमा होगा | भय ऩस फि गमउनका सबजी का खिग फि गमा |
-गोकरिनर गोमर
आगया
गरकऩा स अॊधाऩन दय हआ
भझ गरकोभा हो गमा था | रगबग ऩतीस सार स मह तकरीफ़ थी | कयीफ छ सार तक तो भ अॊधा यहा | कोरकाता िननई आटद सफ जगहो ऩय गमा शॊकय नतरारम भ बी गमा ककनत वहाॊ बी ननयाशा हाथ रगी | कोरकाता क सफस फड़ नतर-ववशषऻ क ऩास गमा | उसन बी भना कय टदमा औय कहा | धयती ऩय ऐसा कोई इनसान नहीॊ जो तमह ठीक कय सक | रककन सयत आशरभ भ भझ गरदव स भॊतर मभरा | वह भॊतर भन खफ शरदधा-ववशवासऩवगक जऩा कमोकक सात बरहमसवरऩ गरदव स वह भॊतर मभरा था | कयीफ छ-सात भहीन ही जऩ हआ था कक भझ थोड़ा-थोड़ा टदखामी दन रगा | डॉकटय कहत थ कक तभको भराॊनत हो गमी ह ऩय भझ तो अफ बी अचछी तयह टदखता ह | एक फाय एक अनम बॊमकय दघगटना स बी गरदव न भझ फिामा था | ऐस गरदव का कण हभ जनभो-जनभो तक नहीॊ िका सकत |
-शॊकयरार भहशवयी
कोरकाता
औय डकत घफयाकय बाग गम
१४ जराई ९९ को कयीफ साढ़ तीन फज भय भकान भ छ डकत घस आम औय उस सभम दबागगम स फाहय का दयवाजा खरा हआ था | दो डकत फाहय भारनत िार यखकय खड़ थ | एक डकत न धकका दकय भयी भाॉ का भॉह फॊद कय टदमा औय अरभायी की िाफी भाॉगन रगा | इस घटना क दौयान भ दकान ऩय था | भयी ऩतनी को बी डकत धभकान रग औय आवाज न कयन को कहा | भयी ऩतनी न ऩजम फाऩजी क चितर क साभन हाथ जोड़कय पराथगना की अफ आऩ ही या कयो इतना ही कहा तो आशचमग आशचमग ऩयभ आशचमग व सफ डकत घफयाकय बागन रग | उनकी हड़फड़ाहट दखकय ऐसा रग यहा था भानो उनह कछ टदखामी नहीॊ द यहा था | व बाग गम | भया ऩरयवाय गरदव का कणी ह |
फाऩजी क आशीवागद स सफ सकशर ह | हभन १५ नवमफय ९८ को वायाणसी भ भॊतरदीा री थी |
-भनोहयरार तरयजा ४ झररार नगय मशवाजी नगय वायाणसी
भॊतर दवाया भतदह भ पराण-सॊिाय
भ शरी मोग वदानत सवा समभनत आभट स जीऩ दवाया यवाना हआ था | ११ जराई १९९४ को भधमानह फायह फज हभायी जीऩ ककसी तकनीकी तरटट क कायण ननमॊतरण स फाहय होकय तीन ऩजपटमाॉ खा गमी | भया ऩया शयीय जीऩ क नीि दफ गमा | ककसी तयह भझ फाहय ननकारा गमा | एक तो दफरा ऩतरा शयीय औय ऊऩय स ऩयी जीऩ का वजन ऊऩय आ जान क कायण भय शयीय क परतमक टहसस भ असहय ददग होन रगा | भझ ऩहर तो कसरयमाजी असऩतार भ दाणखर कयामा गमा | जमो-जमो उऩिाय ककमा गमा कषट फढ़ता ही गमा कमोकक िोट फाहय नहीॊ शयीय क बीतयी टहससो भ रगी थी औय बीतय तक डॉकटयो का कोई उऩिाय काभ नहीॊ कय यहा था | जीऩ क नीि दफन स भया सीना व ऩट ववशष परबाववत हए थ औय हाथ-ऩय भ काॉि क टकड़ घस गम थ | ददग क भाय भझ साॉस रन भ बी तकरीप हो यही थी | ऑकसीजन टदम जान क फाद बी दभ घट यहा था औय भतम की घकतडमाॉ नजदीक टदखामी ऩड़न रगीॊ | भ भयणासनन जसथनत भ ऩहॉि गमा | भया भतम-
परभाणऩतर फनान की तमारयमाॉ कक जान रगीॊ व भझ घय र जान को कहा गमा | इसक ऩवग भया मभतर ऩजम फाऩ स फ़ोन ऩय भयी जसथनत क समफनध भ फात कय िका था |
पराणीभातर क ऩयभ टहतषी दमार सवबाव क सॊत ऩजम फाऩ न उस एक गि भॊतर परदान कयत हए कहा था कक ऩानी भ ननहायत हए इस भॊतर का एक सौ आठ फाय (एक भारा) जऩ कयक वह ऩानी भनोज को एवॊ दघगटना भ घामर अनम रोगो को बी वऩरा दना |
जस ही वह अमबभॊबतरत जर भय भॉह भ डारा गमा भय शयीय भ हरिर होन क साथ ही वभन हआ | इस अदबत िभतकाय स ववजसभत होकय डॉकटयो न भझ तयॊत ही ववशष भशीनो क नीि र जाकय मरटामा | गहन चिककतसकीम ऩयीण क फाद डॉकटयो को ऩता िरा कक जीऩ क नीि दफन स भया ऩया खन कारा ऩड़ गमा था तथा नाड़ी-िारन (ऩपस) रदमगनत व यकत परवाह बी फॊद हो िक थ | भय शयीय का समऩणग यकत फदर टदमा गमा तथा आऩयशन बी हआ | उसक ७२ घॊट फाद भझ होश आमा | फहोशी भ भझ कवर इतना ही माद था की भय बीतय ऩजम फाऩ दवाया परदतत गरभॊतर का जऩ िर यहा ह | होश भ आन ऩय डॉकटयो न ऩछा तभ आऩयशन क सभम फाऩफाऩ ऩकाय यह थ | म फाऩ कौन ह भन फतामा व भय गरदव परात सभयणीम ऩयभ ऩजम सॊत शरी असायाभजी फाऩ ह | डॉकटयो न ऩन भझस परशन ककमा कमा तभ कोई रवमामाभ कयत हो भन कहा भ अऩन गरदव दवाया मसखामी गमी ववचध स आसन व पराणामाभ कयता हॉ | व फोर
इसीमरम तमहाय इस दफर-ऩतर शयीय न मह सफ सहन कय मरमा औय तभ भयकय बी ऩन जजनदा हो उठ दसया कोई होता तो तयॊत घटनासथर ऩय ही उसकी हडकतडमाॉ फाहय ननकर जातीॊ औय वह भय जाता | भय शयीय भ आठ-आठ नमरमाॉ रगी हई थीॊ | ककसीस खन िढ़ यहा था तो ककसी स कबतरभ ऑकसीजन टदमा जा यहा था | मदयवऩ भय शयीय क कछ टहससो भ अबी-बी काॉि क टकड़ भौजद ह रककन गरकऩा स आज भ ऩणग सवसथ
होकय अऩना रवमवसाम व गरसवा दोनो कामग कय यह हॉ | भया जीवन तो गरदव का ही टदमा हआ ह | इन भॊतरदषटा भहवषग न उस टदन भय मभतर को भॊतर न टदमा होता तो भया ऩनजीवन तो समबव नहीॊ था | ऩजम फाऩ भानव-दह भ टदखत हए बी अनत असाधायण भहाऩरष ह | टमरफ़ोन ऩय टदम हए उनक एक भॊतर स ही भय भत शयीय भ ऩन पराणो का सॊिाय हो गमा तो जजन ऩय फाऩ की परतम दवषट ऩड़ती होगी व रोग ककतन बागमशारी होत होग ऐस दमार जीवनदाता सदगर क शरीियणो भ कोटट-कोटट दॊडवत परणाभ
-भनोज कभाय सोनी जमोनत टरसग रकषभी फाजाय आभट याजसथान
सदगरदव की कऩा स नतरजमोनत वाऩस मभरी
भयी दाटहनी आॉख स कभ टदखामी दता था तथा उसभ तकरीफ़ बी थी | धमानमोग मशववय टदपरी भ ऩजम गरदव भवा फाॉट यह थ तफ एक भवा भयी दाटहनी आॉख ऩय आ रगा | आॉख स ऩानी ननकरन रगा | ऩय आशचमग दसय ही टदन स आॉख की तकरीप मभट गमी औय अचछी तयह टदखामी दन रगा |
-याजकरी दवी असनाऩय रारगॊज अजाया जज परताऩगढ़ उततय परदश
फड़दादा की मभटटी व जर स जीवनदान
अगसत ९८ भ भझ भररयमा हआ | उसक फाद ऩीमरमा हो गमा | भय फड़ बाई न आशरभ स परकामशत आयोगमननचध ऩसतक भ स ऩीमरमा का भॊतर ऩढ़कय ऩीमरमा तो उताय टदमा ऩयॊत कछ ही टदनो फाद अॊगरजी दवाओॊ क रयएन स दोनो ककडननमाॉ पर (ननजषकरम) हो गई | भया हाटग (रदम) औय रीवय (मकत) बी पर होन रग | डॉकटयो न तो कह टदमा मह रड़का फि नहीॊ सकता | कपय भझ गोटदमा स नागऩय हॉजसऩटर भ र जामा गमा रककन वहाॉ बी डॉकटयो न जवाफ द टदमा कक अफ कछ नहीॊ हो सकता | भय बाई भझ वहीॊ छोड़कय सयत आशरभ आम वदयजी स मभर औय फड़दादा की ऩरयकरभा कयक पराथगना की तथा वहाॉ की मभटटी औय जर मरमा | ८ तायीख को डॉकटय भयी ककडनी फदरन वार थ |
जफ भय बाई फड़दादा को पराथगना कय यह थ तबी स भझ आयाभ मभरना शर हो गमा था | बाई न ७ तायीख को आकय भझ फड़दादा कक मभटटी रगाई औय जर वऩरामा तो भयी दोनो ककडनीमाॉ सवसथ हो गमी | भझ जीवनदान मभर गमा | अफ भ बफपकर सवसथ हॉ |
-परवीण ऩटर
गोटदमा भहायाषड
ऩजम फाऩ न प का कऩा-परसाद
कछ वषग ऩवग ऩजम फाऩ याजकोट आशरभ भ ऩधाय थ | भझ उन टदनो ननकट स दशगन कयन का सौबागम मभरा | उस सभम भझ छाती भ एनजामना ऩकतटोरयस क कायण ददग यहता था | सतसॊग ऩया होन क फाद कछ रोग ऩजम फाऩ क ऩास एक-एक कयक जा यह थ | भ कछ पर-पर नहीॊ रामा था इसमरए शरदधा क पर मरम फठा था | ऩजम फाऩ
कऩा-परसाद प क यह थ कक इतन भ एक िीक भयी छाती ऩय आ रगा औय छाती का वह ददग हभशा क मरए मभट गमा |
-अयववॊदबाई वसावड़ा याजकोट
एक छोटी थरी फनी अमऩातर
सन १९९२ भ यतराभ (भपर) क ऩास सराना क आटदवासी ववसताय भ बॊडाय का आमोजन था | बॊडाय भ सवाएॉ दन फहत-स साधक आम हए थ | आशरभवासी बाई बी ऩहॉि थ | एक टदन का ही आमोजन था औय सतसॊग-कामगकरभ बी था | उस बॊडाय भ गयीफो क मरए बोजन क अरावा फतगन कऩड़ अनाज औय दकषणा (ऩस) फाॉटन की बी रवमवसथा की गमी थी | भय टहसस ऩस फाॉटन की सवा थी | भन ऩाॉि रऩमोवार सौ-सौ नोटो क ऩिीस फॊडर चगनकय थरी भ यख थ | भझ आदश टदमा गमा था आठ सवाधायी ननमकत कय रो | व रोग ऩाॉि रऩम क नोट फाॉटत जामग | भन आठ सवमॊसवको को ऩहरी फाय आठ फॊडर द टदम | कपय ऩॊरह-फीस मभनट क फाद भन दसयी फाय आठो को एक-एक फॊडर टदमा | कपय तीसयी फाय आठो को एक-एक फॊडर टदमा | कर २४ फॊडर गम | अफ दसयी ऩॊकतकत बोजन क मरए बफठामी गमी | भन आठो सवमॊसवको को ऩहरी की बाॉनत तीन फाय एक-एक फॊडर फाॉटन क मरए टदमा | कर ४८ फॊडर गम | बॊडाया ऩया होन क फाद भन सोिा िरो अफ टहसाफ कय र | भ चगनन फठा | भय ऩास ६ फॊडर फि थ | मह कस
भ दॊग यह गमा भन ऩस फाॉटनवारो स ऩछा तो उनहोन फतामा कक कर ४८ फॊडर फाॉट गम थ | भ आशरभ आमा तो रवमवसथाऩक न कहा भन तो आऩको २५ फॊडर टदम थ |
सफको आशचमग हो यहा था कक फॉट ४८ फॊडर औय रकय िर थ २५ फॊडर | २५ भ स ४८ फॉट औय ६ फि गम गरदव का आशीवागद दणखम कक एक छोटी-सी थरी अम ऩातर फन गमी
-ईशवयबाई नामक
अभदावाद आशरभ
फटी न भनौती भानी औय गरकऩा हई
भयी फटी को शादी ककम आठ सार हो गम थ | ऩहरी फाय जफ वह गबगवती हई तफ फचिा ऩट भ ही भय गमा | दसयी फाय फचिी जनभी ऩय छ भहीन भ वह बी िर फसी |
कपय भयी ऩतनी न फटी स कहा अगय त सॊकपऩ कय कक जफ तीसयी फाय परसती होगी तफ तभ फारक की जीब ऩय फाऩजी क फतान क भताबफक bdquoॐ‟ मरखोगी तो तया फारक जीववत यहगा ऐसा भझ ववशवास ह कमोकक ॐकाय भॊतर भ ऩयभानॊदसवरऩ परब ववयाजभान ह | भयी फटी न इस परकाय भनौती भानी औय सभम ऩाकय वह गबगवती हई | सोनोगराफ़ी कयवामी गमी तो डॉकटयो न फतामा गबग भ फचिी ह औय उसक टदभाग भ ऩानी बया हआ ह | वह जजॊदा नहीॊ यह सकगी | गबगऩात कयवा दो | भयी फटी न अऩनी भाॉ स सराह की | उसकी भाॉ न कहा गबगऩात का भहाऩाऩ नहीॊ कयवाना ह | जो होगा दखा जामगा |
गरदव कऩा कयग | जफ परसती हई तो बफपकर पराकनतक ढ़ॊग स हई औय उस फचिी की जीब ऩय शहद एवॊ मभशरी स ॐ मरखा गमा | आज वह बफपकर ठीक ह | जफ उसकी डॉकटयी जाॉि कयवामी गमी तो डॉकटय आशचमग भ ऩड़ गम सोनोगराफ़ी भ जो फीभारयमाॉ टदख यही थीॊ व कहाॉ िरी गमीॊ टदभाग का ऩानी कहाॉ िरा गमा टहनदजा हॉजसऩटरवार मह करयशभा दखकय दॊग यह गम अफ घय भ जफ कोई दसयी कोई कसट िरती ह तो वह फचिी इशाया कयक कहती ह ॐवारी कसट िराओ | वऩछरी ऩनभ को हभ भॊफई स टाटा सभो भ आ यह थ | फाढ़ क ऩानी क कायण यासता फॊद था | हभ सोि भ ऩड़ गम कक ऩनभ का ननमभ टटगा | हभन गरदव का सभयण ककमा | इतन भ हभाय डराइवय न हभस ऩछा जान दॉ हभन बी गरदव का सभयण कयक कहा जान दो औय हरय हरय ॐ कीतगन की कसट रगा दो | गाड़ी आग िरी | इतना ऩानी कक हभ जहाॉ फठ थ वहाॉ तक ऩानी आ गमा | कपय बी हभ गरदव क ऩास सकशर ऩहॉि गम औय उनक दशगन ककम|
-भयायीरार अगरवार
साॊताकरज भॊफई
औय गरदव की कऩा फयसी
जफस सयत आशरभ की सथाऩना हई तफस भ गरदव क दशगन कयत आ यहा हॉ उनकी अभतवाणी सनता आ यहा हॉ | भझ ऩजमशरी स भॊतरदीा बी मभरी ह | परायबधवश एक टदन भय साथ एक बमॊकय दघगटना घटी | डॉकटय कहत थ आऩका एक हाथ अफ काभ नहीॊ कयगा | भ अऩना भानमसक जऩ भनोफर स कयता यहा | अफ हाथ बफपकर ठीक ह | उसस भ ७० ककगरा वजन उठा सकता हॉ | भयी सभसमा थी कक शादी होन क फाद भझ कोई सॊतान नहीॊ थी | डॉकटय कहत थ कक सॊतान नहीॊ हो सकती | हभ रोगो न गरकऩा एवॊ गरभॊतर का सहाया मरमा धमानमोग मशववय भ आम औय गरदव की कऩा फयसी | अफ
हभायी तीन सॊतान ह दो ऩबतरमाॉ औय एक ऩतर | गरदव न ही फड़ी फटी का नाभ गोऩी औय फट का नाभ हरयककशन यखा ह | जम हो सदगरदव की
-हॉसभख काॊनतरार भोदी ५७ अऩना घय सोसामटी सॊदय योड़ सयत
कसट-शरवण स बकतकत का सागय टहरोय रन रगा
भ हय सार गमभगमो भ कबी फरीनाथ तो कबी कदायनाथ तो कबी गॊगोतरी आटद तीथो भ जाता यहता था | रवषकश भ एक दकान क ऩास खड़ यहन ऩय भझ ऩजम गरदव की अभतवाणी की कसट भो का भागग भौत की भौत तीन फात आटद दखन-सनन को मभरीॊ तो भन म कसट खयीद रीॊ | घय ऩहॉिकय कसट सनन क फाद रदम भ बकतकत का सागय टहरोय रन रगा | भझ ऐसा रगा भानो कोई भझ फरा यहा हो | दकान जात सभम ऐसा आबास हआ कक कोई ऩवग आनवारा ह औय भझ अभदावाद जाना होगा उसी टदन अभदावाद आशरभ स भय ऩतर का जवाफ आमा कक टदनाॊक १२ को गरऩनभ का ऩवग ह |
आऩ गरदव क दशगन कय सकत ह | हभ सऩरयवाय आशरभ ऩहॉि | दशगन कयक धनम हए |
दीा ऩाकय कताथग हए | अफ तो हय भहीन जफ तक गरदव क दशगन नहीॊ कयता तफ तक भझ ऐसा रगता ह कक भन कछ खो टदमा ह | दीा क फाद साधन-बजन फढ़ यहा ह बकतकत फढ़ यही ह | ऩहर सॊसाय भ सपरता-ववपरता की जो िोट रगती थी अफ उनका परबाव कभ हआ ह | ववषम-ववकायो का परबाव कभ हआ ह | जान जीव तफ जागा हरय ऩद रचि ववषम ववरास ववयागा भय जीवन भ सॊत तरसीदासजी क इन विनो का समोदम हो यहा ह |
-मशवकभाय तरसमान
गोयखऩय उततय परदश
गरदव न बजा अमऩातर
हभ परिायमातरा क दौयान गरकऩा का जो अदबत अनबव हआ वह अवणगनीम ह | मातरा की शरआत स ऩहर टदनाॊक ८-११-९९ को हभ ऩजम गरदव क आशीवागद रन गम |
गरदव न कामगकरभ क ववषम भ ऩछा औय कहा ऩॊिड़ आशरभ (यतराभ) भ बॊडाया था |
उसभ फहत साभान फि गमा ह | गाड़ी बजकय भॉगवा रना गयीफो भ फाॉटना | हभ झाफआ जजर क आस-ऩास क गयीफ आटदवासी इराको भ जानवार थ | वहाॉ स यतराभ क
मरए गाड़ी बजी | चगनकय साभान बया गमा | दो टदन िर उतना साभान था | एक टदन भ दो बॊडाय होत थ | अत िाय बॊडाय का साभान था | सफन खपर हाथो फतगन कऩड़ साकतड़माॉ धोती आटद साभान छ टदनो तक फाॉटा कपय बी साभान फिा यहा | सफको आशचमग हआ हभ रोग साभान कपय स चगनन रग ऩयॊत गरदव की रीरा क ववषम भ कमा कह
कवर दो टदन िर उतना साभान छ टदनो तक खपर हाथो फाॉटा कपय बी अॊत भ तीन
फोय फतगन फि गम भानो गरदव न अमऩातर बजा हो एक टदन शाभ को बॊडाया ऩया हआ तफ दखा कक एक ऩतीरा िावर फि गमा ह | कयीफ १००-१२५ रोग खा सक उतन िावर थ | हभन सोिा िावर गाॉव भ फाॊट दत ह | ऩयॊत गरदव की रीरा दखो एक गाॉव क फदर ऩाॉि गाॉवो भ फाॉट कपय बी िावर फि यह | आणखय याबतर भ ९ फज क फाद सवाधारयमो न थककय गरदव स पराथगना की कक गरदव अफ जॊगर का ववसताय ह हभ ऩय कऩा कयो | औय िावर खतभ हए | कपय सवाधायी ननवास ऩय ऩहॉि |
-सॊत शरी आसायाभजी बकतभॊडर
कतायगाभ सयत
सवपन भ टदम हए वयदान स ऩतरपरानि
भय गरहसथ जीवन भ एक-एक कयक तीन कनमाएॉ जनभी | ऩतरपरानि क मरए भयी धभगऩतनी न गरदव स आशीवागद पराि ककमा था | िौथी परसनत होन क ऩहर जफ उसन वरसाड़ भ सोनोगराफ़ी कयवामी तो रयऩोटग भ रड़की फतामा गमा | मह सनकय हभ ननयाश हो गम |
एक यात ऩतनी को सवपन भ गरदव न दशगन टदम औय कहा फटी चिॊता भत कय |
घफयाना भत धीयज यख | रड़का ही होगा | हभन सयत आशरभ भ फड़दादा की ऩरयकरभा कयक भनौती भानी थी वह बी फ़रीबत हई औय गरदव का बरहमवाकम बी सतम साबफत हआ जफ परसनत होन ऩय रड़का हआ | सबी गरदव की जम-जमकाय कयन रग |
-सनीर कभाय याधशमाभ िौयमसमा दीऩकवाड़ी ककपरा ऩायड़ी जज वरसाड़
शरी आसायाभामण क ऩाठ स जीवनदान
भया दस वषीम ऩतर एक यात अिानक फीभाय हो गमा | साॉस बी भजशकर स र यहा था |
जफ उस हॉजसऩटर भ बती ककमा तफ डॉकटय फोर | फचिा गॊबीय हारत भ ह | ऑऩयशन कयना ऩड़गा | भ फचि को हॉजसऩटर भ ही छोड़कय ऩस रन क मरए घय गमा औय घय
भ सबी को कहा ldquoआऩ रोग शरी आसायाभामण का ऩाठ शर कयो |rdquo ऩाठ होन रगा |
थोड़ी दय फाद भ हॉजसऩटर ऩहॉिा | वहाॉ दखा तो फचिा हॉस-खर यहा था | मह दख भयी औय घयवारो की खशी का टठकाना न यहा मह सफ फाऩजी की असीभ कऩा गर-गोववनद की कऩा औय शरी आसायाभामण-ऩाठ का पर ह |
-सनीर िाॊडक
अभयावती भहायाषड
गरवाणी ऩय ववशवास स अवणीम राब
शादी होन ऩय एक ऩतरी क फाद सात सार तक कोई सॊतान नहीॊ हई | हभाय भन भ ऩतरपरानि की इचछा थी | १९९९ क मशववय भ हभ सॊतानपरानि का आशीवागद रनवारो की ऩॊकतकत भ फठ | फाऩजी आशीवागद दन क मरए साधको क फीि आम तो कछ साधक नासभझी स कछ ऐस परशन कय फठ जो उनह नहीॊ कयन िाटहए थ | गरदव नायाज होकय मह कहकय िर गम कक तभको सॊतवाणी ऩय ववशवास नहीॊ ह तो तभ रोग महाॉ कमो आम तमह डॉकटय क ऩास जाना िाटहए था | कपय गरदव हभाय ऩास नहीॊ आम | सबी पराथगना कयत यह ऩय गरदव रवमासऩीठ स फोर दफाया तीन मशववय बयना | भ भन भ सोि यहा था कक कछ साधको क कायण भझ आशीवागद नहीॊ मभर ऩामा ऩयॊत वजरादवऩ कठोयाणण भदनन कसभादवऩ फाहय स वजर स बी कठोय टदखन वार सदगर बीतय स पर स बी कोभर होत ह | तयॊत गरदव ववनोद कयत हए फोर दखो म रोग सॊतानपरानि का आशीवागद रन आम ह | कस ठनठनऩार-स फठ ह अफ जाओ झरा-झनझना रकय घय जाओ | भन औय भयी ऩतनी न आऩस भ वविाय ककमा दमार गरदव न आणखय आशीवागद द ही टदमा | अफ गरदव न कहा ह कक झरा-झनझना र जाओ | तो भन गरविन भानकय यरव सटशन स एक झनझना खयीद मरमा औय गवामरमय आकय गरदव क चितर क ऩास यख टदमा | भझ वहाॉ स आन क १५ टदन फाद डॉकटय दवाया भारभ हआ कक ऩतनी गबगवती ह | भन गरदव को भन-ही-भन परणाभ ककमा | इस फीि डॉकटयो न सराह दी कक रड़का ह मा रड़की इसकी जाॉि कया रो | भन फड़ ववशवास स कहा कक रड़का ही होगा | अगय रड़की बी हई तो भझ कोई आऩवतत नहीॊ ह | भझ गबगऩात का ऩाऩ अऩन मसय ऩय नहीॊ रना ह | नौ भाह तक भयी ऩतनी बी सवसथ यही | हरयदवाय मशववय भ बी हभ रोग गम | सभम आन ऩय गरदव दवाया फताम गम इराज क भताबफक गाम क गोफय का यस ऩतनी को टदमा औय टदनाॊक २७ अकतफय १९९९ को एक सवसथ फारक का जनभ हआ |
-याजनर कभाय वाजऩमी अिगना वाजऩमी फरवॊत नगय ढाढीऩय भयाया गवामरमय
औय सोना मभर गमा
हभाय सॊमकत ऩरयवाय भ साठ तोरा सोना िोयी हो गमा था | सतसॊगी होन क कायण हभ द ख तो नहीॊ हआ कपय बी थोडी-फहत चिनता अवशम हई | आशरभ क एक साधक न हभस कहा | आऩ रोग शरी आसायाभामण क १०८ ऩाठ कयो औय सॊकपऩ कयो कक हभाया सोना हभ जरय मभरगा | मभनाऩाय टदपरी भ गरदव का आगभन हआ | हभ शाभ को गरदव क दशगन कयन गम | हभन कछ कहा नहीॊ कमोकक गरदव अॊतमागभी ह | उनहोन हभको परसाद टदमा | उसी यात घय ऩय पोन आमा कक आऩका सोना मभर गमा ह | िोय रखनऊ भ ऩकड़ा गमा ह | हभ आशचमग हआ शरी आसायाभामण क १०८ ऩाठ ऩय बी नहीॊ हए थ औय सोना मभर गमा |
-रीना फटानी यानीफाग टदपरी
सवपर क दो टकड़ो स दो सॊतान
भन सन १९९१ भ िटीिॊड मशववय अभदावाद भ ऩजम फाऩजी स भॊतरदीा री थी | भयी शादी क १० वषग तक भख कोई सॊतान नहीॊ हई | फहत इराज कयवाम रककन सबी डॉकटयो न फतामा कक फारक होन की कोई सॊबावना नहीॊ ह | तफ भन ऩजम फाऩजी क ऩनभ दशगन का वरत मरमा औय फाॉसवाड़ा भ ऩनभ दशगन क मरए गमा | ऩजम फाऩजी सफको परसाद द यह थ | भन भन भ सोिा | कमा भ इतना ऩाऩी हॉ कक फाऩजी भयी तयप दखत तक नहीॊ इतन भ ऩजम फाऩजी कक दवषट भझ ऩय ऩड़ी औय उनहोन भझ दो मभनट तक दखा | कपय उनहोन एक सवपर रकय भझ ऩय प का जो भय दाम कॊ ध ऩय रगकय दो टकड़ो भ फॉट गमा | घय जाकय भन उस सवपर क दोनो बाग अऩनी ऩतनी को णखरा टदम | ऩजमशरी का कऩाऩणग परसाद खान स भयी ऩतनी गबगवती हो गमी | ननयीण कयान ऩय ऩता िरा कक उसको दो मसय वारा फारक उतऩनन होगा | डॉकटयो न फतामा उसका मसजरयमन कयना ऩड़गा अनमथा आऩकी ऩतनी क फिन की समबावना नहीॊ ह | मसजरयमन भ रगबग फीस हजाय रऩमो का खिग आमगा | भन ऩजम फाऩजी स पराथगना की ह फाऩजी आऩन ही पर टदमा था | अफ आऩ ही इस सॊकट का ननवायण कीजजम | कपय
भन फड़ फादशाह क साभन बी पराथगना की जफ भ असऩतार ऩहॉिॉ तो भयी ऩतनी की परसती सकशर हो जाम | उसक फाद जफ भ असऩतार ऩहॉिा तो भयी ऩतनी एक ऩतर औय एक ऩतरी को जनभ द िकी थी | ऩजमशरी क दवाया टदम गम पर स भझ एक की जगह दो सॊतानो की परानि हई |
-भकशबाई सोरॊकी शायदा भॊटदय सकर क ऩीछ
फावन िार वड़ोदया
साइककर स गरधाभ जान ऩय खयाफ टाॉग ठीक हो गमी
भयी फाॉमी टाॉग घटन स उऩय ऩतरी हो गमी थी | ऑर इणणडमा भकतडकर इनसटीटमट
टदपरी भ भ छ टदन तक यहा | वहाॉ जाॉि क फाद फतरामा गमा कक तमहायी यीढ़ की हडडी क ऩास कछ नस भय गमी ह जजसस मह टाॉग ऩतरी हो गमी ह | मह ठीक तो हो ही नहीॊ सकती | हभ तमह ववटामभन ई क कपसर द यह ह | तभ इनह खात यहना | इसस टाॊग औय जमादा ऩतरी नहीॊ होगी | भन एक सार तक कपसर खाम | उसक फाद २२ जन
१९९७ को भजफ़फ़यनगय भ भन गरजी स भॊतरदीा री औय दवाई खाना फॊद कय दी | जफ एक साधक बाई याहर गिा न कहा कक सहायनऩय स साइककर दवाया उततयामण मशववय अभदावाद जान का कामगकरभ फन यहा ह तफ भन टाॉग क फाय भ सोि बफना साइककर मातरा भ बाग रन क मरए अऩनी सहभनत द दी | जफ भय घय ऩय ऩता िरा कक भन साइककर स गरधाभ अभदावाद जान का वविाय फनामा ह अत तभ ११५० ककभी तक साइककर नहीॊ िरा ऩाओग | रककन भन कहा भ साइककर स ही गरधाभ जाऊॉ गा िाह ककतनी बी दयी कमो न हो औय हभ आठ साधक बाई सहायनऩय स २६ टदसमफय ९७ को साइककरो स यवाना हए | भागग भ िढ़ाई ऩय भझ जफ बी कोइ टदककत होती तो ऐसा रगता जस भयी साइककर को कोई ऩीछ स धकर यहा ह | भ भड़कय ऩीछ दखता तो कोई टदखामी नहीॊ ऩड़ता | ९ जनवयी को जफ हभ अभदावाद गरआशरभ भ ऩहॉि औय भन सफह अऩनी टाॉग दखी तो भ दॊग यह गम जो टाॉग ऩतरी हो गमी थी औय डॉकटयो न उस ठीक होन स भना कय टदमा था वह टाॉग बफपकर ठीक हो गमी थी | इस कऩा को दखकय भ िककत यह गमा भय साथी बी दॊग यह गम मह सफ गरकऩा क परसाद का िभतकाय था | भय आठो साथी भयी ऩतनी तथा ऑर इणणडमा भकतडकर इनसटीटमट टदपरी दवाया जाॉि क परभाणऩतर इस फात क साी ह |
-ननयॊकाय अगरवार
ववषणऩयी
अदबत यही भौनभॊटदय की साधना
ऩयभ ऩजम सदगरदव की कऩा स भझ टदनाॊक १८ स २४ भई १९९९ तक अभदावाद आशरभ क भौनभॊटदय भ साधना कयन का सअवसय मभरा | भौनभॊटदय भ साधना क ऩाॉिव टदन मानी २२ भई की याबतर को रगबग २ फज नीॊद भ ही भझ एक झटका रगा | रट यहन कक जसथनत भ ही भझ भहसस हआ कक कोई अदशम शकतकत भझ ऊऩय फहत ऊऩय उड़म र जा यही ह | ऊऩय उड़त हए जफ भन नीि झाॉककय दखा तो अऩन शयीय को उसी भौनभॊटदय भ चितत रटा हआ फखफय सोता हआ ऩामा | ऊऩय जहाॉ भझ र जामा गमा वहाॉ अरग ही छटा थी अजीफ औय अवणीम आकाश को बी बदकय भझ ऐस सथान ऩय ऩहॉिामा गमा था जहाॉ िायो तयप कोहया-ही-कोहया था जस शीश की छत ऩय ओस परी हो इतन भ दखता हॉ कक एक सबा रगी ह बफना शयीय की कवर आकनतमो की | जस यखाओॊ स भनषमरऩी आकनतमाॉ फनी हो | मह सफ कमा िर यहा था सभझ स ऩय था |
कछ ऩर क फाद व आकनतमाॉ सऩषट होन रगी | दवी-दवताओॊ क ऩॊज क भधम शीषग भ एक उचि आसन ऩय साात फाऩजी शॊकय बगवान फन हए करास ऩवगत ऩय ववयाजभान थ औय दवी-दवता कताय भ हाथ फाॉध खड़ थ | भ भक-सा होकय अऩरक नतरो स उनह दखता ही यहा कपय भॊतरभगध हो उनक ियणो भ चगय ऩड़ा | परात क ४ फज थ | अहा भन औय शयीय हपका-फ़पका रग यहा था मही जसथनत २४ भई की भधमयाबतर भ बी दोहयामी गमी | दसय टदन सफह ऩता िरा कक आज तो फाहय ननकरन का टदन ह मानी यवववाय २५ भई की सफह | फाहय ननकरन ऩय बावबया रदम गदगद कॊ ठ औय आखो भ आॉस मो रग यहा था कक जस ननजधाभ स फघय ककमा जा यहा हॉ | धनम ह वह बमभ
भौनभॊटदय भ साधना की वह रवमवसथा जहाॊ स ऩयभ आनॊद क सागय भ डफन की कॊ जी मभरती ह जी कयता ह बगवान ऐसा अवसय कपय स राम जजसस कक उसी भौनभॊटदय भ ऩन आॊतरयक आनॊद का यसऩान कय ऩाऊॉ |
-इनरनायामण शाह
१०३ यतनदीऩ-२ ननयारा नगय कानऩय
असाधम योग स भकतकत
सन १९९४ भ भयी ऩतरी टहयर को शयद ऩणणगभा क टदन फखाय आमा | डॉकटयो को
टदखामा तो ककसीन भररयमा कहकय दवाइमाॉ दी तो ककसीन टामपामड कहकय इराज शर ककमा तो ककसीन टामपामड औय भररयमा दोनो कहा | दवाई की एक खयाक रन स शयीय नीरा ऩड़ गमा औय सज गमा | शयीय भ खन की कभी स उस छ फोतर खन िढ़ामा गमा | इॊजन दन स ऩय शयीय को रकवा भाय गमा | ऩीठ क ऩीछ शमावरण जसा हो गमा | ऩीठ औय ऩय का एकस-य मरमा गमा | ऩय ऩय वजन फाॉधकय यखा गमा | डॉकटयो न उस वाम का फखाय तथा यकत का क सय फतामा औय कहा कक उसक रदम तो वापव िौड़ा हो गमा ह | अफ हभ टहमभत हाय गम | अफ ऩजमशरी क मसवाम औय कोई सहाया नहीॊ था | उस सभम टहयर न कहा भमभी भझ ऩजम फाऩ क ऩास र िरो | वहाॉ ठीक हो जाऊगी | ऩाॉि टदन तक टहयर ऩजमशरी की यट रगाती यही | हभ उस अभदावाद आशरभ भ फाऩ क ऩास र गम | फाऩ न कहा इस कछ नहीॊ हआ ह | उनहोन भझ औय टहयर को भॊतर टदमा एवॊ फड़दादा की परदकषणा कयन को कहा | हभन परदकषणा की औय टहयर ऩनरह टदन भ िरन-कफ़यन रगी | हभ फाऩ की इस करणा-कऩा का कण कस िकाम अबी तो हभ आशरभ भ ऩजमशरी क शरीियणो भ सऩरयवाय यहकय धनम हो यह ह |
-परपपर रवमास
बावनगय
वतगभान भ अभदावाद आशरभ भ सऩरयवाय सभवऩगत
ऩजम फाऩ का दशगन-सतसॊग ही जीवन का सचिा यतन ह
भझ िाय सार स ऩतर कक काभना थी औय भय भन भ हआ कक भयी मह काभना जरय ऩयी होगी | अभदावाद भ धमानमोग मशववय क दौयान ऐसा वविाय आमा कक फाऩ भझ अऩन ियणो भ फरामग | भन भ दढ़ शरदधा थी | इतन रोगो क फीि भ स फाऩ न तजऩणग दवषट भझ ऩय डारी सॊतय का परसाद टदमा औय भया बागम खर गमा | फचि क जनभ स ऩहर डॉकटयो न ऑऩयशन को कहा था रककन फाऩ क फतान क भताबफक भय घयवारो न भझ गाम क गोफय का यस वऩरामा औय शीघर ही फारक का जनभ हो गमा | सचिी शरदधा-बकतकत हो तो कमा असॊबव ह ऩजम फाऩ का दशगन-सतसॊग ही जीवन का सचिा यतन ह |
सचिी शरदधा-बकतकत स ऐसा यतन ऩानवार हभ सबी धनबागी ह |
-यखा ऩयभाय भीया योड़ भॊफई
कसट का िभतकाय
रवमाऩाय उधायी भ िर जान स भ हताश हो गमा था एवॊ अऩनी जजॊदगी स तॊग आकय आतभहतमा कयन की फात सोिन रगा था | भझ साध-भहातभाओॊ व सभाज क रोगो स घणा-सी हो गमी थी धभग व सभाज स भया ववशवास उठ िका था | एक टदन भयी सारी फाऩजी क सतसॊग कक दो कसट ववचध का ववधान एवॊ आणखय कफ तक र आमी औय उसन भझ सनन क मरए कहा | उसक कई परमास क फाद बी भन व कसट नहीॊ सनीॊ एवॊ भन-ही-भन उनह ढ़ोग कहकय कसटो क कतडबफ भ दार टदमा | भन इतना ऩयशान था कक यात को नीॊद आना फॊद हो गमा था | एक यात कफ़पभी गाना सनन का भन हआ | अॉधया होन की वजह स कसट ऩहिान न सका औय गरती स फाऩजी क सतसॊग की कसट हाथ भ आ गमी | भन उसीको सनना शर ककमा | कपय कमा था भयी आशा फॉधन रगी | भन शाॉत होन रगा | धीय-धीय सायी ऩीड़ाएॉ दय होती िरी गमीॊ | भय जीवन भ योशनी-ही-योशनी हो गमी | कपय तो भन ऩजम फाऩजी क सतसॊग की कई कसट सनीॊ औय सफको सनामीॊ |
तदनॊतय भन गाजजमाफाद भ फाऩजी स दीा बी गरहण की | रवमाऩाय की उधायी बी िकता हो गमी | फाऩजी की कऩा स अफ भझ कोई द ख नहीॊ ह | ह गरदव फस एक आऩ ही भय होकय यह औय भ आऩका ही होकय यहॉ |
-ओभपरकाश फजाज
टदपरी योड़ सहायनऩय उततय परदश
भझ ऩय फयसी सॊत की कऩा
सन १९९५ क जन भाह भ भ अऩन रड़क औय बतीज क साथ हरयदवाय धमानमोग मशववय भ बाग रन गमा | एक टदन जफ भ हय की ऩौड़ी ऩय सनान कयन गमा तो ऩानी क तज फहाव क कायण ऩय कपसरन स भया रड़का औय बतीजा दोनो अऩना सॊतरन खो फठ औय गॊगा भ फह गम | ऐसी सॊकट की घड़ी भ भ अऩना होश खो फठा | कमा करॉ भ पट-पटकय योन रगा औय फाऩजी स पराथगना कयन रगा कक ह नाथ ह गरदव या कीजजम भय फचिो को फिा रीजजम | अफ आऩका ही सहाया ह | ऩजमशरी न भय सचि रदम स ननकरी ऩकाय सन री औय उसी सभम भया रड़का भझ टदखामी टदमा | भन झऩटकय उसको फाहय खीॊि मरमा रककन भया बतीजा तो ऩता नहीॊ कहाॉ फह गमा भ ननयॊतय यो यहा था औय भन भ फाय-फाय वविाय उठ यहा था कक फाऩजी भया रड़का फह जाता तो कोई फात नहीॊ थी रककन अऩन बाई की अभानत क बफना भ घय कमा भॉह
रकय जाऊॉ गा फाऩजी आऩही इस बकत की राज फिाओ | तबी गॊगाजी की एक तज रहय उस फचि को बी फाहय छोड़ गमी | भन रऩककय उस ऩकड़ मरमा | आज बी उस हादस को सभयण कयता हॉ तो अऩन-आऩको सॉबार नहीॊ ऩाता हॉ औय भयी आॉखो स ननयॊतय परभ की अशरधाया फहन रगती ह | धनम हआ भ ऐस गरदव को ऩाकय ऐस सदगरदव क शरीियणो भ भय फाय-फाय शत-शत परणाभ
-सभारखाॉ ऩानीऩत हरयमाणा
गरदव की कऩा स सॊतानपरानि
भयी शादी को ऩाॉि सार हो गम थ कपय बी कोई सॊतान नहीॊ हई | रोग हभ फहत तान भायत थ | तबी भन-ही-भन ननणगम र मरमा कक ऩजम फाऩ क आशरभ भ जाना ह | जनवयी १९९९ भ परथभ फाय उततयामण मशववय बया औय भॊतरदीा री | अफ गरदव कक कऩा स भझ एक सॊदय फारक पराि हआ ह | ऩजम फाऩजी की इतनी कऩा-करणा दखकय रदम बय आता ह | भ ऩजम फाऩजी स पराथगना कयती हॉ कक मह फारक उनह सभवऩगत कय सकॊ औय मह उनक मोगम फनसक ऐसी सदफवदध हभ द |
-ननभगरा क तड़वी काॊनतबाई हीयाबाई तडवी याभजी भॊटदय क ऩास कायरी फाग वड़ोदया
गरकऩा स जीवनदान
टदनाॊक १५-१-९६ की घटना ह | भन धात क ताय ऩय सखन क मरए कऩड़ परा यख थ |
फारयश होन क कायण उस ताय भ कयॊट आ गमा था | भया छोटा ऩतर ववशार जो कक ११ वीॊ का भ ऩढ़ता ह आकय उस ताय स छ गमा औय बफजरी का कयॊट रगत ही वह फहोश हो गमा शव क सभान हो गमा | हभन उस तयॊत फड़ असऩतार भ दाणखर कयवामा | डॉकटय न फचि की हारत गॊबीय फतामी | ऐसी ऩरयजसथनत दखकय भयी आॉखो स अशरधायाएॉ फह ननकरी | भ ननजानॊद की भसती भ भसत यहन वार ऩजम सदगरदव को भन-ही-भन माद ककमा औय पराथगना कक ह गरदव अफ तो इस फचि का जीवन आऩक ही हाथो भ ह | ह भय परब आऩ जो िाह सो कय सकत ह | औय आणखय भयी पराथगना सपर हई | फचि भ एक नवीन ितना का सॊिाय हआ एवॊ धीय-धीय फचि क सवासम भ
सधाय होन रगा | कछ ही टदनो भ वह ऩणगत सवसथ हो गमा | डॉकटय न तो उऩिाय ककमा रककन जो जीवनदान उस पमाय परब की कऩा स सदगरदव की कऩा स मभरा उसका वणगन कयन क मरए भय ऩास शबद नहीॊ ह | फस ईशवय स भ मही पराथगना कयता हॉ कक ऐस बरहमननषठ सॊत-भहाऩरषो क परनत हभायी शरदधा भ ववदध होती यह | -
डॉ वाम ऩी कारया शाभरदास कॉरज बावनगय गजयात
ऩजम फाऩ जस सॊत दननमा को सवगग भ फदर सकत ह
भई १९९८ क अॊनतभ टदनो भ ऩजमशरी क इॊदौय परवास क दौयान ईयान क ववखमात कफ़जजमशमन शरी फफाक अगरानी बायत भ अधमाजतभक अनबवो की परानि आम हए थ |
ऩजमशरी क दशगन ऩाकय जफ उनहोन अधमाजतभक अनबवो को परीबत होत दखा तो व ऩॊिड़ आशरभ भ आमोजजत धमानमोग मशववय भ बी ऩहॉि गम | शरी अगरानी जो दो टदन रककय वाऩस रौटन वार थ व ऩय गमायह टदन तक ऩॊिड़ आशरभ भ रक यह | उनहोन ववधाथी मशववय भ सायसवतम भॊतर की दीा री एवॊ ववमशषट धमानमोग साधना मशववय (४ -१० जन १९९८) का बी राब मरमा | मशववय क दौयान शरी अगरानी न ऩजमशरी स भॊतरदीा बी र री | ऩजमशरी क साजननधम भ सॊपराि अनबनतमो क फाय भ बतरम सभािाय ऩतर ितना को दी हई बटवाताग भ शरी अगरानी कहत ह मटद ऩजम फाऩ जस सॊत हय दश भ हो जाम तो मह दननमा सवगग फन सकती ह | ऐस शाॊनत स फठ ऩाना हभाय मरए कटठन ह रककन जफ ऩजम फाऩजी जस भहाऩरषो क शरीियणो भ फठकय सतसॊग सनत ह तो ऐसा आनॊद आता ह कक सभम का कछ ऩता ही नहीॊ िरता | सिभि ऩजम फाऩ कोई साधायण सॊत नहीॊ ह |
-शरी फफाक अगरानी ववशवववखमात कफ़जजमशमन ईयान
फाऩजी का साजननधम गॊगा क ऩावन परवाह जसा ह
कर-कर कयती इस बागीयथी की धवर धाया क ककनाय ऩय ऩजम फाऩजी क साजननधम भ फठकय भ फड़ा ही आपहाटदत औय परभटदत हॉ आनॊटदत हॉ योभाॊचित हॊ | गॊगा बायत की सषमना नाड़ी ह | गॊगा बायत की सॊजीवनी ह | शरी ववषणजी क ियणो स ननकरकय बरहमाजी क कभॊड़र औय जटाधय क भाथ ऩय शोबामभान गॊगा बतरमोगमसवदधकायक ह |
ववषणजी क ियणो स ननकरी गॊगा बकतकत मोग की परतीनत कयाती ह औय मशवजी क भसतक ऩय जसथत गॊगा ऻान मोग की उचितय बमभका ऩय आरढ़ होन की खफय दती ह |
भझ ऐसा रग यहा ह कक आज फाऩजी क परविनो को सनकय भ गॊगा भ गोता रगा यहा हॉ कमोकक उनका परविन उनका सजननधम गॊगा क ऩावन परवाह जसा ह | व अरभसत फ़कीय ह | व फड़ सयर औय सहज ह | व जजतन ही ऊऩय स सयर ह उतन ही अॊतय भ गढ़ ह | उनभ टहभारम जसी उचिता ऩववतरता शरषठता ह औय सागयतर जसी गॊबीयता ह |
व याषड की अभपम धयोहय ह | उनह दखकय कवष-ऩयमऩया को फोध होता ह | गौतभ कणाद
जमभनी कवऩर दाद भीया कफीय यदास आटद सफ कबी-कबी उनभ टदखत ह |
य बाई कोई सतगर सॊत कहाव
जो ननन अरख रखाव धयती उखाड़ आकाश उखाड़
अधय भड़मा धाव |
शनम मशखय क ऩाय मशरा ऩय आसन अिर जभाव |
य बाई कोई सतगर सॊत कहाव
एक ऐस ऩावन साजननधम भ हभ फठ ह जो फड़ा दरगब औय सहज मोगसवरऩ ह | ऐस भहाऩरषो क मरए ऩॊकतकतमाॉ माद आ यही ह तभ िरो तो िर धयती िर अॊफय िर दननमा ऐस भहाऩरष िरत ह तो उनक मरए समग िॊर ताय गरह नतर आटद सफ अनकर हो जात ह | ऐस इजनरमातीत गणातीत बावातीत शबदातीत औय सफ अवसथाओॊ स ऩय ककनहीॊ भहाऩरषो क शरीियणो भ जफ फठत ह तो बागवत कहता ह
साधनाॊ दशगनॊ रोक सवगमसवदधकयॊ ऩयभ |
साध क दशगन भातर स वविाय ववबनत ववदवता शकतकत सहजता ननववगषमता परसननता मसवदधमाॉ औय आतभानॊद की परानि होती ह | दश क भहान सॊत महाॉ सहज ही आत ह बायत क सबी शॊकयािामग बी मशववय भ आत ह | अत भय भन भ बी वविाय आमा कक जहाॉ सफ जात ह वहाॉ जाना िाटहए कमोकक मही वह ठोय-टठकाना ह जहाॉ भन का अमबभान मभटामा जा सकता ह | ऐस भहाऩरषो क दशगन स कवर आनॊद औय भसती ही नहीॊ मभरती फजपक वह सफ कछ मभर जाता ह जो अमबरावषत ह आकाॊकषत ह रकषत ह | महाॉ भ करणा क
कभगठता क वववक-वयागम क ऻान क दशगन कय यहा हॉ | वयागम औय बकतकत क यण ऩोषण औय सॊवधगन क मरए मह सिकवषमो का उततभ ऻान भाना जाता ह | आज गॊगा कपय स
साकाय टदख यही ह तो व फाऩजी क वविाय औय वाणी भ टदख यही ह | अरभसतता सहजता उचिता शरषठता ऩववतरतता तीथग-सी शचिता मशश-सी सयरता तरणो-सा जोश वदधो-सा गाॊबीमग औय कवषमो जसा ऻानाफोध भझ जहाॉ हो यहा ह वह मह ऩॊडार ह | इस आनॊदनगय कहॉ मा परभनगय करणा का सागय कहॉ मा वविायो का सभनदय रककन इतना जरय कहॉगा कक भय भन का कोन-कोना आपहाटदत हो यहा ह | आऩ रोग फड़बागी ह जो ऐस भहाऩरष क शरीियणो भ फठ ह जहाॉ बागम का टदरवम रवमकतकतततव का ननभागण होता ह | जीवन की कतकतमता जहाॉ पराि हो सकती ह वह मही दय ह |
मभर तभ मभरी भॊजजर मभरा भकसद औय भददा बी |
न मभर तभ तो यह गमा भददा भकसद औय भॊजजर बी ||
आऩका मह बावयाजम औय परभयाजम दखकय भ िककत बी हॉ औय आनॊद का अनबव बी कय यहा हॉ | आऩक परनत भया ववशवास औय अटट ननषठा फढ़ इस हत भया नभन सवीकाय कय | भझ ऐसा रगता ह कक फाऩजी समग ह औय नायामण सवाभी एक ऐस दीऩ ह जो न फझ सकत ह न जराम जात ह |
-सवाभी अवधशानॊदजी हरयदवाय
सायसवतम भॊतर स हए अदबत राब
भन १९९८ भ ववधाथी उतथान मशववय सोनीऩत भ ऩजम गरदव स सायसवतम भॊतर की दीा री | दीा क फाद ननममभत भॊतरजऩ कयन स भ इतना कशागर फवदधवारा एवॊ सवावरॊफी हो गमा कक भन एक भहीन भ ही टमशन छोड़ दी औय सवमॊ खफ भहनत कयन रगा | भ सकर बी ऩदर आन-जान रगा जजसस भन सकर फस का ककयामा फिा मरमा |
भॊतर जाऩ क परबाव स भझ ९ वीॊ १० वीॊ ११ वीॊ की ऩयीाओॊ भ परथभ सथान पराि हआ |
१२ वीॊ की ऩयीा क सभम भया सवासम खयाफ होन क कायण भ जऩ ठीक स नहीॊ कय सका कपय बी ७९ परनतशत अॊको स ऩास हआ | उसक फाद इॊजजननमरयॊग की ऩरया भ बी उततीणग यहा |
-करदीऩ कभाय डी-२३४ वसट ववनोद नगय टदपरी
भ टदसमफय १९९९ भ छततीसगढ़ क बाटाऩाया भ ऩजम गरदव स सायसवतम भॊतर की दीा
री | ततऩशचात भ ननममभत रऩ स जऩ-धमान- पराणामाभ कयता था जजसस भझ फहत राब हआ | ऩजम फऩजी की कऩा औय सायसवतम भॊतर जाऩ क परबाव स भझ १२ वीॊ की फोड़ग की ऩरया भ ८४६ परनतशत अॊक मभर |
-ववयनर कभाय कौमशक
डोगयगाॉव जज याजनाॊदगाॉव (छग)
बौनतक मग क अॊधकाय भ ऻान की जमोनत ऩजम फाऩ
भादक ननमॊतरण बमयो बायत सयकाय क भहाननदशक शरी एिऩी कभाय ९ भई को अभदावाद आशरभ भ सतसॊग-कामगकरभ क दौयान ऩजम फाऩ स आशीवागद रन ऩहॉि | फड़ी ववनमरता एवॊ शरदधा क साथ उनहोन ऩजम फाऩ क परनत अऩन उदगाय भ कहा जजस रवमकतकत क ऩास वववक नहीॊ ह वह अऩन रकषम तक नहीॊ ऩहॉि सकता ह औय वववक को पराि कयन का साधन ऩजम आसायाभजी फाऩ जस भहान सॊतो का सतसॊग ह | ऩजम फाऩ स भया परथभ ऩरयिम टीवी क भाधमभ स हआ | ततऩशचात भझ आशरभ दवाय परकामशत कवष परसाद भामसक पराि हआ | उस सभम भझ रगा कक एक ओय जहाॉ इस बौनतक मग क अॊधकाय भ भानव बटक यहा ह वहीॊ दसयी ओय शाॊनत की भॊद-भॊद सगॊचधत वाम बी िर यही ह | मह ऩजम फाऩ क सतसॊग का ही परबाव ह | ऩजमशरी क दशगन कयन का जो सौबागम भझ पराि हआ ह इसस भ अऩन को कतकतम भानता हॉ | ऩजम फाऩ क शरीभख स जो अभत वषाग होती ह तथा इनक सतसॊग स कयोड़ो रदमो भ जो जमोनत जगती ह व इसी परकाय स जगती यह औय आन वार रॊफ सभम तक ऩजमशरी हभ सफ का भागगदशगन कयत यह मही भयी काभना ह | ऩजम फाऩ क शरीियणो भ भय परणाभ
-शरी एिऩी कभाय भहाननदशक भादक ननमॊतरण बमयो बायत सयकाय
गरकऩा ऐसी हई कक अॉधय तो कमा दय बी नहीॊ हई
ऩयभ कऩार फाऩजी क शरीियणो भ भय कोटट-कोटट वॊदन भ एक इसभाइरी खवाजा हॉ तथा अऩन धभग भ अकतडग हॉ | िाय वषग ऩवग कछ रोगो दवाया एक सननमोजजत मोजना फनाकय भझ जफयदसती भडगय कस का आयोऩी फना टदमा गमा था | इसस भझ कहीॊ शाॊनत नहीॊ मभर यही थी | २८ पयवयी १९९७ को भझ नागऩय भ आमोजजत फाऩजी क सतसॊग भ जान की परयणा मभरी औय ४ भािग १९९७ को भन फाऩजी स भॊतरदीा री | भ उनस भन-
ही-भन ववनती की कक ह गरदव भझ फिा रो | गरकऩा ऐसी हई कक ७ जनवयी १९९८ को भझ अदारत न ऩाक-साप फयी कय टदमा फाकी छ आयोवऩमो को सजा हई | धनम ह ऐस भय सदगर उनक शरीियणो भ भय कोटट-कोटट वनदन
-यहभान खान ननशान छाफड़ी (बफछआ) जज नछनदवाड़ा (भपर)
भजसरभ भटहरा को पराणदान
२७ मसतमफय २००० को जमऩय भ भय ननवास ऩय ऩजम फाऩ का आतभ-साातकाय टदवस
भनामा गमा जजसभ भय ऩड़ोस की भजसरभ भटहरा नाथी फहन क ऩनत शरी भाॉग खाॉ न बी ऩजम फाऩ की आयती की औय ियणाभत मरमा | ३-४ टदन फाद ही व भजसरभ दॊऩनत खवाजा साटहफ क उसग भ अजभय िर गम | टदनाॊक ४ अकटफय २००० को अजभय क उसग भ असाभाजजक ततवो न परसाद भ जहय फाॉट टदमा जजसस उसग भर भ आम कई दशगनाथी असवसथ हो गम औय कई भय बी गम | भय ऩड़ोस की नाथी फहन न बी वह परसाद खामा औय थोड़ी दय भ ही वह फहोश हो गमी | अजभय भ उसका उऩिाय ककमा गमा ककॊ त उस होश न आमा | दसय टदन ही उसका ऩनत उस अऩन घय र आमा | कॉरोनी क सबी ननवासी उसकी हारत दखकय कह यह थ कक अफ इसका फिना भजशकर ह | भ बी उस दखन गमा | वह फहोश ऩड़ी थी | भ जोय-जोय स हरय ॐ हरय ॐ का उचिायण ककमा तो वह थोड़ा टहरन रगी | भझ परयणा हई औय भ ऩन घय गमा | ऩजम फाऩ स पराथगना की | ३-४ घॊट फाद ही वह भटहरा ऐस उठकय खड़ी हो गमी भानो सोकय उठी हो | उस भटहरा न फतामा कक भय िािा ससय ऩीय ह औय उनहोन भय ऩनत क भॉह स फोरकय फतामा कक तभन २७ मसतमफय २००० को जजनक सतसॊग भ ऩानी वऩमा था उनहीॊ सपद दाढ़ीवार फाफा न तमह फिामा ह कसी करणा ह गरदव की
-जएर ऩयोटहत
८७ सपतान नगय जमऩय (याज)
उस भटहरा का ऩता ह -शरीभती नाथी
ऩतनी शरी भाॉग खाॉ १०० सपतान नगय गजगय की धड़ी नम साॊगानय योड़
जमऩय (याज)
हरयनाभ की पमारी न छड़ामी शयाफ की फोतर
सौबागमवश गत २६ टदसमफय १९९८ को ऩजमशरी क १६ मशषमो की एक टोरी टदपरी स हभाय गाॉव भ हरयनाभ का परिाय-परसाय कयन ऩहॉिी | भ फिऩन स ही भटदयाऩान धमरऩान व मशकाय कयन का शौकीन था | ऩजम फाऩ क मशषमो दवाया हभाय गाॉव भ जगह-जगह ऩय तीन टदन तक रगाताय हरयनाभ का कीतगन कयन स भझ बी हरयनाभ का यॊग रगता जा यहा था | उनक जान क एक टदन क ऩशचात शाभ क सभम योज की बाॊनत भन शयाफ की फोतर ननकारी | जस ही फोतर खोरन क मरए ढककन घभामा तो उस ढककन क घभन स भझ हरय ॐ हरय ॐ की धवनन सनामी दी | इस परकाय भन दो-तीन फाय ढककन घभामा औय हय फाय भझ हरय ॐ की धवनन सनामी दी | कछ दय फाद भ उठा तथा ऩजमशरी क एक मशषम क घय गमा | उनहोन थोड़ी दय भझ ऩजमशरी की अभतवाणी सनामी | अभतवाणी सनन क फाद भया रदम ऩकायन रगा कक इन दरवमगसनो को तमाग दॉ | भन तयॊत फोतर उठामी तथा जोय-स दय खत भ प क दी | ऐस सभथग व ऩयभ कऩार सदगरदव को भ रदम स परणाभ कयता हॉ जजनकी कऩा स मह अनोखी घटना भय जीवन भ घटी जजसस भया जीवन ऩरयवनतगत हआ |
-भोहन मसॊह बफषट
मबखमासन अपभोड़ा (उपर)
ऩय गाॉव की कामाऩरट
ऩजमशरी स टदनाॊक २७६९१ को दीा रन क फाद भन रवमवसनभकतकत क परिाय-परसाय का रकषम फना मरमा | भ एक फाय कौशरऩय (जज शाजाऩय) ऩहॉिा | वहाॉ क रोगो क रवमवसनी औय रड़ाई-झगड़ मकत जीवन को दखकय भन कहा आऩ रोग भनषम-जीवन सही अथग ही नहीॊ सभझत ह | एक फाय आऩ रोग ऩजम फाऩजी क दशगन कय र तो आऩको सही जीवन जीन की कॊ जी मभर जामगी | गाॉव वारो न भयी फात भान री औय दस रवमकतकत भय गाॉव ताजऩय आम | भन एक साधक को उनक साथ जनभाषटभी भहोतसव भ सयत बजा | ऩजम फाऩजी की उन ऩय कऩा फयसी औय सफको गरदीा मभर गमी | जफ व रोग अऩन गाॉव ऩहॉि तो सबी गाॉववामसमो को फड़ा कौतहर था कक ऩजम फाऩजी कस ह फाऩजी की रीराएॉ सनकय गाॉव क अनम रोगो भ बी ऩजम फाऩजी क परनत शरदधा जगी | उन दीकषत साधको न सबी गाॉववारो को सववधानसाय ऩजम फाऩजी क अरग-अरग आशरभो भ
बजकय दीा टदरवा दी | गाॉव क सबी रवमकतकत अऩन ऩय ऩरयवाय सटहत दीकषत हो िक ह | परतमक गरवाय को ऩय गाॉव भ एक सभम बोजन फनता ह | सबी रोग गरवाय का वरत यखत ह | कौशरऩय गाॉव क परबाव स आस-ऩास क गाॉववार एवॊ उनक रयशतदायो सटहत १००० रवमकतकतमो शयाफ छोड़कय दीा र री ह | गाॉव क इनतहास भ तीन-तीन ऩीढ़ी स कोई भॊटदय नहीॊ था | गाॉववारो न ५ राख रऩम रगाकय दो भॊटदय फनवाम ह | ऩया गाॉव रवमवसनभकत एवॊ बगवतबकत फन गमा ह मह ऩजम फाऩजी की कऩा नहीॊ तो औय कमा ह सफक तायणहाय ऩजम फाऩजी क शरीियणो भ कोटट-कोटट परणाभ
-शमाभ परजाऩनत (सऩयवाइजय नतरहन सॊघ) ताजऩय उजजन (भपर)
नतरबफ ॊद का िभतकाय
भया सौबागम ह कक भझ सॊतकऩा नतरबफॊद (आई डरॉपस) का िभतकाय दखन को मभरा |
एक सॊत फाफा मशवयाभदास उमर ८० वषग गीता कटटय तऩोवन झाड़ी सिसयोवय हरयदवाय भ यहत ह | उनकी दाटहनी आॉख क सपद भोनतम का ऑऩयशन शाॉनतकॊ ज हरयदवाय आमोजजत कमऩ भ हआ | कस बफगड़ गमा औय कार भोनतमा फन गमा | ददग यहन रगा औय योशनी घटन रगी | दोफाया बभाननद नतर चिककतसारम भ ऑऩयशन हआ | एबसपमट गरकोभा फतात हए कहा कक ऑऩयशन स मसयददग ठीक हो जामगा ऩय योशनी जाती यहगी | ऩयॊत अफ व फाफा सॊत शरी आसायाभजी आशरभ दवाय ननमभगत सॊतकऩा नतरबफॊद सफह-शाभ डार यह ह | भन उनक नतरो का ऩयीण ककमा | उनकी दाटहनी आॉख भ उॉगरी चगनन रामक योशनी वाऩस आ गमी ह | कार भोनतम का परशय नॉभगर ह | कोननगमा भ सजन नहीॊ ह | व कापी सॊतषट ह | व फतात ह आॉख ऩहर रार यहती थी ऩयॊत अफ नहीॊ ह | आशरभ क नतरबफॊद स कपऩनातीत राब हआ | फामीॊ आॉख भ बी उनह सपद भोनतमा फतामा गमा था औय सॊशम था कक शामद कारा भोनतमा बी ह | ऩय आज फामीॊ आॉख बी ठीक ह औय दोनो आॉखो का परशय बी नॉभगर ह | सपद भोनतमा नहीॊ ह औय योशनी कापी अचछी ह |
मह सॊतकऩा नतरफॊद का ववरण परबाव दखकय भ बी अऩन भयीजो को इसका उऩमोग कयन की सराह दॉगा |
-डॉ अननत कभाय अगरवार (नतरयोग ववशषऻ)
एभफीफीएस एभएस (नतर) डीओएभएस (आई) सीताऩय सहायनऩय (उपर)
ऩजमशरी की तसवीय स मभरी परयणा
सवगसभथग ऩयभ ऩजम शरी फाऩजी क ियणकभरो भ भया कोटट-कोटट नभन १९८४ क बकॊ ऩ स समऩणग उततय बफहाय भ कापी नकसान हआ था जजसकी िऩट भ हभाया घय बी था | ऩरयजसथनतवश भझ नौवी का भ ऩढ़ामी छोड़ दनी ऩड़ी | ककसी मभतर की सराह स भ नौकयी ढॉढ़न क मरए टदपरी गमा रककन वहाॉ बी ननयाशा ही हाथ रगी | भ दो टदन स बखा तो था ही ऊऩय स नौकयी की चिॊता | अत आतभहतमा का वविाय कयक यरव सटशन की ओय िर ऩड़ा | यानीफाग फाजाय भ एक दकान ऩय ऩजमशरी का सतसाटहतम
कसट आटद यखा हआ था एवॊ ऩजमशरी की फड़ आकाय की तसवीय बी टॉगी थी | ऩजमशरी की हॉसभख एवॊ आशीवागद की भरावारी उस तसवीय ऩय भयी नजय ऩड़ी तो १० मभनट तक भ वहीॊ सड़क ऩय स ही खड़-खड़ उस दखता यहा | उस वकत न जान भझ कमा मभर गमा भ काभ बर भजदयी का ही कयता हॉ रककन तफस रकय आज तक भय चितत भ फड़ी परसननता फनी हई ह | न जान भयी जजनदगी की कमा दशा होती अगय ऩजम फाऩजी की मवाधन सया ईशवय की ओय ननजशचनत जीवन ऩसतक औय कवष परसाद ऩबतरका हाथ न रगती ऩजमशरी की तसवीय स मभरी परयणा एवॊ उनक सतसाटहतम न भयी डफती नमा को भानो भझदाय स फिा मरमा | धनबागी ह साटहतम की सवा कयन वार जजनहोन भझ आतभहतमा क ऩाऩ स फिामा |
-भहश शाह
नायामणऩय दभया जज सीताभढ़ी (बफहाय)
भॊतर स राब
भयी भाॉ की हारत अिानक ऩागर जसी हो गमी थी भानो कोई बत-परत-डाककनी मा आसयी ततव उनभ घस गमा | भ फहत चिॊनतत हो गमा एवॊ एक साचधका फहन को पोन ककमा | उनहोन बत-परत बगान का भॊतर फतामा जजसका वणगन आशरभ स परकामशत आयोगमननचध ऩसतक भ बी ह | वह भॊतर इस परकाय ह
ॐ नभो बगवत रर बयवाम बतपरत म कर कर हॊ पट सवाहा |
इस भॊतर का ऩानी भ ननहायकय १०८ फाय जऩ ककमा औय वही ऩानी भाॉ को वऩरा टदमा |
तयॊत ही भाॉ शाॊनत स सो गमीॊ | दसय टदन बी इस भॊतर की ऩाॉि भारा कयक भाॉ को वह जर वऩरामा तो भाॉ बफपकर ठीक हो गमीॊ | ह भय साधक बाई-फहनो बत-परत बगान क
मरए अरा फाॉधॉ फरा फाॉधॉ ऐसा कयक झाड़-फ़ॉ क कयनवारो क िककय भ ऩड़न की जरयत नहीॊ ह | इसक मरए तो ऩजम फाऩजी का भॊतर ही तायणहाय ह | ऩजम फाऩजी क शरीियणो भ कोटट-कोटट परणाभ
-िॊऩकबाई एन ऩटर (अभरयका)
काभ करोध ऩय ववजम ऩामी
एक टदन भॊफई भर भ टटकट िककॊ ग कयत हए भ वातानकमरत फोगी भ ऩहॉिा | दखा तो भखभर की गददी ऩय टाट का आसन बफछाकय सवाभी शरी रीराशाहजी भहायाज सभाचधसथ ह | भझ आशचमग हआ कक जजन परथभ शरणी की वातानकमरत फोचगमो भ याजा-भहायाजा मातरा कयत ह ऐसी फोगी औय तीसयी शरणी की फोगी क फीि इन सॊत को कोई बद नहीॊ रगता | ऐसी फोचगमो भ बी व सभाचधसथ होत ह मह दखकय मसय झक जाता ह | भन ऩजम भहायाजशरी को परणाभ कयक कहा आऩ जस सॊतो क मरए तो सफ एक सभान ह |
हय हार भ एकयस यहकय आऩ भकतकत का आनॊद र सकत ह | रककन हभाय जस गरहसथो को कमा कयना िाटहए ताकक हभ बी आऩ जसी सभता फनाम यखकय जीवन जी सक
ऩजम भहायाजजी न कहा काभ औय करोध को त छोड़ द तो त बी जीवनभकत हो सकता ह | जहाॉ याभ तहॉ नहीॊ काभ जहाॉ काभ तहॉ नहीॊ याभ | औय करोध तो बाई बसभासय ह | वह तभाभ ऩणम को जराकय बसभ कय दता ह अॊतकयण को भमरन कय दता ह | भन कहा परब अगय आऩकी कऩा होगी तो भ काभ-करोध को छोड़ ऩाऊॉ गा | ऩजम भहायाजजी न कहा बाई कऩा ऐस थोड़ ही की जाती ह सॊतकऩा क साथ तया ऩरषाथग औय दढ़ता बी िाटहए | ऩहर त परनतऻा कय कक त जीवनऩमगनत काभ औय करोध स दय यहगा तो भ तझ आशीवागद दॉ | भन कहा भहायाजजी भ जीवनबय क मरए परनतऻा तो करॉ रककन उसका ऩारन न कय ऩाऊॉ तो झठा भाना जाऊॉ गा | ऩजम भहायाजजी न कहा अचछा ऩहर त भय सभ आठ टदन क मरए परनतऻा कय | कपय परनतऻा को एक-एक टदन फढ़त जाना | इस परकाय त उन फराओॊ स फि सकगा | ह कफर भन हाथ जोड़कय कफर ककमा | ऩजम भहायाजजी न आशीवागद दकय दो-िाय पर परसाद भ टदम | ऩजम भहायाजजी न भयी जो दो कभजोरयमाॉ थीॊ उन ऩय ही सीधा हभरा ककमा था | भझ आशचमग हआ कक अनम कोई बी दगगण छोड़न का न कहकय इन दो दगगणो क मरए ही उनहोन परनतऻा कमो कयवामी फाद भ भ इस याज स अवगत हआ |
दसय टदन भ ऩसनजय टरन भ कानऩय स आग जा यहा था | सफह क कयीफ नौ फज थ |
तीसयी शरणी की फोगी भ जाकय भन माबतरमो क टटकट जाॉिन का कामग शर ककमा | सफस
ऩहर फथग ऩय सोम हए एक मातरी क ऩास जाकय भन एक मातरी क ऩास जाकय भन टटकट टदखान को कहा तो वह गससा होकय भझ कहन रगा अॊधा ह दखता नहीॊ कक भ सो गमा हॉ भझ नीॊद स जगान का तझ कमा अचधकाय ह मह कोई यीत ह टटकट क फाय भ ऩछन की ऐसी ही अकर ह तयी ऐसा कछ-का-कछ वह फोरता ही गमा फोरता ही गमा | भ बी करोधाववषट होन रगा ककॊ त ऩजम भहायाजजी क सभ री हई परनतऻा भझ माद थी अत करोध को ऐस ऩी गमा भानो ववष की ऩकतड़मा भन उस कहा भहाशम आऩ ठीक ही कहत ह कक भझ फोरन की अकर नहीॊ ह बान नहीॊ ह | दखो भय म फार धऩ भ सपद हो गम ह | आऩभ फोरन की अकर अचधक ह नमरता ह तो कऩा कयक मसखाओॊ कक टटकट क मरए भझ ककस परकाय आऩस ऩछना िाटहए | भ रािाय हॉ कक डमटी क कायण भझ टटकट िक कयना ऩड़ यहा ह इसमरए भ आऩको कषट द यहा हॉ|
औय कफ़य भन खफ परभ स हाथ जोड़कय ववनती की बमा कऩा कयक कषट क मरए भझ भा कयो | भझ अऩना टटकट टदखामग भयी नमरता दखकय वह रजजजत हो गमा एवॊ तयॊत उठ फठा | जपदी-जपदी नीि उतयकय भझस भा भाॉगत हए कहन रगा भझ भाप कयना | भ नीॊद भ था | भन आऩको ऩहिाना नहीॊ था | अफ आऩ अऩन भॉह स भझ कह कक आऩन भझ भाफ़ ककमा मह दखकय भझ आनॊद औय सॊतोष हआ | भ सोिन रगा कक सॊतो की आऻा भानन भ ककतनी शकतकत औय टहत ननटहत ह सॊतो की करणा कसा िभतकारयक ऩरयणाभ राती ह वह रवमकतकत क पराकनतक सवबाव को बी जड़-भर स फदर सकती ह | अनमथा भझभ करोध को ननमॊतरण भ यखन की कोई शकतकत नहीॊ थी | भ ऩणगतमा असहाम था कपय बी भझ भहायाजजी की कऩा न ही सभथग फनामा | ऐस सॊतो क शरीियणो भ कोटट-कोटट नभसकाय
-शरी यीजभर
रयटामडग टीटी आई कानऩय
अनम अनबव
जरा हआ कागज
ऩवग रऩ भ एक फाय ऩयभहॊस ववशदधानॊदजी स आनॊदभमी भाॉ की ननकटता ऩानवार सपरमसदध ऩॊकतडत गोऩीनाथ कववयाज न ननवदन ककमा तयणीकानत ठाकय को अरौककक मसवदध पराि हई ह | व बफना दख मा बफना छए ही कागज भ मरखी हई फात ऩढ़ रत ह |
गरदव फोर तभ एक कागज ऩय कछ मरखो औय उसभ आग रगाकय जरा दो |
कववयाजजी न कागज ऩय कछ मरखा औय ऩयी तयह कागज जराकय हवा भ उड़ा टदमा |
उसक फाद गरदव न अऩन तककम क नीि स वही कागज ननकारकय कववयाजजी क आग यख टदमा | मह दखकय उनह फड़ा आशचमग हआ कक मह कागज वही था एवॊ जो उनहोन मरखा था वह बी उस ऩय उनहीॊ क सरख भ मरखा था औय साथ ही उसका उततय बी मरखा हआ दखा | जड़ता ऩशता औय ईशवयता का भर हभाया शयीय ह | जड़ शयीय को भ-भया भानन की ववतत जजतनी मभटती ह ऩाशवी वासनाओॊ की गराभी उतनी हटती ह औय हभाया ईशवयीम अॊश जजतना अचधक ववकमसत होता ह उतना ही मोग-साभमग ईशवयीम साभमग परकट होता ह | बायत क ऐस कई बकतो सॊतो औय मोचगमो क जीवन भ ईशवयीम साभमग दखा गमा ह अनबव ककमा गमा ह उसक ववषम भ सना गमा ह | धनम ह बायतबमभ भ यहनवार बायतीम सॊसकनत भ शरदधा-ववशवास यखनवार अऩन ईशवयीम अॊश को जगान की सवा-साधना कयनवार सवाभी ववशदधानॊदजी वषो की एकाॊत साधना औय वषो-वषो की गरसवा स अऩना दहाधमास औय ऩाशवी वासनाएॉ मभटाकय अऩन ईशवयीम
अॊश को ववकमसत कयनवार बायत क अनक भहाऩरषो भ स थ | उनक जीवन की औय बी अरौककक घटनाओॊ का वणगन आता ह | ऐस सतऩरषो क जीवन-िरयतर औय उनक जीवन भ घटटत घटनाएॉ ऩढ़न-सनन स हभ रोग बी अऩनी जड़ता एवॊ ऩशता स ऊऩय उठकय ईशवयीम अॊश को उबायन भ उतसाटहत होत ह | फहत ऊॉ िा काभ ह फड़ी शरदधा फड़ी सभझ फड़ा धमग िाटहए ईशवयीम साभमग को ऩणग रऩ स ववकमसत कयन भ | अफ आओ
िर आदय शॊकयािामग की ओय
नदी की धाया भड़ गमी
आदय शॊकयािामग की भाता ववमशषटा दवी अऩन करदवता कशव की ऩजा कयन जाती थीॊ | व ऩहर नदी भ सनान कयतीॊ औय कफ़य भॊटदय भ जाकय ऩजन कयतीॊ | एक टदन व परातकार ही ऩजन-साभगरी रकय भॊटदय की ओय गमीॊ ककॊ त सामॊकार तक घय नहीॊ रौटीॊ | शॊकयािामग की आम अबी सात-आठ वषग क भधम भ ही थी | व ईशवय क ऩयभ बकत औय ननषठावान थ | सामॊकार तक भाता क वाऩस न रौटन ऩय आिामग को फड़ी चिनता हई औय व उनह खोजन क मरए ननकर ऩड़ | भॊटदय क ननकट ऩहॉिकय उनहोन भाता को भागग भ ही भजचछगत ऩड़ दखा | उनहोन फहत दय तक भाता का उऩिाय ककमा तफ व होश भ आ सकीॊ |
नदी अचधक दय थी | वहाॉ तक ऩहॉिन भ भाता को फड़ा कषट होता था | आिामग न बगवान स भन-ही-भन पराथगना की कक परबो ककसी परकाय नदी की धाया को भोड़ दो जजसस कक
भाता ननकट ही सनान कय सक | व इस परकाय की पराथगना ननतम कयन रग | एक टदन उनहोन दखा कक नदी की धाया ककनाय की धयती को काटती-काटती भड़न रगी ह तथा कछ टदनो भ ही वह आिामग शॊकय क घय क ऩास फहन रगी | इस घटना न आिामग का अरौककक शकतकतसमऩनन होना परमसदध कय टदमा |
सकषभ शयीय स िोय का ऩीछा ककमा
हरयहय फाफा की फड़ी परमसवदध थी | एक फाय व हयऩारऩय सटशन ऩय थ | वहाॉ क सटशन भासटय न उनको एक िोय सऩदग ककमा | िोय न फाफा स कहा भहायाज भझ इतनी छटटी द दीजजम कक भ अऩन फार-फचिो का परफॊध कय आऊॉ | फाफा गाड़ी आन ऩय रौट आना | िोय िरा गमा | सटशन भासटय को ऩता िरा तो वह फाफा ऩय गभग हआ औय फोरा उसक फदर तमह जर की हवा खानी होगी | तभन जान-फझकय उस बगा टदमा ह | फाफा घफयाओ भत गाड़ी आन स ऩहर ही वह रौट आमगा | िोय की नीमत ठीक नहीॊ थी | वह जॊगर क भागग स अऻात सथान को बाग जाना िाहता था ककॊ त उस हय सभम मही परतीत होता यहा कक हरयहय फाफा डॊडा पटकायत हए उसक ऩीछ-ऩीछ िर आ यह ह | इसीमरए वह गाड़ी आन स ऩहर ही रौट आमा |
भॊगरी फाधा-ननवायण भॊतर
अॊ याॊ अॊ
इस भॊतर को १०८ फाय जऩन स करोध दय होता ह | जनभकनडरी भ भॊगरी मोग होन स जजनक वववाह न हो यह हो व २७ भॊगरवाय इस भॊतर का १०८ फाय जऩ कयत हए वरत यखकय हनभानजी ऩय मसॊदय का िोरा िढ़ाम | इसस भॊगर-फाधा का म होता ह |
सखऩवगक परसवकायक भॊतर
ऩहरा उऩाम
एॊ हीॊ बगवनत बगभामरनन िर िर भराभम भराभम ऩषऩॊ ववकासम ववकासम सवाहा |
इस भॊतर दवाया अमबभॊबतरत दध गमबगणी सतरी को वऩराम तो सखऩवगक परसव होगा |
दसया उऩाम
गमबगणी सतरी सवमॊ परसव क सभम जमबरा-जमबरा जऩ कय |
तीसया उऩाम
दशी गाम क गोफय का १२ स १५ मभरी यस ॐ नभो नायामणाम भॊतर का २१ फाय जऩ कयक ऩीन स बी परसव-फाधाएॉ दय होगी औय बफना ऑऩयशन क परसव होगा |
परसनत क सभम अभॊगर की आशॊका हो तो ननमन भॊतर का जऩ कय
सवगभॊगर भाॊगपम मशव सवागथग साचधक |
शयणम तरममफक गौयी नायामणी नभोSसतत ||
(दगागसिशती)
शकतकतशारी व गोय ऩतर की परानि क मरए
सगबागवसथा भ ढाक (ऩराश खाखया) का एक कोभर ऩतता घोटकय गौ-दगध क साथ योज सवन कयन स फारक शकतकतशारी औय गोया होता ह | भाता-वऩता बर कार-करट हो कपय बी फारक गोया होगा |
सदगर-भटहभा
गर बफन बव ननचध तय न कोई |
जौ फयॊचि सॊकय सभ होई ||
-सॊत तरसीदासजी
हरयहय आटदक जगत भ ऩजमदव जो कोम |
सदगर की ऩजा ककम सफकी ऩजा होम ||
-ननशचरदासजी भहायाज
सहजो कायज सॊसाय को गर बफन होत नाॉही |
हरय तो गर बफन कमा मभर सभझ र भन भाॉही ||
-सॊत कफीयजी सॊत
सयनन जो जन ऩय सो जन उधयनहाय | सॊत की ननॊदा नानका फहरय फहरय अवताय ||
-गर नानक दवजी
गरसवा सफ बागमो की जनभबमभ ह औय वह शोकाकर रोगो को बरहमभम कय दती ह |
गररऩी समग अववदयारऩी याबतर का नाश कयता ह औय ऻानाऻान रऩी मसतायो का रोऩ कयक फवदधभानो को आतभफोध का सटदन टदखाता ह |
-सॊत ऻानशवय भहायाज
सतम क कॊ टकभम भागग भ आऩको गर क मसवाम औय कोई भागगदशगन नहीॊ द सकता |
- सवाभी मशवानॊद सयसवती
ककतन ही याजा-भहायाजा हो गम औय होग सामजम भकतकत कोई नहीॊ द सकता | सचि याजा-भहायाज तो सॊत ही ह | जो उनकी शयण जाता ह वही सचिा सख औय सामजम भकतकत ऩाता ह |
-सभथग शरी याभदास सवाभी
भनषम िाह ककतना बी जऩ-तऩ कय मभ-ननमभो का ऩारन कय ऩयॊत जफ तक सदगर की कऩादवषट नहीॊ मभरती तफ तक सफ रवमथग ह |
-सवाभी याभतीथग
परटो कहत ह कक सकयात जस गर ऩाकय भ धनम हआ |
इभसगन न अऩन गर थोयो स जो पराि ककमा उसक भटहभागान भ व बावववबोय हो जात थ |
शरी याभकषण ऩयभहॊस ऩणगता का अनबव कयानवार अऩन सदगरदव की परशॊसा कयत नहीॊ अघात थ |
ऩजमऩाद सवाभी शरी रीराशाहजी भहायाज बी अऩन सदगरदव की माद भ सनह क आॉस
फहाकय गदगद कॊ ठ हो जात थ |
ऩजम फाऩजी बी अऩन सदगरदव की माद भ कस हो जात ह मह तो दखत ही फनता ह |
अफ हभ उनकी माद भ कस होत ह मह परशन ह | फटहभगख ननगय रोग कछ बी कह साधक को अऩन सदगर स कमा मभरता ह इस तो साधक ही जानत ह |
रडी भाटटगन क सहाग की या कयन अपगाननसतान भ परकट मशवजी
साध सॊग सॊसाय भ दरगब भनषम शयीय |
सतसॊग सववत ततव ह बतरववध ताऩ की ऩीय ||
भानव-दह मभरना दरगब ह औय मभर बी जाम तो आचधदववक आचधबौनतक औय आधमाजतभक म तीन ताऩ भनषम को तऩात यहत ह | ककॊ त भनषम-दह भ बी ऩववतरता हो सचिाई हो शदधता हो औय साध-सॊग मभर जाम तो म बतरववध ताऩ मभट जात ह |
सन १८७९ की फात ह | बायत भ बबरटटश शासन था उनहीॊ टदनो अॊगरजो न अपगाननसतान ऩय आकरभण कय टदमा | इस मदध का सॊिारन आगय भारवा बबरटटश छावनी क रजफ़टनट कनगर भाटटगन को सौऩा गमा था | कनगर भाटटगन सभम-सभम ऩय मदध-तर स अऩनी ऩतनी को कशरता क सभािाय बजता यहता था | मदध रॊफा िरा औय अफ तो सॊदश आन बी फॊद हो गम | रडी भाटटगन को चिॊता सतान रगी कक कहीॊ कछ अनथग न हो गमा हो अपगानी सननको न भय ऩनत को भाय न डारा हो | कदाचित ऩनत मदध भ शहीद हो गम तो भ जीकय कमा करॉ गी -मह सोिकय वह अनक शॊका-कशॊकाओॊ स नघयी यहती थी |
चिनतातय फनी वह एक टदन घोड़ ऩय फठकय घभन जा यही थी | भागग भ ककसी भॊटदय स आती हई शॊख व भॊतर धवनन न उस आकवषगत ककमा | वह एक ऩड़ स अऩना घोड़ा फाॉधकय भॊटदय भ गमी | फजनाथ भहादव क इस भॊटदय भ मशवऩजन भ ननभगन ऩॊकतडतो स उसन ऩछा आऩ रोग कमा कय यह ह एक वरदध बराहमण न कहा हभ बगवान मशव का ऩजन कय यह ह | रडी भाटटगन मशवऩजन की कमा भहतता ह बराहमण फटी बगवान मशव तो औढयदानी ह बोरनाथ ह | अऩन बकतो क सॊकट-ननवायण कयन भ व तननक बी दय नहीॊ कयत ह | बकत उनक दयफाय भ जो बी भनोकाभना रकय क आता ह उस व शीघर ऩयी कयत ह ककॊ त फटी तभ फहत चिजनतत औय उदास नजय आ यही हो कमा फात ह रडी भाटटगन भय ऩनतदव मदध भ गम ह औय ववगत कई टदनो स उनका कोई
सभािाय नहीॊ आमा ह | व मदध भ पॉ स गम ह मा भाय गम ह कछ ऩता नहीॊ िर यहा | भ उनकी ओय स फहत चिजनतत हॉ | इतना कहत हए रडी भाटटगन की आॉख नभ हो गमीॊ |
बराहमण तभ चिनता भत कयो फटी मशवजी का ऩजन कयो उनस पराथगना कयो रघररी कयवाओ | बगवान मशव तमहाय ऩनत का यण अवशम कयग |
ऩॊकतडतो की सराह ऩय उसन वहाॉ गमायह टदन का ॐ नभ मशवाम भॊतर स रघररी अनषठान परायॊब ककमा तथा परनतटदन बगवान मशव स अऩन ऩनत की या क मरए पराथगना कयन रगी कक ह बगवान मशव ह फजनाथ भहादव मटद भय ऩनत मदध स सकशर रौट आम तो भ आऩका मशखयफॊद भॊटदय फनवाऊॉ गी | रघररी की ऩणागहनत क टदन बागता हआ एक सॊदशवाहक मशवभॊटदय भ आमा औय रडी भाटटगन को एक मरपापा टदमा | उसन घफयात-घफयात वह मरपापा खोरा औय ऩढ़न रगी |
ऩतर भ उसक ऩनत न मरखा था हभ मदध भ यत थ औय तभ तक सॊदश बी बजत यह रककन आक ऩठानी सना न घय मरमा | बबरटटश सना कट भयती औय भ बी भय जाता |
ऐसी ववकट ऩरयजसथनत भ हभ नघय गम थ कक पराण फिाकय बागना बी अतमाचधक कटठन था | इतन भ भन दखा कक मदधबमभ भ बायत क कोई एक मोगी जजनकी फड़ी रमफी जटाएॉ ह हाथ भ तीन नोकवारा एक हचथमाय (बतरशर) इतनी तीवर गनत स घभ यहा था कक ऩठान सननक उनह दखकय बागन रग | उनकी कऩा स घय स हभ ननकरकय ऩठानो ऩय वाय कयन का भौका मभर गमा औय हभायी हाय की घकतड़माॉ अिानक जीत भ फदर गमीॊ | मह सफ बायत क उन फाघामफयधायी एवॊ तीन नोकवारा हचथमाय धायण ककम हए
(बतरशरधायी) मोगी क कायण ही समबव हआ | उनक भहातजसवी रवमकतकततव क परबाव स दखत-ही-दखत अपगाननसतान की ऩठानी सना बाग खड़ी हई औय व ऩयभ मोगी भझ
टहमभत दत हए कहन रग | घफयाओॊ नहीॊ | भ बगवान मशव हॉ तथा तमहायी ऩतनी की ऩजा स परसनन होकय तमहायी या कयन आमा हॉ उसक सहाग की या कयन आमा हॉ |
ऩतर ऩढ़त हए रडी भाटटगन की आॉखो स अववयत अशरधाया फहती जा यही थी उसका रदम अहोबाव स बय गमा औय वह बगवान मशव की परनतभा क समभख मसय यखकय पराथगना कयत-कयत यो ऩड़ी | कछ सिाह फाद उसका ऩनत कनगर भाटटगन आगय छावनी रौटा | ऩतनी न उस सायी फात सनात हए कहा आऩक सॊदश क अबाव भ भ चिजनतत हो उठी थी रककन बराहमणो की सराह स मशवऩजा भ रग गमी औय आऩकी या क मरए बगवान मशव स पराथगना कयन रगी | उन द खबॊजक भहादव न भयी पराथगना सनी औय आऩको सकशर रौटा टदमा | अफ तो ऩनत-ऩतनी दोनो ही ननममभत रऩ स फजनाथ भहादव क भॊटदय भ ऩजा-अिगना कयन रग | अऩनी ऩतनी की इचछा ऩय कनगर भाटटगन भ सन १८८३
भ ऩॊरह हजाय रऩम दकय फजनाथ भहादव भॊटदय का जीणोदवाय कयवामा जजसका मशरारख आज बी आगय भारवा क इस भॊटदय भ रगा ह | ऩय बायतबय भ अॊगरजो दवाय ननमभगत मह एकभातर टहनद भॊटदय ह |
मयोऩ जान स ऩवग रडी भाटटगन न ऩकतड़तो स कहा हभ अऩन घय भ बी बगवान मशव का भॊटदय फनामग तथा इन द ख-ननवायक दव की आजीवन ऩजा कयत यहग |
बगवान मशव भ बगवान कषण भ भाॉ अमफा भ आतभवतता सदगर भ सतता तो एक ही ह | आवशमकता ह अटर ववशवास की | एकररवम न गरभनत ग भ ववशवास कय वह पराि कय मरमा जो अजगन को कटठन रगा | आरणण उऩभनम रव परहराद आटद अनम सकड़ो उदायहण हभाय साभन परतम ह | आज बी इस परकाय का सहमोग हजायो बकतो को साधको को बगवान व आतभवतता सदगरओॊ क दवाया ननयनतय पराि होता यहता ह | आवशमकता ह तो फस कवर ववशवास की |
भहाभतमॊजम भॊतर
ॐ हौ जॉ स |
ॐ बबगव सव |
ॐ तरममफकॊ मजाभह सगॊचध ॊ ऩवषटवधगनभ |
उवागरकमभव फनधनानभतमोभगीम भाभतात |
सव भव ब ॐ |
स जॉ हौ ॐ |
बगवान मशव का मह भहाभतमॊजम जऩन स अकार भतम तो टरती ही ह आयोगमता की बी परानि होती ह | सनान कयत सभम शयीय ऩय रोट स ऩानी डारत वकत इस भॊतर का जऩ कयन स सवासम-राब होता ह | दध भ ननहायत हए इस भॊतर का जाऩ ककमा जाम औय कपय वह दध ऩी मरमा जम तो मौवन की सया भ बी सहामता मभरती ह | आजकर की तज यफ़तायवारी जजनदगी भ कहाॉ आतॊक उऩरव दघगटना हो जाम कहना भजशकर ह | घय स ननकरत सभम एक फाय मह भॊतर जऩनवारा इन उऩदरवो स सयकषत यहता ह औय सयकषत घय रौटता ह | (इस भॊतरानषठान क ववचध-ववधान की ववसतत जानकायी क मरए आशरभ दवाया परकामशत आयोगमननचध ऩसतक ऩढ़ |) शरीभदबागवत क आठव सकॊ ध भ तीसय अधमाम क शलोक १ स ३३ तक भ वणणगत गजनरभो सतोतर का ऩाठ कयन स तभाभ
ववधन दय होत ह |
ऩजमशरी क सतसॊग भ परधानभॊतरी शरी अटर बफहायी वाजऩमी क उदगाय
ऩजम फाऩजी क बकतीयस भ डफ हए शरोता बाई-फहनो भ महाॉ ऩय ऩजम फाऩजी का अमबनॊदन कयन आमा हॉ उनका आशीविन सनन आमा हॉ बाषण दन मा फकफक कयन नहीॊ आमा हॉ | फकफक तो हभ कयत यहत ह | फाऩजी का जसा परविन ह कथा-अभत ह उस तक ऩहॉिन क मरम फड़ा ऩरयशरभ कयना ऩड़ता ह | भन ऩहर उनक दशगन ऩानीऩत भ ककम थ | वहीॊ ऩय यात को ऩानीऩत भ ऩणम-परविन सभाि होत ही फाऩजी कटीय भ जा यह थ तफ उनहोन भझ फरामा | भ बी उनक दशगन औय आशीवागद क मरम रारानमत था | सॊत-भहातभाओॊ क दशगन तबी होत ह उनका साजननधम तबी मभरता ह जफ कोई ऩणम जागत होता ह | इस जनभ भ कोई ऩणम ककमा हो इसका भय ऩास कोई टहसाफ तो नहीॊ ह ककनत जरय मह ऩवगजनभ क ऩणमो का ही पर ह जो फाऩजी क दशगन हए |
उस टदन फाऩजी न जो कहा वह अबी तक भय रदम-ऩटर ऩय अॊककत ह | दशबय की ऩरयकरभा कयत हए जन-जन क भन भ अचछ सॊसकाय जगाना मह एक ऐसा ऩयभ याषडीम कतगरवम ह जजसन हभाय दश को आज तक जीववत यखा ह औय इसक फर ऩय हभ उजजवर बववषम का सऩना दख यह ह उस सऩन को साकाय कयन की शकतकत-बकतकत एकतर कय यह ह | ऩजम फाऩजी साय दश भ भरभण कयक जागयण का शॊख नाद कय यह ह सवगधभग-सभबाव की मशा द यह ह सॊसकाय द यह ह तथा अचछ औय फय भ बद कयना मसखा यह ह | हभायी जो परािीन धयोहय थी औय हभ जजस रगबग बरान का ऩाऩ कय फठ थ फाऩजी हभायी आॉखो भ ऻान का अॊजन रगाकय उसको कपय स हभाय साभन यख यह ह | फाऩजी न कहा कक ईशवय की कऩा स कण-कण भ रवमाि एक भहान शकतकत क परबाव स जो कछ घटटत होता ह उसकी छानफीन औय उस ऩय अनसॊधान कयना िाटहए |
शदध अनतकयण स ननकरी हई पराथगना को परब असवीकाय नहीॊ कयत मह हभाया ववशवास होना िाटहए | मटद असवीकाय हो तो परब को दोष दन क फजाम मह सोिना िाटहए कक कमा हभाय अॊतकयण भ उतनी शवदध ह जजतनी होनी िाटहए शवदध का काभ याजनीनत नहीॊ कय सकती अशवदध का काभ बर कय सकती ह | ऩजम फाऩजी न कहा कक जीवन क रवमाऩाय भ स थोड़ा सभम ननकारकय सतसॊग भ आना िाटहए | ऩजम फाऩजी उजजन भ थ तफ भयी जान की फहत इचछा थी रककन कहत ह न कक दान-दान ऩय खान वार की भोहय होती ह वस ही सॊत-दशगन क मरए बी कोई भहतग होता ह | आज मह भहतग आ गमा ह | मह भया करतर ह | ऩजम फाऩजी न िनाव जीतन का तयीका बी फता टदमा ह |
आज दश की दशा ठीक नहीॊ ह | फाऩजी का परविन सनकय फड़ा फर मभरा ह | हार भ
हए रोकसबा अचधवशन क कायण थोड़ी-फहत ननयाशा ऩदा हई थी ककनत यात को रखनऊ भ ऩणम-परविन सनत ही वह ननयाशा बी आज दय हो गमी | फाऩजी न भानव-जीवन क ियभ रकषम भकतकत-शकतकत की परानि क मरम ऩरषाथग ितषटम बकतकत क मरम समऩणग की बावना तथा ऻान बकतकत औय कभग तीनो का उपरख ककमा ह | बकतकत भ अहॊकाय का कोई सथान नहीॊ ह | ऻान अमबभान ऩदा कयता ह | बकतकत भ ऩणग सभऩगण होता ह | १३ टदन क शासनकार क फाद भन कहा भया जो कछ ह तया ह | मह तो फाऩजी की कऩा ह कक शरोता को वकता फना टदमा औय वकता को नीि स ऊऩय िढ़ा टदमा | जहाॉ तक उऩय िढ़ामा ह वहाॉ तक उऩय फना यहॉ इसकी चिनता बी फाऩजी को कयनी ऩडगी | याजनीनत की याह फडी यऩटीरी ह | जफ नता चगयता ह तो मह नहीॊ कहता कक भ चगय गमा फजपक कहता हहय हय गॊग | फाऩजी क परविन सनकय फड़ा आननद आमा | भ रोकसबा का सदसम होन क नात अऩनी ओय स एवॊ रखनऊ की जनता कक ओय स फाऩजी क ियणो भ ववनमर होकय नभन कयना िाहता हॉ | उनका आशीवागद हभ मभरता यह उनक आशीवागद स परयणा ऩाकय फर पराि कयक हभ कतगरवम क ऩथ ऩय ननयनतय िरत हए ऩयभ वबव को पराि कय मही परब स पराथगना ह |
-शरी अटरबफहायी वाजऩमी परधानभॊतरी बायत सयकाय
ऩयभ ऩजम सॊत शरी आसायाभजी फाऩ क कऩा-परसाद स ऩरयपराववत रदमो क उदगाय
ऩ फाऩ याषडसख क सॊवधगक ऩजम फाऩ दवाया टदमा जानवारा ननतकता का सॊदश दश क
कोन-कोन भ जजतना अचधक परसारयत होगा जजतना अचधक फढ़गा उतनी ही भातरा भ याषडसख का सॊवधगन होगा याषड की परगनत होगी | जीवन क हय तर भ इस परकाय क सॊदश की जरयत ह |
-शरी रारकषण आडवाणी उऩपरधानभॊतरी एवॊ कनरीम गरहभनतरी बायत सयकाय
याषड उनका कणी ह
बायत क बतऩवग परधानभॊतरी शरी िनरशखय टदपरी क सवणग जमॊती ऩाकग भ २५ जराई १९९९ को फाऩजी की अभतवाणी का यसासवादन कयन क ऩशचात फोर आज ऩजम फाऩ की टदरवम वाणी का राब रकय भ धनम हो गमा | सॊतो की वाणी न हय मग भ नमा सॊदश टदमा ह नमी परयणा जगामी ह | करह ववरोह औय दवष स गरसत वतगभान वातावयण भ फाऩ जजस तयह सतम करणा औय सॊवदनशीरता क सॊदश का परसाय कय यह ह इसक मरम याषड उनका कणी ह |
-शरी िनरशखय बतऩव परधानभॊतरी बायत सयकाय
सतसॊग-शरवण स भय रदम की सपाई हो गमी
ऩजमशरी क दशगन कयन व आशीवागद रन हत आम हए उततय परदश क ततकारीन याजमऩार शरी सयजबान न कहा सभशानबभी स आन क फाद हभ रोग शयीय की शवदध क मरम सनान कय रत ह | ऐस ही ववदशो भ जान क कायण भझ ऩय दवषत ऩयभाण रग गम थ
ऩयॊत वहाॊ स रौटन क फाद मह भया ऩयभ सौबागम ह कक भहायाजशरी क दशगन व ऩावन सतसॊग कयन स भय चितत की सपाई हो गमी | ववदशो भ यह यह अनको बायतवासी ऩजम फाऩ क परविनो को परतम मा ऩयो रऩ स सन यह ह | भया मह सौबागम ह कक भझ महाॊ भहायाजशरी को सनन का सअवसय पराि हआ ह |
-शरी सयजबान
ततकारीन याजमऩार उततय परदश
ऩजम फाऩ जीवन को सखभम फनान का भागग फता यह ह
गजयात क ततकारीन भखमभॊतरी शरी कशबाई ऩटर ११ भई को ऩजम फाऩ क दशगन कयन अभदावाद आशरभ ऩहॉि | सतसॊग सनन क फाद उनहोन बावऩणग वाणी भ कहा भ तो ऩजम फाऩ क दशगन कयन क मरम आमा था ककनत फड़ सौबागम स दशगन क साथ ही सतसॊग का राब बी मभरा | जीवन भ अधमाजतभकता क साथ सहजता कस राम तथा भनषम सखी एवॊ ननयोगी जीवन ककस परकाय बफताम इस गहन ववषम को ककतनी सयरता
स ऩजम फाऩ न हभ सभझामा ह ईशवय-परदतत इस भनषम-जनभ को सखभम फनन का भागग ऩजम फाऩ हभ फता यह ह | बायतीम सॊसकनत भ ननटहत सतम की ओय िरन की परयणा हभ द यह ह | एक वजशवक कामग ईशवयीम कामग जजस सवमॊ बगवान को कयना ह वह कामग आज ऩजम फाऩजी कय यह ह | फाऩ को भय शत-शत परणाभ |
-शरी कशबाई ऩटर
ततकारीन भखमभॊतरी गजयात याजम
धयती तो फाऩजी जस सॊतो क कायण टटकी ह
भझ सतसॊग भ आन का भौका ऩहरी फाय मभरा ह औय ऩजम फाऩजी स एक अदबत फात भझ औय आऩ सफको सनन को मभरी ह वह ह परभ की फात | इस सवषट का जो भर ततव ह वह ह परभ | मह परभ नाभ का ततव मटद न हो तो सवषट नषट हो जामगी | रककन सॊसाय भ कोई परभ कयना नहीॊ जानता मा तो बगवान पमाय कयना जानत ह मा सॊत पमाय कयना जानत ह | जजसको सॊसायी रोग अऩनी बाषा भ परभ कहत ह उसभ तो कहीॊ-न-कहीॊ सवाथग जडा होता ह रककन बगवान सॊत औय गर का परभ ऐसा होता ह जजसको हभ सिभि परभ की ऩरयबाषा भ फाॊध सकत ह | भ मह कह सकती हॉ कक साध-सॊतो को दश की सीभाम नहीॊ फाॊधतीॊ | जस नटदमो की धायाएॉ दश औय जानत औय सॊपरदाम की सीभाओॊ भ नहीॊ फॊधता | कमरमग भ रदम की ननषकऩटता ननसवाथग परभ तमाग औय तऩसमा का म होन रगा ह कपय बी धयती टटकी ह तो फाऩ इसमरए कक आऩ जस सॊत बायतबमभ ऩय ववियण कयत ह | फाऩ की कथा भ ही भन मह ववशषता दखी ह कक गयीफ औय अभीय दोनो को अभत क घॊट एक जस ऩीन को मभरत ह | महाॊ कोई बदबाव नहीॊ ह |
-सशरी उभा बायती भखमभॊतरी भधम परदश
हभ सफको बकत फनन की ताकत मभर
भ तो ऩजम फाऩजी क शरीियणो भ परणाभ कयन आमा हॊ | बकतकत स फड़ी कोई ताकत नहीॊ होती औय बकत हय कोई फन सकता ह | हभ सफको बकत फनन की ताकत मभर | भ सभझता हॊ कक सॊतो क आशीवागद ही हभ सफकी ऩॊजी होती ह |
-नयनर भोदी भखमभॊतरी गजयात याजम
सही ऊजाग फाऩजी स मभरती ह
गजयात सयकाय न भझ ऊजागभॊतरी का ऩद सौऩा ह ऩय सही आजतभक ऊजाग भझ ऩजम फाऩजी स मभरती ह |
-शरी कौमशकबाई ऩटर
ततकारीन ऊजागभॊतरी वतगभान भ याजसव व नागरयक आऩनतग भॊतरी गजयात याजम
भ तो फाऩजी का एक साभानम कामगकताग हॊ
टदपरी भ आमोजजत ऩजमशरी क सतसॊग-कामगकरभ क दौयान टदपरी क ततकारीन भखमभॊतरी शरी साटहफ मसॊह वभाग सतसॊग-शरवण हत आभ बकतो क फीि आ फठ | सतसॊग-शरवण क ऩशचात उनहोन ऩजम फाऩ को भाथा टककय परणाभ ककमा भापमाऩगण क साथ सवागत कयक उनका आशीवागद पराि ककमा | एक सॊत क परनत रोगो की शरदधा तडऩ सतसॊग-परभ
उनका परभऩणग रवमवहाय अनशासन व बायतीमता को दखकय भखमभॊतरीशरी गदगद हो उठ |
उनहोन फाय-फाय टदपरी ऩधायन क मरम ऩजम फाऩ स पराथगना की औय कहा आज भ ऩजम फाऩजी क दशगन व सतसॊग-शरवण कयक ऩावन हो गमा हॉ | भ भहसस कयता हॉ कक ऩयभ सॊतो क जफ दशगन होत ह औय उनक ऩावन शयीय स जो तयॊग ननकरती ह व जजसको बी छ जाती ह उसकी फहत-सी कमभमाॉ दय हो जाती ह | भ िाहता हॊ कक भयी सबी कमभमाॉ दय हो जाम | भ तो ऩजम फाऩजी का एक साभानम सा कामगकताग हॊ | ऩजम फाऩजी की कऩा हभशा भझ ऩय फनी यह एसी भयी काभना ह | भया ऩयभ सौबागम ह की भझ आऩक दशगन का आऩक आशीवागद पराि कयन का अवसय मभरा |
-शरी साटहफ मसॊह वभाग कनरीम शरभ भॊतरी बायत सयकाय
भ कभनसीफ हॊ जो इतन सभम तक गरवाणी स वॊचित यहा
ऩयभ ऩजम गरदव क शरीियणो भ सादय परणाभ भन अबी तक भहायाजशरी का नाभ बय सना था | आज दशगन कयन का अवसय मभरा ह रककन भ अऩन आऩ को कभनसीफ
भानता हॊ कमोकक दय स आन क कायण इतन सभम तक गरदव की वाणी सनन स वॊचित यहा | अफ भयी कोमशश यहगी कक भ भहायाजशरी की अभत वाणी सनन का हय अवसय मथासभम ऩा सकॊ | भ ईशवय स मही पराथगना कयता हॊ कक व हभ ऐसा भौका द कक हभ गर की वाणी सनकय अऩन आऩको सधाय सक | गरजी क शरीियणो भ सादय सभवऩगत होत हए भधम परदश की जनता की ओय स पराथगना कयता हॊ कक गरदव आऩ इस भधम परदश भ फाय-फाय ऩधाय औय हभ रोगो को आशीवागद दत यह ताकक ऩयभाथग क उस कामग भ जो आऩन ऩय दश भ ही नहीॊ दश क फाहय बी परामा ह भधम परदश क रोगो को बी जड़न का जमादा-स-जमादा अवसय मभर |
-शरी टदजगवजम मसॊह
ततकारीन भखमभॊतरी भधम परदश
इतनी भधय वाणी इतना अदबत ऻान
भ अऩनी ओय स तथा महाॊ उऩजसथत सबी भहानबावो की ओय स ऩयभ शरदधम सॊतमशयोभणण फाऩजी का हाटदगक सवागत कयता हॊ | भन कई फाय टी वी ऩय आऩको दखा-सना ह औय टदपरी भ एक फाय आऩका परविन बी सना ह | इतनी भधय वाणी इतना अदबत ऻान अगय आऩ क परविन ऩय गहयाई स वविाय कयक अभर ककमा जाम तो इॊसान को ज ॊदगी भ सही यासता मभर सकता ह | व रोग धनबागी ह जो इस मग भ ऐस भहाऩरष क दशगन व सतसॊग स अऩन जीवन-सभन णखरात ह |
-शरी बजनरार
ततकारीन भखम भॊतरी हरयमाणा
ऐस सॊतो का तो जजतना आदय ककमा जाम कभ ह
ककसी न भझ स कहा था धमान की कसट रगाकय सोमग तो सवपन भ गरदव क दशगन होग भन उसी यात धमान की कसट रगामी औय सनत-सनत सो गमा | उस वकत याबतर क फायह-साढ़ फायह फज होग | वकत का ऩता नहीॊ िरा | ऐसा रगा भानो ककसी न भझ उठा टदमा | भ गहयी नीॊद स उठा एवॊ गरजी की रऩ वार फ़ोटो की तयफ़ टकटकी रगाकय एक-दो मभनट तक दखता यहा | इतन भ आशचमग टऩ अऩन-आऩ िर ऩड़ी औय कवर मह तीन वाकम सनन को मभर आतभा ितनम ह | शयीय जड़ ह | शयीय ऩय अमबभान भत कयो | टऩ सवत फॊद हो गमी औय ऩय कभय भ मह आवाज गॊज उठी |
दसय कभय भ भयी ऩतनी की बी आॊख खर गमी औय उसन तो महाॊ तक भहसस ककमा जस कोई िर यहा ह व गरजी क मसवाम औय कोई हो ही नहीॊ सकत | भन कभय की राइट जरामी औय दौड़ता हआ ऩतनी क ऩास गमा | भन ऩछासना वह फोरी हाॊ | उस सभम सफह क ठीक िाय फज थ | सनान कयक भ धमान भ फठा तो डढ़ घणट तक फठा यहा | इतना रॊफा धमान तो भया कबी नहीॊ रगा | इस घटना क फाद तो ऐसा रगता ह कक गरजी साात बरहमसवरऩ ह | उनको जो जजस रऩ भ दखता ह वस ही टदखत ह |
भया मभतर ऩाशचातम वविायधाया वारा ह | उसन गरजी का परविन सना औय फोरा भझ तो म एक फहत अचछ रकियय रगत ह | भन कहा आज जरय इस ऩय गरजी कछ कहग |
मह सयत आशरभ भ भनामी जा यही जनभाषटभी क सभम की फात ह | हभ कथा भ फठ |
गरजी न कथा क फीि भ कहाकछ रोगो को भ रकियय टदखता हॊ कछ को परोफ़सय टदखता हॊ कछ को गर टदखता हॊ कछ को बगवान टदखता हॊजो भय ऩय जसी शरदधा यखता ह उस भ वसा ही टदखता हॊ औय वसा ही वह भझ ऩाता ह | भय मभतर का मसय शभग स झक गमा | कपय बी वह नाजसतक तो था ही | उसन हभाय ननवास ऩय भजाक भ गरजी क मरए कछ कहा तफ भन कहा | मह ठीक नहीॊ ह | अफ की फाय भान जा नहीॊ तो गरजी सजा दग तझ | १५ मभनट भ ही उसक घय स फ़ोन आ गमा कक फचि की तबफमत फहत खयाफ ह | उस असऩतार भ दाणखर कयना ऩड़ यहा ह | तफ भय मभतर की सयत दखन रामक थी | वह फोरागरती हो गमी | अफ भ गरजी क मरए कछ न कहॊगा भझ िाह ववशवास हो मा न हो | अखफायो भ गरजी की ननॊदा मरखनवार अऻानी रोग नहीॊ जानत कक जो भहाऩरष बायतीम सॊसकनत को एक नमा रऩ द यह ह कई सॊतो की वाणणमो को ऩनजीववत कय यह ह रोगो क शयाफ-कफाफ छड़वा यह ह जजनस सभाज का कपमाण हो यहा ह उनक ही फाय भ हभ हपकी फात मरख यह ह | मह हभाय दश क मरए फहत ही शभगनाक फात ह | ऐस सॊतो का तो जजतना आदय ककमा जाम वह कभ ह | गरजी क फाय भ कछ बी फखान कयन क मरए भय ऩास शबद नहीॊ ह |
-डा सतवीय मसॊह छाफड़ा फीफीईएभ आकाशवाणी इनदौय
आऩकी कऩा स मोग की अणशकतकत ऩदा हो यही ह
अनक परकाय की ववकनतमाॉ भानव क भन ऩय साभाजजक जीवन ऩय सॊसकाय औय सॊसकनत ऩय आकरभण कय यही ह | वसतत इस सभम सॊसकनत औय ववकनत क फीि एक भहासॊघषग िर यहा ह जो ककसी सयहद क मरए नहीॊ फजपक सॊसकायो क मरए रड़ा जा यहा ह | इस
भ सॊसकनत को जजतान का फभ ह मोगशकतकत | ह गरदव आऩकी कऩा स इस मोग की टदरवम अणशकतकत राखो रोगो भ ऩदा हो यही हमह सॊसकनत क सननक फन यह ह | गरदव भ आऩस पराथगना कयता हॊ कक शासन क अॊदय बी धभग औय वयागम क सॊसकाय उतऩनन हो | आऩ स आशीवागद पराि कयन क मरए भ आऩक ियणो भ आमा हॊ |
-शरी अशोकबाई बटट
काननभॊतरी गजयात याजम
भझ ननरवमगसनी फना टदमा
भ वऩछर कई वषो स तमफाक का रवमसनी था औय इस दगगण को छोड़न क मरए भन ककतन ही परमतन ककम ऩय भ ननषपर यहा | जनवयी ९५ भ ऩजम फाऩ जफ परकाशा आशरभ (भहा) ऩधाय तो भ बी उनक दशगनाथग वहाॊ ऩहॊिा औय उनस अनयोध ककमा फाऩ ववगत ३२ वषो स तमफाक का सवन कय यहा हॉ | अनक परमतनो क फाद बी इस दगगण स भ भकत ना हो सका | अफ आऩ ही कछ कऩा कीजजए | फाऩजी न कहा राओ तमफाक की कतडबफी औय तीन फाय थककय कहो कक आज स भ तमफाक नहीॊ खाऊॊ गा | भन ऩजम फाऩ क ननदशानसाय मही ककमा औय भहान आशचमग उसी टदन स भया तमफाक खान का रवमसन छट गमा | ऩजम फाऩ की ऐसी कऩा दजषत हमी कक वषग ऩया होन ऩय बी भझ कबी तमफाक खान की तरफ तक नहीॊ रगी | भ ककन शबदो भ ऩजम फाऩ का आबाय रवमकत करॊ भय ऩास शबद ही नहीॊ ह | भझ आनॊद ह कक इन याषड सॊत न फयफाद व नषट होत हए भय जीवन को फिा कय भझ ननरवमसगनी फना टदमा |
-शरी रखन बटवार
जज धमरमा भहायाषड
फाऩजी क सतसॊग स ववशव बय क रोग राबाजनवत
बायतबमभ सदव स ही कवष-भननमो तथा सॊत-भहातभाओॊ की बमभ यही ह जजनहोन ववशव को शाॊनत एवॊ आधमातभ का सॊदश टदमा ह | आज क मग भ ऩजम सॊत शरी आसायाभजी अऩनी अभत वाणी दवाया टदरवम आधमाजतभक सॊदश द यह ह जजसस न कवर बायत वयन ववशव बय भ रोग राबाजनवत हो यह ह |
-शरी सयजीत मसॊह फयनारा याजमऩार आनर परदश
ऻानरऩी गॊगाजी सवमॊ फहकय महाॉ आ गमी
उततयाॊिर याजम का सौबागम ह कक इस दवबभी भ दवता सवरऩ ऩजम फाऩजी का आशरभ फन यहा ह | आऩ ऐसा आशरभ फनाम जसा कहीॊ बी न हो | मह हभ रोगो का सौबागम ह कक अफ ऩजम फाऩजी की ऻानरऩी गॊगाजी सवमॊ फहकय महाॊ आ गमी ह | अफ गॊगा जाकय दशगन कयन व सनान कयन की उतनी आवशमकता नहीॊ ह जजतनी सॊत शरी आसायाभजी फाऩ क ियणो भ फठकय उनक आशीवागद रन की ह |
-शरी ननतमानॊद सवाभीजी ततकारीन भखमभॊतरी उततयाॊिर
गरजी की तसवीय न पराण फिा मरम
कछ ही टदनो ऩहर भया दसया फटा एभ ए ऩास कयक नौकयी क मरम फहत जगह घभा फहत जगह आवदन-ऩतर बजा ककनत उस नौकयी नहीॊ मभरी | कपय उसन फाऩजी स दीा री | भन आशरभ का कछ साभान कसट सतसाटहतम राकय उसको दत हए कहा शहय भ जहाॉ भॊटदय ह जहाॉ भर रगत ह तथा जहाॉ हनभानजी का परमसदध दकषणभखी भॊटदय ह वहाॊ सटार रगाओ | फट न सटार रगाना शर ककमा | ऐस ही एक सटार ऩय जरगाॊव क एक परमसदध रवमाऩायी अगरवारजी आम फाऩजी की कछ कसट खयीदीॊ औय ईशवय की ओय नाभक ऩसतक बी साथ भ र गम ऩसतक ऩढ़ी औय कसट सनी | दसय टदन व कपय आम औय कछ सतसाटहतम खयीद कय र गम व ऩान क थोक ववकरता ह | उनको ऩान खान की आदत ह | ऩसतक ऩढ़कय उनह रगा भ ऩान छोड़ दॉ | उनकी दकान ऩय एक आदभी आमा | ऩाॊिसौ रऩमो का साभान खयीदा औय उनका पोन नमफय र गमा | एक घॊट क फाद उसन दकान ऩय पोन ककमा सठ अगरवारजी भझ आऩका खन कयन का काभ सौऩा गमा था | कापी ऩस (सऩायी) बी टदम गम थ औय भ तमाय बी हो गमा था ऩय जफ भ आऩकी दकान ऩय ऩहॊिा तो ऩयभ ऩजम सॊत शरी आसायाभजी फाऩ क चितर ऩय भयी नजय ऩड़ी | भझ ऐसा रगा भानो साात फाऩ फठ हो औय भझ नक इनसान फनन की परयणा द यह हो गरजी की तसवीय न (तसवीय क रऩ भ साात गरदव न आकय) आऩक पराण फिा मरम | अदबत िभतकाय ह भमफई की ऩाटी न उसको ऩस बी टदम थ औय वह आमा बी था खन कयन क इयाद स ऩयनत जाको याख साॊइमाॉ चितर क दवाय बी अऩनी कऩा फयसान वार ऐस गरदव क परतम दशगन कयन क मरम वह महाॉ बी आमा ह
|
-फारकषण अगरवार
जरगाॊव भहायाषड
सदगर मशषम का साथ कबी नहीॊ छोड़त
एक यात भ दकान स सकटय दवाया अऩन घय जा यहा था | सकटय की कतडककी भ कापी रऩम यख हए थ | जमो ही घय क ऩास ऩहॊिा तो गरी भ तीन फदभाश मभर | उनहोन भझ घय मरमा औय वऩसतौर टदखामी | सकटय रकवाकय भय मसय ऩय तभॊि का फट भाय टदमा औय धकक भाय कय भझ एक तयप चगया टदमा | उनहोन सोिा होगा कक भ अकरा हॊ ऩय मशषम जफ सदगर स भॊतर रता ह शरदधा-ववशवास यखकय उसका जऩ कयता ह तफ सदगर उसका साथ नहीॊ छोड़त | भन सोिा कतडककी भ फहत रऩम ह औय म फदभाश तो सकटय र जा यह ह | भन गरदव स पराथगना की | इतन भ व तीनो फदभाश सकटय छोड़कय थरा र बाग | घय जाकय खोरा होगा तो सबजी औय खारी टटकफ़न दखकय मसय कटा ऩता नहीॊ ऩय फड़ा भजा आमा होगा | भय ऩस फि गमउनका सबजी का खिग फि गमा |
-गोकरिनर गोमर
आगया
गरकऩा स अॊधाऩन दय हआ
भझ गरकोभा हो गमा था | रगबग ऩतीस सार स मह तकरीफ़ थी | कयीफ छ सार तक तो भ अॊधा यहा | कोरकाता िननई आटद सफ जगहो ऩय गमा शॊकय नतरारम भ बी गमा ककनत वहाॊ बी ननयाशा हाथ रगी | कोरकाता क सफस फड़ नतर-ववशषऻ क ऩास गमा | उसन बी भना कय टदमा औय कहा | धयती ऩय ऐसा कोई इनसान नहीॊ जो तमह ठीक कय सक | रककन सयत आशरभ भ भझ गरदव स भॊतर मभरा | वह भॊतर भन खफ शरदधा-ववशवासऩवगक जऩा कमोकक सात बरहमसवरऩ गरदव स वह भॊतर मभरा था | कयीफ छ-सात भहीन ही जऩ हआ था कक भझ थोड़ा-थोड़ा टदखामी दन रगा | डॉकटय कहत थ कक तभको भराॊनत हो गमी ह ऩय भझ तो अफ बी अचछी तयह टदखता ह | एक फाय एक अनम बॊमकय दघगटना स बी गरदव न भझ फिामा था | ऐस गरदव का कण हभ जनभो-जनभो तक नहीॊ िका सकत |
-शॊकयरार भहशवयी
कोरकाता
औय डकत घफयाकय बाग गम
१४ जराई ९९ को कयीफ साढ़ तीन फज भय भकान भ छ डकत घस आम औय उस सभम दबागगम स फाहय का दयवाजा खरा हआ था | दो डकत फाहय भारनत िार यखकय खड़ थ | एक डकत न धकका दकय भयी भाॉ का भॉह फॊद कय टदमा औय अरभायी की िाफी भाॉगन रगा | इस घटना क दौयान भ दकान ऩय था | भयी ऩतनी को बी डकत धभकान रग औय आवाज न कयन को कहा | भयी ऩतनी न ऩजम फाऩजी क चितर क साभन हाथ जोड़कय पराथगना की अफ आऩ ही या कयो इतना ही कहा तो आशचमग आशचमग ऩयभ आशचमग व सफ डकत घफयाकय बागन रग | उनकी हड़फड़ाहट दखकय ऐसा रग यहा था भानो उनह कछ टदखामी नहीॊ द यहा था | व बाग गम | भया ऩरयवाय गरदव का कणी ह |
फाऩजी क आशीवागद स सफ सकशर ह | हभन १५ नवमफय ९८ को वायाणसी भ भॊतरदीा री थी |
-भनोहयरार तरयजा ४ झररार नगय मशवाजी नगय वायाणसी
भॊतर दवाया भतदह भ पराण-सॊिाय
भ शरी मोग वदानत सवा समभनत आभट स जीऩ दवाया यवाना हआ था | ११ जराई १९९४ को भधमानह फायह फज हभायी जीऩ ककसी तकनीकी तरटट क कायण ननमॊतरण स फाहय होकय तीन ऩजपटमाॉ खा गमी | भया ऩया शयीय जीऩ क नीि दफ गमा | ककसी तयह भझ फाहय ननकारा गमा | एक तो दफरा ऩतरा शयीय औय ऊऩय स ऩयी जीऩ का वजन ऊऩय आ जान क कायण भय शयीय क परतमक टहसस भ असहय ददग होन रगा | भझ ऩहर तो कसरयमाजी असऩतार भ दाणखर कयामा गमा | जमो-जमो उऩिाय ककमा गमा कषट फढ़ता ही गमा कमोकक िोट फाहय नहीॊ शयीय क बीतयी टहससो भ रगी थी औय बीतय तक डॉकटयो का कोई उऩिाय काभ नहीॊ कय यहा था | जीऩ क नीि दफन स भया सीना व ऩट ववशष परबाववत हए थ औय हाथ-ऩय भ काॉि क टकड़ घस गम थ | ददग क भाय भझ साॉस रन भ बी तकरीप हो यही थी | ऑकसीजन टदम जान क फाद बी दभ घट यहा था औय भतम की घकतडमाॉ नजदीक टदखामी ऩड़न रगीॊ | भ भयणासनन जसथनत भ ऩहॉि गमा | भया भतम-
परभाणऩतर फनान की तमारयमाॉ कक जान रगीॊ व भझ घय र जान को कहा गमा | इसक ऩवग भया मभतर ऩजम फाऩ स फ़ोन ऩय भयी जसथनत क समफनध भ फात कय िका था |
पराणीभातर क ऩयभ टहतषी दमार सवबाव क सॊत ऩजम फाऩ न उस एक गि भॊतर परदान कयत हए कहा था कक ऩानी भ ननहायत हए इस भॊतर का एक सौ आठ फाय (एक भारा) जऩ कयक वह ऩानी भनोज को एवॊ दघगटना भ घामर अनम रोगो को बी वऩरा दना |
जस ही वह अमबभॊबतरत जर भय भॉह भ डारा गमा भय शयीय भ हरिर होन क साथ ही वभन हआ | इस अदबत िभतकाय स ववजसभत होकय डॉकटयो न भझ तयॊत ही ववशष भशीनो क नीि र जाकय मरटामा | गहन चिककतसकीम ऩयीण क फाद डॉकटयो को ऩता िरा कक जीऩ क नीि दफन स भया ऩया खन कारा ऩड़ गमा था तथा नाड़ी-िारन (ऩपस) रदमगनत व यकत परवाह बी फॊद हो िक थ | भय शयीय का समऩणग यकत फदर टदमा गमा तथा आऩयशन बी हआ | उसक ७२ घॊट फाद भझ होश आमा | फहोशी भ भझ कवर इतना ही माद था की भय बीतय ऩजम फाऩ दवाया परदतत गरभॊतर का जऩ िर यहा ह | होश भ आन ऩय डॉकटयो न ऩछा तभ आऩयशन क सभम फाऩफाऩ ऩकाय यह थ | म फाऩ कौन ह भन फतामा व भय गरदव परात सभयणीम ऩयभ ऩजम सॊत शरी असायाभजी फाऩ ह | डॉकटयो न ऩन भझस परशन ककमा कमा तभ कोई रवमामाभ कयत हो भन कहा भ अऩन गरदव दवाया मसखामी गमी ववचध स आसन व पराणामाभ कयता हॉ | व फोर
इसीमरम तमहाय इस दफर-ऩतर शयीय न मह सफ सहन कय मरमा औय तभ भयकय बी ऩन जजनदा हो उठ दसया कोई होता तो तयॊत घटनासथर ऩय ही उसकी हडकतडमाॉ फाहय ननकर जातीॊ औय वह भय जाता | भय शयीय भ आठ-आठ नमरमाॉ रगी हई थीॊ | ककसीस खन िढ़ यहा था तो ककसी स कबतरभ ऑकसीजन टदमा जा यहा था | मदयवऩ भय शयीय क कछ टहससो भ अबी-बी काॉि क टकड़ भौजद ह रककन गरकऩा स आज भ ऩणग सवसथ
होकय अऩना रवमवसाम व गरसवा दोनो कामग कय यह हॉ | भया जीवन तो गरदव का ही टदमा हआ ह | इन भॊतरदषटा भहवषग न उस टदन भय मभतर को भॊतर न टदमा होता तो भया ऩनजीवन तो समबव नहीॊ था | ऩजम फाऩ भानव-दह भ टदखत हए बी अनत असाधायण भहाऩरष ह | टमरफ़ोन ऩय टदम हए उनक एक भॊतर स ही भय भत शयीय भ ऩन पराणो का सॊिाय हो गमा तो जजन ऩय फाऩ की परतम दवषट ऩड़ती होगी व रोग ककतन बागमशारी होत होग ऐस दमार जीवनदाता सदगर क शरीियणो भ कोटट-कोटट दॊडवत परणाभ
-भनोज कभाय सोनी जमोनत टरसग रकषभी फाजाय आभट याजसथान
सदगरदव की कऩा स नतरजमोनत वाऩस मभरी
भयी दाटहनी आॉख स कभ टदखामी दता था तथा उसभ तकरीफ़ बी थी | धमानमोग मशववय टदपरी भ ऩजम गरदव भवा फाॉट यह थ तफ एक भवा भयी दाटहनी आॉख ऩय आ रगा | आॉख स ऩानी ननकरन रगा | ऩय आशचमग दसय ही टदन स आॉख की तकरीप मभट गमी औय अचछी तयह टदखामी दन रगा |
-याजकरी दवी असनाऩय रारगॊज अजाया जज परताऩगढ़ उततय परदश
फड़दादा की मभटटी व जर स जीवनदान
अगसत ९८ भ भझ भररयमा हआ | उसक फाद ऩीमरमा हो गमा | भय फड़ बाई न आशरभ स परकामशत आयोगमननचध ऩसतक भ स ऩीमरमा का भॊतर ऩढ़कय ऩीमरमा तो उताय टदमा ऩयॊत कछ ही टदनो फाद अॊगरजी दवाओॊ क रयएन स दोनो ककडननमाॉ पर (ननजषकरम) हो गई | भया हाटग (रदम) औय रीवय (मकत) बी पर होन रग | डॉकटयो न तो कह टदमा मह रड़का फि नहीॊ सकता | कपय भझ गोटदमा स नागऩय हॉजसऩटर भ र जामा गमा रककन वहाॉ बी डॉकटयो न जवाफ द टदमा कक अफ कछ नहीॊ हो सकता | भय बाई भझ वहीॊ छोड़कय सयत आशरभ आम वदयजी स मभर औय फड़दादा की ऩरयकरभा कयक पराथगना की तथा वहाॉ की मभटटी औय जर मरमा | ८ तायीख को डॉकटय भयी ककडनी फदरन वार थ |
जफ भय बाई फड़दादा को पराथगना कय यह थ तबी स भझ आयाभ मभरना शर हो गमा था | बाई न ७ तायीख को आकय भझ फड़दादा कक मभटटी रगाई औय जर वऩरामा तो भयी दोनो ककडनीमाॉ सवसथ हो गमी | भझ जीवनदान मभर गमा | अफ भ बफपकर सवसथ हॉ |
-परवीण ऩटर
गोटदमा भहायाषड
ऩजम फाऩ न प का कऩा-परसाद
कछ वषग ऩवग ऩजम फाऩ याजकोट आशरभ भ ऩधाय थ | भझ उन टदनो ननकट स दशगन कयन का सौबागम मभरा | उस सभम भझ छाती भ एनजामना ऩकतटोरयस क कायण ददग यहता था | सतसॊग ऩया होन क फाद कछ रोग ऩजम फाऩ क ऩास एक-एक कयक जा यह थ | भ कछ पर-पर नहीॊ रामा था इसमरए शरदधा क पर मरम फठा था | ऩजम फाऩ
कऩा-परसाद प क यह थ कक इतन भ एक िीक भयी छाती ऩय आ रगा औय छाती का वह ददग हभशा क मरए मभट गमा |
-अयववॊदबाई वसावड़ा याजकोट
एक छोटी थरी फनी अमऩातर
सन १९९२ भ यतराभ (भपर) क ऩास सराना क आटदवासी ववसताय भ बॊडाय का आमोजन था | बॊडाय भ सवाएॉ दन फहत-स साधक आम हए थ | आशरभवासी बाई बी ऩहॉि थ | एक टदन का ही आमोजन था औय सतसॊग-कामगकरभ बी था | उस बॊडाय भ गयीफो क मरए बोजन क अरावा फतगन कऩड़ अनाज औय दकषणा (ऩस) फाॉटन की बी रवमवसथा की गमी थी | भय टहसस ऩस फाॉटन की सवा थी | भन ऩाॉि रऩमोवार सौ-सौ नोटो क ऩिीस फॊडर चगनकय थरी भ यख थ | भझ आदश टदमा गमा था आठ सवाधायी ननमकत कय रो | व रोग ऩाॉि रऩम क नोट फाॉटत जामग | भन आठ सवमॊसवको को ऩहरी फाय आठ फॊडर द टदम | कपय ऩॊरह-फीस मभनट क फाद भन दसयी फाय आठो को एक-एक फॊडर टदमा | कपय तीसयी फाय आठो को एक-एक फॊडर टदमा | कर २४ फॊडर गम | अफ दसयी ऩॊकतकत बोजन क मरए बफठामी गमी | भन आठो सवमॊसवको को ऩहरी की बाॉनत तीन फाय एक-एक फॊडर फाॉटन क मरए टदमा | कर ४८ फॊडर गम | बॊडाया ऩया होन क फाद भन सोिा िरो अफ टहसाफ कय र | भ चगनन फठा | भय ऩास ६ फॊडर फि थ | मह कस
भ दॊग यह गमा भन ऩस फाॉटनवारो स ऩछा तो उनहोन फतामा कक कर ४८ फॊडर फाॉट गम थ | भ आशरभ आमा तो रवमवसथाऩक न कहा भन तो आऩको २५ फॊडर टदम थ |
सफको आशचमग हो यहा था कक फॉट ४८ फॊडर औय रकय िर थ २५ फॊडर | २५ भ स ४८ फॉट औय ६ फि गम गरदव का आशीवागद दणखम कक एक छोटी-सी थरी अम ऩातर फन गमी
-ईशवयबाई नामक
अभदावाद आशरभ
फटी न भनौती भानी औय गरकऩा हई
भयी फटी को शादी ककम आठ सार हो गम थ | ऩहरी फाय जफ वह गबगवती हई तफ फचिा ऩट भ ही भय गमा | दसयी फाय फचिी जनभी ऩय छ भहीन भ वह बी िर फसी |
कपय भयी ऩतनी न फटी स कहा अगय त सॊकपऩ कय कक जफ तीसयी फाय परसती होगी तफ तभ फारक की जीब ऩय फाऩजी क फतान क भताबफक bdquoॐ‟ मरखोगी तो तया फारक जीववत यहगा ऐसा भझ ववशवास ह कमोकक ॐकाय भॊतर भ ऩयभानॊदसवरऩ परब ववयाजभान ह | भयी फटी न इस परकाय भनौती भानी औय सभम ऩाकय वह गबगवती हई | सोनोगराफ़ी कयवामी गमी तो डॉकटयो न फतामा गबग भ फचिी ह औय उसक टदभाग भ ऩानी बया हआ ह | वह जजॊदा नहीॊ यह सकगी | गबगऩात कयवा दो | भयी फटी न अऩनी भाॉ स सराह की | उसकी भाॉ न कहा गबगऩात का भहाऩाऩ नहीॊ कयवाना ह | जो होगा दखा जामगा |
गरदव कऩा कयग | जफ परसती हई तो बफपकर पराकनतक ढ़ॊग स हई औय उस फचिी की जीब ऩय शहद एवॊ मभशरी स ॐ मरखा गमा | आज वह बफपकर ठीक ह | जफ उसकी डॉकटयी जाॉि कयवामी गमी तो डॉकटय आशचमग भ ऩड़ गम सोनोगराफ़ी भ जो फीभारयमाॉ टदख यही थीॊ व कहाॉ िरी गमीॊ टदभाग का ऩानी कहाॉ िरा गमा टहनदजा हॉजसऩटरवार मह करयशभा दखकय दॊग यह गम अफ घय भ जफ कोई दसयी कोई कसट िरती ह तो वह फचिी इशाया कयक कहती ह ॐवारी कसट िराओ | वऩछरी ऩनभ को हभ भॊफई स टाटा सभो भ आ यह थ | फाढ़ क ऩानी क कायण यासता फॊद था | हभ सोि भ ऩड़ गम कक ऩनभ का ननमभ टटगा | हभन गरदव का सभयण ककमा | इतन भ हभाय डराइवय न हभस ऩछा जान दॉ हभन बी गरदव का सभयण कयक कहा जान दो औय हरय हरय ॐ कीतगन की कसट रगा दो | गाड़ी आग िरी | इतना ऩानी कक हभ जहाॉ फठ थ वहाॉ तक ऩानी आ गमा | कपय बी हभ गरदव क ऩास सकशर ऩहॉि गम औय उनक दशगन ककम|
-भयायीरार अगरवार
साॊताकरज भॊफई
औय गरदव की कऩा फयसी
जफस सयत आशरभ की सथाऩना हई तफस भ गरदव क दशगन कयत आ यहा हॉ उनकी अभतवाणी सनता आ यहा हॉ | भझ ऩजमशरी स भॊतरदीा बी मभरी ह | परायबधवश एक टदन भय साथ एक बमॊकय दघगटना घटी | डॉकटय कहत थ आऩका एक हाथ अफ काभ नहीॊ कयगा | भ अऩना भानमसक जऩ भनोफर स कयता यहा | अफ हाथ बफपकर ठीक ह | उसस भ ७० ककगरा वजन उठा सकता हॉ | भयी सभसमा थी कक शादी होन क फाद भझ कोई सॊतान नहीॊ थी | डॉकटय कहत थ कक सॊतान नहीॊ हो सकती | हभ रोगो न गरकऩा एवॊ गरभॊतर का सहाया मरमा धमानमोग मशववय भ आम औय गरदव की कऩा फयसी | अफ
हभायी तीन सॊतान ह दो ऩबतरमाॉ औय एक ऩतर | गरदव न ही फड़ी फटी का नाभ गोऩी औय फट का नाभ हरयककशन यखा ह | जम हो सदगरदव की
-हॉसभख काॊनतरार भोदी ५७ अऩना घय सोसामटी सॊदय योड़ सयत
कसट-शरवण स बकतकत का सागय टहरोय रन रगा
भ हय सार गमभगमो भ कबी फरीनाथ तो कबी कदायनाथ तो कबी गॊगोतरी आटद तीथो भ जाता यहता था | रवषकश भ एक दकान क ऩास खड़ यहन ऩय भझ ऩजम गरदव की अभतवाणी की कसट भो का भागग भौत की भौत तीन फात आटद दखन-सनन को मभरीॊ तो भन म कसट खयीद रीॊ | घय ऩहॉिकय कसट सनन क फाद रदम भ बकतकत का सागय टहरोय रन रगा | भझ ऐसा रगा भानो कोई भझ फरा यहा हो | दकान जात सभम ऐसा आबास हआ कक कोई ऩवग आनवारा ह औय भझ अभदावाद जाना होगा उसी टदन अभदावाद आशरभ स भय ऩतर का जवाफ आमा कक टदनाॊक १२ को गरऩनभ का ऩवग ह |
आऩ गरदव क दशगन कय सकत ह | हभ सऩरयवाय आशरभ ऩहॉि | दशगन कयक धनम हए |
दीा ऩाकय कताथग हए | अफ तो हय भहीन जफ तक गरदव क दशगन नहीॊ कयता तफ तक भझ ऐसा रगता ह कक भन कछ खो टदमा ह | दीा क फाद साधन-बजन फढ़ यहा ह बकतकत फढ़ यही ह | ऩहर सॊसाय भ सपरता-ववपरता की जो िोट रगती थी अफ उनका परबाव कभ हआ ह | ववषम-ववकायो का परबाव कभ हआ ह | जान जीव तफ जागा हरय ऩद रचि ववषम ववरास ववयागा भय जीवन भ सॊत तरसीदासजी क इन विनो का समोदम हो यहा ह |
-मशवकभाय तरसमान
गोयखऩय उततय परदश
गरदव न बजा अमऩातर
हभ परिायमातरा क दौयान गरकऩा का जो अदबत अनबव हआ वह अवणगनीम ह | मातरा की शरआत स ऩहर टदनाॊक ८-११-९९ को हभ ऩजम गरदव क आशीवागद रन गम |
गरदव न कामगकरभ क ववषम भ ऩछा औय कहा ऩॊिड़ आशरभ (यतराभ) भ बॊडाया था |
उसभ फहत साभान फि गमा ह | गाड़ी बजकय भॉगवा रना गयीफो भ फाॉटना | हभ झाफआ जजर क आस-ऩास क गयीफ आटदवासी इराको भ जानवार थ | वहाॉ स यतराभ क
मरए गाड़ी बजी | चगनकय साभान बया गमा | दो टदन िर उतना साभान था | एक टदन भ दो बॊडाय होत थ | अत िाय बॊडाय का साभान था | सफन खपर हाथो फतगन कऩड़ साकतड़माॉ धोती आटद साभान छ टदनो तक फाॉटा कपय बी साभान फिा यहा | सफको आशचमग हआ हभ रोग साभान कपय स चगनन रग ऩयॊत गरदव की रीरा क ववषम भ कमा कह
कवर दो टदन िर उतना साभान छ टदनो तक खपर हाथो फाॉटा कपय बी अॊत भ तीन
फोय फतगन फि गम भानो गरदव न अमऩातर बजा हो एक टदन शाभ को बॊडाया ऩया हआ तफ दखा कक एक ऩतीरा िावर फि गमा ह | कयीफ १००-१२५ रोग खा सक उतन िावर थ | हभन सोिा िावर गाॉव भ फाॊट दत ह | ऩयॊत गरदव की रीरा दखो एक गाॉव क फदर ऩाॉि गाॉवो भ फाॉट कपय बी िावर फि यह | आणखय याबतर भ ९ फज क फाद सवाधारयमो न थककय गरदव स पराथगना की कक गरदव अफ जॊगर का ववसताय ह हभ ऩय कऩा कयो | औय िावर खतभ हए | कपय सवाधायी ननवास ऩय ऩहॉि |
-सॊत शरी आसायाभजी बकतभॊडर
कतायगाभ सयत
सवपन भ टदम हए वयदान स ऩतरपरानि
भय गरहसथ जीवन भ एक-एक कयक तीन कनमाएॉ जनभी | ऩतरपरानि क मरए भयी धभगऩतनी न गरदव स आशीवागद पराि ककमा था | िौथी परसनत होन क ऩहर जफ उसन वरसाड़ भ सोनोगराफ़ी कयवामी तो रयऩोटग भ रड़की फतामा गमा | मह सनकय हभ ननयाश हो गम |
एक यात ऩतनी को सवपन भ गरदव न दशगन टदम औय कहा फटी चिॊता भत कय |
घफयाना भत धीयज यख | रड़का ही होगा | हभन सयत आशरभ भ फड़दादा की ऩरयकरभा कयक भनौती भानी थी वह बी फ़रीबत हई औय गरदव का बरहमवाकम बी सतम साबफत हआ जफ परसनत होन ऩय रड़का हआ | सबी गरदव की जम-जमकाय कयन रग |
-सनीर कभाय याधशमाभ िौयमसमा दीऩकवाड़ी ककपरा ऩायड़ी जज वरसाड़
शरी आसायाभामण क ऩाठ स जीवनदान
भया दस वषीम ऩतर एक यात अिानक फीभाय हो गमा | साॉस बी भजशकर स र यहा था |
जफ उस हॉजसऩटर भ बती ककमा तफ डॉकटय फोर | फचिा गॊबीय हारत भ ह | ऑऩयशन कयना ऩड़गा | भ फचि को हॉजसऩटर भ ही छोड़कय ऩस रन क मरए घय गमा औय घय
भ सबी को कहा ldquoआऩ रोग शरी आसायाभामण का ऩाठ शर कयो |rdquo ऩाठ होन रगा |
थोड़ी दय फाद भ हॉजसऩटर ऩहॉिा | वहाॉ दखा तो फचिा हॉस-खर यहा था | मह दख भयी औय घयवारो की खशी का टठकाना न यहा मह सफ फाऩजी की असीभ कऩा गर-गोववनद की कऩा औय शरी आसायाभामण-ऩाठ का पर ह |
-सनीर िाॊडक
अभयावती भहायाषड
गरवाणी ऩय ववशवास स अवणीम राब
शादी होन ऩय एक ऩतरी क फाद सात सार तक कोई सॊतान नहीॊ हई | हभाय भन भ ऩतरपरानि की इचछा थी | १९९९ क मशववय भ हभ सॊतानपरानि का आशीवागद रनवारो की ऩॊकतकत भ फठ | फाऩजी आशीवागद दन क मरए साधको क फीि आम तो कछ साधक नासभझी स कछ ऐस परशन कय फठ जो उनह नहीॊ कयन िाटहए थ | गरदव नायाज होकय मह कहकय िर गम कक तभको सॊतवाणी ऩय ववशवास नहीॊ ह तो तभ रोग महाॉ कमो आम तमह डॉकटय क ऩास जाना िाटहए था | कपय गरदव हभाय ऩास नहीॊ आम | सबी पराथगना कयत यह ऩय गरदव रवमासऩीठ स फोर दफाया तीन मशववय बयना | भ भन भ सोि यहा था कक कछ साधको क कायण भझ आशीवागद नहीॊ मभर ऩामा ऩयॊत वजरादवऩ कठोयाणण भदनन कसभादवऩ फाहय स वजर स बी कठोय टदखन वार सदगर बीतय स पर स बी कोभर होत ह | तयॊत गरदव ववनोद कयत हए फोर दखो म रोग सॊतानपरानि का आशीवागद रन आम ह | कस ठनठनऩार-स फठ ह अफ जाओ झरा-झनझना रकय घय जाओ | भन औय भयी ऩतनी न आऩस भ वविाय ककमा दमार गरदव न आणखय आशीवागद द ही टदमा | अफ गरदव न कहा ह कक झरा-झनझना र जाओ | तो भन गरविन भानकय यरव सटशन स एक झनझना खयीद मरमा औय गवामरमय आकय गरदव क चितर क ऩास यख टदमा | भझ वहाॉ स आन क १५ टदन फाद डॉकटय दवाया भारभ हआ कक ऩतनी गबगवती ह | भन गरदव को भन-ही-भन परणाभ ककमा | इस फीि डॉकटयो न सराह दी कक रड़का ह मा रड़की इसकी जाॉि कया रो | भन फड़ ववशवास स कहा कक रड़का ही होगा | अगय रड़की बी हई तो भझ कोई आऩवतत नहीॊ ह | भझ गबगऩात का ऩाऩ अऩन मसय ऩय नहीॊ रना ह | नौ भाह तक भयी ऩतनी बी सवसथ यही | हरयदवाय मशववय भ बी हभ रोग गम | सभम आन ऩय गरदव दवाया फताम गम इराज क भताबफक गाम क गोफय का यस ऩतनी को टदमा औय टदनाॊक २७ अकतफय १९९९ को एक सवसथ फारक का जनभ हआ |
-याजनर कभाय वाजऩमी अिगना वाजऩमी फरवॊत नगय ढाढीऩय भयाया गवामरमय
औय सोना मभर गमा
हभाय सॊमकत ऩरयवाय भ साठ तोरा सोना िोयी हो गमा था | सतसॊगी होन क कायण हभ द ख तो नहीॊ हआ कपय बी थोडी-फहत चिनता अवशम हई | आशरभ क एक साधक न हभस कहा | आऩ रोग शरी आसायाभामण क १०८ ऩाठ कयो औय सॊकपऩ कयो कक हभाया सोना हभ जरय मभरगा | मभनाऩाय टदपरी भ गरदव का आगभन हआ | हभ शाभ को गरदव क दशगन कयन गम | हभन कछ कहा नहीॊ कमोकक गरदव अॊतमागभी ह | उनहोन हभको परसाद टदमा | उसी यात घय ऩय पोन आमा कक आऩका सोना मभर गमा ह | िोय रखनऊ भ ऩकड़ा गमा ह | हभ आशचमग हआ शरी आसायाभामण क १०८ ऩाठ ऩय बी नहीॊ हए थ औय सोना मभर गमा |
-रीना फटानी यानीफाग टदपरी
सवपर क दो टकड़ो स दो सॊतान
भन सन १९९१ भ िटीिॊड मशववय अभदावाद भ ऩजम फाऩजी स भॊतरदीा री थी | भयी शादी क १० वषग तक भख कोई सॊतान नहीॊ हई | फहत इराज कयवाम रककन सबी डॉकटयो न फतामा कक फारक होन की कोई सॊबावना नहीॊ ह | तफ भन ऩजम फाऩजी क ऩनभ दशगन का वरत मरमा औय फाॉसवाड़ा भ ऩनभ दशगन क मरए गमा | ऩजम फाऩजी सफको परसाद द यह थ | भन भन भ सोिा | कमा भ इतना ऩाऩी हॉ कक फाऩजी भयी तयप दखत तक नहीॊ इतन भ ऩजम फाऩजी कक दवषट भझ ऩय ऩड़ी औय उनहोन भझ दो मभनट तक दखा | कपय उनहोन एक सवपर रकय भझ ऩय प का जो भय दाम कॊ ध ऩय रगकय दो टकड़ो भ फॉट गमा | घय जाकय भन उस सवपर क दोनो बाग अऩनी ऩतनी को णखरा टदम | ऩजमशरी का कऩाऩणग परसाद खान स भयी ऩतनी गबगवती हो गमी | ननयीण कयान ऩय ऩता िरा कक उसको दो मसय वारा फारक उतऩनन होगा | डॉकटयो न फतामा उसका मसजरयमन कयना ऩड़गा अनमथा आऩकी ऩतनी क फिन की समबावना नहीॊ ह | मसजरयमन भ रगबग फीस हजाय रऩमो का खिग आमगा | भन ऩजम फाऩजी स पराथगना की ह फाऩजी आऩन ही पर टदमा था | अफ आऩ ही इस सॊकट का ननवायण कीजजम | कपय
भन फड़ फादशाह क साभन बी पराथगना की जफ भ असऩतार ऩहॉिॉ तो भयी ऩतनी की परसती सकशर हो जाम | उसक फाद जफ भ असऩतार ऩहॉिा तो भयी ऩतनी एक ऩतर औय एक ऩतरी को जनभ द िकी थी | ऩजमशरी क दवाया टदम गम पर स भझ एक की जगह दो सॊतानो की परानि हई |
-भकशबाई सोरॊकी शायदा भॊटदय सकर क ऩीछ
फावन िार वड़ोदया
साइककर स गरधाभ जान ऩय खयाफ टाॉग ठीक हो गमी
भयी फाॉमी टाॉग घटन स उऩय ऩतरी हो गमी थी | ऑर इणणडमा भकतडकर इनसटीटमट
टदपरी भ भ छ टदन तक यहा | वहाॉ जाॉि क फाद फतरामा गमा कक तमहायी यीढ़ की हडडी क ऩास कछ नस भय गमी ह जजसस मह टाॉग ऩतरी हो गमी ह | मह ठीक तो हो ही नहीॊ सकती | हभ तमह ववटामभन ई क कपसर द यह ह | तभ इनह खात यहना | इसस टाॊग औय जमादा ऩतरी नहीॊ होगी | भन एक सार तक कपसर खाम | उसक फाद २२ जन
१९९७ को भजफ़फ़यनगय भ भन गरजी स भॊतरदीा री औय दवाई खाना फॊद कय दी | जफ एक साधक बाई याहर गिा न कहा कक सहायनऩय स साइककर दवाया उततयामण मशववय अभदावाद जान का कामगकरभ फन यहा ह तफ भन टाॉग क फाय भ सोि बफना साइककर मातरा भ बाग रन क मरए अऩनी सहभनत द दी | जफ भय घय ऩय ऩता िरा कक भन साइककर स गरधाभ अभदावाद जान का वविाय फनामा ह अत तभ ११५० ककभी तक साइककर नहीॊ िरा ऩाओग | रककन भन कहा भ साइककर स ही गरधाभ जाऊॉ गा िाह ककतनी बी दयी कमो न हो औय हभ आठ साधक बाई सहायनऩय स २६ टदसमफय ९७ को साइककरो स यवाना हए | भागग भ िढ़ाई ऩय भझ जफ बी कोइ टदककत होती तो ऐसा रगता जस भयी साइककर को कोई ऩीछ स धकर यहा ह | भ भड़कय ऩीछ दखता तो कोई टदखामी नहीॊ ऩड़ता | ९ जनवयी को जफ हभ अभदावाद गरआशरभ भ ऩहॉि औय भन सफह अऩनी टाॉग दखी तो भ दॊग यह गम जो टाॉग ऩतरी हो गमी थी औय डॉकटयो न उस ठीक होन स भना कय टदमा था वह टाॉग बफपकर ठीक हो गमी थी | इस कऩा को दखकय भ िककत यह गमा भय साथी बी दॊग यह गम मह सफ गरकऩा क परसाद का िभतकाय था | भय आठो साथी भयी ऩतनी तथा ऑर इणणडमा भकतडकर इनसटीटमट टदपरी दवाया जाॉि क परभाणऩतर इस फात क साी ह |
-ननयॊकाय अगरवार
ववषणऩयी
अदबत यही भौनभॊटदय की साधना
ऩयभ ऩजम सदगरदव की कऩा स भझ टदनाॊक १८ स २४ भई १९९९ तक अभदावाद आशरभ क भौनभॊटदय भ साधना कयन का सअवसय मभरा | भौनभॊटदय भ साधना क ऩाॉिव टदन मानी २२ भई की याबतर को रगबग २ फज नीॊद भ ही भझ एक झटका रगा | रट यहन कक जसथनत भ ही भझ भहसस हआ कक कोई अदशम शकतकत भझ ऊऩय फहत ऊऩय उड़म र जा यही ह | ऊऩय उड़त हए जफ भन नीि झाॉककय दखा तो अऩन शयीय को उसी भौनभॊटदय भ चितत रटा हआ फखफय सोता हआ ऩामा | ऊऩय जहाॉ भझ र जामा गमा वहाॉ अरग ही छटा थी अजीफ औय अवणीम आकाश को बी बदकय भझ ऐस सथान ऩय ऩहॉिामा गमा था जहाॉ िायो तयप कोहया-ही-कोहया था जस शीश की छत ऩय ओस परी हो इतन भ दखता हॉ कक एक सबा रगी ह बफना शयीय की कवर आकनतमो की | जस यखाओॊ स भनषमरऩी आकनतमाॉ फनी हो | मह सफ कमा िर यहा था सभझ स ऩय था |
कछ ऩर क फाद व आकनतमाॉ सऩषट होन रगी | दवी-दवताओॊ क ऩॊज क भधम शीषग भ एक उचि आसन ऩय साात फाऩजी शॊकय बगवान फन हए करास ऩवगत ऩय ववयाजभान थ औय दवी-दवता कताय भ हाथ फाॉध खड़ थ | भ भक-सा होकय अऩरक नतरो स उनह दखता ही यहा कपय भॊतरभगध हो उनक ियणो भ चगय ऩड़ा | परात क ४ फज थ | अहा भन औय शयीय हपका-फ़पका रग यहा था मही जसथनत २४ भई की भधमयाबतर भ बी दोहयामी गमी | दसय टदन सफह ऩता िरा कक आज तो फाहय ननकरन का टदन ह मानी यवववाय २५ भई की सफह | फाहय ननकरन ऩय बावबया रदम गदगद कॊ ठ औय आखो भ आॉस मो रग यहा था कक जस ननजधाभ स फघय ककमा जा यहा हॉ | धनम ह वह बमभ
भौनभॊटदय भ साधना की वह रवमवसथा जहाॊ स ऩयभ आनॊद क सागय भ डफन की कॊ जी मभरती ह जी कयता ह बगवान ऐसा अवसय कपय स राम जजसस कक उसी भौनभॊटदय भ ऩन आॊतरयक आनॊद का यसऩान कय ऩाऊॉ |
-इनरनायामण शाह
१०३ यतनदीऩ-२ ननयारा नगय कानऩय
असाधम योग स भकतकत
सन १९९४ भ भयी ऩतरी टहयर को शयद ऩणणगभा क टदन फखाय आमा | डॉकटयो को
टदखामा तो ककसीन भररयमा कहकय दवाइमाॉ दी तो ककसीन टामपामड कहकय इराज शर ककमा तो ककसीन टामपामड औय भररयमा दोनो कहा | दवाई की एक खयाक रन स शयीय नीरा ऩड़ गमा औय सज गमा | शयीय भ खन की कभी स उस छ फोतर खन िढ़ामा गमा | इॊजन दन स ऩय शयीय को रकवा भाय गमा | ऩीठ क ऩीछ शमावरण जसा हो गमा | ऩीठ औय ऩय का एकस-य मरमा गमा | ऩय ऩय वजन फाॉधकय यखा गमा | डॉकटयो न उस वाम का फखाय तथा यकत का क सय फतामा औय कहा कक उसक रदम तो वापव िौड़ा हो गमा ह | अफ हभ टहमभत हाय गम | अफ ऩजमशरी क मसवाम औय कोई सहाया नहीॊ था | उस सभम टहयर न कहा भमभी भझ ऩजम फाऩ क ऩास र िरो | वहाॉ ठीक हो जाऊगी | ऩाॉि टदन तक टहयर ऩजमशरी की यट रगाती यही | हभ उस अभदावाद आशरभ भ फाऩ क ऩास र गम | फाऩ न कहा इस कछ नहीॊ हआ ह | उनहोन भझ औय टहयर को भॊतर टदमा एवॊ फड़दादा की परदकषणा कयन को कहा | हभन परदकषणा की औय टहयर ऩनरह टदन भ िरन-कफ़यन रगी | हभ फाऩ की इस करणा-कऩा का कण कस िकाम अबी तो हभ आशरभ भ ऩजमशरी क शरीियणो भ सऩरयवाय यहकय धनम हो यह ह |
-परपपर रवमास
बावनगय
वतगभान भ अभदावाद आशरभ भ सऩरयवाय सभवऩगत
ऩजम फाऩ का दशगन-सतसॊग ही जीवन का सचिा यतन ह
भझ िाय सार स ऩतर कक काभना थी औय भय भन भ हआ कक भयी मह काभना जरय ऩयी होगी | अभदावाद भ धमानमोग मशववय क दौयान ऐसा वविाय आमा कक फाऩ भझ अऩन ियणो भ फरामग | भन भ दढ़ शरदधा थी | इतन रोगो क फीि भ स फाऩ न तजऩणग दवषट भझ ऩय डारी सॊतय का परसाद टदमा औय भया बागम खर गमा | फचि क जनभ स ऩहर डॉकटयो न ऑऩयशन को कहा था रककन फाऩ क फतान क भताबफक भय घयवारो न भझ गाम क गोफय का यस वऩरामा औय शीघर ही फारक का जनभ हो गमा | सचिी शरदधा-बकतकत हो तो कमा असॊबव ह ऩजम फाऩ का दशगन-सतसॊग ही जीवन का सचिा यतन ह |
सचिी शरदधा-बकतकत स ऐसा यतन ऩानवार हभ सबी धनबागी ह |
-यखा ऩयभाय भीया योड़ भॊफई
कसट का िभतकाय
रवमाऩाय उधायी भ िर जान स भ हताश हो गमा था एवॊ अऩनी जजॊदगी स तॊग आकय आतभहतमा कयन की फात सोिन रगा था | भझ साध-भहातभाओॊ व सभाज क रोगो स घणा-सी हो गमी थी धभग व सभाज स भया ववशवास उठ िका था | एक टदन भयी सारी फाऩजी क सतसॊग कक दो कसट ववचध का ववधान एवॊ आणखय कफ तक र आमी औय उसन भझ सनन क मरए कहा | उसक कई परमास क फाद बी भन व कसट नहीॊ सनीॊ एवॊ भन-ही-भन उनह ढ़ोग कहकय कसटो क कतडबफ भ दार टदमा | भन इतना ऩयशान था कक यात को नीॊद आना फॊद हो गमा था | एक यात कफ़पभी गाना सनन का भन हआ | अॉधया होन की वजह स कसट ऩहिान न सका औय गरती स फाऩजी क सतसॊग की कसट हाथ भ आ गमी | भन उसीको सनना शर ककमा | कपय कमा था भयी आशा फॉधन रगी | भन शाॉत होन रगा | धीय-धीय सायी ऩीड़ाएॉ दय होती िरी गमीॊ | भय जीवन भ योशनी-ही-योशनी हो गमी | कपय तो भन ऩजम फाऩजी क सतसॊग की कई कसट सनीॊ औय सफको सनामीॊ |
तदनॊतय भन गाजजमाफाद भ फाऩजी स दीा बी गरहण की | रवमाऩाय की उधायी बी िकता हो गमी | फाऩजी की कऩा स अफ भझ कोई द ख नहीॊ ह | ह गरदव फस एक आऩ ही भय होकय यह औय भ आऩका ही होकय यहॉ |
-ओभपरकाश फजाज
टदपरी योड़ सहायनऩय उततय परदश
भझ ऩय फयसी सॊत की कऩा
सन १९९५ क जन भाह भ भ अऩन रड़क औय बतीज क साथ हरयदवाय धमानमोग मशववय भ बाग रन गमा | एक टदन जफ भ हय की ऩौड़ी ऩय सनान कयन गमा तो ऩानी क तज फहाव क कायण ऩय कपसरन स भया रड़का औय बतीजा दोनो अऩना सॊतरन खो फठ औय गॊगा भ फह गम | ऐसी सॊकट की घड़ी भ भ अऩना होश खो फठा | कमा करॉ भ पट-पटकय योन रगा औय फाऩजी स पराथगना कयन रगा कक ह नाथ ह गरदव या कीजजम भय फचिो को फिा रीजजम | अफ आऩका ही सहाया ह | ऩजमशरी न भय सचि रदम स ननकरी ऩकाय सन री औय उसी सभम भया रड़का भझ टदखामी टदमा | भन झऩटकय उसको फाहय खीॊि मरमा रककन भया बतीजा तो ऩता नहीॊ कहाॉ फह गमा भ ननयॊतय यो यहा था औय भन भ फाय-फाय वविाय उठ यहा था कक फाऩजी भया रड़का फह जाता तो कोई फात नहीॊ थी रककन अऩन बाई की अभानत क बफना भ घय कमा भॉह
रकय जाऊॉ गा फाऩजी आऩही इस बकत की राज फिाओ | तबी गॊगाजी की एक तज रहय उस फचि को बी फाहय छोड़ गमी | भन रऩककय उस ऩकड़ मरमा | आज बी उस हादस को सभयण कयता हॉ तो अऩन-आऩको सॉबार नहीॊ ऩाता हॉ औय भयी आॉखो स ननयॊतय परभ की अशरधाया फहन रगती ह | धनम हआ भ ऐस गरदव को ऩाकय ऐस सदगरदव क शरीियणो भ भय फाय-फाय शत-शत परणाभ
-सभारखाॉ ऩानीऩत हरयमाणा
गरदव की कऩा स सॊतानपरानि
भयी शादी को ऩाॉि सार हो गम थ कपय बी कोई सॊतान नहीॊ हई | रोग हभ फहत तान भायत थ | तबी भन-ही-भन ननणगम र मरमा कक ऩजम फाऩ क आशरभ भ जाना ह | जनवयी १९९९ भ परथभ फाय उततयामण मशववय बया औय भॊतरदीा री | अफ गरदव कक कऩा स भझ एक सॊदय फारक पराि हआ ह | ऩजम फाऩजी की इतनी कऩा-करणा दखकय रदम बय आता ह | भ ऩजम फाऩजी स पराथगना कयती हॉ कक मह फारक उनह सभवऩगत कय सकॊ औय मह उनक मोगम फनसक ऐसी सदफवदध हभ द |
-ननभगरा क तड़वी काॊनतबाई हीयाबाई तडवी याभजी भॊटदय क ऩास कायरी फाग वड़ोदया
गरकऩा स जीवनदान
टदनाॊक १५-१-९६ की घटना ह | भन धात क ताय ऩय सखन क मरए कऩड़ परा यख थ |
फारयश होन क कायण उस ताय भ कयॊट आ गमा था | भया छोटा ऩतर ववशार जो कक ११ वीॊ का भ ऩढ़ता ह आकय उस ताय स छ गमा औय बफजरी का कयॊट रगत ही वह फहोश हो गमा शव क सभान हो गमा | हभन उस तयॊत फड़ असऩतार भ दाणखर कयवामा | डॉकटय न फचि की हारत गॊबीय फतामी | ऐसी ऩरयजसथनत दखकय भयी आॉखो स अशरधायाएॉ फह ननकरी | भ ननजानॊद की भसती भ भसत यहन वार ऩजम सदगरदव को भन-ही-भन माद ककमा औय पराथगना कक ह गरदव अफ तो इस फचि का जीवन आऩक ही हाथो भ ह | ह भय परब आऩ जो िाह सो कय सकत ह | औय आणखय भयी पराथगना सपर हई | फचि भ एक नवीन ितना का सॊिाय हआ एवॊ धीय-धीय फचि क सवासम भ
सधाय होन रगा | कछ ही टदनो भ वह ऩणगत सवसथ हो गमा | डॉकटय न तो उऩिाय ककमा रककन जो जीवनदान उस पमाय परब की कऩा स सदगरदव की कऩा स मभरा उसका वणगन कयन क मरए भय ऩास शबद नहीॊ ह | फस ईशवय स भ मही पराथगना कयता हॉ कक ऐस बरहमननषठ सॊत-भहाऩरषो क परनत हभायी शरदधा भ ववदध होती यह | -
डॉ वाम ऩी कारया शाभरदास कॉरज बावनगय गजयात
ऩजम फाऩ जस सॊत दननमा को सवगग भ फदर सकत ह
भई १९९८ क अॊनतभ टदनो भ ऩजमशरी क इॊदौय परवास क दौयान ईयान क ववखमात कफ़जजमशमन शरी फफाक अगरानी बायत भ अधमाजतभक अनबवो की परानि आम हए थ |
ऩजमशरी क दशगन ऩाकय जफ उनहोन अधमाजतभक अनबवो को परीबत होत दखा तो व ऩॊिड़ आशरभ भ आमोजजत धमानमोग मशववय भ बी ऩहॉि गम | शरी अगरानी जो दो टदन रककय वाऩस रौटन वार थ व ऩय गमायह टदन तक ऩॊिड़ आशरभ भ रक यह | उनहोन ववधाथी मशववय भ सायसवतम भॊतर की दीा री एवॊ ववमशषट धमानमोग साधना मशववय (४ -१० जन १९९८) का बी राब मरमा | मशववय क दौयान शरी अगरानी न ऩजमशरी स भॊतरदीा बी र री | ऩजमशरी क साजननधम भ सॊपराि अनबनतमो क फाय भ बतरम सभािाय ऩतर ितना को दी हई बटवाताग भ शरी अगरानी कहत ह मटद ऩजम फाऩ जस सॊत हय दश भ हो जाम तो मह दननमा सवगग फन सकती ह | ऐस शाॊनत स फठ ऩाना हभाय मरए कटठन ह रककन जफ ऩजम फाऩजी जस भहाऩरषो क शरीियणो भ फठकय सतसॊग सनत ह तो ऐसा आनॊद आता ह कक सभम का कछ ऩता ही नहीॊ िरता | सिभि ऩजम फाऩ कोई साधायण सॊत नहीॊ ह |
-शरी फफाक अगरानी ववशवववखमात कफ़जजमशमन ईयान
फाऩजी का साजननधम गॊगा क ऩावन परवाह जसा ह
कर-कर कयती इस बागीयथी की धवर धाया क ककनाय ऩय ऩजम फाऩजी क साजननधम भ फठकय भ फड़ा ही आपहाटदत औय परभटदत हॉ आनॊटदत हॉ योभाॊचित हॊ | गॊगा बायत की सषमना नाड़ी ह | गॊगा बायत की सॊजीवनी ह | शरी ववषणजी क ियणो स ननकरकय बरहमाजी क कभॊड़र औय जटाधय क भाथ ऩय शोबामभान गॊगा बतरमोगमसवदधकायक ह |
ववषणजी क ियणो स ननकरी गॊगा बकतकत मोग की परतीनत कयाती ह औय मशवजी क भसतक ऩय जसथत गॊगा ऻान मोग की उचितय बमभका ऩय आरढ़ होन की खफय दती ह |
भझ ऐसा रग यहा ह कक आज फाऩजी क परविनो को सनकय भ गॊगा भ गोता रगा यहा हॉ कमोकक उनका परविन उनका सजननधम गॊगा क ऩावन परवाह जसा ह | व अरभसत फ़कीय ह | व फड़ सयर औय सहज ह | व जजतन ही ऊऩय स सयर ह उतन ही अॊतय भ गढ़ ह | उनभ टहभारम जसी उचिता ऩववतरता शरषठता ह औय सागयतर जसी गॊबीयता ह |
व याषड की अभपम धयोहय ह | उनह दखकय कवष-ऩयमऩया को फोध होता ह | गौतभ कणाद
जमभनी कवऩर दाद भीया कफीय यदास आटद सफ कबी-कबी उनभ टदखत ह |
य बाई कोई सतगर सॊत कहाव
जो ननन अरख रखाव धयती उखाड़ आकाश उखाड़
अधय भड़मा धाव |
शनम मशखय क ऩाय मशरा ऩय आसन अिर जभाव |
य बाई कोई सतगर सॊत कहाव
एक ऐस ऩावन साजननधम भ हभ फठ ह जो फड़ा दरगब औय सहज मोगसवरऩ ह | ऐस भहाऩरषो क मरए ऩॊकतकतमाॉ माद आ यही ह तभ िरो तो िर धयती िर अॊफय िर दननमा ऐस भहाऩरष िरत ह तो उनक मरए समग िॊर ताय गरह नतर आटद सफ अनकर हो जात ह | ऐस इजनरमातीत गणातीत बावातीत शबदातीत औय सफ अवसथाओॊ स ऩय ककनहीॊ भहाऩरषो क शरीियणो भ जफ फठत ह तो बागवत कहता ह
साधनाॊ दशगनॊ रोक सवगमसवदधकयॊ ऩयभ |
साध क दशगन भातर स वविाय ववबनत ववदवता शकतकत सहजता ननववगषमता परसननता मसवदधमाॉ औय आतभानॊद की परानि होती ह | दश क भहान सॊत महाॉ सहज ही आत ह बायत क सबी शॊकयािामग बी मशववय भ आत ह | अत भय भन भ बी वविाय आमा कक जहाॉ सफ जात ह वहाॉ जाना िाटहए कमोकक मही वह ठोय-टठकाना ह जहाॉ भन का अमबभान मभटामा जा सकता ह | ऐस भहाऩरषो क दशगन स कवर आनॊद औय भसती ही नहीॊ मभरती फजपक वह सफ कछ मभर जाता ह जो अमबरावषत ह आकाॊकषत ह रकषत ह | महाॉ भ करणा क
कभगठता क वववक-वयागम क ऻान क दशगन कय यहा हॉ | वयागम औय बकतकत क यण ऩोषण औय सॊवधगन क मरए मह सिकवषमो का उततभ ऻान भाना जाता ह | आज गॊगा कपय स
साकाय टदख यही ह तो व फाऩजी क वविाय औय वाणी भ टदख यही ह | अरभसतता सहजता उचिता शरषठता ऩववतरतता तीथग-सी शचिता मशश-सी सयरता तरणो-सा जोश वदधो-सा गाॊबीमग औय कवषमो जसा ऻानाफोध भझ जहाॉ हो यहा ह वह मह ऩॊडार ह | इस आनॊदनगय कहॉ मा परभनगय करणा का सागय कहॉ मा वविायो का सभनदय रककन इतना जरय कहॉगा कक भय भन का कोन-कोना आपहाटदत हो यहा ह | आऩ रोग फड़बागी ह जो ऐस भहाऩरष क शरीियणो भ फठ ह जहाॉ बागम का टदरवम रवमकतकतततव का ननभागण होता ह | जीवन की कतकतमता जहाॉ पराि हो सकती ह वह मही दय ह |
मभर तभ मभरी भॊजजर मभरा भकसद औय भददा बी |
न मभर तभ तो यह गमा भददा भकसद औय भॊजजर बी ||
आऩका मह बावयाजम औय परभयाजम दखकय भ िककत बी हॉ औय आनॊद का अनबव बी कय यहा हॉ | आऩक परनत भया ववशवास औय अटट ननषठा फढ़ इस हत भया नभन सवीकाय कय | भझ ऐसा रगता ह कक फाऩजी समग ह औय नायामण सवाभी एक ऐस दीऩ ह जो न फझ सकत ह न जराम जात ह |
-सवाभी अवधशानॊदजी हरयदवाय
सायसवतम भॊतर स हए अदबत राब
भन १९९८ भ ववधाथी उतथान मशववय सोनीऩत भ ऩजम गरदव स सायसवतम भॊतर की दीा री | दीा क फाद ननममभत भॊतरजऩ कयन स भ इतना कशागर फवदधवारा एवॊ सवावरॊफी हो गमा कक भन एक भहीन भ ही टमशन छोड़ दी औय सवमॊ खफ भहनत कयन रगा | भ सकर बी ऩदर आन-जान रगा जजसस भन सकर फस का ककयामा फिा मरमा |
भॊतर जाऩ क परबाव स भझ ९ वीॊ १० वीॊ ११ वीॊ की ऩयीाओॊ भ परथभ सथान पराि हआ |
१२ वीॊ की ऩयीा क सभम भया सवासम खयाफ होन क कायण भ जऩ ठीक स नहीॊ कय सका कपय बी ७९ परनतशत अॊको स ऩास हआ | उसक फाद इॊजजननमरयॊग की ऩरया भ बी उततीणग यहा |
-करदीऩ कभाय डी-२३४ वसट ववनोद नगय टदपरी
भ टदसमफय १९९९ भ छततीसगढ़ क बाटाऩाया भ ऩजम गरदव स सायसवतम भॊतर की दीा
री | ततऩशचात भ ननममभत रऩ स जऩ-धमान- पराणामाभ कयता था जजसस भझ फहत राब हआ | ऩजम फऩजी की कऩा औय सायसवतम भॊतर जाऩ क परबाव स भझ १२ वीॊ की फोड़ग की ऩरया भ ८४६ परनतशत अॊक मभर |
-ववयनर कभाय कौमशक
डोगयगाॉव जज याजनाॊदगाॉव (छग)
बौनतक मग क अॊधकाय भ ऻान की जमोनत ऩजम फाऩ
भादक ननमॊतरण बमयो बायत सयकाय क भहाननदशक शरी एिऩी कभाय ९ भई को अभदावाद आशरभ भ सतसॊग-कामगकरभ क दौयान ऩजम फाऩ स आशीवागद रन ऩहॉि | फड़ी ववनमरता एवॊ शरदधा क साथ उनहोन ऩजम फाऩ क परनत अऩन उदगाय भ कहा जजस रवमकतकत क ऩास वववक नहीॊ ह वह अऩन रकषम तक नहीॊ ऩहॉि सकता ह औय वववक को पराि कयन का साधन ऩजम आसायाभजी फाऩ जस भहान सॊतो का सतसॊग ह | ऩजम फाऩ स भया परथभ ऩरयिम टीवी क भाधमभ स हआ | ततऩशचात भझ आशरभ दवाय परकामशत कवष परसाद भामसक पराि हआ | उस सभम भझ रगा कक एक ओय जहाॉ इस बौनतक मग क अॊधकाय भ भानव बटक यहा ह वहीॊ दसयी ओय शाॊनत की भॊद-भॊद सगॊचधत वाम बी िर यही ह | मह ऩजम फाऩ क सतसॊग का ही परबाव ह | ऩजमशरी क दशगन कयन का जो सौबागम भझ पराि हआ ह इसस भ अऩन को कतकतम भानता हॉ | ऩजम फाऩ क शरीभख स जो अभत वषाग होती ह तथा इनक सतसॊग स कयोड़ो रदमो भ जो जमोनत जगती ह व इसी परकाय स जगती यह औय आन वार रॊफ सभम तक ऩजमशरी हभ सफ का भागगदशगन कयत यह मही भयी काभना ह | ऩजम फाऩ क शरीियणो भ भय परणाभ
-शरी एिऩी कभाय भहाननदशक भादक ननमॊतरण बमयो बायत सयकाय
गरकऩा ऐसी हई कक अॉधय तो कमा दय बी नहीॊ हई
ऩयभ कऩार फाऩजी क शरीियणो भ भय कोटट-कोटट वॊदन भ एक इसभाइरी खवाजा हॉ तथा अऩन धभग भ अकतडग हॉ | िाय वषग ऩवग कछ रोगो दवाया एक सननमोजजत मोजना फनाकय भझ जफयदसती भडगय कस का आयोऩी फना टदमा गमा था | इसस भझ कहीॊ शाॊनत नहीॊ मभर यही थी | २८ पयवयी १९९७ को भझ नागऩय भ आमोजजत फाऩजी क सतसॊग भ जान की परयणा मभरी औय ४ भािग १९९७ को भन फाऩजी स भॊतरदीा री | भ उनस भन-
ही-भन ववनती की कक ह गरदव भझ फिा रो | गरकऩा ऐसी हई कक ७ जनवयी १९९८ को भझ अदारत न ऩाक-साप फयी कय टदमा फाकी छ आयोवऩमो को सजा हई | धनम ह ऐस भय सदगर उनक शरीियणो भ भय कोटट-कोटट वनदन
-यहभान खान ननशान छाफड़ी (बफछआ) जज नछनदवाड़ा (भपर)
भजसरभ भटहरा को पराणदान
२७ मसतमफय २००० को जमऩय भ भय ननवास ऩय ऩजम फाऩ का आतभ-साातकाय टदवस
भनामा गमा जजसभ भय ऩड़ोस की भजसरभ भटहरा नाथी फहन क ऩनत शरी भाॉग खाॉ न बी ऩजम फाऩ की आयती की औय ियणाभत मरमा | ३-४ टदन फाद ही व भजसरभ दॊऩनत खवाजा साटहफ क उसग भ अजभय िर गम | टदनाॊक ४ अकटफय २००० को अजभय क उसग भ असाभाजजक ततवो न परसाद भ जहय फाॉट टदमा जजसस उसग भर भ आम कई दशगनाथी असवसथ हो गम औय कई भय बी गम | भय ऩड़ोस की नाथी फहन न बी वह परसाद खामा औय थोड़ी दय भ ही वह फहोश हो गमी | अजभय भ उसका उऩिाय ककमा गमा ककॊ त उस होश न आमा | दसय टदन ही उसका ऩनत उस अऩन घय र आमा | कॉरोनी क सबी ननवासी उसकी हारत दखकय कह यह थ कक अफ इसका फिना भजशकर ह | भ बी उस दखन गमा | वह फहोश ऩड़ी थी | भ जोय-जोय स हरय ॐ हरय ॐ का उचिायण ककमा तो वह थोड़ा टहरन रगी | भझ परयणा हई औय भ ऩन घय गमा | ऩजम फाऩ स पराथगना की | ३-४ घॊट फाद ही वह भटहरा ऐस उठकय खड़ी हो गमी भानो सोकय उठी हो | उस भटहरा न फतामा कक भय िािा ससय ऩीय ह औय उनहोन भय ऩनत क भॉह स फोरकय फतामा कक तभन २७ मसतमफय २००० को जजनक सतसॊग भ ऩानी वऩमा था उनहीॊ सपद दाढ़ीवार फाफा न तमह फिामा ह कसी करणा ह गरदव की
-जएर ऩयोटहत
८७ सपतान नगय जमऩय (याज)
उस भटहरा का ऩता ह -शरीभती नाथी
ऩतनी शरी भाॉग खाॉ १०० सपतान नगय गजगय की धड़ी नम साॊगानय योड़
जमऩय (याज)
हरयनाभ की पमारी न छड़ामी शयाफ की फोतर
सौबागमवश गत २६ टदसमफय १९९८ को ऩजमशरी क १६ मशषमो की एक टोरी टदपरी स हभाय गाॉव भ हरयनाभ का परिाय-परसाय कयन ऩहॉिी | भ फिऩन स ही भटदयाऩान धमरऩान व मशकाय कयन का शौकीन था | ऩजम फाऩ क मशषमो दवाया हभाय गाॉव भ जगह-जगह ऩय तीन टदन तक रगाताय हरयनाभ का कीतगन कयन स भझ बी हरयनाभ का यॊग रगता जा यहा था | उनक जान क एक टदन क ऩशचात शाभ क सभम योज की बाॊनत भन शयाफ की फोतर ननकारी | जस ही फोतर खोरन क मरए ढककन घभामा तो उस ढककन क घभन स भझ हरय ॐ हरय ॐ की धवनन सनामी दी | इस परकाय भन दो-तीन फाय ढककन घभामा औय हय फाय भझ हरय ॐ की धवनन सनामी दी | कछ दय फाद भ उठा तथा ऩजमशरी क एक मशषम क घय गमा | उनहोन थोड़ी दय भझ ऩजमशरी की अभतवाणी सनामी | अभतवाणी सनन क फाद भया रदम ऩकायन रगा कक इन दरवमगसनो को तमाग दॉ | भन तयॊत फोतर उठामी तथा जोय-स दय खत भ प क दी | ऐस सभथग व ऩयभ कऩार सदगरदव को भ रदम स परणाभ कयता हॉ जजनकी कऩा स मह अनोखी घटना भय जीवन भ घटी जजसस भया जीवन ऩरयवनतगत हआ |
-भोहन मसॊह बफषट
मबखमासन अपभोड़ा (उपर)
ऩय गाॉव की कामाऩरट
ऩजमशरी स टदनाॊक २७६९१ को दीा रन क फाद भन रवमवसनभकतकत क परिाय-परसाय का रकषम फना मरमा | भ एक फाय कौशरऩय (जज शाजाऩय) ऩहॉिा | वहाॉ क रोगो क रवमवसनी औय रड़ाई-झगड़ मकत जीवन को दखकय भन कहा आऩ रोग भनषम-जीवन सही अथग ही नहीॊ सभझत ह | एक फाय आऩ रोग ऩजम फाऩजी क दशगन कय र तो आऩको सही जीवन जीन की कॊ जी मभर जामगी | गाॉव वारो न भयी फात भान री औय दस रवमकतकत भय गाॉव ताजऩय आम | भन एक साधक को उनक साथ जनभाषटभी भहोतसव भ सयत बजा | ऩजम फाऩजी की उन ऩय कऩा फयसी औय सफको गरदीा मभर गमी | जफ व रोग अऩन गाॉव ऩहॉि तो सबी गाॉववामसमो को फड़ा कौतहर था कक ऩजम फाऩजी कस ह फाऩजी की रीराएॉ सनकय गाॉव क अनम रोगो भ बी ऩजम फाऩजी क परनत शरदधा जगी | उन दीकषत साधको न सबी गाॉववारो को सववधानसाय ऩजम फाऩजी क अरग-अरग आशरभो भ
बजकय दीा टदरवा दी | गाॉव क सबी रवमकतकत अऩन ऩय ऩरयवाय सटहत दीकषत हो िक ह | परतमक गरवाय को ऩय गाॉव भ एक सभम बोजन फनता ह | सबी रोग गरवाय का वरत यखत ह | कौशरऩय गाॉव क परबाव स आस-ऩास क गाॉववार एवॊ उनक रयशतदायो सटहत १००० रवमकतकतमो शयाफ छोड़कय दीा र री ह | गाॉव क इनतहास भ तीन-तीन ऩीढ़ी स कोई भॊटदय नहीॊ था | गाॉववारो न ५ राख रऩम रगाकय दो भॊटदय फनवाम ह | ऩया गाॉव रवमवसनभकत एवॊ बगवतबकत फन गमा ह मह ऩजम फाऩजी की कऩा नहीॊ तो औय कमा ह सफक तायणहाय ऩजम फाऩजी क शरीियणो भ कोटट-कोटट परणाभ
-शमाभ परजाऩनत (सऩयवाइजय नतरहन सॊघ) ताजऩय उजजन (भपर)
नतरबफ ॊद का िभतकाय
भया सौबागम ह कक भझ सॊतकऩा नतरबफॊद (आई डरॉपस) का िभतकाय दखन को मभरा |
एक सॊत फाफा मशवयाभदास उमर ८० वषग गीता कटटय तऩोवन झाड़ी सिसयोवय हरयदवाय भ यहत ह | उनकी दाटहनी आॉख क सपद भोनतम का ऑऩयशन शाॉनतकॊ ज हरयदवाय आमोजजत कमऩ भ हआ | कस बफगड़ गमा औय कार भोनतमा फन गमा | ददग यहन रगा औय योशनी घटन रगी | दोफाया बभाननद नतर चिककतसारम भ ऑऩयशन हआ | एबसपमट गरकोभा फतात हए कहा कक ऑऩयशन स मसयददग ठीक हो जामगा ऩय योशनी जाती यहगी | ऩयॊत अफ व फाफा सॊत शरी आसायाभजी आशरभ दवाय ननमभगत सॊतकऩा नतरबफॊद सफह-शाभ डार यह ह | भन उनक नतरो का ऩयीण ककमा | उनकी दाटहनी आॉख भ उॉगरी चगनन रामक योशनी वाऩस आ गमी ह | कार भोनतम का परशय नॉभगर ह | कोननगमा भ सजन नहीॊ ह | व कापी सॊतषट ह | व फतात ह आॉख ऩहर रार यहती थी ऩयॊत अफ नहीॊ ह | आशरभ क नतरबफॊद स कपऩनातीत राब हआ | फामीॊ आॉख भ बी उनह सपद भोनतमा फतामा गमा था औय सॊशम था कक शामद कारा भोनतमा बी ह | ऩय आज फामीॊ आॉख बी ठीक ह औय दोनो आॉखो का परशय बी नॉभगर ह | सपद भोनतमा नहीॊ ह औय योशनी कापी अचछी ह |
मह सॊतकऩा नतरफॊद का ववरण परबाव दखकय भ बी अऩन भयीजो को इसका उऩमोग कयन की सराह दॉगा |
-डॉ अननत कभाय अगरवार (नतरयोग ववशषऻ)
एभफीफीएस एभएस (नतर) डीओएभएस (आई) सीताऩय सहायनऩय (उपर)
ऩजमशरी की तसवीय स मभरी परयणा
सवगसभथग ऩयभ ऩजम शरी फाऩजी क ियणकभरो भ भया कोटट-कोटट नभन १९८४ क बकॊ ऩ स समऩणग उततय बफहाय भ कापी नकसान हआ था जजसकी िऩट भ हभाया घय बी था | ऩरयजसथनतवश भझ नौवी का भ ऩढ़ामी छोड़ दनी ऩड़ी | ककसी मभतर की सराह स भ नौकयी ढॉढ़न क मरए टदपरी गमा रककन वहाॉ बी ननयाशा ही हाथ रगी | भ दो टदन स बखा तो था ही ऊऩय स नौकयी की चिॊता | अत आतभहतमा का वविाय कयक यरव सटशन की ओय िर ऩड़ा | यानीफाग फाजाय भ एक दकान ऩय ऩजमशरी का सतसाटहतम
कसट आटद यखा हआ था एवॊ ऩजमशरी की फड़ आकाय की तसवीय बी टॉगी थी | ऩजमशरी की हॉसभख एवॊ आशीवागद की भरावारी उस तसवीय ऩय भयी नजय ऩड़ी तो १० मभनट तक भ वहीॊ सड़क ऩय स ही खड़-खड़ उस दखता यहा | उस वकत न जान भझ कमा मभर गमा भ काभ बर भजदयी का ही कयता हॉ रककन तफस रकय आज तक भय चितत भ फड़ी परसननता फनी हई ह | न जान भयी जजनदगी की कमा दशा होती अगय ऩजम फाऩजी की मवाधन सया ईशवय की ओय ननजशचनत जीवन ऩसतक औय कवष परसाद ऩबतरका हाथ न रगती ऩजमशरी की तसवीय स मभरी परयणा एवॊ उनक सतसाटहतम न भयी डफती नमा को भानो भझदाय स फिा मरमा | धनबागी ह साटहतम की सवा कयन वार जजनहोन भझ आतभहतमा क ऩाऩ स फिामा |
-भहश शाह
नायामणऩय दभया जज सीताभढ़ी (बफहाय)
भॊतर स राब
भयी भाॉ की हारत अिानक ऩागर जसी हो गमी थी भानो कोई बत-परत-डाककनी मा आसयी ततव उनभ घस गमा | भ फहत चिॊनतत हो गमा एवॊ एक साचधका फहन को पोन ककमा | उनहोन बत-परत बगान का भॊतर फतामा जजसका वणगन आशरभ स परकामशत आयोगमननचध ऩसतक भ बी ह | वह भॊतर इस परकाय ह
ॐ नभो बगवत रर बयवाम बतपरत म कर कर हॊ पट सवाहा |
इस भॊतर का ऩानी भ ननहायकय १०८ फाय जऩ ककमा औय वही ऩानी भाॉ को वऩरा टदमा |
तयॊत ही भाॉ शाॊनत स सो गमीॊ | दसय टदन बी इस भॊतर की ऩाॉि भारा कयक भाॉ को वह जर वऩरामा तो भाॉ बफपकर ठीक हो गमीॊ | ह भय साधक बाई-फहनो बत-परत बगान क
मरए अरा फाॉधॉ फरा फाॉधॉ ऐसा कयक झाड़-फ़ॉ क कयनवारो क िककय भ ऩड़न की जरयत नहीॊ ह | इसक मरए तो ऩजम फाऩजी का भॊतर ही तायणहाय ह | ऩजम फाऩजी क शरीियणो भ कोटट-कोटट परणाभ
-िॊऩकबाई एन ऩटर (अभरयका)
काभ करोध ऩय ववजम ऩामी
एक टदन भॊफई भर भ टटकट िककॊ ग कयत हए भ वातानकमरत फोगी भ ऩहॉिा | दखा तो भखभर की गददी ऩय टाट का आसन बफछाकय सवाभी शरी रीराशाहजी भहायाज सभाचधसथ ह | भझ आशचमग हआ कक जजन परथभ शरणी की वातानकमरत फोचगमो भ याजा-भहायाजा मातरा कयत ह ऐसी फोगी औय तीसयी शरणी की फोगी क फीि इन सॊत को कोई बद नहीॊ रगता | ऐसी फोचगमो भ बी व सभाचधसथ होत ह मह दखकय मसय झक जाता ह | भन ऩजम भहायाजशरी को परणाभ कयक कहा आऩ जस सॊतो क मरए तो सफ एक सभान ह |
हय हार भ एकयस यहकय आऩ भकतकत का आनॊद र सकत ह | रककन हभाय जस गरहसथो को कमा कयना िाटहए ताकक हभ बी आऩ जसी सभता फनाम यखकय जीवन जी सक
ऩजम भहायाजजी न कहा काभ औय करोध को त छोड़ द तो त बी जीवनभकत हो सकता ह | जहाॉ याभ तहॉ नहीॊ काभ जहाॉ काभ तहॉ नहीॊ याभ | औय करोध तो बाई बसभासय ह | वह तभाभ ऩणम को जराकय बसभ कय दता ह अॊतकयण को भमरन कय दता ह | भन कहा परब अगय आऩकी कऩा होगी तो भ काभ-करोध को छोड़ ऩाऊॉ गा | ऩजम भहायाजजी न कहा बाई कऩा ऐस थोड़ ही की जाती ह सॊतकऩा क साथ तया ऩरषाथग औय दढ़ता बी िाटहए | ऩहर त परनतऻा कय कक त जीवनऩमगनत काभ औय करोध स दय यहगा तो भ तझ आशीवागद दॉ | भन कहा भहायाजजी भ जीवनबय क मरए परनतऻा तो करॉ रककन उसका ऩारन न कय ऩाऊॉ तो झठा भाना जाऊॉ गा | ऩजम भहायाजजी न कहा अचछा ऩहर त भय सभ आठ टदन क मरए परनतऻा कय | कपय परनतऻा को एक-एक टदन फढ़त जाना | इस परकाय त उन फराओॊ स फि सकगा | ह कफर भन हाथ जोड़कय कफर ककमा | ऩजम भहायाजजी न आशीवागद दकय दो-िाय पर परसाद भ टदम | ऩजम भहायाजजी न भयी जो दो कभजोरयमाॉ थीॊ उन ऩय ही सीधा हभरा ककमा था | भझ आशचमग हआ कक अनम कोई बी दगगण छोड़न का न कहकय इन दो दगगणो क मरए ही उनहोन परनतऻा कमो कयवामी फाद भ भ इस याज स अवगत हआ |
दसय टदन भ ऩसनजय टरन भ कानऩय स आग जा यहा था | सफह क कयीफ नौ फज थ |
तीसयी शरणी की फोगी भ जाकय भन माबतरमो क टटकट जाॉिन का कामग शर ककमा | सफस
ऩहर फथग ऩय सोम हए एक मातरी क ऩास जाकय भन एक मातरी क ऩास जाकय भन टटकट टदखान को कहा तो वह गससा होकय भझ कहन रगा अॊधा ह दखता नहीॊ कक भ सो गमा हॉ भझ नीॊद स जगान का तझ कमा अचधकाय ह मह कोई यीत ह टटकट क फाय भ ऩछन की ऐसी ही अकर ह तयी ऐसा कछ-का-कछ वह फोरता ही गमा फोरता ही गमा | भ बी करोधाववषट होन रगा ककॊ त ऩजम भहायाजजी क सभ री हई परनतऻा भझ माद थी अत करोध को ऐस ऩी गमा भानो ववष की ऩकतड़मा भन उस कहा भहाशम आऩ ठीक ही कहत ह कक भझ फोरन की अकर नहीॊ ह बान नहीॊ ह | दखो भय म फार धऩ भ सपद हो गम ह | आऩभ फोरन की अकर अचधक ह नमरता ह तो कऩा कयक मसखाओॊ कक टटकट क मरए भझ ककस परकाय आऩस ऩछना िाटहए | भ रािाय हॉ कक डमटी क कायण भझ टटकट िक कयना ऩड़ यहा ह इसमरए भ आऩको कषट द यहा हॉ|
औय कफ़य भन खफ परभ स हाथ जोड़कय ववनती की बमा कऩा कयक कषट क मरए भझ भा कयो | भझ अऩना टटकट टदखामग भयी नमरता दखकय वह रजजजत हो गमा एवॊ तयॊत उठ फठा | जपदी-जपदी नीि उतयकय भझस भा भाॉगत हए कहन रगा भझ भाप कयना | भ नीॊद भ था | भन आऩको ऩहिाना नहीॊ था | अफ आऩ अऩन भॉह स भझ कह कक आऩन भझ भाफ़ ककमा मह दखकय भझ आनॊद औय सॊतोष हआ | भ सोिन रगा कक सॊतो की आऻा भानन भ ककतनी शकतकत औय टहत ननटहत ह सॊतो की करणा कसा िभतकारयक ऩरयणाभ राती ह वह रवमकतकत क पराकनतक सवबाव को बी जड़-भर स फदर सकती ह | अनमथा भझभ करोध को ननमॊतरण भ यखन की कोई शकतकत नहीॊ थी | भ ऩणगतमा असहाम था कपय बी भझ भहायाजजी की कऩा न ही सभथग फनामा | ऐस सॊतो क शरीियणो भ कोटट-कोटट नभसकाय
-शरी यीजभर
रयटामडग टीटी आई कानऩय
अनम अनबव
जरा हआ कागज
ऩवग रऩ भ एक फाय ऩयभहॊस ववशदधानॊदजी स आनॊदभमी भाॉ की ननकटता ऩानवार सपरमसदध ऩॊकतडत गोऩीनाथ कववयाज न ननवदन ककमा तयणीकानत ठाकय को अरौककक मसवदध पराि हई ह | व बफना दख मा बफना छए ही कागज भ मरखी हई फात ऩढ़ रत ह |
गरदव फोर तभ एक कागज ऩय कछ मरखो औय उसभ आग रगाकय जरा दो |
कववयाजजी न कागज ऩय कछ मरखा औय ऩयी तयह कागज जराकय हवा भ उड़ा टदमा |
उसक फाद गरदव न अऩन तककम क नीि स वही कागज ननकारकय कववयाजजी क आग यख टदमा | मह दखकय उनह फड़ा आशचमग हआ कक मह कागज वही था एवॊ जो उनहोन मरखा था वह बी उस ऩय उनहीॊ क सरख भ मरखा था औय साथ ही उसका उततय बी मरखा हआ दखा | जड़ता ऩशता औय ईशवयता का भर हभाया शयीय ह | जड़ शयीय को भ-भया भानन की ववतत जजतनी मभटती ह ऩाशवी वासनाओॊ की गराभी उतनी हटती ह औय हभाया ईशवयीम अॊश जजतना अचधक ववकमसत होता ह उतना ही मोग-साभमग ईशवयीम साभमग परकट होता ह | बायत क ऐस कई बकतो सॊतो औय मोचगमो क जीवन भ ईशवयीम साभमग दखा गमा ह अनबव ककमा गमा ह उसक ववषम भ सना गमा ह | धनम ह बायतबमभ भ यहनवार बायतीम सॊसकनत भ शरदधा-ववशवास यखनवार अऩन ईशवयीम अॊश को जगान की सवा-साधना कयनवार सवाभी ववशदधानॊदजी वषो की एकाॊत साधना औय वषो-वषो की गरसवा स अऩना दहाधमास औय ऩाशवी वासनाएॉ मभटाकय अऩन ईशवयीम
अॊश को ववकमसत कयनवार बायत क अनक भहाऩरषो भ स थ | उनक जीवन की औय बी अरौककक घटनाओॊ का वणगन आता ह | ऐस सतऩरषो क जीवन-िरयतर औय उनक जीवन भ घटटत घटनाएॉ ऩढ़न-सनन स हभ रोग बी अऩनी जड़ता एवॊ ऩशता स ऊऩय उठकय ईशवयीम अॊश को उबायन भ उतसाटहत होत ह | फहत ऊॉ िा काभ ह फड़ी शरदधा फड़ी सभझ फड़ा धमग िाटहए ईशवयीम साभमग को ऩणग रऩ स ववकमसत कयन भ | अफ आओ
िर आदय शॊकयािामग की ओय
नदी की धाया भड़ गमी
आदय शॊकयािामग की भाता ववमशषटा दवी अऩन करदवता कशव की ऩजा कयन जाती थीॊ | व ऩहर नदी भ सनान कयतीॊ औय कफ़य भॊटदय भ जाकय ऩजन कयतीॊ | एक टदन व परातकार ही ऩजन-साभगरी रकय भॊटदय की ओय गमीॊ ककॊ त सामॊकार तक घय नहीॊ रौटीॊ | शॊकयािामग की आम अबी सात-आठ वषग क भधम भ ही थी | व ईशवय क ऩयभ बकत औय ननषठावान थ | सामॊकार तक भाता क वाऩस न रौटन ऩय आिामग को फड़ी चिनता हई औय व उनह खोजन क मरए ननकर ऩड़ | भॊटदय क ननकट ऩहॉिकय उनहोन भाता को भागग भ ही भजचछगत ऩड़ दखा | उनहोन फहत दय तक भाता का उऩिाय ककमा तफ व होश भ आ सकीॊ |
नदी अचधक दय थी | वहाॉ तक ऩहॉिन भ भाता को फड़ा कषट होता था | आिामग न बगवान स भन-ही-भन पराथगना की कक परबो ककसी परकाय नदी की धाया को भोड़ दो जजसस कक
भाता ननकट ही सनान कय सक | व इस परकाय की पराथगना ननतम कयन रग | एक टदन उनहोन दखा कक नदी की धाया ककनाय की धयती को काटती-काटती भड़न रगी ह तथा कछ टदनो भ ही वह आिामग शॊकय क घय क ऩास फहन रगी | इस घटना न आिामग का अरौककक शकतकतसमऩनन होना परमसदध कय टदमा |
सकषभ शयीय स िोय का ऩीछा ककमा
हरयहय फाफा की फड़ी परमसवदध थी | एक फाय व हयऩारऩय सटशन ऩय थ | वहाॉ क सटशन भासटय न उनको एक िोय सऩदग ककमा | िोय न फाफा स कहा भहायाज भझ इतनी छटटी द दीजजम कक भ अऩन फार-फचिो का परफॊध कय आऊॉ | फाफा गाड़ी आन ऩय रौट आना | िोय िरा गमा | सटशन भासटय को ऩता िरा तो वह फाफा ऩय गभग हआ औय फोरा उसक फदर तमह जर की हवा खानी होगी | तभन जान-फझकय उस बगा टदमा ह | फाफा घफयाओ भत गाड़ी आन स ऩहर ही वह रौट आमगा | िोय की नीमत ठीक नहीॊ थी | वह जॊगर क भागग स अऻात सथान को बाग जाना िाहता था ककॊ त उस हय सभम मही परतीत होता यहा कक हरयहय फाफा डॊडा पटकायत हए उसक ऩीछ-ऩीछ िर आ यह ह | इसीमरए वह गाड़ी आन स ऩहर ही रौट आमा |
भॊगरी फाधा-ननवायण भॊतर
अॊ याॊ अॊ
इस भॊतर को १०८ फाय जऩन स करोध दय होता ह | जनभकनडरी भ भॊगरी मोग होन स जजनक वववाह न हो यह हो व २७ भॊगरवाय इस भॊतर का १०८ फाय जऩ कयत हए वरत यखकय हनभानजी ऩय मसॊदय का िोरा िढ़ाम | इसस भॊगर-फाधा का म होता ह |
सखऩवगक परसवकायक भॊतर
ऩहरा उऩाम
एॊ हीॊ बगवनत बगभामरनन िर िर भराभम भराभम ऩषऩॊ ववकासम ववकासम सवाहा |
इस भॊतर दवाया अमबभॊबतरत दध गमबगणी सतरी को वऩराम तो सखऩवगक परसव होगा |
दसया उऩाम
गमबगणी सतरी सवमॊ परसव क सभम जमबरा-जमबरा जऩ कय |
तीसया उऩाम
दशी गाम क गोफय का १२ स १५ मभरी यस ॐ नभो नायामणाम भॊतर का २१ फाय जऩ कयक ऩीन स बी परसव-फाधाएॉ दय होगी औय बफना ऑऩयशन क परसव होगा |
परसनत क सभम अभॊगर की आशॊका हो तो ननमन भॊतर का जऩ कय
सवगभॊगर भाॊगपम मशव सवागथग साचधक |
शयणम तरममफक गौयी नायामणी नभोSसतत ||
(दगागसिशती)
शकतकतशारी व गोय ऩतर की परानि क मरए
सगबागवसथा भ ढाक (ऩराश खाखया) का एक कोभर ऩतता घोटकय गौ-दगध क साथ योज सवन कयन स फारक शकतकतशारी औय गोया होता ह | भाता-वऩता बर कार-करट हो कपय बी फारक गोया होगा |
सदगर-भटहभा
गर बफन बव ननचध तय न कोई |
जौ फयॊचि सॊकय सभ होई ||
-सॊत तरसीदासजी
हरयहय आटदक जगत भ ऩजमदव जो कोम |
सदगर की ऩजा ककम सफकी ऩजा होम ||
-ननशचरदासजी भहायाज
सहजो कायज सॊसाय को गर बफन होत नाॉही |
हरय तो गर बफन कमा मभर सभझ र भन भाॉही ||
-सॊत कफीयजी सॊत
सयनन जो जन ऩय सो जन उधयनहाय | सॊत की ननॊदा नानका फहरय फहरय अवताय ||
-गर नानक दवजी
गरसवा सफ बागमो की जनभबमभ ह औय वह शोकाकर रोगो को बरहमभम कय दती ह |
गररऩी समग अववदयारऩी याबतर का नाश कयता ह औय ऻानाऻान रऩी मसतायो का रोऩ कयक फवदधभानो को आतभफोध का सटदन टदखाता ह |
-सॊत ऻानशवय भहायाज
सतम क कॊ टकभम भागग भ आऩको गर क मसवाम औय कोई भागगदशगन नहीॊ द सकता |
- सवाभी मशवानॊद सयसवती
ककतन ही याजा-भहायाजा हो गम औय होग सामजम भकतकत कोई नहीॊ द सकता | सचि याजा-भहायाज तो सॊत ही ह | जो उनकी शयण जाता ह वही सचिा सख औय सामजम भकतकत ऩाता ह |
-सभथग शरी याभदास सवाभी
भनषम िाह ककतना बी जऩ-तऩ कय मभ-ननमभो का ऩारन कय ऩयॊत जफ तक सदगर की कऩादवषट नहीॊ मभरती तफ तक सफ रवमथग ह |
-सवाभी याभतीथग
परटो कहत ह कक सकयात जस गर ऩाकय भ धनम हआ |
इभसगन न अऩन गर थोयो स जो पराि ककमा उसक भटहभागान भ व बावववबोय हो जात थ |
शरी याभकषण ऩयभहॊस ऩणगता का अनबव कयानवार अऩन सदगरदव की परशॊसा कयत नहीॊ अघात थ |
ऩजमऩाद सवाभी शरी रीराशाहजी भहायाज बी अऩन सदगरदव की माद भ सनह क आॉस
फहाकय गदगद कॊ ठ हो जात थ |
ऩजम फाऩजी बी अऩन सदगरदव की माद भ कस हो जात ह मह तो दखत ही फनता ह |
अफ हभ उनकी माद भ कस होत ह मह परशन ह | फटहभगख ननगय रोग कछ बी कह साधक को अऩन सदगर स कमा मभरता ह इस तो साधक ही जानत ह |
रडी भाटटगन क सहाग की या कयन अपगाननसतान भ परकट मशवजी
साध सॊग सॊसाय भ दरगब भनषम शयीय |
सतसॊग सववत ततव ह बतरववध ताऩ की ऩीय ||
भानव-दह मभरना दरगब ह औय मभर बी जाम तो आचधदववक आचधबौनतक औय आधमाजतभक म तीन ताऩ भनषम को तऩात यहत ह | ककॊ त भनषम-दह भ बी ऩववतरता हो सचिाई हो शदधता हो औय साध-सॊग मभर जाम तो म बतरववध ताऩ मभट जात ह |
सन १८७९ की फात ह | बायत भ बबरटटश शासन था उनहीॊ टदनो अॊगरजो न अपगाननसतान ऩय आकरभण कय टदमा | इस मदध का सॊिारन आगय भारवा बबरटटश छावनी क रजफ़टनट कनगर भाटटगन को सौऩा गमा था | कनगर भाटटगन सभम-सभम ऩय मदध-तर स अऩनी ऩतनी को कशरता क सभािाय बजता यहता था | मदध रॊफा िरा औय अफ तो सॊदश आन बी फॊद हो गम | रडी भाटटगन को चिॊता सतान रगी कक कहीॊ कछ अनथग न हो गमा हो अपगानी सननको न भय ऩनत को भाय न डारा हो | कदाचित ऩनत मदध भ शहीद हो गम तो भ जीकय कमा करॉ गी -मह सोिकय वह अनक शॊका-कशॊकाओॊ स नघयी यहती थी |
चिनतातय फनी वह एक टदन घोड़ ऩय फठकय घभन जा यही थी | भागग भ ककसी भॊटदय स आती हई शॊख व भॊतर धवनन न उस आकवषगत ककमा | वह एक ऩड़ स अऩना घोड़ा फाॉधकय भॊटदय भ गमी | फजनाथ भहादव क इस भॊटदय भ मशवऩजन भ ननभगन ऩॊकतडतो स उसन ऩछा आऩ रोग कमा कय यह ह एक वरदध बराहमण न कहा हभ बगवान मशव का ऩजन कय यह ह | रडी भाटटगन मशवऩजन की कमा भहतता ह बराहमण फटी बगवान मशव तो औढयदानी ह बोरनाथ ह | अऩन बकतो क सॊकट-ननवायण कयन भ व तननक बी दय नहीॊ कयत ह | बकत उनक दयफाय भ जो बी भनोकाभना रकय क आता ह उस व शीघर ऩयी कयत ह ककॊ त फटी तभ फहत चिजनतत औय उदास नजय आ यही हो कमा फात ह रडी भाटटगन भय ऩनतदव मदध भ गम ह औय ववगत कई टदनो स उनका कोई
सभािाय नहीॊ आमा ह | व मदध भ पॉ स गम ह मा भाय गम ह कछ ऩता नहीॊ िर यहा | भ उनकी ओय स फहत चिजनतत हॉ | इतना कहत हए रडी भाटटगन की आॉख नभ हो गमीॊ |
बराहमण तभ चिनता भत कयो फटी मशवजी का ऩजन कयो उनस पराथगना कयो रघररी कयवाओ | बगवान मशव तमहाय ऩनत का यण अवशम कयग |
ऩॊकतडतो की सराह ऩय उसन वहाॉ गमायह टदन का ॐ नभ मशवाम भॊतर स रघररी अनषठान परायॊब ककमा तथा परनतटदन बगवान मशव स अऩन ऩनत की या क मरए पराथगना कयन रगी कक ह बगवान मशव ह फजनाथ भहादव मटद भय ऩनत मदध स सकशर रौट आम तो भ आऩका मशखयफॊद भॊटदय फनवाऊॉ गी | रघररी की ऩणागहनत क टदन बागता हआ एक सॊदशवाहक मशवभॊटदय भ आमा औय रडी भाटटगन को एक मरपापा टदमा | उसन घफयात-घफयात वह मरपापा खोरा औय ऩढ़न रगी |
ऩतर भ उसक ऩनत न मरखा था हभ मदध भ यत थ औय तभ तक सॊदश बी बजत यह रककन आक ऩठानी सना न घय मरमा | बबरटटश सना कट भयती औय भ बी भय जाता |
ऐसी ववकट ऩरयजसथनत भ हभ नघय गम थ कक पराण फिाकय बागना बी अतमाचधक कटठन था | इतन भ भन दखा कक मदधबमभ भ बायत क कोई एक मोगी जजनकी फड़ी रमफी जटाएॉ ह हाथ भ तीन नोकवारा एक हचथमाय (बतरशर) इतनी तीवर गनत स घभ यहा था कक ऩठान सननक उनह दखकय बागन रग | उनकी कऩा स घय स हभ ननकरकय ऩठानो ऩय वाय कयन का भौका मभर गमा औय हभायी हाय की घकतड़माॉ अिानक जीत भ फदर गमीॊ | मह सफ बायत क उन फाघामफयधायी एवॊ तीन नोकवारा हचथमाय धायण ककम हए
(बतरशरधायी) मोगी क कायण ही समबव हआ | उनक भहातजसवी रवमकतकततव क परबाव स दखत-ही-दखत अपगाननसतान की ऩठानी सना बाग खड़ी हई औय व ऩयभ मोगी भझ
टहमभत दत हए कहन रग | घफयाओॊ नहीॊ | भ बगवान मशव हॉ तथा तमहायी ऩतनी की ऩजा स परसनन होकय तमहायी या कयन आमा हॉ उसक सहाग की या कयन आमा हॉ |
ऩतर ऩढ़त हए रडी भाटटगन की आॉखो स अववयत अशरधाया फहती जा यही थी उसका रदम अहोबाव स बय गमा औय वह बगवान मशव की परनतभा क समभख मसय यखकय पराथगना कयत-कयत यो ऩड़ी | कछ सिाह फाद उसका ऩनत कनगर भाटटगन आगय छावनी रौटा | ऩतनी न उस सायी फात सनात हए कहा आऩक सॊदश क अबाव भ भ चिजनतत हो उठी थी रककन बराहमणो की सराह स मशवऩजा भ रग गमी औय आऩकी या क मरए बगवान मशव स पराथगना कयन रगी | उन द खबॊजक भहादव न भयी पराथगना सनी औय आऩको सकशर रौटा टदमा | अफ तो ऩनत-ऩतनी दोनो ही ननममभत रऩ स फजनाथ भहादव क भॊटदय भ ऩजा-अिगना कयन रग | अऩनी ऩतनी की इचछा ऩय कनगर भाटटगन भ सन १८८३
भ ऩॊरह हजाय रऩम दकय फजनाथ भहादव भॊटदय का जीणोदवाय कयवामा जजसका मशरारख आज बी आगय भारवा क इस भॊटदय भ रगा ह | ऩय बायतबय भ अॊगरजो दवाय ननमभगत मह एकभातर टहनद भॊटदय ह |
मयोऩ जान स ऩवग रडी भाटटगन न ऩकतड़तो स कहा हभ अऩन घय भ बी बगवान मशव का भॊटदय फनामग तथा इन द ख-ननवायक दव की आजीवन ऩजा कयत यहग |
बगवान मशव भ बगवान कषण भ भाॉ अमफा भ आतभवतता सदगर भ सतता तो एक ही ह | आवशमकता ह अटर ववशवास की | एकररवम न गरभनत ग भ ववशवास कय वह पराि कय मरमा जो अजगन को कटठन रगा | आरणण उऩभनम रव परहराद आटद अनम सकड़ो उदायहण हभाय साभन परतम ह | आज बी इस परकाय का सहमोग हजायो बकतो को साधको को बगवान व आतभवतता सदगरओॊ क दवाया ननयनतय पराि होता यहता ह | आवशमकता ह तो फस कवर ववशवास की |
भहाभतमॊजम भॊतर
ॐ हौ जॉ स |
ॐ बबगव सव |
ॐ तरममफकॊ मजाभह सगॊचध ॊ ऩवषटवधगनभ |
उवागरकमभव फनधनानभतमोभगीम भाभतात |
सव भव ब ॐ |
स जॉ हौ ॐ |
बगवान मशव का मह भहाभतमॊजम जऩन स अकार भतम तो टरती ही ह आयोगमता की बी परानि होती ह | सनान कयत सभम शयीय ऩय रोट स ऩानी डारत वकत इस भॊतर का जऩ कयन स सवासम-राब होता ह | दध भ ननहायत हए इस भॊतर का जाऩ ककमा जाम औय कपय वह दध ऩी मरमा जम तो मौवन की सया भ बी सहामता मभरती ह | आजकर की तज यफ़तायवारी जजनदगी भ कहाॉ आतॊक उऩरव दघगटना हो जाम कहना भजशकर ह | घय स ननकरत सभम एक फाय मह भॊतर जऩनवारा इन उऩदरवो स सयकषत यहता ह औय सयकषत घय रौटता ह | (इस भॊतरानषठान क ववचध-ववधान की ववसतत जानकायी क मरए आशरभ दवाया परकामशत आयोगमननचध ऩसतक ऩढ़ |) शरीभदबागवत क आठव सकॊ ध भ तीसय अधमाम क शलोक १ स ३३ तक भ वणणगत गजनरभो सतोतर का ऩाठ कयन स तभाभ
ववधन दय होत ह |
हए रोकसबा अचधवशन क कायण थोड़ी-फहत ननयाशा ऩदा हई थी ककनत यात को रखनऊ भ ऩणम-परविन सनत ही वह ननयाशा बी आज दय हो गमी | फाऩजी न भानव-जीवन क ियभ रकषम भकतकत-शकतकत की परानि क मरम ऩरषाथग ितषटम बकतकत क मरम समऩणग की बावना तथा ऻान बकतकत औय कभग तीनो का उपरख ककमा ह | बकतकत भ अहॊकाय का कोई सथान नहीॊ ह | ऻान अमबभान ऩदा कयता ह | बकतकत भ ऩणग सभऩगण होता ह | १३ टदन क शासनकार क फाद भन कहा भया जो कछ ह तया ह | मह तो फाऩजी की कऩा ह कक शरोता को वकता फना टदमा औय वकता को नीि स ऊऩय िढ़ा टदमा | जहाॉ तक उऩय िढ़ामा ह वहाॉ तक उऩय फना यहॉ इसकी चिनता बी फाऩजी को कयनी ऩडगी | याजनीनत की याह फडी यऩटीरी ह | जफ नता चगयता ह तो मह नहीॊ कहता कक भ चगय गमा फजपक कहता हहय हय गॊग | फाऩजी क परविन सनकय फड़ा आननद आमा | भ रोकसबा का सदसम होन क नात अऩनी ओय स एवॊ रखनऊ की जनता कक ओय स फाऩजी क ियणो भ ववनमर होकय नभन कयना िाहता हॉ | उनका आशीवागद हभ मभरता यह उनक आशीवागद स परयणा ऩाकय फर पराि कयक हभ कतगरवम क ऩथ ऩय ननयनतय िरत हए ऩयभ वबव को पराि कय मही परब स पराथगना ह |
-शरी अटरबफहायी वाजऩमी परधानभॊतरी बायत सयकाय
ऩयभ ऩजम सॊत शरी आसायाभजी फाऩ क कऩा-परसाद स ऩरयपराववत रदमो क उदगाय
ऩ फाऩ याषडसख क सॊवधगक ऩजम फाऩ दवाया टदमा जानवारा ननतकता का सॊदश दश क
कोन-कोन भ जजतना अचधक परसारयत होगा जजतना अचधक फढ़गा उतनी ही भातरा भ याषडसख का सॊवधगन होगा याषड की परगनत होगी | जीवन क हय तर भ इस परकाय क सॊदश की जरयत ह |
-शरी रारकषण आडवाणी उऩपरधानभॊतरी एवॊ कनरीम गरहभनतरी बायत सयकाय
याषड उनका कणी ह
बायत क बतऩवग परधानभॊतरी शरी िनरशखय टदपरी क सवणग जमॊती ऩाकग भ २५ जराई १९९९ को फाऩजी की अभतवाणी का यसासवादन कयन क ऩशचात फोर आज ऩजम फाऩ की टदरवम वाणी का राब रकय भ धनम हो गमा | सॊतो की वाणी न हय मग भ नमा सॊदश टदमा ह नमी परयणा जगामी ह | करह ववरोह औय दवष स गरसत वतगभान वातावयण भ फाऩ जजस तयह सतम करणा औय सॊवदनशीरता क सॊदश का परसाय कय यह ह इसक मरम याषड उनका कणी ह |
-शरी िनरशखय बतऩव परधानभॊतरी बायत सयकाय
सतसॊग-शरवण स भय रदम की सपाई हो गमी
ऩजमशरी क दशगन कयन व आशीवागद रन हत आम हए उततय परदश क ततकारीन याजमऩार शरी सयजबान न कहा सभशानबभी स आन क फाद हभ रोग शयीय की शवदध क मरम सनान कय रत ह | ऐस ही ववदशो भ जान क कायण भझ ऩय दवषत ऩयभाण रग गम थ
ऩयॊत वहाॊ स रौटन क फाद मह भया ऩयभ सौबागम ह कक भहायाजशरी क दशगन व ऩावन सतसॊग कयन स भय चितत की सपाई हो गमी | ववदशो भ यह यह अनको बायतवासी ऩजम फाऩ क परविनो को परतम मा ऩयो रऩ स सन यह ह | भया मह सौबागम ह कक भझ महाॊ भहायाजशरी को सनन का सअवसय पराि हआ ह |
-शरी सयजबान
ततकारीन याजमऩार उततय परदश
ऩजम फाऩ जीवन को सखभम फनान का भागग फता यह ह
गजयात क ततकारीन भखमभॊतरी शरी कशबाई ऩटर ११ भई को ऩजम फाऩ क दशगन कयन अभदावाद आशरभ ऩहॉि | सतसॊग सनन क फाद उनहोन बावऩणग वाणी भ कहा भ तो ऩजम फाऩ क दशगन कयन क मरम आमा था ककनत फड़ सौबागम स दशगन क साथ ही सतसॊग का राब बी मभरा | जीवन भ अधमाजतभकता क साथ सहजता कस राम तथा भनषम सखी एवॊ ननयोगी जीवन ककस परकाय बफताम इस गहन ववषम को ककतनी सयरता
स ऩजम फाऩ न हभ सभझामा ह ईशवय-परदतत इस भनषम-जनभ को सखभम फनन का भागग ऩजम फाऩ हभ फता यह ह | बायतीम सॊसकनत भ ननटहत सतम की ओय िरन की परयणा हभ द यह ह | एक वजशवक कामग ईशवयीम कामग जजस सवमॊ बगवान को कयना ह वह कामग आज ऩजम फाऩजी कय यह ह | फाऩ को भय शत-शत परणाभ |
-शरी कशबाई ऩटर
ततकारीन भखमभॊतरी गजयात याजम
धयती तो फाऩजी जस सॊतो क कायण टटकी ह
भझ सतसॊग भ आन का भौका ऩहरी फाय मभरा ह औय ऩजम फाऩजी स एक अदबत फात भझ औय आऩ सफको सनन को मभरी ह वह ह परभ की फात | इस सवषट का जो भर ततव ह वह ह परभ | मह परभ नाभ का ततव मटद न हो तो सवषट नषट हो जामगी | रककन सॊसाय भ कोई परभ कयना नहीॊ जानता मा तो बगवान पमाय कयना जानत ह मा सॊत पमाय कयना जानत ह | जजसको सॊसायी रोग अऩनी बाषा भ परभ कहत ह उसभ तो कहीॊ-न-कहीॊ सवाथग जडा होता ह रककन बगवान सॊत औय गर का परभ ऐसा होता ह जजसको हभ सिभि परभ की ऩरयबाषा भ फाॊध सकत ह | भ मह कह सकती हॉ कक साध-सॊतो को दश की सीभाम नहीॊ फाॊधतीॊ | जस नटदमो की धायाएॉ दश औय जानत औय सॊपरदाम की सीभाओॊ भ नहीॊ फॊधता | कमरमग भ रदम की ननषकऩटता ननसवाथग परभ तमाग औय तऩसमा का म होन रगा ह कपय बी धयती टटकी ह तो फाऩ इसमरए कक आऩ जस सॊत बायतबमभ ऩय ववियण कयत ह | फाऩ की कथा भ ही भन मह ववशषता दखी ह कक गयीफ औय अभीय दोनो को अभत क घॊट एक जस ऩीन को मभरत ह | महाॊ कोई बदबाव नहीॊ ह |
-सशरी उभा बायती भखमभॊतरी भधम परदश
हभ सफको बकत फनन की ताकत मभर
भ तो ऩजम फाऩजी क शरीियणो भ परणाभ कयन आमा हॊ | बकतकत स फड़ी कोई ताकत नहीॊ होती औय बकत हय कोई फन सकता ह | हभ सफको बकत फनन की ताकत मभर | भ सभझता हॊ कक सॊतो क आशीवागद ही हभ सफकी ऩॊजी होती ह |
-नयनर भोदी भखमभॊतरी गजयात याजम
सही ऊजाग फाऩजी स मभरती ह
गजयात सयकाय न भझ ऊजागभॊतरी का ऩद सौऩा ह ऩय सही आजतभक ऊजाग भझ ऩजम फाऩजी स मभरती ह |
-शरी कौमशकबाई ऩटर
ततकारीन ऊजागभॊतरी वतगभान भ याजसव व नागरयक आऩनतग भॊतरी गजयात याजम
भ तो फाऩजी का एक साभानम कामगकताग हॊ
टदपरी भ आमोजजत ऩजमशरी क सतसॊग-कामगकरभ क दौयान टदपरी क ततकारीन भखमभॊतरी शरी साटहफ मसॊह वभाग सतसॊग-शरवण हत आभ बकतो क फीि आ फठ | सतसॊग-शरवण क ऩशचात उनहोन ऩजम फाऩ को भाथा टककय परणाभ ककमा भापमाऩगण क साथ सवागत कयक उनका आशीवागद पराि ककमा | एक सॊत क परनत रोगो की शरदधा तडऩ सतसॊग-परभ
उनका परभऩणग रवमवहाय अनशासन व बायतीमता को दखकय भखमभॊतरीशरी गदगद हो उठ |
उनहोन फाय-फाय टदपरी ऩधायन क मरम ऩजम फाऩ स पराथगना की औय कहा आज भ ऩजम फाऩजी क दशगन व सतसॊग-शरवण कयक ऩावन हो गमा हॉ | भ भहसस कयता हॉ कक ऩयभ सॊतो क जफ दशगन होत ह औय उनक ऩावन शयीय स जो तयॊग ननकरती ह व जजसको बी छ जाती ह उसकी फहत-सी कमभमाॉ दय हो जाती ह | भ िाहता हॊ कक भयी सबी कमभमाॉ दय हो जाम | भ तो ऩजम फाऩजी का एक साभानम सा कामगकताग हॊ | ऩजम फाऩजी की कऩा हभशा भझ ऩय फनी यह एसी भयी काभना ह | भया ऩयभ सौबागम ह की भझ आऩक दशगन का आऩक आशीवागद पराि कयन का अवसय मभरा |
-शरी साटहफ मसॊह वभाग कनरीम शरभ भॊतरी बायत सयकाय
भ कभनसीफ हॊ जो इतन सभम तक गरवाणी स वॊचित यहा
ऩयभ ऩजम गरदव क शरीियणो भ सादय परणाभ भन अबी तक भहायाजशरी का नाभ बय सना था | आज दशगन कयन का अवसय मभरा ह रककन भ अऩन आऩ को कभनसीफ
भानता हॊ कमोकक दय स आन क कायण इतन सभम तक गरदव की वाणी सनन स वॊचित यहा | अफ भयी कोमशश यहगी कक भ भहायाजशरी की अभत वाणी सनन का हय अवसय मथासभम ऩा सकॊ | भ ईशवय स मही पराथगना कयता हॊ कक व हभ ऐसा भौका द कक हभ गर की वाणी सनकय अऩन आऩको सधाय सक | गरजी क शरीियणो भ सादय सभवऩगत होत हए भधम परदश की जनता की ओय स पराथगना कयता हॊ कक गरदव आऩ इस भधम परदश भ फाय-फाय ऩधाय औय हभ रोगो को आशीवागद दत यह ताकक ऩयभाथग क उस कामग भ जो आऩन ऩय दश भ ही नहीॊ दश क फाहय बी परामा ह भधम परदश क रोगो को बी जड़न का जमादा-स-जमादा अवसय मभर |
-शरी टदजगवजम मसॊह
ततकारीन भखमभॊतरी भधम परदश
इतनी भधय वाणी इतना अदबत ऻान
भ अऩनी ओय स तथा महाॊ उऩजसथत सबी भहानबावो की ओय स ऩयभ शरदधम सॊतमशयोभणण फाऩजी का हाटदगक सवागत कयता हॊ | भन कई फाय टी वी ऩय आऩको दखा-सना ह औय टदपरी भ एक फाय आऩका परविन बी सना ह | इतनी भधय वाणी इतना अदबत ऻान अगय आऩ क परविन ऩय गहयाई स वविाय कयक अभर ककमा जाम तो इॊसान को ज ॊदगी भ सही यासता मभर सकता ह | व रोग धनबागी ह जो इस मग भ ऐस भहाऩरष क दशगन व सतसॊग स अऩन जीवन-सभन णखरात ह |
-शरी बजनरार
ततकारीन भखम भॊतरी हरयमाणा
ऐस सॊतो का तो जजतना आदय ककमा जाम कभ ह
ककसी न भझ स कहा था धमान की कसट रगाकय सोमग तो सवपन भ गरदव क दशगन होग भन उसी यात धमान की कसट रगामी औय सनत-सनत सो गमा | उस वकत याबतर क फायह-साढ़ फायह फज होग | वकत का ऩता नहीॊ िरा | ऐसा रगा भानो ककसी न भझ उठा टदमा | भ गहयी नीॊद स उठा एवॊ गरजी की रऩ वार फ़ोटो की तयफ़ टकटकी रगाकय एक-दो मभनट तक दखता यहा | इतन भ आशचमग टऩ अऩन-आऩ िर ऩड़ी औय कवर मह तीन वाकम सनन को मभर आतभा ितनम ह | शयीय जड़ ह | शयीय ऩय अमबभान भत कयो | टऩ सवत फॊद हो गमी औय ऩय कभय भ मह आवाज गॊज उठी |
दसय कभय भ भयी ऩतनी की बी आॊख खर गमी औय उसन तो महाॊ तक भहसस ककमा जस कोई िर यहा ह व गरजी क मसवाम औय कोई हो ही नहीॊ सकत | भन कभय की राइट जरामी औय दौड़ता हआ ऩतनी क ऩास गमा | भन ऩछासना वह फोरी हाॊ | उस सभम सफह क ठीक िाय फज थ | सनान कयक भ धमान भ फठा तो डढ़ घणट तक फठा यहा | इतना रॊफा धमान तो भया कबी नहीॊ रगा | इस घटना क फाद तो ऐसा रगता ह कक गरजी साात बरहमसवरऩ ह | उनको जो जजस रऩ भ दखता ह वस ही टदखत ह |
भया मभतर ऩाशचातम वविायधाया वारा ह | उसन गरजी का परविन सना औय फोरा भझ तो म एक फहत अचछ रकियय रगत ह | भन कहा आज जरय इस ऩय गरजी कछ कहग |
मह सयत आशरभ भ भनामी जा यही जनभाषटभी क सभम की फात ह | हभ कथा भ फठ |
गरजी न कथा क फीि भ कहाकछ रोगो को भ रकियय टदखता हॊ कछ को परोफ़सय टदखता हॊ कछ को गर टदखता हॊ कछ को बगवान टदखता हॊजो भय ऩय जसी शरदधा यखता ह उस भ वसा ही टदखता हॊ औय वसा ही वह भझ ऩाता ह | भय मभतर का मसय शभग स झक गमा | कपय बी वह नाजसतक तो था ही | उसन हभाय ननवास ऩय भजाक भ गरजी क मरए कछ कहा तफ भन कहा | मह ठीक नहीॊ ह | अफ की फाय भान जा नहीॊ तो गरजी सजा दग तझ | १५ मभनट भ ही उसक घय स फ़ोन आ गमा कक फचि की तबफमत फहत खयाफ ह | उस असऩतार भ दाणखर कयना ऩड़ यहा ह | तफ भय मभतर की सयत दखन रामक थी | वह फोरागरती हो गमी | अफ भ गरजी क मरए कछ न कहॊगा भझ िाह ववशवास हो मा न हो | अखफायो भ गरजी की ननॊदा मरखनवार अऻानी रोग नहीॊ जानत कक जो भहाऩरष बायतीम सॊसकनत को एक नमा रऩ द यह ह कई सॊतो की वाणणमो को ऩनजीववत कय यह ह रोगो क शयाफ-कफाफ छड़वा यह ह जजनस सभाज का कपमाण हो यहा ह उनक ही फाय भ हभ हपकी फात मरख यह ह | मह हभाय दश क मरए फहत ही शभगनाक फात ह | ऐस सॊतो का तो जजतना आदय ककमा जाम वह कभ ह | गरजी क फाय भ कछ बी फखान कयन क मरए भय ऩास शबद नहीॊ ह |
-डा सतवीय मसॊह छाफड़ा फीफीईएभ आकाशवाणी इनदौय
आऩकी कऩा स मोग की अणशकतकत ऩदा हो यही ह
अनक परकाय की ववकनतमाॉ भानव क भन ऩय साभाजजक जीवन ऩय सॊसकाय औय सॊसकनत ऩय आकरभण कय यही ह | वसतत इस सभम सॊसकनत औय ववकनत क फीि एक भहासॊघषग िर यहा ह जो ककसी सयहद क मरए नहीॊ फजपक सॊसकायो क मरए रड़ा जा यहा ह | इस
भ सॊसकनत को जजतान का फभ ह मोगशकतकत | ह गरदव आऩकी कऩा स इस मोग की टदरवम अणशकतकत राखो रोगो भ ऩदा हो यही हमह सॊसकनत क सननक फन यह ह | गरदव भ आऩस पराथगना कयता हॊ कक शासन क अॊदय बी धभग औय वयागम क सॊसकाय उतऩनन हो | आऩ स आशीवागद पराि कयन क मरए भ आऩक ियणो भ आमा हॊ |
-शरी अशोकबाई बटट
काननभॊतरी गजयात याजम
भझ ननरवमगसनी फना टदमा
भ वऩछर कई वषो स तमफाक का रवमसनी था औय इस दगगण को छोड़न क मरए भन ककतन ही परमतन ककम ऩय भ ननषपर यहा | जनवयी ९५ भ ऩजम फाऩ जफ परकाशा आशरभ (भहा) ऩधाय तो भ बी उनक दशगनाथग वहाॊ ऩहॊिा औय उनस अनयोध ककमा फाऩ ववगत ३२ वषो स तमफाक का सवन कय यहा हॉ | अनक परमतनो क फाद बी इस दगगण स भ भकत ना हो सका | अफ आऩ ही कछ कऩा कीजजए | फाऩजी न कहा राओ तमफाक की कतडबफी औय तीन फाय थककय कहो कक आज स भ तमफाक नहीॊ खाऊॊ गा | भन ऩजम फाऩ क ननदशानसाय मही ककमा औय भहान आशचमग उसी टदन स भया तमफाक खान का रवमसन छट गमा | ऩजम फाऩ की ऐसी कऩा दजषत हमी कक वषग ऩया होन ऩय बी भझ कबी तमफाक खान की तरफ तक नहीॊ रगी | भ ककन शबदो भ ऩजम फाऩ का आबाय रवमकत करॊ भय ऩास शबद ही नहीॊ ह | भझ आनॊद ह कक इन याषड सॊत न फयफाद व नषट होत हए भय जीवन को फिा कय भझ ननरवमसगनी फना टदमा |
-शरी रखन बटवार
जज धमरमा भहायाषड
फाऩजी क सतसॊग स ववशव बय क रोग राबाजनवत
बायतबमभ सदव स ही कवष-भननमो तथा सॊत-भहातभाओॊ की बमभ यही ह जजनहोन ववशव को शाॊनत एवॊ आधमातभ का सॊदश टदमा ह | आज क मग भ ऩजम सॊत शरी आसायाभजी अऩनी अभत वाणी दवाया टदरवम आधमाजतभक सॊदश द यह ह जजसस न कवर बायत वयन ववशव बय भ रोग राबाजनवत हो यह ह |
-शरी सयजीत मसॊह फयनारा याजमऩार आनर परदश
ऻानरऩी गॊगाजी सवमॊ फहकय महाॉ आ गमी
उततयाॊिर याजम का सौबागम ह कक इस दवबभी भ दवता सवरऩ ऩजम फाऩजी का आशरभ फन यहा ह | आऩ ऐसा आशरभ फनाम जसा कहीॊ बी न हो | मह हभ रोगो का सौबागम ह कक अफ ऩजम फाऩजी की ऻानरऩी गॊगाजी सवमॊ फहकय महाॊ आ गमी ह | अफ गॊगा जाकय दशगन कयन व सनान कयन की उतनी आवशमकता नहीॊ ह जजतनी सॊत शरी आसायाभजी फाऩ क ियणो भ फठकय उनक आशीवागद रन की ह |
-शरी ननतमानॊद सवाभीजी ततकारीन भखमभॊतरी उततयाॊिर
गरजी की तसवीय न पराण फिा मरम
कछ ही टदनो ऩहर भया दसया फटा एभ ए ऩास कयक नौकयी क मरम फहत जगह घभा फहत जगह आवदन-ऩतर बजा ककनत उस नौकयी नहीॊ मभरी | कपय उसन फाऩजी स दीा री | भन आशरभ का कछ साभान कसट सतसाटहतम राकय उसको दत हए कहा शहय भ जहाॉ भॊटदय ह जहाॉ भर रगत ह तथा जहाॉ हनभानजी का परमसदध दकषणभखी भॊटदय ह वहाॊ सटार रगाओ | फट न सटार रगाना शर ककमा | ऐस ही एक सटार ऩय जरगाॊव क एक परमसदध रवमाऩायी अगरवारजी आम फाऩजी की कछ कसट खयीदीॊ औय ईशवय की ओय नाभक ऩसतक बी साथ भ र गम ऩसतक ऩढ़ी औय कसट सनी | दसय टदन व कपय आम औय कछ सतसाटहतम खयीद कय र गम व ऩान क थोक ववकरता ह | उनको ऩान खान की आदत ह | ऩसतक ऩढ़कय उनह रगा भ ऩान छोड़ दॉ | उनकी दकान ऩय एक आदभी आमा | ऩाॊिसौ रऩमो का साभान खयीदा औय उनका पोन नमफय र गमा | एक घॊट क फाद उसन दकान ऩय पोन ककमा सठ अगरवारजी भझ आऩका खन कयन का काभ सौऩा गमा था | कापी ऩस (सऩायी) बी टदम गम थ औय भ तमाय बी हो गमा था ऩय जफ भ आऩकी दकान ऩय ऩहॊिा तो ऩयभ ऩजम सॊत शरी आसायाभजी फाऩ क चितर ऩय भयी नजय ऩड़ी | भझ ऐसा रगा भानो साात फाऩ फठ हो औय भझ नक इनसान फनन की परयणा द यह हो गरजी की तसवीय न (तसवीय क रऩ भ साात गरदव न आकय) आऩक पराण फिा मरम | अदबत िभतकाय ह भमफई की ऩाटी न उसको ऩस बी टदम थ औय वह आमा बी था खन कयन क इयाद स ऩयनत जाको याख साॊइमाॉ चितर क दवाय बी अऩनी कऩा फयसान वार ऐस गरदव क परतम दशगन कयन क मरम वह महाॉ बी आमा ह
|
-फारकषण अगरवार
जरगाॊव भहायाषड
सदगर मशषम का साथ कबी नहीॊ छोड़त
एक यात भ दकान स सकटय दवाया अऩन घय जा यहा था | सकटय की कतडककी भ कापी रऩम यख हए थ | जमो ही घय क ऩास ऩहॊिा तो गरी भ तीन फदभाश मभर | उनहोन भझ घय मरमा औय वऩसतौर टदखामी | सकटय रकवाकय भय मसय ऩय तभॊि का फट भाय टदमा औय धकक भाय कय भझ एक तयप चगया टदमा | उनहोन सोिा होगा कक भ अकरा हॊ ऩय मशषम जफ सदगर स भॊतर रता ह शरदधा-ववशवास यखकय उसका जऩ कयता ह तफ सदगर उसका साथ नहीॊ छोड़त | भन सोिा कतडककी भ फहत रऩम ह औय म फदभाश तो सकटय र जा यह ह | भन गरदव स पराथगना की | इतन भ व तीनो फदभाश सकटय छोड़कय थरा र बाग | घय जाकय खोरा होगा तो सबजी औय खारी टटकफ़न दखकय मसय कटा ऩता नहीॊ ऩय फड़ा भजा आमा होगा | भय ऩस फि गमउनका सबजी का खिग फि गमा |
-गोकरिनर गोमर
आगया
गरकऩा स अॊधाऩन दय हआ
भझ गरकोभा हो गमा था | रगबग ऩतीस सार स मह तकरीफ़ थी | कयीफ छ सार तक तो भ अॊधा यहा | कोरकाता िननई आटद सफ जगहो ऩय गमा शॊकय नतरारम भ बी गमा ककनत वहाॊ बी ननयाशा हाथ रगी | कोरकाता क सफस फड़ नतर-ववशषऻ क ऩास गमा | उसन बी भना कय टदमा औय कहा | धयती ऩय ऐसा कोई इनसान नहीॊ जो तमह ठीक कय सक | रककन सयत आशरभ भ भझ गरदव स भॊतर मभरा | वह भॊतर भन खफ शरदधा-ववशवासऩवगक जऩा कमोकक सात बरहमसवरऩ गरदव स वह भॊतर मभरा था | कयीफ छ-सात भहीन ही जऩ हआ था कक भझ थोड़ा-थोड़ा टदखामी दन रगा | डॉकटय कहत थ कक तभको भराॊनत हो गमी ह ऩय भझ तो अफ बी अचछी तयह टदखता ह | एक फाय एक अनम बॊमकय दघगटना स बी गरदव न भझ फिामा था | ऐस गरदव का कण हभ जनभो-जनभो तक नहीॊ िका सकत |
-शॊकयरार भहशवयी
कोरकाता
औय डकत घफयाकय बाग गम
१४ जराई ९९ को कयीफ साढ़ तीन फज भय भकान भ छ डकत घस आम औय उस सभम दबागगम स फाहय का दयवाजा खरा हआ था | दो डकत फाहय भारनत िार यखकय खड़ थ | एक डकत न धकका दकय भयी भाॉ का भॉह फॊद कय टदमा औय अरभायी की िाफी भाॉगन रगा | इस घटना क दौयान भ दकान ऩय था | भयी ऩतनी को बी डकत धभकान रग औय आवाज न कयन को कहा | भयी ऩतनी न ऩजम फाऩजी क चितर क साभन हाथ जोड़कय पराथगना की अफ आऩ ही या कयो इतना ही कहा तो आशचमग आशचमग ऩयभ आशचमग व सफ डकत घफयाकय बागन रग | उनकी हड़फड़ाहट दखकय ऐसा रग यहा था भानो उनह कछ टदखामी नहीॊ द यहा था | व बाग गम | भया ऩरयवाय गरदव का कणी ह |
फाऩजी क आशीवागद स सफ सकशर ह | हभन १५ नवमफय ९८ को वायाणसी भ भॊतरदीा री थी |
-भनोहयरार तरयजा ४ झररार नगय मशवाजी नगय वायाणसी
भॊतर दवाया भतदह भ पराण-सॊिाय
भ शरी मोग वदानत सवा समभनत आभट स जीऩ दवाया यवाना हआ था | ११ जराई १९९४ को भधमानह फायह फज हभायी जीऩ ककसी तकनीकी तरटट क कायण ननमॊतरण स फाहय होकय तीन ऩजपटमाॉ खा गमी | भया ऩया शयीय जीऩ क नीि दफ गमा | ककसी तयह भझ फाहय ननकारा गमा | एक तो दफरा ऩतरा शयीय औय ऊऩय स ऩयी जीऩ का वजन ऊऩय आ जान क कायण भय शयीय क परतमक टहसस भ असहय ददग होन रगा | भझ ऩहर तो कसरयमाजी असऩतार भ दाणखर कयामा गमा | जमो-जमो उऩिाय ककमा गमा कषट फढ़ता ही गमा कमोकक िोट फाहय नहीॊ शयीय क बीतयी टहससो भ रगी थी औय बीतय तक डॉकटयो का कोई उऩिाय काभ नहीॊ कय यहा था | जीऩ क नीि दफन स भया सीना व ऩट ववशष परबाववत हए थ औय हाथ-ऩय भ काॉि क टकड़ घस गम थ | ददग क भाय भझ साॉस रन भ बी तकरीप हो यही थी | ऑकसीजन टदम जान क फाद बी दभ घट यहा था औय भतम की घकतडमाॉ नजदीक टदखामी ऩड़न रगीॊ | भ भयणासनन जसथनत भ ऩहॉि गमा | भया भतम-
परभाणऩतर फनान की तमारयमाॉ कक जान रगीॊ व भझ घय र जान को कहा गमा | इसक ऩवग भया मभतर ऩजम फाऩ स फ़ोन ऩय भयी जसथनत क समफनध भ फात कय िका था |
पराणीभातर क ऩयभ टहतषी दमार सवबाव क सॊत ऩजम फाऩ न उस एक गि भॊतर परदान कयत हए कहा था कक ऩानी भ ननहायत हए इस भॊतर का एक सौ आठ फाय (एक भारा) जऩ कयक वह ऩानी भनोज को एवॊ दघगटना भ घामर अनम रोगो को बी वऩरा दना |
जस ही वह अमबभॊबतरत जर भय भॉह भ डारा गमा भय शयीय भ हरिर होन क साथ ही वभन हआ | इस अदबत िभतकाय स ववजसभत होकय डॉकटयो न भझ तयॊत ही ववशष भशीनो क नीि र जाकय मरटामा | गहन चिककतसकीम ऩयीण क फाद डॉकटयो को ऩता िरा कक जीऩ क नीि दफन स भया ऩया खन कारा ऩड़ गमा था तथा नाड़ी-िारन (ऩपस) रदमगनत व यकत परवाह बी फॊद हो िक थ | भय शयीय का समऩणग यकत फदर टदमा गमा तथा आऩयशन बी हआ | उसक ७२ घॊट फाद भझ होश आमा | फहोशी भ भझ कवर इतना ही माद था की भय बीतय ऩजम फाऩ दवाया परदतत गरभॊतर का जऩ िर यहा ह | होश भ आन ऩय डॉकटयो न ऩछा तभ आऩयशन क सभम फाऩफाऩ ऩकाय यह थ | म फाऩ कौन ह भन फतामा व भय गरदव परात सभयणीम ऩयभ ऩजम सॊत शरी असायाभजी फाऩ ह | डॉकटयो न ऩन भझस परशन ककमा कमा तभ कोई रवमामाभ कयत हो भन कहा भ अऩन गरदव दवाया मसखामी गमी ववचध स आसन व पराणामाभ कयता हॉ | व फोर
इसीमरम तमहाय इस दफर-ऩतर शयीय न मह सफ सहन कय मरमा औय तभ भयकय बी ऩन जजनदा हो उठ दसया कोई होता तो तयॊत घटनासथर ऩय ही उसकी हडकतडमाॉ फाहय ननकर जातीॊ औय वह भय जाता | भय शयीय भ आठ-आठ नमरमाॉ रगी हई थीॊ | ककसीस खन िढ़ यहा था तो ककसी स कबतरभ ऑकसीजन टदमा जा यहा था | मदयवऩ भय शयीय क कछ टहससो भ अबी-बी काॉि क टकड़ भौजद ह रककन गरकऩा स आज भ ऩणग सवसथ
होकय अऩना रवमवसाम व गरसवा दोनो कामग कय यह हॉ | भया जीवन तो गरदव का ही टदमा हआ ह | इन भॊतरदषटा भहवषग न उस टदन भय मभतर को भॊतर न टदमा होता तो भया ऩनजीवन तो समबव नहीॊ था | ऩजम फाऩ भानव-दह भ टदखत हए बी अनत असाधायण भहाऩरष ह | टमरफ़ोन ऩय टदम हए उनक एक भॊतर स ही भय भत शयीय भ ऩन पराणो का सॊिाय हो गमा तो जजन ऩय फाऩ की परतम दवषट ऩड़ती होगी व रोग ककतन बागमशारी होत होग ऐस दमार जीवनदाता सदगर क शरीियणो भ कोटट-कोटट दॊडवत परणाभ
-भनोज कभाय सोनी जमोनत टरसग रकषभी फाजाय आभट याजसथान
सदगरदव की कऩा स नतरजमोनत वाऩस मभरी
भयी दाटहनी आॉख स कभ टदखामी दता था तथा उसभ तकरीफ़ बी थी | धमानमोग मशववय टदपरी भ ऩजम गरदव भवा फाॉट यह थ तफ एक भवा भयी दाटहनी आॉख ऩय आ रगा | आॉख स ऩानी ननकरन रगा | ऩय आशचमग दसय ही टदन स आॉख की तकरीप मभट गमी औय अचछी तयह टदखामी दन रगा |
-याजकरी दवी असनाऩय रारगॊज अजाया जज परताऩगढ़ उततय परदश
फड़दादा की मभटटी व जर स जीवनदान
अगसत ९८ भ भझ भररयमा हआ | उसक फाद ऩीमरमा हो गमा | भय फड़ बाई न आशरभ स परकामशत आयोगमननचध ऩसतक भ स ऩीमरमा का भॊतर ऩढ़कय ऩीमरमा तो उताय टदमा ऩयॊत कछ ही टदनो फाद अॊगरजी दवाओॊ क रयएन स दोनो ककडननमाॉ पर (ननजषकरम) हो गई | भया हाटग (रदम) औय रीवय (मकत) बी पर होन रग | डॉकटयो न तो कह टदमा मह रड़का फि नहीॊ सकता | कपय भझ गोटदमा स नागऩय हॉजसऩटर भ र जामा गमा रककन वहाॉ बी डॉकटयो न जवाफ द टदमा कक अफ कछ नहीॊ हो सकता | भय बाई भझ वहीॊ छोड़कय सयत आशरभ आम वदयजी स मभर औय फड़दादा की ऩरयकरभा कयक पराथगना की तथा वहाॉ की मभटटी औय जर मरमा | ८ तायीख को डॉकटय भयी ककडनी फदरन वार थ |
जफ भय बाई फड़दादा को पराथगना कय यह थ तबी स भझ आयाभ मभरना शर हो गमा था | बाई न ७ तायीख को आकय भझ फड़दादा कक मभटटी रगाई औय जर वऩरामा तो भयी दोनो ककडनीमाॉ सवसथ हो गमी | भझ जीवनदान मभर गमा | अफ भ बफपकर सवसथ हॉ |
-परवीण ऩटर
गोटदमा भहायाषड
ऩजम फाऩ न प का कऩा-परसाद
कछ वषग ऩवग ऩजम फाऩ याजकोट आशरभ भ ऩधाय थ | भझ उन टदनो ननकट स दशगन कयन का सौबागम मभरा | उस सभम भझ छाती भ एनजामना ऩकतटोरयस क कायण ददग यहता था | सतसॊग ऩया होन क फाद कछ रोग ऩजम फाऩ क ऩास एक-एक कयक जा यह थ | भ कछ पर-पर नहीॊ रामा था इसमरए शरदधा क पर मरम फठा था | ऩजम फाऩ
कऩा-परसाद प क यह थ कक इतन भ एक िीक भयी छाती ऩय आ रगा औय छाती का वह ददग हभशा क मरए मभट गमा |
-अयववॊदबाई वसावड़ा याजकोट
एक छोटी थरी फनी अमऩातर
सन १९९२ भ यतराभ (भपर) क ऩास सराना क आटदवासी ववसताय भ बॊडाय का आमोजन था | बॊडाय भ सवाएॉ दन फहत-स साधक आम हए थ | आशरभवासी बाई बी ऩहॉि थ | एक टदन का ही आमोजन था औय सतसॊग-कामगकरभ बी था | उस बॊडाय भ गयीफो क मरए बोजन क अरावा फतगन कऩड़ अनाज औय दकषणा (ऩस) फाॉटन की बी रवमवसथा की गमी थी | भय टहसस ऩस फाॉटन की सवा थी | भन ऩाॉि रऩमोवार सौ-सौ नोटो क ऩिीस फॊडर चगनकय थरी भ यख थ | भझ आदश टदमा गमा था आठ सवाधायी ननमकत कय रो | व रोग ऩाॉि रऩम क नोट फाॉटत जामग | भन आठ सवमॊसवको को ऩहरी फाय आठ फॊडर द टदम | कपय ऩॊरह-फीस मभनट क फाद भन दसयी फाय आठो को एक-एक फॊडर टदमा | कपय तीसयी फाय आठो को एक-एक फॊडर टदमा | कर २४ फॊडर गम | अफ दसयी ऩॊकतकत बोजन क मरए बफठामी गमी | भन आठो सवमॊसवको को ऩहरी की बाॉनत तीन फाय एक-एक फॊडर फाॉटन क मरए टदमा | कर ४८ फॊडर गम | बॊडाया ऩया होन क फाद भन सोिा िरो अफ टहसाफ कय र | भ चगनन फठा | भय ऩास ६ फॊडर फि थ | मह कस
भ दॊग यह गमा भन ऩस फाॉटनवारो स ऩछा तो उनहोन फतामा कक कर ४८ फॊडर फाॉट गम थ | भ आशरभ आमा तो रवमवसथाऩक न कहा भन तो आऩको २५ फॊडर टदम थ |
सफको आशचमग हो यहा था कक फॉट ४८ फॊडर औय रकय िर थ २५ फॊडर | २५ भ स ४८ फॉट औय ६ फि गम गरदव का आशीवागद दणखम कक एक छोटी-सी थरी अम ऩातर फन गमी
-ईशवयबाई नामक
अभदावाद आशरभ
फटी न भनौती भानी औय गरकऩा हई
भयी फटी को शादी ककम आठ सार हो गम थ | ऩहरी फाय जफ वह गबगवती हई तफ फचिा ऩट भ ही भय गमा | दसयी फाय फचिी जनभी ऩय छ भहीन भ वह बी िर फसी |
कपय भयी ऩतनी न फटी स कहा अगय त सॊकपऩ कय कक जफ तीसयी फाय परसती होगी तफ तभ फारक की जीब ऩय फाऩजी क फतान क भताबफक bdquoॐ‟ मरखोगी तो तया फारक जीववत यहगा ऐसा भझ ववशवास ह कमोकक ॐकाय भॊतर भ ऩयभानॊदसवरऩ परब ववयाजभान ह | भयी फटी न इस परकाय भनौती भानी औय सभम ऩाकय वह गबगवती हई | सोनोगराफ़ी कयवामी गमी तो डॉकटयो न फतामा गबग भ फचिी ह औय उसक टदभाग भ ऩानी बया हआ ह | वह जजॊदा नहीॊ यह सकगी | गबगऩात कयवा दो | भयी फटी न अऩनी भाॉ स सराह की | उसकी भाॉ न कहा गबगऩात का भहाऩाऩ नहीॊ कयवाना ह | जो होगा दखा जामगा |
गरदव कऩा कयग | जफ परसती हई तो बफपकर पराकनतक ढ़ॊग स हई औय उस फचिी की जीब ऩय शहद एवॊ मभशरी स ॐ मरखा गमा | आज वह बफपकर ठीक ह | जफ उसकी डॉकटयी जाॉि कयवामी गमी तो डॉकटय आशचमग भ ऩड़ गम सोनोगराफ़ी भ जो फीभारयमाॉ टदख यही थीॊ व कहाॉ िरी गमीॊ टदभाग का ऩानी कहाॉ िरा गमा टहनदजा हॉजसऩटरवार मह करयशभा दखकय दॊग यह गम अफ घय भ जफ कोई दसयी कोई कसट िरती ह तो वह फचिी इशाया कयक कहती ह ॐवारी कसट िराओ | वऩछरी ऩनभ को हभ भॊफई स टाटा सभो भ आ यह थ | फाढ़ क ऩानी क कायण यासता फॊद था | हभ सोि भ ऩड़ गम कक ऩनभ का ननमभ टटगा | हभन गरदव का सभयण ककमा | इतन भ हभाय डराइवय न हभस ऩछा जान दॉ हभन बी गरदव का सभयण कयक कहा जान दो औय हरय हरय ॐ कीतगन की कसट रगा दो | गाड़ी आग िरी | इतना ऩानी कक हभ जहाॉ फठ थ वहाॉ तक ऩानी आ गमा | कपय बी हभ गरदव क ऩास सकशर ऩहॉि गम औय उनक दशगन ककम|
-भयायीरार अगरवार
साॊताकरज भॊफई
औय गरदव की कऩा फयसी
जफस सयत आशरभ की सथाऩना हई तफस भ गरदव क दशगन कयत आ यहा हॉ उनकी अभतवाणी सनता आ यहा हॉ | भझ ऩजमशरी स भॊतरदीा बी मभरी ह | परायबधवश एक टदन भय साथ एक बमॊकय दघगटना घटी | डॉकटय कहत थ आऩका एक हाथ अफ काभ नहीॊ कयगा | भ अऩना भानमसक जऩ भनोफर स कयता यहा | अफ हाथ बफपकर ठीक ह | उसस भ ७० ककगरा वजन उठा सकता हॉ | भयी सभसमा थी कक शादी होन क फाद भझ कोई सॊतान नहीॊ थी | डॉकटय कहत थ कक सॊतान नहीॊ हो सकती | हभ रोगो न गरकऩा एवॊ गरभॊतर का सहाया मरमा धमानमोग मशववय भ आम औय गरदव की कऩा फयसी | अफ
हभायी तीन सॊतान ह दो ऩबतरमाॉ औय एक ऩतर | गरदव न ही फड़ी फटी का नाभ गोऩी औय फट का नाभ हरयककशन यखा ह | जम हो सदगरदव की
-हॉसभख काॊनतरार भोदी ५७ अऩना घय सोसामटी सॊदय योड़ सयत
कसट-शरवण स बकतकत का सागय टहरोय रन रगा
भ हय सार गमभगमो भ कबी फरीनाथ तो कबी कदायनाथ तो कबी गॊगोतरी आटद तीथो भ जाता यहता था | रवषकश भ एक दकान क ऩास खड़ यहन ऩय भझ ऩजम गरदव की अभतवाणी की कसट भो का भागग भौत की भौत तीन फात आटद दखन-सनन को मभरीॊ तो भन म कसट खयीद रीॊ | घय ऩहॉिकय कसट सनन क फाद रदम भ बकतकत का सागय टहरोय रन रगा | भझ ऐसा रगा भानो कोई भझ फरा यहा हो | दकान जात सभम ऐसा आबास हआ कक कोई ऩवग आनवारा ह औय भझ अभदावाद जाना होगा उसी टदन अभदावाद आशरभ स भय ऩतर का जवाफ आमा कक टदनाॊक १२ को गरऩनभ का ऩवग ह |
आऩ गरदव क दशगन कय सकत ह | हभ सऩरयवाय आशरभ ऩहॉि | दशगन कयक धनम हए |
दीा ऩाकय कताथग हए | अफ तो हय भहीन जफ तक गरदव क दशगन नहीॊ कयता तफ तक भझ ऐसा रगता ह कक भन कछ खो टदमा ह | दीा क फाद साधन-बजन फढ़ यहा ह बकतकत फढ़ यही ह | ऩहर सॊसाय भ सपरता-ववपरता की जो िोट रगती थी अफ उनका परबाव कभ हआ ह | ववषम-ववकायो का परबाव कभ हआ ह | जान जीव तफ जागा हरय ऩद रचि ववषम ववरास ववयागा भय जीवन भ सॊत तरसीदासजी क इन विनो का समोदम हो यहा ह |
-मशवकभाय तरसमान
गोयखऩय उततय परदश
गरदव न बजा अमऩातर
हभ परिायमातरा क दौयान गरकऩा का जो अदबत अनबव हआ वह अवणगनीम ह | मातरा की शरआत स ऩहर टदनाॊक ८-११-९९ को हभ ऩजम गरदव क आशीवागद रन गम |
गरदव न कामगकरभ क ववषम भ ऩछा औय कहा ऩॊिड़ आशरभ (यतराभ) भ बॊडाया था |
उसभ फहत साभान फि गमा ह | गाड़ी बजकय भॉगवा रना गयीफो भ फाॉटना | हभ झाफआ जजर क आस-ऩास क गयीफ आटदवासी इराको भ जानवार थ | वहाॉ स यतराभ क
मरए गाड़ी बजी | चगनकय साभान बया गमा | दो टदन िर उतना साभान था | एक टदन भ दो बॊडाय होत थ | अत िाय बॊडाय का साभान था | सफन खपर हाथो फतगन कऩड़ साकतड़माॉ धोती आटद साभान छ टदनो तक फाॉटा कपय बी साभान फिा यहा | सफको आशचमग हआ हभ रोग साभान कपय स चगनन रग ऩयॊत गरदव की रीरा क ववषम भ कमा कह
कवर दो टदन िर उतना साभान छ टदनो तक खपर हाथो फाॉटा कपय बी अॊत भ तीन
फोय फतगन फि गम भानो गरदव न अमऩातर बजा हो एक टदन शाभ को बॊडाया ऩया हआ तफ दखा कक एक ऩतीरा िावर फि गमा ह | कयीफ १००-१२५ रोग खा सक उतन िावर थ | हभन सोिा िावर गाॉव भ फाॊट दत ह | ऩयॊत गरदव की रीरा दखो एक गाॉव क फदर ऩाॉि गाॉवो भ फाॉट कपय बी िावर फि यह | आणखय याबतर भ ९ फज क फाद सवाधारयमो न थककय गरदव स पराथगना की कक गरदव अफ जॊगर का ववसताय ह हभ ऩय कऩा कयो | औय िावर खतभ हए | कपय सवाधायी ननवास ऩय ऩहॉि |
-सॊत शरी आसायाभजी बकतभॊडर
कतायगाभ सयत
सवपन भ टदम हए वयदान स ऩतरपरानि
भय गरहसथ जीवन भ एक-एक कयक तीन कनमाएॉ जनभी | ऩतरपरानि क मरए भयी धभगऩतनी न गरदव स आशीवागद पराि ककमा था | िौथी परसनत होन क ऩहर जफ उसन वरसाड़ भ सोनोगराफ़ी कयवामी तो रयऩोटग भ रड़की फतामा गमा | मह सनकय हभ ननयाश हो गम |
एक यात ऩतनी को सवपन भ गरदव न दशगन टदम औय कहा फटी चिॊता भत कय |
घफयाना भत धीयज यख | रड़का ही होगा | हभन सयत आशरभ भ फड़दादा की ऩरयकरभा कयक भनौती भानी थी वह बी फ़रीबत हई औय गरदव का बरहमवाकम बी सतम साबफत हआ जफ परसनत होन ऩय रड़का हआ | सबी गरदव की जम-जमकाय कयन रग |
-सनीर कभाय याधशमाभ िौयमसमा दीऩकवाड़ी ककपरा ऩायड़ी जज वरसाड़
शरी आसायाभामण क ऩाठ स जीवनदान
भया दस वषीम ऩतर एक यात अिानक फीभाय हो गमा | साॉस बी भजशकर स र यहा था |
जफ उस हॉजसऩटर भ बती ककमा तफ डॉकटय फोर | फचिा गॊबीय हारत भ ह | ऑऩयशन कयना ऩड़गा | भ फचि को हॉजसऩटर भ ही छोड़कय ऩस रन क मरए घय गमा औय घय
भ सबी को कहा ldquoआऩ रोग शरी आसायाभामण का ऩाठ शर कयो |rdquo ऩाठ होन रगा |
थोड़ी दय फाद भ हॉजसऩटर ऩहॉिा | वहाॉ दखा तो फचिा हॉस-खर यहा था | मह दख भयी औय घयवारो की खशी का टठकाना न यहा मह सफ फाऩजी की असीभ कऩा गर-गोववनद की कऩा औय शरी आसायाभामण-ऩाठ का पर ह |
-सनीर िाॊडक
अभयावती भहायाषड
गरवाणी ऩय ववशवास स अवणीम राब
शादी होन ऩय एक ऩतरी क फाद सात सार तक कोई सॊतान नहीॊ हई | हभाय भन भ ऩतरपरानि की इचछा थी | १९९९ क मशववय भ हभ सॊतानपरानि का आशीवागद रनवारो की ऩॊकतकत भ फठ | फाऩजी आशीवागद दन क मरए साधको क फीि आम तो कछ साधक नासभझी स कछ ऐस परशन कय फठ जो उनह नहीॊ कयन िाटहए थ | गरदव नायाज होकय मह कहकय िर गम कक तभको सॊतवाणी ऩय ववशवास नहीॊ ह तो तभ रोग महाॉ कमो आम तमह डॉकटय क ऩास जाना िाटहए था | कपय गरदव हभाय ऩास नहीॊ आम | सबी पराथगना कयत यह ऩय गरदव रवमासऩीठ स फोर दफाया तीन मशववय बयना | भ भन भ सोि यहा था कक कछ साधको क कायण भझ आशीवागद नहीॊ मभर ऩामा ऩयॊत वजरादवऩ कठोयाणण भदनन कसभादवऩ फाहय स वजर स बी कठोय टदखन वार सदगर बीतय स पर स बी कोभर होत ह | तयॊत गरदव ववनोद कयत हए फोर दखो म रोग सॊतानपरानि का आशीवागद रन आम ह | कस ठनठनऩार-स फठ ह अफ जाओ झरा-झनझना रकय घय जाओ | भन औय भयी ऩतनी न आऩस भ वविाय ककमा दमार गरदव न आणखय आशीवागद द ही टदमा | अफ गरदव न कहा ह कक झरा-झनझना र जाओ | तो भन गरविन भानकय यरव सटशन स एक झनझना खयीद मरमा औय गवामरमय आकय गरदव क चितर क ऩास यख टदमा | भझ वहाॉ स आन क १५ टदन फाद डॉकटय दवाया भारभ हआ कक ऩतनी गबगवती ह | भन गरदव को भन-ही-भन परणाभ ककमा | इस फीि डॉकटयो न सराह दी कक रड़का ह मा रड़की इसकी जाॉि कया रो | भन फड़ ववशवास स कहा कक रड़का ही होगा | अगय रड़की बी हई तो भझ कोई आऩवतत नहीॊ ह | भझ गबगऩात का ऩाऩ अऩन मसय ऩय नहीॊ रना ह | नौ भाह तक भयी ऩतनी बी सवसथ यही | हरयदवाय मशववय भ बी हभ रोग गम | सभम आन ऩय गरदव दवाया फताम गम इराज क भताबफक गाम क गोफय का यस ऩतनी को टदमा औय टदनाॊक २७ अकतफय १९९९ को एक सवसथ फारक का जनभ हआ |
-याजनर कभाय वाजऩमी अिगना वाजऩमी फरवॊत नगय ढाढीऩय भयाया गवामरमय
औय सोना मभर गमा
हभाय सॊमकत ऩरयवाय भ साठ तोरा सोना िोयी हो गमा था | सतसॊगी होन क कायण हभ द ख तो नहीॊ हआ कपय बी थोडी-फहत चिनता अवशम हई | आशरभ क एक साधक न हभस कहा | आऩ रोग शरी आसायाभामण क १०८ ऩाठ कयो औय सॊकपऩ कयो कक हभाया सोना हभ जरय मभरगा | मभनाऩाय टदपरी भ गरदव का आगभन हआ | हभ शाभ को गरदव क दशगन कयन गम | हभन कछ कहा नहीॊ कमोकक गरदव अॊतमागभी ह | उनहोन हभको परसाद टदमा | उसी यात घय ऩय पोन आमा कक आऩका सोना मभर गमा ह | िोय रखनऊ भ ऩकड़ा गमा ह | हभ आशचमग हआ शरी आसायाभामण क १०८ ऩाठ ऩय बी नहीॊ हए थ औय सोना मभर गमा |
-रीना फटानी यानीफाग टदपरी
सवपर क दो टकड़ो स दो सॊतान
भन सन १९९१ भ िटीिॊड मशववय अभदावाद भ ऩजम फाऩजी स भॊतरदीा री थी | भयी शादी क १० वषग तक भख कोई सॊतान नहीॊ हई | फहत इराज कयवाम रककन सबी डॉकटयो न फतामा कक फारक होन की कोई सॊबावना नहीॊ ह | तफ भन ऩजम फाऩजी क ऩनभ दशगन का वरत मरमा औय फाॉसवाड़ा भ ऩनभ दशगन क मरए गमा | ऩजम फाऩजी सफको परसाद द यह थ | भन भन भ सोिा | कमा भ इतना ऩाऩी हॉ कक फाऩजी भयी तयप दखत तक नहीॊ इतन भ ऩजम फाऩजी कक दवषट भझ ऩय ऩड़ी औय उनहोन भझ दो मभनट तक दखा | कपय उनहोन एक सवपर रकय भझ ऩय प का जो भय दाम कॊ ध ऩय रगकय दो टकड़ो भ फॉट गमा | घय जाकय भन उस सवपर क दोनो बाग अऩनी ऩतनी को णखरा टदम | ऩजमशरी का कऩाऩणग परसाद खान स भयी ऩतनी गबगवती हो गमी | ननयीण कयान ऩय ऩता िरा कक उसको दो मसय वारा फारक उतऩनन होगा | डॉकटयो न फतामा उसका मसजरयमन कयना ऩड़गा अनमथा आऩकी ऩतनी क फिन की समबावना नहीॊ ह | मसजरयमन भ रगबग फीस हजाय रऩमो का खिग आमगा | भन ऩजम फाऩजी स पराथगना की ह फाऩजी आऩन ही पर टदमा था | अफ आऩ ही इस सॊकट का ननवायण कीजजम | कपय
भन फड़ फादशाह क साभन बी पराथगना की जफ भ असऩतार ऩहॉिॉ तो भयी ऩतनी की परसती सकशर हो जाम | उसक फाद जफ भ असऩतार ऩहॉिा तो भयी ऩतनी एक ऩतर औय एक ऩतरी को जनभ द िकी थी | ऩजमशरी क दवाया टदम गम पर स भझ एक की जगह दो सॊतानो की परानि हई |
-भकशबाई सोरॊकी शायदा भॊटदय सकर क ऩीछ
फावन िार वड़ोदया
साइककर स गरधाभ जान ऩय खयाफ टाॉग ठीक हो गमी
भयी फाॉमी टाॉग घटन स उऩय ऩतरी हो गमी थी | ऑर इणणडमा भकतडकर इनसटीटमट
टदपरी भ भ छ टदन तक यहा | वहाॉ जाॉि क फाद फतरामा गमा कक तमहायी यीढ़ की हडडी क ऩास कछ नस भय गमी ह जजसस मह टाॉग ऩतरी हो गमी ह | मह ठीक तो हो ही नहीॊ सकती | हभ तमह ववटामभन ई क कपसर द यह ह | तभ इनह खात यहना | इसस टाॊग औय जमादा ऩतरी नहीॊ होगी | भन एक सार तक कपसर खाम | उसक फाद २२ जन
१९९७ को भजफ़फ़यनगय भ भन गरजी स भॊतरदीा री औय दवाई खाना फॊद कय दी | जफ एक साधक बाई याहर गिा न कहा कक सहायनऩय स साइककर दवाया उततयामण मशववय अभदावाद जान का कामगकरभ फन यहा ह तफ भन टाॉग क फाय भ सोि बफना साइककर मातरा भ बाग रन क मरए अऩनी सहभनत द दी | जफ भय घय ऩय ऩता िरा कक भन साइककर स गरधाभ अभदावाद जान का वविाय फनामा ह अत तभ ११५० ककभी तक साइककर नहीॊ िरा ऩाओग | रककन भन कहा भ साइककर स ही गरधाभ जाऊॉ गा िाह ककतनी बी दयी कमो न हो औय हभ आठ साधक बाई सहायनऩय स २६ टदसमफय ९७ को साइककरो स यवाना हए | भागग भ िढ़ाई ऩय भझ जफ बी कोइ टदककत होती तो ऐसा रगता जस भयी साइककर को कोई ऩीछ स धकर यहा ह | भ भड़कय ऩीछ दखता तो कोई टदखामी नहीॊ ऩड़ता | ९ जनवयी को जफ हभ अभदावाद गरआशरभ भ ऩहॉि औय भन सफह अऩनी टाॉग दखी तो भ दॊग यह गम जो टाॉग ऩतरी हो गमी थी औय डॉकटयो न उस ठीक होन स भना कय टदमा था वह टाॉग बफपकर ठीक हो गमी थी | इस कऩा को दखकय भ िककत यह गमा भय साथी बी दॊग यह गम मह सफ गरकऩा क परसाद का िभतकाय था | भय आठो साथी भयी ऩतनी तथा ऑर इणणडमा भकतडकर इनसटीटमट टदपरी दवाया जाॉि क परभाणऩतर इस फात क साी ह |
-ननयॊकाय अगरवार
ववषणऩयी
अदबत यही भौनभॊटदय की साधना
ऩयभ ऩजम सदगरदव की कऩा स भझ टदनाॊक १८ स २४ भई १९९९ तक अभदावाद आशरभ क भौनभॊटदय भ साधना कयन का सअवसय मभरा | भौनभॊटदय भ साधना क ऩाॉिव टदन मानी २२ भई की याबतर को रगबग २ फज नीॊद भ ही भझ एक झटका रगा | रट यहन कक जसथनत भ ही भझ भहसस हआ कक कोई अदशम शकतकत भझ ऊऩय फहत ऊऩय उड़म र जा यही ह | ऊऩय उड़त हए जफ भन नीि झाॉककय दखा तो अऩन शयीय को उसी भौनभॊटदय भ चितत रटा हआ फखफय सोता हआ ऩामा | ऊऩय जहाॉ भझ र जामा गमा वहाॉ अरग ही छटा थी अजीफ औय अवणीम आकाश को बी बदकय भझ ऐस सथान ऩय ऩहॉिामा गमा था जहाॉ िायो तयप कोहया-ही-कोहया था जस शीश की छत ऩय ओस परी हो इतन भ दखता हॉ कक एक सबा रगी ह बफना शयीय की कवर आकनतमो की | जस यखाओॊ स भनषमरऩी आकनतमाॉ फनी हो | मह सफ कमा िर यहा था सभझ स ऩय था |
कछ ऩर क फाद व आकनतमाॉ सऩषट होन रगी | दवी-दवताओॊ क ऩॊज क भधम शीषग भ एक उचि आसन ऩय साात फाऩजी शॊकय बगवान फन हए करास ऩवगत ऩय ववयाजभान थ औय दवी-दवता कताय भ हाथ फाॉध खड़ थ | भ भक-सा होकय अऩरक नतरो स उनह दखता ही यहा कपय भॊतरभगध हो उनक ियणो भ चगय ऩड़ा | परात क ४ फज थ | अहा भन औय शयीय हपका-फ़पका रग यहा था मही जसथनत २४ भई की भधमयाबतर भ बी दोहयामी गमी | दसय टदन सफह ऩता िरा कक आज तो फाहय ननकरन का टदन ह मानी यवववाय २५ भई की सफह | फाहय ननकरन ऩय बावबया रदम गदगद कॊ ठ औय आखो भ आॉस मो रग यहा था कक जस ननजधाभ स फघय ककमा जा यहा हॉ | धनम ह वह बमभ
भौनभॊटदय भ साधना की वह रवमवसथा जहाॊ स ऩयभ आनॊद क सागय भ डफन की कॊ जी मभरती ह जी कयता ह बगवान ऐसा अवसय कपय स राम जजसस कक उसी भौनभॊटदय भ ऩन आॊतरयक आनॊद का यसऩान कय ऩाऊॉ |
-इनरनायामण शाह
१०३ यतनदीऩ-२ ननयारा नगय कानऩय
असाधम योग स भकतकत
सन १९९४ भ भयी ऩतरी टहयर को शयद ऩणणगभा क टदन फखाय आमा | डॉकटयो को
टदखामा तो ककसीन भररयमा कहकय दवाइमाॉ दी तो ककसीन टामपामड कहकय इराज शर ककमा तो ककसीन टामपामड औय भररयमा दोनो कहा | दवाई की एक खयाक रन स शयीय नीरा ऩड़ गमा औय सज गमा | शयीय भ खन की कभी स उस छ फोतर खन िढ़ामा गमा | इॊजन दन स ऩय शयीय को रकवा भाय गमा | ऩीठ क ऩीछ शमावरण जसा हो गमा | ऩीठ औय ऩय का एकस-य मरमा गमा | ऩय ऩय वजन फाॉधकय यखा गमा | डॉकटयो न उस वाम का फखाय तथा यकत का क सय फतामा औय कहा कक उसक रदम तो वापव िौड़ा हो गमा ह | अफ हभ टहमभत हाय गम | अफ ऩजमशरी क मसवाम औय कोई सहाया नहीॊ था | उस सभम टहयर न कहा भमभी भझ ऩजम फाऩ क ऩास र िरो | वहाॉ ठीक हो जाऊगी | ऩाॉि टदन तक टहयर ऩजमशरी की यट रगाती यही | हभ उस अभदावाद आशरभ भ फाऩ क ऩास र गम | फाऩ न कहा इस कछ नहीॊ हआ ह | उनहोन भझ औय टहयर को भॊतर टदमा एवॊ फड़दादा की परदकषणा कयन को कहा | हभन परदकषणा की औय टहयर ऩनरह टदन भ िरन-कफ़यन रगी | हभ फाऩ की इस करणा-कऩा का कण कस िकाम अबी तो हभ आशरभ भ ऩजमशरी क शरीियणो भ सऩरयवाय यहकय धनम हो यह ह |
-परपपर रवमास
बावनगय
वतगभान भ अभदावाद आशरभ भ सऩरयवाय सभवऩगत
ऩजम फाऩ का दशगन-सतसॊग ही जीवन का सचिा यतन ह
भझ िाय सार स ऩतर कक काभना थी औय भय भन भ हआ कक भयी मह काभना जरय ऩयी होगी | अभदावाद भ धमानमोग मशववय क दौयान ऐसा वविाय आमा कक फाऩ भझ अऩन ियणो भ फरामग | भन भ दढ़ शरदधा थी | इतन रोगो क फीि भ स फाऩ न तजऩणग दवषट भझ ऩय डारी सॊतय का परसाद टदमा औय भया बागम खर गमा | फचि क जनभ स ऩहर डॉकटयो न ऑऩयशन को कहा था रककन फाऩ क फतान क भताबफक भय घयवारो न भझ गाम क गोफय का यस वऩरामा औय शीघर ही फारक का जनभ हो गमा | सचिी शरदधा-बकतकत हो तो कमा असॊबव ह ऩजम फाऩ का दशगन-सतसॊग ही जीवन का सचिा यतन ह |
सचिी शरदधा-बकतकत स ऐसा यतन ऩानवार हभ सबी धनबागी ह |
-यखा ऩयभाय भीया योड़ भॊफई
कसट का िभतकाय
रवमाऩाय उधायी भ िर जान स भ हताश हो गमा था एवॊ अऩनी जजॊदगी स तॊग आकय आतभहतमा कयन की फात सोिन रगा था | भझ साध-भहातभाओॊ व सभाज क रोगो स घणा-सी हो गमी थी धभग व सभाज स भया ववशवास उठ िका था | एक टदन भयी सारी फाऩजी क सतसॊग कक दो कसट ववचध का ववधान एवॊ आणखय कफ तक र आमी औय उसन भझ सनन क मरए कहा | उसक कई परमास क फाद बी भन व कसट नहीॊ सनीॊ एवॊ भन-ही-भन उनह ढ़ोग कहकय कसटो क कतडबफ भ दार टदमा | भन इतना ऩयशान था कक यात को नीॊद आना फॊद हो गमा था | एक यात कफ़पभी गाना सनन का भन हआ | अॉधया होन की वजह स कसट ऩहिान न सका औय गरती स फाऩजी क सतसॊग की कसट हाथ भ आ गमी | भन उसीको सनना शर ककमा | कपय कमा था भयी आशा फॉधन रगी | भन शाॉत होन रगा | धीय-धीय सायी ऩीड़ाएॉ दय होती िरी गमीॊ | भय जीवन भ योशनी-ही-योशनी हो गमी | कपय तो भन ऩजम फाऩजी क सतसॊग की कई कसट सनीॊ औय सफको सनामीॊ |
तदनॊतय भन गाजजमाफाद भ फाऩजी स दीा बी गरहण की | रवमाऩाय की उधायी बी िकता हो गमी | फाऩजी की कऩा स अफ भझ कोई द ख नहीॊ ह | ह गरदव फस एक आऩ ही भय होकय यह औय भ आऩका ही होकय यहॉ |
-ओभपरकाश फजाज
टदपरी योड़ सहायनऩय उततय परदश
भझ ऩय फयसी सॊत की कऩा
सन १९९५ क जन भाह भ भ अऩन रड़क औय बतीज क साथ हरयदवाय धमानमोग मशववय भ बाग रन गमा | एक टदन जफ भ हय की ऩौड़ी ऩय सनान कयन गमा तो ऩानी क तज फहाव क कायण ऩय कपसरन स भया रड़का औय बतीजा दोनो अऩना सॊतरन खो फठ औय गॊगा भ फह गम | ऐसी सॊकट की घड़ी भ भ अऩना होश खो फठा | कमा करॉ भ पट-पटकय योन रगा औय फाऩजी स पराथगना कयन रगा कक ह नाथ ह गरदव या कीजजम भय फचिो को फिा रीजजम | अफ आऩका ही सहाया ह | ऩजमशरी न भय सचि रदम स ननकरी ऩकाय सन री औय उसी सभम भया रड़का भझ टदखामी टदमा | भन झऩटकय उसको फाहय खीॊि मरमा रककन भया बतीजा तो ऩता नहीॊ कहाॉ फह गमा भ ननयॊतय यो यहा था औय भन भ फाय-फाय वविाय उठ यहा था कक फाऩजी भया रड़का फह जाता तो कोई फात नहीॊ थी रककन अऩन बाई की अभानत क बफना भ घय कमा भॉह
रकय जाऊॉ गा फाऩजी आऩही इस बकत की राज फिाओ | तबी गॊगाजी की एक तज रहय उस फचि को बी फाहय छोड़ गमी | भन रऩककय उस ऩकड़ मरमा | आज बी उस हादस को सभयण कयता हॉ तो अऩन-आऩको सॉबार नहीॊ ऩाता हॉ औय भयी आॉखो स ननयॊतय परभ की अशरधाया फहन रगती ह | धनम हआ भ ऐस गरदव को ऩाकय ऐस सदगरदव क शरीियणो भ भय फाय-फाय शत-शत परणाभ
-सभारखाॉ ऩानीऩत हरयमाणा
गरदव की कऩा स सॊतानपरानि
भयी शादी को ऩाॉि सार हो गम थ कपय बी कोई सॊतान नहीॊ हई | रोग हभ फहत तान भायत थ | तबी भन-ही-भन ननणगम र मरमा कक ऩजम फाऩ क आशरभ भ जाना ह | जनवयी १९९९ भ परथभ फाय उततयामण मशववय बया औय भॊतरदीा री | अफ गरदव कक कऩा स भझ एक सॊदय फारक पराि हआ ह | ऩजम फाऩजी की इतनी कऩा-करणा दखकय रदम बय आता ह | भ ऩजम फाऩजी स पराथगना कयती हॉ कक मह फारक उनह सभवऩगत कय सकॊ औय मह उनक मोगम फनसक ऐसी सदफवदध हभ द |
-ननभगरा क तड़वी काॊनतबाई हीयाबाई तडवी याभजी भॊटदय क ऩास कायरी फाग वड़ोदया
गरकऩा स जीवनदान
टदनाॊक १५-१-९६ की घटना ह | भन धात क ताय ऩय सखन क मरए कऩड़ परा यख थ |
फारयश होन क कायण उस ताय भ कयॊट आ गमा था | भया छोटा ऩतर ववशार जो कक ११ वीॊ का भ ऩढ़ता ह आकय उस ताय स छ गमा औय बफजरी का कयॊट रगत ही वह फहोश हो गमा शव क सभान हो गमा | हभन उस तयॊत फड़ असऩतार भ दाणखर कयवामा | डॉकटय न फचि की हारत गॊबीय फतामी | ऐसी ऩरयजसथनत दखकय भयी आॉखो स अशरधायाएॉ फह ननकरी | भ ननजानॊद की भसती भ भसत यहन वार ऩजम सदगरदव को भन-ही-भन माद ककमा औय पराथगना कक ह गरदव अफ तो इस फचि का जीवन आऩक ही हाथो भ ह | ह भय परब आऩ जो िाह सो कय सकत ह | औय आणखय भयी पराथगना सपर हई | फचि भ एक नवीन ितना का सॊिाय हआ एवॊ धीय-धीय फचि क सवासम भ
सधाय होन रगा | कछ ही टदनो भ वह ऩणगत सवसथ हो गमा | डॉकटय न तो उऩिाय ककमा रककन जो जीवनदान उस पमाय परब की कऩा स सदगरदव की कऩा स मभरा उसका वणगन कयन क मरए भय ऩास शबद नहीॊ ह | फस ईशवय स भ मही पराथगना कयता हॉ कक ऐस बरहमननषठ सॊत-भहाऩरषो क परनत हभायी शरदधा भ ववदध होती यह | -
डॉ वाम ऩी कारया शाभरदास कॉरज बावनगय गजयात
ऩजम फाऩ जस सॊत दननमा को सवगग भ फदर सकत ह
भई १९९८ क अॊनतभ टदनो भ ऩजमशरी क इॊदौय परवास क दौयान ईयान क ववखमात कफ़जजमशमन शरी फफाक अगरानी बायत भ अधमाजतभक अनबवो की परानि आम हए थ |
ऩजमशरी क दशगन ऩाकय जफ उनहोन अधमाजतभक अनबवो को परीबत होत दखा तो व ऩॊिड़ आशरभ भ आमोजजत धमानमोग मशववय भ बी ऩहॉि गम | शरी अगरानी जो दो टदन रककय वाऩस रौटन वार थ व ऩय गमायह टदन तक ऩॊिड़ आशरभ भ रक यह | उनहोन ववधाथी मशववय भ सायसवतम भॊतर की दीा री एवॊ ववमशषट धमानमोग साधना मशववय (४ -१० जन १९९८) का बी राब मरमा | मशववय क दौयान शरी अगरानी न ऩजमशरी स भॊतरदीा बी र री | ऩजमशरी क साजननधम भ सॊपराि अनबनतमो क फाय भ बतरम सभािाय ऩतर ितना को दी हई बटवाताग भ शरी अगरानी कहत ह मटद ऩजम फाऩ जस सॊत हय दश भ हो जाम तो मह दननमा सवगग फन सकती ह | ऐस शाॊनत स फठ ऩाना हभाय मरए कटठन ह रककन जफ ऩजम फाऩजी जस भहाऩरषो क शरीियणो भ फठकय सतसॊग सनत ह तो ऐसा आनॊद आता ह कक सभम का कछ ऩता ही नहीॊ िरता | सिभि ऩजम फाऩ कोई साधायण सॊत नहीॊ ह |
-शरी फफाक अगरानी ववशवववखमात कफ़जजमशमन ईयान
फाऩजी का साजननधम गॊगा क ऩावन परवाह जसा ह
कर-कर कयती इस बागीयथी की धवर धाया क ककनाय ऩय ऩजम फाऩजी क साजननधम भ फठकय भ फड़ा ही आपहाटदत औय परभटदत हॉ आनॊटदत हॉ योभाॊचित हॊ | गॊगा बायत की सषमना नाड़ी ह | गॊगा बायत की सॊजीवनी ह | शरी ववषणजी क ियणो स ननकरकय बरहमाजी क कभॊड़र औय जटाधय क भाथ ऩय शोबामभान गॊगा बतरमोगमसवदधकायक ह |
ववषणजी क ियणो स ननकरी गॊगा बकतकत मोग की परतीनत कयाती ह औय मशवजी क भसतक ऩय जसथत गॊगा ऻान मोग की उचितय बमभका ऩय आरढ़ होन की खफय दती ह |
भझ ऐसा रग यहा ह कक आज फाऩजी क परविनो को सनकय भ गॊगा भ गोता रगा यहा हॉ कमोकक उनका परविन उनका सजननधम गॊगा क ऩावन परवाह जसा ह | व अरभसत फ़कीय ह | व फड़ सयर औय सहज ह | व जजतन ही ऊऩय स सयर ह उतन ही अॊतय भ गढ़ ह | उनभ टहभारम जसी उचिता ऩववतरता शरषठता ह औय सागयतर जसी गॊबीयता ह |
व याषड की अभपम धयोहय ह | उनह दखकय कवष-ऩयमऩया को फोध होता ह | गौतभ कणाद
जमभनी कवऩर दाद भीया कफीय यदास आटद सफ कबी-कबी उनभ टदखत ह |
य बाई कोई सतगर सॊत कहाव
जो ननन अरख रखाव धयती उखाड़ आकाश उखाड़
अधय भड़मा धाव |
शनम मशखय क ऩाय मशरा ऩय आसन अिर जभाव |
य बाई कोई सतगर सॊत कहाव
एक ऐस ऩावन साजननधम भ हभ फठ ह जो फड़ा दरगब औय सहज मोगसवरऩ ह | ऐस भहाऩरषो क मरए ऩॊकतकतमाॉ माद आ यही ह तभ िरो तो िर धयती िर अॊफय िर दननमा ऐस भहाऩरष िरत ह तो उनक मरए समग िॊर ताय गरह नतर आटद सफ अनकर हो जात ह | ऐस इजनरमातीत गणातीत बावातीत शबदातीत औय सफ अवसथाओॊ स ऩय ककनहीॊ भहाऩरषो क शरीियणो भ जफ फठत ह तो बागवत कहता ह
साधनाॊ दशगनॊ रोक सवगमसवदधकयॊ ऩयभ |
साध क दशगन भातर स वविाय ववबनत ववदवता शकतकत सहजता ननववगषमता परसननता मसवदधमाॉ औय आतभानॊद की परानि होती ह | दश क भहान सॊत महाॉ सहज ही आत ह बायत क सबी शॊकयािामग बी मशववय भ आत ह | अत भय भन भ बी वविाय आमा कक जहाॉ सफ जात ह वहाॉ जाना िाटहए कमोकक मही वह ठोय-टठकाना ह जहाॉ भन का अमबभान मभटामा जा सकता ह | ऐस भहाऩरषो क दशगन स कवर आनॊद औय भसती ही नहीॊ मभरती फजपक वह सफ कछ मभर जाता ह जो अमबरावषत ह आकाॊकषत ह रकषत ह | महाॉ भ करणा क
कभगठता क वववक-वयागम क ऻान क दशगन कय यहा हॉ | वयागम औय बकतकत क यण ऩोषण औय सॊवधगन क मरए मह सिकवषमो का उततभ ऻान भाना जाता ह | आज गॊगा कपय स
साकाय टदख यही ह तो व फाऩजी क वविाय औय वाणी भ टदख यही ह | अरभसतता सहजता उचिता शरषठता ऩववतरतता तीथग-सी शचिता मशश-सी सयरता तरणो-सा जोश वदधो-सा गाॊबीमग औय कवषमो जसा ऻानाफोध भझ जहाॉ हो यहा ह वह मह ऩॊडार ह | इस आनॊदनगय कहॉ मा परभनगय करणा का सागय कहॉ मा वविायो का सभनदय रककन इतना जरय कहॉगा कक भय भन का कोन-कोना आपहाटदत हो यहा ह | आऩ रोग फड़बागी ह जो ऐस भहाऩरष क शरीियणो भ फठ ह जहाॉ बागम का टदरवम रवमकतकतततव का ननभागण होता ह | जीवन की कतकतमता जहाॉ पराि हो सकती ह वह मही दय ह |
मभर तभ मभरी भॊजजर मभरा भकसद औय भददा बी |
न मभर तभ तो यह गमा भददा भकसद औय भॊजजर बी ||
आऩका मह बावयाजम औय परभयाजम दखकय भ िककत बी हॉ औय आनॊद का अनबव बी कय यहा हॉ | आऩक परनत भया ववशवास औय अटट ननषठा फढ़ इस हत भया नभन सवीकाय कय | भझ ऐसा रगता ह कक फाऩजी समग ह औय नायामण सवाभी एक ऐस दीऩ ह जो न फझ सकत ह न जराम जात ह |
-सवाभी अवधशानॊदजी हरयदवाय
सायसवतम भॊतर स हए अदबत राब
भन १९९८ भ ववधाथी उतथान मशववय सोनीऩत भ ऩजम गरदव स सायसवतम भॊतर की दीा री | दीा क फाद ननममभत भॊतरजऩ कयन स भ इतना कशागर फवदधवारा एवॊ सवावरॊफी हो गमा कक भन एक भहीन भ ही टमशन छोड़ दी औय सवमॊ खफ भहनत कयन रगा | भ सकर बी ऩदर आन-जान रगा जजसस भन सकर फस का ककयामा फिा मरमा |
भॊतर जाऩ क परबाव स भझ ९ वीॊ १० वीॊ ११ वीॊ की ऩयीाओॊ भ परथभ सथान पराि हआ |
१२ वीॊ की ऩयीा क सभम भया सवासम खयाफ होन क कायण भ जऩ ठीक स नहीॊ कय सका कपय बी ७९ परनतशत अॊको स ऩास हआ | उसक फाद इॊजजननमरयॊग की ऩरया भ बी उततीणग यहा |
-करदीऩ कभाय डी-२३४ वसट ववनोद नगय टदपरी
भ टदसमफय १९९९ भ छततीसगढ़ क बाटाऩाया भ ऩजम गरदव स सायसवतम भॊतर की दीा
री | ततऩशचात भ ननममभत रऩ स जऩ-धमान- पराणामाभ कयता था जजसस भझ फहत राब हआ | ऩजम फऩजी की कऩा औय सायसवतम भॊतर जाऩ क परबाव स भझ १२ वीॊ की फोड़ग की ऩरया भ ८४६ परनतशत अॊक मभर |
-ववयनर कभाय कौमशक
डोगयगाॉव जज याजनाॊदगाॉव (छग)
बौनतक मग क अॊधकाय भ ऻान की जमोनत ऩजम फाऩ
भादक ननमॊतरण बमयो बायत सयकाय क भहाननदशक शरी एिऩी कभाय ९ भई को अभदावाद आशरभ भ सतसॊग-कामगकरभ क दौयान ऩजम फाऩ स आशीवागद रन ऩहॉि | फड़ी ववनमरता एवॊ शरदधा क साथ उनहोन ऩजम फाऩ क परनत अऩन उदगाय भ कहा जजस रवमकतकत क ऩास वववक नहीॊ ह वह अऩन रकषम तक नहीॊ ऩहॉि सकता ह औय वववक को पराि कयन का साधन ऩजम आसायाभजी फाऩ जस भहान सॊतो का सतसॊग ह | ऩजम फाऩ स भया परथभ ऩरयिम टीवी क भाधमभ स हआ | ततऩशचात भझ आशरभ दवाय परकामशत कवष परसाद भामसक पराि हआ | उस सभम भझ रगा कक एक ओय जहाॉ इस बौनतक मग क अॊधकाय भ भानव बटक यहा ह वहीॊ दसयी ओय शाॊनत की भॊद-भॊद सगॊचधत वाम बी िर यही ह | मह ऩजम फाऩ क सतसॊग का ही परबाव ह | ऩजमशरी क दशगन कयन का जो सौबागम भझ पराि हआ ह इसस भ अऩन को कतकतम भानता हॉ | ऩजम फाऩ क शरीभख स जो अभत वषाग होती ह तथा इनक सतसॊग स कयोड़ो रदमो भ जो जमोनत जगती ह व इसी परकाय स जगती यह औय आन वार रॊफ सभम तक ऩजमशरी हभ सफ का भागगदशगन कयत यह मही भयी काभना ह | ऩजम फाऩ क शरीियणो भ भय परणाभ
-शरी एिऩी कभाय भहाननदशक भादक ननमॊतरण बमयो बायत सयकाय
गरकऩा ऐसी हई कक अॉधय तो कमा दय बी नहीॊ हई
ऩयभ कऩार फाऩजी क शरीियणो भ भय कोटट-कोटट वॊदन भ एक इसभाइरी खवाजा हॉ तथा अऩन धभग भ अकतडग हॉ | िाय वषग ऩवग कछ रोगो दवाया एक सननमोजजत मोजना फनाकय भझ जफयदसती भडगय कस का आयोऩी फना टदमा गमा था | इसस भझ कहीॊ शाॊनत नहीॊ मभर यही थी | २८ पयवयी १९९७ को भझ नागऩय भ आमोजजत फाऩजी क सतसॊग भ जान की परयणा मभरी औय ४ भािग १९९७ को भन फाऩजी स भॊतरदीा री | भ उनस भन-
ही-भन ववनती की कक ह गरदव भझ फिा रो | गरकऩा ऐसी हई कक ७ जनवयी १९९८ को भझ अदारत न ऩाक-साप फयी कय टदमा फाकी छ आयोवऩमो को सजा हई | धनम ह ऐस भय सदगर उनक शरीियणो भ भय कोटट-कोटट वनदन
-यहभान खान ननशान छाफड़ी (बफछआ) जज नछनदवाड़ा (भपर)
भजसरभ भटहरा को पराणदान
२७ मसतमफय २००० को जमऩय भ भय ननवास ऩय ऩजम फाऩ का आतभ-साातकाय टदवस
भनामा गमा जजसभ भय ऩड़ोस की भजसरभ भटहरा नाथी फहन क ऩनत शरी भाॉग खाॉ न बी ऩजम फाऩ की आयती की औय ियणाभत मरमा | ३-४ टदन फाद ही व भजसरभ दॊऩनत खवाजा साटहफ क उसग भ अजभय िर गम | टदनाॊक ४ अकटफय २००० को अजभय क उसग भ असाभाजजक ततवो न परसाद भ जहय फाॉट टदमा जजसस उसग भर भ आम कई दशगनाथी असवसथ हो गम औय कई भय बी गम | भय ऩड़ोस की नाथी फहन न बी वह परसाद खामा औय थोड़ी दय भ ही वह फहोश हो गमी | अजभय भ उसका उऩिाय ककमा गमा ककॊ त उस होश न आमा | दसय टदन ही उसका ऩनत उस अऩन घय र आमा | कॉरोनी क सबी ननवासी उसकी हारत दखकय कह यह थ कक अफ इसका फिना भजशकर ह | भ बी उस दखन गमा | वह फहोश ऩड़ी थी | भ जोय-जोय स हरय ॐ हरय ॐ का उचिायण ककमा तो वह थोड़ा टहरन रगी | भझ परयणा हई औय भ ऩन घय गमा | ऩजम फाऩ स पराथगना की | ३-४ घॊट फाद ही वह भटहरा ऐस उठकय खड़ी हो गमी भानो सोकय उठी हो | उस भटहरा न फतामा कक भय िािा ससय ऩीय ह औय उनहोन भय ऩनत क भॉह स फोरकय फतामा कक तभन २७ मसतमफय २००० को जजनक सतसॊग भ ऩानी वऩमा था उनहीॊ सपद दाढ़ीवार फाफा न तमह फिामा ह कसी करणा ह गरदव की
-जएर ऩयोटहत
८७ सपतान नगय जमऩय (याज)
उस भटहरा का ऩता ह -शरीभती नाथी
ऩतनी शरी भाॉग खाॉ १०० सपतान नगय गजगय की धड़ी नम साॊगानय योड़
जमऩय (याज)
हरयनाभ की पमारी न छड़ामी शयाफ की फोतर
सौबागमवश गत २६ टदसमफय १९९८ को ऩजमशरी क १६ मशषमो की एक टोरी टदपरी स हभाय गाॉव भ हरयनाभ का परिाय-परसाय कयन ऩहॉिी | भ फिऩन स ही भटदयाऩान धमरऩान व मशकाय कयन का शौकीन था | ऩजम फाऩ क मशषमो दवाया हभाय गाॉव भ जगह-जगह ऩय तीन टदन तक रगाताय हरयनाभ का कीतगन कयन स भझ बी हरयनाभ का यॊग रगता जा यहा था | उनक जान क एक टदन क ऩशचात शाभ क सभम योज की बाॊनत भन शयाफ की फोतर ननकारी | जस ही फोतर खोरन क मरए ढककन घभामा तो उस ढककन क घभन स भझ हरय ॐ हरय ॐ की धवनन सनामी दी | इस परकाय भन दो-तीन फाय ढककन घभामा औय हय फाय भझ हरय ॐ की धवनन सनामी दी | कछ दय फाद भ उठा तथा ऩजमशरी क एक मशषम क घय गमा | उनहोन थोड़ी दय भझ ऩजमशरी की अभतवाणी सनामी | अभतवाणी सनन क फाद भया रदम ऩकायन रगा कक इन दरवमगसनो को तमाग दॉ | भन तयॊत फोतर उठामी तथा जोय-स दय खत भ प क दी | ऐस सभथग व ऩयभ कऩार सदगरदव को भ रदम स परणाभ कयता हॉ जजनकी कऩा स मह अनोखी घटना भय जीवन भ घटी जजसस भया जीवन ऩरयवनतगत हआ |
-भोहन मसॊह बफषट
मबखमासन अपभोड़ा (उपर)
ऩय गाॉव की कामाऩरट
ऩजमशरी स टदनाॊक २७६९१ को दीा रन क फाद भन रवमवसनभकतकत क परिाय-परसाय का रकषम फना मरमा | भ एक फाय कौशरऩय (जज शाजाऩय) ऩहॉिा | वहाॉ क रोगो क रवमवसनी औय रड़ाई-झगड़ मकत जीवन को दखकय भन कहा आऩ रोग भनषम-जीवन सही अथग ही नहीॊ सभझत ह | एक फाय आऩ रोग ऩजम फाऩजी क दशगन कय र तो आऩको सही जीवन जीन की कॊ जी मभर जामगी | गाॉव वारो न भयी फात भान री औय दस रवमकतकत भय गाॉव ताजऩय आम | भन एक साधक को उनक साथ जनभाषटभी भहोतसव भ सयत बजा | ऩजम फाऩजी की उन ऩय कऩा फयसी औय सफको गरदीा मभर गमी | जफ व रोग अऩन गाॉव ऩहॉि तो सबी गाॉववामसमो को फड़ा कौतहर था कक ऩजम फाऩजी कस ह फाऩजी की रीराएॉ सनकय गाॉव क अनम रोगो भ बी ऩजम फाऩजी क परनत शरदधा जगी | उन दीकषत साधको न सबी गाॉववारो को सववधानसाय ऩजम फाऩजी क अरग-अरग आशरभो भ
बजकय दीा टदरवा दी | गाॉव क सबी रवमकतकत अऩन ऩय ऩरयवाय सटहत दीकषत हो िक ह | परतमक गरवाय को ऩय गाॉव भ एक सभम बोजन फनता ह | सबी रोग गरवाय का वरत यखत ह | कौशरऩय गाॉव क परबाव स आस-ऩास क गाॉववार एवॊ उनक रयशतदायो सटहत १००० रवमकतकतमो शयाफ छोड़कय दीा र री ह | गाॉव क इनतहास भ तीन-तीन ऩीढ़ी स कोई भॊटदय नहीॊ था | गाॉववारो न ५ राख रऩम रगाकय दो भॊटदय फनवाम ह | ऩया गाॉव रवमवसनभकत एवॊ बगवतबकत फन गमा ह मह ऩजम फाऩजी की कऩा नहीॊ तो औय कमा ह सफक तायणहाय ऩजम फाऩजी क शरीियणो भ कोटट-कोटट परणाभ
-शमाभ परजाऩनत (सऩयवाइजय नतरहन सॊघ) ताजऩय उजजन (भपर)
नतरबफ ॊद का िभतकाय
भया सौबागम ह कक भझ सॊतकऩा नतरबफॊद (आई डरॉपस) का िभतकाय दखन को मभरा |
एक सॊत फाफा मशवयाभदास उमर ८० वषग गीता कटटय तऩोवन झाड़ी सिसयोवय हरयदवाय भ यहत ह | उनकी दाटहनी आॉख क सपद भोनतम का ऑऩयशन शाॉनतकॊ ज हरयदवाय आमोजजत कमऩ भ हआ | कस बफगड़ गमा औय कार भोनतमा फन गमा | ददग यहन रगा औय योशनी घटन रगी | दोफाया बभाननद नतर चिककतसारम भ ऑऩयशन हआ | एबसपमट गरकोभा फतात हए कहा कक ऑऩयशन स मसयददग ठीक हो जामगा ऩय योशनी जाती यहगी | ऩयॊत अफ व फाफा सॊत शरी आसायाभजी आशरभ दवाय ननमभगत सॊतकऩा नतरबफॊद सफह-शाभ डार यह ह | भन उनक नतरो का ऩयीण ककमा | उनकी दाटहनी आॉख भ उॉगरी चगनन रामक योशनी वाऩस आ गमी ह | कार भोनतम का परशय नॉभगर ह | कोननगमा भ सजन नहीॊ ह | व कापी सॊतषट ह | व फतात ह आॉख ऩहर रार यहती थी ऩयॊत अफ नहीॊ ह | आशरभ क नतरबफॊद स कपऩनातीत राब हआ | फामीॊ आॉख भ बी उनह सपद भोनतमा फतामा गमा था औय सॊशम था कक शामद कारा भोनतमा बी ह | ऩय आज फामीॊ आॉख बी ठीक ह औय दोनो आॉखो का परशय बी नॉभगर ह | सपद भोनतमा नहीॊ ह औय योशनी कापी अचछी ह |
मह सॊतकऩा नतरफॊद का ववरण परबाव दखकय भ बी अऩन भयीजो को इसका उऩमोग कयन की सराह दॉगा |
-डॉ अननत कभाय अगरवार (नतरयोग ववशषऻ)
एभफीफीएस एभएस (नतर) डीओएभएस (आई) सीताऩय सहायनऩय (उपर)
ऩजमशरी की तसवीय स मभरी परयणा
सवगसभथग ऩयभ ऩजम शरी फाऩजी क ियणकभरो भ भया कोटट-कोटट नभन १९८४ क बकॊ ऩ स समऩणग उततय बफहाय भ कापी नकसान हआ था जजसकी िऩट भ हभाया घय बी था | ऩरयजसथनतवश भझ नौवी का भ ऩढ़ामी छोड़ दनी ऩड़ी | ककसी मभतर की सराह स भ नौकयी ढॉढ़न क मरए टदपरी गमा रककन वहाॉ बी ननयाशा ही हाथ रगी | भ दो टदन स बखा तो था ही ऊऩय स नौकयी की चिॊता | अत आतभहतमा का वविाय कयक यरव सटशन की ओय िर ऩड़ा | यानीफाग फाजाय भ एक दकान ऩय ऩजमशरी का सतसाटहतम
कसट आटद यखा हआ था एवॊ ऩजमशरी की फड़ आकाय की तसवीय बी टॉगी थी | ऩजमशरी की हॉसभख एवॊ आशीवागद की भरावारी उस तसवीय ऩय भयी नजय ऩड़ी तो १० मभनट तक भ वहीॊ सड़क ऩय स ही खड़-खड़ उस दखता यहा | उस वकत न जान भझ कमा मभर गमा भ काभ बर भजदयी का ही कयता हॉ रककन तफस रकय आज तक भय चितत भ फड़ी परसननता फनी हई ह | न जान भयी जजनदगी की कमा दशा होती अगय ऩजम फाऩजी की मवाधन सया ईशवय की ओय ननजशचनत जीवन ऩसतक औय कवष परसाद ऩबतरका हाथ न रगती ऩजमशरी की तसवीय स मभरी परयणा एवॊ उनक सतसाटहतम न भयी डफती नमा को भानो भझदाय स फिा मरमा | धनबागी ह साटहतम की सवा कयन वार जजनहोन भझ आतभहतमा क ऩाऩ स फिामा |
-भहश शाह
नायामणऩय दभया जज सीताभढ़ी (बफहाय)
भॊतर स राब
भयी भाॉ की हारत अिानक ऩागर जसी हो गमी थी भानो कोई बत-परत-डाककनी मा आसयी ततव उनभ घस गमा | भ फहत चिॊनतत हो गमा एवॊ एक साचधका फहन को पोन ककमा | उनहोन बत-परत बगान का भॊतर फतामा जजसका वणगन आशरभ स परकामशत आयोगमननचध ऩसतक भ बी ह | वह भॊतर इस परकाय ह
ॐ नभो बगवत रर बयवाम बतपरत म कर कर हॊ पट सवाहा |
इस भॊतर का ऩानी भ ननहायकय १०८ फाय जऩ ककमा औय वही ऩानी भाॉ को वऩरा टदमा |
तयॊत ही भाॉ शाॊनत स सो गमीॊ | दसय टदन बी इस भॊतर की ऩाॉि भारा कयक भाॉ को वह जर वऩरामा तो भाॉ बफपकर ठीक हो गमीॊ | ह भय साधक बाई-फहनो बत-परत बगान क
मरए अरा फाॉधॉ फरा फाॉधॉ ऐसा कयक झाड़-फ़ॉ क कयनवारो क िककय भ ऩड़न की जरयत नहीॊ ह | इसक मरए तो ऩजम फाऩजी का भॊतर ही तायणहाय ह | ऩजम फाऩजी क शरीियणो भ कोटट-कोटट परणाभ
-िॊऩकबाई एन ऩटर (अभरयका)
काभ करोध ऩय ववजम ऩामी
एक टदन भॊफई भर भ टटकट िककॊ ग कयत हए भ वातानकमरत फोगी भ ऩहॉिा | दखा तो भखभर की गददी ऩय टाट का आसन बफछाकय सवाभी शरी रीराशाहजी भहायाज सभाचधसथ ह | भझ आशचमग हआ कक जजन परथभ शरणी की वातानकमरत फोचगमो भ याजा-भहायाजा मातरा कयत ह ऐसी फोगी औय तीसयी शरणी की फोगी क फीि इन सॊत को कोई बद नहीॊ रगता | ऐसी फोचगमो भ बी व सभाचधसथ होत ह मह दखकय मसय झक जाता ह | भन ऩजम भहायाजशरी को परणाभ कयक कहा आऩ जस सॊतो क मरए तो सफ एक सभान ह |
हय हार भ एकयस यहकय आऩ भकतकत का आनॊद र सकत ह | रककन हभाय जस गरहसथो को कमा कयना िाटहए ताकक हभ बी आऩ जसी सभता फनाम यखकय जीवन जी सक
ऩजम भहायाजजी न कहा काभ औय करोध को त छोड़ द तो त बी जीवनभकत हो सकता ह | जहाॉ याभ तहॉ नहीॊ काभ जहाॉ काभ तहॉ नहीॊ याभ | औय करोध तो बाई बसभासय ह | वह तभाभ ऩणम को जराकय बसभ कय दता ह अॊतकयण को भमरन कय दता ह | भन कहा परब अगय आऩकी कऩा होगी तो भ काभ-करोध को छोड़ ऩाऊॉ गा | ऩजम भहायाजजी न कहा बाई कऩा ऐस थोड़ ही की जाती ह सॊतकऩा क साथ तया ऩरषाथग औय दढ़ता बी िाटहए | ऩहर त परनतऻा कय कक त जीवनऩमगनत काभ औय करोध स दय यहगा तो भ तझ आशीवागद दॉ | भन कहा भहायाजजी भ जीवनबय क मरए परनतऻा तो करॉ रककन उसका ऩारन न कय ऩाऊॉ तो झठा भाना जाऊॉ गा | ऩजम भहायाजजी न कहा अचछा ऩहर त भय सभ आठ टदन क मरए परनतऻा कय | कपय परनतऻा को एक-एक टदन फढ़त जाना | इस परकाय त उन फराओॊ स फि सकगा | ह कफर भन हाथ जोड़कय कफर ककमा | ऩजम भहायाजजी न आशीवागद दकय दो-िाय पर परसाद भ टदम | ऩजम भहायाजजी न भयी जो दो कभजोरयमाॉ थीॊ उन ऩय ही सीधा हभरा ककमा था | भझ आशचमग हआ कक अनम कोई बी दगगण छोड़न का न कहकय इन दो दगगणो क मरए ही उनहोन परनतऻा कमो कयवामी फाद भ भ इस याज स अवगत हआ |
दसय टदन भ ऩसनजय टरन भ कानऩय स आग जा यहा था | सफह क कयीफ नौ फज थ |
तीसयी शरणी की फोगी भ जाकय भन माबतरमो क टटकट जाॉिन का कामग शर ककमा | सफस
ऩहर फथग ऩय सोम हए एक मातरी क ऩास जाकय भन एक मातरी क ऩास जाकय भन टटकट टदखान को कहा तो वह गससा होकय भझ कहन रगा अॊधा ह दखता नहीॊ कक भ सो गमा हॉ भझ नीॊद स जगान का तझ कमा अचधकाय ह मह कोई यीत ह टटकट क फाय भ ऩछन की ऐसी ही अकर ह तयी ऐसा कछ-का-कछ वह फोरता ही गमा फोरता ही गमा | भ बी करोधाववषट होन रगा ककॊ त ऩजम भहायाजजी क सभ री हई परनतऻा भझ माद थी अत करोध को ऐस ऩी गमा भानो ववष की ऩकतड़मा भन उस कहा भहाशम आऩ ठीक ही कहत ह कक भझ फोरन की अकर नहीॊ ह बान नहीॊ ह | दखो भय म फार धऩ भ सपद हो गम ह | आऩभ फोरन की अकर अचधक ह नमरता ह तो कऩा कयक मसखाओॊ कक टटकट क मरए भझ ककस परकाय आऩस ऩछना िाटहए | भ रािाय हॉ कक डमटी क कायण भझ टटकट िक कयना ऩड़ यहा ह इसमरए भ आऩको कषट द यहा हॉ|
औय कफ़य भन खफ परभ स हाथ जोड़कय ववनती की बमा कऩा कयक कषट क मरए भझ भा कयो | भझ अऩना टटकट टदखामग भयी नमरता दखकय वह रजजजत हो गमा एवॊ तयॊत उठ फठा | जपदी-जपदी नीि उतयकय भझस भा भाॉगत हए कहन रगा भझ भाप कयना | भ नीॊद भ था | भन आऩको ऩहिाना नहीॊ था | अफ आऩ अऩन भॉह स भझ कह कक आऩन भझ भाफ़ ककमा मह दखकय भझ आनॊद औय सॊतोष हआ | भ सोिन रगा कक सॊतो की आऻा भानन भ ककतनी शकतकत औय टहत ननटहत ह सॊतो की करणा कसा िभतकारयक ऩरयणाभ राती ह वह रवमकतकत क पराकनतक सवबाव को बी जड़-भर स फदर सकती ह | अनमथा भझभ करोध को ननमॊतरण भ यखन की कोई शकतकत नहीॊ थी | भ ऩणगतमा असहाम था कपय बी भझ भहायाजजी की कऩा न ही सभथग फनामा | ऐस सॊतो क शरीियणो भ कोटट-कोटट नभसकाय
-शरी यीजभर
रयटामडग टीटी आई कानऩय
अनम अनबव
जरा हआ कागज
ऩवग रऩ भ एक फाय ऩयभहॊस ववशदधानॊदजी स आनॊदभमी भाॉ की ननकटता ऩानवार सपरमसदध ऩॊकतडत गोऩीनाथ कववयाज न ननवदन ककमा तयणीकानत ठाकय को अरौककक मसवदध पराि हई ह | व बफना दख मा बफना छए ही कागज भ मरखी हई फात ऩढ़ रत ह |
गरदव फोर तभ एक कागज ऩय कछ मरखो औय उसभ आग रगाकय जरा दो |
कववयाजजी न कागज ऩय कछ मरखा औय ऩयी तयह कागज जराकय हवा भ उड़ा टदमा |
उसक फाद गरदव न अऩन तककम क नीि स वही कागज ननकारकय कववयाजजी क आग यख टदमा | मह दखकय उनह फड़ा आशचमग हआ कक मह कागज वही था एवॊ जो उनहोन मरखा था वह बी उस ऩय उनहीॊ क सरख भ मरखा था औय साथ ही उसका उततय बी मरखा हआ दखा | जड़ता ऩशता औय ईशवयता का भर हभाया शयीय ह | जड़ शयीय को भ-भया भानन की ववतत जजतनी मभटती ह ऩाशवी वासनाओॊ की गराभी उतनी हटती ह औय हभाया ईशवयीम अॊश जजतना अचधक ववकमसत होता ह उतना ही मोग-साभमग ईशवयीम साभमग परकट होता ह | बायत क ऐस कई बकतो सॊतो औय मोचगमो क जीवन भ ईशवयीम साभमग दखा गमा ह अनबव ककमा गमा ह उसक ववषम भ सना गमा ह | धनम ह बायतबमभ भ यहनवार बायतीम सॊसकनत भ शरदधा-ववशवास यखनवार अऩन ईशवयीम अॊश को जगान की सवा-साधना कयनवार सवाभी ववशदधानॊदजी वषो की एकाॊत साधना औय वषो-वषो की गरसवा स अऩना दहाधमास औय ऩाशवी वासनाएॉ मभटाकय अऩन ईशवयीम
अॊश को ववकमसत कयनवार बायत क अनक भहाऩरषो भ स थ | उनक जीवन की औय बी अरौककक घटनाओॊ का वणगन आता ह | ऐस सतऩरषो क जीवन-िरयतर औय उनक जीवन भ घटटत घटनाएॉ ऩढ़न-सनन स हभ रोग बी अऩनी जड़ता एवॊ ऩशता स ऊऩय उठकय ईशवयीम अॊश को उबायन भ उतसाटहत होत ह | फहत ऊॉ िा काभ ह फड़ी शरदधा फड़ी सभझ फड़ा धमग िाटहए ईशवयीम साभमग को ऩणग रऩ स ववकमसत कयन भ | अफ आओ
िर आदय शॊकयािामग की ओय
नदी की धाया भड़ गमी
आदय शॊकयािामग की भाता ववमशषटा दवी अऩन करदवता कशव की ऩजा कयन जाती थीॊ | व ऩहर नदी भ सनान कयतीॊ औय कफ़य भॊटदय भ जाकय ऩजन कयतीॊ | एक टदन व परातकार ही ऩजन-साभगरी रकय भॊटदय की ओय गमीॊ ककॊ त सामॊकार तक घय नहीॊ रौटीॊ | शॊकयािामग की आम अबी सात-आठ वषग क भधम भ ही थी | व ईशवय क ऩयभ बकत औय ननषठावान थ | सामॊकार तक भाता क वाऩस न रौटन ऩय आिामग को फड़ी चिनता हई औय व उनह खोजन क मरए ननकर ऩड़ | भॊटदय क ननकट ऩहॉिकय उनहोन भाता को भागग भ ही भजचछगत ऩड़ दखा | उनहोन फहत दय तक भाता का उऩिाय ककमा तफ व होश भ आ सकीॊ |
नदी अचधक दय थी | वहाॉ तक ऩहॉिन भ भाता को फड़ा कषट होता था | आिामग न बगवान स भन-ही-भन पराथगना की कक परबो ककसी परकाय नदी की धाया को भोड़ दो जजसस कक
भाता ननकट ही सनान कय सक | व इस परकाय की पराथगना ननतम कयन रग | एक टदन उनहोन दखा कक नदी की धाया ककनाय की धयती को काटती-काटती भड़न रगी ह तथा कछ टदनो भ ही वह आिामग शॊकय क घय क ऩास फहन रगी | इस घटना न आिामग का अरौककक शकतकतसमऩनन होना परमसदध कय टदमा |
सकषभ शयीय स िोय का ऩीछा ककमा
हरयहय फाफा की फड़ी परमसवदध थी | एक फाय व हयऩारऩय सटशन ऩय थ | वहाॉ क सटशन भासटय न उनको एक िोय सऩदग ककमा | िोय न फाफा स कहा भहायाज भझ इतनी छटटी द दीजजम कक भ अऩन फार-फचिो का परफॊध कय आऊॉ | फाफा गाड़ी आन ऩय रौट आना | िोय िरा गमा | सटशन भासटय को ऩता िरा तो वह फाफा ऩय गभग हआ औय फोरा उसक फदर तमह जर की हवा खानी होगी | तभन जान-फझकय उस बगा टदमा ह | फाफा घफयाओ भत गाड़ी आन स ऩहर ही वह रौट आमगा | िोय की नीमत ठीक नहीॊ थी | वह जॊगर क भागग स अऻात सथान को बाग जाना िाहता था ककॊ त उस हय सभम मही परतीत होता यहा कक हरयहय फाफा डॊडा पटकायत हए उसक ऩीछ-ऩीछ िर आ यह ह | इसीमरए वह गाड़ी आन स ऩहर ही रौट आमा |
भॊगरी फाधा-ननवायण भॊतर
अॊ याॊ अॊ
इस भॊतर को १०८ फाय जऩन स करोध दय होता ह | जनभकनडरी भ भॊगरी मोग होन स जजनक वववाह न हो यह हो व २७ भॊगरवाय इस भॊतर का १०८ फाय जऩ कयत हए वरत यखकय हनभानजी ऩय मसॊदय का िोरा िढ़ाम | इसस भॊगर-फाधा का म होता ह |
सखऩवगक परसवकायक भॊतर
ऩहरा उऩाम
एॊ हीॊ बगवनत बगभामरनन िर िर भराभम भराभम ऩषऩॊ ववकासम ववकासम सवाहा |
इस भॊतर दवाया अमबभॊबतरत दध गमबगणी सतरी को वऩराम तो सखऩवगक परसव होगा |
दसया उऩाम
गमबगणी सतरी सवमॊ परसव क सभम जमबरा-जमबरा जऩ कय |
तीसया उऩाम
दशी गाम क गोफय का १२ स १५ मभरी यस ॐ नभो नायामणाम भॊतर का २१ फाय जऩ कयक ऩीन स बी परसव-फाधाएॉ दय होगी औय बफना ऑऩयशन क परसव होगा |
परसनत क सभम अभॊगर की आशॊका हो तो ननमन भॊतर का जऩ कय
सवगभॊगर भाॊगपम मशव सवागथग साचधक |
शयणम तरममफक गौयी नायामणी नभोSसतत ||
(दगागसिशती)
शकतकतशारी व गोय ऩतर की परानि क मरए
सगबागवसथा भ ढाक (ऩराश खाखया) का एक कोभर ऩतता घोटकय गौ-दगध क साथ योज सवन कयन स फारक शकतकतशारी औय गोया होता ह | भाता-वऩता बर कार-करट हो कपय बी फारक गोया होगा |
सदगर-भटहभा
गर बफन बव ननचध तय न कोई |
जौ फयॊचि सॊकय सभ होई ||
-सॊत तरसीदासजी
हरयहय आटदक जगत भ ऩजमदव जो कोम |
सदगर की ऩजा ककम सफकी ऩजा होम ||
-ननशचरदासजी भहायाज
सहजो कायज सॊसाय को गर बफन होत नाॉही |
हरय तो गर बफन कमा मभर सभझ र भन भाॉही ||
-सॊत कफीयजी सॊत
सयनन जो जन ऩय सो जन उधयनहाय | सॊत की ननॊदा नानका फहरय फहरय अवताय ||
-गर नानक दवजी
गरसवा सफ बागमो की जनभबमभ ह औय वह शोकाकर रोगो को बरहमभम कय दती ह |
गररऩी समग अववदयारऩी याबतर का नाश कयता ह औय ऻानाऻान रऩी मसतायो का रोऩ कयक फवदधभानो को आतभफोध का सटदन टदखाता ह |
-सॊत ऻानशवय भहायाज
सतम क कॊ टकभम भागग भ आऩको गर क मसवाम औय कोई भागगदशगन नहीॊ द सकता |
- सवाभी मशवानॊद सयसवती
ककतन ही याजा-भहायाजा हो गम औय होग सामजम भकतकत कोई नहीॊ द सकता | सचि याजा-भहायाज तो सॊत ही ह | जो उनकी शयण जाता ह वही सचिा सख औय सामजम भकतकत ऩाता ह |
-सभथग शरी याभदास सवाभी
भनषम िाह ककतना बी जऩ-तऩ कय मभ-ननमभो का ऩारन कय ऩयॊत जफ तक सदगर की कऩादवषट नहीॊ मभरती तफ तक सफ रवमथग ह |
-सवाभी याभतीथग
परटो कहत ह कक सकयात जस गर ऩाकय भ धनम हआ |
इभसगन न अऩन गर थोयो स जो पराि ककमा उसक भटहभागान भ व बावववबोय हो जात थ |
शरी याभकषण ऩयभहॊस ऩणगता का अनबव कयानवार अऩन सदगरदव की परशॊसा कयत नहीॊ अघात थ |
ऩजमऩाद सवाभी शरी रीराशाहजी भहायाज बी अऩन सदगरदव की माद भ सनह क आॉस
फहाकय गदगद कॊ ठ हो जात थ |
ऩजम फाऩजी बी अऩन सदगरदव की माद भ कस हो जात ह मह तो दखत ही फनता ह |
अफ हभ उनकी माद भ कस होत ह मह परशन ह | फटहभगख ननगय रोग कछ बी कह साधक को अऩन सदगर स कमा मभरता ह इस तो साधक ही जानत ह |
रडी भाटटगन क सहाग की या कयन अपगाननसतान भ परकट मशवजी
साध सॊग सॊसाय भ दरगब भनषम शयीय |
सतसॊग सववत ततव ह बतरववध ताऩ की ऩीय ||
भानव-दह मभरना दरगब ह औय मभर बी जाम तो आचधदववक आचधबौनतक औय आधमाजतभक म तीन ताऩ भनषम को तऩात यहत ह | ककॊ त भनषम-दह भ बी ऩववतरता हो सचिाई हो शदधता हो औय साध-सॊग मभर जाम तो म बतरववध ताऩ मभट जात ह |
सन १८७९ की फात ह | बायत भ बबरटटश शासन था उनहीॊ टदनो अॊगरजो न अपगाननसतान ऩय आकरभण कय टदमा | इस मदध का सॊिारन आगय भारवा बबरटटश छावनी क रजफ़टनट कनगर भाटटगन को सौऩा गमा था | कनगर भाटटगन सभम-सभम ऩय मदध-तर स अऩनी ऩतनी को कशरता क सभािाय बजता यहता था | मदध रॊफा िरा औय अफ तो सॊदश आन बी फॊद हो गम | रडी भाटटगन को चिॊता सतान रगी कक कहीॊ कछ अनथग न हो गमा हो अपगानी सननको न भय ऩनत को भाय न डारा हो | कदाचित ऩनत मदध भ शहीद हो गम तो भ जीकय कमा करॉ गी -मह सोिकय वह अनक शॊका-कशॊकाओॊ स नघयी यहती थी |
चिनतातय फनी वह एक टदन घोड़ ऩय फठकय घभन जा यही थी | भागग भ ककसी भॊटदय स आती हई शॊख व भॊतर धवनन न उस आकवषगत ककमा | वह एक ऩड़ स अऩना घोड़ा फाॉधकय भॊटदय भ गमी | फजनाथ भहादव क इस भॊटदय भ मशवऩजन भ ननभगन ऩॊकतडतो स उसन ऩछा आऩ रोग कमा कय यह ह एक वरदध बराहमण न कहा हभ बगवान मशव का ऩजन कय यह ह | रडी भाटटगन मशवऩजन की कमा भहतता ह बराहमण फटी बगवान मशव तो औढयदानी ह बोरनाथ ह | अऩन बकतो क सॊकट-ननवायण कयन भ व तननक बी दय नहीॊ कयत ह | बकत उनक दयफाय भ जो बी भनोकाभना रकय क आता ह उस व शीघर ऩयी कयत ह ककॊ त फटी तभ फहत चिजनतत औय उदास नजय आ यही हो कमा फात ह रडी भाटटगन भय ऩनतदव मदध भ गम ह औय ववगत कई टदनो स उनका कोई
सभािाय नहीॊ आमा ह | व मदध भ पॉ स गम ह मा भाय गम ह कछ ऩता नहीॊ िर यहा | भ उनकी ओय स फहत चिजनतत हॉ | इतना कहत हए रडी भाटटगन की आॉख नभ हो गमीॊ |
बराहमण तभ चिनता भत कयो फटी मशवजी का ऩजन कयो उनस पराथगना कयो रघररी कयवाओ | बगवान मशव तमहाय ऩनत का यण अवशम कयग |
ऩॊकतडतो की सराह ऩय उसन वहाॉ गमायह टदन का ॐ नभ मशवाम भॊतर स रघररी अनषठान परायॊब ककमा तथा परनतटदन बगवान मशव स अऩन ऩनत की या क मरए पराथगना कयन रगी कक ह बगवान मशव ह फजनाथ भहादव मटद भय ऩनत मदध स सकशर रौट आम तो भ आऩका मशखयफॊद भॊटदय फनवाऊॉ गी | रघररी की ऩणागहनत क टदन बागता हआ एक सॊदशवाहक मशवभॊटदय भ आमा औय रडी भाटटगन को एक मरपापा टदमा | उसन घफयात-घफयात वह मरपापा खोरा औय ऩढ़न रगी |
ऩतर भ उसक ऩनत न मरखा था हभ मदध भ यत थ औय तभ तक सॊदश बी बजत यह रककन आक ऩठानी सना न घय मरमा | बबरटटश सना कट भयती औय भ बी भय जाता |
ऐसी ववकट ऩरयजसथनत भ हभ नघय गम थ कक पराण फिाकय बागना बी अतमाचधक कटठन था | इतन भ भन दखा कक मदधबमभ भ बायत क कोई एक मोगी जजनकी फड़ी रमफी जटाएॉ ह हाथ भ तीन नोकवारा एक हचथमाय (बतरशर) इतनी तीवर गनत स घभ यहा था कक ऩठान सननक उनह दखकय बागन रग | उनकी कऩा स घय स हभ ननकरकय ऩठानो ऩय वाय कयन का भौका मभर गमा औय हभायी हाय की घकतड़माॉ अिानक जीत भ फदर गमीॊ | मह सफ बायत क उन फाघामफयधायी एवॊ तीन नोकवारा हचथमाय धायण ककम हए
(बतरशरधायी) मोगी क कायण ही समबव हआ | उनक भहातजसवी रवमकतकततव क परबाव स दखत-ही-दखत अपगाननसतान की ऩठानी सना बाग खड़ी हई औय व ऩयभ मोगी भझ
टहमभत दत हए कहन रग | घफयाओॊ नहीॊ | भ बगवान मशव हॉ तथा तमहायी ऩतनी की ऩजा स परसनन होकय तमहायी या कयन आमा हॉ उसक सहाग की या कयन आमा हॉ |
ऩतर ऩढ़त हए रडी भाटटगन की आॉखो स अववयत अशरधाया फहती जा यही थी उसका रदम अहोबाव स बय गमा औय वह बगवान मशव की परनतभा क समभख मसय यखकय पराथगना कयत-कयत यो ऩड़ी | कछ सिाह फाद उसका ऩनत कनगर भाटटगन आगय छावनी रौटा | ऩतनी न उस सायी फात सनात हए कहा आऩक सॊदश क अबाव भ भ चिजनतत हो उठी थी रककन बराहमणो की सराह स मशवऩजा भ रग गमी औय आऩकी या क मरए बगवान मशव स पराथगना कयन रगी | उन द खबॊजक भहादव न भयी पराथगना सनी औय आऩको सकशर रौटा टदमा | अफ तो ऩनत-ऩतनी दोनो ही ननममभत रऩ स फजनाथ भहादव क भॊटदय भ ऩजा-अिगना कयन रग | अऩनी ऩतनी की इचछा ऩय कनगर भाटटगन भ सन १८८३
भ ऩॊरह हजाय रऩम दकय फजनाथ भहादव भॊटदय का जीणोदवाय कयवामा जजसका मशरारख आज बी आगय भारवा क इस भॊटदय भ रगा ह | ऩय बायतबय भ अॊगरजो दवाय ननमभगत मह एकभातर टहनद भॊटदय ह |
मयोऩ जान स ऩवग रडी भाटटगन न ऩकतड़तो स कहा हभ अऩन घय भ बी बगवान मशव का भॊटदय फनामग तथा इन द ख-ननवायक दव की आजीवन ऩजा कयत यहग |
बगवान मशव भ बगवान कषण भ भाॉ अमफा भ आतभवतता सदगर भ सतता तो एक ही ह | आवशमकता ह अटर ववशवास की | एकररवम न गरभनत ग भ ववशवास कय वह पराि कय मरमा जो अजगन को कटठन रगा | आरणण उऩभनम रव परहराद आटद अनम सकड़ो उदायहण हभाय साभन परतम ह | आज बी इस परकाय का सहमोग हजायो बकतो को साधको को बगवान व आतभवतता सदगरओॊ क दवाया ननयनतय पराि होता यहता ह | आवशमकता ह तो फस कवर ववशवास की |
भहाभतमॊजम भॊतर
ॐ हौ जॉ स |
ॐ बबगव सव |
ॐ तरममफकॊ मजाभह सगॊचध ॊ ऩवषटवधगनभ |
उवागरकमभव फनधनानभतमोभगीम भाभतात |
सव भव ब ॐ |
स जॉ हौ ॐ |
बगवान मशव का मह भहाभतमॊजम जऩन स अकार भतम तो टरती ही ह आयोगमता की बी परानि होती ह | सनान कयत सभम शयीय ऩय रोट स ऩानी डारत वकत इस भॊतर का जऩ कयन स सवासम-राब होता ह | दध भ ननहायत हए इस भॊतर का जाऩ ककमा जाम औय कपय वह दध ऩी मरमा जम तो मौवन की सया भ बी सहामता मभरती ह | आजकर की तज यफ़तायवारी जजनदगी भ कहाॉ आतॊक उऩरव दघगटना हो जाम कहना भजशकर ह | घय स ननकरत सभम एक फाय मह भॊतर जऩनवारा इन उऩदरवो स सयकषत यहता ह औय सयकषत घय रौटता ह | (इस भॊतरानषठान क ववचध-ववधान की ववसतत जानकायी क मरए आशरभ दवाया परकामशत आयोगमननचध ऩसतक ऩढ़ |) शरीभदबागवत क आठव सकॊ ध भ तीसय अधमाम क शलोक १ स ३३ तक भ वणणगत गजनरभो सतोतर का ऩाठ कयन स तभाभ
ववधन दय होत ह |
याषड उनका कणी ह
बायत क बतऩवग परधानभॊतरी शरी िनरशखय टदपरी क सवणग जमॊती ऩाकग भ २५ जराई १९९९ को फाऩजी की अभतवाणी का यसासवादन कयन क ऩशचात फोर आज ऩजम फाऩ की टदरवम वाणी का राब रकय भ धनम हो गमा | सॊतो की वाणी न हय मग भ नमा सॊदश टदमा ह नमी परयणा जगामी ह | करह ववरोह औय दवष स गरसत वतगभान वातावयण भ फाऩ जजस तयह सतम करणा औय सॊवदनशीरता क सॊदश का परसाय कय यह ह इसक मरम याषड उनका कणी ह |
-शरी िनरशखय बतऩव परधानभॊतरी बायत सयकाय
सतसॊग-शरवण स भय रदम की सपाई हो गमी
ऩजमशरी क दशगन कयन व आशीवागद रन हत आम हए उततय परदश क ततकारीन याजमऩार शरी सयजबान न कहा सभशानबभी स आन क फाद हभ रोग शयीय की शवदध क मरम सनान कय रत ह | ऐस ही ववदशो भ जान क कायण भझ ऩय दवषत ऩयभाण रग गम थ
ऩयॊत वहाॊ स रौटन क फाद मह भया ऩयभ सौबागम ह कक भहायाजशरी क दशगन व ऩावन सतसॊग कयन स भय चितत की सपाई हो गमी | ववदशो भ यह यह अनको बायतवासी ऩजम फाऩ क परविनो को परतम मा ऩयो रऩ स सन यह ह | भया मह सौबागम ह कक भझ महाॊ भहायाजशरी को सनन का सअवसय पराि हआ ह |
-शरी सयजबान
ततकारीन याजमऩार उततय परदश
ऩजम फाऩ जीवन को सखभम फनान का भागग फता यह ह
गजयात क ततकारीन भखमभॊतरी शरी कशबाई ऩटर ११ भई को ऩजम फाऩ क दशगन कयन अभदावाद आशरभ ऩहॉि | सतसॊग सनन क फाद उनहोन बावऩणग वाणी भ कहा भ तो ऩजम फाऩ क दशगन कयन क मरम आमा था ककनत फड़ सौबागम स दशगन क साथ ही सतसॊग का राब बी मभरा | जीवन भ अधमाजतभकता क साथ सहजता कस राम तथा भनषम सखी एवॊ ननयोगी जीवन ककस परकाय बफताम इस गहन ववषम को ककतनी सयरता
स ऩजम फाऩ न हभ सभझामा ह ईशवय-परदतत इस भनषम-जनभ को सखभम फनन का भागग ऩजम फाऩ हभ फता यह ह | बायतीम सॊसकनत भ ननटहत सतम की ओय िरन की परयणा हभ द यह ह | एक वजशवक कामग ईशवयीम कामग जजस सवमॊ बगवान को कयना ह वह कामग आज ऩजम फाऩजी कय यह ह | फाऩ को भय शत-शत परणाभ |
-शरी कशबाई ऩटर
ततकारीन भखमभॊतरी गजयात याजम
धयती तो फाऩजी जस सॊतो क कायण टटकी ह
भझ सतसॊग भ आन का भौका ऩहरी फाय मभरा ह औय ऩजम फाऩजी स एक अदबत फात भझ औय आऩ सफको सनन को मभरी ह वह ह परभ की फात | इस सवषट का जो भर ततव ह वह ह परभ | मह परभ नाभ का ततव मटद न हो तो सवषट नषट हो जामगी | रककन सॊसाय भ कोई परभ कयना नहीॊ जानता मा तो बगवान पमाय कयना जानत ह मा सॊत पमाय कयना जानत ह | जजसको सॊसायी रोग अऩनी बाषा भ परभ कहत ह उसभ तो कहीॊ-न-कहीॊ सवाथग जडा होता ह रककन बगवान सॊत औय गर का परभ ऐसा होता ह जजसको हभ सिभि परभ की ऩरयबाषा भ फाॊध सकत ह | भ मह कह सकती हॉ कक साध-सॊतो को दश की सीभाम नहीॊ फाॊधतीॊ | जस नटदमो की धायाएॉ दश औय जानत औय सॊपरदाम की सीभाओॊ भ नहीॊ फॊधता | कमरमग भ रदम की ननषकऩटता ननसवाथग परभ तमाग औय तऩसमा का म होन रगा ह कपय बी धयती टटकी ह तो फाऩ इसमरए कक आऩ जस सॊत बायतबमभ ऩय ववियण कयत ह | फाऩ की कथा भ ही भन मह ववशषता दखी ह कक गयीफ औय अभीय दोनो को अभत क घॊट एक जस ऩीन को मभरत ह | महाॊ कोई बदबाव नहीॊ ह |
-सशरी उभा बायती भखमभॊतरी भधम परदश
हभ सफको बकत फनन की ताकत मभर
भ तो ऩजम फाऩजी क शरीियणो भ परणाभ कयन आमा हॊ | बकतकत स फड़ी कोई ताकत नहीॊ होती औय बकत हय कोई फन सकता ह | हभ सफको बकत फनन की ताकत मभर | भ सभझता हॊ कक सॊतो क आशीवागद ही हभ सफकी ऩॊजी होती ह |
-नयनर भोदी भखमभॊतरी गजयात याजम
सही ऊजाग फाऩजी स मभरती ह
गजयात सयकाय न भझ ऊजागभॊतरी का ऩद सौऩा ह ऩय सही आजतभक ऊजाग भझ ऩजम फाऩजी स मभरती ह |
-शरी कौमशकबाई ऩटर
ततकारीन ऊजागभॊतरी वतगभान भ याजसव व नागरयक आऩनतग भॊतरी गजयात याजम
भ तो फाऩजी का एक साभानम कामगकताग हॊ
टदपरी भ आमोजजत ऩजमशरी क सतसॊग-कामगकरभ क दौयान टदपरी क ततकारीन भखमभॊतरी शरी साटहफ मसॊह वभाग सतसॊग-शरवण हत आभ बकतो क फीि आ फठ | सतसॊग-शरवण क ऩशचात उनहोन ऩजम फाऩ को भाथा टककय परणाभ ककमा भापमाऩगण क साथ सवागत कयक उनका आशीवागद पराि ककमा | एक सॊत क परनत रोगो की शरदधा तडऩ सतसॊग-परभ
उनका परभऩणग रवमवहाय अनशासन व बायतीमता को दखकय भखमभॊतरीशरी गदगद हो उठ |
उनहोन फाय-फाय टदपरी ऩधायन क मरम ऩजम फाऩ स पराथगना की औय कहा आज भ ऩजम फाऩजी क दशगन व सतसॊग-शरवण कयक ऩावन हो गमा हॉ | भ भहसस कयता हॉ कक ऩयभ सॊतो क जफ दशगन होत ह औय उनक ऩावन शयीय स जो तयॊग ननकरती ह व जजसको बी छ जाती ह उसकी फहत-सी कमभमाॉ दय हो जाती ह | भ िाहता हॊ कक भयी सबी कमभमाॉ दय हो जाम | भ तो ऩजम फाऩजी का एक साभानम सा कामगकताग हॊ | ऩजम फाऩजी की कऩा हभशा भझ ऩय फनी यह एसी भयी काभना ह | भया ऩयभ सौबागम ह की भझ आऩक दशगन का आऩक आशीवागद पराि कयन का अवसय मभरा |
-शरी साटहफ मसॊह वभाग कनरीम शरभ भॊतरी बायत सयकाय
भ कभनसीफ हॊ जो इतन सभम तक गरवाणी स वॊचित यहा
ऩयभ ऩजम गरदव क शरीियणो भ सादय परणाभ भन अबी तक भहायाजशरी का नाभ बय सना था | आज दशगन कयन का अवसय मभरा ह रककन भ अऩन आऩ को कभनसीफ
भानता हॊ कमोकक दय स आन क कायण इतन सभम तक गरदव की वाणी सनन स वॊचित यहा | अफ भयी कोमशश यहगी कक भ भहायाजशरी की अभत वाणी सनन का हय अवसय मथासभम ऩा सकॊ | भ ईशवय स मही पराथगना कयता हॊ कक व हभ ऐसा भौका द कक हभ गर की वाणी सनकय अऩन आऩको सधाय सक | गरजी क शरीियणो भ सादय सभवऩगत होत हए भधम परदश की जनता की ओय स पराथगना कयता हॊ कक गरदव आऩ इस भधम परदश भ फाय-फाय ऩधाय औय हभ रोगो को आशीवागद दत यह ताकक ऩयभाथग क उस कामग भ जो आऩन ऩय दश भ ही नहीॊ दश क फाहय बी परामा ह भधम परदश क रोगो को बी जड़न का जमादा-स-जमादा अवसय मभर |
-शरी टदजगवजम मसॊह
ततकारीन भखमभॊतरी भधम परदश
इतनी भधय वाणी इतना अदबत ऻान
भ अऩनी ओय स तथा महाॊ उऩजसथत सबी भहानबावो की ओय स ऩयभ शरदधम सॊतमशयोभणण फाऩजी का हाटदगक सवागत कयता हॊ | भन कई फाय टी वी ऩय आऩको दखा-सना ह औय टदपरी भ एक फाय आऩका परविन बी सना ह | इतनी भधय वाणी इतना अदबत ऻान अगय आऩ क परविन ऩय गहयाई स वविाय कयक अभर ककमा जाम तो इॊसान को ज ॊदगी भ सही यासता मभर सकता ह | व रोग धनबागी ह जो इस मग भ ऐस भहाऩरष क दशगन व सतसॊग स अऩन जीवन-सभन णखरात ह |
-शरी बजनरार
ततकारीन भखम भॊतरी हरयमाणा
ऐस सॊतो का तो जजतना आदय ककमा जाम कभ ह
ककसी न भझ स कहा था धमान की कसट रगाकय सोमग तो सवपन भ गरदव क दशगन होग भन उसी यात धमान की कसट रगामी औय सनत-सनत सो गमा | उस वकत याबतर क फायह-साढ़ फायह फज होग | वकत का ऩता नहीॊ िरा | ऐसा रगा भानो ककसी न भझ उठा टदमा | भ गहयी नीॊद स उठा एवॊ गरजी की रऩ वार फ़ोटो की तयफ़ टकटकी रगाकय एक-दो मभनट तक दखता यहा | इतन भ आशचमग टऩ अऩन-आऩ िर ऩड़ी औय कवर मह तीन वाकम सनन को मभर आतभा ितनम ह | शयीय जड़ ह | शयीय ऩय अमबभान भत कयो | टऩ सवत फॊद हो गमी औय ऩय कभय भ मह आवाज गॊज उठी |
दसय कभय भ भयी ऩतनी की बी आॊख खर गमी औय उसन तो महाॊ तक भहसस ककमा जस कोई िर यहा ह व गरजी क मसवाम औय कोई हो ही नहीॊ सकत | भन कभय की राइट जरामी औय दौड़ता हआ ऩतनी क ऩास गमा | भन ऩछासना वह फोरी हाॊ | उस सभम सफह क ठीक िाय फज थ | सनान कयक भ धमान भ फठा तो डढ़ घणट तक फठा यहा | इतना रॊफा धमान तो भया कबी नहीॊ रगा | इस घटना क फाद तो ऐसा रगता ह कक गरजी साात बरहमसवरऩ ह | उनको जो जजस रऩ भ दखता ह वस ही टदखत ह |
भया मभतर ऩाशचातम वविायधाया वारा ह | उसन गरजी का परविन सना औय फोरा भझ तो म एक फहत अचछ रकियय रगत ह | भन कहा आज जरय इस ऩय गरजी कछ कहग |
मह सयत आशरभ भ भनामी जा यही जनभाषटभी क सभम की फात ह | हभ कथा भ फठ |
गरजी न कथा क फीि भ कहाकछ रोगो को भ रकियय टदखता हॊ कछ को परोफ़सय टदखता हॊ कछ को गर टदखता हॊ कछ को बगवान टदखता हॊजो भय ऩय जसी शरदधा यखता ह उस भ वसा ही टदखता हॊ औय वसा ही वह भझ ऩाता ह | भय मभतर का मसय शभग स झक गमा | कपय बी वह नाजसतक तो था ही | उसन हभाय ननवास ऩय भजाक भ गरजी क मरए कछ कहा तफ भन कहा | मह ठीक नहीॊ ह | अफ की फाय भान जा नहीॊ तो गरजी सजा दग तझ | १५ मभनट भ ही उसक घय स फ़ोन आ गमा कक फचि की तबफमत फहत खयाफ ह | उस असऩतार भ दाणखर कयना ऩड़ यहा ह | तफ भय मभतर की सयत दखन रामक थी | वह फोरागरती हो गमी | अफ भ गरजी क मरए कछ न कहॊगा भझ िाह ववशवास हो मा न हो | अखफायो भ गरजी की ननॊदा मरखनवार अऻानी रोग नहीॊ जानत कक जो भहाऩरष बायतीम सॊसकनत को एक नमा रऩ द यह ह कई सॊतो की वाणणमो को ऩनजीववत कय यह ह रोगो क शयाफ-कफाफ छड़वा यह ह जजनस सभाज का कपमाण हो यहा ह उनक ही फाय भ हभ हपकी फात मरख यह ह | मह हभाय दश क मरए फहत ही शभगनाक फात ह | ऐस सॊतो का तो जजतना आदय ककमा जाम वह कभ ह | गरजी क फाय भ कछ बी फखान कयन क मरए भय ऩास शबद नहीॊ ह |
-डा सतवीय मसॊह छाफड़ा फीफीईएभ आकाशवाणी इनदौय
आऩकी कऩा स मोग की अणशकतकत ऩदा हो यही ह
अनक परकाय की ववकनतमाॉ भानव क भन ऩय साभाजजक जीवन ऩय सॊसकाय औय सॊसकनत ऩय आकरभण कय यही ह | वसतत इस सभम सॊसकनत औय ववकनत क फीि एक भहासॊघषग िर यहा ह जो ककसी सयहद क मरए नहीॊ फजपक सॊसकायो क मरए रड़ा जा यहा ह | इस
भ सॊसकनत को जजतान का फभ ह मोगशकतकत | ह गरदव आऩकी कऩा स इस मोग की टदरवम अणशकतकत राखो रोगो भ ऩदा हो यही हमह सॊसकनत क सननक फन यह ह | गरदव भ आऩस पराथगना कयता हॊ कक शासन क अॊदय बी धभग औय वयागम क सॊसकाय उतऩनन हो | आऩ स आशीवागद पराि कयन क मरए भ आऩक ियणो भ आमा हॊ |
-शरी अशोकबाई बटट
काननभॊतरी गजयात याजम
भझ ननरवमगसनी फना टदमा
भ वऩछर कई वषो स तमफाक का रवमसनी था औय इस दगगण को छोड़न क मरए भन ककतन ही परमतन ककम ऩय भ ननषपर यहा | जनवयी ९५ भ ऩजम फाऩ जफ परकाशा आशरभ (भहा) ऩधाय तो भ बी उनक दशगनाथग वहाॊ ऩहॊिा औय उनस अनयोध ककमा फाऩ ववगत ३२ वषो स तमफाक का सवन कय यहा हॉ | अनक परमतनो क फाद बी इस दगगण स भ भकत ना हो सका | अफ आऩ ही कछ कऩा कीजजए | फाऩजी न कहा राओ तमफाक की कतडबफी औय तीन फाय थककय कहो कक आज स भ तमफाक नहीॊ खाऊॊ गा | भन ऩजम फाऩ क ननदशानसाय मही ककमा औय भहान आशचमग उसी टदन स भया तमफाक खान का रवमसन छट गमा | ऩजम फाऩ की ऐसी कऩा दजषत हमी कक वषग ऩया होन ऩय बी भझ कबी तमफाक खान की तरफ तक नहीॊ रगी | भ ककन शबदो भ ऩजम फाऩ का आबाय रवमकत करॊ भय ऩास शबद ही नहीॊ ह | भझ आनॊद ह कक इन याषड सॊत न फयफाद व नषट होत हए भय जीवन को फिा कय भझ ननरवमसगनी फना टदमा |
-शरी रखन बटवार
जज धमरमा भहायाषड
फाऩजी क सतसॊग स ववशव बय क रोग राबाजनवत
बायतबमभ सदव स ही कवष-भननमो तथा सॊत-भहातभाओॊ की बमभ यही ह जजनहोन ववशव को शाॊनत एवॊ आधमातभ का सॊदश टदमा ह | आज क मग भ ऩजम सॊत शरी आसायाभजी अऩनी अभत वाणी दवाया टदरवम आधमाजतभक सॊदश द यह ह जजसस न कवर बायत वयन ववशव बय भ रोग राबाजनवत हो यह ह |
-शरी सयजीत मसॊह फयनारा याजमऩार आनर परदश
ऻानरऩी गॊगाजी सवमॊ फहकय महाॉ आ गमी
उततयाॊिर याजम का सौबागम ह कक इस दवबभी भ दवता सवरऩ ऩजम फाऩजी का आशरभ फन यहा ह | आऩ ऐसा आशरभ फनाम जसा कहीॊ बी न हो | मह हभ रोगो का सौबागम ह कक अफ ऩजम फाऩजी की ऻानरऩी गॊगाजी सवमॊ फहकय महाॊ आ गमी ह | अफ गॊगा जाकय दशगन कयन व सनान कयन की उतनी आवशमकता नहीॊ ह जजतनी सॊत शरी आसायाभजी फाऩ क ियणो भ फठकय उनक आशीवागद रन की ह |
-शरी ननतमानॊद सवाभीजी ततकारीन भखमभॊतरी उततयाॊिर
गरजी की तसवीय न पराण फिा मरम
कछ ही टदनो ऩहर भया दसया फटा एभ ए ऩास कयक नौकयी क मरम फहत जगह घभा फहत जगह आवदन-ऩतर बजा ककनत उस नौकयी नहीॊ मभरी | कपय उसन फाऩजी स दीा री | भन आशरभ का कछ साभान कसट सतसाटहतम राकय उसको दत हए कहा शहय भ जहाॉ भॊटदय ह जहाॉ भर रगत ह तथा जहाॉ हनभानजी का परमसदध दकषणभखी भॊटदय ह वहाॊ सटार रगाओ | फट न सटार रगाना शर ककमा | ऐस ही एक सटार ऩय जरगाॊव क एक परमसदध रवमाऩायी अगरवारजी आम फाऩजी की कछ कसट खयीदीॊ औय ईशवय की ओय नाभक ऩसतक बी साथ भ र गम ऩसतक ऩढ़ी औय कसट सनी | दसय टदन व कपय आम औय कछ सतसाटहतम खयीद कय र गम व ऩान क थोक ववकरता ह | उनको ऩान खान की आदत ह | ऩसतक ऩढ़कय उनह रगा भ ऩान छोड़ दॉ | उनकी दकान ऩय एक आदभी आमा | ऩाॊिसौ रऩमो का साभान खयीदा औय उनका पोन नमफय र गमा | एक घॊट क फाद उसन दकान ऩय पोन ककमा सठ अगरवारजी भझ आऩका खन कयन का काभ सौऩा गमा था | कापी ऩस (सऩायी) बी टदम गम थ औय भ तमाय बी हो गमा था ऩय जफ भ आऩकी दकान ऩय ऩहॊिा तो ऩयभ ऩजम सॊत शरी आसायाभजी फाऩ क चितर ऩय भयी नजय ऩड़ी | भझ ऐसा रगा भानो साात फाऩ फठ हो औय भझ नक इनसान फनन की परयणा द यह हो गरजी की तसवीय न (तसवीय क रऩ भ साात गरदव न आकय) आऩक पराण फिा मरम | अदबत िभतकाय ह भमफई की ऩाटी न उसको ऩस बी टदम थ औय वह आमा बी था खन कयन क इयाद स ऩयनत जाको याख साॊइमाॉ चितर क दवाय बी अऩनी कऩा फयसान वार ऐस गरदव क परतम दशगन कयन क मरम वह महाॉ बी आमा ह
|
-फारकषण अगरवार
जरगाॊव भहायाषड
सदगर मशषम का साथ कबी नहीॊ छोड़त
एक यात भ दकान स सकटय दवाया अऩन घय जा यहा था | सकटय की कतडककी भ कापी रऩम यख हए थ | जमो ही घय क ऩास ऩहॊिा तो गरी भ तीन फदभाश मभर | उनहोन भझ घय मरमा औय वऩसतौर टदखामी | सकटय रकवाकय भय मसय ऩय तभॊि का फट भाय टदमा औय धकक भाय कय भझ एक तयप चगया टदमा | उनहोन सोिा होगा कक भ अकरा हॊ ऩय मशषम जफ सदगर स भॊतर रता ह शरदधा-ववशवास यखकय उसका जऩ कयता ह तफ सदगर उसका साथ नहीॊ छोड़त | भन सोिा कतडककी भ फहत रऩम ह औय म फदभाश तो सकटय र जा यह ह | भन गरदव स पराथगना की | इतन भ व तीनो फदभाश सकटय छोड़कय थरा र बाग | घय जाकय खोरा होगा तो सबजी औय खारी टटकफ़न दखकय मसय कटा ऩता नहीॊ ऩय फड़ा भजा आमा होगा | भय ऩस फि गमउनका सबजी का खिग फि गमा |
-गोकरिनर गोमर
आगया
गरकऩा स अॊधाऩन दय हआ
भझ गरकोभा हो गमा था | रगबग ऩतीस सार स मह तकरीफ़ थी | कयीफ छ सार तक तो भ अॊधा यहा | कोरकाता िननई आटद सफ जगहो ऩय गमा शॊकय नतरारम भ बी गमा ककनत वहाॊ बी ननयाशा हाथ रगी | कोरकाता क सफस फड़ नतर-ववशषऻ क ऩास गमा | उसन बी भना कय टदमा औय कहा | धयती ऩय ऐसा कोई इनसान नहीॊ जो तमह ठीक कय सक | रककन सयत आशरभ भ भझ गरदव स भॊतर मभरा | वह भॊतर भन खफ शरदधा-ववशवासऩवगक जऩा कमोकक सात बरहमसवरऩ गरदव स वह भॊतर मभरा था | कयीफ छ-सात भहीन ही जऩ हआ था कक भझ थोड़ा-थोड़ा टदखामी दन रगा | डॉकटय कहत थ कक तभको भराॊनत हो गमी ह ऩय भझ तो अफ बी अचछी तयह टदखता ह | एक फाय एक अनम बॊमकय दघगटना स बी गरदव न भझ फिामा था | ऐस गरदव का कण हभ जनभो-जनभो तक नहीॊ िका सकत |
-शॊकयरार भहशवयी
कोरकाता
औय डकत घफयाकय बाग गम
१४ जराई ९९ को कयीफ साढ़ तीन फज भय भकान भ छ डकत घस आम औय उस सभम दबागगम स फाहय का दयवाजा खरा हआ था | दो डकत फाहय भारनत िार यखकय खड़ थ | एक डकत न धकका दकय भयी भाॉ का भॉह फॊद कय टदमा औय अरभायी की िाफी भाॉगन रगा | इस घटना क दौयान भ दकान ऩय था | भयी ऩतनी को बी डकत धभकान रग औय आवाज न कयन को कहा | भयी ऩतनी न ऩजम फाऩजी क चितर क साभन हाथ जोड़कय पराथगना की अफ आऩ ही या कयो इतना ही कहा तो आशचमग आशचमग ऩयभ आशचमग व सफ डकत घफयाकय बागन रग | उनकी हड़फड़ाहट दखकय ऐसा रग यहा था भानो उनह कछ टदखामी नहीॊ द यहा था | व बाग गम | भया ऩरयवाय गरदव का कणी ह |
फाऩजी क आशीवागद स सफ सकशर ह | हभन १५ नवमफय ९८ को वायाणसी भ भॊतरदीा री थी |
-भनोहयरार तरयजा ४ झररार नगय मशवाजी नगय वायाणसी
भॊतर दवाया भतदह भ पराण-सॊिाय
भ शरी मोग वदानत सवा समभनत आभट स जीऩ दवाया यवाना हआ था | ११ जराई १९९४ को भधमानह फायह फज हभायी जीऩ ककसी तकनीकी तरटट क कायण ननमॊतरण स फाहय होकय तीन ऩजपटमाॉ खा गमी | भया ऩया शयीय जीऩ क नीि दफ गमा | ककसी तयह भझ फाहय ननकारा गमा | एक तो दफरा ऩतरा शयीय औय ऊऩय स ऩयी जीऩ का वजन ऊऩय आ जान क कायण भय शयीय क परतमक टहसस भ असहय ददग होन रगा | भझ ऩहर तो कसरयमाजी असऩतार भ दाणखर कयामा गमा | जमो-जमो उऩिाय ककमा गमा कषट फढ़ता ही गमा कमोकक िोट फाहय नहीॊ शयीय क बीतयी टहससो भ रगी थी औय बीतय तक डॉकटयो का कोई उऩिाय काभ नहीॊ कय यहा था | जीऩ क नीि दफन स भया सीना व ऩट ववशष परबाववत हए थ औय हाथ-ऩय भ काॉि क टकड़ घस गम थ | ददग क भाय भझ साॉस रन भ बी तकरीप हो यही थी | ऑकसीजन टदम जान क फाद बी दभ घट यहा था औय भतम की घकतडमाॉ नजदीक टदखामी ऩड़न रगीॊ | भ भयणासनन जसथनत भ ऩहॉि गमा | भया भतम-
परभाणऩतर फनान की तमारयमाॉ कक जान रगीॊ व भझ घय र जान को कहा गमा | इसक ऩवग भया मभतर ऩजम फाऩ स फ़ोन ऩय भयी जसथनत क समफनध भ फात कय िका था |
पराणीभातर क ऩयभ टहतषी दमार सवबाव क सॊत ऩजम फाऩ न उस एक गि भॊतर परदान कयत हए कहा था कक ऩानी भ ननहायत हए इस भॊतर का एक सौ आठ फाय (एक भारा) जऩ कयक वह ऩानी भनोज को एवॊ दघगटना भ घामर अनम रोगो को बी वऩरा दना |
जस ही वह अमबभॊबतरत जर भय भॉह भ डारा गमा भय शयीय भ हरिर होन क साथ ही वभन हआ | इस अदबत िभतकाय स ववजसभत होकय डॉकटयो न भझ तयॊत ही ववशष भशीनो क नीि र जाकय मरटामा | गहन चिककतसकीम ऩयीण क फाद डॉकटयो को ऩता िरा कक जीऩ क नीि दफन स भया ऩया खन कारा ऩड़ गमा था तथा नाड़ी-िारन (ऩपस) रदमगनत व यकत परवाह बी फॊद हो िक थ | भय शयीय का समऩणग यकत फदर टदमा गमा तथा आऩयशन बी हआ | उसक ७२ घॊट फाद भझ होश आमा | फहोशी भ भझ कवर इतना ही माद था की भय बीतय ऩजम फाऩ दवाया परदतत गरभॊतर का जऩ िर यहा ह | होश भ आन ऩय डॉकटयो न ऩछा तभ आऩयशन क सभम फाऩफाऩ ऩकाय यह थ | म फाऩ कौन ह भन फतामा व भय गरदव परात सभयणीम ऩयभ ऩजम सॊत शरी असायाभजी फाऩ ह | डॉकटयो न ऩन भझस परशन ककमा कमा तभ कोई रवमामाभ कयत हो भन कहा भ अऩन गरदव दवाया मसखामी गमी ववचध स आसन व पराणामाभ कयता हॉ | व फोर
इसीमरम तमहाय इस दफर-ऩतर शयीय न मह सफ सहन कय मरमा औय तभ भयकय बी ऩन जजनदा हो उठ दसया कोई होता तो तयॊत घटनासथर ऩय ही उसकी हडकतडमाॉ फाहय ननकर जातीॊ औय वह भय जाता | भय शयीय भ आठ-आठ नमरमाॉ रगी हई थीॊ | ककसीस खन िढ़ यहा था तो ककसी स कबतरभ ऑकसीजन टदमा जा यहा था | मदयवऩ भय शयीय क कछ टहससो भ अबी-बी काॉि क टकड़ भौजद ह रककन गरकऩा स आज भ ऩणग सवसथ
होकय अऩना रवमवसाम व गरसवा दोनो कामग कय यह हॉ | भया जीवन तो गरदव का ही टदमा हआ ह | इन भॊतरदषटा भहवषग न उस टदन भय मभतर को भॊतर न टदमा होता तो भया ऩनजीवन तो समबव नहीॊ था | ऩजम फाऩ भानव-दह भ टदखत हए बी अनत असाधायण भहाऩरष ह | टमरफ़ोन ऩय टदम हए उनक एक भॊतर स ही भय भत शयीय भ ऩन पराणो का सॊिाय हो गमा तो जजन ऩय फाऩ की परतम दवषट ऩड़ती होगी व रोग ककतन बागमशारी होत होग ऐस दमार जीवनदाता सदगर क शरीियणो भ कोटट-कोटट दॊडवत परणाभ
-भनोज कभाय सोनी जमोनत टरसग रकषभी फाजाय आभट याजसथान
सदगरदव की कऩा स नतरजमोनत वाऩस मभरी
भयी दाटहनी आॉख स कभ टदखामी दता था तथा उसभ तकरीफ़ बी थी | धमानमोग मशववय टदपरी भ ऩजम गरदव भवा फाॉट यह थ तफ एक भवा भयी दाटहनी आॉख ऩय आ रगा | आॉख स ऩानी ननकरन रगा | ऩय आशचमग दसय ही टदन स आॉख की तकरीप मभट गमी औय अचछी तयह टदखामी दन रगा |
-याजकरी दवी असनाऩय रारगॊज अजाया जज परताऩगढ़ उततय परदश
फड़दादा की मभटटी व जर स जीवनदान
अगसत ९८ भ भझ भररयमा हआ | उसक फाद ऩीमरमा हो गमा | भय फड़ बाई न आशरभ स परकामशत आयोगमननचध ऩसतक भ स ऩीमरमा का भॊतर ऩढ़कय ऩीमरमा तो उताय टदमा ऩयॊत कछ ही टदनो फाद अॊगरजी दवाओॊ क रयएन स दोनो ककडननमाॉ पर (ननजषकरम) हो गई | भया हाटग (रदम) औय रीवय (मकत) बी पर होन रग | डॉकटयो न तो कह टदमा मह रड़का फि नहीॊ सकता | कपय भझ गोटदमा स नागऩय हॉजसऩटर भ र जामा गमा रककन वहाॉ बी डॉकटयो न जवाफ द टदमा कक अफ कछ नहीॊ हो सकता | भय बाई भझ वहीॊ छोड़कय सयत आशरभ आम वदयजी स मभर औय फड़दादा की ऩरयकरभा कयक पराथगना की तथा वहाॉ की मभटटी औय जर मरमा | ८ तायीख को डॉकटय भयी ककडनी फदरन वार थ |
जफ भय बाई फड़दादा को पराथगना कय यह थ तबी स भझ आयाभ मभरना शर हो गमा था | बाई न ७ तायीख को आकय भझ फड़दादा कक मभटटी रगाई औय जर वऩरामा तो भयी दोनो ककडनीमाॉ सवसथ हो गमी | भझ जीवनदान मभर गमा | अफ भ बफपकर सवसथ हॉ |
-परवीण ऩटर
गोटदमा भहायाषड
ऩजम फाऩ न प का कऩा-परसाद
कछ वषग ऩवग ऩजम फाऩ याजकोट आशरभ भ ऩधाय थ | भझ उन टदनो ननकट स दशगन कयन का सौबागम मभरा | उस सभम भझ छाती भ एनजामना ऩकतटोरयस क कायण ददग यहता था | सतसॊग ऩया होन क फाद कछ रोग ऩजम फाऩ क ऩास एक-एक कयक जा यह थ | भ कछ पर-पर नहीॊ रामा था इसमरए शरदधा क पर मरम फठा था | ऩजम फाऩ
कऩा-परसाद प क यह थ कक इतन भ एक िीक भयी छाती ऩय आ रगा औय छाती का वह ददग हभशा क मरए मभट गमा |
-अयववॊदबाई वसावड़ा याजकोट
एक छोटी थरी फनी अमऩातर
सन १९९२ भ यतराभ (भपर) क ऩास सराना क आटदवासी ववसताय भ बॊडाय का आमोजन था | बॊडाय भ सवाएॉ दन फहत-स साधक आम हए थ | आशरभवासी बाई बी ऩहॉि थ | एक टदन का ही आमोजन था औय सतसॊग-कामगकरभ बी था | उस बॊडाय भ गयीफो क मरए बोजन क अरावा फतगन कऩड़ अनाज औय दकषणा (ऩस) फाॉटन की बी रवमवसथा की गमी थी | भय टहसस ऩस फाॉटन की सवा थी | भन ऩाॉि रऩमोवार सौ-सौ नोटो क ऩिीस फॊडर चगनकय थरी भ यख थ | भझ आदश टदमा गमा था आठ सवाधायी ननमकत कय रो | व रोग ऩाॉि रऩम क नोट फाॉटत जामग | भन आठ सवमॊसवको को ऩहरी फाय आठ फॊडर द टदम | कपय ऩॊरह-फीस मभनट क फाद भन दसयी फाय आठो को एक-एक फॊडर टदमा | कपय तीसयी फाय आठो को एक-एक फॊडर टदमा | कर २४ फॊडर गम | अफ दसयी ऩॊकतकत बोजन क मरए बफठामी गमी | भन आठो सवमॊसवको को ऩहरी की बाॉनत तीन फाय एक-एक फॊडर फाॉटन क मरए टदमा | कर ४८ फॊडर गम | बॊडाया ऩया होन क फाद भन सोिा िरो अफ टहसाफ कय र | भ चगनन फठा | भय ऩास ६ फॊडर फि थ | मह कस
भ दॊग यह गमा भन ऩस फाॉटनवारो स ऩछा तो उनहोन फतामा कक कर ४८ फॊडर फाॉट गम थ | भ आशरभ आमा तो रवमवसथाऩक न कहा भन तो आऩको २५ फॊडर टदम थ |
सफको आशचमग हो यहा था कक फॉट ४८ फॊडर औय रकय िर थ २५ फॊडर | २५ भ स ४८ फॉट औय ६ फि गम गरदव का आशीवागद दणखम कक एक छोटी-सी थरी अम ऩातर फन गमी
-ईशवयबाई नामक
अभदावाद आशरभ
फटी न भनौती भानी औय गरकऩा हई
भयी फटी को शादी ककम आठ सार हो गम थ | ऩहरी फाय जफ वह गबगवती हई तफ फचिा ऩट भ ही भय गमा | दसयी फाय फचिी जनभी ऩय छ भहीन भ वह बी िर फसी |
कपय भयी ऩतनी न फटी स कहा अगय त सॊकपऩ कय कक जफ तीसयी फाय परसती होगी तफ तभ फारक की जीब ऩय फाऩजी क फतान क भताबफक bdquoॐ‟ मरखोगी तो तया फारक जीववत यहगा ऐसा भझ ववशवास ह कमोकक ॐकाय भॊतर भ ऩयभानॊदसवरऩ परब ववयाजभान ह | भयी फटी न इस परकाय भनौती भानी औय सभम ऩाकय वह गबगवती हई | सोनोगराफ़ी कयवामी गमी तो डॉकटयो न फतामा गबग भ फचिी ह औय उसक टदभाग भ ऩानी बया हआ ह | वह जजॊदा नहीॊ यह सकगी | गबगऩात कयवा दो | भयी फटी न अऩनी भाॉ स सराह की | उसकी भाॉ न कहा गबगऩात का भहाऩाऩ नहीॊ कयवाना ह | जो होगा दखा जामगा |
गरदव कऩा कयग | जफ परसती हई तो बफपकर पराकनतक ढ़ॊग स हई औय उस फचिी की जीब ऩय शहद एवॊ मभशरी स ॐ मरखा गमा | आज वह बफपकर ठीक ह | जफ उसकी डॉकटयी जाॉि कयवामी गमी तो डॉकटय आशचमग भ ऩड़ गम सोनोगराफ़ी भ जो फीभारयमाॉ टदख यही थीॊ व कहाॉ िरी गमीॊ टदभाग का ऩानी कहाॉ िरा गमा टहनदजा हॉजसऩटरवार मह करयशभा दखकय दॊग यह गम अफ घय भ जफ कोई दसयी कोई कसट िरती ह तो वह फचिी इशाया कयक कहती ह ॐवारी कसट िराओ | वऩछरी ऩनभ को हभ भॊफई स टाटा सभो भ आ यह थ | फाढ़ क ऩानी क कायण यासता फॊद था | हभ सोि भ ऩड़ गम कक ऩनभ का ननमभ टटगा | हभन गरदव का सभयण ककमा | इतन भ हभाय डराइवय न हभस ऩछा जान दॉ हभन बी गरदव का सभयण कयक कहा जान दो औय हरय हरय ॐ कीतगन की कसट रगा दो | गाड़ी आग िरी | इतना ऩानी कक हभ जहाॉ फठ थ वहाॉ तक ऩानी आ गमा | कपय बी हभ गरदव क ऩास सकशर ऩहॉि गम औय उनक दशगन ककम|
-भयायीरार अगरवार
साॊताकरज भॊफई
औय गरदव की कऩा फयसी
जफस सयत आशरभ की सथाऩना हई तफस भ गरदव क दशगन कयत आ यहा हॉ उनकी अभतवाणी सनता आ यहा हॉ | भझ ऩजमशरी स भॊतरदीा बी मभरी ह | परायबधवश एक टदन भय साथ एक बमॊकय दघगटना घटी | डॉकटय कहत थ आऩका एक हाथ अफ काभ नहीॊ कयगा | भ अऩना भानमसक जऩ भनोफर स कयता यहा | अफ हाथ बफपकर ठीक ह | उसस भ ७० ककगरा वजन उठा सकता हॉ | भयी सभसमा थी कक शादी होन क फाद भझ कोई सॊतान नहीॊ थी | डॉकटय कहत थ कक सॊतान नहीॊ हो सकती | हभ रोगो न गरकऩा एवॊ गरभॊतर का सहाया मरमा धमानमोग मशववय भ आम औय गरदव की कऩा फयसी | अफ
हभायी तीन सॊतान ह दो ऩबतरमाॉ औय एक ऩतर | गरदव न ही फड़ी फटी का नाभ गोऩी औय फट का नाभ हरयककशन यखा ह | जम हो सदगरदव की
-हॉसभख काॊनतरार भोदी ५७ अऩना घय सोसामटी सॊदय योड़ सयत
कसट-शरवण स बकतकत का सागय टहरोय रन रगा
भ हय सार गमभगमो भ कबी फरीनाथ तो कबी कदायनाथ तो कबी गॊगोतरी आटद तीथो भ जाता यहता था | रवषकश भ एक दकान क ऩास खड़ यहन ऩय भझ ऩजम गरदव की अभतवाणी की कसट भो का भागग भौत की भौत तीन फात आटद दखन-सनन को मभरीॊ तो भन म कसट खयीद रीॊ | घय ऩहॉिकय कसट सनन क फाद रदम भ बकतकत का सागय टहरोय रन रगा | भझ ऐसा रगा भानो कोई भझ फरा यहा हो | दकान जात सभम ऐसा आबास हआ कक कोई ऩवग आनवारा ह औय भझ अभदावाद जाना होगा उसी टदन अभदावाद आशरभ स भय ऩतर का जवाफ आमा कक टदनाॊक १२ को गरऩनभ का ऩवग ह |
आऩ गरदव क दशगन कय सकत ह | हभ सऩरयवाय आशरभ ऩहॉि | दशगन कयक धनम हए |
दीा ऩाकय कताथग हए | अफ तो हय भहीन जफ तक गरदव क दशगन नहीॊ कयता तफ तक भझ ऐसा रगता ह कक भन कछ खो टदमा ह | दीा क फाद साधन-बजन फढ़ यहा ह बकतकत फढ़ यही ह | ऩहर सॊसाय भ सपरता-ववपरता की जो िोट रगती थी अफ उनका परबाव कभ हआ ह | ववषम-ववकायो का परबाव कभ हआ ह | जान जीव तफ जागा हरय ऩद रचि ववषम ववरास ववयागा भय जीवन भ सॊत तरसीदासजी क इन विनो का समोदम हो यहा ह |
-मशवकभाय तरसमान
गोयखऩय उततय परदश
गरदव न बजा अमऩातर
हभ परिायमातरा क दौयान गरकऩा का जो अदबत अनबव हआ वह अवणगनीम ह | मातरा की शरआत स ऩहर टदनाॊक ८-११-९९ को हभ ऩजम गरदव क आशीवागद रन गम |
गरदव न कामगकरभ क ववषम भ ऩछा औय कहा ऩॊिड़ आशरभ (यतराभ) भ बॊडाया था |
उसभ फहत साभान फि गमा ह | गाड़ी बजकय भॉगवा रना गयीफो भ फाॉटना | हभ झाफआ जजर क आस-ऩास क गयीफ आटदवासी इराको भ जानवार थ | वहाॉ स यतराभ क
मरए गाड़ी बजी | चगनकय साभान बया गमा | दो टदन िर उतना साभान था | एक टदन भ दो बॊडाय होत थ | अत िाय बॊडाय का साभान था | सफन खपर हाथो फतगन कऩड़ साकतड़माॉ धोती आटद साभान छ टदनो तक फाॉटा कपय बी साभान फिा यहा | सफको आशचमग हआ हभ रोग साभान कपय स चगनन रग ऩयॊत गरदव की रीरा क ववषम भ कमा कह
कवर दो टदन िर उतना साभान छ टदनो तक खपर हाथो फाॉटा कपय बी अॊत भ तीन
फोय फतगन फि गम भानो गरदव न अमऩातर बजा हो एक टदन शाभ को बॊडाया ऩया हआ तफ दखा कक एक ऩतीरा िावर फि गमा ह | कयीफ १००-१२५ रोग खा सक उतन िावर थ | हभन सोिा िावर गाॉव भ फाॊट दत ह | ऩयॊत गरदव की रीरा दखो एक गाॉव क फदर ऩाॉि गाॉवो भ फाॉट कपय बी िावर फि यह | आणखय याबतर भ ९ फज क फाद सवाधारयमो न थककय गरदव स पराथगना की कक गरदव अफ जॊगर का ववसताय ह हभ ऩय कऩा कयो | औय िावर खतभ हए | कपय सवाधायी ननवास ऩय ऩहॉि |
-सॊत शरी आसायाभजी बकतभॊडर
कतायगाभ सयत
सवपन भ टदम हए वयदान स ऩतरपरानि
भय गरहसथ जीवन भ एक-एक कयक तीन कनमाएॉ जनभी | ऩतरपरानि क मरए भयी धभगऩतनी न गरदव स आशीवागद पराि ककमा था | िौथी परसनत होन क ऩहर जफ उसन वरसाड़ भ सोनोगराफ़ी कयवामी तो रयऩोटग भ रड़की फतामा गमा | मह सनकय हभ ननयाश हो गम |
एक यात ऩतनी को सवपन भ गरदव न दशगन टदम औय कहा फटी चिॊता भत कय |
घफयाना भत धीयज यख | रड़का ही होगा | हभन सयत आशरभ भ फड़दादा की ऩरयकरभा कयक भनौती भानी थी वह बी फ़रीबत हई औय गरदव का बरहमवाकम बी सतम साबफत हआ जफ परसनत होन ऩय रड़का हआ | सबी गरदव की जम-जमकाय कयन रग |
-सनीर कभाय याधशमाभ िौयमसमा दीऩकवाड़ी ककपरा ऩायड़ी जज वरसाड़
शरी आसायाभामण क ऩाठ स जीवनदान
भया दस वषीम ऩतर एक यात अिानक फीभाय हो गमा | साॉस बी भजशकर स र यहा था |
जफ उस हॉजसऩटर भ बती ककमा तफ डॉकटय फोर | फचिा गॊबीय हारत भ ह | ऑऩयशन कयना ऩड़गा | भ फचि को हॉजसऩटर भ ही छोड़कय ऩस रन क मरए घय गमा औय घय
भ सबी को कहा ldquoआऩ रोग शरी आसायाभामण का ऩाठ शर कयो |rdquo ऩाठ होन रगा |
थोड़ी दय फाद भ हॉजसऩटर ऩहॉिा | वहाॉ दखा तो फचिा हॉस-खर यहा था | मह दख भयी औय घयवारो की खशी का टठकाना न यहा मह सफ फाऩजी की असीभ कऩा गर-गोववनद की कऩा औय शरी आसायाभामण-ऩाठ का पर ह |
-सनीर िाॊडक
अभयावती भहायाषड
गरवाणी ऩय ववशवास स अवणीम राब
शादी होन ऩय एक ऩतरी क फाद सात सार तक कोई सॊतान नहीॊ हई | हभाय भन भ ऩतरपरानि की इचछा थी | १९९९ क मशववय भ हभ सॊतानपरानि का आशीवागद रनवारो की ऩॊकतकत भ फठ | फाऩजी आशीवागद दन क मरए साधको क फीि आम तो कछ साधक नासभझी स कछ ऐस परशन कय फठ जो उनह नहीॊ कयन िाटहए थ | गरदव नायाज होकय मह कहकय िर गम कक तभको सॊतवाणी ऩय ववशवास नहीॊ ह तो तभ रोग महाॉ कमो आम तमह डॉकटय क ऩास जाना िाटहए था | कपय गरदव हभाय ऩास नहीॊ आम | सबी पराथगना कयत यह ऩय गरदव रवमासऩीठ स फोर दफाया तीन मशववय बयना | भ भन भ सोि यहा था कक कछ साधको क कायण भझ आशीवागद नहीॊ मभर ऩामा ऩयॊत वजरादवऩ कठोयाणण भदनन कसभादवऩ फाहय स वजर स बी कठोय टदखन वार सदगर बीतय स पर स बी कोभर होत ह | तयॊत गरदव ववनोद कयत हए फोर दखो म रोग सॊतानपरानि का आशीवागद रन आम ह | कस ठनठनऩार-स फठ ह अफ जाओ झरा-झनझना रकय घय जाओ | भन औय भयी ऩतनी न आऩस भ वविाय ककमा दमार गरदव न आणखय आशीवागद द ही टदमा | अफ गरदव न कहा ह कक झरा-झनझना र जाओ | तो भन गरविन भानकय यरव सटशन स एक झनझना खयीद मरमा औय गवामरमय आकय गरदव क चितर क ऩास यख टदमा | भझ वहाॉ स आन क १५ टदन फाद डॉकटय दवाया भारभ हआ कक ऩतनी गबगवती ह | भन गरदव को भन-ही-भन परणाभ ककमा | इस फीि डॉकटयो न सराह दी कक रड़का ह मा रड़की इसकी जाॉि कया रो | भन फड़ ववशवास स कहा कक रड़का ही होगा | अगय रड़की बी हई तो भझ कोई आऩवतत नहीॊ ह | भझ गबगऩात का ऩाऩ अऩन मसय ऩय नहीॊ रना ह | नौ भाह तक भयी ऩतनी बी सवसथ यही | हरयदवाय मशववय भ बी हभ रोग गम | सभम आन ऩय गरदव दवाया फताम गम इराज क भताबफक गाम क गोफय का यस ऩतनी को टदमा औय टदनाॊक २७ अकतफय १९९९ को एक सवसथ फारक का जनभ हआ |
-याजनर कभाय वाजऩमी अिगना वाजऩमी फरवॊत नगय ढाढीऩय भयाया गवामरमय
औय सोना मभर गमा
हभाय सॊमकत ऩरयवाय भ साठ तोरा सोना िोयी हो गमा था | सतसॊगी होन क कायण हभ द ख तो नहीॊ हआ कपय बी थोडी-फहत चिनता अवशम हई | आशरभ क एक साधक न हभस कहा | आऩ रोग शरी आसायाभामण क १०८ ऩाठ कयो औय सॊकपऩ कयो कक हभाया सोना हभ जरय मभरगा | मभनाऩाय टदपरी भ गरदव का आगभन हआ | हभ शाभ को गरदव क दशगन कयन गम | हभन कछ कहा नहीॊ कमोकक गरदव अॊतमागभी ह | उनहोन हभको परसाद टदमा | उसी यात घय ऩय पोन आमा कक आऩका सोना मभर गमा ह | िोय रखनऊ भ ऩकड़ा गमा ह | हभ आशचमग हआ शरी आसायाभामण क १०८ ऩाठ ऩय बी नहीॊ हए थ औय सोना मभर गमा |
-रीना फटानी यानीफाग टदपरी
सवपर क दो टकड़ो स दो सॊतान
भन सन १९९१ भ िटीिॊड मशववय अभदावाद भ ऩजम फाऩजी स भॊतरदीा री थी | भयी शादी क १० वषग तक भख कोई सॊतान नहीॊ हई | फहत इराज कयवाम रककन सबी डॉकटयो न फतामा कक फारक होन की कोई सॊबावना नहीॊ ह | तफ भन ऩजम फाऩजी क ऩनभ दशगन का वरत मरमा औय फाॉसवाड़ा भ ऩनभ दशगन क मरए गमा | ऩजम फाऩजी सफको परसाद द यह थ | भन भन भ सोिा | कमा भ इतना ऩाऩी हॉ कक फाऩजी भयी तयप दखत तक नहीॊ इतन भ ऩजम फाऩजी कक दवषट भझ ऩय ऩड़ी औय उनहोन भझ दो मभनट तक दखा | कपय उनहोन एक सवपर रकय भझ ऩय प का जो भय दाम कॊ ध ऩय रगकय दो टकड़ो भ फॉट गमा | घय जाकय भन उस सवपर क दोनो बाग अऩनी ऩतनी को णखरा टदम | ऩजमशरी का कऩाऩणग परसाद खान स भयी ऩतनी गबगवती हो गमी | ननयीण कयान ऩय ऩता िरा कक उसको दो मसय वारा फारक उतऩनन होगा | डॉकटयो न फतामा उसका मसजरयमन कयना ऩड़गा अनमथा आऩकी ऩतनी क फिन की समबावना नहीॊ ह | मसजरयमन भ रगबग फीस हजाय रऩमो का खिग आमगा | भन ऩजम फाऩजी स पराथगना की ह फाऩजी आऩन ही पर टदमा था | अफ आऩ ही इस सॊकट का ननवायण कीजजम | कपय
भन फड़ फादशाह क साभन बी पराथगना की जफ भ असऩतार ऩहॉिॉ तो भयी ऩतनी की परसती सकशर हो जाम | उसक फाद जफ भ असऩतार ऩहॉिा तो भयी ऩतनी एक ऩतर औय एक ऩतरी को जनभ द िकी थी | ऩजमशरी क दवाया टदम गम पर स भझ एक की जगह दो सॊतानो की परानि हई |
-भकशबाई सोरॊकी शायदा भॊटदय सकर क ऩीछ
फावन िार वड़ोदया
साइककर स गरधाभ जान ऩय खयाफ टाॉग ठीक हो गमी
भयी फाॉमी टाॉग घटन स उऩय ऩतरी हो गमी थी | ऑर इणणडमा भकतडकर इनसटीटमट
टदपरी भ भ छ टदन तक यहा | वहाॉ जाॉि क फाद फतरामा गमा कक तमहायी यीढ़ की हडडी क ऩास कछ नस भय गमी ह जजसस मह टाॉग ऩतरी हो गमी ह | मह ठीक तो हो ही नहीॊ सकती | हभ तमह ववटामभन ई क कपसर द यह ह | तभ इनह खात यहना | इसस टाॊग औय जमादा ऩतरी नहीॊ होगी | भन एक सार तक कपसर खाम | उसक फाद २२ जन
१९९७ को भजफ़फ़यनगय भ भन गरजी स भॊतरदीा री औय दवाई खाना फॊद कय दी | जफ एक साधक बाई याहर गिा न कहा कक सहायनऩय स साइककर दवाया उततयामण मशववय अभदावाद जान का कामगकरभ फन यहा ह तफ भन टाॉग क फाय भ सोि बफना साइककर मातरा भ बाग रन क मरए अऩनी सहभनत द दी | जफ भय घय ऩय ऩता िरा कक भन साइककर स गरधाभ अभदावाद जान का वविाय फनामा ह अत तभ ११५० ककभी तक साइककर नहीॊ िरा ऩाओग | रककन भन कहा भ साइककर स ही गरधाभ जाऊॉ गा िाह ककतनी बी दयी कमो न हो औय हभ आठ साधक बाई सहायनऩय स २६ टदसमफय ९७ को साइककरो स यवाना हए | भागग भ िढ़ाई ऩय भझ जफ बी कोइ टदककत होती तो ऐसा रगता जस भयी साइककर को कोई ऩीछ स धकर यहा ह | भ भड़कय ऩीछ दखता तो कोई टदखामी नहीॊ ऩड़ता | ९ जनवयी को जफ हभ अभदावाद गरआशरभ भ ऩहॉि औय भन सफह अऩनी टाॉग दखी तो भ दॊग यह गम जो टाॉग ऩतरी हो गमी थी औय डॉकटयो न उस ठीक होन स भना कय टदमा था वह टाॉग बफपकर ठीक हो गमी थी | इस कऩा को दखकय भ िककत यह गमा भय साथी बी दॊग यह गम मह सफ गरकऩा क परसाद का िभतकाय था | भय आठो साथी भयी ऩतनी तथा ऑर इणणडमा भकतडकर इनसटीटमट टदपरी दवाया जाॉि क परभाणऩतर इस फात क साी ह |
-ननयॊकाय अगरवार
ववषणऩयी
अदबत यही भौनभॊटदय की साधना
ऩयभ ऩजम सदगरदव की कऩा स भझ टदनाॊक १८ स २४ भई १९९९ तक अभदावाद आशरभ क भौनभॊटदय भ साधना कयन का सअवसय मभरा | भौनभॊटदय भ साधना क ऩाॉिव टदन मानी २२ भई की याबतर को रगबग २ फज नीॊद भ ही भझ एक झटका रगा | रट यहन कक जसथनत भ ही भझ भहसस हआ कक कोई अदशम शकतकत भझ ऊऩय फहत ऊऩय उड़म र जा यही ह | ऊऩय उड़त हए जफ भन नीि झाॉककय दखा तो अऩन शयीय को उसी भौनभॊटदय भ चितत रटा हआ फखफय सोता हआ ऩामा | ऊऩय जहाॉ भझ र जामा गमा वहाॉ अरग ही छटा थी अजीफ औय अवणीम आकाश को बी बदकय भझ ऐस सथान ऩय ऩहॉिामा गमा था जहाॉ िायो तयप कोहया-ही-कोहया था जस शीश की छत ऩय ओस परी हो इतन भ दखता हॉ कक एक सबा रगी ह बफना शयीय की कवर आकनतमो की | जस यखाओॊ स भनषमरऩी आकनतमाॉ फनी हो | मह सफ कमा िर यहा था सभझ स ऩय था |
कछ ऩर क फाद व आकनतमाॉ सऩषट होन रगी | दवी-दवताओॊ क ऩॊज क भधम शीषग भ एक उचि आसन ऩय साात फाऩजी शॊकय बगवान फन हए करास ऩवगत ऩय ववयाजभान थ औय दवी-दवता कताय भ हाथ फाॉध खड़ थ | भ भक-सा होकय अऩरक नतरो स उनह दखता ही यहा कपय भॊतरभगध हो उनक ियणो भ चगय ऩड़ा | परात क ४ फज थ | अहा भन औय शयीय हपका-फ़पका रग यहा था मही जसथनत २४ भई की भधमयाबतर भ बी दोहयामी गमी | दसय टदन सफह ऩता िरा कक आज तो फाहय ननकरन का टदन ह मानी यवववाय २५ भई की सफह | फाहय ननकरन ऩय बावबया रदम गदगद कॊ ठ औय आखो भ आॉस मो रग यहा था कक जस ननजधाभ स फघय ककमा जा यहा हॉ | धनम ह वह बमभ
भौनभॊटदय भ साधना की वह रवमवसथा जहाॊ स ऩयभ आनॊद क सागय भ डफन की कॊ जी मभरती ह जी कयता ह बगवान ऐसा अवसय कपय स राम जजसस कक उसी भौनभॊटदय भ ऩन आॊतरयक आनॊद का यसऩान कय ऩाऊॉ |
-इनरनायामण शाह
१०३ यतनदीऩ-२ ननयारा नगय कानऩय
असाधम योग स भकतकत
सन १९९४ भ भयी ऩतरी टहयर को शयद ऩणणगभा क टदन फखाय आमा | डॉकटयो को
टदखामा तो ककसीन भररयमा कहकय दवाइमाॉ दी तो ककसीन टामपामड कहकय इराज शर ककमा तो ककसीन टामपामड औय भररयमा दोनो कहा | दवाई की एक खयाक रन स शयीय नीरा ऩड़ गमा औय सज गमा | शयीय भ खन की कभी स उस छ फोतर खन िढ़ामा गमा | इॊजन दन स ऩय शयीय को रकवा भाय गमा | ऩीठ क ऩीछ शमावरण जसा हो गमा | ऩीठ औय ऩय का एकस-य मरमा गमा | ऩय ऩय वजन फाॉधकय यखा गमा | डॉकटयो न उस वाम का फखाय तथा यकत का क सय फतामा औय कहा कक उसक रदम तो वापव िौड़ा हो गमा ह | अफ हभ टहमभत हाय गम | अफ ऩजमशरी क मसवाम औय कोई सहाया नहीॊ था | उस सभम टहयर न कहा भमभी भझ ऩजम फाऩ क ऩास र िरो | वहाॉ ठीक हो जाऊगी | ऩाॉि टदन तक टहयर ऩजमशरी की यट रगाती यही | हभ उस अभदावाद आशरभ भ फाऩ क ऩास र गम | फाऩ न कहा इस कछ नहीॊ हआ ह | उनहोन भझ औय टहयर को भॊतर टदमा एवॊ फड़दादा की परदकषणा कयन को कहा | हभन परदकषणा की औय टहयर ऩनरह टदन भ िरन-कफ़यन रगी | हभ फाऩ की इस करणा-कऩा का कण कस िकाम अबी तो हभ आशरभ भ ऩजमशरी क शरीियणो भ सऩरयवाय यहकय धनम हो यह ह |
-परपपर रवमास
बावनगय
वतगभान भ अभदावाद आशरभ भ सऩरयवाय सभवऩगत
ऩजम फाऩ का दशगन-सतसॊग ही जीवन का सचिा यतन ह
भझ िाय सार स ऩतर कक काभना थी औय भय भन भ हआ कक भयी मह काभना जरय ऩयी होगी | अभदावाद भ धमानमोग मशववय क दौयान ऐसा वविाय आमा कक फाऩ भझ अऩन ियणो भ फरामग | भन भ दढ़ शरदधा थी | इतन रोगो क फीि भ स फाऩ न तजऩणग दवषट भझ ऩय डारी सॊतय का परसाद टदमा औय भया बागम खर गमा | फचि क जनभ स ऩहर डॉकटयो न ऑऩयशन को कहा था रककन फाऩ क फतान क भताबफक भय घयवारो न भझ गाम क गोफय का यस वऩरामा औय शीघर ही फारक का जनभ हो गमा | सचिी शरदधा-बकतकत हो तो कमा असॊबव ह ऩजम फाऩ का दशगन-सतसॊग ही जीवन का सचिा यतन ह |
सचिी शरदधा-बकतकत स ऐसा यतन ऩानवार हभ सबी धनबागी ह |
-यखा ऩयभाय भीया योड़ भॊफई
कसट का िभतकाय
रवमाऩाय उधायी भ िर जान स भ हताश हो गमा था एवॊ अऩनी जजॊदगी स तॊग आकय आतभहतमा कयन की फात सोिन रगा था | भझ साध-भहातभाओॊ व सभाज क रोगो स घणा-सी हो गमी थी धभग व सभाज स भया ववशवास उठ िका था | एक टदन भयी सारी फाऩजी क सतसॊग कक दो कसट ववचध का ववधान एवॊ आणखय कफ तक र आमी औय उसन भझ सनन क मरए कहा | उसक कई परमास क फाद बी भन व कसट नहीॊ सनीॊ एवॊ भन-ही-भन उनह ढ़ोग कहकय कसटो क कतडबफ भ दार टदमा | भन इतना ऩयशान था कक यात को नीॊद आना फॊद हो गमा था | एक यात कफ़पभी गाना सनन का भन हआ | अॉधया होन की वजह स कसट ऩहिान न सका औय गरती स फाऩजी क सतसॊग की कसट हाथ भ आ गमी | भन उसीको सनना शर ककमा | कपय कमा था भयी आशा फॉधन रगी | भन शाॉत होन रगा | धीय-धीय सायी ऩीड़ाएॉ दय होती िरी गमीॊ | भय जीवन भ योशनी-ही-योशनी हो गमी | कपय तो भन ऩजम फाऩजी क सतसॊग की कई कसट सनीॊ औय सफको सनामीॊ |
तदनॊतय भन गाजजमाफाद भ फाऩजी स दीा बी गरहण की | रवमाऩाय की उधायी बी िकता हो गमी | फाऩजी की कऩा स अफ भझ कोई द ख नहीॊ ह | ह गरदव फस एक आऩ ही भय होकय यह औय भ आऩका ही होकय यहॉ |
-ओभपरकाश फजाज
टदपरी योड़ सहायनऩय उततय परदश
भझ ऩय फयसी सॊत की कऩा
सन १९९५ क जन भाह भ भ अऩन रड़क औय बतीज क साथ हरयदवाय धमानमोग मशववय भ बाग रन गमा | एक टदन जफ भ हय की ऩौड़ी ऩय सनान कयन गमा तो ऩानी क तज फहाव क कायण ऩय कपसरन स भया रड़का औय बतीजा दोनो अऩना सॊतरन खो फठ औय गॊगा भ फह गम | ऐसी सॊकट की घड़ी भ भ अऩना होश खो फठा | कमा करॉ भ पट-पटकय योन रगा औय फाऩजी स पराथगना कयन रगा कक ह नाथ ह गरदव या कीजजम भय फचिो को फिा रीजजम | अफ आऩका ही सहाया ह | ऩजमशरी न भय सचि रदम स ननकरी ऩकाय सन री औय उसी सभम भया रड़का भझ टदखामी टदमा | भन झऩटकय उसको फाहय खीॊि मरमा रककन भया बतीजा तो ऩता नहीॊ कहाॉ फह गमा भ ननयॊतय यो यहा था औय भन भ फाय-फाय वविाय उठ यहा था कक फाऩजी भया रड़का फह जाता तो कोई फात नहीॊ थी रककन अऩन बाई की अभानत क बफना भ घय कमा भॉह
रकय जाऊॉ गा फाऩजी आऩही इस बकत की राज फिाओ | तबी गॊगाजी की एक तज रहय उस फचि को बी फाहय छोड़ गमी | भन रऩककय उस ऩकड़ मरमा | आज बी उस हादस को सभयण कयता हॉ तो अऩन-आऩको सॉबार नहीॊ ऩाता हॉ औय भयी आॉखो स ननयॊतय परभ की अशरधाया फहन रगती ह | धनम हआ भ ऐस गरदव को ऩाकय ऐस सदगरदव क शरीियणो भ भय फाय-फाय शत-शत परणाभ
-सभारखाॉ ऩानीऩत हरयमाणा
गरदव की कऩा स सॊतानपरानि
भयी शादी को ऩाॉि सार हो गम थ कपय बी कोई सॊतान नहीॊ हई | रोग हभ फहत तान भायत थ | तबी भन-ही-भन ननणगम र मरमा कक ऩजम फाऩ क आशरभ भ जाना ह | जनवयी १९९९ भ परथभ फाय उततयामण मशववय बया औय भॊतरदीा री | अफ गरदव कक कऩा स भझ एक सॊदय फारक पराि हआ ह | ऩजम फाऩजी की इतनी कऩा-करणा दखकय रदम बय आता ह | भ ऩजम फाऩजी स पराथगना कयती हॉ कक मह फारक उनह सभवऩगत कय सकॊ औय मह उनक मोगम फनसक ऐसी सदफवदध हभ द |
-ननभगरा क तड़वी काॊनतबाई हीयाबाई तडवी याभजी भॊटदय क ऩास कायरी फाग वड़ोदया
गरकऩा स जीवनदान
टदनाॊक १५-१-९६ की घटना ह | भन धात क ताय ऩय सखन क मरए कऩड़ परा यख थ |
फारयश होन क कायण उस ताय भ कयॊट आ गमा था | भया छोटा ऩतर ववशार जो कक ११ वीॊ का भ ऩढ़ता ह आकय उस ताय स छ गमा औय बफजरी का कयॊट रगत ही वह फहोश हो गमा शव क सभान हो गमा | हभन उस तयॊत फड़ असऩतार भ दाणखर कयवामा | डॉकटय न फचि की हारत गॊबीय फतामी | ऐसी ऩरयजसथनत दखकय भयी आॉखो स अशरधायाएॉ फह ननकरी | भ ननजानॊद की भसती भ भसत यहन वार ऩजम सदगरदव को भन-ही-भन माद ककमा औय पराथगना कक ह गरदव अफ तो इस फचि का जीवन आऩक ही हाथो भ ह | ह भय परब आऩ जो िाह सो कय सकत ह | औय आणखय भयी पराथगना सपर हई | फचि भ एक नवीन ितना का सॊिाय हआ एवॊ धीय-धीय फचि क सवासम भ
सधाय होन रगा | कछ ही टदनो भ वह ऩणगत सवसथ हो गमा | डॉकटय न तो उऩिाय ककमा रककन जो जीवनदान उस पमाय परब की कऩा स सदगरदव की कऩा स मभरा उसका वणगन कयन क मरए भय ऩास शबद नहीॊ ह | फस ईशवय स भ मही पराथगना कयता हॉ कक ऐस बरहमननषठ सॊत-भहाऩरषो क परनत हभायी शरदधा भ ववदध होती यह | -
डॉ वाम ऩी कारया शाभरदास कॉरज बावनगय गजयात
ऩजम फाऩ जस सॊत दननमा को सवगग भ फदर सकत ह
भई १९९८ क अॊनतभ टदनो भ ऩजमशरी क इॊदौय परवास क दौयान ईयान क ववखमात कफ़जजमशमन शरी फफाक अगरानी बायत भ अधमाजतभक अनबवो की परानि आम हए थ |
ऩजमशरी क दशगन ऩाकय जफ उनहोन अधमाजतभक अनबवो को परीबत होत दखा तो व ऩॊिड़ आशरभ भ आमोजजत धमानमोग मशववय भ बी ऩहॉि गम | शरी अगरानी जो दो टदन रककय वाऩस रौटन वार थ व ऩय गमायह टदन तक ऩॊिड़ आशरभ भ रक यह | उनहोन ववधाथी मशववय भ सायसवतम भॊतर की दीा री एवॊ ववमशषट धमानमोग साधना मशववय (४ -१० जन १९९८) का बी राब मरमा | मशववय क दौयान शरी अगरानी न ऩजमशरी स भॊतरदीा बी र री | ऩजमशरी क साजननधम भ सॊपराि अनबनतमो क फाय भ बतरम सभािाय ऩतर ितना को दी हई बटवाताग भ शरी अगरानी कहत ह मटद ऩजम फाऩ जस सॊत हय दश भ हो जाम तो मह दननमा सवगग फन सकती ह | ऐस शाॊनत स फठ ऩाना हभाय मरए कटठन ह रककन जफ ऩजम फाऩजी जस भहाऩरषो क शरीियणो भ फठकय सतसॊग सनत ह तो ऐसा आनॊद आता ह कक सभम का कछ ऩता ही नहीॊ िरता | सिभि ऩजम फाऩ कोई साधायण सॊत नहीॊ ह |
-शरी फफाक अगरानी ववशवववखमात कफ़जजमशमन ईयान
फाऩजी का साजननधम गॊगा क ऩावन परवाह जसा ह
कर-कर कयती इस बागीयथी की धवर धाया क ककनाय ऩय ऩजम फाऩजी क साजननधम भ फठकय भ फड़ा ही आपहाटदत औय परभटदत हॉ आनॊटदत हॉ योभाॊचित हॊ | गॊगा बायत की सषमना नाड़ी ह | गॊगा बायत की सॊजीवनी ह | शरी ववषणजी क ियणो स ननकरकय बरहमाजी क कभॊड़र औय जटाधय क भाथ ऩय शोबामभान गॊगा बतरमोगमसवदधकायक ह |
ववषणजी क ियणो स ननकरी गॊगा बकतकत मोग की परतीनत कयाती ह औय मशवजी क भसतक ऩय जसथत गॊगा ऻान मोग की उचितय बमभका ऩय आरढ़ होन की खफय दती ह |
भझ ऐसा रग यहा ह कक आज फाऩजी क परविनो को सनकय भ गॊगा भ गोता रगा यहा हॉ कमोकक उनका परविन उनका सजननधम गॊगा क ऩावन परवाह जसा ह | व अरभसत फ़कीय ह | व फड़ सयर औय सहज ह | व जजतन ही ऊऩय स सयर ह उतन ही अॊतय भ गढ़ ह | उनभ टहभारम जसी उचिता ऩववतरता शरषठता ह औय सागयतर जसी गॊबीयता ह |
व याषड की अभपम धयोहय ह | उनह दखकय कवष-ऩयमऩया को फोध होता ह | गौतभ कणाद
जमभनी कवऩर दाद भीया कफीय यदास आटद सफ कबी-कबी उनभ टदखत ह |
य बाई कोई सतगर सॊत कहाव
जो ननन अरख रखाव धयती उखाड़ आकाश उखाड़
अधय भड़मा धाव |
शनम मशखय क ऩाय मशरा ऩय आसन अिर जभाव |
य बाई कोई सतगर सॊत कहाव
एक ऐस ऩावन साजननधम भ हभ फठ ह जो फड़ा दरगब औय सहज मोगसवरऩ ह | ऐस भहाऩरषो क मरए ऩॊकतकतमाॉ माद आ यही ह तभ िरो तो िर धयती िर अॊफय िर दननमा ऐस भहाऩरष िरत ह तो उनक मरए समग िॊर ताय गरह नतर आटद सफ अनकर हो जात ह | ऐस इजनरमातीत गणातीत बावातीत शबदातीत औय सफ अवसथाओॊ स ऩय ककनहीॊ भहाऩरषो क शरीियणो भ जफ फठत ह तो बागवत कहता ह
साधनाॊ दशगनॊ रोक सवगमसवदधकयॊ ऩयभ |
साध क दशगन भातर स वविाय ववबनत ववदवता शकतकत सहजता ननववगषमता परसननता मसवदधमाॉ औय आतभानॊद की परानि होती ह | दश क भहान सॊत महाॉ सहज ही आत ह बायत क सबी शॊकयािामग बी मशववय भ आत ह | अत भय भन भ बी वविाय आमा कक जहाॉ सफ जात ह वहाॉ जाना िाटहए कमोकक मही वह ठोय-टठकाना ह जहाॉ भन का अमबभान मभटामा जा सकता ह | ऐस भहाऩरषो क दशगन स कवर आनॊद औय भसती ही नहीॊ मभरती फजपक वह सफ कछ मभर जाता ह जो अमबरावषत ह आकाॊकषत ह रकषत ह | महाॉ भ करणा क
कभगठता क वववक-वयागम क ऻान क दशगन कय यहा हॉ | वयागम औय बकतकत क यण ऩोषण औय सॊवधगन क मरए मह सिकवषमो का उततभ ऻान भाना जाता ह | आज गॊगा कपय स
साकाय टदख यही ह तो व फाऩजी क वविाय औय वाणी भ टदख यही ह | अरभसतता सहजता उचिता शरषठता ऩववतरतता तीथग-सी शचिता मशश-सी सयरता तरणो-सा जोश वदधो-सा गाॊबीमग औय कवषमो जसा ऻानाफोध भझ जहाॉ हो यहा ह वह मह ऩॊडार ह | इस आनॊदनगय कहॉ मा परभनगय करणा का सागय कहॉ मा वविायो का सभनदय रककन इतना जरय कहॉगा कक भय भन का कोन-कोना आपहाटदत हो यहा ह | आऩ रोग फड़बागी ह जो ऐस भहाऩरष क शरीियणो भ फठ ह जहाॉ बागम का टदरवम रवमकतकतततव का ननभागण होता ह | जीवन की कतकतमता जहाॉ पराि हो सकती ह वह मही दय ह |
मभर तभ मभरी भॊजजर मभरा भकसद औय भददा बी |
न मभर तभ तो यह गमा भददा भकसद औय भॊजजर बी ||
आऩका मह बावयाजम औय परभयाजम दखकय भ िककत बी हॉ औय आनॊद का अनबव बी कय यहा हॉ | आऩक परनत भया ववशवास औय अटट ननषठा फढ़ इस हत भया नभन सवीकाय कय | भझ ऐसा रगता ह कक फाऩजी समग ह औय नायामण सवाभी एक ऐस दीऩ ह जो न फझ सकत ह न जराम जात ह |
-सवाभी अवधशानॊदजी हरयदवाय
सायसवतम भॊतर स हए अदबत राब
भन १९९८ भ ववधाथी उतथान मशववय सोनीऩत भ ऩजम गरदव स सायसवतम भॊतर की दीा री | दीा क फाद ननममभत भॊतरजऩ कयन स भ इतना कशागर फवदधवारा एवॊ सवावरॊफी हो गमा कक भन एक भहीन भ ही टमशन छोड़ दी औय सवमॊ खफ भहनत कयन रगा | भ सकर बी ऩदर आन-जान रगा जजसस भन सकर फस का ककयामा फिा मरमा |
भॊतर जाऩ क परबाव स भझ ९ वीॊ १० वीॊ ११ वीॊ की ऩयीाओॊ भ परथभ सथान पराि हआ |
१२ वीॊ की ऩयीा क सभम भया सवासम खयाफ होन क कायण भ जऩ ठीक स नहीॊ कय सका कपय बी ७९ परनतशत अॊको स ऩास हआ | उसक फाद इॊजजननमरयॊग की ऩरया भ बी उततीणग यहा |
-करदीऩ कभाय डी-२३४ वसट ववनोद नगय टदपरी
भ टदसमफय १९९९ भ छततीसगढ़ क बाटाऩाया भ ऩजम गरदव स सायसवतम भॊतर की दीा
री | ततऩशचात भ ननममभत रऩ स जऩ-धमान- पराणामाभ कयता था जजसस भझ फहत राब हआ | ऩजम फऩजी की कऩा औय सायसवतम भॊतर जाऩ क परबाव स भझ १२ वीॊ की फोड़ग की ऩरया भ ८४६ परनतशत अॊक मभर |
-ववयनर कभाय कौमशक
डोगयगाॉव जज याजनाॊदगाॉव (छग)
बौनतक मग क अॊधकाय भ ऻान की जमोनत ऩजम फाऩ
भादक ननमॊतरण बमयो बायत सयकाय क भहाननदशक शरी एिऩी कभाय ९ भई को अभदावाद आशरभ भ सतसॊग-कामगकरभ क दौयान ऩजम फाऩ स आशीवागद रन ऩहॉि | फड़ी ववनमरता एवॊ शरदधा क साथ उनहोन ऩजम फाऩ क परनत अऩन उदगाय भ कहा जजस रवमकतकत क ऩास वववक नहीॊ ह वह अऩन रकषम तक नहीॊ ऩहॉि सकता ह औय वववक को पराि कयन का साधन ऩजम आसायाभजी फाऩ जस भहान सॊतो का सतसॊग ह | ऩजम फाऩ स भया परथभ ऩरयिम टीवी क भाधमभ स हआ | ततऩशचात भझ आशरभ दवाय परकामशत कवष परसाद भामसक पराि हआ | उस सभम भझ रगा कक एक ओय जहाॉ इस बौनतक मग क अॊधकाय भ भानव बटक यहा ह वहीॊ दसयी ओय शाॊनत की भॊद-भॊद सगॊचधत वाम बी िर यही ह | मह ऩजम फाऩ क सतसॊग का ही परबाव ह | ऩजमशरी क दशगन कयन का जो सौबागम भझ पराि हआ ह इसस भ अऩन को कतकतम भानता हॉ | ऩजम फाऩ क शरीभख स जो अभत वषाग होती ह तथा इनक सतसॊग स कयोड़ो रदमो भ जो जमोनत जगती ह व इसी परकाय स जगती यह औय आन वार रॊफ सभम तक ऩजमशरी हभ सफ का भागगदशगन कयत यह मही भयी काभना ह | ऩजम फाऩ क शरीियणो भ भय परणाभ
-शरी एिऩी कभाय भहाननदशक भादक ननमॊतरण बमयो बायत सयकाय
गरकऩा ऐसी हई कक अॉधय तो कमा दय बी नहीॊ हई
ऩयभ कऩार फाऩजी क शरीियणो भ भय कोटट-कोटट वॊदन भ एक इसभाइरी खवाजा हॉ तथा अऩन धभग भ अकतडग हॉ | िाय वषग ऩवग कछ रोगो दवाया एक सननमोजजत मोजना फनाकय भझ जफयदसती भडगय कस का आयोऩी फना टदमा गमा था | इसस भझ कहीॊ शाॊनत नहीॊ मभर यही थी | २८ पयवयी १९९७ को भझ नागऩय भ आमोजजत फाऩजी क सतसॊग भ जान की परयणा मभरी औय ४ भािग १९९७ को भन फाऩजी स भॊतरदीा री | भ उनस भन-
ही-भन ववनती की कक ह गरदव भझ फिा रो | गरकऩा ऐसी हई कक ७ जनवयी १९९८ को भझ अदारत न ऩाक-साप फयी कय टदमा फाकी छ आयोवऩमो को सजा हई | धनम ह ऐस भय सदगर उनक शरीियणो भ भय कोटट-कोटट वनदन
-यहभान खान ननशान छाफड़ी (बफछआ) जज नछनदवाड़ा (भपर)
भजसरभ भटहरा को पराणदान
२७ मसतमफय २००० को जमऩय भ भय ननवास ऩय ऩजम फाऩ का आतभ-साातकाय टदवस
भनामा गमा जजसभ भय ऩड़ोस की भजसरभ भटहरा नाथी फहन क ऩनत शरी भाॉग खाॉ न बी ऩजम फाऩ की आयती की औय ियणाभत मरमा | ३-४ टदन फाद ही व भजसरभ दॊऩनत खवाजा साटहफ क उसग भ अजभय िर गम | टदनाॊक ४ अकटफय २००० को अजभय क उसग भ असाभाजजक ततवो न परसाद भ जहय फाॉट टदमा जजसस उसग भर भ आम कई दशगनाथी असवसथ हो गम औय कई भय बी गम | भय ऩड़ोस की नाथी फहन न बी वह परसाद खामा औय थोड़ी दय भ ही वह फहोश हो गमी | अजभय भ उसका उऩिाय ककमा गमा ककॊ त उस होश न आमा | दसय टदन ही उसका ऩनत उस अऩन घय र आमा | कॉरोनी क सबी ननवासी उसकी हारत दखकय कह यह थ कक अफ इसका फिना भजशकर ह | भ बी उस दखन गमा | वह फहोश ऩड़ी थी | भ जोय-जोय स हरय ॐ हरय ॐ का उचिायण ककमा तो वह थोड़ा टहरन रगी | भझ परयणा हई औय भ ऩन घय गमा | ऩजम फाऩ स पराथगना की | ३-४ घॊट फाद ही वह भटहरा ऐस उठकय खड़ी हो गमी भानो सोकय उठी हो | उस भटहरा न फतामा कक भय िािा ससय ऩीय ह औय उनहोन भय ऩनत क भॉह स फोरकय फतामा कक तभन २७ मसतमफय २००० को जजनक सतसॊग भ ऩानी वऩमा था उनहीॊ सपद दाढ़ीवार फाफा न तमह फिामा ह कसी करणा ह गरदव की
-जएर ऩयोटहत
८७ सपतान नगय जमऩय (याज)
उस भटहरा का ऩता ह -शरीभती नाथी
ऩतनी शरी भाॉग खाॉ १०० सपतान नगय गजगय की धड़ी नम साॊगानय योड़
जमऩय (याज)
हरयनाभ की पमारी न छड़ामी शयाफ की फोतर
सौबागमवश गत २६ टदसमफय १९९८ को ऩजमशरी क १६ मशषमो की एक टोरी टदपरी स हभाय गाॉव भ हरयनाभ का परिाय-परसाय कयन ऩहॉिी | भ फिऩन स ही भटदयाऩान धमरऩान व मशकाय कयन का शौकीन था | ऩजम फाऩ क मशषमो दवाया हभाय गाॉव भ जगह-जगह ऩय तीन टदन तक रगाताय हरयनाभ का कीतगन कयन स भझ बी हरयनाभ का यॊग रगता जा यहा था | उनक जान क एक टदन क ऩशचात शाभ क सभम योज की बाॊनत भन शयाफ की फोतर ननकारी | जस ही फोतर खोरन क मरए ढककन घभामा तो उस ढककन क घभन स भझ हरय ॐ हरय ॐ की धवनन सनामी दी | इस परकाय भन दो-तीन फाय ढककन घभामा औय हय फाय भझ हरय ॐ की धवनन सनामी दी | कछ दय फाद भ उठा तथा ऩजमशरी क एक मशषम क घय गमा | उनहोन थोड़ी दय भझ ऩजमशरी की अभतवाणी सनामी | अभतवाणी सनन क फाद भया रदम ऩकायन रगा कक इन दरवमगसनो को तमाग दॉ | भन तयॊत फोतर उठामी तथा जोय-स दय खत भ प क दी | ऐस सभथग व ऩयभ कऩार सदगरदव को भ रदम स परणाभ कयता हॉ जजनकी कऩा स मह अनोखी घटना भय जीवन भ घटी जजसस भया जीवन ऩरयवनतगत हआ |
-भोहन मसॊह बफषट
मबखमासन अपभोड़ा (उपर)
ऩय गाॉव की कामाऩरट
ऩजमशरी स टदनाॊक २७६९१ को दीा रन क फाद भन रवमवसनभकतकत क परिाय-परसाय का रकषम फना मरमा | भ एक फाय कौशरऩय (जज शाजाऩय) ऩहॉिा | वहाॉ क रोगो क रवमवसनी औय रड़ाई-झगड़ मकत जीवन को दखकय भन कहा आऩ रोग भनषम-जीवन सही अथग ही नहीॊ सभझत ह | एक फाय आऩ रोग ऩजम फाऩजी क दशगन कय र तो आऩको सही जीवन जीन की कॊ जी मभर जामगी | गाॉव वारो न भयी फात भान री औय दस रवमकतकत भय गाॉव ताजऩय आम | भन एक साधक को उनक साथ जनभाषटभी भहोतसव भ सयत बजा | ऩजम फाऩजी की उन ऩय कऩा फयसी औय सफको गरदीा मभर गमी | जफ व रोग अऩन गाॉव ऩहॉि तो सबी गाॉववामसमो को फड़ा कौतहर था कक ऩजम फाऩजी कस ह फाऩजी की रीराएॉ सनकय गाॉव क अनम रोगो भ बी ऩजम फाऩजी क परनत शरदधा जगी | उन दीकषत साधको न सबी गाॉववारो को सववधानसाय ऩजम फाऩजी क अरग-अरग आशरभो भ
बजकय दीा टदरवा दी | गाॉव क सबी रवमकतकत अऩन ऩय ऩरयवाय सटहत दीकषत हो िक ह | परतमक गरवाय को ऩय गाॉव भ एक सभम बोजन फनता ह | सबी रोग गरवाय का वरत यखत ह | कौशरऩय गाॉव क परबाव स आस-ऩास क गाॉववार एवॊ उनक रयशतदायो सटहत १००० रवमकतकतमो शयाफ छोड़कय दीा र री ह | गाॉव क इनतहास भ तीन-तीन ऩीढ़ी स कोई भॊटदय नहीॊ था | गाॉववारो न ५ राख रऩम रगाकय दो भॊटदय फनवाम ह | ऩया गाॉव रवमवसनभकत एवॊ बगवतबकत फन गमा ह मह ऩजम फाऩजी की कऩा नहीॊ तो औय कमा ह सफक तायणहाय ऩजम फाऩजी क शरीियणो भ कोटट-कोटट परणाभ
-शमाभ परजाऩनत (सऩयवाइजय नतरहन सॊघ) ताजऩय उजजन (भपर)
नतरबफ ॊद का िभतकाय
भया सौबागम ह कक भझ सॊतकऩा नतरबफॊद (आई डरॉपस) का िभतकाय दखन को मभरा |
एक सॊत फाफा मशवयाभदास उमर ८० वषग गीता कटटय तऩोवन झाड़ी सिसयोवय हरयदवाय भ यहत ह | उनकी दाटहनी आॉख क सपद भोनतम का ऑऩयशन शाॉनतकॊ ज हरयदवाय आमोजजत कमऩ भ हआ | कस बफगड़ गमा औय कार भोनतमा फन गमा | ददग यहन रगा औय योशनी घटन रगी | दोफाया बभाननद नतर चिककतसारम भ ऑऩयशन हआ | एबसपमट गरकोभा फतात हए कहा कक ऑऩयशन स मसयददग ठीक हो जामगा ऩय योशनी जाती यहगी | ऩयॊत अफ व फाफा सॊत शरी आसायाभजी आशरभ दवाय ननमभगत सॊतकऩा नतरबफॊद सफह-शाभ डार यह ह | भन उनक नतरो का ऩयीण ककमा | उनकी दाटहनी आॉख भ उॉगरी चगनन रामक योशनी वाऩस आ गमी ह | कार भोनतम का परशय नॉभगर ह | कोननगमा भ सजन नहीॊ ह | व कापी सॊतषट ह | व फतात ह आॉख ऩहर रार यहती थी ऩयॊत अफ नहीॊ ह | आशरभ क नतरबफॊद स कपऩनातीत राब हआ | फामीॊ आॉख भ बी उनह सपद भोनतमा फतामा गमा था औय सॊशम था कक शामद कारा भोनतमा बी ह | ऩय आज फामीॊ आॉख बी ठीक ह औय दोनो आॉखो का परशय बी नॉभगर ह | सपद भोनतमा नहीॊ ह औय योशनी कापी अचछी ह |
मह सॊतकऩा नतरफॊद का ववरण परबाव दखकय भ बी अऩन भयीजो को इसका उऩमोग कयन की सराह दॉगा |
-डॉ अननत कभाय अगरवार (नतरयोग ववशषऻ)
एभफीफीएस एभएस (नतर) डीओएभएस (आई) सीताऩय सहायनऩय (उपर)
ऩजमशरी की तसवीय स मभरी परयणा
सवगसभथग ऩयभ ऩजम शरी फाऩजी क ियणकभरो भ भया कोटट-कोटट नभन १९८४ क बकॊ ऩ स समऩणग उततय बफहाय भ कापी नकसान हआ था जजसकी िऩट भ हभाया घय बी था | ऩरयजसथनतवश भझ नौवी का भ ऩढ़ामी छोड़ दनी ऩड़ी | ककसी मभतर की सराह स भ नौकयी ढॉढ़न क मरए टदपरी गमा रककन वहाॉ बी ननयाशा ही हाथ रगी | भ दो टदन स बखा तो था ही ऊऩय स नौकयी की चिॊता | अत आतभहतमा का वविाय कयक यरव सटशन की ओय िर ऩड़ा | यानीफाग फाजाय भ एक दकान ऩय ऩजमशरी का सतसाटहतम
कसट आटद यखा हआ था एवॊ ऩजमशरी की फड़ आकाय की तसवीय बी टॉगी थी | ऩजमशरी की हॉसभख एवॊ आशीवागद की भरावारी उस तसवीय ऩय भयी नजय ऩड़ी तो १० मभनट तक भ वहीॊ सड़क ऩय स ही खड़-खड़ उस दखता यहा | उस वकत न जान भझ कमा मभर गमा भ काभ बर भजदयी का ही कयता हॉ रककन तफस रकय आज तक भय चितत भ फड़ी परसननता फनी हई ह | न जान भयी जजनदगी की कमा दशा होती अगय ऩजम फाऩजी की मवाधन सया ईशवय की ओय ननजशचनत जीवन ऩसतक औय कवष परसाद ऩबतरका हाथ न रगती ऩजमशरी की तसवीय स मभरी परयणा एवॊ उनक सतसाटहतम न भयी डफती नमा को भानो भझदाय स फिा मरमा | धनबागी ह साटहतम की सवा कयन वार जजनहोन भझ आतभहतमा क ऩाऩ स फिामा |
-भहश शाह
नायामणऩय दभया जज सीताभढ़ी (बफहाय)
भॊतर स राब
भयी भाॉ की हारत अिानक ऩागर जसी हो गमी थी भानो कोई बत-परत-डाककनी मा आसयी ततव उनभ घस गमा | भ फहत चिॊनतत हो गमा एवॊ एक साचधका फहन को पोन ककमा | उनहोन बत-परत बगान का भॊतर फतामा जजसका वणगन आशरभ स परकामशत आयोगमननचध ऩसतक भ बी ह | वह भॊतर इस परकाय ह
ॐ नभो बगवत रर बयवाम बतपरत म कर कर हॊ पट सवाहा |
इस भॊतर का ऩानी भ ननहायकय १०८ फाय जऩ ककमा औय वही ऩानी भाॉ को वऩरा टदमा |
तयॊत ही भाॉ शाॊनत स सो गमीॊ | दसय टदन बी इस भॊतर की ऩाॉि भारा कयक भाॉ को वह जर वऩरामा तो भाॉ बफपकर ठीक हो गमीॊ | ह भय साधक बाई-फहनो बत-परत बगान क
मरए अरा फाॉधॉ फरा फाॉधॉ ऐसा कयक झाड़-फ़ॉ क कयनवारो क िककय भ ऩड़न की जरयत नहीॊ ह | इसक मरए तो ऩजम फाऩजी का भॊतर ही तायणहाय ह | ऩजम फाऩजी क शरीियणो भ कोटट-कोटट परणाभ
-िॊऩकबाई एन ऩटर (अभरयका)
काभ करोध ऩय ववजम ऩामी
एक टदन भॊफई भर भ टटकट िककॊ ग कयत हए भ वातानकमरत फोगी भ ऩहॉिा | दखा तो भखभर की गददी ऩय टाट का आसन बफछाकय सवाभी शरी रीराशाहजी भहायाज सभाचधसथ ह | भझ आशचमग हआ कक जजन परथभ शरणी की वातानकमरत फोचगमो भ याजा-भहायाजा मातरा कयत ह ऐसी फोगी औय तीसयी शरणी की फोगी क फीि इन सॊत को कोई बद नहीॊ रगता | ऐसी फोचगमो भ बी व सभाचधसथ होत ह मह दखकय मसय झक जाता ह | भन ऩजम भहायाजशरी को परणाभ कयक कहा आऩ जस सॊतो क मरए तो सफ एक सभान ह |
हय हार भ एकयस यहकय आऩ भकतकत का आनॊद र सकत ह | रककन हभाय जस गरहसथो को कमा कयना िाटहए ताकक हभ बी आऩ जसी सभता फनाम यखकय जीवन जी सक
ऩजम भहायाजजी न कहा काभ औय करोध को त छोड़ द तो त बी जीवनभकत हो सकता ह | जहाॉ याभ तहॉ नहीॊ काभ जहाॉ काभ तहॉ नहीॊ याभ | औय करोध तो बाई बसभासय ह | वह तभाभ ऩणम को जराकय बसभ कय दता ह अॊतकयण को भमरन कय दता ह | भन कहा परब अगय आऩकी कऩा होगी तो भ काभ-करोध को छोड़ ऩाऊॉ गा | ऩजम भहायाजजी न कहा बाई कऩा ऐस थोड़ ही की जाती ह सॊतकऩा क साथ तया ऩरषाथग औय दढ़ता बी िाटहए | ऩहर त परनतऻा कय कक त जीवनऩमगनत काभ औय करोध स दय यहगा तो भ तझ आशीवागद दॉ | भन कहा भहायाजजी भ जीवनबय क मरए परनतऻा तो करॉ रककन उसका ऩारन न कय ऩाऊॉ तो झठा भाना जाऊॉ गा | ऩजम भहायाजजी न कहा अचछा ऩहर त भय सभ आठ टदन क मरए परनतऻा कय | कपय परनतऻा को एक-एक टदन फढ़त जाना | इस परकाय त उन फराओॊ स फि सकगा | ह कफर भन हाथ जोड़कय कफर ककमा | ऩजम भहायाजजी न आशीवागद दकय दो-िाय पर परसाद भ टदम | ऩजम भहायाजजी न भयी जो दो कभजोरयमाॉ थीॊ उन ऩय ही सीधा हभरा ककमा था | भझ आशचमग हआ कक अनम कोई बी दगगण छोड़न का न कहकय इन दो दगगणो क मरए ही उनहोन परनतऻा कमो कयवामी फाद भ भ इस याज स अवगत हआ |
दसय टदन भ ऩसनजय टरन भ कानऩय स आग जा यहा था | सफह क कयीफ नौ फज थ |
तीसयी शरणी की फोगी भ जाकय भन माबतरमो क टटकट जाॉिन का कामग शर ककमा | सफस
ऩहर फथग ऩय सोम हए एक मातरी क ऩास जाकय भन एक मातरी क ऩास जाकय भन टटकट टदखान को कहा तो वह गससा होकय भझ कहन रगा अॊधा ह दखता नहीॊ कक भ सो गमा हॉ भझ नीॊद स जगान का तझ कमा अचधकाय ह मह कोई यीत ह टटकट क फाय भ ऩछन की ऐसी ही अकर ह तयी ऐसा कछ-का-कछ वह फोरता ही गमा फोरता ही गमा | भ बी करोधाववषट होन रगा ककॊ त ऩजम भहायाजजी क सभ री हई परनतऻा भझ माद थी अत करोध को ऐस ऩी गमा भानो ववष की ऩकतड़मा भन उस कहा भहाशम आऩ ठीक ही कहत ह कक भझ फोरन की अकर नहीॊ ह बान नहीॊ ह | दखो भय म फार धऩ भ सपद हो गम ह | आऩभ फोरन की अकर अचधक ह नमरता ह तो कऩा कयक मसखाओॊ कक टटकट क मरए भझ ककस परकाय आऩस ऩछना िाटहए | भ रािाय हॉ कक डमटी क कायण भझ टटकट िक कयना ऩड़ यहा ह इसमरए भ आऩको कषट द यहा हॉ|
औय कफ़य भन खफ परभ स हाथ जोड़कय ववनती की बमा कऩा कयक कषट क मरए भझ भा कयो | भझ अऩना टटकट टदखामग भयी नमरता दखकय वह रजजजत हो गमा एवॊ तयॊत उठ फठा | जपदी-जपदी नीि उतयकय भझस भा भाॉगत हए कहन रगा भझ भाप कयना | भ नीॊद भ था | भन आऩको ऩहिाना नहीॊ था | अफ आऩ अऩन भॉह स भझ कह कक आऩन भझ भाफ़ ककमा मह दखकय भझ आनॊद औय सॊतोष हआ | भ सोिन रगा कक सॊतो की आऻा भानन भ ककतनी शकतकत औय टहत ननटहत ह सॊतो की करणा कसा िभतकारयक ऩरयणाभ राती ह वह रवमकतकत क पराकनतक सवबाव को बी जड़-भर स फदर सकती ह | अनमथा भझभ करोध को ननमॊतरण भ यखन की कोई शकतकत नहीॊ थी | भ ऩणगतमा असहाम था कपय बी भझ भहायाजजी की कऩा न ही सभथग फनामा | ऐस सॊतो क शरीियणो भ कोटट-कोटट नभसकाय
-शरी यीजभर
रयटामडग टीटी आई कानऩय
अनम अनबव
जरा हआ कागज
ऩवग रऩ भ एक फाय ऩयभहॊस ववशदधानॊदजी स आनॊदभमी भाॉ की ननकटता ऩानवार सपरमसदध ऩॊकतडत गोऩीनाथ कववयाज न ननवदन ककमा तयणीकानत ठाकय को अरौककक मसवदध पराि हई ह | व बफना दख मा बफना छए ही कागज भ मरखी हई फात ऩढ़ रत ह |
गरदव फोर तभ एक कागज ऩय कछ मरखो औय उसभ आग रगाकय जरा दो |
कववयाजजी न कागज ऩय कछ मरखा औय ऩयी तयह कागज जराकय हवा भ उड़ा टदमा |
उसक फाद गरदव न अऩन तककम क नीि स वही कागज ननकारकय कववयाजजी क आग यख टदमा | मह दखकय उनह फड़ा आशचमग हआ कक मह कागज वही था एवॊ जो उनहोन मरखा था वह बी उस ऩय उनहीॊ क सरख भ मरखा था औय साथ ही उसका उततय बी मरखा हआ दखा | जड़ता ऩशता औय ईशवयता का भर हभाया शयीय ह | जड़ शयीय को भ-भया भानन की ववतत जजतनी मभटती ह ऩाशवी वासनाओॊ की गराभी उतनी हटती ह औय हभाया ईशवयीम अॊश जजतना अचधक ववकमसत होता ह उतना ही मोग-साभमग ईशवयीम साभमग परकट होता ह | बायत क ऐस कई बकतो सॊतो औय मोचगमो क जीवन भ ईशवयीम साभमग दखा गमा ह अनबव ककमा गमा ह उसक ववषम भ सना गमा ह | धनम ह बायतबमभ भ यहनवार बायतीम सॊसकनत भ शरदधा-ववशवास यखनवार अऩन ईशवयीम अॊश को जगान की सवा-साधना कयनवार सवाभी ववशदधानॊदजी वषो की एकाॊत साधना औय वषो-वषो की गरसवा स अऩना दहाधमास औय ऩाशवी वासनाएॉ मभटाकय अऩन ईशवयीम
अॊश को ववकमसत कयनवार बायत क अनक भहाऩरषो भ स थ | उनक जीवन की औय बी अरौककक घटनाओॊ का वणगन आता ह | ऐस सतऩरषो क जीवन-िरयतर औय उनक जीवन भ घटटत घटनाएॉ ऩढ़न-सनन स हभ रोग बी अऩनी जड़ता एवॊ ऩशता स ऊऩय उठकय ईशवयीम अॊश को उबायन भ उतसाटहत होत ह | फहत ऊॉ िा काभ ह फड़ी शरदधा फड़ी सभझ फड़ा धमग िाटहए ईशवयीम साभमग को ऩणग रऩ स ववकमसत कयन भ | अफ आओ
िर आदय शॊकयािामग की ओय
नदी की धाया भड़ गमी
आदय शॊकयािामग की भाता ववमशषटा दवी अऩन करदवता कशव की ऩजा कयन जाती थीॊ | व ऩहर नदी भ सनान कयतीॊ औय कफ़य भॊटदय भ जाकय ऩजन कयतीॊ | एक टदन व परातकार ही ऩजन-साभगरी रकय भॊटदय की ओय गमीॊ ककॊ त सामॊकार तक घय नहीॊ रौटीॊ | शॊकयािामग की आम अबी सात-आठ वषग क भधम भ ही थी | व ईशवय क ऩयभ बकत औय ननषठावान थ | सामॊकार तक भाता क वाऩस न रौटन ऩय आिामग को फड़ी चिनता हई औय व उनह खोजन क मरए ननकर ऩड़ | भॊटदय क ननकट ऩहॉिकय उनहोन भाता को भागग भ ही भजचछगत ऩड़ दखा | उनहोन फहत दय तक भाता का उऩिाय ककमा तफ व होश भ आ सकीॊ |
नदी अचधक दय थी | वहाॉ तक ऩहॉिन भ भाता को फड़ा कषट होता था | आिामग न बगवान स भन-ही-भन पराथगना की कक परबो ककसी परकाय नदी की धाया को भोड़ दो जजसस कक
भाता ननकट ही सनान कय सक | व इस परकाय की पराथगना ननतम कयन रग | एक टदन उनहोन दखा कक नदी की धाया ककनाय की धयती को काटती-काटती भड़न रगी ह तथा कछ टदनो भ ही वह आिामग शॊकय क घय क ऩास फहन रगी | इस घटना न आिामग का अरौककक शकतकतसमऩनन होना परमसदध कय टदमा |
सकषभ शयीय स िोय का ऩीछा ककमा
हरयहय फाफा की फड़ी परमसवदध थी | एक फाय व हयऩारऩय सटशन ऩय थ | वहाॉ क सटशन भासटय न उनको एक िोय सऩदग ककमा | िोय न फाफा स कहा भहायाज भझ इतनी छटटी द दीजजम कक भ अऩन फार-फचिो का परफॊध कय आऊॉ | फाफा गाड़ी आन ऩय रौट आना | िोय िरा गमा | सटशन भासटय को ऩता िरा तो वह फाफा ऩय गभग हआ औय फोरा उसक फदर तमह जर की हवा खानी होगी | तभन जान-फझकय उस बगा टदमा ह | फाफा घफयाओ भत गाड़ी आन स ऩहर ही वह रौट आमगा | िोय की नीमत ठीक नहीॊ थी | वह जॊगर क भागग स अऻात सथान को बाग जाना िाहता था ककॊ त उस हय सभम मही परतीत होता यहा कक हरयहय फाफा डॊडा पटकायत हए उसक ऩीछ-ऩीछ िर आ यह ह | इसीमरए वह गाड़ी आन स ऩहर ही रौट आमा |
भॊगरी फाधा-ननवायण भॊतर
अॊ याॊ अॊ
इस भॊतर को १०८ फाय जऩन स करोध दय होता ह | जनभकनडरी भ भॊगरी मोग होन स जजनक वववाह न हो यह हो व २७ भॊगरवाय इस भॊतर का १०८ फाय जऩ कयत हए वरत यखकय हनभानजी ऩय मसॊदय का िोरा िढ़ाम | इसस भॊगर-फाधा का म होता ह |
सखऩवगक परसवकायक भॊतर
ऩहरा उऩाम
एॊ हीॊ बगवनत बगभामरनन िर िर भराभम भराभम ऩषऩॊ ववकासम ववकासम सवाहा |
इस भॊतर दवाया अमबभॊबतरत दध गमबगणी सतरी को वऩराम तो सखऩवगक परसव होगा |
दसया उऩाम
गमबगणी सतरी सवमॊ परसव क सभम जमबरा-जमबरा जऩ कय |
तीसया उऩाम
दशी गाम क गोफय का १२ स १५ मभरी यस ॐ नभो नायामणाम भॊतर का २१ फाय जऩ कयक ऩीन स बी परसव-फाधाएॉ दय होगी औय बफना ऑऩयशन क परसव होगा |
परसनत क सभम अभॊगर की आशॊका हो तो ननमन भॊतर का जऩ कय
सवगभॊगर भाॊगपम मशव सवागथग साचधक |
शयणम तरममफक गौयी नायामणी नभोSसतत ||
(दगागसिशती)
शकतकतशारी व गोय ऩतर की परानि क मरए
सगबागवसथा भ ढाक (ऩराश खाखया) का एक कोभर ऩतता घोटकय गौ-दगध क साथ योज सवन कयन स फारक शकतकतशारी औय गोया होता ह | भाता-वऩता बर कार-करट हो कपय बी फारक गोया होगा |
सदगर-भटहभा
गर बफन बव ननचध तय न कोई |
जौ फयॊचि सॊकय सभ होई ||
-सॊत तरसीदासजी
हरयहय आटदक जगत भ ऩजमदव जो कोम |
सदगर की ऩजा ककम सफकी ऩजा होम ||
-ननशचरदासजी भहायाज
सहजो कायज सॊसाय को गर बफन होत नाॉही |
हरय तो गर बफन कमा मभर सभझ र भन भाॉही ||
-सॊत कफीयजी सॊत
सयनन जो जन ऩय सो जन उधयनहाय | सॊत की ननॊदा नानका फहरय फहरय अवताय ||
-गर नानक दवजी
गरसवा सफ बागमो की जनभबमभ ह औय वह शोकाकर रोगो को बरहमभम कय दती ह |
गररऩी समग अववदयारऩी याबतर का नाश कयता ह औय ऻानाऻान रऩी मसतायो का रोऩ कयक फवदधभानो को आतभफोध का सटदन टदखाता ह |
-सॊत ऻानशवय भहायाज
सतम क कॊ टकभम भागग भ आऩको गर क मसवाम औय कोई भागगदशगन नहीॊ द सकता |
- सवाभी मशवानॊद सयसवती
ककतन ही याजा-भहायाजा हो गम औय होग सामजम भकतकत कोई नहीॊ द सकता | सचि याजा-भहायाज तो सॊत ही ह | जो उनकी शयण जाता ह वही सचिा सख औय सामजम भकतकत ऩाता ह |
-सभथग शरी याभदास सवाभी
भनषम िाह ककतना बी जऩ-तऩ कय मभ-ननमभो का ऩारन कय ऩयॊत जफ तक सदगर की कऩादवषट नहीॊ मभरती तफ तक सफ रवमथग ह |
-सवाभी याभतीथग
परटो कहत ह कक सकयात जस गर ऩाकय भ धनम हआ |
इभसगन न अऩन गर थोयो स जो पराि ककमा उसक भटहभागान भ व बावववबोय हो जात थ |
शरी याभकषण ऩयभहॊस ऩणगता का अनबव कयानवार अऩन सदगरदव की परशॊसा कयत नहीॊ अघात थ |
ऩजमऩाद सवाभी शरी रीराशाहजी भहायाज बी अऩन सदगरदव की माद भ सनह क आॉस
फहाकय गदगद कॊ ठ हो जात थ |
ऩजम फाऩजी बी अऩन सदगरदव की माद भ कस हो जात ह मह तो दखत ही फनता ह |
अफ हभ उनकी माद भ कस होत ह मह परशन ह | फटहभगख ननगय रोग कछ बी कह साधक को अऩन सदगर स कमा मभरता ह इस तो साधक ही जानत ह |
रडी भाटटगन क सहाग की या कयन अपगाननसतान भ परकट मशवजी
साध सॊग सॊसाय भ दरगब भनषम शयीय |
सतसॊग सववत ततव ह बतरववध ताऩ की ऩीय ||
भानव-दह मभरना दरगब ह औय मभर बी जाम तो आचधदववक आचधबौनतक औय आधमाजतभक म तीन ताऩ भनषम को तऩात यहत ह | ककॊ त भनषम-दह भ बी ऩववतरता हो सचिाई हो शदधता हो औय साध-सॊग मभर जाम तो म बतरववध ताऩ मभट जात ह |
सन १८७९ की फात ह | बायत भ बबरटटश शासन था उनहीॊ टदनो अॊगरजो न अपगाननसतान ऩय आकरभण कय टदमा | इस मदध का सॊिारन आगय भारवा बबरटटश छावनी क रजफ़टनट कनगर भाटटगन को सौऩा गमा था | कनगर भाटटगन सभम-सभम ऩय मदध-तर स अऩनी ऩतनी को कशरता क सभािाय बजता यहता था | मदध रॊफा िरा औय अफ तो सॊदश आन बी फॊद हो गम | रडी भाटटगन को चिॊता सतान रगी कक कहीॊ कछ अनथग न हो गमा हो अपगानी सननको न भय ऩनत को भाय न डारा हो | कदाचित ऩनत मदध भ शहीद हो गम तो भ जीकय कमा करॉ गी -मह सोिकय वह अनक शॊका-कशॊकाओॊ स नघयी यहती थी |
चिनतातय फनी वह एक टदन घोड़ ऩय फठकय घभन जा यही थी | भागग भ ककसी भॊटदय स आती हई शॊख व भॊतर धवनन न उस आकवषगत ककमा | वह एक ऩड़ स अऩना घोड़ा फाॉधकय भॊटदय भ गमी | फजनाथ भहादव क इस भॊटदय भ मशवऩजन भ ननभगन ऩॊकतडतो स उसन ऩछा आऩ रोग कमा कय यह ह एक वरदध बराहमण न कहा हभ बगवान मशव का ऩजन कय यह ह | रडी भाटटगन मशवऩजन की कमा भहतता ह बराहमण फटी बगवान मशव तो औढयदानी ह बोरनाथ ह | अऩन बकतो क सॊकट-ननवायण कयन भ व तननक बी दय नहीॊ कयत ह | बकत उनक दयफाय भ जो बी भनोकाभना रकय क आता ह उस व शीघर ऩयी कयत ह ककॊ त फटी तभ फहत चिजनतत औय उदास नजय आ यही हो कमा फात ह रडी भाटटगन भय ऩनतदव मदध भ गम ह औय ववगत कई टदनो स उनका कोई
सभािाय नहीॊ आमा ह | व मदध भ पॉ स गम ह मा भाय गम ह कछ ऩता नहीॊ िर यहा | भ उनकी ओय स फहत चिजनतत हॉ | इतना कहत हए रडी भाटटगन की आॉख नभ हो गमीॊ |
बराहमण तभ चिनता भत कयो फटी मशवजी का ऩजन कयो उनस पराथगना कयो रघररी कयवाओ | बगवान मशव तमहाय ऩनत का यण अवशम कयग |
ऩॊकतडतो की सराह ऩय उसन वहाॉ गमायह टदन का ॐ नभ मशवाम भॊतर स रघररी अनषठान परायॊब ककमा तथा परनतटदन बगवान मशव स अऩन ऩनत की या क मरए पराथगना कयन रगी कक ह बगवान मशव ह फजनाथ भहादव मटद भय ऩनत मदध स सकशर रौट आम तो भ आऩका मशखयफॊद भॊटदय फनवाऊॉ गी | रघररी की ऩणागहनत क टदन बागता हआ एक सॊदशवाहक मशवभॊटदय भ आमा औय रडी भाटटगन को एक मरपापा टदमा | उसन घफयात-घफयात वह मरपापा खोरा औय ऩढ़न रगी |
ऩतर भ उसक ऩनत न मरखा था हभ मदध भ यत थ औय तभ तक सॊदश बी बजत यह रककन आक ऩठानी सना न घय मरमा | बबरटटश सना कट भयती औय भ बी भय जाता |
ऐसी ववकट ऩरयजसथनत भ हभ नघय गम थ कक पराण फिाकय बागना बी अतमाचधक कटठन था | इतन भ भन दखा कक मदधबमभ भ बायत क कोई एक मोगी जजनकी फड़ी रमफी जटाएॉ ह हाथ भ तीन नोकवारा एक हचथमाय (बतरशर) इतनी तीवर गनत स घभ यहा था कक ऩठान सननक उनह दखकय बागन रग | उनकी कऩा स घय स हभ ननकरकय ऩठानो ऩय वाय कयन का भौका मभर गमा औय हभायी हाय की घकतड़माॉ अिानक जीत भ फदर गमीॊ | मह सफ बायत क उन फाघामफयधायी एवॊ तीन नोकवारा हचथमाय धायण ककम हए
(बतरशरधायी) मोगी क कायण ही समबव हआ | उनक भहातजसवी रवमकतकततव क परबाव स दखत-ही-दखत अपगाननसतान की ऩठानी सना बाग खड़ी हई औय व ऩयभ मोगी भझ
टहमभत दत हए कहन रग | घफयाओॊ नहीॊ | भ बगवान मशव हॉ तथा तमहायी ऩतनी की ऩजा स परसनन होकय तमहायी या कयन आमा हॉ उसक सहाग की या कयन आमा हॉ |
ऩतर ऩढ़त हए रडी भाटटगन की आॉखो स अववयत अशरधाया फहती जा यही थी उसका रदम अहोबाव स बय गमा औय वह बगवान मशव की परनतभा क समभख मसय यखकय पराथगना कयत-कयत यो ऩड़ी | कछ सिाह फाद उसका ऩनत कनगर भाटटगन आगय छावनी रौटा | ऩतनी न उस सायी फात सनात हए कहा आऩक सॊदश क अबाव भ भ चिजनतत हो उठी थी रककन बराहमणो की सराह स मशवऩजा भ रग गमी औय आऩकी या क मरए बगवान मशव स पराथगना कयन रगी | उन द खबॊजक भहादव न भयी पराथगना सनी औय आऩको सकशर रौटा टदमा | अफ तो ऩनत-ऩतनी दोनो ही ननममभत रऩ स फजनाथ भहादव क भॊटदय भ ऩजा-अिगना कयन रग | अऩनी ऩतनी की इचछा ऩय कनगर भाटटगन भ सन १८८३
भ ऩॊरह हजाय रऩम दकय फजनाथ भहादव भॊटदय का जीणोदवाय कयवामा जजसका मशरारख आज बी आगय भारवा क इस भॊटदय भ रगा ह | ऩय बायतबय भ अॊगरजो दवाय ननमभगत मह एकभातर टहनद भॊटदय ह |
मयोऩ जान स ऩवग रडी भाटटगन न ऩकतड़तो स कहा हभ अऩन घय भ बी बगवान मशव का भॊटदय फनामग तथा इन द ख-ननवायक दव की आजीवन ऩजा कयत यहग |
बगवान मशव भ बगवान कषण भ भाॉ अमफा भ आतभवतता सदगर भ सतता तो एक ही ह | आवशमकता ह अटर ववशवास की | एकररवम न गरभनत ग भ ववशवास कय वह पराि कय मरमा जो अजगन को कटठन रगा | आरणण उऩभनम रव परहराद आटद अनम सकड़ो उदायहण हभाय साभन परतम ह | आज बी इस परकाय का सहमोग हजायो बकतो को साधको को बगवान व आतभवतता सदगरओॊ क दवाया ननयनतय पराि होता यहता ह | आवशमकता ह तो फस कवर ववशवास की |
भहाभतमॊजम भॊतर
ॐ हौ जॉ स |
ॐ बबगव सव |
ॐ तरममफकॊ मजाभह सगॊचध ॊ ऩवषटवधगनभ |
उवागरकमभव फनधनानभतमोभगीम भाभतात |
सव भव ब ॐ |
स जॉ हौ ॐ |
बगवान मशव का मह भहाभतमॊजम जऩन स अकार भतम तो टरती ही ह आयोगमता की बी परानि होती ह | सनान कयत सभम शयीय ऩय रोट स ऩानी डारत वकत इस भॊतर का जऩ कयन स सवासम-राब होता ह | दध भ ननहायत हए इस भॊतर का जाऩ ककमा जाम औय कपय वह दध ऩी मरमा जम तो मौवन की सया भ बी सहामता मभरती ह | आजकर की तज यफ़तायवारी जजनदगी भ कहाॉ आतॊक उऩरव दघगटना हो जाम कहना भजशकर ह | घय स ननकरत सभम एक फाय मह भॊतर जऩनवारा इन उऩदरवो स सयकषत यहता ह औय सयकषत घय रौटता ह | (इस भॊतरानषठान क ववचध-ववधान की ववसतत जानकायी क मरए आशरभ दवाया परकामशत आयोगमननचध ऩसतक ऩढ़ |) शरीभदबागवत क आठव सकॊ ध भ तीसय अधमाम क शलोक १ स ३३ तक भ वणणगत गजनरभो सतोतर का ऩाठ कयन स तभाभ
ववधन दय होत ह |
स ऩजम फाऩ न हभ सभझामा ह ईशवय-परदतत इस भनषम-जनभ को सखभम फनन का भागग ऩजम फाऩ हभ फता यह ह | बायतीम सॊसकनत भ ननटहत सतम की ओय िरन की परयणा हभ द यह ह | एक वजशवक कामग ईशवयीम कामग जजस सवमॊ बगवान को कयना ह वह कामग आज ऩजम फाऩजी कय यह ह | फाऩ को भय शत-शत परणाभ |
-शरी कशबाई ऩटर
ततकारीन भखमभॊतरी गजयात याजम
धयती तो फाऩजी जस सॊतो क कायण टटकी ह
भझ सतसॊग भ आन का भौका ऩहरी फाय मभरा ह औय ऩजम फाऩजी स एक अदबत फात भझ औय आऩ सफको सनन को मभरी ह वह ह परभ की फात | इस सवषट का जो भर ततव ह वह ह परभ | मह परभ नाभ का ततव मटद न हो तो सवषट नषट हो जामगी | रककन सॊसाय भ कोई परभ कयना नहीॊ जानता मा तो बगवान पमाय कयना जानत ह मा सॊत पमाय कयना जानत ह | जजसको सॊसायी रोग अऩनी बाषा भ परभ कहत ह उसभ तो कहीॊ-न-कहीॊ सवाथग जडा होता ह रककन बगवान सॊत औय गर का परभ ऐसा होता ह जजसको हभ सिभि परभ की ऩरयबाषा भ फाॊध सकत ह | भ मह कह सकती हॉ कक साध-सॊतो को दश की सीभाम नहीॊ फाॊधतीॊ | जस नटदमो की धायाएॉ दश औय जानत औय सॊपरदाम की सीभाओॊ भ नहीॊ फॊधता | कमरमग भ रदम की ननषकऩटता ननसवाथग परभ तमाग औय तऩसमा का म होन रगा ह कपय बी धयती टटकी ह तो फाऩ इसमरए कक आऩ जस सॊत बायतबमभ ऩय ववियण कयत ह | फाऩ की कथा भ ही भन मह ववशषता दखी ह कक गयीफ औय अभीय दोनो को अभत क घॊट एक जस ऩीन को मभरत ह | महाॊ कोई बदबाव नहीॊ ह |
-सशरी उभा बायती भखमभॊतरी भधम परदश
हभ सफको बकत फनन की ताकत मभर
भ तो ऩजम फाऩजी क शरीियणो भ परणाभ कयन आमा हॊ | बकतकत स फड़ी कोई ताकत नहीॊ होती औय बकत हय कोई फन सकता ह | हभ सफको बकत फनन की ताकत मभर | भ सभझता हॊ कक सॊतो क आशीवागद ही हभ सफकी ऩॊजी होती ह |
-नयनर भोदी भखमभॊतरी गजयात याजम
सही ऊजाग फाऩजी स मभरती ह
गजयात सयकाय न भझ ऊजागभॊतरी का ऩद सौऩा ह ऩय सही आजतभक ऊजाग भझ ऩजम फाऩजी स मभरती ह |
-शरी कौमशकबाई ऩटर
ततकारीन ऊजागभॊतरी वतगभान भ याजसव व नागरयक आऩनतग भॊतरी गजयात याजम
भ तो फाऩजी का एक साभानम कामगकताग हॊ
टदपरी भ आमोजजत ऩजमशरी क सतसॊग-कामगकरभ क दौयान टदपरी क ततकारीन भखमभॊतरी शरी साटहफ मसॊह वभाग सतसॊग-शरवण हत आभ बकतो क फीि आ फठ | सतसॊग-शरवण क ऩशचात उनहोन ऩजम फाऩ को भाथा टककय परणाभ ककमा भापमाऩगण क साथ सवागत कयक उनका आशीवागद पराि ककमा | एक सॊत क परनत रोगो की शरदधा तडऩ सतसॊग-परभ
उनका परभऩणग रवमवहाय अनशासन व बायतीमता को दखकय भखमभॊतरीशरी गदगद हो उठ |
उनहोन फाय-फाय टदपरी ऩधायन क मरम ऩजम फाऩ स पराथगना की औय कहा आज भ ऩजम फाऩजी क दशगन व सतसॊग-शरवण कयक ऩावन हो गमा हॉ | भ भहसस कयता हॉ कक ऩयभ सॊतो क जफ दशगन होत ह औय उनक ऩावन शयीय स जो तयॊग ननकरती ह व जजसको बी छ जाती ह उसकी फहत-सी कमभमाॉ दय हो जाती ह | भ िाहता हॊ कक भयी सबी कमभमाॉ दय हो जाम | भ तो ऩजम फाऩजी का एक साभानम सा कामगकताग हॊ | ऩजम फाऩजी की कऩा हभशा भझ ऩय फनी यह एसी भयी काभना ह | भया ऩयभ सौबागम ह की भझ आऩक दशगन का आऩक आशीवागद पराि कयन का अवसय मभरा |
-शरी साटहफ मसॊह वभाग कनरीम शरभ भॊतरी बायत सयकाय
भ कभनसीफ हॊ जो इतन सभम तक गरवाणी स वॊचित यहा
ऩयभ ऩजम गरदव क शरीियणो भ सादय परणाभ भन अबी तक भहायाजशरी का नाभ बय सना था | आज दशगन कयन का अवसय मभरा ह रककन भ अऩन आऩ को कभनसीफ
भानता हॊ कमोकक दय स आन क कायण इतन सभम तक गरदव की वाणी सनन स वॊचित यहा | अफ भयी कोमशश यहगी कक भ भहायाजशरी की अभत वाणी सनन का हय अवसय मथासभम ऩा सकॊ | भ ईशवय स मही पराथगना कयता हॊ कक व हभ ऐसा भौका द कक हभ गर की वाणी सनकय अऩन आऩको सधाय सक | गरजी क शरीियणो भ सादय सभवऩगत होत हए भधम परदश की जनता की ओय स पराथगना कयता हॊ कक गरदव आऩ इस भधम परदश भ फाय-फाय ऩधाय औय हभ रोगो को आशीवागद दत यह ताकक ऩयभाथग क उस कामग भ जो आऩन ऩय दश भ ही नहीॊ दश क फाहय बी परामा ह भधम परदश क रोगो को बी जड़न का जमादा-स-जमादा अवसय मभर |
-शरी टदजगवजम मसॊह
ततकारीन भखमभॊतरी भधम परदश
इतनी भधय वाणी इतना अदबत ऻान
भ अऩनी ओय स तथा महाॊ उऩजसथत सबी भहानबावो की ओय स ऩयभ शरदधम सॊतमशयोभणण फाऩजी का हाटदगक सवागत कयता हॊ | भन कई फाय टी वी ऩय आऩको दखा-सना ह औय टदपरी भ एक फाय आऩका परविन बी सना ह | इतनी भधय वाणी इतना अदबत ऻान अगय आऩ क परविन ऩय गहयाई स वविाय कयक अभर ककमा जाम तो इॊसान को ज ॊदगी भ सही यासता मभर सकता ह | व रोग धनबागी ह जो इस मग भ ऐस भहाऩरष क दशगन व सतसॊग स अऩन जीवन-सभन णखरात ह |
-शरी बजनरार
ततकारीन भखम भॊतरी हरयमाणा
ऐस सॊतो का तो जजतना आदय ककमा जाम कभ ह
ककसी न भझ स कहा था धमान की कसट रगाकय सोमग तो सवपन भ गरदव क दशगन होग भन उसी यात धमान की कसट रगामी औय सनत-सनत सो गमा | उस वकत याबतर क फायह-साढ़ फायह फज होग | वकत का ऩता नहीॊ िरा | ऐसा रगा भानो ककसी न भझ उठा टदमा | भ गहयी नीॊद स उठा एवॊ गरजी की रऩ वार फ़ोटो की तयफ़ टकटकी रगाकय एक-दो मभनट तक दखता यहा | इतन भ आशचमग टऩ अऩन-आऩ िर ऩड़ी औय कवर मह तीन वाकम सनन को मभर आतभा ितनम ह | शयीय जड़ ह | शयीय ऩय अमबभान भत कयो | टऩ सवत फॊद हो गमी औय ऩय कभय भ मह आवाज गॊज उठी |
दसय कभय भ भयी ऩतनी की बी आॊख खर गमी औय उसन तो महाॊ तक भहसस ककमा जस कोई िर यहा ह व गरजी क मसवाम औय कोई हो ही नहीॊ सकत | भन कभय की राइट जरामी औय दौड़ता हआ ऩतनी क ऩास गमा | भन ऩछासना वह फोरी हाॊ | उस सभम सफह क ठीक िाय फज थ | सनान कयक भ धमान भ फठा तो डढ़ घणट तक फठा यहा | इतना रॊफा धमान तो भया कबी नहीॊ रगा | इस घटना क फाद तो ऐसा रगता ह कक गरजी साात बरहमसवरऩ ह | उनको जो जजस रऩ भ दखता ह वस ही टदखत ह |
भया मभतर ऩाशचातम वविायधाया वारा ह | उसन गरजी का परविन सना औय फोरा भझ तो म एक फहत अचछ रकियय रगत ह | भन कहा आज जरय इस ऩय गरजी कछ कहग |
मह सयत आशरभ भ भनामी जा यही जनभाषटभी क सभम की फात ह | हभ कथा भ फठ |
गरजी न कथा क फीि भ कहाकछ रोगो को भ रकियय टदखता हॊ कछ को परोफ़सय टदखता हॊ कछ को गर टदखता हॊ कछ को बगवान टदखता हॊजो भय ऩय जसी शरदधा यखता ह उस भ वसा ही टदखता हॊ औय वसा ही वह भझ ऩाता ह | भय मभतर का मसय शभग स झक गमा | कपय बी वह नाजसतक तो था ही | उसन हभाय ननवास ऩय भजाक भ गरजी क मरए कछ कहा तफ भन कहा | मह ठीक नहीॊ ह | अफ की फाय भान जा नहीॊ तो गरजी सजा दग तझ | १५ मभनट भ ही उसक घय स फ़ोन आ गमा कक फचि की तबफमत फहत खयाफ ह | उस असऩतार भ दाणखर कयना ऩड़ यहा ह | तफ भय मभतर की सयत दखन रामक थी | वह फोरागरती हो गमी | अफ भ गरजी क मरए कछ न कहॊगा भझ िाह ववशवास हो मा न हो | अखफायो भ गरजी की ननॊदा मरखनवार अऻानी रोग नहीॊ जानत कक जो भहाऩरष बायतीम सॊसकनत को एक नमा रऩ द यह ह कई सॊतो की वाणणमो को ऩनजीववत कय यह ह रोगो क शयाफ-कफाफ छड़वा यह ह जजनस सभाज का कपमाण हो यहा ह उनक ही फाय भ हभ हपकी फात मरख यह ह | मह हभाय दश क मरए फहत ही शभगनाक फात ह | ऐस सॊतो का तो जजतना आदय ककमा जाम वह कभ ह | गरजी क फाय भ कछ बी फखान कयन क मरए भय ऩास शबद नहीॊ ह |
-डा सतवीय मसॊह छाफड़ा फीफीईएभ आकाशवाणी इनदौय
आऩकी कऩा स मोग की अणशकतकत ऩदा हो यही ह
अनक परकाय की ववकनतमाॉ भानव क भन ऩय साभाजजक जीवन ऩय सॊसकाय औय सॊसकनत ऩय आकरभण कय यही ह | वसतत इस सभम सॊसकनत औय ववकनत क फीि एक भहासॊघषग िर यहा ह जो ककसी सयहद क मरए नहीॊ फजपक सॊसकायो क मरए रड़ा जा यहा ह | इस
भ सॊसकनत को जजतान का फभ ह मोगशकतकत | ह गरदव आऩकी कऩा स इस मोग की टदरवम अणशकतकत राखो रोगो भ ऩदा हो यही हमह सॊसकनत क सननक फन यह ह | गरदव भ आऩस पराथगना कयता हॊ कक शासन क अॊदय बी धभग औय वयागम क सॊसकाय उतऩनन हो | आऩ स आशीवागद पराि कयन क मरए भ आऩक ियणो भ आमा हॊ |
-शरी अशोकबाई बटट
काननभॊतरी गजयात याजम
भझ ननरवमगसनी फना टदमा
भ वऩछर कई वषो स तमफाक का रवमसनी था औय इस दगगण को छोड़न क मरए भन ककतन ही परमतन ककम ऩय भ ननषपर यहा | जनवयी ९५ भ ऩजम फाऩ जफ परकाशा आशरभ (भहा) ऩधाय तो भ बी उनक दशगनाथग वहाॊ ऩहॊिा औय उनस अनयोध ककमा फाऩ ववगत ३२ वषो स तमफाक का सवन कय यहा हॉ | अनक परमतनो क फाद बी इस दगगण स भ भकत ना हो सका | अफ आऩ ही कछ कऩा कीजजए | फाऩजी न कहा राओ तमफाक की कतडबफी औय तीन फाय थककय कहो कक आज स भ तमफाक नहीॊ खाऊॊ गा | भन ऩजम फाऩ क ननदशानसाय मही ककमा औय भहान आशचमग उसी टदन स भया तमफाक खान का रवमसन छट गमा | ऩजम फाऩ की ऐसी कऩा दजषत हमी कक वषग ऩया होन ऩय बी भझ कबी तमफाक खान की तरफ तक नहीॊ रगी | भ ककन शबदो भ ऩजम फाऩ का आबाय रवमकत करॊ भय ऩास शबद ही नहीॊ ह | भझ आनॊद ह कक इन याषड सॊत न फयफाद व नषट होत हए भय जीवन को फिा कय भझ ननरवमसगनी फना टदमा |
-शरी रखन बटवार
जज धमरमा भहायाषड
फाऩजी क सतसॊग स ववशव बय क रोग राबाजनवत
बायतबमभ सदव स ही कवष-भननमो तथा सॊत-भहातभाओॊ की बमभ यही ह जजनहोन ववशव को शाॊनत एवॊ आधमातभ का सॊदश टदमा ह | आज क मग भ ऩजम सॊत शरी आसायाभजी अऩनी अभत वाणी दवाया टदरवम आधमाजतभक सॊदश द यह ह जजसस न कवर बायत वयन ववशव बय भ रोग राबाजनवत हो यह ह |
-शरी सयजीत मसॊह फयनारा याजमऩार आनर परदश
ऻानरऩी गॊगाजी सवमॊ फहकय महाॉ आ गमी
उततयाॊिर याजम का सौबागम ह कक इस दवबभी भ दवता सवरऩ ऩजम फाऩजी का आशरभ फन यहा ह | आऩ ऐसा आशरभ फनाम जसा कहीॊ बी न हो | मह हभ रोगो का सौबागम ह कक अफ ऩजम फाऩजी की ऻानरऩी गॊगाजी सवमॊ फहकय महाॊ आ गमी ह | अफ गॊगा जाकय दशगन कयन व सनान कयन की उतनी आवशमकता नहीॊ ह जजतनी सॊत शरी आसायाभजी फाऩ क ियणो भ फठकय उनक आशीवागद रन की ह |
-शरी ननतमानॊद सवाभीजी ततकारीन भखमभॊतरी उततयाॊिर
गरजी की तसवीय न पराण फिा मरम
कछ ही टदनो ऩहर भया दसया फटा एभ ए ऩास कयक नौकयी क मरम फहत जगह घभा फहत जगह आवदन-ऩतर बजा ककनत उस नौकयी नहीॊ मभरी | कपय उसन फाऩजी स दीा री | भन आशरभ का कछ साभान कसट सतसाटहतम राकय उसको दत हए कहा शहय भ जहाॉ भॊटदय ह जहाॉ भर रगत ह तथा जहाॉ हनभानजी का परमसदध दकषणभखी भॊटदय ह वहाॊ सटार रगाओ | फट न सटार रगाना शर ककमा | ऐस ही एक सटार ऩय जरगाॊव क एक परमसदध रवमाऩायी अगरवारजी आम फाऩजी की कछ कसट खयीदीॊ औय ईशवय की ओय नाभक ऩसतक बी साथ भ र गम ऩसतक ऩढ़ी औय कसट सनी | दसय टदन व कपय आम औय कछ सतसाटहतम खयीद कय र गम व ऩान क थोक ववकरता ह | उनको ऩान खान की आदत ह | ऩसतक ऩढ़कय उनह रगा भ ऩान छोड़ दॉ | उनकी दकान ऩय एक आदभी आमा | ऩाॊिसौ रऩमो का साभान खयीदा औय उनका पोन नमफय र गमा | एक घॊट क फाद उसन दकान ऩय पोन ककमा सठ अगरवारजी भझ आऩका खन कयन का काभ सौऩा गमा था | कापी ऩस (सऩायी) बी टदम गम थ औय भ तमाय बी हो गमा था ऩय जफ भ आऩकी दकान ऩय ऩहॊिा तो ऩयभ ऩजम सॊत शरी आसायाभजी फाऩ क चितर ऩय भयी नजय ऩड़ी | भझ ऐसा रगा भानो साात फाऩ फठ हो औय भझ नक इनसान फनन की परयणा द यह हो गरजी की तसवीय न (तसवीय क रऩ भ साात गरदव न आकय) आऩक पराण फिा मरम | अदबत िभतकाय ह भमफई की ऩाटी न उसको ऩस बी टदम थ औय वह आमा बी था खन कयन क इयाद स ऩयनत जाको याख साॊइमाॉ चितर क दवाय बी अऩनी कऩा फयसान वार ऐस गरदव क परतम दशगन कयन क मरम वह महाॉ बी आमा ह
|
-फारकषण अगरवार
जरगाॊव भहायाषड
सदगर मशषम का साथ कबी नहीॊ छोड़त
एक यात भ दकान स सकटय दवाया अऩन घय जा यहा था | सकटय की कतडककी भ कापी रऩम यख हए थ | जमो ही घय क ऩास ऩहॊिा तो गरी भ तीन फदभाश मभर | उनहोन भझ घय मरमा औय वऩसतौर टदखामी | सकटय रकवाकय भय मसय ऩय तभॊि का फट भाय टदमा औय धकक भाय कय भझ एक तयप चगया टदमा | उनहोन सोिा होगा कक भ अकरा हॊ ऩय मशषम जफ सदगर स भॊतर रता ह शरदधा-ववशवास यखकय उसका जऩ कयता ह तफ सदगर उसका साथ नहीॊ छोड़त | भन सोिा कतडककी भ फहत रऩम ह औय म फदभाश तो सकटय र जा यह ह | भन गरदव स पराथगना की | इतन भ व तीनो फदभाश सकटय छोड़कय थरा र बाग | घय जाकय खोरा होगा तो सबजी औय खारी टटकफ़न दखकय मसय कटा ऩता नहीॊ ऩय फड़ा भजा आमा होगा | भय ऩस फि गमउनका सबजी का खिग फि गमा |
-गोकरिनर गोमर
आगया
गरकऩा स अॊधाऩन दय हआ
भझ गरकोभा हो गमा था | रगबग ऩतीस सार स मह तकरीफ़ थी | कयीफ छ सार तक तो भ अॊधा यहा | कोरकाता िननई आटद सफ जगहो ऩय गमा शॊकय नतरारम भ बी गमा ककनत वहाॊ बी ननयाशा हाथ रगी | कोरकाता क सफस फड़ नतर-ववशषऻ क ऩास गमा | उसन बी भना कय टदमा औय कहा | धयती ऩय ऐसा कोई इनसान नहीॊ जो तमह ठीक कय सक | रककन सयत आशरभ भ भझ गरदव स भॊतर मभरा | वह भॊतर भन खफ शरदधा-ववशवासऩवगक जऩा कमोकक सात बरहमसवरऩ गरदव स वह भॊतर मभरा था | कयीफ छ-सात भहीन ही जऩ हआ था कक भझ थोड़ा-थोड़ा टदखामी दन रगा | डॉकटय कहत थ कक तभको भराॊनत हो गमी ह ऩय भझ तो अफ बी अचछी तयह टदखता ह | एक फाय एक अनम बॊमकय दघगटना स बी गरदव न भझ फिामा था | ऐस गरदव का कण हभ जनभो-जनभो तक नहीॊ िका सकत |
-शॊकयरार भहशवयी
कोरकाता
औय डकत घफयाकय बाग गम
१४ जराई ९९ को कयीफ साढ़ तीन फज भय भकान भ छ डकत घस आम औय उस सभम दबागगम स फाहय का दयवाजा खरा हआ था | दो डकत फाहय भारनत िार यखकय खड़ थ | एक डकत न धकका दकय भयी भाॉ का भॉह फॊद कय टदमा औय अरभायी की िाफी भाॉगन रगा | इस घटना क दौयान भ दकान ऩय था | भयी ऩतनी को बी डकत धभकान रग औय आवाज न कयन को कहा | भयी ऩतनी न ऩजम फाऩजी क चितर क साभन हाथ जोड़कय पराथगना की अफ आऩ ही या कयो इतना ही कहा तो आशचमग आशचमग ऩयभ आशचमग व सफ डकत घफयाकय बागन रग | उनकी हड़फड़ाहट दखकय ऐसा रग यहा था भानो उनह कछ टदखामी नहीॊ द यहा था | व बाग गम | भया ऩरयवाय गरदव का कणी ह |
फाऩजी क आशीवागद स सफ सकशर ह | हभन १५ नवमफय ९८ को वायाणसी भ भॊतरदीा री थी |
-भनोहयरार तरयजा ४ झररार नगय मशवाजी नगय वायाणसी
भॊतर दवाया भतदह भ पराण-सॊिाय
भ शरी मोग वदानत सवा समभनत आभट स जीऩ दवाया यवाना हआ था | ११ जराई १९९४ को भधमानह फायह फज हभायी जीऩ ककसी तकनीकी तरटट क कायण ननमॊतरण स फाहय होकय तीन ऩजपटमाॉ खा गमी | भया ऩया शयीय जीऩ क नीि दफ गमा | ककसी तयह भझ फाहय ननकारा गमा | एक तो दफरा ऩतरा शयीय औय ऊऩय स ऩयी जीऩ का वजन ऊऩय आ जान क कायण भय शयीय क परतमक टहसस भ असहय ददग होन रगा | भझ ऩहर तो कसरयमाजी असऩतार भ दाणखर कयामा गमा | जमो-जमो उऩिाय ककमा गमा कषट फढ़ता ही गमा कमोकक िोट फाहय नहीॊ शयीय क बीतयी टहससो भ रगी थी औय बीतय तक डॉकटयो का कोई उऩिाय काभ नहीॊ कय यहा था | जीऩ क नीि दफन स भया सीना व ऩट ववशष परबाववत हए थ औय हाथ-ऩय भ काॉि क टकड़ घस गम थ | ददग क भाय भझ साॉस रन भ बी तकरीप हो यही थी | ऑकसीजन टदम जान क फाद बी दभ घट यहा था औय भतम की घकतडमाॉ नजदीक टदखामी ऩड़न रगीॊ | भ भयणासनन जसथनत भ ऩहॉि गमा | भया भतम-
परभाणऩतर फनान की तमारयमाॉ कक जान रगीॊ व भझ घय र जान को कहा गमा | इसक ऩवग भया मभतर ऩजम फाऩ स फ़ोन ऩय भयी जसथनत क समफनध भ फात कय िका था |
पराणीभातर क ऩयभ टहतषी दमार सवबाव क सॊत ऩजम फाऩ न उस एक गि भॊतर परदान कयत हए कहा था कक ऩानी भ ननहायत हए इस भॊतर का एक सौ आठ फाय (एक भारा) जऩ कयक वह ऩानी भनोज को एवॊ दघगटना भ घामर अनम रोगो को बी वऩरा दना |
जस ही वह अमबभॊबतरत जर भय भॉह भ डारा गमा भय शयीय भ हरिर होन क साथ ही वभन हआ | इस अदबत िभतकाय स ववजसभत होकय डॉकटयो न भझ तयॊत ही ववशष भशीनो क नीि र जाकय मरटामा | गहन चिककतसकीम ऩयीण क फाद डॉकटयो को ऩता िरा कक जीऩ क नीि दफन स भया ऩया खन कारा ऩड़ गमा था तथा नाड़ी-िारन (ऩपस) रदमगनत व यकत परवाह बी फॊद हो िक थ | भय शयीय का समऩणग यकत फदर टदमा गमा तथा आऩयशन बी हआ | उसक ७२ घॊट फाद भझ होश आमा | फहोशी भ भझ कवर इतना ही माद था की भय बीतय ऩजम फाऩ दवाया परदतत गरभॊतर का जऩ िर यहा ह | होश भ आन ऩय डॉकटयो न ऩछा तभ आऩयशन क सभम फाऩफाऩ ऩकाय यह थ | म फाऩ कौन ह भन फतामा व भय गरदव परात सभयणीम ऩयभ ऩजम सॊत शरी असायाभजी फाऩ ह | डॉकटयो न ऩन भझस परशन ककमा कमा तभ कोई रवमामाभ कयत हो भन कहा भ अऩन गरदव दवाया मसखामी गमी ववचध स आसन व पराणामाभ कयता हॉ | व फोर
इसीमरम तमहाय इस दफर-ऩतर शयीय न मह सफ सहन कय मरमा औय तभ भयकय बी ऩन जजनदा हो उठ दसया कोई होता तो तयॊत घटनासथर ऩय ही उसकी हडकतडमाॉ फाहय ननकर जातीॊ औय वह भय जाता | भय शयीय भ आठ-आठ नमरमाॉ रगी हई थीॊ | ककसीस खन िढ़ यहा था तो ककसी स कबतरभ ऑकसीजन टदमा जा यहा था | मदयवऩ भय शयीय क कछ टहससो भ अबी-बी काॉि क टकड़ भौजद ह रककन गरकऩा स आज भ ऩणग सवसथ
होकय अऩना रवमवसाम व गरसवा दोनो कामग कय यह हॉ | भया जीवन तो गरदव का ही टदमा हआ ह | इन भॊतरदषटा भहवषग न उस टदन भय मभतर को भॊतर न टदमा होता तो भया ऩनजीवन तो समबव नहीॊ था | ऩजम फाऩ भानव-दह भ टदखत हए बी अनत असाधायण भहाऩरष ह | टमरफ़ोन ऩय टदम हए उनक एक भॊतर स ही भय भत शयीय भ ऩन पराणो का सॊिाय हो गमा तो जजन ऩय फाऩ की परतम दवषट ऩड़ती होगी व रोग ककतन बागमशारी होत होग ऐस दमार जीवनदाता सदगर क शरीियणो भ कोटट-कोटट दॊडवत परणाभ
-भनोज कभाय सोनी जमोनत टरसग रकषभी फाजाय आभट याजसथान
सदगरदव की कऩा स नतरजमोनत वाऩस मभरी
भयी दाटहनी आॉख स कभ टदखामी दता था तथा उसभ तकरीफ़ बी थी | धमानमोग मशववय टदपरी भ ऩजम गरदव भवा फाॉट यह थ तफ एक भवा भयी दाटहनी आॉख ऩय आ रगा | आॉख स ऩानी ननकरन रगा | ऩय आशचमग दसय ही टदन स आॉख की तकरीप मभट गमी औय अचछी तयह टदखामी दन रगा |
-याजकरी दवी असनाऩय रारगॊज अजाया जज परताऩगढ़ उततय परदश
फड़दादा की मभटटी व जर स जीवनदान
अगसत ९८ भ भझ भररयमा हआ | उसक फाद ऩीमरमा हो गमा | भय फड़ बाई न आशरभ स परकामशत आयोगमननचध ऩसतक भ स ऩीमरमा का भॊतर ऩढ़कय ऩीमरमा तो उताय टदमा ऩयॊत कछ ही टदनो फाद अॊगरजी दवाओॊ क रयएन स दोनो ककडननमाॉ पर (ननजषकरम) हो गई | भया हाटग (रदम) औय रीवय (मकत) बी पर होन रग | डॉकटयो न तो कह टदमा मह रड़का फि नहीॊ सकता | कपय भझ गोटदमा स नागऩय हॉजसऩटर भ र जामा गमा रककन वहाॉ बी डॉकटयो न जवाफ द टदमा कक अफ कछ नहीॊ हो सकता | भय बाई भझ वहीॊ छोड़कय सयत आशरभ आम वदयजी स मभर औय फड़दादा की ऩरयकरभा कयक पराथगना की तथा वहाॉ की मभटटी औय जर मरमा | ८ तायीख को डॉकटय भयी ककडनी फदरन वार थ |
जफ भय बाई फड़दादा को पराथगना कय यह थ तबी स भझ आयाभ मभरना शर हो गमा था | बाई न ७ तायीख को आकय भझ फड़दादा कक मभटटी रगाई औय जर वऩरामा तो भयी दोनो ककडनीमाॉ सवसथ हो गमी | भझ जीवनदान मभर गमा | अफ भ बफपकर सवसथ हॉ |
-परवीण ऩटर
गोटदमा भहायाषड
ऩजम फाऩ न प का कऩा-परसाद
कछ वषग ऩवग ऩजम फाऩ याजकोट आशरभ भ ऩधाय थ | भझ उन टदनो ननकट स दशगन कयन का सौबागम मभरा | उस सभम भझ छाती भ एनजामना ऩकतटोरयस क कायण ददग यहता था | सतसॊग ऩया होन क फाद कछ रोग ऩजम फाऩ क ऩास एक-एक कयक जा यह थ | भ कछ पर-पर नहीॊ रामा था इसमरए शरदधा क पर मरम फठा था | ऩजम फाऩ
कऩा-परसाद प क यह थ कक इतन भ एक िीक भयी छाती ऩय आ रगा औय छाती का वह ददग हभशा क मरए मभट गमा |
-अयववॊदबाई वसावड़ा याजकोट
एक छोटी थरी फनी अमऩातर
सन १९९२ भ यतराभ (भपर) क ऩास सराना क आटदवासी ववसताय भ बॊडाय का आमोजन था | बॊडाय भ सवाएॉ दन फहत-स साधक आम हए थ | आशरभवासी बाई बी ऩहॉि थ | एक टदन का ही आमोजन था औय सतसॊग-कामगकरभ बी था | उस बॊडाय भ गयीफो क मरए बोजन क अरावा फतगन कऩड़ अनाज औय दकषणा (ऩस) फाॉटन की बी रवमवसथा की गमी थी | भय टहसस ऩस फाॉटन की सवा थी | भन ऩाॉि रऩमोवार सौ-सौ नोटो क ऩिीस फॊडर चगनकय थरी भ यख थ | भझ आदश टदमा गमा था आठ सवाधायी ननमकत कय रो | व रोग ऩाॉि रऩम क नोट फाॉटत जामग | भन आठ सवमॊसवको को ऩहरी फाय आठ फॊडर द टदम | कपय ऩॊरह-फीस मभनट क फाद भन दसयी फाय आठो को एक-एक फॊडर टदमा | कपय तीसयी फाय आठो को एक-एक फॊडर टदमा | कर २४ फॊडर गम | अफ दसयी ऩॊकतकत बोजन क मरए बफठामी गमी | भन आठो सवमॊसवको को ऩहरी की बाॉनत तीन फाय एक-एक फॊडर फाॉटन क मरए टदमा | कर ४८ फॊडर गम | बॊडाया ऩया होन क फाद भन सोिा िरो अफ टहसाफ कय र | भ चगनन फठा | भय ऩास ६ फॊडर फि थ | मह कस
भ दॊग यह गमा भन ऩस फाॉटनवारो स ऩछा तो उनहोन फतामा कक कर ४८ फॊडर फाॉट गम थ | भ आशरभ आमा तो रवमवसथाऩक न कहा भन तो आऩको २५ फॊडर टदम थ |
सफको आशचमग हो यहा था कक फॉट ४८ फॊडर औय रकय िर थ २५ फॊडर | २५ भ स ४८ फॉट औय ६ फि गम गरदव का आशीवागद दणखम कक एक छोटी-सी थरी अम ऩातर फन गमी
-ईशवयबाई नामक
अभदावाद आशरभ
फटी न भनौती भानी औय गरकऩा हई
भयी फटी को शादी ककम आठ सार हो गम थ | ऩहरी फाय जफ वह गबगवती हई तफ फचिा ऩट भ ही भय गमा | दसयी फाय फचिी जनभी ऩय छ भहीन भ वह बी िर फसी |
कपय भयी ऩतनी न फटी स कहा अगय त सॊकपऩ कय कक जफ तीसयी फाय परसती होगी तफ तभ फारक की जीब ऩय फाऩजी क फतान क भताबफक bdquoॐ‟ मरखोगी तो तया फारक जीववत यहगा ऐसा भझ ववशवास ह कमोकक ॐकाय भॊतर भ ऩयभानॊदसवरऩ परब ववयाजभान ह | भयी फटी न इस परकाय भनौती भानी औय सभम ऩाकय वह गबगवती हई | सोनोगराफ़ी कयवामी गमी तो डॉकटयो न फतामा गबग भ फचिी ह औय उसक टदभाग भ ऩानी बया हआ ह | वह जजॊदा नहीॊ यह सकगी | गबगऩात कयवा दो | भयी फटी न अऩनी भाॉ स सराह की | उसकी भाॉ न कहा गबगऩात का भहाऩाऩ नहीॊ कयवाना ह | जो होगा दखा जामगा |
गरदव कऩा कयग | जफ परसती हई तो बफपकर पराकनतक ढ़ॊग स हई औय उस फचिी की जीब ऩय शहद एवॊ मभशरी स ॐ मरखा गमा | आज वह बफपकर ठीक ह | जफ उसकी डॉकटयी जाॉि कयवामी गमी तो डॉकटय आशचमग भ ऩड़ गम सोनोगराफ़ी भ जो फीभारयमाॉ टदख यही थीॊ व कहाॉ िरी गमीॊ टदभाग का ऩानी कहाॉ िरा गमा टहनदजा हॉजसऩटरवार मह करयशभा दखकय दॊग यह गम अफ घय भ जफ कोई दसयी कोई कसट िरती ह तो वह फचिी इशाया कयक कहती ह ॐवारी कसट िराओ | वऩछरी ऩनभ को हभ भॊफई स टाटा सभो भ आ यह थ | फाढ़ क ऩानी क कायण यासता फॊद था | हभ सोि भ ऩड़ गम कक ऩनभ का ननमभ टटगा | हभन गरदव का सभयण ककमा | इतन भ हभाय डराइवय न हभस ऩछा जान दॉ हभन बी गरदव का सभयण कयक कहा जान दो औय हरय हरय ॐ कीतगन की कसट रगा दो | गाड़ी आग िरी | इतना ऩानी कक हभ जहाॉ फठ थ वहाॉ तक ऩानी आ गमा | कपय बी हभ गरदव क ऩास सकशर ऩहॉि गम औय उनक दशगन ककम|
-भयायीरार अगरवार
साॊताकरज भॊफई
औय गरदव की कऩा फयसी
जफस सयत आशरभ की सथाऩना हई तफस भ गरदव क दशगन कयत आ यहा हॉ उनकी अभतवाणी सनता आ यहा हॉ | भझ ऩजमशरी स भॊतरदीा बी मभरी ह | परायबधवश एक टदन भय साथ एक बमॊकय दघगटना घटी | डॉकटय कहत थ आऩका एक हाथ अफ काभ नहीॊ कयगा | भ अऩना भानमसक जऩ भनोफर स कयता यहा | अफ हाथ बफपकर ठीक ह | उसस भ ७० ककगरा वजन उठा सकता हॉ | भयी सभसमा थी कक शादी होन क फाद भझ कोई सॊतान नहीॊ थी | डॉकटय कहत थ कक सॊतान नहीॊ हो सकती | हभ रोगो न गरकऩा एवॊ गरभॊतर का सहाया मरमा धमानमोग मशववय भ आम औय गरदव की कऩा फयसी | अफ
हभायी तीन सॊतान ह दो ऩबतरमाॉ औय एक ऩतर | गरदव न ही फड़ी फटी का नाभ गोऩी औय फट का नाभ हरयककशन यखा ह | जम हो सदगरदव की
-हॉसभख काॊनतरार भोदी ५७ अऩना घय सोसामटी सॊदय योड़ सयत
कसट-शरवण स बकतकत का सागय टहरोय रन रगा
भ हय सार गमभगमो भ कबी फरीनाथ तो कबी कदायनाथ तो कबी गॊगोतरी आटद तीथो भ जाता यहता था | रवषकश भ एक दकान क ऩास खड़ यहन ऩय भझ ऩजम गरदव की अभतवाणी की कसट भो का भागग भौत की भौत तीन फात आटद दखन-सनन को मभरीॊ तो भन म कसट खयीद रीॊ | घय ऩहॉिकय कसट सनन क फाद रदम भ बकतकत का सागय टहरोय रन रगा | भझ ऐसा रगा भानो कोई भझ फरा यहा हो | दकान जात सभम ऐसा आबास हआ कक कोई ऩवग आनवारा ह औय भझ अभदावाद जाना होगा उसी टदन अभदावाद आशरभ स भय ऩतर का जवाफ आमा कक टदनाॊक १२ को गरऩनभ का ऩवग ह |
आऩ गरदव क दशगन कय सकत ह | हभ सऩरयवाय आशरभ ऩहॉि | दशगन कयक धनम हए |
दीा ऩाकय कताथग हए | अफ तो हय भहीन जफ तक गरदव क दशगन नहीॊ कयता तफ तक भझ ऐसा रगता ह कक भन कछ खो टदमा ह | दीा क फाद साधन-बजन फढ़ यहा ह बकतकत फढ़ यही ह | ऩहर सॊसाय भ सपरता-ववपरता की जो िोट रगती थी अफ उनका परबाव कभ हआ ह | ववषम-ववकायो का परबाव कभ हआ ह | जान जीव तफ जागा हरय ऩद रचि ववषम ववरास ववयागा भय जीवन भ सॊत तरसीदासजी क इन विनो का समोदम हो यहा ह |
-मशवकभाय तरसमान
गोयखऩय उततय परदश
गरदव न बजा अमऩातर
हभ परिायमातरा क दौयान गरकऩा का जो अदबत अनबव हआ वह अवणगनीम ह | मातरा की शरआत स ऩहर टदनाॊक ८-११-९९ को हभ ऩजम गरदव क आशीवागद रन गम |
गरदव न कामगकरभ क ववषम भ ऩछा औय कहा ऩॊिड़ आशरभ (यतराभ) भ बॊडाया था |
उसभ फहत साभान फि गमा ह | गाड़ी बजकय भॉगवा रना गयीफो भ फाॉटना | हभ झाफआ जजर क आस-ऩास क गयीफ आटदवासी इराको भ जानवार थ | वहाॉ स यतराभ क
मरए गाड़ी बजी | चगनकय साभान बया गमा | दो टदन िर उतना साभान था | एक टदन भ दो बॊडाय होत थ | अत िाय बॊडाय का साभान था | सफन खपर हाथो फतगन कऩड़ साकतड़माॉ धोती आटद साभान छ टदनो तक फाॉटा कपय बी साभान फिा यहा | सफको आशचमग हआ हभ रोग साभान कपय स चगनन रग ऩयॊत गरदव की रीरा क ववषम भ कमा कह
कवर दो टदन िर उतना साभान छ टदनो तक खपर हाथो फाॉटा कपय बी अॊत भ तीन
फोय फतगन फि गम भानो गरदव न अमऩातर बजा हो एक टदन शाभ को बॊडाया ऩया हआ तफ दखा कक एक ऩतीरा िावर फि गमा ह | कयीफ १००-१२५ रोग खा सक उतन िावर थ | हभन सोिा िावर गाॉव भ फाॊट दत ह | ऩयॊत गरदव की रीरा दखो एक गाॉव क फदर ऩाॉि गाॉवो भ फाॉट कपय बी िावर फि यह | आणखय याबतर भ ९ फज क फाद सवाधारयमो न थककय गरदव स पराथगना की कक गरदव अफ जॊगर का ववसताय ह हभ ऩय कऩा कयो | औय िावर खतभ हए | कपय सवाधायी ननवास ऩय ऩहॉि |
-सॊत शरी आसायाभजी बकतभॊडर
कतायगाभ सयत
सवपन भ टदम हए वयदान स ऩतरपरानि
भय गरहसथ जीवन भ एक-एक कयक तीन कनमाएॉ जनभी | ऩतरपरानि क मरए भयी धभगऩतनी न गरदव स आशीवागद पराि ककमा था | िौथी परसनत होन क ऩहर जफ उसन वरसाड़ भ सोनोगराफ़ी कयवामी तो रयऩोटग भ रड़की फतामा गमा | मह सनकय हभ ननयाश हो गम |
एक यात ऩतनी को सवपन भ गरदव न दशगन टदम औय कहा फटी चिॊता भत कय |
घफयाना भत धीयज यख | रड़का ही होगा | हभन सयत आशरभ भ फड़दादा की ऩरयकरभा कयक भनौती भानी थी वह बी फ़रीबत हई औय गरदव का बरहमवाकम बी सतम साबफत हआ जफ परसनत होन ऩय रड़का हआ | सबी गरदव की जम-जमकाय कयन रग |
-सनीर कभाय याधशमाभ िौयमसमा दीऩकवाड़ी ककपरा ऩायड़ी जज वरसाड़
शरी आसायाभामण क ऩाठ स जीवनदान
भया दस वषीम ऩतर एक यात अिानक फीभाय हो गमा | साॉस बी भजशकर स र यहा था |
जफ उस हॉजसऩटर भ बती ककमा तफ डॉकटय फोर | फचिा गॊबीय हारत भ ह | ऑऩयशन कयना ऩड़गा | भ फचि को हॉजसऩटर भ ही छोड़कय ऩस रन क मरए घय गमा औय घय
भ सबी को कहा ldquoआऩ रोग शरी आसायाभामण का ऩाठ शर कयो |rdquo ऩाठ होन रगा |
थोड़ी दय फाद भ हॉजसऩटर ऩहॉिा | वहाॉ दखा तो फचिा हॉस-खर यहा था | मह दख भयी औय घयवारो की खशी का टठकाना न यहा मह सफ फाऩजी की असीभ कऩा गर-गोववनद की कऩा औय शरी आसायाभामण-ऩाठ का पर ह |
-सनीर िाॊडक
अभयावती भहायाषड
गरवाणी ऩय ववशवास स अवणीम राब
शादी होन ऩय एक ऩतरी क फाद सात सार तक कोई सॊतान नहीॊ हई | हभाय भन भ ऩतरपरानि की इचछा थी | १९९९ क मशववय भ हभ सॊतानपरानि का आशीवागद रनवारो की ऩॊकतकत भ फठ | फाऩजी आशीवागद दन क मरए साधको क फीि आम तो कछ साधक नासभझी स कछ ऐस परशन कय फठ जो उनह नहीॊ कयन िाटहए थ | गरदव नायाज होकय मह कहकय िर गम कक तभको सॊतवाणी ऩय ववशवास नहीॊ ह तो तभ रोग महाॉ कमो आम तमह डॉकटय क ऩास जाना िाटहए था | कपय गरदव हभाय ऩास नहीॊ आम | सबी पराथगना कयत यह ऩय गरदव रवमासऩीठ स फोर दफाया तीन मशववय बयना | भ भन भ सोि यहा था कक कछ साधको क कायण भझ आशीवागद नहीॊ मभर ऩामा ऩयॊत वजरादवऩ कठोयाणण भदनन कसभादवऩ फाहय स वजर स बी कठोय टदखन वार सदगर बीतय स पर स बी कोभर होत ह | तयॊत गरदव ववनोद कयत हए फोर दखो म रोग सॊतानपरानि का आशीवागद रन आम ह | कस ठनठनऩार-स फठ ह अफ जाओ झरा-झनझना रकय घय जाओ | भन औय भयी ऩतनी न आऩस भ वविाय ककमा दमार गरदव न आणखय आशीवागद द ही टदमा | अफ गरदव न कहा ह कक झरा-झनझना र जाओ | तो भन गरविन भानकय यरव सटशन स एक झनझना खयीद मरमा औय गवामरमय आकय गरदव क चितर क ऩास यख टदमा | भझ वहाॉ स आन क १५ टदन फाद डॉकटय दवाया भारभ हआ कक ऩतनी गबगवती ह | भन गरदव को भन-ही-भन परणाभ ककमा | इस फीि डॉकटयो न सराह दी कक रड़का ह मा रड़की इसकी जाॉि कया रो | भन फड़ ववशवास स कहा कक रड़का ही होगा | अगय रड़की बी हई तो भझ कोई आऩवतत नहीॊ ह | भझ गबगऩात का ऩाऩ अऩन मसय ऩय नहीॊ रना ह | नौ भाह तक भयी ऩतनी बी सवसथ यही | हरयदवाय मशववय भ बी हभ रोग गम | सभम आन ऩय गरदव दवाया फताम गम इराज क भताबफक गाम क गोफय का यस ऩतनी को टदमा औय टदनाॊक २७ अकतफय १९९९ को एक सवसथ फारक का जनभ हआ |
-याजनर कभाय वाजऩमी अिगना वाजऩमी फरवॊत नगय ढाढीऩय भयाया गवामरमय
औय सोना मभर गमा
हभाय सॊमकत ऩरयवाय भ साठ तोरा सोना िोयी हो गमा था | सतसॊगी होन क कायण हभ द ख तो नहीॊ हआ कपय बी थोडी-फहत चिनता अवशम हई | आशरभ क एक साधक न हभस कहा | आऩ रोग शरी आसायाभामण क १०८ ऩाठ कयो औय सॊकपऩ कयो कक हभाया सोना हभ जरय मभरगा | मभनाऩाय टदपरी भ गरदव का आगभन हआ | हभ शाभ को गरदव क दशगन कयन गम | हभन कछ कहा नहीॊ कमोकक गरदव अॊतमागभी ह | उनहोन हभको परसाद टदमा | उसी यात घय ऩय पोन आमा कक आऩका सोना मभर गमा ह | िोय रखनऊ भ ऩकड़ा गमा ह | हभ आशचमग हआ शरी आसायाभामण क १०८ ऩाठ ऩय बी नहीॊ हए थ औय सोना मभर गमा |
-रीना फटानी यानीफाग टदपरी
सवपर क दो टकड़ो स दो सॊतान
भन सन १९९१ भ िटीिॊड मशववय अभदावाद भ ऩजम फाऩजी स भॊतरदीा री थी | भयी शादी क १० वषग तक भख कोई सॊतान नहीॊ हई | फहत इराज कयवाम रककन सबी डॉकटयो न फतामा कक फारक होन की कोई सॊबावना नहीॊ ह | तफ भन ऩजम फाऩजी क ऩनभ दशगन का वरत मरमा औय फाॉसवाड़ा भ ऩनभ दशगन क मरए गमा | ऩजम फाऩजी सफको परसाद द यह थ | भन भन भ सोिा | कमा भ इतना ऩाऩी हॉ कक फाऩजी भयी तयप दखत तक नहीॊ इतन भ ऩजम फाऩजी कक दवषट भझ ऩय ऩड़ी औय उनहोन भझ दो मभनट तक दखा | कपय उनहोन एक सवपर रकय भझ ऩय प का जो भय दाम कॊ ध ऩय रगकय दो टकड़ो भ फॉट गमा | घय जाकय भन उस सवपर क दोनो बाग अऩनी ऩतनी को णखरा टदम | ऩजमशरी का कऩाऩणग परसाद खान स भयी ऩतनी गबगवती हो गमी | ननयीण कयान ऩय ऩता िरा कक उसको दो मसय वारा फारक उतऩनन होगा | डॉकटयो न फतामा उसका मसजरयमन कयना ऩड़गा अनमथा आऩकी ऩतनी क फिन की समबावना नहीॊ ह | मसजरयमन भ रगबग फीस हजाय रऩमो का खिग आमगा | भन ऩजम फाऩजी स पराथगना की ह फाऩजी आऩन ही पर टदमा था | अफ आऩ ही इस सॊकट का ननवायण कीजजम | कपय
भन फड़ फादशाह क साभन बी पराथगना की जफ भ असऩतार ऩहॉिॉ तो भयी ऩतनी की परसती सकशर हो जाम | उसक फाद जफ भ असऩतार ऩहॉिा तो भयी ऩतनी एक ऩतर औय एक ऩतरी को जनभ द िकी थी | ऩजमशरी क दवाया टदम गम पर स भझ एक की जगह दो सॊतानो की परानि हई |
-भकशबाई सोरॊकी शायदा भॊटदय सकर क ऩीछ
फावन िार वड़ोदया
साइककर स गरधाभ जान ऩय खयाफ टाॉग ठीक हो गमी
भयी फाॉमी टाॉग घटन स उऩय ऩतरी हो गमी थी | ऑर इणणडमा भकतडकर इनसटीटमट
टदपरी भ भ छ टदन तक यहा | वहाॉ जाॉि क फाद फतरामा गमा कक तमहायी यीढ़ की हडडी क ऩास कछ नस भय गमी ह जजसस मह टाॉग ऩतरी हो गमी ह | मह ठीक तो हो ही नहीॊ सकती | हभ तमह ववटामभन ई क कपसर द यह ह | तभ इनह खात यहना | इसस टाॊग औय जमादा ऩतरी नहीॊ होगी | भन एक सार तक कपसर खाम | उसक फाद २२ जन
१९९७ को भजफ़फ़यनगय भ भन गरजी स भॊतरदीा री औय दवाई खाना फॊद कय दी | जफ एक साधक बाई याहर गिा न कहा कक सहायनऩय स साइककर दवाया उततयामण मशववय अभदावाद जान का कामगकरभ फन यहा ह तफ भन टाॉग क फाय भ सोि बफना साइककर मातरा भ बाग रन क मरए अऩनी सहभनत द दी | जफ भय घय ऩय ऩता िरा कक भन साइककर स गरधाभ अभदावाद जान का वविाय फनामा ह अत तभ ११५० ककभी तक साइककर नहीॊ िरा ऩाओग | रककन भन कहा भ साइककर स ही गरधाभ जाऊॉ गा िाह ककतनी बी दयी कमो न हो औय हभ आठ साधक बाई सहायनऩय स २६ टदसमफय ९७ को साइककरो स यवाना हए | भागग भ िढ़ाई ऩय भझ जफ बी कोइ टदककत होती तो ऐसा रगता जस भयी साइककर को कोई ऩीछ स धकर यहा ह | भ भड़कय ऩीछ दखता तो कोई टदखामी नहीॊ ऩड़ता | ९ जनवयी को जफ हभ अभदावाद गरआशरभ भ ऩहॉि औय भन सफह अऩनी टाॉग दखी तो भ दॊग यह गम जो टाॉग ऩतरी हो गमी थी औय डॉकटयो न उस ठीक होन स भना कय टदमा था वह टाॉग बफपकर ठीक हो गमी थी | इस कऩा को दखकय भ िककत यह गमा भय साथी बी दॊग यह गम मह सफ गरकऩा क परसाद का िभतकाय था | भय आठो साथी भयी ऩतनी तथा ऑर इणणडमा भकतडकर इनसटीटमट टदपरी दवाया जाॉि क परभाणऩतर इस फात क साी ह |
-ननयॊकाय अगरवार
ववषणऩयी
अदबत यही भौनभॊटदय की साधना
ऩयभ ऩजम सदगरदव की कऩा स भझ टदनाॊक १८ स २४ भई १९९९ तक अभदावाद आशरभ क भौनभॊटदय भ साधना कयन का सअवसय मभरा | भौनभॊटदय भ साधना क ऩाॉिव टदन मानी २२ भई की याबतर को रगबग २ फज नीॊद भ ही भझ एक झटका रगा | रट यहन कक जसथनत भ ही भझ भहसस हआ कक कोई अदशम शकतकत भझ ऊऩय फहत ऊऩय उड़म र जा यही ह | ऊऩय उड़त हए जफ भन नीि झाॉककय दखा तो अऩन शयीय को उसी भौनभॊटदय भ चितत रटा हआ फखफय सोता हआ ऩामा | ऊऩय जहाॉ भझ र जामा गमा वहाॉ अरग ही छटा थी अजीफ औय अवणीम आकाश को बी बदकय भझ ऐस सथान ऩय ऩहॉिामा गमा था जहाॉ िायो तयप कोहया-ही-कोहया था जस शीश की छत ऩय ओस परी हो इतन भ दखता हॉ कक एक सबा रगी ह बफना शयीय की कवर आकनतमो की | जस यखाओॊ स भनषमरऩी आकनतमाॉ फनी हो | मह सफ कमा िर यहा था सभझ स ऩय था |
कछ ऩर क फाद व आकनतमाॉ सऩषट होन रगी | दवी-दवताओॊ क ऩॊज क भधम शीषग भ एक उचि आसन ऩय साात फाऩजी शॊकय बगवान फन हए करास ऩवगत ऩय ववयाजभान थ औय दवी-दवता कताय भ हाथ फाॉध खड़ थ | भ भक-सा होकय अऩरक नतरो स उनह दखता ही यहा कपय भॊतरभगध हो उनक ियणो भ चगय ऩड़ा | परात क ४ फज थ | अहा भन औय शयीय हपका-फ़पका रग यहा था मही जसथनत २४ भई की भधमयाबतर भ बी दोहयामी गमी | दसय टदन सफह ऩता िरा कक आज तो फाहय ननकरन का टदन ह मानी यवववाय २५ भई की सफह | फाहय ननकरन ऩय बावबया रदम गदगद कॊ ठ औय आखो भ आॉस मो रग यहा था कक जस ननजधाभ स फघय ककमा जा यहा हॉ | धनम ह वह बमभ
भौनभॊटदय भ साधना की वह रवमवसथा जहाॊ स ऩयभ आनॊद क सागय भ डफन की कॊ जी मभरती ह जी कयता ह बगवान ऐसा अवसय कपय स राम जजसस कक उसी भौनभॊटदय भ ऩन आॊतरयक आनॊद का यसऩान कय ऩाऊॉ |
-इनरनायामण शाह
१०३ यतनदीऩ-२ ननयारा नगय कानऩय
असाधम योग स भकतकत
सन १९९४ भ भयी ऩतरी टहयर को शयद ऩणणगभा क टदन फखाय आमा | डॉकटयो को
टदखामा तो ककसीन भररयमा कहकय दवाइमाॉ दी तो ककसीन टामपामड कहकय इराज शर ककमा तो ककसीन टामपामड औय भररयमा दोनो कहा | दवाई की एक खयाक रन स शयीय नीरा ऩड़ गमा औय सज गमा | शयीय भ खन की कभी स उस छ फोतर खन िढ़ामा गमा | इॊजन दन स ऩय शयीय को रकवा भाय गमा | ऩीठ क ऩीछ शमावरण जसा हो गमा | ऩीठ औय ऩय का एकस-य मरमा गमा | ऩय ऩय वजन फाॉधकय यखा गमा | डॉकटयो न उस वाम का फखाय तथा यकत का क सय फतामा औय कहा कक उसक रदम तो वापव िौड़ा हो गमा ह | अफ हभ टहमभत हाय गम | अफ ऩजमशरी क मसवाम औय कोई सहाया नहीॊ था | उस सभम टहयर न कहा भमभी भझ ऩजम फाऩ क ऩास र िरो | वहाॉ ठीक हो जाऊगी | ऩाॉि टदन तक टहयर ऩजमशरी की यट रगाती यही | हभ उस अभदावाद आशरभ भ फाऩ क ऩास र गम | फाऩ न कहा इस कछ नहीॊ हआ ह | उनहोन भझ औय टहयर को भॊतर टदमा एवॊ फड़दादा की परदकषणा कयन को कहा | हभन परदकषणा की औय टहयर ऩनरह टदन भ िरन-कफ़यन रगी | हभ फाऩ की इस करणा-कऩा का कण कस िकाम अबी तो हभ आशरभ भ ऩजमशरी क शरीियणो भ सऩरयवाय यहकय धनम हो यह ह |
-परपपर रवमास
बावनगय
वतगभान भ अभदावाद आशरभ भ सऩरयवाय सभवऩगत
ऩजम फाऩ का दशगन-सतसॊग ही जीवन का सचिा यतन ह
भझ िाय सार स ऩतर कक काभना थी औय भय भन भ हआ कक भयी मह काभना जरय ऩयी होगी | अभदावाद भ धमानमोग मशववय क दौयान ऐसा वविाय आमा कक फाऩ भझ अऩन ियणो भ फरामग | भन भ दढ़ शरदधा थी | इतन रोगो क फीि भ स फाऩ न तजऩणग दवषट भझ ऩय डारी सॊतय का परसाद टदमा औय भया बागम खर गमा | फचि क जनभ स ऩहर डॉकटयो न ऑऩयशन को कहा था रककन फाऩ क फतान क भताबफक भय घयवारो न भझ गाम क गोफय का यस वऩरामा औय शीघर ही फारक का जनभ हो गमा | सचिी शरदधा-बकतकत हो तो कमा असॊबव ह ऩजम फाऩ का दशगन-सतसॊग ही जीवन का सचिा यतन ह |
सचिी शरदधा-बकतकत स ऐसा यतन ऩानवार हभ सबी धनबागी ह |
-यखा ऩयभाय भीया योड़ भॊफई
कसट का िभतकाय
रवमाऩाय उधायी भ िर जान स भ हताश हो गमा था एवॊ अऩनी जजॊदगी स तॊग आकय आतभहतमा कयन की फात सोिन रगा था | भझ साध-भहातभाओॊ व सभाज क रोगो स घणा-सी हो गमी थी धभग व सभाज स भया ववशवास उठ िका था | एक टदन भयी सारी फाऩजी क सतसॊग कक दो कसट ववचध का ववधान एवॊ आणखय कफ तक र आमी औय उसन भझ सनन क मरए कहा | उसक कई परमास क फाद बी भन व कसट नहीॊ सनीॊ एवॊ भन-ही-भन उनह ढ़ोग कहकय कसटो क कतडबफ भ दार टदमा | भन इतना ऩयशान था कक यात को नीॊद आना फॊद हो गमा था | एक यात कफ़पभी गाना सनन का भन हआ | अॉधया होन की वजह स कसट ऩहिान न सका औय गरती स फाऩजी क सतसॊग की कसट हाथ भ आ गमी | भन उसीको सनना शर ककमा | कपय कमा था भयी आशा फॉधन रगी | भन शाॉत होन रगा | धीय-धीय सायी ऩीड़ाएॉ दय होती िरी गमीॊ | भय जीवन भ योशनी-ही-योशनी हो गमी | कपय तो भन ऩजम फाऩजी क सतसॊग की कई कसट सनीॊ औय सफको सनामीॊ |
तदनॊतय भन गाजजमाफाद भ फाऩजी स दीा बी गरहण की | रवमाऩाय की उधायी बी िकता हो गमी | फाऩजी की कऩा स अफ भझ कोई द ख नहीॊ ह | ह गरदव फस एक आऩ ही भय होकय यह औय भ आऩका ही होकय यहॉ |
-ओभपरकाश फजाज
टदपरी योड़ सहायनऩय उततय परदश
भझ ऩय फयसी सॊत की कऩा
सन १९९५ क जन भाह भ भ अऩन रड़क औय बतीज क साथ हरयदवाय धमानमोग मशववय भ बाग रन गमा | एक टदन जफ भ हय की ऩौड़ी ऩय सनान कयन गमा तो ऩानी क तज फहाव क कायण ऩय कपसरन स भया रड़का औय बतीजा दोनो अऩना सॊतरन खो फठ औय गॊगा भ फह गम | ऐसी सॊकट की घड़ी भ भ अऩना होश खो फठा | कमा करॉ भ पट-पटकय योन रगा औय फाऩजी स पराथगना कयन रगा कक ह नाथ ह गरदव या कीजजम भय फचिो को फिा रीजजम | अफ आऩका ही सहाया ह | ऩजमशरी न भय सचि रदम स ननकरी ऩकाय सन री औय उसी सभम भया रड़का भझ टदखामी टदमा | भन झऩटकय उसको फाहय खीॊि मरमा रककन भया बतीजा तो ऩता नहीॊ कहाॉ फह गमा भ ननयॊतय यो यहा था औय भन भ फाय-फाय वविाय उठ यहा था कक फाऩजी भया रड़का फह जाता तो कोई फात नहीॊ थी रककन अऩन बाई की अभानत क बफना भ घय कमा भॉह
रकय जाऊॉ गा फाऩजी आऩही इस बकत की राज फिाओ | तबी गॊगाजी की एक तज रहय उस फचि को बी फाहय छोड़ गमी | भन रऩककय उस ऩकड़ मरमा | आज बी उस हादस को सभयण कयता हॉ तो अऩन-आऩको सॉबार नहीॊ ऩाता हॉ औय भयी आॉखो स ननयॊतय परभ की अशरधाया फहन रगती ह | धनम हआ भ ऐस गरदव को ऩाकय ऐस सदगरदव क शरीियणो भ भय फाय-फाय शत-शत परणाभ
-सभारखाॉ ऩानीऩत हरयमाणा
गरदव की कऩा स सॊतानपरानि
भयी शादी को ऩाॉि सार हो गम थ कपय बी कोई सॊतान नहीॊ हई | रोग हभ फहत तान भायत थ | तबी भन-ही-भन ननणगम र मरमा कक ऩजम फाऩ क आशरभ भ जाना ह | जनवयी १९९९ भ परथभ फाय उततयामण मशववय बया औय भॊतरदीा री | अफ गरदव कक कऩा स भझ एक सॊदय फारक पराि हआ ह | ऩजम फाऩजी की इतनी कऩा-करणा दखकय रदम बय आता ह | भ ऩजम फाऩजी स पराथगना कयती हॉ कक मह फारक उनह सभवऩगत कय सकॊ औय मह उनक मोगम फनसक ऐसी सदफवदध हभ द |
-ननभगरा क तड़वी काॊनतबाई हीयाबाई तडवी याभजी भॊटदय क ऩास कायरी फाग वड़ोदया
गरकऩा स जीवनदान
टदनाॊक १५-१-९६ की घटना ह | भन धात क ताय ऩय सखन क मरए कऩड़ परा यख थ |
फारयश होन क कायण उस ताय भ कयॊट आ गमा था | भया छोटा ऩतर ववशार जो कक ११ वीॊ का भ ऩढ़ता ह आकय उस ताय स छ गमा औय बफजरी का कयॊट रगत ही वह फहोश हो गमा शव क सभान हो गमा | हभन उस तयॊत फड़ असऩतार भ दाणखर कयवामा | डॉकटय न फचि की हारत गॊबीय फतामी | ऐसी ऩरयजसथनत दखकय भयी आॉखो स अशरधायाएॉ फह ननकरी | भ ननजानॊद की भसती भ भसत यहन वार ऩजम सदगरदव को भन-ही-भन माद ककमा औय पराथगना कक ह गरदव अफ तो इस फचि का जीवन आऩक ही हाथो भ ह | ह भय परब आऩ जो िाह सो कय सकत ह | औय आणखय भयी पराथगना सपर हई | फचि भ एक नवीन ितना का सॊिाय हआ एवॊ धीय-धीय फचि क सवासम भ
सधाय होन रगा | कछ ही टदनो भ वह ऩणगत सवसथ हो गमा | डॉकटय न तो उऩिाय ककमा रककन जो जीवनदान उस पमाय परब की कऩा स सदगरदव की कऩा स मभरा उसका वणगन कयन क मरए भय ऩास शबद नहीॊ ह | फस ईशवय स भ मही पराथगना कयता हॉ कक ऐस बरहमननषठ सॊत-भहाऩरषो क परनत हभायी शरदधा भ ववदध होती यह | -
डॉ वाम ऩी कारया शाभरदास कॉरज बावनगय गजयात
ऩजम फाऩ जस सॊत दननमा को सवगग भ फदर सकत ह
भई १९९८ क अॊनतभ टदनो भ ऩजमशरी क इॊदौय परवास क दौयान ईयान क ववखमात कफ़जजमशमन शरी फफाक अगरानी बायत भ अधमाजतभक अनबवो की परानि आम हए थ |
ऩजमशरी क दशगन ऩाकय जफ उनहोन अधमाजतभक अनबवो को परीबत होत दखा तो व ऩॊिड़ आशरभ भ आमोजजत धमानमोग मशववय भ बी ऩहॉि गम | शरी अगरानी जो दो टदन रककय वाऩस रौटन वार थ व ऩय गमायह टदन तक ऩॊिड़ आशरभ भ रक यह | उनहोन ववधाथी मशववय भ सायसवतम भॊतर की दीा री एवॊ ववमशषट धमानमोग साधना मशववय (४ -१० जन १९९८) का बी राब मरमा | मशववय क दौयान शरी अगरानी न ऩजमशरी स भॊतरदीा बी र री | ऩजमशरी क साजननधम भ सॊपराि अनबनतमो क फाय भ बतरम सभािाय ऩतर ितना को दी हई बटवाताग भ शरी अगरानी कहत ह मटद ऩजम फाऩ जस सॊत हय दश भ हो जाम तो मह दननमा सवगग फन सकती ह | ऐस शाॊनत स फठ ऩाना हभाय मरए कटठन ह रककन जफ ऩजम फाऩजी जस भहाऩरषो क शरीियणो भ फठकय सतसॊग सनत ह तो ऐसा आनॊद आता ह कक सभम का कछ ऩता ही नहीॊ िरता | सिभि ऩजम फाऩ कोई साधायण सॊत नहीॊ ह |
-शरी फफाक अगरानी ववशवववखमात कफ़जजमशमन ईयान
फाऩजी का साजननधम गॊगा क ऩावन परवाह जसा ह
कर-कर कयती इस बागीयथी की धवर धाया क ककनाय ऩय ऩजम फाऩजी क साजननधम भ फठकय भ फड़ा ही आपहाटदत औय परभटदत हॉ आनॊटदत हॉ योभाॊचित हॊ | गॊगा बायत की सषमना नाड़ी ह | गॊगा बायत की सॊजीवनी ह | शरी ववषणजी क ियणो स ननकरकय बरहमाजी क कभॊड़र औय जटाधय क भाथ ऩय शोबामभान गॊगा बतरमोगमसवदधकायक ह |
ववषणजी क ियणो स ननकरी गॊगा बकतकत मोग की परतीनत कयाती ह औय मशवजी क भसतक ऩय जसथत गॊगा ऻान मोग की उचितय बमभका ऩय आरढ़ होन की खफय दती ह |
भझ ऐसा रग यहा ह कक आज फाऩजी क परविनो को सनकय भ गॊगा भ गोता रगा यहा हॉ कमोकक उनका परविन उनका सजननधम गॊगा क ऩावन परवाह जसा ह | व अरभसत फ़कीय ह | व फड़ सयर औय सहज ह | व जजतन ही ऊऩय स सयर ह उतन ही अॊतय भ गढ़ ह | उनभ टहभारम जसी उचिता ऩववतरता शरषठता ह औय सागयतर जसी गॊबीयता ह |
व याषड की अभपम धयोहय ह | उनह दखकय कवष-ऩयमऩया को फोध होता ह | गौतभ कणाद
जमभनी कवऩर दाद भीया कफीय यदास आटद सफ कबी-कबी उनभ टदखत ह |
य बाई कोई सतगर सॊत कहाव
जो ननन अरख रखाव धयती उखाड़ आकाश उखाड़
अधय भड़मा धाव |
शनम मशखय क ऩाय मशरा ऩय आसन अिर जभाव |
य बाई कोई सतगर सॊत कहाव
एक ऐस ऩावन साजननधम भ हभ फठ ह जो फड़ा दरगब औय सहज मोगसवरऩ ह | ऐस भहाऩरषो क मरए ऩॊकतकतमाॉ माद आ यही ह तभ िरो तो िर धयती िर अॊफय िर दननमा ऐस भहाऩरष िरत ह तो उनक मरए समग िॊर ताय गरह नतर आटद सफ अनकर हो जात ह | ऐस इजनरमातीत गणातीत बावातीत शबदातीत औय सफ अवसथाओॊ स ऩय ककनहीॊ भहाऩरषो क शरीियणो भ जफ फठत ह तो बागवत कहता ह
साधनाॊ दशगनॊ रोक सवगमसवदधकयॊ ऩयभ |
साध क दशगन भातर स वविाय ववबनत ववदवता शकतकत सहजता ननववगषमता परसननता मसवदधमाॉ औय आतभानॊद की परानि होती ह | दश क भहान सॊत महाॉ सहज ही आत ह बायत क सबी शॊकयािामग बी मशववय भ आत ह | अत भय भन भ बी वविाय आमा कक जहाॉ सफ जात ह वहाॉ जाना िाटहए कमोकक मही वह ठोय-टठकाना ह जहाॉ भन का अमबभान मभटामा जा सकता ह | ऐस भहाऩरषो क दशगन स कवर आनॊद औय भसती ही नहीॊ मभरती फजपक वह सफ कछ मभर जाता ह जो अमबरावषत ह आकाॊकषत ह रकषत ह | महाॉ भ करणा क
कभगठता क वववक-वयागम क ऻान क दशगन कय यहा हॉ | वयागम औय बकतकत क यण ऩोषण औय सॊवधगन क मरए मह सिकवषमो का उततभ ऻान भाना जाता ह | आज गॊगा कपय स
साकाय टदख यही ह तो व फाऩजी क वविाय औय वाणी भ टदख यही ह | अरभसतता सहजता उचिता शरषठता ऩववतरतता तीथग-सी शचिता मशश-सी सयरता तरणो-सा जोश वदधो-सा गाॊबीमग औय कवषमो जसा ऻानाफोध भझ जहाॉ हो यहा ह वह मह ऩॊडार ह | इस आनॊदनगय कहॉ मा परभनगय करणा का सागय कहॉ मा वविायो का सभनदय रककन इतना जरय कहॉगा कक भय भन का कोन-कोना आपहाटदत हो यहा ह | आऩ रोग फड़बागी ह जो ऐस भहाऩरष क शरीियणो भ फठ ह जहाॉ बागम का टदरवम रवमकतकतततव का ननभागण होता ह | जीवन की कतकतमता जहाॉ पराि हो सकती ह वह मही दय ह |
मभर तभ मभरी भॊजजर मभरा भकसद औय भददा बी |
न मभर तभ तो यह गमा भददा भकसद औय भॊजजर बी ||
आऩका मह बावयाजम औय परभयाजम दखकय भ िककत बी हॉ औय आनॊद का अनबव बी कय यहा हॉ | आऩक परनत भया ववशवास औय अटट ननषठा फढ़ इस हत भया नभन सवीकाय कय | भझ ऐसा रगता ह कक फाऩजी समग ह औय नायामण सवाभी एक ऐस दीऩ ह जो न फझ सकत ह न जराम जात ह |
-सवाभी अवधशानॊदजी हरयदवाय
सायसवतम भॊतर स हए अदबत राब
भन १९९८ भ ववधाथी उतथान मशववय सोनीऩत भ ऩजम गरदव स सायसवतम भॊतर की दीा री | दीा क फाद ननममभत भॊतरजऩ कयन स भ इतना कशागर फवदधवारा एवॊ सवावरॊफी हो गमा कक भन एक भहीन भ ही टमशन छोड़ दी औय सवमॊ खफ भहनत कयन रगा | भ सकर बी ऩदर आन-जान रगा जजसस भन सकर फस का ककयामा फिा मरमा |
भॊतर जाऩ क परबाव स भझ ९ वीॊ १० वीॊ ११ वीॊ की ऩयीाओॊ भ परथभ सथान पराि हआ |
१२ वीॊ की ऩयीा क सभम भया सवासम खयाफ होन क कायण भ जऩ ठीक स नहीॊ कय सका कपय बी ७९ परनतशत अॊको स ऩास हआ | उसक फाद इॊजजननमरयॊग की ऩरया भ बी उततीणग यहा |
-करदीऩ कभाय डी-२३४ वसट ववनोद नगय टदपरी
भ टदसमफय १९९९ भ छततीसगढ़ क बाटाऩाया भ ऩजम गरदव स सायसवतम भॊतर की दीा
री | ततऩशचात भ ननममभत रऩ स जऩ-धमान- पराणामाभ कयता था जजसस भझ फहत राब हआ | ऩजम फऩजी की कऩा औय सायसवतम भॊतर जाऩ क परबाव स भझ १२ वीॊ की फोड़ग की ऩरया भ ८४६ परनतशत अॊक मभर |
-ववयनर कभाय कौमशक
डोगयगाॉव जज याजनाॊदगाॉव (छग)
बौनतक मग क अॊधकाय भ ऻान की जमोनत ऩजम फाऩ
भादक ननमॊतरण बमयो बायत सयकाय क भहाननदशक शरी एिऩी कभाय ९ भई को अभदावाद आशरभ भ सतसॊग-कामगकरभ क दौयान ऩजम फाऩ स आशीवागद रन ऩहॉि | फड़ी ववनमरता एवॊ शरदधा क साथ उनहोन ऩजम फाऩ क परनत अऩन उदगाय भ कहा जजस रवमकतकत क ऩास वववक नहीॊ ह वह अऩन रकषम तक नहीॊ ऩहॉि सकता ह औय वववक को पराि कयन का साधन ऩजम आसायाभजी फाऩ जस भहान सॊतो का सतसॊग ह | ऩजम फाऩ स भया परथभ ऩरयिम टीवी क भाधमभ स हआ | ततऩशचात भझ आशरभ दवाय परकामशत कवष परसाद भामसक पराि हआ | उस सभम भझ रगा कक एक ओय जहाॉ इस बौनतक मग क अॊधकाय भ भानव बटक यहा ह वहीॊ दसयी ओय शाॊनत की भॊद-भॊद सगॊचधत वाम बी िर यही ह | मह ऩजम फाऩ क सतसॊग का ही परबाव ह | ऩजमशरी क दशगन कयन का जो सौबागम भझ पराि हआ ह इसस भ अऩन को कतकतम भानता हॉ | ऩजम फाऩ क शरीभख स जो अभत वषाग होती ह तथा इनक सतसॊग स कयोड़ो रदमो भ जो जमोनत जगती ह व इसी परकाय स जगती यह औय आन वार रॊफ सभम तक ऩजमशरी हभ सफ का भागगदशगन कयत यह मही भयी काभना ह | ऩजम फाऩ क शरीियणो भ भय परणाभ
-शरी एिऩी कभाय भहाननदशक भादक ननमॊतरण बमयो बायत सयकाय
गरकऩा ऐसी हई कक अॉधय तो कमा दय बी नहीॊ हई
ऩयभ कऩार फाऩजी क शरीियणो भ भय कोटट-कोटट वॊदन भ एक इसभाइरी खवाजा हॉ तथा अऩन धभग भ अकतडग हॉ | िाय वषग ऩवग कछ रोगो दवाया एक सननमोजजत मोजना फनाकय भझ जफयदसती भडगय कस का आयोऩी फना टदमा गमा था | इसस भझ कहीॊ शाॊनत नहीॊ मभर यही थी | २८ पयवयी १९९७ को भझ नागऩय भ आमोजजत फाऩजी क सतसॊग भ जान की परयणा मभरी औय ४ भािग १९९७ को भन फाऩजी स भॊतरदीा री | भ उनस भन-
ही-भन ववनती की कक ह गरदव भझ फिा रो | गरकऩा ऐसी हई कक ७ जनवयी १९९८ को भझ अदारत न ऩाक-साप फयी कय टदमा फाकी छ आयोवऩमो को सजा हई | धनम ह ऐस भय सदगर उनक शरीियणो भ भय कोटट-कोटट वनदन
-यहभान खान ननशान छाफड़ी (बफछआ) जज नछनदवाड़ा (भपर)
भजसरभ भटहरा को पराणदान
२७ मसतमफय २००० को जमऩय भ भय ननवास ऩय ऩजम फाऩ का आतभ-साातकाय टदवस
भनामा गमा जजसभ भय ऩड़ोस की भजसरभ भटहरा नाथी फहन क ऩनत शरी भाॉग खाॉ न बी ऩजम फाऩ की आयती की औय ियणाभत मरमा | ३-४ टदन फाद ही व भजसरभ दॊऩनत खवाजा साटहफ क उसग भ अजभय िर गम | टदनाॊक ४ अकटफय २००० को अजभय क उसग भ असाभाजजक ततवो न परसाद भ जहय फाॉट टदमा जजसस उसग भर भ आम कई दशगनाथी असवसथ हो गम औय कई भय बी गम | भय ऩड़ोस की नाथी फहन न बी वह परसाद खामा औय थोड़ी दय भ ही वह फहोश हो गमी | अजभय भ उसका उऩिाय ककमा गमा ककॊ त उस होश न आमा | दसय टदन ही उसका ऩनत उस अऩन घय र आमा | कॉरोनी क सबी ननवासी उसकी हारत दखकय कह यह थ कक अफ इसका फिना भजशकर ह | भ बी उस दखन गमा | वह फहोश ऩड़ी थी | भ जोय-जोय स हरय ॐ हरय ॐ का उचिायण ककमा तो वह थोड़ा टहरन रगी | भझ परयणा हई औय भ ऩन घय गमा | ऩजम फाऩ स पराथगना की | ३-४ घॊट फाद ही वह भटहरा ऐस उठकय खड़ी हो गमी भानो सोकय उठी हो | उस भटहरा न फतामा कक भय िािा ससय ऩीय ह औय उनहोन भय ऩनत क भॉह स फोरकय फतामा कक तभन २७ मसतमफय २००० को जजनक सतसॊग भ ऩानी वऩमा था उनहीॊ सपद दाढ़ीवार फाफा न तमह फिामा ह कसी करणा ह गरदव की
-जएर ऩयोटहत
८७ सपतान नगय जमऩय (याज)
उस भटहरा का ऩता ह -शरीभती नाथी
ऩतनी शरी भाॉग खाॉ १०० सपतान नगय गजगय की धड़ी नम साॊगानय योड़
जमऩय (याज)
हरयनाभ की पमारी न छड़ामी शयाफ की फोतर
सौबागमवश गत २६ टदसमफय १९९८ को ऩजमशरी क १६ मशषमो की एक टोरी टदपरी स हभाय गाॉव भ हरयनाभ का परिाय-परसाय कयन ऩहॉिी | भ फिऩन स ही भटदयाऩान धमरऩान व मशकाय कयन का शौकीन था | ऩजम फाऩ क मशषमो दवाया हभाय गाॉव भ जगह-जगह ऩय तीन टदन तक रगाताय हरयनाभ का कीतगन कयन स भझ बी हरयनाभ का यॊग रगता जा यहा था | उनक जान क एक टदन क ऩशचात शाभ क सभम योज की बाॊनत भन शयाफ की फोतर ननकारी | जस ही फोतर खोरन क मरए ढककन घभामा तो उस ढककन क घभन स भझ हरय ॐ हरय ॐ की धवनन सनामी दी | इस परकाय भन दो-तीन फाय ढककन घभामा औय हय फाय भझ हरय ॐ की धवनन सनामी दी | कछ दय फाद भ उठा तथा ऩजमशरी क एक मशषम क घय गमा | उनहोन थोड़ी दय भझ ऩजमशरी की अभतवाणी सनामी | अभतवाणी सनन क फाद भया रदम ऩकायन रगा कक इन दरवमगसनो को तमाग दॉ | भन तयॊत फोतर उठामी तथा जोय-स दय खत भ प क दी | ऐस सभथग व ऩयभ कऩार सदगरदव को भ रदम स परणाभ कयता हॉ जजनकी कऩा स मह अनोखी घटना भय जीवन भ घटी जजसस भया जीवन ऩरयवनतगत हआ |
-भोहन मसॊह बफषट
मबखमासन अपभोड़ा (उपर)
ऩय गाॉव की कामाऩरट
ऩजमशरी स टदनाॊक २७६९१ को दीा रन क फाद भन रवमवसनभकतकत क परिाय-परसाय का रकषम फना मरमा | भ एक फाय कौशरऩय (जज शाजाऩय) ऩहॉिा | वहाॉ क रोगो क रवमवसनी औय रड़ाई-झगड़ मकत जीवन को दखकय भन कहा आऩ रोग भनषम-जीवन सही अथग ही नहीॊ सभझत ह | एक फाय आऩ रोग ऩजम फाऩजी क दशगन कय र तो आऩको सही जीवन जीन की कॊ जी मभर जामगी | गाॉव वारो न भयी फात भान री औय दस रवमकतकत भय गाॉव ताजऩय आम | भन एक साधक को उनक साथ जनभाषटभी भहोतसव भ सयत बजा | ऩजम फाऩजी की उन ऩय कऩा फयसी औय सफको गरदीा मभर गमी | जफ व रोग अऩन गाॉव ऩहॉि तो सबी गाॉववामसमो को फड़ा कौतहर था कक ऩजम फाऩजी कस ह फाऩजी की रीराएॉ सनकय गाॉव क अनम रोगो भ बी ऩजम फाऩजी क परनत शरदधा जगी | उन दीकषत साधको न सबी गाॉववारो को सववधानसाय ऩजम फाऩजी क अरग-अरग आशरभो भ
बजकय दीा टदरवा दी | गाॉव क सबी रवमकतकत अऩन ऩय ऩरयवाय सटहत दीकषत हो िक ह | परतमक गरवाय को ऩय गाॉव भ एक सभम बोजन फनता ह | सबी रोग गरवाय का वरत यखत ह | कौशरऩय गाॉव क परबाव स आस-ऩास क गाॉववार एवॊ उनक रयशतदायो सटहत १००० रवमकतकतमो शयाफ छोड़कय दीा र री ह | गाॉव क इनतहास भ तीन-तीन ऩीढ़ी स कोई भॊटदय नहीॊ था | गाॉववारो न ५ राख रऩम रगाकय दो भॊटदय फनवाम ह | ऩया गाॉव रवमवसनभकत एवॊ बगवतबकत फन गमा ह मह ऩजम फाऩजी की कऩा नहीॊ तो औय कमा ह सफक तायणहाय ऩजम फाऩजी क शरीियणो भ कोटट-कोटट परणाभ
-शमाभ परजाऩनत (सऩयवाइजय नतरहन सॊघ) ताजऩय उजजन (भपर)
नतरबफ ॊद का िभतकाय
भया सौबागम ह कक भझ सॊतकऩा नतरबफॊद (आई डरॉपस) का िभतकाय दखन को मभरा |
एक सॊत फाफा मशवयाभदास उमर ८० वषग गीता कटटय तऩोवन झाड़ी सिसयोवय हरयदवाय भ यहत ह | उनकी दाटहनी आॉख क सपद भोनतम का ऑऩयशन शाॉनतकॊ ज हरयदवाय आमोजजत कमऩ भ हआ | कस बफगड़ गमा औय कार भोनतमा फन गमा | ददग यहन रगा औय योशनी घटन रगी | दोफाया बभाननद नतर चिककतसारम भ ऑऩयशन हआ | एबसपमट गरकोभा फतात हए कहा कक ऑऩयशन स मसयददग ठीक हो जामगा ऩय योशनी जाती यहगी | ऩयॊत अफ व फाफा सॊत शरी आसायाभजी आशरभ दवाय ननमभगत सॊतकऩा नतरबफॊद सफह-शाभ डार यह ह | भन उनक नतरो का ऩयीण ककमा | उनकी दाटहनी आॉख भ उॉगरी चगनन रामक योशनी वाऩस आ गमी ह | कार भोनतम का परशय नॉभगर ह | कोननगमा भ सजन नहीॊ ह | व कापी सॊतषट ह | व फतात ह आॉख ऩहर रार यहती थी ऩयॊत अफ नहीॊ ह | आशरभ क नतरबफॊद स कपऩनातीत राब हआ | फामीॊ आॉख भ बी उनह सपद भोनतमा फतामा गमा था औय सॊशम था कक शामद कारा भोनतमा बी ह | ऩय आज फामीॊ आॉख बी ठीक ह औय दोनो आॉखो का परशय बी नॉभगर ह | सपद भोनतमा नहीॊ ह औय योशनी कापी अचछी ह |
मह सॊतकऩा नतरफॊद का ववरण परबाव दखकय भ बी अऩन भयीजो को इसका उऩमोग कयन की सराह दॉगा |
-डॉ अननत कभाय अगरवार (नतरयोग ववशषऻ)
एभफीफीएस एभएस (नतर) डीओएभएस (आई) सीताऩय सहायनऩय (उपर)
ऩजमशरी की तसवीय स मभरी परयणा
सवगसभथग ऩयभ ऩजम शरी फाऩजी क ियणकभरो भ भया कोटट-कोटट नभन १९८४ क बकॊ ऩ स समऩणग उततय बफहाय भ कापी नकसान हआ था जजसकी िऩट भ हभाया घय बी था | ऩरयजसथनतवश भझ नौवी का भ ऩढ़ामी छोड़ दनी ऩड़ी | ककसी मभतर की सराह स भ नौकयी ढॉढ़न क मरए टदपरी गमा रककन वहाॉ बी ननयाशा ही हाथ रगी | भ दो टदन स बखा तो था ही ऊऩय स नौकयी की चिॊता | अत आतभहतमा का वविाय कयक यरव सटशन की ओय िर ऩड़ा | यानीफाग फाजाय भ एक दकान ऩय ऩजमशरी का सतसाटहतम
कसट आटद यखा हआ था एवॊ ऩजमशरी की फड़ आकाय की तसवीय बी टॉगी थी | ऩजमशरी की हॉसभख एवॊ आशीवागद की भरावारी उस तसवीय ऩय भयी नजय ऩड़ी तो १० मभनट तक भ वहीॊ सड़क ऩय स ही खड़-खड़ उस दखता यहा | उस वकत न जान भझ कमा मभर गमा भ काभ बर भजदयी का ही कयता हॉ रककन तफस रकय आज तक भय चितत भ फड़ी परसननता फनी हई ह | न जान भयी जजनदगी की कमा दशा होती अगय ऩजम फाऩजी की मवाधन सया ईशवय की ओय ननजशचनत जीवन ऩसतक औय कवष परसाद ऩबतरका हाथ न रगती ऩजमशरी की तसवीय स मभरी परयणा एवॊ उनक सतसाटहतम न भयी डफती नमा को भानो भझदाय स फिा मरमा | धनबागी ह साटहतम की सवा कयन वार जजनहोन भझ आतभहतमा क ऩाऩ स फिामा |
-भहश शाह
नायामणऩय दभया जज सीताभढ़ी (बफहाय)
भॊतर स राब
भयी भाॉ की हारत अिानक ऩागर जसी हो गमी थी भानो कोई बत-परत-डाककनी मा आसयी ततव उनभ घस गमा | भ फहत चिॊनतत हो गमा एवॊ एक साचधका फहन को पोन ककमा | उनहोन बत-परत बगान का भॊतर फतामा जजसका वणगन आशरभ स परकामशत आयोगमननचध ऩसतक भ बी ह | वह भॊतर इस परकाय ह
ॐ नभो बगवत रर बयवाम बतपरत म कर कर हॊ पट सवाहा |
इस भॊतर का ऩानी भ ननहायकय १०८ फाय जऩ ककमा औय वही ऩानी भाॉ को वऩरा टदमा |
तयॊत ही भाॉ शाॊनत स सो गमीॊ | दसय टदन बी इस भॊतर की ऩाॉि भारा कयक भाॉ को वह जर वऩरामा तो भाॉ बफपकर ठीक हो गमीॊ | ह भय साधक बाई-फहनो बत-परत बगान क
मरए अरा फाॉधॉ फरा फाॉधॉ ऐसा कयक झाड़-फ़ॉ क कयनवारो क िककय भ ऩड़न की जरयत नहीॊ ह | इसक मरए तो ऩजम फाऩजी का भॊतर ही तायणहाय ह | ऩजम फाऩजी क शरीियणो भ कोटट-कोटट परणाभ
-िॊऩकबाई एन ऩटर (अभरयका)
काभ करोध ऩय ववजम ऩामी
एक टदन भॊफई भर भ टटकट िककॊ ग कयत हए भ वातानकमरत फोगी भ ऩहॉिा | दखा तो भखभर की गददी ऩय टाट का आसन बफछाकय सवाभी शरी रीराशाहजी भहायाज सभाचधसथ ह | भझ आशचमग हआ कक जजन परथभ शरणी की वातानकमरत फोचगमो भ याजा-भहायाजा मातरा कयत ह ऐसी फोगी औय तीसयी शरणी की फोगी क फीि इन सॊत को कोई बद नहीॊ रगता | ऐसी फोचगमो भ बी व सभाचधसथ होत ह मह दखकय मसय झक जाता ह | भन ऩजम भहायाजशरी को परणाभ कयक कहा आऩ जस सॊतो क मरए तो सफ एक सभान ह |
हय हार भ एकयस यहकय आऩ भकतकत का आनॊद र सकत ह | रककन हभाय जस गरहसथो को कमा कयना िाटहए ताकक हभ बी आऩ जसी सभता फनाम यखकय जीवन जी सक
ऩजम भहायाजजी न कहा काभ औय करोध को त छोड़ द तो त बी जीवनभकत हो सकता ह | जहाॉ याभ तहॉ नहीॊ काभ जहाॉ काभ तहॉ नहीॊ याभ | औय करोध तो बाई बसभासय ह | वह तभाभ ऩणम को जराकय बसभ कय दता ह अॊतकयण को भमरन कय दता ह | भन कहा परब अगय आऩकी कऩा होगी तो भ काभ-करोध को छोड़ ऩाऊॉ गा | ऩजम भहायाजजी न कहा बाई कऩा ऐस थोड़ ही की जाती ह सॊतकऩा क साथ तया ऩरषाथग औय दढ़ता बी िाटहए | ऩहर त परनतऻा कय कक त जीवनऩमगनत काभ औय करोध स दय यहगा तो भ तझ आशीवागद दॉ | भन कहा भहायाजजी भ जीवनबय क मरए परनतऻा तो करॉ रककन उसका ऩारन न कय ऩाऊॉ तो झठा भाना जाऊॉ गा | ऩजम भहायाजजी न कहा अचछा ऩहर त भय सभ आठ टदन क मरए परनतऻा कय | कपय परनतऻा को एक-एक टदन फढ़त जाना | इस परकाय त उन फराओॊ स फि सकगा | ह कफर भन हाथ जोड़कय कफर ककमा | ऩजम भहायाजजी न आशीवागद दकय दो-िाय पर परसाद भ टदम | ऩजम भहायाजजी न भयी जो दो कभजोरयमाॉ थीॊ उन ऩय ही सीधा हभरा ककमा था | भझ आशचमग हआ कक अनम कोई बी दगगण छोड़न का न कहकय इन दो दगगणो क मरए ही उनहोन परनतऻा कमो कयवामी फाद भ भ इस याज स अवगत हआ |
दसय टदन भ ऩसनजय टरन भ कानऩय स आग जा यहा था | सफह क कयीफ नौ फज थ |
तीसयी शरणी की फोगी भ जाकय भन माबतरमो क टटकट जाॉिन का कामग शर ककमा | सफस
ऩहर फथग ऩय सोम हए एक मातरी क ऩास जाकय भन एक मातरी क ऩास जाकय भन टटकट टदखान को कहा तो वह गससा होकय भझ कहन रगा अॊधा ह दखता नहीॊ कक भ सो गमा हॉ भझ नीॊद स जगान का तझ कमा अचधकाय ह मह कोई यीत ह टटकट क फाय भ ऩछन की ऐसी ही अकर ह तयी ऐसा कछ-का-कछ वह फोरता ही गमा फोरता ही गमा | भ बी करोधाववषट होन रगा ककॊ त ऩजम भहायाजजी क सभ री हई परनतऻा भझ माद थी अत करोध को ऐस ऩी गमा भानो ववष की ऩकतड़मा भन उस कहा भहाशम आऩ ठीक ही कहत ह कक भझ फोरन की अकर नहीॊ ह बान नहीॊ ह | दखो भय म फार धऩ भ सपद हो गम ह | आऩभ फोरन की अकर अचधक ह नमरता ह तो कऩा कयक मसखाओॊ कक टटकट क मरए भझ ककस परकाय आऩस ऩछना िाटहए | भ रािाय हॉ कक डमटी क कायण भझ टटकट िक कयना ऩड़ यहा ह इसमरए भ आऩको कषट द यहा हॉ|
औय कफ़य भन खफ परभ स हाथ जोड़कय ववनती की बमा कऩा कयक कषट क मरए भझ भा कयो | भझ अऩना टटकट टदखामग भयी नमरता दखकय वह रजजजत हो गमा एवॊ तयॊत उठ फठा | जपदी-जपदी नीि उतयकय भझस भा भाॉगत हए कहन रगा भझ भाप कयना | भ नीॊद भ था | भन आऩको ऩहिाना नहीॊ था | अफ आऩ अऩन भॉह स भझ कह कक आऩन भझ भाफ़ ककमा मह दखकय भझ आनॊद औय सॊतोष हआ | भ सोिन रगा कक सॊतो की आऻा भानन भ ककतनी शकतकत औय टहत ननटहत ह सॊतो की करणा कसा िभतकारयक ऩरयणाभ राती ह वह रवमकतकत क पराकनतक सवबाव को बी जड़-भर स फदर सकती ह | अनमथा भझभ करोध को ननमॊतरण भ यखन की कोई शकतकत नहीॊ थी | भ ऩणगतमा असहाम था कपय बी भझ भहायाजजी की कऩा न ही सभथग फनामा | ऐस सॊतो क शरीियणो भ कोटट-कोटट नभसकाय
-शरी यीजभर
रयटामडग टीटी आई कानऩय
अनम अनबव
जरा हआ कागज
ऩवग रऩ भ एक फाय ऩयभहॊस ववशदधानॊदजी स आनॊदभमी भाॉ की ननकटता ऩानवार सपरमसदध ऩॊकतडत गोऩीनाथ कववयाज न ननवदन ककमा तयणीकानत ठाकय को अरौककक मसवदध पराि हई ह | व बफना दख मा बफना छए ही कागज भ मरखी हई फात ऩढ़ रत ह |
गरदव फोर तभ एक कागज ऩय कछ मरखो औय उसभ आग रगाकय जरा दो |
कववयाजजी न कागज ऩय कछ मरखा औय ऩयी तयह कागज जराकय हवा भ उड़ा टदमा |
उसक फाद गरदव न अऩन तककम क नीि स वही कागज ननकारकय कववयाजजी क आग यख टदमा | मह दखकय उनह फड़ा आशचमग हआ कक मह कागज वही था एवॊ जो उनहोन मरखा था वह बी उस ऩय उनहीॊ क सरख भ मरखा था औय साथ ही उसका उततय बी मरखा हआ दखा | जड़ता ऩशता औय ईशवयता का भर हभाया शयीय ह | जड़ शयीय को भ-भया भानन की ववतत जजतनी मभटती ह ऩाशवी वासनाओॊ की गराभी उतनी हटती ह औय हभाया ईशवयीम अॊश जजतना अचधक ववकमसत होता ह उतना ही मोग-साभमग ईशवयीम साभमग परकट होता ह | बायत क ऐस कई बकतो सॊतो औय मोचगमो क जीवन भ ईशवयीम साभमग दखा गमा ह अनबव ककमा गमा ह उसक ववषम भ सना गमा ह | धनम ह बायतबमभ भ यहनवार बायतीम सॊसकनत भ शरदधा-ववशवास यखनवार अऩन ईशवयीम अॊश को जगान की सवा-साधना कयनवार सवाभी ववशदधानॊदजी वषो की एकाॊत साधना औय वषो-वषो की गरसवा स अऩना दहाधमास औय ऩाशवी वासनाएॉ मभटाकय अऩन ईशवयीम
अॊश को ववकमसत कयनवार बायत क अनक भहाऩरषो भ स थ | उनक जीवन की औय बी अरौककक घटनाओॊ का वणगन आता ह | ऐस सतऩरषो क जीवन-िरयतर औय उनक जीवन भ घटटत घटनाएॉ ऩढ़न-सनन स हभ रोग बी अऩनी जड़ता एवॊ ऩशता स ऊऩय उठकय ईशवयीम अॊश को उबायन भ उतसाटहत होत ह | फहत ऊॉ िा काभ ह फड़ी शरदधा फड़ी सभझ फड़ा धमग िाटहए ईशवयीम साभमग को ऩणग रऩ स ववकमसत कयन भ | अफ आओ
िर आदय शॊकयािामग की ओय
नदी की धाया भड़ गमी
आदय शॊकयािामग की भाता ववमशषटा दवी अऩन करदवता कशव की ऩजा कयन जाती थीॊ | व ऩहर नदी भ सनान कयतीॊ औय कफ़य भॊटदय भ जाकय ऩजन कयतीॊ | एक टदन व परातकार ही ऩजन-साभगरी रकय भॊटदय की ओय गमीॊ ककॊ त सामॊकार तक घय नहीॊ रौटीॊ | शॊकयािामग की आम अबी सात-आठ वषग क भधम भ ही थी | व ईशवय क ऩयभ बकत औय ननषठावान थ | सामॊकार तक भाता क वाऩस न रौटन ऩय आिामग को फड़ी चिनता हई औय व उनह खोजन क मरए ननकर ऩड़ | भॊटदय क ननकट ऩहॉिकय उनहोन भाता को भागग भ ही भजचछगत ऩड़ दखा | उनहोन फहत दय तक भाता का उऩिाय ककमा तफ व होश भ आ सकीॊ |
नदी अचधक दय थी | वहाॉ तक ऩहॉिन भ भाता को फड़ा कषट होता था | आिामग न बगवान स भन-ही-भन पराथगना की कक परबो ककसी परकाय नदी की धाया को भोड़ दो जजसस कक
भाता ननकट ही सनान कय सक | व इस परकाय की पराथगना ननतम कयन रग | एक टदन उनहोन दखा कक नदी की धाया ककनाय की धयती को काटती-काटती भड़न रगी ह तथा कछ टदनो भ ही वह आिामग शॊकय क घय क ऩास फहन रगी | इस घटना न आिामग का अरौककक शकतकतसमऩनन होना परमसदध कय टदमा |
सकषभ शयीय स िोय का ऩीछा ककमा
हरयहय फाफा की फड़ी परमसवदध थी | एक फाय व हयऩारऩय सटशन ऩय थ | वहाॉ क सटशन भासटय न उनको एक िोय सऩदग ककमा | िोय न फाफा स कहा भहायाज भझ इतनी छटटी द दीजजम कक भ अऩन फार-फचिो का परफॊध कय आऊॉ | फाफा गाड़ी आन ऩय रौट आना | िोय िरा गमा | सटशन भासटय को ऩता िरा तो वह फाफा ऩय गभग हआ औय फोरा उसक फदर तमह जर की हवा खानी होगी | तभन जान-फझकय उस बगा टदमा ह | फाफा घफयाओ भत गाड़ी आन स ऩहर ही वह रौट आमगा | िोय की नीमत ठीक नहीॊ थी | वह जॊगर क भागग स अऻात सथान को बाग जाना िाहता था ककॊ त उस हय सभम मही परतीत होता यहा कक हरयहय फाफा डॊडा पटकायत हए उसक ऩीछ-ऩीछ िर आ यह ह | इसीमरए वह गाड़ी आन स ऩहर ही रौट आमा |
भॊगरी फाधा-ननवायण भॊतर
अॊ याॊ अॊ
इस भॊतर को १०८ फाय जऩन स करोध दय होता ह | जनभकनडरी भ भॊगरी मोग होन स जजनक वववाह न हो यह हो व २७ भॊगरवाय इस भॊतर का १०८ फाय जऩ कयत हए वरत यखकय हनभानजी ऩय मसॊदय का िोरा िढ़ाम | इसस भॊगर-फाधा का म होता ह |
सखऩवगक परसवकायक भॊतर
ऩहरा उऩाम
एॊ हीॊ बगवनत बगभामरनन िर िर भराभम भराभम ऩषऩॊ ववकासम ववकासम सवाहा |
इस भॊतर दवाया अमबभॊबतरत दध गमबगणी सतरी को वऩराम तो सखऩवगक परसव होगा |
दसया उऩाम
गमबगणी सतरी सवमॊ परसव क सभम जमबरा-जमबरा जऩ कय |
तीसया उऩाम
दशी गाम क गोफय का १२ स १५ मभरी यस ॐ नभो नायामणाम भॊतर का २१ फाय जऩ कयक ऩीन स बी परसव-फाधाएॉ दय होगी औय बफना ऑऩयशन क परसव होगा |
परसनत क सभम अभॊगर की आशॊका हो तो ननमन भॊतर का जऩ कय
सवगभॊगर भाॊगपम मशव सवागथग साचधक |
शयणम तरममफक गौयी नायामणी नभोSसतत ||
(दगागसिशती)
शकतकतशारी व गोय ऩतर की परानि क मरए
सगबागवसथा भ ढाक (ऩराश खाखया) का एक कोभर ऩतता घोटकय गौ-दगध क साथ योज सवन कयन स फारक शकतकतशारी औय गोया होता ह | भाता-वऩता बर कार-करट हो कपय बी फारक गोया होगा |
सदगर-भटहभा
गर बफन बव ननचध तय न कोई |
जौ फयॊचि सॊकय सभ होई ||
-सॊत तरसीदासजी
हरयहय आटदक जगत भ ऩजमदव जो कोम |
सदगर की ऩजा ककम सफकी ऩजा होम ||
-ननशचरदासजी भहायाज
सहजो कायज सॊसाय को गर बफन होत नाॉही |
हरय तो गर बफन कमा मभर सभझ र भन भाॉही ||
-सॊत कफीयजी सॊत
सयनन जो जन ऩय सो जन उधयनहाय | सॊत की ननॊदा नानका फहरय फहरय अवताय ||
-गर नानक दवजी
गरसवा सफ बागमो की जनभबमभ ह औय वह शोकाकर रोगो को बरहमभम कय दती ह |
गररऩी समग अववदयारऩी याबतर का नाश कयता ह औय ऻानाऻान रऩी मसतायो का रोऩ कयक फवदधभानो को आतभफोध का सटदन टदखाता ह |
-सॊत ऻानशवय भहायाज
सतम क कॊ टकभम भागग भ आऩको गर क मसवाम औय कोई भागगदशगन नहीॊ द सकता |
- सवाभी मशवानॊद सयसवती
ककतन ही याजा-भहायाजा हो गम औय होग सामजम भकतकत कोई नहीॊ द सकता | सचि याजा-भहायाज तो सॊत ही ह | जो उनकी शयण जाता ह वही सचिा सख औय सामजम भकतकत ऩाता ह |
-सभथग शरी याभदास सवाभी
भनषम िाह ककतना बी जऩ-तऩ कय मभ-ननमभो का ऩारन कय ऩयॊत जफ तक सदगर की कऩादवषट नहीॊ मभरती तफ तक सफ रवमथग ह |
-सवाभी याभतीथग
परटो कहत ह कक सकयात जस गर ऩाकय भ धनम हआ |
इभसगन न अऩन गर थोयो स जो पराि ककमा उसक भटहभागान भ व बावववबोय हो जात थ |
शरी याभकषण ऩयभहॊस ऩणगता का अनबव कयानवार अऩन सदगरदव की परशॊसा कयत नहीॊ अघात थ |
ऩजमऩाद सवाभी शरी रीराशाहजी भहायाज बी अऩन सदगरदव की माद भ सनह क आॉस
फहाकय गदगद कॊ ठ हो जात थ |
ऩजम फाऩजी बी अऩन सदगरदव की माद भ कस हो जात ह मह तो दखत ही फनता ह |
अफ हभ उनकी माद भ कस होत ह मह परशन ह | फटहभगख ननगय रोग कछ बी कह साधक को अऩन सदगर स कमा मभरता ह इस तो साधक ही जानत ह |
रडी भाटटगन क सहाग की या कयन अपगाननसतान भ परकट मशवजी
साध सॊग सॊसाय भ दरगब भनषम शयीय |
सतसॊग सववत ततव ह बतरववध ताऩ की ऩीय ||
भानव-दह मभरना दरगब ह औय मभर बी जाम तो आचधदववक आचधबौनतक औय आधमाजतभक म तीन ताऩ भनषम को तऩात यहत ह | ककॊ त भनषम-दह भ बी ऩववतरता हो सचिाई हो शदधता हो औय साध-सॊग मभर जाम तो म बतरववध ताऩ मभट जात ह |
सन १८७९ की फात ह | बायत भ बबरटटश शासन था उनहीॊ टदनो अॊगरजो न अपगाननसतान ऩय आकरभण कय टदमा | इस मदध का सॊिारन आगय भारवा बबरटटश छावनी क रजफ़टनट कनगर भाटटगन को सौऩा गमा था | कनगर भाटटगन सभम-सभम ऩय मदध-तर स अऩनी ऩतनी को कशरता क सभािाय बजता यहता था | मदध रॊफा िरा औय अफ तो सॊदश आन बी फॊद हो गम | रडी भाटटगन को चिॊता सतान रगी कक कहीॊ कछ अनथग न हो गमा हो अपगानी सननको न भय ऩनत को भाय न डारा हो | कदाचित ऩनत मदध भ शहीद हो गम तो भ जीकय कमा करॉ गी -मह सोिकय वह अनक शॊका-कशॊकाओॊ स नघयी यहती थी |
चिनतातय फनी वह एक टदन घोड़ ऩय फठकय घभन जा यही थी | भागग भ ककसी भॊटदय स आती हई शॊख व भॊतर धवनन न उस आकवषगत ककमा | वह एक ऩड़ स अऩना घोड़ा फाॉधकय भॊटदय भ गमी | फजनाथ भहादव क इस भॊटदय भ मशवऩजन भ ननभगन ऩॊकतडतो स उसन ऩछा आऩ रोग कमा कय यह ह एक वरदध बराहमण न कहा हभ बगवान मशव का ऩजन कय यह ह | रडी भाटटगन मशवऩजन की कमा भहतता ह बराहमण फटी बगवान मशव तो औढयदानी ह बोरनाथ ह | अऩन बकतो क सॊकट-ननवायण कयन भ व तननक बी दय नहीॊ कयत ह | बकत उनक दयफाय भ जो बी भनोकाभना रकय क आता ह उस व शीघर ऩयी कयत ह ककॊ त फटी तभ फहत चिजनतत औय उदास नजय आ यही हो कमा फात ह रडी भाटटगन भय ऩनतदव मदध भ गम ह औय ववगत कई टदनो स उनका कोई
सभािाय नहीॊ आमा ह | व मदध भ पॉ स गम ह मा भाय गम ह कछ ऩता नहीॊ िर यहा | भ उनकी ओय स फहत चिजनतत हॉ | इतना कहत हए रडी भाटटगन की आॉख नभ हो गमीॊ |
बराहमण तभ चिनता भत कयो फटी मशवजी का ऩजन कयो उनस पराथगना कयो रघररी कयवाओ | बगवान मशव तमहाय ऩनत का यण अवशम कयग |
ऩॊकतडतो की सराह ऩय उसन वहाॉ गमायह टदन का ॐ नभ मशवाम भॊतर स रघररी अनषठान परायॊब ककमा तथा परनतटदन बगवान मशव स अऩन ऩनत की या क मरए पराथगना कयन रगी कक ह बगवान मशव ह फजनाथ भहादव मटद भय ऩनत मदध स सकशर रौट आम तो भ आऩका मशखयफॊद भॊटदय फनवाऊॉ गी | रघररी की ऩणागहनत क टदन बागता हआ एक सॊदशवाहक मशवभॊटदय भ आमा औय रडी भाटटगन को एक मरपापा टदमा | उसन घफयात-घफयात वह मरपापा खोरा औय ऩढ़न रगी |
ऩतर भ उसक ऩनत न मरखा था हभ मदध भ यत थ औय तभ तक सॊदश बी बजत यह रककन आक ऩठानी सना न घय मरमा | बबरटटश सना कट भयती औय भ बी भय जाता |
ऐसी ववकट ऩरयजसथनत भ हभ नघय गम थ कक पराण फिाकय बागना बी अतमाचधक कटठन था | इतन भ भन दखा कक मदधबमभ भ बायत क कोई एक मोगी जजनकी फड़ी रमफी जटाएॉ ह हाथ भ तीन नोकवारा एक हचथमाय (बतरशर) इतनी तीवर गनत स घभ यहा था कक ऩठान सननक उनह दखकय बागन रग | उनकी कऩा स घय स हभ ननकरकय ऩठानो ऩय वाय कयन का भौका मभर गमा औय हभायी हाय की घकतड़माॉ अिानक जीत भ फदर गमीॊ | मह सफ बायत क उन फाघामफयधायी एवॊ तीन नोकवारा हचथमाय धायण ककम हए
(बतरशरधायी) मोगी क कायण ही समबव हआ | उनक भहातजसवी रवमकतकततव क परबाव स दखत-ही-दखत अपगाननसतान की ऩठानी सना बाग खड़ी हई औय व ऩयभ मोगी भझ
टहमभत दत हए कहन रग | घफयाओॊ नहीॊ | भ बगवान मशव हॉ तथा तमहायी ऩतनी की ऩजा स परसनन होकय तमहायी या कयन आमा हॉ उसक सहाग की या कयन आमा हॉ |
ऩतर ऩढ़त हए रडी भाटटगन की आॉखो स अववयत अशरधाया फहती जा यही थी उसका रदम अहोबाव स बय गमा औय वह बगवान मशव की परनतभा क समभख मसय यखकय पराथगना कयत-कयत यो ऩड़ी | कछ सिाह फाद उसका ऩनत कनगर भाटटगन आगय छावनी रौटा | ऩतनी न उस सायी फात सनात हए कहा आऩक सॊदश क अबाव भ भ चिजनतत हो उठी थी रककन बराहमणो की सराह स मशवऩजा भ रग गमी औय आऩकी या क मरए बगवान मशव स पराथगना कयन रगी | उन द खबॊजक भहादव न भयी पराथगना सनी औय आऩको सकशर रौटा टदमा | अफ तो ऩनत-ऩतनी दोनो ही ननममभत रऩ स फजनाथ भहादव क भॊटदय भ ऩजा-अिगना कयन रग | अऩनी ऩतनी की इचछा ऩय कनगर भाटटगन भ सन १८८३
भ ऩॊरह हजाय रऩम दकय फजनाथ भहादव भॊटदय का जीणोदवाय कयवामा जजसका मशरारख आज बी आगय भारवा क इस भॊटदय भ रगा ह | ऩय बायतबय भ अॊगरजो दवाय ननमभगत मह एकभातर टहनद भॊटदय ह |
मयोऩ जान स ऩवग रडी भाटटगन न ऩकतड़तो स कहा हभ अऩन घय भ बी बगवान मशव का भॊटदय फनामग तथा इन द ख-ननवायक दव की आजीवन ऩजा कयत यहग |
बगवान मशव भ बगवान कषण भ भाॉ अमफा भ आतभवतता सदगर भ सतता तो एक ही ह | आवशमकता ह अटर ववशवास की | एकररवम न गरभनत ग भ ववशवास कय वह पराि कय मरमा जो अजगन को कटठन रगा | आरणण उऩभनम रव परहराद आटद अनम सकड़ो उदायहण हभाय साभन परतम ह | आज बी इस परकाय का सहमोग हजायो बकतो को साधको को बगवान व आतभवतता सदगरओॊ क दवाया ननयनतय पराि होता यहता ह | आवशमकता ह तो फस कवर ववशवास की |
भहाभतमॊजम भॊतर
ॐ हौ जॉ स |
ॐ बबगव सव |
ॐ तरममफकॊ मजाभह सगॊचध ॊ ऩवषटवधगनभ |
उवागरकमभव फनधनानभतमोभगीम भाभतात |
सव भव ब ॐ |
स जॉ हौ ॐ |
बगवान मशव का मह भहाभतमॊजम जऩन स अकार भतम तो टरती ही ह आयोगमता की बी परानि होती ह | सनान कयत सभम शयीय ऩय रोट स ऩानी डारत वकत इस भॊतर का जऩ कयन स सवासम-राब होता ह | दध भ ननहायत हए इस भॊतर का जाऩ ककमा जाम औय कपय वह दध ऩी मरमा जम तो मौवन की सया भ बी सहामता मभरती ह | आजकर की तज यफ़तायवारी जजनदगी भ कहाॉ आतॊक उऩरव दघगटना हो जाम कहना भजशकर ह | घय स ननकरत सभम एक फाय मह भॊतर जऩनवारा इन उऩदरवो स सयकषत यहता ह औय सयकषत घय रौटता ह | (इस भॊतरानषठान क ववचध-ववधान की ववसतत जानकायी क मरए आशरभ दवाया परकामशत आयोगमननचध ऩसतक ऩढ़ |) शरीभदबागवत क आठव सकॊ ध भ तीसय अधमाम क शलोक १ स ३३ तक भ वणणगत गजनरभो सतोतर का ऩाठ कयन स तभाभ
ववधन दय होत ह |
सही ऊजाग फाऩजी स मभरती ह
गजयात सयकाय न भझ ऊजागभॊतरी का ऩद सौऩा ह ऩय सही आजतभक ऊजाग भझ ऩजम फाऩजी स मभरती ह |
-शरी कौमशकबाई ऩटर
ततकारीन ऊजागभॊतरी वतगभान भ याजसव व नागरयक आऩनतग भॊतरी गजयात याजम
भ तो फाऩजी का एक साभानम कामगकताग हॊ
टदपरी भ आमोजजत ऩजमशरी क सतसॊग-कामगकरभ क दौयान टदपरी क ततकारीन भखमभॊतरी शरी साटहफ मसॊह वभाग सतसॊग-शरवण हत आभ बकतो क फीि आ फठ | सतसॊग-शरवण क ऩशचात उनहोन ऩजम फाऩ को भाथा टककय परणाभ ककमा भापमाऩगण क साथ सवागत कयक उनका आशीवागद पराि ककमा | एक सॊत क परनत रोगो की शरदधा तडऩ सतसॊग-परभ
उनका परभऩणग रवमवहाय अनशासन व बायतीमता को दखकय भखमभॊतरीशरी गदगद हो उठ |
उनहोन फाय-फाय टदपरी ऩधायन क मरम ऩजम फाऩ स पराथगना की औय कहा आज भ ऩजम फाऩजी क दशगन व सतसॊग-शरवण कयक ऩावन हो गमा हॉ | भ भहसस कयता हॉ कक ऩयभ सॊतो क जफ दशगन होत ह औय उनक ऩावन शयीय स जो तयॊग ननकरती ह व जजसको बी छ जाती ह उसकी फहत-सी कमभमाॉ दय हो जाती ह | भ िाहता हॊ कक भयी सबी कमभमाॉ दय हो जाम | भ तो ऩजम फाऩजी का एक साभानम सा कामगकताग हॊ | ऩजम फाऩजी की कऩा हभशा भझ ऩय फनी यह एसी भयी काभना ह | भया ऩयभ सौबागम ह की भझ आऩक दशगन का आऩक आशीवागद पराि कयन का अवसय मभरा |
-शरी साटहफ मसॊह वभाग कनरीम शरभ भॊतरी बायत सयकाय
भ कभनसीफ हॊ जो इतन सभम तक गरवाणी स वॊचित यहा
ऩयभ ऩजम गरदव क शरीियणो भ सादय परणाभ भन अबी तक भहायाजशरी का नाभ बय सना था | आज दशगन कयन का अवसय मभरा ह रककन भ अऩन आऩ को कभनसीफ
भानता हॊ कमोकक दय स आन क कायण इतन सभम तक गरदव की वाणी सनन स वॊचित यहा | अफ भयी कोमशश यहगी कक भ भहायाजशरी की अभत वाणी सनन का हय अवसय मथासभम ऩा सकॊ | भ ईशवय स मही पराथगना कयता हॊ कक व हभ ऐसा भौका द कक हभ गर की वाणी सनकय अऩन आऩको सधाय सक | गरजी क शरीियणो भ सादय सभवऩगत होत हए भधम परदश की जनता की ओय स पराथगना कयता हॊ कक गरदव आऩ इस भधम परदश भ फाय-फाय ऩधाय औय हभ रोगो को आशीवागद दत यह ताकक ऩयभाथग क उस कामग भ जो आऩन ऩय दश भ ही नहीॊ दश क फाहय बी परामा ह भधम परदश क रोगो को बी जड़न का जमादा-स-जमादा अवसय मभर |
-शरी टदजगवजम मसॊह
ततकारीन भखमभॊतरी भधम परदश
इतनी भधय वाणी इतना अदबत ऻान
भ अऩनी ओय स तथा महाॊ उऩजसथत सबी भहानबावो की ओय स ऩयभ शरदधम सॊतमशयोभणण फाऩजी का हाटदगक सवागत कयता हॊ | भन कई फाय टी वी ऩय आऩको दखा-सना ह औय टदपरी भ एक फाय आऩका परविन बी सना ह | इतनी भधय वाणी इतना अदबत ऻान अगय आऩ क परविन ऩय गहयाई स वविाय कयक अभर ककमा जाम तो इॊसान को ज ॊदगी भ सही यासता मभर सकता ह | व रोग धनबागी ह जो इस मग भ ऐस भहाऩरष क दशगन व सतसॊग स अऩन जीवन-सभन णखरात ह |
-शरी बजनरार
ततकारीन भखम भॊतरी हरयमाणा
ऐस सॊतो का तो जजतना आदय ककमा जाम कभ ह
ककसी न भझ स कहा था धमान की कसट रगाकय सोमग तो सवपन भ गरदव क दशगन होग भन उसी यात धमान की कसट रगामी औय सनत-सनत सो गमा | उस वकत याबतर क फायह-साढ़ फायह फज होग | वकत का ऩता नहीॊ िरा | ऐसा रगा भानो ककसी न भझ उठा टदमा | भ गहयी नीॊद स उठा एवॊ गरजी की रऩ वार फ़ोटो की तयफ़ टकटकी रगाकय एक-दो मभनट तक दखता यहा | इतन भ आशचमग टऩ अऩन-आऩ िर ऩड़ी औय कवर मह तीन वाकम सनन को मभर आतभा ितनम ह | शयीय जड़ ह | शयीय ऩय अमबभान भत कयो | टऩ सवत फॊद हो गमी औय ऩय कभय भ मह आवाज गॊज उठी |
दसय कभय भ भयी ऩतनी की बी आॊख खर गमी औय उसन तो महाॊ तक भहसस ककमा जस कोई िर यहा ह व गरजी क मसवाम औय कोई हो ही नहीॊ सकत | भन कभय की राइट जरामी औय दौड़ता हआ ऩतनी क ऩास गमा | भन ऩछासना वह फोरी हाॊ | उस सभम सफह क ठीक िाय फज थ | सनान कयक भ धमान भ फठा तो डढ़ घणट तक फठा यहा | इतना रॊफा धमान तो भया कबी नहीॊ रगा | इस घटना क फाद तो ऐसा रगता ह कक गरजी साात बरहमसवरऩ ह | उनको जो जजस रऩ भ दखता ह वस ही टदखत ह |
भया मभतर ऩाशचातम वविायधाया वारा ह | उसन गरजी का परविन सना औय फोरा भझ तो म एक फहत अचछ रकियय रगत ह | भन कहा आज जरय इस ऩय गरजी कछ कहग |
मह सयत आशरभ भ भनामी जा यही जनभाषटभी क सभम की फात ह | हभ कथा भ फठ |
गरजी न कथा क फीि भ कहाकछ रोगो को भ रकियय टदखता हॊ कछ को परोफ़सय टदखता हॊ कछ को गर टदखता हॊ कछ को बगवान टदखता हॊजो भय ऩय जसी शरदधा यखता ह उस भ वसा ही टदखता हॊ औय वसा ही वह भझ ऩाता ह | भय मभतर का मसय शभग स झक गमा | कपय बी वह नाजसतक तो था ही | उसन हभाय ननवास ऩय भजाक भ गरजी क मरए कछ कहा तफ भन कहा | मह ठीक नहीॊ ह | अफ की फाय भान जा नहीॊ तो गरजी सजा दग तझ | १५ मभनट भ ही उसक घय स फ़ोन आ गमा कक फचि की तबफमत फहत खयाफ ह | उस असऩतार भ दाणखर कयना ऩड़ यहा ह | तफ भय मभतर की सयत दखन रामक थी | वह फोरागरती हो गमी | अफ भ गरजी क मरए कछ न कहॊगा भझ िाह ववशवास हो मा न हो | अखफायो भ गरजी की ननॊदा मरखनवार अऻानी रोग नहीॊ जानत कक जो भहाऩरष बायतीम सॊसकनत को एक नमा रऩ द यह ह कई सॊतो की वाणणमो को ऩनजीववत कय यह ह रोगो क शयाफ-कफाफ छड़वा यह ह जजनस सभाज का कपमाण हो यहा ह उनक ही फाय भ हभ हपकी फात मरख यह ह | मह हभाय दश क मरए फहत ही शभगनाक फात ह | ऐस सॊतो का तो जजतना आदय ककमा जाम वह कभ ह | गरजी क फाय भ कछ बी फखान कयन क मरए भय ऩास शबद नहीॊ ह |
-डा सतवीय मसॊह छाफड़ा फीफीईएभ आकाशवाणी इनदौय
आऩकी कऩा स मोग की अणशकतकत ऩदा हो यही ह
अनक परकाय की ववकनतमाॉ भानव क भन ऩय साभाजजक जीवन ऩय सॊसकाय औय सॊसकनत ऩय आकरभण कय यही ह | वसतत इस सभम सॊसकनत औय ववकनत क फीि एक भहासॊघषग िर यहा ह जो ककसी सयहद क मरए नहीॊ फजपक सॊसकायो क मरए रड़ा जा यहा ह | इस
भ सॊसकनत को जजतान का फभ ह मोगशकतकत | ह गरदव आऩकी कऩा स इस मोग की टदरवम अणशकतकत राखो रोगो भ ऩदा हो यही हमह सॊसकनत क सननक फन यह ह | गरदव भ आऩस पराथगना कयता हॊ कक शासन क अॊदय बी धभग औय वयागम क सॊसकाय उतऩनन हो | आऩ स आशीवागद पराि कयन क मरए भ आऩक ियणो भ आमा हॊ |
-शरी अशोकबाई बटट
काननभॊतरी गजयात याजम
भझ ननरवमगसनी फना टदमा
भ वऩछर कई वषो स तमफाक का रवमसनी था औय इस दगगण को छोड़न क मरए भन ककतन ही परमतन ककम ऩय भ ननषपर यहा | जनवयी ९५ भ ऩजम फाऩ जफ परकाशा आशरभ (भहा) ऩधाय तो भ बी उनक दशगनाथग वहाॊ ऩहॊिा औय उनस अनयोध ककमा फाऩ ववगत ३२ वषो स तमफाक का सवन कय यहा हॉ | अनक परमतनो क फाद बी इस दगगण स भ भकत ना हो सका | अफ आऩ ही कछ कऩा कीजजए | फाऩजी न कहा राओ तमफाक की कतडबफी औय तीन फाय थककय कहो कक आज स भ तमफाक नहीॊ खाऊॊ गा | भन ऩजम फाऩ क ननदशानसाय मही ककमा औय भहान आशचमग उसी टदन स भया तमफाक खान का रवमसन छट गमा | ऩजम फाऩ की ऐसी कऩा दजषत हमी कक वषग ऩया होन ऩय बी भझ कबी तमफाक खान की तरफ तक नहीॊ रगी | भ ककन शबदो भ ऩजम फाऩ का आबाय रवमकत करॊ भय ऩास शबद ही नहीॊ ह | भझ आनॊद ह कक इन याषड सॊत न फयफाद व नषट होत हए भय जीवन को फिा कय भझ ननरवमसगनी फना टदमा |
-शरी रखन बटवार
जज धमरमा भहायाषड
फाऩजी क सतसॊग स ववशव बय क रोग राबाजनवत
बायतबमभ सदव स ही कवष-भननमो तथा सॊत-भहातभाओॊ की बमभ यही ह जजनहोन ववशव को शाॊनत एवॊ आधमातभ का सॊदश टदमा ह | आज क मग भ ऩजम सॊत शरी आसायाभजी अऩनी अभत वाणी दवाया टदरवम आधमाजतभक सॊदश द यह ह जजसस न कवर बायत वयन ववशव बय भ रोग राबाजनवत हो यह ह |
-शरी सयजीत मसॊह फयनारा याजमऩार आनर परदश
ऻानरऩी गॊगाजी सवमॊ फहकय महाॉ आ गमी
उततयाॊिर याजम का सौबागम ह कक इस दवबभी भ दवता सवरऩ ऩजम फाऩजी का आशरभ फन यहा ह | आऩ ऐसा आशरभ फनाम जसा कहीॊ बी न हो | मह हभ रोगो का सौबागम ह कक अफ ऩजम फाऩजी की ऻानरऩी गॊगाजी सवमॊ फहकय महाॊ आ गमी ह | अफ गॊगा जाकय दशगन कयन व सनान कयन की उतनी आवशमकता नहीॊ ह जजतनी सॊत शरी आसायाभजी फाऩ क ियणो भ फठकय उनक आशीवागद रन की ह |
-शरी ननतमानॊद सवाभीजी ततकारीन भखमभॊतरी उततयाॊिर
गरजी की तसवीय न पराण फिा मरम
कछ ही टदनो ऩहर भया दसया फटा एभ ए ऩास कयक नौकयी क मरम फहत जगह घभा फहत जगह आवदन-ऩतर बजा ककनत उस नौकयी नहीॊ मभरी | कपय उसन फाऩजी स दीा री | भन आशरभ का कछ साभान कसट सतसाटहतम राकय उसको दत हए कहा शहय भ जहाॉ भॊटदय ह जहाॉ भर रगत ह तथा जहाॉ हनभानजी का परमसदध दकषणभखी भॊटदय ह वहाॊ सटार रगाओ | फट न सटार रगाना शर ककमा | ऐस ही एक सटार ऩय जरगाॊव क एक परमसदध रवमाऩायी अगरवारजी आम फाऩजी की कछ कसट खयीदीॊ औय ईशवय की ओय नाभक ऩसतक बी साथ भ र गम ऩसतक ऩढ़ी औय कसट सनी | दसय टदन व कपय आम औय कछ सतसाटहतम खयीद कय र गम व ऩान क थोक ववकरता ह | उनको ऩान खान की आदत ह | ऩसतक ऩढ़कय उनह रगा भ ऩान छोड़ दॉ | उनकी दकान ऩय एक आदभी आमा | ऩाॊिसौ रऩमो का साभान खयीदा औय उनका पोन नमफय र गमा | एक घॊट क फाद उसन दकान ऩय पोन ककमा सठ अगरवारजी भझ आऩका खन कयन का काभ सौऩा गमा था | कापी ऩस (सऩायी) बी टदम गम थ औय भ तमाय बी हो गमा था ऩय जफ भ आऩकी दकान ऩय ऩहॊिा तो ऩयभ ऩजम सॊत शरी आसायाभजी फाऩ क चितर ऩय भयी नजय ऩड़ी | भझ ऐसा रगा भानो साात फाऩ फठ हो औय भझ नक इनसान फनन की परयणा द यह हो गरजी की तसवीय न (तसवीय क रऩ भ साात गरदव न आकय) आऩक पराण फिा मरम | अदबत िभतकाय ह भमफई की ऩाटी न उसको ऩस बी टदम थ औय वह आमा बी था खन कयन क इयाद स ऩयनत जाको याख साॊइमाॉ चितर क दवाय बी अऩनी कऩा फयसान वार ऐस गरदव क परतम दशगन कयन क मरम वह महाॉ बी आमा ह
|
-फारकषण अगरवार
जरगाॊव भहायाषड
सदगर मशषम का साथ कबी नहीॊ छोड़त
एक यात भ दकान स सकटय दवाया अऩन घय जा यहा था | सकटय की कतडककी भ कापी रऩम यख हए थ | जमो ही घय क ऩास ऩहॊिा तो गरी भ तीन फदभाश मभर | उनहोन भझ घय मरमा औय वऩसतौर टदखामी | सकटय रकवाकय भय मसय ऩय तभॊि का फट भाय टदमा औय धकक भाय कय भझ एक तयप चगया टदमा | उनहोन सोिा होगा कक भ अकरा हॊ ऩय मशषम जफ सदगर स भॊतर रता ह शरदधा-ववशवास यखकय उसका जऩ कयता ह तफ सदगर उसका साथ नहीॊ छोड़त | भन सोिा कतडककी भ फहत रऩम ह औय म फदभाश तो सकटय र जा यह ह | भन गरदव स पराथगना की | इतन भ व तीनो फदभाश सकटय छोड़कय थरा र बाग | घय जाकय खोरा होगा तो सबजी औय खारी टटकफ़न दखकय मसय कटा ऩता नहीॊ ऩय फड़ा भजा आमा होगा | भय ऩस फि गमउनका सबजी का खिग फि गमा |
-गोकरिनर गोमर
आगया
गरकऩा स अॊधाऩन दय हआ
भझ गरकोभा हो गमा था | रगबग ऩतीस सार स मह तकरीफ़ थी | कयीफ छ सार तक तो भ अॊधा यहा | कोरकाता िननई आटद सफ जगहो ऩय गमा शॊकय नतरारम भ बी गमा ककनत वहाॊ बी ननयाशा हाथ रगी | कोरकाता क सफस फड़ नतर-ववशषऻ क ऩास गमा | उसन बी भना कय टदमा औय कहा | धयती ऩय ऐसा कोई इनसान नहीॊ जो तमह ठीक कय सक | रककन सयत आशरभ भ भझ गरदव स भॊतर मभरा | वह भॊतर भन खफ शरदधा-ववशवासऩवगक जऩा कमोकक सात बरहमसवरऩ गरदव स वह भॊतर मभरा था | कयीफ छ-सात भहीन ही जऩ हआ था कक भझ थोड़ा-थोड़ा टदखामी दन रगा | डॉकटय कहत थ कक तभको भराॊनत हो गमी ह ऩय भझ तो अफ बी अचछी तयह टदखता ह | एक फाय एक अनम बॊमकय दघगटना स बी गरदव न भझ फिामा था | ऐस गरदव का कण हभ जनभो-जनभो तक नहीॊ िका सकत |
-शॊकयरार भहशवयी
कोरकाता
औय डकत घफयाकय बाग गम
१४ जराई ९९ को कयीफ साढ़ तीन फज भय भकान भ छ डकत घस आम औय उस सभम दबागगम स फाहय का दयवाजा खरा हआ था | दो डकत फाहय भारनत िार यखकय खड़ थ | एक डकत न धकका दकय भयी भाॉ का भॉह फॊद कय टदमा औय अरभायी की िाफी भाॉगन रगा | इस घटना क दौयान भ दकान ऩय था | भयी ऩतनी को बी डकत धभकान रग औय आवाज न कयन को कहा | भयी ऩतनी न ऩजम फाऩजी क चितर क साभन हाथ जोड़कय पराथगना की अफ आऩ ही या कयो इतना ही कहा तो आशचमग आशचमग ऩयभ आशचमग व सफ डकत घफयाकय बागन रग | उनकी हड़फड़ाहट दखकय ऐसा रग यहा था भानो उनह कछ टदखामी नहीॊ द यहा था | व बाग गम | भया ऩरयवाय गरदव का कणी ह |
फाऩजी क आशीवागद स सफ सकशर ह | हभन १५ नवमफय ९८ को वायाणसी भ भॊतरदीा री थी |
-भनोहयरार तरयजा ४ झररार नगय मशवाजी नगय वायाणसी
भॊतर दवाया भतदह भ पराण-सॊिाय
भ शरी मोग वदानत सवा समभनत आभट स जीऩ दवाया यवाना हआ था | ११ जराई १९९४ को भधमानह फायह फज हभायी जीऩ ककसी तकनीकी तरटट क कायण ननमॊतरण स फाहय होकय तीन ऩजपटमाॉ खा गमी | भया ऩया शयीय जीऩ क नीि दफ गमा | ककसी तयह भझ फाहय ननकारा गमा | एक तो दफरा ऩतरा शयीय औय ऊऩय स ऩयी जीऩ का वजन ऊऩय आ जान क कायण भय शयीय क परतमक टहसस भ असहय ददग होन रगा | भझ ऩहर तो कसरयमाजी असऩतार भ दाणखर कयामा गमा | जमो-जमो उऩिाय ककमा गमा कषट फढ़ता ही गमा कमोकक िोट फाहय नहीॊ शयीय क बीतयी टहससो भ रगी थी औय बीतय तक डॉकटयो का कोई उऩिाय काभ नहीॊ कय यहा था | जीऩ क नीि दफन स भया सीना व ऩट ववशष परबाववत हए थ औय हाथ-ऩय भ काॉि क टकड़ घस गम थ | ददग क भाय भझ साॉस रन भ बी तकरीप हो यही थी | ऑकसीजन टदम जान क फाद बी दभ घट यहा था औय भतम की घकतडमाॉ नजदीक टदखामी ऩड़न रगीॊ | भ भयणासनन जसथनत भ ऩहॉि गमा | भया भतम-
परभाणऩतर फनान की तमारयमाॉ कक जान रगीॊ व भझ घय र जान को कहा गमा | इसक ऩवग भया मभतर ऩजम फाऩ स फ़ोन ऩय भयी जसथनत क समफनध भ फात कय िका था |
पराणीभातर क ऩयभ टहतषी दमार सवबाव क सॊत ऩजम फाऩ न उस एक गि भॊतर परदान कयत हए कहा था कक ऩानी भ ननहायत हए इस भॊतर का एक सौ आठ फाय (एक भारा) जऩ कयक वह ऩानी भनोज को एवॊ दघगटना भ घामर अनम रोगो को बी वऩरा दना |
जस ही वह अमबभॊबतरत जर भय भॉह भ डारा गमा भय शयीय भ हरिर होन क साथ ही वभन हआ | इस अदबत िभतकाय स ववजसभत होकय डॉकटयो न भझ तयॊत ही ववशष भशीनो क नीि र जाकय मरटामा | गहन चिककतसकीम ऩयीण क फाद डॉकटयो को ऩता िरा कक जीऩ क नीि दफन स भया ऩया खन कारा ऩड़ गमा था तथा नाड़ी-िारन (ऩपस) रदमगनत व यकत परवाह बी फॊद हो िक थ | भय शयीय का समऩणग यकत फदर टदमा गमा तथा आऩयशन बी हआ | उसक ७२ घॊट फाद भझ होश आमा | फहोशी भ भझ कवर इतना ही माद था की भय बीतय ऩजम फाऩ दवाया परदतत गरभॊतर का जऩ िर यहा ह | होश भ आन ऩय डॉकटयो न ऩछा तभ आऩयशन क सभम फाऩफाऩ ऩकाय यह थ | म फाऩ कौन ह भन फतामा व भय गरदव परात सभयणीम ऩयभ ऩजम सॊत शरी असायाभजी फाऩ ह | डॉकटयो न ऩन भझस परशन ककमा कमा तभ कोई रवमामाभ कयत हो भन कहा भ अऩन गरदव दवाया मसखामी गमी ववचध स आसन व पराणामाभ कयता हॉ | व फोर
इसीमरम तमहाय इस दफर-ऩतर शयीय न मह सफ सहन कय मरमा औय तभ भयकय बी ऩन जजनदा हो उठ दसया कोई होता तो तयॊत घटनासथर ऩय ही उसकी हडकतडमाॉ फाहय ननकर जातीॊ औय वह भय जाता | भय शयीय भ आठ-आठ नमरमाॉ रगी हई थीॊ | ककसीस खन िढ़ यहा था तो ककसी स कबतरभ ऑकसीजन टदमा जा यहा था | मदयवऩ भय शयीय क कछ टहससो भ अबी-बी काॉि क टकड़ भौजद ह रककन गरकऩा स आज भ ऩणग सवसथ
होकय अऩना रवमवसाम व गरसवा दोनो कामग कय यह हॉ | भया जीवन तो गरदव का ही टदमा हआ ह | इन भॊतरदषटा भहवषग न उस टदन भय मभतर को भॊतर न टदमा होता तो भया ऩनजीवन तो समबव नहीॊ था | ऩजम फाऩ भानव-दह भ टदखत हए बी अनत असाधायण भहाऩरष ह | टमरफ़ोन ऩय टदम हए उनक एक भॊतर स ही भय भत शयीय भ ऩन पराणो का सॊिाय हो गमा तो जजन ऩय फाऩ की परतम दवषट ऩड़ती होगी व रोग ककतन बागमशारी होत होग ऐस दमार जीवनदाता सदगर क शरीियणो भ कोटट-कोटट दॊडवत परणाभ
-भनोज कभाय सोनी जमोनत टरसग रकषभी फाजाय आभट याजसथान
सदगरदव की कऩा स नतरजमोनत वाऩस मभरी
भयी दाटहनी आॉख स कभ टदखामी दता था तथा उसभ तकरीफ़ बी थी | धमानमोग मशववय टदपरी भ ऩजम गरदव भवा फाॉट यह थ तफ एक भवा भयी दाटहनी आॉख ऩय आ रगा | आॉख स ऩानी ननकरन रगा | ऩय आशचमग दसय ही टदन स आॉख की तकरीप मभट गमी औय अचछी तयह टदखामी दन रगा |
-याजकरी दवी असनाऩय रारगॊज अजाया जज परताऩगढ़ उततय परदश
फड़दादा की मभटटी व जर स जीवनदान
अगसत ९८ भ भझ भररयमा हआ | उसक फाद ऩीमरमा हो गमा | भय फड़ बाई न आशरभ स परकामशत आयोगमननचध ऩसतक भ स ऩीमरमा का भॊतर ऩढ़कय ऩीमरमा तो उताय टदमा ऩयॊत कछ ही टदनो फाद अॊगरजी दवाओॊ क रयएन स दोनो ककडननमाॉ पर (ननजषकरम) हो गई | भया हाटग (रदम) औय रीवय (मकत) बी पर होन रग | डॉकटयो न तो कह टदमा मह रड़का फि नहीॊ सकता | कपय भझ गोटदमा स नागऩय हॉजसऩटर भ र जामा गमा रककन वहाॉ बी डॉकटयो न जवाफ द टदमा कक अफ कछ नहीॊ हो सकता | भय बाई भझ वहीॊ छोड़कय सयत आशरभ आम वदयजी स मभर औय फड़दादा की ऩरयकरभा कयक पराथगना की तथा वहाॉ की मभटटी औय जर मरमा | ८ तायीख को डॉकटय भयी ककडनी फदरन वार थ |
जफ भय बाई फड़दादा को पराथगना कय यह थ तबी स भझ आयाभ मभरना शर हो गमा था | बाई न ७ तायीख को आकय भझ फड़दादा कक मभटटी रगाई औय जर वऩरामा तो भयी दोनो ककडनीमाॉ सवसथ हो गमी | भझ जीवनदान मभर गमा | अफ भ बफपकर सवसथ हॉ |
-परवीण ऩटर
गोटदमा भहायाषड
ऩजम फाऩ न प का कऩा-परसाद
कछ वषग ऩवग ऩजम फाऩ याजकोट आशरभ भ ऩधाय थ | भझ उन टदनो ननकट स दशगन कयन का सौबागम मभरा | उस सभम भझ छाती भ एनजामना ऩकतटोरयस क कायण ददग यहता था | सतसॊग ऩया होन क फाद कछ रोग ऩजम फाऩ क ऩास एक-एक कयक जा यह थ | भ कछ पर-पर नहीॊ रामा था इसमरए शरदधा क पर मरम फठा था | ऩजम फाऩ
कऩा-परसाद प क यह थ कक इतन भ एक िीक भयी छाती ऩय आ रगा औय छाती का वह ददग हभशा क मरए मभट गमा |
-अयववॊदबाई वसावड़ा याजकोट
एक छोटी थरी फनी अमऩातर
सन १९९२ भ यतराभ (भपर) क ऩास सराना क आटदवासी ववसताय भ बॊडाय का आमोजन था | बॊडाय भ सवाएॉ दन फहत-स साधक आम हए थ | आशरभवासी बाई बी ऩहॉि थ | एक टदन का ही आमोजन था औय सतसॊग-कामगकरभ बी था | उस बॊडाय भ गयीफो क मरए बोजन क अरावा फतगन कऩड़ अनाज औय दकषणा (ऩस) फाॉटन की बी रवमवसथा की गमी थी | भय टहसस ऩस फाॉटन की सवा थी | भन ऩाॉि रऩमोवार सौ-सौ नोटो क ऩिीस फॊडर चगनकय थरी भ यख थ | भझ आदश टदमा गमा था आठ सवाधायी ननमकत कय रो | व रोग ऩाॉि रऩम क नोट फाॉटत जामग | भन आठ सवमॊसवको को ऩहरी फाय आठ फॊडर द टदम | कपय ऩॊरह-फीस मभनट क फाद भन दसयी फाय आठो को एक-एक फॊडर टदमा | कपय तीसयी फाय आठो को एक-एक फॊडर टदमा | कर २४ फॊडर गम | अफ दसयी ऩॊकतकत बोजन क मरए बफठामी गमी | भन आठो सवमॊसवको को ऩहरी की बाॉनत तीन फाय एक-एक फॊडर फाॉटन क मरए टदमा | कर ४८ फॊडर गम | बॊडाया ऩया होन क फाद भन सोिा िरो अफ टहसाफ कय र | भ चगनन फठा | भय ऩास ६ फॊडर फि थ | मह कस
भ दॊग यह गमा भन ऩस फाॉटनवारो स ऩछा तो उनहोन फतामा कक कर ४८ फॊडर फाॉट गम थ | भ आशरभ आमा तो रवमवसथाऩक न कहा भन तो आऩको २५ फॊडर टदम थ |
सफको आशचमग हो यहा था कक फॉट ४८ फॊडर औय रकय िर थ २५ फॊडर | २५ भ स ४८ फॉट औय ६ फि गम गरदव का आशीवागद दणखम कक एक छोटी-सी थरी अम ऩातर फन गमी
-ईशवयबाई नामक
अभदावाद आशरभ
फटी न भनौती भानी औय गरकऩा हई
भयी फटी को शादी ककम आठ सार हो गम थ | ऩहरी फाय जफ वह गबगवती हई तफ फचिा ऩट भ ही भय गमा | दसयी फाय फचिी जनभी ऩय छ भहीन भ वह बी िर फसी |
कपय भयी ऩतनी न फटी स कहा अगय त सॊकपऩ कय कक जफ तीसयी फाय परसती होगी तफ तभ फारक की जीब ऩय फाऩजी क फतान क भताबफक bdquoॐ‟ मरखोगी तो तया फारक जीववत यहगा ऐसा भझ ववशवास ह कमोकक ॐकाय भॊतर भ ऩयभानॊदसवरऩ परब ववयाजभान ह | भयी फटी न इस परकाय भनौती भानी औय सभम ऩाकय वह गबगवती हई | सोनोगराफ़ी कयवामी गमी तो डॉकटयो न फतामा गबग भ फचिी ह औय उसक टदभाग भ ऩानी बया हआ ह | वह जजॊदा नहीॊ यह सकगी | गबगऩात कयवा दो | भयी फटी न अऩनी भाॉ स सराह की | उसकी भाॉ न कहा गबगऩात का भहाऩाऩ नहीॊ कयवाना ह | जो होगा दखा जामगा |
गरदव कऩा कयग | जफ परसती हई तो बफपकर पराकनतक ढ़ॊग स हई औय उस फचिी की जीब ऩय शहद एवॊ मभशरी स ॐ मरखा गमा | आज वह बफपकर ठीक ह | जफ उसकी डॉकटयी जाॉि कयवामी गमी तो डॉकटय आशचमग भ ऩड़ गम सोनोगराफ़ी भ जो फीभारयमाॉ टदख यही थीॊ व कहाॉ िरी गमीॊ टदभाग का ऩानी कहाॉ िरा गमा टहनदजा हॉजसऩटरवार मह करयशभा दखकय दॊग यह गम अफ घय भ जफ कोई दसयी कोई कसट िरती ह तो वह फचिी इशाया कयक कहती ह ॐवारी कसट िराओ | वऩछरी ऩनभ को हभ भॊफई स टाटा सभो भ आ यह थ | फाढ़ क ऩानी क कायण यासता फॊद था | हभ सोि भ ऩड़ गम कक ऩनभ का ननमभ टटगा | हभन गरदव का सभयण ककमा | इतन भ हभाय डराइवय न हभस ऩछा जान दॉ हभन बी गरदव का सभयण कयक कहा जान दो औय हरय हरय ॐ कीतगन की कसट रगा दो | गाड़ी आग िरी | इतना ऩानी कक हभ जहाॉ फठ थ वहाॉ तक ऩानी आ गमा | कपय बी हभ गरदव क ऩास सकशर ऩहॉि गम औय उनक दशगन ककम|
-भयायीरार अगरवार
साॊताकरज भॊफई
औय गरदव की कऩा फयसी
जफस सयत आशरभ की सथाऩना हई तफस भ गरदव क दशगन कयत आ यहा हॉ उनकी अभतवाणी सनता आ यहा हॉ | भझ ऩजमशरी स भॊतरदीा बी मभरी ह | परायबधवश एक टदन भय साथ एक बमॊकय दघगटना घटी | डॉकटय कहत थ आऩका एक हाथ अफ काभ नहीॊ कयगा | भ अऩना भानमसक जऩ भनोफर स कयता यहा | अफ हाथ बफपकर ठीक ह | उसस भ ७० ककगरा वजन उठा सकता हॉ | भयी सभसमा थी कक शादी होन क फाद भझ कोई सॊतान नहीॊ थी | डॉकटय कहत थ कक सॊतान नहीॊ हो सकती | हभ रोगो न गरकऩा एवॊ गरभॊतर का सहाया मरमा धमानमोग मशववय भ आम औय गरदव की कऩा फयसी | अफ
हभायी तीन सॊतान ह दो ऩबतरमाॉ औय एक ऩतर | गरदव न ही फड़ी फटी का नाभ गोऩी औय फट का नाभ हरयककशन यखा ह | जम हो सदगरदव की
-हॉसभख काॊनतरार भोदी ५७ अऩना घय सोसामटी सॊदय योड़ सयत
कसट-शरवण स बकतकत का सागय टहरोय रन रगा
भ हय सार गमभगमो भ कबी फरीनाथ तो कबी कदायनाथ तो कबी गॊगोतरी आटद तीथो भ जाता यहता था | रवषकश भ एक दकान क ऩास खड़ यहन ऩय भझ ऩजम गरदव की अभतवाणी की कसट भो का भागग भौत की भौत तीन फात आटद दखन-सनन को मभरीॊ तो भन म कसट खयीद रीॊ | घय ऩहॉिकय कसट सनन क फाद रदम भ बकतकत का सागय टहरोय रन रगा | भझ ऐसा रगा भानो कोई भझ फरा यहा हो | दकान जात सभम ऐसा आबास हआ कक कोई ऩवग आनवारा ह औय भझ अभदावाद जाना होगा उसी टदन अभदावाद आशरभ स भय ऩतर का जवाफ आमा कक टदनाॊक १२ को गरऩनभ का ऩवग ह |
आऩ गरदव क दशगन कय सकत ह | हभ सऩरयवाय आशरभ ऩहॉि | दशगन कयक धनम हए |
दीा ऩाकय कताथग हए | अफ तो हय भहीन जफ तक गरदव क दशगन नहीॊ कयता तफ तक भझ ऐसा रगता ह कक भन कछ खो टदमा ह | दीा क फाद साधन-बजन फढ़ यहा ह बकतकत फढ़ यही ह | ऩहर सॊसाय भ सपरता-ववपरता की जो िोट रगती थी अफ उनका परबाव कभ हआ ह | ववषम-ववकायो का परबाव कभ हआ ह | जान जीव तफ जागा हरय ऩद रचि ववषम ववरास ववयागा भय जीवन भ सॊत तरसीदासजी क इन विनो का समोदम हो यहा ह |
-मशवकभाय तरसमान
गोयखऩय उततय परदश
गरदव न बजा अमऩातर
हभ परिायमातरा क दौयान गरकऩा का जो अदबत अनबव हआ वह अवणगनीम ह | मातरा की शरआत स ऩहर टदनाॊक ८-११-९९ को हभ ऩजम गरदव क आशीवागद रन गम |
गरदव न कामगकरभ क ववषम भ ऩछा औय कहा ऩॊिड़ आशरभ (यतराभ) भ बॊडाया था |
उसभ फहत साभान फि गमा ह | गाड़ी बजकय भॉगवा रना गयीफो भ फाॉटना | हभ झाफआ जजर क आस-ऩास क गयीफ आटदवासी इराको भ जानवार थ | वहाॉ स यतराभ क
मरए गाड़ी बजी | चगनकय साभान बया गमा | दो टदन िर उतना साभान था | एक टदन भ दो बॊडाय होत थ | अत िाय बॊडाय का साभान था | सफन खपर हाथो फतगन कऩड़ साकतड़माॉ धोती आटद साभान छ टदनो तक फाॉटा कपय बी साभान फिा यहा | सफको आशचमग हआ हभ रोग साभान कपय स चगनन रग ऩयॊत गरदव की रीरा क ववषम भ कमा कह
कवर दो टदन िर उतना साभान छ टदनो तक खपर हाथो फाॉटा कपय बी अॊत भ तीन
फोय फतगन फि गम भानो गरदव न अमऩातर बजा हो एक टदन शाभ को बॊडाया ऩया हआ तफ दखा कक एक ऩतीरा िावर फि गमा ह | कयीफ १००-१२५ रोग खा सक उतन िावर थ | हभन सोिा िावर गाॉव भ फाॊट दत ह | ऩयॊत गरदव की रीरा दखो एक गाॉव क फदर ऩाॉि गाॉवो भ फाॉट कपय बी िावर फि यह | आणखय याबतर भ ९ फज क फाद सवाधारयमो न थककय गरदव स पराथगना की कक गरदव अफ जॊगर का ववसताय ह हभ ऩय कऩा कयो | औय िावर खतभ हए | कपय सवाधायी ननवास ऩय ऩहॉि |
-सॊत शरी आसायाभजी बकतभॊडर
कतायगाभ सयत
सवपन भ टदम हए वयदान स ऩतरपरानि
भय गरहसथ जीवन भ एक-एक कयक तीन कनमाएॉ जनभी | ऩतरपरानि क मरए भयी धभगऩतनी न गरदव स आशीवागद पराि ककमा था | िौथी परसनत होन क ऩहर जफ उसन वरसाड़ भ सोनोगराफ़ी कयवामी तो रयऩोटग भ रड़की फतामा गमा | मह सनकय हभ ननयाश हो गम |
एक यात ऩतनी को सवपन भ गरदव न दशगन टदम औय कहा फटी चिॊता भत कय |
घफयाना भत धीयज यख | रड़का ही होगा | हभन सयत आशरभ भ फड़दादा की ऩरयकरभा कयक भनौती भानी थी वह बी फ़रीबत हई औय गरदव का बरहमवाकम बी सतम साबफत हआ जफ परसनत होन ऩय रड़का हआ | सबी गरदव की जम-जमकाय कयन रग |
-सनीर कभाय याधशमाभ िौयमसमा दीऩकवाड़ी ककपरा ऩायड़ी जज वरसाड़
शरी आसायाभामण क ऩाठ स जीवनदान
भया दस वषीम ऩतर एक यात अिानक फीभाय हो गमा | साॉस बी भजशकर स र यहा था |
जफ उस हॉजसऩटर भ बती ककमा तफ डॉकटय फोर | फचिा गॊबीय हारत भ ह | ऑऩयशन कयना ऩड़गा | भ फचि को हॉजसऩटर भ ही छोड़कय ऩस रन क मरए घय गमा औय घय
भ सबी को कहा ldquoआऩ रोग शरी आसायाभामण का ऩाठ शर कयो |rdquo ऩाठ होन रगा |
थोड़ी दय फाद भ हॉजसऩटर ऩहॉिा | वहाॉ दखा तो फचिा हॉस-खर यहा था | मह दख भयी औय घयवारो की खशी का टठकाना न यहा मह सफ फाऩजी की असीभ कऩा गर-गोववनद की कऩा औय शरी आसायाभामण-ऩाठ का पर ह |
-सनीर िाॊडक
अभयावती भहायाषड
गरवाणी ऩय ववशवास स अवणीम राब
शादी होन ऩय एक ऩतरी क फाद सात सार तक कोई सॊतान नहीॊ हई | हभाय भन भ ऩतरपरानि की इचछा थी | १९९९ क मशववय भ हभ सॊतानपरानि का आशीवागद रनवारो की ऩॊकतकत भ फठ | फाऩजी आशीवागद दन क मरए साधको क फीि आम तो कछ साधक नासभझी स कछ ऐस परशन कय फठ जो उनह नहीॊ कयन िाटहए थ | गरदव नायाज होकय मह कहकय िर गम कक तभको सॊतवाणी ऩय ववशवास नहीॊ ह तो तभ रोग महाॉ कमो आम तमह डॉकटय क ऩास जाना िाटहए था | कपय गरदव हभाय ऩास नहीॊ आम | सबी पराथगना कयत यह ऩय गरदव रवमासऩीठ स फोर दफाया तीन मशववय बयना | भ भन भ सोि यहा था कक कछ साधको क कायण भझ आशीवागद नहीॊ मभर ऩामा ऩयॊत वजरादवऩ कठोयाणण भदनन कसभादवऩ फाहय स वजर स बी कठोय टदखन वार सदगर बीतय स पर स बी कोभर होत ह | तयॊत गरदव ववनोद कयत हए फोर दखो म रोग सॊतानपरानि का आशीवागद रन आम ह | कस ठनठनऩार-स फठ ह अफ जाओ झरा-झनझना रकय घय जाओ | भन औय भयी ऩतनी न आऩस भ वविाय ककमा दमार गरदव न आणखय आशीवागद द ही टदमा | अफ गरदव न कहा ह कक झरा-झनझना र जाओ | तो भन गरविन भानकय यरव सटशन स एक झनझना खयीद मरमा औय गवामरमय आकय गरदव क चितर क ऩास यख टदमा | भझ वहाॉ स आन क १५ टदन फाद डॉकटय दवाया भारभ हआ कक ऩतनी गबगवती ह | भन गरदव को भन-ही-भन परणाभ ककमा | इस फीि डॉकटयो न सराह दी कक रड़का ह मा रड़की इसकी जाॉि कया रो | भन फड़ ववशवास स कहा कक रड़का ही होगा | अगय रड़की बी हई तो भझ कोई आऩवतत नहीॊ ह | भझ गबगऩात का ऩाऩ अऩन मसय ऩय नहीॊ रना ह | नौ भाह तक भयी ऩतनी बी सवसथ यही | हरयदवाय मशववय भ बी हभ रोग गम | सभम आन ऩय गरदव दवाया फताम गम इराज क भताबफक गाम क गोफय का यस ऩतनी को टदमा औय टदनाॊक २७ अकतफय १९९९ को एक सवसथ फारक का जनभ हआ |
-याजनर कभाय वाजऩमी अिगना वाजऩमी फरवॊत नगय ढाढीऩय भयाया गवामरमय
औय सोना मभर गमा
हभाय सॊमकत ऩरयवाय भ साठ तोरा सोना िोयी हो गमा था | सतसॊगी होन क कायण हभ द ख तो नहीॊ हआ कपय बी थोडी-फहत चिनता अवशम हई | आशरभ क एक साधक न हभस कहा | आऩ रोग शरी आसायाभामण क १०८ ऩाठ कयो औय सॊकपऩ कयो कक हभाया सोना हभ जरय मभरगा | मभनाऩाय टदपरी भ गरदव का आगभन हआ | हभ शाभ को गरदव क दशगन कयन गम | हभन कछ कहा नहीॊ कमोकक गरदव अॊतमागभी ह | उनहोन हभको परसाद टदमा | उसी यात घय ऩय पोन आमा कक आऩका सोना मभर गमा ह | िोय रखनऊ भ ऩकड़ा गमा ह | हभ आशचमग हआ शरी आसायाभामण क १०८ ऩाठ ऩय बी नहीॊ हए थ औय सोना मभर गमा |
-रीना फटानी यानीफाग टदपरी
सवपर क दो टकड़ो स दो सॊतान
भन सन १९९१ भ िटीिॊड मशववय अभदावाद भ ऩजम फाऩजी स भॊतरदीा री थी | भयी शादी क १० वषग तक भख कोई सॊतान नहीॊ हई | फहत इराज कयवाम रककन सबी डॉकटयो न फतामा कक फारक होन की कोई सॊबावना नहीॊ ह | तफ भन ऩजम फाऩजी क ऩनभ दशगन का वरत मरमा औय फाॉसवाड़ा भ ऩनभ दशगन क मरए गमा | ऩजम फाऩजी सफको परसाद द यह थ | भन भन भ सोिा | कमा भ इतना ऩाऩी हॉ कक फाऩजी भयी तयप दखत तक नहीॊ इतन भ ऩजम फाऩजी कक दवषट भझ ऩय ऩड़ी औय उनहोन भझ दो मभनट तक दखा | कपय उनहोन एक सवपर रकय भझ ऩय प का जो भय दाम कॊ ध ऩय रगकय दो टकड़ो भ फॉट गमा | घय जाकय भन उस सवपर क दोनो बाग अऩनी ऩतनी को णखरा टदम | ऩजमशरी का कऩाऩणग परसाद खान स भयी ऩतनी गबगवती हो गमी | ननयीण कयान ऩय ऩता िरा कक उसको दो मसय वारा फारक उतऩनन होगा | डॉकटयो न फतामा उसका मसजरयमन कयना ऩड़गा अनमथा आऩकी ऩतनी क फिन की समबावना नहीॊ ह | मसजरयमन भ रगबग फीस हजाय रऩमो का खिग आमगा | भन ऩजम फाऩजी स पराथगना की ह फाऩजी आऩन ही पर टदमा था | अफ आऩ ही इस सॊकट का ननवायण कीजजम | कपय
भन फड़ फादशाह क साभन बी पराथगना की जफ भ असऩतार ऩहॉिॉ तो भयी ऩतनी की परसती सकशर हो जाम | उसक फाद जफ भ असऩतार ऩहॉिा तो भयी ऩतनी एक ऩतर औय एक ऩतरी को जनभ द िकी थी | ऩजमशरी क दवाया टदम गम पर स भझ एक की जगह दो सॊतानो की परानि हई |
-भकशबाई सोरॊकी शायदा भॊटदय सकर क ऩीछ
फावन िार वड़ोदया
साइककर स गरधाभ जान ऩय खयाफ टाॉग ठीक हो गमी
भयी फाॉमी टाॉग घटन स उऩय ऩतरी हो गमी थी | ऑर इणणडमा भकतडकर इनसटीटमट
टदपरी भ भ छ टदन तक यहा | वहाॉ जाॉि क फाद फतरामा गमा कक तमहायी यीढ़ की हडडी क ऩास कछ नस भय गमी ह जजसस मह टाॉग ऩतरी हो गमी ह | मह ठीक तो हो ही नहीॊ सकती | हभ तमह ववटामभन ई क कपसर द यह ह | तभ इनह खात यहना | इसस टाॊग औय जमादा ऩतरी नहीॊ होगी | भन एक सार तक कपसर खाम | उसक फाद २२ जन
१९९७ को भजफ़फ़यनगय भ भन गरजी स भॊतरदीा री औय दवाई खाना फॊद कय दी | जफ एक साधक बाई याहर गिा न कहा कक सहायनऩय स साइककर दवाया उततयामण मशववय अभदावाद जान का कामगकरभ फन यहा ह तफ भन टाॉग क फाय भ सोि बफना साइककर मातरा भ बाग रन क मरए अऩनी सहभनत द दी | जफ भय घय ऩय ऩता िरा कक भन साइककर स गरधाभ अभदावाद जान का वविाय फनामा ह अत तभ ११५० ककभी तक साइककर नहीॊ िरा ऩाओग | रककन भन कहा भ साइककर स ही गरधाभ जाऊॉ गा िाह ककतनी बी दयी कमो न हो औय हभ आठ साधक बाई सहायनऩय स २६ टदसमफय ९७ को साइककरो स यवाना हए | भागग भ िढ़ाई ऩय भझ जफ बी कोइ टदककत होती तो ऐसा रगता जस भयी साइककर को कोई ऩीछ स धकर यहा ह | भ भड़कय ऩीछ दखता तो कोई टदखामी नहीॊ ऩड़ता | ९ जनवयी को जफ हभ अभदावाद गरआशरभ भ ऩहॉि औय भन सफह अऩनी टाॉग दखी तो भ दॊग यह गम जो टाॉग ऩतरी हो गमी थी औय डॉकटयो न उस ठीक होन स भना कय टदमा था वह टाॉग बफपकर ठीक हो गमी थी | इस कऩा को दखकय भ िककत यह गमा भय साथी बी दॊग यह गम मह सफ गरकऩा क परसाद का िभतकाय था | भय आठो साथी भयी ऩतनी तथा ऑर इणणडमा भकतडकर इनसटीटमट टदपरी दवाया जाॉि क परभाणऩतर इस फात क साी ह |
-ननयॊकाय अगरवार
ववषणऩयी
अदबत यही भौनभॊटदय की साधना
ऩयभ ऩजम सदगरदव की कऩा स भझ टदनाॊक १८ स २४ भई १९९९ तक अभदावाद आशरभ क भौनभॊटदय भ साधना कयन का सअवसय मभरा | भौनभॊटदय भ साधना क ऩाॉिव टदन मानी २२ भई की याबतर को रगबग २ फज नीॊद भ ही भझ एक झटका रगा | रट यहन कक जसथनत भ ही भझ भहसस हआ कक कोई अदशम शकतकत भझ ऊऩय फहत ऊऩय उड़म र जा यही ह | ऊऩय उड़त हए जफ भन नीि झाॉककय दखा तो अऩन शयीय को उसी भौनभॊटदय भ चितत रटा हआ फखफय सोता हआ ऩामा | ऊऩय जहाॉ भझ र जामा गमा वहाॉ अरग ही छटा थी अजीफ औय अवणीम आकाश को बी बदकय भझ ऐस सथान ऩय ऩहॉिामा गमा था जहाॉ िायो तयप कोहया-ही-कोहया था जस शीश की छत ऩय ओस परी हो इतन भ दखता हॉ कक एक सबा रगी ह बफना शयीय की कवर आकनतमो की | जस यखाओॊ स भनषमरऩी आकनतमाॉ फनी हो | मह सफ कमा िर यहा था सभझ स ऩय था |
कछ ऩर क फाद व आकनतमाॉ सऩषट होन रगी | दवी-दवताओॊ क ऩॊज क भधम शीषग भ एक उचि आसन ऩय साात फाऩजी शॊकय बगवान फन हए करास ऩवगत ऩय ववयाजभान थ औय दवी-दवता कताय भ हाथ फाॉध खड़ थ | भ भक-सा होकय अऩरक नतरो स उनह दखता ही यहा कपय भॊतरभगध हो उनक ियणो भ चगय ऩड़ा | परात क ४ फज थ | अहा भन औय शयीय हपका-फ़पका रग यहा था मही जसथनत २४ भई की भधमयाबतर भ बी दोहयामी गमी | दसय टदन सफह ऩता िरा कक आज तो फाहय ननकरन का टदन ह मानी यवववाय २५ भई की सफह | फाहय ननकरन ऩय बावबया रदम गदगद कॊ ठ औय आखो भ आॉस मो रग यहा था कक जस ननजधाभ स फघय ककमा जा यहा हॉ | धनम ह वह बमभ
भौनभॊटदय भ साधना की वह रवमवसथा जहाॊ स ऩयभ आनॊद क सागय भ डफन की कॊ जी मभरती ह जी कयता ह बगवान ऐसा अवसय कपय स राम जजसस कक उसी भौनभॊटदय भ ऩन आॊतरयक आनॊद का यसऩान कय ऩाऊॉ |
-इनरनायामण शाह
१०३ यतनदीऩ-२ ननयारा नगय कानऩय
असाधम योग स भकतकत
सन १९९४ भ भयी ऩतरी टहयर को शयद ऩणणगभा क टदन फखाय आमा | डॉकटयो को
टदखामा तो ककसीन भररयमा कहकय दवाइमाॉ दी तो ककसीन टामपामड कहकय इराज शर ककमा तो ककसीन टामपामड औय भररयमा दोनो कहा | दवाई की एक खयाक रन स शयीय नीरा ऩड़ गमा औय सज गमा | शयीय भ खन की कभी स उस छ फोतर खन िढ़ामा गमा | इॊजन दन स ऩय शयीय को रकवा भाय गमा | ऩीठ क ऩीछ शमावरण जसा हो गमा | ऩीठ औय ऩय का एकस-य मरमा गमा | ऩय ऩय वजन फाॉधकय यखा गमा | डॉकटयो न उस वाम का फखाय तथा यकत का क सय फतामा औय कहा कक उसक रदम तो वापव िौड़ा हो गमा ह | अफ हभ टहमभत हाय गम | अफ ऩजमशरी क मसवाम औय कोई सहाया नहीॊ था | उस सभम टहयर न कहा भमभी भझ ऩजम फाऩ क ऩास र िरो | वहाॉ ठीक हो जाऊगी | ऩाॉि टदन तक टहयर ऩजमशरी की यट रगाती यही | हभ उस अभदावाद आशरभ भ फाऩ क ऩास र गम | फाऩ न कहा इस कछ नहीॊ हआ ह | उनहोन भझ औय टहयर को भॊतर टदमा एवॊ फड़दादा की परदकषणा कयन को कहा | हभन परदकषणा की औय टहयर ऩनरह टदन भ िरन-कफ़यन रगी | हभ फाऩ की इस करणा-कऩा का कण कस िकाम अबी तो हभ आशरभ भ ऩजमशरी क शरीियणो भ सऩरयवाय यहकय धनम हो यह ह |
-परपपर रवमास
बावनगय
वतगभान भ अभदावाद आशरभ भ सऩरयवाय सभवऩगत
ऩजम फाऩ का दशगन-सतसॊग ही जीवन का सचिा यतन ह
भझ िाय सार स ऩतर कक काभना थी औय भय भन भ हआ कक भयी मह काभना जरय ऩयी होगी | अभदावाद भ धमानमोग मशववय क दौयान ऐसा वविाय आमा कक फाऩ भझ अऩन ियणो भ फरामग | भन भ दढ़ शरदधा थी | इतन रोगो क फीि भ स फाऩ न तजऩणग दवषट भझ ऩय डारी सॊतय का परसाद टदमा औय भया बागम खर गमा | फचि क जनभ स ऩहर डॉकटयो न ऑऩयशन को कहा था रककन फाऩ क फतान क भताबफक भय घयवारो न भझ गाम क गोफय का यस वऩरामा औय शीघर ही फारक का जनभ हो गमा | सचिी शरदधा-बकतकत हो तो कमा असॊबव ह ऩजम फाऩ का दशगन-सतसॊग ही जीवन का सचिा यतन ह |
सचिी शरदधा-बकतकत स ऐसा यतन ऩानवार हभ सबी धनबागी ह |
-यखा ऩयभाय भीया योड़ भॊफई
कसट का िभतकाय
रवमाऩाय उधायी भ िर जान स भ हताश हो गमा था एवॊ अऩनी जजॊदगी स तॊग आकय आतभहतमा कयन की फात सोिन रगा था | भझ साध-भहातभाओॊ व सभाज क रोगो स घणा-सी हो गमी थी धभग व सभाज स भया ववशवास उठ िका था | एक टदन भयी सारी फाऩजी क सतसॊग कक दो कसट ववचध का ववधान एवॊ आणखय कफ तक र आमी औय उसन भझ सनन क मरए कहा | उसक कई परमास क फाद बी भन व कसट नहीॊ सनीॊ एवॊ भन-ही-भन उनह ढ़ोग कहकय कसटो क कतडबफ भ दार टदमा | भन इतना ऩयशान था कक यात को नीॊद आना फॊद हो गमा था | एक यात कफ़पभी गाना सनन का भन हआ | अॉधया होन की वजह स कसट ऩहिान न सका औय गरती स फाऩजी क सतसॊग की कसट हाथ भ आ गमी | भन उसीको सनना शर ककमा | कपय कमा था भयी आशा फॉधन रगी | भन शाॉत होन रगा | धीय-धीय सायी ऩीड़ाएॉ दय होती िरी गमीॊ | भय जीवन भ योशनी-ही-योशनी हो गमी | कपय तो भन ऩजम फाऩजी क सतसॊग की कई कसट सनीॊ औय सफको सनामीॊ |
तदनॊतय भन गाजजमाफाद भ फाऩजी स दीा बी गरहण की | रवमाऩाय की उधायी बी िकता हो गमी | फाऩजी की कऩा स अफ भझ कोई द ख नहीॊ ह | ह गरदव फस एक आऩ ही भय होकय यह औय भ आऩका ही होकय यहॉ |
-ओभपरकाश फजाज
टदपरी योड़ सहायनऩय उततय परदश
भझ ऩय फयसी सॊत की कऩा
सन १९९५ क जन भाह भ भ अऩन रड़क औय बतीज क साथ हरयदवाय धमानमोग मशववय भ बाग रन गमा | एक टदन जफ भ हय की ऩौड़ी ऩय सनान कयन गमा तो ऩानी क तज फहाव क कायण ऩय कपसरन स भया रड़का औय बतीजा दोनो अऩना सॊतरन खो फठ औय गॊगा भ फह गम | ऐसी सॊकट की घड़ी भ भ अऩना होश खो फठा | कमा करॉ भ पट-पटकय योन रगा औय फाऩजी स पराथगना कयन रगा कक ह नाथ ह गरदव या कीजजम भय फचिो को फिा रीजजम | अफ आऩका ही सहाया ह | ऩजमशरी न भय सचि रदम स ननकरी ऩकाय सन री औय उसी सभम भया रड़का भझ टदखामी टदमा | भन झऩटकय उसको फाहय खीॊि मरमा रककन भया बतीजा तो ऩता नहीॊ कहाॉ फह गमा भ ननयॊतय यो यहा था औय भन भ फाय-फाय वविाय उठ यहा था कक फाऩजी भया रड़का फह जाता तो कोई फात नहीॊ थी रककन अऩन बाई की अभानत क बफना भ घय कमा भॉह
रकय जाऊॉ गा फाऩजी आऩही इस बकत की राज फिाओ | तबी गॊगाजी की एक तज रहय उस फचि को बी फाहय छोड़ गमी | भन रऩककय उस ऩकड़ मरमा | आज बी उस हादस को सभयण कयता हॉ तो अऩन-आऩको सॉबार नहीॊ ऩाता हॉ औय भयी आॉखो स ननयॊतय परभ की अशरधाया फहन रगती ह | धनम हआ भ ऐस गरदव को ऩाकय ऐस सदगरदव क शरीियणो भ भय फाय-फाय शत-शत परणाभ
-सभारखाॉ ऩानीऩत हरयमाणा
गरदव की कऩा स सॊतानपरानि
भयी शादी को ऩाॉि सार हो गम थ कपय बी कोई सॊतान नहीॊ हई | रोग हभ फहत तान भायत थ | तबी भन-ही-भन ननणगम र मरमा कक ऩजम फाऩ क आशरभ भ जाना ह | जनवयी १९९९ भ परथभ फाय उततयामण मशववय बया औय भॊतरदीा री | अफ गरदव कक कऩा स भझ एक सॊदय फारक पराि हआ ह | ऩजम फाऩजी की इतनी कऩा-करणा दखकय रदम बय आता ह | भ ऩजम फाऩजी स पराथगना कयती हॉ कक मह फारक उनह सभवऩगत कय सकॊ औय मह उनक मोगम फनसक ऐसी सदफवदध हभ द |
-ननभगरा क तड़वी काॊनतबाई हीयाबाई तडवी याभजी भॊटदय क ऩास कायरी फाग वड़ोदया
गरकऩा स जीवनदान
टदनाॊक १५-१-९६ की घटना ह | भन धात क ताय ऩय सखन क मरए कऩड़ परा यख थ |
फारयश होन क कायण उस ताय भ कयॊट आ गमा था | भया छोटा ऩतर ववशार जो कक ११ वीॊ का भ ऩढ़ता ह आकय उस ताय स छ गमा औय बफजरी का कयॊट रगत ही वह फहोश हो गमा शव क सभान हो गमा | हभन उस तयॊत फड़ असऩतार भ दाणखर कयवामा | डॉकटय न फचि की हारत गॊबीय फतामी | ऐसी ऩरयजसथनत दखकय भयी आॉखो स अशरधायाएॉ फह ननकरी | भ ननजानॊद की भसती भ भसत यहन वार ऩजम सदगरदव को भन-ही-भन माद ककमा औय पराथगना कक ह गरदव अफ तो इस फचि का जीवन आऩक ही हाथो भ ह | ह भय परब आऩ जो िाह सो कय सकत ह | औय आणखय भयी पराथगना सपर हई | फचि भ एक नवीन ितना का सॊिाय हआ एवॊ धीय-धीय फचि क सवासम भ
सधाय होन रगा | कछ ही टदनो भ वह ऩणगत सवसथ हो गमा | डॉकटय न तो उऩिाय ककमा रककन जो जीवनदान उस पमाय परब की कऩा स सदगरदव की कऩा स मभरा उसका वणगन कयन क मरए भय ऩास शबद नहीॊ ह | फस ईशवय स भ मही पराथगना कयता हॉ कक ऐस बरहमननषठ सॊत-भहाऩरषो क परनत हभायी शरदधा भ ववदध होती यह | -
डॉ वाम ऩी कारया शाभरदास कॉरज बावनगय गजयात
ऩजम फाऩ जस सॊत दननमा को सवगग भ फदर सकत ह
भई १९९८ क अॊनतभ टदनो भ ऩजमशरी क इॊदौय परवास क दौयान ईयान क ववखमात कफ़जजमशमन शरी फफाक अगरानी बायत भ अधमाजतभक अनबवो की परानि आम हए थ |
ऩजमशरी क दशगन ऩाकय जफ उनहोन अधमाजतभक अनबवो को परीबत होत दखा तो व ऩॊिड़ आशरभ भ आमोजजत धमानमोग मशववय भ बी ऩहॉि गम | शरी अगरानी जो दो टदन रककय वाऩस रौटन वार थ व ऩय गमायह टदन तक ऩॊिड़ आशरभ भ रक यह | उनहोन ववधाथी मशववय भ सायसवतम भॊतर की दीा री एवॊ ववमशषट धमानमोग साधना मशववय (४ -१० जन १९९८) का बी राब मरमा | मशववय क दौयान शरी अगरानी न ऩजमशरी स भॊतरदीा बी र री | ऩजमशरी क साजननधम भ सॊपराि अनबनतमो क फाय भ बतरम सभािाय ऩतर ितना को दी हई बटवाताग भ शरी अगरानी कहत ह मटद ऩजम फाऩ जस सॊत हय दश भ हो जाम तो मह दननमा सवगग फन सकती ह | ऐस शाॊनत स फठ ऩाना हभाय मरए कटठन ह रककन जफ ऩजम फाऩजी जस भहाऩरषो क शरीियणो भ फठकय सतसॊग सनत ह तो ऐसा आनॊद आता ह कक सभम का कछ ऩता ही नहीॊ िरता | सिभि ऩजम फाऩ कोई साधायण सॊत नहीॊ ह |
-शरी फफाक अगरानी ववशवववखमात कफ़जजमशमन ईयान
फाऩजी का साजननधम गॊगा क ऩावन परवाह जसा ह
कर-कर कयती इस बागीयथी की धवर धाया क ककनाय ऩय ऩजम फाऩजी क साजननधम भ फठकय भ फड़ा ही आपहाटदत औय परभटदत हॉ आनॊटदत हॉ योभाॊचित हॊ | गॊगा बायत की सषमना नाड़ी ह | गॊगा बायत की सॊजीवनी ह | शरी ववषणजी क ियणो स ननकरकय बरहमाजी क कभॊड़र औय जटाधय क भाथ ऩय शोबामभान गॊगा बतरमोगमसवदधकायक ह |
ववषणजी क ियणो स ननकरी गॊगा बकतकत मोग की परतीनत कयाती ह औय मशवजी क भसतक ऩय जसथत गॊगा ऻान मोग की उचितय बमभका ऩय आरढ़ होन की खफय दती ह |
भझ ऐसा रग यहा ह कक आज फाऩजी क परविनो को सनकय भ गॊगा भ गोता रगा यहा हॉ कमोकक उनका परविन उनका सजननधम गॊगा क ऩावन परवाह जसा ह | व अरभसत फ़कीय ह | व फड़ सयर औय सहज ह | व जजतन ही ऊऩय स सयर ह उतन ही अॊतय भ गढ़ ह | उनभ टहभारम जसी उचिता ऩववतरता शरषठता ह औय सागयतर जसी गॊबीयता ह |
व याषड की अभपम धयोहय ह | उनह दखकय कवष-ऩयमऩया को फोध होता ह | गौतभ कणाद
जमभनी कवऩर दाद भीया कफीय यदास आटद सफ कबी-कबी उनभ टदखत ह |
य बाई कोई सतगर सॊत कहाव
जो ननन अरख रखाव धयती उखाड़ आकाश उखाड़
अधय भड़मा धाव |
शनम मशखय क ऩाय मशरा ऩय आसन अिर जभाव |
य बाई कोई सतगर सॊत कहाव
एक ऐस ऩावन साजननधम भ हभ फठ ह जो फड़ा दरगब औय सहज मोगसवरऩ ह | ऐस भहाऩरषो क मरए ऩॊकतकतमाॉ माद आ यही ह तभ िरो तो िर धयती िर अॊफय िर दननमा ऐस भहाऩरष िरत ह तो उनक मरए समग िॊर ताय गरह नतर आटद सफ अनकर हो जात ह | ऐस इजनरमातीत गणातीत बावातीत शबदातीत औय सफ अवसथाओॊ स ऩय ककनहीॊ भहाऩरषो क शरीियणो भ जफ फठत ह तो बागवत कहता ह
साधनाॊ दशगनॊ रोक सवगमसवदधकयॊ ऩयभ |
साध क दशगन भातर स वविाय ववबनत ववदवता शकतकत सहजता ननववगषमता परसननता मसवदधमाॉ औय आतभानॊद की परानि होती ह | दश क भहान सॊत महाॉ सहज ही आत ह बायत क सबी शॊकयािामग बी मशववय भ आत ह | अत भय भन भ बी वविाय आमा कक जहाॉ सफ जात ह वहाॉ जाना िाटहए कमोकक मही वह ठोय-टठकाना ह जहाॉ भन का अमबभान मभटामा जा सकता ह | ऐस भहाऩरषो क दशगन स कवर आनॊद औय भसती ही नहीॊ मभरती फजपक वह सफ कछ मभर जाता ह जो अमबरावषत ह आकाॊकषत ह रकषत ह | महाॉ भ करणा क
कभगठता क वववक-वयागम क ऻान क दशगन कय यहा हॉ | वयागम औय बकतकत क यण ऩोषण औय सॊवधगन क मरए मह सिकवषमो का उततभ ऻान भाना जाता ह | आज गॊगा कपय स
साकाय टदख यही ह तो व फाऩजी क वविाय औय वाणी भ टदख यही ह | अरभसतता सहजता उचिता शरषठता ऩववतरतता तीथग-सी शचिता मशश-सी सयरता तरणो-सा जोश वदधो-सा गाॊबीमग औय कवषमो जसा ऻानाफोध भझ जहाॉ हो यहा ह वह मह ऩॊडार ह | इस आनॊदनगय कहॉ मा परभनगय करणा का सागय कहॉ मा वविायो का सभनदय रककन इतना जरय कहॉगा कक भय भन का कोन-कोना आपहाटदत हो यहा ह | आऩ रोग फड़बागी ह जो ऐस भहाऩरष क शरीियणो भ फठ ह जहाॉ बागम का टदरवम रवमकतकतततव का ननभागण होता ह | जीवन की कतकतमता जहाॉ पराि हो सकती ह वह मही दय ह |
मभर तभ मभरी भॊजजर मभरा भकसद औय भददा बी |
न मभर तभ तो यह गमा भददा भकसद औय भॊजजर बी ||
आऩका मह बावयाजम औय परभयाजम दखकय भ िककत बी हॉ औय आनॊद का अनबव बी कय यहा हॉ | आऩक परनत भया ववशवास औय अटट ननषठा फढ़ इस हत भया नभन सवीकाय कय | भझ ऐसा रगता ह कक फाऩजी समग ह औय नायामण सवाभी एक ऐस दीऩ ह जो न फझ सकत ह न जराम जात ह |
-सवाभी अवधशानॊदजी हरयदवाय
सायसवतम भॊतर स हए अदबत राब
भन १९९८ भ ववधाथी उतथान मशववय सोनीऩत भ ऩजम गरदव स सायसवतम भॊतर की दीा री | दीा क फाद ननममभत भॊतरजऩ कयन स भ इतना कशागर फवदधवारा एवॊ सवावरॊफी हो गमा कक भन एक भहीन भ ही टमशन छोड़ दी औय सवमॊ खफ भहनत कयन रगा | भ सकर बी ऩदर आन-जान रगा जजसस भन सकर फस का ककयामा फिा मरमा |
भॊतर जाऩ क परबाव स भझ ९ वीॊ १० वीॊ ११ वीॊ की ऩयीाओॊ भ परथभ सथान पराि हआ |
१२ वीॊ की ऩयीा क सभम भया सवासम खयाफ होन क कायण भ जऩ ठीक स नहीॊ कय सका कपय बी ७९ परनतशत अॊको स ऩास हआ | उसक फाद इॊजजननमरयॊग की ऩरया भ बी उततीणग यहा |
-करदीऩ कभाय डी-२३४ वसट ववनोद नगय टदपरी
भ टदसमफय १९९९ भ छततीसगढ़ क बाटाऩाया भ ऩजम गरदव स सायसवतम भॊतर की दीा
री | ततऩशचात भ ननममभत रऩ स जऩ-धमान- पराणामाभ कयता था जजसस भझ फहत राब हआ | ऩजम फऩजी की कऩा औय सायसवतम भॊतर जाऩ क परबाव स भझ १२ वीॊ की फोड़ग की ऩरया भ ८४६ परनतशत अॊक मभर |
-ववयनर कभाय कौमशक
डोगयगाॉव जज याजनाॊदगाॉव (छग)
बौनतक मग क अॊधकाय भ ऻान की जमोनत ऩजम फाऩ
भादक ननमॊतरण बमयो बायत सयकाय क भहाननदशक शरी एिऩी कभाय ९ भई को अभदावाद आशरभ भ सतसॊग-कामगकरभ क दौयान ऩजम फाऩ स आशीवागद रन ऩहॉि | फड़ी ववनमरता एवॊ शरदधा क साथ उनहोन ऩजम फाऩ क परनत अऩन उदगाय भ कहा जजस रवमकतकत क ऩास वववक नहीॊ ह वह अऩन रकषम तक नहीॊ ऩहॉि सकता ह औय वववक को पराि कयन का साधन ऩजम आसायाभजी फाऩ जस भहान सॊतो का सतसॊग ह | ऩजम फाऩ स भया परथभ ऩरयिम टीवी क भाधमभ स हआ | ततऩशचात भझ आशरभ दवाय परकामशत कवष परसाद भामसक पराि हआ | उस सभम भझ रगा कक एक ओय जहाॉ इस बौनतक मग क अॊधकाय भ भानव बटक यहा ह वहीॊ दसयी ओय शाॊनत की भॊद-भॊद सगॊचधत वाम बी िर यही ह | मह ऩजम फाऩ क सतसॊग का ही परबाव ह | ऩजमशरी क दशगन कयन का जो सौबागम भझ पराि हआ ह इसस भ अऩन को कतकतम भानता हॉ | ऩजम फाऩ क शरीभख स जो अभत वषाग होती ह तथा इनक सतसॊग स कयोड़ो रदमो भ जो जमोनत जगती ह व इसी परकाय स जगती यह औय आन वार रॊफ सभम तक ऩजमशरी हभ सफ का भागगदशगन कयत यह मही भयी काभना ह | ऩजम फाऩ क शरीियणो भ भय परणाभ
-शरी एिऩी कभाय भहाननदशक भादक ननमॊतरण बमयो बायत सयकाय
गरकऩा ऐसी हई कक अॉधय तो कमा दय बी नहीॊ हई
ऩयभ कऩार फाऩजी क शरीियणो भ भय कोटट-कोटट वॊदन भ एक इसभाइरी खवाजा हॉ तथा अऩन धभग भ अकतडग हॉ | िाय वषग ऩवग कछ रोगो दवाया एक सननमोजजत मोजना फनाकय भझ जफयदसती भडगय कस का आयोऩी फना टदमा गमा था | इसस भझ कहीॊ शाॊनत नहीॊ मभर यही थी | २८ पयवयी १९९७ को भझ नागऩय भ आमोजजत फाऩजी क सतसॊग भ जान की परयणा मभरी औय ४ भािग १९९७ को भन फाऩजी स भॊतरदीा री | भ उनस भन-
ही-भन ववनती की कक ह गरदव भझ फिा रो | गरकऩा ऐसी हई कक ७ जनवयी १९९८ को भझ अदारत न ऩाक-साप फयी कय टदमा फाकी छ आयोवऩमो को सजा हई | धनम ह ऐस भय सदगर उनक शरीियणो भ भय कोटट-कोटट वनदन
-यहभान खान ननशान छाफड़ी (बफछआ) जज नछनदवाड़ा (भपर)
भजसरभ भटहरा को पराणदान
२७ मसतमफय २००० को जमऩय भ भय ननवास ऩय ऩजम फाऩ का आतभ-साातकाय टदवस
भनामा गमा जजसभ भय ऩड़ोस की भजसरभ भटहरा नाथी फहन क ऩनत शरी भाॉग खाॉ न बी ऩजम फाऩ की आयती की औय ियणाभत मरमा | ३-४ टदन फाद ही व भजसरभ दॊऩनत खवाजा साटहफ क उसग भ अजभय िर गम | टदनाॊक ४ अकटफय २००० को अजभय क उसग भ असाभाजजक ततवो न परसाद भ जहय फाॉट टदमा जजसस उसग भर भ आम कई दशगनाथी असवसथ हो गम औय कई भय बी गम | भय ऩड़ोस की नाथी फहन न बी वह परसाद खामा औय थोड़ी दय भ ही वह फहोश हो गमी | अजभय भ उसका उऩिाय ककमा गमा ककॊ त उस होश न आमा | दसय टदन ही उसका ऩनत उस अऩन घय र आमा | कॉरोनी क सबी ननवासी उसकी हारत दखकय कह यह थ कक अफ इसका फिना भजशकर ह | भ बी उस दखन गमा | वह फहोश ऩड़ी थी | भ जोय-जोय स हरय ॐ हरय ॐ का उचिायण ककमा तो वह थोड़ा टहरन रगी | भझ परयणा हई औय भ ऩन घय गमा | ऩजम फाऩ स पराथगना की | ३-४ घॊट फाद ही वह भटहरा ऐस उठकय खड़ी हो गमी भानो सोकय उठी हो | उस भटहरा न फतामा कक भय िािा ससय ऩीय ह औय उनहोन भय ऩनत क भॉह स फोरकय फतामा कक तभन २७ मसतमफय २००० को जजनक सतसॊग भ ऩानी वऩमा था उनहीॊ सपद दाढ़ीवार फाफा न तमह फिामा ह कसी करणा ह गरदव की
-जएर ऩयोटहत
८७ सपतान नगय जमऩय (याज)
उस भटहरा का ऩता ह -शरीभती नाथी
ऩतनी शरी भाॉग खाॉ १०० सपतान नगय गजगय की धड़ी नम साॊगानय योड़
जमऩय (याज)
हरयनाभ की पमारी न छड़ामी शयाफ की फोतर
सौबागमवश गत २६ टदसमफय १९९८ को ऩजमशरी क १६ मशषमो की एक टोरी टदपरी स हभाय गाॉव भ हरयनाभ का परिाय-परसाय कयन ऩहॉिी | भ फिऩन स ही भटदयाऩान धमरऩान व मशकाय कयन का शौकीन था | ऩजम फाऩ क मशषमो दवाया हभाय गाॉव भ जगह-जगह ऩय तीन टदन तक रगाताय हरयनाभ का कीतगन कयन स भझ बी हरयनाभ का यॊग रगता जा यहा था | उनक जान क एक टदन क ऩशचात शाभ क सभम योज की बाॊनत भन शयाफ की फोतर ननकारी | जस ही फोतर खोरन क मरए ढककन घभामा तो उस ढककन क घभन स भझ हरय ॐ हरय ॐ की धवनन सनामी दी | इस परकाय भन दो-तीन फाय ढककन घभामा औय हय फाय भझ हरय ॐ की धवनन सनामी दी | कछ दय फाद भ उठा तथा ऩजमशरी क एक मशषम क घय गमा | उनहोन थोड़ी दय भझ ऩजमशरी की अभतवाणी सनामी | अभतवाणी सनन क फाद भया रदम ऩकायन रगा कक इन दरवमगसनो को तमाग दॉ | भन तयॊत फोतर उठामी तथा जोय-स दय खत भ प क दी | ऐस सभथग व ऩयभ कऩार सदगरदव को भ रदम स परणाभ कयता हॉ जजनकी कऩा स मह अनोखी घटना भय जीवन भ घटी जजसस भया जीवन ऩरयवनतगत हआ |
-भोहन मसॊह बफषट
मबखमासन अपभोड़ा (उपर)
ऩय गाॉव की कामाऩरट
ऩजमशरी स टदनाॊक २७६९१ को दीा रन क फाद भन रवमवसनभकतकत क परिाय-परसाय का रकषम फना मरमा | भ एक फाय कौशरऩय (जज शाजाऩय) ऩहॉिा | वहाॉ क रोगो क रवमवसनी औय रड़ाई-झगड़ मकत जीवन को दखकय भन कहा आऩ रोग भनषम-जीवन सही अथग ही नहीॊ सभझत ह | एक फाय आऩ रोग ऩजम फाऩजी क दशगन कय र तो आऩको सही जीवन जीन की कॊ जी मभर जामगी | गाॉव वारो न भयी फात भान री औय दस रवमकतकत भय गाॉव ताजऩय आम | भन एक साधक को उनक साथ जनभाषटभी भहोतसव भ सयत बजा | ऩजम फाऩजी की उन ऩय कऩा फयसी औय सफको गरदीा मभर गमी | जफ व रोग अऩन गाॉव ऩहॉि तो सबी गाॉववामसमो को फड़ा कौतहर था कक ऩजम फाऩजी कस ह फाऩजी की रीराएॉ सनकय गाॉव क अनम रोगो भ बी ऩजम फाऩजी क परनत शरदधा जगी | उन दीकषत साधको न सबी गाॉववारो को सववधानसाय ऩजम फाऩजी क अरग-अरग आशरभो भ
बजकय दीा टदरवा दी | गाॉव क सबी रवमकतकत अऩन ऩय ऩरयवाय सटहत दीकषत हो िक ह | परतमक गरवाय को ऩय गाॉव भ एक सभम बोजन फनता ह | सबी रोग गरवाय का वरत यखत ह | कौशरऩय गाॉव क परबाव स आस-ऩास क गाॉववार एवॊ उनक रयशतदायो सटहत १००० रवमकतकतमो शयाफ छोड़कय दीा र री ह | गाॉव क इनतहास भ तीन-तीन ऩीढ़ी स कोई भॊटदय नहीॊ था | गाॉववारो न ५ राख रऩम रगाकय दो भॊटदय फनवाम ह | ऩया गाॉव रवमवसनभकत एवॊ बगवतबकत फन गमा ह मह ऩजम फाऩजी की कऩा नहीॊ तो औय कमा ह सफक तायणहाय ऩजम फाऩजी क शरीियणो भ कोटट-कोटट परणाभ
-शमाभ परजाऩनत (सऩयवाइजय नतरहन सॊघ) ताजऩय उजजन (भपर)
नतरबफ ॊद का िभतकाय
भया सौबागम ह कक भझ सॊतकऩा नतरबफॊद (आई डरॉपस) का िभतकाय दखन को मभरा |
एक सॊत फाफा मशवयाभदास उमर ८० वषग गीता कटटय तऩोवन झाड़ी सिसयोवय हरयदवाय भ यहत ह | उनकी दाटहनी आॉख क सपद भोनतम का ऑऩयशन शाॉनतकॊ ज हरयदवाय आमोजजत कमऩ भ हआ | कस बफगड़ गमा औय कार भोनतमा फन गमा | ददग यहन रगा औय योशनी घटन रगी | दोफाया बभाननद नतर चिककतसारम भ ऑऩयशन हआ | एबसपमट गरकोभा फतात हए कहा कक ऑऩयशन स मसयददग ठीक हो जामगा ऩय योशनी जाती यहगी | ऩयॊत अफ व फाफा सॊत शरी आसायाभजी आशरभ दवाय ननमभगत सॊतकऩा नतरबफॊद सफह-शाभ डार यह ह | भन उनक नतरो का ऩयीण ककमा | उनकी दाटहनी आॉख भ उॉगरी चगनन रामक योशनी वाऩस आ गमी ह | कार भोनतम का परशय नॉभगर ह | कोननगमा भ सजन नहीॊ ह | व कापी सॊतषट ह | व फतात ह आॉख ऩहर रार यहती थी ऩयॊत अफ नहीॊ ह | आशरभ क नतरबफॊद स कपऩनातीत राब हआ | फामीॊ आॉख भ बी उनह सपद भोनतमा फतामा गमा था औय सॊशम था कक शामद कारा भोनतमा बी ह | ऩय आज फामीॊ आॉख बी ठीक ह औय दोनो आॉखो का परशय बी नॉभगर ह | सपद भोनतमा नहीॊ ह औय योशनी कापी अचछी ह |
मह सॊतकऩा नतरफॊद का ववरण परबाव दखकय भ बी अऩन भयीजो को इसका उऩमोग कयन की सराह दॉगा |
-डॉ अननत कभाय अगरवार (नतरयोग ववशषऻ)
एभफीफीएस एभएस (नतर) डीओएभएस (आई) सीताऩय सहायनऩय (उपर)
ऩजमशरी की तसवीय स मभरी परयणा
सवगसभथग ऩयभ ऩजम शरी फाऩजी क ियणकभरो भ भया कोटट-कोटट नभन १९८४ क बकॊ ऩ स समऩणग उततय बफहाय भ कापी नकसान हआ था जजसकी िऩट भ हभाया घय बी था | ऩरयजसथनतवश भझ नौवी का भ ऩढ़ामी छोड़ दनी ऩड़ी | ककसी मभतर की सराह स भ नौकयी ढॉढ़न क मरए टदपरी गमा रककन वहाॉ बी ननयाशा ही हाथ रगी | भ दो टदन स बखा तो था ही ऊऩय स नौकयी की चिॊता | अत आतभहतमा का वविाय कयक यरव सटशन की ओय िर ऩड़ा | यानीफाग फाजाय भ एक दकान ऩय ऩजमशरी का सतसाटहतम
कसट आटद यखा हआ था एवॊ ऩजमशरी की फड़ आकाय की तसवीय बी टॉगी थी | ऩजमशरी की हॉसभख एवॊ आशीवागद की भरावारी उस तसवीय ऩय भयी नजय ऩड़ी तो १० मभनट तक भ वहीॊ सड़क ऩय स ही खड़-खड़ उस दखता यहा | उस वकत न जान भझ कमा मभर गमा भ काभ बर भजदयी का ही कयता हॉ रककन तफस रकय आज तक भय चितत भ फड़ी परसननता फनी हई ह | न जान भयी जजनदगी की कमा दशा होती अगय ऩजम फाऩजी की मवाधन सया ईशवय की ओय ननजशचनत जीवन ऩसतक औय कवष परसाद ऩबतरका हाथ न रगती ऩजमशरी की तसवीय स मभरी परयणा एवॊ उनक सतसाटहतम न भयी डफती नमा को भानो भझदाय स फिा मरमा | धनबागी ह साटहतम की सवा कयन वार जजनहोन भझ आतभहतमा क ऩाऩ स फिामा |
-भहश शाह
नायामणऩय दभया जज सीताभढ़ी (बफहाय)
भॊतर स राब
भयी भाॉ की हारत अिानक ऩागर जसी हो गमी थी भानो कोई बत-परत-डाककनी मा आसयी ततव उनभ घस गमा | भ फहत चिॊनतत हो गमा एवॊ एक साचधका फहन को पोन ककमा | उनहोन बत-परत बगान का भॊतर फतामा जजसका वणगन आशरभ स परकामशत आयोगमननचध ऩसतक भ बी ह | वह भॊतर इस परकाय ह
ॐ नभो बगवत रर बयवाम बतपरत म कर कर हॊ पट सवाहा |
इस भॊतर का ऩानी भ ननहायकय १०८ फाय जऩ ककमा औय वही ऩानी भाॉ को वऩरा टदमा |
तयॊत ही भाॉ शाॊनत स सो गमीॊ | दसय टदन बी इस भॊतर की ऩाॉि भारा कयक भाॉ को वह जर वऩरामा तो भाॉ बफपकर ठीक हो गमीॊ | ह भय साधक बाई-फहनो बत-परत बगान क
मरए अरा फाॉधॉ फरा फाॉधॉ ऐसा कयक झाड़-फ़ॉ क कयनवारो क िककय भ ऩड़न की जरयत नहीॊ ह | इसक मरए तो ऩजम फाऩजी का भॊतर ही तायणहाय ह | ऩजम फाऩजी क शरीियणो भ कोटट-कोटट परणाभ
-िॊऩकबाई एन ऩटर (अभरयका)
काभ करोध ऩय ववजम ऩामी
एक टदन भॊफई भर भ टटकट िककॊ ग कयत हए भ वातानकमरत फोगी भ ऩहॉिा | दखा तो भखभर की गददी ऩय टाट का आसन बफछाकय सवाभी शरी रीराशाहजी भहायाज सभाचधसथ ह | भझ आशचमग हआ कक जजन परथभ शरणी की वातानकमरत फोचगमो भ याजा-भहायाजा मातरा कयत ह ऐसी फोगी औय तीसयी शरणी की फोगी क फीि इन सॊत को कोई बद नहीॊ रगता | ऐसी फोचगमो भ बी व सभाचधसथ होत ह मह दखकय मसय झक जाता ह | भन ऩजम भहायाजशरी को परणाभ कयक कहा आऩ जस सॊतो क मरए तो सफ एक सभान ह |
हय हार भ एकयस यहकय आऩ भकतकत का आनॊद र सकत ह | रककन हभाय जस गरहसथो को कमा कयना िाटहए ताकक हभ बी आऩ जसी सभता फनाम यखकय जीवन जी सक
ऩजम भहायाजजी न कहा काभ औय करोध को त छोड़ द तो त बी जीवनभकत हो सकता ह | जहाॉ याभ तहॉ नहीॊ काभ जहाॉ काभ तहॉ नहीॊ याभ | औय करोध तो बाई बसभासय ह | वह तभाभ ऩणम को जराकय बसभ कय दता ह अॊतकयण को भमरन कय दता ह | भन कहा परब अगय आऩकी कऩा होगी तो भ काभ-करोध को छोड़ ऩाऊॉ गा | ऩजम भहायाजजी न कहा बाई कऩा ऐस थोड़ ही की जाती ह सॊतकऩा क साथ तया ऩरषाथग औय दढ़ता बी िाटहए | ऩहर त परनतऻा कय कक त जीवनऩमगनत काभ औय करोध स दय यहगा तो भ तझ आशीवागद दॉ | भन कहा भहायाजजी भ जीवनबय क मरए परनतऻा तो करॉ रककन उसका ऩारन न कय ऩाऊॉ तो झठा भाना जाऊॉ गा | ऩजम भहायाजजी न कहा अचछा ऩहर त भय सभ आठ टदन क मरए परनतऻा कय | कपय परनतऻा को एक-एक टदन फढ़त जाना | इस परकाय त उन फराओॊ स फि सकगा | ह कफर भन हाथ जोड़कय कफर ककमा | ऩजम भहायाजजी न आशीवागद दकय दो-िाय पर परसाद भ टदम | ऩजम भहायाजजी न भयी जो दो कभजोरयमाॉ थीॊ उन ऩय ही सीधा हभरा ककमा था | भझ आशचमग हआ कक अनम कोई बी दगगण छोड़न का न कहकय इन दो दगगणो क मरए ही उनहोन परनतऻा कमो कयवामी फाद भ भ इस याज स अवगत हआ |
दसय टदन भ ऩसनजय टरन भ कानऩय स आग जा यहा था | सफह क कयीफ नौ फज थ |
तीसयी शरणी की फोगी भ जाकय भन माबतरमो क टटकट जाॉिन का कामग शर ककमा | सफस
ऩहर फथग ऩय सोम हए एक मातरी क ऩास जाकय भन एक मातरी क ऩास जाकय भन टटकट टदखान को कहा तो वह गससा होकय भझ कहन रगा अॊधा ह दखता नहीॊ कक भ सो गमा हॉ भझ नीॊद स जगान का तझ कमा अचधकाय ह मह कोई यीत ह टटकट क फाय भ ऩछन की ऐसी ही अकर ह तयी ऐसा कछ-का-कछ वह फोरता ही गमा फोरता ही गमा | भ बी करोधाववषट होन रगा ककॊ त ऩजम भहायाजजी क सभ री हई परनतऻा भझ माद थी अत करोध को ऐस ऩी गमा भानो ववष की ऩकतड़मा भन उस कहा भहाशम आऩ ठीक ही कहत ह कक भझ फोरन की अकर नहीॊ ह बान नहीॊ ह | दखो भय म फार धऩ भ सपद हो गम ह | आऩभ फोरन की अकर अचधक ह नमरता ह तो कऩा कयक मसखाओॊ कक टटकट क मरए भझ ककस परकाय आऩस ऩछना िाटहए | भ रािाय हॉ कक डमटी क कायण भझ टटकट िक कयना ऩड़ यहा ह इसमरए भ आऩको कषट द यहा हॉ|
औय कफ़य भन खफ परभ स हाथ जोड़कय ववनती की बमा कऩा कयक कषट क मरए भझ भा कयो | भझ अऩना टटकट टदखामग भयी नमरता दखकय वह रजजजत हो गमा एवॊ तयॊत उठ फठा | जपदी-जपदी नीि उतयकय भझस भा भाॉगत हए कहन रगा भझ भाप कयना | भ नीॊद भ था | भन आऩको ऩहिाना नहीॊ था | अफ आऩ अऩन भॉह स भझ कह कक आऩन भझ भाफ़ ककमा मह दखकय भझ आनॊद औय सॊतोष हआ | भ सोिन रगा कक सॊतो की आऻा भानन भ ककतनी शकतकत औय टहत ननटहत ह सॊतो की करणा कसा िभतकारयक ऩरयणाभ राती ह वह रवमकतकत क पराकनतक सवबाव को बी जड़-भर स फदर सकती ह | अनमथा भझभ करोध को ननमॊतरण भ यखन की कोई शकतकत नहीॊ थी | भ ऩणगतमा असहाम था कपय बी भझ भहायाजजी की कऩा न ही सभथग फनामा | ऐस सॊतो क शरीियणो भ कोटट-कोटट नभसकाय
-शरी यीजभर
रयटामडग टीटी आई कानऩय
अनम अनबव
जरा हआ कागज
ऩवग रऩ भ एक फाय ऩयभहॊस ववशदधानॊदजी स आनॊदभमी भाॉ की ननकटता ऩानवार सपरमसदध ऩॊकतडत गोऩीनाथ कववयाज न ननवदन ककमा तयणीकानत ठाकय को अरौककक मसवदध पराि हई ह | व बफना दख मा बफना छए ही कागज भ मरखी हई फात ऩढ़ रत ह |
गरदव फोर तभ एक कागज ऩय कछ मरखो औय उसभ आग रगाकय जरा दो |
कववयाजजी न कागज ऩय कछ मरखा औय ऩयी तयह कागज जराकय हवा भ उड़ा टदमा |
उसक फाद गरदव न अऩन तककम क नीि स वही कागज ननकारकय कववयाजजी क आग यख टदमा | मह दखकय उनह फड़ा आशचमग हआ कक मह कागज वही था एवॊ जो उनहोन मरखा था वह बी उस ऩय उनहीॊ क सरख भ मरखा था औय साथ ही उसका उततय बी मरखा हआ दखा | जड़ता ऩशता औय ईशवयता का भर हभाया शयीय ह | जड़ शयीय को भ-भया भानन की ववतत जजतनी मभटती ह ऩाशवी वासनाओॊ की गराभी उतनी हटती ह औय हभाया ईशवयीम अॊश जजतना अचधक ववकमसत होता ह उतना ही मोग-साभमग ईशवयीम साभमग परकट होता ह | बायत क ऐस कई बकतो सॊतो औय मोचगमो क जीवन भ ईशवयीम साभमग दखा गमा ह अनबव ककमा गमा ह उसक ववषम भ सना गमा ह | धनम ह बायतबमभ भ यहनवार बायतीम सॊसकनत भ शरदधा-ववशवास यखनवार अऩन ईशवयीम अॊश को जगान की सवा-साधना कयनवार सवाभी ववशदधानॊदजी वषो की एकाॊत साधना औय वषो-वषो की गरसवा स अऩना दहाधमास औय ऩाशवी वासनाएॉ मभटाकय अऩन ईशवयीम
अॊश को ववकमसत कयनवार बायत क अनक भहाऩरषो भ स थ | उनक जीवन की औय बी अरौककक घटनाओॊ का वणगन आता ह | ऐस सतऩरषो क जीवन-िरयतर औय उनक जीवन भ घटटत घटनाएॉ ऩढ़न-सनन स हभ रोग बी अऩनी जड़ता एवॊ ऩशता स ऊऩय उठकय ईशवयीम अॊश को उबायन भ उतसाटहत होत ह | फहत ऊॉ िा काभ ह फड़ी शरदधा फड़ी सभझ फड़ा धमग िाटहए ईशवयीम साभमग को ऩणग रऩ स ववकमसत कयन भ | अफ आओ
िर आदय शॊकयािामग की ओय
नदी की धाया भड़ गमी
आदय शॊकयािामग की भाता ववमशषटा दवी अऩन करदवता कशव की ऩजा कयन जाती थीॊ | व ऩहर नदी भ सनान कयतीॊ औय कफ़य भॊटदय भ जाकय ऩजन कयतीॊ | एक टदन व परातकार ही ऩजन-साभगरी रकय भॊटदय की ओय गमीॊ ककॊ त सामॊकार तक घय नहीॊ रौटीॊ | शॊकयािामग की आम अबी सात-आठ वषग क भधम भ ही थी | व ईशवय क ऩयभ बकत औय ननषठावान थ | सामॊकार तक भाता क वाऩस न रौटन ऩय आिामग को फड़ी चिनता हई औय व उनह खोजन क मरए ननकर ऩड़ | भॊटदय क ननकट ऩहॉिकय उनहोन भाता को भागग भ ही भजचछगत ऩड़ दखा | उनहोन फहत दय तक भाता का उऩिाय ककमा तफ व होश भ आ सकीॊ |
नदी अचधक दय थी | वहाॉ तक ऩहॉिन भ भाता को फड़ा कषट होता था | आिामग न बगवान स भन-ही-भन पराथगना की कक परबो ककसी परकाय नदी की धाया को भोड़ दो जजसस कक
भाता ननकट ही सनान कय सक | व इस परकाय की पराथगना ननतम कयन रग | एक टदन उनहोन दखा कक नदी की धाया ककनाय की धयती को काटती-काटती भड़न रगी ह तथा कछ टदनो भ ही वह आिामग शॊकय क घय क ऩास फहन रगी | इस घटना न आिामग का अरौककक शकतकतसमऩनन होना परमसदध कय टदमा |
सकषभ शयीय स िोय का ऩीछा ककमा
हरयहय फाफा की फड़ी परमसवदध थी | एक फाय व हयऩारऩय सटशन ऩय थ | वहाॉ क सटशन भासटय न उनको एक िोय सऩदग ककमा | िोय न फाफा स कहा भहायाज भझ इतनी छटटी द दीजजम कक भ अऩन फार-फचिो का परफॊध कय आऊॉ | फाफा गाड़ी आन ऩय रौट आना | िोय िरा गमा | सटशन भासटय को ऩता िरा तो वह फाफा ऩय गभग हआ औय फोरा उसक फदर तमह जर की हवा खानी होगी | तभन जान-फझकय उस बगा टदमा ह | फाफा घफयाओ भत गाड़ी आन स ऩहर ही वह रौट आमगा | िोय की नीमत ठीक नहीॊ थी | वह जॊगर क भागग स अऻात सथान को बाग जाना िाहता था ककॊ त उस हय सभम मही परतीत होता यहा कक हरयहय फाफा डॊडा पटकायत हए उसक ऩीछ-ऩीछ िर आ यह ह | इसीमरए वह गाड़ी आन स ऩहर ही रौट आमा |
भॊगरी फाधा-ननवायण भॊतर
अॊ याॊ अॊ
इस भॊतर को १०८ फाय जऩन स करोध दय होता ह | जनभकनडरी भ भॊगरी मोग होन स जजनक वववाह न हो यह हो व २७ भॊगरवाय इस भॊतर का १०८ फाय जऩ कयत हए वरत यखकय हनभानजी ऩय मसॊदय का िोरा िढ़ाम | इसस भॊगर-फाधा का म होता ह |
सखऩवगक परसवकायक भॊतर
ऩहरा उऩाम
एॊ हीॊ बगवनत बगभामरनन िर िर भराभम भराभम ऩषऩॊ ववकासम ववकासम सवाहा |
इस भॊतर दवाया अमबभॊबतरत दध गमबगणी सतरी को वऩराम तो सखऩवगक परसव होगा |
दसया उऩाम
गमबगणी सतरी सवमॊ परसव क सभम जमबरा-जमबरा जऩ कय |
तीसया उऩाम
दशी गाम क गोफय का १२ स १५ मभरी यस ॐ नभो नायामणाम भॊतर का २१ फाय जऩ कयक ऩीन स बी परसव-फाधाएॉ दय होगी औय बफना ऑऩयशन क परसव होगा |
परसनत क सभम अभॊगर की आशॊका हो तो ननमन भॊतर का जऩ कय
सवगभॊगर भाॊगपम मशव सवागथग साचधक |
शयणम तरममफक गौयी नायामणी नभोSसतत ||
(दगागसिशती)
शकतकतशारी व गोय ऩतर की परानि क मरए
सगबागवसथा भ ढाक (ऩराश खाखया) का एक कोभर ऩतता घोटकय गौ-दगध क साथ योज सवन कयन स फारक शकतकतशारी औय गोया होता ह | भाता-वऩता बर कार-करट हो कपय बी फारक गोया होगा |
सदगर-भटहभा
गर बफन बव ननचध तय न कोई |
जौ फयॊचि सॊकय सभ होई ||
-सॊत तरसीदासजी
हरयहय आटदक जगत भ ऩजमदव जो कोम |
सदगर की ऩजा ककम सफकी ऩजा होम ||
-ननशचरदासजी भहायाज
सहजो कायज सॊसाय को गर बफन होत नाॉही |
हरय तो गर बफन कमा मभर सभझ र भन भाॉही ||
-सॊत कफीयजी सॊत
सयनन जो जन ऩय सो जन उधयनहाय | सॊत की ननॊदा नानका फहरय फहरय अवताय ||
-गर नानक दवजी
गरसवा सफ बागमो की जनभबमभ ह औय वह शोकाकर रोगो को बरहमभम कय दती ह |
गररऩी समग अववदयारऩी याबतर का नाश कयता ह औय ऻानाऻान रऩी मसतायो का रोऩ कयक फवदधभानो को आतभफोध का सटदन टदखाता ह |
-सॊत ऻानशवय भहायाज
सतम क कॊ टकभम भागग भ आऩको गर क मसवाम औय कोई भागगदशगन नहीॊ द सकता |
- सवाभी मशवानॊद सयसवती
ककतन ही याजा-भहायाजा हो गम औय होग सामजम भकतकत कोई नहीॊ द सकता | सचि याजा-भहायाज तो सॊत ही ह | जो उनकी शयण जाता ह वही सचिा सख औय सामजम भकतकत ऩाता ह |
-सभथग शरी याभदास सवाभी
भनषम िाह ककतना बी जऩ-तऩ कय मभ-ननमभो का ऩारन कय ऩयॊत जफ तक सदगर की कऩादवषट नहीॊ मभरती तफ तक सफ रवमथग ह |
-सवाभी याभतीथग
परटो कहत ह कक सकयात जस गर ऩाकय भ धनम हआ |
इभसगन न अऩन गर थोयो स जो पराि ककमा उसक भटहभागान भ व बावववबोय हो जात थ |
शरी याभकषण ऩयभहॊस ऩणगता का अनबव कयानवार अऩन सदगरदव की परशॊसा कयत नहीॊ अघात थ |
ऩजमऩाद सवाभी शरी रीराशाहजी भहायाज बी अऩन सदगरदव की माद भ सनह क आॉस
फहाकय गदगद कॊ ठ हो जात थ |
ऩजम फाऩजी बी अऩन सदगरदव की माद भ कस हो जात ह मह तो दखत ही फनता ह |
अफ हभ उनकी माद भ कस होत ह मह परशन ह | फटहभगख ननगय रोग कछ बी कह साधक को अऩन सदगर स कमा मभरता ह इस तो साधक ही जानत ह |
रडी भाटटगन क सहाग की या कयन अपगाननसतान भ परकट मशवजी
साध सॊग सॊसाय भ दरगब भनषम शयीय |
सतसॊग सववत ततव ह बतरववध ताऩ की ऩीय ||
भानव-दह मभरना दरगब ह औय मभर बी जाम तो आचधदववक आचधबौनतक औय आधमाजतभक म तीन ताऩ भनषम को तऩात यहत ह | ककॊ त भनषम-दह भ बी ऩववतरता हो सचिाई हो शदधता हो औय साध-सॊग मभर जाम तो म बतरववध ताऩ मभट जात ह |
सन १८७९ की फात ह | बायत भ बबरटटश शासन था उनहीॊ टदनो अॊगरजो न अपगाननसतान ऩय आकरभण कय टदमा | इस मदध का सॊिारन आगय भारवा बबरटटश छावनी क रजफ़टनट कनगर भाटटगन को सौऩा गमा था | कनगर भाटटगन सभम-सभम ऩय मदध-तर स अऩनी ऩतनी को कशरता क सभािाय बजता यहता था | मदध रॊफा िरा औय अफ तो सॊदश आन बी फॊद हो गम | रडी भाटटगन को चिॊता सतान रगी कक कहीॊ कछ अनथग न हो गमा हो अपगानी सननको न भय ऩनत को भाय न डारा हो | कदाचित ऩनत मदध भ शहीद हो गम तो भ जीकय कमा करॉ गी -मह सोिकय वह अनक शॊका-कशॊकाओॊ स नघयी यहती थी |
चिनतातय फनी वह एक टदन घोड़ ऩय फठकय घभन जा यही थी | भागग भ ककसी भॊटदय स आती हई शॊख व भॊतर धवनन न उस आकवषगत ककमा | वह एक ऩड़ स अऩना घोड़ा फाॉधकय भॊटदय भ गमी | फजनाथ भहादव क इस भॊटदय भ मशवऩजन भ ननभगन ऩॊकतडतो स उसन ऩछा आऩ रोग कमा कय यह ह एक वरदध बराहमण न कहा हभ बगवान मशव का ऩजन कय यह ह | रडी भाटटगन मशवऩजन की कमा भहतता ह बराहमण फटी बगवान मशव तो औढयदानी ह बोरनाथ ह | अऩन बकतो क सॊकट-ननवायण कयन भ व तननक बी दय नहीॊ कयत ह | बकत उनक दयफाय भ जो बी भनोकाभना रकय क आता ह उस व शीघर ऩयी कयत ह ककॊ त फटी तभ फहत चिजनतत औय उदास नजय आ यही हो कमा फात ह रडी भाटटगन भय ऩनतदव मदध भ गम ह औय ववगत कई टदनो स उनका कोई
सभािाय नहीॊ आमा ह | व मदध भ पॉ स गम ह मा भाय गम ह कछ ऩता नहीॊ िर यहा | भ उनकी ओय स फहत चिजनतत हॉ | इतना कहत हए रडी भाटटगन की आॉख नभ हो गमीॊ |
बराहमण तभ चिनता भत कयो फटी मशवजी का ऩजन कयो उनस पराथगना कयो रघररी कयवाओ | बगवान मशव तमहाय ऩनत का यण अवशम कयग |
ऩॊकतडतो की सराह ऩय उसन वहाॉ गमायह टदन का ॐ नभ मशवाम भॊतर स रघररी अनषठान परायॊब ककमा तथा परनतटदन बगवान मशव स अऩन ऩनत की या क मरए पराथगना कयन रगी कक ह बगवान मशव ह फजनाथ भहादव मटद भय ऩनत मदध स सकशर रौट आम तो भ आऩका मशखयफॊद भॊटदय फनवाऊॉ गी | रघररी की ऩणागहनत क टदन बागता हआ एक सॊदशवाहक मशवभॊटदय भ आमा औय रडी भाटटगन को एक मरपापा टदमा | उसन घफयात-घफयात वह मरपापा खोरा औय ऩढ़न रगी |
ऩतर भ उसक ऩनत न मरखा था हभ मदध भ यत थ औय तभ तक सॊदश बी बजत यह रककन आक ऩठानी सना न घय मरमा | बबरटटश सना कट भयती औय भ बी भय जाता |
ऐसी ववकट ऩरयजसथनत भ हभ नघय गम थ कक पराण फिाकय बागना बी अतमाचधक कटठन था | इतन भ भन दखा कक मदधबमभ भ बायत क कोई एक मोगी जजनकी फड़ी रमफी जटाएॉ ह हाथ भ तीन नोकवारा एक हचथमाय (बतरशर) इतनी तीवर गनत स घभ यहा था कक ऩठान सननक उनह दखकय बागन रग | उनकी कऩा स घय स हभ ननकरकय ऩठानो ऩय वाय कयन का भौका मभर गमा औय हभायी हाय की घकतड़माॉ अिानक जीत भ फदर गमीॊ | मह सफ बायत क उन फाघामफयधायी एवॊ तीन नोकवारा हचथमाय धायण ककम हए
(बतरशरधायी) मोगी क कायण ही समबव हआ | उनक भहातजसवी रवमकतकततव क परबाव स दखत-ही-दखत अपगाननसतान की ऩठानी सना बाग खड़ी हई औय व ऩयभ मोगी भझ
टहमभत दत हए कहन रग | घफयाओॊ नहीॊ | भ बगवान मशव हॉ तथा तमहायी ऩतनी की ऩजा स परसनन होकय तमहायी या कयन आमा हॉ उसक सहाग की या कयन आमा हॉ |
ऩतर ऩढ़त हए रडी भाटटगन की आॉखो स अववयत अशरधाया फहती जा यही थी उसका रदम अहोबाव स बय गमा औय वह बगवान मशव की परनतभा क समभख मसय यखकय पराथगना कयत-कयत यो ऩड़ी | कछ सिाह फाद उसका ऩनत कनगर भाटटगन आगय छावनी रौटा | ऩतनी न उस सायी फात सनात हए कहा आऩक सॊदश क अबाव भ भ चिजनतत हो उठी थी रककन बराहमणो की सराह स मशवऩजा भ रग गमी औय आऩकी या क मरए बगवान मशव स पराथगना कयन रगी | उन द खबॊजक भहादव न भयी पराथगना सनी औय आऩको सकशर रौटा टदमा | अफ तो ऩनत-ऩतनी दोनो ही ननममभत रऩ स फजनाथ भहादव क भॊटदय भ ऩजा-अिगना कयन रग | अऩनी ऩतनी की इचछा ऩय कनगर भाटटगन भ सन १८८३
भ ऩॊरह हजाय रऩम दकय फजनाथ भहादव भॊटदय का जीणोदवाय कयवामा जजसका मशरारख आज बी आगय भारवा क इस भॊटदय भ रगा ह | ऩय बायतबय भ अॊगरजो दवाय ननमभगत मह एकभातर टहनद भॊटदय ह |
मयोऩ जान स ऩवग रडी भाटटगन न ऩकतड़तो स कहा हभ अऩन घय भ बी बगवान मशव का भॊटदय फनामग तथा इन द ख-ननवायक दव की आजीवन ऩजा कयत यहग |
बगवान मशव भ बगवान कषण भ भाॉ अमफा भ आतभवतता सदगर भ सतता तो एक ही ह | आवशमकता ह अटर ववशवास की | एकररवम न गरभनत ग भ ववशवास कय वह पराि कय मरमा जो अजगन को कटठन रगा | आरणण उऩभनम रव परहराद आटद अनम सकड़ो उदायहण हभाय साभन परतम ह | आज बी इस परकाय का सहमोग हजायो बकतो को साधको को बगवान व आतभवतता सदगरओॊ क दवाया ननयनतय पराि होता यहता ह | आवशमकता ह तो फस कवर ववशवास की |
भहाभतमॊजम भॊतर
ॐ हौ जॉ स |
ॐ बबगव सव |
ॐ तरममफकॊ मजाभह सगॊचध ॊ ऩवषटवधगनभ |
उवागरकमभव फनधनानभतमोभगीम भाभतात |
सव भव ब ॐ |
स जॉ हौ ॐ |
बगवान मशव का मह भहाभतमॊजम जऩन स अकार भतम तो टरती ही ह आयोगमता की बी परानि होती ह | सनान कयत सभम शयीय ऩय रोट स ऩानी डारत वकत इस भॊतर का जऩ कयन स सवासम-राब होता ह | दध भ ननहायत हए इस भॊतर का जाऩ ककमा जाम औय कपय वह दध ऩी मरमा जम तो मौवन की सया भ बी सहामता मभरती ह | आजकर की तज यफ़तायवारी जजनदगी भ कहाॉ आतॊक उऩरव दघगटना हो जाम कहना भजशकर ह | घय स ननकरत सभम एक फाय मह भॊतर जऩनवारा इन उऩदरवो स सयकषत यहता ह औय सयकषत घय रौटता ह | (इस भॊतरानषठान क ववचध-ववधान की ववसतत जानकायी क मरए आशरभ दवाया परकामशत आयोगमननचध ऩसतक ऩढ़ |) शरीभदबागवत क आठव सकॊ ध भ तीसय अधमाम क शलोक १ स ३३ तक भ वणणगत गजनरभो सतोतर का ऩाठ कयन स तभाभ
ववधन दय होत ह |
भानता हॊ कमोकक दय स आन क कायण इतन सभम तक गरदव की वाणी सनन स वॊचित यहा | अफ भयी कोमशश यहगी कक भ भहायाजशरी की अभत वाणी सनन का हय अवसय मथासभम ऩा सकॊ | भ ईशवय स मही पराथगना कयता हॊ कक व हभ ऐसा भौका द कक हभ गर की वाणी सनकय अऩन आऩको सधाय सक | गरजी क शरीियणो भ सादय सभवऩगत होत हए भधम परदश की जनता की ओय स पराथगना कयता हॊ कक गरदव आऩ इस भधम परदश भ फाय-फाय ऩधाय औय हभ रोगो को आशीवागद दत यह ताकक ऩयभाथग क उस कामग भ जो आऩन ऩय दश भ ही नहीॊ दश क फाहय बी परामा ह भधम परदश क रोगो को बी जड़न का जमादा-स-जमादा अवसय मभर |
-शरी टदजगवजम मसॊह
ततकारीन भखमभॊतरी भधम परदश
इतनी भधय वाणी इतना अदबत ऻान
भ अऩनी ओय स तथा महाॊ उऩजसथत सबी भहानबावो की ओय स ऩयभ शरदधम सॊतमशयोभणण फाऩजी का हाटदगक सवागत कयता हॊ | भन कई फाय टी वी ऩय आऩको दखा-सना ह औय टदपरी भ एक फाय आऩका परविन बी सना ह | इतनी भधय वाणी इतना अदबत ऻान अगय आऩ क परविन ऩय गहयाई स वविाय कयक अभर ककमा जाम तो इॊसान को ज ॊदगी भ सही यासता मभर सकता ह | व रोग धनबागी ह जो इस मग भ ऐस भहाऩरष क दशगन व सतसॊग स अऩन जीवन-सभन णखरात ह |
-शरी बजनरार
ततकारीन भखम भॊतरी हरयमाणा
ऐस सॊतो का तो जजतना आदय ककमा जाम कभ ह
ककसी न भझ स कहा था धमान की कसट रगाकय सोमग तो सवपन भ गरदव क दशगन होग भन उसी यात धमान की कसट रगामी औय सनत-सनत सो गमा | उस वकत याबतर क फायह-साढ़ फायह फज होग | वकत का ऩता नहीॊ िरा | ऐसा रगा भानो ककसी न भझ उठा टदमा | भ गहयी नीॊद स उठा एवॊ गरजी की रऩ वार फ़ोटो की तयफ़ टकटकी रगाकय एक-दो मभनट तक दखता यहा | इतन भ आशचमग टऩ अऩन-आऩ िर ऩड़ी औय कवर मह तीन वाकम सनन को मभर आतभा ितनम ह | शयीय जड़ ह | शयीय ऩय अमबभान भत कयो | टऩ सवत फॊद हो गमी औय ऩय कभय भ मह आवाज गॊज उठी |
दसय कभय भ भयी ऩतनी की बी आॊख खर गमी औय उसन तो महाॊ तक भहसस ककमा जस कोई िर यहा ह व गरजी क मसवाम औय कोई हो ही नहीॊ सकत | भन कभय की राइट जरामी औय दौड़ता हआ ऩतनी क ऩास गमा | भन ऩछासना वह फोरी हाॊ | उस सभम सफह क ठीक िाय फज थ | सनान कयक भ धमान भ फठा तो डढ़ घणट तक फठा यहा | इतना रॊफा धमान तो भया कबी नहीॊ रगा | इस घटना क फाद तो ऐसा रगता ह कक गरजी साात बरहमसवरऩ ह | उनको जो जजस रऩ भ दखता ह वस ही टदखत ह |
भया मभतर ऩाशचातम वविायधाया वारा ह | उसन गरजी का परविन सना औय फोरा भझ तो म एक फहत अचछ रकियय रगत ह | भन कहा आज जरय इस ऩय गरजी कछ कहग |
मह सयत आशरभ भ भनामी जा यही जनभाषटभी क सभम की फात ह | हभ कथा भ फठ |
गरजी न कथा क फीि भ कहाकछ रोगो को भ रकियय टदखता हॊ कछ को परोफ़सय टदखता हॊ कछ को गर टदखता हॊ कछ को बगवान टदखता हॊजो भय ऩय जसी शरदधा यखता ह उस भ वसा ही टदखता हॊ औय वसा ही वह भझ ऩाता ह | भय मभतर का मसय शभग स झक गमा | कपय बी वह नाजसतक तो था ही | उसन हभाय ननवास ऩय भजाक भ गरजी क मरए कछ कहा तफ भन कहा | मह ठीक नहीॊ ह | अफ की फाय भान जा नहीॊ तो गरजी सजा दग तझ | १५ मभनट भ ही उसक घय स फ़ोन आ गमा कक फचि की तबफमत फहत खयाफ ह | उस असऩतार भ दाणखर कयना ऩड़ यहा ह | तफ भय मभतर की सयत दखन रामक थी | वह फोरागरती हो गमी | अफ भ गरजी क मरए कछ न कहॊगा भझ िाह ववशवास हो मा न हो | अखफायो भ गरजी की ननॊदा मरखनवार अऻानी रोग नहीॊ जानत कक जो भहाऩरष बायतीम सॊसकनत को एक नमा रऩ द यह ह कई सॊतो की वाणणमो को ऩनजीववत कय यह ह रोगो क शयाफ-कफाफ छड़वा यह ह जजनस सभाज का कपमाण हो यहा ह उनक ही फाय भ हभ हपकी फात मरख यह ह | मह हभाय दश क मरए फहत ही शभगनाक फात ह | ऐस सॊतो का तो जजतना आदय ककमा जाम वह कभ ह | गरजी क फाय भ कछ बी फखान कयन क मरए भय ऩास शबद नहीॊ ह |
-डा सतवीय मसॊह छाफड़ा फीफीईएभ आकाशवाणी इनदौय
आऩकी कऩा स मोग की अणशकतकत ऩदा हो यही ह
अनक परकाय की ववकनतमाॉ भानव क भन ऩय साभाजजक जीवन ऩय सॊसकाय औय सॊसकनत ऩय आकरभण कय यही ह | वसतत इस सभम सॊसकनत औय ववकनत क फीि एक भहासॊघषग िर यहा ह जो ककसी सयहद क मरए नहीॊ फजपक सॊसकायो क मरए रड़ा जा यहा ह | इस
भ सॊसकनत को जजतान का फभ ह मोगशकतकत | ह गरदव आऩकी कऩा स इस मोग की टदरवम अणशकतकत राखो रोगो भ ऩदा हो यही हमह सॊसकनत क सननक फन यह ह | गरदव भ आऩस पराथगना कयता हॊ कक शासन क अॊदय बी धभग औय वयागम क सॊसकाय उतऩनन हो | आऩ स आशीवागद पराि कयन क मरए भ आऩक ियणो भ आमा हॊ |
-शरी अशोकबाई बटट
काननभॊतरी गजयात याजम
भझ ननरवमगसनी फना टदमा
भ वऩछर कई वषो स तमफाक का रवमसनी था औय इस दगगण को छोड़न क मरए भन ककतन ही परमतन ककम ऩय भ ननषपर यहा | जनवयी ९५ भ ऩजम फाऩ जफ परकाशा आशरभ (भहा) ऩधाय तो भ बी उनक दशगनाथग वहाॊ ऩहॊिा औय उनस अनयोध ककमा फाऩ ववगत ३२ वषो स तमफाक का सवन कय यहा हॉ | अनक परमतनो क फाद बी इस दगगण स भ भकत ना हो सका | अफ आऩ ही कछ कऩा कीजजए | फाऩजी न कहा राओ तमफाक की कतडबफी औय तीन फाय थककय कहो कक आज स भ तमफाक नहीॊ खाऊॊ गा | भन ऩजम फाऩ क ननदशानसाय मही ककमा औय भहान आशचमग उसी टदन स भया तमफाक खान का रवमसन छट गमा | ऩजम फाऩ की ऐसी कऩा दजषत हमी कक वषग ऩया होन ऩय बी भझ कबी तमफाक खान की तरफ तक नहीॊ रगी | भ ककन शबदो भ ऩजम फाऩ का आबाय रवमकत करॊ भय ऩास शबद ही नहीॊ ह | भझ आनॊद ह कक इन याषड सॊत न फयफाद व नषट होत हए भय जीवन को फिा कय भझ ननरवमसगनी फना टदमा |
-शरी रखन बटवार
जज धमरमा भहायाषड
फाऩजी क सतसॊग स ववशव बय क रोग राबाजनवत
बायतबमभ सदव स ही कवष-भननमो तथा सॊत-भहातभाओॊ की बमभ यही ह जजनहोन ववशव को शाॊनत एवॊ आधमातभ का सॊदश टदमा ह | आज क मग भ ऩजम सॊत शरी आसायाभजी अऩनी अभत वाणी दवाया टदरवम आधमाजतभक सॊदश द यह ह जजसस न कवर बायत वयन ववशव बय भ रोग राबाजनवत हो यह ह |
-शरी सयजीत मसॊह फयनारा याजमऩार आनर परदश
ऻानरऩी गॊगाजी सवमॊ फहकय महाॉ आ गमी
उततयाॊिर याजम का सौबागम ह कक इस दवबभी भ दवता सवरऩ ऩजम फाऩजी का आशरभ फन यहा ह | आऩ ऐसा आशरभ फनाम जसा कहीॊ बी न हो | मह हभ रोगो का सौबागम ह कक अफ ऩजम फाऩजी की ऻानरऩी गॊगाजी सवमॊ फहकय महाॊ आ गमी ह | अफ गॊगा जाकय दशगन कयन व सनान कयन की उतनी आवशमकता नहीॊ ह जजतनी सॊत शरी आसायाभजी फाऩ क ियणो भ फठकय उनक आशीवागद रन की ह |
-शरी ननतमानॊद सवाभीजी ततकारीन भखमभॊतरी उततयाॊिर
गरजी की तसवीय न पराण फिा मरम
कछ ही टदनो ऩहर भया दसया फटा एभ ए ऩास कयक नौकयी क मरम फहत जगह घभा फहत जगह आवदन-ऩतर बजा ककनत उस नौकयी नहीॊ मभरी | कपय उसन फाऩजी स दीा री | भन आशरभ का कछ साभान कसट सतसाटहतम राकय उसको दत हए कहा शहय भ जहाॉ भॊटदय ह जहाॉ भर रगत ह तथा जहाॉ हनभानजी का परमसदध दकषणभखी भॊटदय ह वहाॊ सटार रगाओ | फट न सटार रगाना शर ककमा | ऐस ही एक सटार ऩय जरगाॊव क एक परमसदध रवमाऩायी अगरवारजी आम फाऩजी की कछ कसट खयीदीॊ औय ईशवय की ओय नाभक ऩसतक बी साथ भ र गम ऩसतक ऩढ़ी औय कसट सनी | दसय टदन व कपय आम औय कछ सतसाटहतम खयीद कय र गम व ऩान क थोक ववकरता ह | उनको ऩान खान की आदत ह | ऩसतक ऩढ़कय उनह रगा भ ऩान छोड़ दॉ | उनकी दकान ऩय एक आदभी आमा | ऩाॊिसौ रऩमो का साभान खयीदा औय उनका पोन नमफय र गमा | एक घॊट क फाद उसन दकान ऩय पोन ककमा सठ अगरवारजी भझ आऩका खन कयन का काभ सौऩा गमा था | कापी ऩस (सऩायी) बी टदम गम थ औय भ तमाय बी हो गमा था ऩय जफ भ आऩकी दकान ऩय ऩहॊिा तो ऩयभ ऩजम सॊत शरी आसायाभजी फाऩ क चितर ऩय भयी नजय ऩड़ी | भझ ऐसा रगा भानो साात फाऩ फठ हो औय भझ नक इनसान फनन की परयणा द यह हो गरजी की तसवीय न (तसवीय क रऩ भ साात गरदव न आकय) आऩक पराण फिा मरम | अदबत िभतकाय ह भमफई की ऩाटी न उसको ऩस बी टदम थ औय वह आमा बी था खन कयन क इयाद स ऩयनत जाको याख साॊइमाॉ चितर क दवाय बी अऩनी कऩा फयसान वार ऐस गरदव क परतम दशगन कयन क मरम वह महाॉ बी आमा ह
|
-फारकषण अगरवार
जरगाॊव भहायाषड
सदगर मशषम का साथ कबी नहीॊ छोड़त
एक यात भ दकान स सकटय दवाया अऩन घय जा यहा था | सकटय की कतडककी भ कापी रऩम यख हए थ | जमो ही घय क ऩास ऩहॊिा तो गरी भ तीन फदभाश मभर | उनहोन भझ घय मरमा औय वऩसतौर टदखामी | सकटय रकवाकय भय मसय ऩय तभॊि का फट भाय टदमा औय धकक भाय कय भझ एक तयप चगया टदमा | उनहोन सोिा होगा कक भ अकरा हॊ ऩय मशषम जफ सदगर स भॊतर रता ह शरदधा-ववशवास यखकय उसका जऩ कयता ह तफ सदगर उसका साथ नहीॊ छोड़त | भन सोिा कतडककी भ फहत रऩम ह औय म फदभाश तो सकटय र जा यह ह | भन गरदव स पराथगना की | इतन भ व तीनो फदभाश सकटय छोड़कय थरा र बाग | घय जाकय खोरा होगा तो सबजी औय खारी टटकफ़न दखकय मसय कटा ऩता नहीॊ ऩय फड़ा भजा आमा होगा | भय ऩस फि गमउनका सबजी का खिग फि गमा |
-गोकरिनर गोमर
आगया
गरकऩा स अॊधाऩन दय हआ
भझ गरकोभा हो गमा था | रगबग ऩतीस सार स मह तकरीफ़ थी | कयीफ छ सार तक तो भ अॊधा यहा | कोरकाता िननई आटद सफ जगहो ऩय गमा शॊकय नतरारम भ बी गमा ककनत वहाॊ बी ननयाशा हाथ रगी | कोरकाता क सफस फड़ नतर-ववशषऻ क ऩास गमा | उसन बी भना कय टदमा औय कहा | धयती ऩय ऐसा कोई इनसान नहीॊ जो तमह ठीक कय सक | रककन सयत आशरभ भ भझ गरदव स भॊतर मभरा | वह भॊतर भन खफ शरदधा-ववशवासऩवगक जऩा कमोकक सात बरहमसवरऩ गरदव स वह भॊतर मभरा था | कयीफ छ-सात भहीन ही जऩ हआ था कक भझ थोड़ा-थोड़ा टदखामी दन रगा | डॉकटय कहत थ कक तभको भराॊनत हो गमी ह ऩय भझ तो अफ बी अचछी तयह टदखता ह | एक फाय एक अनम बॊमकय दघगटना स बी गरदव न भझ फिामा था | ऐस गरदव का कण हभ जनभो-जनभो तक नहीॊ िका सकत |
-शॊकयरार भहशवयी
कोरकाता
औय डकत घफयाकय बाग गम
१४ जराई ९९ को कयीफ साढ़ तीन फज भय भकान भ छ डकत घस आम औय उस सभम दबागगम स फाहय का दयवाजा खरा हआ था | दो डकत फाहय भारनत िार यखकय खड़ थ | एक डकत न धकका दकय भयी भाॉ का भॉह फॊद कय टदमा औय अरभायी की िाफी भाॉगन रगा | इस घटना क दौयान भ दकान ऩय था | भयी ऩतनी को बी डकत धभकान रग औय आवाज न कयन को कहा | भयी ऩतनी न ऩजम फाऩजी क चितर क साभन हाथ जोड़कय पराथगना की अफ आऩ ही या कयो इतना ही कहा तो आशचमग आशचमग ऩयभ आशचमग व सफ डकत घफयाकय बागन रग | उनकी हड़फड़ाहट दखकय ऐसा रग यहा था भानो उनह कछ टदखामी नहीॊ द यहा था | व बाग गम | भया ऩरयवाय गरदव का कणी ह |
फाऩजी क आशीवागद स सफ सकशर ह | हभन १५ नवमफय ९८ को वायाणसी भ भॊतरदीा री थी |
-भनोहयरार तरयजा ४ झररार नगय मशवाजी नगय वायाणसी
भॊतर दवाया भतदह भ पराण-सॊिाय
भ शरी मोग वदानत सवा समभनत आभट स जीऩ दवाया यवाना हआ था | ११ जराई १९९४ को भधमानह फायह फज हभायी जीऩ ककसी तकनीकी तरटट क कायण ननमॊतरण स फाहय होकय तीन ऩजपटमाॉ खा गमी | भया ऩया शयीय जीऩ क नीि दफ गमा | ककसी तयह भझ फाहय ननकारा गमा | एक तो दफरा ऩतरा शयीय औय ऊऩय स ऩयी जीऩ का वजन ऊऩय आ जान क कायण भय शयीय क परतमक टहसस भ असहय ददग होन रगा | भझ ऩहर तो कसरयमाजी असऩतार भ दाणखर कयामा गमा | जमो-जमो उऩिाय ककमा गमा कषट फढ़ता ही गमा कमोकक िोट फाहय नहीॊ शयीय क बीतयी टहससो भ रगी थी औय बीतय तक डॉकटयो का कोई उऩिाय काभ नहीॊ कय यहा था | जीऩ क नीि दफन स भया सीना व ऩट ववशष परबाववत हए थ औय हाथ-ऩय भ काॉि क टकड़ घस गम थ | ददग क भाय भझ साॉस रन भ बी तकरीप हो यही थी | ऑकसीजन टदम जान क फाद बी दभ घट यहा था औय भतम की घकतडमाॉ नजदीक टदखामी ऩड़न रगीॊ | भ भयणासनन जसथनत भ ऩहॉि गमा | भया भतम-
परभाणऩतर फनान की तमारयमाॉ कक जान रगीॊ व भझ घय र जान को कहा गमा | इसक ऩवग भया मभतर ऩजम फाऩ स फ़ोन ऩय भयी जसथनत क समफनध भ फात कय िका था |
पराणीभातर क ऩयभ टहतषी दमार सवबाव क सॊत ऩजम फाऩ न उस एक गि भॊतर परदान कयत हए कहा था कक ऩानी भ ननहायत हए इस भॊतर का एक सौ आठ फाय (एक भारा) जऩ कयक वह ऩानी भनोज को एवॊ दघगटना भ घामर अनम रोगो को बी वऩरा दना |
जस ही वह अमबभॊबतरत जर भय भॉह भ डारा गमा भय शयीय भ हरिर होन क साथ ही वभन हआ | इस अदबत िभतकाय स ववजसभत होकय डॉकटयो न भझ तयॊत ही ववशष भशीनो क नीि र जाकय मरटामा | गहन चिककतसकीम ऩयीण क फाद डॉकटयो को ऩता िरा कक जीऩ क नीि दफन स भया ऩया खन कारा ऩड़ गमा था तथा नाड़ी-िारन (ऩपस) रदमगनत व यकत परवाह बी फॊद हो िक थ | भय शयीय का समऩणग यकत फदर टदमा गमा तथा आऩयशन बी हआ | उसक ७२ घॊट फाद भझ होश आमा | फहोशी भ भझ कवर इतना ही माद था की भय बीतय ऩजम फाऩ दवाया परदतत गरभॊतर का जऩ िर यहा ह | होश भ आन ऩय डॉकटयो न ऩछा तभ आऩयशन क सभम फाऩफाऩ ऩकाय यह थ | म फाऩ कौन ह भन फतामा व भय गरदव परात सभयणीम ऩयभ ऩजम सॊत शरी असायाभजी फाऩ ह | डॉकटयो न ऩन भझस परशन ककमा कमा तभ कोई रवमामाभ कयत हो भन कहा भ अऩन गरदव दवाया मसखामी गमी ववचध स आसन व पराणामाभ कयता हॉ | व फोर
इसीमरम तमहाय इस दफर-ऩतर शयीय न मह सफ सहन कय मरमा औय तभ भयकय बी ऩन जजनदा हो उठ दसया कोई होता तो तयॊत घटनासथर ऩय ही उसकी हडकतडमाॉ फाहय ननकर जातीॊ औय वह भय जाता | भय शयीय भ आठ-आठ नमरमाॉ रगी हई थीॊ | ककसीस खन िढ़ यहा था तो ककसी स कबतरभ ऑकसीजन टदमा जा यहा था | मदयवऩ भय शयीय क कछ टहससो भ अबी-बी काॉि क टकड़ भौजद ह रककन गरकऩा स आज भ ऩणग सवसथ
होकय अऩना रवमवसाम व गरसवा दोनो कामग कय यह हॉ | भया जीवन तो गरदव का ही टदमा हआ ह | इन भॊतरदषटा भहवषग न उस टदन भय मभतर को भॊतर न टदमा होता तो भया ऩनजीवन तो समबव नहीॊ था | ऩजम फाऩ भानव-दह भ टदखत हए बी अनत असाधायण भहाऩरष ह | टमरफ़ोन ऩय टदम हए उनक एक भॊतर स ही भय भत शयीय भ ऩन पराणो का सॊिाय हो गमा तो जजन ऩय फाऩ की परतम दवषट ऩड़ती होगी व रोग ककतन बागमशारी होत होग ऐस दमार जीवनदाता सदगर क शरीियणो भ कोटट-कोटट दॊडवत परणाभ
-भनोज कभाय सोनी जमोनत टरसग रकषभी फाजाय आभट याजसथान
सदगरदव की कऩा स नतरजमोनत वाऩस मभरी
भयी दाटहनी आॉख स कभ टदखामी दता था तथा उसभ तकरीफ़ बी थी | धमानमोग मशववय टदपरी भ ऩजम गरदव भवा फाॉट यह थ तफ एक भवा भयी दाटहनी आॉख ऩय आ रगा | आॉख स ऩानी ननकरन रगा | ऩय आशचमग दसय ही टदन स आॉख की तकरीप मभट गमी औय अचछी तयह टदखामी दन रगा |
-याजकरी दवी असनाऩय रारगॊज अजाया जज परताऩगढ़ उततय परदश
फड़दादा की मभटटी व जर स जीवनदान
अगसत ९८ भ भझ भररयमा हआ | उसक फाद ऩीमरमा हो गमा | भय फड़ बाई न आशरभ स परकामशत आयोगमननचध ऩसतक भ स ऩीमरमा का भॊतर ऩढ़कय ऩीमरमा तो उताय टदमा ऩयॊत कछ ही टदनो फाद अॊगरजी दवाओॊ क रयएन स दोनो ककडननमाॉ पर (ननजषकरम) हो गई | भया हाटग (रदम) औय रीवय (मकत) बी पर होन रग | डॉकटयो न तो कह टदमा मह रड़का फि नहीॊ सकता | कपय भझ गोटदमा स नागऩय हॉजसऩटर भ र जामा गमा रककन वहाॉ बी डॉकटयो न जवाफ द टदमा कक अफ कछ नहीॊ हो सकता | भय बाई भझ वहीॊ छोड़कय सयत आशरभ आम वदयजी स मभर औय फड़दादा की ऩरयकरभा कयक पराथगना की तथा वहाॉ की मभटटी औय जर मरमा | ८ तायीख को डॉकटय भयी ककडनी फदरन वार थ |
जफ भय बाई फड़दादा को पराथगना कय यह थ तबी स भझ आयाभ मभरना शर हो गमा था | बाई न ७ तायीख को आकय भझ फड़दादा कक मभटटी रगाई औय जर वऩरामा तो भयी दोनो ककडनीमाॉ सवसथ हो गमी | भझ जीवनदान मभर गमा | अफ भ बफपकर सवसथ हॉ |
-परवीण ऩटर
गोटदमा भहायाषड
ऩजम फाऩ न प का कऩा-परसाद
कछ वषग ऩवग ऩजम फाऩ याजकोट आशरभ भ ऩधाय थ | भझ उन टदनो ननकट स दशगन कयन का सौबागम मभरा | उस सभम भझ छाती भ एनजामना ऩकतटोरयस क कायण ददग यहता था | सतसॊग ऩया होन क फाद कछ रोग ऩजम फाऩ क ऩास एक-एक कयक जा यह थ | भ कछ पर-पर नहीॊ रामा था इसमरए शरदधा क पर मरम फठा था | ऩजम फाऩ
कऩा-परसाद प क यह थ कक इतन भ एक िीक भयी छाती ऩय आ रगा औय छाती का वह ददग हभशा क मरए मभट गमा |
-अयववॊदबाई वसावड़ा याजकोट
एक छोटी थरी फनी अमऩातर
सन १९९२ भ यतराभ (भपर) क ऩास सराना क आटदवासी ववसताय भ बॊडाय का आमोजन था | बॊडाय भ सवाएॉ दन फहत-स साधक आम हए थ | आशरभवासी बाई बी ऩहॉि थ | एक टदन का ही आमोजन था औय सतसॊग-कामगकरभ बी था | उस बॊडाय भ गयीफो क मरए बोजन क अरावा फतगन कऩड़ अनाज औय दकषणा (ऩस) फाॉटन की बी रवमवसथा की गमी थी | भय टहसस ऩस फाॉटन की सवा थी | भन ऩाॉि रऩमोवार सौ-सौ नोटो क ऩिीस फॊडर चगनकय थरी भ यख थ | भझ आदश टदमा गमा था आठ सवाधायी ननमकत कय रो | व रोग ऩाॉि रऩम क नोट फाॉटत जामग | भन आठ सवमॊसवको को ऩहरी फाय आठ फॊडर द टदम | कपय ऩॊरह-फीस मभनट क फाद भन दसयी फाय आठो को एक-एक फॊडर टदमा | कपय तीसयी फाय आठो को एक-एक फॊडर टदमा | कर २४ फॊडर गम | अफ दसयी ऩॊकतकत बोजन क मरए बफठामी गमी | भन आठो सवमॊसवको को ऩहरी की बाॉनत तीन फाय एक-एक फॊडर फाॉटन क मरए टदमा | कर ४८ फॊडर गम | बॊडाया ऩया होन क फाद भन सोिा िरो अफ टहसाफ कय र | भ चगनन फठा | भय ऩास ६ फॊडर फि थ | मह कस
भ दॊग यह गमा भन ऩस फाॉटनवारो स ऩछा तो उनहोन फतामा कक कर ४८ फॊडर फाॉट गम थ | भ आशरभ आमा तो रवमवसथाऩक न कहा भन तो आऩको २५ फॊडर टदम थ |
सफको आशचमग हो यहा था कक फॉट ४८ फॊडर औय रकय िर थ २५ फॊडर | २५ भ स ४८ फॉट औय ६ फि गम गरदव का आशीवागद दणखम कक एक छोटी-सी थरी अम ऩातर फन गमी
-ईशवयबाई नामक
अभदावाद आशरभ
फटी न भनौती भानी औय गरकऩा हई
भयी फटी को शादी ककम आठ सार हो गम थ | ऩहरी फाय जफ वह गबगवती हई तफ फचिा ऩट भ ही भय गमा | दसयी फाय फचिी जनभी ऩय छ भहीन भ वह बी िर फसी |
कपय भयी ऩतनी न फटी स कहा अगय त सॊकपऩ कय कक जफ तीसयी फाय परसती होगी तफ तभ फारक की जीब ऩय फाऩजी क फतान क भताबफक bdquoॐ‟ मरखोगी तो तया फारक जीववत यहगा ऐसा भझ ववशवास ह कमोकक ॐकाय भॊतर भ ऩयभानॊदसवरऩ परब ववयाजभान ह | भयी फटी न इस परकाय भनौती भानी औय सभम ऩाकय वह गबगवती हई | सोनोगराफ़ी कयवामी गमी तो डॉकटयो न फतामा गबग भ फचिी ह औय उसक टदभाग भ ऩानी बया हआ ह | वह जजॊदा नहीॊ यह सकगी | गबगऩात कयवा दो | भयी फटी न अऩनी भाॉ स सराह की | उसकी भाॉ न कहा गबगऩात का भहाऩाऩ नहीॊ कयवाना ह | जो होगा दखा जामगा |
गरदव कऩा कयग | जफ परसती हई तो बफपकर पराकनतक ढ़ॊग स हई औय उस फचिी की जीब ऩय शहद एवॊ मभशरी स ॐ मरखा गमा | आज वह बफपकर ठीक ह | जफ उसकी डॉकटयी जाॉि कयवामी गमी तो डॉकटय आशचमग भ ऩड़ गम सोनोगराफ़ी भ जो फीभारयमाॉ टदख यही थीॊ व कहाॉ िरी गमीॊ टदभाग का ऩानी कहाॉ िरा गमा टहनदजा हॉजसऩटरवार मह करयशभा दखकय दॊग यह गम अफ घय भ जफ कोई दसयी कोई कसट िरती ह तो वह फचिी इशाया कयक कहती ह ॐवारी कसट िराओ | वऩछरी ऩनभ को हभ भॊफई स टाटा सभो भ आ यह थ | फाढ़ क ऩानी क कायण यासता फॊद था | हभ सोि भ ऩड़ गम कक ऩनभ का ननमभ टटगा | हभन गरदव का सभयण ककमा | इतन भ हभाय डराइवय न हभस ऩछा जान दॉ हभन बी गरदव का सभयण कयक कहा जान दो औय हरय हरय ॐ कीतगन की कसट रगा दो | गाड़ी आग िरी | इतना ऩानी कक हभ जहाॉ फठ थ वहाॉ तक ऩानी आ गमा | कपय बी हभ गरदव क ऩास सकशर ऩहॉि गम औय उनक दशगन ककम|
-भयायीरार अगरवार
साॊताकरज भॊफई
औय गरदव की कऩा फयसी
जफस सयत आशरभ की सथाऩना हई तफस भ गरदव क दशगन कयत आ यहा हॉ उनकी अभतवाणी सनता आ यहा हॉ | भझ ऩजमशरी स भॊतरदीा बी मभरी ह | परायबधवश एक टदन भय साथ एक बमॊकय दघगटना घटी | डॉकटय कहत थ आऩका एक हाथ अफ काभ नहीॊ कयगा | भ अऩना भानमसक जऩ भनोफर स कयता यहा | अफ हाथ बफपकर ठीक ह | उसस भ ७० ककगरा वजन उठा सकता हॉ | भयी सभसमा थी कक शादी होन क फाद भझ कोई सॊतान नहीॊ थी | डॉकटय कहत थ कक सॊतान नहीॊ हो सकती | हभ रोगो न गरकऩा एवॊ गरभॊतर का सहाया मरमा धमानमोग मशववय भ आम औय गरदव की कऩा फयसी | अफ
हभायी तीन सॊतान ह दो ऩबतरमाॉ औय एक ऩतर | गरदव न ही फड़ी फटी का नाभ गोऩी औय फट का नाभ हरयककशन यखा ह | जम हो सदगरदव की
-हॉसभख काॊनतरार भोदी ५७ अऩना घय सोसामटी सॊदय योड़ सयत
कसट-शरवण स बकतकत का सागय टहरोय रन रगा
भ हय सार गमभगमो भ कबी फरीनाथ तो कबी कदायनाथ तो कबी गॊगोतरी आटद तीथो भ जाता यहता था | रवषकश भ एक दकान क ऩास खड़ यहन ऩय भझ ऩजम गरदव की अभतवाणी की कसट भो का भागग भौत की भौत तीन फात आटद दखन-सनन को मभरीॊ तो भन म कसट खयीद रीॊ | घय ऩहॉिकय कसट सनन क फाद रदम भ बकतकत का सागय टहरोय रन रगा | भझ ऐसा रगा भानो कोई भझ फरा यहा हो | दकान जात सभम ऐसा आबास हआ कक कोई ऩवग आनवारा ह औय भझ अभदावाद जाना होगा उसी टदन अभदावाद आशरभ स भय ऩतर का जवाफ आमा कक टदनाॊक १२ को गरऩनभ का ऩवग ह |
आऩ गरदव क दशगन कय सकत ह | हभ सऩरयवाय आशरभ ऩहॉि | दशगन कयक धनम हए |
दीा ऩाकय कताथग हए | अफ तो हय भहीन जफ तक गरदव क दशगन नहीॊ कयता तफ तक भझ ऐसा रगता ह कक भन कछ खो टदमा ह | दीा क फाद साधन-बजन फढ़ यहा ह बकतकत फढ़ यही ह | ऩहर सॊसाय भ सपरता-ववपरता की जो िोट रगती थी अफ उनका परबाव कभ हआ ह | ववषम-ववकायो का परबाव कभ हआ ह | जान जीव तफ जागा हरय ऩद रचि ववषम ववरास ववयागा भय जीवन भ सॊत तरसीदासजी क इन विनो का समोदम हो यहा ह |
-मशवकभाय तरसमान
गोयखऩय उततय परदश
गरदव न बजा अमऩातर
हभ परिायमातरा क दौयान गरकऩा का जो अदबत अनबव हआ वह अवणगनीम ह | मातरा की शरआत स ऩहर टदनाॊक ८-११-९९ को हभ ऩजम गरदव क आशीवागद रन गम |
गरदव न कामगकरभ क ववषम भ ऩछा औय कहा ऩॊिड़ आशरभ (यतराभ) भ बॊडाया था |
उसभ फहत साभान फि गमा ह | गाड़ी बजकय भॉगवा रना गयीफो भ फाॉटना | हभ झाफआ जजर क आस-ऩास क गयीफ आटदवासी इराको भ जानवार थ | वहाॉ स यतराभ क
मरए गाड़ी बजी | चगनकय साभान बया गमा | दो टदन िर उतना साभान था | एक टदन भ दो बॊडाय होत थ | अत िाय बॊडाय का साभान था | सफन खपर हाथो फतगन कऩड़ साकतड़माॉ धोती आटद साभान छ टदनो तक फाॉटा कपय बी साभान फिा यहा | सफको आशचमग हआ हभ रोग साभान कपय स चगनन रग ऩयॊत गरदव की रीरा क ववषम भ कमा कह
कवर दो टदन िर उतना साभान छ टदनो तक खपर हाथो फाॉटा कपय बी अॊत भ तीन
फोय फतगन फि गम भानो गरदव न अमऩातर बजा हो एक टदन शाभ को बॊडाया ऩया हआ तफ दखा कक एक ऩतीरा िावर फि गमा ह | कयीफ १००-१२५ रोग खा सक उतन िावर थ | हभन सोिा िावर गाॉव भ फाॊट दत ह | ऩयॊत गरदव की रीरा दखो एक गाॉव क फदर ऩाॉि गाॉवो भ फाॉट कपय बी िावर फि यह | आणखय याबतर भ ९ फज क फाद सवाधारयमो न थककय गरदव स पराथगना की कक गरदव अफ जॊगर का ववसताय ह हभ ऩय कऩा कयो | औय िावर खतभ हए | कपय सवाधायी ननवास ऩय ऩहॉि |
-सॊत शरी आसायाभजी बकतभॊडर
कतायगाभ सयत
सवपन भ टदम हए वयदान स ऩतरपरानि
भय गरहसथ जीवन भ एक-एक कयक तीन कनमाएॉ जनभी | ऩतरपरानि क मरए भयी धभगऩतनी न गरदव स आशीवागद पराि ककमा था | िौथी परसनत होन क ऩहर जफ उसन वरसाड़ भ सोनोगराफ़ी कयवामी तो रयऩोटग भ रड़की फतामा गमा | मह सनकय हभ ननयाश हो गम |
एक यात ऩतनी को सवपन भ गरदव न दशगन टदम औय कहा फटी चिॊता भत कय |
घफयाना भत धीयज यख | रड़का ही होगा | हभन सयत आशरभ भ फड़दादा की ऩरयकरभा कयक भनौती भानी थी वह बी फ़रीबत हई औय गरदव का बरहमवाकम बी सतम साबफत हआ जफ परसनत होन ऩय रड़का हआ | सबी गरदव की जम-जमकाय कयन रग |
-सनीर कभाय याधशमाभ िौयमसमा दीऩकवाड़ी ककपरा ऩायड़ी जज वरसाड़
शरी आसायाभामण क ऩाठ स जीवनदान
भया दस वषीम ऩतर एक यात अिानक फीभाय हो गमा | साॉस बी भजशकर स र यहा था |
जफ उस हॉजसऩटर भ बती ककमा तफ डॉकटय फोर | फचिा गॊबीय हारत भ ह | ऑऩयशन कयना ऩड़गा | भ फचि को हॉजसऩटर भ ही छोड़कय ऩस रन क मरए घय गमा औय घय
भ सबी को कहा ldquoआऩ रोग शरी आसायाभामण का ऩाठ शर कयो |rdquo ऩाठ होन रगा |
थोड़ी दय फाद भ हॉजसऩटर ऩहॉिा | वहाॉ दखा तो फचिा हॉस-खर यहा था | मह दख भयी औय घयवारो की खशी का टठकाना न यहा मह सफ फाऩजी की असीभ कऩा गर-गोववनद की कऩा औय शरी आसायाभामण-ऩाठ का पर ह |
-सनीर िाॊडक
अभयावती भहायाषड
गरवाणी ऩय ववशवास स अवणीम राब
शादी होन ऩय एक ऩतरी क फाद सात सार तक कोई सॊतान नहीॊ हई | हभाय भन भ ऩतरपरानि की इचछा थी | १९९९ क मशववय भ हभ सॊतानपरानि का आशीवागद रनवारो की ऩॊकतकत भ फठ | फाऩजी आशीवागद दन क मरए साधको क फीि आम तो कछ साधक नासभझी स कछ ऐस परशन कय फठ जो उनह नहीॊ कयन िाटहए थ | गरदव नायाज होकय मह कहकय िर गम कक तभको सॊतवाणी ऩय ववशवास नहीॊ ह तो तभ रोग महाॉ कमो आम तमह डॉकटय क ऩास जाना िाटहए था | कपय गरदव हभाय ऩास नहीॊ आम | सबी पराथगना कयत यह ऩय गरदव रवमासऩीठ स फोर दफाया तीन मशववय बयना | भ भन भ सोि यहा था कक कछ साधको क कायण भझ आशीवागद नहीॊ मभर ऩामा ऩयॊत वजरादवऩ कठोयाणण भदनन कसभादवऩ फाहय स वजर स बी कठोय टदखन वार सदगर बीतय स पर स बी कोभर होत ह | तयॊत गरदव ववनोद कयत हए फोर दखो म रोग सॊतानपरानि का आशीवागद रन आम ह | कस ठनठनऩार-स फठ ह अफ जाओ झरा-झनझना रकय घय जाओ | भन औय भयी ऩतनी न आऩस भ वविाय ककमा दमार गरदव न आणखय आशीवागद द ही टदमा | अफ गरदव न कहा ह कक झरा-झनझना र जाओ | तो भन गरविन भानकय यरव सटशन स एक झनझना खयीद मरमा औय गवामरमय आकय गरदव क चितर क ऩास यख टदमा | भझ वहाॉ स आन क १५ टदन फाद डॉकटय दवाया भारभ हआ कक ऩतनी गबगवती ह | भन गरदव को भन-ही-भन परणाभ ककमा | इस फीि डॉकटयो न सराह दी कक रड़का ह मा रड़की इसकी जाॉि कया रो | भन फड़ ववशवास स कहा कक रड़का ही होगा | अगय रड़की बी हई तो भझ कोई आऩवतत नहीॊ ह | भझ गबगऩात का ऩाऩ अऩन मसय ऩय नहीॊ रना ह | नौ भाह तक भयी ऩतनी बी सवसथ यही | हरयदवाय मशववय भ बी हभ रोग गम | सभम आन ऩय गरदव दवाया फताम गम इराज क भताबफक गाम क गोफय का यस ऩतनी को टदमा औय टदनाॊक २७ अकतफय १९९९ को एक सवसथ फारक का जनभ हआ |
-याजनर कभाय वाजऩमी अिगना वाजऩमी फरवॊत नगय ढाढीऩय भयाया गवामरमय
औय सोना मभर गमा
हभाय सॊमकत ऩरयवाय भ साठ तोरा सोना िोयी हो गमा था | सतसॊगी होन क कायण हभ द ख तो नहीॊ हआ कपय बी थोडी-फहत चिनता अवशम हई | आशरभ क एक साधक न हभस कहा | आऩ रोग शरी आसायाभामण क १०८ ऩाठ कयो औय सॊकपऩ कयो कक हभाया सोना हभ जरय मभरगा | मभनाऩाय टदपरी भ गरदव का आगभन हआ | हभ शाभ को गरदव क दशगन कयन गम | हभन कछ कहा नहीॊ कमोकक गरदव अॊतमागभी ह | उनहोन हभको परसाद टदमा | उसी यात घय ऩय पोन आमा कक आऩका सोना मभर गमा ह | िोय रखनऊ भ ऩकड़ा गमा ह | हभ आशचमग हआ शरी आसायाभामण क १०८ ऩाठ ऩय बी नहीॊ हए थ औय सोना मभर गमा |
-रीना फटानी यानीफाग टदपरी
सवपर क दो टकड़ो स दो सॊतान
भन सन १९९१ भ िटीिॊड मशववय अभदावाद भ ऩजम फाऩजी स भॊतरदीा री थी | भयी शादी क १० वषग तक भख कोई सॊतान नहीॊ हई | फहत इराज कयवाम रककन सबी डॉकटयो न फतामा कक फारक होन की कोई सॊबावना नहीॊ ह | तफ भन ऩजम फाऩजी क ऩनभ दशगन का वरत मरमा औय फाॉसवाड़ा भ ऩनभ दशगन क मरए गमा | ऩजम फाऩजी सफको परसाद द यह थ | भन भन भ सोिा | कमा भ इतना ऩाऩी हॉ कक फाऩजी भयी तयप दखत तक नहीॊ इतन भ ऩजम फाऩजी कक दवषट भझ ऩय ऩड़ी औय उनहोन भझ दो मभनट तक दखा | कपय उनहोन एक सवपर रकय भझ ऩय प का जो भय दाम कॊ ध ऩय रगकय दो टकड़ो भ फॉट गमा | घय जाकय भन उस सवपर क दोनो बाग अऩनी ऩतनी को णखरा टदम | ऩजमशरी का कऩाऩणग परसाद खान स भयी ऩतनी गबगवती हो गमी | ननयीण कयान ऩय ऩता िरा कक उसको दो मसय वारा फारक उतऩनन होगा | डॉकटयो न फतामा उसका मसजरयमन कयना ऩड़गा अनमथा आऩकी ऩतनी क फिन की समबावना नहीॊ ह | मसजरयमन भ रगबग फीस हजाय रऩमो का खिग आमगा | भन ऩजम फाऩजी स पराथगना की ह फाऩजी आऩन ही पर टदमा था | अफ आऩ ही इस सॊकट का ननवायण कीजजम | कपय
भन फड़ फादशाह क साभन बी पराथगना की जफ भ असऩतार ऩहॉिॉ तो भयी ऩतनी की परसती सकशर हो जाम | उसक फाद जफ भ असऩतार ऩहॉिा तो भयी ऩतनी एक ऩतर औय एक ऩतरी को जनभ द िकी थी | ऩजमशरी क दवाया टदम गम पर स भझ एक की जगह दो सॊतानो की परानि हई |
-भकशबाई सोरॊकी शायदा भॊटदय सकर क ऩीछ
फावन िार वड़ोदया
साइककर स गरधाभ जान ऩय खयाफ टाॉग ठीक हो गमी
भयी फाॉमी टाॉग घटन स उऩय ऩतरी हो गमी थी | ऑर इणणडमा भकतडकर इनसटीटमट
टदपरी भ भ छ टदन तक यहा | वहाॉ जाॉि क फाद फतरामा गमा कक तमहायी यीढ़ की हडडी क ऩास कछ नस भय गमी ह जजसस मह टाॉग ऩतरी हो गमी ह | मह ठीक तो हो ही नहीॊ सकती | हभ तमह ववटामभन ई क कपसर द यह ह | तभ इनह खात यहना | इसस टाॊग औय जमादा ऩतरी नहीॊ होगी | भन एक सार तक कपसर खाम | उसक फाद २२ जन
१९९७ को भजफ़फ़यनगय भ भन गरजी स भॊतरदीा री औय दवाई खाना फॊद कय दी | जफ एक साधक बाई याहर गिा न कहा कक सहायनऩय स साइककर दवाया उततयामण मशववय अभदावाद जान का कामगकरभ फन यहा ह तफ भन टाॉग क फाय भ सोि बफना साइककर मातरा भ बाग रन क मरए अऩनी सहभनत द दी | जफ भय घय ऩय ऩता िरा कक भन साइककर स गरधाभ अभदावाद जान का वविाय फनामा ह अत तभ ११५० ककभी तक साइककर नहीॊ िरा ऩाओग | रककन भन कहा भ साइककर स ही गरधाभ जाऊॉ गा िाह ककतनी बी दयी कमो न हो औय हभ आठ साधक बाई सहायनऩय स २६ टदसमफय ९७ को साइककरो स यवाना हए | भागग भ िढ़ाई ऩय भझ जफ बी कोइ टदककत होती तो ऐसा रगता जस भयी साइककर को कोई ऩीछ स धकर यहा ह | भ भड़कय ऩीछ दखता तो कोई टदखामी नहीॊ ऩड़ता | ९ जनवयी को जफ हभ अभदावाद गरआशरभ भ ऩहॉि औय भन सफह अऩनी टाॉग दखी तो भ दॊग यह गम जो टाॉग ऩतरी हो गमी थी औय डॉकटयो न उस ठीक होन स भना कय टदमा था वह टाॉग बफपकर ठीक हो गमी थी | इस कऩा को दखकय भ िककत यह गमा भय साथी बी दॊग यह गम मह सफ गरकऩा क परसाद का िभतकाय था | भय आठो साथी भयी ऩतनी तथा ऑर इणणडमा भकतडकर इनसटीटमट टदपरी दवाया जाॉि क परभाणऩतर इस फात क साी ह |
-ननयॊकाय अगरवार
ववषणऩयी
अदबत यही भौनभॊटदय की साधना
ऩयभ ऩजम सदगरदव की कऩा स भझ टदनाॊक १८ स २४ भई १९९९ तक अभदावाद आशरभ क भौनभॊटदय भ साधना कयन का सअवसय मभरा | भौनभॊटदय भ साधना क ऩाॉिव टदन मानी २२ भई की याबतर को रगबग २ फज नीॊद भ ही भझ एक झटका रगा | रट यहन कक जसथनत भ ही भझ भहसस हआ कक कोई अदशम शकतकत भझ ऊऩय फहत ऊऩय उड़म र जा यही ह | ऊऩय उड़त हए जफ भन नीि झाॉककय दखा तो अऩन शयीय को उसी भौनभॊटदय भ चितत रटा हआ फखफय सोता हआ ऩामा | ऊऩय जहाॉ भझ र जामा गमा वहाॉ अरग ही छटा थी अजीफ औय अवणीम आकाश को बी बदकय भझ ऐस सथान ऩय ऩहॉिामा गमा था जहाॉ िायो तयप कोहया-ही-कोहया था जस शीश की छत ऩय ओस परी हो इतन भ दखता हॉ कक एक सबा रगी ह बफना शयीय की कवर आकनतमो की | जस यखाओॊ स भनषमरऩी आकनतमाॉ फनी हो | मह सफ कमा िर यहा था सभझ स ऩय था |
कछ ऩर क फाद व आकनतमाॉ सऩषट होन रगी | दवी-दवताओॊ क ऩॊज क भधम शीषग भ एक उचि आसन ऩय साात फाऩजी शॊकय बगवान फन हए करास ऩवगत ऩय ववयाजभान थ औय दवी-दवता कताय भ हाथ फाॉध खड़ थ | भ भक-सा होकय अऩरक नतरो स उनह दखता ही यहा कपय भॊतरभगध हो उनक ियणो भ चगय ऩड़ा | परात क ४ फज थ | अहा भन औय शयीय हपका-फ़पका रग यहा था मही जसथनत २४ भई की भधमयाबतर भ बी दोहयामी गमी | दसय टदन सफह ऩता िरा कक आज तो फाहय ननकरन का टदन ह मानी यवववाय २५ भई की सफह | फाहय ननकरन ऩय बावबया रदम गदगद कॊ ठ औय आखो भ आॉस मो रग यहा था कक जस ननजधाभ स फघय ककमा जा यहा हॉ | धनम ह वह बमभ
भौनभॊटदय भ साधना की वह रवमवसथा जहाॊ स ऩयभ आनॊद क सागय भ डफन की कॊ जी मभरती ह जी कयता ह बगवान ऐसा अवसय कपय स राम जजसस कक उसी भौनभॊटदय भ ऩन आॊतरयक आनॊद का यसऩान कय ऩाऊॉ |
-इनरनायामण शाह
१०३ यतनदीऩ-२ ननयारा नगय कानऩय
असाधम योग स भकतकत
सन १९९४ भ भयी ऩतरी टहयर को शयद ऩणणगभा क टदन फखाय आमा | डॉकटयो को
टदखामा तो ककसीन भररयमा कहकय दवाइमाॉ दी तो ककसीन टामपामड कहकय इराज शर ककमा तो ककसीन टामपामड औय भररयमा दोनो कहा | दवाई की एक खयाक रन स शयीय नीरा ऩड़ गमा औय सज गमा | शयीय भ खन की कभी स उस छ फोतर खन िढ़ामा गमा | इॊजन दन स ऩय शयीय को रकवा भाय गमा | ऩीठ क ऩीछ शमावरण जसा हो गमा | ऩीठ औय ऩय का एकस-य मरमा गमा | ऩय ऩय वजन फाॉधकय यखा गमा | डॉकटयो न उस वाम का फखाय तथा यकत का क सय फतामा औय कहा कक उसक रदम तो वापव िौड़ा हो गमा ह | अफ हभ टहमभत हाय गम | अफ ऩजमशरी क मसवाम औय कोई सहाया नहीॊ था | उस सभम टहयर न कहा भमभी भझ ऩजम फाऩ क ऩास र िरो | वहाॉ ठीक हो जाऊगी | ऩाॉि टदन तक टहयर ऩजमशरी की यट रगाती यही | हभ उस अभदावाद आशरभ भ फाऩ क ऩास र गम | फाऩ न कहा इस कछ नहीॊ हआ ह | उनहोन भझ औय टहयर को भॊतर टदमा एवॊ फड़दादा की परदकषणा कयन को कहा | हभन परदकषणा की औय टहयर ऩनरह टदन भ िरन-कफ़यन रगी | हभ फाऩ की इस करणा-कऩा का कण कस िकाम अबी तो हभ आशरभ भ ऩजमशरी क शरीियणो भ सऩरयवाय यहकय धनम हो यह ह |
-परपपर रवमास
बावनगय
वतगभान भ अभदावाद आशरभ भ सऩरयवाय सभवऩगत
ऩजम फाऩ का दशगन-सतसॊग ही जीवन का सचिा यतन ह
भझ िाय सार स ऩतर कक काभना थी औय भय भन भ हआ कक भयी मह काभना जरय ऩयी होगी | अभदावाद भ धमानमोग मशववय क दौयान ऐसा वविाय आमा कक फाऩ भझ अऩन ियणो भ फरामग | भन भ दढ़ शरदधा थी | इतन रोगो क फीि भ स फाऩ न तजऩणग दवषट भझ ऩय डारी सॊतय का परसाद टदमा औय भया बागम खर गमा | फचि क जनभ स ऩहर डॉकटयो न ऑऩयशन को कहा था रककन फाऩ क फतान क भताबफक भय घयवारो न भझ गाम क गोफय का यस वऩरामा औय शीघर ही फारक का जनभ हो गमा | सचिी शरदधा-बकतकत हो तो कमा असॊबव ह ऩजम फाऩ का दशगन-सतसॊग ही जीवन का सचिा यतन ह |
सचिी शरदधा-बकतकत स ऐसा यतन ऩानवार हभ सबी धनबागी ह |
-यखा ऩयभाय भीया योड़ भॊफई
कसट का िभतकाय
रवमाऩाय उधायी भ िर जान स भ हताश हो गमा था एवॊ अऩनी जजॊदगी स तॊग आकय आतभहतमा कयन की फात सोिन रगा था | भझ साध-भहातभाओॊ व सभाज क रोगो स घणा-सी हो गमी थी धभग व सभाज स भया ववशवास उठ िका था | एक टदन भयी सारी फाऩजी क सतसॊग कक दो कसट ववचध का ववधान एवॊ आणखय कफ तक र आमी औय उसन भझ सनन क मरए कहा | उसक कई परमास क फाद बी भन व कसट नहीॊ सनीॊ एवॊ भन-ही-भन उनह ढ़ोग कहकय कसटो क कतडबफ भ दार टदमा | भन इतना ऩयशान था कक यात को नीॊद आना फॊद हो गमा था | एक यात कफ़पभी गाना सनन का भन हआ | अॉधया होन की वजह स कसट ऩहिान न सका औय गरती स फाऩजी क सतसॊग की कसट हाथ भ आ गमी | भन उसीको सनना शर ककमा | कपय कमा था भयी आशा फॉधन रगी | भन शाॉत होन रगा | धीय-धीय सायी ऩीड़ाएॉ दय होती िरी गमीॊ | भय जीवन भ योशनी-ही-योशनी हो गमी | कपय तो भन ऩजम फाऩजी क सतसॊग की कई कसट सनीॊ औय सफको सनामीॊ |
तदनॊतय भन गाजजमाफाद भ फाऩजी स दीा बी गरहण की | रवमाऩाय की उधायी बी िकता हो गमी | फाऩजी की कऩा स अफ भझ कोई द ख नहीॊ ह | ह गरदव फस एक आऩ ही भय होकय यह औय भ आऩका ही होकय यहॉ |
-ओभपरकाश फजाज
टदपरी योड़ सहायनऩय उततय परदश
भझ ऩय फयसी सॊत की कऩा
सन १९९५ क जन भाह भ भ अऩन रड़क औय बतीज क साथ हरयदवाय धमानमोग मशववय भ बाग रन गमा | एक टदन जफ भ हय की ऩौड़ी ऩय सनान कयन गमा तो ऩानी क तज फहाव क कायण ऩय कपसरन स भया रड़का औय बतीजा दोनो अऩना सॊतरन खो फठ औय गॊगा भ फह गम | ऐसी सॊकट की घड़ी भ भ अऩना होश खो फठा | कमा करॉ भ पट-पटकय योन रगा औय फाऩजी स पराथगना कयन रगा कक ह नाथ ह गरदव या कीजजम भय फचिो को फिा रीजजम | अफ आऩका ही सहाया ह | ऩजमशरी न भय सचि रदम स ननकरी ऩकाय सन री औय उसी सभम भया रड़का भझ टदखामी टदमा | भन झऩटकय उसको फाहय खीॊि मरमा रककन भया बतीजा तो ऩता नहीॊ कहाॉ फह गमा भ ननयॊतय यो यहा था औय भन भ फाय-फाय वविाय उठ यहा था कक फाऩजी भया रड़का फह जाता तो कोई फात नहीॊ थी रककन अऩन बाई की अभानत क बफना भ घय कमा भॉह
रकय जाऊॉ गा फाऩजी आऩही इस बकत की राज फिाओ | तबी गॊगाजी की एक तज रहय उस फचि को बी फाहय छोड़ गमी | भन रऩककय उस ऩकड़ मरमा | आज बी उस हादस को सभयण कयता हॉ तो अऩन-आऩको सॉबार नहीॊ ऩाता हॉ औय भयी आॉखो स ननयॊतय परभ की अशरधाया फहन रगती ह | धनम हआ भ ऐस गरदव को ऩाकय ऐस सदगरदव क शरीियणो भ भय फाय-फाय शत-शत परणाभ
-सभारखाॉ ऩानीऩत हरयमाणा
गरदव की कऩा स सॊतानपरानि
भयी शादी को ऩाॉि सार हो गम थ कपय बी कोई सॊतान नहीॊ हई | रोग हभ फहत तान भायत थ | तबी भन-ही-भन ननणगम र मरमा कक ऩजम फाऩ क आशरभ भ जाना ह | जनवयी १९९९ भ परथभ फाय उततयामण मशववय बया औय भॊतरदीा री | अफ गरदव कक कऩा स भझ एक सॊदय फारक पराि हआ ह | ऩजम फाऩजी की इतनी कऩा-करणा दखकय रदम बय आता ह | भ ऩजम फाऩजी स पराथगना कयती हॉ कक मह फारक उनह सभवऩगत कय सकॊ औय मह उनक मोगम फनसक ऐसी सदफवदध हभ द |
-ननभगरा क तड़वी काॊनतबाई हीयाबाई तडवी याभजी भॊटदय क ऩास कायरी फाग वड़ोदया
गरकऩा स जीवनदान
टदनाॊक १५-१-९६ की घटना ह | भन धात क ताय ऩय सखन क मरए कऩड़ परा यख थ |
फारयश होन क कायण उस ताय भ कयॊट आ गमा था | भया छोटा ऩतर ववशार जो कक ११ वीॊ का भ ऩढ़ता ह आकय उस ताय स छ गमा औय बफजरी का कयॊट रगत ही वह फहोश हो गमा शव क सभान हो गमा | हभन उस तयॊत फड़ असऩतार भ दाणखर कयवामा | डॉकटय न फचि की हारत गॊबीय फतामी | ऐसी ऩरयजसथनत दखकय भयी आॉखो स अशरधायाएॉ फह ननकरी | भ ननजानॊद की भसती भ भसत यहन वार ऩजम सदगरदव को भन-ही-भन माद ककमा औय पराथगना कक ह गरदव अफ तो इस फचि का जीवन आऩक ही हाथो भ ह | ह भय परब आऩ जो िाह सो कय सकत ह | औय आणखय भयी पराथगना सपर हई | फचि भ एक नवीन ितना का सॊिाय हआ एवॊ धीय-धीय फचि क सवासम भ
सधाय होन रगा | कछ ही टदनो भ वह ऩणगत सवसथ हो गमा | डॉकटय न तो उऩिाय ककमा रककन जो जीवनदान उस पमाय परब की कऩा स सदगरदव की कऩा स मभरा उसका वणगन कयन क मरए भय ऩास शबद नहीॊ ह | फस ईशवय स भ मही पराथगना कयता हॉ कक ऐस बरहमननषठ सॊत-भहाऩरषो क परनत हभायी शरदधा भ ववदध होती यह | -
डॉ वाम ऩी कारया शाभरदास कॉरज बावनगय गजयात
ऩजम फाऩ जस सॊत दननमा को सवगग भ फदर सकत ह
भई १९९८ क अॊनतभ टदनो भ ऩजमशरी क इॊदौय परवास क दौयान ईयान क ववखमात कफ़जजमशमन शरी फफाक अगरानी बायत भ अधमाजतभक अनबवो की परानि आम हए थ |
ऩजमशरी क दशगन ऩाकय जफ उनहोन अधमाजतभक अनबवो को परीबत होत दखा तो व ऩॊिड़ आशरभ भ आमोजजत धमानमोग मशववय भ बी ऩहॉि गम | शरी अगरानी जो दो टदन रककय वाऩस रौटन वार थ व ऩय गमायह टदन तक ऩॊिड़ आशरभ भ रक यह | उनहोन ववधाथी मशववय भ सायसवतम भॊतर की दीा री एवॊ ववमशषट धमानमोग साधना मशववय (४ -१० जन १९९८) का बी राब मरमा | मशववय क दौयान शरी अगरानी न ऩजमशरी स भॊतरदीा बी र री | ऩजमशरी क साजननधम भ सॊपराि अनबनतमो क फाय भ बतरम सभािाय ऩतर ितना को दी हई बटवाताग भ शरी अगरानी कहत ह मटद ऩजम फाऩ जस सॊत हय दश भ हो जाम तो मह दननमा सवगग फन सकती ह | ऐस शाॊनत स फठ ऩाना हभाय मरए कटठन ह रककन जफ ऩजम फाऩजी जस भहाऩरषो क शरीियणो भ फठकय सतसॊग सनत ह तो ऐसा आनॊद आता ह कक सभम का कछ ऩता ही नहीॊ िरता | सिभि ऩजम फाऩ कोई साधायण सॊत नहीॊ ह |
-शरी फफाक अगरानी ववशवववखमात कफ़जजमशमन ईयान
फाऩजी का साजननधम गॊगा क ऩावन परवाह जसा ह
कर-कर कयती इस बागीयथी की धवर धाया क ककनाय ऩय ऩजम फाऩजी क साजननधम भ फठकय भ फड़ा ही आपहाटदत औय परभटदत हॉ आनॊटदत हॉ योभाॊचित हॊ | गॊगा बायत की सषमना नाड़ी ह | गॊगा बायत की सॊजीवनी ह | शरी ववषणजी क ियणो स ननकरकय बरहमाजी क कभॊड़र औय जटाधय क भाथ ऩय शोबामभान गॊगा बतरमोगमसवदधकायक ह |
ववषणजी क ियणो स ननकरी गॊगा बकतकत मोग की परतीनत कयाती ह औय मशवजी क भसतक ऩय जसथत गॊगा ऻान मोग की उचितय बमभका ऩय आरढ़ होन की खफय दती ह |
भझ ऐसा रग यहा ह कक आज फाऩजी क परविनो को सनकय भ गॊगा भ गोता रगा यहा हॉ कमोकक उनका परविन उनका सजननधम गॊगा क ऩावन परवाह जसा ह | व अरभसत फ़कीय ह | व फड़ सयर औय सहज ह | व जजतन ही ऊऩय स सयर ह उतन ही अॊतय भ गढ़ ह | उनभ टहभारम जसी उचिता ऩववतरता शरषठता ह औय सागयतर जसी गॊबीयता ह |
व याषड की अभपम धयोहय ह | उनह दखकय कवष-ऩयमऩया को फोध होता ह | गौतभ कणाद
जमभनी कवऩर दाद भीया कफीय यदास आटद सफ कबी-कबी उनभ टदखत ह |
य बाई कोई सतगर सॊत कहाव
जो ननन अरख रखाव धयती उखाड़ आकाश उखाड़
अधय भड़मा धाव |
शनम मशखय क ऩाय मशरा ऩय आसन अिर जभाव |
य बाई कोई सतगर सॊत कहाव
एक ऐस ऩावन साजननधम भ हभ फठ ह जो फड़ा दरगब औय सहज मोगसवरऩ ह | ऐस भहाऩरषो क मरए ऩॊकतकतमाॉ माद आ यही ह तभ िरो तो िर धयती िर अॊफय िर दननमा ऐस भहाऩरष िरत ह तो उनक मरए समग िॊर ताय गरह नतर आटद सफ अनकर हो जात ह | ऐस इजनरमातीत गणातीत बावातीत शबदातीत औय सफ अवसथाओॊ स ऩय ककनहीॊ भहाऩरषो क शरीियणो भ जफ फठत ह तो बागवत कहता ह
साधनाॊ दशगनॊ रोक सवगमसवदधकयॊ ऩयभ |
साध क दशगन भातर स वविाय ववबनत ववदवता शकतकत सहजता ननववगषमता परसननता मसवदधमाॉ औय आतभानॊद की परानि होती ह | दश क भहान सॊत महाॉ सहज ही आत ह बायत क सबी शॊकयािामग बी मशववय भ आत ह | अत भय भन भ बी वविाय आमा कक जहाॉ सफ जात ह वहाॉ जाना िाटहए कमोकक मही वह ठोय-टठकाना ह जहाॉ भन का अमबभान मभटामा जा सकता ह | ऐस भहाऩरषो क दशगन स कवर आनॊद औय भसती ही नहीॊ मभरती फजपक वह सफ कछ मभर जाता ह जो अमबरावषत ह आकाॊकषत ह रकषत ह | महाॉ भ करणा क
कभगठता क वववक-वयागम क ऻान क दशगन कय यहा हॉ | वयागम औय बकतकत क यण ऩोषण औय सॊवधगन क मरए मह सिकवषमो का उततभ ऻान भाना जाता ह | आज गॊगा कपय स
साकाय टदख यही ह तो व फाऩजी क वविाय औय वाणी भ टदख यही ह | अरभसतता सहजता उचिता शरषठता ऩववतरतता तीथग-सी शचिता मशश-सी सयरता तरणो-सा जोश वदधो-सा गाॊबीमग औय कवषमो जसा ऻानाफोध भझ जहाॉ हो यहा ह वह मह ऩॊडार ह | इस आनॊदनगय कहॉ मा परभनगय करणा का सागय कहॉ मा वविायो का सभनदय रककन इतना जरय कहॉगा कक भय भन का कोन-कोना आपहाटदत हो यहा ह | आऩ रोग फड़बागी ह जो ऐस भहाऩरष क शरीियणो भ फठ ह जहाॉ बागम का टदरवम रवमकतकतततव का ननभागण होता ह | जीवन की कतकतमता जहाॉ पराि हो सकती ह वह मही दय ह |
मभर तभ मभरी भॊजजर मभरा भकसद औय भददा बी |
न मभर तभ तो यह गमा भददा भकसद औय भॊजजर बी ||
आऩका मह बावयाजम औय परभयाजम दखकय भ िककत बी हॉ औय आनॊद का अनबव बी कय यहा हॉ | आऩक परनत भया ववशवास औय अटट ननषठा फढ़ इस हत भया नभन सवीकाय कय | भझ ऐसा रगता ह कक फाऩजी समग ह औय नायामण सवाभी एक ऐस दीऩ ह जो न फझ सकत ह न जराम जात ह |
-सवाभी अवधशानॊदजी हरयदवाय
सायसवतम भॊतर स हए अदबत राब
भन १९९८ भ ववधाथी उतथान मशववय सोनीऩत भ ऩजम गरदव स सायसवतम भॊतर की दीा री | दीा क फाद ननममभत भॊतरजऩ कयन स भ इतना कशागर फवदधवारा एवॊ सवावरॊफी हो गमा कक भन एक भहीन भ ही टमशन छोड़ दी औय सवमॊ खफ भहनत कयन रगा | भ सकर बी ऩदर आन-जान रगा जजसस भन सकर फस का ककयामा फिा मरमा |
भॊतर जाऩ क परबाव स भझ ९ वीॊ १० वीॊ ११ वीॊ की ऩयीाओॊ भ परथभ सथान पराि हआ |
१२ वीॊ की ऩयीा क सभम भया सवासम खयाफ होन क कायण भ जऩ ठीक स नहीॊ कय सका कपय बी ७९ परनतशत अॊको स ऩास हआ | उसक फाद इॊजजननमरयॊग की ऩरया भ बी उततीणग यहा |
-करदीऩ कभाय डी-२३४ वसट ववनोद नगय टदपरी
भ टदसमफय १९९९ भ छततीसगढ़ क बाटाऩाया भ ऩजम गरदव स सायसवतम भॊतर की दीा
री | ततऩशचात भ ननममभत रऩ स जऩ-धमान- पराणामाभ कयता था जजसस भझ फहत राब हआ | ऩजम फऩजी की कऩा औय सायसवतम भॊतर जाऩ क परबाव स भझ १२ वीॊ की फोड़ग की ऩरया भ ८४६ परनतशत अॊक मभर |
-ववयनर कभाय कौमशक
डोगयगाॉव जज याजनाॊदगाॉव (छग)
बौनतक मग क अॊधकाय भ ऻान की जमोनत ऩजम फाऩ
भादक ननमॊतरण बमयो बायत सयकाय क भहाननदशक शरी एिऩी कभाय ९ भई को अभदावाद आशरभ भ सतसॊग-कामगकरभ क दौयान ऩजम फाऩ स आशीवागद रन ऩहॉि | फड़ी ववनमरता एवॊ शरदधा क साथ उनहोन ऩजम फाऩ क परनत अऩन उदगाय भ कहा जजस रवमकतकत क ऩास वववक नहीॊ ह वह अऩन रकषम तक नहीॊ ऩहॉि सकता ह औय वववक को पराि कयन का साधन ऩजम आसायाभजी फाऩ जस भहान सॊतो का सतसॊग ह | ऩजम फाऩ स भया परथभ ऩरयिम टीवी क भाधमभ स हआ | ततऩशचात भझ आशरभ दवाय परकामशत कवष परसाद भामसक पराि हआ | उस सभम भझ रगा कक एक ओय जहाॉ इस बौनतक मग क अॊधकाय भ भानव बटक यहा ह वहीॊ दसयी ओय शाॊनत की भॊद-भॊद सगॊचधत वाम बी िर यही ह | मह ऩजम फाऩ क सतसॊग का ही परबाव ह | ऩजमशरी क दशगन कयन का जो सौबागम भझ पराि हआ ह इसस भ अऩन को कतकतम भानता हॉ | ऩजम फाऩ क शरीभख स जो अभत वषाग होती ह तथा इनक सतसॊग स कयोड़ो रदमो भ जो जमोनत जगती ह व इसी परकाय स जगती यह औय आन वार रॊफ सभम तक ऩजमशरी हभ सफ का भागगदशगन कयत यह मही भयी काभना ह | ऩजम फाऩ क शरीियणो भ भय परणाभ
-शरी एिऩी कभाय भहाननदशक भादक ननमॊतरण बमयो बायत सयकाय
गरकऩा ऐसी हई कक अॉधय तो कमा दय बी नहीॊ हई
ऩयभ कऩार फाऩजी क शरीियणो भ भय कोटट-कोटट वॊदन भ एक इसभाइरी खवाजा हॉ तथा अऩन धभग भ अकतडग हॉ | िाय वषग ऩवग कछ रोगो दवाया एक सननमोजजत मोजना फनाकय भझ जफयदसती भडगय कस का आयोऩी फना टदमा गमा था | इसस भझ कहीॊ शाॊनत नहीॊ मभर यही थी | २८ पयवयी १९९७ को भझ नागऩय भ आमोजजत फाऩजी क सतसॊग भ जान की परयणा मभरी औय ४ भािग १९९७ को भन फाऩजी स भॊतरदीा री | भ उनस भन-
ही-भन ववनती की कक ह गरदव भझ फिा रो | गरकऩा ऐसी हई कक ७ जनवयी १९९८ को भझ अदारत न ऩाक-साप फयी कय टदमा फाकी छ आयोवऩमो को सजा हई | धनम ह ऐस भय सदगर उनक शरीियणो भ भय कोटट-कोटट वनदन
-यहभान खान ननशान छाफड़ी (बफछआ) जज नछनदवाड़ा (भपर)
भजसरभ भटहरा को पराणदान
२७ मसतमफय २००० को जमऩय भ भय ननवास ऩय ऩजम फाऩ का आतभ-साातकाय टदवस
भनामा गमा जजसभ भय ऩड़ोस की भजसरभ भटहरा नाथी फहन क ऩनत शरी भाॉग खाॉ न बी ऩजम फाऩ की आयती की औय ियणाभत मरमा | ३-४ टदन फाद ही व भजसरभ दॊऩनत खवाजा साटहफ क उसग भ अजभय िर गम | टदनाॊक ४ अकटफय २००० को अजभय क उसग भ असाभाजजक ततवो न परसाद भ जहय फाॉट टदमा जजसस उसग भर भ आम कई दशगनाथी असवसथ हो गम औय कई भय बी गम | भय ऩड़ोस की नाथी फहन न बी वह परसाद खामा औय थोड़ी दय भ ही वह फहोश हो गमी | अजभय भ उसका उऩिाय ककमा गमा ककॊ त उस होश न आमा | दसय टदन ही उसका ऩनत उस अऩन घय र आमा | कॉरोनी क सबी ननवासी उसकी हारत दखकय कह यह थ कक अफ इसका फिना भजशकर ह | भ बी उस दखन गमा | वह फहोश ऩड़ी थी | भ जोय-जोय स हरय ॐ हरय ॐ का उचिायण ककमा तो वह थोड़ा टहरन रगी | भझ परयणा हई औय भ ऩन घय गमा | ऩजम फाऩ स पराथगना की | ३-४ घॊट फाद ही वह भटहरा ऐस उठकय खड़ी हो गमी भानो सोकय उठी हो | उस भटहरा न फतामा कक भय िािा ससय ऩीय ह औय उनहोन भय ऩनत क भॉह स फोरकय फतामा कक तभन २७ मसतमफय २००० को जजनक सतसॊग भ ऩानी वऩमा था उनहीॊ सपद दाढ़ीवार फाफा न तमह फिामा ह कसी करणा ह गरदव की
-जएर ऩयोटहत
८७ सपतान नगय जमऩय (याज)
उस भटहरा का ऩता ह -शरीभती नाथी
ऩतनी शरी भाॉग खाॉ १०० सपतान नगय गजगय की धड़ी नम साॊगानय योड़
जमऩय (याज)
हरयनाभ की पमारी न छड़ामी शयाफ की फोतर
सौबागमवश गत २६ टदसमफय १९९८ को ऩजमशरी क १६ मशषमो की एक टोरी टदपरी स हभाय गाॉव भ हरयनाभ का परिाय-परसाय कयन ऩहॉिी | भ फिऩन स ही भटदयाऩान धमरऩान व मशकाय कयन का शौकीन था | ऩजम फाऩ क मशषमो दवाया हभाय गाॉव भ जगह-जगह ऩय तीन टदन तक रगाताय हरयनाभ का कीतगन कयन स भझ बी हरयनाभ का यॊग रगता जा यहा था | उनक जान क एक टदन क ऩशचात शाभ क सभम योज की बाॊनत भन शयाफ की फोतर ननकारी | जस ही फोतर खोरन क मरए ढककन घभामा तो उस ढककन क घभन स भझ हरय ॐ हरय ॐ की धवनन सनामी दी | इस परकाय भन दो-तीन फाय ढककन घभामा औय हय फाय भझ हरय ॐ की धवनन सनामी दी | कछ दय फाद भ उठा तथा ऩजमशरी क एक मशषम क घय गमा | उनहोन थोड़ी दय भझ ऩजमशरी की अभतवाणी सनामी | अभतवाणी सनन क फाद भया रदम ऩकायन रगा कक इन दरवमगसनो को तमाग दॉ | भन तयॊत फोतर उठामी तथा जोय-स दय खत भ प क दी | ऐस सभथग व ऩयभ कऩार सदगरदव को भ रदम स परणाभ कयता हॉ जजनकी कऩा स मह अनोखी घटना भय जीवन भ घटी जजसस भया जीवन ऩरयवनतगत हआ |
-भोहन मसॊह बफषट
मबखमासन अपभोड़ा (उपर)
ऩय गाॉव की कामाऩरट
ऩजमशरी स टदनाॊक २७६९१ को दीा रन क फाद भन रवमवसनभकतकत क परिाय-परसाय का रकषम फना मरमा | भ एक फाय कौशरऩय (जज शाजाऩय) ऩहॉिा | वहाॉ क रोगो क रवमवसनी औय रड़ाई-झगड़ मकत जीवन को दखकय भन कहा आऩ रोग भनषम-जीवन सही अथग ही नहीॊ सभझत ह | एक फाय आऩ रोग ऩजम फाऩजी क दशगन कय र तो आऩको सही जीवन जीन की कॊ जी मभर जामगी | गाॉव वारो न भयी फात भान री औय दस रवमकतकत भय गाॉव ताजऩय आम | भन एक साधक को उनक साथ जनभाषटभी भहोतसव भ सयत बजा | ऩजम फाऩजी की उन ऩय कऩा फयसी औय सफको गरदीा मभर गमी | जफ व रोग अऩन गाॉव ऩहॉि तो सबी गाॉववामसमो को फड़ा कौतहर था कक ऩजम फाऩजी कस ह फाऩजी की रीराएॉ सनकय गाॉव क अनम रोगो भ बी ऩजम फाऩजी क परनत शरदधा जगी | उन दीकषत साधको न सबी गाॉववारो को सववधानसाय ऩजम फाऩजी क अरग-अरग आशरभो भ
बजकय दीा टदरवा दी | गाॉव क सबी रवमकतकत अऩन ऩय ऩरयवाय सटहत दीकषत हो िक ह | परतमक गरवाय को ऩय गाॉव भ एक सभम बोजन फनता ह | सबी रोग गरवाय का वरत यखत ह | कौशरऩय गाॉव क परबाव स आस-ऩास क गाॉववार एवॊ उनक रयशतदायो सटहत १००० रवमकतकतमो शयाफ छोड़कय दीा र री ह | गाॉव क इनतहास भ तीन-तीन ऩीढ़ी स कोई भॊटदय नहीॊ था | गाॉववारो न ५ राख रऩम रगाकय दो भॊटदय फनवाम ह | ऩया गाॉव रवमवसनभकत एवॊ बगवतबकत फन गमा ह मह ऩजम फाऩजी की कऩा नहीॊ तो औय कमा ह सफक तायणहाय ऩजम फाऩजी क शरीियणो भ कोटट-कोटट परणाभ
-शमाभ परजाऩनत (सऩयवाइजय नतरहन सॊघ) ताजऩय उजजन (भपर)
नतरबफ ॊद का िभतकाय
भया सौबागम ह कक भझ सॊतकऩा नतरबफॊद (आई डरॉपस) का िभतकाय दखन को मभरा |
एक सॊत फाफा मशवयाभदास उमर ८० वषग गीता कटटय तऩोवन झाड़ी सिसयोवय हरयदवाय भ यहत ह | उनकी दाटहनी आॉख क सपद भोनतम का ऑऩयशन शाॉनतकॊ ज हरयदवाय आमोजजत कमऩ भ हआ | कस बफगड़ गमा औय कार भोनतमा फन गमा | ददग यहन रगा औय योशनी घटन रगी | दोफाया बभाननद नतर चिककतसारम भ ऑऩयशन हआ | एबसपमट गरकोभा फतात हए कहा कक ऑऩयशन स मसयददग ठीक हो जामगा ऩय योशनी जाती यहगी | ऩयॊत अफ व फाफा सॊत शरी आसायाभजी आशरभ दवाय ननमभगत सॊतकऩा नतरबफॊद सफह-शाभ डार यह ह | भन उनक नतरो का ऩयीण ककमा | उनकी दाटहनी आॉख भ उॉगरी चगनन रामक योशनी वाऩस आ गमी ह | कार भोनतम का परशय नॉभगर ह | कोननगमा भ सजन नहीॊ ह | व कापी सॊतषट ह | व फतात ह आॉख ऩहर रार यहती थी ऩयॊत अफ नहीॊ ह | आशरभ क नतरबफॊद स कपऩनातीत राब हआ | फामीॊ आॉख भ बी उनह सपद भोनतमा फतामा गमा था औय सॊशम था कक शामद कारा भोनतमा बी ह | ऩय आज फामीॊ आॉख बी ठीक ह औय दोनो आॉखो का परशय बी नॉभगर ह | सपद भोनतमा नहीॊ ह औय योशनी कापी अचछी ह |
मह सॊतकऩा नतरफॊद का ववरण परबाव दखकय भ बी अऩन भयीजो को इसका उऩमोग कयन की सराह दॉगा |
-डॉ अननत कभाय अगरवार (नतरयोग ववशषऻ)
एभफीफीएस एभएस (नतर) डीओएभएस (आई) सीताऩय सहायनऩय (उपर)
ऩजमशरी की तसवीय स मभरी परयणा
सवगसभथग ऩयभ ऩजम शरी फाऩजी क ियणकभरो भ भया कोटट-कोटट नभन १९८४ क बकॊ ऩ स समऩणग उततय बफहाय भ कापी नकसान हआ था जजसकी िऩट भ हभाया घय बी था | ऩरयजसथनतवश भझ नौवी का भ ऩढ़ामी छोड़ दनी ऩड़ी | ककसी मभतर की सराह स भ नौकयी ढॉढ़न क मरए टदपरी गमा रककन वहाॉ बी ननयाशा ही हाथ रगी | भ दो टदन स बखा तो था ही ऊऩय स नौकयी की चिॊता | अत आतभहतमा का वविाय कयक यरव सटशन की ओय िर ऩड़ा | यानीफाग फाजाय भ एक दकान ऩय ऩजमशरी का सतसाटहतम
कसट आटद यखा हआ था एवॊ ऩजमशरी की फड़ आकाय की तसवीय बी टॉगी थी | ऩजमशरी की हॉसभख एवॊ आशीवागद की भरावारी उस तसवीय ऩय भयी नजय ऩड़ी तो १० मभनट तक भ वहीॊ सड़क ऩय स ही खड़-खड़ उस दखता यहा | उस वकत न जान भझ कमा मभर गमा भ काभ बर भजदयी का ही कयता हॉ रककन तफस रकय आज तक भय चितत भ फड़ी परसननता फनी हई ह | न जान भयी जजनदगी की कमा दशा होती अगय ऩजम फाऩजी की मवाधन सया ईशवय की ओय ननजशचनत जीवन ऩसतक औय कवष परसाद ऩबतरका हाथ न रगती ऩजमशरी की तसवीय स मभरी परयणा एवॊ उनक सतसाटहतम न भयी डफती नमा को भानो भझदाय स फिा मरमा | धनबागी ह साटहतम की सवा कयन वार जजनहोन भझ आतभहतमा क ऩाऩ स फिामा |
-भहश शाह
नायामणऩय दभया जज सीताभढ़ी (बफहाय)
भॊतर स राब
भयी भाॉ की हारत अिानक ऩागर जसी हो गमी थी भानो कोई बत-परत-डाककनी मा आसयी ततव उनभ घस गमा | भ फहत चिॊनतत हो गमा एवॊ एक साचधका फहन को पोन ककमा | उनहोन बत-परत बगान का भॊतर फतामा जजसका वणगन आशरभ स परकामशत आयोगमननचध ऩसतक भ बी ह | वह भॊतर इस परकाय ह
ॐ नभो बगवत रर बयवाम बतपरत म कर कर हॊ पट सवाहा |
इस भॊतर का ऩानी भ ननहायकय १०८ फाय जऩ ककमा औय वही ऩानी भाॉ को वऩरा टदमा |
तयॊत ही भाॉ शाॊनत स सो गमीॊ | दसय टदन बी इस भॊतर की ऩाॉि भारा कयक भाॉ को वह जर वऩरामा तो भाॉ बफपकर ठीक हो गमीॊ | ह भय साधक बाई-फहनो बत-परत बगान क
मरए अरा फाॉधॉ फरा फाॉधॉ ऐसा कयक झाड़-फ़ॉ क कयनवारो क िककय भ ऩड़न की जरयत नहीॊ ह | इसक मरए तो ऩजम फाऩजी का भॊतर ही तायणहाय ह | ऩजम फाऩजी क शरीियणो भ कोटट-कोटट परणाभ
-िॊऩकबाई एन ऩटर (अभरयका)
काभ करोध ऩय ववजम ऩामी
एक टदन भॊफई भर भ टटकट िककॊ ग कयत हए भ वातानकमरत फोगी भ ऩहॉिा | दखा तो भखभर की गददी ऩय टाट का आसन बफछाकय सवाभी शरी रीराशाहजी भहायाज सभाचधसथ ह | भझ आशचमग हआ कक जजन परथभ शरणी की वातानकमरत फोचगमो भ याजा-भहायाजा मातरा कयत ह ऐसी फोगी औय तीसयी शरणी की फोगी क फीि इन सॊत को कोई बद नहीॊ रगता | ऐसी फोचगमो भ बी व सभाचधसथ होत ह मह दखकय मसय झक जाता ह | भन ऩजम भहायाजशरी को परणाभ कयक कहा आऩ जस सॊतो क मरए तो सफ एक सभान ह |
हय हार भ एकयस यहकय आऩ भकतकत का आनॊद र सकत ह | रककन हभाय जस गरहसथो को कमा कयना िाटहए ताकक हभ बी आऩ जसी सभता फनाम यखकय जीवन जी सक
ऩजम भहायाजजी न कहा काभ औय करोध को त छोड़ द तो त बी जीवनभकत हो सकता ह | जहाॉ याभ तहॉ नहीॊ काभ जहाॉ काभ तहॉ नहीॊ याभ | औय करोध तो बाई बसभासय ह | वह तभाभ ऩणम को जराकय बसभ कय दता ह अॊतकयण को भमरन कय दता ह | भन कहा परब अगय आऩकी कऩा होगी तो भ काभ-करोध को छोड़ ऩाऊॉ गा | ऩजम भहायाजजी न कहा बाई कऩा ऐस थोड़ ही की जाती ह सॊतकऩा क साथ तया ऩरषाथग औय दढ़ता बी िाटहए | ऩहर त परनतऻा कय कक त जीवनऩमगनत काभ औय करोध स दय यहगा तो भ तझ आशीवागद दॉ | भन कहा भहायाजजी भ जीवनबय क मरए परनतऻा तो करॉ रककन उसका ऩारन न कय ऩाऊॉ तो झठा भाना जाऊॉ गा | ऩजम भहायाजजी न कहा अचछा ऩहर त भय सभ आठ टदन क मरए परनतऻा कय | कपय परनतऻा को एक-एक टदन फढ़त जाना | इस परकाय त उन फराओॊ स फि सकगा | ह कफर भन हाथ जोड़कय कफर ककमा | ऩजम भहायाजजी न आशीवागद दकय दो-िाय पर परसाद भ टदम | ऩजम भहायाजजी न भयी जो दो कभजोरयमाॉ थीॊ उन ऩय ही सीधा हभरा ककमा था | भझ आशचमग हआ कक अनम कोई बी दगगण छोड़न का न कहकय इन दो दगगणो क मरए ही उनहोन परनतऻा कमो कयवामी फाद भ भ इस याज स अवगत हआ |
दसय टदन भ ऩसनजय टरन भ कानऩय स आग जा यहा था | सफह क कयीफ नौ फज थ |
तीसयी शरणी की फोगी भ जाकय भन माबतरमो क टटकट जाॉिन का कामग शर ककमा | सफस
ऩहर फथग ऩय सोम हए एक मातरी क ऩास जाकय भन एक मातरी क ऩास जाकय भन टटकट टदखान को कहा तो वह गससा होकय भझ कहन रगा अॊधा ह दखता नहीॊ कक भ सो गमा हॉ भझ नीॊद स जगान का तझ कमा अचधकाय ह मह कोई यीत ह टटकट क फाय भ ऩछन की ऐसी ही अकर ह तयी ऐसा कछ-का-कछ वह फोरता ही गमा फोरता ही गमा | भ बी करोधाववषट होन रगा ककॊ त ऩजम भहायाजजी क सभ री हई परनतऻा भझ माद थी अत करोध को ऐस ऩी गमा भानो ववष की ऩकतड़मा भन उस कहा भहाशम आऩ ठीक ही कहत ह कक भझ फोरन की अकर नहीॊ ह बान नहीॊ ह | दखो भय म फार धऩ भ सपद हो गम ह | आऩभ फोरन की अकर अचधक ह नमरता ह तो कऩा कयक मसखाओॊ कक टटकट क मरए भझ ककस परकाय आऩस ऩछना िाटहए | भ रािाय हॉ कक डमटी क कायण भझ टटकट िक कयना ऩड़ यहा ह इसमरए भ आऩको कषट द यहा हॉ|
औय कफ़य भन खफ परभ स हाथ जोड़कय ववनती की बमा कऩा कयक कषट क मरए भझ भा कयो | भझ अऩना टटकट टदखामग भयी नमरता दखकय वह रजजजत हो गमा एवॊ तयॊत उठ फठा | जपदी-जपदी नीि उतयकय भझस भा भाॉगत हए कहन रगा भझ भाप कयना | भ नीॊद भ था | भन आऩको ऩहिाना नहीॊ था | अफ आऩ अऩन भॉह स भझ कह कक आऩन भझ भाफ़ ककमा मह दखकय भझ आनॊद औय सॊतोष हआ | भ सोिन रगा कक सॊतो की आऻा भानन भ ककतनी शकतकत औय टहत ननटहत ह सॊतो की करणा कसा िभतकारयक ऩरयणाभ राती ह वह रवमकतकत क पराकनतक सवबाव को बी जड़-भर स फदर सकती ह | अनमथा भझभ करोध को ननमॊतरण भ यखन की कोई शकतकत नहीॊ थी | भ ऩणगतमा असहाम था कपय बी भझ भहायाजजी की कऩा न ही सभथग फनामा | ऐस सॊतो क शरीियणो भ कोटट-कोटट नभसकाय
-शरी यीजभर
रयटामडग टीटी आई कानऩय
अनम अनबव
जरा हआ कागज
ऩवग रऩ भ एक फाय ऩयभहॊस ववशदधानॊदजी स आनॊदभमी भाॉ की ननकटता ऩानवार सपरमसदध ऩॊकतडत गोऩीनाथ कववयाज न ननवदन ककमा तयणीकानत ठाकय को अरौककक मसवदध पराि हई ह | व बफना दख मा बफना छए ही कागज भ मरखी हई फात ऩढ़ रत ह |
गरदव फोर तभ एक कागज ऩय कछ मरखो औय उसभ आग रगाकय जरा दो |
कववयाजजी न कागज ऩय कछ मरखा औय ऩयी तयह कागज जराकय हवा भ उड़ा टदमा |
उसक फाद गरदव न अऩन तककम क नीि स वही कागज ननकारकय कववयाजजी क आग यख टदमा | मह दखकय उनह फड़ा आशचमग हआ कक मह कागज वही था एवॊ जो उनहोन मरखा था वह बी उस ऩय उनहीॊ क सरख भ मरखा था औय साथ ही उसका उततय बी मरखा हआ दखा | जड़ता ऩशता औय ईशवयता का भर हभाया शयीय ह | जड़ शयीय को भ-भया भानन की ववतत जजतनी मभटती ह ऩाशवी वासनाओॊ की गराभी उतनी हटती ह औय हभाया ईशवयीम अॊश जजतना अचधक ववकमसत होता ह उतना ही मोग-साभमग ईशवयीम साभमग परकट होता ह | बायत क ऐस कई बकतो सॊतो औय मोचगमो क जीवन भ ईशवयीम साभमग दखा गमा ह अनबव ककमा गमा ह उसक ववषम भ सना गमा ह | धनम ह बायतबमभ भ यहनवार बायतीम सॊसकनत भ शरदधा-ववशवास यखनवार अऩन ईशवयीम अॊश को जगान की सवा-साधना कयनवार सवाभी ववशदधानॊदजी वषो की एकाॊत साधना औय वषो-वषो की गरसवा स अऩना दहाधमास औय ऩाशवी वासनाएॉ मभटाकय अऩन ईशवयीम
अॊश को ववकमसत कयनवार बायत क अनक भहाऩरषो भ स थ | उनक जीवन की औय बी अरौककक घटनाओॊ का वणगन आता ह | ऐस सतऩरषो क जीवन-िरयतर औय उनक जीवन भ घटटत घटनाएॉ ऩढ़न-सनन स हभ रोग बी अऩनी जड़ता एवॊ ऩशता स ऊऩय उठकय ईशवयीम अॊश को उबायन भ उतसाटहत होत ह | फहत ऊॉ िा काभ ह फड़ी शरदधा फड़ी सभझ फड़ा धमग िाटहए ईशवयीम साभमग को ऩणग रऩ स ववकमसत कयन भ | अफ आओ
िर आदय शॊकयािामग की ओय
नदी की धाया भड़ गमी
आदय शॊकयािामग की भाता ववमशषटा दवी अऩन करदवता कशव की ऩजा कयन जाती थीॊ | व ऩहर नदी भ सनान कयतीॊ औय कफ़य भॊटदय भ जाकय ऩजन कयतीॊ | एक टदन व परातकार ही ऩजन-साभगरी रकय भॊटदय की ओय गमीॊ ककॊ त सामॊकार तक घय नहीॊ रौटीॊ | शॊकयािामग की आम अबी सात-आठ वषग क भधम भ ही थी | व ईशवय क ऩयभ बकत औय ननषठावान थ | सामॊकार तक भाता क वाऩस न रौटन ऩय आिामग को फड़ी चिनता हई औय व उनह खोजन क मरए ननकर ऩड़ | भॊटदय क ननकट ऩहॉिकय उनहोन भाता को भागग भ ही भजचछगत ऩड़ दखा | उनहोन फहत दय तक भाता का उऩिाय ककमा तफ व होश भ आ सकीॊ |
नदी अचधक दय थी | वहाॉ तक ऩहॉिन भ भाता को फड़ा कषट होता था | आिामग न बगवान स भन-ही-भन पराथगना की कक परबो ककसी परकाय नदी की धाया को भोड़ दो जजसस कक
भाता ननकट ही सनान कय सक | व इस परकाय की पराथगना ननतम कयन रग | एक टदन उनहोन दखा कक नदी की धाया ककनाय की धयती को काटती-काटती भड़न रगी ह तथा कछ टदनो भ ही वह आिामग शॊकय क घय क ऩास फहन रगी | इस घटना न आिामग का अरौककक शकतकतसमऩनन होना परमसदध कय टदमा |
सकषभ शयीय स िोय का ऩीछा ककमा
हरयहय फाफा की फड़ी परमसवदध थी | एक फाय व हयऩारऩय सटशन ऩय थ | वहाॉ क सटशन भासटय न उनको एक िोय सऩदग ककमा | िोय न फाफा स कहा भहायाज भझ इतनी छटटी द दीजजम कक भ अऩन फार-फचिो का परफॊध कय आऊॉ | फाफा गाड़ी आन ऩय रौट आना | िोय िरा गमा | सटशन भासटय को ऩता िरा तो वह फाफा ऩय गभग हआ औय फोरा उसक फदर तमह जर की हवा खानी होगी | तभन जान-फझकय उस बगा टदमा ह | फाफा घफयाओ भत गाड़ी आन स ऩहर ही वह रौट आमगा | िोय की नीमत ठीक नहीॊ थी | वह जॊगर क भागग स अऻात सथान को बाग जाना िाहता था ककॊ त उस हय सभम मही परतीत होता यहा कक हरयहय फाफा डॊडा पटकायत हए उसक ऩीछ-ऩीछ िर आ यह ह | इसीमरए वह गाड़ी आन स ऩहर ही रौट आमा |
भॊगरी फाधा-ननवायण भॊतर
अॊ याॊ अॊ
इस भॊतर को १०८ फाय जऩन स करोध दय होता ह | जनभकनडरी भ भॊगरी मोग होन स जजनक वववाह न हो यह हो व २७ भॊगरवाय इस भॊतर का १०८ फाय जऩ कयत हए वरत यखकय हनभानजी ऩय मसॊदय का िोरा िढ़ाम | इसस भॊगर-फाधा का म होता ह |
सखऩवगक परसवकायक भॊतर
ऩहरा उऩाम
एॊ हीॊ बगवनत बगभामरनन िर िर भराभम भराभम ऩषऩॊ ववकासम ववकासम सवाहा |
इस भॊतर दवाया अमबभॊबतरत दध गमबगणी सतरी को वऩराम तो सखऩवगक परसव होगा |
दसया उऩाम
गमबगणी सतरी सवमॊ परसव क सभम जमबरा-जमबरा जऩ कय |
तीसया उऩाम
दशी गाम क गोफय का १२ स १५ मभरी यस ॐ नभो नायामणाम भॊतर का २१ फाय जऩ कयक ऩीन स बी परसव-फाधाएॉ दय होगी औय बफना ऑऩयशन क परसव होगा |
परसनत क सभम अभॊगर की आशॊका हो तो ननमन भॊतर का जऩ कय
सवगभॊगर भाॊगपम मशव सवागथग साचधक |
शयणम तरममफक गौयी नायामणी नभोSसतत ||
(दगागसिशती)
शकतकतशारी व गोय ऩतर की परानि क मरए
सगबागवसथा भ ढाक (ऩराश खाखया) का एक कोभर ऩतता घोटकय गौ-दगध क साथ योज सवन कयन स फारक शकतकतशारी औय गोया होता ह | भाता-वऩता बर कार-करट हो कपय बी फारक गोया होगा |
सदगर-भटहभा
गर बफन बव ननचध तय न कोई |
जौ फयॊचि सॊकय सभ होई ||
-सॊत तरसीदासजी
हरयहय आटदक जगत भ ऩजमदव जो कोम |
सदगर की ऩजा ककम सफकी ऩजा होम ||
-ननशचरदासजी भहायाज
सहजो कायज सॊसाय को गर बफन होत नाॉही |
हरय तो गर बफन कमा मभर सभझ र भन भाॉही ||
-सॊत कफीयजी सॊत
सयनन जो जन ऩय सो जन उधयनहाय | सॊत की ननॊदा नानका फहरय फहरय अवताय ||
-गर नानक दवजी
गरसवा सफ बागमो की जनभबमभ ह औय वह शोकाकर रोगो को बरहमभम कय दती ह |
गररऩी समग अववदयारऩी याबतर का नाश कयता ह औय ऻानाऻान रऩी मसतायो का रोऩ कयक फवदधभानो को आतभफोध का सटदन टदखाता ह |
-सॊत ऻानशवय भहायाज
सतम क कॊ टकभम भागग भ आऩको गर क मसवाम औय कोई भागगदशगन नहीॊ द सकता |
- सवाभी मशवानॊद सयसवती
ककतन ही याजा-भहायाजा हो गम औय होग सामजम भकतकत कोई नहीॊ द सकता | सचि याजा-भहायाज तो सॊत ही ह | जो उनकी शयण जाता ह वही सचिा सख औय सामजम भकतकत ऩाता ह |
-सभथग शरी याभदास सवाभी
भनषम िाह ककतना बी जऩ-तऩ कय मभ-ननमभो का ऩारन कय ऩयॊत जफ तक सदगर की कऩादवषट नहीॊ मभरती तफ तक सफ रवमथग ह |
-सवाभी याभतीथग
परटो कहत ह कक सकयात जस गर ऩाकय भ धनम हआ |
इभसगन न अऩन गर थोयो स जो पराि ककमा उसक भटहभागान भ व बावववबोय हो जात थ |
शरी याभकषण ऩयभहॊस ऩणगता का अनबव कयानवार अऩन सदगरदव की परशॊसा कयत नहीॊ अघात थ |
ऩजमऩाद सवाभी शरी रीराशाहजी भहायाज बी अऩन सदगरदव की माद भ सनह क आॉस
फहाकय गदगद कॊ ठ हो जात थ |
ऩजम फाऩजी बी अऩन सदगरदव की माद भ कस हो जात ह मह तो दखत ही फनता ह |
अफ हभ उनकी माद भ कस होत ह मह परशन ह | फटहभगख ननगय रोग कछ बी कह साधक को अऩन सदगर स कमा मभरता ह इस तो साधक ही जानत ह |
रडी भाटटगन क सहाग की या कयन अपगाननसतान भ परकट मशवजी
साध सॊग सॊसाय भ दरगब भनषम शयीय |
सतसॊग सववत ततव ह बतरववध ताऩ की ऩीय ||
भानव-दह मभरना दरगब ह औय मभर बी जाम तो आचधदववक आचधबौनतक औय आधमाजतभक म तीन ताऩ भनषम को तऩात यहत ह | ककॊ त भनषम-दह भ बी ऩववतरता हो सचिाई हो शदधता हो औय साध-सॊग मभर जाम तो म बतरववध ताऩ मभट जात ह |
सन १८७९ की फात ह | बायत भ बबरटटश शासन था उनहीॊ टदनो अॊगरजो न अपगाननसतान ऩय आकरभण कय टदमा | इस मदध का सॊिारन आगय भारवा बबरटटश छावनी क रजफ़टनट कनगर भाटटगन को सौऩा गमा था | कनगर भाटटगन सभम-सभम ऩय मदध-तर स अऩनी ऩतनी को कशरता क सभािाय बजता यहता था | मदध रॊफा िरा औय अफ तो सॊदश आन बी फॊद हो गम | रडी भाटटगन को चिॊता सतान रगी कक कहीॊ कछ अनथग न हो गमा हो अपगानी सननको न भय ऩनत को भाय न डारा हो | कदाचित ऩनत मदध भ शहीद हो गम तो भ जीकय कमा करॉ गी -मह सोिकय वह अनक शॊका-कशॊकाओॊ स नघयी यहती थी |
चिनतातय फनी वह एक टदन घोड़ ऩय फठकय घभन जा यही थी | भागग भ ककसी भॊटदय स आती हई शॊख व भॊतर धवनन न उस आकवषगत ककमा | वह एक ऩड़ स अऩना घोड़ा फाॉधकय भॊटदय भ गमी | फजनाथ भहादव क इस भॊटदय भ मशवऩजन भ ननभगन ऩॊकतडतो स उसन ऩछा आऩ रोग कमा कय यह ह एक वरदध बराहमण न कहा हभ बगवान मशव का ऩजन कय यह ह | रडी भाटटगन मशवऩजन की कमा भहतता ह बराहमण फटी बगवान मशव तो औढयदानी ह बोरनाथ ह | अऩन बकतो क सॊकट-ननवायण कयन भ व तननक बी दय नहीॊ कयत ह | बकत उनक दयफाय भ जो बी भनोकाभना रकय क आता ह उस व शीघर ऩयी कयत ह ककॊ त फटी तभ फहत चिजनतत औय उदास नजय आ यही हो कमा फात ह रडी भाटटगन भय ऩनतदव मदध भ गम ह औय ववगत कई टदनो स उनका कोई
सभािाय नहीॊ आमा ह | व मदध भ पॉ स गम ह मा भाय गम ह कछ ऩता नहीॊ िर यहा | भ उनकी ओय स फहत चिजनतत हॉ | इतना कहत हए रडी भाटटगन की आॉख नभ हो गमीॊ |
बराहमण तभ चिनता भत कयो फटी मशवजी का ऩजन कयो उनस पराथगना कयो रघररी कयवाओ | बगवान मशव तमहाय ऩनत का यण अवशम कयग |
ऩॊकतडतो की सराह ऩय उसन वहाॉ गमायह टदन का ॐ नभ मशवाम भॊतर स रघररी अनषठान परायॊब ककमा तथा परनतटदन बगवान मशव स अऩन ऩनत की या क मरए पराथगना कयन रगी कक ह बगवान मशव ह फजनाथ भहादव मटद भय ऩनत मदध स सकशर रौट आम तो भ आऩका मशखयफॊद भॊटदय फनवाऊॉ गी | रघररी की ऩणागहनत क टदन बागता हआ एक सॊदशवाहक मशवभॊटदय भ आमा औय रडी भाटटगन को एक मरपापा टदमा | उसन घफयात-घफयात वह मरपापा खोरा औय ऩढ़न रगी |
ऩतर भ उसक ऩनत न मरखा था हभ मदध भ यत थ औय तभ तक सॊदश बी बजत यह रककन आक ऩठानी सना न घय मरमा | बबरटटश सना कट भयती औय भ बी भय जाता |
ऐसी ववकट ऩरयजसथनत भ हभ नघय गम थ कक पराण फिाकय बागना बी अतमाचधक कटठन था | इतन भ भन दखा कक मदधबमभ भ बायत क कोई एक मोगी जजनकी फड़ी रमफी जटाएॉ ह हाथ भ तीन नोकवारा एक हचथमाय (बतरशर) इतनी तीवर गनत स घभ यहा था कक ऩठान सननक उनह दखकय बागन रग | उनकी कऩा स घय स हभ ननकरकय ऩठानो ऩय वाय कयन का भौका मभर गमा औय हभायी हाय की घकतड़माॉ अिानक जीत भ फदर गमीॊ | मह सफ बायत क उन फाघामफयधायी एवॊ तीन नोकवारा हचथमाय धायण ककम हए
(बतरशरधायी) मोगी क कायण ही समबव हआ | उनक भहातजसवी रवमकतकततव क परबाव स दखत-ही-दखत अपगाननसतान की ऩठानी सना बाग खड़ी हई औय व ऩयभ मोगी भझ
टहमभत दत हए कहन रग | घफयाओॊ नहीॊ | भ बगवान मशव हॉ तथा तमहायी ऩतनी की ऩजा स परसनन होकय तमहायी या कयन आमा हॉ उसक सहाग की या कयन आमा हॉ |
ऩतर ऩढ़त हए रडी भाटटगन की आॉखो स अववयत अशरधाया फहती जा यही थी उसका रदम अहोबाव स बय गमा औय वह बगवान मशव की परनतभा क समभख मसय यखकय पराथगना कयत-कयत यो ऩड़ी | कछ सिाह फाद उसका ऩनत कनगर भाटटगन आगय छावनी रौटा | ऩतनी न उस सायी फात सनात हए कहा आऩक सॊदश क अबाव भ भ चिजनतत हो उठी थी रककन बराहमणो की सराह स मशवऩजा भ रग गमी औय आऩकी या क मरए बगवान मशव स पराथगना कयन रगी | उन द खबॊजक भहादव न भयी पराथगना सनी औय आऩको सकशर रौटा टदमा | अफ तो ऩनत-ऩतनी दोनो ही ननममभत रऩ स फजनाथ भहादव क भॊटदय भ ऩजा-अिगना कयन रग | अऩनी ऩतनी की इचछा ऩय कनगर भाटटगन भ सन १८८३
भ ऩॊरह हजाय रऩम दकय फजनाथ भहादव भॊटदय का जीणोदवाय कयवामा जजसका मशरारख आज बी आगय भारवा क इस भॊटदय भ रगा ह | ऩय बायतबय भ अॊगरजो दवाय ननमभगत मह एकभातर टहनद भॊटदय ह |
मयोऩ जान स ऩवग रडी भाटटगन न ऩकतड़तो स कहा हभ अऩन घय भ बी बगवान मशव का भॊटदय फनामग तथा इन द ख-ननवायक दव की आजीवन ऩजा कयत यहग |
बगवान मशव भ बगवान कषण भ भाॉ अमफा भ आतभवतता सदगर भ सतता तो एक ही ह | आवशमकता ह अटर ववशवास की | एकररवम न गरभनत ग भ ववशवास कय वह पराि कय मरमा जो अजगन को कटठन रगा | आरणण उऩभनम रव परहराद आटद अनम सकड़ो उदायहण हभाय साभन परतम ह | आज बी इस परकाय का सहमोग हजायो बकतो को साधको को बगवान व आतभवतता सदगरओॊ क दवाया ननयनतय पराि होता यहता ह | आवशमकता ह तो फस कवर ववशवास की |
भहाभतमॊजम भॊतर
ॐ हौ जॉ स |
ॐ बबगव सव |
ॐ तरममफकॊ मजाभह सगॊचध ॊ ऩवषटवधगनभ |
उवागरकमभव फनधनानभतमोभगीम भाभतात |
सव भव ब ॐ |
स जॉ हौ ॐ |
बगवान मशव का मह भहाभतमॊजम जऩन स अकार भतम तो टरती ही ह आयोगमता की बी परानि होती ह | सनान कयत सभम शयीय ऩय रोट स ऩानी डारत वकत इस भॊतर का जऩ कयन स सवासम-राब होता ह | दध भ ननहायत हए इस भॊतर का जाऩ ककमा जाम औय कपय वह दध ऩी मरमा जम तो मौवन की सया भ बी सहामता मभरती ह | आजकर की तज यफ़तायवारी जजनदगी भ कहाॉ आतॊक उऩरव दघगटना हो जाम कहना भजशकर ह | घय स ननकरत सभम एक फाय मह भॊतर जऩनवारा इन उऩदरवो स सयकषत यहता ह औय सयकषत घय रौटता ह | (इस भॊतरानषठान क ववचध-ववधान की ववसतत जानकायी क मरए आशरभ दवाया परकामशत आयोगमननचध ऩसतक ऩढ़ |) शरीभदबागवत क आठव सकॊ ध भ तीसय अधमाम क शलोक १ स ३३ तक भ वणणगत गजनरभो सतोतर का ऩाठ कयन स तभाभ
ववधन दय होत ह |
दसय कभय भ भयी ऩतनी की बी आॊख खर गमी औय उसन तो महाॊ तक भहसस ककमा जस कोई िर यहा ह व गरजी क मसवाम औय कोई हो ही नहीॊ सकत | भन कभय की राइट जरामी औय दौड़ता हआ ऩतनी क ऩास गमा | भन ऩछासना वह फोरी हाॊ | उस सभम सफह क ठीक िाय फज थ | सनान कयक भ धमान भ फठा तो डढ़ घणट तक फठा यहा | इतना रॊफा धमान तो भया कबी नहीॊ रगा | इस घटना क फाद तो ऐसा रगता ह कक गरजी साात बरहमसवरऩ ह | उनको जो जजस रऩ भ दखता ह वस ही टदखत ह |
भया मभतर ऩाशचातम वविायधाया वारा ह | उसन गरजी का परविन सना औय फोरा भझ तो म एक फहत अचछ रकियय रगत ह | भन कहा आज जरय इस ऩय गरजी कछ कहग |
मह सयत आशरभ भ भनामी जा यही जनभाषटभी क सभम की फात ह | हभ कथा भ फठ |
गरजी न कथा क फीि भ कहाकछ रोगो को भ रकियय टदखता हॊ कछ को परोफ़सय टदखता हॊ कछ को गर टदखता हॊ कछ को बगवान टदखता हॊजो भय ऩय जसी शरदधा यखता ह उस भ वसा ही टदखता हॊ औय वसा ही वह भझ ऩाता ह | भय मभतर का मसय शभग स झक गमा | कपय बी वह नाजसतक तो था ही | उसन हभाय ननवास ऩय भजाक भ गरजी क मरए कछ कहा तफ भन कहा | मह ठीक नहीॊ ह | अफ की फाय भान जा नहीॊ तो गरजी सजा दग तझ | १५ मभनट भ ही उसक घय स फ़ोन आ गमा कक फचि की तबफमत फहत खयाफ ह | उस असऩतार भ दाणखर कयना ऩड़ यहा ह | तफ भय मभतर की सयत दखन रामक थी | वह फोरागरती हो गमी | अफ भ गरजी क मरए कछ न कहॊगा भझ िाह ववशवास हो मा न हो | अखफायो भ गरजी की ननॊदा मरखनवार अऻानी रोग नहीॊ जानत कक जो भहाऩरष बायतीम सॊसकनत को एक नमा रऩ द यह ह कई सॊतो की वाणणमो को ऩनजीववत कय यह ह रोगो क शयाफ-कफाफ छड़वा यह ह जजनस सभाज का कपमाण हो यहा ह उनक ही फाय भ हभ हपकी फात मरख यह ह | मह हभाय दश क मरए फहत ही शभगनाक फात ह | ऐस सॊतो का तो जजतना आदय ककमा जाम वह कभ ह | गरजी क फाय भ कछ बी फखान कयन क मरए भय ऩास शबद नहीॊ ह |
-डा सतवीय मसॊह छाफड़ा फीफीईएभ आकाशवाणी इनदौय
आऩकी कऩा स मोग की अणशकतकत ऩदा हो यही ह
अनक परकाय की ववकनतमाॉ भानव क भन ऩय साभाजजक जीवन ऩय सॊसकाय औय सॊसकनत ऩय आकरभण कय यही ह | वसतत इस सभम सॊसकनत औय ववकनत क फीि एक भहासॊघषग िर यहा ह जो ककसी सयहद क मरए नहीॊ फजपक सॊसकायो क मरए रड़ा जा यहा ह | इस
भ सॊसकनत को जजतान का फभ ह मोगशकतकत | ह गरदव आऩकी कऩा स इस मोग की टदरवम अणशकतकत राखो रोगो भ ऩदा हो यही हमह सॊसकनत क सननक फन यह ह | गरदव भ आऩस पराथगना कयता हॊ कक शासन क अॊदय बी धभग औय वयागम क सॊसकाय उतऩनन हो | आऩ स आशीवागद पराि कयन क मरए भ आऩक ियणो भ आमा हॊ |
-शरी अशोकबाई बटट
काननभॊतरी गजयात याजम
भझ ननरवमगसनी फना टदमा
भ वऩछर कई वषो स तमफाक का रवमसनी था औय इस दगगण को छोड़न क मरए भन ककतन ही परमतन ककम ऩय भ ननषपर यहा | जनवयी ९५ भ ऩजम फाऩ जफ परकाशा आशरभ (भहा) ऩधाय तो भ बी उनक दशगनाथग वहाॊ ऩहॊिा औय उनस अनयोध ककमा फाऩ ववगत ३२ वषो स तमफाक का सवन कय यहा हॉ | अनक परमतनो क फाद बी इस दगगण स भ भकत ना हो सका | अफ आऩ ही कछ कऩा कीजजए | फाऩजी न कहा राओ तमफाक की कतडबफी औय तीन फाय थककय कहो कक आज स भ तमफाक नहीॊ खाऊॊ गा | भन ऩजम फाऩ क ननदशानसाय मही ककमा औय भहान आशचमग उसी टदन स भया तमफाक खान का रवमसन छट गमा | ऩजम फाऩ की ऐसी कऩा दजषत हमी कक वषग ऩया होन ऩय बी भझ कबी तमफाक खान की तरफ तक नहीॊ रगी | भ ककन शबदो भ ऩजम फाऩ का आबाय रवमकत करॊ भय ऩास शबद ही नहीॊ ह | भझ आनॊद ह कक इन याषड सॊत न फयफाद व नषट होत हए भय जीवन को फिा कय भझ ननरवमसगनी फना टदमा |
-शरी रखन बटवार
जज धमरमा भहायाषड
फाऩजी क सतसॊग स ववशव बय क रोग राबाजनवत
बायतबमभ सदव स ही कवष-भननमो तथा सॊत-भहातभाओॊ की बमभ यही ह जजनहोन ववशव को शाॊनत एवॊ आधमातभ का सॊदश टदमा ह | आज क मग भ ऩजम सॊत शरी आसायाभजी अऩनी अभत वाणी दवाया टदरवम आधमाजतभक सॊदश द यह ह जजसस न कवर बायत वयन ववशव बय भ रोग राबाजनवत हो यह ह |
-शरी सयजीत मसॊह फयनारा याजमऩार आनर परदश
ऻानरऩी गॊगाजी सवमॊ फहकय महाॉ आ गमी
उततयाॊिर याजम का सौबागम ह कक इस दवबभी भ दवता सवरऩ ऩजम फाऩजी का आशरभ फन यहा ह | आऩ ऐसा आशरभ फनाम जसा कहीॊ बी न हो | मह हभ रोगो का सौबागम ह कक अफ ऩजम फाऩजी की ऻानरऩी गॊगाजी सवमॊ फहकय महाॊ आ गमी ह | अफ गॊगा जाकय दशगन कयन व सनान कयन की उतनी आवशमकता नहीॊ ह जजतनी सॊत शरी आसायाभजी फाऩ क ियणो भ फठकय उनक आशीवागद रन की ह |
-शरी ननतमानॊद सवाभीजी ततकारीन भखमभॊतरी उततयाॊिर
गरजी की तसवीय न पराण फिा मरम
कछ ही टदनो ऩहर भया दसया फटा एभ ए ऩास कयक नौकयी क मरम फहत जगह घभा फहत जगह आवदन-ऩतर बजा ककनत उस नौकयी नहीॊ मभरी | कपय उसन फाऩजी स दीा री | भन आशरभ का कछ साभान कसट सतसाटहतम राकय उसको दत हए कहा शहय भ जहाॉ भॊटदय ह जहाॉ भर रगत ह तथा जहाॉ हनभानजी का परमसदध दकषणभखी भॊटदय ह वहाॊ सटार रगाओ | फट न सटार रगाना शर ककमा | ऐस ही एक सटार ऩय जरगाॊव क एक परमसदध रवमाऩायी अगरवारजी आम फाऩजी की कछ कसट खयीदीॊ औय ईशवय की ओय नाभक ऩसतक बी साथ भ र गम ऩसतक ऩढ़ी औय कसट सनी | दसय टदन व कपय आम औय कछ सतसाटहतम खयीद कय र गम व ऩान क थोक ववकरता ह | उनको ऩान खान की आदत ह | ऩसतक ऩढ़कय उनह रगा भ ऩान छोड़ दॉ | उनकी दकान ऩय एक आदभी आमा | ऩाॊिसौ रऩमो का साभान खयीदा औय उनका पोन नमफय र गमा | एक घॊट क फाद उसन दकान ऩय पोन ककमा सठ अगरवारजी भझ आऩका खन कयन का काभ सौऩा गमा था | कापी ऩस (सऩायी) बी टदम गम थ औय भ तमाय बी हो गमा था ऩय जफ भ आऩकी दकान ऩय ऩहॊिा तो ऩयभ ऩजम सॊत शरी आसायाभजी फाऩ क चितर ऩय भयी नजय ऩड़ी | भझ ऐसा रगा भानो साात फाऩ फठ हो औय भझ नक इनसान फनन की परयणा द यह हो गरजी की तसवीय न (तसवीय क रऩ भ साात गरदव न आकय) आऩक पराण फिा मरम | अदबत िभतकाय ह भमफई की ऩाटी न उसको ऩस बी टदम थ औय वह आमा बी था खन कयन क इयाद स ऩयनत जाको याख साॊइमाॉ चितर क दवाय बी अऩनी कऩा फयसान वार ऐस गरदव क परतम दशगन कयन क मरम वह महाॉ बी आमा ह
|
-फारकषण अगरवार
जरगाॊव भहायाषड
सदगर मशषम का साथ कबी नहीॊ छोड़त
एक यात भ दकान स सकटय दवाया अऩन घय जा यहा था | सकटय की कतडककी भ कापी रऩम यख हए थ | जमो ही घय क ऩास ऩहॊिा तो गरी भ तीन फदभाश मभर | उनहोन भझ घय मरमा औय वऩसतौर टदखामी | सकटय रकवाकय भय मसय ऩय तभॊि का फट भाय टदमा औय धकक भाय कय भझ एक तयप चगया टदमा | उनहोन सोिा होगा कक भ अकरा हॊ ऩय मशषम जफ सदगर स भॊतर रता ह शरदधा-ववशवास यखकय उसका जऩ कयता ह तफ सदगर उसका साथ नहीॊ छोड़त | भन सोिा कतडककी भ फहत रऩम ह औय म फदभाश तो सकटय र जा यह ह | भन गरदव स पराथगना की | इतन भ व तीनो फदभाश सकटय छोड़कय थरा र बाग | घय जाकय खोरा होगा तो सबजी औय खारी टटकफ़न दखकय मसय कटा ऩता नहीॊ ऩय फड़ा भजा आमा होगा | भय ऩस फि गमउनका सबजी का खिग फि गमा |
-गोकरिनर गोमर
आगया
गरकऩा स अॊधाऩन दय हआ
भझ गरकोभा हो गमा था | रगबग ऩतीस सार स मह तकरीफ़ थी | कयीफ छ सार तक तो भ अॊधा यहा | कोरकाता िननई आटद सफ जगहो ऩय गमा शॊकय नतरारम भ बी गमा ककनत वहाॊ बी ननयाशा हाथ रगी | कोरकाता क सफस फड़ नतर-ववशषऻ क ऩास गमा | उसन बी भना कय टदमा औय कहा | धयती ऩय ऐसा कोई इनसान नहीॊ जो तमह ठीक कय सक | रककन सयत आशरभ भ भझ गरदव स भॊतर मभरा | वह भॊतर भन खफ शरदधा-ववशवासऩवगक जऩा कमोकक सात बरहमसवरऩ गरदव स वह भॊतर मभरा था | कयीफ छ-सात भहीन ही जऩ हआ था कक भझ थोड़ा-थोड़ा टदखामी दन रगा | डॉकटय कहत थ कक तभको भराॊनत हो गमी ह ऩय भझ तो अफ बी अचछी तयह टदखता ह | एक फाय एक अनम बॊमकय दघगटना स बी गरदव न भझ फिामा था | ऐस गरदव का कण हभ जनभो-जनभो तक नहीॊ िका सकत |
-शॊकयरार भहशवयी
कोरकाता
औय डकत घफयाकय बाग गम
१४ जराई ९९ को कयीफ साढ़ तीन फज भय भकान भ छ डकत घस आम औय उस सभम दबागगम स फाहय का दयवाजा खरा हआ था | दो डकत फाहय भारनत िार यखकय खड़ थ | एक डकत न धकका दकय भयी भाॉ का भॉह फॊद कय टदमा औय अरभायी की िाफी भाॉगन रगा | इस घटना क दौयान भ दकान ऩय था | भयी ऩतनी को बी डकत धभकान रग औय आवाज न कयन को कहा | भयी ऩतनी न ऩजम फाऩजी क चितर क साभन हाथ जोड़कय पराथगना की अफ आऩ ही या कयो इतना ही कहा तो आशचमग आशचमग ऩयभ आशचमग व सफ डकत घफयाकय बागन रग | उनकी हड़फड़ाहट दखकय ऐसा रग यहा था भानो उनह कछ टदखामी नहीॊ द यहा था | व बाग गम | भया ऩरयवाय गरदव का कणी ह |
फाऩजी क आशीवागद स सफ सकशर ह | हभन १५ नवमफय ९८ को वायाणसी भ भॊतरदीा री थी |
-भनोहयरार तरयजा ४ झररार नगय मशवाजी नगय वायाणसी
भॊतर दवाया भतदह भ पराण-सॊिाय
भ शरी मोग वदानत सवा समभनत आभट स जीऩ दवाया यवाना हआ था | ११ जराई १९९४ को भधमानह फायह फज हभायी जीऩ ककसी तकनीकी तरटट क कायण ननमॊतरण स फाहय होकय तीन ऩजपटमाॉ खा गमी | भया ऩया शयीय जीऩ क नीि दफ गमा | ककसी तयह भझ फाहय ननकारा गमा | एक तो दफरा ऩतरा शयीय औय ऊऩय स ऩयी जीऩ का वजन ऊऩय आ जान क कायण भय शयीय क परतमक टहसस भ असहय ददग होन रगा | भझ ऩहर तो कसरयमाजी असऩतार भ दाणखर कयामा गमा | जमो-जमो उऩिाय ककमा गमा कषट फढ़ता ही गमा कमोकक िोट फाहय नहीॊ शयीय क बीतयी टहससो भ रगी थी औय बीतय तक डॉकटयो का कोई उऩिाय काभ नहीॊ कय यहा था | जीऩ क नीि दफन स भया सीना व ऩट ववशष परबाववत हए थ औय हाथ-ऩय भ काॉि क टकड़ घस गम थ | ददग क भाय भझ साॉस रन भ बी तकरीप हो यही थी | ऑकसीजन टदम जान क फाद बी दभ घट यहा था औय भतम की घकतडमाॉ नजदीक टदखामी ऩड़न रगीॊ | भ भयणासनन जसथनत भ ऩहॉि गमा | भया भतम-
परभाणऩतर फनान की तमारयमाॉ कक जान रगीॊ व भझ घय र जान को कहा गमा | इसक ऩवग भया मभतर ऩजम फाऩ स फ़ोन ऩय भयी जसथनत क समफनध भ फात कय िका था |
पराणीभातर क ऩयभ टहतषी दमार सवबाव क सॊत ऩजम फाऩ न उस एक गि भॊतर परदान कयत हए कहा था कक ऩानी भ ननहायत हए इस भॊतर का एक सौ आठ फाय (एक भारा) जऩ कयक वह ऩानी भनोज को एवॊ दघगटना भ घामर अनम रोगो को बी वऩरा दना |
जस ही वह अमबभॊबतरत जर भय भॉह भ डारा गमा भय शयीय भ हरिर होन क साथ ही वभन हआ | इस अदबत िभतकाय स ववजसभत होकय डॉकटयो न भझ तयॊत ही ववशष भशीनो क नीि र जाकय मरटामा | गहन चिककतसकीम ऩयीण क फाद डॉकटयो को ऩता िरा कक जीऩ क नीि दफन स भया ऩया खन कारा ऩड़ गमा था तथा नाड़ी-िारन (ऩपस) रदमगनत व यकत परवाह बी फॊद हो िक थ | भय शयीय का समऩणग यकत फदर टदमा गमा तथा आऩयशन बी हआ | उसक ७२ घॊट फाद भझ होश आमा | फहोशी भ भझ कवर इतना ही माद था की भय बीतय ऩजम फाऩ दवाया परदतत गरभॊतर का जऩ िर यहा ह | होश भ आन ऩय डॉकटयो न ऩछा तभ आऩयशन क सभम फाऩफाऩ ऩकाय यह थ | म फाऩ कौन ह भन फतामा व भय गरदव परात सभयणीम ऩयभ ऩजम सॊत शरी असायाभजी फाऩ ह | डॉकटयो न ऩन भझस परशन ककमा कमा तभ कोई रवमामाभ कयत हो भन कहा भ अऩन गरदव दवाया मसखामी गमी ववचध स आसन व पराणामाभ कयता हॉ | व फोर
इसीमरम तमहाय इस दफर-ऩतर शयीय न मह सफ सहन कय मरमा औय तभ भयकय बी ऩन जजनदा हो उठ दसया कोई होता तो तयॊत घटनासथर ऩय ही उसकी हडकतडमाॉ फाहय ननकर जातीॊ औय वह भय जाता | भय शयीय भ आठ-आठ नमरमाॉ रगी हई थीॊ | ककसीस खन िढ़ यहा था तो ककसी स कबतरभ ऑकसीजन टदमा जा यहा था | मदयवऩ भय शयीय क कछ टहससो भ अबी-बी काॉि क टकड़ भौजद ह रककन गरकऩा स आज भ ऩणग सवसथ
होकय अऩना रवमवसाम व गरसवा दोनो कामग कय यह हॉ | भया जीवन तो गरदव का ही टदमा हआ ह | इन भॊतरदषटा भहवषग न उस टदन भय मभतर को भॊतर न टदमा होता तो भया ऩनजीवन तो समबव नहीॊ था | ऩजम फाऩ भानव-दह भ टदखत हए बी अनत असाधायण भहाऩरष ह | टमरफ़ोन ऩय टदम हए उनक एक भॊतर स ही भय भत शयीय भ ऩन पराणो का सॊिाय हो गमा तो जजन ऩय फाऩ की परतम दवषट ऩड़ती होगी व रोग ककतन बागमशारी होत होग ऐस दमार जीवनदाता सदगर क शरीियणो भ कोटट-कोटट दॊडवत परणाभ
-भनोज कभाय सोनी जमोनत टरसग रकषभी फाजाय आभट याजसथान
सदगरदव की कऩा स नतरजमोनत वाऩस मभरी
भयी दाटहनी आॉख स कभ टदखामी दता था तथा उसभ तकरीफ़ बी थी | धमानमोग मशववय टदपरी भ ऩजम गरदव भवा फाॉट यह थ तफ एक भवा भयी दाटहनी आॉख ऩय आ रगा | आॉख स ऩानी ननकरन रगा | ऩय आशचमग दसय ही टदन स आॉख की तकरीप मभट गमी औय अचछी तयह टदखामी दन रगा |
-याजकरी दवी असनाऩय रारगॊज अजाया जज परताऩगढ़ उततय परदश
फड़दादा की मभटटी व जर स जीवनदान
अगसत ९८ भ भझ भररयमा हआ | उसक फाद ऩीमरमा हो गमा | भय फड़ बाई न आशरभ स परकामशत आयोगमननचध ऩसतक भ स ऩीमरमा का भॊतर ऩढ़कय ऩीमरमा तो उताय टदमा ऩयॊत कछ ही टदनो फाद अॊगरजी दवाओॊ क रयएन स दोनो ककडननमाॉ पर (ननजषकरम) हो गई | भया हाटग (रदम) औय रीवय (मकत) बी पर होन रग | डॉकटयो न तो कह टदमा मह रड़का फि नहीॊ सकता | कपय भझ गोटदमा स नागऩय हॉजसऩटर भ र जामा गमा रककन वहाॉ बी डॉकटयो न जवाफ द टदमा कक अफ कछ नहीॊ हो सकता | भय बाई भझ वहीॊ छोड़कय सयत आशरभ आम वदयजी स मभर औय फड़दादा की ऩरयकरभा कयक पराथगना की तथा वहाॉ की मभटटी औय जर मरमा | ८ तायीख को डॉकटय भयी ककडनी फदरन वार थ |
जफ भय बाई फड़दादा को पराथगना कय यह थ तबी स भझ आयाभ मभरना शर हो गमा था | बाई न ७ तायीख को आकय भझ फड़दादा कक मभटटी रगाई औय जर वऩरामा तो भयी दोनो ककडनीमाॉ सवसथ हो गमी | भझ जीवनदान मभर गमा | अफ भ बफपकर सवसथ हॉ |
-परवीण ऩटर
गोटदमा भहायाषड
ऩजम फाऩ न प का कऩा-परसाद
कछ वषग ऩवग ऩजम फाऩ याजकोट आशरभ भ ऩधाय थ | भझ उन टदनो ननकट स दशगन कयन का सौबागम मभरा | उस सभम भझ छाती भ एनजामना ऩकतटोरयस क कायण ददग यहता था | सतसॊग ऩया होन क फाद कछ रोग ऩजम फाऩ क ऩास एक-एक कयक जा यह थ | भ कछ पर-पर नहीॊ रामा था इसमरए शरदधा क पर मरम फठा था | ऩजम फाऩ
कऩा-परसाद प क यह थ कक इतन भ एक िीक भयी छाती ऩय आ रगा औय छाती का वह ददग हभशा क मरए मभट गमा |
-अयववॊदबाई वसावड़ा याजकोट
एक छोटी थरी फनी अमऩातर
सन १९९२ भ यतराभ (भपर) क ऩास सराना क आटदवासी ववसताय भ बॊडाय का आमोजन था | बॊडाय भ सवाएॉ दन फहत-स साधक आम हए थ | आशरभवासी बाई बी ऩहॉि थ | एक टदन का ही आमोजन था औय सतसॊग-कामगकरभ बी था | उस बॊडाय भ गयीफो क मरए बोजन क अरावा फतगन कऩड़ अनाज औय दकषणा (ऩस) फाॉटन की बी रवमवसथा की गमी थी | भय टहसस ऩस फाॉटन की सवा थी | भन ऩाॉि रऩमोवार सौ-सौ नोटो क ऩिीस फॊडर चगनकय थरी भ यख थ | भझ आदश टदमा गमा था आठ सवाधायी ननमकत कय रो | व रोग ऩाॉि रऩम क नोट फाॉटत जामग | भन आठ सवमॊसवको को ऩहरी फाय आठ फॊडर द टदम | कपय ऩॊरह-फीस मभनट क फाद भन दसयी फाय आठो को एक-एक फॊडर टदमा | कपय तीसयी फाय आठो को एक-एक फॊडर टदमा | कर २४ फॊडर गम | अफ दसयी ऩॊकतकत बोजन क मरए बफठामी गमी | भन आठो सवमॊसवको को ऩहरी की बाॉनत तीन फाय एक-एक फॊडर फाॉटन क मरए टदमा | कर ४८ फॊडर गम | बॊडाया ऩया होन क फाद भन सोिा िरो अफ टहसाफ कय र | भ चगनन फठा | भय ऩास ६ फॊडर फि थ | मह कस
भ दॊग यह गमा भन ऩस फाॉटनवारो स ऩछा तो उनहोन फतामा कक कर ४८ फॊडर फाॉट गम थ | भ आशरभ आमा तो रवमवसथाऩक न कहा भन तो आऩको २५ फॊडर टदम थ |
सफको आशचमग हो यहा था कक फॉट ४८ फॊडर औय रकय िर थ २५ फॊडर | २५ भ स ४८ फॉट औय ६ फि गम गरदव का आशीवागद दणखम कक एक छोटी-सी थरी अम ऩातर फन गमी
-ईशवयबाई नामक
अभदावाद आशरभ
फटी न भनौती भानी औय गरकऩा हई
भयी फटी को शादी ककम आठ सार हो गम थ | ऩहरी फाय जफ वह गबगवती हई तफ फचिा ऩट भ ही भय गमा | दसयी फाय फचिी जनभी ऩय छ भहीन भ वह बी िर फसी |
कपय भयी ऩतनी न फटी स कहा अगय त सॊकपऩ कय कक जफ तीसयी फाय परसती होगी तफ तभ फारक की जीब ऩय फाऩजी क फतान क भताबफक bdquoॐ‟ मरखोगी तो तया फारक जीववत यहगा ऐसा भझ ववशवास ह कमोकक ॐकाय भॊतर भ ऩयभानॊदसवरऩ परब ववयाजभान ह | भयी फटी न इस परकाय भनौती भानी औय सभम ऩाकय वह गबगवती हई | सोनोगराफ़ी कयवामी गमी तो डॉकटयो न फतामा गबग भ फचिी ह औय उसक टदभाग भ ऩानी बया हआ ह | वह जजॊदा नहीॊ यह सकगी | गबगऩात कयवा दो | भयी फटी न अऩनी भाॉ स सराह की | उसकी भाॉ न कहा गबगऩात का भहाऩाऩ नहीॊ कयवाना ह | जो होगा दखा जामगा |
गरदव कऩा कयग | जफ परसती हई तो बफपकर पराकनतक ढ़ॊग स हई औय उस फचिी की जीब ऩय शहद एवॊ मभशरी स ॐ मरखा गमा | आज वह बफपकर ठीक ह | जफ उसकी डॉकटयी जाॉि कयवामी गमी तो डॉकटय आशचमग भ ऩड़ गम सोनोगराफ़ी भ जो फीभारयमाॉ टदख यही थीॊ व कहाॉ िरी गमीॊ टदभाग का ऩानी कहाॉ िरा गमा टहनदजा हॉजसऩटरवार मह करयशभा दखकय दॊग यह गम अफ घय भ जफ कोई दसयी कोई कसट िरती ह तो वह फचिी इशाया कयक कहती ह ॐवारी कसट िराओ | वऩछरी ऩनभ को हभ भॊफई स टाटा सभो भ आ यह थ | फाढ़ क ऩानी क कायण यासता फॊद था | हभ सोि भ ऩड़ गम कक ऩनभ का ननमभ टटगा | हभन गरदव का सभयण ककमा | इतन भ हभाय डराइवय न हभस ऩछा जान दॉ हभन बी गरदव का सभयण कयक कहा जान दो औय हरय हरय ॐ कीतगन की कसट रगा दो | गाड़ी आग िरी | इतना ऩानी कक हभ जहाॉ फठ थ वहाॉ तक ऩानी आ गमा | कपय बी हभ गरदव क ऩास सकशर ऩहॉि गम औय उनक दशगन ककम|
-भयायीरार अगरवार
साॊताकरज भॊफई
औय गरदव की कऩा फयसी
जफस सयत आशरभ की सथाऩना हई तफस भ गरदव क दशगन कयत आ यहा हॉ उनकी अभतवाणी सनता आ यहा हॉ | भझ ऩजमशरी स भॊतरदीा बी मभरी ह | परायबधवश एक टदन भय साथ एक बमॊकय दघगटना घटी | डॉकटय कहत थ आऩका एक हाथ अफ काभ नहीॊ कयगा | भ अऩना भानमसक जऩ भनोफर स कयता यहा | अफ हाथ बफपकर ठीक ह | उसस भ ७० ककगरा वजन उठा सकता हॉ | भयी सभसमा थी कक शादी होन क फाद भझ कोई सॊतान नहीॊ थी | डॉकटय कहत थ कक सॊतान नहीॊ हो सकती | हभ रोगो न गरकऩा एवॊ गरभॊतर का सहाया मरमा धमानमोग मशववय भ आम औय गरदव की कऩा फयसी | अफ
हभायी तीन सॊतान ह दो ऩबतरमाॉ औय एक ऩतर | गरदव न ही फड़ी फटी का नाभ गोऩी औय फट का नाभ हरयककशन यखा ह | जम हो सदगरदव की
-हॉसभख काॊनतरार भोदी ५७ अऩना घय सोसामटी सॊदय योड़ सयत
कसट-शरवण स बकतकत का सागय टहरोय रन रगा
भ हय सार गमभगमो भ कबी फरीनाथ तो कबी कदायनाथ तो कबी गॊगोतरी आटद तीथो भ जाता यहता था | रवषकश भ एक दकान क ऩास खड़ यहन ऩय भझ ऩजम गरदव की अभतवाणी की कसट भो का भागग भौत की भौत तीन फात आटद दखन-सनन को मभरीॊ तो भन म कसट खयीद रीॊ | घय ऩहॉिकय कसट सनन क फाद रदम भ बकतकत का सागय टहरोय रन रगा | भझ ऐसा रगा भानो कोई भझ फरा यहा हो | दकान जात सभम ऐसा आबास हआ कक कोई ऩवग आनवारा ह औय भझ अभदावाद जाना होगा उसी टदन अभदावाद आशरभ स भय ऩतर का जवाफ आमा कक टदनाॊक १२ को गरऩनभ का ऩवग ह |
आऩ गरदव क दशगन कय सकत ह | हभ सऩरयवाय आशरभ ऩहॉि | दशगन कयक धनम हए |
दीा ऩाकय कताथग हए | अफ तो हय भहीन जफ तक गरदव क दशगन नहीॊ कयता तफ तक भझ ऐसा रगता ह कक भन कछ खो टदमा ह | दीा क फाद साधन-बजन फढ़ यहा ह बकतकत फढ़ यही ह | ऩहर सॊसाय भ सपरता-ववपरता की जो िोट रगती थी अफ उनका परबाव कभ हआ ह | ववषम-ववकायो का परबाव कभ हआ ह | जान जीव तफ जागा हरय ऩद रचि ववषम ववरास ववयागा भय जीवन भ सॊत तरसीदासजी क इन विनो का समोदम हो यहा ह |
-मशवकभाय तरसमान
गोयखऩय उततय परदश
गरदव न बजा अमऩातर
हभ परिायमातरा क दौयान गरकऩा का जो अदबत अनबव हआ वह अवणगनीम ह | मातरा की शरआत स ऩहर टदनाॊक ८-११-९९ को हभ ऩजम गरदव क आशीवागद रन गम |
गरदव न कामगकरभ क ववषम भ ऩछा औय कहा ऩॊिड़ आशरभ (यतराभ) भ बॊडाया था |
उसभ फहत साभान फि गमा ह | गाड़ी बजकय भॉगवा रना गयीफो भ फाॉटना | हभ झाफआ जजर क आस-ऩास क गयीफ आटदवासी इराको भ जानवार थ | वहाॉ स यतराभ क
मरए गाड़ी बजी | चगनकय साभान बया गमा | दो टदन िर उतना साभान था | एक टदन भ दो बॊडाय होत थ | अत िाय बॊडाय का साभान था | सफन खपर हाथो फतगन कऩड़ साकतड़माॉ धोती आटद साभान छ टदनो तक फाॉटा कपय बी साभान फिा यहा | सफको आशचमग हआ हभ रोग साभान कपय स चगनन रग ऩयॊत गरदव की रीरा क ववषम भ कमा कह
कवर दो टदन िर उतना साभान छ टदनो तक खपर हाथो फाॉटा कपय बी अॊत भ तीन
फोय फतगन फि गम भानो गरदव न अमऩातर बजा हो एक टदन शाभ को बॊडाया ऩया हआ तफ दखा कक एक ऩतीरा िावर फि गमा ह | कयीफ १००-१२५ रोग खा सक उतन िावर थ | हभन सोिा िावर गाॉव भ फाॊट दत ह | ऩयॊत गरदव की रीरा दखो एक गाॉव क फदर ऩाॉि गाॉवो भ फाॉट कपय बी िावर फि यह | आणखय याबतर भ ९ फज क फाद सवाधारयमो न थककय गरदव स पराथगना की कक गरदव अफ जॊगर का ववसताय ह हभ ऩय कऩा कयो | औय िावर खतभ हए | कपय सवाधायी ननवास ऩय ऩहॉि |
-सॊत शरी आसायाभजी बकतभॊडर
कतायगाभ सयत
सवपन भ टदम हए वयदान स ऩतरपरानि
भय गरहसथ जीवन भ एक-एक कयक तीन कनमाएॉ जनभी | ऩतरपरानि क मरए भयी धभगऩतनी न गरदव स आशीवागद पराि ककमा था | िौथी परसनत होन क ऩहर जफ उसन वरसाड़ भ सोनोगराफ़ी कयवामी तो रयऩोटग भ रड़की फतामा गमा | मह सनकय हभ ननयाश हो गम |
एक यात ऩतनी को सवपन भ गरदव न दशगन टदम औय कहा फटी चिॊता भत कय |
घफयाना भत धीयज यख | रड़का ही होगा | हभन सयत आशरभ भ फड़दादा की ऩरयकरभा कयक भनौती भानी थी वह बी फ़रीबत हई औय गरदव का बरहमवाकम बी सतम साबफत हआ जफ परसनत होन ऩय रड़का हआ | सबी गरदव की जम-जमकाय कयन रग |
-सनीर कभाय याधशमाभ िौयमसमा दीऩकवाड़ी ककपरा ऩायड़ी जज वरसाड़
शरी आसायाभामण क ऩाठ स जीवनदान
भया दस वषीम ऩतर एक यात अिानक फीभाय हो गमा | साॉस बी भजशकर स र यहा था |
जफ उस हॉजसऩटर भ बती ककमा तफ डॉकटय फोर | फचिा गॊबीय हारत भ ह | ऑऩयशन कयना ऩड़गा | भ फचि को हॉजसऩटर भ ही छोड़कय ऩस रन क मरए घय गमा औय घय
भ सबी को कहा ldquoआऩ रोग शरी आसायाभामण का ऩाठ शर कयो |rdquo ऩाठ होन रगा |
थोड़ी दय फाद भ हॉजसऩटर ऩहॉिा | वहाॉ दखा तो फचिा हॉस-खर यहा था | मह दख भयी औय घयवारो की खशी का टठकाना न यहा मह सफ फाऩजी की असीभ कऩा गर-गोववनद की कऩा औय शरी आसायाभामण-ऩाठ का पर ह |
-सनीर िाॊडक
अभयावती भहायाषड
गरवाणी ऩय ववशवास स अवणीम राब
शादी होन ऩय एक ऩतरी क फाद सात सार तक कोई सॊतान नहीॊ हई | हभाय भन भ ऩतरपरानि की इचछा थी | १९९९ क मशववय भ हभ सॊतानपरानि का आशीवागद रनवारो की ऩॊकतकत भ फठ | फाऩजी आशीवागद दन क मरए साधको क फीि आम तो कछ साधक नासभझी स कछ ऐस परशन कय फठ जो उनह नहीॊ कयन िाटहए थ | गरदव नायाज होकय मह कहकय िर गम कक तभको सॊतवाणी ऩय ववशवास नहीॊ ह तो तभ रोग महाॉ कमो आम तमह डॉकटय क ऩास जाना िाटहए था | कपय गरदव हभाय ऩास नहीॊ आम | सबी पराथगना कयत यह ऩय गरदव रवमासऩीठ स फोर दफाया तीन मशववय बयना | भ भन भ सोि यहा था कक कछ साधको क कायण भझ आशीवागद नहीॊ मभर ऩामा ऩयॊत वजरादवऩ कठोयाणण भदनन कसभादवऩ फाहय स वजर स बी कठोय टदखन वार सदगर बीतय स पर स बी कोभर होत ह | तयॊत गरदव ववनोद कयत हए फोर दखो म रोग सॊतानपरानि का आशीवागद रन आम ह | कस ठनठनऩार-स फठ ह अफ जाओ झरा-झनझना रकय घय जाओ | भन औय भयी ऩतनी न आऩस भ वविाय ककमा दमार गरदव न आणखय आशीवागद द ही टदमा | अफ गरदव न कहा ह कक झरा-झनझना र जाओ | तो भन गरविन भानकय यरव सटशन स एक झनझना खयीद मरमा औय गवामरमय आकय गरदव क चितर क ऩास यख टदमा | भझ वहाॉ स आन क १५ टदन फाद डॉकटय दवाया भारभ हआ कक ऩतनी गबगवती ह | भन गरदव को भन-ही-भन परणाभ ककमा | इस फीि डॉकटयो न सराह दी कक रड़का ह मा रड़की इसकी जाॉि कया रो | भन फड़ ववशवास स कहा कक रड़का ही होगा | अगय रड़की बी हई तो भझ कोई आऩवतत नहीॊ ह | भझ गबगऩात का ऩाऩ अऩन मसय ऩय नहीॊ रना ह | नौ भाह तक भयी ऩतनी बी सवसथ यही | हरयदवाय मशववय भ बी हभ रोग गम | सभम आन ऩय गरदव दवाया फताम गम इराज क भताबफक गाम क गोफय का यस ऩतनी को टदमा औय टदनाॊक २७ अकतफय १९९९ को एक सवसथ फारक का जनभ हआ |
-याजनर कभाय वाजऩमी अिगना वाजऩमी फरवॊत नगय ढाढीऩय भयाया गवामरमय
औय सोना मभर गमा
हभाय सॊमकत ऩरयवाय भ साठ तोरा सोना िोयी हो गमा था | सतसॊगी होन क कायण हभ द ख तो नहीॊ हआ कपय बी थोडी-फहत चिनता अवशम हई | आशरभ क एक साधक न हभस कहा | आऩ रोग शरी आसायाभामण क १०८ ऩाठ कयो औय सॊकपऩ कयो कक हभाया सोना हभ जरय मभरगा | मभनाऩाय टदपरी भ गरदव का आगभन हआ | हभ शाभ को गरदव क दशगन कयन गम | हभन कछ कहा नहीॊ कमोकक गरदव अॊतमागभी ह | उनहोन हभको परसाद टदमा | उसी यात घय ऩय पोन आमा कक आऩका सोना मभर गमा ह | िोय रखनऊ भ ऩकड़ा गमा ह | हभ आशचमग हआ शरी आसायाभामण क १०८ ऩाठ ऩय बी नहीॊ हए थ औय सोना मभर गमा |
-रीना फटानी यानीफाग टदपरी
सवपर क दो टकड़ो स दो सॊतान
भन सन १९९१ भ िटीिॊड मशववय अभदावाद भ ऩजम फाऩजी स भॊतरदीा री थी | भयी शादी क १० वषग तक भख कोई सॊतान नहीॊ हई | फहत इराज कयवाम रककन सबी डॉकटयो न फतामा कक फारक होन की कोई सॊबावना नहीॊ ह | तफ भन ऩजम फाऩजी क ऩनभ दशगन का वरत मरमा औय फाॉसवाड़ा भ ऩनभ दशगन क मरए गमा | ऩजम फाऩजी सफको परसाद द यह थ | भन भन भ सोिा | कमा भ इतना ऩाऩी हॉ कक फाऩजी भयी तयप दखत तक नहीॊ इतन भ ऩजम फाऩजी कक दवषट भझ ऩय ऩड़ी औय उनहोन भझ दो मभनट तक दखा | कपय उनहोन एक सवपर रकय भझ ऩय प का जो भय दाम कॊ ध ऩय रगकय दो टकड़ो भ फॉट गमा | घय जाकय भन उस सवपर क दोनो बाग अऩनी ऩतनी को णखरा टदम | ऩजमशरी का कऩाऩणग परसाद खान स भयी ऩतनी गबगवती हो गमी | ननयीण कयान ऩय ऩता िरा कक उसको दो मसय वारा फारक उतऩनन होगा | डॉकटयो न फतामा उसका मसजरयमन कयना ऩड़गा अनमथा आऩकी ऩतनी क फिन की समबावना नहीॊ ह | मसजरयमन भ रगबग फीस हजाय रऩमो का खिग आमगा | भन ऩजम फाऩजी स पराथगना की ह फाऩजी आऩन ही पर टदमा था | अफ आऩ ही इस सॊकट का ननवायण कीजजम | कपय
भन फड़ फादशाह क साभन बी पराथगना की जफ भ असऩतार ऩहॉिॉ तो भयी ऩतनी की परसती सकशर हो जाम | उसक फाद जफ भ असऩतार ऩहॉिा तो भयी ऩतनी एक ऩतर औय एक ऩतरी को जनभ द िकी थी | ऩजमशरी क दवाया टदम गम पर स भझ एक की जगह दो सॊतानो की परानि हई |
-भकशबाई सोरॊकी शायदा भॊटदय सकर क ऩीछ
फावन िार वड़ोदया
साइककर स गरधाभ जान ऩय खयाफ टाॉग ठीक हो गमी
भयी फाॉमी टाॉग घटन स उऩय ऩतरी हो गमी थी | ऑर इणणडमा भकतडकर इनसटीटमट
टदपरी भ भ छ टदन तक यहा | वहाॉ जाॉि क फाद फतरामा गमा कक तमहायी यीढ़ की हडडी क ऩास कछ नस भय गमी ह जजसस मह टाॉग ऩतरी हो गमी ह | मह ठीक तो हो ही नहीॊ सकती | हभ तमह ववटामभन ई क कपसर द यह ह | तभ इनह खात यहना | इसस टाॊग औय जमादा ऩतरी नहीॊ होगी | भन एक सार तक कपसर खाम | उसक फाद २२ जन
१९९७ को भजफ़फ़यनगय भ भन गरजी स भॊतरदीा री औय दवाई खाना फॊद कय दी | जफ एक साधक बाई याहर गिा न कहा कक सहायनऩय स साइककर दवाया उततयामण मशववय अभदावाद जान का कामगकरभ फन यहा ह तफ भन टाॉग क फाय भ सोि बफना साइककर मातरा भ बाग रन क मरए अऩनी सहभनत द दी | जफ भय घय ऩय ऩता िरा कक भन साइककर स गरधाभ अभदावाद जान का वविाय फनामा ह अत तभ ११५० ककभी तक साइककर नहीॊ िरा ऩाओग | रककन भन कहा भ साइककर स ही गरधाभ जाऊॉ गा िाह ककतनी बी दयी कमो न हो औय हभ आठ साधक बाई सहायनऩय स २६ टदसमफय ९७ को साइककरो स यवाना हए | भागग भ िढ़ाई ऩय भझ जफ बी कोइ टदककत होती तो ऐसा रगता जस भयी साइककर को कोई ऩीछ स धकर यहा ह | भ भड़कय ऩीछ दखता तो कोई टदखामी नहीॊ ऩड़ता | ९ जनवयी को जफ हभ अभदावाद गरआशरभ भ ऩहॉि औय भन सफह अऩनी टाॉग दखी तो भ दॊग यह गम जो टाॉग ऩतरी हो गमी थी औय डॉकटयो न उस ठीक होन स भना कय टदमा था वह टाॉग बफपकर ठीक हो गमी थी | इस कऩा को दखकय भ िककत यह गमा भय साथी बी दॊग यह गम मह सफ गरकऩा क परसाद का िभतकाय था | भय आठो साथी भयी ऩतनी तथा ऑर इणणडमा भकतडकर इनसटीटमट टदपरी दवाया जाॉि क परभाणऩतर इस फात क साी ह |
-ननयॊकाय अगरवार
ववषणऩयी
अदबत यही भौनभॊटदय की साधना
ऩयभ ऩजम सदगरदव की कऩा स भझ टदनाॊक १८ स २४ भई १९९९ तक अभदावाद आशरभ क भौनभॊटदय भ साधना कयन का सअवसय मभरा | भौनभॊटदय भ साधना क ऩाॉिव टदन मानी २२ भई की याबतर को रगबग २ फज नीॊद भ ही भझ एक झटका रगा | रट यहन कक जसथनत भ ही भझ भहसस हआ कक कोई अदशम शकतकत भझ ऊऩय फहत ऊऩय उड़म र जा यही ह | ऊऩय उड़त हए जफ भन नीि झाॉककय दखा तो अऩन शयीय को उसी भौनभॊटदय भ चितत रटा हआ फखफय सोता हआ ऩामा | ऊऩय जहाॉ भझ र जामा गमा वहाॉ अरग ही छटा थी अजीफ औय अवणीम आकाश को बी बदकय भझ ऐस सथान ऩय ऩहॉिामा गमा था जहाॉ िायो तयप कोहया-ही-कोहया था जस शीश की छत ऩय ओस परी हो इतन भ दखता हॉ कक एक सबा रगी ह बफना शयीय की कवर आकनतमो की | जस यखाओॊ स भनषमरऩी आकनतमाॉ फनी हो | मह सफ कमा िर यहा था सभझ स ऩय था |
कछ ऩर क फाद व आकनतमाॉ सऩषट होन रगी | दवी-दवताओॊ क ऩॊज क भधम शीषग भ एक उचि आसन ऩय साात फाऩजी शॊकय बगवान फन हए करास ऩवगत ऩय ववयाजभान थ औय दवी-दवता कताय भ हाथ फाॉध खड़ थ | भ भक-सा होकय अऩरक नतरो स उनह दखता ही यहा कपय भॊतरभगध हो उनक ियणो भ चगय ऩड़ा | परात क ४ फज थ | अहा भन औय शयीय हपका-फ़पका रग यहा था मही जसथनत २४ भई की भधमयाबतर भ बी दोहयामी गमी | दसय टदन सफह ऩता िरा कक आज तो फाहय ननकरन का टदन ह मानी यवववाय २५ भई की सफह | फाहय ननकरन ऩय बावबया रदम गदगद कॊ ठ औय आखो भ आॉस मो रग यहा था कक जस ननजधाभ स फघय ककमा जा यहा हॉ | धनम ह वह बमभ
भौनभॊटदय भ साधना की वह रवमवसथा जहाॊ स ऩयभ आनॊद क सागय भ डफन की कॊ जी मभरती ह जी कयता ह बगवान ऐसा अवसय कपय स राम जजसस कक उसी भौनभॊटदय भ ऩन आॊतरयक आनॊद का यसऩान कय ऩाऊॉ |
-इनरनायामण शाह
१०३ यतनदीऩ-२ ननयारा नगय कानऩय
असाधम योग स भकतकत
सन १९९४ भ भयी ऩतरी टहयर को शयद ऩणणगभा क टदन फखाय आमा | डॉकटयो को
टदखामा तो ककसीन भररयमा कहकय दवाइमाॉ दी तो ककसीन टामपामड कहकय इराज शर ककमा तो ककसीन टामपामड औय भररयमा दोनो कहा | दवाई की एक खयाक रन स शयीय नीरा ऩड़ गमा औय सज गमा | शयीय भ खन की कभी स उस छ फोतर खन िढ़ामा गमा | इॊजन दन स ऩय शयीय को रकवा भाय गमा | ऩीठ क ऩीछ शमावरण जसा हो गमा | ऩीठ औय ऩय का एकस-य मरमा गमा | ऩय ऩय वजन फाॉधकय यखा गमा | डॉकटयो न उस वाम का फखाय तथा यकत का क सय फतामा औय कहा कक उसक रदम तो वापव िौड़ा हो गमा ह | अफ हभ टहमभत हाय गम | अफ ऩजमशरी क मसवाम औय कोई सहाया नहीॊ था | उस सभम टहयर न कहा भमभी भझ ऩजम फाऩ क ऩास र िरो | वहाॉ ठीक हो जाऊगी | ऩाॉि टदन तक टहयर ऩजमशरी की यट रगाती यही | हभ उस अभदावाद आशरभ भ फाऩ क ऩास र गम | फाऩ न कहा इस कछ नहीॊ हआ ह | उनहोन भझ औय टहयर को भॊतर टदमा एवॊ फड़दादा की परदकषणा कयन को कहा | हभन परदकषणा की औय टहयर ऩनरह टदन भ िरन-कफ़यन रगी | हभ फाऩ की इस करणा-कऩा का कण कस िकाम अबी तो हभ आशरभ भ ऩजमशरी क शरीियणो भ सऩरयवाय यहकय धनम हो यह ह |
-परपपर रवमास
बावनगय
वतगभान भ अभदावाद आशरभ भ सऩरयवाय सभवऩगत
ऩजम फाऩ का दशगन-सतसॊग ही जीवन का सचिा यतन ह
भझ िाय सार स ऩतर कक काभना थी औय भय भन भ हआ कक भयी मह काभना जरय ऩयी होगी | अभदावाद भ धमानमोग मशववय क दौयान ऐसा वविाय आमा कक फाऩ भझ अऩन ियणो भ फरामग | भन भ दढ़ शरदधा थी | इतन रोगो क फीि भ स फाऩ न तजऩणग दवषट भझ ऩय डारी सॊतय का परसाद टदमा औय भया बागम खर गमा | फचि क जनभ स ऩहर डॉकटयो न ऑऩयशन को कहा था रककन फाऩ क फतान क भताबफक भय घयवारो न भझ गाम क गोफय का यस वऩरामा औय शीघर ही फारक का जनभ हो गमा | सचिी शरदधा-बकतकत हो तो कमा असॊबव ह ऩजम फाऩ का दशगन-सतसॊग ही जीवन का सचिा यतन ह |
सचिी शरदधा-बकतकत स ऐसा यतन ऩानवार हभ सबी धनबागी ह |
-यखा ऩयभाय भीया योड़ भॊफई
कसट का िभतकाय
रवमाऩाय उधायी भ िर जान स भ हताश हो गमा था एवॊ अऩनी जजॊदगी स तॊग आकय आतभहतमा कयन की फात सोिन रगा था | भझ साध-भहातभाओॊ व सभाज क रोगो स घणा-सी हो गमी थी धभग व सभाज स भया ववशवास उठ िका था | एक टदन भयी सारी फाऩजी क सतसॊग कक दो कसट ववचध का ववधान एवॊ आणखय कफ तक र आमी औय उसन भझ सनन क मरए कहा | उसक कई परमास क फाद बी भन व कसट नहीॊ सनीॊ एवॊ भन-ही-भन उनह ढ़ोग कहकय कसटो क कतडबफ भ दार टदमा | भन इतना ऩयशान था कक यात को नीॊद आना फॊद हो गमा था | एक यात कफ़पभी गाना सनन का भन हआ | अॉधया होन की वजह स कसट ऩहिान न सका औय गरती स फाऩजी क सतसॊग की कसट हाथ भ आ गमी | भन उसीको सनना शर ककमा | कपय कमा था भयी आशा फॉधन रगी | भन शाॉत होन रगा | धीय-धीय सायी ऩीड़ाएॉ दय होती िरी गमीॊ | भय जीवन भ योशनी-ही-योशनी हो गमी | कपय तो भन ऩजम फाऩजी क सतसॊग की कई कसट सनीॊ औय सफको सनामीॊ |
तदनॊतय भन गाजजमाफाद भ फाऩजी स दीा बी गरहण की | रवमाऩाय की उधायी बी िकता हो गमी | फाऩजी की कऩा स अफ भझ कोई द ख नहीॊ ह | ह गरदव फस एक आऩ ही भय होकय यह औय भ आऩका ही होकय यहॉ |
-ओभपरकाश फजाज
टदपरी योड़ सहायनऩय उततय परदश
भझ ऩय फयसी सॊत की कऩा
सन १९९५ क जन भाह भ भ अऩन रड़क औय बतीज क साथ हरयदवाय धमानमोग मशववय भ बाग रन गमा | एक टदन जफ भ हय की ऩौड़ी ऩय सनान कयन गमा तो ऩानी क तज फहाव क कायण ऩय कपसरन स भया रड़का औय बतीजा दोनो अऩना सॊतरन खो फठ औय गॊगा भ फह गम | ऐसी सॊकट की घड़ी भ भ अऩना होश खो फठा | कमा करॉ भ पट-पटकय योन रगा औय फाऩजी स पराथगना कयन रगा कक ह नाथ ह गरदव या कीजजम भय फचिो को फिा रीजजम | अफ आऩका ही सहाया ह | ऩजमशरी न भय सचि रदम स ननकरी ऩकाय सन री औय उसी सभम भया रड़का भझ टदखामी टदमा | भन झऩटकय उसको फाहय खीॊि मरमा रककन भया बतीजा तो ऩता नहीॊ कहाॉ फह गमा भ ननयॊतय यो यहा था औय भन भ फाय-फाय वविाय उठ यहा था कक फाऩजी भया रड़का फह जाता तो कोई फात नहीॊ थी रककन अऩन बाई की अभानत क बफना भ घय कमा भॉह
रकय जाऊॉ गा फाऩजी आऩही इस बकत की राज फिाओ | तबी गॊगाजी की एक तज रहय उस फचि को बी फाहय छोड़ गमी | भन रऩककय उस ऩकड़ मरमा | आज बी उस हादस को सभयण कयता हॉ तो अऩन-आऩको सॉबार नहीॊ ऩाता हॉ औय भयी आॉखो स ननयॊतय परभ की अशरधाया फहन रगती ह | धनम हआ भ ऐस गरदव को ऩाकय ऐस सदगरदव क शरीियणो भ भय फाय-फाय शत-शत परणाभ
-सभारखाॉ ऩानीऩत हरयमाणा
गरदव की कऩा स सॊतानपरानि
भयी शादी को ऩाॉि सार हो गम थ कपय बी कोई सॊतान नहीॊ हई | रोग हभ फहत तान भायत थ | तबी भन-ही-भन ननणगम र मरमा कक ऩजम फाऩ क आशरभ भ जाना ह | जनवयी १९९९ भ परथभ फाय उततयामण मशववय बया औय भॊतरदीा री | अफ गरदव कक कऩा स भझ एक सॊदय फारक पराि हआ ह | ऩजम फाऩजी की इतनी कऩा-करणा दखकय रदम बय आता ह | भ ऩजम फाऩजी स पराथगना कयती हॉ कक मह फारक उनह सभवऩगत कय सकॊ औय मह उनक मोगम फनसक ऐसी सदफवदध हभ द |
-ननभगरा क तड़वी काॊनतबाई हीयाबाई तडवी याभजी भॊटदय क ऩास कायरी फाग वड़ोदया
गरकऩा स जीवनदान
टदनाॊक १५-१-९६ की घटना ह | भन धात क ताय ऩय सखन क मरए कऩड़ परा यख थ |
फारयश होन क कायण उस ताय भ कयॊट आ गमा था | भया छोटा ऩतर ववशार जो कक ११ वीॊ का भ ऩढ़ता ह आकय उस ताय स छ गमा औय बफजरी का कयॊट रगत ही वह फहोश हो गमा शव क सभान हो गमा | हभन उस तयॊत फड़ असऩतार भ दाणखर कयवामा | डॉकटय न फचि की हारत गॊबीय फतामी | ऐसी ऩरयजसथनत दखकय भयी आॉखो स अशरधायाएॉ फह ननकरी | भ ननजानॊद की भसती भ भसत यहन वार ऩजम सदगरदव को भन-ही-भन माद ककमा औय पराथगना कक ह गरदव अफ तो इस फचि का जीवन आऩक ही हाथो भ ह | ह भय परब आऩ जो िाह सो कय सकत ह | औय आणखय भयी पराथगना सपर हई | फचि भ एक नवीन ितना का सॊिाय हआ एवॊ धीय-धीय फचि क सवासम भ
सधाय होन रगा | कछ ही टदनो भ वह ऩणगत सवसथ हो गमा | डॉकटय न तो उऩिाय ककमा रककन जो जीवनदान उस पमाय परब की कऩा स सदगरदव की कऩा स मभरा उसका वणगन कयन क मरए भय ऩास शबद नहीॊ ह | फस ईशवय स भ मही पराथगना कयता हॉ कक ऐस बरहमननषठ सॊत-भहाऩरषो क परनत हभायी शरदधा भ ववदध होती यह | -
डॉ वाम ऩी कारया शाभरदास कॉरज बावनगय गजयात
ऩजम फाऩ जस सॊत दननमा को सवगग भ फदर सकत ह
भई १९९८ क अॊनतभ टदनो भ ऩजमशरी क इॊदौय परवास क दौयान ईयान क ववखमात कफ़जजमशमन शरी फफाक अगरानी बायत भ अधमाजतभक अनबवो की परानि आम हए थ |
ऩजमशरी क दशगन ऩाकय जफ उनहोन अधमाजतभक अनबवो को परीबत होत दखा तो व ऩॊिड़ आशरभ भ आमोजजत धमानमोग मशववय भ बी ऩहॉि गम | शरी अगरानी जो दो टदन रककय वाऩस रौटन वार थ व ऩय गमायह टदन तक ऩॊिड़ आशरभ भ रक यह | उनहोन ववधाथी मशववय भ सायसवतम भॊतर की दीा री एवॊ ववमशषट धमानमोग साधना मशववय (४ -१० जन १९९८) का बी राब मरमा | मशववय क दौयान शरी अगरानी न ऩजमशरी स भॊतरदीा बी र री | ऩजमशरी क साजननधम भ सॊपराि अनबनतमो क फाय भ बतरम सभािाय ऩतर ितना को दी हई बटवाताग भ शरी अगरानी कहत ह मटद ऩजम फाऩ जस सॊत हय दश भ हो जाम तो मह दननमा सवगग फन सकती ह | ऐस शाॊनत स फठ ऩाना हभाय मरए कटठन ह रककन जफ ऩजम फाऩजी जस भहाऩरषो क शरीियणो भ फठकय सतसॊग सनत ह तो ऐसा आनॊद आता ह कक सभम का कछ ऩता ही नहीॊ िरता | सिभि ऩजम फाऩ कोई साधायण सॊत नहीॊ ह |
-शरी फफाक अगरानी ववशवववखमात कफ़जजमशमन ईयान
फाऩजी का साजननधम गॊगा क ऩावन परवाह जसा ह
कर-कर कयती इस बागीयथी की धवर धाया क ककनाय ऩय ऩजम फाऩजी क साजननधम भ फठकय भ फड़ा ही आपहाटदत औय परभटदत हॉ आनॊटदत हॉ योभाॊचित हॊ | गॊगा बायत की सषमना नाड़ी ह | गॊगा बायत की सॊजीवनी ह | शरी ववषणजी क ियणो स ननकरकय बरहमाजी क कभॊड़र औय जटाधय क भाथ ऩय शोबामभान गॊगा बतरमोगमसवदधकायक ह |
ववषणजी क ियणो स ननकरी गॊगा बकतकत मोग की परतीनत कयाती ह औय मशवजी क भसतक ऩय जसथत गॊगा ऻान मोग की उचितय बमभका ऩय आरढ़ होन की खफय दती ह |
भझ ऐसा रग यहा ह कक आज फाऩजी क परविनो को सनकय भ गॊगा भ गोता रगा यहा हॉ कमोकक उनका परविन उनका सजननधम गॊगा क ऩावन परवाह जसा ह | व अरभसत फ़कीय ह | व फड़ सयर औय सहज ह | व जजतन ही ऊऩय स सयर ह उतन ही अॊतय भ गढ़ ह | उनभ टहभारम जसी उचिता ऩववतरता शरषठता ह औय सागयतर जसी गॊबीयता ह |
व याषड की अभपम धयोहय ह | उनह दखकय कवष-ऩयमऩया को फोध होता ह | गौतभ कणाद
जमभनी कवऩर दाद भीया कफीय यदास आटद सफ कबी-कबी उनभ टदखत ह |
य बाई कोई सतगर सॊत कहाव
जो ननन अरख रखाव धयती उखाड़ आकाश उखाड़
अधय भड़मा धाव |
शनम मशखय क ऩाय मशरा ऩय आसन अिर जभाव |
य बाई कोई सतगर सॊत कहाव
एक ऐस ऩावन साजननधम भ हभ फठ ह जो फड़ा दरगब औय सहज मोगसवरऩ ह | ऐस भहाऩरषो क मरए ऩॊकतकतमाॉ माद आ यही ह तभ िरो तो िर धयती िर अॊफय िर दननमा ऐस भहाऩरष िरत ह तो उनक मरए समग िॊर ताय गरह नतर आटद सफ अनकर हो जात ह | ऐस इजनरमातीत गणातीत बावातीत शबदातीत औय सफ अवसथाओॊ स ऩय ककनहीॊ भहाऩरषो क शरीियणो भ जफ फठत ह तो बागवत कहता ह
साधनाॊ दशगनॊ रोक सवगमसवदधकयॊ ऩयभ |
साध क दशगन भातर स वविाय ववबनत ववदवता शकतकत सहजता ननववगषमता परसननता मसवदधमाॉ औय आतभानॊद की परानि होती ह | दश क भहान सॊत महाॉ सहज ही आत ह बायत क सबी शॊकयािामग बी मशववय भ आत ह | अत भय भन भ बी वविाय आमा कक जहाॉ सफ जात ह वहाॉ जाना िाटहए कमोकक मही वह ठोय-टठकाना ह जहाॉ भन का अमबभान मभटामा जा सकता ह | ऐस भहाऩरषो क दशगन स कवर आनॊद औय भसती ही नहीॊ मभरती फजपक वह सफ कछ मभर जाता ह जो अमबरावषत ह आकाॊकषत ह रकषत ह | महाॉ भ करणा क
कभगठता क वववक-वयागम क ऻान क दशगन कय यहा हॉ | वयागम औय बकतकत क यण ऩोषण औय सॊवधगन क मरए मह सिकवषमो का उततभ ऻान भाना जाता ह | आज गॊगा कपय स
साकाय टदख यही ह तो व फाऩजी क वविाय औय वाणी भ टदख यही ह | अरभसतता सहजता उचिता शरषठता ऩववतरतता तीथग-सी शचिता मशश-सी सयरता तरणो-सा जोश वदधो-सा गाॊबीमग औय कवषमो जसा ऻानाफोध भझ जहाॉ हो यहा ह वह मह ऩॊडार ह | इस आनॊदनगय कहॉ मा परभनगय करणा का सागय कहॉ मा वविायो का सभनदय रककन इतना जरय कहॉगा कक भय भन का कोन-कोना आपहाटदत हो यहा ह | आऩ रोग फड़बागी ह जो ऐस भहाऩरष क शरीियणो भ फठ ह जहाॉ बागम का टदरवम रवमकतकतततव का ननभागण होता ह | जीवन की कतकतमता जहाॉ पराि हो सकती ह वह मही दय ह |
मभर तभ मभरी भॊजजर मभरा भकसद औय भददा बी |
न मभर तभ तो यह गमा भददा भकसद औय भॊजजर बी ||
आऩका मह बावयाजम औय परभयाजम दखकय भ िककत बी हॉ औय आनॊद का अनबव बी कय यहा हॉ | आऩक परनत भया ववशवास औय अटट ननषठा फढ़ इस हत भया नभन सवीकाय कय | भझ ऐसा रगता ह कक फाऩजी समग ह औय नायामण सवाभी एक ऐस दीऩ ह जो न फझ सकत ह न जराम जात ह |
-सवाभी अवधशानॊदजी हरयदवाय
सायसवतम भॊतर स हए अदबत राब
भन १९९८ भ ववधाथी उतथान मशववय सोनीऩत भ ऩजम गरदव स सायसवतम भॊतर की दीा री | दीा क फाद ननममभत भॊतरजऩ कयन स भ इतना कशागर फवदधवारा एवॊ सवावरॊफी हो गमा कक भन एक भहीन भ ही टमशन छोड़ दी औय सवमॊ खफ भहनत कयन रगा | भ सकर बी ऩदर आन-जान रगा जजसस भन सकर फस का ककयामा फिा मरमा |
भॊतर जाऩ क परबाव स भझ ९ वीॊ १० वीॊ ११ वीॊ की ऩयीाओॊ भ परथभ सथान पराि हआ |
१२ वीॊ की ऩयीा क सभम भया सवासम खयाफ होन क कायण भ जऩ ठीक स नहीॊ कय सका कपय बी ७९ परनतशत अॊको स ऩास हआ | उसक फाद इॊजजननमरयॊग की ऩरया भ बी उततीणग यहा |
-करदीऩ कभाय डी-२३४ वसट ववनोद नगय टदपरी
भ टदसमफय १९९९ भ छततीसगढ़ क बाटाऩाया भ ऩजम गरदव स सायसवतम भॊतर की दीा
री | ततऩशचात भ ननममभत रऩ स जऩ-धमान- पराणामाभ कयता था जजसस भझ फहत राब हआ | ऩजम फऩजी की कऩा औय सायसवतम भॊतर जाऩ क परबाव स भझ १२ वीॊ की फोड़ग की ऩरया भ ८४६ परनतशत अॊक मभर |
-ववयनर कभाय कौमशक
डोगयगाॉव जज याजनाॊदगाॉव (छग)
बौनतक मग क अॊधकाय भ ऻान की जमोनत ऩजम फाऩ
भादक ननमॊतरण बमयो बायत सयकाय क भहाननदशक शरी एिऩी कभाय ९ भई को अभदावाद आशरभ भ सतसॊग-कामगकरभ क दौयान ऩजम फाऩ स आशीवागद रन ऩहॉि | फड़ी ववनमरता एवॊ शरदधा क साथ उनहोन ऩजम फाऩ क परनत अऩन उदगाय भ कहा जजस रवमकतकत क ऩास वववक नहीॊ ह वह अऩन रकषम तक नहीॊ ऩहॉि सकता ह औय वववक को पराि कयन का साधन ऩजम आसायाभजी फाऩ जस भहान सॊतो का सतसॊग ह | ऩजम फाऩ स भया परथभ ऩरयिम टीवी क भाधमभ स हआ | ततऩशचात भझ आशरभ दवाय परकामशत कवष परसाद भामसक पराि हआ | उस सभम भझ रगा कक एक ओय जहाॉ इस बौनतक मग क अॊधकाय भ भानव बटक यहा ह वहीॊ दसयी ओय शाॊनत की भॊद-भॊद सगॊचधत वाम बी िर यही ह | मह ऩजम फाऩ क सतसॊग का ही परबाव ह | ऩजमशरी क दशगन कयन का जो सौबागम भझ पराि हआ ह इसस भ अऩन को कतकतम भानता हॉ | ऩजम फाऩ क शरीभख स जो अभत वषाग होती ह तथा इनक सतसॊग स कयोड़ो रदमो भ जो जमोनत जगती ह व इसी परकाय स जगती यह औय आन वार रॊफ सभम तक ऩजमशरी हभ सफ का भागगदशगन कयत यह मही भयी काभना ह | ऩजम फाऩ क शरीियणो भ भय परणाभ
-शरी एिऩी कभाय भहाननदशक भादक ननमॊतरण बमयो बायत सयकाय
गरकऩा ऐसी हई कक अॉधय तो कमा दय बी नहीॊ हई
ऩयभ कऩार फाऩजी क शरीियणो भ भय कोटट-कोटट वॊदन भ एक इसभाइरी खवाजा हॉ तथा अऩन धभग भ अकतडग हॉ | िाय वषग ऩवग कछ रोगो दवाया एक सननमोजजत मोजना फनाकय भझ जफयदसती भडगय कस का आयोऩी फना टदमा गमा था | इसस भझ कहीॊ शाॊनत नहीॊ मभर यही थी | २८ पयवयी १९९७ को भझ नागऩय भ आमोजजत फाऩजी क सतसॊग भ जान की परयणा मभरी औय ४ भािग १९९७ को भन फाऩजी स भॊतरदीा री | भ उनस भन-
ही-भन ववनती की कक ह गरदव भझ फिा रो | गरकऩा ऐसी हई कक ७ जनवयी १९९८ को भझ अदारत न ऩाक-साप फयी कय टदमा फाकी छ आयोवऩमो को सजा हई | धनम ह ऐस भय सदगर उनक शरीियणो भ भय कोटट-कोटट वनदन
-यहभान खान ननशान छाफड़ी (बफछआ) जज नछनदवाड़ा (भपर)
भजसरभ भटहरा को पराणदान
२७ मसतमफय २००० को जमऩय भ भय ननवास ऩय ऩजम फाऩ का आतभ-साातकाय टदवस
भनामा गमा जजसभ भय ऩड़ोस की भजसरभ भटहरा नाथी फहन क ऩनत शरी भाॉग खाॉ न बी ऩजम फाऩ की आयती की औय ियणाभत मरमा | ३-४ टदन फाद ही व भजसरभ दॊऩनत खवाजा साटहफ क उसग भ अजभय िर गम | टदनाॊक ४ अकटफय २००० को अजभय क उसग भ असाभाजजक ततवो न परसाद भ जहय फाॉट टदमा जजसस उसग भर भ आम कई दशगनाथी असवसथ हो गम औय कई भय बी गम | भय ऩड़ोस की नाथी फहन न बी वह परसाद खामा औय थोड़ी दय भ ही वह फहोश हो गमी | अजभय भ उसका उऩिाय ककमा गमा ककॊ त उस होश न आमा | दसय टदन ही उसका ऩनत उस अऩन घय र आमा | कॉरोनी क सबी ननवासी उसकी हारत दखकय कह यह थ कक अफ इसका फिना भजशकर ह | भ बी उस दखन गमा | वह फहोश ऩड़ी थी | भ जोय-जोय स हरय ॐ हरय ॐ का उचिायण ककमा तो वह थोड़ा टहरन रगी | भझ परयणा हई औय भ ऩन घय गमा | ऩजम फाऩ स पराथगना की | ३-४ घॊट फाद ही वह भटहरा ऐस उठकय खड़ी हो गमी भानो सोकय उठी हो | उस भटहरा न फतामा कक भय िािा ससय ऩीय ह औय उनहोन भय ऩनत क भॉह स फोरकय फतामा कक तभन २७ मसतमफय २००० को जजनक सतसॊग भ ऩानी वऩमा था उनहीॊ सपद दाढ़ीवार फाफा न तमह फिामा ह कसी करणा ह गरदव की
-जएर ऩयोटहत
८७ सपतान नगय जमऩय (याज)
उस भटहरा का ऩता ह -शरीभती नाथी
ऩतनी शरी भाॉग खाॉ १०० सपतान नगय गजगय की धड़ी नम साॊगानय योड़
जमऩय (याज)
हरयनाभ की पमारी न छड़ामी शयाफ की फोतर
सौबागमवश गत २६ टदसमफय १९९८ को ऩजमशरी क १६ मशषमो की एक टोरी टदपरी स हभाय गाॉव भ हरयनाभ का परिाय-परसाय कयन ऩहॉिी | भ फिऩन स ही भटदयाऩान धमरऩान व मशकाय कयन का शौकीन था | ऩजम फाऩ क मशषमो दवाया हभाय गाॉव भ जगह-जगह ऩय तीन टदन तक रगाताय हरयनाभ का कीतगन कयन स भझ बी हरयनाभ का यॊग रगता जा यहा था | उनक जान क एक टदन क ऩशचात शाभ क सभम योज की बाॊनत भन शयाफ की फोतर ननकारी | जस ही फोतर खोरन क मरए ढककन घभामा तो उस ढककन क घभन स भझ हरय ॐ हरय ॐ की धवनन सनामी दी | इस परकाय भन दो-तीन फाय ढककन घभामा औय हय फाय भझ हरय ॐ की धवनन सनामी दी | कछ दय फाद भ उठा तथा ऩजमशरी क एक मशषम क घय गमा | उनहोन थोड़ी दय भझ ऩजमशरी की अभतवाणी सनामी | अभतवाणी सनन क फाद भया रदम ऩकायन रगा कक इन दरवमगसनो को तमाग दॉ | भन तयॊत फोतर उठामी तथा जोय-स दय खत भ प क दी | ऐस सभथग व ऩयभ कऩार सदगरदव को भ रदम स परणाभ कयता हॉ जजनकी कऩा स मह अनोखी घटना भय जीवन भ घटी जजसस भया जीवन ऩरयवनतगत हआ |
-भोहन मसॊह बफषट
मबखमासन अपभोड़ा (उपर)
ऩय गाॉव की कामाऩरट
ऩजमशरी स टदनाॊक २७६९१ को दीा रन क फाद भन रवमवसनभकतकत क परिाय-परसाय का रकषम फना मरमा | भ एक फाय कौशरऩय (जज शाजाऩय) ऩहॉिा | वहाॉ क रोगो क रवमवसनी औय रड़ाई-झगड़ मकत जीवन को दखकय भन कहा आऩ रोग भनषम-जीवन सही अथग ही नहीॊ सभझत ह | एक फाय आऩ रोग ऩजम फाऩजी क दशगन कय र तो आऩको सही जीवन जीन की कॊ जी मभर जामगी | गाॉव वारो न भयी फात भान री औय दस रवमकतकत भय गाॉव ताजऩय आम | भन एक साधक को उनक साथ जनभाषटभी भहोतसव भ सयत बजा | ऩजम फाऩजी की उन ऩय कऩा फयसी औय सफको गरदीा मभर गमी | जफ व रोग अऩन गाॉव ऩहॉि तो सबी गाॉववामसमो को फड़ा कौतहर था कक ऩजम फाऩजी कस ह फाऩजी की रीराएॉ सनकय गाॉव क अनम रोगो भ बी ऩजम फाऩजी क परनत शरदधा जगी | उन दीकषत साधको न सबी गाॉववारो को सववधानसाय ऩजम फाऩजी क अरग-अरग आशरभो भ
बजकय दीा टदरवा दी | गाॉव क सबी रवमकतकत अऩन ऩय ऩरयवाय सटहत दीकषत हो िक ह | परतमक गरवाय को ऩय गाॉव भ एक सभम बोजन फनता ह | सबी रोग गरवाय का वरत यखत ह | कौशरऩय गाॉव क परबाव स आस-ऩास क गाॉववार एवॊ उनक रयशतदायो सटहत १००० रवमकतकतमो शयाफ छोड़कय दीा र री ह | गाॉव क इनतहास भ तीन-तीन ऩीढ़ी स कोई भॊटदय नहीॊ था | गाॉववारो न ५ राख रऩम रगाकय दो भॊटदय फनवाम ह | ऩया गाॉव रवमवसनभकत एवॊ बगवतबकत फन गमा ह मह ऩजम फाऩजी की कऩा नहीॊ तो औय कमा ह सफक तायणहाय ऩजम फाऩजी क शरीियणो भ कोटट-कोटट परणाभ
-शमाभ परजाऩनत (सऩयवाइजय नतरहन सॊघ) ताजऩय उजजन (भपर)
नतरबफ ॊद का िभतकाय
भया सौबागम ह कक भझ सॊतकऩा नतरबफॊद (आई डरॉपस) का िभतकाय दखन को मभरा |
एक सॊत फाफा मशवयाभदास उमर ८० वषग गीता कटटय तऩोवन झाड़ी सिसयोवय हरयदवाय भ यहत ह | उनकी दाटहनी आॉख क सपद भोनतम का ऑऩयशन शाॉनतकॊ ज हरयदवाय आमोजजत कमऩ भ हआ | कस बफगड़ गमा औय कार भोनतमा फन गमा | ददग यहन रगा औय योशनी घटन रगी | दोफाया बभाननद नतर चिककतसारम भ ऑऩयशन हआ | एबसपमट गरकोभा फतात हए कहा कक ऑऩयशन स मसयददग ठीक हो जामगा ऩय योशनी जाती यहगी | ऩयॊत अफ व फाफा सॊत शरी आसायाभजी आशरभ दवाय ननमभगत सॊतकऩा नतरबफॊद सफह-शाभ डार यह ह | भन उनक नतरो का ऩयीण ककमा | उनकी दाटहनी आॉख भ उॉगरी चगनन रामक योशनी वाऩस आ गमी ह | कार भोनतम का परशय नॉभगर ह | कोननगमा भ सजन नहीॊ ह | व कापी सॊतषट ह | व फतात ह आॉख ऩहर रार यहती थी ऩयॊत अफ नहीॊ ह | आशरभ क नतरबफॊद स कपऩनातीत राब हआ | फामीॊ आॉख भ बी उनह सपद भोनतमा फतामा गमा था औय सॊशम था कक शामद कारा भोनतमा बी ह | ऩय आज फामीॊ आॉख बी ठीक ह औय दोनो आॉखो का परशय बी नॉभगर ह | सपद भोनतमा नहीॊ ह औय योशनी कापी अचछी ह |
मह सॊतकऩा नतरफॊद का ववरण परबाव दखकय भ बी अऩन भयीजो को इसका उऩमोग कयन की सराह दॉगा |
-डॉ अननत कभाय अगरवार (नतरयोग ववशषऻ)
एभफीफीएस एभएस (नतर) डीओएभएस (आई) सीताऩय सहायनऩय (उपर)
ऩजमशरी की तसवीय स मभरी परयणा
सवगसभथग ऩयभ ऩजम शरी फाऩजी क ियणकभरो भ भया कोटट-कोटट नभन १९८४ क बकॊ ऩ स समऩणग उततय बफहाय भ कापी नकसान हआ था जजसकी िऩट भ हभाया घय बी था | ऩरयजसथनतवश भझ नौवी का भ ऩढ़ामी छोड़ दनी ऩड़ी | ककसी मभतर की सराह स भ नौकयी ढॉढ़न क मरए टदपरी गमा रककन वहाॉ बी ननयाशा ही हाथ रगी | भ दो टदन स बखा तो था ही ऊऩय स नौकयी की चिॊता | अत आतभहतमा का वविाय कयक यरव सटशन की ओय िर ऩड़ा | यानीफाग फाजाय भ एक दकान ऩय ऩजमशरी का सतसाटहतम
कसट आटद यखा हआ था एवॊ ऩजमशरी की फड़ आकाय की तसवीय बी टॉगी थी | ऩजमशरी की हॉसभख एवॊ आशीवागद की भरावारी उस तसवीय ऩय भयी नजय ऩड़ी तो १० मभनट तक भ वहीॊ सड़क ऩय स ही खड़-खड़ उस दखता यहा | उस वकत न जान भझ कमा मभर गमा भ काभ बर भजदयी का ही कयता हॉ रककन तफस रकय आज तक भय चितत भ फड़ी परसननता फनी हई ह | न जान भयी जजनदगी की कमा दशा होती अगय ऩजम फाऩजी की मवाधन सया ईशवय की ओय ननजशचनत जीवन ऩसतक औय कवष परसाद ऩबतरका हाथ न रगती ऩजमशरी की तसवीय स मभरी परयणा एवॊ उनक सतसाटहतम न भयी डफती नमा को भानो भझदाय स फिा मरमा | धनबागी ह साटहतम की सवा कयन वार जजनहोन भझ आतभहतमा क ऩाऩ स फिामा |
-भहश शाह
नायामणऩय दभया जज सीताभढ़ी (बफहाय)
भॊतर स राब
भयी भाॉ की हारत अिानक ऩागर जसी हो गमी थी भानो कोई बत-परत-डाककनी मा आसयी ततव उनभ घस गमा | भ फहत चिॊनतत हो गमा एवॊ एक साचधका फहन को पोन ककमा | उनहोन बत-परत बगान का भॊतर फतामा जजसका वणगन आशरभ स परकामशत आयोगमननचध ऩसतक भ बी ह | वह भॊतर इस परकाय ह
ॐ नभो बगवत रर बयवाम बतपरत म कर कर हॊ पट सवाहा |
इस भॊतर का ऩानी भ ननहायकय १०८ फाय जऩ ककमा औय वही ऩानी भाॉ को वऩरा टदमा |
तयॊत ही भाॉ शाॊनत स सो गमीॊ | दसय टदन बी इस भॊतर की ऩाॉि भारा कयक भाॉ को वह जर वऩरामा तो भाॉ बफपकर ठीक हो गमीॊ | ह भय साधक बाई-फहनो बत-परत बगान क
मरए अरा फाॉधॉ फरा फाॉधॉ ऐसा कयक झाड़-फ़ॉ क कयनवारो क िककय भ ऩड़न की जरयत नहीॊ ह | इसक मरए तो ऩजम फाऩजी का भॊतर ही तायणहाय ह | ऩजम फाऩजी क शरीियणो भ कोटट-कोटट परणाभ
-िॊऩकबाई एन ऩटर (अभरयका)
काभ करोध ऩय ववजम ऩामी
एक टदन भॊफई भर भ टटकट िककॊ ग कयत हए भ वातानकमरत फोगी भ ऩहॉिा | दखा तो भखभर की गददी ऩय टाट का आसन बफछाकय सवाभी शरी रीराशाहजी भहायाज सभाचधसथ ह | भझ आशचमग हआ कक जजन परथभ शरणी की वातानकमरत फोचगमो भ याजा-भहायाजा मातरा कयत ह ऐसी फोगी औय तीसयी शरणी की फोगी क फीि इन सॊत को कोई बद नहीॊ रगता | ऐसी फोचगमो भ बी व सभाचधसथ होत ह मह दखकय मसय झक जाता ह | भन ऩजम भहायाजशरी को परणाभ कयक कहा आऩ जस सॊतो क मरए तो सफ एक सभान ह |
हय हार भ एकयस यहकय आऩ भकतकत का आनॊद र सकत ह | रककन हभाय जस गरहसथो को कमा कयना िाटहए ताकक हभ बी आऩ जसी सभता फनाम यखकय जीवन जी सक
ऩजम भहायाजजी न कहा काभ औय करोध को त छोड़ द तो त बी जीवनभकत हो सकता ह | जहाॉ याभ तहॉ नहीॊ काभ जहाॉ काभ तहॉ नहीॊ याभ | औय करोध तो बाई बसभासय ह | वह तभाभ ऩणम को जराकय बसभ कय दता ह अॊतकयण को भमरन कय दता ह | भन कहा परब अगय आऩकी कऩा होगी तो भ काभ-करोध को छोड़ ऩाऊॉ गा | ऩजम भहायाजजी न कहा बाई कऩा ऐस थोड़ ही की जाती ह सॊतकऩा क साथ तया ऩरषाथग औय दढ़ता बी िाटहए | ऩहर त परनतऻा कय कक त जीवनऩमगनत काभ औय करोध स दय यहगा तो भ तझ आशीवागद दॉ | भन कहा भहायाजजी भ जीवनबय क मरए परनतऻा तो करॉ रककन उसका ऩारन न कय ऩाऊॉ तो झठा भाना जाऊॉ गा | ऩजम भहायाजजी न कहा अचछा ऩहर त भय सभ आठ टदन क मरए परनतऻा कय | कपय परनतऻा को एक-एक टदन फढ़त जाना | इस परकाय त उन फराओॊ स फि सकगा | ह कफर भन हाथ जोड़कय कफर ककमा | ऩजम भहायाजजी न आशीवागद दकय दो-िाय पर परसाद भ टदम | ऩजम भहायाजजी न भयी जो दो कभजोरयमाॉ थीॊ उन ऩय ही सीधा हभरा ककमा था | भझ आशचमग हआ कक अनम कोई बी दगगण छोड़न का न कहकय इन दो दगगणो क मरए ही उनहोन परनतऻा कमो कयवामी फाद भ भ इस याज स अवगत हआ |
दसय टदन भ ऩसनजय टरन भ कानऩय स आग जा यहा था | सफह क कयीफ नौ फज थ |
तीसयी शरणी की फोगी भ जाकय भन माबतरमो क टटकट जाॉिन का कामग शर ककमा | सफस
ऩहर फथग ऩय सोम हए एक मातरी क ऩास जाकय भन एक मातरी क ऩास जाकय भन टटकट टदखान को कहा तो वह गससा होकय भझ कहन रगा अॊधा ह दखता नहीॊ कक भ सो गमा हॉ भझ नीॊद स जगान का तझ कमा अचधकाय ह मह कोई यीत ह टटकट क फाय भ ऩछन की ऐसी ही अकर ह तयी ऐसा कछ-का-कछ वह फोरता ही गमा फोरता ही गमा | भ बी करोधाववषट होन रगा ककॊ त ऩजम भहायाजजी क सभ री हई परनतऻा भझ माद थी अत करोध को ऐस ऩी गमा भानो ववष की ऩकतड़मा भन उस कहा भहाशम आऩ ठीक ही कहत ह कक भझ फोरन की अकर नहीॊ ह बान नहीॊ ह | दखो भय म फार धऩ भ सपद हो गम ह | आऩभ फोरन की अकर अचधक ह नमरता ह तो कऩा कयक मसखाओॊ कक टटकट क मरए भझ ककस परकाय आऩस ऩछना िाटहए | भ रािाय हॉ कक डमटी क कायण भझ टटकट िक कयना ऩड़ यहा ह इसमरए भ आऩको कषट द यहा हॉ|
औय कफ़य भन खफ परभ स हाथ जोड़कय ववनती की बमा कऩा कयक कषट क मरए भझ भा कयो | भझ अऩना टटकट टदखामग भयी नमरता दखकय वह रजजजत हो गमा एवॊ तयॊत उठ फठा | जपदी-जपदी नीि उतयकय भझस भा भाॉगत हए कहन रगा भझ भाप कयना | भ नीॊद भ था | भन आऩको ऩहिाना नहीॊ था | अफ आऩ अऩन भॉह स भझ कह कक आऩन भझ भाफ़ ककमा मह दखकय भझ आनॊद औय सॊतोष हआ | भ सोिन रगा कक सॊतो की आऻा भानन भ ककतनी शकतकत औय टहत ननटहत ह सॊतो की करणा कसा िभतकारयक ऩरयणाभ राती ह वह रवमकतकत क पराकनतक सवबाव को बी जड़-भर स फदर सकती ह | अनमथा भझभ करोध को ननमॊतरण भ यखन की कोई शकतकत नहीॊ थी | भ ऩणगतमा असहाम था कपय बी भझ भहायाजजी की कऩा न ही सभथग फनामा | ऐस सॊतो क शरीियणो भ कोटट-कोटट नभसकाय
-शरी यीजभर
रयटामडग टीटी आई कानऩय
अनम अनबव
जरा हआ कागज
ऩवग रऩ भ एक फाय ऩयभहॊस ववशदधानॊदजी स आनॊदभमी भाॉ की ननकटता ऩानवार सपरमसदध ऩॊकतडत गोऩीनाथ कववयाज न ननवदन ककमा तयणीकानत ठाकय को अरौककक मसवदध पराि हई ह | व बफना दख मा बफना छए ही कागज भ मरखी हई फात ऩढ़ रत ह |
गरदव फोर तभ एक कागज ऩय कछ मरखो औय उसभ आग रगाकय जरा दो |
कववयाजजी न कागज ऩय कछ मरखा औय ऩयी तयह कागज जराकय हवा भ उड़ा टदमा |
उसक फाद गरदव न अऩन तककम क नीि स वही कागज ननकारकय कववयाजजी क आग यख टदमा | मह दखकय उनह फड़ा आशचमग हआ कक मह कागज वही था एवॊ जो उनहोन मरखा था वह बी उस ऩय उनहीॊ क सरख भ मरखा था औय साथ ही उसका उततय बी मरखा हआ दखा | जड़ता ऩशता औय ईशवयता का भर हभाया शयीय ह | जड़ शयीय को भ-भया भानन की ववतत जजतनी मभटती ह ऩाशवी वासनाओॊ की गराभी उतनी हटती ह औय हभाया ईशवयीम अॊश जजतना अचधक ववकमसत होता ह उतना ही मोग-साभमग ईशवयीम साभमग परकट होता ह | बायत क ऐस कई बकतो सॊतो औय मोचगमो क जीवन भ ईशवयीम साभमग दखा गमा ह अनबव ककमा गमा ह उसक ववषम भ सना गमा ह | धनम ह बायतबमभ भ यहनवार बायतीम सॊसकनत भ शरदधा-ववशवास यखनवार अऩन ईशवयीम अॊश को जगान की सवा-साधना कयनवार सवाभी ववशदधानॊदजी वषो की एकाॊत साधना औय वषो-वषो की गरसवा स अऩना दहाधमास औय ऩाशवी वासनाएॉ मभटाकय अऩन ईशवयीम
अॊश को ववकमसत कयनवार बायत क अनक भहाऩरषो भ स थ | उनक जीवन की औय बी अरौककक घटनाओॊ का वणगन आता ह | ऐस सतऩरषो क जीवन-िरयतर औय उनक जीवन भ घटटत घटनाएॉ ऩढ़न-सनन स हभ रोग बी अऩनी जड़ता एवॊ ऩशता स ऊऩय उठकय ईशवयीम अॊश को उबायन भ उतसाटहत होत ह | फहत ऊॉ िा काभ ह फड़ी शरदधा फड़ी सभझ फड़ा धमग िाटहए ईशवयीम साभमग को ऩणग रऩ स ववकमसत कयन भ | अफ आओ
िर आदय शॊकयािामग की ओय
नदी की धाया भड़ गमी
आदय शॊकयािामग की भाता ववमशषटा दवी अऩन करदवता कशव की ऩजा कयन जाती थीॊ | व ऩहर नदी भ सनान कयतीॊ औय कफ़य भॊटदय भ जाकय ऩजन कयतीॊ | एक टदन व परातकार ही ऩजन-साभगरी रकय भॊटदय की ओय गमीॊ ककॊ त सामॊकार तक घय नहीॊ रौटीॊ | शॊकयािामग की आम अबी सात-आठ वषग क भधम भ ही थी | व ईशवय क ऩयभ बकत औय ननषठावान थ | सामॊकार तक भाता क वाऩस न रौटन ऩय आिामग को फड़ी चिनता हई औय व उनह खोजन क मरए ननकर ऩड़ | भॊटदय क ननकट ऩहॉिकय उनहोन भाता को भागग भ ही भजचछगत ऩड़ दखा | उनहोन फहत दय तक भाता का उऩिाय ककमा तफ व होश भ आ सकीॊ |
नदी अचधक दय थी | वहाॉ तक ऩहॉिन भ भाता को फड़ा कषट होता था | आिामग न बगवान स भन-ही-भन पराथगना की कक परबो ककसी परकाय नदी की धाया को भोड़ दो जजसस कक
भाता ननकट ही सनान कय सक | व इस परकाय की पराथगना ननतम कयन रग | एक टदन उनहोन दखा कक नदी की धाया ककनाय की धयती को काटती-काटती भड़न रगी ह तथा कछ टदनो भ ही वह आिामग शॊकय क घय क ऩास फहन रगी | इस घटना न आिामग का अरौककक शकतकतसमऩनन होना परमसदध कय टदमा |
सकषभ शयीय स िोय का ऩीछा ककमा
हरयहय फाफा की फड़ी परमसवदध थी | एक फाय व हयऩारऩय सटशन ऩय थ | वहाॉ क सटशन भासटय न उनको एक िोय सऩदग ककमा | िोय न फाफा स कहा भहायाज भझ इतनी छटटी द दीजजम कक भ अऩन फार-फचिो का परफॊध कय आऊॉ | फाफा गाड़ी आन ऩय रौट आना | िोय िरा गमा | सटशन भासटय को ऩता िरा तो वह फाफा ऩय गभग हआ औय फोरा उसक फदर तमह जर की हवा खानी होगी | तभन जान-फझकय उस बगा टदमा ह | फाफा घफयाओ भत गाड़ी आन स ऩहर ही वह रौट आमगा | िोय की नीमत ठीक नहीॊ थी | वह जॊगर क भागग स अऻात सथान को बाग जाना िाहता था ककॊ त उस हय सभम मही परतीत होता यहा कक हरयहय फाफा डॊडा पटकायत हए उसक ऩीछ-ऩीछ िर आ यह ह | इसीमरए वह गाड़ी आन स ऩहर ही रौट आमा |
भॊगरी फाधा-ननवायण भॊतर
अॊ याॊ अॊ
इस भॊतर को १०८ फाय जऩन स करोध दय होता ह | जनभकनडरी भ भॊगरी मोग होन स जजनक वववाह न हो यह हो व २७ भॊगरवाय इस भॊतर का १०८ फाय जऩ कयत हए वरत यखकय हनभानजी ऩय मसॊदय का िोरा िढ़ाम | इसस भॊगर-फाधा का म होता ह |
सखऩवगक परसवकायक भॊतर
ऩहरा उऩाम
एॊ हीॊ बगवनत बगभामरनन िर िर भराभम भराभम ऩषऩॊ ववकासम ववकासम सवाहा |
इस भॊतर दवाया अमबभॊबतरत दध गमबगणी सतरी को वऩराम तो सखऩवगक परसव होगा |
दसया उऩाम
गमबगणी सतरी सवमॊ परसव क सभम जमबरा-जमबरा जऩ कय |
तीसया उऩाम
दशी गाम क गोफय का १२ स १५ मभरी यस ॐ नभो नायामणाम भॊतर का २१ फाय जऩ कयक ऩीन स बी परसव-फाधाएॉ दय होगी औय बफना ऑऩयशन क परसव होगा |
परसनत क सभम अभॊगर की आशॊका हो तो ननमन भॊतर का जऩ कय
सवगभॊगर भाॊगपम मशव सवागथग साचधक |
शयणम तरममफक गौयी नायामणी नभोSसतत ||
(दगागसिशती)
शकतकतशारी व गोय ऩतर की परानि क मरए
सगबागवसथा भ ढाक (ऩराश खाखया) का एक कोभर ऩतता घोटकय गौ-दगध क साथ योज सवन कयन स फारक शकतकतशारी औय गोया होता ह | भाता-वऩता बर कार-करट हो कपय बी फारक गोया होगा |
सदगर-भटहभा
गर बफन बव ननचध तय न कोई |
जौ फयॊचि सॊकय सभ होई ||
-सॊत तरसीदासजी
हरयहय आटदक जगत भ ऩजमदव जो कोम |
सदगर की ऩजा ककम सफकी ऩजा होम ||
-ननशचरदासजी भहायाज
सहजो कायज सॊसाय को गर बफन होत नाॉही |
हरय तो गर बफन कमा मभर सभझ र भन भाॉही ||
-सॊत कफीयजी सॊत
सयनन जो जन ऩय सो जन उधयनहाय | सॊत की ननॊदा नानका फहरय फहरय अवताय ||
-गर नानक दवजी
गरसवा सफ बागमो की जनभबमभ ह औय वह शोकाकर रोगो को बरहमभम कय दती ह |
गररऩी समग अववदयारऩी याबतर का नाश कयता ह औय ऻानाऻान रऩी मसतायो का रोऩ कयक फवदधभानो को आतभफोध का सटदन टदखाता ह |
-सॊत ऻानशवय भहायाज
सतम क कॊ टकभम भागग भ आऩको गर क मसवाम औय कोई भागगदशगन नहीॊ द सकता |
- सवाभी मशवानॊद सयसवती
ककतन ही याजा-भहायाजा हो गम औय होग सामजम भकतकत कोई नहीॊ द सकता | सचि याजा-भहायाज तो सॊत ही ह | जो उनकी शयण जाता ह वही सचिा सख औय सामजम भकतकत ऩाता ह |
-सभथग शरी याभदास सवाभी
भनषम िाह ककतना बी जऩ-तऩ कय मभ-ननमभो का ऩारन कय ऩयॊत जफ तक सदगर की कऩादवषट नहीॊ मभरती तफ तक सफ रवमथग ह |
-सवाभी याभतीथग
परटो कहत ह कक सकयात जस गर ऩाकय भ धनम हआ |
इभसगन न अऩन गर थोयो स जो पराि ककमा उसक भटहभागान भ व बावववबोय हो जात थ |
शरी याभकषण ऩयभहॊस ऩणगता का अनबव कयानवार अऩन सदगरदव की परशॊसा कयत नहीॊ अघात थ |
ऩजमऩाद सवाभी शरी रीराशाहजी भहायाज बी अऩन सदगरदव की माद भ सनह क आॉस
फहाकय गदगद कॊ ठ हो जात थ |
ऩजम फाऩजी बी अऩन सदगरदव की माद भ कस हो जात ह मह तो दखत ही फनता ह |
अफ हभ उनकी माद भ कस होत ह मह परशन ह | फटहभगख ननगय रोग कछ बी कह साधक को अऩन सदगर स कमा मभरता ह इस तो साधक ही जानत ह |
रडी भाटटगन क सहाग की या कयन अपगाननसतान भ परकट मशवजी
साध सॊग सॊसाय भ दरगब भनषम शयीय |
सतसॊग सववत ततव ह बतरववध ताऩ की ऩीय ||
भानव-दह मभरना दरगब ह औय मभर बी जाम तो आचधदववक आचधबौनतक औय आधमाजतभक म तीन ताऩ भनषम को तऩात यहत ह | ककॊ त भनषम-दह भ बी ऩववतरता हो सचिाई हो शदधता हो औय साध-सॊग मभर जाम तो म बतरववध ताऩ मभट जात ह |
सन १८७९ की फात ह | बायत भ बबरटटश शासन था उनहीॊ टदनो अॊगरजो न अपगाननसतान ऩय आकरभण कय टदमा | इस मदध का सॊिारन आगय भारवा बबरटटश छावनी क रजफ़टनट कनगर भाटटगन को सौऩा गमा था | कनगर भाटटगन सभम-सभम ऩय मदध-तर स अऩनी ऩतनी को कशरता क सभािाय बजता यहता था | मदध रॊफा िरा औय अफ तो सॊदश आन बी फॊद हो गम | रडी भाटटगन को चिॊता सतान रगी कक कहीॊ कछ अनथग न हो गमा हो अपगानी सननको न भय ऩनत को भाय न डारा हो | कदाचित ऩनत मदध भ शहीद हो गम तो भ जीकय कमा करॉ गी -मह सोिकय वह अनक शॊका-कशॊकाओॊ स नघयी यहती थी |
चिनतातय फनी वह एक टदन घोड़ ऩय फठकय घभन जा यही थी | भागग भ ककसी भॊटदय स आती हई शॊख व भॊतर धवनन न उस आकवषगत ककमा | वह एक ऩड़ स अऩना घोड़ा फाॉधकय भॊटदय भ गमी | फजनाथ भहादव क इस भॊटदय भ मशवऩजन भ ननभगन ऩॊकतडतो स उसन ऩछा आऩ रोग कमा कय यह ह एक वरदध बराहमण न कहा हभ बगवान मशव का ऩजन कय यह ह | रडी भाटटगन मशवऩजन की कमा भहतता ह बराहमण फटी बगवान मशव तो औढयदानी ह बोरनाथ ह | अऩन बकतो क सॊकट-ननवायण कयन भ व तननक बी दय नहीॊ कयत ह | बकत उनक दयफाय भ जो बी भनोकाभना रकय क आता ह उस व शीघर ऩयी कयत ह ककॊ त फटी तभ फहत चिजनतत औय उदास नजय आ यही हो कमा फात ह रडी भाटटगन भय ऩनतदव मदध भ गम ह औय ववगत कई टदनो स उनका कोई
सभािाय नहीॊ आमा ह | व मदध भ पॉ स गम ह मा भाय गम ह कछ ऩता नहीॊ िर यहा | भ उनकी ओय स फहत चिजनतत हॉ | इतना कहत हए रडी भाटटगन की आॉख नभ हो गमीॊ |
बराहमण तभ चिनता भत कयो फटी मशवजी का ऩजन कयो उनस पराथगना कयो रघररी कयवाओ | बगवान मशव तमहाय ऩनत का यण अवशम कयग |
ऩॊकतडतो की सराह ऩय उसन वहाॉ गमायह टदन का ॐ नभ मशवाम भॊतर स रघररी अनषठान परायॊब ककमा तथा परनतटदन बगवान मशव स अऩन ऩनत की या क मरए पराथगना कयन रगी कक ह बगवान मशव ह फजनाथ भहादव मटद भय ऩनत मदध स सकशर रौट आम तो भ आऩका मशखयफॊद भॊटदय फनवाऊॉ गी | रघररी की ऩणागहनत क टदन बागता हआ एक सॊदशवाहक मशवभॊटदय भ आमा औय रडी भाटटगन को एक मरपापा टदमा | उसन घफयात-घफयात वह मरपापा खोरा औय ऩढ़न रगी |
ऩतर भ उसक ऩनत न मरखा था हभ मदध भ यत थ औय तभ तक सॊदश बी बजत यह रककन आक ऩठानी सना न घय मरमा | बबरटटश सना कट भयती औय भ बी भय जाता |
ऐसी ववकट ऩरयजसथनत भ हभ नघय गम थ कक पराण फिाकय बागना बी अतमाचधक कटठन था | इतन भ भन दखा कक मदधबमभ भ बायत क कोई एक मोगी जजनकी फड़ी रमफी जटाएॉ ह हाथ भ तीन नोकवारा एक हचथमाय (बतरशर) इतनी तीवर गनत स घभ यहा था कक ऩठान सननक उनह दखकय बागन रग | उनकी कऩा स घय स हभ ननकरकय ऩठानो ऩय वाय कयन का भौका मभर गमा औय हभायी हाय की घकतड़माॉ अिानक जीत भ फदर गमीॊ | मह सफ बायत क उन फाघामफयधायी एवॊ तीन नोकवारा हचथमाय धायण ककम हए
(बतरशरधायी) मोगी क कायण ही समबव हआ | उनक भहातजसवी रवमकतकततव क परबाव स दखत-ही-दखत अपगाननसतान की ऩठानी सना बाग खड़ी हई औय व ऩयभ मोगी भझ
टहमभत दत हए कहन रग | घफयाओॊ नहीॊ | भ बगवान मशव हॉ तथा तमहायी ऩतनी की ऩजा स परसनन होकय तमहायी या कयन आमा हॉ उसक सहाग की या कयन आमा हॉ |
ऩतर ऩढ़त हए रडी भाटटगन की आॉखो स अववयत अशरधाया फहती जा यही थी उसका रदम अहोबाव स बय गमा औय वह बगवान मशव की परनतभा क समभख मसय यखकय पराथगना कयत-कयत यो ऩड़ी | कछ सिाह फाद उसका ऩनत कनगर भाटटगन आगय छावनी रौटा | ऩतनी न उस सायी फात सनात हए कहा आऩक सॊदश क अबाव भ भ चिजनतत हो उठी थी रककन बराहमणो की सराह स मशवऩजा भ रग गमी औय आऩकी या क मरए बगवान मशव स पराथगना कयन रगी | उन द खबॊजक भहादव न भयी पराथगना सनी औय आऩको सकशर रौटा टदमा | अफ तो ऩनत-ऩतनी दोनो ही ननममभत रऩ स फजनाथ भहादव क भॊटदय भ ऩजा-अिगना कयन रग | अऩनी ऩतनी की इचछा ऩय कनगर भाटटगन भ सन १८८३
भ ऩॊरह हजाय रऩम दकय फजनाथ भहादव भॊटदय का जीणोदवाय कयवामा जजसका मशरारख आज बी आगय भारवा क इस भॊटदय भ रगा ह | ऩय बायतबय भ अॊगरजो दवाय ननमभगत मह एकभातर टहनद भॊटदय ह |
मयोऩ जान स ऩवग रडी भाटटगन न ऩकतड़तो स कहा हभ अऩन घय भ बी बगवान मशव का भॊटदय फनामग तथा इन द ख-ननवायक दव की आजीवन ऩजा कयत यहग |
बगवान मशव भ बगवान कषण भ भाॉ अमफा भ आतभवतता सदगर भ सतता तो एक ही ह | आवशमकता ह अटर ववशवास की | एकररवम न गरभनत ग भ ववशवास कय वह पराि कय मरमा जो अजगन को कटठन रगा | आरणण उऩभनम रव परहराद आटद अनम सकड़ो उदायहण हभाय साभन परतम ह | आज बी इस परकाय का सहमोग हजायो बकतो को साधको को बगवान व आतभवतता सदगरओॊ क दवाया ननयनतय पराि होता यहता ह | आवशमकता ह तो फस कवर ववशवास की |
भहाभतमॊजम भॊतर
ॐ हौ जॉ स |
ॐ बबगव सव |
ॐ तरममफकॊ मजाभह सगॊचध ॊ ऩवषटवधगनभ |
उवागरकमभव फनधनानभतमोभगीम भाभतात |
सव भव ब ॐ |
स जॉ हौ ॐ |
बगवान मशव का मह भहाभतमॊजम जऩन स अकार भतम तो टरती ही ह आयोगमता की बी परानि होती ह | सनान कयत सभम शयीय ऩय रोट स ऩानी डारत वकत इस भॊतर का जऩ कयन स सवासम-राब होता ह | दध भ ननहायत हए इस भॊतर का जाऩ ककमा जाम औय कपय वह दध ऩी मरमा जम तो मौवन की सया भ बी सहामता मभरती ह | आजकर की तज यफ़तायवारी जजनदगी भ कहाॉ आतॊक उऩरव दघगटना हो जाम कहना भजशकर ह | घय स ननकरत सभम एक फाय मह भॊतर जऩनवारा इन उऩदरवो स सयकषत यहता ह औय सयकषत घय रौटता ह | (इस भॊतरानषठान क ववचध-ववधान की ववसतत जानकायी क मरए आशरभ दवाया परकामशत आयोगमननचध ऩसतक ऩढ़ |) शरीभदबागवत क आठव सकॊ ध भ तीसय अधमाम क शलोक १ स ३३ तक भ वणणगत गजनरभो सतोतर का ऩाठ कयन स तभाभ
ववधन दय होत ह |
भ सॊसकनत को जजतान का फभ ह मोगशकतकत | ह गरदव आऩकी कऩा स इस मोग की टदरवम अणशकतकत राखो रोगो भ ऩदा हो यही हमह सॊसकनत क सननक फन यह ह | गरदव भ आऩस पराथगना कयता हॊ कक शासन क अॊदय बी धभग औय वयागम क सॊसकाय उतऩनन हो | आऩ स आशीवागद पराि कयन क मरए भ आऩक ियणो भ आमा हॊ |
-शरी अशोकबाई बटट
काननभॊतरी गजयात याजम
भझ ननरवमगसनी फना टदमा
भ वऩछर कई वषो स तमफाक का रवमसनी था औय इस दगगण को छोड़न क मरए भन ककतन ही परमतन ककम ऩय भ ननषपर यहा | जनवयी ९५ भ ऩजम फाऩ जफ परकाशा आशरभ (भहा) ऩधाय तो भ बी उनक दशगनाथग वहाॊ ऩहॊिा औय उनस अनयोध ककमा फाऩ ववगत ३२ वषो स तमफाक का सवन कय यहा हॉ | अनक परमतनो क फाद बी इस दगगण स भ भकत ना हो सका | अफ आऩ ही कछ कऩा कीजजए | फाऩजी न कहा राओ तमफाक की कतडबफी औय तीन फाय थककय कहो कक आज स भ तमफाक नहीॊ खाऊॊ गा | भन ऩजम फाऩ क ननदशानसाय मही ककमा औय भहान आशचमग उसी टदन स भया तमफाक खान का रवमसन छट गमा | ऩजम फाऩ की ऐसी कऩा दजषत हमी कक वषग ऩया होन ऩय बी भझ कबी तमफाक खान की तरफ तक नहीॊ रगी | भ ककन शबदो भ ऩजम फाऩ का आबाय रवमकत करॊ भय ऩास शबद ही नहीॊ ह | भझ आनॊद ह कक इन याषड सॊत न फयफाद व नषट होत हए भय जीवन को फिा कय भझ ननरवमसगनी फना टदमा |
-शरी रखन बटवार
जज धमरमा भहायाषड
फाऩजी क सतसॊग स ववशव बय क रोग राबाजनवत
बायतबमभ सदव स ही कवष-भननमो तथा सॊत-भहातभाओॊ की बमभ यही ह जजनहोन ववशव को शाॊनत एवॊ आधमातभ का सॊदश टदमा ह | आज क मग भ ऩजम सॊत शरी आसायाभजी अऩनी अभत वाणी दवाया टदरवम आधमाजतभक सॊदश द यह ह जजसस न कवर बायत वयन ववशव बय भ रोग राबाजनवत हो यह ह |
-शरी सयजीत मसॊह फयनारा याजमऩार आनर परदश
ऻानरऩी गॊगाजी सवमॊ फहकय महाॉ आ गमी
उततयाॊिर याजम का सौबागम ह कक इस दवबभी भ दवता सवरऩ ऩजम फाऩजी का आशरभ फन यहा ह | आऩ ऐसा आशरभ फनाम जसा कहीॊ बी न हो | मह हभ रोगो का सौबागम ह कक अफ ऩजम फाऩजी की ऻानरऩी गॊगाजी सवमॊ फहकय महाॊ आ गमी ह | अफ गॊगा जाकय दशगन कयन व सनान कयन की उतनी आवशमकता नहीॊ ह जजतनी सॊत शरी आसायाभजी फाऩ क ियणो भ फठकय उनक आशीवागद रन की ह |
-शरी ननतमानॊद सवाभीजी ततकारीन भखमभॊतरी उततयाॊिर
गरजी की तसवीय न पराण फिा मरम
कछ ही टदनो ऩहर भया दसया फटा एभ ए ऩास कयक नौकयी क मरम फहत जगह घभा फहत जगह आवदन-ऩतर बजा ककनत उस नौकयी नहीॊ मभरी | कपय उसन फाऩजी स दीा री | भन आशरभ का कछ साभान कसट सतसाटहतम राकय उसको दत हए कहा शहय भ जहाॉ भॊटदय ह जहाॉ भर रगत ह तथा जहाॉ हनभानजी का परमसदध दकषणभखी भॊटदय ह वहाॊ सटार रगाओ | फट न सटार रगाना शर ककमा | ऐस ही एक सटार ऩय जरगाॊव क एक परमसदध रवमाऩायी अगरवारजी आम फाऩजी की कछ कसट खयीदीॊ औय ईशवय की ओय नाभक ऩसतक बी साथ भ र गम ऩसतक ऩढ़ी औय कसट सनी | दसय टदन व कपय आम औय कछ सतसाटहतम खयीद कय र गम व ऩान क थोक ववकरता ह | उनको ऩान खान की आदत ह | ऩसतक ऩढ़कय उनह रगा भ ऩान छोड़ दॉ | उनकी दकान ऩय एक आदभी आमा | ऩाॊिसौ रऩमो का साभान खयीदा औय उनका पोन नमफय र गमा | एक घॊट क फाद उसन दकान ऩय पोन ककमा सठ अगरवारजी भझ आऩका खन कयन का काभ सौऩा गमा था | कापी ऩस (सऩायी) बी टदम गम थ औय भ तमाय बी हो गमा था ऩय जफ भ आऩकी दकान ऩय ऩहॊिा तो ऩयभ ऩजम सॊत शरी आसायाभजी फाऩ क चितर ऩय भयी नजय ऩड़ी | भझ ऐसा रगा भानो साात फाऩ फठ हो औय भझ नक इनसान फनन की परयणा द यह हो गरजी की तसवीय न (तसवीय क रऩ भ साात गरदव न आकय) आऩक पराण फिा मरम | अदबत िभतकाय ह भमफई की ऩाटी न उसको ऩस बी टदम थ औय वह आमा बी था खन कयन क इयाद स ऩयनत जाको याख साॊइमाॉ चितर क दवाय बी अऩनी कऩा फयसान वार ऐस गरदव क परतम दशगन कयन क मरम वह महाॉ बी आमा ह
|
-फारकषण अगरवार
जरगाॊव भहायाषड
सदगर मशषम का साथ कबी नहीॊ छोड़त
एक यात भ दकान स सकटय दवाया अऩन घय जा यहा था | सकटय की कतडककी भ कापी रऩम यख हए थ | जमो ही घय क ऩास ऩहॊिा तो गरी भ तीन फदभाश मभर | उनहोन भझ घय मरमा औय वऩसतौर टदखामी | सकटय रकवाकय भय मसय ऩय तभॊि का फट भाय टदमा औय धकक भाय कय भझ एक तयप चगया टदमा | उनहोन सोिा होगा कक भ अकरा हॊ ऩय मशषम जफ सदगर स भॊतर रता ह शरदधा-ववशवास यखकय उसका जऩ कयता ह तफ सदगर उसका साथ नहीॊ छोड़त | भन सोिा कतडककी भ फहत रऩम ह औय म फदभाश तो सकटय र जा यह ह | भन गरदव स पराथगना की | इतन भ व तीनो फदभाश सकटय छोड़कय थरा र बाग | घय जाकय खोरा होगा तो सबजी औय खारी टटकफ़न दखकय मसय कटा ऩता नहीॊ ऩय फड़ा भजा आमा होगा | भय ऩस फि गमउनका सबजी का खिग फि गमा |
-गोकरिनर गोमर
आगया
गरकऩा स अॊधाऩन दय हआ
भझ गरकोभा हो गमा था | रगबग ऩतीस सार स मह तकरीफ़ थी | कयीफ छ सार तक तो भ अॊधा यहा | कोरकाता िननई आटद सफ जगहो ऩय गमा शॊकय नतरारम भ बी गमा ककनत वहाॊ बी ननयाशा हाथ रगी | कोरकाता क सफस फड़ नतर-ववशषऻ क ऩास गमा | उसन बी भना कय टदमा औय कहा | धयती ऩय ऐसा कोई इनसान नहीॊ जो तमह ठीक कय सक | रककन सयत आशरभ भ भझ गरदव स भॊतर मभरा | वह भॊतर भन खफ शरदधा-ववशवासऩवगक जऩा कमोकक सात बरहमसवरऩ गरदव स वह भॊतर मभरा था | कयीफ छ-सात भहीन ही जऩ हआ था कक भझ थोड़ा-थोड़ा टदखामी दन रगा | डॉकटय कहत थ कक तभको भराॊनत हो गमी ह ऩय भझ तो अफ बी अचछी तयह टदखता ह | एक फाय एक अनम बॊमकय दघगटना स बी गरदव न भझ फिामा था | ऐस गरदव का कण हभ जनभो-जनभो तक नहीॊ िका सकत |
-शॊकयरार भहशवयी
कोरकाता
औय डकत घफयाकय बाग गम
१४ जराई ९९ को कयीफ साढ़ तीन फज भय भकान भ छ डकत घस आम औय उस सभम दबागगम स फाहय का दयवाजा खरा हआ था | दो डकत फाहय भारनत िार यखकय खड़ थ | एक डकत न धकका दकय भयी भाॉ का भॉह फॊद कय टदमा औय अरभायी की िाफी भाॉगन रगा | इस घटना क दौयान भ दकान ऩय था | भयी ऩतनी को बी डकत धभकान रग औय आवाज न कयन को कहा | भयी ऩतनी न ऩजम फाऩजी क चितर क साभन हाथ जोड़कय पराथगना की अफ आऩ ही या कयो इतना ही कहा तो आशचमग आशचमग ऩयभ आशचमग व सफ डकत घफयाकय बागन रग | उनकी हड़फड़ाहट दखकय ऐसा रग यहा था भानो उनह कछ टदखामी नहीॊ द यहा था | व बाग गम | भया ऩरयवाय गरदव का कणी ह |
फाऩजी क आशीवागद स सफ सकशर ह | हभन १५ नवमफय ९८ को वायाणसी भ भॊतरदीा री थी |
-भनोहयरार तरयजा ४ झररार नगय मशवाजी नगय वायाणसी
भॊतर दवाया भतदह भ पराण-सॊिाय
भ शरी मोग वदानत सवा समभनत आभट स जीऩ दवाया यवाना हआ था | ११ जराई १९९४ को भधमानह फायह फज हभायी जीऩ ककसी तकनीकी तरटट क कायण ननमॊतरण स फाहय होकय तीन ऩजपटमाॉ खा गमी | भया ऩया शयीय जीऩ क नीि दफ गमा | ककसी तयह भझ फाहय ननकारा गमा | एक तो दफरा ऩतरा शयीय औय ऊऩय स ऩयी जीऩ का वजन ऊऩय आ जान क कायण भय शयीय क परतमक टहसस भ असहय ददग होन रगा | भझ ऩहर तो कसरयमाजी असऩतार भ दाणखर कयामा गमा | जमो-जमो उऩिाय ककमा गमा कषट फढ़ता ही गमा कमोकक िोट फाहय नहीॊ शयीय क बीतयी टहससो भ रगी थी औय बीतय तक डॉकटयो का कोई उऩिाय काभ नहीॊ कय यहा था | जीऩ क नीि दफन स भया सीना व ऩट ववशष परबाववत हए थ औय हाथ-ऩय भ काॉि क टकड़ घस गम थ | ददग क भाय भझ साॉस रन भ बी तकरीप हो यही थी | ऑकसीजन टदम जान क फाद बी दभ घट यहा था औय भतम की घकतडमाॉ नजदीक टदखामी ऩड़न रगीॊ | भ भयणासनन जसथनत भ ऩहॉि गमा | भया भतम-
परभाणऩतर फनान की तमारयमाॉ कक जान रगीॊ व भझ घय र जान को कहा गमा | इसक ऩवग भया मभतर ऩजम फाऩ स फ़ोन ऩय भयी जसथनत क समफनध भ फात कय िका था |
पराणीभातर क ऩयभ टहतषी दमार सवबाव क सॊत ऩजम फाऩ न उस एक गि भॊतर परदान कयत हए कहा था कक ऩानी भ ननहायत हए इस भॊतर का एक सौ आठ फाय (एक भारा) जऩ कयक वह ऩानी भनोज को एवॊ दघगटना भ घामर अनम रोगो को बी वऩरा दना |
जस ही वह अमबभॊबतरत जर भय भॉह भ डारा गमा भय शयीय भ हरिर होन क साथ ही वभन हआ | इस अदबत िभतकाय स ववजसभत होकय डॉकटयो न भझ तयॊत ही ववशष भशीनो क नीि र जाकय मरटामा | गहन चिककतसकीम ऩयीण क फाद डॉकटयो को ऩता िरा कक जीऩ क नीि दफन स भया ऩया खन कारा ऩड़ गमा था तथा नाड़ी-िारन (ऩपस) रदमगनत व यकत परवाह बी फॊद हो िक थ | भय शयीय का समऩणग यकत फदर टदमा गमा तथा आऩयशन बी हआ | उसक ७२ घॊट फाद भझ होश आमा | फहोशी भ भझ कवर इतना ही माद था की भय बीतय ऩजम फाऩ दवाया परदतत गरभॊतर का जऩ िर यहा ह | होश भ आन ऩय डॉकटयो न ऩछा तभ आऩयशन क सभम फाऩफाऩ ऩकाय यह थ | म फाऩ कौन ह भन फतामा व भय गरदव परात सभयणीम ऩयभ ऩजम सॊत शरी असायाभजी फाऩ ह | डॉकटयो न ऩन भझस परशन ककमा कमा तभ कोई रवमामाभ कयत हो भन कहा भ अऩन गरदव दवाया मसखामी गमी ववचध स आसन व पराणामाभ कयता हॉ | व फोर
इसीमरम तमहाय इस दफर-ऩतर शयीय न मह सफ सहन कय मरमा औय तभ भयकय बी ऩन जजनदा हो उठ दसया कोई होता तो तयॊत घटनासथर ऩय ही उसकी हडकतडमाॉ फाहय ननकर जातीॊ औय वह भय जाता | भय शयीय भ आठ-आठ नमरमाॉ रगी हई थीॊ | ककसीस खन िढ़ यहा था तो ककसी स कबतरभ ऑकसीजन टदमा जा यहा था | मदयवऩ भय शयीय क कछ टहससो भ अबी-बी काॉि क टकड़ भौजद ह रककन गरकऩा स आज भ ऩणग सवसथ
होकय अऩना रवमवसाम व गरसवा दोनो कामग कय यह हॉ | भया जीवन तो गरदव का ही टदमा हआ ह | इन भॊतरदषटा भहवषग न उस टदन भय मभतर को भॊतर न टदमा होता तो भया ऩनजीवन तो समबव नहीॊ था | ऩजम फाऩ भानव-दह भ टदखत हए बी अनत असाधायण भहाऩरष ह | टमरफ़ोन ऩय टदम हए उनक एक भॊतर स ही भय भत शयीय भ ऩन पराणो का सॊिाय हो गमा तो जजन ऩय फाऩ की परतम दवषट ऩड़ती होगी व रोग ककतन बागमशारी होत होग ऐस दमार जीवनदाता सदगर क शरीियणो भ कोटट-कोटट दॊडवत परणाभ
-भनोज कभाय सोनी जमोनत टरसग रकषभी फाजाय आभट याजसथान
सदगरदव की कऩा स नतरजमोनत वाऩस मभरी
भयी दाटहनी आॉख स कभ टदखामी दता था तथा उसभ तकरीफ़ बी थी | धमानमोग मशववय टदपरी भ ऩजम गरदव भवा फाॉट यह थ तफ एक भवा भयी दाटहनी आॉख ऩय आ रगा | आॉख स ऩानी ननकरन रगा | ऩय आशचमग दसय ही टदन स आॉख की तकरीप मभट गमी औय अचछी तयह टदखामी दन रगा |
-याजकरी दवी असनाऩय रारगॊज अजाया जज परताऩगढ़ उततय परदश
फड़दादा की मभटटी व जर स जीवनदान
अगसत ९८ भ भझ भररयमा हआ | उसक फाद ऩीमरमा हो गमा | भय फड़ बाई न आशरभ स परकामशत आयोगमननचध ऩसतक भ स ऩीमरमा का भॊतर ऩढ़कय ऩीमरमा तो उताय टदमा ऩयॊत कछ ही टदनो फाद अॊगरजी दवाओॊ क रयएन स दोनो ककडननमाॉ पर (ननजषकरम) हो गई | भया हाटग (रदम) औय रीवय (मकत) बी पर होन रग | डॉकटयो न तो कह टदमा मह रड़का फि नहीॊ सकता | कपय भझ गोटदमा स नागऩय हॉजसऩटर भ र जामा गमा रककन वहाॉ बी डॉकटयो न जवाफ द टदमा कक अफ कछ नहीॊ हो सकता | भय बाई भझ वहीॊ छोड़कय सयत आशरभ आम वदयजी स मभर औय फड़दादा की ऩरयकरभा कयक पराथगना की तथा वहाॉ की मभटटी औय जर मरमा | ८ तायीख को डॉकटय भयी ककडनी फदरन वार थ |
जफ भय बाई फड़दादा को पराथगना कय यह थ तबी स भझ आयाभ मभरना शर हो गमा था | बाई न ७ तायीख को आकय भझ फड़दादा कक मभटटी रगाई औय जर वऩरामा तो भयी दोनो ककडनीमाॉ सवसथ हो गमी | भझ जीवनदान मभर गमा | अफ भ बफपकर सवसथ हॉ |
-परवीण ऩटर
गोटदमा भहायाषड
ऩजम फाऩ न प का कऩा-परसाद
कछ वषग ऩवग ऩजम फाऩ याजकोट आशरभ भ ऩधाय थ | भझ उन टदनो ननकट स दशगन कयन का सौबागम मभरा | उस सभम भझ छाती भ एनजामना ऩकतटोरयस क कायण ददग यहता था | सतसॊग ऩया होन क फाद कछ रोग ऩजम फाऩ क ऩास एक-एक कयक जा यह थ | भ कछ पर-पर नहीॊ रामा था इसमरए शरदधा क पर मरम फठा था | ऩजम फाऩ
कऩा-परसाद प क यह थ कक इतन भ एक िीक भयी छाती ऩय आ रगा औय छाती का वह ददग हभशा क मरए मभट गमा |
-अयववॊदबाई वसावड़ा याजकोट
एक छोटी थरी फनी अमऩातर
सन १९९२ भ यतराभ (भपर) क ऩास सराना क आटदवासी ववसताय भ बॊडाय का आमोजन था | बॊडाय भ सवाएॉ दन फहत-स साधक आम हए थ | आशरभवासी बाई बी ऩहॉि थ | एक टदन का ही आमोजन था औय सतसॊग-कामगकरभ बी था | उस बॊडाय भ गयीफो क मरए बोजन क अरावा फतगन कऩड़ अनाज औय दकषणा (ऩस) फाॉटन की बी रवमवसथा की गमी थी | भय टहसस ऩस फाॉटन की सवा थी | भन ऩाॉि रऩमोवार सौ-सौ नोटो क ऩिीस फॊडर चगनकय थरी भ यख थ | भझ आदश टदमा गमा था आठ सवाधायी ननमकत कय रो | व रोग ऩाॉि रऩम क नोट फाॉटत जामग | भन आठ सवमॊसवको को ऩहरी फाय आठ फॊडर द टदम | कपय ऩॊरह-फीस मभनट क फाद भन दसयी फाय आठो को एक-एक फॊडर टदमा | कपय तीसयी फाय आठो को एक-एक फॊडर टदमा | कर २४ फॊडर गम | अफ दसयी ऩॊकतकत बोजन क मरए बफठामी गमी | भन आठो सवमॊसवको को ऩहरी की बाॉनत तीन फाय एक-एक फॊडर फाॉटन क मरए टदमा | कर ४८ फॊडर गम | बॊडाया ऩया होन क फाद भन सोिा िरो अफ टहसाफ कय र | भ चगनन फठा | भय ऩास ६ फॊडर फि थ | मह कस
भ दॊग यह गमा भन ऩस फाॉटनवारो स ऩछा तो उनहोन फतामा कक कर ४८ फॊडर फाॉट गम थ | भ आशरभ आमा तो रवमवसथाऩक न कहा भन तो आऩको २५ फॊडर टदम थ |
सफको आशचमग हो यहा था कक फॉट ४८ फॊडर औय रकय िर थ २५ फॊडर | २५ भ स ४८ फॉट औय ६ फि गम गरदव का आशीवागद दणखम कक एक छोटी-सी थरी अम ऩातर फन गमी
-ईशवयबाई नामक
अभदावाद आशरभ
फटी न भनौती भानी औय गरकऩा हई
भयी फटी को शादी ककम आठ सार हो गम थ | ऩहरी फाय जफ वह गबगवती हई तफ फचिा ऩट भ ही भय गमा | दसयी फाय फचिी जनभी ऩय छ भहीन भ वह बी िर फसी |
कपय भयी ऩतनी न फटी स कहा अगय त सॊकपऩ कय कक जफ तीसयी फाय परसती होगी तफ तभ फारक की जीब ऩय फाऩजी क फतान क भताबफक bdquoॐ‟ मरखोगी तो तया फारक जीववत यहगा ऐसा भझ ववशवास ह कमोकक ॐकाय भॊतर भ ऩयभानॊदसवरऩ परब ववयाजभान ह | भयी फटी न इस परकाय भनौती भानी औय सभम ऩाकय वह गबगवती हई | सोनोगराफ़ी कयवामी गमी तो डॉकटयो न फतामा गबग भ फचिी ह औय उसक टदभाग भ ऩानी बया हआ ह | वह जजॊदा नहीॊ यह सकगी | गबगऩात कयवा दो | भयी फटी न अऩनी भाॉ स सराह की | उसकी भाॉ न कहा गबगऩात का भहाऩाऩ नहीॊ कयवाना ह | जो होगा दखा जामगा |
गरदव कऩा कयग | जफ परसती हई तो बफपकर पराकनतक ढ़ॊग स हई औय उस फचिी की जीब ऩय शहद एवॊ मभशरी स ॐ मरखा गमा | आज वह बफपकर ठीक ह | जफ उसकी डॉकटयी जाॉि कयवामी गमी तो डॉकटय आशचमग भ ऩड़ गम सोनोगराफ़ी भ जो फीभारयमाॉ टदख यही थीॊ व कहाॉ िरी गमीॊ टदभाग का ऩानी कहाॉ िरा गमा टहनदजा हॉजसऩटरवार मह करयशभा दखकय दॊग यह गम अफ घय भ जफ कोई दसयी कोई कसट िरती ह तो वह फचिी इशाया कयक कहती ह ॐवारी कसट िराओ | वऩछरी ऩनभ को हभ भॊफई स टाटा सभो भ आ यह थ | फाढ़ क ऩानी क कायण यासता फॊद था | हभ सोि भ ऩड़ गम कक ऩनभ का ननमभ टटगा | हभन गरदव का सभयण ककमा | इतन भ हभाय डराइवय न हभस ऩछा जान दॉ हभन बी गरदव का सभयण कयक कहा जान दो औय हरय हरय ॐ कीतगन की कसट रगा दो | गाड़ी आग िरी | इतना ऩानी कक हभ जहाॉ फठ थ वहाॉ तक ऩानी आ गमा | कपय बी हभ गरदव क ऩास सकशर ऩहॉि गम औय उनक दशगन ककम|
-भयायीरार अगरवार
साॊताकरज भॊफई
औय गरदव की कऩा फयसी
जफस सयत आशरभ की सथाऩना हई तफस भ गरदव क दशगन कयत आ यहा हॉ उनकी अभतवाणी सनता आ यहा हॉ | भझ ऩजमशरी स भॊतरदीा बी मभरी ह | परायबधवश एक टदन भय साथ एक बमॊकय दघगटना घटी | डॉकटय कहत थ आऩका एक हाथ अफ काभ नहीॊ कयगा | भ अऩना भानमसक जऩ भनोफर स कयता यहा | अफ हाथ बफपकर ठीक ह | उसस भ ७० ककगरा वजन उठा सकता हॉ | भयी सभसमा थी कक शादी होन क फाद भझ कोई सॊतान नहीॊ थी | डॉकटय कहत थ कक सॊतान नहीॊ हो सकती | हभ रोगो न गरकऩा एवॊ गरभॊतर का सहाया मरमा धमानमोग मशववय भ आम औय गरदव की कऩा फयसी | अफ
हभायी तीन सॊतान ह दो ऩबतरमाॉ औय एक ऩतर | गरदव न ही फड़ी फटी का नाभ गोऩी औय फट का नाभ हरयककशन यखा ह | जम हो सदगरदव की
-हॉसभख काॊनतरार भोदी ५७ अऩना घय सोसामटी सॊदय योड़ सयत
कसट-शरवण स बकतकत का सागय टहरोय रन रगा
भ हय सार गमभगमो भ कबी फरीनाथ तो कबी कदायनाथ तो कबी गॊगोतरी आटद तीथो भ जाता यहता था | रवषकश भ एक दकान क ऩास खड़ यहन ऩय भझ ऩजम गरदव की अभतवाणी की कसट भो का भागग भौत की भौत तीन फात आटद दखन-सनन को मभरीॊ तो भन म कसट खयीद रीॊ | घय ऩहॉिकय कसट सनन क फाद रदम भ बकतकत का सागय टहरोय रन रगा | भझ ऐसा रगा भानो कोई भझ फरा यहा हो | दकान जात सभम ऐसा आबास हआ कक कोई ऩवग आनवारा ह औय भझ अभदावाद जाना होगा उसी टदन अभदावाद आशरभ स भय ऩतर का जवाफ आमा कक टदनाॊक १२ को गरऩनभ का ऩवग ह |
आऩ गरदव क दशगन कय सकत ह | हभ सऩरयवाय आशरभ ऩहॉि | दशगन कयक धनम हए |
दीा ऩाकय कताथग हए | अफ तो हय भहीन जफ तक गरदव क दशगन नहीॊ कयता तफ तक भझ ऐसा रगता ह कक भन कछ खो टदमा ह | दीा क फाद साधन-बजन फढ़ यहा ह बकतकत फढ़ यही ह | ऩहर सॊसाय भ सपरता-ववपरता की जो िोट रगती थी अफ उनका परबाव कभ हआ ह | ववषम-ववकायो का परबाव कभ हआ ह | जान जीव तफ जागा हरय ऩद रचि ववषम ववरास ववयागा भय जीवन भ सॊत तरसीदासजी क इन विनो का समोदम हो यहा ह |
-मशवकभाय तरसमान
गोयखऩय उततय परदश
गरदव न बजा अमऩातर
हभ परिायमातरा क दौयान गरकऩा का जो अदबत अनबव हआ वह अवणगनीम ह | मातरा की शरआत स ऩहर टदनाॊक ८-११-९९ को हभ ऩजम गरदव क आशीवागद रन गम |
गरदव न कामगकरभ क ववषम भ ऩछा औय कहा ऩॊिड़ आशरभ (यतराभ) भ बॊडाया था |
उसभ फहत साभान फि गमा ह | गाड़ी बजकय भॉगवा रना गयीफो भ फाॉटना | हभ झाफआ जजर क आस-ऩास क गयीफ आटदवासी इराको भ जानवार थ | वहाॉ स यतराभ क
मरए गाड़ी बजी | चगनकय साभान बया गमा | दो टदन िर उतना साभान था | एक टदन भ दो बॊडाय होत थ | अत िाय बॊडाय का साभान था | सफन खपर हाथो फतगन कऩड़ साकतड़माॉ धोती आटद साभान छ टदनो तक फाॉटा कपय बी साभान फिा यहा | सफको आशचमग हआ हभ रोग साभान कपय स चगनन रग ऩयॊत गरदव की रीरा क ववषम भ कमा कह
कवर दो टदन िर उतना साभान छ टदनो तक खपर हाथो फाॉटा कपय बी अॊत भ तीन
फोय फतगन फि गम भानो गरदव न अमऩातर बजा हो एक टदन शाभ को बॊडाया ऩया हआ तफ दखा कक एक ऩतीरा िावर फि गमा ह | कयीफ १००-१२५ रोग खा सक उतन िावर थ | हभन सोिा िावर गाॉव भ फाॊट दत ह | ऩयॊत गरदव की रीरा दखो एक गाॉव क फदर ऩाॉि गाॉवो भ फाॉट कपय बी िावर फि यह | आणखय याबतर भ ९ फज क फाद सवाधारयमो न थककय गरदव स पराथगना की कक गरदव अफ जॊगर का ववसताय ह हभ ऩय कऩा कयो | औय िावर खतभ हए | कपय सवाधायी ननवास ऩय ऩहॉि |
-सॊत शरी आसायाभजी बकतभॊडर
कतायगाभ सयत
सवपन भ टदम हए वयदान स ऩतरपरानि
भय गरहसथ जीवन भ एक-एक कयक तीन कनमाएॉ जनभी | ऩतरपरानि क मरए भयी धभगऩतनी न गरदव स आशीवागद पराि ककमा था | िौथी परसनत होन क ऩहर जफ उसन वरसाड़ भ सोनोगराफ़ी कयवामी तो रयऩोटग भ रड़की फतामा गमा | मह सनकय हभ ननयाश हो गम |
एक यात ऩतनी को सवपन भ गरदव न दशगन टदम औय कहा फटी चिॊता भत कय |
घफयाना भत धीयज यख | रड़का ही होगा | हभन सयत आशरभ भ फड़दादा की ऩरयकरभा कयक भनौती भानी थी वह बी फ़रीबत हई औय गरदव का बरहमवाकम बी सतम साबफत हआ जफ परसनत होन ऩय रड़का हआ | सबी गरदव की जम-जमकाय कयन रग |
-सनीर कभाय याधशमाभ िौयमसमा दीऩकवाड़ी ककपरा ऩायड़ी जज वरसाड़
शरी आसायाभामण क ऩाठ स जीवनदान
भया दस वषीम ऩतर एक यात अिानक फीभाय हो गमा | साॉस बी भजशकर स र यहा था |
जफ उस हॉजसऩटर भ बती ककमा तफ डॉकटय फोर | फचिा गॊबीय हारत भ ह | ऑऩयशन कयना ऩड़गा | भ फचि को हॉजसऩटर भ ही छोड़कय ऩस रन क मरए घय गमा औय घय
भ सबी को कहा ldquoआऩ रोग शरी आसायाभामण का ऩाठ शर कयो |rdquo ऩाठ होन रगा |
थोड़ी दय फाद भ हॉजसऩटर ऩहॉिा | वहाॉ दखा तो फचिा हॉस-खर यहा था | मह दख भयी औय घयवारो की खशी का टठकाना न यहा मह सफ फाऩजी की असीभ कऩा गर-गोववनद की कऩा औय शरी आसायाभामण-ऩाठ का पर ह |
-सनीर िाॊडक
अभयावती भहायाषड
गरवाणी ऩय ववशवास स अवणीम राब
शादी होन ऩय एक ऩतरी क फाद सात सार तक कोई सॊतान नहीॊ हई | हभाय भन भ ऩतरपरानि की इचछा थी | १९९९ क मशववय भ हभ सॊतानपरानि का आशीवागद रनवारो की ऩॊकतकत भ फठ | फाऩजी आशीवागद दन क मरए साधको क फीि आम तो कछ साधक नासभझी स कछ ऐस परशन कय फठ जो उनह नहीॊ कयन िाटहए थ | गरदव नायाज होकय मह कहकय िर गम कक तभको सॊतवाणी ऩय ववशवास नहीॊ ह तो तभ रोग महाॉ कमो आम तमह डॉकटय क ऩास जाना िाटहए था | कपय गरदव हभाय ऩास नहीॊ आम | सबी पराथगना कयत यह ऩय गरदव रवमासऩीठ स फोर दफाया तीन मशववय बयना | भ भन भ सोि यहा था कक कछ साधको क कायण भझ आशीवागद नहीॊ मभर ऩामा ऩयॊत वजरादवऩ कठोयाणण भदनन कसभादवऩ फाहय स वजर स बी कठोय टदखन वार सदगर बीतय स पर स बी कोभर होत ह | तयॊत गरदव ववनोद कयत हए फोर दखो म रोग सॊतानपरानि का आशीवागद रन आम ह | कस ठनठनऩार-स फठ ह अफ जाओ झरा-झनझना रकय घय जाओ | भन औय भयी ऩतनी न आऩस भ वविाय ककमा दमार गरदव न आणखय आशीवागद द ही टदमा | अफ गरदव न कहा ह कक झरा-झनझना र जाओ | तो भन गरविन भानकय यरव सटशन स एक झनझना खयीद मरमा औय गवामरमय आकय गरदव क चितर क ऩास यख टदमा | भझ वहाॉ स आन क १५ टदन फाद डॉकटय दवाया भारभ हआ कक ऩतनी गबगवती ह | भन गरदव को भन-ही-भन परणाभ ककमा | इस फीि डॉकटयो न सराह दी कक रड़का ह मा रड़की इसकी जाॉि कया रो | भन फड़ ववशवास स कहा कक रड़का ही होगा | अगय रड़की बी हई तो भझ कोई आऩवतत नहीॊ ह | भझ गबगऩात का ऩाऩ अऩन मसय ऩय नहीॊ रना ह | नौ भाह तक भयी ऩतनी बी सवसथ यही | हरयदवाय मशववय भ बी हभ रोग गम | सभम आन ऩय गरदव दवाया फताम गम इराज क भताबफक गाम क गोफय का यस ऩतनी को टदमा औय टदनाॊक २७ अकतफय १९९९ को एक सवसथ फारक का जनभ हआ |
-याजनर कभाय वाजऩमी अिगना वाजऩमी फरवॊत नगय ढाढीऩय भयाया गवामरमय
औय सोना मभर गमा
हभाय सॊमकत ऩरयवाय भ साठ तोरा सोना िोयी हो गमा था | सतसॊगी होन क कायण हभ द ख तो नहीॊ हआ कपय बी थोडी-फहत चिनता अवशम हई | आशरभ क एक साधक न हभस कहा | आऩ रोग शरी आसायाभामण क १०८ ऩाठ कयो औय सॊकपऩ कयो कक हभाया सोना हभ जरय मभरगा | मभनाऩाय टदपरी भ गरदव का आगभन हआ | हभ शाभ को गरदव क दशगन कयन गम | हभन कछ कहा नहीॊ कमोकक गरदव अॊतमागभी ह | उनहोन हभको परसाद टदमा | उसी यात घय ऩय पोन आमा कक आऩका सोना मभर गमा ह | िोय रखनऊ भ ऩकड़ा गमा ह | हभ आशचमग हआ शरी आसायाभामण क १०८ ऩाठ ऩय बी नहीॊ हए थ औय सोना मभर गमा |
-रीना फटानी यानीफाग टदपरी
सवपर क दो टकड़ो स दो सॊतान
भन सन १९९१ भ िटीिॊड मशववय अभदावाद भ ऩजम फाऩजी स भॊतरदीा री थी | भयी शादी क १० वषग तक भख कोई सॊतान नहीॊ हई | फहत इराज कयवाम रककन सबी डॉकटयो न फतामा कक फारक होन की कोई सॊबावना नहीॊ ह | तफ भन ऩजम फाऩजी क ऩनभ दशगन का वरत मरमा औय फाॉसवाड़ा भ ऩनभ दशगन क मरए गमा | ऩजम फाऩजी सफको परसाद द यह थ | भन भन भ सोिा | कमा भ इतना ऩाऩी हॉ कक फाऩजी भयी तयप दखत तक नहीॊ इतन भ ऩजम फाऩजी कक दवषट भझ ऩय ऩड़ी औय उनहोन भझ दो मभनट तक दखा | कपय उनहोन एक सवपर रकय भझ ऩय प का जो भय दाम कॊ ध ऩय रगकय दो टकड़ो भ फॉट गमा | घय जाकय भन उस सवपर क दोनो बाग अऩनी ऩतनी को णखरा टदम | ऩजमशरी का कऩाऩणग परसाद खान स भयी ऩतनी गबगवती हो गमी | ननयीण कयान ऩय ऩता िरा कक उसको दो मसय वारा फारक उतऩनन होगा | डॉकटयो न फतामा उसका मसजरयमन कयना ऩड़गा अनमथा आऩकी ऩतनी क फिन की समबावना नहीॊ ह | मसजरयमन भ रगबग फीस हजाय रऩमो का खिग आमगा | भन ऩजम फाऩजी स पराथगना की ह फाऩजी आऩन ही पर टदमा था | अफ आऩ ही इस सॊकट का ननवायण कीजजम | कपय
भन फड़ फादशाह क साभन बी पराथगना की जफ भ असऩतार ऩहॉिॉ तो भयी ऩतनी की परसती सकशर हो जाम | उसक फाद जफ भ असऩतार ऩहॉिा तो भयी ऩतनी एक ऩतर औय एक ऩतरी को जनभ द िकी थी | ऩजमशरी क दवाया टदम गम पर स भझ एक की जगह दो सॊतानो की परानि हई |
-भकशबाई सोरॊकी शायदा भॊटदय सकर क ऩीछ
फावन िार वड़ोदया
साइककर स गरधाभ जान ऩय खयाफ टाॉग ठीक हो गमी
भयी फाॉमी टाॉग घटन स उऩय ऩतरी हो गमी थी | ऑर इणणडमा भकतडकर इनसटीटमट
टदपरी भ भ छ टदन तक यहा | वहाॉ जाॉि क फाद फतरामा गमा कक तमहायी यीढ़ की हडडी क ऩास कछ नस भय गमी ह जजसस मह टाॉग ऩतरी हो गमी ह | मह ठीक तो हो ही नहीॊ सकती | हभ तमह ववटामभन ई क कपसर द यह ह | तभ इनह खात यहना | इसस टाॊग औय जमादा ऩतरी नहीॊ होगी | भन एक सार तक कपसर खाम | उसक फाद २२ जन
१९९७ को भजफ़फ़यनगय भ भन गरजी स भॊतरदीा री औय दवाई खाना फॊद कय दी | जफ एक साधक बाई याहर गिा न कहा कक सहायनऩय स साइककर दवाया उततयामण मशववय अभदावाद जान का कामगकरभ फन यहा ह तफ भन टाॉग क फाय भ सोि बफना साइककर मातरा भ बाग रन क मरए अऩनी सहभनत द दी | जफ भय घय ऩय ऩता िरा कक भन साइककर स गरधाभ अभदावाद जान का वविाय फनामा ह अत तभ ११५० ककभी तक साइककर नहीॊ िरा ऩाओग | रककन भन कहा भ साइककर स ही गरधाभ जाऊॉ गा िाह ककतनी बी दयी कमो न हो औय हभ आठ साधक बाई सहायनऩय स २६ टदसमफय ९७ को साइककरो स यवाना हए | भागग भ िढ़ाई ऩय भझ जफ बी कोइ टदककत होती तो ऐसा रगता जस भयी साइककर को कोई ऩीछ स धकर यहा ह | भ भड़कय ऩीछ दखता तो कोई टदखामी नहीॊ ऩड़ता | ९ जनवयी को जफ हभ अभदावाद गरआशरभ भ ऩहॉि औय भन सफह अऩनी टाॉग दखी तो भ दॊग यह गम जो टाॉग ऩतरी हो गमी थी औय डॉकटयो न उस ठीक होन स भना कय टदमा था वह टाॉग बफपकर ठीक हो गमी थी | इस कऩा को दखकय भ िककत यह गमा भय साथी बी दॊग यह गम मह सफ गरकऩा क परसाद का िभतकाय था | भय आठो साथी भयी ऩतनी तथा ऑर इणणडमा भकतडकर इनसटीटमट टदपरी दवाया जाॉि क परभाणऩतर इस फात क साी ह |
-ननयॊकाय अगरवार
ववषणऩयी
अदबत यही भौनभॊटदय की साधना
ऩयभ ऩजम सदगरदव की कऩा स भझ टदनाॊक १८ स २४ भई १९९९ तक अभदावाद आशरभ क भौनभॊटदय भ साधना कयन का सअवसय मभरा | भौनभॊटदय भ साधना क ऩाॉिव टदन मानी २२ भई की याबतर को रगबग २ फज नीॊद भ ही भझ एक झटका रगा | रट यहन कक जसथनत भ ही भझ भहसस हआ कक कोई अदशम शकतकत भझ ऊऩय फहत ऊऩय उड़म र जा यही ह | ऊऩय उड़त हए जफ भन नीि झाॉककय दखा तो अऩन शयीय को उसी भौनभॊटदय भ चितत रटा हआ फखफय सोता हआ ऩामा | ऊऩय जहाॉ भझ र जामा गमा वहाॉ अरग ही छटा थी अजीफ औय अवणीम आकाश को बी बदकय भझ ऐस सथान ऩय ऩहॉिामा गमा था जहाॉ िायो तयप कोहया-ही-कोहया था जस शीश की छत ऩय ओस परी हो इतन भ दखता हॉ कक एक सबा रगी ह बफना शयीय की कवर आकनतमो की | जस यखाओॊ स भनषमरऩी आकनतमाॉ फनी हो | मह सफ कमा िर यहा था सभझ स ऩय था |
कछ ऩर क फाद व आकनतमाॉ सऩषट होन रगी | दवी-दवताओॊ क ऩॊज क भधम शीषग भ एक उचि आसन ऩय साात फाऩजी शॊकय बगवान फन हए करास ऩवगत ऩय ववयाजभान थ औय दवी-दवता कताय भ हाथ फाॉध खड़ थ | भ भक-सा होकय अऩरक नतरो स उनह दखता ही यहा कपय भॊतरभगध हो उनक ियणो भ चगय ऩड़ा | परात क ४ फज थ | अहा भन औय शयीय हपका-फ़पका रग यहा था मही जसथनत २४ भई की भधमयाबतर भ बी दोहयामी गमी | दसय टदन सफह ऩता िरा कक आज तो फाहय ननकरन का टदन ह मानी यवववाय २५ भई की सफह | फाहय ननकरन ऩय बावबया रदम गदगद कॊ ठ औय आखो भ आॉस मो रग यहा था कक जस ननजधाभ स फघय ककमा जा यहा हॉ | धनम ह वह बमभ
भौनभॊटदय भ साधना की वह रवमवसथा जहाॊ स ऩयभ आनॊद क सागय भ डफन की कॊ जी मभरती ह जी कयता ह बगवान ऐसा अवसय कपय स राम जजसस कक उसी भौनभॊटदय भ ऩन आॊतरयक आनॊद का यसऩान कय ऩाऊॉ |
-इनरनायामण शाह
१०३ यतनदीऩ-२ ननयारा नगय कानऩय
असाधम योग स भकतकत
सन १९९४ भ भयी ऩतरी टहयर को शयद ऩणणगभा क टदन फखाय आमा | डॉकटयो को
टदखामा तो ककसीन भररयमा कहकय दवाइमाॉ दी तो ककसीन टामपामड कहकय इराज शर ककमा तो ककसीन टामपामड औय भररयमा दोनो कहा | दवाई की एक खयाक रन स शयीय नीरा ऩड़ गमा औय सज गमा | शयीय भ खन की कभी स उस छ फोतर खन िढ़ामा गमा | इॊजन दन स ऩय शयीय को रकवा भाय गमा | ऩीठ क ऩीछ शमावरण जसा हो गमा | ऩीठ औय ऩय का एकस-य मरमा गमा | ऩय ऩय वजन फाॉधकय यखा गमा | डॉकटयो न उस वाम का फखाय तथा यकत का क सय फतामा औय कहा कक उसक रदम तो वापव िौड़ा हो गमा ह | अफ हभ टहमभत हाय गम | अफ ऩजमशरी क मसवाम औय कोई सहाया नहीॊ था | उस सभम टहयर न कहा भमभी भझ ऩजम फाऩ क ऩास र िरो | वहाॉ ठीक हो जाऊगी | ऩाॉि टदन तक टहयर ऩजमशरी की यट रगाती यही | हभ उस अभदावाद आशरभ भ फाऩ क ऩास र गम | फाऩ न कहा इस कछ नहीॊ हआ ह | उनहोन भझ औय टहयर को भॊतर टदमा एवॊ फड़दादा की परदकषणा कयन को कहा | हभन परदकषणा की औय टहयर ऩनरह टदन भ िरन-कफ़यन रगी | हभ फाऩ की इस करणा-कऩा का कण कस िकाम अबी तो हभ आशरभ भ ऩजमशरी क शरीियणो भ सऩरयवाय यहकय धनम हो यह ह |
-परपपर रवमास
बावनगय
वतगभान भ अभदावाद आशरभ भ सऩरयवाय सभवऩगत
ऩजम फाऩ का दशगन-सतसॊग ही जीवन का सचिा यतन ह
भझ िाय सार स ऩतर कक काभना थी औय भय भन भ हआ कक भयी मह काभना जरय ऩयी होगी | अभदावाद भ धमानमोग मशववय क दौयान ऐसा वविाय आमा कक फाऩ भझ अऩन ियणो भ फरामग | भन भ दढ़ शरदधा थी | इतन रोगो क फीि भ स फाऩ न तजऩणग दवषट भझ ऩय डारी सॊतय का परसाद टदमा औय भया बागम खर गमा | फचि क जनभ स ऩहर डॉकटयो न ऑऩयशन को कहा था रककन फाऩ क फतान क भताबफक भय घयवारो न भझ गाम क गोफय का यस वऩरामा औय शीघर ही फारक का जनभ हो गमा | सचिी शरदधा-बकतकत हो तो कमा असॊबव ह ऩजम फाऩ का दशगन-सतसॊग ही जीवन का सचिा यतन ह |
सचिी शरदधा-बकतकत स ऐसा यतन ऩानवार हभ सबी धनबागी ह |
-यखा ऩयभाय भीया योड़ भॊफई
कसट का िभतकाय
रवमाऩाय उधायी भ िर जान स भ हताश हो गमा था एवॊ अऩनी जजॊदगी स तॊग आकय आतभहतमा कयन की फात सोिन रगा था | भझ साध-भहातभाओॊ व सभाज क रोगो स घणा-सी हो गमी थी धभग व सभाज स भया ववशवास उठ िका था | एक टदन भयी सारी फाऩजी क सतसॊग कक दो कसट ववचध का ववधान एवॊ आणखय कफ तक र आमी औय उसन भझ सनन क मरए कहा | उसक कई परमास क फाद बी भन व कसट नहीॊ सनीॊ एवॊ भन-ही-भन उनह ढ़ोग कहकय कसटो क कतडबफ भ दार टदमा | भन इतना ऩयशान था कक यात को नीॊद आना फॊद हो गमा था | एक यात कफ़पभी गाना सनन का भन हआ | अॉधया होन की वजह स कसट ऩहिान न सका औय गरती स फाऩजी क सतसॊग की कसट हाथ भ आ गमी | भन उसीको सनना शर ककमा | कपय कमा था भयी आशा फॉधन रगी | भन शाॉत होन रगा | धीय-धीय सायी ऩीड़ाएॉ दय होती िरी गमीॊ | भय जीवन भ योशनी-ही-योशनी हो गमी | कपय तो भन ऩजम फाऩजी क सतसॊग की कई कसट सनीॊ औय सफको सनामीॊ |
तदनॊतय भन गाजजमाफाद भ फाऩजी स दीा बी गरहण की | रवमाऩाय की उधायी बी िकता हो गमी | फाऩजी की कऩा स अफ भझ कोई द ख नहीॊ ह | ह गरदव फस एक आऩ ही भय होकय यह औय भ आऩका ही होकय यहॉ |
-ओभपरकाश फजाज
टदपरी योड़ सहायनऩय उततय परदश
भझ ऩय फयसी सॊत की कऩा
सन १९९५ क जन भाह भ भ अऩन रड़क औय बतीज क साथ हरयदवाय धमानमोग मशववय भ बाग रन गमा | एक टदन जफ भ हय की ऩौड़ी ऩय सनान कयन गमा तो ऩानी क तज फहाव क कायण ऩय कपसरन स भया रड़का औय बतीजा दोनो अऩना सॊतरन खो फठ औय गॊगा भ फह गम | ऐसी सॊकट की घड़ी भ भ अऩना होश खो फठा | कमा करॉ भ पट-पटकय योन रगा औय फाऩजी स पराथगना कयन रगा कक ह नाथ ह गरदव या कीजजम भय फचिो को फिा रीजजम | अफ आऩका ही सहाया ह | ऩजमशरी न भय सचि रदम स ननकरी ऩकाय सन री औय उसी सभम भया रड़का भझ टदखामी टदमा | भन झऩटकय उसको फाहय खीॊि मरमा रककन भया बतीजा तो ऩता नहीॊ कहाॉ फह गमा भ ननयॊतय यो यहा था औय भन भ फाय-फाय वविाय उठ यहा था कक फाऩजी भया रड़का फह जाता तो कोई फात नहीॊ थी रककन अऩन बाई की अभानत क बफना भ घय कमा भॉह
रकय जाऊॉ गा फाऩजी आऩही इस बकत की राज फिाओ | तबी गॊगाजी की एक तज रहय उस फचि को बी फाहय छोड़ गमी | भन रऩककय उस ऩकड़ मरमा | आज बी उस हादस को सभयण कयता हॉ तो अऩन-आऩको सॉबार नहीॊ ऩाता हॉ औय भयी आॉखो स ननयॊतय परभ की अशरधाया फहन रगती ह | धनम हआ भ ऐस गरदव को ऩाकय ऐस सदगरदव क शरीियणो भ भय फाय-फाय शत-शत परणाभ
-सभारखाॉ ऩानीऩत हरयमाणा
गरदव की कऩा स सॊतानपरानि
भयी शादी को ऩाॉि सार हो गम थ कपय बी कोई सॊतान नहीॊ हई | रोग हभ फहत तान भायत थ | तबी भन-ही-भन ननणगम र मरमा कक ऩजम फाऩ क आशरभ भ जाना ह | जनवयी १९९९ भ परथभ फाय उततयामण मशववय बया औय भॊतरदीा री | अफ गरदव कक कऩा स भझ एक सॊदय फारक पराि हआ ह | ऩजम फाऩजी की इतनी कऩा-करणा दखकय रदम बय आता ह | भ ऩजम फाऩजी स पराथगना कयती हॉ कक मह फारक उनह सभवऩगत कय सकॊ औय मह उनक मोगम फनसक ऐसी सदफवदध हभ द |
-ननभगरा क तड़वी काॊनतबाई हीयाबाई तडवी याभजी भॊटदय क ऩास कायरी फाग वड़ोदया
गरकऩा स जीवनदान
टदनाॊक १५-१-९६ की घटना ह | भन धात क ताय ऩय सखन क मरए कऩड़ परा यख थ |
फारयश होन क कायण उस ताय भ कयॊट आ गमा था | भया छोटा ऩतर ववशार जो कक ११ वीॊ का भ ऩढ़ता ह आकय उस ताय स छ गमा औय बफजरी का कयॊट रगत ही वह फहोश हो गमा शव क सभान हो गमा | हभन उस तयॊत फड़ असऩतार भ दाणखर कयवामा | डॉकटय न फचि की हारत गॊबीय फतामी | ऐसी ऩरयजसथनत दखकय भयी आॉखो स अशरधायाएॉ फह ननकरी | भ ननजानॊद की भसती भ भसत यहन वार ऩजम सदगरदव को भन-ही-भन माद ककमा औय पराथगना कक ह गरदव अफ तो इस फचि का जीवन आऩक ही हाथो भ ह | ह भय परब आऩ जो िाह सो कय सकत ह | औय आणखय भयी पराथगना सपर हई | फचि भ एक नवीन ितना का सॊिाय हआ एवॊ धीय-धीय फचि क सवासम भ
सधाय होन रगा | कछ ही टदनो भ वह ऩणगत सवसथ हो गमा | डॉकटय न तो उऩिाय ककमा रककन जो जीवनदान उस पमाय परब की कऩा स सदगरदव की कऩा स मभरा उसका वणगन कयन क मरए भय ऩास शबद नहीॊ ह | फस ईशवय स भ मही पराथगना कयता हॉ कक ऐस बरहमननषठ सॊत-भहाऩरषो क परनत हभायी शरदधा भ ववदध होती यह | -
डॉ वाम ऩी कारया शाभरदास कॉरज बावनगय गजयात
ऩजम फाऩ जस सॊत दननमा को सवगग भ फदर सकत ह
भई १९९८ क अॊनतभ टदनो भ ऩजमशरी क इॊदौय परवास क दौयान ईयान क ववखमात कफ़जजमशमन शरी फफाक अगरानी बायत भ अधमाजतभक अनबवो की परानि आम हए थ |
ऩजमशरी क दशगन ऩाकय जफ उनहोन अधमाजतभक अनबवो को परीबत होत दखा तो व ऩॊिड़ आशरभ भ आमोजजत धमानमोग मशववय भ बी ऩहॉि गम | शरी अगरानी जो दो टदन रककय वाऩस रौटन वार थ व ऩय गमायह टदन तक ऩॊिड़ आशरभ भ रक यह | उनहोन ववधाथी मशववय भ सायसवतम भॊतर की दीा री एवॊ ववमशषट धमानमोग साधना मशववय (४ -१० जन १९९८) का बी राब मरमा | मशववय क दौयान शरी अगरानी न ऩजमशरी स भॊतरदीा बी र री | ऩजमशरी क साजननधम भ सॊपराि अनबनतमो क फाय भ बतरम सभािाय ऩतर ितना को दी हई बटवाताग भ शरी अगरानी कहत ह मटद ऩजम फाऩ जस सॊत हय दश भ हो जाम तो मह दननमा सवगग फन सकती ह | ऐस शाॊनत स फठ ऩाना हभाय मरए कटठन ह रककन जफ ऩजम फाऩजी जस भहाऩरषो क शरीियणो भ फठकय सतसॊग सनत ह तो ऐसा आनॊद आता ह कक सभम का कछ ऩता ही नहीॊ िरता | सिभि ऩजम फाऩ कोई साधायण सॊत नहीॊ ह |
-शरी फफाक अगरानी ववशवववखमात कफ़जजमशमन ईयान
फाऩजी का साजननधम गॊगा क ऩावन परवाह जसा ह
कर-कर कयती इस बागीयथी की धवर धाया क ककनाय ऩय ऩजम फाऩजी क साजननधम भ फठकय भ फड़ा ही आपहाटदत औय परभटदत हॉ आनॊटदत हॉ योभाॊचित हॊ | गॊगा बायत की सषमना नाड़ी ह | गॊगा बायत की सॊजीवनी ह | शरी ववषणजी क ियणो स ननकरकय बरहमाजी क कभॊड़र औय जटाधय क भाथ ऩय शोबामभान गॊगा बतरमोगमसवदधकायक ह |
ववषणजी क ियणो स ननकरी गॊगा बकतकत मोग की परतीनत कयाती ह औय मशवजी क भसतक ऩय जसथत गॊगा ऻान मोग की उचितय बमभका ऩय आरढ़ होन की खफय दती ह |
भझ ऐसा रग यहा ह कक आज फाऩजी क परविनो को सनकय भ गॊगा भ गोता रगा यहा हॉ कमोकक उनका परविन उनका सजननधम गॊगा क ऩावन परवाह जसा ह | व अरभसत फ़कीय ह | व फड़ सयर औय सहज ह | व जजतन ही ऊऩय स सयर ह उतन ही अॊतय भ गढ़ ह | उनभ टहभारम जसी उचिता ऩववतरता शरषठता ह औय सागयतर जसी गॊबीयता ह |
व याषड की अभपम धयोहय ह | उनह दखकय कवष-ऩयमऩया को फोध होता ह | गौतभ कणाद
जमभनी कवऩर दाद भीया कफीय यदास आटद सफ कबी-कबी उनभ टदखत ह |
य बाई कोई सतगर सॊत कहाव
जो ननन अरख रखाव धयती उखाड़ आकाश उखाड़
अधय भड़मा धाव |
शनम मशखय क ऩाय मशरा ऩय आसन अिर जभाव |
य बाई कोई सतगर सॊत कहाव
एक ऐस ऩावन साजननधम भ हभ फठ ह जो फड़ा दरगब औय सहज मोगसवरऩ ह | ऐस भहाऩरषो क मरए ऩॊकतकतमाॉ माद आ यही ह तभ िरो तो िर धयती िर अॊफय िर दननमा ऐस भहाऩरष िरत ह तो उनक मरए समग िॊर ताय गरह नतर आटद सफ अनकर हो जात ह | ऐस इजनरमातीत गणातीत बावातीत शबदातीत औय सफ अवसथाओॊ स ऩय ककनहीॊ भहाऩरषो क शरीियणो भ जफ फठत ह तो बागवत कहता ह
साधनाॊ दशगनॊ रोक सवगमसवदधकयॊ ऩयभ |
साध क दशगन भातर स वविाय ववबनत ववदवता शकतकत सहजता ननववगषमता परसननता मसवदधमाॉ औय आतभानॊद की परानि होती ह | दश क भहान सॊत महाॉ सहज ही आत ह बायत क सबी शॊकयािामग बी मशववय भ आत ह | अत भय भन भ बी वविाय आमा कक जहाॉ सफ जात ह वहाॉ जाना िाटहए कमोकक मही वह ठोय-टठकाना ह जहाॉ भन का अमबभान मभटामा जा सकता ह | ऐस भहाऩरषो क दशगन स कवर आनॊद औय भसती ही नहीॊ मभरती फजपक वह सफ कछ मभर जाता ह जो अमबरावषत ह आकाॊकषत ह रकषत ह | महाॉ भ करणा क
कभगठता क वववक-वयागम क ऻान क दशगन कय यहा हॉ | वयागम औय बकतकत क यण ऩोषण औय सॊवधगन क मरए मह सिकवषमो का उततभ ऻान भाना जाता ह | आज गॊगा कपय स
साकाय टदख यही ह तो व फाऩजी क वविाय औय वाणी भ टदख यही ह | अरभसतता सहजता उचिता शरषठता ऩववतरतता तीथग-सी शचिता मशश-सी सयरता तरणो-सा जोश वदधो-सा गाॊबीमग औय कवषमो जसा ऻानाफोध भझ जहाॉ हो यहा ह वह मह ऩॊडार ह | इस आनॊदनगय कहॉ मा परभनगय करणा का सागय कहॉ मा वविायो का सभनदय रककन इतना जरय कहॉगा कक भय भन का कोन-कोना आपहाटदत हो यहा ह | आऩ रोग फड़बागी ह जो ऐस भहाऩरष क शरीियणो भ फठ ह जहाॉ बागम का टदरवम रवमकतकतततव का ननभागण होता ह | जीवन की कतकतमता जहाॉ पराि हो सकती ह वह मही दय ह |
मभर तभ मभरी भॊजजर मभरा भकसद औय भददा बी |
न मभर तभ तो यह गमा भददा भकसद औय भॊजजर बी ||
आऩका मह बावयाजम औय परभयाजम दखकय भ िककत बी हॉ औय आनॊद का अनबव बी कय यहा हॉ | आऩक परनत भया ववशवास औय अटट ननषठा फढ़ इस हत भया नभन सवीकाय कय | भझ ऐसा रगता ह कक फाऩजी समग ह औय नायामण सवाभी एक ऐस दीऩ ह जो न फझ सकत ह न जराम जात ह |
-सवाभी अवधशानॊदजी हरयदवाय
सायसवतम भॊतर स हए अदबत राब
भन १९९८ भ ववधाथी उतथान मशववय सोनीऩत भ ऩजम गरदव स सायसवतम भॊतर की दीा री | दीा क फाद ननममभत भॊतरजऩ कयन स भ इतना कशागर फवदधवारा एवॊ सवावरॊफी हो गमा कक भन एक भहीन भ ही टमशन छोड़ दी औय सवमॊ खफ भहनत कयन रगा | भ सकर बी ऩदर आन-जान रगा जजसस भन सकर फस का ककयामा फिा मरमा |
भॊतर जाऩ क परबाव स भझ ९ वीॊ १० वीॊ ११ वीॊ की ऩयीाओॊ भ परथभ सथान पराि हआ |
१२ वीॊ की ऩयीा क सभम भया सवासम खयाफ होन क कायण भ जऩ ठीक स नहीॊ कय सका कपय बी ७९ परनतशत अॊको स ऩास हआ | उसक फाद इॊजजननमरयॊग की ऩरया भ बी उततीणग यहा |
-करदीऩ कभाय डी-२३४ वसट ववनोद नगय टदपरी
भ टदसमफय १९९९ भ छततीसगढ़ क बाटाऩाया भ ऩजम गरदव स सायसवतम भॊतर की दीा
री | ततऩशचात भ ननममभत रऩ स जऩ-धमान- पराणामाभ कयता था जजसस भझ फहत राब हआ | ऩजम फऩजी की कऩा औय सायसवतम भॊतर जाऩ क परबाव स भझ १२ वीॊ की फोड़ग की ऩरया भ ८४६ परनतशत अॊक मभर |
-ववयनर कभाय कौमशक
डोगयगाॉव जज याजनाॊदगाॉव (छग)
बौनतक मग क अॊधकाय भ ऻान की जमोनत ऩजम फाऩ
भादक ननमॊतरण बमयो बायत सयकाय क भहाननदशक शरी एिऩी कभाय ९ भई को अभदावाद आशरभ भ सतसॊग-कामगकरभ क दौयान ऩजम फाऩ स आशीवागद रन ऩहॉि | फड़ी ववनमरता एवॊ शरदधा क साथ उनहोन ऩजम फाऩ क परनत अऩन उदगाय भ कहा जजस रवमकतकत क ऩास वववक नहीॊ ह वह अऩन रकषम तक नहीॊ ऩहॉि सकता ह औय वववक को पराि कयन का साधन ऩजम आसायाभजी फाऩ जस भहान सॊतो का सतसॊग ह | ऩजम फाऩ स भया परथभ ऩरयिम टीवी क भाधमभ स हआ | ततऩशचात भझ आशरभ दवाय परकामशत कवष परसाद भामसक पराि हआ | उस सभम भझ रगा कक एक ओय जहाॉ इस बौनतक मग क अॊधकाय भ भानव बटक यहा ह वहीॊ दसयी ओय शाॊनत की भॊद-भॊद सगॊचधत वाम बी िर यही ह | मह ऩजम फाऩ क सतसॊग का ही परबाव ह | ऩजमशरी क दशगन कयन का जो सौबागम भझ पराि हआ ह इसस भ अऩन को कतकतम भानता हॉ | ऩजम फाऩ क शरीभख स जो अभत वषाग होती ह तथा इनक सतसॊग स कयोड़ो रदमो भ जो जमोनत जगती ह व इसी परकाय स जगती यह औय आन वार रॊफ सभम तक ऩजमशरी हभ सफ का भागगदशगन कयत यह मही भयी काभना ह | ऩजम फाऩ क शरीियणो भ भय परणाभ
-शरी एिऩी कभाय भहाननदशक भादक ननमॊतरण बमयो बायत सयकाय
गरकऩा ऐसी हई कक अॉधय तो कमा दय बी नहीॊ हई
ऩयभ कऩार फाऩजी क शरीियणो भ भय कोटट-कोटट वॊदन भ एक इसभाइरी खवाजा हॉ तथा अऩन धभग भ अकतडग हॉ | िाय वषग ऩवग कछ रोगो दवाया एक सननमोजजत मोजना फनाकय भझ जफयदसती भडगय कस का आयोऩी फना टदमा गमा था | इसस भझ कहीॊ शाॊनत नहीॊ मभर यही थी | २८ पयवयी १९९७ को भझ नागऩय भ आमोजजत फाऩजी क सतसॊग भ जान की परयणा मभरी औय ४ भािग १९९७ को भन फाऩजी स भॊतरदीा री | भ उनस भन-
ही-भन ववनती की कक ह गरदव भझ फिा रो | गरकऩा ऐसी हई कक ७ जनवयी १९९८ को भझ अदारत न ऩाक-साप फयी कय टदमा फाकी छ आयोवऩमो को सजा हई | धनम ह ऐस भय सदगर उनक शरीियणो भ भय कोटट-कोटट वनदन
-यहभान खान ननशान छाफड़ी (बफछआ) जज नछनदवाड़ा (भपर)
भजसरभ भटहरा को पराणदान
२७ मसतमफय २००० को जमऩय भ भय ननवास ऩय ऩजम फाऩ का आतभ-साातकाय टदवस
भनामा गमा जजसभ भय ऩड़ोस की भजसरभ भटहरा नाथी फहन क ऩनत शरी भाॉग खाॉ न बी ऩजम फाऩ की आयती की औय ियणाभत मरमा | ३-४ टदन फाद ही व भजसरभ दॊऩनत खवाजा साटहफ क उसग भ अजभय िर गम | टदनाॊक ४ अकटफय २००० को अजभय क उसग भ असाभाजजक ततवो न परसाद भ जहय फाॉट टदमा जजसस उसग भर भ आम कई दशगनाथी असवसथ हो गम औय कई भय बी गम | भय ऩड़ोस की नाथी फहन न बी वह परसाद खामा औय थोड़ी दय भ ही वह फहोश हो गमी | अजभय भ उसका उऩिाय ककमा गमा ककॊ त उस होश न आमा | दसय टदन ही उसका ऩनत उस अऩन घय र आमा | कॉरोनी क सबी ननवासी उसकी हारत दखकय कह यह थ कक अफ इसका फिना भजशकर ह | भ बी उस दखन गमा | वह फहोश ऩड़ी थी | भ जोय-जोय स हरय ॐ हरय ॐ का उचिायण ककमा तो वह थोड़ा टहरन रगी | भझ परयणा हई औय भ ऩन घय गमा | ऩजम फाऩ स पराथगना की | ३-४ घॊट फाद ही वह भटहरा ऐस उठकय खड़ी हो गमी भानो सोकय उठी हो | उस भटहरा न फतामा कक भय िािा ससय ऩीय ह औय उनहोन भय ऩनत क भॉह स फोरकय फतामा कक तभन २७ मसतमफय २००० को जजनक सतसॊग भ ऩानी वऩमा था उनहीॊ सपद दाढ़ीवार फाफा न तमह फिामा ह कसी करणा ह गरदव की
-जएर ऩयोटहत
८७ सपतान नगय जमऩय (याज)
उस भटहरा का ऩता ह -शरीभती नाथी
ऩतनी शरी भाॉग खाॉ १०० सपतान नगय गजगय की धड़ी नम साॊगानय योड़
जमऩय (याज)
हरयनाभ की पमारी न छड़ामी शयाफ की फोतर
सौबागमवश गत २६ टदसमफय १९९८ को ऩजमशरी क १६ मशषमो की एक टोरी टदपरी स हभाय गाॉव भ हरयनाभ का परिाय-परसाय कयन ऩहॉिी | भ फिऩन स ही भटदयाऩान धमरऩान व मशकाय कयन का शौकीन था | ऩजम फाऩ क मशषमो दवाया हभाय गाॉव भ जगह-जगह ऩय तीन टदन तक रगाताय हरयनाभ का कीतगन कयन स भझ बी हरयनाभ का यॊग रगता जा यहा था | उनक जान क एक टदन क ऩशचात शाभ क सभम योज की बाॊनत भन शयाफ की फोतर ननकारी | जस ही फोतर खोरन क मरए ढककन घभामा तो उस ढककन क घभन स भझ हरय ॐ हरय ॐ की धवनन सनामी दी | इस परकाय भन दो-तीन फाय ढककन घभामा औय हय फाय भझ हरय ॐ की धवनन सनामी दी | कछ दय फाद भ उठा तथा ऩजमशरी क एक मशषम क घय गमा | उनहोन थोड़ी दय भझ ऩजमशरी की अभतवाणी सनामी | अभतवाणी सनन क फाद भया रदम ऩकायन रगा कक इन दरवमगसनो को तमाग दॉ | भन तयॊत फोतर उठामी तथा जोय-स दय खत भ प क दी | ऐस सभथग व ऩयभ कऩार सदगरदव को भ रदम स परणाभ कयता हॉ जजनकी कऩा स मह अनोखी घटना भय जीवन भ घटी जजसस भया जीवन ऩरयवनतगत हआ |
-भोहन मसॊह बफषट
मबखमासन अपभोड़ा (उपर)
ऩय गाॉव की कामाऩरट
ऩजमशरी स टदनाॊक २७६९१ को दीा रन क फाद भन रवमवसनभकतकत क परिाय-परसाय का रकषम फना मरमा | भ एक फाय कौशरऩय (जज शाजाऩय) ऩहॉिा | वहाॉ क रोगो क रवमवसनी औय रड़ाई-झगड़ मकत जीवन को दखकय भन कहा आऩ रोग भनषम-जीवन सही अथग ही नहीॊ सभझत ह | एक फाय आऩ रोग ऩजम फाऩजी क दशगन कय र तो आऩको सही जीवन जीन की कॊ जी मभर जामगी | गाॉव वारो न भयी फात भान री औय दस रवमकतकत भय गाॉव ताजऩय आम | भन एक साधक को उनक साथ जनभाषटभी भहोतसव भ सयत बजा | ऩजम फाऩजी की उन ऩय कऩा फयसी औय सफको गरदीा मभर गमी | जफ व रोग अऩन गाॉव ऩहॉि तो सबी गाॉववामसमो को फड़ा कौतहर था कक ऩजम फाऩजी कस ह फाऩजी की रीराएॉ सनकय गाॉव क अनम रोगो भ बी ऩजम फाऩजी क परनत शरदधा जगी | उन दीकषत साधको न सबी गाॉववारो को सववधानसाय ऩजम फाऩजी क अरग-अरग आशरभो भ
बजकय दीा टदरवा दी | गाॉव क सबी रवमकतकत अऩन ऩय ऩरयवाय सटहत दीकषत हो िक ह | परतमक गरवाय को ऩय गाॉव भ एक सभम बोजन फनता ह | सबी रोग गरवाय का वरत यखत ह | कौशरऩय गाॉव क परबाव स आस-ऩास क गाॉववार एवॊ उनक रयशतदायो सटहत १००० रवमकतकतमो शयाफ छोड़कय दीा र री ह | गाॉव क इनतहास भ तीन-तीन ऩीढ़ी स कोई भॊटदय नहीॊ था | गाॉववारो न ५ राख रऩम रगाकय दो भॊटदय फनवाम ह | ऩया गाॉव रवमवसनभकत एवॊ बगवतबकत फन गमा ह मह ऩजम फाऩजी की कऩा नहीॊ तो औय कमा ह सफक तायणहाय ऩजम फाऩजी क शरीियणो भ कोटट-कोटट परणाभ
-शमाभ परजाऩनत (सऩयवाइजय नतरहन सॊघ) ताजऩय उजजन (भपर)
नतरबफ ॊद का िभतकाय
भया सौबागम ह कक भझ सॊतकऩा नतरबफॊद (आई डरॉपस) का िभतकाय दखन को मभरा |
एक सॊत फाफा मशवयाभदास उमर ८० वषग गीता कटटय तऩोवन झाड़ी सिसयोवय हरयदवाय भ यहत ह | उनकी दाटहनी आॉख क सपद भोनतम का ऑऩयशन शाॉनतकॊ ज हरयदवाय आमोजजत कमऩ भ हआ | कस बफगड़ गमा औय कार भोनतमा फन गमा | ददग यहन रगा औय योशनी घटन रगी | दोफाया बभाननद नतर चिककतसारम भ ऑऩयशन हआ | एबसपमट गरकोभा फतात हए कहा कक ऑऩयशन स मसयददग ठीक हो जामगा ऩय योशनी जाती यहगी | ऩयॊत अफ व फाफा सॊत शरी आसायाभजी आशरभ दवाय ननमभगत सॊतकऩा नतरबफॊद सफह-शाभ डार यह ह | भन उनक नतरो का ऩयीण ककमा | उनकी दाटहनी आॉख भ उॉगरी चगनन रामक योशनी वाऩस आ गमी ह | कार भोनतम का परशय नॉभगर ह | कोननगमा भ सजन नहीॊ ह | व कापी सॊतषट ह | व फतात ह आॉख ऩहर रार यहती थी ऩयॊत अफ नहीॊ ह | आशरभ क नतरबफॊद स कपऩनातीत राब हआ | फामीॊ आॉख भ बी उनह सपद भोनतमा फतामा गमा था औय सॊशम था कक शामद कारा भोनतमा बी ह | ऩय आज फामीॊ आॉख बी ठीक ह औय दोनो आॉखो का परशय बी नॉभगर ह | सपद भोनतमा नहीॊ ह औय योशनी कापी अचछी ह |
मह सॊतकऩा नतरफॊद का ववरण परबाव दखकय भ बी अऩन भयीजो को इसका उऩमोग कयन की सराह दॉगा |
-डॉ अननत कभाय अगरवार (नतरयोग ववशषऻ)
एभफीफीएस एभएस (नतर) डीओएभएस (आई) सीताऩय सहायनऩय (उपर)
ऩजमशरी की तसवीय स मभरी परयणा
सवगसभथग ऩयभ ऩजम शरी फाऩजी क ियणकभरो भ भया कोटट-कोटट नभन १९८४ क बकॊ ऩ स समऩणग उततय बफहाय भ कापी नकसान हआ था जजसकी िऩट भ हभाया घय बी था | ऩरयजसथनतवश भझ नौवी का भ ऩढ़ामी छोड़ दनी ऩड़ी | ककसी मभतर की सराह स भ नौकयी ढॉढ़न क मरए टदपरी गमा रककन वहाॉ बी ननयाशा ही हाथ रगी | भ दो टदन स बखा तो था ही ऊऩय स नौकयी की चिॊता | अत आतभहतमा का वविाय कयक यरव सटशन की ओय िर ऩड़ा | यानीफाग फाजाय भ एक दकान ऩय ऩजमशरी का सतसाटहतम
कसट आटद यखा हआ था एवॊ ऩजमशरी की फड़ आकाय की तसवीय बी टॉगी थी | ऩजमशरी की हॉसभख एवॊ आशीवागद की भरावारी उस तसवीय ऩय भयी नजय ऩड़ी तो १० मभनट तक भ वहीॊ सड़क ऩय स ही खड़-खड़ उस दखता यहा | उस वकत न जान भझ कमा मभर गमा भ काभ बर भजदयी का ही कयता हॉ रककन तफस रकय आज तक भय चितत भ फड़ी परसननता फनी हई ह | न जान भयी जजनदगी की कमा दशा होती अगय ऩजम फाऩजी की मवाधन सया ईशवय की ओय ननजशचनत जीवन ऩसतक औय कवष परसाद ऩबतरका हाथ न रगती ऩजमशरी की तसवीय स मभरी परयणा एवॊ उनक सतसाटहतम न भयी डफती नमा को भानो भझदाय स फिा मरमा | धनबागी ह साटहतम की सवा कयन वार जजनहोन भझ आतभहतमा क ऩाऩ स फिामा |
-भहश शाह
नायामणऩय दभया जज सीताभढ़ी (बफहाय)
भॊतर स राब
भयी भाॉ की हारत अिानक ऩागर जसी हो गमी थी भानो कोई बत-परत-डाककनी मा आसयी ततव उनभ घस गमा | भ फहत चिॊनतत हो गमा एवॊ एक साचधका फहन को पोन ककमा | उनहोन बत-परत बगान का भॊतर फतामा जजसका वणगन आशरभ स परकामशत आयोगमननचध ऩसतक भ बी ह | वह भॊतर इस परकाय ह
ॐ नभो बगवत रर बयवाम बतपरत म कर कर हॊ पट सवाहा |
इस भॊतर का ऩानी भ ननहायकय १०८ फाय जऩ ककमा औय वही ऩानी भाॉ को वऩरा टदमा |
तयॊत ही भाॉ शाॊनत स सो गमीॊ | दसय टदन बी इस भॊतर की ऩाॉि भारा कयक भाॉ को वह जर वऩरामा तो भाॉ बफपकर ठीक हो गमीॊ | ह भय साधक बाई-फहनो बत-परत बगान क
मरए अरा फाॉधॉ फरा फाॉधॉ ऐसा कयक झाड़-फ़ॉ क कयनवारो क िककय भ ऩड़न की जरयत नहीॊ ह | इसक मरए तो ऩजम फाऩजी का भॊतर ही तायणहाय ह | ऩजम फाऩजी क शरीियणो भ कोटट-कोटट परणाभ
-िॊऩकबाई एन ऩटर (अभरयका)
काभ करोध ऩय ववजम ऩामी
एक टदन भॊफई भर भ टटकट िककॊ ग कयत हए भ वातानकमरत फोगी भ ऩहॉिा | दखा तो भखभर की गददी ऩय टाट का आसन बफछाकय सवाभी शरी रीराशाहजी भहायाज सभाचधसथ ह | भझ आशचमग हआ कक जजन परथभ शरणी की वातानकमरत फोचगमो भ याजा-भहायाजा मातरा कयत ह ऐसी फोगी औय तीसयी शरणी की फोगी क फीि इन सॊत को कोई बद नहीॊ रगता | ऐसी फोचगमो भ बी व सभाचधसथ होत ह मह दखकय मसय झक जाता ह | भन ऩजम भहायाजशरी को परणाभ कयक कहा आऩ जस सॊतो क मरए तो सफ एक सभान ह |
हय हार भ एकयस यहकय आऩ भकतकत का आनॊद र सकत ह | रककन हभाय जस गरहसथो को कमा कयना िाटहए ताकक हभ बी आऩ जसी सभता फनाम यखकय जीवन जी सक
ऩजम भहायाजजी न कहा काभ औय करोध को त छोड़ द तो त बी जीवनभकत हो सकता ह | जहाॉ याभ तहॉ नहीॊ काभ जहाॉ काभ तहॉ नहीॊ याभ | औय करोध तो बाई बसभासय ह | वह तभाभ ऩणम को जराकय बसभ कय दता ह अॊतकयण को भमरन कय दता ह | भन कहा परब अगय आऩकी कऩा होगी तो भ काभ-करोध को छोड़ ऩाऊॉ गा | ऩजम भहायाजजी न कहा बाई कऩा ऐस थोड़ ही की जाती ह सॊतकऩा क साथ तया ऩरषाथग औय दढ़ता बी िाटहए | ऩहर त परनतऻा कय कक त जीवनऩमगनत काभ औय करोध स दय यहगा तो भ तझ आशीवागद दॉ | भन कहा भहायाजजी भ जीवनबय क मरए परनतऻा तो करॉ रककन उसका ऩारन न कय ऩाऊॉ तो झठा भाना जाऊॉ गा | ऩजम भहायाजजी न कहा अचछा ऩहर त भय सभ आठ टदन क मरए परनतऻा कय | कपय परनतऻा को एक-एक टदन फढ़त जाना | इस परकाय त उन फराओॊ स फि सकगा | ह कफर भन हाथ जोड़कय कफर ककमा | ऩजम भहायाजजी न आशीवागद दकय दो-िाय पर परसाद भ टदम | ऩजम भहायाजजी न भयी जो दो कभजोरयमाॉ थीॊ उन ऩय ही सीधा हभरा ककमा था | भझ आशचमग हआ कक अनम कोई बी दगगण छोड़न का न कहकय इन दो दगगणो क मरए ही उनहोन परनतऻा कमो कयवामी फाद भ भ इस याज स अवगत हआ |
दसय टदन भ ऩसनजय टरन भ कानऩय स आग जा यहा था | सफह क कयीफ नौ फज थ |
तीसयी शरणी की फोगी भ जाकय भन माबतरमो क टटकट जाॉिन का कामग शर ककमा | सफस
ऩहर फथग ऩय सोम हए एक मातरी क ऩास जाकय भन एक मातरी क ऩास जाकय भन टटकट टदखान को कहा तो वह गससा होकय भझ कहन रगा अॊधा ह दखता नहीॊ कक भ सो गमा हॉ भझ नीॊद स जगान का तझ कमा अचधकाय ह मह कोई यीत ह टटकट क फाय भ ऩछन की ऐसी ही अकर ह तयी ऐसा कछ-का-कछ वह फोरता ही गमा फोरता ही गमा | भ बी करोधाववषट होन रगा ककॊ त ऩजम भहायाजजी क सभ री हई परनतऻा भझ माद थी अत करोध को ऐस ऩी गमा भानो ववष की ऩकतड़मा भन उस कहा भहाशम आऩ ठीक ही कहत ह कक भझ फोरन की अकर नहीॊ ह बान नहीॊ ह | दखो भय म फार धऩ भ सपद हो गम ह | आऩभ फोरन की अकर अचधक ह नमरता ह तो कऩा कयक मसखाओॊ कक टटकट क मरए भझ ककस परकाय आऩस ऩछना िाटहए | भ रािाय हॉ कक डमटी क कायण भझ टटकट िक कयना ऩड़ यहा ह इसमरए भ आऩको कषट द यहा हॉ|
औय कफ़य भन खफ परभ स हाथ जोड़कय ववनती की बमा कऩा कयक कषट क मरए भझ भा कयो | भझ अऩना टटकट टदखामग भयी नमरता दखकय वह रजजजत हो गमा एवॊ तयॊत उठ फठा | जपदी-जपदी नीि उतयकय भझस भा भाॉगत हए कहन रगा भझ भाप कयना | भ नीॊद भ था | भन आऩको ऩहिाना नहीॊ था | अफ आऩ अऩन भॉह स भझ कह कक आऩन भझ भाफ़ ककमा मह दखकय भझ आनॊद औय सॊतोष हआ | भ सोिन रगा कक सॊतो की आऻा भानन भ ककतनी शकतकत औय टहत ननटहत ह सॊतो की करणा कसा िभतकारयक ऩरयणाभ राती ह वह रवमकतकत क पराकनतक सवबाव को बी जड़-भर स फदर सकती ह | अनमथा भझभ करोध को ननमॊतरण भ यखन की कोई शकतकत नहीॊ थी | भ ऩणगतमा असहाम था कपय बी भझ भहायाजजी की कऩा न ही सभथग फनामा | ऐस सॊतो क शरीियणो भ कोटट-कोटट नभसकाय
-शरी यीजभर
रयटामडग टीटी आई कानऩय
अनम अनबव
जरा हआ कागज
ऩवग रऩ भ एक फाय ऩयभहॊस ववशदधानॊदजी स आनॊदभमी भाॉ की ननकटता ऩानवार सपरमसदध ऩॊकतडत गोऩीनाथ कववयाज न ननवदन ककमा तयणीकानत ठाकय को अरौककक मसवदध पराि हई ह | व बफना दख मा बफना छए ही कागज भ मरखी हई फात ऩढ़ रत ह |
गरदव फोर तभ एक कागज ऩय कछ मरखो औय उसभ आग रगाकय जरा दो |
कववयाजजी न कागज ऩय कछ मरखा औय ऩयी तयह कागज जराकय हवा भ उड़ा टदमा |
उसक फाद गरदव न अऩन तककम क नीि स वही कागज ननकारकय कववयाजजी क आग यख टदमा | मह दखकय उनह फड़ा आशचमग हआ कक मह कागज वही था एवॊ जो उनहोन मरखा था वह बी उस ऩय उनहीॊ क सरख भ मरखा था औय साथ ही उसका उततय बी मरखा हआ दखा | जड़ता ऩशता औय ईशवयता का भर हभाया शयीय ह | जड़ शयीय को भ-भया भानन की ववतत जजतनी मभटती ह ऩाशवी वासनाओॊ की गराभी उतनी हटती ह औय हभाया ईशवयीम अॊश जजतना अचधक ववकमसत होता ह उतना ही मोग-साभमग ईशवयीम साभमग परकट होता ह | बायत क ऐस कई बकतो सॊतो औय मोचगमो क जीवन भ ईशवयीम साभमग दखा गमा ह अनबव ककमा गमा ह उसक ववषम भ सना गमा ह | धनम ह बायतबमभ भ यहनवार बायतीम सॊसकनत भ शरदधा-ववशवास यखनवार अऩन ईशवयीम अॊश को जगान की सवा-साधना कयनवार सवाभी ववशदधानॊदजी वषो की एकाॊत साधना औय वषो-वषो की गरसवा स अऩना दहाधमास औय ऩाशवी वासनाएॉ मभटाकय अऩन ईशवयीम
अॊश को ववकमसत कयनवार बायत क अनक भहाऩरषो भ स थ | उनक जीवन की औय बी अरौककक घटनाओॊ का वणगन आता ह | ऐस सतऩरषो क जीवन-िरयतर औय उनक जीवन भ घटटत घटनाएॉ ऩढ़न-सनन स हभ रोग बी अऩनी जड़ता एवॊ ऩशता स ऊऩय उठकय ईशवयीम अॊश को उबायन भ उतसाटहत होत ह | फहत ऊॉ िा काभ ह फड़ी शरदधा फड़ी सभझ फड़ा धमग िाटहए ईशवयीम साभमग को ऩणग रऩ स ववकमसत कयन भ | अफ आओ
िर आदय शॊकयािामग की ओय
नदी की धाया भड़ गमी
आदय शॊकयािामग की भाता ववमशषटा दवी अऩन करदवता कशव की ऩजा कयन जाती थीॊ | व ऩहर नदी भ सनान कयतीॊ औय कफ़य भॊटदय भ जाकय ऩजन कयतीॊ | एक टदन व परातकार ही ऩजन-साभगरी रकय भॊटदय की ओय गमीॊ ककॊ त सामॊकार तक घय नहीॊ रौटीॊ | शॊकयािामग की आम अबी सात-आठ वषग क भधम भ ही थी | व ईशवय क ऩयभ बकत औय ननषठावान थ | सामॊकार तक भाता क वाऩस न रौटन ऩय आिामग को फड़ी चिनता हई औय व उनह खोजन क मरए ननकर ऩड़ | भॊटदय क ननकट ऩहॉिकय उनहोन भाता को भागग भ ही भजचछगत ऩड़ दखा | उनहोन फहत दय तक भाता का उऩिाय ककमा तफ व होश भ आ सकीॊ |
नदी अचधक दय थी | वहाॉ तक ऩहॉिन भ भाता को फड़ा कषट होता था | आिामग न बगवान स भन-ही-भन पराथगना की कक परबो ककसी परकाय नदी की धाया को भोड़ दो जजसस कक
भाता ननकट ही सनान कय सक | व इस परकाय की पराथगना ननतम कयन रग | एक टदन उनहोन दखा कक नदी की धाया ककनाय की धयती को काटती-काटती भड़न रगी ह तथा कछ टदनो भ ही वह आिामग शॊकय क घय क ऩास फहन रगी | इस घटना न आिामग का अरौककक शकतकतसमऩनन होना परमसदध कय टदमा |
सकषभ शयीय स िोय का ऩीछा ककमा
हरयहय फाफा की फड़ी परमसवदध थी | एक फाय व हयऩारऩय सटशन ऩय थ | वहाॉ क सटशन भासटय न उनको एक िोय सऩदग ककमा | िोय न फाफा स कहा भहायाज भझ इतनी छटटी द दीजजम कक भ अऩन फार-फचिो का परफॊध कय आऊॉ | फाफा गाड़ी आन ऩय रौट आना | िोय िरा गमा | सटशन भासटय को ऩता िरा तो वह फाफा ऩय गभग हआ औय फोरा उसक फदर तमह जर की हवा खानी होगी | तभन जान-फझकय उस बगा टदमा ह | फाफा घफयाओ भत गाड़ी आन स ऩहर ही वह रौट आमगा | िोय की नीमत ठीक नहीॊ थी | वह जॊगर क भागग स अऻात सथान को बाग जाना िाहता था ककॊ त उस हय सभम मही परतीत होता यहा कक हरयहय फाफा डॊडा पटकायत हए उसक ऩीछ-ऩीछ िर आ यह ह | इसीमरए वह गाड़ी आन स ऩहर ही रौट आमा |
भॊगरी फाधा-ननवायण भॊतर
अॊ याॊ अॊ
इस भॊतर को १०८ फाय जऩन स करोध दय होता ह | जनभकनडरी भ भॊगरी मोग होन स जजनक वववाह न हो यह हो व २७ भॊगरवाय इस भॊतर का १०८ फाय जऩ कयत हए वरत यखकय हनभानजी ऩय मसॊदय का िोरा िढ़ाम | इसस भॊगर-फाधा का म होता ह |
सखऩवगक परसवकायक भॊतर
ऩहरा उऩाम
एॊ हीॊ बगवनत बगभामरनन िर िर भराभम भराभम ऩषऩॊ ववकासम ववकासम सवाहा |
इस भॊतर दवाया अमबभॊबतरत दध गमबगणी सतरी को वऩराम तो सखऩवगक परसव होगा |
दसया उऩाम
गमबगणी सतरी सवमॊ परसव क सभम जमबरा-जमबरा जऩ कय |
तीसया उऩाम
दशी गाम क गोफय का १२ स १५ मभरी यस ॐ नभो नायामणाम भॊतर का २१ फाय जऩ कयक ऩीन स बी परसव-फाधाएॉ दय होगी औय बफना ऑऩयशन क परसव होगा |
परसनत क सभम अभॊगर की आशॊका हो तो ननमन भॊतर का जऩ कय
सवगभॊगर भाॊगपम मशव सवागथग साचधक |
शयणम तरममफक गौयी नायामणी नभोSसतत ||
(दगागसिशती)
शकतकतशारी व गोय ऩतर की परानि क मरए
सगबागवसथा भ ढाक (ऩराश खाखया) का एक कोभर ऩतता घोटकय गौ-दगध क साथ योज सवन कयन स फारक शकतकतशारी औय गोया होता ह | भाता-वऩता बर कार-करट हो कपय बी फारक गोया होगा |
सदगर-भटहभा
गर बफन बव ननचध तय न कोई |
जौ फयॊचि सॊकय सभ होई ||
-सॊत तरसीदासजी
हरयहय आटदक जगत भ ऩजमदव जो कोम |
सदगर की ऩजा ककम सफकी ऩजा होम ||
-ननशचरदासजी भहायाज
सहजो कायज सॊसाय को गर बफन होत नाॉही |
हरय तो गर बफन कमा मभर सभझ र भन भाॉही ||
-सॊत कफीयजी सॊत
सयनन जो जन ऩय सो जन उधयनहाय | सॊत की ननॊदा नानका फहरय फहरय अवताय ||
-गर नानक दवजी
गरसवा सफ बागमो की जनभबमभ ह औय वह शोकाकर रोगो को बरहमभम कय दती ह |
गररऩी समग अववदयारऩी याबतर का नाश कयता ह औय ऻानाऻान रऩी मसतायो का रोऩ कयक फवदधभानो को आतभफोध का सटदन टदखाता ह |
-सॊत ऻानशवय भहायाज
सतम क कॊ टकभम भागग भ आऩको गर क मसवाम औय कोई भागगदशगन नहीॊ द सकता |
- सवाभी मशवानॊद सयसवती
ककतन ही याजा-भहायाजा हो गम औय होग सामजम भकतकत कोई नहीॊ द सकता | सचि याजा-भहायाज तो सॊत ही ह | जो उनकी शयण जाता ह वही सचिा सख औय सामजम भकतकत ऩाता ह |
-सभथग शरी याभदास सवाभी
भनषम िाह ककतना बी जऩ-तऩ कय मभ-ननमभो का ऩारन कय ऩयॊत जफ तक सदगर की कऩादवषट नहीॊ मभरती तफ तक सफ रवमथग ह |
-सवाभी याभतीथग
परटो कहत ह कक सकयात जस गर ऩाकय भ धनम हआ |
इभसगन न अऩन गर थोयो स जो पराि ककमा उसक भटहभागान भ व बावववबोय हो जात थ |
शरी याभकषण ऩयभहॊस ऩणगता का अनबव कयानवार अऩन सदगरदव की परशॊसा कयत नहीॊ अघात थ |
ऩजमऩाद सवाभी शरी रीराशाहजी भहायाज बी अऩन सदगरदव की माद भ सनह क आॉस
फहाकय गदगद कॊ ठ हो जात थ |
ऩजम फाऩजी बी अऩन सदगरदव की माद भ कस हो जात ह मह तो दखत ही फनता ह |
अफ हभ उनकी माद भ कस होत ह मह परशन ह | फटहभगख ननगय रोग कछ बी कह साधक को अऩन सदगर स कमा मभरता ह इस तो साधक ही जानत ह |
रडी भाटटगन क सहाग की या कयन अपगाननसतान भ परकट मशवजी
साध सॊग सॊसाय भ दरगब भनषम शयीय |
सतसॊग सववत ततव ह बतरववध ताऩ की ऩीय ||
भानव-दह मभरना दरगब ह औय मभर बी जाम तो आचधदववक आचधबौनतक औय आधमाजतभक म तीन ताऩ भनषम को तऩात यहत ह | ककॊ त भनषम-दह भ बी ऩववतरता हो सचिाई हो शदधता हो औय साध-सॊग मभर जाम तो म बतरववध ताऩ मभट जात ह |
सन १८७९ की फात ह | बायत भ बबरटटश शासन था उनहीॊ टदनो अॊगरजो न अपगाननसतान ऩय आकरभण कय टदमा | इस मदध का सॊिारन आगय भारवा बबरटटश छावनी क रजफ़टनट कनगर भाटटगन को सौऩा गमा था | कनगर भाटटगन सभम-सभम ऩय मदध-तर स अऩनी ऩतनी को कशरता क सभािाय बजता यहता था | मदध रॊफा िरा औय अफ तो सॊदश आन बी फॊद हो गम | रडी भाटटगन को चिॊता सतान रगी कक कहीॊ कछ अनथग न हो गमा हो अपगानी सननको न भय ऩनत को भाय न डारा हो | कदाचित ऩनत मदध भ शहीद हो गम तो भ जीकय कमा करॉ गी -मह सोिकय वह अनक शॊका-कशॊकाओॊ स नघयी यहती थी |
चिनतातय फनी वह एक टदन घोड़ ऩय फठकय घभन जा यही थी | भागग भ ककसी भॊटदय स आती हई शॊख व भॊतर धवनन न उस आकवषगत ककमा | वह एक ऩड़ स अऩना घोड़ा फाॉधकय भॊटदय भ गमी | फजनाथ भहादव क इस भॊटदय भ मशवऩजन भ ननभगन ऩॊकतडतो स उसन ऩछा आऩ रोग कमा कय यह ह एक वरदध बराहमण न कहा हभ बगवान मशव का ऩजन कय यह ह | रडी भाटटगन मशवऩजन की कमा भहतता ह बराहमण फटी बगवान मशव तो औढयदानी ह बोरनाथ ह | अऩन बकतो क सॊकट-ननवायण कयन भ व तननक बी दय नहीॊ कयत ह | बकत उनक दयफाय भ जो बी भनोकाभना रकय क आता ह उस व शीघर ऩयी कयत ह ककॊ त फटी तभ फहत चिजनतत औय उदास नजय आ यही हो कमा फात ह रडी भाटटगन भय ऩनतदव मदध भ गम ह औय ववगत कई टदनो स उनका कोई
सभािाय नहीॊ आमा ह | व मदध भ पॉ स गम ह मा भाय गम ह कछ ऩता नहीॊ िर यहा | भ उनकी ओय स फहत चिजनतत हॉ | इतना कहत हए रडी भाटटगन की आॉख नभ हो गमीॊ |
बराहमण तभ चिनता भत कयो फटी मशवजी का ऩजन कयो उनस पराथगना कयो रघररी कयवाओ | बगवान मशव तमहाय ऩनत का यण अवशम कयग |
ऩॊकतडतो की सराह ऩय उसन वहाॉ गमायह टदन का ॐ नभ मशवाम भॊतर स रघररी अनषठान परायॊब ककमा तथा परनतटदन बगवान मशव स अऩन ऩनत की या क मरए पराथगना कयन रगी कक ह बगवान मशव ह फजनाथ भहादव मटद भय ऩनत मदध स सकशर रौट आम तो भ आऩका मशखयफॊद भॊटदय फनवाऊॉ गी | रघररी की ऩणागहनत क टदन बागता हआ एक सॊदशवाहक मशवभॊटदय भ आमा औय रडी भाटटगन को एक मरपापा टदमा | उसन घफयात-घफयात वह मरपापा खोरा औय ऩढ़न रगी |
ऩतर भ उसक ऩनत न मरखा था हभ मदध भ यत थ औय तभ तक सॊदश बी बजत यह रककन आक ऩठानी सना न घय मरमा | बबरटटश सना कट भयती औय भ बी भय जाता |
ऐसी ववकट ऩरयजसथनत भ हभ नघय गम थ कक पराण फिाकय बागना बी अतमाचधक कटठन था | इतन भ भन दखा कक मदधबमभ भ बायत क कोई एक मोगी जजनकी फड़ी रमफी जटाएॉ ह हाथ भ तीन नोकवारा एक हचथमाय (बतरशर) इतनी तीवर गनत स घभ यहा था कक ऩठान सननक उनह दखकय बागन रग | उनकी कऩा स घय स हभ ननकरकय ऩठानो ऩय वाय कयन का भौका मभर गमा औय हभायी हाय की घकतड़माॉ अिानक जीत भ फदर गमीॊ | मह सफ बायत क उन फाघामफयधायी एवॊ तीन नोकवारा हचथमाय धायण ककम हए
(बतरशरधायी) मोगी क कायण ही समबव हआ | उनक भहातजसवी रवमकतकततव क परबाव स दखत-ही-दखत अपगाननसतान की ऩठानी सना बाग खड़ी हई औय व ऩयभ मोगी भझ
टहमभत दत हए कहन रग | घफयाओॊ नहीॊ | भ बगवान मशव हॉ तथा तमहायी ऩतनी की ऩजा स परसनन होकय तमहायी या कयन आमा हॉ उसक सहाग की या कयन आमा हॉ |
ऩतर ऩढ़त हए रडी भाटटगन की आॉखो स अववयत अशरधाया फहती जा यही थी उसका रदम अहोबाव स बय गमा औय वह बगवान मशव की परनतभा क समभख मसय यखकय पराथगना कयत-कयत यो ऩड़ी | कछ सिाह फाद उसका ऩनत कनगर भाटटगन आगय छावनी रौटा | ऩतनी न उस सायी फात सनात हए कहा आऩक सॊदश क अबाव भ भ चिजनतत हो उठी थी रककन बराहमणो की सराह स मशवऩजा भ रग गमी औय आऩकी या क मरए बगवान मशव स पराथगना कयन रगी | उन द खबॊजक भहादव न भयी पराथगना सनी औय आऩको सकशर रौटा टदमा | अफ तो ऩनत-ऩतनी दोनो ही ननममभत रऩ स फजनाथ भहादव क भॊटदय भ ऩजा-अिगना कयन रग | अऩनी ऩतनी की इचछा ऩय कनगर भाटटगन भ सन १८८३
भ ऩॊरह हजाय रऩम दकय फजनाथ भहादव भॊटदय का जीणोदवाय कयवामा जजसका मशरारख आज बी आगय भारवा क इस भॊटदय भ रगा ह | ऩय बायतबय भ अॊगरजो दवाय ननमभगत मह एकभातर टहनद भॊटदय ह |
मयोऩ जान स ऩवग रडी भाटटगन न ऩकतड़तो स कहा हभ अऩन घय भ बी बगवान मशव का भॊटदय फनामग तथा इन द ख-ननवायक दव की आजीवन ऩजा कयत यहग |
बगवान मशव भ बगवान कषण भ भाॉ अमफा भ आतभवतता सदगर भ सतता तो एक ही ह | आवशमकता ह अटर ववशवास की | एकररवम न गरभनत ग भ ववशवास कय वह पराि कय मरमा जो अजगन को कटठन रगा | आरणण उऩभनम रव परहराद आटद अनम सकड़ो उदायहण हभाय साभन परतम ह | आज बी इस परकाय का सहमोग हजायो बकतो को साधको को बगवान व आतभवतता सदगरओॊ क दवाया ननयनतय पराि होता यहता ह | आवशमकता ह तो फस कवर ववशवास की |
भहाभतमॊजम भॊतर
ॐ हौ जॉ स |
ॐ बबगव सव |
ॐ तरममफकॊ मजाभह सगॊचध ॊ ऩवषटवधगनभ |
उवागरकमभव फनधनानभतमोभगीम भाभतात |
सव भव ब ॐ |
स जॉ हौ ॐ |
बगवान मशव का मह भहाभतमॊजम जऩन स अकार भतम तो टरती ही ह आयोगमता की बी परानि होती ह | सनान कयत सभम शयीय ऩय रोट स ऩानी डारत वकत इस भॊतर का जऩ कयन स सवासम-राब होता ह | दध भ ननहायत हए इस भॊतर का जाऩ ककमा जाम औय कपय वह दध ऩी मरमा जम तो मौवन की सया भ बी सहामता मभरती ह | आजकर की तज यफ़तायवारी जजनदगी भ कहाॉ आतॊक उऩरव दघगटना हो जाम कहना भजशकर ह | घय स ननकरत सभम एक फाय मह भॊतर जऩनवारा इन उऩदरवो स सयकषत यहता ह औय सयकषत घय रौटता ह | (इस भॊतरानषठान क ववचध-ववधान की ववसतत जानकायी क मरए आशरभ दवाया परकामशत आयोगमननचध ऩसतक ऩढ़ |) शरीभदबागवत क आठव सकॊ ध भ तीसय अधमाम क शलोक १ स ३३ तक भ वणणगत गजनरभो सतोतर का ऩाठ कयन स तभाभ
ववधन दय होत ह |
ऻानरऩी गॊगाजी सवमॊ फहकय महाॉ आ गमी
उततयाॊिर याजम का सौबागम ह कक इस दवबभी भ दवता सवरऩ ऩजम फाऩजी का आशरभ फन यहा ह | आऩ ऐसा आशरभ फनाम जसा कहीॊ बी न हो | मह हभ रोगो का सौबागम ह कक अफ ऩजम फाऩजी की ऻानरऩी गॊगाजी सवमॊ फहकय महाॊ आ गमी ह | अफ गॊगा जाकय दशगन कयन व सनान कयन की उतनी आवशमकता नहीॊ ह जजतनी सॊत शरी आसायाभजी फाऩ क ियणो भ फठकय उनक आशीवागद रन की ह |
-शरी ननतमानॊद सवाभीजी ततकारीन भखमभॊतरी उततयाॊिर
गरजी की तसवीय न पराण फिा मरम
कछ ही टदनो ऩहर भया दसया फटा एभ ए ऩास कयक नौकयी क मरम फहत जगह घभा फहत जगह आवदन-ऩतर बजा ककनत उस नौकयी नहीॊ मभरी | कपय उसन फाऩजी स दीा री | भन आशरभ का कछ साभान कसट सतसाटहतम राकय उसको दत हए कहा शहय भ जहाॉ भॊटदय ह जहाॉ भर रगत ह तथा जहाॉ हनभानजी का परमसदध दकषणभखी भॊटदय ह वहाॊ सटार रगाओ | फट न सटार रगाना शर ककमा | ऐस ही एक सटार ऩय जरगाॊव क एक परमसदध रवमाऩायी अगरवारजी आम फाऩजी की कछ कसट खयीदीॊ औय ईशवय की ओय नाभक ऩसतक बी साथ भ र गम ऩसतक ऩढ़ी औय कसट सनी | दसय टदन व कपय आम औय कछ सतसाटहतम खयीद कय र गम व ऩान क थोक ववकरता ह | उनको ऩान खान की आदत ह | ऩसतक ऩढ़कय उनह रगा भ ऩान छोड़ दॉ | उनकी दकान ऩय एक आदभी आमा | ऩाॊिसौ रऩमो का साभान खयीदा औय उनका पोन नमफय र गमा | एक घॊट क फाद उसन दकान ऩय पोन ककमा सठ अगरवारजी भझ आऩका खन कयन का काभ सौऩा गमा था | कापी ऩस (सऩायी) बी टदम गम थ औय भ तमाय बी हो गमा था ऩय जफ भ आऩकी दकान ऩय ऩहॊिा तो ऩयभ ऩजम सॊत शरी आसायाभजी फाऩ क चितर ऩय भयी नजय ऩड़ी | भझ ऐसा रगा भानो साात फाऩ फठ हो औय भझ नक इनसान फनन की परयणा द यह हो गरजी की तसवीय न (तसवीय क रऩ भ साात गरदव न आकय) आऩक पराण फिा मरम | अदबत िभतकाय ह भमफई की ऩाटी न उसको ऩस बी टदम थ औय वह आमा बी था खन कयन क इयाद स ऩयनत जाको याख साॊइमाॉ चितर क दवाय बी अऩनी कऩा फयसान वार ऐस गरदव क परतम दशगन कयन क मरम वह महाॉ बी आमा ह
|
-फारकषण अगरवार
जरगाॊव भहायाषड
सदगर मशषम का साथ कबी नहीॊ छोड़त
एक यात भ दकान स सकटय दवाया अऩन घय जा यहा था | सकटय की कतडककी भ कापी रऩम यख हए थ | जमो ही घय क ऩास ऩहॊिा तो गरी भ तीन फदभाश मभर | उनहोन भझ घय मरमा औय वऩसतौर टदखामी | सकटय रकवाकय भय मसय ऩय तभॊि का फट भाय टदमा औय धकक भाय कय भझ एक तयप चगया टदमा | उनहोन सोिा होगा कक भ अकरा हॊ ऩय मशषम जफ सदगर स भॊतर रता ह शरदधा-ववशवास यखकय उसका जऩ कयता ह तफ सदगर उसका साथ नहीॊ छोड़त | भन सोिा कतडककी भ फहत रऩम ह औय म फदभाश तो सकटय र जा यह ह | भन गरदव स पराथगना की | इतन भ व तीनो फदभाश सकटय छोड़कय थरा र बाग | घय जाकय खोरा होगा तो सबजी औय खारी टटकफ़न दखकय मसय कटा ऩता नहीॊ ऩय फड़ा भजा आमा होगा | भय ऩस फि गमउनका सबजी का खिग फि गमा |
-गोकरिनर गोमर
आगया
गरकऩा स अॊधाऩन दय हआ
भझ गरकोभा हो गमा था | रगबग ऩतीस सार स मह तकरीफ़ थी | कयीफ छ सार तक तो भ अॊधा यहा | कोरकाता िननई आटद सफ जगहो ऩय गमा शॊकय नतरारम भ बी गमा ककनत वहाॊ बी ननयाशा हाथ रगी | कोरकाता क सफस फड़ नतर-ववशषऻ क ऩास गमा | उसन बी भना कय टदमा औय कहा | धयती ऩय ऐसा कोई इनसान नहीॊ जो तमह ठीक कय सक | रककन सयत आशरभ भ भझ गरदव स भॊतर मभरा | वह भॊतर भन खफ शरदधा-ववशवासऩवगक जऩा कमोकक सात बरहमसवरऩ गरदव स वह भॊतर मभरा था | कयीफ छ-सात भहीन ही जऩ हआ था कक भझ थोड़ा-थोड़ा टदखामी दन रगा | डॉकटय कहत थ कक तभको भराॊनत हो गमी ह ऩय भझ तो अफ बी अचछी तयह टदखता ह | एक फाय एक अनम बॊमकय दघगटना स बी गरदव न भझ फिामा था | ऐस गरदव का कण हभ जनभो-जनभो तक नहीॊ िका सकत |
-शॊकयरार भहशवयी
कोरकाता
औय डकत घफयाकय बाग गम
१४ जराई ९९ को कयीफ साढ़ तीन फज भय भकान भ छ डकत घस आम औय उस सभम दबागगम स फाहय का दयवाजा खरा हआ था | दो डकत फाहय भारनत िार यखकय खड़ थ | एक डकत न धकका दकय भयी भाॉ का भॉह फॊद कय टदमा औय अरभायी की िाफी भाॉगन रगा | इस घटना क दौयान भ दकान ऩय था | भयी ऩतनी को बी डकत धभकान रग औय आवाज न कयन को कहा | भयी ऩतनी न ऩजम फाऩजी क चितर क साभन हाथ जोड़कय पराथगना की अफ आऩ ही या कयो इतना ही कहा तो आशचमग आशचमग ऩयभ आशचमग व सफ डकत घफयाकय बागन रग | उनकी हड़फड़ाहट दखकय ऐसा रग यहा था भानो उनह कछ टदखामी नहीॊ द यहा था | व बाग गम | भया ऩरयवाय गरदव का कणी ह |
फाऩजी क आशीवागद स सफ सकशर ह | हभन १५ नवमफय ९८ को वायाणसी भ भॊतरदीा री थी |
-भनोहयरार तरयजा ४ झररार नगय मशवाजी नगय वायाणसी
भॊतर दवाया भतदह भ पराण-सॊिाय
भ शरी मोग वदानत सवा समभनत आभट स जीऩ दवाया यवाना हआ था | ११ जराई १९९४ को भधमानह फायह फज हभायी जीऩ ककसी तकनीकी तरटट क कायण ननमॊतरण स फाहय होकय तीन ऩजपटमाॉ खा गमी | भया ऩया शयीय जीऩ क नीि दफ गमा | ककसी तयह भझ फाहय ननकारा गमा | एक तो दफरा ऩतरा शयीय औय ऊऩय स ऩयी जीऩ का वजन ऊऩय आ जान क कायण भय शयीय क परतमक टहसस भ असहय ददग होन रगा | भझ ऩहर तो कसरयमाजी असऩतार भ दाणखर कयामा गमा | जमो-जमो उऩिाय ककमा गमा कषट फढ़ता ही गमा कमोकक िोट फाहय नहीॊ शयीय क बीतयी टहससो भ रगी थी औय बीतय तक डॉकटयो का कोई उऩिाय काभ नहीॊ कय यहा था | जीऩ क नीि दफन स भया सीना व ऩट ववशष परबाववत हए थ औय हाथ-ऩय भ काॉि क टकड़ घस गम थ | ददग क भाय भझ साॉस रन भ बी तकरीप हो यही थी | ऑकसीजन टदम जान क फाद बी दभ घट यहा था औय भतम की घकतडमाॉ नजदीक टदखामी ऩड़न रगीॊ | भ भयणासनन जसथनत भ ऩहॉि गमा | भया भतम-
परभाणऩतर फनान की तमारयमाॉ कक जान रगीॊ व भझ घय र जान को कहा गमा | इसक ऩवग भया मभतर ऩजम फाऩ स फ़ोन ऩय भयी जसथनत क समफनध भ फात कय िका था |
पराणीभातर क ऩयभ टहतषी दमार सवबाव क सॊत ऩजम फाऩ न उस एक गि भॊतर परदान कयत हए कहा था कक ऩानी भ ननहायत हए इस भॊतर का एक सौ आठ फाय (एक भारा) जऩ कयक वह ऩानी भनोज को एवॊ दघगटना भ घामर अनम रोगो को बी वऩरा दना |
जस ही वह अमबभॊबतरत जर भय भॉह भ डारा गमा भय शयीय भ हरिर होन क साथ ही वभन हआ | इस अदबत िभतकाय स ववजसभत होकय डॉकटयो न भझ तयॊत ही ववशष भशीनो क नीि र जाकय मरटामा | गहन चिककतसकीम ऩयीण क फाद डॉकटयो को ऩता िरा कक जीऩ क नीि दफन स भया ऩया खन कारा ऩड़ गमा था तथा नाड़ी-िारन (ऩपस) रदमगनत व यकत परवाह बी फॊद हो िक थ | भय शयीय का समऩणग यकत फदर टदमा गमा तथा आऩयशन बी हआ | उसक ७२ घॊट फाद भझ होश आमा | फहोशी भ भझ कवर इतना ही माद था की भय बीतय ऩजम फाऩ दवाया परदतत गरभॊतर का जऩ िर यहा ह | होश भ आन ऩय डॉकटयो न ऩछा तभ आऩयशन क सभम फाऩफाऩ ऩकाय यह थ | म फाऩ कौन ह भन फतामा व भय गरदव परात सभयणीम ऩयभ ऩजम सॊत शरी असायाभजी फाऩ ह | डॉकटयो न ऩन भझस परशन ककमा कमा तभ कोई रवमामाभ कयत हो भन कहा भ अऩन गरदव दवाया मसखामी गमी ववचध स आसन व पराणामाभ कयता हॉ | व फोर
इसीमरम तमहाय इस दफर-ऩतर शयीय न मह सफ सहन कय मरमा औय तभ भयकय बी ऩन जजनदा हो उठ दसया कोई होता तो तयॊत घटनासथर ऩय ही उसकी हडकतडमाॉ फाहय ननकर जातीॊ औय वह भय जाता | भय शयीय भ आठ-आठ नमरमाॉ रगी हई थीॊ | ककसीस खन िढ़ यहा था तो ककसी स कबतरभ ऑकसीजन टदमा जा यहा था | मदयवऩ भय शयीय क कछ टहससो भ अबी-बी काॉि क टकड़ भौजद ह रककन गरकऩा स आज भ ऩणग सवसथ
होकय अऩना रवमवसाम व गरसवा दोनो कामग कय यह हॉ | भया जीवन तो गरदव का ही टदमा हआ ह | इन भॊतरदषटा भहवषग न उस टदन भय मभतर को भॊतर न टदमा होता तो भया ऩनजीवन तो समबव नहीॊ था | ऩजम फाऩ भानव-दह भ टदखत हए बी अनत असाधायण भहाऩरष ह | टमरफ़ोन ऩय टदम हए उनक एक भॊतर स ही भय भत शयीय भ ऩन पराणो का सॊिाय हो गमा तो जजन ऩय फाऩ की परतम दवषट ऩड़ती होगी व रोग ककतन बागमशारी होत होग ऐस दमार जीवनदाता सदगर क शरीियणो भ कोटट-कोटट दॊडवत परणाभ
-भनोज कभाय सोनी जमोनत टरसग रकषभी फाजाय आभट याजसथान
सदगरदव की कऩा स नतरजमोनत वाऩस मभरी
भयी दाटहनी आॉख स कभ टदखामी दता था तथा उसभ तकरीफ़ बी थी | धमानमोग मशववय टदपरी भ ऩजम गरदव भवा फाॉट यह थ तफ एक भवा भयी दाटहनी आॉख ऩय आ रगा | आॉख स ऩानी ननकरन रगा | ऩय आशचमग दसय ही टदन स आॉख की तकरीप मभट गमी औय अचछी तयह टदखामी दन रगा |
-याजकरी दवी असनाऩय रारगॊज अजाया जज परताऩगढ़ उततय परदश
फड़दादा की मभटटी व जर स जीवनदान
अगसत ९८ भ भझ भररयमा हआ | उसक फाद ऩीमरमा हो गमा | भय फड़ बाई न आशरभ स परकामशत आयोगमननचध ऩसतक भ स ऩीमरमा का भॊतर ऩढ़कय ऩीमरमा तो उताय टदमा ऩयॊत कछ ही टदनो फाद अॊगरजी दवाओॊ क रयएन स दोनो ककडननमाॉ पर (ननजषकरम) हो गई | भया हाटग (रदम) औय रीवय (मकत) बी पर होन रग | डॉकटयो न तो कह टदमा मह रड़का फि नहीॊ सकता | कपय भझ गोटदमा स नागऩय हॉजसऩटर भ र जामा गमा रककन वहाॉ बी डॉकटयो न जवाफ द टदमा कक अफ कछ नहीॊ हो सकता | भय बाई भझ वहीॊ छोड़कय सयत आशरभ आम वदयजी स मभर औय फड़दादा की ऩरयकरभा कयक पराथगना की तथा वहाॉ की मभटटी औय जर मरमा | ८ तायीख को डॉकटय भयी ककडनी फदरन वार थ |
जफ भय बाई फड़दादा को पराथगना कय यह थ तबी स भझ आयाभ मभरना शर हो गमा था | बाई न ७ तायीख को आकय भझ फड़दादा कक मभटटी रगाई औय जर वऩरामा तो भयी दोनो ककडनीमाॉ सवसथ हो गमी | भझ जीवनदान मभर गमा | अफ भ बफपकर सवसथ हॉ |
-परवीण ऩटर
गोटदमा भहायाषड
ऩजम फाऩ न प का कऩा-परसाद
कछ वषग ऩवग ऩजम फाऩ याजकोट आशरभ भ ऩधाय थ | भझ उन टदनो ननकट स दशगन कयन का सौबागम मभरा | उस सभम भझ छाती भ एनजामना ऩकतटोरयस क कायण ददग यहता था | सतसॊग ऩया होन क फाद कछ रोग ऩजम फाऩ क ऩास एक-एक कयक जा यह थ | भ कछ पर-पर नहीॊ रामा था इसमरए शरदधा क पर मरम फठा था | ऩजम फाऩ
कऩा-परसाद प क यह थ कक इतन भ एक िीक भयी छाती ऩय आ रगा औय छाती का वह ददग हभशा क मरए मभट गमा |
-अयववॊदबाई वसावड़ा याजकोट
एक छोटी थरी फनी अमऩातर
सन १९९२ भ यतराभ (भपर) क ऩास सराना क आटदवासी ववसताय भ बॊडाय का आमोजन था | बॊडाय भ सवाएॉ दन फहत-स साधक आम हए थ | आशरभवासी बाई बी ऩहॉि थ | एक टदन का ही आमोजन था औय सतसॊग-कामगकरभ बी था | उस बॊडाय भ गयीफो क मरए बोजन क अरावा फतगन कऩड़ अनाज औय दकषणा (ऩस) फाॉटन की बी रवमवसथा की गमी थी | भय टहसस ऩस फाॉटन की सवा थी | भन ऩाॉि रऩमोवार सौ-सौ नोटो क ऩिीस फॊडर चगनकय थरी भ यख थ | भझ आदश टदमा गमा था आठ सवाधायी ननमकत कय रो | व रोग ऩाॉि रऩम क नोट फाॉटत जामग | भन आठ सवमॊसवको को ऩहरी फाय आठ फॊडर द टदम | कपय ऩॊरह-फीस मभनट क फाद भन दसयी फाय आठो को एक-एक फॊडर टदमा | कपय तीसयी फाय आठो को एक-एक फॊडर टदमा | कर २४ फॊडर गम | अफ दसयी ऩॊकतकत बोजन क मरए बफठामी गमी | भन आठो सवमॊसवको को ऩहरी की बाॉनत तीन फाय एक-एक फॊडर फाॉटन क मरए टदमा | कर ४८ फॊडर गम | बॊडाया ऩया होन क फाद भन सोिा िरो अफ टहसाफ कय र | भ चगनन फठा | भय ऩास ६ फॊडर फि थ | मह कस
भ दॊग यह गमा भन ऩस फाॉटनवारो स ऩछा तो उनहोन फतामा कक कर ४८ फॊडर फाॉट गम थ | भ आशरभ आमा तो रवमवसथाऩक न कहा भन तो आऩको २५ फॊडर टदम थ |
सफको आशचमग हो यहा था कक फॉट ४८ फॊडर औय रकय िर थ २५ फॊडर | २५ भ स ४८ फॉट औय ६ फि गम गरदव का आशीवागद दणखम कक एक छोटी-सी थरी अम ऩातर फन गमी
-ईशवयबाई नामक
अभदावाद आशरभ
फटी न भनौती भानी औय गरकऩा हई
भयी फटी को शादी ककम आठ सार हो गम थ | ऩहरी फाय जफ वह गबगवती हई तफ फचिा ऩट भ ही भय गमा | दसयी फाय फचिी जनभी ऩय छ भहीन भ वह बी िर फसी |
कपय भयी ऩतनी न फटी स कहा अगय त सॊकपऩ कय कक जफ तीसयी फाय परसती होगी तफ तभ फारक की जीब ऩय फाऩजी क फतान क भताबफक bdquoॐ‟ मरखोगी तो तया फारक जीववत यहगा ऐसा भझ ववशवास ह कमोकक ॐकाय भॊतर भ ऩयभानॊदसवरऩ परब ववयाजभान ह | भयी फटी न इस परकाय भनौती भानी औय सभम ऩाकय वह गबगवती हई | सोनोगराफ़ी कयवामी गमी तो डॉकटयो न फतामा गबग भ फचिी ह औय उसक टदभाग भ ऩानी बया हआ ह | वह जजॊदा नहीॊ यह सकगी | गबगऩात कयवा दो | भयी फटी न अऩनी भाॉ स सराह की | उसकी भाॉ न कहा गबगऩात का भहाऩाऩ नहीॊ कयवाना ह | जो होगा दखा जामगा |
गरदव कऩा कयग | जफ परसती हई तो बफपकर पराकनतक ढ़ॊग स हई औय उस फचिी की जीब ऩय शहद एवॊ मभशरी स ॐ मरखा गमा | आज वह बफपकर ठीक ह | जफ उसकी डॉकटयी जाॉि कयवामी गमी तो डॉकटय आशचमग भ ऩड़ गम सोनोगराफ़ी भ जो फीभारयमाॉ टदख यही थीॊ व कहाॉ िरी गमीॊ टदभाग का ऩानी कहाॉ िरा गमा टहनदजा हॉजसऩटरवार मह करयशभा दखकय दॊग यह गम अफ घय भ जफ कोई दसयी कोई कसट िरती ह तो वह फचिी इशाया कयक कहती ह ॐवारी कसट िराओ | वऩछरी ऩनभ को हभ भॊफई स टाटा सभो भ आ यह थ | फाढ़ क ऩानी क कायण यासता फॊद था | हभ सोि भ ऩड़ गम कक ऩनभ का ननमभ टटगा | हभन गरदव का सभयण ककमा | इतन भ हभाय डराइवय न हभस ऩछा जान दॉ हभन बी गरदव का सभयण कयक कहा जान दो औय हरय हरय ॐ कीतगन की कसट रगा दो | गाड़ी आग िरी | इतना ऩानी कक हभ जहाॉ फठ थ वहाॉ तक ऩानी आ गमा | कपय बी हभ गरदव क ऩास सकशर ऩहॉि गम औय उनक दशगन ककम|
-भयायीरार अगरवार
साॊताकरज भॊफई
औय गरदव की कऩा फयसी
जफस सयत आशरभ की सथाऩना हई तफस भ गरदव क दशगन कयत आ यहा हॉ उनकी अभतवाणी सनता आ यहा हॉ | भझ ऩजमशरी स भॊतरदीा बी मभरी ह | परायबधवश एक टदन भय साथ एक बमॊकय दघगटना घटी | डॉकटय कहत थ आऩका एक हाथ अफ काभ नहीॊ कयगा | भ अऩना भानमसक जऩ भनोफर स कयता यहा | अफ हाथ बफपकर ठीक ह | उसस भ ७० ककगरा वजन उठा सकता हॉ | भयी सभसमा थी कक शादी होन क फाद भझ कोई सॊतान नहीॊ थी | डॉकटय कहत थ कक सॊतान नहीॊ हो सकती | हभ रोगो न गरकऩा एवॊ गरभॊतर का सहाया मरमा धमानमोग मशववय भ आम औय गरदव की कऩा फयसी | अफ
हभायी तीन सॊतान ह दो ऩबतरमाॉ औय एक ऩतर | गरदव न ही फड़ी फटी का नाभ गोऩी औय फट का नाभ हरयककशन यखा ह | जम हो सदगरदव की
-हॉसभख काॊनतरार भोदी ५७ अऩना घय सोसामटी सॊदय योड़ सयत
कसट-शरवण स बकतकत का सागय टहरोय रन रगा
भ हय सार गमभगमो भ कबी फरीनाथ तो कबी कदायनाथ तो कबी गॊगोतरी आटद तीथो भ जाता यहता था | रवषकश भ एक दकान क ऩास खड़ यहन ऩय भझ ऩजम गरदव की अभतवाणी की कसट भो का भागग भौत की भौत तीन फात आटद दखन-सनन को मभरीॊ तो भन म कसट खयीद रीॊ | घय ऩहॉिकय कसट सनन क फाद रदम भ बकतकत का सागय टहरोय रन रगा | भझ ऐसा रगा भानो कोई भझ फरा यहा हो | दकान जात सभम ऐसा आबास हआ कक कोई ऩवग आनवारा ह औय भझ अभदावाद जाना होगा उसी टदन अभदावाद आशरभ स भय ऩतर का जवाफ आमा कक टदनाॊक १२ को गरऩनभ का ऩवग ह |
आऩ गरदव क दशगन कय सकत ह | हभ सऩरयवाय आशरभ ऩहॉि | दशगन कयक धनम हए |
दीा ऩाकय कताथग हए | अफ तो हय भहीन जफ तक गरदव क दशगन नहीॊ कयता तफ तक भझ ऐसा रगता ह कक भन कछ खो टदमा ह | दीा क फाद साधन-बजन फढ़ यहा ह बकतकत फढ़ यही ह | ऩहर सॊसाय भ सपरता-ववपरता की जो िोट रगती थी अफ उनका परबाव कभ हआ ह | ववषम-ववकायो का परबाव कभ हआ ह | जान जीव तफ जागा हरय ऩद रचि ववषम ववरास ववयागा भय जीवन भ सॊत तरसीदासजी क इन विनो का समोदम हो यहा ह |
-मशवकभाय तरसमान
गोयखऩय उततय परदश
गरदव न बजा अमऩातर
हभ परिायमातरा क दौयान गरकऩा का जो अदबत अनबव हआ वह अवणगनीम ह | मातरा की शरआत स ऩहर टदनाॊक ८-११-९९ को हभ ऩजम गरदव क आशीवागद रन गम |
गरदव न कामगकरभ क ववषम भ ऩछा औय कहा ऩॊिड़ आशरभ (यतराभ) भ बॊडाया था |
उसभ फहत साभान फि गमा ह | गाड़ी बजकय भॉगवा रना गयीफो भ फाॉटना | हभ झाफआ जजर क आस-ऩास क गयीफ आटदवासी इराको भ जानवार थ | वहाॉ स यतराभ क
मरए गाड़ी बजी | चगनकय साभान बया गमा | दो टदन िर उतना साभान था | एक टदन भ दो बॊडाय होत थ | अत िाय बॊडाय का साभान था | सफन खपर हाथो फतगन कऩड़ साकतड़माॉ धोती आटद साभान छ टदनो तक फाॉटा कपय बी साभान फिा यहा | सफको आशचमग हआ हभ रोग साभान कपय स चगनन रग ऩयॊत गरदव की रीरा क ववषम भ कमा कह
कवर दो टदन िर उतना साभान छ टदनो तक खपर हाथो फाॉटा कपय बी अॊत भ तीन
फोय फतगन फि गम भानो गरदव न अमऩातर बजा हो एक टदन शाभ को बॊडाया ऩया हआ तफ दखा कक एक ऩतीरा िावर फि गमा ह | कयीफ १००-१२५ रोग खा सक उतन िावर थ | हभन सोिा िावर गाॉव भ फाॊट दत ह | ऩयॊत गरदव की रीरा दखो एक गाॉव क फदर ऩाॉि गाॉवो भ फाॉट कपय बी िावर फि यह | आणखय याबतर भ ९ फज क फाद सवाधारयमो न थककय गरदव स पराथगना की कक गरदव अफ जॊगर का ववसताय ह हभ ऩय कऩा कयो | औय िावर खतभ हए | कपय सवाधायी ननवास ऩय ऩहॉि |
-सॊत शरी आसायाभजी बकतभॊडर
कतायगाभ सयत
सवपन भ टदम हए वयदान स ऩतरपरानि
भय गरहसथ जीवन भ एक-एक कयक तीन कनमाएॉ जनभी | ऩतरपरानि क मरए भयी धभगऩतनी न गरदव स आशीवागद पराि ककमा था | िौथी परसनत होन क ऩहर जफ उसन वरसाड़ भ सोनोगराफ़ी कयवामी तो रयऩोटग भ रड़की फतामा गमा | मह सनकय हभ ननयाश हो गम |
एक यात ऩतनी को सवपन भ गरदव न दशगन टदम औय कहा फटी चिॊता भत कय |
घफयाना भत धीयज यख | रड़का ही होगा | हभन सयत आशरभ भ फड़दादा की ऩरयकरभा कयक भनौती भानी थी वह बी फ़रीबत हई औय गरदव का बरहमवाकम बी सतम साबफत हआ जफ परसनत होन ऩय रड़का हआ | सबी गरदव की जम-जमकाय कयन रग |
-सनीर कभाय याधशमाभ िौयमसमा दीऩकवाड़ी ककपरा ऩायड़ी जज वरसाड़
शरी आसायाभामण क ऩाठ स जीवनदान
भया दस वषीम ऩतर एक यात अिानक फीभाय हो गमा | साॉस बी भजशकर स र यहा था |
जफ उस हॉजसऩटर भ बती ककमा तफ डॉकटय फोर | फचिा गॊबीय हारत भ ह | ऑऩयशन कयना ऩड़गा | भ फचि को हॉजसऩटर भ ही छोड़कय ऩस रन क मरए घय गमा औय घय
भ सबी को कहा ldquoआऩ रोग शरी आसायाभामण का ऩाठ शर कयो |rdquo ऩाठ होन रगा |
थोड़ी दय फाद भ हॉजसऩटर ऩहॉिा | वहाॉ दखा तो फचिा हॉस-खर यहा था | मह दख भयी औय घयवारो की खशी का टठकाना न यहा मह सफ फाऩजी की असीभ कऩा गर-गोववनद की कऩा औय शरी आसायाभामण-ऩाठ का पर ह |
-सनीर िाॊडक
अभयावती भहायाषड
गरवाणी ऩय ववशवास स अवणीम राब
शादी होन ऩय एक ऩतरी क फाद सात सार तक कोई सॊतान नहीॊ हई | हभाय भन भ ऩतरपरानि की इचछा थी | १९९९ क मशववय भ हभ सॊतानपरानि का आशीवागद रनवारो की ऩॊकतकत भ फठ | फाऩजी आशीवागद दन क मरए साधको क फीि आम तो कछ साधक नासभझी स कछ ऐस परशन कय फठ जो उनह नहीॊ कयन िाटहए थ | गरदव नायाज होकय मह कहकय िर गम कक तभको सॊतवाणी ऩय ववशवास नहीॊ ह तो तभ रोग महाॉ कमो आम तमह डॉकटय क ऩास जाना िाटहए था | कपय गरदव हभाय ऩास नहीॊ आम | सबी पराथगना कयत यह ऩय गरदव रवमासऩीठ स फोर दफाया तीन मशववय बयना | भ भन भ सोि यहा था कक कछ साधको क कायण भझ आशीवागद नहीॊ मभर ऩामा ऩयॊत वजरादवऩ कठोयाणण भदनन कसभादवऩ फाहय स वजर स बी कठोय टदखन वार सदगर बीतय स पर स बी कोभर होत ह | तयॊत गरदव ववनोद कयत हए फोर दखो म रोग सॊतानपरानि का आशीवागद रन आम ह | कस ठनठनऩार-स फठ ह अफ जाओ झरा-झनझना रकय घय जाओ | भन औय भयी ऩतनी न आऩस भ वविाय ककमा दमार गरदव न आणखय आशीवागद द ही टदमा | अफ गरदव न कहा ह कक झरा-झनझना र जाओ | तो भन गरविन भानकय यरव सटशन स एक झनझना खयीद मरमा औय गवामरमय आकय गरदव क चितर क ऩास यख टदमा | भझ वहाॉ स आन क १५ टदन फाद डॉकटय दवाया भारभ हआ कक ऩतनी गबगवती ह | भन गरदव को भन-ही-भन परणाभ ककमा | इस फीि डॉकटयो न सराह दी कक रड़का ह मा रड़की इसकी जाॉि कया रो | भन फड़ ववशवास स कहा कक रड़का ही होगा | अगय रड़की बी हई तो भझ कोई आऩवतत नहीॊ ह | भझ गबगऩात का ऩाऩ अऩन मसय ऩय नहीॊ रना ह | नौ भाह तक भयी ऩतनी बी सवसथ यही | हरयदवाय मशववय भ बी हभ रोग गम | सभम आन ऩय गरदव दवाया फताम गम इराज क भताबफक गाम क गोफय का यस ऩतनी को टदमा औय टदनाॊक २७ अकतफय १९९९ को एक सवसथ फारक का जनभ हआ |
-याजनर कभाय वाजऩमी अिगना वाजऩमी फरवॊत नगय ढाढीऩय भयाया गवामरमय
औय सोना मभर गमा
हभाय सॊमकत ऩरयवाय भ साठ तोरा सोना िोयी हो गमा था | सतसॊगी होन क कायण हभ द ख तो नहीॊ हआ कपय बी थोडी-फहत चिनता अवशम हई | आशरभ क एक साधक न हभस कहा | आऩ रोग शरी आसायाभामण क १०८ ऩाठ कयो औय सॊकपऩ कयो कक हभाया सोना हभ जरय मभरगा | मभनाऩाय टदपरी भ गरदव का आगभन हआ | हभ शाभ को गरदव क दशगन कयन गम | हभन कछ कहा नहीॊ कमोकक गरदव अॊतमागभी ह | उनहोन हभको परसाद टदमा | उसी यात घय ऩय पोन आमा कक आऩका सोना मभर गमा ह | िोय रखनऊ भ ऩकड़ा गमा ह | हभ आशचमग हआ शरी आसायाभामण क १०८ ऩाठ ऩय बी नहीॊ हए थ औय सोना मभर गमा |
-रीना फटानी यानीफाग टदपरी
सवपर क दो टकड़ो स दो सॊतान
भन सन १९९१ भ िटीिॊड मशववय अभदावाद भ ऩजम फाऩजी स भॊतरदीा री थी | भयी शादी क १० वषग तक भख कोई सॊतान नहीॊ हई | फहत इराज कयवाम रककन सबी डॉकटयो न फतामा कक फारक होन की कोई सॊबावना नहीॊ ह | तफ भन ऩजम फाऩजी क ऩनभ दशगन का वरत मरमा औय फाॉसवाड़ा भ ऩनभ दशगन क मरए गमा | ऩजम फाऩजी सफको परसाद द यह थ | भन भन भ सोिा | कमा भ इतना ऩाऩी हॉ कक फाऩजी भयी तयप दखत तक नहीॊ इतन भ ऩजम फाऩजी कक दवषट भझ ऩय ऩड़ी औय उनहोन भझ दो मभनट तक दखा | कपय उनहोन एक सवपर रकय भझ ऩय प का जो भय दाम कॊ ध ऩय रगकय दो टकड़ो भ फॉट गमा | घय जाकय भन उस सवपर क दोनो बाग अऩनी ऩतनी को णखरा टदम | ऩजमशरी का कऩाऩणग परसाद खान स भयी ऩतनी गबगवती हो गमी | ननयीण कयान ऩय ऩता िरा कक उसको दो मसय वारा फारक उतऩनन होगा | डॉकटयो न फतामा उसका मसजरयमन कयना ऩड़गा अनमथा आऩकी ऩतनी क फिन की समबावना नहीॊ ह | मसजरयमन भ रगबग फीस हजाय रऩमो का खिग आमगा | भन ऩजम फाऩजी स पराथगना की ह फाऩजी आऩन ही पर टदमा था | अफ आऩ ही इस सॊकट का ननवायण कीजजम | कपय
भन फड़ फादशाह क साभन बी पराथगना की जफ भ असऩतार ऩहॉिॉ तो भयी ऩतनी की परसती सकशर हो जाम | उसक फाद जफ भ असऩतार ऩहॉिा तो भयी ऩतनी एक ऩतर औय एक ऩतरी को जनभ द िकी थी | ऩजमशरी क दवाया टदम गम पर स भझ एक की जगह दो सॊतानो की परानि हई |
-भकशबाई सोरॊकी शायदा भॊटदय सकर क ऩीछ
फावन िार वड़ोदया
साइककर स गरधाभ जान ऩय खयाफ टाॉग ठीक हो गमी
भयी फाॉमी टाॉग घटन स उऩय ऩतरी हो गमी थी | ऑर इणणडमा भकतडकर इनसटीटमट
टदपरी भ भ छ टदन तक यहा | वहाॉ जाॉि क फाद फतरामा गमा कक तमहायी यीढ़ की हडडी क ऩास कछ नस भय गमी ह जजसस मह टाॉग ऩतरी हो गमी ह | मह ठीक तो हो ही नहीॊ सकती | हभ तमह ववटामभन ई क कपसर द यह ह | तभ इनह खात यहना | इसस टाॊग औय जमादा ऩतरी नहीॊ होगी | भन एक सार तक कपसर खाम | उसक फाद २२ जन
१९९७ को भजफ़फ़यनगय भ भन गरजी स भॊतरदीा री औय दवाई खाना फॊद कय दी | जफ एक साधक बाई याहर गिा न कहा कक सहायनऩय स साइककर दवाया उततयामण मशववय अभदावाद जान का कामगकरभ फन यहा ह तफ भन टाॉग क फाय भ सोि बफना साइककर मातरा भ बाग रन क मरए अऩनी सहभनत द दी | जफ भय घय ऩय ऩता िरा कक भन साइककर स गरधाभ अभदावाद जान का वविाय फनामा ह अत तभ ११५० ककभी तक साइककर नहीॊ िरा ऩाओग | रककन भन कहा भ साइककर स ही गरधाभ जाऊॉ गा िाह ककतनी बी दयी कमो न हो औय हभ आठ साधक बाई सहायनऩय स २६ टदसमफय ९७ को साइककरो स यवाना हए | भागग भ िढ़ाई ऩय भझ जफ बी कोइ टदककत होती तो ऐसा रगता जस भयी साइककर को कोई ऩीछ स धकर यहा ह | भ भड़कय ऩीछ दखता तो कोई टदखामी नहीॊ ऩड़ता | ९ जनवयी को जफ हभ अभदावाद गरआशरभ भ ऩहॉि औय भन सफह अऩनी टाॉग दखी तो भ दॊग यह गम जो टाॉग ऩतरी हो गमी थी औय डॉकटयो न उस ठीक होन स भना कय टदमा था वह टाॉग बफपकर ठीक हो गमी थी | इस कऩा को दखकय भ िककत यह गमा भय साथी बी दॊग यह गम मह सफ गरकऩा क परसाद का िभतकाय था | भय आठो साथी भयी ऩतनी तथा ऑर इणणडमा भकतडकर इनसटीटमट टदपरी दवाया जाॉि क परभाणऩतर इस फात क साी ह |
-ननयॊकाय अगरवार
ववषणऩयी
अदबत यही भौनभॊटदय की साधना
ऩयभ ऩजम सदगरदव की कऩा स भझ टदनाॊक १८ स २४ भई १९९९ तक अभदावाद आशरभ क भौनभॊटदय भ साधना कयन का सअवसय मभरा | भौनभॊटदय भ साधना क ऩाॉिव टदन मानी २२ भई की याबतर को रगबग २ फज नीॊद भ ही भझ एक झटका रगा | रट यहन कक जसथनत भ ही भझ भहसस हआ कक कोई अदशम शकतकत भझ ऊऩय फहत ऊऩय उड़म र जा यही ह | ऊऩय उड़त हए जफ भन नीि झाॉककय दखा तो अऩन शयीय को उसी भौनभॊटदय भ चितत रटा हआ फखफय सोता हआ ऩामा | ऊऩय जहाॉ भझ र जामा गमा वहाॉ अरग ही छटा थी अजीफ औय अवणीम आकाश को बी बदकय भझ ऐस सथान ऩय ऩहॉिामा गमा था जहाॉ िायो तयप कोहया-ही-कोहया था जस शीश की छत ऩय ओस परी हो इतन भ दखता हॉ कक एक सबा रगी ह बफना शयीय की कवर आकनतमो की | जस यखाओॊ स भनषमरऩी आकनतमाॉ फनी हो | मह सफ कमा िर यहा था सभझ स ऩय था |
कछ ऩर क फाद व आकनतमाॉ सऩषट होन रगी | दवी-दवताओॊ क ऩॊज क भधम शीषग भ एक उचि आसन ऩय साात फाऩजी शॊकय बगवान फन हए करास ऩवगत ऩय ववयाजभान थ औय दवी-दवता कताय भ हाथ फाॉध खड़ थ | भ भक-सा होकय अऩरक नतरो स उनह दखता ही यहा कपय भॊतरभगध हो उनक ियणो भ चगय ऩड़ा | परात क ४ फज थ | अहा भन औय शयीय हपका-फ़पका रग यहा था मही जसथनत २४ भई की भधमयाबतर भ बी दोहयामी गमी | दसय टदन सफह ऩता िरा कक आज तो फाहय ननकरन का टदन ह मानी यवववाय २५ भई की सफह | फाहय ननकरन ऩय बावबया रदम गदगद कॊ ठ औय आखो भ आॉस मो रग यहा था कक जस ननजधाभ स फघय ककमा जा यहा हॉ | धनम ह वह बमभ
भौनभॊटदय भ साधना की वह रवमवसथा जहाॊ स ऩयभ आनॊद क सागय भ डफन की कॊ जी मभरती ह जी कयता ह बगवान ऐसा अवसय कपय स राम जजसस कक उसी भौनभॊटदय भ ऩन आॊतरयक आनॊद का यसऩान कय ऩाऊॉ |
-इनरनायामण शाह
१०३ यतनदीऩ-२ ननयारा नगय कानऩय
असाधम योग स भकतकत
सन १९९४ भ भयी ऩतरी टहयर को शयद ऩणणगभा क टदन फखाय आमा | डॉकटयो को
टदखामा तो ककसीन भररयमा कहकय दवाइमाॉ दी तो ककसीन टामपामड कहकय इराज शर ककमा तो ककसीन टामपामड औय भररयमा दोनो कहा | दवाई की एक खयाक रन स शयीय नीरा ऩड़ गमा औय सज गमा | शयीय भ खन की कभी स उस छ फोतर खन िढ़ामा गमा | इॊजन दन स ऩय शयीय को रकवा भाय गमा | ऩीठ क ऩीछ शमावरण जसा हो गमा | ऩीठ औय ऩय का एकस-य मरमा गमा | ऩय ऩय वजन फाॉधकय यखा गमा | डॉकटयो न उस वाम का फखाय तथा यकत का क सय फतामा औय कहा कक उसक रदम तो वापव िौड़ा हो गमा ह | अफ हभ टहमभत हाय गम | अफ ऩजमशरी क मसवाम औय कोई सहाया नहीॊ था | उस सभम टहयर न कहा भमभी भझ ऩजम फाऩ क ऩास र िरो | वहाॉ ठीक हो जाऊगी | ऩाॉि टदन तक टहयर ऩजमशरी की यट रगाती यही | हभ उस अभदावाद आशरभ भ फाऩ क ऩास र गम | फाऩ न कहा इस कछ नहीॊ हआ ह | उनहोन भझ औय टहयर को भॊतर टदमा एवॊ फड़दादा की परदकषणा कयन को कहा | हभन परदकषणा की औय टहयर ऩनरह टदन भ िरन-कफ़यन रगी | हभ फाऩ की इस करणा-कऩा का कण कस िकाम अबी तो हभ आशरभ भ ऩजमशरी क शरीियणो भ सऩरयवाय यहकय धनम हो यह ह |
-परपपर रवमास
बावनगय
वतगभान भ अभदावाद आशरभ भ सऩरयवाय सभवऩगत
ऩजम फाऩ का दशगन-सतसॊग ही जीवन का सचिा यतन ह
भझ िाय सार स ऩतर कक काभना थी औय भय भन भ हआ कक भयी मह काभना जरय ऩयी होगी | अभदावाद भ धमानमोग मशववय क दौयान ऐसा वविाय आमा कक फाऩ भझ अऩन ियणो भ फरामग | भन भ दढ़ शरदधा थी | इतन रोगो क फीि भ स फाऩ न तजऩणग दवषट भझ ऩय डारी सॊतय का परसाद टदमा औय भया बागम खर गमा | फचि क जनभ स ऩहर डॉकटयो न ऑऩयशन को कहा था रककन फाऩ क फतान क भताबफक भय घयवारो न भझ गाम क गोफय का यस वऩरामा औय शीघर ही फारक का जनभ हो गमा | सचिी शरदधा-बकतकत हो तो कमा असॊबव ह ऩजम फाऩ का दशगन-सतसॊग ही जीवन का सचिा यतन ह |
सचिी शरदधा-बकतकत स ऐसा यतन ऩानवार हभ सबी धनबागी ह |
-यखा ऩयभाय भीया योड़ भॊफई
कसट का िभतकाय
रवमाऩाय उधायी भ िर जान स भ हताश हो गमा था एवॊ अऩनी जजॊदगी स तॊग आकय आतभहतमा कयन की फात सोिन रगा था | भझ साध-भहातभाओॊ व सभाज क रोगो स घणा-सी हो गमी थी धभग व सभाज स भया ववशवास उठ िका था | एक टदन भयी सारी फाऩजी क सतसॊग कक दो कसट ववचध का ववधान एवॊ आणखय कफ तक र आमी औय उसन भझ सनन क मरए कहा | उसक कई परमास क फाद बी भन व कसट नहीॊ सनीॊ एवॊ भन-ही-भन उनह ढ़ोग कहकय कसटो क कतडबफ भ दार टदमा | भन इतना ऩयशान था कक यात को नीॊद आना फॊद हो गमा था | एक यात कफ़पभी गाना सनन का भन हआ | अॉधया होन की वजह स कसट ऩहिान न सका औय गरती स फाऩजी क सतसॊग की कसट हाथ भ आ गमी | भन उसीको सनना शर ककमा | कपय कमा था भयी आशा फॉधन रगी | भन शाॉत होन रगा | धीय-धीय सायी ऩीड़ाएॉ दय होती िरी गमीॊ | भय जीवन भ योशनी-ही-योशनी हो गमी | कपय तो भन ऩजम फाऩजी क सतसॊग की कई कसट सनीॊ औय सफको सनामीॊ |
तदनॊतय भन गाजजमाफाद भ फाऩजी स दीा बी गरहण की | रवमाऩाय की उधायी बी िकता हो गमी | फाऩजी की कऩा स अफ भझ कोई द ख नहीॊ ह | ह गरदव फस एक आऩ ही भय होकय यह औय भ आऩका ही होकय यहॉ |
-ओभपरकाश फजाज
टदपरी योड़ सहायनऩय उततय परदश
भझ ऩय फयसी सॊत की कऩा
सन १९९५ क जन भाह भ भ अऩन रड़क औय बतीज क साथ हरयदवाय धमानमोग मशववय भ बाग रन गमा | एक टदन जफ भ हय की ऩौड़ी ऩय सनान कयन गमा तो ऩानी क तज फहाव क कायण ऩय कपसरन स भया रड़का औय बतीजा दोनो अऩना सॊतरन खो फठ औय गॊगा भ फह गम | ऐसी सॊकट की घड़ी भ भ अऩना होश खो फठा | कमा करॉ भ पट-पटकय योन रगा औय फाऩजी स पराथगना कयन रगा कक ह नाथ ह गरदव या कीजजम भय फचिो को फिा रीजजम | अफ आऩका ही सहाया ह | ऩजमशरी न भय सचि रदम स ननकरी ऩकाय सन री औय उसी सभम भया रड़का भझ टदखामी टदमा | भन झऩटकय उसको फाहय खीॊि मरमा रककन भया बतीजा तो ऩता नहीॊ कहाॉ फह गमा भ ननयॊतय यो यहा था औय भन भ फाय-फाय वविाय उठ यहा था कक फाऩजी भया रड़का फह जाता तो कोई फात नहीॊ थी रककन अऩन बाई की अभानत क बफना भ घय कमा भॉह
रकय जाऊॉ गा फाऩजी आऩही इस बकत की राज फिाओ | तबी गॊगाजी की एक तज रहय उस फचि को बी फाहय छोड़ गमी | भन रऩककय उस ऩकड़ मरमा | आज बी उस हादस को सभयण कयता हॉ तो अऩन-आऩको सॉबार नहीॊ ऩाता हॉ औय भयी आॉखो स ननयॊतय परभ की अशरधाया फहन रगती ह | धनम हआ भ ऐस गरदव को ऩाकय ऐस सदगरदव क शरीियणो भ भय फाय-फाय शत-शत परणाभ
-सभारखाॉ ऩानीऩत हरयमाणा
गरदव की कऩा स सॊतानपरानि
भयी शादी को ऩाॉि सार हो गम थ कपय बी कोई सॊतान नहीॊ हई | रोग हभ फहत तान भायत थ | तबी भन-ही-भन ननणगम र मरमा कक ऩजम फाऩ क आशरभ भ जाना ह | जनवयी १९९९ भ परथभ फाय उततयामण मशववय बया औय भॊतरदीा री | अफ गरदव कक कऩा स भझ एक सॊदय फारक पराि हआ ह | ऩजम फाऩजी की इतनी कऩा-करणा दखकय रदम बय आता ह | भ ऩजम फाऩजी स पराथगना कयती हॉ कक मह फारक उनह सभवऩगत कय सकॊ औय मह उनक मोगम फनसक ऐसी सदफवदध हभ द |
-ननभगरा क तड़वी काॊनतबाई हीयाबाई तडवी याभजी भॊटदय क ऩास कायरी फाग वड़ोदया
गरकऩा स जीवनदान
टदनाॊक १५-१-९६ की घटना ह | भन धात क ताय ऩय सखन क मरए कऩड़ परा यख थ |
फारयश होन क कायण उस ताय भ कयॊट आ गमा था | भया छोटा ऩतर ववशार जो कक ११ वीॊ का भ ऩढ़ता ह आकय उस ताय स छ गमा औय बफजरी का कयॊट रगत ही वह फहोश हो गमा शव क सभान हो गमा | हभन उस तयॊत फड़ असऩतार भ दाणखर कयवामा | डॉकटय न फचि की हारत गॊबीय फतामी | ऐसी ऩरयजसथनत दखकय भयी आॉखो स अशरधायाएॉ फह ननकरी | भ ननजानॊद की भसती भ भसत यहन वार ऩजम सदगरदव को भन-ही-भन माद ककमा औय पराथगना कक ह गरदव अफ तो इस फचि का जीवन आऩक ही हाथो भ ह | ह भय परब आऩ जो िाह सो कय सकत ह | औय आणखय भयी पराथगना सपर हई | फचि भ एक नवीन ितना का सॊिाय हआ एवॊ धीय-धीय फचि क सवासम भ
सधाय होन रगा | कछ ही टदनो भ वह ऩणगत सवसथ हो गमा | डॉकटय न तो उऩिाय ककमा रककन जो जीवनदान उस पमाय परब की कऩा स सदगरदव की कऩा स मभरा उसका वणगन कयन क मरए भय ऩास शबद नहीॊ ह | फस ईशवय स भ मही पराथगना कयता हॉ कक ऐस बरहमननषठ सॊत-भहाऩरषो क परनत हभायी शरदधा भ ववदध होती यह | -
डॉ वाम ऩी कारया शाभरदास कॉरज बावनगय गजयात
ऩजम फाऩ जस सॊत दननमा को सवगग भ फदर सकत ह
भई १९९८ क अॊनतभ टदनो भ ऩजमशरी क इॊदौय परवास क दौयान ईयान क ववखमात कफ़जजमशमन शरी फफाक अगरानी बायत भ अधमाजतभक अनबवो की परानि आम हए थ |
ऩजमशरी क दशगन ऩाकय जफ उनहोन अधमाजतभक अनबवो को परीबत होत दखा तो व ऩॊिड़ आशरभ भ आमोजजत धमानमोग मशववय भ बी ऩहॉि गम | शरी अगरानी जो दो टदन रककय वाऩस रौटन वार थ व ऩय गमायह टदन तक ऩॊिड़ आशरभ भ रक यह | उनहोन ववधाथी मशववय भ सायसवतम भॊतर की दीा री एवॊ ववमशषट धमानमोग साधना मशववय (४ -१० जन १९९८) का बी राब मरमा | मशववय क दौयान शरी अगरानी न ऩजमशरी स भॊतरदीा बी र री | ऩजमशरी क साजननधम भ सॊपराि अनबनतमो क फाय भ बतरम सभािाय ऩतर ितना को दी हई बटवाताग भ शरी अगरानी कहत ह मटद ऩजम फाऩ जस सॊत हय दश भ हो जाम तो मह दननमा सवगग फन सकती ह | ऐस शाॊनत स फठ ऩाना हभाय मरए कटठन ह रककन जफ ऩजम फाऩजी जस भहाऩरषो क शरीियणो भ फठकय सतसॊग सनत ह तो ऐसा आनॊद आता ह कक सभम का कछ ऩता ही नहीॊ िरता | सिभि ऩजम फाऩ कोई साधायण सॊत नहीॊ ह |
-शरी फफाक अगरानी ववशवववखमात कफ़जजमशमन ईयान
फाऩजी का साजननधम गॊगा क ऩावन परवाह जसा ह
कर-कर कयती इस बागीयथी की धवर धाया क ककनाय ऩय ऩजम फाऩजी क साजननधम भ फठकय भ फड़ा ही आपहाटदत औय परभटदत हॉ आनॊटदत हॉ योभाॊचित हॊ | गॊगा बायत की सषमना नाड़ी ह | गॊगा बायत की सॊजीवनी ह | शरी ववषणजी क ियणो स ननकरकय बरहमाजी क कभॊड़र औय जटाधय क भाथ ऩय शोबामभान गॊगा बतरमोगमसवदधकायक ह |
ववषणजी क ियणो स ननकरी गॊगा बकतकत मोग की परतीनत कयाती ह औय मशवजी क भसतक ऩय जसथत गॊगा ऻान मोग की उचितय बमभका ऩय आरढ़ होन की खफय दती ह |
भझ ऐसा रग यहा ह कक आज फाऩजी क परविनो को सनकय भ गॊगा भ गोता रगा यहा हॉ कमोकक उनका परविन उनका सजननधम गॊगा क ऩावन परवाह जसा ह | व अरभसत फ़कीय ह | व फड़ सयर औय सहज ह | व जजतन ही ऊऩय स सयर ह उतन ही अॊतय भ गढ़ ह | उनभ टहभारम जसी उचिता ऩववतरता शरषठता ह औय सागयतर जसी गॊबीयता ह |
व याषड की अभपम धयोहय ह | उनह दखकय कवष-ऩयमऩया को फोध होता ह | गौतभ कणाद
जमभनी कवऩर दाद भीया कफीय यदास आटद सफ कबी-कबी उनभ टदखत ह |
य बाई कोई सतगर सॊत कहाव
जो ननन अरख रखाव धयती उखाड़ आकाश उखाड़
अधय भड़मा धाव |
शनम मशखय क ऩाय मशरा ऩय आसन अिर जभाव |
य बाई कोई सतगर सॊत कहाव
एक ऐस ऩावन साजननधम भ हभ फठ ह जो फड़ा दरगब औय सहज मोगसवरऩ ह | ऐस भहाऩरषो क मरए ऩॊकतकतमाॉ माद आ यही ह तभ िरो तो िर धयती िर अॊफय िर दननमा ऐस भहाऩरष िरत ह तो उनक मरए समग िॊर ताय गरह नतर आटद सफ अनकर हो जात ह | ऐस इजनरमातीत गणातीत बावातीत शबदातीत औय सफ अवसथाओॊ स ऩय ककनहीॊ भहाऩरषो क शरीियणो भ जफ फठत ह तो बागवत कहता ह
साधनाॊ दशगनॊ रोक सवगमसवदधकयॊ ऩयभ |
साध क दशगन भातर स वविाय ववबनत ववदवता शकतकत सहजता ननववगषमता परसननता मसवदधमाॉ औय आतभानॊद की परानि होती ह | दश क भहान सॊत महाॉ सहज ही आत ह बायत क सबी शॊकयािामग बी मशववय भ आत ह | अत भय भन भ बी वविाय आमा कक जहाॉ सफ जात ह वहाॉ जाना िाटहए कमोकक मही वह ठोय-टठकाना ह जहाॉ भन का अमबभान मभटामा जा सकता ह | ऐस भहाऩरषो क दशगन स कवर आनॊद औय भसती ही नहीॊ मभरती फजपक वह सफ कछ मभर जाता ह जो अमबरावषत ह आकाॊकषत ह रकषत ह | महाॉ भ करणा क
कभगठता क वववक-वयागम क ऻान क दशगन कय यहा हॉ | वयागम औय बकतकत क यण ऩोषण औय सॊवधगन क मरए मह सिकवषमो का उततभ ऻान भाना जाता ह | आज गॊगा कपय स
साकाय टदख यही ह तो व फाऩजी क वविाय औय वाणी भ टदख यही ह | अरभसतता सहजता उचिता शरषठता ऩववतरतता तीथग-सी शचिता मशश-सी सयरता तरणो-सा जोश वदधो-सा गाॊबीमग औय कवषमो जसा ऻानाफोध भझ जहाॉ हो यहा ह वह मह ऩॊडार ह | इस आनॊदनगय कहॉ मा परभनगय करणा का सागय कहॉ मा वविायो का सभनदय रककन इतना जरय कहॉगा कक भय भन का कोन-कोना आपहाटदत हो यहा ह | आऩ रोग फड़बागी ह जो ऐस भहाऩरष क शरीियणो भ फठ ह जहाॉ बागम का टदरवम रवमकतकतततव का ननभागण होता ह | जीवन की कतकतमता जहाॉ पराि हो सकती ह वह मही दय ह |
मभर तभ मभरी भॊजजर मभरा भकसद औय भददा बी |
न मभर तभ तो यह गमा भददा भकसद औय भॊजजर बी ||
आऩका मह बावयाजम औय परभयाजम दखकय भ िककत बी हॉ औय आनॊद का अनबव बी कय यहा हॉ | आऩक परनत भया ववशवास औय अटट ननषठा फढ़ इस हत भया नभन सवीकाय कय | भझ ऐसा रगता ह कक फाऩजी समग ह औय नायामण सवाभी एक ऐस दीऩ ह जो न फझ सकत ह न जराम जात ह |
-सवाभी अवधशानॊदजी हरयदवाय
सायसवतम भॊतर स हए अदबत राब
भन १९९८ भ ववधाथी उतथान मशववय सोनीऩत भ ऩजम गरदव स सायसवतम भॊतर की दीा री | दीा क फाद ननममभत भॊतरजऩ कयन स भ इतना कशागर फवदधवारा एवॊ सवावरॊफी हो गमा कक भन एक भहीन भ ही टमशन छोड़ दी औय सवमॊ खफ भहनत कयन रगा | भ सकर बी ऩदर आन-जान रगा जजसस भन सकर फस का ककयामा फिा मरमा |
भॊतर जाऩ क परबाव स भझ ९ वीॊ १० वीॊ ११ वीॊ की ऩयीाओॊ भ परथभ सथान पराि हआ |
१२ वीॊ की ऩयीा क सभम भया सवासम खयाफ होन क कायण भ जऩ ठीक स नहीॊ कय सका कपय बी ७९ परनतशत अॊको स ऩास हआ | उसक फाद इॊजजननमरयॊग की ऩरया भ बी उततीणग यहा |
-करदीऩ कभाय डी-२३४ वसट ववनोद नगय टदपरी
भ टदसमफय १९९९ भ छततीसगढ़ क बाटाऩाया भ ऩजम गरदव स सायसवतम भॊतर की दीा
री | ततऩशचात भ ननममभत रऩ स जऩ-धमान- पराणामाभ कयता था जजसस भझ फहत राब हआ | ऩजम फऩजी की कऩा औय सायसवतम भॊतर जाऩ क परबाव स भझ १२ वीॊ की फोड़ग की ऩरया भ ८४६ परनतशत अॊक मभर |
-ववयनर कभाय कौमशक
डोगयगाॉव जज याजनाॊदगाॉव (छग)
बौनतक मग क अॊधकाय भ ऻान की जमोनत ऩजम फाऩ
भादक ननमॊतरण बमयो बायत सयकाय क भहाननदशक शरी एिऩी कभाय ९ भई को अभदावाद आशरभ भ सतसॊग-कामगकरभ क दौयान ऩजम फाऩ स आशीवागद रन ऩहॉि | फड़ी ववनमरता एवॊ शरदधा क साथ उनहोन ऩजम फाऩ क परनत अऩन उदगाय भ कहा जजस रवमकतकत क ऩास वववक नहीॊ ह वह अऩन रकषम तक नहीॊ ऩहॉि सकता ह औय वववक को पराि कयन का साधन ऩजम आसायाभजी फाऩ जस भहान सॊतो का सतसॊग ह | ऩजम फाऩ स भया परथभ ऩरयिम टीवी क भाधमभ स हआ | ततऩशचात भझ आशरभ दवाय परकामशत कवष परसाद भामसक पराि हआ | उस सभम भझ रगा कक एक ओय जहाॉ इस बौनतक मग क अॊधकाय भ भानव बटक यहा ह वहीॊ दसयी ओय शाॊनत की भॊद-भॊद सगॊचधत वाम बी िर यही ह | मह ऩजम फाऩ क सतसॊग का ही परबाव ह | ऩजमशरी क दशगन कयन का जो सौबागम भझ पराि हआ ह इसस भ अऩन को कतकतम भानता हॉ | ऩजम फाऩ क शरीभख स जो अभत वषाग होती ह तथा इनक सतसॊग स कयोड़ो रदमो भ जो जमोनत जगती ह व इसी परकाय स जगती यह औय आन वार रॊफ सभम तक ऩजमशरी हभ सफ का भागगदशगन कयत यह मही भयी काभना ह | ऩजम फाऩ क शरीियणो भ भय परणाभ
-शरी एिऩी कभाय भहाननदशक भादक ननमॊतरण बमयो बायत सयकाय
गरकऩा ऐसी हई कक अॉधय तो कमा दय बी नहीॊ हई
ऩयभ कऩार फाऩजी क शरीियणो भ भय कोटट-कोटट वॊदन भ एक इसभाइरी खवाजा हॉ तथा अऩन धभग भ अकतडग हॉ | िाय वषग ऩवग कछ रोगो दवाया एक सननमोजजत मोजना फनाकय भझ जफयदसती भडगय कस का आयोऩी फना टदमा गमा था | इसस भझ कहीॊ शाॊनत नहीॊ मभर यही थी | २८ पयवयी १९९७ को भझ नागऩय भ आमोजजत फाऩजी क सतसॊग भ जान की परयणा मभरी औय ४ भािग १९९७ को भन फाऩजी स भॊतरदीा री | भ उनस भन-
ही-भन ववनती की कक ह गरदव भझ फिा रो | गरकऩा ऐसी हई कक ७ जनवयी १९९८ को भझ अदारत न ऩाक-साप फयी कय टदमा फाकी छ आयोवऩमो को सजा हई | धनम ह ऐस भय सदगर उनक शरीियणो भ भय कोटट-कोटट वनदन
-यहभान खान ननशान छाफड़ी (बफछआ) जज नछनदवाड़ा (भपर)
भजसरभ भटहरा को पराणदान
२७ मसतमफय २००० को जमऩय भ भय ननवास ऩय ऩजम फाऩ का आतभ-साातकाय टदवस
भनामा गमा जजसभ भय ऩड़ोस की भजसरभ भटहरा नाथी फहन क ऩनत शरी भाॉग खाॉ न बी ऩजम फाऩ की आयती की औय ियणाभत मरमा | ३-४ टदन फाद ही व भजसरभ दॊऩनत खवाजा साटहफ क उसग भ अजभय िर गम | टदनाॊक ४ अकटफय २००० को अजभय क उसग भ असाभाजजक ततवो न परसाद भ जहय फाॉट टदमा जजसस उसग भर भ आम कई दशगनाथी असवसथ हो गम औय कई भय बी गम | भय ऩड़ोस की नाथी फहन न बी वह परसाद खामा औय थोड़ी दय भ ही वह फहोश हो गमी | अजभय भ उसका उऩिाय ककमा गमा ककॊ त उस होश न आमा | दसय टदन ही उसका ऩनत उस अऩन घय र आमा | कॉरोनी क सबी ननवासी उसकी हारत दखकय कह यह थ कक अफ इसका फिना भजशकर ह | भ बी उस दखन गमा | वह फहोश ऩड़ी थी | भ जोय-जोय स हरय ॐ हरय ॐ का उचिायण ककमा तो वह थोड़ा टहरन रगी | भझ परयणा हई औय भ ऩन घय गमा | ऩजम फाऩ स पराथगना की | ३-४ घॊट फाद ही वह भटहरा ऐस उठकय खड़ी हो गमी भानो सोकय उठी हो | उस भटहरा न फतामा कक भय िािा ससय ऩीय ह औय उनहोन भय ऩनत क भॉह स फोरकय फतामा कक तभन २७ मसतमफय २००० को जजनक सतसॊग भ ऩानी वऩमा था उनहीॊ सपद दाढ़ीवार फाफा न तमह फिामा ह कसी करणा ह गरदव की
-जएर ऩयोटहत
८७ सपतान नगय जमऩय (याज)
उस भटहरा का ऩता ह -शरीभती नाथी
ऩतनी शरी भाॉग खाॉ १०० सपतान नगय गजगय की धड़ी नम साॊगानय योड़
जमऩय (याज)
हरयनाभ की पमारी न छड़ामी शयाफ की फोतर
सौबागमवश गत २६ टदसमफय १९९८ को ऩजमशरी क १६ मशषमो की एक टोरी टदपरी स हभाय गाॉव भ हरयनाभ का परिाय-परसाय कयन ऩहॉिी | भ फिऩन स ही भटदयाऩान धमरऩान व मशकाय कयन का शौकीन था | ऩजम फाऩ क मशषमो दवाया हभाय गाॉव भ जगह-जगह ऩय तीन टदन तक रगाताय हरयनाभ का कीतगन कयन स भझ बी हरयनाभ का यॊग रगता जा यहा था | उनक जान क एक टदन क ऩशचात शाभ क सभम योज की बाॊनत भन शयाफ की फोतर ननकारी | जस ही फोतर खोरन क मरए ढककन घभामा तो उस ढककन क घभन स भझ हरय ॐ हरय ॐ की धवनन सनामी दी | इस परकाय भन दो-तीन फाय ढककन घभामा औय हय फाय भझ हरय ॐ की धवनन सनामी दी | कछ दय फाद भ उठा तथा ऩजमशरी क एक मशषम क घय गमा | उनहोन थोड़ी दय भझ ऩजमशरी की अभतवाणी सनामी | अभतवाणी सनन क फाद भया रदम ऩकायन रगा कक इन दरवमगसनो को तमाग दॉ | भन तयॊत फोतर उठामी तथा जोय-स दय खत भ प क दी | ऐस सभथग व ऩयभ कऩार सदगरदव को भ रदम स परणाभ कयता हॉ जजनकी कऩा स मह अनोखी घटना भय जीवन भ घटी जजसस भया जीवन ऩरयवनतगत हआ |
-भोहन मसॊह बफषट
मबखमासन अपभोड़ा (उपर)
ऩय गाॉव की कामाऩरट
ऩजमशरी स टदनाॊक २७६९१ को दीा रन क फाद भन रवमवसनभकतकत क परिाय-परसाय का रकषम फना मरमा | भ एक फाय कौशरऩय (जज शाजाऩय) ऩहॉिा | वहाॉ क रोगो क रवमवसनी औय रड़ाई-झगड़ मकत जीवन को दखकय भन कहा आऩ रोग भनषम-जीवन सही अथग ही नहीॊ सभझत ह | एक फाय आऩ रोग ऩजम फाऩजी क दशगन कय र तो आऩको सही जीवन जीन की कॊ जी मभर जामगी | गाॉव वारो न भयी फात भान री औय दस रवमकतकत भय गाॉव ताजऩय आम | भन एक साधक को उनक साथ जनभाषटभी भहोतसव भ सयत बजा | ऩजम फाऩजी की उन ऩय कऩा फयसी औय सफको गरदीा मभर गमी | जफ व रोग अऩन गाॉव ऩहॉि तो सबी गाॉववामसमो को फड़ा कौतहर था कक ऩजम फाऩजी कस ह फाऩजी की रीराएॉ सनकय गाॉव क अनम रोगो भ बी ऩजम फाऩजी क परनत शरदधा जगी | उन दीकषत साधको न सबी गाॉववारो को सववधानसाय ऩजम फाऩजी क अरग-अरग आशरभो भ
बजकय दीा टदरवा दी | गाॉव क सबी रवमकतकत अऩन ऩय ऩरयवाय सटहत दीकषत हो िक ह | परतमक गरवाय को ऩय गाॉव भ एक सभम बोजन फनता ह | सबी रोग गरवाय का वरत यखत ह | कौशरऩय गाॉव क परबाव स आस-ऩास क गाॉववार एवॊ उनक रयशतदायो सटहत १००० रवमकतकतमो शयाफ छोड़कय दीा र री ह | गाॉव क इनतहास भ तीन-तीन ऩीढ़ी स कोई भॊटदय नहीॊ था | गाॉववारो न ५ राख रऩम रगाकय दो भॊटदय फनवाम ह | ऩया गाॉव रवमवसनभकत एवॊ बगवतबकत फन गमा ह मह ऩजम फाऩजी की कऩा नहीॊ तो औय कमा ह सफक तायणहाय ऩजम फाऩजी क शरीियणो भ कोटट-कोटट परणाभ
-शमाभ परजाऩनत (सऩयवाइजय नतरहन सॊघ) ताजऩय उजजन (भपर)
नतरबफ ॊद का िभतकाय
भया सौबागम ह कक भझ सॊतकऩा नतरबफॊद (आई डरॉपस) का िभतकाय दखन को मभरा |
एक सॊत फाफा मशवयाभदास उमर ८० वषग गीता कटटय तऩोवन झाड़ी सिसयोवय हरयदवाय भ यहत ह | उनकी दाटहनी आॉख क सपद भोनतम का ऑऩयशन शाॉनतकॊ ज हरयदवाय आमोजजत कमऩ भ हआ | कस बफगड़ गमा औय कार भोनतमा फन गमा | ददग यहन रगा औय योशनी घटन रगी | दोफाया बभाननद नतर चिककतसारम भ ऑऩयशन हआ | एबसपमट गरकोभा फतात हए कहा कक ऑऩयशन स मसयददग ठीक हो जामगा ऩय योशनी जाती यहगी | ऩयॊत अफ व फाफा सॊत शरी आसायाभजी आशरभ दवाय ननमभगत सॊतकऩा नतरबफॊद सफह-शाभ डार यह ह | भन उनक नतरो का ऩयीण ककमा | उनकी दाटहनी आॉख भ उॉगरी चगनन रामक योशनी वाऩस आ गमी ह | कार भोनतम का परशय नॉभगर ह | कोननगमा भ सजन नहीॊ ह | व कापी सॊतषट ह | व फतात ह आॉख ऩहर रार यहती थी ऩयॊत अफ नहीॊ ह | आशरभ क नतरबफॊद स कपऩनातीत राब हआ | फामीॊ आॉख भ बी उनह सपद भोनतमा फतामा गमा था औय सॊशम था कक शामद कारा भोनतमा बी ह | ऩय आज फामीॊ आॉख बी ठीक ह औय दोनो आॉखो का परशय बी नॉभगर ह | सपद भोनतमा नहीॊ ह औय योशनी कापी अचछी ह |
मह सॊतकऩा नतरफॊद का ववरण परबाव दखकय भ बी अऩन भयीजो को इसका उऩमोग कयन की सराह दॉगा |
-डॉ अननत कभाय अगरवार (नतरयोग ववशषऻ)
एभफीफीएस एभएस (नतर) डीओएभएस (आई) सीताऩय सहायनऩय (उपर)
ऩजमशरी की तसवीय स मभरी परयणा
सवगसभथग ऩयभ ऩजम शरी फाऩजी क ियणकभरो भ भया कोटट-कोटट नभन १९८४ क बकॊ ऩ स समऩणग उततय बफहाय भ कापी नकसान हआ था जजसकी िऩट भ हभाया घय बी था | ऩरयजसथनतवश भझ नौवी का भ ऩढ़ामी छोड़ दनी ऩड़ी | ककसी मभतर की सराह स भ नौकयी ढॉढ़न क मरए टदपरी गमा रककन वहाॉ बी ननयाशा ही हाथ रगी | भ दो टदन स बखा तो था ही ऊऩय स नौकयी की चिॊता | अत आतभहतमा का वविाय कयक यरव सटशन की ओय िर ऩड़ा | यानीफाग फाजाय भ एक दकान ऩय ऩजमशरी का सतसाटहतम
कसट आटद यखा हआ था एवॊ ऩजमशरी की फड़ आकाय की तसवीय बी टॉगी थी | ऩजमशरी की हॉसभख एवॊ आशीवागद की भरावारी उस तसवीय ऩय भयी नजय ऩड़ी तो १० मभनट तक भ वहीॊ सड़क ऩय स ही खड़-खड़ उस दखता यहा | उस वकत न जान भझ कमा मभर गमा भ काभ बर भजदयी का ही कयता हॉ रककन तफस रकय आज तक भय चितत भ फड़ी परसननता फनी हई ह | न जान भयी जजनदगी की कमा दशा होती अगय ऩजम फाऩजी की मवाधन सया ईशवय की ओय ननजशचनत जीवन ऩसतक औय कवष परसाद ऩबतरका हाथ न रगती ऩजमशरी की तसवीय स मभरी परयणा एवॊ उनक सतसाटहतम न भयी डफती नमा को भानो भझदाय स फिा मरमा | धनबागी ह साटहतम की सवा कयन वार जजनहोन भझ आतभहतमा क ऩाऩ स फिामा |
-भहश शाह
नायामणऩय दभया जज सीताभढ़ी (बफहाय)
भॊतर स राब
भयी भाॉ की हारत अिानक ऩागर जसी हो गमी थी भानो कोई बत-परत-डाककनी मा आसयी ततव उनभ घस गमा | भ फहत चिॊनतत हो गमा एवॊ एक साचधका फहन को पोन ककमा | उनहोन बत-परत बगान का भॊतर फतामा जजसका वणगन आशरभ स परकामशत आयोगमननचध ऩसतक भ बी ह | वह भॊतर इस परकाय ह
ॐ नभो बगवत रर बयवाम बतपरत म कर कर हॊ पट सवाहा |
इस भॊतर का ऩानी भ ननहायकय १०८ फाय जऩ ककमा औय वही ऩानी भाॉ को वऩरा टदमा |
तयॊत ही भाॉ शाॊनत स सो गमीॊ | दसय टदन बी इस भॊतर की ऩाॉि भारा कयक भाॉ को वह जर वऩरामा तो भाॉ बफपकर ठीक हो गमीॊ | ह भय साधक बाई-फहनो बत-परत बगान क
मरए अरा फाॉधॉ फरा फाॉधॉ ऐसा कयक झाड़-फ़ॉ क कयनवारो क िककय भ ऩड़न की जरयत नहीॊ ह | इसक मरए तो ऩजम फाऩजी का भॊतर ही तायणहाय ह | ऩजम फाऩजी क शरीियणो भ कोटट-कोटट परणाभ
-िॊऩकबाई एन ऩटर (अभरयका)
काभ करोध ऩय ववजम ऩामी
एक टदन भॊफई भर भ टटकट िककॊ ग कयत हए भ वातानकमरत फोगी भ ऩहॉिा | दखा तो भखभर की गददी ऩय टाट का आसन बफछाकय सवाभी शरी रीराशाहजी भहायाज सभाचधसथ ह | भझ आशचमग हआ कक जजन परथभ शरणी की वातानकमरत फोचगमो भ याजा-भहायाजा मातरा कयत ह ऐसी फोगी औय तीसयी शरणी की फोगी क फीि इन सॊत को कोई बद नहीॊ रगता | ऐसी फोचगमो भ बी व सभाचधसथ होत ह मह दखकय मसय झक जाता ह | भन ऩजम भहायाजशरी को परणाभ कयक कहा आऩ जस सॊतो क मरए तो सफ एक सभान ह |
हय हार भ एकयस यहकय आऩ भकतकत का आनॊद र सकत ह | रककन हभाय जस गरहसथो को कमा कयना िाटहए ताकक हभ बी आऩ जसी सभता फनाम यखकय जीवन जी सक
ऩजम भहायाजजी न कहा काभ औय करोध को त छोड़ द तो त बी जीवनभकत हो सकता ह | जहाॉ याभ तहॉ नहीॊ काभ जहाॉ काभ तहॉ नहीॊ याभ | औय करोध तो बाई बसभासय ह | वह तभाभ ऩणम को जराकय बसभ कय दता ह अॊतकयण को भमरन कय दता ह | भन कहा परब अगय आऩकी कऩा होगी तो भ काभ-करोध को छोड़ ऩाऊॉ गा | ऩजम भहायाजजी न कहा बाई कऩा ऐस थोड़ ही की जाती ह सॊतकऩा क साथ तया ऩरषाथग औय दढ़ता बी िाटहए | ऩहर त परनतऻा कय कक त जीवनऩमगनत काभ औय करोध स दय यहगा तो भ तझ आशीवागद दॉ | भन कहा भहायाजजी भ जीवनबय क मरए परनतऻा तो करॉ रककन उसका ऩारन न कय ऩाऊॉ तो झठा भाना जाऊॉ गा | ऩजम भहायाजजी न कहा अचछा ऩहर त भय सभ आठ टदन क मरए परनतऻा कय | कपय परनतऻा को एक-एक टदन फढ़त जाना | इस परकाय त उन फराओॊ स फि सकगा | ह कफर भन हाथ जोड़कय कफर ककमा | ऩजम भहायाजजी न आशीवागद दकय दो-िाय पर परसाद भ टदम | ऩजम भहायाजजी न भयी जो दो कभजोरयमाॉ थीॊ उन ऩय ही सीधा हभरा ककमा था | भझ आशचमग हआ कक अनम कोई बी दगगण छोड़न का न कहकय इन दो दगगणो क मरए ही उनहोन परनतऻा कमो कयवामी फाद भ भ इस याज स अवगत हआ |
दसय टदन भ ऩसनजय टरन भ कानऩय स आग जा यहा था | सफह क कयीफ नौ फज थ |
तीसयी शरणी की फोगी भ जाकय भन माबतरमो क टटकट जाॉिन का कामग शर ककमा | सफस
ऩहर फथग ऩय सोम हए एक मातरी क ऩास जाकय भन एक मातरी क ऩास जाकय भन टटकट टदखान को कहा तो वह गससा होकय भझ कहन रगा अॊधा ह दखता नहीॊ कक भ सो गमा हॉ भझ नीॊद स जगान का तझ कमा अचधकाय ह मह कोई यीत ह टटकट क फाय भ ऩछन की ऐसी ही अकर ह तयी ऐसा कछ-का-कछ वह फोरता ही गमा फोरता ही गमा | भ बी करोधाववषट होन रगा ककॊ त ऩजम भहायाजजी क सभ री हई परनतऻा भझ माद थी अत करोध को ऐस ऩी गमा भानो ववष की ऩकतड़मा भन उस कहा भहाशम आऩ ठीक ही कहत ह कक भझ फोरन की अकर नहीॊ ह बान नहीॊ ह | दखो भय म फार धऩ भ सपद हो गम ह | आऩभ फोरन की अकर अचधक ह नमरता ह तो कऩा कयक मसखाओॊ कक टटकट क मरए भझ ककस परकाय आऩस ऩछना िाटहए | भ रािाय हॉ कक डमटी क कायण भझ टटकट िक कयना ऩड़ यहा ह इसमरए भ आऩको कषट द यहा हॉ|
औय कफ़य भन खफ परभ स हाथ जोड़कय ववनती की बमा कऩा कयक कषट क मरए भझ भा कयो | भझ अऩना टटकट टदखामग भयी नमरता दखकय वह रजजजत हो गमा एवॊ तयॊत उठ फठा | जपदी-जपदी नीि उतयकय भझस भा भाॉगत हए कहन रगा भझ भाप कयना | भ नीॊद भ था | भन आऩको ऩहिाना नहीॊ था | अफ आऩ अऩन भॉह स भझ कह कक आऩन भझ भाफ़ ककमा मह दखकय भझ आनॊद औय सॊतोष हआ | भ सोिन रगा कक सॊतो की आऻा भानन भ ककतनी शकतकत औय टहत ननटहत ह सॊतो की करणा कसा िभतकारयक ऩरयणाभ राती ह वह रवमकतकत क पराकनतक सवबाव को बी जड़-भर स फदर सकती ह | अनमथा भझभ करोध को ननमॊतरण भ यखन की कोई शकतकत नहीॊ थी | भ ऩणगतमा असहाम था कपय बी भझ भहायाजजी की कऩा न ही सभथग फनामा | ऐस सॊतो क शरीियणो भ कोटट-कोटट नभसकाय
-शरी यीजभर
रयटामडग टीटी आई कानऩय
अनम अनबव
जरा हआ कागज
ऩवग रऩ भ एक फाय ऩयभहॊस ववशदधानॊदजी स आनॊदभमी भाॉ की ननकटता ऩानवार सपरमसदध ऩॊकतडत गोऩीनाथ कववयाज न ननवदन ककमा तयणीकानत ठाकय को अरौककक मसवदध पराि हई ह | व बफना दख मा बफना छए ही कागज भ मरखी हई फात ऩढ़ रत ह |
गरदव फोर तभ एक कागज ऩय कछ मरखो औय उसभ आग रगाकय जरा दो |
कववयाजजी न कागज ऩय कछ मरखा औय ऩयी तयह कागज जराकय हवा भ उड़ा टदमा |
उसक फाद गरदव न अऩन तककम क नीि स वही कागज ननकारकय कववयाजजी क आग यख टदमा | मह दखकय उनह फड़ा आशचमग हआ कक मह कागज वही था एवॊ जो उनहोन मरखा था वह बी उस ऩय उनहीॊ क सरख भ मरखा था औय साथ ही उसका उततय बी मरखा हआ दखा | जड़ता ऩशता औय ईशवयता का भर हभाया शयीय ह | जड़ शयीय को भ-भया भानन की ववतत जजतनी मभटती ह ऩाशवी वासनाओॊ की गराभी उतनी हटती ह औय हभाया ईशवयीम अॊश जजतना अचधक ववकमसत होता ह उतना ही मोग-साभमग ईशवयीम साभमग परकट होता ह | बायत क ऐस कई बकतो सॊतो औय मोचगमो क जीवन भ ईशवयीम साभमग दखा गमा ह अनबव ककमा गमा ह उसक ववषम भ सना गमा ह | धनम ह बायतबमभ भ यहनवार बायतीम सॊसकनत भ शरदधा-ववशवास यखनवार अऩन ईशवयीम अॊश को जगान की सवा-साधना कयनवार सवाभी ववशदधानॊदजी वषो की एकाॊत साधना औय वषो-वषो की गरसवा स अऩना दहाधमास औय ऩाशवी वासनाएॉ मभटाकय अऩन ईशवयीम
अॊश को ववकमसत कयनवार बायत क अनक भहाऩरषो भ स थ | उनक जीवन की औय बी अरौककक घटनाओॊ का वणगन आता ह | ऐस सतऩरषो क जीवन-िरयतर औय उनक जीवन भ घटटत घटनाएॉ ऩढ़न-सनन स हभ रोग बी अऩनी जड़ता एवॊ ऩशता स ऊऩय उठकय ईशवयीम अॊश को उबायन भ उतसाटहत होत ह | फहत ऊॉ िा काभ ह फड़ी शरदधा फड़ी सभझ फड़ा धमग िाटहए ईशवयीम साभमग को ऩणग रऩ स ववकमसत कयन भ | अफ आओ
िर आदय शॊकयािामग की ओय
नदी की धाया भड़ गमी
आदय शॊकयािामग की भाता ववमशषटा दवी अऩन करदवता कशव की ऩजा कयन जाती थीॊ | व ऩहर नदी भ सनान कयतीॊ औय कफ़य भॊटदय भ जाकय ऩजन कयतीॊ | एक टदन व परातकार ही ऩजन-साभगरी रकय भॊटदय की ओय गमीॊ ककॊ त सामॊकार तक घय नहीॊ रौटीॊ | शॊकयािामग की आम अबी सात-आठ वषग क भधम भ ही थी | व ईशवय क ऩयभ बकत औय ननषठावान थ | सामॊकार तक भाता क वाऩस न रौटन ऩय आिामग को फड़ी चिनता हई औय व उनह खोजन क मरए ननकर ऩड़ | भॊटदय क ननकट ऩहॉिकय उनहोन भाता को भागग भ ही भजचछगत ऩड़ दखा | उनहोन फहत दय तक भाता का उऩिाय ककमा तफ व होश भ आ सकीॊ |
नदी अचधक दय थी | वहाॉ तक ऩहॉिन भ भाता को फड़ा कषट होता था | आिामग न बगवान स भन-ही-भन पराथगना की कक परबो ककसी परकाय नदी की धाया को भोड़ दो जजसस कक
भाता ननकट ही सनान कय सक | व इस परकाय की पराथगना ननतम कयन रग | एक टदन उनहोन दखा कक नदी की धाया ककनाय की धयती को काटती-काटती भड़न रगी ह तथा कछ टदनो भ ही वह आिामग शॊकय क घय क ऩास फहन रगी | इस घटना न आिामग का अरौककक शकतकतसमऩनन होना परमसदध कय टदमा |
सकषभ शयीय स िोय का ऩीछा ककमा
हरयहय फाफा की फड़ी परमसवदध थी | एक फाय व हयऩारऩय सटशन ऩय थ | वहाॉ क सटशन भासटय न उनको एक िोय सऩदग ककमा | िोय न फाफा स कहा भहायाज भझ इतनी छटटी द दीजजम कक भ अऩन फार-फचिो का परफॊध कय आऊॉ | फाफा गाड़ी आन ऩय रौट आना | िोय िरा गमा | सटशन भासटय को ऩता िरा तो वह फाफा ऩय गभग हआ औय फोरा उसक फदर तमह जर की हवा खानी होगी | तभन जान-फझकय उस बगा टदमा ह | फाफा घफयाओ भत गाड़ी आन स ऩहर ही वह रौट आमगा | िोय की नीमत ठीक नहीॊ थी | वह जॊगर क भागग स अऻात सथान को बाग जाना िाहता था ककॊ त उस हय सभम मही परतीत होता यहा कक हरयहय फाफा डॊडा पटकायत हए उसक ऩीछ-ऩीछ िर आ यह ह | इसीमरए वह गाड़ी आन स ऩहर ही रौट आमा |
भॊगरी फाधा-ननवायण भॊतर
अॊ याॊ अॊ
इस भॊतर को १०८ फाय जऩन स करोध दय होता ह | जनभकनडरी भ भॊगरी मोग होन स जजनक वववाह न हो यह हो व २७ भॊगरवाय इस भॊतर का १०८ फाय जऩ कयत हए वरत यखकय हनभानजी ऩय मसॊदय का िोरा िढ़ाम | इसस भॊगर-फाधा का म होता ह |
सखऩवगक परसवकायक भॊतर
ऩहरा उऩाम
एॊ हीॊ बगवनत बगभामरनन िर िर भराभम भराभम ऩषऩॊ ववकासम ववकासम सवाहा |
इस भॊतर दवाया अमबभॊबतरत दध गमबगणी सतरी को वऩराम तो सखऩवगक परसव होगा |
दसया उऩाम
गमबगणी सतरी सवमॊ परसव क सभम जमबरा-जमबरा जऩ कय |
तीसया उऩाम
दशी गाम क गोफय का १२ स १५ मभरी यस ॐ नभो नायामणाम भॊतर का २१ फाय जऩ कयक ऩीन स बी परसव-फाधाएॉ दय होगी औय बफना ऑऩयशन क परसव होगा |
परसनत क सभम अभॊगर की आशॊका हो तो ननमन भॊतर का जऩ कय
सवगभॊगर भाॊगपम मशव सवागथग साचधक |
शयणम तरममफक गौयी नायामणी नभोSसतत ||
(दगागसिशती)
शकतकतशारी व गोय ऩतर की परानि क मरए
सगबागवसथा भ ढाक (ऩराश खाखया) का एक कोभर ऩतता घोटकय गौ-दगध क साथ योज सवन कयन स फारक शकतकतशारी औय गोया होता ह | भाता-वऩता बर कार-करट हो कपय बी फारक गोया होगा |
सदगर-भटहभा
गर बफन बव ननचध तय न कोई |
जौ फयॊचि सॊकय सभ होई ||
-सॊत तरसीदासजी
हरयहय आटदक जगत भ ऩजमदव जो कोम |
सदगर की ऩजा ककम सफकी ऩजा होम ||
-ननशचरदासजी भहायाज
सहजो कायज सॊसाय को गर बफन होत नाॉही |
हरय तो गर बफन कमा मभर सभझ र भन भाॉही ||
-सॊत कफीयजी सॊत
सयनन जो जन ऩय सो जन उधयनहाय | सॊत की ननॊदा नानका फहरय फहरय अवताय ||
-गर नानक दवजी
गरसवा सफ बागमो की जनभबमभ ह औय वह शोकाकर रोगो को बरहमभम कय दती ह |
गररऩी समग अववदयारऩी याबतर का नाश कयता ह औय ऻानाऻान रऩी मसतायो का रोऩ कयक फवदधभानो को आतभफोध का सटदन टदखाता ह |
-सॊत ऻानशवय भहायाज
सतम क कॊ टकभम भागग भ आऩको गर क मसवाम औय कोई भागगदशगन नहीॊ द सकता |
- सवाभी मशवानॊद सयसवती
ककतन ही याजा-भहायाजा हो गम औय होग सामजम भकतकत कोई नहीॊ द सकता | सचि याजा-भहायाज तो सॊत ही ह | जो उनकी शयण जाता ह वही सचिा सख औय सामजम भकतकत ऩाता ह |
-सभथग शरी याभदास सवाभी
भनषम िाह ककतना बी जऩ-तऩ कय मभ-ननमभो का ऩारन कय ऩयॊत जफ तक सदगर की कऩादवषट नहीॊ मभरती तफ तक सफ रवमथग ह |
-सवाभी याभतीथग
परटो कहत ह कक सकयात जस गर ऩाकय भ धनम हआ |
इभसगन न अऩन गर थोयो स जो पराि ककमा उसक भटहभागान भ व बावववबोय हो जात थ |
शरी याभकषण ऩयभहॊस ऩणगता का अनबव कयानवार अऩन सदगरदव की परशॊसा कयत नहीॊ अघात थ |
ऩजमऩाद सवाभी शरी रीराशाहजी भहायाज बी अऩन सदगरदव की माद भ सनह क आॉस
फहाकय गदगद कॊ ठ हो जात थ |
ऩजम फाऩजी बी अऩन सदगरदव की माद भ कस हो जात ह मह तो दखत ही फनता ह |
अफ हभ उनकी माद भ कस होत ह मह परशन ह | फटहभगख ननगय रोग कछ बी कह साधक को अऩन सदगर स कमा मभरता ह इस तो साधक ही जानत ह |
रडी भाटटगन क सहाग की या कयन अपगाननसतान भ परकट मशवजी
साध सॊग सॊसाय भ दरगब भनषम शयीय |
सतसॊग सववत ततव ह बतरववध ताऩ की ऩीय ||
भानव-दह मभरना दरगब ह औय मभर बी जाम तो आचधदववक आचधबौनतक औय आधमाजतभक म तीन ताऩ भनषम को तऩात यहत ह | ककॊ त भनषम-दह भ बी ऩववतरता हो सचिाई हो शदधता हो औय साध-सॊग मभर जाम तो म बतरववध ताऩ मभट जात ह |
सन १८७९ की फात ह | बायत भ बबरटटश शासन था उनहीॊ टदनो अॊगरजो न अपगाननसतान ऩय आकरभण कय टदमा | इस मदध का सॊिारन आगय भारवा बबरटटश छावनी क रजफ़टनट कनगर भाटटगन को सौऩा गमा था | कनगर भाटटगन सभम-सभम ऩय मदध-तर स अऩनी ऩतनी को कशरता क सभािाय बजता यहता था | मदध रॊफा िरा औय अफ तो सॊदश आन बी फॊद हो गम | रडी भाटटगन को चिॊता सतान रगी कक कहीॊ कछ अनथग न हो गमा हो अपगानी सननको न भय ऩनत को भाय न डारा हो | कदाचित ऩनत मदध भ शहीद हो गम तो भ जीकय कमा करॉ गी -मह सोिकय वह अनक शॊका-कशॊकाओॊ स नघयी यहती थी |
चिनतातय फनी वह एक टदन घोड़ ऩय फठकय घभन जा यही थी | भागग भ ककसी भॊटदय स आती हई शॊख व भॊतर धवनन न उस आकवषगत ककमा | वह एक ऩड़ स अऩना घोड़ा फाॉधकय भॊटदय भ गमी | फजनाथ भहादव क इस भॊटदय भ मशवऩजन भ ननभगन ऩॊकतडतो स उसन ऩछा आऩ रोग कमा कय यह ह एक वरदध बराहमण न कहा हभ बगवान मशव का ऩजन कय यह ह | रडी भाटटगन मशवऩजन की कमा भहतता ह बराहमण फटी बगवान मशव तो औढयदानी ह बोरनाथ ह | अऩन बकतो क सॊकट-ननवायण कयन भ व तननक बी दय नहीॊ कयत ह | बकत उनक दयफाय भ जो बी भनोकाभना रकय क आता ह उस व शीघर ऩयी कयत ह ककॊ त फटी तभ फहत चिजनतत औय उदास नजय आ यही हो कमा फात ह रडी भाटटगन भय ऩनतदव मदध भ गम ह औय ववगत कई टदनो स उनका कोई
सभािाय नहीॊ आमा ह | व मदध भ पॉ स गम ह मा भाय गम ह कछ ऩता नहीॊ िर यहा | भ उनकी ओय स फहत चिजनतत हॉ | इतना कहत हए रडी भाटटगन की आॉख नभ हो गमीॊ |
बराहमण तभ चिनता भत कयो फटी मशवजी का ऩजन कयो उनस पराथगना कयो रघररी कयवाओ | बगवान मशव तमहाय ऩनत का यण अवशम कयग |
ऩॊकतडतो की सराह ऩय उसन वहाॉ गमायह टदन का ॐ नभ मशवाम भॊतर स रघररी अनषठान परायॊब ककमा तथा परनतटदन बगवान मशव स अऩन ऩनत की या क मरए पराथगना कयन रगी कक ह बगवान मशव ह फजनाथ भहादव मटद भय ऩनत मदध स सकशर रौट आम तो भ आऩका मशखयफॊद भॊटदय फनवाऊॉ गी | रघररी की ऩणागहनत क टदन बागता हआ एक सॊदशवाहक मशवभॊटदय भ आमा औय रडी भाटटगन को एक मरपापा टदमा | उसन घफयात-घफयात वह मरपापा खोरा औय ऩढ़न रगी |
ऩतर भ उसक ऩनत न मरखा था हभ मदध भ यत थ औय तभ तक सॊदश बी बजत यह रककन आक ऩठानी सना न घय मरमा | बबरटटश सना कट भयती औय भ बी भय जाता |
ऐसी ववकट ऩरयजसथनत भ हभ नघय गम थ कक पराण फिाकय बागना बी अतमाचधक कटठन था | इतन भ भन दखा कक मदधबमभ भ बायत क कोई एक मोगी जजनकी फड़ी रमफी जटाएॉ ह हाथ भ तीन नोकवारा एक हचथमाय (बतरशर) इतनी तीवर गनत स घभ यहा था कक ऩठान सननक उनह दखकय बागन रग | उनकी कऩा स घय स हभ ननकरकय ऩठानो ऩय वाय कयन का भौका मभर गमा औय हभायी हाय की घकतड़माॉ अिानक जीत भ फदर गमीॊ | मह सफ बायत क उन फाघामफयधायी एवॊ तीन नोकवारा हचथमाय धायण ककम हए
(बतरशरधायी) मोगी क कायण ही समबव हआ | उनक भहातजसवी रवमकतकततव क परबाव स दखत-ही-दखत अपगाननसतान की ऩठानी सना बाग खड़ी हई औय व ऩयभ मोगी भझ
टहमभत दत हए कहन रग | घफयाओॊ नहीॊ | भ बगवान मशव हॉ तथा तमहायी ऩतनी की ऩजा स परसनन होकय तमहायी या कयन आमा हॉ उसक सहाग की या कयन आमा हॉ |
ऩतर ऩढ़त हए रडी भाटटगन की आॉखो स अववयत अशरधाया फहती जा यही थी उसका रदम अहोबाव स बय गमा औय वह बगवान मशव की परनतभा क समभख मसय यखकय पराथगना कयत-कयत यो ऩड़ी | कछ सिाह फाद उसका ऩनत कनगर भाटटगन आगय छावनी रौटा | ऩतनी न उस सायी फात सनात हए कहा आऩक सॊदश क अबाव भ भ चिजनतत हो उठी थी रककन बराहमणो की सराह स मशवऩजा भ रग गमी औय आऩकी या क मरए बगवान मशव स पराथगना कयन रगी | उन द खबॊजक भहादव न भयी पराथगना सनी औय आऩको सकशर रौटा टदमा | अफ तो ऩनत-ऩतनी दोनो ही ननममभत रऩ स फजनाथ भहादव क भॊटदय भ ऩजा-अिगना कयन रग | अऩनी ऩतनी की इचछा ऩय कनगर भाटटगन भ सन १८८३
भ ऩॊरह हजाय रऩम दकय फजनाथ भहादव भॊटदय का जीणोदवाय कयवामा जजसका मशरारख आज बी आगय भारवा क इस भॊटदय भ रगा ह | ऩय बायतबय भ अॊगरजो दवाय ननमभगत मह एकभातर टहनद भॊटदय ह |
मयोऩ जान स ऩवग रडी भाटटगन न ऩकतड़तो स कहा हभ अऩन घय भ बी बगवान मशव का भॊटदय फनामग तथा इन द ख-ननवायक दव की आजीवन ऩजा कयत यहग |
बगवान मशव भ बगवान कषण भ भाॉ अमफा भ आतभवतता सदगर भ सतता तो एक ही ह | आवशमकता ह अटर ववशवास की | एकररवम न गरभनत ग भ ववशवास कय वह पराि कय मरमा जो अजगन को कटठन रगा | आरणण उऩभनम रव परहराद आटद अनम सकड़ो उदायहण हभाय साभन परतम ह | आज बी इस परकाय का सहमोग हजायो बकतो को साधको को बगवान व आतभवतता सदगरओॊ क दवाया ननयनतय पराि होता यहता ह | आवशमकता ह तो फस कवर ववशवास की |
भहाभतमॊजम भॊतर
ॐ हौ जॉ स |
ॐ बबगव सव |
ॐ तरममफकॊ मजाभह सगॊचध ॊ ऩवषटवधगनभ |
उवागरकमभव फनधनानभतमोभगीम भाभतात |
सव भव ब ॐ |
स जॉ हौ ॐ |
बगवान मशव का मह भहाभतमॊजम जऩन स अकार भतम तो टरती ही ह आयोगमता की बी परानि होती ह | सनान कयत सभम शयीय ऩय रोट स ऩानी डारत वकत इस भॊतर का जऩ कयन स सवासम-राब होता ह | दध भ ननहायत हए इस भॊतर का जाऩ ककमा जाम औय कपय वह दध ऩी मरमा जम तो मौवन की सया भ बी सहामता मभरती ह | आजकर की तज यफ़तायवारी जजनदगी भ कहाॉ आतॊक उऩरव दघगटना हो जाम कहना भजशकर ह | घय स ननकरत सभम एक फाय मह भॊतर जऩनवारा इन उऩदरवो स सयकषत यहता ह औय सयकषत घय रौटता ह | (इस भॊतरानषठान क ववचध-ववधान की ववसतत जानकायी क मरए आशरभ दवाया परकामशत आयोगमननचध ऩसतक ऩढ़ |) शरीभदबागवत क आठव सकॊ ध भ तीसय अधमाम क शलोक १ स ३३ तक भ वणणगत गजनरभो सतोतर का ऩाठ कयन स तभाभ
ववधन दय होत ह |
|
-फारकषण अगरवार
जरगाॊव भहायाषड
सदगर मशषम का साथ कबी नहीॊ छोड़त
एक यात भ दकान स सकटय दवाया अऩन घय जा यहा था | सकटय की कतडककी भ कापी रऩम यख हए थ | जमो ही घय क ऩास ऩहॊिा तो गरी भ तीन फदभाश मभर | उनहोन भझ घय मरमा औय वऩसतौर टदखामी | सकटय रकवाकय भय मसय ऩय तभॊि का फट भाय टदमा औय धकक भाय कय भझ एक तयप चगया टदमा | उनहोन सोिा होगा कक भ अकरा हॊ ऩय मशषम जफ सदगर स भॊतर रता ह शरदधा-ववशवास यखकय उसका जऩ कयता ह तफ सदगर उसका साथ नहीॊ छोड़त | भन सोिा कतडककी भ फहत रऩम ह औय म फदभाश तो सकटय र जा यह ह | भन गरदव स पराथगना की | इतन भ व तीनो फदभाश सकटय छोड़कय थरा र बाग | घय जाकय खोरा होगा तो सबजी औय खारी टटकफ़न दखकय मसय कटा ऩता नहीॊ ऩय फड़ा भजा आमा होगा | भय ऩस फि गमउनका सबजी का खिग फि गमा |
-गोकरिनर गोमर
आगया
गरकऩा स अॊधाऩन दय हआ
भझ गरकोभा हो गमा था | रगबग ऩतीस सार स मह तकरीफ़ थी | कयीफ छ सार तक तो भ अॊधा यहा | कोरकाता िननई आटद सफ जगहो ऩय गमा शॊकय नतरारम भ बी गमा ककनत वहाॊ बी ननयाशा हाथ रगी | कोरकाता क सफस फड़ नतर-ववशषऻ क ऩास गमा | उसन बी भना कय टदमा औय कहा | धयती ऩय ऐसा कोई इनसान नहीॊ जो तमह ठीक कय सक | रककन सयत आशरभ भ भझ गरदव स भॊतर मभरा | वह भॊतर भन खफ शरदधा-ववशवासऩवगक जऩा कमोकक सात बरहमसवरऩ गरदव स वह भॊतर मभरा था | कयीफ छ-सात भहीन ही जऩ हआ था कक भझ थोड़ा-थोड़ा टदखामी दन रगा | डॉकटय कहत थ कक तभको भराॊनत हो गमी ह ऩय भझ तो अफ बी अचछी तयह टदखता ह | एक फाय एक अनम बॊमकय दघगटना स बी गरदव न भझ फिामा था | ऐस गरदव का कण हभ जनभो-जनभो तक नहीॊ िका सकत |
-शॊकयरार भहशवयी
कोरकाता
औय डकत घफयाकय बाग गम
१४ जराई ९९ को कयीफ साढ़ तीन फज भय भकान भ छ डकत घस आम औय उस सभम दबागगम स फाहय का दयवाजा खरा हआ था | दो डकत फाहय भारनत िार यखकय खड़ थ | एक डकत न धकका दकय भयी भाॉ का भॉह फॊद कय टदमा औय अरभायी की िाफी भाॉगन रगा | इस घटना क दौयान भ दकान ऩय था | भयी ऩतनी को बी डकत धभकान रग औय आवाज न कयन को कहा | भयी ऩतनी न ऩजम फाऩजी क चितर क साभन हाथ जोड़कय पराथगना की अफ आऩ ही या कयो इतना ही कहा तो आशचमग आशचमग ऩयभ आशचमग व सफ डकत घफयाकय बागन रग | उनकी हड़फड़ाहट दखकय ऐसा रग यहा था भानो उनह कछ टदखामी नहीॊ द यहा था | व बाग गम | भया ऩरयवाय गरदव का कणी ह |
फाऩजी क आशीवागद स सफ सकशर ह | हभन १५ नवमफय ९८ को वायाणसी भ भॊतरदीा री थी |
-भनोहयरार तरयजा ४ झररार नगय मशवाजी नगय वायाणसी
भॊतर दवाया भतदह भ पराण-सॊिाय
भ शरी मोग वदानत सवा समभनत आभट स जीऩ दवाया यवाना हआ था | ११ जराई १९९४ को भधमानह फायह फज हभायी जीऩ ककसी तकनीकी तरटट क कायण ननमॊतरण स फाहय होकय तीन ऩजपटमाॉ खा गमी | भया ऩया शयीय जीऩ क नीि दफ गमा | ककसी तयह भझ फाहय ननकारा गमा | एक तो दफरा ऩतरा शयीय औय ऊऩय स ऩयी जीऩ का वजन ऊऩय आ जान क कायण भय शयीय क परतमक टहसस भ असहय ददग होन रगा | भझ ऩहर तो कसरयमाजी असऩतार भ दाणखर कयामा गमा | जमो-जमो उऩिाय ककमा गमा कषट फढ़ता ही गमा कमोकक िोट फाहय नहीॊ शयीय क बीतयी टहससो भ रगी थी औय बीतय तक डॉकटयो का कोई उऩिाय काभ नहीॊ कय यहा था | जीऩ क नीि दफन स भया सीना व ऩट ववशष परबाववत हए थ औय हाथ-ऩय भ काॉि क टकड़ घस गम थ | ददग क भाय भझ साॉस रन भ बी तकरीप हो यही थी | ऑकसीजन टदम जान क फाद बी दभ घट यहा था औय भतम की घकतडमाॉ नजदीक टदखामी ऩड़न रगीॊ | भ भयणासनन जसथनत भ ऩहॉि गमा | भया भतम-
परभाणऩतर फनान की तमारयमाॉ कक जान रगीॊ व भझ घय र जान को कहा गमा | इसक ऩवग भया मभतर ऩजम फाऩ स फ़ोन ऩय भयी जसथनत क समफनध भ फात कय िका था |
पराणीभातर क ऩयभ टहतषी दमार सवबाव क सॊत ऩजम फाऩ न उस एक गि भॊतर परदान कयत हए कहा था कक ऩानी भ ननहायत हए इस भॊतर का एक सौ आठ फाय (एक भारा) जऩ कयक वह ऩानी भनोज को एवॊ दघगटना भ घामर अनम रोगो को बी वऩरा दना |
जस ही वह अमबभॊबतरत जर भय भॉह भ डारा गमा भय शयीय भ हरिर होन क साथ ही वभन हआ | इस अदबत िभतकाय स ववजसभत होकय डॉकटयो न भझ तयॊत ही ववशष भशीनो क नीि र जाकय मरटामा | गहन चिककतसकीम ऩयीण क फाद डॉकटयो को ऩता िरा कक जीऩ क नीि दफन स भया ऩया खन कारा ऩड़ गमा था तथा नाड़ी-िारन (ऩपस) रदमगनत व यकत परवाह बी फॊद हो िक थ | भय शयीय का समऩणग यकत फदर टदमा गमा तथा आऩयशन बी हआ | उसक ७२ घॊट फाद भझ होश आमा | फहोशी भ भझ कवर इतना ही माद था की भय बीतय ऩजम फाऩ दवाया परदतत गरभॊतर का जऩ िर यहा ह | होश भ आन ऩय डॉकटयो न ऩछा तभ आऩयशन क सभम फाऩफाऩ ऩकाय यह थ | म फाऩ कौन ह भन फतामा व भय गरदव परात सभयणीम ऩयभ ऩजम सॊत शरी असायाभजी फाऩ ह | डॉकटयो न ऩन भझस परशन ककमा कमा तभ कोई रवमामाभ कयत हो भन कहा भ अऩन गरदव दवाया मसखामी गमी ववचध स आसन व पराणामाभ कयता हॉ | व फोर
इसीमरम तमहाय इस दफर-ऩतर शयीय न मह सफ सहन कय मरमा औय तभ भयकय बी ऩन जजनदा हो उठ दसया कोई होता तो तयॊत घटनासथर ऩय ही उसकी हडकतडमाॉ फाहय ननकर जातीॊ औय वह भय जाता | भय शयीय भ आठ-आठ नमरमाॉ रगी हई थीॊ | ककसीस खन िढ़ यहा था तो ककसी स कबतरभ ऑकसीजन टदमा जा यहा था | मदयवऩ भय शयीय क कछ टहससो भ अबी-बी काॉि क टकड़ भौजद ह रककन गरकऩा स आज भ ऩणग सवसथ
होकय अऩना रवमवसाम व गरसवा दोनो कामग कय यह हॉ | भया जीवन तो गरदव का ही टदमा हआ ह | इन भॊतरदषटा भहवषग न उस टदन भय मभतर को भॊतर न टदमा होता तो भया ऩनजीवन तो समबव नहीॊ था | ऩजम फाऩ भानव-दह भ टदखत हए बी अनत असाधायण भहाऩरष ह | टमरफ़ोन ऩय टदम हए उनक एक भॊतर स ही भय भत शयीय भ ऩन पराणो का सॊिाय हो गमा तो जजन ऩय फाऩ की परतम दवषट ऩड़ती होगी व रोग ककतन बागमशारी होत होग ऐस दमार जीवनदाता सदगर क शरीियणो भ कोटट-कोटट दॊडवत परणाभ
-भनोज कभाय सोनी जमोनत टरसग रकषभी फाजाय आभट याजसथान
सदगरदव की कऩा स नतरजमोनत वाऩस मभरी
भयी दाटहनी आॉख स कभ टदखामी दता था तथा उसभ तकरीफ़ बी थी | धमानमोग मशववय टदपरी भ ऩजम गरदव भवा फाॉट यह थ तफ एक भवा भयी दाटहनी आॉख ऩय आ रगा | आॉख स ऩानी ननकरन रगा | ऩय आशचमग दसय ही टदन स आॉख की तकरीप मभट गमी औय अचछी तयह टदखामी दन रगा |
-याजकरी दवी असनाऩय रारगॊज अजाया जज परताऩगढ़ उततय परदश
फड़दादा की मभटटी व जर स जीवनदान
अगसत ९८ भ भझ भररयमा हआ | उसक फाद ऩीमरमा हो गमा | भय फड़ बाई न आशरभ स परकामशत आयोगमननचध ऩसतक भ स ऩीमरमा का भॊतर ऩढ़कय ऩीमरमा तो उताय टदमा ऩयॊत कछ ही टदनो फाद अॊगरजी दवाओॊ क रयएन स दोनो ककडननमाॉ पर (ननजषकरम) हो गई | भया हाटग (रदम) औय रीवय (मकत) बी पर होन रग | डॉकटयो न तो कह टदमा मह रड़का फि नहीॊ सकता | कपय भझ गोटदमा स नागऩय हॉजसऩटर भ र जामा गमा रककन वहाॉ बी डॉकटयो न जवाफ द टदमा कक अफ कछ नहीॊ हो सकता | भय बाई भझ वहीॊ छोड़कय सयत आशरभ आम वदयजी स मभर औय फड़दादा की ऩरयकरभा कयक पराथगना की तथा वहाॉ की मभटटी औय जर मरमा | ८ तायीख को डॉकटय भयी ककडनी फदरन वार थ |
जफ भय बाई फड़दादा को पराथगना कय यह थ तबी स भझ आयाभ मभरना शर हो गमा था | बाई न ७ तायीख को आकय भझ फड़दादा कक मभटटी रगाई औय जर वऩरामा तो भयी दोनो ककडनीमाॉ सवसथ हो गमी | भझ जीवनदान मभर गमा | अफ भ बफपकर सवसथ हॉ |
-परवीण ऩटर
गोटदमा भहायाषड
ऩजम फाऩ न प का कऩा-परसाद
कछ वषग ऩवग ऩजम फाऩ याजकोट आशरभ भ ऩधाय थ | भझ उन टदनो ननकट स दशगन कयन का सौबागम मभरा | उस सभम भझ छाती भ एनजामना ऩकतटोरयस क कायण ददग यहता था | सतसॊग ऩया होन क फाद कछ रोग ऩजम फाऩ क ऩास एक-एक कयक जा यह थ | भ कछ पर-पर नहीॊ रामा था इसमरए शरदधा क पर मरम फठा था | ऩजम फाऩ
कऩा-परसाद प क यह थ कक इतन भ एक िीक भयी छाती ऩय आ रगा औय छाती का वह ददग हभशा क मरए मभट गमा |
-अयववॊदबाई वसावड़ा याजकोट
एक छोटी थरी फनी अमऩातर
सन १९९२ भ यतराभ (भपर) क ऩास सराना क आटदवासी ववसताय भ बॊडाय का आमोजन था | बॊडाय भ सवाएॉ दन फहत-स साधक आम हए थ | आशरभवासी बाई बी ऩहॉि थ | एक टदन का ही आमोजन था औय सतसॊग-कामगकरभ बी था | उस बॊडाय भ गयीफो क मरए बोजन क अरावा फतगन कऩड़ अनाज औय दकषणा (ऩस) फाॉटन की बी रवमवसथा की गमी थी | भय टहसस ऩस फाॉटन की सवा थी | भन ऩाॉि रऩमोवार सौ-सौ नोटो क ऩिीस फॊडर चगनकय थरी भ यख थ | भझ आदश टदमा गमा था आठ सवाधायी ननमकत कय रो | व रोग ऩाॉि रऩम क नोट फाॉटत जामग | भन आठ सवमॊसवको को ऩहरी फाय आठ फॊडर द टदम | कपय ऩॊरह-फीस मभनट क फाद भन दसयी फाय आठो को एक-एक फॊडर टदमा | कपय तीसयी फाय आठो को एक-एक फॊडर टदमा | कर २४ फॊडर गम | अफ दसयी ऩॊकतकत बोजन क मरए बफठामी गमी | भन आठो सवमॊसवको को ऩहरी की बाॉनत तीन फाय एक-एक फॊडर फाॉटन क मरए टदमा | कर ४८ फॊडर गम | बॊडाया ऩया होन क फाद भन सोिा िरो अफ टहसाफ कय र | भ चगनन फठा | भय ऩास ६ फॊडर फि थ | मह कस
भ दॊग यह गमा भन ऩस फाॉटनवारो स ऩछा तो उनहोन फतामा कक कर ४८ फॊडर फाॉट गम थ | भ आशरभ आमा तो रवमवसथाऩक न कहा भन तो आऩको २५ फॊडर टदम थ |
सफको आशचमग हो यहा था कक फॉट ४८ फॊडर औय रकय िर थ २५ फॊडर | २५ भ स ४८ फॉट औय ६ फि गम गरदव का आशीवागद दणखम कक एक छोटी-सी थरी अम ऩातर फन गमी
-ईशवयबाई नामक
अभदावाद आशरभ
फटी न भनौती भानी औय गरकऩा हई
भयी फटी को शादी ककम आठ सार हो गम थ | ऩहरी फाय जफ वह गबगवती हई तफ फचिा ऩट भ ही भय गमा | दसयी फाय फचिी जनभी ऩय छ भहीन भ वह बी िर फसी |
कपय भयी ऩतनी न फटी स कहा अगय त सॊकपऩ कय कक जफ तीसयी फाय परसती होगी तफ तभ फारक की जीब ऩय फाऩजी क फतान क भताबफक bdquoॐ‟ मरखोगी तो तया फारक जीववत यहगा ऐसा भझ ववशवास ह कमोकक ॐकाय भॊतर भ ऩयभानॊदसवरऩ परब ववयाजभान ह | भयी फटी न इस परकाय भनौती भानी औय सभम ऩाकय वह गबगवती हई | सोनोगराफ़ी कयवामी गमी तो डॉकटयो न फतामा गबग भ फचिी ह औय उसक टदभाग भ ऩानी बया हआ ह | वह जजॊदा नहीॊ यह सकगी | गबगऩात कयवा दो | भयी फटी न अऩनी भाॉ स सराह की | उसकी भाॉ न कहा गबगऩात का भहाऩाऩ नहीॊ कयवाना ह | जो होगा दखा जामगा |
गरदव कऩा कयग | जफ परसती हई तो बफपकर पराकनतक ढ़ॊग स हई औय उस फचिी की जीब ऩय शहद एवॊ मभशरी स ॐ मरखा गमा | आज वह बफपकर ठीक ह | जफ उसकी डॉकटयी जाॉि कयवामी गमी तो डॉकटय आशचमग भ ऩड़ गम सोनोगराफ़ी भ जो फीभारयमाॉ टदख यही थीॊ व कहाॉ िरी गमीॊ टदभाग का ऩानी कहाॉ िरा गमा टहनदजा हॉजसऩटरवार मह करयशभा दखकय दॊग यह गम अफ घय भ जफ कोई दसयी कोई कसट िरती ह तो वह फचिी इशाया कयक कहती ह ॐवारी कसट िराओ | वऩछरी ऩनभ को हभ भॊफई स टाटा सभो भ आ यह थ | फाढ़ क ऩानी क कायण यासता फॊद था | हभ सोि भ ऩड़ गम कक ऩनभ का ननमभ टटगा | हभन गरदव का सभयण ककमा | इतन भ हभाय डराइवय न हभस ऩछा जान दॉ हभन बी गरदव का सभयण कयक कहा जान दो औय हरय हरय ॐ कीतगन की कसट रगा दो | गाड़ी आग िरी | इतना ऩानी कक हभ जहाॉ फठ थ वहाॉ तक ऩानी आ गमा | कपय बी हभ गरदव क ऩास सकशर ऩहॉि गम औय उनक दशगन ककम|
-भयायीरार अगरवार
साॊताकरज भॊफई
औय गरदव की कऩा फयसी
जफस सयत आशरभ की सथाऩना हई तफस भ गरदव क दशगन कयत आ यहा हॉ उनकी अभतवाणी सनता आ यहा हॉ | भझ ऩजमशरी स भॊतरदीा बी मभरी ह | परायबधवश एक टदन भय साथ एक बमॊकय दघगटना घटी | डॉकटय कहत थ आऩका एक हाथ अफ काभ नहीॊ कयगा | भ अऩना भानमसक जऩ भनोफर स कयता यहा | अफ हाथ बफपकर ठीक ह | उसस भ ७० ककगरा वजन उठा सकता हॉ | भयी सभसमा थी कक शादी होन क फाद भझ कोई सॊतान नहीॊ थी | डॉकटय कहत थ कक सॊतान नहीॊ हो सकती | हभ रोगो न गरकऩा एवॊ गरभॊतर का सहाया मरमा धमानमोग मशववय भ आम औय गरदव की कऩा फयसी | अफ
हभायी तीन सॊतान ह दो ऩबतरमाॉ औय एक ऩतर | गरदव न ही फड़ी फटी का नाभ गोऩी औय फट का नाभ हरयककशन यखा ह | जम हो सदगरदव की
-हॉसभख काॊनतरार भोदी ५७ अऩना घय सोसामटी सॊदय योड़ सयत
कसट-शरवण स बकतकत का सागय टहरोय रन रगा
भ हय सार गमभगमो भ कबी फरीनाथ तो कबी कदायनाथ तो कबी गॊगोतरी आटद तीथो भ जाता यहता था | रवषकश भ एक दकान क ऩास खड़ यहन ऩय भझ ऩजम गरदव की अभतवाणी की कसट भो का भागग भौत की भौत तीन फात आटद दखन-सनन को मभरीॊ तो भन म कसट खयीद रीॊ | घय ऩहॉिकय कसट सनन क फाद रदम भ बकतकत का सागय टहरोय रन रगा | भझ ऐसा रगा भानो कोई भझ फरा यहा हो | दकान जात सभम ऐसा आबास हआ कक कोई ऩवग आनवारा ह औय भझ अभदावाद जाना होगा उसी टदन अभदावाद आशरभ स भय ऩतर का जवाफ आमा कक टदनाॊक १२ को गरऩनभ का ऩवग ह |
आऩ गरदव क दशगन कय सकत ह | हभ सऩरयवाय आशरभ ऩहॉि | दशगन कयक धनम हए |
दीा ऩाकय कताथग हए | अफ तो हय भहीन जफ तक गरदव क दशगन नहीॊ कयता तफ तक भझ ऐसा रगता ह कक भन कछ खो टदमा ह | दीा क फाद साधन-बजन फढ़ यहा ह बकतकत फढ़ यही ह | ऩहर सॊसाय भ सपरता-ववपरता की जो िोट रगती थी अफ उनका परबाव कभ हआ ह | ववषम-ववकायो का परबाव कभ हआ ह | जान जीव तफ जागा हरय ऩद रचि ववषम ववरास ववयागा भय जीवन भ सॊत तरसीदासजी क इन विनो का समोदम हो यहा ह |
-मशवकभाय तरसमान
गोयखऩय उततय परदश
गरदव न बजा अमऩातर
हभ परिायमातरा क दौयान गरकऩा का जो अदबत अनबव हआ वह अवणगनीम ह | मातरा की शरआत स ऩहर टदनाॊक ८-११-९९ को हभ ऩजम गरदव क आशीवागद रन गम |
गरदव न कामगकरभ क ववषम भ ऩछा औय कहा ऩॊिड़ आशरभ (यतराभ) भ बॊडाया था |
उसभ फहत साभान फि गमा ह | गाड़ी बजकय भॉगवा रना गयीफो भ फाॉटना | हभ झाफआ जजर क आस-ऩास क गयीफ आटदवासी इराको भ जानवार थ | वहाॉ स यतराभ क
मरए गाड़ी बजी | चगनकय साभान बया गमा | दो टदन िर उतना साभान था | एक टदन भ दो बॊडाय होत थ | अत िाय बॊडाय का साभान था | सफन खपर हाथो फतगन कऩड़ साकतड़माॉ धोती आटद साभान छ टदनो तक फाॉटा कपय बी साभान फिा यहा | सफको आशचमग हआ हभ रोग साभान कपय स चगनन रग ऩयॊत गरदव की रीरा क ववषम भ कमा कह
कवर दो टदन िर उतना साभान छ टदनो तक खपर हाथो फाॉटा कपय बी अॊत भ तीन
फोय फतगन फि गम भानो गरदव न अमऩातर बजा हो एक टदन शाभ को बॊडाया ऩया हआ तफ दखा कक एक ऩतीरा िावर फि गमा ह | कयीफ १००-१२५ रोग खा सक उतन िावर थ | हभन सोिा िावर गाॉव भ फाॊट दत ह | ऩयॊत गरदव की रीरा दखो एक गाॉव क फदर ऩाॉि गाॉवो भ फाॉट कपय बी िावर फि यह | आणखय याबतर भ ९ फज क फाद सवाधारयमो न थककय गरदव स पराथगना की कक गरदव अफ जॊगर का ववसताय ह हभ ऩय कऩा कयो | औय िावर खतभ हए | कपय सवाधायी ननवास ऩय ऩहॉि |
-सॊत शरी आसायाभजी बकतभॊडर
कतायगाभ सयत
सवपन भ टदम हए वयदान स ऩतरपरानि
भय गरहसथ जीवन भ एक-एक कयक तीन कनमाएॉ जनभी | ऩतरपरानि क मरए भयी धभगऩतनी न गरदव स आशीवागद पराि ककमा था | िौथी परसनत होन क ऩहर जफ उसन वरसाड़ भ सोनोगराफ़ी कयवामी तो रयऩोटग भ रड़की फतामा गमा | मह सनकय हभ ननयाश हो गम |
एक यात ऩतनी को सवपन भ गरदव न दशगन टदम औय कहा फटी चिॊता भत कय |
घफयाना भत धीयज यख | रड़का ही होगा | हभन सयत आशरभ भ फड़दादा की ऩरयकरभा कयक भनौती भानी थी वह बी फ़रीबत हई औय गरदव का बरहमवाकम बी सतम साबफत हआ जफ परसनत होन ऩय रड़का हआ | सबी गरदव की जम-जमकाय कयन रग |
-सनीर कभाय याधशमाभ िौयमसमा दीऩकवाड़ी ककपरा ऩायड़ी जज वरसाड़
शरी आसायाभामण क ऩाठ स जीवनदान
भया दस वषीम ऩतर एक यात अिानक फीभाय हो गमा | साॉस बी भजशकर स र यहा था |
जफ उस हॉजसऩटर भ बती ककमा तफ डॉकटय फोर | फचिा गॊबीय हारत भ ह | ऑऩयशन कयना ऩड़गा | भ फचि को हॉजसऩटर भ ही छोड़कय ऩस रन क मरए घय गमा औय घय
भ सबी को कहा ldquoआऩ रोग शरी आसायाभामण का ऩाठ शर कयो |rdquo ऩाठ होन रगा |
थोड़ी दय फाद भ हॉजसऩटर ऩहॉिा | वहाॉ दखा तो फचिा हॉस-खर यहा था | मह दख भयी औय घयवारो की खशी का टठकाना न यहा मह सफ फाऩजी की असीभ कऩा गर-गोववनद की कऩा औय शरी आसायाभामण-ऩाठ का पर ह |
-सनीर िाॊडक
अभयावती भहायाषड
गरवाणी ऩय ववशवास स अवणीम राब
शादी होन ऩय एक ऩतरी क फाद सात सार तक कोई सॊतान नहीॊ हई | हभाय भन भ ऩतरपरानि की इचछा थी | १९९९ क मशववय भ हभ सॊतानपरानि का आशीवागद रनवारो की ऩॊकतकत भ फठ | फाऩजी आशीवागद दन क मरए साधको क फीि आम तो कछ साधक नासभझी स कछ ऐस परशन कय फठ जो उनह नहीॊ कयन िाटहए थ | गरदव नायाज होकय मह कहकय िर गम कक तभको सॊतवाणी ऩय ववशवास नहीॊ ह तो तभ रोग महाॉ कमो आम तमह डॉकटय क ऩास जाना िाटहए था | कपय गरदव हभाय ऩास नहीॊ आम | सबी पराथगना कयत यह ऩय गरदव रवमासऩीठ स फोर दफाया तीन मशववय बयना | भ भन भ सोि यहा था कक कछ साधको क कायण भझ आशीवागद नहीॊ मभर ऩामा ऩयॊत वजरादवऩ कठोयाणण भदनन कसभादवऩ फाहय स वजर स बी कठोय टदखन वार सदगर बीतय स पर स बी कोभर होत ह | तयॊत गरदव ववनोद कयत हए फोर दखो म रोग सॊतानपरानि का आशीवागद रन आम ह | कस ठनठनऩार-स फठ ह अफ जाओ झरा-झनझना रकय घय जाओ | भन औय भयी ऩतनी न आऩस भ वविाय ककमा दमार गरदव न आणखय आशीवागद द ही टदमा | अफ गरदव न कहा ह कक झरा-झनझना र जाओ | तो भन गरविन भानकय यरव सटशन स एक झनझना खयीद मरमा औय गवामरमय आकय गरदव क चितर क ऩास यख टदमा | भझ वहाॉ स आन क १५ टदन फाद डॉकटय दवाया भारभ हआ कक ऩतनी गबगवती ह | भन गरदव को भन-ही-भन परणाभ ककमा | इस फीि डॉकटयो न सराह दी कक रड़का ह मा रड़की इसकी जाॉि कया रो | भन फड़ ववशवास स कहा कक रड़का ही होगा | अगय रड़की बी हई तो भझ कोई आऩवतत नहीॊ ह | भझ गबगऩात का ऩाऩ अऩन मसय ऩय नहीॊ रना ह | नौ भाह तक भयी ऩतनी बी सवसथ यही | हरयदवाय मशववय भ बी हभ रोग गम | सभम आन ऩय गरदव दवाया फताम गम इराज क भताबफक गाम क गोफय का यस ऩतनी को टदमा औय टदनाॊक २७ अकतफय १९९९ को एक सवसथ फारक का जनभ हआ |
-याजनर कभाय वाजऩमी अिगना वाजऩमी फरवॊत नगय ढाढीऩय भयाया गवामरमय
औय सोना मभर गमा
हभाय सॊमकत ऩरयवाय भ साठ तोरा सोना िोयी हो गमा था | सतसॊगी होन क कायण हभ द ख तो नहीॊ हआ कपय बी थोडी-फहत चिनता अवशम हई | आशरभ क एक साधक न हभस कहा | आऩ रोग शरी आसायाभामण क १०८ ऩाठ कयो औय सॊकपऩ कयो कक हभाया सोना हभ जरय मभरगा | मभनाऩाय टदपरी भ गरदव का आगभन हआ | हभ शाभ को गरदव क दशगन कयन गम | हभन कछ कहा नहीॊ कमोकक गरदव अॊतमागभी ह | उनहोन हभको परसाद टदमा | उसी यात घय ऩय पोन आमा कक आऩका सोना मभर गमा ह | िोय रखनऊ भ ऩकड़ा गमा ह | हभ आशचमग हआ शरी आसायाभामण क १०८ ऩाठ ऩय बी नहीॊ हए थ औय सोना मभर गमा |
-रीना फटानी यानीफाग टदपरी
सवपर क दो टकड़ो स दो सॊतान
भन सन १९९१ भ िटीिॊड मशववय अभदावाद भ ऩजम फाऩजी स भॊतरदीा री थी | भयी शादी क १० वषग तक भख कोई सॊतान नहीॊ हई | फहत इराज कयवाम रककन सबी डॉकटयो न फतामा कक फारक होन की कोई सॊबावना नहीॊ ह | तफ भन ऩजम फाऩजी क ऩनभ दशगन का वरत मरमा औय फाॉसवाड़ा भ ऩनभ दशगन क मरए गमा | ऩजम फाऩजी सफको परसाद द यह थ | भन भन भ सोिा | कमा भ इतना ऩाऩी हॉ कक फाऩजी भयी तयप दखत तक नहीॊ इतन भ ऩजम फाऩजी कक दवषट भझ ऩय ऩड़ी औय उनहोन भझ दो मभनट तक दखा | कपय उनहोन एक सवपर रकय भझ ऩय प का जो भय दाम कॊ ध ऩय रगकय दो टकड़ो भ फॉट गमा | घय जाकय भन उस सवपर क दोनो बाग अऩनी ऩतनी को णखरा टदम | ऩजमशरी का कऩाऩणग परसाद खान स भयी ऩतनी गबगवती हो गमी | ननयीण कयान ऩय ऩता िरा कक उसको दो मसय वारा फारक उतऩनन होगा | डॉकटयो न फतामा उसका मसजरयमन कयना ऩड़गा अनमथा आऩकी ऩतनी क फिन की समबावना नहीॊ ह | मसजरयमन भ रगबग फीस हजाय रऩमो का खिग आमगा | भन ऩजम फाऩजी स पराथगना की ह फाऩजी आऩन ही पर टदमा था | अफ आऩ ही इस सॊकट का ननवायण कीजजम | कपय
भन फड़ फादशाह क साभन बी पराथगना की जफ भ असऩतार ऩहॉिॉ तो भयी ऩतनी की परसती सकशर हो जाम | उसक फाद जफ भ असऩतार ऩहॉिा तो भयी ऩतनी एक ऩतर औय एक ऩतरी को जनभ द िकी थी | ऩजमशरी क दवाया टदम गम पर स भझ एक की जगह दो सॊतानो की परानि हई |
-भकशबाई सोरॊकी शायदा भॊटदय सकर क ऩीछ
फावन िार वड़ोदया
साइककर स गरधाभ जान ऩय खयाफ टाॉग ठीक हो गमी
भयी फाॉमी टाॉग घटन स उऩय ऩतरी हो गमी थी | ऑर इणणडमा भकतडकर इनसटीटमट
टदपरी भ भ छ टदन तक यहा | वहाॉ जाॉि क फाद फतरामा गमा कक तमहायी यीढ़ की हडडी क ऩास कछ नस भय गमी ह जजसस मह टाॉग ऩतरी हो गमी ह | मह ठीक तो हो ही नहीॊ सकती | हभ तमह ववटामभन ई क कपसर द यह ह | तभ इनह खात यहना | इसस टाॊग औय जमादा ऩतरी नहीॊ होगी | भन एक सार तक कपसर खाम | उसक फाद २२ जन
१९९७ को भजफ़फ़यनगय भ भन गरजी स भॊतरदीा री औय दवाई खाना फॊद कय दी | जफ एक साधक बाई याहर गिा न कहा कक सहायनऩय स साइककर दवाया उततयामण मशववय अभदावाद जान का कामगकरभ फन यहा ह तफ भन टाॉग क फाय भ सोि बफना साइककर मातरा भ बाग रन क मरए अऩनी सहभनत द दी | जफ भय घय ऩय ऩता िरा कक भन साइककर स गरधाभ अभदावाद जान का वविाय फनामा ह अत तभ ११५० ककभी तक साइककर नहीॊ िरा ऩाओग | रककन भन कहा भ साइककर स ही गरधाभ जाऊॉ गा िाह ककतनी बी दयी कमो न हो औय हभ आठ साधक बाई सहायनऩय स २६ टदसमफय ९७ को साइककरो स यवाना हए | भागग भ िढ़ाई ऩय भझ जफ बी कोइ टदककत होती तो ऐसा रगता जस भयी साइककर को कोई ऩीछ स धकर यहा ह | भ भड़कय ऩीछ दखता तो कोई टदखामी नहीॊ ऩड़ता | ९ जनवयी को जफ हभ अभदावाद गरआशरभ भ ऩहॉि औय भन सफह अऩनी टाॉग दखी तो भ दॊग यह गम जो टाॉग ऩतरी हो गमी थी औय डॉकटयो न उस ठीक होन स भना कय टदमा था वह टाॉग बफपकर ठीक हो गमी थी | इस कऩा को दखकय भ िककत यह गमा भय साथी बी दॊग यह गम मह सफ गरकऩा क परसाद का िभतकाय था | भय आठो साथी भयी ऩतनी तथा ऑर इणणडमा भकतडकर इनसटीटमट टदपरी दवाया जाॉि क परभाणऩतर इस फात क साी ह |
-ननयॊकाय अगरवार
ववषणऩयी
अदबत यही भौनभॊटदय की साधना
ऩयभ ऩजम सदगरदव की कऩा स भझ टदनाॊक १८ स २४ भई १९९९ तक अभदावाद आशरभ क भौनभॊटदय भ साधना कयन का सअवसय मभरा | भौनभॊटदय भ साधना क ऩाॉिव टदन मानी २२ भई की याबतर को रगबग २ फज नीॊद भ ही भझ एक झटका रगा | रट यहन कक जसथनत भ ही भझ भहसस हआ कक कोई अदशम शकतकत भझ ऊऩय फहत ऊऩय उड़म र जा यही ह | ऊऩय उड़त हए जफ भन नीि झाॉककय दखा तो अऩन शयीय को उसी भौनभॊटदय भ चितत रटा हआ फखफय सोता हआ ऩामा | ऊऩय जहाॉ भझ र जामा गमा वहाॉ अरग ही छटा थी अजीफ औय अवणीम आकाश को बी बदकय भझ ऐस सथान ऩय ऩहॉिामा गमा था जहाॉ िायो तयप कोहया-ही-कोहया था जस शीश की छत ऩय ओस परी हो इतन भ दखता हॉ कक एक सबा रगी ह बफना शयीय की कवर आकनतमो की | जस यखाओॊ स भनषमरऩी आकनतमाॉ फनी हो | मह सफ कमा िर यहा था सभझ स ऩय था |
कछ ऩर क फाद व आकनतमाॉ सऩषट होन रगी | दवी-दवताओॊ क ऩॊज क भधम शीषग भ एक उचि आसन ऩय साात फाऩजी शॊकय बगवान फन हए करास ऩवगत ऩय ववयाजभान थ औय दवी-दवता कताय भ हाथ फाॉध खड़ थ | भ भक-सा होकय अऩरक नतरो स उनह दखता ही यहा कपय भॊतरभगध हो उनक ियणो भ चगय ऩड़ा | परात क ४ फज थ | अहा भन औय शयीय हपका-फ़पका रग यहा था मही जसथनत २४ भई की भधमयाबतर भ बी दोहयामी गमी | दसय टदन सफह ऩता िरा कक आज तो फाहय ननकरन का टदन ह मानी यवववाय २५ भई की सफह | फाहय ननकरन ऩय बावबया रदम गदगद कॊ ठ औय आखो भ आॉस मो रग यहा था कक जस ननजधाभ स फघय ककमा जा यहा हॉ | धनम ह वह बमभ
भौनभॊटदय भ साधना की वह रवमवसथा जहाॊ स ऩयभ आनॊद क सागय भ डफन की कॊ जी मभरती ह जी कयता ह बगवान ऐसा अवसय कपय स राम जजसस कक उसी भौनभॊटदय भ ऩन आॊतरयक आनॊद का यसऩान कय ऩाऊॉ |
-इनरनायामण शाह
१०३ यतनदीऩ-२ ननयारा नगय कानऩय
असाधम योग स भकतकत
सन १९९४ भ भयी ऩतरी टहयर को शयद ऩणणगभा क टदन फखाय आमा | डॉकटयो को
टदखामा तो ककसीन भररयमा कहकय दवाइमाॉ दी तो ककसीन टामपामड कहकय इराज शर ककमा तो ककसीन टामपामड औय भररयमा दोनो कहा | दवाई की एक खयाक रन स शयीय नीरा ऩड़ गमा औय सज गमा | शयीय भ खन की कभी स उस छ फोतर खन िढ़ामा गमा | इॊजन दन स ऩय शयीय को रकवा भाय गमा | ऩीठ क ऩीछ शमावरण जसा हो गमा | ऩीठ औय ऩय का एकस-य मरमा गमा | ऩय ऩय वजन फाॉधकय यखा गमा | डॉकटयो न उस वाम का फखाय तथा यकत का क सय फतामा औय कहा कक उसक रदम तो वापव िौड़ा हो गमा ह | अफ हभ टहमभत हाय गम | अफ ऩजमशरी क मसवाम औय कोई सहाया नहीॊ था | उस सभम टहयर न कहा भमभी भझ ऩजम फाऩ क ऩास र िरो | वहाॉ ठीक हो जाऊगी | ऩाॉि टदन तक टहयर ऩजमशरी की यट रगाती यही | हभ उस अभदावाद आशरभ भ फाऩ क ऩास र गम | फाऩ न कहा इस कछ नहीॊ हआ ह | उनहोन भझ औय टहयर को भॊतर टदमा एवॊ फड़दादा की परदकषणा कयन को कहा | हभन परदकषणा की औय टहयर ऩनरह टदन भ िरन-कफ़यन रगी | हभ फाऩ की इस करणा-कऩा का कण कस िकाम अबी तो हभ आशरभ भ ऩजमशरी क शरीियणो भ सऩरयवाय यहकय धनम हो यह ह |
-परपपर रवमास
बावनगय
वतगभान भ अभदावाद आशरभ भ सऩरयवाय सभवऩगत
ऩजम फाऩ का दशगन-सतसॊग ही जीवन का सचिा यतन ह
भझ िाय सार स ऩतर कक काभना थी औय भय भन भ हआ कक भयी मह काभना जरय ऩयी होगी | अभदावाद भ धमानमोग मशववय क दौयान ऐसा वविाय आमा कक फाऩ भझ अऩन ियणो भ फरामग | भन भ दढ़ शरदधा थी | इतन रोगो क फीि भ स फाऩ न तजऩणग दवषट भझ ऩय डारी सॊतय का परसाद टदमा औय भया बागम खर गमा | फचि क जनभ स ऩहर डॉकटयो न ऑऩयशन को कहा था रककन फाऩ क फतान क भताबफक भय घयवारो न भझ गाम क गोफय का यस वऩरामा औय शीघर ही फारक का जनभ हो गमा | सचिी शरदधा-बकतकत हो तो कमा असॊबव ह ऩजम फाऩ का दशगन-सतसॊग ही जीवन का सचिा यतन ह |
सचिी शरदधा-बकतकत स ऐसा यतन ऩानवार हभ सबी धनबागी ह |
-यखा ऩयभाय भीया योड़ भॊफई
कसट का िभतकाय
रवमाऩाय उधायी भ िर जान स भ हताश हो गमा था एवॊ अऩनी जजॊदगी स तॊग आकय आतभहतमा कयन की फात सोिन रगा था | भझ साध-भहातभाओॊ व सभाज क रोगो स घणा-सी हो गमी थी धभग व सभाज स भया ववशवास उठ िका था | एक टदन भयी सारी फाऩजी क सतसॊग कक दो कसट ववचध का ववधान एवॊ आणखय कफ तक र आमी औय उसन भझ सनन क मरए कहा | उसक कई परमास क फाद बी भन व कसट नहीॊ सनीॊ एवॊ भन-ही-भन उनह ढ़ोग कहकय कसटो क कतडबफ भ दार टदमा | भन इतना ऩयशान था कक यात को नीॊद आना फॊद हो गमा था | एक यात कफ़पभी गाना सनन का भन हआ | अॉधया होन की वजह स कसट ऩहिान न सका औय गरती स फाऩजी क सतसॊग की कसट हाथ भ आ गमी | भन उसीको सनना शर ककमा | कपय कमा था भयी आशा फॉधन रगी | भन शाॉत होन रगा | धीय-धीय सायी ऩीड़ाएॉ दय होती िरी गमीॊ | भय जीवन भ योशनी-ही-योशनी हो गमी | कपय तो भन ऩजम फाऩजी क सतसॊग की कई कसट सनीॊ औय सफको सनामीॊ |
तदनॊतय भन गाजजमाफाद भ फाऩजी स दीा बी गरहण की | रवमाऩाय की उधायी बी िकता हो गमी | फाऩजी की कऩा स अफ भझ कोई द ख नहीॊ ह | ह गरदव फस एक आऩ ही भय होकय यह औय भ आऩका ही होकय यहॉ |
-ओभपरकाश फजाज
टदपरी योड़ सहायनऩय उततय परदश
भझ ऩय फयसी सॊत की कऩा
सन १९९५ क जन भाह भ भ अऩन रड़क औय बतीज क साथ हरयदवाय धमानमोग मशववय भ बाग रन गमा | एक टदन जफ भ हय की ऩौड़ी ऩय सनान कयन गमा तो ऩानी क तज फहाव क कायण ऩय कपसरन स भया रड़का औय बतीजा दोनो अऩना सॊतरन खो फठ औय गॊगा भ फह गम | ऐसी सॊकट की घड़ी भ भ अऩना होश खो फठा | कमा करॉ भ पट-पटकय योन रगा औय फाऩजी स पराथगना कयन रगा कक ह नाथ ह गरदव या कीजजम भय फचिो को फिा रीजजम | अफ आऩका ही सहाया ह | ऩजमशरी न भय सचि रदम स ननकरी ऩकाय सन री औय उसी सभम भया रड़का भझ टदखामी टदमा | भन झऩटकय उसको फाहय खीॊि मरमा रककन भया बतीजा तो ऩता नहीॊ कहाॉ फह गमा भ ननयॊतय यो यहा था औय भन भ फाय-फाय वविाय उठ यहा था कक फाऩजी भया रड़का फह जाता तो कोई फात नहीॊ थी रककन अऩन बाई की अभानत क बफना भ घय कमा भॉह
रकय जाऊॉ गा फाऩजी आऩही इस बकत की राज फिाओ | तबी गॊगाजी की एक तज रहय उस फचि को बी फाहय छोड़ गमी | भन रऩककय उस ऩकड़ मरमा | आज बी उस हादस को सभयण कयता हॉ तो अऩन-आऩको सॉबार नहीॊ ऩाता हॉ औय भयी आॉखो स ननयॊतय परभ की अशरधाया फहन रगती ह | धनम हआ भ ऐस गरदव को ऩाकय ऐस सदगरदव क शरीियणो भ भय फाय-फाय शत-शत परणाभ
-सभारखाॉ ऩानीऩत हरयमाणा
गरदव की कऩा स सॊतानपरानि
भयी शादी को ऩाॉि सार हो गम थ कपय बी कोई सॊतान नहीॊ हई | रोग हभ फहत तान भायत थ | तबी भन-ही-भन ननणगम र मरमा कक ऩजम फाऩ क आशरभ भ जाना ह | जनवयी १९९९ भ परथभ फाय उततयामण मशववय बया औय भॊतरदीा री | अफ गरदव कक कऩा स भझ एक सॊदय फारक पराि हआ ह | ऩजम फाऩजी की इतनी कऩा-करणा दखकय रदम बय आता ह | भ ऩजम फाऩजी स पराथगना कयती हॉ कक मह फारक उनह सभवऩगत कय सकॊ औय मह उनक मोगम फनसक ऐसी सदफवदध हभ द |
-ननभगरा क तड़वी काॊनतबाई हीयाबाई तडवी याभजी भॊटदय क ऩास कायरी फाग वड़ोदया
गरकऩा स जीवनदान
टदनाॊक १५-१-९६ की घटना ह | भन धात क ताय ऩय सखन क मरए कऩड़ परा यख थ |
फारयश होन क कायण उस ताय भ कयॊट आ गमा था | भया छोटा ऩतर ववशार जो कक ११ वीॊ का भ ऩढ़ता ह आकय उस ताय स छ गमा औय बफजरी का कयॊट रगत ही वह फहोश हो गमा शव क सभान हो गमा | हभन उस तयॊत फड़ असऩतार भ दाणखर कयवामा | डॉकटय न फचि की हारत गॊबीय फतामी | ऐसी ऩरयजसथनत दखकय भयी आॉखो स अशरधायाएॉ फह ननकरी | भ ननजानॊद की भसती भ भसत यहन वार ऩजम सदगरदव को भन-ही-भन माद ककमा औय पराथगना कक ह गरदव अफ तो इस फचि का जीवन आऩक ही हाथो भ ह | ह भय परब आऩ जो िाह सो कय सकत ह | औय आणखय भयी पराथगना सपर हई | फचि भ एक नवीन ितना का सॊिाय हआ एवॊ धीय-धीय फचि क सवासम भ
सधाय होन रगा | कछ ही टदनो भ वह ऩणगत सवसथ हो गमा | डॉकटय न तो उऩिाय ककमा रककन जो जीवनदान उस पमाय परब की कऩा स सदगरदव की कऩा स मभरा उसका वणगन कयन क मरए भय ऩास शबद नहीॊ ह | फस ईशवय स भ मही पराथगना कयता हॉ कक ऐस बरहमननषठ सॊत-भहाऩरषो क परनत हभायी शरदधा भ ववदध होती यह | -
डॉ वाम ऩी कारया शाभरदास कॉरज बावनगय गजयात
ऩजम फाऩ जस सॊत दननमा को सवगग भ फदर सकत ह
भई १९९८ क अॊनतभ टदनो भ ऩजमशरी क इॊदौय परवास क दौयान ईयान क ववखमात कफ़जजमशमन शरी फफाक अगरानी बायत भ अधमाजतभक अनबवो की परानि आम हए थ |
ऩजमशरी क दशगन ऩाकय जफ उनहोन अधमाजतभक अनबवो को परीबत होत दखा तो व ऩॊिड़ आशरभ भ आमोजजत धमानमोग मशववय भ बी ऩहॉि गम | शरी अगरानी जो दो टदन रककय वाऩस रौटन वार थ व ऩय गमायह टदन तक ऩॊिड़ आशरभ भ रक यह | उनहोन ववधाथी मशववय भ सायसवतम भॊतर की दीा री एवॊ ववमशषट धमानमोग साधना मशववय (४ -१० जन १९९८) का बी राब मरमा | मशववय क दौयान शरी अगरानी न ऩजमशरी स भॊतरदीा बी र री | ऩजमशरी क साजननधम भ सॊपराि अनबनतमो क फाय भ बतरम सभािाय ऩतर ितना को दी हई बटवाताग भ शरी अगरानी कहत ह मटद ऩजम फाऩ जस सॊत हय दश भ हो जाम तो मह दननमा सवगग फन सकती ह | ऐस शाॊनत स फठ ऩाना हभाय मरए कटठन ह रककन जफ ऩजम फाऩजी जस भहाऩरषो क शरीियणो भ फठकय सतसॊग सनत ह तो ऐसा आनॊद आता ह कक सभम का कछ ऩता ही नहीॊ िरता | सिभि ऩजम फाऩ कोई साधायण सॊत नहीॊ ह |
-शरी फफाक अगरानी ववशवववखमात कफ़जजमशमन ईयान
फाऩजी का साजननधम गॊगा क ऩावन परवाह जसा ह
कर-कर कयती इस बागीयथी की धवर धाया क ककनाय ऩय ऩजम फाऩजी क साजननधम भ फठकय भ फड़ा ही आपहाटदत औय परभटदत हॉ आनॊटदत हॉ योभाॊचित हॊ | गॊगा बायत की सषमना नाड़ी ह | गॊगा बायत की सॊजीवनी ह | शरी ववषणजी क ियणो स ननकरकय बरहमाजी क कभॊड़र औय जटाधय क भाथ ऩय शोबामभान गॊगा बतरमोगमसवदधकायक ह |
ववषणजी क ियणो स ननकरी गॊगा बकतकत मोग की परतीनत कयाती ह औय मशवजी क भसतक ऩय जसथत गॊगा ऻान मोग की उचितय बमभका ऩय आरढ़ होन की खफय दती ह |
भझ ऐसा रग यहा ह कक आज फाऩजी क परविनो को सनकय भ गॊगा भ गोता रगा यहा हॉ कमोकक उनका परविन उनका सजननधम गॊगा क ऩावन परवाह जसा ह | व अरभसत फ़कीय ह | व फड़ सयर औय सहज ह | व जजतन ही ऊऩय स सयर ह उतन ही अॊतय भ गढ़ ह | उनभ टहभारम जसी उचिता ऩववतरता शरषठता ह औय सागयतर जसी गॊबीयता ह |
व याषड की अभपम धयोहय ह | उनह दखकय कवष-ऩयमऩया को फोध होता ह | गौतभ कणाद
जमभनी कवऩर दाद भीया कफीय यदास आटद सफ कबी-कबी उनभ टदखत ह |
य बाई कोई सतगर सॊत कहाव
जो ननन अरख रखाव धयती उखाड़ आकाश उखाड़
अधय भड़मा धाव |
शनम मशखय क ऩाय मशरा ऩय आसन अिर जभाव |
य बाई कोई सतगर सॊत कहाव
एक ऐस ऩावन साजननधम भ हभ फठ ह जो फड़ा दरगब औय सहज मोगसवरऩ ह | ऐस भहाऩरषो क मरए ऩॊकतकतमाॉ माद आ यही ह तभ िरो तो िर धयती िर अॊफय िर दननमा ऐस भहाऩरष िरत ह तो उनक मरए समग िॊर ताय गरह नतर आटद सफ अनकर हो जात ह | ऐस इजनरमातीत गणातीत बावातीत शबदातीत औय सफ अवसथाओॊ स ऩय ककनहीॊ भहाऩरषो क शरीियणो भ जफ फठत ह तो बागवत कहता ह
साधनाॊ दशगनॊ रोक सवगमसवदधकयॊ ऩयभ |
साध क दशगन भातर स वविाय ववबनत ववदवता शकतकत सहजता ननववगषमता परसननता मसवदधमाॉ औय आतभानॊद की परानि होती ह | दश क भहान सॊत महाॉ सहज ही आत ह बायत क सबी शॊकयािामग बी मशववय भ आत ह | अत भय भन भ बी वविाय आमा कक जहाॉ सफ जात ह वहाॉ जाना िाटहए कमोकक मही वह ठोय-टठकाना ह जहाॉ भन का अमबभान मभटामा जा सकता ह | ऐस भहाऩरषो क दशगन स कवर आनॊद औय भसती ही नहीॊ मभरती फजपक वह सफ कछ मभर जाता ह जो अमबरावषत ह आकाॊकषत ह रकषत ह | महाॉ भ करणा क
कभगठता क वववक-वयागम क ऻान क दशगन कय यहा हॉ | वयागम औय बकतकत क यण ऩोषण औय सॊवधगन क मरए मह सिकवषमो का उततभ ऻान भाना जाता ह | आज गॊगा कपय स
साकाय टदख यही ह तो व फाऩजी क वविाय औय वाणी भ टदख यही ह | अरभसतता सहजता उचिता शरषठता ऩववतरतता तीथग-सी शचिता मशश-सी सयरता तरणो-सा जोश वदधो-सा गाॊबीमग औय कवषमो जसा ऻानाफोध भझ जहाॉ हो यहा ह वह मह ऩॊडार ह | इस आनॊदनगय कहॉ मा परभनगय करणा का सागय कहॉ मा वविायो का सभनदय रककन इतना जरय कहॉगा कक भय भन का कोन-कोना आपहाटदत हो यहा ह | आऩ रोग फड़बागी ह जो ऐस भहाऩरष क शरीियणो भ फठ ह जहाॉ बागम का टदरवम रवमकतकतततव का ननभागण होता ह | जीवन की कतकतमता जहाॉ पराि हो सकती ह वह मही दय ह |
मभर तभ मभरी भॊजजर मभरा भकसद औय भददा बी |
न मभर तभ तो यह गमा भददा भकसद औय भॊजजर बी ||
आऩका मह बावयाजम औय परभयाजम दखकय भ िककत बी हॉ औय आनॊद का अनबव बी कय यहा हॉ | आऩक परनत भया ववशवास औय अटट ननषठा फढ़ इस हत भया नभन सवीकाय कय | भझ ऐसा रगता ह कक फाऩजी समग ह औय नायामण सवाभी एक ऐस दीऩ ह जो न फझ सकत ह न जराम जात ह |
-सवाभी अवधशानॊदजी हरयदवाय
सायसवतम भॊतर स हए अदबत राब
भन १९९८ भ ववधाथी उतथान मशववय सोनीऩत भ ऩजम गरदव स सायसवतम भॊतर की दीा री | दीा क फाद ननममभत भॊतरजऩ कयन स भ इतना कशागर फवदधवारा एवॊ सवावरॊफी हो गमा कक भन एक भहीन भ ही टमशन छोड़ दी औय सवमॊ खफ भहनत कयन रगा | भ सकर बी ऩदर आन-जान रगा जजसस भन सकर फस का ककयामा फिा मरमा |
भॊतर जाऩ क परबाव स भझ ९ वीॊ १० वीॊ ११ वीॊ की ऩयीाओॊ भ परथभ सथान पराि हआ |
१२ वीॊ की ऩयीा क सभम भया सवासम खयाफ होन क कायण भ जऩ ठीक स नहीॊ कय सका कपय बी ७९ परनतशत अॊको स ऩास हआ | उसक फाद इॊजजननमरयॊग की ऩरया भ बी उततीणग यहा |
-करदीऩ कभाय डी-२३४ वसट ववनोद नगय टदपरी
भ टदसमफय १९९९ भ छततीसगढ़ क बाटाऩाया भ ऩजम गरदव स सायसवतम भॊतर की दीा
री | ततऩशचात भ ननममभत रऩ स जऩ-धमान- पराणामाभ कयता था जजसस भझ फहत राब हआ | ऩजम फऩजी की कऩा औय सायसवतम भॊतर जाऩ क परबाव स भझ १२ वीॊ की फोड़ग की ऩरया भ ८४६ परनतशत अॊक मभर |
-ववयनर कभाय कौमशक
डोगयगाॉव जज याजनाॊदगाॉव (छग)
बौनतक मग क अॊधकाय भ ऻान की जमोनत ऩजम फाऩ
भादक ननमॊतरण बमयो बायत सयकाय क भहाननदशक शरी एिऩी कभाय ९ भई को अभदावाद आशरभ भ सतसॊग-कामगकरभ क दौयान ऩजम फाऩ स आशीवागद रन ऩहॉि | फड़ी ववनमरता एवॊ शरदधा क साथ उनहोन ऩजम फाऩ क परनत अऩन उदगाय भ कहा जजस रवमकतकत क ऩास वववक नहीॊ ह वह अऩन रकषम तक नहीॊ ऩहॉि सकता ह औय वववक को पराि कयन का साधन ऩजम आसायाभजी फाऩ जस भहान सॊतो का सतसॊग ह | ऩजम फाऩ स भया परथभ ऩरयिम टीवी क भाधमभ स हआ | ततऩशचात भझ आशरभ दवाय परकामशत कवष परसाद भामसक पराि हआ | उस सभम भझ रगा कक एक ओय जहाॉ इस बौनतक मग क अॊधकाय भ भानव बटक यहा ह वहीॊ दसयी ओय शाॊनत की भॊद-भॊद सगॊचधत वाम बी िर यही ह | मह ऩजम फाऩ क सतसॊग का ही परबाव ह | ऩजमशरी क दशगन कयन का जो सौबागम भझ पराि हआ ह इसस भ अऩन को कतकतम भानता हॉ | ऩजम फाऩ क शरीभख स जो अभत वषाग होती ह तथा इनक सतसॊग स कयोड़ो रदमो भ जो जमोनत जगती ह व इसी परकाय स जगती यह औय आन वार रॊफ सभम तक ऩजमशरी हभ सफ का भागगदशगन कयत यह मही भयी काभना ह | ऩजम फाऩ क शरीियणो भ भय परणाभ
-शरी एिऩी कभाय भहाननदशक भादक ननमॊतरण बमयो बायत सयकाय
गरकऩा ऐसी हई कक अॉधय तो कमा दय बी नहीॊ हई
ऩयभ कऩार फाऩजी क शरीियणो भ भय कोटट-कोटट वॊदन भ एक इसभाइरी खवाजा हॉ तथा अऩन धभग भ अकतडग हॉ | िाय वषग ऩवग कछ रोगो दवाया एक सननमोजजत मोजना फनाकय भझ जफयदसती भडगय कस का आयोऩी फना टदमा गमा था | इसस भझ कहीॊ शाॊनत नहीॊ मभर यही थी | २८ पयवयी १९९७ को भझ नागऩय भ आमोजजत फाऩजी क सतसॊग भ जान की परयणा मभरी औय ४ भािग १९९७ को भन फाऩजी स भॊतरदीा री | भ उनस भन-
ही-भन ववनती की कक ह गरदव भझ फिा रो | गरकऩा ऐसी हई कक ७ जनवयी १९९८ को भझ अदारत न ऩाक-साप फयी कय टदमा फाकी छ आयोवऩमो को सजा हई | धनम ह ऐस भय सदगर उनक शरीियणो भ भय कोटट-कोटट वनदन
-यहभान खान ननशान छाफड़ी (बफछआ) जज नछनदवाड़ा (भपर)
भजसरभ भटहरा को पराणदान
२७ मसतमफय २००० को जमऩय भ भय ननवास ऩय ऩजम फाऩ का आतभ-साातकाय टदवस
भनामा गमा जजसभ भय ऩड़ोस की भजसरभ भटहरा नाथी फहन क ऩनत शरी भाॉग खाॉ न बी ऩजम फाऩ की आयती की औय ियणाभत मरमा | ३-४ टदन फाद ही व भजसरभ दॊऩनत खवाजा साटहफ क उसग भ अजभय िर गम | टदनाॊक ४ अकटफय २००० को अजभय क उसग भ असाभाजजक ततवो न परसाद भ जहय फाॉट टदमा जजसस उसग भर भ आम कई दशगनाथी असवसथ हो गम औय कई भय बी गम | भय ऩड़ोस की नाथी फहन न बी वह परसाद खामा औय थोड़ी दय भ ही वह फहोश हो गमी | अजभय भ उसका उऩिाय ककमा गमा ककॊ त उस होश न आमा | दसय टदन ही उसका ऩनत उस अऩन घय र आमा | कॉरोनी क सबी ननवासी उसकी हारत दखकय कह यह थ कक अफ इसका फिना भजशकर ह | भ बी उस दखन गमा | वह फहोश ऩड़ी थी | भ जोय-जोय स हरय ॐ हरय ॐ का उचिायण ककमा तो वह थोड़ा टहरन रगी | भझ परयणा हई औय भ ऩन घय गमा | ऩजम फाऩ स पराथगना की | ३-४ घॊट फाद ही वह भटहरा ऐस उठकय खड़ी हो गमी भानो सोकय उठी हो | उस भटहरा न फतामा कक भय िािा ससय ऩीय ह औय उनहोन भय ऩनत क भॉह स फोरकय फतामा कक तभन २७ मसतमफय २००० को जजनक सतसॊग भ ऩानी वऩमा था उनहीॊ सपद दाढ़ीवार फाफा न तमह फिामा ह कसी करणा ह गरदव की
-जएर ऩयोटहत
८७ सपतान नगय जमऩय (याज)
उस भटहरा का ऩता ह -शरीभती नाथी
ऩतनी शरी भाॉग खाॉ १०० सपतान नगय गजगय की धड़ी नम साॊगानय योड़
जमऩय (याज)
हरयनाभ की पमारी न छड़ामी शयाफ की फोतर
सौबागमवश गत २६ टदसमफय १९९८ को ऩजमशरी क १६ मशषमो की एक टोरी टदपरी स हभाय गाॉव भ हरयनाभ का परिाय-परसाय कयन ऩहॉिी | भ फिऩन स ही भटदयाऩान धमरऩान व मशकाय कयन का शौकीन था | ऩजम फाऩ क मशषमो दवाया हभाय गाॉव भ जगह-जगह ऩय तीन टदन तक रगाताय हरयनाभ का कीतगन कयन स भझ बी हरयनाभ का यॊग रगता जा यहा था | उनक जान क एक टदन क ऩशचात शाभ क सभम योज की बाॊनत भन शयाफ की फोतर ननकारी | जस ही फोतर खोरन क मरए ढककन घभामा तो उस ढककन क घभन स भझ हरय ॐ हरय ॐ की धवनन सनामी दी | इस परकाय भन दो-तीन फाय ढककन घभामा औय हय फाय भझ हरय ॐ की धवनन सनामी दी | कछ दय फाद भ उठा तथा ऩजमशरी क एक मशषम क घय गमा | उनहोन थोड़ी दय भझ ऩजमशरी की अभतवाणी सनामी | अभतवाणी सनन क फाद भया रदम ऩकायन रगा कक इन दरवमगसनो को तमाग दॉ | भन तयॊत फोतर उठामी तथा जोय-स दय खत भ प क दी | ऐस सभथग व ऩयभ कऩार सदगरदव को भ रदम स परणाभ कयता हॉ जजनकी कऩा स मह अनोखी घटना भय जीवन भ घटी जजसस भया जीवन ऩरयवनतगत हआ |
-भोहन मसॊह बफषट
मबखमासन अपभोड़ा (उपर)
ऩय गाॉव की कामाऩरट
ऩजमशरी स टदनाॊक २७६९१ को दीा रन क फाद भन रवमवसनभकतकत क परिाय-परसाय का रकषम फना मरमा | भ एक फाय कौशरऩय (जज शाजाऩय) ऩहॉिा | वहाॉ क रोगो क रवमवसनी औय रड़ाई-झगड़ मकत जीवन को दखकय भन कहा आऩ रोग भनषम-जीवन सही अथग ही नहीॊ सभझत ह | एक फाय आऩ रोग ऩजम फाऩजी क दशगन कय र तो आऩको सही जीवन जीन की कॊ जी मभर जामगी | गाॉव वारो न भयी फात भान री औय दस रवमकतकत भय गाॉव ताजऩय आम | भन एक साधक को उनक साथ जनभाषटभी भहोतसव भ सयत बजा | ऩजम फाऩजी की उन ऩय कऩा फयसी औय सफको गरदीा मभर गमी | जफ व रोग अऩन गाॉव ऩहॉि तो सबी गाॉववामसमो को फड़ा कौतहर था कक ऩजम फाऩजी कस ह फाऩजी की रीराएॉ सनकय गाॉव क अनम रोगो भ बी ऩजम फाऩजी क परनत शरदधा जगी | उन दीकषत साधको न सबी गाॉववारो को सववधानसाय ऩजम फाऩजी क अरग-अरग आशरभो भ
बजकय दीा टदरवा दी | गाॉव क सबी रवमकतकत अऩन ऩय ऩरयवाय सटहत दीकषत हो िक ह | परतमक गरवाय को ऩय गाॉव भ एक सभम बोजन फनता ह | सबी रोग गरवाय का वरत यखत ह | कौशरऩय गाॉव क परबाव स आस-ऩास क गाॉववार एवॊ उनक रयशतदायो सटहत १००० रवमकतकतमो शयाफ छोड़कय दीा र री ह | गाॉव क इनतहास भ तीन-तीन ऩीढ़ी स कोई भॊटदय नहीॊ था | गाॉववारो न ५ राख रऩम रगाकय दो भॊटदय फनवाम ह | ऩया गाॉव रवमवसनभकत एवॊ बगवतबकत फन गमा ह मह ऩजम फाऩजी की कऩा नहीॊ तो औय कमा ह सफक तायणहाय ऩजम फाऩजी क शरीियणो भ कोटट-कोटट परणाभ
-शमाभ परजाऩनत (सऩयवाइजय नतरहन सॊघ) ताजऩय उजजन (भपर)
नतरबफ ॊद का िभतकाय
भया सौबागम ह कक भझ सॊतकऩा नतरबफॊद (आई डरॉपस) का िभतकाय दखन को मभरा |
एक सॊत फाफा मशवयाभदास उमर ८० वषग गीता कटटय तऩोवन झाड़ी सिसयोवय हरयदवाय भ यहत ह | उनकी दाटहनी आॉख क सपद भोनतम का ऑऩयशन शाॉनतकॊ ज हरयदवाय आमोजजत कमऩ भ हआ | कस बफगड़ गमा औय कार भोनतमा फन गमा | ददग यहन रगा औय योशनी घटन रगी | दोफाया बभाननद नतर चिककतसारम भ ऑऩयशन हआ | एबसपमट गरकोभा फतात हए कहा कक ऑऩयशन स मसयददग ठीक हो जामगा ऩय योशनी जाती यहगी | ऩयॊत अफ व फाफा सॊत शरी आसायाभजी आशरभ दवाय ननमभगत सॊतकऩा नतरबफॊद सफह-शाभ डार यह ह | भन उनक नतरो का ऩयीण ककमा | उनकी दाटहनी आॉख भ उॉगरी चगनन रामक योशनी वाऩस आ गमी ह | कार भोनतम का परशय नॉभगर ह | कोननगमा भ सजन नहीॊ ह | व कापी सॊतषट ह | व फतात ह आॉख ऩहर रार यहती थी ऩयॊत अफ नहीॊ ह | आशरभ क नतरबफॊद स कपऩनातीत राब हआ | फामीॊ आॉख भ बी उनह सपद भोनतमा फतामा गमा था औय सॊशम था कक शामद कारा भोनतमा बी ह | ऩय आज फामीॊ आॉख बी ठीक ह औय दोनो आॉखो का परशय बी नॉभगर ह | सपद भोनतमा नहीॊ ह औय योशनी कापी अचछी ह |
मह सॊतकऩा नतरफॊद का ववरण परबाव दखकय भ बी अऩन भयीजो को इसका उऩमोग कयन की सराह दॉगा |
-डॉ अननत कभाय अगरवार (नतरयोग ववशषऻ)
एभफीफीएस एभएस (नतर) डीओएभएस (आई) सीताऩय सहायनऩय (उपर)
ऩजमशरी की तसवीय स मभरी परयणा
सवगसभथग ऩयभ ऩजम शरी फाऩजी क ियणकभरो भ भया कोटट-कोटट नभन १९८४ क बकॊ ऩ स समऩणग उततय बफहाय भ कापी नकसान हआ था जजसकी िऩट भ हभाया घय बी था | ऩरयजसथनतवश भझ नौवी का भ ऩढ़ामी छोड़ दनी ऩड़ी | ककसी मभतर की सराह स भ नौकयी ढॉढ़न क मरए टदपरी गमा रककन वहाॉ बी ननयाशा ही हाथ रगी | भ दो टदन स बखा तो था ही ऊऩय स नौकयी की चिॊता | अत आतभहतमा का वविाय कयक यरव सटशन की ओय िर ऩड़ा | यानीफाग फाजाय भ एक दकान ऩय ऩजमशरी का सतसाटहतम
कसट आटद यखा हआ था एवॊ ऩजमशरी की फड़ आकाय की तसवीय बी टॉगी थी | ऩजमशरी की हॉसभख एवॊ आशीवागद की भरावारी उस तसवीय ऩय भयी नजय ऩड़ी तो १० मभनट तक भ वहीॊ सड़क ऩय स ही खड़-खड़ उस दखता यहा | उस वकत न जान भझ कमा मभर गमा भ काभ बर भजदयी का ही कयता हॉ रककन तफस रकय आज तक भय चितत भ फड़ी परसननता फनी हई ह | न जान भयी जजनदगी की कमा दशा होती अगय ऩजम फाऩजी की मवाधन सया ईशवय की ओय ननजशचनत जीवन ऩसतक औय कवष परसाद ऩबतरका हाथ न रगती ऩजमशरी की तसवीय स मभरी परयणा एवॊ उनक सतसाटहतम न भयी डफती नमा को भानो भझदाय स फिा मरमा | धनबागी ह साटहतम की सवा कयन वार जजनहोन भझ आतभहतमा क ऩाऩ स फिामा |
-भहश शाह
नायामणऩय दभया जज सीताभढ़ी (बफहाय)
भॊतर स राब
भयी भाॉ की हारत अिानक ऩागर जसी हो गमी थी भानो कोई बत-परत-डाककनी मा आसयी ततव उनभ घस गमा | भ फहत चिॊनतत हो गमा एवॊ एक साचधका फहन को पोन ककमा | उनहोन बत-परत बगान का भॊतर फतामा जजसका वणगन आशरभ स परकामशत आयोगमननचध ऩसतक भ बी ह | वह भॊतर इस परकाय ह
ॐ नभो बगवत रर बयवाम बतपरत म कर कर हॊ पट सवाहा |
इस भॊतर का ऩानी भ ननहायकय १०८ फाय जऩ ककमा औय वही ऩानी भाॉ को वऩरा टदमा |
तयॊत ही भाॉ शाॊनत स सो गमीॊ | दसय टदन बी इस भॊतर की ऩाॉि भारा कयक भाॉ को वह जर वऩरामा तो भाॉ बफपकर ठीक हो गमीॊ | ह भय साधक बाई-फहनो बत-परत बगान क
मरए अरा फाॉधॉ फरा फाॉधॉ ऐसा कयक झाड़-फ़ॉ क कयनवारो क िककय भ ऩड़न की जरयत नहीॊ ह | इसक मरए तो ऩजम फाऩजी का भॊतर ही तायणहाय ह | ऩजम फाऩजी क शरीियणो भ कोटट-कोटट परणाभ
-िॊऩकबाई एन ऩटर (अभरयका)
काभ करोध ऩय ववजम ऩामी
एक टदन भॊफई भर भ टटकट िककॊ ग कयत हए भ वातानकमरत फोगी भ ऩहॉिा | दखा तो भखभर की गददी ऩय टाट का आसन बफछाकय सवाभी शरी रीराशाहजी भहायाज सभाचधसथ ह | भझ आशचमग हआ कक जजन परथभ शरणी की वातानकमरत फोचगमो भ याजा-भहायाजा मातरा कयत ह ऐसी फोगी औय तीसयी शरणी की फोगी क फीि इन सॊत को कोई बद नहीॊ रगता | ऐसी फोचगमो भ बी व सभाचधसथ होत ह मह दखकय मसय झक जाता ह | भन ऩजम भहायाजशरी को परणाभ कयक कहा आऩ जस सॊतो क मरए तो सफ एक सभान ह |
हय हार भ एकयस यहकय आऩ भकतकत का आनॊद र सकत ह | रककन हभाय जस गरहसथो को कमा कयना िाटहए ताकक हभ बी आऩ जसी सभता फनाम यखकय जीवन जी सक
ऩजम भहायाजजी न कहा काभ औय करोध को त छोड़ द तो त बी जीवनभकत हो सकता ह | जहाॉ याभ तहॉ नहीॊ काभ जहाॉ काभ तहॉ नहीॊ याभ | औय करोध तो बाई बसभासय ह | वह तभाभ ऩणम को जराकय बसभ कय दता ह अॊतकयण को भमरन कय दता ह | भन कहा परब अगय आऩकी कऩा होगी तो भ काभ-करोध को छोड़ ऩाऊॉ गा | ऩजम भहायाजजी न कहा बाई कऩा ऐस थोड़ ही की जाती ह सॊतकऩा क साथ तया ऩरषाथग औय दढ़ता बी िाटहए | ऩहर त परनतऻा कय कक त जीवनऩमगनत काभ औय करोध स दय यहगा तो भ तझ आशीवागद दॉ | भन कहा भहायाजजी भ जीवनबय क मरए परनतऻा तो करॉ रककन उसका ऩारन न कय ऩाऊॉ तो झठा भाना जाऊॉ गा | ऩजम भहायाजजी न कहा अचछा ऩहर त भय सभ आठ टदन क मरए परनतऻा कय | कपय परनतऻा को एक-एक टदन फढ़त जाना | इस परकाय त उन फराओॊ स फि सकगा | ह कफर भन हाथ जोड़कय कफर ककमा | ऩजम भहायाजजी न आशीवागद दकय दो-िाय पर परसाद भ टदम | ऩजम भहायाजजी न भयी जो दो कभजोरयमाॉ थीॊ उन ऩय ही सीधा हभरा ककमा था | भझ आशचमग हआ कक अनम कोई बी दगगण छोड़न का न कहकय इन दो दगगणो क मरए ही उनहोन परनतऻा कमो कयवामी फाद भ भ इस याज स अवगत हआ |
दसय टदन भ ऩसनजय टरन भ कानऩय स आग जा यहा था | सफह क कयीफ नौ फज थ |
तीसयी शरणी की फोगी भ जाकय भन माबतरमो क टटकट जाॉिन का कामग शर ककमा | सफस
ऩहर फथग ऩय सोम हए एक मातरी क ऩास जाकय भन एक मातरी क ऩास जाकय भन टटकट टदखान को कहा तो वह गससा होकय भझ कहन रगा अॊधा ह दखता नहीॊ कक भ सो गमा हॉ भझ नीॊद स जगान का तझ कमा अचधकाय ह मह कोई यीत ह टटकट क फाय भ ऩछन की ऐसी ही अकर ह तयी ऐसा कछ-का-कछ वह फोरता ही गमा फोरता ही गमा | भ बी करोधाववषट होन रगा ककॊ त ऩजम भहायाजजी क सभ री हई परनतऻा भझ माद थी अत करोध को ऐस ऩी गमा भानो ववष की ऩकतड़मा भन उस कहा भहाशम आऩ ठीक ही कहत ह कक भझ फोरन की अकर नहीॊ ह बान नहीॊ ह | दखो भय म फार धऩ भ सपद हो गम ह | आऩभ फोरन की अकर अचधक ह नमरता ह तो कऩा कयक मसखाओॊ कक टटकट क मरए भझ ककस परकाय आऩस ऩछना िाटहए | भ रािाय हॉ कक डमटी क कायण भझ टटकट िक कयना ऩड़ यहा ह इसमरए भ आऩको कषट द यहा हॉ|
औय कफ़य भन खफ परभ स हाथ जोड़कय ववनती की बमा कऩा कयक कषट क मरए भझ भा कयो | भझ अऩना टटकट टदखामग भयी नमरता दखकय वह रजजजत हो गमा एवॊ तयॊत उठ फठा | जपदी-जपदी नीि उतयकय भझस भा भाॉगत हए कहन रगा भझ भाप कयना | भ नीॊद भ था | भन आऩको ऩहिाना नहीॊ था | अफ आऩ अऩन भॉह स भझ कह कक आऩन भझ भाफ़ ककमा मह दखकय भझ आनॊद औय सॊतोष हआ | भ सोिन रगा कक सॊतो की आऻा भानन भ ककतनी शकतकत औय टहत ननटहत ह सॊतो की करणा कसा िभतकारयक ऩरयणाभ राती ह वह रवमकतकत क पराकनतक सवबाव को बी जड़-भर स फदर सकती ह | अनमथा भझभ करोध को ननमॊतरण भ यखन की कोई शकतकत नहीॊ थी | भ ऩणगतमा असहाम था कपय बी भझ भहायाजजी की कऩा न ही सभथग फनामा | ऐस सॊतो क शरीियणो भ कोटट-कोटट नभसकाय
-शरी यीजभर
रयटामडग टीटी आई कानऩय
अनम अनबव
जरा हआ कागज
ऩवग रऩ भ एक फाय ऩयभहॊस ववशदधानॊदजी स आनॊदभमी भाॉ की ननकटता ऩानवार सपरमसदध ऩॊकतडत गोऩीनाथ कववयाज न ननवदन ककमा तयणीकानत ठाकय को अरौककक मसवदध पराि हई ह | व बफना दख मा बफना छए ही कागज भ मरखी हई फात ऩढ़ रत ह |
गरदव फोर तभ एक कागज ऩय कछ मरखो औय उसभ आग रगाकय जरा दो |
कववयाजजी न कागज ऩय कछ मरखा औय ऩयी तयह कागज जराकय हवा भ उड़ा टदमा |
उसक फाद गरदव न अऩन तककम क नीि स वही कागज ननकारकय कववयाजजी क आग यख टदमा | मह दखकय उनह फड़ा आशचमग हआ कक मह कागज वही था एवॊ जो उनहोन मरखा था वह बी उस ऩय उनहीॊ क सरख भ मरखा था औय साथ ही उसका उततय बी मरखा हआ दखा | जड़ता ऩशता औय ईशवयता का भर हभाया शयीय ह | जड़ शयीय को भ-भया भानन की ववतत जजतनी मभटती ह ऩाशवी वासनाओॊ की गराभी उतनी हटती ह औय हभाया ईशवयीम अॊश जजतना अचधक ववकमसत होता ह उतना ही मोग-साभमग ईशवयीम साभमग परकट होता ह | बायत क ऐस कई बकतो सॊतो औय मोचगमो क जीवन भ ईशवयीम साभमग दखा गमा ह अनबव ककमा गमा ह उसक ववषम भ सना गमा ह | धनम ह बायतबमभ भ यहनवार बायतीम सॊसकनत भ शरदधा-ववशवास यखनवार अऩन ईशवयीम अॊश को जगान की सवा-साधना कयनवार सवाभी ववशदधानॊदजी वषो की एकाॊत साधना औय वषो-वषो की गरसवा स अऩना दहाधमास औय ऩाशवी वासनाएॉ मभटाकय अऩन ईशवयीम
अॊश को ववकमसत कयनवार बायत क अनक भहाऩरषो भ स थ | उनक जीवन की औय बी अरौककक घटनाओॊ का वणगन आता ह | ऐस सतऩरषो क जीवन-िरयतर औय उनक जीवन भ घटटत घटनाएॉ ऩढ़न-सनन स हभ रोग बी अऩनी जड़ता एवॊ ऩशता स ऊऩय उठकय ईशवयीम अॊश को उबायन भ उतसाटहत होत ह | फहत ऊॉ िा काभ ह फड़ी शरदधा फड़ी सभझ फड़ा धमग िाटहए ईशवयीम साभमग को ऩणग रऩ स ववकमसत कयन भ | अफ आओ
िर आदय शॊकयािामग की ओय
नदी की धाया भड़ गमी
आदय शॊकयािामग की भाता ववमशषटा दवी अऩन करदवता कशव की ऩजा कयन जाती थीॊ | व ऩहर नदी भ सनान कयतीॊ औय कफ़य भॊटदय भ जाकय ऩजन कयतीॊ | एक टदन व परातकार ही ऩजन-साभगरी रकय भॊटदय की ओय गमीॊ ककॊ त सामॊकार तक घय नहीॊ रौटीॊ | शॊकयािामग की आम अबी सात-आठ वषग क भधम भ ही थी | व ईशवय क ऩयभ बकत औय ननषठावान थ | सामॊकार तक भाता क वाऩस न रौटन ऩय आिामग को फड़ी चिनता हई औय व उनह खोजन क मरए ननकर ऩड़ | भॊटदय क ननकट ऩहॉिकय उनहोन भाता को भागग भ ही भजचछगत ऩड़ दखा | उनहोन फहत दय तक भाता का उऩिाय ककमा तफ व होश भ आ सकीॊ |
नदी अचधक दय थी | वहाॉ तक ऩहॉिन भ भाता को फड़ा कषट होता था | आिामग न बगवान स भन-ही-भन पराथगना की कक परबो ककसी परकाय नदी की धाया को भोड़ दो जजसस कक
भाता ननकट ही सनान कय सक | व इस परकाय की पराथगना ननतम कयन रग | एक टदन उनहोन दखा कक नदी की धाया ककनाय की धयती को काटती-काटती भड़न रगी ह तथा कछ टदनो भ ही वह आिामग शॊकय क घय क ऩास फहन रगी | इस घटना न आिामग का अरौककक शकतकतसमऩनन होना परमसदध कय टदमा |
सकषभ शयीय स िोय का ऩीछा ककमा
हरयहय फाफा की फड़ी परमसवदध थी | एक फाय व हयऩारऩय सटशन ऩय थ | वहाॉ क सटशन भासटय न उनको एक िोय सऩदग ककमा | िोय न फाफा स कहा भहायाज भझ इतनी छटटी द दीजजम कक भ अऩन फार-फचिो का परफॊध कय आऊॉ | फाफा गाड़ी आन ऩय रौट आना | िोय िरा गमा | सटशन भासटय को ऩता िरा तो वह फाफा ऩय गभग हआ औय फोरा उसक फदर तमह जर की हवा खानी होगी | तभन जान-फझकय उस बगा टदमा ह | फाफा घफयाओ भत गाड़ी आन स ऩहर ही वह रौट आमगा | िोय की नीमत ठीक नहीॊ थी | वह जॊगर क भागग स अऻात सथान को बाग जाना िाहता था ककॊ त उस हय सभम मही परतीत होता यहा कक हरयहय फाफा डॊडा पटकायत हए उसक ऩीछ-ऩीछ िर आ यह ह | इसीमरए वह गाड़ी आन स ऩहर ही रौट आमा |
भॊगरी फाधा-ननवायण भॊतर
अॊ याॊ अॊ
इस भॊतर को १०८ फाय जऩन स करोध दय होता ह | जनभकनडरी भ भॊगरी मोग होन स जजनक वववाह न हो यह हो व २७ भॊगरवाय इस भॊतर का १०८ फाय जऩ कयत हए वरत यखकय हनभानजी ऩय मसॊदय का िोरा िढ़ाम | इसस भॊगर-फाधा का म होता ह |
सखऩवगक परसवकायक भॊतर
ऩहरा उऩाम
एॊ हीॊ बगवनत बगभामरनन िर िर भराभम भराभम ऩषऩॊ ववकासम ववकासम सवाहा |
इस भॊतर दवाया अमबभॊबतरत दध गमबगणी सतरी को वऩराम तो सखऩवगक परसव होगा |
दसया उऩाम
गमबगणी सतरी सवमॊ परसव क सभम जमबरा-जमबरा जऩ कय |
तीसया उऩाम
दशी गाम क गोफय का १२ स १५ मभरी यस ॐ नभो नायामणाम भॊतर का २१ फाय जऩ कयक ऩीन स बी परसव-फाधाएॉ दय होगी औय बफना ऑऩयशन क परसव होगा |
परसनत क सभम अभॊगर की आशॊका हो तो ननमन भॊतर का जऩ कय
सवगभॊगर भाॊगपम मशव सवागथग साचधक |
शयणम तरममफक गौयी नायामणी नभोSसतत ||
(दगागसिशती)
शकतकतशारी व गोय ऩतर की परानि क मरए
सगबागवसथा भ ढाक (ऩराश खाखया) का एक कोभर ऩतता घोटकय गौ-दगध क साथ योज सवन कयन स फारक शकतकतशारी औय गोया होता ह | भाता-वऩता बर कार-करट हो कपय बी फारक गोया होगा |
सदगर-भटहभा
गर बफन बव ननचध तय न कोई |
जौ फयॊचि सॊकय सभ होई ||
-सॊत तरसीदासजी
हरयहय आटदक जगत भ ऩजमदव जो कोम |
सदगर की ऩजा ककम सफकी ऩजा होम ||
-ननशचरदासजी भहायाज
सहजो कायज सॊसाय को गर बफन होत नाॉही |
हरय तो गर बफन कमा मभर सभझ र भन भाॉही ||
-सॊत कफीयजी सॊत
सयनन जो जन ऩय सो जन उधयनहाय | सॊत की ननॊदा नानका फहरय फहरय अवताय ||
-गर नानक दवजी
गरसवा सफ बागमो की जनभबमभ ह औय वह शोकाकर रोगो को बरहमभम कय दती ह |
गररऩी समग अववदयारऩी याबतर का नाश कयता ह औय ऻानाऻान रऩी मसतायो का रोऩ कयक फवदधभानो को आतभफोध का सटदन टदखाता ह |
-सॊत ऻानशवय भहायाज
सतम क कॊ टकभम भागग भ आऩको गर क मसवाम औय कोई भागगदशगन नहीॊ द सकता |
- सवाभी मशवानॊद सयसवती
ककतन ही याजा-भहायाजा हो गम औय होग सामजम भकतकत कोई नहीॊ द सकता | सचि याजा-भहायाज तो सॊत ही ह | जो उनकी शयण जाता ह वही सचिा सख औय सामजम भकतकत ऩाता ह |
-सभथग शरी याभदास सवाभी
भनषम िाह ककतना बी जऩ-तऩ कय मभ-ननमभो का ऩारन कय ऩयॊत जफ तक सदगर की कऩादवषट नहीॊ मभरती तफ तक सफ रवमथग ह |
-सवाभी याभतीथग
परटो कहत ह कक सकयात जस गर ऩाकय भ धनम हआ |
इभसगन न अऩन गर थोयो स जो पराि ककमा उसक भटहभागान भ व बावववबोय हो जात थ |
शरी याभकषण ऩयभहॊस ऩणगता का अनबव कयानवार अऩन सदगरदव की परशॊसा कयत नहीॊ अघात थ |
ऩजमऩाद सवाभी शरी रीराशाहजी भहायाज बी अऩन सदगरदव की माद भ सनह क आॉस
फहाकय गदगद कॊ ठ हो जात थ |
ऩजम फाऩजी बी अऩन सदगरदव की माद भ कस हो जात ह मह तो दखत ही फनता ह |
अफ हभ उनकी माद भ कस होत ह मह परशन ह | फटहभगख ननगय रोग कछ बी कह साधक को अऩन सदगर स कमा मभरता ह इस तो साधक ही जानत ह |
रडी भाटटगन क सहाग की या कयन अपगाननसतान भ परकट मशवजी
साध सॊग सॊसाय भ दरगब भनषम शयीय |
सतसॊग सववत ततव ह बतरववध ताऩ की ऩीय ||
भानव-दह मभरना दरगब ह औय मभर बी जाम तो आचधदववक आचधबौनतक औय आधमाजतभक म तीन ताऩ भनषम को तऩात यहत ह | ककॊ त भनषम-दह भ बी ऩववतरता हो सचिाई हो शदधता हो औय साध-सॊग मभर जाम तो म बतरववध ताऩ मभट जात ह |
सन १८७९ की फात ह | बायत भ बबरटटश शासन था उनहीॊ टदनो अॊगरजो न अपगाननसतान ऩय आकरभण कय टदमा | इस मदध का सॊिारन आगय भारवा बबरटटश छावनी क रजफ़टनट कनगर भाटटगन को सौऩा गमा था | कनगर भाटटगन सभम-सभम ऩय मदध-तर स अऩनी ऩतनी को कशरता क सभािाय बजता यहता था | मदध रॊफा िरा औय अफ तो सॊदश आन बी फॊद हो गम | रडी भाटटगन को चिॊता सतान रगी कक कहीॊ कछ अनथग न हो गमा हो अपगानी सननको न भय ऩनत को भाय न डारा हो | कदाचित ऩनत मदध भ शहीद हो गम तो भ जीकय कमा करॉ गी -मह सोिकय वह अनक शॊका-कशॊकाओॊ स नघयी यहती थी |
चिनतातय फनी वह एक टदन घोड़ ऩय फठकय घभन जा यही थी | भागग भ ककसी भॊटदय स आती हई शॊख व भॊतर धवनन न उस आकवषगत ककमा | वह एक ऩड़ स अऩना घोड़ा फाॉधकय भॊटदय भ गमी | फजनाथ भहादव क इस भॊटदय भ मशवऩजन भ ननभगन ऩॊकतडतो स उसन ऩछा आऩ रोग कमा कय यह ह एक वरदध बराहमण न कहा हभ बगवान मशव का ऩजन कय यह ह | रडी भाटटगन मशवऩजन की कमा भहतता ह बराहमण फटी बगवान मशव तो औढयदानी ह बोरनाथ ह | अऩन बकतो क सॊकट-ननवायण कयन भ व तननक बी दय नहीॊ कयत ह | बकत उनक दयफाय भ जो बी भनोकाभना रकय क आता ह उस व शीघर ऩयी कयत ह ककॊ त फटी तभ फहत चिजनतत औय उदास नजय आ यही हो कमा फात ह रडी भाटटगन भय ऩनतदव मदध भ गम ह औय ववगत कई टदनो स उनका कोई
सभािाय नहीॊ आमा ह | व मदध भ पॉ स गम ह मा भाय गम ह कछ ऩता नहीॊ िर यहा | भ उनकी ओय स फहत चिजनतत हॉ | इतना कहत हए रडी भाटटगन की आॉख नभ हो गमीॊ |
बराहमण तभ चिनता भत कयो फटी मशवजी का ऩजन कयो उनस पराथगना कयो रघररी कयवाओ | बगवान मशव तमहाय ऩनत का यण अवशम कयग |
ऩॊकतडतो की सराह ऩय उसन वहाॉ गमायह टदन का ॐ नभ मशवाम भॊतर स रघररी अनषठान परायॊब ककमा तथा परनतटदन बगवान मशव स अऩन ऩनत की या क मरए पराथगना कयन रगी कक ह बगवान मशव ह फजनाथ भहादव मटद भय ऩनत मदध स सकशर रौट आम तो भ आऩका मशखयफॊद भॊटदय फनवाऊॉ गी | रघररी की ऩणागहनत क टदन बागता हआ एक सॊदशवाहक मशवभॊटदय भ आमा औय रडी भाटटगन को एक मरपापा टदमा | उसन घफयात-घफयात वह मरपापा खोरा औय ऩढ़न रगी |
ऩतर भ उसक ऩनत न मरखा था हभ मदध भ यत थ औय तभ तक सॊदश बी बजत यह रककन आक ऩठानी सना न घय मरमा | बबरटटश सना कट भयती औय भ बी भय जाता |
ऐसी ववकट ऩरयजसथनत भ हभ नघय गम थ कक पराण फिाकय बागना बी अतमाचधक कटठन था | इतन भ भन दखा कक मदधबमभ भ बायत क कोई एक मोगी जजनकी फड़ी रमफी जटाएॉ ह हाथ भ तीन नोकवारा एक हचथमाय (बतरशर) इतनी तीवर गनत स घभ यहा था कक ऩठान सननक उनह दखकय बागन रग | उनकी कऩा स घय स हभ ननकरकय ऩठानो ऩय वाय कयन का भौका मभर गमा औय हभायी हाय की घकतड़माॉ अिानक जीत भ फदर गमीॊ | मह सफ बायत क उन फाघामफयधायी एवॊ तीन नोकवारा हचथमाय धायण ककम हए
(बतरशरधायी) मोगी क कायण ही समबव हआ | उनक भहातजसवी रवमकतकततव क परबाव स दखत-ही-दखत अपगाननसतान की ऩठानी सना बाग खड़ी हई औय व ऩयभ मोगी भझ
टहमभत दत हए कहन रग | घफयाओॊ नहीॊ | भ बगवान मशव हॉ तथा तमहायी ऩतनी की ऩजा स परसनन होकय तमहायी या कयन आमा हॉ उसक सहाग की या कयन आमा हॉ |
ऩतर ऩढ़त हए रडी भाटटगन की आॉखो स अववयत अशरधाया फहती जा यही थी उसका रदम अहोबाव स बय गमा औय वह बगवान मशव की परनतभा क समभख मसय यखकय पराथगना कयत-कयत यो ऩड़ी | कछ सिाह फाद उसका ऩनत कनगर भाटटगन आगय छावनी रौटा | ऩतनी न उस सायी फात सनात हए कहा आऩक सॊदश क अबाव भ भ चिजनतत हो उठी थी रककन बराहमणो की सराह स मशवऩजा भ रग गमी औय आऩकी या क मरए बगवान मशव स पराथगना कयन रगी | उन द खबॊजक भहादव न भयी पराथगना सनी औय आऩको सकशर रौटा टदमा | अफ तो ऩनत-ऩतनी दोनो ही ननममभत रऩ स फजनाथ भहादव क भॊटदय भ ऩजा-अिगना कयन रग | अऩनी ऩतनी की इचछा ऩय कनगर भाटटगन भ सन १८८३
भ ऩॊरह हजाय रऩम दकय फजनाथ भहादव भॊटदय का जीणोदवाय कयवामा जजसका मशरारख आज बी आगय भारवा क इस भॊटदय भ रगा ह | ऩय बायतबय भ अॊगरजो दवाय ननमभगत मह एकभातर टहनद भॊटदय ह |
मयोऩ जान स ऩवग रडी भाटटगन न ऩकतड़तो स कहा हभ अऩन घय भ बी बगवान मशव का भॊटदय फनामग तथा इन द ख-ननवायक दव की आजीवन ऩजा कयत यहग |
बगवान मशव भ बगवान कषण भ भाॉ अमफा भ आतभवतता सदगर भ सतता तो एक ही ह | आवशमकता ह अटर ववशवास की | एकररवम न गरभनत ग भ ववशवास कय वह पराि कय मरमा जो अजगन को कटठन रगा | आरणण उऩभनम रव परहराद आटद अनम सकड़ो उदायहण हभाय साभन परतम ह | आज बी इस परकाय का सहमोग हजायो बकतो को साधको को बगवान व आतभवतता सदगरओॊ क दवाया ननयनतय पराि होता यहता ह | आवशमकता ह तो फस कवर ववशवास की |
भहाभतमॊजम भॊतर
ॐ हौ जॉ स |
ॐ बबगव सव |
ॐ तरममफकॊ मजाभह सगॊचध ॊ ऩवषटवधगनभ |
उवागरकमभव फनधनानभतमोभगीम भाभतात |
सव भव ब ॐ |
स जॉ हौ ॐ |
बगवान मशव का मह भहाभतमॊजम जऩन स अकार भतम तो टरती ही ह आयोगमता की बी परानि होती ह | सनान कयत सभम शयीय ऩय रोट स ऩानी डारत वकत इस भॊतर का जऩ कयन स सवासम-राब होता ह | दध भ ननहायत हए इस भॊतर का जाऩ ककमा जाम औय कपय वह दध ऩी मरमा जम तो मौवन की सया भ बी सहामता मभरती ह | आजकर की तज यफ़तायवारी जजनदगी भ कहाॉ आतॊक उऩरव दघगटना हो जाम कहना भजशकर ह | घय स ननकरत सभम एक फाय मह भॊतर जऩनवारा इन उऩदरवो स सयकषत यहता ह औय सयकषत घय रौटता ह | (इस भॊतरानषठान क ववचध-ववधान की ववसतत जानकायी क मरए आशरभ दवाया परकामशत आयोगमननचध ऩसतक ऩढ़ |) शरीभदबागवत क आठव सकॊ ध भ तीसय अधमाम क शलोक १ स ३३ तक भ वणणगत गजनरभो सतोतर का ऩाठ कयन स तभाभ
ववधन दय होत ह |
कोरकाता
औय डकत घफयाकय बाग गम
१४ जराई ९९ को कयीफ साढ़ तीन फज भय भकान भ छ डकत घस आम औय उस सभम दबागगम स फाहय का दयवाजा खरा हआ था | दो डकत फाहय भारनत िार यखकय खड़ थ | एक डकत न धकका दकय भयी भाॉ का भॉह फॊद कय टदमा औय अरभायी की िाफी भाॉगन रगा | इस घटना क दौयान भ दकान ऩय था | भयी ऩतनी को बी डकत धभकान रग औय आवाज न कयन को कहा | भयी ऩतनी न ऩजम फाऩजी क चितर क साभन हाथ जोड़कय पराथगना की अफ आऩ ही या कयो इतना ही कहा तो आशचमग आशचमग ऩयभ आशचमग व सफ डकत घफयाकय बागन रग | उनकी हड़फड़ाहट दखकय ऐसा रग यहा था भानो उनह कछ टदखामी नहीॊ द यहा था | व बाग गम | भया ऩरयवाय गरदव का कणी ह |
फाऩजी क आशीवागद स सफ सकशर ह | हभन १५ नवमफय ९८ को वायाणसी भ भॊतरदीा री थी |
-भनोहयरार तरयजा ४ झररार नगय मशवाजी नगय वायाणसी
भॊतर दवाया भतदह भ पराण-सॊिाय
भ शरी मोग वदानत सवा समभनत आभट स जीऩ दवाया यवाना हआ था | ११ जराई १९९४ को भधमानह फायह फज हभायी जीऩ ककसी तकनीकी तरटट क कायण ननमॊतरण स फाहय होकय तीन ऩजपटमाॉ खा गमी | भया ऩया शयीय जीऩ क नीि दफ गमा | ककसी तयह भझ फाहय ननकारा गमा | एक तो दफरा ऩतरा शयीय औय ऊऩय स ऩयी जीऩ का वजन ऊऩय आ जान क कायण भय शयीय क परतमक टहसस भ असहय ददग होन रगा | भझ ऩहर तो कसरयमाजी असऩतार भ दाणखर कयामा गमा | जमो-जमो उऩिाय ककमा गमा कषट फढ़ता ही गमा कमोकक िोट फाहय नहीॊ शयीय क बीतयी टहससो भ रगी थी औय बीतय तक डॉकटयो का कोई उऩिाय काभ नहीॊ कय यहा था | जीऩ क नीि दफन स भया सीना व ऩट ववशष परबाववत हए थ औय हाथ-ऩय भ काॉि क टकड़ घस गम थ | ददग क भाय भझ साॉस रन भ बी तकरीप हो यही थी | ऑकसीजन टदम जान क फाद बी दभ घट यहा था औय भतम की घकतडमाॉ नजदीक टदखामी ऩड़न रगीॊ | भ भयणासनन जसथनत भ ऩहॉि गमा | भया भतम-
परभाणऩतर फनान की तमारयमाॉ कक जान रगीॊ व भझ घय र जान को कहा गमा | इसक ऩवग भया मभतर ऩजम फाऩ स फ़ोन ऩय भयी जसथनत क समफनध भ फात कय िका था |
पराणीभातर क ऩयभ टहतषी दमार सवबाव क सॊत ऩजम फाऩ न उस एक गि भॊतर परदान कयत हए कहा था कक ऩानी भ ननहायत हए इस भॊतर का एक सौ आठ फाय (एक भारा) जऩ कयक वह ऩानी भनोज को एवॊ दघगटना भ घामर अनम रोगो को बी वऩरा दना |
जस ही वह अमबभॊबतरत जर भय भॉह भ डारा गमा भय शयीय भ हरिर होन क साथ ही वभन हआ | इस अदबत िभतकाय स ववजसभत होकय डॉकटयो न भझ तयॊत ही ववशष भशीनो क नीि र जाकय मरटामा | गहन चिककतसकीम ऩयीण क फाद डॉकटयो को ऩता िरा कक जीऩ क नीि दफन स भया ऩया खन कारा ऩड़ गमा था तथा नाड़ी-िारन (ऩपस) रदमगनत व यकत परवाह बी फॊद हो िक थ | भय शयीय का समऩणग यकत फदर टदमा गमा तथा आऩयशन बी हआ | उसक ७२ घॊट फाद भझ होश आमा | फहोशी भ भझ कवर इतना ही माद था की भय बीतय ऩजम फाऩ दवाया परदतत गरभॊतर का जऩ िर यहा ह | होश भ आन ऩय डॉकटयो न ऩछा तभ आऩयशन क सभम फाऩफाऩ ऩकाय यह थ | म फाऩ कौन ह भन फतामा व भय गरदव परात सभयणीम ऩयभ ऩजम सॊत शरी असायाभजी फाऩ ह | डॉकटयो न ऩन भझस परशन ककमा कमा तभ कोई रवमामाभ कयत हो भन कहा भ अऩन गरदव दवाया मसखामी गमी ववचध स आसन व पराणामाभ कयता हॉ | व फोर
इसीमरम तमहाय इस दफर-ऩतर शयीय न मह सफ सहन कय मरमा औय तभ भयकय बी ऩन जजनदा हो उठ दसया कोई होता तो तयॊत घटनासथर ऩय ही उसकी हडकतडमाॉ फाहय ननकर जातीॊ औय वह भय जाता | भय शयीय भ आठ-आठ नमरमाॉ रगी हई थीॊ | ककसीस खन िढ़ यहा था तो ककसी स कबतरभ ऑकसीजन टदमा जा यहा था | मदयवऩ भय शयीय क कछ टहससो भ अबी-बी काॉि क टकड़ भौजद ह रककन गरकऩा स आज भ ऩणग सवसथ
होकय अऩना रवमवसाम व गरसवा दोनो कामग कय यह हॉ | भया जीवन तो गरदव का ही टदमा हआ ह | इन भॊतरदषटा भहवषग न उस टदन भय मभतर को भॊतर न टदमा होता तो भया ऩनजीवन तो समबव नहीॊ था | ऩजम फाऩ भानव-दह भ टदखत हए बी अनत असाधायण भहाऩरष ह | टमरफ़ोन ऩय टदम हए उनक एक भॊतर स ही भय भत शयीय भ ऩन पराणो का सॊिाय हो गमा तो जजन ऩय फाऩ की परतम दवषट ऩड़ती होगी व रोग ककतन बागमशारी होत होग ऐस दमार जीवनदाता सदगर क शरीियणो भ कोटट-कोटट दॊडवत परणाभ
-भनोज कभाय सोनी जमोनत टरसग रकषभी फाजाय आभट याजसथान
सदगरदव की कऩा स नतरजमोनत वाऩस मभरी
भयी दाटहनी आॉख स कभ टदखामी दता था तथा उसभ तकरीफ़ बी थी | धमानमोग मशववय टदपरी भ ऩजम गरदव भवा फाॉट यह थ तफ एक भवा भयी दाटहनी आॉख ऩय आ रगा | आॉख स ऩानी ननकरन रगा | ऩय आशचमग दसय ही टदन स आॉख की तकरीप मभट गमी औय अचछी तयह टदखामी दन रगा |
-याजकरी दवी असनाऩय रारगॊज अजाया जज परताऩगढ़ उततय परदश
फड़दादा की मभटटी व जर स जीवनदान
अगसत ९८ भ भझ भररयमा हआ | उसक फाद ऩीमरमा हो गमा | भय फड़ बाई न आशरभ स परकामशत आयोगमननचध ऩसतक भ स ऩीमरमा का भॊतर ऩढ़कय ऩीमरमा तो उताय टदमा ऩयॊत कछ ही टदनो फाद अॊगरजी दवाओॊ क रयएन स दोनो ककडननमाॉ पर (ननजषकरम) हो गई | भया हाटग (रदम) औय रीवय (मकत) बी पर होन रग | डॉकटयो न तो कह टदमा मह रड़का फि नहीॊ सकता | कपय भझ गोटदमा स नागऩय हॉजसऩटर भ र जामा गमा रककन वहाॉ बी डॉकटयो न जवाफ द टदमा कक अफ कछ नहीॊ हो सकता | भय बाई भझ वहीॊ छोड़कय सयत आशरभ आम वदयजी स मभर औय फड़दादा की ऩरयकरभा कयक पराथगना की तथा वहाॉ की मभटटी औय जर मरमा | ८ तायीख को डॉकटय भयी ककडनी फदरन वार थ |
जफ भय बाई फड़दादा को पराथगना कय यह थ तबी स भझ आयाभ मभरना शर हो गमा था | बाई न ७ तायीख को आकय भझ फड़दादा कक मभटटी रगाई औय जर वऩरामा तो भयी दोनो ककडनीमाॉ सवसथ हो गमी | भझ जीवनदान मभर गमा | अफ भ बफपकर सवसथ हॉ |
-परवीण ऩटर
गोटदमा भहायाषड
ऩजम फाऩ न प का कऩा-परसाद
कछ वषग ऩवग ऩजम फाऩ याजकोट आशरभ भ ऩधाय थ | भझ उन टदनो ननकट स दशगन कयन का सौबागम मभरा | उस सभम भझ छाती भ एनजामना ऩकतटोरयस क कायण ददग यहता था | सतसॊग ऩया होन क फाद कछ रोग ऩजम फाऩ क ऩास एक-एक कयक जा यह थ | भ कछ पर-पर नहीॊ रामा था इसमरए शरदधा क पर मरम फठा था | ऩजम फाऩ
कऩा-परसाद प क यह थ कक इतन भ एक िीक भयी छाती ऩय आ रगा औय छाती का वह ददग हभशा क मरए मभट गमा |
-अयववॊदबाई वसावड़ा याजकोट
एक छोटी थरी फनी अमऩातर
सन १९९२ भ यतराभ (भपर) क ऩास सराना क आटदवासी ववसताय भ बॊडाय का आमोजन था | बॊडाय भ सवाएॉ दन फहत-स साधक आम हए थ | आशरभवासी बाई बी ऩहॉि थ | एक टदन का ही आमोजन था औय सतसॊग-कामगकरभ बी था | उस बॊडाय भ गयीफो क मरए बोजन क अरावा फतगन कऩड़ अनाज औय दकषणा (ऩस) फाॉटन की बी रवमवसथा की गमी थी | भय टहसस ऩस फाॉटन की सवा थी | भन ऩाॉि रऩमोवार सौ-सौ नोटो क ऩिीस फॊडर चगनकय थरी भ यख थ | भझ आदश टदमा गमा था आठ सवाधायी ननमकत कय रो | व रोग ऩाॉि रऩम क नोट फाॉटत जामग | भन आठ सवमॊसवको को ऩहरी फाय आठ फॊडर द टदम | कपय ऩॊरह-फीस मभनट क फाद भन दसयी फाय आठो को एक-एक फॊडर टदमा | कपय तीसयी फाय आठो को एक-एक फॊडर टदमा | कर २४ फॊडर गम | अफ दसयी ऩॊकतकत बोजन क मरए बफठामी गमी | भन आठो सवमॊसवको को ऩहरी की बाॉनत तीन फाय एक-एक फॊडर फाॉटन क मरए टदमा | कर ४८ फॊडर गम | बॊडाया ऩया होन क फाद भन सोिा िरो अफ टहसाफ कय र | भ चगनन फठा | भय ऩास ६ फॊडर फि थ | मह कस
भ दॊग यह गमा भन ऩस फाॉटनवारो स ऩछा तो उनहोन फतामा कक कर ४८ फॊडर फाॉट गम थ | भ आशरभ आमा तो रवमवसथाऩक न कहा भन तो आऩको २५ फॊडर टदम थ |
सफको आशचमग हो यहा था कक फॉट ४८ फॊडर औय रकय िर थ २५ फॊडर | २५ भ स ४८ फॉट औय ६ फि गम गरदव का आशीवागद दणखम कक एक छोटी-सी थरी अम ऩातर फन गमी
-ईशवयबाई नामक
अभदावाद आशरभ
फटी न भनौती भानी औय गरकऩा हई
भयी फटी को शादी ककम आठ सार हो गम थ | ऩहरी फाय जफ वह गबगवती हई तफ फचिा ऩट भ ही भय गमा | दसयी फाय फचिी जनभी ऩय छ भहीन भ वह बी िर फसी |
कपय भयी ऩतनी न फटी स कहा अगय त सॊकपऩ कय कक जफ तीसयी फाय परसती होगी तफ तभ फारक की जीब ऩय फाऩजी क फतान क भताबफक bdquoॐ‟ मरखोगी तो तया फारक जीववत यहगा ऐसा भझ ववशवास ह कमोकक ॐकाय भॊतर भ ऩयभानॊदसवरऩ परब ववयाजभान ह | भयी फटी न इस परकाय भनौती भानी औय सभम ऩाकय वह गबगवती हई | सोनोगराफ़ी कयवामी गमी तो डॉकटयो न फतामा गबग भ फचिी ह औय उसक टदभाग भ ऩानी बया हआ ह | वह जजॊदा नहीॊ यह सकगी | गबगऩात कयवा दो | भयी फटी न अऩनी भाॉ स सराह की | उसकी भाॉ न कहा गबगऩात का भहाऩाऩ नहीॊ कयवाना ह | जो होगा दखा जामगा |
गरदव कऩा कयग | जफ परसती हई तो बफपकर पराकनतक ढ़ॊग स हई औय उस फचिी की जीब ऩय शहद एवॊ मभशरी स ॐ मरखा गमा | आज वह बफपकर ठीक ह | जफ उसकी डॉकटयी जाॉि कयवामी गमी तो डॉकटय आशचमग भ ऩड़ गम सोनोगराफ़ी भ जो फीभारयमाॉ टदख यही थीॊ व कहाॉ िरी गमीॊ टदभाग का ऩानी कहाॉ िरा गमा टहनदजा हॉजसऩटरवार मह करयशभा दखकय दॊग यह गम अफ घय भ जफ कोई दसयी कोई कसट िरती ह तो वह फचिी इशाया कयक कहती ह ॐवारी कसट िराओ | वऩछरी ऩनभ को हभ भॊफई स टाटा सभो भ आ यह थ | फाढ़ क ऩानी क कायण यासता फॊद था | हभ सोि भ ऩड़ गम कक ऩनभ का ननमभ टटगा | हभन गरदव का सभयण ककमा | इतन भ हभाय डराइवय न हभस ऩछा जान दॉ हभन बी गरदव का सभयण कयक कहा जान दो औय हरय हरय ॐ कीतगन की कसट रगा दो | गाड़ी आग िरी | इतना ऩानी कक हभ जहाॉ फठ थ वहाॉ तक ऩानी आ गमा | कपय बी हभ गरदव क ऩास सकशर ऩहॉि गम औय उनक दशगन ककम|
-भयायीरार अगरवार
साॊताकरज भॊफई
औय गरदव की कऩा फयसी
जफस सयत आशरभ की सथाऩना हई तफस भ गरदव क दशगन कयत आ यहा हॉ उनकी अभतवाणी सनता आ यहा हॉ | भझ ऩजमशरी स भॊतरदीा बी मभरी ह | परायबधवश एक टदन भय साथ एक बमॊकय दघगटना घटी | डॉकटय कहत थ आऩका एक हाथ अफ काभ नहीॊ कयगा | भ अऩना भानमसक जऩ भनोफर स कयता यहा | अफ हाथ बफपकर ठीक ह | उसस भ ७० ककगरा वजन उठा सकता हॉ | भयी सभसमा थी कक शादी होन क फाद भझ कोई सॊतान नहीॊ थी | डॉकटय कहत थ कक सॊतान नहीॊ हो सकती | हभ रोगो न गरकऩा एवॊ गरभॊतर का सहाया मरमा धमानमोग मशववय भ आम औय गरदव की कऩा फयसी | अफ
हभायी तीन सॊतान ह दो ऩबतरमाॉ औय एक ऩतर | गरदव न ही फड़ी फटी का नाभ गोऩी औय फट का नाभ हरयककशन यखा ह | जम हो सदगरदव की
-हॉसभख काॊनतरार भोदी ५७ अऩना घय सोसामटी सॊदय योड़ सयत
कसट-शरवण स बकतकत का सागय टहरोय रन रगा
भ हय सार गमभगमो भ कबी फरीनाथ तो कबी कदायनाथ तो कबी गॊगोतरी आटद तीथो भ जाता यहता था | रवषकश भ एक दकान क ऩास खड़ यहन ऩय भझ ऩजम गरदव की अभतवाणी की कसट भो का भागग भौत की भौत तीन फात आटद दखन-सनन को मभरीॊ तो भन म कसट खयीद रीॊ | घय ऩहॉिकय कसट सनन क फाद रदम भ बकतकत का सागय टहरोय रन रगा | भझ ऐसा रगा भानो कोई भझ फरा यहा हो | दकान जात सभम ऐसा आबास हआ कक कोई ऩवग आनवारा ह औय भझ अभदावाद जाना होगा उसी टदन अभदावाद आशरभ स भय ऩतर का जवाफ आमा कक टदनाॊक १२ को गरऩनभ का ऩवग ह |
आऩ गरदव क दशगन कय सकत ह | हभ सऩरयवाय आशरभ ऩहॉि | दशगन कयक धनम हए |
दीा ऩाकय कताथग हए | अफ तो हय भहीन जफ तक गरदव क दशगन नहीॊ कयता तफ तक भझ ऐसा रगता ह कक भन कछ खो टदमा ह | दीा क फाद साधन-बजन फढ़ यहा ह बकतकत फढ़ यही ह | ऩहर सॊसाय भ सपरता-ववपरता की जो िोट रगती थी अफ उनका परबाव कभ हआ ह | ववषम-ववकायो का परबाव कभ हआ ह | जान जीव तफ जागा हरय ऩद रचि ववषम ववरास ववयागा भय जीवन भ सॊत तरसीदासजी क इन विनो का समोदम हो यहा ह |
-मशवकभाय तरसमान
गोयखऩय उततय परदश
गरदव न बजा अमऩातर
हभ परिायमातरा क दौयान गरकऩा का जो अदबत अनबव हआ वह अवणगनीम ह | मातरा की शरआत स ऩहर टदनाॊक ८-११-९९ को हभ ऩजम गरदव क आशीवागद रन गम |
गरदव न कामगकरभ क ववषम भ ऩछा औय कहा ऩॊिड़ आशरभ (यतराभ) भ बॊडाया था |
उसभ फहत साभान फि गमा ह | गाड़ी बजकय भॉगवा रना गयीफो भ फाॉटना | हभ झाफआ जजर क आस-ऩास क गयीफ आटदवासी इराको भ जानवार थ | वहाॉ स यतराभ क
मरए गाड़ी बजी | चगनकय साभान बया गमा | दो टदन िर उतना साभान था | एक टदन भ दो बॊडाय होत थ | अत िाय बॊडाय का साभान था | सफन खपर हाथो फतगन कऩड़ साकतड़माॉ धोती आटद साभान छ टदनो तक फाॉटा कपय बी साभान फिा यहा | सफको आशचमग हआ हभ रोग साभान कपय स चगनन रग ऩयॊत गरदव की रीरा क ववषम भ कमा कह
कवर दो टदन िर उतना साभान छ टदनो तक खपर हाथो फाॉटा कपय बी अॊत भ तीन
फोय फतगन फि गम भानो गरदव न अमऩातर बजा हो एक टदन शाभ को बॊडाया ऩया हआ तफ दखा कक एक ऩतीरा िावर फि गमा ह | कयीफ १००-१२५ रोग खा सक उतन िावर थ | हभन सोिा िावर गाॉव भ फाॊट दत ह | ऩयॊत गरदव की रीरा दखो एक गाॉव क फदर ऩाॉि गाॉवो भ फाॉट कपय बी िावर फि यह | आणखय याबतर भ ९ फज क फाद सवाधारयमो न थककय गरदव स पराथगना की कक गरदव अफ जॊगर का ववसताय ह हभ ऩय कऩा कयो | औय िावर खतभ हए | कपय सवाधायी ननवास ऩय ऩहॉि |
-सॊत शरी आसायाभजी बकतभॊडर
कतायगाभ सयत
सवपन भ टदम हए वयदान स ऩतरपरानि
भय गरहसथ जीवन भ एक-एक कयक तीन कनमाएॉ जनभी | ऩतरपरानि क मरए भयी धभगऩतनी न गरदव स आशीवागद पराि ककमा था | िौथी परसनत होन क ऩहर जफ उसन वरसाड़ भ सोनोगराफ़ी कयवामी तो रयऩोटग भ रड़की फतामा गमा | मह सनकय हभ ननयाश हो गम |
एक यात ऩतनी को सवपन भ गरदव न दशगन टदम औय कहा फटी चिॊता भत कय |
घफयाना भत धीयज यख | रड़का ही होगा | हभन सयत आशरभ भ फड़दादा की ऩरयकरभा कयक भनौती भानी थी वह बी फ़रीबत हई औय गरदव का बरहमवाकम बी सतम साबफत हआ जफ परसनत होन ऩय रड़का हआ | सबी गरदव की जम-जमकाय कयन रग |
-सनीर कभाय याधशमाभ िौयमसमा दीऩकवाड़ी ककपरा ऩायड़ी जज वरसाड़
शरी आसायाभामण क ऩाठ स जीवनदान
भया दस वषीम ऩतर एक यात अिानक फीभाय हो गमा | साॉस बी भजशकर स र यहा था |
जफ उस हॉजसऩटर भ बती ककमा तफ डॉकटय फोर | फचिा गॊबीय हारत भ ह | ऑऩयशन कयना ऩड़गा | भ फचि को हॉजसऩटर भ ही छोड़कय ऩस रन क मरए घय गमा औय घय
भ सबी को कहा ldquoआऩ रोग शरी आसायाभामण का ऩाठ शर कयो |rdquo ऩाठ होन रगा |
थोड़ी दय फाद भ हॉजसऩटर ऩहॉिा | वहाॉ दखा तो फचिा हॉस-खर यहा था | मह दख भयी औय घयवारो की खशी का टठकाना न यहा मह सफ फाऩजी की असीभ कऩा गर-गोववनद की कऩा औय शरी आसायाभामण-ऩाठ का पर ह |
-सनीर िाॊडक
अभयावती भहायाषड
गरवाणी ऩय ववशवास स अवणीम राब
शादी होन ऩय एक ऩतरी क फाद सात सार तक कोई सॊतान नहीॊ हई | हभाय भन भ ऩतरपरानि की इचछा थी | १९९९ क मशववय भ हभ सॊतानपरानि का आशीवागद रनवारो की ऩॊकतकत भ फठ | फाऩजी आशीवागद दन क मरए साधको क फीि आम तो कछ साधक नासभझी स कछ ऐस परशन कय फठ जो उनह नहीॊ कयन िाटहए थ | गरदव नायाज होकय मह कहकय िर गम कक तभको सॊतवाणी ऩय ववशवास नहीॊ ह तो तभ रोग महाॉ कमो आम तमह डॉकटय क ऩास जाना िाटहए था | कपय गरदव हभाय ऩास नहीॊ आम | सबी पराथगना कयत यह ऩय गरदव रवमासऩीठ स फोर दफाया तीन मशववय बयना | भ भन भ सोि यहा था कक कछ साधको क कायण भझ आशीवागद नहीॊ मभर ऩामा ऩयॊत वजरादवऩ कठोयाणण भदनन कसभादवऩ फाहय स वजर स बी कठोय टदखन वार सदगर बीतय स पर स बी कोभर होत ह | तयॊत गरदव ववनोद कयत हए फोर दखो म रोग सॊतानपरानि का आशीवागद रन आम ह | कस ठनठनऩार-स फठ ह अफ जाओ झरा-झनझना रकय घय जाओ | भन औय भयी ऩतनी न आऩस भ वविाय ककमा दमार गरदव न आणखय आशीवागद द ही टदमा | अफ गरदव न कहा ह कक झरा-झनझना र जाओ | तो भन गरविन भानकय यरव सटशन स एक झनझना खयीद मरमा औय गवामरमय आकय गरदव क चितर क ऩास यख टदमा | भझ वहाॉ स आन क १५ टदन फाद डॉकटय दवाया भारभ हआ कक ऩतनी गबगवती ह | भन गरदव को भन-ही-भन परणाभ ककमा | इस फीि डॉकटयो न सराह दी कक रड़का ह मा रड़की इसकी जाॉि कया रो | भन फड़ ववशवास स कहा कक रड़का ही होगा | अगय रड़की बी हई तो भझ कोई आऩवतत नहीॊ ह | भझ गबगऩात का ऩाऩ अऩन मसय ऩय नहीॊ रना ह | नौ भाह तक भयी ऩतनी बी सवसथ यही | हरयदवाय मशववय भ बी हभ रोग गम | सभम आन ऩय गरदव दवाया फताम गम इराज क भताबफक गाम क गोफय का यस ऩतनी को टदमा औय टदनाॊक २७ अकतफय १९९९ को एक सवसथ फारक का जनभ हआ |
-याजनर कभाय वाजऩमी अिगना वाजऩमी फरवॊत नगय ढाढीऩय भयाया गवामरमय
औय सोना मभर गमा
हभाय सॊमकत ऩरयवाय भ साठ तोरा सोना िोयी हो गमा था | सतसॊगी होन क कायण हभ द ख तो नहीॊ हआ कपय बी थोडी-फहत चिनता अवशम हई | आशरभ क एक साधक न हभस कहा | आऩ रोग शरी आसायाभामण क १०८ ऩाठ कयो औय सॊकपऩ कयो कक हभाया सोना हभ जरय मभरगा | मभनाऩाय टदपरी भ गरदव का आगभन हआ | हभ शाभ को गरदव क दशगन कयन गम | हभन कछ कहा नहीॊ कमोकक गरदव अॊतमागभी ह | उनहोन हभको परसाद टदमा | उसी यात घय ऩय पोन आमा कक आऩका सोना मभर गमा ह | िोय रखनऊ भ ऩकड़ा गमा ह | हभ आशचमग हआ शरी आसायाभामण क १०८ ऩाठ ऩय बी नहीॊ हए थ औय सोना मभर गमा |
-रीना फटानी यानीफाग टदपरी
सवपर क दो टकड़ो स दो सॊतान
भन सन १९९१ भ िटीिॊड मशववय अभदावाद भ ऩजम फाऩजी स भॊतरदीा री थी | भयी शादी क १० वषग तक भख कोई सॊतान नहीॊ हई | फहत इराज कयवाम रककन सबी डॉकटयो न फतामा कक फारक होन की कोई सॊबावना नहीॊ ह | तफ भन ऩजम फाऩजी क ऩनभ दशगन का वरत मरमा औय फाॉसवाड़ा भ ऩनभ दशगन क मरए गमा | ऩजम फाऩजी सफको परसाद द यह थ | भन भन भ सोिा | कमा भ इतना ऩाऩी हॉ कक फाऩजी भयी तयप दखत तक नहीॊ इतन भ ऩजम फाऩजी कक दवषट भझ ऩय ऩड़ी औय उनहोन भझ दो मभनट तक दखा | कपय उनहोन एक सवपर रकय भझ ऩय प का जो भय दाम कॊ ध ऩय रगकय दो टकड़ो भ फॉट गमा | घय जाकय भन उस सवपर क दोनो बाग अऩनी ऩतनी को णखरा टदम | ऩजमशरी का कऩाऩणग परसाद खान स भयी ऩतनी गबगवती हो गमी | ननयीण कयान ऩय ऩता िरा कक उसको दो मसय वारा फारक उतऩनन होगा | डॉकटयो न फतामा उसका मसजरयमन कयना ऩड़गा अनमथा आऩकी ऩतनी क फिन की समबावना नहीॊ ह | मसजरयमन भ रगबग फीस हजाय रऩमो का खिग आमगा | भन ऩजम फाऩजी स पराथगना की ह फाऩजी आऩन ही पर टदमा था | अफ आऩ ही इस सॊकट का ननवायण कीजजम | कपय
भन फड़ फादशाह क साभन बी पराथगना की जफ भ असऩतार ऩहॉिॉ तो भयी ऩतनी की परसती सकशर हो जाम | उसक फाद जफ भ असऩतार ऩहॉिा तो भयी ऩतनी एक ऩतर औय एक ऩतरी को जनभ द िकी थी | ऩजमशरी क दवाया टदम गम पर स भझ एक की जगह दो सॊतानो की परानि हई |
-भकशबाई सोरॊकी शायदा भॊटदय सकर क ऩीछ
फावन िार वड़ोदया
साइककर स गरधाभ जान ऩय खयाफ टाॉग ठीक हो गमी
भयी फाॉमी टाॉग घटन स उऩय ऩतरी हो गमी थी | ऑर इणणडमा भकतडकर इनसटीटमट
टदपरी भ भ छ टदन तक यहा | वहाॉ जाॉि क फाद फतरामा गमा कक तमहायी यीढ़ की हडडी क ऩास कछ नस भय गमी ह जजसस मह टाॉग ऩतरी हो गमी ह | मह ठीक तो हो ही नहीॊ सकती | हभ तमह ववटामभन ई क कपसर द यह ह | तभ इनह खात यहना | इसस टाॊग औय जमादा ऩतरी नहीॊ होगी | भन एक सार तक कपसर खाम | उसक फाद २२ जन
१९९७ को भजफ़फ़यनगय भ भन गरजी स भॊतरदीा री औय दवाई खाना फॊद कय दी | जफ एक साधक बाई याहर गिा न कहा कक सहायनऩय स साइककर दवाया उततयामण मशववय अभदावाद जान का कामगकरभ फन यहा ह तफ भन टाॉग क फाय भ सोि बफना साइककर मातरा भ बाग रन क मरए अऩनी सहभनत द दी | जफ भय घय ऩय ऩता िरा कक भन साइककर स गरधाभ अभदावाद जान का वविाय फनामा ह अत तभ ११५० ककभी तक साइककर नहीॊ िरा ऩाओग | रककन भन कहा भ साइककर स ही गरधाभ जाऊॉ गा िाह ककतनी बी दयी कमो न हो औय हभ आठ साधक बाई सहायनऩय स २६ टदसमफय ९७ को साइककरो स यवाना हए | भागग भ िढ़ाई ऩय भझ जफ बी कोइ टदककत होती तो ऐसा रगता जस भयी साइककर को कोई ऩीछ स धकर यहा ह | भ भड़कय ऩीछ दखता तो कोई टदखामी नहीॊ ऩड़ता | ९ जनवयी को जफ हभ अभदावाद गरआशरभ भ ऩहॉि औय भन सफह अऩनी टाॉग दखी तो भ दॊग यह गम जो टाॉग ऩतरी हो गमी थी औय डॉकटयो न उस ठीक होन स भना कय टदमा था वह टाॉग बफपकर ठीक हो गमी थी | इस कऩा को दखकय भ िककत यह गमा भय साथी बी दॊग यह गम मह सफ गरकऩा क परसाद का िभतकाय था | भय आठो साथी भयी ऩतनी तथा ऑर इणणडमा भकतडकर इनसटीटमट टदपरी दवाया जाॉि क परभाणऩतर इस फात क साी ह |
-ननयॊकाय अगरवार
ववषणऩयी
अदबत यही भौनभॊटदय की साधना
ऩयभ ऩजम सदगरदव की कऩा स भझ टदनाॊक १८ स २४ भई १९९९ तक अभदावाद आशरभ क भौनभॊटदय भ साधना कयन का सअवसय मभरा | भौनभॊटदय भ साधना क ऩाॉिव टदन मानी २२ भई की याबतर को रगबग २ फज नीॊद भ ही भझ एक झटका रगा | रट यहन कक जसथनत भ ही भझ भहसस हआ कक कोई अदशम शकतकत भझ ऊऩय फहत ऊऩय उड़म र जा यही ह | ऊऩय उड़त हए जफ भन नीि झाॉककय दखा तो अऩन शयीय को उसी भौनभॊटदय भ चितत रटा हआ फखफय सोता हआ ऩामा | ऊऩय जहाॉ भझ र जामा गमा वहाॉ अरग ही छटा थी अजीफ औय अवणीम आकाश को बी बदकय भझ ऐस सथान ऩय ऩहॉिामा गमा था जहाॉ िायो तयप कोहया-ही-कोहया था जस शीश की छत ऩय ओस परी हो इतन भ दखता हॉ कक एक सबा रगी ह बफना शयीय की कवर आकनतमो की | जस यखाओॊ स भनषमरऩी आकनतमाॉ फनी हो | मह सफ कमा िर यहा था सभझ स ऩय था |
कछ ऩर क फाद व आकनतमाॉ सऩषट होन रगी | दवी-दवताओॊ क ऩॊज क भधम शीषग भ एक उचि आसन ऩय साात फाऩजी शॊकय बगवान फन हए करास ऩवगत ऩय ववयाजभान थ औय दवी-दवता कताय भ हाथ फाॉध खड़ थ | भ भक-सा होकय अऩरक नतरो स उनह दखता ही यहा कपय भॊतरभगध हो उनक ियणो भ चगय ऩड़ा | परात क ४ फज थ | अहा भन औय शयीय हपका-फ़पका रग यहा था मही जसथनत २४ भई की भधमयाबतर भ बी दोहयामी गमी | दसय टदन सफह ऩता िरा कक आज तो फाहय ननकरन का टदन ह मानी यवववाय २५ भई की सफह | फाहय ननकरन ऩय बावबया रदम गदगद कॊ ठ औय आखो भ आॉस मो रग यहा था कक जस ननजधाभ स फघय ककमा जा यहा हॉ | धनम ह वह बमभ
भौनभॊटदय भ साधना की वह रवमवसथा जहाॊ स ऩयभ आनॊद क सागय भ डफन की कॊ जी मभरती ह जी कयता ह बगवान ऐसा अवसय कपय स राम जजसस कक उसी भौनभॊटदय भ ऩन आॊतरयक आनॊद का यसऩान कय ऩाऊॉ |
-इनरनायामण शाह
१०३ यतनदीऩ-२ ननयारा नगय कानऩय
असाधम योग स भकतकत
सन १९९४ भ भयी ऩतरी टहयर को शयद ऩणणगभा क टदन फखाय आमा | डॉकटयो को
टदखामा तो ककसीन भररयमा कहकय दवाइमाॉ दी तो ककसीन टामपामड कहकय इराज शर ककमा तो ककसीन टामपामड औय भररयमा दोनो कहा | दवाई की एक खयाक रन स शयीय नीरा ऩड़ गमा औय सज गमा | शयीय भ खन की कभी स उस छ फोतर खन िढ़ामा गमा | इॊजन दन स ऩय शयीय को रकवा भाय गमा | ऩीठ क ऩीछ शमावरण जसा हो गमा | ऩीठ औय ऩय का एकस-य मरमा गमा | ऩय ऩय वजन फाॉधकय यखा गमा | डॉकटयो न उस वाम का फखाय तथा यकत का क सय फतामा औय कहा कक उसक रदम तो वापव िौड़ा हो गमा ह | अफ हभ टहमभत हाय गम | अफ ऩजमशरी क मसवाम औय कोई सहाया नहीॊ था | उस सभम टहयर न कहा भमभी भझ ऩजम फाऩ क ऩास र िरो | वहाॉ ठीक हो जाऊगी | ऩाॉि टदन तक टहयर ऩजमशरी की यट रगाती यही | हभ उस अभदावाद आशरभ भ फाऩ क ऩास र गम | फाऩ न कहा इस कछ नहीॊ हआ ह | उनहोन भझ औय टहयर को भॊतर टदमा एवॊ फड़दादा की परदकषणा कयन को कहा | हभन परदकषणा की औय टहयर ऩनरह टदन भ िरन-कफ़यन रगी | हभ फाऩ की इस करणा-कऩा का कण कस िकाम अबी तो हभ आशरभ भ ऩजमशरी क शरीियणो भ सऩरयवाय यहकय धनम हो यह ह |
-परपपर रवमास
बावनगय
वतगभान भ अभदावाद आशरभ भ सऩरयवाय सभवऩगत
ऩजम फाऩ का दशगन-सतसॊग ही जीवन का सचिा यतन ह
भझ िाय सार स ऩतर कक काभना थी औय भय भन भ हआ कक भयी मह काभना जरय ऩयी होगी | अभदावाद भ धमानमोग मशववय क दौयान ऐसा वविाय आमा कक फाऩ भझ अऩन ियणो भ फरामग | भन भ दढ़ शरदधा थी | इतन रोगो क फीि भ स फाऩ न तजऩणग दवषट भझ ऩय डारी सॊतय का परसाद टदमा औय भया बागम खर गमा | फचि क जनभ स ऩहर डॉकटयो न ऑऩयशन को कहा था रककन फाऩ क फतान क भताबफक भय घयवारो न भझ गाम क गोफय का यस वऩरामा औय शीघर ही फारक का जनभ हो गमा | सचिी शरदधा-बकतकत हो तो कमा असॊबव ह ऩजम फाऩ का दशगन-सतसॊग ही जीवन का सचिा यतन ह |
सचिी शरदधा-बकतकत स ऐसा यतन ऩानवार हभ सबी धनबागी ह |
-यखा ऩयभाय भीया योड़ भॊफई
कसट का िभतकाय
रवमाऩाय उधायी भ िर जान स भ हताश हो गमा था एवॊ अऩनी जजॊदगी स तॊग आकय आतभहतमा कयन की फात सोिन रगा था | भझ साध-भहातभाओॊ व सभाज क रोगो स घणा-सी हो गमी थी धभग व सभाज स भया ववशवास उठ िका था | एक टदन भयी सारी फाऩजी क सतसॊग कक दो कसट ववचध का ववधान एवॊ आणखय कफ तक र आमी औय उसन भझ सनन क मरए कहा | उसक कई परमास क फाद बी भन व कसट नहीॊ सनीॊ एवॊ भन-ही-भन उनह ढ़ोग कहकय कसटो क कतडबफ भ दार टदमा | भन इतना ऩयशान था कक यात को नीॊद आना फॊद हो गमा था | एक यात कफ़पभी गाना सनन का भन हआ | अॉधया होन की वजह स कसट ऩहिान न सका औय गरती स फाऩजी क सतसॊग की कसट हाथ भ आ गमी | भन उसीको सनना शर ककमा | कपय कमा था भयी आशा फॉधन रगी | भन शाॉत होन रगा | धीय-धीय सायी ऩीड़ाएॉ दय होती िरी गमीॊ | भय जीवन भ योशनी-ही-योशनी हो गमी | कपय तो भन ऩजम फाऩजी क सतसॊग की कई कसट सनीॊ औय सफको सनामीॊ |
तदनॊतय भन गाजजमाफाद भ फाऩजी स दीा बी गरहण की | रवमाऩाय की उधायी बी िकता हो गमी | फाऩजी की कऩा स अफ भझ कोई द ख नहीॊ ह | ह गरदव फस एक आऩ ही भय होकय यह औय भ आऩका ही होकय यहॉ |
-ओभपरकाश फजाज
टदपरी योड़ सहायनऩय उततय परदश
भझ ऩय फयसी सॊत की कऩा
सन १९९५ क जन भाह भ भ अऩन रड़क औय बतीज क साथ हरयदवाय धमानमोग मशववय भ बाग रन गमा | एक टदन जफ भ हय की ऩौड़ी ऩय सनान कयन गमा तो ऩानी क तज फहाव क कायण ऩय कपसरन स भया रड़का औय बतीजा दोनो अऩना सॊतरन खो फठ औय गॊगा भ फह गम | ऐसी सॊकट की घड़ी भ भ अऩना होश खो फठा | कमा करॉ भ पट-पटकय योन रगा औय फाऩजी स पराथगना कयन रगा कक ह नाथ ह गरदव या कीजजम भय फचिो को फिा रीजजम | अफ आऩका ही सहाया ह | ऩजमशरी न भय सचि रदम स ननकरी ऩकाय सन री औय उसी सभम भया रड़का भझ टदखामी टदमा | भन झऩटकय उसको फाहय खीॊि मरमा रककन भया बतीजा तो ऩता नहीॊ कहाॉ फह गमा भ ननयॊतय यो यहा था औय भन भ फाय-फाय वविाय उठ यहा था कक फाऩजी भया रड़का फह जाता तो कोई फात नहीॊ थी रककन अऩन बाई की अभानत क बफना भ घय कमा भॉह
रकय जाऊॉ गा फाऩजी आऩही इस बकत की राज फिाओ | तबी गॊगाजी की एक तज रहय उस फचि को बी फाहय छोड़ गमी | भन रऩककय उस ऩकड़ मरमा | आज बी उस हादस को सभयण कयता हॉ तो अऩन-आऩको सॉबार नहीॊ ऩाता हॉ औय भयी आॉखो स ननयॊतय परभ की अशरधाया फहन रगती ह | धनम हआ भ ऐस गरदव को ऩाकय ऐस सदगरदव क शरीियणो भ भय फाय-फाय शत-शत परणाभ
-सभारखाॉ ऩानीऩत हरयमाणा
गरदव की कऩा स सॊतानपरानि
भयी शादी को ऩाॉि सार हो गम थ कपय बी कोई सॊतान नहीॊ हई | रोग हभ फहत तान भायत थ | तबी भन-ही-भन ननणगम र मरमा कक ऩजम फाऩ क आशरभ भ जाना ह | जनवयी १९९९ भ परथभ फाय उततयामण मशववय बया औय भॊतरदीा री | अफ गरदव कक कऩा स भझ एक सॊदय फारक पराि हआ ह | ऩजम फाऩजी की इतनी कऩा-करणा दखकय रदम बय आता ह | भ ऩजम फाऩजी स पराथगना कयती हॉ कक मह फारक उनह सभवऩगत कय सकॊ औय मह उनक मोगम फनसक ऐसी सदफवदध हभ द |
-ननभगरा क तड़वी काॊनतबाई हीयाबाई तडवी याभजी भॊटदय क ऩास कायरी फाग वड़ोदया
गरकऩा स जीवनदान
टदनाॊक १५-१-९६ की घटना ह | भन धात क ताय ऩय सखन क मरए कऩड़ परा यख थ |
फारयश होन क कायण उस ताय भ कयॊट आ गमा था | भया छोटा ऩतर ववशार जो कक ११ वीॊ का भ ऩढ़ता ह आकय उस ताय स छ गमा औय बफजरी का कयॊट रगत ही वह फहोश हो गमा शव क सभान हो गमा | हभन उस तयॊत फड़ असऩतार भ दाणखर कयवामा | डॉकटय न फचि की हारत गॊबीय फतामी | ऐसी ऩरयजसथनत दखकय भयी आॉखो स अशरधायाएॉ फह ननकरी | भ ननजानॊद की भसती भ भसत यहन वार ऩजम सदगरदव को भन-ही-भन माद ककमा औय पराथगना कक ह गरदव अफ तो इस फचि का जीवन आऩक ही हाथो भ ह | ह भय परब आऩ जो िाह सो कय सकत ह | औय आणखय भयी पराथगना सपर हई | फचि भ एक नवीन ितना का सॊिाय हआ एवॊ धीय-धीय फचि क सवासम भ
सधाय होन रगा | कछ ही टदनो भ वह ऩणगत सवसथ हो गमा | डॉकटय न तो उऩिाय ककमा रककन जो जीवनदान उस पमाय परब की कऩा स सदगरदव की कऩा स मभरा उसका वणगन कयन क मरए भय ऩास शबद नहीॊ ह | फस ईशवय स भ मही पराथगना कयता हॉ कक ऐस बरहमननषठ सॊत-भहाऩरषो क परनत हभायी शरदधा भ ववदध होती यह | -
डॉ वाम ऩी कारया शाभरदास कॉरज बावनगय गजयात
ऩजम फाऩ जस सॊत दननमा को सवगग भ फदर सकत ह
भई १९९८ क अॊनतभ टदनो भ ऩजमशरी क इॊदौय परवास क दौयान ईयान क ववखमात कफ़जजमशमन शरी फफाक अगरानी बायत भ अधमाजतभक अनबवो की परानि आम हए थ |
ऩजमशरी क दशगन ऩाकय जफ उनहोन अधमाजतभक अनबवो को परीबत होत दखा तो व ऩॊिड़ आशरभ भ आमोजजत धमानमोग मशववय भ बी ऩहॉि गम | शरी अगरानी जो दो टदन रककय वाऩस रौटन वार थ व ऩय गमायह टदन तक ऩॊिड़ आशरभ भ रक यह | उनहोन ववधाथी मशववय भ सायसवतम भॊतर की दीा री एवॊ ववमशषट धमानमोग साधना मशववय (४ -१० जन १९९८) का बी राब मरमा | मशववय क दौयान शरी अगरानी न ऩजमशरी स भॊतरदीा बी र री | ऩजमशरी क साजननधम भ सॊपराि अनबनतमो क फाय भ बतरम सभािाय ऩतर ितना को दी हई बटवाताग भ शरी अगरानी कहत ह मटद ऩजम फाऩ जस सॊत हय दश भ हो जाम तो मह दननमा सवगग फन सकती ह | ऐस शाॊनत स फठ ऩाना हभाय मरए कटठन ह रककन जफ ऩजम फाऩजी जस भहाऩरषो क शरीियणो भ फठकय सतसॊग सनत ह तो ऐसा आनॊद आता ह कक सभम का कछ ऩता ही नहीॊ िरता | सिभि ऩजम फाऩ कोई साधायण सॊत नहीॊ ह |
-शरी फफाक अगरानी ववशवववखमात कफ़जजमशमन ईयान
फाऩजी का साजननधम गॊगा क ऩावन परवाह जसा ह
कर-कर कयती इस बागीयथी की धवर धाया क ककनाय ऩय ऩजम फाऩजी क साजननधम भ फठकय भ फड़ा ही आपहाटदत औय परभटदत हॉ आनॊटदत हॉ योभाॊचित हॊ | गॊगा बायत की सषमना नाड़ी ह | गॊगा बायत की सॊजीवनी ह | शरी ववषणजी क ियणो स ननकरकय बरहमाजी क कभॊड़र औय जटाधय क भाथ ऩय शोबामभान गॊगा बतरमोगमसवदधकायक ह |
ववषणजी क ियणो स ननकरी गॊगा बकतकत मोग की परतीनत कयाती ह औय मशवजी क भसतक ऩय जसथत गॊगा ऻान मोग की उचितय बमभका ऩय आरढ़ होन की खफय दती ह |
भझ ऐसा रग यहा ह कक आज फाऩजी क परविनो को सनकय भ गॊगा भ गोता रगा यहा हॉ कमोकक उनका परविन उनका सजननधम गॊगा क ऩावन परवाह जसा ह | व अरभसत फ़कीय ह | व फड़ सयर औय सहज ह | व जजतन ही ऊऩय स सयर ह उतन ही अॊतय भ गढ़ ह | उनभ टहभारम जसी उचिता ऩववतरता शरषठता ह औय सागयतर जसी गॊबीयता ह |
व याषड की अभपम धयोहय ह | उनह दखकय कवष-ऩयमऩया को फोध होता ह | गौतभ कणाद
जमभनी कवऩर दाद भीया कफीय यदास आटद सफ कबी-कबी उनभ टदखत ह |
य बाई कोई सतगर सॊत कहाव
जो ननन अरख रखाव धयती उखाड़ आकाश उखाड़
अधय भड़मा धाव |
शनम मशखय क ऩाय मशरा ऩय आसन अिर जभाव |
य बाई कोई सतगर सॊत कहाव
एक ऐस ऩावन साजननधम भ हभ फठ ह जो फड़ा दरगब औय सहज मोगसवरऩ ह | ऐस भहाऩरषो क मरए ऩॊकतकतमाॉ माद आ यही ह तभ िरो तो िर धयती िर अॊफय िर दननमा ऐस भहाऩरष िरत ह तो उनक मरए समग िॊर ताय गरह नतर आटद सफ अनकर हो जात ह | ऐस इजनरमातीत गणातीत बावातीत शबदातीत औय सफ अवसथाओॊ स ऩय ककनहीॊ भहाऩरषो क शरीियणो भ जफ फठत ह तो बागवत कहता ह
साधनाॊ दशगनॊ रोक सवगमसवदधकयॊ ऩयभ |
साध क दशगन भातर स वविाय ववबनत ववदवता शकतकत सहजता ननववगषमता परसननता मसवदधमाॉ औय आतभानॊद की परानि होती ह | दश क भहान सॊत महाॉ सहज ही आत ह बायत क सबी शॊकयािामग बी मशववय भ आत ह | अत भय भन भ बी वविाय आमा कक जहाॉ सफ जात ह वहाॉ जाना िाटहए कमोकक मही वह ठोय-टठकाना ह जहाॉ भन का अमबभान मभटामा जा सकता ह | ऐस भहाऩरषो क दशगन स कवर आनॊद औय भसती ही नहीॊ मभरती फजपक वह सफ कछ मभर जाता ह जो अमबरावषत ह आकाॊकषत ह रकषत ह | महाॉ भ करणा क
कभगठता क वववक-वयागम क ऻान क दशगन कय यहा हॉ | वयागम औय बकतकत क यण ऩोषण औय सॊवधगन क मरए मह सिकवषमो का उततभ ऻान भाना जाता ह | आज गॊगा कपय स
साकाय टदख यही ह तो व फाऩजी क वविाय औय वाणी भ टदख यही ह | अरभसतता सहजता उचिता शरषठता ऩववतरतता तीथग-सी शचिता मशश-सी सयरता तरणो-सा जोश वदधो-सा गाॊबीमग औय कवषमो जसा ऻानाफोध भझ जहाॉ हो यहा ह वह मह ऩॊडार ह | इस आनॊदनगय कहॉ मा परभनगय करणा का सागय कहॉ मा वविायो का सभनदय रककन इतना जरय कहॉगा कक भय भन का कोन-कोना आपहाटदत हो यहा ह | आऩ रोग फड़बागी ह जो ऐस भहाऩरष क शरीियणो भ फठ ह जहाॉ बागम का टदरवम रवमकतकतततव का ननभागण होता ह | जीवन की कतकतमता जहाॉ पराि हो सकती ह वह मही दय ह |
मभर तभ मभरी भॊजजर मभरा भकसद औय भददा बी |
न मभर तभ तो यह गमा भददा भकसद औय भॊजजर बी ||
आऩका मह बावयाजम औय परभयाजम दखकय भ िककत बी हॉ औय आनॊद का अनबव बी कय यहा हॉ | आऩक परनत भया ववशवास औय अटट ननषठा फढ़ इस हत भया नभन सवीकाय कय | भझ ऐसा रगता ह कक फाऩजी समग ह औय नायामण सवाभी एक ऐस दीऩ ह जो न फझ सकत ह न जराम जात ह |
-सवाभी अवधशानॊदजी हरयदवाय
सायसवतम भॊतर स हए अदबत राब
भन १९९८ भ ववधाथी उतथान मशववय सोनीऩत भ ऩजम गरदव स सायसवतम भॊतर की दीा री | दीा क फाद ननममभत भॊतरजऩ कयन स भ इतना कशागर फवदधवारा एवॊ सवावरॊफी हो गमा कक भन एक भहीन भ ही टमशन छोड़ दी औय सवमॊ खफ भहनत कयन रगा | भ सकर बी ऩदर आन-जान रगा जजसस भन सकर फस का ककयामा फिा मरमा |
भॊतर जाऩ क परबाव स भझ ९ वीॊ १० वीॊ ११ वीॊ की ऩयीाओॊ भ परथभ सथान पराि हआ |
१२ वीॊ की ऩयीा क सभम भया सवासम खयाफ होन क कायण भ जऩ ठीक स नहीॊ कय सका कपय बी ७९ परनतशत अॊको स ऩास हआ | उसक फाद इॊजजननमरयॊग की ऩरया भ बी उततीणग यहा |
-करदीऩ कभाय डी-२३४ वसट ववनोद नगय टदपरी
भ टदसमफय १९९९ भ छततीसगढ़ क बाटाऩाया भ ऩजम गरदव स सायसवतम भॊतर की दीा
री | ततऩशचात भ ननममभत रऩ स जऩ-धमान- पराणामाभ कयता था जजसस भझ फहत राब हआ | ऩजम फऩजी की कऩा औय सायसवतम भॊतर जाऩ क परबाव स भझ १२ वीॊ की फोड़ग की ऩरया भ ८४६ परनतशत अॊक मभर |
-ववयनर कभाय कौमशक
डोगयगाॉव जज याजनाॊदगाॉव (छग)
बौनतक मग क अॊधकाय भ ऻान की जमोनत ऩजम फाऩ
भादक ननमॊतरण बमयो बायत सयकाय क भहाननदशक शरी एिऩी कभाय ९ भई को अभदावाद आशरभ भ सतसॊग-कामगकरभ क दौयान ऩजम फाऩ स आशीवागद रन ऩहॉि | फड़ी ववनमरता एवॊ शरदधा क साथ उनहोन ऩजम फाऩ क परनत अऩन उदगाय भ कहा जजस रवमकतकत क ऩास वववक नहीॊ ह वह अऩन रकषम तक नहीॊ ऩहॉि सकता ह औय वववक को पराि कयन का साधन ऩजम आसायाभजी फाऩ जस भहान सॊतो का सतसॊग ह | ऩजम फाऩ स भया परथभ ऩरयिम टीवी क भाधमभ स हआ | ततऩशचात भझ आशरभ दवाय परकामशत कवष परसाद भामसक पराि हआ | उस सभम भझ रगा कक एक ओय जहाॉ इस बौनतक मग क अॊधकाय भ भानव बटक यहा ह वहीॊ दसयी ओय शाॊनत की भॊद-भॊद सगॊचधत वाम बी िर यही ह | मह ऩजम फाऩ क सतसॊग का ही परबाव ह | ऩजमशरी क दशगन कयन का जो सौबागम भझ पराि हआ ह इसस भ अऩन को कतकतम भानता हॉ | ऩजम फाऩ क शरीभख स जो अभत वषाग होती ह तथा इनक सतसॊग स कयोड़ो रदमो भ जो जमोनत जगती ह व इसी परकाय स जगती यह औय आन वार रॊफ सभम तक ऩजमशरी हभ सफ का भागगदशगन कयत यह मही भयी काभना ह | ऩजम फाऩ क शरीियणो भ भय परणाभ
-शरी एिऩी कभाय भहाननदशक भादक ननमॊतरण बमयो बायत सयकाय
गरकऩा ऐसी हई कक अॉधय तो कमा दय बी नहीॊ हई
ऩयभ कऩार फाऩजी क शरीियणो भ भय कोटट-कोटट वॊदन भ एक इसभाइरी खवाजा हॉ तथा अऩन धभग भ अकतडग हॉ | िाय वषग ऩवग कछ रोगो दवाया एक सननमोजजत मोजना फनाकय भझ जफयदसती भडगय कस का आयोऩी फना टदमा गमा था | इसस भझ कहीॊ शाॊनत नहीॊ मभर यही थी | २८ पयवयी १९९७ को भझ नागऩय भ आमोजजत फाऩजी क सतसॊग भ जान की परयणा मभरी औय ४ भािग १९९७ को भन फाऩजी स भॊतरदीा री | भ उनस भन-
ही-भन ववनती की कक ह गरदव भझ फिा रो | गरकऩा ऐसी हई कक ७ जनवयी १९९८ को भझ अदारत न ऩाक-साप फयी कय टदमा फाकी छ आयोवऩमो को सजा हई | धनम ह ऐस भय सदगर उनक शरीियणो भ भय कोटट-कोटट वनदन
-यहभान खान ननशान छाफड़ी (बफछआ) जज नछनदवाड़ा (भपर)
भजसरभ भटहरा को पराणदान
२७ मसतमफय २००० को जमऩय भ भय ननवास ऩय ऩजम फाऩ का आतभ-साातकाय टदवस
भनामा गमा जजसभ भय ऩड़ोस की भजसरभ भटहरा नाथी फहन क ऩनत शरी भाॉग खाॉ न बी ऩजम फाऩ की आयती की औय ियणाभत मरमा | ३-४ टदन फाद ही व भजसरभ दॊऩनत खवाजा साटहफ क उसग भ अजभय िर गम | टदनाॊक ४ अकटफय २००० को अजभय क उसग भ असाभाजजक ततवो न परसाद भ जहय फाॉट टदमा जजसस उसग भर भ आम कई दशगनाथी असवसथ हो गम औय कई भय बी गम | भय ऩड़ोस की नाथी फहन न बी वह परसाद खामा औय थोड़ी दय भ ही वह फहोश हो गमी | अजभय भ उसका उऩिाय ककमा गमा ककॊ त उस होश न आमा | दसय टदन ही उसका ऩनत उस अऩन घय र आमा | कॉरोनी क सबी ननवासी उसकी हारत दखकय कह यह थ कक अफ इसका फिना भजशकर ह | भ बी उस दखन गमा | वह फहोश ऩड़ी थी | भ जोय-जोय स हरय ॐ हरय ॐ का उचिायण ककमा तो वह थोड़ा टहरन रगी | भझ परयणा हई औय भ ऩन घय गमा | ऩजम फाऩ स पराथगना की | ३-४ घॊट फाद ही वह भटहरा ऐस उठकय खड़ी हो गमी भानो सोकय उठी हो | उस भटहरा न फतामा कक भय िािा ससय ऩीय ह औय उनहोन भय ऩनत क भॉह स फोरकय फतामा कक तभन २७ मसतमफय २००० को जजनक सतसॊग भ ऩानी वऩमा था उनहीॊ सपद दाढ़ीवार फाफा न तमह फिामा ह कसी करणा ह गरदव की
-जएर ऩयोटहत
८७ सपतान नगय जमऩय (याज)
उस भटहरा का ऩता ह -शरीभती नाथी
ऩतनी शरी भाॉग खाॉ १०० सपतान नगय गजगय की धड़ी नम साॊगानय योड़
जमऩय (याज)
हरयनाभ की पमारी न छड़ामी शयाफ की फोतर
सौबागमवश गत २६ टदसमफय १९९८ को ऩजमशरी क १६ मशषमो की एक टोरी टदपरी स हभाय गाॉव भ हरयनाभ का परिाय-परसाय कयन ऩहॉिी | भ फिऩन स ही भटदयाऩान धमरऩान व मशकाय कयन का शौकीन था | ऩजम फाऩ क मशषमो दवाया हभाय गाॉव भ जगह-जगह ऩय तीन टदन तक रगाताय हरयनाभ का कीतगन कयन स भझ बी हरयनाभ का यॊग रगता जा यहा था | उनक जान क एक टदन क ऩशचात शाभ क सभम योज की बाॊनत भन शयाफ की फोतर ननकारी | जस ही फोतर खोरन क मरए ढककन घभामा तो उस ढककन क घभन स भझ हरय ॐ हरय ॐ की धवनन सनामी दी | इस परकाय भन दो-तीन फाय ढककन घभामा औय हय फाय भझ हरय ॐ की धवनन सनामी दी | कछ दय फाद भ उठा तथा ऩजमशरी क एक मशषम क घय गमा | उनहोन थोड़ी दय भझ ऩजमशरी की अभतवाणी सनामी | अभतवाणी सनन क फाद भया रदम ऩकायन रगा कक इन दरवमगसनो को तमाग दॉ | भन तयॊत फोतर उठामी तथा जोय-स दय खत भ प क दी | ऐस सभथग व ऩयभ कऩार सदगरदव को भ रदम स परणाभ कयता हॉ जजनकी कऩा स मह अनोखी घटना भय जीवन भ घटी जजसस भया जीवन ऩरयवनतगत हआ |
-भोहन मसॊह बफषट
मबखमासन अपभोड़ा (उपर)
ऩय गाॉव की कामाऩरट
ऩजमशरी स टदनाॊक २७६९१ को दीा रन क फाद भन रवमवसनभकतकत क परिाय-परसाय का रकषम फना मरमा | भ एक फाय कौशरऩय (जज शाजाऩय) ऩहॉिा | वहाॉ क रोगो क रवमवसनी औय रड़ाई-झगड़ मकत जीवन को दखकय भन कहा आऩ रोग भनषम-जीवन सही अथग ही नहीॊ सभझत ह | एक फाय आऩ रोग ऩजम फाऩजी क दशगन कय र तो आऩको सही जीवन जीन की कॊ जी मभर जामगी | गाॉव वारो न भयी फात भान री औय दस रवमकतकत भय गाॉव ताजऩय आम | भन एक साधक को उनक साथ जनभाषटभी भहोतसव भ सयत बजा | ऩजम फाऩजी की उन ऩय कऩा फयसी औय सफको गरदीा मभर गमी | जफ व रोग अऩन गाॉव ऩहॉि तो सबी गाॉववामसमो को फड़ा कौतहर था कक ऩजम फाऩजी कस ह फाऩजी की रीराएॉ सनकय गाॉव क अनम रोगो भ बी ऩजम फाऩजी क परनत शरदधा जगी | उन दीकषत साधको न सबी गाॉववारो को सववधानसाय ऩजम फाऩजी क अरग-अरग आशरभो भ
बजकय दीा टदरवा दी | गाॉव क सबी रवमकतकत अऩन ऩय ऩरयवाय सटहत दीकषत हो िक ह | परतमक गरवाय को ऩय गाॉव भ एक सभम बोजन फनता ह | सबी रोग गरवाय का वरत यखत ह | कौशरऩय गाॉव क परबाव स आस-ऩास क गाॉववार एवॊ उनक रयशतदायो सटहत १००० रवमकतकतमो शयाफ छोड़कय दीा र री ह | गाॉव क इनतहास भ तीन-तीन ऩीढ़ी स कोई भॊटदय नहीॊ था | गाॉववारो न ५ राख रऩम रगाकय दो भॊटदय फनवाम ह | ऩया गाॉव रवमवसनभकत एवॊ बगवतबकत फन गमा ह मह ऩजम फाऩजी की कऩा नहीॊ तो औय कमा ह सफक तायणहाय ऩजम फाऩजी क शरीियणो भ कोटट-कोटट परणाभ
-शमाभ परजाऩनत (सऩयवाइजय नतरहन सॊघ) ताजऩय उजजन (भपर)
नतरबफ ॊद का िभतकाय
भया सौबागम ह कक भझ सॊतकऩा नतरबफॊद (आई डरॉपस) का िभतकाय दखन को मभरा |
एक सॊत फाफा मशवयाभदास उमर ८० वषग गीता कटटय तऩोवन झाड़ी सिसयोवय हरयदवाय भ यहत ह | उनकी दाटहनी आॉख क सपद भोनतम का ऑऩयशन शाॉनतकॊ ज हरयदवाय आमोजजत कमऩ भ हआ | कस बफगड़ गमा औय कार भोनतमा फन गमा | ददग यहन रगा औय योशनी घटन रगी | दोफाया बभाननद नतर चिककतसारम भ ऑऩयशन हआ | एबसपमट गरकोभा फतात हए कहा कक ऑऩयशन स मसयददग ठीक हो जामगा ऩय योशनी जाती यहगी | ऩयॊत अफ व फाफा सॊत शरी आसायाभजी आशरभ दवाय ननमभगत सॊतकऩा नतरबफॊद सफह-शाभ डार यह ह | भन उनक नतरो का ऩयीण ककमा | उनकी दाटहनी आॉख भ उॉगरी चगनन रामक योशनी वाऩस आ गमी ह | कार भोनतम का परशय नॉभगर ह | कोननगमा भ सजन नहीॊ ह | व कापी सॊतषट ह | व फतात ह आॉख ऩहर रार यहती थी ऩयॊत अफ नहीॊ ह | आशरभ क नतरबफॊद स कपऩनातीत राब हआ | फामीॊ आॉख भ बी उनह सपद भोनतमा फतामा गमा था औय सॊशम था कक शामद कारा भोनतमा बी ह | ऩय आज फामीॊ आॉख बी ठीक ह औय दोनो आॉखो का परशय बी नॉभगर ह | सपद भोनतमा नहीॊ ह औय योशनी कापी अचछी ह |
मह सॊतकऩा नतरफॊद का ववरण परबाव दखकय भ बी अऩन भयीजो को इसका उऩमोग कयन की सराह दॉगा |
-डॉ अननत कभाय अगरवार (नतरयोग ववशषऻ)
एभफीफीएस एभएस (नतर) डीओएभएस (आई) सीताऩय सहायनऩय (उपर)
ऩजमशरी की तसवीय स मभरी परयणा
सवगसभथग ऩयभ ऩजम शरी फाऩजी क ियणकभरो भ भया कोटट-कोटट नभन १९८४ क बकॊ ऩ स समऩणग उततय बफहाय भ कापी नकसान हआ था जजसकी िऩट भ हभाया घय बी था | ऩरयजसथनतवश भझ नौवी का भ ऩढ़ामी छोड़ दनी ऩड़ी | ककसी मभतर की सराह स भ नौकयी ढॉढ़न क मरए टदपरी गमा रककन वहाॉ बी ननयाशा ही हाथ रगी | भ दो टदन स बखा तो था ही ऊऩय स नौकयी की चिॊता | अत आतभहतमा का वविाय कयक यरव सटशन की ओय िर ऩड़ा | यानीफाग फाजाय भ एक दकान ऩय ऩजमशरी का सतसाटहतम
कसट आटद यखा हआ था एवॊ ऩजमशरी की फड़ आकाय की तसवीय बी टॉगी थी | ऩजमशरी की हॉसभख एवॊ आशीवागद की भरावारी उस तसवीय ऩय भयी नजय ऩड़ी तो १० मभनट तक भ वहीॊ सड़क ऩय स ही खड़-खड़ उस दखता यहा | उस वकत न जान भझ कमा मभर गमा भ काभ बर भजदयी का ही कयता हॉ रककन तफस रकय आज तक भय चितत भ फड़ी परसननता फनी हई ह | न जान भयी जजनदगी की कमा दशा होती अगय ऩजम फाऩजी की मवाधन सया ईशवय की ओय ननजशचनत जीवन ऩसतक औय कवष परसाद ऩबतरका हाथ न रगती ऩजमशरी की तसवीय स मभरी परयणा एवॊ उनक सतसाटहतम न भयी डफती नमा को भानो भझदाय स फिा मरमा | धनबागी ह साटहतम की सवा कयन वार जजनहोन भझ आतभहतमा क ऩाऩ स फिामा |
-भहश शाह
नायामणऩय दभया जज सीताभढ़ी (बफहाय)
भॊतर स राब
भयी भाॉ की हारत अिानक ऩागर जसी हो गमी थी भानो कोई बत-परत-डाककनी मा आसयी ततव उनभ घस गमा | भ फहत चिॊनतत हो गमा एवॊ एक साचधका फहन को पोन ककमा | उनहोन बत-परत बगान का भॊतर फतामा जजसका वणगन आशरभ स परकामशत आयोगमननचध ऩसतक भ बी ह | वह भॊतर इस परकाय ह
ॐ नभो बगवत रर बयवाम बतपरत म कर कर हॊ पट सवाहा |
इस भॊतर का ऩानी भ ननहायकय १०८ फाय जऩ ककमा औय वही ऩानी भाॉ को वऩरा टदमा |
तयॊत ही भाॉ शाॊनत स सो गमीॊ | दसय टदन बी इस भॊतर की ऩाॉि भारा कयक भाॉ को वह जर वऩरामा तो भाॉ बफपकर ठीक हो गमीॊ | ह भय साधक बाई-फहनो बत-परत बगान क
मरए अरा फाॉधॉ फरा फाॉधॉ ऐसा कयक झाड़-फ़ॉ क कयनवारो क िककय भ ऩड़न की जरयत नहीॊ ह | इसक मरए तो ऩजम फाऩजी का भॊतर ही तायणहाय ह | ऩजम फाऩजी क शरीियणो भ कोटट-कोटट परणाभ
-िॊऩकबाई एन ऩटर (अभरयका)
काभ करोध ऩय ववजम ऩामी
एक टदन भॊफई भर भ टटकट िककॊ ग कयत हए भ वातानकमरत फोगी भ ऩहॉिा | दखा तो भखभर की गददी ऩय टाट का आसन बफछाकय सवाभी शरी रीराशाहजी भहायाज सभाचधसथ ह | भझ आशचमग हआ कक जजन परथभ शरणी की वातानकमरत फोचगमो भ याजा-भहायाजा मातरा कयत ह ऐसी फोगी औय तीसयी शरणी की फोगी क फीि इन सॊत को कोई बद नहीॊ रगता | ऐसी फोचगमो भ बी व सभाचधसथ होत ह मह दखकय मसय झक जाता ह | भन ऩजम भहायाजशरी को परणाभ कयक कहा आऩ जस सॊतो क मरए तो सफ एक सभान ह |
हय हार भ एकयस यहकय आऩ भकतकत का आनॊद र सकत ह | रककन हभाय जस गरहसथो को कमा कयना िाटहए ताकक हभ बी आऩ जसी सभता फनाम यखकय जीवन जी सक
ऩजम भहायाजजी न कहा काभ औय करोध को त छोड़ द तो त बी जीवनभकत हो सकता ह | जहाॉ याभ तहॉ नहीॊ काभ जहाॉ काभ तहॉ नहीॊ याभ | औय करोध तो बाई बसभासय ह | वह तभाभ ऩणम को जराकय बसभ कय दता ह अॊतकयण को भमरन कय दता ह | भन कहा परब अगय आऩकी कऩा होगी तो भ काभ-करोध को छोड़ ऩाऊॉ गा | ऩजम भहायाजजी न कहा बाई कऩा ऐस थोड़ ही की जाती ह सॊतकऩा क साथ तया ऩरषाथग औय दढ़ता बी िाटहए | ऩहर त परनतऻा कय कक त जीवनऩमगनत काभ औय करोध स दय यहगा तो भ तझ आशीवागद दॉ | भन कहा भहायाजजी भ जीवनबय क मरए परनतऻा तो करॉ रककन उसका ऩारन न कय ऩाऊॉ तो झठा भाना जाऊॉ गा | ऩजम भहायाजजी न कहा अचछा ऩहर त भय सभ आठ टदन क मरए परनतऻा कय | कपय परनतऻा को एक-एक टदन फढ़त जाना | इस परकाय त उन फराओॊ स फि सकगा | ह कफर भन हाथ जोड़कय कफर ककमा | ऩजम भहायाजजी न आशीवागद दकय दो-िाय पर परसाद भ टदम | ऩजम भहायाजजी न भयी जो दो कभजोरयमाॉ थीॊ उन ऩय ही सीधा हभरा ककमा था | भझ आशचमग हआ कक अनम कोई बी दगगण छोड़न का न कहकय इन दो दगगणो क मरए ही उनहोन परनतऻा कमो कयवामी फाद भ भ इस याज स अवगत हआ |
दसय टदन भ ऩसनजय टरन भ कानऩय स आग जा यहा था | सफह क कयीफ नौ फज थ |
तीसयी शरणी की फोगी भ जाकय भन माबतरमो क टटकट जाॉिन का कामग शर ककमा | सफस
ऩहर फथग ऩय सोम हए एक मातरी क ऩास जाकय भन एक मातरी क ऩास जाकय भन टटकट टदखान को कहा तो वह गससा होकय भझ कहन रगा अॊधा ह दखता नहीॊ कक भ सो गमा हॉ भझ नीॊद स जगान का तझ कमा अचधकाय ह मह कोई यीत ह टटकट क फाय भ ऩछन की ऐसी ही अकर ह तयी ऐसा कछ-का-कछ वह फोरता ही गमा फोरता ही गमा | भ बी करोधाववषट होन रगा ककॊ त ऩजम भहायाजजी क सभ री हई परनतऻा भझ माद थी अत करोध को ऐस ऩी गमा भानो ववष की ऩकतड़मा भन उस कहा भहाशम आऩ ठीक ही कहत ह कक भझ फोरन की अकर नहीॊ ह बान नहीॊ ह | दखो भय म फार धऩ भ सपद हो गम ह | आऩभ फोरन की अकर अचधक ह नमरता ह तो कऩा कयक मसखाओॊ कक टटकट क मरए भझ ककस परकाय आऩस ऩछना िाटहए | भ रािाय हॉ कक डमटी क कायण भझ टटकट िक कयना ऩड़ यहा ह इसमरए भ आऩको कषट द यहा हॉ|
औय कफ़य भन खफ परभ स हाथ जोड़कय ववनती की बमा कऩा कयक कषट क मरए भझ भा कयो | भझ अऩना टटकट टदखामग भयी नमरता दखकय वह रजजजत हो गमा एवॊ तयॊत उठ फठा | जपदी-जपदी नीि उतयकय भझस भा भाॉगत हए कहन रगा भझ भाप कयना | भ नीॊद भ था | भन आऩको ऩहिाना नहीॊ था | अफ आऩ अऩन भॉह स भझ कह कक आऩन भझ भाफ़ ककमा मह दखकय भझ आनॊद औय सॊतोष हआ | भ सोिन रगा कक सॊतो की आऻा भानन भ ककतनी शकतकत औय टहत ननटहत ह सॊतो की करणा कसा िभतकारयक ऩरयणाभ राती ह वह रवमकतकत क पराकनतक सवबाव को बी जड़-भर स फदर सकती ह | अनमथा भझभ करोध को ननमॊतरण भ यखन की कोई शकतकत नहीॊ थी | भ ऩणगतमा असहाम था कपय बी भझ भहायाजजी की कऩा न ही सभथग फनामा | ऐस सॊतो क शरीियणो भ कोटट-कोटट नभसकाय
-शरी यीजभर
रयटामडग टीटी आई कानऩय
अनम अनबव
जरा हआ कागज
ऩवग रऩ भ एक फाय ऩयभहॊस ववशदधानॊदजी स आनॊदभमी भाॉ की ननकटता ऩानवार सपरमसदध ऩॊकतडत गोऩीनाथ कववयाज न ननवदन ककमा तयणीकानत ठाकय को अरौककक मसवदध पराि हई ह | व बफना दख मा बफना छए ही कागज भ मरखी हई फात ऩढ़ रत ह |
गरदव फोर तभ एक कागज ऩय कछ मरखो औय उसभ आग रगाकय जरा दो |
कववयाजजी न कागज ऩय कछ मरखा औय ऩयी तयह कागज जराकय हवा भ उड़ा टदमा |
उसक फाद गरदव न अऩन तककम क नीि स वही कागज ननकारकय कववयाजजी क आग यख टदमा | मह दखकय उनह फड़ा आशचमग हआ कक मह कागज वही था एवॊ जो उनहोन मरखा था वह बी उस ऩय उनहीॊ क सरख भ मरखा था औय साथ ही उसका उततय बी मरखा हआ दखा | जड़ता ऩशता औय ईशवयता का भर हभाया शयीय ह | जड़ शयीय को भ-भया भानन की ववतत जजतनी मभटती ह ऩाशवी वासनाओॊ की गराभी उतनी हटती ह औय हभाया ईशवयीम अॊश जजतना अचधक ववकमसत होता ह उतना ही मोग-साभमग ईशवयीम साभमग परकट होता ह | बायत क ऐस कई बकतो सॊतो औय मोचगमो क जीवन भ ईशवयीम साभमग दखा गमा ह अनबव ककमा गमा ह उसक ववषम भ सना गमा ह | धनम ह बायतबमभ भ यहनवार बायतीम सॊसकनत भ शरदधा-ववशवास यखनवार अऩन ईशवयीम अॊश को जगान की सवा-साधना कयनवार सवाभी ववशदधानॊदजी वषो की एकाॊत साधना औय वषो-वषो की गरसवा स अऩना दहाधमास औय ऩाशवी वासनाएॉ मभटाकय अऩन ईशवयीम
अॊश को ववकमसत कयनवार बायत क अनक भहाऩरषो भ स थ | उनक जीवन की औय बी अरौककक घटनाओॊ का वणगन आता ह | ऐस सतऩरषो क जीवन-िरयतर औय उनक जीवन भ घटटत घटनाएॉ ऩढ़न-सनन स हभ रोग बी अऩनी जड़ता एवॊ ऩशता स ऊऩय उठकय ईशवयीम अॊश को उबायन भ उतसाटहत होत ह | फहत ऊॉ िा काभ ह फड़ी शरदधा फड़ी सभझ फड़ा धमग िाटहए ईशवयीम साभमग को ऩणग रऩ स ववकमसत कयन भ | अफ आओ
िर आदय शॊकयािामग की ओय
नदी की धाया भड़ गमी
आदय शॊकयािामग की भाता ववमशषटा दवी अऩन करदवता कशव की ऩजा कयन जाती थीॊ | व ऩहर नदी भ सनान कयतीॊ औय कफ़य भॊटदय भ जाकय ऩजन कयतीॊ | एक टदन व परातकार ही ऩजन-साभगरी रकय भॊटदय की ओय गमीॊ ककॊ त सामॊकार तक घय नहीॊ रौटीॊ | शॊकयािामग की आम अबी सात-आठ वषग क भधम भ ही थी | व ईशवय क ऩयभ बकत औय ननषठावान थ | सामॊकार तक भाता क वाऩस न रौटन ऩय आिामग को फड़ी चिनता हई औय व उनह खोजन क मरए ननकर ऩड़ | भॊटदय क ननकट ऩहॉिकय उनहोन भाता को भागग भ ही भजचछगत ऩड़ दखा | उनहोन फहत दय तक भाता का उऩिाय ककमा तफ व होश भ आ सकीॊ |
नदी अचधक दय थी | वहाॉ तक ऩहॉिन भ भाता को फड़ा कषट होता था | आिामग न बगवान स भन-ही-भन पराथगना की कक परबो ककसी परकाय नदी की धाया को भोड़ दो जजसस कक
भाता ननकट ही सनान कय सक | व इस परकाय की पराथगना ननतम कयन रग | एक टदन उनहोन दखा कक नदी की धाया ककनाय की धयती को काटती-काटती भड़न रगी ह तथा कछ टदनो भ ही वह आिामग शॊकय क घय क ऩास फहन रगी | इस घटना न आिामग का अरौककक शकतकतसमऩनन होना परमसदध कय टदमा |
सकषभ शयीय स िोय का ऩीछा ककमा
हरयहय फाफा की फड़ी परमसवदध थी | एक फाय व हयऩारऩय सटशन ऩय थ | वहाॉ क सटशन भासटय न उनको एक िोय सऩदग ककमा | िोय न फाफा स कहा भहायाज भझ इतनी छटटी द दीजजम कक भ अऩन फार-फचिो का परफॊध कय आऊॉ | फाफा गाड़ी आन ऩय रौट आना | िोय िरा गमा | सटशन भासटय को ऩता िरा तो वह फाफा ऩय गभग हआ औय फोरा उसक फदर तमह जर की हवा खानी होगी | तभन जान-फझकय उस बगा टदमा ह | फाफा घफयाओ भत गाड़ी आन स ऩहर ही वह रौट आमगा | िोय की नीमत ठीक नहीॊ थी | वह जॊगर क भागग स अऻात सथान को बाग जाना िाहता था ककॊ त उस हय सभम मही परतीत होता यहा कक हरयहय फाफा डॊडा पटकायत हए उसक ऩीछ-ऩीछ िर आ यह ह | इसीमरए वह गाड़ी आन स ऩहर ही रौट आमा |
भॊगरी फाधा-ननवायण भॊतर
अॊ याॊ अॊ
इस भॊतर को १०८ फाय जऩन स करोध दय होता ह | जनभकनडरी भ भॊगरी मोग होन स जजनक वववाह न हो यह हो व २७ भॊगरवाय इस भॊतर का १०८ फाय जऩ कयत हए वरत यखकय हनभानजी ऩय मसॊदय का िोरा िढ़ाम | इसस भॊगर-फाधा का म होता ह |
सखऩवगक परसवकायक भॊतर
ऩहरा उऩाम
एॊ हीॊ बगवनत बगभामरनन िर िर भराभम भराभम ऩषऩॊ ववकासम ववकासम सवाहा |
इस भॊतर दवाया अमबभॊबतरत दध गमबगणी सतरी को वऩराम तो सखऩवगक परसव होगा |
दसया उऩाम
गमबगणी सतरी सवमॊ परसव क सभम जमबरा-जमबरा जऩ कय |
तीसया उऩाम
दशी गाम क गोफय का १२ स १५ मभरी यस ॐ नभो नायामणाम भॊतर का २१ फाय जऩ कयक ऩीन स बी परसव-फाधाएॉ दय होगी औय बफना ऑऩयशन क परसव होगा |
परसनत क सभम अभॊगर की आशॊका हो तो ननमन भॊतर का जऩ कय
सवगभॊगर भाॊगपम मशव सवागथग साचधक |
शयणम तरममफक गौयी नायामणी नभोSसतत ||
(दगागसिशती)
शकतकतशारी व गोय ऩतर की परानि क मरए
सगबागवसथा भ ढाक (ऩराश खाखया) का एक कोभर ऩतता घोटकय गौ-दगध क साथ योज सवन कयन स फारक शकतकतशारी औय गोया होता ह | भाता-वऩता बर कार-करट हो कपय बी फारक गोया होगा |
सदगर-भटहभा
गर बफन बव ननचध तय न कोई |
जौ फयॊचि सॊकय सभ होई ||
-सॊत तरसीदासजी
हरयहय आटदक जगत भ ऩजमदव जो कोम |
सदगर की ऩजा ककम सफकी ऩजा होम ||
-ननशचरदासजी भहायाज
सहजो कायज सॊसाय को गर बफन होत नाॉही |
हरय तो गर बफन कमा मभर सभझ र भन भाॉही ||
-सॊत कफीयजी सॊत
सयनन जो जन ऩय सो जन उधयनहाय | सॊत की ननॊदा नानका फहरय फहरय अवताय ||
-गर नानक दवजी
गरसवा सफ बागमो की जनभबमभ ह औय वह शोकाकर रोगो को बरहमभम कय दती ह |
गररऩी समग अववदयारऩी याबतर का नाश कयता ह औय ऻानाऻान रऩी मसतायो का रोऩ कयक फवदधभानो को आतभफोध का सटदन टदखाता ह |
-सॊत ऻानशवय भहायाज
सतम क कॊ टकभम भागग भ आऩको गर क मसवाम औय कोई भागगदशगन नहीॊ द सकता |
- सवाभी मशवानॊद सयसवती
ककतन ही याजा-भहायाजा हो गम औय होग सामजम भकतकत कोई नहीॊ द सकता | सचि याजा-भहायाज तो सॊत ही ह | जो उनकी शयण जाता ह वही सचिा सख औय सामजम भकतकत ऩाता ह |
-सभथग शरी याभदास सवाभी
भनषम िाह ककतना बी जऩ-तऩ कय मभ-ननमभो का ऩारन कय ऩयॊत जफ तक सदगर की कऩादवषट नहीॊ मभरती तफ तक सफ रवमथग ह |
-सवाभी याभतीथग
परटो कहत ह कक सकयात जस गर ऩाकय भ धनम हआ |
इभसगन न अऩन गर थोयो स जो पराि ककमा उसक भटहभागान भ व बावववबोय हो जात थ |
शरी याभकषण ऩयभहॊस ऩणगता का अनबव कयानवार अऩन सदगरदव की परशॊसा कयत नहीॊ अघात थ |
ऩजमऩाद सवाभी शरी रीराशाहजी भहायाज बी अऩन सदगरदव की माद भ सनह क आॉस
फहाकय गदगद कॊ ठ हो जात थ |
ऩजम फाऩजी बी अऩन सदगरदव की माद भ कस हो जात ह मह तो दखत ही फनता ह |
अफ हभ उनकी माद भ कस होत ह मह परशन ह | फटहभगख ननगय रोग कछ बी कह साधक को अऩन सदगर स कमा मभरता ह इस तो साधक ही जानत ह |
रडी भाटटगन क सहाग की या कयन अपगाननसतान भ परकट मशवजी
साध सॊग सॊसाय भ दरगब भनषम शयीय |
सतसॊग सववत ततव ह बतरववध ताऩ की ऩीय ||
भानव-दह मभरना दरगब ह औय मभर बी जाम तो आचधदववक आचधबौनतक औय आधमाजतभक म तीन ताऩ भनषम को तऩात यहत ह | ककॊ त भनषम-दह भ बी ऩववतरता हो सचिाई हो शदधता हो औय साध-सॊग मभर जाम तो म बतरववध ताऩ मभट जात ह |
सन १८७९ की फात ह | बायत भ बबरटटश शासन था उनहीॊ टदनो अॊगरजो न अपगाननसतान ऩय आकरभण कय टदमा | इस मदध का सॊिारन आगय भारवा बबरटटश छावनी क रजफ़टनट कनगर भाटटगन को सौऩा गमा था | कनगर भाटटगन सभम-सभम ऩय मदध-तर स अऩनी ऩतनी को कशरता क सभािाय बजता यहता था | मदध रॊफा िरा औय अफ तो सॊदश आन बी फॊद हो गम | रडी भाटटगन को चिॊता सतान रगी कक कहीॊ कछ अनथग न हो गमा हो अपगानी सननको न भय ऩनत को भाय न डारा हो | कदाचित ऩनत मदध भ शहीद हो गम तो भ जीकय कमा करॉ गी -मह सोिकय वह अनक शॊका-कशॊकाओॊ स नघयी यहती थी |
चिनतातय फनी वह एक टदन घोड़ ऩय फठकय घभन जा यही थी | भागग भ ककसी भॊटदय स आती हई शॊख व भॊतर धवनन न उस आकवषगत ककमा | वह एक ऩड़ स अऩना घोड़ा फाॉधकय भॊटदय भ गमी | फजनाथ भहादव क इस भॊटदय भ मशवऩजन भ ननभगन ऩॊकतडतो स उसन ऩछा आऩ रोग कमा कय यह ह एक वरदध बराहमण न कहा हभ बगवान मशव का ऩजन कय यह ह | रडी भाटटगन मशवऩजन की कमा भहतता ह बराहमण फटी बगवान मशव तो औढयदानी ह बोरनाथ ह | अऩन बकतो क सॊकट-ननवायण कयन भ व तननक बी दय नहीॊ कयत ह | बकत उनक दयफाय भ जो बी भनोकाभना रकय क आता ह उस व शीघर ऩयी कयत ह ककॊ त फटी तभ फहत चिजनतत औय उदास नजय आ यही हो कमा फात ह रडी भाटटगन भय ऩनतदव मदध भ गम ह औय ववगत कई टदनो स उनका कोई
सभािाय नहीॊ आमा ह | व मदध भ पॉ स गम ह मा भाय गम ह कछ ऩता नहीॊ िर यहा | भ उनकी ओय स फहत चिजनतत हॉ | इतना कहत हए रडी भाटटगन की आॉख नभ हो गमीॊ |
बराहमण तभ चिनता भत कयो फटी मशवजी का ऩजन कयो उनस पराथगना कयो रघररी कयवाओ | बगवान मशव तमहाय ऩनत का यण अवशम कयग |
ऩॊकतडतो की सराह ऩय उसन वहाॉ गमायह टदन का ॐ नभ मशवाम भॊतर स रघररी अनषठान परायॊब ककमा तथा परनतटदन बगवान मशव स अऩन ऩनत की या क मरए पराथगना कयन रगी कक ह बगवान मशव ह फजनाथ भहादव मटद भय ऩनत मदध स सकशर रौट आम तो भ आऩका मशखयफॊद भॊटदय फनवाऊॉ गी | रघररी की ऩणागहनत क टदन बागता हआ एक सॊदशवाहक मशवभॊटदय भ आमा औय रडी भाटटगन को एक मरपापा टदमा | उसन घफयात-घफयात वह मरपापा खोरा औय ऩढ़न रगी |
ऩतर भ उसक ऩनत न मरखा था हभ मदध भ यत थ औय तभ तक सॊदश बी बजत यह रककन आक ऩठानी सना न घय मरमा | बबरटटश सना कट भयती औय भ बी भय जाता |
ऐसी ववकट ऩरयजसथनत भ हभ नघय गम थ कक पराण फिाकय बागना बी अतमाचधक कटठन था | इतन भ भन दखा कक मदधबमभ भ बायत क कोई एक मोगी जजनकी फड़ी रमफी जटाएॉ ह हाथ भ तीन नोकवारा एक हचथमाय (बतरशर) इतनी तीवर गनत स घभ यहा था कक ऩठान सननक उनह दखकय बागन रग | उनकी कऩा स घय स हभ ननकरकय ऩठानो ऩय वाय कयन का भौका मभर गमा औय हभायी हाय की घकतड़माॉ अिानक जीत भ फदर गमीॊ | मह सफ बायत क उन फाघामफयधायी एवॊ तीन नोकवारा हचथमाय धायण ककम हए
(बतरशरधायी) मोगी क कायण ही समबव हआ | उनक भहातजसवी रवमकतकततव क परबाव स दखत-ही-दखत अपगाननसतान की ऩठानी सना बाग खड़ी हई औय व ऩयभ मोगी भझ
टहमभत दत हए कहन रग | घफयाओॊ नहीॊ | भ बगवान मशव हॉ तथा तमहायी ऩतनी की ऩजा स परसनन होकय तमहायी या कयन आमा हॉ उसक सहाग की या कयन आमा हॉ |
ऩतर ऩढ़त हए रडी भाटटगन की आॉखो स अववयत अशरधाया फहती जा यही थी उसका रदम अहोबाव स बय गमा औय वह बगवान मशव की परनतभा क समभख मसय यखकय पराथगना कयत-कयत यो ऩड़ी | कछ सिाह फाद उसका ऩनत कनगर भाटटगन आगय छावनी रौटा | ऩतनी न उस सायी फात सनात हए कहा आऩक सॊदश क अबाव भ भ चिजनतत हो उठी थी रककन बराहमणो की सराह स मशवऩजा भ रग गमी औय आऩकी या क मरए बगवान मशव स पराथगना कयन रगी | उन द खबॊजक भहादव न भयी पराथगना सनी औय आऩको सकशर रौटा टदमा | अफ तो ऩनत-ऩतनी दोनो ही ननममभत रऩ स फजनाथ भहादव क भॊटदय भ ऩजा-अिगना कयन रग | अऩनी ऩतनी की इचछा ऩय कनगर भाटटगन भ सन १८८३
भ ऩॊरह हजाय रऩम दकय फजनाथ भहादव भॊटदय का जीणोदवाय कयवामा जजसका मशरारख आज बी आगय भारवा क इस भॊटदय भ रगा ह | ऩय बायतबय भ अॊगरजो दवाय ननमभगत मह एकभातर टहनद भॊटदय ह |
मयोऩ जान स ऩवग रडी भाटटगन न ऩकतड़तो स कहा हभ अऩन घय भ बी बगवान मशव का भॊटदय फनामग तथा इन द ख-ननवायक दव की आजीवन ऩजा कयत यहग |
बगवान मशव भ बगवान कषण भ भाॉ अमफा भ आतभवतता सदगर भ सतता तो एक ही ह | आवशमकता ह अटर ववशवास की | एकररवम न गरभनत ग भ ववशवास कय वह पराि कय मरमा जो अजगन को कटठन रगा | आरणण उऩभनम रव परहराद आटद अनम सकड़ो उदायहण हभाय साभन परतम ह | आज बी इस परकाय का सहमोग हजायो बकतो को साधको को बगवान व आतभवतता सदगरओॊ क दवाया ननयनतय पराि होता यहता ह | आवशमकता ह तो फस कवर ववशवास की |
भहाभतमॊजम भॊतर
ॐ हौ जॉ स |
ॐ बबगव सव |
ॐ तरममफकॊ मजाभह सगॊचध ॊ ऩवषटवधगनभ |
उवागरकमभव फनधनानभतमोभगीम भाभतात |
सव भव ब ॐ |
स जॉ हौ ॐ |
बगवान मशव का मह भहाभतमॊजम जऩन स अकार भतम तो टरती ही ह आयोगमता की बी परानि होती ह | सनान कयत सभम शयीय ऩय रोट स ऩानी डारत वकत इस भॊतर का जऩ कयन स सवासम-राब होता ह | दध भ ननहायत हए इस भॊतर का जाऩ ककमा जाम औय कपय वह दध ऩी मरमा जम तो मौवन की सया भ बी सहामता मभरती ह | आजकर की तज यफ़तायवारी जजनदगी भ कहाॉ आतॊक उऩरव दघगटना हो जाम कहना भजशकर ह | घय स ननकरत सभम एक फाय मह भॊतर जऩनवारा इन उऩदरवो स सयकषत यहता ह औय सयकषत घय रौटता ह | (इस भॊतरानषठान क ववचध-ववधान की ववसतत जानकायी क मरए आशरभ दवाया परकामशत आयोगमननचध ऩसतक ऩढ़ |) शरीभदबागवत क आठव सकॊ ध भ तीसय अधमाम क शलोक १ स ३३ तक भ वणणगत गजनरभो सतोतर का ऩाठ कयन स तभाभ
ववधन दय होत ह |
परभाणऩतर फनान की तमारयमाॉ कक जान रगीॊ व भझ घय र जान को कहा गमा | इसक ऩवग भया मभतर ऩजम फाऩ स फ़ोन ऩय भयी जसथनत क समफनध भ फात कय िका था |
पराणीभातर क ऩयभ टहतषी दमार सवबाव क सॊत ऩजम फाऩ न उस एक गि भॊतर परदान कयत हए कहा था कक ऩानी भ ननहायत हए इस भॊतर का एक सौ आठ फाय (एक भारा) जऩ कयक वह ऩानी भनोज को एवॊ दघगटना भ घामर अनम रोगो को बी वऩरा दना |
जस ही वह अमबभॊबतरत जर भय भॉह भ डारा गमा भय शयीय भ हरिर होन क साथ ही वभन हआ | इस अदबत िभतकाय स ववजसभत होकय डॉकटयो न भझ तयॊत ही ववशष भशीनो क नीि र जाकय मरटामा | गहन चिककतसकीम ऩयीण क फाद डॉकटयो को ऩता िरा कक जीऩ क नीि दफन स भया ऩया खन कारा ऩड़ गमा था तथा नाड़ी-िारन (ऩपस) रदमगनत व यकत परवाह बी फॊद हो िक थ | भय शयीय का समऩणग यकत फदर टदमा गमा तथा आऩयशन बी हआ | उसक ७२ घॊट फाद भझ होश आमा | फहोशी भ भझ कवर इतना ही माद था की भय बीतय ऩजम फाऩ दवाया परदतत गरभॊतर का जऩ िर यहा ह | होश भ आन ऩय डॉकटयो न ऩछा तभ आऩयशन क सभम फाऩफाऩ ऩकाय यह थ | म फाऩ कौन ह भन फतामा व भय गरदव परात सभयणीम ऩयभ ऩजम सॊत शरी असायाभजी फाऩ ह | डॉकटयो न ऩन भझस परशन ककमा कमा तभ कोई रवमामाभ कयत हो भन कहा भ अऩन गरदव दवाया मसखामी गमी ववचध स आसन व पराणामाभ कयता हॉ | व फोर
इसीमरम तमहाय इस दफर-ऩतर शयीय न मह सफ सहन कय मरमा औय तभ भयकय बी ऩन जजनदा हो उठ दसया कोई होता तो तयॊत घटनासथर ऩय ही उसकी हडकतडमाॉ फाहय ननकर जातीॊ औय वह भय जाता | भय शयीय भ आठ-आठ नमरमाॉ रगी हई थीॊ | ककसीस खन िढ़ यहा था तो ककसी स कबतरभ ऑकसीजन टदमा जा यहा था | मदयवऩ भय शयीय क कछ टहससो भ अबी-बी काॉि क टकड़ भौजद ह रककन गरकऩा स आज भ ऩणग सवसथ
होकय अऩना रवमवसाम व गरसवा दोनो कामग कय यह हॉ | भया जीवन तो गरदव का ही टदमा हआ ह | इन भॊतरदषटा भहवषग न उस टदन भय मभतर को भॊतर न टदमा होता तो भया ऩनजीवन तो समबव नहीॊ था | ऩजम फाऩ भानव-दह भ टदखत हए बी अनत असाधायण भहाऩरष ह | टमरफ़ोन ऩय टदम हए उनक एक भॊतर स ही भय भत शयीय भ ऩन पराणो का सॊिाय हो गमा तो जजन ऩय फाऩ की परतम दवषट ऩड़ती होगी व रोग ककतन बागमशारी होत होग ऐस दमार जीवनदाता सदगर क शरीियणो भ कोटट-कोटट दॊडवत परणाभ
-भनोज कभाय सोनी जमोनत टरसग रकषभी फाजाय आभट याजसथान
सदगरदव की कऩा स नतरजमोनत वाऩस मभरी
भयी दाटहनी आॉख स कभ टदखामी दता था तथा उसभ तकरीफ़ बी थी | धमानमोग मशववय टदपरी भ ऩजम गरदव भवा फाॉट यह थ तफ एक भवा भयी दाटहनी आॉख ऩय आ रगा | आॉख स ऩानी ननकरन रगा | ऩय आशचमग दसय ही टदन स आॉख की तकरीप मभट गमी औय अचछी तयह टदखामी दन रगा |
-याजकरी दवी असनाऩय रारगॊज अजाया जज परताऩगढ़ उततय परदश
फड़दादा की मभटटी व जर स जीवनदान
अगसत ९८ भ भझ भररयमा हआ | उसक फाद ऩीमरमा हो गमा | भय फड़ बाई न आशरभ स परकामशत आयोगमननचध ऩसतक भ स ऩीमरमा का भॊतर ऩढ़कय ऩीमरमा तो उताय टदमा ऩयॊत कछ ही टदनो फाद अॊगरजी दवाओॊ क रयएन स दोनो ककडननमाॉ पर (ननजषकरम) हो गई | भया हाटग (रदम) औय रीवय (मकत) बी पर होन रग | डॉकटयो न तो कह टदमा मह रड़का फि नहीॊ सकता | कपय भझ गोटदमा स नागऩय हॉजसऩटर भ र जामा गमा रककन वहाॉ बी डॉकटयो न जवाफ द टदमा कक अफ कछ नहीॊ हो सकता | भय बाई भझ वहीॊ छोड़कय सयत आशरभ आम वदयजी स मभर औय फड़दादा की ऩरयकरभा कयक पराथगना की तथा वहाॉ की मभटटी औय जर मरमा | ८ तायीख को डॉकटय भयी ककडनी फदरन वार थ |
जफ भय बाई फड़दादा को पराथगना कय यह थ तबी स भझ आयाभ मभरना शर हो गमा था | बाई न ७ तायीख को आकय भझ फड़दादा कक मभटटी रगाई औय जर वऩरामा तो भयी दोनो ककडनीमाॉ सवसथ हो गमी | भझ जीवनदान मभर गमा | अफ भ बफपकर सवसथ हॉ |
-परवीण ऩटर
गोटदमा भहायाषड
ऩजम फाऩ न प का कऩा-परसाद
कछ वषग ऩवग ऩजम फाऩ याजकोट आशरभ भ ऩधाय थ | भझ उन टदनो ननकट स दशगन कयन का सौबागम मभरा | उस सभम भझ छाती भ एनजामना ऩकतटोरयस क कायण ददग यहता था | सतसॊग ऩया होन क फाद कछ रोग ऩजम फाऩ क ऩास एक-एक कयक जा यह थ | भ कछ पर-पर नहीॊ रामा था इसमरए शरदधा क पर मरम फठा था | ऩजम फाऩ
कऩा-परसाद प क यह थ कक इतन भ एक िीक भयी छाती ऩय आ रगा औय छाती का वह ददग हभशा क मरए मभट गमा |
-अयववॊदबाई वसावड़ा याजकोट
एक छोटी थरी फनी अमऩातर
सन १९९२ भ यतराभ (भपर) क ऩास सराना क आटदवासी ववसताय भ बॊडाय का आमोजन था | बॊडाय भ सवाएॉ दन फहत-स साधक आम हए थ | आशरभवासी बाई बी ऩहॉि थ | एक टदन का ही आमोजन था औय सतसॊग-कामगकरभ बी था | उस बॊडाय भ गयीफो क मरए बोजन क अरावा फतगन कऩड़ अनाज औय दकषणा (ऩस) फाॉटन की बी रवमवसथा की गमी थी | भय टहसस ऩस फाॉटन की सवा थी | भन ऩाॉि रऩमोवार सौ-सौ नोटो क ऩिीस फॊडर चगनकय थरी भ यख थ | भझ आदश टदमा गमा था आठ सवाधायी ननमकत कय रो | व रोग ऩाॉि रऩम क नोट फाॉटत जामग | भन आठ सवमॊसवको को ऩहरी फाय आठ फॊडर द टदम | कपय ऩॊरह-फीस मभनट क फाद भन दसयी फाय आठो को एक-एक फॊडर टदमा | कपय तीसयी फाय आठो को एक-एक फॊडर टदमा | कर २४ फॊडर गम | अफ दसयी ऩॊकतकत बोजन क मरए बफठामी गमी | भन आठो सवमॊसवको को ऩहरी की बाॉनत तीन फाय एक-एक फॊडर फाॉटन क मरए टदमा | कर ४८ फॊडर गम | बॊडाया ऩया होन क फाद भन सोिा िरो अफ टहसाफ कय र | भ चगनन फठा | भय ऩास ६ फॊडर फि थ | मह कस
भ दॊग यह गमा भन ऩस फाॉटनवारो स ऩछा तो उनहोन फतामा कक कर ४८ फॊडर फाॉट गम थ | भ आशरभ आमा तो रवमवसथाऩक न कहा भन तो आऩको २५ फॊडर टदम थ |
सफको आशचमग हो यहा था कक फॉट ४८ फॊडर औय रकय िर थ २५ फॊडर | २५ भ स ४८ फॉट औय ६ फि गम गरदव का आशीवागद दणखम कक एक छोटी-सी थरी अम ऩातर फन गमी
-ईशवयबाई नामक
अभदावाद आशरभ
फटी न भनौती भानी औय गरकऩा हई
भयी फटी को शादी ककम आठ सार हो गम थ | ऩहरी फाय जफ वह गबगवती हई तफ फचिा ऩट भ ही भय गमा | दसयी फाय फचिी जनभी ऩय छ भहीन भ वह बी िर फसी |
कपय भयी ऩतनी न फटी स कहा अगय त सॊकपऩ कय कक जफ तीसयी फाय परसती होगी तफ तभ फारक की जीब ऩय फाऩजी क फतान क भताबफक bdquoॐ‟ मरखोगी तो तया फारक जीववत यहगा ऐसा भझ ववशवास ह कमोकक ॐकाय भॊतर भ ऩयभानॊदसवरऩ परब ववयाजभान ह | भयी फटी न इस परकाय भनौती भानी औय सभम ऩाकय वह गबगवती हई | सोनोगराफ़ी कयवामी गमी तो डॉकटयो न फतामा गबग भ फचिी ह औय उसक टदभाग भ ऩानी बया हआ ह | वह जजॊदा नहीॊ यह सकगी | गबगऩात कयवा दो | भयी फटी न अऩनी भाॉ स सराह की | उसकी भाॉ न कहा गबगऩात का भहाऩाऩ नहीॊ कयवाना ह | जो होगा दखा जामगा |
गरदव कऩा कयग | जफ परसती हई तो बफपकर पराकनतक ढ़ॊग स हई औय उस फचिी की जीब ऩय शहद एवॊ मभशरी स ॐ मरखा गमा | आज वह बफपकर ठीक ह | जफ उसकी डॉकटयी जाॉि कयवामी गमी तो डॉकटय आशचमग भ ऩड़ गम सोनोगराफ़ी भ जो फीभारयमाॉ टदख यही थीॊ व कहाॉ िरी गमीॊ टदभाग का ऩानी कहाॉ िरा गमा टहनदजा हॉजसऩटरवार मह करयशभा दखकय दॊग यह गम अफ घय भ जफ कोई दसयी कोई कसट िरती ह तो वह फचिी इशाया कयक कहती ह ॐवारी कसट िराओ | वऩछरी ऩनभ को हभ भॊफई स टाटा सभो भ आ यह थ | फाढ़ क ऩानी क कायण यासता फॊद था | हभ सोि भ ऩड़ गम कक ऩनभ का ननमभ टटगा | हभन गरदव का सभयण ककमा | इतन भ हभाय डराइवय न हभस ऩछा जान दॉ हभन बी गरदव का सभयण कयक कहा जान दो औय हरय हरय ॐ कीतगन की कसट रगा दो | गाड़ी आग िरी | इतना ऩानी कक हभ जहाॉ फठ थ वहाॉ तक ऩानी आ गमा | कपय बी हभ गरदव क ऩास सकशर ऩहॉि गम औय उनक दशगन ककम|
-भयायीरार अगरवार
साॊताकरज भॊफई
औय गरदव की कऩा फयसी
जफस सयत आशरभ की सथाऩना हई तफस भ गरदव क दशगन कयत आ यहा हॉ उनकी अभतवाणी सनता आ यहा हॉ | भझ ऩजमशरी स भॊतरदीा बी मभरी ह | परायबधवश एक टदन भय साथ एक बमॊकय दघगटना घटी | डॉकटय कहत थ आऩका एक हाथ अफ काभ नहीॊ कयगा | भ अऩना भानमसक जऩ भनोफर स कयता यहा | अफ हाथ बफपकर ठीक ह | उसस भ ७० ककगरा वजन उठा सकता हॉ | भयी सभसमा थी कक शादी होन क फाद भझ कोई सॊतान नहीॊ थी | डॉकटय कहत थ कक सॊतान नहीॊ हो सकती | हभ रोगो न गरकऩा एवॊ गरभॊतर का सहाया मरमा धमानमोग मशववय भ आम औय गरदव की कऩा फयसी | अफ
हभायी तीन सॊतान ह दो ऩबतरमाॉ औय एक ऩतर | गरदव न ही फड़ी फटी का नाभ गोऩी औय फट का नाभ हरयककशन यखा ह | जम हो सदगरदव की
-हॉसभख काॊनतरार भोदी ५७ अऩना घय सोसामटी सॊदय योड़ सयत
कसट-शरवण स बकतकत का सागय टहरोय रन रगा
भ हय सार गमभगमो भ कबी फरीनाथ तो कबी कदायनाथ तो कबी गॊगोतरी आटद तीथो भ जाता यहता था | रवषकश भ एक दकान क ऩास खड़ यहन ऩय भझ ऩजम गरदव की अभतवाणी की कसट भो का भागग भौत की भौत तीन फात आटद दखन-सनन को मभरीॊ तो भन म कसट खयीद रीॊ | घय ऩहॉिकय कसट सनन क फाद रदम भ बकतकत का सागय टहरोय रन रगा | भझ ऐसा रगा भानो कोई भझ फरा यहा हो | दकान जात सभम ऐसा आबास हआ कक कोई ऩवग आनवारा ह औय भझ अभदावाद जाना होगा उसी टदन अभदावाद आशरभ स भय ऩतर का जवाफ आमा कक टदनाॊक १२ को गरऩनभ का ऩवग ह |
आऩ गरदव क दशगन कय सकत ह | हभ सऩरयवाय आशरभ ऩहॉि | दशगन कयक धनम हए |
दीा ऩाकय कताथग हए | अफ तो हय भहीन जफ तक गरदव क दशगन नहीॊ कयता तफ तक भझ ऐसा रगता ह कक भन कछ खो टदमा ह | दीा क फाद साधन-बजन फढ़ यहा ह बकतकत फढ़ यही ह | ऩहर सॊसाय भ सपरता-ववपरता की जो िोट रगती थी अफ उनका परबाव कभ हआ ह | ववषम-ववकायो का परबाव कभ हआ ह | जान जीव तफ जागा हरय ऩद रचि ववषम ववरास ववयागा भय जीवन भ सॊत तरसीदासजी क इन विनो का समोदम हो यहा ह |
-मशवकभाय तरसमान
गोयखऩय उततय परदश
गरदव न बजा अमऩातर
हभ परिायमातरा क दौयान गरकऩा का जो अदबत अनबव हआ वह अवणगनीम ह | मातरा की शरआत स ऩहर टदनाॊक ८-११-९९ को हभ ऩजम गरदव क आशीवागद रन गम |
गरदव न कामगकरभ क ववषम भ ऩछा औय कहा ऩॊिड़ आशरभ (यतराभ) भ बॊडाया था |
उसभ फहत साभान फि गमा ह | गाड़ी बजकय भॉगवा रना गयीफो भ फाॉटना | हभ झाफआ जजर क आस-ऩास क गयीफ आटदवासी इराको भ जानवार थ | वहाॉ स यतराभ क
मरए गाड़ी बजी | चगनकय साभान बया गमा | दो टदन िर उतना साभान था | एक टदन भ दो बॊडाय होत थ | अत िाय बॊडाय का साभान था | सफन खपर हाथो फतगन कऩड़ साकतड़माॉ धोती आटद साभान छ टदनो तक फाॉटा कपय बी साभान फिा यहा | सफको आशचमग हआ हभ रोग साभान कपय स चगनन रग ऩयॊत गरदव की रीरा क ववषम भ कमा कह
कवर दो टदन िर उतना साभान छ टदनो तक खपर हाथो फाॉटा कपय बी अॊत भ तीन
फोय फतगन फि गम भानो गरदव न अमऩातर बजा हो एक टदन शाभ को बॊडाया ऩया हआ तफ दखा कक एक ऩतीरा िावर फि गमा ह | कयीफ १००-१२५ रोग खा सक उतन िावर थ | हभन सोिा िावर गाॉव भ फाॊट दत ह | ऩयॊत गरदव की रीरा दखो एक गाॉव क फदर ऩाॉि गाॉवो भ फाॉट कपय बी िावर फि यह | आणखय याबतर भ ९ फज क फाद सवाधारयमो न थककय गरदव स पराथगना की कक गरदव अफ जॊगर का ववसताय ह हभ ऩय कऩा कयो | औय िावर खतभ हए | कपय सवाधायी ननवास ऩय ऩहॉि |
-सॊत शरी आसायाभजी बकतभॊडर
कतायगाभ सयत
सवपन भ टदम हए वयदान स ऩतरपरानि
भय गरहसथ जीवन भ एक-एक कयक तीन कनमाएॉ जनभी | ऩतरपरानि क मरए भयी धभगऩतनी न गरदव स आशीवागद पराि ककमा था | िौथी परसनत होन क ऩहर जफ उसन वरसाड़ भ सोनोगराफ़ी कयवामी तो रयऩोटग भ रड़की फतामा गमा | मह सनकय हभ ननयाश हो गम |
एक यात ऩतनी को सवपन भ गरदव न दशगन टदम औय कहा फटी चिॊता भत कय |
घफयाना भत धीयज यख | रड़का ही होगा | हभन सयत आशरभ भ फड़दादा की ऩरयकरभा कयक भनौती भानी थी वह बी फ़रीबत हई औय गरदव का बरहमवाकम बी सतम साबफत हआ जफ परसनत होन ऩय रड़का हआ | सबी गरदव की जम-जमकाय कयन रग |
-सनीर कभाय याधशमाभ िौयमसमा दीऩकवाड़ी ककपरा ऩायड़ी जज वरसाड़
शरी आसायाभामण क ऩाठ स जीवनदान
भया दस वषीम ऩतर एक यात अिानक फीभाय हो गमा | साॉस बी भजशकर स र यहा था |
जफ उस हॉजसऩटर भ बती ककमा तफ डॉकटय फोर | फचिा गॊबीय हारत भ ह | ऑऩयशन कयना ऩड़गा | भ फचि को हॉजसऩटर भ ही छोड़कय ऩस रन क मरए घय गमा औय घय
भ सबी को कहा ldquoआऩ रोग शरी आसायाभामण का ऩाठ शर कयो |rdquo ऩाठ होन रगा |
थोड़ी दय फाद भ हॉजसऩटर ऩहॉिा | वहाॉ दखा तो फचिा हॉस-खर यहा था | मह दख भयी औय घयवारो की खशी का टठकाना न यहा मह सफ फाऩजी की असीभ कऩा गर-गोववनद की कऩा औय शरी आसायाभामण-ऩाठ का पर ह |
-सनीर िाॊडक
अभयावती भहायाषड
गरवाणी ऩय ववशवास स अवणीम राब
शादी होन ऩय एक ऩतरी क फाद सात सार तक कोई सॊतान नहीॊ हई | हभाय भन भ ऩतरपरानि की इचछा थी | १९९९ क मशववय भ हभ सॊतानपरानि का आशीवागद रनवारो की ऩॊकतकत भ फठ | फाऩजी आशीवागद दन क मरए साधको क फीि आम तो कछ साधक नासभझी स कछ ऐस परशन कय फठ जो उनह नहीॊ कयन िाटहए थ | गरदव नायाज होकय मह कहकय िर गम कक तभको सॊतवाणी ऩय ववशवास नहीॊ ह तो तभ रोग महाॉ कमो आम तमह डॉकटय क ऩास जाना िाटहए था | कपय गरदव हभाय ऩास नहीॊ आम | सबी पराथगना कयत यह ऩय गरदव रवमासऩीठ स फोर दफाया तीन मशववय बयना | भ भन भ सोि यहा था कक कछ साधको क कायण भझ आशीवागद नहीॊ मभर ऩामा ऩयॊत वजरादवऩ कठोयाणण भदनन कसभादवऩ फाहय स वजर स बी कठोय टदखन वार सदगर बीतय स पर स बी कोभर होत ह | तयॊत गरदव ववनोद कयत हए फोर दखो म रोग सॊतानपरानि का आशीवागद रन आम ह | कस ठनठनऩार-स फठ ह अफ जाओ झरा-झनझना रकय घय जाओ | भन औय भयी ऩतनी न आऩस भ वविाय ककमा दमार गरदव न आणखय आशीवागद द ही टदमा | अफ गरदव न कहा ह कक झरा-झनझना र जाओ | तो भन गरविन भानकय यरव सटशन स एक झनझना खयीद मरमा औय गवामरमय आकय गरदव क चितर क ऩास यख टदमा | भझ वहाॉ स आन क १५ टदन फाद डॉकटय दवाया भारभ हआ कक ऩतनी गबगवती ह | भन गरदव को भन-ही-भन परणाभ ककमा | इस फीि डॉकटयो न सराह दी कक रड़का ह मा रड़की इसकी जाॉि कया रो | भन फड़ ववशवास स कहा कक रड़का ही होगा | अगय रड़की बी हई तो भझ कोई आऩवतत नहीॊ ह | भझ गबगऩात का ऩाऩ अऩन मसय ऩय नहीॊ रना ह | नौ भाह तक भयी ऩतनी बी सवसथ यही | हरयदवाय मशववय भ बी हभ रोग गम | सभम आन ऩय गरदव दवाया फताम गम इराज क भताबफक गाम क गोफय का यस ऩतनी को टदमा औय टदनाॊक २७ अकतफय १९९९ को एक सवसथ फारक का जनभ हआ |
-याजनर कभाय वाजऩमी अिगना वाजऩमी फरवॊत नगय ढाढीऩय भयाया गवामरमय
औय सोना मभर गमा
हभाय सॊमकत ऩरयवाय भ साठ तोरा सोना िोयी हो गमा था | सतसॊगी होन क कायण हभ द ख तो नहीॊ हआ कपय बी थोडी-फहत चिनता अवशम हई | आशरभ क एक साधक न हभस कहा | आऩ रोग शरी आसायाभामण क १०८ ऩाठ कयो औय सॊकपऩ कयो कक हभाया सोना हभ जरय मभरगा | मभनाऩाय टदपरी भ गरदव का आगभन हआ | हभ शाभ को गरदव क दशगन कयन गम | हभन कछ कहा नहीॊ कमोकक गरदव अॊतमागभी ह | उनहोन हभको परसाद टदमा | उसी यात घय ऩय पोन आमा कक आऩका सोना मभर गमा ह | िोय रखनऊ भ ऩकड़ा गमा ह | हभ आशचमग हआ शरी आसायाभामण क १०८ ऩाठ ऩय बी नहीॊ हए थ औय सोना मभर गमा |
-रीना फटानी यानीफाग टदपरी
सवपर क दो टकड़ो स दो सॊतान
भन सन १९९१ भ िटीिॊड मशववय अभदावाद भ ऩजम फाऩजी स भॊतरदीा री थी | भयी शादी क १० वषग तक भख कोई सॊतान नहीॊ हई | फहत इराज कयवाम रककन सबी डॉकटयो न फतामा कक फारक होन की कोई सॊबावना नहीॊ ह | तफ भन ऩजम फाऩजी क ऩनभ दशगन का वरत मरमा औय फाॉसवाड़ा भ ऩनभ दशगन क मरए गमा | ऩजम फाऩजी सफको परसाद द यह थ | भन भन भ सोिा | कमा भ इतना ऩाऩी हॉ कक फाऩजी भयी तयप दखत तक नहीॊ इतन भ ऩजम फाऩजी कक दवषट भझ ऩय ऩड़ी औय उनहोन भझ दो मभनट तक दखा | कपय उनहोन एक सवपर रकय भझ ऩय प का जो भय दाम कॊ ध ऩय रगकय दो टकड़ो भ फॉट गमा | घय जाकय भन उस सवपर क दोनो बाग अऩनी ऩतनी को णखरा टदम | ऩजमशरी का कऩाऩणग परसाद खान स भयी ऩतनी गबगवती हो गमी | ननयीण कयान ऩय ऩता िरा कक उसको दो मसय वारा फारक उतऩनन होगा | डॉकटयो न फतामा उसका मसजरयमन कयना ऩड़गा अनमथा आऩकी ऩतनी क फिन की समबावना नहीॊ ह | मसजरयमन भ रगबग फीस हजाय रऩमो का खिग आमगा | भन ऩजम फाऩजी स पराथगना की ह फाऩजी आऩन ही पर टदमा था | अफ आऩ ही इस सॊकट का ननवायण कीजजम | कपय
भन फड़ फादशाह क साभन बी पराथगना की जफ भ असऩतार ऩहॉिॉ तो भयी ऩतनी की परसती सकशर हो जाम | उसक फाद जफ भ असऩतार ऩहॉिा तो भयी ऩतनी एक ऩतर औय एक ऩतरी को जनभ द िकी थी | ऩजमशरी क दवाया टदम गम पर स भझ एक की जगह दो सॊतानो की परानि हई |
-भकशबाई सोरॊकी शायदा भॊटदय सकर क ऩीछ
फावन िार वड़ोदया
साइककर स गरधाभ जान ऩय खयाफ टाॉग ठीक हो गमी
भयी फाॉमी टाॉग घटन स उऩय ऩतरी हो गमी थी | ऑर इणणडमा भकतडकर इनसटीटमट
टदपरी भ भ छ टदन तक यहा | वहाॉ जाॉि क फाद फतरामा गमा कक तमहायी यीढ़ की हडडी क ऩास कछ नस भय गमी ह जजसस मह टाॉग ऩतरी हो गमी ह | मह ठीक तो हो ही नहीॊ सकती | हभ तमह ववटामभन ई क कपसर द यह ह | तभ इनह खात यहना | इसस टाॊग औय जमादा ऩतरी नहीॊ होगी | भन एक सार तक कपसर खाम | उसक फाद २२ जन
१९९७ को भजफ़फ़यनगय भ भन गरजी स भॊतरदीा री औय दवाई खाना फॊद कय दी | जफ एक साधक बाई याहर गिा न कहा कक सहायनऩय स साइककर दवाया उततयामण मशववय अभदावाद जान का कामगकरभ फन यहा ह तफ भन टाॉग क फाय भ सोि बफना साइककर मातरा भ बाग रन क मरए अऩनी सहभनत द दी | जफ भय घय ऩय ऩता िरा कक भन साइककर स गरधाभ अभदावाद जान का वविाय फनामा ह अत तभ ११५० ककभी तक साइककर नहीॊ िरा ऩाओग | रककन भन कहा भ साइककर स ही गरधाभ जाऊॉ गा िाह ककतनी बी दयी कमो न हो औय हभ आठ साधक बाई सहायनऩय स २६ टदसमफय ९७ को साइककरो स यवाना हए | भागग भ िढ़ाई ऩय भझ जफ बी कोइ टदककत होती तो ऐसा रगता जस भयी साइककर को कोई ऩीछ स धकर यहा ह | भ भड़कय ऩीछ दखता तो कोई टदखामी नहीॊ ऩड़ता | ९ जनवयी को जफ हभ अभदावाद गरआशरभ भ ऩहॉि औय भन सफह अऩनी टाॉग दखी तो भ दॊग यह गम जो टाॉग ऩतरी हो गमी थी औय डॉकटयो न उस ठीक होन स भना कय टदमा था वह टाॉग बफपकर ठीक हो गमी थी | इस कऩा को दखकय भ िककत यह गमा भय साथी बी दॊग यह गम मह सफ गरकऩा क परसाद का िभतकाय था | भय आठो साथी भयी ऩतनी तथा ऑर इणणडमा भकतडकर इनसटीटमट टदपरी दवाया जाॉि क परभाणऩतर इस फात क साी ह |
-ननयॊकाय अगरवार
ववषणऩयी
अदबत यही भौनभॊटदय की साधना
ऩयभ ऩजम सदगरदव की कऩा स भझ टदनाॊक १८ स २४ भई १९९९ तक अभदावाद आशरभ क भौनभॊटदय भ साधना कयन का सअवसय मभरा | भौनभॊटदय भ साधना क ऩाॉिव टदन मानी २२ भई की याबतर को रगबग २ फज नीॊद भ ही भझ एक झटका रगा | रट यहन कक जसथनत भ ही भझ भहसस हआ कक कोई अदशम शकतकत भझ ऊऩय फहत ऊऩय उड़म र जा यही ह | ऊऩय उड़त हए जफ भन नीि झाॉककय दखा तो अऩन शयीय को उसी भौनभॊटदय भ चितत रटा हआ फखफय सोता हआ ऩामा | ऊऩय जहाॉ भझ र जामा गमा वहाॉ अरग ही छटा थी अजीफ औय अवणीम आकाश को बी बदकय भझ ऐस सथान ऩय ऩहॉिामा गमा था जहाॉ िायो तयप कोहया-ही-कोहया था जस शीश की छत ऩय ओस परी हो इतन भ दखता हॉ कक एक सबा रगी ह बफना शयीय की कवर आकनतमो की | जस यखाओॊ स भनषमरऩी आकनतमाॉ फनी हो | मह सफ कमा िर यहा था सभझ स ऩय था |
कछ ऩर क फाद व आकनतमाॉ सऩषट होन रगी | दवी-दवताओॊ क ऩॊज क भधम शीषग भ एक उचि आसन ऩय साात फाऩजी शॊकय बगवान फन हए करास ऩवगत ऩय ववयाजभान थ औय दवी-दवता कताय भ हाथ फाॉध खड़ थ | भ भक-सा होकय अऩरक नतरो स उनह दखता ही यहा कपय भॊतरभगध हो उनक ियणो भ चगय ऩड़ा | परात क ४ फज थ | अहा भन औय शयीय हपका-फ़पका रग यहा था मही जसथनत २४ भई की भधमयाबतर भ बी दोहयामी गमी | दसय टदन सफह ऩता िरा कक आज तो फाहय ननकरन का टदन ह मानी यवववाय २५ भई की सफह | फाहय ननकरन ऩय बावबया रदम गदगद कॊ ठ औय आखो भ आॉस मो रग यहा था कक जस ननजधाभ स फघय ककमा जा यहा हॉ | धनम ह वह बमभ
भौनभॊटदय भ साधना की वह रवमवसथा जहाॊ स ऩयभ आनॊद क सागय भ डफन की कॊ जी मभरती ह जी कयता ह बगवान ऐसा अवसय कपय स राम जजसस कक उसी भौनभॊटदय भ ऩन आॊतरयक आनॊद का यसऩान कय ऩाऊॉ |
-इनरनायामण शाह
१०३ यतनदीऩ-२ ननयारा नगय कानऩय
असाधम योग स भकतकत
सन १९९४ भ भयी ऩतरी टहयर को शयद ऩणणगभा क टदन फखाय आमा | डॉकटयो को
टदखामा तो ककसीन भररयमा कहकय दवाइमाॉ दी तो ककसीन टामपामड कहकय इराज शर ककमा तो ककसीन टामपामड औय भररयमा दोनो कहा | दवाई की एक खयाक रन स शयीय नीरा ऩड़ गमा औय सज गमा | शयीय भ खन की कभी स उस छ फोतर खन िढ़ामा गमा | इॊजन दन स ऩय शयीय को रकवा भाय गमा | ऩीठ क ऩीछ शमावरण जसा हो गमा | ऩीठ औय ऩय का एकस-य मरमा गमा | ऩय ऩय वजन फाॉधकय यखा गमा | डॉकटयो न उस वाम का फखाय तथा यकत का क सय फतामा औय कहा कक उसक रदम तो वापव िौड़ा हो गमा ह | अफ हभ टहमभत हाय गम | अफ ऩजमशरी क मसवाम औय कोई सहाया नहीॊ था | उस सभम टहयर न कहा भमभी भझ ऩजम फाऩ क ऩास र िरो | वहाॉ ठीक हो जाऊगी | ऩाॉि टदन तक टहयर ऩजमशरी की यट रगाती यही | हभ उस अभदावाद आशरभ भ फाऩ क ऩास र गम | फाऩ न कहा इस कछ नहीॊ हआ ह | उनहोन भझ औय टहयर को भॊतर टदमा एवॊ फड़दादा की परदकषणा कयन को कहा | हभन परदकषणा की औय टहयर ऩनरह टदन भ िरन-कफ़यन रगी | हभ फाऩ की इस करणा-कऩा का कण कस िकाम अबी तो हभ आशरभ भ ऩजमशरी क शरीियणो भ सऩरयवाय यहकय धनम हो यह ह |
-परपपर रवमास
बावनगय
वतगभान भ अभदावाद आशरभ भ सऩरयवाय सभवऩगत
ऩजम फाऩ का दशगन-सतसॊग ही जीवन का सचिा यतन ह
भझ िाय सार स ऩतर कक काभना थी औय भय भन भ हआ कक भयी मह काभना जरय ऩयी होगी | अभदावाद भ धमानमोग मशववय क दौयान ऐसा वविाय आमा कक फाऩ भझ अऩन ियणो भ फरामग | भन भ दढ़ शरदधा थी | इतन रोगो क फीि भ स फाऩ न तजऩणग दवषट भझ ऩय डारी सॊतय का परसाद टदमा औय भया बागम खर गमा | फचि क जनभ स ऩहर डॉकटयो न ऑऩयशन को कहा था रककन फाऩ क फतान क भताबफक भय घयवारो न भझ गाम क गोफय का यस वऩरामा औय शीघर ही फारक का जनभ हो गमा | सचिी शरदधा-बकतकत हो तो कमा असॊबव ह ऩजम फाऩ का दशगन-सतसॊग ही जीवन का सचिा यतन ह |
सचिी शरदधा-बकतकत स ऐसा यतन ऩानवार हभ सबी धनबागी ह |
-यखा ऩयभाय भीया योड़ भॊफई
कसट का िभतकाय
रवमाऩाय उधायी भ िर जान स भ हताश हो गमा था एवॊ अऩनी जजॊदगी स तॊग आकय आतभहतमा कयन की फात सोिन रगा था | भझ साध-भहातभाओॊ व सभाज क रोगो स घणा-सी हो गमी थी धभग व सभाज स भया ववशवास उठ िका था | एक टदन भयी सारी फाऩजी क सतसॊग कक दो कसट ववचध का ववधान एवॊ आणखय कफ तक र आमी औय उसन भझ सनन क मरए कहा | उसक कई परमास क फाद बी भन व कसट नहीॊ सनीॊ एवॊ भन-ही-भन उनह ढ़ोग कहकय कसटो क कतडबफ भ दार टदमा | भन इतना ऩयशान था कक यात को नीॊद आना फॊद हो गमा था | एक यात कफ़पभी गाना सनन का भन हआ | अॉधया होन की वजह स कसट ऩहिान न सका औय गरती स फाऩजी क सतसॊग की कसट हाथ भ आ गमी | भन उसीको सनना शर ककमा | कपय कमा था भयी आशा फॉधन रगी | भन शाॉत होन रगा | धीय-धीय सायी ऩीड़ाएॉ दय होती िरी गमीॊ | भय जीवन भ योशनी-ही-योशनी हो गमी | कपय तो भन ऩजम फाऩजी क सतसॊग की कई कसट सनीॊ औय सफको सनामीॊ |
तदनॊतय भन गाजजमाफाद भ फाऩजी स दीा बी गरहण की | रवमाऩाय की उधायी बी िकता हो गमी | फाऩजी की कऩा स अफ भझ कोई द ख नहीॊ ह | ह गरदव फस एक आऩ ही भय होकय यह औय भ आऩका ही होकय यहॉ |
-ओभपरकाश फजाज
टदपरी योड़ सहायनऩय उततय परदश
भझ ऩय फयसी सॊत की कऩा
सन १९९५ क जन भाह भ भ अऩन रड़क औय बतीज क साथ हरयदवाय धमानमोग मशववय भ बाग रन गमा | एक टदन जफ भ हय की ऩौड़ी ऩय सनान कयन गमा तो ऩानी क तज फहाव क कायण ऩय कपसरन स भया रड़का औय बतीजा दोनो अऩना सॊतरन खो फठ औय गॊगा भ फह गम | ऐसी सॊकट की घड़ी भ भ अऩना होश खो फठा | कमा करॉ भ पट-पटकय योन रगा औय फाऩजी स पराथगना कयन रगा कक ह नाथ ह गरदव या कीजजम भय फचिो को फिा रीजजम | अफ आऩका ही सहाया ह | ऩजमशरी न भय सचि रदम स ननकरी ऩकाय सन री औय उसी सभम भया रड़का भझ टदखामी टदमा | भन झऩटकय उसको फाहय खीॊि मरमा रककन भया बतीजा तो ऩता नहीॊ कहाॉ फह गमा भ ननयॊतय यो यहा था औय भन भ फाय-फाय वविाय उठ यहा था कक फाऩजी भया रड़का फह जाता तो कोई फात नहीॊ थी रककन अऩन बाई की अभानत क बफना भ घय कमा भॉह
रकय जाऊॉ गा फाऩजी आऩही इस बकत की राज फिाओ | तबी गॊगाजी की एक तज रहय उस फचि को बी फाहय छोड़ गमी | भन रऩककय उस ऩकड़ मरमा | आज बी उस हादस को सभयण कयता हॉ तो अऩन-आऩको सॉबार नहीॊ ऩाता हॉ औय भयी आॉखो स ननयॊतय परभ की अशरधाया फहन रगती ह | धनम हआ भ ऐस गरदव को ऩाकय ऐस सदगरदव क शरीियणो भ भय फाय-फाय शत-शत परणाभ
-सभारखाॉ ऩानीऩत हरयमाणा
गरदव की कऩा स सॊतानपरानि
भयी शादी को ऩाॉि सार हो गम थ कपय बी कोई सॊतान नहीॊ हई | रोग हभ फहत तान भायत थ | तबी भन-ही-भन ननणगम र मरमा कक ऩजम फाऩ क आशरभ भ जाना ह | जनवयी १९९९ भ परथभ फाय उततयामण मशववय बया औय भॊतरदीा री | अफ गरदव कक कऩा स भझ एक सॊदय फारक पराि हआ ह | ऩजम फाऩजी की इतनी कऩा-करणा दखकय रदम बय आता ह | भ ऩजम फाऩजी स पराथगना कयती हॉ कक मह फारक उनह सभवऩगत कय सकॊ औय मह उनक मोगम फनसक ऐसी सदफवदध हभ द |
-ननभगरा क तड़वी काॊनतबाई हीयाबाई तडवी याभजी भॊटदय क ऩास कायरी फाग वड़ोदया
गरकऩा स जीवनदान
टदनाॊक १५-१-९६ की घटना ह | भन धात क ताय ऩय सखन क मरए कऩड़ परा यख थ |
फारयश होन क कायण उस ताय भ कयॊट आ गमा था | भया छोटा ऩतर ववशार जो कक ११ वीॊ का भ ऩढ़ता ह आकय उस ताय स छ गमा औय बफजरी का कयॊट रगत ही वह फहोश हो गमा शव क सभान हो गमा | हभन उस तयॊत फड़ असऩतार भ दाणखर कयवामा | डॉकटय न फचि की हारत गॊबीय फतामी | ऐसी ऩरयजसथनत दखकय भयी आॉखो स अशरधायाएॉ फह ननकरी | भ ननजानॊद की भसती भ भसत यहन वार ऩजम सदगरदव को भन-ही-भन माद ककमा औय पराथगना कक ह गरदव अफ तो इस फचि का जीवन आऩक ही हाथो भ ह | ह भय परब आऩ जो िाह सो कय सकत ह | औय आणखय भयी पराथगना सपर हई | फचि भ एक नवीन ितना का सॊिाय हआ एवॊ धीय-धीय फचि क सवासम भ
सधाय होन रगा | कछ ही टदनो भ वह ऩणगत सवसथ हो गमा | डॉकटय न तो उऩिाय ककमा रककन जो जीवनदान उस पमाय परब की कऩा स सदगरदव की कऩा स मभरा उसका वणगन कयन क मरए भय ऩास शबद नहीॊ ह | फस ईशवय स भ मही पराथगना कयता हॉ कक ऐस बरहमननषठ सॊत-भहाऩरषो क परनत हभायी शरदधा भ ववदध होती यह | -
डॉ वाम ऩी कारया शाभरदास कॉरज बावनगय गजयात
ऩजम फाऩ जस सॊत दननमा को सवगग भ फदर सकत ह
भई १९९८ क अॊनतभ टदनो भ ऩजमशरी क इॊदौय परवास क दौयान ईयान क ववखमात कफ़जजमशमन शरी फफाक अगरानी बायत भ अधमाजतभक अनबवो की परानि आम हए थ |
ऩजमशरी क दशगन ऩाकय जफ उनहोन अधमाजतभक अनबवो को परीबत होत दखा तो व ऩॊिड़ आशरभ भ आमोजजत धमानमोग मशववय भ बी ऩहॉि गम | शरी अगरानी जो दो टदन रककय वाऩस रौटन वार थ व ऩय गमायह टदन तक ऩॊिड़ आशरभ भ रक यह | उनहोन ववधाथी मशववय भ सायसवतम भॊतर की दीा री एवॊ ववमशषट धमानमोग साधना मशववय (४ -१० जन १९९८) का बी राब मरमा | मशववय क दौयान शरी अगरानी न ऩजमशरी स भॊतरदीा बी र री | ऩजमशरी क साजननधम भ सॊपराि अनबनतमो क फाय भ बतरम सभािाय ऩतर ितना को दी हई बटवाताग भ शरी अगरानी कहत ह मटद ऩजम फाऩ जस सॊत हय दश भ हो जाम तो मह दननमा सवगग फन सकती ह | ऐस शाॊनत स फठ ऩाना हभाय मरए कटठन ह रककन जफ ऩजम फाऩजी जस भहाऩरषो क शरीियणो भ फठकय सतसॊग सनत ह तो ऐसा आनॊद आता ह कक सभम का कछ ऩता ही नहीॊ िरता | सिभि ऩजम फाऩ कोई साधायण सॊत नहीॊ ह |
-शरी फफाक अगरानी ववशवववखमात कफ़जजमशमन ईयान
फाऩजी का साजननधम गॊगा क ऩावन परवाह जसा ह
कर-कर कयती इस बागीयथी की धवर धाया क ककनाय ऩय ऩजम फाऩजी क साजननधम भ फठकय भ फड़ा ही आपहाटदत औय परभटदत हॉ आनॊटदत हॉ योभाॊचित हॊ | गॊगा बायत की सषमना नाड़ी ह | गॊगा बायत की सॊजीवनी ह | शरी ववषणजी क ियणो स ननकरकय बरहमाजी क कभॊड़र औय जटाधय क भाथ ऩय शोबामभान गॊगा बतरमोगमसवदधकायक ह |
ववषणजी क ियणो स ननकरी गॊगा बकतकत मोग की परतीनत कयाती ह औय मशवजी क भसतक ऩय जसथत गॊगा ऻान मोग की उचितय बमभका ऩय आरढ़ होन की खफय दती ह |
भझ ऐसा रग यहा ह कक आज फाऩजी क परविनो को सनकय भ गॊगा भ गोता रगा यहा हॉ कमोकक उनका परविन उनका सजननधम गॊगा क ऩावन परवाह जसा ह | व अरभसत फ़कीय ह | व फड़ सयर औय सहज ह | व जजतन ही ऊऩय स सयर ह उतन ही अॊतय भ गढ़ ह | उनभ टहभारम जसी उचिता ऩववतरता शरषठता ह औय सागयतर जसी गॊबीयता ह |
व याषड की अभपम धयोहय ह | उनह दखकय कवष-ऩयमऩया को फोध होता ह | गौतभ कणाद
जमभनी कवऩर दाद भीया कफीय यदास आटद सफ कबी-कबी उनभ टदखत ह |
य बाई कोई सतगर सॊत कहाव
जो ननन अरख रखाव धयती उखाड़ आकाश उखाड़
अधय भड़मा धाव |
शनम मशखय क ऩाय मशरा ऩय आसन अिर जभाव |
य बाई कोई सतगर सॊत कहाव
एक ऐस ऩावन साजननधम भ हभ फठ ह जो फड़ा दरगब औय सहज मोगसवरऩ ह | ऐस भहाऩरषो क मरए ऩॊकतकतमाॉ माद आ यही ह तभ िरो तो िर धयती िर अॊफय िर दननमा ऐस भहाऩरष िरत ह तो उनक मरए समग िॊर ताय गरह नतर आटद सफ अनकर हो जात ह | ऐस इजनरमातीत गणातीत बावातीत शबदातीत औय सफ अवसथाओॊ स ऩय ककनहीॊ भहाऩरषो क शरीियणो भ जफ फठत ह तो बागवत कहता ह
साधनाॊ दशगनॊ रोक सवगमसवदधकयॊ ऩयभ |
साध क दशगन भातर स वविाय ववबनत ववदवता शकतकत सहजता ननववगषमता परसननता मसवदधमाॉ औय आतभानॊद की परानि होती ह | दश क भहान सॊत महाॉ सहज ही आत ह बायत क सबी शॊकयािामग बी मशववय भ आत ह | अत भय भन भ बी वविाय आमा कक जहाॉ सफ जात ह वहाॉ जाना िाटहए कमोकक मही वह ठोय-टठकाना ह जहाॉ भन का अमबभान मभटामा जा सकता ह | ऐस भहाऩरषो क दशगन स कवर आनॊद औय भसती ही नहीॊ मभरती फजपक वह सफ कछ मभर जाता ह जो अमबरावषत ह आकाॊकषत ह रकषत ह | महाॉ भ करणा क
कभगठता क वववक-वयागम क ऻान क दशगन कय यहा हॉ | वयागम औय बकतकत क यण ऩोषण औय सॊवधगन क मरए मह सिकवषमो का उततभ ऻान भाना जाता ह | आज गॊगा कपय स
साकाय टदख यही ह तो व फाऩजी क वविाय औय वाणी भ टदख यही ह | अरभसतता सहजता उचिता शरषठता ऩववतरतता तीथग-सी शचिता मशश-सी सयरता तरणो-सा जोश वदधो-सा गाॊबीमग औय कवषमो जसा ऻानाफोध भझ जहाॉ हो यहा ह वह मह ऩॊडार ह | इस आनॊदनगय कहॉ मा परभनगय करणा का सागय कहॉ मा वविायो का सभनदय रककन इतना जरय कहॉगा कक भय भन का कोन-कोना आपहाटदत हो यहा ह | आऩ रोग फड़बागी ह जो ऐस भहाऩरष क शरीियणो भ फठ ह जहाॉ बागम का टदरवम रवमकतकतततव का ननभागण होता ह | जीवन की कतकतमता जहाॉ पराि हो सकती ह वह मही दय ह |
मभर तभ मभरी भॊजजर मभरा भकसद औय भददा बी |
न मभर तभ तो यह गमा भददा भकसद औय भॊजजर बी ||
आऩका मह बावयाजम औय परभयाजम दखकय भ िककत बी हॉ औय आनॊद का अनबव बी कय यहा हॉ | आऩक परनत भया ववशवास औय अटट ननषठा फढ़ इस हत भया नभन सवीकाय कय | भझ ऐसा रगता ह कक फाऩजी समग ह औय नायामण सवाभी एक ऐस दीऩ ह जो न फझ सकत ह न जराम जात ह |
-सवाभी अवधशानॊदजी हरयदवाय
सायसवतम भॊतर स हए अदबत राब
भन १९९८ भ ववधाथी उतथान मशववय सोनीऩत भ ऩजम गरदव स सायसवतम भॊतर की दीा री | दीा क फाद ननममभत भॊतरजऩ कयन स भ इतना कशागर फवदधवारा एवॊ सवावरॊफी हो गमा कक भन एक भहीन भ ही टमशन छोड़ दी औय सवमॊ खफ भहनत कयन रगा | भ सकर बी ऩदर आन-जान रगा जजसस भन सकर फस का ककयामा फिा मरमा |
भॊतर जाऩ क परबाव स भझ ९ वीॊ १० वीॊ ११ वीॊ की ऩयीाओॊ भ परथभ सथान पराि हआ |
१२ वीॊ की ऩयीा क सभम भया सवासम खयाफ होन क कायण भ जऩ ठीक स नहीॊ कय सका कपय बी ७९ परनतशत अॊको स ऩास हआ | उसक फाद इॊजजननमरयॊग की ऩरया भ बी उततीणग यहा |
-करदीऩ कभाय डी-२३४ वसट ववनोद नगय टदपरी
भ टदसमफय १९९९ भ छततीसगढ़ क बाटाऩाया भ ऩजम गरदव स सायसवतम भॊतर की दीा
री | ततऩशचात भ ननममभत रऩ स जऩ-धमान- पराणामाभ कयता था जजसस भझ फहत राब हआ | ऩजम फऩजी की कऩा औय सायसवतम भॊतर जाऩ क परबाव स भझ १२ वीॊ की फोड़ग की ऩरया भ ८४६ परनतशत अॊक मभर |
-ववयनर कभाय कौमशक
डोगयगाॉव जज याजनाॊदगाॉव (छग)
बौनतक मग क अॊधकाय भ ऻान की जमोनत ऩजम फाऩ
भादक ननमॊतरण बमयो बायत सयकाय क भहाननदशक शरी एिऩी कभाय ९ भई को अभदावाद आशरभ भ सतसॊग-कामगकरभ क दौयान ऩजम फाऩ स आशीवागद रन ऩहॉि | फड़ी ववनमरता एवॊ शरदधा क साथ उनहोन ऩजम फाऩ क परनत अऩन उदगाय भ कहा जजस रवमकतकत क ऩास वववक नहीॊ ह वह अऩन रकषम तक नहीॊ ऩहॉि सकता ह औय वववक को पराि कयन का साधन ऩजम आसायाभजी फाऩ जस भहान सॊतो का सतसॊग ह | ऩजम फाऩ स भया परथभ ऩरयिम टीवी क भाधमभ स हआ | ततऩशचात भझ आशरभ दवाय परकामशत कवष परसाद भामसक पराि हआ | उस सभम भझ रगा कक एक ओय जहाॉ इस बौनतक मग क अॊधकाय भ भानव बटक यहा ह वहीॊ दसयी ओय शाॊनत की भॊद-भॊद सगॊचधत वाम बी िर यही ह | मह ऩजम फाऩ क सतसॊग का ही परबाव ह | ऩजमशरी क दशगन कयन का जो सौबागम भझ पराि हआ ह इसस भ अऩन को कतकतम भानता हॉ | ऩजम फाऩ क शरीभख स जो अभत वषाग होती ह तथा इनक सतसॊग स कयोड़ो रदमो भ जो जमोनत जगती ह व इसी परकाय स जगती यह औय आन वार रॊफ सभम तक ऩजमशरी हभ सफ का भागगदशगन कयत यह मही भयी काभना ह | ऩजम फाऩ क शरीियणो भ भय परणाभ
-शरी एिऩी कभाय भहाननदशक भादक ननमॊतरण बमयो बायत सयकाय
गरकऩा ऐसी हई कक अॉधय तो कमा दय बी नहीॊ हई
ऩयभ कऩार फाऩजी क शरीियणो भ भय कोटट-कोटट वॊदन भ एक इसभाइरी खवाजा हॉ तथा अऩन धभग भ अकतडग हॉ | िाय वषग ऩवग कछ रोगो दवाया एक सननमोजजत मोजना फनाकय भझ जफयदसती भडगय कस का आयोऩी फना टदमा गमा था | इसस भझ कहीॊ शाॊनत नहीॊ मभर यही थी | २८ पयवयी १९९७ को भझ नागऩय भ आमोजजत फाऩजी क सतसॊग भ जान की परयणा मभरी औय ४ भािग १९९७ को भन फाऩजी स भॊतरदीा री | भ उनस भन-
ही-भन ववनती की कक ह गरदव भझ फिा रो | गरकऩा ऐसी हई कक ७ जनवयी १९९८ को भझ अदारत न ऩाक-साप फयी कय टदमा फाकी छ आयोवऩमो को सजा हई | धनम ह ऐस भय सदगर उनक शरीियणो भ भय कोटट-कोटट वनदन
-यहभान खान ननशान छाफड़ी (बफछआ) जज नछनदवाड़ा (भपर)
भजसरभ भटहरा को पराणदान
२७ मसतमफय २००० को जमऩय भ भय ननवास ऩय ऩजम फाऩ का आतभ-साातकाय टदवस
भनामा गमा जजसभ भय ऩड़ोस की भजसरभ भटहरा नाथी फहन क ऩनत शरी भाॉग खाॉ न बी ऩजम फाऩ की आयती की औय ियणाभत मरमा | ३-४ टदन फाद ही व भजसरभ दॊऩनत खवाजा साटहफ क उसग भ अजभय िर गम | टदनाॊक ४ अकटफय २००० को अजभय क उसग भ असाभाजजक ततवो न परसाद भ जहय फाॉट टदमा जजसस उसग भर भ आम कई दशगनाथी असवसथ हो गम औय कई भय बी गम | भय ऩड़ोस की नाथी फहन न बी वह परसाद खामा औय थोड़ी दय भ ही वह फहोश हो गमी | अजभय भ उसका उऩिाय ककमा गमा ककॊ त उस होश न आमा | दसय टदन ही उसका ऩनत उस अऩन घय र आमा | कॉरोनी क सबी ननवासी उसकी हारत दखकय कह यह थ कक अफ इसका फिना भजशकर ह | भ बी उस दखन गमा | वह फहोश ऩड़ी थी | भ जोय-जोय स हरय ॐ हरय ॐ का उचिायण ककमा तो वह थोड़ा टहरन रगी | भझ परयणा हई औय भ ऩन घय गमा | ऩजम फाऩ स पराथगना की | ३-४ घॊट फाद ही वह भटहरा ऐस उठकय खड़ी हो गमी भानो सोकय उठी हो | उस भटहरा न फतामा कक भय िािा ससय ऩीय ह औय उनहोन भय ऩनत क भॉह स फोरकय फतामा कक तभन २७ मसतमफय २००० को जजनक सतसॊग भ ऩानी वऩमा था उनहीॊ सपद दाढ़ीवार फाफा न तमह फिामा ह कसी करणा ह गरदव की
-जएर ऩयोटहत
८७ सपतान नगय जमऩय (याज)
उस भटहरा का ऩता ह -शरीभती नाथी
ऩतनी शरी भाॉग खाॉ १०० सपतान नगय गजगय की धड़ी नम साॊगानय योड़
जमऩय (याज)
हरयनाभ की पमारी न छड़ामी शयाफ की फोतर
सौबागमवश गत २६ टदसमफय १९९८ को ऩजमशरी क १६ मशषमो की एक टोरी टदपरी स हभाय गाॉव भ हरयनाभ का परिाय-परसाय कयन ऩहॉिी | भ फिऩन स ही भटदयाऩान धमरऩान व मशकाय कयन का शौकीन था | ऩजम फाऩ क मशषमो दवाया हभाय गाॉव भ जगह-जगह ऩय तीन टदन तक रगाताय हरयनाभ का कीतगन कयन स भझ बी हरयनाभ का यॊग रगता जा यहा था | उनक जान क एक टदन क ऩशचात शाभ क सभम योज की बाॊनत भन शयाफ की फोतर ननकारी | जस ही फोतर खोरन क मरए ढककन घभामा तो उस ढककन क घभन स भझ हरय ॐ हरय ॐ की धवनन सनामी दी | इस परकाय भन दो-तीन फाय ढककन घभामा औय हय फाय भझ हरय ॐ की धवनन सनामी दी | कछ दय फाद भ उठा तथा ऩजमशरी क एक मशषम क घय गमा | उनहोन थोड़ी दय भझ ऩजमशरी की अभतवाणी सनामी | अभतवाणी सनन क फाद भया रदम ऩकायन रगा कक इन दरवमगसनो को तमाग दॉ | भन तयॊत फोतर उठामी तथा जोय-स दय खत भ प क दी | ऐस सभथग व ऩयभ कऩार सदगरदव को भ रदम स परणाभ कयता हॉ जजनकी कऩा स मह अनोखी घटना भय जीवन भ घटी जजसस भया जीवन ऩरयवनतगत हआ |
-भोहन मसॊह बफषट
मबखमासन अपभोड़ा (उपर)
ऩय गाॉव की कामाऩरट
ऩजमशरी स टदनाॊक २७६९१ को दीा रन क फाद भन रवमवसनभकतकत क परिाय-परसाय का रकषम फना मरमा | भ एक फाय कौशरऩय (जज शाजाऩय) ऩहॉिा | वहाॉ क रोगो क रवमवसनी औय रड़ाई-झगड़ मकत जीवन को दखकय भन कहा आऩ रोग भनषम-जीवन सही अथग ही नहीॊ सभझत ह | एक फाय आऩ रोग ऩजम फाऩजी क दशगन कय र तो आऩको सही जीवन जीन की कॊ जी मभर जामगी | गाॉव वारो न भयी फात भान री औय दस रवमकतकत भय गाॉव ताजऩय आम | भन एक साधक को उनक साथ जनभाषटभी भहोतसव भ सयत बजा | ऩजम फाऩजी की उन ऩय कऩा फयसी औय सफको गरदीा मभर गमी | जफ व रोग अऩन गाॉव ऩहॉि तो सबी गाॉववामसमो को फड़ा कौतहर था कक ऩजम फाऩजी कस ह फाऩजी की रीराएॉ सनकय गाॉव क अनम रोगो भ बी ऩजम फाऩजी क परनत शरदधा जगी | उन दीकषत साधको न सबी गाॉववारो को सववधानसाय ऩजम फाऩजी क अरग-अरग आशरभो भ
बजकय दीा टदरवा दी | गाॉव क सबी रवमकतकत अऩन ऩय ऩरयवाय सटहत दीकषत हो िक ह | परतमक गरवाय को ऩय गाॉव भ एक सभम बोजन फनता ह | सबी रोग गरवाय का वरत यखत ह | कौशरऩय गाॉव क परबाव स आस-ऩास क गाॉववार एवॊ उनक रयशतदायो सटहत १००० रवमकतकतमो शयाफ छोड़कय दीा र री ह | गाॉव क इनतहास भ तीन-तीन ऩीढ़ी स कोई भॊटदय नहीॊ था | गाॉववारो न ५ राख रऩम रगाकय दो भॊटदय फनवाम ह | ऩया गाॉव रवमवसनभकत एवॊ बगवतबकत फन गमा ह मह ऩजम फाऩजी की कऩा नहीॊ तो औय कमा ह सफक तायणहाय ऩजम फाऩजी क शरीियणो भ कोटट-कोटट परणाभ
-शमाभ परजाऩनत (सऩयवाइजय नतरहन सॊघ) ताजऩय उजजन (भपर)
नतरबफ ॊद का िभतकाय
भया सौबागम ह कक भझ सॊतकऩा नतरबफॊद (आई डरॉपस) का िभतकाय दखन को मभरा |
एक सॊत फाफा मशवयाभदास उमर ८० वषग गीता कटटय तऩोवन झाड़ी सिसयोवय हरयदवाय भ यहत ह | उनकी दाटहनी आॉख क सपद भोनतम का ऑऩयशन शाॉनतकॊ ज हरयदवाय आमोजजत कमऩ भ हआ | कस बफगड़ गमा औय कार भोनतमा फन गमा | ददग यहन रगा औय योशनी घटन रगी | दोफाया बभाननद नतर चिककतसारम भ ऑऩयशन हआ | एबसपमट गरकोभा फतात हए कहा कक ऑऩयशन स मसयददग ठीक हो जामगा ऩय योशनी जाती यहगी | ऩयॊत अफ व फाफा सॊत शरी आसायाभजी आशरभ दवाय ननमभगत सॊतकऩा नतरबफॊद सफह-शाभ डार यह ह | भन उनक नतरो का ऩयीण ककमा | उनकी दाटहनी आॉख भ उॉगरी चगनन रामक योशनी वाऩस आ गमी ह | कार भोनतम का परशय नॉभगर ह | कोननगमा भ सजन नहीॊ ह | व कापी सॊतषट ह | व फतात ह आॉख ऩहर रार यहती थी ऩयॊत अफ नहीॊ ह | आशरभ क नतरबफॊद स कपऩनातीत राब हआ | फामीॊ आॉख भ बी उनह सपद भोनतमा फतामा गमा था औय सॊशम था कक शामद कारा भोनतमा बी ह | ऩय आज फामीॊ आॉख बी ठीक ह औय दोनो आॉखो का परशय बी नॉभगर ह | सपद भोनतमा नहीॊ ह औय योशनी कापी अचछी ह |
मह सॊतकऩा नतरफॊद का ववरण परबाव दखकय भ बी अऩन भयीजो को इसका उऩमोग कयन की सराह दॉगा |
-डॉ अननत कभाय अगरवार (नतरयोग ववशषऻ)
एभफीफीएस एभएस (नतर) डीओएभएस (आई) सीताऩय सहायनऩय (उपर)
ऩजमशरी की तसवीय स मभरी परयणा
सवगसभथग ऩयभ ऩजम शरी फाऩजी क ियणकभरो भ भया कोटट-कोटट नभन १९८४ क बकॊ ऩ स समऩणग उततय बफहाय भ कापी नकसान हआ था जजसकी िऩट भ हभाया घय बी था | ऩरयजसथनतवश भझ नौवी का भ ऩढ़ामी छोड़ दनी ऩड़ी | ककसी मभतर की सराह स भ नौकयी ढॉढ़न क मरए टदपरी गमा रककन वहाॉ बी ननयाशा ही हाथ रगी | भ दो टदन स बखा तो था ही ऊऩय स नौकयी की चिॊता | अत आतभहतमा का वविाय कयक यरव सटशन की ओय िर ऩड़ा | यानीफाग फाजाय भ एक दकान ऩय ऩजमशरी का सतसाटहतम
कसट आटद यखा हआ था एवॊ ऩजमशरी की फड़ आकाय की तसवीय बी टॉगी थी | ऩजमशरी की हॉसभख एवॊ आशीवागद की भरावारी उस तसवीय ऩय भयी नजय ऩड़ी तो १० मभनट तक भ वहीॊ सड़क ऩय स ही खड़-खड़ उस दखता यहा | उस वकत न जान भझ कमा मभर गमा भ काभ बर भजदयी का ही कयता हॉ रककन तफस रकय आज तक भय चितत भ फड़ी परसननता फनी हई ह | न जान भयी जजनदगी की कमा दशा होती अगय ऩजम फाऩजी की मवाधन सया ईशवय की ओय ननजशचनत जीवन ऩसतक औय कवष परसाद ऩबतरका हाथ न रगती ऩजमशरी की तसवीय स मभरी परयणा एवॊ उनक सतसाटहतम न भयी डफती नमा को भानो भझदाय स फिा मरमा | धनबागी ह साटहतम की सवा कयन वार जजनहोन भझ आतभहतमा क ऩाऩ स फिामा |
-भहश शाह
नायामणऩय दभया जज सीताभढ़ी (बफहाय)
भॊतर स राब
भयी भाॉ की हारत अिानक ऩागर जसी हो गमी थी भानो कोई बत-परत-डाककनी मा आसयी ततव उनभ घस गमा | भ फहत चिॊनतत हो गमा एवॊ एक साचधका फहन को पोन ककमा | उनहोन बत-परत बगान का भॊतर फतामा जजसका वणगन आशरभ स परकामशत आयोगमननचध ऩसतक भ बी ह | वह भॊतर इस परकाय ह
ॐ नभो बगवत रर बयवाम बतपरत म कर कर हॊ पट सवाहा |
इस भॊतर का ऩानी भ ननहायकय १०८ फाय जऩ ककमा औय वही ऩानी भाॉ को वऩरा टदमा |
तयॊत ही भाॉ शाॊनत स सो गमीॊ | दसय टदन बी इस भॊतर की ऩाॉि भारा कयक भाॉ को वह जर वऩरामा तो भाॉ बफपकर ठीक हो गमीॊ | ह भय साधक बाई-फहनो बत-परत बगान क
मरए अरा फाॉधॉ फरा फाॉधॉ ऐसा कयक झाड़-फ़ॉ क कयनवारो क िककय भ ऩड़न की जरयत नहीॊ ह | इसक मरए तो ऩजम फाऩजी का भॊतर ही तायणहाय ह | ऩजम फाऩजी क शरीियणो भ कोटट-कोटट परणाभ
-िॊऩकबाई एन ऩटर (अभरयका)
काभ करोध ऩय ववजम ऩामी
एक टदन भॊफई भर भ टटकट िककॊ ग कयत हए भ वातानकमरत फोगी भ ऩहॉिा | दखा तो भखभर की गददी ऩय टाट का आसन बफछाकय सवाभी शरी रीराशाहजी भहायाज सभाचधसथ ह | भझ आशचमग हआ कक जजन परथभ शरणी की वातानकमरत फोचगमो भ याजा-भहायाजा मातरा कयत ह ऐसी फोगी औय तीसयी शरणी की फोगी क फीि इन सॊत को कोई बद नहीॊ रगता | ऐसी फोचगमो भ बी व सभाचधसथ होत ह मह दखकय मसय झक जाता ह | भन ऩजम भहायाजशरी को परणाभ कयक कहा आऩ जस सॊतो क मरए तो सफ एक सभान ह |
हय हार भ एकयस यहकय आऩ भकतकत का आनॊद र सकत ह | रककन हभाय जस गरहसथो को कमा कयना िाटहए ताकक हभ बी आऩ जसी सभता फनाम यखकय जीवन जी सक
ऩजम भहायाजजी न कहा काभ औय करोध को त छोड़ द तो त बी जीवनभकत हो सकता ह | जहाॉ याभ तहॉ नहीॊ काभ जहाॉ काभ तहॉ नहीॊ याभ | औय करोध तो बाई बसभासय ह | वह तभाभ ऩणम को जराकय बसभ कय दता ह अॊतकयण को भमरन कय दता ह | भन कहा परब अगय आऩकी कऩा होगी तो भ काभ-करोध को छोड़ ऩाऊॉ गा | ऩजम भहायाजजी न कहा बाई कऩा ऐस थोड़ ही की जाती ह सॊतकऩा क साथ तया ऩरषाथग औय दढ़ता बी िाटहए | ऩहर त परनतऻा कय कक त जीवनऩमगनत काभ औय करोध स दय यहगा तो भ तझ आशीवागद दॉ | भन कहा भहायाजजी भ जीवनबय क मरए परनतऻा तो करॉ रककन उसका ऩारन न कय ऩाऊॉ तो झठा भाना जाऊॉ गा | ऩजम भहायाजजी न कहा अचछा ऩहर त भय सभ आठ टदन क मरए परनतऻा कय | कपय परनतऻा को एक-एक टदन फढ़त जाना | इस परकाय त उन फराओॊ स फि सकगा | ह कफर भन हाथ जोड़कय कफर ककमा | ऩजम भहायाजजी न आशीवागद दकय दो-िाय पर परसाद भ टदम | ऩजम भहायाजजी न भयी जो दो कभजोरयमाॉ थीॊ उन ऩय ही सीधा हभरा ककमा था | भझ आशचमग हआ कक अनम कोई बी दगगण छोड़न का न कहकय इन दो दगगणो क मरए ही उनहोन परनतऻा कमो कयवामी फाद भ भ इस याज स अवगत हआ |
दसय टदन भ ऩसनजय टरन भ कानऩय स आग जा यहा था | सफह क कयीफ नौ फज थ |
तीसयी शरणी की फोगी भ जाकय भन माबतरमो क टटकट जाॉिन का कामग शर ककमा | सफस
ऩहर फथग ऩय सोम हए एक मातरी क ऩास जाकय भन एक मातरी क ऩास जाकय भन टटकट टदखान को कहा तो वह गससा होकय भझ कहन रगा अॊधा ह दखता नहीॊ कक भ सो गमा हॉ भझ नीॊद स जगान का तझ कमा अचधकाय ह मह कोई यीत ह टटकट क फाय भ ऩछन की ऐसी ही अकर ह तयी ऐसा कछ-का-कछ वह फोरता ही गमा फोरता ही गमा | भ बी करोधाववषट होन रगा ककॊ त ऩजम भहायाजजी क सभ री हई परनतऻा भझ माद थी अत करोध को ऐस ऩी गमा भानो ववष की ऩकतड़मा भन उस कहा भहाशम आऩ ठीक ही कहत ह कक भझ फोरन की अकर नहीॊ ह बान नहीॊ ह | दखो भय म फार धऩ भ सपद हो गम ह | आऩभ फोरन की अकर अचधक ह नमरता ह तो कऩा कयक मसखाओॊ कक टटकट क मरए भझ ककस परकाय आऩस ऩछना िाटहए | भ रािाय हॉ कक डमटी क कायण भझ टटकट िक कयना ऩड़ यहा ह इसमरए भ आऩको कषट द यहा हॉ|
औय कफ़य भन खफ परभ स हाथ जोड़कय ववनती की बमा कऩा कयक कषट क मरए भझ भा कयो | भझ अऩना टटकट टदखामग भयी नमरता दखकय वह रजजजत हो गमा एवॊ तयॊत उठ फठा | जपदी-जपदी नीि उतयकय भझस भा भाॉगत हए कहन रगा भझ भाप कयना | भ नीॊद भ था | भन आऩको ऩहिाना नहीॊ था | अफ आऩ अऩन भॉह स भझ कह कक आऩन भझ भाफ़ ककमा मह दखकय भझ आनॊद औय सॊतोष हआ | भ सोिन रगा कक सॊतो की आऻा भानन भ ककतनी शकतकत औय टहत ननटहत ह सॊतो की करणा कसा िभतकारयक ऩरयणाभ राती ह वह रवमकतकत क पराकनतक सवबाव को बी जड़-भर स फदर सकती ह | अनमथा भझभ करोध को ननमॊतरण भ यखन की कोई शकतकत नहीॊ थी | भ ऩणगतमा असहाम था कपय बी भझ भहायाजजी की कऩा न ही सभथग फनामा | ऐस सॊतो क शरीियणो भ कोटट-कोटट नभसकाय
-शरी यीजभर
रयटामडग टीटी आई कानऩय
अनम अनबव
जरा हआ कागज
ऩवग रऩ भ एक फाय ऩयभहॊस ववशदधानॊदजी स आनॊदभमी भाॉ की ननकटता ऩानवार सपरमसदध ऩॊकतडत गोऩीनाथ कववयाज न ननवदन ककमा तयणीकानत ठाकय को अरौककक मसवदध पराि हई ह | व बफना दख मा बफना छए ही कागज भ मरखी हई फात ऩढ़ रत ह |
गरदव फोर तभ एक कागज ऩय कछ मरखो औय उसभ आग रगाकय जरा दो |
कववयाजजी न कागज ऩय कछ मरखा औय ऩयी तयह कागज जराकय हवा भ उड़ा टदमा |
उसक फाद गरदव न अऩन तककम क नीि स वही कागज ननकारकय कववयाजजी क आग यख टदमा | मह दखकय उनह फड़ा आशचमग हआ कक मह कागज वही था एवॊ जो उनहोन मरखा था वह बी उस ऩय उनहीॊ क सरख भ मरखा था औय साथ ही उसका उततय बी मरखा हआ दखा | जड़ता ऩशता औय ईशवयता का भर हभाया शयीय ह | जड़ शयीय को भ-भया भानन की ववतत जजतनी मभटती ह ऩाशवी वासनाओॊ की गराभी उतनी हटती ह औय हभाया ईशवयीम अॊश जजतना अचधक ववकमसत होता ह उतना ही मोग-साभमग ईशवयीम साभमग परकट होता ह | बायत क ऐस कई बकतो सॊतो औय मोचगमो क जीवन भ ईशवयीम साभमग दखा गमा ह अनबव ककमा गमा ह उसक ववषम भ सना गमा ह | धनम ह बायतबमभ भ यहनवार बायतीम सॊसकनत भ शरदधा-ववशवास यखनवार अऩन ईशवयीम अॊश को जगान की सवा-साधना कयनवार सवाभी ववशदधानॊदजी वषो की एकाॊत साधना औय वषो-वषो की गरसवा स अऩना दहाधमास औय ऩाशवी वासनाएॉ मभटाकय अऩन ईशवयीम
अॊश को ववकमसत कयनवार बायत क अनक भहाऩरषो भ स थ | उनक जीवन की औय बी अरौककक घटनाओॊ का वणगन आता ह | ऐस सतऩरषो क जीवन-िरयतर औय उनक जीवन भ घटटत घटनाएॉ ऩढ़न-सनन स हभ रोग बी अऩनी जड़ता एवॊ ऩशता स ऊऩय उठकय ईशवयीम अॊश को उबायन भ उतसाटहत होत ह | फहत ऊॉ िा काभ ह फड़ी शरदधा फड़ी सभझ फड़ा धमग िाटहए ईशवयीम साभमग को ऩणग रऩ स ववकमसत कयन भ | अफ आओ
िर आदय शॊकयािामग की ओय
नदी की धाया भड़ गमी
आदय शॊकयािामग की भाता ववमशषटा दवी अऩन करदवता कशव की ऩजा कयन जाती थीॊ | व ऩहर नदी भ सनान कयतीॊ औय कफ़य भॊटदय भ जाकय ऩजन कयतीॊ | एक टदन व परातकार ही ऩजन-साभगरी रकय भॊटदय की ओय गमीॊ ककॊ त सामॊकार तक घय नहीॊ रौटीॊ | शॊकयािामग की आम अबी सात-आठ वषग क भधम भ ही थी | व ईशवय क ऩयभ बकत औय ननषठावान थ | सामॊकार तक भाता क वाऩस न रौटन ऩय आिामग को फड़ी चिनता हई औय व उनह खोजन क मरए ननकर ऩड़ | भॊटदय क ननकट ऩहॉिकय उनहोन भाता को भागग भ ही भजचछगत ऩड़ दखा | उनहोन फहत दय तक भाता का उऩिाय ककमा तफ व होश भ आ सकीॊ |
नदी अचधक दय थी | वहाॉ तक ऩहॉिन भ भाता को फड़ा कषट होता था | आिामग न बगवान स भन-ही-भन पराथगना की कक परबो ककसी परकाय नदी की धाया को भोड़ दो जजसस कक
भाता ननकट ही सनान कय सक | व इस परकाय की पराथगना ननतम कयन रग | एक टदन उनहोन दखा कक नदी की धाया ककनाय की धयती को काटती-काटती भड़न रगी ह तथा कछ टदनो भ ही वह आिामग शॊकय क घय क ऩास फहन रगी | इस घटना न आिामग का अरौककक शकतकतसमऩनन होना परमसदध कय टदमा |
सकषभ शयीय स िोय का ऩीछा ककमा
हरयहय फाफा की फड़ी परमसवदध थी | एक फाय व हयऩारऩय सटशन ऩय थ | वहाॉ क सटशन भासटय न उनको एक िोय सऩदग ककमा | िोय न फाफा स कहा भहायाज भझ इतनी छटटी द दीजजम कक भ अऩन फार-फचिो का परफॊध कय आऊॉ | फाफा गाड़ी आन ऩय रौट आना | िोय िरा गमा | सटशन भासटय को ऩता िरा तो वह फाफा ऩय गभग हआ औय फोरा उसक फदर तमह जर की हवा खानी होगी | तभन जान-फझकय उस बगा टदमा ह | फाफा घफयाओ भत गाड़ी आन स ऩहर ही वह रौट आमगा | िोय की नीमत ठीक नहीॊ थी | वह जॊगर क भागग स अऻात सथान को बाग जाना िाहता था ककॊ त उस हय सभम मही परतीत होता यहा कक हरयहय फाफा डॊडा पटकायत हए उसक ऩीछ-ऩीछ िर आ यह ह | इसीमरए वह गाड़ी आन स ऩहर ही रौट आमा |
भॊगरी फाधा-ननवायण भॊतर
अॊ याॊ अॊ
इस भॊतर को १०८ फाय जऩन स करोध दय होता ह | जनभकनडरी भ भॊगरी मोग होन स जजनक वववाह न हो यह हो व २७ भॊगरवाय इस भॊतर का १०८ फाय जऩ कयत हए वरत यखकय हनभानजी ऩय मसॊदय का िोरा िढ़ाम | इसस भॊगर-फाधा का म होता ह |
सखऩवगक परसवकायक भॊतर
ऩहरा उऩाम
एॊ हीॊ बगवनत बगभामरनन िर िर भराभम भराभम ऩषऩॊ ववकासम ववकासम सवाहा |
इस भॊतर दवाया अमबभॊबतरत दध गमबगणी सतरी को वऩराम तो सखऩवगक परसव होगा |
दसया उऩाम
गमबगणी सतरी सवमॊ परसव क सभम जमबरा-जमबरा जऩ कय |
तीसया उऩाम
दशी गाम क गोफय का १२ स १५ मभरी यस ॐ नभो नायामणाम भॊतर का २१ फाय जऩ कयक ऩीन स बी परसव-फाधाएॉ दय होगी औय बफना ऑऩयशन क परसव होगा |
परसनत क सभम अभॊगर की आशॊका हो तो ननमन भॊतर का जऩ कय
सवगभॊगर भाॊगपम मशव सवागथग साचधक |
शयणम तरममफक गौयी नायामणी नभोSसतत ||
(दगागसिशती)
शकतकतशारी व गोय ऩतर की परानि क मरए
सगबागवसथा भ ढाक (ऩराश खाखया) का एक कोभर ऩतता घोटकय गौ-दगध क साथ योज सवन कयन स फारक शकतकतशारी औय गोया होता ह | भाता-वऩता बर कार-करट हो कपय बी फारक गोया होगा |
सदगर-भटहभा
गर बफन बव ननचध तय न कोई |
जौ फयॊचि सॊकय सभ होई ||
-सॊत तरसीदासजी
हरयहय आटदक जगत भ ऩजमदव जो कोम |
सदगर की ऩजा ककम सफकी ऩजा होम ||
-ननशचरदासजी भहायाज
सहजो कायज सॊसाय को गर बफन होत नाॉही |
हरय तो गर बफन कमा मभर सभझ र भन भाॉही ||
-सॊत कफीयजी सॊत
सयनन जो जन ऩय सो जन उधयनहाय | सॊत की ननॊदा नानका फहरय फहरय अवताय ||
-गर नानक दवजी
गरसवा सफ बागमो की जनभबमभ ह औय वह शोकाकर रोगो को बरहमभम कय दती ह |
गररऩी समग अववदयारऩी याबतर का नाश कयता ह औय ऻानाऻान रऩी मसतायो का रोऩ कयक फवदधभानो को आतभफोध का सटदन टदखाता ह |
-सॊत ऻानशवय भहायाज
सतम क कॊ टकभम भागग भ आऩको गर क मसवाम औय कोई भागगदशगन नहीॊ द सकता |
- सवाभी मशवानॊद सयसवती
ककतन ही याजा-भहायाजा हो गम औय होग सामजम भकतकत कोई नहीॊ द सकता | सचि याजा-भहायाज तो सॊत ही ह | जो उनकी शयण जाता ह वही सचिा सख औय सामजम भकतकत ऩाता ह |
-सभथग शरी याभदास सवाभी
भनषम िाह ककतना बी जऩ-तऩ कय मभ-ननमभो का ऩारन कय ऩयॊत जफ तक सदगर की कऩादवषट नहीॊ मभरती तफ तक सफ रवमथग ह |
-सवाभी याभतीथग
परटो कहत ह कक सकयात जस गर ऩाकय भ धनम हआ |
इभसगन न अऩन गर थोयो स जो पराि ककमा उसक भटहभागान भ व बावववबोय हो जात थ |
शरी याभकषण ऩयभहॊस ऩणगता का अनबव कयानवार अऩन सदगरदव की परशॊसा कयत नहीॊ अघात थ |
ऩजमऩाद सवाभी शरी रीराशाहजी भहायाज बी अऩन सदगरदव की माद भ सनह क आॉस
फहाकय गदगद कॊ ठ हो जात थ |
ऩजम फाऩजी बी अऩन सदगरदव की माद भ कस हो जात ह मह तो दखत ही फनता ह |
अफ हभ उनकी माद भ कस होत ह मह परशन ह | फटहभगख ननगय रोग कछ बी कह साधक को अऩन सदगर स कमा मभरता ह इस तो साधक ही जानत ह |
रडी भाटटगन क सहाग की या कयन अपगाननसतान भ परकट मशवजी
साध सॊग सॊसाय भ दरगब भनषम शयीय |
सतसॊग सववत ततव ह बतरववध ताऩ की ऩीय ||
भानव-दह मभरना दरगब ह औय मभर बी जाम तो आचधदववक आचधबौनतक औय आधमाजतभक म तीन ताऩ भनषम को तऩात यहत ह | ककॊ त भनषम-दह भ बी ऩववतरता हो सचिाई हो शदधता हो औय साध-सॊग मभर जाम तो म बतरववध ताऩ मभट जात ह |
सन १८७९ की फात ह | बायत भ बबरटटश शासन था उनहीॊ टदनो अॊगरजो न अपगाननसतान ऩय आकरभण कय टदमा | इस मदध का सॊिारन आगय भारवा बबरटटश छावनी क रजफ़टनट कनगर भाटटगन को सौऩा गमा था | कनगर भाटटगन सभम-सभम ऩय मदध-तर स अऩनी ऩतनी को कशरता क सभािाय बजता यहता था | मदध रॊफा िरा औय अफ तो सॊदश आन बी फॊद हो गम | रडी भाटटगन को चिॊता सतान रगी कक कहीॊ कछ अनथग न हो गमा हो अपगानी सननको न भय ऩनत को भाय न डारा हो | कदाचित ऩनत मदध भ शहीद हो गम तो भ जीकय कमा करॉ गी -मह सोिकय वह अनक शॊका-कशॊकाओॊ स नघयी यहती थी |
चिनतातय फनी वह एक टदन घोड़ ऩय फठकय घभन जा यही थी | भागग भ ककसी भॊटदय स आती हई शॊख व भॊतर धवनन न उस आकवषगत ककमा | वह एक ऩड़ स अऩना घोड़ा फाॉधकय भॊटदय भ गमी | फजनाथ भहादव क इस भॊटदय भ मशवऩजन भ ननभगन ऩॊकतडतो स उसन ऩछा आऩ रोग कमा कय यह ह एक वरदध बराहमण न कहा हभ बगवान मशव का ऩजन कय यह ह | रडी भाटटगन मशवऩजन की कमा भहतता ह बराहमण फटी बगवान मशव तो औढयदानी ह बोरनाथ ह | अऩन बकतो क सॊकट-ननवायण कयन भ व तननक बी दय नहीॊ कयत ह | बकत उनक दयफाय भ जो बी भनोकाभना रकय क आता ह उस व शीघर ऩयी कयत ह ककॊ त फटी तभ फहत चिजनतत औय उदास नजय आ यही हो कमा फात ह रडी भाटटगन भय ऩनतदव मदध भ गम ह औय ववगत कई टदनो स उनका कोई
सभािाय नहीॊ आमा ह | व मदध भ पॉ स गम ह मा भाय गम ह कछ ऩता नहीॊ िर यहा | भ उनकी ओय स फहत चिजनतत हॉ | इतना कहत हए रडी भाटटगन की आॉख नभ हो गमीॊ |
बराहमण तभ चिनता भत कयो फटी मशवजी का ऩजन कयो उनस पराथगना कयो रघररी कयवाओ | बगवान मशव तमहाय ऩनत का यण अवशम कयग |
ऩॊकतडतो की सराह ऩय उसन वहाॉ गमायह टदन का ॐ नभ मशवाम भॊतर स रघररी अनषठान परायॊब ककमा तथा परनतटदन बगवान मशव स अऩन ऩनत की या क मरए पराथगना कयन रगी कक ह बगवान मशव ह फजनाथ भहादव मटद भय ऩनत मदध स सकशर रौट आम तो भ आऩका मशखयफॊद भॊटदय फनवाऊॉ गी | रघररी की ऩणागहनत क टदन बागता हआ एक सॊदशवाहक मशवभॊटदय भ आमा औय रडी भाटटगन को एक मरपापा टदमा | उसन घफयात-घफयात वह मरपापा खोरा औय ऩढ़न रगी |
ऩतर भ उसक ऩनत न मरखा था हभ मदध भ यत थ औय तभ तक सॊदश बी बजत यह रककन आक ऩठानी सना न घय मरमा | बबरटटश सना कट भयती औय भ बी भय जाता |
ऐसी ववकट ऩरयजसथनत भ हभ नघय गम थ कक पराण फिाकय बागना बी अतमाचधक कटठन था | इतन भ भन दखा कक मदधबमभ भ बायत क कोई एक मोगी जजनकी फड़ी रमफी जटाएॉ ह हाथ भ तीन नोकवारा एक हचथमाय (बतरशर) इतनी तीवर गनत स घभ यहा था कक ऩठान सननक उनह दखकय बागन रग | उनकी कऩा स घय स हभ ननकरकय ऩठानो ऩय वाय कयन का भौका मभर गमा औय हभायी हाय की घकतड़माॉ अिानक जीत भ फदर गमीॊ | मह सफ बायत क उन फाघामफयधायी एवॊ तीन नोकवारा हचथमाय धायण ककम हए
(बतरशरधायी) मोगी क कायण ही समबव हआ | उनक भहातजसवी रवमकतकततव क परबाव स दखत-ही-दखत अपगाननसतान की ऩठानी सना बाग खड़ी हई औय व ऩयभ मोगी भझ
टहमभत दत हए कहन रग | घफयाओॊ नहीॊ | भ बगवान मशव हॉ तथा तमहायी ऩतनी की ऩजा स परसनन होकय तमहायी या कयन आमा हॉ उसक सहाग की या कयन आमा हॉ |
ऩतर ऩढ़त हए रडी भाटटगन की आॉखो स अववयत अशरधाया फहती जा यही थी उसका रदम अहोबाव स बय गमा औय वह बगवान मशव की परनतभा क समभख मसय यखकय पराथगना कयत-कयत यो ऩड़ी | कछ सिाह फाद उसका ऩनत कनगर भाटटगन आगय छावनी रौटा | ऩतनी न उस सायी फात सनात हए कहा आऩक सॊदश क अबाव भ भ चिजनतत हो उठी थी रककन बराहमणो की सराह स मशवऩजा भ रग गमी औय आऩकी या क मरए बगवान मशव स पराथगना कयन रगी | उन द खबॊजक भहादव न भयी पराथगना सनी औय आऩको सकशर रौटा टदमा | अफ तो ऩनत-ऩतनी दोनो ही ननममभत रऩ स फजनाथ भहादव क भॊटदय भ ऩजा-अिगना कयन रग | अऩनी ऩतनी की इचछा ऩय कनगर भाटटगन भ सन १८८३
भ ऩॊरह हजाय रऩम दकय फजनाथ भहादव भॊटदय का जीणोदवाय कयवामा जजसका मशरारख आज बी आगय भारवा क इस भॊटदय भ रगा ह | ऩय बायतबय भ अॊगरजो दवाय ननमभगत मह एकभातर टहनद भॊटदय ह |
मयोऩ जान स ऩवग रडी भाटटगन न ऩकतड़तो स कहा हभ अऩन घय भ बी बगवान मशव का भॊटदय फनामग तथा इन द ख-ननवायक दव की आजीवन ऩजा कयत यहग |
बगवान मशव भ बगवान कषण भ भाॉ अमफा भ आतभवतता सदगर भ सतता तो एक ही ह | आवशमकता ह अटर ववशवास की | एकररवम न गरभनत ग भ ववशवास कय वह पराि कय मरमा जो अजगन को कटठन रगा | आरणण उऩभनम रव परहराद आटद अनम सकड़ो उदायहण हभाय साभन परतम ह | आज बी इस परकाय का सहमोग हजायो बकतो को साधको को बगवान व आतभवतता सदगरओॊ क दवाया ननयनतय पराि होता यहता ह | आवशमकता ह तो फस कवर ववशवास की |
भहाभतमॊजम भॊतर
ॐ हौ जॉ स |
ॐ बबगव सव |
ॐ तरममफकॊ मजाभह सगॊचध ॊ ऩवषटवधगनभ |
उवागरकमभव फनधनानभतमोभगीम भाभतात |
सव भव ब ॐ |
स जॉ हौ ॐ |
बगवान मशव का मह भहाभतमॊजम जऩन स अकार भतम तो टरती ही ह आयोगमता की बी परानि होती ह | सनान कयत सभम शयीय ऩय रोट स ऩानी डारत वकत इस भॊतर का जऩ कयन स सवासम-राब होता ह | दध भ ननहायत हए इस भॊतर का जाऩ ककमा जाम औय कपय वह दध ऩी मरमा जम तो मौवन की सया भ बी सहामता मभरती ह | आजकर की तज यफ़तायवारी जजनदगी भ कहाॉ आतॊक उऩरव दघगटना हो जाम कहना भजशकर ह | घय स ननकरत सभम एक फाय मह भॊतर जऩनवारा इन उऩदरवो स सयकषत यहता ह औय सयकषत घय रौटता ह | (इस भॊतरानषठान क ववचध-ववधान की ववसतत जानकायी क मरए आशरभ दवाया परकामशत आयोगमननचध ऩसतक ऩढ़ |) शरीभदबागवत क आठव सकॊ ध भ तीसय अधमाम क शलोक १ स ३३ तक भ वणणगत गजनरभो सतोतर का ऩाठ कयन स तभाभ
ववधन दय होत ह |
सदगरदव की कऩा स नतरजमोनत वाऩस मभरी
भयी दाटहनी आॉख स कभ टदखामी दता था तथा उसभ तकरीफ़ बी थी | धमानमोग मशववय टदपरी भ ऩजम गरदव भवा फाॉट यह थ तफ एक भवा भयी दाटहनी आॉख ऩय आ रगा | आॉख स ऩानी ननकरन रगा | ऩय आशचमग दसय ही टदन स आॉख की तकरीप मभट गमी औय अचछी तयह टदखामी दन रगा |
-याजकरी दवी असनाऩय रारगॊज अजाया जज परताऩगढ़ उततय परदश
फड़दादा की मभटटी व जर स जीवनदान
अगसत ९८ भ भझ भररयमा हआ | उसक फाद ऩीमरमा हो गमा | भय फड़ बाई न आशरभ स परकामशत आयोगमननचध ऩसतक भ स ऩीमरमा का भॊतर ऩढ़कय ऩीमरमा तो उताय टदमा ऩयॊत कछ ही टदनो फाद अॊगरजी दवाओॊ क रयएन स दोनो ककडननमाॉ पर (ननजषकरम) हो गई | भया हाटग (रदम) औय रीवय (मकत) बी पर होन रग | डॉकटयो न तो कह टदमा मह रड़का फि नहीॊ सकता | कपय भझ गोटदमा स नागऩय हॉजसऩटर भ र जामा गमा रककन वहाॉ बी डॉकटयो न जवाफ द टदमा कक अफ कछ नहीॊ हो सकता | भय बाई भझ वहीॊ छोड़कय सयत आशरभ आम वदयजी स मभर औय फड़दादा की ऩरयकरभा कयक पराथगना की तथा वहाॉ की मभटटी औय जर मरमा | ८ तायीख को डॉकटय भयी ककडनी फदरन वार थ |
जफ भय बाई फड़दादा को पराथगना कय यह थ तबी स भझ आयाभ मभरना शर हो गमा था | बाई न ७ तायीख को आकय भझ फड़दादा कक मभटटी रगाई औय जर वऩरामा तो भयी दोनो ककडनीमाॉ सवसथ हो गमी | भझ जीवनदान मभर गमा | अफ भ बफपकर सवसथ हॉ |
-परवीण ऩटर
गोटदमा भहायाषड
ऩजम फाऩ न प का कऩा-परसाद
कछ वषग ऩवग ऩजम फाऩ याजकोट आशरभ भ ऩधाय थ | भझ उन टदनो ननकट स दशगन कयन का सौबागम मभरा | उस सभम भझ छाती भ एनजामना ऩकतटोरयस क कायण ददग यहता था | सतसॊग ऩया होन क फाद कछ रोग ऩजम फाऩ क ऩास एक-एक कयक जा यह थ | भ कछ पर-पर नहीॊ रामा था इसमरए शरदधा क पर मरम फठा था | ऩजम फाऩ
कऩा-परसाद प क यह थ कक इतन भ एक िीक भयी छाती ऩय आ रगा औय छाती का वह ददग हभशा क मरए मभट गमा |
-अयववॊदबाई वसावड़ा याजकोट
एक छोटी थरी फनी अमऩातर
सन १९९२ भ यतराभ (भपर) क ऩास सराना क आटदवासी ववसताय भ बॊडाय का आमोजन था | बॊडाय भ सवाएॉ दन फहत-स साधक आम हए थ | आशरभवासी बाई बी ऩहॉि थ | एक टदन का ही आमोजन था औय सतसॊग-कामगकरभ बी था | उस बॊडाय भ गयीफो क मरए बोजन क अरावा फतगन कऩड़ अनाज औय दकषणा (ऩस) फाॉटन की बी रवमवसथा की गमी थी | भय टहसस ऩस फाॉटन की सवा थी | भन ऩाॉि रऩमोवार सौ-सौ नोटो क ऩिीस फॊडर चगनकय थरी भ यख थ | भझ आदश टदमा गमा था आठ सवाधायी ननमकत कय रो | व रोग ऩाॉि रऩम क नोट फाॉटत जामग | भन आठ सवमॊसवको को ऩहरी फाय आठ फॊडर द टदम | कपय ऩॊरह-फीस मभनट क फाद भन दसयी फाय आठो को एक-एक फॊडर टदमा | कपय तीसयी फाय आठो को एक-एक फॊडर टदमा | कर २४ फॊडर गम | अफ दसयी ऩॊकतकत बोजन क मरए बफठामी गमी | भन आठो सवमॊसवको को ऩहरी की बाॉनत तीन फाय एक-एक फॊडर फाॉटन क मरए टदमा | कर ४८ फॊडर गम | बॊडाया ऩया होन क फाद भन सोिा िरो अफ टहसाफ कय र | भ चगनन फठा | भय ऩास ६ फॊडर फि थ | मह कस
भ दॊग यह गमा भन ऩस फाॉटनवारो स ऩछा तो उनहोन फतामा कक कर ४८ फॊडर फाॉट गम थ | भ आशरभ आमा तो रवमवसथाऩक न कहा भन तो आऩको २५ फॊडर टदम थ |
सफको आशचमग हो यहा था कक फॉट ४८ फॊडर औय रकय िर थ २५ फॊडर | २५ भ स ४८ फॉट औय ६ फि गम गरदव का आशीवागद दणखम कक एक छोटी-सी थरी अम ऩातर फन गमी
-ईशवयबाई नामक
अभदावाद आशरभ
फटी न भनौती भानी औय गरकऩा हई
भयी फटी को शादी ककम आठ सार हो गम थ | ऩहरी फाय जफ वह गबगवती हई तफ फचिा ऩट भ ही भय गमा | दसयी फाय फचिी जनभी ऩय छ भहीन भ वह बी िर फसी |
कपय भयी ऩतनी न फटी स कहा अगय त सॊकपऩ कय कक जफ तीसयी फाय परसती होगी तफ तभ फारक की जीब ऩय फाऩजी क फतान क भताबफक bdquoॐ‟ मरखोगी तो तया फारक जीववत यहगा ऐसा भझ ववशवास ह कमोकक ॐकाय भॊतर भ ऩयभानॊदसवरऩ परब ववयाजभान ह | भयी फटी न इस परकाय भनौती भानी औय सभम ऩाकय वह गबगवती हई | सोनोगराफ़ी कयवामी गमी तो डॉकटयो न फतामा गबग भ फचिी ह औय उसक टदभाग भ ऩानी बया हआ ह | वह जजॊदा नहीॊ यह सकगी | गबगऩात कयवा दो | भयी फटी न अऩनी भाॉ स सराह की | उसकी भाॉ न कहा गबगऩात का भहाऩाऩ नहीॊ कयवाना ह | जो होगा दखा जामगा |
गरदव कऩा कयग | जफ परसती हई तो बफपकर पराकनतक ढ़ॊग स हई औय उस फचिी की जीब ऩय शहद एवॊ मभशरी स ॐ मरखा गमा | आज वह बफपकर ठीक ह | जफ उसकी डॉकटयी जाॉि कयवामी गमी तो डॉकटय आशचमग भ ऩड़ गम सोनोगराफ़ी भ जो फीभारयमाॉ टदख यही थीॊ व कहाॉ िरी गमीॊ टदभाग का ऩानी कहाॉ िरा गमा टहनदजा हॉजसऩटरवार मह करयशभा दखकय दॊग यह गम अफ घय भ जफ कोई दसयी कोई कसट िरती ह तो वह फचिी इशाया कयक कहती ह ॐवारी कसट िराओ | वऩछरी ऩनभ को हभ भॊफई स टाटा सभो भ आ यह थ | फाढ़ क ऩानी क कायण यासता फॊद था | हभ सोि भ ऩड़ गम कक ऩनभ का ननमभ टटगा | हभन गरदव का सभयण ककमा | इतन भ हभाय डराइवय न हभस ऩछा जान दॉ हभन बी गरदव का सभयण कयक कहा जान दो औय हरय हरय ॐ कीतगन की कसट रगा दो | गाड़ी आग िरी | इतना ऩानी कक हभ जहाॉ फठ थ वहाॉ तक ऩानी आ गमा | कपय बी हभ गरदव क ऩास सकशर ऩहॉि गम औय उनक दशगन ककम|
-भयायीरार अगरवार
साॊताकरज भॊफई
औय गरदव की कऩा फयसी
जफस सयत आशरभ की सथाऩना हई तफस भ गरदव क दशगन कयत आ यहा हॉ उनकी अभतवाणी सनता आ यहा हॉ | भझ ऩजमशरी स भॊतरदीा बी मभरी ह | परायबधवश एक टदन भय साथ एक बमॊकय दघगटना घटी | डॉकटय कहत थ आऩका एक हाथ अफ काभ नहीॊ कयगा | भ अऩना भानमसक जऩ भनोफर स कयता यहा | अफ हाथ बफपकर ठीक ह | उसस भ ७० ककगरा वजन उठा सकता हॉ | भयी सभसमा थी कक शादी होन क फाद भझ कोई सॊतान नहीॊ थी | डॉकटय कहत थ कक सॊतान नहीॊ हो सकती | हभ रोगो न गरकऩा एवॊ गरभॊतर का सहाया मरमा धमानमोग मशववय भ आम औय गरदव की कऩा फयसी | अफ
हभायी तीन सॊतान ह दो ऩबतरमाॉ औय एक ऩतर | गरदव न ही फड़ी फटी का नाभ गोऩी औय फट का नाभ हरयककशन यखा ह | जम हो सदगरदव की
-हॉसभख काॊनतरार भोदी ५७ अऩना घय सोसामटी सॊदय योड़ सयत
कसट-शरवण स बकतकत का सागय टहरोय रन रगा
भ हय सार गमभगमो भ कबी फरीनाथ तो कबी कदायनाथ तो कबी गॊगोतरी आटद तीथो भ जाता यहता था | रवषकश भ एक दकान क ऩास खड़ यहन ऩय भझ ऩजम गरदव की अभतवाणी की कसट भो का भागग भौत की भौत तीन फात आटद दखन-सनन को मभरीॊ तो भन म कसट खयीद रीॊ | घय ऩहॉिकय कसट सनन क फाद रदम भ बकतकत का सागय टहरोय रन रगा | भझ ऐसा रगा भानो कोई भझ फरा यहा हो | दकान जात सभम ऐसा आबास हआ कक कोई ऩवग आनवारा ह औय भझ अभदावाद जाना होगा उसी टदन अभदावाद आशरभ स भय ऩतर का जवाफ आमा कक टदनाॊक १२ को गरऩनभ का ऩवग ह |
आऩ गरदव क दशगन कय सकत ह | हभ सऩरयवाय आशरभ ऩहॉि | दशगन कयक धनम हए |
दीा ऩाकय कताथग हए | अफ तो हय भहीन जफ तक गरदव क दशगन नहीॊ कयता तफ तक भझ ऐसा रगता ह कक भन कछ खो टदमा ह | दीा क फाद साधन-बजन फढ़ यहा ह बकतकत फढ़ यही ह | ऩहर सॊसाय भ सपरता-ववपरता की जो िोट रगती थी अफ उनका परबाव कभ हआ ह | ववषम-ववकायो का परबाव कभ हआ ह | जान जीव तफ जागा हरय ऩद रचि ववषम ववरास ववयागा भय जीवन भ सॊत तरसीदासजी क इन विनो का समोदम हो यहा ह |
-मशवकभाय तरसमान
गोयखऩय उततय परदश
गरदव न बजा अमऩातर
हभ परिायमातरा क दौयान गरकऩा का जो अदबत अनबव हआ वह अवणगनीम ह | मातरा की शरआत स ऩहर टदनाॊक ८-११-९९ को हभ ऩजम गरदव क आशीवागद रन गम |
गरदव न कामगकरभ क ववषम भ ऩछा औय कहा ऩॊिड़ आशरभ (यतराभ) भ बॊडाया था |
उसभ फहत साभान फि गमा ह | गाड़ी बजकय भॉगवा रना गयीफो भ फाॉटना | हभ झाफआ जजर क आस-ऩास क गयीफ आटदवासी इराको भ जानवार थ | वहाॉ स यतराभ क
मरए गाड़ी बजी | चगनकय साभान बया गमा | दो टदन िर उतना साभान था | एक टदन भ दो बॊडाय होत थ | अत िाय बॊडाय का साभान था | सफन खपर हाथो फतगन कऩड़ साकतड़माॉ धोती आटद साभान छ टदनो तक फाॉटा कपय बी साभान फिा यहा | सफको आशचमग हआ हभ रोग साभान कपय स चगनन रग ऩयॊत गरदव की रीरा क ववषम भ कमा कह
कवर दो टदन िर उतना साभान छ टदनो तक खपर हाथो फाॉटा कपय बी अॊत भ तीन
फोय फतगन फि गम भानो गरदव न अमऩातर बजा हो एक टदन शाभ को बॊडाया ऩया हआ तफ दखा कक एक ऩतीरा िावर फि गमा ह | कयीफ १००-१२५ रोग खा सक उतन िावर थ | हभन सोिा िावर गाॉव भ फाॊट दत ह | ऩयॊत गरदव की रीरा दखो एक गाॉव क फदर ऩाॉि गाॉवो भ फाॉट कपय बी िावर फि यह | आणखय याबतर भ ९ फज क फाद सवाधारयमो न थककय गरदव स पराथगना की कक गरदव अफ जॊगर का ववसताय ह हभ ऩय कऩा कयो | औय िावर खतभ हए | कपय सवाधायी ननवास ऩय ऩहॉि |
-सॊत शरी आसायाभजी बकतभॊडर
कतायगाभ सयत
सवपन भ टदम हए वयदान स ऩतरपरानि
भय गरहसथ जीवन भ एक-एक कयक तीन कनमाएॉ जनभी | ऩतरपरानि क मरए भयी धभगऩतनी न गरदव स आशीवागद पराि ककमा था | िौथी परसनत होन क ऩहर जफ उसन वरसाड़ भ सोनोगराफ़ी कयवामी तो रयऩोटग भ रड़की फतामा गमा | मह सनकय हभ ननयाश हो गम |
एक यात ऩतनी को सवपन भ गरदव न दशगन टदम औय कहा फटी चिॊता भत कय |
घफयाना भत धीयज यख | रड़का ही होगा | हभन सयत आशरभ भ फड़दादा की ऩरयकरभा कयक भनौती भानी थी वह बी फ़रीबत हई औय गरदव का बरहमवाकम बी सतम साबफत हआ जफ परसनत होन ऩय रड़का हआ | सबी गरदव की जम-जमकाय कयन रग |
-सनीर कभाय याधशमाभ िौयमसमा दीऩकवाड़ी ककपरा ऩायड़ी जज वरसाड़
शरी आसायाभामण क ऩाठ स जीवनदान
भया दस वषीम ऩतर एक यात अिानक फीभाय हो गमा | साॉस बी भजशकर स र यहा था |
जफ उस हॉजसऩटर भ बती ककमा तफ डॉकटय फोर | फचिा गॊबीय हारत भ ह | ऑऩयशन कयना ऩड़गा | भ फचि को हॉजसऩटर भ ही छोड़कय ऩस रन क मरए घय गमा औय घय
भ सबी को कहा ldquoआऩ रोग शरी आसायाभामण का ऩाठ शर कयो |rdquo ऩाठ होन रगा |
थोड़ी दय फाद भ हॉजसऩटर ऩहॉिा | वहाॉ दखा तो फचिा हॉस-खर यहा था | मह दख भयी औय घयवारो की खशी का टठकाना न यहा मह सफ फाऩजी की असीभ कऩा गर-गोववनद की कऩा औय शरी आसायाभामण-ऩाठ का पर ह |
-सनीर िाॊडक
अभयावती भहायाषड
गरवाणी ऩय ववशवास स अवणीम राब
शादी होन ऩय एक ऩतरी क फाद सात सार तक कोई सॊतान नहीॊ हई | हभाय भन भ ऩतरपरानि की इचछा थी | १९९९ क मशववय भ हभ सॊतानपरानि का आशीवागद रनवारो की ऩॊकतकत भ फठ | फाऩजी आशीवागद दन क मरए साधको क फीि आम तो कछ साधक नासभझी स कछ ऐस परशन कय फठ जो उनह नहीॊ कयन िाटहए थ | गरदव नायाज होकय मह कहकय िर गम कक तभको सॊतवाणी ऩय ववशवास नहीॊ ह तो तभ रोग महाॉ कमो आम तमह डॉकटय क ऩास जाना िाटहए था | कपय गरदव हभाय ऩास नहीॊ आम | सबी पराथगना कयत यह ऩय गरदव रवमासऩीठ स फोर दफाया तीन मशववय बयना | भ भन भ सोि यहा था कक कछ साधको क कायण भझ आशीवागद नहीॊ मभर ऩामा ऩयॊत वजरादवऩ कठोयाणण भदनन कसभादवऩ फाहय स वजर स बी कठोय टदखन वार सदगर बीतय स पर स बी कोभर होत ह | तयॊत गरदव ववनोद कयत हए फोर दखो म रोग सॊतानपरानि का आशीवागद रन आम ह | कस ठनठनऩार-स फठ ह अफ जाओ झरा-झनझना रकय घय जाओ | भन औय भयी ऩतनी न आऩस भ वविाय ककमा दमार गरदव न आणखय आशीवागद द ही टदमा | अफ गरदव न कहा ह कक झरा-झनझना र जाओ | तो भन गरविन भानकय यरव सटशन स एक झनझना खयीद मरमा औय गवामरमय आकय गरदव क चितर क ऩास यख टदमा | भझ वहाॉ स आन क १५ टदन फाद डॉकटय दवाया भारभ हआ कक ऩतनी गबगवती ह | भन गरदव को भन-ही-भन परणाभ ककमा | इस फीि डॉकटयो न सराह दी कक रड़का ह मा रड़की इसकी जाॉि कया रो | भन फड़ ववशवास स कहा कक रड़का ही होगा | अगय रड़की बी हई तो भझ कोई आऩवतत नहीॊ ह | भझ गबगऩात का ऩाऩ अऩन मसय ऩय नहीॊ रना ह | नौ भाह तक भयी ऩतनी बी सवसथ यही | हरयदवाय मशववय भ बी हभ रोग गम | सभम आन ऩय गरदव दवाया फताम गम इराज क भताबफक गाम क गोफय का यस ऩतनी को टदमा औय टदनाॊक २७ अकतफय १९९९ को एक सवसथ फारक का जनभ हआ |
-याजनर कभाय वाजऩमी अिगना वाजऩमी फरवॊत नगय ढाढीऩय भयाया गवामरमय
औय सोना मभर गमा
हभाय सॊमकत ऩरयवाय भ साठ तोरा सोना िोयी हो गमा था | सतसॊगी होन क कायण हभ द ख तो नहीॊ हआ कपय बी थोडी-फहत चिनता अवशम हई | आशरभ क एक साधक न हभस कहा | आऩ रोग शरी आसायाभामण क १०८ ऩाठ कयो औय सॊकपऩ कयो कक हभाया सोना हभ जरय मभरगा | मभनाऩाय टदपरी भ गरदव का आगभन हआ | हभ शाभ को गरदव क दशगन कयन गम | हभन कछ कहा नहीॊ कमोकक गरदव अॊतमागभी ह | उनहोन हभको परसाद टदमा | उसी यात घय ऩय पोन आमा कक आऩका सोना मभर गमा ह | िोय रखनऊ भ ऩकड़ा गमा ह | हभ आशचमग हआ शरी आसायाभामण क १०८ ऩाठ ऩय बी नहीॊ हए थ औय सोना मभर गमा |
-रीना फटानी यानीफाग टदपरी
सवपर क दो टकड़ो स दो सॊतान
भन सन १९९१ भ िटीिॊड मशववय अभदावाद भ ऩजम फाऩजी स भॊतरदीा री थी | भयी शादी क १० वषग तक भख कोई सॊतान नहीॊ हई | फहत इराज कयवाम रककन सबी डॉकटयो न फतामा कक फारक होन की कोई सॊबावना नहीॊ ह | तफ भन ऩजम फाऩजी क ऩनभ दशगन का वरत मरमा औय फाॉसवाड़ा भ ऩनभ दशगन क मरए गमा | ऩजम फाऩजी सफको परसाद द यह थ | भन भन भ सोिा | कमा भ इतना ऩाऩी हॉ कक फाऩजी भयी तयप दखत तक नहीॊ इतन भ ऩजम फाऩजी कक दवषट भझ ऩय ऩड़ी औय उनहोन भझ दो मभनट तक दखा | कपय उनहोन एक सवपर रकय भझ ऩय प का जो भय दाम कॊ ध ऩय रगकय दो टकड़ो भ फॉट गमा | घय जाकय भन उस सवपर क दोनो बाग अऩनी ऩतनी को णखरा टदम | ऩजमशरी का कऩाऩणग परसाद खान स भयी ऩतनी गबगवती हो गमी | ननयीण कयान ऩय ऩता िरा कक उसको दो मसय वारा फारक उतऩनन होगा | डॉकटयो न फतामा उसका मसजरयमन कयना ऩड़गा अनमथा आऩकी ऩतनी क फिन की समबावना नहीॊ ह | मसजरयमन भ रगबग फीस हजाय रऩमो का खिग आमगा | भन ऩजम फाऩजी स पराथगना की ह फाऩजी आऩन ही पर टदमा था | अफ आऩ ही इस सॊकट का ननवायण कीजजम | कपय
भन फड़ फादशाह क साभन बी पराथगना की जफ भ असऩतार ऩहॉिॉ तो भयी ऩतनी की परसती सकशर हो जाम | उसक फाद जफ भ असऩतार ऩहॉिा तो भयी ऩतनी एक ऩतर औय एक ऩतरी को जनभ द िकी थी | ऩजमशरी क दवाया टदम गम पर स भझ एक की जगह दो सॊतानो की परानि हई |
-भकशबाई सोरॊकी शायदा भॊटदय सकर क ऩीछ
फावन िार वड़ोदया
साइककर स गरधाभ जान ऩय खयाफ टाॉग ठीक हो गमी
भयी फाॉमी टाॉग घटन स उऩय ऩतरी हो गमी थी | ऑर इणणडमा भकतडकर इनसटीटमट
टदपरी भ भ छ टदन तक यहा | वहाॉ जाॉि क फाद फतरामा गमा कक तमहायी यीढ़ की हडडी क ऩास कछ नस भय गमी ह जजसस मह टाॉग ऩतरी हो गमी ह | मह ठीक तो हो ही नहीॊ सकती | हभ तमह ववटामभन ई क कपसर द यह ह | तभ इनह खात यहना | इसस टाॊग औय जमादा ऩतरी नहीॊ होगी | भन एक सार तक कपसर खाम | उसक फाद २२ जन
१९९७ को भजफ़फ़यनगय भ भन गरजी स भॊतरदीा री औय दवाई खाना फॊद कय दी | जफ एक साधक बाई याहर गिा न कहा कक सहायनऩय स साइककर दवाया उततयामण मशववय अभदावाद जान का कामगकरभ फन यहा ह तफ भन टाॉग क फाय भ सोि बफना साइककर मातरा भ बाग रन क मरए अऩनी सहभनत द दी | जफ भय घय ऩय ऩता िरा कक भन साइककर स गरधाभ अभदावाद जान का वविाय फनामा ह अत तभ ११५० ककभी तक साइककर नहीॊ िरा ऩाओग | रककन भन कहा भ साइककर स ही गरधाभ जाऊॉ गा िाह ककतनी बी दयी कमो न हो औय हभ आठ साधक बाई सहायनऩय स २६ टदसमफय ९७ को साइककरो स यवाना हए | भागग भ िढ़ाई ऩय भझ जफ बी कोइ टदककत होती तो ऐसा रगता जस भयी साइककर को कोई ऩीछ स धकर यहा ह | भ भड़कय ऩीछ दखता तो कोई टदखामी नहीॊ ऩड़ता | ९ जनवयी को जफ हभ अभदावाद गरआशरभ भ ऩहॉि औय भन सफह अऩनी टाॉग दखी तो भ दॊग यह गम जो टाॉग ऩतरी हो गमी थी औय डॉकटयो न उस ठीक होन स भना कय टदमा था वह टाॉग बफपकर ठीक हो गमी थी | इस कऩा को दखकय भ िककत यह गमा भय साथी बी दॊग यह गम मह सफ गरकऩा क परसाद का िभतकाय था | भय आठो साथी भयी ऩतनी तथा ऑर इणणडमा भकतडकर इनसटीटमट टदपरी दवाया जाॉि क परभाणऩतर इस फात क साी ह |
-ननयॊकाय अगरवार
ववषणऩयी
अदबत यही भौनभॊटदय की साधना
ऩयभ ऩजम सदगरदव की कऩा स भझ टदनाॊक १८ स २४ भई १९९९ तक अभदावाद आशरभ क भौनभॊटदय भ साधना कयन का सअवसय मभरा | भौनभॊटदय भ साधना क ऩाॉिव टदन मानी २२ भई की याबतर को रगबग २ फज नीॊद भ ही भझ एक झटका रगा | रट यहन कक जसथनत भ ही भझ भहसस हआ कक कोई अदशम शकतकत भझ ऊऩय फहत ऊऩय उड़म र जा यही ह | ऊऩय उड़त हए जफ भन नीि झाॉककय दखा तो अऩन शयीय को उसी भौनभॊटदय भ चितत रटा हआ फखफय सोता हआ ऩामा | ऊऩय जहाॉ भझ र जामा गमा वहाॉ अरग ही छटा थी अजीफ औय अवणीम आकाश को बी बदकय भझ ऐस सथान ऩय ऩहॉिामा गमा था जहाॉ िायो तयप कोहया-ही-कोहया था जस शीश की छत ऩय ओस परी हो इतन भ दखता हॉ कक एक सबा रगी ह बफना शयीय की कवर आकनतमो की | जस यखाओॊ स भनषमरऩी आकनतमाॉ फनी हो | मह सफ कमा िर यहा था सभझ स ऩय था |
कछ ऩर क फाद व आकनतमाॉ सऩषट होन रगी | दवी-दवताओॊ क ऩॊज क भधम शीषग भ एक उचि आसन ऩय साात फाऩजी शॊकय बगवान फन हए करास ऩवगत ऩय ववयाजभान थ औय दवी-दवता कताय भ हाथ फाॉध खड़ थ | भ भक-सा होकय अऩरक नतरो स उनह दखता ही यहा कपय भॊतरभगध हो उनक ियणो भ चगय ऩड़ा | परात क ४ फज थ | अहा भन औय शयीय हपका-फ़पका रग यहा था मही जसथनत २४ भई की भधमयाबतर भ बी दोहयामी गमी | दसय टदन सफह ऩता िरा कक आज तो फाहय ननकरन का टदन ह मानी यवववाय २५ भई की सफह | फाहय ननकरन ऩय बावबया रदम गदगद कॊ ठ औय आखो भ आॉस मो रग यहा था कक जस ननजधाभ स फघय ककमा जा यहा हॉ | धनम ह वह बमभ
भौनभॊटदय भ साधना की वह रवमवसथा जहाॊ स ऩयभ आनॊद क सागय भ डफन की कॊ जी मभरती ह जी कयता ह बगवान ऐसा अवसय कपय स राम जजसस कक उसी भौनभॊटदय भ ऩन आॊतरयक आनॊद का यसऩान कय ऩाऊॉ |
-इनरनायामण शाह
१०३ यतनदीऩ-२ ननयारा नगय कानऩय
असाधम योग स भकतकत
सन १९९४ भ भयी ऩतरी टहयर को शयद ऩणणगभा क टदन फखाय आमा | डॉकटयो को
टदखामा तो ककसीन भररयमा कहकय दवाइमाॉ दी तो ककसीन टामपामड कहकय इराज शर ककमा तो ककसीन टामपामड औय भररयमा दोनो कहा | दवाई की एक खयाक रन स शयीय नीरा ऩड़ गमा औय सज गमा | शयीय भ खन की कभी स उस छ फोतर खन िढ़ामा गमा | इॊजन दन स ऩय शयीय को रकवा भाय गमा | ऩीठ क ऩीछ शमावरण जसा हो गमा | ऩीठ औय ऩय का एकस-य मरमा गमा | ऩय ऩय वजन फाॉधकय यखा गमा | डॉकटयो न उस वाम का फखाय तथा यकत का क सय फतामा औय कहा कक उसक रदम तो वापव िौड़ा हो गमा ह | अफ हभ टहमभत हाय गम | अफ ऩजमशरी क मसवाम औय कोई सहाया नहीॊ था | उस सभम टहयर न कहा भमभी भझ ऩजम फाऩ क ऩास र िरो | वहाॉ ठीक हो जाऊगी | ऩाॉि टदन तक टहयर ऩजमशरी की यट रगाती यही | हभ उस अभदावाद आशरभ भ फाऩ क ऩास र गम | फाऩ न कहा इस कछ नहीॊ हआ ह | उनहोन भझ औय टहयर को भॊतर टदमा एवॊ फड़दादा की परदकषणा कयन को कहा | हभन परदकषणा की औय टहयर ऩनरह टदन भ िरन-कफ़यन रगी | हभ फाऩ की इस करणा-कऩा का कण कस िकाम अबी तो हभ आशरभ भ ऩजमशरी क शरीियणो भ सऩरयवाय यहकय धनम हो यह ह |
-परपपर रवमास
बावनगय
वतगभान भ अभदावाद आशरभ भ सऩरयवाय सभवऩगत
ऩजम फाऩ का दशगन-सतसॊग ही जीवन का सचिा यतन ह
भझ िाय सार स ऩतर कक काभना थी औय भय भन भ हआ कक भयी मह काभना जरय ऩयी होगी | अभदावाद भ धमानमोग मशववय क दौयान ऐसा वविाय आमा कक फाऩ भझ अऩन ियणो भ फरामग | भन भ दढ़ शरदधा थी | इतन रोगो क फीि भ स फाऩ न तजऩणग दवषट भझ ऩय डारी सॊतय का परसाद टदमा औय भया बागम खर गमा | फचि क जनभ स ऩहर डॉकटयो न ऑऩयशन को कहा था रककन फाऩ क फतान क भताबफक भय घयवारो न भझ गाम क गोफय का यस वऩरामा औय शीघर ही फारक का जनभ हो गमा | सचिी शरदधा-बकतकत हो तो कमा असॊबव ह ऩजम फाऩ का दशगन-सतसॊग ही जीवन का सचिा यतन ह |
सचिी शरदधा-बकतकत स ऐसा यतन ऩानवार हभ सबी धनबागी ह |
-यखा ऩयभाय भीया योड़ भॊफई
कसट का िभतकाय
रवमाऩाय उधायी भ िर जान स भ हताश हो गमा था एवॊ अऩनी जजॊदगी स तॊग आकय आतभहतमा कयन की फात सोिन रगा था | भझ साध-भहातभाओॊ व सभाज क रोगो स घणा-सी हो गमी थी धभग व सभाज स भया ववशवास उठ िका था | एक टदन भयी सारी फाऩजी क सतसॊग कक दो कसट ववचध का ववधान एवॊ आणखय कफ तक र आमी औय उसन भझ सनन क मरए कहा | उसक कई परमास क फाद बी भन व कसट नहीॊ सनीॊ एवॊ भन-ही-भन उनह ढ़ोग कहकय कसटो क कतडबफ भ दार टदमा | भन इतना ऩयशान था कक यात को नीॊद आना फॊद हो गमा था | एक यात कफ़पभी गाना सनन का भन हआ | अॉधया होन की वजह स कसट ऩहिान न सका औय गरती स फाऩजी क सतसॊग की कसट हाथ भ आ गमी | भन उसीको सनना शर ककमा | कपय कमा था भयी आशा फॉधन रगी | भन शाॉत होन रगा | धीय-धीय सायी ऩीड़ाएॉ दय होती िरी गमीॊ | भय जीवन भ योशनी-ही-योशनी हो गमी | कपय तो भन ऩजम फाऩजी क सतसॊग की कई कसट सनीॊ औय सफको सनामीॊ |
तदनॊतय भन गाजजमाफाद भ फाऩजी स दीा बी गरहण की | रवमाऩाय की उधायी बी िकता हो गमी | फाऩजी की कऩा स अफ भझ कोई द ख नहीॊ ह | ह गरदव फस एक आऩ ही भय होकय यह औय भ आऩका ही होकय यहॉ |
-ओभपरकाश फजाज
टदपरी योड़ सहायनऩय उततय परदश
भझ ऩय फयसी सॊत की कऩा
सन १९९५ क जन भाह भ भ अऩन रड़क औय बतीज क साथ हरयदवाय धमानमोग मशववय भ बाग रन गमा | एक टदन जफ भ हय की ऩौड़ी ऩय सनान कयन गमा तो ऩानी क तज फहाव क कायण ऩय कपसरन स भया रड़का औय बतीजा दोनो अऩना सॊतरन खो फठ औय गॊगा भ फह गम | ऐसी सॊकट की घड़ी भ भ अऩना होश खो फठा | कमा करॉ भ पट-पटकय योन रगा औय फाऩजी स पराथगना कयन रगा कक ह नाथ ह गरदव या कीजजम भय फचिो को फिा रीजजम | अफ आऩका ही सहाया ह | ऩजमशरी न भय सचि रदम स ननकरी ऩकाय सन री औय उसी सभम भया रड़का भझ टदखामी टदमा | भन झऩटकय उसको फाहय खीॊि मरमा रककन भया बतीजा तो ऩता नहीॊ कहाॉ फह गमा भ ननयॊतय यो यहा था औय भन भ फाय-फाय वविाय उठ यहा था कक फाऩजी भया रड़का फह जाता तो कोई फात नहीॊ थी रककन अऩन बाई की अभानत क बफना भ घय कमा भॉह
रकय जाऊॉ गा फाऩजी आऩही इस बकत की राज फिाओ | तबी गॊगाजी की एक तज रहय उस फचि को बी फाहय छोड़ गमी | भन रऩककय उस ऩकड़ मरमा | आज बी उस हादस को सभयण कयता हॉ तो अऩन-आऩको सॉबार नहीॊ ऩाता हॉ औय भयी आॉखो स ननयॊतय परभ की अशरधाया फहन रगती ह | धनम हआ भ ऐस गरदव को ऩाकय ऐस सदगरदव क शरीियणो भ भय फाय-फाय शत-शत परणाभ
-सभारखाॉ ऩानीऩत हरयमाणा
गरदव की कऩा स सॊतानपरानि
भयी शादी को ऩाॉि सार हो गम थ कपय बी कोई सॊतान नहीॊ हई | रोग हभ फहत तान भायत थ | तबी भन-ही-भन ननणगम र मरमा कक ऩजम फाऩ क आशरभ भ जाना ह | जनवयी १९९९ भ परथभ फाय उततयामण मशववय बया औय भॊतरदीा री | अफ गरदव कक कऩा स भझ एक सॊदय फारक पराि हआ ह | ऩजम फाऩजी की इतनी कऩा-करणा दखकय रदम बय आता ह | भ ऩजम फाऩजी स पराथगना कयती हॉ कक मह फारक उनह सभवऩगत कय सकॊ औय मह उनक मोगम फनसक ऐसी सदफवदध हभ द |
-ननभगरा क तड़वी काॊनतबाई हीयाबाई तडवी याभजी भॊटदय क ऩास कायरी फाग वड़ोदया
गरकऩा स जीवनदान
टदनाॊक १५-१-९६ की घटना ह | भन धात क ताय ऩय सखन क मरए कऩड़ परा यख थ |
फारयश होन क कायण उस ताय भ कयॊट आ गमा था | भया छोटा ऩतर ववशार जो कक ११ वीॊ का भ ऩढ़ता ह आकय उस ताय स छ गमा औय बफजरी का कयॊट रगत ही वह फहोश हो गमा शव क सभान हो गमा | हभन उस तयॊत फड़ असऩतार भ दाणखर कयवामा | डॉकटय न फचि की हारत गॊबीय फतामी | ऐसी ऩरयजसथनत दखकय भयी आॉखो स अशरधायाएॉ फह ननकरी | भ ननजानॊद की भसती भ भसत यहन वार ऩजम सदगरदव को भन-ही-भन माद ककमा औय पराथगना कक ह गरदव अफ तो इस फचि का जीवन आऩक ही हाथो भ ह | ह भय परब आऩ जो िाह सो कय सकत ह | औय आणखय भयी पराथगना सपर हई | फचि भ एक नवीन ितना का सॊिाय हआ एवॊ धीय-धीय फचि क सवासम भ
सधाय होन रगा | कछ ही टदनो भ वह ऩणगत सवसथ हो गमा | डॉकटय न तो उऩिाय ककमा रककन जो जीवनदान उस पमाय परब की कऩा स सदगरदव की कऩा स मभरा उसका वणगन कयन क मरए भय ऩास शबद नहीॊ ह | फस ईशवय स भ मही पराथगना कयता हॉ कक ऐस बरहमननषठ सॊत-भहाऩरषो क परनत हभायी शरदधा भ ववदध होती यह | -
डॉ वाम ऩी कारया शाभरदास कॉरज बावनगय गजयात
ऩजम फाऩ जस सॊत दननमा को सवगग भ फदर सकत ह
भई १९९८ क अॊनतभ टदनो भ ऩजमशरी क इॊदौय परवास क दौयान ईयान क ववखमात कफ़जजमशमन शरी फफाक अगरानी बायत भ अधमाजतभक अनबवो की परानि आम हए थ |
ऩजमशरी क दशगन ऩाकय जफ उनहोन अधमाजतभक अनबवो को परीबत होत दखा तो व ऩॊिड़ आशरभ भ आमोजजत धमानमोग मशववय भ बी ऩहॉि गम | शरी अगरानी जो दो टदन रककय वाऩस रौटन वार थ व ऩय गमायह टदन तक ऩॊिड़ आशरभ भ रक यह | उनहोन ववधाथी मशववय भ सायसवतम भॊतर की दीा री एवॊ ववमशषट धमानमोग साधना मशववय (४ -१० जन १९९८) का बी राब मरमा | मशववय क दौयान शरी अगरानी न ऩजमशरी स भॊतरदीा बी र री | ऩजमशरी क साजननधम भ सॊपराि अनबनतमो क फाय भ बतरम सभािाय ऩतर ितना को दी हई बटवाताग भ शरी अगरानी कहत ह मटद ऩजम फाऩ जस सॊत हय दश भ हो जाम तो मह दननमा सवगग फन सकती ह | ऐस शाॊनत स फठ ऩाना हभाय मरए कटठन ह रककन जफ ऩजम फाऩजी जस भहाऩरषो क शरीियणो भ फठकय सतसॊग सनत ह तो ऐसा आनॊद आता ह कक सभम का कछ ऩता ही नहीॊ िरता | सिभि ऩजम फाऩ कोई साधायण सॊत नहीॊ ह |
-शरी फफाक अगरानी ववशवववखमात कफ़जजमशमन ईयान
फाऩजी का साजननधम गॊगा क ऩावन परवाह जसा ह
कर-कर कयती इस बागीयथी की धवर धाया क ककनाय ऩय ऩजम फाऩजी क साजननधम भ फठकय भ फड़ा ही आपहाटदत औय परभटदत हॉ आनॊटदत हॉ योभाॊचित हॊ | गॊगा बायत की सषमना नाड़ी ह | गॊगा बायत की सॊजीवनी ह | शरी ववषणजी क ियणो स ननकरकय बरहमाजी क कभॊड़र औय जटाधय क भाथ ऩय शोबामभान गॊगा बतरमोगमसवदधकायक ह |
ववषणजी क ियणो स ननकरी गॊगा बकतकत मोग की परतीनत कयाती ह औय मशवजी क भसतक ऩय जसथत गॊगा ऻान मोग की उचितय बमभका ऩय आरढ़ होन की खफय दती ह |
भझ ऐसा रग यहा ह कक आज फाऩजी क परविनो को सनकय भ गॊगा भ गोता रगा यहा हॉ कमोकक उनका परविन उनका सजननधम गॊगा क ऩावन परवाह जसा ह | व अरभसत फ़कीय ह | व फड़ सयर औय सहज ह | व जजतन ही ऊऩय स सयर ह उतन ही अॊतय भ गढ़ ह | उनभ टहभारम जसी उचिता ऩववतरता शरषठता ह औय सागयतर जसी गॊबीयता ह |
व याषड की अभपम धयोहय ह | उनह दखकय कवष-ऩयमऩया को फोध होता ह | गौतभ कणाद
जमभनी कवऩर दाद भीया कफीय यदास आटद सफ कबी-कबी उनभ टदखत ह |
य बाई कोई सतगर सॊत कहाव
जो ननन अरख रखाव धयती उखाड़ आकाश उखाड़
अधय भड़मा धाव |
शनम मशखय क ऩाय मशरा ऩय आसन अिर जभाव |
य बाई कोई सतगर सॊत कहाव
एक ऐस ऩावन साजननधम भ हभ फठ ह जो फड़ा दरगब औय सहज मोगसवरऩ ह | ऐस भहाऩरषो क मरए ऩॊकतकतमाॉ माद आ यही ह तभ िरो तो िर धयती िर अॊफय िर दननमा ऐस भहाऩरष िरत ह तो उनक मरए समग िॊर ताय गरह नतर आटद सफ अनकर हो जात ह | ऐस इजनरमातीत गणातीत बावातीत शबदातीत औय सफ अवसथाओॊ स ऩय ककनहीॊ भहाऩरषो क शरीियणो भ जफ फठत ह तो बागवत कहता ह
साधनाॊ दशगनॊ रोक सवगमसवदधकयॊ ऩयभ |
साध क दशगन भातर स वविाय ववबनत ववदवता शकतकत सहजता ननववगषमता परसननता मसवदधमाॉ औय आतभानॊद की परानि होती ह | दश क भहान सॊत महाॉ सहज ही आत ह बायत क सबी शॊकयािामग बी मशववय भ आत ह | अत भय भन भ बी वविाय आमा कक जहाॉ सफ जात ह वहाॉ जाना िाटहए कमोकक मही वह ठोय-टठकाना ह जहाॉ भन का अमबभान मभटामा जा सकता ह | ऐस भहाऩरषो क दशगन स कवर आनॊद औय भसती ही नहीॊ मभरती फजपक वह सफ कछ मभर जाता ह जो अमबरावषत ह आकाॊकषत ह रकषत ह | महाॉ भ करणा क
कभगठता क वववक-वयागम क ऻान क दशगन कय यहा हॉ | वयागम औय बकतकत क यण ऩोषण औय सॊवधगन क मरए मह सिकवषमो का उततभ ऻान भाना जाता ह | आज गॊगा कपय स
साकाय टदख यही ह तो व फाऩजी क वविाय औय वाणी भ टदख यही ह | अरभसतता सहजता उचिता शरषठता ऩववतरतता तीथग-सी शचिता मशश-सी सयरता तरणो-सा जोश वदधो-सा गाॊबीमग औय कवषमो जसा ऻानाफोध भझ जहाॉ हो यहा ह वह मह ऩॊडार ह | इस आनॊदनगय कहॉ मा परभनगय करणा का सागय कहॉ मा वविायो का सभनदय रककन इतना जरय कहॉगा कक भय भन का कोन-कोना आपहाटदत हो यहा ह | आऩ रोग फड़बागी ह जो ऐस भहाऩरष क शरीियणो भ फठ ह जहाॉ बागम का टदरवम रवमकतकतततव का ननभागण होता ह | जीवन की कतकतमता जहाॉ पराि हो सकती ह वह मही दय ह |
मभर तभ मभरी भॊजजर मभरा भकसद औय भददा बी |
न मभर तभ तो यह गमा भददा भकसद औय भॊजजर बी ||
आऩका मह बावयाजम औय परभयाजम दखकय भ िककत बी हॉ औय आनॊद का अनबव बी कय यहा हॉ | आऩक परनत भया ववशवास औय अटट ननषठा फढ़ इस हत भया नभन सवीकाय कय | भझ ऐसा रगता ह कक फाऩजी समग ह औय नायामण सवाभी एक ऐस दीऩ ह जो न फझ सकत ह न जराम जात ह |
-सवाभी अवधशानॊदजी हरयदवाय
सायसवतम भॊतर स हए अदबत राब
भन १९९८ भ ववधाथी उतथान मशववय सोनीऩत भ ऩजम गरदव स सायसवतम भॊतर की दीा री | दीा क फाद ननममभत भॊतरजऩ कयन स भ इतना कशागर फवदधवारा एवॊ सवावरॊफी हो गमा कक भन एक भहीन भ ही टमशन छोड़ दी औय सवमॊ खफ भहनत कयन रगा | भ सकर बी ऩदर आन-जान रगा जजसस भन सकर फस का ककयामा फिा मरमा |
भॊतर जाऩ क परबाव स भझ ९ वीॊ १० वीॊ ११ वीॊ की ऩयीाओॊ भ परथभ सथान पराि हआ |
१२ वीॊ की ऩयीा क सभम भया सवासम खयाफ होन क कायण भ जऩ ठीक स नहीॊ कय सका कपय बी ७९ परनतशत अॊको स ऩास हआ | उसक फाद इॊजजननमरयॊग की ऩरया भ बी उततीणग यहा |
-करदीऩ कभाय डी-२३४ वसट ववनोद नगय टदपरी
भ टदसमफय १९९९ भ छततीसगढ़ क बाटाऩाया भ ऩजम गरदव स सायसवतम भॊतर की दीा
री | ततऩशचात भ ननममभत रऩ स जऩ-धमान- पराणामाभ कयता था जजसस भझ फहत राब हआ | ऩजम फऩजी की कऩा औय सायसवतम भॊतर जाऩ क परबाव स भझ १२ वीॊ की फोड़ग की ऩरया भ ८४६ परनतशत अॊक मभर |
-ववयनर कभाय कौमशक
डोगयगाॉव जज याजनाॊदगाॉव (छग)
बौनतक मग क अॊधकाय भ ऻान की जमोनत ऩजम फाऩ
भादक ननमॊतरण बमयो बायत सयकाय क भहाननदशक शरी एिऩी कभाय ९ भई को अभदावाद आशरभ भ सतसॊग-कामगकरभ क दौयान ऩजम फाऩ स आशीवागद रन ऩहॉि | फड़ी ववनमरता एवॊ शरदधा क साथ उनहोन ऩजम फाऩ क परनत अऩन उदगाय भ कहा जजस रवमकतकत क ऩास वववक नहीॊ ह वह अऩन रकषम तक नहीॊ ऩहॉि सकता ह औय वववक को पराि कयन का साधन ऩजम आसायाभजी फाऩ जस भहान सॊतो का सतसॊग ह | ऩजम फाऩ स भया परथभ ऩरयिम टीवी क भाधमभ स हआ | ततऩशचात भझ आशरभ दवाय परकामशत कवष परसाद भामसक पराि हआ | उस सभम भझ रगा कक एक ओय जहाॉ इस बौनतक मग क अॊधकाय भ भानव बटक यहा ह वहीॊ दसयी ओय शाॊनत की भॊद-भॊद सगॊचधत वाम बी िर यही ह | मह ऩजम फाऩ क सतसॊग का ही परबाव ह | ऩजमशरी क दशगन कयन का जो सौबागम भझ पराि हआ ह इसस भ अऩन को कतकतम भानता हॉ | ऩजम फाऩ क शरीभख स जो अभत वषाग होती ह तथा इनक सतसॊग स कयोड़ो रदमो भ जो जमोनत जगती ह व इसी परकाय स जगती यह औय आन वार रॊफ सभम तक ऩजमशरी हभ सफ का भागगदशगन कयत यह मही भयी काभना ह | ऩजम फाऩ क शरीियणो भ भय परणाभ
-शरी एिऩी कभाय भहाननदशक भादक ननमॊतरण बमयो बायत सयकाय
गरकऩा ऐसी हई कक अॉधय तो कमा दय बी नहीॊ हई
ऩयभ कऩार फाऩजी क शरीियणो भ भय कोटट-कोटट वॊदन भ एक इसभाइरी खवाजा हॉ तथा अऩन धभग भ अकतडग हॉ | िाय वषग ऩवग कछ रोगो दवाया एक सननमोजजत मोजना फनाकय भझ जफयदसती भडगय कस का आयोऩी फना टदमा गमा था | इसस भझ कहीॊ शाॊनत नहीॊ मभर यही थी | २८ पयवयी १९९७ को भझ नागऩय भ आमोजजत फाऩजी क सतसॊग भ जान की परयणा मभरी औय ४ भािग १९९७ को भन फाऩजी स भॊतरदीा री | भ उनस भन-
ही-भन ववनती की कक ह गरदव भझ फिा रो | गरकऩा ऐसी हई कक ७ जनवयी १९९८ को भझ अदारत न ऩाक-साप फयी कय टदमा फाकी छ आयोवऩमो को सजा हई | धनम ह ऐस भय सदगर उनक शरीियणो भ भय कोटट-कोटट वनदन
-यहभान खान ननशान छाफड़ी (बफछआ) जज नछनदवाड़ा (भपर)
भजसरभ भटहरा को पराणदान
२७ मसतमफय २००० को जमऩय भ भय ननवास ऩय ऩजम फाऩ का आतभ-साातकाय टदवस
भनामा गमा जजसभ भय ऩड़ोस की भजसरभ भटहरा नाथी फहन क ऩनत शरी भाॉग खाॉ न बी ऩजम फाऩ की आयती की औय ियणाभत मरमा | ३-४ टदन फाद ही व भजसरभ दॊऩनत खवाजा साटहफ क उसग भ अजभय िर गम | टदनाॊक ४ अकटफय २००० को अजभय क उसग भ असाभाजजक ततवो न परसाद भ जहय फाॉट टदमा जजसस उसग भर भ आम कई दशगनाथी असवसथ हो गम औय कई भय बी गम | भय ऩड़ोस की नाथी फहन न बी वह परसाद खामा औय थोड़ी दय भ ही वह फहोश हो गमी | अजभय भ उसका उऩिाय ककमा गमा ककॊ त उस होश न आमा | दसय टदन ही उसका ऩनत उस अऩन घय र आमा | कॉरोनी क सबी ननवासी उसकी हारत दखकय कह यह थ कक अफ इसका फिना भजशकर ह | भ बी उस दखन गमा | वह फहोश ऩड़ी थी | भ जोय-जोय स हरय ॐ हरय ॐ का उचिायण ककमा तो वह थोड़ा टहरन रगी | भझ परयणा हई औय भ ऩन घय गमा | ऩजम फाऩ स पराथगना की | ३-४ घॊट फाद ही वह भटहरा ऐस उठकय खड़ी हो गमी भानो सोकय उठी हो | उस भटहरा न फतामा कक भय िािा ससय ऩीय ह औय उनहोन भय ऩनत क भॉह स फोरकय फतामा कक तभन २७ मसतमफय २००० को जजनक सतसॊग भ ऩानी वऩमा था उनहीॊ सपद दाढ़ीवार फाफा न तमह फिामा ह कसी करणा ह गरदव की
-जएर ऩयोटहत
८७ सपतान नगय जमऩय (याज)
उस भटहरा का ऩता ह -शरीभती नाथी
ऩतनी शरी भाॉग खाॉ १०० सपतान नगय गजगय की धड़ी नम साॊगानय योड़
जमऩय (याज)
हरयनाभ की पमारी न छड़ामी शयाफ की फोतर
सौबागमवश गत २६ टदसमफय १९९८ को ऩजमशरी क १६ मशषमो की एक टोरी टदपरी स हभाय गाॉव भ हरयनाभ का परिाय-परसाय कयन ऩहॉिी | भ फिऩन स ही भटदयाऩान धमरऩान व मशकाय कयन का शौकीन था | ऩजम फाऩ क मशषमो दवाया हभाय गाॉव भ जगह-जगह ऩय तीन टदन तक रगाताय हरयनाभ का कीतगन कयन स भझ बी हरयनाभ का यॊग रगता जा यहा था | उनक जान क एक टदन क ऩशचात शाभ क सभम योज की बाॊनत भन शयाफ की फोतर ननकारी | जस ही फोतर खोरन क मरए ढककन घभामा तो उस ढककन क घभन स भझ हरय ॐ हरय ॐ की धवनन सनामी दी | इस परकाय भन दो-तीन फाय ढककन घभामा औय हय फाय भझ हरय ॐ की धवनन सनामी दी | कछ दय फाद भ उठा तथा ऩजमशरी क एक मशषम क घय गमा | उनहोन थोड़ी दय भझ ऩजमशरी की अभतवाणी सनामी | अभतवाणी सनन क फाद भया रदम ऩकायन रगा कक इन दरवमगसनो को तमाग दॉ | भन तयॊत फोतर उठामी तथा जोय-स दय खत भ प क दी | ऐस सभथग व ऩयभ कऩार सदगरदव को भ रदम स परणाभ कयता हॉ जजनकी कऩा स मह अनोखी घटना भय जीवन भ घटी जजसस भया जीवन ऩरयवनतगत हआ |
-भोहन मसॊह बफषट
मबखमासन अपभोड़ा (उपर)
ऩय गाॉव की कामाऩरट
ऩजमशरी स टदनाॊक २७६९१ को दीा रन क फाद भन रवमवसनभकतकत क परिाय-परसाय का रकषम फना मरमा | भ एक फाय कौशरऩय (जज शाजाऩय) ऩहॉिा | वहाॉ क रोगो क रवमवसनी औय रड़ाई-झगड़ मकत जीवन को दखकय भन कहा आऩ रोग भनषम-जीवन सही अथग ही नहीॊ सभझत ह | एक फाय आऩ रोग ऩजम फाऩजी क दशगन कय र तो आऩको सही जीवन जीन की कॊ जी मभर जामगी | गाॉव वारो न भयी फात भान री औय दस रवमकतकत भय गाॉव ताजऩय आम | भन एक साधक को उनक साथ जनभाषटभी भहोतसव भ सयत बजा | ऩजम फाऩजी की उन ऩय कऩा फयसी औय सफको गरदीा मभर गमी | जफ व रोग अऩन गाॉव ऩहॉि तो सबी गाॉववामसमो को फड़ा कौतहर था कक ऩजम फाऩजी कस ह फाऩजी की रीराएॉ सनकय गाॉव क अनम रोगो भ बी ऩजम फाऩजी क परनत शरदधा जगी | उन दीकषत साधको न सबी गाॉववारो को सववधानसाय ऩजम फाऩजी क अरग-अरग आशरभो भ
बजकय दीा टदरवा दी | गाॉव क सबी रवमकतकत अऩन ऩय ऩरयवाय सटहत दीकषत हो िक ह | परतमक गरवाय को ऩय गाॉव भ एक सभम बोजन फनता ह | सबी रोग गरवाय का वरत यखत ह | कौशरऩय गाॉव क परबाव स आस-ऩास क गाॉववार एवॊ उनक रयशतदायो सटहत १००० रवमकतकतमो शयाफ छोड़कय दीा र री ह | गाॉव क इनतहास भ तीन-तीन ऩीढ़ी स कोई भॊटदय नहीॊ था | गाॉववारो न ५ राख रऩम रगाकय दो भॊटदय फनवाम ह | ऩया गाॉव रवमवसनभकत एवॊ बगवतबकत फन गमा ह मह ऩजम फाऩजी की कऩा नहीॊ तो औय कमा ह सफक तायणहाय ऩजम फाऩजी क शरीियणो भ कोटट-कोटट परणाभ
-शमाभ परजाऩनत (सऩयवाइजय नतरहन सॊघ) ताजऩय उजजन (भपर)
नतरबफ ॊद का िभतकाय
भया सौबागम ह कक भझ सॊतकऩा नतरबफॊद (आई डरॉपस) का िभतकाय दखन को मभरा |
एक सॊत फाफा मशवयाभदास उमर ८० वषग गीता कटटय तऩोवन झाड़ी सिसयोवय हरयदवाय भ यहत ह | उनकी दाटहनी आॉख क सपद भोनतम का ऑऩयशन शाॉनतकॊ ज हरयदवाय आमोजजत कमऩ भ हआ | कस बफगड़ गमा औय कार भोनतमा फन गमा | ददग यहन रगा औय योशनी घटन रगी | दोफाया बभाननद नतर चिककतसारम भ ऑऩयशन हआ | एबसपमट गरकोभा फतात हए कहा कक ऑऩयशन स मसयददग ठीक हो जामगा ऩय योशनी जाती यहगी | ऩयॊत अफ व फाफा सॊत शरी आसायाभजी आशरभ दवाय ननमभगत सॊतकऩा नतरबफॊद सफह-शाभ डार यह ह | भन उनक नतरो का ऩयीण ककमा | उनकी दाटहनी आॉख भ उॉगरी चगनन रामक योशनी वाऩस आ गमी ह | कार भोनतम का परशय नॉभगर ह | कोननगमा भ सजन नहीॊ ह | व कापी सॊतषट ह | व फतात ह आॉख ऩहर रार यहती थी ऩयॊत अफ नहीॊ ह | आशरभ क नतरबफॊद स कपऩनातीत राब हआ | फामीॊ आॉख भ बी उनह सपद भोनतमा फतामा गमा था औय सॊशम था कक शामद कारा भोनतमा बी ह | ऩय आज फामीॊ आॉख बी ठीक ह औय दोनो आॉखो का परशय बी नॉभगर ह | सपद भोनतमा नहीॊ ह औय योशनी कापी अचछी ह |
मह सॊतकऩा नतरफॊद का ववरण परबाव दखकय भ बी अऩन भयीजो को इसका उऩमोग कयन की सराह दॉगा |
-डॉ अननत कभाय अगरवार (नतरयोग ववशषऻ)
एभफीफीएस एभएस (नतर) डीओएभएस (आई) सीताऩय सहायनऩय (उपर)
ऩजमशरी की तसवीय स मभरी परयणा
सवगसभथग ऩयभ ऩजम शरी फाऩजी क ियणकभरो भ भया कोटट-कोटट नभन १९८४ क बकॊ ऩ स समऩणग उततय बफहाय भ कापी नकसान हआ था जजसकी िऩट भ हभाया घय बी था | ऩरयजसथनतवश भझ नौवी का भ ऩढ़ामी छोड़ दनी ऩड़ी | ककसी मभतर की सराह स भ नौकयी ढॉढ़न क मरए टदपरी गमा रककन वहाॉ बी ननयाशा ही हाथ रगी | भ दो टदन स बखा तो था ही ऊऩय स नौकयी की चिॊता | अत आतभहतमा का वविाय कयक यरव सटशन की ओय िर ऩड़ा | यानीफाग फाजाय भ एक दकान ऩय ऩजमशरी का सतसाटहतम
कसट आटद यखा हआ था एवॊ ऩजमशरी की फड़ आकाय की तसवीय बी टॉगी थी | ऩजमशरी की हॉसभख एवॊ आशीवागद की भरावारी उस तसवीय ऩय भयी नजय ऩड़ी तो १० मभनट तक भ वहीॊ सड़क ऩय स ही खड़-खड़ उस दखता यहा | उस वकत न जान भझ कमा मभर गमा भ काभ बर भजदयी का ही कयता हॉ रककन तफस रकय आज तक भय चितत भ फड़ी परसननता फनी हई ह | न जान भयी जजनदगी की कमा दशा होती अगय ऩजम फाऩजी की मवाधन सया ईशवय की ओय ननजशचनत जीवन ऩसतक औय कवष परसाद ऩबतरका हाथ न रगती ऩजमशरी की तसवीय स मभरी परयणा एवॊ उनक सतसाटहतम न भयी डफती नमा को भानो भझदाय स फिा मरमा | धनबागी ह साटहतम की सवा कयन वार जजनहोन भझ आतभहतमा क ऩाऩ स फिामा |
-भहश शाह
नायामणऩय दभया जज सीताभढ़ी (बफहाय)
भॊतर स राब
भयी भाॉ की हारत अिानक ऩागर जसी हो गमी थी भानो कोई बत-परत-डाककनी मा आसयी ततव उनभ घस गमा | भ फहत चिॊनतत हो गमा एवॊ एक साचधका फहन को पोन ककमा | उनहोन बत-परत बगान का भॊतर फतामा जजसका वणगन आशरभ स परकामशत आयोगमननचध ऩसतक भ बी ह | वह भॊतर इस परकाय ह
ॐ नभो बगवत रर बयवाम बतपरत म कर कर हॊ पट सवाहा |
इस भॊतर का ऩानी भ ननहायकय १०८ फाय जऩ ककमा औय वही ऩानी भाॉ को वऩरा टदमा |
तयॊत ही भाॉ शाॊनत स सो गमीॊ | दसय टदन बी इस भॊतर की ऩाॉि भारा कयक भाॉ को वह जर वऩरामा तो भाॉ बफपकर ठीक हो गमीॊ | ह भय साधक बाई-फहनो बत-परत बगान क
मरए अरा फाॉधॉ फरा फाॉधॉ ऐसा कयक झाड़-फ़ॉ क कयनवारो क िककय भ ऩड़न की जरयत नहीॊ ह | इसक मरए तो ऩजम फाऩजी का भॊतर ही तायणहाय ह | ऩजम फाऩजी क शरीियणो भ कोटट-कोटट परणाभ
-िॊऩकबाई एन ऩटर (अभरयका)
काभ करोध ऩय ववजम ऩामी
एक टदन भॊफई भर भ टटकट िककॊ ग कयत हए भ वातानकमरत फोगी भ ऩहॉिा | दखा तो भखभर की गददी ऩय टाट का आसन बफछाकय सवाभी शरी रीराशाहजी भहायाज सभाचधसथ ह | भझ आशचमग हआ कक जजन परथभ शरणी की वातानकमरत फोचगमो भ याजा-भहायाजा मातरा कयत ह ऐसी फोगी औय तीसयी शरणी की फोगी क फीि इन सॊत को कोई बद नहीॊ रगता | ऐसी फोचगमो भ बी व सभाचधसथ होत ह मह दखकय मसय झक जाता ह | भन ऩजम भहायाजशरी को परणाभ कयक कहा आऩ जस सॊतो क मरए तो सफ एक सभान ह |
हय हार भ एकयस यहकय आऩ भकतकत का आनॊद र सकत ह | रककन हभाय जस गरहसथो को कमा कयना िाटहए ताकक हभ बी आऩ जसी सभता फनाम यखकय जीवन जी सक
ऩजम भहायाजजी न कहा काभ औय करोध को त छोड़ द तो त बी जीवनभकत हो सकता ह | जहाॉ याभ तहॉ नहीॊ काभ जहाॉ काभ तहॉ नहीॊ याभ | औय करोध तो बाई बसभासय ह | वह तभाभ ऩणम को जराकय बसभ कय दता ह अॊतकयण को भमरन कय दता ह | भन कहा परब अगय आऩकी कऩा होगी तो भ काभ-करोध को छोड़ ऩाऊॉ गा | ऩजम भहायाजजी न कहा बाई कऩा ऐस थोड़ ही की जाती ह सॊतकऩा क साथ तया ऩरषाथग औय दढ़ता बी िाटहए | ऩहर त परनतऻा कय कक त जीवनऩमगनत काभ औय करोध स दय यहगा तो भ तझ आशीवागद दॉ | भन कहा भहायाजजी भ जीवनबय क मरए परनतऻा तो करॉ रककन उसका ऩारन न कय ऩाऊॉ तो झठा भाना जाऊॉ गा | ऩजम भहायाजजी न कहा अचछा ऩहर त भय सभ आठ टदन क मरए परनतऻा कय | कपय परनतऻा को एक-एक टदन फढ़त जाना | इस परकाय त उन फराओॊ स फि सकगा | ह कफर भन हाथ जोड़कय कफर ककमा | ऩजम भहायाजजी न आशीवागद दकय दो-िाय पर परसाद भ टदम | ऩजम भहायाजजी न भयी जो दो कभजोरयमाॉ थीॊ उन ऩय ही सीधा हभरा ककमा था | भझ आशचमग हआ कक अनम कोई बी दगगण छोड़न का न कहकय इन दो दगगणो क मरए ही उनहोन परनतऻा कमो कयवामी फाद भ भ इस याज स अवगत हआ |
दसय टदन भ ऩसनजय टरन भ कानऩय स आग जा यहा था | सफह क कयीफ नौ फज थ |
तीसयी शरणी की फोगी भ जाकय भन माबतरमो क टटकट जाॉिन का कामग शर ककमा | सफस
ऩहर फथग ऩय सोम हए एक मातरी क ऩास जाकय भन एक मातरी क ऩास जाकय भन टटकट टदखान को कहा तो वह गससा होकय भझ कहन रगा अॊधा ह दखता नहीॊ कक भ सो गमा हॉ भझ नीॊद स जगान का तझ कमा अचधकाय ह मह कोई यीत ह टटकट क फाय भ ऩछन की ऐसी ही अकर ह तयी ऐसा कछ-का-कछ वह फोरता ही गमा फोरता ही गमा | भ बी करोधाववषट होन रगा ककॊ त ऩजम भहायाजजी क सभ री हई परनतऻा भझ माद थी अत करोध को ऐस ऩी गमा भानो ववष की ऩकतड़मा भन उस कहा भहाशम आऩ ठीक ही कहत ह कक भझ फोरन की अकर नहीॊ ह बान नहीॊ ह | दखो भय म फार धऩ भ सपद हो गम ह | आऩभ फोरन की अकर अचधक ह नमरता ह तो कऩा कयक मसखाओॊ कक टटकट क मरए भझ ककस परकाय आऩस ऩछना िाटहए | भ रािाय हॉ कक डमटी क कायण भझ टटकट िक कयना ऩड़ यहा ह इसमरए भ आऩको कषट द यहा हॉ|
औय कफ़य भन खफ परभ स हाथ जोड़कय ववनती की बमा कऩा कयक कषट क मरए भझ भा कयो | भझ अऩना टटकट टदखामग भयी नमरता दखकय वह रजजजत हो गमा एवॊ तयॊत उठ फठा | जपदी-जपदी नीि उतयकय भझस भा भाॉगत हए कहन रगा भझ भाप कयना | भ नीॊद भ था | भन आऩको ऩहिाना नहीॊ था | अफ आऩ अऩन भॉह स भझ कह कक आऩन भझ भाफ़ ककमा मह दखकय भझ आनॊद औय सॊतोष हआ | भ सोिन रगा कक सॊतो की आऻा भानन भ ककतनी शकतकत औय टहत ननटहत ह सॊतो की करणा कसा िभतकारयक ऩरयणाभ राती ह वह रवमकतकत क पराकनतक सवबाव को बी जड़-भर स फदर सकती ह | अनमथा भझभ करोध को ननमॊतरण भ यखन की कोई शकतकत नहीॊ थी | भ ऩणगतमा असहाम था कपय बी भझ भहायाजजी की कऩा न ही सभथग फनामा | ऐस सॊतो क शरीियणो भ कोटट-कोटट नभसकाय
-शरी यीजभर
रयटामडग टीटी आई कानऩय
अनम अनबव
जरा हआ कागज
ऩवग रऩ भ एक फाय ऩयभहॊस ववशदधानॊदजी स आनॊदभमी भाॉ की ननकटता ऩानवार सपरमसदध ऩॊकतडत गोऩीनाथ कववयाज न ननवदन ककमा तयणीकानत ठाकय को अरौककक मसवदध पराि हई ह | व बफना दख मा बफना छए ही कागज भ मरखी हई फात ऩढ़ रत ह |
गरदव फोर तभ एक कागज ऩय कछ मरखो औय उसभ आग रगाकय जरा दो |
कववयाजजी न कागज ऩय कछ मरखा औय ऩयी तयह कागज जराकय हवा भ उड़ा टदमा |
उसक फाद गरदव न अऩन तककम क नीि स वही कागज ननकारकय कववयाजजी क आग यख टदमा | मह दखकय उनह फड़ा आशचमग हआ कक मह कागज वही था एवॊ जो उनहोन मरखा था वह बी उस ऩय उनहीॊ क सरख भ मरखा था औय साथ ही उसका उततय बी मरखा हआ दखा | जड़ता ऩशता औय ईशवयता का भर हभाया शयीय ह | जड़ शयीय को भ-भया भानन की ववतत जजतनी मभटती ह ऩाशवी वासनाओॊ की गराभी उतनी हटती ह औय हभाया ईशवयीम अॊश जजतना अचधक ववकमसत होता ह उतना ही मोग-साभमग ईशवयीम साभमग परकट होता ह | बायत क ऐस कई बकतो सॊतो औय मोचगमो क जीवन भ ईशवयीम साभमग दखा गमा ह अनबव ककमा गमा ह उसक ववषम भ सना गमा ह | धनम ह बायतबमभ भ यहनवार बायतीम सॊसकनत भ शरदधा-ववशवास यखनवार अऩन ईशवयीम अॊश को जगान की सवा-साधना कयनवार सवाभी ववशदधानॊदजी वषो की एकाॊत साधना औय वषो-वषो की गरसवा स अऩना दहाधमास औय ऩाशवी वासनाएॉ मभटाकय अऩन ईशवयीम
अॊश को ववकमसत कयनवार बायत क अनक भहाऩरषो भ स थ | उनक जीवन की औय बी अरौककक घटनाओॊ का वणगन आता ह | ऐस सतऩरषो क जीवन-िरयतर औय उनक जीवन भ घटटत घटनाएॉ ऩढ़न-सनन स हभ रोग बी अऩनी जड़ता एवॊ ऩशता स ऊऩय उठकय ईशवयीम अॊश को उबायन भ उतसाटहत होत ह | फहत ऊॉ िा काभ ह फड़ी शरदधा फड़ी सभझ फड़ा धमग िाटहए ईशवयीम साभमग को ऩणग रऩ स ववकमसत कयन भ | अफ आओ
िर आदय शॊकयािामग की ओय
नदी की धाया भड़ गमी
आदय शॊकयािामग की भाता ववमशषटा दवी अऩन करदवता कशव की ऩजा कयन जाती थीॊ | व ऩहर नदी भ सनान कयतीॊ औय कफ़य भॊटदय भ जाकय ऩजन कयतीॊ | एक टदन व परातकार ही ऩजन-साभगरी रकय भॊटदय की ओय गमीॊ ककॊ त सामॊकार तक घय नहीॊ रौटीॊ | शॊकयािामग की आम अबी सात-आठ वषग क भधम भ ही थी | व ईशवय क ऩयभ बकत औय ननषठावान थ | सामॊकार तक भाता क वाऩस न रौटन ऩय आिामग को फड़ी चिनता हई औय व उनह खोजन क मरए ननकर ऩड़ | भॊटदय क ननकट ऩहॉिकय उनहोन भाता को भागग भ ही भजचछगत ऩड़ दखा | उनहोन फहत दय तक भाता का उऩिाय ककमा तफ व होश भ आ सकीॊ |
नदी अचधक दय थी | वहाॉ तक ऩहॉिन भ भाता को फड़ा कषट होता था | आिामग न बगवान स भन-ही-भन पराथगना की कक परबो ककसी परकाय नदी की धाया को भोड़ दो जजसस कक
भाता ननकट ही सनान कय सक | व इस परकाय की पराथगना ननतम कयन रग | एक टदन उनहोन दखा कक नदी की धाया ककनाय की धयती को काटती-काटती भड़न रगी ह तथा कछ टदनो भ ही वह आिामग शॊकय क घय क ऩास फहन रगी | इस घटना न आिामग का अरौककक शकतकतसमऩनन होना परमसदध कय टदमा |
सकषभ शयीय स िोय का ऩीछा ककमा
हरयहय फाफा की फड़ी परमसवदध थी | एक फाय व हयऩारऩय सटशन ऩय थ | वहाॉ क सटशन भासटय न उनको एक िोय सऩदग ककमा | िोय न फाफा स कहा भहायाज भझ इतनी छटटी द दीजजम कक भ अऩन फार-फचिो का परफॊध कय आऊॉ | फाफा गाड़ी आन ऩय रौट आना | िोय िरा गमा | सटशन भासटय को ऩता िरा तो वह फाफा ऩय गभग हआ औय फोरा उसक फदर तमह जर की हवा खानी होगी | तभन जान-फझकय उस बगा टदमा ह | फाफा घफयाओ भत गाड़ी आन स ऩहर ही वह रौट आमगा | िोय की नीमत ठीक नहीॊ थी | वह जॊगर क भागग स अऻात सथान को बाग जाना िाहता था ककॊ त उस हय सभम मही परतीत होता यहा कक हरयहय फाफा डॊडा पटकायत हए उसक ऩीछ-ऩीछ िर आ यह ह | इसीमरए वह गाड़ी आन स ऩहर ही रौट आमा |
भॊगरी फाधा-ननवायण भॊतर
अॊ याॊ अॊ
इस भॊतर को १०८ फाय जऩन स करोध दय होता ह | जनभकनडरी भ भॊगरी मोग होन स जजनक वववाह न हो यह हो व २७ भॊगरवाय इस भॊतर का १०८ फाय जऩ कयत हए वरत यखकय हनभानजी ऩय मसॊदय का िोरा िढ़ाम | इसस भॊगर-फाधा का म होता ह |
सखऩवगक परसवकायक भॊतर
ऩहरा उऩाम
एॊ हीॊ बगवनत बगभामरनन िर िर भराभम भराभम ऩषऩॊ ववकासम ववकासम सवाहा |
इस भॊतर दवाया अमबभॊबतरत दध गमबगणी सतरी को वऩराम तो सखऩवगक परसव होगा |
दसया उऩाम
गमबगणी सतरी सवमॊ परसव क सभम जमबरा-जमबरा जऩ कय |
तीसया उऩाम
दशी गाम क गोफय का १२ स १५ मभरी यस ॐ नभो नायामणाम भॊतर का २१ फाय जऩ कयक ऩीन स बी परसव-फाधाएॉ दय होगी औय बफना ऑऩयशन क परसव होगा |
परसनत क सभम अभॊगर की आशॊका हो तो ननमन भॊतर का जऩ कय
सवगभॊगर भाॊगपम मशव सवागथग साचधक |
शयणम तरममफक गौयी नायामणी नभोSसतत ||
(दगागसिशती)
शकतकतशारी व गोय ऩतर की परानि क मरए
सगबागवसथा भ ढाक (ऩराश खाखया) का एक कोभर ऩतता घोटकय गौ-दगध क साथ योज सवन कयन स फारक शकतकतशारी औय गोया होता ह | भाता-वऩता बर कार-करट हो कपय बी फारक गोया होगा |
सदगर-भटहभा
गर बफन बव ननचध तय न कोई |
जौ फयॊचि सॊकय सभ होई ||
-सॊत तरसीदासजी
हरयहय आटदक जगत भ ऩजमदव जो कोम |
सदगर की ऩजा ककम सफकी ऩजा होम ||
-ननशचरदासजी भहायाज
सहजो कायज सॊसाय को गर बफन होत नाॉही |
हरय तो गर बफन कमा मभर सभझ र भन भाॉही ||
-सॊत कफीयजी सॊत
सयनन जो जन ऩय सो जन उधयनहाय | सॊत की ननॊदा नानका फहरय फहरय अवताय ||
-गर नानक दवजी
गरसवा सफ बागमो की जनभबमभ ह औय वह शोकाकर रोगो को बरहमभम कय दती ह |
गररऩी समग अववदयारऩी याबतर का नाश कयता ह औय ऻानाऻान रऩी मसतायो का रोऩ कयक फवदधभानो को आतभफोध का सटदन टदखाता ह |
-सॊत ऻानशवय भहायाज
सतम क कॊ टकभम भागग भ आऩको गर क मसवाम औय कोई भागगदशगन नहीॊ द सकता |
- सवाभी मशवानॊद सयसवती
ककतन ही याजा-भहायाजा हो गम औय होग सामजम भकतकत कोई नहीॊ द सकता | सचि याजा-भहायाज तो सॊत ही ह | जो उनकी शयण जाता ह वही सचिा सख औय सामजम भकतकत ऩाता ह |
-सभथग शरी याभदास सवाभी
भनषम िाह ककतना बी जऩ-तऩ कय मभ-ननमभो का ऩारन कय ऩयॊत जफ तक सदगर की कऩादवषट नहीॊ मभरती तफ तक सफ रवमथग ह |
-सवाभी याभतीथग
परटो कहत ह कक सकयात जस गर ऩाकय भ धनम हआ |
इभसगन न अऩन गर थोयो स जो पराि ककमा उसक भटहभागान भ व बावववबोय हो जात थ |
शरी याभकषण ऩयभहॊस ऩणगता का अनबव कयानवार अऩन सदगरदव की परशॊसा कयत नहीॊ अघात थ |
ऩजमऩाद सवाभी शरी रीराशाहजी भहायाज बी अऩन सदगरदव की माद भ सनह क आॉस
फहाकय गदगद कॊ ठ हो जात थ |
ऩजम फाऩजी बी अऩन सदगरदव की माद भ कस हो जात ह मह तो दखत ही फनता ह |
अफ हभ उनकी माद भ कस होत ह मह परशन ह | फटहभगख ननगय रोग कछ बी कह साधक को अऩन सदगर स कमा मभरता ह इस तो साधक ही जानत ह |
रडी भाटटगन क सहाग की या कयन अपगाननसतान भ परकट मशवजी
साध सॊग सॊसाय भ दरगब भनषम शयीय |
सतसॊग सववत ततव ह बतरववध ताऩ की ऩीय ||
भानव-दह मभरना दरगब ह औय मभर बी जाम तो आचधदववक आचधबौनतक औय आधमाजतभक म तीन ताऩ भनषम को तऩात यहत ह | ककॊ त भनषम-दह भ बी ऩववतरता हो सचिाई हो शदधता हो औय साध-सॊग मभर जाम तो म बतरववध ताऩ मभट जात ह |
सन १८७९ की फात ह | बायत भ बबरटटश शासन था उनहीॊ टदनो अॊगरजो न अपगाननसतान ऩय आकरभण कय टदमा | इस मदध का सॊिारन आगय भारवा बबरटटश छावनी क रजफ़टनट कनगर भाटटगन को सौऩा गमा था | कनगर भाटटगन सभम-सभम ऩय मदध-तर स अऩनी ऩतनी को कशरता क सभािाय बजता यहता था | मदध रॊफा िरा औय अफ तो सॊदश आन बी फॊद हो गम | रडी भाटटगन को चिॊता सतान रगी कक कहीॊ कछ अनथग न हो गमा हो अपगानी सननको न भय ऩनत को भाय न डारा हो | कदाचित ऩनत मदध भ शहीद हो गम तो भ जीकय कमा करॉ गी -मह सोिकय वह अनक शॊका-कशॊकाओॊ स नघयी यहती थी |
चिनतातय फनी वह एक टदन घोड़ ऩय फठकय घभन जा यही थी | भागग भ ककसी भॊटदय स आती हई शॊख व भॊतर धवनन न उस आकवषगत ककमा | वह एक ऩड़ स अऩना घोड़ा फाॉधकय भॊटदय भ गमी | फजनाथ भहादव क इस भॊटदय भ मशवऩजन भ ननभगन ऩॊकतडतो स उसन ऩछा आऩ रोग कमा कय यह ह एक वरदध बराहमण न कहा हभ बगवान मशव का ऩजन कय यह ह | रडी भाटटगन मशवऩजन की कमा भहतता ह बराहमण फटी बगवान मशव तो औढयदानी ह बोरनाथ ह | अऩन बकतो क सॊकट-ननवायण कयन भ व तननक बी दय नहीॊ कयत ह | बकत उनक दयफाय भ जो बी भनोकाभना रकय क आता ह उस व शीघर ऩयी कयत ह ककॊ त फटी तभ फहत चिजनतत औय उदास नजय आ यही हो कमा फात ह रडी भाटटगन भय ऩनतदव मदध भ गम ह औय ववगत कई टदनो स उनका कोई
सभािाय नहीॊ आमा ह | व मदध भ पॉ स गम ह मा भाय गम ह कछ ऩता नहीॊ िर यहा | भ उनकी ओय स फहत चिजनतत हॉ | इतना कहत हए रडी भाटटगन की आॉख नभ हो गमीॊ |
बराहमण तभ चिनता भत कयो फटी मशवजी का ऩजन कयो उनस पराथगना कयो रघररी कयवाओ | बगवान मशव तमहाय ऩनत का यण अवशम कयग |
ऩॊकतडतो की सराह ऩय उसन वहाॉ गमायह टदन का ॐ नभ मशवाम भॊतर स रघररी अनषठान परायॊब ककमा तथा परनतटदन बगवान मशव स अऩन ऩनत की या क मरए पराथगना कयन रगी कक ह बगवान मशव ह फजनाथ भहादव मटद भय ऩनत मदध स सकशर रौट आम तो भ आऩका मशखयफॊद भॊटदय फनवाऊॉ गी | रघररी की ऩणागहनत क टदन बागता हआ एक सॊदशवाहक मशवभॊटदय भ आमा औय रडी भाटटगन को एक मरपापा टदमा | उसन घफयात-घफयात वह मरपापा खोरा औय ऩढ़न रगी |
ऩतर भ उसक ऩनत न मरखा था हभ मदध भ यत थ औय तभ तक सॊदश बी बजत यह रककन आक ऩठानी सना न घय मरमा | बबरटटश सना कट भयती औय भ बी भय जाता |
ऐसी ववकट ऩरयजसथनत भ हभ नघय गम थ कक पराण फिाकय बागना बी अतमाचधक कटठन था | इतन भ भन दखा कक मदधबमभ भ बायत क कोई एक मोगी जजनकी फड़ी रमफी जटाएॉ ह हाथ भ तीन नोकवारा एक हचथमाय (बतरशर) इतनी तीवर गनत स घभ यहा था कक ऩठान सननक उनह दखकय बागन रग | उनकी कऩा स घय स हभ ननकरकय ऩठानो ऩय वाय कयन का भौका मभर गमा औय हभायी हाय की घकतड़माॉ अिानक जीत भ फदर गमीॊ | मह सफ बायत क उन फाघामफयधायी एवॊ तीन नोकवारा हचथमाय धायण ककम हए
(बतरशरधायी) मोगी क कायण ही समबव हआ | उनक भहातजसवी रवमकतकततव क परबाव स दखत-ही-दखत अपगाननसतान की ऩठानी सना बाग खड़ी हई औय व ऩयभ मोगी भझ
टहमभत दत हए कहन रग | घफयाओॊ नहीॊ | भ बगवान मशव हॉ तथा तमहायी ऩतनी की ऩजा स परसनन होकय तमहायी या कयन आमा हॉ उसक सहाग की या कयन आमा हॉ |
ऩतर ऩढ़त हए रडी भाटटगन की आॉखो स अववयत अशरधाया फहती जा यही थी उसका रदम अहोबाव स बय गमा औय वह बगवान मशव की परनतभा क समभख मसय यखकय पराथगना कयत-कयत यो ऩड़ी | कछ सिाह फाद उसका ऩनत कनगर भाटटगन आगय छावनी रौटा | ऩतनी न उस सायी फात सनात हए कहा आऩक सॊदश क अबाव भ भ चिजनतत हो उठी थी रककन बराहमणो की सराह स मशवऩजा भ रग गमी औय आऩकी या क मरए बगवान मशव स पराथगना कयन रगी | उन द खबॊजक भहादव न भयी पराथगना सनी औय आऩको सकशर रौटा टदमा | अफ तो ऩनत-ऩतनी दोनो ही ननममभत रऩ स फजनाथ भहादव क भॊटदय भ ऩजा-अिगना कयन रग | अऩनी ऩतनी की इचछा ऩय कनगर भाटटगन भ सन १८८३
भ ऩॊरह हजाय रऩम दकय फजनाथ भहादव भॊटदय का जीणोदवाय कयवामा जजसका मशरारख आज बी आगय भारवा क इस भॊटदय भ रगा ह | ऩय बायतबय भ अॊगरजो दवाय ननमभगत मह एकभातर टहनद भॊटदय ह |
मयोऩ जान स ऩवग रडी भाटटगन न ऩकतड़तो स कहा हभ अऩन घय भ बी बगवान मशव का भॊटदय फनामग तथा इन द ख-ननवायक दव की आजीवन ऩजा कयत यहग |
बगवान मशव भ बगवान कषण भ भाॉ अमफा भ आतभवतता सदगर भ सतता तो एक ही ह | आवशमकता ह अटर ववशवास की | एकररवम न गरभनत ग भ ववशवास कय वह पराि कय मरमा जो अजगन को कटठन रगा | आरणण उऩभनम रव परहराद आटद अनम सकड़ो उदायहण हभाय साभन परतम ह | आज बी इस परकाय का सहमोग हजायो बकतो को साधको को बगवान व आतभवतता सदगरओॊ क दवाया ननयनतय पराि होता यहता ह | आवशमकता ह तो फस कवर ववशवास की |
भहाभतमॊजम भॊतर
ॐ हौ जॉ स |
ॐ बबगव सव |
ॐ तरममफकॊ मजाभह सगॊचध ॊ ऩवषटवधगनभ |
उवागरकमभव फनधनानभतमोभगीम भाभतात |
सव भव ब ॐ |
स जॉ हौ ॐ |
बगवान मशव का मह भहाभतमॊजम जऩन स अकार भतम तो टरती ही ह आयोगमता की बी परानि होती ह | सनान कयत सभम शयीय ऩय रोट स ऩानी डारत वकत इस भॊतर का जऩ कयन स सवासम-राब होता ह | दध भ ननहायत हए इस भॊतर का जाऩ ककमा जाम औय कपय वह दध ऩी मरमा जम तो मौवन की सया भ बी सहामता मभरती ह | आजकर की तज यफ़तायवारी जजनदगी भ कहाॉ आतॊक उऩरव दघगटना हो जाम कहना भजशकर ह | घय स ननकरत सभम एक फाय मह भॊतर जऩनवारा इन उऩदरवो स सयकषत यहता ह औय सयकषत घय रौटता ह | (इस भॊतरानषठान क ववचध-ववधान की ववसतत जानकायी क मरए आशरभ दवाया परकामशत आयोगमननचध ऩसतक ऩढ़ |) शरीभदबागवत क आठव सकॊ ध भ तीसय अधमाम क शलोक १ स ३३ तक भ वणणगत गजनरभो सतोतर का ऩाठ कयन स तभाभ
ववधन दय होत ह |
कऩा-परसाद प क यह थ कक इतन भ एक िीक भयी छाती ऩय आ रगा औय छाती का वह ददग हभशा क मरए मभट गमा |
-अयववॊदबाई वसावड़ा याजकोट
एक छोटी थरी फनी अमऩातर
सन १९९२ भ यतराभ (भपर) क ऩास सराना क आटदवासी ववसताय भ बॊडाय का आमोजन था | बॊडाय भ सवाएॉ दन फहत-स साधक आम हए थ | आशरभवासी बाई बी ऩहॉि थ | एक टदन का ही आमोजन था औय सतसॊग-कामगकरभ बी था | उस बॊडाय भ गयीफो क मरए बोजन क अरावा फतगन कऩड़ अनाज औय दकषणा (ऩस) फाॉटन की बी रवमवसथा की गमी थी | भय टहसस ऩस फाॉटन की सवा थी | भन ऩाॉि रऩमोवार सौ-सौ नोटो क ऩिीस फॊडर चगनकय थरी भ यख थ | भझ आदश टदमा गमा था आठ सवाधायी ननमकत कय रो | व रोग ऩाॉि रऩम क नोट फाॉटत जामग | भन आठ सवमॊसवको को ऩहरी फाय आठ फॊडर द टदम | कपय ऩॊरह-फीस मभनट क फाद भन दसयी फाय आठो को एक-एक फॊडर टदमा | कपय तीसयी फाय आठो को एक-एक फॊडर टदमा | कर २४ फॊडर गम | अफ दसयी ऩॊकतकत बोजन क मरए बफठामी गमी | भन आठो सवमॊसवको को ऩहरी की बाॉनत तीन फाय एक-एक फॊडर फाॉटन क मरए टदमा | कर ४८ फॊडर गम | बॊडाया ऩया होन क फाद भन सोिा िरो अफ टहसाफ कय र | भ चगनन फठा | भय ऩास ६ फॊडर फि थ | मह कस
भ दॊग यह गमा भन ऩस फाॉटनवारो स ऩछा तो उनहोन फतामा कक कर ४८ फॊडर फाॉट गम थ | भ आशरभ आमा तो रवमवसथाऩक न कहा भन तो आऩको २५ फॊडर टदम थ |
सफको आशचमग हो यहा था कक फॉट ४८ फॊडर औय रकय िर थ २५ फॊडर | २५ भ स ४८ फॉट औय ६ फि गम गरदव का आशीवागद दणखम कक एक छोटी-सी थरी अम ऩातर फन गमी
-ईशवयबाई नामक
अभदावाद आशरभ
फटी न भनौती भानी औय गरकऩा हई
भयी फटी को शादी ककम आठ सार हो गम थ | ऩहरी फाय जफ वह गबगवती हई तफ फचिा ऩट भ ही भय गमा | दसयी फाय फचिी जनभी ऩय छ भहीन भ वह बी िर फसी |
कपय भयी ऩतनी न फटी स कहा अगय त सॊकपऩ कय कक जफ तीसयी फाय परसती होगी तफ तभ फारक की जीब ऩय फाऩजी क फतान क भताबफक bdquoॐ‟ मरखोगी तो तया फारक जीववत यहगा ऐसा भझ ववशवास ह कमोकक ॐकाय भॊतर भ ऩयभानॊदसवरऩ परब ववयाजभान ह | भयी फटी न इस परकाय भनौती भानी औय सभम ऩाकय वह गबगवती हई | सोनोगराफ़ी कयवामी गमी तो डॉकटयो न फतामा गबग भ फचिी ह औय उसक टदभाग भ ऩानी बया हआ ह | वह जजॊदा नहीॊ यह सकगी | गबगऩात कयवा दो | भयी फटी न अऩनी भाॉ स सराह की | उसकी भाॉ न कहा गबगऩात का भहाऩाऩ नहीॊ कयवाना ह | जो होगा दखा जामगा |
गरदव कऩा कयग | जफ परसती हई तो बफपकर पराकनतक ढ़ॊग स हई औय उस फचिी की जीब ऩय शहद एवॊ मभशरी स ॐ मरखा गमा | आज वह बफपकर ठीक ह | जफ उसकी डॉकटयी जाॉि कयवामी गमी तो डॉकटय आशचमग भ ऩड़ गम सोनोगराफ़ी भ जो फीभारयमाॉ टदख यही थीॊ व कहाॉ िरी गमीॊ टदभाग का ऩानी कहाॉ िरा गमा टहनदजा हॉजसऩटरवार मह करयशभा दखकय दॊग यह गम अफ घय भ जफ कोई दसयी कोई कसट िरती ह तो वह फचिी इशाया कयक कहती ह ॐवारी कसट िराओ | वऩछरी ऩनभ को हभ भॊफई स टाटा सभो भ आ यह थ | फाढ़ क ऩानी क कायण यासता फॊद था | हभ सोि भ ऩड़ गम कक ऩनभ का ननमभ टटगा | हभन गरदव का सभयण ककमा | इतन भ हभाय डराइवय न हभस ऩछा जान दॉ हभन बी गरदव का सभयण कयक कहा जान दो औय हरय हरय ॐ कीतगन की कसट रगा दो | गाड़ी आग िरी | इतना ऩानी कक हभ जहाॉ फठ थ वहाॉ तक ऩानी आ गमा | कपय बी हभ गरदव क ऩास सकशर ऩहॉि गम औय उनक दशगन ककम|
-भयायीरार अगरवार
साॊताकरज भॊफई
औय गरदव की कऩा फयसी
जफस सयत आशरभ की सथाऩना हई तफस भ गरदव क दशगन कयत आ यहा हॉ उनकी अभतवाणी सनता आ यहा हॉ | भझ ऩजमशरी स भॊतरदीा बी मभरी ह | परायबधवश एक टदन भय साथ एक बमॊकय दघगटना घटी | डॉकटय कहत थ आऩका एक हाथ अफ काभ नहीॊ कयगा | भ अऩना भानमसक जऩ भनोफर स कयता यहा | अफ हाथ बफपकर ठीक ह | उसस भ ७० ककगरा वजन उठा सकता हॉ | भयी सभसमा थी कक शादी होन क फाद भझ कोई सॊतान नहीॊ थी | डॉकटय कहत थ कक सॊतान नहीॊ हो सकती | हभ रोगो न गरकऩा एवॊ गरभॊतर का सहाया मरमा धमानमोग मशववय भ आम औय गरदव की कऩा फयसी | अफ
हभायी तीन सॊतान ह दो ऩबतरमाॉ औय एक ऩतर | गरदव न ही फड़ी फटी का नाभ गोऩी औय फट का नाभ हरयककशन यखा ह | जम हो सदगरदव की
-हॉसभख काॊनतरार भोदी ५७ अऩना घय सोसामटी सॊदय योड़ सयत
कसट-शरवण स बकतकत का सागय टहरोय रन रगा
भ हय सार गमभगमो भ कबी फरीनाथ तो कबी कदायनाथ तो कबी गॊगोतरी आटद तीथो भ जाता यहता था | रवषकश भ एक दकान क ऩास खड़ यहन ऩय भझ ऩजम गरदव की अभतवाणी की कसट भो का भागग भौत की भौत तीन फात आटद दखन-सनन को मभरीॊ तो भन म कसट खयीद रीॊ | घय ऩहॉिकय कसट सनन क फाद रदम भ बकतकत का सागय टहरोय रन रगा | भझ ऐसा रगा भानो कोई भझ फरा यहा हो | दकान जात सभम ऐसा आबास हआ कक कोई ऩवग आनवारा ह औय भझ अभदावाद जाना होगा उसी टदन अभदावाद आशरभ स भय ऩतर का जवाफ आमा कक टदनाॊक १२ को गरऩनभ का ऩवग ह |
आऩ गरदव क दशगन कय सकत ह | हभ सऩरयवाय आशरभ ऩहॉि | दशगन कयक धनम हए |
दीा ऩाकय कताथग हए | अफ तो हय भहीन जफ तक गरदव क दशगन नहीॊ कयता तफ तक भझ ऐसा रगता ह कक भन कछ खो टदमा ह | दीा क फाद साधन-बजन फढ़ यहा ह बकतकत फढ़ यही ह | ऩहर सॊसाय भ सपरता-ववपरता की जो िोट रगती थी अफ उनका परबाव कभ हआ ह | ववषम-ववकायो का परबाव कभ हआ ह | जान जीव तफ जागा हरय ऩद रचि ववषम ववरास ववयागा भय जीवन भ सॊत तरसीदासजी क इन विनो का समोदम हो यहा ह |
-मशवकभाय तरसमान
गोयखऩय उततय परदश
गरदव न बजा अमऩातर
हभ परिायमातरा क दौयान गरकऩा का जो अदबत अनबव हआ वह अवणगनीम ह | मातरा की शरआत स ऩहर टदनाॊक ८-११-९९ को हभ ऩजम गरदव क आशीवागद रन गम |
गरदव न कामगकरभ क ववषम भ ऩछा औय कहा ऩॊिड़ आशरभ (यतराभ) भ बॊडाया था |
उसभ फहत साभान फि गमा ह | गाड़ी बजकय भॉगवा रना गयीफो भ फाॉटना | हभ झाफआ जजर क आस-ऩास क गयीफ आटदवासी इराको भ जानवार थ | वहाॉ स यतराभ क
मरए गाड़ी बजी | चगनकय साभान बया गमा | दो टदन िर उतना साभान था | एक टदन भ दो बॊडाय होत थ | अत िाय बॊडाय का साभान था | सफन खपर हाथो फतगन कऩड़ साकतड़माॉ धोती आटद साभान छ टदनो तक फाॉटा कपय बी साभान फिा यहा | सफको आशचमग हआ हभ रोग साभान कपय स चगनन रग ऩयॊत गरदव की रीरा क ववषम भ कमा कह
कवर दो टदन िर उतना साभान छ टदनो तक खपर हाथो फाॉटा कपय बी अॊत भ तीन
फोय फतगन फि गम भानो गरदव न अमऩातर बजा हो एक टदन शाभ को बॊडाया ऩया हआ तफ दखा कक एक ऩतीरा िावर फि गमा ह | कयीफ १००-१२५ रोग खा सक उतन िावर थ | हभन सोिा िावर गाॉव भ फाॊट दत ह | ऩयॊत गरदव की रीरा दखो एक गाॉव क फदर ऩाॉि गाॉवो भ फाॉट कपय बी िावर फि यह | आणखय याबतर भ ९ फज क फाद सवाधारयमो न थककय गरदव स पराथगना की कक गरदव अफ जॊगर का ववसताय ह हभ ऩय कऩा कयो | औय िावर खतभ हए | कपय सवाधायी ननवास ऩय ऩहॉि |
-सॊत शरी आसायाभजी बकतभॊडर
कतायगाभ सयत
सवपन भ टदम हए वयदान स ऩतरपरानि
भय गरहसथ जीवन भ एक-एक कयक तीन कनमाएॉ जनभी | ऩतरपरानि क मरए भयी धभगऩतनी न गरदव स आशीवागद पराि ककमा था | िौथी परसनत होन क ऩहर जफ उसन वरसाड़ भ सोनोगराफ़ी कयवामी तो रयऩोटग भ रड़की फतामा गमा | मह सनकय हभ ननयाश हो गम |
एक यात ऩतनी को सवपन भ गरदव न दशगन टदम औय कहा फटी चिॊता भत कय |
घफयाना भत धीयज यख | रड़का ही होगा | हभन सयत आशरभ भ फड़दादा की ऩरयकरभा कयक भनौती भानी थी वह बी फ़रीबत हई औय गरदव का बरहमवाकम बी सतम साबफत हआ जफ परसनत होन ऩय रड़का हआ | सबी गरदव की जम-जमकाय कयन रग |
-सनीर कभाय याधशमाभ िौयमसमा दीऩकवाड़ी ककपरा ऩायड़ी जज वरसाड़
शरी आसायाभामण क ऩाठ स जीवनदान
भया दस वषीम ऩतर एक यात अिानक फीभाय हो गमा | साॉस बी भजशकर स र यहा था |
जफ उस हॉजसऩटर भ बती ककमा तफ डॉकटय फोर | फचिा गॊबीय हारत भ ह | ऑऩयशन कयना ऩड़गा | भ फचि को हॉजसऩटर भ ही छोड़कय ऩस रन क मरए घय गमा औय घय
भ सबी को कहा ldquoआऩ रोग शरी आसायाभामण का ऩाठ शर कयो |rdquo ऩाठ होन रगा |
थोड़ी दय फाद भ हॉजसऩटर ऩहॉिा | वहाॉ दखा तो फचिा हॉस-खर यहा था | मह दख भयी औय घयवारो की खशी का टठकाना न यहा मह सफ फाऩजी की असीभ कऩा गर-गोववनद की कऩा औय शरी आसायाभामण-ऩाठ का पर ह |
-सनीर िाॊडक
अभयावती भहायाषड
गरवाणी ऩय ववशवास स अवणीम राब
शादी होन ऩय एक ऩतरी क फाद सात सार तक कोई सॊतान नहीॊ हई | हभाय भन भ ऩतरपरानि की इचछा थी | १९९९ क मशववय भ हभ सॊतानपरानि का आशीवागद रनवारो की ऩॊकतकत भ फठ | फाऩजी आशीवागद दन क मरए साधको क फीि आम तो कछ साधक नासभझी स कछ ऐस परशन कय फठ जो उनह नहीॊ कयन िाटहए थ | गरदव नायाज होकय मह कहकय िर गम कक तभको सॊतवाणी ऩय ववशवास नहीॊ ह तो तभ रोग महाॉ कमो आम तमह डॉकटय क ऩास जाना िाटहए था | कपय गरदव हभाय ऩास नहीॊ आम | सबी पराथगना कयत यह ऩय गरदव रवमासऩीठ स फोर दफाया तीन मशववय बयना | भ भन भ सोि यहा था कक कछ साधको क कायण भझ आशीवागद नहीॊ मभर ऩामा ऩयॊत वजरादवऩ कठोयाणण भदनन कसभादवऩ फाहय स वजर स बी कठोय टदखन वार सदगर बीतय स पर स बी कोभर होत ह | तयॊत गरदव ववनोद कयत हए फोर दखो म रोग सॊतानपरानि का आशीवागद रन आम ह | कस ठनठनऩार-स फठ ह अफ जाओ झरा-झनझना रकय घय जाओ | भन औय भयी ऩतनी न आऩस भ वविाय ककमा दमार गरदव न आणखय आशीवागद द ही टदमा | अफ गरदव न कहा ह कक झरा-झनझना र जाओ | तो भन गरविन भानकय यरव सटशन स एक झनझना खयीद मरमा औय गवामरमय आकय गरदव क चितर क ऩास यख टदमा | भझ वहाॉ स आन क १५ टदन फाद डॉकटय दवाया भारभ हआ कक ऩतनी गबगवती ह | भन गरदव को भन-ही-भन परणाभ ककमा | इस फीि डॉकटयो न सराह दी कक रड़का ह मा रड़की इसकी जाॉि कया रो | भन फड़ ववशवास स कहा कक रड़का ही होगा | अगय रड़की बी हई तो भझ कोई आऩवतत नहीॊ ह | भझ गबगऩात का ऩाऩ अऩन मसय ऩय नहीॊ रना ह | नौ भाह तक भयी ऩतनी बी सवसथ यही | हरयदवाय मशववय भ बी हभ रोग गम | सभम आन ऩय गरदव दवाया फताम गम इराज क भताबफक गाम क गोफय का यस ऩतनी को टदमा औय टदनाॊक २७ अकतफय १९९९ को एक सवसथ फारक का जनभ हआ |
-याजनर कभाय वाजऩमी अिगना वाजऩमी फरवॊत नगय ढाढीऩय भयाया गवामरमय
औय सोना मभर गमा
हभाय सॊमकत ऩरयवाय भ साठ तोरा सोना िोयी हो गमा था | सतसॊगी होन क कायण हभ द ख तो नहीॊ हआ कपय बी थोडी-फहत चिनता अवशम हई | आशरभ क एक साधक न हभस कहा | आऩ रोग शरी आसायाभामण क १०८ ऩाठ कयो औय सॊकपऩ कयो कक हभाया सोना हभ जरय मभरगा | मभनाऩाय टदपरी भ गरदव का आगभन हआ | हभ शाभ को गरदव क दशगन कयन गम | हभन कछ कहा नहीॊ कमोकक गरदव अॊतमागभी ह | उनहोन हभको परसाद टदमा | उसी यात घय ऩय पोन आमा कक आऩका सोना मभर गमा ह | िोय रखनऊ भ ऩकड़ा गमा ह | हभ आशचमग हआ शरी आसायाभामण क १०८ ऩाठ ऩय बी नहीॊ हए थ औय सोना मभर गमा |
-रीना फटानी यानीफाग टदपरी
सवपर क दो टकड़ो स दो सॊतान
भन सन १९९१ भ िटीिॊड मशववय अभदावाद भ ऩजम फाऩजी स भॊतरदीा री थी | भयी शादी क १० वषग तक भख कोई सॊतान नहीॊ हई | फहत इराज कयवाम रककन सबी डॉकटयो न फतामा कक फारक होन की कोई सॊबावना नहीॊ ह | तफ भन ऩजम फाऩजी क ऩनभ दशगन का वरत मरमा औय फाॉसवाड़ा भ ऩनभ दशगन क मरए गमा | ऩजम फाऩजी सफको परसाद द यह थ | भन भन भ सोिा | कमा भ इतना ऩाऩी हॉ कक फाऩजी भयी तयप दखत तक नहीॊ इतन भ ऩजम फाऩजी कक दवषट भझ ऩय ऩड़ी औय उनहोन भझ दो मभनट तक दखा | कपय उनहोन एक सवपर रकय भझ ऩय प का जो भय दाम कॊ ध ऩय रगकय दो टकड़ो भ फॉट गमा | घय जाकय भन उस सवपर क दोनो बाग अऩनी ऩतनी को णखरा टदम | ऩजमशरी का कऩाऩणग परसाद खान स भयी ऩतनी गबगवती हो गमी | ननयीण कयान ऩय ऩता िरा कक उसको दो मसय वारा फारक उतऩनन होगा | डॉकटयो न फतामा उसका मसजरयमन कयना ऩड़गा अनमथा आऩकी ऩतनी क फिन की समबावना नहीॊ ह | मसजरयमन भ रगबग फीस हजाय रऩमो का खिग आमगा | भन ऩजम फाऩजी स पराथगना की ह फाऩजी आऩन ही पर टदमा था | अफ आऩ ही इस सॊकट का ननवायण कीजजम | कपय
भन फड़ फादशाह क साभन बी पराथगना की जफ भ असऩतार ऩहॉिॉ तो भयी ऩतनी की परसती सकशर हो जाम | उसक फाद जफ भ असऩतार ऩहॉिा तो भयी ऩतनी एक ऩतर औय एक ऩतरी को जनभ द िकी थी | ऩजमशरी क दवाया टदम गम पर स भझ एक की जगह दो सॊतानो की परानि हई |
-भकशबाई सोरॊकी शायदा भॊटदय सकर क ऩीछ
फावन िार वड़ोदया
साइककर स गरधाभ जान ऩय खयाफ टाॉग ठीक हो गमी
भयी फाॉमी टाॉग घटन स उऩय ऩतरी हो गमी थी | ऑर इणणडमा भकतडकर इनसटीटमट
टदपरी भ भ छ टदन तक यहा | वहाॉ जाॉि क फाद फतरामा गमा कक तमहायी यीढ़ की हडडी क ऩास कछ नस भय गमी ह जजसस मह टाॉग ऩतरी हो गमी ह | मह ठीक तो हो ही नहीॊ सकती | हभ तमह ववटामभन ई क कपसर द यह ह | तभ इनह खात यहना | इसस टाॊग औय जमादा ऩतरी नहीॊ होगी | भन एक सार तक कपसर खाम | उसक फाद २२ जन
१९९७ को भजफ़फ़यनगय भ भन गरजी स भॊतरदीा री औय दवाई खाना फॊद कय दी | जफ एक साधक बाई याहर गिा न कहा कक सहायनऩय स साइककर दवाया उततयामण मशववय अभदावाद जान का कामगकरभ फन यहा ह तफ भन टाॉग क फाय भ सोि बफना साइककर मातरा भ बाग रन क मरए अऩनी सहभनत द दी | जफ भय घय ऩय ऩता िरा कक भन साइककर स गरधाभ अभदावाद जान का वविाय फनामा ह अत तभ ११५० ककभी तक साइककर नहीॊ िरा ऩाओग | रककन भन कहा भ साइककर स ही गरधाभ जाऊॉ गा िाह ककतनी बी दयी कमो न हो औय हभ आठ साधक बाई सहायनऩय स २६ टदसमफय ९७ को साइककरो स यवाना हए | भागग भ िढ़ाई ऩय भझ जफ बी कोइ टदककत होती तो ऐसा रगता जस भयी साइककर को कोई ऩीछ स धकर यहा ह | भ भड़कय ऩीछ दखता तो कोई टदखामी नहीॊ ऩड़ता | ९ जनवयी को जफ हभ अभदावाद गरआशरभ भ ऩहॉि औय भन सफह अऩनी टाॉग दखी तो भ दॊग यह गम जो टाॉग ऩतरी हो गमी थी औय डॉकटयो न उस ठीक होन स भना कय टदमा था वह टाॉग बफपकर ठीक हो गमी थी | इस कऩा को दखकय भ िककत यह गमा भय साथी बी दॊग यह गम मह सफ गरकऩा क परसाद का िभतकाय था | भय आठो साथी भयी ऩतनी तथा ऑर इणणडमा भकतडकर इनसटीटमट टदपरी दवाया जाॉि क परभाणऩतर इस फात क साी ह |
-ननयॊकाय अगरवार
ववषणऩयी
अदबत यही भौनभॊटदय की साधना
ऩयभ ऩजम सदगरदव की कऩा स भझ टदनाॊक १८ स २४ भई १९९९ तक अभदावाद आशरभ क भौनभॊटदय भ साधना कयन का सअवसय मभरा | भौनभॊटदय भ साधना क ऩाॉिव टदन मानी २२ भई की याबतर को रगबग २ फज नीॊद भ ही भझ एक झटका रगा | रट यहन कक जसथनत भ ही भझ भहसस हआ कक कोई अदशम शकतकत भझ ऊऩय फहत ऊऩय उड़म र जा यही ह | ऊऩय उड़त हए जफ भन नीि झाॉककय दखा तो अऩन शयीय को उसी भौनभॊटदय भ चितत रटा हआ फखफय सोता हआ ऩामा | ऊऩय जहाॉ भझ र जामा गमा वहाॉ अरग ही छटा थी अजीफ औय अवणीम आकाश को बी बदकय भझ ऐस सथान ऩय ऩहॉिामा गमा था जहाॉ िायो तयप कोहया-ही-कोहया था जस शीश की छत ऩय ओस परी हो इतन भ दखता हॉ कक एक सबा रगी ह बफना शयीय की कवर आकनतमो की | जस यखाओॊ स भनषमरऩी आकनतमाॉ फनी हो | मह सफ कमा िर यहा था सभझ स ऩय था |
कछ ऩर क फाद व आकनतमाॉ सऩषट होन रगी | दवी-दवताओॊ क ऩॊज क भधम शीषग भ एक उचि आसन ऩय साात फाऩजी शॊकय बगवान फन हए करास ऩवगत ऩय ववयाजभान थ औय दवी-दवता कताय भ हाथ फाॉध खड़ थ | भ भक-सा होकय अऩरक नतरो स उनह दखता ही यहा कपय भॊतरभगध हो उनक ियणो भ चगय ऩड़ा | परात क ४ फज थ | अहा भन औय शयीय हपका-फ़पका रग यहा था मही जसथनत २४ भई की भधमयाबतर भ बी दोहयामी गमी | दसय टदन सफह ऩता िरा कक आज तो फाहय ननकरन का टदन ह मानी यवववाय २५ भई की सफह | फाहय ननकरन ऩय बावबया रदम गदगद कॊ ठ औय आखो भ आॉस मो रग यहा था कक जस ननजधाभ स फघय ककमा जा यहा हॉ | धनम ह वह बमभ
भौनभॊटदय भ साधना की वह रवमवसथा जहाॊ स ऩयभ आनॊद क सागय भ डफन की कॊ जी मभरती ह जी कयता ह बगवान ऐसा अवसय कपय स राम जजसस कक उसी भौनभॊटदय भ ऩन आॊतरयक आनॊद का यसऩान कय ऩाऊॉ |
-इनरनायामण शाह
१०३ यतनदीऩ-२ ननयारा नगय कानऩय
असाधम योग स भकतकत
सन १९९४ भ भयी ऩतरी टहयर को शयद ऩणणगभा क टदन फखाय आमा | डॉकटयो को
टदखामा तो ककसीन भररयमा कहकय दवाइमाॉ दी तो ककसीन टामपामड कहकय इराज शर ककमा तो ककसीन टामपामड औय भररयमा दोनो कहा | दवाई की एक खयाक रन स शयीय नीरा ऩड़ गमा औय सज गमा | शयीय भ खन की कभी स उस छ फोतर खन िढ़ामा गमा | इॊजन दन स ऩय शयीय को रकवा भाय गमा | ऩीठ क ऩीछ शमावरण जसा हो गमा | ऩीठ औय ऩय का एकस-य मरमा गमा | ऩय ऩय वजन फाॉधकय यखा गमा | डॉकटयो न उस वाम का फखाय तथा यकत का क सय फतामा औय कहा कक उसक रदम तो वापव िौड़ा हो गमा ह | अफ हभ टहमभत हाय गम | अफ ऩजमशरी क मसवाम औय कोई सहाया नहीॊ था | उस सभम टहयर न कहा भमभी भझ ऩजम फाऩ क ऩास र िरो | वहाॉ ठीक हो जाऊगी | ऩाॉि टदन तक टहयर ऩजमशरी की यट रगाती यही | हभ उस अभदावाद आशरभ भ फाऩ क ऩास र गम | फाऩ न कहा इस कछ नहीॊ हआ ह | उनहोन भझ औय टहयर को भॊतर टदमा एवॊ फड़दादा की परदकषणा कयन को कहा | हभन परदकषणा की औय टहयर ऩनरह टदन भ िरन-कफ़यन रगी | हभ फाऩ की इस करणा-कऩा का कण कस िकाम अबी तो हभ आशरभ भ ऩजमशरी क शरीियणो भ सऩरयवाय यहकय धनम हो यह ह |
-परपपर रवमास
बावनगय
वतगभान भ अभदावाद आशरभ भ सऩरयवाय सभवऩगत
ऩजम फाऩ का दशगन-सतसॊग ही जीवन का सचिा यतन ह
भझ िाय सार स ऩतर कक काभना थी औय भय भन भ हआ कक भयी मह काभना जरय ऩयी होगी | अभदावाद भ धमानमोग मशववय क दौयान ऐसा वविाय आमा कक फाऩ भझ अऩन ियणो भ फरामग | भन भ दढ़ शरदधा थी | इतन रोगो क फीि भ स फाऩ न तजऩणग दवषट भझ ऩय डारी सॊतय का परसाद टदमा औय भया बागम खर गमा | फचि क जनभ स ऩहर डॉकटयो न ऑऩयशन को कहा था रककन फाऩ क फतान क भताबफक भय घयवारो न भझ गाम क गोफय का यस वऩरामा औय शीघर ही फारक का जनभ हो गमा | सचिी शरदधा-बकतकत हो तो कमा असॊबव ह ऩजम फाऩ का दशगन-सतसॊग ही जीवन का सचिा यतन ह |
सचिी शरदधा-बकतकत स ऐसा यतन ऩानवार हभ सबी धनबागी ह |
-यखा ऩयभाय भीया योड़ भॊफई
कसट का िभतकाय
रवमाऩाय उधायी भ िर जान स भ हताश हो गमा था एवॊ अऩनी जजॊदगी स तॊग आकय आतभहतमा कयन की फात सोिन रगा था | भझ साध-भहातभाओॊ व सभाज क रोगो स घणा-सी हो गमी थी धभग व सभाज स भया ववशवास उठ िका था | एक टदन भयी सारी फाऩजी क सतसॊग कक दो कसट ववचध का ववधान एवॊ आणखय कफ तक र आमी औय उसन भझ सनन क मरए कहा | उसक कई परमास क फाद बी भन व कसट नहीॊ सनीॊ एवॊ भन-ही-भन उनह ढ़ोग कहकय कसटो क कतडबफ भ दार टदमा | भन इतना ऩयशान था कक यात को नीॊद आना फॊद हो गमा था | एक यात कफ़पभी गाना सनन का भन हआ | अॉधया होन की वजह स कसट ऩहिान न सका औय गरती स फाऩजी क सतसॊग की कसट हाथ भ आ गमी | भन उसीको सनना शर ककमा | कपय कमा था भयी आशा फॉधन रगी | भन शाॉत होन रगा | धीय-धीय सायी ऩीड़ाएॉ दय होती िरी गमीॊ | भय जीवन भ योशनी-ही-योशनी हो गमी | कपय तो भन ऩजम फाऩजी क सतसॊग की कई कसट सनीॊ औय सफको सनामीॊ |
तदनॊतय भन गाजजमाफाद भ फाऩजी स दीा बी गरहण की | रवमाऩाय की उधायी बी िकता हो गमी | फाऩजी की कऩा स अफ भझ कोई द ख नहीॊ ह | ह गरदव फस एक आऩ ही भय होकय यह औय भ आऩका ही होकय यहॉ |
-ओभपरकाश फजाज
टदपरी योड़ सहायनऩय उततय परदश
भझ ऩय फयसी सॊत की कऩा
सन १९९५ क जन भाह भ भ अऩन रड़क औय बतीज क साथ हरयदवाय धमानमोग मशववय भ बाग रन गमा | एक टदन जफ भ हय की ऩौड़ी ऩय सनान कयन गमा तो ऩानी क तज फहाव क कायण ऩय कपसरन स भया रड़का औय बतीजा दोनो अऩना सॊतरन खो फठ औय गॊगा भ फह गम | ऐसी सॊकट की घड़ी भ भ अऩना होश खो फठा | कमा करॉ भ पट-पटकय योन रगा औय फाऩजी स पराथगना कयन रगा कक ह नाथ ह गरदव या कीजजम भय फचिो को फिा रीजजम | अफ आऩका ही सहाया ह | ऩजमशरी न भय सचि रदम स ननकरी ऩकाय सन री औय उसी सभम भया रड़का भझ टदखामी टदमा | भन झऩटकय उसको फाहय खीॊि मरमा रककन भया बतीजा तो ऩता नहीॊ कहाॉ फह गमा भ ननयॊतय यो यहा था औय भन भ फाय-फाय वविाय उठ यहा था कक फाऩजी भया रड़का फह जाता तो कोई फात नहीॊ थी रककन अऩन बाई की अभानत क बफना भ घय कमा भॉह
रकय जाऊॉ गा फाऩजी आऩही इस बकत की राज फिाओ | तबी गॊगाजी की एक तज रहय उस फचि को बी फाहय छोड़ गमी | भन रऩककय उस ऩकड़ मरमा | आज बी उस हादस को सभयण कयता हॉ तो अऩन-आऩको सॉबार नहीॊ ऩाता हॉ औय भयी आॉखो स ननयॊतय परभ की अशरधाया फहन रगती ह | धनम हआ भ ऐस गरदव को ऩाकय ऐस सदगरदव क शरीियणो भ भय फाय-फाय शत-शत परणाभ
-सभारखाॉ ऩानीऩत हरयमाणा
गरदव की कऩा स सॊतानपरानि
भयी शादी को ऩाॉि सार हो गम थ कपय बी कोई सॊतान नहीॊ हई | रोग हभ फहत तान भायत थ | तबी भन-ही-भन ननणगम र मरमा कक ऩजम फाऩ क आशरभ भ जाना ह | जनवयी १९९९ भ परथभ फाय उततयामण मशववय बया औय भॊतरदीा री | अफ गरदव कक कऩा स भझ एक सॊदय फारक पराि हआ ह | ऩजम फाऩजी की इतनी कऩा-करणा दखकय रदम बय आता ह | भ ऩजम फाऩजी स पराथगना कयती हॉ कक मह फारक उनह सभवऩगत कय सकॊ औय मह उनक मोगम फनसक ऐसी सदफवदध हभ द |
-ननभगरा क तड़वी काॊनतबाई हीयाबाई तडवी याभजी भॊटदय क ऩास कायरी फाग वड़ोदया
गरकऩा स जीवनदान
टदनाॊक १५-१-९६ की घटना ह | भन धात क ताय ऩय सखन क मरए कऩड़ परा यख थ |
फारयश होन क कायण उस ताय भ कयॊट आ गमा था | भया छोटा ऩतर ववशार जो कक ११ वीॊ का भ ऩढ़ता ह आकय उस ताय स छ गमा औय बफजरी का कयॊट रगत ही वह फहोश हो गमा शव क सभान हो गमा | हभन उस तयॊत फड़ असऩतार भ दाणखर कयवामा | डॉकटय न फचि की हारत गॊबीय फतामी | ऐसी ऩरयजसथनत दखकय भयी आॉखो स अशरधायाएॉ फह ननकरी | भ ननजानॊद की भसती भ भसत यहन वार ऩजम सदगरदव को भन-ही-भन माद ककमा औय पराथगना कक ह गरदव अफ तो इस फचि का जीवन आऩक ही हाथो भ ह | ह भय परब आऩ जो िाह सो कय सकत ह | औय आणखय भयी पराथगना सपर हई | फचि भ एक नवीन ितना का सॊिाय हआ एवॊ धीय-धीय फचि क सवासम भ
सधाय होन रगा | कछ ही टदनो भ वह ऩणगत सवसथ हो गमा | डॉकटय न तो उऩिाय ककमा रककन जो जीवनदान उस पमाय परब की कऩा स सदगरदव की कऩा स मभरा उसका वणगन कयन क मरए भय ऩास शबद नहीॊ ह | फस ईशवय स भ मही पराथगना कयता हॉ कक ऐस बरहमननषठ सॊत-भहाऩरषो क परनत हभायी शरदधा भ ववदध होती यह | -
डॉ वाम ऩी कारया शाभरदास कॉरज बावनगय गजयात
ऩजम फाऩ जस सॊत दननमा को सवगग भ फदर सकत ह
भई १९९८ क अॊनतभ टदनो भ ऩजमशरी क इॊदौय परवास क दौयान ईयान क ववखमात कफ़जजमशमन शरी फफाक अगरानी बायत भ अधमाजतभक अनबवो की परानि आम हए थ |
ऩजमशरी क दशगन ऩाकय जफ उनहोन अधमाजतभक अनबवो को परीबत होत दखा तो व ऩॊिड़ आशरभ भ आमोजजत धमानमोग मशववय भ बी ऩहॉि गम | शरी अगरानी जो दो टदन रककय वाऩस रौटन वार थ व ऩय गमायह टदन तक ऩॊिड़ आशरभ भ रक यह | उनहोन ववधाथी मशववय भ सायसवतम भॊतर की दीा री एवॊ ववमशषट धमानमोग साधना मशववय (४ -१० जन १९९८) का बी राब मरमा | मशववय क दौयान शरी अगरानी न ऩजमशरी स भॊतरदीा बी र री | ऩजमशरी क साजननधम भ सॊपराि अनबनतमो क फाय भ बतरम सभािाय ऩतर ितना को दी हई बटवाताग भ शरी अगरानी कहत ह मटद ऩजम फाऩ जस सॊत हय दश भ हो जाम तो मह दननमा सवगग फन सकती ह | ऐस शाॊनत स फठ ऩाना हभाय मरए कटठन ह रककन जफ ऩजम फाऩजी जस भहाऩरषो क शरीियणो भ फठकय सतसॊग सनत ह तो ऐसा आनॊद आता ह कक सभम का कछ ऩता ही नहीॊ िरता | सिभि ऩजम फाऩ कोई साधायण सॊत नहीॊ ह |
-शरी फफाक अगरानी ववशवववखमात कफ़जजमशमन ईयान
फाऩजी का साजननधम गॊगा क ऩावन परवाह जसा ह
कर-कर कयती इस बागीयथी की धवर धाया क ककनाय ऩय ऩजम फाऩजी क साजननधम भ फठकय भ फड़ा ही आपहाटदत औय परभटदत हॉ आनॊटदत हॉ योभाॊचित हॊ | गॊगा बायत की सषमना नाड़ी ह | गॊगा बायत की सॊजीवनी ह | शरी ववषणजी क ियणो स ननकरकय बरहमाजी क कभॊड़र औय जटाधय क भाथ ऩय शोबामभान गॊगा बतरमोगमसवदधकायक ह |
ववषणजी क ियणो स ननकरी गॊगा बकतकत मोग की परतीनत कयाती ह औय मशवजी क भसतक ऩय जसथत गॊगा ऻान मोग की उचितय बमभका ऩय आरढ़ होन की खफय दती ह |
भझ ऐसा रग यहा ह कक आज फाऩजी क परविनो को सनकय भ गॊगा भ गोता रगा यहा हॉ कमोकक उनका परविन उनका सजननधम गॊगा क ऩावन परवाह जसा ह | व अरभसत फ़कीय ह | व फड़ सयर औय सहज ह | व जजतन ही ऊऩय स सयर ह उतन ही अॊतय भ गढ़ ह | उनभ टहभारम जसी उचिता ऩववतरता शरषठता ह औय सागयतर जसी गॊबीयता ह |
व याषड की अभपम धयोहय ह | उनह दखकय कवष-ऩयमऩया को फोध होता ह | गौतभ कणाद
जमभनी कवऩर दाद भीया कफीय यदास आटद सफ कबी-कबी उनभ टदखत ह |
य बाई कोई सतगर सॊत कहाव
जो ननन अरख रखाव धयती उखाड़ आकाश उखाड़
अधय भड़मा धाव |
शनम मशखय क ऩाय मशरा ऩय आसन अिर जभाव |
य बाई कोई सतगर सॊत कहाव
एक ऐस ऩावन साजननधम भ हभ फठ ह जो फड़ा दरगब औय सहज मोगसवरऩ ह | ऐस भहाऩरषो क मरए ऩॊकतकतमाॉ माद आ यही ह तभ िरो तो िर धयती िर अॊफय िर दननमा ऐस भहाऩरष िरत ह तो उनक मरए समग िॊर ताय गरह नतर आटद सफ अनकर हो जात ह | ऐस इजनरमातीत गणातीत बावातीत शबदातीत औय सफ अवसथाओॊ स ऩय ककनहीॊ भहाऩरषो क शरीियणो भ जफ फठत ह तो बागवत कहता ह
साधनाॊ दशगनॊ रोक सवगमसवदधकयॊ ऩयभ |
साध क दशगन भातर स वविाय ववबनत ववदवता शकतकत सहजता ननववगषमता परसननता मसवदधमाॉ औय आतभानॊद की परानि होती ह | दश क भहान सॊत महाॉ सहज ही आत ह बायत क सबी शॊकयािामग बी मशववय भ आत ह | अत भय भन भ बी वविाय आमा कक जहाॉ सफ जात ह वहाॉ जाना िाटहए कमोकक मही वह ठोय-टठकाना ह जहाॉ भन का अमबभान मभटामा जा सकता ह | ऐस भहाऩरषो क दशगन स कवर आनॊद औय भसती ही नहीॊ मभरती फजपक वह सफ कछ मभर जाता ह जो अमबरावषत ह आकाॊकषत ह रकषत ह | महाॉ भ करणा क
कभगठता क वववक-वयागम क ऻान क दशगन कय यहा हॉ | वयागम औय बकतकत क यण ऩोषण औय सॊवधगन क मरए मह सिकवषमो का उततभ ऻान भाना जाता ह | आज गॊगा कपय स
साकाय टदख यही ह तो व फाऩजी क वविाय औय वाणी भ टदख यही ह | अरभसतता सहजता उचिता शरषठता ऩववतरतता तीथग-सी शचिता मशश-सी सयरता तरणो-सा जोश वदधो-सा गाॊबीमग औय कवषमो जसा ऻानाफोध भझ जहाॉ हो यहा ह वह मह ऩॊडार ह | इस आनॊदनगय कहॉ मा परभनगय करणा का सागय कहॉ मा वविायो का सभनदय रककन इतना जरय कहॉगा कक भय भन का कोन-कोना आपहाटदत हो यहा ह | आऩ रोग फड़बागी ह जो ऐस भहाऩरष क शरीियणो भ फठ ह जहाॉ बागम का टदरवम रवमकतकतततव का ननभागण होता ह | जीवन की कतकतमता जहाॉ पराि हो सकती ह वह मही दय ह |
मभर तभ मभरी भॊजजर मभरा भकसद औय भददा बी |
न मभर तभ तो यह गमा भददा भकसद औय भॊजजर बी ||
आऩका मह बावयाजम औय परभयाजम दखकय भ िककत बी हॉ औय आनॊद का अनबव बी कय यहा हॉ | आऩक परनत भया ववशवास औय अटट ननषठा फढ़ इस हत भया नभन सवीकाय कय | भझ ऐसा रगता ह कक फाऩजी समग ह औय नायामण सवाभी एक ऐस दीऩ ह जो न फझ सकत ह न जराम जात ह |
-सवाभी अवधशानॊदजी हरयदवाय
सायसवतम भॊतर स हए अदबत राब
भन १९९८ भ ववधाथी उतथान मशववय सोनीऩत भ ऩजम गरदव स सायसवतम भॊतर की दीा री | दीा क फाद ननममभत भॊतरजऩ कयन स भ इतना कशागर फवदधवारा एवॊ सवावरॊफी हो गमा कक भन एक भहीन भ ही टमशन छोड़ दी औय सवमॊ खफ भहनत कयन रगा | भ सकर बी ऩदर आन-जान रगा जजसस भन सकर फस का ककयामा फिा मरमा |
भॊतर जाऩ क परबाव स भझ ९ वीॊ १० वीॊ ११ वीॊ की ऩयीाओॊ भ परथभ सथान पराि हआ |
१२ वीॊ की ऩयीा क सभम भया सवासम खयाफ होन क कायण भ जऩ ठीक स नहीॊ कय सका कपय बी ७९ परनतशत अॊको स ऩास हआ | उसक फाद इॊजजननमरयॊग की ऩरया भ बी उततीणग यहा |
-करदीऩ कभाय डी-२३४ वसट ववनोद नगय टदपरी
भ टदसमफय १९९९ भ छततीसगढ़ क बाटाऩाया भ ऩजम गरदव स सायसवतम भॊतर की दीा
री | ततऩशचात भ ननममभत रऩ स जऩ-धमान- पराणामाभ कयता था जजसस भझ फहत राब हआ | ऩजम फऩजी की कऩा औय सायसवतम भॊतर जाऩ क परबाव स भझ १२ वीॊ की फोड़ग की ऩरया भ ८४६ परनतशत अॊक मभर |
-ववयनर कभाय कौमशक
डोगयगाॉव जज याजनाॊदगाॉव (छग)
बौनतक मग क अॊधकाय भ ऻान की जमोनत ऩजम फाऩ
भादक ननमॊतरण बमयो बायत सयकाय क भहाननदशक शरी एिऩी कभाय ९ भई को अभदावाद आशरभ भ सतसॊग-कामगकरभ क दौयान ऩजम फाऩ स आशीवागद रन ऩहॉि | फड़ी ववनमरता एवॊ शरदधा क साथ उनहोन ऩजम फाऩ क परनत अऩन उदगाय भ कहा जजस रवमकतकत क ऩास वववक नहीॊ ह वह अऩन रकषम तक नहीॊ ऩहॉि सकता ह औय वववक को पराि कयन का साधन ऩजम आसायाभजी फाऩ जस भहान सॊतो का सतसॊग ह | ऩजम फाऩ स भया परथभ ऩरयिम टीवी क भाधमभ स हआ | ततऩशचात भझ आशरभ दवाय परकामशत कवष परसाद भामसक पराि हआ | उस सभम भझ रगा कक एक ओय जहाॉ इस बौनतक मग क अॊधकाय भ भानव बटक यहा ह वहीॊ दसयी ओय शाॊनत की भॊद-भॊद सगॊचधत वाम बी िर यही ह | मह ऩजम फाऩ क सतसॊग का ही परबाव ह | ऩजमशरी क दशगन कयन का जो सौबागम भझ पराि हआ ह इसस भ अऩन को कतकतम भानता हॉ | ऩजम फाऩ क शरीभख स जो अभत वषाग होती ह तथा इनक सतसॊग स कयोड़ो रदमो भ जो जमोनत जगती ह व इसी परकाय स जगती यह औय आन वार रॊफ सभम तक ऩजमशरी हभ सफ का भागगदशगन कयत यह मही भयी काभना ह | ऩजम फाऩ क शरीियणो भ भय परणाभ
-शरी एिऩी कभाय भहाननदशक भादक ननमॊतरण बमयो बायत सयकाय
गरकऩा ऐसी हई कक अॉधय तो कमा दय बी नहीॊ हई
ऩयभ कऩार फाऩजी क शरीियणो भ भय कोटट-कोटट वॊदन भ एक इसभाइरी खवाजा हॉ तथा अऩन धभग भ अकतडग हॉ | िाय वषग ऩवग कछ रोगो दवाया एक सननमोजजत मोजना फनाकय भझ जफयदसती भडगय कस का आयोऩी फना टदमा गमा था | इसस भझ कहीॊ शाॊनत नहीॊ मभर यही थी | २८ पयवयी १९९७ को भझ नागऩय भ आमोजजत फाऩजी क सतसॊग भ जान की परयणा मभरी औय ४ भािग १९९७ को भन फाऩजी स भॊतरदीा री | भ उनस भन-
ही-भन ववनती की कक ह गरदव भझ फिा रो | गरकऩा ऐसी हई कक ७ जनवयी १९९८ को भझ अदारत न ऩाक-साप फयी कय टदमा फाकी छ आयोवऩमो को सजा हई | धनम ह ऐस भय सदगर उनक शरीियणो भ भय कोटट-कोटट वनदन
-यहभान खान ननशान छाफड़ी (बफछआ) जज नछनदवाड़ा (भपर)
भजसरभ भटहरा को पराणदान
२७ मसतमफय २००० को जमऩय भ भय ननवास ऩय ऩजम फाऩ का आतभ-साातकाय टदवस
भनामा गमा जजसभ भय ऩड़ोस की भजसरभ भटहरा नाथी फहन क ऩनत शरी भाॉग खाॉ न बी ऩजम फाऩ की आयती की औय ियणाभत मरमा | ३-४ टदन फाद ही व भजसरभ दॊऩनत खवाजा साटहफ क उसग भ अजभय िर गम | टदनाॊक ४ अकटफय २००० को अजभय क उसग भ असाभाजजक ततवो न परसाद भ जहय फाॉट टदमा जजसस उसग भर भ आम कई दशगनाथी असवसथ हो गम औय कई भय बी गम | भय ऩड़ोस की नाथी फहन न बी वह परसाद खामा औय थोड़ी दय भ ही वह फहोश हो गमी | अजभय भ उसका उऩिाय ककमा गमा ककॊ त उस होश न आमा | दसय टदन ही उसका ऩनत उस अऩन घय र आमा | कॉरोनी क सबी ननवासी उसकी हारत दखकय कह यह थ कक अफ इसका फिना भजशकर ह | भ बी उस दखन गमा | वह फहोश ऩड़ी थी | भ जोय-जोय स हरय ॐ हरय ॐ का उचिायण ककमा तो वह थोड़ा टहरन रगी | भझ परयणा हई औय भ ऩन घय गमा | ऩजम फाऩ स पराथगना की | ३-४ घॊट फाद ही वह भटहरा ऐस उठकय खड़ी हो गमी भानो सोकय उठी हो | उस भटहरा न फतामा कक भय िािा ससय ऩीय ह औय उनहोन भय ऩनत क भॉह स फोरकय फतामा कक तभन २७ मसतमफय २००० को जजनक सतसॊग भ ऩानी वऩमा था उनहीॊ सपद दाढ़ीवार फाफा न तमह फिामा ह कसी करणा ह गरदव की
-जएर ऩयोटहत
८७ सपतान नगय जमऩय (याज)
उस भटहरा का ऩता ह -शरीभती नाथी
ऩतनी शरी भाॉग खाॉ १०० सपतान नगय गजगय की धड़ी नम साॊगानय योड़
जमऩय (याज)
हरयनाभ की पमारी न छड़ामी शयाफ की फोतर
सौबागमवश गत २६ टदसमफय १९९८ को ऩजमशरी क १६ मशषमो की एक टोरी टदपरी स हभाय गाॉव भ हरयनाभ का परिाय-परसाय कयन ऩहॉिी | भ फिऩन स ही भटदयाऩान धमरऩान व मशकाय कयन का शौकीन था | ऩजम फाऩ क मशषमो दवाया हभाय गाॉव भ जगह-जगह ऩय तीन टदन तक रगाताय हरयनाभ का कीतगन कयन स भझ बी हरयनाभ का यॊग रगता जा यहा था | उनक जान क एक टदन क ऩशचात शाभ क सभम योज की बाॊनत भन शयाफ की फोतर ननकारी | जस ही फोतर खोरन क मरए ढककन घभामा तो उस ढककन क घभन स भझ हरय ॐ हरय ॐ की धवनन सनामी दी | इस परकाय भन दो-तीन फाय ढककन घभामा औय हय फाय भझ हरय ॐ की धवनन सनामी दी | कछ दय फाद भ उठा तथा ऩजमशरी क एक मशषम क घय गमा | उनहोन थोड़ी दय भझ ऩजमशरी की अभतवाणी सनामी | अभतवाणी सनन क फाद भया रदम ऩकायन रगा कक इन दरवमगसनो को तमाग दॉ | भन तयॊत फोतर उठामी तथा जोय-स दय खत भ प क दी | ऐस सभथग व ऩयभ कऩार सदगरदव को भ रदम स परणाभ कयता हॉ जजनकी कऩा स मह अनोखी घटना भय जीवन भ घटी जजसस भया जीवन ऩरयवनतगत हआ |
-भोहन मसॊह बफषट
मबखमासन अपभोड़ा (उपर)
ऩय गाॉव की कामाऩरट
ऩजमशरी स टदनाॊक २७६९१ को दीा रन क फाद भन रवमवसनभकतकत क परिाय-परसाय का रकषम फना मरमा | भ एक फाय कौशरऩय (जज शाजाऩय) ऩहॉिा | वहाॉ क रोगो क रवमवसनी औय रड़ाई-झगड़ मकत जीवन को दखकय भन कहा आऩ रोग भनषम-जीवन सही अथग ही नहीॊ सभझत ह | एक फाय आऩ रोग ऩजम फाऩजी क दशगन कय र तो आऩको सही जीवन जीन की कॊ जी मभर जामगी | गाॉव वारो न भयी फात भान री औय दस रवमकतकत भय गाॉव ताजऩय आम | भन एक साधक को उनक साथ जनभाषटभी भहोतसव भ सयत बजा | ऩजम फाऩजी की उन ऩय कऩा फयसी औय सफको गरदीा मभर गमी | जफ व रोग अऩन गाॉव ऩहॉि तो सबी गाॉववामसमो को फड़ा कौतहर था कक ऩजम फाऩजी कस ह फाऩजी की रीराएॉ सनकय गाॉव क अनम रोगो भ बी ऩजम फाऩजी क परनत शरदधा जगी | उन दीकषत साधको न सबी गाॉववारो को सववधानसाय ऩजम फाऩजी क अरग-अरग आशरभो भ
बजकय दीा टदरवा दी | गाॉव क सबी रवमकतकत अऩन ऩय ऩरयवाय सटहत दीकषत हो िक ह | परतमक गरवाय को ऩय गाॉव भ एक सभम बोजन फनता ह | सबी रोग गरवाय का वरत यखत ह | कौशरऩय गाॉव क परबाव स आस-ऩास क गाॉववार एवॊ उनक रयशतदायो सटहत १००० रवमकतकतमो शयाफ छोड़कय दीा र री ह | गाॉव क इनतहास भ तीन-तीन ऩीढ़ी स कोई भॊटदय नहीॊ था | गाॉववारो न ५ राख रऩम रगाकय दो भॊटदय फनवाम ह | ऩया गाॉव रवमवसनभकत एवॊ बगवतबकत फन गमा ह मह ऩजम फाऩजी की कऩा नहीॊ तो औय कमा ह सफक तायणहाय ऩजम फाऩजी क शरीियणो भ कोटट-कोटट परणाभ
-शमाभ परजाऩनत (सऩयवाइजय नतरहन सॊघ) ताजऩय उजजन (भपर)
नतरबफ ॊद का िभतकाय
भया सौबागम ह कक भझ सॊतकऩा नतरबफॊद (आई डरॉपस) का िभतकाय दखन को मभरा |
एक सॊत फाफा मशवयाभदास उमर ८० वषग गीता कटटय तऩोवन झाड़ी सिसयोवय हरयदवाय भ यहत ह | उनकी दाटहनी आॉख क सपद भोनतम का ऑऩयशन शाॉनतकॊ ज हरयदवाय आमोजजत कमऩ भ हआ | कस बफगड़ गमा औय कार भोनतमा फन गमा | ददग यहन रगा औय योशनी घटन रगी | दोफाया बभाननद नतर चिककतसारम भ ऑऩयशन हआ | एबसपमट गरकोभा फतात हए कहा कक ऑऩयशन स मसयददग ठीक हो जामगा ऩय योशनी जाती यहगी | ऩयॊत अफ व फाफा सॊत शरी आसायाभजी आशरभ दवाय ननमभगत सॊतकऩा नतरबफॊद सफह-शाभ डार यह ह | भन उनक नतरो का ऩयीण ककमा | उनकी दाटहनी आॉख भ उॉगरी चगनन रामक योशनी वाऩस आ गमी ह | कार भोनतम का परशय नॉभगर ह | कोननगमा भ सजन नहीॊ ह | व कापी सॊतषट ह | व फतात ह आॉख ऩहर रार यहती थी ऩयॊत अफ नहीॊ ह | आशरभ क नतरबफॊद स कपऩनातीत राब हआ | फामीॊ आॉख भ बी उनह सपद भोनतमा फतामा गमा था औय सॊशम था कक शामद कारा भोनतमा बी ह | ऩय आज फामीॊ आॉख बी ठीक ह औय दोनो आॉखो का परशय बी नॉभगर ह | सपद भोनतमा नहीॊ ह औय योशनी कापी अचछी ह |
मह सॊतकऩा नतरफॊद का ववरण परबाव दखकय भ बी अऩन भयीजो को इसका उऩमोग कयन की सराह दॉगा |
-डॉ अननत कभाय अगरवार (नतरयोग ववशषऻ)
एभफीफीएस एभएस (नतर) डीओएभएस (आई) सीताऩय सहायनऩय (उपर)
ऩजमशरी की तसवीय स मभरी परयणा
सवगसभथग ऩयभ ऩजम शरी फाऩजी क ियणकभरो भ भया कोटट-कोटट नभन १९८४ क बकॊ ऩ स समऩणग उततय बफहाय भ कापी नकसान हआ था जजसकी िऩट भ हभाया घय बी था | ऩरयजसथनतवश भझ नौवी का भ ऩढ़ामी छोड़ दनी ऩड़ी | ककसी मभतर की सराह स भ नौकयी ढॉढ़न क मरए टदपरी गमा रककन वहाॉ बी ननयाशा ही हाथ रगी | भ दो टदन स बखा तो था ही ऊऩय स नौकयी की चिॊता | अत आतभहतमा का वविाय कयक यरव सटशन की ओय िर ऩड़ा | यानीफाग फाजाय भ एक दकान ऩय ऩजमशरी का सतसाटहतम
कसट आटद यखा हआ था एवॊ ऩजमशरी की फड़ आकाय की तसवीय बी टॉगी थी | ऩजमशरी की हॉसभख एवॊ आशीवागद की भरावारी उस तसवीय ऩय भयी नजय ऩड़ी तो १० मभनट तक भ वहीॊ सड़क ऩय स ही खड़-खड़ उस दखता यहा | उस वकत न जान भझ कमा मभर गमा भ काभ बर भजदयी का ही कयता हॉ रककन तफस रकय आज तक भय चितत भ फड़ी परसननता फनी हई ह | न जान भयी जजनदगी की कमा दशा होती अगय ऩजम फाऩजी की मवाधन सया ईशवय की ओय ननजशचनत जीवन ऩसतक औय कवष परसाद ऩबतरका हाथ न रगती ऩजमशरी की तसवीय स मभरी परयणा एवॊ उनक सतसाटहतम न भयी डफती नमा को भानो भझदाय स फिा मरमा | धनबागी ह साटहतम की सवा कयन वार जजनहोन भझ आतभहतमा क ऩाऩ स फिामा |
-भहश शाह
नायामणऩय दभया जज सीताभढ़ी (बफहाय)
भॊतर स राब
भयी भाॉ की हारत अिानक ऩागर जसी हो गमी थी भानो कोई बत-परत-डाककनी मा आसयी ततव उनभ घस गमा | भ फहत चिॊनतत हो गमा एवॊ एक साचधका फहन को पोन ककमा | उनहोन बत-परत बगान का भॊतर फतामा जजसका वणगन आशरभ स परकामशत आयोगमननचध ऩसतक भ बी ह | वह भॊतर इस परकाय ह
ॐ नभो बगवत रर बयवाम बतपरत म कर कर हॊ पट सवाहा |
इस भॊतर का ऩानी भ ननहायकय १०८ फाय जऩ ककमा औय वही ऩानी भाॉ को वऩरा टदमा |
तयॊत ही भाॉ शाॊनत स सो गमीॊ | दसय टदन बी इस भॊतर की ऩाॉि भारा कयक भाॉ को वह जर वऩरामा तो भाॉ बफपकर ठीक हो गमीॊ | ह भय साधक बाई-फहनो बत-परत बगान क
मरए अरा फाॉधॉ फरा फाॉधॉ ऐसा कयक झाड़-फ़ॉ क कयनवारो क िककय भ ऩड़न की जरयत नहीॊ ह | इसक मरए तो ऩजम फाऩजी का भॊतर ही तायणहाय ह | ऩजम फाऩजी क शरीियणो भ कोटट-कोटट परणाभ
-िॊऩकबाई एन ऩटर (अभरयका)
काभ करोध ऩय ववजम ऩामी
एक टदन भॊफई भर भ टटकट िककॊ ग कयत हए भ वातानकमरत फोगी भ ऩहॉिा | दखा तो भखभर की गददी ऩय टाट का आसन बफछाकय सवाभी शरी रीराशाहजी भहायाज सभाचधसथ ह | भझ आशचमग हआ कक जजन परथभ शरणी की वातानकमरत फोचगमो भ याजा-भहायाजा मातरा कयत ह ऐसी फोगी औय तीसयी शरणी की फोगी क फीि इन सॊत को कोई बद नहीॊ रगता | ऐसी फोचगमो भ बी व सभाचधसथ होत ह मह दखकय मसय झक जाता ह | भन ऩजम भहायाजशरी को परणाभ कयक कहा आऩ जस सॊतो क मरए तो सफ एक सभान ह |
हय हार भ एकयस यहकय आऩ भकतकत का आनॊद र सकत ह | रककन हभाय जस गरहसथो को कमा कयना िाटहए ताकक हभ बी आऩ जसी सभता फनाम यखकय जीवन जी सक
ऩजम भहायाजजी न कहा काभ औय करोध को त छोड़ द तो त बी जीवनभकत हो सकता ह | जहाॉ याभ तहॉ नहीॊ काभ जहाॉ काभ तहॉ नहीॊ याभ | औय करोध तो बाई बसभासय ह | वह तभाभ ऩणम को जराकय बसभ कय दता ह अॊतकयण को भमरन कय दता ह | भन कहा परब अगय आऩकी कऩा होगी तो भ काभ-करोध को छोड़ ऩाऊॉ गा | ऩजम भहायाजजी न कहा बाई कऩा ऐस थोड़ ही की जाती ह सॊतकऩा क साथ तया ऩरषाथग औय दढ़ता बी िाटहए | ऩहर त परनतऻा कय कक त जीवनऩमगनत काभ औय करोध स दय यहगा तो भ तझ आशीवागद दॉ | भन कहा भहायाजजी भ जीवनबय क मरए परनतऻा तो करॉ रककन उसका ऩारन न कय ऩाऊॉ तो झठा भाना जाऊॉ गा | ऩजम भहायाजजी न कहा अचछा ऩहर त भय सभ आठ टदन क मरए परनतऻा कय | कपय परनतऻा को एक-एक टदन फढ़त जाना | इस परकाय त उन फराओॊ स फि सकगा | ह कफर भन हाथ जोड़कय कफर ककमा | ऩजम भहायाजजी न आशीवागद दकय दो-िाय पर परसाद भ टदम | ऩजम भहायाजजी न भयी जो दो कभजोरयमाॉ थीॊ उन ऩय ही सीधा हभरा ककमा था | भझ आशचमग हआ कक अनम कोई बी दगगण छोड़न का न कहकय इन दो दगगणो क मरए ही उनहोन परनतऻा कमो कयवामी फाद भ भ इस याज स अवगत हआ |
दसय टदन भ ऩसनजय टरन भ कानऩय स आग जा यहा था | सफह क कयीफ नौ फज थ |
तीसयी शरणी की फोगी भ जाकय भन माबतरमो क टटकट जाॉिन का कामग शर ककमा | सफस
ऩहर फथग ऩय सोम हए एक मातरी क ऩास जाकय भन एक मातरी क ऩास जाकय भन टटकट टदखान को कहा तो वह गससा होकय भझ कहन रगा अॊधा ह दखता नहीॊ कक भ सो गमा हॉ भझ नीॊद स जगान का तझ कमा अचधकाय ह मह कोई यीत ह टटकट क फाय भ ऩछन की ऐसी ही अकर ह तयी ऐसा कछ-का-कछ वह फोरता ही गमा फोरता ही गमा | भ बी करोधाववषट होन रगा ककॊ त ऩजम भहायाजजी क सभ री हई परनतऻा भझ माद थी अत करोध को ऐस ऩी गमा भानो ववष की ऩकतड़मा भन उस कहा भहाशम आऩ ठीक ही कहत ह कक भझ फोरन की अकर नहीॊ ह बान नहीॊ ह | दखो भय म फार धऩ भ सपद हो गम ह | आऩभ फोरन की अकर अचधक ह नमरता ह तो कऩा कयक मसखाओॊ कक टटकट क मरए भझ ककस परकाय आऩस ऩछना िाटहए | भ रािाय हॉ कक डमटी क कायण भझ टटकट िक कयना ऩड़ यहा ह इसमरए भ आऩको कषट द यहा हॉ|
औय कफ़य भन खफ परभ स हाथ जोड़कय ववनती की बमा कऩा कयक कषट क मरए भझ भा कयो | भझ अऩना टटकट टदखामग भयी नमरता दखकय वह रजजजत हो गमा एवॊ तयॊत उठ फठा | जपदी-जपदी नीि उतयकय भझस भा भाॉगत हए कहन रगा भझ भाप कयना | भ नीॊद भ था | भन आऩको ऩहिाना नहीॊ था | अफ आऩ अऩन भॉह स भझ कह कक आऩन भझ भाफ़ ककमा मह दखकय भझ आनॊद औय सॊतोष हआ | भ सोिन रगा कक सॊतो की आऻा भानन भ ककतनी शकतकत औय टहत ननटहत ह सॊतो की करणा कसा िभतकारयक ऩरयणाभ राती ह वह रवमकतकत क पराकनतक सवबाव को बी जड़-भर स फदर सकती ह | अनमथा भझभ करोध को ननमॊतरण भ यखन की कोई शकतकत नहीॊ थी | भ ऩणगतमा असहाम था कपय बी भझ भहायाजजी की कऩा न ही सभथग फनामा | ऐस सॊतो क शरीियणो भ कोटट-कोटट नभसकाय
-शरी यीजभर
रयटामडग टीटी आई कानऩय
अनम अनबव
जरा हआ कागज
ऩवग रऩ भ एक फाय ऩयभहॊस ववशदधानॊदजी स आनॊदभमी भाॉ की ननकटता ऩानवार सपरमसदध ऩॊकतडत गोऩीनाथ कववयाज न ननवदन ककमा तयणीकानत ठाकय को अरौककक मसवदध पराि हई ह | व बफना दख मा बफना छए ही कागज भ मरखी हई फात ऩढ़ रत ह |
गरदव फोर तभ एक कागज ऩय कछ मरखो औय उसभ आग रगाकय जरा दो |
कववयाजजी न कागज ऩय कछ मरखा औय ऩयी तयह कागज जराकय हवा भ उड़ा टदमा |
उसक फाद गरदव न अऩन तककम क नीि स वही कागज ननकारकय कववयाजजी क आग यख टदमा | मह दखकय उनह फड़ा आशचमग हआ कक मह कागज वही था एवॊ जो उनहोन मरखा था वह बी उस ऩय उनहीॊ क सरख भ मरखा था औय साथ ही उसका उततय बी मरखा हआ दखा | जड़ता ऩशता औय ईशवयता का भर हभाया शयीय ह | जड़ शयीय को भ-भया भानन की ववतत जजतनी मभटती ह ऩाशवी वासनाओॊ की गराभी उतनी हटती ह औय हभाया ईशवयीम अॊश जजतना अचधक ववकमसत होता ह उतना ही मोग-साभमग ईशवयीम साभमग परकट होता ह | बायत क ऐस कई बकतो सॊतो औय मोचगमो क जीवन भ ईशवयीम साभमग दखा गमा ह अनबव ककमा गमा ह उसक ववषम भ सना गमा ह | धनम ह बायतबमभ भ यहनवार बायतीम सॊसकनत भ शरदधा-ववशवास यखनवार अऩन ईशवयीम अॊश को जगान की सवा-साधना कयनवार सवाभी ववशदधानॊदजी वषो की एकाॊत साधना औय वषो-वषो की गरसवा स अऩना दहाधमास औय ऩाशवी वासनाएॉ मभटाकय अऩन ईशवयीम
अॊश को ववकमसत कयनवार बायत क अनक भहाऩरषो भ स थ | उनक जीवन की औय बी अरौककक घटनाओॊ का वणगन आता ह | ऐस सतऩरषो क जीवन-िरयतर औय उनक जीवन भ घटटत घटनाएॉ ऩढ़न-सनन स हभ रोग बी अऩनी जड़ता एवॊ ऩशता स ऊऩय उठकय ईशवयीम अॊश को उबायन भ उतसाटहत होत ह | फहत ऊॉ िा काभ ह फड़ी शरदधा फड़ी सभझ फड़ा धमग िाटहए ईशवयीम साभमग को ऩणग रऩ स ववकमसत कयन भ | अफ आओ
िर आदय शॊकयािामग की ओय
नदी की धाया भड़ गमी
आदय शॊकयािामग की भाता ववमशषटा दवी अऩन करदवता कशव की ऩजा कयन जाती थीॊ | व ऩहर नदी भ सनान कयतीॊ औय कफ़य भॊटदय भ जाकय ऩजन कयतीॊ | एक टदन व परातकार ही ऩजन-साभगरी रकय भॊटदय की ओय गमीॊ ककॊ त सामॊकार तक घय नहीॊ रौटीॊ | शॊकयािामग की आम अबी सात-आठ वषग क भधम भ ही थी | व ईशवय क ऩयभ बकत औय ननषठावान थ | सामॊकार तक भाता क वाऩस न रौटन ऩय आिामग को फड़ी चिनता हई औय व उनह खोजन क मरए ननकर ऩड़ | भॊटदय क ननकट ऩहॉिकय उनहोन भाता को भागग भ ही भजचछगत ऩड़ दखा | उनहोन फहत दय तक भाता का उऩिाय ककमा तफ व होश भ आ सकीॊ |
नदी अचधक दय थी | वहाॉ तक ऩहॉिन भ भाता को फड़ा कषट होता था | आिामग न बगवान स भन-ही-भन पराथगना की कक परबो ककसी परकाय नदी की धाया को भोड़ दो जजसस कक
भाता ननकट ही सनान कय सक | व इस परकाय की पराथगना ननतम कयन रग | एक टदन उनहोन दखा कक नदी की धाया ककनाय की धयती को काटती-काटती भड़न रगी ह तथा कछ टदनो भ ही वह आिामग शॊकय क घय क ऩास फहन रगी | इस घटना न आिामग का अरौककक शकतकतसमऩनन होना परमसदध कय टदमा |
सकषभ शयीय स िोय का ऩीछा ककमा
हरयहय फाफा की फड़ी परमसवदध थी | एक फाय व हयऩारऩय सटशन ऩय थ | वहाॉ क सटशन भासटय न उनको एक िोय सऩदग ककमा | िोय न फाफा स कहा भहायाज भझ इतनी छटटी द दीजजम कक भ अऩन फार-फचिो का परफॊध कय आऊॉ | फाफा गाड़ी आन ऩय रौट आना | िोय िरा गमा | सटशन भासटय को ऩता िरा तो वह फाफा ऩय गभग हआ औय फोरा उसक फदर तमह जर की हवा खानी होगी | तभन जान-फझकय उस बगा टदमा ह | फाफा घफयाओ भत गाड़ी आन स ऩहर ही वह रौट आमगा | िोय की नीमत ठीक नहीॊ थी | वह जॊगर क भागग स अऻात सथान को बाग जाना िाहता था ककॊ त उस हय सभम मही परतीत होता यहा कक हरयहय फाफा डॊडा पटकायत हए उसक ऩीछ-ऩीछ िर आ यह ह | इसीमरए वह गाड़ी आन स ऩहर ही रौट आमा |
भॊगरी फाधा-ननवायण भॊतर
अॊ याॊ अॊ
इस भॊतर को १०८ फाय जऩन स करोध दय होता ह | जनभकनडरी भ भॊगरी मोग होन स जजनक वववाह न हो यह हो व २७ भॊगरवाय इस भॊतर का १०८ फाय जऩ कयत हए वरत यखकय हनभानजी ऩय मसॊदय का िोरा िढ़ाम | इसस भॊगर-फाधा का म होता ह |
सखऩवगक परसवकायक भॊतर
ऩहरा उऩाम
एॊ हीॊ बगवनत बगभामरनन िर िर भराभम भराभम ऩषऩॊ ववकासम ववकासम सवाहा |
इस भॊतर दवाया अमबभॊबतरत दध गमबगणी सतरी को वऩराम तो सखऩवगक परसव होगा |
दसया उऩाम
गमबगणी सतरी सवमॊ परसव क सभम जमबरा-जमबरा जऩ कय |
तीसया उऩाम
दशी गाम क गोफय का १२ स १५ मभरी यस ॐ नभो नायामणाम भॊतर का २१ फाय जऩ कयक ऩीन स बी परसव-फाधाएॉ दय होगी औय बफना ऑऩयशन क परसव होगा |
परसनत क सभम अभॊगर की आशॊका हो तो ननमन भॊतर का जऩ कय
सवगभॊगर भाॊगपम मशव सवागथग साचधक |
शयणम तरममफक गौयी नायामणी नभोSसतत ||
(दगागसिशती)
शकतकतशारी व गोय ऩतर की परानि क मरए
सगबागवसथा भ ढाक (ऩराश खाखया) का एक कोभर ऩतता घोटकय गौ-दगध क साथ योज सवन कयन स फारक शकतकतशारी औय गोया होता ह | भाता-वऩता बर कार-करट हो कपय बी फारक गोया होगा |
सदगर-भटहभा
गर बफन बव ननचध तय न कोई |
जौ फयॊचि सॊकय सभ होई ||
-सॊत तरसीदासजी
हरयहय आटदक जगत भ ऩजमदव जो कोम |
सदगर की ऩजा ककम सफकी ऩजा होम ||
-ननशचरदासजी भहायाज
सहजो कायज सॊसाय को गर बफन होत नाॉही |
हरय तो गर बफन कमा मभर सभझ र भन भाॉही ||
-सॊत कफीयजी सॊत
सयनन जो जन ऩय सो जन उधयनहाय | सॊत की ननॊदा नानका फहरय फहरय अवताय ||
-गर नानक दवजी
गरसवा सफ बागमो की जनभबमभ ह औय वह शोकाकर रोगो को बरहमभम कय दती ह |
गररऩी समग अववदयारऩी याबतर का नाश कयता ह औय ऻानाऻान रऩी मसतायो का रोऩ कयक फवदधभानो को आतभफोध का सटदन टदखाता ह |
-सॊत ऻानशवय भहायाज
सतम क कॊ टकभम भागग भ आऩको गर क मसवाम औय कोई भागगदशगन नहीॊ द सकता |
- सवाभी मशवानॊद सयसवती
ककतन ही याजा-भहायाजा हो गम औय होग सामजम भकतकत कोई नहीॊ द सकता | सचि याजा-भहायाज तो सॊत ही ह | जो उनकी शयण जाता ह वही सचिा सख औय सामजम भकतकत ऩाता ह |
-सभथग शरी याभदास सवाभी
भनषम िाह ककतना बी जऩ-तऩ कय मभ-ननमभो का ऩारन कय ऩयॊत जफ तक सदगर की कऩादवषट नहीॊ मभरती तफ तक सफ रवमथग ह |
-सवाभी याभतीथग
परटो कहत ह कक सकयात जस गर ऩाकय भ धनम हआ |
इभसगन न अऩन गर थोयो स जो पराि ककमा उसक भटहभागान भ व बावववबोय हो जात थ |
शरी याभकषण ऩयभहॊस ऩणगता का अनबव कयानवार अऩन सदगरदव की परशॊसा कयत नहीॊ अघात थ |
ऩजमऩाद सवाभी शरी रीराशाहजी भहायाज बी अऩन सदगरदव की माद भ सनह क आॉस
फहाकय गदगद कॊ ठ हो जात थ |
ऩजम फाऩजी बी अऩन सदगरदव की माद भ कस हो जात ह मह तो दखत ही फनता ह |
अफ हभ उनकी माद भ कस होत ह मह परशन ह | फटहभगख ननगय रोग कछ बी कह साधक को अऩन सदगर स कमा मभरता ह इस तो साधक ही जानत ह |
रडी भाटटगन क सहाग की या कयन अपगाननसतान भ परकट मशवजी
साध सॊग सॊसाय भ दरगब भनषम शयीय |
सतसॊग सववत ततव ह बतरववध ताऩ की ऩीय ||
भानव-दह मभरना दरगब ह औय मभर बी जाम तो आचधदववक आचधबौनतक औय आधमाजतभक म तीन ताऩ भनषम को तऩात यहत ह | ककॊ त भनषम-दह भ बी ऩववतरता हो सचिाई हो शदधता हो औय साध-सॊग मभर जाम तो म बतरववध ताऩ मभट जात ह |
सन १८७९ की फात ह | बायत भ बबरटटश शासन था उनहीॊ टदनो अॊगरजो न अपगाननसतान ऩय आकरभण कय टदमा | इस मदध का सॊिारन आगय भारवा बबरटटश छावनी क रजफ़टनट कनगर भाटटगन को सौऩा गमा था | कनगर भाटटगन सभम-सभम ऩय मदध-तर स अऩनी ऩतनी को कशरता क सभािाय बजता यहता था | मदध रॊफा िरा औय अफ तो सॊदश आन बी फॊद हो गम | रडी भाटटगन को चिॊता सतान रगी कक कहीॊ कछ अनथग न हो गमा हो अपगानी सननको न भय ऩनत को भाय न डारा हो | कदाचित ऩनत मदध भ शहीद हो गम तो भ जीकय कमा करॉ गी -मह सोिकय वह अनक शॊका-कशॊकाओॊ स नघयी यहती थी |
चिनतातय फनी वह एक टदन घोड़ ऩय फठकय घभन जा यही थी | भागग भ ककसी भॊटदय स आती हई शॊख व भॊतर धवनन न उस आकवषगत ककमा | वह एक ऩड़ स अऩना घोड़ा फाॉधकय भॊटदय भ गमी | फजनाथ भहादव क इस भॊटदय भ मशवऩजन भ ननभगन ऩॊकतडतो स उसन ऩछा आऩ रोग कमा कय यह ह एक वरदध बराहमण न कहा हभ बगवान मशव का ऩजन कय यह ह | रडी भाटटगन मशवऩजन की कमा भहतता ह बराहमण फटी बगवान मशव तो औढयदानी ह बोरनाथ ह | अऩन बकतो क सॊकट-ननवायण कयन भ व तननक बी दय नहीॊ कयत ह | बकत उनक दयफाय भ जो बी भनोकाभना रकय क आता ह उस व शीघर ऩयी कयत ह ककॊ त फटी तभ फहत चिजनतत औय उदास नजय आ यही हो कमा फात ह रडी भाटटगन भय ऩनतदव मदध भ गम ह औय ववगत कई टदनो स उनका कोई
सभािाय नहीॊ आमा ह | व मदध भ पॉ स गम ह मा भाय गम ह कछ ऩता नहीॊ िर यहा | भ उनकी ओय स फहत चिजनतत हॉ | इतना कहत हए रडी भाटटगन की आॉख नभ हो गमीॊ |
बराहमण तभ चिनता भत कयो फटी मशवजी का ऩजन कयो उनस पराथगना कयो रघररी कयवाओ | बगवान मशव तमहाय ऩनत का यण अवशम कयग |
ऩॊकतडतो की सराह ऩय उसन वहाॉ गमायह टदन का ॐ नभ मशवाम भॊतर स रघररी अनषठान परायॊब ककमा तथा परनतटदन बगवान मशव स अऩन ऩनत की या क मरए पराथगना कयन रगी कक ह बगवान मशव ह फजनाथ भहादव मटद भय ऩनत मदध स सकशर रौट आम तो भ आऩका मशखयफॊद भॊटदय फनवाऊॉ गी | रघररी की ऩणागहनत क टदन बागता हआ एक सॊदशवाहक मशवभॊटदय भ आमा औय रडी भाटटगन को एक मरपापा टदमा | उसन घफयात-घफयात वह मरपापा खोरा औय ऩढ़न रगी |
ऩतर भ उसक ऩनत न मरखा था हभ मदध भ यत थ औय तभ तक सॊदश बी बजत यह रककन आक ऩठानी सना न घय मरमा | बबरटटश सना कट भयती औय भ बी भय जाता |
ऐसी ववकट ऩरयजसथनत भ हभ नघय गम थ कक पराण फिाकय बागना बी अतमाचधक कटठन था | इतन भ भन दखा कक मदधबमभ भ बायत क कोई एक मोगी जजनकी फड़ी रमफी जटाएॉ ह हाथ भ तीन नोकवारा एक हचथमाय (बतरशर) इतनी तीवर गनत स घभ यहा था कक ऩठान सननक उनह दखकय बागन रग | उनकी कऩा स घय स हभ ननकरकय ऩठानो ऩय वाय कयन का भौका मभर गमा औय हभायी हाय की घकतड़माॉ अिानक जीत भ फदर गमीॊ | मह सफ बायत क उन फाघामफयधायी एवॊ तीन नोकवारा हचथमाय धायण ककम हए
(बतरशरधायी) मोगी क कायण ही समबव हआ | उनक भहातजसवी रवमकतकततव क परबाव स दखत-ही-दखत अपगाननसतान की ऩठानी सना बाग खड़ी हई औय व ऩयभ मोगी भझ
टहमभत दत हए कहन रग | घफयाओॊ नहीॊ | भ बगवान मशव हॉ तथा तमहायी ऩतनी की ऩजा स परसनन होकय तमहायी या कयन आमा हॉ उसक सहाग की या कयन आमा हॉ |
ऩतर ऩढ़त हए रडी भाटटगन की आॉखो स अववयत अशरधाया फहती जा यही थी उसका रदम अहोबाव स बय गमा औय वह बगवान मशव की परनतभा क समभख मसय यखकय पराथगना कयत-कयत यो ऩड़ी | कछ सिाह फाद उसका ऩनत कनगर भाटटगन आगय छावनी रौटा | ऩतनी न उस सायी फात सनात हए कहा आऩक सॊदश क अबाव भ भ चिजनतत हो उठी थी रककन बराहमणो की सराह स मशवऩजा भ रग गमी औय आऩकी या क मरए बगवान मशव स पराथगना कयन रगी | उन द खबॊजक भहादव न भयी पराथगना सनी औय आऩको सकशर रौटा टदमा | अफ तो ऩनत-ऩतनी दोनो ही ननममभत रऩ स फजनाथ भहादव क भॊटदय भ ऩजा-अिगना कयन रग | अऩनी ऩतनी की इचछा ऩय कनगर भाटटगन भ सन १८८३
भ ऩॊरह हजाय रऩम दकय फजनाथ भहादव भॊटदय का जीणोदवाय कयवामा जजसका मशरारख आज बी आगय भारवा क इस भॊटदय भ रगा ह | ऩय बायतबय भ अॊगरजो दवाय ननमभगत मह एकभातर टहनद भॊटदय ह |
मयोऩ जान स ऩवग रडी भाटटगन न ऩकतड़तो स कहा हभ अऩन घय भ बी बगवान मशव का भॊटदय फनामग तथा इन द ख-ननवायक दव की आजीवन ऩजा कयत यहग |
बगवान मशव भ बगवान कषण भ भाॉ अमफा भ आतभवतता सदगर भ सतता तो एक ही ह | आवशमकता ह अटर ववशवास की | एकररवम न गरभनत ग भ ववशवास कय वह पराि कय मरमा जो अजगन को कटठन रगा | आरणण उऩभनम रव परहराद आटद अनम सकड़ो उदायहण हभाय साभन परतम ह | आज बी इस परकाय का सहमोग हजायो बकतो को साधको को बगवान व आतभवतता सदगरओॊ क दवाया ननयनतय पराि होता यहता ह | आवशमकता ह तो फस कवर ववशवास की |
भहाभतमॊजम भॊतर
ॐ हौ जॉ स |
ॐ बबगव सव |
ॐ तरममफकॊ मजाभह सगॊचध ॊ ऩवषटवधगनभ |
उवागरकमभव फनधनानभतमोभगीम भाभतात |
सव भव ब ॐ |
स जॉ हौ ॐ |
बगवान मशव का मह भहाभतमॊजम जऩन स अकार भतम तो टरती ही ह आयोगमता की बी परानि होती ह | सनान कयत सभम शयीय ऩय रोट स ऩानी डारत वकत इस भॊतर का जऩ कयन स सवासम-राब होता ह | दध भ ननहायत हए इस भॊतर का जाऩ ककमा जाम औय कपय वह दध ऩी मरमा जम तो मौवन की सया भ बी सहामता मभरती ह | आजकर की तज यफ़तायवारी जजनदगी भ कहाॉ आतॊक उऩरव दघगटना हो जाम कहना भजशकर ह | घय स ननकरत सभम एक फाय मह भॊतर जऩनवारा इन उऩदरवो स सयकषत यहता ह औय सयकषत घय रौटता ह | (इस भॊतरानषठान क ववचध-ववधान की ववसतत जानकायी क मरए आशरभ दवाया परकामशत आयोगमननचध ऩसतक ऩढ़ |) शरीभदबागवत क आठव सकॊ ध भ तीसय अधमाम क शलोक १ स ३३ तक भ वणणगत गजनरभो सतोतर का ऩाठ कयन स तभाभ
ववधन दय होत ह |
कपय भयी ऩतनी न फटी स कहा अगय त सॊकपऩ कय कक जफ तीसयी फाय परसती होगी तफ तभ फारक की जीब ऩय फाऩजी क फतान क भताबफक bdquoॐ‟ मरखोगी तो तया फारक जीववत यहगा ऐसा भझ ववशवास ह कमोकक ॐकाय भॊतर भ ऩयभानॊदसवरऩ परब ववयाजभान ह | भयी फटी न इस परकाय भनौती भानी औय सभम ऩाकय वह गबगवती हई | सोनोगराफ़ी कयवामी गमी तो डॉकटयो न फतामा गबग भ फचिी ह औय उसक टदभाग भ ऩानी बया हआ ह | वह जजॊदा नहीॊ यह सकगी | गबगऩात कयवा दो | भयी फटी न अऩनी भाॉ स सराह की | उसकी भाॉ न कहा गबगऩात का भहाऩाऩ नहीॊ कयवाना ह | जो होगा दखा जामगा |
गरदव कऩा कयग | जफ परसती हई तो बफपकर पराकनतक ढ़ॊग स हई औय उस फचिी की जीब ऩय शहद एवॊ मभशरी स ॐ मरखा गमा | आज वह बफपकर ठीक ह | जफ उसकी डॉकटयी जाॉि कयवामी गमी तो डॉकटय आशचमग भ ऩड़ गम सोनोगराफ़ी भ जो फीभारयमाॉ टदख यही थीॊ व कहाॉ िरी गमीॊ टदभाग का ऩानी कहाॉ िरा गमा टहनदजा हॉजसऩटरवार मह करयशभा दखकय दॊग यह गम अफ घय भ जफ कोई दसयी कोई कसट िरती ह तो वह फचिी इशाया कयक कहती ह ॐवारी कसट िराओ | वऩछरी ऩनभ को हभ भॊफई स टाटा सभो भ आ यह थ | फाढ़ क ऩानी क कायण यासता फॊद था | हभ सोि भ ऩड़ गम कक ऩनभ का ननमभ टटगा | हभन गरदव का सभयण ककमा | इतन भ हभाय डराइवय न हभस ऩछा जान दॉ हभन बी गरदव का सभयण कयक कहा जान दो औय हरय हरय ॐ कीतगन की कसट रगा दो | गाड़ी आग िरी | इतना ऩानी कक हभ जहाॉ फठ थ वहाॉ तक ऩानी आ गमा | कपय बी हभ गरदव क ऩास सकशर ऩहॉि गम औय उनक दशगन ककम|
-भयायीरार अगरवार
साॊताकरज भॊफई
औय गरदव की कऩा फयसी
जफस सयत आशरभ की सथाऩना हई तफस भ गरदव क दशगन कयत आ यहा हॉ उनकी अभतवाणी सनता आ यहा हॉ | भझ ऩजमशरी स भॊतरदीा बी मभरी ह | परायबधवश एक टदन भय साथ एक बमॊकय दघगटना घटी | डॉकटय कहत थ आऩका एक हाथ अफ काभ नहीॊ कयगा | भ अऩना भानमसक जऩ भनोफर स कयता यहा | अफ हाथ बफपकर ठीक ह | उसस भ ७० ककगरा वजन उठा सकता हॉ | भयी सभसमा थी कक शादी होन क फाद भझ कोई सॊतान नहीॊ थी | डॉकटय कहत थ कक सॊतान नहीॊ हो सकती | हभ रोगो न गरकऩा एवॊ गरभॊतर का सहाया मरमा धमानमोग मशववय भ आम औय गरदव की कऩा फयसी | अफ
हभायी तीन सॊतान ह दो ऩबतरमाॉ औय एक ऩतर | गरदव न ही फड़ी फटी का नाभ गोऩी औय फट का नाभ हरयककशन यखा ह | जम हो सदगरदव की
-हॉसभख काॊनतरार भोदी ५७ अऩना घय सोसामटी सॊदय योड़ सयत
कसट-शरवण स बकतकत का सागय टहरोय रन रगा
भ हय सार गमभगमो भ कबी फरीनाथ तो कबी कदायनाथ तो कबी गॊगोतरी आटद तीथो भ जाता यहता था | रवषकश भ एक दकान क ऩास खड़ यहन ऩय भझ ऩजम गरदव की अभतवाणी की कसट भो का भागग भौत की भौत तीन फात आटद दखन-सनन को मभरीॊ तो भन म कसट खयीद रीॊ | घय ऩहॉिकय कसट सनन क फाद रदम भ बकतकत का सागय टहरोय रन रगा | भझ ऐसा रगा भानो कोई भझ फरा यहा हो | दकान जात सभम ऐसा आबास हआ कक कोई ऩवग आनवारा ह औय भझ अभदावाद जाना होगा उसी टदन अभदावाद आशरभ स भय ऩतर का जवाफ आमा कक टदनाॊक १२ को गरऩनभ का ऩवग ह |
आऩ गरदव क दशगन कय सकत ह | हभ सऩरयवाय आशरभ ऩहॉि | दशगन कयक धनम हए |
दीा ऩाकय कताथग हए | अफ तो हय भहीन जफ तक गरदव क दशगन नहीॊ कयता तफ तक भझ ऐसा रगता ह कक भन कछ खो टदमा ह | दीा क फाद साधन-बजन फढ़ यहा ह बकतकत फढ़ यही ह | ऩहर सॊसाय भ सपरता-ववपरता की जो िोट रगती थी अफ उनका परबाव कभ हआ ह | ववषम-ववकायो का परबाव कभ हआ ह | जान जीव तफ जागा हरय ऩद रचि ववषम ववरास ववयागा भय जीवन भ सॊत तरसीदासजी क इन विनो का समोदम हो यहा ह |
-मशवकभाय तरसमान
गोयखऩय उततय परदश
गरदव न बजा अमऩातर
हभ परिायमातरा क दौयान गरकऩा का जो अदबत अनबव हआ वह अवणगनीम ह | मातरा की शरआत स ऩहर टदनाॊक ८-११-९९ को हभ ऩजम गरदव क आशीवागद रन गम |
गरदव न कामगकरभ क ववषम भ ऩछा औय कहा ऩॊिड़ आशरभ (यतराभ) भ बॊडाया था |
उसभ फहत साभान फि गमा ह | गाड़ी बजकय भॉगवा रना गयीफो भ फाॉटना | हभ झाफआ जजर क आस-ऩास क गयीफ आटदवासी इराको भ जानवार थ | वहाॉ स यतराभ क
मरए गाड़ी बजी | चगनकय साभान बया गमा | दो टदन िर उतना साभान था | एक टदन भ दो बॊडाय होत थ | अत िाय बॊडाय का साभान था | सफन खपर हाथो फतगन कऩड़ साकतड़माॉ धोती आटद साभान छ टदनो तक फाॉटा कपय बी साभान फिा यहा | सफको आशचमग हआ हभ रोग साभान कपय स चगनन रग ऩयॊत गरदव की रीरा क ववषम भ कमा कह
कवर दो टदन िर उतना साभान छ टदनो तक खपर हाथो फाॉटा कपय बी अॊत भ तीन
फोय फतगन फि गम भानो गरदव न अमऩातर बजा हो एक टदन शाभ को बॊडाया ऩया हआ तफ दखा कक एक ऩतीरा िावर फि गमा ह | कयीफ १००-१२५ रोग खा सक उतन िावर थ | हभन सोिा िावर गाॉव भ फाॊट दत ह | ऩयॊत गरदव की रीरा दखो एक गाॉव क फदर ऩाॉि गाॉवो भ फाॉट कपय बी िावर फि यह | आणखय याबतर भ ९ फज क फाद सवाधारयमो न थककय गरदव स पराथगना की कक गरदव अफ जॊगर का ववसताय ह हभ ऩय कऩा कयो | औय िावर खतभ हए | कपय सवाधायी ननवास ऩय ऩहॉि |
-सॊत शरी आसायाभजी बकतभॊडर
कतायगाभ सयत
सवपन भ टदम हए वयदान स ऩतरपरानि
भय गरहसथ जीवन भ एक-एक कयक तीन कनमाएॉ जनभी | ऩतरपरानि क मरए भयी धभगऩतनी न गरदव स आशीवागद पराि ककमा था | िौथी परसनत होन क ऩहर जफ उसन वरसाड़ भ सोनोगराफ़ी कयवामी तो रयऩोटग भ रड़की फतामा गमा | मह सनकय हभ ननयाश हो गम |
एक यात ऩतनी को सवपन भ गरदव न दशगन टदम औय कहा फटी चिॊता भत कय |
घफयाना भत धीयज यख | रड़का ही होगा | हभन सयत आशरभ भ फड़दादा की ऩरयकरभा कयक भनौती भानी थी वह बी फ़रीबत हई औय गरदव का बरहमवाकम बी सतम साबफत हआ जफ परसनत होन ऩय रड़का हआ | सबी गरदव की जम-जमकाय कयन रग |
-सनीर कभाय याधशमाभ िौयमसमा दीऩकवाड़ी ककपरा ऩायड़ी जज वरसाड़
शरी आसायाभामण क ऩाठ स जीवनदान
भया दस वषीम ऩतर एक यात अिानक फीभाय हो गमा | साॉस बी भजशकर स र यहा था |
जफ उस हॉजसऩटर भ बती ककमा तफ डॉकटय फोर | फचिा गॊबीय हारत भ ह | ऑऩयशन कयना ऩड़गा | भ फचि को हॉजसऩटर भ ही छोड़कय ऩस रन क मरए घय गमा औय घय
भ सबी को कहा ldquoआऩ रोग शरी आसायाभामण का ऩाठ शर कयो |rdquo ऩाठ होन रगा |
थोड़ी दय फाद भ हॉजसऩटर ऩहॉिा | वहाॉ दखा तो फचिा हॉस-खर यहा था | मह दख भयी औय घयवारो की खशी का टठकाना न यहा मह सफ फाऩजी की असीभ कऩा गर-गोववनद की कऩा औय शरी आसायाभामण-ऩाठ का पर ह |
-सनीर िाॊडक
अभयावती भहायाषड
गरवाणी ऩय ववशवास स अवणीम राब
शादी होन ऩय एक ऩतरी क फाद सात सार तक कोई सॊतान नहीॊ हई | हभाय भन भ ऩतरपरानि की इचछा थी | १९९९ क मशववय भ हभ सॊतानपरानि का आशीवागद रनवारो की ऩॊकतकत भ फठ | फाऩजी आशीवागद दन क मरए साधको क फीि आम तो कछ साधक नासभझी स कछ ऐस परशन कय फठ जो उनह नहीॊ कयन िाटहए थ | गरदव नायाज होकय मह कहकय िर गम कक तभको सॊतवाणी ऩय ववशवास नहीॊ ह तो तभ रोग महाॉ कमो आम तमह डॉकटय क ऩास जाना िाटहए था | कपय गरदव हभाय ऩास नहीॊ आम | सबी पराथगना कयत यह ऩय गरदव रवमासऩीठ स फोर दफाया तीन मशववय बयना | भ भन भ सोि यहा था कक कछ साधको क कायण भझ आशीवागद नहीॊ मभर ऩामा ऩयॊत वजरादवऩ कठोयाणण भदनन कसभादवऩ फाहय स वजर स बी कठोय टदखन वार सदगर बीतय स पर स बी कोभर होत ह | तयॊत गरदव ववनोद कयत हए फोर दखो म रोग सॊतानपरानि का आशीवागद रन आम ह | कस ठनठनऩार-स फठ ह अफ जाओ झरा-झनझना रकय घय जाओ | भन औय भयी ऩतनी न आऩस भ वविाय ककमा दमार गरदव न आणखय आशीवागद द ही टदमा | अफ गरदव न कहा ह कक झरा-झनझना र जाओ | तो भन गरविन भानकय यरव सटशन स एक झनझना खयीद मरमा औय गवामरमय आकय गरदव क चितर क ऩास यख टदमा | भझ वहाॉ स आन क १५ टदन फाद डॉकटय दवाया भारभ हआ कक ऩतनी गबगवती ह | भन गरदव को भन-ही-भन परणाभ ककमा | इस फीि डॉकटयो न सराह दी कक रड़का ह मा रड़की इसकी जाॉि कया रो | भन फड़ ववशवास स कहा कक रड़का ही होगा | अगय रड़की बी हई तो भझ कोई आऩवतत नहीॊ ह | भझ गबगऩात का ऩाऩ अऩन मसय ऩय नहीॊ रना ह | नौ भाह तक भयी ऩतनी बी सवसथ यही | हरयदवाय मशववय भ बी हभ रोग गम | सभम आन ऩय गरदव दवाया फताम गम इराज क भताबफक गाम क गोफय का यस ऩतनी को टदमा औय टदनाॊक २७ अकतफय १९९९ को एक सवसथ फारक का जनभ हआ |
-याजनर कभाय वाजऩमी अिगना वाजऩमी फरवॊत नगय ढाढीऩय भयाया गवामरमय
औय सोना मभर गमा
हभाय सॊमकत ऩरयवाय भ साठ तोरा सोना िोयी हो गमा था | सतसॊगी होन क कायण हभ द ख तो नहीॊ हआ कपय बी थोडी-फहत चिनता अवशम हई | आशरभ क एक साधक न हभस कहा | आऩ रोग शरी आसायाभामण क १०८ ऩाठ कयो औय सॊकपऩ कयो कक हभाया सोना हभ जरय मभरगा | मभनाऩाय टदपरी भ गरदव का आगभन हआ | हभ शाभ को गरदव क दशगन कयन गम | हभन कछ कहा नहीॊ कमोकक गरदव अॊतमागभी ह | उनहोन हभको परसाद टदमा | उसी यात घय ऩय पोन आमा कक आऩका सोना मभर गमा ह | िोय रखनऊ भ ऩकड़ा गमा ह | हभ आशचमग हआ शरी आसायाभामण क १०८ ऩाठ ऩय बी नहीॊ हए थ औय सोना मभर गमा |
-रीना फटानी यानीफाग टदपरी
सवपर क दो टकड़ो स दो सॊतान
भन सन १९९१ भ िटीिॊड मशववय अभदावाद भ ऩजम फाऩजी स भॊतरदीा री थी | भयी शादी क १० वषग तक भख कोई सॊतान नहीॊ हई | फहत इराज कयवाम रककन सबी डॉकटयो न फतामा कक फारक होन की कोई सॊबावना नहीॊ ह | तफ भन ऩजम फाऩजी क ऩनभ दशगन का वरत मरमा औय फाॉसवाड़ा भ ऩनभ दशगन क मरए गमा | ऩजम फाऩजी सफको परसाद द यह थ | भन भन भ सोिा | कमा भ इतना ऩाऩी हॉ कक फाऩजी भयी तयप दखत तक नहीॊ इतन भ ऩजम फाऩजी कक दवषट भझ ऩय ऩड़ी औय उनहोन भझ दो मभनट तक दखा | कपय उनहोन एक सवपर रकय भझ ऩय प का जो भय दाम कॊ ध ऩय रगकय दो टकड़ो भ फॉट गमा | घय जाकय भन उस सवपर क दोनो बाग अऩनी ऩतनी को णखरा टदम | ऩजमशरी का कऩाऩणग परसाद खान स भयी ऩतनी गबगवती हो गमी | ननयीण कयान ऩय ऩता िरा कक उसको दो मसय वारा फारक उतऩनन होगा | डॉकटयो न फतामा उसका मसजरयमन कयना ऩड़गा अनमथा आऩकी ऩतनी क फिन की समबावना नहीॊ ह | मसजरयमन भ रगबग फीस हजाय रऩमो का खिग आमगा | भन ऩजम फाऩजी स पराथगना की ह फाऩजी आऩन ही पर टदमा था | अफ आऩ ही इस सॊकट का ननवायण कीजजम | कपय
भन फड़ फादशाह क साभन बी पराथगना की जफ भ असऩतार ऩहॉिॉ तो भयी ऩतनी की परसती सकशर हो जाम | उसक फाद जफ भ असऩतार ऩहॉिा तो भयी ऩतनी एक ऩतर औय एक ऩतरी को जनभ द िकी थी | ऩजमशरी क दवाया टदम गम पर स भझ एक की जगह दो सॊतानो की परानि हई |
-भकशबाई सोरॊकी शायदा भॊटदय सकर क ऩीछ
फावन िार वड़ोदया
साइककर स गरधाभ जान ऩय खयाफ टाॉग ठीक हो गमी
भयी फाॉमी टाॉग घटन स उऩय ऩतरी हो गमी थी | ऑर इणणडमा भकतडकर इनसटीटमट
टदपरी भ भ छ टदन तक यहा | वहाॉ जाॉि क फाद फतरामा गमा कक तमहायी यीढ़ की हडडी क ऩास कछ नस भय गमी ह जजसस मह टाॉग ऩतरी हो गमी ह | मह ठीक तो हो ही नहीॊ सकती | हभ तमह ववटामभन ई क कपसर द यह ह | तभ इनह खात यहना | इसस टाॊग औय जमादा ऩतरी नहीॊ होगी | भन एक सार तक कपसर खाम | उसक फाद २२ जन
१९९७ को भजफ़फ़यनगय भ भन गरजी स भॊतरदीा री औय दवाई खाना फॊद कय दी | जफ एक साधक बाई याहर गिा न कहा कक सहायनऩय स साइककर दवाया उततयामण मशववय अभदावाद जान का कामगकरभ फन यहा ह तफ भन टाॉग क फाय भ सोि बफना साइककर मातरा भ बाग रन क मरए अऩनी सहभनत द दी | जफ भय घय ऩय ऩता िरा कक भन साइककर स गरधाभ अभदावाद जान का वविाय फनामा ह अत तभ ११५० ककभी तक साइककर नहीॊ िरा ऩाओग | रककन भन कहा भ साइककर स ही गरधाभ जाऊॉ गा िाह ककतनी बी दयी कमो न हो औय हभ आठ साधक बाई सहायनऩय स २६ टदसमफय ९७ को साइककरो स यवाना हए | भागग भ िढ़ाई ऩय भझ जफ बी कोइ टदककत होती तो ऐसा रगता जस भयी साइककर को कोई ऩीछ स धकर यहा ह | भ भड़कय ऩीछ दखता तो कोई टदखामी नहीॊ ऩड़ता | ९ जनवयी को जफ हभ अभदावाद गरआशरभ भ ऩहॉि औय भन सफह अऩनी टाॉग दखी तो भ दॊग यह गम जो टाॉग ऩतरी हो गमी थी औय डॉकटयो न उस ठीक होन स भना कय टदमा था वह टाॉग बफपकर ठीक हो गमी थी | इस कऩा को दखकय भ िककत यह गमा भय साथी बी दॊग यह गम मह सफ गरकऩा क परसाद का िभतकाय था | भय आठो साथी भयी ऩतनी तथा ऑर इणणडमा भकतडकर इनसटीटमट टदपरी दवाया जाॉि क परभाणऩतर इस फात क साी ह |
-ननयॊकाय अगरवार
ववषणऩयी
अदबत यही भौनभॊटदय की साधना
ऩयभ ऩजम सदगरदव की कऩा स भझ टदनाॊक १८ स २४ भई १९९९ तक अभदावाद आशरभ क भौनभॊटदय भ साधना कयन का सअवसय मभरा | भौनभॊटदय भ साधना क ऩाॉिव टदन मानी २२ भई की याबतर को रगबग २ फज नीॊद भ ही भझ एक झटका रगा | रट यहन कक जसथनत भ ही भझ भहसस हआ कक कोई अदशम शकतकत भझ ऊऩय फहत ऊऩय उड़म र जा यही ह | ऊऩय उड़त हए जफ भन नीि झाॉककय दखा तो अऩन शयीय को उसी भौनभॊटदय भ चितत रटा हआ फखफय सोता हआ ऩामा | ऊऩय जहाॉ भझ र जामा गमा वहाॉ अरग ही छटा थी अजीफ औय अवणीम आकाश को बी बदकय भझ ऐस सथान ऩय ऩहॉिामा गमा था जहाॉ िायो तयप कोहया-ही-कोहया था जस शीश की छत ऩय ओस परी हो इतन भ दखता हॉ कक एक सबा रगी ह बफना शयीय की कवर आकनतमो की | जस यखाओॊ स भनषमरऩी आकनतमाॉ फनी हो | मह सफ कमा िर यहा था सभझ स ऩय था |
कछ ऩर क फाद व आकनतमाॉ सऩषट होन रगी | दवी-दवताओॊ क ऩॊज क भधम शीषग भ एक उचि आसन ऩय साात फाऩजी शॊकय बगवान फन हए करास ऩवगत ऩय ववयाजभान थ औय दवी-दवता कताय भ हाथ फाॉध खड़ थ | भ भक-सा होकय अऩरक नतरो स उनह दखता ही यहा कपय भॊतरभगध हो उनक ियणो भ चगय ऩड़ा | परात क ४ फज थ | अहा भन औय शयीय हपका-फ़पका रग यहा था मही जसथनत २४ भई की भधमयाबतर भ बी दोहयामी गमी | दसय टदन सफह ऩता िरा कक आज तो फाहय ननकरन का टदन ह मानी यवववाय २५ भई की सफह | फाहय ननकरन ऩय बावबया रदम गदगद कॊ ठ औय आखो भ आॉस मो रग यहा था कक जस ननजधाभ स फघय ककमा जा यहा हॉ | धनम ह वह बमभ
भौनभॊटदय भ साधना की वह रवमवसथा जहाॊ स ऩयभ आनॊद क सागय भ डफन की कॊ जी मभरती ह जी कयता ह बगवान ऐसा अवसय कपय स राम जजसस कक उसी भौनभॊटदय भ ऩन आॊतरयक आनॊद का यसऩान कय ऩाऊॉ |
-इनरनायामण शाह
१०३ यतनदीऩ-२ ननयारा नगय कानऩय
असाधम योग स भकतकत
सन १९९४ भ भयी ऩतरी टहयर को शयद ऩणणगभा क टदन फखाय आमा | डॉकटयो को
टदखामा तो ककसीन भररयमा कहकय दवाइमाॉ दी तो ककसीन टामपामड कहकय इराज शर ककमा तो ककसीन टामपामड औय भररयमा दोनो कहा | दवाई की एक खयाक रन स शयीय नीरा ऩड़ गमा औय सज गमा | शयीय भ खन की कभी स उस छ फोतर खन िढ़ामा गमा | इॊजन दन स ऩय शयीय को रकवा भाय गमा | ऩीठ क ऩीछ शमावरण जसा हो गमा | ऩीठ औय ऩय का एकस-य मरमा गमा | ऩय ऩय वजन फाॉधकय यखा गमा | डॉकटयो न उस वाम का फखाय तथा यकत का क सय फतामा औय कहा कक उसक रदम तो वापव िौड़ा हो गमा ह | अफ हभ टहमभत हाय गम | अफ ऩजमशरी क मसवाम औय कोई सहाया नहीॊ था | उस सभम टहयर न कहा भमभी भझ ऩजम फाऩ क ऩास र िरो | वहाॉ ठीक हो जाऊगी | ऩाॉि टदन तक टहयर ऩजमशरी की यट रगाती यही | हभ उस अभदावाद आशरभ भ फाऩ क ऩास र गम | फाऩ न कहा इस कछ नहीॊ हआ ह | उनहोन भझ औय टहयर को भॊतर टदमा एवॊ फड़दादा की परदकषणा कयन को कहा | हभन परदकषणा की औय टहयर ऩनरह टदन भ िरन-कफ़यन रगी | हभ फाऩ की इस करणा-कऩा का कण कस िकाम अबी तो हभ आशरभ भ ऩजमशरी क शरीियणो भ सऩरयवाय यहकय धनम हो यह ह |
-परपपर रवमास
बावनगय
वतगभान भ अभदावाद आशरभ भ सऩरयवाय सभवऩगत
ऩजम फाऩ का दशगन-सतसॊग ही जीवन का सचिा यतन ह
भझ िाय सार स ऩतर कक काभना थी औय भय भन भ हआ कक भयी मह काभना जरय ऩयी होगी | अभदावाद भ धमानमोग मशववय क दौयान ऐसा वविाय आमा कक फाऩ भझ अऩन ियणो भ फरामग | भन भ दढ़ शरदधा थी | इतन रोगो क फीि भ स फाऩ न तजऩणग दवषट भझ ऩय डारी सॊतय का परसाद टदमा औय भया बागम खर गमा | फचि क जनभ स ऩहर डॉकटयो न ऑऩयशन को कहा था रककन फाऩ क फतान क भताबफक भय घयवारो न भझ गाम क गोफय का यस वऩरामा औय शीघर ही फारक का जनभ हो गमा | सचिी शरदधा-बकतकत हो तो कमा असॊबव ह ऩजम फाऩ का दशगन-सतसॊग ही जीवन का सचिा यतन ह |
सचिी शरदधा-बकतकत स ऐसा यतन ऩानवार हभ सबी धनबागी ह |
-यखा ऩयभाय भीया योड़ भॊफई
कसट का िभतकाय
रवमाऩाय उधायी भ िर जान स भ हताश हो गमा था एवॊ अऩनी जजॊदगी स तॊग आकय आतभहतमा कयन की फात सोिन रगा था | भझ साध-भहातभाओॊ व सभाज क रोगो स घणा-सी हो गमी थी धभग व सभाज स भया ववशवास उठ िका था | एक टदन भयी सारी फाऩजी क सतसॊग कक दो कसट ववचध का ववधान एवॊ आणखय कफ तक र आमी औय उसन भझ सनन क मरए कहा | उसक कई परमास क फाद बी भन व कसट नहीॊ सनीॊ एवॊ भन-ही-भन उनह ढ़ोग कहकय कसटो क कतडबफ भ दार टदमा | भन इतना ऩयशान था कक यात को नीॊद आना फॊद हो गमा था | एक यात कफ़पभी गाना सनन का भन हआ | अॉधया होन की वजह स कसट ऩहिान न सका औय गरती स फाऩजी क सतसॊग की कसट हाथ भ आ गमी | भन उसीको सनना शर ककमा | कपय कमा था भयी आशा फॉधन रगी | भन शाॉत होन रगा | धीय-धीय सायी ऩीड़ाएॉ दय होती िरी गमीॊ | भय जीवन भ योशनी-ही-योशनी हो गमी | कपय तो भन ऩजम फाऩजी क सतसॊग की कई कसट सनीॊ औय सफको सनामीॊ |
तदनॊतय भन गाजजमाफाद भ फाऩजी स दीा बी गरहण की | रवमाऩाय की उधायी बी िकता हो गमी | फाऩजी की कऩा स अफ भझ कोई द ख नहीॊ ह | ह गरदव फस एक आऩ ही भय होकय यह औय भ आऩका ही होकय यहॉ |
-ओभपरकाश फजाज
टदपरी योड़ सहायनऩय उततय परदश
भझ ऩय फयसी सॊत की कऩा
सन १९९५ क जन भाह भ भ अऩन रड़क औय बतीज क साथ हरयदवाय धमानमोग मशववय भ बाग रन गमा | एक टदन जफ भ हय की ऩौड़ी ऩय सनान कयन गमा तो ऩानी क तज फहाव क कायण ऩय कपसरन स भया रड़का औय बतीजा दोनो अऩना सॊतरन खो फठ औय गॊगा भ फह गम | ऐसी सॊकट की घड़ी भ भ अऩना होश खो फठा | कमा करॉ भ पट-पटकय योन रगा औय फाऩजी स पराथगना कयन रगा कक ह नाथ ह गरदव या कीजजम भय फचिो को फिा रीजजम | अफ आऩका ही सहाया ह | ऩजमशरी न भय सचि रदम स ननकरी ऩकाय सन री औय उसी सभम भया रड़का भझ टदखामी टदमा | भन झऩटकय उसको फाहय खीॊि मरमा रककन भया बतीजा तो ऩता नहीॊ कहाॉ फह गमा भ ननयॊतय यो यहा था औय भन भ फाय-फाय वविाय उठ यहा था कक फाऩजी भया रड़का फह जाता तो कोई फात नहीॊ थी रककन अऩन बाई की अभानत क बफना भ घय कमा भॉह
रकय जाऊॉ गा फाऩजी आऩही इस बकत की राज फिाओ | तबी गॊगाजी की एक तज रहय उस फचि को बी फाहय छोड़ गमी | भन रऩककय उस ऩकड़ मरमा | आज बी उस हादस को सभयण कयता हॉ तो अऩन-आऩको सॉबार नहीॊ ऩाता हॉ औय भयी आॉखो स ननयॊतय परभ की अशरधाया फहन रगती ह | धनम हआ भ ऐस गरदव को ऩाकय ऐस सदगरदव क शरीियणो भ भय फाय-फाय शत-शत परणाभ
-सभारखाॉ ऩानीऩत हरयमाणा
गरदव की कऩा स सॊतानपरानि
भयी शादी को ऩाॉि सार हो गम थ कपय बी कोई सॊतान नहीॊ हई | रोग हभ फहत तान भायत थ | तबी भन-ही-भन ननणगम र मरमा कक ऩजम फाऩ क आशरभ भ जाना ह | जनवयी १९९९ भ परथभ फाय उततयामण मशववय बया औय भॊतरदीा री | अफ गरदव कक कऩा स भझ एक सॊदय फारक पराि हआ ह | ऩजम फाऩजी की इतनी कऩा-करणा दखकय रदम बय आता ह | भ ऩजम फाऩजी स पराथगना कयती हॉ कक मह फारक उनह सभवऩगत कय सकॊ औय मह उनक मोगम फनसक ऐसी सदफवदध हभ द |
-ननभगरा क तड़वी काॊनतबाई हीयाबाई तडवी याभजी भॊटदय क ऩास कायरी फाग वड़ोदया
गरकऩा स जीवनदान
टदनाॊक १५-१-९६ की घटना ह | भन धात क ताय ऩय सखन क मरए कऩड़ परा यख थ |
फारयश होन क कायण उस ताय भ कयॊट आ गमा था | भया छोटा ऩतर ववशार जो कक ११ वीॊ का भ ऩढ़ता ह आकय उस ताय स छ गमा औय बफजरी का कयॊट रगत ही वह फहोश हो गमा शव क सभान हो गमा | हभन उस तयॊत फड़ असऩतार भ दाणखर कयवामा | डॉकटय न फचि की हारत गॊबीय फतामी | ऐसी ऩरयजसथनत दखकय भयी आॉखो स अशरधायाएॉ फह ननकरी | भ ननजानॊद की भसती भ भसत यहन वार ऩजम सदगरदव को भन-ही-भन माद ककमा औय पराथगना कक ह गरदव अफ तो इस फचि का जीवन आऩक ही हाथो भ ह | ह भय परब आऩ जो िाह सो कय सकत ह | औय आणखय भयी पराथगना सपर हई | फचि भ एक नवीन ितना का सॊिाय हआ एवॊ धीय-धीय फचि क सवासम भ
सधाय होन रगा | कछ ही टदनो भ वह ऩणगत सवसथ हो गमा | डॉकटय न तो उऩिाय ककमा रककन जो जीवनदान उस पमाय परब की कऩा स सदगरदव की कऩा स मभरा उसका वणगन कयन क मरए भय ऩास शबद नहीॊ ह | फस ईशवय स भ मही पराथगना कयता हॉ कक ऐस बरहमननषठ सॊत-भहाऩरषो क परनत हभायी शरदधा भ ववदध होती यह | -
डॉ वाम ऩी कारया शाभरदास कॉरज बावनगय गजयात
ऩजम फाऩ जस सॊत दननमा को सवगग भ फदर सकत ह
भई १९९८ क अॊनतभ टदनो भ ऩजमशरी क इॊदौय परवास क दौयान ईयान क ववखमात कफ़जजमशमन शरी फफाक अगरानी बायत भ अधमाजतभक अनबवो की परानि आम हए थ |
ऩजमशरी क दशगन ऩाकय जफ उनहोन अधमाजतभक अनबवो को परीबत होत दखा तो व ऩॊिड़ आशरभ भ आमोजजत धमानमोग मशववय भ बी ऩहॉि गम | शरी अगरानी जो दो टदन रककय वाऩस रौटन वार थ व ऩय गमायह टदन तक ऩॊिड़ आशरभ भ रक यह | उनहोन ववधाथी मशववय भ सायसवतम भॊतर की दीा री एवॊ ववमशषट धमानमोग साधना मशववय (४ -१० जन १९९८) का बी राब मरमा | मशववय क दौयान शरी अगरानी न ऩजमशरी स भॊतरदीा बी र री | ऩजमशरी क साजननधम भ सॊपराि अनबनतमो क फाय भ बतरम सभािाय ऩतर ितना को दी हई बटवाताग भ शरी अगरानी कहत ह मटद ऩजम फाऩ जस सॊत हय दश भ हो जाम तो मह दननमा सवगग फन सकती ह | ऐस शाॊनत स फठ ऩाना हभाय मरए कटठन ह रककन जफ ऩजम फाऩजी जस भहाऩरषो क शरीियणो भ फठकय सतसॊग सनत ह तो ऐसा आनॊद आता ह कक सभम का कछ ऩता ही नहीॊ िरता | सिभि ऩजम फाऩ कोई साधायण सॊत नहीॊ ह |
-शरी फफाक अगरानी ववशवववखमात कफ़जजमशमन ईयान
फाऩजी का साजननधम गॊगा क ऩावन परवाह जसा ह
कर-कर कयती इस बागीयथी की धवर धाया क ककनाय ऩय ऩजम फाऩजी क साजननधम भ फठकय भ फड़ा ही आपहाटदत औय परभटदत हॉ आनॊटदत हॉ योभाॊचित हॊ | गॊगा बायत की सषमना नाड़ी ह | गॊगा बायत की सॊजीवनी ह | शरी ववषणजी क ियणो स ननकरकय बरहमाजी क कभॊड़र औय जटाधय क भाथ ऩय शोबामभान गॊगा बतरमोगमसवदधकायक ह |
ववषणजी क ियणो स ननकरी गॊगा बकतकत मोग की परतीनत कयाती ह औय मशवजी क भसतक ऩय जसथत गॊगा ऻान मोग की उचितय बमभका ऩय आरढ़ होन की खफय दती ह |
भझ ऐसा रग यहा ह कक आज फाऩजी क परविनो को सनकय भ गॊगा भ गोता रगा यहा हॉ कमोकक उनका परविन उनका सजननधम गॊगा क ऩावन परवाह जसा ह | व अरभसत फ़कीय ह | व फड़ सयर औय सहज ह | व जजतन ही ऊऩय स सयर ह उतन ही अॊतय भ गढ़ ह | उनभ टहभारम जसी उचिता ऩववतरता शरषठता ह औय सागयतर जसी गॊबीयता ह |
व याषड की अभपम धयोहय ह | उनह दखकय कवष-ऩयमऩया को फोध होता ह | गौतभ कणाद
जमभनी कवऩर दाद भीया कफीय यदास आटद सफ कबी-कबी उनभ टदखत ह |
य बाई कोई सतगर सॊत कहाव
जो ननन अरख रखाव धयती उखाड़ आकाश उखाड़
अधय भड़मा धाव |
शनम मशखय क ऩाय मशरा ऩय आसन अिर जभाव |
य बाई कोई सतगर सॊत कहाव
एक ऐस ऩावन साजननधम भ हभ फठ ह जो फड़ा दरगब औय सहज मोगसवरऩ ह | ऐस भहाऩरषो क मरए ऩॊकतकतमाॉ माद आ यही ह तभ िरो तो िर धयती िर अॊफय िर दननमा ऐस भहाऩरष िरत ह तो उनक मरए समग िॊर ताय गरह नतर आटद सफ अनकर हो जात ह | ऐस इजनरमातीत गणातीत बावातीत शबदातीत औय सफ अवसथाओॊ स ऩय ककनहीॊ भहाऩरषो क शरीियणो भ जफ फठत ह तो बागवत कहता ह
साधनाॊ दशगनॊ रोक सवगमसवदधकयॊ ऩयभ |
साध क दशगन भातर स वविाय ववबनत ववदवता शकतकत सहजता ननववगषमता परसननता मसवदधमाॉ औय आतभानॊद की परानि होती ह | दश क भहान सॊत महाॉ सहज ही आत ह बायत क सबी शॊकयािामग बी मशववय भ आत ह | अत भय भन भ बी वविाय आमा कक जहाॉ सफ जात ह वहाॉ जाना िाटहए कमोकक मही वह ठोय-टठकाना ह जहाॉ भन का अमबभान मभटामा जा सकता ह | ऐस भहाऩरषो क दशगन स कवर आनॊद औय भसती ही नहीॊ मभरती फजपक वह सफ कछ मभर जाता ह जो अमबरावषत ह आकाॊकषत ह रकषत ह | महाॉ भ करणा क
कभगठता क वववक-वयागम क ऻान क दशगन कय यहा हॉ | वयागम औय बकतकत क यण ऩोषण औय सॊवधगन क मरए मह सिकवषमो का उततभ ऻान भाना जाता ह | आज गॊगा कपय स
साकाय टदख यही ह तो व फाऩजी क वविाय औय वाणी भ टदख यही ह | अरभसतता सहजता उचिता शरषठता ऩववतरतता तीथग-सी शचिता मशश-सी सयरता तरणो-सा जोश वदधो-सा गाॊबीमग औय कवषमो जसा ऻानाफोध भझ जहाॉ हो यहा ह वह मह ऩॊडार ह | इस आनॊदनगय कहॉ मा परभनगय करणा का सागय कहॉ मा वविायो का सभनदय रककन इतना जरय कहॉगा कक भय भन का कोन-कोना आपहाटदत हो यहा ह | आऩ रोग फड़बागी ह जो ऐस भहाऩरष क शरीियणो भ फठ ह जहाॉ बागम का टदरवम रवमकतकतततव का ननभागण होता ह | जीवन की कतकतमता जहाॉ पराि हो सकती ह वह मही दय ह |
मभर तभ मभरी भॊजजर मभरा भकसद औय भददा बी |
न मभर तभ तो यह गमा भददा भकसद औय भॊजजर बी ||
आऩका मह बावयाजम औय परभयाजम दखकय भ िककत बी हॉ औय आनॊद का अनबव बी कय यहा हॉ | आऩक परनत भया ववशवास औय अटट ननषठा फढ़ इस हत भया नभन सवीकाय कय | भझ ऐसा रगता ह कक फाऩजी समग ह औय नायामण सवाभी एक ऐस दीऩ ह जो न फझ सकत ह न जराम जात ह |
-सवाभी अवधशानॊदजी हरयदवाय
सायसवतम भॊतर स हए अदबत राब
भन १९९८ भ ववधाथी उतथान मशववय सोनीऩत भ ऩजम गरदव स सायसवतम भॊतर की दीा री | दीा क फाद ननममभत भॊतरजऩ कयन स भ इतना कशागर फवदधवारा एवॊ सवावरॊफी हो गमा कक भन एक भहीन भ ही टमशन छोड़ दी औय सवमॊ खफ भहनत कयन रगा | भ सकर बी ऩदर आन-जान रगा जजसस भन सकर फस का ककयामा फिा मरमा |
भॊतर जाऩ क परबाव स भझ ९ वीॊ १० वीॊ ११ वीॊ की ऩयीाओॊ भ परथभ सथान पराि हआ |
१२ वीॊ की ऩयीा क सभम भया सवासम खयाफ होन क कायण भ जऩ ठीक स नहीॊ कय सका कपय बी ७९ परनतशत अॊको स ऩास हआ | उसक फाद इॊजजननमरयॊग की ऩरया भ बी उततीणग यहा |
-करदीऩ कभाय डी-२३४ वसट ववनोद नगय टदपरी
भ टदसमफय १९९९ भ छततीसगढ़ क बाटाऩाया भ ऩजम गरदव स सायसवतम भॊतर की दीा
री | ततऩशचात भ ननममभत रऩ स जऩ-धमान- पराणामाभ कयता था जजसस भझ फहत राब हआ | ऩजम फऩजी की कऩा औय सायसवतम भॊतर जाऩ क परबाव स भझ १२ वीॊ की फोड़ग की ऩरया भ ८४६ परनतशत अॊक मभर |
-ववयनर कभाय कौमशक
डोगयगाॉव जज याजनाॊदगाॉव (छग)
बौनतक मग क अॊधकाय भ ऻान की जमोनत ऩजम फाऩ
भादक ननमॊतरण बमयो बायत सयकाय क भहाननदशक शरी एिऩी कभाय ९ भई को अभदावाद आशरभ भ सतसॊग-कामगकरभ क दौयान ऩजम फाऩ स आशीवागद रन ऩहॉि | फड़ी ववनमरता एवॊ शरदधा क साथ उनहोन ऩजम फाऩ क परनत अऩन उदगाय भ कहा जजस रवमकतकत क ऩास वववक नहीॊ ह वह अऩन रकषम तक नहीॊ ऩहॉि सकता ह औय वववक को पराि कयन का साधन ऩजम आसायाभजी फाऩ जस भहान सॊतो का सतसॊग ह | ऩजम फाऩ स भया परथभ ऩरयिम टीवी क भाधमभ स हआ | ततऩशचात भझ आशरभ दवाय परकामशत कवष परसाद भामसक पराि हआ | उस सभम भझ रगा कक एक ओय जहाॉ इस बौनतक मग क अॊधकाय भ भानव बटक यहा ह वहीॊ दसयी ओय शाॊनत की भॊद-भॊद सगॊचधत वाम बी िर यही ह | मह ऩजम फाऩ क सतसॊग का ही परबाव ह | ऩजमशरी क दशगन कयन का जो सौबागम भझ पराि हआ ह इसस भ अऩन को कतकतम भानता हॉ | ऩजम फाऩ क शरीभख स जो अभत वषाग होती ह तथा इनक सतसॊग स कयोड़ो रदमो भ जो जमोनत जगती ह व इसी परकाय स जगती यह औय आन वार रॊफ सभम तक ऩजमशरी हभ सफ का भागगदशगन कयत यह मही भयी काभना ह | ऩजम फाऩ क शरीियणो भ भय परणाभ
-शरी एिऩी कभाय भहाननदशक भादक ननमॊतरण बमयो बायत सयकाय
गरकऩा ऐसी हई कक अॉधय तो कमा दय बी नहीॊ हई
ऩयभ कऩार फाऩजी क शरीियणो भ भय कोटट-कोटट वॊदन भ एक इसभाइरी खवाजा हॉ तथा अऩन धभग भ अकतडग हॉ | िाय वषग ऩवग कछ रोगो दवाया एक सननमोजजत मोजना फनाकय भझ जफयदसती भडगय कस का आयोऩी फना टदमा गमा था | इसस भझ कहीॊ शाॊनत नहीॊ मभर यही थी | २८ पयवयी १९९७ को भझ नागऩय भ आमोजजत फाऩजी क सतसॊग भ जान की परयणा मभरी औय ४ भािग १९९७ को भन फाऩजी स भॊतरदीा री | भ उनस भन-
ही-भन ववनती की कक ह गरदव भझ फिा रो | गरकऩा ऐसी हई कक ७ जनवयी १९९८ को भझ अदारत न ऩाक-साप फयी कय टदमा फाकी छ आयोवऩमो को सजा हई | धनम ह ऐस भय सदगर उनक शरीियणो भ भय कोटट-कोटट वनदन
-यहभान खान ननशान छाफड़ी (बफछआ) जज नछनदवाड़ा (भपर)
भजसरभ भटहरा को पराणदान
२७ मसतमफय २००० को जमऩय भ भय ननवास ऩय ऩजम फाऩ का आतभ-साातकाय टदवस
भनामा गमा जजसभ भय ऩड़ोस की भजसरभ भटहरा नाथी फहन क ऩनत शरी भाॉग खाॉ न बी ऩजम फाऩ की आयती की औय ियणाभत मरमा | ३-४ टदन फाद ही व भजसरभ दॊऩनत खवाजा साटहफ क उसग भ अजभय िर गम | टदनाॊक ४ अकटफय २००० को अजभय क उसग भ असाभाजजक ततवो न परसाद भ जहय फाॉट टदमा जजसस उसग भर भ आम कई दशगनाथी असवसथ हो गम औय कई भय बी गम | भय ऩड़ोस की नाथी फहन न बी वह परसाद खामा औय थोड़ी दय भ ही वह फहोश हो गमी | अजभय भ उसका उऩिाय ककमा गमा ककॊ त उस होश न आमा | दसय टदन ही उसका ऩनत उस अऩन घय र आमा | कॉरोनी क सबी ननवासी उसकी हारत दखकय कह यह थ कक अफ इसका फिना भजशकर ह | भ बी उस दखन गमा | वह फहोश ऩड़ी थी | भ जोय-जोय स हरय ॐ हरय ॐ का उचिायण ककमा तो वह थोड़ा टहरन रगी | भझ परयणा हई औय भ ऩन घय गमा | ऩजम फाऩ स पराथगना की | ३-४ घॊट फाद ही वह भटहरा ऐस उठकय खड़ी हो गमी भानो सोकय उठी हो | उस भटहरा न फतामा कक भय िािा ससय ऩीय ह औय उनहोन भय ऩनत क भॉह स फोरकय फतामा कक तभन २७ मसतमफय २००० को जजनक सतसॊग भ ऩानी वऩमा था उनहीॊ सपद दाढ़ीवार फाफा न तमह फिामा ह कसी करणा ह गरदव की
-जएर ऩयोटहत
८७ सपतान नगय जमऩय (याज)
उस भटहरा का ऩता ह -शरीभती नाथी
ऩतनी शरी भाॉग खाॉ १०० सपतान नगय गजगय की धड़ी नम साॊगानय योड़
जमऩय (याज)
हरयनाभ की पमारी न छड़ामी शयाफ की फोतर
सौबागमवश गत २६ टदसमफय १९९८ को ऩजमशरी क १६ मशषमो की एक टोरी टदपरी स हभाय गाॉव भ हरयनाभ का परिाय-परसाय कयन ऩहॉिी | भ फिऩन स ही भटदयाऩान धमरऩान व मशकाय कयन का शौकीन था | ऩजम फाऩ क मशषमो दवाया हभाय गाॉव भ जगह-जगह ऩय तीन टदन तक रगाताय हरयनाभ का कीतगन कयन स भझ बी हरयनाभ का यॊग रगता जा यहा था | उनक जान क एक टदन क ऩशचात शाभ क सभम योज की बाॊनत भन शयाफ की फोतर ननकारी | जस ही फोतर खोरन क मरए ढककन घभामा तो उस ढककन क घभन स भझ हरय ॐ हरय ॐ की धवनन सनामी दी | इस परकाय भन दो-तीन फाय ढककन घभामा औय हय फाय भझ हरय ॐ की धवनन सनामी दी | कछ दय फाद भ उठा तथा ऩजमशरी क एक मशषम क घय गमा | उनहोन थोड़ी दय भझ ऩजमशरी की अभतवाणी सनामी | अभतवाणी सनन क फाद भया रदम ऩकायन रगा कक इन दरवमगसनो को तमाग दॉ | भन तयॊत फोतर उठामी तथा जोय-स दय खत भ प क दी | ऐस सभथग व ऩयभ कऩार सदगरदव को भ रदम स परणाभ कयता हॉ जजनकी कऩा स मह अनोखी घटना भय जीवन भ घटी जजसस भया जीवन ऩरयवनतगत हआ |
-भोहन मसॊह बफषट
मबखमासन अपभोड़ा (उपर)
ऩय गाॉव की कामाऩरट
ऩजमशरी स टदनाॊक २७६९१ को दीा रन क फाद भन रवमवसनभकतकत क परिाय-परसाय का रकषम फना मरमा | भ एक फाय कौशरऩय (जज शाजाऩय) ऩहॉिा | वहाॉ क रोगो क रवमवसनी औय रड़ाई-झगड़ मकत जीवन को दखकय भन कहा आऩ रोग भनषम-जीवन सही अथग ही नहीॊ सभझत ह | एक फाय आऩ रोग ऩजम फाऩजी क दशगन कय र तो आऩको सही जीवन जीन की कॊ जी मभर जामगी | गाॉव वारो न भयी फात भान री औय दस रवमकतकत भय गाॉव ताजऩय आम | भन एक साधक को उनक साथ जनभाषटभी भहोतसव भ सयत बजा | ऩजम फाऩजी की उन ऩय कऩा फयसी औय सफको गरदीा मभर गमी | जफ व रोग अऩन गाॉव ऩहॉि तो सबी गाॉववामसमो को फड़ा कौतहर था कक ऩजम फाऩजी कस ह फाऩजी की रीराएॉ सनकय गाॉव क अनम रोगो भ बी ऩजम फाऩजी क परनत शरदधा जगी | उन दीकषत साधको न सबी गाॉववारो को सववधानसाय ऩजम फाऩजी क अरग-अरग आशरभो भ
बजकय दीा टदरवा दी | गाॉव क सबी रवमकतकत अऩन ऩय ऩरयवाय सटहत दीकषत हो िक ह | परतमक गरवाय को ऩय गाॉव भ एक सभम बोजन फनता ह | सबी रोग गरवाय का वरत यखत ह | कौशरऩय गाॉव क परबाव स आस-ऩास क गाॉववार एवॊ उनक रयशतदायो सटहत १००० रवमकतकतमो शयाफ छोड़कय दीा र री ह | गाॉव क इनतहास भ तीन-तीन ऩीढ़ी स कोई भॊटदय नहीॊ था | गाॉववारो न ५ राख रऩम रगाकय दो भॊटदय फनवाम ह | ऩया गाॉव रवमवसनभकत एवॊ बगवतबकत फन गमा ह मह ऩजम फाऩजी की कऩा नहीॊ तो औय कमा ह सफक तायणहाय ऩजम फाऩजी क शरीियणो भ कोटट-कोटट परणाभ
-शमाभ परजाऩनत (सऩयवाइजय नतरहन सॊघ) ताजऩय उजजन (भपर)
नतरबफ ॊद का िभतकाय
भया सौबागम ह कक भझ सॊतकऩा नतरबफॊद (आई डरॉपस) का िभतकाय दखन को मभरा |
एक सॊत फाफा मशवयाभदास उमर ८० वषग गीता कटटय तऩोवन झाड़ी सिसयोवय हरयदवाय भ यहत ह | उनकी दाटहनी आॉख क सपद भोनतम का ऑऩयशन शाॉनतकॊ ज हरयदवाय आमोजजत कमऩ भ हआ | कस बफगड़ गमा औय कार भोनतमा फन गमा | ददग यहन रगा औय योशनी घटन रगी | दोफाया बभाननद नतर चिककतसारम भ ऑऩयशन हआ | एबसपमट गरकोभा फतात हए कहा कक ऑऩयशन स मसयददग ठीक हो जामगा ऩय योशनी जाती यहगी | ऩयॊत अफ व फाफा सॊत शरी आसायाभजी आशरभ दवाय ननमभगत सॊतकऩा नतरबफॊद सफह-शाभ डार यह ह | भन उनक नतरो का ऩयीण ककमा | उनकी दाटहनी आॉख भ उॉगरी चगनन रामक योशनी वाऩस आ गमी ह | कार भोनतम का परशय नॉभगर ह | कोननगमा भ सजन नहीॊ ह | व कापी सॊतषट ह | व फतात ह आॉख ऩहर रार यहती थी ऩयॊत अफ नहीॊ ह | आशरभ क नतरबफॊद स कपऩनातीत राब हआ | फामीॊ आॉख भ बी उनह सपद भोनतमा फतामा गमा था औय सॊशम था कक शामद कारा भोनतमा बी ह | ऩय आज फामीॊ आॉख बी ठीक ह औय दोनो आॉखो का परशय बी नॉभगर ह | सपद भोनतमा नहीॊ ह औय योशनी कापी अचछी ह |
मह सॊतकऩा नतरफॊद का ववरण परबाव दखकय भ बी अऩन भयीजो को इसका उऩमोग कयन की सराह दॉगा |
-डॉ अननत कभाय अगरवार (नतरयोग ववशषऻ)
एभफीफीएस एभएस (नतर) डीओएभएस (आई) सीताऩय सहायनऩय (उपर)
ऩजमशरी की तसवीय स मभरी परयणा
सवगसभथग ऩयभ ऩजम शरी फाऩजी क ियणकभरो भ भया कोटट-कोटट नभन १९८४ क बकॊ ऩ स समऩणग उततय बफहाय भ कापी नकसान हआ था जजसकी िऩट भ हभाया घय बी था | ऩरयजसथनतवश भझ नौवी का भ ऩढ़ामी छोड़ दनी ऩड़ी | ककसी मभतर की सराह स भ नौकयी ढॉढ़न क मरए टदपरी गमा रककन वहाॉ बी ननयाशा ही हाथ रगी | भ दो टदन स बखा तो था ही ऊऩय स नौकयी की चिॊता | अत आतभहतमा का वविाय कयक यरव सटशन की ओय िर ऩड़ा | यानीफाग फाजाय भ एक दकान ऩय ऩजमशरी का सतसाटहतम
कसट आटद यखा हआ था एवॊ ऩजमशरी की फड़ आकाय की तसवीय बी टॉगी थी | ऩजमशरी की हॉसभख एवॊ आशीवागद की भरावारी उस तसवीय ऩय भयी नजय ऩड़ी तो १० मभनट तक भ वहीॊ सड़क ऩय स ही खड़-खड़ उस दखता यहा | उस वकत न जान भझ कमा मभर गमा भ काभ बर भजदयी का ही कयता हॉ रककन तफस रकय आज तक भय चितत भ फड़ी परसननता फनी हई ह | न जान भयी जजनदगी की कमा दशा होती अगय ऩजम फाऩजी की मवाधन सया ईशवय की ओय ननजशचनत जीवन ऩसतक औय कवष परसाद ऩबतरका हाथ न रगती ऩजमशरी की तसवीय स मभरी परयणा एवॊ उनक सतसाटहतम न भयी डफती नमा को भानो भझदाय स फिा मरमा | धनबागी ह साटहतम की सवा कयन वार जजनहोन भझ आतभहतमा क ऩाऩ स फिामा |
-भहश शाह
नायामणऩय दभया जज सीताभढ़ी (बफहाय)
भॊतर स राब
भयी भाॉ की हारत अिानक ऩागर जसी हो गमी थी भानो कोई बत-परत-डाककनी मा आसयी ततव उनभ घस गमा | भ फहत चिॊनतत हो गमा एवॊ एक साचधका फहन को पोन ककमा | उनहोन बत-परत बगान का भॊतर फतामा जजसका वणगन आशरभ स परकामशत आयोगमननचध ऩसतक भ बी ह | वह भॊतर इस परकाय ह
ॐ नभो बगवत रर बयवाम बतपरत म कर कर हॊ पट सवाहा |
इस भॊतर का ऩानी भ ननहायकय १०८ फाय जऩ ककमा औय वही ऩानी भाॉ को वऩरा टदमा |
तयॊत ही भाॉ शाॊनत स सो गमीॊ | दसय टदन बी इस भॊतर की ऩाॉि भारा कयक भाॉ को वह जर वऩरामा तो भाॉ बफपकर ठीक हो गमीॊ | ह भय साधक बाई-फहनो बत-परत बगान क
मरए अरा फाॉधॉ फरा फाॉधॉ ऐसा कयक झाड़-फ़ॉ क कयनवारो क िककय भ ऩड़न की जरयत नहीॊ ह | इसक मरए तो ऩजम फाऩजी का भॊतर ही तायणहाय ह | ऩजम फाऩजी क शरीियणो भ कोटट-कोटट परणाभ
-िॊऩकबाई एन ऩटर (अभरयका)
काभ करोध ऩय ववजम ऩामी
एक टदन भॊफई भर भ टटकट िककॊ ग कयत हए भ वातानकमरत फोगी भ ऩहॉिा | दखा तो भखभर की गददी ऩय टाट का आसन बफछाकय सवाभी शरी रीराशाहजी भहायाज सभाचधसथ ह | भझ आशचमग हआ कक जजन परथभ शरणी की वातानकमरत फोचगमो भ याजा-भहायाजा मातरा कयत ह ऐसी फोगी औय तीसयी शरणी की फोगी क फीि इन सॊत को कोई बद नहीॊ रगता | ऐसी फोचगमो भ बी व सभाचधसथ होत ह मह दखकय मसय झक जाता ह | भन ऩजम भहायाजशरी को परणाभ कयक कहा आऩ जस सॊतो क मरए तो सफ एक सभान ह |
हय हार भ एकयस यहकय आऩ भकतकत का आनॊद र सकत ह | रककन हभाय जस गरहसथो को कमा कयना िाटहए ताकक हभ बी आऩ जसी सभता फनाम यखकय जीवन जी सक
ऩजम भहायाजजी न कहा काभ औय करोध को त छोड़ द तो त बी जीवनभकत हो सकता ह | जहाॉ याभ तहॉ नहीॊ काभ जहाॉ काभ तहॉ नहीॊ याभ | औय करोध तो बाई बसभासय ह | वह तभाभ ऩणम को जराकय बसभ कय दता ह अॊतकयण को भमरन कय दता ह | भन कहा परब अगय आऩकी कऩा होगी तो भ काभ-करोध को छोड़ ऩाऊॉ गा | ऩजम भहायाजजी न कहा बाई कऩा ऐस थोड़ ही की जाती ह सॊतकऩा क साथ तया ऩरषाथग औय दढ़ता बी िाटहए | ऩहर त परनतऻा कय कक त जीवनऩमगनत काभ औय करोध स दय यहगा तो भ तझ आशीवागद दॉ | भन कहा भहायाजजी भ जीवनबय क मरए परनतऻा तो करॉ रककन उसका ऩारन न कय ऩाऊॉ तो झठा भाना जाऊॉ गा | ऩजम भहायाजजी न कहा अचछा ऩहर त भय सभ आठ टदन क मरए परनतऻा कय | कपय परनतऻा को एक-एक टदन फढ़त जाना | इस परकाय त उन फराओॊ स फि सकगा | ह कफर भन हाथ जोड़कय कफर ककमा | ऩजम भहायाजजी न आशीवागद दकय दो-िाय पर परसाद भ टदम | ऩजम भहायाजजी न भयी जो दो कभजोरयमाॉ थीॊ उन ऩय ही सीधा हभरा ककमा था | भझ आशचमग हआ कक अनम कोई बी दगगण छोड़न का न कहकय इन दो दगगणो क मरए ही उनहोन परनतऻा कमो कयवामी फाद भ भ इस याज स अवगत हआ |
दसय टदन भ ऩसनजय टरन भ कानऩय स आग जा यहा था | सफह क कयीफ नौ फज थ |
तीसयी शरणी की फोगी भ जाकय भन माबतरमो क टटकट जाॉिन का कामग शर ककमा | सफस
ऩहर फथग ऩय सोम हए एक मातरी क ऩास जाकय भन एक मातरी क ऩास जाकय भन टटकट टदखान को कहा तो वह गससा होकय भझ कहन रगा अॊधा ह दखता नहीॊ कक भ सो गमा हॉ भझ नीॊद स जगान का तझ कमा अचधकाय ह मह कोई यीत ह टटकट क फाय भ ऩछन की ऐसी ही अकर ह तयी ऐसा कछ-का-कछ वह फोरता ही गमा फोरता ही गमा | भ बी करोधाववषट होन रगा ककॊ त ऩजम भहायाजजी क सभ री हई परनतऻा भझ माद थी अत करोध को ऐस ऩी गमा भानो ववष की ऩकतड़मा भन उस कहा भहाशम आऩ ठीक ही कहत ह कक भझ फोरन की अकर नहीॊ ह बान नहीॊ ह | दखो भय म फार धऩ भ सपद हो गम ह | आऩभ फोरन की अकर अचधक ह नमरता ह तो कऩा कयक मसखाओॊ कक टटकट क मरए भझ ककस परकाय आऩस ऩछना िाटहए | भ रािाय हॉ कक डमटी क कायण भझ टटकट िक कयना ऩड़ यहा ह इसमरए भ आऩको कषट द यहा हॉ|
औय कफ़य भन खफ परभ स हाथ जोड़कय ववनती की बमा कऩा कयक कषट क मरए भझ भा कयो | भझ अऩना टटकट टदखामग भयी नमरता दखकय वह रजजजत हो गमा एवॊ तयॊत उठ फठा | जपदी-जपदी नीि उतयकय भझस भा भाॉगत हए कहन रगा भझ भाप कयना | भ नीॊद भ था | भन आऩको ऩहिाना नहीॊ था | अफ आऩ अऩन भॉह स भझ कह कक आऩन भझ भाफ़ ककमा मह दखकय भझ आनॊद औय सॊतोष हआ | भ सोिन रगा कक सॊतो की आऻा भानन भ ककतनी शकतकत औय टहत ननटहत ह सॊतो की करणा कसा िभतकारयक ऩरयणाभ राती ह वह रवमकतकत क पराकनतक सवबाव को बी जड़-भर स फदर सकती ह | अनमथा भझभ करोध को ननमॊतरण भ यखन की कोई शकतकत नहीॊ थी | भ ऩणगतमा असहाम था कपय बी भझ भहायाजजी की कऩा न ही सभथग फनामा | ऐस सॊतो क शरीियणो भ कोटट-कोटट नभसकाय
-शरी यीजभर
रयटामडग टीटी आई कानऩय
अनम अनबव
जरा हआ कागज
ऩवग रऩ भ एक फाय ऩयभहॊस ववशदधानॊदजी स आनॊदभमी भाॉ की ननकटता ऩानवार सपरमसदध ऩॊकतडत गोऩीनाथ कववयाज न ननवदन ककमा तयणीकानत ठाकय को अरौककक मसवदध पराि हई ह | व बफना दख मा बफना छए ही कागज भ मरखी हई फात ऩढ़ रत ह |
गरदव फोर तभ एक कागज ऩय कछ मरखो औय उसभ आग रगाकय जरा दो |
कववयाजजी न कागज ऩय कछ मरखा औय ऩयी तयह कागज जराकय हवा भ उड़ा टदमा |
उसक फाद गरदव न अऩन तककम क नीि स वही कागज ननकारकय कववयाजजी क आग यख टदमा | मह दखकय उनह फड़ा आशचमग हआ कक मह कागज वही था एवॊ जो उनहोन मरखा था वह बी उस ऩय उनहीॊ क सरख भ मरखा था औय साथ ही उसका उततय बी मरखा हआ दखा | जड़ता ऩशता औय ईशवयता का भर हभाया शयीय ह | जड़ शयीय को भ-भया भानन की ववतत जजतनी मभटती ह ऩाशवी वासनाओॊ की गराभी उतनी हटती ह औय हभाया ईशवयीम अॊश जजतना अचधक ववकमसत होता ह उतना ही मोग-साभमग ईशवयीम साभमग परकट होता ह | बायत क ऐस कई बकतो सॊतो औय मोचगमो क जीवन भ ईशवयीम साभमग दखा गमा ह अनबव ककमा गमा ह उसक ववषम भ सना गमा ह | धनम ह बायतबमभ भ यहनवार बायतीम सॊसकनत भ शरदधा-ववशवास यखनवार अऩन ईशवयीम अॊश को जगान की सवा-साधना कयनवार सवाभी ववशदधानॊदजी वषो की एकाॊत साधना औय वषो-वषो की गरसवा स अऩना दहाधमास औय ऩाशवी वासनाएॉ मभटाकय अऩन ईशवयीम
अॊश को ववकमसत कयनवार बायत क अनक भहाऩरषो भ स थ | उनक जीवन की औय बी अरौककक घटनाओॊ का वणगन आता ह | ऐस सतऩरषो क जीवन-िरयतर औय उनक जीवन भ घटटत घटनाएॉ ऩढ़न-सनन स हभ रोग बी अऩनी जड़ता एवॊ ऩशता स ऊऩय उठकय ईशवयीम अॊश को उबायन भ उतसाटहत होत ह | फहत ऊॉ िा काभ ह फड़ी शरदधा फड़ी सभझ फड़ा धमग िाटहए ईशवयीम साभमग को ऩणग रऩ स ववकमसत कयन भ | अफ आओ
िर आदय शॊकयािामग की ओय
नदी की धाया भड़ गमी
आदय शॊकयािामग की भाता ववमशषटा दवी अऩन करदवता कशव की ऩजा कयन जाती थीॊ | व ऩहर नदी भ सनान कयतीॊ औय कफ़य भॊटदय भ जाकय ऩजन कयतीॊ | एक टदन व परातकार ही ऩजन-साभगरी रकय भॊटदय की ओय गमीॊ ककॊ त सामॊकार तक घय नहीॊ रौटीॊ | शॊकयािामग की आम अबी सात-आठ वषग क भधम भ ही थी | व ईशवय क ऩयभ बकत औय ननषठावान थ | सामॊकार तक भाता क वाऩस न रौटन ऩय आिामग को फड़ी चिनता हई औय व उनह खोजन क मरए ननकर ऩड़ | भॊटदय क ननकट ऩहॉिकय उनहोन भाता को भागग भ ही भजचछगत ऩड़ दखा | उनहोन फहत दय तक भाता का उऩिाय ककमा तफ व होश भ आ सकीॊ |
नदी अचधक दय थी | वहाॉ तक ऩहॉिन भ भाता को फड़ा कषट होता था | आिामग न बगवान स भन-ही-भन पराथगना की कक परबो ककसी परकाय नदी की धाया को भोड़ दो जजसस कक
भाता ननकट ही सनान कय सक | व इस परकाय की पराथगना ननतम कयन रग | एक टदन उनहोन दखा कक नदी की धाया ककनाय की धयती को काटती-काटती भड़न रगी ह तथा कछ टदनो भ ही वह आिामग शॊकय क घय क ऩास फहन रगी | इस घटना न आिामग का अरौककक शकतकतसमऩनन होना परमसदध कय टदमा |
सकषभ शयीय स िोय का ऩीछा ककमा
हरयहय फाफा की फड़ी परमसवदध थी | एक फाय व हयऩारऩय सटशन ऩय थ | वहाॉ क सटशन भासटय न उनको एक िोय सऩदग ककमा | िोय न फाफा स कहा भहायाज भझ इतनी छटटी द दीजजम कक भ अऩन फार-फचिो का परफॊध कय आऊॉ | फाफा गाड़ी आन ऩय रौट आना | िोय िरा गमा | सटशन भासटय को ऩता िरा तो वह फाफा ऩय गभग हआ औय फोरा उसक फदर तमह जर की हवा खानी होगी | तभन जान-फझकय उस बगा टदमा ह | फाफा घफयाओ भत गाड़ी आन स ऩहर ही वह रौट आमगा | िोय की नीमत ठीक नहीॊ थी | वह जॊगर क भागग स अऻात सथान को बाग जाना िाहता था ककॊ त उस हय सभम मही परतीत होता यहा कक हरयहय फाफा डॊडा पटकायत हए उसक ऩीछ-ऩीछ िर आ यह ह | इसीमरए वह गाड़ी आन स ऩहर ही रौट आमा |
भॊगरी फाधा-ननवायण भॊतर
अॊ याॊ अॊ
इस भॊतर को १०८ फाय जऩन स करोध दय होता ह | जनभकनडरी भ भॊगरी मोग होन स जजनक वववाह न हो यह हो व २७ भॊगरवाय इस भॊतर का १०८ फाय जऩ कयत हए वरत यखकय हनभानजी ऩय मसॊदय का िोरा िढ़ाम | इसस भॊगर-फाधा का म होता ह |
सखऩवगक परसवकायक भॊतर
ऩहरा उऩाम
एॊ हीॊ बगवनत बगभामरनन िर िर भराभम भराभम ऩषऩॊ ववकासम ववकासम सवाहा |
इस भॊतर दवाया अमबभॊबतरत दध गमबगणी सतरी को वऩराम तो सखऩवगक परसव होगा |
दसया उऩाम
गमबगणी सतरी सवमॊ परसव क सभम जमबरा-जमबरा जऩ कय |
तीसया उऩाम
दशी गाम क गोफय का १२ स १५ मभरी यस ॐ नभो नायामणाम भॊतर का २१ फाय जऩ कयक ऩीन स बी परसव-फाधाएॉ दय होगी औय बफना ऑऩयशन क परसव होगा |
परसनत क सभम अभॊगर की आशॊका हो तो ननमन भॊतर का जऩ कय
सवगभॊगर भाॊगपम मशव सवागथग साचधक |
शयणम तरममफक गौयी नायामणी नभोSसतत ||
(दगागसिशती)
शकतकतशारी व गोय ऩतर की परानि क मरए
सगबागवसथा भ ढाक (ऩराश खाखया) का एक कोभर ऩतता घोटकय गौ-दगध क साथ योज सवन कयन स फारक शकतकतशारी औय गोया होता ह | भाता-वऩता बर कार-करट हो कपय बी फारक गोया होगा |
सदगर-भटहभा
गर बफन बव ननचध तय न कोई |
जौ फयॊचि सॊकय सभ होई ||
-सॊत तरसीदासजी
हरयहय आटदक जगत भ ऩजमदव जो कोम |
सदगर की ऩजा ककम सफकी ऩजा होम ||
-ननशचरदासजी भहायाज
सहजो कायज सॊसाय को गर बफन होत नाॉही |
हरय तो गर बफन कमा मभर सभझ र भन भाॉही ||
-सॊत कफीयजी सॊत
सयनन जो जन ऩय सो जन उधयनहाय | सॊत की ननॊदा नानका फहरय फहरय अवताय ||
-गर नानक दवजी
गरसवा सफ बागमो की जनभबमभ ह औय वह शोकाकर रोगो को बरहमभम कय दती ह |
गररऩी समग अववदयारऩी याबतर का नाश कयता ह औय ऻानाऻान रऩी मसतायो का रोऩ कयक फवदधभानो को आतभफोध का सटदन टदखाता ह |
-सॊत ऻानशवय भहायाज
सतम क कॊ टकभम भागग भ आऩको गर क मसवाम औय कोई भागगदशगन नहीॊ द सकता |
- सवाभी मशवानॊद सयसवती
ककतन ही याजा-भहायाजा हो गम औय होग सामजम भकतकत कोई नहीॊ द सकता | सचि याजा-भहायाज तो सॊत ही ह | जो उनकी शयण जाता ह वही सचिा सख औय सामजम भकतकत ऩाता ह |
-सभथग शरी याभदास सवाभी
भनषम िाह ककतना बी जऩ-तऩ कय मभ-ननमभो का ऩारन कय ऩयॊत जफ तक सदगर की कऩादवषट नहीॊ मभरती तफ तक सफ रवमथग ह |
-सवाभी याभतीथग
परटो कहत ह कक सकयात जस गर ऩाकय भ धनम हआ |
इभसगन न अऩन गर थोयो स जो पराि ककमा उसक भटहभागान भ व बावववबोय हो जात थ |
शरी याभकषण ऩयभहॊस ऩणगता का अनबव कयानवार अऩन सदगरदव की परशॊसा कयत नहीॊ अघात थ |
ऩजमऩाद सवाभी शरी रीराशाहजी भहायाज बी अऩन सदगरदव की माद भ सनह क आॉस
फहाकय गदगद कॊ ठ हो जात थ |
ऩजम फाऩजी बी अऩन सदगरदव की माद भ कस हो जात ह मह तो दखत ही फनता ह |
अफ हभ उनकी माद भ कस होत ह मह परशन ह | फटहभगख ननगय रोग कछ बी कह साधक को अऩन सदगर स कमा मभरता ह इस तो साधक ही जानत ह |
रडी भाटटगन क सहाग की या कयन अपगाननसतान भ परकट मशवजी
साध सॊग सॊसाय भ दरगब भनषम शयीय |
सतसॊग सववत ततव ह बतरववध ताऩ की ऩीय ||
भानव-दह मभरना दरगब ह औय मभर बी जाम तो आचधदववक आचधबौनतक औय आधमाजतभक म तीन ताऩ भनषम को तऩात यहत ह | ककॊ त भनषम-दह भ बी ऩववतरता हो सचिाई हो शदधता हो औय साध-सॊग मभर जाम तो म बतरववध ताऩ मभट जात ह |
सन १८७९ की फात ह | बायत भ बबरटटश शासन था उनहीॊ टदनो अॊगरजो न अपगाननसतान ऩय आकरभण कय टदमा | इस मदध का सॊिारन आगय भारवा बबरटटश छावनी क रजफ़टनट कनगर भाटटगन को सौऩा गमा था | कनगर भाटटगन सभम-सभम ऩय मदध-तर स अऩनी ऩतनी को कशरता क सभािाय बजता यहता था | मदध रॊफा िरा औय अफ तो सॊदश आन बी फॊद हो गम | रडी भाटटगन को चिॊता सतान रगी कक कहीॊ कछ अनथग न हो गमा हो अपगानी सननको न भय ऩनत को भाय न डारा हो | कदाचित ऩनत मदध भ शहीद हो गम तो भ जीकय कमा करॉ गी -मह सोिकय वह अनक शॊका-कशॊकाओॊ स नघयी यहती थी |
चिनतातय फनी वह एक टदन घोड़ ऩय फठकय घभन जा यही थी | भागग भ ककसी भॊटदय स आती हई शॊख व भॊतर धवनन न उस आकवषगत ककमा | वह एक ऩड़ स अऩना घोड़ा फाॉधकय भॊटदय भ गमी | फजनाथ भहादव क इस भॊटदय भ मशवऩजन भ ननभगन ऩॊकतडतो स उसन ऩछा आऩ रोग कमा कय यह ह एक वरदध बराहमण न कहा हभ बगवान मशव का ऩजन कय यह ह | रडी भाटटगन मशवऩजन की कमा भहतता ह बराहमण फटी बगवान मशव तो औढयदानी ह बोरनाथ ह | अऩन बकतो क सॊकट-ननवायण कयन भ व तननक बी दय नहीॊ कयत ह | बकत उनक दयफाय भ जो बी भनोकाभना रकय क आता ह उस व शीघर ऩयी कयत ह ककॊ त फटी तभ फहत चिजनतत औय उदास नजय आ यही हो कमा फात ह रडी भाटटगन भय ऩनतदव मदध भ गम ह औय ववगत कई टदनो स उनका कोई
सभािाय नहीॊ आमा ह | व मदध भ पॉ स गम ह मा भाय गम ह कछ ऩता नहीॊ िर यहा | भ उनकी ओय स फहत चिजनतत हॉ | इतना कहत हए रडी भाटटगन की आॉख नभ हो गमीॊ |
बराहमण तभ चिनता भत कयो फटी मशवजी का ऩजन कयो उनस पराथगना कयो रघररी कयवाओ | बगवान मशव तमहाय ऩनत का यण अवशम कयग |
ऩॊकतडतो की सराह ऩय उसन वहाॉ गमायह टदन का ॐ नभ मशवाम भॊतर स रघररी अनषठान परायॊब ककमा तथा परनतटदन बगवान मशव स अऩन ऩनत की या क मरए पराथगना कयन रगी कक ह बगवान मशव ह फजनाथ भहादव मटद भय ऩनत मदध स सकशर रौट आम तो भ आऩका मशखयफॊद भॊटदय फनवाऊॉ गी | रघररी की ऩणागहनत क टदन बागता हआ एक सॊदशवाहक मशवभॊटदय भ आमा औय रडी भाटटगन को एक मरपापा टदमा | उसन घफयात-घफयात वह मरपापा खोरा औय ऩढ़न रगी |
ऩतर भ उसक ऩनत न मरखा था हभ मदध भ यत थ औय तभ तक सॊदश बी बजत यह रककन आक ऩठानी सना न घय मरमा | बबरटटश सना कट भयती औय भ बी भय जाता |
ऐसी ववकट ऩरयजसथनत भ हभ नघय गम थ कक पराण फिाकय बागना बी अतमाचधक कटठन था | इतन भ भन दखा कक मदधबमभ भ बायत क कोई एक मोगी जजनकी फड़ी रमफी जटाएॉ ह हाथ भ तीन नोकवारा एक हचथमाय (बतरशर) इतनी तीवर गनत स घभ यहा था कक ऩठान सननक उनह दखकय बागन रग | उनकी कऩा स घय स हभ ननकरकय ऩठानो ऩय वाय कयन का भौका मभर गमा औय हभायी हाय की घकतड़माॉ अिानक जीत भ फदर गमीॊ | मह सफ बायत क उन फाघामफयधायी एवॊ तीन नोकवारा हचथमाय धायण ककम हए
(बतरशरधायी) मोगी क कायण ही समबव हआ | उनक भहातजसवी रवमकतकततव क परबाव स दखत-ही-दखत अपगाननसतान की ऩठानी सना बाग खड़ी हई औय व ऩयभ मोगी भझ
टहमभत दत हए कहन रग | घफयाओॊ नहीॊ | भ बगवान मशव हॉ तथा तमहायी ऩतनी की ऩजा स परसनन होकय तमहायी या कयन आमा हॉ उसक सहाग की या कयन आमा हॉ |
ऩतर ऩढ़त हए रडी भाटटगन की आॉखो स अववयत अशरधाया फहती जा यही थी उसका रदम अहोबाव स बय गमा औय वह बगवान मशव की परनतभा क समभख मसय यखकय पराथगना कयत-कयत यो ऩड़ी | कछ सिाह फाद उसका ऩनत कनगर भाटटगन आगय छावनी रौटा | ऩतनी न उस सायी फात सनात हए कहा आऩक सॊदश क अबाव भ भ चिजनतत हो उठी थी रककन बराहमणो की सराह स मशवऩजा भ रग गमी औय आऩकी या क मरए बगवान मशव स पराथगना कयन रगी | उन द खबॊजक भहादव न भयी पराथगना सनी औय आऩको सकशर रौटा टदमा | अफ तो ऩनत-ऩतनी दोनो ही ननममभत रऩ स फजनाथ भहादव क भॊटदय भ ऩजा-अिगना कयन रग | अऩनी ऩतनी की इचछा ऩय कनगर भाटटगन भ सन १८८३
भ ऩॊरह हजाय रऩम दकय फजनाथ भहादव भॊटदय का जीणोदवाय कयवामा जजसका मशरारख आज बी आगय भारवा क इस भॊटदय भ रगा ह | ऩय बायतबय भ अॊगरजो दवाय ननमभगत मह एकभातर टहनद भॊटदय ह |
मयोऩ जान स ऩवग रडी भाटटगन न ऩकतड़तो स कहा हभ अऩन घय भ बी बगवान मशव का भॊटदय फनामग तथा इन द ख-ननवायक दव की आजीवन ऩजा कयत यहग |
बगवान मशव भ बगवान कषण भ भाॉ अमफा भ आतभवतता सदगर भ सतता तो एक ही ह | आवशमकता ह अटर ववशवास की | एकररवम न गरभनत ग भ ववशवास कय वह पराि कय मरमा जो अजगन को कटठन रगा | आरणण उऩभनम रव परहराद आटद अनम सकड़ो उदायहण हभाय साभन परतम ह | आज बी इस परकाय का सहमोग हजायो बकतो को साधको को बगवान व आतभवतता सदगरओॊ क दवाया ननयनतय पराि होता यहता ह | आवशमकता ह तो फस कवर ववशवास की |
भहाभतमॊजम भॊतर
ॐ हौ जॉ स |
ॐ बबगव सव |
ॐ तरममफकॊ मजाभह सगॊचध ॊ ऩवषटवधगनभ |
उवागरकमभव फनधनानभतमोभगीम भाभतात |
सव भव ब ॐ |
स जॉ हौ ॐ |
बगवान मशव का मह भहाभतमॊजम जऩन स अकार भतम तो टरती ही ह आयोगमता की बी परानि होती ह | सनान कयत सभम शयीय ऩय रोट स ऩानी डारत वकत इस भॊतर का जऩ कयन स सवासम-राब होता ह | दध भ ननहायत हए इस भॊतर का जाऩ ककमा जाम औय कपय वह दध ऩी मरमा जम तो मौवन की सया भ बी सहामता मभरती ह | आजकर की तज यफ़तायवारी जजनदगी भ कहाॉ आतॊक उऩरव दघगटना हो जाम कहना भजशकर ह | घय स ननकरत सभम एक फाय मह भॊतर जऩनवारा इन उऩदरवो स सयकषत यहता ह औय सयकषत घय रौटता ह | (इस भॊतरानषठान क ववचध-ववधान की ववसतत जानकायी क मरए आशरभ दवाया परकामशत आयोगमननचध ऩसतक ऩढ़ |) शरीभदबागवत क आठव सकॊ ध भ तीसय अधमाम क शलोक १ स ३३ तक भ वणणगत गजनरभो सतोतर का ऩाठ कयन स तभाभ
ववधन दय होत ह |
हभायी तीन सॊतान ह दो ऩबतरमाॉ औय एक ऩतर | गरदव न ही फड़ी फटी का नाभ गोऩी औय फट का नाभ हरयककशन यखा ह | जम हो सदगरदव की
-हॉसभख काॊनतरार भोदी ५७ अऩना घय सोसामटी सॊदय योड़ सयत
कसट-शरवण स बकतकत का सागय टहरोय रन रगा
भ हय सार गमभगमो भ कबी फरीनाथ तो कबी कदायनाथ तो कबी गॊगोतरी आटद तीथो भ जाता यहता था | रवषकश भ एक दकान क ऩास खड़ यहन ऩय भझ ऩजम गरदव की अभतवाणी की कसट भो का भागग भौत की भौत तीन फात आटद दखन-सनन को मभरीॊ तो भन म कसट खयीद रीॊ | घय ऩहॉिकय कसट सनन क फाद रदम भ बकतकत का सागय टहरोय रन रगा | भझ ऐसा रगा भानो कोई भझ फरा यहा हो | दकान जात सभम ऐसा आबास हआ कक कोई ऩवग आनवारा ह औय भझ अभदावाद जाना होगा उसी टदन अभदावाद आशरभ स भय ऩतर का जवाफ आमा कक टदनाॊक १२ को गरऩनभ का ऩवग ह |
आऩ गरदव क दशगन कय सकत ह | हभ सऩरयवाय आशरभ ऩहॉि | दशगन कयक धनम हए |
दीा ऩाकय कताथग हए | अफ तो हय भहीन जफ तक गरदव क दशगन नहीॊ कयता तफ तक भझ ऐसा रगता ह कक भन कछ खो टदमा ह | दीा क फाद साधन-बजन फढ़ यहा ह बकतकत फढ़ यही ह | ऩहर सॊसाय भ सपरता-ववपरता की जो िोट रगती थी अफ उनका परबाव कभ हआ ह | ववषम-ववकायो का परबाव कभ हआ ह | जान जीव तफ जागा हरय ऩद रचि ववषम ववरास ववयागा भय जीवन भ सॊत तरसीदासजी क इन विनो का समोदम हो यहा ह |
-मशवकभाय तरसमान
गोयखऩय उततय परदश
गरदव न बजा अमऩातर
हभ परिायमातरा क दौयान गरकऩा का जो अदबत अनबव हआ वह अवणगनीम ह | मातरा की शरआत स ऩहर टदनाॊक ८-११-९९ को हभ ऩजम गरदव क आशीवागद रन गम |
गरदव न कामगकरभ क ववषम भ ऩछा औय कहा ऩॊिड़ आशरभ (यतराभ) भ बॊडाया था |
उसभ फहत साभान फि गमा ह | गाड़ी बजकय भॉगवा रना गयीफो भ फाॉटना | हभ झाफआ जजर क आस-ऩास क गयीफ आटदवासी इराको भ जानवार थ | वहाॉ स यतराभ क
मरए गाड़ी बजी | चगनकय साभान बया गमा | दो टदन िर उतना साभान था | एक टदन भ दो बॊडाय होत थ | अत िाय बॊडाय का साभान था | सफन खपर हाथो फतगन कऩड़ साकतड़माॉ धोती आटद साभान छ टदनो तक फाॉटा कपय बी साभान फिा यहा | सफको आशचमग हआ हभ रोग साभान कपय स चगनन रग ऩयॊत गरदव की रीरा क ववषम भ कमा कह
कवर दो टदन िर उतना साभान छ टदनो तक खपर हाथो फाॉटा कपय बी अॊत भ तीन
फोय फतगन फि गम भानो गरदव न अमऩातर बजा हो एक टदन शाभ को बॊडाया ऩया हआ तफ दखा कक एक ऩतीरा िावर फि गमा ह | कयीफ १००-१२५ रोग खा सक उतन िावर थ | हभन सोिा िावर गाॉव भ फाॊट दत ह | ऩयॊत गरदव की रीरा दखो एक गाॉव क फदर ऩाॉि गाॉवो भ फाॉट कपय बी िावर फि यह | आणखय याबतर भ ९ फज क फाद सवाधारयमो न थककय गरदव स पराथगना की कक गरदव अफ जॊगर का ववसताय ह हभ ऩय कऩा कयो | औय िावर खतभ हए | कपय सवाधायी ननवास ऩय ऩहॉि |
-सॊत शरी आसायाभजी बकतभॊडर
कतायगाभ सयत
सवपन भ टदम हए वयदान स ऩतरपरानि
भय गरहसथ जीवन भ एक-एक कयक तीन कनमाएॉ जनभी | ऩतरपरानि क मरए भयी धभगऩतनी न गरदव स आशीवागद पराि ककमा था | िौथी परसनत होन क ऩहर जफ उसन वरसाड़ भ सोनोगराफ़ी कयवामी तो रयऩोटग भ रड़की फतामा गमा | मह सनकय हभ ननयाश हो गम |
एक यात ऩतनी को सवपन भ गरदव न दशगन टदम औय कहा फटी चिॊता भत कय |
घफयाना भत धीयज यख | रड़का ही होगा | हभन सयत आशरभ भ फड़दादा की ऩरयकरभा कयक भनौती भानी थी वह बी फ़रीबत हई औय गरदव का बरहमवाकम बी सतम साबफत हआ जफ परसनत होन ऩय रड़का हआ | सबी गरदव की जम-जमकाय कयन रग |
-सनीर कभाय याधशमाभ िौयमसमा दीऩकवाड़ी ककपरा ऩायड़ी जज वरसाड़
शरी आसायाभामण क ऩाठ स जीवनदान
भया दस वषीम ऩतर एक यात अिानक फीभाय हो गमा | साॉस बी भजशकर स र यहा था |
जफ उस हॉजसऩटर भ बती ककमा तफ डॉकटय फोर | फचिा गॊबीय हारत भ ह | ऑऩयशन कयना ऩड़गा | भ फचि को हॉजसऩटर भ ही छोड़कय ऩस रन क मरए घय गमा औय घय
भ सबी को कहा ldquoआऩ रोग शरी आसायाभामण का ऩाठ शर कयो |rdquo ऩाठ होन रगा |
थोड़ी दय फाद भ हॉजसऩटर ऩहॉिा | वहाॉ दखा तो फचिा हॉस-खर यहा था | मह दख भयी औय घयवारो की खशी का टठकाना न यहा मह सफ फाऩजी की असीभ कऩा गर-गोववनद की कऩा औय शरी आसायाभामण-ऩाठ का पर ह |
-सनीर िाॊडक
अभयावती भहायाषड
गरवाणी ऩय ववशवास स अवणीम राब
शादी होन ऩय एक ऩतरी क फाद सात सार तक कोई सॊतान नहीॊ हई | हभाय भन भ ऩतरपरानि की इचछा थी | १९९९ क मशववय भ हभ सॊतानपरानि का आशीवागद रनवारो की ऩॊकतकत भ फठ | फाऩजी आशीवागद दन क मरए साधको क फीि आम तो कछ साधक नासभझी स कछ ऐस परशन कय फठ जो उनह नहीॊ कयन िाटहए थ | गरदव नायाज होकय मह कहकय िर गम कक तभको सॊतवाणी ऩय ववशवास नहीॊ ह तो तभ रोग महाॉ कमो आम तमह डॉकटय क ऩास जाना िाटहए था | कपय गरदव हभाय ऩास नहीॊ आम | सबी पराथगना कयत यह ऩय गरदव रवमासऩीठ स फोर दफाया तीन मशववय बयना | भ भन भ सोि यहा था कक कछ साधको क कायण भझ आशीवागद नहीॊ मभर ऩामा ऩयॊत वजरादवऩ कठोयाणण भदनन कसभादवऩ फाहय स वजर स बी कठोय टदखन वार सदगर बीतय स पर स बी कोभर होत ह | तयॊत गरदव ववनोद कयत हए फोर दखो म रोग सॊतानपरानि का आशीवागद रन आम ह | कस ठनठनऩार-स फठ ह अफ जाओ झरा-झनझना रकय घय जाओ | भन औय भयी ऩतनी न आऩस भ वविाय ककमा दमार गरदव न आणखय आशीवागद द ही टदमा | अफ गरदव न कहा ह कक झरा-झनझना र जाओ | तो भन गरविन भानकय यरव सटशन स एक झनझना खयीद मरमा औय गवामरमय आकय गरदव क चितर क ऩास यख टदमा | भझ वहाॉ स आन क १५ टदन फाद डॉकटय दवाया भारभ हआ कक ऩतनी गबगवती ह | भन गरदव को भन-ही-भन परणाभ ककमा | इस फीि डॉकटयो न सराह दी कक रड़का ह मा रड़की इसकी जाॉि कया रो | भन फड़ ववशवास स कहा कक रड़का ही होगा | अगय रड़की बी हई तो भझ कोई आऩवतत नहीॊ ह | भझ गबगऩात का ऩाऩ अऩन मसय ऩय नहीॊ रना ह | नौ भाह तक भयी ऩतनी बी सवसथ यही | हरयदवाय मशववय भ बी हभ रोग गम | सभम आन ऩय गरदव दवाया फताम गम इराज क भताबफक गाम क गोफय का यस ऩतनी को टदमा औय टदनाॊक २७ अकतफय १९९९ को एक सवसथ फारक का जनभ हआ |
-याजनर कभाय वाजऩमी अिगना वाजऩमी फरवॊत नगय ढाढीऩय भयाया गवामरमय
औय सोना मभर गमा
हभाय सॊमकत ऩरयवाय भ साठ तोरा सोना िोयी हो गमा था | सतसॊगी होन क कायण हभ द ख तो नहीॊ हआ कपय बी थोडी-फहत चिनता अवशम हई | आशरभ क एक साधक न हभस कहा | आऩ रोग शरी आसायाभामण क १०८ ऩाठ कयो औय सॊकपऩ कयो कक हभाया सोना हभ जरय मभरगा | मभनाऩाय टदपरी भ गरदव का आगभन हआ | हभ शाभ को गरदव क दशगन कयन गम | हभन कछ कहा नहीॊ कमोकक गरदव अॊतमागभी ह | उनहोन हभको परसाद टदमा | उसी यात घय ऩय पोन आमा कक आऩका सोना मभर गमा ह | िोय रखनऊ भ ऩकड़ा गमा ह | हभ आशचमग हआ शरी आसायाभामण क १०८ ऩाठ ऩय बी नहीॊ हए थ औय सोना मभर गमा |
-रीना फटानी यानीफाग टदपरी
सवपर क दो टकड़ो स दो सॊतान
भन सन १९९१ भ िटीिॊड मशववय अभदावाद भ ऩजम फाऩजी स भॊतरदीा री थी | भयी शादी क १० वषग तक भख कोई सॊतान नहीॊ हई | फहत इराज कयवाम रककन सबी डॉकटयो न फतामा कक फारक होन की कोई सॊबावना नहीॊ ह | तफ भन ऩजम फाऩजी क ऩनभ दशगन का वरत मरमा औय फाॉसवाड़ा भ ऩनभ दशगन क मरए गमा | ऩजम फाऩजी सफको परसाद द यह थ | भन भन भ सोिा | कमा भ इतना ऩाऩी हॉ कक फाऩजी भयी तयप दखत तक नहीॊ इतन भ ऩजम फाऩजी कक दवषट भझ ऩय ऩड़ी औय उनहोन भझ दो मभनट तक दखा | कपय उनहोन एक सवपर रकय भझ ऩय प का जो भय दाम कॊ ध ऩय रगकय दो टकड़ो भ फॉट गमा | घय जाकय भन उस सवपर क दोनो बाग अऩनी ऩतनी को णखरा टदम | ऩजमशरी का कऩाऩणग परसाद खान स भयी ऩतनी गबगवती हो गमी | ननयीण कयान ऩय ऩता िरा कक उसको दो मसय वारा फारक उतऩनन होगा | डॉकटयो न फतामा उसका मसजरयमन कयना ऩड़गा अनमथा आऩकी ऩतनी क फिन की समबावना नहीॊ ह | मसजरयमन भ रगबग फीस हजाय रऩमो का खिग आमगा | भन ऩजम फाऩजी स पराथगना की ह फाऩजी आऩन ही पर टदमा था | अफ आऩ ही इस सॊकट का ननवायण कीजजम | कपय
भन फड़ फादशाह क साभन बी पराथगना की जफ भ असऩतार ऩहॉिॉ तो भयी ऩतनी की परसती सकशर हो जाम | उसक फाद जफ भ असऩतार ऩहॉिा तो भयी ऩतनी एक ऩतर औय एक ऩतरी को जनभ द िकी थी | ऩजमशरी क दवाया टदम गम पर स भझ एक की जगह दो सॊतानो की परानि हई |
-भकशबाई सोरॊकी शायदा भॊटदय सकर क ऩीछ
फावन िार वड़ोदया
साइककर स गरधाभ जान ऩय खयाफ टाॉग ठीक हो गमी
भयी फाॉमी टाॉग घटन स उऩय ऩतरी हो गमी थी | ऑर इणणडमा भकतडकर इनसटीटमट
टदपरी भ भ छ टदन तक यहा | वहाॉ जाॉि क फाद फतरामा गमा कक तमहायी यीढ़ की हडडी क ऩास कछ नस भय गमी ह जजसस मह टाॉग ऩतरी हो गमी ह | मह ठीक तो हो ही नहीॊ सकती | हभ तमह ववटामभन ई क कपसर द यह ह | तभ इनह खात यहना | इसस टाॊग औय जमादा ऩतरी नहीॊ होगी | भन एक सार तक कपसर खाम | उसक फाद २२ जन
१९९७ को भजफ़फ़यनगय भ भन गरजी स भॊतरदीा री औय दवाई खाना फॊद कय दी | जफ एक साधक बाई याहर गिा न कहा कक सहायनऩय स साइककर दवाया उततयामण मशववय अभदावाद जान का कामगकरभ फन यहा ह तफ भन टाॉग क फाय भ सोि बफना साइककर मातरा भ बाग रन क मरए अऩनी सहभनत द दी | जफ भय घय ऩय ऩता िरा कक भन साइककर स गरधाभ अभदावाद जान का वविाय फनामा ह अत तभ ११५० ककभी तक साइककर नहीॊ िरा ऩाओग | रककन भन कहा भ साइककर स ही गरधाभ जाऊॉ गा िाह ककतनी बी दयी कमो न हो औय हभ आठ साधक बाई सहायनऩय स २६ टदसमफय ९७ को साइककरो स यवाना हए | भागग भ िढ़ाई ऩय भझ जफ बी कोइ टदककत होती तो ऐसा रगता जस भयी साइककर को कोई ऩीछ स धकर यहा ह | भ भड़कय ऩीछ दखता तो कोई टदखामी नहीॊ ऩड़ता | ९ जनवयी को जफ हभ अभदावाद गरआशरभ भ ऩहॉि औय भन सफह अऩनी टाॉग दखी तो भ दॊग यह गम जो टाॉग ऩतरी हो गमी थी औय डॉकटयो न उस ठीक होन स भना कय टदमा था वह टाॉग बफपकर ठीक हो गमी थी | इस कऩा को दखकय भ िककत यह गमा भय साथी बी दॊग यह गम मह सफ गरकऩा क परसाद का िभतकाय था | भय आठो साथी भयी ऩतनी तथा ऑर इणणडमा भकतडकर इनसटीटमट टदपरी दवाया जाॉि क परभाणऩतर इस फात क साी ह |
-ननयॊकाय अगरवार
ववषणऩयी
अदबत यही भौनभॊटदय की साधना
ऩयभ ऩजम सदगरदव की कऩा स भझ टदनाॊक १८ स २४ भई १९९९ तक अभदावाद आशरभ क भौनभॊटदय भ साधना कयन का सअवसय मभरा | भौनभॊटदय भ साधना क ऩाॉिव टदन मानी २२ भई की याबतर को रगबग २ फज नीॊद भ ही भझ एक झटका रगा | रट यहन कक जसथनत भ ही भझ भहसस हआ कक कोई अदशम शकतकत भझ ऊऩय फहत ऊऩय उड़म र जा यही ह | ऊऩय उड़त हए जफ भन नीि झाॉककय दखा तो अऩन शयीय को उसी भौनभॊटदय भ चितत रटा हआ फखफय सोता हआ ऩामा | ऊऩय जहाॉ भझ र जामा गमा वहाॉ अरग ही छटा थी अजीफ औय अवणीम आकाश को बी बदकय भझ ऐस सथान ऩय ऩहॉिामा गमा था जहाॉ िायो तयप कोहया-ही-कोहया था जस शीश की छत ऩय ओस परी हो इतन भ दखता हॉ कक एक सबा रगी ह बफना शयीय की कवर आकनतमो की | जस यखाओॊ स भनषमरऩी आकनतमाॉ फनी हो | मह सफ कमा िर यहा था सभझ स ऩय था |
कछ ऩर क फाद व आकनतमाॉ सऩषट होन रगी | दवी-दवताओॊ क ऩॊज क भधम शीषग भ एक उचि आसन ऩय साात फाऩजी शॊकय बगवान फन हए करास ऩवगत ऩय ववयाजभान थ औय दवी-दवता कताय भ हाथ फाॉध खड़ थ | भ भक-सा होकय अऩरक नतरो स उनह दखता ही यहा कपय भॊतरभगध हो उनक ियणो भ चगय ऩड़ा | परात क ४ फज थ | अहा भन औय शयीय हपका-फ़पका रग यहा था मही जसथनत २४ भई की भधमयाबतर भ बी दोहयामी गमी | दसय टदन सफह ऩता िरा कक आज तो फाहय ननकरन का टदन ह मानी यवववाय २५ भई की सफह | फाहय ननकरन ऩय बावबया रदम गदगद कॊ ठ औय आखो भ आॉस मो रग यहा था कक जस ननजधाभ स फघय ककमा जा यहा हॉ | धनम ह वह बमभ
भौनभॊटदय भ साधना की वह रवमवसथा जहाॊ स ऩयभ आनॊद क सागय भ डफन की कॊ जी मभरती ह जी कयता ह बगवान ऐसा अवसय कपय स राम जजसस कक उसी भौनभॊटदय भ ऩन आॊतरयक आनॊद का यसऩान कय ऩाऊॉ |
-इनरनायामण शाह
१०३ यतनदीऩ-२ ननयारा नगय कानऩय
असाधम योग स भकतकत
सन १९९४ भ भयी ऩतरी टहयर को शयद ऩणणगभा क टदन फखाय आमा | डॉकटयो को
टदखामा तो ककसीन भररयमा कहकय दवाइमाॉ दी तो ककसीन टामपामड कहकय इराज शर ककमा तो ककसीन टामपामड औय भररयमा दोनो कहा | दवाई की एक खयाक रन स शयीय नीरा ऩड़ गमा औय सज गमा | शयीय भ खन की कभी स उस छ फोतर खन िढ़ामा गमा | इॊजन दन स ऩय शयीय को रकवा भाय गमा | ऩीठ क ऩीछ शमावरण जसा हो गमा | ऩीठ औय ऩय का एकस-य मरमा गमा | ऩय ऩय वजन फाॉधकय यखा गमा | डॉकटयो न उस वाम का फखाय तथा यकत का क सय फतामा औय कहा कक उसक रदम तो वापव िौड़ा हो गमा ह | अफ हभ टहमभत हाय गम | अफ ऩजमशरी क मसवाम औय कोई सहाया नहीॊ था | उस सभम टहयर न कहा भमभी भझ ऩजम फाऩ क ऩास र िरो | वहाॉ ठीक हो जाऊगी | ऩाॉि टदन तक टहयर ऩजमशरी की यट रगाती यही | हभ उस अभदावाद आशरभ भ फाऩ क ऩास र गम | फाऩ न कहा इस कछ नहीॊ हआ ह | उनहोन भझ औय टहयर को भॊतर टदमा एवॊ फड़दादा की परदकषणा कयन को कहा | हभन परदकषणा की औय टहयर ऩनरह टदन भ िरन-कफ़यन रगी | हभ फाऩ की इस करणा-कऩा का कण कस िकाम अबी तो हभ आशरभ भ ऩजमशरी क शरीियणो भ सऩरयवाय यहकय धनम हो यह ह |
-परपपर रवमास
बावनगय
वतगभान भ अभदावाद आशरभ भ सऩरयवाय सभवऩगत
ऩजम फाऩ का दशगन-सतसॊग ही जीवन का सचिा यतन ह
भझ िाय सार स ऩतर कक काभना थी औय भय भन भ हआ कक भयी मह काभना जरय ऩयी होगी | अभदावाद भ धमानमोग मशववय क दौयान ऐसा वविाय आमा कक फाऩ भझ अऩन ियणो भ फरामग | भन भ दढ़ शरदधा थी | इतन रोगो क फीि भ स फाऩ न तजऩणग दवषट भझ ऩय डारी सॊतय का परसाद टदमा औय भया बागम खर गमा | फचि क जनभ स ऩहर डॉकटयो न ऑऩयशन को कहा था रककन फाऩ क फतान क भताबफक भय घयवारो न भझ गाम क गोफय का यस वऩरामा औय शीघर ही फारक का जनभ हो गमा | सचिी शरदधा-बकतकत हो तो कमा असॊबव ह ऩजम फाऩ का दशगन-सतसॊग ही जीवन का सचिा यतन ह |
सचिी शरदधा-बकतकत स ऐसा यतन ऩानवार हभ सबी धनबागी ह |
-यखा ऩयभाय भीया योड़ भॊफई
कसट का िभतकाय
रवमाऩाय उधायी भ िर जान स भ हताश हो गमा था एवॊ अऩनी जजॊदगी स तॊग आकय आतभहतमा कयन की फात सोिन रगा था | भझ साध-भहातभाओॊ व सभाज क रोगो स घणा-सी हो गमी थी धभग व सभाज स भया ववशवास उठ िका था | एक टदन भयी सारी फाऩजी क सतसॊग कक दो कसट ववचध का ववधान एवॊ आणखय कफ तक र आमी औय उसन भझ सनन क मरए कहा | उसक कई परमास क फाद बी भन व कसट नहीॊ सनीॊ एवॊ भन-ही-भन उनह ढ़ोग कहकय कसटो क कतडबफ भ दार टदमा | भन इतना ऩयशान था कक यात को नीॊद आना फॊद हो गमा था | एक यात कफ़पभी गाना सनन का भन हआ | अॉधया होन की वजह स कसट ऩहिान न सका औय गरती स फाऩजी क सतसॊग की कसट हाथ भ आ गमी | भन उसीको सनना शर ककमा | कपय कमा था भयी आशा फॉधन रगी | भन शाॉत होन रगा | धीय-धीय सायी ऩीड़ाएॉ दय होती िरी गमीॊ | भय जीवन भ योशनी-ही-योशनी हो गमी | कपय तो भन ऩजम फाऩजी क सतसॊग की कई कसट सनीॊ औय सफको सनामीॊ |
तदनॊतय भन गाजजमाफाद भ फाऩजी स दीा बी गरहण की | रवमाऩाय की उधायी बी िकता हो गमी | फाऩजी की कऩा स अफ भझ कोई द ख नहीॊ ह | ह गरदव फस एक आऩ ही भय होकय यह औय भ आऩका ही होकय यहॉ |
-ओभपरकाश फजाज
टदपरी योड़ सहायनऩय उततय परदश
भझ ऩय फयसी सॊत की कऩा
सन १९९५ क जन भाह भ भ अऩन रड़क औय बतीज क साथ हरयदवाय धमानमोग मशववय भ बाग रन गमा | एक टदन जफ भ हय की ऩौड़ी ऩय सनान कयन गमा तो ऩानी क तज फहाव क कायण ऩय कपसरन स भया रड़का औय बतीजा दोनो अऩना सॊतरन खो फठ औय गॊगा भ फह गम | ऐसी सॊकट की घड़ी भ भ अऩना होश खो फठा | कमा करॉ भ पट-पटकय योन रगा औय फाऩजी स पराथगना कयन रगा कक ह नाथ ह गरदव या कीजजम भय फचिो को फिा रीजजम | अफ आऩका ही सहाया ह | ऩजमशरी न भय सचि रदम स ननकरी ऩकाय सन री औय उसी सभम भया रड़का भझ टदखामी टदमा | भन झऩटकय उसको फाहय खीॊि मरमा रककन भया बतीजा तो ऩता नहीॊ कहाॉ फह गमा भ ननयॊतय यो यहा था औय भन भ फाय-फाय वविाय उठ यहा था कक फाऩजी भया रड़का फह जाता तो कोई फात नहीॊ थी रककन अऩन बाई की अभानत क बफना भ घय कमा भॉह
रकय जाऊॉ गा फाऩजी आऩही इस बकत की राज फिाओ | तबी गॊगाजी की एक तज रहय उस फचि को बी फाहय छोड़ गमी | भन रऩककय उस ऩकड़ मरमा | आज बी उस हादस को सभयण कयता हॉ तो अऩन-आऩको सॉबार नहीॊ ऩाता हॉ औय भयी आॉखो स ननयॊतय परभ की अशरधाया फहन रगती ह | धनम हआ भ ऐस गरदव को ऩाकय ऐस सदगरदव क शरीियणो भ भय फाय-फाय शत-शत परणाभ
-सभारखाॉ ऩानीऩत हरयमाणा
गरदव की कऩा स सॊतानपरानि
भयी शादी को ऩाॉि सार हो गम थ कपय बी कोई सॊतान नहीॊ हई | रोग हभ फहत तान भायत थ | तबी भन-ही-भन ननणगम र मरमा कक ऩजम फाऩ क आशरभ भ जाना ह | जनवयी १९९९ भ परथभ फाय उततयामण मशववय बया औय भॊतरदीा री | अफ गरदव कक कऩा स भझ एक सॊदय फारक पराि हआ ह | ऩजम फाऩजी की इतनी कऩा-करणा दखकय रदम बय आता ह | भ ऩजम फाऩजी स पराथगना कयती हॉ कक मह फारक उनह सभवऩगत कय सकॊ औय मह उनक मोगम फनसक ऐसी सदफवदध हभ द |
-ननभगरा क तड़वी काॊनतबाई हीयाबाई तडवी याभजी भॊटदय क ऩास कायरी फाग वड़ोदया
गरकऩा स जीवनदान
टदनाॊक १५-१-९६ की घटना ह | भन धात क ताय ऩय सखन क मरए कऩड़ परा यख थ |
फारयश होन क कायण उस ताय भ कयॊट आ गमा था | भया छोटा ऩतर ववशार जो कक ११ वीॊ का भ ऩढ़ता ह आकय उस ताय स छ गमा औय बफजरी का कयॊट रगत ही वह फहोश हो गमा शव क सभान हो गमा | हभन उस तयॊत फड़ असऩतार भ दाणखर कयवामा | डॉकटय न फचि की हारत गॊबीय फतामी | ऐसी ऩरयजसथनत दखकय भयी आॉखो स अशरधायाएॉ फह ननकरी | भ ननजानॊद की भसती भ भसत यहन वार ऩजम सदगरदव को भन-ही-भन माद ककमा औय पराथगना कक ह गरदव अफ तो इस फचि का जीवन आऩक ही हाथो भ ह | ह भय परब आऩ जो िाह सो कय सकत ह | औय आणखय भयी पराथगना सपर हई | फचि भ एक नवीन ितना का सॊिाय हआ एवॊ धीय-धीय फचि क सवासम भ
सधाय होन रगा | कछ ही टदनो भ वह ऩणगत सवसथ हो गमा | डॉकटय न तो उऩिाय ककमा रककन जो जीवनदान उस पमाय परब की कऩा स सदगरदव की कऩा स मभरा उसका वणगन कयन क मरए भय ऩास शबद नहीॊ ह | फस ईशवय स भ मही पराथगना कयता हॉ कक ऐस बरहमननषठ सॊत-भहाऩरषो क परनत हभायी शरदधा भ ववदध होती यह | -
डॉ वाम ऩी कारया शाभरदास कॉरज बावनगय गजयात
ऩजम फाऩ जस सॊत दननमा को सवगग भ फदर सकत ह
भई १९९८ क अॊनतभ टदनो भ ऩजमशरी क इॊदौय परवास क दौयान ईयान क ववखमात कफ़जजमशमन शरी फफाक अगरानी बायत भ अधमाजतभक अनबवो की परानि आम हए थ |
ऩजमशरी क दशगन ऩाकय जफ उनहोन अधमाजतभक अनबवो को परीबत होत दखा तो व ऩॊिड़ आशरभ भ आमोजजत धमानमोग मशववय भ बी ऩहॉि गम | शरी अगरानी जो दो टदन रककय वाऩस रौटन वार थ व ऩय गमायह टदन तक ऩॊिड़ आशरभ भ रक यह | उनहोन ववधाथी मशववय भ सायसवतम भॊतर की दीा री एवॊ ववमशषट धमानमोग साधना मशववय (४ -१० जन १९९८) का बी राब मरमा | मशववय क दौयान शरी अगरानी न ऩजमशरी स भॊतरदीा बी र री | ऩजमशरी क साजननधम भ सॊपराि अनबनतमो क फाय भ बतरम सभािाय ऩतर ितना को दी हई बटवाताग भ शरी अगरानी कहत ह मटद ऩजम फाऩ जस सॊत हय दश भ हो जाम तो मह दननमा सवगग फन सकती ह | ऐस शाॊनत स फठ ऩाना हभाय मरए कटठन ह रककन जफ ऩजम फाऩजी जस भहाऩरषो क शरीियणो भ फठकय सतसॊग सनत ह तो ऐसा आनॊद आता ह कक सभम का कछ ऩता ही नहीॊ िरता | सिभि ऩजम फाऩ कोई साधायण सॊत नहीॊ ह |
-शरी फफाक अगरानी ववशवववखमात कफ़जजमशमन ईयान
फाऩजी का साजननधम गॊगा क ऩावन परवाह जसा ह
कर-कर कयती इस बागीयथी की धवर धाया क ककनाय ऩय ऩजम फाऩजी क साजननधम भ फठकय भ फड़ा ही आपहाटदत औय परभटदत हॉ आनॊटदत हॉ योभाॊचित हॊ | गॊगा बायत की सषमना नाड़ी ह | गॊगा बायत की सॊजीवनी ह | शरी ववषणजी क ियणो स ननकरकय बरहमाजी क कभॊड़र औय जटाधय क भाथ ऩय शोबामभान गॊगा बतरमोगमसवदधकायक ह |
ववषणजी क ियणो स ननकरी गॊगा बकतकत मोग की परतीनत कयाती ह औय मशवजी क भसतक ऩय जसथत गॊगा ऻान मोग की उचितय बमभका ऩय आरढ़ होन की खफय दती ह |
भझ ऐसा रग यहा ह कक आज फाऩजी क परविनो को सनकय भ गॊगा भ गोता रगा यहा हॉ कमोकक उनका परविन उनका सजननधम गॊगा क ऩावन परवाह जसा ह | व अरभसत फ़कीय ह | व फड़ सयर औय सहज ह | व जजतन ही ऊऩय स सयर ह उतन ही अॊतय भ गढ़ ह | उनभ टहभारम जसी उचिता ऩववतरता शरषठता ह औय सागयतर जसी गॊबीयता ह |
व याषड की अभपम धयोहय ह | उनह दखकय कवष-ऩयमऩया को फोध होता ह | गौतभ कणाद
जमभनी कवऩर दाद भीया कफीय यदास आटद सफ कबी-कबी उनभ टदखत ह |
य बाई कोई सतगर सॊत कहाव
जो ननन अरख रखाव धयती उखाड़ आकाश उखाड़
अधय भड़मा धाव |
शनम मशखय क ऩाय मशरा ऩय आसन अिर जभाव |
य बाई कोई सतगर सॊत कहाव
एक ऐस ऩावन साजननधम भ हभ फठ ह जो फड़ा दरगब औय सहज मोगसवरऩ ह | ऐस भहाऩरषो क मरए ऩॊकतकतमाॉ माद आ यही ह तभ िरो तो िर धयती िर अॊफय िर दननमा ऐस भहाऩरष िरत ह तो उनक मरए समग िॊर ताय गरह नतर आटद सफ अनकर हो जात ह | ऐस इजनरमातीत गणातीत बावातीत शबदातीत औय सफ अवसथाओॊ स ऩय ककनहीॊ भहाऩरषो क शरीियणो भ जफ फठत ह तो बागवत कहता ह
साधनाॊ दशगनॊ रोक सवगमसवदधकयॊ ऩयभ |
साध क दशगन भातर स वविाय ववबनत ववदवता शकतकत सहजता ननववगषमता परसननता मसवदधमाॉ औय आतभानॊद की परानि होती ह | दश क भहान सॊत महाॉ सहज ही आत ह बायत क सबी शॊकयािामग बी मशववय भ आत ह | अत भय भन भ बी वविाय आमा कक जहाॉ सफ जात ह वहाॉ जाना िाटहए कमोकक मही वह ठोय-टठकाना ह जहाॉ भन का अमबभान मभटामा जा सकता ह | ऐस भहाऩरषो क दशगन स कवर आनॊद औय भसती ही नहीॊ मभरती फजपक वह सफ कछ मभर जाता ह जो अमबरावषत ह आकाॊकषत ह रकषत ह | महाॉ भ करणा क
कभगठता क वववक-वयागम क ऻान क दशगन कय यहा हॉ | वयागम औय बकतकत क यण ऩोषण औय सॊवधगन क मरए मह सिकवषमो का उततभ ऻान भाना जाता ह | आज गॊगा कपय स
साकाय टदख यही ह तो व फाऩजी क वविाय औय वाणी भ टदख यही ह | अरभसतता सहजता उचिता शरषठता ऩववतरतता तीथग-सी शचिता मशश-सी सयरता तरणो-सा जोश वदधो-सा गाॊबीमग औय कवषमो जसा ऻानाफोध भझ जहाॉ हो यहा ह वह मह ऩॊडार ह | इस आनॊदनगय कहॉ मा परभनगय करणा का सागय कहॉ मा वविायो का सभनदय रककन इतना जरय कहॉगा कक भय भन का कोन-कोना आपहाटदत हो यहा ह | आऩ रोग फड़बागी ह जो ऐस भहाऩरष क शरीियणो भ फठ ह जहाॉ बागम का टदरवम रवमकतकतततव का ननभागण होता ह | जीवन की कतकतमता जहाॉ पराि हो सकती ह वह मही दय ह |
मभर तभ मभरी भॊजजर मभरा भकसद औय भददा बी |
न मभर तभ तो यह गमा भददा भकसद औय भॊजजर बी ||
आऩका मह बावयाजम औय परभयाजम दखकय भ िककत बी हॉ औय आनॊद का अनबव बी कय यहा हॉ | आऩक परनत भया ववशवास औय अटट ननषठा फढ़ इस हत भया नभन सवीकाय कय | भझ ऐसा रगता ह कक फाऩजी समग ह औय नायामण सवाभी एक ऐस दीऩ ह जो न फझ सकत ह न जराम जात ह |
-सवाभी अवधशानॊदजी हरयदवाय
सायसवतम भॊतर स हए अदबत राब
भन १९९८ भ ववधाथी उतथान मशववय सोनीऩत भ ऩजम गरदव स सायसवतम भॊतर की दीा री | दीा क फाद ननममभत भॊतरजऩ कयन स भ इतना कशागर फवदधवारा एवॊ सवावरॊफी हो गमा कक भन एक भहीन भ ही टमशन छोड़ दी औय सवमॊ खफ भहनत कयन रगा | भ सकर बी ऩदर आन-जान रगा जजसस भन सकर फस का ककयामा फिा मरमा |
भॊतर जाऩ क परबाव स भझ ९ वीॊ १० वीॊ ११ वीॊ की ऩयीाओॊ भ परथभ सथान पराि हआ |
१२ वीॊ की ऩयीा क सभम भया सवासम खयाफ होन क कायण भ जऩ ठीक स नहीॊ कय सका कपय बी ७९ परनतशत अॊको स ऩास हआ | उसक फाद इॊजजननमरयॊग की ऩरया भ बी उततीणग यहा |
-करदीऩ कभाय डी-२३४ वसट ववनोद नगय टदपरी
भ टदसमफय १९९९ भ छततीसगढ़ क बाटाऩाया भ ऩजम गरदव स सायसवतम भॊतर की दीा
री | ततऩशचात भ ननममभत रऩ स जऩ-धमान- पराणामाभ कयता था जजसस भझ फहत राब हआ | ऩजम फऩजी की कऩा औय सायसवतम भॊतर जाऩ क परबाव स भझ १२ वीॊ की फोड़ग की ऩरया भ ८४६ परनतशत अॊक मभर |
-ववयनर कभाय कौमशक
डोगयगाॉव जज याजनाॊदगाॉव (छग)
बौनतक मग क अॊधकाय भ ऻान की जमोनत ऩजम फाऩ
भादक ननमॊतरण बमयो बायत सयकाय क भहाननदशक शरी एिऩी कभाय ९ भई को अभदावाद आशरभ भ सतसॊग-कामगकरभ क दौयान ऩजम फाऩ स आशीवागद रन ऩहॉि | फड़ी ववनमरता एवॊ शरदधा क साथ उनहोन ऩजम फाऩ क परनत अऩन उदगाय भ कहा जजस रवमकतकत क ऩास वववक नहीॊ ह वह अऩन रकषम तक नहीॊ ऩहॉि सकता ह औय वववक को पराि कयन का साधन ऩजम आसायाभजी फाऩ जस भहान सॊतो का सतसॊग ह | ऩजम फाऩ स भया परथभ ऩरयिम टीवी क भाधमभ स हआ | ततऩशचात भझ आशरभ दवाय परकामशत कवष परसाद भामसक पराि हआ | उस सभम भझ रगा कक एक ओय जहाॉ इस बौनतक मग क अॊधकाय भ भानव बटक यहा ह वहीॊ दसयी ओय शाॊनत की भॊद-भॊद सगॊचधत वाम बी िर यही ह | मह ऩजम फाऩ क सतसॊग का ही परबाव ह | ऩजमशरी क दशगन कयन का जो सौबागम भझ पराि हआ ह इसस भ अऩन को कतकतम भानता हॉ | ऩजम फाऩ क शरीभख स जो अभत वषाग होती ह तथा इनक सतसॊग स कयोड़ो रदमो भ जो जमोनत जगती ह व इसी परकाय स जगती यह औय आन वार रॊफ सभम तक ऩजमशरी हभ सफ का भागगदशगन कयत यह मही भयी काभना ह | ऩजम फाऩ क शरीियणो भ भय परणाभ
-शरी एिऩी कभाय भहाननदशक भादक ननमॊतरण बमयो बायत सयकाय
गरकऩा ऐसी हई कक अॉधय तो कमा दय बी नहीॊ हई
ऩयभ कऩार फाऩजी क शरीियणो भ भय कोटट-कोटट वॊदन भ एक इसभाइरी खवाजा हॉ तथा अऩन धभग भ अकतडग हॉ | िाय वषग ऩवग कछ रोगो दवाया एक सननमोजजत मोजना फनाकय भझ जफयदसती भडगय कस का आयोऩी फना टदमा गमा था | इसस भझ कहीॊ शाॊनत नहीॊ मभर यही थी | २८ पयवयी १९९७ को भझ नागऩय भ आमोजजत फाऩजी क सतसॊग भ जान की परयणा मभरी औय ४ भािग १९९७ को भन फाऩजी स भॊतरदीा री | भ उनस भन-
ही-भन ववनती की कक ह गरदव भझ फिा रो | गरकऩा ऐसी हई कक ७ जनवयी १९९८ को भझ अदारत न ऩाक-साप फयी कय टदमा फाकी छ आयोवऩमो को सजा हई | धनम ह ऐस भय सदगर उनक शरीियणो भ भय कोटट-कोटट वनदन
-यहभान खान ननशान छाफड़ी (बफछआ) जज नछनदवाड़ा (भपर)
भजसरभ भटहरा को पराणदान
२७ मसतमफय २००० को जमऩय भ भय ननवास ऩय ऩजम फाऩ का आतभ-साातकाय टदवस
भनामा गमा जजसभ भय ऩड़ोस की भजसरभ भटहरा नाथी फहन क ऩनत शरी भाॉग खाॉ न बी ऩजम फाऩ की आयती की औय ियणाभत मरमा | ३-४ टदन फाद ही व भजसरभ दॊऩनत खवाजा साटहफ क उसग भ अजभय िर गम | टदनाॊक ४ अकटफय २००० को अजभय क उसग भ असाभाजजक ततवो न परसाद भ जहय फाॉट टदमा जजसस उसग भर भ आम कई दशगनाथी असवसथ हो गम औय कई भय बी गम | भय ऩड़ोस की नाथी फहन न बी वह परसाद खामा औय थोड़ी दय भ ही वह फहोश हो गमी | अजभय भ उसका उऩिाय ककमा गमा ककॊ त उस होश न आमा | दसय टदन ही उसका ऩनत उस अऩन घय र आमा | कॉरोनी क सबी ननवासी उसकी हारत दखकय कह यह थ कक अफ इसका फिना भजशकर ह | भ बी उस दखन गमा | वह फहोश ऩड़ी थी | भ जोय-जोय स हरय ॐ हरय ॐ का उचिायण ककमा तो वह थोड़ा टहरन रगी | भझ परयणा हई औय भ ऩन घय गमा | ऩजम फाऩ स पराथगना की | ३-४ घॊट फाद ही वह भटहरा ऐस उठकय खड़ी हो गमी भानो सोकय उठी हो | उस भटहरा न फतामा कक भय िािा ससय ऩीय ह औय उनहोन भय ऩनत क भॉह स फोरकय फतामा कक तभन २७ मसतमफय २००० को जजनक सतसॊग भ ऩानी वऩमा था उनहीॊ सपद दाढ़ीवार फाफा न तमह फिामा ह कसी करणा ह गरदव की
-जएर ऩयोटहत
८७ सपतान नगय जमऩय (याज)
उस भटहरा का ऩता ह -शरीभती नाथी
ऩतनी शरी भाॉग खाॉ १०० सपतान नगय गजगय की धड़ी नम साॊगानय योड़
जमऩय (याज)
हरयनाभ की पमारी न छड़ामी शयाफ की फोतर
सौबागमवश गत २६ टदसमफय १९९८ को ऩजमशरी क १६ मशषमो की एक टोरी टदपरी स हभाय गाॉव भ हरयनाभ का परिाय-परसाय कयन ऩहॉिी | भ फिऩन स ही भटदयाऩान धमरऩान व मशकाय कयन का शौकीन था | ऩजम फाऩ क मशषमो दवाया हभाय गाॉव भ जगह-जगह ऩय तीन टदन तक रगाताय हरयनाभ का कीतगन कयन स भझ बी हरयनाभ का यॊग रगता जा यहा था | उनक जान क एक टदन क ऩशचात शाभ क सभम योज की बाॊनत भन शयाफ की फोतर ननकारी | जस ही फोतर खोरन क मरए ढककन घभामा तो उस ढककन क घभन स भझ हरय ॐ हरय ॐ की धवनन सनामी दी | इस परकाय भन दो-तीन फाय ढककन घभामा औय हय फाय भझ हरय ॐ की धवनन सनामी दी | कछ दय फाद भ उठा तथा ऩजमशरी क एक मशषम क घय गमा | उनहोन थोड़ी दय भझ ऩजमशरी की अभतवाणी सनामी | अभतवाणी सनन क फाद भया रदम ऩकायन रगा कक इन दरवमगसनो को तमाग दॉ | भन तयॊत फोतर उठामी तथा जोय-स दय खत भ प क दी | ऐस सभथग व ऩयभ कऩार सदगरदव को भ रदम स परणाभ कयता हॉ जजनकी कऩा स मह अनोखी घटना भय जीवन भ घटी जजसस भया जीवन ऩरयवनतगत हआ |
-भोहन मसॊह बफषट
मबखमासन अपभोड़ा (उपर)
ऩय गाॉव की कामाऩरट
ऩजमशरी स टदनाॊक २७६९१ को दीा रन क फाद भन रवमवसनभकतकत क परिाय-परसाय का रकषम फना मरमा | भ एक फाय कौशरऩय (जज शाजाऩय) ऩहॉिा | वहाॉ क रोगो क रवमवसनी औय रड़ाई-झगड़ मकत जीवन को दखकय भन कहा आऩ रोग भनषम-जीवन सही अथग ही नहीॊ सभझत ह | एक फाय आऩ रोग ऩजम फाऩजी क दशगन कय र तो आऩको सही जीवन जीन की कॊ जी मभर जामगी | गाॉव वारो न भयी फात भान री औय दस रवमकतकत भय गाॉव ताजऩय आम | भन एक साधक को उनक साथ जनभाषटभी भहोतसव भ सयत बजा | ऩजम फाऩजी की उन ऩय कऩा फयसी औय सफको गरदीा मभर गमी | जफ व रोग अऩन गाॉव ऩहॉि तो सबी गाॉववामसमो को फड़ा कौतहर था कक ऩजम फाऩजी कस ह फाऩजी की रीराएॉ सनकय गाॉव क अनम रोगो भ बी ऩजम फाऩजी क परनत शरदधा जगी | उन दीकषत साधको न सबी गाॉववारो को सववधानसाय ऩजम फाऩजी क अरग-अरग आशरभो भ
बजकय दीा टदरवा दी | गाॉव क सबी रवमकतकत अऩन ऩय ऩरयवाय सटहत दीकषत हो िक ह | परतमक गरवाय को ऩय गाॉव भ एक सभम बोजन फनता ह | सबी रोग गरवाय का वरत यखत ह | कौशरऩय गाॉव क परबाव स आस-ऩास क गाॉववार एवॊ उनक रयशतदायो सटहत १००० रवमकतकतमो शयाफ छोड़कय दीा र री ह | गाॉव क इनतहास भ तीन-तीन ऩीढ़ी स कोई भॊटदय नहीॊ था | गाॉववारो न ५ राख रऩम रगाकय दो भॊटदय फनवाम ह | ऩया गाॉव रवमवसनभकत एवॊ बगवतबकत फन गमा ह मह ऩजम फाऩजी की कऩा नहीॊ तो औय कमा ह सफक तायणहाय ऩजम फाऩजी क शरीियणो भ कोटट-कोटट परणाभ
-शमाभ परजाऩनत (सऩयवाइजय नतरहन सॊघ) ताजऩय उजजन (भपर)
नतरबफ ॊद का िभतकाय
भया सौबागम ह कक भझ सॊतकऩा नतरबफॊद (आई डरॉपस) का िभतकाय दखन को मभरा |
एक सॊत फाफा मशवयाभदास उमर ८० वषग गीता कटटय तऩोवन झाड़ी सिसयोवय हरयदवाय भ यहत ह | उनकी दाटहनी आॉख क सपद भोनतम का ऑऩयशन शाॉनतकॊ ज हरयदवाय आमोजजत कमऩ भ हआ | कस बफगड़ गमा औय कार भोनतमा फन गमा | ददग यहन रगा औय योशनी घटन रगी | दोफाया बभाननद नतर चिककतसारम भ ऑऩयशन हआ | एबसपमट गरकोभा फतात हए कहा कक ऑऩयशन स मसयददग ठीक हो जामगा ऩय योशनी जाती यहगी | ऩयॊत अफ व फाफा सॊत शरी आसायाभजी आशरभ दवाय ननमभगत सॊतकऩा नतरबफॊद सफह-शाभ डार यह ह | भन उनक नतरो का ऩयीण ककमा | उनकी दाटहनी आॉख भ उॉगरी चगनन रामक योशनी वाऩस आ गमी ह | कार भोनतम का परशय नॉभगर ह | कोननगमा भ सजन नहीॊ ह | व कापी सॊतषट ह | व फतात ह आॉख ऩहर रार यहती थी ऩयॊत अफ नहीॊ ह | आशरभ क नतरबफॊद स कपऩनातीत राब हआ | फामीॊ आॉख भ बी उनह सपद भोनतमा फतामा गमा था औय सॊशम था कक शामद कारा भोनतमा बी ह | ऩय आज फामीॊ आॉख बी ठीक ह औय दोनो आॉखो का परशय बी नॉभगर ह | सपद भोनतमा नहीॊ ह औय योशनी कापी अचछी ह |
मह सॊतकऩा नतरफॊद का ववरण परबाव दखकय भ बी अऩन भयीजो को इसका उऩमोग कयन की सराह दॉगा |
-डॉ अननत कभाय अगरवार (नतरयोग ववशषऻ)
एभफीफीएस एभएस (नतर) डीओएभएस (आई) सीताऩय सहायनऩय (उपर)
ऩजमशरी की तसवीय स मभरी परयणा
सवगसभथग ऩयभ ऩजम शरी फाऩजी क ियणकभरो भ भया कोटट-कोटट नभन १९८४ क बकॊ ऩ स समऩणग उततय बफहाय भ कापी नकसान हआ था जजसकी िऩट भ हभाया घय बी था | ऩरयजसथनतवश भझ नौवी का भ ऩढ़ामी छोड़ दनी ऩड़ी | ककसी मभतर की सराह स भ नौकयी ढॉढ़न क मरए टदपरी गमा रककन वहाॉ बी ननयाशा ही हाथ रगी | भ दो टदन स बखा तो था ही ऊऩय स नौकयी की चिॊता | अत आतभहतमा का वविाय कयक यरव सटशन की ओय िर ऩड़ा | यानीफाग फाजाय भ एक दकान ऩय ऩजमशरी का सतसाटहतम
कसट आटद यखा हआ था एवॊ ऩजमशरी की फड़ आकाय की तसवीय बी टॉगी थी | ऩजमशरी की हॉसभख एवॊ आशीवागद की भरावारी उस तसवीय ऩय भयी नजय ऩड़ी तो १० मभनट तक भ वहीॊ सड़क ऩय स ही खड़-खड़ उस दखता यहा | उस वकत न जान भझ कमा मभर गमा भ काभ बर भजदयी का ही कयता हॉ रककन तफस रकय आज तक भय चितत भ फड़ी परसननता फनी हई ह | न जान भयी जजनदगी की कमा दशा होती अगय ऩजम फाऩजी की मवाधन सया ईशवय की ओय ननजशचनत जीवन ऩसतक औय कवष परसाद ऩबतरका हाथ न रगती ऩजमशरी की तसवीय स मभरी परयणा एवॊ उनक सतसाटहतम न भयी डफती नमा को भानो भझदाय स फिा मरमा | धनबागी ह साटहतम की सवा कयन वार जजनहोन भझ आतभहतमा क ऩाऩ स फिामा |
-भहश शाह
नायामणऩय दभया जज सीताभढ़ी (बफहाय)
भॊतर स राब
भयी भाॉ की हारत अिानक ऩागर जसी हो गमी थी भानो कोई बत-परत-डाककनी मा आसयी ततव उनभ घस गमा | भ फहत चिॊनतत हो गमा एवॊ एक साचधका फहन को पोन ककमा | उनहोन बत-परत बगान का भॊतर फतामा जजसका वणगन आशरभ स परकामशत आयोगमननचध ऩसतक भ बी ह | वह भॊतर इस परकाय ह
ॐ नभो बगवत रर बयवाम बतपरत म कर कर हॊ पट सवाहा |
इस भॊतर का ऩानी भ ननहायकय १०८ फाय जऩ ककमा औय वही ऩानी भाॉ को वऩरा टदमा |
तयॊत ही भाॉ शाॊनत स सो गमीॊ | दसय टदन बी इस भॊतर की ऩाॉि भारा कयक भाॉ को वह जर वऩरामा तो भाॉ बफपकर ठीक हो गमीॊ | ह भय साधक बाई-फहनो बत-परत बगान क
मरए अरा फाॉधॉ फरा फाॉधॉ ऐसा कयक झाड़-फ़ॉ क कयनवारो क िककय भ ऩड़न की जरयत नहीॊ ह | इसक मरए तो ऩजम फाऩजी का भॊतर ही तायणहाय ह | ऩजम फाऩजी क शरीियणो भ कोटट-कोटट परणाभ
-िॊऩकबाई एन ऩटर (अभरयका)
काभ करोध ऩय ववजम ऩामी
एक टदन भॊफई भर भ टटकट िककॊ ग कयत हए भ वातानकमरत फोगी भ ऩहॉिा | दखा तो भखभर की गददी ऩय टाट का आसन बफछाकय सवाभी शरी रीराशाहजी भहायाज सभाचधसथ ह | भझ आशचमग हआ कक जजन परथभ शरणी की वातानकमरत फोचगमो भ याजा-भहायाजा मातरा कयत ह ऐसी फोगी औय तीसयी शरणी की फोगी क फीि इन सॊत को कोई बद नहीॊ रगता | ऐसी फोचगमो भ बी व सभाचधसथ होत ह मह दखकय मसय झक जाता ह | भन ऩजम भहायाजशरी को परणाभ कयक कहा आऩ जस सॊतो क मरए तो सफ एक सभान ह |
हय हार भ एकयस यहकय आऩ भकतकत का आनॊद र सकत ह | रककन हभाय जस गरहसथो को कमा कयना िाटहए ताकक हभ बी आऩ जसी सभता फनाम यखकय जीवन जी सक
ऩजम भहायाजजी न कहा काभ औय करोध को त छोड़ द तो त बी जीवनभकत हो सकता ह | जहाॉ याभ तहॉ नहीॊ काभ जहाॉ काभ तहॉ नहीॊ याभ | औय करोध तो बाई बसभासय ह | वह तभाभ ऩणम को जराकय बसभ कय दता ह अॊतकयण को भमरन कय दता ह | भन कहा परब अगय आऩकी कऩा होगी तो भ काभ-करोध को छोड़ ऩाऊॉ गा | ऩजम भहायाजजी न कहा बाई कऩा ऐस थोड़ ही की जाती ह सॊतकऩा क साथ तया ऩरषाथग औय दढ़ता बी िाटहए | ऩहर त परनतऻा कय कक त जीवनऩमगनत काभ औय करोध स दय यहगा तो भ तझ आशीवागद दॉ | भन कहा भहायाजजी भ जीवनबय क मरए परनतऻा तो करॉ रककन उसका ऩारन न कय ऩाऊॉ तो झठा भाना जाऊॉ गा | ऩजम भहायाजजी न कहा अचछा ऩहर त भय सभ आठ टदन क मरए परनतऻा कय | कपय परनतऻा को एक-एक टदन फढ़त जाना | इस परकाय त उन फराओॊ स फि सकगा | ह कफर भन हाथ जोड़कय कफर ककमा | ऩजम भहायाजजी न आशीवागद दकय दो-िाय पर परसाद भ टदम | ऩजम भहायाजजी न भयी जो दो कभजोरयमाॉ थीॊ उन ऩय ही सीधा हभरा ककमा था | भझ आशचमग हआ कक अनम कोई बी दगगण छोड़न का न कहकय इन दो दगगणो क मरए ही उनहोन परनतऻा कमो कयवामी फाद भ भ इस याज स अवगत हआ |
दसय टदन भ ऩसनजय टरन भ कानऩय स आग जा यहा था | सफह क कयीफ नौ फज थ |
तीसयी शरणी की फोगी भ जाकय भन माबतरमो क टटकट जाॉिन का कामग शर ककमा | सफस
ऩहर फथग ऩय सोम हए एक मातरी क ऩास जाकय भन एक मातरी क ऩास जाकय भन टटकट टदखान को कहा तो वह गससा होकय भझ कहन रगा अॊधा ह दखता नहीॊ कक भ सो गमा हॉ भझ नीॊद स जगान का तझ कमा अचधकाय ह मह कोई यीत ह टटकट क फाय भ ऩछन की ऐसी ही अकर ह तयी ऐसा कछ-का-कछ वह फोरता ही गमा फोरता ही गमा | भ बी करोधाववषट होन रगा ककॊ त ऩजम भहायाजजी क सभ री हई परनतऻा भझ माद थी अत करोध को ऐस ऩी गमा भानो ववष की ऩकतड़मा भन उस कहा भहाशम आऩ ठीक ही कहत ह कक भझ फोरन की अकर नहीॊ ह बान नहीॊ ह | दखो भय म फार धऩ भ सपद हो गम ह | आऩभ फोरन की अकर अचधक ह नमरता ह तो कऩा कयक मसखाओॊ कक टटकट क मरए भझ ककस परकाय आऩस ऩछना िाटहए | भ रािाय हॉ कक डमटी क कायण भझ टटकट िक कयना ऩड़ यहा ह इसमरए भ आऩको कषट द यहा हॉ|
औय कफ़य भन खफ परभ स हाथ जोड़कय ववनती की बमा कऩा कयक कषट क मरए भझ भा कयो | भझ अऩना टटकट टदखामग भयी नमरता दखकय वह रजजजत हो गमा एवॊ तयॊत उठ फठा | जपदी-जपदी नीि उतयकय भझस भा भाॉगत हए कहन रगा भझ भाप कयना | भ नीॊद भ था | भन आऩको ऩहिाना नहीॊ था | अफ आऩ अऩन भॉह स भझ कह कक आऩन भझ भाफ़ ककमा मह दखकय भझ आनॊद औय सॊतोष हआ | भ सोिन रगा कक सॊतो की आऻा भानन भ ककतनी शकतकत औय टहत ननटहत ह सॊतो की करणा कसा िभतकारयक ऩरयणाभ राती ह वह रवमकतकत क पराकनतक सवबाव को बी जड़-भर स फदर सकती ह | अनमथा भझभ करोध को ननमॊतरण भ यखन की कोई शकतकत नहीॊ थी | भ ऩणगतमा असहाम था कपय बी भझ भहायाजजी की कऩा न ही सभथग फनामा | ऐस सॊतो क शरीियणो भ कोटट-कोटट नभसकाय
-शरी यीजभर
रयटामडग टीटी आई कानऩय
अनम अनबव
जरा हआ कागज
ऩवग रऩ भ एक फाय ऩयभहॊस ववशदधानॊदजी स आनॊदभमी भाॉ की ननकटता ऩानवार सपरमसदध ऩॊकतडत गोऩीनाथ कववयाज न ननवदन ककमा तयणीकानत ठाकय को अरौककक मसवदध पराि हई ह | व बफना दख मा बफना छए ही कागज भ मरखी हई फात ऩढ़ रत ह |
गरदव फोर तभ एक कागज ऩय कछ मरखो औय उसभ आग रगाकय जरा दो |
कववयाजजी न कागज ऩय कछ मरखा औय ऩयी तयह कागज जराकय हवा भ उड़ा टदमा |
उसक फाद गरदव न अऩन तककम क नीि स वही कागज ननकारकय कववयाजजी क आग यख टदमा | मह दखकय उनह फड़ा आशचमग हआ कक मह कागज वही था एवॊ जो उनहोन मरखा था वह बी उस ऩय उनहीॊ क सरख भ मरखा था औय साथ ही उसका उततय बी मरखा हआ दखा | जड़ता ऩशता औय ईशवयता का भर हभाया शयीय ह | जड़ शयीय को भ-भया भानन की ववतत जजतनी मभटती ह ऩाशवी वासनाओॊ की गराभी उतनी हटती ह औय हभाया ईशवयीम अॊश जजतना अचधक ववकमसत होता ह उतना ही मोग-साभमग ईशवयीम साभमग परकट होता ह | बायत क ऐस कई बकतो सॊतो औय मोचगमो क जीवन भ ईशवयीम साभमग दखा गमा ह अनबव ककमा गमा ह उसक ववषम भ सना गमा ह | धनम ह बायतबमभ भ यहनवार बायतीम सॊसकनत भ शरदधा-ववशवास यखनवार अऩन ईशवयीम अॊश को जगान की सवा-साधना कयनवार सवाभी ववशदधानॊदजी वषो की एकाॊत साधना औय वषो-वषो की गरसवा स अऩना दहाधमास औय ऩाशवी वासनाएॉ मभटाकय अऩन ईशवयीम
अॊश को ववकमसत कयनवार बायत क अनक भहाऩरषो भ स थ | उनक जीवन की औय बी अरौककक घटनाओॊ का वणगन आता ह | ऐस सतऩरषो क जीवन-िरयतर औय उनक जीवन भ घटटत घटनाएॉ ऩढ़न-सनन स हभ रोग बी अऩनी जड़ता एवॊ ऩशता स ऊऩय उठकय ईशवयीम अॊश को उबायन भ उतसाटहत होत ह | फहत ऊॉ िा काभ ह फड़ी शरदधा फड़ी सभझ फड़ा धमग िाटहए ईशवयीम साभमग को ऩणग रऩ स ववकमसत कयन भ | अफ आओ
िर आदय शॊकयािामग की ओय
नदी की धाया भड़ गमी
आदय शॊकयािामग की भाता ववमशषटा दवी अऩन करदवता कशव की ऩजा कयन जाती थीॊ | व ऩहर नदी भ सनान कयतीॊ औय कफ़य भॊटदय भ जाकय ऩजन कयतीॊ | एक टदन व परातकार ही ऩजन-साभगरी रकय भॊटदय की ओय गमीॊ ककॊ त सामॊकार तक घय नहीॊ रौटीॊ | शॊकयािामग की आम अबी सात-आठ वषग क भधम भ ही थी | व ईशवय क ऩयभ बकत औय ननषठावान थ | सामॊकार तक भाता क वाऩस न रौटन ऩय आिामग को फड़ी चिनता हई औय व उनह खोजन क मरए ननकर ऩड़ | भॊटदय क ननकट ऩहॉिकय उनहोन भाता को भागग भ ही भजचछगत ऩड़ दखा | उनहोन फहत दय तक भाता का उऩिाय ककमा तफ व होश भ आ सकीॊ |
नदी अचधक दय थी | वहाॉ तक ऩहॉिन भ भाता को फड़ा कषट होता था | आिामग न बगवान स भन-ही-भन पराथगना की कक परबो ककसी परकाय नदी की धाया को भोड़ दो जजसस कक
भाता ननकट ही सनान कय सक | व इस परकाय की पराथगना ननतम कयन रग | एक टदन उनहोन दखा कक नदी की धाया ककनाय की धयती को काटती-काटती भड़न रगी ह तथा कछ टदनो भ ही वह आिामग शॊकय क घय क ऩास फहन रगी | इस घटना न आिामग का अरौककक शकतकतसमऩनन होना परमसदध कय टदमा |
सकषभ शयीय स िोय का ऩीछा ककमा
हरयहय फाफा की फड़ी परमसवदध थी | एक फाय व हयऩारऩय सटशन ऩय थ | वहाॉ क सटशन भासटय न उनको एक िोय सऩदग ककमा | िोय न फाफा स कहा भहायाज भझ इतनी छटटी द दीजजम कक भ अऩन फार-फचिो का परफॊध कय आऊॉ | फाफा गाड़ी आन ऩय रौट आना | िोय िरा गमा | सटशन भासटय को ऩता िरा तो वह फाफा ऩय गभग हआ औय फोरा उसक फदर तमह जर की हवा खानी होगी | तभन जान-फझकय उस बगा टदमा ह | फाफा घफयाओ भत गाड़ी आन स ऩहर ही वह रौट आमगा | िोय की नीमत ठीक नहीॊ थी | वह जॊगर क भागग स अऻात सथान को बाग जाना िाहता था ककॊ त उस हय सभम मही परतीत होता यहा कक हरयहय फाफा डॊडा पटकायत हए उसक ऩीछ-ऩीछ िर आ यह ह | इसीमरए वह गाड़ी आन स ऩहर ही रौट आमा |
भॊगरी फाधा-ननवायण भॊतर
अॊ याॊ अॊ
इस भॊतर को १०८ फाय जऩन स करोध दय होता ह | जनभकनडरी भ भॊगरी मोग होन स जजनक वववाह न हो यह हो व २७ भॊगरवाय इस भॊतर का १०८ फाय जऩ कयत हए वरत यखकय हनभानजी ऩय मसॊदय का िोरा िढ़ाम | इसस भॊगर-फाधा का म होता ह |
सखऩवगक परसवकायक भॊतर
ऩहरा उऩाम
एॊ हीॊ बगवनत बगभामरनन िर िर भराभम भराभम ऩषऩॊ ववकासम ववकासम सवाहा |
इस भॊतर दवाया अमबभॊबतरत दध गमबगणी सतरी को वऩराम तो सखऩवगक परसव होगा |
दसया उऩाम
गमबगणी सतरी सवमॊ परसव क सभम जमबरा-जमबरा जऩ कय |
तीसया उऩाम
दशी गाम क गोफय का १२ स १५ मभरी यस ॐ नभो नायामणाम भॊतर का २१ फाय जऩ कयक ऩीन स बी परसव-फाधाएॉ दय होगी औय बफना ऑऩयशन क परसव होगा |
परसनत क सभम अभॊगर की आशॊका हो तो ननमन भॊतर का जऩ कय
सवगभॊगर भाॊगपम मशव सवागथग साचधक |
शयणम तरममफक गौयी नायामणी नभोSसतत ||
(दगागसिशती)
शकतकतशारी व गोय ऩतर की परानि क मरए
सगबागवसथा भ ढाक (ऩराश खाखया) का एक कोभर ऩतता घोटकय गौ-दगध क साथ योज सवन कयन स फारक शकतकतशारी औय गोया होता ह | भाता-वऩता बर कार-करट हो कपय बी फारक गोया होगा |
सदगर-भटहभा
गर बफन बव ननचध तय न कोई |
जौ फयॊचि सॊकय सभ होई ||
-सॊत तरसीदासजी
हरयहय आटदक जगत भ ऩजमदव जो कोम |
सदगर की ऩजा ककम सफकी ऩजा होम ||
-ननशचरदासजी भहायाज
सहजो कायज सॊसाय को गर बफन होत नाॉही |
हरय तो गर बफन कमा मभर सभझ र भन भाॉही ||
-सॊत कफीयजी सॊत
सयनन जो जन ऩय सो जन उधयनहाय | सॊत की ननॊदा नानका फहरय फहरय अवताय ||
-गर नानक दवजी
गरसवा सफ बागमो की जनभबमभ ह औय वह शोकाकर रोगो को बरहमभम कय दती ह |
गररऩी समग अववदयारऩी याबतर का नाश कयता ह औय ऻानाऻान रऩी मसतायो का रोऩ कयक फवदधभानो को आतभफोध का सटदन टदखाता ह |
-सॊत ऻानशवय भहायाज
सतम क कॊ टकभम भागग भ आऩको गर क मसवाम औय कोई भागगदशगन नहीॊ द सकता |
- सवाभी मशवानॊद सयसवती
ककतन ही याजा-भहायाजा हो गम औय होग सामजम भकतकत कोई नहीॊ द सकता | सचि याजा-भहायाज तो सॊत ही ह | जो उनकी शयण जाता ह वही सचिा सख औय सामजम भकतकत ऩाता ह |
-सभथग शरी याभदास सवाभी
भनषम िाह ककतना बी जऩ-तऩ कय मभ-ननमभो का ऩारन कय ऩयॊत जफ तक सदगर की कऩादवषट नहीॊ मभरती तफ तक सफ रवमथग ह |
-सवाभी याभतीथग
परटो कहत ह कक सकयात जस गर ऩाकय भ धनम हआ |
इभसगन न अऩन गर थोयो स जो पराि ककमा उसक भटहभागान भ व बावववबोय हो जात थ |
शरी याभकषण ऩयभहॊस ऩणगता का अनबव कयानवार अऩन सदगरदव की परशॊसा कयत नहीॊ अघात थ |
ऩजमऩाद सवाभी शरी रीराशाहजी भहायाज बी अऩन सदगरदव की माद भ सनह क आॉस
फहाकय गदगद कॊ ठ हो जात थ |
ऩजम फाऩजी बी अऩन सदगरदव की माद भ कस हो जात ह मह तो दखत ही फनता ह |
अफ हभ उनकी माद भ कस होत ह मह परशन ह | फटहभगख ननगय रोग कछ बी कह साधक को अऩन सदगर स कमा मभरता ह इस तो साधक ही जानत ह |
रडी भाटटगन क सहाग की या कयन अपगाननसतान भ परकट मशवजी
साध सॊग सॊसाय भ दरगब भनषम शयीय |
सतसॊग सववत ततव ह बतरववध ताऩ की ऩीय ||
भानव-दह मभरना दरगब ह औय मभर बी जाम तो आचधदववक आचधबौनतक औय आधमाजतभक म तीन ताऩ भनषम को तऩात यहत ह | ककॊ त भनषम-दह भ बी ऩववतरता हो सचिाई हो शदधता हो औय साध-सॊग मभर जाम तो म बतरववध ताऩ मभट जात ह |
सन १८७९ की फात ह | बायत भ बबरटटश शासन था उनहीॊ टदनो अॊगरजो न अपगाननसतान ऩय आकरभण कय टदमा | इस मदध का सॊिारन आगय भारवा बबरटटश छावनी क रजफ़टनट कनगर भाटटगन को सौऩा गमा था | कनगर भाटटगन सभम-सभम ऩय मदध-तर स अऩनी ऩतनी को कशरता क सभािाय बजता यहता था | मदध रॊफा िरा औय अफ तो सॊदश आन बी फॊद हो गम | रडी भाटटगन को चिॊता सतान रगी कक कहीॊ कछ अनथग न हो गमा हो अपगानी सननको न भय ऩनत को भाय न डारा हो | कदाचित ऩनत मदध भ शहीद हो गम तो भ जीकय कमा करॉ गी -मह सोिकय वह अनक शॊका-कशॊकाओॊ स नघयी यहती थी |
चिनतातय फनी वह एक टदन घोड़ ऩय फठकय घभन जा यही थी | भागग भ ककसी भॊटदय स आती हई शॊख व भॊतर धवनन न उस आकवषगत ककमा | वह एक ऩड़ स अऩना घोड़ा फाॉधकय भॊटदय भ गमी | फजनाथ भहादव क इस भॊटदय भ मशवऩजन भ ननभगन ऩॊकतडतो स उसन ऩछा आऩ रोग कमा कय यह ह एक वरदध बराहमण न कहा हभ बगवान मशव का ऩजन कय यह ह | रडी भाटटगन मशवऩजन की कमा भहतता ह बराहमण फटी बगवान मशव तो औढयदानी ह बोरनाथ ह | अऩन बकतो क सॊकट-ननवायण कयन भ व तननक बी दय नहीॊ कयत ह | बकत उनक दयफाय भ जो बी भनोकाभना रकय क आता ह उस व शीघर ऩयी कयत ह ककॊ त फटी तभ फहत चिजनतत औय उदास नजय आ यही हो कमा फात ह रडी भाटटगन भय ऩनतदव मदध भ गम ह औय ववगत कई टदनो स उनका कोई
सभािाय नहीॊ आमा ह | व मदध भ पॉ स गम ह मा भाय गम ह कछ ऩता नहीॊ िर यहा | भ उनकी ओय स फहत चिजनतत हॉ | इतना कहत हए रडी भाटटगन की आॉख नभ हो गमीॊ |
बराहमण तभ चिनता भत कयो फटी मशवजी का ऩजन कयो उनस पराथगना कयो रघररी कयवाओ | बगवान मशव तमहाय ऩनत का यण अवशम कयग |
ऩॊकतडतो की सराह ऩय उसन वहाॉ गमायह टदन का ॐ नभ मशवाम भॊतर स रघररी अनषठान परायॊब ककमा तथा परनतटदन बगवान मशव स अऩन ऩनत की या क मरए पराथगना कयन रगी कक ह बगवान मशव ह फजनाथ भहादव मटद भय ऩनत मदध स सकशर रौट आम तो भ आऩका मशखयफॊद भॊटदय फनवाऊॉ गी | रघररी की ऩणागहनत क टदन बागता हआ एक सॊदशवाहक मशवभॊटदय भ आमा औय रडी भाटटगन को एक मरपापा टदमा | उसन घफयात-घफयात वह मरपापा खोरा औय ऩढ़न रगी |
ऩतर भ उसक ऩनत न मरखा था हभ मदध भ यत थ औय तभ तक सॊदश बी बजत यह रककन आक ऩठानी सना न घय मरमा | बबरटटश सना कट भयती औय भ बी भय जाता |
ऐसी ववकट ऩरयजसथनत भ हभ नघय गम थ कक पराण फिाकय बागना बी अतमाचधक कटठन था | इतन भ भन दखा कक मदधबमभ भ बायत क कोई एक मोगी जजनकी फड़ी रमफी जटाएॉ ह हाथ भ तीन नोकवारा एक हचथमाय (बतरशर) इतनी तीवर गनत स घभ यहा था कक ऩठान सननक उनह दखकय बागन रग | उनकी कऩा स घय स हभ ननकरकय ऩठानो ऩय वाय कयन का भौका मभर गमा औय हभायी हाय की घकतड़माॉ अिानक जीत भ फदर गमीॊ | मह सफ बायत क उन फाघामफयधायी एवॊ तीन नोकवारा हचथमाय धायण ककम हए
(बतरशरधायी) मोगी क कायण ही समबव हआ | उनक भहातजसवी रवमकतकततव क परबाव स दखत-ही-दखत अपगाननसतान की ऩठानी सना बाग खड़ी हई औय व ऩयभ मोगी भझ
टहमभत दत हए कहन रग | घफयाओॊ नहीॊ | भ बगवान मशव हॉ तथा तमहायी ऩतनी की ऩजा स परसनन होकय तमहायी या कयन आमा हॉ उसक सहाग की या कयन आमा हॉ |
ऩतर ऩढ़त हए रडी भाटटगन की आॉखो स अववयत अशरधाया फहती जा यही थी उसका रदम अहोबाव स बय गमा औय वह बगवान मशव की परनतभा क समभख मसय यखकय पराथगना कयत-कयत यो ऩड़ी | कछ सिाह फाद उसका ऩनत कनगर भाटटगन आगय छावनी रौटा | ऩतनी न उस सायी फात सनात हए कहा आऩक सॊदश क अबाव भ भ चिजनतत हो उठी थी रककन बराहमणो की सराह स मशवऩजा भ रग गमी औय आऩकी या क मरए बगवान मशव स पराथगना कयन रगी | उन द खबॊजक भहादव न भयी पराथगना सनी औय आऩको सकशर रौटा टदमा | अफ तो ऩनत-ऩतनी दोनो ही ननममभत रऩ स फजनाथ भहादव क भॊटदय भ ऩजा-अिगना कयन रग | अऩनी ऩतनी की इचछा ऩय कनगर भाटटगन भ सन १८८३
भ ऩॊरह हजाय रऩम दकय फजनाथ भहादव भॊटदय का जीणोदवाय कयवामा जजसका मशरारख आज बी आगय भारवा क इस भॊटदय भ रगा ह | ऩय बायतबय भ अॊगरजो दवाय ननमभगत मह एकभातर टहनद भॊटदय ह |
मयोऩ जान स ऩवग रडी भाटटगन न ऩकतड़तो स कहा हभ अऩन घय भ बी बगवान मशव का भॊटदय फनामग तथा इन द ख-ननवायक दव की आजीवन ऩजा कयत यहग |
बगवान मशव भ बगवान कषण भ भाॉ अमफा भ आतभवतता सदगर भ सतता तो एक ही ह | आवशमकता ह अटर ववशवास की | एकररवम न गरभनत ग भ ववशवास कय वह पराि कय मरमा जो अजगन को कटठन रगा | आरणण उऩभनम रव परहराद आटद अनम सकड़ो उदायहण हभाय साभन परतम ह | आज बी इस परकाय का सहमोग हजायो बकतो को साधको को बगवान व आतभवतता सदगरओॊ क दवाया ननयनतय पराि होता यहता ह | आवशमकता ह तो फस कवर ववशवास की |
भहाभतमॊजम भॊतर
ॐ हौ जॉ स |
ॐ बबगव सव |
ॐ तरममफकॊ मजाभह सगॊचध ॊ ऩवषटवधगनभ |
उवागरकमभव फनधनानभतमोभगीम भाभतात |
सव भव ब ॐ |
स जॉ हौ ॐ |
बगवान मशव का मह भहाभतमॊजम जऩन स अकार भतम तो टरती ही ह आयोगमता की बी परानि होती ह | सनान कयत सभम शयीय ऩय रोट स ऩानी डारत वकत इस भॊतर का जऩ कयन स सवासम-राब होता ह | दध भ ननहायत हए इस भॊतर का जाऩ ककमा जाम औय कपय वह दध ऩी मरमा जम तो मौवन की सया भ बी सहामता मभरती ह | आजकर की तज यफ़तायवारी जजनदगी भ कहाॉ आतॊक उऩरव दघगटना हो जाम कहना भजशकर ह | घय स ननकरत सभम एक फाय मह भॊतर जऩनवारा इन उऩदरवो स सयकषत यहता ह औय सयकषत घय रौटता ह | (इस भॊतरानषठान क ववचध-ववधान की ववसतत जानकायी क मरए आशरभ दवाया परकामशत आयोगमननचध ऩसतक ऩढ़ |) शरीभदबागवत क आठव सकॊ ध भ तीसय अधमाम क शलोक १ स ३३ तक भ वणणगत गजनरभो सतोतर का ऩाठ कयन स तभाभ
ववधन दय होत ह |
मरए गाड़ी बजी | चगनकय साभान बया गमा | दो टदन िर उतना साभान था | एक टदन भ दो बॊडाय होत थ | अत िाय बॊडाय का साभान था | सफन खपर हाथो फतगन कऩड़ साकतड़माॉ धोती आटद साभान छ टदनो तक फाॉटा कपय बी साभान फिा यहा | सफको आशचमग हआ हभ रोग साभान कपय स चगनन रग ऩयॊत गरदव की रीरा क ववषम भ कमा कह
कवर दो टदन िर उतना साभान छ टदनो तक खपर हाथो फाॉटा कपय बी अॊत भ तीन
फोय फतगन फि गम भानो गरदव न अमऩातर बजा हो एक टदन शाभ को बॊडाया ऩया हआ तफ दखा कक एक ऩतीरा िावर फि गमा ह | कयीफ १००-१२५ रोग खा सक उतन िावर थ | हभन सोिा िावर गाॉव भ फाॊट दत ह | ऩयॊत गरदव की रीरा दखो एक गाॉव क फदर ऩाॉि गाॉवो भ फाॉट कपय बी िावर फि यह | आणखय याबतर भ ९ फज क फाद सवाधारयमो न थककय गरदव स पराथगना की कक गरदव अफ जॊगर का ववसताय ह हभ ऩय कऩा कयो | औय िावर खतभ हए | कपय सवाधायी ननवास ऩय ऩहॉि |
-सॊत शरी आसायाभजी बकतभॊडर
कतायगाभ सयत
सवपन भ टदम हए वयदान स ऩतरपरानि
भय गरहसथ जीवन भ एक-एक कयक तीन कनमाएॉ जनभी | ऩतरपरानि क मरए भयी धभगऩतनी न गरदव स आशीवागद पराि ककमा था | िौथी परसनत होन क ऩहर जफ उसन वरसाड़ भ सोनोगराफ़ी कयवामी तो रयऩोटग भ रड़की फतामा गमा | मह सनकय हभ ननयाश हो गम |
एक यात ऩतनी को सवपन भ गरदव न दशगन टदम औय कहा फटी चिॊता भत कय |
घफयाना भत धीयज यख | रड़का ही होगा | हभन सयत आशरभ भ फड़दादा की ऩरयकरभा कयक भनौती भानी थी वह बी फ़रीबत हई औय गरदव का बरहमवाकम बी सतम साबफत हआ जफ परसनत होन ऩय रड़का हआ | सबी गरदव की जम-जमकाय कयन रग |
-सनीर कभाय याधशमाभ िौयमसमा दीऩकवाड़ी ककपरा ऩायड़ी जज वरसाड़
शरी आसायाभामण क ऩाठ स जीवनदान
भया दस वषीम ऩतर एक यात अिानक फीभाय हो गमा | साॉस बी भजशकर स र यहा था |
जफ उस हॉजसऩटर भ बती ककमा तफ डॉकटय फोर | फचिा गॊबीय हारत भ ह | ऑऩयशन कयना ऩड़गा | भ फचि को हॉजसऩटर भ ही छोड़कय ऩस रन क मरए घय गमा औय घय
भ सबी को कहा ldquoआऩ रोग शरी आसायाभामण का ऩाठ शर कयो |rdquo ऩाठ होन रगा |
थोड़ी दय फाद भ हॉजसऩटर ऩहॉिा | वहाॉ दखा तो फचिा हॉस-खर यहा था | मह दख भयी औय घयवारो की खशी का टठकाना न यहा मह सफ फाऩजी की असीभ कऩा गर-गोववनद की कऩा औय शरी आसायाभामण-ऩाठ का पर ह |
-सनीर िाॊडक
अभयावती भहायाषड
गरवाणी ऩय ववशवास स अवणीम राब
शादी होन ऩय एक ऩतरी क फाद सात सार तक कोई सॊतान नहीॊ हई | हभाय भन भ ऩतरपरानि की इचछा थी | १९९९ क मशववय भ हभ सॊतानपरानि का आशीवागद रनवारो की ऩॊकतकत भ फठ | फाऩजी आशीवागद दन क मरए साधको क फीि आम तो कछ साधक नासभझी स कछ ऐस परशन कय फठ जो उनह नहीॊ कयन िाटहए थ | गरदव नायाज होकय मह कहकय िर गम कक तभको सॊतवाणी ऩय ववशवास नहीॊ ह तो तभ रोग महाॉ कमो आम तमह डॉकटय क ऩास जाना िाटहए था | कपय गरदव हभाय ऩास नहीॊ आम | सबी पराथगना कयत यह ऩय गरदव रवमासऩीठ स फोर दफाया तीन मशववय बयना | भ भन भ सोि यहा था कक कछ साधको क कायण भझ आशीवागद नहीॊ मभर ऩामा ऩयॊत वजरादवऩ कठोयाणण भदनन कसभादवऩ फाहय स वजर स बी कठोय टदखन वार सदगर बीतय स पर स बी कोभर होत ह | तयॊत गरदव ववनोद कयत हए फोर दखो म रोग सॊतानपरानि का आशीवागद रन आम ह | कस ठनठनऩार-स फठ ह अफ जाओ झरा-झनझना रकय घय जाओ | भन औय भयी ऩतनी न आऩस भ वविाय ककमा दमार गरदव न आणखय आशीवागद द ही टदमा | अफ गरदव न कहा ह कक झरा-झनझना र जाओ | तो भन गरविन भानकय यरव सटशन स एक झनझना खयीद मरमा औय गवामरमय आकय गरदव क चितर क ऩास यख टदमा | भझ वहाॉ स आन क १५ टदन फाद डॉकटय दवाया भारभ हआ कक ऩतनी गबगवती ह | भन गरदव को भन-ही-भन परणाभ ककमा | इस फीि डॉकटयो न सराह दी कक रड़का ह मा रड़की इसकी जाॉि कया रो | भन फड़ ववशवास स कहा कक रड़का ही होगा | अगय रड़की बी हई तो भझ कोई आऩवतत नहीॊ ह | भझ गबगऩात का ऩाऩ अऩन मसय ऩय नहीॊ रना ह | नौ भाह तक भयी ऩतनी बी सवसथ यही | हरयदवाय मशववय भ बी हभ रोग गम | सभम आन ऩय गरदव दवाया फताम गम इराज क भताबफक गाम क गोफय का यस ऩतनी को टदमा औय टदनाॊक २७ अकतफय १९९९ को एक सवसथ फारक का जनभ हआ |
-याजनर कभाय वाजऩमी अिगना वाजऩमी फरवॊत नगय ढाढीऩय भयाया गवामरमय
औय सोना मभर गमा
हभाय सॊमकत ऩरयवाय भ साठ तोरा सोना िोयी हो गमा था | सतसॊगी होन क कायण हभ द ख तो नहीॊ हआ कपय बी थोडी-फहत चिनता अवशम हई | आशरभ क एक साधक न हभस कहा | आऩ रोग शरी आसायाभामण क १०८ ऩाठ कयो औय सॊकपऩ कयो कक हभाया सोना हभ जरय मभरगा | मभनाऩाय टदपरी भ गरदव का आगभन हआ | हभ शाभ को गरदव क दशगन कयन गम | हभन कछ कहा नहीॊ कमोकक गरदव अॊतमागभी ह | उनहोन हभको परसाद टदमा | उसी यात घय ऩय पोन आमा कक आऩका सोना मभर गमा ह | िोय रखनऊ भ ऩकड़ा गमा ह | हभ आशचमग हआ शरी आसायाभामण क १०८ ऩाठ ऩय बी नहीॊ हए थ औय सोना मभर गमा |
-रीना फटानी यानीफाग टदपरी
सवपर क दो टकड़ो स दो सॊतान
भन सन १९९१ भ िटीिॊड मशववय अभदावाद भ ऩजम फाऩजी स भॊतरदीा री थी | भयी शादी क १० वषग तक भख कोई सॊतान नहीॊ हई | फहत इराज कयवाम रककन सबी डॉकटयो न फतामा कक फारक होन की कोई सॊबावना नहीॊ ह | तफ भन ऩजम फाऩजी क ऩनभ दशगन का वरत मरमा औय फाॉसवाड़ा भ ऩनभ दशगन क मरए गमा | ऩजम फाऩजी सफको परसाद द यह थ | भन भन भ सोिा | कमा भ इतना ऩाऩी हॉ कक फाऩजी भयी तयप दखत तक नहीॊ इतन भ ऩजम फाऩजी कक दवषट भझ ऩय ऩड़ी औय उनहोन भझ दो मभनट तक दखा | कपय उनहोन एक सवपर रकय भझ ऩय प का जो भय दाम कॊ ध ऩय रगकय दो टकड़ो भ फॉट गमा | घय जाकय भन उस सवपर क दोनो बाग अऩनी ऩतनी को णखरा टदम | ऩजमशरी का कऩाऩणग परसाद खान स भयी ऩतनी गबगवती हो गमी | ननयीण कयान ऩय ऩता िरा कक उसको दो मसय वारा फारक उतऩनन होगा | डॉकटयो न फतामा उसका मसजरयमन कयना ऩड़गा अनमथा आऩकी ऩतनी क फिन की समबावना नहीॊ ह | मसजरयमन भ रगबग फीस हजाय रऩमो का खिग आमगा | भन ऩजम फाऩजी स पराथगना की ह फाऩजी आऩन ही पर टदमा था | अफ आऩ ही इस सॊकट का ननवायण कीजजम | कपय
भन फड़ फादशाह क साभन बी पराथगना की जफ भ असऩतार ऩहॉिॉ तो भयी ऩतनी की परसती सकशर हो जाम | उसक फाद जफ भ असऩतार ऩहॉिा तो भयी ऩतनी एक ऩतर औय एक ऩतरी को जनभ द िकी थी | ऩजमशरी क दवाया टदम गम पर स भझ एक की जगह दो सॊतानो की परानि हई |
-भकशबाई सोरॊकी शायदा भॊटदय सकर क ऩीछ
फावन िार वड़ोदया
साइककर स गरधाभ जान ऩय खयाफ टाॉग ठीक हो गमी
भयी फाॉमी टाॉग घटन स उऩय ऩतरी हो गमी थी | ऑर इणणडमा भकतडकर इनसटीटमट
टदपरी भ भ छ टदन तक यहा | वहाॉ जाॉि क फाद फतरामा गमा कक तमहायी यीढ़ की हडडी क ऩास कछ नस भय गमी ह जजसस मह टाॉग ऩतरी हो गमी ह | मह ठीक तो हो ही नहीॊ सकती | हभ तमह ववटामभन ई क कपसर द यह ह | तभ इनह खात यहना | इसस टाॊग औय जमादा ऩतरी नहीॊ होगी | भन एक सार तक कपसर खाम | उसक फाद २२ जन
१९९७ को भजफ़फ़यनगय भ भन गरजी स भॊतरदीा री औय दवाई खाना फॊद कय दी | जफ एक साधक बाई याहर गिा न कहा कक सहायनऩय स साइककर दवाया उततयामण मशववय अभदावाद जान का कामगकरभ फन यहा ह तफ भन टाॉग क फाय भ सोि बफना साइककर मातरा भ बाग रन क मरए अऩनी सहभनत द दी | जफ भय घय ऩय ऩता िरा कक भन साइककर स गरधाभ अभदावाद जान का वविाय फनामा ह अत तभ ११५० ककभी तक साइककर नहीॊ िरा ऩाओग | रककन भन कहा भ साइककर स ही गरधाभ जाऊॉ गा िाह ककतनी बी दयी कमो न हो औय हभ आठ साधक बाई सहायनऩय स २६ टदसमफय ९७ को साइककरो स यवाना हए | भागग भ िढ़ाई ऩय भझ जफ बी कोइ टदककत होती तो ऐसा रगता जस भयी साइककर को कोई ऩीछ स धकर यहा ह | भ भड़कय ऩीछ दखता तो कोई टदखामी नहीॊ ऩड़ता | ९ जनवयी को जफ हभ अभदावाद गरआशरभ भ ऩहॉि औय भन सफह अऩनी टाॉग दखी तो भ दॊग यह गम जो टाॉग ऩतरी हो गमी थी औय डॉकटयो न उस ठीक होन स भना कय टदमा था वह टाॉग बफपकर ठीक हो गमी थी | इस कऩा को दखकय भ िककत यह गमा भय साथी बी दॊग यह गम मह सफ गरकऩा क परसाद का िभतकाय था | भय आठो साथी भयी ऩतनी तथा ऑर इणणडमा भकतडकर इनसटीटमट टदपरी दवाया जाॉि क परभाणऩतर इस फात क साी ह |
-ननयॊकाय अगरवार
ववषणऩयी
अदबत यही भौनभॊटदय की साधना
ऩयभ ऩजम सदगरदव की कऩा स भझ टदनाॊक १८ स २४ भई १९९९ तक अभदावाद आशरभ क भौनभॊटदय भ साधना कयन का सअवसय मभरा | भौनभॊटदय भ साधना क ऩाॉिव टदन मानी २२ भई की याबतर को रगबग २ फज नीॊद भ ही भझ एक झटका रगा | रट यहन कक जसथनत भ ही भझ भहसस हआ कक कोई अदशम शकतकत भझ ऊऩय फहत ऊऩय उड़म र जा यही ह | ऊऩय उड़त हए जफ भन नीि झाॉककय दखा तो अऩन शयीय को उसी भौनभॊटदय भ चितत रटा हआ फखफय सोता हआ ऩामा | ऊऩय जहाॉ भझ र जामा गमा वहाॉ अरग ही छटा थी अजीफ औय अवणीम आकाश को बी बदकय भझ ऐस सथान ऩय ऩहॉिामा गमा था जहाॉ िायो तयप कोहया-ही-कोहया था जस शीश की छत ऩय ओस परी हो इतन भ दखता हॉ कक एक सबा रगी ह बफना शयीय की कवर आकनतमो की | जस यखाओॊ स भनषमरऩी आकनतमाॉ फनी हो | मह सफ कमा िर यहा था सभझ स ऩय था |
कछ ऩर क फाद व आकनतमाॉ सऩषट होन रगी | दवी-दवताओॊ क ऩॊज क भधम शीषग भ एक उचि आसन ऩय साात फाऩजी शॊकय बगवान फन हए करास ऩवगत ऩय ववयाजभान थ औय दवी-दवता कताय भ हाथ फाॉध खड़ थ | भ भक-सा होकय अऩरक नतरो स उनह दखता ही यहा कपय भॊतरभगध हो उनक ियणो भ चगय ऩड़ा | परात क ४ फज थ | अहा भन औय शयीय हपका-फ़पका रग यहा था मही जसथनत २४ भई की भधमयाबतर भ बी दोहयामी गमी | दसय टदन सफह ऩता िरा कक आज तो फाहय ननकरन का टदन ह मानी यवववाय २५ भई की सफह | फाहय ननकरन ऩय बावबया रदम गदगद कॊ ठ औय आखो भ आॉस मो रग यहा था कक जस ननजधाभ स फघय ककमा जा यहा हॉ | धनम ह वह बमभ
भौनभॊटदय भ साधना की वह रवमवसथा जहाॊ स ऩयभ आनॊद क सागय भ डफन की कॊ जी मभरती ह जी कयता ह बगवान ऐसा अवसय कपय स राम जजसस कक उसी भौनभॊटदय भ ऩन आॊतरयक आनॊद का यसऩान कय ऩाऊॉ |
-इनरनायामण शाह
१०३ यतनदीऩ-२ ननयारा नगय कानऩय
असाधम योग स भकतकत
सन १९९४ भ भयी ऩतरी टहयर को शयद ऩणणगभा क टदन फखाय आमा | डॉकटयो को
टदखामा तो ककसीन भररयमा कहकय दवाइमाॉ दी तो ककसीन टामपामड कहकय इराज शर ककमा तो ककसीन टामपामड औय भररयमा दोनो कहा | दवाई की एक खयाक रन स शयीय नीरा ऩड़ गमा औय सज गमा | शयीय भ खन की कभी स उस छ फोतर खन िढ़ामा गमा | इॊजन दन स ऩय शयीय को रकवा भाय गमा | ऩीठ क ऩीछ शमावरण जसा हो गमा | ऩीठ औय ऩय का एकस-य मरमा गमा | ऩय ऩय वजन फाॉधकय यखा गमा | डॉकटयो न उस वाम का फखाय तथा यकत का क सय फतामा औय कहा कक उसक रदम तो वापव िौड़ा हो गमा ह | अफ हभ टहमभत हाय गम | अफ ऩजमशरी क मसवाम औय कोई सहाया नहीॊ था | उस सभम टहयर न कहा भमभी भझ ऩजम फाऩ क ऩास र िरो | वहाॉ ठीक हो जाऊगी | ऩाॉि टदन तक टहयर ऩजमशरी की यट रगाती यही | हभ उस अभदावाद आशरभ भ फाऩ क ऩास र गम | फाऩ न कहा इस कछ नहीॊ हआ ह | उनहोन भझ औय टहयर को भॊतर टदमा एवॊ फड़दादा की परदकषणा कयन को कहा | हभन परदकषणा की औय टहयर ऩनरह टदन भ िरन-कफ़यन रगी | हभ फाऩ की इस करणा-कऩा का कण कस िकाम अबी तो हभ आशरभ भ ऩजमशरी क शरीियणो भ सऩरयवाय यहकय धनम हो यह ह |
-परपपर रवमास
बावनगय
वतगभान भ अभदावाद आशरभ भ सऩरयवाय सभवऩगत
ऩजम फाऩ का दशगन-सतसॊग ही जीवन का सचिा यतन ह
भझ िाय सार स ऩतर कक काभना थी औय भय भन भ हआ कक भयी मह काभना जरय ऩयी होगी | अभदावाद भ धमानमोग मशववय क दौयान ऐसा वविाय आमा कक फाऩ भझ अऩन ियणो भ फरामग | भन भ दढ़ शरदधा थी | इतन रोगो क फीि भ स फाऩ न तजऩणग दवषट भझ ऩय डारी सॊतय का परसाद टदमा औय भया बागम खर गमा | फचि क जनभ स ऩहर डॉकटयो न ऑऩयशन को कहा था रककन फाऩ क फतान क भताबफक भय घयवारो न भझ गाम क गोफय का यस वऩरामा औय शीघर ही फारक का जनभ हो गमा | सचिी शरदधा-बकतकत हो तो कमा असॊबव ह ऩजम फाऩ का दशगन-सतसॊग ही जीवन का सचिा यतन ह |
सचिी शरदधा-बकतकत स ऐसा यतन ऩानवार हभ सबी धनबागी ह |
-यखा ऩयभाय भीया योड़ भॊफई
कसट का िभतकाय
रवमाऩाय उधायी भ िर जान स भ हताश हो गमा था एवॊ अऩनी जजॊदगी स तॊग आकय आतभहतमा कयन की फात सोिन रगा था | भझ साध-भहातभाओॊ व सभाज क रोगो स घणा-सी हो गमी थी धभग व सभाज स भया ववशवास उठ िका था | एक टदन भयी सारी फाऩजी क सतसॊग कक दो कसट ववचध का ववधान एवॊ आणखय कफ तक र आमी औय उसन भझ सनन क मरए कहा | उसक कई परमास क फाद बी भन व कसट नहीॊ सनीॊ एवॊ भन-ही-भन उनह ढ़ोग कहकय कसटो क कतडबफ भ दार टदमा | भन इतना ऩयशान था कक यात को नीॊद आना फॊद हो गमा था | एक यात कफ़पभी गाना सनन का भन हआ | अॉधया होन की वजह स कसट ऩहिान न सका औय गरती स फाऩजी क सतसॊग की कसट हाथ भ आ गमी | भन उसीको सनना शर ककमा | कपय कमा था भयी आशा फॉधन रगी | भन शाॉत होन रगा | धीय-धीय सायी ऩीड़ाएॉ दय होती िरी गमीॊ | भय जीवन भ योशनी-ही-योशनी हो गमी | कपय तो भन ऩजम फाऩजी क सतसॊग की कई कसट सनीॊ औय सफको सनामीॊ |
तदनॊतय भन गाजजमाफाद भ फाऩजी स दीा बी गरहण की | रवमाऩाय की उधायी बी िकता हो गमी | फाऩजी की कऩा स अफ भझ कोई द ख नहीॊ ह | ह गरदव फस एक आऩ ही भय होकय यह औय भ आऩका ही होकय यहॉ |
-ओभपरकाश फजाज
टदपरी योड़ सहायनऩय उततय परदश
भझ ऩय फयसी सॊत की कऩा
सन १९९५ क जन भाह भ भ अऩन रड़क औय बतीज क साथ हरयदवाय धमानमोग मशववय भ बाग रन गमा | एक टदन जफ भ हय की ऩौड़ी ऩय सनान कयन गमा तो ऩानी क तज फहाव क कायण ऩय कपसरन स भया रड़का औय बतीजा दोनो अऩना सॊतरन खो फठ औय गॊगा भ फह गम | ऐसी सॊकट की घड़ी भ भ अऩना होश खो फठा | कमा करॉ भ पट-पटकय योन रगा औय फाऩजी स पराथगना कयन रगा कक ह नाथ ह गरदव या कीजजम भय फचिो को फिा रीजजम | अफ आऩका ही सहाया ह | ऩजमशरी न भय सचि रदम स ननकरी ऩकाय सन री औय उसी सभम भया रड़का भझ टदखामी टदमा | भन झऩटकय उसको फाहय खीॊि मरमा रककन भया बतीजा तो ऩता नहीॊ कहाॉ फह गमा भ ननयॊतय यो यहा था औय भन भ फाय-फाय वविाय उठ यहा था कक फाऩजी भया रड़का फह जाता तो कोई फात नहीॊ थी रककन अऩन बाई की अभानत क बफना भ घय कमा भॉह
रकय जाऊॉ गा फाऩजी आऩही इस बकत की राज फिाओ | तबी गॊगाजी की एक तज रहय उस फचि को बी फाहय छोड़ गमी | भन रऩककय उस ऩकड़ मरमा | आज बी उस हादस को सभयण कयता हॉ तो अऩन-आऩको सॉबार नहीॊ ऩाता हॉ औय भयी आॉखो स ननयॊतय परभ की अशरधाया फहन रगती ह | धनम हआ भ ऐस गरदव को ऩाकय ऐस सदगरदव क शरीियणो भ भय फाय-फाय शत-शत परणाभ
-सभारखाॉ ऩानीऩत हरयमाणा
गरदव की कऩा स सॊतानपरानि
भयी शादी को ऩाॉि सार हो गम थ कपय बी कोई सॊतान नहीॊ हई | रोग हभ फहत तान भायत थ | तबी भन-ही-भन ननणगम र मरमा कक ऩजम फाऩ क आशरभ भ जाना ह | जनवयी १९९९ भ परथभ फाय उततयामण मशववय बया औय भॊतरदीा री | अफ गरदव कक कऩा स भझ एक सॊदय फारक पराि हआ ह | ऩजम फाऩजी की इतनी कऩा-करणा दखकय रदम बय आता ह | भ ऩजम फाऩजी स पराथगना कयती हॉ कक मह फारक उनह सभवऩगत कय सकॊ औय मह उनक मोगम फनसक ऐसी सदफवदध हभ द |
-ननभगरा क तड़वी काॊनतबाई हीयाबाई तडवी याभजी भॊटदय क ऩास कायरी फाग वड़ोदया
गरकऩा स जीवनदान
टदनाॊक १५-१-९६ की घटना ह | भन धात क ताय ऩय सखन क मरए कऩड़ परा यख थ |
फारयश होन क कायण उस ताय भ कयॊट आ गमा था | भया छोटा ऩतर ववशार जो कक ११ वीॊ का भ ऩढ़ता ह आकय उस ताय स छ गमा औय बफजरी का कयॊट रगत ही वह फहोश हो गमा शव क सभान हो गमा | हभन उस तयॊत फड़ असऩतार भ दाणखर कयवामा | डॉकटय न फचि की हारत गॊबीय फतामी | ऐसी ऩरयजसथनत दखकय भयी आॉखो स अशरधायाएॉ फह ननकरी | भ ननजानॊद की भसती भ भसत यहन वार ऩजम सदगरदव को भन-ही-भन माद ककमा औय पराथगना कक ह गरदव अफ तो इस फचि का जीवन आऩक ही हाथो भ ह | ह भय परब आऩ जो िाह सो कय सकत ह | औय आणखय भयी पराथगना सपर हई | फचि भ एक नवीन ितना का सॊिाय हआ एवॊ धीय-धीय फचि क सवासम भ
सधाय होन रगा | कछ ही टदनो भ वह ऩणगत सवसथ हो गमा | डॉकटय न तो उऩिाय ककमा रककन जो जीवनदान उस पमाय परब की कऩा स सदगरदव की कऩा स मभरा उसका वणगन कयन क मरए भय ऩास शबद नहीॊ ह | फस ईशवय स भ मही पराथगना कयता हॉ कक ऐस बरहमननषठ सॊत-भहाऩरषो क परनत हभायी शरदधा भ ववदध होती यह | -
डॉ वाम ऩी कारया शाभरदास कॉरज बावनगय गजयात
ऩजम फाऩ जस सॊत दननमा को सवगग भ फदर सकत ह
भई १९९८ क अॊनतभ टदनो भ ऩजमशरी क इॊदौय परवास क दौयान ईयान क ववखमात कफ़जजमशमन शरी फफाक अगरानी बायत भ अधमाजतभक अनबवो की परानि आम हए थ |
ऩजमशरी क दशगन ऩाकय जफ उनहोन अधमाजतभक अनबवो को परीबत होत दखा तो व ऩॊिड़ आशरभ भ आमोजजत धमानमोग मशववय भ बी ऩहॉि गम | शरी अगरानी जो दो टदन रककय वाऩस रौटन वार थ व ऩय गमायह टदन तक ऩॊिड़ आशरभ भ रक यह | उनहोन ववधाथी मशववय भ सायसवतम भॊतर की दीा री एवॊ ववमशषट धमानमोग साधना मशववय (४ -१० जन १९९८) का बी राब मरमा | मशववय क दौयान शरी अगरानी न ऩजमशरी स भॊतरदीा बी र री | ऩजमशरी क साजननधम भ सॊपराि अनबनतमो क फाय भ बतरम सभािाय ऩतर ितना को दी हई बटवाताग भ शरी अगरानी कहत ह मटद ऩजम फाऩ जस सॊत हय दश भ हो जाम तो मह दननमा सवगग फन सकती ह | ऐस शाॊनत स फठ ऩाना हभाय मरए कटठन ह रककन जफ ऩजम फाऩजी जस भहाऩरषो क शरीियणो भ फठकय सतसॊग सनत ह तो ऐसा आनॊद आता ह कक सभम का कछ ऩता ही नहीॊ िरता | सिभि ऩजम फाऩ कोई साधायण सॊत नहीॊ ह |
-शरी फफाक अगरानी ववशवववखमात कफ़जजमशमन ईयान
फाऩजी का साजननधम गॊगा क ऩावन परवाह जसा ह
कर-कर कयती इस बागीयथी की धवर धाया क ककनाय ऩय ऩजम फाऩजी क साजननधम भ फठकय भ फड़ा ही आपहाटदत औय परभटदत हॉ आनॊटदत हॉ योभाॊचित हॊ | गॊगा बायत की सषमना नाड़ी ह | गॊगा बायत की सॊजीवनी ह | शरी ववषणजी क ियणो स ननकरकय बरहमाजी क कभॊड़र औय जटाधय क भाथ ऩय शोबामभान गॊगा बतरमोगमसवदधकायक ह |
ववषणजी क ियणो स ननकरी गॊगा बकतकत मोग की परतीनत कयाती ह औय मशवजी क भसतक ऩय जसथत गॊगा ऻान मोग की उचितय बमभका ऩय आरढ़ होन की खफय दती ह |
भझ ऐसा रग यहा ह कक आज फाऩजी क परविनो को सनकय भ गॊगा भ गोता रगा यहा हॉ कमोकक उनका परविन उनका सजननधम गॊगा क ऩावन परवाह जसा ह | व अरभसत फ़कीय ह | व फड़ सयर औय सहज ह | व जजतन ही ऊऩय स सयर ह उतन ही अॊतय भ गढ़ ह | उनभ टहभारम जसी उचिता ऩववतरता शरषठता ह औय सागयतर जसी गॊबीयता ह |
व याषड की अभपम धयोहय ह | उनह दखकय कवष-ऩयमऩया को फोध होता ह | गौतभ कणाद
जमभनी कवऩर दाद भीया कफीय यदास आटद सफ कबी-कबी उनभ टदखत ह |
य बाई कोई सतगर सॊत कहाव
जो ननन अरख रखाव धयती उखाड़ आकाश उखाड़
अधय भड़मा धाव |
शनम मशखय क ऩाय मशरा ऩय आसन अिर जभाव |
य बाई कोई सतगर सॊत कहाव
एक ऐस ऩावन साजननधम भ हभ फठ ह जो फड़ा दरगब औय सहज मोगसवरऩ ह | ऐस भहाऩरषो क मरए ऩॊकतकतमाॉ माद आ यही ह तभ िरो तो िर धयती िर अॊफय िर दननमा ऐस भहाऩरष िरत ह तो उनक मरए समग िॊर ताय गरह नतर आटद सफ अनकर हो जात ह | ऐस इजनरमातीत गणातीत बावातीत शबदातीत औय सफ अवसथाओॊ स ऩय ककनहीॊ भहाऩरषो क शरीियणो भ जफ फठत ह तो बागवत कहता ह
साधनाॊ दशगनॊ रोक सवगमसवदधकयॊ ऩयभ |
साध क दशगन भातर स वविाय ववबनत ववदवता शकतकत सहजता ननववगषमता परसननता मसवदधमाॉ औय आतभानॊद की परानि होती ह | दश क भहान सॊत महाॉ सहज ही आत ह बायत क सबी शॊकयािामग बी मशववय भ आत ह | अत भय भन भ बी वविाय आमा कक जहाॉ सफ जात ह वहाॉ जाना िाटहए कमोकक मही वह ठोय-टठकाना ह जहाॉ भन का अमबभान मभटामा जा सकता ह | ऐस भहाऩरषो क दशगन स कवर आनॊद औय भसती ही नहीॊ मभरती फजपक वह सफ कछ मभर जाता ह जो अमबरावषत ह आकाॊकषत ह रकषत ह | महाॉ भ करणा क
कभगठता क वववक-वयागम क ऻान क दशगन कय यहा हॉ | वयागम औय बकतकत क यण ऩोषण औय सॊवधगन क मरए मह सिकवषमो का उततभ ऻान भाना जाता ह | आज गॊगा कपय स
साकाय टदख यही ह तो व फाऩजी क वविाय औय वाणी भ टदख यही ह | अरभसतता सहजता उचिता शरषठता ऩववतरतता तीथग-सी शचिता मशश-सी सयरता तरणो-सा जोश वदधो-सा गाॊबीमग औय कवषमो जसा ऻानाफोध भझ जहाॉ हो यहा ह वह मह ऩॊडार ह | इस आनॊदनगय कहॉ मा परभनगय करणा का सागय कहॉ मा वविायो का सभनदय रककन इतना जरय कहॉगा कक भय भन का कोन-कोना आपहाटदत हो यहा ह | आऩ रोग फड़बागी ह जो ऐस भहाऩरष क शरीियणो भ फठ ह जहाॉ बागम का टदरवम रवमकतकतततव का ननभागण होता ह | जीवन की कतकतमता जहाॉ पराि हो सकती ह वह मही दय ह |
मभर तभ मभरी भॊजजर मभरा भकसद औय भददा बी |
न मभर तभ तो यह गमा भददा भकसद औय भॊजजर बी ||
आऩका मह बावयाजम औय परभयाजम दखकय भ िककत बी हॉ औय आनॊद का अनबव बी कय यहा हॉ | आऩक परनत भया ववशवास औय अटट ननषठा फढ़ इस हत भया नभन सवीकाय कय | भझ ऐसा रगता ह कक फाऩजी समग ह औय नायामण सवाभी एक ऐस दीऩ ह जो न फझ सकत ह न जराम जात ह |
-सवाभी अवधशानॊदजी हरयदवाय
सायसवतम भॊतर स हए अदबत राब
भन १९९८ भ ववधाथी उतथान मशववय सोनीऩत भ ऩजम गरदव स सायसवतम भॊतर की दीा री | दीा क फाद ननममभत भॊतरजऩ कयन स भ इतना कशागर फवदधवारा एवॊ सवावरॊफी हो गमा कक भन एक भहीन भ ही टमशन छोड़ दी औय सवमॊ खफ भहनत कयन रगा | भ सकर बी ऩदर आन-जान रगा जजसस भन सकर फस का ककयामा फिा मरमा |
भॊतर जाऩ क परबाव स भझ ९ वीॊ १० वीॊ ११ वीॊ की ऩयीाओॊ भ परथभ सथान पराि हआ |
१२ वीॊ की ऩयीा क सभम भया सवासम खयाफ होन क कायण भ जऩ ठीक स नहीॊ कय सका कपय बी ७९ परनतशत अॊको स ऩास हआ | उसक फाद इॊजजननमरयॊग की ऩरया भ बी उततीणग यहा |
-करदीऩ कभाय डी-२३४ वसट ववनोद नगय टदपरी
भ टदसमफय १९९९ भ छततीसगढ़ क बाटाऩाया भ ऩजम गरदव स सायसवतम भॊतर की दीा
री | ततऩशचात भ ननममभत रऩ स जऩ-धमान- पराणामाभ कयता था जजसस भझ फहत राब हआ | ऩजम फऩजी की कऩा औय सायसवतम भॊतर जाऩ क परबाव स भझ १२ वीॊ की फोड़ग की ऩरया भ ८४६ परनतशत अॊक मभर |
-ववयनर कभाय कौमशक
डोगयगाॉव जज याजनाॊदगाॉव (छग)
बौनतक मग क अॊधकाय भ ऻान की जमोनत ऩजम फाऩ
भादक ननमॊतरण बमयो बायत सयकाय क भहाननदशक शरी एिऩी कभाय ९ भई को अभदावाद आशरभ भ सतसॊग-कामगकरभ क दौयान ऩजम फाऩ स आशीवागद रन ऩहॉि | फड़ी ववनमरता एवॊ शरदधा क साथ उनहोन ऩजम फाऩ क परनत अऩन उदगाय भ कहा जजस रवमकतकत क ऩास वववक नहीॊ ह वह अऩन रकषम तक नहीॊ ऩहॉि सकता ह औय वववक को पराि कयन का साधन ऩजम आसायाभजी फाऩ जस भहान सॊतो का सतसॊग ह | ऩजम फाऩ स भया परथभ ऩरयिम टीवी क भाधमभ स हआ | ततऩशचात भझ आशरभ दवाय परकामशत कवष परसाद भामसक पराि हआ | उस सभम भझ रगा कक एक ओय जहाॉ इस बौनतक मग क अॊधकाय भ भानव बटक यहा ह वहीॊ दसयी ओय शाॊनत की भॊद-भॊद सगॊचधत वाम बी िर यही ह | मह ऩजम फाऩ क सतसॊग का ही परबाव ह | ऩजमशरी क दशगन कयन का जो सौबागम भझ पराि हआ ह इसस भ अऩन को कतकतम भानता हॉ | ऩजम फाऩ क शरीभख स जो अभत वषाग होती ह तथा इनक सतसॊग स कयोड़ो रदमो भ जो जमोनत जगती ह व इसी परकाय स जगती यह औय आन वार रॊफ सभम तक ऩजमशरी हभ सफ का भागगदशगन कयत यह मही भयी काभना ह | ऩजम फाऩ क शरीियणो भ भय परणाभ
-शरी एिऩी कभाय भहाननदशक भादक ननमॊतरण बमयो बायत सयकाय
गरकऩा ऐसी हई कक अॉधय तो कमा दय बी नहीॊ हई
ऩयभ कऩार फाऩजी क शरीियणो भ भय कोटट-कोटट वॊदन भ एक इसभाइरी खवाजा हॉ तथा अऩन धभग भ अकतडग हॉ | िाय वषग ऩवग कछ रोगो दवाया एक सननमोजजत मोजना फनाकय भझ जफयदसती भडगय कस का आयोऩी फना टदमा गमा था | इसस भझ कहीॊ शाॊनत नहीॊ मभर यही थी | २८ पयवयी १९९७ को भझ नागऩय भ आमोजजत फाऩजी क सतसॊग भ जान की परयणा मभरी औय ४ भािग १९९७ को भन फाऩजी स भॊतरदीा री | भ उनस भन-
ही-भन ववनती की कक ह गरदव भझ फिा रो | गरकऩा ऐसी हई कक ७ जनवयी १९९८ को भझ अदारत न ऩाक-साप फयी कय टदमा फाकी छ आयोवऩमो को सजा हई | धनम ह ऐस भय सदगर उनक शरीियणो भ भय कोटट-कोटट वनदन
-यहभान खान ननशान छाफड़ी (बफछआ) जज नछनदवाड़ा (भपर)
भजसरभ भटहरा को पराणदान
२७ मसतमफय २००० को जमऩय भ भय ननवास ऩय ऩजम फाऩ का आतभ-साातकाय टदवस
भनामा गमा जजसभ भय ऩड़ोस की भजसरभ भटहरा नाथी फहन क ऩनत शरी भाॉग खाॉ न बी ऩजम फाऩ की आयती की औय ियणाभत मरमा | ३-४ टदन फाद ही व भजसरभ दॊऩनत खवाजा साटहफ क उसग भ अजभय िर गम | टदनाॊक ४ अकटफय २००० को अजभय क उसग भ असाभाजजक ततवो न परसाद भ जहय फाॉट टदमा जजसस उसग भर भ आम कई दशगनाथी असवसथ हो गम औय कई भय बी गम | भय ऩड़ोस की नाथी फहन न बी वह परसाद खामा औय थोड़ी दय भ ही वह फहोश हो गमी | अजभय भ उसका उऩिाय ककमा गमा ककॊ त उस होश न आमा | दसय टदन ही उसका ऩनत उस अऩन घय र आमा | कॉरोनी क सबी ननवासी उसकी हारत दखकय कह यह थ कक अफ इसका फिना भजशकर ह | भ बी उस दखन गमा | वह फहोश ऩड़ी थी | भ जोय-जोय स हरय ॐ हरय ॐ का उचिायण ककमा तो वह थोड़ा टहरन रगी | भझ परयणा हई औय भ ऩन घय गमा | ऩजम फाऩ स पराथगना की | ३-४ घॊट फाद ही वह भटहरा ऐस उठकय खड़ी हो गमी भानो सोकय उठी हो | उस भटहरा न फतामा कक भय िािा ससय ऩीय ह औय उनहोन भय ऩनत क भॉह स फोरकय फतामा कक तभन २७ मसतमफय २००० को जजनक सतसॊग भ ऩानी वऩमा था उनहीॊ सपद दाढ़ीवार फाफा न तमह फिामा ह कसी करणा ह गरदव की
-जएर ऩयोटहत
८७ सपतान नगय जमऩय (याज)
उस भटहरा का ऩता ह -शरीभती नाथी
ऩतनी शरी भाॉग खाॉ १०० सपतान नगय गजगय की धड़ी नम साॊगानय योड़
जमऩय (याज)
हरयनाभ की पमारी न छड़ामी शयाफ की फोतर
सौबागमवश गत २६ टदसमफय १९९८ को ऩजमशरी क १६ मशषमो की एक टोरी टदपरी स हभाय गाॉव भ हरयनाभ का परिाय-परसाय कयन ऩहॉिी | भ फिऩन स ही भटदयाऩान धमरऩान व मशकाय कयन का शौकीन था | ऩजम फाऩ क मशषमो दवाया हभाय गाॉव भ जगह-जगह ऩय तीन टदन तक रगाताय हरयनाभ का कीतगन कयन स भझ बी हरयनाभ का यॊग रगता जा यहा था | उनक जान क एक टदन क ऩशचात शाभ क सभम योज की बाॊनत भन शयाफ की फोतर ननकारी | जस ही फोतर खोरन क मरए ढककन घभामा तो उस ढककन क घभन स भझ हरय ॐ हरय ॐ की धवनन सनामी दी | इस परकाय भन दो-तीन फाय ढककन घभामा औय हय फाय भझ हरय ॐ की धवनन सनामी दी | कछ दय फाद भ उठा तथा ऩजमशरी क एक मशषम क घय गमा | उनहोन थोड़ी दय भझ ऩजमशरी की अभतवाणी सनामी | अभतवाणी सनन क फाद भया रदम ऩकायन रगा कक इन दरवमगसनो को तमाग दॉ | भन तयॊत फोतर उठामी तथा जोय-स दय खत भ प क दी | ऐस सभथग व ऩयभ कऩार सदगरदव को भ रदम स परणाभ कयता हॉ जजनकी कऩा स मह अनोखी घटना भय जीवन भ घटी जजसस भया जीवन ऩरयवनतगत हआ |
-भोहन मसॊह बफषट
मबखमासन अपभोड़ा (उपर)
ऩय गाॉव की कामाऩरट
ऩजमशरी स टदनाॊक २७६९१ को दीा रन क फाद भन रवमवसनभकतकत क परिाय-परसाय का रकषम फना मरमा | भ एक फाय कौशरऩय (जज शाजाऩय) ऩहॉिा | वहाॉ क रोगो क रवमवसनी औय रड़ाई-झगड़ मकत जीवन को दखकय भन कहा आऩ रोग भनषम-जीवन सही अथग ही नहीॊ सभझत ह | एक फाय आऩ रोग ऩजम फाऩजी क दशगन कय र तो आऩको सही जीवन जीन की कॊ जी मभर जामगी | गाॉव वारो न भयी फात भान री औय दस रवमकतकत भय गाॉव ताजऩय आम | भन एक साधक को उनक साथ जनभाषटभी भहोतसव भ सयत बजा | ऩजम फाऩजी की उन ऩय कऩा फयसी औय सफको गरदीा मभर गमी | जफ व रोग अऩन गाॉव ऩहॉि तो सबी गाॉववामसमो को फड़ा कौतहर था कक ऩजम फाऩजी कस ह फाऩजी की रीराएॉ सनकय गाॉव क अनम रोगो भ बी ऩजम फाऩजी क परनत शरदधा जगी | उन दीकषत साधको न सबी गाॉववारो को सववधानसाय ऩजम फाऩजी क अरग-अरग आशरभो भ
बजकय दीा टदरवा दी | गाॉव क सबी रवमकतकत अऩन ऩय ऩरयवाय सटहत दीकषत हो िक ह | परतमक गरवाय को ऩय गाॉव भ एक सभम बोजन फनता ह | सबी रोग गरवाय का वरत यखत ह | कौशरऩय गाॉव क परबाव स आस-ऩास क गाॉववार एवॊ उनक रयशतदायो सटहत १००० रवमकतकतमो शयाफ छोड़कय दीा र री ह | गाॉव क इनतहास भ तीन-तीन ऩीढ़ी स कोई भॊटदय नहीॊ था | गाॉववारो न ५ राख रऩम रगाकय दो भॊटदय फनवाम ह | ऩया गाॉव रवमवसनभकत एवॊ बगवतबकत फन गमा ह मह ऩजम फाऩजी की कऩा नहीॊ तो औय कमा ह सफक तायणहाय ऩजम फाऩजी क शरीियणो भ कोटट-कोटट परणाभ
-शमाभ परजाऩनत (सऩयवाइजय नतरहन सॊघ) ताजऩय उजजन (भपर)
नतरबफ ॊद का िभतकाय
भया सौबागम ह कक भझ सॊतकऩा नतरबफॊद (आई डरॉपस) का िभतकाय दखन को मभरा |
एक सॊत फाफा मशवयाभदास उमर ८० वषग गीता कटटय तऩोवन झाड़ी सिसयोवय हरयदवाय भ यहत ह | उनकी दाटहनी आॉख क सपद भोनतम का ऑऩयशन शाॉनतकॊ ज हरयदवाय आमोजजत कमऩ भ हआ | कस बफगड़ गमा औय कार भोनतमा फन गमा | ददग यहन रगा औय योशनी घटन रगी | दोफाया बभाननद नतर चिककतसारम भ ऑऩयशन हआ | एबसपमट गरकोभा फतात हए कहा कक ऑऩयशन स मसयददग ठीक हो जामगा ऩय योशनी जाती यहगी | ऩयॊत अफ व फाफा सॊत शरी आसायाभजी आशरभ दवाय ननमभगत सॊतकऩा नतरबफॊद सफह-शाभ डार यह ह | भन उनक नतरो का ऩयीण ककमा | उनकी दाटहनी आॉख भ उॉगरी चगनन रामक योशनी वाऩस आ गमी ह | कार भोनतम का परशय नॉभगर ह | कोननगमा भ सजन नहीॊ ह | व कापी सॊतषट ह | व फतात ह आॉख ऩहर रार यहती थी ऩयॊत अफ नहीॊ ह | आशरभ क नतरबफॊद स कपऩनातीत राब हआ | फामीॊ आॉख भ बी उनह सपद भोनतमा फतामा गमा था औय सॊशम था कक शामद कारा भोनतमा बी ह | ऩय आज फामीॊ आॉख बी ठीक ह औय दोनो आॉखो का परशय बी नॉभगर ह | सपद भोनतमा नहीॊ ह औय योशनी कापी अचछी ह |
मह सॊतकऩा नतरफॊद का ववरण परबाव दखकय भ बी अऩन भयीजो को इसका उऩमोग कयन की सराह दॉगा |
-डॉ अननत कभाय अगरवार (नतरयोग ववशषऻ)
एभफीफीएस एभएस (नतर) डीओएभएस (आई) सीताऩय सहायनऩय (उपर)
ऩजमशरी की तसवीय स मभरी परयणा
सवगसभथग ऩयभ ऩजम शरी फाऩजी क ियणकभरो भ भया कोटट-कोटट नभन १९८४ क बकॊ ऩ स समऩणग उततय बफहाय भ कापी नकसान हआ था जजसकी िऩट भ हभाया घय बी था | ऩरयजसथनतवश भझ नौवी का भ ऩढ़ामी छोड़ दनी ऩड़ी | ककसी मभतर की सराह स भ नौकयी ढॉढ़न क मरए टदपरी गमा रककन वहाॉ बी ननयाशा ही हाथ रगी | भ दो टदन स बखा तो था ही ऊऩय स नौकयी की चिॊता | अत आतभहतमा का वविाय कयक यरव सटशन की ओय िर ऩड़ा | यानीफाग फाजाय भ एक दकान ऩय ऩजमशरी का सतसाटहतम
कसट आटद यखा हआ था एवॊ ऩजमशरी की फड़ आकाय की तसवीय बी टॉगी थी | ऩजमशरी की हॉसभख एवॊ आशीवागद की भरावारी उस तसवीय ऩय भयी नजय ऩड़ी तो १० मभनट तक भ वहीॊ सड़क ऩय स ही खड़-खड़ उस दखता यहा | उस वकत न जान भझ कमा मभर गमा भ काभ बर भजदयी का ही कयता हॉ रककन तफस रकय आज तक भय चितत भ फड़ी परसननता फनी हई ह | न जान भयी जजनदगी की कमा दशा होती अगय ऩजम फाऩजी की मवाधन सया ईशवय की ओय ननजशचनत जीवन ऩसतक औय कवष परसाद ऩबतरका हाथ न रगती ऩजमशरी की तसवीय स मभरी परयणा एवॊ उनक सतसाटहतम न भयी डफती नमा को भानो भझदाय स फिा मरमा | धनबागी ह साटहतम की सवा कयन वार जजनहोन भझ आतभहतमा क ऩाऩ स फिामा |
-भहश शाह
नायामणऩय दभया जज सीताभढ़ी (बफहाय)
भॊतर स राब
भयी भाॉ की हारत अिानक ऩागर जसी हो गमी थी भानो कोई बत-परत-डाककनी मा आसयी ततव उनभ घस गमा | भ फहत चिॊनतत हो गमा एवॊ एक साचधका फहन को पोन ककमा | उनहोन बत-परत बगान का भॊतर फतामा जजसका वणगन आशरभ स परकामशत आयोगमननचध ऩसतक भ बी ह | वह भॊतर इस परकाय ह
ॐ नभो बगवत रर बयवाम बतपरत म कर कर हॊ पट सवाहा |
इस भॊतर का ऩानी भ ननहायकय १०८ फाय जऩ ककमा औय वही ऩानी भाॉ को वऩरा टदमा |
तयॊत ही भाॉ शाॊनत स सो गमीॊ | दसय टदन बी इस भॊतर की ऩाॉि भारा कयक भाॉ को वह जर वऩरामा तो भाॉ बफपकर ठीक हो गमीॊ | ह भय साधक बाई-फहनो बत-परत बगान क
मरए अरा फाॉधॉ फरा फाॉधॉ ऐसा कयक झाड़-फ़ॉ क कयनवारो क िककय भ ऩड़न की जरयत नहीॊ ह | इसक मरए तो ऩजम फाऩजी का भॊतर ही तायणहाय ह | ऩजम फाऩजी क शरीियणो भ कोटट-कोटट परणाभ
-िॊऩकबाई एन ऩटर (अभरयका)
काभ करोध ऩय ववजम ऩामी
एक टदन भॊफई भर भ टटकट िककॊ ग कयत हए भ वातानकमरत फोगी भ ऩहॉिा | दखा तो भखभर की गददी ऩय टाट का आसन बफछाकय सवाभी शरी रीराशाहजी भहायाज सभाचधसथ ह | भझ आशचमग हआ कक जजन परथभ शरणी की वातानकमरत फोचगमो भ याजा-भहायाजा मातरा कयत ह ऐसी फोगी औय तीसयी शरणी की फोगी क फीि इन सॊत को कोई बद नहीॊ रगता | ऐसी फोचगमो भ बी व सभाचधसथ होत ह मह दखकय मसय झक जाता ह | भन ऩजम भहायाजशरी को परणाभ कयक कहा आऩ जस सॊतो क मरए तो सफ एक सभान ह |
हय हार भ एकयस यहकय आऩ भकतकत का आनॊद र सकत ह | रककन हभाय जस गरहसथो को कमा कयना िाटहए ताकक हभ बी आऩ जसी सभता फनाम यखकय जीवन जी सक
ऩजम भहायाजजी न कहा काभ औय करोध को त छोड़ द तो त बी जीवनभकत हो सकता ह | जहाॉ याभ तहॉ नहीॊ काभ जहाॉ काभ तहॉ नहीॊ याभ | औय करोध तो बाई बसभासय ह | वह तभाभ ऩणम को जराकय बसभ कय दता ह अॊतकयण को भमरन कय दता ह | भन कहा परब अगय आऩकी कऩा होगी तो भ काभ-करोध को छोड़ ऩाऊॉ गा | ऩजम भहायाजजी न कहा बाई कऩा ऐस थोड़ ही की जाती ह सॊतकऩा क साथ तया ऩरषाथग औय दढ़ता बी िाटहए | ऩहर त परनतऻा कय कक त जीवनऩमगनत काभ औय करोध स दय यहगा तो भ तझ आशीवागद दॉ | भन कहा भहायाजजी भ जीवनबय क मरए परनतऻा तो करॉ रककन उसका ऩारन न कय ऩाऊॉ तो झठा भाना जाऊॉ गा | ऩजम भहायाजजी न कहा अचछा ऩहर त भय सभ आठ टदन क मरए परनतऻा कय | कपय परनतऻा को एक-एक टदन फढ़त जाना | इस परकाय त उन फराओॊ स फि सकगा | ह कफर भन हाथ जोड़कय कफर ककमा | ऩजम भहायाजजी न आशीवागद दकय दो-िाय पर परसाद भ टदम | ऩजम भहायाजजी न भयी जो दो कभजोरयमाॉ थीॊ उन ऩय ही सीधा हभरा ककमा था | भझ आशचमग हआ कक अनम कोई बी दगगण छोड़न का न कहकय इन दो दगगणो क मरए ही उनहोन परनतऻा कमो कयवामी फाद भ भ इस याज स अवगत हआ |
दसय टदन भ ऩसनजय टरन भ कानऩय स आग जा यहा था | सफह क कयीफ नौ फज थ |
तीसयी शरणी की फोगी भ जाकय भन माबतरमो क टटकट जाॉिन का कामग शर ककमा | सफस
ऩहर फथग ऩय सोम हए एक मातरी क ऩास जाकय भन एक मातरी क ऩास जाकय भन टटकट टदखान को कहा तो वह गससा होकय भझ कहन रगा अॊधा ह दखता नहीॊ कक भ सो गमा हॉ भझ नीॊद स जगान का तझ कमा अचधकाय ह मह कोई यीत ह टटकट क फाय भ ऩछन की ऐसी ही अकर ह तयी ऐसा कछ-का-कछ वह फोरता ही गमा फोरता ही गमा | भ बी करोधाववषट होन रगा ककॊ त ऩजम भहायाजजी क सभ री हई परनतऻा भझ माद थी अत करोध को ऐस ऩी गमा भानो ववष की ऩकतड़मा भन उस कहा भहाशम आऩ ठीक ही कहत ह कक भझ फोरन की अकर नहीॊ ह बान नहीॊ ह | दखो भय म फार धऩ भ सपद हो गम ह | आऩभ फोरन की अकर अचधक ह नमरता ह तो कऩा कयक मसखाओॊ कक टटकट क मरए भझ ककस परकाय आऩस ऩछना िाटहए | भ रािाय हॉ कक डमटी क कायण भझ टटकट िक कयना ऩड़ यहा ह इसमरए भ आऩको कषट द यहा हॉ|
औय कफ़य भन खफ परभ स हाथ जोड़कय ववनती की बमा कऩा कयक कषट क मरए भझ भा कयो | भझ अऩना टटकट टदखामग भयी नमरता दखकय वह रजजजत हो गमा एवॊ तयॊत उठ फठा | जपदी-जपदी नीि उतयकय भझस भा भाॉगत हए कहन रगा भझ भाप कयना | भ नीॊद भ था | भन आऩको ऩहिाना नहीॊ था | अफ आऩ अऩन भॉह स भझ कह कक आऩन भझ भाफ़ ककमा मह दखकय भझ आनॊद औय सॊतोष हआ | भ सोिन रगा कक सॊतो की आऻा भानन भ ककतनी शकतकत औय टहत ननटहत ह सॊतो की करणा कसा िभतकारयक ऩरयणाभ राती ह वह रवमकतकत क पराकनतक सवबाव को बी जड़-भर स फदर सकती ह | अनमथा भझभ करोध को ननमॊतरण भ यखन की कोई शकतकत नहीॊ थी | भ ऩणगतमा असहाम था कपय बी भझ भहायाजजी की कऩा न ही सभथग फनामा | ऐस सॊतो क शरीियणो भ कोटट-कोटट नभसकाय
-शरी यीजभर
रयटामडग टीटी आई कानऩय
अनम अनबव
जरा हआ कागज
ऩवग रऩ भ एक फाय ऩयभहॊस ववशदधानॊदजी स आनॊदभमी भाॉ की ननकटता ऩानवार सपरमसदध ऩॊकतडत गोऩीनाथ कववयाज न ननवदन ककमा तयणीकानत ठाकय को अरौककक मसवदध पराि हई ह | व बफना दख मा बफना छए ही कागज भ मरखी हई फात ऩढ़ रत ह |
गरदव फोर तभ एक कागज ऩय कछ मरखो औय उसभ आग रगाकय जरा दो |
कववयाजजी न कागज ऩय कछ मरखा औय ऩयी तयह कागज जराकय हवा भ उड़ा टदमा |
उसक फाद गरदव न अऩन तककम क नीि स वही कागज ननकारकय कववयाजजी क आग यख टदमा | मह दखकय उनह फड़ा आशचमग हआ कक मह कागज वही था एवॊ जो उनहोन मरखा था वह बी उस ऩय उनहीॊ क सरख भ मरखा था औय साथ ही उसका उततय बी मरखा हआ दखा | जड़ता ऩशता औय ईशवयता का भर हभाया शयीय ह | जड़ शयीय को भ-भया भानन की ववतत जजतनी मभटती ह ऩाशवी वासनाओॊ की गराभी उतनी हटती ह औय हभाया ईशवयीम अॊश जजतना अचधक ववकमसत होता ह उतना ही मोग-साभमग ईशवयीम साभमग परकट होता ह | बायत क ऐस कई बकतो सॊतो औय मोचगमो क जीवन भ ईशवयीम साभमग दखा गमा ह अनबव ककमा गमा ह उसक ववषम भ सना गमा ह | धनम ह बायतबमभ भ यहनवार बायतीम सॊसकनत भ शरदधा-ववशवास यखनवार अऩन ईशवयीम अॊश को जगान की सवा-साधना कयनवार सवाभी ववशदधानॊदजी वषो की एकाॊत साधना औय वषो-वषो की गरसवा स अऩना दहाधमास औय ऩाशवी वासनाएॉ मभटाकय अऩन ईशवयीम
अॊश को ववकमसत कयनवार बायत क अनक भहाऩरषो भ स थ | उनक जीवन की औय बी अरौककक घटनाओॊ का वणगन आता ह | ऐस सतऩरषो क जीवन-िरयतर औय उनक जीवन भ घटटत घटनाएॉ ऩढ़न-सनन स हभ रोग बी अऩनी जड़ता एवॊ ऩशता स ऊऩय उठकय ईशवयीम अॊश को उबायन भ उतसाटहत होत ह | फहत ऊॉ िा काभ ह फड़ी शरदधा फड़ी सभझ फड़ा धमग िाटहए ईशवयीम साभमग को ऩणग रऩ स ववकमसत कयन भ | अफ आओ
िर आदय शॊकयािामग की ओय
नदी की धाया भड़ गमी
आदय शॊकयािामग की भाता ववमशषटा दवी अऩन करदवता कशव की ऩजा कयन जाती थीॊ | व ऩहर नदी भ सनान कयतीॊ औय कफ़य भॊटदय भ जाकय ऩजन कयतीॊ | एक टदन व परातकार ही ऩजन-साभगरी रकय भॊटदय की ओय गमीॊ ककॊ त सामॊकार तक घय नहीॊ रौटीॊ | शॊकयािामग की आम अबी सात-आठ वषग क भधम भ ही थी | व ईशवय क ऩयभ बकत औय ननषठावान थ | सामॊकार तक भाता क वाऩस न रौटन ऩय आिामग को फड़ी चिनता हई औय व उनह खोजन क मरए ननकर ऩड़ | भॊटदय क ननकट ऩहॉिकय उनहोन भाता को भागग भ ही भजचछगत ऩड़ दखा | उनहोन फहत दय तक भाता का उऩिाय ककमा तफ व होश भ आ सकीॊ |
नदी अचधक दय थी | वहाॉ तक ऩहॉिन भ भाता को फड़ा कषट होता था | आिामग न बगवान स भन-ही-भन पराथगना की कक परबो ककसी परकाय नदी की धाया को भोड़ दो जजसस कक
भाता ननकट ही सनान कय सक | व इस परकाय की पराथगना ननतम कयन रग | एक टदन उनहोन दखा कक नदी की धाया ककनाय की धयती को काटती-काटती भड़न रगी ह तथा कछ टदनो भ ही वह आिामग शॊकय क घय क ऩास फहन रगी | इस घटना न आिामग का अरौककक शकतकतसमऩनन होना परमसदध कय टदमा |
सकषभ शयीय स िोय का ऩीछा ककमा
हरयहय फाफा की फड़ी परमसवदध थी | एक फाय व हयऩारऩय सटशन ऩय थ | वहाॉ क सटशन भासटय न उनको एक िोय सऩदग ककमा | िोय न फाफा स कहा भहायाज भझ इतनी छटटी द दीजजम कक भ अऩन फार-फचिो का परफॊध कय आऊॉ | फाफा गाड़ी आन ऩय रौट आना | िोय िरा गमा | सटशन भासटय को ऩता िरा तो वह फाफा ऩय गभग हआ औय फोरा उसक फदर तमह जर की हवा खानी होगी | तभन जान-फझकय उस बगा टदमा ह | फाफा घफयाओ भत गाड़ी आन स ऩहर ही वह रौट आमगा | िोय की नीमत ठीक नहीॊ थी | वह जॊगर क भागग स अऻात सथान को बाग जाना िाहता था ककॊ त उस हय सभम मही परतीत होता यहा कक हरयहय फाफा डॊडा पटकायत हए उसक ऩीछ-ऩीछ िर आ यह ह | इसीमरए वह गाड़ी आन स ऩहर ही रौट आमा |
भॊगरी फाधा-ननवायण भॊतर
अॊ याॊ अॊ
इस भॊतर को १०८ फाय जऩन स करोध दय होता ह | जनभकनडरी भ भॊगरी मोग होन स जजनक वववाह न हो यह हो व २७ भॊगरवाय इस भॊतर का १०८ फाय जऩ कयत हए वरत यखकय हनभानजी ऩय मसॊदय का िोरा िढ़ाम | इसस भॊगर-फाधा का म होता ह |
सखऩवगक परसवकायक भॊतर
ऩहरा उऩाम
एॊ हीॊ बगवनत बगभामरनन िर िर भराभम भराभम ऩषऩॊ ववकासम ववकासम सवाहा |
इस भॊतर दवाया अमबभॊबतरत दध गमबगणी सतरी को वऩराम तो सखऩवगक परसव होगा |
दसया उऩाम
गमबगणी सतरी सवमॊ परसव क सभम जमबरा-जमबरा जऩ कय |
तीसया उऩाम
दशी गाम क गोफय का १२ स १५ मभरी यस ॐ नभो नायामणाम भॊतर का २१ फाय जऩ कयक ऩीन स बी परसव-फाधाएॉ दय होगी औय बफना ऑऩयशन क परसव होगा |
परसनत क सभम अभॊगर की आशॊका हो तो ननमन भॊतर का जऩ कय
सवगभॊगर भाॊगपम मशव सवागथग साचधक |
शयणम तरममफक गौयी नायामणी नभोSसतत ||
(दगागसिशती)
शकतकतशारी व गोय ऩतर की परानि क मरए
सगबागवसथा भ ढाक (ऩराश खाखया) का एक कोभर ऩतता घोटकय गौ-दगध क साथ योज सवन कयन स फारक शकतकतशारी औय गोया होता ह | भाता-वऩता बर कार-करट हो कपय बी फारक गोया होगा |
सदगर-भटहभा
गर बफन बव ननचध तय न कोई |
जौ फयॊचि सॊकय सभ होई ||
-सॊत तरसीदासजी
हरयहय आटदक जगत भ ऩजमदव जो कोम |
सदगर की ऩजा ककम सफकी ऩजा होम ||
-ननशचरदासजी भहायाज
सहजो कायज सॊसाय को गर बफन होत नाॉही |
हरय तो गर बफन कमा मभर सभझ र भन भाॉही ||
-सॊत कफीयजी सॊत
सयनन जो जन ऩय सो जन उधयनहाय | सॊत की ननॊदा नानका फहरय फहरय अवताय ||
-गर नानक दवजी
गरसवा सफ बागमो की जनभबमभ ह औय वह शोकाकर रोगो को बरहमभम कय दती ह |
गररऩी समग अववदयारऩी याबतर का नाश कयता ह औय ऻानाऻान रऩी मसतायो का रोऩ कयक फवदधभानो को आतभफोध का सटदन टदखाता ह |
-सॊत ऻानशवय भहायाज
सतम क कॊ टकभम भागग भ आऩको गर क मसवाम औय कोई भागगदशगन नहीॊ द सकता |
- सवाभी मशवानॊद सयसवती
ककतन ही याजा-भहायाजा हो गम औय होग सामजम भकतकत कोई नहीॊ द सकता | सचि याजा-भहायाज तो सॊत ही ह | जो उनकी शयण जाता ह वही सचिा सख औय सामजम भकतकत ऩाता ह |
-सभथग शरी याभदास सवाभी
भनषम िाह ककतना बी जऩ-तऩ कय मभ-ननमभो का ऩारन कय ऩयॊत जफ तक सदगर की कऩादवषट नहीॊ मभरती तफ तक सफ रवमथग ह |
-सवाभी याभतीथग
परटो कहत ह कक सकयात जस गर ऩाकय भ धनम हआ |
इभसगन न अऩन गर थोयो स जो पराि ककमा उसक भटहभागान भ व बावववबोय हो जात थ |
शरी याभकषण ऩयभहॊस ऩणगता का अनबव कयानवार अऩन सदगरदव की परशॊसा कयत नहीॊ अघात थ |
ऩजमऩाद सवाभी शरी रीराशाहजी भहायाज बी अऩन सदगरदव की माद भ सनह क आॉस
फहाकय गदगद कॊ ठ हो जात थ |
ऩजम फाऩजी बी अऩन सदगरदव की माद भ कस हो जात ह मह तो दखत ही फनता ह |
अफ हभ उनकी माद भ कस होत ह मह परशन ह | फटहभगख ननगय रोग कछ बी कह साधक को अऩन सदगर स कमा मभरता ह इस तो साधक ही जानत ह |
रडी भाटटगन क सहाग की या कयन अपगाननसतान भ परकट मशवजी
साध सॊग सॊसाय भ दरगब भनषम शयीय |
सतसॊग सववत ततव ह बतरववध ताऩ की ऩीय ||
भानव-दह मभरना दरगब ह औय मभर बी जाम तो आचधदववक आचधबौनतक औय आधमाजतभक म तीन ताऩ भनषम को तऩात यहत ह | ककॊ त भनषम-दह भ बी ऩववतरता हो सचिाई हो शदधता हो औय साध-सॊग मभर जाम तो म बतरववध ताऩ मभट जात ह |
सन १८७९ की फात ह | बायत भ बबरटटश शासन था उनहीॊ टदनो अॊगरजो न अपगाननसतान ऩय आकरभण कय टदमा | इस मदध का सॊिारन आगय भारवा बबरटटश छावनी क रजफ़टनट कनगर भाटटगन को सौऩा गमा था | कनगर भाटटगन सभम-सभम ऩय मदध-तर स अऩनी ऩतनी को कशरता क सभािाय बजता यहता था | मदध रॊफा िरा औय अफ तो सॊदश आन बी फॊद हो गम | रडी भाटटगन को चिॊता सतान रगी कक कहीॊ कछ अनथग न हो गमा हो अपगानी सननको न भय ऩनत को भाय न डारा हो | कदाचित ऩनत मदध भ शहीद हो गम तो भ जीकय कमा करॉ गी -मह सोिकय वह अनक शॊका-कशॊकाओॊ स नघयी यहती थी |
चिनतातय फनी वह एक टदन घोड़ ऩय फठकय घभन जा यही थी | भागग भ ककसी भॊटदय स आती हई शॊख व भॊतर धवनन न उस आकवषगत ककमा | वह एक ऩड़ स अऩना घोड़ा फाॉधकय भॊटदय भ गमी | फजनाथ भहादव क इस भॊटदय भ मशवऩजन भ ननभगन ऩॊकतडतो स उसन ऩछा आऩ रोग कमा कय यह ह एक वरदध बराहमण न कहा हभ बगवान मशव का ऩजन कय यह ह | रडी भाटटगन मशवऩजन की कमा भहतता ह बराहमण फटी बगवान मशव तो औढयदानी ह बोरनाथ ह | अऩन बकतो क सॊकट-ननवायण कयन भ व तननक बी दय नहीॊ कयत ह | बकत उनक दयफाय भ जो बी भनोकाभना रकय क आता ह उस व शीघर ऩयी कयत ह ककॊ त फटी तभ फहत चिजनतत औय उदास नजय आ यही हो कमा फात ह रडी भाटटगन भय ऩनतदव मदध भ गम ह औय ववगत कई टदनो स उनका कोई
सभािाय नहीॊ आमा ह | व मदध भ पॉ स गम ह मा भाय गम ह कछ ऩता नहीॊ िर यहा | भ उनकी ओय स फहत चिजनतत हॉ | इतना कहत हए रडी भाटटगन की आॉख नभ हो गमीॊ |
बराहमण तभ चिनता भत कयो फटी मशवजी का ऩजन कयो उनस पराथगना कयो रघररी कयवाओ | बगवान मशव तमहाय ऩनत का यण अवशम कयग |
ऩॊकतडतो की सराह ऩय उसन वहाॉ गमायह टदन का ॐ नभ मशवाम भॊतर स रघररी अनषठान परायॊब ककमा तथा परनतटदन बगवान मशव स अऩन ऩनत की या क मरए पराथगना कयन रगी कक ह बगवान मशव ह फजनाथ भहादव मटद भय ऩनत मदध स सकशर रौट आम तो भ आऩका मशखयफॊद भॊटदय फनवाऊॉ गी | रघररी की ऩणागहनत क टदन बागता हआ एक सॊदशवाहक मशवभॊटदय भ आमा औय रडी भाटटगन को एक मरपापा टदमा | उसन घफयात-घफयात वह मरपापा खोरा औय ऩढ़न रगी |
ऩतर भ उसक ऩनत न मरखा था हभ मदध भ यत थ औय तभ तक सॊदश बी बजत यह रककन आक ऩठानी सना न घय मरमा | बबरटटश सना कट भयती औय भ बी भय जाता |
ऐसी ववकट ऩरयजसथनत भ हभ नघय गम थ कक पराण फिाकय बागना बी अतमाचधक कटठन था | इतन भ भन दखा कक मदधबमभ भ बायत क कोई एक मोगी जजनकी फड़ी रमफी जटाएॉ ह हाथ भ तीन नोकवारा एक हचथमाय (बतरशर) इतनी तीवर गनत स घभ यहा था कक ऩठान सननक उनह दखकय बागन रग | उनकी कऩा स घय स हभ ननकरकय ऩठानो ऩय वाय कयन का भौका मभर गमा औय हभायी हाय की घकतड़माॉ अिानक जीत भ फदर गमीॊ | मह सफ बायत क उन फाघामफयधायी एवॊ तीन नोकवारा हचथमाय धायण ककम हए
(बतरशरधायी) मोगी क कायण ही समबव हआ | उनक भहातजसवी रवमकतकततव क परबाव स दखत-ही-दखत अपगाननसतान की ऩठानी सना बाग खड़ी हई औय व ऩयभ मोगी भझ
टहमभत दत हए कहन रग | घफयाओॊ नहीॊ | भ बगवान मशव हॉ तथा तमहायी ऩतनी की ऩजा स परसनन होकय तमहायी या कयन आमा हॉ उसक सहाग की या कयन आमा हॉ |
ऩतर ऩढ़त हए रडी भाटटगन की आॉखो स अववयत अशरधाया फहती जा यही थी उसका रदम अहोबाव स बय गमा औय वह बगवान मशव की परनतभा क समभख मसय यखकय पराथगना कयत-कयत यो ऩड़ी | कछ सिाह फाद उसका ऩनत कनगर भाटटगन आगय छावनी रौटा | ऩतनी न उस सायी फात सनात हए कहा आऩक सॊदश क अबाव भ भ चिजनतत हो उठी थी रककन बराहमणो की सराह स मशवऩजा भ रग गमी औय आऩकी या क मरए बगवान मशव स पराथगना कयन रगी | उन द खबॊजक भहादव न भयी पराथगना सनी औय आऩको सकशर रौटा टदमा | अफ तो ऩनत-ऩतनी दोनो ही ननममभत रऩ स फजनाथ भहादव क भॊटदय भ ऩजा-अिगना कयन रग | अऩनी ऩतनी की इचछा ऩय कनगर भाटटगन भ सन १८८३
भ ऩॊरह हजाय रऩम दकय फजनाथ भहादव भॊटदय का जीणोदवाय कयवामा जजसका मशरारख आज बी आगय भारवा क इस भॊटदय भ रगा ह | ऩय बायतबय भ अॊगरजो दवाय ननमभगत मह एकभातर टहनद भॊटदय ह |
मयोऩ जान स ऩवग रडी भाटटगन न ऩकतड़तो स कहा हभ अऩन घय भ बी बगवान मशव का भॊटदय फनामग तथा इन द ख-ननवायक दव की आजीवन ऩजा कयत यहग |
बगवान मशव भ बगवान कषण भ भाॉ अमफा भ आतभवतता सदगर भ सतता तो एक ही ह | आवशमकता ह अटर ववशवास की | एकररवम न गरभनत ग भ ववशवास कय वह पराि कय मरमा जो अजगन को कटठन रगा | आरणण उऩभनम रव परहराद आटद अनम सकड़ो उदायहण हभाय साभन परतम ह | आज बी इस परकाय का सहमोग हजायो बकतो को साधको को बगवान व आतभवतता सदगरओॊ क दवाया ननयनतय पराि होता यहता ह | आवशमकता ह तो फस कवर ववशवास की |
भहाभतमॊजम भॊतर
ॐ हौ जॉ स |
ॐ बबगव सव |
ॐ तरममफकॊ मजाभह सगॊचध ॊ ऩवषटवधगनभ |
उवागरकमभव फनधनानभतमोभगीम भाभतात |
सव भव ब ॐ |
स जॉ हौ ॐ |
बगवान मशव का मह भहाभतमॊजम जऩन स अकार भतम तो टरती ही ह आयोगमता की बी परानि होती ह | सनान कयत सभम शयीय ऩय रोट स ऩानी डारत वकत इस भॊतर का जऩ कयन स सवासम-राब होता ह | दध भ ननहायत हए इस भॊतर का जाऩ ककमा जाम औय कपय वह दध ऩी मरमा जम तो मौवन की सया भ बी सहामता मभरती ह | आजकर की तज यफ़तायवारी जजनदगी भ कहाॉ आतॊक उऩरव दघगटना हो जाम कहना भजशकर ह | घय स ननकरत सभम एक फाय मह भॊतर जऩनवारा इन उऩदरवो स सयकषत यहता ह औय सयकषत घय रौटता ह | (इस भॊतरानषठान क ववचध-ववधान की ववसतत जानकायी क मरए आशरभ दवाया परकामशत आयोगमननचध ऩसतक ऩढ़ |) शरीभदबागवत क आठव सकॊ ध भ तीसय अधमाम क शलोक १ स ३३ तक भ वणणगत गजनरभो सतोतर का ऩाठ कयन स तभाभ
ववधन दय होत ह |
भ सबी को कहा ldquoआऩ रोग शरी आसायाभामण का ऩाठ शर कयो |rdquo ऩाठ होन रगा |
थोड़ी दय फाद भ हॉजसऩटर ऩहॉिा | वहाॉ दखा तो फचिा हॉस-खर यहा था | मह दख भयी औय घयवारो की खशी का टठकाना न यहा मह सफ फाऩजी की असीभ कऩा गर-गोववनद की कऩा औय शरी आसायाभामण-ऩाठ का पर ह |
-सनीर िाॊडक
अभयावती भहायाषड
गरवाणी ऩय ववशवास स अवणीम राब
शादी होन ऩय एक ऩतरी क फाद सात सार तक कोई सॊतान नहीॊ हई | हभाय भन भ ऩतरपरानि की इचछा थी | १९९९ क मशववय भ हभ सॊतानपरानि का आशीवागद रनवारो की ऩॊकतकत भ फठ | फाऩजी आशीवागद दन क मरए साधको क फीि आम तो कछ साधक नासभझी स कछ ऐस परशन कय फठ जो उनह नहीॊ कयन िाटहए थ | गरदव नायाज होकय मह कहकय िर गम कक तभको सॊतवाणी ऩय ववशवास नहीॊ ह तो तभ रोग महाॉ कमो आम तमह डॉकटय क ऩास जाना िाटहए था | कपय गरदव हभाय ऩास नहीॊ आम | सबी पराथगना कयत यह ऩय गरदव रवमासऩीठ स फोर दफाया तीन मशववय बयना | भ भन भ सोि यहा था कक कछ साधको क कायण भझ आशीवागद नहीॊ मभर ऩामा ऩयॊत वजरादवऩ कठोयाणण भदनन कसभादवऩ फाहय स वजर स बी कठोय टदखन वार सदगर बीतय स पर स बी कोभर होत ह | तयॊत गरदव ववनोद कयत हए फोर दखो म रोग सॊतानपरानि का आशीवागद रन आम ह | कस ठनठनऩार-स फठ ह अफ जाओ झरा-झनझना रकय घय जाओ | भन औय भयी ऩतनी न आऩस भ वविाय ककमा दमार गरदव न आणखय आशीवागद द ही टदमा | अफ गरदव न कहा ह कक झरा-झनझना र जाओ | तो भन गरविन भानकय यरव सटशन स एक झनझना खयीद मरमा औय गवामरमय आकय गरदव क चितर क ऩास यख टदमा | भझ वहाॉ स आन क १५ टदन फाद डॉकटय दवाया भारभ हआ कक ऩतनी गबगवती ह | भन गरदव को भन-ही-भन परणाभ ककमा | इस फीि डॉकटयो न सराह दी कक रड़का ह मा रड़की इसकी जाॉि कया रो | भन फड़ ववशवास स कहा कक रड़का ही होगा | अगय रड़की बी हई तो भझ कोई आऩवतत नहीॊ ह | भझ गबगऩात का ऩाऩ अऩन मसय ऩय नहीॊ रना ह | नौ भाह तक भयी ऩतनी बी सवसथ यही | हरयदवाय मशववय भ बी हभ रोग गम | सभम आन ऩय गरदव दवाया फताम गम इराज क भताबफक गाम क गोफय का यस ऩतनी को टदमा औय टदनाॊक २७ अकतफय १९९९ को एक सवसथ फारक का जनभ हआ |
-याजनर कभाय वाजऩमी अिगना वाजऩमी फरवॊत नगय ढाढीऩय भयाया गवामरमय
औय सोना मभर गमा
हभाय सॊमकत ऩरयवाय भ साठ तोरा सोना िोयी हो गमा था | सतसॊगी होन क कायण हभ द ख तो नहीॊ हआ कपय बी थोडी-फहत चिनता अवशम हई | आशरभ क एक साधक न हभस कहा | आऩ रोग शरी आसायाभामण क १०८ ऩाठ कयो औय सॊकपऩ कयो कक हभाया सोना हभ जरय मभरगा | मभनाऩाय टदपरी भ गरदव का आगभन हआ | हभ शाभ को गरदव क दशगन कयन गम | हभन कछ कहा नहीॊ कमोकक गरदव अॊतमागभी ह | उनहोन हभको परसाद टदमा | उसी यात घय ऩय पोन आमा कक आऩका सोना मभर गमा ह | िोय रखनऊ भ ऩकड़ा गमा ह | हभ आशचमग हआ शरी आसायाभामण क १०८ ऩाठ ऩय बी नहीॊ हए थ औय सोना मभर गमा |
-रीना फटानी यानीफाग टदपरी
सवपर क दो टकड़ो स दो सॊतान
भन सन १९९१ भ िटीिॊड मशववय अभदावाद भ ऩजम फाऩजी स भॊतरदीा री थी | भयी शादी क १० वषग तक भख कोई सॊतान नहीॊ हई | फहत इराज कयवाम रककन सबी डॉकटयो न फतामा कक फारक होन की कोई सॊबावना नहीॊ ह | तफ भन ऩजम फाऩजी क ऩनभ दशगन का वरत मरमा औय फाॉसवाड़ा भ ऩनभ दशगन क मरए गमा | ऩजम फाऩजी सफको परसाद द यह थ | भन भन भ सोिा | कमा भ इतना ऩाऩी हॉ कक फाऩजी भयी तयप दखत तक नहीॊ इतन भ ऩजम फाऩजी कक दवषट भझ ऩय ऩड़ी औय उनहोन भझ दो मभनट तक दखा | कपय उनहोन एक सवपर रकय भझ ऩय प का जो भय दाम कॊ ध ऩय रगकय दो टकड़ो भ फॉट गमा | घय जाकय भन उस सवपर क दोनो बाग अऩनी ऩतनी को णखरा टदम | ऩजमशरी का कऩाऩणग परसाद खान स भयी ऩतनी गबगवती हो गमी | ननयीण कयान ऩय ऩता िरा कक उसको दो मसय वारा फारक उतऩनन होगा | डॉकटयो न फतामा उसका मसजरयमन कयना ऩड़गा अनमथा आऩकी ऩतनी क फिन की समबावना नहीॊ ह | मसजरयमन भ रगबग फीस हजाय रऩमो का खिग आमगा | भन ऩजम फाऩजी स पराथगना की ह फाऩजी आऩन ही पर टदमा था | अफ आऩ ही इस सॊकट का ननवायण कीजजम | कपय
भन फड़ फादशाह क साभन बी पराथगना की जफ भ असऩतार ऩहॉिॉ तो भयी ऩतनी की परसती सकशर हो जाम | उसक फाद जफ भ असऩतार ऩहॉिा तो भयी ऩतनी एक ऩतर औय एक ऩतरी को जनभ द िकी थी | ऩजमशरी क दवाया टदम गम पर स भझ एक की जगह दो सॊतानो की परानि हई |
-भकशबाई सोरॊकी शायदा भॊटदय सकर क ऩीछ
फावन िार वड़ोदया
साइककर स गरधाभ जान ऩय खयाफ टाॉग ठीक हो गमी
भयी फाॉमी टाॉग घटन स उऩय ऩतरी हो गमी थी | ऑर इणणडमा भकतडकर इनसटीटमट
टदपरी भ भ छ टदन तक यहा | वहाॉ जाॉि क फाद फतरामा गमा कक तमहायी यीढ़ की हडडी क ऩास कछ नस भय गमी ह जजसस मह टाॉग ऩतरी हो गमी ह | मह ठीक तो हो ही नहीॊ सकती | हभ तमह ववटामभन ई क कपसर द यह ह | तभ इनह खात यहना | इसस टाॊग औय जमादा ऩतरी नहीॊ होगी | भन एक सार तक कपसर खाम | उसक फाद २२ जन
१९९७ को भजफ़फ़यनगय भ भन गरजी स भॊतरदीा री औय दवाई खाना फॊद कय दी | जफ एक साधक बाई याहर गिा न कहा कक सहायनऩय स साइककर दवाया उततयामण मशववय अभदावाद जान का कामगकरभ फन यहा ह तफ भन टाॉग क फाय भ सोि बफना साइककर मातरा भ बाग रन क मरए अऩनी सहभनत द दी | जफ भय घय ऩय ऩता िरा कक भन साइककर स गरधाभ अभदावाद जान का वविाय फनामा ह अत तभ ११५० ककभी तक साइककर नहीॊ िरा ऩाओग | रककन भन कहा भ साइककर स ही गरधाभ जाऊॉ गा िाह ककतनी बी दयी कमो न हो औय हभ आठ साधक बाई सहायनऩय स २६ टदसमफय ९७ को साइककरो स यवाना हए | भागग भ िढ़ाई ऩय भझ जफ बी कोइ टदककत होती तो ऐसा रगता जस भयी साइककर को कोई ऩीछ स धकर यहा ह | भ भड़कय ऩीछ दखता तो कोई टदखामी नहीॊ ऩड़ता | ९ जनवयी को जफ हभ अभदावाद गरआशरभ भ ऩहॉि औय भन सफह अऩनी टाॉग दखी तो भ दॊग यह गम जो टाॉग ऩतरी हो गमी थी औय डॉकटयो न उस ठीक होन स भना कय टदमा था वह टाॉग बफपकर ठीक हो गमी थी | इस कऩा को दखकय भ िककत यह गमा भय साथी बी दॊग यह गम मह सफ गरकऩा क परसाद का िभतकाय था | भय आठो साथी भयी ऩतनी तथा ऑर इणणडमा भकतडकर इनसटीटमट टदपरी दवाया जाॉि क परभाणऩतर इस फात क साी ह |
-ननयॊकाय अगरवार
ववषणऩयी
अदबत यही भौनभॊटदय की साधना
ऩयभ ऩजम सदगरदव की कऩा स भझ टदनाॊक १८ स २४ भई १९९९ तक अभदावाद आशरभ क भौनभॊटदय भ साधना कयन का सअवसय मभरा | भौनभॊटदय भ साधना क ऩाॉिव टदन मानी २२ भई की याबतर को रगबग २ फज नीॊद भ ही भझ एक झटका रगा | रट यहन कक जसथनत भ ही भझ भहसस हआ कक कोई अदशम शकतकत भझ ऊऩय फहत ऊऩय उड़म र जा यही ह | ऊऩय उड़त हए जफ भन नीि झाॉककय दखा तो अऩन शयीय को उसी भौनभॊटदय भ चितत रटा हआ फखफय सोता हआ ऩामा | ऊऩय जहाॉ भझ र जामा गमा वहाॉ अरग ही छटा थी अजीफ औय अवणीम आकाश को बी बदकय भझ ऐस सथान ऩय ऩहॉिामा गमा था जहाॉ िायो तयप कोहया-ही-कोहया था जस शीश की छत ऩय ओस परी हो इतन भ दखता हॉ कक एक सबा रगी ह बफना शयीय की कवर आकनतमो की | जस यखाओॊ स भनषमरऩी आकनतमाॉ फनी हो | मह सफ कमा िर यहा था सभझ स ऩय था |
कछ ऩर क फाद व आकनतमाॉ सऩषट होन रगी | दवी-दवताओॊ क ऩॊज क भधम शीषग भ एक उचि आसन ऩय साात फाऩजी शॊकय बगवान फन हए करास ऩवगत ऩय ववयाजभान थ औय दवी-दवता कताय भ हाथ फाॉध खड़ थ | भ भक-सा होकय अऩरक नतरो स उनह दखता ही यहा कपय भॊतरभगध हो उनक ियणो भ चगय ऩड़ा | परात क ४ फज थ | अहा भन औय शयीय हपका-फ़पका रग यहा था मही जसथनत २४ भई की भधमयाबतर भ बी दोहयामी गमी | दसय टदन सफह ऩता िरा कक आज तो फाहय ननकरन का टदन ह मानी यवववाय २५ भई की सफह | फाहय ननकरन ऩय बावबया रदम गदगद कॊ ठ औय आखो भ आॉस मो रग यहा था कक जस ननजधाभ स फघय ककमा जा यहा हॉ | धनम ह वह बमभ
भौनभॊटदय भ साधना की वह रवमवसथा जहाॊ स ऩयभ आनॊद क सागय भ डफन की कॊ जी मभरती ह जी कयता ह बगवान ऐसा अवसय कपय स राम जजसस कक उसी भौनभॊटदय भ ऩन आॊतरयक आनॊद का यसऩान कय ऩाऊॉ |
-इनरनायामण शाह
१०३ यतनदीऩ-२ ननयारा नगय कानऩय
असाधम योग स भकतकत
सन १९९४ भ भयी ऩतरी टहयर को शयद ऩणणगभा क टदन फखाय आमा | डॉकटयो को
टदखामा तो ककसीन भररयमा कहकय दवाइमाॉ दी तो ककसीन टामपामड कहकय इराज शर ककमा तो ककसीन टामपामड औय भररयमा दोनो कहा | दवाई की एक खयाक रन स शयीय नीरा ऩड़ गमा औय सज गमा | शयीय भ खन की कभी स उस छ फोतर खन िढ़ामा गमा | इॊजन दन स ऩय शयीय को रकवा भाय गमा | ऩीठ क ऩीछ शमावरण जसा हो गमा | ऩीठ औय ऩय का एकस-य मरमा गमा | ऩय ऩय वजन फाॉधकय यखा गमा | डॉकटयो न उस वाम का फखाय तथा यकत का क सय फतामा औय कहा कक उसक रदम तो वापव िौड़ा हो गमा ह | अफ हभ टहमभत हाय गम | अफ ऩजमशरी क मसवाम औय कोई सहाया नहीॊ था | उस सभम टहयर न कहा भमभी भझ ऩजम फाऩ क ऩास र िरो | वहाॉ ठीक हो जाऊगी | ऩाॉि टदन तक टहयर ऩजमशरी की यट रगाती यही | हभ उस अभदावाद आशरभ भ फाऩ क ऩास र गम | फाऩ न कहा इस कछ नहीॊ हआ ह | उनहोन भझ औय टहयर को भॊतर टदमा एवॊ फड़दादा की परदकषणा कयन को कहा | हभन परदकषणा की औय टहयर ऩनरह टदन भ िरन-कफ़यन रगी | हभ फाऩ की इस करणा-कऩा का कण कस िकाम अबी तो हभ आशरभ भ ऩजमशरी क शरीियणो भ सऩरयवाय यहकय धनम हो यह ह |
-परपपर रवमास
बावनगय
वतगभान भ अभदावाद आशरभ भ सऩरयवाय सभवऩगत
ऩजम फाऩ का दशगन-सतसॊग ही जीवन का सचिा यतन ह
भझ िाय सार स ऩतर कक काभना थी औय भय भन भ हआ कक भयी मह काभना जरय ऩयी होगी | अभदावाद भ धमानमोग मशववय क दौयान ऐसा वविाय आमा कक फाऩ भझ अऩन ियणो भ फरामग | भन भ दढ़ शरदधा थी | इतन रोगो क फीि भ स फाऩ न तजऩणग दवषट भझ ऩय डारी सॊतय का परसाद टदमा औय भया बागम खर गमा | फचि क जनभ स ऩहर डॉकटयो न ऑऩयशन को कहा था रककन फाऩ क फतान क भताबफक भय घयवारो न भझ गाम क गोफय का यस वऩरामा औय शीघर ही फारक का जनभ हो गमा | सचिी शरदधा-बकतकत हो तो कमा असॊबव ह ऩजम फाऩ का दशगन-सतसॊग ही जीवन का सचिा यतन ह |
सचिी शरदधा-बकतकत स ऐसा यतन ऩानवार हभ सबी धनबागी ह |
-यखा ऩयभाय भीया योड़ भॊफई
कसट का िभतकाय
रवमाऩाय उधायी भ िर जान स भ हताश हो गमा था एवॊ अऩनी जजॊदगी स तॊग आकय आतभहतमा कयन की फात सोिन रगा था | भझ साध-भहातभाओॊ व सभाज क रोगो स घणा-सी हो गमी थी धभग व सभाज स भया ववशवास उठ िका था | एक टदन भयी सारी फाऩजी क सतसॊग कक दो कसट ववचध का ववधान एवॊ आणखय कफ तक र आमी औय उसन भझ सनन क मरए कहा | उसक कई परमास क फाद बी भन व कसट नहीॊ सनीॊ एवॊ भन-ही-भन उनह ढ़ोग कहकय कसटो क कतडबफ भ दार टदमा | भन इतना ऩयशान था कक यात को नीॊद आना फॊद हो गमा था | एक यात कफ़पभी गाना सनन का भन हआ | अॉधया होन की वजह स कसट ऩहिान न सका औय गरती स फाऩजी क सतसॊग की कसट हाथ भ आ गमी | भन उसीको सनना शर ककमा | कपय कमा था भयी आशा फॉधन रगी | भन शाॉत होन रगा | धीय-धीय सायी ऩीड़ाएॉ दय होती िरी गमीॊ | भय जीवन भ योशनी-ही-योशनी हो गमी | कपय तो भन ऩजम फाऩजी क सतसॊग की कई कसट सनीॊ औय सफको सनामीॊ |
तदनॊतय भन गाजजमाफाद भ फाऩजी स दीा बी गरहण की | रवमाऩाय की उधायी बी िकता हो गमी | फाऩजी की कऩा स अफ भझ कोई द ख नहीॊ ह | ह गरदव फस एक आऩ ही भय होकय यह औय भ आऩका ही होकय यहॉ |
-ओभपरकाश फजाज
टदपरी योड़ सहायनऩय उततय परदश
भझ ऩय फयसी सॊत की कऩा
सन १९९५ क जन भाह भ भ अऩन रड़क औय बतीज क साथ हरयदवाय धमानमोग मशववय भ बाग रन गमा | एक टदन जफ भ हय की ऩौड़ी ऩय सनान कयन गमा तो ऩानी क तज फहाव क कायण ऩय कपसरन स भया रड़का औय बतीजा दोनो अऩना सॊतरन खो फठ औय गॊगा भ फह गम | ऐसी सॊकट की घड़ी भ भ अऩना होश खो फठा | कमा करॉ भ पट-पटकय योन रगा औय फाऩजी स पराथगना कयन रगा कक ह नाथ ह गरदव या कीजजम भय फचिो को फिा रीजजम | अफ आऩका ही सहाया ह | ऩजमशरी न भय सचि रदम स ननकरी ऩकाय सन री औय उसी सभम भया रड़का भझ टदखामी टदमा | भन झऩटकय उसको फाहय खीॊि मरमा रककन भया बतीजा तो ऩता नहीॊ कहाॉ फह गमा भ ननयॊतय यो यहा था औय भन भ फाय-फाय वविाय उठ यहा था कक फाऩजी भया रड़का फह जाता तो कोई फात नहीॊ थी रककन अऩन बाई की अभानत क बफना भ घय कमा भॉह
रकय जाऊॉ गा फाऩजी आऩही इस बकत की राज फिाओ | तबी गॊगाजी की एक तज रहय उस फचि को बी फाहय छोड़ गमी | भन रऩककय उस ऩकड़ मरमा | आज बी उस हादस को सभयण कयता हॉ तो अऩन-आऩको सॉबार नहीॊ ऩाता हॉ औय भयी आॉखो स ननयॊतय परभ की अशरधाया फहन रगती ह | धनम हआ भ ऐस गरदव को ऩाकय ऐस सदगरदव क शरीियणो भ भय फाय-फाय शत-शत परणाभ
-सभारखाॉ ऩानीऩत हरयमाणा
गरदव की कऩा स सॊतानपरानि
भयी शादी को ऩाॉि सार हो गम थ कपय बी कोई सॊतान नहीॊ हई | रोग हभ फहत तान भायत थ | तबी भन-ही-भन ननणगम र मरमा कक ऩजम फाऩ क आशरभ भ जाना ह | जनवयी १९९९ भ परथभ फाय उततयामण मशववय बया औय भॊतरदीा री | अफ गरदव कक कऩा स भझ एक सॊदय फारक पराि हआ ह | ऩजम फाऩजी की इतनी कऩा-करणा दखकय रदम बय आता ह | भ ऩजम फाऩजी स पराथगना कयती हॉ कक मह फारक उनह सभवऩगत कय सकॊ औय मह उनक मोगम फनसक ऐसी सदफवदध हभ द |
-ननभगरा क तड़वी काॊनतबाई हीयाबाई तडवी याभजी भॊटदय क ऩास कायरी फाग वड़ोदया
गरकऩा स जीवनदान
टदनाॊक १५-१-९६ की घटना ह | भन धात क ताय ऩय सखन क मरए कऩड़ परा यख थ |
फारयश होन क कायण उस ताय भ कयॊट आ गमा था | भया छोटा ऩतर ववशार जो कक ११ वीॊ का भ ऩढ़ता ह आकय उस ताय स छ गमा औय बफजरी का कयॊट रगत ही वह फहोश हो गमा शव क सभान हो गमा | हभन उस तयॊत फड़ असऩतार भ दाणखर कयवामा | डॉकटय न फचि की हारत गॊबीय फतामी | ऐसी ऩरयजसथनत दखकय भयी आॉखो स अशरधायाएॉ फह ननकरी | भ ननजानॊद की भसती भ भसत यहन वार ऩजम सदगरदव को भन-ही-भन माद ककमा औय पराथगना कक ह गरदव अफ तो इस फचि का जीवन आऩक ही हाथो भ ह | ह भय परब आऩ जो िाह सो कय सकत ह | औय आणखय भयी पराथगना सपर हई | फचि भ एक नवीन ितना का सॊिाय हआ एवॊ धीय-धीय फचि क सवासम भ
सधाय होन रगा | कछ ही टदनो भ वह ऩणगत सवसथ हो गमा | डॉकटय न तो उऩिाय ककमा रककन जो जीवनदान उस पमाय परब की कऩा स सदगरदव की कऩा स मभरा उसका वणगन कयन क मरए भय ऩास शबद नहीॊ ह | फस ईशवय स भ मही पराथगना कयता हॉ कक ऐस बरहमननषठ सॊत-भहाऩरषो क परनत हभायी शरदधा भ ववदध होती यह | -
डॉ वाम ऩी कारया शाभरदास कॉरज बावनगय गजयात
ऩजम फाऩ जस सॊत दननमा को सवगग भ फदर सकत ह
भई १९९८ क अॊनतभ टदनो भ ऩजमशरी क इॊदौय परवास क दौयान ईयान क ववखमात कफ़जजमशमन शरी फफाक अगरानी बायत भ अधमाजतभक अनबवो की परानि आम हए थ |
ऩजमशरी क दशगन ऩाकय जफ उनहोन अधमाजतभक अनबवो को परीबत होत दखा तो व ऩॊिड़ आशरभ भ आमोजजत धमानमोग मशववय भ बी ऩहॉि गम | शरी अगरानी जो दो टदन रककय वाऩस रौटन वार थ व ऩय गमायह टदन तक ऩॊिड़ आशरभ भ रक यह | उनहोन ववधाथी मशववय भ सायसवतम भॊतर की दीा री एवॊ ववमशषट धमानमोग साधना मशववय (४ -१० जन १९९८) का बी राब मरमा | मशववय क दौयान शरी अगरानी न ऩजमशरी स भॊतरदीा बी र री | ऩजमशरी क साजननधम भ सॊपराि अनबनतमो क फाय भ बतरम सभािाय ऩतर ितना को दी हई बटवाताग भ शरी अगरानी कहत ह मटद ऩजम फाऩ जस सॊत हय दश भ हो जाम तो मह दननमा सवगग फन सकती ह | ऐस शाॊनत स फठ ऩाना हभाय मरए कटठन ह रककन जफ ऩजम फाऩजी जस भहाऩरषो क शरीियणो भ फठकय सतसॊग सनत ह तो ऐसा आनॊद आता ह कक सभम का कछ ऩता ही नहीॊ िरता | सिभि ऩजम फाऩ कोई साधायण सॊत नहीॊ ह |
-शरी फफाक अगरानी ववशवववखमात कफ़जजमशमन ईयान
फाऩजी का साजननधम गॊगा क ऩावन परवाह जसा ह
कर-कर कयती इस बागीयथी की धवर धाया क ककनाय ऩय ऩजम फाऩजी क साजननधम भ फठकय भ फड़ा ही आपहाटदत औय परभटदत हॉ आनॊटदत हॉ योभाॊचित हॊ | गॊगा बायत की सषमना नाड़ी ह | गॊगा बायत की सॊजीवनी ह | शरी ववषणजी क ियणो स ननकरकय बरहमाजी क कभॊड़र औय जटाधय क भाथ ऩय शोबामभान गॊगा बतरमोगमसवदधकायक ह |
ववषणजी क ियणो स ननकरी गॊगा बकतकत मोग की परतीनत कयाती ह औय मशवजी क भसतक ऩय जसथत गॊगा ऻान मोग की उचितय बमभका ऩय आरढ़ होन की खफय दती ह |
भझ ऐसा रग यहा ह कक आज फाऩजी क परविनो को सनकय भ गॊगा भ गोता रगा यहा हॉ कमोकक उनका परविन उनका सजननधम गॊगा क ऩावन परवाह जसा ह | व अरभसत फ़कीय ह | व फड़ सयर औय सहज ह | व जजतन ही ऊऩय स सयर ह उतन ही अॊतय भ गढ़ ह | उनभ टहभारम जसी उचिता ऩववतरता शरषठता ह औय सागयतर जसी गॊबीयता ह |
व याषड की अभपम धयोहय ह | उनह दखकय कवष-ऩयमऩया को फोध होता ह | गौतभ कणाद
जमभनी कवऩर दाद भीया कफीय यदास आटद सफ कबी-कबी उनभ टदखत ह |
य बाई कोई सतगर सॊत कहाव
जो ननन अरख रखाव धयती उखाड़ आकाश उखाड़
अधय भड़मा धाव |
शनम मशखय क ऩाय मशरा ऩय आसन अिर जभाव |
य बाई कोई सतगर सॊत कहाव
एक ऐस ऩावन साजननधम भ हभ फठ ह जो फड़ा दरगब औय सहज मोगसवरऩ ह | ऐस भहाऩरषो क मरए ऩॊकतकतमाॉ माद आ यही ह तभ िरो तो िर धयती िर अॊफय िर दननमा ऐस भहाऩरष िरत ह तो उनक मरए समग िॊर ताय गरह नतर आटद सफ अनकर हो जात ह | ऐस इजनरमातीत गणातीत बावातीत शबदातीत औय सफ अवसथाओॊ स ऩय ककनहीॊ भहाऩरषो क शरीियणो भ जफ फठत ह तो बागवत कहता ह
साधनाॊ दशगनॊ रोक सवगमसवदधकयॊ ऩयभ |
साध क दशगन भातर स वविाय ववबनत ववदवता शकतकत सहजता ननववगषमता परसननता मसवदधमाॉ औय आतभानॊद की परानि होती ह | दश क भहान सॊत महाॉ सहज ही आत ह बायत क सबी शॊकयािामग बी मशववय भ आत ह | अत भय भन भ बी वविाय आमा कक जहाॉ सफ जात ह वहाॉ जाना िाटहए कमोकक मही वह ठोय-टठकाना ह जहाॉ भन का अमबभान मभटामा जा सकता ह | ऐस भहाऩरषो क दशगन स कवर आनॊद औय भसती ही नहीॊ मभरती फजपक वह सफ कछ मभर जाता ह जो अमबरावषत ह आकाॊकषत ह रकषत ह | महाॉ भ करणा क
कभगठता क वववक-वयागम क ऻान क दशगन कय यहा हॉ | वयागम औय बकतकत क यण ऩोषण औय सॊवधगन क मरए मह सिकवषमो का उततभ ऻान भाना जाता ह | आज गॊगा कपय स
साकाय टदख यही ह तो व फाऩजी क वविाय औय वाणी भ टदख यही ह | अरभसतता सहजता उचिता शरषठता ऩववतरतता तीथग-सी शचिता मशश-सी सयरता तरणो-सा जोश वदधो-सा गाॊबीमग औय कवषमो जसा ऻानाफोध भझ जहाॉ हो यहा ह वह मह ऩॊडार ह | इस आनॊदनगय कहॉ मा परभनगय करणा का सागय कहॉ मा वविायो का सभनदय रककन इतना जरय कहॉगा कक भय भन का कोन-कोना आपहाटदत हो यहा ह | आऩ रोग फड़बागी ह जो ऐस भहाऩरष क शरीियणो भ फठ ह जहाॉ बागम का टदरवम रवमकतकतततव का ननभागण होता ह | जीवन की कतकतमता जहाॉ पराि हो सकती ह वह मही दय ह |
मभर तभ मभरी भॊजजर मभरा भकसद औय भददा बी |
न मभर तभ तो यह गमा भददा भकसद औय भॊजजर बी ||
आऩका मह बावयाजम औय परभयाजम दखकय भ िककत बी हॉ औय आनॊद का अनबव बी कय यहा हॉ | आऩक परनत भया ववशवास औय अटट ननषठा फढ़ इस हत भया नभन सवीकाय कय | भझ ऐसा रगता ह कक फाऩजी समग ह औय नायामण सवाभी एक ऐस दीऩ ह जो न फझ सकत ह न जराम जात ह |
-सवाभी अवधशानॊदजी हरयदवाय
सायसवतम भॊतर स हए अदबत राब
भन १९९८ भ ववधाथी उतथान मशववय सोनीऩत भ ऩजम गरदव स सायसवतम भॊतर की दीा री | दीा क फाद ननममभत भॊतरजऩ कयन स भ इतना कशागर फवदधवारा एवॊ सवावरॊफी हो गमा कक भन एक भहीन भ ही टमशन छोड़ दी औय सवमॊ खफ भहनत कयन रगा | भ सकर बी ऩदर आन-जान रगा जजसस भन सकर फस का ककयामा फिा मरमा |
भॊतर जाऩ क परबाव स भझ ९ वीॊ १० वीॊ ११ वीॊ की ऩयीाओॊ भ परथभ सथान पराि हआ |
१२ वीॊ की ऩयीा क सभम भया सवासम खयाफ होन क कायण भ जऩ ठीक स नहीॊ कय सका कपय बी ७९ परनतशत अॊको स ऩास हआ | उसक फाद इॊजजननमरयॊग की ऩरया भ बी उततीणग यहा |
-करदीऩ कभाय डी-२३४ वसट ववनोद नगय टदपरी
भ टदसमफय १९९९ भ छततीसगढ़ क बाटाऩाया भ ऩजम गरदव स सायसवतम भॊतर की दीा
री | ततऩशचात भ ननममभत रऩ स जऩ-धमान- पराणामाभ कयता था जजसस भझ फहत राब हआ | ऩजम फऩजी की कऩा औय सायसवतम भॊतर जाऩ क परबाव स भझ १२ वीॊ की फोड़ग की ऩरया भ ८४६ परनतशत अॊक मभर |
-ववयनर कभाय कौमशक
डोगयगाॉव जज याजनाॊदगाॉव (छग)
बौनतक मग क अॊधकाय भ ऻान की जमोनत ऩजम फाऩ
भादक ननमॊतरण बमयो बायत सयकाय क भहाननदशक शरी एिऩी कभाय ९ भई को अभदावाद आशरभ भ सतसॊग-कामगकरभ क दौयान ऩजम फाऩ स आशीवागद रन ऩहॉि | फड़ी ववनमरता एवॊ शरदधा क साथ उनहोन ऩजम फाऩ क परनत अऩन उदगाय भ कहा जजस रवमकतकत क ऩास वववक नहीॊ ह वह अऩन रकषम तक नहीॊ ऩहॉि सकता ह औय वववक को पराि कयन का साधन ऩजम आसायाभजी फाऩ जस भहान सॊतो का सतसॊग ह | ऩजम फाऩ स भया परथभ ऩरयिम टीवी क भाधमभ स हआ | ततऩशचात भझ आशरभ दवाय परकामशत कवष परसाद भामसक पराि हआ | उस सभम भझ रगा कक एक ओय जहाॉ इस बौनतक मग क अॊधकाय भ भानव बटक यहा ह वहीॊ दसयी ओय शाॊनत की भॊद-भॊद सगॊचधत वाम बी िर यही ह | मह ऩजम फाऩ क सतसॊग का ही परबाव ह | ऩजमशरी क दशगन कयन का जो सौबागम भझ पराि हआ ह इसस भ अऩन को कतकतम भानता हॉ | ऩजम फाऩ क शरीभख स जो अभत वषाग होती ह तथा इनक सतसॊग स कयोड़ो रदमो भ जो जमोनत जगती ह व इसी परकाय स जगती यह औय आन वार रॊफ सभम तक ऩजमशरी हभ सफ का भागगदशगन कयत यह मही भयी काभना ह | ऩजम फाऩ क शरीियणो भ भय परणाभ
-शरी एिऩी कभाय भहाननदशक भादक ननमॊतरण बमयो बायत सयकाय
गरकऩा ऐसी हई कक अॉधय तो कमा दय बी नहीॊ हई
ऩयभ कऩार फाऩजी क शरीियणो भ भय कोटट-कोटट वॊदन भ एक इसभाइरी खवाजा हॉ तथा अऩन धभग भ अकतडग हॉ | िाय वषग ऩवग कछ रोगो दवाया एक सननमोजजत मोजना फनाकय भझ जफयदसती भडगय कस का आयोऩी फना टदमा गमा था | इसस भझ कहीॊ शाॊनत नहीॊ मभर यही थी | २८ पयवयी १९९७ को भझ नागऩय भ आमोजजत फाऩजी क सतसॊग भ जान की परयणा मभरी औय ४ भािग १९९७ को भन फाऩजी स भॊतरदीा री | भ उनस भन-
ही-भन ववनती की कक ह गरदव भझ फिा रो | गरकऩा ऐसी हई कक ७ जनवयी १९९८ को भझ अदारत न ऩाक-साप फयी कय टदमा फाकी छ आयोवऩमो को सजा हई | धनम ह ऐस भय सदगर उनक शरीियणो भ भय कोटट-कोटट वनदन
-यहभान खान ननशान छाफड़ी (बफछआ) जज नछनदवाड़ा (भपर)
भजसरभ भटहरा को पराणदान
२७ मसतमफय २००० को जमऩय भ भय ननवास ऩय ऩजम फाऩ का आतभ-साातकाय टदवस
भनामा गमा जजसभ भय ऩड़ोस की भजसरभ भटहरा नाथी फहन क ऩनत शरी भाॉग खाॉ न बी ऩजम फाऩ की आयती की औय ियणाभत मरमा | ३-४ टदन फाद ही व भजसरभ दॊऩनत खवाजा साटहफ क उसग भ अजभय िर गम | टदनाॊक ४ अकटफय २००० को अजभय क उसग भ असाभाजजक ततवो न परसाद भ जहय फाॉट टदमा जजसस उसग भर भ आम कई दशगनाथी असवसथ हो गम औय कई भय बी गम | भय ऩड़ोस की नाथी फहन न बी वह परसाद खामा औय थोड़ी दय भ ही वह फहोश हो गमी | अजभय भ उसका उऩिाय ककमा गमा ककॊ त उस होश न आमा | दसय टदन ही उसका ऩनत उस अऩन घय र आमा | कॉरोनी क सबी ननवासी उसकी हारत दखकय कह यह थ कक अफ इसका फिना भजशकर ह | भ बी उस दखन गमा | वह फहोश ऩड़ी थी | भ जोय-जोय स हरय ॐ हरय ॐ का उचिायण ककमा तो वह थोड़ा टहरन रगी | भझ परयणा हई औय भ ऩन घय गमा | ऩजम फाऩ स पराथगना की | ३-४ घॊट फाद ही वह भटहरा ऐस उठकय खड़ी हो गमी भानो सोकय उठी हो | उस भटहरा न फतामा कक भय िािा ससय ऩीय ह औय उनहोन भय ऩनत क भॉह स फोरकय फतामा कक तभन २७ मसतमफय २००० को जजनक सतसॊग भ ऩानी वऩमा था उनहीॊ सपद दाढ़ीवार फाफा न तमह फिामा ह कसी करणा ह गरदव की
-जएर ऩयोटहत
८७ सपतान नगय जमऩय (याज)
उस भटहरा का ऩता ह -शरीभती नाथी
ऩतनी शरी भाॉग खाॉ १०० सपतान नगय गजगय की धड़ी नम साॊगानय योड़
जमऩय (याज)
हरयनाभ की पमारी न छड़ामी शयाफ की फोतर
सौबागमवश गत २६ टदसमफय १९९८ को ऩजमशरी क १६ मशषमो की एक टोरी टदपरी स हभाय गाॉव भ हरयनाभ का परिाय-परसाय कयन ऩहॉिी | भ फिऩन स ही भटदयाऩान धमरऩान व मशकाय कयन का शौकीन था | ऩजम फाऩ क मशषमो दवाया हभाय गाॉव भ जगह-जगह ऩय तीन टदन तक रगाताय हरयनाभ का कीतगन कयन स भझ बी हरयनाभ का यॊग रगता जा यहा था | उनक जान क एक टदन क ऩशचात शाभ क सभम योज की बाॊनत भन शयाफ की फोतर ननकारी | जस ही फोतर खोरन क मरए ढककन घभामा तो उस ढककन क घभन स भझ हरय ॐ हरय ॐ की धवनन सनामी दी | इस परकाय भन दो-तीन फाय ढककन घभामा औय हय फाय भझ हरय ॐ की धवनन सनामी दी | कछ दय फाद भ उठा तथा ऩजमशरी क एक मशषम क घय गमा | उनहोन थोड़ी दय भझ ऩजमशरी की अभतवाणी सनामी | अभतवाणी सनन क फाद भया रदम ऩकायन रगा कक इन दरवमगसनो को तमाग दॉ | भन तयॊत फोतर उठामी तथा जोय-स दय खत भ प क दी | ऐस सभथग व ऩयभ कऩार सदगरदव को भ रदम स परणाभ कयता हॉ जजनकी कऩा स मह अनोखी घटना भय जीवन भ घटी जजसस भया जीवन ऩरयवनतगत हआ |
-भोहन मसॊह बफषट
मबखमासन अपभोड़ा (उपर)
ऩय गाॉव की कामाऩरट
ऩजमशरी स टदनाॊक २७६९१ को दीा रन क फाद भन रवमवसनभकतकत क परिाय-परसाय का रकषम फना मरमा | भ एक फाय कौशरऩय (जज शाजाऩय) ऩहॉिा | वहाॉ क रोगो क रवमवसनी औय रड़ाई-झगड़ मकत जीवन को दखकय भन कहा आऩ रोग भनषम-जीवन सही अथग ही नहीॊ सभझत ह | एक फाय आऩ रोग ऩजम फाऩजी क दशगन कय र तो आऩको सही जीवन जीन की कॊ जी मभर जामगी | गाॉव वारो न भयी फात भान री औय दस रवमकतकत भय गाॉव ताजऩय आम | भन एक साधक को उनक साथ जनभाषटभी भहोतसव भ सयत बजा | ऩजम फाऩजी की उन ऩय कऩा फयसी औय सफको गरदीा मभर गमी | जफ व रोग अऩन गाॉव ऩहॉि तो सबी गाॉववामसमो को फड़ा कौतहर था कक ऩजम फाऩजी कस ह फाऩजी की रीराएॉ सनकय गाॉव क अनम रोगो भ बी ऩजम फाऩजी क परनत शरदधा जगी | उन दीकषत साधको न सबी गाॉववारो को सववधानसाय ऩजम फाऩजी क अरग-अरग आशरभो भ
बजकय दीा टदरवा दी | गाॉव क सबी रवमकतकत अऩन ऩय ऩरयवाय सटहत दीकषत हो िक ह | परतमक गरवाय को ऩय गाॉव भ एक सभम बोजन फनता ह | सबी रोग गरवाय का वरत यखत ह | कौशरऩय गाॉव क परबाव स आस-ऩास क गाॉववार एवॊ उनक रयशतदायो सटहत १००० रवमकतकतमो शयाफ छोड़कय दीा र री ह | गाॉव क इनतहास भ तीन-तीन ऩीढ़ी स कोई भॊटदय नहीॊ था | गाॉववारो न ५ राख रऩम रगाकय दो भॊटदय फनवाम ह | ऩया गाॉव रवमवसनभकत एवॊ बगवतबकत फन गमा ह मह ऩजम फाऩजी की कऩा नहीॊ तो औय कमा ह सफक तायणहाय ऩजम फाऩजी क शरीियणो भ कोटट-कोटट परणाभ
-शमाभ परजाऩनत (सऩयवाइजय नतरहन सॊघ) ताजऩय उजजन (भपर)
नतरबफ ॊद का िभतकाय
भया सौबागम ह कक भझ सॊतकऩा नतरबफॊद (आई डरॉपस) का िभतकाय दखन को मभरा |
एक सॊत फाफा मशवयाभदास उमर ८० वषग गीता कटटय तऩोवन झाड़ी सिसयोवय हरयदवाय भ यहत ह | उनकी दाटहनी आॉख क सपद भोनतम का ऑऩयशन शाॉनतकॊ ज हरयदवाय आमोजजत कमऩ भ हआ | कस बफगड़ गमा औय कार भोनतमा फन गमा | ददग यहन रगा औय योशनी घटन रगी | दोफाया बभाननद नतर चिककतसारम भ ऑऩयशन हआ | एबसपमट गरकोभा फतात हए कहा कक ऑऩयशन स मसयददग ठीक हो जामगा ऩय योशनी जाती यहगी | ऩयॊत अफ व फाफा सॊत शरी आसायाभजी आशरभ दवाय ननमभगत सॊतकऩा नतरबफॊद सफह-शाभ डार यह ह | भन उनक नतरो का ऩयीण ककमा | उनकी दाटहनी आॉख भ उॉगरी चगनन रामक योशनी वाऩस आ गमी ह | कार भोनतम का परशय नॉभगर ह | कोननगमा भ सजन नहीॊ ह | व कापी सॊतषट ह | व फतात ह आॉख ऩहर रार यहती थी ऩयॊत अफ नहीॊ ह | आशरभ क नतरबफॊद स कपऩनातीत राब हआ | फामीॊ आॉख भ बी उनह सपद भोनतमा फतामा गमा था औय सॊशम था कक शामद कारा भोनतमा बी ह | ऩय आज फामीॊ आॉख बी ठीक ह औय दोनो आॉखो का परशय बी नॉभगर ह | सपद भोनतमा नहीॊ ह औय योशनी कापी अचछी ह |
मह सॊतकऩा नतरफॊद का ववरण परबाव दखकय भ बी अऩन भयीजो को इसका उऩमोग कयन की सराह दॉगा |
-डॉ अननत कभाय अगरवार (नतरयोग ववशषऻ)
एभफीफीएस एभएस (नतर) डीओएभएस (आई) सीताऩय सहायनऩय (उपर)
ऩजमशरी की तसवीय स मभरी परयणा
सवगसभथग ऩयभ ऩजम शरी फाऩजी क ियणकभरो भ भया कोटट-कोटट नभन १९८४ क बकॊ ऩ स समऩणग उततय बफहाय भ कापी नकसान हआ था जजसकी िऩट भ हभाया घय बी था | ऩरयजसथनतवश भझ नौवी का भ ऩढ़ामी छोड़ दनी ऩड़ी | ककसी मभतर की सराह स भ नौकयी ढॉढ़न क मरए टदपरी गमा रककन वहाॉ बी ननयाशा ही हाथ रगी | भ दो टदन स बखा तो था ही ऊऩय स नौकयी की चिॊता | अत आतभहतमा का वविाय कयक यरव सटशन की ओय िर ऩड़ा | यानीफाग फाजाय भ एक दकान ऩय ऩजमशरी का सतसाटहतम
कसट आटद यखा हआ था एवॊ ऩजमशरी की फड़ आकाय की तसवीय बी टॉगी थी | ऩजमशरी की हॉसभख एवॊ आशीवागद की भरावारी उस तसवीय ऩय भयी नजय ऩड़ी तो १० मभनट तक भ वहीॊ सड़क ऩय स ही खड़-खड़ उस दखता यहा | उस वकत न जान भझ कमा मभर गमा भ काभ बर भजदयी का ही कयता हॉ रककन तफस रकय आज तक भय चितत भ फड़ी परसननता फनी हई ह | न जान भयी जजनदगी की कमा दशा होती अगय ऩजम फाऩजी की मवाधन सया ईशवय की ओय ननजशचनत जीवन ऩसतक औय कवष परसाद ऩबतरका हाथ न रगती ऩजमशरी की तसवीय स मभरी परयणा एवॊ उनक सतसाटहतम न भयी डफती नमा को भानो भझदाय स फिा मरमा | धनबागी ह साटहतम की सवा कयन वार जजनहोन भझ आतभहतमा क ऩाऩ स फिामा |
-भहश शाह
नायामणऩय दभया जज सीताभढ़ी (बफहाय)
भॊतर स राब
भयी भाॉ की हारत अिानक ऩागर जसी हो गमी थी भानो कोई बत-परत-डाककनी मा आसयी ततव उनभ घस गमा | भ फहत चिॊनतत हो गमा एवॊ एक साचधका फहन को पोन ककमा | उनहोन बत-परत बगान का भॊतर फतामा जजसका वणगन आशरभ स परकामशत आयोगमननचध ऩसतक भ बी ह | वह भॊतर इस परकाय ह
ॐ नभो बगवत रर बयवाम बतपरत म कर कर हॊ पट सवाहा |
इस भॊतर का ऩानी भ ननहायकय १०८ फाय जऩ ककमा औय वही ऩानी भाॉ को वऩरा टदमा |
तयॊत ही भाॉ शाॊनत स सो गमीॊ | दसय टदन बी इस भॊतर की ऩाॉि भारा कयक भाॉ को वह जर वऩरामा तो भाॉ बफपकर ठीक हो गमीॊ | ह भय साधक बाई-फहनो बत-परत बगान क
मरए अरा फाॉधॉ फरा फाॉधॉ ऐसा कयक झाड़-फ़ॉ क कयनवारो क िककय भ ऩड़न की जरयत नहीॊ ह | इसक मरए तो ऩजम फाऩजी का भॊतर ही तायणहाय ह | ऩजम फाऩजी क शरीियणो भ कोटट-कोटट परणाभ
-िॊऩकबाई एन ऩटर (अभरयका)
काभ करोध ऩय ववजम ऩामी
एक टदन भॊफई भर भ टटकट िककॊ ग कयत हए भ वातानकमरत फोगी भ ऩहॉिा | दखा तो भखभर की गददी ऩय टाट का आसन बफछाकय सवाभी शरी रीराशाहजी भहायाज सभाचधसथ ह | भझ आशचमग हआ कक जजन परथभ शरणी की वातानकमरत फोचगमो भ याजा-भहायाजा मातरा कयत ह ऐसी फोगी औय तीसयी शरणी की फोगी क फीि इन सॊत को कोई बद नहीॊ रगता | ऐसी फोचगमो भ बी व सभाचधसथ होत ह मह दखकय मसय झक जाता ह | भन ऩजम भहायाजशरी को परणाभ कयक कहा आऩ जस सॊतो क मरए तो सफ एक सभान ह |
हय हार भ एकयस यहकय आऩ भकतकत का आनॊद र सकत ह | रककन हभाय जस गरहसथो को कमा कयना िाटहए ताकक हभ बी आऩ जसी सभता फनाम यखकय जीवन जी सक
ऩजम भहायाजजी न कहा काभ औय करोध को त छोड़ द तो त बी जीवनभकत हो सकता ह | जहाॉ याभ तहॉ नहीॊ काभ जहाॉ काभ तहॉ नहीॊ याभ | औय करोध तो बाई बसभासय ह | वह तभाभ ऩणम को जराकय बसभ कय दता ह अॊतकयण को भमरन कय दता ह | भन कहा परब अगय आऩकी कऩा होगी तो भ काभ-करोध को छोड़ ऩाऊॉ गा | ऩजम भहायाजजी न कहा बाई कऩा ऐस थोड़ ही की जाती ह सॊतकऩा क साथ तया ऩरषाथग औय दढ़ता बी िाटहए | ऩहर त परनतऻा कय कक त जीवनऩमगनत काभ औय करोध स दय यहगा तो भ तझ आशीवागद दॉ | भन कहा भहायाजजी भ जीवनबय क मरए परनतऻा तो करॉ रककन उसका ऩारन न कय ऩाऊॉ तो झठा भाना जाऊॉ गा | ऩजम भहायाजजी न कहा अचछा ऩहर त भय सभ आठ टदन क मरए परनतऻा कय | कपय परनतऻा को एक-एक टदन फढ़त जाना | इस परकाय त उन फराओॊ स फि सकगा | ह कफर भन हाथ जोड़कय कफर ककमा | ऩजम भहायाजजी न आशीवागद दकय दो-िाय पर परसाद भ टदम | ऩजम भहायाजजी न भयी जो दो कभजोरयमाॉ थीॊ उन ऩय ही सीधा हभरा ककमा था | भझ आशचमग हआ कक अनम कोई बी दगगण छोड़न का न कहकय इन दो दगगणो क मरए ही उनहोन परनतऻा कमो कयवामी फाद भ भ इस याज स अवगत हआ |
दसय टदन भ ऩसनजय टरन भ कानऩय स आग जा यहा था | सफह क कयीफ नौ फज थ |
तीसयी शरणी की फोगी भ जाकय भन माबतरमो क टटकट जाॉिन का कामग शर ककमा | सफस
ऩहर फथग ऩय सोम हए एक मातरी क ऩास जाकय भन एक मातरी क ऩास जाकय भन टटकट टदखान को कहा तो वह गससा होकय भझ कहन रगा अॊधा ह दखता नहीॊ कक भ सो गमा हॉ भझ नीॊद स जगान का तझ कमा अचधकाय ह मह कोई यीत ह टटकट क फाय भ ऩछन की ऐसी ही अकर ह तयी ऐसा कछ-का-कछ वह फोरता ही गमा फोरता ही गमा | भ बी करोधाववषट होन रगा ककॊ त ऩजम भहायाजजी क सभ री हई परनतऻा भझ माद थी अत करोध को ऐस ऩी गमा भानो ववष की ऩकतड़मा भन उस कहा भहाशम आऩ ठीक ही कहत ह कक भझ फोरन की अकर नहीॊ ह बान नहीॊ ह | दखो भय म फार धऩ भ सपद हो गम ह | आऩभ फोरन की अकर अचधक ह नमरता ह तो कऩा कयक मसखाओॊ कक टटकट क मरए भझ ककस परकाय आऩस ऩछना िाटहए | भ रािाय हॉ कक डमटी क कायण भझ टटकट िक कयना ऩड़ यहा ह इसमरए भ आऩको कषट द यहा हॉ|
औय कफ़य भन खफ परभ स हाथ जोड़कय ववनती की बमा कऩा कयक कषट क मरए भझ भा कयो | भझ अऩना टटकट टदखामग भयी नमरता दखकय वह रजजजत हो गमा एवॊ तयॊत उठ फठा | जपदी-जपदी नीि उतयकय भझस भा भाॉगत हए कहन रगा भझ भाप कयना | भ नीॊद भ था | भन आऩको ऩहिाना नहीॊ था | अफ आऩ अऩन भॉह स भझ कह कक आऩन भझ भाफ़ ककमा मह दखकय भझ आनॊद औय सॊतोष हआ | भ सोिन रगा कक सॊतो की आऻा भानन भ ककतनी शकतकत औय टहत ननटहत ह सॊतो की करणा कसा िभतकारयक ऩरयणाभ राती ह वह रवमकतकत क पराकनतक सवबाव को बी जड़-भर स फदर सकती ह | अनमथा भझभ करोध को ननमॊतरण भ यखन की कोई शकतकत नहीॊ थी | भ ऩणगतमा असहाम था कपय बी भझ भहायाजजी की कऩा न ही सभथग फनामा | ऐस सॊतो क शरीियणो भ कोटट-कोटट नभसकाय
-शरी यीजभर
रयटामडग टीटी आई कानऩय
अनम अनबव
जरा हआ कागज
ऩवग रऩ भ एक फाय ऩयभहॊस ववशदधानॊदजी स आनॊदभमी भाॉ की ननकटता ऩानवार सपरमसदध ऩॊकतडत गोऩीनाथ कववयाज न ननवदन ककमा तयणीकानत ठाकय को अरौककक मसवदध पराि हई ह | व बफना दख मा बफना छए ही कागज भ मरखी हई फात ऩढ़ रत ह |
गरदव फोर तभ एक कागज ऩय कछ मरखो औय उसभ आग रगाकय जरा दो |
कववयाजजी न कागज ऩय कछ मरखा औय ऩयी तयह कागज जराकय हवा भ उड़ा टदमा |
उसक फाद गरदव न अऩन तककम क नीि स वही कागज ननकारकय कववयाजजी क आग यख टदमा | मह दखकय उनह फड़ा आशचमग हआ कक मह कागज वही था एवॊ जो उनहोन मरखा था वह बी उस ऩय उनहीॊ क सरख भ मरखा था औय साथ ही उसका उततय बी मरखा हआ दखा | जड़ता ऩशता औय ईशवयता का भर हभाया शयीय ह | जड़ शयीय को भ-भया भानन की ववतत जजतनी मभटती ह ऩाशवी वासनाओॊ की गराभी उतनी हटती ह औय हभाया ईशवयीम अॊश जजतना अचधक ववकमसत होता ह उतना ही मोग-साभमग ईशवयीम साभमग परकट होता ह | बायत क ऐस कई बकतो सॊतो औय मोचगमो क जीवन भ ईशवयीम साभमग दखा गमा ह अनबव ककमा गमा ह उसक ववषम भ सना गमा ह | धनम ह बायतबमभ भ यहनवार बायतीम सॊसकनत भ शरदधा-ववशवास यखनवार अऩन ईशवयीम अॊश को जगान की सवा-साधना कयनवार सवाभी ववशदधानॊदजी वषो की एकाॊत साधना औय वषो-वषो की गरसवा स अऩना दहाधमास औय ऩाशवी वासनाएॉ मभटाकय अऩन ईशवयीम
अॊश को ववकमसत कयनवार बायत क अनक भहाऩरषो भ स थ | उनक जीवन की औय बी अरौककक घटनाओॊ का वणगन आता ह | ऐस सतऩरषो क जीवन-िरयतर औय उनक जीवन भ घटटत घटनाएॉ ऩढ़न-सनन स हभ रोग बी अऩनी जड़ता एवॊ ऩशता स ऊऩय उठकय ईशवयीम अॊश को उबायन भ उतसाटहत होत ह | फहत ऊॉ िा काभ ह फड़ी शरदधा फड़ी सभझ फड़ा धमग िाटहए ईशवयीम साभमग को ऩणग रऩ स ववकमसत कयन भ | अफ आओ
िर आदय शॊकयािामग की ओय
नदी की धाया भड़ गमी
आदय शॊकयािामग की भाता ववमशषटा दवी अऩन करदवता कशव की ऩजा कयन जाती थीॊ | व ऩहर नदी भ सनान कयतीॊ औय कफ़य भॊटदय भ जाकय ऩजन कयतीॊ | एक टदन व परातकार ही ऩजन-साभगरी रकय भॊटदय की ओय गमीॊ ककॊ त सामॊकार तक घय नहीॊ रौटीॊ | शॊकयािामग की आम अबी सात-आठ वषग क भधम भ ही थी | व ईशवय क ऩयभ बकत औय ननषठावान थ | सामॊकार तक भाता क वाऩस न रौटन ऩय आिामग को फड़ी चिनता हई औय व उनह खोजन क मरए ननकर ऩड़ | भॊटदय क ननकट ऩहॉिकय उनहोन भाता को भागग भ ही भजचछगत ऩड़ दखा | उनहोन फहत दय तक भाता का उऩिाय ककमा तफ व होश भ आ सकीॊ |
नदी अचधक दय थी | वहाॉ तक ऩहॉिन भ भाता को फड़ा कषट होता था | आिामग न बगवान स भन-ही-भन पराथगना की कक परबो ककसी परकाय नदी की धाया को भोड़ दो जजसस कक
भाता ननकट ही सनान कय सक | व इस परकाय की पराथगना ननतम कयन रग | एक टदन उनहोन दखा कक नदी की धाया ककनाय की धयती को काटती-काटती भड़न रगी ह तथा कछ टदनो भ ही वह आिामग शॊकय क घय क ऩास फहन रगी | इस घटना न आिामग का अरौककक शकतकतसमऩनन होना परमसदध कय टदमा |
सकषभ शयीय स िोय का ऩीछा ककमा
हरयहय फाफा की फड़ी परमसवदध थी | एक फाय व हयऩारऩय सटशन ऩय थ | वहाॉ क सटशन भासटय न उनको एक िोय सऩदग ककमा | िोय न फाफा स कहा भहायाज भझ इतनी छटटी द दीजजम कक भ अऩन फार-फचिो का परफॊध कय आऊॉ | फाफा गाड़ी आन ऩय रौट आना | िोय िरा गमा | सटशन भासटय को ऩता िरा तो वह फाफा ऩय गभग हआ औय फोरा उसक फदर तमह जर की हवा खानी होगी | तभन जान-फझकय उस बगा टदमा ह | फाफा घफयाओ भत गाड़ी आन स ऩहर ही वह रौट आमगा | िोय की नीमत ठीक नहीॊ थी | वह जॊगर क भागग स अऻात सथान को बाग जाना िाहता था ककॊ त उस हय सभम मही परतीत होता यहा कक हरयहय फाफा डॊडा पटकायत हए उसक ऩीछ-ऩीछ िर आ यह ह | इसीमरए वह गाड़ी आन स ऩहर ही रौट आमा |
भॊगरी फाधा-ननवायण भॊतर
अॊ याॊ अॊ
इस भॊतर को १०८ फाय जऩन स करोध दय होता ह | जनभकनडरी भ भॊगरी मोग होन स जजनक वववाह न हो यह हो व २७ भॊगरवाय इस भॊतर का १०८ फाय जऩ कयत हए वरत यखकय हनभानजी ऩय मसॊदय का िोरा िढ़ाम | इसस भॊगर-फाधा का म होता ह |
सखऩवगक परसवकायक भॊतर
ऩहरा उऩाम
एॊ हीॊ बगवनत बगभामरनन िर िर भराभम भराभम ऩषऩॊ ववकासम ववकासम सवाहा |
इस भॊतर दवाया अमबभॊबतरत दध गमबगणी सतरी को वऩराम तो सखऩवगक परसव होगा |
दसया उऩाम
गमबगणी सतरी सवमॊ परसव क सभम जमबरा-जमबरा जऩ कय |
तीसया उऩाम
दशी गाम क गोफय का १२ स १५ मभरी यस ॐ नभो नायामणाम भॊतर का २१ फाय जऩ कयक ऩीन स बी परसव-फाधाएॉ दय होगी औय बफना ऑऩयशन क परसव होगा |
परसनत क सभम अभॊगर की आशॊका हो तो ननमन भॊतर का जऩ कय
सवगभॊगर भाॊगपम मशव सवागथग साचधक |
शयणम तरममफक गौयी नायामणी नभोSसतत ||
(दगागसिशती)
शकतकतशारी व गोय ऩतर की परानि क मरए
सगबागवसथा भ ढाक (ऩराश खाखया) का एक कोभर ऩतता घोटकय गौ-दगध क साथ योज सवन कयन स फारक शकतकतशारी औय गोया होता ह | भाता-वऩता बर कार-करट हो कपय बी फारक गोया होगा |
सदगर-भटहभा
गर बफन बव ननचध तय न कोई |
जौ फयॊचि सॊकय सभ होई ||
-सॊत तरसीदासजी
हरयहय आटदक जगत भ ऩजमदव जो कोम |
सदगर की ऩजा ककम सफकी ऩजा होम ||
-ननशचरदासजी भहायाज
सहजो कायज सॊसाय को गर बफन होत नाॉही |
हरय तो गर बफन कमा मभर सभझ र भन भाॉही ||
-सॊत कफीयजी सॊत
सयनन जो जन ऩय सो जन उधयनहाय | सॊत की ननॊदा नानका फहरय फहरय अवताय ||
-गर नानक दवजी
गरसवा सफ बागमो की जनभबमभ ह औय वह शोकाकर रोगो को बरहमभम कय दती ह |
गररऩी समग अववदयारऩी याबतर का नाश कयता ह औय ऻानाऻान रऩी मसतायो का रोऩ कयक फवदधभानो को आतभफोध का सटदन टदखाता ह |
-सॊत ऻानशवय भहायाज
सतम क कॊ टकभम भागग भ आऩको गर क मसवाम औय कोई भागगदशगन नहीॊ द सकता |
- सवाभी मशवानॊद सयसवती
ककतन ही याजा-भहायाजा हो गम औय होग सामजम भकतकत कोई नहीॊ द सकता | सचि याजा-भहायाज तो सॊत ही ह | जो उनकी शयण जाता ह वही सचिा सख औय सामजम भकतकत ऩाता ह |
-सभथग शरी याभदास सवाभी
भनषम िाह ककतना बी जऩ-तऩ कय मभ-ननमभो का ऩारन कय ऩयॊत जफ तक सदगर की कऩादवषट नहीॊ मभरती तफ तक सफ रवमथग ह |
-सवाभी याभतीथग
परटो कहत ह कक सकयात जस गर ऩाकय भ धनम हआ |
इभसगन न अऩन गर थोयो स जो पराि ककमा उसक भटहभागान भ व बावववबोय हो जात थ |
शरी याभकषण ऩयभहॊस ऩणगता का अनबव कयानवार अऩन सदगरदव की परशॊसा कयत नहीॊ अघात थ |
ऩजमऩाद सवाभी शरी रीराशाहजी भहायाज बी अऩन सदगरदव की माद भ सनह क आॉस
फहाकय गदगद कॊ ठ हो जात थ |
ऩजम फाऩजी बी अऩन सदगरदव की माद भ कस हो जात ह मह तो दखत ही फनता ह |
अफ हभ उनकी माद भ कस होत ह मह परशन ह | फटहभगख ननगय रोग कछ बी कह साधक को अऩन सदगर स कमा मभरता ह इस तो साधक ही जानत ह |
रडी भाटटगन क सहाग की या कयन अपगाननसतान भ परकट मशवजी
साध सॊग सॊसाय भ दरगब भनषम शयीय |
सतसॊग सववत ततव ह बतरववध ताऩ की ऩीय ||
भानव-दह मभरना दरगब ह औय मभर बी जाम तो आचधदववक आचधबौनतक औय आधमाजतभक म तीन ताऩ भनषम को तऩात यहत ह | ककॊ त भनषम-दह भ बी ऩववतरता हो सचिाई हो शदधता हो औय साध-सॊग मभर जाम तो म बतरववध ताऩ मभट जात ह |
सन १८७९ की फात ह | बायत भ बबरटटश शासन था उनहीॊ टदनो अॊगरजो न अपगाननसतान ऩय आकरभण कय टदमा | इस मदध का सॊिारन आगय भारवा बबरटटश छावनी क रजफ़टनट कनगर भाटटगन को सौऩा गमा था | कनगर भाटटगन सभम-सभम ऩय मदध-तर स अऩनी ऩतनी को कशरता क सभािाय बजता यहता था | मदध रॊफा िरा औय अफ तो सॊदश आन बी फॊद हो गम | रडी भाटटगन को चिॊता सतान रगी कक कहीॊ कछ अनथग न हो गमा हो अपगानी सननको न भय ऩनत को भाय न डारा हो | कदाचित ऩनत मदध भ शहीद हो गम तो भ जीकय कमा करॉ गी -मह सोिकय वह अनक शॊका-कशॊकाओॊ स नघयी यहती थी |
चिनतातय फनी वह एक टदन घोड़ ऩय फठकय घभन जा यही थी | भागग भ ककसी भॊटदय स आती हई शॊख व भॊतर धवनन न उस आकवषगत ककमा | वह एक ऩड़ स अऩना घोड़ा फाॉधकय भॊटदय भ गमी | फजनाथ भहादव क इस भॊटदय भ मशवऩजन भ ननभगन ऩॊकतडतो स उसन ऩछा आऩ रोग कमा कय यह ह एक वरदध बराहमण न कहा हभ बगवान मशव का ऩजन कय यह ह | रडी भाटटगन मशवऩजन की कमा भहतता ह बराहमण फटी बगवान मशव तो औढयदानी ह बोरनाथ ह | अऩन बकतो क सॊकट-ननवायण कयन भ व तननक बी दय नहीॊ कयत ह | बकत उनक दयफाय भ जो बी भनोकाभना रकय क आता ह उस व शीघर ऩयी कयत ह ककॊ त फटी तभ फहत चिजनतत औय उदास नजय आ यही हो कमा फात ह रडी भाटटगन भय ऩनतदव मदध भ गम ह औय ववगत कई टदनो स उनका कोई
सभािाय नहीॊ आमा ह | व मदध भ पॉ स गम ह मा भाय गम ह कछ ऩता नहीॊ िर यहा | भ उनकी ओय स फहत चिजनतत हॉ | इतना कहत हए रडी भाटटगन की आॉख नभ हो गमीॊ |
बराहमण तभ चिनता भत कयो फटी मशवजी का ऩजन कयो उनस पराथगना कयो रघररी कयवाओ | बगवान मशव तमहाय ऩनत का यण अवशम कयग |
ऩॊकतडतो की सराह ऩय उसन वहाॉ गमायह टदन का ॐ नभ मशवाम भॊतर स रघररी अनषठान परायॊब ककमा तथा परनतटदन बगवान मशव स अऩन ऩनत की या क मरए पराथगना कयन रगी कक ह बगवान मशव ह फजनाथ भहादव मटद भय ऩनत मदध स सकशर रौट आम तो भ आऩका मशखयफॊद भॊटदय फनवाऊॉ गी | रघररी की ऩणागहनत क टदन बागता हआ एक सॊदशवाहक मशवभॊटदय भ आमा औय रडी भाटटगन को एक मरपापा टदमा | उसन घफयात-घफयात वह मरपापा खोरा औय ऩढ़न रगी |
ऩतर भ उसक ऩनत न मरखा था हभ मदध भ यत थ औय तभ तक सॊदश बी बजत यह रककन आक ऩठानी सना न घय मरमा | बबरटटश सना कट भयती औय भ बी भय जाता |
ऐसी ववकट ऩरयजसथनत भ हभ नघय गम थ कक पराण फिाकय बागना बी अतमाचधक कटठन था | इतन भ भन दखा कक मदधबमभ भ बायत क कोई एक मोगी जजनकी फड़ी रमफी जटाएॉ ह हाथ भ तीन नोकवारा एक हचथमाय (बतरशर) इतनी तीवर गनत स घभ यहा था कक ऩठान सननक उनह दखकय बागन रग | उनकी कऩा स घय स हभ ननकरकय ऩठानो ऩय वाय कयन का भौका मभर गमा औय हभायी हाय की घकतड़माॉ अिानक जीत भ फदर गमीॊ | मह सफ बायत क उन फाघामफयधायी एवॊ तीन नोकवारा हचथमाय धायण ककम हए
(बतरशरधायी) मोगी क कायण ही समबव हआ | उनक भहातजसवी रवमकतकततव क परबाव स दखत-ही-दखत अपगाननसतान की ऩठानी सना बाग खड़ी हई औय व ऩयभ मोगी भझ
टहमभत दत हए कहन रग | घफयाओॊ नहीॊ | भ बगवान मशव हॉ तथा तमहायी ऩतनी की ऩजा स परसनन होकय तमहायी या कयन आमा हॉ उसक सहाग की या कयन आमा हॉ |
ऩतर ऩढ़त हए रडी भाटटगन की आॉखो स अववयत अशरधाया फहती जा यही थी उसका रदम अहोबाव स बय गमा औय वह बगवान मशव की परनतभा क समभख मसय यखकय पराथगना कयत-कयत यो ऩड़ी | कछ सिाह फाद उसका ऩनत कनगर भाटटगन आगय छावनी रौटा | ऩतनी न उस सायी फात सनात हए कहा आऩक सॊदश क अबाव भ भ चिजनतत हो उठी थी रककन बराहमणो की सराह स मशवऩजा भ रग गमी औय आऩकी या क मरए बगवान मशव स पराथगना कयन रगी | उन द खबॊजक भहादव न भयी पराथगना सनी औय आऩको सकशर रौटा टदमा | अफ तो ऩनत-ऩतनी दोनो ही ननममभत रऩ स फजनाथ भहादव क भॊटदय भ ऩजा-अिगना कयन रग | अऩनी ऩतनी की इचछा ऩय कनगर भाटटगन भ सन १८८३
भ ऩॊरह हजाय रऩम दकय फजनाथ भहादव भॊटदय का जीणोदवाय कयवामा जजसका मशरारख आज बी आगय भारवा क इस भॊटदय भ रगा ह | ऩय बायतबय भ अॊगरजो दवाय ननमभगत मह एकभातर टहनद भॊटदय ह |
मयोऩ जान स ऩवग रडी भाटटगन न ऩकतड़तो स कहा हभ अऩन घय भ बी बगवान मशव का भॊटदय फनामग तथा इन द ख-ननवायक दव की आजीवन ऩजा कयत यहग |
बगवान मशव भ बगवान कषण भ भाॉ अमफा भ आतभवतता सदगर भ सतता तो एक ही ह | आवशमकता ह अटर ववशवास की | एकररवम न गरभनत ग भ ववशवास कय वह पराि कय मरमा जो अजगन को कटठन रगा | आरणण उऩभनम रव परहराद आटद अनम सकड़ो उदायहण हभाय साभन परतम ह | आज बी इस परकाय का सहमोग हजायो बकतो को साधको को बगवान व आतभवतता सदगरओॊ क दवाया ननयनतय पराि होता यहता ह | आवशमकता ह तो फस कवर ववशवास की |
भहाभतमॊजम भॊतर
ॐ हौ जॉ स |
ॐ बबगव सव |
ॐ तरममफकॊ मजाभह सगॊचध ॊ ऩवषटवधगनभ |
उवागरकमभव फनधनानभतमोभगीम भाभतात |
सव भव ब ॐ |
स जॉ हौ ॐ |
बगवान मशव का मह भहाभतमॊजम जऩन स अकार भतम तो टरती ही ह आयोगमता की बी परानि होती ह | सनान कयत सभम शयीय ऩय रोट स ऩानी डारत वकत इस भॊतर का जऩ कयन स सवासम-राब होता ह | दध भ ननहायत हए इस भॊतर का जाऩ ककमा जाम औय कपय वह दध ऩी मरमा जम तो मौवन की सया भ बी सहामता मभरती ह | आजकर की तज यफ़तायवारी जजनदगी भ कहाॉ आतॊक उऩरव दघगटना हो जाम कहना भजशकर ह | घय स ननकरत सभम एक फाय मह भॊतर जऩनवारा इन उऩदरवो स सयकषत यहता ह औय सयकषत घय रौटता ह | (इस भॊतरानषठान क ववचध-ववधान की ववसतत जानकायी क मरए आशरभ दवाया परकामशत आयोगमननचध ऩसतक ऩढ़ |) शरीभदबागवत क आठव सकॊ ध भ तीसय अधमाम क शलोक १ स ३३ तक भ वणणगत गजनरभो सतोतर का ऩाठ कयन स तभाभ
ववधन दय होत ह |
-याजनर कभाय वाजऩमी अिगना वाजऩमी फरवॊत नगय ढाढीऩय भयाया गवामरमय
औय सोना मभर गमा
हभाय सॊमकत ऩरयवाय भ साठ तोरा सोना िोयी हो गमा था | सतसॊगी होन क कायण हभ द ख तो नहीॊ हआ कपय बी थोडी-फहत चिनता अवशम हई | आशरभ क एक साधक न हभस कहा | आऩ रोग शरी आसायाभामण क १०८ ऩाठ कयो औय सॊकपऩ कयो कक हभाया सोना हभ जरय मभरगा | मभनाऩाय टदपरी भ गरदव का आगभन हआ | हभ शाभ को गरदव क दशगन कयन गम | हभन कछ कहा नहीॊ कमोकक गरदव अॊतमागभी ह | उनहोन हभको परसाद टदमा | उसी यात घय ऩय पोन आमा कक आऩका सोना मभर गमा ह | िोय रखनऊ भ ऩकड़ा गमा ह | हभ आशचमग हआ शरी आसायाभामण क १०८ ऩाठ ऩय बी नहीॊ हए थ औय सोना मभर गमा |
-रीना फटानी यानीफाग टदपरी
सवपर क दो टकड़ो स दो सॊतान
भन सन १९९१ भ िटीिॊड मशववय अभदावाद भ ऩजम फाऩजी स भॊतरदीा री थी | भयी शादी क १० वषग तक भख कोई सॊतान नहीॊ हई | फहत इराज कयवाम रककन सबी डॉकटयो न फतामा कक फारक होन की कोई सॊबावना नहीॊ ह | तफ भन ऩजम फाऩजी क ऩनभ दशगन का वरत मरमा औय फाॉसवाड़ा भ ऩनभ दशगन क मरए गमा | ऩजम फाऩजी सफको परसाद द यह थ | भन भन भ सोिा | कमा भ इतना ऩाऩी हॉ कक फाऩजी भयी तयप दखत तक नहीॊ इतन भ ऩजम फाऩजी कक दवषट भझ ऩय ऩड़ी औय उनहोन भझ दो मभनट तक दखा | कपय उनहोन एक सवपर रकय भझ ऩय प का जो भय दाम कॊ ध ऩय रगकय दो टकड़ो भ फॉट गमा | घय जाकय भन उस सवपर क दोनो बाग अऩनी ऩतनी को णखरा टदम | ऩजमशरी का कऩाऩणग परसाद खान स भयी ऩतनी गबगवती हो गमी | ननयीण कयान ऩय ऩता िरा कक उसको दो मसय वारा फारक उतऩनन होगा | डॉकटयो न फतामा उसका मसजरयमन कयना ऩड़गा अनमथा आऩकी ऩतनी क फिन की समबावना नहीॊ ह | मसजरयमन भ रगबग फीस हजाय रऩमो का खिग आमगा | भन ऩजम फाऩजी स पराथगना की ह फाऩजी आऩन ही पर टदमा था | अफ आऩ ही इस सॊकट का ननवायण कीजजम | कपय
भन फड़ फादशाह क साभन बी पराथगना की जफ भ असऩतार ऩहॉिॉ तो भयी ऩतनी की परसती सकशर हो जाम | उसक फाद जफ भ असऩतार ऩहॉिा तो भयी ऩतनी एक ऩतर औय एक ऩतरी को जनभ द िकी थी | ऩजमशरी क दवाया टदम गम पर स भझ एक की जगह दो सॊतानो की परानि हई |
-भकशबाई सोरॊकी शायदा भॊटदय सकर क ऩीछ
फावन िार वड़ोदया
साइककर स गरधाभ जान ऩय खयाफ टाॉग ठीक हो गमी
भयी फाॉमी टाॉग घटन स उऩय ऩतरी हो गमी थी | ऑर इणणडमा भकतडकर इनसटीटमट
टदपरी भ भ छ टदन तक यहा | वहाॉ जाॉि क फाद फतरामा गमा कक तमहायी यीढ़ की हडडी क ऩास कछ नस भय गमी ह जजसस मह टाॉग ऩतरी हो गमी ह | मह ठीक तो हो ही नहीॊ सकती | हभ तमह ववटामभन ई क कपसर द यह ह | तभ इनह खात यहना | इसस टाॊग औय जमादा ऩतरी नहीॊ होगी | भन एक सार तक कपसर खाम | उसक फाद २२ जन
१९९७ को भजफ़फ़यनगय भ भन गरजी स भॊतरदीा री औय दवाई खाना फॊद कय दी | जफ एक साधक बाई याहर गिा न कहा कक सहायनऩय स साइककर दवाया उततयामण मशववय अभदावाद जान का कामगकरभ फन यहा ह तफ भन टाॉग क फाय भ सोि बफना साइककर मातरा भ बाग रन क मरए अऩनी सहभनत द दी | जफ भय घय ऩय ऩता िरा कक भन साइककर स गरधाभ अभदावाद जान का वविाय फनामा ह अत तभ ११५० ककभी तक साइककर नहीॊ िरा ऩाओग | रककन भन कहा भ साइककर स ही गरधाभ जाऊॉ गा िाह ककतनी बी दयी कमो न हो औय हभ आठ साधक बाई सहायनऩय स २६ टदसमफय ९७ को साइककरो स यवाना हए | भागग भ िढ़ाई ऩय भझ जफ बी कोइ टदककत होती तो ऐसा रगता जस भयी साइककर को कोई ऩीछ स धकर यहा ह | भ भड़कय ऩीछ दखता तो कोई टदखामी नहीॊ ऩड़ता | ९ जनवयी को जफ हभ अभदावाद गरआशरभ भ ऩहॉि औय भन सफह अऩनी टाॉग दखी तो भ दॊग यह गम जो टाॉग ऩतरी हो गमी थी औय डॉकटयो न उस ठीक होन स भना कय टदमा था वह टाॉग बफपकर ठीक हो गमी थी | इस कऩा को दखकय भ िककत यह गमा भय साथी बी दॊग यह गम मह सफ गरकऩा क परसाद का िभतकाय था | भय आठो साथी भयी ऩतनी तथा ऑर इणणडमा भकतडकर इनसटीटमट टदपरी दवाया जाॉि क परभाणऩतर इस फात क साी ह |
-ननयॊकाय अगरवार
ववषणऩयी
अदबत यही भौनभॊटदय की साधना
ऩयभ ऩजम सदगरदव की कऩा स भझ टदनाॊक १८ स २४ भई १९९९ तक अभदावाद आशरभ क भौनभॊटदय भ साधना कयन का सअवसय मभरा | भौनभॊटदय भ साधना क ऩाॉिव टदन मानी २२ भई की याबतर को रगबग २ फज नीॊद भ ही भझ एक झटका रगा | रट यहन कक जसथनत भ ही भझ भहसस हआ कक कोई अदशम शकतकत भझ ऊऩय फहत ऊऩय उड़म र जा यही ह | ऊऩय उड़त हए जफ भन नीि झाॉककय दखा तो अऩन शयीय को उसी भौनभॊटदय भ चितत रटा हआ फखफय सोता हआ ऩामा | ऊऩय जहाॉ भझ र जामा गमा वहाॉ अरग ही छटा थी अजीफ औय अवणीम आकाश को बी बदकय भझ ऐस सथान ऩय ऩहॉिामा गमा था जहाॉ िायो तयप कोहया-ही-कोहया था जस शीश की छत ऩय ओस परी हो इतन भ दखता हॉ कक एक सबा रगी ह बफना शयीय की कवर आकनतमो की | जस यखाओॊ स भनषमरऩी आकनतमाॉ फनी हो | मह सफ कमा िर यहा था सभझ स ऩय था |
कछ ऩर क फाद व आकनतमाॉ सऩषट होन रगी | दवी-दवताओॊ क ऩॊज क भधम शीषग भ एक उचि आसन ऩय साात फाऩजी शॊकय बगवान फन हए करास ऩवगत ऩय ववयाजभान थ औय दवी-दवता कताय भ हाथ फाॉध खड़ थ | भ भक-सा होकय अऩरक नतरो स उनह दखता ही यहा कपय भॊतरभगध हो उनक ियणो भ चगय ऩड़ा | परात क ४ फज थ | अहा भन औय शयीय हपका-फ़पका रग यहा था मही जसथनत २४ भई की भधमयाबतर भ बी दोहयामी गमी | दसय टदन सफह ऩता िरा कक आज तो फाहय ननकरन का टदन ह मानी यवववाय २५ भई की सफह | फाहय ननकरन ऩय बावबया रदम गदगद कॊ ठ औय आखो भ आॉस मो रग यहा था कक जस ननजधाभ स फघय ककमा जा यहा हॉ | धनम ह वह बमभ
भौनभॊटदय भ साधना की वह रवमवसथा जहाॊ स ऩयभ आनॊद क सागय भ डफन की कॊ जी मभरती ह जी कयता ह बगवान ऐसा अवसय कपय स राम जजसस कक उसी भौनभॊटदय भ ऩन आॊतरयक आनॊद का यसऩान कय ऩाऊॉ |
-इनरनायामण शाह
१०३ यतनदीऩ-२ ननयारा नगय कानऩय
असाधम योग स भकतकत
सन १९९४ भ भयी ऩतरी टहयर को शयद ऩणणगभा क टदन फखाय आमा | डॉकटयो को
टदखामा तो ककसीन भररयमा कहकय दवाइमाॉ दी तो ककसीन टामपामड कहकय इराज शर ककमा तो ककसीन टामपामड औय भररयमा दोनो कहा | दवाई की एक खयाक रन स शयीय नीरा ऩड़ गमा औय सज गमा | शयीय भ खन की कभी स उस छ फोतर खन िढ़ामा गमा | इॊजन दन स ऩय शयीय को रकवा भाय गमा | ऩीठ क ऩीछ शमावरण जसा हो गमा | ऩीठ औय ऩय का एकस-य मरमा गमा | ऩय ऩय वजन फाॉधकय यखा गमा | डॉकटयो न उस वाम का फखाय तथा यकत का क सय फतामा औय कहा कक उसक रदम तो वापव िौड़ा हो गमा ह | अफ हभ टहमभत हाय गम | अफ ऩजमशरी क मसवाम औय कोई सहाया नहीॊ था | उस सभम टहयर न कहा भमभी भझ ऩजम फाऩ क ऩास र िरो | वहाॉ ठीक हो जाऊगी | ऩाॉि टदन तक टहयर ऩजमशरी की यट रगाती यही | हभ उस अभदावाद आशरभ भ फाऩ क ऩास र गम | फाऩ न कहा इस कछ नहीॊ हआ ह | उनहोन भझ औय टहयर को भॊतर टदमा एवॊ फड़दादा की परदकषणा कयन को कहा | हभन परदकषणा की औय टहयर ऩनरह टदन भ िरन-कफ़यन रगी | हभ फाऩ की इस करणा-कऩा का कण कस िकाम अबी तो हभ आशरभ भ ऩजमशरी क शरीियणो भ सऩरयवाय यहकय धनम हो यह ह |
-परपपर रवमास
बावनगय
वतगभान भ अभदावाद आशरभ भ सऩरयवाय सभवऩगत
ऩजम फाऩ का दशगन-सतसॊग ही जीवन का सचिा यतन ह
भझ िाय सार स ऩतर कक काभना थी औय भय भन भ हआ कक भयी मह काभना जरय ऩयी होगी | अभदावाद भ धमानमोग मशववय क दौयान ऐसा वविाय आमा कक फाऩ भझ अऩन ियणो भ फरामग | भन भ दढ़ शरदधा थी | इतन रोगो क फीि भ स फाऩ न तजऩणग दवषट भझ ऩय डारी सॊतय का परसाद टदमा औय भया बागम खर गमा | फचि क जनभ स ऩहर डॉकटयो न ऑऩयशन को कहा था रककन फाऩ क फतान क भताबफक भय घयवारो न भझ गाम क गोफय का यस वऩरामा औय शीघर ही फारक का जनभ हो गमा | सचिी शरदधा-बकतकत हो तो कमा असॊबव ह ऩजम फाऩ का दशगन-सतसॊग ही जीवन का सचिा यतन ह |
सचिी शरदधा-बकतकत स ऐसा यतन ऩानवार हभ सबी धनबागी ह |
-यखा ऩयभाय भीया योड़ भॊफई
कसट का िभतकाय
रवमाऩाय उधायी भ िर जान स भ हताश हो गमा था एवॊ अऩनी जजॊदगी स तॊग आकय आतभहतमा कयन की फात सोिन रगा था | भझ साध-भहातभाओॊ व सभाज क रोगो स घणा-सी हो गमी थी धभग व सभाज स भया ववशवास उठ िका था | एक टदन भयी सारी फाऩजी क सतसॊग कक दो कसट ववचध का ववधान एवॊ आणखय कफ तक र आमी औय उसन भझ सनन क मरए कहा | उसक कई परमास क फाद बी भन व कसट नहीॊ सनीॊ एवॊ भन-ही-भन उनह ढ़ोग कहकय कसटो क कतडबफ भ दार टदमा | भन इतना ऩयशान था कक यात को नीॊद आना फॊद हो गमा था | एक यात कफ़पभी गाना सनन का भन हआ | अॉधया होन की वजह स कसट ऩहिान न सका औय गरती स फाऩजी क सतसॊग की कसट हाथ भ आ गमी | भन उसीको सनना शर ककमा | कपय कमा था भयी आशा फॉधन रगी | भन शाॉत होन रगा | धीय-धीय सायी ऩीड़ाएॉ दय होती िरी गमीॊ | भय जीवन भ योशनी-ही-योशनी हो गमी | कपय तो भन ऩजम फाऩजी क सतसॊग की कई कसट सनीॊ औय सफको सनामीॊ |
तदनॊतय भन गाजजमाफाद भ फाऩजी स दीा बी गरहण की | रवमाऩाय की उधायी बी िकता हो गमी | फाऩजी की कऩा स अफ भझ कोई द ख नहीॊ ह | ह गरदव फस एक आऩ ही भय होकय यह औय भ आऩका ही होकय यहॉ |
-ओभपरकाश फजाज
टदपरी योड़ सहायनऩय उततय परदश
भझ ऩय फयसी सॊत की कऩा
सन १९९५ क जन भाह भ भ अऩन रड़क औय बतीज क साथ हरयदवाय धमानमोग मशववय भ बाग रन गमा | एक टदन जफ भ हय की ऩौड़ी ऩय सनान कयन गमा तो ऩानी क तज फहाव क कायण ऩय कपसरन स भया रड़का औय बतीजा दोनो अऩना सॊतरन खो फठ औय गॊगा भ फह गम | ऐसी सॊकट की घड़ी भ भ अऩना होश खो फठा | कमा करॉ भ पट-पटकय योन रगा औय फाऩजी स पराथगना कयन रगा कक ह नाथ ह गरदव या कीजजम भय फचिो को फिा रीजजम | अफ आऩका ही सहाया ह | ऩजमशरी न भय सचि रदम स ननकरी ऩकाय सन री औय उसी सभम भया रड़का भझ टदखामी टदमा | भन झऩटकय उसको फाहय खीॊि मरमा रककन भया बतीजा तो ऩता नहीॊ कहाॉ फह गमा भ ननयॊतय यो यहा था औय भन भ फाय-फाय वविाय उठ यहा था कक फाऩजी भया रड़का फह जाता तो कोई फात नहीॊ थी रककन अऩन बाई की अभानत क बफना भ घय कमा भॉह
रकय जाऊॉ गा फाऩजी आऩही इस बकत की राज फिाओ | तबी गॊगाजी की एक तज रहय उस फचि को बी फाहय छोड़ गमी | भन रऩककय उस ऩकड़ मरमा | आज बी उस हादस को सभयण कयता हॉ तो अऩन-आऩको सॉबार नहीॊ ऩाता हॉ औय भयी आॉखो स ननयॊतय परभ की अशरधाया फहन रगती ह | धनम हआ भ ऐस गरदव को ऩाकय ऐस सदगरदव क शरीियणो भ भय फाय-फाय शत-शत परणाभ
-सभारखाॉ ऩानीऩत हरयमाणा
गरदव की कऩा स सॊतानपरानि
भयी शादी को ऩाॉि सार हो गम थ कपय बी कोई सॊतान नहीॊ हई | रोग हभ फहत तान भायत थ | तबी भन-ही-भन ननणगम र मरमा कक ऩजम फाऩ क आशरभ भ जाना ह | जनवयी १९९९ भ परथभ फाय उततयामण मशववय बया औय भॊतरदीा री | अफ गरदव कक कऩा स भझ एक सॊदय फारक पराि हआ ह | ऩजम फाऩजी की इतनी कऩा-करणा दखकय रदम बय आता ह | भ ऩजम फाऩजी स पराथगना कयती हॉ कक मह फारक उनह सभवऩगत कय सकॊ औय मह उनक मोगम फनसक ऐसी सदफवदध हभ द |
-ननभगरा क तड़वी काॊनतबाई हीयाबाई तडवी याभजी भॊटदय क ऩास कायरी फाग वड़ोदया
गरकऩा स जीवनदान
टदनाॊक १५-१-९६ की घटना ह | भन धात क ताय ऩय सखन क मरए कऩड़ परा यख थ |
फारयश होन क कायण उस ताय भ कयॊट आ गमा था | भया छोटा ऩतर ववशार जो कक ११ वीॊ का भ ऩढ़ता ह आकय उस ताय स छ गमा औय बफजरी का कयॊट रगत ही वह फहोश हो गमा शव क सभान हो गमा | हभन उस तयॊत फड़ असऩतार भ दाणखर कयवामा | डॉकटय न फचि की हारत गॊबीय फतामी | ऐसी ऩरयजसथनत दखकय भयी आॉखो स अशरधायाएॉ फह ननकरी | भ ननजानॊद की भसती भ भसत यहन वार ऩजम सदगरदव को भन-ही-भन माद ककमा औय पराथगना कक ह गरदव अफ तो इस फचि का जीवन आऩक ही हाथो भ ह | ह भय परब आऩ जो िाह सो कय सकत ह | औय आणखय भयी पराथगना सपर हई | फचि भ एक नवीन ितना का सॊिाय हआ एवॊ धीय-धीय फचि क सवासम भ
सधाय होन रगा | कछ ही टदनो भ वह ऩणगत सवसथ हो गमा | डॉकटय न तो उऩिाय ककमा रककन जो जीवनदान उस पमाय परब की कऩा स सदगरदव की कऩा स मभरा उसका वणगन कयन क मरए भय ऩास शबद नहीॊ ह | फस ईशवय स भ मही पराथगना कयता हॉ कक ऐस बरहमननषठ सॊत-भहाऩरषो क परनत हभायी शरदधा भ ववदध होती यह | -
डॉ वाम ऩी कारया शाभरदास कॉरज बावनगय गजयात
ऩजम फाऩ जस सॊत दननमा को सवगग भ फदर सकत ह
भई १९९८ क अॊनतभ टदनो भ ऩजमशरी क इॊदौय परवास क दौयान ईयान क ववखमात कफ़जजमशमन शरी फफाक अगरानी बायत भ अधमाजतभक अनबवो की परानि आम हए थ |
ऩजमशरी क दशगन ऩाकय जफ उनहोन अधमाजतभक अनबवो को परीबत होत दखा तो व ऩॊिड़ आशरभ भ आमोजजत धमानमोग मशववय भ बी ऩहॉि गम | शरी अगरानी जो दो टदन रककय वाऩस रौटन वार थ व ऩय गमायह टदन तक ऩॊिड़ आशरभ भ रक यह | उनहोन ववधाथी मशववय भ सायसवतम भॊतर की दीा री एवॊ ववमशषट धमानमोग साधना मशववय (४ -१० जन १९९८) का बी राब मरमा | मशववय क दौयान शरी अगरानी न ऩजमशरी स भॊतरदीा बी र री | ऩजमशरी क साजननधम भ सॊपराि अनबनतमो क फाय भ बतरम सभािाय ऩतर ितना को दी हई बटवाताग भ शरी अगरानी कहत ह मटद ऩजम फाऩ जस सॊत हय दश भ हो जाम तो मह दननमा सवगग फन सकती ह | ऐस शाॊनत स फठ ऩाना हभाय मरए कटठन ह रककन जफ ऩजम फाऩजी जस भहाऩरषो क शरीियणो भ फठकय सतसॊग सनत ह तो ऐसा आनॊद आता ह कक सभम का कछ ऩता ही नहीॊ िरता | सिभि ऩजम फाऩ कोई साधायण सॊत नहीॊ ह |
-शरी फफाक अगरानी ववशवववखमात कफ़जजमशमन ईयान
फाऩजी का साजननधम गॊगा क ऩावन परवाह जसा ह
कर-कर कयती इस बागीयथी की धवर धाया क ककनाय ऩय ऩजम फाऩजी क साजननधम भ फठकय भ फड़ा ही आपहाटदत औय परभटदत हॉ आनॊटदत हॉ योभाॊचित हॊ | गॊगा बायत की सषमना नाड़ी ह | गॊगा बायत की सॊजीवनी ह | शरी ववषणजी क ियणो स ननकरकय बरहमाजी क कभॊड़र औय जटाधय क भाथ ऩय शोबामभान गॊगा बतरमोगमसवदधकायक ह |
ववषणजी क ियणो स ननकरी गॊगा बकतकत मोग की परतीनत कयाती ह औय मशवजी क भसतक ऩय जसथत गॊगा ऻान मोग की उचितय बमभका ऩय आरढ़ होन की खफय दती ह |
भझ ऐसा रग यहा ह कक आज फाऩजी क परविनो को सनकय भ गॊगा भ गोता रगा यहा हॉ कमोकक उनका परविन उनका सजननधम गॊगा क ऩावन परवाह जसा ह | व अरभसत फ़कीय ह | व फड़ सयर औय सहज ह | व जजतन ही ऊऩय स सयर ह उतन ही अॊतय भ गढ़ ह | उनभ टहभारम जसी उचिता ऩववतरता शरषठता ह औय सागयतर जसी गॊबीयता ह |
व याषड की अभपम धयोहय ह | उनह दखकय कवष-ऩयमऩया को फोध होता ह | गौतभ कणाद
जमभनी कवऩर दाद भीया कफीय यदास आटद सफ कबी-कबी उनभ टदखत ह |
य बाई कोई सतगर सॊत कहाव
जो ननन अरख रखाव धयती उखाड़ आकाश उखाड़
अधय भड़मा धाव |
शनम मशखय क ऩाय मशरा ऩय आसन अिर जभाव |
य बाई कोई सतगर सॊत कहाव
एक ऐस ऩावन साजननधम भ हभ फठ ह जो फड़ा दरगब औय सहज मोगसवरऩ ह | ऐस भहाऩरषो क मरए ऩॊकतकतमाॉ माद आ यही ह तभ िरो तो िर धयती िर अॊफय िर दननमा ऐस भहाऩरष िरत ह तो उनक मरए समग िॊर ताय गरह नतर आटद सफ अनकर हो जात ह | ऐस इजनरमातीत गणातीत बावातीत शबदातीत औय सफ अवसथाओॊ स ऩय ककनहीॊ भहाऩरषो क शरीियणो भ जफ फठत ह तो बागवत कहता ह
साधनाॊ दशगनॊ रोक सवगमसवदधकयॊ ऩयभ |
साध क दशगन भातर स वविाय ववबनत ववदवता शकतकत सहजता ननववगषमता परसननता मसवदधमाॉ औय आतभानॊद की परानि होती ह | दश क भहान सॊत महाॉ सहज ही आत ह बायत क सबी शॊकयािामग बी मशववय भ आत ह | अत भय भन भ बी वविाय आमा कक जहाॉ सफ जात ह वहाॉ जाना िाटहए कमोकक मही वह ठोय-टठकाना ह जहाॉ भन का अमबभान मभटामा जा सकता ह | ऐस भहाऩरषो क दशगन स कवर आनॊद औय भसती ही नहीॊ मभरती फजपक वह सफ कछ मभर जाता ह जो अमबरावषत ह आकाॊकषत ह रकषत ह | महाॉ भ करणा क
कभगठता क वववक-वयागम क ऻान क दशगन कय यहा हॉ | वयागम औय बकतकत क यण ऩोषण औय सॊवधगन क मरए मह सिकवषमो का उततभ ऻान भाना जाता ह | आज गॊगा कपय स
साकाय टदख यही ह तो व फाऩजी क वविाय औय वाणी भ टदख यही ह | अरभसतता सहजता उचिता शरषठता ऩववतरतता तीथग-सी शचिता मशश-सी सयरता तरणो-सा जोश वदधो-सा गाॊबीमग औय कवषमो जसा ऻानाफोध भझ जहाॉ हो यहा ह वह मह ऩॊडार ह | इस आनॊदनगय कहॉ मा परभनगय करणा का सागय कहॉ मा वविायो का सभनदय रककन इतना जरय कहॉगा कक भय भन का कोन-कोना आपहाटदत हो यहा ह | आऩ रोग फड़बागी ह जो ऐस भहाऩरष क शरीियणो भ फठ ह जहाॉ बागम का टदरवम रवमकतकतततव का ननभागण होता ह | जीवन की कतकतमता जहाॉ पराि हो सकती ह वह मही दय ह |
मभर तभ मभरी भॊजजर मभरा भकसद औय भददा बी |
न मभर तभ तो यह गमा भददा भकसद औय भॊजजर बी ||
आऩका मह बावयाजम औय परभयाजम दखकय भ िककत बी हॉ औय आनॊद का अनबव बी कय यहा हॉ | आऩक परनत भया ववशवास औय अटट ननषठा फढ़ इस हत भया नभन सवीकाय कय | भझ ऐसा रगता ह कक फाऩजी समग ह औय नायामण सवाभी एक ऐस दीऩ ह जो न फझ सकत ह न जराम जात ह |
-सवाभी अवधशानॊदजी हरयदवाय
सायसवतम भॊतर स हए अदबत राब
भन १९९८ भ ववधाथी उतथान मशववय सोनीऩत भ ऩजम गरदव स सायसवतम भॊतर की दीा री | दीा क फाद ननममभत भॊतरजऩ कयन स भ इतना कशागर फवदधवारा एवॊ सवावरॊफी हो गमा कक भन एक भहीन भ ही टमशन छोड़ दी औय सवमॊ खफ भहनत कयन रगा | भ सकर बी ऩदर आन-जान रगा जजसस भन सकर फस का ककयामा फिा मरमा |
भॊतर जाऩ क परबाव स भझ ९ वीॊ १० वीॊ ११ वीॊ की ऩयीाओॊ भ परथभ सथान पराि हआ |
१२ वीॊ की ऩयीा क सभम भया सवासम खयाफ होन क कायण भ जऩ ठीक स नहीॊ कय सका कपय बी ७९ परनतशत अॊको स ऩास हआ | उसक फाद इॊजजननमरयॊग की ऩरया भ बी उततीणग यहा |
-करदीऩ कभाय डी-२३४ वसट ववनोद नगय टदपरी
भ टदसमफय १९९९ भ छततीसगढ़ क बाटाऩाया भ ऩजम गरदव स सायसवतम भॊतर की दीा
री | ततऩशचात भ ननममभत रऩ स जऩ-धमान- पराणामाभ कयता था जजसस भझ फहत राब हआ | ऩजम फऩजी की कऩा औय सायसवतम भॊतर जाऩ क परबाव स भझ १२ वीॊ की फोड़ग की ऩरया भ ८४६ परनतशत अॊक मभर |
-ववयनर कभाय कौमशक
डोगयगाॉव जज याजनाॊदगाॉव (छग)
बौनतक मग क अॊधकाय भ ऻान की जमोनत ऩजम फाऩ
भादक ननमॊतरण बमयो बायत सयकाय क भहाननदशक शरी एिऩी कभाय ९ भई को अभदावाद आशरभ भ सतसॊग-कामगकरभ क दौयान ऩजम फाऩ स आशीवागद रन ऩहॉि | फड़ी ववनमरता एवॊ शरदधा क साथ उनहोन ऩजम फाऩ क परनत अऩन उदगाय भ कहा जजस रवमकतकत क ऩास वववक नहीॊ ह वह अऩन रकषम तक नहीॊ ऩहॉि सकता ह औय वववक को पराि कयन का साधन ऩजम आसायाभजी फाऩ जस भहान सॊतो का सतसॊग ह | ऩजम फाऩ स भया परथभ ऩरयिम टीवी क भाधमभ स हआ | ततऩशचात भझ आशरभ दवाय परकामशत कवष परसाद भामसक पराि हआ | उस सभम भझ रगा कक एक ओय जहाॉ इस बौनतक मग क अॊधकाय भ भानव बटक यहा ह वहीॊ दसयी ओय शाॊनत की भॊद-भॊद सगॊचधत वाम बी िर यही ह | मह ऩजम फाऩ क सतसॊग का ही परबाव ह | ऩजमशरी क दशगन कयन का जो सौबागम भझ पराि हआ ह इसस भ अऩन को कतकतम भानता हॉ | ऩजम फाऩ क शरीभख स जो अभत वषाग होती ह तथा इनक सतसॊग स कयोड़ो रदमो भ जो जमोनत जगती ह व इसी परकाय स जगती यह औय आन वार रॊफ सभम तक ऩजमशरी हभ सफ का भागगदशगन कयत यह मही भयी काभना ह | ऩजम फाऩ क शरीियणो भ भय परणाभ
-शरी एिऩी कभाय भहाननदशक भादक ननमॊतरण बमयो बायत सयकाय
गरकऩा ऐसी हई कक अॉधय तो कमा दय बी नहीॊ हई
ऩयभ कऩार फाऩजी क शरीियणो भ भय कोटट-कोटट वॊदन भ एक इसभाइरी खवाजा हॉ तथा अऩन धभग भ अकतडग हॉ | िाय वषग ऩवग कछ रोगो दवाया एक सननमोजजत मोजना फनाकय भझ जफयदसती भडगय कस का आयोऩी फना टदमा गमा था | इसस भझ कहीॊ शाॊनत नहीॊ मभर यही थी | २८ पयवयी १९९७ को भझ नागऩय भ आमोजजत फाऩजी क सतसॊग भ जान की परयणा मभरी औय ४ भािग १९९७ को भन फाऩजी स भॊतरदीा री | भ उनस भन-
ही-भन ववनती की कक ह गरदव भझ फिा रो | गरकऩा ऐसी हई कक ७ जनवयी १९९८ को भझ अदारत न ऩाक-साप फयी कय टदमा फाकी छ आयोवऩमो को सजा हई | धनम ह ऐस भय सदगर उनक शरीियणो भ भय कोटट-कोटट वनदन
-यहभान खान ननशान छाफड़ी (बफछआ) जज नछनदवाड़ा (भपर)
भजसरभ भटहरा को पराणदान
२७ मसतमफय २००० को जमऩय भ भय ननवास ऩय ऩजम फाऩ का आतभ-साातकाय टदवस
भनामा गमा जजसभ भय ऩड़ोस की भजसरभ भटहरा नाथी फहन क ऩनत शरी भाॉग खाॉ न बी ऩजम फाऩ की आयती की औय ियणाभत मरमा | ३-४ टदन फाद ही व भजसरभ दॊऩनत खवाजा साटहफ क उसग भ अजभय िर गम | टदनाॊक ४ अकटफय २००० को अजभय क उसग भ असाभाजजक ततवो न परसाद भ जहय फाॉट टदमा जजसस उसग भर भ आम कई दशगनाथी असवसथ हो गम औय कई भय बी गम | भय ऩड़ोस की नाथी फहन न बी वह परसाद खामा औय थोड़ी दय भ ही वह फहोश हो गमी | अजभय भ उसका उऩिाय ककमा गमा ककॊ त उस होश न आमा | दसय टदन ही उसका ऩनत उस अऩन घय र आमा | कॉरोनी क सबी ननवासी उसकी हारत दखकय कह यह थ कक अफ इसका फिना भजशकर ह | भ बी उस दखन गमा | वह फहोश ऩड़ी थी | भ जोय-जोय स हरय ॐ हरय ॐ का उचिायण ककमा तो वह थोड़ा टहरन रगी | भझ परयणा हई औय भ ऩन घय गमा | ऩजम फाऩ स पराथगना की | ३-४ घॊट फाद ही वह भटहरा ऐस उठकय खड़ी हो गमी भानो सोकय उठी हो | उस भटहरा न फतामा कक भय िािा ससय ऩीय ह औय उनहोन भय ऩनत क भॉह स फोरकय फतामा कक तभन २७ मसतमफय २००० को जजनक सतसॊग भ ऩानी वऩमा था उनहीॊ सपद दाढ़ीवार फाफा न तमह फिामा ह कसी करणा ह गरदव की
-जएर ऩयोटहत
८७ सपतान नगय जमऩय (याज)
उस भटहरा का ऩता ह -शरीभती नाथी
ऩतनी शरी भाॉग खाॉ १०० सपतान नगय गजगय की धड़ी नम साॊगानय योड़
जमऩय (याज)
हरयनाभ की पमारी न छड़ामी शयाफ की फोतर
सौबागमवश गत २६ टदसमफय १९९८ को ऩजमशरी क १६ मशषमो की एक टोरी टदपरी स हभाय गाॉव भ हरयनाभ का परिाय-परसाय कयन ऩहॉिी | भ फिऩन स ही भटदयाऩान धमरऩान व मशकाय कयन का शौकीन था | ऩजम फाऩ क मशषमो दवाया हभाय गाॉव भ जगह-जगह ऩय तीन टदन तक रगाताय हरयनाभ का कीतगन कयन स भझ बी हरयनाभ का यॊग रगता जा यहा था | उनक जान क एक टदन क ऩशचात शाभ क सभम योज की बाॊनत भन शयाफ की फोतर ननकारी | जस ही फोतर खोरन क मरए ढककन घभामा तो उस ढककन क घभन स भझ हरय ॐ हरय ॐ की धवनन सनामी दी | इस परकाय भन दो-तीन फाय ढककन घभामा औय हय फाय भझ हरय ॐ की धवनन सनामी दी | कछ दय फाद भ उठा तथा ऩजमशरी क एक मशषम क घय गमा | उनहोन थोड़ी दय भझ ऩजमशरी की अभतवाणी सनामी | अभतवाणी सनन क फाद भया रदम ऩकायन रगा कक इन दरवमगसनो को तमाग दॉ | भन तयॊत फोतर उठामी तथा जोय-स दय खत भ प क दी | ऐस सभथग व ऩयभ कऩार सदगरदव को भ रदम स परणाभ कयता हॉ जजनकी कऩा स मह अनोखी घटना भय जीवन भ घटी जजसस भया जीवन ऩरयवनतगत हआ |
-भोहन मसॊह बफषट
मबखमासन अपभोड़ा (उपर)
ऩय गाॉव की कामाऩरट
ऩजमशरी स टदनाॊक २७६९१ को दीा रन क फाद भन रवमवसनभकतकत क परिाय-परसाय का रकषम फना मरमा | भ एक फाय कौशरऩय (जज शाजाऩय) ऩहॉिा | वहाॉ क रोगो क रवमवसनी औय रड़ाई-झगड़ मकत जीवन को दखकय भन कहा आऩ रोग भनषम-जीवन सही अथग ही नहीॊ सभझत ह | एक फाय आऩ रोग ऩजम फाऩजी क दशगन कय र तो आऩको सही जीवन जीन की कॊ जी मभर जामगी | गाॉव वारो न भयी फात भान री औय दस रवमकतकत भय गाॉव ताजऩय आम | भन एक साधक को उनक साथ जनभाषटभी भहोतसव भ सयत बजा | ऩजम फाऩजी की उन ऩय कऩा फयसी औय सफको गरदीा मभर गमी | जफ व रोग अऩन गाॉव ऩहॉि तो सबी गाॉववामसमो को फड़ा कौतहर था कक ऩजम फाऩजी कस ह फाऩजी की रीराएॉ सनकय गाॉव क अनम रोगो भ बी ऩजम फाऩजी क परनत शरदधा जगी | उन दीकषत साधको न सबी गाॉववारो को सववधानसाय ऩजम फाऩजी क अरग-अरग आशरभो भ
बजकय दीा टदरवा दी | गाॉव क सबी रवमकतकत अऩन ऩय ऩरयवाय सटहत दीकषत हो िक ह | परतमक गरवाय को ऩय गाॉव भ एक सभम बोजन फनता ह | सबी रोग गरवाय का वरत यखत ह | कौशरऩय गाॉव क परबाव स आस-ऩास क गाॉववार एवॊ उनक रयशतदायो सटहत १००० रवमकतकतमो शयाफ छोड़कय दीा र री ह | गाॉव क इनतहास भ तीन-तीन ऩीढ़ी स कोई भॊटदय नहीॊ था | गाॉववारो न ५ राख रऩम रगाकय दो भॊटदय फनवाम ह | ऩया गाॉव रवमवसनभकत एवॊ बगवतबकत फन गमा ह मह ऩजम फाऩजी की कऩा नहीॊ तो औय कमा ह सफक तायणहाय ऩजम फाऩजी क शरीियणो भ कोटट-कोटट परणाभ
-शमाभ परजाऩनत (सऩयवाइजय नतरहन सॊघ) ताजऩय उजजन (भपर)
नतरबफ ॊद का िभतकाय
भया सौबागम ह कक भझ सॊतकऩा नतरबफॊद (आई डरॉपस) का िभतकाय दखन को मभरा |
एक सॊत फाफा मशवयाभदास उमर ८० वषग गीता कटटय तऩोवन झाड़ी सिसयोवय हरयदवाय भ यहत ह | उनकी दाटहनी आॉख क सपद भोनतम का ऑऩयशन शाॉनतकॊ ज हरयदवाय आमोजजत कमऩ भ हआ | कस बफगड़ गमा औय कार भोनतमा फन गमा | ददग यहन रगा औय योशनी घटन रगी | दोफाया बभाननद नतर चिककतसारम भ ऑऩयशन हआ | एबसपमट गरकोभा फतात हए कहा कक ऑऩयशन स मसयददग ठीक हो जामगा ऩय योशनी जाती यहगी | ऩयॊत अफ व फाफा सॊत शरी आसायाभजी आशरभ दवाय ननमभगत सॊतकऩा नतरबफॊद सफह-शाभ डार यह ह | भन उनक नतरो का ऩयीण ककमा | उनकी दाटहनी आॉख भ उॉगरी चगनन रामक योशनी वाऩस आ गमी ह | कार भोनतम का परशय नॉभगर ह | कोननगमा भ सजन नहीॊ ह | व कापी सॊतषट ह | व फतात ह आॉख ऩहर रार यहती थी ऩयॊत अफ नहीॊ ह | आशरभ क नतरबफॊद स कपऩनातीत राब हआ | फामीॊ आॉख भ बी उनह सपद भोनतमा फतामा गमा था औय सॊशम था कक शामद कारा भोनतमा बी ह | ऩय आज फामीॊ आॉख बी ठीक ह औय दोनो आॉखो का परशय बी नॉभगर ह | सपद भोनतमा नहीॊ ह औय योशनी कापी अचछी ह |
मह सॊतकऩा नतरफॊद का ववरण परबाव दखकय भ बी अऩन भयीजो को इसका उऩमोग कयन की सराह दॉगा |
-डॉ अननत कभाय अगरवार (नतरयोग ववशषऻ)
एभफीफीएस एभएस (नतर) डीओएभएस (आई) सीताऩय सहायनऩय (उपर)
ऩजमशरी की तसवीय स मभरी परयणा
सवगसभथग ऩयभ ऩजम शरी फाऩजी क ियणकभरो भ भया कोटट-कोटट नभन १९८४ क बकॊ ऩ स समऩणग उततय बफहाय भ कापी नकसान हआ था जजसकी िऩट भ हभाया घय बी था | ऩरयजसथनतवश भझ नौवी का भ ऩढ़ामी छोड़ दनी ऩड़ी | ककसी मभतर की सराह स भ नौकयी ढॉढ़न क मरए टदपरी गमा रककन वहाॉ बी ननयाशा ही हाथ रगी | भ दो टदन स बखा तो था ही ऊऩय स नौकयी की चिॊता | अत आतभहतमा का वविाय कयक यरव सटशन की ओय िर ऩड़ा | यानीफाग फाजाय भ एक दकान ऩय ऩजमशरी का सतसाटहतम
कसट आटद यखा हआ था एवॊ ऩजमशरी की फड़ आकाय की तसवीय बी टॉगी थी | ऩजमशरी की हॉसभख एवॊ आशीवागद की भरावारी उस तसवीय ऩय भयी नजय ऩड़ी तो १० मभनट तक भ वहीॊ सड़क ऩय स ही खड़-खड़ उस दखता यहा | उस वकत न जान भझ कमा मभर गमा भ काभ बर भजदयी का ही कयता हॉ रककन तफस रकय आज तक भय चितत भ फड़ी परसननता फनी हई ह | न जान भयी जजनदगी की कमा दशा होती अगय ऩजम फाऩजी की मवाधन सया ईशवय की ओय ननजशचनत जीवन ऩसतक औय कवष परसाद ऩबतरका हाथ न रगती ऩजमशरी की तसवीय स मभरी परयणा एवॊ उनक सतसाटहतम न भयी डफती नमा को भानो भझदाय स फिा मरमा | धनबागी ह साटहतम की सवा कयन वार जजनहोन भझ आतभहतमा क ऩाऩ स फिामा |
-भहश शाह
नायामणऩय दभया जज सीताभढ़ी (बफहाय)
भॊतर स राब
भयी भाॉ की हारत अिानक ऩागर जसी हो गमी थी भानो कोई बत-परत-डाककनी मा आसयी ततव उनभ घस गमा | भ फहत चिॊनतत हो गमा एवॊ एक साचधका फहन को पोन ककमा | उनहोन बत-परत बगान का भॊतर फतामा जजसका वणगन आशरभ स परकामशत आयोगमननचध ऩसतक भ बी ह | वह भॊतर इस परकाय ह
ॐ नभो बगवत रर बयवाम बतपरत म कर कर हॊ पट सवाहा |
इस भॊतर का ऩानी भ ननहायकय १०८ फाय जऩ ककमा औय वही ऩानी भाॉ को वऩरा टदमा |
तयॊत ही भाॉ शाॊनत स सो गमीॊ | दसय टदन बी इस भॊतर की ऩाॉि भारा कयक भाॉ को वह जर वऩरामा तो भाॉ बफपकर ठीक हो गमीॊ | ह भय साधक बाई-फहनो बत-परत बगान क
मरए अरा फाॉधॉ फरा फाॉधॉ ऐसा कयक झाड़-फ़ॉ क कयनवारो क िककय भ ऩड़न की जरयत नहीॊ ह | इसक मरए तो ऩजम फाऩजी का भॊतर ही तायणहाय ह | ऩजम फाऩजी क शरीियणो भ कोटट-कोटट परणाभ
-िॊऩकबाई एन ऩटर (अभरयका)
काभ करोध ऩय ववजम ऩामी
एक टदन भॊफई भर भ टटकट िककॊ ग कयत हए भ वातानकमरत फोगी भ ऩहॉिा | दखा तो भखभर की गददी ऩय टाट का आसन बफछाकय सवाभी शरी रीराशाहजी भहायाज सभाचधसथ ह | भझ आशचमग हआ कक जजन परथभ शरणी की वातानकमरत फोचगमो भ याजा-भहायाजा मातरा कयत ह ऐसी फोगी औय तीसयी शरणी की फोगी क फीि इन सॊत को कोई बद नहीॊ रगता | ऐसी फोचगमो भ बी व सभाचधसथ होत ह मह दखकय मसय झक जाता ह | भन ऩजम भहायाजशरी को परणाभ कयक कहा आऩ जस सॊतो क मरए तो सफ एक सभान ह |
हय हार भ एकयस यहकय आऩ भकतकत का आनॊद र सकत ह | रककन हभाय जस गरहसथो को कमा कयना िाटहए ताकक हभ बी आऩ जसी सभता फनाम यखकय जीवन जी सक
ऩजम भहायाजजी न कहा काभ औय करोध को त छोड़ द तो त बी जीवनभकत हो सकता ह | जहाॉ याभ तहॉ नहीॊ काभ जहाॉ काभ तहॉ नहीॊ याभ | औय करोध तो बाई बसभासय ह | वह तभाभ ऩणम को जराकय बसभ कय दता ह अॊतकयण को भमरन कय दता ह | भन कहा परब अगय आऩकी कऩा होगी तो भ काभ-करोध को छोड़ ऩाऊॉ गा | ऩजम भहायाजजी न कहा बाई कऩा ऐस थोड़ ही की जाती ह सॊतकऩा क साथ तया ऩरषाथग औय दढ़ता बी िाटहए | ऩहर त परनतऻा कय कक त जीवनऩमगनत काभ औय करोध स दय यहगा तो भ तझ आशीवागद दॉ | भन कहा भहायाजजी भ जीवनबय क मरए परनतऻा तो करॉ रककन उसका ऩारन न कय ऩाऊॉ तो झठा भाना जाऊॉ गा | ऩजम भहायाजजी न कहा अचछा ऩहर त भय सभ आठ टदन क मरए परनतऻा कय | कपय परनतऻा को एक-एक टदन फढ़त जाना | इस परकाय त उन फराओॊ स फि सकगा | ह कफर भन हाथ जोड़कय कफर ककमा | ऩजम भहायाजजी न आशीवागद दकय दो-िाय पर परसाद भ टदम | ऩजम भहायाजजी न भयी जो दो कभजोरयमाॉ थीॊ उन ऩय ही सीधा हभरा ककमा था | भझ आशचमग हआ कक अनम कोई बी दगगण छोड़न का न कहकय इन दो दगगणो क मरए ही उनहोन परनतऻा कमो कयवामी फाद भ भ इस याज स अवगत हआ |
दसय टदन भ ऩसनजय टरन भ कानऩय स आग जा यहा था | सफह क कयीफ नौ फज थ |
तीसयी शरणी की फोगी भ जाकय भन माबतरमो क टटकट जाॉिन का कामग शर ककमा | सफस
ऩहर फथग ऩय सोम हए एक मातरी क ऩास जाकय भन एक मातरी क ऩास जाकय भन टटकट टदखान को कहा तो वह गससा होकय भझ कहन रगा अॊधा ह दखता नहीॊ कक भ सो गमा हॉ भझ नीॊद स जगान का तझ कमा अचधकाय ह मह कोई यीत ह टटकट क फाय भ ऩछन की ऐसी ही अकर ह तयी ऐसा कछ-का-कछ वह फोरता ही गमा फोरता ही गमा | भ बी करोधाववषट होन रगा ककॊ त ऩजम भहायाजजी क सभ री हई परनतऻा भझ माद थी अत करोध को ऐस ऩी गमा भानो ववष की ऩकतड़मा भन उस कहा भहाशम आऩ ठीक ही कहत ह कक भझ फोरन की अकर नहीॊ ह बान नहीॊ ह | दखो भय म फार धऩ भ सपद हो गम ह | आऩभ फोरन की अकर अचधक ह नमरता ह तो कऩा कयक मसखाओॊ कक टटकट क मरए भझ ककस परकाय आऩस ऩछना िाटहए | भ रािाय हॉ कक डमटी क कायण भझ टटकट िक कयना ऩड़ यहा ह इसमरए भ आऩको कषट द यहा हॉ|
औय कफ़य भन खफ परभ स हाथ जोड़कय ववनती की बमा कऩा कयक कषट क मरए भझ भा कयो | भझ अऩना टटकट टदखामग भयी नमरता दखकय वह रजजजत हो गमा एवॊ तयॊत उठ फठा | जपदी-जपदी नीि उतयकय भझस भा भाॉगत हए कहन रगा भझ भाप कयना | भ नीॊद भ था | भन आऩको ऩहिाना नहीॊ था | अफ आऩ अऩन भॉह स भझ कह कक आऩन भझ भाफ़ ककमा मह दखकय भझ आनॊद औय सॊतोष हआ | भ सोिन रगा कक सॊतो की आऻा भानन भ ककतनी शकतकत औय टहत ननटहत ह सॊतो की करणा कसा िभतकारयक ऩरयणाभ राती ह वह रवमकतकत क पराकनतक सवबाव को बी जड़-भर स फदर सकती ह | अनमथा भझभ करोध को ननमॊतरण भ यखन की कोई शकतकत नहीॊ थी | भ ऩणगतमा असहाम था कपय बी भझ भहायाजजी की कऩा न ही सभथग फनामा | ऐस सॊतो क शरीियणो भ कोटट-कोटट नभसकाय
-शरी यीजभर
रयटामडग टीटी आई कानऩय
अनम अनबव
जरा हआ कागज
ऩवग रऩ भ एक फाय ऩयभहॊस ववशदधानॊदजी स आनॊदभमी भाॉ की ननकटता ऩानवार सपरमसदध ऩॊकतडत गोऩीनाथ कववयाज न ननवदन ककमा तयणीकानत ठाकय को अरौककक मसवदध पराि हई ह | व बफना दख मा बफना छए ही कागज भ मरखी हई फात ऩढ़ रत ह |
गरदव फोर तभ एक कागज ऩय कछ मरखो औय उसभ आग रगाकय जरा दो |
कववयाजजी न कागज ऩय कछ मरखा औय ऩयी तयह कागज जराकय हवा भ उड़ा टदमा |
उसक फाद गरदव न अऩन तककम क नीि स वही कागज ननकारकय कववयाजजी क आग यख टदमा | मह दखकय उनह फड़ा आशचमग हआ कक मह कागज वही था एवॊ जो उनहोन मरखा था वह बी उस ऩय उनहीॊ क सरख भ मरखा था औय साथ ही उसका उततय बी मरखा हआ दखा | जड़ता ऩशता औय ईशवयता का भर हभाया शयीय ह | जड़ शयीय को भ-भया भानन की ववतत जजतनी मभटती ह ऩाशवी वासनाओॊ की गराभी उतनी हटती ह औय हभाया ईशवयीम अॊश जजतना अचधक ववकमसत होता ह उतना ही मोग-साभमग ईशवयीम साभमग परकट होता ह | बायत क ऐस कई बकतो सॊतो औय मोचगमो क जीवन भ ईशवयीम साभमग दखा गमा ह अनबव ककमा गमा ह उसक ववषम भ सना गमा ह | धनम ह बायतबमभ भ यहनवार बायतीम सॊसकनत भ शरदधा-ववशवास यखनवार अऩन ईशवयीम अॊश को जगान की सवा-साधना कयनवार सवाभी ववशदधानॊदजी वषो की एकाॊत साधना औय वषो-वषो की गरसवा स अऩना दहाधमास औय ऩाशवी वासनाएॉ मभटाकय अऩन ईशवयीम
अॊश को ववकमसत कयनवार बायत क अनक भहाऩरषो भ स थ | उनक जीवन की औय बी अरौककक घटनाओॊ का वणगन आता ह | ऐस सतऩरषो क जीवन-िरयतर औय उनक जीवन भ घटटत घटनाएॉ ऩढ़न-सनन स हभ रोग बी अऩनी जड़ता एवॊ ऩशता स ऊऩय उठकय ईशवयीम अॊश को उबायन भ उतसाटहत होत ह | फहत ऊॉ िा काभ ह फड़ी शरदधा फड़ी सभझ फड़ा धमग िाटहए ईशवयीम साभमग को ऩणग रऩ स ववकमसत कयन भ | अफ आओ
िर आदय शॊकयािामग की ओय
नदी की धाया भड़ गमी
आदय शॊकयािामग की भाता ववमशषटा दवी अऩन करदवता कशव की ऩजा कयन जाती थीॊ | व ऩहर नदी भ सनान कयतीॊ औय कफ़य भॊटदय भ जाकय ऩजन कयतीॊ | एक टदन व परातकार ही ऩजन-साभगरी रकय भॊटदय की ओय गमीॊ ककॊ त सामॊकार तक घय नहीॊ रौटीॊ | शॊकयािामग की आम अबी सात-आठ वषग क भधम भ ही थी | व ईशवय क ऩयभ बकत औय ननषठावान थ | सामॊकार तक भाता क वाऩस न रौटन ऩय आिामग को फड़ी चिनता हई औय व उनह खोजन क मरए ननकर ऩड़ | भॊटदय क ननकट ऩहॉिकय उनहोन भाता को भागग भ ही भजचछगत ऩड़ दखा | उनहोन फहत दय तक भाता का उऩिाय ककमा तफ व होश भ आ सकीॊ |
नदी अचधक दय थी | वहाॉ तक ऩहॉिन भ भाता को फड़ा कषट होता था | आिामग न बगवान स भन-ही-भन पराथगना की कक परबो ककसी परकाय नदी की धाया को भोड़ दो जजसस कक
भाता ननकट ही सनान कय सक | व इस परकाय की पराथगना ननतम कयन रग | एक टदन उनहोन दखा कक नदी की धाया ककनाय की धयती को काटती-काटती भड़न रगी ह तथा कछ टदनो भ ही वह आिामग शॊकय क घय क ऩास फहन रगी | इस घटना न आिामग का अरौककक शकतकतसमऩनन होना परमसदध कय टदमा |
सकषभ शयीय स िोय का ऩीछा ककमा
हरयहय फाफा की फड़ी परमसवदध थी | एक फाय व हयऩारऩय सटशन ऩय थ | वहाॉ क सटशन भासटय न उनको एक िोय सऩदग ककमा | िोय न फाफा स कहा भहायाज भझ इतनी छटटी द दीजजम कक भ अऩन फार-फचिो का परफॊध कय आऊॉ | फाफा गाड़ी आन ऩय रौट आना | िोय िरा गमा | सटशन भासटय को ऩता िरा तो वह फाफा ऩय गभग हआ औय फोरा उसक फदर तमह जर की हवा खानी होगी | तभन जान-फझकय उस बगा टदमा ह | फाफा घफयाओ भत गाड़ी आन स ऩहर ही वह रौट आमगा | िोय की नीमत ठीक नहीॊ थी | वह जॊगर क भागग स अऻात सथान को बाग जाना िाहता था ककॊ त उस हय सभम मही परतीत होता यहा कक हरयहय फाफा डॊडा पटकायत हए उसक ऩीछ-ऩीछ िर आ यह ह | इसीमरए वह गाड़ी आन स ऩहर ही रौट आमा |
भॊगरी फाधा-ननवायण भॊतर
अॊ याॊ अॊ
इस भॊतर को १०८ फाय जऩन स करोध दय होता ह | जनभकनडरी भ भॊगरी मोग होन स जजनक वववाह न हो यह हो व २७ भॊगरवाय इस भॊतर का १०८ फाय जऩ कयत हए वरत यखकय हनभानजी ऩय मसॊदय का िोरा िढ़ाम | इसस भॊगर-फाधा का म होता ह |
सखऩवगक परसवकायक भॊतर
ऩहरा उऩाम
एॊ हीॊ बगवनत बगभामरनन िर िर भराभम भराभम ऩषऩॊ ववकासम ववकासम सवाहा |
इस भॊतर दवाया अमबभॊबतरत दध गमबगणी सतरी को वऩराम तो सखऩवगक परसव होगा |
दसया उऩाम
गमबगणी सतरी सवमॊ परसव क सभम जमबरा-जमबरा जऩ कय |
तीसया उऩाम
दशी गाम क गोफय का १२ स १५ मभरी यस ॐ नभो नायामणाम भॊतर का २१ फाय जऩ कयक ऩीन स बी परसव-फाधाएॉ दय होगी औय बफना ऑऩयशन क परसव होगा |
परसनत क सभम अभॊगर की आशॊका हो तो ननमन भॊतर का जऩ कय
सवगभॊगर भाॊगपम मशव सवागथग साचधक |
शयणम तरममफक गौयी नायामणी नभोSसतत ||
(दगागसिशती)
शकतकतशारी व गोय ऩतर की परानि क मरए
सगबागवसथा भ ढाक (ऩराश खाखया) का एक कोभर ऩतता घोटकय गौ-दगध क साथ योज सवन कयन स फारक शकतकतशारी औय गोया होता ह | भाता-वऩता बर कार-करट हो कपय बी फारक गोया होगा |
सदगर-भटहभा
गर बफन बव ननचध तय न कोई |
जौ फयॊचि सॊकय सभ होई ||
-सॊत तरसीदासजी
हरयहय आटदक जगत भ ऩजमदव जो कोम |
सदगर की ऩजा ककम सफकी ऩजा होम ||
-ननशचरदासजी भहायाज
सहजो कायज सॊसाय को गर बफन होत नाॉही |
हरय तो गर बफन कमा मभर सभझ र भन भाॉही ||
-सॊत कफीयजी सॊत
सयनन जो जन ऩय सो जन उधयनहाय | सॊत की ननॊदा नानका फहरय फहरय अवताय ||
-गर नानक दवजी
गरसवा सफ बागमो की जनभबमभ ह औय वह शोकाकर रोगो को बरहमभम कय दती ह |
गररऩी समग अववदयारऩी याबतर का नाश कयता ह औय ऻानाऻान रऩी मसतायो का रोऩ कयक फवदधभानो को आतभफोध का सटदन टदखाता ह |
-सॊत ऻानशवय भहायाज
सतम क कॊ टकभम भागग भ आऩको गर क मसवाम औय कोई भागगदशगन नहीॊ द सकता |
- सवाभी मशवानॊद सयसवती
ककतन ही याजा-भहायाजा हो गम औय होग सामजम भकतकत कोई नहीॊ द सकता | सचि याजा-भहायाज तो सॊत ही ह | जो उनकी शयण जाता ह वही सचिा सख औय सामजम भकतकत ऩाता ह |
-सभथग शरी याभदास सवाभी
भनषम िाह ककतना बी जऩ-तऩ कय मभ-ननमभो का ऩारन कय ऩयॊत जफ तक सदगर की कऩादवषट नहीॊ मभरती तफ तक सफ रवमथग ह |
-सवाभी याभतीथग
परटो कहत ह कक सकयात जस गर ऩाकय भ धनम हआ |
इभसगन न अऩन गर थोयो स जो पराि ककमा उसक भटहभागान भ व बावववबोय हो जात थ |
शरी याभकषण ऩयभहॊस ऩणगता का अनबव कयानवार अऩन सदगरदव की परशॊसा कयत नहीॊ अघात थ |
ऩजमऩाद सवाभी शरी रीराशाहजी भहायाज बी अऩन सदगरदव की माद भ सनह क आॉस
फहाकय गदगद कॊ ठ हो जात थ |
ऩजम फाऩजी बी अऩन सदगरदव की माद भ कस हो जात ह मह तो दखत ही फनता ह |
अफ हभ उनकी माद भ कस होत ह मह परशन ह | फटहभगख ननगय रोग कछ बी कह साधक को अऩन सदगर स कमा मभरता ह इस तो साधक ही जानत ह |
रडी भाटटगन क सहाग की या कयन अपगाननसतान भ परकट मशवजी
साध सॊग सॊसाय भ दरगब भनषम शयीय |
सतसॊग सववत ततव ह बतरववध ताऩ की ऩीय ||
भानव-दह मभरना दरगब ह औय मभर बी जाम तो आचधदववक आचधबौनतक औय आधमाजतभक म तीन ताऩ भनषम को तऩात यहत ह | ककॊ त भनषम-दह भ बी ऩववतरता हो सचिाई हो शदधता हो औय साध-सॊग मभर जाम तो म बतरववध ताऩ मभट जात ह |
सन १८७९ की फात ह | बायत भ बबरटटश शासन था उनहीॊ टदनो अॊगरजो न अपगाननसतान ऩय आकरभण कय टदमा | इस मदध का सॊिारन आगय भारवा बबरटटश छावनी क रजफ़टनट कनगर भाटटगन को सौऩा गमा था | कनगर भाटटगन सभम-सभम ऩय मदध-तर स अऩनी ऩतनी को कशरता क सभािाय बजता यहता था | मदध रॊफा िरा औय अफ तो सॊदश आन बी फॊद हो गम | रडी भाटटगन को चिॊता सतान रगी कक कहीॊ कछ अनथग न हो गमा हो अपगानी सननको न भय ऩनत को भाय न डारा हो | कदाचित ऩनत मदध भ शहीद हो गम तो भ जीकय कमा करॉ गी -मह सोिकय वह अनक शॊका-कशॊकाओॊ स नघयी यहती थी |
चिनतातय फनी वह एक टदन घोड़ ऩय फठकय घभन जा यही थी | भागग भ ककसी भॊटदय स आती हई शॊख व भॊतर धवनन न उस आकवषगत ककमा | वह एक ऩड़ स अऩना घोड़ा फाॉधकय भॊटदय भ गमी | फजनाथ भहादव क इस भॊटदय भ मशवऩजन भ ननभगन ऩॊकतडतो स उसन ऩछा आऩ रोग कमा कय यह ह एक वरदध बराहमण न कहा हभ बगवान मशव का ऩजन कय यह ह | रडी भाटटगन मशवऩजन की कमा भहतता ह बराहमण फटी बगवान मशव तो औढयदानी ह बोरनाथ ह | अऩन बकतो क सॊकट-ननवायण कयन भ व तननक बी दय नहीॊ कयत ह | बकत उनक दयफाय भ जो बी भनोकाभना रकय क आता ह उस व शीघर ऩयी कयत ह ककॊ त फटी तभ फहत चिजनतत औय उदास नजय आ यही हो कमा फात ह रडी भाटटगन भय ऩनतदव मदध भ गम ह औय ववगत कई टदनो स उनका कोई
सभािाय नहीॊ आमा ह | व मदध भ पॉ स गम ह मा भाय गम ह कछ ऩता नहीॊ िर यहा | भ उनकी ओय स फहत चिजनतत हॉ | इतना कहत हए रडी भाटटगन की आॉख नभ हो गमीॊ |
बराहमण तभ चिनता भत कयो फटी मशवजी का ऩजन कयो उनस पराथगना कयो रघररी कयवाओ | बगवान मशव तमहाय ऩनत का यण अवशम कयग |
ऩॊकतडतो की सराह ऩय उसन वहाॉ गमायह टदन का ॐ नभ मशवाम भॊतर स रघररी अनषठान परायॊब ककमा तथा परनतटदन बगवान मशव स अऩन ऩनत की या क मरए पराथगना कयन रगी कक ह बगवान मशव ह फजनाथ भहादव मटद भय ऩनत मदध स सकशर रौट आम तो भ आऩका मशखयफॊद भॊटदय फनवाऊॉ गी | रघररी की ऩणागहनत क टदन बागता हआ एक सॊदशवाहक मशवभॊटदय भ आमा औय रडी भाटटगन को एक मरपापा टदमा | उसन घफयात-घफयात वह मरपापा खोरा औय ऩढ़न रगी |
ऩतर भ उसक ऩनत न मरखा था हभ मदध भ यत थ औय तभ तक सॊदश बी बजत यह रककन आक ऩठानी सना न घय मरमा | बबरटटश सना कट भयती औय भ बी भय जाता |
ऐसी ववकट ऩरयजसथनत भ हभ नघय गम थ कक पराण फिाकय बागना बी अतमाचधक कटठन था | इतन भ भन दखा कक मदधबमभ भ बायत क कोई एक मोगी जजनकी फड़ी रमफी जटाएॉ ह हाथ भ तीन नोकवारा एक हचथमाय (बतरशर) इतनी तीवर गनत स घभ यहा था कक ऩठान सननक उनह दखकय बागन रग | उनकी कऩा स घय स हभ ननकरकय ऩठानो ऩय वाय कयन का भौका मभर गमा औय हभायी हाय की घकतड़माॉ अिानक जीत भ फदर गमीॊ | मह सफ बायत क उन फाघामफयधायी एवॊ तीन नोकवारा हचथमाय धायण ककम हए
(बतरशरधायी) मोगी क कायण ही समबव हआ | उनक भहातजसवी रवमकतकततव क परबाव स दखत-ही-दखत अपगाननसतान की ऩठानी सना बाग खड़ी हई औय व ऩयभ मोगी भझ
टहमभत दत हए कहन रग | घफयाओॊ नहीॊ | भ बगवान मशव हॉ तथा तमहायी ऩतनी की ऩजा स परसनन होकय तमहायी या कयन आमा हॉ उसक सहाग की या कयन आमा हॉ |
ऩतर ऩढ़त हए रडी भाटटगन की आॉखो स अववयत अशरधाया फहती जा यही थी उसका रदम अहोबाव स बय गमा औय वह बगवान मशव की परनतभा क समभख मसय यखकय पराथगना कयत-कयत यो ऩड़ी | कछ सिाह फाद उसका ऩनत कनगर भाटटगन आगय छावनी रौटा | ऩतनी न उस सायी फात सनात हए कहा आऩक सॊदश क अबाव भ भ चिजनतत हो उठी थी रककन बराहमणो की सराह स मशवऩजा भ रग गमी औय आऩकी या क मरए बगवान मशव स पराथगना कयन रगी | उन द खबॊजक भहादव न भयी पराथगना सनी औय आऩको सकशर रौटा टदमा | अफ तो ऩनत-ऩतनी दोनो ही ननममभत रऩ स फजनाथ भहादव क भॊटदय भ ऩजा-अिगना कयन रग | अऩनी ऩतनी की इचछा ऩय कनगर भाटटगन भ सन १८८३
भ ऩॊरह हजाय रऩम दकय फजनाथ भहादव भॊटदय का जीणोदवाय कयवामा जजसका मशरारख आज बी आगय भारवा क इस भॊटदय भ रगा ह | ऩय बायतबय भ अॊगरजो दवाय ननमभगत मह एकभातर टहनद भॊटदय ह |
मयोऩ जान स ऩवग रडी भाटटगन न ऩकतड़तो स कहा हभ अऩन घय भ बी बगवान मशव का भॊटदय फनामग तथा इन द ख-ननवायक दव की आजीवन ऩजा कयत यहग |
बगवान मशव भ बगवान कषण भ भाॉ अमफा भ आतभवतता सदगर भ सतता तो एक ही ह | आवशमकता ह अटर ववशवास की | एकररवम न गरभनत ग भ ववशवास कय वह पराि कय मरमा जो अजगन को कटठन रगा | आरणण उऩभनम रव परहराद आटद अनम सकड़ो उदायहण हभाय साभन परतम ह | आज बी इस परकाय का सहमोग हजायो बकतो को साधको को बगवान व आतभवतता सदगरओॊ क दवाया ननयनतय पराि होता यहता ह | आवशमकता ह तो फस कवर ववशवास की |
भहाभतमॊजम भॊतर
ॐ हौ जॉ स |
ॐ बबगव सव |
ॐ तरममफकॊ मजाभह सगॊचध ॊ ऩवषटवधगनभ |
उवागरकमभव फनधनानभतमोभगीम भाभतात |
सव भव ब ॐ |
स जॉ हौ ॐ |
बगवान मशव का मह भहाभतमॊजम जऩन स अकार भतम तो टरती ही ह आयोगमता की बी परानि होती ह | सनान कयत सभम शयीय ऩय रोट स ऩानी डारत वकत इस भॊतर का जऩ कयन स सवासम-राब होता ह | दध भ ननहायत हए इस भॊतर का जाऩ ककमा जाम औय कपय वह दध ऩी मरमा जम तो मौवन की सया भ बी सहामता मभरती ह | आजकर की तज यफ़तायवारी जजनदगी भ कहाॉ आतॊक उऩरव दघगटना हो जाम कहना भजशकर ह | घय स ननकरत सभम एक फाय मह भॊतर जऩनवारा इन उऩदरवो स सयकषत यहता ह औय सयकषत घय रौटता ह | (इस भॊतरानषठान क ववचध-ववधान की ववसतत जानकायी क मरए आशरभ दवाया परकामशत आयोगमननचध ऩसतक ऩढ़ |) शरीभदबागवत क आठव सकॊ ध भ तीसय अधमाम क शलोक १ स ३३ तक भ वणणगत गजनरभो सतोतर का ऩाठ कयन स तभाभ
ववधन दय होत ह |
भन फड़ फादशाह क साभन बी पराथगना की जफ भ असऩतार ऩहॉिॉ तो भयी ऩतनी की परसती सकशर हो जाम | उसक फाद जफ भ असऩतार ऩहॉिा तो भयी ऩतनी एक ऩतर औय एक ऩतरी को जनभ द िकी थी | ऩजमशरी क दवाया टदम गम पर स भझ एक की जगह दो सॊतानो की परानि हई |
-भकशबाई सोरॊकी शायदा भॊटदय सकर क ऩीछ
फावन िार वड़ोदया
साइककर स गरधाभ जान ऩय खयाफ टाॉग ठीक हो गमी
भयी फाॉमी टाॉग घटन स उऩय ऩतरी हो गमी थी | ऑर इणणडमा भकतडकर इनसटीटमट
टदपरी भ भ छ टदन तक यहा | वहाॉ जाॉि क फाद फतरामा गमा कक तमहायी यीढ़ की हडडी क ऩास कछ नस भय गमी ह जजसस मह टाॉग ऩतरी हो गमी ह | मह ठीक तो हो ही नहीॊ सकती | हभ तमह ववटामभन ई क कपसर द यह ह | तभ इनह खात यहना | इसस टाॊग औय जमादा ऩतरी नहीॊ होगी | भन एक सार तक कपसर खाम | उसक फाद २२ जन
१९९७ को भजफ़फ़यनगय भ भन गरजी स भॊतरदीा री औय दवाई खाना फॊद कय दी | जफ एक साधक बाई याहर गिा न कहा कक सहायनऩय स साइककर दवाया उततयामण मशववय अभदावाद जान का कामगकरभ फन यहा ह तफ भन टाॉग क फाय भ सोि बफना साइककर मातरा भ बाग रन क मरए अऩनी सहभनत द दी | जफ भय घय ऩय ऩता िरा कक भन साइककर स गरधाभ अभदावाद जान का वविाय फनामा ह अत तभ ११५० ककभी तक साइककर नहीॊ िरा ऩाओग | रककन भन कहा भ साइककर स ही गरधाभ जाऊॉ गा िाह ककतनी बी दयी कमो न हो औय हभ आठ साधक बाई सहायनऩय स २६ टदसमफय ९७ को साइककरो स यवाना हए | भागग भ िढ़ाई ऩय भझ जफ बी कोइ टदककत होती तो ऐसा रगता जस भयी साइककर को कोई ऩीछ स धकर यहा ह | भ भड़कय ऩीछ दखता तो कोई टदखामी नहीॊ ऩड़ता | ९ जनवयी को जफ हभ अभदावाद गरआशरभ भ ऩहॉि औय भन सफह अऩनी टाॉग दखी तो भ दॊग यह गम जो टाॉग ऩतरी हो गमी थी औय डॉकटयो न उस ठीक होन स भना कय टदमा था वह टाॉग बफपकर ठीक हो गमी थी | इस कऩा को दखकय भ िककत यह गमा भय साथी बी दॊग यह गम मह सफ गरकऩा क परसाद का िभतकाय था | भय आठो साथी भयी ऩतनी तथा ऑर इणणडमा भकतडकर इनसटीटमट टदपरी दवाया जाॉि क परभाणऩतर इस फात क साी ह |
-ननयॊकाय अगरवार
ववषणऩयी
अदबत यही भौनभॊटदय की साधना
ऩयभ ऩजम सदगरदव की कऩा स भझ टदनाॊक १८ स २४ भई १९९९ तक अभदावाद आशरभ क भौनभॊटदय भ साधना कयन का सअवसय मभरा | भौनभॊटदय भ साधना क ऩाॉिव टदन मानी २२ भई की याबतर को रगबग २ फज नीॊद भ ही भझ एक झटका रगा | रट यहन कक जसथनत भ ही भझ भहसस हआ कक कोई अदशम शकतकत भझ ऊऩय फहत ऊऩय उड़म र जा यही ह | ऊऩय उड़त हए जफ भन नीि झाॉककय दखा तो अऩन शयीय को उसी भौनभॊटदय भ चितत रटा हआ फखफय सोता हआ ऩामा | ऊऩय जहाॉ भझ र जामा गमा वहाॉ अरग ही छटा थी अजीफ औय अवणीम आकाश को बी बदकय भझ ऐस सथान ऩय ऩहॉिामा गमा था जहाॉ िायो तयप कोहया-ही-कोहया था जस शीश की छत ऩय ओस परी हो इतन भ दखता हॉ कक एक सबा रगी ह बफना शयीय की कवर आकनतमो की | जस यखाओॊ स भनषमरऩी आकनतमाॉ फनी हो | मह सफ कमा िर यहा था सभझ स ऩय था |
कछ ऩर क फाद व आकनतमाॉ सऩषट होन रगी | दवी-दवताओॊ क ऩॊज क भधम शीषग भ एक उचि आसन ऩय साात फाऩजी शॊकय बगवान फन हए करास ऩवगत ऩय ववयाजभान थ औय दवी-दवता कताय भ हाथ फाॉध खड़ थ | भ भक-सा होकय अऩरक नतरो स उनह दखता ही यहा कपय भॊतरभगध हो उनक ियणो भ चगय ऩड़ा | परात क ४ फज थ | अहा भन औय शयीय हपका-फ़पका रग यहा था मही जसथनत २४ भई की भधमयाबतर भ बी दोहयामी गमी | दसय टदन सफह ऩता िरा कक आज तो फाहय ननकरन का टदन ह मानी यवववाय २५ भई की सफह | फाहय ननकरन ऩय बावबया रदम गदगद कॊ ठ औय आखो भ आॉस मो रग यहा था कक जस ननजधाभ स फघय ककमा जा यहा हॉ | धनम ह वह बमभ
भौनभॊटदय भ साधना की वह रवमवसथा जहाॊ स ऩयभ आनॊद क सागय भ डफन की कॊ जी मभरती ह जी कयता ह बगवान ऐसा अवसय कपय स राम जजसस कक उसी भौनभॊटदय भ ऩन आॊतरयक आनॊद का यसऩान कय ऩाऊॉ |
-इनरनायामण शाह
१०३ यतनदीऩ-२ ननयारा नगय कानऩय
असाधम योग स भकतकत
सन १९९४ भ भयी ऩतरी टहयर को शयद ऩणणगभा क टदन फखाय आमा | डॉकटयो को
टदखामा तो ककसीन भररयमा कहकय दवाइमाॉ दी तो ककसीन टामपामड कहकय इराज शर ककमा तो ककसीन टामपामड औय भररयमा दोनो कहा | दवाई की एक खयाक रन स शयीय नीरा ऩड़ गमा औय सज गमा | शयीय भ खन की कभी स उस छ फोतर खन िढ़ामा गमा | इॊजन दन स ऩय शयीय को रकवा भाय गमा | ऩीठ क ऩीछ शमावरण जसा हो गमा | ऩीठ औय ऩय का एकस-य मरमा गमा | ऩय ऩय वजन फाॉधकय यखा गमा | डॉकटयो न उस वाम का फखाय तथा यकत का क सय फतामा औय कहा कक उसक रदम तो वापव िौड़ा हो गमा ह | अफ हभ टहमभत हाय गम | अफ ऩजमशरी क मसवाम औय कोई सहाया नहीॊ था | उस सभम टहयर न कहा भमभी भझ ऩजम फाऩ क ऩास र िरो | वहाॉ ठीक हो जाऊगी | ऩाॉि टदन तक टहयर ऩजमशरी की यट रगाती यही | हभ उस अभदावाद आशरभ भ फाऩ क ऩास र गम | फाऩ न कहा इस कछ नहीॊ हआ ह | उनहोन भझ औय टहयर को भॊतर टदमा एवॊ फड़दादा की परदकषणा कयन को कहा | हभन परदकषणा की औय टहयर ऩनरह टदन भ िरन-कफ़यन रगी | हभ फाऩ की इस करणा-कऩा का कण कस िकाम अबी तो हभ आशरभ भ ऩजमशरी क शरीियणो भ सऩरयवाय यहकय धनम हो यह ह |
-परपपर रवमास
बावनगय
वतगभान भ अभदावाद आशरभ भ सऩरयवाय सभवऩगत
ऩजम फाऩ का दशगन-सतसॊग ही जीवन का सचिा यतन ह
भझ िाय सार स ऩतर कक काभना थी औय भय भन भ हआ कक भयी मह काभना जरय ऩयी होगी | अभदावाद भ धमानमोग मशववय क दौयान ऐसा वविाय आमा कक फाऩ भझ अऩन ियणो भ फरामग | भन भ दढ़ शरदधा थी | इतन रोगो क फीि भ स फाऩ न तजऩणग दवषट भझ ऩय डारी सॊतय का परसाद टदमा औय भया बागम खर गमा | फचि क जनभ स ऩहर डॉकटयो न ऑऩयशन को कहा था रककन फाऩ क फतान क भताबफक भय घयवारो न भझ गाम क गोफय का यस वऩरामा औय शीघर ही फारक का जनभ हो गमा | सचिी शरदधा-बकतकत हो तो कमा असॊबव ह ऩजम फाऩ का दशगन-सतसॊग ही जीवन का सचिा यतन ह |
सचिी शरदधा-बकतकत स ऐसा यतन ऩानवार हभ सबी धनबागी ह |
-यखा ऩयभाय भीया योड़ भॊफई
कसट का िभतकाय
रवमाऩाय उधायी भ िर जान स भ हताश हो गमा था एवॊ अऩनी जजॊदगी स तॊग आकय आतभहतमा कयन की फात सोिन रगा था | भझ साध-भहातभाओॊ व सभाज क रोगो स घणा-सी हो गमी थी धभग व सभाज स भया ववशवास उठ िका था | एक टदन भयी सारी फाऩजी क सतसॊग कक दो कसट ववचध का ववधान एवॊ आणखय कफ तक र आमी औय उसन भझ सनन क मरए कहा | उसक कई परमास क फाद बी भन व कसट नहीॊ सनीॊ एवॊ भन-ही-भन उनह ढ़ोग कहकय कसटो क कतडबफ भ दार टदमा | भन इतना ऩयशान था कक यात को नीॊद आना फॊद हो गमा था | एक यात कफ़पभी गाना सनन का भन हआ | अॉधया होन की वजह स कसट ऩहिान न सका औय गरती स फाऩजी क सतसॊग की कसट हाथ भ आ गमी | भन उसीको सनना शर ककमा | कपय कमा था भयी आशा फॉधन रगी | भन शाॉत होन रगा | धीय-धीय सायी ऩीड़ाएॉ दय होती िरी गमीॊ | भय जीवन भ योशनी-ही-योशनी हो गमी | कपय तो भन ऩजम फाऩजी क सतसॊग की कई कसट सनीॊ औय सफको सनामीॊ |
तदनॊतय भन गाजजमाफाद भ फाऩजी स दीा बी गरहण की | रवमाऩाय की उधायी बी िकता हो गमी | फाऩजी की कऩा स अफ भझ कोई द ख नहीॊ ह | ह गरदव फस एक आऩ ही भय होकय यह औय भ आऩका ही होकय यहॉ |
-ओभपरकाश फजाज
टदपरी योड़ सहायनऩय उततय परदश
भझ ऩय फयसी सॊत की कऩा
सन १९९५ क जन भाह भ भ अऩन रड़क औय बतीज क साथ हरयदवाय धमानमोग मशववय भ बाग रन गमा | एक टदन जफ भ हय की ऩौड़ी ऩय सनान कयन गमा तो ऩानी क तज फहाव क कायण ऩय कपसरन स भया रड़का औय बतीजा दोनो अऩना सॊतरन खो फठ औय गॊगा भ फह गम | ऐसी सॊकट की घड़ी भ भ अऩना होश खो फठा | कमा करॉ भ पट-पटकय योन रगा औय फाऩजी स पराथगना कयन रगा कक ह नाथ ह गरदव या कीजजम भय फचिो को फिा रीजजम | अफ आऩका ही सहाया ह | ऩजमशरी न भय सचि रदम स ननकरी ऩकाय सन री औय उसी सभम भया रड़का भझ टदखामी टदमा | भन झऩटकय उसको फाहय खीॊि मरमा रककन भया बतीजा तो ऩता नहीॊ कहाॉ फह गमा भ ननयॊतय यो यहा था औय भन भ फाय-फाय वविाय उठ यहा था कक फाऩजी भया रड़का फह जाता तो कोई फात नहीॊ थी रककन अऩन बाई की अभानत क बफना भ घय कमा भॉह
रकय जाऊॉ गा फाऩजी आऩही इस बकत की राज फिाओ | तबी गॊगाजी की एक तज रहय उस फचि को बी फाहय छोड़ गमी | भन रऩककय उस ऩकड़ मरमा | आज बी उस हादस को सभयण कयता हॉ तो अऩन-आऩको सॉबार नहीॊ ऩाता हॉ औय भयी आॉखो स ननयॊतय परभ की अशरधाया फहन रगती ह | धनम हआ भ ऐस गरदव को ऩाकय ऐस सदगरदव क शरीियणो भ भय फाय-फाय शत-शत परणाभ
-सभारखाॉ ऩानीऩत हरयमाणा
गरदव की कऩा स सॊतानपरानि
भयी शादी को ऩाॉि सार हो गम थ कपय बी कोई सॊतान नहीॊ हई | रोग हभ फहत तान भायत थ | तबी भन-ही-भन ननणगम र मरमा कक ऩजम फाऩ क आशरभ भ जाना ह | जनवयी १९९९ भ परथभ फाय उततयामण मशववय बया औय भॊतरदीा री | अफ गरदव कक कऩा स भझ एक सॊदय फारक पराि हआ ह | ऩजम फाऩजी की इतनी कऩा-करणा दखकय रदम बय आता ह | भ ऩजम फाऩजी स पराथगना कयती हॉ कक मह फारक उनह सभवऩगत कय सकॊ औय मह उनक मोगम फनसक ऐसी सदफवदध हभ द |
-ननभगरा क तड़वी काॊनतबाई हीयाबाई तडवी याभजी भॊटदय क ऩास कायरी फाग वड़ोदया
गरकऩा स जीवनदान
टदनाॊक १५-१-९६ की घटना ह | भन धात क ताय ऩय सखन क मरए कऩड़ परा यख थ |
फारयश होन क कायण उस ताय भ कयॊट आ गमा था | भया छोटा ऩतर ववशार जो कक ११ वीॊ का भ ऩढ़ता ह आकय उस ताय स छ गमा औय बफजरी का कयॊट रगत ही वह फहोश हो गमा शव क सभान हो गमा | हभन उस तयॊत फड़ असऩतार भ दाणखर कयवामा | डॉकटय न फचि की हारत गॊबीय फतामी | ऐसी ऩरयजसथनत दखकय भयी आॉखो स अशरधायाएॉ फह ननकरी | भ ननजानॊद की भसती भ भसत यहन वार ऩजम सदगरदव को भन-ही-भन माद ककमा औय पराथगना कक ह गरदव अफ तो इस फचि का जीवन आऩक ही हाथो भ ह | ह भय परब आऩ जो िाह सो कय सकत ह | औय आणखय भयी पराथगना सपर हई | फचि भ एक नवीन ितना का सॊिाय हआ एवॊ धीय-धीय फचि क सवासम भ
सधाय होन रगा | कछ ही टदनो भ वह ऩणगत सवसथ हो गमा | डॉकटय न तो उऩिाय ककमा रककन जो जीवनदान उस पमाय परब की कऩा स सदगरदव की कऩा स मभरा उसका वणगन कयन क मरए भय ऩास शबद नहीॊ ह | फस ईशवय स भ मही पराथगना कयता हॉ कक ऐस बरहमननषठ सॊत-भहाऩरषो क परनत हभायी शरदधा भ ववदध होती यह | -
डॉ वाम ऩी कारया शाभरदास कॉरज बावनगय गजयात
ऩजम फाऩ जस सॊत दननमा को सवगग भ फदर सकत ह
भई १९९८ क अॊनतभ टदनो भ ऩजमशरी क इॊदौय परवास क दौयान ईयान क ववखमात कफ़जजमशमन शरी फफाक अगरानी बायत भ अधमाजतभक अनबवो की परानि आम हए थ |
ऩजमशरी क दशगन ऩाकय जफ उनहोन अधमाजतभक अनबवो को परीबत होत दखा तो व ऩॊिड़ आशरभ भ आमोजजत धमानमोग मशववय भ बी ऩहॉि गम | शरी अगरानी जो दो टदन रककय वाऩस रौटन वार थ व ऩय गमायह टदन तक ऩॊिड़ आशरभ भ रक यह | उनहोन ववधाथी मशववय भ सायसवतम भॊतर की दीा री एवॊ ववमशषट धमानमोग साधना मशववय (४ -१० जन १९९८) का बी राब मरमा | मशववय क दौयान शरी अगरानी न ऩजमशरी स भॊतरदीा बी र री | ऩजमशरी क साजननधम भ सॊपराि अनबनतमो क फाय भ बतरम सभािाय ऩतर ितना को दी हई बटवाताग भ शरी अगरानी कहत ह मटद ऩजम फाऩ जस सॊत हय दश भ हो जाम तो मह दननमा सवगग फन सकती ह | ऐस शाॊनत स फठ ऩाना हभाय मरए कटठन ह रककन जफ ऩजम फाऩजी जस भहाऩरषो क शरीियणो भ फठकय सतसॊग सनत ह तो ऐसा आनॊद आता ह कक सभम का कछ ऩता ही नहीॊ िरता | सिभि ऩजम फाऩ कोई साधायण सॊत नहीॊ ह |
-शरी फफाक अगरानी ववशवववखमात कफ़जजमशमन ईयान
फाऩजी का साजननधम गॊगा क ऩावन परवाह जसा ह
कर-कर कयती इस बागीयथी की धवर धाया क ककनाय ऩय ऩजम फाऩजी क साजननधम भ फठकय भ फड़ा ही आपहाटदत औय परभटदत हॉ आनॊटदत हॉ योभाॊचित हॊ | गॊगा बायत की सषमना नाड़ी ह | गॊगा बायत की सॊजीवनी ह | शरी ववषणजी क ियणो स ननकरकय बरहमाजी क कभॊड़र औय जटाधय क भाथ ऩय शोबामभान गॊगा बतरमोगमसवदधकायक ह |
ववषणजी क ियणो स ननकरी गॊगा बकतकत मोग की परतीनत कयाती ह औय मशवजी क भसतक ऩय जसथत गॊगा ऻान मोग की उचितय बमभका ऩय आरढ़ होन की खफय दती ह |
भझ ऐसा रग यहा ह कक आज फाऩजी क परविनो को सनकय भ गॊगा भ गोता रगा यहा हॉ कमोकक उनका परविन उनका सजननधम गॊगा क ऩावन परवाह जसा ह | व अरभसत फ़कीय ह | व फड़ सयर औय सहज ह | व जजतन ही ऊऩय स सयर ह उतन ही अॊतय भ गढ़ ह | उनभ टहभारम जसी उचिता ऩववतरता शरषठता ह औय सागयतर जसी गॊबीयता ह |
व याषड की अभपम धयोहय ह | उनह दखकय कवष-ऩयमऩया को फोध होता ह | गौतभ कणाद
जमभनी कवऩर दाद भीया कफीय यदास आटद सफ कबी-कबी उनभ टदखत ह |
य बाई कोई सतगर सॊत कहाव
जो ननन अरख रखाव धयती उखाड़ आकाश उखाड़
अधय भड़मा धाव |
शनम मशखय क ऩाय मशरा ऩय आसन अिर जभाव |
य बाई कोई सतगर सॊत कहाव
एक ऐस ऩावन साजननधम भ हभ फठ ह जो फड़ा दरगब औय सहज मोगसवरऩ ह | ऐस भहाऩरषो क मरए ऩॊकतकतमाॉ माद आ यही ह तभ िरो तो िर धयती िर अॊफय िर दननमा ऐस भहाऩरष िरत ह तो उनक मरए समग िॊर ताय गरह नतर आटद सफ अनकर हो जात ह | ऐस इजनरमातीत गणातीत बावातीत शबदातीत औय सफ अवसथाओॊ स ऩय ककनहीॊ भहाऩरषो क शरीियणो भ जफ फठत ह तो बागवत कहता ह
साधनाॊ दशगनॊ रोक सवगमसवदधकयॊ ऩयभ |
साध क दशगन भातर स वविाय ववबनत ववदवता शकतकत सहजता ननववगषमता परसननता मसवदधमाॉ औय आतभानॊद की परानि होती ह | दश क भहान सॊत महाॉ सहज ही आत ह बायत क सबी शॊकयािामग बी मशववय भ आत ह | अत भय भन भ बी वविाय आमा कक जहाॉ सफ जात ह वहाॉ जाना िाटहए कमोकक मही वह ठोय-टठकाना ह जहाॉ भन का अमबभान मभटामा जा सकता ह | ऐस भहाऩरषो क दशगन स कवर आनॊद औय भसती ही नहीॊ मभरती फजपक वह सफ कछ मभर जाता ह जो अमबरावषत ह आकाॊकषत ह रकषत ह | महाॉ भ करणा क
कभगठता क वववक-वयागम क ऻान क दशगन कय यहा हॉ | वयागम औय बकतकत क यण ऩोषण औय सॊवधगन क मरए मह सिकवषमो का उततभ ऻान भाना जाता ह | आज गॊगा कपय स
साकाय टदख यही ह तो व फाऩजी क वविाय औय वाणी भ टदख यही ह | अरभसतता सहजता उचिता शरषठता ऩववतरतता तीथग-सी शचिता मशश-सी सयरता तरणो-सा जोश वदधो-सा गाॊबीमग औय कवषमो जसा ऻानाफोध भझ जहाॉ हो यहा ह वह मह ऩॊडार ह | इस आनॊदनगय कहॉ मा परभनगय करणा का सागय कहॉ मा वविायो का सभनदय रककन इतना जरय कहॉगा कक भय भन का कोन-कोना आपहाटदत हो यहा ह | आऩ रोग फड़बागी ह जो ऐस भहाऩरष क शरीियणो भ फठ ह जहाॉ बागम का टदरवम रवमकतकतततव का ननभागण होता ह | जीवन की कतकतमता जहाॉ पराि हो सकती ह वह मही दय ह |
मभर तभ मभरी भॊजजर मभरा भकसद औय भददा बी |
न मभर तभ तो यह गमा भददा भकसद औय भॊजजर बी ||
आऩका मह बावयाजम औय परभयाजम दखकय भ िककत बी हॉ औय आनॊद का अनबव बी कय यहा हॉ | आऩक परनत भया ववशवास औय अटट ननषठा फढ़ इस हत भया नभन सवीकाय कय | भझ ऐसा रगता ह कक फाऩजी समग ह औय नायामण सवाभी एक ऐस दीऩ ह जो न फझ सकत ह न जराम जात ह |
-सवाभी अवधशानॊदजी हरयदवाय
सायसवतम भॊतर स हए अदबत राब
भन १९९८ भ ववधाथी उतथान मशववय सोनीऩत भ ऩजम गरदव स सायसवतम भॊतर की दीा री | दीा क फाद ननममभत भॊतरजऩ कयन स भ इतना कशागर फवदधवारा एवॊ सवावरॊफी हो गमा कक भन एक भहीन भ ही टमशन छोड़ दी औय सवमॊ खफ भहनत कयन रगा | भ सकर बी ऩदर आन-जान रगा जजसस भन सकर फस का ककयामा फिा मरमा |
भॊतर जाऩ क परबाव स भझ ९ वीॊ १० वीॊ ११ वीॊ की ऩयीाओॊ भ परथभ सथान पराि हआ |
१२ वीॊ की ऩयीा क सभम भया सवासम खयाफ होन क कायण भ जऩ ठीक स नहीॊ कय सका कपय बी ७९ परनतशत अॊको स ऩास हआ | उसक फाद इॊजजननमरयॊग की ऩरया भ बी उततीणग यहा |
-करदीऩ कभाय डी-२३४ वसट ववनोद नगय टदपरी
भ टदसमफय १९९९ भ छततीसगढ़ क बाटाऩाया भ ऩजम गरदव स सायसवतम भॊतर की दीा
री | ततऩशचात भ ननममभत रऩ स जऩ-धमान- पराणामाभ कयता था जजसस भझ फहत राब हआ | ऩजम फऩजी की कऩा औय सायसवतम भॊतर जाऩ क परबाव स भझ १२ वीॊ की फोड़ग की ऩरया भ ८४६ परनतशत अॊक मभर |
-ववयनर कभाय कौमशक
डोगयगाॉव जज याजनाॊदगाॉव (छग)
बौनतक मग क अॊधकाय भ ऻान की जमोनत ऩजम फाऩ
भादक ननमॊतरण बमयो बायत सयकाय क भहाननदशक शरी एिऩी कभाय ९ भई को अभदावाद आशरभ भ सतसॊग-कामगकरभ क दौयान ऩजम फाऩ स आशीवागद रन ऩहॉि | फड़ी ववनमरता एवॊ शरदधा क साथ उनहोन ऩजम फाऩ क परनत अऩन उदगाय भ कहा जजस रवमकतकत क ऩास वववक नहीॊ ह वह अऩन रकषम तक नहीॊ ऩहॉि सकता ह औय वववक को पराि कयन का साधन ऩजम आसायाभजी फाऩ जस भहान सॊतो का सतसॊग ह | ऩजम फाऩ स भया परथभ ऩरयिम टीवी क भाधमभ स हआ | ततऩशचात भझ आशरभ दवाय परकामशत कवष परसाद भामसक पराि हआ | उस सभम भझ रगा कक एक ओय जहाॉ इस बौनतक मग क अॊधकाय भ भानव बटक यहा ह वहीॊ दसयी ओय शाॊनत की भॊद-भॊद सगॊचधत वाम बी िर यही ह | मह ऩजम फाऩ क सतसॊग का ही परबाव ह | ऩजमशरी क दशगन कयन का जो सौबागम भझ पराि हआ ह इसस भ अऩन को कतकतम भानता हॉ | ऩजम फाऩ क शरीभख स जो अभत वषाग होती ह तथा इनक सतसॊग स कयोड़ो रदमो भ जो जमोनत जगती ह व इसी परकाय स जगती यह औय आन वार रॊफ सभम तक ऩजमशरी हभ सफ का भागगदशगन कयत यह मही भयी काभना ह | ऩजम फाऩ क शरीियणो भ भय परणाभ
-शरी एिऩी कभाय भहाननदशक भादक ननमॊतरण बमयो बायत सयकाय
गरकऩा ऐसी हई कक अॉधय तो कमा दय बी नहीॊ हई
ऩयभ कऩार फाऩजी क शरीियणो भ भय कोटट-कोटट वॊदन भ एक इसभाइरी खवाजा हॉ तथा अऩन धभग भ अकतडग हॉ | िाय वषग ऩवग कछ रोगो दवाया एक सननमोजजत मोजना फनाकय भझ जफयदसती भडगय कस का आयोऩी फना टदमा गमा था | इसस भझ कहीॊ शाॊनत नहीॊ मभर यही थी | २८ पयवयी १९९७ को भझ नागऩय भ आमोजजत फाऩजी क सतसॊग भ जान की परयणा मभरी औय ४ भािग १९९७ को भन फाऩजी स भॊतरदीा री | भ उनस भन-
ही-भन ववनती की कक ह गरदव भझ फिा रो | गरकऩा ऐसी हई कक ७ जनवयी १९९८ को भझ अदारत न ऩाक-साप फयी कय टदमा फाकी छ आयोवऩमो को सजा हई | धनम ह ऐस भय सदगर उनक शरीियणो भ भय कोटट-कोटट वनदन
-यहभान खान ननशान छाफड़ी (बफछआ) जज नछनदवाड़ा (भपर)
भजसरभ भटहरा को पराणदान
२७ मसतमफय २००० को जमऩय भ भय ननवास ऩय ऩजम फाऩ का आतभ-साातकाय टदवस
भनामा गमा जजसभ भय ऩड़ोस की भजसरभ भटहरा नाथी फहन क ऩनत शरी भाॉग खाॉ न बी ऩजम फाऩ की आयती की औय ियणाभत मरमा | ३-४ टदन फाद ही व भजसरभ दॊऩनत खवाजा साटहफ क उसग भ अजभय िर गम | टदनाॊक ४ अकटफय २००० को अजभय क उसग भ असाभाजजक ततवो न परसाद भ जहय फाॉट टदमा जजसस उसग भर भ आम कई दशगनाथी असवसथ हो गम औय कई भय बी गम | भय ऩड़ोस की नाथी फहन न बी वह परसाद खामा औय थोड़ी दय भ ही वह फहोश हो गमी | अजभय भ उसका उऩिाय ककमा गमा ककॊ त उस होश न आमा | दसय टदन ही उसका ऩनत उस अऩन घय र आमा | कॉरोनी क सबी ननवासी उसकी हारत दखकय कह यह थ कक अफ इसका फिना भजशकर ह | भ बी उस दखन गमा | वह फहोश ऩड़ी थी | भ जोय-जोय स हरय ॐ हरय ॐ का उचिायण ककमा तो वह थोड़ा टहरन रगी | भझ परयणा हई औय भ ऩन घय गमा | ऩजम फाऩ स पराथगना की | ३-४ घॊट फाद ही वह भटहरा ऐस उठकय खड़ी हो गमी भानो सोकय उठी हो | उस भटहरा न फतामा कक भय िािा ससय ऩीय ह औय उनहोन भय ऩनत क भॉह स फोरकय फतामा कक तभन २७ मसतमफय २००० को जजनक सतसॊग भ ऩानी वऩमा था उनहीॊ सपद दाढ़ीवार फाफा न तमह फिामा ह कसी करणा ह गरदव की
-जएर ऩयोटहत
८७ सपतान नगय जमऩय (याज)
उस भटहरा का ऩता ह -शरीभती नाथी
ऩतनी शरी भाॉग खाॉ १०० सपतान नगय गजगय की धड़ी नम साॊगानय योड़
जमऩय (याज)
हरयनाभ की पमारी न छड़ामी शयाफ की फोतर
सौबागमवश गत २६ टदसमफय १९९८ को ऩजमशरी क १६ मशषमो की एक टोरी टदपरी स हभाय गाॉव भ हरयनाभ का परिाय-परसाय कयन ऩहॉिी | भ फिऩन स ही भटदयाऩान धमरऩान व मशकाय कयन का शौकीन था | ऩजम फाऩ क मशषमो दवाया हभाय गाॉव भ जगह-जगह ऩय तीन टदन तक रगाताय हरयनाभ का कीतगन कयन स भझ बी हरयनाभ का यॊग रगता जा यहा था | उनक जान क एक टदन क ऩशचात शाभ क सभम योज की बाॊनत भन शयाफ की फोतर ननकारी | जस ही फोतर खोरन क मरए ढककन घभामा तो उस ढककन क घभन स भझ हरय ॐ हरय ॐ की धवनन सनामी दी | इस परकाय भन दो-तीन फाय ढककन घभामा औय हय फाय भझ हरय ॐ की धवनन सनामी दी | कछ दय फाद भ उठा तथा ऩजमशरी क एक मशषम क घय गमा | उनहोन थोड़ी दय भझ ऩजमशरी की अभतवाणी सनामी | अभतवाणी सनन क फाद भया रदम ऩकायन रगा कक इन दरवमगसनो को तमाग दॉ | भन तयॊत फोतर उठामी तथा जोय-स दय खत भ प क दी | ऐस सभथग व ऩयभ कऩार सदगरदव को भ रदम स परणाभ कयता हॉ जजनकी कऩा स मह अनोखी घटना भय जीवन भ घटी जजसस भया जीवन ऩरयवनतगत हआ |
-भोहन मसॊह बफषट
मबखमासन अपभोड़ा (उपर)
ऩय गाॉव की कामाऩरट
ऩजमशरी स टदनाॊक २७६९१ को दीा रन क फाद भन रवमवसनभकतकत क परिाय-परसाय का रकषम फना मरमा | भ एक फाय कौशरऩय (जज शाजाऩय) ऩहॉिा | वहाॉ क रोगो क रवमवसनी औय रड़ाई-झगड़ मकत जीवन को दखकय भन कहा आऩ रोग भनषम-जीवन सही अथग ही नहीॊ सभझत ह | एक फाय आऩ रोग ऩजम फाऩजी क दशगन कय र तो आऩको सही जीवन जीन की कॊ जी मभर जामगी | गाॉव वारो न भयी फात भान री औय दस रवमकतकत भय गाॉव ताजऩय आम | भन एक साधक को उनक साथ जनभाषटभी भहोतसव भ सयत बजा | ऩजम फाऩजी की उन ऩय कऩा फयसी औय सफको गरदीा मभर गमी | जफ व रोग अऩन गाॉव ऩहॉि तो सबी गाॉववामसमो को फड़ा कौतहर था कक ऩजम फाऩजी कस ह फाऩजी की रीराएॉ सनकय गाॉव क अनम रोगो भ बी ऩजम फाऩजी क परनत शरदधा जगी | उन दीकषत साधको न सबी गाॉववारो को सववधानसाय ऩजम फाऩजी क अरग-अरग आशरभो भ
बजकय दीा टदरवा दी | गाॉव क सबी रवमकतकत अऩन ऩय ऩरयवाय सटहत दीकषत हो िक ह | परतमक गरवाय को ऩय गाॉव भ एक सभम बोजन फनता ह | सबी रोग गरवाय का वरत यखत ह | कौशरऩय गाॉव क परबाव स आस-ऩास क गाॉववार एवॊ उनक रयशतदायो सटहत १००० रवमकतकतमो शयाफ छोड़कय दीा र री ह | गाॉव क इनतहास भ तीन-तीन ऩीढ़ी स कोई भॊटदय नहीॊ था | गाॉववारो न ५ राख रऩम रगाकय दो भॊटदय फनवाम ह | ऩया गाॉव रवमवसनभकत एवॊ बगवतबकत फन गमा ह मह ऩजम फाऩजी की कऩा नहीॊ तो औय कमा ह सफक तायणहाय ऩजम फाऩजी क शरीियणो भ कोटट-कोटट परणाभ
-शमाभ परजाऩनत (सऩयवाइजय नतरहन सॊघ) ताजऩय उजजन (भपर)
नतरबफ ॊद का िभतकाय
भया सौबागम ह कक भझ सॊतकऩा नतरबफॊद (आई डरॉपस) का िभतकाय दखन को मभरा |
एक सॊत फाफा मशवयाभदास उमर ८० वषग गीता कटटय तऩोवन झाड़ी सिसयोवय हरयदवाय भ यहत ह | उनकी दाटहनी आॉख क सपद भोनतम का ऑऩयशन शाॉनतकॊ ज हरयदवाय आमोजजत कमऩ भ हआ | कस बफगड़ गमा औय कार भोनतमा फन गमा | ददग यहन रगा औय योशनी घटन रगी | दोफाया बभाननद नतर चिककतसारम भ ऑऩयशन हआ | एबसपमट गरकोभा फतात हए कहा कक ऑऩयशन स मसयददग ठीक हो जामगा ऩय योशनी जाती यहगी | ऩयॊत अफ व फाफा सॊत शरी आसायाभजी आशरभ दवाय ननमभगत सॊतकऩा नतरबफॊद सफह-शाभ डार यह ह | भन उनक नतरो का ऩयीण ककमा | उनकी दाटहनी आॉख भ उॉगरी चगनन रामक योशनी वाऩस आ गमी ह | कार भोनतम का परशय नॉभगर ह | कोननगमा भ सजन नहीॊ ह | व कापी सॊतषट ह | व फतात ह आॉख ऩहर रार यहती थी ऩयॊत अफ नहीॊ ह | आशरभ क नतरबफॊद स कपऩनातीत राब हआ | फामीॊ आॉख भ बी उनह सपद भोनतमा फतामा गमा था औय सॊशम था कक शामद कारा भोनतमा बी ह | ऩय आज फामीॊ आॉख बी ठीक ह औय दोनो आॉखो का परशय बी नॉभगर ह | सपद भोनतमा नहीॊ ह औय योशनी कापी अचछी ह |
मह सॊतकऩा नतरफॊद का ववरण परबाव दखकय भ बी अऩन भयीजो को इसका उऩमोग कयन की सराह दॉगा |
-डॉ अननत कभाय अगरवार (नतरयोग ववशषऻ)
एभफीफीएस एभएस (नतर) डीओएभएस (आई) सीताऩय सहायनऩय (उपर)
ऩजमशरी की तसवीय स मभरी परयणा
सवगसभथग ऩयभ ऩजम शरी फाऩजी क ियणकभरो भ भया कोटट-कोटट नभन १९८४ क बकॊ ऩ स समऩणग उततय बफहाय भ कापी नकसान हआ था जजसकी िऩट भ हभाया घय बी था | ऩरयजसथनतवश भझ नौवी का भ ऩढ़ामी छोड़ दनी ऩड़ी | ककसी मभतर की सराह स भ नौकयी ढॉढ़न क मरए टदपरी गमा रककन वहाॉ बी ननयाशा ही हाथ रगी | भ दो टदन स बखा तो था ही ऊऩय स नौकयी की चिॊता | अत आतभहतमा का वविाय कयक यरव सटशन की ओय िर ऩड़ा | यानीफाग फाजाय भ एक दकान ऩय ऩजमशरी का सतसाटहतम
कसट आटद यखा हआ था एवॊ ऩजमशरी की फड़ आकाय की तसवीय बी टॉगी थी | ऩजमशरी की हॉसभख एवॊ आशीवागद की भरावारी उस तसवीय ऩय भयी नजय ऩड़ी तो १० मभनट तक भ वहीॊ सड़क ऩय स ही खड़-खड़ उस दखता यहा | उस वकत न जान भझ कमा मभर गमा भ काभ बर भजदयी का ही कयता हॉ रककन तफस रकय आज तक भय चितत भ फड़ी परसननता फनी हई ह | न जान भयी जजनदगी की कमा दशा होती अगय ऩजम फाऩजी की मवाधन सया ईशवय की ओय ननजशचनत जीवन ऩसतक औय कवष परसाद ऩबतरका हाथ न रगती ऩजमशरी की तसवीय स मभरी परयणा एवॊ उनक सतसाटहतम न भयी डफती नमा को भानो भझदाय स फिा मरमा | धनबागी ह साटहतम की सवा कयन वार जजनहोन भझ आतभहतमा क ऩाऩ स फिामा |
-भहश शाह
नायामणऩय दभया जज सीताभढ़ी (बफहाय)
भॊतर स राब
भयी भाॉ की हारत अिानक ऩागर जसी हो गमी थी भानो कोई बत-परत-डाककनी मा आसयी ततव उनभ घस गमा | भ फहत चिॊनतत हो गमा एवॊ एक साचधका फहन को पोन ककमा | उनहोन बत-परत बगान का भॊतर फतामा जजसका वणगन आशरभ स परकामशत आयोगमननचध ऩसतक भ बी ह | वह भॊतर इस परकाय ह
ॐ नभो बगवत रर बयवाम बतपरत म कर कर हॊ पट सवाहा |
इस भॊतर का ऩानी भ ननहायकय १०८ फाय जऩ ककमा औय वही ऩानी भाॉ को वऩरा टदमा |
तयॊत ही भाॉ शाॊनत स सो गमीॊ | दसय टदन बी इस भॊतर की ऩाॉि भारा कयक भाॉ को वह जर वऩरामा तो भाॉ बफपकर ठीक हो गमीॊ | ह भय साधक बाई-फहनो बत-परत बगान क
मरए अरा फाॉधॉ फरा फाॉधॉ ऐसा कयक झाड़-फ़ॉ क कयनवारो क िककय भ ऩड़न की जरयत नहीॊ ह | इसक मरए तो ऩजम फाऩजी का भॊतर ही तायणहाय ह | ऩजम फाऩजी क शरीियणो भ कोटट-कोटट परणाभ
-िॊऩकबाई एन ऩटर (अभरयका)
काभ करोध ऩय ववजम ऩामी
एक टदन भॊफई भर भ टटकट िककॊ ग कयत हए भ वातानकमरत फोगी भ ऩहॉिा | दखा तो भखभर की गददी ऩय टाट का आसन बफछाकय सवाभी शरी रीराशाहजी भहायाज सभाचधसथ ह | भझ आशचमग हआ कक जजन परथभ शरणी की वातानकमरत फोचगमो भ याजा-भहायाजा मातरा कयत ह ऐसी फोगी औय तीसयी शरणी की फोगी क फीि इन सॊत को कोई बद नहीॊ रगता | ऐसी फोचगमो भ बी व सभाचधसथ होत ह मह दखकय मसय झक जाता ह | भन ऩजम भहायाजशरी को परणाभ कयक कहा आऩ जस सॊतो क मरए तो सफ एक सभान ह |
हय हार भ एकयस यहकय आऩ भकतकत का आनॊद र सकत ह | रककन हभाय जस गरहसथो को कमा कयना िाटहए ताकक हभ बी आऩ जसी सभता फनाम यखकय जीवन जी सक
ऩजम भहायाजजी न कहा काभ औय करोध को त छोड़ द तो त बी जीवनभकत हो सकता ह | जहाॉ याभ तहॉ नहीॊ काभ जहाॉ काभ तहॉ नहीॊ याभ | औय करोध तो बाई बसभासय ह | वह तभाभ ऩणम को जराकय बसभ कय दता ह अॊतकयण को भमरन कय दता ह | भन कहा परब अगय आऩकी कऩा होगी तो भ काभ-करोध को छोड़ ऩाऊॉ गा | ऩजम भहायाजजी न कहा बाई कऩा ऐस थोड़ ही की जाती ह सॊतकऩा क साथ तया ऩरषाथग औय दढ़ता बी िाटहए | ऩहर त परनतऻा कय कक त जीवनऩमगनत काभ औय करोध स दय यहगा तो भ तझ आशीवागद दॉ | भन कहा भहायाजजी भ जीवनबय क मरए परनतऻा तो करॉ रककन उसका ऩारन न कय ऩाऊॉ तो झठा भाना जाऊॉ गा | ऩजम भहायाजजी न कहा अचछा ऩहर त भय सभ आठ टदन क मरए परनतऻा कय | कपय परनतऻा को एक-एक टदन फढ़त जाना | इस परकाय त उन फराओॊ स फि सकगा | ह कफर भन हाथ जोड़कय कफर ककमा | ऩजम भहायाजजी न आशीवागद दकय दो-िाय पर परसाद भ टदम | ऩजम भहायाजजी न भयी जो दो कभजोरयमाॉ थीॊ उन ऩय ही सीधा हभरा ककमा था | भझ आशचमग हआ कक अनम कोई बी दगगण छोड़न का न कहकय इन दो दगगणो क मरए ही उनहोन परनतऻा कमो कयवामी फाद भ भ इस याज स अवगत हआ |
दसय टदन भ ऩसनजय टरन भ कानऩय स आग जा यहा था | सफह क कयीफ नौ फज थ |
तीसयी शरणी की फोगी भ जाकय भन माबतरमो क टटकट जाॉिन का कामग शर ककमा | सफस
ऩहर फथग ऩय सोम हए एक मातरी क ऩास जाकय भन एक मातरी क ऩास जाकय भन टटकट टदखान को कहा तो वह गससा होकय भझ कहन रगा अॊधा ह दखता नहीॊ कक भ सो गमा हॉ भझ नीॊद स जगान का तझ कमा अचधकाय ह मह कोई यीत ह टटकट क फाय भ ऩछन की ऐसी ही अकर ह तयी ऐसा कछ-का-कछ वह फोरता ही गमा फोरता ही गमा | भ बी करोधाववषट होन रगा ककॊ त ऩजम भहायाजजी क सभ री हई परनतऻा भझ माद थी अत करोध को ऐस ऩी गमा भानो ववष की ऩकतड़मा भन उस कहा भहाशम आऩ ठीक ही कहत ह कक भझ फोरन की अकर नहीॊ ह बान नहीॊ ह | दखो भय म फार धऩ भ सपद हो गम ह | आऩभ फोरन की अकर अचधक ह नमरता ह तो कऩा कयक मसखाओॊ कक टटकट क मरए भझ ककस परकाय आऩस ऩछना िाटहए | भ रािाय हॉ कक डमटी क कायण भझ टटकट िक कयना ऩड़ यहा ह इसमरए भ आऩको कषट द यहा हॉ|
औय कफ़य भन खफ परभ स हाथ जोड़कय ववनती की बमा कऩा कयक कषट क मरए भझ भा कयो | भझ अऩना टटकट टदखामग भयी नमरता दखकय वह रजजजत हो गमा एवॊ तयॊत उठ फठा | जपदी-जपदी नीि उतयकय भझस भा भाॉगत हए कहन रगा भझ भाप कयना | भ नीॊद भ था | भन आऩको ऩहिाना नहीॊ था | अफ आऩ अऩन भॉह स भझ कह कक आऩन भझ भाफ़ ककमा मह दखकय भझ आनॊद औय सॊतोष हआ | भ सोिन रगा कक सॊतो की आऻा भानन भ ककतनी शकतकत औय टहत ननटहत ह सॊतो की करणा कसा िभतकारयक ऩरयणाभ राती ह वह रवमकतकत क पराकनतक सवबाव को बी जड़-भर स फदर सकती ह | अनमथा भझभ करोध को ननमॊतरण भ यखन की कोई शकतकत नहीॊ थी | भ ऩणगतमा असहाम था कपय बी भझ भहायाजजी की कऩा न ही सभथग फनामा | ऐस सॊतो क शरीियणो भ कोटट-कोटट नभसकाय
-शरी यीजभर
रयटामडग टीटी आई कानऩय
अनम अनबव
जरा हआ कागज
ऩवग रऩ भ एक फाय ऩयभहॊस ववशदधानॊदजी स आनॊदभमी भाॉ की ननकटता ऩानवार सपरमसदध ऩॊकतडत गोऩीनाथ कववयाज न ननवदन ककमा तयणीकानत ठाकय को अरौककक मसवदध पराि हई ह | व बफना दख मा बफना छए ही कागज भ मरखी हई फात ऩढ़ रत ह |
गरदव फोर तभ एक कागज ऩय कछ मरखो औय उसभ आग रगाकय जरा दो |
कववयाजजी न कागज ऩय कछ मरखा औय ऩयी तयह कागज जराकय हवा भ उड़ा टदमा |
उसक फाद गरदव न अऩन तककम क नीि स वही कागज ननकारकय कववयाजजी क आग यख टदमा | मह दखकय उनह फड़ा आशचमग हआ कक मह कागज वही था एवॊ जो उनहोन मरखा था वह बी उस ऩय उनहीॊ क सरख भ मरखा था औय साथ ही उसका उततय बी मरखा हआ दखा | जड़ता ऩशता औय ईशवयता का भर हभाया शयीय ह | जड़ शयीय को भ-भया भानन की ववतत जजतनी मभटती ह ऩाशवी वासनाओॊ की गराभी उतनी हटती ह औय हभाया ईशवयीम अॊश जजतना अचधक ववकमसत होता ह उतना ही मोग-साभमग ईशवयीम साभमग परकट होता ह | बायत क ऐस कई बकतो सॊतो औय मोचगमो क जीवन भ ईशवयीम साभमग दखा गमा ह अनबव ककमा गमा ह उसक ववषम भ सना गमा ह | धनम ह बायतबमभ भ यहनवार बायतीम सॊसकनत भ शरदधा-ववशवास यखनवार अऩन ईशवयीम अॊश को जगान की सवा-साधना कयनवार सवाभी ववशदधानॊदजी वषो की एकाॊत साधना औय वषो-वषो की गरसवा स अऩना दहाधमास औय ऩाशवी वासनाएॉ मभटाकय अऩन ईशवयीम
अॊश को ववकमसत कयनवार बायत क अनक भहाऩरषो भ स थ | उनक जीवन की औय बी अरौककक घटनाओॊ का वणगन आता ह | ऐस सतऩरषो क जीवन-िरयतर औय उनक जीवन भ घटटत घटनाएॉ ऩढ़न-सनन स हभ रोग बी अऩनी जड़ता एवॊ ऩशता स ऊऩय उठकय ईशवयीम अॊश को उबायन भ उतसाटहत होत ह | फहत ऊॉ िा काभ ह फड़ी शरदधा फड़ी सभझ फड़ा धमग िाटहए ईशवयीम साभमग को ऩणग रऩ स ववकमसत कयन भ | अफ आओ
िर आदय शॊकयािामग की ओय
नदी की धाया भड़ गमी
आदय शॊकयािामग की भाता ववमशषटा दवी अऩन करदवता कशव की ऩजा कयन जाती थीॊ | व ऩहर नदी भ सनान कयतीॊ औय कफ़य भॊटदय भ जाकय ऩजन कयतीॊ | एक टदन व परातकार ही ऩजन-साभगरी रकय भॊटदय की ओय गमीॊ ककॊ त सामॊकार तक घय नहीॊ रौटीॊ | शॊकयािामग की आम अबी सात-आठ वषग क भधम भ ही थी | व ईशवय क ऩयभ बकत औय ननषठावान थ | सामॊकार तक भाता क वाऩस न रौटन ऩय आिामग को फड़ी चिनता हई औय व उनह खोजन क मरए ननकर ऩड़ | भॊटदय क ननकट ऩहॉिकय उनहोन भाता को भागग भ ही भजचछगत ऩड़ दखा | उनहोन फहत दय तक भाता का उऩिाय ककमा तफ व होश भ आ सकीॊ |
नदी अचधक दय थी | वहाॉ तक ऩहॉिन भ भाता को फड़ा कषट होता था | आिामग न बगवान स भन-ही-भन पराथगना की कक परबो ककसी परकाय नदी की धाया को भोड़ दो जजसस कक
भाता ननकट ही सनान कय सक | व इस परकाय की पराथगना ननतम कयन रग | एक टदन उनहोन दखा कक नदी की धाया ककनाय की धयती को काटती-काटती भड़न रगी ह तथा कछ टदनो भ ही वह आिामग शॊकय क घय क ऩास फहन रगी | इस घटना न आिामग का अरौककक शकतकतसमऩनन होना परमसदध कय टदमा |
सकषभ शयीय स िोय का ऩीछा ककमा
हरयहय फाफा की फड़ी परमसवदध थी | एक फाय व हयऩारऩय सटशन ऩय थ | वहाॉ क सटशन भासटय न उनको एक िोय सऩदग ककमा | िोय न फाफा स कहा भहायाज भझ इतनी छटटी द दीजजम कक भ अऩन फार-फचिो का परफॊध कय आऊॉ | फाफा गाड़ी आन ऩय रौट आना | िोय िरा गमा | सटशन भासटय को ऩता िरा तो वह फाफा ऩय गभग हआ औय फोरा उसक फदर तमह जर की हवा खानी होगी | तभन जान-फझकय उस बगा टदमा ह | फाफा घफयाओ भत गाड़ी आन स ऩहर ही वह रौट आमगा | िोय की नीमत ठीक नहीॊ थी | वह जॊगर क भागग स अऻात सथान को बाग जाना िाहता था ककॊ त उस हय सभम मही परतीत होता यहा कक हरयहय फाफा डॊडा पटकायत हए उसक ऩीछ-ऩीछ िर आ यह ह | इसीमरए वह गाड़ी आन स ऩहर ही रौट आमा |
भॊगरी फाधा-ननवायण भॊतर
अॊ याॊ अॊ
इस भॊतर को १०८ फाय जऩन स करोध दय होता ह | जनभकनडरी भ भॊगरी मोग होन स जजनक वववाह न हो यह हो व २७ भॊगरवाय इस भॊतर का १०८ फाय जऩ कयत हए वरत यखकय हनभानजी ऩय मसॊदय का िोरा िढ़ाम | इसस भॊगर-फाधा का म होता ह |
सखऩवगक परसवकायक भॊतर
ऩहरा उऩाम
एॊ हीॊ बगवनत बगभामरनन िर िर भराभम भराभम ऩषऩॊ ववकासम ववकासम सवाहा |
इस भॊतर दवाया अमबभॊबतरत दध गमबगणी सतरी को वऩराम तो सखऩवगक परसव होगा |
दसया उऩाम
गमबगणी सतरी सवमॊ परसव क सभम जमबरा-जमबरा जऩ कय |
तीसया उऩाम
दशी गाम क गोफय का १२ स १५ मभरी यस ॐ नभो नायामणाम भॊतर का २१ फाय जऩ कयक ऩीन स बी परसव-फाधाएॉ दय होगी औय बफना ऑऩयशन क परसव होगा |
परसनत क सभम अभॊगर की आशॊका हो तो ननमन भॊतर का जऩ कय
सवगभॊगर भाॊगपम मशव सवागथग साचधक |
शयणम तरममफक गौयी नायामणी नभोSसतत ||
(दगागसिशती)
शकतकतशारी व गोय ऩतर की परानि क मरए
सगबागवसथा भ ढाक (ऩराश खाखया) का एक कोभर ऩतता घोटकय गौ-दगध क साथ योज सवन कयन स फारक शकतकतशारी औय गोया होता ह | भाता-वऩता बर कार-करट हो कपय बी फारक गोया होगा |
सदगर-भटहभा
गर बफन बव ननचध तय न कोई |
जौ फयॊचि सॊकय सभ होई ||
-सॊत तरसीदासजी
हरयहय आटदक जगत भ ऩजमदव जो कोम |
सदगर की ऩजा ककम सफकी ऩजा होम ||
-ननशचरदासजी भहायाज
सहजो कायज सॊसाय को गर बफन होत नाॉही |
हरय तो गर बफन कमा मभर सभझ र भन भाॉही ||
-सॊत कफीयजी सॊत
सयनन जो जन ऩय सो जन उधयनहाय | सॊत की ननॊदा नानका फहरय फहरय अवताय ||
-गर नानक दवजी
गरसवा सफ बागमो की जनभबमभ ह औय वह शोकाकर रोगो को बरहमभम कय दती ह |
गररऩी समग अववदयारऩी याबतर का नाश कयता ह औय ऻानाऻान रऩी मसतायो का रोऩ कयक फवदधभानो को आतभफोध का सटदन टदखाता ह |
-सॊत ऻानशवय भहायाज
सतम क कॊ टकभम भागग भ आऩको गर क मसवाम औय कोई भागगदशगन नहीॊ द सकता |
- सवाभी मशवानॊद सयसवती
ककतन ही याजा-भहायाजा हो गम औय होग सामजम भकतकत कोई नहीॊ द सकता | सचि याजा-भहायाज तो सॊत ही ह | जो उनकी शयण जाता ह वही सचिा सख औय सामजम भकतकत ऩाता ह |
-सभथग शरी याभदास सवाभी
भनषम िाह ककतना बी जऩ-तऩ कय मभ-ननमभो का ऩारन कय ऩयॊत जफ तक सदगर की कऩादवषट नहीॊ मभरती तफ तक सफ रवमथग ह |
-सवाभी याभतीथग
परटो कहत ह कक सकयात जस गर ऩाकय भ धनम हआ |
इभसगन न अऩन गर थोयो स जो पराि ककमा उसक भटहभागान भ व बावववबोय हो जात थ |
शरी याभकषण ऩयभहॊस ऩणगता का अनबव कयानवार अऩन सदगरदव की परशॊसा कयत नहीॊ अघात थ |
ऩजमऩाद सवाभी शरी रीराशाहजी भहायाज बी अऩन सदगरदव की माद भ सनह क आॉस
फहाकय गदगद कॊ ठ हो जात थ |
ऩजम फाऩजी बी अऩन सदगरदव की माद भ कस हो जात ह मह तो दखत ही फनता ह |
अफ हभ उनकी माद भ कस होत ह मह परशन ह | फटहभगख ननगय रोग कछ बी कह साधक को अऩन सदगर स कमा मभरता ह इस तो साधक ही जानत ह |
रडी भाटटगन क सहाग की या कयन अपगाननसतान भ परकट मशवजी
साध सॊग सॊसाय भ दरगब भनषम शयीय |
सतसॊग सववत ततव ह बतरववध ताऩ की ऩीय ||
भानव-दह मभरना दरगब ह औय मभर बी जाम तो आचधदववक आचधबौनतक औय आधमाजतभक म तीन ताऩ भनषम को तऩात यहत ह | ककॊ त भनषम-दह भ बी ऩववतरता हो सचिाई हो शदधता हो औय साध-सॊग मभर जाम तो म बतरववध ताऩ मभट जात ह |
सन १८७९ की फात ह | बायत भ बबरटटश शासन था उनहीॊ टदनो अॊगरजो न अपगाननसतान ऩय आकरभण कय टदमा | इस मदध का सॊिारन आगय भारवा बबरटटश छावनी क रजफ़टनट कनगर भाटटगन को सौऩा गमा था | कनगर भाटटगन सभम-सभम ऩय मदध-तर स अऩनी ऩतनी को कशरता क सभािाय बजता यहता था | मदध रॊफा िरा औय अफ तो सॊदश आन बी फॊद हो गम | रडी भाटटगन को चिॊता सतान रगी कक कहीॊ कछ अनथग न हो गमा हो अपगानी सननको न भय ऩनत को भाय न डारा हो | कदाचित ऩनत मदध भ शहीद हो गम तो भ जीकय कमा करॉ गी -मह सोिकय वह अनक शॊका-कशॊकाओॊ स नघयी यहती थी |
चिनतातय फनी वह एक टदन घोड़ ऩय फठकय घभन जा यही थी | भागग भ ककसी भॊटदय स आती हई शॊख व भॊतर धवनन न उस आकवषगत ककमा | वह एक ऩड़ स अऩना घोड़ा फाॉधकय भॊटदय भ गमी | फजनाथ भहादव क इस भॊटदय भ मशवऩजन भ ननभगन ऩॊकतडतो स उसन ऩछा आऩ रोग कमा कय यह ह एक वरदध बराहमण न कहा हभ बगवान मशव का ऩजन कय यह ह | रडी भाटटगन मशवऩजन की कमा भहतता ह बराहमण फटी बगवान मशव तो औढयदानी ह बोरनाथ ह | अऩन बकतो क सॊकट-ननवायण कयन भ व तननक बी दय नहीॊ कयत ह | बकत उनक दयफाय भ जो बी भनोकाभना रकय क आता ह उस व शीघर ऩयी कयत ह ककॊ त फटी तभ फहत चिजनतत औय उदास नजय आ यही हो कमा फात ह रडी भाटटगन भय ऩनतदव मदध भ गम ह औय ववगत कई टदनो स उनका कोई
सभािाय नहीॊ आमा ह | व मदध भ पॉ स गम ह मा भाय गम ह कछ ऩता नहीॊ िर यहा | भ उनकी ओय स फहत चिजनतत हॉ | इतना कहत हए रडी भाटटगन की आॉख नभ हो गमीॊ |
बराहमण तभ चिनता भत कयो फटी मशवजी का ऩजन कयो उनस पराथगना कयो रघररी कयवाओ | बगवान मशव तमहाय ऩनत का यण अवशम कयग |
ऩॊकतडतो की सराह ऩय उसन वहाॉ गमायह टदन का ॐ नभ मशवाम भॊतर स रघररी अनषठान परायॊब ककमा तथा परनतटदन बगवान मशव स अऩन ऩनत की या क मरए पराथगना कयन रगी कक ह बगवान मशव ह फजनाथ भहादव मटद भय ऩनत मदध स सकशर रौट आम तो भ आऩका मशखयफॊद भॊटदय फनवाऊॉ गी | रघररी की ऩणागहनत क टदन बागता हआ एक सॊदशवाहक मशवभॊटदय भ आमा औय रडी भाटटगन को एक मरपापा टदमा | उसन घफयात-घफयात वह मरपापा खोरा औय ऩढ़न रगी |
ऩतर भ उसक ऩनत न मरखा था हभ मदध भ यत थ औय तभ तक सॊदश बी बजत यह रककन आक ऩठानी सना न घय मरमा | बबरटटश सना कट भयती औय भ बी भय जाता |
ऐसी ववकट ऩरयजसथनत भ हभ नघय गम थ कक पराण फिाकय बागना बी अतमाचधक कटठन था | इतन भ भन दखा कक मदधबमभ भ बायत क कोई एक मोगी जजनकी फड़ी रमफी जटाएॉ ह हाथ भ तीन नोकवारा एक हचथमाय (बतरशर) इतनी तीवर गनत स घभ यहा था कक ऩठान सननक उनह दखकय बागन रग | उनकी कऩा स घय स हभ ननकरकय ऩठानो ऩय वाय कयन का भौका मभर गमा औय हभायी हाय की घकतड़माॉ अिानक जीत भ फदर गमीॊ | मह सफ बायत क उन फाघामफयधायी एवॊ तीन नोकवारा हचथमाय धायण ककम हए
(बतरशरधायी) मोगी क कायण ही समबव हआ | उनक भहातजसवी रवमकतकततव क परबाव स दखत-ही-दखत अपगाननसतान की ऩठानी सना बाग खड़ी हई औय व ऩयभ मोगी भझ
टहमभत दत हए कहन रग | घफयाओॊ नहीॊ | भ बगवान मशव हॉ तथा तमहायी ऩतनी की ऩजा स परसनन होकय तमहायी या कयन आमा हॉ उसक सहाग की या कयन आमा हॉ |
ऩतर ऩढ़त हए रडी भाटटगन की आॉखो स अववयत अशरधाया फहती जा यही थी उसका रदम अहोबाव स बय गमा औय वह बगवान मशव की परनतभा क समभख मसय यखकय पराथगना कयत-कयत यो ऩड़ी | कछ सिाह फाद उसका ऩनत कनगर भाटटगन आगय छावनी रौटा | ऩतनी न उस सायी फात सनात हए कहा आऩक सॊदश क अबाव भ भ चिजनतत हो उठी थी रककन बराहमणो की सराह स मशवऩजा भ रग गमी औय आऩकी या क मरए बगवान मशव स पराथगना कयन रगी | उन द खबॊजक भहादव न भयी पराथगना सनी औय आऩको सकशर रौटा टदमा | अफ तो ऩनत-ऩतनी दोनो ही ननममभत रऩ स फजनाथ भहादव क भॊटदय भ ऩजा-अिगना कयन रग | अऩनी ऩतनी की इचछा ऩय कनगर भाटटगन भ सन १८८३
भ ऩॊरह हजाय रऩम दकय फजनाथ भहादव भॊटदय का जीणोदवाय कयवामा जजसका मशरारख आज बी आगय भारवा क इस भॊटदय भ रगा ह | ऩय बायतबय भ अॊगरजो दवाय ननमभगत मह एकभातर टहनद भॊटदय ह |
मयोऩ जान स ऩवग रडी भाटटगन न ऩकतड़तो स कहा हभ अऩन घय भ बी बगवान मशव का भॊटदय फनामग तथा इन द ख-ननवायक दव की आजीवन ऩजा कयत यहग |
बगवान मशव भ बगवान कषण भ भाॉ अमफा भ आतभवतता सदगर भ सतता तो एक ही ह | आवशमकता ह अटर ववशवास की | एकररवम न गरभनत ग भ ववशवास कय वह पराि कय मरमा जो अजगन को कटठन रगा | आरणण उऩभनम रव परहराद आटद अनम सकड़ो उदायहण हभाय साभन परतम ह | आज बी इस परकाय का सहमोग हजायो बकतो को साधको को बगवान व आतभवतता सदगरओॊ क दवाया ननयनतय पराि होता यहता ह | आवशमकता ह तो फस कवर ववशवास की |
भहाभतमॊजम भॊतर
ॐ हौ जॉ स |
ॐ बबगव सव |
ॐ तरममफकॊ मजाभह सगॊचध ॊ ऩवषटवधगनभ |
उवागरकमभव फनधनानभतमोभगीम भाभतात |
सव भव ब ॐ |
स जॉ हौ ॐ |
बगवान मशव का मह भहाभतमॊजम जऩन स अकार भतम तो टरती ही ह आयोगमता की बी परानि होती ह | सनान कयत सभम शयीय ऩय रोट स ऩानी डारत वकत इस भॊतर का जऩ कयन स सवासम-राब होता ह | दध भ ननहायत हए इस भॊतर का जाऩ ककमा जाम औय कपय वह दध ऩी मरमा जम तो मौवन की सया भ बी सहामता मभरती ह | आजकर की तज यफ़तायवारी जजनदगी भ कहाॉ आतॊक उऩरव दघगटना हो जाम कहना भजशकर ह | घय स ननकरत सभम एक फाय मह भॊतर जऩनवारा इन उऩदरवो स सयकषत यहता ह औय सयकषत घय रौटता ह | (इस भॊतरानषठान क ववचध-ववधान की ववसतत जानकायी क मरए आशरभ दवाया परकामशत आयोगमननचध ऩसतक ऩढ़ |) शरीभदबागवत क आठव सकॊ ध भ तीसय अधमाम क शलोक १ स ३३ तक भ वणणगत गजनरभो सतोतर का ऩाठ कयन स तभाभ
ववधन दय होत ह |
ववषणऩयी
अदबत यही भौनभॊटदय की साधना
ऩयभ ऩजम सदगरदव की कऩा स भझ टदनाॊक १८ स २४ भई १९९९ तक अभदावाद आशरभ क भौनभॊटदय भ साधना कयन का सअवसय मभरा | भौनभॊटदय भ साधना क ऩाॉिव टदन मानी २२ भई की याबतर को रगबग २ फज नीॊद भ ही भझ एक झटका रगा | रट यहन कक जसथनत भ ही भझ भहसस हआ कक कोई अदशम शकतकत भझ ऊऩय फहत ऊऩय उड़म र जा यही ह | ऊऩय उड़त हए जफ भन नीि झाॉककय दखा तो अऩन शयीय को उसी भौनभॊटदय भ चितत रटा हआ फखफय सोता हआ ऩामा | ऊऩय जहाॉ भझ र जामा गमा वहाॉ अरग ही छटा थी अजीफ औय अवणीम आकाश को बी बदकय भझ ऐस सथान ऩय ऩहॉिामा गमा था जहाॉ िायो तयप कोहया-ही-कोहया था जस शीश की छत ऩय ओस परी हो इतन भ दखता हॉ कक एक सबा रगी ह बफना शयीय की कवर आकनतमो की | जस यखाओॊ स भनषमरऩी आकनतमाॉ फनी हो | मह सफ कमा िर यहा था सभझ स ऩय था |
कछ ऩर क फाद व आकनतमाॉ सऩषट होन रगी | दवी-दवताओॊ क ऩॊज क भधम शीषग भ एक उचि आसन ऩय साात फाऩजी शॊकय बगवान फन हए करास ऩवगत ऩय ववयाजभान थ औय दवी-दवता कताय भ हाथ फाॉध खड़ थ | भ भक-सा होकय अऩरक नतरो स उनह दखता ही यहा कपय भॊतरभगध हो उनक ियणो भ चगय ऩड़ा | परात क ४ फज थ | अहा भन औय शयीय हपका-फ़पका रग यहा था मही जसथनत २४ भई की भधमयाबतर भ बी दोहयामी गमी | दसय टदन सफह ऩता िरा कक आज तो फाहय ननकरन का टदन ह मानी यवववाय २५ भई की सफह | फाहय ननकरन ऩय बावबया रदम गदगद कॊ ठ औय आखो भ आॉस मो रग यहा था कक जस ननजधाभ स फघय ककमा जा यहा हॉ | धनम ह वह बमभ
भौनभॊटदय भ साधना की वह रवमवसथा जहाॊ स ऩयभ आनॊद क सागय भ डफन की कॊ जी मभरती ह जी कयता ह बगवान ऐसा अवसय कपय स राम जजसस कक उसी भौनभॊटदय भ ऩन आॊतरयक आनॊद का यसऩान कय ऩाऊॉ |
-इनरनायामण शाह
१०३ यतनदीऩ-२ ननयारा नगय कानऩय
असाधम योग स भकतकत
सन १९९४ भ भयी ऩतरी टहयर को शयद ऩणणगभा क टदन फखाय आमा | डॉकटयो को
टदखामा तो ककसीन भररयमा कहकय दवाइमाॉ दी तो ककसीन टामपामड कहकय इराज शर ककमा तो ककसीन टामपामड औय भररयमा दोनो कहा | दवाई की एक खयाक रन स शयीय नीरा ऩड़ गमा औय सज गमा | शयीय भ खन की कभी स उस छ फोतर खन िढ़ामा गमा | इॊजन दन स ऩय शयीय को रकवा भाय गमा | ऩीठ क ऩीछ शमावरण जसा हो गमा | ऩीठ औय ऩय का एकस-य मरमा गमा | ऩय ऩय वजन फाॉधकय यखा गमा | डॉकटयो न उस वाम का फखाय तथा यकत का क सय फतामा औय कहा कक उसक रदम तो वापव िौड़ा हो गमा ह | अफ हभ टहमभत हाय गम | अफ ऩजमशरी क मसवाम औय कोई सहाया नहीॊ था | उस सभम टहयर न कहा भमभी भझ ऩजम फाऩ क ऩास र िरो | वहाॉ ठीक हो जाऊगी | ऩाॉि टदन तक टहयर ऩजमशरी की यट रगाती यही | हभ उस अभदावाद आशरभ भ फाऩ क ऩास र गम | फाऩ न कहा इस कछ नहीॊ हआ ह | उनहोन भझ औय टहयर को भॊतर टदमा एवॊ फड़दादा की परदकषणा कयन को कहा | हभन परदकषणा की औय टहयर ऩनरह टदन भ िरन-कफ़यन रगी | हभ फाऩ की इस करणा-कऩा का कण कस िकाम अबी तो हभ आशरभ भ ऩजमशरी क शरीियणो भ सऩरयवाय यहकय धनम हो यह ह |
-परपपर रवमास
बावनगय
वतगभान भ अभदावाद आशरभ भ सऩरयवाय सभवऩगत
ऩजम फाऩ का दशगन-सतसॊग ही जीवन का सचिा यतन ह
भझ िाय सार स ऩतर कक काभना थी औय भय भन भ हआ कक भयी मह काभना जरय ऩयी होगी | अभदावाद भ धमानमोग मशववय क दौयान ऐसा वविाय आमा कक फाऩ भझ अऩन ियणो भ फरामग | भन भ दढ़ शरदधा थी | इतन रोगो क फीि भ स फाऩ न तजऩणग दवषट भझ ऩय डारी सॊतय का परसाद टदमा औय भया बागम खर गमा | फचि क जनभ स ऩहर डॉकटयो न ऑऩयशन को कहा था रककन फाऩ क फतान क भताबफक भय घयवारो न भझ गाम क गोफय का यस वऩरामा औय शीघर ही फारक का जनभ हो गमा | सचिी शरदधा-बकतकत हो तो कमा असॊबव ह ऩजम फाऩ का दशगन-सतसॊग ही जीवन का सचिा यतन ह |
सचिी शरदधा-बकतकत स ऐसा यतन ऩानवार हभ सबी धनबागी ह |
-यखा ऩयभाय भीया योड़ भॊफई
कसट का िभतकाय
रवमाऩाय उधायी भ िर जान स भ हताश हो गमा था एवॊ अऩनी जजॊदगी स तॊग आकय आतभहतमा कयन की फात सोिन रगा था | भझ साध-भहातभाओॊ व सभाज क रोगो स घणा-सी हो गमी थी धभग व सभाज स भया ववशवास उठ िका था | एक टदन भयी सारी फाऩजी क सतसॊग कक दो कसट ववचध का ववधान एवॊ आणखय कफ तक र आमी औय उसन भझ सनन क मरए कहा | उसक कई परमास क फाद बी भन व कसट नहीॊ सनीॊ एवॊ भन-ही-भन उनह ढ़ोग कहकय कसटो क कतडबफ भ दार टदमा | भन इतना ऩयशान था कक यात को नीॊद आना फॊद हो गमा था | एक यात कफ़पभी गाना सनन का भन हआ | अॉधया होन की वजह स कसट ऩहिान न सका औय गरती स फाऩजी क सतसॊग की कसट हाथ भ आ गमी | भन उसीको सनना शर ककमा | कपय कमा था भयी आशा फॉधन रगी | भन शाॉत होन रगा | धीय-धीय सायी ऩीड़ाएॉ दय होती िरी गमीॊ | भय जीवन भ योशनी-ही-योशनी हो गमी | कपय तो भन ऩजम फाऩजी क सतसॊग की कई कसट सनीॊ औय सफको सनामीॊ |
तदनॊतय भन गाजजमाफाद भ फाऩजी स दीा बी गरहण की | रवमाऩाय की उधायी बी िकता हो गमी | फाऩजी की कऩा स अफ भझ कोई द ख नहीॊ ह | ह गरदव फस एक आऩ ही भय होकय यह औय भ आऩका ही होकय यहॉ |
-ओभपरकाश फजाज
टदपरी योड़ सहायनऩय उततय परदश
भझ ऩय फयसी सॊत की कऩा
सन १९९५ क जन भाह भ भ अऩन रड़क औय बतीज क साथ हरयदवाय धमानमोग मशववय भ बाग रन गमा | एक टदन जफ भ हय की ऩौड़ी ऩय सनान कयन गमा तो ऩानी क तज फहाव क कायण ऩय कपसरन स भया रड़का औय बतीजा दोनो अऩना सॊतरन खो फठ औय गॊगा भ फह गम | ऐसी सॊकट की घड़ी भ भ अऩना होश खो फठा | कमा करॉ भ पट-पटकय योन रगा औय फाऩजी स पराथगना कयन रगा कक ह नाथ ह गरदव या कीजजम भय फचिो को फिा रीजजम | अफ आऩका ही सहाया ह | ऩजमशरी न भय सचि रदम स ननकरी ऩकाय सन री औय उसी सभम भया रड़का भझ टदखामी टदमा | भन झऩटकय उसको फाहय खीॊि मरमा रककन भया बतीजा तो ऩता नहीॊ कहाॉ फह गमा भ ननयॊतय यो यहा था औय भन भ फाय-फाय वविाय उठ यहा था कक फाऩजी भया रड़का फह जाता तो कोई फात नहीॊ थी रककन अऩन बाई की अभानत क बफना भ घय कमा भॉह
रकय जाऊॉ गा फाऩजी आऩही इस बकत की राज फिाओ | तबी गॊगाजी की एक तज रहय उस फचि को बी फाहय छोड़ गमी | भन रऩककय उस ऩकड़ मरमा | आज बी उस हादस को सभयण कयता हॉ तो अऩन-आऩको सॉबार नहीॊ ऩाता हॉ औय भयी आॉखो स ननयॊतय परभ की अशरधाया फहन रगती ह | धनम हआ भ ऐस गरदव को ऩाकय ऐस सदगरदव क शरीियणो भ भय फाय-फाय शत-शत परणाभ
-सभारखाॉ ऩानीऩत हरयमाणा
गरदव की कऩा स सॊतानपरानि
भयी शादी को ऩाॉि सार हो गम थ कपय बी कोई सॊतान नहीॊ हई | रोग हभ फहत तान भायत थ | तबी भन-ही-भन ननणगम र मरमा कक ऩजम फाऩ क आशरभ भ जाना ह | जनवयी १९९९ भ परथभ फाय उततयामण मशववय बया औय भॊतरदीा री | अफ गरदव कक कऩा स भझ एक सॊदय फारक पराि हआ ह | ऩजम फाऩजी की इतनी कऩा-करणा दखकय रदम बय आता ह | भ ऩजम फाऩजी स पराथगना कयती हॉ कक मह फारक उनह सभवऩगत कय सकॊ औय मह उनक मोगम फनसक ऐसी सदफवदध हभ द |
-ननभगरा क तड़वी काॊनतबाई हीयाबाई तडवी याभजी भॊटदय क ऩास कायरी फाग वड़ोदया
गरकऩा स जीवनदान
टदनाॊक १५-१-९६ की घटना ह | भन धात क ताय ऩय सखन क मरए कऩड़ परा यख थ |
फारयश होन क कायण उस ताय भ कयॊट आ गमा था | भया छोटा ऩतर ववशार जो कक ११ वीॊ का भ ऩढ़ता ह आकय उस ताय स छ गमा औय बफजरी का कयॊट रगत ही वह फहोश हो गमा शव क सभान हो गमा | हभन उस तयॊत फड़ असऩतार भ दाणखर कयवामा | डॉकटय न फचि की हारत गॊबीय फतामी | ऐसी ऩरयजसथनत दखकय भयी आॉखो स अशरधायाएॉ फह ननकरी | भ ननजानॊद की भसती भ भसत यहन वार ऩजम सदगरदव को भन-ही-भन माद ककमा औय पराथगना कक ह गरदव अफ तो इस फचि का जीवन आऩक ही हाथो भ ह | ह भय परब आऩ जो िाह सो कय सकत ह | औय आणखय भयी पराथगना सपर हई | फचि भ एक नवीन ितना का सॊिाय हआ एवॊ धीय-धीय फचि क सवासम भ
सधाय होन रगा | कछ ही टदनो भ वह ऩणगत सवसथ हो गमा | डॉकटय न तो उऩिाय ककमा रककन जो जीवनदान उस पमाय परब की कऩा स सदगरदव की कऩा स मभरा उसका वणगन कयन क मरए भय ऩास शबद नहीॊ ह | फस ईशवय स भ मही पराथगना कयता हॉ कक ऐस बरहमननषठ सॊत-भहाऩरषो क परनत हभायी शरदधा भ ववदध होती यह | -
डॉ वाम ऩी कारया शाभरदास कॉरज बावनगय गजयात
ऩजम फाऩ जस सॊत दननमा को सवगग भ फदर सकत ह
भई १९९८ क अॊनतभ टदनो भ ऩजमशरी क इॊदौय परवास क दौयान ईयान क ववखमात कफ़जजमशमन शरी फफाक अगरानी बायत भ अधमाजतभक अनबवो की परानि आम हए थ |
ऩजमशरी क दशगन ऩाकय जफ उनहोन अधमाजतभक अनबवो को परीबत होत दखा तो व ऩॊिड़ आशरभ भ आमोजजत धमानमोग मशववय भ बी ऩहॉि गम | शरी अगरानी जो दो टदन रककय वाऩस रौटन वार थ व ऩय गमायह टदन तक ऩॊिड़ आशरभ भ रक यह | उनहोन ववधाथी मशववय भ सायसवतम भॊतर की दीा री एवॊ ववमशषट धमानमोग साधना मशववय (४ -१० जन १९९८) का बी राब मरमा | मशववय क दौयान शरी अगरानी न ऩजमशरी स भॊतरदीा बी र री | ऩजमशरी क साजननधम भ सॊपराि अनबनतमो क फाय भ बतरम सभािाय ऩतर ितना को दी हई बटवाताग भ शरी अगरानी कहत ह मटद ऩजम फाऩ जस सॊत हय दश भ हो जाम तो मह दननमा सवगग फन सकती ह | ऐस शाॊनत स फठ ऩाना हभाय मरए कटठन ह रककन जफ ऩजम फाऩजी जस भहाऩरषो क शरीियणो भ फठकय सतसॊग सनत ह तो ऐसा आनॊद आता ह कक सभम का कछ ऩता ही नहीॊ िरता | सिभि ऩजम फाऩ कोई साधायण सॊत नहीॊ ह |
-शरी फफाक अगरानी ववशवववखमात कफ़जजमशमन ईयान
फाऩजी का साजननधम गॊगा क ऩावन परवाह जसा ह
कर-कर कयती इस बागीयथी की धवर धाया क ककनाय ऩय ऩजम फाऩजी क साजननधम भ फठकय भ फड़ा ही आपहाटदत औय परभटदत हॉ आनॊटदत हॉ योभाॊचित हॊ | गॊगा बायत की सषमना नाड़ी ह | गॊगा बायत की सॊजीवनी ह | शरी ववषणजी क ियणो स ननकरकय बरहमाजी क कभॊड़र औय जटाधय क भाथ ऩय शोबामभान गॊगा बतरमोगमसवदधकायक ह |
ववषणजी क ियणो स ननकरी गॊगा बकतकत मोग की परतीनत कयाती ह औय मशवजी क भसतक ऩय जसथत गॊगा ऻान मोग की उचितय बमभका ऩय आरढ़ होन की खफय दती ह |
भझ ऐसा रग यहा ह कक आज फाऩजी क परविनो को सनकय भ गॊगा भ गोता रगा यहा हॉ कमोकक उनका परविन उनका सजननधम गॊगा क ऩावन परवाह जसा ह | व अरभसत फ़कीय ह | व फड़ सयर औय सहज ह | व जजतन ही ऊऩय स सयर ह उतन ही अॊतय भ गढ़ ह | उनभ टहभारम जसी उचिता ऩववतरता शरषठता ह औय सागयतर जसी गॊबीयता ह |
व याषड की अभपम धयोहय ह | उनह दखकय कवष-ऩयमऩया को फोध होता ह | गौतभ कणाद
जमभनी कवऩर दाद भीया कफीय यदास आटद सफ कबी-कबी उनभ टदखत ह |
य बाई कोई सतगर सॊत कहाव
जो ननन अरख रखाव धयती उखाड़ आकाश उखाड़
अधय भड़मा धाव |
शनम मशखय क ऩाय मशरा ऩय आसन अिर जभाव |
य बाई कोई सतगर सॊत कहाव
एक ऐस ऩावन साजननधम भ हभ फठ ह जो फड़ा दरगब औय सहज मोगसवरऩ ह | ऐस भहाऩरषो क मरए ऩॊकतकतमाॉ माद आ यही ह तभ िरो तो िर धयती िर अॊफय िर दननमा ऐस भहाऩरष िरत ह तो उनक मरए समग िॊर ताय गरह नतर आटद सफ अनकर हो जात ह | ऐस इजनरमातीत गणातीत बावातीत शबदातीत औय सफ अवसथाओॊ स ऩय ककनहीॊ भहाऩरषो क शरीियणो भ जफ फठत ह तो बागवत कहता ह
साधनाॊ दशगनॊ रोक सवगमसवदधकयॊ ऩयभ |
साध क दशगन भातर स वविाय ववबनत ववदवता शकतकत सहजता ननववगषमता परसननता मसवदधमाॉ औय आतभानॊद की परानि होती ह | दश क भहान सॊत महाॉ सहज ही आत ह बायत क सबी शॊकयािामग बी मशववय भ आत ह | अत भय भन भ बी वविाय आमा कक जहाॉ सफ जात ह वहाॉ जाना िाटहए कमोकक मही वह ठोय-टठकाना ह जहाॉ भन का अमबभान मभटामा जा सकता ह | ऐस भहाऩरषो क दशगन स कवर आनॊद औय भसती ही नहीॊ मभरती फजपक वह सफ कछ मभर जाता ह जो अमबरावषत ह आकाॊकषत ह रकषत ह | महाॉ भ करणा क
कभगठता क वववक-वयागम क ऻान क दशगन कय यहा हॉ | वयागम औय बकतकत क यण ऩोषण औय सॊवधगन क मरए मह सिकवषमो का उततभ ऻान भाना जाता ह | आज गॊगा कपय स
साकाय टदख यही ह तो व फाऩजी क वविाय औय वाणी भ टदख यही ह | अरभसतता सहजता उचिता शरषठता ऩववतरतता तीथग-सी शचिता मशश-सी सयरता तरणो-सा जोश वदधो-सा गाॊबीमग औय कवषमो जसा ऻानाफोध भझ जहाॉ हो यहा ह वह मह ऩॊडार ह | इस आनॊदनगय कहॉ मा परभनगय करणा का सागय कहॉ मा वविायो का सभनदय रककन इतना जरय कहॉगा कक भय भन का कोन-कोना आपहाटदत हो यहा ह | आऩ रोग फड़बागी ह जो ऐस भहाऩरष क शरीियणो भ फठ ह जहाॉ बागम का टदरवम रवमकतकतततव का ननभागण होता ह | जीवन की कतकतमता जहाॉ पराि हो सकती ह वह मही दय ह |
मभर तभ मभरी भॊजजर मभरा भकसद औय भददा बी |
न मभर तभ तो यह गमा भददा भकसद औय भॊजजर बी ||
आऩका मह बावयाजम औय परभयाजम दखकय भ िककत बी हॉ औय आनॊद का अनबव बी कय यहा हॉ | आऩक परनत भया ववशवास औय अटट ननषठा फढ़ इस हत भया नभन सवीकाय कय | भझ ऐसा रगता ह कक फाऩजी समग ह औय नायामण सवाभी एक ऐस दीऩ ह जो न फझ सकत ह न जराम जात ह |
-सवाभी अवधशानॊदजी हरयदवाय
सायसवतम भॊतर स हए अदबत राब
भन १९९८ भ ववधाथी उतथान मशववय सोनीऩत भ ऩजम गरदव स सायसवतम भॊतर की दीा री | दीा क फाद ननममभत भॊतरजऩ कयन स भ इतना कशागर फवदधवारा एवॊ सवावरॊफी हो गमा कक भन एक भहीन भ ही टमशन छोड़ दी औय सवमॊ खफ भहनत कयन रगा | भ सकर बी ऩदर आन-जान रगा जजसस भन सकर फस का ककयामा फिा मरमा |
भॊतर जाऩ क परबाव स भझ ९ वीॊ १० वीॊ ११ वीॊ की ऩयीाओॊ भ परथभ सथान पराि हआ |
१२ वीॊ की ऩयीा क सभम भया सवासम खयाफ होन क कायण भ जऩ ठीक स नहीॊ कय सका कपय बी ७९ परनतशत अॊको स ऩास हआ | उसक फाद इॊजजननमरयॊग की ऩरया भ बी उततीणग यहा |
-करदीऩ कभाय डी-२३४ वसट ववनोद नगय टदपरी
भ टदसमफय १९९९ भ छततीसगढ़ क बाटाऩाया भ ऩजम गरदव स सायसवतम भॊतर की दीा
री | ततऩशचात भ ननममभत रऩ स जऩ-धमान- पराणामाभ कयता था जजसस भझ फहत राब हआ | ऩजम फऩजी की कऩा औय सायसवतम भॊतर जाऩ क परबाव स भझ १२ वीॊ की फोड़ग की ऩरया भ ८४६ परनतशत अॊक मभर |
-ववयनर कभाय कौमशक
डोगयगाॉव जज याजनाॊदगाॉव (छग)
बौनतक मग क अॊधकाय भ ऻान की जमोनत ऩजम फाऩ
भादक ननमॊतरण बमयो बायत सयकाय क भहाननदशक शरी एिऩी कभाय ९ भई को अभदावाद आशरभ भ सतसॊग-कामगकरभ क दौयान ऩजम फाऩ स आशीवागद रन ऩहॉि | फड़ी ववनमरता एवॊ शरदधा क साथ उनहोन ऩजम फाऩ क परनत अऩन उदगाय भ कहा जजस रवमकतकत क ऩास वववक नहीॊ ह वह अऩन रकषम तक नहीॊ ऩहॉि सकता ह औय वववक को पराि कयन का साधन ऩजम आसायाभजी फाऩ जस भहान सॊतो का सतसॊग ह | ऩजम फाऩ स भया परथभ ऩरयिम टीवी क भाधमभ स हआ | ततऩशचात भझ आशरभ दवाय परकामशत कवष परसाद भामसक पराि हआ | उस सभम भझ रगा कक एक ओय जहाॉ इस बौनतक मग क अॊधकाय भ भानव बटक यहा ह वहीॊ दसयी ओय शाॊनत की भॊद-भॊद सगॊचधत वाम बी िर यही ह | मह ऩजम फाऩ क सतसॊग का ही परबाव ह | ऩजमशरी क दशगन कयन का जो सौबागम भझ पराि हआ ह इसस भ अऩन को कतकतम भानता हॉ | ऩजम फाऩ क शरीभख स जो अभत वषाग होती ह तथा इनक सतसॊग स कयोड़ो रदमो भ जो जमोनत जगती ह व इसी परकाय स जगती यह औय आन वार रॊफ सभम तक ऩजमशरी हभ सफ का भागगदशगन कयत यह मही भयी काभना ह | ऩजम फाऩ क शरीियणो भ भय परणाभ
-शरी एिऩी कभाय भहाननदशक भादक ननमॊतरण बमयो बायत सयकाय
गरकऩा ऐसी हई कक अॉधय तो कमा दय बी नहीॊ हई
ऩयभ कऩार फाऩजी क शरीियणो भ भय कोटट-कोटट वॊदन भ एक इसभाइरी खवाजा हॉ तथा अऩन धभग भ अकतडग हॉ | िाय वषग ऩवग कछ रोगो दवाया एक सननमोजजत मोजना फनाकय भझ जफयदसती भडगय कस का आयोऩी फना टदमा गमा था | इसस भझ कहीॊ शाॊनत नहीॊ मभर यही थी | २८ पयवयी १९९७ को भझ नागऩय भ आमोजजत फाऩजी क सतसॊग भ जान की परयणा मभरी औय ४ भािग १९९७ को भन फाऩजी स भॊतरदीा री | भ उनस भन-
ही-भन ववनती की कक ह गरदव भझ फिा रो | गरकऩा ऐसी हई कक ७ जनवयी १९९८ को भझ अदारत न ऩाक-साप फयी कय टदमा फाकी छ आयोवऩमो को सजा हई | धनम ह ऐस भय सदगर उनक शरीियणो भ भय कोटट-कोटट वनदन
-यहभान खान ननशान छाफड़ी (बफछआ) जज नछनदवाड़ा (भपर)
भजसरभ भटहरा को पराणदान
२७ मसतमफय २००० को जमऩय भ भय ननवास ऩय ऩजम फाऩ का आतभ-साातकाय टदवस
भनामा गमा जजसभ भय ऩड़ोस की भजसरभ भटहरा नाथी फहन क ऩनत शरी भाॉग खाॉ न बी ऩजम फाऩ की आयती की औय ियणाभत मरमा | ३-४ टदन फाद ही व भजसरभ दॊऩनत खवाजा साटहफ क उसग भ अजभय िर गम | टदनाॊक ४ अकटफय २००० को अजभय क उसग भ असाभाजजक ततवो न परसाद भ जहय फाॉट टदमा जजसस उसग भर भ आम कई दशगनाथी असवसथ हो गम औय कई भय बी गम | भय ऩड़ोस की नाथी फहन न बी वह परसाद खामा औय थोड़ी दय भ ही वह फहोश हो गमी | अजभय भ उसका उऩिाय ककमा गमा ककॊ त उस होश न आमा | दसय टदन ही उसका ऩनत उस अऩन घय र आमा | कॉरोनी क सबी ननवासी उसकी हारत दखकय कह यह थ कक अफ इसका फिना भजशकर ह | भ बी उस दखन गमा | वह फहोश ऩड़ी थी | भ जोय-जोय स हरय ॐ हरय ॐ का उचिायण ककमा तो वह थोड़ा टहरन रगी | भझ परयणा हई औय भ ऩन घय गमा | ऩजम फाऩ स पराथगना की | ३-४ घॊट फाद ही वह भटहरा ऐस उठकय खड़ी हो गमी भानो सोकय उठी हो | उस भटहरा न फतामा कक भय िािा ससय ऩीय ह औय उनहोन भय ऩनत क भॉह स फोरकय फतामा कक तभन २७ मसतमफय २००० को जजनक सतसॊग भ ऩानी वऩमा था उनहीॊ सपद दाढ़ीवार फाफा न तमह फिामा ह कसी करणा ह गरदव की
-जएर ऩयोटहत
८७ सपतान नगय जमऩय (याज)
उस भटहरा का ऩता ह -शरीभती नाथी
ऩतनी शरी भाॉग खाॉ १०० सपतान नगय गजगय की धड़ी नम साॊगानय योड़
जमऩय (याज)
हरयनाभ की पमारी न छड़ामी शयाफ की फोतर
सौबागमवश गत २६ टदसमफय १९९८ को ऩजमशरी क १६ मशषमो की एक टोरी टदपरी स हभाय गाॉव भ हरयनाभ का परिाय-परसाय कयन ऩहॉिी | भ फिऩन स ही भटदयाऩान धमरऩान व मशकाय कयन का शौकीन था | ऩजम फाऩ क मशषमो दवाया हभाय गाॉव भ जगह-जगह ऩय तीन टदन तक रगाताय हरयनाभ का कीतगन कयन स भझ बी हरयनाभ का यॊग रगता जा यहा था | उनक जान क एक टदन क ऩशचात शाभ क सभम योज की बाॊनत भन शयाफ की फोतर ननकारी | जस ही फोतर खोरन क मरए ढककन घभामा तो उस ढककन क घभन स भझ हरय ॐ हरय ॐ की धवनन सनामी दी | इस परकाय भन दो-तीन फाय ढककन घभामा औय हय फाय भझ हरय ॐ की धवनन सनामी दी | कछ दय फाद भ उठा तथा ऩजमशरी क एक मशषम क घय गमा | उनहोन थोड़ी दय भझ ऩजमशरी की अभतवाणी सनामी | अभतवाणी सनन क फाद भया रदम ऩकायन रगा कक इन दरवमगसनो को तमाग दॉ | भन तयॊत फोतर उठामी तथा जोय-स दय खत भ प क दी | ऐस सभथग व ऩयभ कऩार सदगरदव को भ रदम स परणाभ कयता हॉ जजनकी कऩा स मह अनोखी घटना भय जीवन भ घटी जजसस भया जीवन ऩरयवनतगत हआ |
-भोहन मसॊह बफषट
मबखमासन अपभोड़ा (उपर)
ऩय गाॉव की कामाऩरट
ऩजमशरी स टदनाॊक २७६९१ को दीा रन क फाद भन रवमवसनभकतकत क परिाय-परसाय का रकषम फना मरमा | भ एक फाय कौशरऩय (जज शाजाऩय) ऩहॉिा | वहाॉ क रोगो क रवमवसनी औय रड़ाई-झगड़ मकत जीवन को दखकय भन कहा आऩ रोग भनषम-जीवन सही अथग ही नहीॊ सभझत ह | एक फाय आऩ रोग ऩजम फाऩजी क दशगन कय र तो आऩको सही जीवन जीन की कॊ जी मभर जामगी | गाॉव वारो न भयी फात भान री औय दस रवमकतकत भय गाॉव ताजऩय आम | भन एक साधक को उनक साथ जनभाषटभी भहोतसव भ सयत बजा | ऩजम फाऩजी की उन ऩय कऩा फयसी औय सफको गरदीा मभर गमी | जफ व रोग अऩन गाॉव ऩहॉि तो सबी गाॉववामसमो को फड़ा कौतहर था कक ऩजम फाऩजी कस ह फाऩजी की रीराएॉ सनकय गाॉव क अनम रोगो भ बी ऩजम फाऩजी क परनत शरदधा जगी | उन दीकषत साधको न सबी गाॉववारो को सववधानसाय ऩजम फाऩजी क अरग-अरग आशरभो भ
बजकय दीा टदरवा दी | गाॉव क सबी रवमकतकत अऩन ऩय ऩरयवाय सटहत दीकषत हो िक ह | परतमक गरवाय को ऩय गाॉव भ एक सभम बोजन फनता ह | सबी रोग गरवाय का वरत यखत ह | कौशरऩय गाॉव क परबाव स आस-ऩास क गाॉववार एवॊ उनक रयशतदायो सटहत १००० रवमकतकतमो शयाफ छोड़कय दीा र री ह | गाॉव क इनतहास भ तीन-तीन ऩीढ़ी स कोई भॊटदय नहीॊ था | गाॉववारो न ५ राख रऩम रगाकय दो भॊटदय फनवाम ह | ऩया गाॉव रवमवसनभकत एवॊ बगवतबकत फन गमा ह मह ऩजम फाऩजी की कऩा नहीॊ तो औय कमा ह सफक तायणहाय ऩजम फाऩजी क शरीियणो भ कोटट-कोटट परणाभ
-शमाभ परजाऩनत (सऩयवाइजय नतरहन सॊघ) ताजऩय उजजन (भपर)
नतरबफ ॊद का िभतकाय
भया सौबागम ह कक भझ सॊतकऩा नतरबफॊद (आई डरॉपस) का िभतकाय दखन को मभरा |
एक सॊत फाफा मशवयाभदास उमर ८० वषग गीता कटटय तऩोवन झाड़ी सिसयोवय हरयदवाय भ यहत ह | उनकी दाटहनी आॉख क सपद भोनतम का ऑऩयशन शाॉनतकॊ ज हरयदवाय आमोजजत कमऩ भ हआ | कस बफगड़ गमा औय कार भोनतमा फन गमा | ददग यहन रगा औय योशनी घटन रगी | दोफाया बभाननद नतर चिककतसारम भ ऑऩयशन हआ | एबसपमट गरकोभा फतात हए कहा कक ऑऩयशन स मसयददग ठीक हो जामगा ऩय योशनी जाती यहगी | ऩयॊत अफ व फाफा सॊत शरी आसायाभजी आशरभ दवाय ननमभगत सॊतकऩा नतरबफॊद सफह-शाभ डार यह ह | भन उनक नतरो का ऩयीण ककमा | उनकी दाटहनी आॉख भ उॉगरी चगनन रामक योशनी वाऩस आ गमी ह | कार भोनतम का परशय नॉभगर ह | कोननगमा भ सजन नहीॊ ह | व कापी सॊतषट ह | व फतात ह आॉख ऩहर रार यहती थी ऩयॊत अफ नहीॊ ह | आशरभ क नतरबफॊद स कपऩनातीत राब हआ | फामीॊ आॉख भ बी उनह सपद भोनतमा फतामा गमा था औय सॊशम था कक शामद कारा भोनतमा बी ह | ऩय आज फामीॊ आॉख बी ठीक ह औय दोनो आॉखो का परशय बी नॉभगर ह | सपद भोनतमा नहीॊ ह औय योशनी कापी अचछी ह |
मह सॊतकऩा नतरफॊद का ववरण परबाव दखकय भ बी अऩन भयीजो को इसका उऩमोग कयन की सराह दॉगा |
-डॉ अननत कभाय अगरवार (नतरयोग ववशषऻ)
एभफीफीएस एभएस (नतर) डीओएभएस (आई) सीताऩय सहायनऩय (उपर)
ऩजमशरी की तसवीय स मभरी परयणा
सवगसभथग ऩयभ ऩजम शरी फाऩजी क ियणकभरो भ भया कोटट-कोटट नभन १९८४ क बकॊ ऩ स समऩणग उततय बफहाय भ कापी नकसान हआ था जजसकी िऩट भ हभाया घय बी था | ऩरयजसथनतवश भझ नौवी का भ ऩढ़ामी छोड़ दनी ऩड़ी | ककसी मभतर की सराह स भ नौकयी ढॉढ़न क मरए टदपरी गमा रककन वहाॉ बी ननयाशा ही हाथ रगी | भ दो टदन स बखा तो था ही ऊऩय स नौकयी की चिॊता | अत आतभहतमा का वविाय कयक यरव सटशन की ओय िर ऩड़ा | यानीफाग फाजाय भ एक दकान ऩय ऩजमशरी का सतसाटहतम
कसट आटद यखा हआ था एवॊ ऩजमशरी की फड़ आकाय की तसवीय बी टॉगी थी | ऩजमशरी की हॉसभख एवॊ आशीवागद की भरावारी उस तसवीय ऩय भयी नजय ऩड़ी तो १० मभनट तक भ वहीॊ सड़क ऩय स ही खड़-खड़ उस दखता यहा | उस वकत न जान भझ कमा मभर गमा भ काभ बर भजदयी का ही कयता हॉ रककन तफस रकय आज तक भय चितत भ फड़ी परसननता फनी हई ह | न जान भयी जजनदगी की कमा दशा होती अगय ऩजम फाऩजी की मवाधन सया ईशवय की ओय ननजशचनत जीवन ऩसतक औय कवष परसाद ऩबतरका हाथ न रगती ऩजमशरी की तसवीय स मभरी परयणा एवॊ उनक सतसाटहतम न भयी डफती नमा को भानो भझदाय स फिा मरमा | धनबागी ह साटहतम की सवा कयन वार जजनहोन भझ आतभहतमा क ऩाऩ स फिामा |
-भहश शाह
नायामणऩय दभया जज सीताभढ़ी (बफहाय)
भॊतर स राब
भयी भाॉ की हारत अिानक ऩागर जसी हो गमी थी भानो कोई बत-परत-डाककनी मा आसयी ततव उनभ घस गमा | भ फहत चिॊनतत हो गमा एवॊ एक साचधका फहन को पोन ककमा | उनहोन बत-परत बगान का भॊतर फतामा जजसका वणगन आशरभ स परकामशत आयोगमननचध ऩसतक भ बी ह | वह भॊतर इस परकाय ह
ॐ नभो बगवत रर बयवाम बतपरत म कर कर हॊ पट सवाहा |
इस भॊतर का ऩानी भ ननहायकय १०८ फाय जऩ ककमा औय वही ऩानी भाॉ को वऩरा टदमा |
तयॊत ही भाॉ शाॊनत स सो गमीॊ | दसय टदन बी इस भॊतर की ऩाॉि भारा कयक भाॉ को वह जर वऩरामा तो भाॉ बफपकर ठीक हो गमीॊ | ह भय साधक बाई-फहनो बत-परत बगान क
मरए अरा फाॉधॉ फरा फाॉधॉ ऐसा कयक झाड़-फ़ॉ क कयनवारो क िककय भ ऩड़न की जरयत नहीॊ ह | इसक मरए तो ऩजम फाऩजी का भॊतर ही तायणहाय ह | ऩजम फाऩजी क शरीियणो भ कोटट-कोटट परणाभ
-िॊऩकबाई एन ऩटर (अभरयका)
काभ करोध ऩय ववजम ऩामी
एक टदन भॊफई भर भ टटकट िककॊ ग कयत हए भ वातानकमरत फोगी भ ऩहॉिा | दखा तो भखभर की गददी ऩय टाट का आसन बफछाकय सवाभी शरी रीराशाहजी भहायाज सभाचधसथ ह | भझ आशचमग हआ कक जजन परथभ शरणी की वातानकमरत फोचगमो भ याजा-भहायाजा मातरा कयत ह ऐसी फोगी औय तीसयी शरणी की फोगी क फीि इन सॊत को कोई बद नहीॊ रगता | ऐसी फोचगमो भ बी व सभाचधसथ होत ह मह दखकय मसय झक जाता ह | भन ऩजम भहायाजशरी को परणाभ कयक कहा आऩ जस सॊतो क मरए तो सफ एक सभान ह |
हय हार भ एकयस यहकय आऩ भकतकत का आनॊद र सकत ह | रककन हभाय जस गरहसथो को कमा कयना िाटहए ताकक हभ बी आऩ जसी सभता फनाम यखकय जीवन जी सक
ऩजम भहायाजजी न कहा काभ औय करोध को त छोड़ द तो त बी जीवनभकत हो सकता ह | जहाॉ याभ तहॉ नहीॊ काभ जहाॉ काभ तहॉ नहीॊ याभ | औय करोध तो बाई बसभासय ह | वह तभाभ ऩणम को जराकय बसभ कय दता ह अॊतकयण को भमरन कय दता ह | भन कहा परब अगय आऩकी कऩा होगी तो भ काभ-करोध को छोड़ ऩाऊॉ गा | ऩजम भहायाजजी न कहा बाई कऩा ऐस थोड़ ही की जाती ह सॊतकऩा क साथ तया ऩरषाथग औय दढ़ता बी िाटहए | ऩहर त परनतऻा कय कक त जीवनऩमगनत काभ औय करोध स दय यहगा तो भ तझ आशीवागद दॉ | भन कहा भहायाजजी भ जीवनबय क मरए परनतऻा तो करॉ रककन उसका ऩारन न कय ऩाऊॉ तो झठा भाना जाऊॉ गा | ऩजम भहायाजजी न कहा अचछा ऩहर त भय सभ आठ टदन क मरए परनतऻा कय | कपय परनतऻा को एक-एक टदन फढ़त जाना | इस परकाय त उन फराओॊ स फि सकगा | ह कफर भन हाथ जोड़कय कफर ककमा | ऩजम भहायाजजी न आशीवागद दकय दो-िाय पर परसाद भ टदम | ऩजम भहायाजजी न भयी जो दो कभजोरयमाॉ थीॊ उन ऩय ही सीधा हभरा ककमा था | भझ आशचमग हआ कक अनम कोई बी दगगण छोड़न का न कहकय इन दो दगगणो क मरए ही उनहोन परनतऻा कमो कयवामी फाद भ भ इस याज स अवगत हआ |
दसय टदन भ ऩसनजय टरन भ कानऩय स आग जा यहा था | सफह क कयीफ नौ फज थ |
तीसयी शरणी की फोगी भ जाकय भन माबतरमो क टटकट जाॉिन का कामग शर ककमा | सफस
ऩहर फथग ऩय सोम हए एक मातरी क ऩास जाकय भन एक मातरी क ऩास जाकय भन टटकट टदखान को कहा तो वह गससा होकय भझ कहन रगा अॊधा ह दखता नहीॊ कक भ सो गमा हॉ भझ नीॊद स जगान का तझ कमा अचधकाय ह मह कोई यीत ह टटकट क फाय भ ऩछन की ऐसी ही अकर ह तयी ऐसा कछ-का-कछ वह फोरता ही गमा फोरता ही गमा | भ बी करोधाववषट होन रगा ककॊ त ऩजम भहायाजजी क सभ री हई परनतऻा भझ माद थी अत करोध को ऐस ऩी गमा भानो ववष की ऩकतड़मा भन उस कहा भहाशम आऩ ठीक ही कहत ह कक भझ फोरन की अकर नहीॊ ह बान नहीॊ ह | दखो भय म फार धऩ भ सपद हो गम ह | आऩभ फोरन की अकर अचधक ह नमरता ह तो कऩा कयक मसखाओॊ कक टटकट क मरए भझ ककस परकाय आऩस ऩछना िाटहए | भ रािाय हॉ कक डमटी क कायण भझ टटकट िक कयना ऩड़ यहा ह इसमरए भ आऩको कषट द यहा हॉ|
औय कफ़य भन खफ परभ स हाथ जोड़कय ववनती की बमा कऩा कयक कषट क मरए भझ भा कयो | भझ अऩना टटकट टदखामग भयी नमरता दखकय वह रजजजत हो गमा एवॊ तयॊत उठ फठा | जपदी-जपदी नीि उतयकय भझस भा भाॉगत हए कहन रगा भझ भाप कयना | भ नीॊद भ था | भन आऩको ऩहिाना नहीॊ था | अफ आऩ अऩन भॉह स भझ कह कक आऩन भझ भाफ़ ककमा मह दखकय भझ आनॊद औय सॊतोष हआ | भ सोिन रगा कक सॊतो की आऻा भानन भ ककतनी शकतकत औय टहत ननटहत ह सॊतो की करणा कसा िभतकारयक ऩरयणाभ राती ह वह रवमकतकत क पराकनतक सवबाव को बी जड़-भर स फदर सकती ह | अनमथा भझभ करोध को ननमॊतरण भ यखन की कोई शकतकत नहीॊ थी | भ ऩणगतमा असहाम था कपय बी भझ भहायाजजी की कऩा न ही सभथग फनामा | ऐस सॊतो क शरीियणो भ कोटट-कोटट नभसकाय
-शरी यीजभर
रयटामडग टीटी आई कानऩय
अनम अनबव
जरा हआ कागज
ऩवग रऩ भ एक फाय ऩयभहॊस ववशदधानॊदजी स आनॊदभमी भाॉ की ननकटता ऩानवार सपरमसदध ऩॊकतडत गोऩीनाथ कववयाज न ननवदन ककमा तयणीकानत ठाकय को अरौककक मसवदध पराि हई ह | व बफना दख मा बफना छए ही कागज भ मरखी हई फात ऩढ़ रत ह |
गरदव फोर तभ एक कागज ऩय कछ मरखो औय उसभ आग रगाकय जरा दो |
कववयाजजी न कागज ऩय कछ मरखा औय ऩयी तयह कागज जराकय हवा भ उड़ा टदमा |
उसक फाद गरदव न अऩन तककम क नीि स वही कागज ननकारकय कववयाजजी क आग यख टदमा | मह दखकय उनह फड़ा आशचमग हआ कक मह कागज वही था एवॊ जो उनहोन मरखा था वह बी उस ऩय उनहीॊ क सरख भ मरखा था औय साथ ही उसका उततय बी मरखा हआ दखा | जड़ता ऩशता औय ईशवयता का भर हभाया शयीय ह | जड़ शयीय को भ-भया भानन की ववतत जजतनी मभटती ह ऩाशवी वासनाओॊ की गराभी उतनी हटती ह औय हभाया ईशवयीम अॊश जजतना अचधक ववकमसत होता ह उतना ही मोग-साभमग ईशवयीम साभमग परकट होता ह | बायत क ऐस कई बकतो सॊतो औय मोचगमो क जीवन भ ईशवयीम साभमग दखा गमा ह अनबव ककमा गमा ह उसक ववषम भ सना गमा ह | धनम ह बायतबमभ भ यहनवार बायतीम सॊसकनत भ शरदधा-ववशवास यखनवार अऩन ईशवयीम अॊश को जगान की सवा-साधना कयनवार सवाभी ववशदधानॊदजी वषो की एकाॊत साधना औय वषो-वषो की गरसवा स अऩना दहाधमास औय ऩाशवी वासनाएॉ मभटाकय अऩन ईशवयीम
अॊश को ववकमसत कयनवार बायत क अनक भहाऩरषो भ स थ | उनक जीवन की औय बी अरौककक घटनाओॊ का वणगन आता ह | ऐस सतऩरषो क जीवन-िरयतर औय उनक जीवन भ घटटत घटनाएॉ ऩढ़न-सनन स हभ रोग बी अऩनी जड़ता एवॊ ऩशता स ऊऩय उठकय ईशवयीम अॊश को उबायन भ उतसाटहत होत ह | फहत ऊॉ िा काभ ह फड़ी शरदधा फड़ी सभझ फड़ा धमग िाटहए ईशवयीम साभमग को ऩणग रऩ स ववकमसत कयन भ | अफ आओ
िर आदय शॊकयािामग की ओय
नदी की धाया भड़ गमी
आदय शॊकयािामग की भाता ववमशषटा दवी अऩन करदवता कशव की ऩजा कयन जाती थीॊ | व ऩहर नदी भ सनान कयतीॊ औय कफ़य भॊटदय भ जाकय ऩजन कयतीॊ | एक टदन व परातकार ही ऩजन-साभगरी रकय भॊटदय की ओय गमीॊ ककॊ त सामॊकार तक घय नहीॊ रौटीॊ | शॊकयािामग की आम अबी सात-आठ वषग क भधम भ ही थी | व ईशवय क ऩयभ बकत औय ननषठावान थ | सामॊकार तक भाता क वाऩस न रौटन ऩय आिामग को फड़ी चिनता हई औय व उनह खोजन क मरए ननकर ऩड़ | भॊटदय क ननकट ऩहॉिकय उनहोन भाता को भागग भ ही भजचछगत ऩड़ दखा | उनहोन फहत दय तक भाता का उऩिाय ककमा तफ व होश भ आ सकीॊ |
नदी अचधक दय थी | वहाॉ तक ऩहॉिन भ भाता को फड़ा कषट होता था | आिामग न बगवान स भन-ही-भन पराथगना की कक परबो ककसी परकाय नदी की धाया को भोड़ दो जजसस कक
भाता ननकट ही सनान कय सक | व इस परकाय की पराथगना ननतम कयन रग | एक टदन उनहोन दखा कक नदी की धाया ककनाय की धयती को काटती-काटती भड़न रगी ह तथा कछ टदनो भ ही वह आिामग शॊकय क घय क ऩास फहन रगी | इस घटना न आिामग का अरौककक शकतकतसमऩनन होना परमसदध कय टदमा |
सकषभ शयीय स िोय का ऩीछा ककमा
हरयहय फाफा की फड़ी परमसवदध थी | एक फाय व हयऩारऩय सटशन ऩय थ | वहाॉ क सटशन भासटय न उनको एक िोय सऩदग ककमा | िोय न फाफा स कहा भहायाज भझ इतनी छटटी द दीजजम कक भ अऩन फार-फचिो का परफॊध कय आऊॉ | फाफा गाड़ी आन ऩय रौट आना | िोय िरा गमा | सटशन भासटय को ऩता िरा तो वह फाफा ऩय गभग हआ औय फोरा उसक फदर तमह जर की हवा खानी होगी | तभन जान-फझकय उस बगा टदमा ह | फाफा घफयाओ भत गाड़ी आन स ऩहर ही वह रौट आमगा | िोय की नीमत ठीक नहीॊ थी | वह जॊगर क भागग स अऻात सथान को बाग जाना िाहता था ककॊ त उस हय सभम मही परतीत होता यहा कक हरयहय फाफा डॊडा पटकायत हए उसक ऩीछ-ऩीछ िर आ यह ह | इसीमरए वह गाड़ी आन स ऩहर ही रौट आमा |
भॊगरी फाधा-ननवायण भॊतर
अॊ याॊ अॊ
इस भॊतर को १०८ फाय जऩन स करोध दय होता ह | जनभकनडरी भ भॊगरी मोग होन स जजनक वववाह न हो यह हो व २७ भॊगरवाय इस भॊतर का १०८ फाय जऩ कयत हए वरत यखकय हनभानजी ऩय मसॊदय का िोरा िढ़ाम | इसस भॊगर-फाधा का म होता ह |
सखऩवगक परसवकायक भॊतर
ऩहरा उऩाम
एॊ हीॊ बगवनत बगभामरनन िर िर भराभम भराभम ऩषऩॊ ववकासम ववकासम सवाहा |
इस भॊतर दवाया अमबभॊबतरत दध गमबगणी सतरी को वऩराम तो सखऩवगक परसव होगा |
दसया उऩाम
गमबगणी सतरी सवमॊ परसव क सभम जमबरा-जमबरा जऩ कय |
तीसया उऩाम
दशी गाम क गोफय का १२ स १५ मभरी यस ॐ नभो नायामणाम भॊतर का २१ फाय जऩ कयक ऩीन स बी परसव-फाधाएॉ दय होगी औय बफना ऑऩयशन क परसव होगा |
परसनत क सभम अभॊगर की आशॊका हो तो ननमन भॊतर का जऩ कय
सवगभॊगर भाॊगपम मशव सवागथग साचधक |
शयणम तरममफक गौयी नायामणी नभोSसतत ||
(दगागसिशती)
शकतकतशारी व गोय ऩतर की परानि क मरए
सगबागवसथा भ ढाक (ऩराश खाखया) का एक कोभर ऩतता घोटकय गौ-दगध क साथ योज सवन कयन स फारक शकतकतशारी औय गोया होता ह | भाता-वऩता बर कार-करट हो कपय बी फारक गोया होगा |
सदगर-भटहभा
गर बफन बव ननचध तय न कोई |
जौ फयॊचि सॊकय सभ होई ||
-सॊत तरसीदासजी
हरयहय आटदक जगत भ ऩजमदव जो कोम |
सदगर की ऩजा ककम सफकी ऩजा होम ||
-ननशचरदासजी भहायाज
सहजो कायज सॊसाय को गर बफन होत नाॉही |
हरय तो गर बफन कमा मभर सभझ र भन भाॉही ||
-सॊत कफीयजी सॊत
सयनन जो जन ऩय सो जन उधयनहाय | सॊत की ननॊदा नानका फहरय फहरय अवताय ||
-गर नानक दवजी
गरसवा सफ बागमो की जनभबमभ ह औय वह शोकाकर रोगो को बरहमभम कय दती ह |
गररऩी समग अववदयारऩी याबतर का नाश कयता ह औय ऻानाऻान रऩी मसतायो का रोऩ कयक फवदधभानो को आतभफोध का सटदन टदखाता ह |
-सॊत ऻानशवय भहायाज
सतम क कॊ टकभम भागग भ आऩको गर क मसवाम औय कोई भागगदशगन नहीॊ द सकता |
- सवाभी मशवानॊद सयसवती
ककतन ही याजा-भहायाजा हो गम औय होग सामजम भकतकत कोई नहीॊ द सकता | सचि याजा-भहायाज तो सॊत ही ह | जो उनकी शयण जाता ह वही सचिा सख औय सामजम भकतकत ऩाता ह |
-सभथग शरी याभदास सवाभी
भनषम िाह ककतना बी जऩ-तऩ कय मभ-ननमभो का ऩारन कय ऩयॊत जफ तक सदगर की कऩादवषट नहीॊ मभरती तफ तक सफ रवमथग ह |
-सवाभी याभतीथग
परटो कहत ह कक सकयात जस गर ऩाकय भ धनम हआ |
इभसगन न अऩन गर थोयो स जो पराि ककमा उसक भटहभागान भ व बावववबोय हो जात थ |
शरी याभकषण ऩयभहॊस ऩणगता का अनबव कयानवार अऩन सदगरदव की परशॊसा कयत नहीॊ अघात थ |
ऩजमऩाद सवाभी शरी रीराशाहजी भहायाज बी अऩन सदगरदव की माद भ सनह क आॉस
फहाकय गदगद कॊ ठ हो जात थ |
ऩजम फाऩजी बी अऩन सदगरदव की माद भ कस हो जात ह मह तो दखत ही फनता ह |
अफ हभ उनकी माद भ कस होत ह मह परशन ह | फटहभगख ननगय रोग कछ बी कह साधक को अऩन सदगर स कमा मभरता ह इस तो साधक ही जानत ह |
रडी भाटटगन क सहाग की या कयन अपगाननसतान भ परकट मशवजी
साध सॊग सॊसाय भ दरगब भनषम शयीय |
सतसॊग सववत ततव ह बतरववध ताऩ की ऩीय ||
भानव-दह मभरना दरगब ह औय मभर बी जाम तो आचधदववक आचधबौनतक औय आधमाजतभक म तीन ताऩ भनषम को तऩात यहत ह | ककॊ त भनषम-दह भ बी ऩववतरता हो सचिाई हो शदधता हो औय साध-सॊग मभर जाम तो म बतरववध ताऩ मभट जात ह |
सन १८७९ की फात ह | बायत भ बबरटटश शासन था उनहीॊ टदनो अॊगरजो न अपगाननसतान ऩय आकरभण कय टदमा | इस मदध का सॊिारन आगय भारवा बबरटटश छावनी क रजफ़टनट कनगर भाटटगन को सौऩा गमा था | कनगर भाटटगन सभम-सभम ऩय मदध-तर स अऩनी ऩतनी को कशरता क सभािाय बजता यहता था | मदध रॊफा िरा औय अफ तो सॊदश आन बी फॊद हो गम | रडी भाटटगन को चिॊता सतान रगी कक कहीॊ कछ अनथग न हो गमा हो अपगानी सननको न भय ऩनत को भाय न डारा हो | कदाचित ऩनत मदध भ शहीद हो गम तो भ जीकय कमा करॉ गी -मह सोिकय वह अनक शॊका-कशॊकाओॊ स नघयी यहती थी |
चिनतातय फनी वह एक टदन घोड़ ऩय फठकय घभन जा यही थी | भागग भ ककसी भॊटदय स आती हई शॊख व भॊतर धवनन न उस आकवषगत ककमा | वह एक ऩड़ स अऩना घोड़ा फाॉधकय भॊटदय भ गमी | फजनाथ भहादव क इस भॊटदय भ मशवऩजन भ ननभगन ऩॊकतडतो स उसन ऩछा आऩ रोग कमा कय यह ह एक वरदध बराहमण न कहा हभ बगवान मशव का ऩजन कय यह ह | रडी भाटटगन मशवऩजन की कमा भहतता ह बराहमण फटी बगवान मशव तो औढयदानी ह बोरनाथ ह | अऩन बकतो क सॊकट-ननवायण कयन भ व तननक बी दय नहीॊ कयत ह | बकत उनक दयफाय भ जो बी भनोकाभना रकय क आता ह उस व शीघर ऩयी कयत ह ककॊ त फटी तभ फहत चिजनतत औय उदास नजय आ यही हो कमा फात ह रडी भाटटगन भय ऩनतदव मदध भ गम ह औय ववगत कई टदनो स उनका कोई
सभािाय नहीॊ आमा ह | व मदध भ पॉ स गम ह मा भाय गम ह कछ ऩता नहीॊ िर यहा | भ उनकी ओय स फहत चिजनतत हॉ | इतना कहत हए रडी भाटटगन की आॉख नभ हो गमीॊ |
बराहमण तभ चिनता भत कयो फटी मशवजी का ऩजन कयो उनस पराथगना कयो रघररी कयवाओ | बगवान मशव तमहाय ऩनत का यण अवशम कयग |
ऩॊकतडतो की सराह ऩय उसन वहाॉ गमायह टदन का ॐ नभ मशवाम भॊतर स रघररी अनषठान परायॊब ककमा तथा परनतटदन बगवान मशव स अऩन ऩनत की या क मरए पराथगना कयन रगी कक ह बगवान मशव ह फजनाथ भहादव मटद भय ऩनत मदध स सकशर रौट आम तो भ आऩका मशखयफॊद भॊटदय फनवाऊॉ गी | रघररी की ऩणागहनत क टदन बागता हआ एक सॊदशवाहक मशवभॊटदय भ आमा औय रडी भाटटगन को एक मरपापा टदमा | उसन घफयात-घफयात वह मरपापा खोरा औय ऩढ़न रगी |
ऩतर भ उसक ऩनत न मरखा था हभ मदध भ यत थ औय तभ तक सॊदश बी बजत यह रककन आक ऩठानी सना न घय मरमा | बबरटटश सना कट भयती औय भ बी भय जाता |
ऐसी ववकट ऩरयजसथनत भ हभ नघय गम थ कक पराण फिाकय बागना बी अतमाचधक कटठन था | इतन भ भन दखा कक मदधबमभ भ बायत क कोई एक मोगी जजनकी फड़ी रमफी जटाएॉ ह हाथ भ तीन नोकवारा एक हचथमाय (बतरशर) इतनी तीवर गनत स घभ यहा था कक ऩठान सननक उनह दखकय बागन रग | उनकी कऩा स घय स हभ ननकरकय ऩठानो ऩय वाय कयन का भौका मभर गमा औय हभायी हाय की घकतड़माॉ अिानक जीत भ फदर गमीॊ | मह सफ बायत क उन फाघामफयधायी एवॊ तीन नोकवारा हचथमाय धायण ककम हए
(बतरशरधायी) मोगी क कायण ही समबव हआ | उनक भहातजसवी रवमकतकततव क परबाव स दखत-ही-दखत अपगाननसतान की ऩठानी सना बाग खड़ी हई औय व ऩयभ मोगी भझ
टहमभत दत हए कहन रग | घफयाओॊ नहीॊ | भ बगवान मशव हॉ तथा तमहायी ऩतनी की ऩजा स परसनन होकय तमहायी या कयन आमा हॉ उसक सहाग की या कयन आमा हॉ |
ऩतर ऩढ़त हए रडी भाटटगन की आॉखो स अववयत अशरधाया फहती जा यही थी उसका रदम अहोबाव स बय गमा औय वह बगवान मशव की परनतभा क समभख मसय यखकय पराथगना कयत-कयत यो ऩड़ी | कछ सिाह फाद उसका ऩनत कनगर भाटटगन आगय छावनी रौटा | ऩतनी न उस सायी फात सनात हए कहा आऩक सॊदश क अबाव भ भ चिजनतत हो उठी थी रककन बराहमणो की सराह स मशवऩजा भ रग गमी औय आऩकी या क मरए बगवान मशव स पराथगना कयन रगी | उन द खबॊजक भहादव न भयी पराथगना सनी औय आऩको सकशर रौटा टदमा | अफ तो ऩनत-ऩतनी दोनो ही ननममभत रऩ स फजनाथ भहादव क भॊटदय भ ऩजा-अिगना कयन रग | अऩनी ऩतनी की इचछा ऩय कनगर भाटटगन भ सन १८८३
भ ऩॊरह हजाय रऩम दकय फजनाथ भहादव भॊटदय का जीणोदवाय कयवामा जजसका मशरारख आज बी आगय भारवा क इस भॊटदय भ रगा ह | ऩय बायतबय भ अॊगरजो दवाय ननमभगत मह एकभातर टहनद भॊटदय ह |
मयोऩ जान स ऩवग रडी भाटटगन न ऩकतड़तो स कहा हभ अऩन घय भ बी बगवान मशव का भॊटदय फनामग तथा इन द ख-ननवायक दव की आजीवन ऩजा कयत यहग |
बगवान मशव भ बगवान कषण भ भाॉ अमफा भ आतभवतता सदगर भ सतता तो एक ही ह | आवशमकता ह अटर ववशवास की | एकररवम न गरभनत ग भ ववशवास कय वह पराि कय मरमा जो अजगन को कटठन रगा | आरणण उऩभनम रव परहराद आटद अनम सकड़ो उदायहण हभाय साभन परतम ह | आज बी इस परकाय का सहमोग हजायो बकतो को साधको को बगवान व आतभवतता सदगरओॊ क दवाया ननयनतय पराि होता यहता ह | आवशमकता ह तो फस कवर ववशवास की |
भहाभतमॊजम भॊतर
ॐ हौ जॉ स |
ॐ बबगव सव |
ॐ तरममफकॊ मजाभह सगॊचध ॊ ऩवषटवधगनभ |
उवागरकमभव फनधनानभतमोभगीम भाभतात |
सव भव ब ॐ |
स जॉ हौ ॐ |
बगवान मशव का मह भहाभतमॊजम जऩन स अकार भतम तो टरती ही ह आयोगमता की बी परानि होती ह | सनान कयत सभम शयीय ऩय रोट स ऩानी डारत वकत इस भॊतर का जऩ कयन स सवासम-राब होता ह | दध भ ननहायत हए इस भॊतर का जाऩ ककमा जाम औय कपय वह दध ऩी मरमा जम तो मौवन की सया भ बी सहामता मभरती ह | आजकर की तज यफ़तायवारी जजनदगी भ कहाॉ आतॊक उऩरव दघगटना हो जाम कहना भजशकर ह | घय स ननकरत सभम एक फाय मह भॊतर जऩनवारा इन उऩदरवो स सयकषत यहता ह औय सयकषत घय रौटता ह | (इस भॊतरानषठान क ववचध-ववधान की ववसतत जानकायी क मरए आशरभ दवाया परकामशत आयोगमननचध ऩसतक ऩढ़ |) शरीभदबागवत क आठव सकॊ ध भ तीसय अधमाम क शलोक १ स ३३ तक भ वणणगत गजनरभो सतोतर का ऩाठ कयन स तभाभ
ववधन दय होत ह |
टदखामा तो ककसीन भररयमा कहकय दवाइमाॉ दी तो ककसीन टामपामड कहकय इराज शर ककमा तो ककसीन टामपामड औय भररयमा दोनो कहा | दवाई की एक खयाक रन स शयीय नीरा ऩड़ गमा औय सज गमा | शयीय भ खन की कभी स उस छ फोतर खन िढ़ामा गमा | इॊजन दन स ऩय शयीय को रकवा भाय गमा | ऩीठ क ऩीछ शमावरण जसा हो गमा | ऩीठ औय ऩय का एकस-य मरमा गमा | ऩय ऩय वजन फाॉधकय यखा गमा | डॉकटयो न उस वाम का फखाय तथा यकत का क सय फतामा औय कहा कक उसक रदम तो वापव िौड़ा हो गमा ह | अफ हभ टहमभत हाय गम | अफ ऩजमशरी क मसवाम औय कोई सहाया नहीॊ था | उस सभम टहयर न कहा भमभी भझ ऩजम फाऩ क ऩास र िरो | वहाॉ ठीक हो जाऊगी | ऩाॉि टदन तक टहयर ऩजमशरी की यट रगाती यही | हभ उस अभदावाद आशरभ भ फाऩ क ऩास र गम | फाऩ न कहा इस कछ नहीॊ हआ ह | उनहोन भझ औय टहयर को भॊतर टदमा एवॊ फड़दादा की परदकषणा कयन को कहा | हभन परदकषणा की औय टहयर ऩनरह टदन भ िरन-कफ़यन रगी | हभ फाऩ की इस करणा-कऩा का कण कस िकाम अबी तो हभ आशरभ भ ऩजमशरी क शरीियणो भ सऩरयवाय यहकय धनम हो यह ह |
-परपपर रवमास
बावनगय
वतगभान भ अभदावाद आशरभ भ सऩरयवाय सभवऩगत
ऩजम फाऩ का दशगन-सतसॊग ही जीवन का सचिा यतन ह
भझ िाय सार स ऩतर कक काभना थी औय भय भन भ हआ कक भयी मह काभना जरय ऩयी होगी | अभदावाद भ धमानमोग मशववय क दौयान ऐसा वविाय आमा कक फाऩ भझ अऩन ियणो भ फरामग | भन भ दढ़ शरदधा थी | इतन रोगो क फीि भ स फाऩ न तजऩणग दवषट भझ ऩय डारी सॊतय का परसाद टदमा औय भया बागम खर गमा | फचि क जनभ स ऩहर डॉकटयो न ऑऩयशन को कहा था रककन फाऩ क फतान क भताबफक भय घयवारो न भझ गाम क गोफय का यस वऩरामा औय शीघर ही फारक का जनभ हो गमा | सचिी शरदधा-बकतकत हो तो कमा असॊबव ह ऩजम फाऩ का दशगन-सतसॊग ही जीवन का सचिा यतन ह |
सचिी शरदधा-बकतकत स ऐसा यतन ऩानवार हभ सबी धनबागी ह |
-यखा ऩयभाय भीया योड़ भॊफई
कसट का िभतकाय
रवमाऩाय उधायी भ िर जान स भ हताश हो गमा था एवॊ अऩनी जजॊदगी स तॊग आकय आतभहतमा कयन की फात सोिन रगा था | भझ साध-भहातभाओॊ व सभाज क रोगो स घणा-सी हो गमी थी धभग व सभाज स भया ववशवास उठ िका था | एक टदन भयी सारी फाऩजी क सतसॊग कक दो कसट ववचध का ववधान एवॊ आणखय कफ तक र आमी औय उसन भझ सनन क मरए कहा | उसक कई परमास क फाद बी भन व कसट नहीॊ सनीॊ एवॊ भन-ही-भन उनह ढ़ोग कहकय कसटो क कतडबफ भ दार टदमा | भन इतना ऩयशान था कक यात को नीॊद आना फॊद हो गमा था | एक यात कफ़पभी गाना सनन का भन हआ | अॉधया होन की वजह स कसट ऩहिान न सका औय गरती स फाऩजी क सतसॊग की कसट हाथ भ आ गमी | भन उसीको सनना शर ककमा | कपय कमा था भयी आशा फॉधन रगी | भन शाॉत होन रगा | धीय-धीय सायी ऩीड़ाएॉ दय होती िरी गमीॊ | भय जीवन भ योशनी-ही-योशनी हो गमी | कपय तो भन ऩजम फाऩजी क सतसॊग की कई कसट सनीॊ औय सफको सनामीॊ |
तदनॊतय भन गाजजमाफाद भ फाऩजी स दीा बी गरहण की | रवमाऩाय की उधायी बी िकता हो गमी | फाऩजी की कऩा स अफ भझ कोई द ख नहीॊ ह | ह गरदव फस एक आऩ ही भय होकय यह औय भ आऩका ही होकय यहॉ |
-ओभपरकाश फजाज
टदपरी योड़ सहायनऩय उततय परदश
भझ ऩय फयसी सॊत की कऩा
सन १९९५ क जन भाह भ भ अऩन रड़क औय बतीज क साथ हरयदवाय धमानमोग मशववय भ बाग रन गमा | एक टदन जफ भ हय की ऩौड़ी ऩय सनान कयन गमा तो ऩानी क तज फहाव क कायण ऩय कपसरन स भया रड़का औय बतीजा दोनो अऩना सॊतरन खो फठ औय गॊगा भ फह गम | ऐसी सॊकट की घड़ी भ भ अऩना होश खो फठा | कमा करॉ भ पट-पटकय योन रगा औय फाऩजी स पराथगना कयन रगा कक ह नाथ ह गरदव या कीजजम भय फचिो को फिा रीजजम | अफ आऩका ही सहाया ह | ऩजमशरी न भय सचि रदम स ननकरी ऩकाय सन री औय उसी सभम भया रड़का भझ टदखामी टदमा | भन झऩटकय उसको फाहय खीॊि मरमा रककन भया बतीजा तो ऩता नहीॊ कहाॉ फह गमा भ ननयॊतय यो यहा था औय भन भ फाय-फाय वविाय उठ यहा था कक फाऩजी भया रड़का फह जाता तो कोई फात नहीॊ थी रककन अऩन बाई की अभानत क बफना भ घय कमा भॉह
रकय जाऊॉ गा फाऩजी आऩही इस बकत की राज फिाओ | तबी गॊगाजी की एक तज रहय उस फचि को बी फाहय छोड़ गमी | भन रऩककय उस ऩकड़ मरमा | आज बी उस हादस को सभयण कयता हॉ तो अऩन-आऩको सॉबार नहीॊ ऩाता हॉ औय भयी आॉखो स ननयॊतय परभ की अशरधाया फहन रगती ह | धनम हआ भ ऐस गरदव को ऩाकय ऐस सदगरदव क शरीियणो भ भय फाय-फाय शत-शत परणाभ
-सभारखाॉ ऩानीऩत हरयमाणा
गरदव की कऩा स सॊतानपरानि
भयी शादी को ऩाॉि सार हो गम थ कपय बी कोई सॊतान नहीॊ हई | रोग हभ फहत तान भायत थ | तबी भन-ही-भन ननणगम र मरमा कक ऩजम फाऩ क आशरभ भ जाना ह | जनवयी १९९९ भ परथभ फाय उततयामण मशववय बया औय भॊतरदीा री | अफ गरदव कक कऩा स भझ एक सॊदय फारक पराि हआ ह | ऩजम फाऩजी की इतनी कऩा-करणा दखकय रदम बय आता ह | भ ऩजम फाऩजी स पराथगना कयती हॉ कक मह फारक उनह सभवऩगत कय सकॊ औय मह उनक मोगम फनसक ऐसी सदफवदध हभ द |
-ननभगरा क तड़वी काॊनतबाई हीयाबाई तडवी याभजी भॊटदय क ऩास कायरी फाग वड़ोदया
गरकऩा स जीवनदान
टदनाॊक १५-१-९६ की घटना ह | भन धात क ताय ऩय सखन क मरए कऩड़ परा यख थ |
फारयश होन क कायण उस ताय भ कयॊट आ गमा था | भया छोटा ऩतर ववशार जो कक ११ वीॊ का भ ऩढ़ता ह आकय उस ताय स छ गमा औय बफजरी का कयॊट रगत ही वह फहोश हो गमा शव क सभान हो गमा | हभन उस तयॊत फड़ असऩतार भ दाणखर कयवामा | डॉकटय न फचि की हारत गॊबीय फतामी | ऐसी ऩरयजसथनत दखकय भयी आॉखो स अशरधायाएॉ फह ननकरी | भ ननजानॊद की भसती भ भसत यहन वार ऩजम सदगरदव को भन-ही-भन माद ककमा औय पराथगना कक ह गरदव अफ तो इस फचि का जीवन आऩक ही हाथो भ ह | ह भय परब आऩ जो िाह सो कय सकत ह | औय आणखय भयी पराथगना सपर हई | फचि भ एक नवीन ितना का सॊिाय हआ एवॊ धीय-धीय फचि क सवासम भ
सधाय होन रगा | कछ ही टदनो भ वह ऩणगत सवसथ हो गमा | डॉकटय न तो उऩिाय ककमा रककन जो जीवनदान उस पमाय परब की कऩा स सदगरदव की कऩा स मभरा उसका वणगन कयन क मरए भय ऩास शबद नहीॊ ह | फस ईशवय स भ मही पराथगना कयता हॉ कक ऐस बरहमननषठ सॊत-भहाऩरषो क परनत हभायी शरदधा भ ववदध होती यह | -
डॉ वाम ऩी कारया शाभरदास कॉरज बावनगय गजयात
ऩजम फाऩ जस सॊत दननमा को सवगग भ फदर सकत ह
भई १९९८ क अॊनतभ टदनो भ ऩजमशरी क इॊदौय परवास क दौयान ईयान क ववखमात कफ़जजमशमन शरी फफाक अगरानी बायत भ अधमाजतभक अनबवो की परानि आम हए थ |
ऩजमशरी क दशगन ऩाकय जफ उनहोन अधमाजतभक अनबवो को परीबत होत दखा तो व ऩॊिड़ आशरभ भ आमोजजत धमानमोग मशववय भ बी ऩहॉि गम | शरी अगरानी जो दो टदन रककय वाऩस रौटन वार थ व ऩय गमायह टदन तक ऩॊिड़ आशरभ भ रक यह | उनहोन ववधाथी मशववय भ सायसवतम भॊतर की दीा री एवॊ ववमशषट धमानमोग साधना मशववय (४ -१० जन १९९८) का बी राब मरमा | मशववय क दौयान शरी अगरानी न ऩजमशरी स भॊतरदीा बी र री | ऩजमशरी क साजननधम भ सॊपराि अनबनतमो क फाय भ बतरम सभािाय ऩतर ितना को दी हई बटवाताग भ शरी अगरानी कहत ह मटद ऩजम फाऩ जस सॊत हय दश भ हो जाम तो मह दननमा सवगग फन सकती ह | ऐस शाॊनत स फठ ऩाना हभाय मरए कटठन ह रककन जफ ऩजम फाऩजी जस भहाऩरषो क शरीियणो भ फठकय सतसॊग सनत ह तो ऐसा आनॊद आता ह कक सभम का कछ ऩता ही नहीॊ िरता | सिभि ऩजम फाऩ कोई साधायण सॊत नहीॊ ह |
-शरी फफाक अगरानी ववशवववखमात कफ़जजमशमन ईयान
फाऩजी का साजननधम गॊगा क ऩावन परवाह जसा ह
कर-कर कयती इस बागीयथी की धवर धाया क ककनाय ऩय ऩजम फाऩजी क साजननधम भ फठकय भ फड़ा ही आपहाटदत औय परभटदत हॉ आनॊटदत हॉ योभाॊचित हॊ | गॊगा बायत की सषमना नाड़ी ह | गॊगा बायत की सॊजीवनी ह | शरी ववषणजी क ियणो स ननकरकय बरहमाजी क कभॊड़र औय जटाधय क भाथ ऩय शोबामभान गॊगा बतरमोगमसवदधकायक ह |
ववषणजी क ियणो स ननकरी गॊगा बकतकत मोग की परतीनत कयाती ह औय मशवजी क भसतक ऩय जसथत गॊगा ऻान मोग की उचितय बमभका ऩय आरढ़ होन की खफय दती ह |
भझ ऐसा रग यहा ह कक आज फाऩजी क परविनो को सनकय भ गॊगा भ गोता रगा यहा हॉ कमोकक उनका परविन उनका सजननधम गॊगा क ऩावन परवाह जसा ह | व अरभसत फ़कीय ह | व फड़ सयर औय सहज ह | व जजतन ही ऊऩय स सयर ह उतन ही अॊतय भ गढ़ ह | उनभ टहभारम जसी उचिता ऩववतरता शरषठता ह औय सागयतर जसी गॊबीयता ह |
व याषड की अभपम धयोहय ह | उनह दखकय कवष-ऩयमऩया को फोध होता ह | गौतभ कणाद
जमभनी कवऩर दाद भीया कफीय यदास आटद सफ कबी-कबी उनभ टदखत ह |
य बाई कोई सतगर सॊत कहाव
जो ननन अरख रखाव धयती उखाड़ आकाश उखाड़
अधय भड़मा धाव |
शनम मशखय क ऩाय मशरा ऩय आसन अिर जभाव |
य बाई कोई सतगर सॊत कहाव
एक ऐस ऩावन साजननधम भ हभ फठ ह जो फड़ा दरगब औय सहज मोगसवरऩ ह | ऐस भहाऩरषो क मरए ऩॊकतकतमाॉ माद आ यही ह तभ िरो तो िर धयती िर अॊफय िर दननमा ऐस भहाऩरष िरत ह तो उनक मरए समग िॊर ताय गरह नतर आटद सफ अनकर हो जात ह | ऐस इजनरमातीत गणातीत बावातीत शबदातीत औय सफ अवसथाओॊ स ऩय ककनहीॊ भहाऩरषो क शरीियणो भ जफ फठत ह तो बागवत कहता ह
साधनाॊ दशगनॊ रोक सवगमसवदधकयॊ ऩयभ |
साध क दशगन भातर स वविाय ववबनत ववदवता शकतकत सहजता ननववगषमता परसननता मसवदधमाॉ औय आतभानॊद की परानि होती ह | दश क भहान सॊत महाॉ सहज ही आत ह बायत क सबी शॊकयािामग बी मशववय भ आत ह | अत भय भन भ बी वविाय आमा कक जहाॉ सफ जात ह वहाॉ जाना िाटहए कमोकक मही वह ठोय-टठकाना ह जहाॉ भन का अमबभान मभटामा जा सकता ह | ऐस भहाऩरषो क दशगन स कवर आनॊद औय भसती ही नहीॊ मभरती फजपक वह सफ कछ मभर जाता ह जो अमबरावषत ह आकाॊकषत ह रकषत ह | महाॉ भ करणा क
कभगठता क वववक-वयागम क ऻान क दशगन कय यहा हॉ | वयागम औय बकतकत क यण ऩोषण औय सॊवधगन क मरए मह सिकवषमो का उततभ ऻान भाना जाता ह | आज गॊगा कपय स
साकाय टदख यही ह तो व फाऩजी क वविाय औय वाणी भ टदख यही ह | अरभसतता सहजता उचिता शरषठता ऩववतरतता तीथग-सी शचिता मशश-सी सयरता तरणो-सा जोश वदधो-सा गाॊबीमग औय कवषमो जसा ऻानाफोध भझ जहाॉ हो यहा ह वह मह ऩॊडार ह | इस आनॊदनगय कहॉ मा परभनगय करणा का सागय कहॉ मा वविायो का सभनदय रककन इतना जरय कहॉगा कक भय भन का कोन-कोना आपहाटदत हो यहा ह | आऩ रोग फड़बागी ह जो ऐस भहाऩरष क शरीियणो भ फठ ह जहाॉ बागम का टदरवम रवमकतकतततव का ननभागण होता ह | जीवन की कतकतमता जहाॉ पराि हो सकती ह वह मही दय ह |
मभर तभ मभरी भॊजजर मभरा भकसद औय भददा बी |
न मभर तभ तो यह गमा भददा भकसद औय भॊजजर बी ||
आऩका मह बावयाजम औय परभयाजम दखकय भ िककत बी हॉ औय आनॊद का अनबव बी कय यहा हॉ | आऩक परनत भया ववशवास औय अटट ननषठा फढ़ इस हत भया नभन सवीकाय कय | भझ ऐसा रगता ह कक फाऩजी समग ह औय नायामण सवाभी एक ऐस दीऩ ह जो न फझ सकत ह न जराम जात ह |
-सवाभी अवधशानॊदजी हरयदवाय
सायसवतम भॊतर स हए अदबत राब
भन १९९८ भ ववधाथी उतथान मशववय सोनीऩत भ ऩजम गरदव स सायसवतम भॊतर की दीा री | दीा क फाद ननममभत भॊतरजऩ कयन स भ इतना कशागर फवदधवारा एवॊ सवावरॊफी हो गमा कक भन एक भहीन भ ही टमशन छोड़ दी औय सवमॊ खफ भहनत कयन रगा | भ सकर बी ऩदर आन-जान रगा जजसस भन सकर फस का ककयामा फिा मरमा |
भॊतर जाऩ क परबाव स भझ ९ वीॊ १० वीॊ ११ वीॊ की ऩयीाओॊ भ परथभ सथान पराि हआ |
१२ वीॊ की ऩयीा क सभम भया सवासम खयाफ होन क कायण भ जऩ ठीक स नहीॊ कय सका कपय बी ७९ परनतशत अॊको स ऩास हआ | उसक फाद इॊजजननमरयॊग की ऩरया भ बी उततीणग यहा |
-करदीऩ कभाय डी-२३४ वसट ववनोद नगय टदपरी
भ टदसमफय १९९९ भ छततीसगढ़ क बाटाऩाया भ ऩजम गरदव स सायसवतम भॊतर की दीा
री | ततऩशचात भ ननममभत रऩ स जऩ-धमान- पराणामाभ कयता था जजसस भझ फहत राब हआ | ऩजम फऩजी की कऩा औय सायसवतम भॊतर जाऩ क परबाव स भझ १२ वीॊ की फोड़ग की ऩरया भ ८४६ परनतशत अॊक मभर |
-ववयनर कभाय कौमशक
डोगयगाॉव जज याजनाॊदगाॉव (छग)
बौनतक मग क अॊधकाय भ ऻान की जमोनत ऩजम फाऩ
भादक ननमॊतरण बमयो बायत सयकाय क भहाननदशक शरी एिऩी कभाय ९ भई को अभदावाद आशरभ भ सतसॊग-कामगकरभ क दौयान ऩजम फाऩ स आशीवागद रन ऩहॉि | फड़ी ववनमरता एवॊ शरदधा क साथ उनहोन ऩजम फाऩ क परनत अऩन उदगाय भ कहा जजस रवमकतकत क ऩास वववक नहीॊ ह वह अऩन रकषम तक नहीॊ ऩहॉि सकता ह औय वववक को पराि कयन का साधन ऩजम आसायाभजी फाऩ जस भहान सॊतो का सतसॊग ह | ऩजम फाऩ स भया परथभ ऩरयिम टीवी क भाधमभ स हआ | ततऩशचात भझ आशरभ दवाय परकामशत कवष परसाद भामसक पराि हआ | उस सभम भझ रगा कक एक ओय जहाॉ इस बौनतक मग क अॊधकाय भ भानव बटक यहा ह वहीॊ दसयी ओय शाॊनत की भॊद-भॊद सगॊचधत वाम बी िर यही ह | मह ऩजम फाऩ क सतसॊग का ही परबाव ह | ऩजमशरी क दशगन कयन का जो सौबागम भझ पराि हआ ह इसस भ अऩन को कतकतम भानता हॉ | ऩजम फाऩ क शरीभख स जो अभत वषाग होती ह तथा इनक सतसॊग स कयोड़ो रदमो भ जो जमोनत जगती ह व इसी परकाय स जगती यह औय आन वार रॊफ सभम तक ऩजमशरी हभ सफ का भागगदशगन कयत यह मही भयी काभना ह | ऩजम फाऩ क शरीियणो भ भय परणाभ
-शरी एिऩी कभाय भहाननदशक भादक ननमॊतरण बमयो बायत सयकाय
गरकऩा ऐसी हई कक अॉधय तो कमा दय बी नहीॊ हई
ऩयभ कऩार फाऩजी क शरीियणो भ भय कोटट-कोटट वॊदन भ एक इसभाइरी खवाजा हॉ तथा अऩन धभग भ अकतडग हॉ | िाय वषग ऩवग कछ रोगो दवाया एक सननमोजजत मोजना फनाकय भझ जफयदसती भडगय कस का आयोऩी फना टदमा गमा था | इसस भझ कहीॊ शाॊनत नहीॊ मभर यही थी | २८ पयवयी १९९७ को भझ नागऩय भ आमोजजत फाऩजी क सतसॊग भ जान की परयणा मभरी औय ४ भािग १९९७ को भन फाऩजी स भॊतरदीा री | भ उनस भन-
ही-भन ववनती की कक ह गरदव भझ फिा रो | गरकऩा ऐसी हई कक ७ जनवयी १९९८ को भझ अदारत न ऩाक-साप फयी कय टदमा फाकी छ आयोवऩमो को सजा हई | धनम ह ऐस भय सदगर उनक शरीियणो भ भय कोटट-कोटट वनदन
-यहभान खान ननशान छाफड़ी (बफछआ) जज नछनदवाड़ा (भपर)
भजसरभ भटहरा को पराणदान
२७ मसतमफय २००० को जमऩय भ भय ननवास ऩय ऩजम फाऩ का आतभ-साातकाय टदवस
भनामा गमा जजसभ भय ऩड़ोस की भजसरभ भटहरा नाथी फहन क ऩनत शरी भाॉग खाॉ न बी ऩजम फाऩ की आयती की औय ियणाभत मरमा | ३-४ टदन फाद ही व भजसरभ दॊऩनत खवाजा साटहफ क उसग भ अजभय िर गम | टदनाॊक ४ अकटफय २००० को अजभय क उसग भ असाभाजजक ततवो न परसाद भ जहय फाॉट टदमा जजसस उसग भर भ आम कई दशगनाथी असवसथ हो गम औय कई भय बी गम | भय ऩड़ोस की नाथी फहन न बी वह परसाद खामा औय थोड़ी दय भ ही वह फहोश हो गमी | अजभय भ उसका उऩिाय ककमा गमा ककॊ त उस होश न आमा | दसय टदन ही उसका ऩनत उस अऩन घय र आमा | कॉरोनी क सबी ननवासी उसकी हारत दखकय कह यह थ कक अफ इसका फिना भजशकर ह | भ बी उस दखन गमा | वह फहोश ऩड़ी थी | भ जोय-जोय स हरय ॐ हरय ॐ का उचिायण ककमा तो वह थोड़ा टहरन रगी | भझ परयणा हई औय भ ऩन घय गमा | ऩजम फाऩ स पराथगना की | ३-४ घॊट फाद ही वह भटहरा ऐस उठकय खड़ी हो गमी भानो सोकय उठी हो | उस भटहरा न फतामा कक भय िािा ससय ऩीय ह औय उनहोन भय ऩनत क भॉह स फोरकय फतामा कक तभन २७ मसतमफय २००० को जजनक सतसॊग भ ऩानी वऩमा था उनहीॊ सपद दाढ़ीवार फाफा न तमह फिामा ह कसी करणा ह गरदव की
-जएर ऩयोटहत
८७ सपतान नगय जमऩय (याज)
उस भटहरा का ऩता ह -शरीभती नाथी
ऩतनी शरी भाॉग खाॉ १०० सपतान नगय गजगय की धड़ी नम साॊगानय योड़
जमऩय (याज)
हरयनाभ की पमारी न छड़ामी शयाफ की फोतर
सौबागमवश गत २६ टदसमफय १९९८ को ऩजमशरी क १६ मशषमो की एक टोरी टदपरी स हभाय गाॉव भ हरयनाभ का परिाय-परसाय कयन ऩहॉिी | भ फिऩन स ही भटदयाऩान धमरऩान व मशकाय कयन का शौकीन था | ऩजम फाऩ क मशषमो दवाया हभाय गाॉव भ जगह-जगह ऩय तीन टदन तक रगाताय हरयनाभ का कीतगन कयन स भझ बी हरयनाभ का यॊग रगता जा यहा था | उनक जान क एक टदन क ऩशचात शाभ क सभम योज की बाॊनत भन शयाफ की फोतर ननकारी | जस ही फोतर खोरन क मरए ढककन घभामा तो उस ढककन क घभन स भझ हरय ॐ हरय ॐ की धवनन सनामी दी | इस परकाय भन दो-तीन फाय ढककन घभामा औय हय फाय भझ हरय ॐ की धवनन सनामी दी | कछ दय फाद भ उठा तथा ऩजमशरी क एक मशषम क घय गमा | उनहोन थोड़ी दय भझ ऩजमशरी की अभतवाणी सनामी | अभतवाणी सनन क फाद भया रदम ऩकायन रगा कक इन दरवमगसनो को तमाग दॉ | भन तयॊत फोतर उठामी तथा जोय-स दय खत भ प क दी | ऐस सभथग व ऩयभ कऩार सदगरदव को भ रदम स परणाभ कयता हॉ जजनकी कऩा स मह अनोखी घटना भय जीवन भ घटी जजसस भया जीवन ऩरयवनतगत हआ |
-भोहन मसॊह बफषट
मबखमासन अपभोड़ा (उपर)
ऩय गाॉव की कामाऩरट
ऩजमशरी स टदनाॊक २७६९१ को दीा रन क फाद भन रवमवसनभकतकत क परिाय-परसाय का रकषम फना मरमा | भ एक फाय कौशरऩय (जज शाजाऩय) ऩहॉिा | वहाॉ क रोगो क रवमवसनी औय रड़ाई-झगड़ मकत जीवन को दखकय भन कहा आऩ रोग भनषम-जीवन सही अथग ही नहीॊ सभझत ह | एक फाय आऩ रोग ऩजम फाऩजी क दशगन कय र तो आऩको सही जीवन जीन की कॊ जी मभर जामगी | गाॉव वारो न भयी फात भान री औय दस रवमकतकत भय गाॉव ताजऩय आम | भन एक साधक को उनक साथ जनभाषटभी भहोतसव भ सयत बजा | ऩजम फाऩजी की उन ऩय कऩा फयसी औय सफको गरदीा मभर गमी | जफ व रोग अऩन गाॉव ऩहॉि तो सबी गाॉववामसमो को फड़ा कौतहर था कक ऩजम फाऩजी कस ह फाऩजी की रीराएॉ सनकय गाॉव क अनम रोगो भ बी ऩजम फाऩजी क परनत शरदधा जगी | उन दीकषत साधको न सबी गाॉववारो को सववधानसाय ऩजम फाऩजी क अरग-अरग आशरभो भ
बजकय दीा टदरवा दी | गाॉव क सबी रवमकतकत अऩन ऩय ऩरयवाय सटहत दीकषत हो िक ह | परतमक गरवाय को ऩय गाॉव भ एक सभम बोजन फनता ह | सबी रोग गरवाय का वरत यखत ह | कौशरऩय गाॉव क परबाव स आस-ऩास क गाॉववार एवॊ उनक रयशतदायो सटहत १००० रवमकतकतमो शयाफ छोड़कय दीा र री ह | गाॉव क इनतहास भ तीन-तीन ऩीढ़ी स कोई भॊटदय नहीॊ था | गाॉववारो न ५ राख रऩम रगाकय दो भॊटदय फनवाम ह | ऩया गाॉव रवमवसनभकत एवॊ बगवतबकत फन गमा ह मह ऩजम फाऩजी की कऩा नहीॊ तो औय कमा ह सफक तायणहाय ऩजम फाऩजी क शरीियणो भ कोटट-कोटट परणाभ
-शमाभ परजाऩनत (सऩयवाइजय नतरहन सॊघ) ताजऩय उजजन (भपर)
नतरबफ ॊद का िभतकाय
भया सौबागम ह कक भझ सॊतकऩा नतरबफॊद (आई डरॉपस) का िभतकाय दखन को मभरा |
एक सॊत फाफा मशवयाभदास उमर ८० वषग गीता कटटय तऩोवन झाड़ी सिसयोवय हरयदवाय भ यहत ह | उनकी दाटहनी आॉख क सपद भोनतम का ऑऩयशन शाॉनतकॊ ज हरयदवाय आमोजजत कमऩ भ हआ | कस बफगड़ गमा औय कार भोनतमा फन गमा | ददग यहन रगा औय योशनी घटन रगी | दोफाया बभाननद नतर चिककतसारम भ ऑऩयशन हआ | एबसपमट गरकोभा फतात हए कहा कक ऑऩयशन स मसयददग ठीक हो जामगा ऩय योशनी जाती यहगी | ऩयॊत अफ व फाफा सॊत शरी आसायाभजी आशरभ दवाय ननमभगत सॊतकऩा नतरबफॊद सफह-शाभ डार यह ह | भन उनक नतरो का ऩयीण ककमा | उनकी दाटहनी आॉख भ उॉगरी चगनन रामक योशनी वाऩस आ गमी ह | कार भोनतम का परशय नॉभगर ह | कोननगमा भ सजन नहीॊ ह | व कापी सॊतषट ह | व फतात ह आॉख ऩहर रार यहती थी ऩयॊत अफ नहीॊ ह | आशरभ क नतरबफॊद स कपऩनातीत राब हआ | फामीॊ आॉख भ बी उनह सपद भोनतमा फतामा गमा था औय सॊशम था कक शामद कारा भोनतमा बी ह | ऩय आज फामीॊ आॉख बी ठीक ह औय दोनो आॉखो का परशय बी नॉभगर ह | सपद भोनतमा नहीॊ ह औय योशनी कापी अचछी ह |
मह सॊतकऩा नतरफॊद का ववरण परबाव दखकय भ बी अऩन भयीजो को इसका उऩमोग कयन की सराह दॉगा |
-डॉ अननत कभाय अगरवार (नतरयोग ववशषऻ)
एभफीफीएस एभएस (नतर) डीओएभएस (आई) सीताऩय सहायनऩय (उपर)
ऩजमशरी की तसवीय स मभरी परयणा
सवगसभथग ऩयभ ऩजम शरी फाऩजी क ियणकभरो भ भया कोटट-कोटट नभन १९८४ क बकॊ ऩ स समऩणग उततय बफहाय भ कापी नकसान हआ था जजसकी िऩट भ हभाया घय बी था | ऩरयजसथनतवश भझ नौवी का भ ऩढ़ामी छोड़ दनी ऩड़ी | ककसी मभतर की सराह स भ नौकयी ढॉढ़न क मरए टदपरी गमा रककन वहाॉ बी ननयाशा ही हाथ रगी | भ दो टदन स बखा तो था ही ऊऩय स नौकयी की चिॊता | अत आतभहतमा का वविाय कयक यरव सटशन की ओय िर ऩड़ा | यानीफाग फाजाय भ एक दकान ऩय ऩजमशरी का सतसाटहतम
कसट आटद यखा हआ था एवॊ ऩजमशरी की फड़ आकाय की तसवीय बी टॉगी थी | ऩजमशरी की हॉसभख एवॊ आशीवागद की भरावारी उस तसवीय ऩय भयी नजय ऩड़ी तो १० मभनट तक भ वहीॊ सड़क ऩय स ही खड़-खड़ उस दखता यहा | उस वकत न जान भझ कमा मभर गमा भ काभ बर भजदयी का ही कयता हॉ रककन तफस रकय आज तक भय चितत भ फड़ी परसननता फनी हई ह | न जान भयी जजनदगी की कमा दशा होती अगय ऩजम फाऩजी की मवाधन सया ईशवय की ओय ननजशचनत जीवन ऩसतक औय कवष परसाद ऩबतरका हाथ न रगती ऩजमशरी की तसवीय स मभरी परयणा एवॊ उनक सतसाटहतम न भयी डफती नमा को भानो भझदाय स फिा मरमा | धनबागी ह साटहतम की सवा कयन वार जजनहोन भझ आतभहतमा क ऩाऩ स फिामा |
-भहश शाह
नायामणऩय दभया जज सीताभढ़ी (बफहाय)
भॊतर स राब
भयी भाॉ की हारत अिानक ऩागर जसी हो गमी थी भानो कोई बत-परत-डाककनी मा आसयी ततव उनभ घस गमा | भ फहत चिॊनतत हो गमा एवॊ एक साचधका फहन को पोन ककमा | उनहोन बत-परत बगान का भॊतर फतामा जजसका वणगन आशरभ स परकामशत आयोगमननचध ऩसतक भ बी ह | वह भॊतर इस परकाय ह
ॐ नभो बगवत रर बयवाम बतपरत म कर कर हॊ पट सवाहा |
इस भॊतर का ऩानी भ ननहायकय १०८ फाय जऩ ककमा औय वही ऩानी भाॉ को वऩरा टदमा |
तयॊत ही भाॉ शाॊनत स सो गमीॊ | दसय टदन बी इस भॊतर की ऩाॉि भारा कयक भाॉ को वह जर वऩरामा तो भाॉ बफपकर ठीक हो गमीॊ | ह भय साधक बाई-फहनो बत-परत बगान क
मरए अरा फाॉधॉ फरा फाॉधॉ ऐसा कयक झाड़-फ़ॉ क कयनवारो क िककय भ ऩड़न की जरयत नहीॊ ह | इसक मरए तो ऩजम फाऩजी का भॊतर ही तायणहाय ह | ऩजम फाऩजी क शरीियणो भ कोटट-कोटट परणाभ
-िॊऩकबाई एन ऩटर (अभरयका)
काभ करोध ऩय ववजम ऩामी
एक टदन भॊफई भर भ टटकट िककॊ ग कयत हए भ वातानकमरत फोगी भ ऩहॉिा | दखा तो भखभर की गददी ऩय टाट का आसन बफछाकय सवाभी शरी रीराशाहजी भहायाज सभाचधसथ ह | भझ आशचमग हआ कक जजन परथभ शरणी की वातानकमरत फोचगमो भ याजा-भहायाजा मातरा कयत ह ऐसी फोगी औय तीसयी शरणी की फोगी क फीि इन सॊत को कोई बद नहीॊ रगता | ऐसी फोचगमो भ बी व सभाचधसथ होत ह मह दखकय मसय झक जाता ह | भन ऩजम भहायाजशरी को परणाभ कयक कहा आऩ जस सॊतो क मरए तो सफ एक सभान ह |
हय हार भ एकयस यहकय आऩ भकतकत का आनॊद र सकत ह | रककन हभाय जस गरहसथो को कमा कयना िाटहए ताकक हभ बी आऩ जसी सभता फनाम यखकय जीवन जी सक
ऩजम भहायाजजी न कहा काभ औय करोध को त छोड़ द तो त बी जीवनभकत हो सकता ह | जहाॉ याभ तहॉ नहीॊ काभ जहाॉ काभ तहॉ नहीॊ याभ | औय करोध तो बाई बसभासय ह | वह तभाभ ऩणम को जराकय बसभ कय दता ह अॊतकयण को भमरन कय दता ह | भन कहा परब अगय आऩकी कऩा होगी तो भ काभ-करोध को छोड़ ऩाऊॉ गा | ऩजम भहायाजजी न कहा बाई कऩा ऐस थोड़ ही की जाती ह सॊतकऩा क साथ तया ऩरषाथग औय दढ़ता बी िाटहए | ऩहर त परनतऻा कय कक त जीवनऩमगनत काभ औय करोध स दय यहगा तो भ तझ आशीवागद दॉ | भन कहा भहायाजजी भ जीवनबय क मरए परनतऻा तो करॉ रककन उसका ऩारन न कय ऩाऊॉ तो झठा भाना जाऊॉ गा | ऩजम भहायाजजी न कहा अचछा ऩहर त भय सभ आठ टदन क मरए परनतऻा कय | कपय परनतऻा को एक-एक टदन फढ़त जाना | इस परकाय त उन फराओॊ स फि सकगा | ह कफर भन हाथ जोड़कय कफर ककमा | ऩजम भहायाजजी न आशीवागद दकय दो-िाय पर परसाद भ टदम | ऩजम भहायाजजी न भयी जो दो कभजोरयमाॉ थीॊ उन ऩय ही सीधा हभरा ककमा था | भझ आशचमग हआ कक अनम कोई बी दगगण छोड़न का न कहकय इन दो दगगणो क मरए ही उनहोन परनतऻा कमो कयवामी फाद भ भ इस याज स अवगत हआ |
दसय टदन भ ऩसनजय टरन भ कानऩय स आग जा यहा था | सफह क कयीफ नौ फज थ |
तीसयी शरणी की फोगी भ जाकय भन माबतरमो क टटकट जाॉिन का कामग शर ककमा | सफस
ऩहर फथग ऩय सोम हए एक मातरी क ऩास जाकय भन एक मातरी क ऩास जाकय भन टटकट टदखान को कहा तो वह गससा होकय भझ कहन रगा अॊधा ह दखता नहीॊ कक भ सो गमा हॉ भझ नीॊद स जगान का तझ कमा अचधकाय ह मह कोई यीत ह टटकट क फाय भ ऩछन की ऐसी ही अकर ह तयी ऐसा कछ-का-कछ वह फोरता ही गमा फोरता ही गमा | भ बी करोधाववषट होन रगा ककॊ त ऩजम भहायाजजी क सभ री हई परनतऻा भझ माद थी अत करोध को ऐस ऩी गमा भानो ववष की ऩकतड़मा भन उस कहा भहाशम आऩ ठीक ही कहत ह कक भझ फोरन की अकर नहीॊ ह बान नहीॊ ह | दखो भय म फार धऩ भ सपद हो गम ह | आऩभ फोरन की अकर अचधक ह नमरता ह तो कऩा कयक मसखाओॊ कक टटकट क मरए भझ ककस परकाय आऩस ऩछना िाटहए | भ रािाय हॉ कक डमटी क कायण भझ टटकट िक कयना ऩड़ यहा ह इसमरए भ आऩको कषट द यहा हॉ|
औय कफ़य भन खफ परभ स हाथ जोड़कय ववनती की बमा कऩा कयक कषट क मरए भझ भा कयो | भझ अऩना टटकट टदखामग भयी नमरता दखकय वह रजजजत हो गमा एवॊ तयॊत उठ फठा | जपदी-जपदी नीि उतयकय भझस भा भाॉगत हए कहन रगा भझ भाप कयना | भ नीॊद भ था | भन आऩको ऩहिाना नहीॊ था | अफ आऩ अऩन भॉह स भझ कह कक आऩन भझ भाफ़ ककमा मह दखकय भझ आनॊद औय सॊतोष हआ | भ सोिन रगा कक सॊतो की आऻा भानन भ ककतनी शकतकत औय टहत ननटहत ह सॊतो की करणा कसा िभतकारयक ऩरयणाभ राती ह वह रवमकतकत क पराकनतक सवबाव को बी जड़-भर स फदर सकती ह | अनमथा भझभ करोध को ननमॊतरण भ यखन की कोई शकतकत नहीॊ थी | भ ऩणगतमा असहाम था कपय बी भझ भहायाजजी की कऩा न ही सभथग फनामा | ऐस सॊतो क शरीियणो भ कोटट-कोटट नभसकाय
-शरी यीजभर
रयटामडग टीटी आई कानऩय
अनम अनबव
जरा हआ कागज
ऩवग रऩ भ एक फाय ऩयभहॊस ववशदधानॊदजी स आनॊदभमी भाॉ की ननकटता ऩानवार सपरमसदध ऩॊकतडत गोऩीनाथ कववयाज न ननवदन ककमा तयणीकानत ठाकय को अरौककक मसवदध पराि हई ह | व बफना दख मा बफना छए ही कागज भ मरखी हई फात ऩढ़ रत ह |
गरदव फोर तभ एक कागज ऩय कछ मरखो औय उसभ आग रगाकय जरा दो |
कववयाजजी न कागज ऩय कछ मरखा औय ऩयी तयह कागज जराकय हवा भ उड़ा टदमा |
उसक फाद गरदव न अऩन तककम क नीि स वही कागज ननकारकय कववयाजजी क आग यख टदमा | मह दखकय उनह फड़ा आशचमग हआ कक मह कागज वही था एवॊ जो उनहोन मरखा था वह बी उस ऩय उनहीॊ क सरख भ मरखा था औय साथ ही उसका उततय बी मरखा हआ दखा | जड़ता ऩशता औय ईशवयता का भर हभाया शयीय ह | जड़ शयीय को भ-भया भानन की ववतत जजतनी मभटती ह ऩाशवी वासनाओॊ की गराभी उतनी हटती ह औय हभाया ईशवयीम अॊश जजतना अचधक ववकमसत होता ह उतना ही मोग-साभमग ईशवयीम साभमग परकट होता ह | बायत क ऐस कई बकतो सॊतो औय मोचगमो क जीवन भ ईशवयीम साभमग दखा गमा ह अनबव ककमा गमा ह उसक ववषम भ सना गमा ह | धनम ह बायतबमभ भ यहनवार बायतीम सॊसकनत भ शरदधा-ववशवास यखनवार अऩन ईशवयीम अॊश को जगान की सवा-साधना कयनवार सवाभी ववशदधानॊदजी वषो की एकाॊत साधना औय वषो-वषो की गरसवा स अऩना दहाधमास औय ऩाशवी वासनाएॉ मभटाकय अऩन ईशवयीम
अॊश को ववकमसत कयनवार बायत क अनक भहाऩरषो भ स थ | उनक जीवन की औय बी अरौककक घटनाओॊ का वणगन आता ह | ऐस सतऩरषो क जीवन-िरयतर औय उनक जीवन भ घटटत घटनाएॉ ऩढ़न-सनन स हभ रोग बी अऩनी जड़ता एवॊ ऩशता स ऊऩय उठकय ईशवयीम अॊश को उबायन भ उतसाटहत होत ह | फहत ऊॉ िा काभ ह फड़ी शरदधा फड़ी सभझ फड़ा धमग िाटहए ईशवयीम साभमग को ऩणग रऩ स ववकमसत कयन भ | अफ आओ
िर आदय शॊकयािामग की ओय
नदी की धाया भड़ गमी
आदय शॊकयािामग की भाता ववमशषटा दवी अऩन करदवता कशव की ऩजा कयन जाती थीॊ | व ऩहर नदी भ सनान कयतीॊ औय कफ़य भॊटदय भ जाकय ऩजन कयतीॊ | एक टदन व परातकार ही ऩजन-साभगरी रकय भॊटदय की ओय गमीॊ ककॊ त सामॊकार तक घय नहीॊ रौटीॊ | शॊकयािामग की आम अबी सात-आठ वषग क भधम भ ही थी | व ईशवय क ऩयभ बकत औय ननषठावान थ | सामॊकार तक भाता क वाऩस न रौटन ऩय आिामग को फड़ी चिनता हई औय व उनह खोजन क मरए ननकर ऩड़ | भॊटदय क ननकट ऩहॉिकय उनहोन भाता को भागग भ ही भजचछगत ऩड़ दखा | उनहोन फहत दय तक भाता का उऩिाय ककमा तफ व होश भ आ सकीॊ |
नदी अचधक दय थी | वहाॉ तक ऩहॉिन भ भाता को फड़ा कषट होता था | आिामग न बगवान स भन-ही-भन पराथगना की कक परबो ककसी परकाय नदी की धाया को भोड़ दो जजसस कक
भाता ननकट ही सनान कय सक | व इस परकाय की पराथगना ननतम कयन रग | एक टदन उनहोन दखा कक नदी की धाया ककनाय की धयती को काटती-काटती भड़न रगी ह तथा कछ टदनो भ ही वह आिामग शॊकय क घय क ऩास फहन रगी | इस घटना न आिामग का अरौककक शकतकतसमऩनन होना परमसदध कय टदमा |
सकषभ शयीय स िोय का ऩीछा ककमा
हरयहय फाफा की फड़ी परमसवदध थी | एक फाय व हयऩारऩय सटशन ऩय थ | वहाॉ क सटशन भासटय न उनको एक िोय सऩदग ककमा | िोय न फाफा स कहा भहायाज भझ इतनी छटटी द दीजजम कक भ अऩन फार-फचिो का परफॊध कय आऊॉ | फाफा गाड़ी आन ऩय रौट आना | िोय िरा गमा | सटशन भासटय को ऩता िरा तो वह फाफा ऩय गभग हआ औय फोरा उसक फदर तमह जर की हवा खानी होगी | तभन जान-फझकय उस बगा टदमा ह | फाफा घफयाओ भत गाड़ी आन स ऩहर ही वह रौट आमगा | िोय की नीमत ठीक नहीॊ थी | वह जॊगर क भागग स अऻात सथान को बाग जाना िाहता था ककॊ त उस हय सभम मही परतीत होता यहा कक हरयहय फाफा डॊडा पटकायत हए उसक ऩीछ-ऩीछ िर आ यह ह | इसीमरए वह गाड़ी आन स ऩहर ही रौट आमा |
भॊगरी फाधा-ननवायण भॊतर
अॊ याॊ अॊ
इस भॊतर को १०८ फाय जऩन स करोध दय होता ह | जनभकनडरी भ भॊगरी मोग होन स जजनक वववाह न हो यह हो व २७ भॊगरवाय इस भॊतर का १०८ फाय जऩ कयत हए वरत यखकय हनभानजी ऩय मसॊदय का िोरा िढ़ाम | इसस भॊगर-फाधा का म होता ह |
सखऩवगक परसवकायक भॊतर
ऩहरा उऩाम
एॊ हीॊ बगवनत बगभामरनन िर िर भराभम भराभम ऩषऩॊ ववकासम ववकासम सवाहा |
इस भॊतर दवाया अमबभॊबतरत दध गमबगणी सतरी को वऩराम तो सखऩवगक परसव होगा |
दसया उऩाम
गमबगणी सतरी सवमॊ परसव क सभम जमबरा-जमबरा जऩ कय |
तीसया उऩाम
दशी गाम क गोफय का १२ स १५ मभरी यस ॐ नभो नायामणाम भॊतर का २१ फाय जऩ कयक ऩीन स बी परसव-फाधाएॉ दय होगी औय बफना ऑऩयशन क परसव होगा |
परसनत क सभम अभॊगर की आशॊका हो तो ननमन भॊतर का जऩ कय
सवगभॊगर भाॊगपम मशव सवागथग साचधक |
शयणम तरममफक गौयी नायामणी नभोSसतत ||
(दगागसिशती)
शकतकतशारी व गोय ऩतर की परानि क मरए
सगबागवसथा भ ढाक (ऩराश खाखया) का एक कोभर ऩतता घोटकय गौ-दगध क साथ योज सवन कयन स फारक शकतकतशारी औय गोया होता ह | भाता-वऩता बर कार-करट हो कपय बी फारक गोया होगा |
सदगर-भटहभा
गर बफन बव ननचध तय न कोई |
जौ फयॊचि सॊकय सभ होई ||
-सॊत तरसीदासजी
हरयहय आटदक जगत भ ऩजमदव जो कोम |
सदगर की ऩजा ककम सफकी ऩजा होम ||
-ननशचरदासजी भहायाज
सहजो कायज सॊसाय को गर बफन होत नाॉही |
हरय तो गर बफन कमा मभर सभझ र भन भाॉही ||
-सॊत कफीयजी सॊत
सयनन जो जन ऩय सो जन उधयनहाय | सॊत की ननॊदा नानका फहरय फहरय अवताय ||
-गर नानक दवजी
गरसवा सफ बागमो की जनभबमभ ह औय वह शोकाकर रोगो को बरहमभम कय दती ह |
गररऩी समग अववदयारऩी याबतर का नाश कयता ह औय ऻानाऻान रऩी मसतायो का रोऩ कयक फवदधभानो को आतभफोध का सटदन टदखाता ह |
-सॊत ऻानशवय भहायाज
सतम क कॊ टकभम भागग भ आऩको गर क मसवाम औय कोई भागगदशगन नहीॊ द सकता |
- सवाभी मशवानॊद सयसवती
ककतन ही याजा-भहायाजा हो गम औय होग सामजम भकतकत कोई नहीॊ द सकता | सचि याजा-भहायाज तो सॊत ही ह | जो उनकी शयण जाता ह वही सचिा सख औय सामजम भकतकत ऩाता ह |
-सभथग शरी याभदास सवाभी
भनषम िाह ककतना बी जऩ-तऩ कय मभ-ननमभो का ऩारन कय ऩयॊत जफ तक सदगर की कऩादवषट नहीॊ मभरती तफ तक सफ रवमथग ह |
-सवाभी याभतीथग
परटो कहत ह कक सकयात जस गर ऩाकय भ धनम हआ |
इभसगन न अऩन गर थोयो स जो पराि ककमा उसक भटहभागान भ व बावववबोय हो जात थ |
शरी याभकषण ऩयभहॊस ऩणगता का अनबव कयानवार अऩन सदगरदव की परशॊसा कयत नहीॊ अघात थ |
ऩजमऩाद सवाभी शरी रीराशाहजी भहायाज बी अऩन सदगरदव की माद भ सनह क आॉस
फहाकय गदगद कॊ ठ हो जात थ |
ऩजम फाऩजी बी अऩन सदगरदव की माद भ कस हो जात ह मह तो दखत ही फनता ह |
अफ हभ उनकी माद भ कस होत ह मह परशन ह | फटहभगख ननगय रोग कछ बी कह साधक को अऩन सदगर स कमा मभरता ह इस तो साधक ही जानत ह |
रडी भाटटगन क सहाग की या कयन अपगाननसतान भ परकट मशवजी
साध सॊग सॊसाय भ दरगब भनषम शयीय |
सतसॊग सववत ततव ह बतरववध ताऩ की ऩीय ||
भानव-दह मभरना दरगब ह औय मभर बी जाम तो आचधदववक आचधबौनतक औय आधमाजतभक म तीन ताऩ भनषम को तऩात यहत ह | ककॊ त भनषम-दह भ बी ऩववतरता हो सचिाई हो शदधता हो औय साध-सॊग मभर जाम तो म बतरववध ताऩ मभट जात ह |
सन १८७९ की फात ह | बायत भ बबरटटश शासन था उनहीॊ टदनो अॊगरजो न अपगाननसतान ऩय आकरभण कय टदमा | इस मदध का सॊिारन आगय भारवा बबरटटश छावनी क रजफ़टनट कनगर भाटटगन को सौऩा गमा था | कनगर भाटटगन सभम-सभम ऩय मदध-तर स अऩनी ऩतनी को कशरता क सभािाय बजता यहता था | मदध रॊफा िरा औय अफ तो सॊदश आन बी फॊद हो गम | रडी भाटटगन को चिॊता सतान रगी कक कहीॊ कछ अनथग न हो गमा हो अपगानी सननको न भय ऩनत को भाय न डारा हो | कदाचित ऩनत मदध भ शहीद हो गम तो भ जीकय कमा करॉ गी -मह सोिकय वह अनक शॊका-कशॊकाओॊ स नघयी यहती थी |
चिनतातय फनी वह एक टदन घोड़ ऩय फठकय घभन जा यही थी | भागग भ ककसी भॊटदय स आती हई शॊख व भॊतर धवनन न उस आकवषगत ककमा | वह एक ऩड़ स अऩना घोड़ा फाॉधकय भॊटदय भ गमी | फजनाथ भहादव क इस भॊटदय भ मशवऩजन भ ननभगन ऩॊकतडतो स उसन ऩछा आऩ रोग कमा कय यह ह एक वरदध बराहमण न कहा हभ बगवान मशव का ऩजन कय यह ह | रडी भाटटगन मशवऩजन की कमा भहतता ह बराहमण फटी बगवान मशव तो औढयदानी ह बोरनाथ ह | अऩन बकतो क सॊकट-ननवायण कयन भ व तननक बी दय नहीॊ कयत ह | बकत उनक दयफाय भ जो बी भनोकाभना रकय क आता ह उस व शीघर ऩयी कयत ह ककॊ त फटी तभ फहत चिजनतत औय उदास नजय आ यही हो कमा फात ह रडी भाटटगन भय ऩनतदव मदध भ गम ह औय ववगत कई टदनो स उनका कोई
सभािाय नहीॊ आमा ह | व मदध भ पॉ स गम ह मा भाय गम ह कछ ऩता नहीॊ िर यहा | भ उनकी ओय स फहत चिजनतत हॉ | इतना कहत हए रडी भाटटगन की आॉख नभ हो गमीॊ |
बराहमण तभ चिनता भत कयो फटी मशवजी का ऩजन कयो उनस पराथगना कयो रघररी कयवाओ | बगवान मशव तमहाय ऩनत का यण अवशम कयग |
ऩॊकतडतो की सराह ऩय उसन वहाॉ गमायह टदन का ॐ नभ मशवाम भॊतर स रघररी अनषठान परायॊब ककमा तथा परनतटदन बगवान मशव स अऩन ऩनत की या क मरए पराथगना कयन रगी कक ह बगवान मशव ह फजनाथ भहादव मटद भय ऩनत मदध स सकशर रौट आम तो भ आऩका मशखयफॊद भॊटदय फनवाऊॉ गी | रघररी की ऩणागहनत क टदन बागता हआ एक सॊदशवाहक मशवभॊटदय भ आमा औय रडी भाटटगन को एक मरपापा टदमा | उसन घफयात-घफयात वह मरपापा खोरा औय ऩढ़न रगी |
ऩतर भ उसक ऩनत न मरखा था हभ मदध भ यत थ औय तभ तक सॊदश बी बजत यह रककन आक ऩठानी सना न घय मरमा | बबरटटश सना कट भयती औय भ बी भय जाता |
ऐसी ववकट ऩरयजसथनत भ हभ नघय गम थ कक पराण फिाकय बागना बी अतमाचधक कटठन था | इतन भ भन दखा कक मदधबमभ भ बायत क कोई एक मोगी जजनकी फड़ी रमफी जटाएॉ ह हाथ भ तीन नोकवारा एक हचथमाय (बतरशर) इतनी तीवर गनत स घभ यहा था कक ऩठान सननक उनह दखकय बागन रग | उनकी कऩा स घय स हभ ननकरकय ऩठानो ऩय वाय कयन का भौका मभर गमा औय हभायी हाय की घकतड़माॉ अिानक जीत भ फदर गमीॊ | मह सफ बायत क उन फाघामफयधायी एवॊ तीन नोकवारा हचथमाय धायण ककम हए
(बतरशरधायी) मोगी क कायण ही समबव हआ | उनक भहातजसवी रवमकतकततव क परबाव स दखत-ही-दखत अपगाननसतान की ऩठानी सना बाग खड़ी हई औय व ऩयभ मोगी भझ
टहमभत दत हए कहन रग | घफयाओॊ नहीॊ | भ बगवान मशव हॉ तथा तमहायी ऩतनी की ऩजा स परसनन होकय तमहायी या कयन आमा हॉ उसक सहाग की या कयन आमा हॉ |
ऩतर ऩढ़त हए रडी भाटटगन की आॉखो स अववयत अशरधाया फहती जा यही थी उसका रदम अहोबाव स बय गमा औय वह बगवान मशव की परनतभा क समभख मसय यखकय पराथगना कयत-कयत यो ऩड़ी | कछ सिाह फाद उसका ऩनत कनगर भाटटगन आगय छावनी रौटा | ऩतनी न उस सायी फात सनात हए कहा आऩक सॊदश क अबाव भ भ चिजनतत हो उठी थी रककन बराहमणो की सराह स मशवऩजा भ रग गमी औय आऩकी या क मरए बगवान मशव स पराथगना कयन रगी | उन द खबॊजक भहादव न भयी पराथगना सनी औय आऩको सकशर रौटा टदमा | अफ तो ऩनत-ऩतनी दोनो ही ननममभत रऩ स फजनाथ भहादव क भॊटदय भ ऩजा-अिगना कयन रग | अऩनी ऩतनी की इचछा ऩय कनगर भाटटगन भ सन १८८३
भ ऩॊरह हजाय रऩम दकय फजनाथ भहादव भॊटदय का जीणोदवाय कयवामा जजसका मशरारख आज बी आगय भारवा क इस भॊटदय भ रगा ह | ऩय बायतबय भ अॊगरजो दवाय ननमभगत मह एकभातर टहनद भॊटदय ह |
मयोऩ जान स ऩवग रडी भाटटगन न ऩकतड़तो स कहा हभ अऩन घय भ बी बगवान मशव का भॊटदय फनामग तथा इन द ख-ननवायक दव की आजीवन ऩजा कयत यहग |
बगवान मशव भ बगवान कषण भ भाॉ अमफा भ आतभवतता सदगर भ सतता तो एक ही ह | आवशमकता ह अटर ववशवास की | एकररवम न गरभनत ग भ ववशवास कय वह पराि कय मरमा जो अजगन को कटठन रगा | आरणण उऩभनम रव परहराद आटद अनम सकड़ो उदायहण हभाय साभन परतम ह | आज बी इस परकाय का सहमोग हजायो बकतो को साधको को बगवान व आतभवतता सदगरओॊ क दवाया ननयनतय पराि होता यहता ह | आवशमकता ह तो फस कवर ववशवास की |
भहाभतमॊजम भॊतर
ॐ हौ जॉ स |
ॐ बबगव सव |
ॐ तरममफकॊ मजाभह सगॊचध ॊ ऩवषटवधगनभ |
उवागरकमभव फनधनानभतमोभगीम भाभतात |
सव भव ब ॐ |
स जॉ हौ ॐ |
बगवान मशव का मह भहाभतमॊजम जऩन स अकार भतम तो टरती ही ह आयोगमता की बी परानि होती ह | सनान कयत सभम शयीय ऩय रोट स ऩानी डारत वकत इस भॊतर का जऩ कयन स सवासम-राब होता ह | दध भ ननहायत हए इस भॊतर का जाऩ ककमा जाम औय कपय वह दध ऩी मरमा जम तो मौवन की सया भ बी सहामता मभरती ह | आजकर की तज यफ़तायवारी जजनदगी भ कहाॉ आतॊक उऩरव दघगटना हो जाम कहना भजशकर ह | घय स ननकरत सभम एक फाय मह भॊतर जऩनवारा इन उऩदरवो स सयकषत यहता ह औय सयकषत घय रौटता ह | (इस भॊतरानषठान क ववचध-ववधान की ववसतत जानकायी क मरए आशरभ दवाया परकामशत आयोगमननचध ऩसतक ऩढ़ |) शरीभदबागवत क आठव सकॊ ध भ तीसय अधमाम क शलोक १ स ३३ तक भ वणणगत गजनरभो सतोतर का ऩाठ कयन स तभाभ
ववधन दय होत ह |
कसट का िभतकाय
रवमाऩाय उधायी भ िर जान स भ हताश हो गमा था एवॊ अऩनी जजॊदगी स तॊग आकय आतभहतमा कयन की फात सोिन रगा था | भझ साध-भहातभाओॊ व सभाज क रोगो स घणा-सी हो गमी थी धभग व सभाज स भया ववशवास उठ िका था | एक टदन भयी सारी फाऩजी क सतसॊग कक दो कसट ववचध का ववधान एवॊ आणखय कफ तक र आमी औय उसन भझ सनन क मरए कहा | उसक कई परमास क फाद बी भन व कसट नहीॊ सनीॊ एवॊ भन-ही-भन उनह ढ़ोग कहकय कसटो क कतडबफ भ दार टदमा | भन इतना ऩयशान था कक यात को नीॊद आना फॊद हो गमा था | एक यात कफ़पभी गाना सनन का भन हआ | अॉधया होन की वजह स कसट ऩहिान न सका औय गरती स फाऩजी क सतसॊग की कसट हाथ भ आ गमी | भन उसीको सनना शर ककमा | कपय कमा था भयी आशा फॉधन रगी | भन शाॉत होन रगा | धीय-धीय सायी ऩीड़ाएॉ दय होती िरी गमीॊ | भय जीवन भ योशनी-ही-योशनी हो गमी | कपय तो भन ऩजम फाऩजी क सतसॊग की कई कसट सनीॊ औय सफको सनामीॊ |
तदनॊतय भन गाजजमाफाद भ फाऩजी स दीा बी गरहण की | रवमाऩाय की उधायी बी िकता हो गमी | फाऩजी की कऩा स अफ भझ कोई द ख नहीॊ ह | ह गरदव फस एक आऩ ही भय होकय यह औय भ आऩका ही होकय यहॉ |
-ओभपरकाश फजाज
टदपरी योड़ सहायनऩय उततय परदश
भझ ऩय फयसी सॊत की कऩा
सन १९९५ क जन भाह भ भ अऩन रड़क औय बतीज क साथ हरयदवाय धमानमोग मशववय भ बाग रन गमा | एक टदन जफ भ हय की ऩौड़ी ऩय सनान कयन गमा तो ऩानी क तज फहाव क कायण ऩय कपसरन स भया रड़का औय बतीजा दोनो अऩना सॊतरन खो फठ औय गॊगा भ फह गम | ऐसी सॊकट की घड़ी भ भ अऩना होश खो फठा | कमा करॉ भ पट-पटकय योन रगा औय फाऩजी स पराथगना कयन रगा कक ह नाथ ह गरदव या कीजजम भय फचिो को फिा रीजजम | अफ आऩका ही सहाया ह | ऩजमशरी न भय सचि रदम स ननकरी ऩकाय सन री औय उसी सभम भया रड़का भझ टदखामी टदमा | भन झऩटकय उसको फाहय खीॊि मरमा रककन भया बतीजा तो ऩता नहीॊ कहाॉ फह गमा भ ननयॊतय यो यहा था औय भन भ फाय-फाय वविाय उठ यहा था कक फाऩजी भया रड़का फह जाता तो कोई फात नहीॊ थी रककन अऩन बाई की अभानत क बफना भ घय कमा भॉह
रकय जाऊॉ गा फाऩजी आऩही इस बकत की राज फिाओ | तबी गॊगाजी की एक तज रहय उस फचि को बी फाहय छोड़ गमी | भन रऩककय उस ऩकड़ मरमा | आज बी उस हादस को सभयण कयता हॉ तो अऩन-आऩको सॉबार नहीॊ ऩाता हॉ औय भयी आॉखो स ननयॊतय परभ की अशरधाया फहन रगती ह | धनम हआ भ ऐस गरदव को ऩाकय ऐस सदगरदव क शरीियणो भ भय फाय-फाय शत-शत परणाभ
-सभारखाॉ ऩानीऩत हरयमाणा
गरदव की कऩा स सॊतानपरानि
भयी शादी को ऩाॉि सार हो गम थ कपय बी कोई सॊतान नहीॊ हई | रोग हभ फहत तान भायत थ | तबी भन-ही-भन ननणगम र मरमा कक ऩजम फाऩ क आशरभ भ जाना ह | जनवयी १९९९ भ परथभ फाय उततयामण मशववय बया औय भॊतरदीा री | अफ गरदव कक कऩा स भझ एक सॊदय फारक पराि हआ ह | ऩजम फाऩजी की इतनी कऩा-करणा दखकय रदम बय आता ह | भ ऩजम फाऩजी स पराथगना कयती हॉ कक मह फारक उनह सभवऩगत कय सकॊ औय मह उनक मोगम फनसक ऐसी सदफवदध हभ द |
-ननभगरा क तड़वी काॊनतबाई हीयाबाई तडवी याभजी भॊटदय क ऩास कायरी फाग वड़ोदया
गरकऩा स जीवनदान
टदनाॊक १५-१-९६ की घटना ह | भन धात क ताय ऩय सखन क मरए कऩड़ परा यख थ |
फारयश होन क कायण उस ताय भ कयॊट आ गमा था | भया छोटा ऩतर ववशार जो कक ११ वीॊ का भ ऩढ़ता ह आकय उस ताय स छ गमा औय बफजरी का कयॊट रगत ही वह फहोश हो गमा शव क सभान हो गमा | हभन उस तयॊत फड़ असऩतार भ दाणखर कयवामा | डॉकटय न फचि की हारत गॊबीय फतामी | ऐसी ऩरयजसथनत दखकय भयी आॉखो स अशरधायाएॉ फह ननकरी | भ ननजानॊद की भसती भ भसत यहन वार ऩजम सदगरदव को भन-ही-भन माद ककमा औय पराथगना कक ह गरदव अफ तो इस फचि का जीवन आऩक ही हाथो भ ह | ह भय परब आऩ जो िाह सो कय सकत ह | औय आणखय भयी पराथगना सपर हई | फचि भ एक नवीन ितना का सॊिाय हआ एवॊ धीय-धीय फचि क सवासम भ
सधाय होन रगा | कछ ही टदनो भ वह ऩणगत सवसथ हो गमा | डॉकटय न तो उऩिाय ककमा रककन जो जीवनदान उस पमाय परब की कऩा स सदगरदव की कऩा स मभरा उसका वणगन कयन क मरए भय ऩास शबद नहीॊ ह | फस ईशवय स भ मही पराथगना कयता हॉ कक ऐस बरहमननषठ सॊत-भहाऩरषो क परनत हभायी शरदधा भ ववदध होती यह | -
डॉ वाम ऩी कारया शाभरदास कॉरज बावनगय गजयात
ऩजम फाऩ जस सॊत दननमा को सवगग भ फदर सकत ह
भई १९९८ क अॊनतभ टदनो भ ऩजमशरी क इॊदौय परवास क दौयान ईयान क ववखमात कफ़जजमशमन शरी फफाक अगरानी बायत भ अधमाजतभक अनबवो की परानि आम हए थ |
ऩजमशरी क दशगन ऩाकय जफ उनहोन अधमाजतभक अनबवो को परीबत होत दखा तो व ऩॊिड़ आशरभ भ आमोजजत धमानमोग मशववय भ बी ऩहॉि गम | शरी अगरानी जो दो टदन रककय वाऩस रौटन वार थ व ऩय गमायह टदन तक ऩॊिड़ आशरभ भ रक यह | उनहोन ववधाथी मशववय भ सायसवतम भॊतर की दीा री एवॊ ववमशषट धमानमोग साधना मशववय (४ -१० जन १९९८) का बी राब मरमा | मशववय क दौयान शरी अगरानी न ऩजमशरी स भॊतरदीा बी र री | ऩजमशरी क साजननधम भ सॊपराि अनबनतमो क फाय भ बतरम सभािाय ऩतर ितना को दी हई बटवाताग भ शरी अगरानी कहत ह मटद ऩजम फाऩ जस सॊत हय दश भ हो जाम तो मह दननमा सवगग फन सकती ह | ऐस शाॊनत स फठ ऩाना हभाय मरए कटठन ह रककन जफ ऩजम फाऩजी जस भहाऩरषो क शरीियणो भ फठकय सतसॊग सनत ह तो ऐसा आनॊद आता ह कक सभम का कछ ऩता ही नहीॊ िरता | सिभि ऩजम फाऩ कोई साधायण सॊत नहीॊ ह |
-शरी फफाक अगरानी ववशवववखमात कफ़जजमशमन ईयान
फाऩजी का साजननधम गॊगा क ऩावन परवाह जसा ह
कर-कर कयती इस बागीयथी की धवर धाया क ककनाय ऩय ऩजम फाऩजी क साजननधम भ फठकय भ फड़ा ही आपहाटदत औय परभटदत हॉ आनॊटदत हॉ योभाॊचित हॊ | गॊगा बायत की सषमना नाड़ी ह | गॊगा बायत की सॊजीवनी ह | शरी ववषणजी क ियणो स ननकरकय बरहमाजी क कभॊड़र औय जटाधय क भाथ ऩय शोबामभान गॊगा बतरमोगमसवदधकायक ह |
ववषणजी क ियणो स ननकरी गॊगा बकतकत मोग की परतीनत कयाती ह औय मशवजी क भसतक ऩय जसथत गॊगा ऻान मोग की उचितय बमभका ऩय आरढ़ होन की खफय दती ह |
भझ ऐसा रग यहा ह कक आज फाऩजी क परविनो को सनकय भ गॊगा भ गोता रगा यहा हॉ कमोकक उनका परविन उनका सजननधम गॊगा क ऩावन परवाह जसा ह | व अरभसत फ़कीय ह | व फड़ सयर औय सहज ह | व जजतन ही ऊऩय स सयर ह उतन ही अॊतय भ गढ़ ह | उनभ टहभारम जसी उचिता ऩववतरता शरषठता ह औय सागयतर जसी गॊबीयता ह |
व याषड की अभपम धयोहय ह | उनह दखकय कवष-ऩयमऩया को फोध होता ह | गौतभ कणाद
जमभनी कवऩर दाद भीया कफीय यदास आटद सफ कबी-कबी उनभ टदखत ह |
य बाई कोई सतगर सॊत कहाव
जो ननन अरख रखाव धयती उखाड़ आकाश उखाड़
अधय भड़मा धाव |
शनम मशखय क ऩाय मशरा ऩय आसन अिर जभाव |
य बाई कोई सतगर सॊत कहाव
एक ऐस ऩावन साजननधम भ हभ फठ ह जो फड़ा दरगब औय सहज मोगसवरऩ ह | ऐस भहाऩरषो क मरए ऩॊकतकतमाॉ माद आ यही ह तभ िरो तो िर धयती िर अॊफय िर दननमा ऐस भहाऩरष िरत ह तो उनक मरए समग िॊर ताय गरह नतर आटद सफ अनकर हो जात ह | ऐस इजनरमातीत गणातीत बावातीत शबदातीत औय सफ अवसथाओॊ स ऩय ककनहीॊ भहाऩरषो क शरीियणो भ जफ फठत ह तो बागवत कहता ह
साधनाॊ दशगनॊ रोक सवगमसवदधकयॊ ऩयभ |
साध क दशगन भातर स वविाय ववबनत ववदवता शकतकत सहजता ननववगषमता परसननता मसवदधमाॉ औय आतभानॊद की परानि होती ह | दश क भहान सॊत महाॉ सहज ही आत ह बायत क सबी शॊकयािामग बी मशववय भ आत ह | अत भय भन भ बी वविाय आमा कक जहाॉ सफ जात ह वहाॉ जाना िाटहए कमोकक मही वह ठोय-टठकाना ह जहाॉ भन का अमबभान मभटामा जा सकता ह | ऐस भहाऩरषो क दशगन स कवर आनॊद औय भसती ही नहीॊ मभरती फजपक वह सफ कछ मभर जाता ह जो अमबरावषत ह आकाॊकषत ह रकषत ह | महाॉ भ करणा क
कभगठता क वववक-वयागम क ऻान क दशगन कय यहा हॉ | वयागम औय बकतकत क यण ऩोषण औय सॊवधगन क मरए मह सिकवषमो का उततभ ऻान भाना जाता ह | आज गॊगा कपय स
साकाय टदख यही ह तो व फाऩजी क वविाय औय वाणी भ टदख यही ह | अरभसतता सहजता उचिता शरषठता ऩववतरतता तीथग-सी शचिता मशश-सी सयरता तरणो-सा जोश वदधो-सा गाॊबीमग औय कवषमो जसा ऻानाफोध भझ जहाॉ हो यहा ह वह मह ऩॊडार ह | इस आनॊदनगय कहॉ मा परभनगय करणा का सागय कहॉ मा वविायो का सभनदय रककन इतना जरय कहॉगा कक भय भन का कोन-कोना आपहाटदत हो यहा ह | आऩ रोग फड़बागी ह जो ऐस भहाऩरष क शरीियणो भ फठ ह जहाॉ बागम का टदरवम रवमकतकतततव का ननभागण होता ह | जीवन की कतकतमता जहाॉ पराि हो सकती ह वह मही दय ह |
मभर तभ मभरी भॊजजर मभरा भकसद औय भददा बी |
न मभर तभ तो यह गमा भददा भकसद औय भॊजजर बी ||
आऩका मह बावयाजम औय परभयाजम दखकय भ िककत बी हॉ औय आनॊद का अनबव बी कय यहा हॉ | आऩक परनत भया ववशवास औय अटट ननषठा फढ़ इस हत भया नभन सवीकाय कय | भझ ऐसा रगता ह कक फाऩजी समग ह औय नायामण सवाभी एक ऐस दीऩ ह जो न फझ सकत ह न जराम जात ह |
-सवाभी अवधशानॊदजी हरयदवाय
सायसवतम भॊतर स हए अदबत राब
भन १९९८ भ ववधाथी उतथान मशववय सोनीऩत भ ऩजम गरदव स सायसवतम भॊतर की दीा री | दीा क फाद ननममभत भॊतरजऩ कयन स भ इतना कशागर फवदधवारा एवॊ सवावरॊफी हो गमा कक भन एक भहीन भ ही टमशन छोड़ दी औय सवमॊ खफ भहनत कयन रगा | भ सकर बी ऩदर आन-जान रगा जजसस भन सकर फस का ककयामा फिा मरमा |
भॊतर जाऩ क परबाव स भझ ९ वीॊ १० वीॊ ११ वीॊ की ऩयीाओॊ भ परथभ सथान पराि हआ |
१२ वीॊ की ऩयीा क सभम भया सवासम खयाफ होन क कायण भ जऩ ठीक स नहीॊ कय सका कपय बी ७९ परनतशत अॊको स ऩास हआ | उसक फाद इॊजजननमरयॊग की ऩरया भ बी उततीणग यहा |
-करदीऩ कभाय डी-२३४ वसट ववनोद नगय टदपरी
भ टदसमफय १९९९ भ छततीसगढ़ क बाटाऩाया भ ऩजम गरदव स सायसवतम भॊतर की दीा
री | ततऩशचात भ ननममभत रऩ स जऩ-धमान- पराणामाभ कयता था जजसस भझ फहत राब हआ | ऩजम फऩजी की कऩा औय सायसवतम भॊतर जाऩ क परबाव स भझ १२ वीॊ की फोड़ग की ऩरया भ ८४६ परनतशत अॊक मभर |
-ववयनर कभाय कौमशक
डोगयगाॉव जज याजनाॊदगाॉव (छग)
बौनतक मग क अॊधकाय भ ऻान की जमोनत ऩजम फाऩ
भादक ननमॊतरण बमयो बायत सयकाय क भहाननदशक शरी एिऩी कभाय ९ भई को अभदावाद आशरभ भ सतसॊग-कामगकरभ क दौयान ऩजम फाऩ स आशीवागद रन ऩहॉि | फड़ी ववनमरता एवॊ शरदधा क साथ उनहोन ऩजम फाऩ क परनत अऩन उदगाय भ कहा जजस रवमकतकत क ऩास वववक नहीॊ ह वह अऩन रकषम तक नहीॊ ऩहॉि सकता ह औय वववक को पराि कयन का साधन ऩजम आसायाभजी फाऩ जस भहान सॊतो का सतसॊग ह | ऩजम फाऩ स भया परथभ ऩरयिम टीवी क भाधमभ स हआ | ततऩशचात भझ आशरभ दवाय परकामशत कवष परसाद भामसक पराि हआ | उस सभम भझ रगा कक एक ओय जहाॉ इस बौनतक मग क अॊधकाय भ भानव बटक यहा ह वहीॊ दसयी ओय शाॊनत की भॊद-भॊद सगॊचधत वाम बी िर यही ह | मह ऩजम फाऩ क सतसॊग का ही परबाव ह | ऩजमशरी क दशगन कयन का जो सौबागम भझ पराि हआ ह इसस भ अऩन को कतकतम भानता हॉ | ऩजम फाऩ क शरीभख स जो अभत वषाग होती ह तथा इनक सतसॊग स कयोड़ो रदमो भ जो जमोनत जगती ह व इसी परकाय स जगती यह औय आन वार रॊफ सभम तक ऩजमशरी हभ सफ का भागगदशगन कयत यह मही भयी काभना ह | ऩजम फाऩ क शरीियणो भ भय परणाभ
-शरी एिऩी कभाय भहाननदशक भादक ननमॊतरण बमयो बायत सयकाय
गरकऩा ऐसी हई कक अॉधय तो कमा दय बी नहीॊ हई
ऩयभ कऩार फाऩजी क शरीियणो भ भय कोटट-कोटट वॊदन भ एक इसभाइरी खवाजा हॉ तथा अऩन धभग भ अकतडग हॉ | िाय वषग ऩवग कछ रोगो दवाया एक सननमोजजत मोजना फनाकय भझ जफयदसती भडगय कस का आयोऩी फना टदमा गमा था | इसस भझ कहीॊ शाॊनत नहीॊ मभर यही थी | २८ पयवयी १९९७ को भझ नागऩय भ आमोजजत फाऩजी क सतसॊग भ जान की परयणा मभरी औय ४ भािग १९९७ को भन फाऩजी स भॊतरदीा री | भ उनस भन-
ही-भन ववनती की कक ह गरदव भझ फिा रो | गरकऩा ऐसी हई कक ७ जनवयी १९९८ को भझ अदारत न ऩाक-साप फयी कय टदमा फाकी छ आयोवऩमो को सजा हई | धनम ह ऐस भय सदगर उनक शरीियणो भ भय कोटट-कोटट वनदन
-यहभान खान ननशान छाफड़ी (बफछआ) जज नछनदवाड़ा (भपर)
भजसरभ भटहरा को पराणदान
२७ मसतमफय २००० को जमऩय भ भय ननवास ऩय ऩजम फाऩ का आतभ-साातकाय टदवस
भनामा गमा जजसभ भय ऩड़ोस की भजसरभ भटहरा नाथी फहन क ऩनत शरी भाॉग खाॉ न बी ऩजम फाऩ की आयती की औय ियणाभत मरमा | ३-४ टदन फाद ही व भजसरभ दॊऩनत खवाजा साटहफ क उसग भ अजभय िर गम | टदनाॊक ४ अकटफय २००० को अजभय क उसग भ असाभाजजक ततवो न परसाद भ जहय फाॉट टदमा जजसस उसग भर भ आम कई दशगनाथी असवसथ हो गम औय कई भय बी गम | भय ऩड़ोस की नाथी फहन न बी वह परसाद खामा औय थोड़ी दय भ ही वह फहोश हो गमी | अजभय भ उसका उऩिाय ककमा गमा ककॊ त उस होश न आमा | दसय टदन ही उसका ऩनत उस अऩन घय र आमा | कॉरोनी क सबी ननवासी उसकी हारत दखकय कह यह थ कक अफ इसका फिना भजशकर ह | भ बी उस दखन गमा | वह फहोश ऩड़ी थी | भ जोय-जोय स हरय ॐ हरय ॐ का उचिायण ककमा तो वह थोड़ा टहरन रगी | भझ परयणा हई औय भ ऩन घय गमा | ऩजम फाऩ स पराथगना की | ३-४ घॊट फाद ही वह भटहरा ऐस उठकय खड़ी हो गमी भानो सोकय उठी हो | उस भटहरा न फतामा कक भय िािा ससय ऩीय ह औय उनहोन भय ऩनत क भॉह स फोरकय फतामा कक तभन २७ मसतमफय २००० को जजनक सतसॊग भ ऩानी वऩमा था उनहीॊ सपद दाढ़ीवार फाफा न तमह फिामा ह कसी करणा ह गरदव की
-जएर ऩयोटहत
८७ सपतान नगय जमऩय (याज)
उस भटहरा का ऩता ह -शरीभती नाथी
ऩतनी शरी भाॉग खाॉ १०० सपतान नगय गजगय की धड़ी नम साॊगानय योड़
जमऩय (याज)
हरयनाभ की पमारी न छड़ामी शयाफ की फोतर
सौबागमवश गत २६ टदसमफय १९९८ को ऩजमशरी क १६ मशषमो की एक टोरी टदपरी स हभाय गाॉव भ हरयनाभ का परिाय-परसाय कयन ऩहॉिी | भ फिऩन स ही भटदयाऩान धमरऩान व मशकाय कयन का शौकीन था | ऩजम फाऩ क मशषमो दवाया हभाय गाॉव भ जगह-जगह ऩय तीन टदन तक रगाताय हरयनाभ का कीतगन कयन स भझ बी हरयनाभ का यॊग रगता जा यहा था | उनक जान क एक टदन क ऩशचात शाभ क सभम योज की बाॊनत भन शयाफ की फोतर ननकारी | जस ही फोतर खोरन क मरए ढककन घभामा तो उस ढककन क घभन स भझ हरय ॐ हरय ॐ की धवनन सनामी दी | इस परकाय भन दो-तीन फाय ढककन घभामा औय हय फाय भझ हरय ॐ की धवनन सनामी दी | कछ दय फाद भ उठा तथा ऩजमशरी क एक मशषम क घय गमा | उनहोन थोड़ी दय भझ ऩजमशरी की अभतवाणी सनामी | अभतवाणी सनन क फाद भया रदम ऩकायन रगा कक इन दरवमगसनो को तमाग दॉ | भन तयॊत फोतर उठामी तथा जोय-स दय खत भ प क दी | ऐस सभथग व ऩयभ कऩार सदगरदव को भ रदम स परणाभ कयता हॉ जजनकी कऩा स मह अनोखी घटना भय जीवन भ घटी जजसस भया जीवन ऩरयवनतगत हआ |
-भोहन मसॊह बफषट
मबखमासन अपभोड़ा (उपर)
ऩय गाॉव की कामाऩरट
ऩजमशरी स टदनाॊक २७६९१ को दीा रन क फाद भन रवमवसनभकतकत क परिाय-परसाय का रकषम फना मरमा | भ एक फाय कौशरऩय (जज शाजाऩय) ऩहॉिा | वहाॉ क रोगो क रवमवसनी औय रड़ाई-झगड़ मकत जीवन को दखकय भन कहा आऩ रोग भनषम-जीवन सही अथग ही नहीॊ सभझत ह | एक फाय आऩ रोग ऩजम फाऩजी क दशगन कय र तो आऩको सही जीवन जीन की कॊ जी मभर जामगी | गाॉव वारो न भयी फात भान री औय दस रवमकतकत भय गाॉव ताजऩय आम | भन एक साधक को उनक साथ जनभाषटभी भहोतसव भ सयत बजा | ऩजम फाऩजी की उन ऩय कऩा फयसी औय सफको गरदीा मभर गमी | जफ व रोग अऩन गाॉव ऩहॉि तो सबी गाॉववामसमो को फड़ा कौतहर था कक ऩजम फाऩजी कस ह फाऩजी की रीराएॉ सनकय गाॉव क अनम रोगो भ बी ऩजम फाऩजी क परनत शरदधा जगी | उन दीकषत साधको न सबी गाॉववारो को सववधानसाय ऩजम फाऩजी क अरग-अरग आशरभो भ
बजकय दीा टदरवा दी | गाॉव क सबी रवमकतकत अऩन ऩय ऩरयवाय सटहत दीकषत हो िक ह | परतमक गरवाय को ऩय गाॉव भ एक सभम बोजन फनता ह | सबी रोग गरवाय का वरत यखत ह | कौशरऩय गाॉव क परबाव स आस-ऩास क गाॉववार एवॊ उनक रयशतदायो सटहत १००० रवमकतकतमो शयाफ छोड़कय दीा र री ह | गाॉव क इनतहास भ तीन-तीन ऩीढ़ी स कोई भॊटदय नहीॊ था | गाॉववारो न ५ राख रऩम रगाकय दो भॊटदय फनवाम ह | ऩया गाॉव रवमवसनभकत एवॊ बगवतबकत फन गमा ह मह ऩजम फाऩजी की कऩा नहीॊ तो औय कमा ह सफक तायणहाय ऩजम फाऩजी क शरीियणो भ कोटट-कोटट परणाभ
-शमाभ परजाऩनत (सऩयवाइजय नतरहन सॊघ) ताजऩय उजजन (भपर)
नतरबफ ॊद का िभतकाय
भया सौबागम ह कक भझ सॊतकऩा नतरबफॊद (आई डरॉपस) का िभतकाय दखन को मभरा |
एक सॊत फाफा मशवयाभदास उमर ८० वषग गीता कटटय तऩोवन झाड़ी सिसयोवय हरयदवाय भ यहत ह | उनकी दाटहनी आॉख क सपद भोनतम का ऑऩयशन शाॉनतकॊ ज हरयदवाय आमोजजत कमऩ भ हआ | कस बफगड़ गमा औय कार भोनतमा फन गमा | ददग यहन रगा औय योशनी घटन रगी | दोफाया बभाननद नतर चिककतसारम भ ऑऩयशन हआ | एबसपमट गरकोभा फतात हए कहा कक ऑऩयशन स मसयददग ठीक हो जामगा ऩय योशनी जाती यहगी | ऩयॊत अफ व फाफा सॊत शरी आसायाभजी आशरभ दवाय ननमभगत सॊतकऩा नतरबफॊद सफह-शाभ डार यह ह | भन उनक नतरो का ऩयीण ककमा | उनकी दाटहनी आॉख भ उॉगरी चगनन रामक योशनी वाऩस आ गमी ह | कार भोनतम का परशय नॉभगर ह | कोननगमा भ सजन नहीॊ ह | व कापी सॊतषट ह | व फतात ह आॉख ऩहर रार यहती थी ऩयॊत अफ नहीॊ ह | आशरभ क नतरबफॊद स कपऩनातीत राब हआ | फामीॊ आॉख भ बी उनह सपद भोनतमा फतामा गमा था औय सॊशम था कक शामद कारा भोनतमा बी ह | ऩय आज फामीॊ आॉख बी ठीक ह औय दोनो आॉखो का परशय बी नॉभगर ह | सपद भोनतमा नहीॊ ह औय योशनी कापी अचछी ह |
मह सॊतकऩा नतरफॊद का ववरण परबाव दखकय भ बी अऩन भयीजो को इसका उऩमोग कयन की सराह दॉगा |
-डॉ अननत कभाय अगरवार (नतरयोग ववशषऻ)
एभफीफीएस एभएस (नतर) डीओएभएस (आई) सीताऩय सहायनऩय (उपर)
ऩजमशरी की तसवीय स मभरी परयणा
सवगसभथग ऩयभ ऩजम शरी फाऩजी क ियणकभरो भ भया कोटट-कोटट नभन १९८४ क बकॊ ऩ स समऩणग उततय बफहाय भ कापी नकसान हआ था जजसकी िऩट भ हभाया घय बी था | ऩरयजसथनतवश भझ नौवी का भ ऩढ़ामी छोड़ दनी ऩड़ी | ककसी मभतर की सराह स भ नौकयी ढॉढ़न क मरए टदपरी गमा रककन वहाॉ बी ननयाशा ही हाथ रगी | भ दो टदन स बखा तो था ही ऊऩय स नौकयी की चिॊता | अत आतभहतमा का वविाय कयक यरव सटशन की ओय िर ऩड़ा | यानीफाग फाजाय भ एक दकान ऩय ऩजमशरी का सतसाटहतम
कसट आटद यखा हआ था एवॊ ऩजमशरी की फड़ आकाय की तसवीय बी टॉगी थी | ऩजमशरी की हॉसभख एवॊ आशीवागद की भरावारी उस तसवीय ऩय भयी नजय ऩड़ी तो १० मभनट तक भ वहीॊ सड़क ऩय स ही खड़-खड़ उस दखता यहा | उस वकत न जान भझ कमा मभर गमा भ काभ बर भजदयी का ही कयता हॉ रककन तफस रकय आज तक भय चितत भ फड़ी परसननता फनी हई ह | न जान भयी जजनदगी की कमा दशा होती अगय ऩजम फाऩजी की मवाधन सया ईशवय की ओय ननजशचनत जीवन ऩसतक औय कवष परसाद ऩबतरका हाथ न रगती ऩजमशरी की तसवीय स मभरी परयणा एवॊ उनक सतसाटहतम न भयी डफती नमा को भानो भझदाय स फिा मरमा | धनबागी ह साटहतम की सवा कयन वार जजनहोन भझ आतभहतमा क ऩाऩ स फिामा |
-भहश शाह
नायामणऩय दभया जज सीताभढ़ी (बफहाय)
भॊतर स राब
भयी भाॉ की हारत अिानक ऩागर जसी हो गमी थी भानो कोई बत-परत-डाककनी मा आसयी ततव उनभ घस गमा | भ फहत चिॊनतत हो गमा एवॊ एक साचधका फहन को पोन ककमा | उनहोन बत-परत बगान का भॊतर फतामा जजसका वणगन आशरभ स परकामशत आयोगमननचध ऩसतक भ बी ह | वह भॊतर इस परकाय ह
ॐ नभो बगवत रर बयवाम बतपरत म कर कर हॊ पट सवाहा |
इस भॊतर का ऩानी भ ननहायकय १०८ फाय जऩ ककमा औय वही ऩानी भाॉ को वऩरा टदमा |
तयॊत ही भाॉ शाॊनत स सो गमीॊ | दसय टदन बी इस भॊतर की ऩाॉि भारा कयक भाॉ को वह जर वऩरामा तो भाॉ बफपकर ठीक हो गमीॊ | ह भय साधक बाई-फहनो बत-परत बगान क
मरए अरा फाॉधॉ फरा फाॉधॉ ऐसा कयक झाड़-फ़ॉ क कयनवारो क िककय भ ऩड़न की जरयत नहीॊ ह | इसक मरए तो ऩजम फाऩजी का भॊतर ही तायणहाय ह | ऩजम फाऩजी क शरीियणो भ कोटट-कोटट परणाभ
-िॊऩकबाई एन ऩटर (अभरयका)
काभ करोध ऩय ववजम ऩामी
एक टदन भॊफई भर भ टटकट िककॊ ग कयत हए भ वातानकमरत फोगी भ ऩहॉिा | दखा तो भखभर की गददी ऩय टाट का आसन बफछाकय सवाभी शरी रीराशाहजी भहायाज सभाचधसथ ह | भझ आशचमग हआ कक जजन परथभ शरणी की वातानकमरत फोचगमो भ याजा-भहायाजा मातरा कयत ह ऐसी फोगी औय तीसयी शरणी की फोगी क फीि इन सॊत को कोई बद नहीॊ रगता | ऐसी फोचगमो भ बी व सभाचधसथ होत ह मह दखकय मसय झक जाता ह | भन ऩजम भहायाजशरी को परणाभ कयक कहा आऩ जस सॊतो क मरए तो सफ एक सभान ह |
हय हार भ एकयस यहकय आऩ भकतकत का आनॊद र सकत ह | रककन हभाय जस गरहसथो को कमा कयना िाटहए ताकक हभ बी आऩ जसी सभता फनाम यखकय जीवन जी सक
ऩजम भहायाजजी न कहा काभ औय करोध को त छोड़ द तो त बी जीवनभकत हो सकता ह | जहाॉ याभ तहॉ नहीॊ काभ जहाॉ काभ तहॉ नहीॊ याभ | औय करोध तो बाई बसभासय ह | वह तभाभ ऩणम को जराकय बसभ कय दता ह अॊतकयण को भमरन कय दता ह | भन कहा परब अगय आऩकी कऩा होगी तो भ काभ-करोध को छोड़ ऩाऊॉ गा | ऩजम भहायाजजी न कहा बाई कऩा ऐस थोड़ ही की जाती ह सॊतकऩा क साथ तया ऩरषाथग औय दढ़ता बी िाटहए | ऩहर त परनतऻा कय कक त जीवनऩमगनत काभ औय करोध स दय यहगा तो भ तझ आशीवागद दॉ | भन कहा भहायाजजी भ जीवनबय क मरए परनतऻा तो करॉ रककन उसका ऩारन न कय ऩाऊॉ तो झठा भाना जाऊॉ गा | ऩजम भहायाजजी न कहा अचछा ऩहर त भय सभ आठ टदन क मरए परनतऻा कय | कपय परनतऻा को एक-एक टदन फढ़त जाना | इस परकाय त उन फराओॊ स फि सकगा | ह कफर भन हाथ जोड़कय कफर ककमा | ऩजम भहायाजजी न आशीवागद दकय दो-िाय पर परसाद भ टदम | ऩजम भहायाजजी न भयी जो दो कभजोरयमाॉ थीॊ उन ऩय ही सीधा हभरा ककमा था | भझ आशचमग हआ कक अनम कोई बी दगगण छोड़न का न कहकय इन दो दगगणो क मरए ही उनहोन परनतऻा कमो कयवामी फाद भ भ इस याज स अवगत हआ |
दसय टदन भ ऩसनजय टरन भ कानऩय स आग जा यहा था | सफह क कयीफ नौ फज थ |
तीसयी शरणी की फोगी भ जाकय भन माबतरमो क टटकट जाॉिन का कामग शर ककमा | सफस
ऩहर फथग ऩय सोम हए एक मातरी क ऩास जाकय भन एक मातरी क ऩास जाकय भन टटकट टदखान को कहा तो वह गससा होकय भझ कहन रगा अॊधा ह दखता नहीॊ कक भ सो गमा हॉ भझ नीॊद स जगान का तझ कमा अचधकाय ह मह कोई यीत ह टटकट क फाय भ ऩछन की ऐसी ही अकर ह तयी ऐसा कछ-का-कछ वह फोरता ही गमा फोरता ही गमा | भ बी करोधाववषट होन रगा ककॊ त ऩजम भहायाजजी क सभ री हई परनतऻा भझ माद थी अत करोध को ऐस ऩी गमा भानो ववष की ऩकतड़मा भन उस कहा भहाशम आऩ ठीक ही कहत ह कक भझ फोरन की अकर नहीॊ ह बान नहीॊ ह | दखो भय म फार धऩ भ सपद हो गम ह | आऩभ फोरन की अकर अचधक ह नमरता ह तो कऩा कयक मसखाओॊ कक टटकट क मरए भझ ककस परकाय आऩस ऩछना िाटहए | भ रािाय हॉ कक डमटी क कायण भझ टटकट िक कयना ऩड़ यहा ह इसमरए भ आऩको कषट द यहा हॉ|
औय कफ़य भन खफ परभ स हाथ जोड़कय ववनती की बमा कऩा कयक कषट क मरए भझ भा कयो | भझ अऩना टटकट टदखामग भयी नमरता दखकय वह रजजजत हो गमा एवॊ तयॊत उठ फठा | जपदी-जपदी नीि उतयकय भझस भा भाॉगत हए कहन रगा भझ भाप कयना | भ नीॊद भ था | भन आऩको ऩहिाना नहीॊ था | अफ आऩ अऩन भॉह स भझ कह कक आऩन भझ भाफ़ ककमा मह दखकय भझ आनॊद औय सॊतोष हआ | भ सोिन रगा कक सॊतो की आऻा भानन भ ककतनी शकतकत औय टहत ननटहत ह सॊतो की करणा कसा िभतकारयक ऩरयणाभ राती ह वह रवमकतकत क पराकनतक सवबाव को बी जड़-भर स फदर सकती ह | अनमथा भझभ करोध को ननमॊतरण भ यखन की कोई शकतकत नहीॊ थी | भ ऩणगतमा असहाम था कपय बी भझ भहायाजजी की कऩा न ही सभथग फनामा | ऐस सॊतो क शरीियणो भ कोटट-कोटट नभसकाय
-शरी यीजभर
रयटामडग टीटी आई कानऩय
अनम अनबव
जरा हआ कागज
ऩवग रऩ भ एक फाय ऩयभहॊस ववशदधानॊदजी स आनॊदभमी भाॉ की ननकटता ऩानवार सपरमसदध ऩॊकतडत गोऩीनाथ कववयाज न ननवदन ककमा तयणीकानत ठाकय को अरौककक मसवदध पराि हई ह | व बफना दख मा बफना छए ही कागज भ मरखी हई फात ऩढ़ रत ह |
गरदव फोर तभ एक कागज ऩय कछ मरखो औय उसभ आग रगाकय जरा दो |
कववयाजजी न कागज ऩय कछ मरखा औय ऩयी तयह कागज जराकय हवा भ उड़ा टदमा |
उसक फाद गरदव न अऩन तककम क नीि स वही कागज ननकारकय कववयाजजी क आग यख टदमा | मह दखकय उनह फड़ा आशचमग हआ कक मह कागज वही था एवॊ जो उनहोन मरखा था वह बी उस ऩय उनहीॊ क सरख भ मरखा था औय साथ ही उसका उततय बी मरखा हआ दखा | जड़ता ऩशता औय ईशवयता का भर हभाया शयीय ह | जड़ शयीय को भ-भया भानन की ववतत जजतनी मभटती ह ऩाशवी वासनाओॊ की गराभी उतनी हटती ह औय हभाया ईशवयीम अॊश जजतना अचधक ववकमसत होता ह उतना ही मोग-साभमग ईशवयीम साभमग परकट होता ह | बायत क ऐस कई बकतो सॊतो औय मोचगमो क जीवन भ ईशवयीम साभमग दखा गमा ह अनबव ककमा गमा ह उसक ववषम भ सना गमा ह | धनम ह बायतबमभ भ यहनवार बायतीम सॊसकनत भ शरदधा-ववशवास यखनवार अऩन ईशवयीम अॊश को जगान की सवा-साधना कयनवार सवाभी ववशदधानॊदजी वषो की एकाॊत साधना औय वषो-वषो की गरसवा स अऩना दहाधमास औय ऩाशवी वासनाएॉ मभटाकय अऩन ईशवयीम
अॊश को ववकमसत कयनवार बायत क अनक भहाऩरषो भ स थ | उनक जीवन की औय बी अरौककक घटनाओॊ का वणगन आता ह | ऐस सतऩरषो क जीवन-िरयतर औय उनक जीवन भ घटटत घटनाएॉ ऩढ़न-सनन स हभ रोग बी अऩनी जड़ता एवॊ ऩशता स ऊऩय उठकय ईशवयीम अॊश को उबायन भ उतसाटहत होत ह | फहत ऊॉ िा काभ ह फड़ी शरदधा फड़ी सभझ फड़ा धमग िाटहए ईशवयीम साभमग को ऩणग रऩ स ववकमसत कयन भ | अफ आओ
िर आदय शॊकयािामग की ओय
नदी की धाया भड़ गमी
आदय शॊकयािामग की भाता ववमशषटा दवी अऩन करदवता कशव की ऩजा कयन जाती थीॊ | व ऩहर नदी भ सनान कयतीॊ औय कफ़य भॊटदय भ जाकय ऩजन कयतीॊ | एक टदन व परातकार ही ऩजन-साभगरी रकय भॊटदय की ओय गमीॊ ककॊ त सामॊकार तक घय नहीॊ रौटीॊ | शॊकयािामग की आम अबी सात-आठ वषग क भधम भ ही थी | व ईशवय क ऩयभ बकत औय ननषठावान थ | सामॊकार तक भाता क वाऩस न रौटन ऩय आिामग को फड़ी चिनता हई औय व उनह खोजन क मरए ननकर ऩड़ | भॊटदय क ननकट ऩहॉिकय उनहोन भाता को भागग भ ही भजचछगत ऩड़ दखा | उनहोन फहत दय तक भाता का उऩिाय ककमा तफ व होश भ आ सकीॊ |
नदी अचधक दय थी | वहाॉ तक ऩहॉिन भ भाता को फड़ा कषट होता था | आिामग न बगवान स भन-ही-भन पराथगना की कक परबो ककसी परकाय नदी की धाया को भोड़ दो जजसस कक
भाता ननकट ही सनान कय सक | व इस परकाय की पराथगना ननतम कयन रग | एक टदन उनहोन दखा कक नदी की धाया ककनाय की धयती को काटती-काटती भड़न रगी ह तथा कछ टदनो भ ही वह आिामग शॊकय क घय क ऩास फहन रगी | इस घटना न आिामग का अरौककक शकतकतसमऩनन होना परमसदध कय टदमा |
सकषभ शयीय स िोय का ऩीछा ककमा
हरयहय फाफा की फड़ी परमसवदध थी | एक फाय व हयऩारऩय सटशन ऩय थ | वहाॉ क सटशन भासटय न उनको एक िोय सऩदग ककमा | िोय न फाफा स कहा भहायाज भझ इतनी छटटी द दीजजम कक भ अऩन फार-फचिो का परफॊध कय आऊॉ | फाफा गाड़ी आन ऩय रौट आना | िोय िरा गमा | सटशन भासटय को ऩता िरा तो वह फाफा ऩय गभग हआ औय फोरा उसक फदर तमह जर की हवा खानी होगी | तभन जान-फझकय उस बगा टदमा ह | फाफा घफयाओ भत गाड़ी आन स ऩहर ही वह रौट आमगा | िोय की नीमत ठीक नहीॊ थी | वह जॊगर क भागग स अऻात सथान को बाग जाना िाहता था ककॊ त उस हय सभम मही परतीत होता यहा कक हरयहय फाफा डॊडा पटकायत हए उसक ऩीछ-ऩीछ िर आ यह ह | इसीमरए वह गाड़ी आन स ऩहर ही रौट आमा |
भॊगरी फाधा-ननवायण भॊतर
अॊ याॊ अॊ
इस भॊतर को १०८ फाय जऩन स करोध दय होता ह | जनभकनडरी भ भॊगरी मोग होन स जजनक वववाह न हो यह हो व २७ भॊगरवाय इस भॊतर का १०८ फाय जऩ कयत हए वरत यखकय हनभानजी ऩय मसॊदय का िोरा िढ़ाम | इसस भॊगर-फाधा का म होता ह |
सखऩवगक परसवकायक भॊतर
ऩहरा उऩाम
एॊ हीॊ बगवनत बगभामरनन िर िर भराभम भराभम ऩषऩॊ ववकासम ववकासम सवाहा |
इस भॊतर दवाया अमबभॊबतरत दध गमबगणी सतरी को वऩराम तो सखऩवगक परसव होगा |
दसया उऩाम
गमबगणी सतरी सवमॊ परसव क सभम जमबरा-जमबरा जऩ कय |
तीसया उऩाम
दशी गाम क गोफय का १२ स १५ मभरी यस ॐ नभो नायामणाम भॊतर का २१ फाय जऩ कयक ऩीन स बी परसव-फाधाएॉ दय होगी औय बफना ऑऩयशन क परसव होगा |
परसनत क सभम अभॊगर की आशॊका हो तो ननमन भॊतर का जऩ कय
सवगभॊगर भाॊगपम मशव सवागथग साचधक |
शयणम तरममफक गौयी नायामणी नभोSसतत ||
(दगागसिशती)
शकतकतशारी व गोय ऩतर की परानि क मरए
सगबागवसथा भ ढाक (ऩराश खाखया) का एक कोभर ऩतता घोटकय गौ-दगध क साथ योज सवन कयन स फारक शकतकतशारी औय गोया होता ह | भाता-वऩता बर कार-करट हो कपय बी फारक गोया होगा |
सदगर-भटहभा
गर बफन बव ननचध तय न कोई |
जौ फयॊचि सॊकय सभ होई ||
-सॊत तरसीदासजी
हरयहय आटदक जगत भ ऩजमदव जो कोम |
सदगर की ऩजा ककम सफकी ऩजा होम ||
-ननशचरदासजी भहायाज
सहजो कायज सॊसाय को गर बफन होत नाॉही |
हरय तो गर बफन कमा मभर सभझ र भन भाॉही ||
-सॊत कफीयजी सॊत
सयनन जो जन ऩय सो जन उधयनहाय | सॊत की ननॊदा नानका फहरय फहरय अवताय ||
-गर नानक दवजी
गरसवा सफ बागमो की जनभबमभ ह औय वह शोकाकर रोगो को बरहमभम कय दती ह |
गररऩी समग अववदयारऩी याबतर का नाश कयता ह औय ऻानाऻान रऩी मसतायो का रोऩ कयक फवदधभानो को आतभफोध का सटदन टदखाता ह |
-सॊत ऻानशवय भहायाज
सतम क कॊ टकभम भागग भ आऩको गर क मसवाम औय कोई भागगदशगन नहीॊ द सकता |
- सवाभी मशवानॊद सयसवती
ककतन ही याजा-भहायाजा हो गम औय होग सामजम भकतकत कोई नहीॊ द सकता | सचि याजा-भहायाज तो सॊत ही ह | जो उनकी शयण जाता ह वही सचिा सख औय सामजम भकतकत ऩाता ह |
-सभथग शरी याभदास सवाभी
भनषम िाह ककतना बी जऩ-तऩ कय मभ-ननमभो का ऩारन कय ऩयॊत जफ तक सदगर की कऩादवषट नहीॊ मभरती तफ तक सफ रवमथग ह |
-सवाभी याभतीथग
परटो कहत ह कक सकयात जस गर ऩाकय भ धनम हआ |
इभसगन न अऩन गर थोयो स जो पराि ककमा उसक भटहभागान भ व बावववबोय हो जात थ |
शरी याभकषण ऩयभहॊस ऩणगता का अनबव कयानवार अऩन सदगरदव की परशॊसा कयत नहीॊ अघात थ |
ऩजमऩाद सवाभी शरी रीराशाहजी भहायाज बी अऩन सदगरदव की माद भ सनह क आॉस
फहाकय गदगद कॊ ठ हो जात थ |
ऩजम फाऩजी बी अऩन सदगरदव की माद भ कस हो जात ह मह तो दखत ही फनता ह |
अफ हभ उनकी माद भ कस होत ह मह परशन ह | फटहभगख ननगय रोग कछ बी कह साधक को अऩन सदगर स कमा मभरता ह इस तो साधक ही जानत ह |
रडी भाटटगन क सहाग की या कयन अपगाननसतान भ परकट मशवजी
साध सॊग सॊसाय भ दरगब भनषम शयीय |
सतसॊग सववत ततव ह बतरववध ताऩ की ऩीय ||
भानव-दह मभरना दरगब ह औय मभर बी जाम तो आचधदववक आचधबौनतक औय आधमाजतभक म तीन ताऩ भनषम को तऩात यहत ह | ककॊ त भनषम-दह भ बी ऩववतरता हो सचिाई हो शदधता हो औय साध-सॊग मभर जाम तो म बतरववध ताऩ मभट जात ह |
सन १८७९ की फात ह | बायत भ बबरटटश शासन था उनहीॊ टदनो अॊगरजो न अपगाननसतान ऩय आकरभण कय टदमा | इस मदध का सॊिारन आगय भारवा बबरटटश छावनी क रजफ़टनट कनगर भाटटगन को सौऩा गमा था | कनगर भाटटगन सभम-सभम ऩय मदध-तर स अऩनी ऩतनी को कशरता क सभािाय बजता यहता था | मदध रॊफा िरा औय अफ तो सॊदश आन बी फॊद हो गम | रडी भाटटगन को चिॊता सतान रगी कक कहीॊ कछ अनथग न हो गमा हो अपगानी सननको न भय ऩनत को भाय न डारा हो | कदाचित ऩनत मदध भ शहीद हो गम तो भ जीकय कमा करॉ गी -मह सोिकय वह अनक शॊका-कशॊकाओॊ स नघयी यहती थी |
चिनतातय फनी वह एक टदन घोड़ ऩय फठकय घभन जा यही थी | भागग भ ककसी भॊटदय स आती हई शॊख व भॊतर धवनन न उस आकवषगत ककमा | वह एक ऩड़ स अऩना घोड़ा फाॉधकय भॊटदय भ गमी | फजनाथ भहादव क इस भॊटदय भ मशवऩजन भ ननभगन ऩॊकतडतो स उसन ऩछा आऩ रोग कमा कय यह ह एक वरदध बराहमण न कहा हभ बगवान मशव का ऩजन कय यह ह | रडी भाटटगन मशवऩजन की कमा भहतता ह बराहमण फटी बगवान मशव तो औढयदानी ह बोरनाथ ह | अऩन बकतो क सॊकट-ननवायण कयन भ व तननक बी दय नहीॊ कयत ह | बकत उनक दयफाय भ जो बी भनोकाभना रकय क आता ह उस व शीघर ऩयी कयत ह ककॊ त फटी तभ फहत चिजनतत औय उदास नजय आ यही हो कमा फात ह रडी भाटटगन भय ऩनतदव मदध भ गम ह औय ववगत कई टदनो स उनका कोई
सभािाय नहीॊ आमा ह | व मदध भ पॉ स गम ह मा भाय गम ह कछ ऩता नहीॊ िर यहा | भ उनकी ओय स फहत चिजनतत हॉ | इतना कहत हए रडी भाटटगन की आॉख नभ हो गमीॊ |
बराहमण तभ चिनता भत कयो फटी मशवजी का ऩजन कयो उनस पराथगना कयो रघररी कयवाओ | बगवान मशव तमहाय ऩनत का यण अवशम कयग |
ऩॊकतडतो की सराह ऩय उसन वहाॉ गमायह टदन का ॐ नभ मशवाम भॊतर स रघररी अनषठान परायॊब ककमा तथा परनतटदन बगवान मशव स अऩन ऩनत की या क मरए पराथगना कयन रगी कक ह बगवान मशव ह फजनाथ भहादव मटद भय ऩनत मदध स सकशर रौट आम तो भ आऩका मशखयफॊद भॊटदय फनवाऊॉ गी | रघररी की ऩणागहनत क टदन बागता हआ एक सॊदशवाहक मशवभॊटदय भ आमा औय रडी भाटटगन को एक मरपापा टदमा | उसन घफयात-घफयात वह मरपापा खोरा औय ऩढ़न रगी |
ऩतर भ उसक ऩनत न मरखा था हभ मदध भ यत थ औय तभ तक सॊदश बी बजत यह रककन आक ऩठानी सना न घय मरमा | बबरटटश सना कट भयती औय भ बी भय जाता |
ऐसी ववकट ऩरयजसथनत भ हभ नघय गम थ कक पराण फिाकय बागना बी अतमाचधक कटठन था | इतन भ भन दखा कक मदधबमभ भ बायत क कोई एक मोगी जजनकी फड़ी रमफी जटाएॉ ह हाथ भ तीन नोकवारा एक हचथमाय (बतरशर) इतनी तीवर गनत स घभ यहा था कक ऩठान सननक उनह दखकय बागन रग | उनकी कऩा स घय स हभ ननकरकय ऩठानो ऩय वाय कयन का भौका मभर गमा औय हभायी हाय की घकतड़माॉ अिानक जीत भ फदर गमीॊ | मह सफ बायत क उन फाघामफयधायी एवॊ तीन नोकवारा हचथमाय धायण ककम हए
(बतरशरधायी) मोगी क कायण ही समबव हआ | उनक भहातजसवी रवमकतकततव क परबाव स दखत-ही-दखत अपगाननसतान की ऩठानी सना बाग खड़ी हई औय व ऩयभ मोगी भझ
टहमभत दत हए कहन रग | घफयाओॊ नहीॊ | भ बगवान मशव हॉ तथा तमहायी ऩतनी की ऩजा स परसनन होकय तमहायी या कयन आमा हॉ उसक सहाग की या कयन आमा हॉ |
ऩतर ऩढ़त हए रडी भाटटगन की आॉखो स अववयत अशरधाया फहती जा यही थी उसका रदम अहोबाव स बय गमा औय वह बगवान मशव की परनतभा क समभख मसय यखकय पराथगना कयत-कयत यो ऩड़ी | कछ सिाह फाद उसका ऩनत कनगर भाटटगन आगय छावनी रौटा | ऩतनी न उस सायी फात सनात हए कहा आऩक सॊदश क अबाव भ भ चिजनतत हो उठी थी रककन बराहमणो की सराह स मशवऩजा भ रग गमी औय आऩकी या क मरए बगवान मशव स पराथगना कयन रगी | उन द खबॊजक भहादव न भयी पराथगना सनी औय आऩको सकशर रौटा टदमा | अफ तो ऩनत-ऩतनी दोनो ही ननममभत रऩ स फजनाथ भहादव क भॊटदय भ ऩजा-अिगना कयन रग | अऩनी ऩतनी की इचछा ऩय कनगर भाटटगन भ सन १८८३
भ ऩॊरह हजाय रऩम दकय फजनाथ भहादव भॊटदय का जीणोदवाय कयवामा जजसका मशरारख आज बी आगय भारवा क इस भॊटदय भ रगा ह | ऩय बायतबय भ अॊगरजो दवाय ननमभगत मह एकभातर टहनद भॊटदय ह |
मयोऩ जान स ऩवग रडी भाटटगन न ऩकतड़तो स कहा हभ अऩन घय भ बी बगवान मशव का भॊटदय फनामग तथा इन द ख-ननवायक दव की आजीवन ऩजा कयत यहग |
बगवान मशव भ बगवान कषण भ भाॉ अमफा भ आतभवतता सदगर भ सतता तो एक ही ह | आवशमकता ह अटर ववशवास की | एकररवम न गरभनत ग भ ववशवास कय वह पराि कय मरमा जो अजगन को कटठन रगा | आरणण उऩभनम रव परहराद आटद अनम सकड़ो उदायहण हभाय साभन परतम ह | आज बी इस परकाय का सहमोग हजायो बकतो को साधको को बगवान व आतभवतता सदगरओॊ क दवाया ननयनतय पराि होता यहता ह | आवशमकता ह तो फस कवर ववशवास की |
भहाभतमॊजम भॊतर
ॐ हौ जॉ स |
ॐ बबगव सव |
ॐ तरममफकॊ मजाभह सगॊचध ॊ ऩवषटवधगनभ |
उवागरकमभव फनधनानभतमोभगीम भाभतात |
सव भव ब ॐ |
स जॉ हौ ॐ |
बगवान मशव का मह भहाभतमॊजम जऩन स अकार भतम तो टरती ही ह आयोगमता की बी परानि होती ह | सनान कयत सभम शयीय ऩय रोट स ऩानी डारत वकत इस भॊतर का जऩ कयन स सवासम-राब होता ह | दध भ ननहायत हए इस भॊतर का जाऩ ककमा जाम औय कपय वह दध ऩी मरमा जम तो मौवन की सया भ बी सहामता मभरती ह | आजकर की तज यफ़तायवारी जजनदगी भ कहाॉ आतॊक उऩरव दघगटना हो जाम कहना भजशकर ह | घय स ननकरत सभम एक फाय मह भॊतर जऩनवारा इन उऩदरवो स सयकषत यहता ह औय सयकषत घय रौटता ह | (इस भॊतरानषठान क ववचध-ववधान की ववसतत जानकायी क मरए आशरभ दवाया परकामशत आयोगमननचध ऩसतक ऩढ़ |) शरीभदबागवत क आठव सकॊ ध भ तीसय अधमाम क शलोक १ स ३३ तक भ वणणगत गजनरभो सतोतर का ऩाठ कयन स तभाभ
ववधन दय होत ह |
रकय जाऊॉ गा फाऩजी आऩही इस बकत की राज फिाओ | तबी गॊगाजी की एक तज रहय उस फचि को बी फाहय छोड़ गमी | भन रऩककय उस ऩकड़ मरमा | आज बी उस हादस को सभयण कयता हॉ तो अऩन-आऩको सॉबार नहीॊ ऩाता हॉ औय भयी आॉखो स ननयॊतय परभ की अशरधाया फहन रगती ह | धनम हआ भ ऐस गरदव को ऩाकय ऐस सदगरदव क शरीियणो भ भय फाय-फाय शत-शत परणाभ
-सभारखाॉ ऩानीऩत हरयमाणा
गरदव की कऩा स सॊतानपरानि
भयी शादी को ऩाॉि सार हो गम थ कपय बी कोई सॊतान नहीॊ हई | रोग हभ फहत तान भायत थ | तबी भन-ही-भन ननणगम र मरमा कक ऩजम फाऩ क आशरभ भ जाना ह | जनवयी १९९९ भ परथभ फाय उततयामण मशववय बया औय भॊतरदीा री | अफ गरदव कक कऩा स भझ एक सॊदय फारक पराि हआ ह | ऩजम फाऩजी की इतनी कऩा-करणा दखकय रदम बय आता ह | भ ऩजम फाऩजी स पराथगना कयती हॉ कक मह फारक उनह सभवऩगत कय सकॊ औय मह उनक मोगम फनसक ऐसी सदफवदध हभ द |
-ननभगरा क तड़वी काॊनतबाई हीयाबाई तडवी याभजी भॊटदय क ऩास कायरी फाग वड़ोदया
गरकऩा स जीवनदान
टदनाॊक १५-१-९६ की घटना ह | भन धात क ताय ऩय सखन क मरए कऩड़ परा यख थ |
फारयश होन क कायण उस ताय भ कयॊट आ गमा था | भया छोटा ऩतर ववशार जो कक ११ वीॊ का भ ऩढ़ता ह आकय उस ताय स छ गमा औय बफजरी का कयॊट रगत ही वह फहोश हो गमा शव क सभान हो गमा | हभन उस तयॊत फड़ असऩतार भ दाणखर कयवामा | डॉकटय न फचि की हारत गॊबीय फतामी | ऐसी ऩरयजसथनत दखकय भयी आॉखो स अशरधायाएॉ फह ननकरी | भ ननजानॊद की भसती भ भसत यहन वार ऩजम सदगरदव को भन-ही-भन माद ककमा औय पराथगना कक ह गरदव अफ तो इस फचि का जीवन आऩक ही हाथो भ ह | ह भय परब आऩ जो िाह सो कय सकत ह | औय आणखय भयी पराथगना सपर हई | फचि भ एक नवीन ितना का सॊिाय हआ एवॊ धीय-धीय फचि क सवासम भ
सधाय होन रगा | कछ ही टदनो भ वह ऩणगत सवसथ हो गमा | डॉकटय न तो उऩिाय ककमा रककन जो जीवनदान उस पमाय परब की कऩा स सदगरदव की कऩा स मभरा उसका वणगन कयन क मरए भय ऩास शबद नहीॊ ह | फस ईशवय स भ मही पराथगना कयता हॉ कक ऐस बरहमननषठ सॊत-भहाऩरषो क परनत हभायी शरदधा भ ववदध होती यह | -
डॉ वाम ऩी कारया शाभरदास कॉरज बावनगय गजयात
ऩजम फाऩ जस सॊत दननमा को सवगग भ फदर सकत ह
भई १९९८ क अॊनतभ टदनो भ ऩजमशरी क इॊदौय परवास क दौयान ईयान क ववखमात कफ़जजमशमन शरी फफाक अगरानी बायत भ अधमाजतभक अनबवो की परानि आम हए थ |
ऩजमशरी क दशगन ऩाकय जफ उनहोन अधमाजतभक अनबवो को परीबत होत दखा तो व ऩॊिड़ आशरभ भ आमोजजत धमानमोग मशववय भ बी ऩहॉि गम | शरी अगरानी जो दो टदन रककय वाऩस रौटन वार थ व ऩय गमायह टदन तक ऩॊिड़ आशरभ भ रक यह | उनहोन ववधाथी मशववय भ सायसवतम भॊतर की दीा री एवॊ ववमशषट धमानमोग साधना मशववय (४ -१० जन १९९८) का बी राब मरमा | मशववय क दौयान शरी अगरानी न ऩजमशरी स भॊतरदीा बी र री | ऩजमशरी क साजननधम भ सॊपराि अनबनतमो क फाय भ बतरम सभािाय ऩतर ितना को दी हई बटवाताग भ शरी अगरानी कहत ह मटद ऩजम फाऩ जस सॊत हय दश भ हो जाम तो मह दननमा सवगग फन सकती ह | ऐस शाॊनत स फठ ऩाना हभाय मरए कटठन ह रककन जफ ऩजम फाऩजी जस भहाऩरषो क शरीियणो भ फठकय सतसॊग सनत ह तो ऐसा आनॊद आता ह कक सभम का कछ ऩता ही नहीॊ िरता | सिभि ऩजम फाऩ कोई साधायण सॊत नहीॊ ह |
-शरी फफाक अगरानी ववशवववखमात कफ़जजमशमन ईयान
फाऩजी का साजननधम गॊगा क ऩावन परवाह जसा ह
कर-कर कयती इस बागीयथी की धवर धाया क ककनाय ऩय ऩजम फाऩजी क साजननधम भ फठकय भ फड़ा ही आपहाटदत औय परभटदत हॉ आनॊटदत हॉ योभाॊचित हॊ | गॊगा बायत की सषमना नाड़ी ह | गॊगा बायत की सॊजीवनी ह | शरी ववषणजी क ियणो स ननकरकय बरहमाजी क कभॊड़र औय जटाधय क भाथ ऩय शोबामभान गॊगा बतरमोगमसवदधकायक ह |
ववषणजी क ियणो स ननकरी गॊगा बकतकत मोग की परतीनत कयाती ह औय मशवजी क भसतक ऩय जसथत गॊगा ऻान मोग की उचितय बमभका ऩय आरढ़ होन की खफय दती ह |
भझ ऐसा रग यहा ह कक आज फाऩजी क परविनो को सनकय भ गॊगा भ गोता रगा यहा हॉ कमोकक उनका परविन उनका सजननधम गॊगा क ऩावन परवाह जसा ह | व अरभसत फ़कीय ह | व फड़ सयर औय सहज ह | व जजतन ही ऊऩय स सयर ह उतन ही अॊतय भ गढ़ ह | उनभ टहभारम जसी उचिता ऩववतरता शरषठता ह औय सागयतर जसी गॊबीयता ह |
व याषड की अभपम धयोहय ह | उनह दखकय कवष-ऩयमऩया को फोध होता ह | गौतभ कणाद
जमभनी कवऩर दाद भीया कफीय यदास आटद सफ कबी-कबी उनभ टदखत ह |
य बाई कोई सतगर सॊत कहाव
जो ननन अरख रखाव धयती उखाड़ आकाश उखाड़
अधय भड़मा धाव |
शनम मशखय क ऩाय मशरा ऩय आसन अिर जभाव |
य बाई कोई सतगर सॊत कहाव
एक ऐस ऩावन साजननधम भ हभ फठ ह जो फड़ा दरगब औय सहज मोगसवरऩ ह | ऐस भहाऩरषो क मरए ऩॊकतकतमाॉ माद आ यही ह तभ िरो तो िर धयती िर अॊफय िर दननमा ऐस भहाऩरष िरत ह तो उनक मरए समग िॊर ताय गरह नतर आटद सफ अनकर हो जात ह | ऐस इजनरमातीत गणातीत बावातीत शबदातीत औय सफ अवसथाओॊ स ऩय ककनहीॊ भहाऩरषो क शरीियणो भ जफ फठत ह तो बागवत कहता ह
साधनाॊ दशगनॊ रोक सवगमसवदधकयॊ ऩयभ |
साध क दशगन भातर स वविाय ववबनत ववदवता शकतकत सहजता ननववगषमता परसननता मसवदधमाॉ औय आतभानॊद की परानि होती ह | दश क भहान सॊत महाॉ सहज ही आत ह बायत क सबी शॊकयािामग बी मशववय भ आत ह | अत भय भन भ बी वविाय आमा कक जहाॉ सफ जात ह वहाॉ जाना िाटहए कमोकक मही वह ठोय-टठकाना ह जहाॉ भन का अमबभान मभटामा जा सकता ह | ऐस भहाऩरषो क दशगन स कवर आनॊद औय भसती ही नहीॊ मभरती फजपक वह सफ कछ मभर जाता ह जो अमबरावषत ह आकाॊकषत ह रकषत ह | महाॉ भ करणा क
कभगठता क वववक-वयागम क ऻान क दशगन कय यहा हॉ | वयागम औय बकतकत क यण ऩोषण औय सॊवधगन क मरए मह सिकवषमो का उततभ ऻान भाना जाता ह | आज गॊगा कपय स
साकाय टदख यही ह तो व फाऩजी क वविाय औय वाणी भ टदख यही ह | अरभसतता सहजता उचिता शरषठता ऩववतरतता तीथग-सी शचिता मशश-सी सयरता तरणो-सा जोश वदधो-सा गाॊबीमग औय कवषमो जसा ऻानाफोध भझ जहाॉ हो यहा ह वह मह ऩॊडार ह | इस आनॊदनगय कहॉ मा परभनगय करणा का सागय कहॉ मा वविायो का सभनदय रककन इतना जरय कहॉगा कक भय भन का कोन-कोना आपहाटदत हो यहा ह | आऩ रोग फड़बागी ह जो ऐस भहाऩरष क शरीियणो भ फठ ह जहाॉ बागम का टदरवम रवमकतकतततव का ननभागण होता ह | जीवन की कतकतमता जहाॉ पराि हो सकती ह वह मही दय ह |
मभर तभ मभरी भॊजजर मभरा भकसद औय भददा बी |
न मभर तभ तो यह गमा भददा भकसद औय भॊजजर बी ||
आऩका मह बावयाजम औय परभयाजम दखकय भ िककत बी हॉ औय आनॊद का अनबव बी कय यहा हॉ | आऩक परनत भया ववशवास औय अटट ननषठा फढ़ इस हत भया नभन सवीकाय कय | भझ ऐसा रगता ह कक फाऩजी समग ह औय नायामण सवाभी एक ऐस दीऩ ह जो न फझ सकत ह न जराम जात ह |
-सवाभी अवधशानॊदजी हरयदवाय
सायसवतम भॊतर स हए अदबत राब
भन १९९८ भ ववधाथी उतथान मशववय सोनीऩत भ ऩजम गरदव स सायसवतम भॊतर की दीा री | दीा क फाद ननममभत भॊतरजऩ कयन स भ इतना कशागर फवदधवारा एवॊ सवावरॊफी हो गमा कक भन एक भहीन भ ही टमशन छोड़ दी औय सवमॊ खफ भहनत कयन रगा | भ सकर बी ऩदर आन-जान रगा जजसस भन सकर फस का ककयामा फिा मरमा |
भॊतर जाऩ क परबाव स भझ ९ वीॊ १० वीॊ ११ वीॊ की ऩयीाओॊ भ परथभ सथान पराि हआ |
१२ वीॊ की ऩयीा क सभम भया सवासम खयाफ होन क कायण भ जऩ ठीक स नहीॊ कय सका कपय बी ७९ परनतशत अॊको स ऩास हआ | उसक फाद इॊजजननमरयॊग की ऩरया भ बी उततीणग यहा |
-करदीऩ कभाय डी-२३४ वसट ववनोद नगय टदपरी
भ टदसमफय १९९९ भ छततीसगढ़ क बाटाऩाया भ ऩजम गरदव स सायसवतम भॊतर की दीा
री | ततऩशचात भ ननममभत रऩ स जऩ-धमान- पराणामाभ कयता था जजसस भझ फहत राब हआ | ऩजम फऩजी की कऩा औय सायसवतम भॊतर जाऩ क परबाव स भझ १२ वीॊ की फोड़ग की ऩरया भ ८४६ परनतशत अॊक मभर |
-ववयनर कभाय कौमशक
डोगयगाॉव जज याजनाॊदगाॉव (छग)
बौनतक मग क अॊधकाय भ ऻान की जमोनत ऩजम फाऩ
भादक ननमॊतरण बमयो बायत सयकाय क भहाननदशक शरी एिऩी कभाय ९ भई को अभदावाद आशरभ भ सतसॊग-कामगकरभ क दौयान ऩजम फाऩ स आशीवागद रन ऩहॉि | फड़ी ववनमरता एवॊ शरदधा क साथ उनहोन ऩजम फाऩ क परनत अऩन उदगाय भ कहा जजस रवमकतकत क ऩास वववक नहीॊ ह वह अऩन रकषम तक नहीॊ ऩहॉि सकता ह औय वववक को पराि कयन का साधन ऩजम आसायाभजी फाऩ जस भहान सॊतो का सतसॊग ह | ऩजम फाऩ स भया परथभ ऩरयिम टीवी क भाधमभ स हआ | ततऩशचात भझ आशरभ दवाय परकामशत कवष परसाद भामसक पराि हआ | उस सभम भझ रगा कक एक ओय जहाॉ इस बौनतक मग क अॊधकाय भ भानव बटक यहा ह वहीॊ दसयी ओय शाॊनत की भॊद-भॊद सगॊचधत वाम बी िर यही ह | मह ऩजम फाऩ क सतसॊग का ही परबाव ह | ऩजमशरी क दशगन कयन का जो सौबागम भझ पराि हआ ह इसस भ अऩन को कतकतम भानता हॉ | ऩजम फाऩ क शरीभख स जो अभत वषाग होती ह तथा इनक सतसॊग स कयोड़ो रदमो भ जो जमोनत जगती ह व इसी परकाय स जगती यह औय आन वार रॊफ सभम तक ऩजमशरी हभ सफ का भागगदशगन कयत यह मही भयी काभना ह | ऩजम फाऩ क शरीियणो भ भय परणाभ
-शरी एिऩी कभाय भहाननदशक भादक ननमॊतरण बमयो बायत सयकाय
गरकऩा ऐसी हई कक अॉधय तो कमा दय बी नहीॊ हई
ऩयभ कऩार फाऩजी क शरीियणो भ भय कोटट-कोटट वॊदन भ एक इसभाइरी खवाजा हॉ तथा अऩन धभग भ अकतडग हॉ | िाय वषग ऩवग कछ रोगो दवाया एक सननमोजजत मोजना फनाकय भझ जफयदसती भडगय कस का आयोऩी फना टदमा गमा था | इसस भझ कहीॊ शाॊनत नहीॊ मभर यही थी | २८ पयवयी १९९७ को भझ नागऩय भ आमोजजत फाऩजी क सतसॊग भ जान की परयणा मभरी औय ४ भािग १९९७ को भन फाऩजी स भॊतरदीा री | भ उनस भन-
ही-भन ववनती की कक ह गरदव भझ फिा रो | गरकऩा ऐसी हई कक ७ जनवयी १९९८ को भझ अदारत न ऩाक-साप फयी कय टदमा फाकी छ आयोवऩमो को सजा हई | धनम ह ऐस भय सदगर उनक शरीियणो भ भय कोटट-कोटट वनदन
-यहभान खान ननशान छाफड़ी (बफछआ) जज नछनदवाड़ा (भपर)
भजसरभ भटहरा को पराणदान
२७ मसतमफय २००० को जमऩय भ भय ननवास ऩय ऩजम फाऩ का आतभ-साातकाय टदवस
भनामा गमा जजसभ भय ऩड़ोस की भजसरभ भटहरा नाथी फहन क ऩनत शरी भाॉग खाॉ न बी ऩजम फाऩ की आयती की औय ियणाभत मरमा | ३-४ टदन फाद ही व भजसरभ दॊऩनत खवाजा साटहफ क उसग भ अजभय िर गम | टदनाॊक ४ अकटफय २००० को अजभय क उसग भ असाभाजजक ततवो न परसाद भ जहय फाॉट टदमा जजसस उसग भर भ आम कई दशगनाथी असवसथ हो गम औय कई भय बी गम | भय ऩड़ोस की नाथी फहन न बी वह परसाद खामा औय थोड़ी दय भ ही वह फहोश हो गमी | अजभय भ उसका उऩिाय ककमा गमा ककॊ त उस होश न आमा | दसय टदन ही उसका ऩनत उस अऩन घय र आमा | कॉरोनी क सबी ननवासी उसकी हारत दखकय कह यह थ कक अफ इसका फिना भजशकर ह | भ बी उस दखन गमा | वह फहोश ऩड़ी थी | भ जोय-जोय स हरय ॐ हरय ॐ का उचिायण ककमा तो वह थोड़ा टहरन रगी | भझ परयणा हई औय भ ऩन घय गमा | ऩजम फाऩ स पराथगना की | ३-४ घॊट फाद ही वह भटहरा ऐस उठकय खड़ी हो गमी भानो सोकय उठी हो | उस भटहरा न फतामा कक भय िािा ससय ऩीय ह औय उनहोन भय ऩनत क भॉह स फोरकय फतामा कक तभन २७ मसतमफय २००० को जजनक सतसॊग भ ऩानी वऩमा था उनहीॊ सपद दाढ़ीवार फाफा न तमह फिामा ह कसी करणा ह गरदव की
-जएर ऩयोटहत
८७ सपतान नगय जमऩय (याज)
उस भटहरा का ऩता ह -शरीभती नाथी
ऩतनी शरी भाॉग खाॉ १०० सपतान नगय गजगय की धड़ी नम साॊगानय योड़
जमऩय (याज)
हरयनाभ की पमारी न छड़ामी शयाफ की फोतर
सौबागमवश गत २६ टदसमफय १९९८ को ऩजमशरी क १६ मशषमो की एक टोरी टदपरी स हभाय गाॉव भ हरयनाभ का परिाय-परसाय कयन ऩहॉिी | भ फिऩन स ही भटदयाऩान धमरऩान व मशकाय कयन का शौकीन था | ऩजम फाऩ क मशषमो दवाया हभाय गाॉव भ जगह-जगह ऩय तीन टदन तक रगाताय हरयनाभ का कीतगन कयन स भझ बी हरयनाभ का यॊग रगता जा यहा था | उनक जान क एक टदन क ऩशचात शाभ क सभम योज की बाॊनत भन शयाफ की फोतर ननकारी | जस ही फोतर खोरन क मरए ढककन घभामा तो उस ढककन क घभन स भझ हरय ॐ हरय ॐ की धवनन सनामी दी | इस परकाय भन दो-तीन फाय ढककन घभामा औय हय फाय भझ हरय ॐ की धवनन सनामी दी | कछ दय फाद भ उठा तथा ऩजमशरी क एक मशषम क घय गमा | उनहोन थोड़ी दय भझ ऩजमशरी की अभतवाणी सनामी | अभतवाणी सनन क फाद भया रदम ऩकायन रगा कक इन दरवमगसनो को तमाग दॉ | भन तयॊत फोतर उठामी तथा जोय-स दय खत भ प क दी | ऐस सभथग व ऩयभ कऩार सदगरदव को भ रदम स परणाभ कयता हॉ जजनकी कऩा स मह अनोखी घटना भय जीवन भ घटी जजसस भया जीवन ऩरयवनतगत हआ |
-भोहन मसॊह बफषट
मबखमासन अपभोड़ा (उपर)
ऩय गाॉव की कामाऩरट
ऩजमशरी स टदनाॊक २७६९१ को दीा रन क फाद भन रवमवसनभकतकत क परिाय-परसाय का रकषम फना मरमा | भ एक फाय कौशरऩय (जज शाजाऩय) ऩहॉिा | वहाॉ क रोगो क रवमवसनी औय रड़ाई-झगड़ मकत जीवन को दखकय भन कहा आऩ रोग भनषम-जीवन सही अथग ही नहीॊ सभझत ह | एक फाय आऩ रोग ऩजम फाऩजी क दशगन कय र तो आऩको सही जीवन जीन की कॊ जी मभर जामगी | गाॉव वारो न भयी फात भान री औय दस रवमकतकत भय गाॉव ताजऩय आम | भन एक साधक को उनक साथ जनभाषटभी भहोतसव भ सयत बजा | ऩजम फाऩजी की उन ऩय कऩा फयसी औय सफको गरदीा मभर गमी | जफ व रोग अऩन गाॉव ऩहॉि तो सबी गाॉववामसमो को फड़ा कौतहर था कक ऩजम फाऩजी कस ह फाऩजी की रीराएॉ सनकय गाॉव क अनम रोगो भ बी ऩजम फाऩजी क परनत शरदधा जगी | उन दीकषत साधको न सबी गाॉववारो को सववधानसाय ऩजम फाऩजी क अरग-अरग आशरभो भ
बजकय दीा टदरवा दी | गाॉव क सबी रवमकतकत अऩन ऩय ऩरयवाय सटहत दीकषत हो िक ह | परतमक गरवाय को ऩय गाॉव भ एक सभम बोजन फनता ह | सबी रोग गरवाय का वरत यखत ह | कौशरऩय गाॉव क परबाव स आस-ऩास क गाॉववार एवॊ उनक रयशतदायो सटहत १००० रवमकतकतमो शयाफ छोड़कय दीा र री ह | गाॉव क इनतहास भ तीन-तीन ऩीढ़ी स कोई भॊटदय नहीॊ था | गाॉववारो न ५ राख रऩम रगाकय दो भॊटदय फनवाम ह | ऩया गाॉव रवमवसनभकत एवॊ बगवतबकत फन गमा ह मह ऩजम फाऩजी की कऩा नहीॊ तो औय कमा ह सफक तायणहाय ऩजम फाऩजी क शरीियणो भ कोटट-कोटट परणाभ
-शमाभ परजाऩनत (सऩयवाइजय नतरहन सॊघ) ताजऩय उजजन (भपर)
नतरबफ ॊद का िभतकाय
भया सौबागम ह कक भझ सॊतकऩा नतरबफॊद (आई डरॉपस) का िभतकाय दखन को मभरा |
एक सॊत फाफा मशवयाभदास उमर ८० वषग गीता कटटय तऩोवन झाड़ी सिसयोवय हरयदवाय भ यहत ह | उनकी दाटहनी आॉख क सपद भोनतम का ऑऩयशन शाॉनतकॊ ज हरयदवाय आमोजजत कमऩ भ हआ | कस बफगड़ गमा औय कार भोनतमा फन गमा | ददग यहन रगा औय योशनी घटन रगी | दोफाया बभाननद नतर चिककतसारम भ ऑऩयशन हआ | एबसपमट गरकोभा फतात हए कहा कक ऑऩयशन स मसयददग ठीक हो जामगा ऩय योशनी जाती यहगी | ऩयॊत अफ व फाफा सॊत शरी आसायाभजी आशरभ दवाय ननमभगत सॊतकऩा नतरबफॊद सफह-शाभ डार यह ह | भन उनक नतरो का ऩयीण ककमा | उनकी दाटहनी आॉख भ उॉगरी चगनन रामक योशनी वाऩस आ गमी ह | कार भोनतम का परशय नॉभगर ह | कोननगमा भ सजन नहीॊ ह | व कापी सॊतषट ह | व फतात ह आॉख ऩहर रार यहती थी ऩयॊत अफ नहीॊ ह | आशरभ क नतरबफॊद स कपऩनातीत राब हआ | फामीॊ आॉख भ बी उनह सपद भोनतमा फतामा गमा था औय सॊशम था कक शामद कारा भोनतमा बी ह | ऩय आज फामीॊ आॉख बी ठीक ह औय दोनो आॉखो का परशय बी नॉभगर ह | सपद भोनतमा नहीॊ ह औय योशनी कापी अचछी ह |
मह सॊतकऩा नतरफॊद का ववरण परबाव दखकय भ बी अऩन भयीजो को इसका उऩमोग कयन की सराह दॉगा |
-डॉ अननत कभाय अगरवार (नतरयोग ववशषऻ)
एभफीफीएस एभएस (नतर) डीओएभएस (आई) सीताऩय सहायनऩय (उपर)
ऩजमशरी की तसवीय स मभरी परयणा
सवगसभथग ऩयभ ऩजम शरी फाऩजी क ियणकभरो भ भया कोटट-कोटट नभन १९८४ क बकॊ ऩ स समऩणग उततय बफहाय भ कापी नकसान हआ था जजसकी िऩट भ हभाया घय बी था | ऩरयजसथनतवश भझ नौवी का भ ऩढ़ामी छोड़ दनी ऩड़ी | ककसी मभतर की सराह स भ नौकयी ढॉढ़न क मरए टदपरी गमा रककन वहाॉ बी ननयाशा ही हाथ रगी | भ दो टदन स बखा तो था ही ऊऩय स नौकयी की चिॊता | अत आतभहतमा का वविाय कयक यरव सटशन की ओय िर ऩड़ा | यानीफाग फाजाय भ एक दकान ऩय ऩजमशरी का सतसाटहतम
कसट आटद यखा हआ था एवॊ ऩजमशरी की फड़ आकाय की तसवीय बी टॉगी थी | ऩजमशरी की हॉसभख एवॊ आशीवागद की भरावारी उस तसवीय ऩय भयी नजय ऩड़ी तो १० मभनट तक भ वहीॊ सड़क ऩय स ही खड़-खड़ उस दखता यहा | उस वकत न जान भझ कमा मभर गमा भ काभ बर भजदयी का ही कयता हॉ रककन तफस रकय आज तक भय चितत भ फड़ी परसननता फनी हई ह | न जान भयी जजनदगी की कमा दशा होती अगय ऩजम फाऩजी की मवाधन सया ईशवय की ओय ननजशचनत जीवन ऩसतक औय कवष परसाद ऩबतरका हाथ न रगती ऩजमशरी की तसवीय स मभरी परयणा एवॊ उनक सतसाटहतम न भयी डफती नमा को भानो भझदाय स फिा मरमा | धनबागी ह साटहतम की सवा कयन वार जजनहोन भझ आतभहतमा क ऩाऩ स फिामा |
-भहश शाह
नायामणऩय दभया जज सीताभढ़ी (बफहाय)
भॊतर स राब
भयी भाॉ की हारत अिानक ऩागर जसी हो गमी थी भानो कोई बत-परत-डाककनी मा आसयी ततव उनभ घस गमा | भ फहत चिॊनतत हो गमा एवॊ एक साचधका फहन को पोन ककमा | उनहोन बत-परत बगान का भॊतर फतामा जजसका वणगन आशरभ स परकामशत आयोगमननचध ऩसतक भ बी ह | वह भॊतर इस परकाय ह
ॐ नभो बगवत रर बयवाम बतपरत म कर कर हॊ पट सवाहा |
इस भॊतर का ऩानी भ ननहायकय १०८ फाय जऩ ककमा औय वही ऩानी भाॉ को वऩरा टदमा |
तयॊत ही भाॉ शाॊनत स सो गमीॊ | दसय टदन बी इस भॊतर की ऩाॉि भारा कयक भाॉ को वह जर वऩरामा तो भाॉ बफपकर ठीक हो गमीॊ | ह भय साधक बाई-फहनो बत-परत बगान क
मरए अरा फाॉधॉ फरा फाॉधॉ ऐसा कयक झाड़-फ़ॉ क कयनवारो क िककय भ ऩड़न की जरयत नहीॊ ह | इसक मरए तो ऩजम फाऩजी का भॊतर ही तायणहाय ह | ऩजम फाऩजी क शरीियणो भ कोटट-कोटट परणाभ
-िॊऩकबाई एन ऩटर (अभरयका)
काभ करोध ऩय ववजम ऩामी
एक टदन भॊफई भर भ टटकट िककॊ ग कयत हए भ वातानकमरत फोगी भ ऩहॉिा | दखा तो भखभर की गददी ऩय टाट का आसन बफछाकय सवाभी शरी रीराशाहजी भहायाज सभाचधसथ ह | भझ आशचमग हआ कक जजन परथभ शरणी की वातानकमरत फोचगमो भ याजा-भहायाजा मातरा कयत ह ऐसी फोगी औय तीसयी शरणी की फोगी क फीि इन सॊत को कोई बद नहीॊ रगता | ऐसी फोचगमो भ बी व सभाचधसथ होत ह मह दखकय मसय झक जाता ह | भन ऩजम भहायाजशरी को परणाभ कयक कहा आऩ जस सॊतो क मरए तो सफ एक सभान ह |
हय हार भ एकयस यहकय आऩ भकतकत का आनॊद र सकत ह | रककन हभाय जस गरहसथो को कमा कयना िाटहए ताकक हभ बी आऩ जसी सभता फनाम यखकय जीवन जी सक
ऩजम भहायाजजी न कहा काभ औय करोध को त छोड़ द तो त बी जीवनभकत हो सकता ह | जहाॉ याभ तहॉ नहीॊ काभ जहाॉ काभ तहॉ नहीॊ याभ | औय करोध तो बाई बसभासय ह | वह तभाभ ऩणम को जराकय बसभ कय दता ह अॊतकयण को भमरन कय दता ह | भन कहा परब अगय आऩकी कऩा होगी तो भ काभ-करोध को छोड़ ऩाऊॉ गा | ऩजम भहायाजजी न कहा बाई कऩा ऐस थोड़ ही की जाती ह सॊतकऩा क साथ तया ऩरषाथग औय दढ़ता बी िाटहए | ऩहर त परनतऻा कय कक त जीवनऩमगनत काभ औय करोध स दय यहगा तो भ तझ आशीवागद दॉ | भन कहा भहायाजजी भ जीवनबय क मरए परनतऻा तो करॉ रककन उसका ऩारन न कय ऩाऊॉ तो झठा भाना जाऊॉ गा | ऩजम भहायाजजी न कहा अचछा ऩहर त भय सभ आठ टदन क मरए परनतऻा कय | कपय परनतऻा को एक-एक टदन फढ़त जाना | इस परकाय त उन फराओॊ स फि सकगा | ह कफर भन हाथ जोड़कय कफर ककमा | ऩजम भहायाजजी न आशीवागद दकय दो-िाय पर परसाद भ टदम | ऩजम भहायाजजी न भयी जो दो कभजोरयमाॉ थीॊ उन ऩय ही सीधा हभरा ककमा था | भझ आशचमग हआ कक अनम कोई बी दगगण छोड़न का न कहकय इन दो दगगणो क मरए ही उनहोन परनतऻा कमो कयवामी फाद भ भ इस याज स अवगत हआ |
दसय टदन भ ऩसनजय टरन भ कानऩय स आग जा यहा था | सफह क कयीफ नौ फज थ |
तीसयी शरणी की फोगी भ जाकय भन माबतरमो क टटकट जाॉिन का कामग शर ककमा | सफस
ऩहर फथग ऩय सोम हए एक मातरी क ऩास जाकय भन एक मातरी क ऩास जाकय भन टटकट टदखान को कहा तो वह गससा होकय भझ कहन रगा अॊधा ह दखता नहीॊ कक भ सो गमा हॉ भझ नीॊद स जगान का तझ कमा अचधकाय ह मह कोई यीत ह टटकट क फाय भ ऩछन की ऐसी ही अकर ह तयी ऐसा कछ-का-कछ वह फोरता ही गमा फोरता ही गमा | भ बी करोधाववषट होन रगा ककॊ त ऩजम भहायाजजी क सभ री हई परनतऻा भझ माद थी अत करोध को ऐस ऩी गमा भानो ववष की ऩकतड़मा भन उस कहा भहाशम आऩ ठीक ही कहत ह कक भझ फोरन की अकर नहीॊ ह बान नहीॊ ह | दखो भय म फार धऩ भ सपद हो गम ह | आऩभ फोरन की अकर अचधक ह नमरता ह तो कऩा कयक मसखाओॊ कक टटकट क मरए भझ ककस परकाय आऩस ऩछना िाटहए | भ रािाय हॉ कक डमटी क कायण भझ टटकट िक कयना ऩड़ यहा ह इसमरए भ आऩको कषट द यहा हॉ|
औय कफ़य भन खफ परभ स हाथ जोड़कय ववनती की बमा कऩा कयक कषट क मरए भझ भा कयो | भझ अऩना टटकट टदखामग भयी नमरता दखकय वह रजजजत हो गमा एवॊ तयॊत उठ फठा | जपदी-जपदी नीि उतयकय भझस भा भाॉगत हए कहन रगा भझ भाप कयना | भ नीॊद भ था | भन आऩको ऩहिाना नहीॊ था | अफ आऩ अऩन भॉह स भझ कह कक आऩन भझ भाफ़ ककमा मह दखकय भझ आनॊद औय सॊतोष हआ | भ सोिन रगा कक सॊतो की आऻा भानन भ ककतनी शकतकत औय टहत ननटहत ह सॊतो की करणा कसा िभतकारयक ऩरयणाभ राती ह वह रवमकतकत क पराकनतक सवबाव को बी जड़-भर स फदर सकती ह | अनमथा भझभ करोध को ननमॊतरण भ यखन की कोई शकतकत नहीॊ थी | भ ऩणगतमा असहाम था कपय बी भझ भहायाजजी की कऩा न ही सभथग फनामा | ऐस सॊतो क शरीियणो भ कोटट-कोटट नभसकाय
-शरी यीजभर
रयटामडग टीटी आई कानऩय
अनम अनबव
जरा हआ कागज
ऩवग रऩ भ एक फाय ऩयभहॊस ववशदधानॊदजी स आनॊदभमी भाॉ की ननकटता ऩानवार सपरमसदध ऩॊकतडत गोऩीनाथ कववयाज न ननवदन ककमा तयणीकानत ठाकय को अरौककक मसवदध पराि हई ह | व बफना दख मा बफना छए ही कागज भ मरखी हई फात ऩढ़ रत ह |
गरदव फोर तभ एक कागज ऩय कछ मरखो औय उसभ आग रगाकय जरा दो |
कववयाजजी न कागज ऩय कछ मरखा औय ऩयी तयह कागज जराकय हवा भ उड़ा टदमा |
उसक फाद गरदव न अऩन तककम क नीि स वही कागज ननकारकय कववयाजजी क आग यख टदमा | मह दखकय उनह फड़ा आशचमग हआ कक मह कागज वही था एवॊ जो उनहोन मरखा था वह बी उस ऩय उनहीॊ क सरख भ मरखा था औय साथ ही उसका उततय बी मरखा हआ दखा | जड़ता ऩशता औय ईशवयता का भर हभाया शयीय ह | जड़ शयीय को भ-भया भानन की ववतत जजतनी मभटती ह ऩाशवी वासनाओॊ की गराभी उतनी हटती ह औय हभाया ईशवयीम अॊश जजतना अचधक ववकमसत होता ह उतना ही मोग-साभमग ईशवयीम साभमग परकट होता ह | बायत क ऐस कई बकतो सॊतो औय मोचगमो क जीवन भ ईशवयीम साभमग दखा गमा ह अनबव ककमा गमा ह उसक ववषम भ सना गमा ह | धनम ह बायतबमभ भ यहनवार बायतीम सॊसकनत भ शरदधा-ववशवास यखनवार अऩन ईशवयीम अॊश को जगान की सवा-साधना कयनवार सवाभी ववशदधानॊदजी वषो की एकाॊत साधना औय वषो-वषो की गरसवा स अऩना दहाधमास औय ऩाशवी वासनाएॉ मभटाकय अऩन ईशवयीम
अॊश को ववकमसत कयनवार बायत क अनक भहाऩरषो भ स थ | उनक जीवन की औय बी अरौककक घटनाओॊ का वणगन आता ह | ऐस सतऩरषो क जीवन-िरयतर औय उनक जीवन भ घटटत घटनाएॉ ऩढ़न-सनन स हभ रोग बी अऩनी जड़ता एवॊ ऩशता स ऊऩय उठकय ईशवयीम अॊश को उबायन भ उतसाटहत होत ह | फहत ऊॉ िा काभ ह फड़ी शरदधा फड़ी सभझ फड़ा धमग िाटहए ईशवयीम साभमग को ऩणग रऩ स ववकमसत कयन भ | अफ आओ
िर आदय शॊकयािामग की ओय
नदी की धाया भड़ गमी
आदय शॊकयािामग की भाता ववमशषटा दवी अऩन करदवता कशव की ऩजा कयन जाती थीॊ | व ऩहर नदी भ सनान कयतीॊ औय कफ़य भॊटदय भ जाकय ऩजन कयतीॊ | एक टदन व परातकार ही ऩजन-साभगरी रकय भॊटदय की ओय गमीॊ ककॊ त सामॊकार तक घय नहीॊ रौटीॊ | शॊकयािामग की आम अबी सात-आठ वषग क भधम भ ही थी | व ईशवय क ऩयभ बकत औय ननषठावान थ | सामॊकार तक भाता क वाऩस न रौटन ऩय आिामग को फड़ी चिनता हई औय व उनह खोजन क मरए ननकर ऩड़ | भॊटदय क ननकट ऩहॉिकय उनहोन भाता को भागग भ ही भजचछगत ऩड़ दखा | उनहोन फहत दय तक भाता का उऩिाय ककमा तफ व होश भ आ सकीॊ |
नदी अचधक दय थी | वहाॉ तक ऩहॉिन भ भाता को फड़ा कषट होता था | आिामग न बगवान स भन-ही-भन पराथगना की कक परबो ककसी परकाय नदी की धाया को भोड़ दो जजसस कक
भाता ननकट ही सनान कय सक | व इस परकाय की पराथगना ननतम कयन रग | एक टदन उनहोन दखा कक नदी की धाया ककनाय की धयती को काटती-काटती भड़न रगी ह तथा कछ टदनो भ ही वह आिामग शॊकय क घय क ऩास फहन रगी | इस घटना न आिामग का अरौककक शकतकतसमऩनन होना परमसदध कय टदमा |
सकषभ शयीय स िोय का ऩीछा ककमा
हरयहय फाफा की फड़ी परमसवदध थी | एक फाय व हयऩारऩय सटशन ऩय थ | वहाॉ क सटशन भासटय न उनको एक िोय सऩदग ककमा | िोय न फाफा स कहा भहायाज भझ इतनी छटटी द दीजजम कक भ अऩन फार-फचिो का परफॊध कय आऊॉ | फाफा गाड़ी आन ऩय रौट आना | िोय िरा गमा | सटशन भासटय को ऩता िरा तो वह फाफा ऩय गभग हआ औय फोरा उसक फदर तमह जर की हवा खानी होगी | तभन जान-फझकय उस बगा टदमा ह | फाफा घफयाओ भत गाड़ी आन स ऩहर ही वह रौट आमगा | िोय की नीमत ठीक नहीॊ थी | वह जॊगर क भागग स अऻात सथान को बाग जाना िाहता था ककॊ त उस हय सभम मही परतीत होता यहा कक हरयहय फाफा डॊडा पटकायत हए उसक ऩीछ-ऩीछ िर आ यह ह | इसीमरए वह गाड़ी आन स ऩहर ही रौट आमा |
भॊगरी फाधा-ननवायण भॊतर
अॊ याॊ अॊ
इस भॊतर को १०८ फाय जऩन स करोध दय होता ह | जनभकनडरी भ भॊगरी मोग होन स जजनक वववाह न हो यह हो व २७ भॊगरवाय इस भॊतर का १०८ फाय जऩ कयत हए वरत यखकय हनभानजी ऩय मसॊदय का िोरा िढ़ाम | इसस भॊगर-फाधा का म होता ह |
सखऩवगक परसवकायक भॊतर
ऩहरा उऩाम
एॊ हीॊ बगवनत बगभामरनन िर िर भराभम भराभम ऩषऩॊ ववकासम ववकासम सवाहा |
इस भॊतर दवाया अमबभॊबतरत दध गमबगणी सतरी को वऩराम तो सखऩवगक परसव होगा |
दसया उऩाम
गमबगणी सतरी सवमॊ परसव क सभम जमबरा-जमबरा जऩ कय |
तीसया उऩाम
दशी गाम क गोफय का १२ स १५ मभरी यस ॐ नभो नायामणाम भॊतर का २१ फाय जऩ कयक ऩीन स बी परसव-फाधाएॉ दय होगी औय बफना ऑऩयशन क परसव होगा |
परसनत क सभम अभॊगर की आशॊका हो तो ननमन भॊतर का जऩ कय
सवगभॊगर भाॊगपम मशव सवागथग साचधक |
शयणम तरममफक गौयी नायामणी नभोSसतत ||
(दगागसिशती)
शकतकतशारी व गोय ऩतर की परानि क मरए
सगबागवसथा भ ढाक (ऩराश खाखया) का एक कोभर ऩतता घोटकय गौ-दगध क साथ योज सवन कयन स फारक शकतकतशारी औय गोया होता ह | भाता-वऩता बर कार-करट हो कपय बी फारक गोया होगा |
सदगर-भटहभा
गर बफन बव ननचध तय न कोई |
जौ फयॊचि सॊकय सभ होई ||
-सॊत तरसीदासजी
हरयहय आटदक जगत भ ऩजमदव जो कोम |
सदगर की ऩजा ककम सफकी ऩजा होम ||
-ननशचरदासजी भहायाज
सहजो कायज सॊसाय को गर बफन होत नाॉही |
हरय तो गर बफन कमा मभर सभझ र भन भाॉही ||
-सॊत कफीयजी सॊत
सयनन जो जन ऩय सो जन उधयनहाय | सॊत की ननॊदा नानका फहरय फहरय अवताय ||
-गर नानक दवजी
गरसवा सफ बागमो की जनभबमभ ह औय वह शोकाकर रोगो को बरहमभम कय दती ह |
गररऩी समग अववदयारऩी याबतर का नाश कयता ह औय ऻानाऻान रऩी मसतायो का रोऩ कयक फवदधभानो को आतभफोध का सटदन टदखाता ह |
-सॊत ऻानशवय भहायाज
सतम क कॊ टकभम भागग भ आऩको गर क मसवाम औय कोई भागगदशगन नहीॊ द सकता |
- सवाभी मशवानॊद सयसवती
ककतन ही याजा-भहायाजा हो गम औय होग सामजम भकतकत कोई नहीॊ द सकता | सचि याजा-भहायाज तो सॊत ही ह | जो उनकी शयण जाता ह वही सचिा सख औय सामजम भकतकत ऩाता ह |
-सभथग शरी याभदास सवाभी
भनषम िाह ककतना बी जऩ-तऩ कय मभ-ननमभो का ऩारन कय ऩयॊत जफ तक सदगर की कऩादवषट नहीॊ मभरती तफ तक सफ रवमथग ह |
-सवाभी याभतीथग
परटो कहत ह कक सकयात जस गर ऩाकय भ धनम हआ |
इभसगन न अऩन गर थोयो स जो पराि ककमा उसक भटहभागान भ व बावववबोय हो जात थ |
शरी याभकषण ऩयभहॊस ऩणगता का अनबव कयानवार अऩन सदगरदव की परशॊसा कयत नहीॊ अघात थ |
ऩजमऩाद सवाभी शरी रीराशाहजी भहायाज बी अऩन सदगरदव की माद भ सनह क आॉस
फहाकय गदगद कॊ ठ हो जात थ |
ऩजम फाऩजी बी अऩन सदगरदव की माद भ कस हो जात ह मह तो दखत ही फनता ह |
अफ हभ उनकी माद भ कस होत ह मह परशन ह | फटहभगख ननगय रोग कछ बी कह साधक को अऩन सदगर स कमा मभरता ह इस तो साधक ही जानत ह |
रडी भाटटगन क सहाग की या कयन अपगाननसतान भ परकट मशवजी
साध सॊग सॊसाय भ दरगब भनषम शयीय |
सतसॊग सववत ततव ह बतरववध ताऩ की ऩीय ||
भानव-दह मभरना दरगब ह औय मभर बी जाम तो आचधदववक आचधबौनतक औय आधमाजतभक म तीन ताऩ भनषम को तऩात यहत ह | ककॊ त भनषम-दह भ बी ऩववतरता हो सचिाई हो शदधता हो औय साध-सॊग मभर जाम तो म बतरववध ताऩ मभट जात ह |
सन १८७९ की फात ह | बायत भ बबरटटश शासन था उनहीॊ टदनो अॊगरजो न अपगाननसतान ऩय आकरभण कय टदमा | इस मदध का सॊिारन आगय भारवा बबरटटश छावनी क रजफ़टनट कनगर भाटटगन को सौऩा गमा था | कनगर भाटटगन सभम-सभम ऩय मदध-तर स अऩनी ऩतनी को कशरता क सभािाय बजता यहता था | मदध रॊफा िरा औय अफ तो सॊदश आन बी फॊद हो गम | रडी भाटटगन को चिॊता सतान रगी कक कहीॊ कछ अनथग न हो गमा हो अपगानी सननको न भय ऩनत को भाय न डारा हो | कदाचित ऩनत मदध भ शहीद हो गम तो भ जीकय कमा करॉ गी -मह सोिकय वह अनक शॊका-कशॊकाओॊ स नघयी यहती थी |
चिनतातय फनी वह एक टदन घोड़ ऩय फठकय घभन जा यही थी | भागग भ ककसी भॊटदय स आती हई शॊख व भॊतर धवनन न उस आकवषगत ककमा | वह एक ऩड़ स अऩना घोड़ा फाॉधकय भॊटदय भ गमी | फजनाथ भहादव क इस भॊटदय भ मशवऩजन भ ननभगन ऩॊकतडतो स उसन ऩछा आऩ रोग कमा कय यह ह एक वरदध बराहमण न कहा हभ बगवान मशव का ऩजन कय यह ह | रडी भाटटगन मशवऩजन की कमा भहतता ह बराहमण फटी बगवान मशव तो औढयदानी ह बोरनाथ ह | अऩन बकतो क सॊकट-ननवायण कयन भ व तननक बी दय नहीॊ कयत ह | बकत उनक दयफाय भ जो बी भनोकाभना रकय क आता ह उस व शीघर ऩयी कयत ह ककॊ त फटी तभ फहत चिजनतत औय उदास नजय आ यही हो कमा फात ह रडी भाटटगन भय ऩनतदव मदध भ गम ह औय ववगत कई टदनो स उनका कोई
सभािाय नहीॊ आमा ह | व मदध भ पॉ स गम ह मा भाय गम ह कछ ऩता नहीॊ िर यहा | भ उनकी ओय स फहत चिजनतत हॉ | इतना कहत हए रडी भाटटगन की आॉख नभ हो गमीॊ |
बराहमण तभ चिनता भत कयो फटी मशवजी का ऩजन कयो उनस पराथगना कयो रघररी कयवाओ | बगवान मशव तमहाय ऩनत का यण अवशम कयग |
ऩॊकतडतो की सराह ऩय उसन वहाॉ गमायह टदन का ॐ नभ मशवाम भॊतर स रघररी अनषठान परायॊब ककमा तथा परनतटदन बगवान मशव स अऩन ऩनत की या क मरए पराथगना कयन रगी कक ह बगवान मशव ह फजनाथ भहादव मटद भय ऩनत मदध स सकशर रौट आम तो भ आऩका मशखयफॊद भॊटदय फनवाऊॉ गी | रघररी की ऩणागहनत क टदन बागता हआ एक सॊदशवाहक मशवभॊटदय भ आमा औय रडी भाटटगन को एक मरपापा टदमा | उसन घफयात-घफयात वह मरपापा खोरा औय ऩढ़न रगी |
ऩतर भ उसक ऩनत न मरखा था हभ मदध भ यत थ औय तभ तक सॊदश बी बजत यह रककन आक ऩठानी सना न घय मरमा | बबरटटश सना कट भयती औय भ बी भय जाता |
ऐसी ववकट ऩरयजसथनत भ हभ नघय गम थ कक पराण फिाकय बागना बी अतमाचधक कटठन था | इतन भ भन दखा कक मदधबमभ भ बायत क कोई एक मोगी जजनकी फड़ी रमफी जटाएॉ ह हाथ भ तीन नोकवारा एक हचथमाय (बतरशर) इतनी तीवर गनत स घभ यहा था कक ऩठान सननक उनह दखकय बागन रग | उनकी कऩा स घय स हभ ननकरकय ऩठानो ऩय वाय कयन का भौका मभर गमा औय हभायी हाय की घकतड़माॉ अिानक जीत भ फदर गमीॊ | मह सफ बायत क उन फाघामफयधायी एवॊ तीन नोकवारा हचथमाय धायण ककम हए
(बतरशरधायी) मोगी क कायण ही समबव हआ | उनक भहातजसवी रवमकतकततव क परबाव स दखत-ही-दखत अपगाननसतान की ऩठानी सना बाग खड़ी हई औय व ऩयभ मोगी भझ
टहमभत दत हए कहन रग | घफयाओॊ नहीॊ | भ बगवान मशव हॉ तथा तमहायी ऩतनी की ऩजा स परसनन होकय तमहायी या कयन आमा हॉ उसक सहाग की या कयन आमा हॉ |
ऩतर ऩढ़त हए रडी भाटटगन की आॉखो स अववयत अशरधाया फहती जा यही थी उसका रदम अहोबाव स बय गमा औय वह बगवान मशव की परनतभा क समभख मसय यखकय पराथगना कयत-कयत यो ऩड़ी | कछ सिाह फाद उसका ऩनत कनगर भाटटगन आगय छावनी रौटा | ऩतनी न उस सायी फात सनात हए कहा आऩक सॊदश क अबाव भ भ चिजनतत हो उठी थी रककन बराहमणो की सराह स मशवऩजा भ रग गमी औय आऩकी या क मरए बगवान मशव स पराथगना कयन रगी | उन द खबॊजक भहादव न भयी पराथगना सनी औय आऩको सकशर रौटा टदमा | अफ तो ऩनत-ऩतनी दोनो ही ननममभत रऩ स फजनाथ भहादव क भॊटदय भ ऩजा-अिगना कयन रग | अऩनी ऩतनी की इचछा ऩय कनगर भाटटगन भ सन १८८३
भ ऩॊरह हजाय रऩम दकय फजनाथ भहादव भॊटदय का जीणोदवाय कयवामा जजसका मशरारख आज बी आगय भारवा क इस भॊटदय भ रगा ह | ऩय बायतबय भ अॊगरजो दवाय ननमभगत मह एकभातर टहनद भॊटदय ह |
मयोऩ जान स ऩवग रडी भाटटगन न ऩकतड़तो स कहा हभ अऩन घय भ बी बगवान मशव का भॊटदय फनामग तथा इन द ख-ननवायक दव की आजीवन ऩजा कयत यहग |
बगवान मशव भ बगवान कषण भ भाॉ अमफा भ आतभवतता सदगर भ सतता तो एक ही ह | आवशमकता ह अटर ववशवास की | एकररवम न गरभनत ग भ ववशवास कय वह पराि कय मरमा जो अजगन को कटठन रगा | आरणण उऩभनम रव परहराद आटद अनम सकड़ो उदायहण हभाय साभन परतम ह | आज बी इस परकाय का सहमोग हजायो बकतो को साधको को बगवान व आतभवतता सदगरओॊ क दवाया ननयनतय पराि होता यहता ह | आवशमकता ह तो फस कवर ववशवास की |
भहाभतमॊजम भॊतर
ॐ हौ जॉ स |
ॐ बबगव सव |
ॐ तरममफकॊ मजाभह सगॊचध ॊ ऩवषटवधगनभ |
उवागरकमभव फनधनानभतमोभगीम भाभतात |
सव भव ब ॐ |
स जॉ हौ ॐ |
बगवान मशव का मह भहाभतमॊजम जऩन स अकार भतम तो टरती ही ह आयोगमता की बी परानि होती ह | सनान कयत सभम शयीय ऩय रोट स ऩानी डारत वकत इस भॊतर का जऩ कयन स सवासम-राब होता ह | दध भ ननहायत हए इस भॊतर का जाऩ ककमा जाम औय कपय वह दध ऩी मरमा जम तो मौवन की सया भ बी सहामता मभरती ह | आजकर की तज यफ़तायवारी जजनदगी भ कहाॉ आतॊक उऩरव दघगटना हो जाम कहना भजशकर ह | घय स ननकरत सभम एक फाय मह भॊतर जऩनवारा इन उऩदरवो स सयकषत यहता ह औय सयकषत घय रौटता ह | (इस भॊतरानषठान क ववचध-ववधान की ववसतत जानकायी क मरए आशरभ दवाया परकामशत आयोगमननचध ऩसतक ऩढ़ |) शरीभदबागवत क आठव सकॊ ध भ तीसय अधमाम क शलोक १ स ३३ तक भ वणणगत गजनरभो सतोतर का ऩाठ कयन स तभाभ
ववधन दय होत ह |
सधाय होन रगा | कछ ही टदनो भ वह ऩणगत सवसथ हो गमा | डॉकटय न तो उऩिाय ककमा रककन जो जीवनदान उस पमाय परब की कऩा स सदगरदव की कऩा स मभरा उसका वणगन कयन क मरए भय ऩास शबद नहीॊ ह | फस ईशवय स भ मही पराथगना कयता हॉ कक ऐस बरहमननषठ सॊत-भहाऩरषो क परनत हभायी शरदधा भ ववदध होती यह | -
डॉ वाम ऩी कारया शाभरदास कॉरज बावनगय गजयात
ऩजम फाऩ जस सॊत दननमा को सवगग भ फदर सकत ह
भई १९९८ क अॊनतभ टदनो भ ऩजमशरी क इॊदौय परवास क दौयान ईयान क ववखमात कफ़जजमशमन शरी फफाक अगरानी बायत भ अधमाजतभक अनबवो की परानि आम हए थ |
ऩजमशरी क दशगन ऩाकय जफ उनहोन अधमाजतभक अनबवो को परीबत होत दखा तो व ऩॊिड़ आशरभ भ आमोजजत धमानमोग मशववय भ बी ऩहॉि गम | शरी अगरानी जो दो टदन रककय वाऩस रौटन वार थ व ऩय गमायह टदन तक ऩॊिड़ आशरभ भ रक यह | उनहोन ववधाथी मशववय भ सायसवतम भॊतर की दीा री एवॊ ववमशषट धमानमोग साधना मशववय (४ -१० जन १९९८) का बी राब मरमा | मशववय क दौयान शरी अगरानी न ऩजमशरी स भॊतरदीा बी र री | ऩजमशरी क साजननधम भ सॊपराि अनबनतमो क फाय भ बतरम सभािाय ऩतर ितना को दी हई बटवाताग भ शरी अगरानी कहत ह मटद ऩजम फाऩ जस सॊत हय दश भ हो जाम तो मह दननमा सवगग फन सकती ह | ऐस शाॊनत स फठ ऩाना हभाय मरए कटठन ह रककन जफ ऩजम फाऩजी जस भहाऩरषो क शरीियणो भ फठकय सतसॊग सनत ह तो ऐसा आनॊद आता ह कक सभम का कछ ऩता ही नहीॊ िरता | सिभि ऩजम फाऩ कोई साधायण सॊत नहीॊ ह |
-शरी फफाक अगरानी ववशवववखमात कफ़जजमशमन ईयान
फाऩजी का साजननधम गॊगा क ऩावन परवाह जसा ह
कर-कर कयती इस बागीयथी की धवर धाया क ककनाय ऩय ऩजम फाऩजी क साजननधम भ फठकय भ फड़ा ही आपहाटदत औय परभटदत हॉ आनॊटदत हॉ योभाॊचित हॊ | गॊगा बायत की सषमना नाड़ी ह | गॊगा बायत की सॊजीवनी ह | शरी ववषणजी क ियणो स ननकरकय बरहमाजी क कभॊड़र औय जटाधय क भाथ ऩय शोबामभान गॊगा बतरमोगमसवदधकायक ह |
ववषणजी क ियणो स ननकरी गॊगा बकतकत मोग की परतीनत कयाती ह औय मशवजी क भसतक ऩय जसथत गॊगा ऻान मोग की उचितय बमभका ऩय आरढ़ होन की खफय दती ह |
भझ ऐसा रग यहा ह कक आज फाऩजी क परविनो को सनकय भ गॊगा भ गोता रगा यहा हॉ कमोकक उनका परविन उनका सजननधम गॊगा क ऩावन परवाह जसा ह | व अरभसत फ़कीय ह | व फड़ सयर औय सहज ह | व जजतन ही ऊऩय स सयर ह उतन ही अॊतय भ गढ़ ह | उनभ टहभारम जसी उचिता ऩववतरता शरषठता ह औय सागयतर जसी गॊबीयता ह |
व याषड की अभपम धयोहय ह | उनह दखकय कवष-ऩयमऩया को फोध होता ह | गौतभ कणाद
जमभनी कवऩर दाद भीया कफीय यदास आटद सफ कबी-कबी उनभ टदखत ह |
य बाई कोई सतगर सॊत कहाव
जो ननन अरख रखाव धयती उखाड़ आकाश उखाड़
अधय भड़मा धाव |
शनम मशखय क ऩाय मशरा ऩय आसन अिर जभाव |
य बाई कोई सतगर सॊत कहाव
एक ऐस ऩावन साजननधम भ हभ फठ ह जो फड़ा दरगब औय सहज मोगसवरऩ ह | ऐस भहाऩरषो क मरए ऩॊकतकतमाॉ माद आ यही ह तभ िरो तो िर धयती िर अॊफय िर दननमा ऐस भहाऩरष िरत ह तो उनक मरए समग िॊर ताय गरह नतर आटद सफ अनकर हो जात ह | ऐस इजनरमातीत गणातीत बावातीत शबदातीत औय सफ अवसथाओॊ स ऩय ककनहीॊ भहाऩरषो क शरीियणो भ जफ फठत ह तो बागवत कहता ह
साधनाॊ दशगनॊ रोक सवगमसवदधकयॊ ऩयभ |
साध क दशगन भातर स वविाय ववबनत ववदवता शकतकत सहजता ननववगषमता परसननता मसवदधमाॉ औय आतभानॊद की परानि होती ह | दश क भहान सॊत महाॉ सहज ही आत ह बायत क सबी शॊकयािामग बी मशववय भ आत ह | अत भय भन भ बी वविाय आमा कक जहाॉ सफ जात ह वहाॉ जाना िाटहए कमोकक मही वह ठोय-टठकाना ह जहाॉ भन का अमबभान मभटामा जा सकता ह | ऐस भहाऩरषो क दशगन स कवर आनॊद औय भसती ही नहीॊ मभरती फजपक वह सफ कछ मभर जाता ह जो अमबरावषत ह आकाॊकषत ह रकषत ह | महाॉ भ करणा क
कभगठता क वववक-वयागम क ऻान क दशगन कय यहा हॉ | वयागम औय बकतकत क यण ऩोषण औय सॊवधगन क मरए मह सिकवषमो का उततभ ऻान भाना जाता ह | आज गॊगा कपय स
साकाय टदख यही ह तो व फाऩजी क वविाय औय वाणी भ टदख यही ह | अरभसतता सहजता उचिता शरषठता ऩववतरतता तीथग-सी शचिता मशश-सी सयरता तरणो-सा जोश वदधो-सा गाॊबीमग औय कवषमो जसा ऻानाफोध भझ जहाॉ हो यहा ह वह मह ऩॊडार ह | इस आनॊदनगय कहॉ मा परभनगय करणा का सागय कहॉ मा वविायो का सभनदय रककन इतना जरय कहॉगा कक भय भन का कोन-कोना आपहाटदत हो यहा ह | आऩ रोग फड़बागी ह जो ऐस भहाऩरष क शरीियणो भ फठ ह जहाॉ बागम का टदरवम रवमकतकतततव का ननभागण होता ह | जीवन की कतकतमता जहाॉ पराि हो सकती ह वह मही दय ह |
मभर तभ मभरी भॊजजर मभरा भकसद औय भददा बी |
न मभर तभ तो यह गमा भददा भकसद औय भॊजजर बी ||
आऩका मह बावयाजम औय परभयाजम दखकय भ िककत बी हॉ औय आनॊद का अनबव बी कय यहा हॉ | आऩक परनत भया ववशवास औय अटट ननषठा फढ़ इस हत भया नभन सवीकाय कय | भझ ऐसा रगता ह कक फाऩजी समग ह औय नायामण सवाभी एक ऐस दीऩ ह जो न फझ सकत ह न जराम जात ह |
-सवाभी अवधशानॊदजी हरयदवाय
सायसवतम भॊतर स हए अदबत राब
भन १९९८ भ ववधाथी उतथान मशववय सोनीऩत भ ऩजम गरदव स सायसवतम भॊतर की दीा री | दीा क फाद ननममभत भॊतरजऩ कयन स भ इतना कशागर फवदधवारा एवॊ सवावरॊफी हो गमा कक भन एक भहीन भ ही टमशन छोड़ दी औय सवमॊ खफ भहनत कयन रगा | भ सकर बी ऩदर आन-जान रगा जजसस भन सकर फस का ककयामा फिा मरमा |
भॊतर जाऩ क परबाव स भझ ९ वीॊ १० वीॊ ११ वीॊ की ऩयीाओॊ भ परथभ सथान पराि हआ |
१२ वीॊ की ऩयीा क सभम भया सवासम खयाफ होन क कायण भ जऩ ठीक स नहीॊ कय सका कपय बी ७९ परनतशत अॊको स ऩास हआ | उसक फाद इॊजजननमरयॊग की ऩरया भ बी उततीणग यहा |
-करदीऩ कभाय डी-२३४ वसट ववनोद नगय टदपरी
भ टदसमफय १९९९ भ छततीसगढ़ क बाटाऩाया भ ऩजम गरदव स सायसवतम भॊतर की दीा
री | ततऩशचात भ ननममभत रऩ स जऩ-धमान- पराणामाभ कयता था जजसस भझ फहत राब हआ | ऩजम फऩजी की कऩा औय सायसवतम भॊतर जाऩ क परबाव स भझ १२ वीॊ की फोड़ग की ऩरया भ ८४६ परनतशत अॊक मभर |
-ववयनर कभाय कौमशक
डोगयगाॉव जज याजनाॊदगाॉव (छग)
बौनतक मग क अॊधकाय भ ऻान की जमोनत ऩजम फाऩ
भादक ननमॊतरण बमयो बायत सयकाय क भहाननदशक शरी एिऩी कभाय ९ भई को अभदावाद आशरभ भ सतसॊग-कामगकरभ क दौयान ऩजम फाऩ स आशीवागद रन ऩहॉि | फड़ी ववनमरता एवॊ शरदधा क साथ उनहोन ऩजम फाऩ क परनत अऩन उदगाय भ कहा जजस रवमकतकत क ऩास वववक नहीॊ ह वह अऩन रकषम तक नहीॊ ऩहॉि सकता ह औय वववक को पराि कयन का साधन ऩजम आसायाभजी फाऩ जस भहान सॊतो का सतसॊग ह | ऩजम फाऩ स भया परथभ ऩरयिम टीवी क भाधमभ स हआ | ततऩशचात भझ आशरभ दवाय परकामशत कवष परसाद भामसक पराि हआ | उस सभम भझ रगा कक एक ओय जहाॉ इस बौनतक मग क अॊधकाय भ भानव बटक यहा ह वहीॊ दसयी ओय शाॊनत की भॊद-भॊद सगॊचधत वाम बी िर यही ह | मह ऩजम फाऩ क सतसॊग का ही परबाव ह | ऩजमशरी क दशगन कयन का जो सौबागम भझ पराि हआ ह इसस भ अऩन को कतकतम भानता हॉ | ऩजम फाऩ क शरीभख स जो अभत वषाग होती ह तथा इनक सतसॊग स कयोड़ो रदमो भ जो जमोनत जगती ह व इसी परकाय स जगती यह औय आन वार रॊफ सभम तक ऩजमशरी हभ सफ का भागगदशगन कयत यह मही भयी काभना ह | ऩजम फाऩ क शरीियणो भ भय परणाभ
-शरी एिऩी कभाय भहाननदशक भादक ननमॊतरण बमयो बायत सयकाय
गरकऩा ऐसी हई कक अॉधय तो कमा दय बी नहीॊ हई
ऩयभ कऩार फाऩजी क शरीियणो भ भय कोटट-कोटट वॊदन भ एक इसभाइरी खवाजा हॉ तथा अऩन धभग भ अकतडग हॉ | िाय वषग ऩवग कछ रोगो दवाया एक सननमोजजत मोजना फनाकय भझ जफयदसती भडगय कस का आयोऩी फना टदमा गमा था | इसस भझ कहीॊ शाॊनत नहीॊ मभर यही थी | २८ पयवयी १९९७ को भझ नागऩय भ आमोजजत फाऩजी क सतसॊग भ जान की परयणा मभरी औय ४ भािग १९९७ को भन फाऩजी स भॊतरदीा री | भ उनस भन-
ही-भन ववनती की कक ह गरदव भझ फिा रो | गरकऩा ऐसी हई कक ७ जनवयी १९९८ को भझ अदारत न ऩाक-साप फयी कय टदमा फाकी छ आयोवऩमो को सजा हई | धनम ह ऐस भय सदगर उनक शरीियणो भ भय कोटट-कोटट वनदन
-यहभान खान ननशान छाफड़ी (बफछआ) जज नछनदवाड़ा (भपर)
भजसरभ भटहरा को पराणदान
२७ मसतमफय २००० को जमऩय भ भय ननवास ऩय ऩजम फाऩ का आतभ-साातकाय टदवस
भनामा गमा जजसभ भय ऩड़ोस की भजसरभ भटहरा नाथी फहन क ऩनत शरी भाॉग खाॉ न बी ऩजम फाऩ की आयती की औय ियणाभत मरमा | ३-४ टदन फाद ही व भजसरभ दॊऩनत खवाजा साटहफ क उसग भ अजभय िर गम | टदनाॊक ४ अकटफय २००० को अजभय क उसग भ असाभाजजक ततवो न परसाद भ जहय फाॉट टदमा जजसस उसग भर भ आम कई दशगनाथी असवसथ हो गम औय कई भय बी गम | भय ऩड़ोस की नाथी फहन न बी वह परसाद खामा औय थोड़ी दय भ ही वह फहोश हो गमी | अजभय भ उसका उऩिाय ककमा गमा ककॊ त उस होश न आमा | दसय टदन ही उसका ऩनत उस अऩन घय र आमा | कॉरोनी क सबी ननवासी उसकी हारत दखकय कह यह थ कक अफ इसका फिना भजशकर ह | भ बी उस दखन गमा | वह फहोश ऩड़ी थी | भ जोय-जोय स हरय ॐ हरय ॐ का उचिायण ककमा तो वह थोड़ा टहरन रगी | भझ परयणा हई औय भ ऩन घय गमा | ऩजम फाऩ स पराथगना की | ३-४ घॊट फाद ही वह भटहरा ऐस उठकय खड़ी हो गमी भानो सोकय उठी हो | उस भटहरा न फतामा कक भय िािा ससय ऩीय ह औय उनहोन भय ऩनत क भॉह स फोरकय फतामा कक तभन २७ मसतमफय २००० को जजनक सतसॊग भ ऩानी वऩमा था उनहीॊ सपद दाढ़ीवार फाफा न तमह फिामा ह कसी करणा ह गरदव की
-जएर ऩयोटहत
८७ सपतान नगय जमऩय (याज)
उस भटहरा का ऩता ह -शरीभती नाथी
ऩतनी शरी भाॉग खाॉ १०० सपतान नगय गजगय की धड़ी नम साॊगानय योड़
जमऩय (याज)
हरयनाभ की पमारी न छड़ामी शयाफ की फोतर
सौबागमवश गत २६ टदसमफय १९९८ को ऩजमशरी क १६ मशषमो की एक टोरी टदपरी स हभाय गाॉव भ हरयनाभ का परिाय-परसाय कयन ऩहॉिी | भ फिऩन स ही भटदयाऩान धमरऩान व मशकाय कयन का शौकीन था | ऩजम फाऩ क मशषमो दवाया हभाय गाॉव भ जगह-जगह ऩय तीन टदन तक रगाताय हरयनाभ का कीतगन कयन स भझ बी हरयनाभ का यॊग रगता जा यहा था | उनक जान क एक टदन क ऩशचात शाभ क सभम योज की बाॊनत भन शयाफ की फोतर ननकारी | जस ही फोतर खोरन क मरए ढककन घभामा तो उस ढककन क घभन स भझ हरय ॐ हरय ॐ की धवनन सनामी दी | इस परकाय भन दो-तीन फाय ढककन घभामा औय हय फाय भझ हरय ॐ की धवनन सनामी दी | कछ दय फाद भ उठा तथा ऩजमशरी क एक मशषम क घय गमा | उनहोन थोड़ी दय भझ ऩजमशरी की अभतवाणी सनामी | अभतवाणी सनन क फाद भया रदम ऩकायन रगा कक इन दरवमगसनो को तमाग दॉ | भन तयॊत फोतर उठामी तथा जोय-स दय खत भ प क दी | ऐस सभथग व ऩयभ कऩार सदगरदव को भ रदम स परणाभ कयता हॉ जजनकी कऩा स मह अनोखी घटना भय जीवन भ घटी जजसस भया जीवन ऩरयवनतगत हआ |
-भोहन मसॊह बफषट
मबखमासन अपभोड़ा (उपर)
ऩय गाॉव की कामाऩरट
ऩजमशरी स टदनाॊक २७६९१ को दीा रन क फाद भन रवमवसनभकतकत क परिाय-परसाय का रकषम फना मरमा | भ एक फाय कौशरऩय (जज शाजाऩय) ऩहॉिा | वहाॉ क रोगो क रवमवसनी औय रड़ाई-झगड़ मकत जीवन को दखकय भन कहा आऩ रोग भनषम-जीवन सही अथग ही नहीॊ सभझत ह | एक फाय आऩ रोग ऩजम फाऩजी क दशगन कय र तो आऩको सही जीवन जीन की कॊ जी मभर जामगी | गाॉव वारो न भयी फात भान री औय दस रवमकतकत भय गाॉव ताजऩय आम | भन एक साधक को उनक साथ जनभाषटभी भहोतसव भ सयत बजा | ऩजम फाऩजी की उन ऩय कऩा फयसी औय सफको गरदीा मभर गमी | जफ व रोग अऩन गाॉव ऩहॉि तो सबी गाॉववामसमो को फड़ा कौतहर था कक ऩजम फाऩजी कस ह फाऩजी की रीराएॉ सनकय गाॉव क अनम रोगो भ बी ऩजम फाऩजी क परनत शरदधा जगी | उन दीकषत साधको न सबी गाॉववारो को सववधानसाय ऩजम फाऩजी क अरग-अरग आशरभो भ
बजकय दीा टदरवा दी | गाॉव क सबी रवमकतकत अऩन ऩय ऩरयवाय सटहत दीकषत हो िक ह | परतमक गरवाय को ऩय गाॉव भ एक सभम बोजन फनता ह | सबी रोग गरवाय का वरत यखत ह | कौशरऩय गाॉव क परबाव स आस-ऩास क गाॉववार एवॊ उनक रयशतदायो सटहत १००० रवमकतकतमो शयाफ छोड़कय दीा र री ह | गाॉव क इनतहास भ तीन-तीन ऩीढ़ी स कोई भॊटदय नहीॊ था | गाॉववारो न ५ राख रऩम रगाकय दो भॊटदय फनवाम ह | ऩया गाॉव रवमवसनभकत एवॊ बगवतबकत फन गमा ह मह ऩजम फाऩजी की कऩा नहीॊ तो औय कमा ह सफक तायणहाय ऩजम फाऩजी क शरीियणो भ कोटट-कोटट परणाभ
-शमाभ परजाऩनत (सऩयवाइजय नतरहन सॊघ) ताजऩय उजजन (भपर)
नतरबफ ॊद का िभतकाय
भया सौबागम ह कक भझ सॊतकऩा नतरबफॊद (आई डरॉपस) का िभतकाय दखन को मभरा |
एक सॊत फाफा मशवयाभदास उमर ८० वषग गीता कटटय तऩोवन झाड़ी सिसयोवय हरयदवाय भ यहत ह | उनकी दाटहनी आॉख क सपद भोनतम का ऑऩयशन शाॉनतकॊ ज हरयदवाय आमोजजत कमऩ भ हआ | कस बफगड़ गमा औय कार भोनतमा फन गमा | ददग यहन रगा औय योशनी घटन रगी | दोफाया बभाननद नतर चिककतसारम भ ऑऩयशन हआ | एबसपमट गरकोभा फतात हए कहा कक ऑऩयशन स मसयददग ठीक हो जामगा ऩय योशनी जाती यहगी | ऩयॊत अफ व फाफा सॊत शरी आसायाभजी आशरभ दवाय ननमभगत सॊतकऩा नतरबफॊद सफह-शाभ डार यह ह | भन उनक नतरो का ऩयीण ककमा | उनकी दाटहनी आॉख भ उॉगरी चगनन रामक योशनी वाऩस आ गमी ह | कार भोनतम का परशय नॉभगर ह | कोननगमा भ सजन नहीॊ ह | व कापी सॊतषट ह | व फतात ह आॉख ऩहर रार यहती थी ऩयॊत अफ नहीॊ ह | आशरभ क नतरबफॊद स कपऩनातीत राब हआ | फामीॊ आॉख भ बी उनह सपद भोनतमा फतामा गमा था औय सॊशम था कक शामद कारा भोनतमा बी ह | ऩय आज फामीॊ आॉख बी ठीक ह औय दोनो आॉखो का परशय बी नॉभगर ह | सपद भोनतमा नहीॊ ह औय योशनी कापी अचछी ह |
मह सॊतकऩा नतरफॊद का ववरण परबाव दखकय भ बी अऩन भयीजो को इसका उऩमोग कयन की सराह दॉगा |
-डॉ अननत कभाय अगरवार (नतरयोग ववशषऻ)
एभफीफीएस एभएस (नतर) डीओएभएस (आई) सीताऩय सहायनऩय (उपर)
ऩजमशरी की तसवीय स मभरी परयणा
सवगसभथग ऩयभ ऩजम शरी फाऩजी क ियणकभरो भ भया कोटट-कोटट नभन १९८४ क बकॊ ऩ स समऩणग उततय बफहाय भ कापी नकसान हआ था जजसकी िऩट भ हभाया घय बी था | ऩरयजसथनतवश भझ नौवी का भ ऩढ़ामी छोड़ दनी ऩड़ी | ककसी मभतर की सराह स भ नौकयी ढॉढ़न क मरए टदपरी गमा रककन वहाॉ बी ननयाशा ही हाथ रगी | भ दो टदन स बखा तो था ही ऊऩय स नौकयी की चिॊता | अत आतभहतमा का वविाय कयक यरव सटशन की ओय िर ऩड़ा | यानीफाग फाजाय भ एक दकान ऩय ऩजमशरी का सतसाटहतम
कसट आटद यखा हआ था एवॊ ऩजमशरी की फड़ आकाय की तसवीय बी टॉगी थी | ऩजमशरी की हॉसभख एवॊ आशीवागद की भरावारी उस तसवीय ऩय भयी नजय ऩड़ी तो १० मभनट तक भ वहीॊ सड़क ऩय स ही खड़-खड़ उस दखता यहा | उस वकत न जान भझ कमा मभर गमा भ काभ बर भजदयी का ही कयता हॉ रककन तफस रकय आज तक भय चितत भ फड़ी परसननता फनी हई ह | न जान भयी जजनदगी की कमा दशा होती अगय ऩजम फाऩजी की मवाधन सया ईशवय की ओय ननजशचनत जीवन ऩसतक औय कवष परसाद ऩबतरका हाथ न रगती ऩजमशरी की तसवीय स मभरी परयणा एवॊ उनक सतसाटहतम न भयी डफती नमा को भानो भझदाय स फिा मरमा | धनबागी ह साटहतम की सवा कयन वार जजनहोन भझ आतभहतमा क ऩाऩ स फिामा |
-भहश शाह
नायामणऩय दभया जज सीताभढ़ी (बफहाय)
भॊतर स राब
भयी भाॉ की हारत अिानक ऩागर जसी हो गमी थी भानो कोई बत-परत-डाककनी मा आसयी ततव उनभ घस गमा | भ फहत चिॊनतत हो गमा एवॊ एक साचधका फहन को पोन ककमा | उनहोन बत-परत बगान का भॊतर फतामा जजसका वणगन आशरभ स परकामशत आयोगमननचध ऩसतक भ बी ह | वह भॊतर इस परकाय ह
ॐ नभो बगवत रर बयवाम बतपरत म कर कर हॊ पट सवाहा |
इस भॊतर का ऩानी भ ननहायकय १०८ फाय जऩ ककमा औय वही ऩानी भाॉ को वऩरा टदमा |
तयॊत ही भाॉ शाॊनत स सो गमीॊ | दसय टदन बी इस भॊतर की ऩाॉि भारा कयक भाॉ को वह जर वऩरामा तो भाॉ बफपकर ठीक हो गमीॊ | ह भय साधक बाई-फहनो बत-परत बगान क
मरए अरा फाॉधॉ फरा फाॉधॉ ऐसा कयक झाड़-फ़ॉ क कयनवारो क िककय भ ऩड़न की जरयत नहीॊ ह | इसक मरए तो ऩजम फाऩजी का भॊतर ही तायणहाय ह | ऩजम फाऩजी क शरीियणो भ कोटट-कोटट परणाभ
-िॊऩकबाई एन ऩटर (अभरयका)
काभ करोध ऩय ववजम ऩामी
एक टदन भॊफई भर भ टटकट िककॊ ग कयत हए भ वातानकमरत फोगी भ ऩहॉिा | दखा तो भखभर की गददी ऩय टाट का आसन बफछाकय सवाभी शरी रीराशाहजी भहायाज सभाचधसथ ह | भझ आशचमग हआ कक जजन परथभ शरणी की वातानकमरत फोचगमो भ याजा-भहायाजा मातरा कयत ह ऐसी फोगी औय तीसयी शरणी की फोगी क फीि इन सॊत को कोई बद नहीॊ रगता | ऐसी फोचगमो भ बी व सभाचधसथ होत ह मह दखकय मसय झक जाता ह | भन ऩजम भहायाजशरी को परणाभ कयक कहा आऩ जस सॊतो क मरए तो सफ एक सभान ह |
हय हार भ एकयस यहकय आऩ भकतकत का आनॊद र सकत ह | रककन हभाय जस गरहसथो को कमा कयना िाटहए ताकक हभ बी आऩ जसी सभता फनाम यखकय जीवन जी सक
ऩजम भहायाजजी न कहा काभ औय करोध को त छोड़ द तो त बी जीवनभकत हो सकता ह | जहाॉ याभ तहॉ नहीॊ काभ जहाॉ काभ तहॉ नहीॊ याभ | औय करोध तो बाई बसभासय ह | वह तभाभ ऩणम को जराकय बसभ कय दता ह अॊतकयण को भमरन कय दता ह | भन कहा परब अगय आऩकी कऩा होगी तो भ काभ-करोध को छोड़ ऩाऊॉ गा | ऩजम भहायाजजी न कहा बाई कऩा ऐस थोड़ ही की जाती ह सॊतकऩा क साथ तया ऩरषाथग औय दढ़ता बी िाटहए | ऩहर त परनतऻा कय कक त जीवनऩमगनत काभ औय करोध स दय यहगा तो भ तझ आशीवागद दॉ | भन कहा भहायाजजी भ जीवनबय क मरए परनतऻा तो करॉ रककन उसका ऩारन न कय ऩाऊॉ तो झठा भाना जाऊॉ गा | ऩजम भहायाजजी न कहा अचछा ऩहर त भय सभ आठ टदन क मरए परनतऻा कय | कपय परनतऻा को एक-एक टदन फढ़त जाना | इस परकाय त उन फराओॊ स फि सकगा | ह कफर भन हाथ जोड़कय कफर ककमा | ऩजम भहायाजजी न आशीवागद दकय दो-िाय पर परसाद भ टदम | ऩजम भहायाजजी न भयी जो दो कभजोरयमाॉ थीॊ उन ऩय ही सीधा हभरा ककमा था | भझ आशचमग हआ कक अनम कोई बी दगगण छोड़न का न कहकय इन दो दगगणो क मरए ही उनहोन परनतऻा कमो कयवामी फाद भ भ इस याज स अवगत हआ |
दसय टदन भ ऩसनजय टरन भ कानऩय स आग जा यहा था | सफह क कयीफ नौ फज थ |
तीसयी शरणी की फोगी भ जाकय भन माबतरमो क टटकट जाॉिन का कामग शर ककमा | सफस
ऩहर फथग ऩय सोम हए एक मातरी क ऩास जाकय भन एक मातरी क ऩास जाकय भन टटकट टदखान को कहा तो वह गससा होकय भझ कहन रगा अॊधा ह दखता नहीॊ कक भ सो गमा हॉ भझ नीॊद स जगान का तझ कमा अचधकाय ह मह कोई यीत ह टटकट क फाय भ ऩछन की ऐसी ही अकर ह तयी ऐसा कछ-का-कछ वह फोरता ही गमा फोरता ही गमा | भ बी करोधाववषट होन रगा ककॊ त ऩजम भहायाजजी क सभ री हई परनतऻा भझ माद थी अत करोध को ऐस ऩी गमा भानो ववष की ऩकतड़मा भन उस कहा भहाशम आऩ ठीक ही कहत ह कक भझ फोरन की अकर नहीॊ ह बान नहीॊ ह | दखो भय म फार धऩ भ सपद हो गम ह | आऩभ फोरन की अकर अचधक ह नमरता ह तो कऩा कयक मसखाओॊ कक टटकट क मरए भझ ककस परकाय आऩस ऩछना िाटहए | भ रािाय हॉ कक डमटी क कायण भझ टटकट िक कयना ऩड़ यहा ह इसमरए भ आऩको कषट द यहा हॉ|
औय कफ़य भन खफ परभ स हाथ जोड़कय ववनती की बमा कऩा कयक कषट क मरए भझ भा कयो | भझ अऩना टटकट टदखामग भयी नमरता दखकय वह रजजजत हो गमा एवॊ तयॊत उठ फठा | जपदी-जपदी नीि उतयकय भझस भा भाॉगत हए कहन रगा भझ भाप कयना | भ नीॊद भ था | भन आऩको ऩहिाना नहीॊ था | अफ आऩ अऩन भॉह स भझ कह कक आऩन भझ भाफ़ ककमा मह दखकय भझ आनॊद औय सॊतोष हआ | भ सोिन रगा कक सॊतो की आऻा भानन भ ककतनी शकतकत औय टहत ननटहत ह सॊतो की करणा कसा िभतकारयक ऩरयणाभ राती ह वह रवमकतकत क पराकनतक सवबाव को बी जड़-भर स फदर सकती ह | अनमथा भझभ करोध को ननमॊतरण भ यखन की कोई शकतकत नहीॊ थी | भ ऩणगतमा असहाम था कपय बी भझ भहायाजजी की कऩा न ही सभथग फनामा | ऐस सॊतो क शरीियणो भ कोटट-कोटट नभसकाय
-शरी यीजभर
रयटामडग टीटी आई कानऩय
अनम अनबव
जरा हआ कागज
ऩवग रऩ भ एक फाय ऩयभहॊस ववशदधानॊदजी स आनॊदभमी भाॉ की ननकटता ऩानवार सपरमसदध ऩॊकतडत गोऩीनाथ कववयाज न ननवदन ककमा तयणीकानत ठाकय को अरौककक मसवदध पराि हई ह | व बफना दख मा बफना छए ही कागज भ मरखी हई फात ऩढ़ रत ह |
गरदव फोर तभ एक कागज ऩय कछ मरखो औय उसभ आग रगाकय जरा दो |
कववयाजजी न कागज ऩय कछ मरखा औय ऩयी तयह कागज जराकय हवा भ उड़ा टदमा |
उसक फाद गरदव न अऩन तककम क नीि स वही कागज ननकारकय कववयाजजी क आग यख टदमा | मह दखकय उनह फड़ा आशचमग हआ कक मह कागज वही था एवॊ जो उनहोन मरखा था वह बी उस ऩय उनहीॊ क सरख भ मरखा था औय साथ ही उसका उततय बी मरखा हआ दखा | जड़ता ऩशता औय ईशवयता का भर हभाया शयीय ह | जड़ शयीय को भ-भया भानन की ववतत जजतनी मभटती ह ऩाशवी वासनाओॊ की गराभी उतनी हटती ह औय हभाया ईशवयीम अॊश जजतना अचधक ववकमसत होता ह उतना ही मोग-साभमग ईशवयीम साभमग परकट होता ह | बायत क ऐस कई बकतो सॊतो औय मोचगमो क जीवन भ ईशवयीम साभमग दखा गमा ह अनबव ककमा गमा ह उसक ववषम भ सना गमा ह | धनम ह बायतबमभ भ यहनवार बायतीम सॊसकनत भ शरदधा-ववशवास यखनवार अऩन ईशवयीम अॊश को जगान की सवा-साधना कयनवार सवाभी ववशदधानॊदजी वषो की एकाॊत साधना औय वषो-वषो की गरसवा स अऩना दहाधमास औय ऩाशवी वासनाएॉ मभटाकय अऩन ईशवयीम
अॊश को ववकमसत कयनवार बायत क अनक भहाऩरषो भ स थ | उनक जीवन की औय बी अरौककक घटनाओॊ का वणगन आता ह | ऐस सतऩरषो क जीवन-िरयतर औय उनक जीवन भ घटटत घटनाएॉ ऩढ़न-सनन स हभ रोग बी अऩनी जड़ता एवॊ ऩशता स ऊऩय उठकय ईशवयीम अॊश को उबायन भ उतसाटहत होत ह | फहत ऊॉ िा काभ ह फड़ी शरदधा फड़ी सभझ फड़ा धमग िाटहए ईशवयीम साभमग को ऩणग रऩ स ववकमसत कयन भ | अफ आओ
िर आदय शॊकयािामग की ओय
नदी की धाया भड़ गमी
आदय शॊकयािामग की भाता ववमशषटा दवी अऩन करदवता कशव की ऩजा कयन जाती थीॊ | व ऩहर नदी भ सनान कयतीॊ औय कफ़य भॊटदय भ जाकय ऩजन कयतीॊ | एक टदन व परातकार ही ऩजन-साभगरी रकय भॊटदय की ओय गमीॊ ककॊ त सामॊकार तक घय नहीॊ रौटीॊ | शॊकयािामग की आम अबी सात-आठ वषग क भधम भ ही थी | व ईशवय क ऩयभ बकत औय ननषठावान थ | सामॊकार तक भाता क वाऩस न रौटन ऩय आिामग को फड़ी चिनता हई औय व उनह खोजन क मरए ननकर ऩड़ | भॊटदय क ननकट ऩहॉिकय उनहोन भाता को भागग भ ही भजचछगत ऩड़ दखा | उनहोन फहत दय तक भाता का उऩिाय ककमा तफ व होश भ आ सकीॊ |
नदी अचधक दय थी | वहाॉ तक ऩहॉिन भ भाता को फड़ा कषट होता था | आिामग न बगवान स भन-ही-भन पराथगना की कक परबो ककसी परकाय नदी की धाया को भोड़ दो जजसस कक
भाता ननकट ही सनान कय सक | व इस परकाय की पराथगना ननतम कयन रग | एक टदन उनहोन दखा कक नदी की धाया ककनाय की धयती को काटती-काटती भड़न रगी ह तथा कछ टदनो भ ही वह आिामग शॊकय क घय क ऩास फहन रगी | इस घटना न आिामग का अरौककक शकतकतसमऩनन होना परमसदध कय टदमा |
सकषभ शयीय स िोय का ऩीछा ककमा
हरयहय फाफा की फड़ी परमसवदध थी | एक फाय व हयऩारऩय सटशन ऩय थ | वहाॉ क सटशन भासटय न उनको एक िोय सऩदग ककमा | िोय न फाफा स कहा भहायाज भझ इतनी छटटी द दीजजम कक भ अऩन फार-फचिो का परफॊध कय आऊॉ | फाफा गाड़ी आन ऩय रौट आना | िोय िरा गमा | सटशन भासटय को ऩता िरा तो वह फाफा ऩय गभग हआ औय फोरा उसक फदर तमह जर की हवा खानी होगी | तभन जान-फझकय उस बगा टदमा ह | फाफा घफयाओ भत गाड़ी आन स ऩहर ही वह रौट आमगा | िोय की नीमत ठीक नहीॊ थी | वह जॊगर क भागग स अऻात सथान को बाग जाना िाहता था ककॊ त उस हय सभम मही परतीत होता यहा कक हरयहय फाफा डॊडा पटकायत हए उसक ऩीछ-ऩीछ िर आ यह ह | इसीमरए वह गाड़ी आन स ऩहर ही रौट आमा |
भॊगरी फाधा-ननवायण भॊतर
अॊ याॊ अॊ
इस भॊतर को १०८ फाय जऩन स करोध दय होता ह | जनभकनडरी भ भॊगरी मोग होन स जजनक वववाह न हो यह हो व २७ भॊगरवाय इस भॊतर का १०८ फाय जऩ कयत हए वरत यखकय हनभानजी ऩय मसॊदय का िोरा िढ़ाम | इसस भॊगर-फाधा का म होता ह |
सखऩवगक परसवकायक भॊतर
ऩहरा उऩाम
एॊ हीॊ बगवनत बगभामरनन िर िर भराभम भराभम ऩषऩॊ ववकासम ववकासम सवाहा |
इस भॊतर दवाया अमबभॊबतरत दध गमबगणी सतरी को वऩराम तो सखऩवगक परसव होगा |
दसया उऩाम
गमबगणी सतरी सवमॊ परसव क सभम जमबरा-जमबरा जऩ कय |
तीसया उऩाम
दशी गाम क गोफय का १२ स १५ मभरी यस ॐ नभो नायामणाम भॊतर का २१ फाय जऩ कयक ऩीन स बी परसव-फाधाएॉ दय होगी औय बफना ऑऩयशन क परसव होगा |
परसनत क सभम अभॊगर की आशॊका हो तो ननमन भॊतर का जऩ कय
सवगभॊगर भाॊगपम मशव सवागथग साचधक |
शयणम तरममफक गौयी नायामणी नभोSसतत ||
(दगागसिशती)
शकतकतशारी व गोय ऩतर की परानि क मरए
सगबागवसथा भ ढाक (ऩराश खाखया) का एक कोभर ऩतता घोटकय गौ-दगध क साथ योज सवन कयन स फारक शकतकतशारी औय गोया होता ह | भाता-वऩता बर कार-करट हो कपय बी फारक गोया होगा |
सदगर-भटहभा
गर बफन बव ननचध तय न कोई |
जौ फयॊचि सॊकय सभ होई ||
-सॊत तरसीदासजी
हरयहय आटदक जगत भ ऩजमदव जो कोम |
सदगर की ऩजा ककम सफकी ऩजा होम ||
-ननशचरदासजी भहायाज
सहजो कायज सॊसाय को गर बफन होत नाॉही |
हरय तो गर बफन कमा मभर सभझ र भन भाॉही ||
-सॊत कफीयजी सॊत
सयनन जो जन ऩय सो जन उधयनहाय | सॊत की ननॊदा नानका फहरय फहरय अवताय ||
-गर नानक दवजी
गरसवा सफ बागमो की जनभबमभ ह औय वह शोकाकर रोगो को बरहमभम कय दती ह |
गररऩी समग अववदयारऩी याबतर का नाश कयता ह औय ऻानाऻान रऩी मसतायो का रोऩ कयक फवदधभानो को आतभफोध का सटदन टदखाता ह |
-सॊत ऻानशवय भहायाज
सतम क कॊ टकभम भागग भ आऩको गर क मसवाम औय कोई भागगदशगन नहीॊ द सकता |
- सवाभी मशवानॊद सयसवती
ककतन ही याजा-भहायाजा हो गम औय होग सामजम भकतकत कोई नहीॊ द सकता | सचि याजा-भहायाज तो सॊत ही ह | जो उनकी शयण जाता ह वही सचिा सख औय सामजम भकतकत ऩाता ह |
-सभथग शरी याभदास सवाभी
भनषम िाह ककतना बी जऩ-तऩ कय मभ-ननमभो का ऩारन कय ऩयॊत जफ तक सदगर की कऩादवषट नहीॊ मभरती तफ तक सफ रवमथग ह |
-सवाभी याभतीथग
परटो कहत ह कक सकयात जस गर ऩाकय भ धनम हआ |
इभसगन न अऩन गर थोयो स जो पराि ककमा उसक भटहभागान भ व बावववबोय हो जात थ |
शरी याभकषण ऩयभहॊस ऩणगता का अनबव कयानवार अऩन सदगरदव की परशॊसा कयत नहीॊ अघात थ |
ऩजमऩाद सवाभी शरी रीराशाहजी भहायाज बी अऩन सदगरदव की माद भ सनह क आॉस
फहाकय गदगद कॊ ठ हो जात थ |
ऩजम फाऩजी बी अऩन सदगरदव की माद भ कस हो जात ह मह तो दखत ही फनता ह |
अफ हभ उनकी माद भ कस होत ह मह परशन ह | फटहभगख ननगय रोग कछ बी कह साधक को अऩन सदगर स कमा मभरता ह इस तो साधक ही जानत ह |
रडी भाटटगन क सहाग की या कयन अपगाननसतान भ परकट मशवजी
साध सॊग सॊसाय भ दरगब भनषम शयीय |
सतसॊग सववत ततव ह बतरववध ताऩ की ऩीय ||
भानव-दह मभरना दरगब ह औय मभर बी जाम तो आचधदववक आचधबौनतक औय आधमाजतभक म तीन ताऩ भनषम को तऩात यहत ह | ककॊ त भनषम-दह भ बी ऩववतरता हो सचिाई हो शदधता हो औय साध-सॊग मभर जाम तो म बतरववध ताऩ मभट जात ह |
सन १८७९ की फात ह | बायत भ बबरटटश शासन था उनहीॊ टदनो अॊगरजो न अपगाननसतान ऩय आकरभण कय टदमा | इस मदध का सॊिारन आगय भारवा बबरटटश छावनी क रजफ़टनट कनगर भाटटगन को सौऩा गमा था | कनगर भाटटगन सभम-सभम ऩय मदध-तर स अऩनी ऩतनी को कशरता क सभािाय बजता यहता था | मदध रॊफा िरा औय अफ तो सॊदश आन बी फॊद हो गम | रडी भाटटगन को चिॊता सतान रगी कक कहीॊ कछ अनथग न हो गमा हो अपगानी सननको न भय ऩनत को भाय न डारा हो | कदाचित ऩनत मदध भ शहीद हो गम तो भ जीकय कमा करॉ गी -मह सोिकय वह अनक शॊका-कशॊकाओॊ स नघयी यहती थी |
चिनतातय फनी वह एक टदन घोड़ ऩय फठकय घभन जा यही थी | भागग भ ककसी भॊटदय स आती हई शॊख व भॊतर धवनन न उस आकवषगत ककमा | वह एक ऩड़ स अऩना घोड़ा फाॉधकय भॊटदय भ गमी | फजनाथ भहादव क इस भॊटदय भ मशवऩजन भ ननभगन ऩॊकतडतो स उसन ऩछा आऩ रोग कमा कय यह ह एक वरदध बराहमण न कहा हभ बगवान मशव का ऩजन कय यह ह | रडी भाटटगन मशवऩजन की कमा भहतता ह बराहमण फटी बगवान मशव तो औढयदानी ह बोरनाथ ह | अऩन बकतो क सॊकट-ननवायण कयन भ व तननक बी दय नहीॊ कयत ह | बकत उनक दयफाय भ जो बी भनोकाभना रकय क आता ह उस व शीघर ऩयी कयत ह ककॊ त फटी तभ फहत चिजनतत औय उदास नजय आ यही हो कमा फात ह रडी भाटटगन भय ऩनतदव मदध भ गम ह औय ववगत कई टदनो स उनका कोई
सभािाय नहीॊ आमा ह | व मदध भ पॉ स गम ह मा भाय गम ह कछ ऩता नहीॊ िर यहा | भ उनकी ओय स फहत चिजनतत हॉ | इतना कहत हए रडी भाटटगन की आॉख नभ हो गमीॊ |
बराहमण तभ चिनता भत कयो फटी मशवजी का ऩजन कयो उनस पराथगना कयो रघररी कयवाओ | बगवान मशव तमहाय ऩनत का यण अवशम कयग |
ऩॊकतडतो की सराह ऩय उसन वहाॉ गमायह टदन का ॐ नभ मशवाम भॊतर स रघररी अनषठान परायॊब ककमा तथा परनतटदन बगवान मशव स अऩन ऩनत की या क मरए पराथगना कयन रगी कक ह बगवान मशव ह फजनाथ भहादव मटद भय ऩनत मदध स सकशर रौट आम तो भ आऩका मशखयफॊद भॊटदय फनवाऊॉ गी | रघररी की ऩणागहनत क टदन बागता हआ एक सॊदशवाहक मशवभॊटदय भ आमा औय रडी भाटटगन को एक मरपापा टदमा | उसन घफयात-घफयात वह मरपापा खोरा औय ऩढ़न रगी |
ऩतर भ उसक ऩनत न मरखा था हभ मदध भ यत थ औय तभ तक सॊदश बी बजत यह रककन आक ऩठानी सना न घय मरमा | बबरटटश सना कट भयती औय भ बी भय जाता |
ऐसी ववकट ऩरयजसथनत भ हभ नघय गम थ कक पराण फिाकय बागना बी अतमाचधक कटठन था | इतन भ भन दखा कक मदधबमभ भ बायत क कोई एक मोगी जजनकी फड़ी रमफी जटाएॉ ह हाथ भ तीन नोकवारा एक हचथमाय (बतरशर) इतनी तीवर गनत स घभ यहा था कक ऩठान सननक उनह दखकय बागन रग | उनकी कऩा स घय स हभ ननकरकय ऩठानो ऩय वाय कयन का भौका मभर गमा औय हभायी हाय की घकतड़माॉ अिानक जीत भ फदर गमीॊ | मह सफ बायत क उन फाघामफयधायी एवॊ तीन नोकवारा हचथमाय धायण ककम हए
(बतरशरधायी) मोगी क कायण ही समबव हआ | उनक भहातजसवी रवमकतकततव क परबाव स दखत-ही-दखत अपगाननसतान की ऩठानी सना बाग खड़ी हई औय व ऩयभ मोगी भझ
टहमभत दत हए कहन रग | घफयाओॊ नहीॊ | भ बगवान मशव हॉ तथा तमहायी ऩतनी की ऩजा स परसनन होकय तमहायी या कयन आमा हॉ उसक सहाग की या कयन आमा हॉ |
ऩतर ऩढ़त हए रडी भाटटगन की आॉखो स अववयत अशरधाया फहती जा यही थी उसका रदम अहोबाव स बय गमा औय वह बगवान मशव की परनतभा क समभख मसय यखकय पराथगना कयत-कयत यो ऩड़ी | कछ सिाह फाद उसका ऩनत कनगर भाटटगन आगय छावनी रौटा | ऩतनी न उस सायी फात सनात हए कहा आऩक सॊदश क अबाव भ भ चिजनतत हो उठी थी रककन बराहमणो की सराह स मशवऩजा भ रग गमी औय आऩकी या क मरए बगवान मशव स पराथगना कयन रगी | उन द खबॊजक भहादव न भयी पराथगना सनी औय आऩको सकशर रौटा टदमा | अफ तो ऩनत-ऩतनी दोनो ही ननममभत रऩ स फजनाथ भहादव क भॊटदय भ ऩजा-अिगना कयन रग | अऩनी ऩतनी की इचछा ऩय कनगर भाटटगन भ सन १८८३
भ ऩॊरह हजाय रऩम दकय फजनाथ भहादव भॊटदय का जीणोदवाय कयवामा जजसका मशरारख आज बी आगय भारवा क इस भॊटदय भ रगा ह | ऩय बायतबय भ अॊगरजो दवाय ननमभगत मह एकभातर टहनद भॊटदय ह |
मयोऩ जान स ऩवग रडी भाटटगन न ऩकतड़तो स कहा हभ अऩन घय भ बी बगवान मशव का भॊटदय फनामग तथा इन द ख-ननवायक दव की आजीवन ऩजा कयत यहग |
बगवान मशव भ बगवान कषण भ भाॉ अमफा भ आतभवतता सदगर भ सतता तो एक ही ह | आवशमकता ह अटर ववशवास की | एकररवम न गरभनत ग भ ववशवास कय वह पराि कय मरमा जो अजगन को कटठन रगा | आरणण उऩभनम रव परहराद आटद अनम सकड़ो उदायहण हभाय साभन परतम ह | आज बी इस परकाय का सहमोग हजायो बकतो को साधको को बगवान व आतभवतता सदगरओॊ क दवाया ननयनतय पराि होता यहता ह | आवशमकता ह तो फस कवर ववशवास की |
भहाभतमॊजम भॊतर
ॐ हौ जॉ स |
ॐ बबगव सव |
ॐ तरममफकॊ मजाभह सगॊचध ॊ ऩवषटवधगनभ |
उवागरकमभव फनधनानभतमोभगीम भाभतात |
सव भव ब ॐ |
स जॉ हौ ॐ |
बगवान मशव का मह भहाभतमॊजम जऩन स अकार भतम तो टरती ही ह आयोगमता की बी परानि होती ह | सनान कयत सभम शयीय ऩय रोट स ऩानी डारत वकत इस भॊतर का जऩ कयन स सवासम-राब होता ह | दध भ ननहायत हए इस भॊतर का जाऩ ककमा जाम औय कपय वह दध ऩी मरमा जम तो मौवन की सया भ बी सहामता मभरती ह | आजकर की तज यफ़तायवारी जजनदगी भ कहाॉ आतॊक उऩरव दघगटना हो जाम कहना भजशकर ह | घय स ननकरत सभम एक फाय मह भॊतर जऩनवारा इन उऩदरवो स सयकषत यहता ह औय सयकषत घय रौटता ह | (इस भॊतरानषठान क ववचध-ववधान की ववसतत जानकायी क मरए आशरभ दवाया परकामशत आयोगमननचध ऩसतक ऩढ़ |) शरीभदबागवत क आठव सकॊ ध भ तीसय अधमाम क शलोक १ स ३३ तक भ वणणगत गजनरभो सतोतर का ऩाठ कयन स तभाभ
ववधन दय होत ह |
ववषणजी क ियणो स ननकरी गॊगा बकतकत मोग की परतीनत कयाती ह औय मशवजी क भसतक ऩय जसथत गॊगा ऻान मोग की उचितय बमभका ऩय आरढ़ होन की खफय दती ह |
भझ ऐसा रग यहा ह कक आज फाऩजी क परविनो को सनकय भ गॊगा भ गोता रगा यहा हॉ कमोकक उनका परविन उनका सजननधम गॊगा क ऩावन परवाह जसा ह | व अरभसत फ़कीय ह | व फड़ सयर औय सहज ह | व जजतन ही ऊऩय स सयर ह उतन ही अॊतय भ गढ़ ह | उनभ टहभारम जसी उचिता ऩववतरता शरषठता ह औय सागयतर जसी गॊबीयता ह |
व याषड की अभपम धयोहय ह | उनह दखकय कवष-ऩयमऩया को फोध होता ह | गौतभ कणाद
जमभनी कवऩर दाद भीया कफीय यदास आटद सफ कबी-कबी उनभ टदखत ह |
य बाई कोई सतगर सॊत कहाव
जो ननन अरख रखाव धयती उखाड़ आकाश उखाड़
अधय भड़मा धाव |
शनम मशखय क ऩाय मशरा ऩय आसन अिर जभाव |
य बाई कोई सतगर सॊत कहाव
एक ऐस ऩावन साजननधम भ हभ फठ ह जो फड़ा दरगब औय सहज मोगसवरऩ ह | ऐस भहाऩरषो क मरए ऩॊकतकतमाॉ माद आ यही ह तभ िरो तो िर धयती िर अॊफय िर दननमा ऐस भहाऩरष िरत ह तो उनक मरए समग िॊर ताय गरह नतर आटद सफ अनकर हो जात ह | ऐस इजनरमातीत गणातीत बावातीत शबदातीत औय सफ अवसथाओॊ स ऩय ककनहीॊ भहाऩरषो क शरीियणो भ जफ फठत ह तो बागवत कहता ह
साधनाॊ दशगनॊ रोक सवगमसवदधकयॊ ऩयभ |
साध क दशगन भातर स वविाय ववबनत ववदवता शकतकत सहजता ननववगषमता परसननता मसवदधमाॉ औय आतभानॊद की परानि होती ह | दश क भहान सॊत महाॉ सहज ही आत ह बायत क सबी शॊकयािामग बी मशववय भ आत ह | अत भय भन भ बी वविाय आमा कक जहाॉ सफ जात ह वहाॉ जाना िाटहए कमोकक मही वह ठोय-टठकाना ह जहाॉ भन का अमबभान मभटामा जा सकता ह | ऐस भहाऩरषो क दशगन स कवर आनॊद औय भसती ही नहीॊ मभरती फजपक वह सफ कछ मभर जाता ह जो अमबरावषत ह आकाॊकषत ह रकषत ह | महाॉ भ करणा क
कभगठता क वववक-वयागम क ऻान क दशगन कय यहा हॉ | वयागम औय बकतकत क यण ऩोषण औय सॊवधगन क मरए मह सिकवषमो का उततभ ऻान भाना जाता ह | आज गॊगा कपय स
साकाय टदख यही ह तो व फाऩजी क वविाय औय वाणी भ टदख यही ह | अरभसतता सहजता उचिता शरषठता ऩववतरतता तीथग-सी शचिता मशश-सी सयरता तरणो-सा जोश वदधो-सा गाॊबीमग औय कवषमो जसा ऻानाफोध भझ जहाॉ हो यहा ह वह मह ऩॊडार ह | इस आनॊदनगय कहॉ मा परभनगय करणा का सागय कहॉ मा वविायो का सभनदय रककन इतना जरय कहॉगा कक भय भन का कोन-कोना आपहाटदत हो यहा ह | आऩ रोग फड़बागी ह जो ऐस भहाऩरष क शरीियणो भ फठ ह जहाॉ बागम का टदरवम रवमकतकतततव का ननभागण होता ह | जीवन की कतकतमता जहाॉ पराि हो सकती ह वह मही दय ह |
मभर तभ मभरी भॊजजर मभरा भकसद औय भददा बी |
न मभर तभ तो यह गमा भददा भकसद औय भॊजजर बी ||
आऩका मह बावयाजम औय परभयाजम दखकय भ िककत बी हॉ औय आनॊद का अनबव बी कय यहा हॉ | आऩक परनत भया ववशवास औय अटट ननषठा फढ़ इस हत भया नभन सवीकाय कय | भझ ऐसा रगता ह कक फाऩजी समग ह औय नायामण सवाभी एक ऐस दीऩ ह जो न फझ सकत ह न जराम जात ह |
-सवाभी अवधशानॊदजी हरयदवाय
सायसवतम भॊतर स हए अदबत राब
भन १९९८ भ ववधाथी उतथान मशववय सोनीऩत भ ऩजम गरदव स सायसवतम भॊतर की दीा री | दीा क फाद ननममभत भॊतरजऩ कयन स भ इतना कशागर फवदधवारा एवॊ सवावरॊफी हो गमा कक भन एक भहीन भ ही टमशन छोड़ दी औय सवमॊ खफ भहनत कयन रगा | भ सकर बी ऩदर आन-जान रगा जजसस भन सकर फस का ककयामा फिा मरमा |
भॊतर जाऩ क परबाव स भझ ९ वीॊ १० वीॊ ११ वीॊ की ऩयीाओॊ भ परथभ सथान पराि हआ |
१२ वीॊ की ऩयीा क सभम भया सवासम खयाफ होन क कायण भ जऩ ठीक स नहीॊ कय सका कपय बी ७९ परनतशत अॊको स ऩास हआ | उसक फाद इॊजजननमरयॊग की ऩरया भ बी उततीणग यहा |
-करदीऩ कभाय डी-२३४ वसट ववनोद नगय टदपरी
भ टदसमफय १९९९ भ छततीसगढ़ क बाटाऩाया भ ऩजम गरदव स सायसवतम भॊतर की दीा
री | ततऩशचात भ ननममभत रऩ स जऩ-धमान- पराणामाभ कयता था जजसस भझ फहत राब हआ | ऩजम फऩजी की कऩा औय सायसवतम भॊतर जाऩ क परबाव स भझ १२ वीॊ की फोड़ग की ऩरया भ ८४६ परनतशत अॊक मभर |
-ववयनर कभाय कौमशक
डोगयगाॉव जज याजनाॊदगाॉव (छग)
बौनतक मग क अॊधकाय भ ऻान की जमोनत ऩजम फाऩ
भादक ननमॊतरण बमयो बायत सयकाय क भहाननदशक शरी एिऩी कभाय ९ भई को अभदावाद आशरभ भ सतसॊग-कामगकरभ क दौयान ऩजम फाऩ स आशीवागद रन ऩहॉि | फड़ी ववनमरता एवॊ शरदधा क साथ उनहोन ऩजम फाऩ क परनत अऩन उदगाय भ कहा जजस रवमकतकत क ऩास वववक नहीॊ ह वह अऩन रकषम तक नहीॊ ऩहॉि सकता ह औय वववक को पराि कयन का साधन ऩजम आसायाभजी फाऩ जस भहान सॊतो का सतसॊग ह | ऩजम फाऩ स भया परथभ ऩरयिम टीवी क भाधमभ स हआ | ततऩशचात भझ आशरभ दवाय परकामशत कवष परसाद भामसक पराि हआ | उस सभम भझ रगा कक एक ओय जहाॉ इस बौनतक मग क अॊधकाय भ भानव बटक यहा ह वहीॊ दसयी ओय शाॊनत की भॊद-भॊद सगॊचधत वाम बी िर यही ह | मह ऩजम फाऩ क सतसॊग का ही परबाव ह | ऩजमशरी क दशगन कयन का जो सौबागम भझ पराि हआ ह इसस भ अऩन को कतकतम भानता हॉ | ऩजम फाऩ क शरीभख स जो अभत वषाग होती ह तथा इनक सतसॊग स कयोड़ो रदमो भ जो जमोनत जगती ह व इसी परकाय स जगती यह औय आन वार रॊफ सभम तक ऩजमशरी हभ सफ का भागगदशगन कयत यह मही भयी काभना ह | ऩजम फाऩ क शरीियणो भ भय परणाभ
-शरी एिऩी कभाय भहाननदशक भादक ननमॊतरण बमयो बायत सयकाय
गरकऩा ऐसी हई कक अॉधय तो कमा दय बी नहीॊ हई
ऩयभ कऩार फाऩजी क शरीियणो भ भय कोटट-कोटट वॊदन भ एक इसभाइरी खवाजा हॉ तथा अऩन धभग भ अकतडग हॉ | िाय वषग ऩवग कछ रोगो दवाया एक सननमोजजत मोजना फनाकय भझ जफयदसती भडगय कस का आयोऩी फना टदमा गमा था | इसस भझ कहीॊ शाॊनत नहीॊ मभर यही थी | २८ पयवयी १९९७ को भझ नागऩय भ आमोजजत फाऩजी क सतसॊग भ जान की परयणा मभरी औय ४ भािग १९९७ को भन फाऩजी स भॊतरदीा री | भ उनस भन-
ही-भन ववनती की कक ह गरदव भझ फिा रो | गरकऩा ऐसी हई कक ७ जनवयी १९९८ को भझ अदारत न ऩाक-साप फयी कय टदमा फाकी छ आयोवऩमो को सजा हई | धनम ह ऐस भय सदगर उनक शरीियणो भ भय कोटट-कोटट वनदन
-यहभान खान ननशान छाफड़ी (बफछआ) जज नछनदवाड़ा (भपर)
भजसरभ भटहरा को पराणदान
२७ मसतमफय २००० को जमऩय भ भय ननवास ऩय ऩजम फाऩ का आतभ-साातकाय टदवस
भनामा गमा जजसभ भय ऩड़ोस की भजसरभ भटहरा नाथी फहन क ऩनत शरी भाॉग खाॉ न बी ऩजम फाऩ की आयती की औय ियणाभत मरमा | ३-४ टदन फाद ही व भजसरभ दॊऩनत खवाजा साटहफ क उसग भ अजभय िर गम | टदनाॊक ४ अकटफय २००० को अजभय क उसग भ असाभाजजक ततवो न परसाद भ जहय फाॉट टदमा जजसस उसग भर भ आम कई दशगनाथी असवसथ हो गम औय कई भय बी गम | भय ऩड़ोस की नाथी फहन न बी वह परसाद खामा औय थोड़ी दय भ ही वह फहोश हो गमी | अजभय भ उसका उऩिाय ककमा गमा ककॊ त उस होश न आमा | दसय टदन ही उसका ऩनत उस अऩन घय र आमा | कॉरोनी क सबी ननवासी उसकी हारत दखकय कह यह थ कक अफ इसका फिना भजशकर ह | भ बी उस दखन गमा | वह फहोश ऩड़ी थी | भ जोय-जोय स हरय ॐ हरय ॐ का उचिायण ककमा तो वह थोड़ा टहरन रगी | भझ परयणा हई औय भ ऩन घय गमा | ऩजम फाऩ स पराथगना की | ३-४ घॊट फाद ही वह भटहरा ऐस उठकय खड़ी हो गमी भानो सोकय उठी हो | उस भटहरा न फतामा कक भय िािा ससय ऩीय ह औय उनहोन भय ऩनत क भॉह स फोरकय फतामा कक तभन २७ मसतमफय २००० को जजनक सतसॊग भ ऩानी वऩमा था उनहीॊ सपद दाढ़ीवार फाफा न तमह फिामा ह कसी करणा ह गरदव की
-जएर ऩयोटहत
८७ सपतान नगय जमऩय (याज)
उस भटहरा का ऩता ह -शरीभती नाथी
ऩतनी शरी भाॉग खाॉ १०० सपतान नगय गजगय की धड़ी नम साॊगानय योड़
जमऩय (याज)
हरयनाभ की पमारी न छड़ामी शयाफ की फोतर
सौबागमवश गत २६ टदसमफय १९९८ को ऩजमशरी क १६ मशषमो की एक टोरी टदपरी स हभाय गाॉव भ हरयनाभ का परिाय-परसाय कयन ऩहॉिी | भ फिऩन स ही भटदयाऩान धमरऩान व मशकाय कयन का शौकीन था | ऩजम फाऩ क मशषमो दवाया हभाय गाॉव भ जगह-जगह ऩय तीन टदन तक रगाताय हरयनाभ का कीतगन कयन स भझ बी हरयनाभ का यॊग रगता जा यहा था | उनक जान क एक टदन क ऩशचात शाभ क सभम योज की बाॊनत भन शयाफ की फोतर ननकारी | जस ही फोतर खोरन क मरए ढककन घभामा तो उस ढककन क घभन स भझ हरय ॐ हरय ॐ की धवनन सनामी दी | इस परकाय भन दो-तीन फाय ढककन घभामा औय हय फाय भझ हरय ॐ की धवनन सनामी दी | कछ दय फाद भ उठा तथा ऩजमशरी क एक मशषम क घय गमा | उनहोन थोड़ी दय भझ ऩजमशरी की अभतवाणी सनामी | अभतवाणी सनन क फाद भया रदम ऩकायन रगा कक इन दरवमगसनो को तमाग दॉ | भन तयॊत फोतर उठामी तथा जोय-स दय खत भ प क दी | ऐस सभथग व ऩयभ कऩार सदगरदव को भ रदम स परणाभ कयता हॉ जजनकी कऩा स मह अनोखी घटना भय जीवन भ घटी जजसस भया जीवन ऩरयवनतगत हआ |
-भोहन मसॊह बफषट
मबखमासन अपभोड़ा (उपर)
ऩय गाॉव की कामाऩरट
ऩजमशरी स टदनाॊक २७६९१ को दीा रन क फाद भन रवमवसनभकतकत क परिाय-परसाय का रकषम फना मरमा | भ एक फाय कौशरऩय (जज शाजाऩय) ऩहॉिा | वहाॉ क रोगो क रवमवसनी औय रड़ाई-झगड़ मकत जीवन को दखकय भन कहा आऩ रोग भनषम-जीवन सही अथग ही नहीॊ सभझत ह | एक फाय आऩ रोग ऩजम फाऩजी क दशगन कय र तो आऩको सही जीवन जीन की कॊ जी मभर जामगी | गाॉव वारो न भयी फात भान री औय दस रवमकतकत भय गाॉव ताजऩय आम | भन एक साधक को उनक साथ जनभाषटभी भहोतसव भ सयत बजा | ऩजम फाऩजी की उन ऩय कऩा फयसी औय सफको गरदीा मभर गमी | जफ व रोग अऩन गाॉव ऩहॉि तो सबी गाॉववामसमो को फड़ा कौतहर था कक ऩजम फाऩजी कस ह फाऩजी की रीराएॉ सनकय गाॉव क अनम रोगो भ बी ऩजम फाऩजी क परनत शरदधा जगी | उन दीकषत साधको न सबी गाॉववारो को सववधानसाय ऩजम फाऩजी क अरग-अरग आशरभो भ
बजकय दीा टदरवा दी | गाॉव क सबी रवमकतकत अऩन ऩय ऩरयवाय सटहत दीकषत हो िक ह | परतमक गरवाय को ऩय गाॉव भ एक सभम बोजन फनता ह | सबी रोग गरवाय का वरत यखत ह | कौशरऩय गाॉव क परबाव स आस-ऩास क गाॉववार एवॊ उनक रयशतदायो सटहत १००० रवमकतकतमो शयाफ छोड़कय दीा र री ह | गाॉव क इनतहास भ तीन-तीन ऩीढ़ी स कोई भॊटदय नहीॊ था | गाॉववारो न ५ राख रऩम रगाकय दो भॊटदय फनवाम ह | ऩया गाॉव रवमवसनभकत एवॊ बगवतबकत फन गमा ह मह ऩजम फाऩजी की कऩा नहीॊ तो औय कमा ह सफक तायणहाय ऩजम फाऩजी क शरीियणो भ कोटट-कोटट परणाभ
-शमाभ परजाऩनत (सऩयवाइजय नतरहन सॊघ) ताजऩय उजजन (भपर)
नतरबफ ॊद का िभतकाय
भया सौबागम ह कक भझ सॊतकऩा नतरबफॊद (आई डरॉपस) का िभतकाय दखन को मभरा |
एक सॊत फाफा मशवयाभदास उमर ८० वषग गीता कटटय तऩोवन झाड़ी सिसयोवय हरयदवाय भ यहत ह | उनकी दाटहनी आॉख क सपद भोनतम का ऑऩयशन शाॉनतकॊ ज हरयदवाय आमोजजत कमऩ भ हआ | कस बफगड़ गमा औय कार भोनतमा फन गमा | ददग यहन रगा औय योशनी घटन रगी | दोफाया बभाननद नतर चिककतसारम भ ऑऩयशन हआ | एबसपमट गरकोभा फतात हए कहा कक ऑऩयशन स मसयददग ठीक हो जामगा ऩय योशनी जाती यहगी | ऩयॊत अफ व फाफा सॊत शरी आसायाभजी आशरभ दवाय ननमभगत सॊतकऩा नतरबफॊद सफह-शाभ डार यह ह | भन उनक नतरो का ऩयीण ककमा | उनकी दाटहनी आॉख भ उॉगरी चगनन रामक योशनी वाऩस आ गमी ह | कार भोनतम का परशय नॉभगर ह | कोननगमा भ सजन नहीॊ ह | व कापी सॊतषट ह | व फतात ह आॉख ऩहर रार यहती थी ऩयॊत अफ नहीॊ ह | आशरभ क नतरबफॊद स कपऩनातीत राब हआ | फामीॊ आॉख भ बी उनह सपद भोनतमा फतामा गमा था औय सॊशम था कक शामद कारा भोनतमा बी ह | ऩय आज फामीॊ आॉख बी ठीक ह औय दोनो आॉखो का परशय बी नॉभगर ह | सपद भोनतमा नहीॊ ह औय योशनी कापी अचछी ह |
मह सॊतकऩा नतरफॊद का ववरण परबाव दखकय भ बी अऩन भयीजो को इसका उऩमोग कयन की सराह दॉगा |
-डॉ अननत कभाय अगरवार (नतरयोग ववशषऻ)
एभफीफीएस एभएस (नतर) डीओएभएस (आई) सीताऩय सहायनऩय (उपर)
ऩजमशरी की तसवीय स मभरी परयणा
सवगसभथग ऩयभ ऩजम शरी फाऩजी क ियणकभरो भ भया कोटट-कोटट नभन १९८४ क बकॊ ऩ स समऩणग उततय बफहाय भ कापी नकसान हआ था जजसकी िऩट भ हभाया घय बी था | ऩरयजसथनतवश भझ नौवी का भ ऩढ़ामी छोड़ दनी ऩड़ी | ककसी मभतर की सराह स भ नौकयी ढॉढ़न क मरए टदपरी गमा रककन वहाॉ बी ननयाशा ही हाथ रगी | भ दो टदन स बखा तो था ही ऊऩय स नौकयी की चिॊता | अत आतभहतमा का वविाय कयक यरव सटशन की ओय िर ऩड़ा | यानीफाग फाजाय भ एक दकान ऩय ऩजमशरी का सतसाटहतम
कसट आटद यखा हआ था एवॊ ऩजमशरी की फड़ आकाय की तसवीय बी टॉगी थी | ऩजमशरी की हॉसभख एवॊ आशीवागद की भरावारी उस तसवीय ऩय भयी नजय ऩड़ी तो १० मभनट तक भ वहीॊ सड़क ऩय स ही खड़-खड़ उस दखता यहा | उस वकत न जान भझ कमा मभर गमा भ काभ बर भजदयी का ही कयता हॉ रककन तफस रकय आज तक भय चितत भ फड़ी परसननता फनी हई ह | न जान भयी जजनदगी की कमा दशा होती अगय ऩजम फाऩजी की मवाधन सया ईशवय की ओय ननजशचनत जीवन ऩसतक औय कवष परसाद ऩबतरका हाथ न रगती ऩजमशरी की तसवीय स मभरी परयणा एवॊ उनक सतसाटहतम न भयी डफती नमा को भानो भझदाय स फिा मरमा | धनबागी ह साटहतम की सवा कयन वार जजनहोन भझ आतभहतमा क ऩाऩ स फिामा |
-भहश शाह
नायामणऩय दभया जज सीताभढ़ी (बफहाय)
भॊतर स राब
भयी भाॉ की हारत अिानक ऩागर जसी हो गमी थी भानो कोई बत-परत-डाककनी मा आसयी ततव उनभ घस गमा | भ फहत चिॊनतत हो गमा एवॊ एक साचधका फहन को पोन ककमा | उनहोन बत-परत बगान का भॊतर फतामा जजसका वणगन आशरभ स परकामशत आयोगमननचध ऩसतक भ बी ह | वह भॊतर इस परकाय ह
ॐ नभो बगवत रर बयवाम बतपरत म कर कर हॊ पट सवाहा |
इस भॊतर का ऩानी भ ननहायकय १०८ फाय जऩ ककमा औय वही ऩानी भाॉ को वऩरा टदमा |
तयॊत ही भाॉ शाॊनत स सो गमीॊ | दसय टदन बी इस भॊतर की ऩाॉि भारा कयक भाॉ को वह जर वऩरामा तो भाॉ बफपकर ठीक हो गमीॊ | ह भय साधक बाई-फहनो बत-परत बगान क
मरए अरा फाॉधॉ फरा फाॉधॉ ऐसा कयक झाड़-फ़ॉ क कयनवारो क िककय भ ऩड़न की जरयत नहीॊ ह | इसक मरए तो ऩजम फाऩजी का भॊतर ही तायणहाय ह | ऩजम फाऩजी क शरीियणो भ कोटट-कोटट परणाभ
-िॊऩकबाई एन ऩटर (अभरयका)
काभ करोध ऩय ववजम ऩामी
एक टदन भॊफई भर भ टटकट िककॊ ग कयत हए भ वातानकमरत फोगी भ ऩहॉिा | दखा तो भखभर की गददी ऩय टाट का आसन बफछाकय सवाभी शरी रीराशाहजी भहायाज सभाचधसथ ह | भझ आशचमग हआ कक जजन परथभ शरणी की वातानकमरत फोचगमो भ याजा-भहायाजा मातरा कयत ह ऐसी फोगी औय तीसयी शरणी की फोगी क फीि इन सॊत को कोई बद नहीॊ रगता | ऐसी फोचगमो भ बी व सभाचधसथ होत ह मह दखकय मसय झक जाता ह | भन ऩजम भहायाजशरी को परणाभ कयक कहा आऩ जस सॊतो क मरए तो सफ एक सभान ह |
हय हार भ एकयस यहकय आऩ भकतकत का आनॊद र सकत ह | रककन हभाय जस गरहसथो को कमा कयना िाटहए ताकक हभ बी आऩ जसी सभता फनाम यखकय जीवन जी सक
ऩजम भहायाजजी न कहा काभ औय करोध को त छोड़ द तो त बी जीवनभकत हो सकता ह | जहाॉ याभ तहॉ नहीॊ काभ जहाॉ काभ तहॉ नहीॊ याभ | औय करोध तो बाई बसभासय ह | वह तभाभ ऩणम को जराकय बसभ कय दता ह अॊतकयण को भमरन कय दता ह | भन कहा परब अगय आऩकी कऩा होगी तो भ काभ-करोध को छोड़ ऩाऊॉ गा | ऩजम भहायाजजी न कहा बाई कऩा ऐस थोड़ ही की जाती ह सॊतकऩा क साथ तया ऩरषाथग औय दढ़ता बी िाटहए | ऩहर त परनतऻा कय कक त जीवनऩमगनत काभ औय करोध स दय यहगा तो भ तझ आशीवागद दॉ | भन कहा भहायाजजी भ जीवनबय क मरए परनतऻा तो करॉ रककन उसका ऩारन न कय ऩाऊॉ तो झठा भाना जाऊॉ गा | ऩजम भहायाजजी न कहा अचछा ऩहर त भय सभ आठ टदन क मरए परनतऻा कय | कपय परनतऻा को एक-एक टदन फढ़त जाना | इस परकाय त उन फराओॊ स फि सकगा | ह कफर भन हाथ जोड़कय कफर ककमा | ऩजम भहायाजजी न आशीवागद दकय दो-िाय पर परसाद भ टदम | ऩजम भहायाजजी न भयी जो दो कभजोरयमाॉ थीॊ उन ऩय ही सीधा हभरा ककमा था | भझ आशचमग हआ कक अनम कोई बी दगगण छोड़न का न कहकय इन दो दगगणो क मरए ही उनहोन परनतऻा कमो कयवामी फाद भ भ इस याज स अवगत हआ |
दसय टदन भ ऩसनजय टरन भ कानऩय स आग जा यहा था | सफह क कयीफ नौ फज थ |
तीसयी शरणी की फोगी भ जाकय भन माबतरमो क टटकट जाॉिन का कामग शर ककमा | सफस
ऩहर फथग ऩय सोम हए एक मातरी क ऩास जाकय भन एक मातरी क ऩास जाकय भन टटकट टदखान को कहा तो वह गससा होकय भझ कहन रगा अॊधा ह दखता नहीॊ कक भ सो गमा हॉ भझ नीॊद स जगान का तझ कमा अचधकाय ह मह कोई यीत ह टटकट क फाय भ ऩछन की ऐसी ही अकर ह तयी ऐसा कछ-का-कछ वह फोरता ही गमा फोरता ही गमा | भ बी करोधाववषट होन रगा ककॊ त ऩजम भहायाजजी क सभ री हई परनतऻा भझ माद थी अत करोध को ऐस ऩी गमा भानो ववष की ऩकतड़मा भन उस कहा भहाशम आऩ ठीक ही कहत ह कक भझ फोरन की अकर नहीॊ ह बान नहीॊ ह | दखो भय म फार धऩ भ सपद हो गम ह | आऩभ फोरन की अकर अचधक ह नमरता ह तो कऩा कयक मसखाओॊ कक टटकट क मरए भझ ककस परकाय आऩस ऩछना िाटहए | भ रािाय हॉ कक डमटी क कायण भझ टटकट िक कयना ऩड़ यहा ह इसमरए भ आऩको कषट द यहा हॉ|
औय कफ़य भन खफ परभ स हाथ जोड़कय ववनती की बमा कऩा कयक कषट क मरए भझ भा कयो | भझ अऩना टटकट टदखामग भयी नमरता दखकय वह रजजजत हो गमा एवॊ तयॊत उठ फठा | जपदी-जपदी नीि उतयकय भझस भा भाॉगत हए कहन रगा भझ भाप कयना | भ नीॊद भ था | भन आऩको ऩहिाना नहीॊ था | अफ आऩ अऩन भॉह स भझ कह कक आऩन भझ भाफ़ ककमा मह दखकय भझ आनॊद औय सॊतोष हआ | भ सोिन रगा कक सॊतो की आऻा भानन भ ककतनी शकतकत औय टहत ननटहत ह सॊतो की करणा कसा िभतकारयक ऩरयणाभ राती ह वह रवमकतकत क पराकनतक सवबाव को बी जड़-भर स फदर सकती ह | अनमथा भझभ करोध को ननमॊतरण भ यखन की कोई शकतकत नहीॊ थी | भ ऩणगतमा असहाम था कपय बी भझ भहायाजजी की कऩा न ही सभथग फनामा | ऐस सॊतो क शरीियणो भ कोटट-कोटट नभसकाय
-शरी यीजभर
रयटामडग टीटी आई कानऩय
अनम अनबव
जरा हआ कागज
ऩवग रऩ भ एक फाय ऩयभहॊस ववशदधानॊदजी स आनॊदभमी भाॉ की ननकटता ऩानवार सपरमसदध ऩॊकतडत गोऩीनाथ कववयाज न ननवदन ककमा तयणीकानत ठाकय को अरौककक मसवदध पराि हई ह | व बफना दख मा बफना छए ही कागज भ मरखी हई फात ऩढ़ रत ह |
गरदव फोर तभ एक कागज ऩय कछ मरखो औय उसभ आग रगाकय जरा दो |
कववयाजजी न कागज ऩय कछ मरखा औय ऩयी तयह कागज जराकय हवा भ उड़ा टदमा |
उसक फाद गरदव न अऩन तककम क नीि स वही कागज ननकारकय कववयाजजी क आग यख टदमा | मह दखकय उनह फड़ा आशचमग हआ कक मह कागज वही था एवॊ जो उनहोन मरखा था वह बी उस ऩय उनहीॊ क सरख भ मरखा था औय साथ ही उसका उततय बी मरखा हआ दखा | जड़ता ऩशता औय ईशवयता का भर हभाया शयीय ह | जड़ शयीय को भ-भया भानन की ववतत जजतनी मभटती ह ऩाशवी वासनाओॊ की गराभी उतनी हटती ह औय हभाया ईशवयीम अॊश जजतना अचधक ववकमसत होता ह उतना ही मोग-साभमग ईशवयीम साभमग परकट होता ह | बायत क ऐस कई बकतो सॊतो औय मोचगमो क जीवन भ ईशवयीम साभमग दखा गमा ह अनबव ककमा गमा ह उसक ववषम भ सना गमा ह | धनम ह बायतबमभ भ यहनवार बायतीम सॊसकनत भ शरदधा-ववशवास यखनवार अऩन ईशवयीम अॊश को जगान की सवा-साधना कयनवार सवाभी ववशदधानॊदजी वषो की एकाॊत साधना औय वषो-वषो की गरसवा स अऩना दहाधमास औय ऩाशवी वासनाएॉ मभटाकय अऩन ईशवयीम
अॊश को ववकमसत कयनवार बायत क अनक भहाऩरषो भ स थ | उनक जीवन की औय बी अरौककक घटनाओॊ का वणगन आता ह | ऐस सतऩरषो क जीवन-िरयतर औय उनक जीवन भ घटटत घटनाएॉ ऩढ़न-सनन स हभ रोग बी अऩनी जड़ता एवॊ ऩशता स ऊऩय उठकय ईशवयीम अॊश को उबायन भ उतसाटहत होत ह | फहत ऊॉ िा काभ ह फड़ी शरदधा फड़ी सभझ फड़ा धमग िाटहए ईशवयीम साभमग को ऩणग रऩ स ववकमसत कयन भ | अफ आओ
िर आदय शॊकयािामग की ओय
नदी की धाया भड़ गमी
आदय शॊकयािामग की भाता ववमशषटा दवी अऩन करदवता कशव की ऩजा कयन जाती थीॊ | व ऩहर नदी भ सनान कयतीॊ औय कफ़य भॊटदय भ जाकय ऩजन कयतीॊ | एक टदन व परातकार ही ऩजन-साभगरी रकय भॊटदय की ओय गमीॊ ककॊ त सामॊकार तक घय नहीॊ रौटीॊ | शॊकयािामग की आम अबी सात-आठ वषग क भधम भ ही थी | व ईशवय क ऩयभ बकत औय ननषठावान थ | सामॊकार तक भाता क वाऩस न रौटन ऩय आिामग को फड़ी चिनता हई औय व उनह खोजन क मरए ननकर ऩड़ | भॊटदय क ननकट ऩहॉिकय उनहोन भाता को भागग भ ही भजचछगत ऩड़ दखा | उनहोन फहत दय तक भाता का उऩिाय ककमा तफ व होश भ आ सकीॊ |
नदी अचधक दय थी | वहाॉ तक ऩहॉिन भ भाता को फड़ा कषट होता था | आिामग न बगवान स भन-ही-भन पराथगना की कक परबो ककसी परकाय नदी की धाया को भोड़ दो जजसस कक
भाता ननकट ही सनान कय सक | व इस परकाय की पराथगना ननतम कयन रग | एक टदन उनहोन दखा कक नदी की धाया ककनाय की धयती को काटती-काटती भड़न रगी ह तथा कछ टदनो भ ही वह आिामग शॊकय क घय क ऩास फहन रगी | इस घटना न आिामग का अरौककक शकतकतसमऩनन होना परमसदध कय टदमा |
सकषभ शयीय स िोय का ऩीछा ककमा
हरयहय फाफा की फड़ी परमसवदध थी | एक फाय व हयऩारऩय सटशन ऩय थ | वहाॉ क सटशन भासटय न उनको एक िोय सऩदग ककमा | िोय न फाफा स कहा भहायाज भझ इतनी छटटी द दीजजम कक भ अऩन फार-फचिो का परफॊध कय आऊॉ | फाफा गाड़ी आन ऩय रौट आना | िोय िरा गमा | सटशन भासटय को ऩता िरा तो वह फाफा ऩय गभग हआ औय फोरा उसक फदर तमह जर की हवा खानी होगी | तभन जान-फझकय उस बगा टदमा ह | फाफा घफयाओ भत गाड़ी आन स ऩहर ही वह रौट आमगा | िोय की नीमत ठीक नहीॊ थी | वह जॊगर क भागग स अऻात सथान को बाग जाना िाहता था ककॊ त उस हय सभम मही परतीत होता यहा कक हरयहय फाफा डॊडा पटकायत हए उसक ऩीछ-ऩीछ िर आ यह ह | इसीमरए वह गाड़ी आन स ऩहर ही रौट आमा |
भॊगरी फाधा-ननवायण भॊतर
अॊ याॊ अॊ
इस भॊतर को १०८ फाय जऩन स करोध दय होता ह | जनभकनडरी भ भॊगरी मोग होन स जजनक वववाह न हो यह हो व २७ भॊगरवाय इस भॊतर का १०८ फाय जऩ कयत हए वरत यखकय हनभानजी ऩय मसॊदय का िोरा िढ़ाम | इसस भॊगर-फाधा का म होता ह |
सखऩवगक परसवकायक भॊतर
ऩहरा उऩाम
एॊ हीॊ बगवनत बगभामरनन िर िर भराभम भराभम ऩषऩॊ ववकासम ववकासम सवाहा |
इस भॊतर दवाया अमबभॊबतरत दध गमबगणी सतरी को वऩराम तो सखऩवगक परसव होगा |
दसया उऩाम
गमबगणी सतरी सवमॊ परसव क सभम जमबरा-जमबरा जऩ कय |
तीसया उऩाम
दशी गाम क गोफय का १२ स १५ मभरी यस ॐ नभो नायामणाम भॊतर का २१ फाय जऩ कयक ऩीन स बी परसव-फाधाएॉ दय होगी औय बफना ऑऩयशन क परसव होगा |
परसनत क सभम अभॊगर की आशॊका हो तो ननमन भॊतर का जऩ कय
सवगभॊगर भाॊगपम मशव सवागथग साचधक |
शयणम तरममफक गौयी नायामणी नभोSसतत ||
(दगागसिशती)
शकतकतशारी व गोय ऩतर की परानि क मरए
सगबागवसथा भ ढाक (ऩराश खाखया) का एक कोभर ऩतता घोटकय गौ-दगध क साथ योज सवन कयन स फारक शकतकतशारी औय गोया होता ह | भाता-वऩता बर कार-करट हो कपय बी फारक गोया होगा |
सदगर-भटहभा
गर बफन बव ननचध तय न कोई |
जौ फयॊचि सॊकय सभ होई ||
-सॊत तरसीदासजी
हरयहय आटदक जगत भ ऩजमदव जो कोम |
सदगर की ऩजा ककम सफकी ऩजा होम ||
-ननशचरदासजी भहायाज
सहजो कायज सॊसाय को गर बफन होत नाॉही |
हरय तो गर बफन कमा मभर सभझ र भन भाॉही ||
-सॊत कफीयजी सॊत
सयनन जो जन ऩय सो जन उधयनहाय | सॊत की ननॊदा नानका फहरय फहरय अवताय ||
-गर नानक दवजी
गरसवा सफ बागमो की जनभबमभ ह औय वह शोकाकर रोगो को बरहमभम कय दती ह |
गररऩी समग अववदयारऩी याबतर का नाश कयता ह औय ऻानाऻान रऩी मसतायो का रोऩ कयक फवदधभानो को आतभफोध का सटदन टदखाता ह |
-सॊत ऻानशवय भहायाज
सतम क कॊ टकभम भागग भ आऩको गर क मसवाम औय कोई भागगदशगन नहीॊ द सकता |
- सवाभी मशवानॊद सयसवती
ककतन ही याजा-भहायाजा हो गम औय होग सामजम भकतकत कोई नहीॊ द सकता | सचि याजा-भहायाज तो सॊत ही ह | जो उनकी शयण जाता ह वही सचिा सख औय सामजम भकतकत ऩाता ह |
-सभथग शरी याभदास सवाभी
भनषम िाह ककतना बी जऩ-तऩ कय मभ-ननमभो का ऩारन कय ऩयॊत जफ तक सदगर की कऩादवषट नहीॊ मभरती तफ तक सफ रवमथग ह |
-सवाभी याभतीथग
परटो कहत ह कक सकयात जस गर ऩाकय भ धनम हआ |
इभसगन न अऩन गर थोयो स जो पराि ककमा उसक भटहभागान भ व बावववबोय हो जात थ |
शरी याभकषण ऩयभहॊस ऩणगता का अनबव कयानवार अऩन सदगरदव की परशॊसा कयत नहीॊ अघात थ |
ऩजमऩाद सवाभी शरी रीराशाहजी भहायाज बी अऩन सदगरदव की माद भ सनह क आॉस
फहाकय गदगद कॊ ठ हो जात थ |
ऩजम फाऩजी बी अऩन सदगरदव की माद भ कस हो जात ह मह तो दखत ही फनता ह |
अफ हभ उनकी माद भ कस होत ह मह परशन ह | फटहभगख ननगय रोग कछ बी कह साधक को अऩन सदगर स कमा मभरता ह इस तो साधक ही जानत ह |
रडी भाटटगन क सहाग की या कयन अपगाननसतान भ परकट मशवजी
साध सॊग सॊसाय भ दरगब भनषम शयीय |
सतसॊग सववत ततव ह बतरववध ताऩ की ऩीय ||
भानव-दह मभरना दरगब ह औय मभर बी जाम तो आचधदववक आचधबौनतक औय आधमाजतभक म तीन ताऩ भनषम को तऩात यहत ह | ककॊ त भनषम-दह भ बी ऩववतरता हो सचिाई हो शदधता हो औय साध-सॊग मभर जाम तो म बतरववध ताऩ मभट जात ह |
सन १८७९ की फात ह | बायत भ बबरटटश शासन था उनहीॊ टदनो अॊगरजो न अपगाननसतान ऩय आकरभण कय टदमा | इस मदध का सॊिारन आगय भारवा बबरटटश छावनी क रजफ़टनट कनगर भाटटगन को सौऩा गमा था | कनगर भाटटगन सभम-सभम ऩय मदध-तर स अऩनी ऩतनी को कशरता क सभािाय बजता यहता था | मदध रॊफा िरा औय अफ तो सॊदश आन बी फॊद हो गम | रडी भाटटगन को चिॊता सतान रगी कक कहीॊ कछ अनथग न हो गमा हो अपगानी सननको न भय ऩनत को भाय न डारा हो | कदाचित ऩनत मदध भ शहीद हो गम तो भ जीकय कमा करॉ गी -मह सोिकय वह अनक शॊका-कशॊकाओॊ स नघयी यहती थी |
चिनतातय फनी वह एक टदन घोड़ ऩय फठकय घभन जा यही थी | भागग भ ककसी भॊटदय स आती हई शॊख व भॊतर धवनन न उस आकवषगत ककमा | वह एक ऩड़ स अऩना घोड़ा फाॉधकय भॊटदय भ गमी | फजनाथ भहादव क इस भॊटदय भ मशवऩजन भ ननभगन ऩॊकतडतो स उसन ऩछा आऩ रोग कमा कय यह ह एक वरदध बराहमण न कहा हभ बगवान मशव का ऩजन कय यह ह | रडी भाटटगन मशवऩजन की कमा भहतता ह बराहमण फटी बगवान मशव तो औढयदानी ह बोरनाथ ह | अऩन बकतो क सॊकट-ननवायण कयन भ व तननक बी दय नहीॊ कयत ह | बकत उनक दयफाय भ जो बी भनोकाभना रकय क आता ह उस व शीघर ऩयी कयत ह ककॊ त फटी तभ फहत चिजनतत औय उदास नजय आ यही हो कमा फात ह रडी भाटटगन भय ऩनतदव मदध भ गम ह औय ववगत कई टदनो स उनका कोई
सभािाय नहीॊ आमा ह | व मदध भ पॉ स गम ह मा भाय गम ह कछ ऩता नहीॊ िर यहा | भ उनकी ओय स फहत चिजनतत हॉ | इतना कहत हए रडी भाटटगन की आॉख नभ हो गमीॊ |
बराहमण तभ चिनता भत कयो फटी मशवजी का ऩजन कयो उनस पराथगना कयो रघररी कयवाओ | बगवान मशव तमहाय ऩनत का यण अवशम कयग |
ऩॊकतडतो की सराह ऩय उसन वहाॉ गमायह टदन का ॐ नभ मशवाम भॊतर स रघररी अनषठान परायॊब ककमा तथा परनतटदन बगवान मशव स अऩन ऩनत की या क मरए पराथगना कयन रगी कक ह बगवान मशव ह फजनाथ भहादव मटद भय ऩनत मदध स सकशर रौट आम तो भ आऩका मशखयफॊद भॊटदय फनवाऊॉ गी | रघररी की ऩणागहनत क टदन बागता हआ एक सॊदशवाहक मशवभॊटदय भ आमा औय रडी भाटटगन को एक मरपापा टदमा | उसन घफयात-घफयात वह मरपापा खोरा औय ऩढ़न रगी |
ऩतर भ उसक ऩनत न मरखा था हभ मदध भ यत थ औय तभ तक सॊदश बी बजत यह रककन आक ऩठानी सना न घय मरमा | बबरटटश सना कट भयती औय भ बी भय जाता |
ऐसी ववकट ऩरयजसथनत भ हभ नघय गम थ कक पराण फिाकय बागना बी अतमाचधक कटठन था | इतन भ भन दखा कक मदधबमभ भ बायत क कोई एक मोगी जजनकी फड़ी रमफी जटाएॉ ह हाथ भ तीन नोकवारा एक हचथमाय (बतरशर) इतनी तीवर गनत स घभ यहा था कक ऩठान सननक उनह दखकय बागन रग | उनकी कऩा स घय स हभ ननकरकय ऩठानो ऩय वाय कयन का भौका मभर गमा औय हभायी हाय की घकतड़माॉ अिानक जीत भ फदर गमीॊ | मह सफ बायत क उन फाघामफयधायी एवॊ तीन नोकवारा हचथमाय धायण ककम हए
(बतरशरधायी) मोगी क कायण ही समबव हआ | उनक भहातजसवी रवमकतकततव क परबाव स दखत-ही-दखत अपगाननसतान की ऩठानी सना बाग खड़ी हई औय व ऩयभ मोगी भझ
टहमभत दत हए कहन रग | घफयाओॊ नहीॊ | भ बगवान मशव हॉ तथा तमहायी ऩतनी की ऩजा स परसनन होकय तमहायी या कयन आमा हॉ उसक सहाग की या कयन आमा हॉ |
ऩतर ऩढ़त हए रडी भाटटगन की आॉखो स अववयत अशरधाया फहती जा यही थी उसका रदम अहोबाव स बय गमा औय वह बगवान मशव की परनतभा क समभख मसय यखकय पराथगना कयत-कयत यो ऩड़ी | कछ सिाह फाद उसका ऩनत कनगर भाटटगन आगय छावनी रौटा | ऩतनी न उस सायी फात सनात हए कहा आऩक सॊदश क अबाव भ भ चिजनतत हो उठी थी रककन बराहमणो की सराह स मशवऩजा भ रग गमी औय आऩकी या क मरए बगवान मशव स पराथगना कयन रगी | उन द खबॊजक भहादव न भयी पराथगना सनी औय आऩको सकशर रौटा टदमा | अफ तो ऩनत-ऩतनी दोनो ही ननममभत रऩ स फजनाथ भहादव क भॊटदय भ ऩजा-अिगना कयन रग | अऩनी ऩतनी की इचछा ऩय कनगर भाटटगन भ सन १८८३
भ ऩॊरह हजाय रऩम दकय फजनाथ भहादव भॊटदय का जीणोदवाय कयवामा जजसका मशरारख आज बी आगय भारवा क इस भॊटदय भ रगा ह | ऩय बायतबय भ अॊगरजो दवाय ननमभगत मह एकभातर टहनद भॊटदय ह |
मयोऩ जान स ऩवग रडी भाटटगन न ऩकतड़तो स कहा हभ अऩन घय भ बी बगवान मशव का भॊटदय फनामग तथा इन द ख-ननवायक दव की आजीवन ऩजा कयत यहग |
बगवान मशव भ बगवान कषण भ भाॉ अमफा भ आतभवतता सदगर भ सतता तो एक ही ह | आवशमकता ह अटर ववशवास की | एकररवम न गरभनत ग भ ववशवास कय वह पराि कय मरमा जो अजगन को कटठन रगा | आरणण उऩभनम रव परहराद आटद अनम सकड़ो उदायहण हभाय साभन परतम ह | आज बी इस परकाय का सहमोग हजायो बकतो को साधको को बगवान व आतभवतता सदगरओॊ क दवाया ननयनतय पराि होता यहता ह | आवशमकता ह तो फस कवर ववशवास की |
भहाभतमॊजम भॊतर
ॐ हौ जॉ स |
ॐ बबगव सव |
ॐ तरममफकॊ मजाभह सगॊचध ॊ ऩवषटवधगनभ |
उवागरकमभव फनधनानभतमोभगीम भाभतात |
सव भव ब ॐ |
स जॉ हौ ॐ |
बगवान मशव का मह भहाभतमॊजम जऩन स अकार भतम तो टरती ही ह आयोगमता की बी परानि होती ह | सनान कयत सभम शयीय ऩय रोट स ऩानी डारत वकत इस भॊतर का जऩ कयन स सवासम-राब होता ह | दध भ ननहायत हए इस भॊतर का जाऩ ककमा जाम औय कपय वह दध ऩी मरमा जम तो मौवन की सया भ बी सहामता मभरती ह | आजकर की तज यफ़तायवारी जजनदगी भ कहाॉ आतॊक उऩरव दघगटना हो जाम कहना भजशकर ह | घय स ननकरत सभम एक फाय मह भॊतर जऩनवारा इन उऩदरवो स सयकषत यहता ह औय सयकषत घय रौटता ह | (इस भॊतरानषठान क ववचध-ववधान की ववसतत जानकायी क मरए आशरभ दवाया परकामशत आयोगमननचध ऩसतक ऩढ़ |) शरीभदबागवत क आठव सकॊ ध भ तीसय अधमाम क शलोक १ स ३३ तक भ वणणगत गजनरभो सतोतर का ऩाठ कयन स तभाभ
ववधन दय होत ह |
साकाय टदख यही ह तो व फाऩजी क वविाय औय वाणी भ टदख यही ह | अरभसतता सहजता उचिता शरषठता ऩववतरतता तीथग-सी शचिता मशश-सी सयरता तरणो-सा जोश वदधो-सा गाॊबीमग औय कवषमो जसा ऻानाफोध भझ जहाॉ हो यहा ह वह मह ऩॊडार ह | इस आनॊदनगय कहॉ मा परभनगय करणा का सागय कहॉ मा वविायो का सभनदय रककन इतना जरय कहॉगा कक भय भन का कोन-कोना आपहाटदत हो यहा ह | आऩ रोग फड़बागी ह जो ऐस भहाऩरष क शरीियणो भ फठ ह जहाॉ बागम का टदरवम रवमकतकतततव का ननभागण होता ह | जीवन की कतकतमता जहाॉ पराि हो सकती ह वह मही दय ह |
मभर तभ मभरी भॊजजर मभरा भकसद औय भददा बी |
न मभर तभ तो यह गमा भददा भकसद औय भॊजजर बी ||
आऩका मह बावयाजम औय परभयाजम दखकय भ िककत बी हॉ औय आनॊद का अनबव बी कय यहा हॉ | आऩक परनत भया ववशवास औय अटट ननषठा फढ़ इस हत भया नभन सवीकाय कय | भझ ऐसा रगता ह कक फाऩजी समग ह औय नायामण सवाभी एक ऐस दीऩ ह जो न फझ सकत ह न जराम जात ह |
-सवाभी अवधशानॊदजी हरयदवाय
सायसवतम भॊतर स हए अदबत राब
भन १९९८ भ ववधाथी उतथान मशववय सोनीऩत भ ऩजम गरदव स सायसवतम भॊतर की दीा री | दीा क फाद ननममभत भॊतरजऩ कयन स भ इतना कशागर फवदधवारा एवॊ सवावरॊफी हो गमा कक भन एक भहीन भ ही टमशन छोड़ दी औय सवमॊ खफ भहनत कयन रगा | भ सकर बी ऩदर आन-जान रगा जजसस भन सकर फस का ककयामा फिा मरमा |
भॊतर जाऩ क परबाव स भझ ९ वीॊ १० वीॊ ११ वीॊ की ऩयीाओॊ भ परथभ सथान पराि हआ |
१२ वीॊ की ऩयीा क सभम भया सवासम खयाफ होन क कायण भ जऩ ठीक स नहीॊ कय सका कपय बी ७९ परनतशत अॊको स ऩास हआ | उसक फाद इॊजजननमरयॊग की ऩरया भ बी उततीणग यहा |
-करदीऩ कभाय डी-२३४ वसट ववनोद नगय टदपरी
भ टदसमफय १९९९ भ छततीसगढ़ क बाटाऩाया भ ऩजम गरदव स सायसवतम भॊतर की दीा
री | ततऩशचात भ ननममभत रऩ स जऩ-धमान- पराणामाभ कयता था जजसस भझ फहत राब हआ | ऩजम फऩजी की कऩा औय सायसवतम भॊतर जाऩ क परबाव स भझ १२ वीॊ की फोड़ग की ऩरया भ ८४६ परनतशत अॊक मभर |
-ववयनर कभाय कौमशक
डोगयगाॉव जज याजनाॊदगाॉव (छग)
बौनतक मग क अॊधकाय भ ऻान की जमोनत ऩजम फाऩ
भादक ननमॊतरण बमयो बायत सयकाय क भहाननदशक शरी एिऩी कभाय ९ भई को अभदावाद आशरभ भ सतसॊग-कामगकरभ क दौयान ऩजम फाऩ स आशीवागद रन ऩहॉि | फड़ी ववनमरता एवॊ शरदधा क साथ उनहोन ऩजम फाऩ क परनत अऩन उदगाय भ कहा जजस रवमकतकत क ऩास वववक नहीॊ ह वह अऩन रकषम तक नहीॊ ऩहॉि सकता ह औय वववक को पराि कयन का साधन ऩजम आसायाभजी फाऩ जस भहान सॊतो का सतसॊग ह | ऩजम फाऩ स भया परथभ ऩरयिम टीवी क भाधमभ स हआ | ततऩशचात भझ आशरभ दवाय परकामशत कवष परसाद भामसक पराि हआ | उस सभम भझ रगा कक एक ओय जहाॉ इस बौनतक मग क अॊधकाय भ भानव बटक यहा ह वहीॊ दसयी ओय शाॊनत की भॊद-भॊद सगॊचधत वाम बी िर यही ह | मह ऩजम फाऩ क सतसॊग का ही परबाव ह | ऩजमशरी क दशगन कयन का जो सौबागम भझ पराि हआ ह इसस भ अऩन को कतकतम भानता हॉ | ऩजम फाऩ क शरीभख स जो अभत वषाग होती ह तथा इनक सतसॊग स कयोड़ो रदमो भ जो जमोनत जगती ह व इसी परकाय स जगती यह औय आन वार रॊफ सभम तक ऩजमशरी हभ सफ का भागगदशगन कयत यह मही भयी काभना ह | ऩजम फाऩ क शरीियणो भ भय परणाभ
-शरी एिऩी कभाय भहाननदशक भादक ननमॊतरण बमयो बायत सयकाय
गरकऩा ऐसी हई कक अॉधय तो कमा दय बी नहीॊ हई
ऩयभ कऩार फाऩजी क शरीियणो भ भय कोटट-कोटट वॊदन भ एक इसभाइरी खवाजा हॉ तथा अऩन धभग भ अकतडग हॉ | िाय वषग ऩवग कछ रोगो दवाया एक सननमोजजत मोजना फनाकय भझ जफयदसती भडगय कस का आयोऩी फना टदमा गमा था | इसस भझ कहीॊ शाॊनत नहीॊ मभर यही थी | २८ पयवयी १९९७ को भझ नागऩय भ आमोजजत फाऩजी क सतसॊग भ जान की परयणा मभरी औय ४ भािग १९९७ को भन फाऩजी स भॊतरदीा री | भ उनस भन-
ही-भन ववनती की कक ह गरदव भझ फिा रो | गरकऩा ऐसी हई कक ७ जनवयी १९९८ को भझ अदारत न ऩाक-साप फयी कय टदमा फाकी छ आयोवऩमो को सजा हई | धनम ह ऐस भय सदगर उनक शरीियणो भ भय कोटट-कोटट वनदन
-यहभान खान ननशान छाफड़ी (बफछआ) जज नछनदवाड़ा (भपर)
भजसरभ भटहरा को पराणदान
२७ मसतमफय २००० को जमऩय भ भय ननवास ऩय ऩजम फाऩ का आतभ-साातकाय टदवस
भनामा गमा जजसभ भय ऩड़ोस की भजसरभ भटहरा नाथी फहन क ऩनत शरी भाॉग खाॉ न बी ऩजम फाऩ की आयती की औय ियणाभत मरमा | ३-४ टदन फाद ही व भजसरभ दॊऩनत खवाजा साटहफ क उसग भ अजभय िर गम | टदनाॊक ४ अकटफय २००० को अजभय क उसग भ असाभाजजक ततवो न परसाद भ जहय फाॉट टदमा जजसस उसग भर भ आम कई दशगनाथी असवसथ हो गम औय कई भय बी गम | भय ऩड़ोस की नाथी फहन न बी वह परसाद खामा औय थोड़ी दय भ ही वह फहोश हो गमी | अजभय भ उसका उऩिाय ककमा गमा ककॊ त उस होश न आमा | दसय टदन ही उसका ऩनत उस अऩन घय र आमा | कॉरोनी क सबी ननवासी उसकी हारत दखकय कह यह थ कक अफ इसका फिना भजशकर ह | भ बी उस दखन गमा | वह फहोश ऩड़ी थी | भ जोय-जोय स हरय ॐ हरय ॐ का उचिायण ककमा तो वह थोड़ा टहरन रगी | भझ परयणा हई औय भ ऩन घय गमा | ऩजम फाऩ स पराथगना की | ३-४ घॊट फाद ही वह भटहरा ऐस उठकय खड़ी हो गमी भानो सोकय उठी हो | उस भटहरा न फतामा कक भय िािा ससय ऩीय ह औय उनहोन भय ऩनत क भॉह स फोरकय फतामा कक तभन २७ मसतमफय २००० को जजनक सतसॊग भ ऩानी वऩमा था उनहीॊ सपद दाढ़ीवार फाफा न तमह फिामा ह कसी करणा ह गरदव की
-जएर ऩयोटहत
८७ सपतान नगय जमऩय (याज)
उस भटहरा का ऩता ह -शरीभती नाथी
ऩतनी शरी भाॉग खाॉ १०० सपतान नगय गजगय की धड़ी नम साॊगानय योड़
जमऩय (याज)
हरयनाभ की पमारी न छड़ामी शयाफ की फोतर
सौबागमवश गत २६ टदसमफय १९९८ को ऩजमशरी क १६ मशषमो की एक टोरी टदपरी स हभाय गाॉव भ हरयनाभ का परिाय-परसाय कयन ऩहॉिी | भ फिऩन स ही भटदयाऩान धमरऩान व मशकाय कयन का शौकीन था | ऩजम फाऩ क मशषमो दवाया हभाय गाॉव भ जगह-जगह ऩय तीन टदन तक रगाताय हरयनाभ का कीतगन कयन स भझ बी हरयनाभ का यॊग रगता जा यहा था | उनक जान क एक टदन क ऩशचात शाभ क सभम योज की बाॊनत भन शयाफ की फोतर ननकारी | जस ही फोतर खोरन क मरए ढककन घभामा तो उस ढककन क घभन स भझ हरय ॐ हरय ॐ की धवनन सनामी दी | इस परकाय भन दो-तीन फाय ढककन घभामा औय हय फाय भझ हरय ॐ की धवनन सनामी दी | कछ दय फाद भ उठा तथा ऩजमशरी क एक मशषम क घय गमा | उनहोन थोड़ी दय भझ ऩजमशरी की अभतवाणी सनामी | अभतवाणी सनन क फाद भया रदम ऩकायन रगा कक इन दरवमगसनो को तमाग दॉ | भन तयॊत फोतर उठामी तथा जोय-स दय खत भ प क दी | ऐस सभथग व ऩयभ कऩार सदगरदव को भ रदम स परणाभ कयता हॉ जजनकी कऩा स मह अनोखी घटना भय जीवन भ घटी जजसस भया जीवन ऩरयवनतगत हआ |
-भोहन मसॊह बफषट
मबखमासन अपभोड़ा (उपर)
ऩय गाॉव की कामाऩरट
ऩजमशरी स टदनाॊक २७६९१ को दीा रन क फाद भन रवमवसनभकतकत क परिाय-परसाय का रकषम फना मरमा | भ एक फाय कौशरऩय (जज शाजाऩय) ऩहॉिा | वहाॉ क रोगो क रवमवसनी औय रड़ाई-झगड़ मकत जीवन को दखकय भन कहा आऩ रोग भनषम-जीवन सही अथग ही नहीॊ सभझत ह | एक फाय आऩ रोग ऩजम फाऩजी क दशगन कय र तो आऩको सही जीवन जीन की कॊ जी मभर जामगी | गाॉव वारो न भयी फात भान री औय दस रवमकतकत भय गाॉव ताजऩय आम | भन एक साधक को उनक साथ जनभाषटभी भहोतसव भ सयत बजा | ऩजम फाऩजी की उन ऩय कऩा फयसी औय सफको गरदीा मभर गमी | जफ व रोग अऩन गाॉव ऩहॉि तो सबी गाॉववामसमो को फड़ा कौतहर था कक ऩजम फाऩजी कस ह फाऩजी की रीराएॉ सनकय गाॉव क अनम रोगो भ बी ऩजम फाऩजी क परनत शरदधा जगी | उन दीकषत साधको न सबी गाॉववारो को सववधानसाय ऩजम फाऩजी क अरग-अरग आशरभो भ
बजकय दीा टदरवा दी | गाॉव क सबी रवमकतकत अऩन ऩय ऩरयवाय सटहत दीकषत हो िक ह | परतमक गरवाय को ऩय गाॉव भ एक सभम बोजन फनता ह | सबी रोग गरवाय का वरत यखत ह | कौशरऩय गाॉव क परबाव स आस-ऩास क गाॉववार एवॊ उनक रयशतदायो सटहत १००० रवमकतकतमो शयाफ छोड़कय दीा र री ह | गाॉव क इनतहास भ तीन-तीन ऩीढ़ी स कोई भॊटदय नहीॊ था | गाॉववारो न ५ राख रऩम रगाकय दो भॊटदय फनवाम ह | ऩया गाॉव रवमवसनभकत एवॊ बगवतबकत फन गमा ह मह ऩजम फाऩजी की कऩा नहीॊ तो औय कमा ह सफक तायणहाय ऩजम फाऩजी क शरीियणो भ कोटट-कोटट परणाभ
-शमाभ परजाऩनत (सऩयवाइजय नतरहन सॊघ) ताजऩय उजजन (भपर)
नतरबफ ॊद का िभतकाय
भया सौबागम ह कक भझ सॊतकऩा नतरबफॊद (आई डरॉपस) का िभतकाय दखन को मभरा |
एक सॊत फाफा मशवयाभदास उमर ८० वषग गीता कटटय तऩोवन झाड़ी सिसयोवय हरयदवाय भ यहत ह | उनकी दाटहनी आॉख क सपद भोनतम का ऑऩयशन शाॉनतकॊ ज हरयदवाय आमोजजत कमऩ भ हआ | कस बफगड़ गमा औय कार भोनतमा फन गमा | ददग यहन रगा औय योशनी घटन रगी | दोफाया बभाननद नतर चिककतसारम भ ऑऩयशन हआ | एबसपमट गरकोभा फतात हए कहा कक ऑऩयशन स मसयददग ठीक हो जामगा ऩय योशनी जाती यहगी | ऩयॊत अफ व फाफा सॊत शरी आसायाभजी आशरभ दवाय ननमभगत सॊतकऩा नतरबफॊद सफह-शाभ डार यह ह | भन उनक नतरो का ऩयीण ककमा | उनकी दाटहनी आॉख भ उॉगरी चगनन रामक योशनी वाऩस आ गमी ह | कार भोनतम का परशय नॉभगर ह | कोननगमा भ सजन नहीॊ ह | व कापी सॊतषट ह | व फतात ह आॉख ऩहर रार यहती थी ऩयॊत अफ नहीॊ ह | आशरभ क नतरबफॊद स कपऩनातीत राब हआ | फामीॊ आॉख भ बी उनह सपद भोनतमा फतामा गमा था औय सॊशम था कक शामद कारा भोनतमा बी ह | ऩय आज फामीॊ आॉख बी ठीक ह औय दोनो आॉखो का परशय बी नॉभगर ह | सपद भोनतमा नहीॊ ह औय योशनी कापी अचछी ह |
मह सॊतकऩा नतरफॊद का ववरण परबाव दखकय भ बी अऩन भयीजो को इसका उऩमोग कयन की सराह दॉगा |
-डॉ अननत कभाय अगरवार (नतरयोग ववशषऻ)
एभफीफीएस एभएस (नतर) डीओएभएस (आई) सीताऩय सहायनऩय (उपर)
ऩजमशरी की तसवीय स मभरी परयणा
सवगसभथग ऩयभ ऩजम शरी फाऩजी क ियणकभरो भ भया कोटट-कोटट नभन १९८४ क बकॊ ऩ स समऩणग उततय बफहाय भ कापी नकसान हआ था जजसकी िऩट भ हभाया घय बी था | ऩरयजसथनतवश भझ नौवी का भ ऩढ़ामी छोड़ दनी ऩड़ी | ककसी मभतर की सराह स भ नौकयी ढॉढ़न क मरए टदपरी गमा रककन वहाॉ बी ननयाशा ही हाथ रगी | भ दो टदन स बखा तो था ही ऊऩय स नौकयी की चिॊता | अत आतभहतमा का वविाय कयक यरव सटशन की ओय िर ऩड़ा | यानीफाग फाजाय भ एक दकान ऩय ऩजमशरी का सतसाटहतम
कसट आटद यखा हआ था एवॊ ऩजमशरी की फड़ आकाय की तसवीय बी टॉगी थी | ऩजमशरी की हॉसभख एवॊ आशीवागद की भरावारी उस तसवीय ऩय भयी नजय ऩड़ी तो १० मभनट तक भ वहीॊ सड़क ऩय स ही खड़-खड़ उस दखता यहा | उस वकत न जान भझ कमा मभर गमा भ काभ बर भजदयी का ही कयता हॉ रककन तफस रकय आज तक भय चितत भ फड़ी परसननता फनी हई ह | न जान भयी जजनदगी की कमा दशा होती अगय ऩजम फाऩजी की मवाधन सया ईशवय की ओय ननजशचनत जीवन ऩसतक औय कवष परसाद ऩबतरका हाथ न रगती ऩजमशरी की तसवीय स मभरी परयणा एवॊ उनक सतसाटहतम न भयी डफती नमा को भानो भझदाय स फिा मरमा | धनबागी ह साटहतम की सवा कयन वार जजनहोन भझ आतभहतमा क ऩाऩ स फिामा |
-भहश शाह
नायामणऩय दभया जज सीताभढ़ी (बफहाय)
भॊतर स राब
भयी भाॉ की हारत अिानक ऩागर जसी हो गमी थी भानो कोई बत-परत-डाककनी मा आसयी ततव उनभ घस गमा | भ फहत चिॊनतत हो गमा एवॊ एक साचधका फहन को पोन ककमा | उनहोन बत-परत बगान का भॊतर फतामा जजसका वणगन आशरभ स परकामशत आयोगमननचध ऩसतक भ बी ह | वह भॊतर इस परकाय ह
ॐ नभो बगवत रर बयवाम बतपरत म कर कर हॊ पट सवाहा |
इस भॊतर का ऩानी भ ननहायकय १०८ फाय जऩ ककमा औय वही ऩानी भाॉ को वऩरा टदमा |
तयॊत ही भाॉ शाॊनत स सो गमीॊ | दसय टदन बी इस भॊतर की ऩाॉि भारा कयक भाॉ को वह जर वऩरामा तो भाॉ बफपकर ठीक हो गमीॊ | ह भय साधक बाई-फहनो बत-परत बगान क
मरए अरा फाॉधॉ फरा फाॉधॉ ऐसा कयक झाड़-फ़ॉ क कयनवारो क िककय भ ऩड़न की जरयत नहीॊ ह | इसक मरए तो ऩजम फाऩजी का भॊतर ही तायणहाय ह | ऩजम फाऩजी क शरीियणो भ कोटट-कोटट परणाभ
-िॊऩकबाई एन ऩटर (अभरयका)
काभ करोध ऩय ववजम ऩामी
एक टदन भॊफई भर भ टटकट िककॊ ग कयत हए भ वातानकमरत फोगी भ ऩहॉिा | दखा तो भखभर की गददी ऩय टाट का आसन बफछाकय सवाभी शरी रीराशाहजी भहायाज सभाचधसथ ह | भझ आशचमग हआ कक जजन परथभ शरणी की वातानकमरत फोचगमो भ याजा-भहायाजा मातरा कयत ह ऐसी फोगी औय तीसयी शरणी की फोगी क फीि इन सॊत को कोई बद नहीॊ रगता | ऐसी फोचगमो भ बी व सभाचधसथ होत ह मह दखकय मसय झक जाता ह | भन ऩजम भहायाजशरी को परणाभ कयक कहा आऩ जस सॊतो क मरए तो सफ एक सभान ह |
हय हार भ एकयस यहकय आऩ भकतकत का आनॊद र सकत ह | रककन हभाय जस गरहसथो को कमा कयना िाटहए ताकक हभ बी आऩ जसी सभता फनाम यखकय जीवन जी सक
ऩजम भहायाजजी न कहा काभ औय करोध को त छोड़ द तो त बी जीवनभकत हो सकता ह | जहाॉ याभ तहॉ नहीॊ काभ जहाॉ काभ तहॉ नहीॊ याभ | औय करोध तो बाई बसभासय ह | वह तभाभ ऩणम को जराकय बसभ कय दता ह अॊतकयण को भमरन कय दता ह | भन कहा परब अगय आऩकी कऩा होगी तो भ काभ-करोध को छोड़ ऩाऊॉ गा | ऩजम भहायाजजी न कहा बाई कऩा ऐस थोड़ ही की जाती ह सॊतकऩा क साथ तया ऩरषाथग औय दढ़ता बी िाटहए | ऩहर त परनतऻा कय कक त जीवनऩमगनत काभ औय करोध स दय यहगा तो भ तझ आशीवागद दॉ | भन कहा भहायाजजी भ जीवनबय क मरए परनतऻा तो करॉ रककन उसका ऩारन न कय ऩाऊॉ तो झठा भाना जाऊॉ गा | ऩजम भहायाजजी न कहा अचछा ऩहर त भय सभ आठ टदन क मरए परनतऻा कय | कपय परनतऻा को एक-एक टदन फढ़त जाना | इस परकाय त उन फराओॊ स फि सकगा | ह कफर भन हाथ जोड़कय कफर ककमा | ऩजम भहायाजजी न आशीवागद दकय दो-िाय पर परसाद भ टदम | ऩजम भहायाजजी न भयी जो दो कभजोरयमाॉ थीॊ उन ऩय ही सीधा हभरा ककमा था | भझ आशचमग हआ कक अनम कोई बी दगगण छोड़न का न कहकय इन दो दगगणो क मरए ही उनहोन परनतऻा कमो कयवामी फाद भ भ इस याज स अवगत हआ |
दसय टदन भ ऩसनजय टरन भ कानऩय स आग जा यहा था | सफह क कयीफ नौ फज थ |
तीसयी शरणी की फोगी भ जाकय भन माबतरमो क टटकट जाॉिन का कामग शर ककमा | सफस
ऩहर फथग ऩय सोम हए एक मातरी क ऩास जाकय भन एक मातरी क ऩास जाकय भन टटकट टदखान को कहा तो वह गससा होकय भझ कहन रगा अॊधा ह दखता नहीॊ कक भ सो गमा हॉ भझ नीॊद स जगान का तझ कमा अचधकाय ह मह कोई यीत ह टटकट क फाय भ ऩछन की ऐसी ही अकर ह तयी ऐसा कछ-का-कछ वह फोरता ही गमा फोरता ही गमा | भ बी करोधाववषट होन रगा ककॊ त ऩजम भहायाजजी क सभ री हई परनतऻा भझ माद थी अत करोध को ऐस ऩी गमा भानो ववष की ऩकतड़मा भन उस कहा भहाशम आऩ ठीक ही कहत ह कक भझ फोरन की अकर नहीॊ ह बान नहीॊ ह | दखो भय म फार धऩ भ सपद हो गम ह | आऩभ फोरन की अकर अचधक ह नमरता ह तो कऩा कयक मसखाओॊ कक टटकट क मरए भझ ककस परकाय आऩस ऩछना िाटहए | भ रािाय हॉ कक डमटी क कायण भझ टटकट िक कयना ऩड़ यहा ह इसमरए भ आऩको कषट द यहा हॉ|
औय कफ़य भन खफ परभ स हाथ जोड़कय ववनती की बमा कऩा कयक कषट क मरए भझ भा कयो | भझ अऩना टटकट टदखामग भयी नमरता दखकय वह रजजजत हो गमा एवॊ तयॊत उठ फठा | जपदी-जपदी नीि उतयकय भझस भा भाॉगत हए कहन रगा भझ भाप कयना | भ नीॊद भ था | भन आऩको ऩहिाना नहीॊ था | अफ आऩ अऩन भॉह स भझ कह कक आऩन भझ भाफ़ ककमा मह दखकय भझ आनॊद औय सॊतोष हआ | भ सोिन रगा कक सॊतो की आऻा भानन भ ककतनी शकतकत औय टहत ननटहत ह सॊतो की करणा कसा िभतकारयक ऩरयणाभ राती ह वह रवमकतकत क पराकनतक सवबाव को बी जड़-भर स फदर सकती ह | अनमथा भझभ करोध को ननमॊतरण भ यखन की कोई शकतकत नहीॊ थी | भ ऩणगतमा असहाम था कपय बी भझ भहायाजजी की कऩा न ही सभथग फनामा | ऐस सॊतो क शरीियणो भ कोटट-कोटट नभसकाय
-शरी यीजभर
रयटामडग टीटी आई कानऩय
अनम अनबव
जरा हआ कागज
ऩवग रऩ भ एक फाय ऩयभहॊस ववशदधानॊदजी स आनॊदभमी भाॉ की ननकटता ऩानवार सपरमसदध ऩॊकतडत गोऩीनाथ कववयाज न ननवदन ककमा तयणीकानत ठाकय को अरौककक मसवदध पराि हई ह | व बफना दख मा बफना छए ही कागज भ मरखी हई फात ऩढ़ रत ह |
गरदव फोर तभ एक कागज ऩय कछ मरखो औय उसभ आग रगाकय जरा दो |
कववयाजजी न कागज ऩय कछ मरखा औय ऩयी तयह कागज जराकय हवा भ उड़ा टदमा |
उसक फाद गरदव न अऩन तककम क नीि स वही कागज ननकारकय कववयाजजी क आग यख टदमा | मह दखकय उनह फड़ा आशचमग हआ कक मह कागज वही था एवॊ जो उनहोन मरखा था वह बी उस ऩय उनहीॊ क सरख भ मरखा था औय साथ ही उसका उततय बी मरखा हआ दखा | जड़ता ऩशता औय ईशवयता का भर हभाया शयीय ह | जड़ शयीय को भ-भया भानन की ववतत जजतनी मभटती ह ऩाशवी वासनाओॊ की गराभी उतनी हटती ह औय हभाया ईशवयीम अॊश जजतना अचधक ववकमसत होता ह उतना ही मोग-साभमग ईशवयीम साभमग परकट होता ह | बायत क ऐस कई बकतो सॊतो औय मोचगमो क जीवन भ ईशवयीम साभमग दखा गमा ह अनबव ककमा गमा ह उसक ववषम भ सना गमा ह | धनम ह बायतबमभ भ यहनवार बायतीम सॊसकनत भ शरदधा-ववशवास यखनवार अऩन ईशवयीम अॊश को जगान की सवा-साधना कयनवार सवाभी ववशदधानॊदजी वषो की एकाॊत साधना औय वषो-वषो की गरसवा स अऩना दहाधमास औय ऩाशवी वासनाएॉ मभटाकय अऩन ईशवयीम
अॊश को ववकमसत कयनवार बायत क अनक भहाऩरषो भ स थ | उनक जीवन की औय बी अरौककक घटनाओॊ का वणगन आता ह | ऐस सतऩरषो क जीवन-िरयतर औय उनक जीवन भ घटटत घटनाएॉ ऩढ़न-सनन स हभ रोग बी अऩनी जड़ता एवॊ ऩशता स ऊऩय उठकय ईशवयीम अॊश को उबायन भ उतसाटहत होत ह | फहत ऊॉ िा काभ ह फड़ी शरदधा फड़ी सभझ फड़ा धमग िाटहए ईशवयीम साभमग को ऩणग रऩ स ववकमसत कयन भ | अफ आओ
िर आदय शॊकयािामग की ओय
नदी की धाया भड़ गमी
आदय शॊकयािामग की भाता ववमशषटा दवी अऩन करदवता कशव की ऩजा कयन जाती थीॊ | व ऩहर नदी भ सनान कयतीॊ औय कफ़य भॊटदय भ जाकय ऩजन कयतीॊ | एक टदन व परातकार ही ऩजन-साभगरी रकय भॊटदय की ओय गमीॊ ककॊ त सामॊकार तक घय नहीॊ रौटीॊ | शॊकयािामग की आम अबी सात-आठ वषग क भधम भ ही थी | व ईशवय क ऩयभ बकत औय ननषठावान थ | सामॊकार तक भाता क वाऩस न रौटन ऩय आिामग को फड़ी चिनता हई औय व उनह खोजन क मरए ननकर ऩड़ | भॊटदय क ननकट ऩहॉिकय उनहोन भाता को भागग भ ही भजचछगत ऩड़ दखा | उनहोन फहत दय तक भाता का उऩिाय ककमा तफ व होश भ आ सकीॊ |
नदी अचधक दय थी | वहाॉ तक ऩहॉिन भ भाता को फड़ा कषट होता था | आिामग न बगवान स भन-ही-भन पराथगना की कक परबो ककसी परकाय नदी की धाया को भोड़ दो जजसस कक
भाता ननकट ही सनान कय सक | व इस परकाय की पराथगना ननतम कयन रग | एक टदन उनहोन दखा कक नदी की धाया ककनाय की धयती को काटती-काटती भड़न रगी ह तथा कछ टदनो भ ही वह आिामग शॊकय क घय क ऩास फहन रगी | इस घटना न आिामग का अरौककक शकतकतसमऩनन होना परमसदध कय टदमा |
सकषभ शयीय स िोय का ऩीछा ककमा
हरयहय फाफा की फड़ी परमसवदध थी | एक फाय व हयऩारऩय सटशन ऩय थ | वहाॉ क सटशन भासटय न उनको एक िोय सऩदग ककमा | िोय न फाफा स कहा भहायाज भझ इतनी छटटी द दीजजम कक भ अऩन फार-फचिो का परफॊध कय आऊॉ | फाफा गाड़ी आन ऩय रौट आना | िोय िरा गमा | सटशन भासटय को ऩता िरा तो वह फाफा ऩय गभग हआ औय फोरा उसक फदर तमह जर की हवा खानी होगी | तभन जान-फझकय उस बगा टदमा ह | फाफा घफयाओ भत गाड़ी आन स ऩहर ही वह रौट आमगा | िोय की नीमत ठीक नहीॊ थी | वह जॊगर क भागग स अऻात सथान को बाग जाना िाहता था ककॊ त उस हय सभम मही परतीत होता यहा कक हरयहय फाफा डॊडा पटकायत हए उसक ऩीछ-ऩीछ िर आ यह ह | इसीमरए वह गाड़ी आन स ऩहर ही रौट आमा |
भॊगरी फाधा-ननवायण भॊतर
अॊ याॊ अॊ
इस भॊतर को १०८ फाय जऩन स करोध दय होता ह | जनभकनडरी भ भॊगरी मोग होन स जजनक वववाह न हो यह हो व २७ भॊगरवाय इस भॊतर का १०८ फाय जऩ कयत हए वरत यखकय हनभानजी ऩय मसॊदय का िोरा िढ़ाम | इसस भॊगर-फाधा का म होता ह |
सखऩवगक परसवकायक भॊतर
ऩहरा उऩाम
एॊ हीॊ बगवनत बगभामरनन िर िर भराभम भराभम ऩषऩॊ ववकासम ववकासम सवाहा |
इस भॊतर दवाया अमबभॊबतरत दध गमबगणी सतरी को वऩराम तो सखऩवगक परसव होगा |
दसया उऩाम
गमबगणी सतरी सवमॊ परसव क सभम जमबरा-जमबरा जऩ कय |
तीसया उऩाम
दशी गाम क गोफय का १२ स १५ मभरी यस ॐ नभो नायामणाम भॊतर का २१ फाय जऩ कयक ऩीन स बी परसव-फाधाएॉ दय होगी औय बफना ऑऩयशन क परसव होगा |
परसनत क सभम अभॊगर की आशॊका हो तो ननमन भॊतर का जऩ कय
सवगभॊगर भाॊगपम मशव सवागथग साचधक |
शयणम तरममफक गौयी नायामणी नभोSसतत ||
(दगागसिशती)
शकतकतशारी व गोय ऩतर की परानि क मरए
सगबागवसथा भ ढाक (ऩराश खाखया) का एक कोभर ऩतता घोटकय गौ-दगध क साथ योज सवन कयन स फारक शकतकतशारी औय गोया होता ह | भाता-वऩता बर कार-करट हो कपय बी फारक गोया होगा |
सदगर-भटहभा
गर बफन बव ननचध तय न कोई |
जौ फयॊचि सॊकय सभ होई ||
-सॊत तरसीदासजी
हरयहय आटदक जगत भ ऩजमदव जो कोम |
सदगर की ऩजा ककम सफकी ऩजा होम ||
-ननशचरदासजी भहायाज
सहजो कायज सॊसाय को गर बफन होत नाॉही |
हरय तो गर बफन कमा मभर सभझ र भन भाॉही ||
-सॊत कफीयजी सॊत
सयनन जो जन ऩय सो जन उधयनहाय | सॊत की ननॊदा नानका फहरय फहरय अवताय ||
-गर नानक दवजी
गरसवा सफ बागमो की जनभबमभ ह औय वह शोकाकर रोगो को बरहमभम कय दती ह |
गररऩी समग अववदयारऩी याबतर का नाश कयता ह औय ऻानाऻान रऩी मसतायो का रोऩ कयक फवदधभानो को आतभफोध का सटदन टदखाता ह |
-सॊत ऻानशवय भहायाज
सतम क कॊ टकभम भागग भ आऩको गर क मसवाम औय कोई भागगदशगन नहीॊ द सकता |
- सवाभी मशवानॊद सयसवती
ककतन ही याजा-भहायाजा हो गम औय होग सामजम भकतकत कोई नहीॊ द सकता | सचि याजा-भहायाज तो सॊत ही ह | जो उनकी शयण जाता ह वही सचिा सख औय सामजम भकतकत ऩाता ह |
-सभथग शरी याभदास सवाभी
भनषम िाह ककतना बी जऩ-तऩ कय मभ-ननमभो का ऩारन कय ऩयॊत जफ तक सदगर की कऩादवषट नहीॊ मभरती तफ तक सफ रवमथग ह |
-सवाभी याभतीथग
परटो कहत ह कक सकयात जस गर ऩाकय भ धनम हआ |
इभसगन न अऩन गर थोयो स जो पराि ककमा उसक भटहभागान भ व बावववबोय हो जात थ |
शरी याभकषण ऩयभहॊस ऩणगता का अनबव कयानवार अऩन सदगरदव की परशॊसा कयत नहीॊ अघात थ |
ऩजमऩाद सवाभी शरी रीराशाहजी भहायाज बी अऩन सदगरदव की माद भ सनह क आॉस
फहाकय गदगद कॊ ठ हो जात थ |
ऩजम फाऩजी बी अऩन सदगरदव की माद भ कस हो जात ह मह तो दखत ही फनता ह |
अफ हभ उनकी माद भ कस होत ह मह परशन ह | फटहभगख ननगय रोग कछ बी कह साधक को अऩन सदगर स कमा मभरता ह इस तो साधक ही जानत ह |
रडी भाटटगन क सहाग की या कयन अपगाननसतान भ परकट मशवजी
साध सॊग सॊसाय भ दरगब भनषम शयीय |
सतसॊग सववत ततव ह बतरववध ताऩ की ऩीय ||
भानव-दह मभरना दरगब ह औय मभर बी जाम तो आचधदववक आचधबौनतक औय आधमाजतभक म तीन ताऩ भनषम को तऩात यहत ह | ककॊ त भनषम-दह भ बी ऩववतरता हो सचिाई हो शदधता हो औय साध-सॊग मभर जाम तो म बतरववध ताऩ मभट जात ह |
सन १८७९ की फात ह | बायत भ बबरटटश शासन था उनहीॊ टदनो अॊगरजो न अपगाननसतान ऩय आकरभण कय टदमा | इस मदध का सॊिारन आगय भारवा बबरटटश छावनी क रजफ़टनट कनगर भाटटगन को सौऩा गमा था | कनगर भाटटगन सभम-सभम ऩय मदध-तर स अऩनी ऩतनी को कशरता क सभािाय बजता यहता था | मदध रॊफा िरा औय अफ तो सॊदश आन बी फॊद हो गम | रडी भाटटगन को चिॊता सतान रगी कक कहीॊ कछ अनथग न हो गमा हो अपगानी सननको न भय ऩनत को भाय न डारा हो | कदाचित ऩनत मदध भ शहीद हो गम तो भ जीकय कमा करॉ गी -मह सोिकय वह अनक शॊका-कशॊकाओॊ स नघयी यहती थी |
चिनतातय फनी वह एक टदन घोड़ ऩय फठकय घभन जा यही थी | भागग भ ककसी भॊटदय स आती हई शॊख व भॊतर धवनन न उस आकवषगत ककमा | वह एक ऩड़ स अऩना घोड़ा फाॉधकय भॊटदय भ गमी | फजनाथ भहादव क इस भॊटदय भ मशवऩजन भ ननभगन ऩॊकतडतो स उसन ऩछा आऩ रोग कमा कय यह ह एक वरदध बराहमण न कहा हभ बगवान मशव का ऩजन कय यह ह | रडी भाटटगन मशवऩजन की कमा भहतता ह बराहमण फटी बगवान मशव तो औढयदानी ह बोरनाथ ह | अऩन बकतो क सॊकट-ननवायण कयन भ व तननक बी दय नहीॊ कयत ह | बकत उनक दयफाय भ जो बी भनोकाभना रकय क आता ह उस व शीघर ऩयी कयत ह ककॊ त फटी तभ फहत चिजनतत औय उदास नजय आ यही हो कमा फात ह रडी भाटटगन भय ऩनतदव मदध भ गम ह औय ववगत कई टदनो स उनका कोई
सभािाय नहीॊ आमा ह | व मदध भ पॉ स गम ह मा भाय गम ह कछ ऩता नहीॊ िर यहा | भ उनकी ओय स फहत चिजनतत हॉ | इतना कहत हए रडी भाटटगन की आॉख नभ हो गमीॊ |
बराहमण तभ चिनता भत कयो फटी मशवजी का ऩजन कयो उनस पराथगना कयो रघररी कयवाओ | बगवान मशव तमहाय ऩनत का यण अवशम कयग |
ऩॊकतडतो की सराह ऩय उसन वहाॉ गमायह टदन का ॐ नभ मशवाम भॊतर स रघररी अनषठान परायॊब ककमा तथा परनतटदन बगवान मशव स अऩन ऩनत की या क मरए पराथगना कयन रगी कक ह बगवान मशव ह फजनाथ भहादव मटद भय ऩनत मदध स सकशर रौट आम तो भ आऩका मशखयफॊद भॊटदय फनवाऊॉ गी | रघररी की ऩणागहनत क टदन बागता हआ एक सॊदशवाहक मशवभॊटदय भ आमा औय रडी भाटटगन को एक मरपापा टदमा | उसन घफयात-घफयात वह मरपापा खोरा औय ऩढ़न रगी |
ऩतर भ उसक ऩनत न मरखा था हभ मदध भ यत थ औय तभ तक सॊदश बी बजत यह रककन आक ऩठानी सना न घय मरमा | बबरटटश सना कट भयती औय भ बी भय जाता |
ऐसी ववकट ऩरयजसथनत भ हभ नघय गम थ कक पराण फिाकय बागना बी अतमाचधक कटठन था | इतन भ भन दखा कक मदधबमभ भ बायत क कोई एक मोगी जजनकी फड़ी रमफी जटाएॉ ह हाथ भ तीन नोकवारा एक हचथमाय (बतरशर) इतनी तीवर गनत स घभ यहा था कक ऩठान सननक उनह दखकय बागन रग | उनकी कऩा स घय स हभ ननकरकय ऩठानो ऩय वाय कयन का भौका मभर गमा औय हभायी हाय की घकतड़माॉ अिानक जीत भ फदर गमीॊ | मह सफ बायत क उन फाघामफयधायी एवॊ तीन नोकवारा हचथमाय धायण ककम हए
(बतरशरधायी) मोगी क कायण ही समबव हआ | उनक भहातजसवी रवमकतकततव क परबाव स दखत-ही-दखत अपगाननसतान की ऩठानी सना बाग खड़ी हई औय व ऩयभ मोगी भझ
टहमभत दत हए कहन रग | घफयाओॊ नहीॊ | भ बगवान मशव हॉ तथा तमहायी ऩतनी की ऩजा स परसनन होकय तमहायी या कयन आमा हॉ उसक सहाग की या कयन आमा हॉ |
ऩतर ऩढ़त हए रडी भाटटगन की आॉखो स अववयत अशरधाया फहती जा यही थी उसका रदम अहोबाव स बय गमा औय वह बगवान मशव की परनतभा क समभख मसय यखकय पराथगना कयत-कयत यो ऩड़ी | कछ सिाह फाद उसका ऩनत कनगर भाटटगन आगय छावनी रौटा | ऩतनी न उस सायी फात सनात हए कहा आऩक सॊदश क अबाव भ भ चिजनतत हो उठी थी रककन बराहमणो की सराह स मशवऩजा भ रग गमी औय आऩकी या क मरए बगवान मशव स पराथगना कयन रगी | उन द खबॊजक भहादव न भयी पराथगना सनी औय आऩको सकशर रौटा टदमा | अफ तो ऩनत-ऩतनी दोनो ही ननममभत रऩ स फजनाथ भहादव क भॊटदय भ ऩजा-अिगना कयन रग | अऩनी ऩतनी की इचछा ऩय कनगर भाटटगन भ सन १८८३
भ ऩॊरह हजाय रऩम दकय फजनाथ भहादव भॊटदय का जीणोदवाय कयवामा जजसका मशरारख आज बी आगय भारवा क इस भॊटदय भ रगा ह | ऩय बायतबय भ अॊगरजो दवाय ननमभगत मह एकभातर टहनद भॊटदय ह |
मयोऩ जान स ऩवग रडी भाटटगन न ऩकतड़तो स कहा हभ अऩन घय भ बी बगवान मशव का भॊटदय फनामग तथा इन द ख-ननवायक दव की आजीवन ऩजा कयत यहग |
बगवान मशव भ बगवान कषण भ भाॉ अमफा भ आतभवतता सदगर भ सतता तो एक ही ह | आवशमकता ह अटर ववशवास की | एकररवम न गरभनत ग भ ववशवास कय वह पराि कय मरमा जो अजगन को कटठन रगा | आरणण उऩभनम रव परहराद आटद अनम सकड़ो उदायहण हभाय साभन परतम ह | आज बी इस परकाय का सहमोग हजायो बकतो को साधको को बगवान व आतभवतता सदगरओॊ क दवाया ननयनतय पराि होता यहता ह | आवशमकता ह तो फस कवर ववशवास की |
भहाभतमॊजम भॊतर
ॐ हौ जॉ स |
ॐ बबगव सव |
ॐ तरममफकॊ मजाभह सगॊचध ॊ ऩवषटवधगनभ |
उवागरकमभव फनधनानभतमोभगीम भाभतात |
सव भव ब ॐ |
स जॉ हौ ॐ |
बगवान मशव का मह भहाभतमॊजम जऩन स अकार भतम तो टरती ही ह आयोगमता की बी परानि होती ह | सनान कयत सभम शयीय ऩय रोट स ऩानी डारत वकत इस भॊतर का जऩ कयन स सवासम-राब होता ह | दध भ ननहायत हए इस भॊतर का जाऩ ककमा जाम औय कपय वह दध ऩी मरमा जम तो मौवन की सया भ बी सहामता मभरती ह | आजकर की तज यफ़तायवारी जजनदगी भ कहाॉ आतॊक उऩरव दघगटना हो जाम कहना भजशकर ह | घय स ननकरत सभम एक फाय मह भॊतर जऩनवारा इन उऩदरवो स सयकषत यहता ह औय सयकषत घय रौटता ह | (इस भॊतरानषठान क ववचध-ववधान की ववसतत जानकायी क मरए आशरभ दवाया परकामशत आयोगमननचध ऩसतक ऩढ़ |) शरीभदबागवत क आठव सकॊ ध भ तीसय अधमाम क शलोक १ स ३३ तक भ वणणगत गजनरभो सतोतर का ऩाठ कयन स तभाभ
ववधन दय होत ह |
री | ततऩशचात भ ननममभत रऩ स जऩ-धमान- पराणामाभ कयता था जजसस भझ फहत राब हआ | ऩजम फऩजी की कऩा औय सायसवतम भॊतर जाऩ क परबाव स भझ १२ वीॊ की फोड़ग की ऩरया भ ८४६ परनतशत अॊक मभर |
-ववयनर कभाय कौमशक
डोगयगाॉव जज याजनाॊदगाॉव (छग)
बौनतक मग क अॊधकाय भ ऻान की जमोनत ऩजम फाऩ
भादक ननमॊतरण बमयो बायत सयकाय क भहाननदशक शरी एिऩी कभाय ९ भई को अभदावाद आशरभ भ सतसॊग-कामगकरभ क दौयान ऩजम फाऩ स आशीवागद रन ऩहॉि | फड़ी ववनमरता एवॊ शरदधा क साथ उनहोन ऩजम फाऩ क परनत अऩन उदगाय भ कहा जजस रवमकतकत क ऩास वववक नहीॊ ह वह अऩन रकषम तक नहीॊ ऩहॉि सकता ह औय वववक को पराि कयन का साधन ऩजम आसायाभजी फाऩ जस भहान सॊतो का सतसॊग ह | ऩजम फाऩ स भया परथभ ऩरयिम टीवी क भाधमभ स हआ | ततऩशचात भझ आशरभ दवाय परकामशत कवष परसाद भामसक पराि हआ | उस सभम भझ रगा कक एक ओय जहाॉ इस बौनतक मग क अॊधकाय भ भानव बटक यहा ह वहीॊ दसयी ओय शाॊनत की भॊद-भॊद सगॊचधत वाम बी िर यही ह | मह ऩजम फाऩ क सतसॊग का ही परबाव ह | ऩजमशरी क दशगन कयन का जो सौबागम भझ पराि हआ ह इसस भ अऩन को कतकतम भानता हॉ | ऩजम फाऩ क शरीभख स जो अभत वषाग होती ह तथा इनक सतसॊग स कयोड़ो रदमो भ जो जमोनत जगती ह व इसी परकाय स जगती यह औय आन वार रॊफ सभम तक ऩजमशरी हभ सफ का भागगदशगन कयत यह मही भयी काभना ह | ऩजम फाऩ क शरीियणो भ भय परणाभ
-शरी एिऩी कभाय भहाननदशक भादक ननमॊतरण बमयो बायत सयकाय
गरकऩा ऐसी हई कक अॉधय तो कमा दय बी नहीॊ हई
ऩयभ कऩार फाऩजी क शरीियणो भ भय कोटट-कोटट वॊदन भ एक इसभाइरी खवाजा हॉ तथा अऩन धभग भ अकतडग हॉ | िाय वषग ऩवग कछ रोगो दवाया एक सननमोजजत मोजना फनाकय भझ जफयदसती भडगय कस का आयोऩी फना टदमा गमा था | इसस भझ कहीॊ शाॊनत नहीॊ मभर यही थी | २८ पयवयी १९९७ को भझ नागऩय भ आमोजजत फाऩजी क सतसॊग भ जान की परयणा मभरी औय ४ भािग १९९७ को भन फाऩजी स भॊतरदीा री | भ उनस भन-
ही-भन ववनती की कक ह गरदव भझ फिा रो | गरकऩा ऐसी हई कक ७ जनवयी १९९८ को भझ अदारत न ऩाक-साप फयी कय टदमा फाकी छ आयोवऩमो को सजा हई | धनम ह ऐस भय सदगर उनक शरीियणो भ भय कोटट-कोटट वनदन
-यहभान खान ननशान छाफड़ी (बफछआ) जज नछनदवाड़ा (भपर)
भजसरभ भटहरा को पराणदान
२७ मसतमफय २००० को जमऩय भ भय ननवास ऩय ऩजम फाऩ का आतभ-साातकाय टदवस
भनामा गमा जजसभ भय ऩड़ोस की भजसरभ भटहरा नाथी फहन क ऩनत शरी भाॉग खाॉ न बी ऩजम फाऩ की आयती की औय ियणाभत मरमा | ३-४ टदन फाद ही व भजसरभ दॊऩनत खवाजा साटहफ क उसग भ अजभय िर गम | टदनाॊक ४ अकटफय २००० को अजभय क उसग भ असाभाजजक ततवो न परसाद भ जहय फाॉट टदमा जजसस उसग भर भ आम कई दशगनाथी असवसथ हो गम औय कई भय बी गम | भय ऩड़ोस की नाथी फहन न बी वह परसाद खामा औय थोड़ी दय भ ही वह फहोश हो गमी | अजभय भ उसका उऩिाय ककमा गमा ककॊ त उस होश न आमा | दसय टदन ही उसका ऩनत उस अऩन घय र आमा | कॉरोनी क सबी ननवासी उसकी हारत दखकय कह यह थ कक अफ इसका फिना भजशकर ह | भ बी उस दखन गमा | वह फहोश ऩड़ी थी | भ जोय-जोय स हरय ॐ हरय ॐ का उचिायण ककमा तो वह थोड़ा टहरन रगी | भझ परयणा हई औय भ ऩन घय गमा | ऩजम फाऩ स पराथगना की | ३-४ घॊट फाद ही वह भटहरा ऐस उठकय खड़ी हो गमी भानो सोकय उठी हो | उस भटहरा न फतामा कक भय िािा ससय ऩीय ह औय उनहोन भय ऩनत क भॉह स फोरकय फतामा कक तभन २७ मसतमफय २००० को जजनक सतसॊग भ ऩानी वऩमा था उनहीॊ सपद दाढ़ीवार फाफा न तमह फिामा ह कसी करणा ह गरदव की
-जएर ऩयोटहत
८७ सपतान नगय जमऩय (याज)
उस भटहरा का ऩता ह -शरीभती नाथी
ऩतनी शरी भाॉग खाॉ १०० सपतान नगय गजगय की धड़ी नम साॊगानय योड़
जमऩय (याज)
हरयनाभ की पमारी न छड़ामी शयाफ की फोतर
सौबागमवश गत २६ टदसमफय १९९८ को ऩजमशरी क १६ मशषमो की एक टोरी टदपरी स हभाय गाॉव भ हरयनाभ का परिाय-परसाय कयन ऩहॉिी | भ फिऩन स ही भटदयाऩान धमरऩान व मशकाय कयन का शौकीन था | ऩजम फाऩ क मशषमो दवाया हभाय गाॉव भ जगह-जगह ऩय तीन टदन तक रगाताय हरयनाभ का कीतगन कयन स भझ बी हरयनाभ का यॊग रगता जा यहा था | उनक जान क एक टदन क ऩशचात शाभ क सभम योज की बाॊनत भन शयाफ की फोतर ननकारी | जस ही फोतर खोरन क मरए ढककन घभामा तो उस ढककन क घभन स भझ हरय ॐ हरय ॐ की धवनन सनामी दी | इस परकाय भन दो-तीन फाय ढककन घभामा औय हय फाय भझ हरय ॐ की धवनन सनामी दी | कछ दय फाद भ उठा तथा ऩजमशरी क एक मशषम क घय गमा | उनहोन थोड़ी दय भझ ऩजमशरी की अभतवाणी सनामी | अभतवाणी सनन क फाद भया रदम ऩकायन रगा कक इन दरवमगसनो को तमाग दॉ | भन तयॊत फोतर उठामी तथा जोय-स दय खत भ प क दी | ऐस सभथग व ऩयभ कऩार सदगरदव को भ रदम स परणाभ कयता हॉ जजनकी कऩा स मह अनोखी घटना भय जीवन भ घटी जजसस भया जीवन ऩरयवनतगत हआ |
-भोहन मसॊह बफषट
मबखमासन अपभोड़ा (उपर)
ऩय गाॉव की कामाऩरट
ऩजमशरी स टदनाॊक २७६९१ को दीा रन क फाद भन रवमवसनभकतकत क परिाय-परसाय का रकषम फना मरमा | भ एक फाय कौशरऩय (जज शाजाऩय) ऩहॉिा | वहाॉ क रोगो क रवमवसनी औय रड़ाई-झगड़ मकत जीवन को दखकय भन कहा आऩ रोग भनषम-जीवन सही अथग ही नहीॊ सभझत ह | एक फाय आऩ रोग ऩजम फाऩजी क दशगन कय र तो आऩको सही जीवन जीन की कॊ जी मभर जामगी | गाॉव वारो न भयी फात भान री औय दस रवमकतकत भय गाॉव ताजऩय आम | भन एक साधक को उनक साथ जनभाषटभी भहोतसव भ सयत बजा | ऩजम फाऩजी की उन ऩय कऩा फयसी औय सफको गरदीा मभर गमी | जफ व रोग अऩन गाॉव ऩहॉि तो सबी गाॉववामसमो को फड़ा कौतहर था कक ऩजम फाऩजी कस ह फाऩजी की रीराएॉ सनकय गाॉव क अनम रोगो भ बी ऩजम फाऩजी क परनत शरदधा जगी | उन दीकषत साधको न सबी गाॉववारो को सववधानसाय ऩजम फाऩजी क अरग-अरग आशरभो भ
बजकय दीा टदरवा दी | गाॉव क सबी रवमकतकत अऩन ऩय ऩरयवाय सटहत दीकषत हो िक ह | परतमक गरवाय को ऩय गाॉव भ एक सभम बोजन फनता ह | सबी रोग गरवाय का वरत यखत ह | कौशरऩय गाॉव क परबाव स आस-ऩास क गाॉववार एवॊ उनक रयशतदायो सटहत १००० रवमकतकतमो शयाफ छोड़कय दीा र री ह | गाॉव क इनतहास भ तीन-तीन ऩीढ़ी स कोई भॊटदय नहीॊ था | गाॉववारो न ५ राख रऩम रगाकय दो भॊटदय फनवाम ह | ऩया गाॉव रवमवसनभकत एवॊ बगवतबकत फन गमा ह मह ऩजम फाऩजी की कऩा नहीॊ तो औय कमा ह सफक तायणहाय ऩजम फाऩजी क शरीियणो भ कोटट-कोटट परणाभ
-शमाभ परजाऩनत (सऩयवाइजय नतरहन सॊघ) ताजऩय उजजन (भपर)
नतरबफ ॊद का िभतकाय
भया सौबागम ह कक भझ सॊतकऩा नतरबफॊद (आई डरॉपस) का िभतकाय दखन को मभरा |
एक सॊत फाफा मशवयाभदास उमर ८० वषग गीता कटटय तऩोवन झाड़ी सिसयोवय हरयदवाय भ यहत ह | उनकी दाटहनी आॉख क सपद भोनतम का ऑऩयशन शाॉनतकॊ ज हरयदवाय आमोजजत कमऩ भ हआ | कस बफगड़ गमा औय कार भोनतमा फन गमा | ददग यहन रगा औय योशनी घटन रगी | दोफाया बभाननद नतर चिककतसारम भ ऑऩयशन हआ | एबसपमट गरकोभा फतात हए कहा कक ऑऩयशन स मसयददग ठीक हो जामगा ऩय योशनी जाती यहगी | ऩयॊत अफ व फाफा सॊत शरी आसायाभजी आशरभ दवाय ननमभगत सॊतकऩा नतरबफॊद सफह-शाभ डार यह ह | भन उनक नतरो का ऩयीण ककमा | उनकी दाटहनी आॉख भ उॉगरी चगनन रामक योशनी वाऩस आ गमी ह | कार भोनतम का परशय नॉभगर ह | कोननगमा भ सजन नहीॊ ह | व कापी सॊतषट ह | व फतात ह आॉख ऩहर रार यहती थी ऩयॊत अफ नहीॊ ह | आशरभ क नतरबफॊद स कपऩनातीत राब हआ | फामीॊ आॉख भ बी उनह सपद भोनतमा फतामा गमा था औय सॊशम था कक शामद कारा भोनतमा बी ह | ऩय आज फामीॊ आॉख बी ठीक ह औय दोनो आॉखो का परशय बी नॉभगर ह | सपद भोनतमा नहीॊ ह औय योशनी कापी अचछी ह |
मह सॊतकऩा नतरफॊद का ववरण परबाव दखकय भ बी अऩन भयीजो को इसका उऩमोग कयन की सराह दॉगा |
-डॉ अननत कभाय अगरवार (नतरयोग ववशषऻ)
एभफीफीएस एभएस (नतर) डीओएभएस (आई) सीताऩय सहायनऩय (उपर)
ऩजमशरी की तसवीय स मभरी परयणा
सवगसभथग ऩयभ ऩजम शरी फाऩजी क ियणकभरो भ भया कोटट-कोटट नभन १९८४ क बकॊ ऩ स समऩणग उततय बफहाय भ कापी नकसान हआ था जजसकी िऩट भ हभाया घय बी था | ऩरयजसथनतवश भझ नौवी का भ ऩढ़ामी छोड़ दनी ऩड़ी | ककसी मभतर की सराह स भ नौकयी ढॉढ़न क मरए टदपरी गमा रककन वहाॉ बी ननयाशा ही हाथ रगी | भ दो टदन स बखा तो था ही ऊऩय स नौकयी की चिॊता | अत आतभहतमा का वविाय कयक यरव सटशन की ओय िर ऩड़ा | यानीफाग फाजाय भ एक दकान ऩय ऩजमशरी का सतसाटहतम
कसट आटद यखा हआ था एवॊ ऩजमशरी की फड़ आकाय की तसवीय बी टॉगी थी | ऩजमशरी की हॉसभख एवॊ आशीवागद की भरावारी उस तसवीय ऩय भयी नजय ऩड़ी तो १० मभनट तक भ वहीॊ सड़क ऩय स ही खड़-खड़ उस दखता यहा | उस वकत न जान भझ कमा मभर गमा भ काभ बर भजदयी का ही कयता हॉ रककन तफस रकय आज तक भय चितत भ फड़ी परसननता फनी हई ह | न जान भयी जजनदगी की कमा दशा होती अगय ऩजम फाऩजी की मवाधन सया ईशवय की ओय ननजशचनत जीवन ऩसतक औय कवष परसाद ऩबतरका हाथ न रगती ऩजमशरी की तसवीय स मभरी परयणा एवॊ उनक सतसाटहतम न भयी डफती नमा को भानो भझदाय स फिा मरमा | धनबागी ह साटहतम की सवा कयन वार जजनहोन भझ आतभहतमा क ऩाऩ स फिामा |
-भहश शाह
नायामणऩय दभया जज सीताभढ़ी (बफहाय)
भॊतर स राब
भयी भाॉ की हारत अिानक ऩागर जसी हो गमी थी भानो कोई बत-परत-डाककनी मा आसयी ततव उनभ घस गमा | भ फहत चिॊनतत हो गमा एवॊ एक साचधका फहन को पोन ककमा | उनहोन बत-परत बगान का भॊतर फतामा जजसका वणगन आशरभ स परकामशत आयोगमननचध ऩसतक भ बी ह | वह भॊतर इस परकाय ह
ॐ नभो बगवत रर बयवाम बतपरत म कर कर हॊ पट सवाहा |
इस भॊतर का ऩानी भ ननहायकय १०८ फाय जऩ ककमा औय वही ऩानी भाॉ को वऩरा टदमा |
तयॊत ही भाॉ शाॊनत स सो गमीॊ | दसय टदन बी इस भॊतर की ऩाॉि भारा कयक भाॉ को वह जर वऩरामा तो भाॉ बफपकर ठीक हो गमीॊ | ह भय साधक बाई-फहनो बत-परत बगान क
मरए अरा फाॉधॉ फरा फाॉधॉ ऐसा कयक झाड़-फ़ॉ क कयनवारो क िककय भ ऩड़न की जरयत नहीॊ ह | इसक मरए तो ऩजम फाऩजी का भॊतर ही तायणहाय ह | ऩजम फाऩजी क शरीियणो भ कोटट-कोटट परणाभ
-िॊऩकबाई एन ऩटर (अभरयका)
काभ करोध ऩय ववजम ऩामी
एक टदन भॊफई भर भ टटकट िककॊ ग कयत हए भ वातानकमरत फोगी भ ऩहॉिा | दखा तो भखभर की गददी ऩय टाट का आसन बफछाकय सवाभी शरी रीराशाहजी भहायाज सभाचधसथ ह | भझ आशचमग हआ कक जजन परथभ शरणी की वातानकमरत फोचगमो भ याजा-भहायाजा मातरा कयत ह ऐसी फोगी औय तीसयी शरणी की फोगी क फीि इन सॊत को कोई बद नहीॊ रगता | ऐसी फोचगमो भ बी व सभाचधसथ होत ह मह दखकय मसय झक जाता ह | भन ऩजम भहायाजशरी को परणाभ कयक कहा आऩ जस सॊतो क मरए तो सफ एक सभान ह |
हय हार भ एकयस यहकय आऩ भकतकत का आनॊद र सकत ह | रककन हभाय जस गरहसथो को कमा कयना िाटहए ताकक हभ बी आऩ जसी सभता फनाम यखकय जीवन जी सक
ऩजम भहायाजजी न कहा काभ औय करोध को त छोड़ द तो त बी जीवनभकत हो सकता ह | जहाॉ याभ तहॉ नहीॊ काभ जहाॉ काभ तहॉ नहीॊ याभ | औय करोध तो बाई बसभासय ह | वह तभाभ ऩणम को जराकय बसभ कय दता ह अॊतकयण को भमरन कय दता ह | भन कहा परब अगय आऩकी कऩा होगी तो भ काभ-करोध को छोड़ ऩाऊॉ गा | ऩजम भहायाजजी न कहा बाई कऩा ऐस थोड़ ही की जाती ह सॊतकऩा क साथ तया ऩरषाथग औय दढ़ता बी िाटहए | ऩहर त परनतऻा कय कक त जीवनऩमगनत काभ औय करोध स दय यहगा तो भ तझ आशीवागद दॉ | भन कहा भहायाजजी भ जीवनबय क मरए परनतऻा तो करॉ रककन उसका ऩारन न कय ऩाऊॉ तो झठा भाना जाऊॉ गा | ऩजम भहायाजजी न कहा अचछा ऩहर त भय सभ आठ टदन क मरए परनतऻा कय | कपय परनतऻा को एक-एक टदन फढ़त जाना | इस परकाय त उन फराओॊ स फि सकगा | ह कफर भन हाथ जोड़कय कफर ककमा | ऩजम भहायाजजी न आशीवागद दकय दो-िाय पर परसाद भ टदम | ऩजम भहायाजजी न भयी जो दो कभजोरयमाॉ थीॊ उन ऩय ही सीधा हभरा ककमा था | भझ आशचमग हआ कक अनम कोई बी दगगण छोड़न का न कहकय इन दो दगगणो क मरए ही उनहोन परनतऻा कमो कयवामी फाद भ भ इस याज स अवगत हआ |
दसय टदन भ ऩसनजय टरन भ कानऩय स आग जा यहा था | सफह क कयीफ नौ फज थ |
तीसयी शरणी की फोगी भ जाकय भन माबतरमो क टटकट जाॉिन का कामग शर ककमा | सफस
ऩहर फथग ऩय सोम हए एक मातरी क ऩास जाकय भन एक मातरी क ऩास जाकय भन टटकट टदखान को कहा तो वह गससा होकय भझ कहन रगा अॊधा ह दखता नहीॊ कक भ सो गमा हॉ भझ नीॊद स जगान का तझ कमा अचधकाय ह मह कोई यीत ह टटकट क फाय भ ऩछन की ऐसी ही अकर ह तयी ऐसा कछ-का-कछ वह फोरता ही गमा फोरता ही गमा | भ बी करोधाववषट होन रगा ककॊ त ऩजम भहायाजजी क सभ री हई परनतऻा भझ माद थी अत करोध को ऐस ऩी गमा भानो ववष की ऩकतड़मा भन उस कहा भहाशम आऩ ठीक ही कहत ह कक भझ फोरन की अकर नहीॊ ह बान नहीॊ ह | दखो भय म फार धऩ भ सपद हो गम ह | आऩभ फोरन की अकर अचधक ह नमरता ह तो कऩा कयक मसखाओॊ कक टटकट क मरए भझ ककस परकाय आऩस ऩछना िाटहए | भ रािाय हॉ कक डमटी क कायण भझ टटकट िक कयना ऩड़ यहा ह इसमरए भ आऩको कषट द यहा हॉ|
औय कफ़य भन खफ परभ स हाथ जोड़कय ववनती की बमा कऩा कयक कषट क मरए भझ भा कयो | भझ अऩना टटकट टदखामग भयी नमरता दखकय वह रजजजत हो गमा एवॊ तयॊत उठ फठा | जपदी-जपदी नीि उतयकय भझस भा भाॉगत हए कहन रगा भझ भाप कयना | भ नीॊद भ था | भन आऩको ऩहिाना नहीॊ था | अफ आऩ अऩन भॉह स भझ कह कक आऩन भझ भाफ़ ककमा मह दखकय भझ आनॊद औय सॊतोष हआ | भ सोिन रगा कक सॊतो की आऻा भानन भ ककतनी शकतकत औय टहत ननटहत ह सॊतो की करणा कसा िभतकारयक ऩरयणाभ राती ह वह रवमकतकत क पराकनतक सवबाव को बी जड़-भर स फदर सकती ह | अनमथा भझभ करोध को ननमॊतरण भ यखन की कोई शकतकत नहीॊ थी | भ ऩणगतमा असहाम था कपय बी भझ भहायाजजी की कऩा न ही सभथग फनामा | ऐस सॊतो क शरीियणो भ कोटट-कोटट नभसकाय
-शरी यीजभर
रयटामडग टीटी आई कानऩय
अनम अनबव
जरा हआ कागज
ऩवग रऩ भ एक फाय ऩयभहॊस ववशदधानॊदजी स आनॊदभमी भाॉ की ननकटता ऩानवार सपरमसदध ऩॊकतडत गोऩीनाथ कववयाज न ननवदन ककमा तयणीकानत ठाकय को अरौककक मसवदध पराि हई ह | व बफना दख मा बफना छए ही कागज भ मरखी हई फात ऩढ़ रत ह |
गरदव फोर तभ एक कागज ऩय कछ मरखो औय उसभ आग रगाकय जरा दो |
कववयाजजी न कागज ऩय कछ मरखा औय ऩयी तयह कागज जराकय हवा भ उड़ा टदमा |
उसक फाद गरदव न अऩन तककम क नीि स वही कागज ननकारकय कववयाजजी क आग यख टदमा | मह दखकय उनह फड़ा आशचमग हआ कक मह कागज वही था एवॊ जो उनहोन मरखा था वह बी उस ऩय उनहीॊ क सरख भ मरखा था औय साथ ही उसका उततय बी मरखा हआ दखा | जड़ता ऩशता औय ईशवयता का भर हभाया शयीय ह | जड़ शयीय को भ-भया भानन की ववतत जजतनी मभटती ह ऩाशवी वासनाओॊ की गराभी उतनी हटती ह औय हभाया ईशवयीम अॊश जजतना अचधक ववकमसत होता ह उतना ही मोग-साभमग ईशवयीम साभमग परकट होता ह | बायत क ऐस कई बकतो सॊतो औय मोचगमो क जीवन भ ईशवयीम साभमग दखा गमा ह अनबव ककमा गमा ह उसक ववषम भ सना गमा ह | धनम ह बायतबमभ भ यहनवार बायतीम सॊसकनत भ शरदधा-ववशवास यखनवार अऩन ईशवयीम अॊश को जगान की सवा-साधना कयनवार सवाभी ववशदधानॊदजी वषो की एकाॊत साधना औय वषो-वषो की गरसवा स अऩना दहाधमास औय ऩाशवी वासनाएॉ मभटाकय अऩन ईशवयीम
अॊश को ववकमसत कयनवार बायत क अनक भहाऩरषो भ स थ | उनक जीवन की औय बी अरौककक घटनाओॊ का वणगन आता ह | ऐस सतऩरषो क जीवन-िरयतर औय उनक जीवन भ घटटत घटनाएॉ ऩढ़न-सनन स हभ रोग बी अऩनी जड़ता एवॊ ऩशता स ऊऩय उठकय ईशवयीम अॊश को उबायन भ उतसाटहत होत ह | फहत ऊॉ िा काभ ह फड़ी शरदधा फड़ी सभझ फड़ा धमग िाटहए ईशवयीम साभमग को ऩणग रऩ स ववकमसत कयन भ | अफ आओ
िर आदय शॊकयािामग की ओय
नदी की धाया भड़ गमी
आदय शॊकयािामग की भाता ववमशषटा दवी अऩन करदवता कशव की ऩजा कयन जाती थीॊ | व ऩहर नदी भ सनान कयतीॊ औय कफ़य भॊटदय भ जाकय ऩजन कयतीॊ | एक टदन व परातकार ही ऩजन-साभगरी रकय भॊटदय की ओय गमीॊ ककॊ त सामॊकार तक घय नहीॊ रौटीॊ | शॊकयािामग की आम अबी सात-आठ वषग क भधम भ ही थी | व ईशवय क ऩयभ बकत औय ननषठावान थ | सामॊकार तक भाता क वाऩस न रौटन ऩय आिामग को फड़ी चिनता हई औय व उनह खोजन क मरए ननकर ऩड़ | भॊटदय क ननकट ऩहॉिकय उनहोन भाता को भागग भ ही भजचछगत ऩड़ दखा | उनहोन फहत दय तक भाता का उऩिाय ककमा तफ व होश भ आ सकीॊ |
नदी अचधक दय थी | वहाॉ तक ऩहॉिन भ भाता को फड़ा कषट होता था | आिामग न बगवान स भन-ही-भन पराथगना की कक परबो ककसी परकाय नदी की धाया को भोड़ दो जजसस कक
भाता ननकट ही सनान कय सक | व इस परकाय की पराथगना ननतम कयन रग | एक टदन उनहोन दखा कक नदी की धाया ककनाय की धयती को काटती-काटती भड़न रगी ह तथा कछ टदनो भ ही वह आिामग शॊकय क घय क ऩास फहन रगी | इस घटना न आिामग का अरौककक शकतकतसमऩनन होना परमसदध कय टदमा |
सकषभ शयीय स िोय का ऩीछा ककमा
हरयहय फाफा की फड़ी परमसवदध थी | एक फाय व हयऩारऩय सटशन ऩय थ | वहाॉ क सटशन भासटय न उनको एक िोय सऩदग ककमा | िोय न फाफा स कहा भहायाज भझ इतनी छटटी द दीजजम कक भ अऩन फार-फचिो का परफॊध कय आऊॉ | फाफा गाड़ी आन ऩय रौट आना | िोय िरा गमा | सटशन भासटय को ऩता िरा तो वह फाफा ऩय गभग हआ औय फोरा उसक फदर तमह जर की हवा खानी होगी | तभन जान-फझकय उस बगा टदमा ह | फाफा घफयाओ भत गाड़ी आन स ऩहर ही वह रौट आमगा | िोय की नीमत ठीक नहीॊ थी | वह जॊगर क भागग स अऻात सथान को बाग जाना िाहता था ककॊ त उस हय सभम मही परतीत होता यहा कक हरयहय फाफा डॊडा पटकायत हए उसक ऩीछ-ऩीछ िर आ यह ह | इसीमरए वह गाड़ी आन स ऩहर ही रौट आमा |
भॊगरी फाधा-ननवायण भॊतर
अॊ याॊ अॊ
इस भॊतर को १०८ फाय जऩन स करोध दय होता ह | जनभकनडरी भ भॊगरी मोग होन स जजनक वववाह न हो यह हो व २७ भॊगरवाय इस भॊतर का १०८ फाय जऩ कयत हए वरत यखकय हनभानजी ऩय मसॊदय का िोरा िढ़ाम | इसस भॊगर-फाधा का म होता ह |
सखऩवगक परसवकायक भॊतर
ऩहरा उऩाम
एॊ हीॊ बगवनत बगभामरनन िर िर भराभम भराभम ऩषऩॊ ववकासम ववकासम सवाहा |
इस भॊतर दवाया अमबभॊबतरत दध गमबगणी सतरी को वऩराम तो सखऩवगक परसव होगा |
दसया उऩाम
गमबगणी सतरी सवमॊ परसव क सभम जमबरा-जमबरा जऩ कय |
तीसया उऩाम
दशी गाम क गोफय का १२ स १५ मभरी यस ॐ नभो नायामणाम भॊतर का २१ फाय जऩ कयक ऩीन स बी परसव-फाधाएॉ दय होगी औय बफना ऑऩयशन क परसव होगा |
परसनत क सभम अभॊगर की आशॊका हो तो ननमन भॊतर का जऩ कय
सवगभॊगर भाॊगपम मशव सवागथग साचधक |
शयणम तरममफक गौयी नायामणी नभोSसतत ||
(दगागसिशती)
शकतकतशारी व गोय ऩतर की परानि क मरए
सगबागवसथा भ ढाक (ऩराश खाखया) का एक कोभर ऩतता घोटकय गौ-दगध क साथ योज सवन कयन स फारक शकतकतशारी औय गोया होता ह | भाता-वऩता बर कार-करट हो कपय बी फारक गोया होगा |
सदगर-भटहभा
गर बफन बव ननचध तय न कोई |
जौ फयॊचि सॊकय सभ होई ||
-सॊत तरसीदासजी
हरयहय आटदक जगत भ ऩजमदव जो कोम |
सदगर की ऩजा ककम सफकी ऩजा होम ||
-ननशचरदासजी भहायाज
सहजो कायज सॊसाय को गर बफन होत नाॉही |
हरय तो गर बफन कमा मभर सभझ र भन भाॉही ||
-सॊत कफीयजी सॊत
सयनन जो जन ऩय सो जन उधयनहाय | सॊत की ननॊदा नानका फहरय फहरय अवताय ||
-गर नानक दवजी
गरसवा सफ बागमो की जनभबमभ ह औय वह शोकाकर रोगो को बरहमभम कय दती ह |
गररऩी समग अववदयारऩी याबतर का नाश कयता ह औय ऻानाऻान रऩी मसतायो का रोऩ कयक फवदधभानो को आतभफोध का सटदन टदखाता ह |
-सॊत ऻानशवय भहायाज
सतम क कॊ टकभम भागग भ आऩको गर क मसवाम औय कोई भागगदशगन नहीॊ द सकता |
- सवाभी मशवानॊद सयसवती
ककतन ही याजा-भहायाजा हो गम औय होग सामजम भकतकत कोई नहीॊ द सकता | सचि याजा-भहायाज तो सॊत ही ह | जो उनकी शयण जाता ह वही सचिा सख औय सामजम भकतकत ऩाता ह |
-सभथग शरी याभदास सवाभी
भनषम िाह ककतना बी जऩ-तऩ कय मभ-ननमभो का ऩारन कय ऩयॊत जफ तक सदगर की कऩादवषट नहीॊ मभरती तफ तक सफ रवमथग ह |
-सवाभी याभतीथग
परटो कहत ह कक सकयात जस गर ऩाकय भ धनम हआ |
इभसगन न अऩन गर थोयो स जो पराि ककमा उसक भटहभागान भ व बावववबोय हो जात थ |
शरी याभकषण ऩयभहॊस ऩणगता का अनबव कयानवार अऩन सदगरदव की परशॊसा कयत नहीॊ अघात थ |
ऩजमऩाद सवाभी शरी रीराशाहजी भहायाज बी अऩन सदगरदव की माद भ सनह क आॉस
फहाकय गदगद कॊ ठ हो जात थ |
ऩजम फाऩजी बी अऩन सदगरदव की माद भ कस हो जात ह मह तो दखत ही फनता ह |
अफ हभ उनकी माद भ कस होत ह मह परशन ह | फटहभगख ननगय रोग कछ बी कह साधक को अऩन सदगर स कमा मभरता ह इस तो साधक ही जानत ह |
रडी भाटटगन क सहाग की या कयन अपगाननसतान भ परकट मशवजी
साध सॊग सॊसाय भ दरगब भनषम शयीय |
सतसॊग सववत ततव ह बतरववध ताऩ की ऩीय ||
भानव-दह मभरना दरगब ह औय मभर बी जाम तो आचधदववक आचधबौनतक औय आधमाजतभक म तीन ताऩ भनषम को तऩात यहत ह | ककॊ त भनषम-दह भ बी ऩववतरता हो सचिाई हो शदधता हो औय साध-सॊग मभर जाम तो म बतरववध ताऩ मभट जात ह |
सन १८७९ की फात ह | बायत भ बबरटटश शासन था उनहीॊ टदनो अॊगरजो न अपगाननसतान ऩय आकरभण कय टदमा | इस मदध का सॊिारन आगय भारवा बबरटटश छावनी क रजफ़टनट कनगर भाटटगन को सौऩा गमा था | कनगर भाटटगन सभम-सभम ऩय मदध-तर स अऩनी ऩतनी को कशरता क सभािाय बजता यहता था | मदध रॊफा िरा औय अफ तो सॊदश आन बी फॊद हो गम | रडी भाटटगन को चिॊता सतान रगी कक कहीॊ कछ अनथग न हो गमा हो अपगानी सननको न भय ऩनत को भाय न डारा हो | कदाचित ऩनत मदध भ शहीद हो गम तो भ जीकय कमा करॉ गी -मह सोिकय वह अनक शॊका-कशॊकाओॊ स नघयी यहती थी |
चिनतातय फनी वह एक टदन घोड़ ऩय फठकय घभन जा यही थी | भागग भ ककसी भॊटदय स आती हई शॊख व भॊतर धवनन न उस आकवषगत ककमा | वह एक ऩड़ स अऩना घोड़ा फाॉधकय भॊटदय भ गमी | फजनाथ भहादव क इस भॊटदय भ मशवऩजन भ ननभगन ऩॊकतडतो स उसन ऩछा आऩ रोग कमा कय यह ह एक वरदध बराहमण न कहा हभ बगवान मशव का ऩजन कय यह ह | रडी भाटटगन मशवऩजन की कमा भहतता ह बराहमण फटी बगवान मशव तो औढयदानी ह बोरनाथ ह | अऩन बकतो क सॊकट-ननवायण कयन भ व तननक बी दय नहीॊ कयत ह | बकत उनक दयफाय भ जो बी भनोकाभना रकय क आता ह उस व शीघर ऩयी कयत ह ककॊ त फटी तभ फहत चिजनतत औय उदास नजय आ यही हो कमा फात ह रडी भाटटगन भय ऩनतदव मदध भ गम ह औय ववगत कई टदनो स उनका कोई
सभािाय नहीॊ आमा ह | व मदध भ पॉ स गम ह मा भाय गम ह कछ ऩता नहीॊ िर यहा | भ उनकी ओय स फहत चिजनतत हॉ | इतना कहत हए रडी भाटटगन की आॉख नभ हो गमीॊ |
बराहमण तभ चिनता भत कयो फटी मशवजी का ऩजन कयो उनस पराथगना कयो रघररी कयवाओ | बगवान मशव तमहाय ऩनत का यण अवशम कयग |
ऩॊकतडतो की सराह ऩय उसन वहाॉ गमायह टदन का ॐ नभ मशवाम भॊतर स रघररी अनषठान परायॊब ककमा तथा परनतटदन बगवान मशव स अऩन ऩनत की या क मरए पराथगना कयन रगी कक ह बगवान मशव ह फजनाथ भहादव मटद भय ऩनत मदध स सकशर रौट आम तो भ आऩका मशखयफॊद भॊटदय फनवाऊॉ गी | रघररी की ऩणागहनत क टदन बागता हआ एक सॊदशवाहक मशवभॊटदय भ आमा औय रडी भाटटगन को एक मरपापा टदमा | उसन घफयात-घफयात वह मरपापा खोरा औय ऩढ़न रगी |
ऩतर भ उसक ऩनत न मरखा था हभ मदध भ यत थ औय तभ तक सॊदश बी बजत यह रककन आक ऩठानी सना न घय मरमा | बबरटटश सना कट भयती औय भ बी भय जाता |
ऐसी ववकट ऩरयजसथनत भ हभ नघय गम थ कक पराण फिाकय बागना बी अतमाचधक कटठन था | इतन भ भन दखा कक मदधबमभ भ बायत क कोई एक मोगी जजनकी फड़ी रमफी जटाएॉ ह हाथ भ तीन नोकवारा एक हचथमाय (बतरशर) इतनी तीवर गनत स घभ यहा था कक ऩठान सननक उनह दखकय बागन रग | उनकी कऩा स घय स हभ ननकरकय ऩठानो ऩय वाय कयन का भौका मभर गमा औय हभायी हाय की घकतड़माॉ अिानक जीत भ फदर गमीॊ | मह सफ बायत क उन फाघामफयधायी एवॊ तीन नोकवारा हचथमाय धायण ककम हए
(बतरशरधायी) मोगी क कायण ही समबव हआ | उनक भहातजसवी रवमकतकततव क परबाव स दखत-ही-दखत अपगाननसतान की ऩठानी सना बाग खड़ी हई औय व ऩयभ मोगी भझ
टहमभत दत हए कहन रग | घफयाओॊ नहीॊ | भ बगवान मशव हॉ तथा तमहायी ऩतनी की ऩजा स परसनन होकय तमहायी या कयन आमा हॉ उसक सहाग की या कयन आमा हॉ |
ऩतर ऩढ़त हए रडी भाटटगन की आॉखो स अववयत अशरधाया फहती जा यही थी उसका रदम अहोबाव स बय गमा औय वह बगवान मशव की परनतभा क समभख मसय यखकय पराथगना कयत-कयत यो ऩड़ी | कछ सिाह फाद उसका ऩनत कनगर भाटटगन आगय छावनी रौटा | ऩतनी न उस सायी फात सनात हए कहा आऩक सॊदश क अबाव भ भ चिजनतत हो उठी थी रककन बराहमणो की सराह स मशवऩजा भ रग गमी औय आऩकी या क मरए बगवान मशव स पराथगना कयन रगी | उन द खबॊजक भहादव न भयी पराथगना सनी औय आऩको सकशर रौटा टदमा | अफ तो ऩनत-ऩतनी दोनो ही ननममभत रऩ स फजनाथ भहादव क भॊटदय भ ऩजा-अिगना कयन रग | अऩनी ऩतनी की इचछा ऩय कनगर भाटटगन भ सन १८८३
भ ऩॊरह हजाय रऩम दकय फजनाथ भहादव भॊटदय का जीणोदवाय कयवामा जजसका मशरारख आज बी आगय भारवा क इस भॊटदय भ रगा ह | ऩय बायतबय भ अॊगरजो दवाय ननमभगत मह एकभातर टहनद भॊटदय ह |
मयोऩ जान स ऩवग रडी भाटटगन न ऩकतड़तो स कहा हभ अऩन घय भ बी बगवान मशव का भॊटदय फनामग तथा इन द ख-ननवायक दव की आजीवन ऩजा कयत यहग |
बगवान मशव भ बगवान कषण भ भाॉ अमफा भ आतभवतता सदगर भ सतता तो एक ही ह | आवशमकता ह अटर ववशवास की | एकररवम न गरभनत ग भ ववशवास कय वह पराि कय मरमा जो अजगन को कटठन रगा | आरणण उऩभनम रव परहराद आटद अनम सकड़ो उदायहण हभाय साभन परतम ह | आज बी इस परकाय का सहमोग हजायो बकतो को साधको को बगवान व आतभवतता सदगरओॊ क दवाया ननयनतय पराि होता यहता ह | आवशमकता ह तो फस कवर ववशवास की |
भहाभतमॊजम भॊतर
ॐ हौ जॉ स |
ॐ बबगव सव |
ॐ तरममफकॊ मजाभह सगॊचध ॊ ऩवषटवधगनभ |
उवागरकमभव फनधनानभतमोभगीम भाभतात |
सव भव ब ॐ |
स जॉ हौ ॐ |
बगवान मशव का मह भहाभतमॊजम जऩन स अकार भतम तो टरती ही ह आयोगमता की बी परानि होती ह | सनान कयत सभम शयीय ऩय रोट स ऩानी डारत वकत इस भॊतर का जऩ कयन स सवासम-राब होता ह | दध भ ननहायत हए इस भॊतर का जाऩ ककमा जाम औय कपय वह दध ऩी मरमा जम तो मौवन की सया भ बी सहामता मभरती ह | आजकर की तज यफ़तायवारी जजनदगी भ कहाॉ आतॊक उऩरव दघगटना हो जाम कहना भजशकर ह | घय स ननकरत सभम एक फाय मह भॊतर जऩनवारा इन उऩदरवो स सयकषत यहता ह औय सयकषत घय रौटता ह | (इस भॊतरानषठान क ववचध-ववधान की ववसतत जानकायी क मरए आशरभ दवाया परकामशत आयोगमननचध ऩसतक ऩढ़ |) शरीभदबागवत क आठव सकॊ ध भ तीसय अधमाम क शलोक १ स ३३ तक भ वणणगत गजनरभो सतोतर का ऩाठ कयन स तभाभ
ववधन दय होत ह |
ही-भन ववनती की कक ह गरदव भझ फिा रो | गरकऩा ऐसी हई कक ७ जनवयी १९९८ को भझ अदारत न ऩाक-साप फयी कय टदमा फाकी छ आयोवऩमो को सजा हई | धनम ह ऐस भय सदगर उनक शरीियणो भ भय कोटट-कोटट वनदन
-यहभान खान ननशान छाफड़ी (बफछआ) जज नछनदवाड़ा (भपर)
भजसरभ भटहरा को पराणदान
२७ मसतमफय २००० को जमऩय भ भय ननवास ऩय ऩजम फाऩ का आतभ-साातकाय टदवस
भनामा गमा जजसभ भय ऩड़ोस की भजसरभ भटहरा नाथी फहन क ऩनत शरी भाॉग खाॉ न बी ऩजम फाऩ की आयती की औय ियणाभत मरमा | ३-४ टदन फाद ही व भजसरभ दॊऩनत खवाजा साटहफ क उसग भ अजभय िर गम | टदनाॊक ४ अकटफय २००० को अजभय क उसग भ असाभाजजक ततवो न परसाद भ जहय फाॉट टदमा जजसस उसग भर भ आम कई दशगनाथी असवसथ हो गम औय कई भय बी गम | भय ऩड़ोस की नाथी फहन न बी वह परसाद खामा औय थोड़ी दय भ ही वह फहोश हो गमी | अजभय भ उसका उऩिाय ककमा गमा ककॊ त उस होश न आमा | दसय टदन ही उसका ऩनत उस अऩन घय र आमा | कॉरोनी क सबी ननवासी उसकी हारत दखकय कह यह थ कक अफ इसका फिना भजशकर ह | भ बी उस दखन गमा | वह फहोश ऩड़ी थी | भ जोय-जोय स हरय ॐ हरय ॐ का उचिायण ककमा तो वह थोड़ा टहरन रगी | भझ परयणा हई औय भ ऩन घय गमा | ऩजम फाऩ स पराथगना की | ३-४ घॊट फाद ही वह भटहरा ऐस उठकय खड़ी हो गमी भानो सोकय उठी हो | उस भटहरा न फतामा कक भय िािा ससय ऩीय ह औय उनहोन भय ऩनत क भॉह स फोरकय फतामा कक तभन २७ मसतमफय २००० को जजनक सतसॊग भ ऩानी वऩमा था उनहीॊ सपद दाढ़ीवार फाफा न तमह फिामा ह कसी करणा ह गरदव की
-जएर ऩयोटहत
८७ सपतान नगय जमऩय (याज)
उस भटहरा का ऩता ह -शरीभती नाथी
ऩतनी शरी भाॉग खाॉ १०० सपतान नगय गजगय की धड़ी नम साॊगानय योड़
जमऩय (याज)
हरयनाभ की पमारी न छड़ामी शयाफ की फोतर
सौबागमवश गत २६ टदसमफय १९९८ को ऩजमशरी क १६ मशषमो की एक टोरी टदपरी स हभाय गाॉव भ हरयनाभ का परिाय-परसाय कयन ऩहॉिी | भ फिऩन स ही भटदयाऩान धमरऩान व मशकाय कयन का शौकीन था | ऩजम फाऩ क मशषमो दवाया हभाय गाॉव भ जगह-जगह ऩय तीन टदन तक रगाताय हरयनाभ का कीतगन कयन स भझ बी हरयनाभ का यॊग रगता जा यहा था | उनक जान क एक टदन क ऩशचात शाभ क सभम योज की बाॊनत भन शयाफ की फोतर ननकारी | जस ही फोतर खोरन क मरए ढककन घभामा तो उस ढककन क घभन स भझ हरय ॐ हरय ॐ की धवनन सनामी दी | इस परकाय भन दो-तीन फाय ढककन घभामा औय हय फाय भझ हरय ॐ की धवनन सनामी दी | कछ दय फाद भ उठा तथा ऩजमशरी क एक मशषम क घय गमा | उनहोन थोड़ी दय भझ ऩजमशरी की अभतवाणी सनामी | अभतवाणी सनन क फाद भया रदम ऩकायन रगा कक इन दरवमगसनो को तमाग दॉ | भन तयॊत फोतर उठामी तथा जोय-स दय खत भ प क दी | ऐस सभथग व ऩयभ कऩार सदगरदव को भ रदम स परणाभ कयता हॉ जजनकी कऩा स मह अनोखी घटना भय जीवन भ घटी जजसस भया जीवन ऩरयवनतगत हआ |
-भोहन मसॊह बफषट
मबखमासन अपभोड़ा (उपर)
ऩय गाॉव की कामाऩरट
ऩजमशरी स टदनाॊक २७६९१ को दीा रन क फाद भन रवमवसनभकतकत क परिाय-परसाय का रकषम फना मरमा | भ एक फाय कौशरऩय (जज शाजाऩय) ऩहॉिा | वहाॉ क रोगो क रवमवसनी औय रड़ाई-झगड़ मकत जीवन को दखकय भन कहा आऩ रोग भनषम-जीवन सही अथग ही नहीॊ सभझत ह | एक फाय आऩ रोग ऩजम फाऩजी क दशगन कय र तो आऩको सही जीवन जीन की कॊ जी मभर जामगी | गाॉव वारो न भयी फात भान री औय दस रवमकतकत भय गाॉव ताजऩय आम | भन एक साधक को उनक साथ जनभाषटभी भहोतसव भ सयत बजा | ऩजम फाऩजी की उन ऩय कऩा फयसी औय सफको गरदीा मभर गमी | जफ व रोग अऩन गाॉव ऩहॉि तो सबी गाॉववामसमो को फड़ा कौतहर था कक ऩजम फाऩजी कस ह फाऩजी की रीराएॉ सनकय गाॉव क अनम रोगो भ बी ऩजम फाऩजी क परनत शरदधा जगी | उन दीकषत साधको न सबी गाॉववारो को सववधानसाय ऩजम फाऩजी क अरग-अरग आशरभो भ
बजकय दीा टदरवा दी | गाॉव क सबी रवमकतकत अऩन ऩय ऩरयवाय सटहत दीकषत हो िक ह | परतमक गरवाय को ऩय गाॉव भ एक सभम बोजन फनता ह | सबी रोग गरवाय का वरत यखत ह | कौशरऩय गाॉव क परबाव स आस-ऩास क गाॉववार एवॊ उनक रयशतदायो सटहत १००० रवमकतकतमो शयाफ छोड़कय दीा र री ह | गाॉव क इनतहास भ तीन-तीन ऩीढ़ी स कोई भॊटदय नहीॊ था | गाॉववारो न ५ राख रऩम रगाकय दो भॊटदय फनवाम ह | ऩया गाॉव रवमवसनभकत एवॊ बगवतबकत फन गमा ह मह ऩजम फाऩजी की कऩा नहीॊ तो औय कमा ह सफक तायणहाय ऩजम फाऩजी क शरीियणो भ कोटट-कोटट परणाभ
-शमाभ परजाऩनत (सऩयवाइजय नतरहन सॊघ) ताजऩय उजजन (भपर)
नतरबफ ॊद का िभतकाय
भया सौबागम ह कक भझ सॊतकऩा नतरबफॊद (आई डरॉपस) का िभतकाय दखन को मभरा |
एक सॊत फाफा मशवयाभदास उमर ८० वषग गीता कटटय तऩोवन झाड़ी सिसयोवय हरयदवाय भ यहत ह | उनकी दाटहनी आॉख क सपद भोनतम का ऑऩयशन शाॉनतकॊ ज हरयदवाय आमोजजत कमऩ भ हआ | कस बफगड़ गमा औय कार भोनतमा फन गमा | ददग यहन रगा औय योशनी घटन रगी | दोफाया बभाननद नतर चिककतसारम भ ऑऩयशन हआ | एबसपमट गरकोभा फतात हए कहा कक ऑऩयशन स मसयददग ठीक हो जामगा ऩय योशनी जाती यहगी | ऩयॊत अफ व फाफा सॊत शरी आसायाभजी आशरभ दवाय ननमभगत सॊतकऩा नतरबफॊद सफह-शाभ डार यह ह | भन उनक नतरो का ऩयीण ककमा | उनकी दाटहनी आॉख भ उॉगरी चगनन रामक योशनी वाऩस आ गमी ह | कार भोनतम का परशय नॉभगर ह | कोननगमा भ सजन नहीॊ ह | व कापी सॊतषट ह | व फतात ह आॉख ऩहर रार यहती थी ऩयॊत अफ नहीॊ ह | आशरभ क नतरबफॊद स कपऩनातीत राब हआ | फामीॊ आॉख भ बी उनह सपद भोनतमा फतामा गमा था औय सॊशम था कक शामद कारा भोनतमा बी ह | ऩय आज फामीॊ आॉख बी ठीक ह औय दोनो आॉखो का परशय बी नॉभगर ह | सपद भोनतमा नहीॊ ह औय योशनी कापी अचछी ह |
मह सॊतकऩा नतरफॊद का ववरण परबाव दखकय भ बी अऩन भयीजो को इसका उऩमोग कयन की सराह दॉगा |
-डॉ अननत कभाय अगरवार (नतरयोग ववशषऻ)
एभफीफीएस एभएस (नतर) डीओएभएस (आई) सीताऩय सहायनऩय (उपर)
ऩजमशरी की तसवीय स मभरी परयणा
सवगसभथग ऩयभ ऩजम शरी फाऩजी क ियणकभरो भ भया कोटट-कोटट नभन १९८४ क बकॊ ऩ स समऩणग उततय बफहाय भ कापी नकसान हआ था जजसकी िऩट भ हभाया घय बी था | ऩरयजसथनतवश भझ नौवी का भ ऩढ़ामी छोड़ दनी ऩड़ी | ककसी मभतर की सराह स भ नौकयी ढॉढ़न क मरए टदपरी गमा रककन वहाॉ बी ननयाशा ही हाथ रगी | भ दो टदन स बखा तो था ही ऊऩय स नौकयी की चिॊता | अत आतभहतमा का वविाय कयक यरव सटशन की ओय िर ऩड़ा | यानीफाग फाजाय भ एक दकान ऩय ऩजमशरी का सतसाटहतम
कसट आटद यखा हआ था एवॊ ऩजमशरी की फड़ आकाय की तसवीय बी टॉगी थी | ऩजमशरी की हॉसभख एवॊ आशीवागद की भरावारी उस तसवीय ऩय भयी नजय ऩड़ी तो १० मभनट तक भ वहीॊ सड़क ऩय स ही खड़-खड़ उस दखता यहा | उस वकत न जान भझ कमा मभर गमा भ काभ बर भजदयी का ही कयता हॉ रककन तफस रकय आज तक भय चितत भ फड़ी परसननता फनी हई ह | न जान भयी जजनदगी की कमा दशा होती अगय ऩजम फाऩजी की मवाधन सया ईशवय की ओय ननजशचनत जीवन ऩसतक औय कवष परसाद ऩबतरका हाथ न रगती ऩजमशरी की तसवीय स मभरी परयणा एवॊ उनक सतसाटहतम न भयी डफती नमा को भानो भझदाय स फिा मरमा | धनबागी ह साटहतम की सवा कयन वार जजनहोन भझ आतभहतमा क ऩाऩ स फिामा |
-भहश शाह
नायामणऩय दभया जज सीताभढ़ी (बफहाय)
भॊतर स राब
भयी भाॉ की हारत अिानक ऩागर जसी हो गमी थी भानो कोई बत-परत-डाककनी मा आसयी ततव उनभ घस गमा | भ फहत चिॊनतत हो गमा एवॊ एक साचधका फहन को पोन ककमा | उनहोन बत-परत बगान का भॊतर फतामा जजसका वणगन आशरभ स परकामशत आयोगमननचध ऩसतक भ बी ह | वह भॊतर इस परकाय ह
ॐ नभो बगवत रर बयवाम बतपरत म कर कर हॊ पट सवाहा |
इस भॊतर का ऩानी भ ननहायकय १०८ फाय जऩ ककमा औय वही ऩानी भाॉ को वऩरा टदमा |
तयॊत ही भाॉ शाॊनत स सो गमीॊ | दसय टदन बी इस भॊतर की ऩाॉि भारा कयक भाॉ को वह जर वऩरामा तो भाॉ बफपकर ठीक हो गमीॊ | ह भय साधक बाई-फहनो बत-परत बगान क
मरए अरा फाॉधॉ फरा फाॉधॉ ऐसा कयक झाड़-फ़ॉ क कयनवारो क िककय भ ऩड़न की जरयत नहीॊ ह | इसक मरए तो ऩजम फाऩजी का भॊतर ही तायणहाय ह | ऩजम फाऩजी क शरीियणो भ कोटट-कोटट परणाभ
-िॊऩकबाई एन ऩटर (अभरयका)
काभ करोध ऩय ववजम ऩामी
एक टदन भॊफई भर भ टटकट िककॊ ग कयत हए भ वातानकमरत फोगी भ ऩहॉिा | दखा तो भखभर की गददी ऩय टाट का आसन बफछाकय सवाभी शरी रीराशाहजी भहायाज सभाचधसथ ह | भझ आशचमग हआ कक जजन परथभ शरणी की वातानकमरत फोचगमो भ याजा-भहायाजा मातरा कयत ह ऐसी फोगी औय तीसयी शरणी की फोगी क फीि इन सॊत को कोई बद नहीॊ रगता | ऐसी फोचगमो भ बी व सभाचधसथ होत ह मह दखकय मसय झक जाता ह | भन ऩजम भहायाजशरी को परणाभ कयक कहा आऩ जस सॊतो क मरए तो सफ एक सभान ह |
हय हार भ एकयस यहकय आऩ भकतकत का आनॊद र सकत ह | रककन हभाय जस गरहसथो को कमा कयना िाटहए ताकक हभ बी आऩ जसी सभता फनाम यखकय जीवन जी सक
ऩजम भहायाजजी न कहा काभ औय करोध को त छोड़ द तो त बी जीवनभकत हो सकता ह | जहाॉ याभ तहॉ नहीॊ काभ जहाॉ काभ तहॉ नहीॊ याभ | औय करोध तो बाई बसभासय ह | वह तभाभ ऩणम को जराकय बसभ कय दता ह अॊतकयण को भमरन कय दता ह | भन कहा परब अगय आऩकी कऩा होगी तो भ काभ-करोध को छोड़ ऩाऊॉ गा | ऩजम भहायाजजी न कहा बाई कऩा ऐस थोड़ ही की जाती ह सॊतकऩा क साथ तया ऩरषाथग औय दढ़ता बी िाटहए | ऩहर त परनतऻा कय कक त जीवनऩमगनत काभ औय करोध स दय यहगा तो भ तझ आशीवागद दॉ | भन कहा भहायाजजी भ जीवनबय क मरए परनतऻा तो करॉ रककन उसका ऩारन न कय ऩाऊॉ तो झठा भाना जाऊॉ गा | ऩजम भहायाजजी न कहा अचछा ऩहर त भय सभ आठ टदन क मरए परनतऻा कय | कपय परनतऻा को एक-एक टदन फढ़त जाना | इस परकाय त उन फराओॊ स फि सकगा | ह कफर भन हाथ जोड़कय कफर ककमा | ऩजम भहायाजजी न आशीवागद दकय दो-िाय पर परसाद भ टदम | ऩजम भहायाजजी न भयी जो दो कभजोरयमाॉ थीॊ उन ऩय ही सीधा हभरा ककमा था | भझ आशचमग हआ कक अनम कोई बी दगगण छोड़न का न कहकय इन दो दगगणो क मरए ही उनहोन परनतऻा कमो कयवामी फाद भ भ इस याज स अवगत हआ |
दसय टदन भ ऩसनजय टरन भ कानऩय स आग जा यहा था | सफह क कयीफ नौ फज थ |
तीसयी शरणी की फोगी भ जाकय भन माबतरमो क टटकट जाॉिन का कामग शर ककमा | सफस
ऩहर फथग ऩय सोम हए एक मातरी क ऩास जाकय भन एक मातरी क ऩास जाकय भन टटकट टदखान को कहा तो वह गससा होकय भझ कहन रगा अॊधा ह दखता नहीॊ कक भ सो गमा हॉ भझ नीॊद स जगान का तझ कमा अचधकाय ह मह कोई यीत ह टटकट क फाय भ ऩछन की ऐसी ही अकर ह तयी ऐसा कछ-का-कछ वह फोरता ही गमा फोरता ही गमा | भ बी करोधाववषट होन रगा ककॊ त ऩजम भहायाजजी क सभ री हई परनतऻा भझ माद थी अत करोध को ऐस ऩी गमा भानो ववष की ऩकतड़मा भन उस कहा भहाशम आऩ ठीक ही कहत ह कक भझ फोरन की अकर नहीॊ ह बान नहीॊ ह | दखो भय म फार धऩ भ सपद हो गम ह | आऩभ फोरन की अकर अचधक ह नमरता ह तो कऩा कयक मसखाओॊ कक टटकट क मरए भझ ककस परकाय आऩस ऩछना िाटहए | भ रािाय हॉ कक डमटी क कायण भझ टटकट िक कयना ऩड़ यहा ह इसमरए भ आऩको कषट द यहा हॉ|
औय कफ़य भन खफ परभ स हाथ जोड़कय ववनती की बमा कऩा कयक कषट क मरए भझ भा कयो | भझ अऩना टटकट टदखामग भयी नमरता दखकय वह रजजजत हो गमा एवॊ तयॊत उठ फठा | जपदी-जपदी नीि उतयकय भझस भा भाॉगत हए कहन रगा भझ भाप कयना | भ नीॊद भ था | भन आऩको ऩहिाना नहीॊ था | अफ आऩ अऩन भॉह स भझ कह कक आऩन भझ भाफ़ ककमा मह दखकय भझ आनॊद औय सॊतोष हआ | भ सोिन रगा कक सॊतो की आऻा भानन भ ककतनी शकतकत औय टहत ननटहत ह सॊतो की करणा कसा िभतकारयक ऩरयणाभ राती ह वह रवमकतकत क पराकनतक सवबाव को बी जड़-भर स फदर सकती ह | अनमथा भझभ करोध को ननमॊतरण भ यखन की कोई शकतकत नहीॊ थी | भ ऩणगतमा असहाम था कपय बी भझ भहायाजजी की कऩा न ही सभथग फनामा | ऐस सॊतो क शरीियणो भ कोटट-कोटट नभसकाय
-शरी यीजभर
रयटामडग टीटी आई कानऩय
अनम अनबव
जरा हआ कागज
ऩवग रऩ भ एक फाय ऩयभहॊस ववशदधानॊदजी स आनॊदभमी भाॉ की ननकटता ऩानवार सपरमसदध ऩॊकतडत गोऩीनाथ कववयाज न ननवदन ककमा तयणीकानत ठाकय को अरौककक मसवदध पराि हई ह | व बफना दख मा बफना छए ही कागज भ मरखी हई फात ऩढ़ रत ह |
गरदव फोर तभ एक कागज ऩय कछ मरखो औय उसभ आग रगाकय जरा दो |
कववयाजजी न कागज ऩय कछ मरखा औय ऩयी तयह कागज जराकय हवा भ उड़ा टदमा |
उसक फाद गरदव न अऩन तककम क नीि स वही कागज ननकारकय कववयाजजी क आग यख टदमा | मह दखकय उनह फड़ा आशचमग हआ कक मह कागज वही था एवॊ जो उनहोन मरखा था वह बी उस ऩय उनहीॊ क सरख भ मरखा था औय साथ ही उसका उततय बी मरखा हआ दखा | जड़ता ऩशता औय ईशवयता का भर हभाया शयीय ह | जड़ शयीय को भ-भया भानन की ववतत जजतनी मभटती ह ऩाशवी वासनाओॊ की गराभी उतनी हटती ह औय हभाया ईशवयीम अॊश जजतना अचधक ववकमसत होता ह उतना ही मोग-साभमग ईशवयीम साभमग परकट होता ह | बायत क ऐस कई बकतो सॊतो औय मोचगमो क जीवन भ ईशवयीम साभमग दखा गमा ह अनबव ककमा गमा ह उसक ववषम भ सना गमा ह | धनम ह बायतबमभ भ यहनवार बायतीम सॊसकनत भ शरदधा-ववशवास यखनवार अऩन ईशवयीम अॊश को जगान की सवा-साधना कयनवार सवाभी ववशदधानॊदजी वषो की एकाॊत साधना औय वषो-वषो की गरसवा स अऩना दहाधमास औय ऩाशवी वासनाएॉ मभटाकय अऩन ईशवयीम
अॊश को ववकमसत कयनवार बायत क अनक भहाऩरषो भ स थ | उनक जीवन की औय बी अरौककक घटनाओॊ का वणगन आता ह | ऐस सतऩरषो क जीवन-िरयतर औय उनक जीवन भ घटटत घटनाएॉ ऩढ़न-सनन स हभ रोग बी अऩनी जड़ता एवॊ ऩशता स ऊऩय उठकय ईशवयीम अॊश को उबायन भ उतसाटहत होत ह | फहत ऊॉ िा काभ ह फड़ी शरदधा फड़ी सभझ फड़ा धमग िाटहए ईशवयीम साभमग को ऩणग रऩ स ववकमसत कयन भ | अफ आओ
िर आदय शॊकयािामग की ओय
नदी की धाया भड़ गमी
आदय शॊकयािामग की भाता ववमशषटा दवी अऩन करदवता कशव की ऩजा कयन जाती थीॊ | व ऩहर नदी भ सनान कयतीॊ औय कफ़य भॊटदय भ जाकय ऩजन कयतीॊ | एक टदन व परातकार ही ऩजन-साभगरी रकय भॊटदय की ओय गमीॊ ककॊ त सामॊकार तक घय नहीॊ रौटीॊ | शॊकयािामग की आम अबी सात-आठ वषग क भधम भ ही थी | व ईशवय क ऩयभ बकत औय ननषठावान थ | सामॊकार तक भाता क वाऩस न रौटन ऩय आिामग को फड़ी चिनता हई औय व उनह खोजन क मरए ननकर ऩड़ | भॊटदय क ननकट ऩहॉिकय उनहोन भाता को भागग भ ही भजचछगत ऩड़ दखा | उनहोन फहत दय तक भाता का उऩिाय ककमा तफ व होश भ आ सकीॊ |
नदी अचधक दय थी | वहाॉ तक ऩहॉिन भ भाता को फड़ा कषट होता था | आिामग न बगवान स भन-ही-भन पराथगना की कक परबो ककसी परकाय नदी की धाया को भोड़ दो जजसस कक
भाता ननकट ही सनान कय सक | व इस परकाय की पराथगना ननतम कयन रग | एक टदन उनहोन दखा कक नदी की धाया ककनाय की धयती को काटती-काटती भड़न रगी ह तथा कछ टदनो भ ही वह आिामग शॊकय क घय क ऩास फहन रगी | इस घटना न आिामग का अरौककक शकतकतसमऩनन होना परमसदध कय टदमा |
सकषभ शयीय स िोय का ऩीछा ककमा
हरयहय फाफा की फड़ी परमसवदध थी | एक फाय व हयऩारऩय सटशन ऩय थ | वहाॉ क सटशन भासटय न उनको एक िोय सऩदग ककमा | िोय न फाफा स कहा भहायाज भझ इतनी छटटी द दीजजम कक भ अऩन फार-फचिो का परफॊध कय आऊॉ | फाफा गाड़ी आन ऩय रौट आना | िोय िरा गमा | सटशन भासटय को ऩता िरा तो वह फाफा ऩय गभग हआ औय फोरा उसक फदर तमह जर की हवा खानी होगी | तभन जान-फझकय उस बगा टदमा ह | फाफा घफयाओ भत गाड़ी आन स ऩहर ही वह रौट आमगा | िोय की नीमत ठीक नहीॊ थी | वह जॊगर क भागग स अऻात सथान को बाग जाना िाहता था ककॊ त उस हय सभम मही परतीत होता यहा कक हरयहय फाफा डॊडा पटकायत हए उसक ऩीछ-ऩीछ िर आ यह ह | इसीमरए वह गाड़ी आन स ऩहर ही रौट आमा |
भॊगरी फाधा-ननवायण भॊतर
अॊ याॊ अॊ
इस भॊतर को १०८ फाय जऩन स करोध दय होता ह | जनभकनडरी भ भॊगरी मोग होन स जजनक वववाह न हो यह हो व २७ भॊगरवाय इस भॊतर का १०८ फाय जऩ कयत हए वरत यखकय हनभानजी ऩय मसॊदय का िोरा िढ़ाम | इसस भॊगर-फाधा का म होता ह |
सखऩवगक परसवकायक भॊतर
ऩहरा उऩाम
एॊ हीॊ बगवनत बगभामरनन िर िर भराभम भराभम ऩषऩॊ ववकासम ववकासम सवाहा |
इस भॊतर दवाया अमबभॊबतरत दध गमबगणी सतरी को वऩराम तो सखऩवगक परसव होगा |
दसया उऩाम
गमबगणी सतरी सवमॊ परसव क सभम जमबरा-जमबरा जऩ कय |
तीसया उऩाम
दशी गाम क गोफय का १२ स १५ मभरी यस ॐ नभो नायामणाम भॊतर का २१ फाय जऩ कयक ऩीन स बी परसव-फाधाएॉ दय होगी औय बफना ऑऩयशन क परसव होगा |
परसनत क सभम अभॊगर की आशॊका हो तो ननमन भॊतर का जऩ कय
सवगभॊगर भाॊगपम मशव सवागथग साचधक |
शयणम तरममफक गौयी नायामणी नभोSसतत ||
(दगागसिशती)
शकतकतशारी व गोय ऩतर की परानि क मरए
सगबागवसथा भ ढाक (ऩराश खाखया) का एक कोभर ऩतता घोटकय गौ-दगध क साथ योज सवन कयन स फारक शकतकतशारी औय गोया होता ह | भाता-वऩता बर कार-करट हो कपय बी फारक गोया होगा |
सदगर-भटहभा
गर बफन बव ननचध तय न कोई |
जौ फयॊचि सॊकय सभ होई ||
-सॊत तरसीदासजी
हरयहय आटदक जगत भ ऩजमदव जो कोम |
सदगर की ऩजा ककम सफकी ऩजा होम ||
-ननशचरदासजी भहायाज
सहजो कायज सॊसाय को गर बफन होत नाॉही |
हरय तो गर बफन कमा मभर सभझ र भन भाॉही ||
-सॊत कफीयजी सॊत
सयनन जो जन ऩय सो जन उधयनहाय | सॊत की ननॊदा नानका फहरय फहरय अवताय ||
-गर नानक दवजी
गरसवा सफ बागमो की जनभबमभ ह औय वह शोकाकर रोगो को बरहमभम कय दती ह |
गररऩी समग अववदयारऩी याबतर का नाश कयता ह औय ऻानाऻान रऩी मसतायो का रोऩ कयक फवदधभानो को आतभफोध का सटदन टदखाता ह |
-सॊत ऻानशवय भहायाज
सतम क कॊ टकभम भागग भ आऩको गर क मसवाम औय कोई भागगदशगन नहीॊ द सकता |
- सवाभी मशवानॊद सयसवती
ककतन ही याजा-भहायाजा हो गम औय होग सामजम भकतकत कोई नहीॊ द सकता | सचि याजा-भहायाज तो सॊत ही ह | जो उनकी शयण जाता ह वही सचिा सख औय सामजम भकतकत ऩाता ह |
-सभथग शरी याभदास सवाभी
भनषम िाह ककतना बी जऩ-तऩ कय मभ-ननमभो का ऩारन कय ऩयॊत जफ तक सदगर की कऩादवषट नहीॊ मभरती तफ तक सफ रवमथग ह |
-सवाभी याभतीथग
परटो कहत ह कक सकयात जस गर ऩाकय भ धनम हआ |
इभसगन न अऩन गर थोयो स जो पराि ककमा उसक भटहभागान भ व बावववबोय हो जात थ |
शरी याभकषण ऩयभहॊस ऩणगता का अनबव कयानवार अऩन सदगरदव की परशॊसा कयत नहीॊ अघात थ |
ऩजमऩाद सवाभी शरी रीराशाहजी भहायाज बी अऩन सदगरदव की माद भ सनह क आॉस
फहाकय गदगद कॊ ठ हो जात थ |
ऩजम फाऩजी बी अऩन सदगरदव की माद भ कस हो जात ह मह तो दखत ही फनता ह |
अफ हभ उनकी माद भ कस होत ह मह परशन ह | फटहभगख ननगय रोग कछ बी कह साधक को अऩन सदगर स कमा मभरता ह इस तो साधक ही जानत ह |
रडी भाटटगन क सहाग की या कयन अपगाननसतान भ परकट मशवजी
साध सॊग सॊसाय भ दरगब भनषम शयीय |
सतसॊग सववत ततव ह बतरववध ताऩ की ऩीय ||
भानव-दह मभरना दरगब ह औय मभर बी जाम तो आचधदववक आचधबौनतक औय आधमाजतभक म तीन ताऩ भनषम को तऩात यहत ह | ककॊ त भनषम-दह भ बी ऩववतरता हो सचिाई हो शदधता हो औय साध-सॊग मभर जाम तो म बतरववध ताऩ मभट जात ह |
सन १८७९ की फात ह | बायत भ बबरटटश शासन था उनहीॊ टदनो अॊगरजो न अपगाननसतान ऩय आकरभण कय टदमा | इस मदध का सॊिारन आगय भारवा बबरटटश छावनी क रजफ़टनट कनगर भाटटगन को सौऩा गमा था | कनगर भाटटगन सभम-सभम ऩय मदध-तर स अऩनी ऩतनी को कशरता क सभािाय बजता यहता था | मदध रॊफा िरा औय अफ तो सॊदश आन बी फॊद हो गम | रडी भाटटगन को चिॊता सतान रगी कक कहीॊ कछ अनथग न हो गमा हो अपगानी सननको न भय ऩनत को भाय न डारा हो | कदाचित ऩनत मदध भ शहीद हो गम तो भ जीकय कमा करॉ गी -मह सोिकय वह अनक शॊका-कशॊकाओॊ स नघयी यहती थी |
चिनतातय फनी वह एक टदन घोड़ ऩय फठकय घभन जा यही थी | भागग भ ककसी भॊटदय स आती हई शॊख व भॊतर धवनन न उस आकवषगत ककमा | वह एक ऩड़ स अऩना घोड़ा फाॉधकय भॊटदय भ गमी | फजनाथ भहादव क इस भॊटदय भ मशवऩजन भ ननभगन ऩॊकतडतो स उसन ऩछा आऩ रोग कमा कय यह ह एक वरदध बराहमण न कहा हभ बगवान मशव का ऩजन कय यह ह | रडी भाटटगन मशवऩजन की कमा भहतता ह बराहमण फटी बगवान मशव तो औढयदानी ह बोरनाथ ह | अऩन बकतो क सॊकट-ननवायण कयन भ व तननक बी दय नहीॊ कयत ह | बकत उनक दयफाय भ जो बी भनोकाभना रकय क आता ह उस व शीघर ऩयी कयत ह ककॊ त फटी तभ फहत चिजनतत औय उदास नजय आ यही हो कमा फात ह रडी भाटटगन भय ऩनतदव मदध भ गम ह औय ववगत कई टदनो स उनका कोई
सभािाय नहीॊ आमा ह | व मदध भ पॉ स गम ह मा भाय गम ह कछ ऩता नहीॊ िर यहा | भ उनकी ओय स फहत चिजनतत हॉ | इतना कहत हए रडी भाटटगन की आॉख नभ हो गमीॊ |
बराहमण तभ चिनता भत कयो फटी मशवजी का ऩजन कयो उनस पराथगना कयो रघररी कयवाओ | बगवान मशव तमहाय ऩनत का यण अवशम कयग |
ऩॊकतडतो की सराह ऩय उसन वहाॉ गमायह टदन का ॐ नभ मशवाम भॊतर स रघररी अनषठान परायॊब ककमा तथा परनतटदन बगवान मशव स अऩन ऩनत की या क मरए पराथगना कयन रगी कक ह बगवान मशव ह फजनाथ भहादव मटद भय ऩनत मदध स सकशर रौट आम तो भ आऩका मशखयफॊद भॊटदय फनवाऊॉ गी | रघररी की ऩणागहनत क टदन बागता हआ एक सॊदशवाहक मशवभॊटदय भ आमा औय रडी भाटटगन को एक मरपापा टदमा | उसन घफयात-घफयात वह मरपापा खोरा औय ऩढ़न रगी |
ऩतर भ उसक ऩनत न मरखा था हभ मदध भ यत थ औय तभ तक सॊदश बी बजत यह रककन आक ऩठानी सना न घय मरमा | बबरटटश सना कट भयती औय भ बी भय जाता |
ऐसी ववकट ऩरयजसथनत भ हभ नघय गम थ कक पराण फिाकय बागना बी अतमाचधक कटठन था | इतन भ भन दखा कक मदधबमभ भ बायत क कोई एक मोगी जजनकी फड़ी रमफी जटाएॉ ह हाथ भ तीन नोकवारा एक हचथमाय (बतरशर) इतनी तीवर गनत स घभ यहा था कक ऩठान सननक उनह दखकय बागन रग | उनकी कऩा स घय स हभ ननकरकय ऩठानो ऩय वाय कयन का भौका मभर गमा औय हभायी हाय की घकतड़माॉ अिानक जीत भ फदर गमीॊ | मह सफ बायत क उन फाघामफयधायी एवॊ तीन नोकवारा हचथमाय धायण ककम हए
(बतरशरधायी) मोगी क कायण ही समबव हआ | उनक भहातजसवी रवमकतकततव क परबाव स दखत-ही-दखत अपगाननसतान की ऩठानी सना बाग खड़ी हई औय व ऩयभ मोगी भझ
टहमभत दत हए कहन रग | घफयाओॊ नहीॊ | भ बगवान मशव हॉ तथा तमहायी ऩतनी की ऩजा स परसनन होकय तमहायी या कयन आमा हॉ उसक सहाग की या कयन आमा हॉ |
ऩतर ऩढ़त हए रडी भाटटगन की आॉखो स अववयत अशरधाया फहती जा यही थी उसका रदम अहोबाव स बय गमा औय वह बगवान मशव की परनतभा क समभख मसय यखकय पराथगना कयत-कयत यो ऩड़ी | कछ सिाह फाद उसका ऩनत कनगर भाटटगन आगय छावनी रौटा | ऩतनी न उस सायी फात सनात हए कहा आऩक सॊदश क अबाव भ भ चिजनतत हो उठी थी रककन बराहमणो की सराह स मशवऩजा भ रग गमी औय आऩकी या क मरए बगवान मशव स पराथगना कयन रगी | उन द खबॊजक भहादव न भयी पराथगना सनी औय आऩको सकशर रौटा टदमा | अफ तो ऩनत-ऩतनी दोनो ही ननममभत रऩ स फजनाथ भहादव क भॊटदय भ ऩजा-अिगना कयन रग | अऩनी ऩतनी की इचछा ऩय कनगर भाटटगन भ सन १८८३
भ ऩॊरह हजाय रऩम दकय फजनाथ भहादव भॊटदय का जीणोदवाय कयवामा जजसका मशरारख आज बी आगय भारवा क इस भॊटदय भ रगा ह | ऩय बायतबय भ अॊगरजो दवाय ननमभगत मह एकभातर टहनद भॊटदय ह |
मयोऩ जान स ऩवग रडी भाटटगन न ऩकतड़तो स कहा हभ अऩन घय भ बी बगवान मशव का भॊटदय फनामग तथा इन द ख-ननवायक दव की आजीवन ऩजा कयत यहग |
बगवान मशव भ बगवान कषण भ भाॉ अमफा भ आतभवतता सदगर भ सतता तो एक ही ह | आवशमकता ह अटर ववशवास की | एकररवम न गरभनत ग भ ववशवास कय वह पराि कय मरमा जो अजगन को कटठन रगा | आरणण उऩभनम रव परहराद आटद अनम सकड़ो उदायहण हभाय साभन परतम ह | आज बी इस परकाय का सहमोग हजायो बकतो को साधको को बगवान व आतभवतता सदगरओॊ क दवाया ननयनतय पराि होता यहता ह | आवशमकता ह तो फस कवर ववशवास की |
भहाभतमॊजम भॊतर
ॐ हौ जॉ स |
ॐ बबगव सव |
ॐ तरममफकॊ मजाभह सगॊचध ॊ ऩवषटवधगनभ |
उवागरकमभव फनधनानभतमोभगीम भाभतात |
सव भव ब ॐ |
स जॉ हौ ॐ |
बगवान मशव का मह भहाभतमॊजम जऩन स अकार भतम तो टरती ही ह आयोगमता की बी परानि होती ह | सनान कयत सभम शयीय ऩय रोट स ऩानी डारत वकत इस भॊतर का जऩ कयन स सवासम-राब होता ह | दध भ ननहायत हए इस भॊतर का जाऩ ककमा जाम औय कपय वह दध ऩी मरमा जम तो मौवन की सया भ बी सहामता मभरती ह | आजकर की तज यफ़तायवारी जजनदगी भ कहाॉ आतॊक उऩरव दघगटना हो जाम कहना भजशकर ह | घय स ननकरत सभम एक फाय मह भॊतर जऩनवारा इन उऩदरवो स सयकषत यहता ह औय सयकषत घय रौटता ह | (इस भॊतरानषठान क ववचध-ववधान की ववसतत जानकायी क मरए आशरभ दवाया परकामशत आयोगमननचध ऩसतक ऩढ़ |) शरीभदबागवत क आठव सकॊ ध भ तीसय अधमाम क शलोक १ स ३३ तक भ वणणगत गजनरभो सतोतर का ऩाठ कयन स तभाभ
ववधन दय होत ह |
हरयनाभ की पमारी न छड़ामी शयाफ की फोतर
सौबागमवश गत २६ टदसमफय १९९८ को ऩजमशरी क १६ मशषमो की एक टोरी टदपरी स हभाय गाॉव भ हरयनाभ का परिाय-परसाय कयन ऩहॉिी | भ फिऩन स ही भटदयाऩान धमरऩान व मशकाय कयन का शौकीन था | ऩजम फाऩ क मशषमो दवाया हभाय गाॉव भ जगह-जगह ऩय तीन टदन तक रगाताय हरयनाभ का कीतगन कयन स भझ बी हरयनाभ का यॊग रगता जा यहा था | उनक जान क एक टदन क ऩशचात शाभ क सभम योज की बाॊनत भन शयाफ की फोतर ननकारी | जस ही फोतर खोरन क मरए ढककन घभामा तो उस ढककन क घभन स भझ हरय ॐ हरय ॐ की धवनन सनामी दी | इस परकाय भन दो-तीन फाय ढककन घभामा औय हय फाय भझ हरय ॐ की धवनन सनामी दी | कछ दय फाद भ उठा तथा ऩजमशरी क एक मशषम क घय गमा | उनहोन थोड़ी दय भझ ऩजमशरी की अभतवाणी सनामी | अभतवाणी सनन क फाद भया रदम ऩकायन रगा कक इन दरवमगसनो को तमाग दॉ | भन तयॊत फोतर उठामी तथा जोय-स दय खत भ प क दी | ऐस सभथग व ऩयभ कऩार सदगरदव को भ रदम स परणाभ कयता हॉ जजनकी कऩा स मह अनोखी घटना भय जीवन भ घटी जजसस भया जीवन ऩरयवनतगत हआ |
-भोहन मसॊह बफषट
मबखमासन अपभोड़ा (उपर)
ऩय गाॉव की कामाऩरट
ऩजमशरी स टदनाॊक २७६९१ को दीा रन क फाद भन रवमवसनभकतकत क परिाय-परसाय का रकषम फना मरमा | भ एक फाय कौशरऩय (जज शाजाऩय) ऩहॉिा | वहाॉ क रोगो क रवमवसनी औय रड़ाई-झगड़ मकत जीवन को दखकय भन कहा आऩ रोग भनषम-जीवन सही अथग ही नहीॊ सभझत ह | एक फाय आऩ रोग ऩजम फाऩजी क दशगन कय र तो आऩको सही जीवन जीन की कॊ जी मभर जामगी | गाॉव वारो न भयी फात भान री औय दस रवमकतकत भय गाॉव ताजऩय आम | भन एक साधक को उनक साथ जनभाषटभी भहोतसव भ सयत बजा | ऩजम फाऩजी की उन ऩय कऩा फयसी औय सफको गरदीा मभर गमी | जफ व रोग अऩन गाॉव ऩहॉि तो सबी गाॉववामसमो को फड़ा कौतहर था कक ऩजम फाऩजी कस ह फाऩजी की रीराएॉ सनकय गाॉव क अनम रोगो भ बी ऩजम फाऩजी क परनत शरदधा जगी | उन दीकषत साधको न सबी गाॉववारो को सववधानसाय ऩजम फाऩजी क अरग-अरग आशरभो भ
बजकय दीा टदरवा दी | गाॉव क सबी रवमकतकत अऩन ऩय ऩरयवाय सटहत दीकषत हो िक ह | परतमक गरवाय को ऩय गाॉव भ एक सभम बोजन फनता ह | सबी रोग गरवाय का वरत यखत ह | कौशरऩय गाॉव क परबाव स आस-ऩास क गाॉववार एवॊ उनक रयशतदायो सटहत १००० रवमकतकतमो शयाफ छोड़कय दीा र री ह | गाॉव क इनतहास भ तीन-तीन ऩीढ़ी स कोई भॊटदय नहीॊ था | गाॉववारो न ५ राख रऩम रगाकय दो भॊटदय फनवाम ह | ऩया गाॉव रवमवसनभकत एवॊ बगवतबकत फन गमा ह मह ऩजम फाऩजी की कऩा नहीॊ तो औय कमा ह सफक तायणहाय ऩजम फाऩजी क शरीियणो भ कोटट-कोटट परणाभ
-शमाभ परजाऩनत (सऩयवाइजय नतरहन सॊघ) ताजऩय उजजन (भपर)
नतरबफ ॊद का िभतकाय
भया सौबागम ह कक भझ सॊतकऩा नतरबफॊद (आई डरॉपस) का िभतकाय दखन को मभरा |
एक सॊत फाफा मशवयाभदास उमर ८० वषग गीता कटटय तऩोवन झाड़ी सिसयोवय हरयदवाय भ यहत ह | उनकी दाटहनी आॉख क सपद भोनतम का ऑऩयशन शाॉनतकॊ ज हरयदवाय आमोजजत कमऩ भ हआ | कस बफगड़ गमा औय कार भोनतमा फन गमा | ददग यहन रगा औय योशनी घटन रगी | दोफाया बभाननद नतर चिककतसारम भ ऑऩयशन हआ | एबसपमट गरकोभा फतात हए कहा कक ऑऩयशन स मसयददग ठीक हो जामगा ऩय योशनी जाती यहगी | ऩयॊत अफ व फाफा सॊत शरी आसायाभजी आशरभ दवाय ननमभगत सॊतकऩा नतरबफॊद सफह-शाभ डार यह ह | भन उनक नतरो का ऩयीण ककमा | उनकी दाटहनी आॉख भ उॉगरी चगनन रामक योशनी वाऩस आ गमी ह | कार भोनतम का परशय नॉभगर ह | कोननगमा भ सजन नहीॊ ह | व कापी सॊतषट ह | व फतात ह आॉख ऩहर रार यहती थी ऩयॊत अफ नहीॊ ह | आशरभ क नतरबफॊद स कपऩनातीत राब हआ | फामीॊ आॉख भ बी उनह सपद भोनतमा फतामा गमा था औय सॊशम था कक शामद कारा भोनतमा बी ह | ऩय आज फामीॊ आॉख बी ठीक ह औय दोनो आॉखो का परशय बी नॉभगर ह | सपद भोनतमा नहीॊ ह औय योशनी कापी अचछी ह |
मह सॊतकऩा नतरफॊद का ववरण परबाव दखकय भ बी अऩन भयीजो को इसका उऩमोग कयन की सराह दॉगा |
-डॉ अननत कभाय अगरवार (नतरयोग ववशषऻ)
एभफीफीएस एभएस (नतर) डीओएभएस (आई) सीताऩय सहायनऩय (उपर)
ऩजमशरी की तसवीय स मभरी परयणा
सवगसभथग ऩयभ ऩजम शरी फाऩजी क ियणकभरो भ भया कोटट-कोटट नभन १९८४ क बकॊ ऩ स समऩणग उततय बफहाय भ कापी नकसान हआ था जजसकी िऩट भ हभाया घय बी था | ऩरयजसथनतवश भझ नौवी का भ ऩढ़ामी छोड़ दनी ऩड़ी | ककसी मभतर की सराह स भ नौकयी ढॉढ़न क मरए टदपरी गमा रककन वहाॉ बी ननयाशा ही हाथ रगी | भ दो टदन स बखा तो था ही ऊऩय स नौकयी की चिॊता | अत आतभहतमा का वविाय कयक यरव सटशन की ओय िर ऩड़ा | यानीफाग फाजाय भ एक दकान ऩय ऩजमशरी का सतसाटहतम
कसट आटद यखा हआ था एवॊ ऩजमशरी की फड़ आकाय की तसवीय बी टॉगी थी | ऩजमशरी की हॉसभख एवॊ आशीवागद की भरावारी उस तसवीय ऩय भयी नजय ऩड़ी तो १० मभनट तक भ वहीॊ सड़क ऩय स ही खड़-खड़ उस दखता यहा | उस वकत न जान भझ कमा मभर गमा भ काभ बर भजदयी का ही कयता हॉ रककन तफस रकय आज तक भय चितत भ फड़ी परसननता फनी हई ह | न जान भयी जजनदगी की कमा दशा होती अगय ऩजम फाऩजी की मवाधन सया ईशवय की ओय ननजशचनत जीवन ऩसतक औय कवष परसाद ऩबतरका हाथ न रगती ऩजमशरी की तसवीय स मभरी परयणा एवॊ उनक सतसाटहतम न भयी डफती नमा को भानो भझदाय स फिा मरमा | धनबागी ह साटहतम की सवा कयन वार जजनहोन भझ आतभहतमा क ऩाऩ स फिामा |
-भहश शाह
नायामणऩय दभया जज सीताभढ़ी (बफहाय)
भॊतर स राब
भयी भाॉ की हारत अिानक ऩागर जसी हो गमी थी भानो कोई बत-परत-डाककनी मा आसयी ततव उनभ घस गमा | भ फहत चिॊनतत हो गमा एवॊ एक साचधका फहन को पोन ककमा | उनहोन बत-परत बगान का भॊतर फतामा जजसका वणगन आशरभ स परकामशत आयोगमननचध ऩसतक भ बी ह | वह भॊतर इस परकाय ह
ॐ नभो बगवत रर बयवाम बतपरत म कर कर हॊ पट सवाहा |
इस भॊतर का ऩानी भ ननहायकय १०८ फाय जऩ ककमा औय वही ऩानी भाॉ को वऩरा टदमा |
तयॊत ही भाॉ शाॊनत स सो गमीॊ | दसय टदन बी इस भॊतर की ऩाॉि भारा कयक भाॉ को वह जर वऩरामा तो भाॉ बफपकर ठीक हो गमीॊ | ह भय साधक बाई-फहनो बत-परत बगान क
मरए अरा फाॉधॉ फरा फाॉधॉ ऐसा कयक झाड़-फ़ॉ क कयनवारो क िककय भ ऩड़न की जरयत नहीॊ ह | इसक मरए तो ऩजम फाऩजी का भॊतर ही तायणहाय ह | ऩजम फाऩजी क शरीियणो भ कोटट-कोटट परणाभ
-िॊऩकबाई एन ऩटर (अभरयका)
काभ करोध ऩय ववजम ऩामी
एक टदन भॊफई भर भ टटकट िककॊ ग कयत हए भ वातानकमरत फोगी भ ऩहॉिा | दखा तो भखभर की गददी ऩय टाट का आसन बफछाकय सवाभी शरी रीराशाहजी भहायाज सभाचधसथ ह | भझ आशचमग हआ कक जजन परथभ शरणी की वातानकमरत फोचगमो भ याजा-भहायाजा मातरा कयत ह ऐसी फोगी औय तीसयी शरणी की फोगी क फीि इन सॊत को कोई बद नहीॊ रगता | ऐसी फोचगमो भ बी व सभाचधसथ होत ह मह दखकय मसय झक जाता ह | भन ऩजम भहायाजशरी को परणाभ कयक कहा आऩ जस सॊतो क मरए तो सफ एक सभान ह |
हय हार भ एकयस यहकय आऩ भकतकत का आनॊद र सकत ह | रककन हभाय जस गरहसथो को कमा कयना िाटहए ताकक हभ बी आऩ जसी सभता फनाम यखकय जीवन जी सक
ऩजम भहायाजजी न कहा काभ औय करोध को त छोड़ द तो त बी जीवनभकत हो सकता ह | जहाॉ याभ तहॉ नहीॊ काभ जहाॉ काभ तहॉ नहीॊ याभ | औय करोध तो बाई बसभासय ह | वह तभाभ ऩणम को जराकय बसभ कय दता ह अॊतकयण को भमरन कय दता ह | भन कहा परब अगय आऩकी कऩा होगी तो भ काभ-करोध को छोड़ ऩाऊॉ गा | ऩजम भहायाजजी न कहा बाई कऩा ऐस थोड़ ही की जाती ह सॊतकऩा क साथ तया ऩरषाथग औय दढ़ता बी िाटहए | ऩहर त परनतऻा कय कक त जीवनऩमगनत काभ औय करोध स दय यहगा तो भ तझ आशीवागद दॉ | भन कहा भहायाजजी भ जीवनबय क मरए परनतऻा तो करॉ रककन उसका ऩारन न कय ऩाऊॉ तो झठा भाना जाऊॉ गा | ऩजम भहायाजजी न कहा अचछा ऩहर त भय सभ आठ टदन क मरए परनतऻा कय | कपय परनतऻा को एक-एक टदन फढ़त जाना | इस परकाय त उन फराओॊ स फि सकगा | ह कफर भन हाथ जोड़कय कफर ककमा | ऩजम भहायाजजी न आशीवागद दकय दो-िाय पर परसाद भ टदम | ऩजम भहायाजजी न भयी जो दो कभजोरयमाॉ थीॊ उन ऩय ही सीधा हभरा ककमा था | भझ आशचमग हआ कक अनम कोई बी दगगण छोड़न का न कहकय इन दो दगगणो क मरए ही उनहोन परनतऻा कमो कयवामी फाद भ भ इस याज स अवगत हआ |
दसय टदन भ ऩसनजय टरन भ कानऩय स आग जा यहा था | सफह क कयीफ नौ फज थ |
तीसयी शरणी की फोगी भ जाकय भन माबतरमो क टटकट जाॉिन का कामग शर ककमा | सफस
ऩहर फथग ऩय सोम हए एक मातरी क ऩास जाकय भन एक मातरी क ऩास जाकय भन टटकट टदखान को कहा तो वह गससा होकय भझ कहन रगा अॊधा ह दखता नहीॊ कक भ सो गमा हॉ भझ नीॊद स जगान का तझ कमा अचधकाय ह मह कोई यीत ह टटकट क फाय भ ऩछन की ऐसी ही अकर ह तयी ऐसा कछ-का-कछ वह फोरता ही गमा फोरता ही गमा | भ बी करोधाववषट होन रगा ककॊ त ऩजम भहायाजजी क सभ री हई परनतऻा भझ माद थी अत करोध को ऐस ऩी गमा भानो ववष की ऩकतड़मा भन उस कहा भहाशम आऩ ठीक ही कहत ह कक भझ फोरन की अकर नहीॊ ह बान नहीॊ ह | दखो भय म फार धऩ भ सपद हो गम ह | आऩभ फोरन की अकर अचधक ह नमरता ह तो कऩा कयक मसखाओॊ कक टटकट क मरए भझ ककस परकाय आऩस ऩछना िाटहए | भ रािाय हॉ कक डमटी क कायण भझ टटकट िक कयना ऩड़ यहा ह इसमरए भ आऩको कषट द यहा हॉ|
औय कफ़य भन खफ परभ स हाथ जोड़कय ववनती की बमा कऩा कयक कषट क मरए भझ भा कयो | भझ अऩना टटकट टदखामग भयी नमरता दखकय वह रजजजत हो गमा एवॊ तयॊत उठ फठा | जपदी-जपदी नीि उतयकय भझस भा भाॉगत हए कहन रगा भझ भाप कयना | भ नीॊद भ था | भन आऩको ऩहिाना नहीॊ था | अफ आऩ अऩन भॉह स भझ कह कक आऩन भझ भाफ़ ककमा मह दखकय भझ आनॊद औय सॊतोष हआ | भ सोिन रगा कक सॊतो की आऻा भानन भ ककतनी शकतकत औय टहत ननटहत ह सॊतो की करणा कसा िभतकारयक ऩरयणाभ राती ह वह रवमकतकत क पराकनतक सवबाव को बी जड़-भर स फदर सकती ह | अनमथा भझभ करोध को ननमॊतरण भ यखन की कोई शकतकत नहीॊ थी | भ ऩणगतमा असहाम था कपय बी भझ भहायाजजी की कऩा न ही सभथग फनामा | ऐस सॊतो क शरीियणो भ कोटट-कोटट नभसकाय
-शरी यीजभर
रयटामडग टीटी आई कानऩय
अनम अनबव
जरा हआ कागज
ऩवग रऩ भ एक फाय ऩयभहॊस ववशदधानॊदजी स आनॊदभमी भाॉ की ननकटता ऩानवार सपरमसदध ऩॊकतडत गोऩीनाथ कववयाज न ननवदन ककमा तयणीकानत ठाकय को अरौककक मसवदध पराि हई ह | व बफना दख मा बफना छए ही कागज भ मरखी हई फात ऩढ़ रत ह |
गरदव फोर तभ एक कागज ऩय कछ मरखो औय उसभ आग रगाकय जरा दो |
कववयाजजी न कागज ऩय कछ मरखा औय ऩयी तयह कागज जराकय हवा भ उड़ा टदमा |
उसक फाद गरदव न अऩन तककम क नीि स वही कागज ननकारकय कववयाजजी क आग यख टदमा | मह दखकय उनह फड़ा आशचमग हआ कक मह कागज वही था एवॊ जो उनहोन मरखा था वह बी उस ऩय उनहीॊ क सरख भ मरखा था औय साथ ही उसका उततय बी मरखा हआ दखा | जड़ता ऩशता औय ईशवयता का भर हभाया शयीय ह | जड़ शयीय को भ-भया भानन की ववतत जजतनी मभटती ह ऩाशवी वासनाओॊ की गराभी उतनी हटती ह औय हभाया ईशवयीम अॊश जजतना अचधक ववकमसत होता ह उतना ही मोग-साभमग ईशवयीम साभमग परकट होता ह | बायत क ऐस कई बकतो सॊतो औय मोचगमो क जीवन भ ईशवयीम साभमग दखा गमा ह अनबव ककमा गमा ह उसक ववषम भ सना गमा ह | धनम ह बायतबमभ भ यहनवार बायतीम सॊसकनत भ शरदधा-ववशवास यखनवार अऩन ईशवयीम अॊश को जगान की सवा-साधना कयनवार सवाभी ववशदधानॊदजी वषो की एकाॊत साधना औय वषो-वषो की गरसवा स अऩना दहाधमास औय ऩाशवी वासनाएॉ मभटाकय अऩन ईशवयीम
अॊश को ववकमसत कयनवार बायत क अनक भहाऩरषो भ स थ | उनक जीवन की औय बी अरौककक घटनाओॊ का वणगन आता ह | ऐस सतऩरषो क जीवन-िरयतर औय उनक जीवन भ घटटत घटनाएॉ ऩढ़न-सनन स हभ रोग बी अऩनी जड़ता एवॊ ऩशता स ऊऩय उठकय ईशवयीम अॊश को उबायन भ उतसाटहत होत ह | फहत ऊॉ िा काभ ह फड़ी शरदधा फड़ी सभझ फड़ा धमग िाटहए ईशवयीम साभमग को ऩणग रऩ स ववकमसत कयन भ | अफ आओ
िर आदय शॊकयािामग की ओय
नदी की धाया भड़ गमी
आदय शॊकयािामग की भाता ववमशषटा दवी अऩन करदवता कशव की ऩजा कयन जाती थीॊ | व ऩहर नदी भ सनान कयतीॊ औय कफ़य भॊटदय भ जाकय ऩजन कयतीॊ | एक टदन व परातकार ही ऩजन-साभगरी रकय भॊटदय की ओय गमीॊ ककॊ त सामॊकार तक घय नहीॊ रौटीॊ | शॊकयािामग की आम अबी सात-आठ वषग क भधम भ ही थी | व ईशवय क ऩयभ बकत औय ननषठावान थ | सामॊकार तक भाता क वाऩस न रौटन ऩय आिामग को फड़ी चिनता हई औय व उनह खोजन क मरए ननकर ऩड़ | भॊटदय क ननकट ऩहॉिकय उनहोन भाता को भागग भ ही भजचछगत ऩड़ दखा | उनहोन फहत दय तक भाता का उऩिाय ककमा तफ व होश भ आ सकीॊ |
नदी अचधक दय थी | वहाॉ तक ऩहॉिन भ भाता को फड़ा कषट होता था | आिामग न बगवान स भन-ही-भन पराथगना की कक परबो ककसी परकाय नदी की धाया को भोड़ दो जजसस कक
भाता ननकट ही सनान कय सक | व इस परकाय की पराथगना ननतम कयन रग | एक टदन उनहोन दखा कक नदी की धाया ककनाय की धयती को काटती-काटती भड़न रगी ह तथा कछ टदनो भ ही वह आिामग शॊकय क घय क ऩास फहन रगी | इस घटना न आिामग का अरौककक शकतकतसमऩनन होना परमसदध कय टदमा |
सकषभ शयीय स िोय का ऩीछा ककमा
हरयहय फाफा की फड़ी परमसवदध थी | एक फाय व हयऩारऩय सटशन ऩय थ | वहाॉ क सटशन भासटय न उनको एक िोय सऩदग ककमा | िोय न फाफा स कहा भहायाज भझ इतनी छटटी द दीजजम कक भ अऩन फार-फचिो का परफॊध कय आऊॉ | फाफा गाड़ी आन ऩय रौट आना | िोय िरा गमा | सटशन भासटय को ऩता िरा तो वह फाफा ऩय गभग हआ औय फोरा उसक फदर तमह जर की हवा खानी होगी | तभन जान-फझकय उस बगा टदमा ह | फाफा घफयाओ भत गाड़ी आन स ऩहर ही वह रौट आमगा | िोय की नीमत ठीक नहीॊ थी | वह जॊगर क भागग स अऻात सथान को बाग जाना िाहता था ककॊ त उस हय सभम मही परतीत होता यहा कक हरयहय फाफा डॊडा पटकायत हए उसक ऩीछ-ऩीछ िर आ यह ह | इसीमरए वह गाड़ी आन स ऩहर ही रौट आमा |
भॊगरी फाधा-ननवायण भॊतर
अॊ याॊ अॊ
इस भॊतर को १०८ फाय जऩन स करोध दय होता ह | जनभकनडरी भ भॊगरी मोग होन स जजनक वववाह न हो यह हो व २७ भॊगरवाय इस भॊतर का १०८ फाय जऩ कयत हए वरत यखकय हनभानजी ऩय मसॊदय का िोरा िढ़ाम | इसस भॊगर-फाधा का म होता ह |
सखऩवगक परसवकायक भॊतर
ऩहरा उऩाम
एॊ हीॊ बगवनत बगभामरनन िर िर भराभम भराभम ऩषऩॊ ववकासम ववकासम सवाहा |
इस भॊतर दवाया अमबभॊबतरत दध गमबगणी सतरी को वऩराम तो सखऩवगक परसव होगा |
दसया उऩाम
गमबगणी सतरी सवमॊ परसव क सभम जमबरा-जमबरा जऩ कय |
तीसया उऩाम
दशी गाम क गोफय का १२ स १५ मभरी यस ॐ नभो नायामणाम भॊतर का २१ फाय जऩ कयक ऩीन स बी परसव-फाधाएॉ दय होगी औय बफना ऑऩयशन क परसव होगा |
परसनत क सभम अभॊगर की आशॊका हो तो ननमन भॊतर का जऩ कय
सवगभॊगर भाॊगपम मशव सवागथग साचधक |
शयणम तरममफक गौयी नायामणी नभोSसतत ||
(दगागसिशती)
शकतकतशारी व गोय ऩतर की परानि क मरए
सगबागवसथा भ ढाक (ऩराश खाखया) का एक कोभर ऩतता घोटकय गौ-दगध क साथ योज सवन कयन स फारक शकतकतशारी औय गोया होता ह | भाता-वऩता बर कार-करट हो कपय बी फारक गोया होगा |
सदगर-भटहभा
गर बफन बव ननचध तय न कोई |
जौ फयॊचि सॊकय सभ होई ||
-सॊत तरसीदासजी
हरयहय आटदक जगत भ ऩजमदव जो कोम |
सदगर की ऩजा ककम सफकी ऩजा होम ||
-ननशचरदासजी भहायाज
सहजो कायज सॊसाय को गर बफन होत नाॉही |
हरय तो गर बफन कमा मभर सभझ र भन भाॉही ||
-सॊत कफीयजी सॊत
सयनन जो जन ऩय सो जन उधयनहाय | सॊत की ननॊदा नानका फहरय फहरय अवताय ||
-गर नानक दवजी
गरसवा सफ बागमो की जनभबमभ ह औय वह शोकाकर रोगो को बरहमभम कय दती ह |
गररऩी समग अववदयारऩी याबतर का नाश कयता ह औय ऻानाऻान रऩी मसतायो का रोऩ कयक फवदधभानो को आतभफोध का सटदन टदखाता ह |
-सॊत ऻानशवय भहायाज
सतम क कॊ टकभम भागग भ आऩको गर क मसवाम औय कोई भागगदशगन नहीॊ द सकता |
- सवाभी मशवानॊद सयसवती
ककतन ही याजा-भहायाजा हो गम औय होग सामजम भकतकत कोई नहीॊ द सकता | सचि याजा-भहायाज तो सॊत ही ह | जो उनकी शयण जाता ह वही सचिा सख औय सामजम भकतकत ऩाता ह |
-सभथग शरी याभदास सवाभी
भनषम िाह ककतना बी जऩ-तऩ कय मभ-ननमभो का ऩारन कय ऩयॊत जफ तक सदगर की कऩादवषट नहीॊ मभरती तफ तक सफ रवमथग ह |
-सवाभी याभतीथग
परटो कहत ह कक सकयात जस गर ऩाकय भ धनम हआ |
इभसगन न अऩन गर थोयो स जो पराि ककमा उसक भटहभागान भ व बावववबोय हो जात थ |
शरी याभकषण ऩयभहॊस ऩणगता का अनबव कयानवार अऩन सदगरदव की परशॊसा कयत नहीॊ अघात थ |
ऩजमऩाद सवाभी शरी रीराशाहजी भहायाज बी अऩन सदगरदव की माद भ सनह क आॉस
फहाकय गदगद कॊ ठ हो जात थ |
ऩजम फाऩजी बी अऩन सदगरदव की माद भ कस हो जात ह मह तो दखत ही फनता ह |
अफ हभ उनकी माद भ कस होत ह मह परशन ह | फटहभगख ननगय रोग कछ बी कह साधक को अऩन सदगर स कमा मभरता ह इस तो साधक ही जानत ह |
रडी भाटटगन क सहाग की या कयन अपगाननसतान भ परकट मशवजी
साध सॊग सॊसाय भ दरगब भनषम शयीय |
सतसॊग सववत ततव ह बतरववध ताऩ की ऩीय ||
भानव-दह मभरना दरगब ह औय मभर बी जाम तो आचधदववक आचधबौनतक औय आधमाजतभक म तीन ताऩ भनषम को तऩात यहत ह | ककॊ त भनषम-दह भ बी ऩववतरता हो सचिाई हो शदधता हो औय साध-सॊग मभर जाम तो म बतरववध ताऩ मभट जात ह |
सन १८७९ की फात ह | बायत भ बबरटटश शासन था उनहीॊ टदनो अॊगरजो न अपगाननसतान ऩय आकरभण कय टदमा | इस मदध का सॊिारन आगय भारवा बबरटटश छावनी क रजफ़टनट कनगर भाटटगन को सौऩा गमा था | कनगर भाटटगन सभम-सभम ऩय मदध-तर स अऩनी ऩतनी को कशरता क सभािाय बजता यहता था | मदध रॊफा िरा औय अफ तो सॊदश आन बी फॊद हो गम | रडी भाटटगन को चिॊता सतान रगी कक कहीॊ कछ अनथग न हो गमा हो अपगानी सननको न भय ऩनत को भाय न डारा हो | कदाचित ऩनत मदध भ शहीद हो गम तो भ जीकय कमा करॉ गी -मह सोिकय वह अनक शॊका-कशॊकाओॊ स नघयी यहती थी |
चिनतातय फनी वह एक टदन घोड़ ऩय फठकय घभन जा यही थी | भागग भ ककसी भॊटदय स आती हई शॊख व भॊतर धवनन न उस आकवषगत ककमा | वह एक ऩड़ स अऩना घोड़ा फाॉधकय भॊटदय भ गमी | फजनाथ भहादव क इस भॊटदय भ मशवऩजन भ ननभगन ऩॊकतडतो स उसन ऩछा आऩ रोग कमा कय यह ह एक वरदध बराहमण न कहा हभ बगवान मशव का ऩजन कय यह ह | रडी भाटटगन मशवऩजन की कमा भहतता ह बराहमण फटी बगवान मशव तो औढयदानी ह बोरनाथ ह | अऩन बकतो क सॊकट-ननवायण कयन भ व तननक बी दय नहीॊ कयत ह | बकत उनक दयफाय भ जो बी भनोकाभना रकय क आता ह उस व शीघर ऩयी कयत ह ककॊ त फटी तभ फहत चिजनतत औय उदास नजय आ यही हो कमा फात ह रडी भाटटगन भय ऩनतदव मदध भ गम ह औय ववगत कई टदनो स उनका कोई
सभािाय नहीॊ आमा ह | व मदध भ पॉ स गम ह मा भाय गम ह कछ ऩता नहीॊ िर यहा | भ उनकी ओय स फहत चिजनतत हॉ | इतना कहत हए रडी भाटटगन की आॉख नभ हो गमीॊ |
बराहमण तभ चिनता भत कयो फटी मशवजी का ऩजन कयो उनस पराथगना कयो रघररी कयवाओ | बगवान मशव तमहाय ऩनत का यण अवशम कयग |
ऩॊकतडतो की सराह ऩय उसन वहाॉ गमायह टदन का ॐ नभ मशवाम भॊतर स रघररी अनषठान परायॊब ककमा तथा परनतटदन बगवान मशव स अऩन ऩनत की या क मरए पराथगना कयन रगी कक ह बगवान मशव ह फजनाथ भहादव मटद भय ऩनत मदध स सकशर रौट आम तो भ आऩका मशखयफॊद भॊटदय फनवाऊॉ गी | रघररी की ऩणागहनत क टदन बागता हआ एक सॊदशवाहक मशवभॊटदय भ आमा औय रडी भाटटगन को एक मरपापा टदमा | उसन घफयात-घफयात वह मरपापा खोरा औय ऩढ़न रगी |
ऩतर भ उसक ऩनत न मरखा था हभ मदध भ यत थ औय तभ तक सॊदश बी बजत यह रककन आक ऩठानी सना न घय मरमा | बबरटटश सना कट भयती औय भ बी भय जाता |
ऐसी ववकट ऩरयजसथनत भ हभ नघय गम थ कक पराण फिाकय बागना बी अतमाचधक कटठन था | इतन भ भन दखा कक मदधबमभ भ बायत क कोई एक मोगी जजनकी फड़ी रमफी जटाएॉ ह हाथ भ तीन नोकवारा एक हचथमाय (बतरशर) इतनी तीवर गनत स घभ यहा था कक ऩठान सननक उनह दखकय बागन रग | उनकी कऩा स घय स हभ ननकरकय ऩठानो ऩय वाय कयन का भौका मभर गमा औय हभायी हाय की घकतड़माॉ अिानक जीत भ फदर गमीॊ | मह सफ बायत क उन फाघामफयधायी एवॊ तीन नोकवारा हचथमाय धायण ककम हए
(बतरशरधायी) मोगी क कायण ही समबव हआ | उनक भहातजसवी रवमकतकततव क परबाव स दखत-ही-दखत अपगाननसतान की ऩठानी सना बाग खड़ी हई औय व ऩयभ मोगी भझ
टहमभत दत हए कहन रग | घफयाओॊ नहीॊ | भ बगवान मशव हॉ तथा तमहायी ऩतनी की ऩजा स परसनन होकय तमहायी या कयन आमा हॉ उसक सहाग की या कयन आमा हॉ |
ऩतर ऩढ़त हए रडी भाटटगन की आॉखो स अववयत अशरधाया फहती जा यही थी उसका रदम अहोबाव स बय गमा औय वह बगवान मशव की परनतभा क समभख मसय यखकय पराथगना कयत-कयत यो ऩड़ी | कछ सिाह फाद उसका ऩनत कनगर भाटटगन आगय छावनी रौटा | ऩतनी न उस सायी फात सनात हए कहा आऩक सॊदश क अबाव भ भ चिजनतत हो उठी थी रककन बराहमणो की सराह स मशवऩजा भ रग गमी औय आऩकी या क मरए बगवान मशव स पराथगना कयन रगी | उन द खबॊजक भहादव न भयी पराथगना सनी औय आऩको सकशर रौटा टदमा | अफ तो ऩनत-ऩतनी दोनो ही ननममभत रऩ स फजनाथ भहादव क भॊटदय भ ऩजा-अिगना कयन रग | अऩनी ऩतनी की इचछा ऩय कनगर भाटटगन भ सन १८८३
भ ऩॊरह हजाय रऩम दकय फजनाथ भहादव भॊटदय का जीणोदवाय कयवामा जजसका मशरारख आज बी आगय भारवा क इस भॊटदय भ रगा ह | ऩय बायतबय भ अॊगरजो दवाय ननमभगत मह एकभातर टहनद भॊटदय ह |
मयोऩ जान स ऩवग रडी भाटटगन न ऩकतड़तो स कहा हभ अऩन घय भ बी बगवान मशव का भॊटदय फनामग तथा इन द ख-ननवायक दव की आजीवन ऩजा कयत यहग |
बगवान मशव भ बगवान कषण भ भाॉ अमफा भ आतभवतता सदगर भ सतता तो एक ही ह | आवशमकता ह अटर ववशवास की | एकररवम न गरभनत ग भ ववशवास कय वह पराि कय मरमा जो अजगन को कटठन रगा | आरणण उऩभनम रव परहराद आटद अनम सकड़ो उदायहण हभाय साभन परतम ह | आज बी इस परकाय का सहमोग हजायो बकतो को साधको को बगवान व आतभवतता सदगरओॊ क दवाया ननयनतय पराि होता यहता ह | आवशमकता ह तो फस कवर ववशवास की |
भहाभतमॊजम भॊतर
ॐ हौ जॉ स |
ॐ बबगव सव |
ॐ तरममफकॊ मजाभह सगॊचध ॊ ऩवषटवधगनभ |
उवागरकमभव फनधनानभतमोभगीम भाभतात |
सव भव ब ॐ |
स जॉ हौ ॐ |
बगवान मशव का मह भहाभतमॊजम जऩन स अकार भतम तो टरती ही ह आयोगमता की बी परानि होती ह | सनान कयत सभम शयीय ऩय रोट स ऩानी डारत वकत इस भॊतर का जऩ कयन स सवासम-राब होता ह | दध भ ननहायत हए इस भॊतर का जाऩ ककमा जाम औय कपय वह दध ऩी मरमा जम तो मौवन की सया भ बी सहामता मभरती ह | आजकर की तज यफ़तायवारी जजनदगी भ कहाॉ आतॊक उऩरव दघगटना हो जाम कहना भजशकर ह | घय स ननकरत सभम एक फाय मह भॊतर जऩनवारा इन उऩदरवो स सयकषत यहता ह औय सयकषत घय रौटता ह | (इस भॊतरानषठान क ववचध-ववधान की ववसतत जानकायी क मरए आशरभ दवाया परकामशत आयोगमननचध ऩसतक ऩढ़ |) शरीभदबागवत क आठव सकॊ ध भ तीसय अधमाम क शलोक १ स ३३ तक भ वणणगत गजनरभो सतोतर का ऩाठ कयन स तभाभ
ववधन दय होत ह |
बजकय दीा टदरवा दी | गाॉव क सबी रवमकतकत अऩन ऩय ऩरयवाय सटहत दीकषत हो िक ह | परतमक गरवाय को ऩय गाॉव भ एक सभम बोजन फनता ह | सबी रोग गरवाय का वरत यखत ह | कौशरऩय गाॉव क परबाव स आस-ऩास क गाॉववार एवॊ उनक रयशतदायो सटहत १००० रवमकतकतमो शयाफ छोड़कय दीा र री ह | गाॉव क इनतहास भ तीन-तीन ऩीढ़ी स कोई भॊटदय नहीॊ था | गाॉववारो न ५ राख रऩम रगाकय दो भॊटदय फनवाम ह | ऩया गाॉव रवमवसनभकत एवॊ बगवतबकत फन गमा ह मह ऩजम फाऩजी की कऩा नहीॊ तो औय कमा ह सफक तायणहाय ऩजम फाऩजी क शरीियणो भ कोटट-कोटट परणाभ
-शमाभ परजाऩनत (सऩयवाइजय नतरहन सॊघ) ताजऩय उजजन (भपर)
नतरबफ ॊद का िभतकाय
भया सौबागम ह कक भझ सॊतकऩा नतरबफॊद (आई डरॉपस) का िभतकाय दखन को मभरा |
एक सॊत फाफा मशवयाभदास उमर ८० वषग गीता कटटय तऩोवन झाड़ी सिसयोवय हरयदवाय भ यहत ह | उनकी दाटहनी आॉख क सपद भोनतम का ऑऩयशन शाॉनतकॊ ज हरयदवाय आमोजजत कमऩ भ हआ | कस बफगड़ गमा औय कार भोनतमा फन गमा | ददग यहन रगा औय योशनी घटन रगी | दोफाया बभाननद नतर चिककतसारम भ ऑऩयशन हआ | एबसपमट गरकोभा फतात हए कहा कक ऑऩयशन स मसयददग ठीक हो जामगा ऩय योशनी जाती यहगी | ऩयॊत अफ व फाफा सॊत शरी आसायाभजी आशरभ दवाय ननमभगत सॊतकऩा नतरबफॊद सफह-शाभ डार यह ह | भन उनक नतरो का ऩयीण ककमा | उनकी दाटहनी आॉख भ उॉगरी चगनन रामक योशनी वाऩस आ गमी ह | कार भोनतम का परशय नॉभगर ह | कोननगमा भ सजन नहीॊ ह | व कापी सॊतषट ह | व फतात ह आॉख ऩहर रार यहती थी ऩयॊत अफ नहीॊ ह | आशरभ क नतरबफॊद स कपऩनातीत राब हआ | फामीॊ आॉख भ बी उनह सपद भोनतमा फतामा गमा था औय सॊशम था कक शामद कारा भोनतमा बी ह | ऩय आज फामीॊ आॉख बी ठीक ह औय दोनो आॉखो का परशय बी नॉभगर ह | सपद भोनतमा नहीॊ ह औय योशनी कापी अचछी ह |
मह सॊतकऩा नतरफॊद का ववरण परबाव दखकय भ बी अऩन भयीजो को इसका उऩमोग कयन की सराह दॉगा |
-डॉ अननत कभाय अगरवार (नतरयोग ववशषऻ)
एभफीफीएस एभएस (नतर) डीओएभएस (आई) सीताऩय सहायनऩय (उपर)
ऩजमशरी की तसवीय स मभरी परयणा
सवगसभथग ऩयभ ऩजम शरी फाऩजी क ियणकभरो भ भया कोटट-कोटट नभन १९८४ क बकॊ ऩ स समऩणग उततय बफहाय भ कापी नकसान हआ था जजसकी िऩट भ हभाया घय बी था | ऩरयजसथनतवश भझ नौवी का भ ऩढ़ामी छोड़ दनी ऩड़ी | ककसी मभतर की सराह स भ नौकयी ढॉढ़न क मरए टदपरी गमा रककन वहाॉ बी ननयाशा ही हाथ रगी | भ दो टदन स बखा तो था ही ऊऩय स नौकयी की चिॊता | अत आतभहतमा का वविाय कयक यरव सटशन की ओय िर ऩड़ा | यानीफाग फाजाय भ एक दकान ऩय ऩजमशरी का सतसाटहतम
कसट आटद यखा हआ था एवॊ ऩजमशरी की फड़ आकाय की तसवीय बी टॉगी थी | ऩजमशरी की हॉसभख एवॊ आशीवागद की भरावारी उस तसवीय ऩय भयी नजय ऩड़ी तो १० मभनट तक भ वहीॊ सड़क ऩय स ही खड़-खड़ उस दखता यहा | उस वकत न जान भझ कमा मभर गमा भ काभ बर भजदयी का ही कयता हॉ रककन तफस रकय आज तक भय चितत भ फड़ी परसननता फनी हई ह | न जान भयी जजनदगी की कमा दशा होती अगय ऩजम फाऩजी की मवाधन सया ईशवय की ओय ननजशचनत जीवन ऩसतक औय कवष परसाद ऩबतरका हाथ न रगती ऩजमशरी की तसवीय स मभरी परयणा एवॊ उनक सतसाटहतम न भयी डफती नमा को भानो भझदाय स फिा मरमा | धनबागी ह साटहतम की सवा कयन वार जजनहोन भझ आतभहतमा क ऩाऩ स फिामा |
-भहश शाह
नायामणऩय दभया जज सीताभढ़ी (बफहाय)
भॊतर स राब
भयी भाॉ की हारत अिानक ऩागर जसी हो गमी थी भानो कोई बत-परत-डाककनी मा आसयी ततव उनभ घस गमा | भ फहत चिॊनतत हो गमा एवॊ एक साचधका फहन को पोन ककमा | उनहोन बत-परत बगान का भॊतर फतामा जजसका वणगन आशरभ स परकामशत आयोगमननचध ऩसतक भ बी ह | वह भॊतर इस परकाय ह
ॐ नभो बगवत रर बयवाम बतपरत म कर कर हॊ पट सवाहा |
इस भॊतर का ऩानी भ ननहायकय १०८ फाय जऩ ककमा औय वही ऩानी भाॉ को वऩरा टदमा |
तयॊत ही भाॉ शाॊनत स सो गमीॊ | दसय टदन बी इस भॊतर की ऩाॉि भारा कयक भाॉ को वह जर वऩरामा तो भाॉ बफपकर ठीक हो गमीॊ | ह भय साधक बाई-फहनो बत-परत बगान क
मरए अरा फाॉधॉ फरा फाॉधॉ ऐसा कयक झाड़-फ़ॉ क कयनवारो क िककय भ ऩड़न की जरयत नहीॊ ह | इसक मरए तो ऩजम फाऩजी का भॊतर ही तायणहाय ह | ऩजम फाऩजी क शरीियणो भ कोटट-कोटट परणाभ
-िॊऩकबाई एन ऩटर (अभरयका)
काभ करोध ऩय ववजम ऩामी
एक टदन भॊफई भर भ टटकट िककॊ ग कयत हए भ वातानकमरत फोगी भ ऩहॉिा | दखा तो भखभर की गददी ऩय टाट का आसन बफछाकय सवाभी शरी रीराशाहजी भहायाज सभाचधसथ ह | भझ आशचमग हआ कक जजन परथभ शरणी की वातानकमरत फोचगमो भ याजा-भहायाजा मातरा कयत ह ऐसी फोगी औय तीसयी शरणी की फोगी क फीि इन सॊत को कोई बद नहीॊ रगता | ऐसी फोचगमो भ बी व सभाचधसथ होत ह मह दखकय मसय झक जाता ह | भन ऩजम भहायाजशरी को परणाभ कयक कहा आऩ जस सॊतो क मरए तो सफ एक सभान ह |
हय हार भ एकयस यहकय आऩ भकतकत का आनॊद र सकत ह | रककन हभाय जस गरहसथो को कमा कयना िाटहए ताकक हभ बी आऩ जसी सभता फनाम यखकय जीवन जी सक
ऩजम भहायाजजी न कहा काभ औय करोध को त छोड़ द तो त बी जीवनभकत हो सकता ह | जहाॉ याभ तहॉ नहीॊ काभ जहाॉ काभ तहॉ नहीॊ याभ | औय करोध तो बाई बसभासय ह | वह तभाभ ऩणम को जराकय बसभ कय दता ह अॊतकयण को भमरन कय दता ह | भन कहा परब अगय आऩकी कऩा होगी तो भ काभ-करोध को छोड़ ऩाऊॉ गा | ऩजम भहायाजजी न कहा बाई कऩा ऐस थोड़ ही की जाती ह सॊतकऩा क साथ तया ऩरषाथग औय दढ़ता बी िाटहए | ऩहर त परनतऻा कय कक त जीवनऩमगनत काभ औय करोध स दय यहगा तो भ तझ आशीवागद दॉ | भन कहा भहायाजजी भ जीवनबय क मरए परनतऻा तो करॉ रककन उसका ऩारन न कय ऩाऊॉ तो झठा भाना जाऊॉ गा | ऩजम भहायाजजी न कहा अचछा ऩहर त भय सभ आठ टदन क मरए परनतऻा कय | कपय परनतऻा को एक-एक टदन फढ़त जाना | इस परकाय त उन फराओॊ स फि सकगा | ह कफर भन हाथ जोड़कय कफर ककमा | ऩजम भहायाजजी न आशीवागद दकय दो-िाय पर परसाद भ टदम | ऩजम भहायाजजी न भयी जो दो कभजोरयमाॉ थीॊ उन ऩय ही सीधा हभरा ककमा था | भझ आशचमग हआ कक अनम कोई बी दगगण छोड़न का न कहकय इन दो दगगणो क मरए ही उनहोन परनतऻा कमो कयवामी फाद भ भ इस याज स अवगत हआ |
दसय टदन भ ऩसनजय टरन भ कानऩय स आग जा यहा था | सफह क कयीफ नौ फज थ |
तीसयी शरणी की फोगी भ जाकय भन माबतरमो क टटकट जाॉिन का कामग शर ककमा | सफस
ऩहर फथग ऩय सोम हए एक मातरी क ऩास जाकय भन एक मातरी क ऩास जाकय भन टटकट टदखान को कहा तो वह गससा होकय भझ कहन रगा अॊधा ह दखता नहीॊ कक भ सो गमा हॉ भझ नीॊद स जगान का तझ कमा अचधकाय ह मह कोई यीत ह टटकट क फाय भ ऩछन की ऐसी ही अकर ह तयी ऐसा कछ-का-कछ वह फोरता ही गमा फोरता ही गमा | भ बी करोधाववषट होन रगा ककॊ त ऩजम भहायाजजी क सभ री हई परनतऻा भझ माद थी अत करोध को ऐस ऩी गमा भानो ववष की ऩकतड़मा भन उस कहा भहाशम आऩ ठीक ही कहत ह कक भझ फोरन की अकर नहीॊ ह बान नहीॊ ह | दखो भय म फार धऩ भ सपद हो गम ह | आऩभ फोरन की अकर अचधक ह नमरता ह तो कऩा कयक मसखाओॊ कक टटकट क मरए भझ ककस परकाय आऩस ऩछना िाटहए | भ रािाय हॉ कक डमटी क कायण भझ टटकट िक कयना ऩड़ यहा ह इसमरए भ आऩको कषट द यहा हॉ|
औय कफ़य भन खफ परभ स हाथ जोड़कय ववनती की बमा कऩा कयक कषट क मरए भझ भा कयो | भझ अऩना टटकट टदखामग भयी नमरता दखकय वह रजजजत हो गमा एवॊ तयॊत उठ फठा | जपदी-जपदी नीि उतयकय भझस भा भाॉगत हए कहन रगा भझ भाप कयना | भ नीॊद भ था | भन आऩको ऩहिाना नहीॊ था | अफ आऩ अऩन भॉह स भझ कह कक आऩन भझ भाफ़ ककमा मह दखकय भझ आनॊद औय सॊतोष हआ | भ सोिन रगा कक सॊतो की आऻा भानन भ ककतनी शकतकत औय टहत ननटहत ह सॊतो की करणा कसा िभतकारयक ऩरयणाभ राती ह वह रवमकतकत क पराकनतक सवबाव को बी जड़-भर स फदर सकती ह | अनमथा भझभ करोध को ननमॊतरण भ यखन की कोई शकतकत नहीॊ थी | भ ऩणगतमा असहाम था कपय बी भझ भहायाजजी की कऩा न ही सभथग फनामा | ऐस सॊतो क शरीियणो भ कोटट-कोटट नभसकाय
-शरी यीजभर
रयटामडग टीटी आई कानऩय
अनम अनबव
जरा हआ कागज
ऩवग रऩ भ एक फाय ऩयभहॊस ववशदधानॊदजी स आनॊदभमी भाॉ की ननकटता ऩानवार सपरमसदध ऩॊकतडत गोऩीनाथ कववयाज न ननवदन ककमा तयणीकानत ठाकय को अरौककक मसवदध पराि हई ह | व बफना दख मा बफना छए ही कागज भ मरखी हई फात ऩढ़ रत ह |
गरदव फोर तभ एक कागज ऩय कछ मरखो औय उसभ आग रगाकय जरा दो |
कववयाजजी न कागज ऩय कछ मरखा औय ऩयी तयह कागज जराकय हवा भ उड़ा टदमा |
उसक फाद गरदव न अऩन तककम क नीि स वही कागज ननकारकय कववयाजजी क आग यख टदमा | मह दखकय उनह फड़ा आशचमग हआ कक मह कागज वही था एवॊ जो उनहोन मरखा था वह बी उस ऩय उनहीॊ क सरख भ मरखा था औय साथ ही उसका उततय बी मरखा हआ दखा | जड़ता ऩशता औय ईशवयता का भर हभाया शयीय ह | जड़ शयीय को भ-भया भानन की ववतत जजतनी मभटती ह ऩाशवी वासनाओॊ की गराभी उतनी हटती ह औय हभाया ईशवयीम अॊश जजतना अचधक ववकमसत होता ह उतना ही मोग-साभमग ईशवयीम साभमग परकट होता ह | बायत क ऐस कई बकतो सॊतो औय मोचगमो क जीवन भ ईशवयीम साभमग दखा गमा ह अनबव ककमा गमा ह उसक ववषम भ सना गमा ह | धनम ह बायतबमभ भ यहनवार बायतीम सॊसकनत भ शरदधा-ववशवास यखनवार अऩन ईशवयीम अॊश को जगान की सवा-साधना कयनवार सवाभी ववशदधानॊदजी वषो की एकाॊत साधना औय वषो-वषो की गरसवा स अऩना दहाधमास औय ऩाशवी वासनाएॉ मभटाकय अऩन ईशवयीम
अॊश को ववकमसत कयनवार बायत क अनक भहाऩरषो भ स थ | उनक जीवन की औय बी अरौककक घटनाओॊ का वणगन आता ह | ऐस सतऩरषो क जीवन-िरयतर औय उनक जीवन भ घटटत घटनाएॉ ऩढ़न-सनन स हभ रोग बी अऩनी जड़ता एवॊ ऩशता स ऊऩय उठकय ईशवयीम अॊश को उबायन भ उतसाटहत होत ह | फहत ऊॉ िा काभ ह फड़ी शरदधा फड़ी सभझ फड़ा धमग िाटहए ईशवयीम साभमग को ऩणग रऩ स ववकमसत कयन भ | अफ आओ
िर आदय शॊकयािामग की ओय
नदी की धाया भड़ गमी
आदय शॊकयािामग की भाता ववमशषटा दवी अऩन करदवता कशव की ऩजा कयन जाती थीॊ | व ऩहर नदी भ सनान कयतीॊ औय कफ़य भॊटदय भ जाकय ऩजन कयतीॊ | एक टदन व परातकार ही ऩजन-साभगरी रकय भॊटदय की ओय गमीॊ ककॊ त सामॊकार तक घय नहीॊ रौटीॊ | शॊकयािामग की आम अबी सात-आठ वषग क भधम भ ही थी | व ईशवय क ऩयभ बकत औय ननषठावान थ | सामॊकार तक भाता क वाऩस न रौटन ऩय आिामग को फड़ी चिनता हई औय व उनह खोजन क मरए ननकर ऩड़ | भॊटदय क ननकट ऩहॉिकय उनहोन भाता को भागग भ ही भजचछगत ऩड़ दखा | उनहोन फहत दय तक भाता का उऩिाय ककमा तफ व होश भ आ सकीॊ |
नदी अचधक दय थी | वहाॉ तक ऩहॉिन भ भाता को फड़ा कषट होता था | आिामग न बगवान स भन-ही-भन पराथगना की कक परबो ककसी परकाय नदी की धाया को भोड़ दो जजसस कक
भाता ननकट ही सनान कय सक | व इस परकाय की पराथगना ननतम कयन रग | एक टदन उनहोन दखा कक नदी की धाया ककनाय की धयती को काटती-काटती भड़न रगी ह तथा कछ टदनो भ ही वह आिामग शॊकय क घय क ऩास फहन रगी | इस घटना न आिामग का अरौककक शकतकतसमऩनन होना परमसदध कय टदमा |
सकषभ शयीय स िोय का ऩीछा ककमा
हरयहय फाफा की फड़ी परमसवदध थी | एक फाय व हयऩारऩय सटशन ऩय थ | वहाॉ क सटशन भासटय न उनको एक िोय सऩदग ककमा | िोय न फाफा स कहा भहायाज भझ इतनी छटटी द दीजजम कक भ अऩन फार-फचिो का परफॊध कय आऊॉ | फाफा गाड़ी आन ऩय रौट आना | िोय िरा गमा | सटशन भासटय को ऩता िरा तो वह फाफा ऩय गभग हआ औय फोरा उसक फदर तमह जर की हवा खानी होगी | तभन जान-फझकय उस बगा टदमा ह | फाफा घफयाओ भत गाड़ी आन स ऩहर ही वह रौट आमगा | िोय की नीमत ठीक नहीॊ थी | वह जॊगर क भागग स अऻात सथान को बाग जाना िाहता था ककॊ त उस हय सभम मही परतीत होता यहा कक हरयहय फाफा डॊडा पटकायत हए उसक ऩीछ-ऩीछ िर आ यह ह | इसीमरए वह गाड़ी आन स ऩहर ही रौट आमा |
भॊगरी फाधा-ननवायण भॊतर
अॊ याॊ अॊ
इस भॊतर को १०८ फाय जऩन स करोध दय होता ह | जनभकनडरी भ भॊगरी मोग होन स जजनक वववाह न हो यह हो व २७ भॊगरवाय इस भॊतर का १०८ फाय जऩ कयत हए वरत यखकय हनभानजी ऩय मसॊदय का िोरा िढ़ाम | इसस भॊगर-फाधा का म होता ह |
सखऩवगक परसवकायक भॊतर
ऩहरा उऩाम
एॊ हीॊ बगवनत बगभामरनन िर िर भराभम भराभम ऩषऩॊ ववकासम ववकासम सवाहा |
इस भॊतर दवाया अमबभॊबतरत दध गमबगणी सतरी को वऩराम तो सखऩवगक परसव होगा |
दसया उऩाम
गमबगणी सतरी सवमॊ परसव क सभम जमबरा-जमबरा जऩ कय |
तीसया उऩाम
दशी गाम क गोफय का १२ स १५ मभरी यस ॐ नभो नायामणाम भॊतर का २१ फाय जऩ कयक ऩीन स बी परसव-फाधाएॉ दय होगी औय बफना ऑऩयशन क परसव होगा |
परसनत क सभम अभॊगर की आशॊका हो तो ननमन भॊतर का जऩ कय
सवगभॊगर भाॊगपम मशव सवागथग साचधक |
शयणम तरममफक गौयी नायामणी नभोSसतत ||
(दगागसिशती)
शकतकतशारी व गोय ऩतर की परानि क मरए
सगबागवसथा भ ढाक (ऩराश खाखया) का एक कोभर ऩतता घोटकय गौ-दगध क साथ योज सवन कयन स फारक शकतकतशारी औय गोया होता ह | भाता-वऩता बर कार-करट हो कपय बी फारक गोया होगा |
सदगर-भटहभा
गर बफन बव ननचध तय न कोई |
जौ फयॊचि सॊकय सभ होई ||
-सॊत तरसीदासजी
हरयहय आटदक जगत भ ऩजमदव जो कोम |
सदगर की ऩजा ककम सफकी ऩजा होम ||
-ननशचरदासजी भहायाज
सहजो कायज सॊसाय को गर बफन होत नाॉही |
हरय तो गर बफन कमा मभर सभझ र भन भाॉही ||
-सॊत कफीयजी सॊत
सयनन जो जन ऩय सो जन उधयनहाय | सॊत की ननॊदा नानका फहरय फहरय अवताय ||
-गर नानक दवजी
गरसवा सफ बागमो की जनभबमभ ह औय वह शोकाकर रोगो को बरहमभम कय दती ह |
गररऩी समग अववदयारऩी याबतर का नाश कयता ह औय ऻानाऻान रऩी मसतायो का रोऩ कयक फवदधभानो को आतभफोध का सटदन टदखाता ह |
-सॊत ऻानशवय भहायाज
सतम क कॊ टकभम भागग भ आऩको गर क मसवाम औय कोई भागगदशगन नहीॊ द सकता |
- सवाभी मशवानॊद सयसवती
ककतन ही याजा-भहायाजा हो गम औय होग सामजम भकतकत कोई नहीॊ द सकता | सचि याजा-भहायाज तो सॊत ही ह | जो उनकी शयण जाता ह वही सचिा सख औय सामजम भकतकत ऩाता ह |
-सभथग शरी याभदास सवाभी
भनषम िाह ककतना बी जऩ-तऩ कय मभ-ननमभो का ऩारन कय ऩयॊत जफ तक सदगर की कऩादवषट नहीॊ मभरती तफ तक सफ रवमथग ह |
-सवाभी याभतीथग
परटो कहत ह कक सकयात जस गर ऩाकय भ धनम हआ |
इभसगन न अऩन गर थोयो स जो पराि ककमा उसक भटहभागान भ व बावववबोय हो जात थ |
शरी याभकषण ऩयभहॊस ऩणगता का अनबव कयानवार अऩन सदगरदव की परशॊसा कयत नहीॊ अघात थ |
ऩजमऩाद सवाभी शरी रीराशाहजी भहायाज बी अऩन सदगरदव की माद भ सनह क आॉस
फहाकय गदगद कॊ ठ हो जात थ |
ऩजम फाऩजी बी अऩन सदगरदव की माद भ कस हो जात ह मह तो दखत ही फनता ह |
अफ हभ उनकी माद भ कस होत ह मह परशन ह | फटहभगख ननगय रोग कछ बी कह साधक को अऩन सदगर स कमा मभरता ह इस तो साधक ही जानत ह |
रडी भाटटगन क सहाग की या कयन अपगाननसतान भ परकट मशवजी
साध सॊग सॊसाय भ दरगब भनषम शयीय |
सतसॊग सववत ततव ह बतरववध ताऩ की ऩीय ||
भानव-दह मभरना दरगब ह औय मभर बी जाम तो आचधदववक आचधबौनतक औय आधमाजतभक म तीन ताऩ भनषम को तऩात यहत ह | ककॊ त भनषम-दह भ बी ऩववतरता हो सचिाई हो शदधता हो औय साध-सॊग मभर जाम तो म बतरववध ताऩ मभट जात ह |
सन १८७९ की फात ह | बायत भ बबरटटश शासन था उनहीॊ टदनो अॊगरजो न अपगाननसतान ऩय आकरभण कय टदमा | इस मदध का सॊिारन आगय भारवा बबरटटश छावनी क रजफ़टनट कनगर भाटटगन को सौऩा गमा था | कनगर भाटटगन सभम-सभम ऩय मदध-तर स अऩनी ऩतनी को कशरता क सभािाय बजता यहता था | मदध रॊफा िरा औय अफ तो सॊदश आन बी फॊद हो गम | रडी भाटटगन को चिॊता सतान रगी कक कहीॊ कछ अनथग न हो गमा हो अपगानी सननको न भय ऩनत को भाय न डारा हो | कदाचित ऩनत मदध भ शहीद हो गम तो भ जीकय कमा करॉ गी -मह सोिकय वह अनक शॊका-कशॊकाओॊ स नघयी यहती थी |
चिनतातय फनी वह एक टदन घोड़ ऩय फठकय घभन जा यही थी | भागग भ ककसी भॊटदय स आती हई शॊख व भॊतर धवनन न उस आकवषगत ककमा | वह एक ऩड़ स अऩना घोड़ा फाॉधकय भॊटदय भ गमी | फजनाथ भहादव क इस भॊटदय भ मशवऩजन भ ननभगन ऩॊकतडतो स उसन ऩछा आऩ रोग कमा कय यह ह एक वरदध बराहमण न कहा हभ बगवान मशव का ऩजन कय यह ह | रडी भाटटगन मशवऩजन की कमा भहतता ह बराहमण फटी बगवान मशव तो औढयदानी ह बोरनाथ ह | अऩन बकतो क सॊकट-ननवायण कयन भ व तननक बी दय नहीॊ कयत ह | बकत उनक दयफाय भ जो बी भनोकाभना रकय क आता ह उस व शीघर ऩयी कयत ह ककॊ त फटी तभ फहत चिजनतत औय उदास नजय आ यही हो कमा फात ह रडी भाटटगन भय ऩनतदव मदध भ गम ह औय ववगत कई टदनो स उनका कोई
सभािाय नहीॊ आमा ह | व मदध भ पॉ स गम ह मा भाय गम ह कछ ऩता नहीॊ िर यहा | भ उनकी ओय स फहत चिजनतत हॉ | इतना कहत हए रडी भाटटगन की आॉख नभ हो गमीॊ |
बराहमण तभ चिनता भत कयो फटी मशवजी का ऩजन कयो उनस पराथगना कयो रघररी कयवाओ | बगवान मशव तमहाय ऩनत का यण अवशम कयग |
ऩॊकतडतो की सराह ऩय उसन वहाॉ गमायह टदन का ॐ नभ मशवाम भॊतर स रघररी अनषठान परायॊब ककमा तथा परनतटदन बगवान मशव स अऩन ऩनत की या क मरए पराथगना कयन रगी कक ह बगवान मशव ह फजनाथ भहादव मटद भय ऩनत मदध स सकशर रौट आम तो भ आऩका मशखयफॊद भॊटदय फनवाऊॉ गी | रघररी की ऩणागहनत क टदन बागता हआ एक सॊदशवाहक मशवभॊटदय भ आमा औय रडी भाटटगन को एक मरपापा टदमा | उसन घफयात-घफयात वह मरपापा खोरा औय ऩढ़न रगी |
ऩतर भ उसक ऩनत न मरखा था हभ मदध भ यत थ औय तभ तक सॊदश बी बजत यह रककन आक ऩठानी सना न घय मरमा | बबरटटश सना कट भयती औय भ बी भय जाता |
ऐसी ववकट ऩरयजसथनत भ हभ नघय गम थ कक पराण फिाकय बागना बी अतमाचधक कटठन था | इतन भ भन दखा कक मदधबमभ भ बायत क कोई एक मोगी जजनकी फड़ी रमफी जटाएॉ ह हाथ भ तीन नोकवारा एक हचथमाय (बतरशर) इतनी तीवर गनत स घभ यहा था कक ऩठान सननक उनह दखकय बागन रग | उनकी कऩा स घय स हभ ननकरकय ऩठानो ऩय वाय कयन का भौका मभर गमा औय हभायी हाय की घकतड़माॉ अिानक जीत भ फदर गमीॊ | मह सफ बायत क उन फाघामफयधायी एवॊ तीन नोकवारा हचथमाय धायण ककम हए
(बतरशरधायी) मोगी क कायण ही समबव हआ | उनक भहातजसवी रवमकतकततव क परबाव स दखत-ही-दखत अपगाननसतान की ऩठानी सना बाग खड़ी हई औय व ऩयभ मोगी भझ
टहमभत दत हए कहन रग | घफयाओॊ नहीॊ | भ बगवान मशव हॉ तथा तमहायी ऩतनी की ऩजा स परसनन होकय तमहायी या कयन आमा हॉ उसक सहाग की या कयन आमा हॉ |
ऩतर ऩढ़त हए रडी भाटटगन की आॉखो स अववयत अशरधाया फहती जा यही थी उसका रदम अहोबाव स बय गमा औय वह बगवान मशव की परनतभा क समभख मसय यखकय पराथगना कयत-कयत यो ऩड़ी | कछ सिाह फाद उसका ऩनत कनगर भाटटगन आगय छावनी रौटा | ऩतनी न उस सायी फात सनात हए कहा आऩक सॊदश क अबाव भ भ चिजनतत हो उठी थी रककन बराहमणो की सराह स मशवऩजा भ रग गमी औय आऩकी या क मरए बगवान मशव स पराथगना कयन रगी | उन द खबॊजक भहादव न भयी पराथगना सनी औय आऩको सकशर रौटा टदमा | अफ तो ऩनत-ऩतनी दोनो ही ननममभत रऩ स फजनाथ भहादव क भॊटदय भ ऩजा-अिगना कयन रग | अऩनी ऩतनी की इचछा ऩय कनगर भाटटगन भ सन १८८३
भ ऩॊरह हजाय रऩम दकय फजनाथ भहादव भॊटदय का जीणोदवाय कयवामा जजसका मशरारख आज बी आगय भारवा क इस भॊटदय भ रगा ह | ऩय बायतबय भ अॊगरजो दवाय ननमभगत मह एकभातर टहनद भॊटदय ह |
मयोऩ जान स ऩवग रडी भाटटगन न ऩकतड़तो स कहा हभ अऩन घय भ बी बगवान मशव का भॊटदय फनामग तथा इन द ख-ननवायक दव की आजीवन ऩजा कयत यहग |
बगवान मशव भ बगवान कषण भ भाॉ अमफा भ आतभवतता सदगर भ सतता तो एक ही ह | आवशमकता ह अटर ववशवास की | एकररवम न गरभनत ग भ ववशवास कय वह पराि कय मरमा जो अजगन को कटठन रगा | आरणण उऩभनम रव परहराद आटद अनम सकड़ो उदायहण हभाय साभन परतम ह | आज बी इस परकाय का सहमोग हजायो बकतो को साधको को बगवान व आतभवतता सदगरओॊ क दवाया ननयनतय पराि होता यहता ह | आवशमकता ह तो फस कवर ववशवास की |
भहाभतमॊजम भॊतर
ॐ हौ जॉ स |
ॐ बबगव सव |
ॐ तरममफकॊ मजाभह सगॊचध ॊ ऩवषटवधगनभ |
उवागरकमभव फनधनानभतमोभगीम भाभतात |
सव भव ब ॐ |
स जॉ हौ ॐ |
बगवान मशव का मह भहाभतमॊजम जऩन स अकार भतम तो टरती ही ह आयोगमता की बी परानि होती ह | सनान कयत सभम शयीय ऩय रोट स ऩानी डारत वकत इस भॊतर का जऩ कयन स सवासम-राब होता ह | दध भ ननहायत हए इस भॊतर का जाऩ ककमा जाम औय कपय वह दध ऩी मरमा जम तो मौवन की सया भ बी सहामता मभरती ह | आजकर की तज यफ़तायवारी जजनदगी भ कहाॉ आतॊक उऩरव दघगटना हो जाम कहना भजशकर ह | घय स ननकरत सभम एक फाय मह भॊतर जऩनवारा इन उऩदरवो स सयकषत यहता ह औय सयकषत घय रौटता ह | (इस भॊतरानषठान क ववचध-ववधान की ववसतत जानकायी क मरए आशरभ दवाया परकामशत आयोगमननचध ऩसतक ऩढ़ |) शरीभदबागवत क आठव सकॊ ध भ तीसय अधमाम क शलोक १ स ३३ तक भ वणणगत गजनरभो सतोतर का ऩाठ कयन स तभाभ
ववधन दय होत ह |
ऩजमशरी की तसवीय स मभरी परयणा
सवगसभथग ऩयभ ऩजम शरी फाऩजी क ियणकभरो भ भया कोटट-कोटट नभन १९८४ क बकॊ ऩ स समऩणग उततय बफहाय भ कापी नकसान हआ था जजसकी िऩट भ हभाया घय बी था | ऩरयजसथनतवश भझ नौवी का भ ऩढ़ामी छोड़ दनी ऩड़ी | ककसी मभतर की सराह स भ नौकयी ढॉढ़न क मरए टदपरी गमा रककन वहाॉ बी ननयाशा ही हाथ रगी | भ दो टदन स बखा तो था ही ऊऩय स नौकयी की चिॊता | अत आतभहतमा का वविाय कयक यरव सटशन की ओय िर ऩड़ा | यानीफाग फाजाय भ एक दकान ऩय ऩजमशरी का सतसाटहतम
कसट आटद यखा हआ था एवॊ ऩजमशरी की फड़ आकाय की तसवीय बी टॉगी थी | ऩजमशरी की हॉसभख एवॊ आशीवागद की भरावारी उस तसवीय ऩय भयी नजय ऩड़ी तो १० मभनट तक भ वहीॊ सड़क ऩय स ही खड़-खड़ उस दखता यहा | उस वकत न जान भझ कमा मभर गमा भ काभ बर भजदयी का ही कयता हॉ रककन तफस रकय आज तक भय चितत भ फड़ी परसननता फनी हई ह | न जान भयी जजनदगी की कमा दशा होती अगय ऩजम फाऩजी की मवाधन सया ईशवय की ओय ननजशचनत जीवन ऩसतक औय कवष परसाद ऩबतरका हाथ न रगती ऩजमशरी की तसवीय स मभरी परयणा एवॊ उनक सतसाटहतम न भयी डफती नमा को भानो भझदाय स फिा मरमा | धनबागी ह साटहतम की सवा कयन वार जजनहोन भझ आतभहतमा क ऩाऩ स फिामा |
-भहश शाह
नायामणऩय दभया जज सीताभढ़ी (बफहाय)
भॊतर स राब
भयी भाॉ की हारत अिानक ऩागर जसी हो गमी थी भानो कोई बत-परत-डाककनी मा आसयी ततव उनभ घस गमा | भ फहत चिॊनतत हो गमा एवॊ एक साचधका फहन को पोन ककमा | उनहोन बत-परत बगान का भॊतर फतामा जजसका वणगन आशरभ स परकामशत आयोगमननचध ऩसतक भ बी ह | वह भॊतर इस परकाय ह
ॐ नभो बगवत रर बयवाम बतपरत म कर कर हॊ पट सवाहा |
इस भॊतर का ऩानी भ ननहायकय १०८ फाय जऩ ककमा औय वही ऩानी भाॉ को वऩरा टदमा |
तयॊत ही भाॉ शाॊनत स सो गमीॊ | दसय टदन बी इस भॊतर की ऩाॉि भारा कयक भाॉ को वह जर वऩरामा तो भाॉ बफपकर ठीक हो गमीॊ | ह भय साधक बाई-फहनो बत-परत बगान क
मरए अरा फाॉधॉ फरा फाॉधॉ ऐसा कयक झाड़-फ़ॉ क कयनवारो क िककय भ ऩड़न की जरयत नहीॊ ह | इसक मरए तो ऩजम फाऩजी का भॊतर ही तायणहाय ह | ऩजम फाऩजी क शरीियणो भ कोटट-कोटट परणाभ
-िॊऩकबाई एन ऩटर (अभरयका)
काभ करोध ऩय ववजम ऩामी
एक टदन भॊफई भर भ टटकट िककॊ ग कयत हए भ वातानकमरत फोगी भ ऩहॉिा | दखा तो भखभर की गददी ऩय टाट का आसन बफछाकय सवाभी शरी रीराशाहजी भहायाज सभाचधसथ ह | भझ आशचमग हआ कक जजन परथभ शरणी की वातानकमरत फोचगमो भ याजा-भहायाजा मातरा कयत ह ऐसी फोगी औय तीसयी शरणी की फोगी क फीि इन सॊत को कोई बद नहीॊ रगता | ऐसी फोचगमो भ बी व सभाचधसथ होत ह मह दखकय मसय झक जाता ह | भन ऩजम भहायाजशरी को परणाभ कयक कहा आऩ जस सॊतो क मरए तो सफ एक सभान ह |
हय हार भ एकयस यहकय आऩ भकतकत का आनॊद र सकत ह | रककन हभाय जस गरहसथो को कमा कयना िाटहए ताकक हभ बी आऩ जसी सभता फनाम यखकय जीवन जी सक
ऩजम भहायाजजी न कहा काभ औय करोध को त छोड़ द तो त बी जीवनभकत हो सकता ह | जहाॉ याभ तहॉ नहीॊ काभ जहाॉ काभ तहॉ नहीॊ याभ | औय करोध तो बाई बसभासय ह | वह तभाभ ऩणम को जराकय बसभ कय दता ह अॊतकयण को भमरन कय दता ह | भन कहा परब अगय आऩकी कऩा होगी तो भ काभ-करोध को छोड़ ऩाऊॉ गा | ऩजम भहायाजजी न कहा बाई कऩा ऐस थोड़ ही की जाती ह सॊतकऩा क साथ तया ऩरषाथग औय दढ़ता बी िाटहए | ऩहर त परनतऻा कय कक त जीवनऩमगनत काभ औय करोध स दय यहगा तो भ तझ आशीवागद दॉ | भन कहा भहायाजजी भ जीवनबय क मरए परनतऻा तो करॉ रककन उसका ऩारन न कय ऩाऊॉ तो झठा भाना जाऊॉ गा | ऩजम भहायाजजी न कहा अचछा ऩहर त भय सभ आठ टदन क मरए परनतऻा कय | कपय परनतऻा को एक-एक टदन फढ़त जाना | इस परकाय त उन फराओॊ स फि सकगा | ह कफर भन हाथ जोड़कय कफर ककमा | ऩजम भहायाजजी न आशीवागद दकय दो-िाय पर परसाद भ टदम | ऩजम भहायाजजी न भयी जो दो कभजोरयमाॉ थीॊ उन ऩय ही सीधा हभरा ककमा था | भझ आशचमग हआ कक अनम कोई बी दगगण छोड़न का न कहकय इन दो दगगणो क मरए ही उनहोन परनतऻा कमो कयवामी फाद भ भ इस याज स अवगत हआ |
दसय टदन भ ऩसनजय टरन भ कानऩय स आग जा यहा था | सफह क कयीफ नौ फज थ |
तीसयी शरणी की फोगी भ जाकय भन माबतरमो क टटकट जाॉिन का कामग शर ककमा | सफस
ऩहर फथग ऩय सोम हए एक मातरी क ऩास जाकय भन एक मातरी क ऩास जाकय भन टटकट टदखान को कहा तो वह गससा होकय भझ कहन रगा अॊधा ह दखता नहीॊ कक भ सो गमा हॉ भझ नीॊद स जगान का तझ कमा अचधकाय ह मह कोई यीत ह टटकट क फाय भ ऩछन की ऐसी ही अकर ह तयी ऐसा कछ-का-कछ वह फोरता ही गमा फोरता ही गमा | भ बी करोधाववषट होन रगा ककॊ त ऩजम भहायाजजी क सभ री हई परनतऻा भझ माद थी अत करोध को ऐस ऩी गमा भानो ववष की ऩकतड़मा भन उस कहा भहाशम आऩ ठीक ही कहत ह कक भझ फोरन की अकर नहीॊ ह बान नहीॊ ह | दखो भय म फार धऩ भ सपद हो गम ह | आऩभ फोरन की अकर अचधक ह नमरता ह तो कऩा कयक मसखाओॊ कक टटकट क मरए भझ ककस परकाय आऩस ऩछना िाटहए | भ रािाय हॉ कक डमटी क कायण भझ टटकट िक कयना ऩड़ यहा ह इसमरए भ आऩको कषट द यहा हॉ|
औय कफ़य भन खफ परभ स हाथ जोड़कय ववनती की बमा कऩा कयक कषट क मरए भझ भा कयो | भझ अऩना टटकट टदखामग भयी नमरता दखकय वह रजजजत हो गमा एवॊ तयॊत उठ फठा | जपदी-जपदी नीि उतयकय भझस भा भाॉगत हए कहन रगा भझ भाप कयना | भ नीॊद भ था | भन आऩको ऩहिाना नहीॊ था | अफ आऩ अऩन भॉह स भझ कह कक आऩन भझ भाफ़ ककमा मह दखकय भझ आनॊद औय सॊतोष हआ | भ सोिन रगा कक सॊतो की आऻा भानन भ ककतनी शकतकत औय टहत ननटहत ह सॊतो की करणा कसा िभतकारयक ऩरयणाभ राती ह वह रवमकतकत क पराकनतक सवबाव को बी जड़-भर स फदर सकती ह | अनमथा भझभ करोध को ननमॊतरण भ यखन की कोई शकतकत नहीॊ थी | भ ऩणगतमा असहाम था कपय बी भझ भहायाजजी की कऩा न ही सभथग फनामा | ऐस सॊतो क शरीियणो भ कोटट-कोटट नभसकाय
-शरी यीजभर
रयटामडग टीटी आई कानऩय
अनम अनबव
जरा हआ कागज
ऩवग रऩ भ एक फाय ऩयभहॊस ववशदधानॊदजी स आनॊदभमी भाॉ की ननकटता ऩानवार सपरमसदध ऩॊकतडत गोऩीनाथ कववयाज न ननवदन ककमा तयणीकानत ठाकय को अरौककक मसवदध पराि हई ह | व बफना दख मा बफना छए ही कागज भ मरखी हई फात ऩढ़ रत ह |
गरदव फोर तभ एक कागज ऩय कछ मरखो औय उसभ आग रगाकय जरा दो |
कववयाजजी न कागज ऩय कछ मरखा औय ऩयी तयह कागज जराकय हवा भ उड़ा टदमा |
उसक फाद गरदव न अऩन तककम क नीि स वही कागज ननकारकय कववयाजजी क आग यख टदमा | मह दखकय उनह फड़ा आशचमग हआ कक मह कागज वही था एवॊ जो उनहोन मरखा था वह बी उस ऩय उनहीॊ क सरख भ मरखा था औय साथ ही उसका उततय बी मरखा हआ दखा | जड़ता ऩशता औय ईशवयता का भर हभाया शयीय ह | जड़ शयीय को भ-भया भानन की ववतत जजतनी मभटती ह ऩाशवी वासनाओॊ की गराभी उतनी हटती ह औय हभाया ईशवयीम अॊश जजतना अचधक ववकमसत होता ह उतना ही मोग-साभमग ईशवयीम साभमग परकट होता ह | बायत क ऐस कई बकतो सॊतो औय मोचगमो क जीवन भ ईशवयीम साभमग दखा गमा ह अनबव ककमा गमा ह उसक ववषम भ सना गमा ह | धनम ह बायतबमभ भ यहनवार बायतीम सॊसकनत भ शरदधा-ववशवास यखनवार अऩन ईशवयीम अॊश को जगान की सवा-साधना कयनवार सवाभी ववशदधानॊदजी वषो की एकाॊत साधना औय वषो-वषो की गरसवा स अऩना दहाधमास औय ऩाशवी वासनाएॉ मभटाकय अऩन ईशवयीम
अॊश को ववकमसत कयनवार बायत क अनक भहाऩरषो भ स थ | उनक जीवन की औय बी अरौककक घटनाओॊ का वणगन आता ह | ऐस सतऩरषो क जीवन-िरयतर औय उनक जीवन भ घटटत घटनाएॉ ऩढ़न-सनन स हभ रोग बी अऩनी जड़ता एवॊ ऩशता स ऊऩय उठकय ईशवयीम अॊश को उबायन भ उतसाटहत होत ह | फहत ऊॉ िा काभ ह फड़ी शरदधा फड़ी सभझ फड़ा धमग िाटहए ईशवयीम साभमग को ऩणग रऩ स ववकमसत कयन भ | अफ आओ
िर आदय शॊकयािामग की ओय
नदी की धाया भड़ गमी
आदय शॊकयािामग की भाता ववमशषटा दवी अऩन करदवता कशव की ऩजा कयन जाती थीॊ | व ऩहर नदी भ सनान कयतीॊ औय कफ़य भॊटदय भ जाकय ऩजन कयतीॊ | एक टदन व परातकार ही ऩजन-साभगरी रकय भॊटदय की ओय गमीॊ ककॊ त सामॊकार तक घय नहीॊ रौटीॊ | शॊकयािामग की आम अबी सात-आठ वषग क भधम भ ही थी | व ईशवय क ऩयभ बकत औय ननषठावान थ | सामॊकार तक भाता क वाऩस न रौटन ऩय आिामग को फड़ी चिनता हई औय व उनह खोजन क मरए ननकर ऩड़ | भॊटदय क ननकट ऩहॉिकय उनहोन भाता को भागग भ ही भजचछगत ऩड़ दखा | उनहोन फहत दय तक भाता का उऩिाय ककमा तफ व होश भ आ सकीॊ |
नदी अचधक दय थी | वहाॉ तक ऩहॉिन भ भाता को फड़ा कषट होता था | आिामग न बगवान स भन-ही-भन पराथगना की कक परबो ककसी परकाय नदी की धाया को भोड़ दो जजसस कक
भाता ननकट ही सनान कय सक | व इस परकाय की पराथगना ननतम कयन रग | एक टदन उनहोन दखा कक नदी की धाया ककनाय की धयती को काटती-काटती भड़न रगी ह तथा कछ टदनो भ ही वह आिामग शॊकय क घय क ऩास फहन रगी | इस घटना न आिामग का अरौककक शकतकतसमऩनन होना परमसदध कय टदमा |
सकषभ शयीय स िोय का ऩीछा ककमा
हरयहय फाफा की फड़ी परमसवदध थी | एक फाय व हयऩारऩय सटशन ऩय थ | वहाॉ क सटशन भासटय न उनको एक िोय सऩदग ककमा | िोय न फाफा स कहा भहायाज भझ इतनी छटटी द दीजजम कक भ अऩन फार-फचिो का परफॊध कय आऊॉ | फाफा गाड़ी आन ऩय रौट आना | िोय िरा गमा | सटशन भासटय को ऩता िरा तो वह फाफा ऩय गभग हआ औय फोरा उसक फदर तमह जर की हवा खानी होगी | तभन जान-फझकय उस बगा टदमा ह | फाफा घफयाओ भत गाड़ी आन स ऩहर ही वह रौट आमगा | िोय की नीमत ठीक नहीॊ थी | वह जॊगर क भागग स अऻात सथान को बाग जाना िाहता था ककॊ त उस हय सभम मही परतीत होता यहा कक हरयहय फाफा डॊडा पटकायत हए उसक ऩीछ-ऩीछ िर आ यह ह | इसीमरए वह गाड़ी आन स ऩहर ही रौट आमा |
भॊगरी फाधा-ननवायण भॊतर
अॊ याॊ अॊ
इस भॊतर को १०८ फाय जऩन स करोध दय होता ह | जनभकनडरी भ भॊगरी मोग होन स जजनक वववाह न हो यह हो व २७ भॊगरवाय इस भॊतर का १०८ फाय जऩ कयत हए वरत यखकय हनभानजी ऩय मसॊदय का िोरा िढ़ाम | इसस भॊगर-फाधा का म होता ह |
सखऩवगक परसवकायक भॊतर
ऩहरा उऩाम
एॊ हीॊ बगवनत बगभामरनन िर िर भराभम भराभम ऩषऩॊ ववकासम ववकासम सवाहा |
इस भॊतर दवाया अमबभॊबतरत दध गमबगणी सतरी को वऩराम तो सखऩवगक परसव होगा |
दसया उऩाम
गमबगणी सतरी सवमॊ परसव क सभम जमबरा-जमबरा जऩ कय |
तीसया उऩाम
दशी गाम क गोफय का १२ स १५ मभरी यस ॐ नभो नायामणाम भॊतर का २१ फाय जऩ कयक ऩीन स बी परसव-फाधाएॉ दय होगी औय बफना ऑऩयशन क परसव होगा |
परसनत क सभम अभॊगर की आशॊका हो तो ननमन भॊतर का जऩ कय
सवगभॊगर भाॊगपम मशव सवागथग साचधक |
शयणम तरममफक गौयी नायामणी नभोSसतत ||
(दगागसिशती)
शकतकतशारी व गोय ऩतर की परानि क मरए
सगबागवसथा भ ढाक (ऩराश खाखया) का एक कोभर ऩतता घोटकय गौ-दगध क साथ योज सवन कयन स फारक शकतकतशारी औय गोया होता ह | भाता-वऩता बर कार-करट हो कपय बी फारक गोया होगा |
सदगर-भटहभा
गर बफन बव ननचध तय न कोई |
जौ फयॊचि सॊकय सभ होई ||
-सॊत तरसीदासजी
हरयहय आटदक जगत भ ऩजमदव जो कोम |
सदगर की ऩजा ककम सफकी ऩजा होम ||
-ननशचरदासजी भहायाज
सहजो कायज सॊसाय को गर बफन होत नाॉही |
हरय तो गर बफन कमा मभर सभझ र भन भाॉही ||
-सॊत कफीयजी सॊत
सयनन जो जन ऩय सो जन उधयनहाय | सॊत की ननॊदा नानका फहरय फहरय अवताय ||
-गर नानक दवजी
गरसवा सफ बागमो की जनभबमभ ह औय वह शोकाकर रोगो को बरहमभम कय दती ह |
गररऩी समग अववदयारऩी याबतर का नाश कयता ह औय ऻानाऻान रऩी मसतायो का रोऩ कयक फवदधभानो को आतभफोध का सटदन टदखाता ह |
-सॊत ऻानशवय भहायाज
सतम क कॊ टकभम भागग भ आऩको गर क मसवाम औय कोई भागगदशगन नहीॊ द सकता |
- सवाभी मशवानॊद सयसवती
ककतन ही याजा-भहायाजा हो गम औय होग सामजम भकतकत कोई नहीॊ द सकता | सचि याजा-भहायाज तो सॊत ही ह | जो उनकी शयण जाता ह वही सचिा सख औय सामजम भकतकत ऩाता ह |
-सभथग शरी याभदास सवाभी
भनषम िाह ककतना बी जऩ-तऩ कय मभ-ननमभो का ऩारन कय ऩयॊत जफ तक सदगर की कऩादवषट नहीॊ मभरती तफ तक सफ रवमथग ह |
-सवाभी याभतीथग
परटो कहत ह कक सकयात जस गर ऩाकय भ धनम हआ |
इभसगन न अऩन गर थोयो स जो पराि ककमा उसक भटहभागान भ व बावववबोय हो जात थ |
शरी याभकषण ऩयभहॊस ऩणगता का अनबव कयानवार अऩन सदगरदव की परशॊसा कयत नहीॊ अघात थ |
ऩजमऩाद सवाभी शरी रीराशाहजी भहायाज बी अऩन सदगरदव की माद भ सनह क आॉस
फहाकय गदगद कॊ ठ हो जात थ |
ऩजम फाऩजी बी अऩन सदगरदव की माद भ कस हो जात ह मह तो दखत ही फनता ह |
अफ हभ उनकी माद भ कस होत ह मह परशन ह | फटहभगख ननगय रोग कछ बी कह साधक को अऩन सदगर स कमा मभरता ह इस तो साधक ही जानत ह |
रडी भाटटगन क सहाग की या कयन अपगाननसतान भ परकट मशवजी
साध सॊग सॊसाय भ दरगब भनषम शयीय |
सतसॊग सववत ततव ह बतरववध ताऩ की ऩीय ||
भानव-दह मभरना दरगब ह औय मभर बी जाम तो आचधदववक आचधबौनतक औय आधमाजतभक म तीन ताऩ भनषम को तऩात यहत ह | ककॊ त भनषम-दह भ बी ऩववतरता हो सचिाई हो शदधता हो औय साध-सॊग मभर जाम तो म बतरववध ताऩ मभट जात ह |
सन १८७९ की फात ह | बायत भ बबरटटश शासन था उनहीॊ टदनो अॊगरजो न अपगाननसतान ऩय आकरभण कय टदमा | इस मदध का सॊिारन आगय भारवा बबरटटश छावनी क रजफ़टनट कनगर भाटटगन को सौऩा गमा था | कनगर भाटटगन सभम-सभम ऩय मदध-तर स अऩनी ऩतनी को कशरता क सभािाय बजता यहता था | मदध रॊफा िरा औय अफ तो सॊदश आन बी फॊद हो गम | रडी भाटटगन को चिॊता सतान रगी कक कहीॊ कछ अनथग न हो गमा हो अपगानी सननको न भय ऩनत को भाय न डारा हो | कदाचित ऩनत मदध भ शहीद हो गम तो भ जीकय कमा करॉ गी -मह सोिकय वह अनक शॊका-कशॊकाओॊ स नघयी यहती थी |
चिनतातय फनी वह एक टदन घोड़ ऩय फठकय घभन जा यही थी | भागग भ ककसी भॊटदय स आती हई शॊख व भॊतर धवनन न उस आकवषगत ककमा | वह एक ऩड़ स अऩना घोड़ा फाॉधकय भॊटदय भ गमी | फजनाथ भहादव क इस भॊटदय भ मशवऩजन भ ननभगन ऩॊकतडतो स उसन ऩछा आऩ रोग कमा कय यह ह एक वरदध बराहमण न कहा हभ बगवान मशव का ऩजन कय यह ह | रडी भाटटगन मशवऩजन की कमा भहतता ह बराहमण फटी बगवान मशव तो औढयदानी ह बोरनाथ ह | अऩन बकतो क सॊकट-ननवायण कयन भ व तननक बी दय नहीॊ कयत ह | बकत उनक दयफाय भ जो बी भनोकाभना रकय क आता ह उस व शीघर ऩयी कयत ह ककॊ त फटी तभ फहत चिजनतत औय उदास नजय आ यही हो कमा फात ह रडी भाटटगन भय ऩनतदव मदध भ गम ह औय ववगत कई टदनो स उनका कोई
सभािाय नहीॊ आमा ह | व मदध भ पॉ स गम ह मा भाय गम ह कछ ऩता नहीॊ िर यहा | भ उनकी ओय स फहत चिजनतत हॉ | इतना कहत हए रडी भाटटगन की आॉख नभ हो गमीॊ |
बराहमण तभ चिनता भत कयो फटी मशवजी का ऩजन कयो उनस पराथगना कयो रघररी कयवाओ | बगवान मशव तमहाय ऩनत का यण अवशम कयग |
ऩॊकतडतो की सराह ऩय उसन वहाॉ गमायह टदन का ॐ नभ मशवाम भॊतर स रघररी अनषठान परायॊब ककमा तथा परनतटदन बगवान मशव स अऩन ऩनत की या क मरए पराथगना कयन रगी कक ह बगवान मशव ह फजनाथ भहादव मटद भय ऩनत मदध स सकशर रौट आम तो भ आऩका मशखयफॊद भॊटदय फनवाऊॉ गी | रघररी की ऩणागहनत क टदन बागता हआ एक सॊदशवाहक मशवभॊटदय भ आमा औय रडी भाटटगन को एक मरपापा टदमा | उसन घफयात-घफयात वह मरपापा खोरा औय ऩढ़न रगी |
ऩतर भ उसक ऩनत न मरखा था हभ मदध भ यत थ औय तभ तक सॊदश बी बजत यह रककन आक ऩठानी सना न घय मरमा | बबरटटश सना कट भयती औय भ बी भय जाता |
ऐसी ववकट ऩरयजसथनत भ हभ नघय गम थ कक पराण फिाकय बागना बी अतमाचधक कटठन था | इतन भ भन दखा कक मदधबमभ भ बायत क कोई एक मोगी जजनकी फड़ी रमफी जटाएॉ ह हाथ भ तीन नोकवारा एक हचथमाय (बतरशर) इतनी तीवर गनत स घभ यहा था कक ऩठान सननक उनह दखकय बागन रग | उनकी कऩा स घय स हभ ननकरकय ऩठानो ऩय वाय कयन का भौका मभर गमा औय हभायी हाय की घकतड़माॉ अिानक जीत भ फदर गमीॊ | मह सफ बायत क उन फाघामफयधायी एवॊ तीन नोकवारा हचथमाय धायण ककम हए
(बतरशरधायी) मोगी क कायण ही समबव हआ | उनक भहातजसवी रवमकतकततव क परबाव स दखत-ही-दखत अपगाननसतान की ऩठानी सना बाग खड़ी हई औय व ऩयभ मोगी भझ
टहमभत दत हए कहन रग | घफयाओॊ नहीॊ | भ बगवान मशव हॉ तथा तमहायी ऩतनी की ऩजा स परसनन होकय तमहायी या कयन आमा हॉ उसक सहाग की या कयन आमा हॉ |
ऩतर ऩढ़त हए रडी भाटटगन की आॉखो स अववयत अशरधाया फहती जा यही थी उसका रदम अहोबाव स बय गमा औय वह बगवान मशव की परनतभा क समभख मसय यखकय पराथगना कयत-कयत यो ऩड़ी | कछ सिाह फाद उसका ऩनत कनगर भाटटगन आगय छावनी रौटा | ऩतनी न उस सायी फात सनात हए कहा आऩक सॊदश क अबाव भ भ चिजनतत हो उठी थी रककन बराहमणो की सराह स मशवऩजा भ रग गमी औय आऩकी या क मरए बगवान मशव स पराथगना कयन रगी | उन द खबॊजक भहादव न भयी पराथगना सनी औय आऩको सकशर रौटा टदमा | अफ तो ऩनत-ऩतनी दोनो ही ननममभत रऩ स फजनाथ भहादव क भॊटदय भ ऩजा-अिगना कयन रग | अऩनी ऩतनी की इचछा ऩय कनगर भाटटगन भ सन १८८३
भ ऩॊरह हजाय रऩम दकय फजनाथ भहादव भॊटदय का जीणोदवाय कयवामा जजसका मशरारख आज बी आगय भारवा क इस भॊटदय भ रगा ह | ऩय बायतबय भ अॊगरजो दवाय ननमभगत मह एकभातर टहनद भॊटदय ह |
मयोऩ जान स ऩवग रडी भाटटगन न ऩकतड़तो स कहा हभ अऩन घय भ बी बगवान मशव का भॊटदय फनामग तथा इन द ख-ननवायक दव की आजीवन ऩजा कयत यहग |
बगवान मशव भ बगवान कषण भ भाॉ अमफा भ आतभवतता सदगर भ सतता तो एक ही ह | आवशमकता ह अटर ववशवास की | एकररवम न गरभनत ग भ ववशवास कय वह पराि कय मरमा जो अजगन को कटठन रगा | आरणण उऩभनम रव परहराद आटद अनम सकड़ो उदायहण हभाय साभन परतम ह | आज बी इस परकाय का सहमोग हजायो बकतो को साधको को बगवान व आतभवतता सदगरओॊ क दवाया ननयनतय पराि होता यहता ह | आवशमकता ह तो फस कवर ववशवास की |
भहाभतमॊजम भॊतर
ॐ हौ जॉ स |
ॐ बबगव सव |
ॐ तरममफकॊ मजाभह सगॊचध ॊ ऩवषटवधगनभ |
उवागरकमभव फनधनानभतमोभगीम भाभतात |
सव भव ब ॐ |
स जॉ हौ ॐ |
बगवान मशव का मह भहाभतमॊजम जऩन स अकार भतम तो टरती ही ह आयोगमता की बी परानि होती ह | सनान कयत सभम शयीय ऩय रोट स ऩानी डारत वकत इस भॊतर का जऩ कयन स सवासम-राब होता ह | दध भ ननहायत हए इस भॊतर का जाऩ ककमा जाम औय कपय वह दध ऩी मरमा जम तो मौवन की सया भ बी सहामता मभरती ह | आजकर की तज यफ़तायवारी जजनदगी भ कहाॉ आतॊक उऩरव दघगटना हो जाम कहना भजशकर ह | घय स ननकरत सभम एक फाय मह भॊतर जऩनवारा इन उऩदरवो स सयकषत यहता ह औय सयकषत घय रौटता ह | (इस भॊतरानषठान क ववचध-ववधान की ववसतत जानकायी क मरए आशरभ दवाया परकामशत आयोगमननचध ऩसतक ऩढ़ |) शरीभदबागवत क आठव सकॊ ध भ तीसय अधमाम क शलोक १ स ३३ तक भ वणणगत गजनरभो सतोतर का ऩाठ कयन स तभाभ
ववधन दय होत ह |
मरए अरा फाॉधॉ फरा फाॉधॉ ऐसा कयक झाड़-फ़ॉ क कयनवारो क िककय भ ऩड़न की जरयत नहीॊ ह | इसक मरए तो ऩजम फाऩजी का भॊतर ही तायणहाय ह | ऩजम फाऩजी क शरीियणो भ कोटट-कोटट परणाभ
-िॊऩकबाई एन ऩटर (अभरयका)
काभ करोध ऩय ववजम ऩामी
एक टदन भॊफई भर भ टटकट िककॊ ग कयत हए भ वातानकमरत फोगी भ ऩहॉिा | दखा तो भखभर की गददी ऩय टाट का आसन बफछाकय सवाभी शरी रीराशाहजी भहायाज सभाचधसथ ह | भझ आशचमग हआ कक जजन परथभ शरणी की वातानकमरत फोचगमो भ याजा-भहायाजा मातरा कयत ह ऐसी फोगी औय तीसयी शरणी की फोगी क फीि इन सॊत को कोई बद नहीॊ रगता | ऐसी फोचगमो भ बी व सभाचधसथ होत ह मह दखकय मसय झक जाता ह | भन ऩजम भहायाजशरी को परणाभ कयक कहा आऩ जस सॊतो क मरए तो सफ एक सभान ह |
हय हार भ एकयस यहकय आऩ भकतकत का आनॊद र सकत ह | रककन हभाय जस गरहसथो को कमा कयना िाटहए ताकक हभ बी आऩ जसी सभता फनाम यखकय जीवन जी सक
ऩजम भहायाजजी न कहा काभ औय करोध को त छोड़ द तो त बी जीवनभकत हो सकता ह | जहाॉ याभ तहॉ नहीॊ काभ जहाॉ काभ तहॉ नहीॊ याभ | औय करोध तो बाई बसभासय ह | वह तभाभ ऩणम को जराकय बसभ कय दता ह अॊतकयण को भमरन कय दता ह | भन कहा परब अगय आऩकी कऩा होगी तो भ काभ-करोध को छोड़ ऩाऊॉ गा | ऩजम भहायाजजी न कहा बाई कऩा ऐस थोड़ ही की जाती ह सॊतकऩा क साथ तया ऩरषाथग औय दढ़ता बी िाटहए | ऩहर त परनतऻा कय कक त जीवनऩमगनत काभ औय करोध स दय यहगा तो भ तझ आशीवागद दॉ | भन कहा भहायाजजी भ जीवनबय क मरए परनतऻा तो करॉ रककन उसका ऩारन न कय ऩाऊॉ तो झठा भाना जाऊॉ गा | ऩजम भहायाजजी न कहा अचछा ऩहर त भय सभ आठ टदन क मरए परनतऻा कय | कपय परनतऻा को एक-एक टदन फढ़त जाना | इस परकाय त उन फराओॊ स फि सकगा | ह कफर भन हाथ जोड़कय कफर ककमा | ऩजम भहायाजजी न आशीवागद दकय दो-िाय पर परसाद भ टदम | ऩजम भहायाजजी न भयी जो दो कभजोरयमाॉ थीॊ उन ऩय ही सीधा हभरा ककमा था | भझ आशचमग हआ कक अनम कोई बी दगगण छोड़न का न कहकय इन दो दगगणो क मरए ही उनहोन परनतऻा कमो कयवामी फाद भ भ इस याज स अवगत हआ |
दसय टदन भ ऩसनजय टरन भ कानऩय स आग जा यहा था | सफह क कयीफ नौ फज थ |
तीसयी शरणी की फोगी भ जाकय भन माबतरमो क टटकट जाॉिन का कामग शर ककमा | सफस
ऩहर फथग ऩय सोम हए एक मातरी क ऩास जाकय भन एक मातरी क ऩास जाकय भन टटकट टदखान को कहा तो वह गससा होकय भझ कहन रगा अॊधा ह दखता नहीॊ कक भ सो गमा हॉ भझ नीॊद स जगान का तझ कमा अचधकाय ह मह कोई यीत ह टटकट क फाय भ ऩछन की ऐसी ही अकर ह तयी ऐसा कछ-का-कछ वह फोरता ही गमा फोरता ही गमा | भ बी करोधाववषट होन रगा ककॊ त ऩजम भहायाजजी क सभ री हई परनतऻा भझ माद थी अत करोध को ऐस ऩी गमा भानो ववष की ऩकतड़मा भन उस कहा भहाशम आऩ ठीक ही कहत ह कक भझ फोरन की अकर नहीॊ ह बान नहीॊ ह | दखो भय म फार धऩ भ सपद हो गम ह | आऩभ फोरन की अकर अचधक ह नमरता ह तो कऩा कयक मसखाओॊ कक टटकट क मरए भझ ककस परकाय आऩस ऩछना िाटहए | भ रािाय हॉ कक डमटी क कायण भझ टटकट िक कयना ऩड़ यहा ह इसमरए भ आऩको कषट द यहा हॉ|
औय कफ़य भन खफ परभ स हाथ जोड़कय ववनती की बमा कऩा कयक कषट क मरए भझ भा कयो | भझ अऩना टटकट टदखामग भयी नमरता दखकय वह रजजजत हो गमा एवॊ तयॊत उठ फठा | जपदी-जपदी नीि उतयकय भझस भा भाॉगत हए कहन रगा भझ भाप कयना | भ नीॊद भ था | भन आऩको ऩहिाना नहीॊ था | अफ आऩ अऩन भॉह स भझ कह कक आऩन भझ भाफ़ ककमा मह दखकय भझ आनॊद औय सॊतोष हआ | भ सोिन रगा कक सॊतो की आऻा भानन भ ककतनी शकतकत औय टहत ननटहत ह सॊतो की करणा कसा िभतकारयक ऩरयणाभ राती ह वह रवमकतकत क पराकनतक सवबाव को बी जड़-भर स फदर सकती ह | अनमथा भझभ करोध को ननमॊतरण भ यखन की कोई शकतकत नहीॊ थी | भ ऩणगतमा असहाम था कपय बी भझ भहायाजजी की कऩा न ही सभथग फनामा | ऐस सॊतो क शरीियणो भ कोटट-कोटट नभसकाय
-शरी यीजभर
रयटामडग टीटी आई कानऩय
अनम अनबव
जरा हआ कागज
ऩवग रऩ भ एक फाय ऩयभहॊस ववशदधानॊदजी स आनॊदभमी भाॉ की ननकटता ऩानवार सपरमसदध ऩॊकतडत गोऩीनाथ कववयाज न ननवदन ककमा तयणीकानत ठाकय को अरौककक मसवदध पराि हई ह | व बफना दख मा बफना छए ही कागज भ मरखी हई फात ऩढ़ रत ह |
गरदव फोर तभ एक कागज ऩय कछ मरखो औय उसभ आग रगाकय जरा दो |
कववयाजजी न कागज ऩय कछ मरखा औय ऩयी तयह कागज जराकय हवा भ उड़ा टदमा |
उसक फाद गरदव न अऩन तककम क नीि स वही कागज ननकारकय कववयाजजी क आग यख टदमा | मह दखकय उनह फड़ा आशचमग हआ कक मह कागज वही था एवॊ जो उनहोन मरखा था वह बी उस ऩय उनहीॊ क सरख भ मरखा था औय साथ ही उसका उततय बी मरखा हआ दखा | जड़ता ऩशता औय ईशवयता का भर हभाया शयीय ह | जड़ शयीय को भ-भया भानन की ववतत जजतनी मभटती ह ऩाशवी वासनाओॊ की गराभी उतनी हटती ह औय हभाया ईशवयीम अॊश जजतना अचधक ववकमसत होता ह उतना ही मोग-साभमग ईशवयीम साभमग परकट होता ह | बायत क ऐस कई बकतो सॊतो औय मोचगमो क जीवन भ ईशवयीम साभमग दखा गमा ह अनबव ककमा गमा ह उसक ववषम भ सना गमा ह | धनम ह बायतबमभ भ यहनवार बायतीम सॊसकनत भ शरदधा-ववशवास यखनवार अऩन ईशवयीम अॊश को जगान की सवा-साधना कयनवार सवाभी ववशदधानॊदजी वषो की एकाॊत साधना औय वषो-वषो की गरसवा स अऩना दहाधमास औय ऩाशवी वासनाएॉ मभटाकय अऩन ईशवयीम
अॊश को ववकमसत कयनवार बायत क अनक भहाऩरषो भ स थ | उनक जीवन की औय बी अरौककक घटनाओॊ का वणगन आता ह | ऐस सतऩरषो क जीवन-िरयतर औय उनक जीवन भ घटटत घटनाएॉ ऩढ़न-सनन स हभ रोग बी अऩनी जड़ता एवॊ ऩशता स ऊऩय उठकय ईशवयीम अॊश को उबायन भ उतसाटहत होत ह | फहत ऊॉ िा काभ ह फड़ी शरदधा फड़ी सभझ फड़ा धमग िाटहए ईशवयीम साभमग को ऩणग रऩ स ववकमसत कयन भ | अफ आओ
िर आदय शॊकयािामग की ओय
नदी की धाया भड़ गमी
आदय शॊकयािामग की भाता ववमशषटा दवी अऩन करदवता कशव की ऩजा कयन जाती थीॊ | व ऩहर नदी भ सनान कयतीॊ औय कफ़य भॊटदय भ जाकय ऩजन कयतीॊ | एक टदन व परातकार ही ऩजन-साभगरी रकय भॊटदय की ओय गमीॊ ककॊ त सामॊकार तक घय नहीॊ रौटीॊ | शॊकयािामग की आम अबी सात-आठ वषग क भधम भ ही थी | व ईशवय क ऩयभ बकत औय ननषठावान थ | सामॊकार तक भाता क वाऩस न रौटन ऩय आिामग को फड़ी चिनता हई औय व उनह खोजन क मरए ननकर ऩड़ | भॊटदय क ननकट ऩहॉिकय उनहोन भाता को भागग भ ही भजचछगत ऩड़ दखा | उनहोन फहत दय तक भाता का उऩिाय ककमा तफ व होश भ आ सकीॊ |
नदी अचधक दय थी | वहाॉ तक ऩहॉिन भ भाता को फड़ा कषट होता था | आिामग न बगवान स भन-ही-भन पराथगना की कक परबो ककसी परकाय नदी की धाया को भोड़ दो जजसस कक
भाता ननकट ही सनान कय सक | व इस परकाय की पराथगना ननतम कयन रग | एक टदन उनहोन दखा कक नदी की धाया ककनाय की धयती को काटती-काटती भड़न रगी ह तथा कछ टदनो भ ही वह आिामग शॊकय क घय क ऩास फहन रगी | इस घटना न आिामग का अरौककक शकतकतसमऩनन होना परमसदध कय टदमा |
सकषभ शयीय स िोय का ऩीछा ककमा
हरयहय फाफा की फड़ी परमसवदध थी | एक फाय व हयऩारऩय सटशन ऩय थ | वहाॉ क सटशन भासटय न उनको एक िोय सऩदग ककमा | िोय न फाफा स कहा भहायाज भझ इतनी छटटी द दीजजम कक भ अऩन फार-फचिो का परफॊध कय आऊॉ | फाफा गाड़ी आन ऩय रौट आना | िोय िरा गमा | सटशन भासटय को ऩता िरा तो वह फाफा ऩय गभग हआ औय फोरा उसक फदर तमह जर की हवा खानी होगी | तभन जान-फझकय उस बगा टदमा ह | फाफा घफयाओ भत गाड़ी आन स ऩहर ही वह रौट आमगा | िोय की नीमत ठीक नहीॊ थी | वह जॊगर क भागग स अऻात सथान को बाग जाना िाहता था ककॊ त उस हय सभम मही परतीत होता यहा कक हरयहय फाफा डॊडा पटकायत हए उसक ऩीछ-ऩीछ िर आ यह ह | इसीमरए वह गाड़ी आन स ऩहर ही रौट आमा |
भॊगरी फाधा-ननवायण भॊतर
अॊ याॊ अॊ
इस भॊतर को १०८ फाय जऩन स करोध दय होता ह | जनभकनडरी भ भॊगरी मोग होन स जजनक वववाह न हो यह हो व २७ भॊगरवाय इस भॊतर का १०८ फाय जऩ कयत हए वरत यखकय हनभानजी ऩय मसॊदय का िोरा िढ़ाम | इसस भॊगर-फाधा का म होता ह |
सखऩवगक परसवकायक भॊतर
ऩहरा उऩाम
एॊ हीॊ बगवनत बगभामरनन िर िर भराभम भराभम ऩषऩॊ ववकासम ववकासम सवाहा |
इस भॊतर दवाया अमबभॊबतरत दध गमबगणी सतरी को वऩराम तो सखऩवगक परसव होगा |
दसया उऩाम
गमबगणी सतरी सवमॊ परसव क सभम जमबरा-जमबरा जऩ कय |
तीसया उऩाम
दशी गाम क गोफय का १२ स १५ मभरी यस ॐ नभो नायामणाम भॊतर का २१ फाय जऩ कयक ऩीन स बी परसव-फाधाएॉ दय होगी औय बफना ऑऩयशन क परसव होगा |
परसनत क सभम अभॊगर की आशॊका हो तो ननमन भॊतर का जऩ कय
सवगभॊगर भाॊगपम मशव सवागथग साचधक |
शयणम तरममफक गौयी नायामणी नभोSसतत ||
(दगागसिशती)
शकतकतशारी व गोय ऩतर की परानि क मरए
सगबागवसथा भ ढाक (ऩराश खाखया) का एक कोभर ऩतता घोटकय गौ-दगध क साथ योज सवन कयन स फारक शकतकतशारी औय गोया होता ह | भाता-वऩता बर कार-करट हो कपय बी फारक गोया होगा |
सदगर-भटहभा
गर बफन बव ननचध तय न कोई |
जौ फयॊचि सॊकय सभ होई ||
-सॊत तरसीदासजी
हरयहय आटदक जगत भ ऩजमदव जो कोम |
सदगर की ऩजा ककम सफकी ऩजा होम ||
-ननशचरदासजी भहायाज
सहजो कायज सॊसाय को गर बफन होत नाॉही |
हरय तो गर बफन कमा मभर सभझ र भन भाॉही ||
-सॊत कफीयजी सॊत
सयनन जो जन ऩय सो जन उधयनहाय | सॊत की ननॊदा नानका फहरय फहरय अवताय ||
-गर नानक दवजी
गरसवा सफ बागमो की जनभबमभ ह औय वह शोकाकर रोगो को बरहमभम कय दती ह |
गररऩी समग अववदयारऩी याबतर का नाश कयता ह औय ऻानाऻान रऩी मसतायो का रोऩ कयक फवदधभानो को आतभफोध का सटदन टदखाता ह |
-सॊत ऻानशवय भहायाज
सतम क कॊ टकभम भागग भ आऩको गर क मसवाम औय कोई भागगदशगन नहीॊ द सकता |
- सवाभी मशवानॊद सयसवती
ककतन ही याजा-भहायाजा हो गम औय होग सामजम भकतकत कोई नहीॊ द सकता | सचि याजा-भहायाज तो सॊत ही ह | जो उनकी शयण जाता ह वही सचिा सख औय सामजम भकतकत ऩाता ह |
-सभथग शरी याभदास सवाभी
भनषम िाह ककतना बी जऩ-तऩ कय मभ-ननमभो का ऩारन कय ऩयॊत जफ तक सदगर की कऩादवषट नहीॊ मभरती तफ तक सफ रवमथग ह |
-सवाभी याभतीथग
परटो कहत ह कक सकयात जस गर ऩाकय भ धनम हआ |
इभसगन न अऩन गर थोयो स जो पराि ककमा उसक भटहभागान भ व बावववबोय हो जात थ |
शरी याभकषण ऩयभहॊस ऩणगता का अनबव कयानवार अऩन सदगरदव की परशॊसा कयत नहीॊ अघात थ |
ऩजमऩाद सवाभी शरी रीराशाहजी भहायाज बी अऩन सदगरदव की माद भ सनह क आॉस
फहाकय गदगद कॊ ठ हो जात थ |
ऩजम फाऩजी बी अऩन सदगरदव की माद भ कस हो जात ह मह तो दखत ही फनता ह |
अफ हभ उनकी माद भ कस होत ह मह परशन ह | फटहभगख ननगय रोग कछ बी कह साधक को अऩन सदगर स कमा मभरता ह इस तो साधक ही जानत ह |
रडी भाटटगन क सहाग की या कयन अपगाननसतान भ परकट मशवजी
साध सॊग सॊसाय भ दरगब भनषम शयीय |
सतसॊग सववत ततव ह बतरववध ताऩ की ऩीय ||
भानव-दह मभरना दरगब ह औय मभर बी जाम तो आचधदववक आचधबौनतक औय आधमाजतभक म तीन ताऩ भनषम को तऩात यहत ह | ककॊ त भनषम-दह भ बी ऩववतरता हो सचिाई हो शदधता हो औय साध-सॊग मभर जाम तो म बतरववध ताऩ मभट जात ह |
सन १८७९ की फात ह | बायत भ बबरटटश शासन था उनहीॊ टदनो अॊगरजो न अपगाननसतान ऩय आकरभण कय टदमा | इस मदध का सॊिारन आगय भारवा बबरटटश छावनी क रजफ़टनट कनगर भाटटगन को सौऩा गमा था | कनगर भाटटगन सभम-सभम ऩय मदध-तर स अऩनी ऩतनी को कशरता क सभािाय बजता यहता था | मदध रॊफा िरा औय अफ तो सॊदश आन बी फॊद हो गम | रडी भाटटगन को चिॊता सतान रगी कक कहीॊ कछ अनथग न हो गमा हो अपगानी सननको न भय ऩनत को भाय न डारा हो | कदाचित ऩनत मदध भ शहीद हो गम तो भ जीकय कमा करॉ गी -मह सोिकय वह अनक शॊका-कशॊकाओॊ स नघयी यहती थी |
चिनतातय फनी वह एक टदन घोड़ ऩय फठकय घभन जा यही थी | भागग भ ककसी भॊटदय स आती हई शॊख व भॊतर धवनन न उस आकवषगत ककमा | वह एक ऩड़ स अऩना घोड़ा फाॉधकय भॊटदय भ गमी | फजनाथ भहादव क इस भॊटदय भ मशवऩजन भ ननभगन ऩॊकतडतो स उसन ऩछा आऩ रोग कमा कय यह ह एक वरदध बराहमण न कहा हभ बगवान मशव का ऩजन कय यह ह | रडी भाटटगन मशवऩजन की कमा भहतता ह बराहमण फटी बगवान मशव तो औढयदानी ह बोरनाथ ह | अऩन बकतो क सॊकट-ननवायण कयन भ व तननक बी दय नहीॊ कयत ह | बकत उनक दयफाय भ जो बी भनोकाभना रकय क आता ह उस व शीघर ऩयी कयत ह ककॊ त फटी तभ फहत चिजनतत औय उदास नजय आ यही हो कमा फात ह रडी भाटटगन भय ऩनतदव मदध भ गम ह औय ववगत कई टदनो स उनका कोई
सभािाय नहीॊ आमा ह | व मदध भ पॉ स गम ह मा भाय गम ह कछ ऩता नहीॊ िर यहा | भ उनकी ओय स फहत चिजनतत हॉ | इतना कहत हए रडी भाटटगन की आॉख नभ हो गमीॊ |
बराहमण तभ चिनता भत कयो फटी मशवजी का ऩजन कयो उनस पराथगना कयो रघररी कयवाओ | बगवान मशव तमहाय ऩनत का यण अवशम कयग |
ऩॊकतडतो की सराह ऩय उसन वहाॉ गमायह टदन का ॐ नभ मशवाम भॊतर स रघररी अनषठान परायॊब ककमा तथा परनतटदन बगवान मशव स अऩन ऩनत की या क मरए पराथगना कयन रगी कक ह बगवान मशव ह फजनाथ भहादव मटद भय ऩनत मदध स सकशर रौट आम तो भ आऩका मशखयफॊद भॊटदय फनवाऊॉ गी | रघररी की ऩणागहनत क टदन बागता हआ एक सॊदशवाहक मशवभॊटदय भ आमा औय रडी भाटटगन को एक मरपापा टदमा | उसन घफयात-घफयात वह मरपापा खोरा औय ऩढ़न रगी |
ऩतर भ उसक ऩनत न मरखा था हभ मदध भ यत थ औय तभ तक सॊदश बी बजत यह रककन आक ऩठानी सना न घय मरमा | बबरटटश सना कट भयती औय भ बी भय जाता |
ऐसी ववकट ऩरयजसथनत भ हभ नघय गम थ कक पराण फिाकय बागना बी अतमाचधक कटठन था | इतन भ भन दखा कक मदधबमभ भ बायत क कोई एक मोगी जजनकी फड़ी रमफी जटाएॉ ह हाथ भ तीन नोकवारा एक हचथमाय (बतरशर) इतनी तीवर गनत स घभ यहा था कक ऩठान सननक उनह दखकय बागन रग | उनकी कऩा स घय स हभ ननकरकय ऩठानो ऩय वाय कयन का भौका मभर गमा औय हभायी हाय की घकतड़माॉ अिानक जीत भ फदर गमीॊ | मह सफ बायत क उन फाघामफयधायी एवॊ तीन नोकवारा हचथमाय धायण ककम हए
(बतरशरधायी) मोगी क कायण ही समबव हआ | उनक भहातजसवी रवमकतकततव क परबाव स दखत-ही-दखत अपगाननसतान की ऩठानी सना बाग खड़ी हई औय व ऩयभ मोगी भझ
टहमभत दत हए कहन रग | घफयाओॊ नहीॊ | भ बगवान मशव हॉ तथा तमहायी ऩतनी की ऩजा स परसनन होकय तमहायी या कयन आमा हॉ उसक सहाग की या कयन आमा हॉ |
ऩतर ऩढ़त हए रडी भाटटगन की आॉखो स अववयत अशरधाया फहती जा यही थी उसका रदम अहोबाव स बय गमा औय वह बगवान मशव की परनतभा क समभख मसय यखकय पराथगना कयत-कयत यो ऩड़ी | कछ सिाह फाद उसका ऩनत कनगर भाटटगन आगय छावनी रौटा | ऩतनी न उस सायी फात सनात हए कहा आऩक सॊदश क अबाव भ भ चिजनतत हो उठी थी रककन बराहमणो की सराह स मशवऩजा भ रग गमी औय आऩकी या क मरए बगवान मशव स पराथगना कयन रगी | उन द खबॊजक भहादव न भयी पराथगना सनी औय आऩको सकशर रौटा टदमा | अफ तो ऩनत-ऩतनी दोनो ही ननममभत रऩ स फजनाथ भहादव क भॊटदय भ ऩजा-अिगना कयन रग | अऩनी ऩतनी की इचछा ऩय कनगर भाटटगन भ सन १८८३
भ ऩॊरह हजाय रऩम दकय फजनाथ भहादव भॊटदय का जीणोदवाय कयवामा जजसका मशरारख आज बी आगय भारवा क इस भॊटदय भ रगा ह | ऩय बायतबय भ अॊगरजो दवाय ननमभगत मह एकभातर टहनद भॊटदय ह |
मयोऩ जान स ऩवग रडी भाटटगन न ऩकतड़तो स कहा हभ अऩन घय भ बी बगवान मशव का भॊटदय फनामग तथा इन द ख-ननवायक दव की आजीवन ऩजा कयत यहग |
बगवान मशव भ बगवान कषण भ भाॉ अमफा भ आतभवतता सदगर भ सतता तो एक ही ह | आवशमकता ह अटर ववशवास की | एकररवम न गरभनत ग भ ववशवास कय वह पराि कय मरमा जो अजगन को कटठन रगा | आरणण उऩभनम रव परहराद आटद अनम सकड़ो उदायहण हभाय साभन परतम ह | आज बी इस परकाय का सहमोग हजायो बकतो को साधको को बगवान व आतभवतता सदगरओॊ क दवाया ननयनतय पराि होता यहता ह | आवशमकता ह तो फस कवर ववशवास की |
भहाभतमॊजम भॊतर
ॐ हौ जॉ स |
ॐ बबगव सव |
ॐ तरममफकॊ मजाभह सगॊचध ॊ ऩवषटवधगनभ |
उवागरकमभव फनधनानभतमोभगीम भाभतात |
सव भव ब ॐ |
स जॉ हौ ॐ |
बगवान मशव का मह भहाभतमॊजम जऩन स अकार भतम तो टरती ही ह आयोगमता की बी परानि होती ह | सनान कयत सभम शयीय ऩय रोट स ऩानी डारत वकत इस भॊतर का जऩ कयन स सवासम-राब होता ह | दध भ ननहायत हए इस भॊतर का जाऩ ककमा जाम औय कपय वह दध ऩी मरमा जम तो मौवन की सया भ बी सहामता मभरती ह | आजकर की तज यफ़तायवारी जजनदगी भ कहाॉ आतॊक उऩरव दघगटना हो जाम कहना भजशकर ह | घय स ननकरत सभम एक फाय मह भॊतर जऩनवारा इन उऩदरवो स सयकषत यहता ह औय सयकषत घय रौटता ह | (इस भॊतरानषठान क ववचध-ववधान की ववसतत जानकायी क मरए आशरभ दवाया परकामशत आयोगमननचध ऩसतक ऩढ़ |) शरीभदबागवत क आठव सकॊ ध भ तीसय अधमाम क शलोक १ स ३३ तक भ वणणगत गजनरभो सतोतर का ऩाठ कयन स तभाभ
ववधन दय होत ह |
ऩहर फथग ऩय सोम हए एक मातरी क ऩास जाकय भन एक मातरी क ऩास जाकय भन टटकट टदखान को कहा तो वह गससा होकय भझ कहन रगा अॊधा ह दखता नहीॊ कक भ सो गमा हॉ भझ नीॊद स जगान का तझ कमा अचधकाय ह मह कोई यीत ह टटकट क फाय भ ऩछन की ऐसी ही अकर ह तयी ऐसा कछ-का-कछ वह फोरता ही गमा फोरता ही गमा | भ बी करोधाववषट होन रगा ककॊ त ऩजम भहायाजजी क सभ री हई परनतऻा भझ माद थी अत करोध को ऐस ऩी गमा भानो ववष की ऩकतड़मा भन उस कहा भहाशम आऩ ठीक ही कहत ह कक भझ फोरन की अकर नहीॊ ह बान नहीॊ ह | दखो भय म फार धऩ भ सपद हो गम ह | आऩभ फोरन की अकर अचधक ह नमरता ह तो कऩा कयक मसखाओॊ कक टटकट क मरए भझ ककस परकाय आऩस ऩछना िाटहए | भ रािाय हॉ कक डमटी क कायण भझ टटकट िक कयना ऩड़ यहा ह इसमरए भ आऩको कषट द यहा हॉ|
औय कफ़य भन खफ परभ स हाथ जोड़कय ववनती की बमा कऩा कयक कषट क मरए भझ भा कयो | भझ अऩना टटकट टदखामग भयी नमरता दखकय वह रजजजत हो गमा एवॊ तयॊत उठ फठा | जपदी-जपदी नीि उतयकय भझस भा भाॉगत हए कहन रगा भझ भाप कयना | भ नीॊद भ था | भन आऩको ऩहिाना नहीॊ था | अफ आऩ अऩन भॉह स भझ कह कक आऩन भझ भाफ़ ककमा मह दखकय भझ आनॊद औय सॊतोष हआ | भ सोिन रगा कक सॊतो की आऻा भानन भ ककतनी शकतकत औय टहत ननटहत ह सॊतो की करणा कसा िभतकारयक ऩरयणाभ राती ह वह रवमकतकत क पराकनतक सवबाव को बी जड़-भर स फदर सकती ह | अनमथा भझभ करोध को ननमॊतरण भ यखन की कोई शकतकत नहीॊ थी | भ ऩणगतमा असहाम था कपय बी भझ भहायाजजी की कऩा न ही सभथग फनामा | ऐस सॊतो क शरीियणो भ कोटट-कोटट नभसकाय
-शरी यीजभर
रयटामडग टीटी आई कानऩय
अनम अनबव
जरा हआ कागज
ऩवग रऩ भ एक फाय ऩयभहॊस ववशदधानॊदजी स आनॊदभमी भाॉ की ननकटता ऩानवार सपरमसदध ऩॊकतडत गोऩीनाथ कववयाज न ननवदन ककमा तयणीकानत ठाकय को अरौककक मसवदध पराि हई ह | व बफना दख मा बफना छए ही कागज भ मरखी हई फात ऩढ़ रत ह |
गरदव फोर तभ एक कागज ऩय कछ मरखो औय उसभ आग रगाकय जरा दो |
कववयाजजी न कागज ऩय कछ मरखा औय ऩयी तयह कागज जराकय हवा भ उड़ा टदमा |
उसक फाद गरदव न अऩन तककम क नीि स वही कागज ननकारकय कववयाजजी क आग यख टदमा | मह दखकय उनह फड़ा आशचमग हआ कक मह कागज वही था एवॊ जो उनहोन मरखा था वह बी उस ऩय उनहीॊ क सरख भ मरखा था औय साथ ही उसका उततय बी मरखा हआ दखा | जड़ता ऩशता औय ईशवयता का भर हभाया शयीय ह | जड़ शयीय को भ-भया भानन की ववतत जजतनी मभटती ह ऩाशवी वासनाओॊ की गराभी उतनी हटती ह औय हभाया ईशवयीम अॊश जजतना अचधक ववकमसत होता ह उतना ही मोग-साभमग ईशवयीम साभमग परकट होता ह | बायत क ऐस कई बकतो सॊतो औय मोचगमो क जीवन भ ईशवयीम साभमग दखा गमा ह अनबव ककमा गमा ह उसक ववषम भ सना गमा ह | धनम ह बायतबमभ भ यहनवार बायतीम सॊसकनत भ शरदधा-ववशवास यखनवार अऩन ईशवयीम अॊश को जगान की सवा-साधना कयनवार सवाभी ववशदधानॊदजी वषो की एकाॊत साधना औय वषो-वषो की गरसवा स अऩना दहाधमास औय ऩाशवी वासनाएॉ मभटाकय अऩन ईशवयीम
अॊश को ववकमसत कयनवार बायत क अनक भहाऩरषो भ स थ | उनक जीवन की औय बी अरौककक घटनाओॊ का वणगन आता ह | ऐस सतऩरषो क जीवन-िरयतर औय उनक जीवन भ घटटत घटनाएॉ ऩढ़न-सनन स हभ रोग बी अऩनी जड़ता एवॊ ऩशता स ऊऩय उठकय ईशवयीम अॊश को उबायन भ उतसाटहत होत ह | फहत ऊॉ िा काभ ह फड़ी शरदधा फड़ी सभझ फड़ा धमग िाटहए ईशवयीम साभमग को ऩणग रऩ स ववकमसत कयन भ | अफ आओ
िर आदय शॊकयािामग की ओय
नदी की धाया भड़ गमी
आदय शॊकयािामग की भाता ववमशषटा दवी अऩन करदवता कशव की ऩजा कयन जाती थीॊ | व ऩहर नदी भ सनान कयतीॊ औय कफ़य भॊटदय भ जाकय ऩजन कयतीॊ | एक टदन व परातकार ही ऩजन-साभगरी रकय भॊटदय की ओय गमीॊ ककॊ त सामॊकार तक घय नहीॊ रौटीॊ | शॊकयािामग की आम अबी सात-आठ वषग क भधम भ ही थी | व ईशवय क ऩयभ बकत औय ननषठावान थ | सामॊकार तक भाता क वाऩस न रौटन ऩय आिामग को फड़ी चिनता हई औय व उनह खोजन क मरए ननकर ऩड़ | भॊटदय क ननकट ऩहॉिकय उनहोन भाता को भागग भ ही भजचछगत ऩड़ दखा | उनहोन फहत दय तक भाता का उऩिाय ककमा तफ व होश भ आ सकीॊ |
नदी अचधक दय थी | वहाॉ तक ऩहॉिन भ भाता को फड़ा कषट होता था | आिामग न बगवान स भन-ही-भन पराथगना की कक परबो ककसी परकाय नदी की धाया को भोड़ दो जजसस कक
भाता ननकट ही सनान कय सक | व इस परकाय की पराथगना ननतम कयन रग | एक टदन उनहोन दखा कक नदी की धाया ककनाय की धयती को काटती-काटती भड़न रगी ह तथा कछ टदनो भ ही वह आिामग शॊकय क घय क ऩास फहन रगी | इस घटना न आिामग का अरौककक शकतकतसमऩनन होना परमसदध कय टदमा |
सकषभ शयीय स िोय का ऩीछा ककमा
हरयहय फाफा की फड़ी परमसवदध थी | एक फाय व हयऩारऩय सटशन ऩय थ | वहाॉ क सटशन भासटय न उनको एक िोय सऩदग ककमा | िोय न फाफा स कहा भहायाज भझ इतनी छटटी द दीजजम कक भ अऩन फार-फचिो का परफॊध कय आऊॉ | फाफा गाड़ी आन ऩय रौट आना | िोय िरा गमा | सटशन भासटय को ऩता िरा तो वह फाफा ऩय गभग हआ औय फोरा उसक फदर तमह जर की हवा खानी होगी | तभन जान-फझकय उस बगा टदमा ह | फाफा घफयाओ भत गाड़ी आन स ऩहर ही वह रौट आमगा | िोय की नीमत ठीक नहीॊ थी | वह जॊगर क भागग स अऻात सथान को बाग जाना िाहता था ककॊ त उस हय सभम मही परतीत होता यहा कक हरयहय फाफा डॊडा पटकायत हए उसक ऩीछ-ऩीछ िर आ यह ह | इसीमरए वह गाड़ी आन स ऩहर ही रौट आमा |
भॊगरी फाधा-ननवायण भॊतर
अॊ याॊ अॊ
इस भॊतर को १०८ फाय जऩन स करोध दय होता ह | जनभकनडरी भ भॊगरी मोग होन स जजनक वववाह न हो यह हो व २७ भॊगरवाय इस भॊतर का १०८ फाय जऩ कयत हए वरत यखकय हनभानजी ऩय मसॊदय का िोरा िढ़ाम | इसस भॊगर-फाधा का म होता ह |
सखऩवगक परसवकायक भॊतर
ऩहरा उऩाम
एॊ हीॊ बगवनत बगभामरनन िर िर भराभम भराभम ऩषऩॊ ववकासम ववकासम सवाहा |
इस भॊतर दवाया अमबभॊबतरत दध गमबगणी सतरी को वऩराम तो सखऩवगक परसव होगा |
दसया उऩाम
गमबगणी सतरी सवमॊ परसव क सभम जमबरा-जमबरा जऩ कय |
तीसया उऩाम
दशी गाम क गोफय का १२ स १५ मभरी यस ॐ नभो नायामणाम भॊतर का २१ फाय जऩ कयक ऩीन स बी परसव-फाधाएॉ दय होगी औय बफना ऑऩयशन क परसव होगा |
परसनत क सभम अभॊगर की आशॊका हो तो ननमन भॊतर का जऩ कय
सवगभॊगर भाॊगपम मशव सवागथग साचधक |
शयणम तरममफक गौयी नायामणी नभोSसतत ||
(दगागसिशती)
शकतकतशारी व गोय ऩतर की परानि क मरए
सगबागवसथा भ ढाक (ऩराश खाखया) का एक कोभर ऩतता घोटकय गौ-दगध क साथ योज सवन कयन स फारक शकतकतशारी औय गोया होता ह | भाता-वऩता बर कार-करट हो कपय बी फारक गोया होगा |
सदगर-भटहभा
गर बफन बव ननचध तय न कोई |
जौ फयॊचि सॊकय सभ होई ||
-सॊत तरसीदासजी
हरयहय आटदक जगत भ ऩजमदव जो कोम |
सदगर की ऩजा ककम सफकी ऩजा होम ||
-ननशचरदासजी भहायाज
सहजो कायज सॊसाय को गर बफन होत नाॉही |
हरय तो गर बफन कमा मभर सभझ र भन भाॉही ||
-सॊत कफीयजी सॊत
सयनन जो जन ऩय सो जन उधयनहाय | सॊत की ननॊदा नानका फहरय फहरय अवताय ||
-गर नानक दवजी
गरसवा सफ बागमो की जनभबमभ ह औय वह शोकाकर रोगो को बरहमभम कय दती ह |
गररऩी समग अववदयारऩी याबतर का नाश कयता ह औय ऻानाऻान रऩी मसतायो का रोऩ कयक फवदधभानो को आतभफोध का सटदन टदखाता ह |
-सॊत ऻानशवय भहायाज
सतम क कॊ टकभम भागग भ आऩको गर क मसवाम औय कोई भागगदशगन नहीॊ द सकता |
- सवाभी मशवानॊद सयसवती
ककतन ही याजा-भहायाजा हो गम औय होग सामजम भकतकत कोई नहीॊ द सकता | सचि याजा-भहायाज तो सॊत ही ह | जो उनकी शयण जाता ह वही सचिा सख औय सामजम भकतकत ऩाता ह |
-सभथग शरी याभदास सवाभी
भनषम िाह ककतना बी जऩ-तऩ कय मभ-ननमभो का ऩारन कय ऩयॊत जफ तक सदगर की कऩादवषट नहीॊ मभरती तफ तक सफ रवमथग ह |
-सवाभी याभतीथग
परटो कहत ह कक सकयात जस गर ऩाकय भ धनम हआ |
इभसगन न अऩन गर थोयो स जो पराि ककमा उसक भटहभागान भ व बावववबोय हो जात थ |
शरी याभकषण ऩयभहॊस ऩणगता का अनबव कयानवार अऩन सदगरदव की परशॊसा कयत नहीॊ अघात थ |
ऩजमऩाद सवाभी शरी रीराशाहजी भहायाज बी अऩन सदगरदव की माद भ सनह क आॉस
फहाकय गदगद कॊ ठ हो जात थ |
ऩजम फाऩजी बी अऩन सदगरदव की माद भ कस हो जात ह मह तो दखत ही फनता ह |
अफ हभ उनकी माद भ कस होत ह मह परशन ह | फटहभगख ननगय रोग कछ बी कह साधक को अऩन सदगर स कमा मभरता ह इस तो साधक ही जानत ह |
रडी भाटटगन क सहाग की या कयन अपगाननसतान भ परकट मशवजी
साध सॊग सॊसाय भ दरगब भनषम शयीय |
सतसॊग सववत ततव ह बतरववध ताऩ की ऩीय ||
भानव-दह मभरना दरगब ह औय मभर बी जाम तो आचधदववक आचधबौनतक औय आधमाजतभक म तीन ताऩ भनषम को तऩात यहत ह | ककॊ त भनषम-दह भ बी ऩववतरता हो सचिाई हो शदधता हो औय साध-सॊग मभर जाम तो म बतरववध ताऩ मभट जात ह |
सन १८७९ की फात ह | बायत भ बबरटटश शासन था उनहीॊ टदनो अॊगरजो न अपगाननसतान ऩय आकरभण कय टदमा | इस मदध का सॊिारन आगय भारवा बबरटटश छावनी क रजफ़टनट कनगर भाटटगन को सौऩा गमा था | कनगर भाटटगन सभम-सभम ऩय मदध-तर स अऩनी ऩतनी को कशरता क सभािाय बजता यहता था | मदध रॊफा िरा औय अफ तो सॊदश आन बी फॊद हो गम | रडी भाटटगन को चिॊता सतान रगी कक कहीॊ कछ अनथग न हो गमा हो अपगानी सननको न भय ऩनत को भाय न डारा हो | कदाचित ऩनत मदध भ शहीद हो गम तो भ जीकय कमा करॉ गी -मह सोिकय वह अनक शॊका-कशॊकाओॊ स नघयी यहती थी |
चिनतातय फनी वह एक टदन घोड़ ऩय फठकय घभन जा यही थी | भागग भ ककसी भॊटदय स आती हई शॊख व भॊतर धवनन न उस आकवषगत ककमा | वह एक ऩड़ स अऩना घोड़ा फाॉधकय भॊटदय भ गमी | फजनाथ भहादव क इस भॊटदय भ मशवऩजन भ ननभगन ऩॊकतडतो स उसन ऩछा आऩ रोग कमा कय यह ह एक वरदध बराहमण न कहा हभ बगवान मशव का ऩजन कय यह ह | रडी भाटटगन मशवऩजन की कमा भहतता ह बराहमण फटी बगवान मशव तो औढयदानी ह बोरनाथ ह | अऩन बकतो क सॊकट-ननवायण कयन भ व तननक बी दय नहीॊ कयत ह | बकत उनक दयफाय भ जो बी भनोकाभना रकय क आता ह उस व शीघर ऩयी कयत ह ककॊ त फटी तभ फहत चिजनतत औय उदास नजय आ यही हो कमा फात ह रडी भाटटगन भय ऩनतदव मदध भ गम ह औय ववगत कई टदनो स उनका कोई
सभािाय नहीॊ आमा ह | व मदध भ पॉ स गम ह मा भाय गम ह कछ ऩता नहीॊ िर यहा | भ उनकी ओय स फहत चिजनतत हॉ | इतना कहत हए रडी भाटटगन की आॉख नभ हो गमीॊ |
बराहमण तभ चिनता भत कयो फटी मशवजी का ऩजन कयो उनस पराथगना कयो रघररी कयवाओ | बगवान मशव तमहाय ऩनत का यण अवशम कयग |
ऩॊकतडतो की सराह ऩय उसन वहाॉ गमायह टदन का ॐ नभ मशवाम भॊतर स रघररी अनषठान परायॊब ककमा तथा परनतटदन बगवान मशव स अऩन ऩनत की या क मरए पराथगना कयन रगी कक ह बगवान मशव ह फजनाथ भहादव मटद भय ऩनत मदध स सकशर रौट आम तो भ आऩका मशखयफॊद भॊटदय फनवाऊॉ गी | रघररी की ऩणागहनत क टदन बागता हआ एक सॊदशवाहक मशवभॊटदय भ आमा औय रडी भाटटगन को एक मरपापा टदमा | उसन घफयात-घफयात वह मरपापा खोरा औय ऩढ़न रगी |
ऩतर भ उसक ऩनत न मरखा था हभ मदध भ यत थ औय तभ तक सॊदश बी बजत यह रककन आक ऩठानी सना न घय मरमा | बबरटटश सना कट भयती औय भ बी भय जाता |
ऐसी ववकट ऩरयजसथनत भ हभ नघय गम थ कक पराण फिाकय बागना बी अतमाचधक कटठन था | इतन भ भन दखा कक मदधबमभ भ बायत क कोई एक मोगी जजनकी फड़ी रमफी जटाएॉ ह हाथ भ तीन नोकवारा एक हचथमाय (बतरशर) इतनी तीवर गनत स घभ यहा था कक ऩठान सननक उनह दखकय बागन रग | उनकी कऩा स घय स हभ ननकरकय ऩठानो ऩय वाय कयन का भौका मभर गमा औय हभायी हाय की घकतड़माॉ अिानक जीत भ फदर गमीॊ | मह सफ बायत क उन फाघामफयधायी एवॊ तीन नोकवारा हचथमाय धायण ककम हए
(बतरशरधायी) मोगी क कायण ही समबव हआ | उनक भहातजसवी रवमकतकततव क परबाव स दखत-ही-दखत अपगाननसतान की ऩठानी सना बाग खड़ी हई औय व ऩयभ मोगी भझ
टहमभत दत हए कहन रग | घफयाओॊ नहीॊ | भ बगवान मशव हॉ तथा तमहायी ऩतनी की ऩजा स परसनन होकय तमहायी या कयन आमा हॉ उसक सहाग की या कयन आमा हॉ |
ऩतर ऩढ़त हए रडी भाटटगन की आॉखो स अववयत अशरधाया फहती जा यही थी उसका रदम अहोबाव स बय गमा औय वह बगवान मशव की परनतभा क समभख मसय यखकय पराथगना कयत-कयत यो ऩड़ी | कछ सिाह फाद उसका ऩनत कनगर भाटटगन आगय छावनी रौटा | ऩतनी न उस सायी फात सनात हए कहा आऩक सॊदश क अबाव भ भ चिजनतत हो उठी थी रककन बराहमणो की सराह स मशवऩजा भ रग गमी औय आऩकी या क मरए बगवान मशव स पराथगना कयन रगी | उन द खबॊजक भहादव न भयी पराथगना सनी औय आऩको सकशर रौटा टदमा | अफ तो ऩनत-ऩतनी दोनो ही ननममभत रऩ स फजनाथ भहादव क भॊटदय भ ऩजा-अिगना कयन रग | अऩनी ऩतनी की इचछा ऩय कनगर भाटटगन भ सन १८८३
भ ऩॊरह हजाय रऩम दकय फजनाथ भहादव भॊटदय का जीणोदवाय कयवामा जजसका मशरारख आज बी आगय भारवा क इस भॊटदय भ रगा ह | ऩय बायतबय भ अॊगरजो दवाय ननमभगत मह एकभातर टहनद भॊटदय ह |
मयोऩ जान स ऩवग रडी भाटटगन न ऩकतड़तो स कहा हभ अऩन घय भ बी बगवान मशव का भॊटदय फनामग तथा इन द ख-ननवायक दव की आजीवन ऩजा कयत यहग |
बगवान मशव भ बगवान कषण भ भाॉ अमफा भ आतभवतता सदगर भ सतता तो एक ही ह | आवशमकता ह अटर ववशवास की | एकररवम न गरभनत ग भ ववशवास कय वह पराि कय मरमा जो अजगन को कटठन रगा | आरणण उऩभनम रव परहराद आटद अनम सकड़ो उदायहण हभाय साभन परतम ह | आज बी इस परकाय का सहमोग हजायो बकतो को साधको को बगवान व आतभवतता सदगरओॊ क दवाया ननयनतय पराि होता यहता ह | आवशमकता ह तो फस कवर ववशवास की |
भहाभतमॊजम भॊतर
ॐ हौ जॉ स |
ॐ बबगव सव |
ॐ तरममफकॊ मजाभह सगॊचध ॊ ऩवषटवधगनभ |
उवागरकमभव फनधनानभतमोभगीम भाभतात |
सव भव ब ॐ |
स जॉ हौ ॐ |
बगवान मशव का मह भहाभतमॊजम जऩन स अकार भतम तो टरती ही ह आयोगमता की बी परानि होती ह | सनान कयत सभम शयीय ऩय रोट स ऩानी डारत वकत इस भॊतर का जऩ कयन स सवासम-राब होता ह | दध भ ननहायत हए इस भॊतर का जाऩ ककमा जाम औय कपय वह दध ऩी मरमा जम तो मौवन की सया भ बी सहामता मभरती ह | आजकर की तज यफ़तायवारी जजनदगी भ कहाॉ आतॊक उऩरव दघगटना हो जाम कहना भजशकर ह | घय स ननकरत सभम एक फाय मह भॊतर जऩनवारा इन उऩदरवो स सयकषत यहता ह औय सयकषत घय रौटता ह | (इस भॊतरानषठान क ववचध-ववधान की ववसतत जानकायी क मरए आशरभ दवाया परकामशत आयोगमननचध ऩसतक ऩढ़ |) शरीभदबागवत क आठव सकॊ ध भ तीसय अधमाम क शलोक १ स ३३ तक भ वणणगत गजनरभो सतोतर का ऩाठ कयन स तभाभ
ववधन दय होत ह |
गरदव फोर तभ एक कागज ऩय कछ मरखो औय उसभ आग रगाकय जरा दो |
कववयाजजी न कागज ऩय कछ मरखा औय ऩयी तयह कागज जराकय हवा भ उड़ा टदमा |
उसक फाद गरदव न अऩन तककम क नीि स वही कागज ननकारकय कववयाजजी क आग यख टदमा | मह दखकय उनह फड़ा आशचमग हआ कक मह कागज वही था एवॊ जो उनहोन मरखा था वह बी उस ऩय उनहीॊ क सरख भ मरखा था औय साथ ही उसका उततय बी मरखा हआ दखा | जड़ता ऩशता औय ईशवयता का भर हभाया शयीय ह | जड़ शयीय को भ-भया भानन की ववतत जजतनी मभटती ह ऩाशवी वासनाओॊ की गराभी उतनी हटती ह औय हभाया ईशवयीम अॊश जजतना अचधक ववकमसत होता ह उतना ही मोग-साभमग ईशवयीम साभमग परकट होता ह | बायत क ऐस कई बकतो सॊतो औय मोचगमो क जीवन भ ईशवयीम साभमग दखा गमा ह अनबव ककमा गमा ह उसक ववषम भ सना गमा ह | धनम ह बायतबमभ भ यहनवार बायतीम सॊसकनत भ शरदधा-ववशवास यखनवार अऩन ईशवयीम अॊश को जगान की सवा-साधना कयनवार सवाभी ववशदधानॊदजी वषो की एकाॊत साधना औय वषो-वषो की गरसवा स अऩना दहाधमास औय ऩाशवी वासनाएॉ मभटाकय अऩन ईशवयीम
अॊश को ववकमसत कयनवार बायत क अनक भहाऩरषो भ स थ | उनक जीवन की औय बी अरौककक घटनाओॊ का वणगन आता ह | ऐस सतऩरषो क जीवन-िरयतर औय उनक जीवन भ घटटत घटनाएॉ ऩढ़न-सनन स हभ रोग बी अऩनी जड़ता एवॊ ऩशता स ऊऩय उठकय ईशवयीम अॊश को उबायन भ उतसाटहत होत ह | फहत ऊॉ िा काभ ह फड़ी शरदधा फड़ी सभझ फड़ा धमग िाटहए ईशवयीम साभमग को ऩणग रऩ स ववकमसत कयन भ | अफ आओ
िर आदय शॊकयािामग की ओय
नदी की धाया भड़ गमी
आदय शॊकयािामग की भाता ववमशषटा दवी अऩन करदवता कशव की ऩजा कयन जाती थीॊ | व ऩहर नदी भ सनान कयतीॊ औय कफ़य भॊटदय भ जाकय ऩजन कयतीॊ | एक टदन व परातकार ही ऩजन-साभगरी रकय भॊटदय की ओय गमीॊ ककॊ त सामॊकार तक घय नहीॊ रौटीॊ | शॊकयािामग की आम अबी सात-आठ वषग क भधम भ ही थी | व ईशवय क ऩयभ बकत औय ननषठावान थ | सामॊकार तक भाता क वाऩस न रौटन ऩय आिामग को फड़ी चिनता हई औय व उनह खोजन क मरए ननकर ऩड़ | भॊटदय क ननकट ऩहॉिकय उनहोन भाता को भागग भ ही भजचछगत ऩड़ दखा | उनहोन फहत दय तक भाता का उऩिाय ककमा तफ व होश भ आ सकीॊ |
नदी अचधक दय थी | वहाॉ तक ऩहॉिन भ भाता को फड़ा कषट होता था | आिामग न बगवान स भन-ही-भन पराथगना की कक परबो ककसी परकाय नदी की धाया को भोड़ दो जजसस कक
भाता ननकट ही सनान कय सक | व इस परकाय की पराथगना ननतम कयन रग | एक टदन उनहोन दखा कक नदी की धाया ककनाय की धयती को काटती-काटती भड़न रगी ह तथा कछ टदनो भ ही वह आिामग शॊकय क घय क ऩास फहन रगी | इस घटना न आिामग का अरौककक शकतकतसमऩनन होना परमसदध कय टदमा |
सकषभ शयीय स िोय का ऩीछा ककमा
हरयहय फाफा की फड़ी परमसवदध थी | एक फाय व हयऩारऩय सटशन ऩय थ | वहाॉ क सटशन भासटय न उनको एक िोय सऩदग ककमा | िोय न फाफा स कहा भहायाज भझ इतनी छटटी द दीजजम कक भ अऩन फार-फचिो का परफॊध कय आऊॉ | फाफा गाड़ी आन ऩय रौट आना | िोय िरा गमा | सटशन भासटय को ऩता िरा तो वह फाफा ऩय गभग हआ औय फोरा उसक फदर तमह जर की हवा खानी होगी | तभन जान-फझकय उस बगा टदमा ह | फाफा घफयाओ भत गाड़ी आन स ऩहर ही वह रौट आमगा | िोय की नीमत ठीक नहीॊ थी | वह जॊगर क भागग स अऻात सथान को बाग जाना िाहता था ककॊ त उस हय सभम मही परतीत होता यहा कक हरयहय फाफा डॊडा पटकायत हए उसक ऩीछ-ऩीछ िर आ यह ह | इसीमरए वह गाड़ी आन स ऩहर ही रौट आमा |
भॊगरी फाधा-ननवायण भॊतर
अॊ याॊ अॊ
इस भॊतर को १०८ फाय जऩन स करोध दय होता ह | जनभकनडरी भ भॊगरी मोग होन स जजनक वववाह न हो यह हो व २७ भॊगरवाय इस भॊतर का १०८ फाय जऩ कयत हए वरत यखकय हनभानजी ऩय मसॊदय का िोरा िढ़ाम | इसस भॊगर-फाधा का म होता ह |
सखऩवगक परसवकायक भॊतर
ऩहरा उऩाम
एॊ हीॊ बगवनत बगभामरनन िर िर भराभम भराभम ऩषऩॊ ववकासम ववकासम सवाहा |
इस भॊतर दवाया अमबभॊबतरत दध गमबगणी सतरी को वऩराम तो सखऩवगक परसव होगा |
दसया उऩाम
गमबगणी सतरी सवमॊ परसव क सभम जमबरा-जमबरा जऩ कय |
तीसया उऩाम
दशी गाम क गोफय का १२ स १५ मभरी यस ॐ नभो नायामणाम भॊतर का २१ फाय जऩ कयक ऩीन स बी परसव-फाधाएॉ दय होगी औय बफना ऑऩयशन क परसव होगा |
परसनत क सभम अभॊगर की आशॊका हो तो ननमन भॊतर का जऩ कय
सवगभॊगर भाॊगपम मशव सवागथग साचधक |
शयणम तरममफक गौयी नायामणी नभोSसतत ||
(दगागसिशती)
शकतकतशारी व गोय ऩतर की परानि क मरए
सगबागवसथा भ ढाक (ऩराश खाखया) का एक कोभर ऩतता घोटकय गौ-दगध क साथ योज सवन कयन स फारक शकतकतशारी औय गोया होता ह | भाता-वऩता बर कार-करट हो कपय बी फारक गोया होगा |
सदगर-भटहभा
गर बफन बव ननचध तय न कोई |
जौ फयॊचि सॊकय सभ होई ||
-सॊत तरसीदासजी
हरयहय आटदक जगत भ ऩजमदव जो कोम |
सदगर की ऩजा ककम सफकी ऩजा होम ||
-ननशचरदासजी भहायाज
सहजो कायज सॊसाय को गर बफन होत नाॉही |
हरय तो गर बफन कमा मभर सभझ र भन भाॉही ||
-सॊत कफीयजी सॊत
सयनन जो जन ऩय सो जन उधयनहाय | सॊत की ननॊदा नानका फहरय फहरय अवताय ||
-गर नानक दवजी
गरसवा सफ बागमो की जनभबमभ ह औय वह शोकाकर रोगो को बरहमभम कय दती ह |
गररऩी समग अववदयारऩी याबतर का नाश कयता ह औय ऻानाऻान रऩी मसतायो का रोऩ कयक फवदधभानो को आतभफोध का सटदन टदखाता ह |
-सॊत ऻानशवय भहायाज
सतम क कॊ टकभम भागग भ आऩको गर क मसवाम औय कोई भागगदशगन नहीॊ द सकता |
- सवाभी मशवानॊद सयसवती
ककतन ही याजा-भहायाजा हो गम औय होग सामजम भकतकत कोई नहीॊ द सकता | सचि याजा-भहायाज तो सॊत ही ह | जो उनकी शयण जाता ह वही सचिा सख औय सामजम भकतकत ऩाता ह |
-सभथग शरी याभदास सवाभी
भनषम िाह ककतना बी जऩ-तऩ कय मभ-ननमभो का ऩारन कय ऩयॊत जफ तक सदगर की कऩादवषट नहीॊ मभरती तफ तक सफ रवमथग ह |
-सवाभी याभतीथग
परटो कहत ह कक सकयात जस गर ऩाकय भ धनम हआ |
इभसगन न अऩन गर थोयो स जो पराि ककमा उसक भटहभागान भ व बावववबोय हो जात थ |
शरी याभकषण ऩयभहॊस ऩणगता का अनबव कयानवार अऩन सदगरदव की परशॊसा कयत नहीॊ अघात थ |
ऩजमऩाद सवाभी शरी रीराशाहजी भहायाज बी अऩन सदगरदव की माद भ सनह क आॉस
फहाकय गदगद कॊ ठ हो जात थ |
ऩजम फाऩजी बी अऩन सदगरदव की माद भ कस हो जात ह मह तो दखत ही फनता ह |
अफ हभ उनकी माद भ कस होत ह मह परशन ह | फटहभगख ननगय रोग कछ बी कह साधक को अऩन सदगर स कमा मभरता ह इस तो साधक ही जानत ह |
रडी भाटटगन क सहाग की या कयन अपगाननसतान भ परकट मशवजी
साध सॊग सॊसाय भ दरगब भनषम शयीय |
सतसॊग सववत ततव ह बतरववध ताऩ की ऩीय ||
भानव-दह मभरना दरगब ह औय मभर बी जाम तो आचधदववक आचधबौनतक औय आधमाजतभक म तीन ताऩ भनषम को तऩात यहत ह | ककॊ त भनषम-दह भ बी ऩववतरता हो सचिाई हो शदधता हो औय साध-सॊग मभर जाम तो म बतरववध ताऩ मभट जात ह |
सन १८७९ की फात ह | बायत भ बबरटटश शासन था उनहीॊ टदनो अॊगरजो न अपगाननसतान ऩय आकरभण कय टदमा | इस मदध का सॊिारन आगय भारवा बबरटटश छावनी क रजफ़टनट कनगर भाटटगन को सौऩा गमा था | कनगर भाटटगन सभम-सभम ऩय मदध-तर स अऩनी ऩतनी को कशरता क सभािाय बजता यहता था | मदध रॊफा िरा औय अफ तो सॊदश आन बी फॊद हो गम | रडी भाटटगन को चिॊता सतान रगी कक कहीॊ कछ अनथग न हो गमा हो अपगानी सननको न भय ऩनत को भाय न डारा हो | कदाचित ऩनत मदध भ शहीद हो गम तो भ जीकय कमा करॉ गी -मह सोिकय वह अनक शॊका-कशॊकाओॊ स नघयी यहती थी |
चिनतातय फनी वह एक टदन घोड़ ऩय फठकय घभन जा यही थी | भागग भ ककसी भॊटदय स आती हई शॊख व भॊतर धवनन न उस आकवषगत ककमा | वह एक ऩड़ स अऩना घोड़ा फाॉधकय भॊटदय भ गमी | फजनाथ भहादव क इस भॊटदय भ मशवऩजन भ ननभगन ऩॊकतडतो स उसन ऩछा आऩ रोग कमा कय यह ह एक वरदध बराहमण न कहा हभ बगवान मशव का ऩजन कय यह ह | रडी भाटटगन मशवऩजन की कमा भहतता ह बराहमण फटी बगवान मशव तो औढयदानी ह बोरनाथ ह | अऩन बकतो क सॊकट-ननवायण कयन भ व तननक बी दय नहीॊ कयत ह | बकत उनक दयफाय भ जो बी भनोकाभना रकय क आता ह उस व शीघर ऩयी कयत ह ककॊ त फटी तभ फहत चिजनतत औय उदास नजय आ यही हो कमा फात ह रडी भाटटगन भय ऩनतदव मदध भ गम ह औय ववगत कई टदनो स उनका कोई
सभािाय नहीॊ आमा ह | व मदध भ पॉ स गम ह मा भाय गम ह कछ ऩता नहीॊ िर यहा | भ उनकी ओय स फहत चिजनतत हॉ | इतना कहत हए रडी भाटटगन की आॉख नभ हो गमीॊ |
बराहमण तभ चिनता भत कयो फटी मशवजी का ऩजन कयो उनस पराथगना कयो रघररी कयवाओ | बगवान मशव तमहाय ऩनत का यण अवशम कयग |
ऩॊकतडतो की सराह ऩय उसन वहाॉ गमायह टदन का ॐ नभ मशवाम भॊतर स रघररी अनषठान परायॊब ककमा तथा परनतटदन बगवान मशव स अऩन ऩनत की या क मरए पराथगना कयन रगी कक ह बगवान मशव ह फजनाथ भहादव मटद भय ऩनत मदध स सकशर रौट आम तो भ आऩका मशखयफॊद भॊटदय फनवाऊॉ गी | रघररी की ऩणागहनत क टदन बागता हआ एक सॊदशवाहक मशवभॊटदय भ आमा औय रडी भाटटगन को एक मरपापा टदमा | उसन घफयात-घफयात वह मरपापा खोरा औय ऩढ़न रगी |
ऩतर भ उसक ऩनत न मरखा था हभ मदध भ यत थ औय तभ तक सॊदश बी बजत यह रककन आक ऩठानी सना न घय मरमा | बबरटटश सना कट भयती औय भ बी भय जाता |
ऐसी ववकट ऩरयजसथनत भ हभ नघय गम थ कक पराण फिाकय बागना बी अतमाचधक कटठन था | इतन भ भन दखा कक मदधबमभ भ बायत क कोई एक मोगी जजनकी फड़ी रमफी जटाएॉ ह हाथ भ तीन नोकवारा एक हचथमाय (बतरशर) इतनी तीवर गनत स घभ यहा था कक ऩठान सननक उनह दखकय बागन रग | उनकी कऩा स घय स हभ ननकरकय ऩठानो ऩय वाय कयन का भौका मभर गमा औय हभायी हाय की घकतड़माॉ अिानक जीत भ फदर गमीॊ | मह सफ बायत क उन फाघामफयधायी एवॊ तीन नोकवारा हचथमाय धायण ककम हए
(बतरशरधायी) मोगी क कायण ही समबव हआ | उनक भहातजसवी रवमकतकततव क परबाव स दखत-ही-दखत अपगाननसतान की ऩठानी सना बाग खड़ी हई औय व ऩयभ मोगी भझ
टहमभत दत हए कहन रग | घफयाओॊ नहीॊ | भ बगवान मशव हॉ तथा तमहायी ऩतनी की ऩजा स परसनन होकय तमहायी या कयन आमा हॉ उसक सहाग की या कयन आमा हॉ |
ऩतर ऩढ़त हए रडी भाटटगन की आॉखो स अववयत अशरधाया फहती जा यही थी उसका रदम अहोबाव स बय गमा औय वह बगवान मशव की परनतभा क समभख मसय यखकय पराथगना कयत-कयत यो ऩड़ी | कछ सिाह फाद उसका ऩनत कनगर भाटटगन आगय छावनी रौटा | ऩतनी न उस सायी फात सनात हए कहा आऩक सॊदश क अबाव भ भ चिजनतत हो उठी थी रककन बराहमणो की सराह स मशवऩजा भ रग गमी औय आऩकी या क मरए बगवान मशव स पराथगना कयन रगी | उन द खबॊजक भहादव न भयी पराथगना सनी औय आऩको सकशर रौटा टदमा | अफ तो ऩनत-ऩतनी दोनो ही ननममभत रऩ स फजनाथ भहादव क भॊटदय भ ऩजा-अिगना कयन रग | अऩनी ऩतनी की इचछा ऩय कनगर भाटटगन भ सन १८८३
भ ऩॊरह हजाय रऩम दकय फजनाथ भहादव भॊटदय का जीणोदवाय कयवामा जजसका मशरारख आज बी आगय भारवा क इस भॊटदय भ रगा ह | ऩय बायतबय भ अॊगरजो दवाय ननमभगत मह एकभातर टहनद भॊटदय ह |
मयोऩ जान स ऩवग रडी भाटटगन न ऩकतड़तो स कहा हभ अऩन घय भ बी बगवान मशव का भॊटदय फनामग तथा इन द ख-ननवायक दव की आजीवन ऩजा कयत यहग |
बगवान मशव भ बगवान कषण भ भाॉ अमफा भ आतभवतता सदगर भ सतता तो एक ही ह | आवशमकता ह अटर ववशवास की | एकररवम न गरभनत ग भ ववशवास कय वह पराि कय मरमा जो अजगन को कटठन रगा | आरणण उऩभनम रव परहराद आटद अनम सकड़ो उदायहण हभाय साभन परतम ह | आज बी इस परकाय का सहमोग हजायो बकतो को साधको को बगवान व आतभवतता सदगरओॊ क दवाया ननयनतय पराि होता यहता ह | आवशमकता ह तो फस कवर ववशवास की |
भहाभतमॊजम भॊतर
ॐ हौ जॉ स |
ॐ बबगव सव |
ॐ तरममफकॊ मजाभह सगॊचध ॊ ऩवषटवधगनभ |
उवागरकमभव फनधनानभतमोभगीम भाभतात |
सव भव ब ॐ |
स जॉ हौ ॐ |
बगवान मशव का मह भहाभतमॊजम जऩन स अकार भतम तो टरती ही ह आयोगमता की बी परानि होती ह | सनान कयत सभम शयीय ऩय रोट स ऩानी डारत वकत इस भॊतर का जऩ कयन स सवासम-राब होता ह | दध भ ननहायत हए इस भॊतर का जाऩ ककमा जाम औय कपय वह दध ऩी मरमा जम तो मौवन की सया भ बी सहामता मभरती ह | आजकर की तज यफ़तायवारी जजनदगी भ कहाॉ आतॊक उऩरव दघगटना हो जाम कहना भजशकर ह | घय स ननकरत सभम एक फाय मह भॊतर जऩनवारा इन उऩदरवो स सयकषत यहता ह औय सयकषत घय रौटता ह | (इस भॊतरानषठान क ववचध-ववधान की ववसतत जानकायी क मरए आशरभ दवाया परकामशत आयोगमननचध ऩसतक ऩढ़ |) शरीभदबागवत क आठव सकॊ ध भ तीसय अधमाम क शलोक १ स ३३ तक भ वणणगत गजनरभो सतोतर का ऩाठ कयन स तभाभ
ववधन दय होत ह |
भाता ननकट ही सनान कय सक | व इस परकाय की पराथगना ननतम कयन रग | एक टदन उनहोन दखा कक नदी की धाया ककनाय की धयती को काटती-काटती भड़न रगी ह तथा कछ टदनो भ ही वह आिामग शॊकय क घय क ऩास फहन रगी | इस घटना न आिामग का अरौककक शकतकतसमऩनन होना परमसदध कय टदमा |
सकषभ शयीय स िोय का ऩीछा ककमा
हरयहय फाफा की फड़ी परमसवदध थी | एक फाय व हयऩारऩय सटशन ऩय थ | वहाॉ क सटशन भासटय न उनको एक िोय सऩदग ककमा | िोय न फाफा स कहा भहायाज भझ इतनी छटटी द दीजजम कक भ अऩन फार-फचिो का परफॊध कय आऊॉ | फाफा गाड़ी आन ऩय रौट आना | िोय िरा गमा | सटशन भासटय को ऩता िरा तो वह फाफा ऩय गभग हआ औय फोरा उसक फदर तमह जर की हवा खानी होगी | तभन जान-फझकय उस बगा टदमा ह | फाफा घफयाओ भत गाड़ी आन स ऩहर ही वह रौट आमगा | िोय की नीमत ठीक नहीॊ थी | वह जॊगर क भागग स अऻात सथान को बाग जाना िाहता था ककॊ त उस हय सभम मही परतीत होता यहा कक हरयहय फाफा डॊडा पटकायत हए उसक ऩीछ-ऩीछ िर आ यह ह | इसीमरए वह गाड़ी आन स ऩहर ही रौट आमा |
भॊगरी फाधा-ननवायण भॊतर
अॊ याॊ अॊ
इस भॊतर को १०८ फाय जऩन स करोध दय होता ह | जनभकनडरी भ भॊगरी मोग होन स जजनक वववाह न हो यह हो व २७ भॊगरवाय इस भॊतर का १०८ फाय जऩ कयत हए वरत यखकय हनभानजी ऩय मसॊदय का िोरा िढ़ाम | इसस भॊगर-फाधा का म होता ह |
सखऩवगक परसवकायक भॊतर
ऩहरा उऩाम
एॊ हीॊ बगवनत बगभामरनन िर िर भराभम भराभम ऩषऩॊ ववकासम ववकासम सवाहा |
इस भॊतर दवाया अमबभॊबतरत दध गमबगणी सतरी को वऩराम तो सखऩवगक परसव होगा |
दसया उऩाम
गमबगणी सतरी सवमॊ परसव क सभम जमबरा-जमबरा जऩ कय |
तीसया उऩाम
दशी गाम क गोफय का १२ स १५ मभरी यस ॐ नभो नायामणाम भॊतर का २१ फाय जऩ कयक ऩीन स बी परसव-फाधाएॉ दय होगी औय बफना ऑऩयशन क परसव होगा |
परसनत क सभम अभॊगर की आशॊका हो तो ननमन भॊतर का जऩ कय
सवगभॊगर भाॊगपम मशव सवागथग साचधक |
शयणम तरममफक गौयी नायामणी नभोSसतत ||
(दगागसिशती)
शकतकतशारी व गोय ऩतर की परानि क मरए
सगबागवसथा भ ढाक (ऩराश खाखया) का एक कोभर ऩतता घोटकय गौ-दगध क साथ योज सवन कयन स फारक शकतकतशारी औय गोया होता ह | भाता-वऩता बर कार-करट हो कपय बी फारक गोया होगा |
सदगर-भटहभा
गर बफन बव ननचध तय न कोई |
जौ फयॊचि सॊकय सभ होई ||
-सॊत तरसीदासजी
हरयहय आटदक जगत भ ऩजमदव जो कोम |
सदगर की ऩजा ककम सफकी ऩजा होम ||
-ननशचरदासजी भहायाज
सहजो कायज सॊसाय को गर बफन होत नाॉही |
हरय तो गर बफन कमा मभर सभझ र भन भाॉही ||
-सॊत कफीयजी सॊत
सयनन जो जन ऩय सो जन उधयनहाय | सॊत की ननॊदा नानका फहरय फहरय अवताय ||
-गर नानक दवजी
गरसवा सफ बागमो की जनभबमभ ह औय वह शोकाकर रोगो को बरहमभम कय दती ह |
गररऩी समग अववदयारऩी याबतर का नाश कयता ह औय ऻानाऻान रऩी मसतायो का रोऩ कयक फवदधभानो को आतभफोध का सटदन टदखाता ह |
-सॊत ऻानशवय भहायाज
सतम क कॊ टकभम भागग भ आऩको गर क मसवाम औय कोई भागगदशगन नहीॊ द सकता |
- सवाभी मशवानॊद सयसवती
ककतन ही याजा-भहायाजा हो गम औय होग सामजम भकतकत कोई नहीॊ द सकता | सचि याजा-भहायाज तो सॊत ही ह | जो उनकी शयण जाता ह वही सचिा सख औय सामजम भकतकत ऩाता ह |
-सभथग शरी याभदास सवाभी
भनषम िाह ककतना बी जऩ-तऩ कय मभ-ननमभो का ऩारन कय ऩयॊत जफ तक सदगर की कऩादवषट नहीॊ मभरती तफ तक सफ रवमथग ह |
-सवाभी याभतीथग
परटो कहत ह कक सकयात जस गर ऩाकय भ धनम हआ |
इभसगन न अऩन गर थोयो स जो पराि ककमा उसक भटहभागान भ व बावववबोय हो जात थ |
शरी याभकषण ऩयभहॊस ऩणगता का अनबव कयानवार अऩन सदगरदव की परशॊसा कयत नहीॊ अघात थ |
ऩजमऩाद सवाभी शरी रीराशाहजी भहायाज बी अऩन सदगरदव की माद भ सनह क आॉस
फहाकय गदगद कॊ ठ हो जात थ |
ऩजम फाऩजी बी अऩन सदगरदव की माद भ कस हो जात ह मह तो दखत ही फनता ह |
अफ हभ उनकी माद भ कस होत ह मह परशन ह | फटहभगख ननगय रोग कछ बी कह साधक को अऩन सदगर स कमा मभरता ह इस तो साधक ही जानत ह |
रडी भाटटगन क सहाग की या कयन अपगाननसतान भ परकट मशवजी
साध सॊग सॊसाय भ दरगब भनषम शयीय |
सतसॊग सववत ततव ह बतरववध ताऩ की ऩीय ||
भानव-दह मभरना दरगब ह औय मभर बी जाम तो आचधदववक आचधबौनतक औय आधमाजतभक म तीन ताऩ भनषम को तऩात यहत ह | ककॊ त भनषम-दह भ बी ऩववतरता हो सचिाई हो शदधता हो औय साध-सॊग मभर जाम तो म बतरववध ताऩ मभट जात ह |
सन १८७९ की फात ह | बायत भ बबरटटश शासन था उनहीॊ टदनो अॊगरजो न अपगाननसतान ऩय आकरभण कय टदमा | इस मदध का सॊिारन आगय भारवा बबरटटश छावनी क रजफ़टनट कनगर भाटटगन को सौऩा गमा था | कनगर भाटटगन सभम-सभम ऩय मदध-तर स अऩनी ऩतनी को कशरता क सभािाय बजता यहता था | मदध रॊफा िरा औय अफ तो सॊदश आन बी फॊद हो गम | रडी भाटटगन को चिॊता सतान रगी कक कहीॊ कछ अनथग न हो गमा हो अपगानी सननको न भय ऩनत को भाय न डारा हो | कदाचित ऩनत मदध भ शहीद हो गम तो भ जीकय कमा करॉ गी -मह सोिकय वह अनक शॊका-कशॊकाओॊ स नघयी यहती थी |
चिनतातय फनी वह एक टदन घोड़ ऩय फठकय घभन जा यही थी | भागग भ ककसी भॊटदय स आती हई शॊख व भॊतर धवनन न उस आकवषगत ककमा | वह एक ऩड़ स अऩना घोड़ा फाॉधकय भॊटदय भ गमी | फजनाथ भहादव क इस भॊटदय भ मशवऩजन भ ननभगन ऩॊकतडतो स उसन ऩछा आऩ रोग कमा कय यह ह एक वरदध बराहमण न कहा हभ बगवान मशव का ऩजन कय यह ह | रडी भाटटगन मशवऩजन की कमा भहतता ह बराहमण फटी बगवान मशव तो औढयदानी ह बोरनाथ ह | अऩन बकतो क सॊकट-ननवायण कयन भ व तननक बी दय नहीॊ कयत ह | बकत उनक दयफाय भ जो बी भनोकाभना रकय क आता ह उस व शीघर ऩयी कयत ह ककॊ त फटी तभ फहत चिजनतत औय उदास नजय आ यही हो कमा फात ह रडी भाटटगन भय ऩनतदव मदध भ गम ह औय ववगत कई टदनो स उनका कोई
सभािाय नहीॊ आमा ह | व मदध भ पॉ स गम ह मा भाय गम ह कछ ऩता नहीॊ िर यहा | भ उनकी ओय स फहत चिजनतत हॉ | इतना कहत हए रडी भाटटगन की आॉख नभ हो गमीॊ |
बराहमण तभ चिनता भत कयो फटी मशवजी का ऩजन कयो उनस पराथगना कयो रघररी कयवाओ | बगवान मशव तमहाय ऩनत का यण अवशम कयग |
ऩॊकतडतो की सराह ऩय उसन वहाॉ गमायह टदन का ॐ नभ मशवाम भॊतर स रघररी अनषठान परायॊब ककमा तथा परनतटदन बगवान मशव स अऩन ऩनत की या क मरए पराथगना कयन रगी कक ह बगवान मशव ह फजनाथ भहादव मटद भय ऩनत मदध स सकशर रौट आम तो भ आऩका मशखयफॊद भॊटदय फनवाऊॉ गी | रघररी की ऩणागहनत क टदन बागता हआ एक सॊदशवाहक मशवभॊटदय भ आमा औय रडी भाटटगन को एक मरपापा टदमा | उसन घफयात-घफयात वह मरपापा खोरा औय ऩढ़न रगी |
ऩतर भ उसक ऩनत न मरखा था हभ मदध भ यत थ औय तभ तक सॊदश बी बजत यह रककन आक ऩठानी सना न घय मरमा | बबरटटश सना कट भयती औय भ बी भय जाता |
ऐसी ववकट ऩरयजसथनत भ हभ नघय गम थ कक पराण फिाकय बागना बी अतमाचधक कटठन था | इतन भ भन दखा कक मदधबमभ भ बायत क कोई एक मोगी जजनकी फड़ी रमफी जटाएॉ ह हाथ भ तीन नोकवारा एक हचथमाय (बतरशर) इतनी तीवर गनत स घभ यहा था कक ऩठान सननक उनह दखकय बागन रग | उनकी कऩा स घय स हभ ननकरकय ऩठानो ऩय वाय कयन का भौका मभर गमा औय हभायी हाय की घकतड़माॉ अिानक जीत भ फदर गमीॊ | मह सफ बायत क उन फाघामफयधायी एवॊ तीन नोकवारा हचथमाय धायण ककम हए
(बतरशरधायी) मोगी क कायण ही समबव हआ | उनक भहातजसवी रवमकतकततव क परबाव स दखत-ही-दखत अपगाननसतान की ऩठानी सना बाग खड़ी हई औय व ऩयभ मोगी भझ
टहमभत दत हए कहन रग | घफयाओॊ नहीॊ | भ बगवान मशव हॉ तथा तमहायी ऩतनी की ऩजा स परसनन होकय तमहायी या कयन आमा हॉ उसक सहाग की या कयन आमा हॉ |
ऩतर ऩढ़त हए रडी भाटटगन की आॉखो स अववयत अशरधाया फहती जा यही थी उसका रदम अहोबाव स बय गमा औय वह बगवान मशव की परनतभा क समभख मसय यखकय पराथगना कयत-कयत यो ऩड़ी | कछ सिाह फाद उसका ऩनत कनगर भाटटगन आगय छावनी रौटा | ऩतनी न उस सायी फात सनात हए कहा आऩक सॊदश क अबाव भ भ चिजनतत हो उठी थी रककन बराहमणो की सराह स मशवऩजा भ रग गमी औय आऩकी या क मरए बगवान मशव स पराथगना कयन रगी | उन द खबॊजक भहादव न भयी पराथगना सनी औय आऩको सकशर रौटा टदमा | अफ तो ऩनत-ऩतनी दोनो ही ननममभत रऩ स फजनाथ भहादव क भॊटदय भ ऩजा-अिगना कयन रग | अऩनी ऩतनी की इचछा ऩय कनगर भाटटगन भ सन १८८३
भ ऩॊरह हजाय रऩम दकय फजनाथ भहादव भॊटदय का जीणोदवाय कयवामा जजसका मशरारख आज बी आगय भारवा क इस भॊटदय भ रगा ह | ऩय बायतबय भ अॊगरजो दवाय ननमभगत मह एकभातर टहनद भॊटदय ह |
मयोऩ जान स ऩवग रडी भाटटगन न ऩकतड़तो स कहा हभ अऩन घय भ बी बगवान मशव का भॊटदय फनामग तथा इन द ख-ननवायक दव की आजीवन ऩजा कयत यहग |
बगवान मशव भ बगवान कषण भ भाॉ अमफा भ आतभवतता सदगर भ सतता तो एक ही ह | आवशमकता ह अटर ववशवास की | एकररवम न गरभनत ग भ ववशवास कय वह पराि कय मरमा जो अजगन को कटठन रगा | आरणण उऩभनम रव परहराद आटद अनम सकड़ो उदायहण हभाय साभन परतम ह | आज बी इस परकाय का सहमोग हजायो बकतो को साधको को बगवान व आतभवतता सदगरओॊ क दवाया ननयनतय पराि होता यहता ह | आवशमकता ह तो फस कवर ववशवास की |
भहाभतमॊजम भॊतर
ॐ हौ जॉ स |
ॐ बबगव सव |
ॐ तरममफकॊ मजाभह सगॊचध ॊ ऩवषटवधगनभ |
उवागरकमभव फनधनानभतमोभगीम भाभतात |
सव भव ब ॐ |
स जॉ हौ ॐ |
बगवान मशव का मह भहाभतमॊजम जऩन स अकार भतम तो टरती ही ह आयोगमता की बी परानि होती ह | सनान कयत सभम शयीय ऩय रोट स ऩानी डारत वकत इस भॊतर का जऩ कयन स सवासम-राब होता ह | दध भ ननहायत हए इस भॊतर का जाऩ ककमा जाम औय कपय वह दध ऩी मरमा जम तो मौवन की सया भ बी सहामता मभरती ह | आजकर की तज यफ़तायवारी जजनदगी भ कहाॉ आतॊक उऩरव दघगटना हो जाम कहना भजशकर ह | घय स ननकरत सभम एक फाय मह भॊतर जऩनवारा इन उऩदरवो स सयकषत यहता ह औय सयकषत घय रौटता ह | (इस भॊतरानषठान क ववचध-ववधान की ववसतत जानकायी क मरए आशरभ दवाया परकामशत आयोगमननचध ऩसतक ऩढ़ |) शरीभदबागवत क आठव सकॊ ध भ तीसय अधमाम क शलोक १ स ३३ तक भ वणणगत गजनरभो सतोतर का ऩाठ कयन स तभाभ
ववधन दय होत ह |
इस भॊतर दवाया अमबभॊबतरत दध गमबगणी सतरी को वऩराम तो सखऩवगक परसव होगा |
दसया उऩाम
गमबगणी सतरी सवमॊ परसव क सभम जमबरा-जमबरा जऩ कय |
तीसया उऩाम
दशी गाम क गोफय का १२ स १५ मभरी यस ॐ नभो नायामणाम भॊतर का २१ फाय जऩ कयक ऩीन स बी परसव-फाधाएॉ दय होगी औय बफना ऑऩयशन क परसव होगा |
परसनत क सभम अभॊगर की आशॊका हो तो ननमन भॊतर का जऩ कय
सवगभॊगर भाॊगपम मशव सवागथग साचधक |
शयणम तरममफक गौयी नायामणी नभोSसतत ||
(दगागसिशती)
शकतकतशारी व गोय ऩतर की परानि क मरए
सगबागवसथा भ ढाक (ऩराश खाखया) का एक कोभर ऩतता घोटकय गौ-दगध क साथ योज सवन कयन स फारक शकतकतशारी औय गोया होता ह | भाता-वऩता बर कार-करट हो कपय बी फारक गोया होगा |
सदगर-भटहभा
गर बफन बव ननचध तय न कोई |
जौ फयॊचि सॊकय सभ होई ||
-सॊत तरसीदासजी
हरयहय आटदक जगत भ ऩजमदव जो कोम |
सदगर की ऩजा ककम सफकी ऩजा होम ||
-ननशचरदासजी भहायाज
सहजो कायज सॊसाय को गर बफन होत नाॉही |
हरय तो गर बफन कमा मभर सभझ र भन भाॉही ||
-सॊत कफीयजी सॊत
सयनन जो जन ऩय सो जन उधयनहाय | सॊत की ननॊदा नानका फहरय फहरय अवताय ||
-गर नानक दवजी
गरसवा सफ बागमो की जनभबमभ ह औय वह शोकाकर रोगो को बरहमभम कय दती ह |
गररऩी समग अववदयारऩी याबतर का नाश कयता ह औय ऻानाऻान रऩी मसतायो का रोऩ कयक फवदधभानो को आतभफोध का सटदन टदखाता ह |
-सॊत ऻानशवय भहायाज
सतम क कॊ टकभम भागग भ आऩको गर क मसवाम औय कोई भागगदशगन नहीॊ द सकता |
- सवाभी मशवानॊद सयसवती
ककतन ही याजा-भहायाजा हो गम औय होग सामजम भकतकत कोई नहीॊ द सकता | सचि याजा-भहायाज तो सॊत ही ह | जो उनकी शयण जाता ह वही सचिा सख औय सामजम भकतकत ऩाता ह |
-सभथग शरी याभदास सवाभी
भनषम िाह ककतना बी जऩ-तऩ कय मभ-ननमभो का ऩारन कय ऩयॊत जफ तक सदगर की कऩादवषट नहीॊ मभरती तफ तक सफ रवमथग ह |
-सवाभी याभतीथग
परटो कहत ह कक सकयात जस गर ऩाकय भ धनम हआ |
इभसगन न अऩन गर थोयो स जो पराि ककमा उसक भटहभागान भ व बावववबोय हो जात थ |
शरी याभकषण ऩयभहॊस ऩणगता का अनबव कयानवार अऩन सदगरदव की परशॊसा कयत नहीॊ अघात थ |
ऩजमऩाद सवाभी शरी रीराशाहजी भहायाज बी अऩन सदगरदव की माद भ सनह क आॉस
फहाकय गदगद कॊ ठ हो जात थ |
ऩजम फाऩजी बी अऩन सदगरदव की माद भ कस हो जात ह मह तो दखत ही फनता ह |
अफ हभ उनकी माद भ कस होत ह मह परशन ह | फटहभगख ननगय रोग कछ बी कह साधक को अऩन सदगर स कमा मभरता ह इस तो साधक ही जानत ह |
रडी भाटटगन क सहाग की या कयन अपगाननसतान भ परकट मशवजी
साध सॊग सॊसाय भ दरगब भनषम शयीय |
सतसॊग सववत ततव ह बतरववध ताऩ की ऩीय ||
भानव-दह मभरना दरगब ह औय मभर बी जाम तो आचधदववक आचधबौनतक औय आधमाजतभक म तीन ताऩ भनषम को तऩात यहत ह | ककॊ त भनषम-दह भ बी ऩववतरता हो सचिाई हो शदधता हो औय साध-सॊग मभर जाम तो म बतरववध ताऩ मभट जात ह |
सन १८७९ की फात ह | बायत भ बबरटटश शासन था उनहीॊ टदनो अॊगरजो न अपगाननसतान ऩय आकरभण कय टदमा | इस मदध का सॊिारन आगय भारवा बबरटटश छावनी क रजफ़टनट कनगर भाटटगन को सौऩा गमा था | कनगर भाटटगन सभम-सभम ऩय मदध-तर स अऩनी ऩतनी को कशरता क सभािाय बजता यहता था | मदध रॊफा िरा औय अफ तो सॊदश आन बी फॊद हो गम | रडी भाटटगन को चिॊता सतान रगी कक कहीॊ कछ अनथग न हो गमा हो अपगानी सननको न भय ऩनत को भाय न डारा हो | कदाचित ऩनत मदध भ शहीद हो गम तो भ जीकय कमा करॉ गी -मह सोिकय वह अनक शॊका-कशॊकाओॊ स नघयी यहती थी |
चिनतातय फनी वह एक टदन घोड़ ऩय फठकय घभन जा यही थी | भागग भ ककसी भॊटदय स आती हई शॊख व भॊतर धवनन न उस आकवषगत ककमा | वह एक ऩड़ स अऩना घोड़ा फाॉधकय भॊटदय भ गमी | फजनाथ भहादव क इस भॊटदय भ मशवऩजन भ ननभगन ऩॊकतडतो स उसन ऩछा आऩ रोग कमा कय यह ह एक वरदध बराहमण न कहा हभ बगवान मशव का ऩजन कय यह ह | रडी भाटटगन मशवऩजन की कमा भहतता ह बराहमण फटी बगवान मशव तो औढयदानी ह बोरनाथ ह | अऩन बकतो क सॊकट-ननवायण कयन भ व तननक बी दय नहीॊ कयत ह | बकत उनक दयफाय भ जो बी भनोकाभना रकय क आता ह उस व शीघर ऩयी कयत ह ककॊ त फटी तभ फहत चिजनतत औय उदास नजय आ यही हो कमा फात ह रडी भाटटगन भय ऩनतदव मदध भ गम ह औय ववगत कई टदनो स उनका कोई
सभािाय नहीॊ आमा ह | व मदध भ पॉ स गम ह मा भाय गम ह कछ ऩता नहीॊ िर यहा | भ उनकी ओय स फहत चिजनतत हॉ | इतना कहत हए रडी भाटटगन की आॉख नभ हो गमीॊ |
बराहमण तभ चिनता भत कयो फटी मशवजी का ऩजन कयो उनस पराथगना कयो रघररी कयवाओ | बगवान मशव तमहाय ऩनत का यण अवशम कयग |
ऩॊकतडतो की सराह ऩय उसन वहाॉ गमायह टदन का ॐ नभ मशवाम भॊतर स रघररी अनषठान परायॊब ककमा तथा परनतटदन बगवान मशव स अऩन ऩनत की या क मरए पराथगना कयन रगी कक ह बगवान मशव ह फजनाथ भहादव मटद भय ऩनत मदध स सकशर रौट आम तो भ आऩका मशखयफॊद भॊटदय फनवाऊॉ गी | रघररी की ऩणागहनत क टदन बागता हआ एक सॊदशवाहक मशवभॊटदय भ आमा औय रडी भाटटगन को एक मरपापा टदमा | उसन घफयात-घफयात वह मरपापा खोरा औय ऩढ़न रगी |
ऩतर भ उसक ऩनत न मरखा था हभ मदध भ यत थ औय तभ तक सॊदश बी बजत यह रककन आक ऩठानी सना न घय मरमा | बबरटटश सना कट भयती औय भ बी भय जाता |
ऐसी ववकट ऩरयजसथनत भ हभ नघय गम थ कक पराण फिाकय बागना बी अतमाचधक कटठन था | इतन भ भन दखा कक मदधबमभ भ बायत क कोई एक मोगी जजनकी फड़ी रमफी जटाएॉ ह हाथ भ तीन नोकवारा एक हचथमाय (बतरशर) इतनी तीवर गनत स घभ यहा था कक ऩठान सननक उनह दखकय बागन रग | उनकी कऩा स घय स हभ ननकरकय ऩठानो ऩय वाय कयन का भौका मभर गमा औय हभायी हाय की घकतड़माॉ अिानक जीत भ फदर गमीॊ | मह सफ बायत क उन फाघामफयधायी एवॊ तीन नोकवारा हचथमाय धायण ककम हए
(बतरशरधायी) मोगी क कायण ही समबव हआ | उनक भहातजसवी रवमकतकततव क परबाव स दखत-ही-दखत अपगाननसतान की ऩठानी सना बाग खड़ी हई औय व ऩयभ मोगी भझ
टहमभत दत हए कहन रग | घफयाओॊ नहीॊ | भ बगवान मशव हॉ तथा तमहायी ऩतनी की ऩजा स परसनन होकय तमहायी या कयन आमा हॉ उसक सहाग की या कयन आमा हॉ |
ऩतर ऩढ़त हए रडी भाटटगन की आॉखो स अववयत अशरधाया फहती जा यही थी उसका रदम अहोबाव स बय गमा औय वह बगवान मशव की परनतभा क समभख मसय यखकय पराथगना कयत-कयत यो ऩड़ी | कछ सिाह फाद उसका ऩनत कनगर भाटटगन आगय छावनी रौटा | ऩतनी न उस सायी फात सनात हए कहा आऩक सॊदश क अबाव भ भ चिजनतत हो उठी थी रककन बराहमणो की सराह स मशवऩजा भ रग गमी औय आऩकी या क मरए बगवान मशव स पराथगना कयन रगी | उन द खबॊजक भहादव न भयी पराथगना सनी औय आऩको सकशर रौटा टदमा | अफ तो ऩनत-ऩतनी दोनो ही ननममभत रऩ स फजनाथ भहादव क भॊटदय भ ऩजा-अिगना कयन रग | अऩनी ऩतनी की इचछा ऩय कनगर भाटटगन भ सन १८८३
भ ऩॊरह हजाय रऩम दकय फजनाथ भहादव भॊटदय का जीणोदवाय कयवामा जजसका मशरारख आज बी आगय भारवा क इस भॊटदय भ रगा ह | ऩय बायतबय भ अॊगरजो दवाय ननमभगत मह एकभातर टहनद भॊटदय ह |
मयोऩ जान स ऩवग रडी भाटटगन न ऩकतड़तो स कहा हभ अऩन घय भ बी बगवान मशव का भॊटदय फनामग तथा इन द ख-ननवायक दव की आजीवन ऩजा कयत यहग |
बगवान मशव भ बगवान कषण भ भाॉ अमफा भ आतभवतता सदगर भ सतता तो एक ही ह | आवशमकता ह अटर ववशवास की | एकररवम न गरभनत ग भ ववशवास कय वह पराि कय मरमा जो अजगन को कटठन रगा | आरणण उऩभनम रव परहराद आटद अनम सकड़ो उदायहण हभाय साभन परतम ह | आज बी इस परकाय का सहमोग हजायो बकतो को साधको को बगवान व आतभवतता सदगरओॊ क दवाया ननयनतय पराि होता यहता ह | आवशमकता ह तो फस कवर ववशवास की |
भहाभतमॊजम भॊतर
ॐ हौ जॉ स |
ॐ बबगव सव |
ॐ तरममफकॊ मजाभह सगॊचध ॊ ऩवषटवधगनभ |
उवागरकमभव फनधनानभतमोभगीम भाभतात |
सव भव ब ॐ |
स जॉ हौ ॐ |
बगवान मशव का मह भहाभतमॊजम जऩन स अकार भतम तो टरती ही ह आयोगमता की बी परानि होती ह | सनान कयत सभम शयीय ऩय रोट स ऩानी डारत वकत इस भॊतर का जऩ कयन स सवासम-राब होता ह | दध भ ननहायत हए इस भॊतर का जाऩ ककमा जाम औय कपय वह दध ऩी मरमा जम तो मौवन की सया भ बी सहामता मभरती ह | आजकर की तज यफ़तायवारी जजनदगी भ कहाॉ आतॊक उऩरव दघगटना हो जाम कहना भजशकर ह | घय स ननकरत सभम एक फाय मह भॊतर जऩनवारा इन उऩदरवो स सयकषत यहता ह औय सयकषत घय रौटता ह | (इस भॊतरानषठान क ववचध-ववधान की ववसतत जानकायी क मरए आशरभ दवाया परकामशत आयोगमननचध ऩसतक ऩढ़ |) शरीभदबागवत क आठव सकॊ ध भ तीसय अधमाम क शलोक १ स ३३ तक भ वणणगत गजनरभो सतोतर का ऩाठ कयन स तभाभ
ववधन दय होत ह |
सहजो कायज सॊसाय को गर बफन होत नाॉही |
हरय तो गर बफन कमा मभर सभझ र भन भाॉही ||
-सॊत कफीयजी सॊत
सयनन जो जन ऩय सो जन उधयनहाय | सॊत की ननॊदा नानका फहरय फहरय अवताय ||
-गर नानक दवजी
गरसवा सफ बागमो की जनभबमभ ह औय वह शोकाकर रोगो को बरहमभम कय दती ह |
गररऩी समग अववदयारऩी याबतर का नाश कयता ह औय ऻानाऻान रऩी मसतायो का रोऩ कयक फवदधभानो को आतभफोध का सटदन टदखाता ह |
-सॊत ऻानशवय भहायाज
सतम क कॊ टकभम भागग भ आऩको गर क मसवाम औय कोई भागगदशगन नहीॊ द सकता |
- सवाभी मशवानॊद सयसवती
ककतन ही याजा-भहायाजा हो गम औय होग सामजम भकतकत कोई नहीॊ द सकता | सचि याजा-भहायाज तो सॊत ही ह | जो उनकी शयण जाता ह वही सचिा सख औय सामजम भकतकत ऩाता ह |
-सभथग शरी याभदास सवाभी
भनषम िाह ककतना बी जऩ-तऩ कय मभ-ननमभो का ऩारन कय ऩयॊत जफ तक सदगर की कऩादवषट नहीॊ मभरती तफ तक सफ रवमथग ह |
-सवाभी याभतीथग
परटो कहत ह कक सकयात जस गर ऩाकय भ धनम हआ |
इभसगन न अऩन गर थोयो स जो पराि ककमा उसक भटहभागान भ व बावववबोय हो जात थ |
शरी याभकषण ऩयभहॊस ऩणगता का अनबव कयानवार अऩन सदगरदव की परशॊसा कयत नहीॊ अघात थ |
ऩजमऩाद सवाभी शरी रीराशाहजी भहायाज बी अऩन सदगरदव की माद भ सनह क आॉस
फहाकय गदगद कॊ ठ हो जात थ |
ऩजम फाऩजी बी अऩन सदगरदव की माद भ कस हो जात ह मह तो दखत ही फनता ह |
अफ हभ उनकी माद भ कस होत ह मह परशन ह | फटहभगख ननगय रोग कछ बी कह साधक को अऩन सदगर स कमा मभरता ह इस तो साधक ही जानत ह |
रडी भाटटगन क सहाग की या कयन अपगाननसतान भ परकट मशवजी
साध सॊग सॊसाय भ दरगब भनषम शयीय |
सतसॊग सववत ततव ह बतरववध ताऩ की ऩीय ||
भानव-दह मभरना दरगब ह औय मभर बी जाम तो आचधदववक आचधबौनतक औय आधमाजतभक म तीन ताऩ भनषम को तऩात यहत ह | ककॊ त भनषम-दह भ बी ऩववतरता हो सचिाई हो शदधता हो औय साध-सॊग मभर जाम तो म बतरववध ताऩ मभट जात ह |
सन १८७९ की फात ह | बायत भ बबरटटश शासन था उनहीॊ टदनो अॊगरजो न अपगाननसतान ऩय आकरभण कय टदमा | इस मदध का सॊिारन आगय भारवा बबरटटश छावनी क रजफ़टनट कनगर भाटटगन को सौऩा गमा था | कनगर भाटटगन सभम-सभम ऩय मदध-तर स अऩनी ऩतनी को कशरता क सभािाय बजता यहता था | मदध रॊफा िरा औय अफ तो सॊदश आन बी फॊद हो गम | रडी भाटटगन को चिॊता सतान रगी कक कहीॊ कछ अनथग न हो गमा हो अपगानी सननको न भय ऩनत को भाय न डारा हो | कदाचित ऩनत मदध भ शहीद हो गम तो भ जीकय कमा करॉ गी -मह सोिकय वह अनक शॊका-कशॊकाओॊ स नघयी यहती थी |
चिनतातय फनी वह एक टदन घोड़ ऩय फठकय घभन जा यही थी | भागग भ ककसी भॊटदय स आती हई शॊख व भॊतर धवनन न उस आकवषगत ककमा | वह एक ऩड़ स अऩना घोड़ा फाॉधकय भॊटदय भ गमी | फजनाथ भहादव क इस भॊटदय भ मशवऩजन भ ननभगन ऩॊकतडतो स उसन ऩछा आऩ रोग कमा कय यह ह एक वरदध बराहमण न कहा हभ बगवान मशव का ऩजन कय यह ह | रडी भाटटगन मशवऩजन की कमा भहतता ह बराहमण फटी बगवान मशव तो औढयदानी ह बोरनाथ ह | अऩन बकतो क सॊकट-ननवायण कयन भ व तननक बी दय नहीॊ कयत ह | बकत उनक दयफाय भ जो बी भनोकाभना रकय क आता ह उस व शीघर ऩयी कयत ह ककॊ त फटी तभ फहत चिजनतत औय उदास नजय आ यही हो कमा फात ह रडी भाटटगन भय ऩनतदव मदध भ गम ह औय ववगत कई टदनो स उनका कोई
सभािाय नहीॊ आमा ह | व मदध भ पॉ स गम ह मा भाय गम ह कछ ऩता नहीॊ िर यहा | भ उनकी ओय स फहत चिजनतत हॉ | इतना कहत हए रडी भाटटगन की आॉख नभ हो गमीॊ |
बराहमण तभ चिनता भत कयो फटी मशवजी का ऩजन कयो उनस पराथगना कयो रघररी कयवाओ | बगवान मशव तमहाय ऩनत का यण अवशम कयग |
ऩॊकतडतो की सराह ऩय उसन वहाॉ गमायह टदन का ॐ नभ मशवाम भॊतर स रघररी अनषठान परायॊब ककमा तथा परनतटदन बगवान मशव स अऩन ऩनत की या क मरए पराथगना कयन रगी कक ह बगवान मशव ह फजनाथ भहादव मटद भय ऩनत मदध स सकशर रौट आम तो भ आऩका मशखयफॊद भॊटदय फनवाऊॉ गी | रघररी की ऩणागहनत क टदन बागता हआ एक सॊदशवाहक मशवभॊटदय भ आमा औय रडी भाटटगन को एक मरपापा टदमा | उसन घफयात-घफयात वह मरपापा खोरा औय ऩढ़न रगी |
ऩतर भ उसक ऩनत न मरखा था हभ मदध भ यत थ औय तभ तक सॊदश बी बजत यह रककन आक ऩठानी सना न घय मरमा | बबरटटश सना कट भयती औय भ बी भय जाता |
ऐसी ववकट ऩरयजसथनत भ हभ नघय गम थ कक पराण फिाकय बागना बी अतमाचधक कटठन था | इतन भ भन दखा कक मदधबमभ भ बायत क कोई एक मोगी जजनकी फड़ी रमफी जटाएॉ ह हाथ भ तीन नोकवारा एक हचथमाय (बतरशर) इतनी तीवर गनत स घभ यहा था कक ऩठान सननक उनह दखकय बागन रग | उनकी कऩा स घय स हभ ननकरकय ऩठानो ऩय वाय कयन का भौका मभर गमा औय हभायी हाय की घकतड़माॉ अिानक जीत भ फदर गमीॊ | मह सफ बायत क उन फाघामफयधायी एवॊ तीन नोकवारा हचथमाय धायण ककम हए
(बतरशरधायी) मोगी क कायण ही समबव हआ | उनक भहातजसवी रवमकतकततव क परबाव स दखत-ही-दखत अपगाननसतान की ऩठानी सना बाग खड़ी हई औय व ऩयभ मोगी भझ
टहमभत दत हए कहन रग | घफयाओॊ नहीॊ | भ बगवान मशव हॉ तथा तमहायी ऩतनी की ऩजा स परसनन होकय तमहायी या कयन आमा हॉ उसक सहाग की या कयन आमा हॉ |
ऩतर ऩढ़त हए रडी भाटटगन की आॉखो स अववयत अशरधाया फहती जा यही थी उसका रदम अहोबाव स बय गमा औय वह बगवान मशव की परनतभा क समभख मसय यखकय पराथगना कयत-कयत यो ऩड़ी | कछ सिाह फाद उसका ऩनत कनगर भाटटगन आगय छावनी रौटा | ऩतनी न उस सायी फात सनात हए कहा आऩक सॊदश क अबाव भ भ चिजनतत हो उठी थी रककन बराहमणो की सराह स मशवऩजा भ रग गमी औय आऩकी या क मरए बगवान मशव स पराथगना कयन रगी | उन द खबॊजक भहादव न भयी पराथगना सनी औय आऩको सकशर रौटा टदमा | अफ तो ऩनत-ऩतनी दोनो ही ननममभत रऩ स फजनाथ भहादव क भॊटदय भ ऩजा-अिगना कयन रग | अऩनी ऩतनी की इचछा ऩय कनगर भाटटगन भ सन १८८३
भ ऩॊरह हजाय रऩम दकय फजनाथ भहादव भॊटदय का जीणोदवाय कयवामा जजसका मशरारख आज बी आगय भारवा क इस भॊटदय भ रगा ह | ऩय बायतबय भ अॊगरजो दवाय ननमभगत मह एकभातर टहनद भॊटदय ह |
मयोऩ जान स ऩवग रडी भाटटगन न ऩकतड़तो स कहा हभ अऩन घय भ बी बगवान मशव का भॊटदय फनामग तथा इन द ख-ननवायक दव की आजीवन ऩजा कयत यहग |
बगवान मशव भ बगवान कषण भ भाॉ अमफा भ आतभवतता सदगर भ सतता तो एक ही ह | आवशमकता ह अटर ववशवास की | एकररवम न गरभनत ग भ ववशवास कय वह पराि कय मरमा जो अजगन को कटठन रगा | आरणण उऩभनम रव परहराद आटद अनम सकड़ो उदायहण हभाय साभन परतम ह | आज बी इस परकाय का सहमोग हजायो बकतो को साधको को बगवान व आतभवतता सदगरओॊ क दवाया ननयनतय पराि होता यहता ह | आवशमकता ह तो फस कवर ववशवास की |
भहाभतमॊजम भॊतर
ॐ हौ जॉ स |
ॐ बबगव सव |
ॐ तरममफकॊ मजाभह सगॊचध ॊ ऩवषटवधगनभ |
उवागरकमभव फनधनानभतमोभगीम भाभतात |
सव भव ब ॐ |
स जॉ हौ ॐ |
बगवान मशव का मह भहाभतमॊजम जऩन स अकार भतम तो टरती ही ह आयोगमता की बी परानि होती ह | सनान कयत सभम शयीय ऩय रोट स ऩानी डारत वकत इस भॊतर का जऩ कयन स सवासम-राब होता ह | दध भ ननहायत हए इस भॊतर का जाऩ ककमा जाम औय कपय वह दध ऩी मरमा जम तो मौवन की सया भ बी सहामता मभरती ह | आजकर की तज यफ़तायवारी जजनदगी भ कहाॉ आतॊक उऩरव दघगटना हो जाम कहना भजशकर ह | घय स ननकरत सभम एक फाय मह भॊतर जऩनवारा इन उऩदरवो स सयकषत यहता ह औय सयकषत घय रौटता ह | (इस भॊतरानषठान क ववचध-ववधान की ववसतत जानकायी क मरए आशरभ दवाया परकामशत आयोगमननचध ऩसतक ऩढ़ |) शरीभदबागवत क आठव सकॊ ध भ तीसय अधमाम क शलोक १ स ३३ तक भ वणणगत गजनरभो सतोतर का ऩाठ कयन स तभाभ
ववधन दय होत ह |
फहाकय गदगद कॊ ठ हो जात थ |
ऩजम फाऩजी बी अऩन सदगरदव की माद भ कस हो जात ह मह तो दखत ही फनता ह |
अफ हभ उनकी माद भ कस होत ह मह परशन ह | फटहभगख ननगय रोग कछ बी कह साधक को अऩन सदगर स कमा मभरता ह इस तो साधक ही जानत ह |
रडी भाटटगन क सहाग की या कयन अपगाननसतान भ परकट मशवजी
साध सॊग सॊसाय भ दरगब भनषम शयीय |
सतसॊग सववत ततव ह बतरववध ताऩ की ऩीय ||
भानव-दह मभरना दरगब ह औय मभर बी जाम तो आचधदववक आचधबौनतक औय आधमाजतभक म तीन ताऩ भनषम को तऩात यहत ह | ककॊ त भनषम-दह भ बी ऩववतरता हो सचिाई हो शदधता हो औय साध-सॊग मभर जाम तो म बतरववध ताऩ मभट जात ह |
सन १८७९ की फात ह | बायत भ बबरटटश शासन था उनहीॊ टदनो अॊगरजो न अपगाननसतान ऩय आकरभण कय टदमा | इस मदध का सॊिारन आगय भारवा बबरटटश छावनी क रजफ़टनट कनगर भाटटगन को सौऩा गमा था | कनगर भाटटगन सभम-सभम ऩय मदध-तर स अऩनी ऩतनी को कशरता क सभािाय बजता यहता था | मदध रॊफा िरा औय अफ तो सॊदश आन बी फॊद हो गम | रडी भाटटगन को चिॊता सतान रगी कक कहीॊ कछ अनथग न हो गमा हो अपगानी सननको न भय ऩनत को भाय न डारा हो | कदाचित ऩनत मदध भ शहीद हो गम तो भ जीकय कमा करॉ गी -मह सोिकय वह अनक शॊका-कशॊकाओॊ स नघयी यहती थी |
चिनतातय फनी वह एक टदन घोड़ ऩय फठकय घभन जा यही थी | भागग भ ककसी भॊटदय स आती हई शॊख व भॊतर धवनन न उस आकवषगत ककमा | वह एक ऩड़ स अऩना घोड़ा फाॉधकय भॊटदय भ गमी | फजनाथ भहादव क इस भॊटदय भ मशवऩजन भ ननभगन ऩॊकतडतो स उसन ऩछा आऩ रोग कमा कय यह ह एक वरदध बराहमण न कहा हभ बगवान मशव का ऩजन कय यह ह | रडी भाटटगन मशवऩजन की कमा भहतता ह बराहमण फटी बगवान मशव तो औढयदानी ह बोरनाथ ह | अऩन बकतो क सॊकट-ननवायण कयन भ व तननक बी दय नहीॊ कयत ह | बकत उनक दयफाय भ जो बी भनोकाभना रकय क आता ह उस व शीघर ऩयी कयत ह ककॊ त फटी तभ फहत चिजनतत औय उदास नजय आ यही हो कमा फात ह रडी भाटटगन भय ऩनतदव मदध भ गम ह औय ववगत कई टदनो स उनका कोई
सभािाय नहीॊ आमा ह | व मदध भ पॉ स गम ह मा भाय गम ह कछ ऩता नहीॊ िर यहा | भ उनकी ओय स फहत चिजनतत हॉ | इतना कहत हए रडी भाटटगन की आॉख नभ हो गमीॊ |
बराहमण तभ चिनता भत कयो फटी मशवजी का ऩजन कयो उनस पराथगना कयो रघररी कयवाओ | बगवान मशव तमहाय ऩनत का यण अवशम कयग |
ऩॊकतडतो की सराह ऩय उसन वहाॉ गमायह टदन का ॐ नभ मशवाम भॊतर स रघररी अनषठान परायॊब ककमा तथा परनतटदन बगवान मशव स अऩन ऩनत की या क मरए पराथगना कयन रगी कक ह बगवान मशव ह फजनाथ भहादव मटद भय ऩनत मदध स सकशर रौट आम तो भ आऩका मशखयफॊद भॊटदय फनवाऊॉ गी | रघररी की ऩणागहनत क टदन बागता हआ एक सॊदशवाहक मशवभॊटदय भ आमा औय रडी भाटटगन को एक मरपापा टदमा | उसन घफयात-घफयात वह मरपापा खोरा औय ऩढ़न रगी |
ऩतर भ उसक ऩनत न मरखा था हभ मदध भ यत थ औय तभ तक सॊदश बी बजत यह रककन आक ऩठानी सना न घय मरमा | बबरटटश सना कट भयती औय भ बी भय जाता |
ऐसी ववकट ऩरयजसथनत भ हभ नघय गम थ कक पराण फिाकय बागना बी अतमाचधक कटठन था | इतन भ भन दखा कक मदधबमभ भ बायत क कोई एक मोगी जजनकी फड़ी रमफी जटाएॉ ह हाथ भ तीन नोकवारा एक हचथमाय (बतरशर) इतनी तीवर गनत स घभ यहा था कक ऩठान सननक उनह दखकय बागन रग | उनकी कऩा स घय स हभ ननकरकय ऩठानो ऩय वाय कयन का भौका मभर गमा औय हभायी हाय की घकतड़माॉ अिानक जीत भ फदर गमीॊ | मह सफ बायत क उन फाघामफयधायी एवॊ तीन नोकवारा हचथमाय धायण ककम हए
(बतरशरधायी) मोगी क कायण ही समबव हआ | उनक भहातजसवी रवमकतकततव क परबाव स दखत-ही-दखत अपगाननसतान की ऩठानी सना बाग खड़ी हई औय व ऩयभ मोगी भझ
टहमभत दत हए कहन रग | घफयाओॊ नहीॊ | भ बगवान मशव हॉ तथा तमहायी ऩतनी की ऩजा स परसनन होकय तमहायी या कयन आमा हॉ उसक सहाग की या कयन आमा हॉ |
ऩतर ऩढ़त हए रडी भाटटगन की आॉखो स अववयत अशरधाया फहती जा यही थी उसका रदम अहोबाव स बय गमा औय वह बगवान मशव की परनतभा क समभख मसय यखकय पराथगना कयत-कयत यो ऩड़ी | कछ सिाह फाद उसका ऩनत कनगर भाटटगन आगय छावनी रौटा | ऩतनी न उस सायी फात सनात हए कहा आऩक सॊदश क अबाव भ भ चिजनतत हो उठी थी रककन बराहमणो की सराह स मशवऩजा भ रग गमी औय आऩकी या क मरए बगवान मशव स पराथगना कयन रगी | उन द खबॊजक भहादव न भयी पराथगना सनी औय आऩको सकशर रौटा टदमा | अफ तो ऩनत-ऩतनी दोनो ही ननममभत रऩ स फजनाथ भहादव क भॊटदय भ ऩजा-अिगना कयन रग | अऩनी ऩतनी की इचछा ऩय कनगर भाटटगन भ सन १८८३
भ ऩॊरह हजाय रऩम दकय फजनाथ भहादव भॊटदय का जीणोदवाय कयवामा जजसका मशरारख आज बी आगय भारवा क इस भॊटदय भ रगा ह | ऩय बायतबय भ अॊगरजो दवाय ननमभगत मह एकभातर टहनद भॊटदय ह |
मयोऩ जान स ऩवग रडी भाटटगन न ऩकतड़तो स कहा हभ अऩन घय भ बी बगवान मशव का भॊटदय फनामग तथा इन द ख-ननवायक दव की आजीवन ऩजा कयत यहग |
बगवान मशव भ बगवान कषण भ भाॉ अमफा भ आतभवतता सदगर भ सतता तो एक ही ह | आवशमकता ह अटर ववशवास की | एकररवम न गरभनत ग भ ववशवास कय वह पराि कय मरमा जो अजगन को कटठन रगा | आरणण उऩभनम रव परहराद आटद अनम सकड़ो उदायहण हभाय साभन परतम ह | आज बी इस परकाय का सहमोग हजायो बकतो को साधको को बगवान व आतभवतता सदगरओॊ क दवाया ननयनतय पराि होता यहता ह | आवशमकता ह तो फस कवर ववशवास की |
भहाभतमॊजम भॊतर
ॐ हौ जॉ स |
ॐ बबगव सव |
ॐ तरममफकॊ मजाभह सगॊचध ॊ ऩवषटवधगनभ |
उवागरकमभव फनधनानभतमोभगीम भाभतात |
सव भव ब ॐ |
स जॉ हौ ॐ |
बगवान मशव का मह भहाभतमॊजम जऩन स अकार भतम तो टरती ही ह आयोगमता की बी परानि होती ह | सनान कयत सभम शयीय ऩय रोट स ऩानी डारत वकत इस भॊतर का जऩ कयन स सवासम-राब होता ह | दध भ ननहायत हए इस भॊतर का जाऩ ककमा जाम औय कपय वह दध ऩी मरमा जम तो मौवन की सया भ बी सहामता मभरती ह | आजकर की तज यफ़तायवारी जजनदगी भ कहाॉ आतॊक उऩरव दघगटना हो जाम कहना भजशकर ह | घय स ननकरत सभम एक फाय मह भॊतर जऩनवारा इन उऩदरवो स सयकषत यहता ह औय सयकषत घय रौटता ह | (इस भॊतरानषठान क ववचध-ववधान की ववसतत जानकायी क मरए आशरभ दवाया परकामशत आयोगमननचध ऩसतक ऩढ़ |) शरीभदबागवत क आठव सकॊ ध भ तीसय अधमाम क शलोक १ स ३३ तक भ वणणगत गजनरभो सतोतर का ऩाठ कयन स तभाभ
ववधन दय होत ह |
सभािाय नहीॊ आमा ह | व मदध भ पॉ स गम ह मा भाय गम ह कछ ऩता नहीॊ िर यहा | भ उनकी ओय स फहत चिजनतत हॉ | इतना कहत हए रडी भाटटगन की आॉख नभ हो गमीॊ |
बराहमण तभ चिनता भत कयो फटी मशवजी का ऩजन कयो उनस पराथगना कयो रघररी कयवाओ | बगवान मशव तमहाय ऩनत का यण अवशम कयग |
ऩॊकतडतो की सराह ऩय उसन वहाॉ गमायह टदन का ॐ नभ मशवाम भॊतर स रघररी अनषठान परायॊब ककमा तथा परनतटदन बगवान मशव स अऩन ऩनत की या क मरए पराथगना कयन रगी कक ह बगवान मशव ह फजनाथ भहादव मटद भय ऩनत मदध स सकशर रौट आम तो भ आऩका मशखयफॊद भॊटदय फनवाऊॉ गी | रघररी की ऩणागहनत क टदन बागता हआ एक सॊदशवाहक मशवभॊटदय भ आमा औय रडी भाटटगन को एक मरपापा टदमा | उसन घफयात-घफयात वह मरपापा खोरा औय ऩढ़न रगी |
ऩतर भ उसक ऩनत न मरखा था हभ मदध भ यत थ औय तभ तक सॊदश बी बजत यह रककन आक ऩठानी सना न घय मरमा | बबरटटश सना कट भयती औय भ बी भय जाता |
ऐसी ववकट ऩरयजसथनत भ हभ नघय गम थ कक पराण फिाकय बागना बी अतमाचधक कटठन था | इतन भ भन दखा कक मदधबमभ भ बायत क कोई एक मोगी जजनकी फड़ी रमफी जटाएॉ ह हाथ भ तीन नोकवारा एक हचथमाय (बतरशर) इतनी तीवर गनत स घभ यहा था कक ऩठान सननक उनह दखकय बागन रग | उनकी कऩा स घय स हभ ननकरकय ऩठानो ऩय वाय कयन का भौका मभर गमा औय हभायी हाय की घकतड़माॉ अिानक जीत भ फदर गमीॊ | मह सफ बायत क उन फाघामफयधायी एवॊ तीन नोकवारा हचथमाय धायण ककम हए
(बतरशरधायी) मोगी क कायण ही समबव हआ | उनक भहातजसवी रवमकतकततव क परबाव स दखत-ही-दखत अपगाननसतान की ऩठानी सना बाग खड़ी हई औय व ऩयभ मोगी भझ
टहमभत दत हए कहन रग | घफयाओॊ नहीॊ | भ बगवान मशव हॉ तथा तमहायी ऩतनी की ऩजा स परसनन होकय तमहायी या कयन आमा हॉ उसक सहाग की या कयन आमा हॉ |
ऩतर ऩढ़त हए रडी भाटटगन की आॉखो स अववयत अशरधाया फहती जा यही थी उसका रदम अहोबाव स बय गमा औय वह बगवान मशव की परनतभा क समभख मसय यखकय पराथगना कयत-कयत यो ऩड़ी | कछ सिाह फाद उसका ऩनत कनगर भाटटगन आगय छावनी रौटा | ऩतनी न उस सायी फात सनात हए कहा आऩक सॊदश क अबाव भ भ चिजनतत हो उठी थी रककन बराहमणो की सराह स मशवऩजा भ रग गमी औय आऩकी या क मरए बगवान मशव स पराथगना कयन रगी | उन द खबॊजक भहादव न भयी पराथगना सनी औय आऩको सकशर रौटा टदमा | अफ तो ऩनत-ऩतनी दोनो ही ननममभत रऩ स फजनाथ भहादव क भॊटदय भ ऩजा-अिगना कयन रग | अऩनी ऩतनी की इचछा ऩय कनगर भाटटगन भ सन १८८३
भ ऩॊरह हजाय रऩम दकय फजनाथ भहादव भॊटदय का जीणोदवाय कयवामा जजसका मशरारख आज बी आगय भारवा क इस भॊटदय भ रगा ह | ऩय बायतबय भ अॊगरजो दवाय ननमभगत मह एकभातर टहनद भॊटदय ह |
मयोऩ जान स ऩवग रडी भाटटगन न ऩकतड़तो स कहा हभ अऩन घय भ बी बगवान मशव का भॊटदय फनामग तथा इन द ख-ननवायक दव की आजीवन ऩजा कयत यहग |
बगवान मशव भ बगवान कषण भ भाॉ अमफा भ आतभवतता सदगर भ सतता तो एक ही ह | आवशमकता ह अटर ववशवास की | एकररवम न गरभनत ग भ ववशवास कय वह पराि कय मरमा जो अजगन को कटठन रगा | आरणण उऩभनम रव परहराद आटद अनम सकड़ो उदायहण हभाय साभन परतम ह | आज बी इस परकाय का सहमोग हजायो बकतो को साधको को बगवान व आतभवतता सदगरओॊ क दवाया ननयनतय पराि होता यहता ह | आवशमकता ह तो फस कवर ववशवास की |
भहाभतमॊजम भॊतर
ॐ हौ जॉ स |
ॐ बबगव सव |
ॐ तरममफकॊ मजाभह सगॊचध ॊ ऩवषटवधगनभ |
उवागरकमभव फनधनानभतमोभगीम भाभतात |
सव भव ब ॐ |
स जॉ हौ ॐ |
बगवान मशव का मह भहाभतमॊजम जऩन स अकार भतम तो टरती ही ह आयोगमता की बी परानि होती ह | सनान कयत सभम शयीय ऩय रोट स ऩानी डारत वकत इस भॊतर का जऩ कयन स सवासम-राब होता ह | दध भ ननहायत हए इस भॊतर का जाऩ ककमा जाम औय कपय वह दध ऩी मरमा जम तो मौवन की सया भ बी सहामता मभरती ह | आजकर की तज यफ़तायवारी जजनदगी भ कहाॉ आतॊक उऩरव दघगटना हो जाम कहना भजशकर ह | घय स ननकरत सभम एक फाय मह भॊतर जऩनवारा इन उऩदरवो स सयकषत यहता ह औय सयकषत घय रौटता ह | (इस भॊतरानषठान क ववचध-ववधान की ववसतत जानकायी क मरए आशरभ दवाया परकामशत आयोगमननचध ऩसतक ऩढ़ |) शरीभदबागवत क आठव सकॊ ध भ तीसय अधमाम क शलोक १ स ३३ तक भ वणणगत गजनरभो सतोतर का ऩाठ कयन स तभाभ
ववधन दय होत ह |
भ ऩॊरह हजाय रऩम दकय फजनाथ भहादव भॊटदय का जीणोदवाय कयवामा जजसका मशरारख आज बी आगय भारवा क इस भॊटदय भ रगा ह | ऩय बायतबय भ अॊगरजो दवाय ननमभगत मह एकभातर टहनद भॊटदय ह |
मयोऩ जान स ऩवग रडी भाटटगन न ऩकतड़तो स कहा हभ अऩन घय भ बी बगवान मशव का भॊटदय फनामग तथा इन द ख-ननवायक दव की आजीवन ऩजा कयत यहग |
बगवान मशव भ बगवान कषण भ भाॉ अमफा भ आतभवतता सदगर भ सतता तो एक ही ह | आवशमकता ह अटर ववशवास की | एकररवम न गरभनत ग भ ववशवास कय वह पराि कय मरमा जो अजगन को कटठन रगा | आरणण उऩभनम रव परहराद आटद अनम सकड़ो उदायहण हभाय साभन परतम ह | आज बी इस परकाय का सहमोग हजायो बकतो को साधको को बगवान व आतभवतता सदगरओॊ क दवाया ननयनतय पराि होता यहता ह | आवशमकता ह तो फस कवर ववशवास की |
भहाभतमॊजम भॊतर
ॐ हौ जॉ स |
ॐ बबगव सव |
ॐ तरममफकॊ मजाभह सगॊचध ॊ ऩवषटवधगनभ |
उवागरकमभव फनधनानभतमोभगीम भाभतात |
सव भव ब ॐ |
स जॉ हौ ॐ |
बगवान मशव का मह भहाभतमॊजम जऩन स अकार भतम तो टरती ही ह आयोगमता की बी परानि होती ह | सनान कयत सभम शयीय ऩय रोट स ऩानी डारत वकत इस भॊतर का जऩ कयन स सवासम-राब होता ह | दध भ ननहायत हए इस भॊतर का जाऩ ककमा जाम औय कपय वह दध ऩी मरमा जम तो मौवन की सया भ बी सहामता मभरती ह | आजकर की तज यफ़तायवारी जजनदगी भ कहाॉ आतॊक उऩरव दघगटना हो जाम कहना भजशकर ह | घय स ननकरत सभम एक फाय मह भॊतर जऩनवारा इन उऩदरवो स सयकषत यहता ह औय सयकषत घय रौटता ह | (इस भॊतरानषठान क ववचध-ववधान की ववसतत जानकायी क मरए आशरभ दवाया परकामशत आयोगमननचध ऩसतक ऩढ़ |) शरीभदबागवत क आठव सकॊ ध भ तीसय अधमाम क शलोक १ स ३३ तक भ वणणगत गजनरभो सतोतर का ऩाठ कयन स तभाभ
ववधन दय होत ह |
ववधन दय होत ह |