Lanka Kand - Shri Ramcharit Manas - Gita Press Gorakhpur

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श्री�रा�मचरिरातम�नस लं का�का�ण्ड षष्ठ स�पा�न- म गलं�चराणश्लो�का :* रा�म का�म�रिरास�व्यं भवभयहराण का�लंमत्ते�भसिंस ह य�ग�न्द्रं ज्ञा�नगम्य ग%णनिनधि(मजि*त निनग%+ण निनर्विव का�राम- ।म�य�त�त स%रा�शं खलंव(निनरात ब्रह्मव3न्दै5कादै�व वन्दै� कान्दै�वदै�त सरासिस*नयन दै�वम%व7शंरूपाम- ॥1॥भ�व�र्थ+:- का�मदै�व का� शंत्रु% सिशंव*� का� स�व्यं, भव (*न्म-म3त्य%) का� भय का� हरान� व�लं�, का�लं रूपा� मतव�लं� ह�र्थ� का� सिलंए सिंस ह का� सम�न, य�निगय> का� स्व�म� (य�ग�श्वरा), ज्ञा�न का� द्वा�रा� *�नन� य�ग्य, ग%ण> काC निनधि(, अ*�य, निनग%+ण, निनर्विव का�रा, म�य� स� पारा�, दै�वत�ओं का� स्व�म�, दुष्टों> का� व( मH तत्पारा, ब्र�ह्मणव3न्दै का� एकाम�त्रु दै�वत� (राक्षका), *लं व�लं� म�घ का� सम�न स% दैरा श्य�म, कामलं का� स� न�त्रु व�लं�, पा3थ्व�पानित (रा�*�) का� रूपा मH पारामदै�व श्री� रा�म*� काC मM व दैन� कारात� हूँO॥1॥* शं ख�न्द्वा�भमत�वस%न्दैरातन% शं�र्दू+लंचम�+म्बरा का�लंव्यं�लंकारा�लंभRषण(रा ग ग�शंशं� कानिSयम- ।का�शं�शं कासिलंकाल्मषUघशंमन काल्य�णकाल्पाद्रुम नUम�ड्यं निगरिरा*�पातिंत ग%णनिनधिं( कान्दैपा+ह शं काराम- ॥2॥भ�व�र्थ+:- शं ख औरा च द्रंम� काC स� का� नित का� अत्य त स% दैरा शंरा�रा व�लं�, व्यं�घ्रचम+ का� वस्त्रु व�लं�, का�लं का� सम�न (अर्थव� का�लं� रा ग का� ) भय�नका सपा\ का� भRषण (�राण कारान� व�लं�, ग ग� औरा च द्रंम� का� S�म�, का�शं�पानित, कासिलंय%ग का� पा�पा समRह का� न�शं कारान� व�लं�, काल्य�ण का� काल्पाव3क्ष, ग%ण> का� निन(�न औरा का�मदै�व का� भस्म कारान� व�लं�, पा�व+त� पानित वन्दैन�य श्री� शं कारा*� का� मM नमस्का�रा कारात� हूँO॥2॥य� दैदै�नित सत� शंम्भुः%^ का5 वल्यमनिपा दुलं+भम- ।खलं�न� दैण्डका3 द्यो�ऽसU शं कारा^ शं तन�त% म�॥3॥

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भ�व�र्थ+:- *� सत- पा%रुष> का� अत्य त दुलं+भ का5 वल्यम%सिb तका दै� ड�लंत� हM औरा *� दुष्टों> का� दैण्ड दै�न� व�लं� हM, व� काल्य�णका�रा� श्री� शंम्भुः% म�रा� काल्य�ण का� निवस्त�रा काराH॥3॥दै�ह� :* लंव निनम�ष पाराम�न% *%ग बराष कालंपा सरा च ड।भ*सिस न मन त�निह रा�म का� का�लं% *�स% का�दै ड॥भ�व�र्थ+:- लंव, निनम�ष, पाराम�ण%, वष+, य%ग औरा काल्पा जि*नका� Sचण्ड ब�ण हM औरा का�लं जि*नका� (न%ष ह5, ह� मन! तR उन श्री� रा�म*� का� क्य> नहe भ*त�?

नलं-न�लं द्वा�रा� पा%लं ब�O(न�, श्री� रा�म*� द्वा�रा� श्री� रा�म�श्वरा काC स्था�पान�स�राठा� :* सिंस (% बचन स%निन रा�म ससिचव ब�सिलं Sभ% अस काह�उ।अब निबलं ब% का� निह का�म काराहु स�त% उतरा5 काटका% ॥भ�व�र्थ+:- सम%द्रं का� वचन स%नकारा Sभ% श्री� रा�म*� न� म नित्रुय> का� ब%लं�कारा ऐस� काह�- अब निवलं ब निकाससिलंए ह� राह� ह5? स�त% (पा%लं) त5य�रा कारा�, जि*समH स�न� उतरा�।* स%नहु भ�न%का% लं का� त% *�मव त कारा *�रिरा काह।न�र्थ न�म तव स�त% नरा चढ़िl भव स�गरा तरातिंह ॥भ�व�र्थ+:- *�म्बव�न- न� ह�र्थ *�ड़कारा काह�- ह� सRय+का% लं का� ध्व*�स्वरूपा (काCर्वित का� बl�न� व�लं�) श्री� रा�म*�! स%निनए। ह� न�र्थ! (सबस� बड़�) स�त% त� आपाका� न�म ह� ह5, जि*स पारा चlकारा (जि*सका� आश्रीय लं�कारा) मन%ष्य स स�रा रूपा� सम%द्रं स� पा�रा ह� *�त� हM।चUपा�ई :* यह लंघ% *लंधि( तरात कानित ब�रा�। अस स%निन पा%निन काह पावनका% म�रा�॥Sभ% Sत�पा बड़व�नलं भ�रा�। स�ष�उ Sर्थम पाय�निनधि( ब�रा�॥1॥भ�व�र्थ+:- निrरा यह छो�ट� स� सम%द्रं पा�रा कारान� मH निकातन� दै�रा लंग�ग�? ऐस� स%नकारा निrरा पावनका% म�रा श्री� हन%म�न- *� न� काह�- Sभ% का� Sत�पा भ�रा�

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बड़व�नलं (सम%द्रं काC आग) का� सम�न ह5। इसन� पाहलं� सम%द्रं का� *लं का� स�ख सिलंय� र्थ�,॥1॥* तव रिरापा% न�रिरा रुदैन *लं (�रा�। भरा�उ बह�रिरा भयउ त�तिंह ख�रा�॥स%निन अनित उका% नित पावनस%त का� रा�। हराष� कानिपा राघ%पानित तन ह�रा�॥2॥भ�व�र्थ+:- पारान्त% आपाका� शंत्रु%ओं काC स्त्रिस्त्रुय> का� आOस%ओं काC (�रा� स� यह निrरा भरा गय� औरा उस� स� ख�रा� भ� ह� गय�। हन%म�न- *� काC यह अत्य%सिb (अलं का�रापाRण+ य%सिb) स%नकारा व�नरा श्री� राघ%न�र्थ*� काC ओरा दै�खकारा हर्विष त ह� गए॥2॥* *�मव त ब�लं� दै�उ भ�ई। नलं न�लंनिह सब कार्थ� स%न�ई॥रा�म Sत�पा स%धिमरिरा मन म�हe। काराहु स�त% Sय�स काछो% न�हe॥3॥भ�व�र्थ+:- *�म्बव�न- न� नलं-न�लं दै�न> भ�इय> का� ब%लं�कारा उन्हH स�रा� कार्थ� काह स%न�ई (औरा काह�-) मन मH श्री� रा�म*� का� Sत�पा का� स्मराण काराका� स�त% त5य�रा कारा�, (रा�मSत�पा स�) का% छो भ� पारिराश्रीम नहe ह�ग�॥3॥* ब�सिलं सिलंए कानिपा निनकारा बह�रा�। सकालं स%नहु निबनत� काछो% म�रा�॥रा�म चरान पा का* उरा (राहूँ। काUत%का एका भ�लं% कानिपा काराहूँ॥4॥भ�व�र्थ+:- निrरा व�नरा> का� समRह का� ब%लं� सिलंय� (औरा काह�-) आपा सब लं�ग म�रा� का% छो निवनत� स%निनए। अपान� हृदैय मH श्री� रा�म*� का� चराण-कामलं> का� (�राण कारा लं�जि*ए औरा सब भ�लंR औरा व�नरा एका ख�लं काCजि*ए॥4॥* (�वहु मका+ ट निबकाट बरूर्थ�। आनहु निबटपा निगरिरान्ह का� *Rर्थ�॥स%निन कानिपा भ�लं% चलं� कारिरा हूँह�। *य राघ%ब�रा Sत�पा समRह�॥5॥भ�व�र्थ+:- निवकाट व�नरा> का� समRह (आपा) दैUड़ *�इए औरा व3क्ष> तर्थ� पाव+त> का� समRह> का� उख�ड़ लं�इए। यह स%नकारा व�नरा औरा भ�लंR हूँह (हुOका�रा) काराका� औरा श्री� राघ%न�र्थ*� का� Sत�पा समRह काC (अर्थव� Sत�पा का� पा% * श्री� रा�म*� काC) *य पा%का�रात� हुए चलं�॥5॥दै�ह� :* अनित उत ग निगरिरा पा�दैपा लं�लंतिंह लं�तिंह उठा�इ।आनिन दै�तिंह नलं न�लंनिह राचतिंह त� स�त% बन�इ॥1॥

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भ�व�र्थ+:- बहुत ऊँO च�-ऊँO च� पाव+त> औरा व3क्ष> का� ख�लं काC तराह ह� (उख�ड़कारा) उठा� लं�त� हM औरा लं�-लं�कारा नलं-न�लं का� दै�त� हM। व� अच्छीz तराह गlकारा (स% दैरा) स�त% बन�त� हM॥1॥चUपा�ई :* स5लं निबस�लं आनिन कानिपा दै�हe। का दुका इव नलं न�लं त� लं�हe॥दै�खिख स�त% अनित स% दैरा राचन�। निबहसिस का3 पा�निनधि( ब�लं� बचन�॥1॥भ�व�र्थ+:- व�नरा बड़�-बड़� पाह�ड़ लं�-लं�कारा दै�त� हM औरा नलं-न�लं उन्हH गHदै काC तराह लं� लं�त� हM। स�त% काC अत्य त स% दैरा राचन� दै�खकारा का3 पा�सिसन्धु% श्री� रा�म*� हOसकारा वचन ब�लं�-॥1॥* पाराम राम्य उत्तेम यह (रान�। मनिहम� अधिमत *�इ नतिंह बरान�॥कारिराहउO इह�O स भ% र्थ�पान�। म�रा� हृदैयO पाराम कालंपान�॥2॥भ�व�र्थ+:- यह (यह�O काC) भRधिम पाराम रामण�य औरा उत्तेम ह5। इसकाC अस�म मनिहम� वण+न नहe काC *� सकात�। मM यह�O सिशंव*� काC स्था�पान� कारूO ग�। म�रा� हृदैय मH यह मह�न- स काल्पा ह5॥2॥* स%निन कापा�स बहु र्दूत पाठा�ए। म%निनबरा सकालं ब�सिलं लं5 आए॥सिंलं ग र्थ�निपा निबधि(वत कारिरा पाR*�। सिसव सम�न निSय म�निह न र्दू*�॥3॥भ�व�र्थ+:- श्री� रा�म*� का� वचन स%नकारा व�नरारा�* स%ग्री�व न� बहुत स� र्दूत भ�*�, *� सब श्री�ष्ठ म%निनय> का� ब%लं�कारा लं� आए। सिशंवसिंलं ग काC स्था�पान� काराका� निवधि(पाRव+का उसका� पाR*न निकाय� (निrरा भगव�न ब�लं�-) सिशंव*� का� सम�न म%झका� र्दूसरा� का�ई निSय नहe ह5॥3॥* सिसव द्रं�ह� मम भगत काह�व�। स� नरा सपान�हुO म�निह न पा�व�॥स कारा निबम%ख भगनित चह म�रा�। स� न�राकाC मRl मनित र्थ�रा�॥4॥भ�व�र्थ+:- *� सिशंव स� द्रं�ह राखत� ह5 औरा म�रा� भb काहलं�त� ह5, वह मन%ष्य स्वप्न मH भ� म%झ� नहe पा�त�। शं कारा*� स� निवम%ख ह�कारा (निवरा�( काराका� ) *� म�रा� भसिb च�हत� ह5, वह नराकाग�म�, मRख+ औरा अल्पाब%जि� ह5॥4॥दै�ह� :* स कारानिSय मम द्रं�ह� सिसव द्रं�ह� मम दै�स।त� नरा कारातिंह कालंपा भरिरा घ�रा नराका महुO ब�स॥2॥

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भ�व�र्थ+:- जि*नका� शं कारा*� निSय हM, पारान्त% *� म�रा� द्रं�ह� हM एव *� सिशंव*� का� द्रं�ह� हM औरा म�रा� दै�स (बनन� च�हत�) हM, व� मन%ष्य काल्पाभरा घ�रा नराका मH निनव�स कारात� हM॥2॥चUपा�ई :* *� रा�म�स्वरा दैरासन% कारिराहतिंह । त� तन% तजि* मम लं�का सिस(रिराहतिंह ॥*� ग ग�*लं% आनिन चl�इनिह। स� स�*%ज्य म%सिb नरा पा�इनिह॥1॥भ�व�र्थ+:- *� मन%ष्य (म�रा� स्था�निपात निकाए हुए इन) रा�म�श्वरा*� का� दैशं+न काराHग�, व� शंरा�रा छो�ड़कारा म�रा� लं�का का� *�एOग� औरा *� ग ग�*लं लं�कारा इन पारा चl�व�ग�, वह मन%ष्य स�य%ज्य म%सिb पा�व�ग� (अर्थ�+त- म�रा� स�र्थ एका ह� *�एग�)॥1॥* ह�इ अका�म *� छोलं तजि* स�इनिह। भगनित म�रिरा त�निह स कारा दै�इनिह॥मम का3 त स�त% *� दैरासन% कारिराह�। स� निबन% श्रीम भवस�गरा तरिराह�॥2॥भ�व�र्थ+:- *� छोलं छो�ड़कारा औरा निनष्का�म ह�कारा श्री� रा�म�श्वरा*� काC स�व� काराHग�, उन्हH शं कारा*� म�रा� भसिb दैHग� औरा *� म�रा� बन�ए स�त% का� दैशं+न कारा�ग�, वह निबन� ह� पारिराश्रीम स स�रा रूपा� सम%द्रं स� तरा *�एग�॥2॥* रा�म बचन सब का� जि*य भ�ए। म%निनबरा निन* निन* आश्रीम आए॥निगरिरा*� राघ%पानित का5 यह रा�त�। स तत कारातिंह Sनत पारा S�त�॥3॥भ�व�र्थ+:- श्री� रा�म*� का� वचन सबका� मन का� अच्छी� लंग�। तदैनन्तरा व� श्री�ष्ठ म%निन अपान�-अपान� आश्रीम> का� लंUट आए। (सिशंव*� काहत� हM-) ह� पा�व+त�! श्री� राघ%न�र्थ*� काC यह रा�नित ह5 निका व� शंराण�गत पारा सदै� S�नित कारात� हM॥3॥* ब�O(� स�त% न�लं नलं न�गरा। रा�म का3 पा�O *स% भयउ उ*�गरा॥बRड़तिंह आननिह ब�रातिंह *�ई। भए उपालं ब�निहत सम त�ई॥4॥भ�व�र्थ+:- चत%रा नलं औरा न�लं न� स�त% ब�O(�। श्री� रा�म*� काC का3 पा� स� उनका� यह (उज्ज्वलं) यशं सव+त्रु r5 लं गय�। *� पात्थरा आपा डRबत� हM औरा र्दूसरा> का� ड%ब� दै�त� हM, व� ह� *ह�* का� सम�न (स्वय त5रान� व�लं� औरा र्दूसरा> का� पा�रा लं� *�न� व�लं�) ह� गए॥4॥* मनिहम� यह न *लंधि( काइ बरान�। पा�हन ग%न न कानिपान्ह काइ कारान�॥5॥भ�व�र्थ+:- यह न त� सम%द्रं काC मनिहम� वण+न काC गई ह5, न पात्थरा> का� ग%ण ह5 औरा न व�नरा> काC ह� का�ई कारा�म�त ह5॥5॥

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दै�ह� :* श्री� राघ%ब�रा Sत�पा त� सिंस (% तरा� पा�ष�न।त� मनितम दै *� रा�म तजि* भ*तिंह *�इ Sभ% आन॥3॥भ�व�र्थ+:- श्री� राघ%व�रा का� Sत�पा स� पात्थरा भ� सम%द्रं पारा त5रा गए। ऐस� श्री� रा�म*� का� छो�ड़कारा *� निकास� र्दूसरा� स्व�म� का� *�कारा भ*त� हM व� (निनश्चय ह�) म दैब%जि� हM॥3॥चUपा�ई :* ब�Oधि( स�त% अनित स%दृl बन�व�। दै�खिख का3 पा�निनधि( का� मन भ�व�॥चलं� स�न काछो% बरानिन न *�ई। ग*+तिंह मका+ ट भट सम%दै�ई॥1॥भ�व�र्थ+:- नलं-न�लं न� स�त% ब�O(कारा उस� बहुत म*बRत बन�य�। दै�खन� पारा वह का3 पा�निन(�न श्री� रा�म*� का� मन का� (बहुत ह�) अच्छी� लंग�। स�न� चलं�, जि*सका� का% छो वण+न नहe ह� सकात�। य��� व�नरा> का� सम%दै�य गरा* राह� हM॥1॥* स�त%ब ( ढ़ि�ग चढ़िl राघ%रा�ई। सिचतव का3 पा�लं सिंस (% बहुत�ई॥दै�खन काहुO Sभ% कारुन� का दै�। Sगट भए सब *लंचरा ब3 दै�॥2॥भ�व�र्थ+:- का3 पा�लं% श्री� राघ%न�र्थ*� स�त%बन्धु का� तट पारा चlकारा सम%द्रं का� निवस्त�रा दै�खन� लंग�। कारुण�कान्दै (कारुण� का� मRलं) Sभ% का� दैशं+न का� सिलंए सब *लंचरा> का� समRह Sकाट ह� गए (*लं का� ऊँपारा निनकालं आए)॥2॥* मकारा नक्र न�न� झष ब्य�लं�। सत *�*न तन पाराम निबस�लं�॥अइस�उ एका नितन्हनिह *� ख�हe। एकान्ह काH डरा त�निपा ड�रा�हe॥3॥भ�व�र्थ+:-बहुत तराह का� मगरा, न�का (घनिड़य�लं), मच्छी औरा सपा+ र्थ�, जि*नका� सU-सU य�*न का� बहुत बड़� निवशं�लं शंरा�रा र्थ�। का% छो ऐस� भ� *न्त% र्थ�, *� उनका� भ� ख� *�एO। निकास�-निकास� का� डरा स� त� व� भ� डरा राह� र्थ�॥3॥* Sभ%निह निबलं�कातिंह टरातिंह न ट�रा�। मन हरानिषत सब भए स%ख�रा�॥नितन्ह का� ओट न दै�खिखअ ब�रा�। मगन भए हरिरा रूपा निनह�रा�॥4॥भ�व�र्थ+:-व� सब (व5रा-निवरा�( भRलंकारा) Sभ% का� दैशं+न कारा राह� हM, हट�न� स� भ� नहe हटत�। सबका� मन हर्विष त हM, सब स%ख� ह� गए। उनकाC आड़ का� का�राण *लं नहe ढ़िदैख�ई पाड़त�। व� सब भगव�न- का� रूपा दै�खकारा (आन दै औरा S�म मH) मग्न ह� गए॥4॥

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चलं� काटका% Sभ% आयस% पा�ई। का� कानिह सका कानिपा दैलं निबपा%लं�ई॥5॥भ�व�र्थ+:- Sभ% श्री� रा�मच द्रं*� काC आज्ञा� पा�कारा स�न� चलं�। व�नरा स�न� काC निवपा%लंत� (अत्यधि(का स ख्य�) का� काUन काह सकात� ह5?॥5॥

श्री� रा�म*� का� स�न� सनिहत सम%द्रं पा�रा उतरान�, स%ब�लं पाव+त पारा निनव�स, रा�वण काC व्यं�का% लंत�दै�ह� :* स�त%ब ( भइ भ�रा अनित कानिपा नभ पा र्थ उड़�तिंह ।अपारा *लंचराखिन्ह ऊँपारा चढ़िl चढ़िl पा�रानिह *�तिंह ॥4॥भ�व�र्थ+:- स�त%बन्धु पारा बड़� भ�ड़ ह� गई, इसस� का% छो व�नरा आका�शं म�ग+ स� उड़न� लंग� औरा र्दूसरा� (निकातन� ह�) *लंचरा *�व> पारा चl-चlकारा पा�रा *� राह� हM॥4॥चUपा�ई :* अस काUत%का निबलं�निका द्वाU भ�ई। निबहOसिस चलं� का3 पा�लं राघ%रा�ई॥स�न सनिहत उतरा� राघ%ब�रा�। कानिह न *�इ कानिपा *Rर्थपा भ�रा�॥1॥भ�व�र्थ+:- का3 पा�लं% राघ%न�र्थ*� (तर्थ� लंक्ष्मण*�) दै�न> भ�ई ऐस� काUत%का दै�खकारा हOसत� हुए चलं�। श्री� राघ%व�रा स�न� सनिहत सम%द्रं का� पा�रा ह� गए। व�नरा> औरा उनका� स�न�पानितय> काC भ�ड़ काह� नहe *� सकात�॥1॥* सिंस (% पा�रा Sभ% ड�रा� काCन्ह�। सकालं कानिपान्ह काहुO आयस% दैzन्ह�॥ख�हु *�इ rलं मRलं स%ह�ए। स%नत भ�लंR कानिपा *हO तहO (�ए॥2॥भ�व�र्थ+:- Sभ% न� सम%द्रं का� पा�रा ड�रा� ड�लं� औरा सब व�नरा> का� आज्ञा� दैz निका त%म *�कारा स% दैरा rलं-मRलं ख�ओ। यह स%नत� ह� रा�छो-व�नरा *ह�O-तह�O दैUड़ पाड़�॥2॥* सब तरु rरा� रा�म निहत लं�ग�। रिरात% अरु का% रिरात% का�लं गनित त्य�ग�॥ख�तिंह म(%रा rलं निबटपा हलं�वतिंह । लं का� सन्म%ख सिसखरा चलं�वतिंह ॥3॥भ�व�र्थ+:- श्री� रा�म*� का� निहत (स�व�) का� सिलंए सब व3क्ष ऋत%-का% ऋत%- समय काC गनित का� छो�ड़कारा rलं उठा� । व�नरा-भ�लंR म�ठा� rलं ख� राह� हM, व3क्ष> का� निहलं� राह� हM औरा पाव+त> का� सिशंखरा> का� लं का� काC ओरा rH का राह� हM॥3॥

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* *हO काहुO निrरात निनस�चरा पा�वतिंह । घ�रिरा सकालं बहु न�च नच�वतिंह ॥दैसनखिन्ह का�ढ़िट न�सिसका� का�न�। कानिह Sभ% स%*स% दै�तिंह तब *�न�॥4॥भ�व�र्थ+:- घRमत�-घRमत� *ह�O काहe निकास� रा�क्षस का� पा� *�त� हM त� सब उस� घ�राकारा खRब न�च नच�त� हM औरा दै�Oत> स� उसका� न�का-का�न का�टकारा, Sभ% का� स%यशं काहकारा (अर्थव� काहलं�कारा) तब उस� *�न� दै�त� हM॥4॥* जि*न्ह कारा न�स� का�न निनपा�त�। नितन्ह रा�वननिह काह� सब ब�त�॥स%नत श्रीवन ब�रिराधि( ब (�न�। दैस म%ख ब�सिलं उठा� अका% लं�न�॥5॥भ�व�र्थ+:- जि*न रा�क्षस> का� न�का औरा का�न का�ट ड�लं� गए, उन्ह>न� रा�वण स� सब सम�च�रा काह�। सम%द्रं (पारा स�त%) का� ब�O(� *�न� का�न> स� स%नत� ह� रा�वण घबड़�कारा दैस> म%ख> स� ब�लं उठा�-॥5॥

रा�वण का� मन्दै�दैरा� का� समझ�न�, रा�वण-Sहस्त स व�दैदै�ह� :* ब�Oध्य� बननिनधि( न�रानिनधि( *लंधि( सिंस (% ब�रा�स।सत्य त�यनिनधि( का पानित उदैधि( पाय�धि( नदैzस॥5॥भ�व�र्थ+:- वननिनधि(, न�रानिनधि(, *लंधि(, सिंस (%, व�रा�शं, त�यनिनधि(, का पानित, उदैधि(, पाय�धि(, नदैzशं का� क्य� सचम%च ह� ब�O( सिलंय�?॥5॥चUपा�ई :* निन* निबकालंत� निबच�रिरा बह�रा�॥ निबहOसिस गयउ ग3ह कारिरा भय भ�रा�॥म दै�दैराe स%न्य� Sभ% आय�। काUत%काहe पा�र्थ�धि( बO(�य�॥1॥भ�व�र्थ+:- निrरा अपान� व्यं�का% लंत� का� समझकारा (ऊँपारा स�) हOसत� हुआ, भय का� भ%लं�कारा, रा�वण महलं का� गय�। (*ब) म दै�दैरा� न� स%न� निका Sभ% श्री� रा�म*� आ गए हM औरा उन्ह>न� ख�लं मH ह� सम%द्रं का� बO(व� सिलंय� ह5,॥1॥* कारा गनिह पानितनिह भवन निन* आन�। ब�लं� पाराम मन�हरा ब�न�॥चरान न�इ सिसरु अ चलं% रा�पा�। स%नहु बचन निपाय पारिराहरिरा का�पा�॥2॥

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भ�व�र्थ+:- (तब) वह ह�र्थ पाकाड़कारा, पानित का� अपान� महलं मH लं�कारा पाराम मन�हरा व�ण� ब�लं�। चराण> मH सिसरा नव�कारा उसन� अपान� आOचलं पास�रा� औरा काह�- ह� निSयतम! क्र�( त्य�ग कारा म�रा� वचन स%निनए॥2॥* न�र्थ बयरु काC*� त�ह� स>। ब%धि( बलं सनिकाअ *�नित *�ह� स>॥त%म्हनिह राघ%पानितनिह अ तरा का5 स�। खलं% खद्यो�त ढ़िदैनकारानिह *5स�॥3॥भ�व�र्थ+:- ह� न�र्थ! व5रा उस� का� स�र्थ कारान� च�निहए, जि*सस� ब%जि� औरा बलं का� द्वा�रा� *�त सकाH । आपा मH औरा श्री� राघ%न�र्थ*� मH निनश्चय ह� का5 स� अ तरा ह5, *5स� *%गनR औरा सRय+ मH!॥3॥* अनित बलं म(% का5 टभ *�तिंह म�रा�। मह�ब�रा ढ़िदैनितस%त स घ�रा�॥*�तिंह बसिलं ब�Oधि( सहस भ%* म�रा�। स�इ अवतरा�उ हरान मनिह भ�रा�॥4॥भ�व�र्थ+:- जि*न्ह>न� (निवष्ण% रूपा स�) अत्यन्त बलंव�न- म(% औरा का5 टभ (दै5त्य) म�रा� औरा (वरा�ह औरा न3सिंस ह रूपा स�) मह�न- शंRराव�रा ढ़िदैनित का� पा%त्रु> (निहराण्य�क्ष औरा निहराण्यकासिशंपा%) का� स ह�रा निकाय�, जि*न्ह>न� (व�मन रूपा स�) बसिलं का� ब�O(� औरा (पाराशं%रा�म रूपा स�) सहस्रब�हु का� म�रा�, व� ह� (भगव�न- ) पा3थ्व� का� भ�रा हराण कारान� का� सिलंए (रा�मरूपा मH) अवत�ण+ (Sकाट) हुए हM!॥4॥* त�स% निबरा�( न काCजि*अ न�र्थ�। का�लं काराम जि*व *�काH ह�र्थ�॥5॥भ�व�र्थ+:- ह� न�र्थ! उनका� निवरा�( न काCजि*ए, जि*नका� ह�र्थ मH का�लं, काम+ औरा *�व सभ� हM॥5॥दै�ह� :* रा�मनिह स�निपा *�नकाC न�इ कामलं पादै म�र्थ।स%त काहुO रा�* समर्विपा बन *�इ भजि*अ राघ%न�र्थ॥6॥भ�व�र्थ+:- (श्री� रा�म*�) का� चराण कामलं> मH सिसरा नव�कारा (उनकाC शंराण मH *�कारा) उनका� *�नकाC*� स�पा दैzजि*ए औरा आपा पा%त्रु का� रा�ज्य दै�कारा वन मH *�कारा श्री� राघ%न�र्थ*� का� भ*न काCजि*ए॥6॥चUपा�ई :न�र्थ दैzनदैय�लं राघ%रा�ई। ब�घउ सनम%ख गएO न ख�ई॥च�निहअ कारान स� सब कारिरा ब�त�। त%म्ह स%रा अस%रा चरा�चरा *�त�॥1॥

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भ�व�र्थ+:- ह� न�र्थ! श्री� राघ%न�र्थ*� त� दैzन> पारा दैय� कारान� व�लं� हM। सम्म%ख (शंराण) *�न� पारा त� ब�घ भ� नहe ख�त�। आपाका� *� का% छो कारान� च�निहए र्थ�, वह सब आपा कारा च%का� । आपान� दै�वत�, रा�क्षस तर्थ� चरा-अचरा सभ� का� *�त सिलंय�॥1॥* स त काहतिंह असिस न�नित दैस�नन। चUर्थHपान *�इनिह न3पा का�नन॥त�स% भ*न% काCजि*अ तहO भत�+। *� कात�+ पा�लंका स हत�+॥2॥भ�व�र्थ+:- ह� दैशंम%ख! स त*न ऐस� न�नित काहत� हM निका चUर्थ�पान (ब%l�पा�) मH रा�*� का� वन मH चलं� *�न� च�निहए। ह� स्व�म�! वह�O (वन मH) आपा उनका� भ*न काCजि*ए *� स3धिष्टों का� राचन� व�लं�, पा�लंन� व�लं� औरा स ह�रा कारान� व�लं� हM॥2॥* स�इ राघ%ब�रा Sनत अन%रा�ग�। भ*हु न�र्थ ममत� सब त्य�ग�॥म%निनबरा *तन% कारातिंह *�निह लं�ग�। भRपा रा�*% तजि* ह�तिंह निबरा�ग�॥3॥भ�व�र्थ+:- ह� न�र्थ! आपा निवषय> काC स�रा� ममत� छो�ड़कारा उन्हe शंराण�गत पारा S�म कारान� व�लं� भगव�न- का� भ*न काCजि*ए। जि*नका� सिलंए श्री�ष्ठ म%निन स�(न कारात� हM औरा रा�*� रा�ज्य छो�ड़कारा व5रा�ग� ह� *�त� हM-॥3॥* स�इ का�सलं�(�स राघ%रा�य�। आयउ कारान त�निह पारा दै�य�॥*� निपाय म�नहु म�रा सिसख�वन। स%*स% ह�इ नितहुO पा%रा अनित पा�वन॥4॥भ�व�र्थ+:- वह� का�सलं�(�शं श्री� राघ%न�र्थ*� आपा पारा दैय� कारान� आए हM। ह� निSयतम! यढ़िदै आपा म�रा� स�ख म�न लंHग�, त� आपाका� अत्य त पानिवत्रु औरा स% दैरा यशं त�न> लं�का> मH r5 लं *�एग�॥4॥दै�ह� :* अस कानिह नयन न�रा भरिरा गनिह पादै का निपात ग�त।न�र्थ भ*हु राघ%न�र्थनिह अचलं ह�इ अनिहव�त॥7॥भ�व�र्थ+:- ऐस� काहकारा, न�त्रु> मH (कारुण� का�) *लं भराकारा औरा पानित का� चराण पाकाड़कारा, का�Oपात� हुए शंरा�रा स� म दै�दैरा� न� काह�- ह� न�र्थ! श्री� राघ%न�र्थ*� का� भ*न काCजि*ए, जि*सस� म�रा� स%ह�ग अचलं ह� *�ए॥7॥चUपा�ई :* तब रा�वन मयस%त� उठा�ई। काह5 लं�ग खलं निन* Sभ%त�ई॥स%न% तM निSय� ब3र्थ� भय म�न�। *ग *�(� का� म�निह सम�न�॥1॥

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भ�व�र्थ+:- तब रा�वण न� म दै�दैरा� का� उठा�य� औरा वह दुष्टों उसस� अपान� Sभ%त� काहन� लंग�- ह� निSय�! स%न, तRन� व्यंर्थ+ ह� भय म�न राख� ह5। बत� त� *गत- मH म�रा� सम�न य��� ह5 काUन?॥1॥* बरुन का% ब�रा पावन *म का�लं�। भ%* बलं जि*त�उO सकालं ढ़िदैगपा�लं�॥दै�व दैन%* नरा सब बस म�राH। कावन ह�त% उपा*� भय त�राH॥2॥भ�व�र्थ+:- वरुण, का% ब�रा, पावन, यमरा�* आढ़िदै सभ� ढ़िदैक्पा�लं> का� तर्थ� का�लं का� भ� मMन� अपान� भ%*�ओं का� बलं स� *�त राख� ह5। दै�वत�, दै�नव औरा मन%ष्य सभ� म�रा� वशं मH हM। निrरा त%झका� यह भय निकास का�राण उत्पान्न ह� गय�?॥2॥* न�न� निबधि( त�निह काह�सिस ब%झ�ई। सभ�O बह�रिरा ब5ठा स� *�ई॥म दै�दैराe हृदैयO अस *�न�। का�लं बस्य उपा*� अभिभम�न�॥3॥भ�व�र्थ+:- म दै�दैरा� न� उस� बहुत तराह स� समझ�कारा काह� (निकान्त% रा�वण न� उसकाC एका भ� ब�त न स%न�) औरा वह निrरा सभ� मH *�कारा ब5ठा गय�। म दै�दैरा� न� हृदैय मH ऐस� *�न सिलंय� निका का�लं का� वशं ह�न� स� पानित का� अभिभम�न ह� गय� ह5॥3॥* सभ�O आइ म नित्रुन्ह त�तिंह बRझ�। काराब कावन निबधि( रिरापा% सM *Rझ�॥काहतिंह ससिचव स%न% निनसिसचरा न�ह�। ब�रा ब�रा Sभ% पाRछोहु का�ह�॥4॥भ�व�र्थ+:- सभ� मH आकारा उसन� म नित्रुय> स� पाRछो� निका शंत्रु% का� स�र्थ निकास Sका�रा स� य%� कारान� ह�ग�? म त्रु� काहन� लंग�- ह� रा�क्षस> का� न�र्थ! ह� Sभ%! स%निनए, आपा ब�रा-ब�रा क्य� पाRछोत� हM?॥4॥* काहहु कावन भय कारिराअ निबच�रा�। नरा कानिपा भ�लं% अह�रा हम�रा�॥5॥भ�व�र्थ+:- कानिहए त� (ऐस�) काUन-स� बड़� भय ह5, जि*सका� निवच�रा निकाय� *�ए? (भय काC ब�त ह� क्य� ह5?) मन%ष्य औरा व�नरा-भ�लंR त� हम�रा� भ�*न (काC स�मग्री�) हM॥दै�ह� :* सब का� बचन श्रीवन स%निन काह Sहस्त कारा *�रिरा।न�नित निबरा�( न कारिराअ Sभ% म नित्रुन्ह मनित अनित र्थ�रिरा॥8॥

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भ�व�र्थ+:- का�न> स� सबका� वचन स%नकारा (रा�वण का� पा%त्रु) Sहस्त ह�र्थ *�ड़कारा काहन� लंग�- ह� Sभ%! न�नित का� निवरु� का% छो भ� नहe कारान� च�निहए, मन्त्रिन्त्रुय> मH बहुत ह� र्थ�ड़� ब%जि� ह5॥8॥* काहतिंह ससिचव सठा ठाका% रा स�ह�त�। न�र्थ न पाRरा आव एनिह भ�Oत�॥ब�रिराधि( न�धिघ एका कानिपा आव�। त�स% चरिरात मन महुO सब% ग�व�॥॥1॥भ�व�र्थ+:- य� सभ� मRख+ (ख%शं�मदैz) मन्त्रु ठाका% रास%ह�त� (म%Oहदै�ख�) काह राह� हM। ह� न�र्थ! इस Sका�रा काC ब�त> स� पाRरा� नहe पाड़�ग�। एका ह� ब दैरा सम%द्रं लं�Oघकारा आय� र्थ�। उसका� चरिरात्रु सब लं�ग अब भ� मन-ह�-मन ग�य� कारात� हM (स्मराण निकाय� कारात� हM) ॥1॥* छो% (� न राह� त%म्हनिह तब का�हूँ। *�रात नगरु कास न (रिरा ख�हूँ॥स%नत न�का आगH दुख पा�व�। ससिचवन अस मत Sभ%निह स%न�व�॥॥2॥भ�व�र्थ+:- उस समय त%म लं�ग> मH स� निकास� का� भRख न र्थ�? (ब दैरा त� त%म्ह�रा� भ�*न ह� हM, निrरा) नगरा *लं�त� समय उस� पाकाड़कारा क्य> नहe ख� सिलंय�? इन मन्त्रिन्त्रुय> न� स्व�म� (आपा) का� ऐस� सम्मनित स%न�य� ह5 *� स%नन� मH अच्छीz ह5 पारा जि*सस� आग� चलंकारा दु^ख पा�न� ह�ग�॥2॥* *�तिंह ब�रा�स बO(�यउ ह�लं�। उतरा�उ स�न सम�त स%ब�लं�॥स� भन% मन%* ख�ब हम भ�ई। बचन काहतिंह सब ग�लं r% लं�ई॥3॥भ�व�र्थ+:- जि*सन� ख�लं-ह�-ख�लं मH सम%द्रं बO(� सिलंय� औरा *� स�न� सनिहत स%ब�लं पाव+त पारा आ उतरा� ह5। ह� भ�ई! काह� वह मन%ष्य ह5, जि*स� काहत� ह� निका हम ख� लंHग�? सब ग�लं r% लं�-r% लं�कारा (पा�गलं> काC तराह) वचन काह राह� हM!॥3॥* त�त बचन मम स%न% अनित आदैरा। *निन मन ग%नहु म�निह कारिरा का�दैरा।निSय ब�न� *� स%नतिंह *� काहहe। ऐस� नरा निनका�य *ग अहहe॥4॥भ�व�र्थ+:- ह� त�त! म�रा� वचन> का� बहुत आदैरा स� (बड़� गUरा स�) स%निनए। म%झ� मन मH का�यरा न समझ लं�जि*एग�। *गत- मH ऐस� मन%ष्य झ% ड-का� -झ% ड (बहुत अधि(का) हM, *� प्य�रा� (म%Oह पारा म�ठा� लंगन� व�लं�) ब�त ह� स%नत� औरा काहत� हM॥4॥* बचन पाराम निहत स%नत काठा�रा�। स%नतिंह *� काहतिंह त� नरा Sभ% र्थ�रा�॥Sर्थम बस�ठा पाठाउ स%न% न�त�। स�त� दै�इ काराहु पा%निन S�त�॥5॥

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भ�व�र्थ+:- ह� Sभ�! स%नन� मH काठा�रा पारान्त% (पारिराण�म मH) पाराम निहतका�रा� वचन *� स%नत� औरा काहत�हM,व� मन%ष्य बहुत ह� र्थ�ड़� हM। न�नित स%निनय�, (उसका� अन%स�रा) पाहलं� र्दूत भ�जि*य�, औरा (निrरा) स�त� का� दै�कारा श्री�रा�म*� स� S�नित (म�लं) कारा लं�जि*य�॥5॥दै�ह� :* न�रिरा पा�इ निrरिरा *�तिंह *� तU न बl�इअ रा�रिरा।न�तिंह त सन्म%ख समरा मनिह त�त कारिराअ हढ़िठा म�रिरा॥9॥भ�व�र्थ+:- यढ़िदै व� स्त्रु� पा�कारा लंUट *�एO, तब त� (व्यंर्थ+) झगड़� न बl�इय�। नहe त� (यढ़िदै न निrराH त�) ह� त�त! सम्म%ख य%�भRधिम मH उनस� हठापाRव+का (डटकारा) म�रा-का�ट काCजि*ए॥9॥* यह मत *� म�नहु Sभ% म�रा�। उभय Sका�रा स%*स% *ग त�रा�॥स%त सन काह दैसका ठा रिरास�ई। असिस मनित सठा का� तिंह त�निह सिसख�ई॥1॥भ�व�र्थ+:- ह� Sभ�! यढ़िदै आपा म�रा� यह सम्मनित म�नHग�, त� *गत- मH दै�न> ह� Sका�रा स� आपाका� स%यशं ह�ग�। रा�वण न� ग%स्स� मH भराकारा पा%त्रु स� काह�- अरा� मRख+! त%झ� ऐस� ब%जि� निकासन� सिसख�य�?॥1॥* अबहe त� उरा स सय ह�ई। ब�न%मRलं स%त भयहु घम�ई॥स%निन निपात% निगरा� पारुष अनित घ�रा�। चलं� भवन कानिह बचन काठा�रा�॥2॥भ�व�र्थ+:- अभ� स� हृदैय मH सन्दै�ह (भय) ह� राह� ह5? ह� पा%त्रु! तR त� ब�Oस काC *ड़ मH घम�ई हुआ (तR म�रा� व शं का� अन%काR लं य� अन%रूपा नहe हुआ)। निपात� काC अत्यन्त घ�रा औरा काठा�रा व�ण� स%नकारा Sहस्त य� काड़� वचन काहत� हुआ घरा का� चलं� गय�॥2॥* निहत मत त�निह न लं�गत का5 सH। का�लं निबबस काहुO भ�ष* *5सH॥स ध्य� समय *�निन दैसस�स�। भवन चलं�उ निनराखत भ%* ब�स�॥3॥भ�व�र्थ+:- निहत काC सलं�ह आपाका� का5 स� नहe लंगत� (आपा पारा का5 स� असरा नहe कारात�), *5स� म3त्य% का� वशं हुए (रा�ग�) का� दैव� नहe लंगत�। स ध्य� का� समय *�नकारा रा�वण अपान� ब�स> भ%*�ओं का� दै�खत� हुआ महलं का� चलं�॥3॥* लं का� सिसखरा उपारा आग�रा�। अनित निबसिचत्रु तहO ह�इ अख�रा�॥ब5ठा *�इ त�तिंह म ढ़िदैरा रा�वन। लं�ग� तिंका नरा ग%न गन ग�वन॥4॥

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भ�व�र्थ+:- लं का� काC च�टz पारा एका अत्यन्त निवसिचत्रु महलं र्थ�। वह�O न�च-ग�न का� अख�ड़� *मत� र्थ�। रा�वण उस महलं मH *�कारा ब5ठा गय�। निकान्नरा उसका� ग%ण समRह> का� ग�न� लंग�॥4॥* ब�*तिंह त�लं पाख�उ* ब�न�। न3त्य कारातिंह अपाछोरा� Sब�न�॥5॥भ�व�र्थ+:- त�लं (कारात�लं), पाख�व* (म3दै ग) औरा ब�ण� ब* राह� हM। न3त्य मH Sव�ण अप्सरा�एO न�च राह� हM॥5॥दै�ह� :* स%न�स�रा सत सरिरास स� स तत काराइ निबलं�स।पाराम Sबलं रिरापा% स�स पारा तद्योनिपा स�च न त्रु�स॥10॥भ�व�र्थ+:- वह निनरान्तरा स5काड़> इन्द्रं> का� सम�न भ�ग-निवलं�स कारात� राहत� ह5। यद्योनिपा (श्री�रा�म*�-सरा�ख�) अत्यन्त Sबलं शंत्रु% सिसरा पारा ह5, निrरा भ� उसका� न त� सिचन्त� ह5 औरा न डरा ह� ह5॥10॥

स%ब�लं पारा श्री� रा�म*� काC झ�OकाC औरा च द्रं�दैय वण+नचUपा�ई :* इह�O स%ब�लं स5लं राघ%ब�रा�। उतरा� स�न सनिहत अनित भ�रा�॥सिसखरा एका उत ग अनित दै�ख�। पाराम राम्य सम स%भ्र निबस�ष�॥1॥भ�व�र्थ+:- यह�O श्री� राघ%व�रा स%ब�लं पाव+त पारा स�न� काC बड़� भ�ड़ (बड़� समRह) का� स�र्थ उतरा�। पाव+त का� एका बहुत ऊँO च�, पाराम रामण�य, समतलं औरा निवशं�ष रूपा स� उज्ज्वलं सिशंखरा दै�खकारा-॥1॥* तहO तरु निकासलंय स%मन स%ह�ए। लंसिछोमन रासिच निन* ह�र्थ डस�ए॥त� पारा रुसिचरा म3दुलं म3गछो�लं�। त�तिंह आसन आस�न का3 पा�लं�॥2॥भ�व�र्थ+:- वह�O लंक्ष्मण*� न� व3क्ष> का� का�मलं पात्ते� औरा स% दैरा rR लं अपान� ह�र्थ> स� स*�कारा निबछो� ढ़िदैए। उस पारा स% दैरा औरा का�मलं म3ग छो�लं� निबछो� दैz। उस� आसन पारा का3 पा�लं% श्री� रा�म*� निवरा�*म�न र्थ�॥2॥* Sभ% का3 त स�स कापा�स उछो ग�। ब�म दैनिहन ढ़िदैसिस च�पा निनष ग�दुहुO कारा कामलं स%(�रात ब�न�। काह लं का� स म त्रु लंनिग का�न�॥3॥

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भ�व�र्थ+:- Sभ% श्री� रा�म*� व�नरारा�* स%ग्री�व काC ग�दै मH अपान� सिसरा राख� हM। उनकाC ब�यe ओरा (न%ष तर्थ� दै�निहन� ओरा तराकास (राख�) ह5। व� अपान� दै�न> काराकामलं> स� ब�ण स%(�रा राह� हM। निवभ�षण*� का�न> स� लंगकारा सलं�ह कारा राह� हM॥3॥* बड़भ�ग� अ गदै हन%म�न�। चरान कामलं च�पात निबधि( न�न�॥Sभ% पा�छोH लंसिछोमन ब�रा�सन। काढ़िट निनष ग कारा ब�न सरा�सन॥4॥भ�व�र्थ+:- पाराम भ�ग्यशं�लं� अ गदै औरा हन%म�न अन�का> Sका�रा स� Sभ% का� चराण कामलं> का� दैब� राह� हM। लंक्ष्मण*� कामरा मH तराकास कास� औरा ह�र्थ> मH (न%ष-ब�ण सिलंए व�रा�सन स� Sभ% का� पा�छो� स%शं�भिभत हM॥4॥दै�ह� :* ऐनिह निबधि( का3 पा� रूपा ग%न (�म रा�म% आस�न।(न्य त� नरा एतिंह ध्य�न *� राहत सदै� लंयलं�न॥11 का॥भ�व�र्थ+:- इस Sका�रा का3 पा�, रूपा (स�दैय+) औरा ग%ण> का� (�म श्री� रा�म*� निवरा�*म�न हM। व� मन%ष्य (न्य हM, *� सदै� इस ध्य�न मH लंU लंग�ए राहत� हM॥11 (का)॥* पाRराब ढ़िदैस� निबलं�निका Sभ% दै�ख� उढ़िदैत मय का।काहत सबनिह दै�खहु ससिसनिह म3गपानित सरिरास अस का॥11 ख॥भ�व�र्थ+:- पाRव+ ढ़िदैशं� काC ओरा दै�खकारा Sभ% श्री� रा�म*� न� च द्रंम� का� उदैय हुआ दै�ख�। तब व� सबस� काहन� लंग�- च द्रंम� का� त� दै�ख�। का5 स� सिंस ह का� सम�न निनडरा ह5!॥11 (ख)॥चUपा�ई :* पाRराब ढ़िदैसिस निगरिराग%ह� निनव�स�। पाराम Sत�पा त�* बलं रा�स�॥मत्ते न�ग तम का% भ निबदै�रा�। ससिस का� सरा� गगन बन च�रा�॥1॥भ�व�र्थ+:- पाRव+ ढ़िदैशं� रूपा� पाव+त काC ग%r� मH राहन� व�लं�, अत्य त Sत�पा, त�* औरा बलं काC रा�सिशं यह च द्रंम� रूपा� सिंस ह अ (का�रा रूपा� मतव�लं� ह�र्थ� का� मस्तका का� निवदैzण+ काराका� आका�शं रूपा� वन मH निनभ+य निवचरा राह� ह5॥1॥निबर्थ%रा� नभ म%का% त�हलं त�रा�। निनसिस स% दैरा� का� रा सिंस ग�रा�॥काह Sभ% ससिस महुO म�चकात�ई। काहहु का�ह निन* निन* मनित भ�ई॥2॥

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भ�व�र्थ+:- आका�शं मH निबखरा� हुए त�रा� म�नितय> का� सम�न हM, *� रा�नित्रु रूपा� स% दैरा स्त्रु� का� श्री3 ग�रा हM। Sभ% न� काह�- भ�इय�! च द्रंम� मH *� का�लं�पान ह5, वह क्य� ह5? अपान�-अपान� ब%जि� का� अन%स�रा काह�॥2॥* काह स%ग्री�व स%नहु राघ%रा�ई। ससिस महुO Sगट भRधिम का5 झ�Oई॥म�रा�उ रा�हु ससिसनिह काह का�ई। उरा महO पारा� स्य�मत� स�ई॥3॥भ�व�र्थ+:- स%ग्री�व न� काह�- ह� राघ%न�र्थ*�! स%निनए! च द्रंम� मH पा3थ्व� काC छो�य� ढ़िदैख�ई दै� राह� ह5। निकास� न� काह�- च द्रंम� का� रा�हु न� म�रा� र्थ�। वह� (च�ट का�) का�लं� दै�ग हृदैय पारा पाड़� हुआ ह5॥3॥* का�उ काह *ब निबधि( रानित म%ख काCन्ह�। स�रा भ�ग ससिस कारा हरिरा लं�न्ह�॥सिछोद्रं स� Sगट इ दु उरा म�हe। त�निह मग दै�खिखअ नभ पारिराछो�हe॥4॥भ�व�र्थ+:- का�ई काहत� ह5- *ब ब्रह्म� न� (का�मदै�व काC स्त्रु�) रानित का� म%ख बन�य�, तब उसन� च द्रंम� का� स�रा भ�ग निनका�लं सिलंय� (जि*सस� रानित का� म%ख त� पाराम स% दैरा बन गय�, पारान्त% च द्रंम� का� हृदैय मH छो�दै ह� गय�)। वह� छो�दै च द्रंम� का� हृदैय मH वत+म�न ह5, जि*सकाC रा�ह स� आका�शं काC का�लं� छो�य� उसमH ढ़िदैख�ई पाड़त� ह5॥4॥* Sभ% काह गरालं ब (% ससिस का� रा�। अनित निSय निन* उरा दैzन्ह बस�रा�॥निबष स *%त कारा निनकारा पास�रा�। *�रात निबराहव त नरा न�रा�॥5॥भ�व�र्थ+:- Sभ% श्री� रा�म*� न� काह�- निवष च द्रंम� का� बहुत प्य�रा� भ�ई ह5, इस� स� उसन� निवष का� अपान� हृदैय मH स्था�न दै� राख� ह5। निवषय%b अपान� निकाराण समRह का� r5 लं�कारा वह निवय�ग� नरा-न�रिराय> का� *लं�त� राहत� ह5॥5॥दै�ह� :* काह हन%म त स%नहु Sभ% ससिस त%म्ह�रा निSय दै�स।तव मRरानित निब(% उरा बसनित स�इ स्य�मत� अभ�स॥12 का॥भ�व�र्थ+:- हन%म�न- *� न� काह�- ह� Sभ�! स%निनए, च द्रंम� आपाका� निSय दै�स ह5। आपाकाC स% दैरा श्य�म मRर्वित च द्रंम� का� हृदैय मH बसत� ह5, वह� श्य�मत� काC झलंका च द्रंम� मH ह5॥12 (का)॥

नव�ह्नपा�रा�यण, स�तव�O निवश्री�म

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श्री� रा�म*� का� ब�ण स� रा�वण का� म%का% ट-छोत्रु�ढ़िदै का� निगरान�* पावन तनय का� बचन स%निन निबहOस� रा�म% स%*�न।दैच्छिच्छीन ढ़िदैसिस अवलं�निका Sभ% ब�लं� का3 पा� निन(�न॥12 ख॥भ�व�र्थ+:- पावनपा%त्रु हन%म�न- *� का� वचन स%नकारा स%*�न श्री� रा�म*� हOस�। निrरा दैभिक्षण काC ओरा दै�खकारा का3 पा�निन(�न Sभ% ब�लं�-॥12 (ख)॥चUपा�ई :* दै�ख% निवभ�षन दैच्छिच्छीन आस�। घन घम ड दै�धिमन� निबलं�स�॥म(%रा म(%रा गरा*इ घन घ�रा�। ह�इ ब3धिष्टों *निन उपालं काठा�रा�॥1॥भ�व�र्थ+:- ह� निवभ�षण! दैभिक्षण ढ़िदैशं� काC ओरा दै�ख�, ब�दैलं का5 स� घ%मड़ राह� ह5 औरा निब*लं� चमका राह� ह5। भय�नका ब�दैलं म�ठा� -म�ठा� (हल्का� -हल्का� ) स्वरा स� गरा* राह� ह5। काहe काठा�रा ओलं> काC वष�+ न ह�!॥1॥* काहत निवभ�षन स%नहूँ का3 पा�लं�। ह�इ न तनिड़त न ब�रिरादै म�लं�॥लं का� सिसखरा उपारा आग�रा�। तहO दैसका (रा दै�ख अख�रा�॥2॥भ�व�र्थ+:- निवभ�षण ब�लं�- ह� का3 पा�लं%! स%निनए, यह न त� निब*लं� ह5, न ब�दैलं> काC घट�। लं का� काC च�टz पारा एका महलं ह5। दैशंग्री�व रा�वण वह�O (न�च-ग�न का�) अख�ड़� दै�ख राह� ह5॥2॥* छोत्रु म�घड बरा सिसरा (�रा�। स�इ *न% *लंदै घट� अनित का�रा�॥म दै�दैरा� श्रीवन त�ट का�। स�इ Sभ% *न% दै�धिमन� दैम का�॥3॥भ�व�र्थ+:- रा�वण न� सिसरा पारा म�घड बरा (ब�दैलं> का� ड बरा *5स� निवशं�लं औरा का�लं�) छोत्रु (�राण कारा राख� ह5। वह� म�न� ब�दैलं> काC का�लं� घट� ह5। म दै�दैरा� का� का�न> मH *� काण+rR लं निहलं राह� हM, ह� Sभ�! वह� म�न� निब*लं� चमका राह� ह5॥3॥* ब�*तिंह त�लं म3दै ग अनRपा�। स�इ राव म(%रा स%नहूँ स%राभRपा�।Sभ% म%स%का�न सम%जिझ अभिभम�न�। च�पा चl�व ब�न स (�न�॥4॥

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भ�व�र्थ+:- ह� दै�वत�ओं का� सम्रा�ट! स%निनए, अन%पाम त�लं म3दै ग ब* राह� हM। वह� म(%रा (ग*+न) ध्वनिन ह5। रा�वण का� अभिभम�न समझकारा Sभ% म%स्का% रा�ए। उन्ह>न� (न%ष चl�कारा उस पारा ब�ण का� सन्धु�न निकाय�॥4॥दै�ह� :* छोत्रु म%का% ट त� टका तब हत� एकाहe ब�न।सब काH दै�खत मनिह पारा� मराम% न का�ऊँ *�न॥13 का॥भ�व�र्थ+:- औरा एका ह� ब�ण स� (रा�वण का� ) छोत्रु-म%का% ट औरा (म दै�दैरा� का� ) काण+rR लं का�ट निगरा�ए। सबका� दै�खत�-दै�खत� व� *म�न पारा आ पाड़�, पारा इसका� भ�दै (का�राण) निकास� न� नहe *�न�॥13 (का)॥* अस काUत%का कारिरा रा�म सरा Sनिबस�उ आई निनष ग।रा�वन सभ� सस का सब दै�खिख मह� रासभ ग॥13 ख॥भ�व�र्थ+:- ऐस� चमत्का�रा काराका� श्री� रा�म*� का� ब�ण (व�पास) आकारा (निrरा) तराकास मH *� घ%स�। यह मह�न- रास भ ग (रा ग मH भ ग) दै�खकारा रा�वण काC स�रा� सभ� भयभ�त ह� गई॥13 (ख)॥चUपा�ई :का पा न भRधिम न मरुत निबस�ष�। अस्त्रु सस्त्रु काछो% नयन न दै�ख�।स�चतिंह सब निन* हृदैय मझ�रा�। असग%न भयउ भय कारा भ�रा�॥1॥भ�व�र्थ+:- न भRकाम्प हुआ, न बहुत *�रा काC हव� (आO(�) चलं�। न का�ई अस्त्रु-शंस्त्रु ह� न�त्रु> स� दै�ख�। (निrरा य� छोत्रु, म%का% ट औरा काण+rR लं *5स� काटकारा निगरा पाड़�?) सभ� अपान�-अपान� हृदैय मH स�च राह� हM निका यह बड़� भय कारा अपाशंका% न हुआ!॥1॥* दैसम%ख दै�खिख सभ� भय पा�ई। निबहसिस बचन काह *%ग%नित बन�ई।सिसराउ निगरा� स तत स%भ *�ह�। म%का% ट पारा� कास असग%न त�ह�॥2॥भ�व�र्थ+:- सभ� का� भयत�त दै�खकारा रा�वण न� हOसकारा य%सिb राचकारा य� वचन काह�- सिसरा> का� निगरान� भ� जि*सका� सिलंए निनरा तरा शं%भ ह�त� राह� ह5, उसका� सिलंए म%का% ट का� निगरान� अपाशंका% न का5 स�?॥2॥

मन्दै�दैरा� का� निrरा रा�वण का� समझ�न� औरा श्री� रा�म काC मनिहम� काहन�

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* सयन काराहु निन* निन* ग3ह *�ईं। गवन� भवन सकालं सिसरा न�ई॥म दै�दैरा� स�च उरा बस�ऊँ। *ब त� श्रीवनपाRरा मनिह खस�ऊँ॥3॥भ�व�र्थ+:- अपान�-अपान� घरा *�कारा स� राह� (डरान� काC का�ई ब�त नहe ह5) तब सब लं�ग सिसरा नव�कारा घरा गए। *ब स� काण+rR लं पा3थ्व� पारा निगरा�, तब स� म दै�दैरा� का� हृदैय मH स�च बस गय�॥3॥* स*लं नयन काह *%ग कारा *�रा�। स%नहु S�नपानित निबनत� म�रा�॥का त रा�म निबरा�( पारिराहराहूँ। *�निन मन%* *निन हठा लंग (राहूँ॥4॥भ�व�र्थ+:- न�त्रु> मH *लं भराकारा, दै�न> ह�र्थ *�ड़कारा वह (रा�वण स�) काहन� लंग�- ह� S�णन�र्थ! म�रा� निवनत� स%निनए। ह� निSयतम! श्री� रा�म स� निवरा�( छो�ड़ दैzजि*ए। उन्हH मन%ष्य *�नकारा मन मH हठा न पाकाड़� रानिहए॥4॥दै�ह� :* निबस्वरूपा राघ%ब स मनिन काराहु बचन निबस्व�स%।लं�का काल्पान� ब�दै कारा अ ग अ ग Sनित *�स%॥14॥भ�व�र्थ+:- म�रा� इन वचन> पारा निवश्व�स काCजि*ए निका य� राघ%का% लं का� सिशंरा�मभिण श्री� रा�मच द्रं*� निवश्व रूपा हM- (यह स�रा� निवश्व उन्हe का� रूपा ह5)। व�दै जि*नका� अ ग-अ ग मH लं�का> काC काल्पान� कारात� हM॥14॥चUपा�ई :* पादै पा�त�लं स�स अ* (�म�। अपारा लं�का अOग अOग निबश्री�म�॥भ3का% ढ़िट निबलं�स भय कारा का�लं�। नयन ढ़िदैव�कारा काच घन म�लं�॥1॥भ�व�र्थ+:- पा�त�लं (जि*न निवश्व रूपा भगव�न- का�) चराण ह5, ब्रह्म लं�का सिसरा ह5, अन्य (ब�च का� सब) लं�का> का� निवश्री�म (च्छिस्थानित) जि*नका� अन्य भिभन्न-भिभन्न अ ग> पारा ह5। भय कारा का�लं जि*नका� भ3का% ढ़िट स च�लंन (भ�ह> का� चलंन�) ह5। सRय+ न�त्रु हM, ब�दैलं> का� समRह ब�लं ह5॥1॥* *�स% घ्र�न अस्विस्वन�का% म�रा�। निनसिस अरु ढ़िदैवस निनम�ष अपा�रा�॥श्रीवन ढ़िदैस� दैस ब�दै बख�न�। म�रुत स्व�स निनगम निन* ब�न�॥2॥भ�व�र्थ+:- अभिश्वन� का% म�रा जि*नकाC न�सिसका� हM, रा�त औरा ढ़िदैन जि*नका� अपा�रा निनम�ष (पालंका म�रान� औरा ख�लंन�) हM। दैस> ढ़िदैशं�एO का�न हM, व�दै ऐस� काहत� हM। व�य% श्व�स ह5 औरा व�दै जि*नकाC अपान� व�ण� ह5॥2॥* अ(रा लं�भ *म दैसन कारा�लं�। म�य� ह�स ब�हु ढ़िदैगपा�लं�॥

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आनन अनलं अ ब%पानित *�ह�। उतपानित पा�लंन Sलंय सम�ह�॥3॥भ�व�र्थ+:- लं�भ जि*नका� अ(रा (ह�ठा) ह5, यमरा�* भय�नका दै�Oत हM। म�य� हOस� ह5, ढ़िदैक्पा�लं भ%*�एO हM। अखिग्न म%ख ह5, वरुण *�भ ह5। उत्पाभित्ते, पा�लंन औरा Sलंय जि*नकाC च�ष्टों� (निक्रय�) ह5॥3॥* रा�म रा�जि* अष्टों�दैस भ�रा�। अच्छिस्था स5लं सरिरात� नस *�रा�॥उदैरा उदैधि( अ(ग� *�तन�। *गमय Sभ% का� बहु कालंपान�॥4॥भ�व�र्थ+:- अठा�राह Sका�रा काC अस ख्य वनस्पनितय�O जि*नकाC रा�म�वलं� हM, पाव+त अच्छिस्थाय�O हM, नढ़िदैय�O नस> का� *�लं ह5, सम%द्रं पा�ट ह5 औरा नराका जि*नकाC न�च� काC इ ढ़िद्रंय�O हM। इस Sका�रा Sभ% निवश्वमय हM, अधि(का काल्पान� (ऊँह�पा�ह) क्य� काC *�ए?॥4॥दै�ह� :अह का�रा सिसव ब%जि� अ* मन ससिस सिचत्ते मह�न।मन%* ब�स सचरा�चरा रूपा रा�म भगव�न॥15 का॥भ�व�र्थ+:- सिशंव जि*नका� अह का�रा हM, ब्रह्म� ब%जि� हM, च द्रंम� मन हM औरा मह�न (निवष्ण%) ह� सिचत्ते हM। उन्हe चरा�चरा रूपा भगव�न श्री� रा�म*� न� मन%ष्य रूपा मH निनव�स निकाय� ह5॥15 (का)॥* अस निबच�रिरा स%न% S�नपानित Sभ% सन बयरु निबह�इ।S�नित काराहु राघ%ब�रा पादै मम अनिहव�त न *�इ॥15 ख॥भ�व�र्थ+:- ह� S�णपानित स%निनए, ऐस� निवच�रा कारा Sभ% स� व5रा छो�ड़कारा श्री� राघ%व�रा का� चराण> मH S�म काCजि*ए, जि*सस� म�रा� स%ह�ग न *�ए॥15 (ख)॥चUपा�ई :* निबहOस� न�रिरा बचन स%निन का�न�। अह� म�ह मनिहम� बलंव�न�॥न�रिरा स%भ�उ सत्य सब काहहe। अवग%न आठा सदै� उरा राहहe॥1॥भ�व�र्थ+:- पात्न� का� वचन का�न> स� स%नकारा रा�वण खRब हOस� (औरा ब�लं�-) अह�! म�ह (अज्ञा�न) काC मनिहम� बड़� बलंव�न- ह5। स्त्रु� का� स्वभ�व सब सत्य ह� काहत� हM निका उसका� हृदैय मH आठा अवग%ण सदै� राहत� हM-॥1॥* स�हस अन3त चपालंत� म�य�। भय अनिबब�का असUच अदै�य�॥रिरापा% कारा रूपा सकालं तM ग�व�। अनित निबस�लं भय म�निह स%न�व�॥2॥

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भ�व�र्थ+:- स�हस, झRठा, च चलंत�, म�य� (छोलं), भय (डरापा�कापान) अनिवव�का (मRख+त�), अपानिवत्रुत� औरा निनदै+यत�। तRन� शंत्रु% का� समग्री (निवरा�ट) रूपा ग�य� औरा म%झ� उसका� बड़� भ�रा� भय स%न�य�॥2॥* स� सब निSय� सह* बस म�राH। सम%जिझ पारा� अब Sस�दै त�राH॥*�निनउO निSय� त�रिरा चत%रा�ई। एनिह निबधि( काहहु म�रिरा Sभ%त�ई॥3॥भ�व�र्थ+:- ह� निSय�! वह सब (यह चरा�चरा निवश्व त�) स्वभ�व स� ह� म�रा� वशं मH ह5। त�रा� का3 पा� स� म%झ� यह अब समझ पाड़�। ह� निSय�! त�रा� चत%रा�ई मM *�न गय�। तR इस Sका�रा (इस� बह�न�) म�रा� Sभ%त� का� बख�न कारा राह� ह5॥3॥* तव बतकाह� गRl म3गलं�चनिन। सम%झत स%खदै स%नत भय म�चनिन॥म दै�दैरिरा मन महुO अस ठायऊँ। निपायनिह का�लं बस मनित भ्रम भयउ॥4॥भ�व�र्थ+:- ह� म3गनयन�! त�रा� ब�तH बड़� गRl (राहस्यभरा�) हM, समझन� पारा स%ख दै�न� व�लं� औरा स%नन� स� भय छो% ड़�न� व�लं� हM। म दै�दैरा� न� मन मH ऐस� निनश्चय कारा सिलंय� निका पानित का� का�लंवशं मनितभ्रम ह� गय� ह5॥4॥दै�ह� :* ऐनिह निबधि( कारात निबन�दै बहु S�त Sगट दैसका (।सह* अस का लं कापानित सभ�O गयउ मदै अ (॥16 का॥भ�व�र्थ+:- इस Sका�रा (अज्ञा�नवशं) बहुत स� निवन�दै कारात� हुए रा�वण का� सब�रा� ह� गय�। तब स्वभ�व स� ह� निनडरा औरा घम ड मH अ (� लं का�पानित सभ� मH गय�॥16 (का)॥स�राठा� :* rR लंइ rराइ न ब�त *दैनिपा स%(� बराषतिंह *लंदै।मRरुख हृदैयO न च�त *� ग%रा धिमलंतिंह निबरा सिच सम॥16 ख॥भ�व�र्थ+:- यद्योनिपा ब�दैलं अम3त स� *लं बरास�त� हM त� भ� ब�त rR लंत�-rलंत� नहe। इस� Sका�रा च�ह� ब्रह्म� का� सम�न भ� ज्ञा�न� ग%रु धिमलंH, त� भ� मRख+ का� हृदैय मH च�त (ज्ञा�न) नहe ह�त�॥16 (ख)॥

अ गदै*� का� लं का� *�न� औरा रा�वण काC सभ� मH अ गदै-रा�वण स व�दै

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चUपा�ई :* इह�O S�त *�ग� राघ%रा�ई। पाRछो� मत सब ससिचव ब�लं�ई॥काहहु ब�निग का� कारिराअ उपा�ई। *�मव त काह पादै सिसरु न�ई॥1॥भ�व�र्थ+:- यह�O (स%ब�लं पाव+त पारा) S�त^का�लं श्री� राघ%न�र्थ*� *�ग� औरा उन्ह>न� सब म नित्रुय> का� ब%लं�कारा सलं�ह पाRछोz निका शं�घ्र बत�इए, अब क्य� उपा�य कारान� च�निहए? *�म्बव�न- न� श्री� रा�म*� का� चराण> मH सिसरा नव�कारा काह�-॥1॥* स%न% सब+ग्य सकालं उरा ब�स�। ब%धि( बलं त�* (म+ ग%न रा�स�॥म त्रु काहउO निन* मनित अन%स�रा�। र्दूत पाठा�इअ ब�सिलं का% म�रा�॥2॥भ�व�र्थ+:- ह� सव+ज्ञा (सब का% छो *�नन� व�लं�)! ह� सबका� हृदैय मH बसन� व�लं� (अ तय�+म�)! ह� ब%जि�, बलं, त�*, (म+ औरा ग%ण> काC रा�सिशं! स%निनए! मM अपान� ब%जि� का� अन%स�रा सलं�ह दै�त� हूँO निका ब�सिलंका% म�रा अ गदै का� र्दूत बन�कारा भ�*� *�ए!॥2॥* न�का म त्रु सब का� मन म�न�। अ गदै सन काह का3 पा�निन(�न�॥ब�सिलंतनय ब%धि( बलं ग%न (�म�। लं का� *�हु त�त मम का�म�॥3॥भ�व�र्थ+:- यह अच्छीz सलं�ह सबका� मन मH *Oच गई। का3 पा� का� निन(�न श्री� रा�म*� न� अ गदै स� काह�- ह� बलं, ब%जि� औरा ग%ण> का� (�म ब�सिलंपा%त्रु! ह� त�त! त%म म�रा� का�म का� सिलंए लं का� *�ओ॥3॥* बहुत ब%झ�इ त%म्हनिह का� काहऊँO । पाराम चत%रा मM *�नत अहऊँO ॥का�*% हम�रा त�स% निहत ह�ई। रिरापा% सन कारा�हु बतकाह� स�ई॥4॥भ�व�र्थ+:- त%मका� बहुत समझ�कारा क्य� काहूँO! मM *�नत� हूँO, त%म पाराम चत%रा ह�। शंत्रु% स� वह� ब�तच�त कारान�, जि*सस� हम�रा� का�म ह� औरा उसका� काल्य�ण ह�॥4॥स�राठा� :* Sभ% अग्य� (रिरा स�स चरान ब ढ़िदै अ गदै उठा� उ।स�इ ग%न स�गरा ईस रा�म का3 पा� *� कारा काराहु॥17 का॥भ�व�र्थ+:-Sभ% काC आज्ञा� सिसरा चlकारा औरा उनका� चराण> काC व दैन� काराका� अ गदै*� उठा� (औरा ब�लं�-) ह� भगव�न- श्री� रा�म*�! आपा जि*स पारा का3 पा� काराH, वह� ग%ण> का� सम%द्रं ह� *�त� ह5॥17 (का)॥

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* स्वय सिस� सब का�* न�र्थ म�निह आदैरु ढ़िदैयउ।अस निबच�रिरा *%बरा�* तन पा%लंनिकात हरानिषत निहयउ॥17 ख॥भ�व�र्थ+:-स्व�म� सब का�य+ अपान�-आपा सिस� हM, यह त� Sभ% न� म%झ का� आदैरा ढ़िदैय� ह5 (*� म%झ� अपान� का�य+ पारा भ�* राह� हM)। ऐस� निवच�रा कारा य%वरा�* अ गदै का� हृदैय हर्विष त औरा शंरा�रा पा%लंनिकात ह� गय�॥17 (ख)॥चUपा�ई :* ब ढ़िदै चरान उरा (रिरा Sभ%त�ई। अ गदै चलं�उ सबनिह सिसरु न�ई॥Sभ% Sत�पा उरा सह* अस का�। रान ब�Oका% रा� ब�सिलंस%त ब का�॥1॥भ�व�र्थ+:- चराण> काC व दैन� काराका� औरा भगव�न- काC Sभ%त� हृदैय मH (राकारा अ गदै सबका� सिसरा नव�कारा चलं�। Sभ% का� Sत�पा का� हृदैय मH (�राण निकाए हुए राणब�Oका% रा� व�रा ब�सिलंपा%त्रु स्व�भ�निवका ह� निनभ+य हM॥1॥* पा%रा पा5ठात रा�वन कारा ब�ट�। ख�लंत राह� स� ह�इ ग5 भHट�॥ब�ततिंह ब�त काराष बढ़िl आई। *%गलं अत%लं बलं पा%निन तरुन�ई॥2॥भ�व�र्थ+:-लं का� मH Sव�शं कारात� ह� रा�वण का� पा%त्रु स� भHट ह� गई, *� वह�O ख�लं राह� र्थ�। ब�त> ह� ब�त> मH दै�न> मH झगड़� बl गय� (क्य>निका) दै�न> ह� अत%लंन�य बलंव�न- र्थ� औरा निrरा दै�न> काC य%व�वस्था� र्थ�॥2॥* त�तिंह अ गदै काहुO लं�त उठा�ई। गनिह पादै पाटका� उ भRधिम भव�Oई॥निनसिसचरा निनकारा दै�खिख भट भ�रा�। *हO तहO चलं� न सकातिंह पा%का�रा�॥3॥भ�व�र्थ+:- उसन� अ गदै पारा लं�त उठा�ई। अ गदै न� (वह�) पा5रा पाकाड़कारा उस� घ%म�कारा *म�न पारा दै� पाटका� (म�रा निगरा�य�)। रा�क्षस का� समRह भ�रा� य��� दै�खकारा *ह�O-तह�O (भ�ग) चलं�, व� डरा का� म�रा� पा%का�रा भ� न मच� सका� ॥3॥* एका एका सन मराम% न काहहe। सम%जिझ त�स% ब( च%पा कारिरा राहहe॥भयउ का�लं�हलं नगरा मझ�रा�। आव� कानिपा लं का� *�तिंह *�रा�॥4॥भ�व�र्थ+:-एका-र्दूसरा� का� मम+ (असलं� ब�त) नहe बतलं�त�, उस (रा�वण का� पा%त्रु) का� व( समझकारा सब च%पा म�राकारा राह *�त� हM। (रा�वण पा%त्रु काC म3त्य% *�नकारा औरा रा�क्षस> का� भय का� म�रा� भ�गत� दै�खकारा) नगराभरा मH का�लं�हलं मच गय� निका जि*सन� लं का� *लं�ई र्थ�, वह� व�नरा निrरा आ गय� ह5॥4॥* अब (� काह� कारिरानिह कारात�रा�। अनित सभ�त सब कारातिंह निबच�रा�॥

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निबन% पाRछोH मग% दै�तिंह ढ़िदैख�ई। *�निह निबलं�का स�इ *�इ स%ख�ई॥5॥भ�व�र्थ+:- सब अत्य त भयभ�त ह�कारा निवच�रा कारान� लंग� निका निव(�त� अब न *�न� क्य� कारा�ग�। व� निबन� पाRछो� ह� अ गदै का� (रा�वण का� दैराब�रा काC) रा�ह बत� दै�त� हM। जि*स� ह� व� दै�खत� हM, वह� डरा का� म�रा� सRख *�त� ह5॥5॥दै�ह� :* गयउ सभ� दैराब�रा तब स%धिमरिरा रा�म पादै का *।सिंस ह ठावनिन इत उत सिचतव (�रा ब�रा बलं पा% *॥18॥भ�व�र्थ+:- श्री� रा�म*� का� चराणकामलं> का� स्मराण काराका� अ गदै रा�वण काC सभ� का� द्वा�रा पारा गए औरा व� (�रा, व�रा औरा बलं काC रा�सिशं अ गदै सिंस ह काC स� ऐंड़ (शं�न) स� इ(रा-उ(रा दै�खन� लंग�॥18॥चUपा�ई :* त%रात निनस�चरा एका पाठा�व�। सम�च�रा रा�वननिह *न�व�॥स%नत निबहOसिस ब�लं� दैसस�स�। आनहु ब�सिलं काह�O कारा काCस�॥1॥भ�व�र्थ+:- त%रा त ह� उन्ह>न� एका रा�क्षस का� भ�*� औरा रा�वण का� अपान� आन� का� सम�च�रा सRसिचत निकाय�। स%नत� ह� रा�वण हOसकारा ब�लं�- ब%लं� लं�ओ, (दै�खH) काह�O का� ब दैरा ह5॥1॥* आयस% पा�इ र्दूत बहु (�ए। कानिपाका% *रानिह ब�सिलं लं5 आए॥अ गदै दैzख दैस�नन ब5सH। सनिहत S�न काज्जलंनिगरिरा *5सH॥2॥भ�व�र्थ+:- आज्ञा� पा�कारा बहुत स� र्दूत दैUड़� औरा व�नरा> मH ह�र्थ� का� सम�न अ गदै का� ब%लं� लं�ए। अ गदै न� रा�वण का� ऐस� ब5ठा� हुए दै�ख�, *5स� का�ई S�णय%b (स*�व) का�*लं का� पाह�ड़ ह�!॥2॥* भ%*� निबटपा सिसरा स3 ग सम�न�। रा�म�वलं� लंत� *न% न�न�॥म%ख न�सिसका� नयन अरु का�न�। निगरिरा का दैरा� ख�ह अन%म�न�॥3॥भ�व�र्थ+:- भ%*�एO व3क्ष> का� औरा सिसरा पाव+त> का� सिशंखरा> का� सम�न हM। रा�म�वलं� म�न� बहुत स� लंत�एO हM। म%Oह, न�का, न�त्रु औरा का�न पाव+त काC कान्दैरा�ओं औरा ख�ह> का� बरा�बरा हM॥3॥* गयउ सभ�O मन न�का% न म%रा�। ब�सिलंतनय अनितबलं ब�Oका% रा�॥उठा� सभ�सदै कानिपा काहुO दै�ख�। रा�वन उरा भ� क्र�( निबस�ष�॥4॥

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भ�व�र्थ+:- अत्य त बलंव�न- ब�Oका� व�रा ब�सिलंपा%त्रु अ गदै सभ� मH गए, व� मन मH *रा� भ� नहe जिझझका� । अ गदै का� दै�खत� ह� सब सभ�सदै- उठा खड़� हुए। यह दै�खकारा रा�वण का� हृदैय मH बड़� क्र�( हुआ॥4॥दै�ह� :* *र्थ� मत्ते ग* *Rर्थ महुO पा च�नन चसिलं *�इ।रा�म Sत�पा स%धिमरिरा मन ब5ठा सभ�O सिसरु न�इ॥19॥भ�व�र्थ+:- *5स� मतव�लं� ह�सिर्थय> का� झ% ड मH सिंस ह (निन^शं का ह�कारा) चलं� *�त� ह5, व5स� ह� श्री� रा�म*� का� Sत�पा का� हृदैय मH स्मराण काराका� व� (निनभ+य) सभ� मH सिसरा नव�कारा ब5ठा गए॥19॥चUपा�ई :* काह दैसका ठा कावन तM ब दैरा। मM राघ%ब�रा र्दूत दैसका (रा॥मम *नकानिह त�निह राह� धिमत�ई। तव निहत का�रान आयउO भ�ई॥1॥भ�व�र्थ+:- रा�वण न� काह�- अरा� ब दैरा! तR काUन ह5? (अ गदै न� काह�-) ह� दैशंग्री�व! मM श्री� राघ%व�रा का� र्दूत हूँO। म�रा� निपात� स� औरा त%मस� धिमत्रुत� र्थ�, इससिलंए ह� भ�ई! मM त%म्ह�रा� भलं�ई का� सिलंए ह� आय� हूँO॥1॥* उत्तेम का% लं पा%लंस्विस्त कारा न�त�। सिसव तिंब रासिच पाR*�हु बहु भ�Oत�॥बरा पा�यहु काCन्ह�हु सब का�*�। *�त�हु लं�कापा�लं सब रा�*�॥2॥भ�व�र्थ+:- त%म्ह�रा� उत्तेम का% लं ह5, पा%लंस्त्य ऋनिष का� त%म पाUत्रु ह�। सिशंव*� काC औरा ब्रह्म�*� काC त%मन� बहुत Sका�रा स� पाR*� काC ह5। उनस� वरा पा�ए हM औरा सब का�म सिस� निकाए हM। लं�कापा�लं> औरा सब रा�*�ओं का� त%मन� *�त सिलंय� ह5॥2॥* न3पा अभिभम�न म�ह बस तिंका ब�। हरिरा आनिनहु स�त� *गदै ब�॥अब स%भ काह� स%नहु त%म्ह म�रा�। सब अपारा�( छोधिमनिह Sभ% त�रा�॥3॥भ�व�र्थ+:- रा�*मदै स� य� म�हवशं त%म *गज्जनन� स�त�*� का� हरा लं�ए ह�। अब त%म म�रा� शं%भ वचन (म�रा� निहतभरा� सलं�ह) स%न�! (उसका� अन%स�रा चलंन� स�) Sभ% श्री� रा�म*� त%म्ह�रा� सब अपारा�( क्षम� कारा दैHग�॥3॥* दैसन गहहु त3न का ठा का% ठा�रा�। पारिरा*न सनिहत स ग निन* न�रा�॥स�दैरा *नकास%त� कारिरा आगH। एनिह निबधि( चलंहु सकालं भय त्य�गH॥4॥

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भ�व�र्थ+:-दै�Oत> मH नितनका� दैब�ओ, गलं� मH का% ल्ह�ड़� ड�लं� औरा का% ट%स्त्रिम्बय> सनिहत अपान� स्त्रिस्त्रुय> का� स�र्थ लं�कारा, आदैरापाRव+का *�नकाC*� का� आग� काराका� , इस Sका�रा सब भय छो�ड़कारा चलं�-॥4॥दै�ह� :* Sनतपा�लं राघ%ब समनिन त्रु�निह त्रु�निह अब म�निह।आरात निगरा� स%नत Sभ% अभय काराHग� त�निह॥20॥भ�व�र्थ+:- औरा 'ह� शंराण�गत का� पा�लंन कारान� व�लं� राघ%व शं सिशंरा�मभिण श्री� रा�म*�! म�रा� राक्ष� काCजि*ए, राक्ष� काCजि*ए।' (इस Sका�रा आत+ S�र्थ+न� कारा�।) आत+ पा%का�रा स%नत� ह� Sभ% त%मका� निनभ+य कारा दैHग�॥20॥चUपा�ई :* रा� कानिपापा�त ब�लं% स भ�रा�। मRl न *�न�निह म�निह स%रा�रा�॥काहु निन* न�म *नका कारा भ�ई। का� निह न�तH म�निनऐ धिमत�ई॥1॥भ�व�र्थ+:- (रा�वण न� काह�-) अरा� ब दैरा का� बच्चे�! सOभ�लंकारा ब�लं! मRख+! म%झ दै�वत�ओं का� शंत्रु% का� तRन� *�न� नहe? अरा� भ�ई! अपान� औरा अपान� ब�पा का� न�म त� बत�। निकास न�त� स� धिमत्रुत� म�नत� ह5?॥1॥* अ गदै न�म ब�सिलं कारा ब�ट�। त�स> काबहुO भई ह� भHट�॥अ गदै बचन स%नत सका% च�न�। राह� ब�सिलं ब�नरा मM *�न�॥2॥भ�व�र्थ+:-(अ गदै न� काह�-) म�रा� न�म अ गदै ह5, मM ब�सिलं का� पा%त्रु हूँO। उनस� काभ� त%म्ह�रा� भHट हुई र्थ�? अ गदै का� वचन स%नत� ह� रा�वण का% छो सका% च� गय� (औरा ब�लं�-) ह�O, मM *�न गय� (म%झ� य�दै आ गय�), ब�सिलं न�म का� एका ब दैरा र्थ�॥2॥* अ गदै तहe ब�सिलं कारा ब�लंका। उपा*�हु ब स अनलं का% लं घ�लंका॥गभ+ न गयहु ब्यर्थ+ त%म्ह *�यहु। निन* म%ख त�पास र्दूत काह�यहु॥3॥भ�व�र्थ+:- अरा� अ गदै! तR ह� ब�सिलं का� लंड़का� ह5? अरा� का% लंन�शंका! तR त� अपान� का% लंरूपा� ब�Oस का� सिलंए अखिग्न रूपा ह� पा5दै� हुआ! गभ+ मH ह� क्य> न नष्टों ह� गय� तR? व्यंर्थ+ ह� पा5दै� हुआ *� अपान� ह� म%Oह स� तपास्विस्वय> का� र्दूत काहलं�य�!॥3॥* अब काहु का% सलं ब�सिलं काहO अहई। निबहOसिस बचन तब अ गदै काहई॥ढ़िदैन दैस गएO ब�सिलं पातिंह *�ई। बRझ�हु का% सलं सख� उरा लं�ई॥4॥

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भ�व�र्थ+:- अब ब�सिलं काC का% शंलं त� बत�, वह (आ*कालं) काह�O ह5? तब अ गदै न� हOसकारा काह�- दैस (का% छो) ढ़िदैन ब�तन� पारा (स्वय ह�) ब�सिलं का� पा�स *�कारा, अपान� धिमत्रु का� हृदैय स� लंग�कारा, उस� स� का% शंलं पाRछो लं�न�॥4॥* रा�म निबरा�( का% सलं *सिस ह�ई। स� सब त�निह स%न�इनिह स�ई॥स%न% सठा भ�दै ह�इ मन त�काH । श्री� राघ%ब�रा हृदैय नतिंह *�काH ॥5॥भ�व�र्थ+:-श्री� रा�म*� स� निवरा�( कारान� पारा *5स� का% शंलं ह�त� ह5, वह सब त%मका� व� स%न�वHग�। ह� मRख+! स%न, भ�दै उस� का� मन मH पाड़ सकात� ह5, (भ�दै न�नित उस� पारा अपान� Sभ�व ड�लं सकात� ह5) जि*सका� हृदैय मH श्री� राघ%व�रा न ह>॥5॥दै�ह� :* हम का% लं घ�लंका सत्य त%म्ह का% लं पा�लंका दैसस�स।अ (उ बधि(रा न अस काहतिंह नयन का�न तव ब�स॥21॥भ�व�र्थ+:- सच ह5, मM त� का% लं का� न�शं कारान� व�लं� हूँO औरा ह� रा�वण! त%म का% लं का� राक्षका ह�। अ (�-बहरा� भ� ऐस� ब�त नहe काहत�, त%म्ह�रा� त� ब�स न�त्रु औरा ब�स का�न हM!॥21॥चUपा�ई :* सिसव निबरा सिच स%रा म%निन सम%दै�ई। च�हत *�स% चरान स�वका�ई॥त�स% र्दूत ह�इ हम का% लं ब�रा�। अइसिसहुO मनित उरा निबहरा न त�रा�॥1॥भ�व�र्थ+:- सिशंव, ब्रह्म� (आढ़िदै) दै�वत� औरा म%निनय> का� सम%दै�य जि*नका� चराण> काC स�व� (कारान�) च�हत� हM, उनका� र्दूत ह�कारा मMन� का% लं का� ड%ब� ढ़िदैय�? अरा� ऐस� ब%जि� ह�न� पारा भ� त%म्ह�रा� हृदैय rट नहe *�त�?॥1॥* स%निन काठा�रा ब�न� कानिपा का� रा�। काहत दैस�नन नयन तरा�रा�॥खलं तव काढ़िठान बचन सब सहऊँO । न�नित (म+ मM *�नत अहऊँO ॥2॥भ�व�र्थ+:- व�नरा (अ गदै) काC काठा�रा व�ण� स%नकारा रा�वण आOखH तरा�राकारा (नितराछोz काराका� ) ब�लं�- अरा� दुष्टों! मM त�रा� सब काठा�रा वचन इस�सिलंए सह राह� हूँO निका मM न�नित औरा (म+ का� *�नत� हूँO (उन्हe काC राक्ष� कारा राह� हूँO)॥2॥* काह कानिपा (म+स�लंत� त�रा�। हमहुO स%न� का3 त पारा नित्रुय च�रा�॥दै�ख� नयन र्दूत राखव�रा�। बRनिड़ न मराहु (म+ ब्रत(�रा�॥3॥

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भ�व�र्थ+:- अ गदै न� काह�- त%म्ह�रा� (म+शं�लंत� मMन� भ� स%न� ह5। (वह यह निका) त%मन� पारा�ई स्त्रु� काC च�रा� काC ह5! औरा र्दूत काC राक्ष� काC ब�त त� अपान� आOख> स� दै�ख लं�। ऐस� (म+ का� व्रत का� (�राण (पा�लंन) कारान� व�लं� त%म डRबकारा मरा नहe *�त�!॥3॥* का�न न�का निबन% भनिगनिन निनह�रा�। छोम� काCखिन्ह त%म्ह (म+ निबच�रा�॥(म+स�लंत� तव *ग *�ग�। पा�व� दैरास% हमहुO बड़भ�ग�॥4॥भ�व�र्थ+:-न�का-का�न स� रानिहत बनिहन का� दै�खकारा त%मन� (म+ निवच�राकारा ह� त� क्षम� कारा ढ़िदैय� र्थ�! त%म्ह�रा� (म+शं�लंत� *ग*�निहरा ह5। मM भ� बड़� भ�ग्यव�न- हूँO, *� मMन� त%म्ह�रा� दैशं+न पा�य�?॥4॥दै�ह� :* *निन *ल्पासिस *ड़ * त% कानिपा सठा निबलं�का% मम ब�हु।लं�कापा�लं बलं निबपा%लं ससिस ग्रीसन ह�त% सब रा�हु॥22 का॥भ�व�र्थ+:- (रा�वण न� काह�-) अरा� *ड़ *न्त% व�नरा! व्यंर्थ+ बका-बका न कारा, अरा� मRख+! म�रा� भ%*�एO त� दै�ख। य� सब लं�कापा�लं> का� निवशं�लं बलं रूपा� च द्रंम� का� ग्रीसन� का� सिलंए रा�हु हM॥22 (का)॥* पा%निन नभ सरा मम कारा निनकारा कामलंखिन्ह पारा कारिरा ब�स।स�भत भयउ मरा�लं इव स भ% सनिहत का5 लं�स॥22 ख॥भ�व�र्थ+:- निrरा (तRन� स%न� ह� ह�ग� निका) आका�शं रूपा� त�लं�ब मH म�रा� भ%*�ओं रूपा� कामलं> पारा बसकारा सिशंव*� सनिहत का5 लं�स ह स का� सम�न शं�भ� का� S�प्त हुआ र्थ�!॥22 (ख)॥चUपा�ई :* त%म्हरा� काटका म�झ स%न% अ गदै। म� सन भिभरिरानिह कावन *�(� बदै॥तब Sभ% न�रिरा निबराहO बलंह�न�। अन%* त�स% दुख दुख� मलं�न�॥1॥भ�व�र्थ+:- अरा� अ गदै! स%न, त�रा� स�न� मH बत�, ऐस� काUन य��� ह5, *� म%झस� भिभड़ सका� ग�। त�रा� म�सिलंका त� स्त्रु� का� निवय�ग मH बलंह�न ह� राह� ह5 औरा उसका� छो�ट� भ�ई उस� का� दु^ख स� दु^ख� औरा उदै�स ह5॥1॥* त%म्ह स%ग्री�व काR लंद्रुम दै�ऊँ। अन%* हम�रा भ�रु अनित स�ऊँ॥*�मव त म त्रु� अनित बRl�। स� निका ह�इ अब समरा�रूl�॥2॥

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भ�व�र्थ+:- त%म औरा स%ग्री�व, दै�न> (नदैz) तट का� व3क्ष ह� (राह�) म�रा� छो�ट� भ�ई निवभ�षण, (स�) वह भ� बड़� डरापा�का ह5। म त्रु� *�म्बव�न- बहुत बRl� ह5। वह अब लंड़�ई मH क्य� चl (उद्योत ह�) सकात� ह5?॥2॥* सिसच्छिल्पा काम+ *�नतिंह नलं न�लं�। ह5 कानिपा एका मह� बलंस�लं�॥आव� Sर्थम नगरु *�तिंह *�रा�। स%नत बचन काह ब�सिलंका% म�रा�॥3॥भ�व�र्थ+:- नलं-न�लं त� सिशंल्पा-काम+ *�नत� हM (व� लंड़न� क्य� *�नH?)। ह�O, एका व�नरा *रूरा मह�न- बलंव�न- ह5, *� पाहलं� आय� र्थ� औरा जि*सन� लं का� *लं�ई र्थ�। यह वचन स%नत� ह� ब�सिलं पा%त्रु अ गदै न� काह�-॥3॥* सत्य बचन काहु निनसिसचरा न�ह�। स�Oच�हुO काCस काCन्ह पा%रा दै�ह�॥रा�वण नगरा अल्पा कानिपा दैहई। स%निन अस बचन सत्य का� काहई॥4॥भ�व�र्थ+:- ह� रा�क्षसरा�*! सच्चे� ब�त काह�! क्य� उस व�नरा न� सचम%च त%म्ह�रा� नगरा *लं� ढ़िदैय�? रा�वण (*5स� *गनिद्वा*य� य���) का� नगरा एका छो�ट� स� व�नरा न� *लं� ढ़िदैय�। ऐस� वचन स%नकारा उन्हH सत्य काUन काह�ग�?॥4॥* *� अनित स%भट सरा�ह�हु रा�वन। स� स%ग्री�व का� रा लंघ% (�वन॥चलंइ बहुत स� ब�रा न ह�ई। पाठाव� खबरिरा लं�न हम स�ई॥5॥भ�व�र्थ+:- ह� रा�वण! जि*सका� त%मन� बहुत बड़� य��� काहकारा सरा�ह� ह5, वह त� स%ग्री�व का� एका छो�ट� स� दैUड़कारा चलंन� व�लं� हराका�रा� ह5। वह बहुत चलंत� ह5, व�रा नहe ह5। उसका� त� हमन� (का� वलं) खबरा लं�न� का� सिलंए भ�*� र्थ�॥5॥दै�ह� :* सत्य नगरु कानिपा *�रा�उ निबन% Sभ% आयस% पा�इ।निrरिरा न गयउ स%ग्री�व पातिंह त�तिंह भय राह� लं%का�इ॥23 का॥भ�व�र्थ+:- क्य� सचम%च ह� उस व�नरा न� Sभ% काC आज्ञा� पा�ए निबन� ह� त%म्ह�रा� नगरा *लं� ड�लं�? म�लंRम ह�त� ह5, इस� डरा स� वह लंUटकारा स%ग्री�व का� पा�स नहe गय� औरा काहe सिछोपा राह�!॥23 (का)॥* सत्य काहनिह दैसका ठा सब म�निह न स%निन काछो% का�ह।का�उ न हम�राH काटका अस त� सन लंरात *� स�ह॥23 ख॥

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भ�व�र्थ+:- ह� रा�वण! त%म सब सत्य ह� काहत� ह�, म%झ� स%नकारा का% छो भ� क्र�( नहe ह5। सचम%च हम�रा� स�न� मH का�ई भ� ऐस� नहe ह5, *� त%मस� लंड़न� मH शं�भ� पा�ए॥23 (ख)॥* S�नित निबरा�( सम�न सन कारिराअ न�नित असिस आनिह।*� म3गपानित ब( म�ड%काखिन्ह भलं निका काहइ का�उ त�निह॥23 ग॥भ�व�र्थ+:- S�नित औरा व5रा बरा�बरा� व�लं� स� ह� कारान� च�निहए, न�नित ऐस� ह� ह5। सिंस ह यढ़िदै मH�का> का� म�रा�, त� क्य� उस� का�ई भलं� काह�ग�?॥23 (ग)॥* *द्योनिपा लंघ%त� रा�म काहुO त�निह ब(H बड़ दै�ष।तदैनिपा काढ़िठान दैसका ठा स%न% छोत्रु *�नित कारा रा�ष॥23 घ॥भ�व�र्थ+:-यद्योनिपा त%म्हH म�रान� मH श्री� रा�म*� काC लंघ%त� ह5 औरा बड़� दै�ष भ� ह5 तर्थ�निपा ह� रा�वण! स%न�, क्षनित्रुय *�नित का� क्र�( बड़� काढ़िठान ह�त� ह5॥23 (घ)॥* बक्र उसिb (न% बचन सरा हृदैय दैह�उ रिरापा% काCस।Sनितउत्तेरा सड़सिसन्ह मनहुO का�lत भट दैसस�स॥23 ङ॥भ�व�र्थ+:-वक्र�सिb रूपा� (न%ष स� वचन रूपा� ब�ण म�राकारा अ गदै न� शंत्रु% का� हृदैय *लं� ढ़िदैय�। व�रा रा�वण उन ब�ण> का� म�न� Sत्य%त्तेरा रूपा� सOड़सिसय> स� निनका�लं राह� ह5॥ 23 (ङ)॥* हOसिस ब�लं�उ दैसमUसिलं तब कानिपा कारा बड़ ग%न एका।*� Sनितपा�लंइ त�स% निहत काराइ उपा�य अन�का॥23 च॥भ�व�र्थ+:- तब रा�वण हOसकारा ब�लं�- ब दैरा मH यह एका बड़� ग%ण ह5 निका *� उस� पा�लंत� ह5, उसका� वह अन�का> उपा�य> स� भलं� कारान� काC च�ष्टों� कारात� ह5॥23 (च)॥चUपा�ई :* (न्य काCस *� निन* Sभ% का�*�। *हO तहO न�चइ पारिराहरिरा लं�*�॥न�सिच काR ढ़िदै कारिरा लं�ग रिराझ�ई। पानित निहत काराइ (म+ निनपा%न�ई॥1॥भ�व�र्थ+:- ब दैरा का� (न्य ह5, *� अपान� म�सिलंका का� सिलंए लं�* छो�ड़कारा *ह�O-तह�O न�चत� ह5। न�च-काR दैकारा, लं�ग> का� रिराझ�कारा, म�सिलंका का� निहत कारात� ह5। यह उसका� (म+ काC निनपा%णत� ह5॥1॥* अ गदै स्व�धिमभb तव *�त�। Sभ% ग%न कास न काहसिस एनिह भ�Oत�॥

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मM ग%न ग�हका पाराम स%*�न�। तव काट% राटनिन काराउO नतिंह का�न�॥2॥भ�व�र्थ+:-ह� अ गदै! त�रा� *�नित स्व�धिमभb ह5 (निrरा भलं�) तR अपान� म�सिलंका का� ग%ण इस Sका�रा का5 स� न बख�न�ग�? मM ग%ण ग्री�हका (ग%ण> का� आदैरा कारान� व�लं�) औरा पाराम स%*�न (समझदै�रा) हूँO, इस� स� त�रा� *लं�-काटz बका-बका पारा का�न (ध्य�न) नहe दै�त�॥2॥* काह कानिपा तव ग%न ग�हकात�ई। सत्य पावनस%त म�निह स%न�ई॥बन निब( सिस स%त बधि( पा%रा *�रा�। तदैनिपा न त�तिंह काछो% का3 त अपाका�रा�॥3॥भ�व�र्थ+:- अ गदै न� काह�- त%म्ह�रा� सच्चे� ग%ण ग्री�हकात� त� म%झ� हन%म�न- न� स%न�ई र्थ�। उसन� अशं�का वन मH निवध्व स (तहस-नहस) काराका� , त%म्ह�रा� पा%त्रु का� म�राकारा नगरा का� *लं� ढ़िदैय� र्थ�। त� भ� (त%मन� अपान� ग%ण ग्री�हकात� का� का�राण यह� समझ� निका) उसन� त%म्ह�रा� का% छो भ� अपाका�रा नहe निकाय�॥3॥* स�इ निबच�रिरा तव Sका3 नित स%ह�ई। दैसका (रा मM काCखिन्ह ढ़ि�ठा�ई॥दै�ख�उO आइ *� काछो% कानिपा भ�ष�। त%म्हराH लं�* न रा�ष न म�ख�॥4॥भ�व�र्थ+:- त%म्ह�रा� वह� स% दैरा स्वभ�व निवच�रा कारा, ह� दैशंग्री�व! मMन� का% छो (3ष्टोंत� काC ह5। हन%म�न- न� *� का% छो काह� र्थ�, उस� आकारा मMन� Sत्यक्ष दै�ख सिलंय� निका त%म्हH न लंज्ज� ह5, न क्र�( ह5 औरा न सिचl ह5॥4॥**� असिस मनित निपात% ख�ए काCस�। कानिह अस बचन हOस� दैसस�स�॥निपातनिह ख�इ ख�त�उO पा%निन त�ह�। अबहe सम%जिझ पारा� काछो% म�ह�॥5॥भ�व�र्थ+:- (रा�वण ब�लं�-) अरा� व�नरा! *ब त�रा� ऐस� ब%जि� ह5, तभ� त� तR ब�पा का� ख� गय�। ऐस� वचन काहकारा रा�वण हOस�। अ गदै न� काह�- निपात� का� ख�कारा निrरा त%मका� भ� ख� ड�लंत�, पारान्त% अभ� त%रा त का% छो औरा ह� ब�त म�रा� समझ मH आ गई!॥5॥* ब�सिलं निबमलं *स भ�*न *�न�। हतउO न त�निह अ(म अभिभम�न�॥काहु रा�वन रा�वन *ग का� त�। मM निन* श्रीवन स%न� स%न% *�त�॥6॥भ�व�र्थ+:- अरा� न�च अभिभम�न�! ब�सिलं का� निनम+लं यशं का� पा�त्रु (का�राण) *�नकारा त%म्हH मM नहe म�रात�। रा�वण! यह त� बत� निका *गत- मH निकातन� रा�वण हM? मMन� जि*तन� रा�वण अपान� का�न> स� स%न राख� हM, उन्हH स%न-॥6॥* बसिलंनिह जि*तन एका गयउ पात�लं�। रा�ख�उ ब�Oधि( सिसस%न्ह हयस�लं�॥ख�लंतिंह ब�लंका म�रातिंह *�ई। दैय� लं�निग बसिलं दैzन्ह छो�ड़�ई॥7॥

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भ�व�र्थ+:- एका रा�वण त� बसिलं का� *�तन� पा�त�लं मH गय� र्थ�, तब बच्चे> न� उस� घ%ड़स�लं मH ब�O( राख�। ब�लंका ख�लंत� र्थ� औरा *�-*�कारा उस� म�रात� र्थ�। बसिलं का� दैय� लंग�, तब उन्ह>न� उस� छो% ड़� ढ़िदैय�॥7॥* एका बह�रिरा सहसभ%* दै�ख�। (�इ (रा� जि*धिम * त% निबस�ष�॥काUत%का लं�निग भवन लं5 आव�। स� पा%लंस्विस्त म%निन *�इ छो�ड़�व�॥8॥भ�व�र्थ+:- निrरा एका रा�वण का� सहस्रब�हु न� दै�ख�, औरा उसन� दैUड़कारा उसका� एका निवशं�ष Sका�रा का� (निवसिचत्रु) *न्त% काC तराह (समझकारा) पाकाड़ सिलंय�। तम�शं� का� सिलंए वह उस� घरा लं� आय�। तब पा%लंस्त्य म%निन न� *�कारा उस� छो% ड़�य�॥8॥दै�ह� :* एका काहत म�निह सका% च अनित राह� ब�सिलं का� का�Oख।इन्ह महुO रा�वन तM कावन सत्य बदैनिह तजि* म�ख॥24॥भ�व�र्थ+:- एका रा�वण काC ब�त काहन� मH त� म%झ� बड़� स का�च ह� राह� ह5- वह (बहुत ढ़िदैन> तका) ब�सिलं काC का�Oख मH राह� र्थ�। इनमH स� त%म काUन स� रा�वण ह�? ख�झन� छो�ड़कारा सच-सच बत�ओ॥24॥चUपा�ई : :* स%न% सठा स�इ रा�वन बलंस�लं�। हरानिगरिरा *�न *�स% भ%* लं�लं�॥*�न उम�पानित *�स% स%रा�ई। पाR*�उO *�निह सिसरा स%मन चl�ई॥1॥भ�व�र्थ+:-(रा�वण न� काह�-) अरा� मRख+! स%न, मM वह� बलंव�न- रा�वण हूँO, जि*सकाC भ%*�ओं काC लं�लं� (कारा�म�त) का5 लं�स पाव+त *�नत� ह5। जि*सकाC शंRरात� उम�पानित मह�दै�व*� *�नत� हM, जि*न्हH अपान� सिसरा रूपा� पा%ष्पा चl�-चl�कारा मMन� पाR*� र्थ�॥1॥* सिसरा सरा�* निन* काराखिन्ह उत�रा�। पाR*�उO अधिमत ब�रा नित्रुपा%रा�रा�॥भ%* निबक्रम *�नतिंह ढ़िदैगपा�लं�। सठा अ*हूँO जि*न्ह काH उरा स�लं�॥2॥भ�व�र्थ+:- सिसरा रूपा� कामलं> का� अपान� ह�र्थ> स� उत�रा-उत�राकारा मMन� अगभिणत ब�रा नित्रुपा%रा�रिरा सिशंव*� काC पाR*� काC ह5। अरा� मRख+! म�रा� भ%*�ओं का� पारा�क्रम ढ़िदैक्पा�लं *�नत� हM, जि*नका� हृदैय मH वह आ* भ� च%भ राह� ह5॥2॥* *�नतिंह ढ़िदैग्ग* उरा काढ़िठान�ई। *ब *ब भिभराउO *�इ बरिराआई॥जि*न्ह का� दैसन कारा�लं न rR ट�। उरा लं�गत मRलंका इव टRट�॥3॥

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भ�व�र्थ+:- ढ़िदैग्ग* (ढ़िदैशं�ओं का� ह�र्थ�) म�रा� छो�त� काC काठा�रात� का� *�नत� हM। जि*नका� भय�नका दै�Oत, *ब-*ब *�कारा मM उनस� *बरादैस्त� भिभड़�, म�रा� छो�त� मH काभ� नहe rR ट� (अपान� सिचह्न भ� नहe बन� सका� ), बस्विल्का म�रा� छो�त� स� लंगत� ह� व� मRलं� काC तराह टRट गए॥3॥* *�स% चलंत ड�लंनित इधिम (रान�। चlत मत्ते ग* जि*धिम लंघ% तरान�॥स�इ रा�वन *ग निबढ़िदैत Sत�पा�। स%न�निह न श्रीवन अलं�का Sलं�पा�॥4॥भ�व�र्थ+:- जि*सका� चलंत� समय पा3थ्व� इस Sका�रा निहलंत� ह5 *5स� मतव�लं� ह�र्थ� का� चlत� समय छो�टz न�व! मM वह� *गत Sसिस� Sत�पा� रा�वण हूँO। अरा� झRठा� बकाव�स कारान� व�लं�! क्य� तRन� म%झका� का�न> स� काभ� स%न�?॥4॥दै�ह� :* त�निह रा�वन काहO लंघ% काहसिस नरा कारा कारासिस बख�न।रा� कानिपा बब+रा खब+ खलं अब *�न� तव ग्य�न॥25॥भ�व�र्थ+:- उस (मह�न Sत�पा� औरा *गत Sसिस�) रा�वण का� (म%झ�) तR छो�ट� काहत� ह5 औरा मन%ष्य काC बड़�ई कारात� ह5? अरा� दुष्टों, असभ्य, त%च्छी ब दैरा! अब मMन� त�रा� ज्ञा�न *�न सिलंय�॥25॥चUपा�ई :* स%निन अ गदै सका�पा काह ब�न�। ब�लं% स भ�रिरा अ(म अभिभम�न�॥सहसब�हु भ%* गहन अपा�रा�। दैहन अनलं सम *�स% का% ठा�रा�॥1॥भ�व�र्थ+:- रा�वण का� य� वचन स%नकारा अ गदै क्र�( सनिहत वचन ब�लं�- अरा� न�च अभिभम�न�! सOभलंकारा (स�च-समझकारा) ब�लं। जि*नका� rरास� सहस्रब�हु काC भ%*�ओं रूपा� अपा�रा वन का� *लं�न� का� सिलंए अखिग्न का� सम�न र्थ�,॥1॥* *�स% पारास% स�गरा खरा (�रा�। बRड़� न3पा अगनिनत बहु ब�रा�॥त�स% गब+ *�निह दै�खत भ�ग�। स� नरा क्य> दैसस�स अभ�ग�॥2॥भ�व�र्थ+:- जि*नका� rरास� रूपा� सम%द्रं काC त�व्र (�रा� मH अननिगनत रा�*� अन�का> ब�रा डRब गए, उन पाराशं%रा�म*� का� गव+ जि*न्हH दै�खत� ह� भ�ग गय�, अरा� अभ�ग� दैशंशं�शं! व� मन%ष्य क्य> कारा हM?॥2॥* रा�म मन%* कास रा� सठा ब ग�। (न्व� का�म% नदैz पा%निन ग ग�॥

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पास% स%रा(�न% काल्पातरु रूख�। अन्न दै�न अरु रास पा�यRष�॥3॥भ�व�र्थ+:- क्य> रा� मRख+ उद्दण्ड! श्री� रा�मच द्रं*� मन%ष्य हM? का�मदै�व भ� क्य� (न%(�+रा� ह5? औरा ग ग�*� क्य� नदैz हM? का�म(�न% क्य� पाशं% ह5? औरा काल्पाव3क्ष क्य� पा�ड़ ह5? अन्न भ� क्य� दै�न ह5? औरा अम3त क्य� रास ह5?॥3॥* ब5नत�य खग अनिह सहस�नन। सिंच त�मनिन पा%निन उपालं दैस�नन॥स%न% मनितम दै लं�का ब5का% ठा�। लं�भ निका राघ%पानित भगनित अका% ठा�॥4॥भ�व�र्थ+:- गरुड़*� क्य� पाक्ष� हM? शं�ष*� क्य� सपा+ हM? अरा� रा�वण! सिंच त�मभिण भ� क्य� पात्थरा ह5? अरा� ओ मRख+! स%न, व5का% ण्ठा भ� क्य� लं�का ह5? औरा श्री� राघ%न�र्थ*� काC अखण्ड भसिb क्य� (औरा लं�भ> *5स� ह�) लं�भ ह5?॥4॥दै�ह� :* स�न सनिहत तव म�न मसिर्थ बन उ*�रिरा पा%रा *�रिरा।कास रा� सठा हन%म�न कानिपा गयउ *� तव स%त म�रिरा॥26॥भ�व�र्थ+:- स�न� सम�त त�रा� म�न मर्थकारा, अशं�का वन का� उ*�ड़कारा, नगरा का� *लं�कारा औरा त�रा� पा%त्रु का� म�राकारा *� लंUट गए (तR उनका� का% छो भ� न निबग�ड़ सका�), क्य> रा� दुष्टों! व� हन%म�न- *� क्य� व�नरा हM?॥26॥चUपा�ई :* स%न% रा�वन पारिराहरिरा चत%रा�ई। भ*सिस न का3 पा�सिंस (% राघ%रा�ई॥*� खलं भएसिस रा�म कारा द्रं�ह�। ब्रह्म रुद्रं सका रा�खिख न त�ह�॥1॥भ�व�र्थ+:-अरा� रा�वण! चत%रा�ई (कापाट) छो�ड़कारा स%न। का3 पा� का� सम%द्रं श्री� राघ%न�र्थ*� का� तR भ*न क्य> नहe कारात�? अरा� दुष्टों! यढ़िदै तR श्री� रा�म*� का� व5रा� हुआ त� त%झ� ब्रह्म� औरा रुद्रं भ� नहe बच� सकाH ग�।* मRl ब3र्थ� *निन म�रासिस ग�लं�। रा�म बयरा अस ह�इनिह ह�लं�॥तव सिसरा निनकारा कानिपान्ह का� आगH। पारिराहतिंह (रानिन रा�म सरा लं�गH॥2॥भ�व�र्थ+:- ह� मRl! व्यंर्थ+ ग�लं न म�रा (डeग न ह�Oका)। श्री� रा�म*� स� व5रा कारान� पारा त�रा� ऐस� ह�लं ह�ग� निका त�रा� सिसरा समRह श्री� रा�म*� का� ब�ण लंगत� ह� व�नरा> का� आग� पा3थ्व� पारा पाड़Hग�,॥2॥* त� तव सिसरा का दुका सम न�न�। ख�सिलंहतिंह भ�लं% काCस चUग�न�॥*बतिंह समरा का�निपानिह राघ%न�यका। छो% ढ़िटहतिंह अनित कारा�लं बहु स�यका॥3॥

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भ�व�र्थ+:- औरा रा�छो-व�नरा त�रा� उन गHदै का� सम�न अन�का> सिसरा> स� चUग�न ख�लंHग�। *ब श्री� राघ%न�र्थ*� य%� मH का�पा काराHग� औरा उनका� अत्य त त�क्ष्ण बहुत स� ब�ण छोR टHग�,॥3॥* तब निका चसिलंनिह अस ग�लं त%म्ह�रा�। अस निबच�रिरा भ*% रा�म उदै�रा�॥स%नत बचन रा�वन पारा*रा�। *रात मह�नलं *न% घ3त पारा�॥4॥भ�व�र्थ+:- तब क्य� त�रा� ग�लं चलं�ग�? ऐस� निवच�रा कारा उदै�रा (का3 पा�लं%) श्री� रा�म*� का� भ*। अ गदै का� य� वचन स%नकारा रा�वण बहुत अधि(का *लं उठा�। म�न� *लंत� हुई Sचण्ड अखिग्न मH घ� पाड़ गय� ह�॥4॥दै�ह� :* का% भकारान अस ब (% मम स%त Sसिस� सक्र�रिरा।म�रा पारा�क्रम नतिंह स%न�निह जि*त�ऊँO चरा�चरा झ�रिरा॥27॥भ�व�र्थ+:- (वह ब�लं�- अरा� मRख+!) का% भकाण+- ऐस� म�रा� भ�ई ह5, इन्द्रं का� शंत्रु% स%Sसिस� म�घन�दै म�रा� पा%त्रु ह5! औरा म�रा� पारा�क्रम त� तRन� स%न� ह� नहe निका मMन� स पाRण+ *ड़-च�तन *गत- का� *�त सिलंय� ह5!॥27॥चUपा�ई :* सठा स�ख�म3ग *�रिरा सह�ई। ब�O(� सिंस (% इहइ Sभ%त�ई॥न�घतिंह खग अन�का ब�रा�स�। सRरा न ह�तिंह त� स%न% सब काCस�॥1॥भ�व�र्थ+:- रा� दुष्टों! व�नरा> काC सह�यत� *�ड़कारा रा�म न� सम%द्रं ब�O( सिलंय�, बस, यह� उसकाC Sभ%त� ह5। सम%द्रं का� त� अन�का> पाक्ष� भ� लं�Oघ *�त� हM। पारा इस� स� व� सभ� शंRराव�रा नहe ह� *�त�। अरा� मRख+ ब दैरा! स%न-॥1॥* मम भ%* स�गरा बलं *लं पाRरा�। *हO बRड़� बहु स%रा नरा सRरा�॥ब�स पाय�धि( अग�( अपा�रा�। का� अस ब�रा *� पा�इनिह पा�रा�॥2॥भ�व�र्थ+:- म�रा� एका-एका भ%*� रूपा� सम%द्रं बलं रूपा� *लं स� पाRण+ ह5, जि*समH बहुत स� शंRराव�रा दै�वत� औरा मन%ष्य डRब चRका� हM। (बत�,) काUन ऐस� शंRराव�रा ह5, *� म�रा� इन अर्थ�ह औरा अपा�रा ब�स सम%द्रं> का� पा�रा पा� *�एग�?॥2॥* ढ़िदैगपा�लंन्ह मM न�रा भरा�व�। भRपा स%*स खलं म�निह स%न�व�॥*� पा5 समरा स%भट तव न�र्थ�। पा%निन पा%निन काहसिस *�स% ग%न ग�र्थ�॥3॥

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भ�व�र्थ+:- अरा� दुष्टों! मMन� ढ़िदैक्पा�लं> तका स� *लं भराव�य� औरा तR एका रा�*� का� म%झ� स%यशं स%न�त� ह5! यढ़िदै त�रा� म�सिलंका, जि*सकाC ग%णग�र्थ� तR ब�रा-ब�रा काह राह� ह5, स ग्री�म मH लंड़न� व�लं� य��� ह5-॥3॥* तU बस�ठा पाठावत का� निह का�*�। रिरापा% सन S�नित कारात नतिंह लं�*�॥हरानिगरिरा मर्थन निनराख% मम ब�हूँ। पा%निन सठा कानिपा निन* Sभ%निह सरा�हूँ॥4॥भ�व�र्थ+:- त� (निrरा) वह र्दूत निकाससिलंए भ�*त� ह5? शंत्रु% स� S�नित (सस्त्रिन्धु) कारात� उस� लं�* नहe आत�? (पाहलं�) का5 लं�स का� मर्थन कारान� व�लं� म�रा� भ%*�ओं का� दै�ख। निrरा अरा� मRख+ व�नरा! अपान� म�सिलंका काC सरा�हन� कारान�॥4॥दै�ह� :* सRरा कावन रा�वन सरिरास स्वकारा का�ढ़िट *�तिंह स�स।हुन� अनलं अनित हराष बहु ब�रा स�खिख गUरा�स॥28॥भ�व�र्थ+:- रा�वण का� सम�न शंRराव�रा काUन ह5? जि*सन� अपान� ह�र्थ> स� सिसरा का�ट-का�टकारा अत्य त हष+ का� स�र्थ बहुत ब�रा उन्हH अखिग्न मH ह�म ढ़िदैय�! स्वय गUरा�पानित सिशंव*� इस ब�त का� स�क्ष� हM॥28॥चUपा�ई :* *रात निबलं�का� उO *बनिह कापा�लं�। निबधि( का� सिलंख� अ का निन* भ�लं�॥नरा काH कारा आपान ब( ब�Oच�। हस�उO *�निन निबधि( निगरा� अस�Oच�॥1॥भ�व�र्थ+:- मस्तका> का� *लंत� समय *ब मMन� अपान� लंलं�ट> पारा सिलंख� हुए निव(�त� का� अक्षरा दै�ख�, तब मन%ष्य का� ह�र्थ स� अपान� म3त्य% ह�न� ब�Oचकारा, निव(�त� काC व�ण� (लं�ख का�) असत्य *�नकारा मM हOस�॥1॥* स�उ मन सम%जिझ त्रु�स नतिंह म�राH। सिलंख� निबरा सिच *राठा मनित भ�राH॥आन ब�रा बलं सठा मम आगH। पा%निन पा%निन काहसिस लं�* पानित त्य�गH॥2॥भ�व�र्थ+:- उस ब�त का� समझकारा (स्मराण काराका� ) भ� म�रा� मन मH डरा नहe ह5। (क्य>निका मM समझत� हूँO निका) बRl� ब्रह्म� न� ब%जि� भ्रम स� ऐस� सिलंख ढ़िदैय� ह5। अरा� मRख+! तR लंज्ज� औरा मय�+दै� छो�ड़कारा म�रा� आग� ब�रा-ब�रा र्दूसरा� व�रा का� बलं काहत� ह5!॥2॥* काह अ गदै सलंज्ज *ग म�हe। रा�वन त�निह सम�न का�उ न�हe॥लं�*व त तव सह* स%भ�ऊँ। निन* म%ख निन* ग%न काहसिस न का�ऊँ॥3॥

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भ�व�र्थ+:- अ गदै न� काह�- अरा� रा�वण! त�रा� सम�न लंज्ज�व�न- *गत- मH का�ई नहe ह5। लंज्ज�शं�लंत� त� त�रा� सह* स्वभ�व ह� ह5। तR अपान� म%Oह स� अपान� ग%ण काभ� नहe काहत�॥3॥* सिसरा अरु स5लं कार्थ� सिचत राह�। त�त� ब�रा ब�स तM काहe॥स� भ%*बलं रा�ख�हु उरा घ�लं�। *�त�हु सहसब�हु बसिलं ब�लं�॥4॥भ�व�र्थ+:- सिसरा का�टन� औरा का5 लं�स उठा�न� काC कार्थ� सिचत्ते मH चlz हुई र्थ�, इसस� तRन� उस� ब�स> ब�रा काह�। भ%*�ओं का� उस बलं का� तRन� हृदैय मH ह� ट�लं (सिछोपा�) राख� ह5, जि*सस� तRन� सहस्रब�हु, बसिलं औरा ब�सिलं का� *�त� र्थ�॥4॥* स%न% मनितम दै दै�निह अब पाRरा�। का�टH स�स निका ह�इअ सRरा�॥इ द्रं*�सिलं काहुO कानिहअ न ब�रा�। का�टइ निन* कारा सकालं सरा�रा�॥5॥भ�व�र्थ+:- अरा� म दै ब%जि�! स%न, अब बस कारा। सिसरा का�टन� स� भ� क्य� का�ई शंRराव�रा ह� *�त� ह5? इ द्रं*�लं राचन� व�लं� का� व�रा नहe काह� *�त�, यद्योनिपा वह अपान� ह� ह�र्थ> अपान� स�रा� शंरा�रा का�ट ड�लंत� ह5!॥5॥दै�ह� :* *रातिंह पात ग म�ह बस भ�रा बहतिंह खरा ब3 दै।त� नतिंह सRरा काह�वतिंह सम%जिझ दै�ख% मनितम दै॥29॥भ�व�र्थ+:-अरा� म दै ब%जि�! समझकारा दै�ख। पात ग� म�हवशं आग मH *लं मरात� हM, गदैह> का� झ% ड ब�झ लं�दैकारा चलंत� हM, पारा इस का�राण व� शंRराव�रा नहe काहलं�त�॥29॥चUपा�ई :* अब *निन बतबl�व खलं काराह�। स%न% मम बचन म�न पारिराहराह�॥दैसम%ख मM न बस�ठा¢ आयउO। अस निबच�रिरा राघ%ब�रा पाठा�यउO॥1॥भ�व�र्थ+:- अरा� दुष्टों! अब बतबl�व मत कारा, म�रा� वचन स%न औरा अभिभम�न त्य�ग दै�! ह� दैशंम%ख! मM र्दूत काC तराह (सस्त्रिन्धु कारान�) नहe आय� हूँO। श्री� राघ%व�रा न� ऐस� निवच�रा कारा म%झ� भ�*� ह5-॥1॥* ब�रा ब�रा अस काहइ का3 पा�लं�। नतिंह ग*�रिरा *स% ब (� स3का�लं�॥मन महुO सम%जिझ बचन Sभ% का� रा�। सह�उO काठा�रा बचन सठा त�रा�॥2॥

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भ�व�र्थ+:- का3 पा�लं% श्री� रा�म*� ब�रा-ब�रा ऐस� काहत� हM निका स्य�रा का� म�रान� स� सिंस ह का� यशं नहe धिमलंत�। अरा� मRख+! Sभ% का� (उन) वचन> का� मन मH समझकारा (य�दै काराका� ) ह� मMन� त�रा� काठा�रा वचन सह� हM॥2॥* न�तिंह त कारिरा म%ख भ *न त�रा�। लंM *�त�उO स�तनिह बरा*�रा�॥*�न�उO तव बलं अ(म स%रा�रा�। सRनH हरिरा आनिननिह पारान�रा�॥3॥भ�व�र्थ+:- नहe त� त�रा� म%Oह त�ड़कारा मM स�त�*� का� *बरादैस्त� लं� *�त�। अरा� अ(म! दै�वत�ओं का� शंत्रु%! त�रा� बलं त� मMन� तभ� *�न सिलंय�, *ब तR सRन� मH पारा�ई स्त्रु� का� हरा (च%रा�) लं�य�॥3॥* त5 निनसिसचरा पानित गब+ बहूँत�। मM राघ%पानित स�वका कारा र्दूत�॥*� न रा�म अपाम�नतिंह डराऊँO । त�निह दै�खत अस काUत%का काराउO॥4॥भ�व�र्थ+:- तR रा�क्षस> का� रा�*� औरा बड़� अभिभम�न� ह5, पारान्त% मM त� श्री� राघ%न�र्थ*� का� स�वका (स%ग्री�व) का� र्दूत (स�वका का� भ� स�वका) हूँO। यढ़िदै मM श्री� रा�म*� का� अपाम�न स� न डरूO त� त�रा� दै�खत�-दै�खत� ऐस� तम�शं� कारूO निका-॥4॥दै�ह� :* त�निह पाटनिका मनिह स�न हनित चUपाट कारिरा तव ग�उO।तव *%बनितन्ह सम�त सठा *नकास%तनिह लं5 *�उO॥30॥भ�व�र्थ+:- त%झ� *म�न पारा पाटकाकारा, त�रा� स�न� का� स ह�रा कारा औरा त�रा� ग�Oव का� चUपाट (नष्टों-भ्रष्टों) काराका� , अरा� मRख+! त�रा� य%वत� स्त्रिस्त्रुय> सनिहत *�नकाC*� का� लं� *�ऊँO ॥30॥चUपा�ई :* *� अस कारा� तदैनिपा न बड़�ई। म%एनिह ब(H नतिंह काछो% मन%स�ई॥काUलं का�मबस का3 निपान निबमRl�। अनित दैरिराद्रं अ*स� अनित बRl�॥1॥भ�व�र्थ+:- यढ़िदै ऐस� कारूO , त� भ� इसमH का�ई बड़�ई नहe ह5। मरा� हुए का� म�रान� मH का% छो भ� पा%रुषत्व (बह�दुरा�) नहe ह5। व�मम�ग7, का�म�, का *Rस, अत्य त मRl, अनित दैरिराद्रं, बदैन�म, बहुत बRl�,॥1॥* सदै� रा�गबस स तत क्र�(�। निबष्न% निबम%ख श्री%नित स त निबरा�(�॥तन% पा�षका तिंन दैका अघ ख�न� *�वत सव सम चUदैह S�न�॥2॥

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भ�व�र्थ+:-निनत्य का� रा�ग�, निनरा तरा क्र�(य%b राहन� व�लं�, भगव�न- निवष्ण% स� निवम%ख, व�दै औरा स त> का� निवरा�(�, अपान� ह� शंरा�रा पा�षण कारान� व�लं�, पारा�ई तिंन दै� कारान� व�लं� औरा पा�पा काC ख�न (मह�न- पा�पा�)- य� चUदैह S�ण� *�त� ह� म%रादै� का� सम�न हM॥2॥* अस निबच�रिरा खलं ब(उO न त�ह�। अब *निन रिरास उपा*�वसिस म�ह�॥स%निन सका�पा काह निनसिसचरा न�र्थ�। अ(रा दैसन दैसिस म�*त ह�र्थ�॥3॥भ�व�र्थ+:- अरा� दुष्टों! ऐस� निवच�रा कारा मM त%झ� नहe म�रात�। अब तR म%झमH क्र�( न पा5दै� कारा (म%झ� ग%स्स� न ढ़िदैलं�)। अ गदै का� वचन स%नकारा रा�क्षस रा�* रा�वण दै�Oत> स� ह�ठा का�टकारा, क्र�धि(त ह�कारा ह�र्थ मलंत� हुआ ब�लं�-॥3॥* रा� कानिपा अ(म मरान अब चहस�। छो�ट� बदैन ब�त बनिड़ काहस�॥काट% *ल्पासिस *ड़ कानिपा बलं *�काH । बलं Sत�पा ब%धि( त�* न त�काH ॥4॥भ�व�र्थ+:- अरा� न�च ब दैरा! अब तR मरान� ह� च�हत� ह5! इस� स� छो�ट� म%Oह बड़� ब�त काहत� ह5। अरा� मRख+ ब दैरा! तR जि*सका� बलं पारा काड़ुए वचन बका राह� ह5, उसमH बलं, Sत�पा, ब%जि� अर्थव� त�* का% छो भ� नहe ह5॥4॥दै�ह� :* अग%न अम�न *�निन त�निह दैzन्ह निपात� बनब�स।स� दुख अरु *%बत� निबराह पा%निन निनसिस ढ़िदैन मम त्रु�स॥31 का॥भ�व�र्थ+:-उस� ग%णह�न औरा म�नह�न समझकारा ह� त� निपात� न� वनव�स दै� ढ़िदैय�। उस� एका त� वह (उसका�) दु^ख, उस पारा य%वत� स्त्रु� का� निवराह औरा निrरा रा�त-ढ़िदैन म�रा� डरा बन� राहत� ह5॥31 (का)॥* जि*न्ह का� बलं कारा गब+ त�निह अइस� मन%* अन�का।ख�तिंह निनस�चरा ढ़िदैवस निनसिस मRl सम%झ% तजि* ट�का॥31 ख॥भ�व�र्थ+:-जि*नका� बलं का� त%झ� गव+ ह5, ऐस� अन�का> मन%ष्य> का� त� रा�क्षस रा�त-ढ़िदैन ख�य� कारात� हM। अरा� मRl! जि*द्द छो�ड़कारा समझ (निवच�रा कारा)॥ 31 (ख)॥चUपा�ई :* *ब त�तिंह काCखिन्ह रा�म का5 तिंन दै�। क्र�(व त अनित भयउ कातिंपा दै�॥हरिरा हरा तिंन दै� स%नइ *� का�न�। ह�इ पा�पा ग�घ�त सम�न�॥1॥

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भ�व�र्थ+:-*ब उसन� श्री� रा�म*� काC तिंन दै� काC, तब त� कानिपाश्री�ष्ठ अ गदै अत्य त क्र�धि(त हुए, क्य>निका (शं�स्त्रु ऐस� काहत� हM निका) *� अपान� का�न> स� भगव�न- निवष्ण% औरा सिशंव काC तिंन दै� स%नत� ह5, उस� ग� व( का� सम�न पा�पा ह�त� ह5॥1॥* काटकाट�न कानिपाका% *रा भ�रा�। दुहु भ%*दै ड तमनिका मनिह म�रा�॥ड�लंत (रानिन सभ�सदै खस�। चलं� भ�जि* भय म�रुत ग्रीस�॥2॥भ�व�र्थ+:-व�नरा श्री�ष्ठ अ गदै बहुत *�रा स� काटकाट�ए (शंब्दै निकाय�) औरा उन्ह>न� तमकाकारा (*�रा स�) अपान� दै�न> भ%*दैण्ड> का� पा3थ्व� पारा दै� म�रा�। पा3थ्व� निहलंन� लंग�, (जि*सस� ब5ठा� हुए) सभ�सदै- निगरा पाड़� औरा भय रूपा� पावन (भRत) स� ग्रीस्त ह�कारा भ�ग चलं�॥2॥* निगरात सOभ�रिरा उठा� दैसका (रा। भRतलं पारा� म%का% ट अनित स% दैरा॥काछो% त�तिंह लं5 निन* सिसराखिन्ह सOव�रा�। काछो% अ गदै Sभ% पा�स पाब�रा�॥3॥भ�व�र्थ+:-रा�वण निगरात�-निगरात� सOभलंकारा उठा�। उसका� अत्य त स% दैरा म%का% ट पा3थ्व� पारा निगरा पाड़�। का% छो त� उसन� उठा�कारा अपान� सिसरा> पारा स%(�कारा राख सिलंए औरा का% छो अ गदै न� उठा�कारा Sभ% श्री� रा�मच द्रं*� का� पा�स rH का ढ़िदैए॥3॥* आवत म%का% ट दै�खिख कानिपा भ�ग�। ढ़िदैनहe लंRका पारान निबधि( लं�ग�॥काC रा�वन कारिरा का�पा चलं�ए। का% सिलंस च�रिरा आवत अनित (�ए॥4॥भ�व�र्थ+:- म%का% ट> का� आत� दै�खकारा व�नरा भ�ग�। (स�चन� लंग�) निव(�त�! क्य� ढ़िदैन मH ह� उल्का�पा�त ह�न� लंग� (त�रा� टRटकारा निगरान� लंग�)? अर्थव� क्य� रा�वण न� क्र�( काराका� च�रा वज्र चलं�ए हM, *� बड़� (�ए का� स�र्थ (व�ग स�) आ राह� हM?॥4॥* काह Sभ% हOसिस *निन हृदैयO ड�रा�हूँ। लंRका न असनिन का� त% नतिंह रा�हूँ॥ए निकारा�ट दैसका (रा का� रा�। आवत ब�सिलंतनय का� S�रा�॥5॥भ�व�र्थ+:- Sभ% न� (उनस�) हOसकारा काह�- मन मH डरा� नहe। य� न उल्का� हM, न वज्र हM औरा न का� त% य� रा�हु ह� हM। अरा� भ�ई! य� त� रा�वण का� म%का% ट हM, *� ब�सिलंपा%त्रु अ गदै का� rH का� हुए आ राह� हM॥5॥दै�ह� :* तरानिका पावनस%त कारा गह� आनिन (रा� Sभ% पा�स।

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काUत%का दै�खतिंह भ�लं% कानिपा ढ़िदैनकारा सरिरास Sका�स॥32 का॥भ�व�र्थ+:-पावन पा%त्रु श्री� हन%म�न- *� न� उछोलंकारा उनका� ह�र्थ स� पाकाड़ सिलंय� औरा लं�कारा Sभ% का� पा�स राख ढ़िदैय�। रा�छो औरा व�नरा तम�शं� दै�खन� लंग�। उनका� Sका�शं सRय+ का� सम�न र्थ�॥32 (का)॥* उह�O सका�निपा दैस�नन सब सन काहत रिरास�इ।(राहु कानिपानिह (रिरा म�राहु स%निन अ गदै म%स%का�इ॥32 ख॥भ�व�र्थ+:- वह�O (सभ� मH) क्र�(य%b रा�वण सबस� क्र�धि(त ह�कारा काहन� लंग� निका- ब दैरा का� पाकाड़ लं� औरा पाकाड़कारा म�रा ड�लं�। अ गदै यह स%नकारा म%स्का% रा�न� लंग�॥32 (ख)॥चUपा�ई :* एनिह बधि( ब�निग स%भट सब (�वहु। ख�हु भ�लं% कानिपा *हO *हO पा�वहु॥मका+ टह�न काराहु मनिह *�ई। जि*अत (राहु त�पास द्वाU भ�ई॥1॥भ�व�र्थ+:- (रा�वण निrरा ब�लं�-) इस� म�राकारा सब य��� त%रा त दैUड़� औरा *ह�O काहe रा�छो-व�नरा> का� पा�ओ, वहe ख� ड�लं�। पा3थ्व� का� ब दैरा> स� रानिहत कारा दै� औरा *�कारा दै�न> तपास्व� भ�इय> (रा�म-लंक्ष्मण) का� *�त� *� पाकाड़ लं�॥1॥* पा%निन सका�पा ब�लं�उ *%बरा�*�। ग�लं ब*�वत त�निह न लं�*�॥मरु गरा का�ढ़िट निनलं* का% लंघ�त�। बलं निबलं�निका निबहरानित नतिंह छो�त�॥2॥भ�व�र्थ+:-(रा�वण का� य� का�पाभरा� वचन स%नकारा) तब य%वरा�* अ गदै क्र�धि(त ह�कारा ब�लं�- त%झ� ग�लं ब*�त� लं�* नहe आत�! अरा� निनलं+ज्ज! अरा� का% लंन�शंका! गलं� का�टकारा (आत्महत्य� काराका� ) मरा *�! म�रा� बलं दै�खकारा भ� क्य� त�रा� छो�त� नहe rटत�!॥2॥* रा� नित्रुय च�रा का% म�राग ग�म�। खलं मलं रा�सिस म दैमनित का�म�॥सन्यपा�त *ल्पासिस दुब�+दै�। भएसिस का�लंबस खलं मन%*�दै�॥3॥भ�व�र्थ+:- अरा� स्त्रु� का� च�रा! अरा� का% म�ग+ पारा चलंन� व�लं�! अरा� दुष्टों, पा�पा काC रा�सिशं, मन्दै ब%जि� औरा का�म�! तR सधिन्नपा�त मH क्य� दुव+चन बका राह� ह5? अरा� दुष्टों रा�क्षस! तR का�लं का� वशं ह� गय� ह5!॥3॥* य�का� rलं% पा�वनिहग� आगH। ब�नरा भ�लं% चपा�टखिन्ह लं�गH॥रा�म% मन%* ब�लंत असिस ब�न�। निगरातिंह न तव रासन� अभिभम�न�॥4॥

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भ�व�र्थ+:- इसका� rलं तR आग� व�नरा औरा भ�लं%ओं का� चपा�ट� लंगन� पारा पा�व�ग�। रा�म मन%ष्य हM, ऐस� वचन ब�लंत� ह�, अरा� अभिभम�न�! त�रा� *�भH नहe निगरा पाड़तe?॥4॥* निगरिराहतिंह रासन� स सय न�हe। सिसराखिन्ह सम�त समरा मनिह म�हe॥5॥भ�व�र्थ+:- इसमH स दै�ह नहe ह5 निका त�रा� *�भH (अका� लं� नहe वरान) सिसरा> का� स�र्थ राणभRधिम मH निगराHग�॥5॥स�राठा� :* स� नरा क्य> दैसका ( ब�सिलं बध्य� *�तिंह एका सरा।ब�सहुO लं�चन अ ( धि(ग तव *न्म का% *�नित *ड़॥33 का॥भ�व�र्थ+:- रा� दैशंकान्धु! जि*सन� एका ह� ब�ण स� ब�सिलं का� म�रा ड�लं�, वह मन%ष्य का5 स� ह5? अरा� का% *�नित, अरा� *ड़! ब�स आOखH ह�न� पारा भ� तR अ (� ह5। त�रा� *न्म का� धि(क्का�रा ह5॥33 (का)॥* तव स�निनत का� प्य�स त3निषत रा�म स�यका निनकारा।त*उO त�निह त�निह त्रु�स काट% *ल्पाका निनसिसचरा अ(म॥33 ख॥भ�व�र्थ+:-श्री� रा�मच द्रं*� का� ब�ण समRह त�रा� राb काC प्य�स स� प्य�स� हM। (व� प्य�स� ह� राह *�एOग�) इस डरा स�, अरा� काड़व� बकाव�दै कारान� व�लं� न�च रा�क्षस! मM त%झ� छो�ड़त� हूँO॥33 (ख)॥चUपा�ई :* मM तव दैसन त�रिराब� लं�यका। आयस% म�निह न दैzन्ह राघ%न�यका॥असिस रिरास ह�नित दैसउ म%ख त�रा�। लं का� गनिह सम%द्रं महO ब�रा�॥1॥भ�व�र्थ+:-मM त�रा� दै�Oत त�ड़न� मH समर्थ+ हूँO। पारा क्य� कारूO ? श्री� राघ%न�र्थ*� न� म%झ� आज्ञा� नहe दैz। ऐस� क्र�( आत� ह5 निका त�रा� दैस> म%Oह त�ड़ ड�लंRO औरा (त�रा�) लं का� का� पाकाड़कारा सम%द्रं मH ड%ब� र्दूO॥1॥* गRलंरिरा rलं सम�न तव लं का�। बसहु मध्य त%म्ह * त% अस का�॥मM ब�नरा rलं ख�त न ब�रा�। आयस% दैzन्ह न रा�म उदै�रा�॥2॥भ�व�र्थ+:-त�रा� लं का� गRलंरा का� rलं का� सम�न ह5। त%म सब काCड़� उसका� भ�तरा (अज्ञा�नवशं) निनडरा ह�कारा बस राह� ह�। मM ब दैरा हूँO, म%झ� इस rलं का� ख�त� क्य� दै�रा र्थ�? पारा उदै�रा (का3 पा�लं%) श्री� रा�मच द्रं*� न� व5स� आज्ञा� नहe दैz॥2॥* *%ग%नित स%नत रा�वन म%स%का�ई। मRl सिसखिखनिह काहO बहुत झ%ठा�ई॥

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ब�सिलं न काबहुO ग�लं अस म�रा�। धिमसिलं तपासिसन्ह तM भएसिस लंब�रा�॥3॥भ�व�र्थ+:-अ गदै काC य%सिb स%नकारा रा�वण म%स्का% रा�य� (औरा ब�लं�-) अरा� मRख+! बहुत झRठा ब�लंन� तRन� काह�O स� स�ख�? ब�सिलं न� त� काभ� ऐस� ग�लं नहe म�रा�। *�न पाड़त� ह5 तR तपास्विस्वय> स� धिमलंकारा लंब�रा ह� गय� ह5॥3॥*स�Oच�हुO मM लंब�रा भ%* ब�ह�। *� न उपा�रिराउO तव दैस *�ह�॥सम%जिझ रा�म Sत�पा कानिपा का�पा�। सभ� म�झ पान कारिरा पादै रा�पा�॥4॥भ�व�र्थ+:-(अ गदै न� काह�-) अरा� ब�स भ%*� व�लं�! यढ़िदै त�रा� दैस> *�भH मMन� नहe उख�ड़ लंe त� सचम%च मM लंब�रा ह� हूँO। श्री� रा�मच द्रं*� का� Sत�पा का� समझकारा (स्मराण काराका� ) अ गदै क्र�धि(त ह� उठा� औरा उन्ह>न� रा�वण काC सभ� मH Sण काराका� (दृlत� का� स�र्थ) पा5रा रा�पा ढ़िदैय�॥4॥* *� मम चरान सकासिस सठा ट�रा�। निrरातिंह रा�म% स�त� मM ह�रा�॥स%नहु स%भट सब काह दैसस�स�। पादै गनिह (रानिन पाछो�राहु काCस�॥5॥भ�व�र्थ+:-(औरा काह�-) अरा� मRख+! यढ़िदै तR म�रा� चराण हट� सका� त� श्री� रा�म*� लंUट *�एOग�, मM स�त�*� का� ह�रा गय�। रा�वण न� काह�- ह� सब व�रा�! स%न�, पा5रा पाकाड़कारा ब दैरा का� पा3थ्व� पारा पाछो�ड़ दै�॥5॥* इ द्रं*�त आढ़िदैका बलंव�न�। हरानिष उठा� *हO तहO भट न�न�॥झपाटतिंह कारिरा बलं निबपा%लं उपा�ई। पादै न टराइ ब5ठातिंह सिसरु न�ई॥6॥भ�व�र्थ+:-इ द्रं*�त (म�घन�दै) आढ़िदै अन�का> बलंव�न- य��� *ह�O-तह�O स� हर्विष त ह�कारा उठा� । व� पाRरा� बलं स� बहुत स� उपा�य काराका� झपाटत� हM। पारा पा5रा टलंत� नहe, तब सिसरा न�च� काराका� निrरा अपान�-अपान� स्था�न पारा *� ब5ठा *�त� हM॥6॥* पा%निन उढ़िठा झपाटतिंह स%रा आरा�त�। टराइ न काCस चरान एनिह भ�Oत�॥पा%रुष का% *�ग� जि*धिम उराग�रा�। म�ह निबटपा नतिंह सकातिंह उपा�रा�॥7॥भ�व�र्थ+:-(का�काभ%शं%च्छिण्ड*� काहत� हM-) व� दै�वत�ओं का� शंत्रु% (रा�क्षस) निrरा उठाकारा झपाटत� हM, पारान्त% ह� सपा\ का� शंत्रु% गरुड़*�! अ गदै का� चराण उनस� व5स� ह� नहe टलंत� *5स� का% य�ग� (निवषय�) पा%रुष म�ह रूपा� व3क्ष का� नहe उख�ड़ सकात�॥7॥दै�ह� :* का�ढ़िटन्ह म�घन�दै सम स%भट उठा� हराष�इ।

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झपाटतिंह टरा5 न कानिपा चरान पा%निन ब5ठातिंह सिसरा न�इ॥34 का॥भ�व�र्थ+:-कारा�ड़> व�रा य��� *� बलं मH म�घन�दै का� सम�न र्थ�, हर्विष त ह�कारा उठा� , व� ब�रा-ब�रा झपाटत� हM, पारा व�नरा का� चराण नहe उठात�, तब लंज्ज� का� म�रा� सिसरा नव�कारा ब5ठा *�त� हM॥34 (का)॥* भRधिम न छो�Oड़त कानिपा चरान दै�खत रिरापा% मदै भ�ग।का�ढ़िट निबघ्न त� स त कारा मन जि*धिम न�नित न त्य�ग॥34 ख॥भ�व�र्थ+:-*5स� कारा�ड़> निवघ्न आन� पारा भ� स त का� मन न�नित का� नहe छो�ड़त�, व5स� ह� व�नरा (अ गदै) का� चराण पा3थ्व� का� नहe छो�ड़त�। यह दै�खकारा शंत्रु% (रा�वण) का� मदै र्दूरा ह� गय�!॥34 (ख)॥चUपा�ई :* कानिपा बलं दै�खिख सकालं निहयO ह�रा�। उठा� आपा% कानिपा काH पाराच�रा�॥गहत चरान काह ब�सिलंका% म�रा�। मम पादै गहH न त�रा उब�रा�॥1॥भ�व�र्थ+:-अ गदै का� बलं दै�खकारा सब हृदैय मH ह�रा गए। तब अ गदै का� लंलंका�रान� पारा रा�वण स्वय उठा�। *ब वह अ गदै का� चराण पाकाड़न� लंग�, तब ब�सिलं का% म�रा अ गदै न� काह�- म�रा� चराण पाकाड़न� स� त�रा� बच�व नहe ह�ग�!॥1॥*गहसिस न रा�म चरान सठा *�ई॥ स%नत निrरा� मन अनित सका% च�ई॥भयउ त�*हत श्री� सब गई। मध्य ढ़िदैवस जि*धिम ससिस स�हई॥2॥भ�व�र्थ+:-अरा� मRख+- तR *�कारा श्री� रा�म*� का� चराण क्य> नहe पाकाड़त�? यह स%नकारा वह मन मH बहुत ह� सका% च�कारा लंUट गय�। उसकाC स�रा� श्री� *�त� राह�। वह ऐस� त�*ह�न ह� गय� *5स� मध्य�ह्न मH च द्रंम� ढ़िदैख�ई दै�त� ह5॥2॥* सिंस घ�सन ब5ठा� उ सिसरा न�ई। म�नहुO स पानित सकालं गOव�ई॥*गदै�तम� S�नपानित रा�म�। त�स% निबम%ख निकाधिम लंह निबश्री�म�॥3॥भ�व�र्थ+:-वह सिसरा न�च� काराका� सिंस ह�सन पारा *� ब5ठा�। म�न� स�रा� सम्पभित्ते गOव�कारा ब5ठा� ह�। श्री� रा�मच द्रं*� *गत- भरा का� आत्म� औरा S�ण> का� स्व�म� हM। उनस� निवम%ख राहन� व�लं� शं� नित का5 स� पा� सकात� ह5?॥3॥* उम� रा�म काC भ3का% ढ़िट निबलं�स�। ह�इ निबस्व पा%निन पा�वइ न�स�॥त3न त� का% सिलंस का% सिलंस त3न काराई। त�स% र्दूत पान काहु निकाधिम टराई॥4॥

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भ�व�र्थ+:-(सिशंव*� काहत� हM-) ह� उम�! जि*न श्री� रा�मच द्रं*� का� भ्रRनिवलं�स (भ�ह का� इशं�रा�) स� निवश्व उत्पान्न ह�त� ह5 औरा निrरा न�शं का� S�प्त ह�त� ह5, *� त3ण का� वज्र औरा वज्र का� त3ण बन� दै�त� हM (अत्य त निनब+लं का� मह�न- Sबलं औरा मह�न- Sबलं का� अत्य त निनब+लं कारा दै�त� हM), उनका� र्दूत का� Sण काह�, का5 स� टलं सकात� ह5?॥4॥* पा%निन कानिपा काह� न�नित निबधि( न�न�। म�न न त�निह का�लं% निनअरा�न�॥रिरापा% मदै मसिर्थ Sभ% स%*स% स%न�य�। यह कानिह चल्य� ब�सिलं न3पा *�य�॥5॥भ�व�र्थ+:-निrरा अ गदै न� अन�का> Sका�रा स� न�नित काह�। पारा रा�वण नहe म�न�, क्य>निका उसका� का�लं निनकाट आ गय� र्थ�। शंत्रु% का� गव+ का� चRरा काराका� अ गदै न� उसका� Sभ% श्री� रा�मच द्रं*� का� स%यशं स%न�य� औरा निrरा वह रा�*� ब�सिलं का� पा%त्रु यह काहकारा चलं ढ़िदैय�-॥5॥* हत� न ख�त ख�लं�इ ख�लं�ई। त�निह अबतिंह का� कारा� बड़�ई॥Sर्थमतिंह त�स% तनय कानिपा म�रा�। स� स%निन रा�वन भयउ दुख�रा�॥6॥भ�व�र्थ+:-राणभRधिम मH त%झ� ख�लं�-ख�लं�कारा न म�रूO तब तका अभ� (पाहलं� स�) क्य� बड़�ई कारूO । अ गदै न� पाहलं� ह� (सभ� मH आन� स� पाRव+ ह�) उसका� पा%त्रु का� म�रा ड�लं� र्थ�। वह स व�दै स%नकारा रा�वण दु^ख� ह� गय�॥6॥* *�त%(�न अ गदै पान दै�ख�। भय ब्य�का% लं सब भए निबस�ष�॥7॥भ�व�र्थ+:-अ गदै का� Sण (सrलं) दै�खकारा सब रा�क्षस भय स� अत्यन्त ह� व्यं�का% लं ह� गए॥7॥दै�ह� :* रिरापा% बलं (रानिष हरानिष कानिपा ब�सिलंतनय बलं पा% *।पा%लंका सरा�रा नयन *लं गह� रा�म पादै का *॥35 का॥भ�व�र्थ+:-शंत्रु% का� बलं का� मदै+न कारा, बलं काC रा�सिशं ब�सिलं पा%त्रु अ गदै*� न� हर्विष त ह�कारा आकारा श्री� रा�मच द्रं*� का� चराणकामलं पाकाड़ सिलंए। उनका� शंरा�रा पा%लंनिकात ह5 औरा न�त्रु> मH (आन दै�श्री%ओं का�) *लं भरा� ह5॥35 (का)॥

रा�वण का� पा%न^ मन्दै�दैरा� का� समझ�न�

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* स�Oझ *�निन दैसका (रा भवन गयउ निबलंख�इ।म दै�दैराe रा�वनतिंह बहुरिरा काह� सम%झ�इ॥35 ख॥भ�व�र्थ+:- सन्ध्य� ह� गई *�नकारा दैशंग्री�व निबलंखत� हुआ (उदै�स ह�कारा) महलं मH गय�। मन्दै�दैरा� न� रा�वण का� समझ�कारा निrरा काह�-॥35 (ख)॥चUपा�ई :* का त सम%जिझ मन त*हु का% मनितह�। स�ह न समरा त%म्हनिह राघ%पानितह�॥रा�म�न%* लंघ% रा�ख खच�ई। स�उ नतिंह न�घ�हु असिस मन%स�ई॥1॥भ�व�र्थ+:- ह� का�न्त! मन मH समझकारा (निवच�राकारा) का% ब%जि� का� छो�ड़ दै�। आपा स� औरा श्री� राघ%न�र्थ*� स� य%� शं�भ� नहe दै�त�। उनका� छो�ट� भ�ई न� एका *रा� स� रा�ख� खeच दैz र्थ�, उस� भ� आपा नहe लं�Oघ सका� , ऐस� त� आपाका� पा%रुषत्व ह5॥1॥* निपाय त%म्ह त�निह जि*तब स ग्री�म�। *�का� र्दूत का� रा यह का�म�॥काUत%का सिंस (% न�धिघ तव लं का�। आयउ कानिपा का� हरा� अस का�॥2॥भ�व�र्थ+:- ह� निSयतम! आपा उन्हH स ग्री�म मH *�त पा�एOग�, जि*नका� र्दूत का� ऐस� का�म ह5? ख�लं स� ह� सम%द्रं लं�Oघकारा वह व�नरा> मH सिंस ह (हन%म�न- ) आपाकाC लं का� मH निनभ+य चलं� आय�!॥2॥* राखव�रा� हनित निबनिपान उ*�रा�। दै�खत त�निह अच्छी त�तिंह म�रा�॥*�रिरा सकालं पा%रा काCन्ह�सिस छो�रा�। काह�O राह� बलं गब+ त%म्ह�रा�॥3॥भ�व�र्थ+:- राखव�लं> का� म�राकारा उसन� अशं�का वन उ*�ड़ ड�लं�। आपाका� दै�खत�-दै�खत� उसन� अक्षयका% म�रा का� म�रा ड�लं� औरा स पाRण+ नगरा का� *लं�कारा रा�ख कारा ढ़िदैय�। उस समय आपाका� बलं का� गव+ काह�O चलं� गय� र्थ�?॥3॥* अब पानित म3ष� ग�लं *निन म�राहु। म�रा काह� काछो% हृदैयO निबच�राहु॥पानित राघ%पानितनिह न3पानित *निन म�नहु। अग *ग न�र्थ अत%लंबलं *�नहु॥4॥भ�व�र्थ+:- अब ह� स्व�म�! झRठा (व्यंर्थ+) ग�लं न म�रिराए (डeग न ह�Oनिकाए) म�रा� काहन� पारा हृदैय मH का% छो निवच�रा काCजि*ए। ह� पानित! आपा श्री� राघ%पानित का� (निनरा�) रा�*� मत समजिझए, बस्विल्का अग-*गन�र्थ (चरा�चरा का� स्व�म�) औरा अत%लंन�य बलंव�न- *�निनए॥4॥* ब�न Sत�पा *�न म�रा�च�। त�स% काह� नतिंह म�न�निह न�च�॥

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*नका सभ�O अगनिनत भRपा�लं�। राह� त%म्हउ बलं अत%लं निबस�लं�॥5॥भ�व�र्थ+:- श्री� रा�म*� का� ब�ण का� Sत�पा त� न�च म�रा�च भ� *�नत� र्थ�, पारान्त% आपान� उसका� काहन� भ� नहe म�न�। *नका काC सभ� मH अगभिणत रा�*�गण र्थ�। वह�O निवशं�लं औरा अत%लंन�य बलं व�लं� आपा भ� र्थ�॥5॥* भ जि* (न%ष *�नकाC निबआह�। तब स ग्री�म जि*त�हु निकान त�ह�॥स%रापानित स%त *�नइ बलं र्थ�रा�। रा�ख� जि*अत आOखिख गनिह r�रा�॥6॥भ�व�र्थ+:- वह�O सिशंव*� का� (न%ष त�ड़कारा श्री� रा�म*� न� *�नकाC का� ब्य�ह�, तब आपान� उनका� स ग्री�म मH क्य> नहe *�त�? इ द्रंपा%त्रु *यन्त उनका� बलं का� का% छो-का% छो *�नत� ह5। श्री� रा�म*� न� पाकाड़कारा, का� वलं उसकाC एका आOख ह� r�ड़ दैz औरा उस� *�निवत ह� छो�ड़ ढ़िदैय�॥6॥* सRपानख� का5 गनित त%म्ह दै�ख�। तदैनिपा हृदैयO नतिंह लं�* निबस�ष�॥7॥भ�व�र्थ+:- शंRपा+णख� काC दैशं� त� आपान� दै�ख ह� लं�। त� भ� आपाका� हृदैय मH (उनस� लंड़न� काC ब�त स�चत�) निवशं�ष (का% छो भ�) लंज्ज� नहe आत�!॥7॥दै�ह� :* बधि( निबरा�( खरा र्दूषननिह लं�लं�O हत्य� काब (।ब�सिलं एका सरा म�रा- य� त�निह *�नहु दैसका (॥36॥भ�व�र्थ+:- जि*न्ह>न� निवरा�( औरा खरा-र्दूषण का� म�राकारा लं�लं� स� ह� काबन्धु का� भ� म�रा ड�लं� औरा जि*न्ह>न� ब�सिलं का� एका ह� ब�ण स� म�रा ढ़िदैय�, ह� दैशंकान्धु! आपा उन्हH (उनका� महत्व का�) समजिझए!॥36॥चUपा�ई :* *�तिंह *लंन�र्थ बO(�यउ ह�लं�। उतरा� Sभ% दैलं सनिहत स%ब�लं�॥का�रुन�का ढ़िदैनकारा का% लं का� तR। र्दूत पाठा�यउ तव निहत ह�तR॥1॥भ�व�र्थ+:-जि*न्ह>न� ख�लं स� ह� सम%द्रं का� बO(� सिलंय� औरा *� Sभ% स�न� सनिहत स%ब�लं पाव+त पारा उतरा पाड़�, उन सRय+का% लं का� ध्व*�स्वरूपा (काCर्वित का� बl�न� व�लं�) कारुण�मय भगव�न- न� आपा ह� का� निहत का� सिलंए र्दूत भ�*�॥1॥* सभ� म�झ *�तिंह तव बलं मर्थ�। कारिरा बरूर्थ महुO म3गपानित *र्थ�॥अ गदै हन%मत अन%चरा *�का� । रान ब�Oका% रा� ब�रा अनित ब�Oका� ॥2॥

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भ�व�र्थ+:- जि*सन� ब�च सभ� मH आकारा आपाका� बलं का� उस� Sका�रा मर्थ ड�लं� *5स� ह�सिर्थय> का� झ% ड मH आकारा सिंस ह (उस� सिछोन्न-भिभन्न कारा ड�लंत� ह5) राण मH ब�Oका� अत्य त निवकाट व�रा अ गदै औरा हन%म�न- जि*नका� स�वका हM,॥2॥* त�निह काहO निपाय पा%निन पा%निन नरा काहहूँ। म%(� म�न ममत� मदै बहहूँ॥अहह का त का3 त रा�म निबरा�(�। का�लं निबबस मन उपा* न ब�(�॥3॥भ�व�र्थ+:- ह� पानित! उन्हH आपा ब�रा-ब�रा मन%ष्य काहत� हM। आपा व्यंर्थ+ ह� म�न, ममत� औरा मदै का� ब�झ �� राह� हM! ह� निSयतम! आपान� श्री� रा�म*� स� निवरा�( कारा सिलंय� औरा का�लं का� निवशं�ष वशं ह�न� स� आपाका� मन मH अब भ� ज्ञा�न नहe उत्पान्न ह�त�॥3॥* का�लं दै ड गनिह का�हु न म�रा�। हराइ (म+ बलं ब%जि� निबच�रा�॥निनकाट का�लं *�निह आवत स�ईं। त�निह भ्रम ह�इ त%म्ह�रिरानिह न�ईं॥4॥भ�व�र्थ+:- का�लं दैण्ड (लं�ठा�) लं�कारा निकास� का� नहe म�रात�। वह (म+, बलं, ब%जि� औरा निवच�रा का� हरा लं�त� ह5। ह� स्व�म�! जि*सका� का�लं (मराण समय) निनकाट आ *�त� ह5, उस� आपा ह� काC तराह भ्रम ह� *�त� ह5॥4॥दै�ह� :* दुइ स%त मरा� दैह�उ पा%रा अ*हुO पाRरा निपाय दै�हु।का3 पा�सिंस (% राघ%न�र्थ भजि* न�र्थ निबमलं *स% लं�हु॥37॥भ�व�र्थ+:- आपाका� दै� पा%त्रु म�रा� गए औरा नगरा *लं गय�। (*� हुआ स� हुआ) ह� निSयतम! अब भ� (इस भRलं काC) पाRर्वित (सम�न्त्रिप्त) कारा दैzजि*ए (श्री� रा�म*� स� व5रा त्य�ग दैzजि*ए) औरा ह� न�र्थ! का3 पा� का� सम%द्रं श्री� राघ%न�र्थ*� का� भ*कारा निनम+लं यशं लं�जि*ए॥37॥चUपा�ई :* न�रिरा बचन स%निन निबसिसख सम�न�। सभ�O गयउ उढ़िठा ह�त निबह�न�॥ब5ठा *�इ सिंस घ�सन rR लं�। अनित अभिभम�न त्रु�स सब भRलं�॥1॥भ�व�र्थ+:- स्त्रु� का� ब�ण का� सम�न वचन स%नकारा वह सब�रा� ह�त� ह� उठाकारा सभ� मH चलं� गय� औरा स�रा� भय भ%लं�कारा अत्य त अभिभम�न मH rR लंकारा सिंस ह�सन पारा *� ब5ठा�॥1॥

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अ गदै-रा�म स व�दै, य%� काC त5य�रा�* इह�O रा�म अ गदैनिह ब�लं�व�। आइ चरान पा का* सिसरु न�व�॥अनित आदैरा सम�पा ब5ठा�रा�। ब�लं� निबहOसिस का3 पा�लं खरा�रा�॥2॥भ�व�र्थ+:- यह�O (स%ब�लं पाव+त पारा) श्री� रा�म*� न� अ गदै का� ब%लं�य�। उन्ह>न� आकारा चराणकामलं> मH सिसरा नव�य�। बड़� आदैरा स� उन्हH पा�स ब5ठा�कारा खरा का� शंत्रु% का3 पा�लं% श्री� रा�म*� हOसकारा ब�लं�॥2॥* ब�सिलंतनय काUत%का अनित म�ह�। त�त सत्य काहुO पाRछोउO त�ह�॥रा�वन% *�त%(�न का% लं टzका�। भ%* बलं अत%लं *�स% *ग लं�का�॥3॥भ�व�र्थ+:- ह� ब�सिलं का� पा%त्रु! म%झ� बड़� काUतRहलं ह5। ह� त�त! इस� स� मM त%मस� पाRछोत� हूँO, सत्य काहन�। *� रा�वण रा�क्षस> का� का% लं का� नितलंका ह5 औरा जि*सका� अत%लंन�य ब�हुबलं काC *गत- भरा मH (�का ह5,॥3॥* त�स% म%का% ट त%म्ह च�रिरा चलं�ए। काहहु त�त कावन� निबधि( पा�ए॥स%न% सब+ग्य Sनत स%खका�रा�। म%का% ट न ह�तिंह भRपा न ग%न च�रा�॥4॥भ�व�र्थ+:-उसका� च�रा म%का% ट त%मन� rH का� । ह� त�त! बत�ओ, त%मन� उनका� निकास Sका�रा स� पा�य�! (अ गदै न� काह�-) ह� सव+ज्ञा! ह� शंराण�गत का� स%ख दै�न� व�लं�! स%निनए। व� म%का% ट नहe हM। व� त� रा�*� का� च�रा ग%ण हM॥4॥* स�म दै�न अरु दै ड निबभ�दै�। न3पा उरा बसतिंह न�र्थ काह ब�दै�॥न�नित (म+ का� चरान स%ह�ए। अस जि*यO *�निन पातिंह आए॥5॥भ�व�र्थ+:- ह� न�र्थ! व�दै काहत� हM निका स�म, दै�न, दैण्ड औरा भ�दै- य� च�रा> रा�*� का� हृदैय मH बसत� हM। य� न�नित-(म+ का� च�रा स% दैरा चराण हM, (निकान्त% रा�वण मH (म+ का� अभ�व ह5) ऐस� *� मH *�नकारा य� न�र्थ का� पा�स आ गए हM॥5॥दै�ह� :* (म+ह�न Sभ% पादै निबम%ख का�लं निबबस दैसस�स।त�निह पारिराहरिरा ग%न आए स%नहु का�सलं�(�स॥38 का॥भ�व�र्थ+:- दैशंशं�शं रा�वण (म+ह�न, Sभ% का� पादै स� निवम%ख औरा का�लं का� वशं मH ह5, इससिलंए ह� का�सलंरा�*! स%निनए, व� ग%ण रा�वण का� छो�ड़कारा आपाका� पा�स आ गए हM॥ 38 (का)॥

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* पाराम चत%रात� श्रीवन स%निन निबहOस� रा�म% उदै�रा।सम�च�रा पा%निन सब काह� गl का� ब�सिलंका% म�रा॥38 ख॥भ�व�र्थ+:- अ गदै काC पाराम चत%रात� (पाRण+ उसिb) का�न> स� स%नकारा उदै�रा श्री� रा�मच द्रं*� हOसन� लंग�। निrरा ब�सिलं पा%त्रु न� निकालं� का� (लं का� का� ) सब सम�च�रा काह�॥38 (ख)॥चUपा�ई :* रिरापा% का� सम�च�रा *ब पा�ए। रा�म ससिचव सब निनकाट ब�लं�ए॥लं का� ब�Oका� च�रिरा दुआरा�। का� निह निबधि( लं�निगअ काराहु निबच�रा�॥1॥भ�व�र्थ+:- *ब शंत्रु% का� सम�च�रा S�प्त ह� गए, तब श्री� रा�मच द्रं*� न� सब म नित्रुय> का� पा�स ब%लं�य� (औरा काह�-) लं का� का� च�रा बड़� निवकाट दैराव�*� हM। उन पारा निकास तराह आक्रमण निकाय� *�ए, इस पारा निवच�रा कारा�॥1॥* तब कापा�स रिराच्छी�स निबभ�षन। स%मरिरा हृदैयO ढ़िदैनकारा का% लं भRषन॥कारिरा निबच�रा नितन्ह म त्रु दृl�व�। च�रिरा अन� कानिपा काटका% बन�व�॥2॥भ�व�र्थ+:- तब व�नरारा�* स%ग्री�व, ऋक्षपानित *�म्बव�न- औरा निवभ�षण न� हृदैय मH सRय+ का% लं का� भRषण श्री� राघ%न�र्थ*� का� स्मराण निकाय� औरा निवच�रा काराका� उन्ह>न� कात+व्यं निनभिश्चत निकाय�। व�नरा> काC स�न� का� च�रा दैलं बन�ए॥2॥* *र्थ�*�ग स�न�पानित काCन्ह�। *Rर्थपा सकालं ब�सिलं तब लं�न्ह�॥Sभ% Sत�पा कानिह सब सम%झ�ए। स%निन कानिपा सिंस घन�दै कारिरा (�ए॥3॥भ�व�र्थ+:-औरा उनका� सिलंए यर्थ�य�ग्य (*5स� च�निहए व5स�) स�न�पानित निनय%b निकाए। निrरा सब यRर्थपानितय> का� ब%लं� सिलंय� औरा Sभ% का� Sत�पा काहकारा सबका� समझ�य�, जि*स� स%नकारा व�नरा, सिंस ह का� सम�न ग*+न� काराका� दैUड़�॥3॥* हरानिषत रा�म चरान सिसरा न�वतिंह । गनिह निगरिरा सिसखरा ब�रा सब (�वतिंह ॥ग*+तिंह त*+तिंह भ�लं% कापा�स�। *य राघ%ब�रा का�सलं�(�स�॥4॥भ�व�र्थ+:-व� हर्विष त ह�कारा श्री� रा�म*� का� चराण> मH सिसरा नव�त� हM औरा पाव+त> का� सिशंखरा लं�-लं�कारा सब व�रा दैUड़त� हM। 'का�सलंरा�* श्री� राघ%व�रा*� काC *य ह�' पा%का�रात� हुए भ�लंR औरा व�नरा गरा*त� औरा लंलंका�रात� हM॥4॥* *�नत पाराम दुग+ अनित लं का�। Sभ% Sत�पा कानिपा चलं� अस का�॥

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घट�ट�पा कारिरा चहुO ढ़िदैसिस घ�रा�॥ म%खतिंह निनस�रा ब*�वतिंह भ�रा�॥5॥भ�व�र्थ+:- लं का� का� अत्य त श्री�ष्ठ (अ*�य) निकालं� *�नत� हुए भ� व�नरा Sभ% श्री� रा�मच द्रं*� का� Sत�पा स� निनडरा ह�कारा चलं�। च�रा> ओरा स� धिघरा� हुई ब�दैलं> काC घट� काC तराह लं का� का� च�रा> ढ़िदैशं�ओं स� घ�राकारा व� म%Oह स� ड का� औरा भ�रा� ब*�न� लंग�॥5॥

य%��राम्भुःदै�ह� :* *यनित रा�म *य लंसिछोमन *य कापा�स स%ग्री�व।ग*+तिंह सिंस हन�दै कानिपा भ�लं% मह� बलं सeव॥39॥भ�व�र्थ+:- मह�न- बलं काC स�म� व� व�नरा-भ�लंR सिंस ह का� सम�न ऊँO च� स्वरा स� 'श्री� रा�म*� काC *य', 'लंक्ष्मण*� काC *य', 'व�नरारा�* स%ग्री�व काC *य'- ऐस� ग*+न� कारान� लंग�॥39॥चUपा�ई :* लं का�O भयउ का�लं�हलं भ�रा�। स%न� दैस�नन अनित अहOका�रा�॥दै�खहु बनरान्ह का� रिरा ढ़ि�ठा�ई। निबहOसिस निनस�चरा स�न ब�लं�ई॥1॥भ�व�र्थ+:- लं का� मH बड़� भ�रा� का�लं�हलं (का�हरा�म) मच गय�। अत्य त अह का�रा� रा�वण न� उस� स%नकारा काह�- व�नरा> काC ढ़ि�ठा�ई त� दै�ख�! यह काहत� हुए हOसकारा उसन� रा�क्षस> काC स�न� ब%लं�ई॥1॥* आए काCस का�लं का� S�रा�। छो% (�व त सब निनसिसचरा म�रा�॥बअस कानिह अट्टह�स सठा काCन्ह�। ग3ह ब5ठाH अह�रा निबधि( दैzन्ह�॥2॥भ�व�र्थ+:- ब दैरा का�लं काC S�राण� स� चलं� आए हM। म�रा� रा�क्षस सभ� भRख� हM। निव(�त� न� इन्हH घरा ब5ठा� भ�*न भ�* ढ़िदैय�। ऐस� काहकारा उस मRख+ न� अट्टह�स निकाय� (वह बड़� *�रा स� ठाह�का� म�राकारा हOस�)॥2॥* स%भट सकालं च�रिराहुO ढ़िदैसिस *�हूँ। (रिरा (रिरा भ�लं% काCस सब ख�हूँ॥उम� रा�वननिह अस अभिभम�न�। जि*धिम ढ़िटढ़िट्टभ खग सRत उत�न�॥3॥

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भ�व�र्थ+:- (औरा ब�लं�-) ह� व�रा>! सब लं�ग च�रा> ढ़िदैशं�ओं मH *�ओ औरा रा�छो-व�नरा सबका� पाकाड़-पाकाड़कारा ख�ओ। (सिशंव*� काहत� हM-) ह� उम�! रा�वण का� ऐस� अभिभम�न र्थ� *5स� ढ़िटढ़िटनिहरा� पाक्ष� पा5रा ऊँपारा काC ओरा काराका� स�त� ह5 (म�न� आका�शं का� र्थ�म लं�ग�)॥3॥* चलं� निनस�चरा आयस% म�ग�। गनिह कारा भिंभ निडपा�लं बरा स�Oग�॥त�मरा म%द्गरा पारास% Sच ड�। सRलं का3 पा�न पारिराघ निगरिराख ड�॥4॥भ�व�र्थ+:-आज्ञा� म�Oगकारा औरा ह�र्थ> मH उत्तेम भिंभ ढ़िदैपा�लं, स�Oग� (बराछोz), त�मरा, म%द्गरा, Sचण्ड rरास�, शंRलं, दै�(�रा� तलंव�रा, पारिराघ औरा पाह�ड़> का� ट%काड़� लं�कारा रा�क्षस चलं�॥4॥* जि*धिम अरुन�पालं निनकारा निनह�रा�। (�वतिंह सठा खग म� स अह�रा�॥च>च भ ग दुख नितन्हनिह न सRझ�। नितधिम (�ए मन%*�दै अबRझ�॥5॥भ�व�र्थ+:-*5स� मRख+ म� स�ह�रा� पाक्ष� लं�लं पात्थरा> का� समRह दै�खकारा उस पारा टRट पाड़त� हM, (पात्थरा> पारा लंगन� स�) च>च टRटन� का� दु^ख उन्हH नहe सRझत�, व5स� ह� य� ब�समझ रा�क्षस दैUड़�॥5॥दै�ह� :* न�न�य%( सरा च�पा (रा *�त%(�न बलं ब�रा।का�ट काO गRराखिन्ह चढ़िl गए का�ढ़िट का�ढ़िट रान(�रा॥40॥भ�व�र्थ+:- अन�का> Sका�रा का� अस्त्रु-शंस्त्रु औरा (न%ष-ब�ण (�राण निकाए कारा�ड़> बलंव�न- औरा राण(�रा रा�क्षस व�रा पाराका�ट� का� काO गRरा> पारा चl गए॥40॥चUपा�ई :* का�ट काO गRराखिन्ह स�हतिंह का5 स�। म�रु का� स3 गनिन *न% घन ब5स�॥ब�*तिंह ��लं निनस�न *%झ�ऊँ। स%निन (%निन ह�इ भटखिन्ह मन च�ऊँ॥1॥भ�व�र्थ+:-व� पाराका�ट� का� काO गRरा> पारा का5 स� शं�भिभत ह� राह� हM, म�न� स%म�रु का� सिशंखरा> पारा ब�दैलं ब5ठा� ह>। *%झ�ऊँ ��लं औरा ड का� आढ़िदै ब* राह� हM, (जि*नकाC) ध्वनिन स%नकारा य���ओं का� मन मH (लंड़न� का�) च�व ह�त� ह5॥1॥* ब�*तिंह भ�रिरा नrCरिरा अपा�रा�। स%निन का�दैरा उरा *�तिंह दैरा�रा�॥दै�खिखन्ह *�इ कानिपान्ह का� ठाट्ट�। अनित निबस�लं तन% भ�लं% स%भट्ट�॥2॥

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भ�व�र्थ+:- अगभिणत नrCरा� औरा भ�रा� ब* राह� ह5, (जि*न्हH) स%नकारा का�यरा> का� हृदैय मH दैरा�राH पाड़ *�त� हM। उन्ह>न� *�कारा अत्यन्त निवशं�लं शंरा�रा व�लं� मह�न- य��� व�नरा औरा भ�लं%ओं का� ठाट्ट (समRह) दै�ख�॥2॥* (�वतिंह गनतिंह न अवघट घ�ट�। पाब+त r�रिरा कारातिंह गनिह ब�ट�॥काटकाट�तिंह का�ढ़िटन्ह भट ग*+तिंह । दैसन ओठा का�टतिंह अनित त*+तिंह ॥3॥भ�व�र्थ+:-(दै�ख� निका) व� रा�छो-व�नरा दैUड़त� हM, औघट (ऊँO च�-न�च�, निवकाट) घ�ढ़िटय> का� का% छो नहe निगनत�। पाकाड़कारा पाह�ड़> का� r�ड़कारा रा�स्त� बन� लं�त� हM। कारा�ड़> य��� काटकाट�त� औरा ग*+त� हM। दै�Oत> स� ह�ठा का�टत� औरा खRब डपाटत� हM॥3॥* उत रा�वन इत रा�म दै�ह�ई। *यनित *यनित *य पारा� लंरा�ई॥निनसिसचरा सिसखरा समRह �ह�वतिंह । काR ढ़िदै (रातिंह कानिपा r� रिरा चलं�वतिंह ॥4॥भ�व�र्थ+:- उ(रा रा�वण काC औरा इ(रा श्री� रा�म*� काC दुह�ई ब�लं� *� राह� ह5। '*य' '*य' '*य' काC ध्वनिन ह�त� ह� लंड़�ई सिछोड़ गई। रा�क्षस पाह�ड़> का� ��रा का� ��रा सिशंखरा> का� rH कात� हM। व�नरा काR दैकारा उन्हH पाकाड़ लं�त� हM औरा व�पास उन्हe काC ओरा चलं�त� हM॥4॥छो दै :* (रिरा का% (रा ख ड Sच ड मका+ ट भ�लं% गl पारा ड�राहe।झपाटतिंह चरान गनिह पाटनिका मनिह भजि* चलंत बहुरिरा पाच�राहe॥अनित तरालं तरुन Sत�पा तरापातिंह तमनिका गl चढ़िl चढ़िl गए।कानिपा भ�लं% चढ़िl म ढ़िदैरान्ह *हO तहO रा�म *स% ग�वत भए॥भ�व�र्थ+:- Sचण्ड व�नरा औरा भ�लंR पाव+त> का� ट%काड़� लं�-लं�कारा निकालं� पारा ड�लंत� हM। व� झपाटत� हM औरा रा�क्षस> का� पा5रा पाकाड़कारा उन्हH पा3थ्व� पारा पाटकाकारा भ�ग चलंत� हM औरा निrरा लंलंका�रात� हM। बहुत ह� च चलं औरा बड़� त�*स्व� व�नरा-भ�लंR बड़� r% त7 स� उछोलंकारा निकालं� पारा चl-चlकारा गए औरा *ह�O-तह�O महलं> मH घ%सकारा श्री� रा�म*� का� यशं ग�न� लंग�।दै�ह� :* एका% एका% निनसिसचरा गनिह पा%निन कानिपा चलं� पारा�इ।ऊँपारा आपा% ह�ठा भट निगरातिंह (रानिन पारा आइ॥41॥

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भ�व�र्थ+:- निrरा एका-एका रा�क्षस का� पाकाड़कारा व� व�नरा भ�ग चलं�। ऊँपारा आपा औरा न�च� (रा�क्षस) य���- इस Sका�रा व� (निकालं� स�) (रात� पारा आ निगरात� हM॥41॥चUपा�ई :* रा�म Sत�पा Sबलं कानिपा*Rर्थ�। मदै+तिंह निनसिसचरा स%भट बरूर्थ�॥चl� दुग+ पा%निन *हO तहO ब�नरा। *य राघ%ब�रा Sत�पा ढ़िदैव�कारा॥1॥भ�व�र्थ+:- श्री� रा�म*� का� Sत�पा स� Sबलं व�नरा> का� झ% ड रा�क्षस य���ओं का� समRह का� समRह मसलं राह� हM। व�नरा निrरा *ह�O-तह�O निकालं� पारा चl गए औरा Sत�पा मH सRय+ का� सम�न श्री� राघ%व�रा काC *य ब�लंन� लंग�॥1॥* चलं� निनस�चरा निनकारा पारा�ई। Sबलं पावन जि*धिम घन सम%दै�ई॥ह�ह�का�रा भयउ पा%रा भ�रा�। रा�वतिंह ब�लंका आत%रा न�रा�॥2॥भ�व�र्थ+:- रा�क्षस> का� झ% ड व5स� ह� भ�ग चलं� *5स� *�रा काC हव� चलंन� पारा ब�दैलं> का� समRह निततरा-निबतरा ह� *�त� हM। लं का� नगरा� मH बड़� भ�रा� ह�ह�का�रा मच गय�। ब�लंका, स्त्रिस्त्रुय�O औरा रा�ग� (असमर्थ+त� का� का�राण) रा�न� लंग�॥2॥* सब धिमसिलं दै�तिंह रा�वननिह ग�रा�। रा�* कारात एतिंह म3त्य% हOका�रा�॥निन* दैलं निबचलं स%न� त�तिंह का�न�। r� रिरा स%भट लं का� स रिरास�न�॥3॥भ�व�र्थ+:- सब धिमलंकारा रा�वण का� ग�सिलंय�O दै�न� लंग� निका रा�ज्य कारात� हुए इसन� म3त्य% का� ब%लं� सिलंय�। रा�वण न� *ब अपान� स�न� का� निवचसिलंत ह�न� का�न> स� स%न�, तब (भ�गत� हुए) य���ओं का� लंUट�कारा वह क्र�धि(त ह�कारा ब�लं�-॥3॥* *� रान निबम%ख स%न� मM का�न�। स� मM हतब कारा�लं का3 पा�न�॥सब+स% ख�इ भ�ग कारिरा न�न�। समरा भRधिम भए बल्लंभ S�न�॥4॥भ�व�र्थ+:- मM जि*स� राण स� पा�ठा दै�कारा भ�ग� हुआ अपान� का�न> स%नROग�, उस� स्वय भय�नका दै�(�रा� तलंव�रा स� म�रूO ग�। म�रा� सब का% छो ख�य�, भ�Oनित-भ�Oनित का� भ�ग निकाए औरा अब राणभRधिम मH S�ण प्य�रा� ह� गए!॥4॥* उग्री बचन स%निन सकालं ड�रा�न�। चलं� क्र�( कारिरा स%भट लं*�न�॥सन्म%ख मरान ब�रा का5 स�भ�। तब नितन्ह त*� S�न कारा लं�भ�॥5॥

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भ�व�र्थ+:- रा�वण का� उग्री (काठा�रा) वचन स%नकारा सब व�रा डरा गए औरा लंच्छिज्जत ह�कारा क्र�( काराका� य%� का� सिलंए लंUट चलं�। राण मH (शंत्रु% का� ) सम्म%ख (य%� कारात� हुए) मरान� मH ह� व�रा काC शं�भ� ह5। (यह स�चकारा) तब उन्ह>न� S�ण> का� लं�भ छो�ड़ ढ़िदैय�॥5॥दै�ह� :* बहु आय%( (रा स%भट सब भिभरातिंह पाच�रिरा पाच�रिरा।ब्य�का% लं निकाए भ�लं% कानिपा पारिराघ नित्रुसRलंखिन्ह म�रिरा॥42॥भ�व�र्थ+:-बहुत स� अस्त्रु-शंस्त्रु (�राण निकाए, सब व�रा लंलंका�रा-लंलंका�राकारा भिभड़न� लंग�। उन्ह>न� पारिराघ> औरा नित्रुशंRलं> स� म�रा-म�राकारा सब रा�छो-व�नरा> का� व्यं�का% लं कारा ढ़िदैय�॥42॥चUपा�ई :* भय आत%रा कानिपा भ�गत लं�ग�। *द्योनिपा उम� *�नितहतिंह आग�॥का�उ काह काहO अ गदै हन%म त�। काहO नलं न�लं दुनिबदै बलंव त�॥1॥भ�व�र्थ+:- (सिशंव*� काहत� हM-) व�नरा भय�त%रा ह�कारा (डरा का� म�रा� घबड़�कारा) भ�गन� लंग�, यद्योनिपा ह� उम�! आग� चलंकारा (व� ह�) *�तHग�। का�ई काहत� ह5- अ गदै-हन%म�न- काह�O हM? बलंव�न- नलं, न�लं औरा निद्वानिवदै काह�O हM?॥1॥*निन* दैलं निबकालं स%न� हन%म�न�। पाच्छिच्छीम द्वा�रा राह� बलंव�न�॥म�घन�दै तहO काराइ लंरा�ई। टRट न द्वा�रा पाराम काढ़िठान�ई॥2॥भ�व�र्थ+:-हन%म�न- *� न� *ब अपान� दैलं का� निवकालं (भयभ�त) हुआ स%न�, उस समय व� बलंव�न- पाभिश्चम द्वा�रा पारा र्थ�। वह�O उनस� म�घन�दै य%� कारा राह� र्थ�। वह द्वा�रा टRटत� न र्थ�, बड़� भ�रा� काढ़िठान�ई ह� राह� र्थ�॥2॥* पावनतनय मन भ� अनित क्र�(�। ग*ªउ Sबलं का�लं सम *�(�॥काR ढ़िदै लं का गl ऊँपारा आव�। गनिह निगरिरा म�घन�दै काहुO (�व�॥3॥भ�व�र्थ+:-तब पावनपा%त्रु हन%म�न- *� का� मन मH बड़� भ�रा� क्र�( हुआ। व� का�लं का� सम�न य��� बड़� *�रा स� गरा*� औरा काR दैकारा लं का� का� निकालं� पारा आ गए औरा पाह�ड़ लं�कारा म�घन�दै काC ओरा दैUड़�॥3॥* भ *�उ रार्थ स�रार्थ� निनपा�त�। त�निह हृदैय महुO म�रा�सिस लं�त�॥दुसराH सRत निबकालं त�निह *�न�। स्य दैन घ�सिलं त%रात ग3ह आन�॥4॥

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भ�व�र्थ+:- रार्थ त�ड़ ड�लं�, स�रार्थ� का� म�रा निगरा�य� औरा म�घन�दै काC छो�त� मH लं�त म�रा�। र्दूसरा� स�रार्थ� म�घन�दै का� व्यं�का% लं *�नकारा, उस� रार्थ मH ड�लंकारा, त%रा त घरा लं� आय�॥4॥दै�ह� :* अ गदै स%न� पावनस%त गl पारा गयउ अका� लं।रान ब�Oका% रा� ब�सिलंस%त तरानिका चl�उ कानिपा ख�लं॥43॥भ�व�र्थ+:- इ(रा अ गदै न� स%न� निका पावनपा%त्रु हन%म�न- निकालं� पारा अका� लं� ह� गए हM, त� राण मH ब�Oका� ब�सिलं पा%त्रु व�नरा का� ख�लं काC तराह उछोलंकारा निकालं� पारा चl गए॥43॥चUपा�ई :* *%� निबरु� क्र% � द्वाU ब दैरा। रा�म Sत�पा स%धिमरिरा उरा अ तरा॥रा�वन भवन चl� द्वाU (�ई। कारातिंह का�सलं�(�स दै�ह�ई॥1॥भ�व�र्थ+:- य%� मH शंत्रु%ओं का� निवरु� दै�न> व�नरा क्र% � ह� गए। हृदैय मH श्री� रा�म*� का� Sत�पा का� स्मराण काराका� दै�न> दैUड़कारा रा�वण का� महलं पारा *� चl� औरा का�सलंरा�* श्री� रा�म*� काC दुह�ई ब�लंन� लंग�॥1॥* कालंस सनिहत गनिह भवन% �ह�व�। दै�खिख निनस�चरापानित भय पा�व�॥न�रिरा ब3 दै कारा पा�टतिंह छो�त�। अब दुइ कानिपा आए उतपा�त�॥2॥भ�व�र्थ+:- उन्ह>न� कालंशं सनिहत महलं का� पाकाड़कारा �ह� ढ़िदैय�। यह दै�खकारा रा�क्षस रा�* रा�वण डरा गय�। सब स्त्रिस्त्रुय�O ह�र्थ> स� छो�त� पा�टन� लंगe (औरा काहन� लंगe-) अब काC ब�रा दै� उत्पा�त� व�नरा (एका स�र्थ) आ गए हM॥2॥* कानिपालं�लं� कारिरा नितन्हनिह ड�रा�वतिंह । रा�मच द्रं कारा स%*स% स%न�वतिंह ॥पा%निन कारा गनिह का चन का� ख भ�। काह�खिन्ह कारिराअ उतपा�त अरा भ�॥3॥भ�व�र्थ+:- व�नरालं�लं� काराका� (घ%ड़काC दै�कारा) दै�न> उनका� डरा�त� हM औरा श्री� रा�मच द्रं*� का� स% दैरा यशं स%न�त� हM। निrरा स�न� का� ख भ> का� ह�र्थ> स� पाकाड़कारा उन्ह>न� (पारास्परा) काह� निका अब उत्पा�त आरा भ निकाय� *�ए॥3॥* गर्जि* पारा� रिरापा% काटका मझ�रा�। लं�ग� मदै¬ भ%* बलं भ�रा�॥का�हुनिह लं�त चपा�टखिन्ह का� हूँ। भ*हु न रा�मनिह स� rलं लं�हूँ॥4॥भ�व�र्थ+:-व� ग*+कारा शंत्रु% काC स�न� का� ब�च मH काR दै पाड़� औरा अपान� भ�रा� भ%*बलं स� उसका� मदै+न कारान� लंग�। निकास� काC लं�त स� औरा निकास� काC

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र्थप्पाड़ स� खबरा लं�त� हM (औरा काहत� हM निका) त%म श्री� रा�म*� का� नहe भ*त�, उसका� यह rलं लं�॥4॥दै�ह� :* एका एका स> मदै+तिंह त�रिरा चलं�वतिंह म% ड।रा�वन आगH पारातिंह त� *न% rR टतिंह दैधि( का% ड॥44॥भ�व�र्थ+:- एका का� र्दूसरा� स� (रागड़कारा) मसलं ड�लंत� हM औरा सिसरा> का� त�ड़कारा rH कात� हM। व� सिसरा *�कारा रा�वण का� स�मन� निगरात� हM औरा ऐस� rR टत� हM, म�न� दैह� का� काR ड� rR ट राह� ह>॥4॥चUपा�ई :* मह� मह� म%खिखआ *� पा�वतिंह । त� पादै गनिह Sभ% पा�स चलं�वतिंह ॥काहइ निबभ�षन% नितन्ह का� न�म�। दै�तिंह रा�म नितन्हहूँ निन* (�म�॥1॥भ�व�र्थ+:- जि*न बड़�-बड़� म%खिखय> (S(�न स�न�पानितय>) का� पाकाड़ पा�त� हM, उनका� पा5रा पाकाड़कारा उन्हH Sभ% का� पा�स rH का दै�त� हM। निवभ�षण*� उनका� न�म बतलं�त� हM औरा श्री� रा�म*� उन्हH भ� अपान� (�म (पाराम पादै) दै� दै�त� हM॥1॥* खलं मन%*�दै निद्वा*�धिमष भ�ग�। पा�वतिंह गनित *� *�चत *�ग�॥उम� रा�म म3दुसिचत कारुन�कारा। बयरा भ�व स%धिमरात म�निह निनसिसचरा॥2॥भ�व�र्थ+:- ब्र�ह्मण> का� म� स ख�न� व�लं� व� नराभ�*� दुष्टों रा�क्षस भ� वह पाराम गनित पा�त� हM, जि*सकाC य�ग� भ� य�चन� निकाय� कारात� हM, (पारान्त% सह* मH नहe पा�त�)। (सिशंव*� काहत� हM-) ह� उम�! श्री� रा�म*� बड़� ह� का�मलं हृदैय औरा कारुण� काC ख�न हM। (व� स�चत� हM निका) रा�क्षस म%झ� व5राभ�व स� ह� सह�, स्मराण त� कारात� ह� हM॥2॥* दै�तिंह पाराम गनित स� जि*यO *�न�। अस का3 पा�लं का� काहहु भव�न�॥अस Sभ% स%निन न भ*तिंह भ्रम त्य�ग�। नरा मनितम दै त� पाराम अभ�ग�॥3॥भ�व�र्थ+:- ऐस� हृदैय मH *�नकारा व� उन्हH पारामगनित (म�क्ष) दै�त� हM। ह� भव�न�! काह� त� ऐस� का3 पा�लं% (औरा) काUन हM? Sभ% का� ऐस� स्वभ�व स%नकारा भ� *� मन%ष्य भ्रम त्य�ग कारा उनका� भ*न नहe कारात�, व� अत्य त म दैब%जि� औरा पाराम भ�ग्यह�न हM॥3॥* अ गदै अरु हन%म त Sब�स�। काCन्ह दुग+ अस काह अव(�स�॥लं का�O द्वाU कानिपा स�हतिंह का5 सH। मर्थतिंह सिंस (% दुइ म दैरा *5सH॥4॥

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भ�व�र्थ+:- श्री� रा�म*� न� काह� निका अ गदै औरा हन%म�न निकालं� मH घ%स गए हM। दै�न> व�नरा लं का� मH (निवध्व स कारात�) का5 स� शं�भ� दै�त� हM, *5स� दै� मन्दैरा�चलं सम%द्रं का� मर्थ राह� ह>॥4॥ दै�ह� :दै�ह� :* भ%* बलं रिरापा% दैलं दैलंमसिलं दै�खिख ढ़िदैवस कारा अ त।काR दै� *%गलं निबगत श्रीम आए *हO भगव त॥45॥भ�व�र्थ+:- भ%*�ओं का� बलं स� शंत्रु% काC स�न� का� का% चलंकारा औरा मसलंकारा, निrरा ढ़िदैन का� अ त ह�त� दै�खकारा हन%म�न- औरा अ गदै दै�न> काR दै पाड़� औरा श्रीम र्थका�वट रानिहत ह�कारा वह�O आ गए, *ह�O भगव�न- श्री� रा�म*� र्थ�॥45॥चUपा�ई :* Sभ% पादै कामलं स�स नितन्ह न�ए। दै�खिख स%भट राघ%पानित मन भ�ए॥रा�म का3 पा� कारिरा *%गलं निनह�रा�। भए निबगतश्रीम पाराम स%ख�रा�॥1॥भ�व�र्थ+:- उन्ह>न� Sभ% का� चराण कामलं> मH सिसरा नव�ए। उत्तेम य���ओं का� दै�खकारा श्री� राघ%न�र्थ*� मन मH बहुत Sसन्न हुए। श्री� रा�म*� न� का3 पा� काराका� दै�न> का� दै�ख�, जि*सस� व� श्रीमरानिहत औरा पाराम स%ख� ह� गए॥1॥* गए *�निन अ गदै हन%म�न�। निrरा� भ�लं% मका+ ट भट न�न�॥*�त%(�न Sदै�ष बलं पा�ई। (�ए कारिरा दैसस�स दै�ह�ई॥2॥भ�व�र्थ+:- अ गदै औरा हन%म�न- का� गए *�नकारा सभ� भ�लंR औरा व�नरा व�रा लंUट पाड़�। रा�क्षस> न� Sदै�ष (स�य ) का�लं का� बलं पा�कारा रा�वण काC दुह�ई दै�त� हुए व�नरा> पारा (�व� निकाय�॥2॥* निनसिसचरा अन� दै�खिख कानिपा निrरा�। *हO तहO काटकाट�इ भट भिभरा�॥द्वाU दैलं Sबलं पाच�रिरा पाच�रा�। लंरात स%भट नतिंह म�नतिंह ह�रा�॥3॥भ�व�र्थ+:- रा�क्षस> काC स�न� आत� दै�खकारा व�नरा लंUट पाड़� औरा व� य��� *ह�O-तह�O काटकाट�कारा भिभड़ गए। दै�न> ह� दैलं बड़� बलंव�न- हM। य��� लंलंका�रा-लंलंका�राकारा ल़ड़त� हM, का�ई ह�रा नहe म�नत�॥3॥* मह�ब�रा निनसिसचरा सब का�रा�। न�न� बरान बलं�म%ख भ�रा�॥सबलं *%गलं दैलं समबलं *�(�। काUत%का कारात लंरात कारिरा क्र�(�॥4॥भ�व�र्थ+:-सभ� रा�क्षस मह�न- व�रा औरा अत्य त का�लं� हM औरा व�नरा निवशं�लंका�य तर्थ� अन�का> रा ग> का� हM। दै�न> ह� दैलं बलंव�न- हM औरा सम�न

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बलं व�लं� य��� हM। व� क्र�( काराका� लंड़त� हM औरा ख�लं कारात� (व�रात� ढ़िदैखलं�त�) हM॥4॥* S�निबट सरादै पाय�दै घन�रा�। लंरात मनहुO म�रुत का� S�रा�॥अनिनपा अका पान अरु अनितका�य�। निबचलंत स�न काCखिन्ह इन्ह म�य�॥5॥भ�व�र्थ+:-(रा�क्षस औरा व�नरा य%� कारात� हुए ऐस� *�न पाड़त� हM) म�न� क्रमशं^ वष�+ औरा शंरादै- ऋत% मH बहुत स� ब�दैलं पावन स� S�रिरात ह�कारा लंड़ राह� ह>। अका पान औरा अनितका�य इन स�न�पानितय> न� अपान� स�न� का� निवचसिलंत ह�त� दै�खकारा म�य� काC॥5॥* भयउ निनधिमष महO अनित अOधि(आरा�। ब3धिष्टों ह�इ रुधि(रा�पालं छो�रा�॥6॥भ�व�र्थ+:- पालंभरा मH अत्य त अ (का�रा ह� गय�। खRन, पात्थरा औरा रा�ख काC वष�+ ह�न� लंग�॥6॥दै�ह� :* दै�खिख निननिबड़ तम दैसहुO ढ़िदैसिस कानिपादैलं भयउ खभ�रा।एकानिह एका न दै�खई *हO तहO कारातिंह पा%का�रा॥46॥भ�व�र्थ+:- दैस> ढ़िदैशं�ओं मH अत्य त घन� अ (का�रा दै�खकारा व�नरा> काC स�न� मH खलंबलं� पाड़ गई। एका का� एका (र्दूसरा�) नहe दै�ख सकात� औरा सब *ह�O-तह�O पा%का�रा राह� हM॥46॥चUपा�ई :* सकालं मराम% राघ%न�यका *�न�। सिलंए ब�सिलं अ गदै हन%म�न�॥सम�च�रा सब कानिह सम%झ�ए। स%नत का�निपा कानिपाका% *रा (�ए॥1॥भ�व�र्थ+:- श्री� राघ%न�र्थ*� सब राहस्य *�न गए। उन्ह>न� अ गदै औरा हन%म�न- का� ब%लं� सिलंय� औरा सब सम�च�रा काहकारा समझ�य�। स%नत� ह� व� दै�न> कानिपाश्री�ष्ठ क्र�( काराका� दैUड़�॥1॥*पा%निन का3 पा�लं हOसिस च�पा चl�व�। पा�वका स�यका सपाढ़िदै चलं�व�॥भयउ Sका�स कातहुO तम न�हe। ग्य�न उदैयO जि*धिम स सय *�हe॥2॥भ�व�र्थ+:-निrरा का3 पा�लं% श्री� रा�म*� न� हOसकारा (न%ष चलं�य� औरा त%रा त ह� अखिग्नब�ण चलं�य�, जि*सस� Sका�शं ह� गय�, काहe अO(�रा� नहe राह गय�। *5स� ज्ञा�न का� उदैय ह�न� पारा (सब Sका�रा का� ) स दै�ह र्दूरा ह� *�त� हM॥2॥* भ�लं% बलं�म%ख पा�ई Sका�स�। (�ए हराष निबगत श्रीम त्रु�स�॥

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हनRम�न अ गदै रान ग�*�। ह�Oका स%नत रा*न�चरा भ�*�॥3॥भ�व�र्थ+:-भ�लंR औरा व�नरा Sका�शं पा�कारा श्रीम औरा भय स� रानिहत तर्थ� Sसन्न ह�कारा दैUड़�। हन%म�न- औरा अ गदै राण मH गरा* उठा� । उनकाC ह�Oका स%नत� ह� रा�क्षस भ�ग छोR ट�॥3॥* भ�गत भट पाटकातिंह (रिरा (रान�। कारातिंह भ�लं% कानिपा अद्भुत̄ कारान�॥गनिह पादै ड�रातिंह स�गरा म�हe। मकारा उराग झष (रिरा (रिरा ख�हe॥4॥भ�व�र्थ+:- भ�गत� हुए रा�क्षस य���ओं का� व�नरा औरा भ�लंR पाकाड़कारा पा3थ्व� पारा दै� म�रात� हM औरा अद्भुत̄ (आश्चय+*नका) कारान� कारात� हM (य%�काUशंलं ढ़िदैखलं�त� हM)। पा5रा पाकाड़कारा उन्हH सम%द्रं मH ड�लं दै�त� हM। वह�O मगरा, स�Oपा औरा मच्छी उन्हH पाकाड़-पाकाड़कारा ख� ड�लंत� हM॥4॥

म�ल्यव�न का� रा�वण का� समझ�न�दै�ह� :* काछो% म�रा� काछो% घ�यलं काछो% गl चl� पारा�इ।ग*+तिंह भ�लं% बलं�म%ख रिरापा% दैलं बलं निबचलं�इ॥47॥भ�व�र्थ+:- का% छो म�रा� गए, का% छो घ�यलं हुए, का% छो भ�गकारा गl पारा चl गए। अपान� बलं स� शंत्रु%दैलं का� निवचसिलंत काराका� रा�छो औरा व�नरा (व�रा) गरा* राह� हM॥47॥चUपा�ई :* निनस� *�निन कानिपा च�रिराउ अन�। आए *ह�O का�सलं� (न�॥रा�म का3 पा� कारिरा सिचतव� सबह�। भए निबगतश्रीम ब�नरा तबह�॥1॥भ�व�र्थ+:- रा�त हुई *�नकारा व�नरा> काC च�रा> स�न�एO (ट%कानिड़य�O) वह�O आईं, *ह�O का�सलंपानित श्री� रा�म*� र्थ�। श्री� रा�म*� न� ज्य> ह� सबका� का3 पा� काराका� दै�ख� त्य> ह� य� व�नरा श्रीमरानिहत ह� गए॥1॥* उह�O दैस�नन ससिचव हOका�रा�। सब सन काह�सिस स%भट *� म�रा�॥आ(� काटका% कानिपान्ह स घ�रा�। काहहु ब�निग का� कारिराअ निबच�रा�॥2॥

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भ�व�र्थ+:- वह�O (लं का� मH) रा�वण न� म नित्रुय> का� ब%लं�य� औरा *� य��� म�रा� गए र्थ�, उन सबका� सबस� बत�य�। (उसन� काह�-) व�नरा> न� आ(� स�न� का� स ह�रा कारा ढ़िदैय�! अब शं�घ्र बत�ओ, क्य� निवच�रा (उपा�य) कारान� च�निहए?॥2॥* म�ल्यव त अनित *राठा निनस�चरा। रा�वन म�त% निपात� म त्रु� बरा॥ब�लं� बचन न�नित अनित पा�वन। स%नहु त�त काछो% म�रा सिसख�वन॥3॥भ�व�र्थ+:- म�ल्यव त (न�म का� एका) अत्य त बRl� रा�क्षस र्थ�। वह रा�वण काC म�त� का� निपात� (अर्थ�+त- उसका� न�न�) औरा श्री�ष्ठ म त्रु� र्थ�। वह अत्य त पानिवत्रु न�नित का� वचन ब�लं�- ह� त�त! का% छो म�रा� स�ख भ� स%न�-॥3॥* *ब त� त%म्ह स�त� हरिरा आन�। असग%न ह�तिंह न *�तिंह बख�न�॥ब�दै पा%रा�न *�स% *स% ग�य�। रा�म निबम%ख का�हुO न स%ख पा�य�॥4॥भ�व�र्थ+:-*ब स� त%म स�त� का� हरा लं�ए ह�, तब स� इतन� अपाशंका% न ह� राह� हM निका *� वण+न नहe निकाए *� सकात�। व�दै-पा%रा�ण> न� जि*नका� यशं ग�य� ह5, उन श्री� रा�म स� निवम%ख ह�कारा निकास� न� स%ख नहe पा�य�॥4॥दै�ह� :* निहरान्य�च्छी भ्र�त� सनिहत म(% का5 टभ बलंव�न।*�तिंह म�रा� स�इ अवतरा�उ का3 पा�सिंस (% भगव�न॥48 का॥भ�व�र्थ+:-भ�ई निहराण्यकासिशंपा% सनिहत निहराण्य�क्ष का� बलंव�न- म(%-का5 टभ का� जि*न्ह>न� म�रा� र्थ�, व� ह� का3 पा� का� सम%द्रं भगव�न- (रा�मरूपा स�) अवतरिरात हुए हM॥ 48 (का)॥

म�सपा�रा�यण, पाच�सव�O निवश्री�म

लंक्ष्मण-म�घन�दै य%�, लंक्ष्मण*� का� शंसिb लंगन�*का�लंरूपा खलं बन दैहन ग%न�ग�रा घनब�(।सिसव निबरा सिच *�निह स�वतिंह त�स> कावन निबरा�(॥48 ख॥

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भ�व�र्थ+:- *� का�लंस्वरूपा हM, दुष्टों> का� समRह रूपा� वन का� भस्म कारान� व�लं� (अखिग्न) हM, ग%ण> का� (�म औरा ज्ञा�नघन हM एव सिशंव*� औरा ब्रह्म�*� भ� जि*नकाC स�व� कारात� हM, उनस� व5रा का5 स�?॥48 (ख)॥चUपा�ई :* पारिराहरिरा बयरु दै�हु ब5दै�ह�। भ*हु का3 पा�निनधि( पाराम सन�ह�॥त�का� बचन ब�न सम लं�ग�। कारिराआ म%Oह कारिरा *�निह अभ�ग�॥1॥भ�व�र्थ+:- (अत^) व5रा छो�ड़कारा उन्हH *�नकाC*� का� दै� दै� औरा का3 पा�निन(�न पाराम स्न�ह� श्री� रा�म*� का� भ*न कारा�। रा�वण का� उसका� वचन ब�ण का� सम�न लंग�। (वह ब�लं�-) अरा� अभ�ग�! म%Oह का�लं� काराका� (यह�O स�) निनकालं *�॥1॥* बRl भएसिस न त मरात�उO त�ह�। अब *निन नयन दै�ख�वसिस म�ह�॥त�तिंह अपान� मन अस अन%म�न�। बध्य� चहत एनिह का3 पा�निन(�न�॥2॥भ�व�र्थ+:-तR बRl� ह� गय�, नहe त� त%झ� म�रा ह� ड�लंत�। अब म�रा� आOख> का� अपान� म%Oह न ढ़िदैखलं�। रा�वण का� य� वचन स%नकारा उसन� (म�ल्यव�न- न�) अपान� मन मH ऐस� अन%म�न निकाय� निका इस� का3 पा�निन(�न श्री� रा�म*� अब म�रान� ह� च�हत� हM॥2॥* स� उढ़िठा गयउ काहत दुब�+दै�। तब सका�पा ब�लं�उ घनन�दै�॥काUत%का S�त दै�खिखअहु म�रा�। कारिराहउO बहुत काह� का� र्थ�रा�॥3॥भ�व�र्थ+:- वह रा�वण का� दुव+चन काहत� हुआ उठाकारा चलं� गय�। तब म�घन�दै क्र�(पाRव+का ब�लं�- सब�रा� म�रा� कारा�म�त दै�खन�। मM बहुत का% छो कारूO ग�, र्थ�ड़� क्य� काहूँO? (*� का% छो वण+न कारूO ग� र्थ�ड़� ह� ह�ग�)॥3॥* स%निन स%त बचन भरा�स� आव�। S�नित सम�त अ का ब5ठा�व�॥कारात निबच�रा भयउ भिभन%स�रा�। लं�ग� कानिपा पा%निन चहूँO दुआरा�॥4॥भ�व�र्थ+:- पा%त्रु का� वचन स%नकारा रा�वण का� भरा�स� आ गय�। उसन� S�म का� स�र्थ उस� ग�दै मH ब5ठा� सिलंय�। निवच�रा कारात�-कारात� ह� सब�रा� ह� गय�। व�नरा निrरा च�रा> दैराव�*> पारा *� लंग�॥4॥* का�निपा कानिपान्ह दुघ+ट गढ़ु घ�रा�। नगरा का�लं�हलं% भयउ घन�रा�॥निबनिब(�य%( (रा निनसिसचरा (�ए। गl त� पाब+त सिसखरा �ह�ए॥5॥

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भ�व�र्थ+:- व�नरा> न� क्र�( काराका� दुग+म निकालं� का� घ�रा सिलंय�। नगरा मH बहुत ह� का�लं�हलं (शं�रा) मच गय�। रा�क्षस बहुत तराह का� अस्त्रु-शंस्त्रु (�राण काराका� दैUड़� औरा उन्ह>न� निकालं� पारा पाह�ड़> का� सिशंखरा �ह�ए॥5॥छो दै :* ��ह� मह�(रा सिसखरा का�ढ़िटन्ह निबनिब( निबधि( ग�लं� चलं�।घहरा�त जि*धिम पानिबपा�त ग*+त *न% Sलंय का� ब�दैलं�॥मका+ ट निबकाट भट *%टत काटत न लंटत तन **+रा भए।गनिह स5लं त�निह गl पारा चलं�वनिह *हO स� तहO निनसिसचरा हए॥भ�व�र्थ+:- उन्ह>न� पाव+त> का� कारा�ड़> सिशंखरा �ह�ए, अन�का Sका�रा स� ग�लं� चलंन� लंग�। व� ग�लं� ऐस� घहरा�त� हM *5स� वज्रपा�त हुआ ह� (निब*लं� निगरा� ह�) औरा य��� ऐस� गरा*त� हM, म�न� Sलंयका�लं का� ब�दैलं ह>। निवकाट व�नरा य��� भिभड़त� हM, काट *�त� हM (घ�यलं ह� *�त� हM), उनका� शंरा�रा **+रा (चलंन�) ह� *�त� हM, तब भ� व� लंटत� नहe (निहम्मत नहe ह�रात�)। व� पाह�ड़ उठा�कारा उस� निकालं� पारा rH कात� हM। रा�क्षस *ह�O का� तह�O (*� *ह�O ह�त� हM, वहe) म�रा� *�त� हM।दै�ह� :* म�घन�दै स%निन श्रीवन अस गl पा%निन छोHका� आइ।उतरा- य� ब�रा दुग+ तH सन्म%ख चल्य� ब*�इ॥49॥भ�व�र्थ+:- म�घन�दै न� का�न> स� ऐस� स%न� निका व�नरा> न� आकारा निrरा निकालं� का� घ�रा सिलंय� ह5। तब वह व�रा निकालं� स� उतरा� औरा ड का� ब*�कारा उनका� स�मन� चलं�॥49॥चUपा�ई :* काहO का�सलं�(�स द्वाU भ्र�त�। (न्व� सकालं लं�त निबख्य�त�॥काहO नलं न�लं दुनिबदै स%ग्री�व�। अ गदै हनRम त बलं सeव�॥1॥भ�व�र्थ+:-(म�घन�दै न� पा%का�राकारा काह�-) समस्त लं�का> मH Sसिस� (न%(+रा का�सलं�(�शं दै�न> भ�ई काह�O हM? नलं, न�लं, निद्वानिवदै, स%ग्री�व औरा बलं काC स�म� अ गदै औरा हन%म�न- काह�O हM?॥1॥* काह�O निबभ�षन% भ्र�त�द्रं�ह�। आ*% सबनिह हढ़िठा म�राउO ओह�॥अस कानिह काढ़िठान ब�न स (�न�। अनितसय क्र�( श्रीवन लंनिग त�न�॥2॥

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भ�व� लंक्ष्मण-म�घन�दै य%�, लंक्ष्मण*� का� शंसिb लंगन�*का�लंरूपा खलं बन दैहन ग%न�ग�रा घनब�(।सिसव निबरा सिच *�निह स�वतिंह त�स> कावन निबरा�(॥48 ख॥भ�व�र्थ+:- *� का�लंस्वरूपा हM, दुष्टों> का� समRह रूपा� वन का� भस्म कारान� व�लं� (अखिग्न) हM, ग%ण> का� (�म औरा ज्ञा�नघन हM एव सिशंव*� औरा ब्रह्म�*� भ� जि*नकाC स�व� कारात� हM, उनस� व5रा का5 स�?॥48 (ख)॥चUपा�ई :* पारिराहरिरा बयरु दै�हु ब5दै�ह�। भ*हु का3 पा�निनधि( पाराम सन�ह�॥त�का� बचन ब�न सम लं�ग�। कारिराआ म%Oह कारिरा *�निह अभ�ग�॥1॥भ�व�र्थ+:- (अत^) व5रा छो�ड़कारा उन्हH *�नकाC*� का� दै� दै� औरा का3 पा�निन(�न पाराम स्न�ह� श्री� रा�म*� का� भ*न कारा�। रा�वण का� उसका� वचन ब�ण का� सम�न लंग�। (वह ब�लं�-) अरा� अभ�ग�! म%Oह का�लं� काराका� (यह�O स�) निनकालं *�॥1॥* बRl भएसिस न त मरात�उO त�ह�। अब *निन नयन दै�ख�वसिस म�ह�॥त�तिंह अपान� मन अस अन%म�न�। बध्य� चहत एनिह का3 पा�निन(�न�॥2॥भ�व�र्थ+:-तR बRl� ह� गय�, नहe त� त%झ� म�रा ह� ड�लंत�। अब म�रा� आOख> का� अपान� म%Oह न ढ़िदैखलं�। रा�वण का� य� वचन स%नकारा उसन� (म�ल्यव�न- न�) अपान� मन मH ऐस� अन%म�न निकाय� निका इस� का3 पा�निन(�न श्री� रा�म*� अब म�रान� ह� च�हत� हM॥2॥* स� उढ़िठा गयउ काहत दुब�+दै�। तब सका�पा ब�लं�उ घनन�दै�॥काUत%का S�त दै�खिखअहु म�रा�। कारिराहउO बहुत काह� का� र्थ�रा�॥3॥भ�व�र्थ+:- वह रा�वण का� दुव+चन काहत� हुआ उठाकारा चलं� गय�। तब म�घन�दै क्र�(पाRव+का ब�लं�- सब�रा� म�रा� कारा�म�त दै�खन�। मM बहुत का% छो कारूO ग�, र्थ�ड़� क्य� काहूँO? (*� का% छो वण+न कारूO ग� र्थ�ड़� ह� ह�ग�)॥3॥* स%निन स%त बचन भरा�स� आव�। S�नित सम�त अ का ब5ठा�व�॥कारात निबच�रा भयउ भिभन%स�रा�। लं�ग� कानिपा पा%निन चहूँO दुआरा�॥4॥

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भ�व�र्थ+:- पा%त्रु का� वचन स%नकारा रा�वण का� भरा�स� आ गय�। उसन� S�म का� स�र्थ उस� ग�दै मH ब5ठा� सिलंय�। निवच�रा कारात�-कारात� ह� सब�रा� ह� गय�। व�नरा निrरा च�रा> दैराव�*> पारा *� लंग�॥4॥* का�निपा कानिपान्ह दुघ+ट गढ़ु घ�रा�। नगरा का�लं�हलं% भयउ घन�रा�॥निबनिब(�य%( (रा निनसिसचरा (�ए। गl त� पाब+त सिसखरा �ह�ए॥5॥भ�व�र्थ+:- व�नरा> न� क्र�( काराका� दुग+म निकालं� का� घ�रा सिलंय�। नगरा मH बहुत ह� का�लं�हलं (शं�रा) मच गय�। रा�क्षस बहुत तराह का� अस्त्रु-शंस्त्रु (�राण काराका� दैUड़� औरा उन्ह>न� निकालं� पारा पाह�ड़> का� सिशंखरा �ह�ए॥5॥छो दै :* ��ह� मह�(रा सिसखरा का�ढ़िटन्ह निबनिब( निबधि( ग�लं� चलं�।घहरा�त जि*धिम पानिबपा�त ग*+त *न% Sलंय का� ब�दैलं�॥मका+ ट निबकाट भट *%टत काटत न लंटत तन **+रा भए।गनिह स5लं त�निह गl पारा चलं�वनिह *हO स� तहO निनसिसचरा हए॥भ�व�र्थ+:- उन्ह>न� पाव+त> का� कारा�ड़> सिशंखरा �ह�ए, अन�का Sका�रा स� ग�लं� चलंन� लंग�। व� ग�लं� ऐस� घहरा�त� हM *5स� वज्रपा�त हुआ ह� (निब*लं� निगरा� ह�) औरा य��� ऐस� गरा*त� हM, म�न� Sलंयका�लं का� ब�दैलं ह>। निवकाट व�नरा य��� भिभड़त� हM, काट *�त� हM (घ�यलं ह� *�त� हM), उनका� शंरा�रा **+रा (चलंन�) ह� *�त� हM, तब भ� व� लंटत� नहe (निहम्मत नहe ह�रात�)। व� पाह�ड़ उठा�कारा उस� निकालं� पारा rH कात� हM। रा�क्षस *ह�O का� तह�O (*� *ह�O ह�त� हM, वहe) म�रा� *�त� हM।दै�ह� :* म�घन�दै स%निन श्रीवन अस गl पा%निन छोHका� आइ।उतरा- य� ब�रा दुग+ तH सन्म%ख चल्य� ब*�इ॥49॥भ�व�र्थ+:- म�घन�दै न� का�न> स� ऐस� स%न� निका व�नरा> न� आकारा निrरा निकालं� का� घ�रा सिलंय� ह5। तब वह व�रा निकालं� स� उतरा� औरा ड का� ब*�कारा उनका� स�मन� चलं�॥49॥चUपा�ई :* काहO का�सलं�(�स द्वाU भ्र�त�। (न्व� सकालं लं�त निबख्य�त�॥काहO नलं न�लं दुनिबदै स%ग्री�व�। अ गदै हनRम त बलं सeव�॥1॥

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भ�व�र्थ+:-(म�घन�दै न� पा%का�राकारा काह�-) समस्त लं�का> मH Sसिस� (न%(+रा का�सलं�(�शं दै�न> भ�ई काह�O हM? नलं, न�लं, निद्वानिवदै, स%ग्री�व औरा बलं काC स�म� अ गदै औरा हन%म�न- काह�O हM?॥1॥* काह�O निबभ�षन% भ्र�त�द्रं�ह�। आ*% सबनिह हढ़िठा म�राउO ओह�॥अस कानिह काढ़िठान ब�न स (�न�। अनितसय क्र�( श्रीवन लंनिग त�न�॥2॥भ�व�र्थ+:-भ�ई स� द्रं�ह कारान� व�लं� निवभ�षण काह�O ह5? आ* मM सबका� औरा उस दुष्टों का� त� हठापाRव+का (अवश्य ह�) म�रूO ग�। ऐस� काहकारा उसन� (न%ष पारा काढ़िठान ब�ण> का� सन्धु�न निकाय� औरा अत्य त क्र�( काराका� उस� का�न तका खeच�॥2॥* सरा समRह स� छो�ड़5 लं�ग�। *न% सपाच्छी (�वतिंह बहु न�ग�॥*हO तहO पारात दै�खिखअतिंह ब�नरा। सन्म%ख ह�इ न सका� त�निह अवसरा॥3॥भ�व�र्थ+:- वह ब�ण> का� समRह छो�ड़न� लंग�। म�न� बहुत स� पा खव�लं� स�Oपा दैUड़� *� राह� ह>। *ह�O-तह�O व�नरा निगरात� ढ़िदैख�ई पाड़न� लंग�। उस समय का�ई भ� उसका� स�मन� न ह� सका� ॥3॥* *हO तहO भ�निग चलं� कानिपा रा�छो�। निबसरा� सबनिह *%� का5 ईछो�॥स� कानिपा भ�लं% न रान महO दै�ख�। काCन्ह�सिस *�निह न S�न अवस�ष�॥4॥भ�व�र्थ+:- रा�छो-व�नरा *ह�O-तह�O भ�ग चलं�। सबका� य%� काC इच्छी� भRलं गई। राणभRधिम मH ऐस� एका भ� व�नरा य� भ�लंR नहe ढ़िदैख�ई पाड़�, जि*सका� उसन� S�णम�त्रु अवशं�ष न कारा ढ़िदैय� ह� (अर्थ�+त- जि*सका� का� वलं S�णम�त्रु ह� न बच� ह>, बलं, पा%रुष�र्थ+ स�रा� *�त� न राह� ह�)॥4॥दै�ह� :* दैस दैस सरा सब म�रा�सिस पारा� भRधिम कानिपा ब�रा।सिंस हन�दै कारिरा ग*�+ म�घन�दै बलं (�रा॥50॥भ�व�र्थ+:- निrरा उसन� सबका� दैस-दैस ब�ण म�रा�, व�नरा व�रा पा3थ्व� पारा निगरा पाड़�। बलंव�न- औरा (�रा म�घन�दै सिंस ह का� सम�न न�दै काराका� गरा*न� लंग�॥50॥चUपा�ई :* दै�खिख पावनस%त काटका निबह�लं�। क्र�(व त *न% (�यउ का�लं�॥मह�स5लं एका त%रात उपा�रा�। अनित रिरास म�घन�दै पारा ड�रा�॥1॥

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भ�व�र्थ+:- स�रा� स�न� का� ब�ह�लं (व्यं�का% लं) दै�खकारा पावनस%त हन%म�न- क्र�( काराका� ऐस� दैUड़� म�न� स्वय का�लं दैUड़ आत� ह�। उन्ह>न� त%रा त एका बड़� भ�रा� पाह�ड़ उख�ड़ सिलंय� औरा बड़� ह� क्र�( का� स�र्थ उस� म�घन�दै पारा छो�ड़�॥1॥* आवत दै�खिख गयउ नभ स�ई। रार्थ स�रार्थ� त%राग सब ख�ई॥ब�रा ब�रा पाच�रा हन%म�न�। निनकाट न आव मराम% स� *�न�॥2॥भ�व�र्थ+:- पाह�ड़> का� आत� दै�खकारा वह आका�शं मH उड़ गय�। (उसका� ) रार्थ, स�रार्थ� औरा घ�ड़� सब नष्टों ह� गए (चRरा-चRरा ह� गए) हन%म�न- *� उस� ब�रा-ब�रा लंलंका�रात� हM। पारा वह निनकाट नहe आत�, क्य>निका वह उनका� बलं का� मम+ *�नत� र्थ�॥2॥* राघ%पानित निनकाट गयउ घनन�दै�। न�न� भ�Oनित कारा�सिस दुब�+दै�॥अस्त्रु सस्त्रु आय%( सब ड�रा�। काUत%काहe Sभ% का�ढ़िट निनव�रा�॥3॥भ�व�र्थ+:- (तब) म�घन�दै श्री� राघ%न�र्थ*� का� पा�स गय� औरा उसन� (उनका� Sनित) अन�का> Sका�रा का� दुव+चन> का� Sय�ग निकाय�। (निrरा) उसन� उन पारा अस्त्रु-शंस्त्रु तर्थ� औरा सब हसिर्थय�रा चलं�ए। Sभ% न� ख�लं मH ह� सबका� का�टकारा अलंग कारा ढ़िदैय�॥3॥* दै�खिख Sत�पा मRl खिखसिसआन�। कारा5 लं�ग म�य� निबधि( न�न�॥जि*धिम का�उ कारा5 गरुड़ सM ख�लं�। डरापा�व5 गनिह स्वल्पा सपा�लं�॥4॥भ�व�र्थ+:- श्री� रा�म*� का� Sत�पा (स�मथ्य+) दै�खकारा वह मRख+ लंच्छिज्जत ह� गय� औरा अन�का> Sका�रा काC म�य� कारान� लंग�। *5स� का�ई व्यंसिb छो�ट� स� स�Oपा का� बच्चे� ह�र्थ मH लं�कारा गरुड़ का� डरा�व� औरा उसस� ख�लं कारा�॥4॥दै�ह� :* *�स% Sबलं म�य� बस सिसव निबरा सिच बड़ छो�ट।त�निह ढ़िदैख�वइ निनसिसचरा निन* म�य� मनित ख�ट॥51॥भ�व�र्थ+:- सिशंव*� औरा ब्रह्म�*� तका बड़�-छो�ट� (सभ�) जि*नकाC अत्य त बलंव�न- म�य� का� वशं मH हM, न�च ब%जि� निनशं�चरा उनका� अपान� म�य� ढ़िदैखलं�त� ह5॥51॥चUपा�ई : :* नभ चढ़िl बराष निबपा%लं अ ग�रा�। मनिह त� Sगट ह�तिंह *लं(�रा�॥

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न�न� भ�Oनित निपास�च निपास�च�। म�रु का�ट% (%निन ब�लंतिंह न�च�॥1॥भ�व�र्थ+:- आका�शं मH (ऊँO च�) चlकारा वह बहुत स� अ ग�रा� बरास�न� लंग�। पा3थ्व� स� *लं काC (�रा�एO Sकाट ह�न� लंगe। अन�का Sका�रा का� निपाशं�च तर्थ� निपाशं�सिचनिनय�O न�च-न�चकारा 'म�रा�, का�ट�' काC आव�* कारान� लंगe॥1॥* निबष्टों� पाRय रुधि(रा काच ह�ड़�। बराषइ काबहुO उपालं बहु छो�ड़�॥बरानिष (Rरिरा काCन्ह�सिस अOधि(आरा�। सRझ न आपान ह�र्थ पास�रा�॥2॥भ�व�र्थ+:- वह काभ� त� निवष्टों�, पा�ब, खRन, ब�लं औरा हनि±य�O बरास�त� र्थ� औरा काभ� बहुत स� पात्थरा rH का दै�त� र्थ�। निrरा उसन� (Rलं बरास�कारा ऐस� अO(�रा� कारा ढ़िदैय� निका अपान� ह� पास�रा� हुआ ह�र्थ नहe सRझत� र्थ�॥2॥* कानिपा अका% लं�न� म�य� दै�खH। सब कारा मरान बन� ऐनिह लं�खH॥काUत%का दै�खिख रा�म म%स%का�न�। भए सभ�त सकालं कानिपा *�न�॥3॥भ�व�र्थ+:- म�य� दै�खकारा व�नरा अका% लं� उठा� । व� स�चन� लंग� निका इस निहस�ब स� (इस� तराह राह�) त� सबका� मराण आ बन�। यह काUत%का दै�खकारा श्री� रा�म*� म%स्का% रा�ए। उन्ह>न� *�न सिलंय� निका सब व�नरा भयभ�त ह� गए हM॥3॥* एका ब�न का�टz सब म�य�। जि*धिम ढ़िदैनकारा हरा नितधिमरा निनका�य�॥का3 पा�दृधिष्टों कानिपा भ�लं% निबलं�का� । भए Sबलं रान राहतिंह न रा�का� ॥4॥भ�व�र्थ+:- तब श्री� रा�म*� न� एका ह� ब�ण स� स�रा� म�य� का�ट ड�लं�, *5स� सRय+ अ (का�रा का� समRह का� हरा लं�त� ह5। तदैनन्तरा उन्ह>न� का3 पा�भरा� दृधिष्टों स� व�नरा-भ�लं%ओं काC ओरा दै�ख�, (जि*सस�) व� ऐस� Sबलं ह� गए निका राण मH रा�कान� पारा भ� नहe रुकात� र्थ�॥4॥दै�ह� :* आयस% म�निग रा�म पातिंह अ गदै�ढ़िदै कानिपा स�र्थ।लंसिछोमन चलं� क्र% � ह�इ ब�न सरा�सन ह�र्थ॥52॥भ�व�र्थ+:- श्री� रा�म*� स� आज्ञा� म�Oगकारा, अ गदै आढ़िदै व�नरा> का� स�र्थ ह�र्थ> मH (न%ष-ब�ण सिलंए हुए श्री� लंक्ष्मण*� क्र% � ह�कारा चलं�॥।52॥चUपा�ई :* छोत* नयन उरा ब�हु निबस�लं�। निहमनिगरिरा निनभ तन% काछो% एका लं�लं�॥इह�O दैस�नन स%भट पाठा�ए। न�न� अस्त्रु सस्त्रु गनिह (�ए॥1॥

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भ�व�र्थ+:- उनका� लं�लं न�त्रु हM, चUड़� छो�त� औरा निवशं�लं भ%*�एO हM। निहम�चलं पाव+त का� सम�न उज्ज्वलं (गUरावण+) शंरा�रा का% छो लंलं�ई सिलंए हुए ह5। इ(रा रा�वण न� भ� बड़�-बड़� य��� भ�*�, *� अन�का> अस्त्रु-शंस्त्रु लं�कारा दैUड़�॥1॥* भR(रा नख निबटपा�य%( (�रा�। (�ए कानिपा *य रा�म पा%का�रा�॥भिभरा� सकालं *�रिरानिह सन *�रा�। इत उत *य इच्छी� नतिंह र्थ�रा�॥2॥भ�व�र्थ+:- पाव+त, नख औरा व3क्ष रूपा� हसिर्थय�रा (�राण निकाए हुए व�नरा 'श्री� रा�मच द्रं*� काC *य' पा%का�राकारा दैUड़�। व�नरा औरा रा�क्षस सब *�ड़� स� *�ड़� भिभड़ गए। इ(रा औरा उ(रा दै�न> ओरा *य काC इच्छी� काम न र्थ� (अर्थ�+त- Sबलं र्थ�)॥2॥* म%ढ़िठाकान्ह लं�तन्ह दै�तन्ह का�टतिंह । कानिपा *यस�लं म�रिरा पा%निन ड�टतिंह ॥म�रु म�रु (रु (रु (रु म�रू। स�स त�रिरा गनिह भ%*� उपा�रू॥3॥भ�व�र्थ+:- व�नरा उनका� घROस> औरा लं�त> स� म�रात� हM, दै�Oत> स� का�टत� हM। निव*यशं�लं व�नरा उन्हH म�राकारा निrरा ड�Oटत� भ� हM। 'म�रा�, म�रा�, पाकाड़�, पाकाड़�, पाकाड़कारा म�रा दै�, सिसरा त�ड़ दै� औरा भ%*�ए² पाकाड़कारा उख�ड़ लं�'॥3॥* असिस राव पाRरिरा राह� नव ख ड�। (�वतिंह *हO तहO रु ड Sच ड�॥दै�खतिंह काUत%का नभ स%रा ब3 दै�। काबहुOका निबसमय काबहुO अन दै�॥4॥भ�व�र्थ+:-नव> ख ड> मH ऐस� आव�* भरा राह� ह5। Sचण्ड रुण्ड ((ड़) *ह�O-तह�O दैUड़ राह� हM। आका�शं मH दै�वत�गण यह काUत%का दै�ख राह� हM। उन्हH काभ� ख�दै ह�त� ह5 औरा काभ� आन दै॥4॥दै�ह� :* रुधि(रा ग�ड़ भरिरा भरिरा *म्य� ऊँपारा (Rरिरा उड़�इ।*न% अOग�रा रा�सिसन्ह पारा म3तका (Rम राह्यो� छो�इ॥53॥भ�व�र्थ+:- खRन गड्ढों> मH भरा-भराकारा *म गय� ह5 औरा उस पारा (Rलं उड़कारा पाड़ राह� ह5 (वह दृश्य ऐस� ह5) म�न� अ ग�रा> का� ��रा> पारा रा�ख छो� राह� ह�॥53॥चUपा�ई :* घ�यलं ब�रा निबरा�*तिंह का5 स�। का% स%मनित तिंका स%का का� तरु *5स�॥लंसिछोमन म�घन�दै द्वाU *�(�। भिभरातिंह पारासपारा कारिरा अनित क्र�(�॥1॥

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भ�व�र्थ+:- घ�यलं व�रा का5 स� शं�भिभत हM, *5स� rR लं� हुए पालं�स का� पा�ड़। लंक्ष्मण औरा म�घन�दै दै�न> य��� अत्य त क्र�( काराका� एका-र्दूसरा� स� भिभड़त� हM॥1॥* एकानिह एका सकाइ नतिंह *�त�। निनसिसचरा छोलं बलं काराइ अन�त�॥क्र�(व त तब भयउ अन त�। भ *�उ रार्थ स�रार्थ� त%रा त�॥2॥भ�व�र्थ+:- एका-र्दूसरा� का� (का�ई निकास� का�) *�त नहe सकात�। रा�क्षस छोलं-बलं (म�य�) औरा अन�नित (अ(म+) कारात� ह5, तब भगव�न- अनन्त*� (लंक्ष्मण*�) क्र�धि(त हुए औरा उन्ह>न� त%रा त उसका� रार्थ का� त�ड़ ड�लं� औरा स�रार्थ� का� ट%काड़�-ट%काड़� कारा ढ़िदैय�!॥2॥* न�न� निबधि( Sह�रा कारा स�ष�। रा�च्छीस भयउ S�न अवस�ष�॥रा�वन स%त निन* मन अन%म�न�। स काठा भयउ हरिरानिह मम S�न�॥3॥भ�व�र्थ+:- शं�ष*� (लंक्ष्मण*�) उस पारा अन�का Sका�रा स� Sह�रा कारान� लंग�। रा�क्षस का� S�णम�त्रु शं�ष राह गए। रा�वणपा%त्रु म�घन�दै न� मन मH अन%म�न निकाय� निका अब त� S�ण स काट आ बन�, य� म�रा� S�ण हरा लंHग�॥3॥* ब�राघ�नितन� छो�निड़सिस स�Oग�। त�*पा% * लंसिछोमन उरा लं�ग�॥म%रुछो� भई ससिb का� लं�गH। तब चसिलं गयउ निनकाट भय त्य�गH॥4॥भ�व�र्थ+:-तब उसन� व�राघ�नितन� शंसिb चलं�ई। वह त�*पाRण+ शंसिb लंक्ष्मण*� काC छो�त� मH लंग�। शंसिb लंगन� स� उन्हH मRछो�+ आ गई। तब म�घन�दै भय छो�ड़कारा उनका� पा�स चलं� गय�॥4॥दै�ह� :* म�घन�दै सम का�ढ़िट सत *�(� राह� उठा�इ।*गदै�(�रा स�ष निकाधिम उठा5 चलं� खिखसिसआइ॥54॥भ�व�र्थ+:- म�घन�दै का� सम�न सU कारा�ड़ (अगभिणत) य��� उन्हH उठा� राह� हM, पारान्त% *गत- का� आ(�रा श्री� शं�ष*� (लंक्ष्मण*�) उनस� का5 स� उठात�? तब व� लं*�कारा चलं� गए॥54॥चUपा�ई :* स%न% निगरिरा*� क्र�(�नलं *�सR। *�राइ भ%वन च�रिरादैस आसR॥सका स ग्री�म *�नित का� त�ह�। स�वतिंह स%रा नरा अग *ग *�ह�॥1॥

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भ�व�र्थ+:- (सिशंव*� काहत� हM-) ह� निगरिरा*�! स%न�, (Sलंयका�लं मH) जि*न (शं�षन�ग) का� क्र�( काC अखिग्न चUदैह> भ%वन> का� त%रा त ह� *लं� ड�लंत� ह5 औरा दै�वत�, मन%ष्य तर्थ� समस्त चरा�चरा (*�व) जि*नकाC स�व� कारात� हM, उनका� स ग्री�म मH काUन *�त सकात� ह5?॥1॥* यह काUतRहलं *�नइ स�ई। *� पारा का3 पा� रा�म का5 ह�ई॥स ध्य� भय निrरिरा द्वाU ब�हन�। लंग� सOभ�रान निन* निन* अन�॥2॥भ�व�र्थ+:-इस लं�लं� का� वह� *�न सकात� ह5, जि*स पारा श्री� रा�म*� काC का3 पा� ह�। स ध्य� ह�न� पारा दै�न> ओरा काC स�न�एO लंUट पाड़e, स�न�पानित अपान�-अपान� स�न�एO स भ�लंन� लंग�॥2॥* व्यं�पाका ब्रह्म अजि*त भ%वन�स्वरा। लंसिछोमन काह�O बRझ कारुन�कारा॥तब लंनिग लं5 आयउ हन%म�न�। अन%* दै�खिख Sभ% अनित दुख म�न�॥3॥भ�व�र्थ+:- व्यं�पाका, ब्रह्म, अ*�य, स पाRण+ ब्रह्म� ड का� ईश्वरा औरा कारुण� काC ख�न श्री� रा�मच द्रं*� न� पाRछो�- लंक्ष्मण काह�O ह5? तब तका हन%म�न- उन्हH लं� आए। छो�ट� भ�ई का� (इस दैशं� मH) दै�खकारा Sभ% न� बहुत ह� दु^ख म�न�॥3॥

लंक्ष्मण-म�घन�दै य%�, लंक्ष्मण*� का� शंसिb लंगन�*का�लंरूपा खलं बन दैहन ग%न�ग�रा घनब�(।सिसव निबरा सिच *�निह स�वतिंह त�स> कावन निबरा�(॥48 ख॥भ�व�र्थ+:- *� का�लंस्वरूपा हM, दुष्टों> का� समRह रूपा� वन का� भस्म कारान� व�लं� (अखिग्न) हM, ग%ण> का� (�म औरा ज्ञा�नघन हM एव सिशंव*� औरा ब्रह्म�*� भ� जि*नकाC स�व� कारात� हM, उनस� व5रा का5 स�?॥48 (ख)॥चUपा�ई :* पारिराहरिरा बयरु दै�हु ब5दै�ह�। भ*हु का3 पा�निनधि( पाराम सन�ह�॥त�का� बचन ब�न सम लं�ग�। कारिराआ म%Oह कारिरा *�निह अभ�ग�॥1॥भ�व�र्थ+:- (अत^) व5रा छो�ड़कारा उन्हH *�नकाC*� का� दै� दै� औरा का3 पा�निन(�न पाराम स्न�ह� श्री� रा�म*� का� भ*न कारा�। रा�वण का� उसका� वचन ब�ण का�

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सम�न लंग�। (वह ब�लं�-) अरा� अभ�ग�! म%Oह का�लं� काराका� (यह�O स�) निनकालं *�॥1॥* बRl भएसिस न त मरात�उO त�ह�। अब *निन नयन दै�ख�वसिस म�ह�॥त�तिंह अपान� मन अस अन%म�न�। बध्य� चहत एनिह का3 पा�निन(�न�॥2॥भ�व�र्थ+:-तR बRl� ह� गय�, नहe त� त%झ� म�रा ह� ड�लंत�। अब म�रा� आOख> का� अपान� म%Oह न ढ़िदैखलं�। रा�वण का� य� वचन स%नकारा उसन� (म�ल्यव�न- न�) अपान� मन मH ऐस� अन%म�न निकाय� निका इस� का3 पा�निन(�न श्री� रा�म*� अब म�रान� ह� च�हत� हM॥2॥* स� उढ़िठा गयउ काहत दुब�+दै�। तब सका�पा ब�लं�उ घनन�दै�॥काUत%का S�त दै�खिखअहु म�रा�। कारिराहउO बहुत काह� का� र्थ�रा�॥3॥भ�व�र्थ+:- वह रा�वण का� दुव+चन काहत� हुआ उठाकारा चलं� गय�। तब म�घन�दै क्र�(पाRव+का ब�लं�- सब�रा� म�रा� कारा�म�त दै�खन�। मM बहुत का% छो कारूO ग�, र्थ�ड़� क्य� काहूँO? (*� का% छो वण+न कारूO ग� र्थ�ड़� ह� ह�ग�)॥3॥* स%निन स%त बचन भरा�स� आव�। S�नित सम�त अ का ब5ठा�व�॥कारात निबच�रा भयउ भिभन%स�रा�। लं�ग� कानिपा पा%निन चहूँO दुआरा�॥4॥भ�व�र्थ+:- पा%त्रु का� वचन स%नकारा रा�वण का� भरा�स� आ गय�। उसन� S�म का� स�र्थ उस� ग�दै मH ब5ठा� सिलंय�। निवच�रा कारात�-कारात� ह� सब�रा� ह� गय�। व�नरा निrरा च�रा> दैराव�*> पारा *� लंग�॥4॥* का�निपा कानिपान्ह दुघ+ट गढ़ु घ�रा�। नगरा का�लं�हलं% भयउ घन�रा�॥निबनिब(�य%( (रा निनसिसचरा (�ए। गl त� पाब+त सिसखरा �ह�ए॥5॥भ�व�र्थ+:- व�नरा> न� क्र�( काराका� दुग+म निकालं� का� घ�रा सिलंय�। नगरा मH बहुत ह� का�लं�हलं (शं�रा) मच गय�। रा�क्षस बहुत तराह का� अस्त्रु-शंस्त्रु (�राण काराका� दैUड़� औरा उन्ह>न� निकालं� पारा पाह�ड़> का� सिशंखरा �ह�ए॥5॥छो दै :* ��ह� मह�(रा सिसखरा का�ढ़िटन्ह निबनिब( निबधि( ग�लं� चलं�।घहरा�त जि*धिम पानिबपा�त ग*+त *न% Sलंय का� ब�दैलं�॥मका+ ट निबकाट भट *%टत काटत न लंटत तन **+रा भए।गनिह स5लं त�निह गl पारा चलं�वनिह *हO स� तहO निनसिसचरा हए॥

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भ�व�र्थ+:- उन्ह>न� पाव+त> का� कारा�ड़> सिशंखरा �ह�ए, अन�का Sका�रा स� ग�लं� चलंन� लंग�। व� ग�लं� ऐस� घहरा�त� हM *5स� वज्रपा�त हुआ ह� (निब*लं� निगरा� ह�) औरा य��� ऐस� गरा*त� हM, म�न� Sलंयका�लं का� ब�दैलं ह>। निवकाट व�नरा य��� भिभड़त� हM, काट *�त� हM (घ�यलं ह� *�त� हM), उनका� शंरा�रा **+रा (चलंन�) ह� *�त� हM, तब भ� व� लंटत� नहe (निहम्मत नहe ह�रात�)। व� पाह�ड़ उठा�कारा उस� निकालं� पारा rH कात� हM। रा�क्षस *ह�O का� तह�O (*� *ह�O ह�त� हM, वहe) म�रा� *�त� हM।दै�ह� :* म�घन�दै स%निन श्रीवन अस गl पा%निन छोHका� आइ।उतरा- य� ब�रा दुग+ तH सन्म%ख चल्य� ब*�इ॥49॥भ�व�र्थ+:- म�घन�दै न� का�न> स� ऐस� स%न� निका व�नरा> न� आकारा निrरा निकालं� का� घ�रा सिलंय� ह5। तब वह व�रा निकालं� स� उतरा� औरा ड का� ब*�कारा उनका� स�मन� चलं�॥49॥चUपा�ई :* काहO का�सलं�(�स द्वाU भ्र�त�। (न्व� सकालं लं�त निबख्य�त�॥काहO नलं न�लं दुनिबदै स%ग्री�व�। अ गदै हनRम त बलं सeव�॥1॥भ�व�र्थ+:-(म�घन�दै न� पा%का�राकारा काह�-) समस्त लं�का> मH Sसिस� (न%(+रा का�सलं�(�शं दै�न> भ�ई काह�O हM? नलं, न�लं, निद्वानिवदै, स%ग्री�व औरा बलं काC स�म� अ गदै औरा हन%म�न- काह�O हM?॥1॥* काह�O निबभ�षन% भ्र�त�द्रं�ह�। आ*% सबनिह हढ़िठा म�राउO ओह�॥अस कानिह काढ़िठान ब�न स (�न�। अनितसय क्र�( श्रीवन लंनिग त�न�॥2॥भ�व� लंक्ष्मण-म�घन�दै य%�, लंक्ष्मण*� का� शंसिb लंगन�*का�लंरूपा खलं बन दैहन ग%न�ग�रा घनब�(।सिसव निबरा सिच *�निह स�वतिंह त�स> कावन निबरा�(॥48 ख॥भ�व�र्थ+:- *� का�लंस्वरूपा हM, दुष्टों> का� समRह रूपा� वन का� भस्म कारान� व�लं� (अखिग्न) हM, ग%ण> का� (�म औरा ज्ञा�नघन हM एव सिशंव*� औरा ब्रह्म�*� भ� जि*नकाC स�व� कारात� हM, उनस� व5रा का5 स�?॥48 (ख)॥

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चUपा�ई :* पारिराहरिरा बयरु दै�हु ब5दै�ह�। भ*हु का3 पा�निनधि( पाराम सन�ह�॥त�का� बचन ब�न सम लं�ग�। कारिराआ म%Oह कारिरा *�निह अभ�ग�॥1॥भ�व�र्थ+:- (अत^) व5रा छो�ड़कारा उन्हH *�नकाC*� का� दै� दै� औरा का3 पा�निन(�न पाराम स्न�ह� श्री� रा�म*� का� भ*न कारा�। रा�वण का� उसका� वचन ब�ण का� सम�न लंग�। (वह ब�लं�-) अरा� अभ�ग�! म%Oह का�लं� काराका� (यह�O स�) निनकालं *�॥1॥* बRl भएसिस न त मरात�उO त�ह�। अब *निन नयन दै�ख�वसिस म�ह�॥त�तिंह अपान� मन अस अन%म�न�। बध्य� चहत एनिह का3 पा�निन(�न�॥2॥भ�व�र्थ+:-तR बRl� ह� गय�, नहe त� त%झ� म�रा ह� ड�लंत�। अब म�रा� आOख> का� अपान� म%Oह न ढ़िदैखलं�। रा�वण का� य� वचन स%नकारा उसन� (म�ल्यव�न- न�) अपान� मन मH ऐस� अन%म�न निकाय� निका इस� का3 पा�निन(�न श्री� रा�म*� अब म�रान� ह� च�हत� हM॥2॥* स� उढ़िठा गयउ काहत दुब�+दै�। तब सका�पा ब�लं�उ घनन�दै�॥काUत%का S�त दै�खिखअहु म�रा�। कारिराहउO बहुत काह� का� र्थ�रा�॥3॥भ�व�र्थ+:- वह रा�वण का� दुव+चन काहत� हुआ उठाकारा चलं� गय�। तब म�घन�दै क्र�(पाRव+का ब�लं�- सब�रा� म�रा� कारा�म�त दै�खन�। मM बहुत का% छो कारूO ग�, र्थ�ड़� क्य� काहूँO? (*� का% छो वण+न कारूO ग� र्थ�ड़� ह� ह�ग�)॥3॥* स%निन स%त बचन भरा�स� आव�। S�नित सम�त अ का ब5ठा�व�॥कारात निबच�रा भयउ भिभन%स�रा�। लं�ग� कानिपा पा%निन चहूँO दुआरा�॥4॥भ�व�र्थ+:- पा%त्रु का� वचन स%नकारा रा�वण का� भरा�स� आ गय�। उसन� S�म का� स�र्थ उस� ग�दै मH ब5ठा� सिलंय�। निवच�रा कारात�-कारात� ह� सब�रा� ह� गय�। व�नरा निrरा च�रा> दैराव�*> पारा *� लंग�॥4॥* का�निपा कानिपान्ह दुघ+ट गढ़ु घ�रा�। नगरा का�लं�हलं% भयउ घन�रा�॥निबनिब(�य%( (रा निनसिसचरा (�ए। गl त� पाब+त सिसखरा �ह�ए॥5॥भ�व�र्थ+:- व�नरा> न� क्र�( काराका� दुग+म निकालं� का� घ�रा सिलंय�। नगरा मH बहुत ह� का�लं�हलं (शं�रा) मच गय�। रा�क्षस बहुत तराह का� अस्त्रु-शंस्त्रु (�राण काराका� दैUड़� औरा उन्ह>न� निकालं� पारा पाह�ड़> का� सिशंखरा �ह�ए॥5॥छो दै :

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* ��ह� मह�(रा सिसखरा का�ढ़िटन्ह निबनिब( निबधि( ग�लं� चलं�।घहरा�त जि*धिम पानिबपा�त ग*+त *न% Sलंय का� ब�दैलं�॥मका+ ट निबकाट भट *%टत काटत न लंटत तन **+रा भए।गनिह स5लं त�निह गl पारा चलं�वनिह *हO स� तहO निनसिसचरा हए॥भ�व�र्थ+:- उन्ह>न� पाव+त> का� कारा�ड़> सिशंखरा �ह�ए, अन�का Sका�रा स� ग�लं� चलंन� लंग�। व� ग�लं� ऐस� घहरा�त� हM *5स� वज्रपा�त हुआ ह� (निब*लं� निगरा� ह�) औरा य��� ऐस� गरा*त� हM, म�न� Sलंयका�लं का� ब�दैलं ह>। निवकाट व�नरा य��� भिभड़त� हM, काट *�त� हM (घ�यलं ह� *�त� हM), उनका� शंरा�रा **+रा (चलंन�) ह� *�त� हM, तब भ� व� लंटत� नहe (निहम्मत नहe ह�रात�)। व� पाह�ड़ उठा�कारा उस� निकालं� पारा rH कात� हM। रा�क्षस *ह�O का� तह�O (*� *ह�O ह�त� हM, वहe) म�रा� *�त� हM।दै�ह� :* म�घन�दै स%निन श्रीवन अस गl पा%निन छोHका� आइ।उतरा- य� ब�रा दुग+ तH सन्म%ख चल्य� ब*�इ॥49॥भ�व�र्थ+:- म�घन�दै न� का�न> स� ऐस� स%न� निका व�नरा> न� आकारा निrरा निकालं� का� घ�रा सिलंय� ह5। तब वह व�रा निकालं� स� उतरा� औरा ड का� ब*�कारा उनका� स�मन� चलं�॥49॥चUपा�ई :* काहO का�सलं�(�स द्वाU भ्र�त�। (न्व� सकालं लं�त निबख्य�त�॥काहO नलं न�लं दुनिबदै स%ग्री�व�। अ गदै हनRम त बलं सeव�॥1॥भ�व�र्थ+:-(म�घन�दै न� पा%का�राकारा काह�-) समस्त लं�का> मH Sसिस� (न%(+रा का�सलं�(�शं दै�न> भ�ई काह�O हM? नलं, न�लं, निद्वानिवदै, स%ग्री�व औरा बलं काC स�म� अ गदै औरा हन%म�न- काह�O हM?॥1॥* काह�O निबभ�षन% भ्र�त�द्रं�ह�। आ*% सबनिह हढ़िठा म�राउO ओह�॥अस कानिह काढ़िठान ब�न स (�न�। अनितसय क्र�( श्रीवन लंनिग त�न�॥2॥भ�व�र्थ+:-भ�ई स� द्रं�ह कारान� व�लं� निवभ�षण काह�O ह5? आ* मM सबका� औरा उस दुष्टों का� त� हठापाRव+का (अवश्य ह�) म�रूO ग�। ऐस� काहकारा उसन� (न%ष पारा काढ़िठान ब�ण> का� सन्धु�न निकाय� औरा अत्य त क्र�( काराका� उस� का�न तका खeच�॥2॥

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* सरा समRह स� छो�ड़5 लं�ग�। *न% सपाच्छी (�वतिंह बहु न�ग�॥*हO तहO पारात दै�खिखअतिंह ब�नरा। सन्म%ख ह�इ न सका� त�निह अवसरा॥3॥भ�व�र्थ+:- वह ब�ण> का� समRह छो�ड़न� लंग�। म�न� बहुत स� पा खव�लं� स�Oपा दैUड़� *� राह� ह>। *ह�O-तह�O व�नरा निगरात� ढ़िदैख�ई पाड़न� लंग�। उस समय का�ई भ� उसका� स�मन� न ह� सका� ॥3॥* *हO तहO भ�निग चलं� कानिपा रा�छो�। निबसरा� सबनिह *%� का5 ईछो�॥स� कानिपा भ�लं% न रान महO दै�ख�। काCन्ह�सिस *�निह न S�न अवस�ष�॥4॥भ�व�र्थ+:- रा�छो-व�नरा *ह�O-तह�O भ�ग चलं�। सबका� य%� काC इच्छी� भRलं गई। राणभRधिम मH ऐस� एका भ� व�नरा य� भ�लंR नहe ढ़िदैख�ई पाड़�, जि*सका� उसन� S�णम�त्रु अवशं�ष न कारा ढ़िदैय� ह� (अर्थ�+त- जि*सका� का� वलं S�णम�त्रु ह� न बच� ह>, बलं, पा%रुष�र्थ+ स�रा� *�त� न राह� ह�)॥4॥दै�ह� :* दैस दैस सरा सब म�रा�सिस पारा� भRधिम कानिपा ब�रा।सिंस हन�दै कारिरा ग*�+ म�घन�दै बलं (�रा॥50॥भ�व�र्थ+:- निrरा उसन� सबका� दैस-दैस ब�ण म�रा�, व�नरा व�रा पा3थ्व� पारा निगरा पाड़�। बलंव�न- औरा (�रा म�घन�दै सिंस ह का� सम�न न�दै काराका� गरा*न� लंग�॥50॥चUपा�ई :* दै�खिख पावनस%त काटका निबह�लं�। क्र�(व त *न% (�यउ का�लं�॥मह�स5लं एका त%रात उपा�रा�। अनित रिरास म�घन�दै पारा ड�रा�॥1॥भ�व�र्थ+:- स�रा� स�न� का� ब�ह�लं (व्यं�का% लं) दै�खकारा पावनस%त हन%म�न- क्र�( काराका� ऐस� दैUड़� म�न� स्वय का�लं दैUड़ आत� ह�। उन्ह>न� त%रा त एका बड़� भ�रा� पाह�ड़ उख�ड़ सिलंय� औरा बड़� ह� क्र�( का� स�र्थ उस� म�घन�दै पारा छो�ड़�॥1॥* आवत दै�खिख गयउ नभ स�ई। रार्थ स�रार्थ� त%राग सब ख�ई॥ब�रा ब�रा पाच�रा हन%म�न�। निनकाट न आव मराम% स� *�न�॥2॥भ�व�र्थ+:- पाह�ड़> का� आत� दै�खकारा वह आका�शं मH उड़ गय�। (उसका� ) रार्थ, स�रार्थ� औरा घ�ड़� सब नष्टों ह� गए (चRरा-चRरा ह� गए) हन%म�न- *� उस� ब�रा-

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ब�रा लंलंका�रात� हM। पारा वह निनकाट नहe आत�, क्य>निका वह उनका� बलं का� मम+ *�नत� र्थ�॥2॥* राघ%पानित निनकाट गयउ घनन�दै�। न�न� भ�Oनित कारा�सिस दुब�+दै�॥अस्त्रु सस्त्रु आय%( सब ड�रा�। काUत%काहe Sभ% का�ढ़िट निनव�रा�॥3॥भ�व�र्थ+:- (तब) म�घन�दै श्री� राघ%न�र्थ*� का� पा�स गय� औरा उसन� (उनका� Sनित) अन�का> Sका�रा का� दुव+चन> का� Sय�ग निकाय�। (निrरा) उसन� उन पारा अस्त्रु-शंस्त्रु तर्थ� औरा सब हसिर्थय�रा चलं�ए। Sभ% न� ख�लं मH ह� सबका� का�टकारा अलंग कारा ढ़िदैय�॥3॥* दै�खिख Sत�पा मRl खिखसिसआन�। कारा5 लं�ग म�य� निबधि( न�न�॥जि*धिम का�उ कारा5 गरुड़ सM ख�लं�। डरापा�व5 गनिह स्वल्पा सपा�लं�॥4॥भ�व�र्थ+:- श्री� रा�म*� का� Sत�पा (स�मथ्य+) दै�खकारा वह मRख+ लंच्छिज्जत ह� गय� औरा अन�का> Sका�रा काC म�य� कारान� लंग�। *5स� का�ई व्यंसिb छो�ट� स� स�Oपा का� बच्चे� ह�र्थ मH लं�कारा गरुड़ का� डरा�व� औरा उसस� ख�लं कारा�॥4॥दै�ह� :* *�स% Sबलं म�य� बस सिसव निबरा सिच बड़ छो�ट।त�निह ढ़िदैख�वइ निनसिसचरा निन* म�य� मनित ख�ट॥51॥भ�व�र्थ+:- सिशंव*� औरा ब्रह्म�*� तका बड़�-छो�ट� (सभ�) जि*नकाC अत्य त बलंव�न- म�य� का� वशं मH हM, न�च ब%जि� निनशं�चरा उनका� अपान� म�य� ढ़िदैखलं�त� ह5॥51॥चUपा�ई : :* नभ चढ़िl बराष निबपा%लं अ ग�रा�। मनिह त� Sगट ह�तिंह *लं(�रा�॥न�न� भ�Oनित निपास�च निपास�च�। म�रु का�ट% (%निन ब�लंतिंह न�च�॥1॥भ�व�र्थ+:- आका�शं मH (ऊँO च�) चlकारा वह बहुत स� अ ग�रा� बरास�न� लंग�। पा3थ्व� स� *लं काC (�रा�एO Sकाट ह�न� लंगe। अन�का Sका�रा का� निपाशं�च तर्थ� निपाशं�सिचनिनय�O न�च-न�चकारा 'म�रा�, का�ट�' काC आव�* कारान� लंगe॥1॥* निबष्टों� पाRय रुधि(रा काच ह�ड़�। बराषइ काबहुO उपालं बहु छो�ड़�॥बरानिष (Rरिरा काCन्ह�सिस अOधि(आरा�। सRझ न आपान ह�र्थ पास�रा�॥2॥

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भ�व�र्थ+:- वह काभ� त� निवष्टों�, पा�ब, खRन, ब�लं औरा हनि±य�O बरास�त� र्थ� औरा काभ� बहुत स� पात्थरा rH का दै�त� र्थ�। निrरा उसन� (Rलं बरास�कारा ऐस� अO(�रा� कारा ढ़िदैय� निका अपान� ह� पास�रा� हुआ ह�र्थ नहe सRझत� र्थ�॥2॥* कानिपा अका% लं�न� म�य� दै�खH। सब कारा मरान बन� ऐनिह लं�खH॥काUत%का दै�खिख रा�म म%स%का�न�। भए सभ�त सकालं कानिपा *�न�॥3॥भ�व�र्थ+:- म�य� दै�खकारा व�नरा अका% लं� उठा� । व� स�चन� लंग� निका इस निहस�ब स� (इस� तराह राह�) त� सबका� मराण आ बन�। यह काUत%का दै�खकारा श्री� रा�म*� म%स्का% रा�ए। उन्ह>न� *�न सिलंय� निका सब व�नरा भयभ�त ह� गए हM॥3॥* एका ब�न का�टz सब म�य�। जि*धिम ढ़िदैनकारा हरा नितधिमरा निनका�य�॥का3 पा�दृधिष्टों कानिपा भ�लं% निबलं�का� । भए Sबलं रान राहतिंह न रा�का� ॥4॥भ�व�र्थ+:- तब श्री� रा�म*� न� एका ह� ब�ण स� स�रा� म�य� का�ट ड�लं�, *5स� सRय+ अ (का�रा का� समRह का� हरा लं�त� ह5। तदैनन्तरा उन्ह>न� का3 पा�भरा� दृधिष्टों स� व�नरा-भ�लं%ओं काC ओरा दै�ख�, (जि*सस�) व� ऐस� Sबलं ह� गए निका राण मH रा�कान� पारा भ� नहe रुकात� र्थ�॥4॥दै�ह� :* आयस% म�निग रा�म पातिंह अ गदै�ढ़िदै कानिपा स�र्थ।लंसिछोमन चलं� क्र% � ह�इ ब�न सरा�सन ह�र्थ॥52॥भ�व�र्थ+:- श्री� रा�म*� स� आज्ञा� म�Oगकारा, अ गदै आढ़िदै व�नरा> का� स�र्थ ह�र्थ> मH (न%ष-ब�ण सिलंए हुए श्री� लंक्ष्मण*� क्र% � ह�कारा चलं�॥।52॥चUपा�ई :* छोत* नयन उरा ब�हु निबस�लं�। निहमनिगरिरा निनभ तन% काछो% एका लं�लं�॥इह�O दैस�नन स%भट पाठा�ए। न�न� अस्त्रु सस्त्रु गनिह (�ए॥1॥भ�व�र्थ+:- उनका� लं�लं न�त्रु हM, चUड़� छो�त� औरा निवशं�लं भ%*�एO हM। निहम�चलं पाव+त का� सम�न उज्ज्वलं (गUरावण+) शंरा�रा का% छो लंलं�ई सिलंए हुए ह5। इ(रा रा�वण न� भ� बड़�-बड़� य��� भ�*�, *� अन�का> अस्त्रु-शंस्त्रु लं�कारा दैUड़�॥1॥* भR(रा नख निबटपा�य%( (�रा�। (�ए कानिपा *य रा�म पा%का�रा�॥भिभरा� सकालं *�रिरानिह सन *�रा�। इत उत *य इच्छी� नतिंह र्थ�रा�॥2॥

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भ�व�र्थ+:- पाव+त, नख औरा व3क्ष रूपा� हसिर्थय�रा (�राण निकाए हुए व�नरा 'श्री� रा�मच द्रं*� काC *य' पा%का�राकारा दैUड़�। व�नरा औरा रा�क्षस सब *�ड़� स� *�ड़� भिभड़ गए। इ(रा औरा उ(रा दै�न> ओरा *य काC इच्छी� काम न र्थ� (अर्थ�+त- Sबलं र्थ�)॥2॥* म%ढ़िठाकान्ह लं�तन्ह दै�तन्ह का�टतिंह । कानिपा *यस�लं म�रिरा पा%निन ड�टतिंह ॥म�रु म�रु (रु (रु (रु म�रू। स�स त�रिरा गनिह भ%*� उपा�रू॥3॥भ�व�र्थ+:- व�नरा उनका� घROस> औरा लं�त> स� म�रात� हM, दै�Oत> स� का�टत� हM। निव*यशं�लं व�नरा उन्हH म�राकारा निrरा ड�Oटत� भ� हM। 'म�रा�, म�रा�, पाकाड़�, पाकाड़�, पाकाड़कारा म�रा दै�, सिसरा त�ड़ दै� औरा भ%*�ए² पाकाड़कारा उख�ड़ लं�'॥3॥* असिस राव पाRरिरा राह� नव ख ड�। (�वतिंह *हO तहO रु ड Sच ड�॥दै�खतिंह काUत%का नभ स%रा ब3 दै�। काबहुOका निबसमय काबहुO अन दै�॥4॥भ�व�र्थ+:-नव> ख ड> मH ऐस� आव�* भरा राह� ह5। Sचण्ड रुण्ड ((ड़) *ह�O-तह�O दैUड़ राह� हM। आका�शं मH दै�वत�गण यह काUत%का दै�ख राह� हM। उन्हH काभ� ख�दै ह�त� ह5 औरा काभ� आन दै॥4॥दै�ह� :* रुधि(रा ग�ड़ भरिरा भरिरा *म्य� ऊँपारा (Rरिरा उड़�इ।*न% अOग�रा रा�सिसन्ह पारा म3तका (Rम राह्यो� छो�इ॥53॥भ�व�र्थ+:- खRन गड्ढों> मH भरा-भराकारा *म गय� ह5 औरा उस पारा (Rलं उड़कारा पाड़ राह� ह5 (वह दृश्य ऐस� ह5) म�न� अ ग�रा> का� ��रा> पारा रा�ख छो� राह� ह�॥53॥चUपा�ई :* घ�यलं ब�रा निबरा�*तिंह का5 स�। का% स%मनित तिंका स%का का� तरु *5स�॥लंसिछोमन म�घन�दै द्वाU *�(�। भिभरातिंह पारासपारा कारिरा अनित क्र�(�॥1॥भ�व�र्थ+:- घ�यलं व�रा का5 स� शं�भिभत हM, *5स� rR लं� हुए पालं�स का� पा�ड़। लंक्ष्मण औरा म�घन�दै दै�न> य��� अत्य त क्र�( काराका� एका-र्दूसरा� स� भिभड़त� हM॥1॥* एकानिह एका सकाइ नतिंह *�त�। निनसिसचरा छोलं बलं काराइ अन�त�॥क्र�(व त तब भयउ अन त�। भ *�उ रार्थ स�रार्थ� त%रा त�॥2॥

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भ�व�र्थ+:- एका-र्दूसरा� का� (का�ई निकास� का�) *�त नहe सकात�। रा�क्षस छोलं-बलं (म�य�) औरा अन�नित (अ(म+) कारात� ह5, तब भगव�न- अनन्त*� (लंक्ष्मण*�) क्र�धि(त हुए औरा उन्ह>न� त%रा त उसका� रार्थ का� त�ड़ ड�लं� औरा स�रार्थ� का� ट%काड़�-ट%काड़� कारा ढ़िदैय�!॥2॥* न�न� निबधि( Sह�रा कारा स�ष�। रा�च्छीस भयउ S�न अवस�ष�॥रा�वन स%त निन* मन अन%म�न�। स काठा भयउ हरिरानिह मम S�न�॥3॥भ�व�र्थ+:- शं�ष*� (लंक्ष्मण*�) उस पारा अन�का Sका�रा स� Sह�रा कारान� लंग�। रा�क्षस का� S�णम�त्रु शं�ष राह गए। रा�वणपा%त्रु म�घन�दै न� मन मH अन%म�न निकाय� निका अब त� S�ण स काट आ बन�, य� म�रा� S�ण हरा लंHग�॥3॥* ब�राघ�नितन� छो�निड़सिस स�Oग�। त�*पा% * लंसिछोमन उरा लं�ग�॥म%रुछो� भई ससिb का� लं�गH। तब चसिलं गयउ निनकाट भय त्य�गH॥4॥भ�व�र्थ+:-तब उसन� व�राघ�नितन� शंसिb चलं�ई। वह त�*पाRण+ शंसिb लंक्ष्मण*� काC छो�त� मH लंग�। शंसिb लंगन� स� उन्हH मRछो�+ आ गई। तब म�घन�दै भय छो�ड़कारा उनका� पा�स चलं� गय�॥4॥दै�ह� :* म�घन�दै सम का�ढ़िट सत *�(� राह� उठा�इ।*गदै�(�रा स�ष निकाधिम उठा5 चलं� खिखसिसआइ॥54॥भ�व�र्थ+:- म�घन�दै का� सम�न सU कारा�ड़ (अगभिणत) य��� उन्हH उठा� राह� हM, पारान्त% *गत- का� आ(�रा श्री� शं�ष*� (लंक्ष्मण*�) उनस� का5 स� उठात�? तब व� लं*�कारा चलं� गए॥54॥चUपा�ई :* स%न% निगरिरा*� क्र�(�नलं *�सR। *�राइ भ%वन च�रिरादैस आसR॥सका स ग्री�म *�नित का� त�ह�। स�वतिंह स%रा नरा अग *ग *�ह�॥1॥भ�व�र्थ+:- (सिशंव*� काहत� हM-) ह� निगरिरा*�! स%न�, (Sलंयका�लं मH) जि*न (शं�षन�ग) का� क्र�( काC अखिग्न चUदैह> भ%वन> का� त%रा त ह� *लं� ड�लंत� ह5 औरा दै�वत�, मन%ष्य तर्थ� समस्त चरा�चरा (*�व) जि*नकाC स�व� कारात� हM, उनका� स ग्री�म मH काUन *�त सकात� ह5?॥1॥* यह काUतRहलं *�नइ स�ई। *� पारा का3 पा� रा�म का5 ह�ई॥स ध्य� भय निrरिरा द्वाU ब�हन�। लंग� सOभ�रान निन* निन* अन�॥2॥

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भ�व�र्थ+:-इस लं�लं� का� वह� *�न सकात� ह5, जि*स पारा श्री� रा�म*� काC का3 पा� ह�। स ध्य� ह�न� पारा दै�न> ओरा काC स�न�एO लंUट पाड़e, स�न�पानित अपान�-अपान� स�न�एO स भ�लंन� लंग�॥2॥* व्यं�पाका ब्रह्म अजि*त भ%वन�स्वरा। लंसिछोमन काह�O बRझ कारुन�कारा॥तब लंनिग लं5 आयउ हन%म�न�। अन%* दै�खिख Sभ% अनित दुख म�न�॥3॥भ�व�र्थ+:- व्यं�पाका, ब्रह्म, अ*�य, स पाRण+ ब्रह्म� ड का� ईश्वरा औरा कारुण� काC ख�न श्री� रा�मच द्रं*� न� पाRछो�- लंक्ष्मण काह�O ह5? तब तका हन%म�न- उन्हH लं� आए। छो�ट� भ�ई का� (इस दैशं� मH) दै�खकारा Sभ% न� बहुत ह� दु^ख म�न�॥3॥

हन%म�न*� का� स%ष�ण व5द्यो का� लं�न� एव स *�वन� का� सिलंए *�न�, का�लंन�धिम-रा�वण स व�दै, मकारा� उ��रा, का�लंन�धिम उ��रा* *�मव त काह ब5दै स%ष�न�। लं का�O राहइ का� पाठाई लं�न�॥(रिरा लंघ% रूपा गयउ हन%म त�। आन�उ भवन सम�त त%रा त�॥4॥भ�व�र्थ+:- *�म्बव�न- न� काह�- लं का� मH स%ष�ण व5द्यो राहत� ह5, उस� लं�न� का� सिलंए निकासका� भ�*� *�ए? हन%म�न- *� छो�ट� रूपा (राकारा गए औरा स%ष�ण का� उसका� घरा सम�त त%रा त ह� उठा� लं�ए॥4॥दै�ह� :* रा�म पादै�रातिंब दै सिसरा न�यउ आइ स%ष�न।काह� न�म निगरिरा औष(� *�हु पावनस%त लं�न ॥55॥भ�व�र्थ+:- स%ष�ण न� आकारा श्री� रा�म*� का� चराण�रानिवन्दै> मH सिसरा नव�य�। उसन� पाव+त औरा औष( का� न�म बत�य�, (औरा काह� निका) ह� पावनपा%त्रु! औषधि( लं�न� *�ओ॥55॥चUपा�ई :* रा�म चरान सरासिस* उरा रा�ख�। चलं� Sभ *नस%त बलं भ�ष�॥उह�O र्दूत एका मराम% *न�व�। रा�वन% का�लंन�धिम ग3ह आव�॥1॥भ�व�र्थ+:-श्री� रा�म*� का� चराणकामलं> का� हृदैय मH राखकारा पावनपा%त्रु हन%म�न- *� अपान� बलं बख�नकारा (अर्थ�+त- मM अभ� सिलंए आत� हूँO, ऐस�

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काहकारा) चलं�। उ(रा एका ग%प्तचरा न� रा�वण का� इस राहस्य काC खबरा दैz। तब रा�वण का�लंन�धिम का� घरा आय�॥1॥* दैसम%ख काह� मराम% त�तिंह स%न�। पा%निन पा%निन का�लंन�धिम सिसरु (%न�॥दै�खत त%म्हनिह नगरु *�तिंह *�रा�। त�स% पा र्थ का� रा�कान पा�रा�॥2॥भ�व�र्थ+:-रा�वण न� उसका� स�रा� मम+ (ह�लं) बतलं�य�। का�लंन�धिम न� स%न� औरा ब�रा-ब�रा सिसरा पा�ट� (ख�दै Sकाट निकाय�)। (उसन� काह�-) त%म्ह�रा� दै�खत�-दै�खत� जि*सन� नगरा *लं� ड�लं�, उसका� म�ग+ काUन रा�का सकात� ह5?॥2॥* भजि* राघ%पानित कारु निहत आपान�। छो�Oड़हु न�र्थ म3ष� *ल्पान�॥न�लं का * तन% स% दैरा स्य�म�। हृदैयO रा�ख% लं�चन�भिभरा�म�॥3॥भ�व�र्थ+:- श्री� राघ%न�र्थ*� का� भ*न काराका� त%म अपान� काल्य�ण कारा�! ह� न�र्थ! झRठा� बकाव�दै छो�ड़ दै�। न�त्रु> का� आन दै दै�न� व�लं� न�लंकामलं का� सम�न स% दैरा श्य�म शंरा�रा का� अपान� हृदैय मH राख�॥3॥* मM तM म�रा मRlत� त्य�गR। मह� म�ह निनसिस सRतत *�गR॥का�लं ब्य�लं कारा भच्छीका *�ई। सपान�हुO समरा निका *�नितअ स�ई॥4॥भ�व�र्थ+:- मM-तR (भ�दै-भ�व) औरा ममत� रूपा� मRlत� का� त्य�ग दै�। मह�म�ह (अज्ञा�न) रूपा� रा�नित्रु मH स� राह� ह�, स� *�ग उठा�, *� का�लं रूपा� सपा+ का� भ� भक्षका ह5, काहe स्वप्न मH भ� वह राण मH *�त� *� सकात� ह5?॥4॥दै�ह� :* स%निन दैसका ठा रिरास�न अनित त�तिंह मन काCन्ह निबच�रा।रा�म र्दूत कारा मरा� बरु यह खलं रात मलं भ�रा॥56॥भ�व�र्थ+:- उसकाC य� ब�तH स%नकारा रा�वण बहुत ह� क्र�धि(त हुआ। तब का�लंन�धिम न� मन मH निवच�रा निकाय� निका (इसका� ह�र्थ स� मरान� काC अपा�क्ष�) श्री� रा�म*� का� र्दूत का� ह�र्थ स� ह� मरूO त� अच्छी� ह5। यह दुष्टों त� पा�पा समRह मH रात ह5॥56॥चUपा�ई :* अस कानिह चलं� रासिचसिस मग म�य�। सरा म ढ़िदैरा बरा ब�ग बन�य�॥म�रुतस%त दै�ख� स%भ आश्रीम। म%निननिह बRजिझ *लं निपाय� *�इ श्रीम॥1॥

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भ�व�र्थ+:- वह मन ह� मन ऐस� काहकारा चलं� औरा उसन� म�ग+ मH म�य� राच�। त�लं�ब, म ढ़िदैरा औरा स% दैरा ब�ग बन�य�। हन%म�न- *� न� स% दैरा आश्रीम दै�खकारा स�च� निका म%निन स� पाRछोकारा *लं पा� लंRO, जि*सस� र्थका�वट र्दूरा ह� *�ए॥1॥* रा�च्छीस कापाट ब�ष तहO स�ह�। म�य�पानित र्दूतनिह चह म�ह�॥*�इ पावनस%त न�यउ म�र्थ�। लं�ग स� काह5 रा�म ग%न ग�र्थ�॥2॥भ�व�र्थ+:-रा�क्षस वह�O कापाट (स� म%निन) का� व�ष बन�ए निवरा�*म�न र्थ�। वह मRख+ अपान� म�य� स� म�य�पानित का� र्दूत का� म�निहत कारान� च�हत� र्थ�। म�रुनित न� उसका� पा�स *�कारा मस्तका नव�य�। वह श्री� रा�म*� का� ग%ण> काC कार्थ� काहन� लंग�॥2॥* ह�त मह� रान रा�वन रा�मतिंह । जि*नितहतिंह रा�म न स सय य� मतिंह ॥इह�O भएO मM दै�खउO भ�ई। ग्य�न दृधिष्टों बलं म�निह अधि(का�ई॥3॥भ�व�र्थ+:-(वह ब�लं�-) रा�वण औरा रा�म मH मह�न- य%� ह� राह� ह5। रा�म*� *�तHग�, इसमH स दै�ह नहe ह5। ह� भ�ई! मM यह�O राहत� हुआ ह� सब दै�ख राह� हूँO। म%झ� ज्ञा�नदृधिष्टों का� बहुत बड़� बलं ह5॥3॥* म�ग� *लं त�तिंह दैzन्ह काम डलं। काह कानिपा नतिंह अघ�उO र्थ�राH *लं॥सरा मज्जन कारिरा आत%रा आवहु। ढ़िदैच्छी� दै�उO ग्य�न *�तिंह पा�वहु॥4॥भ�व�र्थ+:- हन%म�न- *� न� उसस� *लं म�Oग�, त� उसन� कामण्डलं% दै� ढ़िदैय�। हन%म�न- *� न� काह�- र्थ�ड़� *लं स� मM त3प्त नहe ह�न� का�। तब वह ब�लं�- त�लं�ब मH स्न�न काराका� त%रा त लंUट आओ त� मM त%म्ह� दैzक्ष� र्दूO, जि*सस� त%म ज्ञा�न S�प्त कारा�॥4॥दै�ह� :* सरा पा5ठात कानिपा पादै गह� मकाराe तब अका% लं�न।म�रा� स� (रिरा ढ़िदैब्य तन% चलं� गगन चढ़िl *�न॥57॥भ�व�र्थ+:- त�लं�ब मH Sव�शं कारात� ह� एका मगरा� न� अका% लं�कारा उस� समय हन%म�न- *� का� पा5रा पाकाड़ सिलंय�। हन%म�न- *� न� उस� म�रा ड�लं�। तब वह ढ़िदैव्यं दै�ह (�राण काराका� निवम�न पारा चlकारा आका�शं का� चलं�॥57॥चUपा�ई :* कानिपा तव दैरास भइउO निनष्पा�पा�। धिमट� त�त म%निनबरा कारा स�पा�॥म%निन न ह�इ यह निनसिसचरा घ�रा�। म�नहु सत्य बचन कानिपा म�रा�॥1॥

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भ�व�र्थ+:- (उसन� काह�-) ह� व�नरा! मM त%म्ह�रा� दैशं+न स� पा�पारानिहत ह� गई। ह� त�त! श्री�ष्ठ म%निन का� शं�पा धिमट गय�। ह� कानिपा! यह म%निन नहe ह5, घ�रा निनशं�चरा ह5। म�रा� वचन सत्य म�न�॥1॥* अस कानिह गई अपाछोरा� *बहe। निनसिसचरा निनकाट गयउ कानिपा तबहe॥काह कानिपा म%निन ग%रादैसिछोन� लं�हूँ। पा�छोH हमतिंह म त्रु त%म्ह दै�हूँ॥2॥भ�व�र्थ+:- ऐस� काहकारा ज्य> ह� वह अप्सरा� गई, त्य> ह� हन%म�न- *� निनशं�चरा का� पा�स गए। हन%म�न- *� न� काह�- ह� म%निन! पाहलं� ग%रुदैभिक्षण� लं� लं�जि*ए। पा�छो� आपा म%झ� म त्रु दैzजि*एग�॥2॥* सिसरा लं गRरा लंपा�ढ़िट पाछो�रा�। निन* तन% Sगट�सिस मरात� ब�रा�॥रा�म रा�म कानिह छो�ड़�सिस S�न�। स%निन मन हरानिष चलं�उ हन%म�न�॥3॥भ�व�र्थ+:- हन%म�न- *� न� उसका� सिसरा का� पाROछो मH लंपा�टकारा उस� पाछो�ड़ ढ़िदैय�। मरात� समय उसन� अपान� (रा�क्षस�) शंरा�रा Sकाट निकाय�। उसन� रा�म-रा�म काहकारा S�ण छो�ड़�। यह (उसका� म%Oह स� रा�म-रा�म का� उच्चे�राण) स%नकारा हन%म�न- *� मन मH हर्विष त ह�कारा चलं�॥3॥* दै�ख� स5लं न औष( च�न्ह�। सहस� कानिपा उपा�रिरा निगरिरा लं�न्ह�॥गनिह निगरिरा निनसिस नभ (�वका भयऊँ। अव(पा%रा� ऊँपारा कानिपा गयऊँ॥4॥भ�व�र्थ+:- उन्ह>न� पाव+त का� दै�ख�, पारा औष( न पाहच�न सका� । तब हन%म�न- *� न� एकादैम स� पाव+त का� ह� उख�ड़ सिलंय�। पाव+त लं�कारा हन%म�न- *� रा�त ह� मH आका�शं म�ग+ स� दैUड़ चलं� औरा अय�ध्य�पा%रा� का� ऊँपारा पाहुOच गए॥4॥

भरात*� का� ब�ण स� हन%म�न- का� मRर्च्छिच्छी त ह�न�, भरात-हन%म�न- स व�दैदै�ह� :*दै�ख� भरात निबस�लं अनित निनसिसचरा मन अन%म�निन।निबन% rरा स�यका म�रा�उ च�पा श्रीवन लंनिग त�निन॥58॥

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भ�व�र्थ+:- भरात*� न� आका�शं मH अत्य त निवशं�लं स्वरूपा दै�ख�, तब मन मH अन%म�न निकाय� निका यह का�ई रा�क्षस ह5। उन्ह>न� का�न तका (न%ष का� खeचकारा निबन� rलं का� एका ब�ण म�रा�॥58॥चUपा�ई :* पारा�उ म%रुसिछो मनिह लं�गत स�यका। स%धिमरात रा�म रा�म राघ%न�यका॥स%निन निSय बचन भरात तब (�ए। कानिपा सम�पा अनित आत%रा आए॥1॥भ�व�र्थ+:- ब�ण लंगत� ह� हन%म�न- *� 'रा�म, रा�म, राघ%पानित' का� उच्चे�राण कारात� हुए मRर्च्छिच्छी त ह�कारा पा3थ्व� पारा निगरा पाड़�। निSय वचन (रा�मन�म) स%नकारा भरात*� उठाकारा दैUड़� औरा बड़� उत�वलं� स� हन%म�न- *� का� पा�स आए॥1॥* निबकालं निबलं�निका काCस उरा लं�व�। *�गत नतिंह बहु भ�Oनित *ग�व�॥म%ख मलं�न मन भए दुख�रा�। काहत बचन भरिरा लं�चन ब�रा�॥2॥भ�व�र्थ+:-हन%म�न- *� का� व्यं�का% लं दै�खकारा उन्ह>न� हृदैय स� लंग� सिलंय�। बहुत तराह स� *ग�य�, पारा व� *�गत� न र्थ�! तब भरात*� का� म%ख उदै�स ह� गय�। व� मन मH बड़� दु^ख� हुए औरा न�त्रु> मH (निवष�दै का� आOस%ओं का�) *लं भराकारा य� वचन ब�लं�-॥2॥* *�तिंह निबधि( रा�म निबम%ख म�निह काCन्ह�। त�तिंह पा%निन यह दै�रुन दुख दैzन्ह�॥*� म�राH मन बच अरु का�य�॥ S�नित रा�म पादै कामलं अम�य�॥3॥भ�व�र्थ+:- जि*स निव(�त� न� म%झ� श्री� रा�म स� निवम%ख निकाय�, उस� न� निrरा यह भय�नका दु^ख भ� ढ़िदैय�। यढ़िदै मन, वचन औरा शंरा�रा स� श्री� रा�म*� का� चराणकामलं> मH म�रा� निनष्कापाट S�म ह�,॥3॥* तU कानिपा ह�उ निबगत श्रीम सRलं�। *� म� पारा राघ%पानित अन%काR लं�॥स%नत बचन उढ़िठा ब5ठा कापा�स�। कानिह *य *यनित का�सलं�(�स�॥4॥भ�व�र्थ+:- औरा यढ़िदै श्री� राघ%न�र्थ*� म%झ पारा Sसन्न ह> त� यह व�नरा र्थका�वट औरा पा�ड़� स� रानिहत ह� *�ए। यह वचन स%नत� ह� कानिपारा�* हन%म�न- *� 'का�सलंपानित श्री� रा�मच द्रं*� काC *य ह�, *य ह�' काहत� हुए उठा ब5ठा� ॥4॥स�राठा� :* लं�न्ह कानिपानिह उरा लं�इ पा%लंनिकात तन% लं�चन स*लं।S�नित न हृदैय सम�इ स%धिमरिरा रा�म राघ%का% लं नितलंका॥59॥

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भ�व�र्थ+:- भरात*� न� व�नरा (हन%म�न- *�) का� हृदैय स� लंग� सिलंय�, उनका� शंरा�रा पा%लंनिकात ह� गय� औरा न�त्रु> मH (आन दै तर्थ� S�म का� आOस%ओं का�) *लं भरा आय�। राघ%का% लंनितलंका श्री� रा�मच द्रं*� का� स्मराण काराका� भरात*� का� हृदैय मH S�नित सम�त� न र्थ�॥59॥चUपा�ई :* त�त का% सलं काहु स%खनिन(�न काC। सनिहत अन%* अरु म�त% *�नकाC॥लंकानिपा सब चरिरात सम�स बख�न�। भए दुख� मन महुO पासिछोत�न�॥1॥भ�व�र्थ+:- (भरात*� ब�लं�-) ह� त�त! छो�ट� भ�ई लंक्ष्मण तर्थ� म�त� *�नकाC सनिहत स%खनिन(�न श्री� रा�म*� काC का% शंलं काह�। व�नरा (हन%म�न- *�) न� स क्ष�पा मH सब कार्थ� काह�। स%नकारा भरात*� दु^ख� हुए औरा मन मH पाछोत�न� लंग�॥1॥* अहह दै5व मM कात *ग *�यउO। Sभ% का� एकाहु का�* न आयउO॥*�निन का% अवसरु मन (रिरा (�रा�। पा%निन कानिपा सन ब�लं� बलंब�रा�॥2॥भ�व�र्थ+:- ह� दै5व! मM *गत- मH क्य> *न्म�? Sभ% का� एका भ� का�म न आय�। निrरा का% अवसरा (निवपारा�त समय) *�नकारा मन मH (�रा* (राकारा बलंव�रा भरात*� हन%म�न- *� स� ब�लं�-॥2॥* त�त गहरु ह�इनिह त�निह *�त�। का�*% नस�इनिह ह�त Sभ�त�॥चढ़ु मम स�यका स5लं सम�त�। पाठाव� त�निह *हO का3 पा�निनका� त�॥3॥भ�व�र्थ+:-ह� त�त! त%मका� *�न� मH दै�रा ह�ग� औरा सब�रा� ह�त� ह� का�म निबगड़ *�एग�। (अत^) त%म पाव+त सनिहत म�रा� ब�ण पारा चl *�ओ, मM त%मका� वह�O भ�* र्दूO *ह�O का3 पा� का� (�म श्री� रा�म*� हM॥3॥* स%निन कानिपा मन उपा*� अभिभम�न�। म�राH भ�रा चसिलंनिह निकाधिम ब�न�॥रा�म Sभ�व निबच�रिरा बह�रा�। ब ढ़िदै चरान काह कानिपा कारा *�रा�॥4॥भ�व�र्थ+:-भरात*� काC यह ब�त स%नकारा (एका ब�रा त�) हन%म�न- *� का� मन मH अभिभम�न उत्पान्न हुआ निका म�रा� ब�झ स� ब�ण का5 स� चलं�ग�? (निकान्त%) निrरा श्री� रा�मच द्रं*� का� Sभ�व का� निवच�रा काराका� व� भरात*� का� चराण> काC व दैन� काराका� ह�र्थ *�ड़कारा ब�लं�-॥4॥दै�ह� :* तव Sत�पा उरा रा�खिख Sभ% *5हउO न�र्थ त%रा त।

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अस कानिह आयस% पा�इ पादै ब ढ़िदै चलं�उ हन%म त॥60 का॥भ�व�र्थ+:- ह� न�र्थ! ह� Sभ�! मM आपाका� Sत�पा हृदैय मH राखकारा त%रा त चलं� *�ऊँO ग�। ऐस� काहकारा आज्ञा� पा�कारा औरा भरात*� का� चराण> काC व दैन� काराका� हन%म�न- *� चलं�॥60 (का)॥* भरात ब�हु बलं स�लं ग%न Sभ% पादै S�नित अपा�रा।मन महुO *�त सरा�हत पा%निन पा%निन पावनका% म�रा॥60 ख॥भ�व�र्थ+:-भरात*� का� ब�हुबलं, शं�लं (स% दैरा स्वभ�व), ग%ण औरा Sभ% का� चराण> मH अपा�रा S�म काC मन ह� मन ब�रा ब�रा सरा�हन� कारात� हुए म�रुनित श्री� हन%म�न- *� चलं� *� राह� हM॥60 (ख)॥

श्री� रा�म*� काC Sलं�पालं�लं�, हन%म�न- *� का� लंUटन�, लंक्ष्मण*� का� उठा ब5ठान�चUपा�ई :* उह�O रा�म लंसिछोमननिह निनह�रा�। ब�लं� बचन मन%* अन%स�रा�॥अ(+ रा�नित गइ कानिपा नतिंह आयउ। रा�म उठा�इ अन%* उरा लं�यउ॥1॥भ�व�र्थ+:- वह�O लंक्ष्मण*� का� दै�खकारा श्री� रा�म*� स�(�राण मन%ष्य> का� अन%स�रा (सम�न) वचन ब�लं�- आ(� रा�त ब�त च%काC ह5, हन%म�न- नहe आए। यह काहकारा श्री� रा�म*� न� छो�ट� भ�ई लंक्ष्मण*� का� उठा�कारा हृदैय स� लंग� सिलंय�॥1॥* सकाहु न दुखिखत दै�खिख म�निह का�उ। ब (% सदै� तव म3दुलं स%भ�ऊँ॥मम निहत लं�निग त*�हु निपात% म�त�। सह�हु निबनिपान निहम आतपा ब�त�॥2॥भ�व�र्थ+:- (औरा ब�लं�-) ह� भ�ई! त%म म%झ� काभ� दु^ख� नहe दै�ख सकात� र्थ�। त%म्ह�रा� स्वभ�व सदै� स� ह� का�मलं र्थ�। म�रा� निहत का� सिलंए त%मन� म�त�-निपात� का� भ� छो�ड़ ढ़िदैय� औरा वन मH *�ड़�, गराम� औरा हव� सब सहन निकाय�॥2॥*स� अन%रा�ग काह�O अब भ�ई। उठाहु न स%निन मम बच निबकालं�ई॥*� *नत�उO बन ब (% निबछो�हूँ। निपात� बचन मनत�उO नतिंह ओहूँ॥3॥

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भ�व�र्थ+:-ह� भ�ई! वह S�म अब काह�O ह5? म�रा� व्यं�का% लंत�पाRव+का वचन स%नकारा उठात� क्य> नहe? यढ़िदै मM *�नत� निका वन मH भ�ई का� निवछो�ह ह�ग� त� मM निपात� का� वचन (जि*सका� म�नन� म�रा� सिलंए पाराम कात+व्यं र्थ�) उस� भ� न म�नत�॥3॥* स%त निबत न�रिरा भवन पारिराव�रा�। ह�तिंह *�तिंह *ग ब�रातिंह ब�रा�॥अस निबच�रिरा जि*यO *�गहु त�त�। धिमलंइ न *गत सह�दैरा भ्र�त�॥4॥भ�व�र्थ+:-पा%त्रु, (न, स्त्रु�, घरा औरा पारिराव�रा- य� *गत- मH ब�रा-ब�रा ह�त� औरा *�त� हM, पारान्त% *गत- मH सह�दैरा भ�ई ब�रा-ब�रा नहe धिमलंत�। हृदैय मH ऐस� निवच�रा कारा ह� त�त! *�ग�॥4॥* *र्थ� पा ख निबन% खग अनित दैzन�। मनिन निबन% rनिन कारिराबरा कारा ह�न�॥अस मम जि*वन ब (% निबन% त�ह�। *� *ड़ दै5व जि*आव5 म�ह�॥5॥भ�व�र्थ+:- *5स� पा ख निबन� पाक्ष�, मभिण निबन� सपा+ औरा सROड निबन� श्री�ष्ठ ह�र्थ� अत्य त दैzन ह� *�त� हM, ह� भ�ई! यढ़िदै काहe *ड़ दै5व म%झ� *�निवत राख� त� त%म्ह�रा� निबन� म�रा� *�वन भ� ऐस� ह� ह�ग�॥5॥* *5हउO अव( काUन म%हु लं�ई। न�रिरा ह�त% निSय भ�ई गOव�ई॥बरु अपा*स सहत�उO *ग म�हe। न�रिरा ह�निन निबस�ष छोनित न�हe॥6॥भ�व�र्थ+:- स्त्रु� का� सिलंए प्य�रा� भ�ई का� ख�कारा, मM काUन स� म%Oह लं�कारा अव( *�ऊँO ग�? मM *गत- मH बदैन�म� भलं� ह� सह लं�त� (निका रा�म मH का% छो भ� व�रात� नहe ह5 *� स्त्रु� का� ख� ब5ठा� )। स्त्रु� काC ह�निन स� (इस ह�निन का� दै�खत�) का�ई निवशं�ष क्षनित नहe र्थ�॥6॥* अब अपालं�का% स�का% स%त त�रा�। सनिहनिह निनठा%रा काठा�रा उरा म�रा�॥निन* *नन� का� एका का% म�रा�। त�त त�स% त%म्ह S�न अ(�रा�॥7॥भ�व�र्थ+:- अब त� ह� पा%त्रु! म�रा� निनष्ठ% रा औरा काठा�रा हृदैय यह अपायशं औरा त%म्ह�रा� शं�का दै�न> ह� सहन कारा�ग�। ह� त�त! त%म अपान� म�त� का� एका ह� पा%त्रु औरा उसका� S�ण�(�रा ह�॥7॥* स�पा�सिस म�निह त%म्हनिह गनिह पा�न�। सब निबधि( स%खदै पाराम निहत *�न�॥उतरु का�ह दै5हउO त�निह *�ई। उढ़िठा निकान म�निह सिसख�वहु भ�ई॥8॥

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भ�व�र्थ+:- सब Sका�रा स� स%ख दै�न� व�लं� औरा पाराम निहतका�रा� *�नकारा उन्ह>न� त%म्हH ह�र्थ पाकाड़कारा म%झ� स�पा� र्थ�। मM अब *�कारा उन्हH क्य� उत्तेरा र्दूOग�? ह� भ�ई! त%म उठाकारा म%झ� सिसख�त� (समझ�त�) क्य> नहe?॥8॥* बहु निबधि( स�चत स�च निबम�चन। स्रवत ससिलंलं रा�जि*व दैलं लं�चन॥उम� एका अख ड राघ%रा�ई। नरा गनित भगत का3 पा�लं दै�ख�ई॥9॥भ�व�र्थ+:-स�च स� छो% ड़�न� व�लं� श्री� रा�म*� बहुत Sका�रा स� स�च कारा राह� हM। उनका� कामलं काC पा ख%ड़� का� सम�न न�त्रु> स� (निवष�दै का� आOस%ओं का�) *लं बह राह� ह5। (सिशंव*� काहत� हM-) ह� उम�! श्री� राघ%न�र्थ*� एका (अनिद्वात�य) औरा अख ड (निवय�गरानिहत) हM। भb> पारा का3 पा� कारान� व�लं� भगव�न- न� (लं�लं� काराका� ) मन%ष्य काC दैशं� ढ़िदैखलं�ई ह5॥9॥स�राठा� :* Sभ% Sलं�पा स%निन का�न निबकालं भए ब�नरा निनकारा।आइ गयउ हन%म�न जि*धिम कारुन� महO ब�रा रास॥61॥भ�व�र्थ+:-Sभ% का� (लं�लं� का� सिलंए निकाए गए) Sलं�पा का� का�न> स� स%नकारा व�नरा> का� समRह व्यं�का% लं ह� गए। (इतन� मH ह�) हन%म�न- *� आ गए, *5स� कारुणरास (का� Sस ग) मH व�रा रास (का� Sस ग) आ गय� ह�॥61॥चUपा�ई :* हरानिष रा�म भHट�उ हन%म�न�। अनित का3 तग्य Sभ% पाराम स%*�न�॥त%रात ब5दै तब काCन्ह उपा�ई। उढ़िठा ब5ठा� लंसिछोमन हराष�ई॥1॥भ�व�र्थ+:-श्री� रा�म*� हर्विष त ह�कारा हन%म�न- *� स� गलं� धिमलं�। Sभ% पाराम स%*�न (चत%रा) औरा अत्य त ह� का3 तज्ञा हM। तब व5द्यो (स%ष�ण) न� त%रा त उपा�य निकाय�, (जि*सस�) लंक्ष्मण*� हर्विष त ह�कारा उठा ब5ठा� ॥1॥* हृदैयO लं�इ Sभ% भHट�उ भ्र�त�। हराष� सकालं भ�लं% कानिपा ब्र�त�॥कानिपा पा%निन ब5दै तह�O पाहुOच�व�। *�निह निबधि( तबतिंह त�निह लंइ आव�॥2॥भ�व�र्थ+:-Sभ% भ�ई का� हृदैय स� लंग�कारा धिमलं�। भ�लंR औरा व�नरा> का� समRह सब हर्विष त ह� गए। निrरा हन%म�न- *� न� व5द्यो का� उस� Sका�रा वह�O पाहुOच� ढ़िदैय�, जि*स Sका�रा व� उस ब�रा (पाहलं�) उस� लं� आए र्थ�॥2॥

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रा�वण का� का% म्भुःकाण+ का� *ग�न�, का% म्भुःकाण+ का� रा�वण का� उपादै�शं औरा निवभ�षण-का% म्भुःकाण+ स व�दैचUपा�ई :* यह ब3त्ते� त दैस�नन स%न�ऊँ। अनित निबष�दै पा%निन पा%निन सिसरा (%न�ऊँ॥ब्य�का% लं का% भकारान पातिंह आव�। निबनिब( *तन कारिरा त�निह *ग�व�॥3॥भ�व�र्थ+:- यह सम�च�रा *ब रा�वण न� स%न�, तब उसन� अत्य त निवष�दै स� ब�रा-ब�रा सिसरा पा�ट�। वह व्यं�का% लं ह�कारा का% भकाण+ का� पा�स गय� औरा बहुत स� उपा�य काराका� उसन� उसका� *ग�य�॥3॥* *�ग� निनसिसचरा दै�खिखअ का5 स�। म�नहुO का�लं% दै�ह (रिरा ब5स�॥का% भकारान बRझ� काहु भ�ई। का�ह� तव म%ख राह� स%ख�ई॥4॥भ�व�र्थ+:- का% भकाण+ *ग� (उठा ब5ठा�) वह का5 स� ढ़िदैख�ई दै�त� ह5 म�न� स्वय का�लं ह� शंरा�रा (�राण काराका� ब5ठा� ह�। का% भकाण+ न� पाRछो�- ह� भ�ई! काह� त�, त%म्ह�रा� म%ख सRख क्य> राह� हM?॥4॥* कार्थ� काह� सब त�तिंह अभिभम�न�। *�निह Sका�रा स�त� हरिरा आन�॥त�त कानिपान्ह सब निनसिसचरा म�रा�। मह� मह� *�(� स घ�रा�॥5॥भ�व�र्थ+:-उस अभिभम�न� (रा�वण) न� उसस� जि*स Sका�रा स� वह स�त� का� हरा लं�य� र्थ� (तब स� अब तका काC) स�रा� कार्थ� काह�। (निrरा काह�-) ह� त�त! व�नरा> न� सब रा�क्षस म�रा ड�लं�। बड़�-बड़� य���ओं का� भ� स ह�रा कारा ड�लं�॥5॥* दुम%+ख स%रारिरापा% मन%* अह�रा�। भट अनितका�य अका पान भ�रा�॥अपारा मह�दैरा आढ़िदैका ब�रा�। पारा� समरा मनिह सब रान(�रा�॥6॥भ�व�र्थ+:-दुम%+ख, दै�वशंत्रु% (दै�व�न्तका), मन%ष्य भक्षका (नरा�न्तका), भ�रा� य��� अनितका�य औरा अकाम्पन तर्थ� मह�दैरा आढ़िदै र्दूसरा� सभ� राण(�रा व�रा राणभRधिम मH म�रा� गए॥6॥दै�ह� :* स%निन दैसका (रा बचन तब का% भकारान निबलंख�न।*गदै ब� हरिरा आनिन अब सठा च�हत काल्य�न॥62॥

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भ�व�र्थ+:- तब रा�वण का� वचन स%नकारा का% भकाण+ निबलंखकारा (दु^ख� ह�कारा) ब�लं�- अरा� मRख+! *गज्जनन� *�नकाC का� हरा लं�कारा अब काल्य�ण च�हत� ह5?॥62॥चUपा�ई :* भलं न काCन्ह तM निनसिसचरा न�ह�। अब म�निह आइ *ग�एनिह का�ह�॥अ*हूँO त�त त्य�निग अभिभम�न�। भ*हु रा�म ह�इनिह काल्य�न�॥1॥भ�व�र्थ+:- ह� रा�क्षसरा�*! तRन� अच्छी� नहe निकाय�। अब आकारा म%झ� क्य> *ग�य�? ह� त�त! अब भ� अभिभम�न छो�ड़कारा श्री� रा�म*� का� भ*� त� काल्य�ण ह�ग�॥1॥* हM दैसस�स मन%* राघ%न�यका। *�का� हनRम�न स� पा�यका॥अहह ब (% तM काCखिन्ह ख�ट�ई। Sर्थमतिंह म�निह न स%न�एनिह आई॥2॥भ�व�र्थ+:- ह� रा�वण! जि*नका� हन%म�न- सरा�ख� स�वका हM, व� श्री� राघ%न�र्थ*� क्य� मन%ष्य हM? ह�य भ�ई! तRन� ब%रा� निकाय�, *� पाहलं� ह� आकारा म%झ� यह ह�लं नहe स%न�य�॥2॥* काCन्ह�हु Sभ% निबरा�( त�निह दै�वका। सिसव निबरा सिच स%रा *�का� स�वका॥न�रादै म%निन म�निह ग्य�न *� काह�। काहत�उO त�निह समय निनराब�ह�॥3॥भ�व�र्थ+:- ह� स्व�म�! त%मन� उस पाराम दै�वत� का� निवरा�( निकाय�, जि*सका� सिशंव, ब्रह्म� आढ़िदै दै�वत� स�वका हM। न�रादै म%निन न� म%झ� *� ज्ञा�न काह� र्थ�, वह मM त%झस� काहत�, पारा अब त� समय *�त� राह�॥3॥* अब भरिरा अ का भHट% म�निह भ�ई। लं�चन स%rलं कारा� मM *�ई॥स्य�म ग�त सरास�रुह लं�चन। दै�ख� *�इ त�पा त्रुय म�चन॥4॥भ�व�र्थ+:-ह� भ�ई! अब त� (अन्त्रिन्तम ब�रा) अOकाव�रा भराकारा म%झस� धिमलं लं�। मM *�कारा अपान� न�त्रु सrलं कारूO । त�न> त�पा> का� छो% ड़�न� व�लं� श्य�म शंरा�रा, कामलं न�त्रु श्री� रा�म*� का� *�कारा दैशं+न कारूO ॥4॥दै�ह� :* रा�म रूपा ग%न स%धिमरात मगन भयउ छोन एका।रा�वन म�ग�उ का�ढ़िट घट मदै अरु मनिहष अन�का॥63॥

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भ�व�र्थ+:-श्री� रा�मच द्रं*� का� रूपा औरा ग%ण> का� स्मराण काराका� वह एका क्षण का� सिलंए S�म मH मग्न ह� गय�। निrरा रा�वण स� कारा�ड़> घड़� मढ़िदैरा� औरा अन�का> भMस� मOगव�ए॥63॥चUपा�ई :* मनिहषख�इ कारिरा मढ़िदैरा� पा�न�। ग*�+ बज्र�घ�त सम�न�॥का% भकारान दुम+दै रान रा ग�। चलं� दुग+ तजि* स�न न स ग�॥1॥भ�व�र्थ+:-भMस� ख�कारा औरा मढ़िदैरा� पा�कारा वह वज्रघ�त (निब*लं� निगरान�) का� सम�न गरा*�। मदै स� चRरा राण का� उत्स�ह स� पाRण+ का% भकाण+ निकालं� छो�ड़कारा चलं�। स�न� भ� स�र्थ नहe लं�॥1॥* दै�खिख निबभ�षन% आगH आयउ। पारा�उ चरान निन* न�म स%न�यउ॥अन%* उठा�इ हृदैयO त�निह लं�य�। राघ%पानित भb *�निन मन भ�य�॥2॥भ�व�र्थ+:-उस� दै�खकारा निवभ�षण आग� आए औरा उसका� चराण> पारा निगराकारा अपान� न�म स%न�य�। छो�ट� भ�ई का� उठा�कारा उसन� हृदैय स� लंग� सिलंय� औरा श्री� राघ%न�र्थ*� का� भb *�नकारा व� उसका� मन का� निSय लंग�॥2॥* त�त लं�त रा�वन म�निह म�रा�। काहत पाराम निहत म त्रु निबच�रा�॥त�तिंह गलं�निन राघ%पानित पातिंह आयउO। दै�खिख दैzन Sभ% का� मन भ�यउO॥3॥भ�व�र्थ+:-(निवभ�षण न� काह�-) ह� त�त! पाराम निहतकारा सलं�ह एव निवच�रा कारान� पारा रा�वण न� म%झ� लं�त म�रा�। उस� ग्लं�निन का� म�रा� मM श्री� राघ%न�र्थ*� का� पा�स चलं� आय�। दैzन दै�खकारा Sभ% का� मन का� मM (बहुत) निSय लंग�॥3॥* स%न% भयउ का�लंबस रा�वन। स� निका म�न अब पाराम सिसख�वन॥(न्य (न्य तM (न्य निवभ�षन। भयहु त�त निनसिसचरा का% लं भRषन॥4॥भ�व�र्थ+:-(का% भकाण+ न� काह�-) ह� पा%त्रु! स%न, रा�वण त� का�लं का� वशं ह� गय� ह5 (उसका� सिसरा पारा म3त्य% न�च राह� ह5)। वह क्य� अब उत्तेम सिशंक्ष� म�न सकात� ह5? ह� निवभ�षण! तR (न्य ह5, (न्य ह5। ह� त�त! तR रा�क्षस का% लं का� भRषण ह� गय�॥4॥* ब (% ब स तM काCन्ह उ*�गरा। भ*�हु रा�म स�भ� स%ख स�गरा॥5॥भ�व�र्थ+:-ह� भ�ई! तRन� अपान� का% लं का� दै5दैzप्यम�न कारा ढ़िदैय�, *� शं�भ� औरा स%ख का� सम%द्रं श्री� रा�म*� का� भ*�॥5॥दै�ह� :

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* बचन काम+ मन कापाट तजि* भ*�हु रा�म रान(�रा।*�हु न निन* पारा सRझ म�निह भयउO का�लंबस ब�रा॥64॥भ�व�र्थ+:-मन, वचन औरा काम+ स� कापाट छो�ड़कारा राण(�रा श्री� रा�म*� का� भ*न कारान�। ह� भ�ई! मM का�लं (म3त्य%) का� वशं ह� गय� हूँO, म%झ� अपान�-पारा�य� नहe सRझत�, इससिलंए अब त%म *�ओ॥64॥

का% म्भुःकाण+ य%� औरा उसकाC पारामगनितचUपा�ई :* ब (% बचन स%निन चलं� निबभ�षन। आयउ *हO त्रु5लं�का निबभRषन॥न�र्थ भR(रा�का�रा सरा�रा�। का% भकारान आवत रान(�रा�॥1॥॥भ�व�र्थ+:- भ�ई का� वचन स%नकारा निवभ�षण लंUट गए औरा वह�O आए, *ह�O नित्रुलं�काC का� भRषण श्री� रा�म*� र्थ�। (निवभ�षण न� काह�-) ह� न�र्थ! पाव+त का� सम�न (निवशं�लं) दै�ह व�लं� राण(�रा का% भकाण+ आ राह� ह5॥1॥* एतन� कानिपान्ह स%न� *ब का�न�। निकालंनिकालं�इ (�ए बलंव�न�॥सिलंए उठा�इ निबटपा अरु भR(रा। काटकाट�इ ड�रातिंह त� ऊँपारा॥2॥भ�व�र्थ+:- व�नरा> न� *ब का�न> स� इतन� स%न�, तब व� बलंव�न- निकालंनिकालं�कारा (हष+ध्वनिन काराका� ) दैUड़�। व3क्ष औरा पाव+त (उख�ड़कारा) उठा� सिलंए औरा (क्र�( स�) दै�Oत काटकाट�कारा उन्हH उसका� ऊँपारा ड�लंन� लंग�॥2॥* का�ढ़िट का�ढ़िट निगरिरा सिसखरा Sह�रा�। कारातिंह भ�लं% कानिपा एका एका ब�रा�॥म%रा- य� न मन% तन% टरा- य� न ट�रा- य�। जि*धिम ग* अका+ rलंनिन का� म�रा- य�॥3॥भ�व�र्थ+:- रा�छो-व�नरा एका-एका ब�रा मH ह� कारा�ड़> पाह�ड़> का� सिशंखरा> स� उस पारा Sह�रा कारात� हM, पारान्त% इसस� न त� उसका� मन ह� म%ड़� (निवचसिलंत हुआ) औरा न शंरा�रा ह� ट�लं� टलं�, *5स� मदै�रा का� rलं> काC म�रा स� ह�र्थ� पारा का% छो भ� असरा नहe ह�त�!॥3॥* तब म�रुतस%त म%ढ़िठाका� हन्य�। पाराय� (रानिन ब्य�का% लं सिसरा (%न्य�॥पा%निन उढ़िठा त�तिंह म�रा�उ हन%म त�। घ%र्मिम त भRतलं पारा�उ त%रा त�॥4॥

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भ�व�र्थ+:- तब हन%म�न- *� न� उस� एका घROस� म�रा�, जि*सस� वह व्यं�का% लं ह�कारा पा3थ्व� पारा निगरा पाड़� औरा सिसरा पा�टन� लंग�। निrरा उसन� उठाकारा हन%म�न- *� का� म�रा�। व� चक्कारा ख�कारा त%रा त ह� पा3थ्व� पारा निगरा पाड़�॥4॥* पा%निन नलं न�लंनिह अवनिन पाछो�रा�सिस। *हO तहO पाटनिका पाटनिका भट ड�रा�सिस॥चलं� बलं�म%ख स�न पारा�ई। अनित भय त्रुसिसत न का�उ सम%ह�ई॥5॥भ�व�र्थ+:-निrरा उसन� नलं-न�लं का� पा3थ्व� पारा पाछो�ड़ ढ़िदैय� औरा र्दूसरा� य���ओं का� भ� *ह�O-तह�O पाटकाकारा ड�लं ढ़िदैय�। व�नरा स�न� भ�ग चलं�। सब अत्य त भयभ�त ह� गए, का�ई स�मन� नहe आत�॥5॥दै�ह� :*अ गदै�ढ़िदै कानिपा म%रुसिछोत कारिरा सम�त स%ग्री�व।का�Oख दै�निब कानिपारा�* काहुO चलं� अधिमत बलं सeव॥65॥भ�व�र्थ+:-स%ग्री�व सम�त अ गदै�ढ़िदै व�नरा> का� मRर्छिछो त काराका� निrरा वह अपारिराधिमत बलं काC स�म� का% भकाण+ व�नरारा�* स%ग्री�व का� का�Oख मH दै�बकारा चलं�॥65॥चUपा�ई :* उम� कारात राघ%पानित नरालं�लं�। ख�लंत गरुड़ जि*धिम अनिहगन म�लं�॥भ3का% ढ़िट भ ग *� का�लंनिह ख�ई। त�निह निका स�हइ ऐसिस लंरा�ई॥1॥भ�व�र्थ+:- (सिशंव*� काहत� हM-) ह� उम�! श्री� राघ%न�र्थ*� व5स� ह� नरालं�लं� कारा राह� हM, *5स� गरुड़ सपा\ का� समRह मH धिमलंकारा ख�लंत� ह�। *� भ�ह का� इशं�रा� म�त्रु स� (निबन� पारिराश्रीम का� ) का�लं का� भ� ख� *�त� ह5, उस� काहe ऐस� लंड़�ई शं�भ� दै�त� ह5?॥1॥* *ग पा�वनिन काCरानित निबस्तरिराहतिंह । ग�इ ग�इ भवनिनधि( नरा तरिराहतिंह ॥म%रुछो� गइ म�रुतस%त *�ग�। स%ग्री�वनिह तब ख�*न लं�ग�॥2॥भ�व�र्थ+:-भगव�न- (इसका� द्वा�रा�) *गत- का� पानिवत्रु कारान� व�लं� वह काCर्वित r5 लं�एOग�, जि*स� ग�-ग�कारा मन%ष्य भवस�गरा स� तरा *�एOग�। मRच्छी�+ *�त� राह�, तब म�रुनित हन%म�न- *� *�ग� औरा निrरा व� स%ग्री�व का� ख�*न� लंग�॥2॥* स%ग्री�वहु का5 म%रुछो� ब�त�। निनब%निका गयउ त�निह म3तका Sत�त�॥का�ट�सिस दैसन न�सिसका� का�न�। गराजि* अका�स चलं�उ त�तिंह *�न�॥3॥

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भ�व�र्थ+:- स%ग्री�व काC भ� मRच्छी�+ र्दूरा हुई, तब व� (म%दैª स� ह�कारा) खिखसका गए (का�Oख स� न�च� निगरा पाड़�)। का% म्भुःकाण+ न� उनका� म3तका *�न�। उन्ह>न� का% म्भुःकाण+ का� न�का-का�न दै�Oत> स� का�ट सिलंए औरा निrरा गरा* कारा आका�शं काC ओरा चलं�, तब का% म्भुःकाण+ न� *�न�॥3॥* गह�उ चरान गनिह भRधिम पाछो�रा�। अनित लं�घवO उढ़िठा पा%निन त�निह म�रा�॥पा%निन आयउ Sभ% पातिंह बलंव�न�। *यनित *यनित *य का3 पा�निन(�न�॥4॥भ�व�र्थ+:-उसन� स%ग्री�व का� पा5रा पाकाड़कारा उनका� पा3थ्व� पारा पाछो�ड़ ढ़िदैय�। निrरा स%ग्री�व न� बड़� r% त7 स� उठाकारा उसका� म�रा� औरा तब बलंव�न- स%ग्री�व Sभ% का� पा�स आए औरा ब�लं�- का3 पा�निन(�न Sभ% काC *य ह�, *य ह�, *य ह�॥4॥* न�का का�न का�ट� जि*यO *�न�। निrरा� क्र�( कारिरा भइ मन ग्लं�न�॥सह* भ�म पा%निन निबन% श्री%नित न�स�। दै�खत कानिपा दैलं उपा*� त्रु�स�॥5॥भ�व�र्थ+:- न�का-का�न का�ट� गए, ऐस� मन मH *�नकारा बड़� ग्लं�निन हुई औरा वह क्र�( काराका� लंUट�। एका त� वह स्वभ�व (आका3 नित) स� ह� भय कारा र्थ� औरा निrरा निबन� न�का-का�न का� ह�न� स� औरा भ� भय�नका ह� गय�। उस� दै�खत� ह� व�नरा> काC स�न� मH भय उत्पान्न ह� गय�॥5॥दै�ह� :* *य *य *य राघ%ब स मनिन (�ए कानिपा दै5 हूँह।एकानिह ब�रा त�स% पारा छो�ड़�खिन्ह निगरिरा तरु *Rह॥66॥भ�व�र्थ+:-'राघ%व शंमभिण काC *य ह�, *य ह�' ऐस� पा%का�राकारा व�नरा हूँह काराका� दैUड़� औरा सबन� एका ह� स�र्थ उस पारा पाह�ड़ औरा व3क्ष> का� समRह छो�ड़�॥66॥चUपा�ई :* का% भकारान रान रा ग निबरु��। सन्म%ख चलं� का�लं *न% क्र% ��॥का�ढ़िट का�ढ़िट कानिपा (रिरा (रिरा ख�ई। *न% टzड़� निगरिरा ग%ह�O सम�ई॥1॥भ�व�र्थ+:-राण का� उत्स�ह मH का% भकाण+ निवरु� ह�कारा (उनका� ) स�मन� ऐस� चलं� म�न� क्र�धि(त ह�कारा का�लं ह� आ राह� ह�। वह कारा�ड़-कारा�ड़ व�नरा> का� एका स�र्थ पाकाड़कारा ख�न� लंग�! (व� उसका� म%Oह मH इस तराह घ%सन� लंग�) म�न� पाव+त काC ग%r� मH ढ़िटनि±य�O सम� राह� ह>॥1॥* का�ढ़िटन्ह गनिह सरा�रा सन मदै�+। का�ढ़िटन्ह म�जि* धिमलंव मनिह गदै�+॥

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म%ख न�स� श्रीवनखिन्ह का� ब�ट�। निनसरिरा पारा�तिंह भ�लं% कानिपा ठा�ट�॥2॥भ�व�र्थ+:- कारा�ड़> (व�नरा>) का� पाकाड़कारा उसन� शंरा�रा स� मसलं ड�लं�। कारा�ड़> का� ह�र्थ> स� मलंकारा पा3थ्व� काC (Rलं मH धिमलं� ढ़िदैय�। (पा�ट मH गए हुए) भ�लंR औरा व�नरा> का� ठाट्ट का� ठाट्ट उसका� म%ख, न�का औरा का�न> काC रा�ह स� निनकालं-निनकालंकारा भ�ग राह� हM॥2॥* रान मदै मत्ते निनस�चरा दैपा�+। निबस्व ग्रीसिसनिह *न% ऐनिह निबधि( अपा�+॥म%रा� स%भट सब निrरातिंह न r� रा�। सRझ न नयन स%नतिंह नतिंह ट�रा�॥3॥भ�व�र्थ+:-राण का� मदै मH मत्ते रा�क्षस का% भकाण+ इस Sका�रा गर्विव त हुआ, म�न� निव(�त� न� उसका� स�रा� निवश्व अपा+ण कारा ढ़िदैय� ह� औरा उस� वह ग्री�स कारा *�एग�। सब य��� भ�ग खड़� हुए, व� लंUट�ए भ� नहe लंUटत�। आOख> स� उन्हH सRझ नहe पाड़त� औरा पा%का�रान� स� स%नत� नहe!॥3॥* का% भकारान कानिपा rU* निबड�रा�। स%निन (�ई रा*न�चरा (�रा�॥दै�ख� रा�म निबकालं काटका�ई। रिरापा% अन�का न�न� निबधि( आई॥4॥भ�व�र्थ+:- का% भकाण+ न� व�नरा स�न� का� निततरा-निबतरा कारा ढ़िदैय�। यह स%नकारा रा�क्षस स�न� भ� दैUड़�। श्री� रा�मच द्रं*� न� दै�ख� निका अपान� स�न� व्यं�का% लं ह5 औरा शंत्रु% काC न�न� Sका�रा काC स�न� आ गई ह5॥4॥दै�ह� :* स%न% स%ग्री�व निबभ�षन अन%* सOभ�रा�हु स5न।मM दै�खउO खलं बलं दैलंनिह ब�लं� रा�जि*वन5न॥67॥भ�व�र्थ+:- तब कामलंनयन श्री� रा�म*� ब�लं�- ह� स%ग्री�व! ह� निवभ�षण! औरा ह� लंक्ष्मण! स%न�, त%म स�न� का� स भ�लंन�। मM इस दुष्टों का� बलं औरा स�न� का� दै�खत� हूँO॥67॥चUपा�ई :* कारा स�रा ग स�जि* काढ़िट भ�र्थ�। अरिरा दैलं दैलंन चलं� राघ%न�र्थ�॥Sर्थम काCखिन्ह Sभ% (न%ष ट का�रा�। रिरापा% दैलं बधि(रा भयउ स%निन स�रा�॥1॥भ�व�र्थ+:- ह�र्थ मH शं�ग̧(न%ष औरा कामरा मH तराकास स*�कारा श्री� राघ%न�र्थ*� शंत्रु% स�न� का� दैलंन कारान� चलं�। Sभ% न� पाहलं� त� (न%ष का� ट का�रा निकाय�, जि*सकाC भय�नका आव�* स%नत� ह� शंत्रु% दैलं बहरा� ह� गय�॥1॥* सत्यस ( छो�Oड़� सरा लंच्छी�। का�लंसपा+ *न% चलं� सपाच्छी�॥

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*हO तहO चलं� निबपा%लं न�रा�च�। लंग� काटन भट निबकाट निपास�च�॥2॥भ�व�र्थ+:- निrरा सत्यSनितज्ञा श्री� रा�म*� न� एका लं�ख ब�ण छो�ड़�। व� ऐस� चलं� म�न� पा खव�लं� का�लं सपा+ चलं� ह>। *ह�O-तह�O बहुत स� ब�ण चलं�, जि*नस� भय कारा रा�क्षस य��� काटन� लंग�॥2॥* काटतिंह चरान उरा सिसरा भ%*दै ड�। बहुतका ब�रा ह�तिंह सत ख ड�॥घ%र्मिम घ%र्मिम घ�यलं मनिह पाराहe। उढ़िठा स भ�रिरा स%भट पा%निन लंराहe॥3॥भ�व�र्थ+:- उनका� चराण, छो�त�, सिसरा औरा भ%*दैण्ड काट राह� हM। बहुत स� व�रा> का� सU-सU ट%काड़� ह� *�त� हM। घ�यलं चक्कारा ख�-ख�कारा पा3थ्व� पारा पाड़ राह� हM। उत्तेम य��� निrरा स भलंकारा उठात� औरा लंड़त� हM॥3॥* लं�गत ब�न *लंदै जि*धिम ग�*तिंह । बहुतका दै�खिख काढ़िठान सरा भ�*तिंह ॥रु ड Sच ड म% ड निबन% (�वतिंह । (रु (रु म�रु म�रु (%निन ग�वतिंह ॥4॥भ�व�र्थ+:-ब�ण लंगत� ह� व� म�घ काC तराह गरा*त� हM। बहुत स� त� काढ़िठान ब�ण> का� दै�खकारा ह� भ�ग *�त� हM। निबन� म%ण्ड (सिसरा) का� Sचण्ड रुण्ड ((ड़) दैUड़ राह� हM औरा 'पाकाड़�, पाकाड़�, म�रा�, म�रा�' का� शंब्दै कारात� हुए ग� (सिचल्लं�) राह� हM॥4॥दै�ह� :* छोन महुO Sभ% का� स�यकाखिन्ह का�ट� निबकाट निपास�च।पा%निन राघ%ब�रा निनष ग महुO Sनिबस� सब न�रा�च॥68॥भ�व�र्थ+:- Sभ% का� ब�ण> न� क्षण म�त्रु मH भय�नका रा�क्षस> का� का�टकारा राख ढ़िदैय�। निrरा व� सब ब�ण लंUटकारा श्री� राघ%न�र्थ*� का� तराकास मH घ%स गए॥68॥चUपा�ई :* का% भकारान मन दैzख निबच�रा�। हनित छोन म�झ निनस�चरा (�रा�॥भ� अनित क्र% � मह�बलं ब�रा�। निकाय� म3गन�यका न�दै गOभ�रा�॥1॥भ�व�र्थ+:-का% भकाण+ न� मन मH निवच�रा कारा दै�ख� निका श्री� रा�म*� न� क्षण म�त्रु मH रा�क्षस� स�न� का� स ह�रा कारा ड�लं�। तब वह मह�बलं� व�रा अत्य त क्र�धि(त हुआ औरा उसन� ग भ�रा सिंस हन�दै निकाय�॥1॥* का�निपा मह�(रा लं�इ उपा�रा�। ड�राइ *हO मका+ ट भट भ�रा�॥आवत दै�खिख स5लं Sभ% भ�रा�। सराखिन्ह का�ढ़िट रा* सम कारिरा ड�रा�॥2॥

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भ�व�र्थ+:-वह क्र�( काराका� पाव+त उख�ड़ लं�त� ह5 औरा *ह�O भ�रा�-भ�रा� व�नरा य��� ह�त� हM, वह�O ड�लं दै�त� ह5। बड़�-बड़� पाव+त> का� आत� दै�खकारा Sभ% न� उनका� ब�ण> स� का�टकारा (Rलं का� सम�न (चRरा-चRरा) कारा ड�लं�॥2॥* पा%निन (न% त�निन का�निपा राघ%न�यका। छो�Oड़� अनित कारा�लं बहु स�यका॥तन% महुO Sनिबसिस निनसरिरा सरा *�हe। जि*धिम दै�धिमनिन घन म�झ सम�हe॥3॥भ�व�र्थ+:-निrरा श्री� राघ%न�र्थ*� न� क्र�( काराका� (न%ष का� त�नकारा बहुत स� अत्य त भय�नका ब�ण छो�ड़�। व� ब�ण का% भकाण+ का� शंरा�रा मH घ%सकारा (पा�छो� स� इस Sका�रा) निनकालं *�त� हM (निका उनका� पात� नहe चलंत�), *5स� निब*सिलंय�O ब�दैलं मH सम� *�त� हM॥3॥* स�निनत स्रवत स�ह तन का�रा�। *न% काज्जलं निगरिरा ग�रु पान�रा�॥निबकालं निबलं�निका भ�लं% कानिपा (�ए। निबहOस� *बतिंह निनकाट कानिपा आए॥4॥भ�व�र्थ+:- उसका� का�लं� शंरा�रा स� रुधि(रा बहत� हुआ ऐस� शं�भ� दै�त� ह5, म�न� का�*लं का� पाव+त स� ग�रु का� पान�लं� बह राह� ह>। उस� व्यं�का% लं दै�खकारा रा�छो व�नरा दैUड़�। व� ज्य> ह� निनकाट आए, त्य> ह� वह हOस�,॥4॥दै�ह� :* मह�न�दै कारिरा ग*�+ का�ढ़िट का�ढ़िट गनिह काCस।मनिह पाटकाइ ग*रा�* इव सपार्थ काराइ दैसस�स॥69॥भ�व�र्थ+:- औरा बड़� घ�रा शंब्दै काराका� गरा*� तर्थ� कारा�ड़-कारा�ड़ व�नरा> का� पाकाड़कारा वह ग*रा�* काC तराह उन्हH पा3थ्व� पारा पाटकान� लंग� औरा रा�वण काC दुह�ई दै�न� लंग�॥69॥चUपा�ई :* भ�ग� भ�लं% बलं�म%ख *Rर्थ�। ब3का% निबलं�निका जि*धिम म�ष बरूर्थ�॥चलं� भ�निग कानिपा भ�लं% भव�न�। निबकालं पा%का�रात आरात ब�न�॥1॥भ�व�र्थ+:-यह दै�खकारा रा�छो-व�नरा> का� झ% ड ऐस� भ�ग� *5स� भ�निड़य� का� दै�खकारा भ�ड़> का� झ% ड! (सिशंव*� काहत� हM-) ह� भव�न�! व�नरा-भ�लंR व्यं�का% लं ह�कारा आत+व�ण� स� पा%का�रात� हुए भ�ग चलं�॥1॥* यह निनसिसचरा दुका�लं सम अहई। कानिपाका% लं दै�स पारान अब चहई॥का3 पा� ब�रिरा(रा रा�म खरा�रा�। पा�निह पा�निह Sनत�रानित ह�रा�॥2॥

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भ�व�र्थ+:-(व� काहन� लंग�-) यह रा�क्षस दुर्भिभ क्ष का� सम�न ह5, *� अब व�नरा का% लं रूपा� दै�शं मH पाड़न� च�हत� ह5। ह� का3 पा� रूपा� *लं का� (�राण कारान� व�लं� म�घ रूपा श्री� रा�म! ह� खरा का� शंत्रु%! ह� शंराण�गत का� दु^ख हरान� व�लं�! राक्ष� काCजि*ए, राक्ष� काCजि*ए!॥2॥।* सकारुन बचन स%नत भगव�न�। चलं� स%(�रिरा सरा�सन ब�न�॥रा�म स�न निन* पा�छोH घ�लं�। चलं� सका�पा मह� बलंस�लं�॥3॥भ�व�र्थ+:- कारुण� भरा� वचन स%नत� ह� भगव�न- (न%ष-ब�ण स%(�राकारा चलं�। मह�बलंशं�लं� श्री� रा�म*� न� स�न� का� अपान� पा�छो� कारा सिलंय� औरा व� (अका� लं�) क्र�(पाRव+का चलं� (आग� बl�)॥3॥* खMसिच (न%ष सरा सत स (�न�। छोR ट� त�रा सरा�रा सम�न�॥लं�गत सरा (�व� रिरास भरा�। का% (रा डगमगत ड�लंनित (रा�॥4॥भ�व�र्थ+:- उन्ह>न� (न%ष का� खeचकारा सU ब�ण स (�न निकाए। ब�ण छोR ट� औरा उसका� शंरा�रा मH सम� गए। ब�ण> का� लंगत� ह� वह क्र�( मH भराकारा दैUड़�। उसका� दैUड़न� स� पाव+त डगमग�न� लंग� औरा पा3थ्व� निहलंन� लंग�॥4॥* लं�न्ह एका तHनिह स5लं उपा�टz। राघ%का% लंनितलंका भ%*� स�इ का�टz॥(�व� ब�म ब�हु निगरिरा (�रा�। Sभ% स�उ भ%*� का�ढ़िट मनिह पा�रा�॥5॥भ�व�र्थ+:-उसन� एका पाव+त उख�ड़ सिलंय�। राघ%का% लं नितलंका श्री� रा�म*� न� उसकाC वह भ%*� ह� का�ट दैz। तब वह ब�एO ह�र्थ मH पाव+त का� लं�कारा दैUड़�। Sभ% न� उसकाC वह भ%*� भ� का�टकारा पा3थ्व� पारा निगरा� दैz॥5॥* का�टH भ%*� स�ह खलं का5 स�। पाच्छीह�न म दैरा निगरिरा *5स�॥उग्री निबलं�कानिन Sभ%निह निबलं�का�। ग्रीसन चहत म�नहुO त्रु5लं�का�॥6॥भ�व�र्थ+:-भ%*�ओं का� काट *�न� पारा वह दुष्टों का5 स� शं�भ� पा�न� लंग�, *5स� निबन� पा ख का� म दैरा�चलं पाह�ड़ ह�। उसन� उग्री दृधिष्टों स� Sभ% का� दै�ख�। म�न� त�न> लं�का> का� निनगलं *�न� च�हत� ह�॥6॥दै�ह� :* कारिरा सिचक्का�रा घ�रा अनित (�व� बदैन% पास�रिरा।गगन सिस� स%रा त्रु�सिसत ह� ह� ह�नित पा%का�रिरा॥70॥भ�व�र्थ+:- वह बड़� *�रा स� सिचग्घ�ड़ काराका� म%Oह r5 लं�कारा दैUड़�। आका�शं मH सिस� औरा दै�वत� डराकारा ह�! ह�! ह�! इस Sका�रा पा%का�रान� लंग�॥70॥

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चUपा�ई :* सभय दै�व कारुन�निनधि( *�न्य�। श्रीवन S* त सरा�स%न त�न्य�॥निबसिसख निनकारा निनसिसचरा म%ख भरा�ऊँ। तदैनिपा मह�बलं भRधिम न पारा�ऊँ॥1॥भ�व�र्थ+:- कारुण�निन(�न भगव�न- न� दै�वत�ओं का� भयभ�त *�न�। तब उन्ह>न� (न%ष का� का�न तका त�नकारा रा�क्षस का� म%ख का� ब�ण> का� समRह स� भरा ढ़िदैय�। त� भ� वह मह�बलं� पा3थ्व� पारा न निगरा�॥1॥* सराखिन्ह भरा� म%ख सन्म%ख (�व�। का�लं त्रु�न स*�व *न% आव�॥तब Sभ% का�निपा त�ब्र सरा लं�न्ह�। (रा त� भिभन्न त�स% सिसरा काCन्ह�॥2॥भ�व�र्थ+:-म%ख मH ब�ण भरा� हुए वह (Sभ% का� ) स�मन� दैUड़�। म�न� का�लं रूपा� स*�व तराकास ह� आ राह� ह�। तब Sभ% न� क्र�( काराका� त�क्ष्ण ब�ण सिलंय� औरा उसका� सिसरा का� (ड़ स� अलंग कारा ढ़िदैय�॥2॥* स� सिसरा पारा�उ दैस�नन आगH। निबकालं भयउ जि*धिम rनिन मनिन त्य�गH॥(रानिन (सइ (रा (�व Sच ड�। तब Sभ% का�ढ़िट काCन्ह दुइ ख ड�॥3॥भ�व�र्थ+:- वह सिसरा रा�वण का� आग� *� निगरा� उस� दै�खकारा रा�वण ऐस� व्यं�का% लं हुआ *5स� मभिण का� छोR ट *�न� पारा सपा+। का% भकाण+ का� Sचण्ड (ड़ दैUड़�, जि*सस� पा3थ्व� (Oस� *�त� र्थ�। तब Sभ% न� का�टकारा उसका� दै� ट%काड़� कारा ढ़िदैए॥3॥* पारा� भRधिम जि*धिम नभ तH भR(रा। ह�ठा दै�निब कानिपा भ�लं% निनस�चरा॥त�स% त�* Sभ% बदैन सम�न�। स%रा म%निन सबतिंह अच भव म�न�॥4॥भ�व�र्थ+:-व�नरा-भ�लंR औरा निनशं�चरा> का� अपान� न�च� दैब�त� हुए व� दै�न> ट%काड़� पा3थ्व� पारा ऐस� पाड़� *5स� आका�शं स� दै� पाह�ड़ निगरा� ह>। उसका� त�* Sभ% श्री� रा�मच द्रं*� का� म%ख मH सम� गय�। (यह दै�खकारा) दै�वत� औरा म%निन सभ� न� आश्चय+ म�न�॥4॥* स%रा दु दुभe ब*�वतिंह हराषतिंह । अस्त%नित कारातिंह स%मन बहु बराषतिंह ॥कारिरा निबनत� स%रा सकालं सिस(�ए। त�ह� समय दै�वरिरानिष आए॥5॥भ�व�र्थ+:- दै�वत� नग�ड़� ब*�त�, हर्विष त ह�त� औरा स्त%नित कारात� हुए बहुत स� rR लं बरास� राह� हM। निवनत� काराका� सब दै�वत� चलं� गए। उस� समय दै�वर्विष न�रादै आए॥5॥* गगन�पारिरा हरिरा ग%न गन ग�ए। रुसिचरा ब�रारास Sभ% मन भ�ए॥

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ब�निग हतहु खलं कानिह म%निन गए। रा�म समरा मनिह स�भत भए॥6॥भ�व�र्थ+:-आका�शं का� ऊँपारा स� उन्ह>न� श्री� हरिरा का� स% दैरा व�रा रासय%b ग%ण समRह का� ग�न निकाय�, *� Sभ% का� मन का� बहुत ह� भ�य�। म%निन यह काहकारा चलं� गए निका अब दुष्टों रा�वण का� शं�घ्र म�रिराए। (उस समय) श्री� रा�मच द्रं*� राणभRधिम मH आकारा (अत्य त) स%शं�भिभत हुए॥6॥छो दै :* स ग्री�म भRधिम निबरा�* राघ%पानित अत%लं बलं का�सलं (न�।श्रीम तिंब दु म%ख रा�*�व लं�चन अरुन तन स�निनत कान�॥भ%* *%गलं r� रात सरा सरा�सन भ�लं% कानिपा चहु ढ़िदैसिस बन�।काह दै�स त%लंस� कानिह न सका छोनिब स�ष *�निह आनन घन�॥भ�व�र्थ+:- अत%लंन�य बलं व�लं� का�सलंपानित श्री� राघ%न�र्थ*� राणभRधिम मH स%शं�भिभत हM। म%ख पारा पास�न� काC बROदैH हM, कामलं सम�न न�त्रु का% छो लं�लं ह� राह� हM। शंरा�रा पारा राb का� काण हM, दै�न> ह�र्थ> स� (न%ष-ब�ण निrरा� राह� हM। च�रा> ओरा रा�छो-व�नरा स%शं�भिभत हM। त%लंस�दै�स*� काहत� हM निका Sभ% काC इस छोनिब का� वण+न शं�ष*� भ� नहe कारा सकात�, जि*नका� बहुत स� (ह*�रा) म%ख हM।दै�ह� :* निनसिसचरा अ(म मलं�कारा त�निह दैzन्ह निन* (�म।निगरिरा*� त� नरा म दैमनित *� न भ*तिंह श्री�रा�म॥71॥भ�व�र्थ+:-(सिशंव*� काहत� हM-) ह� निगरिरा*�! का% भकाण+, *� न�च रा�क्षस औरा पा�पा काC ख�न र्थ�, उस� भ� श्री� रा�म*� न� अपान� पाराम(�म दै� ढ़िदैय�। अत^ व� मन%ष्य (निनश्चय ह�) म दैब%जि� हM, *� उन श्री� रा�म*� का� नहe भ*त�॥71॥चUपा�ई :*ढ़िदैन का� अ त निrराe द्वाU अन�। समरा भई स%भटन्ह श्रीम घन�॥रा�म का3 पा�O कानिपा दैलं बलं ब�l�। जि*धिम त3न पा�इ लं�ग अनित ड�l�॥1॥भ�व�र्थ+:- ढ़िदैन का� अन्त ह�न� पारा दै�न> स�न�एO लंUट पाड़e। (आ* का� य%� मH) य���ओं का� बड़� र्थका�वट हुई, पारान्त% श्री� रा�म*� काC का3 पा� स� व�नरा स�न� का� बलं उस� Sका�रा बl गय�, *5स� घ�स पा�कारा अखिग्न बहुत बl *�त� ह5॥1॥(घ)॥

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* छोz*तिंह निनसिसचरा ढ़िदैन% अरु रा�त�। निन* म%ख काहH स%का3 त *�निह भ�Oत�॥बहु निबलं�पा दैसका (रा काराई। ब (% स�स पा%निन पा%निन उरा (राई॥2॥भ�व�र्थ+:-उ(रा रा�क्षस ढ़िदैन-रा�त इस Sका�रा घटत� *� राह� हM, जि*स Sका�रा अपान� ह� म%ख स� काहन� पारा पा%ण्य घट *�त� हM। रा�वण बहुत निवलं�पा कारा राह� ह5। ब�रा-ब�रा भ�ई (का% भकाण+) का� सिसरा कालं�*� स� लंग�त� ह5॥2॥* रा�वतिंह न�रिरा हृदैय हनित पा�न�। त�स% त�* बलं निबपा%लं बख�न�॥म�घन�दै त�निह अवसरा आयउ। कानिह बहु कार्थ� निपात� सम%झ�यउ॥3॥भ�व�र्थ+:-स्त्रिस्त्रुय�O उसका� बड़� भ�रा� त�* औरा बलं का� बख�न काराका� ह�र्थ> स� छो�त� पा�ट-पा�टकारा रा� राह� हM। उस� समय म�घन�दै आय� औरा उसन� बहुत स� कार्थ�एO काहकारा निपात� का� समझ�य�॥3॥* दै�ख�हु का�सिलं म�रिरा मन%स�ई। अबतिंह बहुत का� कारा� बड़�ई॥इष्टोंदै�व सM बलं रार्थ पा�यउO। स� बलं त�त न त�निह दै�ख�यउO॥4॥भ�व�र्थ+:- (औरा काह�-) कालं म�रा� पा%रुष�र्थ+ दै�खिखएग�। अभ� बहुत बड़�ई क्य� कारूO ? ह� त�त! मMन� अपान� इष्टोंदै�व स� *� बलं औरा रार्थ पा�य� र्थ�, वह बलं (औरा रार्थ) अब तका आपाका� नहe ढ़िदैखलं�य� र्थ�॥4॥* एनिह निबधि( *ल्पात भयउ निबह�न�। चहुO दुआरा लं�ग� कानिपा न�न�॥इनित कानिपा भ�लं% का�लं सम ब�रा�। उत रा*न�चरा अनित रान(�रा�॥5॥भ�व�र्थ+:-इस Sका�रा डeग म�रात� हुए सब�रा� ह� गय�। लं का� का� च�रा> दैराव�*> पारा बहुत स� व�नरा आ डट�। इ(रा का�लं का� सम�न व�रा व�नरा-भ�लंR हM औरा उ(रा अत्य त राण(�रा रा�क्षस॥5॥* लंरातिंह स%भट निन* निन* *य ह�तR। बरानिन न *�इ समरा खगका� तR॥6॥भ�व�र्थ+:->दै�न> ओरा का� य��� अपान�-अपान� *य का� सिलंए लंड़ राह� हM। ह� गरुड़ उनका� य%� का� वण+न नहe निकाय� *� सकात�॥6॥

म�घन�दै का� य%�, रा�म*� का� लं�लं� स� न�गपा�शं मH बO(न�दै�ह� :* म�घन�दै म�य�मय रार्थ चढ़िl गयउ अका�स।

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ग*ªउ अट्टह�स कारिरा भइ कानिपा काटकानिह त्रु�स॥72॥भ�व�र्थ+:-म�घन�दै उस� (पाRवºb) म�य�मय रार्थ पारा चlकारा आका�शं मH चलं� गय� औरा अट्टह�स काराका� गरा*�, जि*सस� व�नरा> काC स�न� मH भय छो� गय�॥72॥चUपा�ई :* ससिb सRलं तराव�रिरा का3 पा�न�। अस्त्रु सस्त्रु का% सिलंस�य%( न�न�॥ड�राइ पारास% पारिराघ पा�ष�न�। लं�ग�उ ब3धिष्टों कारा5 बहु ब�न�॥1॥भ�व�र्थ+:- वह शंसिb, शंRलं, तलंव�रा, का3 पा�ण आढ़िदै अस्त्रु, शं�स्त्रु एव वज्र आढ़िदै बहुत स� आय%( चलं�न� तर्थ� rरास�, पारिराघ, पात्थरा आढ़िदै ड�लंन� औरा बहुत स� ब�ण> काC व3धिष्टों कारान� लंग�॥1॥* दैस ढ़िदैसिस राह� ब�न नभ छो�ई। म�नहुO मघ� म�घ झरिरा लं�ई॥(रु (रु म�रु स%निनअ (%निन का�न�। *� म�राइ त�निह का�उ न *�न�॥2॥भ�व�र्थ+:- आका�शं मH दैस> ढ़िदैशं�ओं मH ब�ण छो� गए, म�न� मघ� नक्षत्रु का� ब�दैलं> न� झड़� लंग� दैz ह�। 'पाकाड़�, पाकाड़�, म�रा�' य� शंब्दै स%न�ई पाड़त� हM। पारा *� म�रा राह� ह5, उस� का�ई नहe *�न पा�त�॥2॥* गनिह निगरिरा तरु अका�स कानिपा (�वतिंह । दै�खतिंह त�निह न दुखिखत निrरिरा आवतिंह ॥अवघट घ�ट ब�ट निगरिरा का दैरा। म�य� बलं काCन्ह�सिस सरा पा *रा॥3॥भ�व�र्थ+:- पाव+त औरा व3क्ष> का� लं�कारा व�नरा आका�शं मH दैUड़कारा *�त� हM। पारा उस� दै�ख नहe पा�त�, इसस� दु^ख� ह�कारा लंUट आत� हM। म�घन�दै न� म�य� का� बलं स� अटपाटz घ�ढ़िटय>, रा�स्त> औरा पाव+त>-कान्दैरा�ओं का� ब�ण> का� तिंपा *रा� बन� ढ़िदैए (ब�ण> स� छो� ढ़िदैय�)॥3॥* *�तिंह काह�O ब्य�का% लं भए ब दैरा। स%रापानित ब ढ़िदै पारा� *न% म दैरा॥म�रुतस%त अ गदै नलं न�लं�। काCन्ह�सिस निबकालं सकालं बलंस�लं�॥4॥भ�व�र्थ+:-अब काह�O *�एO, यह स�चकारा (रा�स्त� न पा�कारा) व�नरा व्यं�का% लं ह� गए। म�न� पाव+त इ द्रं काC का5 दै मH पाड़� ह>। म�घन�दै न� म�रुनित हन%म�न- , अ गदै, नलं औरा न�लं आढ़िदै सभ� बलंव�न> का� व्यं�का% लं कारा ढ़िदैय�॥4॥* पा%निन लंसिछोमन स%ग्री�व निबभ�षन। सराखिन्ह म�रिरा काCन्ह�सिस **+रा तन॥पा%निन राघ%पानित सM *Rझ5 लं�ग�। सरा छो�Oड़इ ह�इ लं�गतिंह न�ग�॥5॥

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भ�व�र्थ+:-निrरा उसन� लंक्ष्मण*�, स%ग्री�व औरा निवभ�षण का� ब�ण> स� म�राकारा उनका� शंरा�रा का� छोलंन� कारा ढ़िदैय�। निrरा वह श्री� राघ%न�र्थ*� स� लंड़न� लंग�। वह *� ब�ण छो�ड़त� ह5, व� स�Oपा ह�कारा लंगत� हM॥5॥* ब्य�लं पा�स बस भए खरा�रा�। स्वबस अन त एका अनिबका�रा�॥नट इव कापाट चरिरात कारा न�न�। सदै� स्वत त्रु एका भगव�न�॥6॥भ�व�र्थ+:- *� स्वत त्रु, अनन्त, एका (अख ड) औरा निनर्विव का�रा हM, व� खरा का� शंत्रु% श्री� रा�म*� (लं�लं� स�) न�गपा�शं का� वशं मH ह� गए (उसस� बO( गए) श्री� रा�मच द्रं*� सदै� स्वत त्रु, एका, (अनिद्वात�य) भगव�न- हM। व� नट काC तराह अन�का> Sका�रा का� ढ़िदैख�वटz चरिरात्रु कारात� हM॥6॥* रान स�भ� लंनिग Sभ%तिंह बO(�य�। न�गपा�स दै�वन्ह भय पा�य�॥7॥भ�व�र्थ+:-राण काC शं�भ� का� सिलंए Sभ% न� अपान� का� न�गपा�शं मH ब�O( सिलंय�, निकान्त% उसस� दै�वत�ओं का� बड़� भय हुआ॥7॥दै�ह� :* निगरिरा*� *�स% न�म *निपा म%निन का�टतिंह भव पा�स।स� निका ब ( तरा आवइ ब्य�पाका निबस्व निनव�स॥73॥भ�व�र्थ+:- (सिशंव*� काहत� हM-) ह� निगरिरा*�! जि*नका� न�म *पाकारा म%निन भव (*न्म-म3त्य%) काC r�Oस� का� का�ट ड�लंत� हM, व� सव+व्यं�पाका औरा निवश्व निनव�स (निवश्व का� आ(�रा) Sभ% काहe ब (न मH आ सकात� हM?॥73॥चUपा�ई :* चरिरात रा�म का� सग%न भव�न�। तर्विका न *�तिंह ब%जि� बलं ब�न�॥अस निबच�रिरा *� तग्य निबरा�ग�। रा�मनिह भ*तिंह तका+ सब त्य�ग�॥1॥भ�व�र्थ+:-ह� भव�न�! श्री� रा�म*� काC इस सग%ण लं�लं�ओं का� निवषय मH ब%जि� औरा व�ण� का� बलं स� तका+ (निनण+य) नहe निकाय� *� सकात�। ऐस� निवच�रा कारा *� तत्त्वज्ञा�न� औरा निवराb पा%रुष हM, व� सब तका+ (शं का�) छो�ड़कारा श्री� रा�म*� का� भ*न ह� कारात� हM॥।1॥* ब्य�का% लं काटका% काCन्ह घनन�दै�। पा%निन भ� Sगट काहइ दुब�+दै�॥*�मव त काह खलं राहु ठा�l�। स%निन कारिरा त�निह क्र�( अनित ब�l�॥2॥

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भ�व�र्थ+:- म�घन�दै न� स�न� का� व्यं�का% लं कारा ढ़िदैय�। निrरा वह Sकाट ह� गय� औरा दुव+चन काहन� लंग�। इस पारा *�म्बव�न- न� काह�- अरा� दुष्टों! खड़� राह। यह स%नकारा उस� बड़� क्र�( बl�॥2॥* बRl *�निन सठा छो�Oड़�उO त�ह�। लं�ग�सिस अ(म पाच�रा5 म�ह�॥अस कानिह तरालं नित्रुसRलं चलं�य�। *�मव त कारा गनिह स�इ (�य�॥3॥भ�व�र्थ+:-अरा� मRख+! मMन� बRl� *�नकारा त%झका� छो�ड़ ढ़िदैय� र्थ�। अरा� अ(म! अब तR म%झ� ह� लंलंका�रान� लंग� ह5? ऐस� काहकारा उसन� चमकात� हुआ नित्रुशंRलं चलं�य�। *�म्बव�न- उस� नित्रुशंRलं का� ह�र्थ स� पाकाड़कारा दैUड़�॥3॥* म�रिरासिस म�घन�दै का5 छो�त�। पारा� भRधिम घ%र्मिम त स%राघ�त�॥पा%निन रिरास�न गनिह चरान निrरा�य�। मनिह पाछो�रिरा निन* बलं दै�खरा�य�॥4॥भ�व�र्थ+:-औरा उस� म�घन�दै काC छो�त� पारा दै� म�रा�। वह दै�वत�ओं का� शंत्रु% चक्कारा ख�कारा पा3थ्व� पारा निगरा पाड़�। *�म्बव�न- न� निrरा क्र�( मH भराकारा पा5रा पाकाड़कारा उसका� घ%म�य� औरा पा3थ्व� पारा पाटकाकारा उस� अपान� बलं ढ़िदैखलं�य�॥4॥* बरा Sस�दै स� मराइ न म�रा�। तब गनिह पादै लं का� पारा ड�रा�॥इह�O दै�वरिरानिष गरुड़ पाठा�य�। रा�म सम�पा सपाढ़िदै स� आय�॥5॥भ�व�र्थ+:-(निकान्त%) वरादै�न का� Sत�पा स� वह म�रा� नहe मरात�। तब *�म्बव�न- न� उसका� पा5रा पाकाड़कारा उस� लं का� पारा rH का ढ़िदैय�। इ(रा दै�वर्विष न�रादै*� न� गरुड़ का� भ�*�। व� त%रा त ह� श्री� रा�म*� का� पा�स आ पाहुOच�॥5॥दै�ह� :* खगपानित सब (रिरा ख�ए म�य� न�ग बरुर्थ।म�य� निबगत भए सब हराष� ब�नरा *Rर्थ॥74 का॥भ�व�र्थ+:-पाक्ष�रा�* गरुड़*� सब म�य�-सपा\ का� समRह> का� पाकाड़कारा ख� गए। तब सब व�नरा> का� झ% ड म�य� स� रानिहत ह�कारा हर्विष त हुए॥74 (का)॥* गनिह निगरिरा पा�दैपा उपालं नख (�ए काCस रिरास�इ।चलं� तम�चरा निबकालंतरा गl पारा चl� पारा�इ॥74 ख॥भ�व�र्थ+:- पाव+त, व3क्ष, पात्थरा औरा नख (�राण निकाए व�नरा क्र�धि(त ह�कारा दैUड़�। निनशं�चरा निवशं�ष व्यं�का% लं ह�कारा भ�ग चलं� औरा भ�गकारा निकालं� पारा चl गए॥74 (ख)॥

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म�घन�दै यज्ञा निवध्व स, य%� औरा म�घन�दै उ��राचUपा�ई :* म�घन�दै का5 म%राछो� *�ग�। निपातनिह निबलं�निका लं�* अनित लं�ग�॥त%रात गयउ निगरिराबरा का दैरा�। कारा� अ*य मख अस मन (रा�॥1॥भ�व�र्थ+:- म�घन�दै काC मRच्छी�+ छोR टz, (तब) निपात� का� दै�खकारा उस� बड़� शंम+ लंग�। मM अ*य (अ*�य ह�न� का�) यज्ञा कारूO , ऐस� मन मH निनश्चय काराका� वह त%रा त श्री�ष्ठ पाव+त काC ग%r� मH चलं� गय�॥1॥* इह�O निबभ�षन म त्रु निबच�रा�। स%नहु न�र्थ बलं अत%लं उदै�रा�॥म�घन�दै मख काराइ अपा�वन। खलं म�य�व� दै�व सत�वन॥2॥भ�व�र्थ+:- यह�O निवभ�षण न� सलं�ह निवच�रा� (औरा श्री� रा�मच द्रं*� स� काह�-) ह� अत%लंन�य बलंव�न- उदै�रा Sभ�! दै�वत�ओं का� सत�न� व�लं� दुष्टों, म�य�व� म�घन�दै अपानिवत्रु यज्ञा कारा राह� ह5॥2॥* *� Sभ% सिस� ह�इ स� पा�इनिह। न�र्थ ब�निग पा%निन *�नित न *�इनिह॥स%निन राघ%पानित अनितसय स%ख म�न�। ब�लं� अ गदै�ढ़िदै कानिपा न�न�॥3॥भ�व�र्थ+:- ह� Sभ�! यढ़िदै वह यज्ञा सिस� ह� पा�एग� त� ह� न�र्थ! निrरा म�घन�दै *ल्दैz *�त� न *� सका� ग�। यह स%नकारा श्री� राघ%न�र्थ*� न� बहुत स%ख म�न� औरा अ गदै�ढ़िदै बहुत स� व�नरा> का� ब%लं�य� (औरा काह�-)॥3॥* लंसिछोमन स ग *�हु सब भ�ई। काराहु निब( स *ग्य कारा *�ई॥त%म्ह लंसिछोमन म�रा�हु रान ओह�। दै�खिख सभय स%रा दुख अनित म�ह�॥4॥भ�व�र्थ+:- ह� भ�इय>! सब लं�ग लंक्ष्मण का� स�र्थ *�ओ औरा *�कारा यज्ञा का� निवध्व स कारा�। ह� लंक्ष्मण! स ग्री�म मH त%म उस� म�रान�। दै�वत�ओं का� भयभ�त दै�खकारा म%झ� बड़� दु^ख ह5॥4॥* म�रा�हु त�निह बलं ब%जि� उपा�ई। *�तिंह छोz*5 निनसिसचरा स%न% भ�ई॥*�मव त स%ग्री�व निबभ�षन। स�न सम�त राह�हु त�निनउ *न॥5॥

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भ�व�र्थ+:-ह� भ�ई! स%न�, उसका� ऐस� बलं औरा ब%जि� का� उपा�य स� म�रान�, जि*सस� निनशं�चरा का� न�शं ह�। ह� *�म्बव�न, स%ग्री�व औरा निवभ�षण! त%म त�न> *न स�न� सम�त (इनका� ) स�र्थ राहन�॥5॥* *ब राघ%ब�रा दैzखिन्ह अन%स�सन। काढ़िट निनष ग कासिस स�जि* सरा�सन॥Sभ% Sत�पा उरा (रिरा रान(�रा�। ब�लं� घन इव निगरा� गOभ�रा�॥6॥भ�व�र्थ+:-(इस Sका�रा) *ब श्री� राघ%व�रा न� आज्ञा� दैz, तब कामरा मH तराकास कासकारा औरा (न%ष स*�कारा (चl�कारा) राण(�रा श्री� लंक्ष्मण*� Sभ% का� Sत�पा का� हृदैय मH (�राण काराका� म�घ का� सम�न ग भ�रा व�ण� ब�लं�-॥6॥* *� त�निह आ*% ब (� निबन% आव�। तU राघ%पानित स�वका न काह�व�॥*� सत स कारा कारातिंह सह�ई। तदैनिपा हतउO राघ%ब�रा दै�ह�ई॥7॥भ�व�र्थ+:- यढ़िदै मM आ* उस� निबन� म�रा� आऊँO , त� श्री� राघ%न�र्थ*� का� स�वका न काहलं�ऊँO । यढ़िदै स5काड़> शं कारा भ� उसकाC सह�यत� काराH त� भ� श्री� राघ%व�रा काC दुह�ई ह5, आ* मM उस� म�रा ह� ड�लंROग�॥7॥दै�ह� :* राघ%पानित चरान न�इ सिसरु चलं�उ त%रा त अन त।अ गदै न�लं मय दै नलं स ग स%भट हन%म त॥75॥भ�व�र्थ+:-श्री� राघ%न�र्थ*� का� चराण> मH सिसरा नव�कारा शं�ष�वत�रा श्री� लंक्ष्मण*� त%रा त चलं�। उनका� स�र्थ अ गदै, न�लं, मय दै, नलं औरा हन%म�न आढ़िदै उत्तेम य��� र्थ�॥75॥चUपा�ई :* *�इ कानिपान्ह स� दै�ख� ब5स�। आहुनित दै�त रुधि(रा अरु भMस�॥काCन्ह कानिपान्ह सब *ग्य निब( स�। *ब न उठाइ तब कारातिंह Sस स�॥1॥भ�व�र्थ+:- व�नरा> न� *�कारा दै�ख� निका वह ब5ठा� हुआ खRन औरा भMस� काC आहुनित दै� राह� ह5। व�नरा> न� सब यज्ञा निवध्व स कारा ढ़िदैय�। निrरा भ� वह नहe उठा�, तब व� उसकाC Sशं स� कारान� लंग�॥1॥* तदैनिपा न उठाइ (रा�खिन्ह काच *�ई। लं�तखिन्ह हनित हनित चलं� पारा�ई॥लं5 नित्रुसRलं (�व� कानिपा भ�ग�। आए *हO रा�म�न%* आग�॥2॥

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भ�व�र्थ+:-इतन� पारा भ� वह न उठा�, (तब) उन्ह>न� *�कारा उसका� ब�लं पाकाड़� औरा लं�त> स� म�रा-म�राकारा व� भ�ग चलं�। वह नित्रुशंRलं लं�कारा दैUड़�, तब व�नरा भ�ग� औरा वह�O आ गए, *ह�O आग� लंक्ष्मण*� खड़� र्थ�॥2॥* आव� पाराम क्र�( कारा म�रा�। ग*+ घ�रा राव ब�रातिंह ब�रा�॥का�निपा मरुतस%त अ गदै (�ए। हनित नित्रुसRलं उरा (रानिन निगरा�ए॥3॥भ�व�र्थ+:- वह अत्य त क्र�( का� म�रा� हुआ आय� औरा ब�रा-ब�रा भय कारा शंब्दै काराका� गरा*न� लंग�। म�रुनित (हन%म�न- ) औरा अ गदै क्र�( काराका� दैUड़�। उसन� छो�त� मH नित्रुशंRलं म�राकारा दै�न> का� (रात� पारा निगरा� ढ़िदैय�॥3॥* Sभ% काहO छो�Oड़�सिस सRलं Sच ड�। सरा हनित का3 त अन त *%ग ख ड�॥उढ़िठा बह�रिरा म�रुनित *%बरा�*�। हततिंह का�निपा त�निह घ�उ न ब�*�॥4॥भ�व�र्थ+:-निrरा उसन� Sभ% श्री� लंक्ष्मण*� पारा नित्रुशंRलं छो�ड़�। अनन्त (श्री� लंक्ष्मण*�) न� ब�ण म�राकारा उसका� दै� ट%काड़� कारा ढ़िदैए। हन%म�न- *� औरा य%वरा�* अ गदै निrरा उठाकारा क्र�( काराका� उस� म�रान� लंग�, उस� च�ट न लंग�॥4॥* निrरा� ब�रा रिरापा% मराइ न म�रा�। तब (�व� कारिरा घ�रा सिचका�रा�॥आवत दै�खिख का% रा� *न% का�लं�। लंसिछोमन छो�ड़� निबसिसख कारा�लं�॥5॥भ�व�र्थ+:-शंत्रु% (म�घन�दै) म�रा� नहe मरात�, यह दै�खकारा *ब व�रा लंUट�, तब वह घ�रा सिचग्घ�ड़ काराका� दैUड़�। उस� क्र% � का�लं काC तराह आत� दै�खकारा लंक्ष्मण*� न� भय�नका ब�ण छो�ड़�॥5॥* दै�ख�सिस आवत पानिब सम ब�न�। त%रात भयउ खलं अ तरा(�न�॥निबनिब( ब�ष (रिरा काराइ लंरा�ई। काबहुOका Sगट काबहुO दुरिरा *�ई॥6॥भ�व�र्थ+:- वज्र का� सम�न ब�ण> का� आत� दै�खकारा वह दुष्टों त%रा त अ त(�+न ह� गय� औरा निrरा भ�Oनित-भ�Oनित का� रूपा (�राण काराका� य%� कारान� लंग�। वह काभ� Sकाट ह�त� र्थ� औरा काभ� सिछोपा *�त� र्थ�॥6॥* दै�खिख अ*य रिरापा% डरापा� काCस�। पाराम क्र% � तब भयउ अह�स�॥लंसिछोमन मन अस म त्रु दृl�व�। ऐनिह पा�निपानिह मM बहुत ख�लं�व�॥7॥भ�व�र्थ+:-शंत्रु% का� पारा�जि*त न ह�त� दै�खकारा व�नरा डरा�। तब सपा+रा�* शं�ष*� (लंक्ष्मण*�) बहुत क्र�धि(त हुए। लंक्ष्मण*� न� मन मH यह निवच�रा दृl निकाय�

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निका इस पा�पा� का� मM बहुत ख�लं� च%का� (अब औरा अधि(का ख�लं�न� अच्छी� नहe, अब त� इस� सम�प्त ह� कारा दै�न� च�निहए।)॥7॥* स%धिमरिरा का�सलं�(�स Sत�पा�। सरा स (�न काCन्ह कारिरा दै�पा�॥छो�ड़� ब�न म�झ उरा लं�ग�। मरात� ब�रा कापाट% सब त्य�ग�॥8॥भ�व�र्थ+:- का�सलंपानित श्री� रा�म*� का� Sत�पा का� स्मराण काराका� लंक्ष्मण*� न� व�रा�सिचत दैपा+ काराका� ब�ण का� स (�न निकाय�। ब�ण छो�ड़त� ह� उसकाC छो�त� का� ब�च मH लंग�। मरात� समय उसन� सब कापाट त्य�ग ढ़िदैय�॥8॥दै�ह� :* रा�म�न%* काहO रा�म% काहO अस कानिह छो�Oड़�सिस S�न।(न्य (न्य तव *नन� काह अ गदै हन%म�न॥76॥भ�व�र्थ+:- रा�म का� छो�ट� भ�ई लंक्ष्मण काह�O हM? रा�म काह�O हM? ऐस� काहकारा उसन� S�ण छो�ड़ ढ़िदैए। अ गदै औरा हन%म�न काहन� लंग�- त�रा� म�त� (न्य ह5, (न्य ह5 (*� तR लंक्ष्मण*� का� ह�र्थ> मरा� औरा मरात� समय श्री� रा�म-लंक्ष्मण का� स्मराण काराका� तRन� उनका� न�म> का� उच्चे�राण निकाय�।)॥76॥चUपा�ई :* निबन% Sय�स हन%म�न उठा�य�। लं का� द्वा�रा रा�खिख पा%निन आय�॥त�स% मरान स%निन स%रा ग (ब�+। चढ़िl निबम�न आए नभ सब�+॥1॥भ�व�र्थ+:- हन%म�न- *� न� उसका� निबन� ह� पारिराश्रीम का� उठा� सिलंय� औरा लं का� का� दैराव�*� पारा राखकारा व� लंUट आए। उसका� मरान� स%नकारा दै�वत� औरा ग (व+ आढ़िदै सब निवम�न> पारा चlकारा आका�शं मH आए॥1॥* बरानिष स%मन दु दुभe ब*�वतिंह । श्री�राघ%न�र्थ निबमलं *स% ग�वतिंह ॥*य अन त *य *गदै�(�रा�। त%म्ह Sभ% सब दै�वखिन्ह निनस्त�रा�॥2॥भ�व�र्थ+:- व� rR लं बरास�कारा नग�ड़� ब*�त� हM औरा श्री� राघ%न�र्थ*� का� निनम+लं यशं ग�त� हM। ह� अनन्त! आपाकाC *य ह�, ह� *गदै�(�रा! आपाकाC *य ह�। ह� Sभ�! आपान� सब दै�वत�ओं का� (मह�न- निवपाभित्ते स�) उ��रा निकाय�॥2॥* अस्त%नित कारिरा स%रा सिस� सिस(�ए। लंसिछोमन का3 पा�सिंस (% पातिंह आए॥स%त ब( स%न� दैस�नन *बहe। म%रुसिछोत भयउ पारा�उ मनिह तबहe॥3॥

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भ�व�र्थ+:-दै�वत� औरा सिस� स्त%नित काराका� चलं� गए, तब लंक्ष्मण*� का3 पा� का� सम%द्रं श्री� रा�म*� का� पा�स आए। रा�वण न� ज्य> ह� पा%त्रुव( का� सम�च�रा स%न�, त्य> ह� वह मRर्च्छिच्छी त ह�कारा पा3थ्व� पारा निगरा पाड़�॥3॥* म दै�दैरा� रुदैन कारा भ�रा�। उरा त�ड़न बहु भ�Oनित पा%का�रा�॥रानगरा लं�ग सब ब्य�का% लं स�च�। सकालं काहतिंह दैसका (रा पा�च�॥4॥भ�व�र्थ+:-म दै�दैरा� छो�त� पा�ट-पा�टकारा औरा बहुत Sका�रा स� पा%का�रा-पा%का�राकारा बड़� भ�रा� निवलं�पा कारान� लंग�। नगरा का� सब लं�ग शं�का स� व्यं�का% लं ह� गए। सभ� रा�वण का� न�च काहन� लंग�॥4॥दै�ह� :* तब दैसका ठा निबनिबधि( निबधि( सम%झ�ईं सब न�रिरा।नस्वरा रूपा *गत सब दै�खहु हृदैयO निबच�रिरा॥77॥भ�व�र्थ+:- तब रा�वण न� सब स्त्रिस्त्रुय> का� अन�का> Sका�रा स� समझ�य� निका समस्त *गत- का� यह (दृश्य)रूपा न�शंव�न- ह5, हृदैय मH निवच�राकारा दै�ख�॥77॥चUपा�ई :* नितन्हनिह ग्य�न उपादै�स� रा�वन। आपा%न म दै कार्थ� स%भ पा�वन॥पारा उपादै�स का% सलं बहुत�रा�। *� आचरातिंह त� नरा न घन�रा�॥1॥भ�व�र्थ+:- रा�वण न� उनका� ज्ञा�न का� उपादै�शं निकाय�। वह स्वय त� न�च ह5, पारा उसकाC कार्थ� (ब�तH) शं%भ औरा पानिवत्रु हM। र्दूसरा> का� उपादै�शं दै�न� मH त� बहुत लं�ग निनपा%ण ह�त� हM। पारा ऐस� लं�ग अधि(का नहe हM, *� उपादै�शं का� अन%स�रा आचराण भ� कारात� हM॥1॥* निनस� सिसरा�निन भयउ भिभन%स�रा�। लंग� भ�लं% कानिपा च�रिराहुO द्वा�रा�॥स%भट ब�लं�इ दैस�नन ब�लं�। रान सन्म%ख *�कारा मन ड�लं�॥2॥भ�व�र्थ+:- रा�त ब�त गई, सब�रा� हुआ। रा�छो-व�नरा (निrरा) च�रा> दैराव�*> पारा *� डट�। य���ओं का� ब%लं�कारा दैशंम%ख रा�वण न� काह�- लंड़�ई मH शंत्रु% का� सम्म%ख मन ड�Oव�ड�लं ह�,॥2॥* स� अबहe बरु *�उ पारा�ई। स *%ग निबम%ख भएO न भलं�ई॥निन* भ%* बलं मM बयरु बl�व�। दै�हउO उतरु *� रिरापा% चढ़िl आव�॥3॥

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भ�व�र्थ+:- अच्छी� ह5 वह अभ� भ�ग *�ए। य%� मH *�कारा निवम%ख ह�न� (भ�गन�) मH भलं�ई नहe ह5। मMन� अपान� भ%*�ओं का� बलं पारा ब5रा बl�य� ह5। *� शंत्रु% चl आय� ह5, उसका� मM (अपान� ह�) उत्तेरा दै� लंROग�॥3॥* अस कानिह मरुत ब�ग रार्थ स�*�। ब�*� सकालं *%झ�ऊँ ब�*�॥चलं� ब�रा सब अत%सिलंत बलं�। *न% काज्जलं का5 आO(� चलं�॥4॥भ�व�र्थ+:-ऐस� काहकारा उसन� पावन का� सम�न त�* चलंन� व�लं� रार्थ स*�य�। स�रा� *%झ�ऊँ (लंड़�ई का� ) ब�*� ब*न� लंग�। सब अत%लंन�य बलंव�न- व�रा ऐस� चलं� म�न� का�*लं काC आO(� चलं� ह�॥4॥दै�ह� :*असग%न अधिमत ह�तिंह त�निह का�लं�। गनइ न भ%* बलं गब+ निबस�लं�॥5॥भ�व�र्थ+:- उस समय अस ख्य अपाशंका% न ह�न� लंग�। पारा अपान� भ%*�ओं का� बलं का� बड़� गव+ ह�न� स� रा�वण उन्हH निगनत� नहe ह5॥5॥छो दै :* अनित गब+ गनइ न सग%न असग%न स्रवतिंह आय%( ह�र्थ त�।भट निगरात रार्थ त� ब�जि* ग* सिचक्कारात भ�*तिंह स�र्थ त�॥ग�म�य ग�( कारा�लं खरा राव स्व�न ब�लंतिंह अनित घन�।*न% का�लंर्दूत उलंRका ब�लंतिंह बचन पाराम भय�वन�॥भ�व�र्थ+:-अत्य त गव+ का� का�राण वह शंका% न-अपाशंका% न का� निवच�रा नहe कारात�। हसिर्थय�रा ह�र्थ> स� निगरा राह� हM। य��� रार्थ स� निगरा पाड़त� हM। घ�ड़�, ह�र्थ� स�र्थ छो�ड़कारा सिचग्घ�ड़त� हुए भ�ग *�त� हM। स्य�रा, ग�(, काUए औरा गदैह� शंब्दै कारा राह� हM। बहुत अधि(का का% त्ते� ब�लं राह� हM। उल्लंR ऐस� अत्य त भय�नका शंब्दै कारा राह� हM, म�न� का�लं का� र्दूत ह>। (म3त्य% का� स दै�स� स%न� राह� ह>)।

रा�वण का� य%� का� सिलंए Sस्था�न औरा श्री� रा�म*� का� निव*यरार्थ तर्थ� व�नरा-रा�क्षस> का� य%�दै�ह� :

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* त�निह निका स पानित सग%न स%भ सपान�हुO मन निबश्री�म।भRत द्रं�ह रात म�हबस रा�म निबम%ख रानित का�म॥78॥भ�व�र्थ+:- *� *�व> का� द्रं�ह मH रात ह5, म�ह का� बस ह� राह� ह5, रा�मनिवम%ख ह5 औरा का�म�सb ह5, उसका� क्य� काभ� स्वप्न मH भ� सम्पभित्ते, शं%भ शंका% न औरा सिचत्ते काC शं� नित ह� सकात� ह5?॥78॥चUपा�ई :* चलं�उ निनस�चरा काटका% अपा�रा�। चत%रा निगन� अन� बहु (�रा�॥निबनिबधि( भ�Oनित ब�हन रार्थ *�न�। निबपा%लं बरान पात�का ध्व* न�न�॥1॥भ�व�र्थ+:- रा�क्षस> काC अपा�रा स�न� चलं�। चत%रा निगण� स�न� काC बहुत स� U ट%काच्छि¼डय�O हM। अन�का> Sका�रा का� व�हन, रार्थ औरा सव�रिराय�O हM तर्थ� बहुत स� रा ग> काC अन�का> पात�का�एO औरा ध्व*�एO हM॥1॥* चलं� मत्ते ग* *Rर्थ घन�रा�। S�निबट *लंदै मरुत *न% S�रा�॥बरान बरान निबरादै5त निनका�य�। समरा सRरा *�नतिंह बहु म�य�॥2॥भ�व�र्थ+:- मतव�लं� ह�सिर्थय> का� बहुत स� झ% ड चलं�। म�न� पावन स� S�रिरात हुए वष�+ ऋत% का� ब�दैलं ह>। रा ग-निबरा ग� ब�न� (�राण कारान� व�लं� व�रा> का� समRह हM, *� य%� मH बड़� शंRराव�रा हM औरा बहुत Sका�रा काC म�य� *�नत� हM॥2॥* अनित निबसिचत्रु ब�निहन� निबरा�*�। ब�रा बस त स�न *न% स�*�॥चलंत काटका ढ़िदैगसिंस (%रा डगहe। छो% भिभत पाय�धि( का% (रा डगमगहe॥3॥भ�व�र्थ+:- अत्य त निवसिचत्रु rU* शं�भिभत ह5। म�न� व�रा वस त न� स�न� स*�ई ह�। स�न� का� चलंन� स� ढ़िदैशं�ओं का� ह�र्थ� निडगन� लंग�, सम%द्रं क्ष%भिभत ह� गए औरा पाव+त डगमग�न� लंग�॥3॥* उठा� रा�न% रानिब गयउ छोपा�ई। मरुत र्थनिकात बस%(� अका% लं�ई॥पानव निनस�न घ�रा राव ब�*तिंह । Sलंय समय का� घन *न% ग�*तिंह ॥4॥भ�व�र्थ+:-इतन� (Rलं उड़� निका सRय+ सिछोपा गए। (निrरा सहस�) पावन रुका गय� औरा पा3थ्व� अका% लं� उठा�। ��लं औरा नग�ड़� भ�षण ध्वनिन स� ब* राह� हM, *5स� Sलंयका�लं का� ब�दैलं गरा* राह� ह>॥4॥* भ�रिरा नrCरिरा ब�* सहन�ई। म�रू रा�ग स%भट स%खदै�ई॥का� हरिरा न�दै ब�रा सब काराहe। निन* निन* बलं पाUरुष उच्चेराहe॥5॥

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भ�व�र्थ+:-भ�रा�, नrCरा� (त%राह�) औरा शंहन�ई मH य���ओं का� स%ख दै�न� व�लं� म�रू रा�ग ब* राह� ह5। सब व�रा सिंस हन�दै कारात� हM औरा अपान�-अपान� बलं पाUरुष का� बख�न कारा राह� हM॥5॥* काहइ दैस�नन स%नहूँ स%भट्ट�। मदै+हु भ�लं% कानिपान्ह का� ठाट्ट�॥ह� म�रिराहउO भRपा द्वाU भ�ई। अस कानिह सन्म%ख rU* राHग�ई॥6॥भ�व�र्थ+:- रा�वण न� काह�- ह� उत्तेम य���ओं! स%न� त%म रा�छो-व�नरा> का� ठाट्ट का� मसलं ड�लं� औरा मM दै�न> रा�*का% म�रा भ�इय> का� म�रूO ग�। ऐस� काहकारा उसन� अपान� स�न� स�मन� चलं�ई॥6॥* यह स%धि( सकालं कानिपान्ह *ब पा�ई। (�ए कारिरा राघ%ब�रा दै�ह�ई॥7॥भ�व�र्थ+:-*ब सब व�नरा> न� यह खबरा पा�ई, तब व� श्री� रा�म काC दुह�ई दै�त� हुए दैUड़�॥7॥छो दै :* (�ए निबस�लं कारा�लं मका+ ट भ�लं% का�लं सम�न त�।म�नहुO सपाच्छी उड़�तिंह भR(रा ब3 दै न�न� ब�न त�॥नख दैसन स5लं मह�द्रुम�य%( सबलं स का न म�नहe।*य रा�म रा�वन मत्ते ग* म3गरा�* स%*स% बख�नहe॥भ�व�र्थ+:- व� निवशं�लं औरा का�लं का� सम�न कारा�लं व�नरा-भ�लंR दैUड़�। म�न� पा ख व�लं� पाव+त> का� समRह उड़ राह� ह>। व� अन�का वण\ का� हM। नख, दै�Oत, पाव+त औरा बड़�-बड़� व3क्ष ह� उनका� हसिर्थय�रा हM। व� बड़� बलंव�न- हM औरा निकास� का� भ� डरा नहe म�नत�। रा�वण रूपा� मतव�लं� ह�र्थ� का� सिलंए सिंस ह रूपा श्री� रा�म*� का� *य-*यका�रा काराका� व� उनका� स% दैरा यशं का� बख�न कारात� हM।दै�ह� :* दुहु ढ़िदैसिस *य *यका�रा कारिरा निन* *�रा� *�निन।भिभरा� ब�रा इत रा�मनिह उत रा�वननिह बख�निन॥79॥भ�व�र्थ+:-दै�न> ओरा का� य��� *य-*यका�रा काराका� अपान�-अपान� *�ड़� *�न (च%न) कारा इ(रा श्री� राघ%न�र्थ*� का� औरा उ(रा रा�वण का� बख�न काराका� पारास्परा भिभड़ गए॥79॥चUपा�ई :* रा�वन% रार्थ� निबरार्थ राघ%ब�रा�। दै�खिख निबभ�षन भयउ अ(�रा�॥

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अधि(का S�नित मन भ� स दै�ह�। ब ढ़िदै चरान काह सनिहत सन�ह�॥1॥भ�व�र्थ+:- रा�वण का� रार्थ पारा औरा श्री� राघ%व�रा का� निबन� रार्थ का� दै�खकारा निवभ�षण अ(�रा ह� गए। S�म अधि(का ह�न� स� उनका� मन मH सन्दै�ह ह� गय� (निका व� निबन� रार्थ का� रा�वण का� का5 स� *�त सकाH ग�)। श्री� रा�म*� का� चराण> काC व दैन� काराका� व� स्न�ह पाRव+का काहन� लंग�॥1॥* न�र्थ न रार्थ ननिह तन पादै त्रु�न�। का� निह निबधि( जि*तब ब�रा बलंव�न�॥स%नहु सख� काह का3 पा�निन(�न�। *�तिंह *य ह�इ स� स्य दैन आन�॥2॥भ�व�र्थ+:-ह� न�र्थ! आपाका� न रार्थ ह5, न तन काC राक्ष� कारान� व�लं� कावच ह5 औरा न *Rत� ह� हM। वह बलंव�न- व�रा रा�वण निकास Sका�रा *�त� *�एग�? का3 पा�निन(�न श्री� रा�म*� न� काह�- ह� सख�! स%न�, जि*सस� *य ह�त� ह5, वह रार्थ र्दूसरा� ह� ह5॥2॥* सUरा* (�रा* त�निह रार्थ च�का�। सत्य स�लं दृl ध्व*� पात�का�॥बलं निबब�का दैम पारानिहत घ�रा�। छोम� का3 पा� समत� रा*% *�रा�॥3॥भ�व�र्थ+:-शंUय+ औरा (5य+ उस रार्थ का� पानिहए हM। सत्य औरा शं�लं (सदै�च�रा) उसकाC म*बRत ध्व*� औरा पात�का� हM। बलं, निवव�का, दैम (इ ढ़िद्रंय> का� वशं मH ह�न�) औरा पारा�पाका�रा- य� च�रा उसका� घ�ड़� हM, *� क्षम�, दैय� औरा समत� रूपा� ड�रा� स� रार्थ मH *�ड़� हुए हM॥3॥* ईस भ*न% स�रार्थ� स%*�न�। निबरानित चम+ स त�ष का3 पा�न�॥दै�न पारास% ब%धि( ससिb Sच ड�। बरा निबग्य�न काढ़िठान का�दै ड�॥4॥भ�व�र्थ+:- ईश्वरा का� भ*न ह� (उस रार्थ का� चलं�न� व�लं�) चत%रा स�रार्थ� ह5। व5रा�ग्य ��लं ह5 औरा स त�ष तलंव�रा ह5। दै�न rरास� ह5, ब%जि� Sचण्ड शंसिb ह5, श्री�ष्ठ निवज्ञा�न काढ़िठान (न%ष ह5॥4॥* अमलं अचलं मन त्रु�न सम�न�। सम *म निनयम सिसलं�म%ख न�न�॥कावच अभ�दै निबS ग%रा पाR*�। एनिह सम निब*य उपा�य न र्दू*�॥5॥भ�व�र्थ+:-निनम+लं (पा�पारानिहत) औरा अचलं (च्छिस्थारा) मन तराकास का� सम�न ह5। शंम (मन का� वशं मH ह�न�), (अतिंह स�ढ़िदै) यम औरा (शंUच�ढ़िदै) निनयम- य� बहुत स� ब�ण हM। ब्र�ह्मण> औरा ग%रु का� पाR*न अभ�द्यो कावच ह5। इसका� सम�न निव*य का� र्दूसरा� उपा�य नहe ह5॥5॥* सख� (म+मय अस रार्थ *�काH । *�तन काहO न कातहुO रिरापा% त�काH ॥6॥

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भ�व�र्थ+:- ह� सख�! ऐस� (म+मय रार्थ जि*सका� ह� उसका� सिलंए *�तन� का� काहe शंत्रु% ह� नहe ह5॥6॥दै�ह� :* मह� अ*य स स�रा रिरापा% *�नित सकाइ स� ब�रा।*�काH अस रार्थ ह�इ दृl स%नहु सख� मनित(�रा॥80 का॥भ�व�र्थ+:- ह� (�राब%जि� व�लं� सख�! स%न�, जि*सका� पा�स ऐस� दृl रार्थ ह�, वह व�रा स स�रा (*न्म-म3त्य%) रूपा� मह�न- दु*+य शंत्रु% का� भ� *�त सकात� ह5 (रा�वण काC त� ब�त ह� क्य� ह5)॥80 (का)॥* स%निन Sभ% बचन निबभ�षन हरानिष गह� पादै का *।एनिह धिमस म�निह उपादै�स�हु रा�म का3 पा� स%ख पा% *॥80 खभ�व�र्थ+:- Sभ% का� वचन स%नकारा निवभ�षण*� न� हर्विष त ह�कारा उनका� चराण कामलं पाकाड़ सिलंए (औरा काह�-) ह� का3 पा� औरा स%ख का� समRह श्री� रा�म*�! आपान� इस� बह�न� म%झ� (मह�न- ) उपादै�शं ढ़िदैय�॥80 (ख)॥* उत पाच�रा दैसका (रा इत अ गदै हन%म�न।लंरात निनस�चरा भ�लं% कानिपा कारिरा निन* निन* Sभ% आन॥80 ग॥भ�व�र्थ+:- उ(रा स� रा�वण लंलंका�रा राह� ह5 औरा इ(रा स� अ गदै औरा हन%म�न- । रा�क्षस औरा रा�छो-व�नरा अपान�-अपान� स्व�म� काC दुह�ई दै�कारा लंड़ राह� हM॥80 (ग)॥चUपा�ई :* स%रा ब्रह्म�ढ़िदै सिस� म%निन न�न�। दै�खत रान नभ चl� निबम�न�॥हमहूँ उम� राह� त�तिंह स ग�। दै�खत रा�म चरिरात रान रा ग�॥1॥भ�व�र्थ+:-ब्रह्म� आढ़िदै दै�वत� औरा अन�का> सिस� तर्थ� म%निन निवम�न> पारा चl� हुए आका�शं स� य%� दै�ख राह� हM। (सिशंव*� काहत� हM-) ह� उम�! मM भ� उस सम�* मH र्थ� औरा श्री� रा�म*� का� राण-रा ग (राण�त्स�ह) काC लं�लं� दै�ख राह� र्थ�॥1॥* स%भट समरा रास दुहु ढ़िदैसिस म�त�। कानिपा *यस�लं रा�म बलं त�त�॥एका एका सन भिभरातिंह पाच�रातिंह । एकान्ह एका मर्दिदै मनिह पा�रातिंह ॥2॥भ�व�र्थ+:-दै�न> ओरा का� य��� राण रास मH मतव�लं� ह� राह� हM। व�नरा> का� श्री� रा�म*� का� बलं ह5, इसस� व� *यशं�लं हM (*�त राह� हM)। एका-र्दूसरा� स� भिभड़त�

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औरा लंलंका�रात� हM औरा एका-र्दूसरा� का� मसलं-मसलंकारा पा3थ्व� पारा ड�लं दै�त� हM॥2॥* म�रातिंह का�टतिंह (रातिंह पाछो�रातिंह । स�स त�रिरा स�सन्ह सन म�रातिंह ॥उदैरा निबदै�रातिंह भ%*� उपा�रातिंह । गनिह पादै अवनिन पाटनिका भट ड�रातिंह ॥3॥भ�व�र्थ+:- व� म�रात�, का�टत�, पाकाड़त� औरा पाछो�ड़ दै�त� हM औरा सिसरा त�ड़कारा उन्हe सिसरा> स� र्दूसरा> का� म�रात� हM। पा�ट r�ड़त� हM, भ%*�एO उख�ड़त� हM औरा य���ओं का� पा5रा पाकाड़कारा पा3थ्व� पारा पाटका दै�त� हM॥3॥* निनसिसचरा भट मनिह ग�ड़तिंह भ�लंR। ऊँपारा ��रिरा दै�तिंह बहु ब�लंR॥ब�रा बलं�म%ख *%� निबरु��। दै�खिखअत निबपा%लं का�लं *न% क्र% ��॥4॥भ�व�र्थ+:- रा�क्षस य���ओं का� भ�लंR पा3थ्व� मH ग�ड़ दै�त� हM औरा ऊँपारा स� बहुत स� ब�लंR ड�लं दै�त� हM। य%� मH शंत्रु%ओं स� निवरु� हुए व�रा व�नरा ऐस� ढ़िदैख�ई पाड़त� हM म�न� बहुत स� क्र�धि(त का�लं ह>॥4॥छो दै :* क्र% �� का3 त� त सम�न कानिपा तन स्रवत स�निनत रा�*हe।मदै+तिंह निनस�चरा काटका भट बलंव त घन जि*धिम ग�*हe॥म�रातिंह चपा�टखिन्ह ड�ढ़िट दै�तन्ह का�ढ़िट लं�तन्ह म�*हe।सिचक्कारातिंह मका+ ट भ�लं% छोलं बलं कारातिंह *�तिंह खलं छोz*हe॥1॥भ�व�र्थ+:- क्र�धि(त हुए का�लं का� सम�न व� व�नरा खRन बहत� हुए शंरा�रा> स� शं�भिभत ह� राह� हM। व� बलंव�न- व�रा रा�क्षस> काC स�न� का� य���ओं का� मसलंत� औरा म�घ काC तराह गरा*त� हM। ड�Oटकारा चपा�ट> स� म�रात�, दै�Oत> स� का�टकारा लं�त> स� पा�स ड�लंत� हM। व�नरा-भ�लंR सिचग्घ�ड़त� औरा ऐस� छोलं-बलं कारात� हM, जि*सस� दुष्टों रा�क्षस नष्टों ह� *�एO॥1॥* (रिरा ग�लं r�रातिंह उरा निबदै�रातिंह गलं अOत�वरिरा म�लंहe।Sह्ला�दैपानित *न% निबनिब( तन% (रिरा समरा अ गन ख�लंहe॥(रु म�रु का�ट% पाछो�रु घ�रा निगरा� गगन मनिह भरिरा राह�।*य रा�म *� त3न त� का% सिलंस कारा का% सिलंस त� कारा त3न सह�॥2॥भ�व�र्थ+:- व� रा�क्षस> का� ग�लं पाकाड़कारा r�ड़ ड�लंत� हM, छो�त� च�रा ड�लंत� हM औरा उनकाC अOतनिड़य�O निनका�लंकारा गलं� मH ड�लं लं�त� हM। व� व�नरा ऐस� ढ़िदैख पाड़त� हM म�न� Sह्ला�दै का� स्व�म� श्री� न3सिंस ह भगव�न- अन�का> शंरा�रा (�राण

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काराका� य%� का� म5दै�न मH क्रCड़� कारा राह� ह>। पाकाड़�, म�रा�, का�ट�, पाछो�ड़� आढ़िदै घ�रा शंब्दै आका�शं औरा पा3थ्व� मH भरा (छो�) गए हM। श्री� रा�मच द्रं*� काC *य ह�, *� सचम%च त3ण स� वज्र औरा वज्र स� त3ण कारा दै�त� हM (निनब+लं का� सबलं औरा सबलं का� निनब+लं कारा दै�त� हM)॥2॥दै�ह� :* निन* दैलं निबचलंत दै�ख�सिस ब�स भ%*�O दैस च�पा।रार्थ चढ़िl चलं�उ दैस�नन निrराहु निrराहु कारिरा दै�पा॥81॥भ�व�र्थ+:-अपान� स�न� का� निवचसिलंत ह�त� हुए दै�ख�, तब ब�स भ%*�ओं मH दैस (न%ष लं�कारा रा�वण रार्थ पारा चlकारा गव+ काराका� 'लंUट�, लंUट�' काहत� हुआ चलं�॥81॥चUपा�ई :* (�यउ पाराम क्र% � दैसका (रा। सन्म%ख चलं� हूँह दै5 ब दैरा॥गनिह कारा पा�दैपा उपालं पाह�रा�। ड�रा�खिन्ह त� पारा एकातिंह ब�रा�॥1॥भ�व�र्थ+:-रा�वण अत्य त क्र�धि(त ह�कारा दैUड़�। व�नरा हुOका�रा कारात� हुए (लंड़न� का� सिलंए) उसका� स�मन� चलं�। उन्ह>न� ह�र्थ> मH व3क्ष, पात्थरा औरा पाह�ड़ लं�कारा रा�वण पारा एका ह� स�र्थ ड�लं�॥1॥* लं�गतिंह स5लं बज्र तन त�सR। ख ड ख ड ह�इ rR टतिंह आसR॥चलं� न अचलं राह� रार्थ रा�पा�। रान दुम+दै रा�वन अनित का�पा�॥2॥भ�व�र्थ+:-पाव+त उसका� वज्रत%ल्य शंरा�रा मH लंगत� ह� त%रा त ट%काड़�-ट%काड़� ह�कारा rR ट *�त� हM। अत्य त क्र�(� राण�न्मत्ते रा�वण रार्थ रा�काकारा अचलं खड़� राह�, (अपान� स्था�न स�) *रा� भ� नहe निहलं�॥2॥* इत उत झपाढ़िट दैपाढ़िट कानिपा *�(�। मदै¬ लं�ग भयउ अनित क्र�(�॥चलं� पारा�इ भ�लं% कानिपा न�न�। त्रु�निह त्रु�निह अ गदै हन%म�न�॥3॥भ�व�र्थ+:-उस� बहुत ह� क्र�( हुआ। वह इ(रा-उ(रा झपाटकारा औरा डपाटकारा व�नरा य���ओं का� मसलंन� लंग�। अन�का> व�नरा-भ�लंR 'ह� अ गदै! ह� हन%म�न- ! राक्ष� कारा�, राक्ष� कारा�' (पा%का�रात� हुए) भ�ग चलं�॥3॥* पा�निह पा�निह राघ%ब�रा ग�स�ईं। यह खलं ख�इ का�लं काC न�ईं॥त�तिंह दै�ख� कानिपा सकालं पारा�न�। दैसहुO च�पा स�यका स (�न�॥4॥

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भ�व�र्थ+:-ह� राघ%व�रा! ह� ग�स�ईं! राक्ष� काCजि*ए, राक्ष� काCजि*ए। यह दुष्टों का�लं काC भ�Oनित हमH ख� राह� ह5। उसन� दै�ख� निका सब व�नरा भ�ग छोR ट�, तब (रा�वण न�) दैस> (न%ष> पारा ब�ण स (�न निकाए॥4॥छो दै :* स (�निन (न% सरा निनकारा छो�ड़�सिस उराग जि*धिम उनिड़ लं�गहe।राह� पाRरिरा सरा (रान� गगन ढ़िदैसिस निबढ़िदैसिस काहO कानिपा भ�गहe॥भय� अनित का�लं�हलं निबकालं कानिपा दैलं भ�लं% ब�लंतिंह आत%रा�।राघ%ब�रा कारुन� सिंस (% आरात ब (% *न राच्छीका हरा�॥भ�व�र्थ+:-उसन� (न%ष पारा सन्धु�न काराका� ब�ण> का� समRह छो�ड़�। व� ब�ण सपा+ काC तराह उड़कारा *� लंगत� र्थ�। पा3थ्व�-आका�शं औरा ढ़िदैशं�-निवढ़िदैशं� सव+त्रु ब�ण भरा राह� हM। व�नरा भ�गH त� काह�O? अत्य त का�लं�हलं मच गय�। व�नरा-भ�लं%ओं काC स�न� व्यं�का% लं ह�कारा आत्ते+ पा%का�रा कारान� लंग�- ह� राघ%व�रा! ह� कारुण�स�गरा! ह� पा�निड़त> का� बन्धु%! ह� स�वका> काC राक्ष� काराका� उनका� दु^ख हरान� व�लं� हरिरा!

लंक्ष्मण-रा�वण य%�दै�ह� :* निन* दैलं निबकालं दै�खिख काढ़िट कासिस निनष ग (न% ह�र्थ।लंसिछोमन चलं� क्र% � ह�इ न�इ रा�म पादै म�र्थ॥82॥भ�व�र्थ+:- अपान� स�न� का� व्यं�का% लं दै�खकारा कामरा मH तराकास कासकारा औरा ह�र्थ मH (न%ष लं�कारा श्री� राघ%न�र्थ*� का� चराण> पारा मस्तका नव�कारा लंक्ष्मण*� क्र�धि(त ह�कारा चलं�॥82॥चUपा�ई :* रा� खलं का� म�रासिस कानिपा भ�लंR। म�निह निबलं�का% त�रा मM का�लंR॥ख�*त राह�उO त�निह स%तघ�त�। आ*% निनपा�नित *%ड़�वउO छो�त�॥1॥भ�व�र्थ+:- (लंक्ष्मण*� न� पा�स *�कारा काह�-) अरा� दुष्टों! व�नरा भ�लं%ओं का� क्य� म�रा राह� ह5? म%झ� दै�ख, मM त�रा� का�लं हूँO। (रा�वण न� काह�-) अरा� म�रा� पा%त्रु

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का� घ�तका! मM त%झ� का� �RO� राह� र्थ�। आ* त%झ� म�राकारा (अपान�) छो�त� ठा ड� कारूO ग�॥1॥* अस कानिह छो�ड़�सिस ब�न Sच ड�। लंसिछोमन निकाए सकालं सत ख ड�॥का�ढ़िटन्ह आय%( रा�वन ड�रा�। नितलं Sव�न कारिरा का�ढ़िट निनव�रा�॥2॥भ�व�र्थ+:- ऐस� काहकारा उसन� Sचण्ड ब�ण छो�ड़�। लंक्ष्मण*� न� सबका� स5काड़> ट%काड़� कारा ड�लं�। रा�वण न� कारा�ड़> अस्त्रु-शंस्त्रु चलं�ए। लंक्ष्मण*� न� उनका� नितलं का� बरा�बरा काराका� का�टकारा हट� ढ़िदैय�॥2॥* पा%निन निन* ब�नन्ह काCन्ह Sह�रा�। स्य दैन% भ जि* स�रार्थ� म�रा�॥सत सत सरा म�रा� दैस भ�लं�। निगरिरा स3 गन्ह *न% Sनिबसतिंह ब्य�लं�॥3॥भ�व�र्थ+:- निrरा अपान� ब�ण> स� (उस पारा) Sह�रा निकाय� औरा (उसका� ) रार्थ का� त�ड़कारा स�रार्थ� का� म�रा ड�लं�। (रा�वण का� ) दैस> मस्तका> मH सU-सU ब�ण म�रा�। व� सिसरा> मH ऐस� पा5ठा गए म�न� पाह�ड़ का� सिशंखरा> मH सपा+ Sव�शं कारा राह� ह>॥3॥* पा%निन स%त सरा म�रा� उरा म�हe। पारा�उ (रानिन तलं स%धि( काछो% न�हe॥उठा� Sबलं पा%निन म%रुछो� *�ग�। छो�निड़सिस ब्रह्म दैzखिन्ह *� स�Oग�॥4॥भ�व�र्थ+:-निrरा सU ब�ण उसकाC छो�त� मH म�रा�। वह पा3थ्व� पारा निगरा पाड़�, उस� का% छो भ� ह�शं न राह�। निrरा मRच्छी�+ छोR टन� पारा वह Sबलं रा�वण उठा� औरा उसन� वह शंसिb चलं�ई *� ब्रह्म�*� न� उस� दैz र्थ�॥4॥छो दै :* स� ब्रह्म दैत्ते Sच ड ससिb अन त उरा लं�ग� सह�।पारा- य� ब�रा निबकालं उठा�व दैसम%ख अत%लं बलं मनिहम� राह�॥ब्रह्म� ड भवन निबरा�* *�काH एका सिसरा जि*धिम रा* कान�।त�निह चह उठा�वन मRl रा�वन *�न नतिंह नित्रुभ%अन (न�॥भ�व�र्थ+:-वह ब्रह्म� काC दैz हुई Sचण्ड शंसिb लंक्ष्मण*� काC ठा�का छो�त� मH लंग�। व�रा लंक्ष्मण*� व्यं�का% लं ह�कारा निगरा पाड़�। तब रा�वण उन्हH उठा�न� लंग�, पारा उसका� अत%सिलंत बलं काC मनिहम� य> ह� राह गई, (व्यंर्थ+ ह� गई, वह उन्हH उठा� न सका�)। जि*नका� एका ह� सिसरा पारा ब्रह्म� ड रूपा� भवन (Rलं का� एका काण का� सम�न निवरा�*त� ह5, उन्हH मRख+ रा�वण उठा�न� च�हत� ह5! वह त�न> भ%वन> का� स्व�म� लंक्ष्मण*� का� नहe *�नत�।

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षष्ठ स�पा�न- रा�वण मRच्छी�+, रा�वण यज्ञा निवध्व स, रा�म-रा�वण य%�दै�ह� :* दै�खिख पावनस%त (�यउ ब�लंत बचन काठा�रा।आवत कानिपानिह हन्य� त�तिंह म%धिष्टों Sह�रा Sघ�रा॥83॥भ�व�र्थ+:- यह दै�खकारा पावनपा%त्रु हन%म�न- *� काठा�रा वचन ब�लंत� हुए दैUड़�। हन%म�न- *� का� आत� ह� रा�वण न� उन पारा अत्य त भय कारा घROस� का� Sह�रा निकाय�॥83॥चUपा�ई:* *�न% ट�निका कानिपा भRधिम न निगरा�। उठा� सOभ�रिरा बहुत रिरास भरा�॥म%ढ़िठाका� एका त�निह कानिपा म�रा�। पारा�उ स5लं *न% बज्र Sह�रा�॥1॥भ�व�र्थ+:- हन%म�न- *� घ%टन� ट�काकारा राह गए, पा3थ्व� पारा निगरा� नहe औरा निrरा क्र�( स� भरा� हुए स भलंकारा उठा� । हन%म�न- *� न� रा�वण का� एका घROस� म�रा�। वह ऐस� निगरा पाड़� *5स� वज्र काC म�रा स� पाव+त निगरा� ह�॥1॥* म%रुछो� ग5 बह�रिरा स� *�ग�। कानिपा बलं निबपा%लं सरा�हन लं�ग�॥धि(ग धि(ग मम पाUरुष धि(ग म�ह�। *� तM जि*अत राह�सिस स%राद्रं�ह�॥2॥भ�व�र्थ+:-मRच्छी�+ भ ग ह�न� पारा निrरा वह *�ग� औरा हन%म�न- *� का� बड़� भ�रा� बलं का� सरा�हन� लंग�। (हन%म�न- *� न� काह�-) म�रा� पाUरुष का� धि(क्का�रा ह5, धि(क्का�रा ह5 औरा म%झ� भ� धि(क्का�रा ह5, *� ह� दै�वद्रं�ह�! तR अब भ� *�त� राह गय�॥2॥* अस कानिह लंसिछोमन काहुO कानिपा ल्य�य�। दै�खिख दैस�नन निबसमय पा�य�॥काह राघ%ब�रा सम%झ% जि*यO भ्र�त�। त%म्ह का3 त� त भच्छीका स%रा त्रु�त�॥3॥भ�व�र्थ+:-ऐस� काहकारा औरा लंक्ष्मण*� का� उठा�कारा हन%म�न- *� श्री� राघ%न�र्थ*� का� पा�स लं� आए। यह दै�खकारा रा�वण का� आश्चय+ हुआ। श्री� राघ%व�रा न� (लंक्ष्मण*� स�) काह�- ह� भ�ई! हृदैय मH समझ�, त%म का�लं का� भ� भक्षका औरा दै�वत�ओं का� राक्षका ह�॥3॥* स%नत बचन उढ़िठा ब5ठा का3 पा�लं�। गई गगन स� सकानित कारा�लं�॥

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पा%निन का�दै ड ब�न गनिह (�ए। रिरापा% सन्म%ख अनित आत%रा आए॥4॥भ�व�र्थ+:-य� वचन स%नत� ह� का3 पा�लं% लंक्ष्मण*� उठा ब5ठा� । वह कारा�लं शंसिb आका�शं का� चलं� गई। लंक्ष्मण*� निrरा (न%ष-ब�ण लं�कारा दैUड़� औरा बड़� शं�घ्रत� स� शंत्रु% का� स�मन� आ पाहुOच�॥4॥छो दै :* आत%रा बह�रिरा निबभ जि* स्य दैन सRत हनित ब्य�का% लं निकाय�।निगरा- य� (रानिन दैसका (रा निबकालंतरा ब�न सत ब�ध्य� निहय�॥स�रार्थ� र्दूसरा घ�सिलं रार्थ त�निह त%रात लं का� लं5 गय�।राघ%ब�रा ब (% Sत�पा पा% * बह�रिरा Sभ% चरानखिन्ह नय�॥भ�व�र्थ+:-निrरा उन्ह>न� बड़� ह� शं�घ्रत� स� रा�वण का� रार्थ का� चRरा-चRरा कारा औरा स�रार्थ� का� म�राकारा उस� (रा�वण का�) व्यं�का% लं कारा ढ़िदैय�। सU ब�ण> स� उसका� हृदैय ब�( ढ़िदैय�, जि*सस� रा�वण अत्य त व्यं�का% लं ह�कारा पा3थ्व� पारा निगरा पाड़�। तब र्दूसरा� स�रार्थ� उस� रार्थ मH ड�लंकारा त%रा त ह� लं का� का� लं� गय�। Sत�पा का� समRह श्री� राघ%व�रा का� भ�ई लंक्ष्मण*� न� निrरा आकारा Sभ% का� चराण> मH Sण�म निकाय�।दै�ह�:* उह�O दैस�नन *�निग कारिरा कारा5 लं�ग काछो% *ग्य।रा�म निबरा�( निब*य चह सठा हठा बस अनित अग्य॥84॥भ�व�र्थ+:- वह�O (लं का� मH) रा�वण मRछो�+ स� *�गकारा का% छो यज्ञा कारान� लंग�। वह मRख+ औरा अत्य त अज्ञा�न� हठावशं श्री� राघ%न�र्थ*� स� निवरा�( काराका� निव*य च�हत� ह5॥84॥चUपा�ई :* इह�O निबभ�षन सब स%धि( पा�ई। सपाढ़िदै *�इ राघ%पानितनिह स%न�ई॥न�र्थ काराइ रा�वन एका *�ग�। सिस� भएO नतिंह मरिरानिह अभ�ग�॥1॥भ�व�र्थ+:-यह�O निवभ�षण*� न� सब खबरा पा�ई औरा त%रा त *�कारा श्री� राघ%न�र्थ*� का� काह स%न�ई निका ह� न�र्थ! रा�वण एका यज्ञा कारा राह� ह5। उसका� सिस� ह�न� पारा वह अभ�ग� सह* ह� नहe मरा�ग�॥1॥* पाठावहु न�र्थ ब�निग भट ब दैरा। कारातिंह निब( स आव दैसका (रा॥S�त ह�त Sभ% स%भट पाठा�ए। हन%मदै�ढ़िदै अ गदै सब (�ए॥2।

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भ�व�र्थ+:- ह� न�र्थ! त%रा त व�नरा य���ओं का� भ�जि*ए, *� यज्ञा का� निवध्व स काराH, जि*सस� रा�वण य%� मH आव�। S�त^का�लं ह�त� ह� Sभ% न� व�रा य���ओं का� भ�*�। हन%म�न- औरा अ गदै आढ़िदै सब (S(�न व�रा) दैUड़�॥2॥* काUत%का काR ढ़िदै चl� कानिपा लं का�। पा5ठा� रा�वन भवन अस का�॥*ग्य कारात *बहe स� दै�ख�। सकालं कानिपान्ह भ� क्र�( निबस�ष�॥3॥भ�व�र्थ+:-व�नरा ख�लं स� ह� काR दैकारा लं का� पारा *� चl� औरा निनभ+य ह�कारा रा�वण का� महलं मH *� घ%स�। ज्य> ह� उसका� यज्ञा कारात� दै�ख�, त्य> ह� सब व�नरा> का� बहुत क्र�( हुआ॥3॥* रान त� निनलं* भ�जि* ग3ह आव�। इह�O आइ बका ध्य�न लंग�व�।अस कानिह अ गदै म�रा� लं�त�। सिचतव न सठा स्व�रार्थ मन रा�त�॥4॥भ�व�र्थ+:- (उन्ह>न� काह�-) अरा� ओ निनलं+ज्ज! राणभRधिम स� घरा भ�ग आय� औरा यह�O आकारा बग%लं� का� स� ध्य�न लंग�कारा ब5ठा� ह5? ऐस� काहकारा अ गदै न� लं�त म�रा�। पारा उसन� इनकाC ओरा दै�ख� भ� नहe, उस दुष्टों का� मन स्व�र्थ+ मH अन%राb र्थ�॥4॥छो दै :* नतिंह सिचतव *ब कारिरा का�पा कानिपा गनिह दैसन लं�तन्ह म�राहe।(रिरा का� स न�रिरा निनका�रिरा ब�ह�रा त�ऽनितदैzन पा%का�राहe॥तब उठा� उ क्र% � का3 त� त सम गनिह चरान ब�नरा ड�राई।एनिह ब�च कानिपान्ह निब( स का3 त मख दै�खिख मन महुO ह�राई॥भ�व�र्थ+:-*ब उसन� नहe दै�ख�, तब व�नरा क्र�( काराका� उस� दै�Oत> स� पाकाड़कारा (का�टन� औरा) लं�त> स� म�रान� लंग�। स्त्रिस्त्रुय> का� ब�लं पाकाड़कारा घरा स� ब�हरा घस�ट लं�ए, व� अत्य त ह� दैzन ह�कारा पा%का�रान� लंगe। तब रा�वण का�लं का� सम�न क्र�धि(त ह�कारा उठा� औरा व�नरा> का� पा5रा पाकाड़कारा पाटकान� लंग�। इस� ब�च मH व�नरा> न� यज्ञा निवध्व स कारा ड�लं�, यह दै�खकारा वह मन मH ह�रान� लंग�। (निनरा�शं ह�न� लंग�)।दै�ह� :* *ग्य निब( सिस का% सलं कानिपा आए राघ%पानित पा�स।चलं�उ निनस�चरा का%- रा� ह�इ त्य�निग जि*वन का5 आस॥85॥

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भ�व�र्थ+:-यज्ञा निवध्व स काराका� सब चत%रा व�नरा राघ%न�र्थ*� का� पा�स आ गए। तब रा�वण *�न� काC आशं छो�ड़कारा क्र�धि(त ह�कारा चलं�॥85॥चUपा�ई :* चलंत ह�तिंह अनित अस%भ भय कारा। ब5ठातिंह ग�( उड़�इ सिसरान्ह पारा॥भयउ का�लंबस का�हु न म�न�। काह�सिस ब*�वहु *%� निनस�न�॥1॥भ�व�र्थ+:- चलंत� समय अत्य त भय कारा अम गलं (अपाशंका% न) ह�न� लंग�। ग�( उड़-उड़कारा उसका� सिसरा> पारा ब5ठान� लंग�, निकान्त% वह का�लं का� वशं र्थ�, इसस� निकास� भ� अपाशंका% न का� नहe म�नत� र्थ�। उसन� काह�- य%� का� ड का� ब*�ओ॥1॥* चलं� तम�चरा अन� अपा�रा�। बहु ग* रार्थ पादै�नित असव�रा�॥Sभ% सन्म%ख (�ए खलं का5 सH। सलंभ समRह अनलं काहO *5सH॥2॥भ�व�र्थ+:-निनशं�चरा> काC अपा�रा स�न� चलं�। उसमH बहुत स� ह�र्थ�, रार्थ, घ%ड़सव�रा औरा पा5दैलं हM। व� दुष्टों Sभ% का� स�मन� का5 स� दैUड़�, *5स� पात ग> का� समRह अखिग्न काC ओरा (*लंन� का� सिलंए) दैUड़त� हM॥।2॥* इह�O दै�वतन्ह अस्त%नित काCन्ह�। दै�रुन निबपानित हमनिह एतिंह दैzन्ह�॥अब *निन रा�म ख�लं�वहु एह�। अनितसय दुखिखत ह�नित ब5दै�ह�॥3॥भ�व�र्थ+:- इ(रा दै�वत�ओं न� स्त%नित काC निका ह� श्री� रा�म*�! इसन� हमका� दै�रुण दु^ख ढ़िदैए हM। अब आपा इस� (अधि(का) न ख�लं�इए। *�नकाC*� बहुत ह� दु^ख� ह� राह� हM॥3॥दै�ह� :* दै�व बचन स%निन Sभ% म%स%का�न�। उढ़िठा राघ%ब�रा स%(�रा� ब�न�॥*ट� *Rट दृl ब�O(H म�र्थ�। स�हतिंह स%मन ब�च निबच ग�र्थ�॥4॥भ�व�र्थ+:-दै�वत�ओं का� वचन स%नकारा Sभ% म%स्का% रा�ए। निrरा श्री� राघ%व�रा न� उठाकारा ब�ण स%(�रा�। मस्तका पारा *ट�ओं का� *Rड़� का� कासकारा ब�O(� हुए हM, उसका� ब�च-ब�च मH पा%ष्पा गROर्थ� हुए शं�भिभत ह� राह� हM॥4॥* अरुन नयन ब�रिरादै तन% स्य�म�। अखिखलं लं�का लं�चन�भिभरा�म�॥काढ़िटतट पारिराकारा कास्य� निनष ग�। कारा का�दै ड काढ़िठान स�रा ग�॥5॥

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भ�व�र्थ+:- लं�लं न�त्रु औरा म�घ का� सम�न श्य�म शंरा�रा व�लं� औरा स पाRण+ लं�का> का� न�त्रु> का� आन दै दै�न� व�लं� हM। Sभ% न� कामरा मH rH ट� तर्थ� तराकास कास सिलंय� औरा ह�र्थ मH काठा�रा शं�ग̧ (न%ष लं� सिलंय�॥5॥छो दै :* स�रा ग कारा स% दैरा निनष ग सिसलं�म%ख�कारा काढ़िट कास्य�।भ%*दै ड पा�न मन�हरा�यत उरा (रा�स%रा पादै लंस्य�॥काह दै�स त%लंस� *बतिंह Sभ% सरा च�पा कारा r� रान लंग�।ब्रह्म� ड ढ़िदैग्ग* कामठा अनिह मनिह सिंस (% भR(रा डगमग�॥भ�व�र्थ+:- Sभ% न� ह�र्थ मH शं�ग̧ (न%ष लं�कारा कामरा मH ब�ण> काC ख�न (अक्षय) स% दैरा तराकास कास सिलंय�। उनका� भ%*दैण्ड पा%ष्टों हM औरा मन�हरा चUड़� छो�त� पारा ब्र�ह्मण (भ3ग%*�) का� चराण का� सिचह्न शं�भिभत ह5। त%लंस�दै�स*� काहत� हM, ज्य> ह� Sभ% (न%ष-ब�ण ह�र्थ मH लं�कारा निrरा�न� लंग�, त्य> ह� ब्रह्म�ण्ड, ढ़िदैशं�ओं का� ह�र्थ�, काच्छीपा, शं�ष*�, पा3थ्व�, सम%द्रं औरा पाव+त सभ� डगमग� उठा� ।दै�ह� :* स�भ� दै�खिख हरानिष स%रा बराषतिंह स%मन अपा�रा।*य *य *य कारुन�निनधि( छोनिब बलं ग%न आग�रा॥86॥भ�व�र्थ+:- (भगव�न- काC) शं�भ� दै�खकारा दै�वत� हर्विष त ह�कारा rR लं> काC अपा�रा वष�+ कारान� लंग� औरा शं�भ�, शंसिb औरा ग%ण> का� (�म कारुण�निन(�न Sभ% काC *य ह�, *य ह�, *य ह� (ऐस� पा%का�रान� लंग�)॥86॥चUपा�ई :* एहe ब�च निनस�चरा अन�। कासमस�त आई अनित घन�॥दै�खिख चलं� सन्म%ख कानिपा भट्ट�। Sलंयका�लं का� *न% घन घट्ट�॥1॥भ�व�र्थ+:-इस� ब�च मH निनशं�चरा> काC अत्य त घन� स�न� कासमस�त� हुई (आपास मH टकारा�त� हुई) आई। उस� दै�खकारा व�नरा य��� इस Sका�रा (उसका� ) स�मन� चलं� *5स� Sलंयका�लं का� ब�दैलं> का� समRह ह>॥1॥* बहु का3 पा�न तराव�रिरा चम कातिंह । *न% दैहO ढ़िदैसिस दै�धिमनe दैम कातिंह ॥ग* रार्थ त%राग सिचका�रा काठा�रा�। ग*+तिंह मनहुO बलं�हका घ�रा�॥2॥

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भ�व�र्थ+:- बहुत स� का3 पा�लं औरा तलंव�राH चमका राह� हM। म�न� दैस> ढ़िदैशं�ओं मH निब*सिलंय�O चमका राह� ह>। ह�र्थ�, रार्थ औरा घ�ड़> का� काठा�रा सिंच ग्घ�ड़ ऐस� लंगत� ह5 म�न� ब�दैलं भय कारा ग*+न कारा राह� ह>॥2॥* कानिपा लं गRरा निबपा%लं नभ छो�ए। मनहुO इ द्रं(न% उए स%ह�ए॥उठाइ (Rरिरा म�नहुO *लं(�रा�। ब�न ब% दै भ5 ब3धिष्टों अपा�रा�॥3॥भ�व�र्थ+:-व�नरा> काC बहुत स� पाROछोH आका�शं मH छो�ई हुई हM। (व� ऐस� शं�भ� दै� राह� हM) म�न� स% दैरा इ द्रं(न%ष उदैय हुए ह>। (Rलं ऐस� उठा राह� ह5 म�न� *लं काC (�रा� ह�। ब�ण रूपा� बROदै> काC अपा�रा व3धिष्टों हुई॥3॥* दुहुO ढ़िदैसिस पाब+त कारातिंह Sह�रा�। बज्रपा�त *न% ब�रातिंह ब�रा�॥राघ%पानित का�निपा ब�न झरिरा लं�ई। घ�यलं भ5 निनसिसचरा सम%दै�ई॥4॥भ�व�र्थ+:-दै�न> ओरा स� य��� पाव+त> का� Sह�रा कारात� हM। म�न� ब�रा ब�रा वज्रपा�त ह� राह� ह�। श्री� राघ%न�र्थ*� न� क्र�( काराका� ब�ण> काC झड़� लंग� दैz, (जि*सस�) रा�क्षस> काC स�न� घ�यलं ह� गई॥4॥* लं�गत ब�न ब�रा सिचक्काराहe। घ%र्मिम घ%र्मिम *हO तहO मनिह पाराहe॥स्रवतिंह स5लं *न% निनझ+रा भ�रा�। स�निनत सरिरा का�दैरा भयका�रा�॥5॥भ�व�र्थ+:- ब�ण लंगत� ह� व�रा च�त्का�रा कारा उठात� हM औरा चक्कारा ख�-ख�कारा *ह�O-तह�O पा3थ्व� पारा निगरा पाड़त� हM। उनका� शंरा�रा स� ऐस� खRन बह राह� ह5 म�न� पाव+त का� भ�रा� झरान> स� *लं बह राह� ह�। इस Sका�रा डरापा�का> का� भय उत्पान्न कारान� व�लं� रुधि(रा काC नदैz बह चलं�॥5॥छो दै :* का�दैरा भय कारा रुधि(रा सरिरात� चलं� पाराम अपा�वन�।दै�उ काR लं दैलं रार्थ रा�त चक्र अबत+ बहनित भय�वन�॥*लं* त% ग* पादैचरा त%राग खरा निबनिब( ब�हन का� गन�।सरा ससिb त�मरा सपा+ च�पा तरा ग चम+ कामठा घन�॥भ�व�र्थ+:- डरापा�का> का� भय उपा*�न� व�लं� अत्य त अपानिवत्रु राb काC नदैz बह चलं�। दै�न> दैलं उसका� दै�न> निकान�रा� हM। रार्थ रा�त ह5 औरा पानिहए भOवरा हM। वह नदैz बहुत भय�वन� बह राह� ह5। ह�र्थ�, पा5दैलं, घ�ड़�, गदैह� तर्थ� अन�का> सव�रिराय�O ह�, जि*नकाC निगनत� काUन कारा�, नदैz का� *लं *न्त% हM। ब�ण, शंसिb औरा त�मरा सपा+ हM, (न%ष तरा गH हM औरा ��लं बहुत स� काछो% व� हM।

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दै�ह� :* ब�रा पारातिंह *न% त�रा तरु मज्ज� बहु बह r� न।का�दैरा दै�खिख डरातिंह तहO स%भटन्ह का� मन च�न॥87॥भ�व�र्थ+:- व�रा पा3थ्व� पारा इस तराह निगरा राह� हM, म�न� नदैz-निकान�रा� का� व3क्ष �ह राह� ह>। बहुत स� मज्ज� बह राह� ह5, वह� r� न ह5। डरापा�का *ह�O इस� दै�खकारा डरात� हM, वह�O उत्तेम य���ओं का� मन मH स%ख ह�त� ह5॥87॥चUपा�ई :* मज्जतिंह भRत निपास�च ब�त�लं�। Sमर्थ मह� झ�टिंट ग कारा�लं�॥का�का का का लं5 भ%*� उड़�हe। एका त� छोzनिन एका लं5 ख�हe॥1॥भ�व�र्थ+:-भRत, निपाशं�च औरा ब�त�लं, बड़�-बड़� झ>ट> व�लं� मह�न- भय कारा झ�टिंट ग औरा Sमर्थ (सिशंवगण) उस नदैz मH स्न�न कारात� हM। काUए औरा च�लं भ%*�एO लं�कारा उड़त� हM औरा एका-र्दूसरा� स� छोzनकारा ख� *�त� हM॥1॥* एका काहतिंह ऐसिसउ स�घ�ई। सठाहु त%म्ह�रा दैरिराद्रं न *�ई॥काहOरात भट घ�यलं तट निगरा�। *हO तहO मनहुO अ(+*लं पारा�॥2॥भ�व�र्थ+:- एका (का�ई) काहत� हM, अरा� मRख\! ऐस� सस्त� (बहुत�यत) ह5, निrरा भ� त%म्ह�रा� दैरिराद्रंत� नहe *�त�? घ�यलं य��� तट पारा पाड़� कारा�ह राह� हM, म�न� *ह�O-तह�O अ(+*लं (व� व्यंसिb *� मरान� का� समय आ(� *लं मH राख� *�त� हM) पाड़� ह>॥2॥* ख5चतिंह ग�( आOत तट भए। *न% ब स� ख�लंत सिचत दैए॥बहु भट बहतिंह चl� खग *�हe। *न% न�वरिरा ख�लंतिंह सरिरा म�हe॥3॥भ�व�र्थ+:- ग�( आOतH खeच राह� हM, म�न� मछोलं� म�रा नदैz तट पारा स� सिचत्ते लंग�ए हुए (ध्य�नस्था ह�कारा) ब स� ख�लं राह� ह> (ब स� स� मछोलं� पाकाड़ राह� ह>)। बहुत स� य��� बह� *� राह� हM औरा पाक्ष� उन पारा चl� चलं� *� राह� हM। म�न� व� नदैz मH न�वरिरा (नUका� क्रCड़�) ख�लं राह� ह>॥3॥* *�निगनिन भरिरा भरिरा खप्पारा स चतिंह । भRनित निपास�च ब(R नभ न चतिंह ॥भट कापा�लं कारात�लं ब*�वतिंह । च�म% ड� न�न� निबधि( ग�वतिंह ॥4॥भ�व�र्थ+:- य�निगनिनय�O खप्पारा> मH भरा-भराकारा खRन *म� कारा राह� हM। भRत-निपाशं�च> काC स्त्रिस्त्रुय�O आका�शं मH न�च राह� हM। च�म%ण्ड�एO य���ओं काC ख�पानिड़य> का� कारात�लं ब*� राह� हM औरा न�न� Sका�रा स� ग� राह� हM॥4॥

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* * ब%का निनकारा काटक्काट काट्टतिंह । ख�तिंह हुआतिंह अघ�तिंह दैपाट्टतिंह ॥का�ढ़िटन्ह रु ड म% ड निबन% ड�ल्लंतिंह । स�स पारा� मनिह *य *य ब�ल्लंतिंह ॥5॥भ�व�र्थ+:- ग�दैड़> का� समRह काट-काट शंब्दै कारात� हुए म%रादै> का� का�टत�, ख�त�, हुआO-हुआO कारात� औरा पा�ट भरा *�न� पारा एका-र्दूसरा� का� ड�Oटत� हM। कारा�ड़> (ड़ निबन� सिसरा का� घRम राह� हM औरा सिसरा पा3थ्व� पारा पाड़� *य-*य ब�लं राह� ह5॥5॥छो दै :* ब�ल्लंतिंह *� *य *य म% ड रु ड Sच ड सिसरा निबन% (�वहe।खप्पारिरान्ह खग्ग अलं%च्छिज्झ *%ज्झतिंह स%भट भटन्ह �ह�वहe॥ब�नरा निनस�चरा निनकारा मदै+तिंह रा�म बलं दैर्विपा त भए।स ग्री�म अ गन स%भट स�वतिंह रा�म सरा निनकाराखिन्ह हए॥भ�व�र्थ+:-म%ण्ड (काट� सिसरा) *य-*य ब�लं ब�लंत� हM औरा Sचण्ड रुण्ड ((ड़) निबन� सिसरा का� दैUड़त� हM। पाक्ष� ख�पानिड़य> मH उलंझ-उलंझकारा पारास्परा लंड़� मरात� हM, उत्तेम य��� र्दूसरा� य���ओं का� �ह� राह� हM। श्री� रा�मच द्रं*� बलं स� दैर्विपा त हुए व�नरा रा�क्षस> का� झ% ड> का� मसलं� ड�लंत� हM। श्री� रा�म*� का� ब�ण समRह> स� मरा� हुए य��� लंड़�ई का� म5दै�न मH स� राह� हM।दै�ह� :* रा�वन हृदैयO निबच�रा� भ� निनसिसचरा स घ�रा।मM अका� लं कानिपा भ�लं% बहु म�य� कारा� अपा�रा॥88॥भ�व�र्थ+:- रा�वण न� हृदैय मH निवच�रा� निका रा�क्षस> का� न�शं ह� गय� ह5। मM अका� लं� हूँO औरा व�नरा-भ�लंR बहुत हM, इससिलंए मM अब अपा�रा म�य� राचRO॥88॥

इ द्रं का� श्री� रा�म*� का� सिलंए रार्थ भ�*न�, रा�म-रा�वण य%�चUपा�ई :* दै�वन्ह Sभ%निह पाय�दैH दै�ख�। उपा*� उरा अनित छो�भ निबस�ष�॥स%रापानित निन* रार्थ त%रात पाठा�व�। हराष सनिहत म�तसिलं लं5 आव�॥1॥

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भ�व�र्थ+:- दै�वत�ओं न� Sभ% का� पा5दैलं (निबन� सव�रा� का� य%� कारात�) दै�ख�, त� उनका� हृदैय मH बड़� भ�रा� क्ष�भ (दु^ख) उत्पान्न हुआ। (निrरा क्य� र्थ�) इ द्रं न� त%रा त अपान� रार्थ भ�* ढ़िदैय�। (उसका� स�रार्थ�) म�तसिलं हष+ का� स�र्थ उस� लं� आय�॥1॥* त�* पा% * रार्थ ढ़िदैब्य अनRपा�। हरानिष चl� का�सलंपा%रा भRपा�॥च चलं त%राग मन�हरा च�रा�। अ*रा अमरा मन सम गनितका�रा�॥2॥भ�व�र्थ+:- उस ढ़िदैव्यं अन%पाम औरा त�* का� पा% * (त�*�मय) रार्थ पारा का�सलंपा%रा� का� रा�*� श्री� रा�मच द्रं*� हर्विष त ह�कारा चl�। उसमH च�रा च चलं, मन�हरा, अ*रा, अमरा औरा मन काC गनित का� सम�न शं�घ्र चलंन� व�लं� (दै�वलं�का का� ) घ�ड़� *%त� र्थ�॥2॥* रार्थ�रूl राघ%न�र्थनिह दै�ख�। (�ए कानिपा बलं% पा�इ निबस�ष�॥सह� न *�इ कानिपान्ह का5 म�रा�। तब रा�वन म�य� निबस्त�रा�॥3॥भ�व�र्थ+:-श्री� राघ%न�र्थ*� का� रार्थ पारा चl� दै�खकारा व�नरा निवशं�ष बलं पा�कारा दैUड़�। व�नरा> काC म�रा सह� नहe *�त�। तब रा�वण न� म�य� r5 लं�ई॥3॥* स� म�य� राघ%ब�रानिह ब�Oच�। लंसिछोमन कानिपान्ह स� म�न� स�Oच�॥दै�ख� कानिपान्ह निनस�चरा अन�। अन%* सनिहत बहु का�सलं(न�॥4॥भ�व�र्थ+:-एका श्री� राघ%व�रा का� ह� वह म�य� नहe लंग�। सब व�नरा> न� औरा लंक्ष्मण*� न� भ� उस म�य� का� सच म�न सिलंय�। व�नरा> न� रा�क्षस� स�न� मH भ�ई लंक्ष्मण*� सनिहत बहुत स� रा�म> का� दै�ख�॥4॥छो दै :* बहु रा�म लंसिछोमन दै�खिख मका+ ट भ�लं% मन अनित अपाडरा�।*न% सिचत्रु सिलंखिखत सम�त लंसिछोमन *हO स� तहO सिचतवतिंह खरा�॥निन* स�न चनिकात निबलं�निका हOसिस सरा च�पा सजि* का�सलं(न�।म�य� हरा� हरिरा निनधिमष महुO हराष� सकालं मका+ ट अन�॥भ�व�र्थ+:-बहुत स� रा�म-लंक्ष्मण दै�खकारा व�नरा-भ�लंR मन मH धिमथ्य� डरा स� बहुत ह� डरा गए। लंक्ष्मण*� सनिहत व� म�न� सिचत्रु सिलंख� स� *ह�O का� तह�O खड़� दै�खन� लंग�। अपान� स�न� का� आश्चय+चनिकात दै�खकारा का�सलंपानित भगव�न- हरिरा (दु^ख> का� हरान� व�लं� श्री� रा�म*�) न� हOसकारा (न%ष पारा ब�ण

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चl�कारा, पालं भरा मH स�रा� म�य� हरा लं�। व�नरा> काC स�रा� स�न� हर्विष त ह� गई।दै�ह� :* बहुरिरा रा�म सब तन सिचतइ ब�लं� बचन गOभ�रा।द्वा दै*%� दै�खहु सकालं श्रीधिमत भए अनित ब�रा॥89॥भ�व�र्थ+:-निrरा श्री� रा�म*� सबकाC ओरा दै�खकारा ग भ�रा वचन ब�लं�- ह� व�रा>! त%म सब बहुत ह� र्थका गए ह�, इससिलंए अब (म�रा� औरा रा�वण का�) द्वा द्वा य%� दै�ख�॥89॥चUपा�ई :* अस कानिह रार्थ राघ%न�र्थ चलं�व�। निबS चरान पा का* सिसरु न�व�॥तब लं का� स क्र�( उरा छो�व�। ग*+त त*+त सम्म%ख (�व�॥1॥भ�व�र्थ+:- ऐस� काहकारा श्री� राघ%न�र्थ*� न� ब्र�ह्मण> का� चराणकामलं> मH सिसरा नव�य� औरा निrरा रार्थ चलं�य�। तब रा�वण का� हृदैय मH क्र�( छो� गय� औरा वह गरा*त� तर्थ� लंलंका�रात� हुआ स�मन� दैUड़�॥1॥* *�त�हु *� भट स *%ग म�हe। स%न% त�पास मM नितन्ह सम न�हe॥रा�वन न�म *गत *स *�न�। लं�कापा *�काH ब दैzख�न�॥2॥भ�व�र्थ+:-(उसन� काह�-) अरा� तपास्व�! स%न�, त%मन� य%� मH जि*न य���ओं का� *�त� ह5, मM उनका� सम�न नहe हूँO। म�रा� न�म रा�वण ह5, म�रा� यशं स�रा� *गत- *�नत� ह5, लं�कापा�लं तका जि*सका� का5 दै ख�न� मH पाड़� हM॥2॥* खरा र्दूषन निबरा�( त%म्ह म�रा�। ब(�हु ब्य�( इव ब�सिलं निबच�रा�॥निनसिसचरा निनकारा स%भट स घ�रा�हु। का% भकारान घनन�दैनिह म�रा�हु॥3॥भ�व�र्थ+:- त%मन� खरा, र्दूषण औरा निवरा�( का� म�रा�! ब�च�रा� ब�सिलं का� व्यं�( काC तराह व( निकाय�। बड़�-बड़� रा�क्षस य���ओं का� समRह का� स ह�रा निकाय� औरा का% भकाण+ तर्थ� म�घन�दै का� भ� म�रा�॥3॥* आ*% बयरु सब% लं�उO निनब�ह�। *� रान भRपा भ�जि* नतिंह *�ह�॥आ*% काराउO खलं% का�लं हव�लं�। पारा�हु काढ़िठान रा�वन का� पा�लं�॥4॥भ�व�र्थ+:-अरा� रा�*�! यढ़िदै त%म राण स� भ�ग न गए त� आ* मM (वह) स�रा� व5रा निनका�लं लंROग�। आ* मM त%म्हH निनश्चय ह� का�लं का� हव�लं� कारा र्दूOग�। त%म काढ़िठान रा�वण का� पा�लं� पाड़� ह�॥4॥

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* स%निन दुब+चन का�लंबस *�न�। निबहOसिस बचन काह का3 पा�निन(�न�॥सत्य सत्य सब तव Sभ%त�ई। *ल्पासिस *निन दै�ख�उ मन%स�ई॥5॥भ�व�र्थ+:- रा�वण का� दुव+चन स%नकारा औरा उस� का�लंवशं *�न का3 पा�निन(�न श्री� रा�म*� न� हOसकारा यह वचन काह�- त%म्ह�रा� स�रा� Sभ%त�, *5स� त%म काहत� ह�, निबल्का% लं सच ह5। पारा अब व्यंर्थ+ बकाव�दै न कारा�, अपान� पा%रुष�र्थ+ ढ़िदैखलं�ओ॥5॥छो दै :* *निन *ल्पान� कारिरा स%*स% न�सनिह न�नित स%ननिह कारानिह छोम�।स स�रा महO पाRरुष नित्रुनिब( पा�टलं रास�लं पानस सम�॥एका स%मनSदै एका स%मन rलं एका rलंइ का� वलं लं�गहe।एका काहतिंह काहतिंह कारातिंह अपारा एका कारातिंह काहत न ब�गहe॥भ�व�र्थ+:-व्यंर्थ+ बकाव�दै काराका� अपान� स% दैरा यशं का� न�शं न कारा�। क्षम� कारान�, त%म्हH न�नित स%न�त� हूँO, स%न�! स स�रा मH त�न Sका�रा का� पा%रुष ह�त� हM- पा�टलं (ग%लं�ब), आम औरा काटहलं का� सम�न। एका (पा�टलं) rR लं दै�त� हM, एका (आम) rR लं औरा rलं दै�न> दै�त� हM एका (काटहलं) मH का� वलं rलं ह� लंगत� हM। इस� Sका�रा (पा%रुष> मH) एका काहत� हM (कारात� नहe), र्दूसरा� काहत� औरा कारात� भ� हM औरा एका (त�सरा�) का� वलं कारात� हM, पारा व�ण� स� काहत� नहe॥दै�ह� :* रा�म बचन स%निन निबहOस� म�निह सिसख�वत ग्य�न।बयरु कारात नतिंह तब डरा� अब लं�ग� निSय S�न॥90॥भ�व�र्थ+:-श्री� रा�म*� का� वचन स%नकारा वह खRब हOस� (औरा ब�लं�-) म%झ� ज्ञा�न सिसख�त� ह�? उस समय व5रा कारात� त� नहe डरा�, अब S�ण प्य�रा� लंग राह� हM॥90॥चUपा�ई :*कानिह दुब+चन क्र% � दैसका (रा। का% सिलंस सम�न लं�ग छो�Oड़5 सरा॥॥न�न�का�रा सिसलं�म%ख (�ए। ढ़िदैसिस अरु निबढ़िदैसिस गगन मनिह छो�ए॥1॥

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भ�व�र्थ+:- दुव+चन काहकारा रा�वण क्र% � ह�कारा वज्र का� सम�न ब�ण छो�ड़न� लंग�। अन�का> आका�रा का� ब�ण दैUड़� औरा ढ़िदैशं�, निवढ़िदैशं� तर्थ� आका�शं औरा पा3थ्व� मH, सब *गह छो� गए॥1॥*पा�वका सरा छो�Oड़�उ राघ%ब�रा�। छोन महुO *रा� निनस�चरा त�रा�॥छो�निड़सिस त�ब्र ससिb खिखसिसआई। ब�न स ग Sभ% r� रिरा चलं�ई॥2॥भ�व�र्थ+:-श्री� राघ%व�रा न� अखिग्नब�ण छो�ड़�, (जि*सस�) रा�वण का� सब ब�ण क्षणभरा मH भस्म ह� गए। तब उसन� खिखसिसय�कारा त�क्ष्ण शंसिb छो�ड़�, (निकान्त%) श्री� रा�मच द्रं*� न� उसका� ब�ण का� स�र्थ व�पास भ�* ढ़िदैय�॥2॥* का�ढ़िटन्ह चक्र नित्रुसRलं पाब�रा5। निबन% Sय�स Sभ% का�ढ़िट निनव�रा5॥निनrलं ह�तिंह रा�वन सरा का5 सH। खलं का� सकालं मन�रार्थ *5सH॥3॥भ�व�र्थ+:- वह कारा�ड़> चक्र औरा नित्रुशंRलं चलं�त� ह5, पारान्त% Sभ% उन्हH निबन� ह� पारिराश्रीम का�टकारा हट� दै�त� हM। रा�वण का� ब�ण निकास Sका�रा निनष्rलं ह�त� हM, *5स� दुष्टों मन%ष्य का� सब मन�रार्थ!॥3॥* तब सत ब�न स�रार्थ� म�रा�सिस। पारा�उ भRधिम *य रा�म पा%का�रा�सिस॥रा�म का3 पा� कारिरा सRत उठा�व�। तब Sभ% पाराम क्र�( काहुO पा�व�॥4॥भ�व�र्थ+:-तब उसन� श्री� रा�म*� का� स�रार्थ� का� सU ब�ण म�रा�। वह श्री� रा�म*� काC *य पा%का�राकारा पा3थ्व� पारा निगरा पाड़�। श्री� रा�म*� न� का3 पा� काराका� स�रार्थ� का� उठा�य�। तब Sभ% अत्य त क्र�( का� S�प्त हुए॥4॥छो दै :* भए क्र% � *%� निबरु� राघ%पानित त्रु�न स�यका कासमस�।का�दै ड (%निन अनित च ड स%निन मन%*�दै सब म�रुत ग्रीस�॥म दै�दैरा� उरा का पा का पानित कामठा भR भR(रा त्रुस�।सिचक्कारातिंह ढ़िदैग्ग* दैसन गनिह मनिह दै�खिख काUत%का स%रा हOस�॥भ�व�र्थ+:- य%� मH शंत्रु% का� निवरु� श्री� राघ%न�र्थ*� क्र�धि(त हुए, तब तराकास मH ब�ण कासमस�न� लंग� (ब�हरा निनकालंन� का� आत%रा ह�न� लंग�)। उनका� (न%ष का� अत्य त Sचण्ड शंब्दै (ट का�रा) स%नकारा मन%ष्यभक्ष� सब रा�क्षस व�तग्रीस्त ह� गए (अत्य त भयभ�त ह� गए)। म दै�दैरा� का� हृदैय का�Oपा उठा�, सम%द्रं, काच्छीपा, पा3थ्व� औरा पाव+त डरा गए। ढ़िदैशं�ओं का� ह�र्थ� पा3थ्व� का� दै�Oत> स� पाकाड़कारा सिचग्घ�ड़न� लंग�। यह काUत%का दै�खकारा दै�वत� हOस�।

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दै�ह� :* त�न�उ च�पा श्रीवन लंनिग छो�Oड़� निबसिसख कारा�लं।रा�म म�रागन गन चलं� लंहलंह�त *न% ब्य�लं॥91॥भ�व�र्थ+:- (न%ष का� का�न तका त�नकारा श्री� रा�मच द्रं*� न� भय�नका ब�ण छो�ड़�। श्री� रा�म*� का� ब�ण समRह ऐस� चलं� म�न� सपा+ लंहलंह�त� (लंहरा�त�) हुए *� राह� ह>॥91॥चUपा�ई :* चलं� ब�न सपाच्छी *न% उराग�। Sर्थमतिंह हत�उ स�रार्थ� त%राग�॥रार्थ निबभ जि* हनित का� त% पात�का�। ग*�+ अनित अ तरा बलं र्थ�का�॥1॥भ�व�र्थ+:-ब�ण ऐस� चलं� म�न� पा ख व�लं� सपा+ उड़ राह� ह>। उन्ह>न� पाहलं� स�रार्थ� औरा घ�ड़> का� म�रा ड�लं�। निrरा रार्थ का� चRरा-चRरा काराका� ध्व*� औरा पात�का�ओं का� निगरा� ढ़िदैय�। तब रा�वण बड़� *�रा स� गरा*�, पारा भ�तरा स� उसका� बलं र्थका गय� र्थ�॥1॥* त%रात आन रार्थ चढ़िl खिखसिसआन�। अस्त्रु सस्त्रु छो�Oड़�सिस निबधि( न�न�॥निबrलं ह�तिंह सब उद्योम त�का� । जि*धिम पाराद्रं�ह निनरात मनस� का� ॥2॥भ�व�र्थ+:-त%रा त र्दूसरा� रार्थ पारा चlकारा खिखसिसय�कारा उसन� न�न� Sका�रा का� अस्त्रु-शंस्त्रु छो�ड़�। उसका� सब उद्यो�ग व5स� ह� निनष्rलं ह� गए, *5स� पाराद्रं�ह मH लंग� हुए सिचत्ते व�लं� मन%ष्य का� ह�त� हM॥2॥* तब रा�वन दैस सRलं चलं�व�। ब�जि* च�रिरा मनिह म�रिरा निगरा�व�॥त%राग उठा�इ का�निपा राघ%न�यका। खMसिच सरा�सन छो�Oड़� स�यका॥3॥भ�व�र्थ+:-तब रा�वण न� दैस नित्रुशंRलं चलं�ए औरा श्री� रा�म*� का� च�रा> घ�ड़> का� म�राकारा पा3थ्व� पारा निगरा� ढ़िदैय�। घ�ड़> का� उठा�कारा श्री� राघ%न�र्थ*� न� क्र�( काराका� (न%ष खeचकारा ब�ण छो�ड़�॥3॥* रा�वन सिसरा सरा�* बनच�रा�। चसिलं राघ%ब�रा सिसलं�म%ख (�रा�॥दैस दैस ब�न भ�लं दैस म�रा�। निनसरिरा गए चलं� रुधि(रा पान�रा�॥4॥भ�व�र्थ+:-रा�वण का� सिसरा रूपा� कामलं वन मH निवचराण कारान� व�लं� श्री� राघ%व�रा का� ब�ण रूपा� भ्रमरा> काC पा सिb चलं�। श्री� रा�मच द्रं*� न� उसका� दैस> सिसरा> मH दैस-दैस ब�ण म�रा�, *� आरा-पा�रा ह� गए औरा सिसरा> स� राb का� पान�लं� बह चलं�॥4॥

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* स्रवत रुधि(रा (�यउ बलंव�न�। Sभ% पा%निन का3 त (न% सरा स (�न�॥त�स त�रा राघ%ब�रा पाब�रा�। भ%*खिन्ह सम�त स�स मनिह पा�रा�॥5॥भ�व�र्थ+:-रुधि(रा बहत� हुए ह� बलंव�न- रा�वण दैUड़�। Sभ% न� निrरा (न%ष पारा ब�ण स (�न निकाय�। श्री� राघ%व�रा न� त�स ब�ण म�रा� औरा ब�स> भ%*�ओं सम�त दैस> सिसरा का�टकारा पा3थ्व� पारा निगरा� ढ़िदैए॥5॥* का�टतहe पा%निन भए नब�न�। रा�म बह�रिरा भ%*� सिसरा छोzन�॥Sभ% बहु ब�रा ब�हु सिसरा हए। काटत झढ़िटनित पा%निन नRतन भए॥6॥भ�व�र्थ+:- (सिसरा औरा ह�र्थ) का�टत� ह� निrरा नए ह� गए। श्री� रा�म*� न� निrरा भ%*�ओं औरा सिसरा> का� का�ट निगरा�य�। इस तराह Sभ% न� बहुत ब�रा भ%*�एO औरा सिसरा का�ट�, पारान्त% का�टत� ह� व� त%रा त निrरा नए ह� गए॥6॥* पा%निन पा%निन Sभ% का�टत भ%* स�स�। अनित काUत%काC का�सलं�(�स�॥राह� छो�इ नभ सिसरा अरु ब�हूँ। म�नहुO अधिमत का� त% अरु रा�हूँ॥7॥भ�व�र्थ+:-Sभ% ब�रा-ब�रा उसकाC भ%*� औरा सिसरा> का� का�ट राह� हM, क्य>निका का�सलंपानित श्री� रा�म*� बड़� काUत%काC हM। आका�शं मH सिसरा औरा ब�हु ऐस� छो� गए हM, म�न� अस ख्य का� त% औरा रा�हु ह>॥7॥छो दै :* *न% रा�हु का� त% अन�का नभ पार्थ स्रवत स�निनत (�वहe।राघ%ब�रा त�रा Sच ड लं�गतिंह भRधिम निगरात न पा�वहe॥एका एका सरा सिसरा निनकारा छो�दै� नभ उड़त इधिम स�हहe।*न% का�निपा ढ़िदैनकारा कारा निनकारा *हO तहO निब(% त%दै पा�हहe॥भ�व�र्थ+:-म�न� अन�का> रा�हु औरा का� त% रुधि(रा बह�त� हुए आका�शं म�ग+ स� दैUड़ राह� ह>। श्री� राघ%व�रा का� Sचण्ड ब�ण> का� (ब�रा-ब�रा) लंगन� स� व� पा3थ्व� पारा निगरान� नहe पा�त�। एका-एका ब�ण स� समRह का� समRह सिसरा सिछोदै� हुए आका�शं मH उड़त� ऐस� शं�भ� दै� राह� हM म�न� सRय+ काC निकाराणH क्र�( काराका� *ह�O-तह�O रा�हुओं का� निपारा� राह� ह>।दै�ह� :* जि*धिम जि*धिम Sभ% हरा त�स% सिसरा नितधिम ह�तिंह अपा�रा।स�वत निबषय निबब(+ जि*धिम निनत निनत नRतन म�रा॥92॥

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भ�व�र्थ+:- *5स�-*5स� Sभ% उसका� सिसरा> का� का�टत� हM, व5स� ह� व5स� व� अपा�रा ह�त� *�त� हM। *5स� निवषय> का� स�वन कारान� स� का�म (उन्हH भ�गन� काC इच्छी�) ढ़िदैन-Sनितढ़िदैन नय�-नय� बlत� *�त� ह5॥92॥चUपा�ई :* दैसम%ख दै�खिख सिसरान्ह का5 ब�lz। निबसरा� मरान भई रिरास ग�lz॥ग*ªउ मRl मह� अभिभम�न�। (�यउ दैसहु सरा�सन त�न�॥1॥भ�व�र्थ+:- सिसरा> काC ब�l दै�खकारा रा�वण का� अपान� मराण भRलं गय� औरा बड़� गहरा� क्र�( हुआ। वह मह�न- अभिभम�न� मRख+ गरा*� औरा दैस> (न%ष> का� त�नकारा दैUड़�॥1॥* समरा भRधिम दैसका (रा का�प्य�। बरानिष ब�न राघ%पानित रार्थ त�प्य�॥दै ड एका रार्थ दै�खिख न पारा�उ। *न% निनह�रा महुO ढ़िदैनकारा दुरा�ऊँ॥2॥भ�व�र्थ+:-राणभRधिम मH रा�वण न� क्र�( निकाय� औरा ब�ण बरास�कारा श्री� राघ%न�र्थ*� का� रार्थ का� �Oका ढ़िदैय�। एका दैण्ड (घड़�) तका रार्थ ढ़िदैखलं�ई न पाड़�, म�न� का% हरा� मH सRय+ सिछोपा गय� ह�॥2॥* ह�ह�का�रा स%रान्ह *ब काCन्ह�। तब Sभ% का�निपा का�राम%का लं�न्ह�॥सरा निनव�रिरा रिरापा% का� सिसरा का�ट�। त� ढ़िदैसिस निबढ़िदैसिस गगन मनिह पा�ट�॥3॥भ�व�र्थ+:- *ब दै�वत�ओं न� ह�ह�का�रा निकाय�, तब Sभ% न� क्र�( काराका� (न%ष उठा�य� औरा शंत्रु% का� ब�ण> का� हट�कारा उन्ह>न� शंत्रु% का� सिसरा का�ट� औरा उनस� ढ़िदैशं�, निवढ़िदैशं�, आका�शं औरा पा3थ्व� सबका� पा�ट ढ़िदैय�॥3॥* का�ट� सिसरा नभ म�राग (�वतिंह । *य *य (%निन कारिरा भय उपा*�वतिंह ॥काहO लंसिछोमन स%ग्री�व कापा�स�। काहO राघ%ब�रा का�सलं�(�स�॥4॥भ�व�र्थ+:-का�ट� हुए सिसरा आका�शं म�ग+ स� दैUड़त� हM औरा *य-*य काC ध्वनिन काराका� भय उत्पान्न कारात� हM। 'लंक्ष्मण औरा व�नरारा�* स%ग्री�व काह�O हM? का�सलंपानित राघ%व�रा काह�O हM?'॥4॥छो दै :* काहO रा�म% कानिह सिसरा निनकारा (�ए दै�खिख मका+ ट भजि* चलं�।स (�निन (न% राघ%ब समनिन हOसिस सराखिन्ह सिसरा ब�(� भलं�॥सिसरा म�सिलंका� कारा का�सिलंका� गनिह ब3 दै ब3 दैखिन्ह बहु धिमलंe।कारिरा रुधि(रा सरिरा मज्जन% मनहुO स ग्री�म बट पाR*न चलंe॥

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भ�व�र्थ+:-'रा�म काह�O हM?' यह काहकारा सिसरा> का� समRह दैUड़�, उन्हH दै�खकारा व�नरा भ�ग चलं�। तब (न%ष सन्धु�न काराका� राघ%का% लंमभिण श्री� रा�म*� न� हOसकारा ब�ण> स� उन सिसरा> का� भलं�भ�Oनित ब�( ड�लं�। ह�र्थ> मH म%ण्ड> काC म�लं�एO लं�कारा बहुत स� का�सिलंका�एO झ% ड काC झ% ड धिमलंकारा इकाट्ठीz हुईं औरा व� रुधि(रा काC नदैz मH स्न�न काराका� चलंe। म�न� स ग्री�म रूपा� वटव3क्ष काC पाR*� कारान� *� राह� ह>।

षष्ठ स�पा�न- रा�वण का� निवभ�षण पारा शंसिb छो�ड़न�, रा�म*� का� शंसिb का� अपान� ऊँपारा लं�न�, निवभ�षण-रा�वण य%�दै�ह� :* पा%निन दैसका ठा क्र% � ह�इ छो�Oड़� ससिb Sच ड।चलं� निबभ�षन सन्म%ख मनहुO का�लं कारा दै ड॥93॥भ�व�र्थ+:- निrरा रा�वण न� क्र�धि(त ह�कारा Sचण्ड शंसिb छो�ड़�। वह निवभ�षण का� स�मन� ऐस� चलं� *5स� का�लं (यमरा�*) का� दैण्ड ह�॥93॥चUपा�ई :* आवत दै�खिख ससिb अनित घ�रा�। Sनत�रानित भ *न पान म�रा�॥त%रात निबभ�षन पा�छोH म�लं�। सन्म%ख रा�म सह�उ स�इ स�लं�॥1॥भ�व�र्थ+:- अत्य त भय�नका शंसिb का� आत� दै�ख औरा यह निवच�रा कारा निका म�रा� Sण शंराण�गत का� दु^ख का� न�शं कारान� ह5, श्री� रा�म*� न� त%रा त ह� निवभ�षण का� पा�छो� कारा सिलंय� औरा स�मन� ह�कारा वह शंसिb स्वय सह लं�॥1॥* लं�निग ससिb म%रुछो� काछो% भई। Sभ% का3 त ख�लं स%रान्ह निबकालंई॥दै�खिख निबभ�षन Sभ% श्रीम पा�य�। गनिह कारा गदै� क्र% � ह�इ (�य�॥2॥भ�व�र्थ+:-शंसिb लंगन� स� उन्हH का% छो मRछो�+ ह� गई। Sभ% न� त� यह लं�लं� काC, पारा दै�वत�ओं का� व्यं�का% लंत� हुई। Sभ% का� श्रीम (शं�रा�रिराका काष्टों) S�प्त हुआ दै�खकारा निवभ�षण क्र�धि(त ह� ह�र्थ मH गदै� लं�कारा दैUड़�॥2॥* रा� का% भ�ग्य सठा म दै का% ब%��। तM स%रा नरा म%निन न�ग निबरु��॥

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स�दैरा सिसव काहुO स�स चl�ए। एका एका का� का�ढ़िटन्ह पा�ए॥3॥भ�व�र्थ+:-(औरा ब�लं�-) अरा� अभ�ग�! मRख+, न�च दुब%+जि�! तRन� दै�वत�, मन%ष्य, म%निन, न�ग सभ� स� निवरा�( निकाय�। तRन� आदैरा सनिहत सिशंव*� का� सिसरा चl�ए। इस� स� एका-एका का� बदैलं� मH कारा�ड़> पा�ए॥3॥* त�निह का�रान खलं अब लंनिग ब�Oच्य�। अब तव का�लं% स�स पारा न�च्य�॥रा�म निबम%ख सठा चहसिस स पादै�। अस कानिह हन�सिस म�झ उरा गदै�॥4॥भ�व�र्थ+:-उस� का�राण स� अरा� दुष्टों! तR अब तका बच� ह5, (निकान्त%) अब का�लं त�रा� सिसरा पारा न�च राह� ह5। अरा� मRख+! तR रा�म निवम%ख ह�कारा सम्पभित्ते (स%ख) च�हत� ह5? ऐस� काहकारा निवभ�षण न� रा�वण काC छो�त� का� ब�च>-ब�च गदै� म�रा�॥4॥छो दै :* उरा म�झ गदै� Sह�रा घ�रा काठा�रा लं�गत मनिह पारा- य�।दैस बदैन स�निनत स्रवत पा%निन स भ�रिरा (�य� रिरास भरा- य�॥द्वाU भिभरा� अनितबलं मल्लं*%� निबरु� एका% एकानिह हन5।राघ%ब�रा बलं दैर्विपा त निबभ�षन% घ�सिलं नतिंह त� काहुO गन5॥भ�व�र्थ+:-ब�च छो�त� मH काठा�रा गदै� काC घ�रा औरा काढ़िठान च�ट लंगत� ह� वह पा3थ्व� पारा निगरा पाड़�। उसका� दैस> म%ख> स� रुधि(रा बहन� लंग�, वह अपान� का� निrरा स भ�लंकारा क्र�( मH भरा� हुआ दैUड़�। दै�न> अत्य त बलंव�न- य��� भिभड़ गए औरा मल्लंय%� मH एका-र्दूसरा� का� निवरु� ह�कारा म�रान� लंग�। श्री� राघ%व�रा का� बलं स� गर्विव त निवभ�षण उसका� (रा�वण *5स� *गनिद्वा*य� य��� का�) पा�स ग का� बरा�बरा भ� नहe समझत�।दै�ह� :* उम� निबभ�षन% रा�वननिह सन्म%ख सिचतव निका का�उ।स� अब भिभरात का�लं ज्य> श्री� राघ%ब�रा Sभ�उ॥94॥भ�व�र्थ+:- (सिशंव*� काहत� हM-) ह� उम�! निवभ�षण क्य� काभ� रा�वण का� स�मन� आOख उठा�कारा भ� दै�ख सकात� र्थ�? पारान्त% अब वह� का�लं का� सम�न उसस� भिभड़ राह� ह5। यह श्री� राघ%व�रा का� ह� Sभ�व ह5॥94॥

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रा�वण-हन%म�न- य%�, रा�वण का� म�य� राचन�, रा�म*� द्वा�रा� म�य� न�शंचUपा�ई :* दै�ख� श्रीधिमत निबभ�षन% भ�रा�। (�यउ हनRम�न निगरिरा (�रा�॥रार्थ त%रा ग स�रार्थ� निनपा�त�। हृदैय म�झ त�निह म�रा�सिस लं�त�॥1॥भ�व�र्थ+:- निवभ�षण का� बहुत ह� र्थका� हुआ दै�खकारा हन%म�न- *� पाव+त (�राण निकाए हुए दैUड़�। उन्ह>न� उस पाव+त स� रा�वण का� रार्थ, घ�ड़� औरा स�रार्थ� का� स ह�रा कारा ड�लं� औरा उसका� स�न� पारा लं�त म�रा�॥1॥* ठा�l राह� अनित का निपात ग�त�। गयउ निबभ�षन% *हO *नत्रु�त�॥पा%निन रा�वन कानिपा हत�उ पाच�रा�। चलं�उ गगन कानिपा पाROछो पास�रा�॥2॥भ�व�र्थ+:- रा�वण खड़� राह�, पारा उसका� शंरा�रा अत्य त का�Oपान� लंग�। निवभ�षण वह�O गए, *ह�O स�वका> का� राक्षका श्री� रा�म*� र्थ�। निrरा रा�वण न� लंलंका�राकारा हन%म�न- *� का� म�रा�। व� पाROछो r5 लं�कारा आका�शं मH चलं� गए॥2॥* गनिहसिस पाROछो कानिपा सनिहत उड़�न�। पा%निन निrरिरा भिभरा�उ Sबलं हन%म�न�॥लंरात अका�स *%गलं सम *�(�। एकानिह एका% हनत कारिरा क्र�(�॥3॥भ�व�र्थ+:-रा�वण न� पाROछो पाकाड़ लं�, हन%म�न- *� उसका� स�र्थ सिलंए ऊँपारा उड़�। निrरा लंUटकारा मह�बलंव�न- हन%म�न- *� उसस� भिभड़ गए। दै�न> सम�न य��� आका�शं मH लंड़त� हुए एका-र्दूसरा� का� क्र�( काराका� म�रान� लंग�॥3॥* स�हतिंह नभ छोलं बलं बहु काराहe। काज्जलंनिगरिरा स%म�रु *न% लंराहe॥ब%धि( बलं निनसिसचरा पाराइ न पा�राय�। तब म�रुतस%त Sभ% स भ�रा- य�॥4॥भ�व�र्थ+:-दै�न> बहुत स� छोलं-बलं कारात� हुए आका�शं मH ऐस� शं�भिभत ह� राह� हM म�न� काज्जलंनिगरिरा औरा स%म�रु पाव+त लंड़ राह� ह>। *ब ब%जि� औरा बलं स� रा�क्षस निगरा�ए न निगरा� तब म�रुनित श्री� हन%म�न- *� न� Sभ% का� स्मराण निकाय�॥4॥छो दै :* स भ�रिरा श्री�राघ%ब�रा (�रा पाच�रिरा कानिपा रा�वन% हन्य�।मनिह पारात पा%निन उढ़िठा लंरात दै�वन्ह *%गलं काहुO *य *य भन्य�॥हन%म त स काट दै�खिख मका+ ट भ�लं% क्र�(�त%रा चलं�।

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रान मत्ते रा�वन सकालं स%भट Sचण्ड भ%* बलं दैलंमलं�॥भ�व�र्थ+:-श्री� राघ%व�रा का� स्मराण काराका� (�रा हन%म�न- *� न� लंलंका�राकारा रा�वण का� म�रा�। व� दै�न> पा3थ्व� पारा निगरात� औरा निrरा उठाकारा लंड़त� हM, दै�वत�ओं न� दै�न> काC '*य-*य' पा%का�रा�। हन%म�न- *� पारा स काट दै�खकारा व�नरा-भ�लंR क्र�(�त%रा ह�कारा दैUड़�, निकान्त% राण-मदै-म�त� रा�वण न� सब य���ओं का� अपान� Sचण्ड भ%*�ओं का� बलं स� का% चलं औरा मसलं ड�लं�।दै�ह� :* तब राघ%ब�रा पाच�रा� (�ए काCस Sच ड।कानिपा बलं Sबलं दै�खिख त�तिंह काCन्ह Sगट पा�ष ड॥95॥भ�व�र्थ+:-तब श्री� राघ%व�रा का� लंलंका�रान� पारा Sचण्ड व�रा व�नरा दैUड़�। व�नरा> का� Sबलं दैलं का� दै�खकारा रा�वण न� म�य� Sकाट काC॥95॥चUपा�ई :* अ तरा(�न भयउ छोन एका�। पा%निन Sगट� खलं रूपा अन�का�॥राघ%पानित काटका भ�लं% कानिपा *�त�। *हO तहO Sगट दैस�नन त�त�॥1॥भ�व�र्थ+:- क्षणभरा का� सिलंए वह अदृश्य ह� गय�। निrरा उस दुष्टों न� अन�का> रूपा Sकाट निकाए। श्री� राघ%न�र्थ*� काC स�न� मH जि*तन� रा�छो-व�नरा र्थ�, उतन� ह� रा�वण *ह�O-तह�O (च�रा> ओरा) Sकाट ह� गए॥1॥* दै�ख� कानिपान्ह अधिमत दैसस�स�। *हO तहO भ*� भ�लं% अरु काCस�॥भ�ग� ब�नरा (रातिंह न (�रा�। त्रु�निह त्रु�निह लंसिछोमन राघ%ब�रा�॥2॥भ�व�र्थ+:-व�नरा> न� अपारिराधिमत रा�वण दै�ख�। भ�लंR औरा व�नरा सब *ह�O-तह�O (इ(रा-उ(रा) भ�ग चलं�। व�नरा (�रा* नहe (रात�। ह� लंक्ष्मण*�! ह� राघ%व�रा! बच�इए, बच�इए, य> पा%का�रात� हुए व� भ�ग� *� राह� हM॥2॥* दैहO ढ़िदैसिस (�वतिंह का�ढ़िटन्ह रा�वन। ग*+तिंह घ�रा काठा�रा भय�वन॥डरा� सकालं स%रा चलं� पारा�ई। *य का5 आस त*हु अब भ�ई॥3॥भ�व�र्थ+:-दैस> ढ़िदैशं�ओं मH कारा�ड़> रा�वण दैUड़त� हM औरा घ�रा, काठा�रा भय�नका ग*+न कारा राह� हM। सब दै�वत� डरा गए औरा ऐस� काहत� हुए भ�ग चलं� निका ह� भ�ई! अब *य काC आशं� छो�ड़ दै�!॥3॥* सब स%रा जि*त� एका दैसका (रा। अब बहु भए तकाहु निगरिरा का दैरा॥राह� निबरा सिच स भ% म%निन ग्य�न�। जि*न्ह जि*न्ह Sभ% मनिहम� काछो% *�न�॥4॥

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भ�व�र्थ+:-एका ह� रा�वण न� सब दै�वत�ओं का� *�त सिलंय� र्थ�, अब त� बहुत स� रा�वण ह� गए हM। इसस� अब पाह�ड़ काC ग%r�ओं का� आश्रीय लं� (अर्थ�+त- उनमH सिछोपा राह�)। वह�O ब्रह्म�, शंम्भुः% औरा ज्ञा�न� म%निन ह� डट� राह�, जि*न्ह>न� Sभ% काC का% छो मनिहम� *�न� र्थ�॥4॥छो दै :* *�न� Sत�पा त� राह� निनभ+य कानिपान्ह रिरापा% म�न� r% रा�।चलं� निबचसिलं मका+ ट भ�लं% सकालं का3 पा�लं पा�निह भय�त%रा�॥हन%म त अ गदै न�लं नलं अनितबलं लंरात रान ब�Oका% रा�।मदै+तिंह दैस�नन का�ढ़िट का�ढ़िटन्ह कापाट भR भट अ का% रा�॥भ�व�र्थ+:-*� Sभ% का� Sत�पा *�नत� र्थ�, व� निनभ+य डट� राह�। व�नरा> न� शंत्रु%ओं (बहुत स� रा�वण>) का� सच्चे� ह� म�न सिलंय�। (इसस�) सब व�नरा-भ�लंR निवचसिलंत ह�कारा 'ह� का3 पा�लं%! राक्ष� काCजि*ए' (य> पा%का�रात� हुए) भय स� व्यं�का% लं ह�कारा भ�ग चलं�। अत्य त बलंव�न- राणब�Oका% रा� हन%म�न- *�, अ गदै, न�लं औरा नलं लंड़त� हM औरा कापाट रूपा� भRधिम स� अ का% रा काC भ�Oनित उपा*� हुए का�ढ़िट-का�ढ़िट य��� रा�वण> का� मसलंत� हM।दै�ह� :* स%रा ब�नरा दै�ख� निबकालं हOस्य� का�सलं�(�स।सजि* स�रा ग एका सरा हत� सकालं दैसस�स॥96॥भ�व�र्थ+:-दै�वत�ओं औरा व�नरा> का� निवकालं दै�खकारा का�सलंपानित श्री� रा�म*� हOस� औरा शं�ग̧ (न%ष पारा एका ब�ण चl�कारा (म�य� का� बन� हुए) सब रा�वण> का� म�रा ड�लं�॥96॥चUपा�ई :* Sभ% छोन महुO म�य� सब का�टz। जि*धिम रानिब उएO *�तिंह तम r�टz॥रा�वन% एका% दै�खिख स%रा हराष�। निrरा� स%मन बहु Sभ% पारा बराष�॥1॥भ�व�र्थ+:-Sभ% न� क्षणभरा मH सब म�य� का�ट ड�लं�। *5स� सRय+ का� उदैय ह�त� ह� अ (का�रा काC रा�सिशं rट *�त� ह5 (नष्टों ह� *�त� ह5)। अब एका ह� रा�वण का� दै�खकारा दै�वत� हर्विष त हुए औरा उन्ह>न� लंUटकारा Sभ% पारा बहुत स� पा%ष्पा बरास�ए॥1॥* भ%* उठा�इ राघ%पानित कानिपा r� रा�। निrरा� एका एकान्ह तब ट�रा�॥

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Sभ% बलं% पा�इ भ�लं% कानिपा (�ए। तरालं तमनिका स *%ग मनिह आए॥2॥भ�व�र्थ+:-श्री� राघ%न�र्थ*� न� भ%*� उठा�कारा सब व�नरा> का� लंUट�य�। तब व� एका-र्दूसरा� का� पा%का�रा-पा%का�रा कारा लंUट आए। Sभ% का� बलं पा�कारा रा�छो-व�नरा दैUड़ पाड़�। *ल्दैz स� काR दैकारा व� राणभRधिम मH आ गए॥2॥* अस्त%नित कारात दै�वतखिन्ह दै�खH। भयउO एका मM इन्ह का� लं�खH॥सठाहु सदै� त%म्ह म�रा मरा�यलं। अस कानिह का�निपा गगन पारा (�यलं॥3॥भ�व�र्थ+:-दै�वत�ओं का� श्री� रा�म*� काC स्त%नित कारात� दै�ख कारा रा�वण न� स�च�, मM इनकाC समझ मH एका ह� गय�, (पारान्त% इन्हH यह पात� नहe निका इनका� सिलंए मM एका ह� बहुत हूँO) औरा काह�- अरा� मRख\! त%म त� सदै� का� ह� म�रा� मरा5लं (म�रा� म�रा ख�न� व�लं�) ह�। ऐस� काहकारा वह क्र�( काराका� आका�शं पारा (दै�वत�ओं काC ओरा) दैUड़�॥3॥

घ�राय%�, रा�वण काC मRच्छी�+चUपा�ई :* ह�ह�का�रा कारात स%रा भ�ग�। खलंहु *�हु काहO म�राH आग�॥दै�खिख निबकालं स%रा अ गदै (�य�। काR ढ़िदै चरान गनिह भRधिम निगरा�य�॥4॥भ�व�र्थ+:-दै�वत� ह�ह�का�रा कारात� हुए भ�ग�। (रा�वण न� काह�-) दुष्टों>! म�रा� आग� स� काह�O *� सका�ग�? दै�वत�ओं का� व्यं�का% लं दै�खकारा अ गदै दैUड़� औरा उछोलंकारा रा�वण का� पा5रा पाकाड़कारा (उन्ह>न�) उसका� पा3थ्व� पारा निगरा� ढ़िदैय�॥4॥छो दै :* गनिह भRधिम पा�रा- य� लं�त म�रा- य� ब�सिलंस%त Sभ% पातिंह गय�।स भ�रिरा उढ़िठा दैसका ठा घ�रा काठा�रा राव ग*+त भय�॥कारिरा दै�पा च�पा चl�इ दैस स (�निन सरा बहु बराषई।निकाए सकालं भट घ�यलं भय�का% लं दै�खिख निन* बलं हराषई॥भ�व�र्थ+:- उस� पाकाड़कारा पा3थ्व� पारा निगरा�कारा लं�त म�राकारा ब�सिलंपा%त्रु अ गदै Sभ% का� पा�स चलं� गए। रा�वण स भलंकारा उठा� औरा बड़� भ यकारा काठा�रा शंब्दै

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स� गरा*न� लंग�। वह दैपा+ काराका� दैस> (न%ष चl�कारा उन पारा बहुत स� ब�ण स (�न काराका� बरास�न� लंग�। उसन� सब य���ओं का� घ�यलं औरा भय स� व्यं�का% लं कारा ढ़िदैय� औरा अपान� बलं दै�खकारा वह हर्विष त ह�न� लंग�।दै�ह� :* तब राघ%पानित रा�वन का� स�स भ%*� सरा च�पा।का�ट� बहुत बl� पा%निन जि*धिम त�रार्थ कारा पा�पा॥97॥भ�व�र्थ+:-तब श्री� राघ%न�र्थ*� न� रा�वण का� सिसरा, भ%*�एO, ब�ण औरा (न%ष का�ट ड�लं�। पारा व� निrरा बहुत बl गए, *5स� त�र्थ+ मH निकाए हुए पा�पा बl *�त� हM (काई ग%न� अधि(का भय�नका rलं उत्पान्न कारात� हM)!॥97॥चUपा�ई :* सिसरा भ%* ब�ढ़िl दै�खिख रिरापा% का� रा�। भ�लं% कानिपान्ह रिरास भई घन�रा�॥मरात न मRl काट�हुO भ%* स�स�। (�ए का�निपा भ�लं% भट काCस�॥1॥भ�व�र्थ+:-शंत्रु% का� सिसरा औरा भ%*�ओं काC बlत� दै�खकारा रा�छो-व�नरा> का� बहुत ह� क्र�( हुआ। यह मRख+ भ%*�ओं का� औरा सिसरा> का� काटन� पारा भ� नहe मरात�, (ऐस� काहत� हुए) भ�लंR औरा व�नरा य��� क्र�( काराका� दैUड़�॥1॥* ब�सिलंतनय म�रुनित नलं न�लं�। ब�नरारा�* दुनिबदै बलंस�लं�॥निबटपा मह�(रा कारातिंह Sह�रा�। स�इ निगरिरा तरु गनिह कानिपान्ह स� म�रा�॥2॥भ�व�र्थ+:-ब�सिलंपा%त्रु अ गदै, म�रुनित हन%म�न- *�, नलं, न�लं, व�नरारा�* स%ग्री�व औरा निद्वानिवदै आढ़िदै बलंव�न- उस पारा व3क्ष औरा पाव+त> का� Sह�रा कारात� हM। वह उन्हe पाव+त> औरा व3क्ष> का� पाकाड़कारा व�नरा> का� म�रात� ह5॥2॥* एका नखखिन्ह रिरापा% बपा%ष निबदै�रा�। भ�निग चलंतिंह एका लं�तन्ह म�रा�।तब नलं न�लं सिसराखिन्ह चढ़िl गयऊँ। नखखिन्ह सिलंलं�रा निबदै�रात भयऊँ॥3॥भ�व�र्थ+:-का�ई एका व�नरा नख> स� शंत्रु% का� शंरा�रा का� r�ड़कारा भ�ग *�त� हM, त� का�ई उस� लं�त> स� म�राकारा। तब नलं औरा न�लं रा�वण का� सिसरा> पारा चl गए औरा नख> स� उसका� लंलं�ट का� r�ड़न� लंग�॥3॥* रुधि(रा दै�खिख निबष�दै उरा भ�रा�। नितन्हनिह (रान काहुO भ%*� पास�रा�॥गह� न *�तिंह काराखिन्ह पारा निrराहe। *न% *%ग म(%पा कामलं बन चराहe॥4॥

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भ�व�र्थ+:- खRन दै�खकारा उस� हृदैय मH बड़� दु^ख हुआ। उसन� उनका� पाकाड़न� का� सिलंए ह�र्थ r5 लं�ए, पारा व� पाकाड़ मH नहe आत�, ह�र्थ> का� ऊँपारा-ऊँपारा ह� निrरात� हM म�न� दै� भ�रा� कामलं> का� वन मH निवचराण कारा राह� ह>॥4॥* का�निपा काR ढ़िदै द्वाU (रा�सिस बह�रा�। मनिह पाटकात भ*� भ%*� मरा�रा�॥पा%निन सका�पा दैस (न% कारा लं�न्ह�। सराखिन्ह म�रिरा घ�यलं कानिपा काCन्ह�॥5॥भ�व�र्थ+:-तब उसन� क्र�( काराका� उछोलंकारा दै�न> का� पाकाड़ सिलंय�। पा3थ्व� पारा पाटकात� समय व� उसकाC भ%*�ओं का� मरा�ड़कारा भ�ग छोR ट�। निrरा उसन� क्र�( काराका� ह�र्थ> मH दैस> (न%ष सिलंए औरा व�नरा> का� ब�ण> स� म�राकारा घ�यलं कारा ढ़िदैय�॥5॥* हन%मदै�ढ़िदै म%रुसिछोत कारिरा ब दैरा। पा�इ Sदै�ष हराष दैसका (रा॥म%रुसिछोत दै�खिख सकालं कानिपा ब�रा�। *�मव त (�यउ रान(�रा�॥6॥भ�व�र्थ+:-हन%म�न- *� आढ़िदै सब व�नरा> का� मRर्च्छिच्छी त काराका� औरा स ध्य� का� समय पा�कारा रा�वण हर्विष त हुआ। समस्त व�नरा-व�रा> का� मRर्च्छिच्छी त दै�खकारा राण(�रा *�म्बवत- दैUड़�॥6॥* स ग भ�लं% भR(रा तरु (�रा�। म�रान लंग� पाच�रिरा पाच�रा�॥भयउ क्र% � रा�वन बलंव�न�। गनिह पादै मनिह पाटकाइ भट न�न�॥7॥भ�व�र्थ+:-*�म्बव�न- का� स�र्थ *� भ�लंR र्थ�, व� पाव+त औरा व3क्ष (�राण निकाए रा�वण का� लंलंका�रा-लंलंका�रा कारा म�रान� लंग�। बलंव�न- रा�वण क्र�धि(त हुआ औरा पा5रा पाकाड़-पाकाड़कारा वह अन�का> य���ओं का� पा3थ्व� पारा पाटकान� लंग�॥7॥* दै�खिख भ�लं%पानित निन* दैलं घ�त�। का�निपा म�झ उरा म�रा�सिस लं�त�॥8॥भ�व�र्थ+:-*�म्बव�न- न� अपान� दैलं का� निवध्व स दै�खकारा क्र�( काराका� रा�वण काC छो�त� मH लं�त म�रा�॥8॥छो दै :* उरा लं�त घ�त Sच ड लं�गत निबकालं रार्थ त� मनिह पारा�।गनिह भ�लं% ब�सहुO कारा मनहुO कामलंखिन्ह बस� निनसिस म(%कारा�॥म%रुसिछोत निबलं�निका बह�रिरा पादै हनित भ�लं%पानित Sभ% पातिंह गय�॥निनसिस *�निन स्य दैन घ�सिलं त�निह तब सRत *तन% काराय भय�॥

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भ�व�र्थ+:-छो�त� मH लं�त का� Sचण्ड आघ�त लंगत� ह� रा�वण व्यं�का% लं ह�कारा रार्थ स� पा3थ्व� पारा निगरा पाड़�। उसन� ब�स> ह�र्थ> मH भ�लं%ओं का� पाकाड़ राख� र्थ�। (ऐस� *�न पाड़त� र्थ�) म�न� रा�नित्रु का� समय भ�रा� कामलं> मH बस� हुए ह>। उस� मRर्च्छिच्छी त दै�खकारा, निrरा लं�त म�राकारा ऋक्षरा�* *�म्बव�न- Sभ% का� पा�स चलं�। रा�नित्रु *�नकारा स�रार्थ� रा�वण का� रार्थ मH ड�लंकारा उस� ह�शं मH लं�न� का� उपा�य कारान� लंग�॥दै�ह� :* म%रुछो� निबगत भ�लं% कानिपा सब आए Sभ% पा�स।निनसिसचरा सकालं रा�वननिह घ�रिरा राह� अनित त्रु�स॥98॥भ�व�र्थ+:-मRच्छी�+ र्दूरा ह�न� पारा सब रा�छो-व�नरा Sभ% का� पा�स आए। उ(रा सब रा�क्षस> न� बहुत ह� भयभ�त ह�कारा रा�वण का� घ�रा सिलंय�॥98॥

म�सपा�रा�यण, छोब्ब�सव�O निवश्री�म

नित्रु*ट�-स�त� स व�दैचUपा�ई :* त�ह� निनसिस स�त� पातिंह *�ई। नित्रु*ट� कानिह सब कार्थ� स%न�ई॥सिसरा भ%* ब�ढ़िl स%नत रिरापा% का� रा�। स�त� उरा भइ त्रु�स घन�रा�॥1॥भ�व�र्थ+:-उस� रा�त नित्रु*ट� न� स�त�*� का� पा�स *�कारा उन्हH सब कार्थ� काह स%न�ई। शंत्रु% का� सिसरा औरा भ%*�ओं काC बlत� का� स व�दै स%नकारा स�त�*� का� हृदैय मH बड़� भय हुआ॥1॥* म%ख मलं�न उपा*� मन सिंच त�। नित्रु*ट� सन ब�लं� तब स�त�॥ह�इनिह काह� काहसिस निकान म�त�। का� निह निबधि( मरिरानिह निबस्व दुखदै�त�॥2॥भ�व�र्थ+:- (उनका�) म%ख उदै�स ह� गय�, मन मH सिंच त� उत्पान्न ह� गई। तब स�त�*� नित्रु*ट� स� ब�लंe- ह� म�त�! बत�त� क्य> नहe? क्य� ह�ग�? स पाRण+ निवश्व का� दु^ख दै�न� व�लं� यह निकास Sका�रा मरा�ग�?॥2॥* राघ%पानित सरा सिसरा काट�हुO न मराई। निबधि( निबपारा�त चरिरात सब काराई॥

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म�रा अभ�ग्य जि*आवत ओह�। *�तिंह ह� हरिरा पादै कामलं निबछो�ह�॥3॥भ�व�र्थ+:-श्री� राघ%न�र्थ*� का� ब�ण> स� सिसरा काटन� पारा भ� नहe मरात�। निव(�त� स�रा� चरिरात्रु निवपारा�त (उलंट�) ह� कारा राह� ह5। (सच ब�त त� यह ह5 निका) म�रा� दुभ�+ग्य ह� उस� जि*लं� राह� ह5, जि*सन� म%झ� भगव�न- का� चराणकामलं> स� अलंग कारा ढ़िदैय� ह5॥3॥* *�तिंह का3 त कापाट कानका म3ग झRठा�। अ*हुO स� दै5व म�निह पारा रूठा�॥*�तिंह निबधि( म�निह दुख दुसह सह�ए। लंसिछोमन काहुO काट% बचन काह�ए॥4॥भ�व�र्थ+:-जि*सन� कापाट का� झRठा� स्वण+ म3ग बन�य� र्थ�, वह� दै5व अब भ� म%झ पारा रूठा� हुआ ह5, जि*स निव(�त� न� म%झस� दु^सह दु^ख सहन कारा�ए औरा लंक्ष्मण का� काड़ुव� वचन काहलं�ए,॥4॥* राघ%पानित निबराह सनिबष सरा भ�रा�। तनिका तनिका म�रा ब�रा बहु म�रा�॥ऐस�हुO दुख *� रा�ख मम S�न�। स�इ निबधि( त�निह जि*आव न आन�॥5॥भ�व�र्थ+:-*� श्री� राघ%न�र्थ*� का� निवराह रूपा� बड़� निवष5लं� ब�ण> स� तका-तकाकारा म%झ� बहुत ब�रा म�राकारा, अब भ� म�रा राह� ह5 औरा ऐस� दु^ख मH भ� *� म�रा� S�ण> का� राख राह� ह5, वह� निव(�त� उस (रा�वण) का� जि*लं� राह� ह5, र्दूसरा� का�ई नहe॥5॥* बहु निबधि( कारा निबलं�पा *�नकाC। कारिरा कारिरा स%रानित का3 पा�निन(�न काC॥काह नित्रु*ट� स%न% रा�*का% म�रा�। उरा सरा लं�गत मराइ स%रा�रा�॥6॥भ�व�र्थ+:-का3 पा�निन(�न श्री� रा�म*� काC य�दै कारा-काराका� *�नकाC*� बहुत Sका�रा स� निवलं�पा कारा राह� हM। नित्रु*ट� न� काह�- ह� रा�*का% म�रा�! स%न�, दै�वत�ओं का� शंत्रु% रा�वण हृदैय मH ब�ण लंगत� ह� मरा *�एग�॥6॥* Sभ% त�त� उरा हतइ न त�ह�। एनिह का� हृदैयO बसनित ब5दै�ह�॥7॥भ�व�र्थ+:- पारान्त% Sभ% उसका� हृदैय मH ब�ण इससिलंए नहe म�रात� निका इसका� हृदैय मH *�नकाC*� (आपा) बसत� हM॥7॥छो दै :* एनिह का� हृदैयO बस *�नकाC *�नकाC उरा मम ब�स ह5।मम उदैरा भ%अन अन�का लं�गत ब�न सब कारा न�स ह5॥स%निन बचन हराष निबष�दै मन अनित दै�खिख पा%निन नित्रु*ट�O काह�।अब मरिरानिह रिरापा% एनिह निबधि( स%ननिह स% दैरिरा त*निह स सय मह�॥

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भ�व�र्थ+:-व� यह� स�चकारा राह *�त� हM निका) इसका� हृदैय मH *�नकाC का� निनव�स ह5, *�नकाC का� हृदैय मH म�रा� निनव�स ह5 औरा म�रा� उदैरा मH अन�का> भ%वन हM। अत^ रा�वण का� हृदैय मH ब�ण लंगत� ह� सब भ%वन> का� न�शं ह� *�एग�। यह वचन स%नकारा स�त�*� का� मन मH अत्य त हष+ औरा निवष�दै हुआ दै�खकारा नित्रु*ट� न� निrरा काह�- ह� स% दैरा�! मह�न- स दै�ह का� त्य�ग कारा दै�, अब स%न�, शंत्रु% इस Sका�रा मरा�ग�-दै�ह� :* का�टत सिसरा ह�इनिह निबकालं छो% ढ़िट *�इनिह तव ध्य�न।तब रा�वननिह हृदैय महुO मरिराहतिंह रा�म% स%*�न॥99॥भ�व�र्थ+:-सिसरा> का� ब�रा-ब�रा का�ट� *�न� स� *ब वह व्यं�का% लं ह� *�एग� औरा उसका� हृदैय स� त%म्ह�रा� ध्य�न छोR ट *�एग�, तब स%*�न (अ तय�+म�) श्री� रा�म*� रा�वण का� हृदैय मH ब�ण म�राHग�॥99॥चUपा�ई :* अस कानिह बहुत भ�Oनित सम%झ�ई। पा%निन नित्रु*ट� निन* भवन सिस(�ई॥रा�म स%भ�उ स%धिमरिरा ब5दै�ह�। उपा*� निबराह निबर्थ� अनित त�ह�॥1॥भ�व�र्थ+:-ऐस� काहकारा औरा स�त�*� का� बहुत Sका�रा स� समझ�कारा निrरा नित्रु*ट� अपान� घरा चलं� गई। श्री� रा�मच द्रं*� का� स्वभ�व का� स्मराण काराका� *�नकाC*� का� अत्य त निवराह व्यंर्थ� उत्पान्न हुई॥1॥* निनसिसनिह ससिसनिह तिंन दैनित बहु भ�Oनित। *%ग सम भई सिसरा�नित न रा�त�॥कारानित निबलं�पा मनतिंह मन भ�रा�। रा�म निबराहO *�नकाC दुख�रा�॥2॥भ�व�र्थ+:-व� रा�नित्रु काC औरा च द्रंम� काC बहुत Sका�रा स� तिंन दै� कारा राह� हM (औरा काह राह� हM-) रा�त य%ग का� सम�न बड़� ह� गई, वह ब�तत� ह� नहe। *�नकाC*� श्री� रा�म*� का� निवराह मH दु^ख� ह�कारा मन ह� मन भ�रा� निवलं�पा कारा राह� हM॥2॥* *ब अनित भयउ निबराह उरा दै�हूँ। rराका� उ ब�म नयन अरु ब�हूँ॥सग%न निबच�रिरा (रा� मन (�रा�। अब धिमसिलंहतिंह का3 पा�लं राघ%ब�रा�॥3॥भ�व�र्थ+:-*ब निवराह का� म�रा� हृदैय मH दै�रुण दै�ह ह� गय�, तब उनका� ब�य�O न�त्रु औरा ब�हु rड़का उठा� । शंका% न समझकारा उन्ह>न� मन मH (5य+ (�राण निकाय� निका अब का3 पा�लं% श्री� राघ%व�रा अवश्य धिमलंHग�॥3॥

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रा�वण का� मRच्छी�+ टRटन�, रा�म-रा�वण य%�, रा�वण व(, सव+त्रु *यध्वनिन* इह�O अ(+निनसिस रा�वन% *�ग�। निन* स�रासिर्थ सन ख�झन लं�ग�।सठा रानभRधिम छोड़�इसिस म�ह�। धि(ग धि(ग अ(म म दैमनित त�ह�॥4॥भ�व�र्थ+:- यह�O आ(� रा�त का� रा�वण (मRच्छी�+ स�) *�ग� औरा अपान� स�रार्थ� पारा रुष्टों ह�कारा काहन� लंग�- अरा� मRख+! तRन� म%झ� राणभRधिम स� अलंग कारा ढ़िदैय�। अरा� अ(म! अरा� म दैब%जि�! त%झ� धि(क्का�रा ह5, धि(क्का�रा ह5!॥4॥* त�तिंह पादै गनिह बहु निबधि( सम%झ�व�। भ�रु भएO रार्थ चढ़िl पा%निन (�व�॥स%निन आगवन% दैस�नन का� रा�। कानिपा दैलं खराभरा भयउ घन�रा�॥5॥भ�व�र्थ+:- स�रासिर्थ न� चराण पाकाड़कारा रा�वण का� बहुत Sका�रा स� समझ�य�। सब�रा� ह�त� ह� वह रार्थ पारा चlकारा निrरा दैUड़�। रा�वण का� आन� स%नकारा व�नरा> काC स�न� मH बड़� खलंबलं� मच गई॥5॥**हO तहO भR(रा निबटपा उपा�रा�। (�ए काटकाट�इ भट भ�रा�॥6॥भ�व�र्थ+:- व� भ�रा� य��� *ह�O-तह�O स� पाव+त औरा व3क्ष उख�ड़कारा (क्र�( स�) दै�Oत काटकाट�कारा दैUड़�॥6॥छो दै :* (�ए *� मका+ ट निबकाट भ�लं% कारा�लं कारा भR(रा (रा�।अनित का�पा कारातिंह Sह�रा म�रात भजि* चलं� रा*न�चरा�॥निबचलं�इ दैलं बलंव त काCसन्ह घ�रिरा पा%निन रा�वन% सिलंय�।चहुO ढ़िदैसिस चपा�टखिन्ह म�रिरा नखखिन्ह निबदै�रिरा तन ब्य�का% लं निकाय�॥भ�व�र्थ+:-निवकाट औरा निवकारा�लं व�नरा-भ�लंR ह�र्थ> मH पाव+त सिलंए दैUड़�। व� अत्य त क्र�( काराका� Sह�रा कारात� हM। उनका� म�रान� स� रा�क्षस भ�ग चलं�। बलंव�न- व�नरा> न� शंत्रु% काC स�न� का� निवचसिलंत काराका� निrरा रा�वण का� घ�रा सिलंय�। च�रा> ओरा स� चपा�ट� म�राकारा औरा नख> स� शंरा�रा निवदैzण+ कारा व�नरा> न� उसका� व्यं�का% लं कारा ढ़िदैय�॥दै�ह� :* दै�खिख मह� मका+ ट Sबलं रा�वन काCन्ह निबच�रा।

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अ तरानिहत ह�इ निनधिमष महुO का3 त म�य� निबस्त�रा॥100॥भ�व�र्थ+:-व�नरा> का� बड़� ह� Sबलं दै�खकारा रा�वण न� निवच�रा निकाय� औरा अ त(�+न ह�कारा क्षणभरा मH उसन� म�य� r5 लं�ई॥100॥छो दै :* *ब काCन्ह त�तिंह पा�ष ड। भए Sगट * त% Sच ड॥ब�त�लं भRत निपास�च। कारा (राH (न% न�रा�च॥1॥भ�व�र्थ+:-*ब उसन� पा�ख ड (म�य�) राच�, तब भय कारा *�व Sकाट ह� गए। ब�त�लं, भRत औरा निपाशं�च ह�र्थ> मH (न%ष-ब�ण सिलंए Sकाट हुए!॥1॥* *�निगनिन गहH काराब�लं। एका ह�र्थ मन%* कापा�लं॥कारिरा सद्यो स�निनत पा�न। न�चतिंह कारातिंह बहु ग�न॥2॥भ�व�र्थ+:- य�निगनिनय�O एका ह�र्थ मH तलंव�रा औरा र्दूसरा� ह�र्थ मH मन%ष्य काC ख�पाड़� सिलंए त�*� खRन पा�कारा न�चन� औरा बहुत तराह का� ग�त ग�न� लंगe॥2॥* (रु म�रु ब�लंतिंह घ�रा। रानिह पाRरिरा (%निन चहुO ओरा॥म%ख ब�इ (�वतिंह ख�न। तब लंग� काCस पारा�न॥3॥भ�व�र्थ+:-व� 'पाक़ड़�, म�रा�' आढ़िदै घ�रा शंब्दै ब�लं राह� हM। च�रा> ओरा (सब ढ़िदैशं�ओं मH) यह ध्वनिन भरा गई। व� म%ख r5 लं�कारा ख�न� दैUड़त� हM। तब व�नरा भ�गन� लंग�॥3॥* *हO *�तिंह मका+ ट भ�निग। तहO बरात दै�खतिंह आनिग॥भए निबकालं ब�नरा भ�लं%। पा%निन लं�ग बराष5 ब�लं%॥4॥भ�व�र्थ+:-व�नरा भ�गकारा *ह�O भ� *�त� हM, वहe आग *लंत� दै�खत� हM। व�नरा-भ�लंR व्यं�का% लं ह� गए। निrरा रा�वण ब�लंR बरास�न� लंग�॥4॥* *हO तहO र्थनिकात कारिरा काCस। ग*ªउ बहुरिरा दैसस�स॥लंसिछोमन कापा�स सम�त। भए सकालं ब�रा अच�त॥5॥भ�व�र्थ+:-व�नरा> का� *ह�O-तह�O र्थनिकात (सिशंसिर्थलं) कारा रा�वण निrरा गरा*�। लंक्ष्मण*� औरा स%ग्री�व सनिहत सभ� व�रा अच�त ह� गए॥5॥* ह� रा�म ह� राघ%न�र्थ। कानिह स%भट म�*तिंह ह�र्थ॥ऐनिह निबधि( सकालं बलं त�रिरा। त�तिंह काCन्ह कापाट बह�रिरा॥6॥

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भ�व�र्थ+:- ह� रा�म! ह� राघ%न�र्थ पा%का�रात� हुए श्री�ष्ठ य��� अपान� ह�र्थ मलंत� (पाछोत�त�) हM। इस Sका�रा सब का� बलं त�ड़कारा रा�वण न� निrरा र्दूसरा� म�य� राच�॥6॥* Sगट�सिस निबपा%लं हन%म�न। (�ए गह� पा�ष�न॥नितन्ह रा�म% घ�रा� *�इ। चहुO ढ़िदैसिस बरूर्थ बन�इ॥7॥भ�व�र्थ+:-उसन� बहुत स� हन%म�न- Sकाट निकाए, *� पात्थरा सिलंए दैUड़�। उन्ह>न� च�रा> ओरा दैलं बन�कारा श्री� रा�मच द्रं*� का� *� घ�रा�॥7॥* म�राहु (राहु *निन *�इ। काटकाटतिंह पाROछो उठा�इ॥दैहO ढ़िदैसिस लंOगRरा निबरा�*। त�तिंह मध्य का�सलंरा�*॥8॥भ�व�र्थ+:-व� पाROछो उठा�कारा काटकाट�त� हुए पा%का�रान� लंग�, 'म�रा�, पाकाड़�, *�न� न पा�व�'। उनका� लं गRरा (पाROछो) दैस> ढ़िदैशं�ओं मH शं�भ� दै� राह� हM औरा उनका� ब�च मH का�सलंरा�* श्री� रा�म*� हM॥8॥छो दै :* त�तिंह मध्य का�सलंरा�* स% दैरा स्य�म तन स�भ� लंह�।*न% इ द्रं(न%ष अन�का काC बरा ब�रिरा त% ग तम�लंह�॥Sभ% दै�खिख हराष निबष�दै उरा स%रा बदैत *य *य *य कारा�।राघ%ब�रा एकातिंह त�रा का�निपा निनम�ष महुO म�य� हरा�॥1॥भ�व�र्थ+:- उनका� ब�च मH का�सलंरा�* का� स% दैरा श्य�म शंरा�रा ऐस� शं�भ� पा� राह� ह5, म�न� ऊँO च� तम�लं व3क्ष का� सिलंए अन�का इ द्रं(न%ष> काC श्री�ष्ठ ब�l (घ�रा�) बन�ई गई ह�। Sभ% का� दै�खकारा दै�वत� हष+ औरा निवष�दैय%b हृदैय स� '*य, *य, *य' ऐस� ब�लंन� लंग�। तब श्री� राघ%व�रा न� क्र�( काराका� एका ह� ब�ण मH निनम�षम�त्रु मH रा�वण काC स�रा� म�य� हरा लं�॥1॥* म�य� निबगत कानिपा भ�लं% हराष� निबटपा निगरिरा गनिह सब निrरा�।सरा निनकारा छो�ड़� रा�म रा�वन ब�हु सिसरा पा%निन मनिह निगरा�॥श्री�रा�म रा�वन समरा चरिरात अन�का काल्पा *� ग�वहe।सत स�ष स�रादै निनगम कानिब त�उ तदैनिपा पा�रा न पा�वहe॥2॥भ�व�र्थ+:- म�य� र्दूरा ह� *�न� पारा व�नरा-भ�लंR हर्विष त हुए औरा व3क्ष तर्थ� पाव+त लं�-लं�कारा सब लंUट पाड़�। श्री� रा�म*� न� ब�ण> का� समRह छो�ड़�, जि*नस� रा�वण का� ह�र्थ औरा सिसरा निrरा काट-काटकारा पा3थ्व� पारा निगरा पाड़�। श्री� रा�म*� औरा

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रा�वण का� य%� का� चरिरात्रु यढ़िदै स5काड़> शं�ष, सरास्वत�, व�दै औरा कानिव अन�का काल्पा> तका ग�त� राहH, त� भ� उसका� पा�रा नहe पा� सकात�॥2॥दै�ह� :* त�का� ग%न गन काछो% काह� *ड़मनित त%लंस�दै�स।जि*धिम निन* बलं अन%रूपा त� म�छोz उड़इ अका�स॥101 का॥भ�व�र्थ+:-उस� चरिरात्रु का� का% छो ग%णगण म दैब%जि� त%लंस�दै�स न� काह� हM, *5स� मक्ख� भ� अपान� पा%रुष�र्थ+ का� अन%स�रा आका�शं मH उड़त� ह5॥101 (का)॥* का�ट� सिसरा भ%* ब�रा बहु मरात न भट लं का� स।Sभ% क्रCड़त स%रा सिस� म%निन ब्य�का% लं दै�खिख कालं�स॥101 ख॥भ�व�र्थ+:- सिसरा औरा भ%*�एO बहुत ब�रा का�टz गईं। निrरा भ� व�रा रा�वण मरात� नहe। Sभ% त� ख�लं कारा राह� हM, पारान्त% म%निन, सिस� औरा दै�वत� उस क्लं�शं का� दै�खकारा (Sभ% का� क्लं�शं पा�त� समझकारा) व्यं�का% लं हM॥101 (ख)॥चUपा�ई :* का�टत बlतिंह स�स सम%दै�ई। जि*धिम Sनित लं�भ लं�भ अधि(का�ई॥मराइ न रिरापा% श्रीम भयउ निबस�ष�। रा�म निबभ�षन तन तब दै�ख�॥1॥भ�व�र्थ+:- का�टत� ह� सिसरा> का� समRह बl *�त� ह5, *5स� Sत्य�का लं�भ पारा लं�भ बlत� ह5। शंत्रु% मरात� नहe औरा पारिराश्रीम बहुत हुआ। तब श्री� रा�मच द्रं*� न� निवभ�षण काC ओरा दै�ख�॥1॥* उम� का�लं मरा *�का� ईछो�। स� Sभ% *न कारा S�नित पारा�छो�॥स%न% सराबग्य चरा�चरा न�यका। Sनतपा�लं स%रा म%निन स%खदै�यका॥2॥भ�व�र्थ+:- (सिशंव*� काहत� हM-) ह� उम�! जि*सकाC इच्छी� म�त्रु स� का�लं भ� मरा *�त� ह5, वह� Sभ% स�वका काC S�नित काC पारा�क्ष� लं� राह� हM। (निवभ�षण*� न� काह�-) ह� सव+ज्ञा! ह� चरा�चरा का� स्व�म�! ह� शंराण�गत का� पा�लंन कारान� व�लं�! ह� दै�वत� औरा म%निनय> का� स%ख दै�न� व�लं�! स%निनए-॥2॥* न�भिभका% ड निपायRष बस य�काH । न�र्थ जि*अत रा�वन% बलं त�काH ॥स%नत निबभ�षन बचन का3 पा�लं�। हरानिष गह� कारा ब�न कारा�लं�॥3॥भ�व�र्थ+:-इसका� न�भिभका% ड मH अम3त का� निनव�स ह5। ह� न�र्थ! रा�वण उस� का� बलं पारा *�त� ह5। निवभ�षण का� वचन स%नत� ह� का3 पा�लं% श्री� राघ%न�र्थ*� न� हर्विष त ह�कारा ह�र्थ मH निवकारा�लं ब�ण सिलंए॥3॥

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* अस%भ ह�न लं�ग� तब न�न�। रा�वतिंह खरा स3का�लं बहु स्व�न�॥ब�लंतिंह खग *ग आरानित ह�तR। Sगट भए नभ *हO तहO का� तR॥4॥भ�व�र्थ+:- उस समय न�न� Sका�रा का� अपाशंका% न ह�न� लंग�। बहुत स� गदैह�, स्य�रा औरा का% त्ते� रा�न� लंग�। *गत- का� दु^ख (अशं%भ) का� सRसिचत कारान� का� सिलंए पाक्ष� ब�लंन� लंग�। आका�शं मH *ह�O-तह�O का� त% (पा%च्छीलं त�रा�) Sकाट ह� गए॥4॥* दैस ढ़िदैसिस दै�ह ह�न अनित लं�ग�। भयउ पाराब निबन% रानिब उपारा�ग�॥म दै�दैरिरा उरा का पानित भ�रा�। Sनितम� स्रवतिंह नयन मग ब�रा�॥5॥भ�व�र्थ+:-दैस> ढ़िदैशं�ओं मH अत्य त दै�ह ह�न� लंग� (आग लंगन� लंग�) निबन� ह� पाव+ (य�ग) का� सRय+ग्रीहण ह�न� लंग�। म दै�दैरा� का� हृदैय बहुत का�Oपान� लंग�। मRर्वित य�O न�त्रु म�ग+ स� *लं बह�न� लंगe॥5॥छो दै :* Sनितम� रुदैतिंह पानिबपा�त नभ अनित ब�त बह ड�लंनित मह�।बराषतिंह बलं�हका रुधि(रा काच रा* अस%भ अनित सका का� काह�॥उतपा�त अधिमत निबलं�निका नभ स%रा निबकालं ब�लंतिंह *य *ए।स%रा सभय *�निन का3 पा�लं राघ%पानित च�पा सरा *�रात भए॥भ�व�र्थ+:-मRर्वित य�O रा�न� लंगe, आका�शं स� वज्रपा�त ह�न� लंग�, अत्य त Sचण्ड व�य% बहन� लंग�, पा3थ्व� निहलंन� लंग�, ब�दैलं राb, ब�लं औरा (Rलं काC वष�+ कारान� लंग�। इस Sका�रा इतन� अधि(का अम गलं ह�न� लंग� निका उनका� काUन काह सकात� ह5? अपारिराधिमत उत्पा�त दै�खकारा आका�शं मH दै�वत� व्यं�का% लं ह�कारा *य-*य पा%का�रा उठा� । दै�वत�ओं का� भयभ�त *�नकारा का3 पा�लं% श्री� राघ%न�र्थ*� (न%ष पारा ब�ण सन्धु�न कारान� लंग�।दै�ह� :* खMसिच सरा�सन श्रीवन लंनिग छो�ड़� सरा एकात�स।राघ%न�यका स�यका चलं� म�नहुO का�लं rन�स॥102॥भ�व�र्थ+:- का�न> तका (न%ष का� खeचकारा श्री� राघ%न�र्थ*� न� इकात�स ब�ण छो�ड़�। व� श्री� रा�मच द्रं*� का� ब�ण ऐस� चलं� म�न� का�लंसपा+ ह>॥102॥चUपा�ई :* स�यका एका न�भिभ सरा स�ष�। अपारा लंग� भ%* सिसरा कारिरा रा�ष�॥

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लं5 सिसरा ब�हु चलं� न�रा�च�। सिसरा भ%* ह�न रु ड मनिह न�च�॥1॥भ�व�र्थ+:- एका ब�ण न� न�भिभ का� अम3त का% ड का� स�ख सिलंय�। र्दूसरा� त�स ब�ण का�पा काराका� उसका� सिसरा> औरा भ%*�ओं मH लंग�। ब�ण सिसरा> औरा भ%*�ओं का� लं�कारा चलं�। सिसरा> औरा भ%*�ओं स� रानिहत रुण्ड ((ड़) पा3थ्व� पारा न�चन� लंग�॥1॥* (रानिन (सइ (रा (�व Sच ड�। तब सरा हनित Sभ% का3 त दुइ ख ड�॥ग*ªउ मरात घ�रा राव भ�रा�। काह�O रा�म% रान हत� पाच�रा�॥2॥भ�व�र्थ+:- (ड़ Sचण्ड व�ग स� दैUड़त� ह5, जि*सस� (रात� (Oसन� लंग�। तब Sभ% न� ब�ण म�राकारा उसका� दै� ट%काड़� कारा ढ़िदैए। मरात� समय रा�वण बड़� घ�रा शंब्दै स� गरा*कारा ब�लं�- रा�म काह�O हM? मM लंलंका�राकारा उनका� य%� मH म�रूO !॥2॥* ड�लं� भRधिम निगरात दैसका (रा। छो% भिभत सिंस (% सरिरा ढ़िदैग्ग* भR(रा॥(रानिन पारा�उ द्वाU ख ड बl�ई। च�निपा भ�लं% मका+ ट सम%दै�ई॥3॥भ�व�र्थ+:- रा�वण का� निगरात� ह� पा3थ्व� निहलं गई। सम%द्रं, नढ़िदैय�O, ढ़िदैशं�ओं का� ह�र्थ� औरा पाव+त क्ष%ब्ध ह� उठा� । रा�वण (ड़ का� दै�न> ट%काड़> का� r5 लं�कारा भ�लंR औरा व�नरा> का� सम%दै�य का� दैब�त� हुआ पा3थ्व� पारा निगरा पाड़�॥3॥* म दै�दैरिरा आगH भ%* स�स�। (रिरा सरा चलं� *ह�O *गदैzस�॥Sनिबस� सब निनष ग महुO *�ई। दै�खिख स%रान्ह दु दुभe ब*�ई॥4॥भ�व�र्थ+:- रा�वण काC भ%*�ओं औरा सिसरा> का� म दै�दैरा� का� स�मन� राखकारा रा�मब�ण वह�O चलं�, *ह�O *गदैzश्वरा श्री� रा�म*� र्थ�। सब ब�ण *�कारा तराकास मH Sव�शं कारा गए। यह दै�खकारा दै�वत�ओं न� नग�ड़� ब*�ए॥4॥* त�स% त�* सम�न Sभ% आनन। हराष� दै�खिख स भ% चत%रा�नन॥*य *य (%निन पाRरा� ब्रह्म ड�। *य राघ%ब�रा Sबलं भ%*दै ड�॥5॥भ�व�र्थ+:-रा�वण का� त�* Sभ% का� म%ख मH सम� गय�। यह दै�खकारा सिशंव*� औरा ब्रह्म�*� हर्विष त हुए। ब्रह्म�ण्डभरा मH *य-*य काC ध्वनिन भरा गई। Sबलं भ%*दैण्ड> व�लं� श्री� राघ%व�रा काC *य ह�॥5॥* बराषतिंह स%मन दै�व म%निन ब3 दै�। *य का3 पा�लं *य *यनित म%का% दै�॥6॥भ�व�र्थ+:- दै�वत� औरा म%निनय> का� समRह rR लं बरास�त� हM औरा काहत� हM- का3 पा�लं% काC *य ह�, म%का% न्दै काC *य ह�, *य ह�!॥6॥छो दै :

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* *य का3 पा� का दै म%का% दै द्वा दै हरान सरान स%खSदै Sभ�।खलं दैलं निबदै�रान पाराम का�रान का�रुन�का सदै� निबभ�॥स%रा स%मन बराषतिंह हराष स का% लं ब�* दु दुभिभ गहगह�।स ग्री�म अ गन रा�म अ ग अन ग बहु स�भ� लंह�॥1॥भ�व�र्थ+:- ह� का3 पा� का� का दै! ह� म�क्षदै�त� म%का% न्दै! ह� (रा�ग-द्वा�ष, हष+-शं�का, *न्म-म3त्य% आढ़िदै) द्वा द्वा> का� हरान� व�लं�! ह� शंराण�गत का� स%ख दै�न� व�लं� Sभ�! ह� दुष्टों दैलं का� निवदैzण+ कारान� व�लं�! ह� का�राण> का� भ� पाराम का�राण! ह� सदै� कारुण� कारान� व�लं�! ह� सव+व्यं�पाका निवभ�! आपाकाC *य ह�। दै�वत� हष+ मH भरा� हुए पा%ष्पा बरास�त� हM, घम�घम नग�ड़� ब* राह� हM। राणभRधिम मH श्री� रा�मच द्रं*� का� अ ग> न� बहुत स� का�मदै�व> काC शं�भ� S�प्त काC॥1॥* सिसरा *ट� म%का% ट SसRन निबच निबच अनित मन�हरा रा�*हe।*न% न�लंनिगरिरा पारा तनिड़त पाटलं सम�त उड%गन भ्र�*हe॥भ%*दै ड सरा का�दै ड r� रात रुधि(रा कान तन अनित बन�।*न% रा�यम%नe तम�लं पारा ब5ठा¢ निबपा%लं स%ख आपान�॥2॥भ�व�र्थ+:- सिसरा पारा *ट�ओं का� म%का% ट ह5, जि*सका� ब�च मH अत्य त मन�हरा पा%ष्पा शं�भ� दै� राह� हM। म�न� न�लं� पाव+त पारा निब*लं� का� समRह सनिहत नक्षत्रु स%शं� भिभत ह� राह� हM। श्री� रा�म*� अपान� भ%*दैण्ड> स� ब�ण औरा (न%ष निrरा� राह� हM। शंरा�रा पारा रुधि(रा का� काण अत्य त स% दैरा लंगत� हM। म�न� तम�लं का� व3क्ष पारा बहुत स� लंलंम%निनय�O सिचनिड़य�O अपान� मह�न- स%ख मH मग्न हुई निनश्चलं ब5ठा� ह>॥2॥दै�ह� :* का3 पा�दृधिष्टों कारिरा ब3धिष्टों Sभ% अभय निकाए स%रा ब3 दै।भ�लं% काCस सब हराष� *य स%ख (�म म%का% दै॥103॥भ�व�र्थ+:- Sभ% श्री� रा�मच द्रं*� न� का3 पा� दृधिष्टों काC वष�+ काराका� दै�व समRह का� निनभ+य कारा ढ़िदैय�। व�नरा-भ�लंR सब हर्विष त हुए औरा स%ख(�म म%का% न्दै काC *य ह�, ऐस� पा%का�रान� लंग�॥103॥

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मन्दै�दैरा�-निवलं�पा, रा�वण काC अन्त्य�धिष्टों निक्रय�चUपा�ई :* पानित सिसरा दै�खत म दै�दैरा�। म%रुसिछोत निबकालं (रानिन खसिस पारा�॥*%बनित ब3 दै रा�वत उढ़िठा (�ईं। त�निह उठा�इ रा�वन पातिंह आईं॥1॥भ�व�र्थ+:- पानित का� सिसरा दै�खत� ह� म दै�दैरा� व्यं�का% लं औरा मRर्च्छिच्छी त ह�कारा (रात� पारा निगरा पाड़�। स्त्रिस्त्रुय�O रा�त� हुई दैUड़e औरा उस (म दै�दैरा�) का� उठा�कारा रा�वण का� पा�स आईं॥1॥* पानित गनित दै�खिख त� कारातिंह पा%का�रा�। छोR ट� काच नतिंह बपा%ष सOभ�रा�॥उरा त�ड़न� कारातिंह निबधि( न�न�। रा�वत कारातिंह Sत�पा बख�न�॥2॥भ�व�र्थ+:- पानित काC दैशं� दै�खकारा व� पा%का�रा-पा%का�राकारा रा�न� लंगe। उनका� ब�लं ख%लं गए, दै�ह काC स भ�लं नहe राह�। व� अन�का> Sका�रा स� छो�त� पा�टत� हM औरा रा�त� हुई रा�वण का� Sत�पा का� बख�न कारात� हM॥2॥* तव बलं न�र्थ ड�लं निनत (रान�। त�* ह�न पा�वका ससिस तरान�॥स�ष कामठा सनिह सकातिंह न भ�रा�। स� तन% भRधिम पारा�उ भरिरा छो�रा�॥3॥भ�व�र्थ+:- (व� काहत� हM-) ह� न�र्थ! त%म्ह�रा� बलं स� पा3थ्व� सदै� का�Oपात� राहत� र्थ�। अखिग्न, च द्रंम� औरा सRय+ त%म्ह�रा� स�मन� त�*ह�न र्थ�। शं�ष औरा काच्छीपा भ� जि*सका� भ�रा नहe सह सकात� र्थ�, वह� त%म्ह�रा� शंरा�रा आ* (Rलं मH भरा� हुआ पा3थ्व� पारा पाड़� ह5!॥3॥* बरुन का% ब�रा स%रा�स सम�रा�। रान सन्म%ख (रिरा का�हुO न (�रा�॥भ%*बलं जि*त�हु का�लं *म स�ईं। आ*% पारा�हु अन�र्थ काC न�ईं॥4॥भ�व�र्थ+:-वरुण, का% ब�रा, इ द्रं औरा व�य%, इनमH स� निकास� न� भ� राण मH त%म्ह�रा� स�मन� (5य+ (�राण नहe निकाय�। ह� स्व�म�! त%मन� अपान� भ%*बलं स� का�लं औरा यमरा�* का� भ� *�त सिलंय� र्थ�। वह� त%म आ* अन�र्थ काC तराह पाड़� ह�॥4॥* *गत निबढ़िदैत त%म्ह�रिरा Sभ%त�ई। स%त पारिरा*न बलं बरानिन न *�ई॥रा�म निबम%ख अस ह�लं त%म्ह�रा�। राह� न का�उ का% लं रा�वनिनह�रा�॥5॥भ�व�र्थ+:-त%म्ह�रा� Sभ%त� *गत- भरा मH Sसिस� ह5। त%म्ह�रा� पा%त्रु> औरा का% ट%स्त्रिम्बय> का� बलं का� ह�य! वण+न ह� नहe ह� सकात�। श्री� रा�मच द्रं*� का�

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निवम%ख ह�न� स� त%म्ह�रा� ऐस� दुदै+शं� हुई निका आ* का% लं मH का�ई रा�न� व�लं� भ� न राह गय�॥5॥* तव बस निबधि( Sच ड सब न�र्थ�। सभय ढ़िदैसिसपा निनत न�वतिंह म�र्थ�॥अब तव सिसरा भ%* * ब%का ख�हe। रा�म निबम%ख यह अन%सिचत न�हe॥6॥भ�व�र्थ+:-ह� न�र्थ! निव(�त� काC स�रा� स3धिष्टों त%म्ह�रा� वशं मH र्थ�। लं�कापा�लं सदै� भयभ�त ह�कारा त%मका� मस्तका नव�त� र्थ�, निकान्त% ह�य! अब त%म्ह�रा� सिसरा औरा भ%*�ओं का� ग�दैड़ ख� राह� हM। रा�म निवम%ख का� सिलंए ऐस� ह�न� अन%सिचत भ� नहe ह5 (अर्थ�+त- उसिचत ह� ह5)॥6॥* का�लं निबबस पानित काह� न म�न�। अग *ग न�र्थ% मन%* कारिरा *�न�॥7॥भ�व�र्थ+:- ह� पानित! का�लं का� पाRण+ वशं मH ह�न� स� त%मन� (निकास� का�) काहन� नहe म�न� औरा चरा�चरा का� न�र्थ पाराम�त्म� का� मन%ष्य काराका� *�न�॥7॥छो दै :* *�न्य� मन%* कारिरा दैन%* का�नन दैहन पा�वका हरिरा स्वय ।*�निह नमत सिसव ब्रह्म�ढ़िदै स%रा निपाय भ*�हु नतिंह कारुन�मय ॥आ*न्म त� पाराद्रं�ह रात पा�पाUघमय तव तन% अय ।त%म्हहूँ ढ़िदैय� निन* (�म रा�म नम�धिम ब्रह्म निनरा�मय ॥भ�व�र्थ+:-दै5त्य रूपा� वन का� *लं�न� का� सिलंए अखिग्नस्वरूपा स�क्ष�त- श्री� हरिरा का� त%मन� मन%ष्य काराका� *�न�। सिशंव औरा ब्रह्म� आढ़िदै दै�वत� जि*नका� नमस्का�रा कारात� हM, उन कारुण�मय भगव�न- का� ह� निSयतम! त%मन� नहe भ*�। त%म्ह�रा� यह शंरा�रा *न्म स� ह� र्दूसरा> स� द्रं�ह कारान� मH तत्पारा तर्थ� पा�पा समRहमय राह�! इतन� पारा भ� जि*न निनर्विव का�रा ब्रह्म श्री� रा�म*� न� त%मका� अपान� (�म ढ़िदैय�, उनका� मM नमस्का�रा कारात� हूँO।दै�ह� :* अहह न�र्थ राघ%न�र्थ सम का3 पा�सिंस (% नतिंह आन।*�निग ब3 दै दुलं+भ गनित त�निह दैzखिन्ह भगव�न॥104॥भ�व�र्थ+:-अहह! न�र्थ! श्री� राघ%न�र्थ*� का� सम�न का3 पा� का� सम%द्रं र्दूसरा� का�ई नहe ह5, जि*न भगव�न- न� त%मका� वह गनित दैz, *� य�निग सम�* का� भ� दुलं+भ ह5॥104॥चUपा�ई :

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* म दै�दैरा� बचन स%निन का�न�। स%रा म%निन सिस� सबखिन्ह स%ख म�न�॥अ* मह�स न�रादै सनका�दैz। *� म%निनबरा पाराम�रार्थब�दैz॥1॥भ�व�र्थ+:-म दै�दैरा� का� वचन का�न> मH स%नकारा दै�वत�, म%निन औरा सिस� सभ� न� स%ख म�न�। ब्रह्म�, मह�दै�व, न�रादै औरा सनका�ढ़िदै तर्थ� औरा भ� *� पाराम�र्थ+व�दैz (पाराम�त्म� का� तत्त्व का� *�नन� औरा काहन� व�लं�) श्री�ष्ठ म%निन र्थ�॥1॥* भरिरा लं�चन राघ%पानितनिह निनह�रा�। S�म मगन सब भए स%ख�रा�॥रुदैन कारात दै�खe सब न�रा�। गयउ निबभ�षन% मन% दुख भ�रा�॥2॥भ�व�र्थ+:- व� सभ� श्री� राघ%न�र्थ*� का� न�त्रु भराकारा निनराखकारा S�ममग्न ह� गए औरा अत्य त स%ख� हुए। अपान� घरा काC सब स्त्रिस्त्रुय> का� रा�त� हुई दै�खकारा निवभ�षण*� का� मन मH बड़� भ�रा� दु^ख हुआ औरा व� उनका� पा�स गए॥2॥* ब (% दैस� निबलं�निका दुख काCन्ह�। तब Sभ% अन%*निह आयस% दैzन्ह�॥लंसिछोमन त�निह बहु निबधि( सम%झ�य�। बहुरिरा निबभ�षन Sभ% पातिंह आय�॥3॥भ�व�र्थ+:-उन्ह>न� भ�ई काC दैशं� दै�खकारा दु^ख निकाय�। तब Sभ% श्री� रा�म*� न� छो�ट� भ�ई का� आज्ञा� दैz (निका *�कारा निवभ�षण का� (5य+ बO(�ओ)। लंक्ष्मण*� न� उन्हH बहुत Sका�रा स� समझ�य�। तब निवभ�षण Sभ% का� पा�स लंUट आए॥3॥* का3 पा�दृधिष्टों Sभ% त�निह निबलं�का�। काराहु निक्रय� पारिराहरिरा सब स�का�॥काCखिन्ह निक्रय� Sभ% आयस% म�न�। निबधि(वत दै�स का�लं जि*यO *�न�॥4॥भ�व�र्थ+:-Sभ% न� उनका� का3 पा�पाRण+ दृधिष्टों स� दै�ख� (औरा काह�-) सब शं�का त्य�गकारा रा�वण काC अ त्य�धिष्टों निक्रय� कारा�। Sभ% काC आज्ञा� म�नकारा औरा हृदैय मH दै�शं औरा का�लं का� निवच�रा काराका� निवभ�षण*� न� निवधि(पाRव+का सब निक्रय� काC॥4॥दै�ह� :* म दै�दैरा� आढ़िदै सब दै�ह नितलं� *सिलं त�निह।भवन गईं राघ%पानित ग%न गन बरानत मन म�निह॥105॥भ�व�र्थ+:- म दै�दैरा� आढ़िदै सब स्त्रिस्त्रुय�O उस� (रा�वण का�) नितलं� *सिलं दै�कारा मन मH श्री� राघ%न�र्थ*� का� ग%ण समRह> का� वण+न कारात� हुई महलं का� गईं॥105॥

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निवभ�षण का� रा�ज्य�भिभष�काचUपा�ई :* आइ निबभ�षन पा%निन सिसरु न�य�। का3 पा�सिंस (% तब अन%* ब�लं�य�॥त%म्ह कापा�स अ गदै नलं न�लं�। *�मव त म�रुनित नयस�लं�॥1॥सब धिमसिलं *�हु निबभ�षन स�र्थ�। स�रा�हु नितलंका काह�उ राघ%न�र्थ�॥निपात� बचन मM नगरा न आवउO। आपा% सरिरास कानिपा अन%* पाठा�वउO॥2॥भ�व�र्थ+:-सब निक्रय�-काम+ कारान� का� ब�दै निवभ�षण न� आकारा पा%न^ सिसरा नव�य�। तब का3 पा� का� सम%द्रं श्री� रा�म*� न� छो�ट� भ�ई लंक्ष्मण*� का� ब%लं�य�। श्री� राघ%न�र्थ*� न� काह� निका त%म, व�नरारा�* स%ग्री�व, अ गदै, नलं, न�लं *�म्बव�न- औरा म�रुनित सब न�नितनिनपा%ण लं�ग धिमलंकारा निवभ�षण का� स�र्थ *�ओ औरा उन्हH रा�*नितलंका कारा दै�। निपात�*� का� वचन> का� का�राण मM नगरा मH नहe आ सकात�। पारा अपान� ह� सम�न व�नरा औरा छो�ट� भ�ई का� भ�*त� हूँO॥1-2॥* त%रात चलं� कानिपा स%निन Sभ% बचन�। काCन्ह� *�इ नितलंका काC राचन�॥स�दैरा सिंस ह�सन ब5ठा�रा�। नितलंका स�रिरा अस्त%नित अन%स�रा�॥3॥भ�व�र्थ+:- Sभ% का� वचन स%नकारा व�नरा त%रा त चलं� औरा उन्ह>न� *�कारा रा�*नितलंका काC स�रा� व्यंवस्था� काC। आदैरा का� स�र्थ निवभ�षण का� सिंस ह�सन पारा ब5ठा�कारा रा�*नितलंका निकाय� औरा स्त%नित काC॥3॥* *�रिरा पा�निन सबहe सिसरा न�ए। सनिहत निबभ�षन Sभ% पातिंह आए॥तब राघ%ब�रा ब�सिलं कानिपा लं�न्ह�। कानिह निSय बचन स%ख� सब काCन्ह�॥4॥भ�व�र्थ+:-सभ� न� ह�र्थ *�ड़कारा उनका� सिसरा नव�ए। तदैनन्तरा निवभ�षण*� सनिहत सब Sभ% का� पा�स आए। तब श्री� राघ%व�रा न� व�नरा> का� ब%लं� सिलंय� औरा निSय वचन काहकारा सबका� स%ख� निकाय�॥4॥छो दै- :* निकाए स%ख� कानिह ब�न� स%(� सम बलं त%म्ह�राH रिरापा% हय�।पा�य� निबभ�षन रा�* नितहुO पा%रा *स% त%म्ह�रा� निनत नय�॥

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म�निह सनिहत स%भ काCरानित त%म्ह�रा� पाराम S�नित *� ग�इहM।स स�रा सिंस (% अपा�रा पा�रा Sय�स निबन% नरा पा�इहM॥भ�व�र्थ+:- भगव�न- न� अम3त का� सम�न यह व�ण� काहकारा सबका� स%ख� निकाय� निका त%म्ह�रा� ह� बलं स� यह Sबलं शंत्रु% म�रा� गय� औरा निवभ�षण न� रा�ज्य पा�य�। इसका� का�राण त%म्ह�रा� यशं त�न> लं�का> मH निनत्य नय� बन� राह�ग�। *� लं�ग म�रा� सनिहत त%म्ह�रा� शं%भ काCर्वित का� पाराम S�म का� स�र्थ ग�एOग�, व� निबन� ह� पारिराश्रीम इस अपा�रा स स�रा का� पा�रा पा� *�एOग�।दै�ह� :Sभ% का� बचन श्रीवन स%निन नतिंह अघ�तिंह कानिपा पा% *।ब�रा ब�रा सिसरा न�वतिंह गहतिंह सकालं पादै का *॥106॥भ�व�र्थ+:- Sभ% का� वचन का�न> स� स%नकारा व�नरा समRह त3प्त नहe ह�त�। व� सब ब�रा-ब�रा सिसरा नव�त� हM औरा चराणकामलं> का� पाकाड़त� हM॥106॥

हन%म�न- *� का� स�त�*� का� का% शंलं स%न�न�, स�त�*� का� आगमन औरा अखिग्न पारा�क्ष�चUपा�ई :* पा%निन Sभ% ब�सिलं सिलंयउ हन%म�न�। लं का� *�हु काह�उ भगव�न�॥सम�च�रा *�ननिकानिह स%न�वहु। त�स% का% सलं लं5 त%म्ह चसिलं आवहु॥1॥भ�व�र्थ+:-निrरा Sभ% न� हन%म�न- *� का� ब%लं� सिलंय�। भगव�न- न� काह�- त%म लं का� *�ओ। *�नकाC का� सब सम�च�रा स%न�ओ औरा उसका� का% शंलं सम�च�रा लं�कारा त%म चलं� आओ॥1॥* तब हन%म त नगरा महुO आए। स%निन निनसिसचराe निनस�चरा (�ए॥बहु Sका�रा नितन्ह पाR*� काCन्ह�। *नकास%त� दै�ख�इ पा%निन दैzन्ह�॥2॥भ�व�र्थ+:-तब हन%म�न- *� नगरा मH आए। यह स%नकारा रा�क्षस-रा�क्षस� (उनका� सत्का�रा का� सिलंए) दैUड़�। उन्ह>न� बहुत Sका�रा स� हन%म�न- *� काC पाR*� काC औरा निrरा श्री� *�नकाC*� का� ढ़िदैखलं� ढ़िदैय�॥2॥* र्दूरिरानिह त� Sन�म कानिपा काCन्ह�। राघ%पानित र्दूत *�नका� च�न्ह�॥

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काहहु त�त Sभ% का3 पा�निनका� त�। का% सलं अन%* कानिपा स�न सम�त�॥3॥भ�व�र्थ+:-हन%म�न- *� न� (स�त�*� का�) र्दूरा स� ह� Sण�म निकाय�। *�नकाC*� न� पाहच�न सिलंय� निका यह वह� श्री� राघ%न�र्थ*� का� र्दूत ह5 (औरा पाRछो�-) ह� त�त! काह�, का3 पा� का� (�म म�रा� Sभ% छो�ट� भ�ई औरा व�नरा> काC स�न� सनिहत का% शंलं स� त� हM?॥3॥* सब निबधि( का% सलं का�सलं�(�स�। म�त% समरा *�त्य� दैसस�स�॥अनिबचलं रा�*% निबभ�षन पा�य�। स%निन कानिपा बचन हराष उरा छो�य�॥4॥भ�व�र्थ+:-(हन%म�न- *� न� काह�-) ह� म�त�! का�सलंपानित श्री� रा�म*� सब Sका�रा स� सका% शंलं हM। उन्ह>न� स ग्री�म मH दैस सिसरा व�लं� रा�वण का� *�त सिलंय� ह5 औरा निवभ�षण न� अचलं रा�ज्य S�प्त निकाय� ह5। हन%म�न- *� का� वचन स%नकारा स�त�*� का� हृदैय मH हष+ छो� गय�॥4॥छो दै- :* अनित हराष मन तन पा%लंका लं�चन स*लं काह पा%निन पा%निन राम�।का� दै�उO त�निह त्रु5लं�का महुO कानिपा निकामनिपा नतिंह ब�न� सम�॥स%न% म�त% मM पा�य� अखिखलं *ग रा�*% आ*% न स सय ।रान *�नित रिरापा%दैलं ब (% *%त पास्य�धिम रा�ममन�मय ॥भ�व�र्थ+:-श्री� *�नकाC*� का� हृदैय मH अत्य त हष+ हुआ। उनका� शंरा�रा पा%लंनिकात ह� गय� औरा न�त्रु> मH (आन दै�श्री%ओं का�) *लं छो� गय�। व� ब�रा-ब�रा काहत� हM- ह� हन%म�न- ! मM त%झ� क्य� र्दूO? इस व�ण� (सम�च�रा) का� सम�न त�न> लं�का> मH औरा का% छो भ� नहe ह5! (हन%म�न- *� न� काह�-) ह� म�त�! स%निनए, मMन� आ* निन^स दै�ह स�रा� *गत- का� रा�ज्य पा� सिलंय�, *� मM राण मH शंत्रु% का� *�तकारा भ�ई सनिहत निनर्विव का�रा श्री� रा�म*� का� दै�ख राह� हूँO।दै�ह� :स%न% स%त सदैग%न सकालं तव हृदैयO बसहुO हन%म त।स�न%काR लं का�सलंपानित राहहुO सम�त अन त॥107॥भ�व�र्थ+:-(*�नकाC*� न� काह�-) ह� पा%त्रु! स%न, समस्त सद्गण̄ त�रा� हृदैय मH बसH औरा ह� हन%म�न- ! शं�ष (लंक्ष्मण*�) सनिहत का�सलंपानित Sभ% सदै� त%झ पारा Sसन्न राहH॥107॥चUपा�ई :

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अब स�इ *तन काराहु त%म्ह त�त�। दै�ख� नयन स्य�म म3दु ग�त�॥तब हन%म�न रा�म पातिंह *�ई। *नकास%त� का5 का% सलं स%न�ई॥1॥भ�व�र्थ+:-ह� त�त! अब त%म वह� उपा�य कारा�, जि*सस� मM इन न�त्रु> स� Sभ% का� का�मलं श्य�म शंरा�रा का� दैशं+न कारूO । तब श्री� रा�मच द्रं*� का� पा�स *�कारा हन%म�न- *� न� *�नकाC*� का� का% शंलं सम�च�रा स%न�य�॥1॥* स%निन स दै�स% भ�न%का% लंभRषन। ब�सिलं सिलंए *%बरा�* निबभ�षन॥म�रुतस%त का� स ग सिस(�वहु। स�दैरा *नकास%तनिह लं5 आवहु॥2॥भ�व�र्थ+:- हन%म�न- *� का� स�त�*� का� का% शंलं स%न�न�, स�त�*� का� आगमन औरा अखिग्न पारा�क्ष�चUपा�ई :* पा%निन Sभ% ब�सिलं सिलंयउ हन%म�न�। लं का� *�हु काह�उ भगव�न�॥सम�च�रा *�ननिकानिह स%न�वहु। त�स% का% सलं लं5 त%म्ह चसिलं आवहु॥1॥भ�व�र्थ+:-निrरा Sभ% न� हन%म�न- *� का� ब%लं� सिलंय�। भगव�न- न� काह�- त%म लं का� *�ओ। *�नकाC का� सब सम�च�रा स%न�ओ औरा उसका� का% शंलं सम�च�रा लं�कारा त%म चलं� आओ॥1॥* तब हन%म त नगरा महुO आए। स%निन निनसिसचराe निनस�चरा (�ए॥बहु Sका�रा नितन्ह पाR*� काCन्ह�। *नकास%त� दै�ख�इ पा%निन दैzन्ह�॥2॥भ�व�र्थ+:-तब हन%म�न- *� नगरा मH आए। यह स%नकारा रा�क्षस-रा�क्षस� (उनका� सत्का�रा का� सिलंए) दैUड़�। उन्ह>न� बहुत Sका�रा स� हन%म�न- *� काC पाR*� काC औरा निrरा श्री� *�नकाC*� का� ढ़िदैखलं� ढ़िदैय�॥2॥* र्दूरिरानिह त� Sन�म कानिपा काCन्ह�। राघ%पानित र्दूत *�नका� च�न्ह�॥काहहु त�त Sभ% का3 पा�निनका� त�। का% सलं अन%* कानिपा स�न सम�त�॥3॥भ�व�र्थ+:-हन%म�न- *� न� (स�त�*� का�) र्दूरा स� ह� Sण�म निकाय�। *�नकाC*� न� पाहच�न सिलंय� निका यह वह� श्री� राघ%न�र्थ*� का� र्दूत ह5 (औरा पाRछो�-) ह� त�त! काह�, का3 पा� का� (�म म�रा� Sभ% छो�ट� भ�ई औरा व�नरा> काC स�न� सनिहत का% शंलं स� त� हM?॥3॥* सब निबधि( का% सलं का�सलं�(�स�। म�त% समरा *�त्य� दैसस�स�॥

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अनिबचलं रा�*% निबभ�षन पा�य�। स%निन कानिपा बचन हराष उरा छो�य�॥4॥भ�व�र्थ+:-(हन%म�न- *� न� काह�-) ह� म�त�! का�सलंपानित श्री� रा�म*� सब Sका�रा स� सका% शंलं हM। उन्ह>न� स ग्री�म मH दैस सिसरा व�लं� रा�वण का� *�त सिलंय� ह5 औरा निवभ�षण न� अचलं रा�ज्य S�प्त निकाय� ह5। हन%म�न- *� का� वचन स%नकारा स�त�*� का� हृदैय मH हष+ छो� गय�॥4॥छो दै- :* अनित हराष मन तन पा%लंका लं�चन स*लं काह पा%निन पा%निन राम�।का� दै�उO त�निह त्रु5लं�का महुO कानिपा निकामनिपा नतिंह ब�न� सम�॥स%न% म�त% मM पा�य� अखिखलं *ग रा�*% आ*% न स सय ।रान *�नित रिरापा%दैलं ब (% *%त पास्य�धिम रा�ममन�मय ॥भ�व�र्थ+:-श्री� *�नकाC*� का� हृदैय मH अत्य त हष+ हुआ। उनका� शंरा�रा पा%लंनिकात ह� गय� औरा न�त्रु> मH (आन दै�श्री%ओं का�) *लं छो� गय�। व� ब�रा-ब�रा काहत� हM- ह� हन%म�न- ! मM त%झ� क्य� र्दूO? इस व�ण� (सम�च�रा) का� सम�न त�न> लं�का> मH औरा का% छो भ� नहe ह5! (हन%म�न- *� न� काह�-) ह� म�त�! स%निनए, मMन� आ* निन^स दै�ह स�रा� *गत- का� रा�ज्य पा� सिलंय�, *� मM राण मH शंत्रु% का� *�तकारा भ�ई सनिहत निनर्विव का�रा श्री� रा�म*� का� दै�ख राह� हूँO।दै�ह� :स%न% स%त सदैग%न सकालं तव हृदैयO बसहुO हन%म त।स�न%काR लं का�सलंपानित राहहुO सम�त अन त॥107॥भ�व�र्थ+:-(*�नकाC*� न� काह�-) ह� पा%त्रु! स%न, समस्त सद्गण̄ त�रा� हृदैय मH बसH औरा ह� हन%म�न- ! शं�ष (लंक्ष्मण*�) सनिहत का�सलंपानित Sभ% सदै� त%झ पारा Sसन्न राहH॥107॥चUपा�ई :अब स�इ *तन काराहु त%म्ह त�त�। दै�ख� नयन स्य�म म3दु ग�त�॥तब हन%म�न रा�म पातिंह *�ई। *नकास%त� का5 का% सलं स%न�ई॥1॥भ�व�र्थ+:-ह� त�त! अब त%म वह� उपा�य कारा�, जि*सस� मM इन न�त्रु> स� Sभ% का� का�मलं श्य�म शंरा�रा का� दैशं+न कारूO । तब श्री� रा�मच द्रं*� का� पा�स *�कारा हन%म�न- *� न� *�नकाC*� का� का% शंलं सम�च�रा स%न�य�॥1॥* स%निन स दै�स% भ�न%का% लंभRषन। ब�सिलं सिलंए *%बरा�* निबभ�षन॥

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म�रुतस%त का� स ग सिस(�वहु। स�दैरा *नकास%तनिह लं5 आवहु॥2॥भ�व�र्थ+:-सRय+ का% लंभRषण श्री� रा�म*� न� स दै�शं स%नकारा य%वरा�* अ गदै औरा निवभ�षण का� ब%लं� सिलंय� (औरा काह�-) पावनपा%त्रु हन%म�न- का� स�र्थ *�ओ औरा *�नकाC का� आदैरा का� स�र्थ लं� आओ॥2॥* त%राततिंह सकालं गए *हO स�त�। स�वतिंह सब निनसिसचराe निबन�त�॥ब�निग निबभ�षन नितन्हनिह सिसख�य�। नितन्ह बहु निबधि( मज्जन काराव�य�॥3॥भ�व�र्थ+:-व� सब त%रा त ह� वह�O गए, *ह�O स�त�*� र्थe। सब काC सब रा�क्षसिसय�O नम्रात�पाRव+का उनकाC स�व� कारा राह� र्थe। निवभ�षण*� न� शं�घ्र ह� उन लं�ग> का� समझ� ढ़िदैय�। उन्ह>न� बहुत Sका�रा स� स�त�*� का� स्न�न कारा�य�,॥3॥* बहु Sका�रा भRषन पानिहरा�ए। सिसनिबका� रुसिचरा स�जि* पा%निन ल्य�ए॥त� पारा हरानिष चlz ब5दै�ह�। स%धिमरिरा रा�म स%ख(�म सन�ह�॥4॥भ�व�र्थ+:-बहुत Sका�रा का� गहन� पाहन�ए औरा निrरा व� एका स% दैरा पा�लंकाC स*�कारा लं� आए। स�त�*� Sसन्न ह�कारा स%ख का� (�म निSयतम श्री� रा�म*� का� स्मराण काराका� उस पारा हष+ का� स�र्थ चlÄ॥4॥ब�तपा�निन राच्छीका चहु पा�स�। चलं� सकालं मन पाराम हुलं�स�॥दै�खन भ�लं% काCस सब आए। राच्छीका का�निपा निनव�रान (�ए॥5॥भ�व�र्थ+:-च�रा> ओरा ह�र्थ> मH छोड़� सिलंए राक्षका चलं�। सबका� मन> मH पाराम उल्लं�स (उम ग) ह5। रा�छो-व�नरा सब दैशं+न कारान� का� सिलंए आए, तब राक्षका क्र�( काराका� उनका� रा�कान� दैUड़�॥5॥काह राघ%ब�रा काह� मम म�नहु। स�तनिह सख� पाय�दैH आनहु॥दै�खहुO कानिपा *नन� काC न�ईं। निबहसिस काह� राघ%न�र्थ ग�स�ईं॥6॥भ�व�र्थ+:-श्री� राघ%व�रा न� काह�- ह� धिमत्रु! म�रा� काहन� म�न� औरा स�त� का� पा5दैलं लं� आओ, जि*सस� व�नरा उसका� म�त� काC तराह दै�खH। ग�स�ईं श्री� रा�म*� न� हOसकारा ऐस� काह�॥6॥* स%निन Sभ% बचन भ�लं% कानिपा हराष�। नभ त� स%रान्ह स%मन बहु बराष�॥स�त� Sर्थम अनलं महुO रा�ख�। Sगट काCखिन्ह चह अ तरा स�ख�॥7॥भ�व�र्थ+:-Sभ% का� वचन स%नकारा रा�छो-व�नरा हर्विष त ह� गए। आका�शं स� दै�वत�ओं न� बहुत स� rR लं बरास�ए। स�त�*� (का� असलं� स्वरूपा) का�

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पानिहलं� अखिग्न मH राख� र्थ�। अब भ�तरा का� स�क्ष� भगव�न- उनका� Sकाट कारान� च�हत� हM॥7॥दै�ह� :* त�निह का�रान कारुन�निनधि( काह� काछो% का दुब�+दै।स%नत *�त%(�नe सब लं�गe कारा5 निबष�दै॥108॥भ�व�र्थ+:-इस� का�राण कारुण� का� भ ड�रा श्री� रा�म*� न� लं�लं� स� का% छो काड़� वचन काह�, जि*न्ह� स%नकारा सब रा�क्षसिसय�O निवष�दै कारान� लंगe॥108॥चUपा�ई :* Sभ% का� बचन स�स (रिरा स�त�। ब�लं� मन क्रम बचन पा%न�त�॥लंसिछोमन ह�हु (राम का� न�ग�। पा�वका Sगट काराहु त%म्ह ब�ग�॥1॥भ�व�र्थ+:-Sभ% का� वचन> का� सिसरा चl�कारा मन, वचन औरा काम+ स� पानिवत्रु श्री� स�त�*� ब�लंe- ह� लंक्ष्मण! त%म म�रा� (म+ का� न�ग� ((म�+चराण मH सह�यका) बन� औरा त%रा त आग त5य�रा कारा�॥1॥स%निन लंसिछोमन स�त� का5 ब�न�। निबराह निबब�का (राम निननित स�न�॥लं�चन स*लं *�रिरा कारा दै�ऊँ। Sभ% सन काछो% कानिह सकात न ओऊँ॥2॥भ�व�र्थ+:-श्री� स�त�*� काC निवराह, निवव�का, (म+ औरा न�नित स� सन� हुई व�ण� स%नकारा लंक्ष्मण*� का� न�त्रु> मH (निवष�दै का� आOस%ओं का�) *लं भरा आय�। व� ह�र्थ *�ड़� खड़� राह�। व� भ� Sभ% स� का% छो काह नहe सकात�॥2॥दै�खिख रा�म रुख लंसिछोमन (�ए। पा�वका Sगढ़िट का�ठा बहु लं�ए॥पा�वका Sबलं दै�खिख ब5दै�ह�। हृदैयO हराष नतिंह भय काछो% त�ह�॥3॥भ�व�र्थ+:-निrरा श्री� रा�म*� का� रुख दै�खकारा लंक्ष्मण*� दैUड़� औरा आग त5य�रा काराका� बहुत स� लंकाड़� लं� आए। अखिग्न का� खRब बlz हुई दै�खकारा *�नकाC*� का� हृदैय मH हष+ हुआ। उन्हH भय का% छो भ� नहe हुआ॥3॥* *� मन बच क्रम मम उरा म�हe। तजि* राघ%ब�रा आन गनित न�हe॥तU का3 स�न% सब का5 गनित *�न�। म� काहुO ह�उ श्री�ख ड सम�न�॥4॥भ�व�र्थ+:-(स�त�*� न� लं�लं� स� काह�-) यढ़िदै मन, वचन औरा काम+ स� म�रा� हृदैय मH श्री� राघ%व�रा का� छो�ड़कारा र्दूसरा� गनित (अन्य निकास� का� आश्रीय) नहe ह5, त� अखिग्नदै�व *� सबका� मन काC गनित *�नत� हM, (म�रा� भ� मन काC गनित *�नकारा) म�रा� सिलंए च दैन का� सम�न शं�तलं ह� *�एO॥4॥

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छो दै- :* श्री�ख ड सम पा�वका Sब�स निकाय� स%धिमरिरा Sभ% म5सिर्थलं�।*य का�सलं�स मह�स ब ढ़िदैत चरान रानित अनित निनम+लं�॥Sनिततिंब ब अरु लंUनिकाका कालं का Sच ड पा�वका महुO *रा�।Sभ% चरिरात का�हुO न लंख� नभ स%रा सिस� म%निन दै�खतिंह खरा�॥1॥भ�व�र्थ+:-Sभ% श्री� रा�म*� का� स्मराण काराका� औरा जि*नका� चराण मह�दै�व*� का� द्वा�रा� व ढ़िदैत हM तर्थ� जि*नमH स�त�*� काC अत्य त निवशं%� S�नित ह5, उन का�सलंपानित काC *य ब�लंकारा *�नकाC*� न� च दैन का� सम�न शं�तलं हुई अखिग्न मH Sव�शं निकाय�। Sनितनिबम्ब (स�त�*� काC छो�य�मRर्वित ) औरा उनका� लंUनिकाका कालं का Sचण्ड अखिग्न मH *लं गए। Sभ% का� इन चरिरात्रु> का� निकास� न� नहe *�न�। दै�वत�, सिस� औरा म%निन सब आका�शं मH खड़� दै�खत� हM॥1॥* (रिरा रूपा पा�वका पा�निन गनिह श्री� सत्य श्री%नित *ग निबढ़िदैत *�।जि*धिम छोzरास�गरा इ ढ़िदैरा� रा�मनिह समपा7 आनिन स�॥स� रा�म ब�म निबभ�ग रा�*नित रुसिचरा अनित स�भ� भलं�।नव न�लं न�रा* निनकाट म�नहुO कानका पा का* काC कालं�॥2॥भ�व�र्थ+:-तब अखिग्न न� शंरा�रा (�राण काराका� व�दै> मH औरा *गत- मH Sसिस� व�स्तनिवका श्री� (स�त�*�) का� ह�र्थ पाकाड़ उन्हH श्री� रा�म*� का� व5स� ह� समर्विपा त निकाय� *5स� क्ष�रास�गरा न� निवष्ण% भगव�न- का� लंक्ष्म� समर्विपा त काC र्थe। व� स�त�*� श्री� रा�मच द्रं*� का� व�म भ�ग मH निवरा�जि*त हुईं। उनकाC उत्तेम शं�भ� अत्य त ह� स% दैरा ह5। म�न� नए खिखलं� हुए न�लं� कामलं का� पा�स स�न� का� कामलं काC कालं� स%शं�भिभत ह�॥2॥

दै�वत�ओं काC स्त%नित, इ द्रं काC अम3त वष�+दै�ह� :* बराषतिंह स%मन हरानिष स%रा ब�*तिंह गगन निनस�न।ग�वतिंह तिंका नरा स%राब(R न�चतिंह चlÄ निबम�न॥109 का॥

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भ�व�र्थ+:-दै�वत� हर्विष त ह�कारा rR लं बरास�न� लंग�। आका�शं मH ड का� ब*न� लंग�। निकान्नरा ग�न� लंग�। निवम�न> पारा चlz अप्सरा�एO न�चन� लंगe॥109 (का)॥* *नकास%त� सम�त Sभ% स�भ� अधिमत अपा�रा।दै�खिख भ�लं% कानिपा हराष� *य राघ%पानित स%ख स�रा॥109 ख॥भ�व�र्थ+:-श्री� *�नकाC*� सनिहत Sभ% श्री� रा�मच द्रं*� काC अपारिराधिमत औरा अपा�रा शं�भ� दै�खकारा रा�छो-व�नरा हर्विष त ह� गए औरा स%ख का� स�रा श्री� राघ%न�र्थ*� काC *य ब�लंन� लंग�॥109 (ख)॥चUपा�ई :* तब राघ%पानित अन%स�सन पा�ई। म�तसिलं चलं�उ चरान सिसरु न�ई॥आए दै�व सदै� स्व�रार्थ�। बचन काहतिंह *न% पाराम�रार्थ�॥1॥भ�व�र्थ+:-तब श्री� राघ%न�र्थ*� काC आज्ञा� पा�कारा इ द्रं का� स�रार्थ� म�तसिलं चराण> मH सिसरा नव�कारा (रार्थ लं�कारा) चलं� गय�। तदैनन्तरा सदै� का� स्व�र्थ7 दै�वत� आए। व� ऐस� वचन काह राह� हM म�न� बड़� पाराम�र्थ7 ह>॥1॥* दैzन ब (% दैय�लं राघ%रा�य�। दै�व काCखिन्ह दै�वन्ह पारा दै�य�॥निबस्व द्रं�ह रात यह खलं का�म�। निन* अघ गयउ का% म�रागग�म�॥2॥भ�व�र्थ+:-ह� दैzनबन्धु%! ह� दैय�लं% राघ%रा�*! ह� पारामदै�व! आपान� दै�वत�ओं पारा बड़� दैय� काC। निवश्व का� द्रं�ह मH तत्पारा यह दुष्टों, का�म� औरा का% म�ग+ पारा चलंन� व�लं� रा�वण अपान� ह� पा�पा स� नष्टों ह� गय�॥2॥* त%म्ह समरूपा ब्रह्म अनिबन�स�। सदै� एकारास सह* उदै�स�॥अकालं अग%न अ* अनघ अन�मय। अजि*त अम�घससिb कारुन�मय॥3॥भ�व�र्थ+:-आपा समरूपा, ब्रह्म, अनिवन�शं�, निनत्य, एकारास, स्वभ�व स� ह� उदै�स�न (शंत्रु%-धिमत्रु-भ�वरानिहत), अख ड, निनग%+ण (म�धियका ग%ण> स� रानिहत), अ*न्म�, निनष्पा�पा, निनर्विव का�रा, अ*�य, अम�घशंसिb (जि*नकाC शंसिb काभ� व्यंर्थ+ नहe *�त�) औरा दैय�मय हM॥3॥* म�न कामठा सRकारा नराहरा�। ब�मन पारास%रा�म बपा% (रा�॥*ब *ब न�र्थ स%रान्ह दुख% पा�य�। न�न� तन% (रिरा त%म्हइO नस�य�॥4॥

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भ�व�र्थ+:-आपान� ह� मत्स्य, काच्छीपा, वरा�ह, न3सिंस ह, व�मन औरा पाराशं%रा�म का� शंरा�रा (�राण निकाए। ह� न�र्थ! *ब-*ब दै�वत�ओं न� दु^ख पा�य�, तब-तब अन�का> शंरा�रा (�राण काराका� आपान� ह� उनका� दु^ख न�शं निकाय�॥4॥* यह खलं मसिलंन सदै� स%राद्रं�ह�। का�म लं�भ मदै रात अनित का�ह�।अ(म सिसरा�मनिन तव पादै पा�व�। यह हमराH मन निबसमय आव�॥5॥भ�व�र्थ+:-यह दुष्टों मसिलंन हृदैय, दै�वत�ओं का� निनत्य शंत्रु%, का�म, लं�भ औरा मदै का� पारा�यण तर्थ� अत्य त क्र�(� र्थ�। ऐस� अ(म> का� सिशंरा�मभिण न� भ� आपाका� पाराम पादै पा� सिलंय�। इस ब�त का� हम�रा� मन मH आश्चय+ हुआ।।5।।* हम दै�वत� पाराम अधि(का�रा�। स्व�रार्थ रात Sभ% भगनित निबस�रा�।।भव Sब�हO स तत हम पारा�। अब Sभ% पा�निह सरान अन%सरा�॥6॥भ�व�र्थ+:-हम दै�वत� श्री�ष्ठ अधि(का�रा� ह�कारा भ� स्व�र्थ+पारा�यण ह� आपाकाC भसिb का� भ%लं�कारा निनरा तरा भवस�गरा का� Sव�ह (*न्म-म3त्य% का� चक्र) मH पाड़� हM। अब ह� Sभ�! हम आपाकाC शंराण मH आ गए हM, हम�रा� राक्ष� काCजि*ए॥6॥दै�ह�-* कारिरा निबनत� स%रा सिस� सब राह� *हO तहO कारा *�रिरा।अनित सS�म तन पा% लंनिका निबधि( अस्त%नित कारात बह�रिरा॥110॥भ�व�र्थ+:-निवनत� काराका� दै�वत� औरा सिस� सब *ह�O का� तह�O ह�र्थ *�ड़� खड़� राह�। तब अत्य त S�म स� पा%लंनिकात शंरा�रा ह�कारा ब्रह्म�*� स्त%नित कारान� लंग�-- ॥110॥छो दै-* *य रा�म सदै� स%ख (�म हरा�। राघ%न�यका स�यका च�पा (रा�।।भव ब�रान दै�रान सिंस ह Sभ�। ग%न स�गरा न�गरा न�र्थ निबभ�॥1॥भ�व�र्थ+:-ह� निनत्य स%ख(�म औरा (दु:ख> का� हरान� व�लं�) हरिरा! ह� (न%ष-ब�ण (�राण निकाए हुए राघ%न�र्थ*�! आपाकाC *य ह�। ह� Sभ�! आपा भव (*न्म-मराण) रूपा� ह�र्थ� का� निवदैzण+ कारान� का� सिलंए सिंस ह का� सम�न हM। ह� न�र्थ! ह� सव+व्यं�पाका! आपा ग%ण> का� सम%द्रं औरा पाराम चत%रा हM ॥1॥* तन का�म अन�का अनRपा छोब�। ग%न ग�वत सिस� म%नeद्रं काब�।।*स% पा�वन रा�वन न�ग मह�। खगन�र्थ *र्थ� कारिरा का�पा गह�॥2॥

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भ�व�र्थ+:-आपाका� शंरा�रा काC अन�का> का�मदै�व> का� सम�न, पारा त% अन%पाम छोनिव ह5। सिस�, म%न�श्वरा औरा कानिव आपाका� ग%ण ग�त� राहत� हM। आपाका� यशं पानिवत्रु ह5। आपान� रा�वणरूपा� मह�सपा+ का� गरुड़ काC तराह क्र�( काराका� पाकाड़ सिलंय�।।2।।* *न रा *न भ *न स�का भय । गत क्र�( सदै� Sभ% ब�(मय ।।अवत�रा उदै�रा अपा�रा ग%न । मनिह भ�रा निबभ *न ग्य�नघन ।।3।।भ�व�र्थ+:-ह� Sभ�! आपा स�वका> का� आन दै दै�न� व�लं�, शं�का औरा भय का� न�शं कारान� व�लं�, सदै� क्र�(रानिहत औरा निनत्य ज्ञा�न स्वरूपा हM। आपाका� अवत�रा श्री�ष्ठ, अपा�रा ढ़िदैव्यं ग%ण> व�लं�, पा3थ्व� का� भ�रा उत�रान� व�लं� औरा ज्ञा�न का� समRह ह5।।3।।* अ* ब्य�पाकाम�कामन�ढ़िदै सदै�। कारुन�कारा रा�म नम�धिम म%दै�।।राघ%ब स निबभRषन र्दूषन ह�। का3 त भRपा निबभ�षन दैzन राह�।।4।।भ�व�र्थ+:-(तिंका त% अवत�रा लं�न� पारा भ�) आपा निनत्य, अ*न्म�, व्यं�पाका, एका (अनिद्वात�य) औरा अन�ढ़िदै हM। ह� कारुण� काC ख�न श्री�रा�म*�! मM आपाका� बड़� ह� हष+ का� स�र्थ नमस्का�रा कारात� हूँO। ह� राघ%का% लं का� आभRषण! ह� र्दूषण रा�क्षस का� म�रान� व�लं� तर्थ� समस्त दै�ष> का� हरान� व�लं�! निवभिभषण दैzन र्थ�, उस� आपान� (लं का� का�) रा�*� बन� ढ़िदैय�।।4।।* ग%न ध्य�न निन(�न अम�न अ* । निनत रा�म नम�धिम निबभ% निबरा* ।।भ%*दै ड Sच ड Sत�पा बलं । खलं ब3 दै निनका दै मह� का% सलं ।।5।।भ�व�र्थ+:-ह� ग%ण औरा ज्ञा�न का� भ ड�रा! ह� म�नरानिहत! ह� अ*न्म�, व्यं�पाका औरा म�धियका निवका�रा> स� रानिहत श्री�रा�म! मM आपाका� निनत्य नमस्का�रा कारात� हूँO। आपाका� भ%*दै ड> का� Sत�पा औरा बलं Sच ड ह5। दुष्टों समRह का� न�शं कारान� मH आपा पाराम निनपा%ण हM।।5।।* निबन% का�रान दैzन दैय�लं निहत । छोनिब (�म नम�धिम राम� सनिहत ।।भव त�रान का�रान का�* पारा । मन स भव दै�रुन दै�ष हरा ।।6।।भ�व�र्थ+:-ह� निबन� ह� का�राण दैzन> पारा दैय� तर्थ� उनका� निहत कारान� व�लं� औरा शं�भ� का� (�म! मM श्री�*�नकाC*� सनिहत आपाका� नमस्का�रा कारात� हूँO। आपा भवस�गरा स� त�रान� व�लं� हM, का�राणरूपा� Sका3 नित औरा का�य+रूपा *गत दै�न> स� पारा� हM औरा मन स� उत्पान्न ह�न� व�लं� काढ़िठान दै�ष> का� हरान� व�लं� हM।।6।।

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* सरा च�पा मन�हरा त्रु�न (रा । *लं*�रुन लं�चन भRपाबरा ।।स%ख म ढ़िदैरा स% दैरा श्री�रामन । मदै म�रा म%(� ममत� समन ।।7।।भ�व�र्थ+:-आपा मन�हरा ब�ण, (न%ष औरा तराकास (�राण कारान� व�लं� हM। (लं�लं) कामलं का� सम�न राbवण+ आपाका� न�त्रु हM। आपा रा�*�ओं मH श्री�ष्ठ, स%ख का� म ढ़िदैरा, स% दैरा, श्री� (लंक्ष्म�*�) का� वल्लंभ तर्थ� मदै (अह का�रा), का�म औरा झRठा� ममत� का� न�शं कारान� व�लं� हM।।7।।*अनवद्यो अख ड न ग�चरा ग�। सब रूपा सदै� सब ह�इ न ग�।।इनित ब�दै बदै नित न दै तकार्थ�। रानिब आतपा भिभन्नमभिभन्न *र्थ�।।8।।भ�व�र्थ+:-आपा अनिनन्द्यो य� दै�षरानिहत हM, अख ड हM, इ ढ़िद्रंय> का� निवषय नहe हM। सदै� सव+रूपा ह�त� हुए भ� आपा वह सब काभ� हुए ह� नहe, ऐस� व�दै काहत� हM। यह (का�ई) दै तकार्थ� (का�रा� काल्पान�) नहe ह5। *5स� सRय+ औरा सRय+ का� Sका�शं अलंग-अलंग हM औरा अलंग नहe भ� ह5, व5स� ह� आपा भ� स स�रा स� भिभन्न तर्थ� अभिभन्न दै�न> ह� हM।।8।।* का3 तका3 त्य निबभ� सब ब�नरा ए। निनराख नित तन�नन स�दैरा ए।।धि(ग *�वन दै�व सरा�रा हरा�। तव भसिb निबन� भव भRसिलं पारा�।।9।।भ�व�र्थ+:-ह� व्यं�पाका Sभ�! य� सब व�नरा का3 त�र्थ+ रूपा हM, *� आदैरापाRव+का य� आपाका� म%ख दै�ख राह� हM। (औरा) ह� हरा�! हम�रा� (अमरा) *�वन औरा दै�व (ढ़िदैव्यं) शंरा�रा का� धि(क्का�रा ह5, *� हम आपाकाC भसिb स� रानिहत हुए स स�रा मH (स� स�रिराका निवषय> मH) भRलं� पाड़� हM।।9।।* अब दैzनदैय�लं दैय� कारिराऐ। मनित म�रिरा निबभ�दैकारा� हरिराऐ।।*�निह त� निबपारा�त निक्रय� कारिराऐ। दुख स� स%ख म�निन स%ख� चरिराऐ।।10।।भ�व�र्थ+:-ह� दैzनदैय�लं%! अब दैय� काCजि*ए औरा म�रा� उस निवभ�दै उत्पान्न कारान� व�लं� ब%जि� का� हरा लं�जि*ए, जि*सस� मM निवपारा�त काम+ कारात� हूँO औरा *� दु:ख ह5, उस� स%ख म�नकारा आन दै स� निवचरात� हूँO।।10।।* खलं ख डन म डन राम्य छोम�। पादै पा का* स�निवत स भ% उम�।।न3पा न�यका दै� बरादै�नधिमदै । चरान� ब%* S�म% सदै� स%भदै ।।11।।भ�व�र्थ+:-आपा दुष्टों> का� ख डन कारान� व�लं� औरा पा3थ्व� का� रामण�य आभRषण हM। आपाका� चराणकामलं श्री� सिशंव-पा�व+त� द्वा�रा� स �निवत हM। ह� रा�*�ओं का�

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मह�रा�*! म%झ� यह वरादै�न दैzजि*ए निका आपाका� चराणकामलं> मH सदै� म�रा� काल्य�णदै�यका (अनन्य) S�म ह�।।11।।दै�ह�-* निबनय काCन्ह चत%रा�नन S�म पा%लंका अनित ग�त।स�भ�सिंस (% निबलं�कात लं�चन नहe अघ�त।।111।।भ�व�र्थ+:-इस Sका�रा ब्रह्म�*� न� अत्य त S�म-पा%लंनिकात शंरा�रा स� निवनत� काC। शं�भ� का� सम%द्रं श्री�रा�म*� का� दैशं+न कारात�-कारात� उनका� न�त्रु त3प्त ह� नहe ह�त� र्थ�।।111।।* त�निह अवसरा दैसरार्थ तहO आए। तनय निबलं�निका नयन *लं छो�ए।।अन%* सनिहत Sभ% ब दैन काCन्ह�। आसिसराब�दै निपात�O तब दैzन्ह�।।1 ।।भ�व�र्थ+:-उस� समय दैशंरार्थ*� वह�O आए। पा%त्रु (श्री�रा�म*�) का� दै�खकारा उनका� न�त्रु> मH (S�म�श्री%ओं का�) *लं छो� गय�। छो�ट� भ�ई लंक्ष्मण*� सनिहत Sभ% न� उनकाC व दैन� काC औरा तब निपात� न� उनका� आशं�व�+दै ढ़िदैय�।।1।।* त�त सकालं तव पा%न्य Sभ�ऊँ। *�त्य> अ*य निनस�चरा रा�ऊँ।।स%निन स%त बचन S�नित अनित ब�lz। नयन ससिलंलं रा�म�वसिलं ठा�lz।।2।।भ�व�र्थ+:-(श्री�रा�म*� न� काह�-) ह� त�त! यह सब आपाका� पा%ण्य> का� Sभ�व ह5, *� मMन� अ*�य रा�क्षसरा�* का� *�त सिलंय�। पा%त्रु का� वचन स%नकारा उनकाC S�नित अत्य त बl गई। न�त्रु> मH *लं छो� गय� औरा रा�म�वलं� खड़� ह� गई।।2।।* राघ%पानित Sर्थम S�म अन%म�न�। सिचतइ निपातनिह दैzन्ह�उ दृl ग्य�न�।।त�त� उम� म�च्छी नतिंह पा�य�। दैसरार्थ भ�दै भगनित मन लं�य�।।3।।भ�व�र्थ+:-श्री� राघ%न�र्थ*� न� पाहलं� का� (*�निवतका�लं का� ) S�म का� निवच�राकारा, निपात� काC ओरा दै�खकारा ह� उन्हH अपान� स्वरूपा का� दृl ज्ञा�न कारा� ढ़िदैय�। ह� उम�! दैशंरार्थ*� न� भ�दै-भसिb मH अपान� मन लंग�य� र्थ�, इस� स� उन्ह>न� (का5 वल्य) म�क्ष नहe पा�य�।।3।।* सग%न�पा�सका म�च्छी न लं�हe। नितन्ह काहुO रा�म भगनित निन* दै�हe।।ब�रा ब�रा कारिरा Sभ%निह Sन�म�। दैसरार्थ हरानिष गए स%रा(�म�।।4।।भ�व�र्थ+:-(म�य�रानिहत सच्छिच्चेदै�न दैमय स्वरूपाभRत ढ़िदैव्यंग%णय%b) सग%ण स्वरूपा काC उपा�सन� कारान� व�लं� भb इस Sका�रा म�क्ष लं�त� भ� नहe। उनका�

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श्री�रा�म*� अपान� भसिb दै�त� हM। Sभ% का� (इष्टोंब%जि� स�) ब�रा-ब�रा Sण�म काराका� दैशंरार्थ*� हर्विष त ह�कारा दै�वलं�का का� चलं� गए।।4।।दै�ह�-* अन%* *�नकाC सनिहत Sभ% का% सलं का�सलं�(�स।स�भ� दै�खिख हरानिष मन अस्त%नित कारा स%रा ईस।।112।।भ�व�र्थ+:-छो�ट� भ�ई लंक्ष्मण*� औरा *�नकाC*� सनिहत पाराम का% शंलं Sभ% श्री�का�सलं�(�शं काC शं�भ� दै�खकारा दै�वरा�* इ द्रं मन मH हर्विष त ह�कारा स्त%नित कारान� लंग�- ।।112।।छो दै -* *य रा�म स�भ� (�म। दै�यका Sनत निबश्री�म।।(3त त्रु�न बरा सरा च�पा। भ%*दै ड Sबलं Sत�पा।।1।।भ�व�र्थ+:-शं�भ� का� (�म, शंराण�गत का� निवश्री�म दै�न� व�लं�, श्री�ष्ठ तराकास, (न%ष औरा ब�ण (�राण निकाए हुए, Sबलं Sत�पा� भ%* दै ड> व�लं� श्री�रा�मच द्रं*� काC *य ह�! ।।1।।* *य र्दूषन�रिरा खरा�रिरा। मदै+न निनस�चरा (�रिरा।।यह दुष्टों म�रा�उ न�र्थ। भए दै�व सकालं न�र्थ।।2।।भ�व�र्थ+:-ह� खरार्दूषण का� शंत्रु% औरा रा�क्षस> काC स�न� का� मदै+न कारान� व�लं�! आपाकाC *य ह�! ह� न�र्थ! आपान� इस दुष्टों का� म�रा�, जि*सस� सब दै�वत� सन�र्थ (स%राभिक्षत) ह� गए।।2।।* *य हरान (रान� भ�रा। मनिहम� उदै�रा अपा�रा।।*य रा�वन�रिरा का3 पा�लं। निकाए *�त%(�न निबह�लं।।3।।भ�व�र्थ+:-ह� भRधिम का� भ�रा हरान� व�लं�! ह� अपा�रा श्री�ष्ठ मनिहम�व�लं�! आपाकाC *य ह�। ह� रा�वण का� शंत्रु%! ह� का3 पा�लं%! आपाकाC *य ह�। आपान� रा�क्षस> का� ब�ह�लं (तहस-नहस) कारा ढ़िदैय�।।3।।* लं का� स अनित बलं गब+। निकाए बस्य स%रा ग (ब+।।म%निन सिस� नरा खग न�ग। हढ़िठा पा सब काH लं�ग।।4।।भ�व�र्थ+:-लं का�पानित रा�वण का� अपान� बलं का� बहुत घम ड र्थ�। उसन� दै�वत� औरा ग (व+ सभ� का� अपान� वशं मH कारा सिलंय� र्थ� औरा वह म%निन, सिस�,

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मन%ष्य, पाक्ष� औरा न�ग आढ़िदै सभ� का� हठापाRव+का (ह�र्थ (�कारा) पा�छो� पाड़ गय� र्थ�।।4।।* पाराद्रं�ह रात अनित दुष्टों। पा�य� स� rलं% पा�निपाष्टों।।अब स%नहु दैzन दैय�लं। रा�*�व नयन निबस�लं।।5।।भ�व�र्थ+:-वह र्दूसरा> स� द्रं�ह कारान� मH तत्पारा औरा अत्य त दुष्टों र्थ�। उस पा�पा� न� व5स� ह� rलं पा�य�। अब ह� दैzन> पारा दैय� कारान� व�लं�! ह� कामलं का� सम�न निवशं�लं न�त्रु> व�लं�! स%निनए।।5।।* म�निह राह� अनित अभिभम�न। नतिंह का�उ म�निह सम�न।।अब दै�खिख Sभ% पादै का *। गत म�न Sदै दुख पा% *।।6।।भ�व�र्थ+:-म%झ� अत्य त अभिभम�न र्थ� निका म�रा� सम�न का�ई नहe ह5, पारा अब Sभ% (आपा) का� चराण कामलं> का� दैशं+न कारान� स� दु:ख समRह का� दै�न� व�लं� म�रा� वह अभिभम�न *�त� राह�।।6।।* का�उ ब्रह्म निनग%+न ध्य�व। अब्यb *�निह श्री%नित ग�व।।म�निह भ�व का�सलं भRपा। श्री�रा�म सग%न सरूपा।।7।।भ�व�र्थ+:-का�ई उन निनग%+न ब्रह्म का� ध्य�न कारात� हM जि*न्हH व�दै अव्यंb (निनरा�का�रा) काहत� हM। पारा त% ह� रा�म*�! म%झ� त� आपाका� यह सग%ण का�सलंरा�*-स्वरूपा ह� निSय लंगत� ह5।।7।।* ब5 दै�निह अन%* सम�त। मम हृदैयO काराहु निनका� त।।म�निह *�निनऐ ÅÆ न* दै�स। दै� भसिb राम�निनव�स।।8।।भ�व�र्थ+:-श्री�*�नकाC*� औरा छो�ट� भ�ई लंक्ष्मण*� सनिहत म�रा� हृदैय मH अपान� घरा बन�इए। ह� राम�निनव�स! म%झ� अपान� दै�स समजिझए औरा अपान� भसिb दैzजि*ए।।8।।छो दै -* दै� भसिb राम�निनव�स त्रु�स हरान सरान स%खदै�यका ।स%ख (�म रा�म नम�धिम का�म अन�का छोनिब राघ%न�यका ।।स%रा ब3 दै रा *न द्वा दै भ *न मन%*तन% अत%सिलंतबलं ।ब्रह्म�ढ़िदै स कारा स�ब्य रा�म नम�धिम कारुन� का�मलं ।।भ�व�र्थ+:-ह� राम�निनव�स! ह� शंराण�गत का� भय का� हरान� व�लं� औरा उस� सब Sका�रा का� स%ख दै�न� व�लं�! म%झ� अपान� भसिb दैzजि*ए। ह� स%ख का� (�म! ह�

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अन�का> का�मदै�व> काC छोनिबव�लं� राघ%का% लं का� स्व�म� श्री�रा�मच द्रं*�! मM आपाका� नमस्का�रा कारात� हूँO। ह� दै�वसमRह का� आन दै दै�न� व�लं�, (*न्म-म3त्य%, हष+-निवष�दै, स%ख-दु:ख आढ़िदै) द्वा द्वा> का� न�शं कारान� व�लं�, मन%ष्य शंरा�रा(�रा�, अत%लंन�य बलंव�लं�, ब्रह्म� औरा सिशंव आढ़िदै स� स�वन�य, कारुण� स� का�मलं श्री�रा�म*�! मM आपाका� नमस्का�रा कारात� हूँO।दै�ह� -* अब कारिरा का3 पा� निबलं�निका म�निह आयस% दै�हु का3 पा�लं।का�ह कारा� स%निन निSय बचन ब�लं� दैzनदैय�लं।।113।।भ�व�र्थ+:-ह� का3 पा�लं%! अब म�रा� ओरा का3 पा� काराका� (का3 पा� दृधिष्टों स�) दै�खकारा आज्ञा� दैzजि*ए निका मM क्य� (स�व�) कारूO ! इ द्रं का� य� निSय वचन स%नकारा दैzनदैय�लं% श्री�रा�म*� ब�लं� ।।113।।चUपा�ई* स%न स%रापानित कानिपा भ�लं% हम�रा�। पारा� भRधिम निनसिसचराखिन्ह *� म�रा�।।मम निहत लं�निग त*� इन्ह S�न�। सकालं जि*आउ स%रा�स स%*�न�।।1।।भ�व�र्थ+:-ह� दै�वरा�*! स%न�, हम�रा� व�नरा-भ�लंR, जि*न्हH निनशं�चरा> न� म�रा ड�लं� ह5, पा3थ्व� पारा पाड़� हM। इन्ह>न� म�रा� निहत का� सिलंए अपान� S�ण त्य�ग ढ़िदैए। ह� स%*�न दै�वरा�*! इन सबका� जि*लं� दै�।।1।।* स%न% खग�स Sभ% का5 यह ब�न�। अनित अग�( *�नतिंह म%निन ग्य�न�।।Sभ% सका नित्रुभ%अन म�रिरा जि*आई। का� वलं सक्रनिह दैzखिन्ह बड़�ई।।2।।भ�व�र्थ+:-(का�काभ%शं%च्छिण्ड*� काहत� हM -) ह� गरुड़! स%निनए Sभ% का� य� वचन अत्य त गहन (गRl) हM। ज्ञा�न� म%निन ह� इन्हH *�न सकात� हM। Sभ% श्री�रा�म*� नित्रुलं�काC का� म�राकारा जि*लं� सकात� हM। यह�O त� उन्ह>न� का� वलं इ द्रं का� बड़�ई दैz ह5।।2।।* स%(� बरानिष कानिपा भ�लं% जि*य�ए। हरानिष उठा� सब Sभ% पातिंह आए।।स%(�ब3धिष्टों भ5 दुहु दैलं ऊँपारा। जि*ए भ�लं% कानिपा नतिंह रा*न�चरा।।3।।भ�व�र्थ+:-इ द्रं न� अम3त बरास�कारा व�नरा-भ�लं%ओं का� जि*लं� ढ़िदैय�। सब हर्विष त ह�कारा उठा� औरा Sभ% का� पा�स आए। अम3त काC वष�+ दै�न> ह� दैलं> पारा हुई। पारा रा�छो-व�नरा ह� *�निवत हुए, रा�क्षस नहe।।3।।* रा�म�का�रा भए नितन्ह का� मन। म%b भए छोR ट भव ब (न।।

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स%रा अ सिसका सब कानिपा अरु रा�छो�। जि*ए सकालं राघ%पानित का� ईछो�।।4।।भ�व�र्थ+:-क्य>निका रा�क्षस का� मन त� मरात� समय रा�म�का�रा ह� गए र्थ�। अत: व� म%b ह� गए, उनका� भवब (न छोR ट गए। तिंका त% व�नरा औरा भ�लंR त� सब दै�व� शं (भगव�न- काC लं�लं� का� पारिराकारा) र्थ�। इससिलंए व� सब श्री�राघ%न�र्थ*� काC इच्छी� स� *�निवत ह� गए।।4।।* रा�म सरिरास का� दैzन निहतका�रा�। काCन्ह� म%का% त निनस�चरा झ�रा�।।खलं मलं (�म का�म रात रा�वन। गनित पा�ई *� म%निनबरा पा�व न।।5।।भ�व�र्थ+:-श्री�रा�मच द्रं*� का� सम�न दैzन> का� निहत कारान� व�लं� काUन ह5? जि*न्ह>न� स�रा� रा�क्षस> का� म%b कारा ढ़िदैय�! दुष्टों, पा�पा> का� घरा औरा का�म� रा�वण न� भ� वह गनित पा�ई जि*स� श्री�ष्ठ म%निन भ� नहe पा�त�।।5।।दै�ह� -* स%मन बरानिष सब स%रा चलं� चढ़िl चढ़िl रुसिचरा निबम�न।दै�खिख स%अवसरा Sभ% पातिंह आयउ स भ% स%*�न।।114।। (का) ।।भ�व�र्थ+:-rR लं> काC वष�+ काराका� सब दै�वत� स% दैरा निवम�न> पारा चl-चlकारा चलं�। तब स%अवसरा *�नका�रा स%*�न सिशंव*� Sभ% श्री�रा�मच द्रं*� का� पा�स आए- ।।114 (का)।।* पाराम S�नित कारा *�रिरा *%ग नसिलंन नयन भरिरा ब�रिरा।पा%लंनिकात तन गदैगदै निगरा�O निबनय कारात नित्रुपा%रा�रिरा।। 114 (ख)।।भ�व�र्थ+:-औरा पाराम S�म स� दै�न> ह�र्थ *�ड़कारा, कामलं का� सम�न न�त्रु> मH *लं भराकारा, पा%लंनिकात शंरा�रा औरा गद्गद्‍ व�ण� स� नित्रुपा%रा�रा� सिशंव*� निवनत� कारान� लंग� - ।।114 (ख) ।।छो दै* म�मभिभराक्षय राघ%का% लं न�यका। (3त बरा च�पा रुसिचरा कारा स�यका।।म�ह मह� घन पाटलं Sभ *न। स सय निबनिपान अनलं स%रा रा *न।।1।।भ�व�र्थ+:-ह� राघ%का% लं का� स्व�म�! स% दैरा ह�र्थ> मH श्री�ष्ठ (न%ष औरा स% दैरा ब�ण (�राण निकाए हुए आपा म�रा� राक्ष� काCजि*ए। आपा मह�म�हरूपा� म�घसमRह का� (उड़�न� का� ) सिलंए Sच ड पावन हM, स शंयरूपा� वन का� (भस्म कारान� का� ) सिलंए अखिग्न हM औरा दै�वत�ओं का� आन दै दै�न� व�लं� हM।।1।।* अग%न सग%न ग%न म ढ़िदैरा स% दैरा। भ्रम तम Sबलं Sत�पा ढ़िदैव�कारा।।

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का�म क्र�( मदै ग* पा च�नन। बसहु निनरा तरा *न मन का�नन।।2।।भ�व�र्थ+:-आपा निनग%+ण, सग%ण, ढ़िदैव्यं ग%ण> का� (�म औरा पाराम स% दैरा हM। भ्रमरूपा� अ (का�रा का� (न�शं का� ) सिलंए Sबलं Sत�पा� सRय+ हM। का�म, क्र�( औरा मदैरूपा� ह�सिर्थय> का� (व( का� ) सिलंए सिंस ह का� सम�न आपा इस स�वका का� मनरूपा� वन मH निनरा तरा व�स काCजि*ए।।2।।* निबषय मन�रार्थ पा% * का% * बन। Sबलं त%ष�रा उदै�रा पा�रा मन।।भव ब�रिराधि( म दैरा पाराम दैरा। ब�राय त�राय स स3नित दुस्तरा।।3।।भ�व�र्थ+:-निवषयका�मन�ओं का� समRह रूपा� कामलंवन का� (न�शं का� ) सिलंए आपा Sबलं पा�लं� हM, आपा उदै�रा औरा मन स� पारा� हM। भवस�गरा (का� मर्थन�) का� सिलंए आपा म दैरा�चलं पाव+त हM। आपा हम�रा� पाराम भय का� र्दूरा काCजि*ए औरा हमH दुस्तरा स स�रा स�गरा स� पा�रा काCजि*ए।।3।।* स्य�म ग�त रा�*�व निबलं�चन। दैzन ब (% Sनत�रानित म�चन।।अन%* *�नकाC सनिहत निनरा तरा। बसहु रा�म न3पा मम उरा अ तरा।।म%निन रा *न मनिह म डलं म डन। त%लंसिसदै�स Sभ% त्रु�स निबख डन।। 4-5।।भ�व�र्थ+:-ह� श्य�मस% दैरा-शंरा�रा! ह� कामलंनयन! ह� दैzनब (%! ह� शंराण�गत का� दु:ख स� छो% ड़�न� व�लं�! ह� रा�*� रा�मच द्रं*�! आपा छो�ट� भ�ई लंक्ष्मण औरा *�नकाC*� सनिहत निनरा तरा म�रा� हृदैय का� अ दैरा निनव�स काCजि*ए। आपा म%निनय> का� आन दै दै�न� व�लं�, पा3थ्व�म डलं का� भRषण, त%लंस�दै�स का� Sभ% औरा भय का� न�शं कारान� व�लं� हM।। 4-5।।दै�ह�* न�र्थ *बतिंह का�सलंपा%राe ह� इनिह नितलंका त%म्ह�रा।का3 पा�सिंस (% मM आउब दै�खन चरिरात उदै�रा ।।115।।भ�व�र्थ+:-ह� न�र्थ! *ब अय�ध्य�पा%रा� मH आपाका� रा�*नितलंका ह�ग�, तब ह� का3 पा�स�गरा! मM आपाकाC उदै�रा लं�लं� दै�खन� आऊँO ग� ।।115।।

निवभ�षण काC S�र्थ+न�, श्री� रा�म*� का� द्वा�रा� भरात*� काC S�मदैशं� का� वण+न, शं�घ्र अय�ध्य� पाहुOचन� का� अन%रा�(

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चUपा�ई :* कारिरा निबनत� *ब स भ% सिस(�ए। तब Sभ% निनकाट निबभ�षन% आए॥न�इ चरान सिसरु काह म3दु ब�न�। निबनय स%नहु Sभ% स�राOगपा�न�॥1॥भ�व�र्थ+:-*ब सिशंव*� निवनत� काराका� चलं� गए, तब निवभ�षण*� Sभ% का� पा�स आए औरा चराण> मH सिसरा नव�कारा का�मलं व�ण� स� ब�लं�- ह� शं�ग̧ (न%ष का� (�राण कारान� व�लं� Sभ�! म�रा� निवनत� स%निनए-॥1॥* सका% लं सदैलं Sभ% रा�वन म�रा- य�। पा�वन *स नित्रुभ%वन निवस्त�रा- य�॥दैzन मलं�न ह�न मनित *�त�। म� पारा का3 पा� काCखिन्ह बहु भ�Oत�॥2॥भ�व�र्थ+:-आपान� का% लं औरा स�न� सनिहत रा�वण का� व( निकाय�, नित्रुभ%वन मH अपान� पानिवत्रु यशं r5 लं�य� औरा म%झ दैzन, पा�पा�, ब%जि�ह�न औरा *�नितह�न पारा बहुत Sका�रा स� का3 पा� काC॥2॥* अब *न ग3ह पा%न�त Sभ% काC*�। मज्जन कारिराअ समरा श्रीम छोz*�॥दै�खिख का�स म ढ़िदैरा स पादै�। दै�हु का3 पा�लं कानिपान्ह काहुO म%दै�॥3॥भ�व�र्थ+:-अब ह� Sभ%! इस दै�स का� घरा का� पानिवत्रु काCजि*ए औरा वह�O चलंकारा स्न�न काCजि*ए, जि*सस� य%� काC र्थका�वट र्दूरा ह� *�ए। ह� का3 पा�लं%! ख*�न�, महलं औरा सम्पभित्ते का� निनरा�क्षण कारा Sसन्नत�पाRव+का व�नरा> का� दैzजि*ए॥3॥* सब निबधि( न�र्थ म�निह अपान�इअ। पा%निन म�निह सनिहत अव(पा%रा *�इअ॥स%नत बचन म3दु दैzनदैय�लं�। स*लं भए द्वाU नयन निबस�लं�॥4॥भ�व�र्थ+:-ह� न�र्थ! म%झ� सब Sका�रा स� अपान� लं�जि*ए औरा निrरा ह� Sभ�! म%झ� स�र्थ लं�कारा अय�ध्य�पा%रा� का� पा(�रिराए। निवभ�षण*� का� का�मलं वचन स%नत� ह� दैzनदैय�लं% Sभ% का� दै�न> निवशं�लं न�त्रु> मH (S�म�श्री%ओं का�) *लं भरा आय�॥4॥दै�ह� :* त�रा का�स ग3ह म�रा सब सत्य बचन स%न% भ्र�त।भरात दैस� स%धिमरात म�निह निनधिमष काल्पा सम *�त॥116 का॥भ�व�र्थ+:-(श्री� रा�म*� न� काह�-) ह� भ�ई! स%न�, त%म्ह�रा� ख*�न� औरा घरा सब म�रा� ह� ह5, यह सच ब�त ह5। पारा भरात काC दैशं� य�दै काराका� म%झ� एका-एका पालं काल्पा का� सम�न ब�त राह� ह5॥116 (का)॥त�पास ब�ष ग�त का3 स *पात निनरा तरा म�निह।

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दै�ख� ब�निग स� *तन% कारु सख� निनह�राउO त�निह॥116 ख॥भ�व�र्थ+:-तपास्व� का� व�ष मH का3 शं (दुबलं�) शंरा�रा स� निनरा तरा म�रा� न�म *पा कारा राह� हM। ह� सख�! वह� उपा�य कारा� जि*सस� मM *ल्दैz स� *ल्दैz उन्हH दै�ख सकाRO । मM त%मस� निनह�रा� (अन%रा�() कारात� हूँO॥116 (ख)॥ब�तH अवधि( *�उO *� जि*अत न पा�वउO ब�रा।स%धिमरात अन%* S�नित Sभ% पा%निन पा%निन पा%लंका सरा�रा॥116 ग॥भ�व�र्थ+:-यढ़िदै अवधि( ब�त *�न� पारा *�त� हूँO त� भ�ई का� *�त� न पा�ऊँO ग�। छो�ट� भ�ई भरात*� काC S�नित का� स्मराण काराका� Sभ% का� शंरा�रा ब�रा-ब�रा पा%लंनिकात ह� राह� ह5॥166 (ग)॥कारा�हु काल्पा भरिरा रा�*% त%म्ह म�निह स%धिमरा�हु मन म�तिंह ।पा%निन मम (�म पा�इहहु *ह�O स त सब *�तिंह ॥116 घ॥भ�व�र्थ+:-(श्री� रा�म*� न� निrरा काह�-) ह� निवभ�षण! त%म काल्पाभरा रा�ज्य कारान�, मन मH म�रा� निनरा तरा स्मराण कारात� राहन�। निrरा त%म म�रा� उस (�म का� पा� *�ओग�, *ह�O सब स त *�त� हM॥116 (घ)॥चUपा�ई :* स%नत निबभ�षन बचन रा�म का� । हरानिष गह� पादै का3 पा�(�म का� ॥ब�नरा भ�लं% सकालं हराष�न�। गनिह Sभ% पादै ग%न निबमलं बख�न�॥1॥भ�व�र्थ+:-श्री� रा�मच द्रं*� का� वचन स%नत� ह� निवभ�षण*� न� हर्विष त ह�कारा का3 पा� का� (�म श्री� रा�म*� का� चराण पाकाड़ सिलंए। सभ� व�नरा-भ�लंR हर्विष त ह� गए औरा Sभ% का� चराण पाकाड़कारा उनका� निनम+लं ग%ण> का� बख�न कारान� लंग�॥1॥

निवभ�षण का� वस्त्रु�भRषण बरास�न� औरा व�नरा-भ�लं%ओं का� उन्हH पाहनन�* बहुरिरा निवभ�षन भवन सिस(�य�। मनिन गन बसन निबम�न भरा�य�॥लं5 पा%ष्पाका Sभ% आगH रा�ख�। हOसिस कारिरा का3 पा�सिंस (% तब भ�ष�॥2॥भ�व�र्थ+:-निrरा निवभ�षण*� महलं का� गए औरा उन्ह>न� मभिणय> का� समRह> (रात्न>) स� औरा वस्त्रु> स� निवम�न का� भरा सिलंय�। निrरा उस पा%ष्पाका निवम�न का�

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लं�कारा Sभ% का� स�मन� राख�। तब का3 पा�स�गरा श्री� रा�म*� न� हOसकारा काह�-॥2॥* चढ़िl निबम�न स%न% सख� निबभ�षन। गगन *�इ बराषहु पाट भRषन॥नभ पारा *�इ निबभ�षन तबह�। बरानिष ढ़िदैए मनिन अ बरा सबह�॥3॥भ�व�र्थ+:-ह� सख� निवभ�षण! स%न�, निवम�न पारा चlकारा, आका�शं मH *�कारा वस्त्रु> औरा गहन> का� बरास� दै�। तब (आज्ञा� स%नत�) ह� निवभ�षण*� न� आका�शं मH *�कारा सब मभिणय> औरा वस्त्रु> का� बरास� ढ़िदैय�॥3॥* *�इ *�इ मन भ�वइ स�इ लं�हe। मनिन म%ख म�सिलं ड�रिरा कानिपा दै�हe॥हOस� रा�म% श्री� अन%* सम�त�। पाराम काUत%काC का3 पा� निनका� त�॥4॥भ�व�र्थ+:-जि*सका� मन का� *� अच्छी� लंगत� ह5, वह वह� लं� लं�त� ह5। मभिणय> का� म%Oह मH लं�कारा व�नरा निrरा उन्हH ख�न� काC च�* न समझकारा उगलं दै�त� हM। यह तम�शं� दै�खकारा पाराम निवन�दैz औरा का3 पा� का� (�म श्री� रा�म*�, स�त�*� औरा लंक्ष्मण*� सनिहत हOसन� लंग�॥4॥दै�ह�:* म%निन *�निह ध्य�न न पा�वतिंह न�नित न�नित काह ब�दै।का3 पा�सिंस (% स�इ कानिपान्ह सन कारात अन�का निबन�दै॥117 का॥भ�व�र्थ+:-जि*नका� म%निन ध्य�न मH भ� नहe पा�त�, जि*न्हH व�दै न�नित-न�नित काहत� हM, व� ह� का3 पा� का� सम%द्रं श्री� रा�म*� व�नरा> का� स�र्थ अन�का> Sका�रा का� निवन�दै कारा राह� हM॥117 (का)॥* उम� *�ग *पा दै�न तपा न�न� मख ब्रत न�म।रा�म का3 पा� नतिंह कारातिंह तसिस *सिस निनष्का� वलं S�म॥117 ख॥भ�व�र्थ+:-(सिशंव*� काहत� हM-) ह� उम�! अन�का> Sका�रा का� य�ग, *पा, दै�न, तपा, यज्ञा, व्रत औरा निनयम कारान� पारा भ� श्री� रा�मच द्रं*� व5स� का3 पा� नहe कारात� *5स� अनन्य S�म ह�न� पारा कारात� हM॥117 (ख)॥चUपा�ई :भ�लं% कानिपान्ह पाट भRषन पा�ए। पानिहरिरा पानिहरिरा राघ%पानित पातिंह आए॥न�न� जि*नस दै�खिख सब काCस�। पा%निन पा%निन हOसत का�सलं�(�स�॥1॥

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भ�व�र्थ+:-भ�लं%ओं औरा व�नरा> न� कापाड़�-गहन� पा�ए औरा उन्हH पाहन-पाहनकारा व� श्री� राघ%न�र्थ*� का� पा�स आए। अन�का> *�नितय> का� व�नरा> का� दै�खकारा का�सलंपानित श्री� रा�म*� ब�रा-ब�रा हOस राह� हM॥1॥सिचतइ सबखिन्ह पारा काCन्ह� दै�य�। ब�लं� म3दुलं बचन राघ%रा�य�॥त%म्हराH बलं मM रा�वन% म�रा- य�। नितलंका निबभ�षन काहO पा%निन स�रा- य�॥2॥भ�व�र्थ+:-श्री� राघ%न�र्थ*� न� का3 पा� दृधिष्टों स� दै�खकारा सब पारा दैय� काC। निrरा व� का�मलं वचन ब�लं�- ह� भ�इय�! त%म्ह�रा� ह� बलं स� मMन� रा�वण का� म�रा� औरा निrरा निवभ�षण का� रा�*नितलंका निकाय�॥2॥निन* निन* ग3ह अब त%म्ह सब *�हूँ। स%धिमरा�हु म�निह डरापाहु *निन का�हूँ॥स%नत बचन S�म�का% लं ब�नरा। *�रिरा पा�निन ब�लं� सब स�दैरा॥3॥भ�व�र्थ+:-अब त%म सब अपान�-अपान� घरा *�ओ। म�रा� स्मराण कारात� राहन� औरा निकास� स� डरान� नहe। य� वचन स%नत� ह� सब व�नरा S�म मH निवह्वलं ह�कारा ह�र्थ *�ड़कारा आदैरापाRव+का ब�लं�-॥3॥* Sभ% *�इ काहहु त%म्हनिह सब स�ह�। हमराH ह�त बचन स%निन म�ह�॥दैzन *�निन कानिपा निकाए सन�र्थ�। त%म्ह त्रु5लं�का ईस राघ%न�र्थ�॥4॥भ�व�र्थ+:-Sभ�! आपा *� का% छो भ� काहH, आपाका� सब स�हत� ह5। पारा आपाका� वचन स%नकारा हमका� म�ह ह�त� ह5। ह� राघ%न�र्थ*�! आपा त�न> लं�का> का� ईश्वरा हM। हम व�नरा> का� दैzन *�नकारा ह� आपान� सन�र्थ (का3 त�र्थ+) निकाय� ह5॥4॥* स%निन Sभ% बचन लं�* हम मराहe। मसका काहूँO खगपानित निहत काराहe॥दै�खिख रा�म रुख ब�नरा रा�छो�। S�म मगन नतिंह ग3ह का5 ईछो�॥5॥भ�व�र्थ+:-Sभ% का� (ऐस�) वचन स%नकारा हम लं�* का� म�रा� मरा� *� राह� हM। काहe मच्छीरा भ� गरुड़ का� निहत कारा सकात� हM? श्री� रा�म*� का� रुख दै�खकारा रा�छो-व�नरा S�म मH मग्न ह� गए। उनकाC घरा *�न� काC इच्छी� नहe ह5॥5॥

पा%ष्पाका निवम�न पारा चlकारा श्री� स�त�-रा�म*� का� अव( का� सिलंए Sस्था�न, श्री� रा�मचरिरात्रु काC मनिहम�

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दै�ह� :* Sभ% S�रिरात कानिपा भ�लं% सब रा�म रूपा उरा रा�खिख।हराष निबष�दै सनिहत चलं� निबनय निबनिब( निबधि( भ�निष॥118 का॥भ�व�र्थ+:-पारान्त% Sभ% काC S�राण� (आज्ञा�) स� सब व�नरा-भ�लंR श्री� रा�म*� का� रूपा का� हृदैय मH राखकारा औरा अन�का> Sका�रा स� निवनत� काराका� हष+ औरा निवष�दै सनिहत घरा का� चलं�॥118 (का)॥* कानिपापानित न�लं रा�छोपानित अ गदै नलं हन%म�न।सनिहत निबभ�षन अपारा *� *Rर्थपा कानिपा बलंव�न॥118 ख॥भ�व�र्थ+:-व�नरारा�* स%ग्री�व, न�लं, ऋक्षरा�* *�म्बव�न- , अ गदै, नलं औरा हन%म�न- तर्थ� निवभ�षण सनिहत औरा *� बलंव�न- व�नरा स�न�पानित हM,॥118 (ख)॥* कानिह न सकातिंह काछो% S�म बस भरिरा भरिरा लं�चन ब�रिरा॥सन्म%ख सिचतवतिंह रा�म तन नयन निनम�ष निनव�रिरा॥118 ग॥भ�व�र्थ+:-व� का% छो काह नहe सकात�, S�मवशं न�त्रु> मH *लं भरा-भराकारा, न�त्रु> का� पालंका म�रान� छो�ड़कारा (टकाटकाC लंग�ए) सम्म%ख ह�कारा श्री� रा�म*� काC ओरा दै�ख राह� हM॥118 (ग)॥चUपा�ई :* अनितसय S�नित दै�खिख राघ%रा�ई। लं�न्ह� सकालं निबम�न चl�ई॥मन महुO निबS चरान सिसरु न�य�। उत्तेरा ढ़िदैसिसनिह निबम�न चलं�य�॥1॥भ�व�र्थ+:-श्री� राघ%न�र्थ*� न� उनका� अनितशंय S�म दै�खकारा सबका� निवम�न पारा चl� सिलंय�। तदैनन्तरा मन ह� मन निवSचराण> मH सिसरा नव�कारा उत्तेरा ढ़िदैशं� काC ओरा निवम�न चलं�य�॥1॥* चलंत निबम�न का�लं�हलं ह�ई। *य राघ%ब�रा काहइ सब% का�ई॥सिंस ह�सन अनित उच्चे मन�हरा। श्री� सम�त Sभ% ब5ठा� त� पारा॥2॥भ�व�र्थ+:-निवम�न का� चलंत� समय बड़� शं�रा ह� राह� ह5। सब का�ई श्री� राघ%व�रा काC *य काह राह� हM। निवम�न मH एका अत्य त ऊँO च� मन�हरा सिंस ह�सन ह5। उस पारा स�त�*� सनिहत Sभ% श्री� रा�मच द्रं*� निवरा�*म�न ह� गए॥2॥रा�*त रा�म% सनिहत भ�धिमन�। म�रु स3 ग *न% घन दै�धिमन�॥रुसिचरा निबम�न% चलं�उ अनित आत%रा। काCन्ह� स%मन ब3धिष्टों हराष� स%रा॥3॥

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भ�व�र्थ+:-पात्न� सनिहत श्री� रा�म*� ऐस� स%शं�भिभत ह� राह� हM म�न� स%म�रु का� सिशंखरा पारा निब*लं� सनिहत श्य�म म�घ ह�। स% दैरा निवम�न बड़� शं�घ्रत� स� चलं�। दै�वत� हर्विष त हुए औरा उन्ह>न� rR लं> काC वष�+ काC॥3॥पाराम स%खदै चसिलं नित्रुनिब( बय�रा�। स�गरा सरा सरिरा निनम+लं ब�रा�॥सग%न ह�तिंह स% दैरा चहुO पा�स�। मन Sसन्न निनम+लं नभ आस�॥4॥भ�व�र्थ+:-अत्य त स%ख दै�न� व�लं� त�न Sका�रा काC (शं�तलं, म दै, स%ग धि(त) व�य% चलंन� लंग�। सम%द्रं, त�लं�ब औरा नढ़िदैय> का� *लं निनम+लं ह� गय�। च�रा> ओरा स% दैरा शंका% न ह�न� लंग�। सबका� मन Sसन्न हM, आका�शं औरा ढ़िदैशं�एO निनम+लं हM॥4॥* काह राघ%ब�रा दै�ख% रान स�त�। लंसिछोमन इह�O हत्य� इOद्रं*�त�॥हनRम�न अ गदै का� म�रा�। रान मनिह पारा� निनस�चरा भ�रा�॥5॥भ�व�र्थ+:-श्री� राघ%व�रा*� न� काह�- ह� स�त�! राणभRधिम दै�ख�। लंक्ष्मण न� यह�O इ द्रं का� *�तन� व�लं� म�घन�दै का� म�रा� र्थ�। हन%म�न- औरा अ गदै का� म�रा� हुए य� भ�रा�-भ�रा� निनशं�चरा राणभRधिम मH पाड़� हM॥5॥* का% भकारान रा�वन द्वाU भ�ई। इह�O हत� स%रा म%निन दुखदै�ई॥6॥भ�व�र्थ+:-दै�वत�ओं औरा म%निनय> का� दु^ख दै�न� व�लं� का% भकाण+ औरा रा�वण दै�न> भ�ई यह�O म�रा� गए॥6॥दै�ह� :* इह�O स�त% ब�Oध्य> अरु र्थ�पा�उO सिसव स%ख (�म।स�त� सनिहत का3 पा�निनधि( स भ%निह काCन्ह Sन�म॥119 का॥भ�व�र्थ+:-मMन� यह�O पा%लं ब�O(� (बO(व�य�) औरा स%ख(�म श्री� सिशंव*� काC स्था�पान� काC। तदैनन्तरा का3 पा�निन(�न श्री� रा�म*� न� स�त�*� सनिहत श्री� रा�म�श्वरा मह�दै�व का� Sण�म निकाय�॥119 (का)॥*हO *हO का3 पा�सिंस (% बन काCन्ह ब�स निबश्री�म।सकालं दै�ख�ए *�ननिकानिह काह� सबखिन्ह का� न�म॥119 ख॥भ�व�र्थ+:-वन मH *ह�O-तह�O कारुण� स�गरा श्री� रा�मच द्रं*� न� निनव�स औरा निवश्री�म निकाय� र्थ�, व� सब स्था�न Sभ% न� *�नकाC*� का� ढ़िदैखलं�ए औरा सबका� न�म बतलं�ए॥119 (ख)॥चUपा�ई :

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त%रात निबम�न तह�O चसिलं आव�। दै डका बन *हO पाराम स%ह�व�॥का% भ*�ढ़िदै म%निनन�यका न�न�। गए रा�म% सब काH अस्था�न�॥1॥भ�व�र्थ+:-निवम�न शं�घ्र ह� वह�O चलं� आय�, *ह�O पाराम स% दैरा दैण्डकावन र्थ� औरा अगस्त्य आढ़िदै बहुत स� म%निनरा�* राहत� र्थ�। श्री� रा�म*� इन सबका� स्था�न> मH गए॥1॥* सकालं रिरानिषन्ह सन पा�इ अस�स�। सिचत्रुकाR ट आए *गदैzस�॥तहO कारिरा म%निनन्ह का� रा स त�ष�। चलं� निबम�न% तह�O त� च�ख�॥2॥भ�व�र्थ+:-स पाRण+ ऋनिषय> स� आशं�व�+दै पा�कारा *गदैzश्वरा श्री� रा�म*� सिचत्रुकाR ट आए। वह�O म%निनय> का� स त%ष्टों निकाय�। (निrरा) निवम�न वह�O स� आग� त�*� का� स�र्थ चलं�॥2॥* बहुरिरा रा�म *�ननिकानिह दै�ख�ई। *म%न� कासिलं मलं हरानिन स%ह�ई॥पा%निन दै�ख� स%रासरा� पा%न�त�। रा�म काह� Sन�म कारु स�त�॥3॥भ�व�र्थ+:-निrरा श्री� रा�म*� न� *�नकाC*� का� कासिलंय%ग का� पा�पा> का� हराण कारान� व�लं� स%ह�वन� यम%न�*� का� दैशं+न कारा�ए। निrरा पानिवत्रु ग ग�*� का� दैशं+न निकाए। श्री� रा�म*� न� काह�- ह� स�त�! इन्हH Sण�म कारा�॥3॥* त�रार्थपानित पा%निन दै�ख% Sय�ग�। निनराखत *न्म का�ढ़िट अघ भ�ग�॥दै�ख% पाराम पा�वनिन पा%निन ब�न�। हरानिन स�का हरिरा लं�का निनस�न�॥4॥पा%निन दै�ख% अव(पा%रिरा अनित पा�वनिन। नित्रुनिब( त�पा भव रा�ग नस�वनिन॥5॥भ�व�र्थ+:-निrरा त�र्थ+रा�* Sय�ग का� दै�ख�, जि*सका� दैशं+न स� ह� कारा�ड़> *न्म> का� पा�पा भ�ग *�त� हM। निrरा पाराम पानिवत्रु नित्रुव�ण�*� का� दैशं+न कारा�, *� शं�का> का� हरान� व�लं� औरा श्री� हरिरा का� पाराम (�म (पाहुOचन�) का� सिलंए स�lz का� सम�न ह5। निrरा अत्य त पानिवत्रु अय�ध्य�पा%रा� का� दैशं+न कारा�, *� त�न> Sका�रा का� त�पा> औरा भव (आव�गमन रूपा�) रा�ग का� न�शं कारान� व�लं� ह5॥4-5॥दै�ह� :स�त� सनिहत अव( काहुO काCन्ह का3 पा�लं Sन�म।स*लं नयन तन पा%लंनिकात पा%निन पा%निन हरानिषत रा�म॥120 का॥

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भ�व�र्थ+:-य> काहकारा का3 पा�लं% श्री� रा�म*� न� स�त�*� सनिहत अव(पा%रा� का� Sण�म निकाय�। स*लं न�त्रु औरा पा%लंनिकात शंरा�रा ह�कारा श्री� रा�म*� ब�रा-ब�रा हर्विष त ह� राह� हM॥120 (का)॥पा%निन Sभ% आइ नित्रुब�नe हरानिषत मज्जन% काCन्ह।कानिपान्ह सनिहत निबSन्ह काहुO दै�न निबनिब( निबधि( दैzन्ह॥120 ख॥भ�व�र्थ+:-निrरा नित्रुव�ण� मH आकारा Sभ% न� हर्विष त ह�कारा स्न�न निकाय� औरा व�नरा> सनिहत ब्र�ह्मण> का� अन�का> Sका�रा का� दै�न ढ़िदैए॥120 (ख)॥चUपा�ई :* Sभ% हन%म तनिह काह� ब%झ�ई। (रिरा बट% रूपा अव(पा%रा *�ई॥भरातनिह का% सलं हम�रिरा स%न�एहु। सम�च�रा लं5 त%म्ह चसिलं आएहु॥1॥भ�व�र्थ+:-तदैनन्तरा Sभ% न� हन%म�न- *� का� समझ�कारा काह�- त%म ब्रह्मच�रा� का� रूपा (राकारा अव(पा%रा� का� *�ओ। भरात का� हम�रा� का% शंलं स%न�न� औरा उनका� सम�च�रा लं�कारा चलं� आन�॥1॥* त%रात पावनस%त गवनत भयऊँ। तब Sभ% भराद्वा�* पातिंह गयऊँ॥न�न� निबधि( म%निन पाR*� काCन्ह�। अस्त%नित कारिरा पा%निन आसिसष दैzन्ह�॥2॥भ�व�र्थ+:-पावनपा%त्रु हन%म�न- *� त%रा त ह� चलं ढ़िदैए। तब Sभ% भराद्वा�**� का� पा�स गए। म%निन न� (इष्टों ब%जि� स�) उनकाC अन�का> Sका�रा स� पाR*� काC औरा स्त%नित काC औरा निrरा (लं�लं� काC दृधिष्टों स�) आशं�व�+दै ढ़िदैय�॥2॥* म%निन पादै ब ढ़िदै *%गलं कारा *�रा�। चढ़िl निबम�न Sभ% चलं� बह�रा�॥इह�O निनष�दै स%न� Sभ% आए। न�व न�व काहO लं�ग ब�लं�ए॥3॥भ�व�र्थ+:-दै�न> ह�र्थ *�ड़कारा तर्थ� म%निन का� चराण> काC व दैन� काराका� Sभ% निवम�न पारा चlकारा निrरा (आग�) चलं�। यह�O *ब निनष�दैरा�* न� स%न� निका Sभ% आ गए, तब उसन� 'न�व काह�O ह5? न�व काह�O ह5?' पा%का�रात� हुए लं�ग> का� ब%लं�य�॥3॥स%रासरिरा न�धिघ *�न तब आय�। उतरा�उ तट Sभ% आयस% पा�य�॥तब स�त�O पाR*� स%रासरा�। बहु Sका�रा पा%निन चरानखिन्ह पारा�॥4॥भ�व�र्थ+:-इतन� मH ह� निवम�न ग ग�*� का� लं�Oघकारा (इस पा�रा) आ गय� औरा Sभ% काC आज्ञा� पा�कारा वह निकान�रा� पारा उतरा�। तब स�त�*� बहुत Sका�रा स� ग ग�*� काC पाR*� काराका� निrरा उनका� चराण> पारा निगराe॥4॥

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दैzखिन्ह अस�स हरानिष मन ग ग�। स% दैरिरा तव अनिहव�त अभ ग�॥स%नत ग%ह� (�यउ S�म�का% लं। आयउ निनकाट पाराम स%ख स का% लं॥5॥भ�व�र्थ+:-ग ग�*� न� मन मH हर्विष त ह�कारा आशं�व�+दै ढ़िदैय�- ह� स% दैरा�! त%म्ह�रा� स%ह�ग अख ड ह�। भगव�न- का� तट पारा उतरान� काC ब�त स%नत� ह� निनष�दैरा�* ग%ह S�म मH निवह्वलं ह�कारा दैUड़�। पाराम स%ख स� पारिरापाRण+ ह�कारा वह Sभ% का� सम�पा आय�,॥5॥* Sभ%निह सनिहत निबलं�निका ब5दै�ह�। पारा�उ अवनिन तन स%धि( नतिंह त�ह�॥S�नित पाराम निबलं�निका राघ%रा�ई। हरानिष उठा�इ सिलंय� उरा लं�ई॥6॥भ�व�र्थ+:-औरा श्री� *�नकाC*� सनिहत Sभ% का� दै�खकारा वह (आन दै-सम�धि( मH मग्न ह�कारा) पा3थ्व� पारा निगरा पाड़�, उस� शंरा�रा काC स%धि( न राह�। श्री� राघ%न�र्थ*� न� उसका� पाराम S�म दै�खकारा उस� उठा�कारा हष+ का� स�र्थ हृदैय स� लंग� सिलंय�॥6॥छो दै- :* सिलंय� हृदैयO लं�इ का3 पा� निन(�न स%*�न रा�यO राम�पानित।ब5ठा�रिरा पाराम सम�पा बRझ� का% सलं स� कारा ब�नत�॥अब का% सलं पादै पा का* निबलं�निका निबरा सिच स कारा स�ब्य *�।स%ख (�म पाRरानका�म रा�म नम�धिम रा�म नम�धिम त�॥1॥भ�व�र्थ+:-स%*�न> का� रा�*� (सिशंरा�मभिण), लंक्ष्म�का� त, का3 पा�निन(�न भगव�न- न� उसका� हृदैय स� लंग� सिलंय� औरा अत्य त निनकाट ब5ठाकारा का% शंलं पाRछोz। वह निवनत� कारान� लंग�- आपाका� *� चराणकामलं ब्रह्म�*� औरा शं कारा*� स� स�निवत हM, उनका� दैशं+न काराका� मM अब सका% शंलं हूँO। ह� स%ख(�म! ह� पाRण+का�म श्री� रा�म*�! मM आपाका� नमस्का�रा कारात� हूँO, नमस्का�रा कारात� हूँO॥1॥* सब भ�Oनित अ(म निनष�दै स� हरिरा भरात ज्य> उरा लं�इय�।मनितम दै त%लंस�दै�स स� Sभ% म�ह बस निबसरा�इय�॥यह रा�वन�रिरा चरिरात्रु पा�वन रा�म पादै रानितSदै सदै�।का�म�ढ़िदैहरा निबग्य�नकारा स%रा सिस� म%निन ग�वतिंह म%दै�॥2॥भ�व�र्थ+:-सब Sका�रा स� न�च उस निनष�दै का� भगव�न- न� भरात*� काC भ�Oनित हृदैय स� लंग� सिलंय�। त%लंस�दै�स*� काहत� हM- इस म दैब%जि� न� (मMन�) म�हवशं उस Sभ% का� भ%लं� ढ़िदैय�। रा�वण का� शंत्रु% का� यह पानिवत्रु कारान� व�लं�

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चरिरात्रु सदै� ह� श्री� रा�म*� का� चराण> मH S�नित उत्पान्न कारान� व�लं� ह5। यह का�म�ढ़िदै निवका�रा> का� हरान� व�लं� औरा (भगव�न- का� स्वरूपा का�) निवशं�ष ज्ञा�न उत्पान्न कारान� व�लं� ह5। दै�वत�, सिस� औरा म%निन आन ढ़िदैत ह�कारा इस� ग�त� हM॥2॥दै�ह� :समरा निब*य राघ%ब�रा का� चरिरात *� स%नतिंह स%*�न।निब*य निबब�का निबभRनित निनत नितन्हनिह दै�तिंह भगव�न॥121 का॥भ�व�र्थ+:-*� स%*�न लं�ग श्री� राघ%व�रा काC समरा निव*य स ब (� लं�लं� का� स%नत� हM, उनका� भगव�न- निनत्य निव*य, निवव�का औरा निवभRनित (ऐश्वय+) दै�त� हM॥।121 (का)॥यह कासिलंका�लं मलं�यतन मन कारिरा दै�ख% निबच�रा।श्री� राघ%न�र्थ न�म तजि* न�निहन आन अ(�रा॥121 ख॥भ�व�र्थ+:-अरा� मन! निवच�रा काराका� दै�ख! यह कासिलंका�लं पा�पा> का� घरा ह5। इसमH श्री� राघ%न�र्थ*� का� न�म का� छो�ड़कारा (पा�पा> स� बचन� का� सिलंए) र्दूसरा� का�ई आ(�रा नहe ह5॥121 (ख)॥

म�सपा�रा�यण, सत्ते�ईसव�O निवश्री�मइनित श्री�मद्रं�मचरिरातम�नस� सकालंकासिलंकालं%षनिवध्व सन� षष्ठ^ स�पा�न^ सम�प्त^।कासिलंय%ग का� समस्त पा�पा> का� न�शं कारान� व�लं� श्री� रा�मचरिरात म�नस का� यह छोठा� स�पा�न सम�प्त हुआ।(लं का�का�ण्ड सम�प्त)