Pranav sadhana omkar
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Transcript of Pranav sadhana omkar
प्रणव साधनाप्रणव साधनाप्रणव साधना
ओम् प्रार्थना
ओकंारं ब ंदुसयुंक् तं बनत्यं ध्यायबतत योबिन: ।
कामद ंमोक्षद ंचैव ओकंाराय नमो नम: ।।
ओम् की उत्पबि
क. ब ि ैंि थ्योरी
ख. ओम् का जतम
प्रणव
क. ओम् के अतय नाम
ख. तस्य वाचकः प्रणवः
ग. उद् िीर्
ओम् रूप – िणेश रूप
ॐ
अकार चरणयुिल | उकार उदर बवशाल ||
मकार महामण्डल | मस्तकाकारे ||
ओम् का प्रधान रूप - अ उ म
क. बिमूबतथ - ब्रह्मा - बवष्णु - महेश
ख. बिकाल - भूत - वतथमान - भबवष्य
ग. बिलोक - भू - भुवः - स्वः
घ. बििुण - तम - रज - सत्व
ङ. तीन अवस्र्ा - जािृत - स्वप्न – सषुुप्त (तुरीया)
ओम् का महत्त्व
क. मंि की शबक् त ओम
ख. आध्याबत्मक महत्त्व
बवबभतन भाषा में बवबभतन बलबप
Devnagari*Jain*Telugu/Kannada * Tamil * Oriya/Assamese/Bengali
Vedic script Malayalam Sikhism Balinese Sidhham Tibetan
प्रणवोच्चार
क. सतंतं तैल धारैव दीर्थरं्टा बननाद् वत |
दीरं् प्रणवमुच्चायथ िंभीरं शंखनाद् वत ||
ख. पद्धबत
ग. प्रभाव
ओम्कार जप साधना
क. वाबचक
ख. उपांशु
ग. मानबसक
घ. अजपाजप
ओम्कार के लाभ
क. शारीररक स्वास्थ्य
ख. मानबसक स्वास्थ्य
ि. उपचारात्मक दृष्टिकोण
शारीररक स्वास्थ्य
• मन की शांत बस्र्बत प्राप्त होती है |
• अनुकंपी परानुकंपी स्वायत संस्र्ानर पर प्रभाव |
• नाडीयां शुद्ध होती है |
• त्वचा सबिय होती है |
• अंतःस्त्रावी गं्रबर्यर पर प्रभाव |
• प्राणायाम का एक प्रकार |
• स्वरयंि का स्वास्थ्य अच्छा होता है |
मानबसक स्वास्थ्य
• मन की शांत बस्र्ती प्राप् त होती है |
• एकाग्रता , स्मरणशबक् त ढती है |
• आत्मबवश्वास , बनणथयशबक् त का बवकास |
• मन समाधानी और आनंदी नता है |
उपचारात्मक दृष्टिकोण
• ब्लडपे्रशर बनयंबित |
• दमा का रोि |
• मानबसक तनाव |
• बनद्रादोष , वाणीदोष |
• डायब बटस , हृदयरोि , केतसर |
सारांश
धतयवाद