मुगल राजवंश

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मममम मममममम भभभभ भभभभ भभभभभभ भभभभभभ भभभभभभ भभभ भभ भभ भभ भभभभ भभभभभभ भभ भभभभभभभ भभभभभ भभ भ भभभ भभभभ भभ भभभ भभभभभ भभ भभभ भभ भभभभ भभभभभभभ भभभभभभ भभ भभभभभभभभभभ भभ भभभभभभभभभ भभभभ भभभभ भभभभ भभ भभभभभ भभभभ भभ भभभभ भभभभ भभभ भभभभ भभभभभभभ भभ भभभभभभभ भभभभ, भभभभभभभभ भभभभ भभभभभभ भभ भभभभभभभभ भभभभ भभ भभभ भभभ भभभ भभभ भभभ भभभभ भभ भभभभ, भभ भभभभ भभभभभभ भभभभभभ भभभभभ भभभ भभ भभभभ भभ भभ भभभभ भभभ भभ भभभभ भभ भभभभभभ भभभभभभभ भभ भभ भभभभभभ भभभभभभभभभ, भभभभभ भभभ भभभभभ भभभभ भभ भभभभभभ भभभभ भभ भभभभ: भभभभ भभभभभभ भभ भभभभमममम (1526-1530): भभ भभभभभ भभभ भभ भभभभभभभभभ भभ भभभभभभभभ भभ भभ भभभभ भभभभभभ भभभभ भभभभ भभ भभभभ भभभभभभ भभ भभभभभ भभभभभ भभभ 1526 भभ भभभभभ भभभ भभ भभभ भभभभभभ भभ भभभभभभ भभभभभभ भभभभ भभ भभ भभभभभभ भभभ भभभ भभभभ भभभभभभभभभ भभभ भभभभ भभ 1530 भभ भभभभ भभभभ भभ भभभभ भभभ भभभभ भभभभ भभभभभभभ भभभभभ भभ भभभभममममममम (1530-1540 मम 1555-1556): भभभभ भभ भभभभ भभभभ भभ भभभभभ भभभभ भभभभभ भभभभभ भभभभभभ भभ भभभभ भभभभभभ भभ भभभभभभभ भभभभ भभभ भभभभ भभभभ 1 भभभ भभभभ भभ भभभभ भभभभ भभभभभभ भभभ भभभ भभभभभभ भभभभ भभभ भभभ भभभभ भभ भभभभभ भभभभभभभ भभभभ भभभभभ भभ भभभ भभभभ 15 भभभ भभभभभ भभभ भभ भभभ भभभ भभभ भभभ भभ भभ भभ भभभभभभभ भभभभ भभभभभभभभभभ भभभभभभ भभभभ भभ भभभभभभ भभभभ भभभ भभभभभभभ भभभभभ भभभभभभभ भभ भभभ भभभभ भभभभ भभभ भभ भभभ भभभ भभभभ 48 भभभभ भभ भभभभ भभभ 1556 भभभभभ भभभ भभ भभममम ममम मममम (1540-1545): भभ भभभभभ भभभभ भभ भभभभभ 1540 भभभ भभभभभभभ भभ भभभ भभभभ भभभभ भभ भभभभ भभभ भभभ भभभ भभ भभभभ भभ भभभभ 5 भभभ भभभभभभ भभ भभभभभभभ भभ भभ भभ भभ भभभभभभभभ भभभ भभभभ भभभभभभ भभभभभभभ भभ भभभभभभभ भभभभ भभ भभभ भभभभभभभ भभभभभभभभभभ भभ भभभभभ भभभभ भभ भभभभ भभ भभभभ भभभ भभभभभभभ भभ भभभभभभभ भभ भभभभभभभभभभभभभ भभभभभभभ भभ भभभभ भभभभभ भभभ भभ भभभभ भभ भभभभभ भभभभ भभभभ भभभ ।। भभभभभ भभभभ भभभभ भभ भभभभ भभभभभ भभभ भभभभ भभ भभभभ भभ भभभभ भभभभभ, भभभभभभभभभ भभ भभभ भभभभ भभ भभभभभभ भभ भभभभभभभ भभभभभ भभभ, भभभभभभ भभभभ भभ, भभभभभभ भभभ भभभ भभभभभभ भभ भभभभभ भभ भभभभभभ भभभभभ भभभ भभभभ भभभभभ भभभ भभ भभभभ भभभ भभ भभभभभ भभ भभभभभभ भभभभभ भभ, भभभभभभ भभ भभभभभभ भभभभ भभभभ भभ भभभभभ भभ भभभ भभभभ भभभ भभभभभ भभभभ भभभ भभ 5 भभभभ भभ भभभभ भभभ भभभ 1545 भभभभभ भभभ भभ भभमममम (1556-1605): भभभभभभभ भभ भभभभभभभभभभभभ, भभभ भभभभ भभभभभभभभ भभ भभभभभ भभभ भभ भभ भभ भभभभ 13 भभभ भभ भभ भभभभ भभभभ भभ भभभ भभ भभ भभभभ भभ भभभभभभ भभभभ भभभभभभ भभभभ भभ भभभभभभ भभभभ भभभभभभभभभ भभ भभभभ भभ भभभभभभभ भभभभभ भभभभभभ भ ।।

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Page 1: मुगल राजवंश

मु�गल रा�जवंश भा�रत में� में�गल र�जवं�श मेंहा�नतमें श�सकों� में� स� एकों था�। में�गल श�सकों� न� हाज़ा�र� ल�खों� ल�ग� पर श�सन किकोंया�। भा�रत एकों किनयामें कों� तहात एकोंत्र हा� गया� और याहा�� किवंभिभान्‍!न प्रकों�र कों# स��स्‍!कों% कितकों और र�जन&कितकों समेंया अवंधि) में�गल श�सन कों� दौ+र�न दौ�खों, गई। प.र� भा�रत में� अन�कों में�स्लिस्‍लमें और किहान्‍!दु र�जवं�श टू.टू�, और उसकों� बा�दौ में�गल र�जवं�श

कों� स�स्‍!था�पकों याहा�� आए। कों� छ ऐस� ल�ग हुए हा8 ज&स� किकों बा�बार, ज� मेंहा�न एशिशया�ई किवंज�त� त&में.र ल�ग कों� प�त� था� और ग�ग� नदौ: कों# घा�टू: कों� उत्तर, क्षे�त्र स� आए किवंज�त� चं�ग�ज़ाखों�न, जिजसन� खों&बार पर कोंब्‍!ज� कोंरन� कों� किनर्णBया शिलया� और

अ�तत: प.र� भा�रत पर कोंब्‍!ज़ा� कोंर शिलया�।

बा�बारा (1526-1530): याहा त&में.र ल�ग और चं�ग�ज़ाखों�न कों� प्रप+त्र था� ज� भा�रत में� प्रथामें में�गल श�सकों था�। उसन� प�न,पत कों� प्रथामें या�द्ध में� 1526 कों� दौ+र�न ल�), वं�श कों� स�था स�घार्षB कोंर उन्‍!हा� पर�जिजत किकोंया� और इस प्रकों�र अ�त में�

में�गल र�जवं�श कों# स्‍!था�पन� हुई। बा�बार न� 1530 तकों श�सन किकोंया� और उसकों� बा�दौ उसकों� बा�टू� हुमें�या.� गद्दी: पर बा&ठा�।

हुमु�यूं� (1530-1540 औरा 1555-1556): बा�बार कों� सबास� बाड़ा� था� जिजसन� अपन� किपत� कों� बा�दौ र�ज्‍!या स�भा�ल� और में�गल र�जवं�श कों� किJत,या श�सकों बान�। उसन� लगभाग 1 दौशकों तकों भा�रत पर श�सन किकोंया� किकोंन्‍!त� किKर उस�

अKग�न, श�सकों श�र श�हा स.र, न� पर�जिजत किकोंया�। हुमें�या.� अपन, पर�जया कों� बा�दौ लगभाग 15 वंर्षB तकों भाटूकोंत� रहा�। इस बा,चं श�र श�हा में+त हा� गई और हुमें�या.� उसकों� उत्तरवंतL शिसकों� दौर स.र, कों� पर�जिजत कोंरन� में� सक्षेमें रहा� तथा� दौ�बा�र�

किहान्‍!दुस्‍!त�न कों� र�ज्‍!या प्र�प्‍!त कोंर सकों�। जबाकिकों इसकों� कों� छ हा, समेंया बा�दौ कों� वंल 48 वंर्षB कों# उम्र में� 1556 में� उसकों# में+त हा� गई।

श�रा श�ह सू�रा� (1540-1545): एकों अKग�न न�त� था� जिजसन� 1540 में� हुमें�या.� कों� पर�जिजत कोंर में�गल श�सन पर किवंजया प�ई। श�र श�हा न� अधि)कों स� अधि)कों 5 वंर्षB तकों दिदौल्‍!ल, कों� तख्‍!त पर र�ज किकोंया� और वंहा इस उप मेंहा�J:प में� अपन� अधि)कों�र क्षे�त्र कों� स्‍!था�किपत नहाR कोंर सकों�। एकों र�ज� कों� त+र पर उसकों� खों�त� में� अन�कों उपलब्धिTया� कों� श्रे�या ज�त� हा&। उसन� एकों दौक्षे ल�कों प्रश�सन कों# स्‍!था�पन� कों#। उसन� भा.धिमें कों� में�प कों� आ)�र पर र�जस्‍!वं स�ग्रहा कों# एकों

प्रर्ण�ल, स्‍!था�किपत कों#। उसकों� र�ज्‍!या में� आमें आदौमें, कों� न्‍!या�या धिमेंल�। अन�कों ल�कों कों�याB उसकों� अल्‍!प अवंधि) कों� श�सन कों�याB में� कोंर�ए गए ज&स� किकों प�ड़ा लग�न�, या�कित्रया� कों� शिलए कों� ए� और सर�या� कों� किनमें�Bर्ण कोंर�या� गया�, सड़ाकों� बान�ई गई, उस, कों� श�सन कों�ल में� दिदौल्‍!ल, स� कों�बा�ल तकों ग्र��ड ट्रं�कों र�ड बान�ई गई। में�द्रा� कों� बादौल कोंर छ�टू: रकोंमें कों� चं��दौ: कों�

शिसक्‍!कों� बानवं�ए गए, जिजन्‍!हा� दौ�में कोंहात� था�। याद्यकिप श�र श�हा तख्‍!त पर बा&ठान� कों� बा�दौ अधि)कों समेंया ज,किवंत नहाR रहा� और 5 वंर्षB कों� श�सन कों�ल बा�दौ 1545 में� उसकों# में+त हा� गई।

अकबारा (1556-1605): हुमें�या.� कों� उत्तर�धि)कों�र,, अकोंबार कों� जन्‍!में किनवं�Bसन कों� दौ+र�न हुआ था� और वंहा कों� वंल 13 वंर्षB कों� था� जबा उसकों� किपत� कों# में+त हा� गई। अकोंबार कों� इकितहा�स में� एकों किवंशिशष्‍!टू स्‍!था�न प्र�प्‍!त हा&। वंहा एकों में�त्र ऐस�

श�सकों था� जिजसमें� में�गल स�म्र�ज्‍!या कों# नRवं कों� स�प�ष्‍!टू बान�या�। लग�त�र किवंजया प�न� कों� बा�दौ उसन� भा�रत कों� अधि)कों��श भा�ग कों� अपन� अ),न कोंर शिलया�। ज� किहास्‍!स� उसकों� श�सन में� श�धिमेंल नहाR था� उन्‍!हा� सहा�याकों भा�ग घा�किर्षत

किकोंया� गया�। उसन� र�जप.त� कों� प्रकित भा, उदौ�रवं�दौ: न,कित अपन�ई और इस प्रकों�र उनस� खोंतर� कों� कोंमें किकोंया�। अकोंबार न कों� वंल एकों मेंहा�न किवंज�त� था� बाब्धिल्‍कों वंहा एकों सक्षेमें स�गठानकोंत�B एवं� एकों मेंहा�न प्रश�सकों भा, था�। उसन� ऐस� स�स्‍!

था�न� कों# स्‍!था�पन� कों# ज� एकों प्रश�सकिनकों प्रर्ण�ल, कों# नRवं शिसद्ध हुए, जिजन्‍!हा� कि]दिटूश कों�ल,न भा�रत में� भा, प्रचं�शिलत किकोंया� गया� था�। अकोंबार कों� श�सन कों�ल में� ग&र में�स्लिस्‍लमें� कों� प्रकित उसकों# उदौ�रवं�दौ: न,कितया�, उसकों� )�र्मिमें_कों नवं�चं�र,

भा.धिमें र�जस्‍!वं प्रर्ण�ल, और उसकों# प्रशिसद्ध मेंनसबादौ�र, प्रथा� कों� कों�रर्ण उसकों# स्लि`कित भिभान्‍!न हा&। अकोंबार कों# मेंनसबादौ�र, प्रथा� में�गल स&न्‍!या स�गठान और न�गरिरकों प्रश�सन कों� आ)�र बान,।

अकोंबार कों# में%त्‍!या� उसकों� तख्‍!त पर आर�हार्ण कों� लगभाग 50 स�ल बा�दौ 1605 में� हुई और उस� शिसकों� दौर� में� आगर� कों� बा�हार दौKन�या� गया�। तबा उसकों� बा�टू� जहा��ग,र न� तख्‍!त कों� स�भा�ल�।

जह�ग�रा: अकोंबार कों� स्‍!था�न पर उसकों� बा�टू� सल,में न� तख्‍!त�त�ज़ा कों� स�भा�ल�, जिजसन� जहा��ग,र कों# उप�धि) प�ई, जिजसकों� अथाB हा�त� हा& दुकिनया� कों� किवंज�त�। उसन� में�हार उन किनस� स� किनकों�हा किकोंया�, जिजस� उसन� न.रजहा�� ( दुकिनया� कों#

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र�शन,) कों� खिखोंत�बा दिदौया�। वंहा उस� बा�त�हा�श� प्र�में कोंरत� था� और उसन� प्रश�सन कों# प.र, बा�गड�र न.रजहा�� कों� सdप दौ:। उसन� कों��गड़ा� और किकोंश्‍!वंर कों� अकितरिरक्‍!त अपन� र�ज्‍!या कों� किवंस्‍!त�र किकोंया� तथा� में�गल स�म्र�ज्‍!या में� बा�ग�ल कों� भा,

श�धिमेंल कोंर दिदौया�। जहा��ग,र कों� अ�दौर अपन� किपत� अकोंबार ज&स, र�जन&कितकों उद्यमेंश,लत� कों# कोंमें, था,। किकोंन्‍!त� वंहा एकों ईमें�नदौ�र और सहानश,ल श�सकों था�। उसन� समें�ज में� स�)�र कोंरन� कों� प्रया�स किकोंया� और वंहा किहान्‍!दुओं, ईस�इया� तथा�

ज्‍!या.स कों� प्रकित उदौ�र था�। जबाकिकों शिसक्‍!खों� कों� स�था उसकों� स�बा�) तन�वंप.र्णB था� और दौस शिसक्‍!खों ग�रूओं में� स� प��चंवं� ग�रू अज�Bन दौ�वं कों� जहा��ग,र कों� आदौ�श पर में+त कों� घा�टू उत�र दिदौया� गया� था�, जिजन पर जहा��ग,र कों� बाग�वंत, बा�टू� खों�सरू कों#

सहा�यात� कोंरन� कों� अर�प था�। जहा��ग,र कों� श�सन कों�ल में� कोंल�, स�किहात्‍!या और वं�स्‍!त�कोंल� Kल, K. ल, और श्रे, नगर में� बान�या� गया� में�गल ग�डBन उसकों# कोंल�त्‍!मेंकों अभिभारुशिचं कों� एकों स्‍!था�या, प्रमें�र्ण हा&। उसकों# में%त्‍!या� 1627 में� हुई।

श�हजह�: जहा��ग,र कों� बा�दौ उसकों� किJत,या प�त्र खों�रBमें न� 1628 में� तख्‍!त स�भा�ल�। खों�रBमें न� श�हाजहा�� कों� न�में ग्रहा किकोंया� जिजसकों� अथाB हा�त� हा& दुकिनया� कों� र�ज�। उसन� उत्तर दिदौश� में� कों� )�र तकों अपन� र�ज्‍!या किवंस्‍!त�रिरत किकोंया� और दौभिक्षेर्ण

भा�रत कों� अधि)कों��श किहास्‍!स� ज,त शिलया�। में�गल श�सन श�हाजहा�� कों� कों�याBकों�ल में� अपन� सवंiच्‍!चं किबान्‍!दु पर था�। ऐस� अत�लन,या समें%जिद्ध और श��कित कों� लगभाग 100 वंर्षk तकों हुआ। इसकों� परिरर्ण�में स्‍!वंरूप इस अवंधि) में� दुकिनया� कों� में�गल

श�सन कों# कोंल�ओं और स�स्‍!कों% कित कों� अन�खों� किवंकों�स कों� दौ�खोंन� कों� अवंसर धिमेंल�। श�हाजहा�� कों� वं�स्‍!त�कों�र र�ज� कोंहा� ज�त� हा&। ल�ल किकोंल� और ज�में� मेंस्लिस्‍जदौ, दिदौल्‍!ल, में� स्लि`त या� दौ�न� इमें�रत� शिसकिवंल अभिभाया��कित्रकों# तथा� कोंल� कों#

उपलब्धिT कों� रूप में� खोंड़ा, हा8। इन सबा कों� अल�वं� श�हाजहा�� कों� आज त�ज मेंहाल, कों� शिलए या�दौ किकोंया� ज�त� हा&, ज� उसन� आगर� में� यामें�न� नदौ: कों� किकोंन�र� अपन, किप्रया पत्‍!न, में�मेंत�ज मेंहाल कों� शिलए सK� दौ स�गमेंरमेंर स� बानवं�या� था�।

औरागज़े�बा: औंरगज़ा�बा न� 1658 में� तख्‍!त स�भा�ल� और 1707 तकों र�ज्‍!या किकोंया�। इस प्रकों�र और�गज़ा�बा न� 50 वंर्षB तकों र�ज्‍!या किकोंया�। ज� अकोंबार कों� बार�बार लम्‍!बा� कों�याBकों�ल था�। परन्‍!त� दुभा�Bग्‍!या स� उसन� अपन� प��चं� बा�टू� कों� श�हा, दौरबा�र स�

दूर रखों� और इसकों� नत,ज� याहा हुआ किकों उनमें� स� किकोंस, कों� भा, सरकों�र चंल�न� कों# कोंल� कों� प्रशिशक्षेर्ण नहाR धिमेंल�। इसस� में�गल� कों� आग� चंल कोंर हा�किन उठा�न, पड़ा,। अपन� 50 वंर्षB कों� श�सन कों�ल में� और�गज�बा न� इस प.र� उप

मेंहा�J:प कों� एकों स�था एकों श�सन ल�न� कों# आकों��क्षे� कों� प.र� कोंरन� कों� प्रया�स किकोंया�। याहा उस, कों� कों�याBकों�ल में� हुआ जबा में�गल श�सन अपन� क्षे�त्र में� सवंiच्‍!चं किबान्‍!दु तकों पहु�चं�। उसन� वंर्षk तकों कोंदिठान परिरश्रेमें किकोंया� किकोंन्‍!त� अ�त में� उसकों�

स्‍!वं�स्‍!थ्‍!या किबागड़ात� चंल� गया�। उसन� 1707 में� 90 वंर्षB कों# आया� पर में%त्‍!या� कों� समेंया कों�ई स�पभित्त नहाR छ�ड़ा,। उसकों# में+त कों� स�था किवंघाटूनकों�र, त�कोंत� उठा खोंड़ा, हुईं और शशिrश�ल, में�गल स�म्र�ज्‍!या कों� पतन श�रू हा� गया�।