4 20 आरस ड एफ एस ए आई म नक प्र जिकरण -...
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दिन ांक 22.08.2017 को आयोजित सीएसी की 20वीं बैठक क क ययवृत ्त Page 1 of 14
फ इल सां0 9(4)2017/20वीं सीएसी/आरसीडी/एफ.एस.एस.ए.आई
भ रतीय ख द्य सरुक्ष और म नक प्र जिकरण
जवजनयम त ्मक अनपु लन प्रभ ग
एफडीए भवन, कोटल रोड, नई दिल ्ली – 110002
दिन ांक 22 अगस ्त, 2017 को आयोजित कें द्रीय सल हक र सजमजत की 20वीं बठैक क क ययवतृ ्त
भ रतीय ख द्य सुरक्ष और म नक प्र जिकरण की कें द्रीय सल हक र सजमजत की 20वीं बैठक
दिन ांक 22 अगस ्त, 2017 को प ाँचवीं मांजिल, एफ.एस.एस.ए.आई, एफ.डी.ए भवन, नई दिल ्ली
में आयोजित हुई। बैठक के सहभ जगयों की सूची अनबुांि-1 पर िी गई ह।ै
बैठक क प्र रांभ कें द्रीय सल हक र सजमजत के सिस ्यों के स ्व गत के स थ हुआ। क रयव ई
क ययसूची के अनुस र हुई।
मि सां0 1: जहत क प्रकटीकरण
सिस ्यों ने जहत क प्रकटीकरण प्रपत्र भर कर प्रस ्तुत दकय ।
मि सां0 2: सी.ए.सी की 19वीं बठैक के क ययवतृ ्त की पजुि
सी.ए.सी की 19वीं बैठक के क ययवृत ्त क अनुमोिन और अांगीकरण दकय गय ।
मि सां0 3: की गई क रयव ई की ररपोटय
1. दिन ांक 16.05.2017 को आयोजित सी.ए.सी की 19वीं बैठक के क ययवृत ्त पर की गई क रयव ई
की ररपोटय नोट की गई।
2. तेलांग न और मि ्य प्रिेश को ख द्य सुरक्ष आप त क रयव ई योिन के दिय न ्वयन क एस.ओ.पी
भेिने क अनुरोि दकय गय ।
3. जिन र ि ्यों/सांघ श जसत क्षेत्रों ने ऑनल इन भुगत न से िुड़न ेक प्रस ्त व अभी नहीं भेि ह,ै
उन ्हें अपनी अनुमोिन प्रदिय िल ्िी पूरी कर प्रस ्त व यथ शीघ्र भेिने क अनुरोि दकय गय ।
4. जिन र ि ्यों/सांघ श जसत क्षते्रों ने चल प्रयोगश ल के सांबांि में सांस िन व ्यजि न जमत नहीं दकय
ह,ै उन ्हें वह न मन यथ शीघ्र करने क अनुरोि दकय गय ।
5. जिन र ि ्यों/सांघ श जसत क्षेत्रों ने प्रजशक्षण प्रस ्त व, सांस ्थ क न मन और टीओटी अजिक ररयों क
न मन नहीं भेि ह,ै उन ्हें वह शीघ्र भेिने क अनुरोि दकय गय /
मि सां0 20.1: एफ.एस.एस.ए.आई की मुख ्य गजतजवजिय ाँ
1. नए म नक और जवजनयम
प्र जिकरण की 23वीं बैठक द्व र अनुमोदित म नकों और जवजनयमों के अद्यतन अपडेटों को
सी.ए.सी के सिस ्यों ने नोट दकय ।
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2. जनरीक्षण की स वजिकत
र ि ्यों/सांघ श जसत क्षेत्रों को पर मशय दिय गय दक वे जनरीक्षण ल इसेंससांग/पांिीकरण डैट के िोजखम
ग्रेड वगीकरण के आि र पर करके 15 जसतांबर, 2017 तक ररपोटय/फीडबैक प्रस ्तुत करें।
3. एफ.एस.एम.एस दिश -जनिेश प्रलखे
मुख ्य क ययक री अजिक री, एफ.एस.एस.ए.आई न ेबेकरी उत ्प िों, ख द्य तेलों और वस ओं के ब रे
एफ.एस.एम.एस दिश -जनिेश प्रलेख बन ने की ि नक री िी।
4. क रोब रों के जलए सांशोजित जनरीक्षण चकेजलस ्ट
मुख ्य क ययक री अजिक री, एफ.एस.एस.ए.आई न ेअांतर यष ्ट्रीय उत ्तम रीजतयों और यरूोपीय यूजनयन
दिश -जनिेशों के सांिभय में तैय र की गई क रोब रों की सांशोजित जनरीक्षण चेकजलस ्ट के ब रे में जववरण
प्रस ्तुत दकय ।
जनणीत क रयव ई –
र ि ्य/सांघ श जसत के्षत्र जवजभन ्न प्रक र के क रोब रों की प्रस ्त जवत जनरीक्षण चेकजलस ्ट के ब रे में
अपन फीडबैक/सुझ व िें।
मि सां0 20.2 : ल इसेंससांग और पांिीकरण प्रदिय सांबांिी मदेु्द
1. भगुत न एकीकरण गटेव े
सीआईटीओ, एफ.एस.एस.ए.आई ने कें द्रीय ल इसेंस के जलए ऑनल इन भुगत न गेटवे की वतयम न
पद्धजतयों के ब रे में बत य । स थ ही िो अन ्य पेमेंट गेटवे िोड़ने के ब रे में बत य जिससे सभी
प्रमुख बैंक, म स ्टर और वीि िेजडट क डय और डेजबट क डय कवर हो ि एाँगे। सी.ए.सी की जपछली
बैठक के िौर न र ि ्यों/सांघ श जसत क्षेत्रों को उन बैंकों क जववरण िेने को कह गय थ जिसके स थ
वे िुड़न च हत ेहैं। इसके िव ब में गुिर त और मजणपुर ने बत य दक उन ्होंने भी िुड़ने और अपन े
जवत ्त जवभ ग से अनुमोिन लेने की प्रदिय आरांभ कर िी ह।ै
आग,े मुख ्य क ययक री अजिक री, एफ.एस.एस.ए.आई ने बत य दक यदि दकसी र ि ्य को कोई
करठन ई आ रही हो तो उसे आवश ्यक क रयव ई के जलए एफ.एस.एस.ए.आई मुख ्य लय को बत य
ि ए।
जनणीत क रयव ई
जिन र ि ्यों ने भुगत न एकीकरण क प्रस ्त व नहीं भेि ह,ै वे अपने जवत ्त मांत्र लय से यह क रयव ई
शीघ्र कर एाँ।
मि सां0 20.3: प्रवतयन पर चच य
1. र ि ्य और जिल स ्तरीय सांच लन सजमजत की भजूमक और उसक गठन
मुख ्य क ययक री अजिक री (एफ.एस.एस.ए.आई) न ेजिल और र ि ्य स ्तरीय सांच लन सजमजतयों की
बैठकें जनयजमत रूप से करन े पर बल दिय । इन बैठकों में र ि ्य/सांघ श जसत के्षत्र
एफ.एस.एस.ए.आई के अजिक ररयों को जवशेष आमांजत्रजत के रूप में आमांजत्रत कर सकते हैं।
सी.ए.सी ने यह भी अनुमोिन दकय दक र ि ्य स ्तरीय सल हक र सजमजत क गठन ख द्य सुरक्ष
आयुक ्त को अि ्यक्ष और जहति रकों को सिस ्यों के रूप में रखते हुए दकय ि सकत ह।ै
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एफ.एस.एस.ए.आई इस सांबांि में दिश -जनिेश शीघ्र भेिेगी। जनिेशक, र ि ्य प्रयोगश ल ,
एफ.एस.एस.ए.आई के अजिक ररयों और औद्योजगक सांघों के प्रजतजनजियों की सहभ जगत क भी
सुझ व दिय गय ।
2. प्रवतयन ढ ाँच और गजतजवजिय ाँ
मुख ्य क ययक री अजिक री (एफ.एस.एस.ए.आई) न े ख द्य सुरक्ष क स ्वत: सांज्ञ न लेने की
आवश ्यकत पर बल दिय और बत य दक ख द्य सुरक्ष सूचक ांक शीघ्र बन य ि रह ह।ै इस
सूचक ांक से र ि ्यों/सांघ श जसत क्षेत्रों की क ययक ररत ज्ञ त करने में सह यत जमलेगी। सूचक ांक के
जवजभन ्न म निांड प्रवतयन, जनगर नी, पहलों/ि गरूकत और जशक यतों के िक्ष जनपट न इत ्य दि सभी
पहलुओं को श जमल करते हुए तय दकए ि एाँगे।
मुख ्य क ययक री अजिक री (एफ.एस.एस.ए.आई) न ेर ि ्यों/सांघ श जसत क्षेत्रों को बत य दक ह ल
ही में उन ्हें एक प्रपत्र भेि गय थ जिसमें उनसे प्रवतयन के ढ ाँचे, गजतजवजियों और र ि ्य/सांघ
श जसत के्षत्र में एस.ए.नएफ पहलों के ब रे में सूचन म ांगी गई थी। 25 र ि ्यों/सांघ श जसत के्षत्रों से
डैट प्र प ्त हो गए थ।े शेष र ि ्यों को डैट शीघ्र भेिने क अनुरोि दकय गय ।
अपर आयुक ्त, तजमल न डु ने बत य दक उन ्होंने हर ब ्लॉक में एक ख द्य सुरक्ष अजिक री जनयुक ्त
कर दिय ह ैऔर र ि ्य में 385 ब ्लॉक हैं।
सह यक आयुक ्त, उत ्तर प्रिेश ने बत य दक र ि ्य में 608 ख द्य सुरक्ष अजिक री और 75
सी.एफ.एस.ओ हैं। उन ्होंने हर तहसील/नगर प जलक में एक एफ.एस.ओ जनयुक ्त दकय ह।ै
ख द्य सुरक्ष आयुक ्त, दिल ्ली ने बत य दक उनके 11 जिलों में 272 व डय हैं और 8 एफ.एस.ओ
क म कर रह ेहैं। उन ्होंने आगे बत य दक जवभ ग 19 एफ.एस.ओ को जनयुक ्त करने की प्रदिय के
अांजतम चरण में ह ैऔर 5 अन ्य एफ.एस.ओ के जलए आवेिन म ांगे गए हैं।
मुख ्य क ययक री अजिक री, एफ.एस.एस.ए.आई ने तजमल न डु और उत ्तर प्रिशे के प्रवतयन ढ ाँचे की
सर हन की। उन ्होंने कह दक एफ.एस.ओ की आवश ्यकत क आकलन करन े के जलए िह ाँ सांभव
हो, र ि ्य ब ्लॉक/तहसील स ्तर क नमून अपन ए।
अरुण चल प्रिेश ने बत य दक उनके यह ाँ अन ्य र ि ्यों से अलग पैटनय ह।ै उनके र ि ्य में ब ्लॉक िरू-
िरू हैं और उनमें िनसांख ्य कम ह,ै इसजलए वह ाँ उपमांडल स ्तर पर 1 एफ.एस.ओ होन च जहए।
यह जनणयय जलय गय दक पूवोत ्तर के ऐसे र ि ्यों में अपव ि की छूट िी ि सकती ह।ै
उप युक ्त (ख द्य), गुिर त ने अपने यह ाँ जनरीक्षण और प्रवतयन की व ्यवस ्थ बद्ध गजतजवजियों के ब रे
में प्रस ्तुतीकरण दिय । उन ्होंने बत य दक र ि ्य में एक सदिय जनगर नी योिन ल गू ह ैऔर इसन े
एफ.एस.ओ तथ डीओ के जलए मैनुअल भी तैय र दकय ह।ै उन ्होंने यह भी बत य दक पी.एफ.ए
के लगभग 4500 म मलों की ि ाँच करके जवभ ग न ेम ननीय उच ्च न ्य य लय को अनुरोि दकय ह ै
दक इन म मलों को लोक अि लत और अजभयोिन के म ि ्यम से िांड लग कर अांजतम रूप दिय ि ए।
मुख ्य क ययक री अजिक री, एफ.एस.एस.ए.आई न े गुिर त के क यय की सर हन की और शेष
र ि ्यों/ सांघ श जसत क्षेत्रों को पी.एफ.ए अजिजनयम के अांतगयत लांबजत म मलों में जनणयय लेकर स ्वत:
सांज्ञ न लेकर ऐसे ही किम उठ ने की सल ह िी।
र िस ्थ न ने बत य दक उन ्होंने पी.एफ.ए क ल के गलत ब् ांड व ले सभी म मले जनपट जलए हैं।
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श्री डी. वी. म हलन ने प्रस ्त व दिय दक िह ाँ ख द्य सुरक्ष अपीली रट्रब ्यूनल की स ्थ पन नहीं की
गई ह,ै वह ाँ ख द्य सुरक्ष आयुक ्त के समक्ष अपील करने क प्र वि न दकय ि एग । अि ्यक्ष,
एफ.एस.एस.ए.आई ने बत य दक 29 र ि ्यों/सांघ श जसत क्षेत्रों में अपीली रट्रब ्यूनलें हैं और सुझ व
दिय दक शेष र ि ्य उच ्च ि ्युजडजसयरी की सह यत ले सकते हैं।
अि ्यक्ष, एफ.एस.एस.ए.आई ने प्रमुख, जवजि को र िस ्थ न और गुिर त के जनणययों के जववरण
प्र प ्त करके उनक अि ्ययन करने को कह और उसके ब ि आर.सी.डी पी.एफ.ए के लांजबत म मलों
के जनपट न के जलए जनपट न प्रदिय को शेष र ि ्यों/सांघ श जसत क्षेत्रों के स थ स झ करे।
जनिेशक (आरसीडी) ने र ि ्यों/सांघ श जसत क्षेत्रों को व र्षयक ररपोटय यथ शीघ्र भेिने क अनुरोि
दकय , क ्येंदक इन ररपोटों की सांबांजित सूचन सांसिीय प्रश ्नों सजहत जवजभन ्न जहति रकों को िव ब
िेने के जलए आवश ्यक ह।ै
मुख ्य क ययक री अजिक री, एफ.एस.एस.ए.आई न े सी.ए.सी के सिस ्यों को 3 से 5 नवांबर,
2017 तक ओयोजित होन े व ले वल ्य ड फूड इांजडय के ब रे में बत य और यह भी बत य दक
सी.ए.सी की अगली बैठक उसी िौर न होगी, जिससे र ि ्यों/सांघ श जसत क्षेत्रों को वल ्य ड फूड इांजडय
में भ ग लेने क मौक जमल सके।
जनणीत क रयव ई
i. आांध्र प्रिेश, जबह र, िमन और िीव, ि िर और नगर हवेली, जहम चल प्रिेश,
मह र ष ्ट्र, जमिोरम, न ग लैंड, पांि ब, तजमल न डु, जसदिम और तेलांग न - कृपय
र ि ्यों से म ांग गय प्रवतयन सांबांिी जववरण 10 दिनों के अांिर भेि िें।
ii. र ि ्य/सांघ श जसत के्षत्र कृपय अपने यह ाँ एफ.एस.ओ के आवश ्यक पिों क जववरण एक
सप ्त ह के अांिर भेि िें।
3. च य की थजैलयों में स ्टैपल जपनों के उपयोग पर रोक
एफ.एस.एस.ए.आई ने सूजचत दकय दक च य की थजैलयों में स ्टैपल जपनों के उपयोग से िनत की
सुरक्ष को िोजखम को ि ्य न में रखते हुए ख द्य प्र जिकरण ने सांबांजित ख द्य क रोब ररयों को दिन ांक
1 िनवरी, 2018 से स ्टैपल लगी च य की थैजलयों के उत ्प िन, भांड रण, जवतरण, जबिी और
आय त बांि करने क जनिेश दिय ह।ै
4. जनगर नी गजतजवजिय ाँ
जनिेशक, आर.सी.डी न ेर ि ्यों/सांघ श जसत क्षेत्रों को प्रभ वी जनगर नी प्रण ली को क य यजववत करन े
और अपनी ररपोटें एफ.एस.एस.ए.आई मुख ्य लय को जनयजमत रूप से भेिने क अनुरोि दकय ।
मि सां0 20.4: ई-कॉमसय दिश -जनिेश
जनिेशक, आर.सी.डी ने बत य दक एफ.एल.आर.एस में ई-कॉमसय श्रेणी आरांभ की गई ह ैऔर इसे
शीघ्र च लू दकय ि एग । उन ्होंने आगे स ्पष ्ट दकय दक ल इसेंस (र ि ्य ल इसेंस/कें द्रीय ल इसेंस)
प त्रत के मौिूि म निांडों के अनुस र ि री दकय ि ए।
मि सां0 20.5: उपभोक ्त ओं स ेसांबांजित पहलें
1. फूड सफे्टी कनके ्ट की प्रगजत
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एफ.एस.एस.ए.आई ने र ि ्यों/सांघ श जसत क्षेत्रों में बड़ी म त्र में लांजबत जशक यतों की तरफ
ि ्य न दिल य और उन ्हें इन जशक यतों की जनयजमत रूप से समीक्ष करने तथ इनके समय
पर जनपट न के जलए अपने डीओ और एफ.एस.ओ को सांवेिनशील बन कर उपभोक ्त में
अपनी स ख बन ने क पर मशय दिय ।
2. व टर पोटयल
सभी र ि ्यों/सांघ श जसत क्षेत्रों को अपने डीओ और एफ.एस.ओ के स थ-स थ ख द्य
क रोब ररयों को व टर पोटयल पर िल परीक्षण के आाँकडे़ ड लने क जनिेश िेने क अनुरोि
दकय गय ।
3. वेब आि ररत ख द्य सरुक्ष अनपु लन पजुि प्रण ली
मुख ्य क ययक री अजिक री, एफ.एस.एस.ए.आई ने बत य दक एफ.एस.एस.ए.आई
‘’जनयजमत जनरीक्षण और प्रजतचयन के म ि ्यम से ख द्य सुरक्ष अनुप लन (फॉस ्कोररस)’’ के
जलए ऑनल इन मोब इल एप तैय र कर रही ह।ै इस एप में एफ.एस.ओ द्व र जनरीक्षण के
ऑनस इट फोटो/वीजडयो के स थ-स थ एफ.एस.एस.ए.आई द्व र पुनरीजक्षत ऑनल इन
जनरीक्षण की चेकजलस ्ट श जमल ह।ै
जनयजमत जनरीक्षण और प्रजतचयन के म ि ्यम से ख द्य सुरक्ष अनुप लन (फॉस ्कोररस) वह
प्रण ली ह ैजिसके म ि ्यम से ख द्य क रोब ररयों द्व र ख द्य सुरक्ष और स ्वच ्छत के म निांडों
के अनुप लन की ि ाँच जनरीक्षणों और प्रजतचयन के म ि ्यम से जवजनयम त ्मक अपेक्ष ओं के
अनुस र की ि ती ह।ै इससे जवजनयम त ्मक स ्ट फ द्व र ख द्य क रोब ररयों क स वजिक
जनरीक्षण उदे्दश ्यपरक और प रिशी ढांग से जनयजमत रूप से होन सुजनजित होग । ऐसे जनरीक्षण
के िौर न म नक अनुप लन म निांडों क प्रयोग दकय ि एग , जिससे िेश भर में जनरीक्षणों के
प्रजत िजृिकोणों में एकरूपत आए।
एन.एफ.सी.एस को एक मोब इल/टेबलेट और नेट की सुजवि की आवश ्यकत होगी। बहुत से
र ि ्यों/सांघ श जसत क्षेत्रों के अपन ेक ्लोि ्ड यूिर गुप (सीयूिी) हैं और उन ्होंने ख द्य सुरक्ष
अजिक ररयों को हस ्त ्य उपकरण उपलब ्ि कर ए हैं। इससे र ि ्य इस प्रण ली को सीिे अपन
सकते हैं। अन ्य र ि ्य एन.एफ.सी.एस के दिय न ्वयन हतेु आांतररक जवत ्तीय अनमुोिन प्र प ्त
करने की क रयव ई आरांभ कर सकते हैं। न म म त्र की िरों पर बांडल ्ड/रेंटल प ्ल न उपलब ्ि
कर ने व ले अनेक र ष ्ट्रीय कैररयर हैं। र ि ्यों/सांघ श जसत क्षेत्रों को अनुरोि दकय गय दक वे
कनेजटटजवटी/योिन ओं के जलए इस म मले पर उनके स थ क रयव ई करने के जलए नोडल
अजिक री जनयुक ्त करें।
आग,े मुख ्य क ययक री अजिक री, एफ.एस.एस.ए.आई न े बत य दक र ि ्यों/सांघ श जसत
क्षेत्रों को प्र रांजभक चरण के िौर न प्रोत ्स जहत करने और सह यत करने के जलए
एफ.एस.एस.ए.आई ने पहले तीन महीनों के जलए बांडल ्ड/रेंटल योिन ओं क व ्यय वहन
करने क जनणयय जलय । यह ल भ एनएफसीएस को ल गू करने की इच ्छ प्रकट करने व ल े
पहले 10 र ि ्यों/सांघ श जसत क्षेत्रों को अजिकतम रुपय े500/- प्रजत कनेक ्शन प्रजत म ह की
िर से दिय ि एग ।
इस प्रस ्त व के दिय न ्वयन पर सी.ए.सी के सिस ्यों ने एकमत से सहमजत व ्यक ्त की।
जनणीत क रयव ई -
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र ि ्य/सांघ श जसत के्षत्र अपने क ्लोि ्ड यूिर ग्रुप, यदि कोई हो, के जववरण िें अन ्यथ
फॉस ्कोररस को ल गू करने की इच ्छ एक महीने में व ्यक ्त करें।
मि सां0 20.6: प्रयोगश ल के ढ ाँच ेऔर सह यक प्रण जलयों क सशक ्तीकरण
1. र ि ्य/सांघ श जसत क्षेत्र की ख द्य प्रयोगश ल ओं क सशक ्तीकरण
सुश्री प यल, आईटी पर मशयि त ने सी.ए.सी के सिस ्यों को इन ्फोल ्नेट के ब रे में
प्रस ्तुतीकरण दिय । इन ्फोल ्नेट क जवक स एफ.एस.एस.ए.आई द्व र दकय गय ह,ै जिसे
भ रतीय ख द्य प्रयोगश ल नेटवकय कह ि त है, जिससे एफ.एस.एस.ए.आई के स थ िेश
भर की परीक्षण प्रयोगश ल एाँ िुड़ ि एाँगी। यह प्रयोगश ल ओं द्व र परीक्षण सुजवि ओं,
िनशजि और अवसांरचन के सांबांि में उपलब ्ि कर ए गए जववरणों के म फय त ज्ञ न के भांड र
क क म करेग । यह नेटवकय 5 मुख ्य क यय करेग :
(क) यह नेटवकय डीओ/एओ को प्रयोगश ल ओं में परीक्षण सुजवि ओं, उनके भौगोजलक
अवस ्थ पन और उनके क ययभ र के आि र पर नमूनों के आबांटन में सह यत करेग ।
(ख) एफ.एस.एस.आर म नकों के अनुस र म नक प्रभ ग द्व र बन ए गए डैट बेस के
आि र पर सभी प्रयोगश ल ओं में एक प्रक र परीक्षण सुजनजित कर एग ।
(ग) ख द्य क रोब ररयों सजहत सभी उपभोक ्त ओं के जलए यह नेटवकय ख द्य म नकों, ख द्य
परीक्षण प्रयोगश ल ओं और ख द्य सुरक्ष अजिक ररयों के ब रे में सूचन लेने के जलए
एकल प ्लेटफॉमय क क म करेग । इसी प्रक र इसके होम पेि पर नमनूे को टै्रक करन े
की सुजवि भी उपलब ्ि ह,ै िह ाँ नमूने की ह जलय जथथजत िेखी ि सकती ह।ै
(घ) इन ्फोल ्नेट िनशजि और अवसांरचन के कें द्रीकृत भांड र के रूप में क म करेग ,
जिसक उपयोग एफ.एस.एस.ए.आई द्व र प्रयोगश ल ओं की प्रजशक्षण और क्षमत -
जनम यण सांबांिी आवश ्यकत ओं की आयोिन और मॉजनटररांग के जलए दकय ि एग ।
(ङ) इस नेटवकय की योिन एफ.एस.एस.ए.आई के मौिूि कोर आईटी जसस ्टमों, यथ
ल इसेंससांग जसस ्टम और आय त अन पजि जसस ्टम, जिन ्हें एफ.एल.आर.एस और
एफ.आई.सी.एस भी कह ि त ह,ै के स थ एकीकृत रूप में बन ई गई ह।ै
यह नेटवकय एफ.एस.एस.ए.आई के सभी प्रभ गों, यथ आर.ए.आर.डी, म नक, गुणत
आश ्व सन इत ्य दि के मि ्य रीढ़ की हड्डी और सांप्रषेण के मॉडल के रूप में क यय करेग । इस
नेटवकय पर सृजित सूचन के आि र पर उत ्प िों क िोजखम जवश ्लेषण दकय ि सकत ह ै
अथव सांबांजित उत ्प िों के म नकों में सुि र करने के जलए आाँकड़ों क उपयोग दकय ि
सकत ह।ै
गुिर त, मह र ष ्ट्र और केरल ने सूजचत दकय दक उनके यह ाँ ऑनल इन प्रयोगश ल प्रण ली
पहले ही ह।ै अि ्यक्ष, एफ.एस.एस.ए.आई ने सी.आई.टी.ओ, एफ.एस.एस.ए.आई को
उनके जसस ्टम को इन ्फोल ्नेट से िोड़ने क जनिेश दिय ।
मुख ्य क ययक री अजिक री, एफ.एस.एस.ए.आई ने सभी र ि ्यों/सांघ श जसत क्षेत्रों को पहले
ही च लू हो चुके इन ्फोल ्नेट को अपन ने (और िह ाँ यह ह,ै वह ाँ उससे एकीकृत करने) क
अनुरोि दकय और कह दक वे ऑनल इन प्रवतयन गजतजवजियों को टै्रक करने के जलए इस
जसस ्टम क उपयोग कर सकते हैं।
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जनणीत क रयव ई –
र ि ्य/सांघ श जसत के्षत्र ख द्य परीक्षण प्रयोगश ल ओं को सशक ्त बन ने के जलए इन ्फोल ्नेट
जसस ्टम क अांगीकरण अथव एकीकरण करें।
2. चल ख द्य परीक्षण प्रयोगश ल (एम.एफ.टी.एल)
सल हक र (गुणत आश ्व सन) ने सी.ए.सी के सिस ्यों को सूजचत दकय दक
एम.एफ.टी.एल, जिसे ‘’चल ख द्य सुरक्ष ’’ न म दिय गय ह,ै ख द्य परीक्षण, िन जशक्ष और
ि गरूकत और ि गरूकत क ययिम आयोजित करन े के जलए बहुदे्दश ्यीय व हन ह।ै मोब इल
यूजनट जवजभन ्न ख द्य पि थों में आम जमल वटों की ि ाँच करने के जलए गणु त ्मक परीक्षण द्रतु
गजत से करने हतेु आि रभूत अवसांरचन से सुसजित पूरी तरह च लू प्रयोगश ल ह।ै
अि ्यक्ष, एफ.एस.एस.ए.आई ने अरुण चल प्रिेश, गोआ, झ रखांड, िम ्मू और क श ्मीर,
केरल, मजणपुर, मेघ लय और न ग लैंड को ‘’चल ख द्य सुरक्ष ’’ की नौ मोब इल यूजनटें
रव न कीं।
मुख ्य क ययक री अजिक री, एफ.एस.एस.ए.आई न े बत य दक इन प्रयोगश ल ओं को
इन ्फोल ्नेट के स थ भी िोड़ ि एग और इनमें ि गरूकत ल ने और प्रजशक्षण क्षमत -जनम यण
के जलए जनम ्नजलजखत तीन मैनुअल होंगे:-
क) योिन के दिश -जनिेश;
ख) प्रच लन मैनअुल;
ग) ख द्य की आम जमल वटों की स ि रण परीक्षण पद्धजतयों क मैनुअल।
3. र ष ्ट्रीय िगु ्ि गणुत सवके्षण
जनणीत क रयव ई –
(क) र ि ्यों/सांघ श जसत क्षेत्रों को पुनवैिीकरण/पुनप्रयजतचयन डैट भेिने हैं।
(ख) यदि र ि ्यों ने अभी र ि ्य स ्तरीय सांच लन सजमजत न बन ई हो, तो उसे
बन एाँ, जिससे िगु ्ि सुरक्ष और गुणत की जनयजमत जनगर नी और मॉजनटररांग क
जसस ्टम बन सके।
मि सां0 20.7: प्रजशक्षण और क्षमत -जनम यण
मुख ्य प्रबांिन सेव अजिक री, एफ.एस.एस.ए.आई ने सी.ए.सी को ख द्य क रोब री प्रजशक्षण के इस
ईकोजसस ्टम के ब रे में बत य दक फोस ्टैक के आयोिन के पीछे मुख ्य अवि रण ख द्य क रोब ररयों
को प्रजशक्षण और क्षमत -जनम यण के ढ ाँच बद्ध क ययिम के म ि ्यम से स ्व-अनपु लन के जलए समथय
बन न ह।ै फोस ्टैक में ऑनल इन और ऑफल इन िोनों प्रजशक्षण श जमल हैं। इसे जवजभन ्न प्रक र के
ख द्य क रोब रों के जलए चरणबद्ध रूप में आरांभ दकय ि एग । जवजभन ्न समूहों की जवजशष ्ट
आवश ्यकत ओं की पूर्तय के जलए प्रजशक्षण क ययिम को के्षत्र के जवशेषज्ञों और प्रैजटटशनरों के सहयोग से
आि रभूत, उन ्नत और जवशेष 3 स ्तरों क बन य गय ह।ै फोस ्टैक की सफलत सभी सांबांजित
स ्टेकहोल ्डरों की सहभ जगत पर जनभयर करती ह,ै क ्योंदक पय यप ्त प्रजशक्षण स ्ट फ उपलब ्ि हो ि ने
पर लक्ष ्य अांतत: प्रत ्येक ख द्य क रोब र में कम से कम एक प्रजशजक्षत ख द्य सुरक्ष पययवेक्षक सुजनजित
कर न ह।ै इस सांबांि में एफ.एस.एस.ए.आई शीघ्र ही एक आिेश ि री करेगी।
मि सां0 20.8: स म जिक और व ्यवह रगत पररवतयन
दिन ांक 22.08.2017 को आयोजित सीएसी की 20वीं बैठक क क ययवृत ्त Page 8 of 14
1. सरुजक्षत और पोषक आह र (एस.एन.एफ) पहल – र ि ्यों/सांघ श जसत क्षते्रों की भूजमक
मुख ्य क ययक री अजिक री, एफ.एस.एस.ए.आई ने सी.ए.सी के सिस ्यों को बत य दक चांडीगढ़
ने ‘’सुरजक्षत और पोषक आह र’’ ि ्वि के तले एस.एन.एफ पहलों (एस.एन.एफ@होम,
एस.एन.एफ@स ्कूल, एस.एन.एफ@रेस ्टोरेंट्स और स ्वच ्छ स ्ट्रीट फूड) क अांगीकरण कर जलय
ह।ै
जनणीत क रयव ई –
र ि ्य/सांघ श जसत के्षत्र अपने यह ाँ अनेक सांपकय क ययिमों, ख द्यकर्मययों के जलए क ययश ल ओं/
प्रजशक्षणों के आयोिन इत ्य दि के म ि ्यम से िन ि गरूकत ल कर इन पहलों क अांगीकरण कर
इन ्हें ल गू करें और एफ.एस.एस.ए.आई को उसकी क यय योिन बत एाँ।
2. ख द्य पौजिकीकरण
जथमत मनक ड, प्रमुख, एफ.एफ.आर.सी ने सी.ए.सी को इसकी जपछली बैठक के ब ि ख द्य
पौजिकीकरण के के्षत्र में हुए जवक सों से अवगत कर य –
(क) कें द्रीय मांत्र लयों द्व र ख द्य पौजिकीकरण पर ह ल ही में िो महत ्वपणूय जनिेश दिए गए हैं,
अथ यत ,-
I. म नव सांस िन जवक स मांत्र लय द्व र ि री दकय गय आिेश [डी.ओ. सां0 14-
10/2016/एमडीएम 1-2(ईई.5)], जिसमें र ि ्यों को मि ्य ह्न भोिन योिन के
अांतगयत पौजित गेहाँ के आटे, पौजित ख द्य तेल और िोहरे पौजित लवण क प्रयोग
अजनव यय रूप से करने क जनिेश दिय गय ह,ै दिन ांक 2 अगस ्त, 2017.
II. मजहल और ब ल जवक स मांत्र लय द्व र ि री दकय गय आिेश (डी.ओ. सां0
25/16/2015-पोषण डेस ्क), जिसमें र ि ्यों को आई.सी.डी.एस के अांतगयत पौजित
गेहाँ के आटे, पौजित ख द्य तेल और िोहरे पौजित लवण क प्रयोग अजनव यय रूप से
करने क जनिेश दिय गय ह,ै दिन ांक 10 िुल ई, 2017.
इनसे र ि ्य स ्तर पर पौजित ख द्य के अांगीकरण क बहुत सशक ्त म मल बनत ह ैऔर
इसे स ्थ नीय सांबांजित मांत्र लयों के ि ्य न में व ्य पक रूप से ल य ि ए।
(ख) एफ.एफ.आर.सी द्व र र ि ्यों से सांपकय और र ि ्यों की उत ्तम रीजतय ाँ
ख द्य पौजिकीकरण सांस िन कें द्र (एफ.एफ.आर.सी) जपछले कुछ महीनों से समर्पयत सांपकय
क ययिमों के म ि ्यम से अपने जवजभन ्न सुरक्ष क ययिमों अथ यत एम.डी.एम, आई.सी.डी.एस.
और पी.डी.एस में पौजित आह र श जमल करने के जलए र ि ्य सरक रों से ब तचीत कर रह
ह।ै सभी र ि ्यों के मुख ्य सजचवों को इस आशय के पत्र भेिे गए हैं दक वे र ि ्य स ्तर पर
एक नोडल अजिक री जनयुक ्त करें, िो सभी पौजिकीकरण गजतजवजियों क समन ्वयन करेग ।
कुछ र ि ्यों, िैसे कन यटक और झ रखांड, ने इस ब रे में पहल कर िी ह ैऔर वे र ि ्य/सांघ
श जसत स ्तर पर एक क ययक री िल की स ्थ पन करके और एफ.एफ.आर.सी के प्रजतजनजियों
को श जमल करके पौजित आह र अपन ने के जलए स ्वत: सदिय रूप से क रयव ई कर रह ेहैं।
एफ.एफ.आर.सी पौजिकीकरण के दिय न ्वयन के जलए अपेजक्षत सभी प्रक र क तकनीकी
सहयोग कर रह ह ैऔर ि नक री उपलब ्ि कर रह ह,ै जिसमें आपूर्तय श्रृांखल की मैसपांग
और लैंडस ्केप जवश ्लेषण, पौजिकीकरण के जलए िखल हतेु उजचत सबांि,ु प्रजशक्षण और क्षमत -
दिन ांक 22.08.2017 को आयोजित सीएसी की 20वीं बैठक क क ययवृत ्त Page 9 of 14
जनम यण के जलए िमीनी स ्तर पर सहयोग के जलए जवक स भ गीि र से िुड़ व, उपकरणों और
प्रीजमक ्स के आपूर्तयकत यओं से सलांक, पौजिकीकरण के जलए कुल आविी ल गत ज्ञ त करन ,
म नकीकृत जनजवि प्रलेख और तकनीकी मैनुअल और प्रजषक्षण मैनुअल श जमल हैं। र ि ्यों के
एफ.एस.सी को पौजित आह र को श जमल कर ने पर बल िेने के जलए क ययक री िल गरठत
करने और आवश ्यक सह यत के जलए एफ.एफ.आर.सी से सांपकय करने के जलए प्रेररत दकय
ि त ह।ै
(ग) ख द्य सरुक्ष अजिक ररयों के पौजिकीकरण प्रजशक्षण के जलए िह ाँ तक प्रजशक्षण स मग्री क
सांबांि ह,ै प्रजशक्षण मैनुअल बन कर उसे अांजतम रूप िे दिय गय ह।ै इस प्रजशक्षण मैनुअल में
जनम ्नजलजखत सजहत ख द्य पौजिकीकरण के जवजभन ्न पहलू श जमल होंगे:
ख द्य पौजिकीकरण – पररचय
जवजभन ्न वस ्तुओं के पौजिकीकरण के जलए आवश ्यक प्रौद्योजगकी और प्रदिय
ख द्य पौजिकीकरण के म नक
ख द्य पौजिकीकरण में ख द्य सुरक्ष अजिक ररयों की भूजमक
o प्रीजमक ्स हैंडसलांग और भांड रण
o पैकेसिांग और लेबसलांग अपेक्ष एाँ
o ल इसेंससांग और पांिीकरण
o उत ्प ि प्रजतचयन और जवजिक प्रदिय एाँ
o पौजिकीकरण सांघटकों के परीक्षण की झलक
प्रस र और प्रजशक्षण के जलए 2 टै्रकों क अनुसरण दकय ि एग – (1) नए ख द्य सुरक्ष
अजिक ररयों के जलए – ख द्य सुरक्ष अजिक री प्रजशक्षण के अांग के रूप में 2 घांटे क म ड्यूल,
(2) क ययरत ख द्य सुरक्ष अजिक ररयों के जलए – इसे प्रस ्तुतीकरण, वीजडयो और मैनुअल के
रूप में ऑनल इन उपलब ्ि कर य ि एग , जिसे ड उनलोड दकय ि सकत ह।ै
इसे प्रजशक्षण प्रभ ग/आर.सी.डी द्व र जनयजमत अांतर लों के ब ि आयोजित दकए ि रहे
पुनश ्चय य प ठ्यिमों में भी श जमल दकय ि एग ।
जनणीत क रयव ई –
र ि ्य/सांघ श जसत के्षत्र एफ.एफ.आर.सी, एफ.एस.एस.ए.आई के टीम सिस ्यों की सह यत
से इस मि को ल गू करें।
मि सां0 20.9: र ि ्यों/सांघ श जसत क्षते्रों के म मल े
सजमजत ने बैठक में पररच जलत केरल, गोआ और हररय ण र ि ्यों के कुछ म मलों से सांबांजित मिों और
उन पर स ्पष ्टीकरण को नोट दकय ।
मि सां0 20.10: अि ्यक्ष महोिय की अनमुजत स ेअन ्य कोई मि
कई र ि ्यों/सांघ श जसत क्षते्रों ने बत य दक वे जनजि के अभ व में ख द्य सुरक्ष के प्रजत ि गरूकत
पैि करने के जलए जवशेष अजभय न चल न,े स ्ट फ प्रजशक्षण जनयजमत रूप से आयोजित करने और
एस.एन.एफ पहलों पर क रयव ई करने में असमथय हैं।
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जनणीत क रयव ई : सवयसम ्मजत से जनणयय जलय गय दक र ि ्य/सांघ श जसत के्षत्र ल इसेंस/पांिीकरण से
प्र प ्त शलु ्कों क उपयोग जवजभन ्न गजतजवजियों उि हरण थय आई.ई.सी (एस.एन.एफ पहलें), स ्ट फ
प्रजशक्षण (फोस ्रेस ्ट) और ख द्य क रोब ररयों के प्रजशक्षण (फोस ्टैक) पर कर सकते हैं।
बैठक अि ्यक्ष महोिय और सभी उपजथथत सिस ्यों को िन ्यव ि सजहत सम प ्त हुई।
(र िेश ससांह) (पवन अग्रव ल)
जनिेशक (जवजनयम त ्मक अनपु लन) मुख ्य क ययक री अजिक री,
एफ.एस.एस.ए.आई
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अनबुांि – I
दिन ांक 22 अगस ्त, 2017 को एफडीए भवन, नई दिल ्ली में आयोजित सी.ए.सी की 20वीं बैठक में
जनम ्नजलजखत सिस ्य उपजथथत थ:े-
श्री आशीष बहुगुण , अि ्यक्ष, एफ.एस.एस.ए.आई ने मुख ्य क ययक री अजिक री,
एफ.एस.एस.ए.आई और अि ्यक्ष, सी.ए.सी के अनुरोि पर बैठक में भ ग जलय ।
क. सी.ए.सी के सिस ्य
1. श्री पवन अग्रव ल, मुख ्य क ययक री अजिक री, एफ.एस.एस.ए.आई – अि ्यक्ष,
सीएसी
र ि ्यों/सांघ श जसत क्षते्रों के ख द्य सरुक्ष आयकु ्त:
2. डॉ. मृण जलनी िसयव ल, ख द्य सुरक्ष आयकु ्त, दिल ्ली
3. श्री पी. वी. नरससांह र व, ख द्य सुरक्ष आयकु ्त, छत ्तीसगढ़
4. श्री रसवांद्र प्रत प ससांह, ख द्य सुरक्ष आयकु ्त, ओजडश
जवजभन ्न क्षते्रों के सिस ्य (प्र इवटे सिस ्य):
5. डॉ. सुशील कुम र, अि ्यक्ष, वैज्ञ जनक सजमजत
6. डॉ. िीप भ िकर, ‘डी’ टेक ्नोलॉिी
7. श्री बी.के. जमश्र , कांि ्यूमर ऑनल इन फ उांडशेन
8. सुश्री जनरुपम शम य, मह सजचव, इन ्फैं ट एांड यांग च इल ्ड न ्यूरट्रशन कौंजसल ऑफ इांजडय
9. श्री डी.वी. मल ्हन, क ययक री सजचव, आल इांजडय फूड प्रोससय एसोजशएशन
10. श्री टी. पी. र िेंद्रन
11. श्री एस.एस. म रव ह , कोऑर्डयनेशन सांटर फॉर एप ्ल इड एग्रीकल ्चर
र ि ्यों/सांघ श जसत क्षते्रों के प्रजतजनजि:
12. श्री के. एन. स ्वरूप, सांयुक ्त ख द्य जनयांत्रक, आांध्र प्रिशे
13. श्री लोकम म ांघ , सह यक ख द्य जनयांत्रक, अरुण चल प्रिशे
14. श्री एस. आर. न मपुई, अजभन जमत अजिक री (मुख ्य लय), असम
15. श्री सुखसवांिर ससांह, अजभन जमत अजिक री, चांडीगढ़
16. सुश्री िीजपक चौह न, उप युक ्त (ख द्य), गुिर त
17. श्री डी. के. शम य, सांयुक ्त आयुक ्त (ख द्य), हररय ण
18. श्री एल. डी. ठ कुर, अजभन जमत अजिक री, जहम चल प्रिशे
19. श्री सांिीव कुम र, सह यक जनयांत्रक (ख द्य), िम ्मू एवां कश ्मीर
20. श्री चतुभुयि मीण , ख द्य जवश ्लेषक और कोऑर्डयनटेर, झ रखांड
21. डॉ. अश्वनी िवे ांगन, सह यक आयुक ्त, छत ्तीसगढ़
22. डॉ. श्रीजनव स गौड , सांयुक ्त ख द्य सुरक्ष आयकु ्त, कन यटक
23. डॉ. हषयवियन, उप युक ्त, कन यटक
24. श्री के. अजनल कुम र, सांयुक ्त आयुक ्त (ख द्य), केरल
25. श्री एस.टी. ठ ांकच न, केरल
दिन ांक 22.08.2017 को आयोजित सीएसी की 20वीं बैठक क क ययवृत ्त Page 12 of 14
26. श्री अरसवांि प थरोल, वररष ्ठ ख द्य जनयांत्रक, मि ्य प्रिशे
27. श्री सी. बी. पव र, सांयुक ्त आयुक ्त, मह र ष ्ट्र
28. श्री एन.एस. मस रे, ख द्य सुरक्ष अजिक री, मह र ष ्ट्र
29. श्री सांिीवी मेतेई, ख द्य जवश ्लेषक, मजणपुर
30. श्री एस. एन. सांगम , सांयुक ्त आयुक ्त, मेघ लय
31. डॉ. ियतकर र य, अजतररक ्त स ्थ नीय आयुक ्त, पुिचुेरी
32. श्री अशोक कुम र, लोक जवशे्लषक, पांि ब
33. डॉ. आदित ्य अत्रेय, र िस ्थ न
34. डॉ. के. वनि , जनिशेक और अजतररक ्त आयुक ्त, तजमल न डु
35. श्री जशव लील सी., जनिशेक, तेलांग न
36. श्री ए. जवश ्वांत रेड्डी, सह यक ख द्य जनयांत्रक, तेलांग न
37. श्री आर. एस. र वत, अजभन जमत अजिक री, उत ्तर खांड
38. श्री एच. एस. ससांह, सह यक आयुक ्त (ख द्य), उत ्तर प्रिशे
ख. मांत्र लयों/जवभ गों स ेआमांजत्रजत
39. श्री आशीष गवई, उप सजचव, स ्व स ्थ ्य और पररव र कल ्य ण मांत्र लय
40. श्री महेंद्र जविम ससांह, व जणि ्य मांत्र लय
41. श्री एच. एस. जबष ्ट, जनिशेक, सूक्ष ्म, लघु, और मि ्यम उद्यम मांत्र लय
42. सुश्री मिुजमत , सल हक र, पय यवरण और वन मांत्र लय
43. श्री एस. के. वम य, ख द्य प्रसांस ्करण मांत्र लय
44. श्री आर. के. गुप ्त , पशु प लन, डयेरी और मत ्स ्य प लन मांत्र लय
45. डॉ. एस. मुखिी, उप तकनीकी सल हक र, मजहल और ब ल जवक स मांत्र लय
ग. एफ.एस.एस.ए.आई के अजिक री
46. सुश्री म िवी ि स, मुख ्य प्रबांिन सेव अजिक री
47. श्री कुम र अजनल, सल हक र (म नक)
48. श्री सुनील बख ्शी, सल हक र (कोडके ्स)
49. डॉ. एन. भ स ्कर, सल हक र (क ्यूए)
50. श्री एस. के. य िव, जनिशेक (जवजनयम त ्मक अनुप लन/आय त)
51. श्री र ि ससांह, प्रमुख (पीसी और िीए)
52. डॉ. रूबीन श हीन, जनिशेक (िोजखम आकलन)
53. श्री र िेश ससांह, जनिशेक, पूवी क्षेत्र, कोलक त
54. श्री पी. मुतुम र न, जनिशेक, िजक्षणी क्षेत्र
55. श्री तन ्मय प्रस ि, सीआईटीओ
56. श्री प्रवीण ि रगर, सांयुक ्त जनिशेक (जवजनयम त ्मक अनुप लन)
57. डॉ. ए. सी जमश्र , सांयुक ्त जनिशेक (म नक)
58. सुश्री पृथ घोष, उप जनिशेक (प्रजशक्षण)
59. सुश्री अजनत मखीि नी, उप जनिशेक (तकनीकी)
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60. श्री क र्तयकेयन, सह यक जनिशेक (जवजनयम/कोडके ्स)
61. श्री प्रभ त कुम र जमश्र , सह यक जनिशेक (जवजनयम त ्मक अनुप लन)
62. श्री अजखलेश गुप ्त , सह यक जनिशेक (जवजनयम त ्मक अनुप लन)
63. श्री मिन मोहन, सह यक जनिशेक (जवजनयम त ्मक अनुप लन)
64. श्रीमती रेम ्य , सह यक जनिशेक (जवजनयम त ्मक अनुप लन)
65. श्री ए. रस ्तोगी, सह यक जनिशेक (जनगर नी)
66. सुश्री मोजनक पूजनय , सह यक जनिशेक (पोषण)
67. सुश्री अरुण , सह यक जनिशेक (क ्यूए)
68. श्री रजवन ्द्र कुम र, सह यक जनिशेक (पी.सी. एांड िी.ए)
69. सुश्री जथमत मनकड, प्रमुख, एफ.एफ.आर.सी
70. सुश्री वष य गुप ्त , वैज्ञ जनक-IV (क ्यूए)
71. सुश्री अचयन जतव री, वैज्ञ जनक-IV (क ्यूए)
*दकसी न म की वतयनी में रही कोई गलती गैर-इर ितन ह,ै जिसके जलए खेि ह।ै
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अनबुांि 2
बैठक से उभरे क रयव ई के मुद्दे:
बैठक में हुई चच य के ब ि क रयव ई के जनम ्नजलजखत मुद्द ेउभरे:
क. र ि ्यों/सांघ श जसत क्षते्रों के जलए क रयव ई के मुद्द े
1. तेलांग न और मि ्य प्रिशे भ रत के जलए ख द्य सुरक्ष आप त क रयव ई योिन के
दिय न ्वयन के जलए एस.ओ.पी तैय र करें।
2. र ि ्य/सांघ श जसत क्षेत्र जिस बैंक से िुड़न च हते हैं, उसक जववरण 10 दिनों के
अांिर भेिें।
3. र ि ्य/सांघ श जसत क्षेत्र जवजभन ्न प्रक र के क रोब रों के जनरीक्षण की प्रस ्त जवत
चेकजलस ्ट पर अपन फीडबैक/सुझ व भेिें।
4. आांध्र प्रिशे, जबह र, िमन और िीव, ि िर और नगर हवेली, जहम चल प्रिशे,
मह र ष ्ट्र, जमिोरम, न ग लैंड, पांि ब, तजमल न डु, जसदिम और तेलांग न र ि ्यों स े
म ांग ेगए प्रवतयन जववरण 10 दिनों के अांिर भेिें।
5. र ि ्य/सांघ श जसत क्षेत्र ख द्य सुरक्ष अजिक ररयों की अपनी आवश ्यकत क जववरण
एक सप ्त ह में भेिें।
6. र ि ्य/सांघ श जसत क्षेत्र अपने क ्लोि ्ड यूिर गु्रप, यदि कोई हो, के जववरण भेिें,
अन ्यथ फॉस ्कोररस को दिय जववत करने की इच ्छ 1 म ह के अांिर प्रकट करें।
7. र ि ्य/सांघ श जसत क्षेत्र र ष ्ट्रीय िगु ्ि गुणत सवेक्षण के पुनवैिीकरण/पुनप्रयजतचयन
सांबांिी डटै भेिें।
ख. एफ.एस.एस.ए.आई के जलए क रयव ई के मदु्द े
1. प्रमुख, जवजि र िस ्थ न और गुिर त स े जनणयय सांबांिी जववरण प्र प ्त करें और
आ.सी.डी शेष र ि ्यों/सांघ श जसत क्षेत्रों में लांजबत पी.एफ.ए म मलों को जनपट ने के जलए
उनके स थ प्रदिय स झ करे।
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