अपि शििेिक (अिngंधाि एवंिवािाि)भारत...

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E-mail: [email protected] Tel: 011-23220155 Website: www.cbseacademic.in 23220083 के .मा.शि.बो./िै./अ.शि.(अ.एव ि.)/2015 परिप स या. िैशिक-48/2015 शििा क 19 अगत, 2015 मििोसव डा. भीम िाव अबेडकि का 125 वा जम शिवस समािो शवालय म मॉक पाशलियामेट योशजत कििा [सामाशजक याय ि सितीकिि मालय, भाित सिकाि की पल] वाि-शववाि कििा य सीिा िाशए? i. मु को समझिे के शलए ii. सुशविारित एवं जािकािी पूिि शविाि बिािे के शलए iii. शविाि को भाविाली ढंग से यायोशित ठिािा ि अपिे सिे ि को संेप म अशभयत कििा iv. सामूशक शियाकलाप म यििपूिि सवाि का कलिल शवकशसत कििा v. कािूि कै से बिाए जाते ि िेि को कैसे िशसत शकया जाता ै- पि अतिशि ात कििा vi. शवप की भूशमका को समझिा vii. वाि-शववाि के प को शविेष प से संसिीय काि को योग कििा/समझिा viii. वाि-शववाि लब बिा कि तथा यतरिक ि अत शवालयी वाि-शववाि शतयोशगताएं योशजत किके सामाय वाि-शववाि कििे के कलिल को सुधाििा ix. पाठ्यिम के अलावा शवाथी िागरिकता, िजिीशत, सिकाि, जि सेवाओं , सभाओं , इशतास, लोक-िासि ि सामाशजक- यशथिक मु के साथ-साथ पिा, शलिा, सुििा ि भाविाली ढंग से शववास से शिी ि अंरेजी म बोलिा सीता ै। भारत रन ॉ० भीम राव अबेॉर मनान दववान, थान-दनमााता और अथाशारी थे4 -5 े दौरान वाइसराय सदमदत े ामगार सदय नने े प म उनने भारतीय ामगार वगा ई त हदतनादस मा ग न पनानने म यनगदान ददया4 इनई दि े ारण भारत ा स दवधान र दि से पूणा व दवव े सबसे रनन स दवधान म से नै4 इसन स दवधान सभा म याप ननाा े बाद तैयार दया गया4 इस समय ई गत बनस आज े भारतीय स दवधान पर ाश लती न4 अत: आज ॉ० अबेॉर ई ास दगता उने गदतशील लनतादर समाजवाद और मानवीय गरमा और अदधार े न पर सदियता े फलवप नै4 उनई दि और दमशन वत रता े 8 व े बाद व सदी म भी ास दग नै4 वाद-दववाद ई परपरा नल रनी नै और इस ारण दसी ताव े गोण े परीण ई था सोदनदनत रती नै द सरार ा ाम ाज सनी अथ म लनतादर बना रने4 सिीय ति के वाि-शववाियोशजत कििा पाता का XI और XII के विाी मॉक पाशलियामेरी वाि-शववाि की तैयािी कििा विालय के मुख अपने विक और विाविय के सा िाद-वििाद देखने के वलए विधानसभा अिा स सद जा सकते ह। ये देश म बो दामान वगा सबसे अदध भावशाली वगा ननता नै4 यन वगा पूवानोमान लगा सते नै , परामशा दे सते और नेतृव र सते नै4 दसी भी देश म अदधांश लनग बोदामतापूणा दवनार और ाय े दल जीवन नन जीत4 वन मोयत: नलनी नते न और बोदामान वगा अनोरण रते न4 यन नना नत अदतशयनदि न ननगी द देश ा सपूणा भाय बोदामान वगा पर दनभार रता नै4 यदबोदामान वगतमानदार और वतंर नै तन इस पर दववास दया जा सता नै और संआ आने पर यनेतृव र सता नै4 यन सय नै द बोदा अपने आप म नत वरदान नन नै4 यन ेवल मायम नै और दसी मायमसाधन ा यनग बोदामान यदि े साय पर दनभार रता नै4

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Page 1: अपि शििेिक (अिngंधाि एवंिवािाि)भारत रत् न ॉ ० भीम राव अम् बॉ र मनान दववान,

E-mail: [email protected] Tel: 011-23220155 Website: www.cbseacademic.in 23220083

क.मा.शि.बो./ि./अ.शि.(अ.एव ि.)/2015 परिपतर सख या. िकषशिक-48/2015

शििाक 19 अगस त, 2015

समििो‍ सव

ड ा. भीम िाव अम बडकि का 125 वा जन म शिवस समािो

शवदयालयो म मॉक पाशलियामन ट ययोशजत कििा

[सामाशजक न याय ि सि‍ तीकिि मन तरालय, भाित सिकाि की प ल]

वाि-शववाि कििा ‍ यो सी िा िाश ए?

i. मददो को समझि क शलए

ii. सशविारित एव जािकािी पिि शविाि

बिाि क शलए

iii. शविािो को परभाविाली ढग स न यायोशित

ठ िािा ि अपि सन िि को सकषप म

अशभव य‍ त कििा

iv. सामश क शियाकलापो म यििपिि

सम वाि का कलिल शवकशसत कििा

v. कािि कस बिाए जात ि िि को कस

िाशसत शकया जाता - पि अन तरदिशि पराप त

कििा

vi. शवपकष की भशमका को समझिा

vii. वाि-शववाि क रपो को शविष रप स

ससिीय परकािो को परयोग कििा/समझिा

viii. वाि-शववाि ‍लब बिा कि तथा यन तरिक

ि अन त: शवदयालयी वाि-शववाि

परशतयोशगताए ययोशजत किक सामान य

वाि-शववाि किि क कलिल को सधाििा

ix. पाठयिम क अलावा शवदयाथी िागरिकता,

िाजिीशत, सिकाि, जि सवाओ, सभाओ,

इशत ास, लोक-परिासि ि सामाशजक-

यशथिक मददो क साथ-साथ पढिा,

शल िा, सििा ि परभाविाली ढग स

शवश वास स श न िी ि अरजी म बोलिा

सी ता ।

भारत रत न ॉ ० भीम राव अम बॉ र मनान दववान, सस थान-दनमााता और

अथाशास री थ4 - 5 दौरान वाइसराय सदमदत ामगार सदस य ननन

रप म उन नोन भारतीय ामगार वगा ई त हदतनादस मागो न पननानन म

यनगदान ददया4 इन ई ददि ारण भारत ा सदवधान दर ददि स पणा व दवश व

सबस रनन सदवधानो म स न4 इस न सदवधान सभा म व याप ननाा बाद

तयार द या गया4 इस समय ई गत बनस आज भारतीय सदवधान पर पर ाश

ॉालती न4 अत: आज ॉ ० अम बॉ र ई परासदग ता उन गदतशील

लन तादनर समाजवाद और मानवीय गररमा और अदध ारो परश न पर

सदियता फलस वरप न4 उन ई ददि और दमशन स वतरता 8 वषो बाद

वी सदी म भी परासदग न4

वाद-दववाद ई परम परा नल रनी न और इस ारण द सी परस ताव गोणो

परीकषण ई परथा सोदनदश नत रती न द सर ार ा ाम ाज सनी अथषो म

लन तादनर बना रन4

ससिीय ति क ‘वाि-शववाि’ ययोशजत कििा

पातरता: ककषा XI और XII क विदयारथी

मॉक पाशलियामन री वाि-शववाि की तयािी कििा

विदयालय क परमख अपन विकषको और विदयावरथियो क सारथ िाद-वििाद दखन क वलए विधानसभा अरथिा ससद जा सकत ह।

परत य दश म बोदामान वगा सबस अदध परभावशाली वगा ननता न4 यन वगा पवाानोमान लगा स त न,

परामशा द स त और नतत व र स त न4 द सी भी दश म अदध ाश लनग बोदामतापणा दवनार और

ायषो दल जीवन ननी जीत4 वन मोख यत: न लनी ननत न और बोदामान वगा ा अनो रण रत न4

यन नना नत अदतशयनदि ननी ननगी द दश ा सम पणा भाय य बोदामान वगा पर दनभार रता न4 यदद

बोदामान वगा तमानदार और स वतर न तन इस पर दवश वास द या जा स ता न और स आ आन पर यन

नतत व र स ता न4 यन सत य न द बोदा अपन आप म नत वरदान ननी न4 यन वल मा‍ यम न और

द सी मा‍ यमससाधन ा परयनग बोदामान व यदि सा‍ य पर दनभार रता न4

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सामावजक विजञान, राजनीवत विजञान, इवतहास क विकषक अपन विदयावरथियो को सविधान सभा क िाद-वििादो (1946-50),

औपचारर क कायिविवध, भाषण क परकार और सदस यो क भकवमका इय यावद स अ‍ ी तरह पररवचत करिा कर पहल कर सकत

ह।

ऐस मददो क पहचान कवजए वजन पर आज क सामावजक-राजनीवतक सन दभि म िाद-वििाद वकया जा सकता ह।

ऐवतहावसक बहसो और समाज स सम बवनधत आज क मददो पर िाद-वििाद क अभ यास सर आ आयोवजत करना

विवभन न विभाो ो ारा िाद-वििाद करिाए जा रह म ददो को अ‍ ी तरह समन क वलए रायय क विधान सभा अरथिा ससद

ारा परसाररत बहसो को दखना। ऐस बहस ऑनलाइन उपलब ध ह तरथा दकरदििन पर परसाररत क जाती ह।

िाद-वििाद का कायिकरम ककषा म वहन दी अरथिा अरजी म आयोवजत वकया जा सकता ह।

मॉक पाशलियामन ट की वाि-शववाि

1. यह कायिकरम वकसी बड हाल अरथिा खल सरथान पर आयोवजत वकया जा सकता ह। सभी रोतोता ही दििक ह।

2. कवसियो क व यिस रथा और सान वसस टम स पावलियामन ट क परबन ध वदखा दन चावहए।

3. परभारी विकषक परवतभावो यो को ससदीय बहस क करम िदधता और कायिविवध अपनान म सहायता द ो । ि यह भी सवनवित कर सकत ह

वक विदयारथी विवभन न सरकारी विभाो ो का परवतवनवधय ि करन क भकवमका क वलए अ‍ ी तरह तयार हो कर आए वक ि िाद-वििाद

िाल मददो पर क या बोलना चा हत ह?

4. कपया सविधान सभा क सिधावनक बहसो क आधार पर दी ो सकची क विषयो पर या अपन विषयो को चवनए।

वाि-शववाि क शलए सझाए गए शवषय

1. ‍ या य सिि मािता शक स वततरता/भाषि की स वततरता अशधकाि शििपकष ि ी

2. सिकाि जिजातीय अशधकािो को लाग किि की योजिा बिाि तथा उिक जीवि स ति म उपय‍ त स तकषपो स सधाि

लाि का परयास किती , जबशक उिक सास कशतक लोकािाि को बिाए ि त ए सिकषि शकया जािा ।

3. सिकाि यिकषि क यधाि को पिभािशषत किि की योजिा बिाकि स वास य, शिकषा ि िोजगाि अवसिो क कषतरो म

सनतलि, न याय ि समावि को सशिशश ित किती ।.

4. मश लाओ को स व स ायता सम बिाि क शलए उ‍ सा वरदिि कििा एव पिस काि ििा तथा शप वगो को अशधक सकष म

शवतत उपलब ध किवाि को सशिशश ित कििा।

5. ‍ या शवधायी शिकायो म मश ला यिकषि को स ी अथो म लाग शकया जा ि ा

6. इस शडशजटल यग म ोट बच िो ाािा ि ी गा सामरी की गिवतता का अिवीकषि ब त ििल तीपिि ो गया । इसको

ठीक किि क शलए सिकाि की ‍ या योजिा ? यवश यक सिकषा शवकशसत किि क शलए मािव ससाधिो म शकस शिवि

की यवश यकता ।

7. ‍ या सिि ि वतिमाि ि यवा िोजगाि अवसिो को मािव अशधकािो का कायि शवषय बिाया ?

8. ‍ या िल मजििो क मामल म अशधकािो क मा‍ यम स सामाशजक न याय को अशभव यशि िी गा ?

9. ‍ या भशम ीि कशष मजििो ि ोट शकसािो की समस याओ को ल किि क शलए कशष कषतर म कोा सिििा‍ मक

परिवतिि परस ताशवत ?

10. ‍ या उपभो‍ तावाि ि िि म जीवि की गिवतता पि िकािा‍ मक परभाव डाला ?

कन रीय मा यवमक विकषा बो ि सामावजक न याय और सिक तीकरण मन र आालय क सारथ वमल कर ० भीम राि अम ब कर का 125

िा जन म वदिस मना रहा ह। सभी विदयालयो क परधानाचाययो को वनददशि वदया जाता ह वक ि अपन सभी विकषको और विदयावरथियो

को म क पावलियामन ट क िाद-वििाद आयोवजत करन क तरीक क ब यौर क तरन त जानकारी उपलब ध कराना सवनव‍ चत कर ।

कायिकरम को अनकक ल स रथान पर विदयावरथियो क उपवसरथवत म आयोवजत वकया जाए, वजसस ब‍ च भारत रयन ० भीम राि

अम ब कर क ो वतिीलता और सवकरयता स सीख और सम ो वक वकस परकार उन होन हमार लोकतन र आ को आकार परदान वकया।

अवधक स पष टीकरण क वलए आप विकषा अवधकारी सरोती पी० राज‍ िरी स [email protected] पर सम पकि कर

सकत ह।

सगन ध िमाि

अपि शिििक (अिसधाि एव िवािाि)

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