Gout

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1 | Page गाउट एक सामान रग ह िसमम ा ा िरज म संसरध (िरज मम द, सूिन, लालमा , उषणा औ अ�मणा) के ौे पजणे ै असकां रगय (लगभग 50 %) म पह के अंगूे के िरज (मेटाटासल-फे लमिल िरज) णकलीफ रणी ह ण इसे परडरगा भी कणे ै लेकन गाउट का अस एजी, घुटना, कलाई औ उंगली के िरज मभी र सकणा ह िरजर मम ाण कर अअानक हण णेि द रणा ह औ सूिन न िाणी ह िरज लाल औ गमद मसूस रणा ह साध मम ुा औ धकााट भी र सकणी ह रग र मम ूयक एसड का ाण रने से रणा ह ूयक एसड रने से िरज, टेनडन औ िरज के नपसास िमा र िाणा ह गुद मम िमा रणा ह णर पधी ा ुेट नेफरपेधी र सकणी ह गाउट का ौा अमूमन 5-7 नय मम ीक र िाणा ह 60 रगय कर साल भ म ा सा ौा पज िाणा ह गाउट के रगय कर रअाप, डाटीि, मेटारलक सनरम, ाृक रग औ रग का णा असक णा ह उपअा नी का िाे णर गाउट सीे-सीे ीघदकालीन औ ाधाई रग न िाणा ह िरजय क सण �णगाण रने लगणी ह अ�मणा औ अपंगणा रणी िाणा ह साध ी ी मम कई िग (िसे कान, करनी ) ूयक एसड िमा रने से दीन गांम (Tophi) न िाणी ै गुद मम पधी न िाे णर ाधण औ िटल न िाणी ह ाृककााण ( Kidney Failure) र सकणा ह ाअीन काल मम इसे ािरग ा अमीय का रग भी का िाणा धा, कयमांस-मछली औ मा से ान से इस रग का सीसा समनस ह टेन के कंग ेनी कर भी गाउट ह न धा गाउट के नान ेणु िरज मम से सानराल दा नकाल क िांअ क िाणी ह, उसमम ूयक एसड के काटसस क उपाधण से गाउट क पु� र िाणी ह पछले र कय मगाउट का नघटन र गुना र गा ह कारण पूीन अापअ मम नई ाी गाउट का मूल का ह ूयक एसड पूीन अापअ का अंणम उमपा ह, िर गाउट मम र िाणा ह इसके का ना, ननुांकणा, गुद मम ूयक एसड का उमसिदन कम रना न माने

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गाउट एक सामान्य रोग है जिसमें बार बार जोड़ में संधिशोथ (जोड़ में दर्द, सूजन, लालिमा, उष्णता और अक्षमता) के दौरे पड़ते हैं। अधिकांश रोगियों (लगभग 50%) में पैर के अंगूठे के जोड़ (मेटाटारसल-फेलेंजियल जोड़) में तकलीफ होती है। तब इसे पोडोग्रा भी कहते हैं। लेकिन गाउट का असर एड़ी, घुटना, कलाई और उंगली के जोड़ में भी हो सकता है। जोड़ो में रात को अचानक बहुत तेज दर्द होता है और सूजन आ जाती है। जोड़ लाल और गर्म महसूस होता है। साथ में बुखार और थकावट भी हो सकती है। यह रोग रक्त में यूरिक एसिड का स्तर बढ़ने से होता है। यूरिक एसिड बढ़ने से जोड़, टेन्डन और जोड़ के आपसास जमा हो जाता है। यदि यह गुर्दें में जमा होता है तो पथरी या युरेट नेफ्रोपेथी हो सकती है। गाउट का दौरा अमूमन 5-7 दिनों में ठीक हो जाता है। 60 रोगियों को साल भर में प्रायः दूसरा दौरा भी पड़ ही जाता है। गाउट के रोगियों को रक्तचाप, डायबिटीज, मेटाबोलिक सिन्ड्रोम, वृक्क रोग और हृदय रोग का खतरा अधिक रहता है। यदि उपचार नहीं किया जाये तो गाउट धीरे-धीरे दीर्घकालीन और स्थाई रोग बन जाता है। जोड़ों की सतह क्षतिग्रस्त होने लगती है। अक्षमता और अपंगता बढ़ती जाती है। साथ ही शरीर में कई जगह (जैसे कान, कोहनी आदि) यूरिक एसिड जमा होने से दर्दहीन गांठें (Tophi) बन जाती हैं। यदि गुर्दे में पथरी बन जाये तो स्थिति और जटिल बन जाती है और वृक्कवात (Kidney Failure) भी हो सकता है। प्राचीन काल में इसे राजरोग या अमीरों का रोग भी कहा जाता था, क्योंकि मांस-मछली और मदिरा सेवन से इस रोग का सीधा संबंध है। ब्रिटेन के किंग हेनरी को भी गाउट हुआ था। गाउट के निदान हेतु जोड़ में से सायनोवियल द्रव निकाल कर सूक्ष्मदर्शी यंत्र द्वाराजांच की जाती है, उसमें यूरिक एसिड के क्रिस्टल्स की उपस्थिति से गाउट की पुष्टि हो जाती है। पिछले दो दशकों में गाउट का आघ

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1 | P a g e

गाउट एक सामान् रग ह िसमम ंा ंा िरज मम सं संरध (िरज मम द, सूिन, ला लमा , उष्णा औ अ�मणा) के ौ े पजणे ैं अ सकांं र ग्य (लगभग 50 %) मम पह के अंगूूे के िरज (मेटाटा सल-फेलम ि्ल िरज) मम णकलीफ रणी हं णं इसे परडरगा भी क णे ैं ले कन गाउट का अस एजी, घटुना, कलाई औ उंगली के िरज मम भी र सकणा हं िरजर मम ाण कर अअानक ं हण णेि द रणा ह औ सूिन न िाणी हं िरज लाल औ गमद म सूस रणा हं साध मम ंुु ा औ धकााट भी र सकणी हं ् रग र मम ्ूय क ए सड का ाण ंरने से रणा हं ्ूय क ए सड ंरने से िरज, टेनडन औ िरज के नपसास िमा र िाणा हं ् ् ग ुद मम िमा रणा ह णर पध ी ्ा ् ुेट नेफरपेधी र सकणी हं

गाउट का ौ ा अमूमन 5-7 नय मम ूीक र िाणा हं 60 र ग्य कर साल भ मम ंा्् ूस ा ौ ा पज िाणा हं गाउट के र ग्य कर रअाप, डा् ंटीि, मेटांर लक सन्रम, ाृकक रग औ ् रग का ुण ा अ सक णा हं ् उपअा न ी क्ा िा्े णर गाउट सी े-सी े ीघदकालीन औ ाधाई रग ंन िाणा हं िरजय कं सण � णगाण रने लगणी हं अ�मणा औ अपगंणा ंरणी िाणा हं साध ी ं ी मम कई िग (िहसे कान, कर नी न ) ्ूय क ए सड िमा रने से द ीन गांू म (Tophi) ंन िाणी ैं ् ग ुद मम पध ी ंन िा्े णर ाध ण औ ि टल ंन िाणी हं ाृककााण (Kidney Failure) र सकणा हं

ंाअीन काल मम इसे ाि रग ्ा अमी य का रग भी क ा िाणा धा, क्य क मासं-मछली औ म ा सेान से इस रग का सीसा समंनस हं टेन के कंग ेन ी कर भी गाउट हन धां गाउट के न ान ेणु िरज मम से सा्नर ा्ल दा नकाल क िाअं कं िाणी ह, उसमम ्ूय क ए सड के काटसस कं उप ाध ण से गाउट कं प ु� र िाणी हं पछले र ंकय मम गाउट का नघटन र गनुा र ग्ा हं

कारण

प्ू ीन अ्ापअ् मम नई ु ांी गाउट का मूल का ् हं ्ूय क ए सड प्ू ीन अ्ापअ् का अं णम उमपा ह, िर गाउट मम ंर िाणा हं इसके का ् न ा , ननुां ंकणा, ग ुद मम ्ूय क ए सड का उमसिदन कम रना न माने

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ग्े ैं 90% र ग्य मम ग ुद ्ूय क ए सड का प्ादा उमसिदन न ी क पाणे ैं 10% से कम र ग्य मम ं्ा ा ्ूय क ए सड ंनणा ैं ् ्ूय क ए सड 7-8.9 mg/dl र णर गाउट का सालाना िर ुम 0.5% औ 9 mg/dl से अ सक र णर िर ुम 4.5% णा हं ्ूय क ए सड का सामान् ाण पपुु मम 7 औ �ी मम 6 mg/dl रणा हं

जीवनशैली – 12% र ग्य मम गाउट का का ् न ा कर माना ग्ा हं म ा सेान, फुकटरि-्रु पे्, मासं, मछली के सेान से गाउट का िर ुम ंरणा हं

रोग – मेटांर लक सन्रम, मरटापा, पॉलीसा्धी म्ा, लेड पॉ्ि नंग, ाृककााण, ीमर ल टक एनी म्ा, सर ा् सस औ अंग ं णाधापन मम भी गाउट कं संभााना णी हं

औषिधया ं– मूतासदक ााइ्ा ं( ाइ्रकलर धा्डाइड), ना् सन, ए ापय न, साइकलरापरय न औ टेकर लमस न ं

उपचार

ंा ंभक उपअा का उ ेष् सं संरध के ौ े कर ंाणं क ना हं ंा -ंा पजने ााले ौ य कर रकने के लए ्ूय क ए सड कम क ने कं ााइ्ा ं ी िाणी ैं साध मम द औ सूिन कम क ने के लए नॉन-ाटी ॉ्डल एटंीइन्लेमेमी ााइ्ा ं(NSAIDs), करल असीन औ ाट ॉ्डडस ्े िाणे ैं NSAIDs ंा्् 1-2 ्णे णक ्े िाणे ैं ् ्े सं ााइ्ा ंअस न ी क ी र णर नई ाा पेपलर टकेस (इसे 2010 मम अनुमर ण क्ा ग्ा ह) ी िाणी हं

ौ य कर रकने के लए मधीन नकसीडेि इ न ंीटसद (ऐलरप्ूय नॉल औ फेे्कुसराटेट) औ ्कु�सुय कस (ंरंेन सड औ स सफनपा् ेिरल) न ेणे ैं इन म ंा्् गाउट का ौ ा पजने के 1-2 ्णे के ंा ंुु क णे ै औ लमंे सम् णक ी िाणी ैं ् ्ूय क ए सड का नमाद् 800 म लगाम ं ण न से अ सक र णर मधीन नकसीडेि इ न ंीटसद ी िाणी ैं रगी कर अपना ्ूय क ए सड 6 से कम ुने कं सला ी िाणी हं

अनय उपचार

बफर कक ििकाा - इसके लए न मम कई ंा ंफद कं सकाई कं िाणी ह, िससे द मम ा ण मलणी हं ंफद कं सकाई के ंीअ-ंीअ मम टॉाल कर गमद पानी मम नअरज क

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िरज प लपेट ेना अा ्ें सकाई के ंा भी िरजय प टॉाल लपेट ेना अा ्े, णा क सूिन कम र औ रगी कर नी न िा्ें

दवा कोिलचििन (Colchicine)

पोबोनििि (Probenecid)

ऐलोपययुरनोल (Allopurinol)

फो बययुिोसोोो (Febuxostat)

बािं और पसपयिप टें कर सअ सनडरन, िाइकर सअन 0.5 म. गाम

टें ंेन सड 500 म. गाम

टें िाइलरय क, सपलरय क 100 औ 300 म. गाम

टें फेे्टुास 40 औ 80 म. गाम

माता गाउो को दौरो मे – ंुु मम 1 म. गाम, घटें मम 0.5 म. गाम िं णक द न ी मट िा्े, (अ सकणम 10 म. गाम) बचाव- 0.5-1.5 म.गाम 7 न णक

ंुुमम 5.25 गाम (150 एमएल पानी मम) र ंा ,

मेनटेनेनस – 3.5 गाम (150 एमएल पानी मम)

100 म लगाम रिाना, अ सकणम माता 800 म. गाम

40-80 म लगाम रि

कय प्ाव पेट द, उंकाई, ामन, ाण, ंरनमे र मन, मा्रपेधी

अपअ, पेट फूलना, न ा पध मे पकााट

माअा मम अकचे, ूंड लग क ंुुा ,िरजय मम द, पी ल्ा, इ्र सनरफं ल्ा, स्कुरपी न्ा ्ा स्कुरसाइटर सस

छाणी मम द, अअानक भम, ंा ं, टागंय ्ा अे े मम सनुनणा, माअा मम ुुिली, अकचे, �ासक�, सकंम्, ्कृण ाका

चोरी है चमतकारी – 60 ा दु प ले डॉ. लुड ाग डेस् ुेलॉ िर गाउट से पी जण धे औ उनका िीान व ील अे् के स ा े अल ा धां एक न उन यने पाा भ सा ी अे ी ुाई, िससे उनका सा ा द िाणा ां उन यने इस ाु् प ंरस काफं कं औ गाउट के र ग्य कर 180-240 गाम अे ी रि ुाने कं सला ेने लगें

अलिी और चारकोल कक पयलिोि – डॉ. थें क णे ै क अलसी औ अा करल कं पलु टस ं ी से टॉ कसन औ ्ूय क ए सड ुीअ लेणी ह औ गाउट मम ं हण ा ण ेणी हं 2-4 टेंलापून पसी अलसी औ नसा कप अा करल कर गमद पानी मम अ छी ण मला क पलु टस ंनाई िाणी हं िरज प इसका लेप क के पेी ंासं ी िाणी हं 4-6 घटें मम पलु टस औ पेी ं ल ी िाणी हं ाण भ पलु टस लगी ने म, ंस ध्ान मु क ंाण ु ां न रं इसके लए नप पेी के कप पॉलीधीन लपेट सकणे ैं अा करल कं गरली न मम अा ंा पानी के साध ुाने से भी फा् ा रणा हं नसा ्ा एक घटें पह कर अा करल ्ा इपसम के घरल मम ुने से भी फा् ा रणा हं

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अलिी -

गाउट मम अलसी ं हण का ग सा ंण हई हं अलसी के लगनेन औ मेगा-3 फह टी ए सडडस ं ा कर ंानण क णे ैं द, सूिन मम ा ण मलणी हं टड ्ू नस मम हई ंरस से सा ंण हन ह क अलसी ं ी मम ्ूय क ए सड का ाण कम क णा हं अलसी कर रटी के ुप मम लेना सु ासािनक णा हं ंीणल ा स से नकला अलसी का णेल पनी ्ा ी मम मला क ल्ा िा सकणा हं