Tao Upanishad Hindi
-
Upload
masto-gaurav-srivastava -
Category
Documents
-
view
235 -
download
5
Transcript of Tao Upanishad Hindi
-
8/18/2019 Tao Upanishad Hindi
1/285
OSHO | https://preetamch.blogspot.com
ओशो ताओ उऩनषद बाग –
१
-
8/18/2019 Tao Upanishad Hindi
2/285
Download More Osho Books in Hindi Download Hindi PDF Books For Free
इस ऩ ुतक का म जाता है याभ ज को जहन आिथक ऩ स हभाय सहामता क, आऩ ब हभाय सहामता कय सकत ह -
दख आखय ऩज
ताओ उऩनषद बाग – १ OSHO
साईट ऩय भौज दू ओशो क अम ऩ ुतक :-
सबोग स सभाध क ओय (Exclusive Version)
ऩतंज मोगस ू – ओशो
ऻान बयै तं (तं स ू ) हदं सऩ िूर
http://preetamch.blogspot.com/http://preetamch.blogspot.com/http://preetamch.blogspot.com/http://preetamch.blogspot.com/http://preetamch.blogspot.com/http://preetamch.blogspot.com/http://preetamch.blogspot.com/http://preetamch.blogspot.com/
-
8/18/2019 Tao Upanishad Hindi
3/285
Download More Osho Books in Hindi Download Hindi PDF Books For Free
इस ऩ ुतक का म जाता है याभ ज को जहन आिथक ऩ स हभाय सहामता क, आऩ ब हभाय सहामता कय सकत ह -
दख आखय ऩज
ताओ उऩनषाद –(बाग –1) चन –1
ताओ उऩनषाद —(बाग —1)
ओशो
ओशो ाया राओस ेके ‘ताओ तहे क ग ’ ऩय दए गए 127 चन भ से ऩहरे 22 अभ तृ चन का अऩ ूव सकरन
ो ओस क कताफ जभन ऩय फेन ा उन थोी स कताफ भ स क ह,ै जो ऩ यू तयह श ुध है। इसभ क ु छ जोीा नहं जा
सकता। न जोीन का कायर मह है क जो ाओ स कहता है, ाओस क हैसमत का म त ह उसभ क ु छ जोी सकता है। कस
को क ु छ जोीना हो तो ाओस होना ऩी। य ाओस होकय जोीन भ पय कोई हिज नह ंहै।
जहन जाना है—शद स नहं,शा स नह,ंयन जन स ह , जकय —ाओस उन थो स ोग भ स क है। य जहन
क जाना ह नहं है। यन जानन क ब अथक ेटा क है—ाओस उन य ब फह ुत थोी स ोग भ स क है।
ओशो
सनातन अकाय ताओ —ऩहा ेन
अमाम1 :
स ू1
ऩयभ ताओ
जस ऩथ ऩय वेयर कमा जा सक , ह सनातन य अवकाय ऩथ नहं है।
जसक नाभ का स ुभयर हो , ह काजम ं सदा कयस यहन ाा नाभ नहं है।
ज हन जाना है–शद स नह,ं शा स नह,ं यन जन स ह , जकय –ाओस उन थोी स ोग भ स क है। य जहन
क जाना ह नहं है, यन जनान क ब अथक ेटा क है–ाओस उन य ब फह ुत थोी स ोग भ स क है।
कन जहन ब जाना है य जहन ब द सूय को जनान क कोशश क है, उनका ाथभक अन बु मह है क जो कहा जा
सकता ह,ै ह सम नहं है; जो ार का आकाय सकता ह,ै आकाय त ह अऩन नयाकाय सा को अनािमतमा खो दता है। जसै
कोई आकाश को ेत कय,
तो आकाश कब ब ेत नहं होगा ;
जो ब े भ फनगा ,
नेत ह ह आकाश नहं है। आकाशतो ह है जो सफको घय ह ु है; े तो कस को ब नह ंघय ऩागा। े तो म ंह आकाश स घया ह ुआ ह।ै
तो े भ फना ह ुआ जसैा आकाश होगा , ऐस ह शद भ फना ह ुआ सम होगा। न तो े भ फन आकाश भ ऩऺ उी सक गा , न
े भ फन आकाश भ स यूज नकगा , न यात ताय दखाई ऩी ग। े का आकाश तो होगा भ तृ ; कहन को ह आकाश होगा , नाभ ह
बय आकाश होगा। आकाश क होन क कोई संबाना े भ नह ंहै।
http://preetamch.blogspot.com/http://preetamch.blogspot.com/http://preetamch.blogspot.com/http://preetamch.blogspot.com/http://preetamch.blogspot.com/http://preetamch.blogspot.com/http://preetamch.blogspot.com/http://preetamch.blogspot.com/http://preetamch.blogspot.com/http://preetamch.blogspot.com/http://preetamch.blogspot.com/http://preetamch.blogspot.com/http://preetamch.blogspot.com/http://preetamch.blogspot.com/http://preetamch.blogspot.com/
-
8/18/2019 Tao Upanishad Hindi
4/285
Download More Osho Books in Hindi Download Hindi PDF Books For Free
इस ऩ ुतक का म जाता है याभ ज को जहन आिथक ऩ स हभाय सहामता क, आऩ ब हभाय सहामता कय सकत ह -
दख आखय ऩज
जो ब सम को कहन ेगा , उस ऩह ह कदभ ऩय जो फी स फी कनाई खी हो जात है, ह मह क शद भ ात ह सम
असम हो जाता है। ऐसा हो जाता है, जसैा ह नह ंहै। य जो कहना ेाहा था , ह अनकहा यह जाता है। य जो नहं कहना ेाहा
था , ह भ खुय हो जाता है।
ाओस अऩन ऩह ऩं त भ इस फात स श ु कयता है।
ताओ फह ुत अन ूा शद है। उसक अिथ को थोीा खमा भ तो आग फढ़न भ आसान होग। ताओ क फह ुत अिथ ह । जो बेज जतन गहय होत है उतन फह ुअथ हो जात है। य जफ कोई ेज फह ुआमाभ , भलट ामभ शन होत है, तफ बात
जटता य फढ़ जात है।
ताओ का क तो अिथ है: ऩथ , भािग, द । कन सब ऩथ फंध ह ु होत ह । ताओ ऐसा ऩथ है जैस ऩऺ आकाश भ उीता है; उीता
है तफ ऩथ तो निभत होता ह,ै कन फधंा ह ुआ निभत नह ंहोता है। सब ऩथ ऩय ेयरेन फन जात ह य ऩछ स आन ा
क स ुधा हो जात है। ताओ ऐसा ऩथ है जैस आकाश भ ऩऺ उीत ह , उनक ऩद क कोई ेन नहं फनत, य ऩछ स आन
ा को कोई ब स ुधा नह ंहोत।
तो अगय मह खमा भ यह क ऐसा ऩथ जो फंधा ह ुआ नह ंहै, ऐसा ऩथ जस ऩय ेयरेन नहं फनत, ऐसा ऩथ जस कोई द सूया
आऩक निभत नह ंकय सकता –आऩ ह ेत ह य ऩथ निभत होता है–तो हभ ताओ का अिथ ऩथ ब कय सकत ह , द ब कय सकत ह । कन ऐसा ऩथ तो कहं दखाई नहं ऩीता। इस ताओ को ऩथ कहना उेत होगा ?
कन मह क आमाभ ताओ का है। तफ ऩथ का क द सूया अिथ : ऩथ है ह , जसस ऩह ुंेा जा सक ; ऩथ है ह , जो भंज स
जोी द। कन ताओ ऐसा ऩथ ब नहं है। जफ हभ क यात ऩय ेत ह य भंज ऩय ऩह ुंे जात ह , तो याता य भंज
दोन ज ीु ह ु होत ह । अस भ , भंज यात का आखय छोय होता है, य याता भंज क श ुआत होत है। याता य भंज
दो ेज नह ंह , ज ीु ह ु संम ुत ह । यात क फना भंज न हो सक ग ; भंज क फना याता न होगा। कन ताओ क ऐसा ऩथ
ह,ै जो भंज स ज ीुा ह ुआ नह ंहै। जफ कोई याता भंज स ज ीुा होता ह,ै तो सब को उतना ह याता ेना ऩीता है, तब
भंज आत है।
ताओ ऐसा ऩथ है क जो जहां खीा है, उस थान ऩय , उस जगह ऩय खी ह ु भंज को उऩध हो सकता है। इस ताओ कोऐसा ऩथ ब नहं कहा जा सकता। जहा ंखी ह हभ , जस जगह , जस थान ऩय , ह ंस भंज भ सक ; य ऐसा ब हो सकता है
क हभ जभ -जभ े, य भंज न भ सक ; तो ताओ जय कस य तयह का ऩथ है। इस क तो ऩथ का अिथ है कह ं
गहय भ , कन फह ुत स शत क साथ।
द सूया ताओ का अिथ है: धिभ। कन धिभ का अिथ भजहफ नह ंहै, यजन नह ंहै। धिभ का ह अिथ है जो ऩ युातनतभ ऋषम न
मा है। धिभ का अिथ होता है: ह नमभ , जो सब को धायर क ह ु है। जन जहा ंब है, उस धायर कयन ाा जो आमंतक
नमभ , द अलटभट ॉ , ह जो आखय कान नू है ह। तो ताओ धिभ है–भजहफ क अथ भ नहं, इसाभ य हदं ूय जनै य
फौध य स ख क अथ भ नहं–जन का ऩयभ नमभ। धिभ ह,ै जन क शात नमभ क अिथ भ ।
कन सब नमभ सभत होत ह । ताओ ऐसा नमभ है जसक कोई सभा नहं है।
अस भ सभा तो होत है भ ृम ुक ; जन क कोई सभा नह ंहोत। भय ह ुई त ु ंह सभत होत ह ; जत त ुसभत नहं
होत , असभ होत है। जन का अिथ ह है: पैा क नयंतय ऺभता , द कैऩसट ट ु सऩ । क फज जत है, अगय ह अकं ु य
हो सकता है। क अकं ु य जत है, अगय ह ृऺ हो सकता है। क ृऺ जत है, अगय उसभ य अकं ु य , य फज ग सकत ह ।
जहा ंपैा क ऺभता क जात है हं जन क जाता है। फचेा इस मादा जत है फ ढ़ू स; अब पैा क ऺभता है
फह ुत।
तो ताओ कोई सभत अथ भ नमभ नह ंहै। आदभ क फना ह ु कान नू जसैा कान नू नह ंह,ै जसको क पाइन कमा जा सक ,
जसक ऩयबाषा तम क जा सक , जसक ऩयसभा तम क जा सक । ताओ ऐसा नमभ है जो अनंत ताय है, य अनतं -असभ
को छ ून भ सभिथ है।
इस सपि धिभ कह दन स काभ न ेगा।
क य शद है–ऋषम न उऩमोग कमा –ह शामद य ब नकट है ताओ क । ह शद है ऋत –जसस ऋत ुफना। द ऋत क
िेेा कयत ह , ह ताओ क िेेा है। ऋत का अिथ होता ह…ैऋत ओु ंस सभझ तो आसान हो जाग।
http://preetamch.blogspot.com/http://preetamch.blogspot.com/http://preetamch.blogspot.com/http://preetamch.blogspot.com/http://preetamch.blogspot.com/
-
8/18/2019 Tao Upanishad Hindi
5/285
Download More Osho Books in Hindi Download Hindi PDF Books For Free
इस ऩ ुतक का म जाता है याभ ज को जहन आिथक ऩ स हभाय सहामता क, आऩ ब हभाय सहामता कय सकत ह -
दख आखय ऩज
गयभ आत है, पय िषा आ जात है, पय शत आ जात है, पय गयभ आ जात है। क त ुि है। त ुि घ भूता ेा जाता है।
फेऩन होता है, जान आत है, फ ढ़ुाऩा आ जाता है, भौत आ जात है। क त ुि है, ह घ भूता ेा जाता है। स फुह होत है, साझं
होत है, यात होत ह,ै पय स फुह हो जात ह।ै स यूज नकता है, ूफता है, पय उगता है। क त ुि है। जन क क गत है
त ुि ाकाय। उस गत को ेान ाा जो नमाभक त है, उसका नाभ है ऋत।
मान यह, ऋत भ कस ईय क धायरा नहं है। ऋत का अिथ है नमाभक त ; नमाभक म त नहं । नॉट ऩयसन , फट ंसऩ।
कोई म त नहं जो नमाभक हो , कोई त जो नमभन क ेा जाता है। ऐसा कहना क नहं क नमभन क ेा जाता है , मक इसस म त का बा ऩै दा होता है। नहं, जसस नमभन होता है, जसस नमभ नकत ह । ऐसा नह ंक ह नमभ दता है
य मथा ज टुाता है। नहं, फस उसस नमभ ऩदैा होत यहत ह । जसै फज स अंक ु य नकता यहता है, ऐसा ऋत स ऋत ु ंनकत
यहत ह । ताओ का गहनतभ अिथ ह ब है।
कन पय ब म कोई ब शद ताओ को क स कट नहं कयत ह । मक जो -जो इनको अिथ दमा जा सकता ह,ै ताओ उसस
पय ब फीा है। य क ु छ न क ु छ ऩछ छ ूट जाता है। शद क जो फी स फी कनाई है, ह मह है क सब शद ैत स
निभत ह । अगय हभ कह यात , तो दन ऩछ छ ूट जाता है। अगय हभ कह काश , तो अधंया ऩछ छ ूट जाता है। अगय हभ कह जन ,
तो भौत ऩछ छ ूट जात है। हभ क ु छ ब कह , क ु छ सदा ऩछ छ ूट जाता है। य जन ऐसा है–संम ुत , इका। हा ंयात य दन
अग नह ंह । य हा ंजभ य भ ृम ुअग नह ंह । य हा ंफचेा य फ ढ़ूा दो नह ंह । य हा ंसद य गयभ दो नह ंह ।
य हा ंस फुह स यूज का उगना साझं का ूफना ब है। जन क ु छ ऐसा है–समं ुत , इका। कन जफ ब हभ शद भ फोत ह , तोक ु छ छ ूट जाता ह।ै कह दन , तो यात छ ूट जात है। य जन भ यात ब है।
तो अगय हभ कह कोई ब क शद –मह है ताओ , मह है भािग, मह है धिभ, मह है ऋत –फस हभाय कहत ह क ु छ ऩछ छ ूट जाता है।
सभझ , हभ कहत ह , नमभ। नमभ कहत ह अयाजकता ऩछ छ ूट जात है। कन जन भ ह ब है। नमभ कहत ह ह जो
अनाकि क , ह जो अयाजक त है, ह ऩछ छ ूट जाता ह।ै
नश न कहं खा है क जस दन अयाजकता न होग उस दन न ताय कैस निभत हग? जस दन अयाजकता न होग उस
दन नमा स जृन कैस होगा ? मक स ृट तो जभत है अयाजकता स, क ऑस स। आउट ऑप क ऑस इज़ शन। अगय क ऑस न
होगा , अयाजकता न होग , तो स ृट का जभ न होगा। य अगय स ृट अक हो , तो पय सभात न हो सक ग , मक उस सभात
होन क पय अयाजकता भ ूफ जाना ऩी।
जफ हभ कहत ह नमभ , ंसऩ , तफ अयाजकता ऩछ छ ूट जात है। ह ब जन भ है। उस छोीन का उऩाम जन क ऩास नहं
ह,ै शद क ऩास है। इस हभ कहत ह ऋत , तो ब क ु छ ऩछ छ ूट जाता है; ह अयाजक त ऩछ छ ूट जाता है। जो घटता है य
पय ब नमभ क बतय नह ंघटता।
इस जन भ सब क ु छ नमभ स नहं घटता है; नह ंतो जन दो कौी का हो जागा। इस जन भ क ु छ है जो नमभ छोी कय
ब घटता है। से तो मह है, इस जन भ जो ब भहऩ िूर है, ह नमभ छोी कय घटता है। जो ब गैय -भहऩ िूर ह,ै ह नमभ स
घटता है। इस जन भ जो ब गहय अन बु ूतमा ंह , कस नमभ स नहं आतं–अकायर , अनामास , अनामाेत ाय ऩय दतक द
दत ह ।
जस दन कस क जन भ ब ुका आना होता है, उस दन ह मह नहं कह ऩाता क भ न मह -मह कमा था , इस त ुह ऩामा।
उस दन ह मह कह ऩाता है क कैस त ुहाय दमा! कैस त ुहाय अन कंुऩा! भ न क ु छ ब न कमा था ; मा जो ब कमा था , अफ भ
जानता ह ू ं, उस त भुस ऩान स कोई ब संफधं न था ; मह त ुहाया आगभन कैसा! मह त भु आ कैस ग! न भ न कब त ुह भांगा था , न
भ न कब त ुह ेाहा था , न भ न त ुह कब खोजा था। मा भांगा ब था , तो क ु छ गत भांगा था ;य खोजा ब था , तो हा ंजहा ंत भु
नह ंथ; य ेाहा ब था , तो ब भाना न था क त भु भ जाओग। य मह त ुहाया आगभन! य जफ ब ुका आगभन होता है
कस क जन भ , तो उसका कमा ह ुआ कह ंब तो क ु छ संफधं नह ंफना ऩाता। अनामास!
इस जन भ सब क ु छ नमभ होता , तो हभ कह सकत थ, ताओ का अिथ है ऋत। कन इस जन भ ह जो नमभ क फाहय है,
ह योज घटता है; हय घी -ऩहय , अनामास ब , अकायर ब , ह भौज दू हो जाता है। न , उस ब हभ जन य अत क फाहय न
छोी ऩागं। इस अफ हभ ताओ को मा कह ?
तो ाओस अऩना ऩहा स ू कहता है। उस स ू भ ह कहता है, ―जस ऩथ ऩय ेयर कमा जा सक , ह सनातन , अकाय ऩथ
नह ंहै।’
जस ऩथ ऩय ेयर कमा जा सक ! अफ ऩथ का अिथ ह होता है क जस ऩय ेयर कमा जा सक । कन ाओस कहता है,
जस ऩथ ऩय ेयर कमा जा सक , ह नहं; जस ऩय आऩ े सक , ह नह।ं पय अगय जस ऩय हभ े ह न सक , उस ऩथ
कहन का मा मोजन ? हभ े सक तो ह ऩथ है।
http://preetamch.blogspot.com/http://preetamch.blogspot.com/http://preetamch.blogspot.com/http://preetamch.blogspot.com/http://preetamch.blogspot.com/
-
8/18/2019 Tao Upanishad Hindi
6/285
Download More Osho Books in Hindi Download Hindi PDF Books For Free
इस ऩ ुतक का म जाता है याभ ज को जहन आिथक ऩ स हभाय सहामता क, आऩ ब हभाय सहामता कय सकत ह -
दख आखय ऩज
ाओस कहता है, ―जस ऩथ ऩय ेयर कमा जा सक , ह सनातन , अकाय ऩथ नह ंहै।’
फह ुत स फात इस छोट स स ू भ ह । क , जस ऩथ ऩय ेा जा सक , जस ऩय ेन क घटना घट सक , उस ऩय ऩह ुंेन क घटना
न घटग। मक जहां हभ ऩह ुंेना है, ह कह ंद यू नह,ं मह ंय अब है। अगय भ झु आऩक ऩास आना हो , तो भ कस यात ऩय
े सकता ह ू ं। कन भ झु अऩन ह ऩास आना हो , तो भ कस यात ऩय े ू गंा ? य जतना े ू गंा यात ऩय , उतना ह बटक
जाऊंगा ; अऩन स द यू , य द यू होता ेा जाऊंगा। जो आदभ मं को खोजन कस यात ऩय जागा , ह अऩन को कब ब नहं ऩा
सक गा। कैस ऩा सक गा ?अऩन ह हाथ स, खोज क ह कायर , ह अऩन को खो दगा।
जस म ंको खोजना है उस तो सफ यात छोी दन ऩी ग, मक मं तक कोई ब याता नहं जाता है। अस भ , मं तक
ऩह ुंेन क यात क जयत ह नहं है। यात क जयत तो द सूय तक ऩह ुंेन क है। मं तक तो ह ऩह ुंे जाता है, जो
सफ यात स उतय कय खीा हो जाता है। जो ेता ह नहं, ह ऩह ुंे जाता है।
तो ाओस कहता है, जस ऩथ ऩय ेा जा सक , ह सनातन य अकाय ऩथ नहं है।
दो फात कहता है। ह सनातन नहं है। अस भ , जस यात ऩय ब हभ े सक , ह हभाया ह फनामा ह ुआ होगा। हभाया ह फनामा
ह ुआ होगा , इस सनातन नहं होगा। आदभ का ह निभत होगा , इस ऩयभाभा स निभत नह ंहोगा। य जो ऩथ हभन
फनामा है, ह सम तक कैस जागा ? मक अगय हभ सम क बन का ऩता होता , तो हभ ऐसा याता ब फना त जो समतक जा।
मान यह, याता तो तब फनामा जा सकता है, जफ भंज ऩता हो। भ झु आऩका घय ऩता हो , तो भ हा ंतक याता फना ू ।ं कन
मह फी कन फात है। अगय भ झु आऩका घय ऩता है, तो भ फना यात क ह आऩक घय ऩह ुंे गमा होऊंगा। नह ंतो पय भ झु
आऩक घय का ऩता कैस ेा है?
इजत क ऩ युान स ूपम क स ू का क हसा कहता है क जफ त ुह ऩयभाभा भगा य त भु उस ऩहेानोग, तफ त भु जय
कहोग क अय, त ुह तो भ ऩह स ह जानता था! य अगय त भु ऐसा न कह सकोग, तो त भु ऩयभाभा को ऩहेान कैस सकोग?
यकनशन इज़ इऩासफ। यकनशन का तो भतफ ह मह होता है। अगय ऩयभाभा भय साभन आ य भ खी होकय उसस
ऩ छू ूं क आऩ कौन ह ? तफ तो भ ऩहेान न सक ू ं गा। य अगय भ दखत ह ऩहेान गमा क ब ुआ ग , तो उसका अिथ है क भ नकब कस ऺर भ , कस कोन स, कस ाय स जाना था ; आज ऩहेाना। मह यकनशन है। हभ जान को ह ऩहेान सकत ह ।
अगय आऩको ऩता ह है क सम कहां है, तो आऩक यात क जयत कहां यह ? आऩ सम तक कहं ऩह ुंे ह ग ह , जान ह
मा है। तो जस ऩता है ह याता नहं फनाता। य जस ऩता नहं है ह याता फनाता है। य जो नह ंजानत, उनक फना ह ु
यात कैस ऩह ुंेा ऩागं? सनातन ऩथ नह ंहो सकत।
सनातन ऩथ कौन सा है?
जो आदभ न कब नहं फनामा। जफ आदभ नहं था , तफ ब था। य जफ आदभ नहं होगा , तफ ब होगा।
सनातन ऩथ कौन सा है?
जस द क ऋष नहं फनात, जस फ ुध नह ंफनात, जस भहाय नहं फनात, भोहभद , क ृ र य ाइट जस नह ंफनात। मादा
स मादा उसक सफंधं भ क ु छ खफय दत ह , फनात नह।ं इस ऋष नहं कहत क हभ जो कह यह ह , ह हभाया है। कहत ह , ऐसा
ऩह ब ोग न कहा है, ऐसा सदा ह ोग न जाना है। मह जो हभ खफय ा यह ह , मह उस यात क खफय है जो सदा स है। जफ
हभ नह ंथ, तफ ब था। य जफ कोई नहं था , तफ ब था। जफ मह जभन फनत थ य इस ऩय कोई जन न था , तफ ब था।
य जफ मह जभन भटत होग य जन सिजत होता होगा , तफ ब होगा। आकाश क बांत ह सदा भौज दू था।
मह द सूय फात है क हभाय ऩंख इतन भजफ तू न थ क हभ उसभ क तक उी सकत; आज उी ऩात ह । मह द सूय फात है क आज
ब हभ हभत नहं ज टुा ऩात य अऩन घस क कनाय ऩय फै यहत ह , ऩय को तौत यहत ह , य सोेत यहत ह क उी मा नउी । कन ह आकाश आऩक उीन स ऩैदा नह ंहोगा। ह आऩक ऩखं ब जफ ऩैदा न ह ु थ, जफ आऩ अं क बतय फदं थ, तफ
ब था। य आऩक ऩास ऩंख ब ह , य आऩ फै यह य न उी , तो ऐसा नह ंक आकाश नहं ह।ै आकाश ह।ै आकाश आऩक
फना है।
तो सनातन ऩथ तो ह है जो ेन ा क फना है। अगय ेन ा ऩय कोई ऩथ निबय है, तो ह सनातन नह ंहै। य जस
ऩथ ऩय ब ेा जा सकता है ह कायत हो जाता है, मक ेन ाा अऩन फभायम को कय ेता है। इस ब थोीा
सभझ ना जय है।
http://preetamch.blogspot.com/http://preetamch.blogspot.com/http://preetamch.blogspot.com/http://preetamch.blogspot.com/http://preetamch.blogspot.com/
-
8/18/2019 Tao Upanishad Hindi
7/285
Download More Osho Books in Hindi Download Hindi PDF Books For Free
इस ऩ ुतक का म जाता है याभ ज को जहन आिथक ऩ स हभाय सहामता क, आऩ ब हभाय सहामता कय सकत ह -
दख आखय ऩज
जो फभायम क फाहय हो गमा ह ेता नहं। ेन क कोई जयत न यह। ह ऩह ुंे गमा। जो फभायम स बया है ह ेता
है। ेता ह इस है क फभायमा ंह , उनस छ ूटना ेाहता है। फभायम स छ ूटन क ह ेता है। जस यात ऩय ब ेता
ह,ै ह,ं उस यात को संाभक कयता है। जहां ब खीा होता है, ह ंअऩ हो जाता है सफ। जहां ब खोजता है, ह ंय ध आु ंऩदैा
कय दता ह।ै
जसै ऩान भ केी उ गई हो य कोई ऩान भ घ सु जा य केी को फान क कोशश भ ग जा , तो उसक साय
कोशश , जो केी उ गई है, उस तो फैन ह न दग , य जो फै थ , उस ब उा त है। ह जतना ऩयट , जतना ऩागहोकय कोशश कयता है क केी को फा द ू ं, फा द ू ं, उतन ह केी य उ जात है, ऩान य गदंा हो जाता है। ाओस हां
स नकता होगा , तो ह कहगा क भ , त भु फाहय नक आओ। मक जस त भु श ुध कयोग ह अश ुध हो जागा , त भु ह
अश ुध हो इस। त भु क ृ ऩा कयक फाहय नक आओ। त भु ऩान को अक ा छोी दो। त भु तट ऩय फै जाओ। ऩान श ुध हो
जागा। त भु मास भत कयो। त ुहाय सफ मास खतयनाक ह ।
ह ऩथ अकाय नहं हो सकता जस ऩथ ऩय फभाय ोग े।
य मान यह, सपि फभाय ह ेत ह । जो ऩह ुंे ग , जो श ुध ह ु , जहन जाना , क जात ह । ेन का कोई सा नहं यह
जाता। अस भ , हभ ेत ह इस ह क कोई ासना हभ ेात है। ासना अऩता है। ईय को ऩान क ासना ब
अऩता है। भोऺ ऩह ुंेन क ासना ब अऩन द गुध यहत है। अस भ , जहा ंासना है, हं े क ु ऩ हो जागा। जहां ासना है, ह ंे तना स बय जागा। जहां ासना है ऩह ुंेन क , जहा ंआकांऺ ा है, ह ंदौी , ह ंऩागऩन ऩैदा होगा। य सफ
फभायमा ंआ जांग , सफ फभायमा ंइक हो जांग।
ाओस कहता है, जस ऩथ ऩय ेयर कमा जा सक , ह ऩथ सनातन ब नहं, अकाय ब नहं।
मा ऐसा ब कोई ऩथ ह ैजस ऩय ेयर न कमा जा सक ? मा ऐसा ब कोई ऩथ है जस ऩय ेा नहं जाता , यन खीा हो
जामा जाता है? मा ऐसा ब कोई ऩथ है जो खी होन क है?
कंा टय भा भू ऩीगा , उटा भा भू ऩीगा। यात ेान क होत ह , खी होन क नहं होत। कन ताओ उस ऩथ का
नाभ है जो ेा कय नहं ऩह ुंेाता , का कय ऩह ुंेाता है। कन े ू ंक क कय ोग ऩह ुंे ग ह , इस उस ऩथ कहत ह । े ू ंकोग क कय ऩह ुंे ग ह , इस उस ऩथ कहत ह । य े ू ंक दौी -दौी कय ब ोग ससंाय क कस ऩथ स कहं नह ंऩह ुं े ह ,
इस उस ऩथ सपि नाभ भा को ह कहा जा सकता है। ह ऩथ नह ंहै।
उस ा म का द सूया हसा है, ―जसक नाभ का स ुभयर हो , ह काजम ंसदा कयस यहन ाा नाभ नहं है।’
द नभ हे कैन फ न , जस नाभ दमा जा सक , जसका स ुभयर हो सक , जस शद दमा जा सक , ह अस नाभ नहं है। ह
काजम , सभम को जत , सभम क अतत हो , सभम जस नट न कय द, सैा ह नाभ नहं है। इस थोीा सभझ ।
सब ेज को हभ नाभ द दत ह । स ुधा होत है नाभ दन स। महाय -स ुब हो जाता है, संफंधत होना आसान हो जाता है,
षर स गुभ फन जाता है। नाभ न द तो फी जटता , उझन हो जात है। नाभ द फना इस जगत भ कोई गत नह।ं ऩयमान यह, जसै ह हभ नाभ द दत ह , सै ह उस त ुको , जसक असभता थ , हभ क सभत दयाजा फना दत ह ।
इस थोीा सभझ । त ओु ंको ब जफ हभ नाभ दत ह , तो हभ सभा द दत ह ।
क म त आऩक ऩास फै ा है। अब आऩको क ु छ ऩता नहं, ह कौन है। ऩीोस भ फैा ह ैआऩक , शयय उसका आऩको ऩिश कयता
है। अब आऩको क ु छ ब ऩता नहं है, ह कौन है। अब उसक सा याट है। पय आऩ ऩ छूत ह य ह कहता है क भ
भ सुभान ह ू ं, क हदं ूह ू ं। सा सक ु ी गई। जो -जो हदं ूनह ंह–ैह छंट गमा , गय गमा। उतना सा का हसा ट ूट कय अग हो
गमा। क सभत दामया फन गमा। ह भ सुभान है। आऩ ऩ छूत ह , शमा ह मा स ुन ह ? ह कहता है, स ुन ह ू ं। य ब हसा ,
भ सुभान का ब , गय गमा। आऩ ऩ छूत े जात ह । य ह अऩन आखय जगह ऩय ऩह ुंे जागा फतात-फतात। तफ ह फदं ु
भा यह जागा। ह म ू क फं द ुक बांत हो जागा। इतना सक ु ी जागा , इतना छोटा हो जागा , आखय भ तो ह क छोटासा ईगो , क छोटा सा अहंकाय भा यह जागा –सफ तयप स घया ह ुआ।
कन तफ स ुधा हो जाग हभ । तफ आऩ अऩन शयय को सकोी कय फै सकत ह , मा नकट सकत ह उसको दम क । तफ
आऩ उसस फात कय सकत ह , य तफ आऩ अऩऺा कय सकत ह क उसस मा उय भ गा। ह टफ हो गमा। अफ आऩ
बमार कय सकत ह । इस आदभ क साथ मादा दय फैना उेत होगा , नह ंहोगा , आऩ तम कय सकत ह । इस आदभ क साथ
अफ महाय स गुभ य आसान है। इस आदभ क जो यहमऩ िूर सा थ , अफ ह यहमऩ िूर नह ंयह गई। अफ ह त ुफन गमा
http://preetamch.blogspot.com/http://preetamch.blogspot.com/http://preetamch.blogspot.com/http://preetamch.blogspot.com/http://preetamch.blogspot.com/
-
8/18/2019 Tao Upanishad Hindi
8/285
Download More Osho Books in Hindi Download Hindi PDF Books For Free
इस ऩ ुतक का म जाता है याभ ज को जहन आिथक ऩ स हभाय सहामता क, आऩ ब हभाय सहामता कय सकत ह -
दख आखय ऩज
है। नाभ हभ दत ह इस ह क हभ महाय भ ा सक । ेज क साथ महाय कय सक ; ेज का हभ उऩमोग कय सक ; हभाय
साय द ह ु नाभ ऐस ह काभेाऊ , म ूटटयमन ह । उनक उऩमोगता ह,ै उनका सम नहं है।
मा हभ ऩयभाभा को , ऩयभ सा को ब नाभ द सकत ह ? मा हभाया दमा ह ुआ नाभ अिथऩ िूर होगा ?
हभ छोट स त ुको ब नाभ दत ह , तो उसक सा को ब क ृ त कय दत ह । हभन दमा नाभ क सा क ृ त ह ुई , सभा फधं।
हभ ऩयभाभा को नाभ , ऩह तो फात मह है, द न सक ग। मक कहं ब उस हभाय आखं दख नहं ऩात ह , कह ंब हभाय हाथउस छ ू नह ंऩात ह , कह ंब हभाय कान उस स नु नह ंऩात ह , कह ंउसस हभाया भन नहं होता है। य पय ब , जो जानत ह ,
कहत ह , हभाय आखं उस को दखत है सफ जगह ; उस को स नुत ह हभाय कान ; जो ब हभ छ ूत ह , उस को छ ूत ह ; य जसस ब
हभाया भन होता है, उस स भन है। ऩय म , जो जानत ह । जो नह ंजानत, उह तो उसका कहं दिशन नह ंहोता। उस नाभ
कैस द ग? य जो जानत ह , जह उसका ह दिशन होता है सफ जगह , ब उस कैस नाभ द ग? मक जो ेज कहं क जगह हो ,
उस नाभ दमा जा सकता है।
क भ को हभ भ सुभान कह सकत ह , मक ह भजद भ भता है, भंदय भ नह ंभता। ह आदभ भंदय भ ब भ
जा , ह आदभ ग ुाय भ ब भ जा , ह आदभ िेे भ ब भ जा , ह आदभ क दन तक गा ह ु य कितन
कयता भ जा य क दन नभाज ऩढ़ता भ जा , तो पय भ सुभान कहना भ ुक हो जागा। य तफ तो फह ुत ह भ ुक
हो जागा क जहां ब आऩ जां, ह आदभ भ जा। तफ तो पय उस भ सुभान न कह सक ग।
जो नह ंजानत ह , नाभ नह ंद सकत, मक उह ऩता ह नहं कस नाभ द यह ह । य जो जानत ह , ब नाभ नहं द
सकत, मक उह ऩता है, सब नाभ उस क ह , सब जगह ह है। ह है।
इस ाओस कहता है, उस नाभ नह ंदमा जा सकता। ऐसा कोई नाभ नहं दमा जा सकता , जसका स ुभयर हो सक ।
य नाभ तो इस होत ह क उनका स ुभयर हो सक । नाभ इस होत ह क हभ ऩ कुाय सक , फ ुा सक , भयर कय सक ।
अगय ऐसा उसका कोई नाभ है जसका स ुभयर न हो सक , तो उस नाभ कहना ह मिथ है। नाभ है कस ? क फाऩ अऩन फट को
नाभ दता है क फ ुा सक , ऩ कुाय सक ; जयत हो , आाज द सक । नाभ क उऩमोगता मा है , क ऩ कुाया जा सक । य ाओस
कहता है क स ुभयर हो सक , तो ह नाभ उसका नाभ नह ंहै। स ुभयर क ह तो ोग न नाभ यखा है। कोई उस याभ कहताह,ै कोई उस क ृ र कहता है, कोई उस अलाह कहता है। स ुभयर क ह तो नाभ यखा है। इस क हभ , जो नह ंजानत, उसक
माद कय सक , उस ऩ कुाय सक ।
कन हभ , जह उसका ऩता ह नह ंह,ै हभ उसका नाभ कैस यख ग? य जो ब हभ नाभ यख ग ह हभाय संफधं भ तो खफय
दगा , उसक सफंधं भ कोई ब खफय नहं दगा। जफ आऩ कहत ह , हभन उसका नाभ याभ यखा है। तो उसस खफय भत है क आऩ
हदं ूघय भ ऩदैा ह ु ह , य क ु छ ब नह।ं इसस उसका नाभ ऩता नहं ेता। आऩ कहत ह , हभ उसका नाभ अलाह भानत ह ।
इसस इतना ह ऩता ेता है क आऩ उस घय भ फी ह ु ह जहा ंउसका नाभ अलाह भाना जाता यहा है। इसस आऩक फाफत ऩता
ेता है; इसस उसक सफंधं भ क ु छ ब ऩता नहं ेता। य इस तो अलाह को भानन ाा याभ को भानन ा स ी
सकता है। अगय अलाह ा को ऩता होता क मह कसका नाभ है, य याभ ा को ऩता होता क मह कसका नाभ है, तो झगीा
असबं था। ह तो क ु छ ब ऩता नहं है। नाभ ह हभाय हाथ भ है। जस हभन नाभ दमा है , उसका हभ कोई ब ऩता नहं है।
ाओस फी अदब तु शित गाता है। ह शित मह गाता ह ैक जसका भयर कमा जा सक , ह उसका नाभ नहं है।
य सब नाभ का भयर कमा जा सकता है। ऐसा कोई नाभ आऩको ऩता है जसका भयर न कमा जा सक ? अगय भयर न
कमा जा सक , तो आऩको ऩता ब कैस ेगा ?
फोधधिभ साट ूक साभन खीा है। य साट ून उसस ऩ छूा ह,ै फोधधिभ, उस ऩ य ऩयभ सम क सफंधं भ क ु छ कहो!
फोधधिभ न कहा , कैसा ऩ ? क ु छ ब ऩ नहं है! नथ गं इज़ हो! य कैसा ऩयभ सम ? दमय इज़ नथ गं फट ऩटनस। श ूम
क अतय त य क ु छ ब नह ंहै।
बात, साट ूेका य उसन फोधधिभ स कहा , पय मा भ मह ऩ छून क इजाजत ऩा सकता ह ू ं क भय साभन जो खीा
होकय फो यहा है, ह कौन है? तो फोधधिभ न मा कहा , ऩता है? फोधधिभ न कहा , आई ू नॉट नो , भ नह ंजानता। मह जो त ुहाय
साभन खी होकय फो यहा है, मह कौन है, मह भ नह ंजानता।
ूतो सभझा क मह आदभ ऩाग है। ून कहा , इतना ब ऩता नह ंक त भु कौन हो ? फोधधिभ न कहा , जफ तक ऩता था , तफ तक
क ु छ ब ऩता नहं था। जफ स ऩता ेा है, तफ स मह ब नह ंकह सकता क ऩता है। मक जसका ऩता े जा , जस हभ
ऩहेान , जस हभ नाभ द द , ह ब कोई नाभ है!
http://preetamch.blogspot.com/http://preetamch.blogspot.com/http://preetamch.blogspot.com/http://preetamch.blogspot.com/http://preetamch.blogspot.com/
-
8/18/2019 Tao Upanishad Hindi
9/285
Download More Osho Books in Hindi Download Hindi PDF Books For Free
इस ऩ ुतक का म जाता है याभ ज को जहन आिथक ऩ स हभाय सहामता क, आऩ ब हभाय सहामता कय सकत ह -
दख आखय ऩज
ाओस कहता है, जसका स ुभयर कमा जा सक , ह उसका नाभ नहं है। य जसका स ुभयर कमा जा सक , ह सभम क ऩाय
नह ं जागा। सभम क ऩाय ह त ुजा सकत है जो सदा सभम क ऩाय है ह। काातत ह हो सकता है जो काातत है ह।
सभम क बतय जो ऩदैा होता है, ह सभम क बतय नट हो जाता है। अगय आऩ कह सकत ह क भ न ऩांे फज कय ऩांे भनट
ऩय भयर कमा ब ुका , तो मान यखना , मह भयर सभम क ऩाय न जा सक गा। जो सभम क बतय ऩ कुाया गमा था , ह सभम
क बतय ह ग ू जं कय सभात हो जागा। य ऩयभाभा सभम क फाहय है। म ? मक सभम क बतय सपि ऩयित न है। य
ऩयभाभा ऩयितन नह ंहै।
अगय क स सभझ , तो सभम का अिथ है ऩयितन। कब आऩन खमा कमा क आऩको सभम का ऩता म ेता है ? से तो मह
है क आऩको सभम का कब ऩता नहं ेता , सपि ऩयितन का ऩता ेता है। इस ऐसा । इस कभय भ हभ इतन ोग फै ह ।
अगय ऐसा हो जा क िष बय हभ महां फै यह य हभभ स कोई ब जया ब ऩयितत न हो , तो मा हभ ऩता ेगा क िष
फत गमा ? क ु छ ब ऩयितत न हो , क िष क मह कभया हय जा , मह जसैा है ैसा ह िष बय क यह जा , तो मा
हभ ऩता े सक गा क िष बय फत गमा ? हभ मह ब ऩता नह ंेगा क ऺर बय ब फता। मक फतन का ऩता ेता है
ेज क फदाहट स। अस भ , फदाहट का फोध ह सभम है। इस जतन जोय स ेज फदत ह , उतन जोय स ऩता ेता
है। आऩको दन का जतना ऩता ेता है, उतना यात का नहं ऩता ेता।
क आदभ सा सा जता है, तो फस सा सोता है। कन फस सा का कोई काउंट है? फस सा का क ु छ ऩता ह?ै फस सा
सा सा भ आदभ सोता है। ऩय फस सा का कोई हसाफ नह ंहै। फस सा का कोई ऩता नहं ेता ; नदं भ फत जात ह ।हा ंेज क ु छ थय हो जात ह । उतन जोय स ऩयितन नह ंहै, सीक उतन जोय स नहं ेत , ैपक उतन गत भ नह ंहै। सफ
ेज हय ह । आऩ अक यह ग ह ।
अगय क म त को हभ फहोश कय द य सौ सा फाद उस होश भ ा,ं तो उस फक ु ऩता नह ंेगा क सौ सा फत
ग। जाग कय ह ेक गा। य अगय ह ऐस ह द ुनमा ाऩस ऩा सक जसैा ह सोत त ऩाई थ उसन –ह ोग उसक ऩास
ह ; ह घी -काटंा ह ंहो दाय ऩय टका ह ुआ ; फचेा क ू गमा था , अब न ौटा हो ; ऩन खाना फनात थ , उसक फितन क
आाज केन स आत हो ; य ह आदभ जग–तो उस फक ु ऩता नह ंेगा क सौ सा फत ग।
सभम का फोध ऩयितन का फोध है। े ू ंक ेज बाग यह ह , फद यह ह , इस सभम का फोध होता है। इस जतन जोय स
ेज फदन गत ह , उतन टाइभ काशंसनस , सभम का फोध फढ़न गता है।
ऩ युान द ुनमा भ सभम का इतना फोध नहं था। ेज थय थ।ं कयफ -कयफ ह थं। फाऩ जहा ंेज को छोीता था , फटा ह ंऩाता
था। य फटा पय ेज को हं छोीता था जहां उसन अऩन फाऩ स ऩामा था। ेज थय थ।ं अफ क ु छ ब सैा नह ंहै। जहा ंक
था , आज नह ंहोगा ; जहा ंआज है, क नह ंहोगा। सफ फद जागा। इस सभम का बाय फोध। क -क ऩ सभम का कभत
भा भू ऩीता है।
सभम भ जो ब ऩदैा होगा , ह ऩयितत होगा ह। सभम क बतय सनातन क कोई घटना श नह ंकयत। शात क कोई कयर
सभम क बतय नह ंआत। ऐसा ह सभझ क जसै जो नद भ होगा ह गा होगा ह। हां, जस गा नह ंहोना , उस तट ऩय होना
ऩीगा। सभम क धाया भ जो होगा ह ऩयितत होगा ह। सभम क फाहय होना ऩीगा , तो अऩयितत नम का जगत ायंब होता
है।
ाओस कहता है, जो नाभ स ुभयर कमा जा सक…।
स ुभयर तो सभम भ होगा। शद का उचेायर तो सभम गा। क ऩ यूा शद ब हभ क ऺर भ नह ंफो ऩात। क हसा फो
ऩात ह , पय द सूया द सूया , तसया तसया। जफ भ फोता ह ू ं सभम , तफ ब सभम फह यहा है–स फोता ह ू ं य हस भ , भ फोता ह ू ं
य हस भ , म फोता ह ू ं य हस भ ।
हया त ुन कहा है, म ूकैन नॉट टऩ ाइस इन द सभ यय –क ह नद भ द फुाया नह ंउतय सकत हो। मक जफ द फुाया
उतयन आओग तफ तक नद तो फह गई होग।
हया त ुब फह ुत कंज सू स कह यहा है। से तो मह है, न कैन नॉट टऩ ईन ंस इन द सभ यय। मक जफ भय ऩै य का
ता ऩान क ऊऩय क धाय को छ ूता है, नद बाग जा यह है। य जफ भया ता थोीा सा श कयता है, तफ नद बाग जा
यह है। जफ भ नद को ऩिश कयता ह ू ं, तफ नद भ ऩान य था ; य जफ भ नद क तहट भ ऩह ुंेता ह ू ं, तफ ऩान य है। क
फाय ब नह ंछ ू सकता।
य नद तो क ह है। जफ नद को भ छ ू यहा ह ू ं, तो नद ह फद यह होत तो ब क था। जो ऩैय छ ू यहा है, ह ब उतन ह
तज स फदा जा यहा है। नहं, नद भ द फुाया उतयना तो असबं है; क फाय ब उतयना असंब है। इस नह ंक नद फद यह
http://preetamch.blogspot.com/http://preetamch.blogspot.com/http://preetamch.blogspot.com/http://preetamch.blogspot.com/http://preetamch.blogspot.com/
-
8/18/2019 Tao Upanishad Hindi
10/285
Download More Osho Books in Hindi Download Hindi PDF Books For Free
इस ऩ ुतक का म जाता है याभ ज को जहन आिथक ऩ स हभाय सहामता क, आऩ ब हभाय सहामता कय सकत ह -
दख आखय ऩज
ह,ै इस ब क नद भ उतयन ाा ब फद यहा है। जफ नद क ऩह सतह ऩय भ न ऩयै यखा था , तो भया भन य था। य
जफ नद क आध सतह ऩय भ ऩह ुंेा था , तो भया भन य हो गमा। य जफ तहट भ भया ऩैय ऩीा , तफ भया भन य था। नहं,
इतना ह नहं क शयय फद यहा है, भया भन ब फदा जा यहा है।
फ ुध कहत थ अनक फाय ; कोई आता तो फ ुध कहत उसस जात त , मान यखना , त भु जो आ थ ह ाऩस नह ंौट यह हो!
अब घी बय ऩह ह आदभ आमा था। ेक जात थ ोग य कहत थ, मा कहत ह आऩ ? फ ुध कहत थ, नेत ह! त भुन
स नुा , भ न कहा , इतन भ ब सफ फद गमा है।
झन पकय फोकोज ूक ऩ ु ऩय स ग जुय यहा है। साथ है क साथ भ । ह साथ फोकोज ूस कहता है, दखत ह आऩ , नद कतन जोय
स फह जा यह है! फोकोज ूकहता है, नद का फहना तो कोई ब दखता है भ , जया गौय स दख , ऩ ु ब कतन जोय स फहा जा यहा
ह–ैद ज!
ह आदभ ेक कय ेाय तयप दखता है, ज तो अऩन जगह खीा है। ऩ ु कह ंफहत ह ? नदमां फहत ह । ह आदभ ेक कय
फोकोज ूक तयप दखता है। फोकोज ूकहता है, य मह तो अब भ न त झुस ऩ यू फात न कह। य गौय स दख , ऩ ु ऩय जो खी ह ,
य ब जोय स फह जा यह ह ।
महा ंजो ब घटत होता है सभम क बतय , ह ऩयितन है। महां जो ब कहा जाता है, ह भट जागा। महां जो ब खा जाता है,ह फ झु जागा। महां सफ हताऺय यत क ऊऩय ह । यत ऩय ब नहं, ऩान ऩय।
तो जो नाभ ऩयभाभा का भयर कमा जा सक , ओं स, ार स, शद स, सभम भ , थान भ ; नहं, ह काजम नाभ नह ंहै। ह
ह नाभ नहं ह,ै जो सभम क ऩाय है। कन उस नाभ को भयर नहं कमा जा सकता। उस कोई जान सकता है, फो नह ंसकता।
उस कोई ज सकता है, ऩ कुाय नह ंसकता। उसभ कोई हो सकता है , कन अऩन ओं ऩय , अऩन जब ऩय उस नहं यख सकता।
साथ ह कहता है ाओस, न तो ह काजम है य न सदा कयस यहन ाा है।
क सा यहन ाा नहं है। य ऩयभाभा ब जो फद जा उस मा ऩयभाभा कहना ? य भािग ब जो फद जा उस मा भािग
कहना ? य सम ब जो फद जा उस मा सम कहना ? सम स अऩऺा ह मह है क हभ कतन ह बटक य कह ंह , जफ बहभ ऩह ुंे ग, ह ह होगा –कयस , सैा ह होगा –कयस। हभ कैस ब ह , हभ कह ंब बटक , जभ य जभ क माा क फाद जफ
हभ उस ाय ऩय ऩह ुंे ग, तो ह ह होगा –कयस।
कयसता , क सा ह होना –इसभ दोन फात खमा भ न जसै ह । ह हो सकता है क सा जो ऩ िूर हो। जो अऩ िूर हो ह क
सा नह ंहो सकता। मक अऩ िूरता क बतय गहय ासना ऩ िूर होन क फन यहत है। ह तो ऩयितन कयात है। नद कैस क
जगह क यह? उस सागय स भना है। बागत है। आदभ कैस क जगह का यह? उस न भा भू कतन ासना ंऩ यू कयन ह !
न भा भू कतन सागय! भन कैस क सा फना यह? उस फह ुत दौीना है, फह ुत ऩाना है। कयस तो ह हो सकता है , जस ऩान को
क ु छ ब नह,ं ऩह ुंेन को कोई जगह नह।ं ह जो ऩह ुंे गमा हां, हो गमा ह जसक आग य कोई होना नहं है; मा जो है सदा स
ह।
मान यह, कयस का अिथ है ऩ िूर। ऩ िूर भ द सूया यस ऩैदा नह ंहोता।
नसदन क संफधं भ क भजाक फह ुत जाहय है। क ताय ाा ाम उा ामा था पकय नसदन। ऩय उस ाम क गिदन
ऩय क ह जगह उंग यख कय , य यगीता यहता था ताय को। ऩन ऩयशान ह ुई। क दन , दो दन , ेाय दन , आ दन। उसन
कहा , ऺभा कय , मह कौन सा संगत आऩ ऩदैा कय यह ह ? भोहल क ोग ब फ ैेन य ऩयशान हो ग। आध -आध यात य ह
क ह त ू ं ू ,ं क ह फजत यहत थ।
आखय साय ोग इक हो ग। कहा , नसदन , अफ फदं कयो! फह ुत दख फजान ा, त भु ब क न फजान ा भा भू ऩीत हो!
हभन फी-फी फजान ा दख। आदभ हाथ को इधय -उधय ब सयकाता है, क ु छ य आाज ब नकाता है। मह मा त ू ं ू ंत भु क
ह गा यखत हो ; सय ऩका जा यहा है। भोहला छोीन का ेाय कय यह ह । मा तो त भु छोी दो , मा हभ! भगय इतना तो फता दोक त भु जसैा फ ुधभान आदभ य मह क ह आाज ? ऐसा तो हभन कोई संगतऻ नह ंदखा।
नसदन न कहा क ोग अब क थान खोज यह ह , भ ऩह ुंे गमा ह ू ं। न े-ऊऩय हाथ पया कय क जगह खोज यह ह क
कहा ंहय जां। हभ ऩह ुंे ग ह । हभ तो ह फजांग। भंज आ गई।
मह भजाक था नसदन का। कन उस आदभ न फी गहय य कभत भजाक क ह । अगय ऩयभाभा कोई य फजाता होगा ,
तो क ह होगा। हाथ उसका इधय -उधय न सयकता होगा। हां कोई धाया न फहत होग , हा ंकोई ऩयितन न होगा।
http://preetamch.blogspot.com/http://preetamch.blogspot.com/http://preetamch.blogspot.com/http://preetamch.blogspot.com/http://preetamch.blogspot.com/
-
8/18/2019 Tao Upanishad Hindi
11/285
Download More Osho Books in Hindi Download Hindi PDF Books For Free
इस ऩ ुतक का म जाता है याभ ज को जहन आिथक ऩ स हभाय सहामता क, आऩ ब हभाय सहामता कय सकत ह -
दख आखय ऩज
ाओस कहता है, कयस नह ंहै ह , जो हभ फो सकत ह ; जो आदभ उचेायत कय सकता है, ह उसका नाभ नहं है।
अंतभ ऩ स इस स ू भ क फात य सभझ ।
शद हो , नाभ हो , सफ भन स ऩैदा होत ह । साय स ृट भन क है। भन ह निभत कयता य फनाता है। य भन न है। भन को
क ु छ ब ऩता नहं। कन जो भन को ऩता नहं है, भन उसको ब निभत कयता है। निभत कयक क त ृत हभ भत है क अफ
हभ ऩता है।
अगय भ आऩस कह ू ं, आऩको ईय का कोई ब ऩता नहं है, तो फी फ ैेन ऩदैा होत है। कन भ आऩस कह ू ं क अय आऩको
फक ु ऩता है, आऩ जो स फुह याभ -याभ जऩत ह , ह तो है ईय का नाभ , भन को याहत भत है। अगय भ आऩस कह ू ं, नह,ं कोई
उसका नाभ नह,ं य जो ब नाभ त भुन मा है, मान यखना , उसस उसका कोई ब संफधं नह ंहै, तो भन फ ? फे नै भ , ैम भू
भ , श ूम भ छ ूट जाता है। उस कोई सहाया नहं भता खी होन को , ऩकीन को। य भन जलद ह सहाय खोजगा। सहाया भ
जा , तो पय य आग खोजन क कोई जयत नहं यह जात।
भन सटटम टू दता ह ैसम क , सम क ऩयऩ यूक मथा कय दता है। कहता है, मह यहा , इसस काभ े जागा। य जो भन
ऩय क जात ह , उन ऩथ ऩय क जांग जो आदभ क फना ह ु ह , उन शा ऩय क जागं जो आदभ क निभत , य उन
नाभ ऩय क जांग जनका ऩयभाभा स कोई ब संफधं नह ंहै।
इस ऩह ह छोट स ऩयभ ेन भ ाओस साय संबाना ंतोी दता ह।ै सहाय, साय सहाय, छन ता है। आदभ का भन जो ब
कय सकता है, उसक साय क साय ऩ ूि-ब ूभका नट कय दता है। सोे ग हभ क अगय ऐसा ह है, तो अफ ाओस आग खगा
मा ? कहगा मा ? जो नह ंकहा जा सकता , उसको कहगा ? जस ऩथ ऩय ेयर नह ंहो सकता , उसका इशाया कयगा ? जस अकाय
को , जस काजम को इंगत कय यहा है, शद भ उस ाओस फांधगा कैस?
ाओस क ऩ यू मा नषध क होग। इस नषध क संफधं भ क ु छ फात सभझ , ताक आग ाओस को सभझना आसान
हो जा।
दो ह यात इस जगत भ इशाया कयन क । क याता है ऩाजट , धामक इंगत कयन का। आऩ भ झुस ऩ छूत ह , मा है मह ? भ नाभ दता ह ू –ंदाय है, दयाजा है, भकान है। धामक अगं ु सधा ह इशाया कय दत है, ामय ट , मह यहा। आऩ ऩ छूत थ, दयाजा
कहा ंहै? मह है। आऩ ऩ छूत थ, दमा कहा ंह?ै मह है।
कन अगं ुम स जस तयप इशाय क जा सकत ह , ऺु ह हो सकत ह ेज । याट क तयप अंग ुम स इशाय नहं क
जा सकत। ऺु क तयप इशाया अगं ु स कमा जा सकता है–मह। कोई ऩ छूता है, ऩयभाभा कहा ंहै? तो नह ंकहा जा सकता , मह है।
ऩयभाभा क तयप इशाय अंग ुम स नह ंकयन ऩीत; सफ अगं ुमा ंफाधं कय , भ ु फदं कयक कयन ऩीत ह क मह है। जफ भ ु
फाधं कय कोई कहता है क मह है, तो उसका भतफ है इशाया कहं ब नहं जा यहा है–नोहमय गोइगं। कस तयप है, ऐसा नह ंकह
सकत; मक सफ तयप है।
कन ह आदभ तो इसस याज न होगा। भ ु फाधं कय अगय भ कह ू ं क मह है, तो शामद सभझगा क भ ु है। तो भ झु कहनाऩीगा , मह ब नहं ह,ै भ ु ब नहं है। य तफ नषध श ु होगा। शामद ह आदभ ऩ छूगा , शामद आऩ सभझ नह,ं भ य अऩन
सा को सय कय ू ।ं ऩ यूफ क तयप है? तो भ झु कहना ऩीगा , नह।ं जानत ह ु क ऩ यूफ ब उस भ ह,ै कहना ऩीगा , नह।ं मक
अगय भ कह ू ं ऩ यूफ क तयप है, तो पय दऺर का मा होगा ? उय का मा होगा ? ऩेभ का मा होगा ? य जफ हभ कहत ह , हा,ं
ऩ यूफ क तयप है, तो जान-अनजान हभ कह जात ह क ऩेभ क तयप नहं है। मक दशां तो सपि सभत क स ूे ना दत
ह । शष जो यह जाता है, उसको इनकाय कय दत ह ।
तो द सूया याता है नषध -इंगत का। उसभ जफ कोई फतान ेता है , तो ह मह नहं कहता , मह है। ह कहता है, मह नह ंहै, मह
नह ंहै, मह नह ंहै, नत -नत। नॉट दस , नॉट दस , नॉट दस , ह कहता ेा जाता है। फी धयज क जयत है नषध क भािग ऩय।
मक जो -जो आऩ कह ग, मह है? ह कहगा , नह ंहै। जो -जो आऩ कह ग, मह है? ह कहगा , नहं है। य ह जगह आ जाग , जफ
ऩ छून को क ु छ ब न यहगा क मह है? तफ ह कहगा , मह है।
जसै आऩ कभय भ भ झुस ऩ छून े य आऩन टफ ऩकी य क ु स ऩकी य दाय ऩकी। य भ इनकाय कयता गमा , इनकाय
कयता गमा। य कभय क सफ ेज े कु ग। य आऩन भ झु ऩकीा , य भ न इनकाय कमा। य आऩन आऩको ऩकीा , य भ न
इनकाय कमा। य इनकाय कयन को क ु छ ब न फेा। तफ ाओस कहगा , मह है। कन तफ आऩक कनाई होग ; आऩ कह ग,
अफ तो सफ इनकाय कय दमा। अफ ?
http://preetamch.blogspot.com/http://preetamch.blogspot.com/http://preetamch.blogspot.com/http://preetamch.blogspot.com/http://preetamch.blogspot.com/
-
8/18/2019 Tao Upanishad Hindi
12/285
Download More Osho Books in Hindi Download Hindi PDF Books For Free
इस ऩ ुतक का म जाता है याभ ज को जहन आिथक ऩ स हभाय सहामता क, आऩ ब हभाय सहामता कय सकत ह -
दख आखय ऩज
अस भ , जो इनकाय कयक ब इनकाय नहं कमा जा सकता –ह है। जस हभ इनकाय कय द य इनकाय हो जा , उसक मा सा
है! आदभ क हा ंकहन ऩय जसका होना निबय है, आदभ क न कहन ऩय जसका न होना निबय है, उसका ब कोई भ लूम ह?ै
आतक कहता है, ह;ै य सोेता है क ईय उसक है कहन स क ु छ फान होता होगा। नातक कहता है, नह ंह;ै य सोेता है
क शामद नह ंकहन स ईय कभजोय होता होगा। य ऐसा नातक ह नहं सोेता ; आतक ब सोेता है क कस न अगय
कहा , नह ंहै, तो फीा न कुसान ऩह ुंेाता है। य ऐसा आतक ह नह ंसोेता ; नातक ब सोेता है क कस न कहा , ह,ै तो जाओ
खंन कयो क नह ंहै; मक फीा न कुसान ऩह ुंेाता है। आदभ क हा ंय न कहन स…।
क फह ुत ऩ युान तफतन कथा है क क छोटा सा भचछय था। आदभ न ख , इस छोटा सा खा है। भचछय फह ुत फीा था ,
भचछय भ फी स फीा भचछय था। कहना ेाह , भचछय भ याजा था , साट था। कोई भचछय गोफय क ट ऩय यहता था , कोई भचछय
ृऺ क ऊऩय यहता था , कोई भचछय कहं। याजा कहा ंयह, फी ंेता भचछय भ पै। पय क हाथ का कान खोजा गमा। य
भचछय न कहा क भह तो मह है आऩक यहन क मोम।
भचछय जाकय दयाज ऩय खीा ह ुआ , हाथ क कान ऩय। भहान शाकाम दयाजा था –हाथ -ाय। भचछय न दयाज ऩय खी होकय
कहा क स नु ऐ हाथ , भ भचछय का याजा , पा-ंपा ंभया नाभ , आज स त झु ऩय क ृ ऩा कयता ह ू ं, य तय कान को अऩना नास -
थान फनाता ह ू ं। जसैा क याज था , भचछय न तन फाय घोषरा क। मक मह उेत नहं था क कस क बतय नास फनामा
जा य खफय न क जा। हाथ खीा स नुता यहा। भचछय न सोेा , क है–भौनं सभत ऺरभ ।् ह सभत दता है, भौन है।
पय भचछय ष तक यहता था , आता था , जाता था। उसक फच े, सतंत य फीा ताय ह ुआ , फीा ऩयाय हा ंयहन गा। पय ब
जगह फह ुत थ। भहभान ब आत, य ब ोग कत। फह ुत काप था।
पय य कोई जगह साट क खोज गई य भचछय न कहा क अफ आऩ े, हभ य फीा भह खोज ह । तो
भचछय न पय दयाज ऩय खी होकय कहा क ऐ हाथ स नु , अफ भचछय का साट , पा-ंपा ंभया नाभ है, अफ भ जा यहा ह ू ं। हभन
त झु ऩय क ृ ऩा क। तय कान को भह फनामा।
कोई आाज न आई। भचछय न सोेा , मा अफ ब भौन को सभत का ऺर भानना ऩी गा ? अफ ब ? मह जया द खुद भा भू ऩीा
क क है, जाओ , क ु छ भतफ नह।ं ह हा ंब नहं बय यहा है, न ब नह ंबय यहा है। उसन य जोय स ेला कय कहा , कन
पय ब क ु छ ऩता न ेा। उसन य जोय स ेला कय कहा। हाथ को धभ स आाज स नुाई ऩी क क ु छ …। हाथ न गौय सस नुा , तो स नुाई ऩीा क क भचछय कह यहा है क भ साट भचछय का , भ जा यहा ह ू ं, त झु ऩय भय क ृ ऩा थ , इतन दन तय कान भ
नास कमा। मा त झु भय आाज स नुाई नह ंऩीत है?
हाथ न कहा , भहान बुा , आऩ कफ आ , भ झु ऩता नहं। आऩ कतन दन स यह यह ह , भ झु ऩता नह।ं आऩ आइ , यह , जाइ , जो
आऩको कयना हो , कय। भ झु क ु छ ब ऩता नहं है।
तफतन पकय इस कथा को कस अिथ स कहत ह । आदभ आता है। दिशन , पासप , धिभ, भािग, ऩथ , सम , सधातं , शद निभत
कयता है। ेला -ेला कय कहता है इस अत क ेाय तयप क स नुो , याभ है उसका नाभ! क स नुो , क ृ र है उसका नाभ!
आकाश े ऩु है। उस अनंत को कह ंकोई खफय नहं भत। हाथ न तो भचछय को आखय भ स नु ब मा , मक हाथ य
भचछय भ कतना ह पकि हो , कोई ाटट पकि नहं है। ां टट का पकि है; भाा ह का पकि है। हाथ जया फीा भचछय है,भचछय जया छोटा हाथ है। कोई ऐसा ग रुाभक बद नहं है क दोन क फे िेेा न हो सक । हो सकत है, थोी कनाई ऩीग।
भचछय को फह ुत जोय स फोना ऩीगा , हाथ को फह ुत गौय स स नुना ऩीगा। कन घटना घट सकत ह,ै असबं नह ंहै।
कन अत य भन ुम क भन क फे कोई इतना ब संफधं नह ंहै। न हभ आत ह , तफ उस ऩता ेता है क हभन फ -फाज
फजा कय घोषरा कय द है क भया जभ हो यहा है। न हभ भयत ह , तफ उस ऩता ेता है। हभ आत ह य े जात ह । ऩान
ऩय खंे यखा क बांत फनत ह य भट जात ह । कन इस थोी स दय भ , जफ क यखा फनन य भटन क फे भ थोी दय
फेत है, उतन थोी दय भ हभ न भा भू कतन शद निभत कयत ह । उस फे हभ न भा भू कतन सधातं निभत कयत ह ।
उस फे हभ न भा भू कतन शा फनात ह , संदाम फनात ह । उस फे हभ भन का ऩ यूा जा पैा दत ह ।
ाओस उस जा को काटगा। नत -नत उसक कहन का ढंग है। अस भ , जनको ऩयभ क सफंधं भ क ु छ कहना हो , ऩयभ क संफधंभ क ु छ कहना हो , तो उह कहना ह ऩीगा क उस संफधं भ क ु छ नह ंकहा जा सकता। य पय कहन क कोशश कयन ऩीग।
य ह कोशश मह होग क मह नहं है, मह नह ंहै। ह ऩथ , जस ऩय ेयर कमा जा सक , नह,ं ह नह ंहै। ह शद , जसका
भयर कमा जा सक , नह,ं ह नह ंहै।
य आऩ बाषा क ब ू भ भत ऩी जाना। मक जसका भयर कमा जा सक , ह है नाभ ; य तो कोई नाभ हभ फो नह ं
सकत। य जस ऩय ेयर कमा जा सक , उस को तो हभ ऩथ कहत ह ; य कस ऩथ को तो हभ जानत नह ंह । अगय इसको
फक ु क , क स यख दमा जा , तो फह ुत हैयान होग। ह हैयान मह होग क अगय इसको ऐसा कहा जा: जो ब ऩथ है, ह
http://preetamch.blogspot.com/http://preetamch.blogspot.com/http://pre